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समाज

इंदौर। भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जा रही तीन मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला का दूसरा मैच रविवार, 24 सितंबर को इंदौर में खेला जाएगा। मोहाली में खेले गए पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया को पांच विकेट से हराने के बाद टीम इंडिया यहां होलकर स्टेडियम में श्रृंखला जीतने के इरादे से मैदान पर उतरेगी, लेकिन मौसम इस मैच में खलल डाल सकता है। मौसम विभाग ने मैच के दौरान रविवार शाम को बारिश होने की संभावना जताई है।   मौसम विभाग के मुताबिक, इंदौर में शनिवार सुबह से शाम तक बादल छाए रहे और धुंध का असर रहा। सुबह न्यूनतम दृश्यता 2000 मीटर तक दर्ज की गई। आज सुबह न्यूनतम तापमान सामान्य से दो डिग्री अधिक 23.2 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं सुबह के समय पश्चिमी उत्तर पश्चिमी हवाएं अधिकतम 15 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से चली। भोपाल मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ विशेषज्ञ वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि इंदौर में 24 सितंबर को सुबह 11 से 12 बजे तक मौसम शुष्क रहेगा और बादल छाए रहेंगे, जबकि दोपहर 3 से शाम 7 बजे के बीच हल्की बारिश की संभावना है।   उन्होंने बताया कि वर्तमान में उत्तर छत्तीसगढ़ और झारखंड में चक्रवाती हवाओं का घेरा बना हुआ है। एक मानसून द्रोणिका जैसलमेर शिवपुरी सीधी होते हुए गया तक जा रही है। इस वजह से इंदौर में शनिवार को शहर में हल्के से मध्यम बारिश हो सकती है।   गौरतलब है कि इसी साल मार्च में भारत-ऑस्ट्रेलिया की टीमों के बीच होलकर स्टेडियम में टेस्ट मैच हुआ था और अब फिर दोनों टीमें आमने–सामने होंगी। होलकर स्टेडियम में इस डे–नाइट मैच की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इंदौर में होने वाले मैच के लिए भारतीय टीम में सीनियर खिलाड़ियों को आराम दिया है। इससे स्थानीय प्रसंशकों को सितारा बल्लेबाज विराट कोहली, रोहित शर्मा और हरफनमौला हार्दिक पांड्या की कमी खलेगी। हालांकि इनके अलावा भी टीम में कई बड़े नाम मौजूद हैं। मैच के लिए सभी टिकट पहले ही बिक चुके हैं।   भारत और आस्ट्रेलिया के बीच होलकर स्टेडियम में होने वाला यह दूसरा एकदिवसीय मैच है। संयोग से पिछली बार भी दोनों टीमें साल 2017 में 24 सितंबर को ही भिड़ी थीं। उस मैच में भारत ने पांच विकेट से जीत हासिल की थी। होलकर स्टेडियम में अब तक भारत कोई भी एकदिवसीय मैच नहीं हारा है, जबकि इसी साल मार्च में खेले गए टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को नौ विकेट से हराया था। यह होलकर स्टेडियम में भारत की पहली हार थी। यह मैच तीन दिन में खत्म हो गया था। यह टेस्ट पिच के कारण भी विवादों में रहा था। अब भारत की कोशिश ऑस्ट्रेलिया से उस हार का बदला लेने की होगी।   इधर, क्रिकेट विशेषज्ञों का कहना है कि होलकर स्टेडियम पिच बल्लेबाजों के अनुकूल है। टॉस जीतने वाली टीम पहले बल्लेबाजी चुन सकती है। बल्लेबाजों को शुरूआती ओवर में फायदा मिल सकता है। मध्यम क्रम में फिरकी गेंदबाजों को अच्छी टर्न मिल सकती है। तेज गेंदबाजी करना यहां चुनौती रहेगी। पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम 300 से 350 रन बनाती है तो दूसरी पारी में लक्ष्य हासिल करना कठिन नहीं होगा।

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भोपाल। दो मानसूनी सिस्टम सक्रिय होने से मध्यप्रदेश में बारिश का दौर जारी है। राजधानी भोपाल में शनिवार सुबह करीब 6 बजे तेज बारिश हुई। इससे पहले पिछले 24 घंटे में बैतूल, छतरपुर, शिवपुरी समेत 10 जिलों में कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश हुई। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो अगले दो दिन और बारिश का दौर रहेगा। इसके बाद गतिविधियां कम होंगी। हालांकि, सितंबर के आखिरी सप्ताह तक हल्की बारिश होती रहेगी।   मध्यप्रदेश में शुक्रवार को बारिश का दौर जारी रहा। भोपाल में 9 घंटे में 1.70 इंच पानी बरस गया। खजुराहो में डेढ़ इंच, बैतूल में करीब 1 इंच बारिश हुई। शिवपुरी में 0.86 इंच बारिश दर्ज की गई। खंडवा, छिंदवाड़ा, दमोह, जबलपुर, नरसिंहपुर, नौगांव और मलाजखंड में भी बारिश हुई। सीहोर में तेज बारिश से पार्वती नदी उफान पर आ गई। भोपाल-बैरसिया रोड स्थित ईंटखेड़ी में पुल पर बाणगंगा नदी का पानी बहने लगा, जिससे करीब साढ़े 4 घंटे ट्रैफिक बंद रहा।     वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि अभी भी साइकोनिक सर्कुलेशन सिस्टम सक्रिय है। वहीं, मानसून ट्रफ जैसलमेर, शिवपुरी होते हुए प्रदेश के उत्तरी हिस्सों से गुजर रही है। एक और ट्रफ लाइन पूर्वी मध्यप्रदेश से गुजर रही है। इससे पिछले 24 घंटे में प्रदेश के कई जिलों में बारिश हुई। उन्होंने बताया कि अगले 24 घंटे में सिस्टम कमजोर होगा, लेकिन मानसून ट्रफ लाइन रहेगी। इससे प्रदेश के दक्षिणी हिस्से में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। इसमें सीहोर, नर्मदापुरम, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, डिंडोरी, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, रतलाम, देवास, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी और मंडला जिले शामिल हैं। बैतूल में तेज बारिश हो सकती है। इसके बाद बारिश की गतिविधियां घटने लगेंगी।     रेड जोन से बाहर आया भोपाल गुरुवार तक प्रदेश के कुल 7 जिले- भोपाल, गुना, अशोकनगर, दमोह, सतना, रीवा और सीधी रेड जोन में शामिल थे। यहां 23% से 38% तक कम बारिश हुई थी। गुरुवार रात में भोपाल में करीब 3 इंच बारिश हो गई। शुक्रवार दिन में भी करीब दो इंच बारिश हो गई। इससे भोपाल जिला रेड जोन से बाहर निकल आया है। हालांकि, अभी भी यहां सामान्य से 19% बारिश कम हुई है। भोपाल में अब तक 29.83 इंच बारिश हो चुकी है, जबकि 36.72 इंच बारिश होनी चाहिए थी।     मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में बैतूल जिले में भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी दी है। सीहोर, नर्मदापुरम, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, डिंडोरी, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, रतलाम, देवास, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी और मंडला जिलों में तेज बारिश हो सकती है। जबकि भोपाल, विदिशा, रायसेन, राजगढ़, झाबुआ, धार, इंदौर, उज्जैन, शाजापुर, आगर-मालवा, मंदसौर, नीमच, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, दतिया, भिंड, सिंगरौली, सीधी, रीवा, सतना, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, कटनी, जबलपुर, बालाघाट, सागर, दमोह और छतरपुर जिलों में हल्की बारिश की संभावना है।

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भोपाल। सागर का नौरादेही अभयारण्य को टाइगर रिजर्व घोषित कर दिया गया है। नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी से मंजूरी के तीन महीने बाद केन्द्र सरकार ने शुक्रवार को नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इसका नाम भी बदला गया है। अब इसका नया नाम वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व होगा। यह प्रदेश का सातवां टाइगर रिजर्व होगा। इसमें सागर, दमोह, नरसिंहपुर जिले के करीब 1,41,400 हेक्टेयर क्षेत्र को शामिल किया गया है। जनसम्पर्क अधिकारी दुर्गेश रायकवार ने बताया कि भारत सरकार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा वन्य-प्राणियों के संरक्षण एवं संवर्धन की दृष्टि से मध्य प्रदेश के वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व में विभिन्न क्षेत्रों को अधिसूचित किया गया है। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा केन-बेतवा लिंक परियोजना की प्रदाय की गई स्वीकृति में अधिरोपित की गई शर्त के पालन में जिला सागर, दमोह एवं नरसिंहपुर में पूर्व से अधिसूचित नौरादेही को वीरांगना दुर्गावती अभयारण्य के क्षेत्र को सम्मिलित किया है। उन्होंने बताया कि वीरांगना दुर्गावती अभयारण्य मध्यप्रदेश का सातवां टाइगर रिजर्व है। टाइगर रिजर्व का 1414.00 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को कोर क्षेत्र तथा 925.120 वर्ग कि.मी. क्षेत्र को बफर क्षेत्र के रूप में अधिसूचित किया गया है। अधिसूचित बफर क्षेत्र में नौरादेही एवं वीरांगना दुर्गावती अभयारण्यों का पूर्व से अधिसूचित ईको सेंसेटिव जोन एवं आस-पास के वनक्षेत्र को शामिल किया गया है। देश में प्रथम स्थान पर मध्यप्रदेश टाइगर स्टेट, तेन्दुआ स्टेट, चीता स्टेट के साथ-साथ घड़ियाल स्टेट भी है। टाइगर रिजर्व में अन्य कोई नया राजस्व क्षेत्र शामिल नहीं किये जाने के कारण टाइगर रिजर्व के आस-पास के स्थानीय लोगों पर कोई अतिरिक्त प्रतिबंध नहीं लागू किये जाएंगे। टाइगर रिजर्व में पूर्व से ही अधिसूचित अभयारण्य क्षेत्र अथवा ईको सेंसेटिव क्षेत्र को शामिल किया गया है। मध्यप्रदेश का यह सातवां टाइगर रिजर्व वन्य-प्राणियों के संरक्षण, संवर्धन एवं प्रबंधन की दृष्टि से वन्य-प्राणियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होगा। इस टाइगर रिजर्व की स्थापना से इन वनों से प्राप्त होने वाली पारिस्थितिकीय सेवाओं (Eco-system Services) की निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित होगी, जो वर्तमान एवं भावी पीढ़ियों के लिए पारिस्थितिकीय सुरक्षा प्रदान करेगी।

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भोपाल। मध्यप्रदेश में एक बार फिर से तेज बारिश का दौर शुरू हो गया है। गुरुवार को नर्मदापुरम, बैतूल, भोपाल समेत कई जिलों में तेज बारिश हुई। राजधानी भोपाल में भी शुक्रवार को तड़के चार बजे से रुक-रुककर बारिश हो रही है। वहीं, मौसम विभाग ने शुक्रवार को भी नर्मदापुरम, हरदा, खंडवा समेत प्रदेश के आठ जिलों में तेज बारिश की चेतावनी दी है। बारिश के ये गतिविधियां 23-24 सितंबर तक जारी रह सकती हैं।   तेज बारिश का दौर शुरू होने के बाद मध्यप्रदेश में गुरुवार को कई जिलों में तेज बारिश हुई। नर्मदापुरम में 9 घंटे में 2.12 इंच बारिश हो गई। बैतूल में 1.45 इंच, भोपाल में 0.6 और शिवपुरी में 0.6 इंच पानी गिरा। सिवनी, पचमढ़ी और मलांजखंड में भी बारिश हुई। रात में कई जिलों में कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश दर्ज की गई। वहीं, राजधानी भोपाल में शुक्रवार सुबह 4.00 बजे से अलग-अलग इलाकों में बारिश हो रही है। प्रदेश में अब तक औसत 35.83 इंच बारिश हो चुकी है, जबकि 36.32 होनी चाहिए थी। दोनों आंकड़े में आधा इंच का अंतर भी नहीं है। प्रदेश में ओवरऑल 1% बारिश ही कम है। पूर्वी हिस्से में 5% कम और पश्चिमी हिस्से में 2% अधिक बारिश हुई है।   वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि उत्तरी ओडिशा के आसपास लो प्रेशर एरिया सक्रिय हुआ था। वहीं, साइकोनिक सर्कुलेशन भी एक्टिव हुआ है, जो अभी झारखंड के दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में सक्रिय है। यह उत्तर-पश्चिमी दिशा की ओर जा रहा था। इससे नर्मदापुरम, भोपाल, जबलपुर समेत कई जिलों में कहीं-कहीं बारिश हुई। अधिकांश हिस्सों में वज्रपात की स्थिति भी रही। अगले 24 घंटे के दौरान सिस्टम कमजोर होगा, लेकिन नर्मदापुरम, हरदा, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा में मध्यम से भारी हो सकती है। इनसे लगे जिलों में हल्की बारिश होगी।   मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटों में नर्मदापुरम, हरदा, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा और बैतूल जिलों में तेज बारिश हो सकती है। वहीं, भोपाल, विदिशा, रायसेन, सीहोर, राजगढ़, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, शाजापुर, आगर-मालवा, मंदसौर, नीमच, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, श्योपुरकलां, सिंगरौली, सीधी, रीवा, सतना, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, सिवनी, मंडला, बालाघाट, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़ और निवाड़ी जिलों में हल्की बारिश की संभावना है।

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भोपाल। मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में गुरुवार को दो और चीतों-नर चीता पावक और मादा चीता धीरा को पूर्ण स्वास्थ्य परीक्षण करने के बाद प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सॉफ्ट रिलीज बोमा में छोड़ा गया। इससे पहले बीते सोमवार को दो चीतों वायु और अग्नि को स्वास्थ्य परीक्षण के बाद उन्हें सॉफ्ट रिलीज बोमा में छोड़ा गया था।       प्रधान मुख्य वन संरक्षक कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार को कूनो राष्ट्रीय उद्यान में नर चीता पावक और मादा चीता धीरा को बड़े बाड़े में छोड़ने से पहले स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। उन्हें सेटेलाइट कॉलर पहनाया गया। वर्तमान में दोनों चीते स्वस्थ हैं। स्वास्थ्य परीक्षण के लिये दोनों चीतों को क्वारेंटाइन बोमा में रखा गया था। इन दोनों चीतों को बोमा में छोड़ने का कार्य वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में कूनों में पदस्थ वन्य प्राणी चिकित्सकों की टीम द्वारा सफलतापूर्वक किया गया।       गौरतलब है कि कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीता प्रोजेक्ट के तहत नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से 20 चीतों को लाकर बसाया गया था। इनमें से एक मादा चीता ने यहां चार शावकों को जन्म दिया था। इस तरह यहां चीतों की संख्या बढ़कर 24 हो गई थी, लेकिन इस साल मार्च से जुलाई के बीच चार माह में एक के बाद नौ चीतों की मौत हो गई थी। इनमें छह चीते और तीन शावक शामिल हैं। इसके बाद चीता विशेषज्ञों की सलाह पर कूनो प्रबंधन ने शेष बचे एक शावक सहित सभी 15 चीतों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया था। इसके लिए उन्हें खुले जंगल और बड़े बाड़े से ट्रेंकुलाइज करके छोटे-छोटे क्वारंटाइन बोमा में रखा गया था।       स्वास्थ्य परीक्षण पूरा होने के बाद अब चीतों को दोबारा बड़े बाड़ों में रिलीज किया जा रहा है। इससे पहले बीते रविवार को दो चीतों गौरव और शौर्य नाम को स्वास्थ्य परीक्षण के बाद बड़े बाड़ों में रिलीज किया था। फिर, सोमवार को भी दो नर चीतों वायु और अग्नि को स्वास्थ्य परीक्षण के बाद बड़े बाड़ों में रिलीज किया गया। अब दो अन्य चीतों को भी बड़े बाड़े में छोड़ दिया गया है।

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भोपाल। मध्यप्रदेश के इतिहास में पहली बार सबसे लंबा करीब 350 किलोमीटर का ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है। जबलपुर से सड़क मार्ग जरिए एक ब्रेनडेड मरीज का लिवर भोपाल लाया जा रहा है। डॉक्टरों की टीम गुरुवार रात करीब 10 बजे लिवर लेकर भोपाल के लिए रवाना हुई, जिसके देर रात तक यहां पहुंचने की उम्मीद है।     बंसल हॉस्पिटल के मैनेजर लोकेश झा ने बताया कि जबलपुर के मेट्रो हॉस्पिटल में 64 वर्षीय मरीज को 20 सितंबर को ब्रेनडेड घोषित किया गया था। उनके परिजनों ने ऑर्गन डोनेट करने की इच्छा जताई थी। जिसके बाद एक से डेढ़ घंटे में सर्जरी कर लिवर निकाला गया। जो भोपाल के बंसल हॉस्पिटल में भर्ती एक मरीज को ट्रांसप्लांट किया जाएगा। यह सर्जरी 5 से 10 घंटे तक चल सकती है। बंसल हॉस्पिटल के डॉ. गुरुसागर सिंह सहोटा ( लिवर ट्रांसप्लांट सर्जन) पूरे ऑपरेशन को लीड कर रहे हैं।     झा ने बताया कि हेलिकॉप्टर के जरिए लिवर लाने का प्लान था। डॉक्टर्स को जबलपुर से आर्गन लाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हेलिकॉप्टर मुहैया कराया था। डॉक्टरों की टीम ने हेलिकॉप्टर से भोपाल से जबलपुर के लिए उड़ान भरी, लेकिन रात होने की वजह से हेलिकॉप्टर ने वापसी की उड़ान नहीं भरी। इसके बाद सड़क मार्ग से लिवर लाने का फैसला लिया गया। लिवर जबलपुर के मेट्रो हॉस्पिटल से भोपाल के बंसल हॉस्पिटल लाया जा रहा है।   ऑर्गन डोनेशन के लिए काम करने वाली किरण फाउंडेशन के सचिव डॉ. राकेश भार्गव ने बताया कि गुरुवार-शुक्रवार की दरम्यानी रात प्रदेश में पहली बार सबसे लंबा 350 किलोमीटर लंबा ग्रीन कॉरीडोर जबलपुर से भोपाल के बीच बनाया गया। जो जबलपुर, नरसिंहपुर, रायसेन और भोपाल के बीच बना। डॉ. राकेश भार्गव ने बताया कि 24 जुलाई 2017 को भी जबलपुर से एक ब्रेन डेड पेशेंट का ऑर्गन भोपाल लगाया गया था। तब यह फ्लाइट से लाया गया था। लेकिन, सड़क मार्ग से पहली बार जबलपुर से कोई आर्गन भोपाल लाया जा रहा है।     गौरतलब है कि इससे पहले इसी साल 10 मई को भोपाल से इंदौर के बीच 205 किलोमीटर लंबा ग्रीन कॉरीडोर बना था। तब भोपाल के बंसल हॉस्पिटल में ब्रेन हेमरेज के बाद भर्ती हुई पुष्पलता जैन की एक किडनी इंदौर के निजी अस्पताल में भर्ती मरीज को ट्रांसप्लांट करने भेजी गई थी।     मेट्रो हॉस्पिटल जबलपुर के डॉ. सौरभ बड़ेरिया ने बताया कि 19 सितंबर को एक 64 वर्षीय मरीज भर्ती हुआ था। उसे ब्रेन ट्यूमर था। अस्पताल में दिए गए इलाज के बाद भी उसकी सेहत में सुधार नहीं हुआ। 20 सितंबर की सुबह मरीज ब्रेन डेड हो गया था। उसके परिजनों ने आर्गन डोनेट करने की इच्छा जताई थी। इस पर डॉक्टर्स की टीम ने तय प्रोटोकॉल के तहत नेशनल आर्गन एंड टिशु ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन (एनओटीटीओ) को आर्गन डोनेशन की सूचना दी थी। अप्रूवल मिलने के बाद लिवर को भोपाल भेजा गया।     पीयूष सराफ ने बताया कि उनके मामा राजीव सराफ को इसी साल 27 मार्च में ब्रेन ट्यूमर डिटेक्ट हुआ था। नागपुर के हॉस्पिटल में 29 मार्च को सर्जरी हुई थी। इसके बाद वह रिकवर हो गए थे। 19 सितंबर को उन्हें ब्रेन स्ट्रोक हुआ। इसके बाद इलाज के लिए मेट्रो हॉस्पिटल में भर्ती कराया था, लेकिन वह रिकवर नहीं हुए। बल्कि ब्रेन डेड हो गए। इसके चलते परिजनों ने मामाजी के आर्गन डोनेट करने का फैसला किया। ताकि उनके आर्गन से दूसरे व्यक्ति को जिंदगी मिल सके। राजीव सराफ मूल रूप से बैतूल के रहने वाले थे।

