महान फुटबॉल खिलाड़ी लियोनेल मेस्सी को देखने का सपना लिए शनिवार को कोलकाता के साल्ट लेक स्टेडियम पहुंचे हजारों प्रशंसकों के लिए यह दिन एक बुरी याद बन गया। 14 साल बाद भारत आए मेस्सी के कार्यक्रम के दौरान भारी कुप्रबंधन के चलते हालात बेकाबू हो गए। करीब 50 हजार दर्शकों से खचाखच भरे स्टेडियम में मेस्सी अपने साथी लुई सुआरेज और रोड्रिगो डी पॉल के साथ पहुंचे, लेकिन आयोजकों, सुरक्षा कर्मियों और खास मेहमानों की भीड़ के कारण आम दर्शक उन्हें ठीक से देख भी नहीं सके। जैसे ही मेस्सी के समय से पहले मैदान छोड़ने की खबर फैली, गुस्साए प्रशंसकों ने विरोध शुरू कर दिया। देखते ही देखते बोतलें, कुर्सियां मैदान में फेंकी जाने लगीं, बैनर-होर्डिंग फाड़ दिए गए और बैरिकेड तोड़ने की कोशिश हुई, जिसके बाद पुलिस को हालात संभालने के लिए RAF तैनात करनी पड़ी। टिकट लेकर भी नहीं मिली झलक, भड़के प्रशंसक इस कार्यक्रम के लिए 4,500 से 10,000 रुपये तक के टिकट बिके थे, वहीं ब्लैक में यही टिकट 20 हजार रुपये से ज्यादा में बेचे गए। सुबह आठ बजे से ही अर्जेंटीना टीम और 10 नंबर की जर्सी पहनकर प्रशंसक स्टेडियम पहुंचने लगे थे। मेस्सी के आने से पहले मोहन बागान और डायमंड हार्बर के बीच एक प्रदर्शन मैच भी खेला गया, लेकिन असली आकर्षण मेस्सी की झलक ही थी, जो ज्यादातर लोगों को नहीं मिल सकी। गुस्साए प्रशंसकों ने आयोजक शताद्रु दत्ता और बिस्वास के खिलाफ नारे लगाए और उन्हें इस हाई-प्रोफाइल कार्यक्रम के कुप्रबंधन का जिम्मेदार ठहराया। हालात इतने बिगड़े कि शाहरुख खान, सौरव गांगुली और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जैसे आमंत्रित मेहमान भी तय कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके और आयोजन को अचानक रोकना पड़ा। जांच के आदेश, आयोजक हिरासत में घटना के कुछ घंटों बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पूरे मामले पर दुख जताते हुए उच्च स्तरीय जांच समिति के गठन की घोषणा की और मेस्सी व प्रशंसकों से माफी मांगी। इस समिति की अध्यक्षता कलकत्ता हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति आशीष कुमार राय करेंगे। राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने इसे कोलकाता के खेल प्रेमियों के लिए ‘काला दिन’ बताते हुए आयोजकों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए। इसके बाद पुलिस ने मुख्य आयोजक शताद्रु दत्ता को कथित कुप्रबंधन के आरोप में कोलकाता एयरपोर्ट से हिरासत में ले लिया। बंगाल के डीजीपी राजीव कुमार ने बताया कि आयोजकों की भूमिका की जांच की जा रही है और टिकट के पैसे लौटाने का लिखित आश्वासन लिया गया है। फुटबॉल संस्कृति पर गर्व करने वाले कोलकाता में टूटी कुर्सियां और नाराज प्रशंसक इस बात की गवाही दे रहे थे कि ‘सिटी ऑफ जॉय’ में मेस्सी का यह दिन किसी सपने की जगह एक डरावनी याद बनकर रह गया।
Patrakar Vandana Singh

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