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नई दिल्ली । अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को अमेरिका विरोधी नीतियों का समर्थन करने वाले ब्रिक्स देशों को सख्त लहजे में चेतावनी दी है। ट्रंप ने कहा कि 'अमेरिका विरोधी' नीतियों के साथ जुड़ने वाले देशों को 10 फीसदी का अतिरिक्त टैरिफ झेलना पड़ेगा।ट्रंप के नए ऐलान के बाद वैश्विक व्यापार में और अनिश्चितता पैदा होने के संकेत हैं, क्योंकि अमेरिका भारत सहित अपने कई व्यापारिक साझेदारों के साथ टैरिफ पर वार्ता जारी रखे हुए है, जिसकी मियाद 9 जुलाई को खत्म हो रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति का यह रुख ब्रिक्स देशों के वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक गवर्नर्स (एफएमसीबीजी) की बैठक के संयुक्त बयान के बाद सामने आया है, जिसमें टैरिफ और गैर-टैरिफ उपायों को बढ़ाने सहित व्यापार और वित्त से संबंधित कार्रवाइयों के एकतरफा थोपे जाने के खिलाफ आवाज उठाई गई है। इससे पहले 9 अप्रैल को ट्रंप प्रशासन ने टैरिफ के कार्यान्वयन को 3 महीने के लिए रोक दिया था। यह अवधि 9 जुलाई को समाप्त हो रही है। अमेरिका और भारत के बीच टैरिफ को लेकर बातचीत में गतिरोध जारी है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा था कि भारत हमेशा मजबूत स्थिति के साथ बातचीत करता है, किसी तरह की समय-सीमा के दबाव में नहीं रहता है। अमेरिका की ओर से दुनिया के देशों के खिलाफ लगाए गए जवाबी टैरिफ की समय-सीमा 9 जुलाई को समाप्त हो रही है। दूसरी ओर बाजील में 17वां ब्रिक्स समिट जारी है। ब्रिक्स समूह में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका जैसे देश हैं। इसके अलावे कई अन्य विकासशील देश पिछले कुछ वर्षों में ब्रिक्स में शामिल हैं, जो बढ़कर 10 हो गया है। ब्रिक्स समूह में दुनिया की लगभग आधी आबादी और वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 40 फीसदी शामिल है। ब्रिक्स समूह के देशों के पास वैश्विक व्यापार और निवेश प्रवाह का लगभग एक चौथाई हिस्सा है।
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रायपुर । कांग्रेस द्वारा साेमवार काे रायपुर के साइंस कालेज मैदान में 'किसान, जवान और संविधान' जनसभा का आयोजन किया था। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बारिश के बीच केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 'मोदी सरकार दो टांगों पर चल रही है, एक आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की है, दूसरी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की है। इनमें से एक भी हिला तो मोदी सरकार हिल जाएगी। केंद्र सरकार डर और भय फैलाकर काम करना चाहती है, लेकिन कांग्रेस का कार्यकर्ता डरने वाला नहीं है, वह अपनी विचारधारा के लिए मर मिटने को भी तैयार है। इसके अलावा केंद्र सरकार की नीतियों, आदिवासी भूमि विवाद, मणिपुर हिंसा और सीजफायर मुद्दे को लेकर सीधे प्रधानमंत्री को घेरा। खड़गे ने कश्मीर के सीजफायर प्रकरण को उठाते हुए कहा कि “जब पहलगाम में हमला हुआ था, हमारी सेना पाकिस्तान को जवाब देने के लिए तैयार थी। लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा कि मैंने सीजफायर कराया। यह बात उन्होंने एक बार नहीं 16 बार कही, मगर प्रधानमंत्री एक बार भी बोल नहीं पाए कि हमने खुद बातचीत कर फैसला लिया। भाषणों में जोश दिखाने वाले प्रधानमंत्री यहां चुप क्यों रहे? मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री की