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मध्य प्रदेश की ट्रेनों में चोर गैंग के सक्रिय होने की खबर सामने आने के बाद ,इंदौर जीआरपी ने एक चोर गैंग को पकड़ा है...बताया जा रहा है की यह गैंग महिलाओं को अपना निशाना बनाती थी...यह गैंग लम्बी दूरी वाली ट्रेनों में चढ़ती थी। और इनके साथी ट्रेन के रूट से कार लेकर चलते थे। अपने काम को अंजाम देने के बाद जैसे ही ट्रेन आउटर पर या किसी भी स्टेशन पर रुकती तो यह लोग कार में बैठ कर अपने साथियों के साथ फरार हो जाते।
एसपी (जीआरपी) निवेदिता गुप्ता ने बताया की गैंग के दो सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया है। यह गैंग महाराष्ट्र का है। गैंग के गिरफ्तार सदस्यों का कहना है कि इन्ही चोरी की पैसो से वे अपना खर्च चलाते है। यह गैंग ऐसी वारदातों के लिए कम उम्र से ही लड़को को ट्रेन करना शुरू कर देते है। उनका कहना है की इससे पहले मुंबई की ट्रेनों में भी इन्होने वारदातों को अंजाम दिया था। लेकिन वहॉं सख्ती बढ़ जाने के कारण इन्हे अपना टारगेट बदलना पड़ा। और मध्यप्रदेश आना पड़ा। जिसके बाद ये सभी लंबी दूरी की ट्रेन में चढ़कर इंदौर से देवास, रतलाम, उज्जैन, मक्सी, स्टेशनों के बीच वारदात को अंजाम देते थे। यह गैंग युवतियों या उन् महिलाओं को आसानी से टारगेट बनती थी जो अकेली होती थी या बच्चों के साथ।
एसपी ने कहा इस गैंग की तलाश 2020 से थी। लेकिन पुलिस उनकी मूवमेंट का इंतज़ार कर रही थी। मूवमेंट बढ़ते ही एसपी ने अलग-अलग टीम तैयार करके ट्रेनों में तैनात कर दी। जो की सिविल ड्रेस में होती थी।जीआरपी ने राजू शेल्के, किशोर परमार, किरण, धीरज वाणी और जयराज परमार को गिरफ्तार किया है। और उन्होंने अपराध कबूल कर लिए है। यह पूरी गैंग कार से ही आना जाना करती थी। पुलिस को रेलवे स्टेशनों और कई टोल पर इनके फुटेज मिले हैं। वारदात के बाद सभी एक दूसरे से मोबाइल पर बात करते थे। टारगेट पूरा करने के बाद जानकारी कार में बैठे साथी को देते थे। फिर वे कार लेकर अगले स्टेशन पर रुकते और साथी को ट्रेन से लेकर सड़क के रास्ते महाराष्ट्र की ओर भाग जाते थे। कई बार आरोपी ट्रेन धीमी होने पर उसमें से भी कूदकर बाहर हो जाते थे। एसपी के मुताबिक दो वारदातों में तो आरोपियों के सीधे फुटेज सामने आये है। गैंग के सदस्यों को रिमांड पर लिया गया है एवं पूछताछ जारी है।
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