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भोपाल। विभिन्न स्तरों पर आयोजित होने वाली शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले छात्र छात्राओं के दैनिक भत्ते एवं गणवेश राशि में वृद्धि के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं। यह जानकारी गुरुवार को जनसम्पर्क अधिकारी राजेश बैन ने दी।       उन्होंने बताया कि क्रीड़ा अंशदान से आयोजित होने वाली शालेय प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले छात्र छात्राओं के दैनिक भत्ते एवं गणवेश राशि में यह वृद्धि दर लागू होगी। इन प्रतियोगिता में जो छात्र छात्राएं शामिल होंगे, उन्हें इसी सत्र से बढ़ा हुआ दैनिक भत्ता एवं गणवेश राशि मिलेगी।     जारी आदेश के अनुसार क्रीड़ा अंशदान राशि से आयोजित होने वाली जिला एवं संभाग स्तरीय क्रीड़ा प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले छात्र छात्राओं के लिए दैनिक भत्ता राशि 90 रुपये से बढ़ाकर 135 रुपये एवं गणवेश राशि 450 रुपये से बढ़ाकर 675 रुपये की गई है। राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए दैनिक भत्ता राशि 100 रुपये से बढ़ाकर 150 रुपये एवं गणवेश राशि 500 रुपये से बढ़ाकर 750 रुपये की गई है। राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए दैनिक भत्ता राशि 150 रुपये से बढ़ाकर 250 रुपये एवं गणवेश के लिए 1200 रुपये से बढ़ाकर 1800 रुपये की गई है।

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नई दिल्ली। चंंद्रमा की सतह पर निष्क्रिय किए गए चंद्रयान 3 के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को शनिवार को एक बार फिर से सक्रिय किया जाएगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 23 सितंबर को इन दोनों को फिर से सक्रिय करने की योजना बनाई है। चंद्रमा में सूर्यास्त के कारण तीन सितंबर को विक्रम लैंडर को स्लीप मोड में भेज दिया गया था। इससे पहले प्रज्ञान रोवर को बैटरी डिस्चार्ज होने के कारण स्लीप मोड में भेज दिया गया था। इसरो के निदेशक नीलेश देसाई ने गुरुवार को बताया कि चंद्रमा पर 20 सितंबर से सूर्योदय शुरू हो गया है। इसलिए अब चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को एक बार फिर सक्रिय किया जाएगा। उससे लैंडर और रोवर में मौजूद सोलर पैनल रिचार्ज हो जाएंगे। तीन सितंबर से दोनों ही स्लीप मोड में रखे गए थे। उन्होंने बताया कि योजना के अनुसार 23 सितंबर को रोवर और लैंडर को पुनर्जीवित किया जाएगा। इसके साथ इस बात पर भी विचार किया जा रहा है कि यह रात में -120 से -200 C के तापमान को कितना झेल सकता है। उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि हमारे पास लैंडर पर चार और रोवर पर दो सेंसर हैं, और उनमें से कुछ काम कर सकते हैं। इस वजह से हमारा प्रयोग आगे बढ़ेगा। हमें और अधिक प्रयोगात्मक डेटा मिल सकेंगे। उल्लेखनीय है कि चंद्रयान-3 का लैंडर 'विक्रम' 23 अगस्त की शाम 6 बजे चांद की सतह पर सफलतापूर्वक उतरा था।

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भोपाल। कुछ दिनों के ब्रेक के बाद मध्यप्रदेश में एक बार फिर से तेज बारिश का दौर शुरू होने जा रहा है। गुरुवार से ही बारिश की गतिविधियां शुरू हो जाएंगी। जिनके कारण मौसम में बदलाव दिखाई देगा। ऐसा बंगाल की खाड़ी से स्ट्रॉन्ग सिस्टम के सक्रिय होने से होगा। मौसम विभाग ने इस दौरान प्रदेश के 8 जिलों में तेज होने की चेतावनी दी है, वहीं, भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन समेत 39 जिलों में हल्की बारिश हो सकती है। मध्यप्रदेश में बुधवार से मौसम फिर बदल गया। प्रदेश के 12 जिलों में बूंदाबांदी और बारिश हुई। इनमें भोपाल, सागर, जबलपुर, दमोह, बालाघाट के मलाजखंड, सतना, उमरिया, रीवा, छतरपुर के खजुराहो, नरसिंहपुर, मंडला और छिंदवाड़ा शामिल हैं। भोपाल में भी दोपहर में शहर के कुछ इलाकों में हल्की बूंदाबांदी हुई। राजस्थान के कोटा बैराज बांध से चंबल में 2.85 लाख क्यूसेक पानी मंगलवार तक छोड़ा गया। इससे बुधवार को मुरैना और भिंड में चंबल उफना गई।   वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि बंगाल की खाड़ी से साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम और लो प्रेशर एरिया सक्रिय हो गया है। वहीं, मानसून ट्रफ लाइन रतलाम से प्रदेश के बीचोंबीच से गुजर रही है। इससे सागर, रीवा और जबलपुर संभाग में मध्यम बारिश का दौर जारी है। अगले 24 घंटे में भोपाल, जबलपुर और सागर संभाग के कुछ जिलों में बारिश होगी। मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटों में बैतूल, हरदा, डिंडोरी, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट और सागर जिलों में तेज बारिश होगी। वहीं, भोपाल, विदिशा, रायसेन, सीहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, उज्जैन, देवास, शाजापुर, आगर-मालवा, मंदसौर, नीमच, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योपुरकलां, सिंगरौली, सीधी, रीवा, सतना, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, पन्ना, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़ और निवाड़ी जिलों में हल्की बारिश हो सकती है।

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भोपाल। मध्यप्रदेश में बारिश का दौर थमते ही गर्मी का असर बढ़ने लगा है। मंगलवार को भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर समेत प्रदेश के कई जिलों में दिन का अधिकतम तापमान 2 डिग्री तक बढ़ गया। वहीं, खंडवा में डेढ़ इंच से ज्यादा बारिश हो गई। ऐसा ही मौसम बुधवार को भी बना रहेगा, जबकि 21 सितंबर से हल्की बारिश का दौर शुरू हो जाएगा। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार 22 से 23 सितंबर तक स्ट्रॉन्ग सिस्टम सक्रिय रहेगा। इसके प्रभाव से एक बार फिर पूरा प्रदेश भीगेगा। बीते 24 घंटों में प्रदेश के कई जिलों में मिला-जुला मौसम देखने को मिला। खंडवा में दिन में 41 मिमी बारिश हो गई, जो डेढ़ इंच से ज्यादा है। यहां तापमान 32.8 डिग्री रहा। ग्वालियर में 34.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इंदौर में तापमान 30 डिग्री रहा। इससे गर्मी का असर रहा। दमोह, जबलपुर, खजुराहो, मंडला, नौगांव, सतना, ग्वालियर में तापमान 34 डिग्री के पार पहुंच गया। हाल में हुई बारिश के बाद अब प्रदेश के 7 जिले रेड जोन में रह गए हैं। इनमें भोपाल, गुना, अशोकनगर, दमोह, सतना, रीवा और सीधी जिले शामिल हैं। यहां 23% से 38% तक कम बारिश हुई है।   मौसम विभाग के अनुसार 22 सितम्बर से नया सिस्टम बंगाल की खाड़ी से सक्रिय होगा, जो काफी स्ट्रॉन्ग रहेगा। इससे भोपाल, ग्वालियर, चंबल, रीवा, इंदौर और उज्जैन संभाग के जिलों में मूसलाधार बारिश हो सकती है। अब तक सूखे रहे रीवा संभाग में भी तेज बारिश होने की संभावना है। बुधवार को डिंडोरी, सिवनी, मंडला और बालाघाट जिलों में तेज बारिश हो सकती है। वहीं, इंदौर, जबलपुर समेत 27 जिलों में धूप-छांव रहेगी। कहीं-कहीं हल्की बारिश भी हो सकती है।   मौसम विभाग ने डिंडोरी, सिवनी, मंडला और बालाघाट जिले में तेज बारिश की चेतावनी दी है। जबकि रायसेन, सीहोर, बैतूल, खंडवा, धार, इंदौर, अशोकनगर, शिवपुरी, दतिया, भिंड, सिंगरौली, सीधी, रीवा, सतना, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़ और निवाड़ी जिले में हल्की बारिश हो सकती है।

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भोपाल। आदि गुरु शंकराचार्य (आचार्य शंकर) के व्यक्तित्व, विचार और अद्वैत वेदान्त दर्शन की उनकी दीक्षा भूमि–कर्मभूमि को ओंकारेश्वर में मध्यप्रदेश सरकार साकार रुप दे रही है। एकात्म धाम में आचार्य शंकर की प्रतिमा के साथ अलौकिक एकात्म धाम भारत की सांस्कृतिक विरासत से साक्षात्कार कर सकेंगे। ओंकारेश्वर में गुरुवार, 21 सितम्बर से हो रहे शंकरवातरणम् कार्यक्रम में भारत की सांस्कृतिक एकता को सांगीतिक प्रस्तुतियों एवं शैव परम्परा पर आधारित नृत्य प्रस्तुतियों के माध्यम से चित्रित किया जाएगा। यह जानकारी मंगलवार को जनसम्पर्क अधिकारी अनुराग उइके ने दी।   उन्होंने बताया कि इन आकर्षक और मनोहारी प्रस्तुतियों को देश भर से आने वाले विख्यात कलाकार प्रस्तुत करेंगे। मध्यप्रदेश की पावन धरती आचार्य शंकर की दीप्ति से पुनर्प्रकाशित होगी और विविधता में एकता की सांस्कृतिक विरासत इन नृत्यों के माध्यम से जीवंत हो उठेगी।   उन्होंने बताया कि शिवोऽहम में भगवान शिव के नृत्य की प्रस्तुति के साथ भारतीय शास्त्रीय नृत्य शैलियों के साथ 25 मिनट की कोरियोग्राफिक नृत्य की प्रस्तुति होगी। भारत के 6 शास्त्रीय नृत्य- भरतनाट्यम, कथक, छाऊ, ओडिसी, मोहिनीअट्टम और मणिपुरी नृत्य से शिव की अभिव्यक्तियों को अपनी अनूठी शैली में प्रस्तुत किया जाएगा। इसकी समग्रता में कोरियोग्राफिक समवेत प्रस्तुति के माध्यम से ‘ऊँ’ में संकल्पित होते हुए दर्शाया जाएगा।   शंकरवातरणम् के क्रम में ‘शंकर संगीत’ में श्रेष्ठ संगीतकार, हिन्दुस्तानी संगीत एवं कर्नाटक संगीत शैली में आचार्य शंकर विरचित स्त्रोतों का गायन करेंगे। इनमें पण्डित संजीव अभ्यंकर (हिन्दुस्तानी संगीत), पण्डित जयतीर्थ मेवुण्डी (हिन्दुस्तानी संगीत) , सुधा रघुरामन (कर्नाटक संगीत) और मामलम बहनें (कर्नाटक संगीत) प्रस्तुतियाँ देंगी।   कार्यक्रम में शैव परम्परा पर आधारित नृत्य प्रस्तुतियों को देश भर से आए कुल 337 कलाकारों द्वारा मंचित किया जाएगा। साथ ही शंख वादन में 80 कलाकार, केरल शैली एवं पंचायतन में कुल 95 कलाकार और 250 बटुक वेदपाठियों द्वारा एकात्मता की प्रस्तुतियाँ दी जाएंगी। भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को इन नृत्य प्रस्तुतियों के माध्यम से मंचित किया जाएगा। यह महान क्षण ह्रदय प्रदेश मध्यप्रदेश से प्रसारित होगा और आचार्य शंकर का शाश्वत मन्त्र शिवोऽहम् एकात्मधाम को निरुपित करने वाली शैव परम्परा की इन नृत्य प्रस्तुतियों से एकात्म धाम और शङ्करवातरणम् में पधारे अतिथि रोमांचित हो उठेंगे।   यक्षगान में कर्नाटक के 7 कलाकार , खरसवा छाऊ में झारखण्ड के 13, डेरुजंगम में हरियाणा के 12 , पेरिनी शिवतांडवम् में तेलंगाना के 13 , घण्टा व मृदंगम् में ओडीसा के 13 , ढोलूकुनीता में कर्नाटक के 13 , ओग्गूडोलू में तेलंगाना के 13 , गुरू वायाय्यलू में आन्ध्रप्रदेश के 11 , शिवबारात में उत्तरप्रदेश के 10 , श्मसान होली व अघोरी में उत्तरप्रदेश के 10, डमरू (बड़े) वादन में उत्तरप्रदेश के 20 , पुरलिया छाऊ में पश्चिम बंगाल के 13, छम नृत्य में हिमाचल/लेह लद्दाख के 8 , कथकली में केरल के 10, तैयम में केरल के 10 , हिल जाला में उत्तराखण्ड के 13 , मोनपा नृत्य में अरूणाचल प्रदेश के 10 और सिघी छम में सिक्किम-मानेस्ट्री के 8 कलाकार अपनी प्रस्तुतियाँ देंगे। वहीं कथक, भरतनाट्यम, मोहिनीअट्टम ,ओडिसी नृत्य में 20 – 20 कलाकारों की संख्या में नृत्य प्रस्तुतियाँ होंगी। साथ ही समकालीन नृत्य में 50 कलाकार प्रस्तुतियाँ देंगे। शंख वादन की प्रस्तुतियों में असम शंख में 20, भोरताल एवं बड़ी झाँझ – असम में 20, मणिपुरी शंख एवं पुंग में 20 और जोडी शंख – ओडीसा में 20 कलाकारों सहित कुल 80 कलाकारों द्वारा प्रस्तुतियाँ होंगी।

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भोपाल। मध्यप्रदेश के पर्यटन स्थलों को प्रचारित करने और देश-विदेश के पर्यटकों को मध्यप्रदेश के प्रति आकर्षित करने के लिए पर्यटन विभाग ने नया टीवी कमर्शियल (टीवीसी) लॉन्च किया है। "जो आया वो वापस आया, ये एमपी की माया"... थीम पर टीवीसी को बहुत ही रचनात्मक तरीके से दर्शाया और सुमधुर संगीत से सजाया गया है।   पर्यटन और संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव एवं टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक शिवशेखर शुक्ला ने मंगलवार को बताया कि, नव-निर्मित टीवीसी में नया प्रयोग करते हुए गोंड पेंटिंग के माध्यम से पर्यटन स्थलों और पात्रों को दर्शाया गया है। इससे जनजातीय कला देश और विदेश में प्रमुखता से प्रचारित होगी। मीडिया क्रिएटिव एजेंसी ओगिलवी एंड मैथर द्वारा निर्मित टीवीसी के निर्देशक पीयूष पांडे है। गायिका कल्पना पटवारी ने अपनी आवाज दी है और इसमें नुतन माथुर ने अदाकारी की है।   उन्होंने बताया कि इस टीवीसी को एमपी टूरिज्म के यूट्यूब चैनल पर या लिंक https://youtu.be/J1vMUFASC44?si=NEuV14Clpn5e08gG पर क्लिक करके देखा जा सकता है। यह पर्यटन के सभी सोशल मीडिया हैंडल्स पर भी जारी किया गया है।   टीवीसी एक कहानीकार की कहानी है, जो प्रदेश के पर्यटन स्थलों को संगीतमय कहानी को सुरमयी अंदाज में बताती है। यह टीवीसी दर्शाती है कि एमपी में इतने पर्यटन स्थल है कि इसे देखने के लिए एक जन्म भी कम पड़ेगा। यह कहानी एक लोक गीत के रूप में है, जिसे मध्यप्रदेश की गोंड चित्रकला शैली का उपयोग करके चित्रित किया गया है।   मप्र पर्यटन विभाग द्वारा अपने मंत्रमुग्ध कर देने वाले टेलीविजन विज्ञापनों के चलते न केवल राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार जीते हैं बल्कि पर्यटकों के मन में राज्य की पर्यटन रूपी सकारात्मक छवि निर्मित करने में भी सफल रहा है। मप्र टूरिज्म के पास प्रतिष्ठित विज्ञापन की एक लंबी विरासत है।   टीवीसी की यात्रा 2006- हिंदुस्तान का दिल देखो, 2008- हिंदुस्तान का दिल देखा, 2010- एमपी अजब है सबसे गजब है, 2013- रंग है मलंग है, 2016- एमपी में दिल हुआ बच्चे सा और 2018- टक-टक।

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भोपाल। मध्यप्रदेश में रिकॉर्ड तोड़ बारिश के बाद फिलहाल मौसम साफ है। राजधानी भोपाल और दूसरे जिलों में धूप खिली है। बीच-बीच में बादल आ-जा रहे हैं। मौसम वैज्ञानिकों ने अगले तीन दिन 19 से 21 सितंबर तक धूप-छांव वाला मौसम रहने का अनुमान जताया है, लेकिन उसके बाद 22 से एक और सिस्टम सक्रिय होगा, जो पूरे प्रदेश को तरबतर कर देगा। बीते 24 घंटों में प्रदेश के खरगोन में 0.39 इंच, रतलाम में 0.11, बैतूल में 0.07, सीधी में 0.03, सतना में 0.01, इंदौर में 0.007, जबलपुर में 0.003 इंच बारिश हुई। पिछले दिनों हुई अति भारी बारिश के चलते मध्यप्रदेश सूखे की स्थिति से बाहर निकल आया है। अब तक औसत 35.55 इंच बारिश हो चुकी है, जबकि 35.81 होनी चाहिए थी। प्रदेश में ओवरऑल 1% बारिश ही कम है। पूर्वी हिस्से में 5% कम और पश्चिमी हिस्से में 3% अधिक बारिश हुई है। अब प्रदेश के 7 जिले ही रेड जोन में बचे हैं जिनमें भोपाल, गुना, अशोकनगर, दमोह, सतना, रीवा, सीधी शामिल हैं।   वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि अगला सिस्टम भी बहुत स्ट्रॉन्ग है। इस कारण प्रदेश के जो 7 जिले अभी रेड जोन में हैं या फिर जहां सामान्य से कम बारिश हुई है, वहां भी तेज बारिश हो सकती है। वर्तमान में प्रदेश में सामान्य बारिश का ओवरऑल आंकड़ा 1% कम है। मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार को सिंगरौली, सीधी, रीवा, सतना, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला और बालाघाट में हल्की बारिश का अनुमान है। वहीं, 22 से 23 सितंबर के बीच भोपाल, ग्वालियर, चंबल, रीवा, इंदौर और उज्जैन संभाग के जिलों में भारी बारिश हो सकती है।

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भोपाल। मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में सोमवार को दो नर चीतों वायु और अग्नि का स्वास्थ्य परीक्षण पूरा किया गया। इसके बाद उन्हें सॉफ्ट रिलीज बोमा में छोड़ा गया। वर्तमान में दोनों चीते स्वस्थ हैं। अब बड़े बाड़े में रिलीज किए जाने के बाद यह पसंदीदा जानवर का शिकार करके अपने भोजन का इंतजाम खुद कर सकेंगे और भाग दौड़ भी कर सकेंगे। यह जानकारी जनसम्पर्क अधिकारी केके जोशी ने दी। उन्होंने बताया कि दोनों नर चीतों को स्वास्थ्य परीक्षण के लिए इसी साल 27 जून को क्वारेंटाइन बोमा में रखा गया था। सोमवार को इन दोनों चीतों को सॉफ्ट रिलीज बोमा में छोड़ने का कार्य वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में कूनों में पदस्थ वन्य प्राणी चिकित्सकों की टीम द्वारा सफलतापूर्वक किया गया। गौरतलब है कि कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीता प्रोजेक्ट के तहत नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से 20 चीतों को लाकर बसाया गया था। इनमें से एक मादा चीता ने यहां चार शावकों को जन्म दिया था। इस तरह यहां चीतों की संख्या बढ़कर 24 हो गई थी, लेकिन इस साल मार्च से जुलाई के बीच चार माह में एक के बाद नौ चीतों की मौत हो गई थी। इनमें छह चीते और तीन शावक शामिल हैं। इसके बाद चीता विशेषज्ञों की सलाह पर कूनो प्रबंधन ने शेष बचे एक शावक सहित सभी 15 चीतों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया था। इसके लिए उन्हें खुले जंगल और बड़े बाड़े से ट्रेंकुलाइज करके छोटे-छोटे क्वारंटाइन बोमा में रखा गया था। स्वास्थ्य परीक्षण पूरा होने के बाद अब चीतों को दोबारा बड़े बाड़ों में रिलीज किया जा रहा है। रविवार को भी गौरव और शौर्य नाम के दो नर चीतों को स्वास्थ्य परीक्षक के बाद देर शाम बड़े बाड़ों में रिलीज किया था। सोमवार को फिर दो नर चीतों वायु और अग्नि को स्वास्थ्य परीक्षक के बाद बड़े बाड़ों में रिलीज कर दिया गया है। चारों चीते पूरी तरह से स्वस्थ पाए गए हैं, जिन्हें गाइडलाइन के अनुसार बड़े बाड़े में रिलीज किया है।