चुप्पी पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि “जब मणिपुर जल रहा है, तब प्रधानमंत्री दुनिया के 8 देशों की यात्रा पर रहे। पहले 42 देश घूम चुके, अब फिर विदेश जा रहे हैं। लेकिन मणिपुर नहीं जा रहे, जहां हमारे नेता राहुल गांधी दो बार जा चुके हैं। जब राहुल जा सकते हैं, तो प्रधानमंत्री क्यों नहीं? उनके पास तो पुलिस, हेलीकॉप्टर और जहाज सब है। बिहार चुनाव को लेकर बड़ा दावा करते हुए कहा कि “पहले महाराष्ट्र चुनाव में इन्होंने 75 लाख वोट बढ़ाए थे। अब बिहार में दो करोड़ वोट काटने की साजिश रची जा रही है। मैं कहना चाहता हूं कि आज जो कर रहे हो, कल पछताओगे। उन्हाेने कहा कि प्रदेश सरकार अब दिल्ली की कठपुतली बनकर रह गई है। मंच से कार्यकर्ताओं को बारिश में डटे रहने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा, हम मंच पर भीग रहे हैं, आप मैदान में भीग रहे हैं, लेकिन पार्टी के लिए ये समर्पण दिखाता है कि आप हर संघर्ष के लिए तैयार हैं। उन्होंने याद दिलाया कि यहीं रायपुर में 2023 का महाधिवेशन हुआ था, जहां उन्हें कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया था। खड़गे ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ के जंगल, जमीन और खनिज संसाधन सब कुछ उद्योगपतियों को सौंप दिया गया है। यहां उद्योगपति कोयला, स्टील और आयरन ओर लूटने आ रहे हैं, जनता की भलाई के लिए नहीं। मुख्यमंत्री केवल दिल्ली के इशारों पर उठते-बैठते हैं। तंज कसते हुए कहा कि, 400 पार का दावा करने वाले आज दूसरों की बैसाखियों पर चल रहे हैं। अगर मध्यप्रदेश और राजस्थान में हमें कुछ सीटें और मिल जातीं तो मोदी को गुजरात भेज चुके होते। कांग्रेस की सरकार ने कर्जमाफी, एमएसपी, आरक्षण, शिक्षा और आदिवासी अधिकारों को मजबूत किया। भाजपा सिर्फ अमीरों के लिए सरकार चल रही है, गरीबों के लिए नहीं।उन्हाेंने आरोप लगाया कि रायपुर में जब कांग्रेस का अधिवेशन हुआ था, तब उसे विफल करने के लिए ईडी की छापेमारी करवाई गई थी। भाजपा सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग कर विपक्ष को दबाना चाहती है। भाजपा सरकार ने हमारे छत्तीसगढ़ के जवानों और किसानों को धोखा दिया। यह इतना झूठ बोलते हैं इसीलिए मैं कहता हूं कि यह झूठों के सरदार हैं। सभा के अंत में कहा कि भाजपा सरकार हर जगह गरीब, किसान और आदिवासियों का हक छीनने का काम कर रही है। कांग्रेस लगातार इनके खिलाफ आवाज उठाती रहेगी। छत्तीसगढ़ की जनता को भी अपने जल-जंगल-जमीन की रक्षा के लिए एकजुट होना होगा। संबोधन के बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कार्यकर्ताओं को फटकार भी लगाई। कार्यकर्ताओं ने नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत के उद्बोधन के दौरान भी नारेबाजी की, जिस पर वह भी नाराज दिखे। प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट को भी चुप रहने की हिदायत देनी पड़ी। पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल भी सीट छोड़कर कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचे और शांत रहने काे कहा। इस दाैरान सभा को नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी संबोधित किया। इस बीच सभा के दाैरान कांग्रेस की अंतर्कलह भी सामने नजर आई। राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे के स्वागत के लिए विधायक देवेंद्र यादव पूर्व विधायक विकास उपाध्याय से माइक छीनते नजर आए।
