आयुर्वेदिक दवाओं में खतरनाक मिलावट का आरोप
मध्य प्रदेश में आयुर्वेदिक दवाओं को लेकर गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के प्रो. सर्वेश जैन ने आरोप लगाया है कि बाजार में बिक रही कई आयुर्वेदिक दवाओं में स्टेरॉयड और एलोपैथिक एलिमेंट्स मिलाए जा रहे हैं। घुटने, कमर दर्द और शुगर जैसी बीमारियों के इलाज के नाम पर प्रचारित ये दवाएं शुरुआती राहत तो देती हैं, लेकिन आगे चलकर हाई बीपी, डायबिटीज, हड्डियों की कमजोरी और इम्युन सिस्टम खराब होने जैसी गंभीर समस्याएं पैदा कर रही हैं।
प्रो. जैन ने नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) को पत्र लिखकर आयुर्वेदिक दवा कंपनियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने दावा किया कि कुछ क्लीनिकों की आयुर्वेदिक दवाओं में मेटफॉर्मिन, फेनिटॉइन जैसे एलोपैथिक कंपाउंड मिले हैं। उनके मुताबिक, वे रोज ऐसे मरीजों का इलाज कर रहे हैं, जो विज्ञापनों के झांसे में आकर इन दवाओं का सेवन कर चुके हैं और अब किडनी, लिवर व हार्ट से जुड़ी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि इन दवाओं में मौजूद स्टेरॉयड और एलोपैथिक दवाओं के अनियंत्रित डोज जानलेवा साबित हो सकते हैं। वहीं, सतना में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को एचआईवी संक्रमित और एक्सपायर्ड खून चढ़ाने का मामला भी सामने आया है। जांच में बिरला अस्पताल के ब्लड बैंक से एक्सपायर्ड ब्लड जारी होने का खुलासा हुआ है। मामले की जांच जारी है, लेकिन अब तक जिम्मेदारों पर ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है।