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जबलपुर। जिले के रामपुर स्थित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में पढ़ने वाले सौ से अधिक बच्चे अचानक बीमार हो गए। छात्रावास में सोमवार रात लगभग आठ बजे मेस में बच्चों ने खाना खाया था। खाने के लगभग 10 मिनट बाद एक-एक कर सभी बच्चों को उल्टी होने लगी। सभी को उल्टी-दस्त और पेट दर्द की शिकायत के बाद जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां आठ बच्चों की हालत गंभीर बताई जा रही है। स्थानीय विधायक विनय सक्सेना ने इस संबंध में अधिकारियों से बात की है।       जानकारी के अनुसार, एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के छात्रावास में करीब 450 बच्चे रहते हैं। सोमवार की रात बच्चों ने रात के खाने में दाल-चावल और कटहल की सब्जी खाई थी। जिसके बाद बच्चों को उल्टी-दस्त और पेट दर्द की शिकायत होने लगी। देखते ही देखते छात्रावास के लगभग सौ से अधिक बच्चे उल्टी करते हुए जमीन पर गिरने लगे। यह देख छात्रावास प्रबंधन में हड़कंप मच गया। उन्होंने तत्काल इनकी जानकारी संबंधित अधिकारियों के साथ पुलिस और प्रशासन को दी। इधर खबर लगते ही जिला प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और तत्काल एंबुलेंस की मदद से सभी को अस्पताल पहुंचाया गया।       गौरखपुर एसडीएम पंकज मिश्रा, तहसीलदार रश्मी चौधरी समेत प्रशासनिक विभाग के अधिकारी और पुलिस बल ने मौके पर पहुंचकर बारी-बारी से बच्चों को एंबुलेंस की मदद से अस्पताल पहुंचाना शुरू किया। इस दौरान छात्रावास में तत्काल मौके पर एंबुलेंस बुलाई गईं, लेकिन फूड प्वाइजनिंग से बीमार बच्चों की संख्या देखते ही देखते सौ के ऊपर पहुंच गई। इतनी संख्या में सभी को अस्पताल पहुंचाने में प्रशासनिक अधिकारियों को पसीने छूट गए। इधर तत्काल शहर के सभी कोनों से शासकीय एंबुलेंस को छात्रावास पहुंचाया गया। लगभग 30 मिनट के भीतर ही 10 एंबुलेंस पहुंची और बच्चों को लेकर अस्पताल रवाना हो गई। कई बच्चों की नाजुक हालात को देखते हुए उन्हें पास के ही निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस दौरान बच्चों को अस्पताल ले जाने एंबुलेंस भी कम पड़ गई।       अधिकांश बच्चों को लगातार उल्टी-दस्त की शिकायत होने के बाद उन्हें जिला अस्पताल विक्टोरिया और मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया गया। मेडिकल में लगभग 50 से ज्यादा बच्चे पहुंचे। विक्टोरिया अस्पताल में भी देर रात तक लगभग 35 बच्चों को इलाज के भर्ती कराया गया है।   जबलपुर कलेक्टर सौरभ सुमन ने बताया कि एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में रात के वक्त बच्चों को खाना खाने के बाद फूड पाइजनिंग हो गई। प्रारंभिक जांच में बच्चे कटहल की सब्जी खाकर बीमार हुए गए। सभी बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया और जांच की गई। अधिकांश को उल्टी-दस्त की शिकायत थी। कइयों की हालात बेहतर है। समय पर सभी को अस्पताल पहुंचाया गया। अधिकांश बच्चों की जांच कर उन्हें छात्रावास भेजा गया है।       वहीं दूसरी ओर छात्रावास की मैस में बच्चों को परोसे गए खाने की जांच शुरू कर दी गई। एक्सपर्ट की टीम ने मौक पर पहुंचकर खाने का सैम्पल लिया। इस दौरान अधिकांश बच्चों का कहना था कि उन्हें कटहल की सब्जी खाने के बाद ही उल्टी हुई। कई बच्चों ने बताया कि खाने में रोज की तरह ही सामान्य खाना परोसा गया था, लेकिन कटहल की सब्जी खाने के बाद उनके पेट में दर्द शुरू हो गया और फिर उल्टी होने लगी। इस दौरान अधिकांश को दस्त लगना शुरू हो गए। बच्चों और मैस में काम करने वालों के बयान के आधार पर खाने की जांच की जा रही है। मैस में खाना बनने वाली जगह की भी जांच की गई।

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल। राजधानी में मेट्रो के ट्रायल रन की तैयारियां चल रही हैं। इस बीच रविवार देर रात 1100 किलोमीटर का सफर तय कर मेट्रो के तीन कोच सुभाषनगर स्थित डिपो पहुंचे। इन कोच को आज अनलोड किया जाएगा। तीन कोच वाली भोपाल की पहली नारंगी मेट्रो ट्रेन रविवार की देर रात राजधानी में दाखिल हो गई। 42 टन वजनी हर कोच को 106 पहियों वाले ट्राले से 1,100 किमी का सफर तय कराकर भोपाल लाया गया है। रविवार देर शाम ये कोच सीहोर बॉर्डर पर पहुंच गए थे, लेकिन उन्हें वहीं रोककर रखा गया था। ट्रालों के साथ चल रही एक टीम ने रविवार शाम को ही यहां से सुभाष नगर डिपो तक पहुंचने वाले रूट का मुआयना किया। इसके बाद सड़कों से ट्रैफिक कम होने पर ट्रालों को रात करीब ढाई बजे सुभाष नगर डिपो लाया गया। यहां इन तीनों कोच को क्रेन की मदद से अनलोड किया जाएगा।

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भोपाल। कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीता प्रोजेक्ट परियोजना के सफल क्रियान्यवन के एक वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में रविवार को श्योपुर जिले के सेराईपुरा में समारोह का आयोजन किया गया। इस मौके पर वन महानिदेशक, वन एवं पर्यावरण मंत्रालय सीपी गोयल ने कहा कि चीता प्रोजेक्ट न सिर्फ क्षेत्र के इको सिस्टम को परिपूर्णता देकर जैव विविधता को बढ़ाता है, बल्कि एक सस्टेनेबल भविष्य के प्रति हमारे प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। उन्होंने कहा कि चीता प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जन-भागीदारी के मंत्र तथा वन अर्थ एवं मिशन लाईफ की अवधारणा पर खरा उतरता है।     वन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव जेएन कंसोटिया, प्रधान मुख्य वन संरक्षक आरके गुप्ता एवं वन बल प्रमुख एसपी यादव, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण के सदस्य सचिव शुभरंजन सेन, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) मध्यप्रदेश एवं अन्य अधिकारियों ने समारोह में भाग लिया।     कार्यक्रम में प्रधान मुख्य वन संरक्षक आरके गुप्ता ने चीता प्रोजेक्ट की सफलता पर कर्मचारियों को बधाई दी। उन्होंने बताया पिछले वर्ष 17 सितंबर का दिन हमारे देश के वन्यप्राणी संरक्षण एवं प्रबंधन के इतिहास में अभूतपूर्व रहा है, जब 75 वर्षों बाद देश की धरती पर सबसे तेज दौड़ने वाले वन्यप्राणी चीता का पुनर्स्थापन किया गया।     उन्होंने कहा कि चीता प्रोजेक्ट भारत सरकार, नामीबीया, दक्षिण अफ्रीका के शीर्ष अधिकारियों, वैज्ञानिकों, वन्यजीव विशेषज्ञ वन्यप्राणी चिकित्सक, संयुक्त दल के मार्गदर्शन में क्रियान्वित किया गया। प्रोजेक्ट चीता में स्थानीय समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित की गई है। उन्हें रोजगार के विभिन्न अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। देश में चीता पुनर्स्थापन हेतु मध्यप्रदेश के गाँधी सागर अभ्यारण में आवश्यक तैयारियाँ की जा रही हैं।     राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण, नई दिल्ली के सदस्य सचिव डॉ. एस.पी. यादव द्वारा अतिथियों के स्वागत उद्बोधन में चीता प्रोजेक्ट एक वर्ष के उपलब्धियों की जानकारी दी गई। इसके बाद अतिथियों ने चीता प्रोजेक्ट की वार्षिक रिपोर्ट का विमोचन किया। हीरो मोटो कॉर्प द्वारा सी.एस.आर. के तहत प्रदाय की गई 50 मोटर साइकिल कर्मचारियों को वितरित की गईं। प्रोजेक्ट चीता की उपलब्धियों पर निर्मित लघु वृत्त चित्र का प्रदर्शन भी किया गया। कार्यक्रम के अंत में प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यप्राणी एवं मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक अतुल श्रीवास्तव ने धन्यवाद ज्ञापित किया।     चीतों का स्वास्थ्य परीक्षण कूनों में रविवार को दो चीतों गौरव एवं शौर्य का स्वास्थ्य परीक्षण पूरा किया गया। इसके बाद उन्हें साफ्ट रिलीज बोमा में छोड़ा गया। वर्तमान में दोनों चीते स्वस्थ हैं। स्वास्थ्य परीक्षण के दोनों चीतों को 19 जुलाई को क्वारेंटाइन बोमा में रखा गया था। यह कार्य कूनो में पदस्थ वन्य प्राणी चिकित्सकों की टीम द्वरा किया गया।     गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में केन्द्र सरकार ने चीता प्रोजेक्ट के तहत नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाकर 20 चीतों को बसाया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल 2022 में अपने जन्मदिन के मौके पर यहां नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को कूनो के बाड़ों में रिलीज किया था। इसके बाद यहां दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते लाए गए थे, जिन्हें केन्द्रीय वन मंत्री भूपेन्द्र यादव और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कूनो के बाड़ों में छोड़ा था। इनमें से एक मादा चीता ने यहां चार शावकों को जन्म दिया था। इस तरह कूनो में चीतों की कुल संख्या 24 हो गई थी, लेकिन इसी साल मार्च से जुलाई के बीच चार माह में यहां नौ चीतों की मौत हो चुकी है। इनमें छह चीते और तीन शावक शामिल हैं। अब कूनों में 15 चीते बचे हैं, जिनमें एक शावक भी शामिल है। सभी चीते फिलहाल स्वस्थ हैं और वन विभाग की निगरानी में हैं।  

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भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आगामी 21 सितंबर को आदिगुरु शंकराचार्य की ज्ञान स्थली ओंकारेश्वर में 'शंकरावतरणं' कार्यक्रम में आदि शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची प्रतिमा के अनावरण करेंगे। साथ ही मुख्यमंत्री चौहान यहां "अद्वैत लोक" का शिलान्यास भी करेंगे। यह जानकारी रविवार देर शाम जनसम्पर्क अधिकारी अनुराग उइके ने दी। उन्होंने बताया कि "अद्वैत लोक" संग्रहालय नर्मदा और कावेरी की पुण्य सरिताओं की ओर मुख किए ओंकारेश्वर के मांधाता पर्वत पर स्थित है। इसमें भारतवर्ष की मनोरम, समृद्ध व समस्त विश्व के पुरातत्वविदों के लिए प्राचीन काल से अचंभा का विषय रही भारतीय स्थापत्य कला का अनुभव कर पाएंगे।   भारत की समृद्ध स्थापत्य शैलियों का समावेश किया जाएगा एकात्म धाम में एकात्म धाम में भारत की समृद्ध और पुरातन स्थापत्य की शैलियों का समावेश किया जाएगा। स्थापत्य शिल्प कला में नागर, द्रविड़, ओडिशा, मारू गुर्जर, होयसल, उत्तर भारतीय-हिमालयीन और केरल मंदिर स्थापत्य सहित अनेक पारंपरिक वास्तुकला शैलियां सम्मिलित होंगी। एकात्म धाम की स्थापत्य शैली, विविध क्षेत्रों के स्थापत्य कलाओं की पुरातात्विक शैली से प्रेरित होगी। धाम में मंदिर का निर्माण वास्तुकला की नागर शैली में किया जाएगा, साथ ही पारंपारिक वास्तुशिल्प तत्वों जैसे स्तम्भ, छत्तरियों का भी उपयोग किया जाएगा। अद्वैत लोक की निर्मिति सामग्री कुशल कारीगरों द्वारा तैयार होगी। इसमें ठोस पत्थर की चिनाई, पाषाण की सहायता से निर्मित कारीगरी भी देखने को मिलेगीl मुख्य रूप से आचार्य शंकर के जीवन प्रसंगों को भित्ति-चित्रों, मूर्तियों के माध्यम से चित्रित किया जाएगा।

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भोपाल। मध्य प्रदेश में इन दिनों जोरदार बारिश हो रही है, जिसके चलते नदी नाले उफान पर हैं। भारी बारिश के चलते खंडवा जिले में स्थित तीर्थनगरी ओंकारेश्वर में 18 सितम्बर को होने वाले आदिगुरु शंकराचार्य की प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम को टाल दिया गया है। अब यह कार्यक्रम 21 सितंबर को होगा। यह जानकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार देर शाम ट्वीट के माध्यम से दी। मुख्यमंत्री चौहान ने ट्वीट करते हुए कहा कि भगवान महाकाल की कृपा से मध्यप्रदेश में भरपूर वर्षा हो रही है। भगवान महाकाल और भगवान ओंकारेश्वर के आशीर्वाद से आज मां नर्मदा पर स्थित सभी डैम भर गए हैं। प्रदेश में वर्षा की स्थिति को देखते हुए हम ओंकारेश्वर स्थित भगवान आदि शंकराचार्य की प्रतिमा अनावरण के कार्यक्रम को 18 सितंबर के स्थान पर 21 सितंबर को करने जा रहे हैं। ओंकारेश्वर स्थित आदि शंकराचार्य की प्रतिमा अनावरण के कार्यक्रम स्थल पर जारी समस्त धार्मिक अनुष्ठान 21 सितंबर तक अनवरत जारी रहेंगे। भगवान आदि शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण 21 सितंबर को किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश का परम सौभाग्य है कि सनातन वैदिक धर्म के पुनरुद्धारक शंकर भगवत्पाद की प्रतिमा ओम्कारेश्वर की पुण्य धरा पर स्थापित हो रही है। मध्यप्रदेश के साथ ही सम्पूर्ण राष्ट्र तथा विश्व के लिए यह महत्वपूर्ण क्षण है। 'एकात्मता की प्रतिमा' सम्पूर्ण विश्व को चैतन्य की सार्वभौमिक एकात्मता से आलोकित करेगी।

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भोपाल। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मध्यप्रदेश की तीन विभूतियों को प्रदर्शन कला के क्षेत्र में आजीवन योगदान के लिए संगीत नाटक अकादमी अमृत पुरस्कार प्रदान किया। प्रदेश के एक अन्य विजेता हीरा सिंह बोरलिया अलंकरण समारोह में उपस्थित नहीं हो सके। शनिवार को विज्ञान भवन में आयोजित अलंकरण समारोह में किरण सदाशिव देशपांडे को वाद्य संगीत के क्षेत्र में, चुन्नीलाल रैकवार को लोक संगीत के क्षेत्र में और भगवतीलाल राजपुरोहित को प्रदर्शन कला में विद्वत्ता के लिए सम्मानित किया गया। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने विजेताओं को ताम्र-पत्र देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में संस्कृति राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल और मीनाक्षी लेखी भी उपस्थित रहे। किरण सदाशिव देशपांडे को हिंदुस्तानी वाद्य संगीत श्रेणी में तबला वादन में विशिष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इनका संबंध दिल्ली, फरूखाबाद और अजराड़ा घराने से है। श्री देशपांडे ने जबलपुर के भातखंडे संगीत महाविद्यालय में तबला शिक्षक और व्याख्याता के रूप में काम किया है। वे मध्यप्रदेश कला परिषद के सदस्य और भारत भवन, भोपाल के ट्रस्टी भी रहे हैं। इन्हें भारत सरकार के संस्कृति विभाग से जूनियर और सीनियर फैलोशिप तथा मध्यप्रदेश सरकार से शिखर सम्मान प्राप्त हो चुका है। चुन्नीलाल रैकवार को बुंदेली लोक संगीत में योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इन्होंने गायक और संगीतकार के रूप में अपने रचनात्मक प्रयास से बुंदेलखंड क्षेत्र की ढिमरयाई परंपरा को आगे बढ़ाया है। भगवतीलाल राजपुरोहित को भारतीय रंगमंच में विद्वत्ता के लिए सम्मानित किया गया। इन्होंने 'मालवी संस्कृति और साहित्य' सहित 100 से अधिक पुस्तकों और 50 से अधिक नाटको की रचना की है। इनके नाटक 'कालिदास चरित्रम' का संस्कृत, हिंदी और मालवी में मंचन हुआ है। वे 10 वर्षों तक विक्रमादित्य शोधपीठ, उज्जैन के निदेशक और 38 वर्षों तक सांदीपनि आश्रम, उज्जैन में हिंदी, संस्कृत और प्राचीन इतिहास के प्रोफेसर रहे हैं। हीरा सिंह बोरलिया को मालवी लोक संगीत में योगदान के लिए पुरस्कार प्राप्त हुआ है। वे उज्जैन के माधव संगीत महाविद्यालय में संगीत शिक्षक और आकाशवाणी में कलाकार और ऑडिशन समिति के सदस्य रहे हैं। इन्होंने 'मालवा के भजन' नामक पुस्तक की रचना की है। इनकी संकलित पुस्तक 'मालवा लोक संगीत' को इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के शैक्षणिक कार्यक्रम में शामिल किया गया है। इन्होंने मालवा लोक संगीत पर शोध और विभिन्न कार्यशालाओं का आयोजन किया है। आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर भारत की प्रदर्शन कला क्षेत्र के ऐसे 84 वरिष्ठ कलाकारों को संगीत नाटक अकादमी अमृत पुरस्कार प्रदान किया गया, जिन्हें अभी तक कोई राष्ट्रीय सम्मान नहीं प्राप्त हुआ है। पुरस्कार विजेताओं द्वारा 16 से 20 सितंबर, 2023 तक संगीत नाटक अकादमी परिसर में आयोजित 'कला महोत्सव' में अपनी कला का प्रदर्शन किया जाएगा।

