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बांग्लादेश में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की सरेआम जिंदा जलाकर हत्या किए जाने की घटना पर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस घटना को शर्मनाक बताते हुए कहा कि जब मुसलमान इस तरह की हिंसक घटनाओं में शामिल होते हैं तो उनका सिर शर्म से झुक जाता है। मदनी ने कहा कि ऐसी घटनाओं की जितनी भी निंदा की जाए, कम है।
मौलाना मदनी ने स्पष्ट किया कि किसी भी सभ्य समाज में किसी को दूसरे इंसान की जान लेने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि चाहे कोई कितना भी गलत क्यों न हो, सजा देने की एक कानूनी प्रक्रिया होती है और उसी का पालन होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर अपराधी मुसलमान हों और पीड़ित गैर-मुस्लिम हो, तो यह अपराध और भी ज्यादा घिनौना बन जाता है। मदनी ने दोहराया कि किसी को मारना या बेइज्जत करना इस्लाम की शिक्षाओं के खिलाफ है।
इस घटना को लेकर भारत में भी आक्रोश देखने को मिल रहा है और कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी घटना की निंदा करते हुए भारत सरकार से बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है। मामले में बांग्लादेशी पुलिस ने 10 लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि मृतक के पिता ने आरोप लगाया कि सरकार की ओर से उन्हें कोई आश्वासन नहीं मिला और उन्हें बेटे की हत्या की जानकारी सबसे पहले सोशल मीडिया से मिली।
Patrakar Priyanshi Chaturvedi
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