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मध्यप्रदेश में लापरवाह अधिकारी कर्मचारी पर कार्रवाई का सिलसिला जारी है। लगातार उन पर एक्शन लिए जा रहे हैं। इसी बीच बड़ी कार्रवाई सागर जिले में की गई है। दरअसल सागर संभाग के कमिश्नर मुकेश शुक्ला ने पन्ना जिले के पवई जनपद पंचायत सीईओ प्रसन्ना चक्रवर्ती को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। जानकारी के मुताबिक सीईओ प्रसन्ना चक्रवर्ती को पर यह दायित्व के प्रति उदासीनता बरतने और गंभीर वित्तीय अनियमितता और अनुशासनहीनता के आरोप में निलंबित किया गया है। वहीं पर यह कार्रवाई मध्य प्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम के तहत की गई है। इससे पहले सीईओ प्रसन्ना चक्रवर्ती के संबंध में प्राप्त जानकारी की जांच के लिए एक जांच समिति गठित की गई थी। जिसके बाद अधीक्षण यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा और सहायक श्रम आयुक्त द्वारा जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया किया। जिनमें सीईओ के ऊपर विभिन्न वित्तीय अनियमितता पाई गई थी। सीईओ द्वारा जनपद पंचायत परिषद पवई में सामूहिक शौचालय के निर्माण कार्य के लिए राशि स्वीकृत किए गए थे। जिसकी एजेंसी ग्राम पंचायत झांझर को बनाया गया था लेकिन राशि एजेंसी को न देकर समस्त भुगतान इनके द्वारा सीधे सामग्री सप्लायर को किया गया था। जो गंभीर वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है। जिस पर उन पर यह कार्रवाई की गई है।एक अन्य कार्रवाई ग्वालियर जिले में की गई है। जहां निकाय चुनाव के बीच मतदाता पर्ची वितरण में बड़ी लापरवाही सामने आई है। दरअसल ढाई लाख घरों में मतदाता पर्ची का वितरण होना है। जिसमें से अधिक घरों में ही पर्ची वितरण हो सका है। अब तक पर्ची वितरण नहीं होने के साथ ही मतदान में 2 दिन बचे हैं और 5 जुलाई की शाम तक पर्ची मतदाता के पास पहुंचाने का लक्ष्य है। ऐसे में प्रेक्षक बीएस शर्मा और कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह की मौजूदगी में आयोजित बैठक हुई। जिसमें निगम के दोषी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश दिए गए हैं। वहीं बीएलओ स्तर पर पर्ची वितरण पूरा करने के निर्देश जारी किए गए हैं। इधर एक बड़ी कार्रवाई जबलपुर में देखी गई है। जहां मंजूरी विकासखंड में पत्नी के चुनाव प्रचार कर रहे एक प्राथमिक शिक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। शिक्षक का नाम शिव कुमार पटेल है। जो शासकीय प्राथमिक शाला रिछी में पदस्थ है। रिटर्निंग ऑफिसर को मिली जानकारी के मुताबिक प्राथमिक शिक्षक शिव कुमार पटेल द्वारा अपनी पत्नी के पक्ष में चुनाव प्रचार किया जा रहा था। जिसके बाद शिवकुमार पर आचरण आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन पर कार्रवाई की गई है। उन पर मध्यप्रदेश सिविल सेवा नियंत्रण और अपील नियम 1966 के नियम 9 (1) के अंतर्गत तत्काल प्रभाव से उन पर निलंबन की कार्रवाई की गई।एक अन्य कार्रवाई उज्जैन जिले में की गई। जहां नगर निकाय चुनाव में आचार संहिता का उल्लंघन करने पर बिजली कंपनी के पश्चिम शहर संभाग उज्जैन के पदस्थ कनिष्ठ यंत्री संदीप कुमार उपाध्याय को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। मकसूद अली ने स्थानीय निर्वाचन अधिकारी बिरेंद्र कुमार दांगी को शिकायत की कि उपाध्याय द्वारा व्हाट्सएप ग्रुप पर BJP का प्रचार किया जा रहा है। साथ ही इसकी स्क्रीन शॉट भी शिकायत के साथ शेयर की गई है। अली ने इस मामले में आदर्श आचार संहिता उल्लंघन अधिनियम 1951 की धारा 127 के तहत कार्रवाई की मांग की। जिसके बाद अधीक्षण यंत्री आशीष आचार्य ने कनिष्ठ यंत्री संदीप कुमार उपाध्याय को आचार संहिता का उल्लंघन करने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश दिए हैं। कार्रवाई छतरपुर जिले में की गई है। जहा विभागीय राजस्व अधिकारी विकास आनंद ने राजस्व निरीक्षक मंडल सेड़वा तहसील बड़ा मलहरा धनगुवा के पटवारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। दरअसल पटवारी द्वारा 1 जुलाई को मतदान केंद्र 114 पर घटना की जानकारी वरिष्ठ अधिकारी को समय पर नहीं दी गई। ना ही वह मतदान शुरू होने के बताए गए समय पर उपस्थित हुए। इतना ही नहीं 4 जुलाई को पुनर्मतदान पर भी निश्चित समय से ढाई घंटे विलंब से उपस्थित होने और सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना मुख्यालय छोड़कर वापस छतरपुर पहुंचे। जिसके बाद उन पर सिविल सेवा नियम 1965 के नियम 3 (1) (2) (3) के तहत गंभीर कदाचार का मामला दर्ज करते हुए उन पर निलंबन की कार्रवाई की गई है।एक कार्रवाई छतरपुर जिले में की गई है जहां सेक्टर क्रमांक 22 के नियुक्त किए गए सेक्टर अधिकारी नरेंद्र सिंह राजपूत उपयंत्री को निर्वाचन दायित्व में लापरवाही बरतने पर कलेक्टर जिला निर्वाचन अधिकारी संदीप जी द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया। इसके साथ ही उनसे जवाब मांगा गया है। खरगोन में टीएल बैठक में स्वास्थ्य केंद्रों के ट्रीटमेंट के अंदर आने सर्वोच्च प्राथमिकता स्वास्थ्य केंद्र को ट्रीटमेंट के बनाने के उद्देश्य कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने सार्थक ऐप बनाकर अमले को एक जुलाई में अपनी उपस्थिति दर्ज करने के निर्देश दिए थे। जिसमें कई कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए। वहीं विभिन्न शिकायत प्राप्त करने के बाद मंत्री सांसद विधायक के शासन स्तर से मिलने वाले पत्रों और कलेक्टर द्वारा निर्धारित की गई समय सीमा में निराकरण नहीं करने पर 10 अधिकारियों को नोटिस जारी किया जाएगा। कलेक्टर ने कहा है कि 45 प्रकरण में अधिकांश की समय सीमा निकल चुकी है। जिसके बाद हिदायत के बावजूद जवाब प्रस्तुत नहीं किए गए हैं। ऐसे में प्रभारी सहायक, आयुक्त पिछड़ा वर्ग शेगाव तहसीलदार, खरगोन एसडीएम, लोक सेवा गारंटी, पीजी कॉलेज,पीएचई और अन्य विभाग को नोटिस जारी किया जाएगा।
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