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भोपाल। प्रदेश में शुक्रवार और शनिवार को हुई भारी बारिश की वजह से प्रदेश में नर्मदा, शिप्रा, चंबल, कालीसिंध समेत सभी छोटी-बड़ी नदियां उफान पर आ गई हैं। प्रदेश के अधिकांश बांध छलकने लगे हैं, जिससे बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। बरगी, ओंकारेश्वर, इंदिरा सागर, यशवंत सागर बांध के गेट खोलकर शनिवार को पानी छोड़ा गया है। इधर, मौसम विभाग ने रविवार को भी प्रदेश के पांच जिलों में अति भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।   शनिवार को प्रदेश के 20 जिलों में बारिश हुई। इंदौर, उज्जैन, बैतूल, नर्मदापुरम, खंडवा, हरदा में तो स्कूलों की छुट्टी करना पड़ी। इंदौर के महेश नगर में निचली बस्ती के घरों को खाली कराना पड़ा। कबूतरखाना क्षेत्र में भी कई परिवार रेस्क्यू किए गए। सुपर कॉरिडोर पर सर्विस रोड की पुलिया से स्टाफ की मिनी बस बह गई। इसमें सवार सभी 15 लोग सुरक्षित हैं। गांधी नगर क्षेत्र और एमआर-10 वाले हिस्से में पानी भर गया। यशवंतसागर डैम के चार गेट खोलना पड़े। उज्जैन के नागदा में रेलवे स्टेशन के नजदीक दिल्ली को जाने वाले अप एंड डाउन रेल ट्रैक पर पानी भर गया। शिप्रा उफान पर आ गई और रामघाट पर मंदिर डूब गए। रतलाम और दाहोद के बीच दिल्ली-मुंबई रेल ट्रैक पर बारिश की वजह से पहाड़ी से बड़े पत्थर गिर गए। धोलावाद बांध का एक गेट खोला गया। खंडवा में ओंकारेश्वर बांध के सभी 23 गेट खोले दिये गए हैं, जिससे नर्मदा का पानी ज्योतिर्लिंग की सीढ़ियों तक पहुंच गया। इंदौर-इच्छापुर हाईवे पर मोरटक्का ब्रिज बंद कर यातायात रोकना पड़ा।     नर्मदापुरम में तवा बांध के सभी गेट 20 फीट तक खोलना पड़े, जिससे सेठानी घाट पर नर्मदा का जलस्तर बढ़ गया। नर्मदापुरम-हरदा-खंडवा स्टेट हाईवे बंद रहा। शिवपुर के पास बीसोनी गांव में मोरन नदी में आई बाढ़ के टापू में भेड़ चराने वाले 8 लोग फंस गए। इनका रेस्क्यू किया गया। राजधानी भोपाल में भी शनिवार को दिन भर हल्की बारिश होती रही। बड़ा तालाब, कोलार, कलियासोत और केरवा डैम में पानी का लेवल बढ़ गया। बड़वानी शहर के पास सजवानी गांव में नहर फूट गई, जिसका पानी घरों-खेतों में भर गया। रोड तक पानी आने से बड़वानी-सेंधवा स्टेट हाईवे पर यातायात बंद हो गया। देवास, शाजापुर, रायसेन, विदिशा, अशोकनगर, हरदा, बुरहानपुर, मंदसौर, बैतूल में भी हालात बिगड़ गए हैं।     मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि उत्तरी बंगाल की खाड़ी और निकटवर्ती ओडिशा तट के आसपास लो प्रेशर एरिया, साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम एक्टिव है। मानसून ट्रफ लाइन भी गुजर रही है। यही सिस्टम बारिश करा रहे हैं। 18 सितंबर की सुबह सिस्टम गुजरात की ओर बढ़ेगा, जिससे इससे बारिश की गतिविधियां घटेंगी।     मौसम विभाग ने इंदौर, रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर और धार के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। यहां 24 घंटे में 8 इंच से ज्यादा पानी गिर सकता है। वहीं, उज्जैन, मंदसौर, खरगोन और बड़वानी में भारी बारिश हो सकती है। यहां 24 घंटे में सवा 4 से 8 इंच तक बारिश होने का अनुमान। आगर-मालवा, देवास, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, नीमच, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, सागर, छतरपुर और निवाड़ी में मध्यम से भारी बारिश की संभावना है। इन जिलों में 24 घंटे में 4 इंच तक पानी गिरने का अनुमान है। वहीं, भोपाल, ग्वालियर, रायसेन, विदिशा, सागर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, मंडला, जबलपुर, दमोह, पन्ना, कटनी, उमरिया, डिंडोरी, शहडोल, अनूपपुर, सीधी, सिंगरौली, रीवा, सतना, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, अशोकनगर, गुना, शिवपुरी, श्योपुरकलां, मुरैना, दतिया और भिंड में हल्की बारिश होने की संभावना है।

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नई दिल्ली।’प्रोजेक्ट चीता’ का रविवार को एक वर्ष पूरा हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के प्रमुख एसपी यादव ने शनिवार को कहा कि भारत की ऐसे चीते मंगाने की योजना है, जिनकी चमड़ी मोटी नहीं होती हो। क्योंकि अफ्रीका से भारत लाए गए चीतों में से कुछ की चमड़ी मोटी होने के कारण ही गंभीर संक्रमण की चपेट में आए थे और तीन चीतों की मौत की वजह भी इसे ही बताया गया था।     एसपी यादव ने बताया कि कुछ मौतें गुर्दे के काम बंद करने के कारण हुईं। शावकों की मौत हीट स्ट्रोक के कारण हुई। मौजूदा समय में एक शावक के साथ 14 चीते हैं। परियोजना के अधिकारियों के प्रयासों की अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने सराहना की है।       उन्होंने बताया कि कूनो राष्ट्रीय उद्यान में अभी 14 चीते हैं जबकि इसमें 20 चीते रखे जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि चीता प्रोजेक्ट के दूसरे चरण के लिए मध्य प्रदेश में दो अन्य स्थल गांधी सागर अभयारण्य और नौरादेही को तैयार किया जा रहा है। गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। दिसंबर तक इसे तैयार कर लिया जाएगा। इसके बाद चीता लाया जाएगा।       उल्लेखनीय है कि चीता को 1952 में भारत से विलुप्त घोषित कर दिया गया था। भारत में चीता को ‘प्रोजेक्ट चीता’ के तहत साल 2022 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कुनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को छोड़ा था। उसके बाद 12 चीते दक्षिणी अफ्रीका से भी लाए गए।

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भोपाल। बंगाल की खाड़ी से उठे सिस्टम से मध्यप्रदेश में तेज बारिश हो रही है। छोटे-बड़े नदी - नाले उफना गए हैं। बरगी, तवा, ओंकारेश्वर, सतपुड़ा, माचागोरा, पारसडोह बांध के गेट खोलना पड़ गए। बैतूल के भीमपुर में पिछले 24 घंटे में 17.51 इंच बारिश हुई। वहीं, इंदौर में हुई 6 इंच बारिश ने जनजीवन को अस्तव्यस्त कर दिया है। मौसम विभाग ने प्रदेश के 8 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। वहीं, भारी बारिश को देखते हुए इंदौर, उज्जैन, बैतूल, नर्मदापुरम, खंडवा और हरदा में 12वीं तक के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया है। शुक्रवार को प्रदेश के 21 जिलों में बारिश हुई। बैतूल के भीमपुर में रिकॉर्ड बारिश हुई। यहां 24 घंटे में 17.51 इंच पानी गिरा। छिंदवाड़ा के चौराई में 16.14 इंच बारिश हुई। नर्मदापुरम जिले के पचमढ़ी में 9 घंटे में 5.7 इंच बारिश हुई। नर्मदापुरम शहर में 3.4 इंच बारिश हुई। बैतूल में 3.5 इंच, सिवनी में 2.5 इंच, भोपाल जिले में 1.8 इंच, भोपाल शहर में 1 इंच, नरसिंहपुर में 1.5 इंच, रायसेन-सागर में 1.1 इंच बारिश हुई। सीधी, सतना, रीवा, खजुराहो, मंडला, धार, गुना, खंडवा, उज्जैन और दमोह में भी बारिश हुई।   लगातार बारिश के कारण जबलपुर में शुक्रवार को बरगी डैम के 13 गेट खोलना पड़ गए। नर्मदा किनारे बसे जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। नर्मदापुरम में इस सीजन में पहली बार तवा डैम के सभी 13 गेट 20-20 फीट तक खोल दिए गए हैं। सिवनी में वैनगंगा नदी उफान पर होने से संजय सरोवर बांध के 5 गेट खोले गए। छिंदवाड़ा में दो लोग नदी पार करते समय बह गए। एक लापता है, दूसरे को बचा लिया गया। बालाघाट में परसवाड़ा के सलंगटोला में रोड धंस गई। महकारी नदी उफना गई। बालाघाट में ग्रामीण क्षेत्रों में 24 से ज्यादा कच्चे मकान ढह गए हैं। बैतूल स्थित सतपुड़ा डैम के 14 और पारसडोह बांध के 3 गेट खोल दिए गए। नरसिंहपुर में शक्कर नदी के पुल के ऊपर से पानी बहा। बैतूल के बोरदेही थाना क्षेत्र में नदी पार करते हुए एक ऑटो पानी के तेज बहाव में बह गया। खंडवा में ओंकारेश्वर बांध के 22 गेट शुक्रवार रात 1 बजे से खोल दिए गए हैं। 8 टरबाइन से और गेट से 10172 क्यूमेक्स पानी छोड़ा जा रहा है। नर्मदा का लेवल बढ़ने से इंदौर-इच्छापुर हाईवे पर मोरटक्का ब्रिज बंद कर यातायात रोक दिया गया है।   हरदा में अजनाल, गंजाल, मटकुल, टिमरन, स्यानी, हंसावती उफान पर आ गई हैं। शहर की बंगाली कॉलोनी, जत्रा पड़ाव और खेड़ीपुरा क्षेत्र में पानी भर गया। जिले में गंजाल नदी का पानी पुल से ऊपर बहने पर पिछले 12 घंटे से नर्मदापुरम-हरदा-खंडवा स्टेट हाईवे बंद है। उज्जैन में शिप्रा उफान पर है। रामघाट के कई मंदिर डूब गए हैं। छोटे पुल के ऊपर से पानी बह रहा है। नर्मदापुरम में सेठानी घाट पर नर्मदा का जलस्तर आज सुबह 963 फीट पर पहुंच चुका है। अलार्म लेवल से डेढ़ फीट नीचे और खतरे के निशान से 5 फीट नीचे है।   भोपाल मौसम केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि प्रदेश में अब तक औसत 31.72 इंच बारिश हो चुकी है। सितंबर की सामान्य बारिश 6 इंच है, जबकि बीते 15 दिनों में ही प्रदेश इस आंकड़े के करीब पहुंच गया है। 15 सितंबर तक 5.6 इंच बारिश हो चुकी है। शनिवार को सामान्य बारिश का आंकड़ा पार हो जाएगा। डॉ. सिंह ने बताया कि उत्तरी बंगाल की खाड़ी और निकटवर्ती ओडिशा तट के आसपास से लो प्रेशर एरिया (कम दबाव का क्षेत्र) एक्टिव है। साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम भी है। मानसून ट्रफ लाइन भी गुजर रही है। इनके चलते प्रदेश में तेज बारिश हो रही है। बारिश की एक्टिविटी 25 सितंबर तक रह सकती है।   मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में इंदौर, देवास, झाबुआ, धार, अलीराजपुर, बड़वानी, बुरहानपुर और खरगोन के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। यहां 24 घंटे में 8 इंच से अधिक बारिश हो सकती है। वहीं, छिंदवाड़ा, बैतूल, खंडवा, हरदा, नर्मदापुरम, सीहोर, उज्जैन और रतलाम में भारी यानी 24 घंटे में साढ़े 4 से 8 इंच तक बारिश हो सकती है। भोपाल, मुरैना, श्योपुरकलां, नीमच, मंदसौर, आगर-मालवा, शाजापुर, राजगढ़, रायसेन, विदिशा, नरसिंहपुर, सिवनी, बालाघाट, भिंड में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। जबकि निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, दमोह, सागर, पन्ना, सतना, रीवा, सीधी, सिंगरौली, उमरिया, अनूपपुर, शहडोल, डिंडोरी, मंडला, जबलपुर, कटनी, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया में हल्की बारिश का अनुमान है।

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रतलाम। दिल्ली - मुंबई रेलवे ट्रैक पर हजरत निजामुद्दीन से पुणे के लिए चलने वाली दर्शन सुपरफास्ट एक्सप्रेस (12494) शनिवार तड़के डिरेल हो गई। हादसे में किसी जनहानि का समाचार नहीं है, लेकिन ट्रैक पर रेल यातायात बाधित हुआ है। सूचना मिलते ही राहत दल मौके पर पहुंच गए हैं।     प्राप्त जानकारी के अनुसार रतलाम से दाहोद सेक्शन के बीच ट्रैक पर बारिश के कारण एक चट्टान गिर गई थी। इसकी वजह से दर्शन सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन का इंजन पटरी से उतर गया। दुर्घटना किलोमीटर नंबर 600/25 पर शनिवार सुबह 6.49 बजे की है। हादसे के कारण दिल्ली - मुंबई रेल रूट बाधित हुआ है। इस रूट से जाने वाली ट्रेनों को अलग-अलग स्टेशन पर रोका गया है। हादसे की जानकारी मिलते ही रतलाम से मेडिकल ट्रेन और एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेन रवाना की गई। बड़ौदा से भी एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेन मौके के लिए रवाना हो गई है। रेल यातायात बहाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

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भोपाल। बंगाल की खाड़ी से सक्रिय हुए मानसूनी सिस्टम की वजह से पूरा प्रदेश तरबतर हो गया है। कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश हो रही है। इससे नदियां उफान पर हैं और डैम छलकने लगे हैं। शुक्रवार सुबह से ही भोपाल, नर्मदापुरम और छिंदवाड़ा में तेज बारिश हो रही है। गुरुवार को भी भोपाल, जबलपुर, इंदौर, ग्वालियर समेत 20 से ज्यादा जिलों में पानी गिरा। ऐसा ही मौसम शुक्रवार को भी रहेगा। मौसम विभाग ने भोपाल, इंदौर, नर्मदापुरम, उज्जैन और सागर संभाग में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है और 36 जिलों में तेज बारिश हो सकती है। मध्यप्रदेश में 13 सितंबर से बारिश का दौर शुरू हो गया है। मौसम विभाग ने 15 और 16 सितंबर को तेज बारिश की चेतावनी दी है। गुरुवार को खंडवा, खरगोन, मलाजखंड, जबलपुर, नौगांव, नरसिंहपुर, भोपाल, इंदौर, खजुराहो, सागर, रायसेन ग्वालियर, गुना, उज्जैन, मंडला, धार, नर्मदापुरम, पचमढ़ी और बैतूल में भी बारिश हुई। शाम तक खंडवा में सबसे ज्यादा 45 मिमी यानी 1.77 इंच पानी गिर गया। वहीं, खरगोन में एक इंच बारिश हुई। मलाजखंड में आंकड़ा एक इंच के करीब रहा। जबलपुर, नौगांव, नरसिंहपुर में आधा इंच से ज्यादा बारिश हुई। देर रात तक बारिश का दौर चलता रहा। बारिश की वजह से नर्मदापुरम में तवा बांध के गेट दूसरी बार खोलना पड़े। बांध का जलस्तर अधिकतम लेवल 1166 फीट को पार कर गया। यानी 17 दिन पहले यह लबालब हो गया। इससे पहले 19 अगस्त को बांध के गेट खोले गए थे। हालांकि, बारिश जारी रहती है तो फिर से तवा डैम के गेट खोलने पड़ सकते हैं।   वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया, उत्तरी बंगाल की खाड़ी और निकटवर्ती ओडिशा तट के आसपास से कम दबाव का क्षेत्र सक्रिय है। वहीं, चक्रवाती हवाओं का घेरा भी बना हुआ है। जिसके अगले दो दिन में ओडिशा और छत्तीसगढ़ की ओर बढ़ने की संभावना है। वहीं, मानसून ट्रफ लाइन बीकानेर, शिवपुरी, सीधी, जमशेदपुर होते हुए दक्षिण-पूर्व की ओर गुजर रही है। इस कारण मध्यप्रदेश में तेज बारिश का दौर चल रहा है। 18 सितंबर तक यह सिस्टम सक्रिय रहेगा। इसके बाद फिर नया सिस्टम एक्टिव हो जाएगा, जो 24 सितंबर तक रहेगा।   मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में भोपाल, विदिशा, सीहोर, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, श्योपुरकलां, इंदौर, देवास, आगर, शाजापुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा और सागर जिले में अति भारी बारिश की चेतावनी दी है। जबलपुर, कटनी, सिवनी, बालाघाट, पन्ना, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, राजगढ़, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, रतलाम, उज्जैन, मंदसौर, नीमच, अशोकनगर और गुना जिले में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। वहीं, रीवा, सिंगरौली, सीधी, सतना, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना और श्योपुरकलां में गरज चमक के साथ हल्की बारिश की संभावना है।

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भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार शाम को अपने निवास पर अपनी धर्मपत्नी साधना सिंह, पुत्र कार्तिकेय चौहान और कुणाल चौहान के साथ गौवंश की पूजा कर पोला पर्व मनाया।   मुख्यमंत्री चौहान ने गौ-वंश (बैलों) की विधि-विधान से पूजा की और व्यंजन खिलाए। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की। पोला पर्व किसानों से जुड़ा हुआ प्रमुख पर्व है।

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उज्जैन। उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश के लिए ड्रेस कोड लागू किया जाएगा। आम श्रद्धालुओं को मंदिर के गर्भगृह में धोती-सोला पहनकर प्रवेश मिलेगा, जबकि महिलाओं के लिए साड़ी पहनना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही जल्द ही सभी श्रद्धालुओं के लिए गर्भगृह खोला जाएगा। यह निर्णय गुरुवार शाम को हुई महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में निर्णय लिया गया।       उज्जैन कलेक्टर एवं महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष कुमार पुरुषोत्तम की अध्यक्षता में महाकाल लोक के कंट्रोल रूम में गुरुवार देर शाम हुई बैठक में तय किया गया कि उज्जैनवासियों को सप्ताह में एक दिन भस्म आरती में नि:शुल्क प्रवेश दिया जाएगा। इसके लिए मंगलवार का दिन तय किया है। इसमें भक्तों की क्षमता 300 से 400 के बीच रखी जाएगी।       गौरतलब है कि विशेष दिनों यानी जब आम श्रद्धालुओं का गर्भगृह में प्रवेश बंद होता है, तब ड्रेस कोड अनिवार्य रहता है। यानी गर्भगृह में प्रवेश करने वालों को धोती व सोला पहनना होता है। अब तक आम दिनों में सभी श्रद्धालुओं को सामान्य कपड़े पहनकर प्रवेश दिया जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। गर्भगृह खुलने के बाद आम श्रद्धालुओं को भी धोती-सोला पहनने के बाद ही प्रवेश मिलेगा। वहीं, महिलाओं के लिए साड़ी पहनना अनिवार्य होगा।   एक घंटे चली बैठक के बाद कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने बताया कि महाकालेश्वर मंदिर के गृर्भग्रह में प्रवेश को लेकर श्रद्धालुओं के लिए ड्रेस कोड लागू करने का फैसला लिया है। करीब ढाई महीने से बंद गर्भगृह को खोलने को लेकर अगली बैठक में निर्णय लिया जाएगा। इसके लिए अगले सप्ताह फिर बैठक होगी। हालांकि रोजाना करीब दो से ढाई लाख श्रद्धालु रोजाना मंदिर आ रहे हैं। सभी को गर्भगृह में प्रवेश देना संभव नहीं है।     सबसे बड़े अन्न क्षेत्र का उद्घाटन अगले सप्ताह कलेक्टर ने बताया कि अगले हफ्ते महाकाल मंदिर में अन्न क्षेत्र का उद्घाटन किया जाएगा। इसका उद्घाटन करने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आ सकते हैं। दावा है कि यह पूरे भारत का सबसे बड़ा अन्न क्षेत्र होगा। इसमें दिन भर में एक लाख लोगों को खाना खिलाया जाएगा। पूरा अन्य एयर कूल्ड बनाया गया है। बैठक में मंदिर प्रशासक संदीप सोनी, एसपी सचिन शर्मा, महानिर्वाणी के महंत विनीत गिरि, महापौर मुकेश टटवाल मौजूद रहे।   डब्ल्यूडब्ल्यूएफ रेसलर सौरव गुर्जर ने किए भगवान महाकाल के दर्शन डब्ल्यूडब्ल्यूएफ एनएक्सटी में सांगा के नाम से पहचाने जाने वाले भारतीय रेसलर सौरव गुर्जर ने गुरुवार को उज्जैन पहुंचकर महाकलेश्वर मंदिर में दर्शन किए। गर्भगृह के गेट से बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया। धोती-सोले में गुर्जर ने नंदी हॉल में बैठकर एक घंटे तक महाकाल का ध्यान लगाया।

