Advertisement
मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में एक नाबालिग लड़की की शादी होने की खबर मिलते ही प्रशासन ने एक्शन लेते हुए 17 साल की लड़की को बालिका वधू बनने से बचा लिया। बाल विवाह के खिलाफ महिला और बाल विकास विभाग के उड़न दस्ते के प्रभारी महेंद्र पाठक ने यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि परिजनों को चेतावनी देकर, शादी रद्द करवा दी गई है।
उन्होंने बताया कि इंदौर शहर से करीब 15 किलोमीटर दूर ढाबली गांव में रहने वाली 17 वर्षीय लड़की की शादी 21 साल के युवक से देवप्रबोधिनी एकादशी पर शुक्रवार शाम होने वाली थी और इसकी रस्में पहले ही शुरू हो चुकी थीं। पाठक ने बताया कि बाल विवाह की तैयारियों की सूचना पर प्रशासन का दल लसूड़िया थाने के पुलिस कर्मियों के साथ लड़की के घर पहुंचा और उसके परिजनों को कानूनी कार्रवाई की चेतावनी देकर शादी समारोह निरस्त कराया। उन्होंने बताया,''लड़की के विद्यालय की अंकसूची के मुताबिक उसकी उम्र 17 वर्ष आठ माह है यानी उसके बालिग होने में चार महीने बाकी हैं।'' गौरतलब है कि देश में 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के और 18 साल से कम आयु की लड़की की शादी बाल विवाह की श्रेणी में आती हैं। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत दोषी को दो वर्ष तक का सश्रम कारावास अथवा एक लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों सजाओं का प्रावधान है।
Kolar News
4 November 2022
All Rights Reserved ©2024 Kolar News.
Created By: Medha Innovation & Development
|