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भोपाल। राजधानी के छोला मंदिर थाना क्षेत्र में मंगलवार रात विवाद के बाद देवर ने फांसी लगा ली। समय रहते परिजन उसे फंदे से उतार कर अस्पताल ले गए, जहां ईलाज कर डॉक्टर ने उसकी जान बचा ली। इस दौरान घर में अकेली भाभी ने साड़ी से फंदा लगा कर अपनी जान दे दी। सूचना मिलते ही परिजन घर पहुंचे और महिला को लेकर अस्पताल गए लेकिन वहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। अस्पताल की सूचना पर पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरु कर दी है।
जानकारी अनुसार छोला मंदिर थाना अंतर्गत सुंदर नगर चांदबाड़ी में रहने वाली हेमवति बाई (23 वर्ष) मूलत: गंजबासोदा की रहने वाली थी। उसकी शादी वर्ष 2016 में छोला चांदबाड़ी सुंदर नगर में रहने वाले राजकुमार अहिरवार से हुई थी। राजकुमार ई-रिक्शा चलाता है। जबकि हेमवति गृहणी थी। दोनों के तीन बच्चे पायल (6) जय (4) और धीरण (2) हैं। मृतका के पति राजकुमार ने बताया कि वह संयुक्त परिवार में रहता है। मंगलवार की रात करीब साढ़े दस बजे वो दोस्तों के साथ घर के बाहर बैठा था। इस दौरान उसकी पत्नी और छोटे भाई आकाश में किसी बात को लेकर विवाद हो गया। उसने तुरंत घर के अंदर जाकर दोनों को शाांत करवाया। जिसके बाद दोनों अपने कमरे में चले गए। कुछ समय बाद छोटे भाई आकाश ने अपने कमरे में फांसी लगा ली। उसकी मां ने उसे फंदा लगाते देखा और शोर मचा दिया। परिजन तत्काल फांसी के फंदे से उतार कर डीआईजी अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां उपचार के बाद उसकी हालत स्वस्थ्य है। इस दौरान घर में हेमवति अकेली थी। उसके बच्चे घर के बाहर खेल रहे थे, तभी महिला ने कमरे में अपनी ही साड़ी का फंदा बनाकर फांसी लगा ली। बड़ी बेटी पायल ने मां को फंदे पर देखा तो आस पड़ोस वालों को सूचना दी। पड़ोसियों ने परिजनों को फोन कर घटना के बारे में बताया।
जिसके बाद परिजन तुरंत घर पहुंचे और महिला को फंदे से नीचे उतारा। तब तक हेमवति बेसुध हो चुकी थी, आनन फानन में उसे निजी अस्पताल पहुंचाया गया। जहां डॉक्टरों ने चेक करने के बाद में उसे मृत घोषित कर दिया। अस्पताल की सूचना पर पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरु कर दी है। पुलिस का कहना है कि मृतका के परिजनों के डिटेल बयानों के बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। सुसाइड नोट नहीं मिलने से आत्महत्या के सही कारणों का खुलासा नहीं हो सका है।
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