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उज्जैन। श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण माह के प्रारंभ 04 जुलाई से 11 सितम्बर 2023 तक *02 करोड़ 39 लाख 58 हज़ार 740* से अधिक भक्तो ने श्री महाकालेश्वर भगवान के दर्शन किये। बाबा श्री महाकाल की नगरी उज्जैन में श्रावण माह में श्रद्धालुओं का रिकॉर्ड आगमन हो रहा है । श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक एवं अपर कलेक्टर संदीप कुमार सोनी ने बताया कि श्रावण-भाद्रपद माह में श्रद्धालुओं की गणना करने के लिए स्मार्ट सिटी द्वारा लगाई गई हेड काउंट डिवाइस के माध्यम से यह जानकारी मिली है कि, विगत एक माह में ही उज्जैन शहर में श्री महाकाल महालोक बनने के बाद श्रावण माह में 01 जुलाई से लेकर अब तक करोड़ों श्रद्धालुओ के साथ साथ कई विशेष हस्तियां भी भगवान श्री महाकालेश्वर के दर्शन कर चुकी हैं। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा सामान्य दर्शनार्थियों के लिए सुगम, सुलभ व शीघ्र दर्शन की व्यवस्था की गई है । लगभग 30 से 35 मिनट के बीच दर्शन हो रहे हैं। श्री महाकालेश्वर मंदिर में सरल, सुगम, सुलभ दर्शन हेतु प्रशासन द्वारा चाक-चौबंद व्यवस्थाओ से सभी श्रद्धालुओं आसानी से दर्शन हो रहे है। उज्जैन निवासियों हेतु द्वार क्रमांक 1 अवन्तिका द्वार पर आधार कार्ड दिखाकर मंदिर में प्रवेश की निःशुल्क व्यवस्था की गई है। जिससे कम समय मे श्री महाकालेश्वर भगवान के दर्शन हो सके। मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक एवं अपर कलेक्टर संदीप कुमार सोनी ने बताया कि, श्री महाकालेश्वर मंदिर द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु शीघ्र दर्शन की व्यवस्था हैं । जिसमें भक्त रुपये 250 /- प्रति श्रद्धालु के मान से भेट राशि प्रदाय कर रसीद प्राप्त कर श्री महाकालेश्वर भगवान के शीघ्र दर्शन कर सकते है। ज्ञात हो कि, श्री महाकालेश्वर मंदिर द्वारा द्वार क्रमांक 01 मंदिर प्रशासनिक कार्यालय के सामने, श्री बड़ा गणेश मन्दिर के पास अन्नक्षेत्र में, द्वार क्रमांक 04 , व मानसरोवर प्रोटोकॉल कार्यालय में रुपये 250 के काउंटर स्थापित किये गए है। इसके अतिरिक्त भक्त मंदिर की वेबसाइट www.shrimahakaleshwar.com पर ऑनलाइन बुकिंग कर सुगमता से शीघ्र दर्शन का लाभ ले सकते है। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा सामान्य दर्शनार्थियों के लिए सुगम दर्शन की व्यवस्था की गई है । श्री महाकालेश्वर मंदिर दर्शन व अन्य जानकारी एवं शिकायत के लिये मंदिर प्रबंध समिति की वेबसाइट www.shrimahakaleshwar.com के साथ मंदिर के टोल फ्री नंबर 18002331008 से संपर्क कर सकते है।

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भोपाल। मौसम विभाग के अनुसार बुधवार को बंगाल की खाड़ी में जो नया सिस्टम सक्रिय हुआ है, वो इतना दमदार है कि उसके प्रभाव से मध्यप्रदेश का करीब 90 प्रतिशत हिस्सा तरबतर हो जाएगा। सितंबर माह के 13 दिन में पूरे महीने के कोटे की 67 फीसदी तक बारिश हो चुकी है, जबकि 24 सितंबर तक प्रदेश में मध्यम से तेज बारिश होने का अनुमान है। मध्यप्रदेश में 5-6 सितंबर से ही बारिश का दौर जारी है। इस कारण कई जिलों में बारिश की तस्वीर ठीक हुई है। हालांकि, अभी भी ओवरऑल आंकड़ा 12% कम है। इसमें पूर्वी हिस्से में 10% कम और पश्चिमी हिस्से में औसत से 14% कम पानी गिरा है। 1 जून से अब तक औसत 30.42 इंच बारिश हो चुकी है, जबकि 34.65 इंच बारिश होना चाहिए थी। वर्तमान सिस्टम के प्रभाव से बुधवार को मध्यप्रदेश के 8 जिलों में कहीं हल्की तो कहीं तेज बारिश का दौर जारी रहा। भोपाल, बैतूल, धार, ग्वालियर, नर्मदापुरम, इंदौर, पचमढ़ी, रतलाम और शिवपुरी में बारिश हुई।   वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि उत्तरी बंगाल की खाड़ी ओडिशा तट के आसपास से लो प्रेशर एरिया (कम दवाब का क्षेत्र) एक्टिव हो गया है। इससे मध्यप्रदेश में पश्चिमी हवाएं चल रही हैं। बुधवार से ही पूर्वी प्रदेश के कई जिलों में मध्यम से भारी बारिश होने लगी। वहीं, अन्य क्षेत्रों में मध्यम से हल्की बारिश हुई। जबलपुर-शहडोल संभाग में ऑरेंज अलर्ट है। प्रदेश के 90% हिस्से में अगले 5 से 6 दिन तक कहीं मध्यम तो कहीं भारी बारिश होने का अनुमान है। 18 सितंबर तक यह सिस्टम एक्टिव रहेगा। उन्होंने बताया कि 19-20 सितंबर से एक और साइकोनिक सकुर्लेशन (चक्रवाती घेरा) बनेगा। जिसके असर से 21 से 24 सितंबर तक पूरे प्रदेश में मध्यम से भारी बारिश होगी।   मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में शहडोल, डिंडोरी, सिवनी, मंडला और बालाघाट जिलों में भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी दी है। नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, गुना, अशोकनगर, सिंगरौली, रीवा, सतना, अनूपपुर, कटनी, जबलपुर, पन्ना, दमोह और सागर जिलों में तेज बारिश हो सकती है। जबकि भोपाल, विदिशा, रायसेन, सीहोर, राजगढ़, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, शाजापुर, आगर-मालवा, मंदसौर, नीमच, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योपुरकलां, सीधी, उमरिया, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, छतरपुर, टीकमगढ़ और निवाड़ी जिलों में गरज-चमक के साथ हल्की बारिश हो सकती है।

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इंदौर। शहर में पहली बार मेट्रो ट्रैन दोड़ी। बुधवार को यहां मेट्रो कोच पहली बार गांधी नगर डिपो से चले और प्लेटफार्म पर पहुंचे। मेट्रो कोच दोपहर दो बजे मेट्रो डिपो से रवाना हुए और पहली बार रैम्प व वायडक्ट पर पहुंचे। इस दौरान कोच की फिटनेस व ट्रैक की फिटनेस परीक्षण भी हुआ।   करीब 8 से 9 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से चलते हुए करीब 1200 मीटर की दूरी को तय कर मेट्रो कोच छह मिनट में गांधी नगर स्टेशन तक पहुंचे। जैसे ही कोच प्लेटफार्म पर पहुंचे, मेट्रो के इंजीनियर व स्टेशन का निर्माण कर रहे मजदूरों ने तालियां बजाकर स्वागत किया। यहां 100 से ज्यादा मजदूर मेट्रो को देखकर इस बात से खुश थे कि उनकी मेहनत से बने इस स्टेशन पर बुधवार को मेट्रो खड़ी थी। गांधी नगर स्टेशन से सुपर कारिडोर स्टेशन नंबर 3 तक ट्रायल रन के 5.9 किलोमीटर के हिस्से में मेट्रो कोच चलाया गया। हर प्लेटफार्म पर कोच के पहुंचने पर उसके गेट की मार्किंग व प्लेटफार्म से दूरी का आंकलन किया गया।

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ग्वालियर में इस समय दिव्यांग क्रिकेट का बुखार चढ़ा हुआ है। देश के विभिन्न राज्यों से आई टीम और खिलाड़ी यहां सेकंड बटालियन के ग्राउंड पर अद्भुत खेल का परिचय दे रहे हैं। ग्वालियर नगर निगम एवं भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड द्वारा सपोर्टेड संस्था डिफरेंटली एबल्ड क्रिकेट काउंसिल ऑफ इंडिया के संयोजन में प्रथम अखिल भारतीय मेयर कप दिव्यांग क्रिकेट प्रतियोगिता में दो मैच खेले गए, जिसमें पहले मैच में महाराष्ट्र ने उत्तर प्रदेष को हराकर क्वार्टर फाइनल में एवं दूसरे मैच में छत्तीसगढ ने झारखंड को हराकर सेमी फाइनल में जगह बनाई।उपायुक्त एवं नोडल अधिकारी खेल सत्यपाल सिंह चैहान ने बताया कि आज द्वितीय वाहिनी कंपू के हरे भरे क्रिकेट मैदान पर दिव्यांग क्रिकेट प्रतियोगिता के दो मैच खेले गए हैं। जिसमें पहला मैच महाराष्ट्र एवं उत्तर प्रदेश के बीच खेला गया। उत्तर प्रदेश ने टॉस जीत कर पहले गेंदबाजी करने का फैसला लिया। पहले बल्लेबाजी करने उतरी महाराष्ट्र की टीम ने 10 ओवर में 96 रन बनाए। जिसमें आकाश सनप ने 34 रन 22 गेंद में और साथ उतरे स्वप्निल मंगेल ने 11 गेंद में 24 रन बनाए। वहीं उत्तर प्रदेश की तरफ से सबसे ज्यादा विकेट बारिश और शेखर ने दो-दो विकेट लिए। जवाब में बल्लेबाजी करने उतरी उत्तर प्रदेश की टीम सिर्फ 62 रन पर आॅलआउट हो गई और महाराष्ट्र ने शानदार जीत दर्ज की। महाराष्ट्र की तरफ से गेंदबाजी करते हुए केदारनाथ ने 5 विकेट समेटे। जिसमें केदारनाथ मैन ऑफ द मैच रहे।दूसरा मैच 02 छत्तीसगढ़ और झारखंड के बीच खेला गया। झारखंड में टॉस जीता और बैटिंग करने का फैसला लिया। पहले बल्लेबाजी करनी उतरी झारखंड की टीम ने 10 ओवर में 56 रन बनाए, जिसमे अनुज ने 27 रन 21 गेंद में बनाए, वही छत्तीसगढ़ की तरफ से सबसे ज्यादा विकेट रवि और जितेंद्र ने दो-दो विकेट लिए जवाब में बल्लेबाजी करने उतरी छत्तीसगढ की टीम ने 8 ओवर में लक्ष्य हासिल कर अगले दौर में प्रवेश किया। छत्तीसगढ की ओर से रामखेलावन साहू मैन ऑफ द मैच रहे।प्रथम अखिल भारतीय मेयर कप दिव्यांग क्रिकेट प्रतियोगिता बुधवार दोपहर को 3 मैच खेले जाएंगे। जिसमें पहला मैच पश्चिम बंगाल एवं राजस्थान के बीच, दूसरा मैच विदर्भ एवं मध्य प्रदेश के बीच, तीसरा मैच महाराष्ट्र एवं गुजरात के बीच खेला जाएगा।  

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भोपाल। मध्यप्रदेश अगस्त माह तक बारिश के मामले में 23 प्रतिशत पीछे चल रहा था और कई जिलों में सूखे का संकट मंडराने लगा था, लेकिन सितंबर बारिश का एक दौर हो चुका है और दूसरा दौरा 15 सितंबर से शुरू हो ने जा रहा है। इसे देखते हुए यह उम्मीद की जा रही है कि सितंबर माह में औसत से अधिक बारिश होगी और प्रदेश के अधिकांश जिले रेड जोन से बाहर आ जाएंगे।     मौसम विभाग के अनुसार सितंबर माह में अब तक 158 मिमी यानी 6.22 इंच के मुकाबले 106 मिमी यानी 4 इंच पानी गिर चुका है, जो कोटे की करीब 65% के बराबर है। इससे कई जिलों की तस्वीर बदल गई है। मौसम विभाग के अनुसार 5-6 सितंबर से मानसूनी एक्टिविटी शुरू हुई। ट्रफ लाइन और साइक्लोनिक सिस्टम की वजह से बारिश का दौर चला। यही कारण है कि बारिश का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। अभी दो दिन के लिए एक्टिविटी कम है, लेकिन 15 से 21 सितंबर तक फिर से बारिश का दौर चलेगा। मंगलवार को भी प्रदेश के 9 जिलों में हल्की बारिश हुई। भोपाल में दोपहर में तेज बारिश हुई। शाम तक यहां 7.4 मिमी बारिश हो गई। नर्मदापुरम जिले के पचमढ़ी में 6 मिमी पानी गिरा। ग्वालियर, जबलपुर, सतना, सागर, गुना, मंडला और खजुराहो में भी बारिश हुई। रात में भी बारिश का दौर चलता रहा।     वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि अगले 1 से 2 दिन तक तेज बारिश के दौर में थोड़ी कमी आएगी। 13 और 14 सितंबर को बंगाल की खाड़ी से लो प्रेशर एरिया एक्टिव होगा। इससे 15 से 21 सितंबर तक फिर प्रदेश भीगेगा। मौसम विभाग ने नर्मदापुरम, बैतूल, अनूपपुर, डिंडोरी, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला और बालाघाट जिले में तेज बारिश की संभावना व्यक्त की है। वहीं, भोपाल, विदिशा, रायसेन, सीहोर, राजगढ़, सीधी, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, धार, इंदौर, देवास, शाजापुर, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योपुरकलां, सिंगरौली, रीवा, सतना, शहडोल, उमरिया, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़ और निवाड़ी में गरज-चमक के साथ हल्की बारिश हो सकती है।

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धार। मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित औद्योगिक नगरी पीथमपुर के सेक्टर एक में बुधवार सुबह संयोग फार्मा नामक केमिकल कंपनी में अचानक आग लग गई। केमिकल प्लांट होने से आग तेजी से फैली और पूरी कंपनी को अपनी चपेट में ले लिया। सूचना मिलने पर दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। इस हादसे में एक कर्मचारी की मौत हो गई, जबकि तीन गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।       जानकारी के अनुसार, संयोग केमिकल नामक इस कंपनी में दवाएं बनाने का काम होता है। यहां बुधवार सुबह करीब 9.00 बजे धुआं उठता दिखाई दिया। उसके बाद आस-पास की कंपनी के कर्मचारी और स्थानीय लोग मौके पर पहुंच गए और आग बुझाने के प्रयास किए, लेकिन आग इतनी भीषण थी कि उन्हें सफलता नहीं मिली। इसी बीच लोगों ने फायर ब्रिगेड और पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।       पीथमपुर थाना प्रभारी संतोष दूधी ने बताया कि हादसे के वक्त कंपनी में चार कर्मचारी मौजूद थे, जिनमें से एक कर्मचारी कमलेश पुत्र पुरुषोत्तम तिवारी की मौके पर ही मौत हो गई। उसके शव को सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र भिजवाया गया है। वहीं, तीन कर्मचारी घायल हुए हैं, जिनमें दो गंभीर हालत में महू के अस्पताल भेजा गया है और एक अन्य घायल का स्थानीय अस्पताल में उपचार जारी है। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। फिलहाल आग लगने का कारण पता नहीं चल पाया है।

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रतलाम में टमाटर के दाम गिरने के बाद अब हरी मिर्ची के भी दाम गिर गए है। बम्पर आवक से मिर्ची के दाम 5 रुपये किलो ही रह गए है। जिसके बाद अब व्यापारी खरीदी गई मिर्ची ट्रेक्टर में भर कर फेंक रहे है। वहीं, खवासा,पेटलावद और सारंगी गांव से आए किसानों की फसल नीलाम ही नहीं हो पाई है। मिर्ची फेंक रहे व्यापारियों का कहना है कि 5 दिन में मिर्ची के दाम 20 रुपये से घट कर 5 रुपये प्रति किलो ही रह गए है। जिससे माल अन्य मंडियों में पहुंचाने का भाड़ा भी नहीं निकल पा रहा है। इस कारण वह क्विंटलो मिर्ची फेंकने को मजबूर हैं। मंडियों में कई किसान अपनी फसल छोडकर भी जा रहे हैं। जिससे सब्जी मंडी में मिर्ची का ढेर लग गया है।दरअसल मिर्ची की फसल के बम्पर उत्पादन के कारण मिर्ची के दाम गिरने लगे हैं। क्षेत्र के प्रमुख मिर्ची उत्पादक गांव खवासा,पेटलावद , सरवड़ और सारंगी से आए किसानों का कहना है कि पहले टमाटर और अब मिर्ची के गिरे दामों ने किसानों की कमर तोड़ दी है। मंडी में व्यापारी भी खरीदा हुआ माल फेंकने को मजबूर हैं। व्यापारी मोहम्मद रफत ने बताया कि खरीदा हुआ माल जयपुर और दिल्ली की मंडियों में भेजने का भाड़ा ही नहीं निकला है। आज करीब 15 ट्रॉली खरीदा हुआ माल फेंक दिया है।

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जबलपुर के गोपाल सदन में चल रहे फैशन शो और मेकअप सेमिनार अवॉर्ड फंक्शन में मंगलवार को हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन किया। स्टेज पर लगा फिल्म अभिनेत्री मंदाकिनी का पोस्टर फाड़ दिया। चेतावनी दी है कि अगर मंदाकिनी कार्यक्रम में शामिल होती हैं तो कार्यक्रम को बंद करवा दिया जाएगा।हिंदू धर्म संगठन और चंडी वाहनी के कार्यकर्ताओं को जैसे ही जानकारी लगी कि जबलपुर के गोपाल सदन में फैशन शो का कार्यक्रम चल रहा है, बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और स्टेज पर चढ़कर जमकर हंगामा किया।चंडी वाहिनी की प्रदेश अध्यक्ष लता ठाकुर ने फैशन शो का विरोध करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम में जो फिल्म अभिनेत्री शामिल हो रही हैं, वे गंदगी की खान हैं। हमारे देश में बहुत सी ऐसी अभिनेत्रियां हैं, जो हिंदुत्व का प्रचार-प्रसार करती हैं, उन्हें बुलाइए। मंदाकिनी के हाथों से जिन बहन - बेटी को अवार्ड मिलेगा, यह उनकी बेज्जती है। इसलिए किसी भी कीमत में कार्यक्रम में मंदाकिनी को नहीं आने दिया जाएगा।

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ग्वालियर में एक 24 वर्षीय नवविवाहिता ने डिप्रेशन के चलते जहर (सल्फास) खा लिया था। जिसे गंभीर हालत में हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था जहां उसने देर रात दम तोड़ दिया। पुलिस ने शव को निगरानी में लेकर मंगलवार को पोस्टमार्टम कराया है। मृतका की शादी को अभी छह माह ही हुए थे। इस बीच वह कई प्रताड़ना से गुजरी थी।शादी के बाद पता लगा पति शादी के बाद संबंध निभाने में असक्षम है। इलाज की बात कही तो मारपीट करने लगे फिर देवर और ससुर ने छेड़छाड़ की। जिस पर मृतका ने महिला थाना में मामला भी दर्ज कराया था। अभी वह अपने मायके में रह रही थी। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है।शहर के बहोड़ापुर स्थित न्यू फोर्ट कॉलोनी निवासी 24 वर्षीय युवती ने सोमवार रात को जहर खा लिया। परिजन को उस समय उसके जहर खाने का पता लगा जब उसकी हालत बिगड़ने लगी। परिजन उसे लेकर हॉस्पिटल पहुंचे। डॉक्टरों ने तत्काल इलाज शुरू कर दिया, लेकिन देर रात युवती ने दम तोड़ दिया। अस्पताल की सूचना के बाद बहोड़ापुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को निगरानी में लेकर डेड हाउस में रखवा दिया गया। पुलिस ने मंगलवार को शव का पोस्टमार्टम कराया है। साथ ही मर्ग कायम कर खुदकुशी के पीछे कारणों की पड़ताल शुरू कर दी है। मृतका कुछ महीनों से डिप्रेशन की शिकार थी।

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कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा की एक दिन की शिवचर्चा के लिए सोमवार को इंदौर आए। कनाड़िया रोड स्थित प्रेमबंधन गार्डन में संबोधित करते हुए पं. मिश्रा ने कहा कि जब हम शिवलिंग पर एक बूंद भी जल चढ़ा रहे होते हैं, तब उन्हें अपने मन की बात कह रहे होते हैं। यह शिव से साक्षात मिलने जैसा है। ऐसा कोई मनुष्य नहीं हुआ, जिसके जीवन में संघर्ष नहीं आया। भगवान राम, कृष्ण और गौतम बुद्ध कोई भी हो...उनके अवतारी जीवन में भी संघर्ष आया। जीवन में संघर्ष से जूझना और निपटना सीखना होगा। शाम को प्रवचन के बाद कथा का समापन हुआ। कथास्थल से श्रद्धालुओं की भीड़ एक साथ निकलने के कारण कनाड़िया से बंगाली चौराहा तक जाम की स्थिति बन गई।इससे पहले, पं. मिश्रा की कथा में प्रवचनों काे सुनने के दौरान भजनों पर महिलाओं ने नृत्य किया। इस दौरान पं. मिश्रा ने शादी के 25 साल बाद संतान प्राप्त करने वाले परिवार को मंच पर बुलाया और बच्चे को दुलारा। अपने प्रवचन में पंडित मिश्रा ने कहा कि भादौ का महीना है, बाबा की शाही सवारी का दिन है... दिल से बोलिए श्री शिवाय नमस्तुभ्यं.. सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी। उनके भजनों ओ भोला सब दु:ख काटो आज...और... लुटा दिया भंडार काशी वाले ने, कर दिया मालामाल काशी वाले ने....पर श्रोता खूब थिरके।जीवन में कितनी भी बड़ी कठिनाई आ जाए। कितनी भी बड़ी तपस्या क्यों न करनी पड़े लेकिन अपने भोले बाबा के चरण कभी मत छोड़ो। कितनी भी कठिनाई क्यों न हो, बाबा आपको संकट के पार ले जाएगा। शालि ग्राम भगवान को आधा किलो सोने के सिंहासन में जड़ दिया जाए, हीरे में जड़ दिया जाए या कोई और रत्न पहना दिया जाए, ठीक उतना ही फल भोलेनाथ को एक बेल पत्र चढ़ने से मिलता है। व्यक्ति की संगत और पंगत अच्छी होना चाहिए। किसी गलत व्यक्ति के साथ बैठने का प्रयास कभी नहीं करना चाहिए। आप कहां बैठे हैं ये आपके ऊपर निर्भर करता है।- शिव पुराण के अनुसार तीन कारण से मरने वाले व्यक्ति को कभी भी मुक्ति नहीं मिलती है। पहला, अगर कोई व्यक्ति पानी में डूब कर अपना जीवन त्यागता है। दूसरा, स्त्री या किसी नारी के कारण जान देता है और तीसरा सर्प के डसने से मरने वाले इंसान को कभी मोक्ष नहीं मिलता है। जैसा पेट भरने के लिए भोजन की जरूरत होती है, ठीक उसी प्रकार आत्मा की तृप्ति के लिए शिव पुराण और शिव कथा के साथ भोले के दर्शन की जरूरत होती है।  