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भोपाल । राज्य शासन ने भारतीय प्रशानिक सेवा (आईएएस) के नौ अधिकारियों का तबादला करते हुए उनकी नवीन पदस्थापना की है। इनमें राजेश राजौरा की जगह अब नीरज मंडलोई को मुख्यमंत्री का अपर मुख्य सचिव बनाया गया है। मंडलोई अभी ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। उनके पास ऊर्जा विभाग और लोक सेवा प्रबंधन विभाग का अतिरिक्त प्रभार रहेगा। इस संबंध में रविवार की रात सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी किया है। जारी आदेश के मुताबिक, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा को नर्मदा घाटी विकास विभाग में अपर मुख्य सचिव की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं, एसीएस संजय दुबे को नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग में अपर मुख्य सचिव बनाया गया है। उन्हें आईटी विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है, जबकि नगरीय विकास एवं आवास विभाग के एसीएस संजय शुक्ला को एसीएस सामान्य प्रशासन विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। कर्मचारी चयन मंडल का अतिरिक्त प्रभार डीपी आहूजा पीएस मछुआ कल्याण को पीएस सहकारिता विभाग बनाया गया है। कृषि सचिव एम सेलवेंद्रम को सामान्य प्रशासन विभाग में सचिव बनाया गया है। उच्च शिक्षा आयुक्त निशांत वरवड़े को कृषि विभाग में सचिव बनाया गया। लोक सेवा आयोग से प्रबल सिपाहा को उच्च शिक्षा आयुक्त बनाया गया। राखी सहाय को सचिव मध्य प्रदेश लोकसेवा आयोग बनाया गया है।
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जबलपुर । मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने प्रमोशन में आरक्षण पर फिलहाल रोक लगा दी है। सोमवार को पदोन्नति के नए नियमों को लेकर सुनवाई हुई। कोर्ट ने सरकार से पूछा कि पुराने नियम (2002) और नए नियम (2025) में क्या फर्क है? सरकार इसका कोई साफ जवाब नहीं दे पाई। इस पर एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की डिवीजन बेंच ने कहा कि ऐसी स्थिति में नए नियमों को लागू नहीं किया जा सकता। अब अगली सुनवाई 15 जुलाई को होगी।हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा व जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने इस मामले पर सुनवाई की। इस मामले में उन्हें बताया गया कि प्रदेश सरकार ने प्रमोशन में आरक्षण के लिए गजट नोटिफिकेशन भी दायर किया गया था लेकिन याचिका में राहत चाही गई कि प्रमोशन में आरक्षण के नए नियम और पुराने नियम एक सामान्य हैं और फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में पुराने नियमों को लेकर ही मामला लंबित है। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस की बेंच ने सरकार से यह भी सवाल किया कि जब पदोन्नति का मामला पहले से सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, क्या पहले सुप्रीम कोर्ट से पुराना मामला वापस नहीं लेना चाहिए था? तो फिर सरकार ने नए नियम क्यों बनाए?राज्य सरकार की तरफ से एडवोकेट जनरल पेश हुए, लेकिन वे यह स्पष्ट नहीं कर सके कि 2002 और 2025 के नियमों में असली फर्क क्या है। उन्होंने कहा कि अभी यह पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। कोर्ट ने कहा कि जब तक इस मामले में हाईकोर्ट कोई अंतिम फैसला नहीं देता, तब तक सरकार नए नियमों के आधार पर कोई भी पदोन्नति या संबंधित कार्रवाई नहीं करे।याचिकाकर्ताओं की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता आरपी सिंह व अधिवक्ता सुयश मोहन गुरू ने पैरवी की। युगलपीठ ने प्रमोशन में आरक्षण के मामले पर प्रदेश सरकार सहित अन्य अनावेदकों को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जवाब मांगा है। याचिका पर अगली सुनवाई 15 जुलाई को निर्धारित की गई है।
