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उज्जैन की केंद्रीय भैरवगढ़ जेल में हुए पीएफ घोटाले में सबसे बड़ी गिरफ्तारी हुई है। पुलिस ने मास्टरमाइंड रिपुदमन को यूपी के बनारस से अरेस्ट किया है। साथ ही इंदौर के हॉस्पिटल में भर्ती पूर्व जेल अधीक्षक उषा राज को भी उज्जैन में पूछताछ के लिए बुलाने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों पर 68 जेलकर्मियों के पीएफ के करीब 15 करोड़ रुपए के गबन का आरोप है। एडिशनल एसपी इंद्रजीत बकरवाल ने बताया कि दोनों से पूछताछ के बाद कुछ और नाम सामने आने संभावना है।एसएसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल ने रिपुदमन पर 5 हजार रुपए इनाम घोषित किया था। उसे तलाशने के लिए एसआई बल्लू मंडलोई, रविंद्र कटारे सहित चार पुलिसकर्मी सांवेर थाने में पदस्थ उसके भाई आरक्षक आदर्श प्रताप को लेकर बनारस स्थित उसके गांव गए थे। वहां तीन दिन के प्रयास के बाद शुक्रवार दोपहर टीम ने रिपुदमन को अरेस्ट कर लिया। इस पूरे कांड में केंद्रीय जेल भैरवगढ़ की तत्कालीन जेल अधीक्षक उषा राज की भूमिका स्पष्ट होने के बाद शाम को उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया। उषा राज और रिपुदमन की गिरफ्तारी के बाद SIT व उज्जैन पुलिस ने शनिवार को दोनों को जिला न्यायालय में न्यायाधीश विनायक गुप्ता के समक्ष पेश किया।फरवरी माह में उज्जैन में ट्रेजरी का एक कर्मचारी जेल विभाग के पीएफ की राशि कर्मचारियों के खाते में ट्रांसफर कर रहा था। एक क्लेम देखकर अचानक कर्मचारी का माथा ठनक गया। दो लोगों की राशि एक ही खाते में कैसे ट्रांसफर हो सकती है। उसने सोचा टाइपिंग एरर हो सकता है। दस्तावेज मिलाए तो कर्मचारी का नाम अलग था, लेकिन बैंक खाता वही था। जब जांच की तो पता चला इसी खाते में जेल विभाग की पीएफ राशि निकालकर जमा कराई जा रही है। उसने अपने सीनियर काे बताया और जांच परख के बाद सीनियर अफसर ने उज्जैन कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम को इसकी सूचना दी कि उज्जैन की भैरवगढ़ जेल में पीएफ घोटाला हो रहा है।कलेक्टर ने जेल मुख्यालय में शिकायत कर जांच बैठा दी। इस बैंक खाते काे सीज कर एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की गई। इसके बाद एक-एक कर राज खुलते गए। अब तक करीब 15 करोड़ के हेर-फेर की बात सामने आ रही है। शुरुआती जांच के अनुसार मुख्य आरोपी जेल का अकाउंटेंट रिपुदमन रघुवंशी, जेल प्रहरी शैलेंद्र सिकरवार और जेल प्रहरी धर्मेंद्र लोधी के खाते में रुपया भेज कर बंटवारा कर लेते थे। इसके बाद से तीनों फरार हो गए थे। जांच के बाद और आरोपी बढ़ सकते हैं।
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