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उज्जैन । श्रावण और भादौ मास में निकलने वाली सवारियों के क्रम में विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकाल की दसवीं और अंतिम शाही सवारी आज (सोमवार) शाम को धूमधाम से निकलेगी। इस दौरान भगवान महाकाल 10 स्वरूप में श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे। भगवान महाकाल शाही सवारी में पालकी में चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव, नन्दी रथ पर उमा-महेश, रथ पर होलकरों का मुघोटा, घटाटोप, जटाशंकर, रुद्रेश्वर, चंद्रशेखर स्वरूप और दसवें सप्तधान्य स्वरूप में रथ में विराजित होकर अपनी प्रजा का हाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकलेंगे।     परम्परा के अनुसार, शाही सवारी हमेशा लंबे मार्ग से निकलती है, ताकि अधिसंख्य श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन कर सके। शाही सवारी में करीब पांच लाख श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है। प्रशासन द्वारा सवारी के लिए व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं। शाही सवारी के करीब सात किलोमीटर लम्बे मार्ग को दुल्हन की तरह सजाया गया है। प्रशासन ने सवारी मार्ग पर सुरक्षा और व्यवस्था के लिए अन्य शहरों से भी पुलिस बल बुलवाया है। सवारी निकलने के पूर्व यातायात भी डायवर्ट किया जाएगा।   मंदिर प्रबंधन समिति के प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि सवारी निकलने के पूर्व दोपहर 3:30 बजे महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में परम्परा के अनुसार, भगवान चन्द्रमौलेश्वर व मनमहेश स्वरूप का विधिवत पूजन-अर्चन होगा। उसके पश्चात भगवान चन्द्रमौलेश्वर पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में विराजित भगवान को सलामी दी जाएगी। शाही सवारी में भगवान महाकाल के 10 स्वरूप शामिल रहेंगे। जिसमें चांदी की पालकी में चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर मनमहेश, गरुड़ रथ पर शिवतांडव, नन्दी रथ पर उमा-महेश और डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद घटाटोप, रथ पर जटाशंकर, रुद्रेश्वर स्वरूप, चन्द्रशेखर स्वरुप व सप्तधान का मुखारविंद सम्मिलित रहेगा।   सवारी मंदिर से महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाडी से होती हुई रामघाट पहुंचेगी, जहां क्षिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन होगा। सवारी रामानुजकोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक खाती का मंदिर, सत्यीनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा,मिर्जा नईम बेग मार्ग,तेलीवाड़ा, कंठाल,सतीगेट, छोटा सराफा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होती हुई पुन: श्री महाकालेश्वर मंदिर रात्रि 11 बजे से पूर्व पहुंचेगी।

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भोपाल। मध्यप्रदेश में बीते 6 दिनों से बारिश का दौर जारी है, जिससे प्रदेश में मंडरा रहा सूखे का संकट टल गया है। रविवार को भी प्रदेश के 16 जिलों में बारिश हुई। वहीं, मौसम विभाग ने सोमवार को भोपाल, नर्मदापुरम, रीवा समेत 22 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। बाकी जिलों में भी हल्की बारिश हो सकती है। वहीं, कल से बारिश का एक नया सिस्टम भी सक्रिय हो रहा है।     बीते 24 घंटों में प्रदेश के 16 जिलों में बारिश दर्ज की गई है। नौगांव में करीब एक इंच बारिश हुई। दमोह और मंडला में आधा इंच से ज्यादा पानी गिरा। खजुराहो, मलाजखंड, जबलपुर, पचमढ़ी, शिवपुरी, उमरिया, सागर, गुना, बैतूल, ग्वालियर, सिवनी, नर्मदापुरम, नरसिंहपुर और राजगढ़ में भी पानी बरसा। अन्य जिलों में भी बादलों की लुकाछिपी चलती रही। बीते 6 दिनों से चल रही बारिश के बावजूद मध्यप्रदेश में औसत बारिश का आंकड़ा 14% कम है। पूर्वी हिस्से में औसत से 10% कम और पश्चिमी हिस्से में औसत से 14% बारिश कम हुई है। 1 जून से 10 सितंबर तक औसत 29.77 इंच बारिश हो चुकी है, जबकि 33.95 इंच बारिश होना चाहिए थी।     मौसम विभाग के मुताबिक मध्यप्रदेश में 12-13 सितंबर से एक और सिस्टम एक्टिव हो रहा है। यह 18 से 20 सितंबर तक प्रदेश में एक्टिव रहेगा। यानी अगले एक सप्ताह तक प्रदेश में बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग ने सोमवार को भोपाल, शाजापुर, आगर-मालवा, सीहोर, देवास, हरदा, राजगढ़, सागर, रायसेन, विदिशा, अशोकनगर, नर्मदापुरम, बैतूल, शिवपुरी, भिंड, मुरैना, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, सीधी, निवाड़ी और रीवा में भारी बारिश की चेतावनी दी है। वहीं, नीमच, मंदसौर, रतलाम, उज्जैन, धार, इंदौर, खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, नरसिंहपुर, दमोह, जबलपुर, बालाघाट, मंडला, डिंडोरी, कटनी, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, सिंगरौली, गुना, श्योपुरकलां और ग्वालियर में गरज-चमक के साथ हल्की बारिश की संभावना जताई गई है।

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उज्जैन। श्रावण/भादौ मास निकलने वाली सवारियों के क्रम में ज्योतिर्लिंग भगवान महाकाल की दसवीं और शाही सवारी सोमवार, 11 सितम्बर को निकलेगी। सवारी मार्ग और शहर को दुल्हन की तरह सजाया गया है। करीब पांच लाख श्रद्धालु शामिल होंगे। शाही सवारी हमेशा लंबे मार्ग से निकलती है, ताकि अधिसंख्य श्रद्धालु बाबा के दर्शन कर सके। सवारी के दौरान भगवान दस स्वरूप में श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे।   श्री महाकालेश्वर भगवान की दसवीं सवारी में पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव,नन्दी रथ पर उमा-महेश,रथ पर होलकरों का मुघोटा, घटाटोप, जटाशंकर, रुद्रेश्वर,चंद्रशेखर स्वरूप और दसवें सप्तधान्य स्वरूप में रथ में विराजित होकर अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकलेंगे।   श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर का विधिवत पूजन-अर्चन होगा। उसके पश्चात भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में विराजित भगवान को सलामी दी जाएगी।   उसके बाद सवारी परंपरागत मार्ग से हटकर लंबे मार्ग के लिए निकलेगी। सवारी मंदिर से महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाडी से होती हुई रामघाट पहुंचेगी। जहॉ क्षिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन होगा। सवारी रामानुजकोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक खाती का मंदिर, सत्यीनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा,मिर्जा नईम बेग मार्ग,तेलीवाड़ा, कंठाल,सतीगेट, छोटा सराफा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होती हुई पुन: श्री महाकालेश्वर मंदिर रात्रि 11 बजे से पूर्व पहुंचेगी।

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भोपाल। मौसम विज्ञान विभाग ने रविवार को भोपाल, नर्मदापुरम, रीवा, शहडोल, शिवपुरी समेत 17 जिलों में मध्यम से भारी बारिश की संभावना जताई है। इसके साथ ही इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में भी बारिश हो सकती है। शनिवार को प्रदेश के 21 जिलों में तेज बारिश हुई है। नर्मदापुरम में सबसे ज्यादा साढ़े 3 इंच पानी गिरा। छिंदवाड़ा में सवा दो इंच से ज्यादा बारिश दर्ज की गई। दमोह में 1 इंच, बैतूल और नौगांव में आधा इंच से ज्यादा बारिश हुई। इसी तरह सागर, रतलाम, उमरिया, पचमढ़ी, सीधी, उज्जैन, गुना, सिवनी, शिवपुरी, ग्वालियर, खजुराहो, भोपाल, इंदौर, धार, मलाजखंड, मंडला और सागर में भी कहीं धीमी तो कहीं तेज बारिश हुई। राजधानी भोपाल में शाम 7 बजे के बाद अलग-अलग इलाकों में तेज बारिश हुई।   मध्य प्रदेश के पश्चिमी हिस्से में तेज बारिश होने से सामान्य बारिश का आंकड़ा बढ़ गया है। हालांकि, कुल बारिश का आंकड़ा अभी भी 17 फीसद कम है। प्रदेश में अब तक 28.16 इंच बारिश हो चुकी है, जबकि 33.38 इंच बारिश होनी चाहिए थी। पूर्वी हिस्से में औसत से 11 फीसद कम और पश्चिमी हिस्से में औसत से 19 फीसद कम बारिश दर्ज की गई है। पहले पश्चिमी हिस्से में औसत से कम बारिश का आंकड़ा 23 फीसद तक पहुंच गया था।   सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि प्रदेश में साइकोनिक सर्कुलेशन एक्टिव होने से शुक्रवार-शनिवार को ग्वालियर-चंबल के साथ निमाड़ और उत्तरी मध्यप्रदेश में तेज बारिश का दौर रहा। अब सिस्टम थोड़ा कमजोर हो गया है। इसके बावजूद रविवार को भी भोपाल समेत कई जिलों में मध्यम से भारी बारिश होने का अनुमान है। 12-13 सितंबर से एक बार फिर से मानसून सिस्टम एक्टिव होगा। इससे 18-20 सितंबर तक बारिश का दौर चलता रहेगा।   विभाग के अनुसार रविवार को भोपाल, शाजापुर, देवास, हरदा, बैतूल, नर्मदापुरम, विदिशा, गुना, शिवपुरी, मुरैना, दतिया, भिंड, टीकमगढ़, सतना, रीवा, शहडोल और अनूपपुर में मध्यम से भारी हो सकती है। अगले 24 घंटे में यहां 2 से 4 इंच तक पानी गिर सकता है। वहीं, नीमच, मंदसौर, उज्जैन, धार, इंदौर, आगर-मालवा, राजगढ़, खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, डिंडोरी, जबलपुर, कटनी, उमरिया, सीधी, सिंगरौली, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर और श्योपुरकलां में गरज-चमक के साथ हल्की बारिश हो सकती है।

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रतलाम के नामली में एक युवक मोबाइल टावर पर चढ़ गया है। युवक मोबाइल टावर से गांव वालों को अपनी एक तरफा मोहब्बत की कहानी बता रहा है। 12 साल से एक लड़की से प्रेम करता है लेकिन उसे अब तक उसका प्यार नहीं मिला। स्थानीय लोगों ने उसे नीचे उतर आने की समझाइश दी लेकिन वह नीचे आने को तैयार नहीं है। मामले की सूचना मिलने के बाद नाम ली थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची है और युवक को नीचे उतरने के प्रयास जारी है। युवक का नाम रमेश पिता हरिराम गडगामा है।करीब ढाई घंटे तक चले इस हाई वोल्टेज ड्रामे का अंत युवक की माँ,भाई और दोस्त की मान मुनव्वल के बाद युवक नीचे उतरने को राजी हुआ। थाना प्रभारी धर्मेंद्र शिवहरे ने भी माईक पर युवक को समझाइश देकर नीचे उतारा।

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ग्वालियर में विधानसभा चुनाव को देखते हुए पुलिस विशेष अभियान चला रही है, इसी कड़ी में जिले के सभी थानों में अवैध हथियार रखने वालों के खिलाफ मुहीम चलाकर कार्यवाई की गई। सभी थाना प्रभारियों ने पुलिस बल की टीम बनाकर अलग अलग इलाको में ऐसे बदमाशों को चिन्हित करने के लिए लगाया गया जो अवैध हथियार रखकर रंगदारी दिखाकर लोगों पर धौंस जमाते थे। ऐसे 350 बदमाशो और लोगो पर एक साथ कार्रवाई करते हुए बदमाशों को पकड़ा और उनसे 48 अवैध हथियार बरामद किए गए, कार्यवाई के दौरान अवैध हथियार रखने वालों में काफी संख्या में युवा औऱ 5 नाबालिग भी मिले है।ग्वालियर के पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह चंदेल की निर्देश पर विधानसभा चुनाव को देखते हुए अवैध हथियारों को दिखाकर रंगदारी, रुतबा और सोशल मीडिया पर फोटो के साथ पोस्ट डालने वाले बदमाशों व नाबालिकों के खिलाफ शहर के दो दर्जन से ज्यादा थाना प्रभारी ने थाने के बल के साथ कार्रवाई करते हुए 350 बदमाशों को चिन्हित कर 48 अवैध हथियार बरामद किए हैं। हथियारों के साथ सोशल मीडिया पर पोस्ट डालने वाले बदमाशों में पांच नाबालिग छात्र भी शामिल है, जिनपर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए वार्निंग देकर उनके परिजनों को सौंप दिया है। वहीं अन्य बदमाशों पर आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज कर उन्हें हवालात में डाल दिया है।पुलिस ने नाबालिग छात्र और बदमाशों से 315,312 बोर के दो दर्जन से अधिक कट्टे, 32 बोर की एक दर्जन से अधिक पिस्टल सहित जिंदा राउंड बरामद किए हैं। फिलहाल पुलिस ने नाबालिग छात्र और बदमाशों से बरामद किए गए हथियारों को जाप कर लिया है।एसएसपी राजेश सिंह चंदेल का कहना है कि ग्वालियर पुलिस इस प्रकार की कार्यवाही लगातार जारी रखेगी और अवैध हथियार रखकर रंगदारी दिखाने वाले बदमाशों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।  

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इंदौर के पलासिया कंट्रोल रूम पर शहर के चारो  जोन के डीसीपी अपने&अपने थाना क्षेत्रों से नशा करने वालों लेकर पहुंचे। यहां एक शिविर के माध्यम से कांउसलिंग करते हुए सभी को नशा छुड़ाने के लिये संकल्प दिलाया गया। रात में ही सभी थानों में अभियान चलाकर नशा करने वाले लोगों को कंट्रोल रूम आने के लिये कहा गया। जिसके बाद रविवार को यहां सभी की काउंसलिंग की गई।कमिश्नर मकरंद देउस्कर ने शहर में बढ़ती नशे की लत से लोगों को दूर करने के लिए रविवार को पलासिया पुलिस कंट्रोल रूम में एक प्रोग्राम का आयोजन किया। जिसमें सामाजिक न्याय एंव दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग को साथ लेकर सभी नशा करने वालों की काउंसलिंग की गई। वहीं उन्हें नशा नहीं करने के लिये संकल्प भी दिलाया गया। यहां डीसीपी जोन 1 खुद नशा छोड़ने का संकल्प लेकर पहुंचे लोगो के फार्म भरते नजर आए। उन्होंने नशा करने को लेकर लोगो से कारण भी पूछा ओर उसके दुष्परिणाम भी बताए।अफसरों ने रात में ही सभी को आदेशित कर ऐसे लोगों को थाने के माध्यम से पलासिया कंट्रोल रूम आने के लिये कहा था। जो नशा करने के आदी है। और नशे में अपराध तक कर देते हैं। इसे लेकर सभी थाना प्रभारियों को निर्देशित भी किया था। पुलिस कमिश्नर का नशे पर प्रहार को लेकर लोगों को जागरुक करना इसका मुख्य उद्देश्य है।

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भोपाल। चंद्रयान 3 की सफलता के जश्न के साथ मप्र विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद और विज्ञान भारती के संयुक्त तत्वावधान में 10वां भोपाल विज्ञान मेला आगामी 15 से 18 सितम्बर तक बीएचईएल दशहरा मैदान में आयोजित किया जा रहा है। यह जानकारी शनिवार को प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने शनिवार को एक पत्रकारवार्ता में दी।     उन्होंने बताया कि भोपाल विज्ञान मेला मध्यप्रदेश के साथ ही पूरे देश में अपनी विशिष्ट पहचान बना चुका है, जिसमें ग्रास रूट के साथ ही प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर तक विज्ञान एवं तकनीकी की प्रगति और नवाचारों से लोगों को अवगत कराया जाता है। मेले में हजारों छात्र, शोधार्थी, शिक्षक, कारीगर, किसान, उद्यमी, वैज्ञानिक, अधिकारी एवं सामान्यजन सहभागिता करते है। केन्द्र एवं प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों, शोध संस्थानों, उद्योगों एवं शैक्षणिक संस्थानों द्वारा इसमें भाग लिया जाता है। मेले में विज्ञान आधारित विभिन्न गतिविधियाँ होती हैं। इस वर्ष का भोपाल विज्ञान मेला "साइंस, टेक्नालॉजी एवं इनोवेशन अमृतकाल" थीम पर है।     ग्रास रूट इनोवेटर्स, उन्नत तकनीकों एवं नवाचारों का होगा प्रदर्शन उन्होंने बताया कि इस वर्ष भी भोपाल विज्ञान मेले में नवीनतम तकनीकों, छात्र वैज्ञानिक संवाद, मॉडल कान्टेस्ट के साथ ही ग्रास रूट एवं इनोवेटिव कारीगर पेवेलियन वेस्ट मैनेजमेंट पेवेलियन, हैंडीक्राफट पेवेलियन, स्टार्टअप पेवेलियन इत्यादि के माध्यम से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवीनतम प्रगति से अवगत कराया जायेगा।     कार्यक्रम में मुख्य आकर्षण परमाणु ऊर्जा, इसरो, डीआरडीओ ब्रम्होस, एनटीपीसी, सीएसआईआर, आईसीएमआर, आईसीएआर, एम्प्री, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् एवं उद्योगों द्वारा प्रदर्शित की जाने वाली नवीनतम तकनीक एवं उत्पाद रहेंगे। ग्राम रूट इनोवेशन एवं नवाचार को बढ़ावा देने के लिए स्टूडेन्ट मॉडल कान्टेस्ट में अनगिनत बड़ी संस्थाओं के छात्रों द्वारा अपने इनोवेशन आईडियास एवं माडल्स को प्रदर्शित किया जायेगा। यहां नव उद्यमियों एवं स्टार्टअप द्वारा विभिन्न प्रकार के तकनीकी समाधान भी प्रस्तुत किये जायेगें। मेले में प्रतिवर्ष अनुसार देश के शीर्ष वैज्ञानिकों एवं विभिन्न क्षेत्र की विख्यात हस्तियों का छात्रों से संवाद एवं मार्गदर्शन भी दिया जायेगा तथा प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे।     शीर्ष वैज्ञानिक होंगे सम्मानित विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री सखलेचा ने कहा कि चंद्रयान-3 की अभूतपूर्व उपलब्धि का उत्सव मनाने के लिए भोपाल विज्ञान मेले में इस मिशन से जुड़े डायरेक्टर सहित देश की तीन हस्तियों को सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि भारत को पूरे विश्व में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में मजबूती से स्थापित करने एवं देश को गौरव की अनुभूति कराने वाले देश के शीर्ष वैज्ञानिक चन्द्रयान- 3 के मिशन डायरेक्टर डॉ. पी. वीरामुथुवेल, इसरो बैंगलूरू, वन्दे भारत के चीफ आर्किटेक्ट सुधांशु मनी के साथ ही एम्स दिल्ली की डॉ. रमा जयासुंदर को भी विज्ञान प्रतिभा सम्मान से सम्मानित किया जाएगा।     उल्लेखनीय है कि विज्ञान प्रतिभा सम्मान पूर्व में भी डॉ. सुधीर कुमार मिश्रा, आउट स्टेडिंग सांईटिस्ट एण्ड चीफ कन्ट्रोलर ब्रम्होस, डॉ. पी. कुन्हीकृष्णन, डायरेक्टर, सतीश धवन स्पेस सेंटर, इसरो, प्रो. एम. जगदेश कुमार, पूर्व कुलपति, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली, यू. राजा बाबू, प्रोग्राम डायरेक्टर, डीआरडीओ, हैदराबाद को दिया जा चुका है। मंत्री सखलेचा ने बताया कि 17 और 18 सितम्बर को चन्द्रयान-3 महोत्सव का आयोजन भी किया जायेगा।     अनूठा है भोपाल विज्ञान मेला भोपाल शहर के नाम पर यह विज्ञान मेला 10 वर्ष से आयोजित किया जा रहा है, जिसकी एक विशिष्ट पहचान भोपाल के साथ ही प्रदेश, देश एवं अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर बन चुकी हैं। संभवतः शहर के नाम पर वृहद रूप में आयोजित होने वाला यह विज्ञान मेला इकलौता है, जिसमें छात्र शोधार्थी, शिक्षक, कारीगर, किसान, उद्यमी वैज्ञानिक अधिकारी एवं सामान्यजन सहभागी होने के उत्सुक रहते हैं। भोपाल विज्ञान मेले का शुभारंभ, समापन, प्रदेश एवं देश के शीर्ष वैज्ञानिक संस्थाओं के प्रमुखों की उपस्थिति में होगा, जिसमें वैज्ञानिकों के साथ ही छात्र-प्रतिभाओं का सम्मान भी किया जायेगा।

