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भोपाल। शहर के खजूरी इलाके में करीब 10 महीने पहले बीएससी के छात्र अमन दांगी की हत्या के आरोपित रजत सैनी को फांसी की सजा सुनाई है। यह सजा सोमवार को राजधानी भोपाल विशेष न्यायाधीश धर्मेन्द्र कुमार टाडा की अदालत ने सुनाई है। आरोपित ने खुद को मृत साबित करने के लिए झूठी साजिश रची। बेकसूर शख्स को मारकर उसके शव को जला दिया था। वह चाहता था कि पुलिस उसे मरा हुआ समझ ले, इससे वह सजा से तो बच जाएगा। उसे उधारी भी नहीं चुकानी पड़ेगी। आरोपित ने अपने दोस्त को पहले बैट और हथौड़े से वार कर मारा था। इसके बाद पेट्रोल डालकर जला दिया था। आरोपित मेडिकल इक्विपमेंट बनाने वाली कंपनी में सुपरवाइजर था।
जानकारी के अनुसार, रजत सैनी ग्वालियर जेल में बंद था, जहां से पैरोल पर छूटने के बाद उसने भोपाल की अमलतास कालोनी निवासी अपने दोस्त अमन दांगी की जुलाई 2022 में हत्या कर शव को जला दिया था। दोषी रजत ने गुना में अगस्त 2018 में नाबालिग का अपहरण कर 30 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी। एक मामले में उसे वर्ष 2019 में आजीवन कारावास एवं 50 हजार रुपये के जुर्माना की सजा सुनाई गई थी, जबकि उसके खिलाफ भोपाल व ग्वालियर में दो अन्य मामलों में सजा हो चुकी है।
खजूरी सड़क पुलिस के अनुसार, फरियादी जगदीश अहिरवार ने बताया था कि रजत सैनी अमलतास कालोनी निवासी संजय अहिरवार के मकान में किराये से रहता था। उसके साथ उसका दोस्त अमन दांगी भी रहता था। यह मकान कुछ दिनों से खुला नहीं था। बाहर ताला लगा था। जब दोनों की खोज खबर ली तो रजत व उसके दोस्त का पता नहीं चला। जिसके बाद 14 जुलाई 2022 को दीवार पर चढ़कर कमरे में झांका तो एक व्यक्ति का अधजला शव दिखाई दिया। जिसकी सूचना पुलिस को दी थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर विवेचना में पाया कि रजत सैनी ने स्वयं को मृत साबित करने के लिए दोस्त की हत्या कर उसके शव को जलाने की कोशिश की थी।
पुलिस के मुताबिक जब उक्त मकान की तलाशी ली गई तो वहां से कम्प्यूटर, प्रिंटर व सीपीयू मिला था, जिसका उपयोग 500 के नकली नोट बनाने के लिए किया जाता था। इस मामले में भी रजत सैनी को आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई गई है।
न्यायाधीश ने फैसले में लिखा कि आजीवन कारावास के दंडादेश के उपरांत भी हत्या करना, आपराधिक न्याय प्रणाली की विश्वसनीयता को कमजोर करता है एवं अपराधी प्रोत्साहित होते हैं। दंड का उद्देश्य यह भी है कि पीड़ित तथा समाज का भी समाधान हो कि न्याय हुआ है। अपराधी निरंतर अपराध में सम्मिलित होकर समाज एवं देश विरोधी कृत्य में संलिप्त हो और उसे कठोर दंड से दण्डित न किया जावे तो वह समाज में अपराध कारित करने के उत्प्रेरक कारक का संदेश देगा।
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