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ग्वालियर में एक चार्टेड अकाउंटेंट को रिवार्ड में मिले कॉइन एक्सपायर होने का झांसा देकर ठगों ने ऑनलाइन एप्लीकेशन फार्म फिल कराया। इसके बाद कस्टमर केयर बनकर कुछ डिटेल पूछी। इसके बाद चार्टेट अकाउंटेंट के क्रेडिट कार्ड अकाउंट से पचास हजार रुपए निकाल लिए। वो तो CA ने अपने अकाउंट की लिमिट तय कर रखी थी, जिससे बड़ी ठगी होने से बच गई। घटना समाधिया कॉलोनी तारागंज लश्कर की है। घटना का पता चलते ही CA बुधवार को साइबर सेल पहुंचा और मामले की शिकायत की। साइबर सेल ने जांच के बाद मामला दर्ज कर ठग की तलाश शुरू कर दी है।
शहर के तारागंज समाधिया कॉलोनी निवासी मोहित जाधवानी पुत्र विजय जाधवानी चार्टेड अकाउंटेंट है और कुछ दिन पहले उनके मोबाइल पर एक मैसेज आया कि उनके क्रेडिट कार्ड पर मिले छह हजार रिवार्ड कॉइन उनके द्वारा उपयोग नहीं करने पर एक दिन बाद एक्सपायर हो जाएंगे। मैसेज की लिंक के साथ ही उनके क्रेडिट बाली बैंक का लोगों लगा था, इससे उन्हें शंका नहीं हुई और मैसेज के नीचे एक लिंक में एप्लीकेशन फार्म दिखाई दिया।एप्लीकेशन ओपन की तो एक फार्म नजर आया, जिस पर भी बैंक का लोगो लगा हुआ था, विश्वास में आते ही उन्होंने फार्म फिल किया और फार्म भरने के बाद उनके पास एक और मैसेज आया कि कुछ ही समय में उनके कस्टमर केयर अधिकारी उनसे बात करेगे। थोड़ी ही देर बाद एक कॉल आया और कुछ जानकारी लेने के बाद कॉल कट गया।कस्टमर केयर का कॉल कट होते ही CA मोबाइल पर 68 हजार रुपए निकालने के प्रयास का मैसेज पहुंचा जो कि ओवर लिमिट होने पर फेल हो गया। मैसेज से वह सतर्क हुए और कार्ड ब्लॉक कराने के लिए एप्लीकेशन ओपन की, लेकिन इससे पहले ही पचास हजार रुपए निकल गए। ठगों ने इसके बाद 44 हजार रुपए निकालने का प्रयास किया, लेकिन तब तक CA अपना अकाउंट ब्लॉक करा चुके थे। ठगी का शिकार CA साइबर सेल पहुंचा और मामले की शिकायत की। शिकायत की गंभीरता पर साइबर सेल ने मामला दर्ज कर ठगों की तलाश शुरू कर दी है।साइबर एक्सपर्ट हरेन्द्र सिंह राजपूत व धर्मेन्द्र शर्मा ने बताया कि इस तरह के फ्रॉड से बचने के लिए कभी भी किसी अनजान लिंक के माध्यम से कोई एप्लीकेशन अपने फोन में इंस्टॉल ना करें एवं आवश्यक ना हो तो किसी भी एप्लीकेशन को अपने फोन के मैसेज कॉल मीडिया के आदि की परमिशन नहीं दे। आजकल फ्रॉड मोबाइल पर मैसेज भेज कर क्रेडिट कार्ड के रीवार्ड पॉइंट एक्सपायर होना बताकर मैसेज में लिंक प्रोवाइड करते हैं, जिस पर क्लिक करने पर फोन में एक एप्लीकेशन इंस्टॉल होता है जो हूबहू बैंक के एप्लीकेशन की तरह दिखता है। यह एप्लीकेशन को इंस्टॉल करते समय यदि मैसेज कॉल लॉग मीडिया इत्यादि की परमिशन दी जाती है तो फ्रॉड द्वारा ओटीपी आपके बिना परमिशन के प्राप्त किए जा सकते हैं और ट्रांजेक्शन किए जा सकते हैं
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