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भोपाल। प्रदेश में तेज बारिश का दौर जारी है। बीते 24 घंटों में भोपाल, जबलपुर, इंदौर समेत प्रदेश के 24 जिलों में कहीं हल्की तो कहीं तेज बारिश हुई। ऐसा ही मौसम शनिवार को भी बना रहेगा। मौसम विभाग ने जबलपुर-उज्जैन समेत 19 जिलों में अगले 24 घंटे में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। वहीं, 2 दिन बाद एक और सिस्टम एक्टिव होने से प्रदेश में बारिश का दौर अगले 10 से 12 दिन तक बने रहने का अनुमान है।     मध्यप्रदेश के 24 जिलों में वर्तमान सिस्टम के प्रभाव से शुक्रवार को बारिश हुई। 9 घंटे में जबलपुर में 3 इंच बारिश हो गई। वहीं, धार में ढाई इंच, इंदौर, खरगोन और रायसेन में डेढ़ इंच, छिंदवाड़ा में 1.4 इंच, नरसिंहपुर में 1.2 इंच बारिश हुई। उज्जैन में पौन इंच पानी बरस गया, जबकि सतना, सीधी, भोपाल और सिवनी में आधा इंच से ज्यादा पानी गिरा। रतलाम, ग्वालियर, मंडला, नौगांव, पचमढ़ी, बैतूल, मलांजखंड, उमरिया, खजुराहो, दमोह, गुना, राजगढ़ और नर्मदापुरम में भी कहीं हल्की तो कहीं तेज बारिश हुई। देर रात तक प्रदेश के कई जिलों में बारिश का दौर जारी रहा।     मध्यप्रदेश के पश्चिमी हिस्से में बीते तीन दिनों में हुई तेज बारिश होने से सामान्य बारिश का आंकड़ा बढ़ा है। हालांकि, ओवरऑल बारिश का आंकड़ा अभी भी 17% कम है। प्रदेश में अब तक 28.16 इंच बारिश हो चुकी है। जबकि 33.38 इंच बारिश होनी चाहिए थी। पूर्वी हिस्से में औसत से 11 फीसदी कम और पश्चिमी हिस्से में औसत से 19% कम बारिश दर्ज की गई है। पहले पश्चिमी हिस्से में औसत से कम बारिश का आंकड़ा 23% तक पहुंच गया था।   वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक एचएस पांडे ने बताया कि छत्तीसगढ़ और ओडिशा के आसपास साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम एक्टिव है, जिसका असर मध्यप्रदेश पर भी है। इसके चलते प्रदेश में शनिवार को भी तेज बारिश का दौर जारी रहेगा। कई जिलों में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। डॉ. सिंह ने बताया कि 10 से 12 सितंबर के आसपास बंगाल की खाड़ी से एक और सिस्टम एक्टिव होगा। इससे पूरे प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश जारी रहेगी। प्रदेश में 18 से 20 सितंबर तक बारिश की एक्टिविटी रहेगी।   मौसम विभाग ने शनिवार को विदिशा, राजगढ़, देवास, शाजापुर, आगर-मालवा, मंदसौर, नीमच, गुना, अशोकनगर, सिंगरौली, सीधी, शहडोल, उमरिया, कटनी, जबलपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, उज्जैन और सागर जिले में मध्यम से भारी बारिश की चेतावनी दी है। वहीं, भोपाल, रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर, धार, बड़वानी, खरगोन, इंदौर, खंडवा, बुरहानपुर, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, सीहोर, नरसिंहपुर, बालाघाट, डिंडोरी, मंडला, अनूपपुर, सतना, रीवा, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, ग्वालियर, भिंड, शिवपुरी, दतिया आदि जिलों में गरज-चमक के साथ हल्की बारिश होने की संभावना है।

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उज्जैन। मशहूर फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार ने शनिवार को अपने जन्मदिन के मौके पर उज्जैन पहुंचकर ज्योतिर्लिंग भगवान महाकाल के दर्शन कर पूजन-अर्चन किया। वे यहां अपने परिवार के साथ बाबा महाकाल की भस्म आरती में शामिल हुए। उनके साथ क्रिकेटर शिखर धवन भी बाबा महाकाल की भस्म आरती में शामिल हुए। वहीं, बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल ने भी आज उज्जैन पहुंच कर भगवान महाकाल के दर्शन कर पूजन-अर्चन किया।     अक्षय कुमार शनिवार को अपना 56वां जन्म दिन मना रहे हैं। अक्षय शनिवार तड़के करीब ढाई बजे महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे। उन्होंने यहां पारंपरिक वेशभूषा धोती-कुर्ते में नंदी हाल से भस्म आरती दर्शन किए। अक्षय के साथ उनका साथ बेटा आरव, भांजी सिमर और बहन अलका भी थे। क्रिकेटर शिखर धवन भी उनके साथ बैठे थे। आरती के दौरान अक्षय भक्ति के रस में झूमते नजर आए। उन्होंने आने वाली फिल्म "मिशन रानीगंज" की सफलता के लिए प्रार्थना भी की। पंडित आशीष शर्मा ने बताया कि अक्षय को महाकाल मंदिर के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।   अक्षय कुमार ने महाकाल दर्शन के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उन्होंने देश की तरक्की की कामना की है। क्रिकेटर शिखर धवन से विश्वकप के विषय में पूछा गया तो अक्षय ने विनोद करते हुए कहा कि ये बहुत छोटी चीज है। हम यूं ही जीत जाएंगे। बाबा महाकाल से तो तरक्की मांगी जाती है।   गौरतलब है कि अक्षय कुमार की हाल में रिलीज हुई फिल्म ओ माय गाड-2 की शूटिंग उज्जैन के महाकाल मंदिर में भी हुई थी। फिल्म की शूटिंग के दौरान अक्षय कुमार कुछ दिनों तक उज्जैन में ही रहे थे और यहां उन्होंने बाबा महाकाल की पूजा की थी।   वहीं, भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल भी शनिवार को उज्जैन पहुंची। उन्होंने भस्म आरती के बाद मंदिर पहुंच कर भगवान महाकाल के दर्शन कर पूजन-अर्चन किया। उन्होंने नंदी हाल में बैठकर बाबा महाकाल का जाप किया। साइना के साथ उनके माता-पिता ने भी भगवान महाकाल के दर्शन लाभ लिए।

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पन्ना/भोपाल। बुंदेलखंड के प्रसिद्ध जुगलकिशोर मंदिर में पन्ना राजघराने की महारानी जितेश्वरी देवी ने गुरुवार की रात श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर हंगामा कर दिया। कृष्ण जन्मोत्सव रात 12.00 बजे शुरू हुआ। इस दौरान जितेश्वरी देवी आरती के बीच से उठीं और गर्भगृह में जाकर पुजारी से चंवर छुड़ा लिया। फिर भक्तों की तरफ देखकर गलत तरीके से चंवर डुलाने लगीं। श्रद्धालुओं ने उनको गर्भगृह से बाहर करने की आवाजें लगाईं। पुजारी और वहां मौजूद लोगों ने जितेश्वरी देवी को गर्भगृह से बाहर करने की कोशिश की। इस दौरान वह गिर गईं। उन्हें पुलिस की मदद से घसीटकर बाहर किया गया। उन्होंने पुलिस से भी अभद्रता की। पूजन में विघ्न के कारण पुजारी को आरती बीच में ही रोकनी पड़ी।       मंदिर समिति के प्रबंधक संतोष कुमार तिवारी ने पुलिस को बताया कि महारानी शराब के नशे में थीं। पन्ना कोतवाली पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। इस घटना के बाद श्रद्धालुओं में आक्रोश है। उन्होंने पन्ना के इतिहास में इसे सबसे निंदनीय घटना बताया है। वहीं, महारानी का कहना है कि मंदिर के मुसद्दी और पुजारी ने झूठे आरोप लगाए हैं। राज परिवार के अधिकारों का हनन किया जा रहा है।       पन्ना के पुलिस अधीक्षक सांई कृष्ण एस थोटा ने बताया कि मंदिर में कृष्ण जन्मोत्सव के दौरान कमेटी के किसी सदस्य ने जितेश्वरी देवी को बुलाया था। पन्ना राजघराने के 19वें वारिस महाराजा राघवेंद्र सिंह जू देव का इसी वर्ष जनवरी में निधन हो गया था। इसके बाद राजघराने की परंपराओं को निभाने की जिम्मेदारी उनके बेटे छत्रसाल द्वितीय को सौंपी गई। कृष्ण जन्मोत्सव पर मंदिर में चंवर डुलाने की परंपरा उनके द्वारा ही की जानी थी। किसी कारणवश वे मंदिर नहीं आ पाए। उनकी मां जितेश्वरी देवी मंदिर पहुंचीं और हंगामा कर दिया। मामले में जांच कर वैधानिक कार्रवाई करेंगे।       उल्लेखनीय है कि मंदिर में जन्माष्टमी का पर्व मथुरा वृंदावन की तरह मनाया जाता है। यह परंपरा करीब 300 वर्ष से चली आ रही है। यहां पन्ना राजघराने के महाराजाओं की उपस्थिति में पूजन होता रहा है। पन्ना के जुगलकिशोर मंदिर में बुंदेली छाप दिखती है। मंदिर उत्तर मध्यकालीन वास्तुशिल्प के अनुरूप बना है। मंदिर में राधा कृष्ण की जोड़ी के अनुपम दर्शन होते हैं। कहा जाता है कि श्रीकृष्ण की मुरली में बेशकीमती हीरे जड़े गए थे, जिसे लेकर सैकड़ों साल से यह भजन गाया जा रहा है, 'पन्ना के जुगल किशोर हो, मुरलिया में हीरा जड़े हैं।'

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विधानसभा चुनाव के ठीक चंद माह पहले सरकार ने प्रदेश भर में स्मार्ट मीटर लगाने की घोषणा की है। ये स्मार्ट मीटर की कीमत 7 हजार रुपए है, जिसे की उपभोक्ताओं को फ्री में दिया जा रहा है। आम जनता को लगा फ्री में बिजली मीटर मिल रहा है, कोई बात नही है। जितना बिल अभी आता है, उतना ही स्मार्ट मीटर से आयेंगा। पर स्मार्ट मीटर को लेकर कांग्रेस ने खुलासा किया है कि सात हजार रुपए का फ्री में मीटर देकर बिजली विभाग आम जनता को लूट लेगा। स्मार्ट मीटर के विरोध में कांग्रेस ने आज जबलपुर से जागरूकता रथ की शुरुआत की है, जिसे कि राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।कांग्रेस बिजली समस्या निवारण प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सौरभ शर्मा का दावा है कि स्मार्ट मीटर के नाम पर बिजली विभाग आम जनता से करोड़ों रुपए वसूलेगा। जबलपुर में मीडिया से बात करते हुए सौरव शर्मा ने बताया कि बिजली विभाग समय-समय पर नए- नए पैंतरे अपनाकर आम जनता को लूटने का काम करता है। बिजली विभाग ने अब एक नया यंत्र लाया है। जिसे स्मार्ट मीटर कहां जाता है। स्मार्ट मीटर की कीमत 7000 रुपएहै जिसे की बिजली विभाग और फ्री में दे रहा है। सौरभ शर्मा का आरोप है कि बिजली विभाग में जो भ्रष्टाचार है कमीशन खोरी है, उसे बढ़ावा देते हुए बिजली विभाग के घाटे को पूरा करने के लिए स्मार्ट मीटर के नाम से सुव्यवस्थित तरीके से आम जनता से पैसा वसूल किया जाएगा। सौरभ शर्मा ने बताया कि बिजली विभाग जहां 1 फीट भी बिजली का वायर फ्री में नहीं देता आखिर वह क्यों 7000 का स्मार्ट मीटर फ्री में दे रहा है यह काफी सोचने वाली बात है। कांग्रेस नेता का आरोप है कि यह वह स्मार्ट मीटर है जिसके पास एनएवीएल का लाइसेंस नहीं है। यह वह स्मार्ट मीटर है जब इसमें सप्लाई नहीं भी रहती है उसके बावजूद भी यह लगातार चलते रहता है।

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उज्जैन जिले के कई इलाकों में गुरुवार शुक्रवार रात से हुई झमाझम बारिश के बाद एक बार फिर शिप्रा नदी का जल स्तर बढ़ गया। जिससे रामघाट पर स्तिथ कई मंदिर डूब गए। वही नदी की छोटी रपट के ऊपर से शिप्रा नदी का पानी बहने लगा, जिसके कारण पुलिया को बंद कर दिया गया।उज्जैन और आसपास के इलाकों में हो रही तेज बारिश के बाद मौसम सुहाना हो गया है। किसानो की कुछ चिंता भी कम हुई है। गुरुवार से शुरू हुई बारिश शुक्रवार रात और सुबह तक होती रही। जिसके कारण शिप्रा नदी का जल स्तर बढ़ने लगा। देखते ही देखते शिप्रा नदी की छोटी रपट डूब गई और इधर रामघाट पर भी पानी बढ़ने लगा जिससे घाट पर स्थित कई मंदिरो में पानी घुस गया और ाकि छोटे बड़े मंदिर डूबने लगे। जिससे बड़ी संख्या में तर्पण और अन्य पूजन पाठ करने वाले श्रद्धालुओं को रोक दिया गया। किसी ही अनहोनी को रोकने के लिए शिप्रा तैराक दल और होमगार्ड के जवानों को तैनात किया गया है।बंगाल की खाड़ी में बने सिस्टम के असर से शहर सहित पूरे जिले में बीते 24 घंटों के भीतर बारिश दर्ज की गई। वेधशाला से प्राप्त आकंड़े के अनुसार गुरुवार रात 8 बजे से शुरू हुई बारिश शुक्रवार सुबह तक रुक रुक कर होती रही। जिससे करीब 31.4 मिमी (करीब 1.23 इंच) बारिश दर्ज की गई। जबकि बीते 24 घंटे में अब तक पोन दो इंच बारिश दर्ज हुई है। मौसम विज्ञान केंद्र भोपाल ने शुक्रवार को भी शहर सहित उज्जैन जिले में बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है।

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उज्जैन जिले के कई इलाकों में गुरुवार शुक्रवार रात से हुई झमाझम बारिश के बाद एक बार फिर शिप्रा नदी का जल स्तर बढ़ गया। जिससे रामघाट पर स्तिथ कई मंदिर डूब गए। वही नदी की छोटी रपट के ऊपर से शिप्रा नदी का पानी बहने लगा, जिसके कारण पुलिया को बंद कर दिया गया।उज्जैन और आसपास के इलाकों में हो रही तेज बारिश के बाद मौसम सुहाना हो गया है। किसानो की कुछ चिंता भी कम हुई है। गुरुवार से शुरू हुई बारिश शुक्रवार रात और सुबह तक होती रही। जिसके कारण शिप्रा नदी का जल स्तर बढ़ने लगा। देखते ही देखते शिप्रा नदी की छोटी रपट डूब गई और इधर रामघाट पर भी पानी बढ़ने लगा जिससे घाट पर स्थित कई मंदिरो में पानी घुस गया और ाकि छोटे बड़े मंदिर डूबने लगे। जिससे बड़ी संख्या में तर्पण और अन्य पूजन पाठ करने वाले श्रद्धालुओं को रोक दिया गया। किसी ही अनहोनी को रोकने के लिए शिप्रा तैराक दल और होमगार्ड के जवानों को तैनात किया गया है।बंगाल की खाड़ी में बने सिस्टम के असर से शहर सहित पूरे जिले में बीते 24 घंटों के भीतर बारिश दर्ज की गई। वेधशाला से प्राप्त आकंड़े के अनुसार गुरुवार रात 8 बजे से शुरू हुई बारिश शुक्रवार सुबह तक रुक रुक कर होती रही। जिससे करीब 31.4 मिमी (करीब 1.23 इंच) बारिश दर्ज की गई। जबकि बीते 24 घंटे में अब तक पोन दो इंच बारिश दर्ज हुई है। मौसम विज्ञान केंद्र भोपाल ने शुक्रवार को भी शहर सहित उज्जैन जिले में बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है।

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भोपाल। मध्य प्रदेश में गुरुवार को श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व की धूमधाम से मनाया जा रहा है। श्री कृष्ण मंदिरों को बड़े आकर्षक तरीके से सजाया गया है। इस मौके पर राजधानी भोपाल में आज 100 से अधिक स्थानों पर मटकी फोड़ का आयोजन हो रहा है। राजधानी भोपाल समेत प्रदेश भर के श्री कृष्ण मंदिर आलकी की पालकी, जय कन्हैया लाल की.. के स्वर से गूंज रहे हैं। मंदिरों में रात 12 बजे भगवान का जन्मोत्सव बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाएगा।       श्री कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर श्री कृष्ण मंदिरों में आकर्षक साज-सज्जा की गई है। इसके साथ ही चल समारोहों के साथ मटकी फोड़ के आयोजन भी हो रही है। भोपाल के पटेल नगर स्थित इस्कॉन मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। यहां शाम से मंदिर में विशेष पूजन चल रहा है, जो देर रात तक जारी रहेगा। यहां मंदिर समिति द्वारा 40 हजार श्रद्धालुओं के हिसाब से प्रसाद बनाया है, जबकि व्रत वाले श्रद्धालुओं के लिए 25 क्विंटल साबूदाना की खिचड़ी भी बनाई है। यहां रात 12 बजे के बाद भगवान के पूजन के बाद श्रद्धालुओं को इस प्रसाद का वितरण किया जाएगा।   भोपाल के बिड़ला मंदिर में भी जन्माष्टमी पर्व की धूम है। मंदिर में आकर्षक साज-सज्जा की गई है। श्री कृष्ण जन्माष्टमी के लिए अहमदाबाद से भगवान के लिए पोशाक और ज्वैलरी मंगाई गई है। इस पोशाक में क्रिस्टल और डायमंड जड़े हैं, इसकी कीमत करीब डेढ़ लाख रुपये है। मंदिर के मैनेजर केके पांडे के अनुसार मंदिर में मां दुर्गा, शिवजी और हनुमान जी के लिए भी नई पोशाक मंगाई गई हैं। रात 12 बजे मंदिरों में भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनेगा। इस दौरान माखन मिश्री के साथ छप्पन भोग लगाकर अभिषेक किया जाएगा।