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भोपाल । मध्य प्रदेश में लंबे समय से अटके ओबीसी को 27% आरक्षण देने के मामले में हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। मुख्यमंत्री डाॅ. माेहन यादव ने रविवार को अपने बयान में कहा था कि कांग्रेस सरकार ने बिना किसी सर्वे और तैयारी के सिर्फ चार लाइन का कागज बनाकर आरक्षण देने का ऐलान कर दिया था। इसी वजह से ये मामला अब तक कोर्ट में फंसा हुआ है। मुख्यमंत्री के बयान पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने पलटवार किया है। जीतू पटवारी ने साेमवार काे मीडिया से बातचीत में कहा कि ओबीसी के लोगों के साथ अन्याय और अत्याचार हो रहा हैं। विधानसभा में कानून बना, अध्यादेश विधानसभा से पारित हुआ, प्रशासनिक स्वीकृति हुई। उसको एप्लीकेबल करके राज्यपाल के पास भेजा। यही अधिकारी थे जिन्होंने वो भेजा था। उनको मुख्यमंत्री कहते हैं पर्ची पर चार लाइन लिख दी। ये भाषा है मुख्यमंत्री जी की? बिल पर बिल लाने की बात करना एक तरह से राजनीतिक अपरिपक्वता बताती है। पटवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री की समझ देखिए जाे खुद पर्ची से आए है वाे कहते है एक पर्ची पर चार लाइन लिखने से काेई कानून बनता है क्या? वहीं प्रदेश में 9 आईएएस अधिकारियों के तबादले को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री और राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला। इन तबादलों को लेकर प्रशासनिक अराजकता का आरोप लगाया और सरकार की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए। पटवारी ने सवाल पूछते हुए कहा कि “ये तबादले क्यों होते हैं? खुद मुख्यमंत्री सचिवालय में, डेढ़ साल में चार प्रधान सचिव बदले जा चुके हैं। क्यों, क्या तर्क है? या तो वे सही लोगों का चयन नहीं कर पा रहे, या शायद मुख्यमंत्री की इच्छाएं पूरी नहीं हो रही हैं।” लगातार हो रहे आईएएस अधिकारियों के तबादले राज्य में प्रशासनिक अस्थिरता को दर्शाते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश में प्रशासनिक व्यवस्था में अराजकता की स्थिति है, जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।
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भोपाल । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को लुधियाना स्थित वर्धमान औद्योगिक परिसर में पंजाब के प्रमुख उद्योगपतियों से भेंट की और उन्हें मध्य प्रदेश की समावेशी, उदार और निवेश-अनुकूल नीतियों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार न केवल उद्योग लगाने और निवेश बढ़ाने के लिए तैयार है, बल्कि यदि किसी सेक्टर में संभावना दिखती है, तो वहां आवश्यकतानुसार नियमों में परिवर्तन भी किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश में गारमेंट और टेक्सटाइल सेक्टर के लिए विशेष अवसर उपलब्ध हैं और राज्य सरकार इस दिशा में गंभीर प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि इंदौर की हुकुमचंद मिल को पुनर्जीवित करने की दिशा में कार्य हो रहा है और मजदूरों के हितों को प्राथमिकता देते हुए 100 करोड़ से अधिक के सेटलमेंट क्लियर किए गए हैं। निवेशकों और श्रमिकों के साथ सरकार की प्रतिबद्धता हर स्तर पर बनी रहेगी। बताया कि ग्वालियर की जेसी मिल और उज्जैन की हीरा मिल के मामले में भी राज्य सरकार ने सह्रदयता से निर्णय किये है।