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बुरहानपुर । मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार के मामले कम हाेने का नाम नहीं ले रहे है। लगातार हाे रही कार्रवाई के बाद भी रिश्वतखाेर अधिकारी- कर्मचारी सबक नहीं ले रहे है। ताजा मामला बुरहानपुर जिले का है। यहां इंदाैर लाेकायुक्त पुलिस ने तहसीलदार राम पगारे के कार्यालय में छापा मार कर रीडर अशोक कुशवाहा को 3500 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथाें गिरफ्तार किया है। आराेपित रीडर ने जमीन का नामांतरण करने के एवज में रकम मांगी थी। फिलहाल लाेकायुक्त पुलिस नियमअनुसार आगे की कार्रवाई कर रही है।
लोकायुक्त डीएसपी प्रवीण सिंह बघेल ने बताया कि सिलमपुरा निवासी रोहित सिंह वर्मा ने इंदाैर लाेकायुक्त एसपी को शिकायत की थी।अपनी शिकायत में उसने बताया था कि उन्होंने अपनी बहन के नाम से दो प्लॉट मेक्रो विजन स्कूल के पास आनंद नगर में में खरीदे थे। इनके नामांतरण के लिए करीब तीन महीने पहले उन्होंने आवेदन दिया था। इस दौरान रीडर अशाेक कुशवाहा टालमटोल करता रहा। रविवार को रीडर फोन लगाकर कहा कि आपने जहां प्लॉट लिए हैं, वहां के 2500 रुपये प्रति प्लॉट का रेट है, यह आपको देना होंगे। इसके बाद फरियादी ने रीडर से कहा कि यह बहुत ज्यादा हैं, कम हो सकते हो बताइये। बाद में रीडर ने साढ़े चार हजार रुपये देने की बात कही। फरियादी ने बताया कि वो पहले ही रीडर को एक हजार रुपये दे चुका था। इसके बाद उसने लोकायुक्त पुलिस को शिकायत कर दी। शिकायत की पुष्टि के बाद सोमवार को जैसे ही रोहित वर्मा ने रीडर को 35 सौ रुपये दिए टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद रीडर को सर्किट हाउस ले जाया गया। जहां कागजी कार्रवाई पूरी की गई। लोकायुक्त की कार्रवाई के बाद तहसील कार्यालय में हड़कंप मच गया। वहां मौजूद अन्य लोगों ने बताया कि तहसीलदार कार्यालय में लंबे समय से रिश्वत का खेल चल रहा था। रीडर ने प्रत्येक नामांतरण के लिए तीन हजार रुपये तय कर रखे थे। बिना राशि दिए नामांतरण की फाइल आगे नहीं बढ़ती थी। डीएसपी लोकायुक्त ने बताया कि आरोपित के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा सात के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। जांच में यदि अन्य किसी की संलिप्तता सामने आती है तो उसे भी सह आरोपित बनाया जाएगा।
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