उन्हाेंने कहा कि सरकार उद्योगपतियों के हित में निर्णय लेने के लिए कैबिनेट स्तर पर नीतियों में बदलाव को भी तैयार है। निवेशकों से आग्रह किया कि वे मध्य प्रदेश में आकर संभावनाओं को देखें और राज्य की गतिशीलता, शांति और संसाधनों का लाभ उठाएं। राज्य में टेक्सटॉइल, एग्री बेस्ड इंडस्ट्री, इंजीनियरिंग गुड्स, स्टील प्रोसेसिंग, रिन्यूएबल एनर्जी और आईटी जैसे सेक्टरों में व्यापक अवसर उपलब्ध हैं। उद्योगपतियों से यह भी कहा कि मध्य प्रदेश केवल निवेश के लिए नहीं, बल्कि एक जनकल्याणकारी राज्य के रूप में भी तेजी से पहचान बना रहा है। गरीब तबके के लिए एयर एंबुलेंस सेवा और राहगीर सेवा योजना जैसी अभिनव योजना क्रियान्वित की जा रही हैं। इन योजनाओं की उद्योगपतियों ने सराहना करते हुए कहा कि इस स्तर की सोच और संवेदनशीलता शायद ही किसी अन्य राज्य में दिखती हो। डॉ. यादव से वर्धमान ग्रुप के एमडी नीरज जैन, राल्सन इंडिया लिमिटेड के चेयरमेन संजीव पहवा, कंगारू इंडस्ट्रीज के एमडी अंबरीश जैन, टीके स्टील रोलिंग मिल्स प्राइवेट लिमिटेड के एमडी लोकेश जैन, रजनीश इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक राहुल आहूजा, फार्मपार्ट्स कंपनी के उपाध्यक्ष जेएस भोगल, सीआईसीयू के अध्यक्ष उपकार सिंह आहूजा, कमल (सरजवन होजरी) के प्रतिनिधि सुदर्शन जैन और अरुण जैन सहित विभिन्न सेक्टर के उद्योगपतियों ने मुलाकात की।बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. माेहन यादव ने यह भी बताया कि मध्य प्रदेश में बिजली दरें प्रतिस्पर्धी हैं और नियम संबंधी प्रक्रियाओं को सरल और निवेशक-अनुकूल बनाया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रदेश में सोलर और पॉवर सेक्टर में भी बड़े प्रोजेक्ट आ रहे हैं। केंद्र सरकार के स्तर पर कोई पर्यावरणीय क्लियरेंस लंबित है, तो मध्य प्रदेश सरकार अपने स्तर पर उसे शीघ्र दिलाने का भी प्रयास करेगी। उद्योगपतियों ने मुख्यमंत्री की नीति स्पष्टता, निर्णय क्षमता और कार्य के प्रति तत्परता की सराहना करते हुए कहा कि देश के सबसे भरोसेमंद और निवेश के योग्य राज्यों में मध्य प्रदेश शामिल हो गया है।
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सिंगरौली । सिंगरौली जिले के सरई थाना अंतर्गत धोहनी सड़क के जंगल में रविवार देर रात एक महिला की मौत हो गई। जबकि उसका पति मामूली रूप से घायल है। दोनों इंदौर से बुलेट पर सवार होकर सिंगरौली जा रहे थे। पति इसे हादसा बता रहा है। वहीं दूसरी तरफ महिला के परिजनाें ने हत्या का आरोप लगाया है। इधर पुलिस काे पूरा मामला संदिग्ध लग रहा है। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। सरई थाना पुलिस के मुताबिक, रिया राय और दिलीप जायसवाल के बीच 2019 से प्रेम संबंध थे। रिया ने दिलीप के ऊपर रेप का मामला दर्ज भी कराया था। इसमें दिलीप 3 महीने जेल में रहा। फिर रिया ने ही दिलीप की जमानत कराई थी। इसके बाद दिलीप के जेल से बाहर आने के बाद 28 सितंबर 2019 को दोनों ने जबलपुर में कोर्ट मैरिज कर ली, तब से दोनों एक साथ रह रहे थे। एक महीने पहले रिया, दिलीप को लेकर अपने भाई के पास इंदौर चली गई। वहां से 4 जुलाई को अपने गांव बरका (सिंगरौली) के लिए रवाना हुए थे, जहां रविवार रात करीब 11 बजे यह घटना हो गई। रिया की मां रेणु राय का आरोप है कि मेरी बेटी की हत्या उसके पति दिलीप ने की है। पहले उसने बेटी को प्रेमजाल में फंसाकर कोर्ट मैरिज की। फिर उसे शराब पीकर प्रताड़ित करने लगा। बेटी ने विरोध किया तो उसे इस तरह मार डाला।भाई रिकी राय का आरोप है कि दिलीप इंदौर में रहते हुए मेरी बहन को लगातार प्रताड़ित करता था। परिवार से बातचीत करने के लिए रोकता था। इसके अलावा दिलीप के घरवाले भी उसे बहन काे छाेड़ने की बात कहते थे। इसी बात को लेकर दोनों के बीच विवाद होता था। भाई रिकी ने बताया कि रविवार रात 8 बजे रिया ने मम्मी से बात की थी। तब उसने कहा कि हम लोग 11- 12 बजे तक सिंगरौली पहुंच जाएंगे। उसके बाद रात 10.45 पर मैंने फोन लगाया तो दिलीप ने बताया कि अभी हम लोग निवास में हैं। चाय पीकर निकल रहे हैं। इसके बाद करीब 11.30 बजे दिलीप ने फोन कर बताया कि उनकी बुलेट का एक्सीडेंट हो गया है। रिकी ने कहा कि यह पूरी तरह से साजिश है। मेरी बहन को मारा गया है। आज सोमवार को बहन रिया को स्कूल में अतिथि शिक्षक के पद पर जॉइन करना था, इसीलिए इंदौर से दोनों चले गए थे।वहीं इस पूरे मामले पर सरई थाना प्रभारी जितेंद्र सिंह भदौरिया का कहना है कि प्राथमिक रूप से मामला संदिग्ध लग रहा है, क्योंकि मृतक के पति दिलीप को कोई चोट नहीं है, जबकि रिया के गले में दबाने, नाखून के निशान हैं। सिर पर किसी भारी चीज के टकराने की चोट है। साेमवार सुबह डॉक्टरों की टीम से पोस्टमॉर्टम कराया है। एसडीओपी चितरंगी सहित एफएसएल के अधिकारी घटनास्थल पर मामले की पड़ताल कर रहे हैं।
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भोपाल । राजधानी भोपाल के वीआईपी रोड स्थित बड़े तालाब में एक युवक ने साेमवार सुबह छलांग लगा दी। डूबने से युवक की माैत हाे गई। घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने तुरंत डायल 100 को इसकी सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने गोताखोरों की मदद से शव को बाहर निकलवाया। शव काे पाेस्टमार्टम के लिए भेज कर पुलिस ने आगे की जांच शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार घटना सोमवार सुबह 10:00 बजे की बताई जा रही है। टीआई दीपक डेहरिया ने बताया कि एक युवक ने वीआईपी रोड स्थित शीतला माता मंदिर के पास रेलिंग को पार करते हुए तालाब में छलांग लगा दी। युवक की पहचान अमित साहू (22) निवासी कोकता बाइपास के रूप में की है। घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने बताया कि सुसाइड से पहले शख्स ने सड़क किनारे काले रंग की एक्टिवा क्रमांक एमपी 04 यूपी 4937 को पार्क किया। इसके बाद रेलिंग के पास गया और 5 मिनट तक सोचता रहा। अचानक उसने पानी में छलांग लगा दी। इसके बाद बाहर नहीं आया। तालाब में छलांग लगाने के कुछ देर बाद युवक का भाई भी वहां पहुंचा, उसने भाई की एक्टिवा को पहचाना। बताया जाता है कि अमित ने प्रेम प्रसंग के चलते सुसाइड किया। उसकी आखिर बात भी अपनी प्रेमिका से हुई थी। मृतक के भाई रवि साहू ने बताया कि अमित 6 साल से एक लड़की के साथ रिलेशन में था। अमित उससे शादी करना चाहता था। इसके लिए परिजन भी राजी थे लेकिन लड़की ने पिछले दिनों अचानक शादी से इनकार कर दिया। इस बात को लेकर अमित तनाव में रहने लगा था। सुसाइड से पहले इस लड़की से उसकी बहस हुई, इसके बाद उसने तालाब में छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली। अमित बीकॉम से ग्रेजुएट था और ओला में खुद की टैक्सी चलाता था। पुलिस की तरफ से युवक के सुसाइड को लेकर स्पष्ट कारणों का पता नहीं चला है। मामले में सभी पहलुओं को सुलझाने के बाद ही स्पष्ट चीजें सामने आएंगी ।
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