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भगवान महाकाल की नगरी और भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली उज्जैन में जन्माष्टमी का पर्व दो दिन तक मनाया जाएगा। बुधवार आधी रात में अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र होने से महाकाल मंदिर, सांदीपनि आश्रम और गोपाल मंदिर में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया जा रहा है।सांदीपनि आश्रम और गोपाल मंदिर​​ पर आकर्षक साज-सज्जा की गई है। दोनों मंदिर रंग बिरंगी रोशनी से नहा उठे है। यहां दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। भजन-कीर्तन का दौर चल रहा है।उज्जैन के श्री द्वारकाधीश गोपाल मंदिर पर भी दर्शन के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु उमड़े हैं। यहां शाम छह बजे से भगवान श्री द्वारकाधीश का पंचामृत अभिषेक पूजन करने के बाद अलौकिक शृंगार किया गया। मध्य रात्रि में भगवान की आरती के बाद जमकर आतिशबाजी की गई। इस बार दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए मंदिर के बाहर एलईडी स्क्रीन भी लगाई गई है।भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली सांदीपनि आश्रम में भी श्रद्धा और उत्साह से श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। मंदिर की साज-सज्जा इस बार भुट्टे और नींबू से की गई है। मंदिर के पुजारी पंडित रुपम व्यास ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण की पाठशाला में शैव मत के अनुसार जन्माष्टमी मनाने की परंपरा है।आश्रम की महिला मंडल की तैयार की गई मखमल की पोशाक भगवान को धारण कराई गई। अभिषेक पूजन के बाद मध्य रात्रि 12 बजे जन्म आरती की गई। गुरुवार सुबह भगवान लड्डू गोपाल को पालना में झुलाया जाएगा। दिनभर पंजीरी प्रसाद का वितरण होगा।श्री महाकालेश्वर मंदिर में भी बुधवार को जन्माष्टमी मनाई गई। महाकाल मंदिर में संध्या आरती के पहले मंदिर के पुजारियों ने मंदिर के नैवेद्य कक्ष में भगवान बाल गोपाल की पूजा-अर्चना कर भोग अर्पित किया। वहीं मंदिर परिसर में स्थित श्री साक्षी गोपाल मंदिर में भी श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया।

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, 'भारत की माटी में प्रकृति प्रेम है। भारत ने आज नहीं, बल्कि हजारों साल पहले कहा कि प्रकृति का शोषण मत करो, प्रकृति का दोहन करो। प्रकृति से उतनी मात्रा में ही चीजें लो, जिसकी भरपाई वो अपने आप कर पाए।CM और केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव की मौजूगदी में गुरुवार सुबह कुशाभाऊ ठाकरे सभागार (भोपाल) में 'इंटरनेशनल-डे ऑफ क्लीन एयर फॉर ब्लू स्काईज' का शुभारंभ हुआ। पहली बार है जब यह राष्ट्रीय कार्यक्रम दिल्ली से बाहर किया गया।स्वच्छ वायु सर्वेक्षण- 2023 में 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की कैटेगरी में इंदौर को प्रथम, आगरा को द्वितीय और महाराष्ट्र के ठाणे को तृतीय पुरस्कार दिया गया। कार्यक्रम में शहरों द्वारा वायु प्रदूषण कम करने के उत्तम प्रयासों के 'सार-संग्रह' का विमोचन किया गया।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, 'भारत कहता है कि एक ही चेतना हम सब में है। सभी प्राणियों में सद्भाव और विश्व का कल्याण हो, ऐसी कामना हम करते हैं। प्रधानमंत्री ने 'मिशन लाइफ' का संकल्प दिया। मध्यप्रदेश इन सभी संकल्पनाओं को धरातल पर लागू करने का काम कर रहा है।CM ने कहा, 'इंदौर को तो सभी प्रतियोगिता में प्रथम आने की आदत हो गई है। जिन शहरों को यहां पुरस्कार मिला है, उन्हें भी बधाई। मध्यप्रदेश के भोपाल को 5वां, जबलपुर को 13वां और ग्वालियर को 41वां स्थान मिला है। 3 से 10 लाख आबादी कैटेगरी में सागर को 10वां और 3 लाख से कम की आबादी में देवास को 6वां स्थान मिला है।

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सनातन की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोराना से करने वाले डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन पर कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा 'अगर सनातन धर्म को डेंगू-कोरोना कहते हैं तो वो भी कोरोना और डेंगू की औलाद ही कहलाएंगे।'कथावाचक मिश्रा इन दिनों छिंदवाड़ा में हैं। वे यहां 5 से 9 सितंबर तक 16 सोमवार के महत्व पर कथा कर रहे हैं। सिमरिया हनुमान में तीसरे दिन की कथा से पहले मीडिया से बातचीत में पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा - 'उनके माता-पिता से पूछा जाए, वे सनातनी नहीं हैं? उनके दादा-परदादा सनातनी नहीं थे? अगर सनातन धर्म को डेंग, मलेरिया और कोरोना कहते हैं तो वो भी तो कोरोना और डेंगू की औलाद ही कहलाएंगे।'धर्म और राजनीति के सवाल पर पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा, 'आदीकाल से राजनीति और धर्म एक साथ चले आ रहे हैं। दशरथ जी महाराज हों, जनक जी महाराज हों, विक्रमादित्य महाराज हों, इनके साथ धर्मगुरु बैठते आए हैं। वे अपना मार्गदर्शन देते रहे हैं। राजनीति में धर्म अपना मार्गदर्शन थोड़ा-थोड़ा देता रहा है। पूर्ण तरह से धर्म के अंदर राजनीति नहीं होना चाहिए, न ही राजनीति के अंदर पूरी तरह से धर्म होना चाहिए।'

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मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान और केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव की उपस्थिति में 7 सितम्बर गुरूवार को सुबह 11 बजे कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में अंतर्राष्ट्रीय स्वच्छ वायु दिवस-2023 (इंटरनेशनल-डे ऑफ क्लीन एयर फॉर ब्ल्यू स्काईज) के राष्ट्रीय कार्यक्रम का शुभारंभ होगा। "टूगेदर फॉर क्लीन एयर" पर केन्द्रित कार्यक्रम में केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री  अश्विनी कुमार चौबे, प्रदेश के पर्यावरण मंत्री  हरदीप सिंह डंग, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री  भूपेन्द्र सिंह विशिष्ट अतिथि होंगे। यह पहला मौका है कि "इंटरनेशनल-डे ऑफ क्लीन एयर फॉर ब्ल्यू स्काईज'' का राष्ट्रीय कार्यक्रम दिल्ली से बाहर किसी राज्य में किया जा रहा है।प्रमुख सचिव पर्यावरण गुलशन बामरा ने बताया कि राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम में शहरों द्वारा वायु प्रदूषण कम करने के उत्तम प्रयासों के "सार-संग्रह" का विमोचन भी होगा। इससे अन्य शहरों द्वारा स्वच्छ वायु की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को गति मिलेगी। केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा मध्यप्रदेश पर्यावरण विभाग के सहयोग से भोपाल में होने वाले स्वच्छ वायु दिवस राष्ट्रीय कार्यक्रम में स्वच्छ वायु सर्वेक्षण-2023 में प्रथम तीन स्थान पाने वाले शहरों को भी पुरूस्कृत किया जायेगा। मध्यप्रदेश ने इसमें विशेष सफलता हासिल की है। दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की श्रेणी में इंदौर ने प्रथम और भोपाल ने 5वाँ स्थान, जबलपुर ने 13वाँ और ग्वालियर ने 41वाँ स्थान प्राप्त किया है। तीन से 10 लाख तक शहरों की श्रेणी में सागर को देश में 10वाँ और 3 लाख से कम आबादी वाले शहरों में देवास को 6वाँ स्थान मिला है।

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आयुष विभाग ने आयुष पद्धतियों आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी और योग तथा प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा का विस्तार किया है। पिछले 3 वर्षों में विभाग ने आयुर्वेद महाविद्यालय उज्जैन के प्रशासनिक एवं चिकित्सालय भवन, भोपाल एवं नरसिंहपुर में 50 बिस्तरीय चिकित्सालय भवन का निर्माण पूरा किया है। साथ ही आयुष चिकित्सा पद्धति के 29 औषधालय एवं 11 जिला आयुष कार्यालयों के भवनों का निर्माण पूरा किया गया है।विभाग ने इस अवधि में 533 सीएचओ (आयुष कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर), 708 अंशकालीन योग प्रशिक्षक और सहायक की नियुक्ति भी की है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले दिनों एक कार्यक्रम में 332 आयुष पैरा-मेडिकल कर्मियों को नियुक्ति-पत्र वितरित किये थे।

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गौ-वंश में लम्पी स्किन डिज़ीज़ की रोकथाम के लिये प्रदेश में प्रतिदिन की मॉनीटरिंग के फलस्वरूप बीमारी का प्रकोप पिछले 15 दिनों में कम होता दिख रहा है एवं स्थिति नियंत्रण में है। प्रदेश में अब तक 51 लाख 10 हजार 864 पशुओं का एलएसडी रोग प्रतिबंधात्मक टीकाकरण किया जा चुका है। संदिग्ध पशुओं का सतत उपचार जारी है। प्रदेश में एलएसडी वैक्सीन की 44 लाख डोज और पर्याप्त मात्रा में दवाइयाँ उपलब्ध हैं।प्रमुख सचिव पशुपालन एवं डेयरी श्री गुलशन बामरा ने बताया कि भोपाल जिले में लम्पी बीमारी के प्रथम प्रकरण की सूचना 25 अगस्त 2023 को मिली थी, जिसकी पुष्टि 31 अगस्त को राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा प्रयोगशाला द्वारा की गई। विगत एक माह में भोपाल जिले में कुल 43 पशु प्रभावित हुए हैं, जिनमें से 35 के स्वास्थ्य में सुधार हो चुका है। वर्तमान में एलएसडी से पीड़ित 8 पशु उपचाररत हैं।संक्रमित पशुओं को पशु आश्रय स्थल 'आसरा' में क्वारेंटाइन कर उपचार किया जा रहा है। भोपाल नगर निगम द्वारा लम्पी संदिग्ध पशुओं को रखने की अस्थाई व्यवस्था (क्वारेंटाइन सेंटर) नबी बाग के कांजी हाउस में बनाये जाने के भी प्रयास किये जा रहे हैं। इसमें पशुओं के उपचार का कार्य पशुपालन विभाग द्वारा किया जायेगा।में लम्पी स्किन डिज़ीज़ की रोकथाम के लिये प्रदेश में प्रतिदिन की मॉनीटरिंग के फलस्वरूप बीमारी का प्रकोप पिछले 15 दिनों में कम होता दिख रहा है एवं स्थिति नियंत्रण में है। प्रदेश में अब तक 51 लाख 10 हजार 864 पशुओं का एलएसडी रोग प्रतिबंधात्मक टीकाकरण किया जा चुका है। संदिग्ध पशुओं का सतत उपचार जारी है। प्रदेश में एलएसडी वैक्सीन की 44 लाख डोज और पर्याप्त मात्रा में दवाइयाँ उपलब्ध हैं।प्रमुख सचिव पशुपालन एवं डेयरी श्री गुलशन बामरा ने बताया कि भोपाल जिले में लम्पी बीमारी के प्रथम प्रकरण की सूचना 25 अगस्त 2023 को मिली थी, जिसकी पुष्टि 31 अगस्त को राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा प्रयोगशाला द्वारा की गई। विगत एक माह में भोपाल जिले में कुल 43 पशु प्रभावित हुए हैं, जिनमें से 35 के स्वास्थ्य में सुधार हो चुका है। वर्तमान में एलएसडी से पीड़ित 8 पशु उपचाररत हैं।संक्रमित पशुओं को पशु आश्रय स्थल 'आसरा' में क्वारेंटाइन कर उपचार किया जा रहा है। भोपाल नगर निगम द्वारा लम्पी संदिग्ध पशुओं को रखने की अस्थाई व्यवस्था (क्वारेंटाइन सेंटर) नबी बाग के कांजी हाउस में बनाये जाने के भी प्रयास किये जा रहे हैं। इसमें पशुओं के उपचार का कार्य पशुपालन विभाग द्वारा किया जायेगा।

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ये कहानी है, अजब के प्रेम में अचानक गजब का रोड़ा आने की। 3 बच्चों की मां एक मंदिर में काम करने वाले मजदूर को दिल दे बैठी। लव और रिलेशनशिप में उसने पति और बच्चों को छोड़कर मजदूर प्रेमी को अपना लिया। बात पुलिस तक पहुंची तो महिला ने शपथपत्र देकर कहा, वो मर जाएगी लेकिन प्रेमी को नहीं छोड़ेंगी। आखिरकार, मामला एक थाने से दूसरे थाने पहुंचा तो कहानी ही बदल गई। महिला अपने पति के साथ जाने को तैयार हो गई।‌ वहीं प्रेमी जेल की सलाखों के पीछे जाएगा।खंडवा में सोमवार के दिन दो पक्षों के लोग महिला थाना पहुंचे थे। पहले पक्ष में एक महिला के साथ उसका प्रेमी था। वहीं दूसरे पक्ष में महिला का पति, उसकी सास और सबसे छोटी बेटी थी।‌ पति को पुलिस पर भरोसा था कि वो नासमझ पत्नी को उसके आशिक के कब्जे से लौटा देंगे। महिला थाने पर घंटों तक काउंसलिंग चली, पति-पत्नी और उसके प्रेमी के बयान हुए। पत्नी अड़ी रही कि वो सिर्फ प्रेमी के साथ जाएगी। पति और पुलिस ने समझाया, परिवार और बच्चों की दुहाई दी लेकिन बात नहीं बन पाई। फिर सभी को पंधाना थाना ले जाया गया।‌पुलिस थाना पंधाना में महिला की गुमशुदगी दर्ज थी।‌ महिला का पति इसी क्षेत्र के एक गांव में रहता है। महिला थाने की टीम ने प्रेमी और महिला को पुलिस के हवाले कर दिया। यहां भी पुलिस पूछताछ में महिला ने प्रेमी के साथ रहने की बात कही।‌ कहने लगी कि मैं प्रेमी के साथ ही रहूंगी। टीआई संजय पाठक ने सख्ती से पूछताछ की तो महिला का डर सामने आया। पुलिस ने न्याय और मदद का भरोसा दिलाया तो महिला ने प्रेमी के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज करवाया। इसके बाद पुलिस ने महिला के दो अन्य बच्चों को उसके सामने खड़ा कर दिया।‌ फिर वह पति के साथ घर जाने को राजी हो गई।दरअसल, एक परिवार मजदूरी के लिए गांव से खंडवा आया था।‌‌ यहां वह कहारवाड़ी में किराए के मकान में रहने लगे। पति रेडीमेड कपड़ों का ठेला लगाता तो पत्नी झाड़ू-बर्तन साफ करने का काम करती थी। वह सराफा बाजार के आसपास रहवासी इलाकों में जाती थी।‌ ताकि शहर में रहकर दिहाड़ी की दिहाड़ी हो जाए और बच्चों की पढ़ाई-लिखाई भी। लेकिन काम के दौरान जैन मंदिर का एक मजदूर महिला के करीब आ गया। वह महिला पर डोरे डालने लगा। आखिरकार दोनों में प्रेम हो गया। प्रेमी की खातिर महिला ने तो घर ही छोड़ दिया। महीने भर बाद अब घर वापसी हो पाई है। महिला के बयान पर पुलिस ने प्रेमी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर लिया।‌ वह पुलिस हिरासत में हैं।‌ टीआई संजय पाठक के मुताबिक, आरोपी को मंगलवार जेल भेजेंगे।

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रतलाम में एक ऑटो चालक ने 1 लाख रुपये और मोबाइल रखा बेग वापस लौटाकर ईमानदारी की मिसाल पेश की है। घटना सोमवार रात की है जहां उज्जैन से रतलाम आई एक महिला ऑटो में बैठकर अपने घर पहुंची थी। लेकिन वह अपना बैग ऑटो में ही भूल गई। बैग में करीब 1 लाख 11 हजार रुपये नगद और महिला का मोबाइल रखा था। मोबाइल से भरा बैग ऑटो चालक मोहम्मद दीन के ऑटो में बैठी अन्य सवारी ने देखा और मोहम्मद पर्स को संभाल कर रख लिया। इसके बाद वह अपने साथी चंद्र प्रकाश के साथ स्टेशन रोड थाने पहुंचा और वहां मौजूद पुलिसकर्मियों को बैग सुपुर्द कर दिया । बैग में रखें मोबाइल के आधार पर महिला को सूचना दी गई और महिला के थाने पहुंचने पर उन्हें उनका सामान सुरक्षित वापस लौटाया गया।दरअसल ईमानदारी की मिसाल पेश करने वाले मोहम्मद दीन ऑटो चलाकर अपना परिवार चलाते हैं। जैसे ही मोहम्मद ने अपने ऑटो में रखा बैग देखा तो उसने अपने साथी चंद्र प्रकाश को बताया। इसके बाद दोनों ने नजदीकी थाने पहुंचकर बैग लौटने का निर्णय लिया। यह बैग उज्जैन निवासी रेखा वोहरा का था जो अपने मायके रतलाम आई हुई थी । जल्दबाजी में वह अपना बैग ऑटो में ही भूल गई थी। ऑटो चालक ने जब स्टेशन रोड थाने पर बैग लौट आया तो वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने बैग में रख मोबाइल के माध्यम से महिला को सूचना देकर बुलाया और थाने पर उन्हें रुपए और बैग वापस लौटाया गया। ऑटो चालक के ईमानदारी भरे व्यवहार पर महिला और उनके परिवार जनों ने उन्हें धन्यवाद भी ज्ञापित किया। वहीं, थाने पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने भी मोहम्मद दिन और चंद्र प्रकाश के कार्य की सराहना की।

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ग्वालियर में पुलिस ने अपने ही अंदाज में शिक्षक दिवस मनाया है। पुलिस ने हाइवे से गुजरने वाले दोपहिया वाहन सवार शिक्षकों को रोककर पहले हल्दी और चावल से तिलक किया फिर माला पहनाई। इसके बाद उनको हेलमेट भेंट कर उनको पूजा है। साथ ही उनको बताया है कि आज हम या कोई भी अधिकारी बन सका हैतो आप जैसे शिक्षकों की बदौलत ही बन सका है। शिक्षक दिवस के मौके पर पुलिस अधिकारी अपने गुरु व शिक्षक के पास नहीं जा पाए हैं तो इन शिक्षकों का पूजन किया है। अक्सर पुलिस की चेकिंग देखकर वाहनों को मोड़कर भागने वाले वाहन सवार शिक्षकों ने जब अपना सम्मान होते देखा तो वह भी गदगद हो गए।ग्वालियर के घाटीगांव में हाइवे पर मंगलवार को पुलिस का एक सामाजिक चेहरा फिर सामने आया है। मंगलवार 5 सितंबर को शिक्षक दिवस है। इस पर पर घाटीगांव SDOP संतोष पटेल ने खास बना दिया। घाटीगांव थाना प्रभारी शैलेन्द्र गुर्जर को साथ लेकर उन्होंने शिक्षकों को सम्मानित करने की नई मुहीम छेड़ दी। SDOP संतोष पटेल, घाटीगांव थाना प्रभारी शैलेन्द्र सिंह हाइवे पर हेलमेट लेकर खड़े हो गए। जैसे ही वहां घाटीगांव सर्कल के स्कूलों मंे पढ़ाने वाले शिक्षक निकले तो पुलिस ने उन्हें रोका। पहले तो शिक्षक भी घबराए नजर आए, लेकिन बाद में जब पुलिस अफसरों ने उनका हल्दी चावल से टीका किया और शिक्षक के नाते पूजन किया। इसके बाद माला पहनाकर उनसे आशीर्वाद लिया फिर आखिर में उनको उपहार स्वरूप हेलमेट दिया गया। यहां शिक्षकाें से अपील की गई कि वह खुद भी हेलमेट पहने और आने वाली पीढी को भी हेलमेट पहनकर नियम में चलने की शिक्षा दें।जब पुलिस हाइवे पर शिक्षकों को रोक रही थी तो वह पुलिस को देखते ही भागते हुए नजर आए। उन्हें लगा पुलिस चेकिंग कर रही है। कुछ हाथ में हेलमेट टांगकर चल रहे थे। उन्होंने दूर से ही पुलिस को देखकर वाहन रोका और पहले हेलमेट पहना फिर वहां से गुजरे। जब उनको पता लगा कि शिक्षक दिवस पर पुलिस शिक्षकों का सम्मान कर रही है, तो फिर शिक्षकांे की जान में जान आई।

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भोपाल। प्रदेश में कम वर्षा के कारण सूखे की आशंका को बढ़ा दिया है। वहीं, मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान सोमवार को वर्षा की कामना से भगवान महाकाल से प्रार्थना कर रहे हैं। ऐसे में मौसम विभाग ने प्रदेश के चिंतित किसानों और नागरिकों को खुशखबरी दी है। विभाग का कहना है कि बीते 11 दिनों से प्रदेश में मानसून पर लगा ब्रेक मंगलवार से हट सकता है। बंगाल की खाड़ी से मानसूनी सिस्टम एक्टिव होने से एक बार फिर बारिश शुरू हो सकती है। सोमवार को कुछ हिस्सों में ही बारिश होगी, लेकिन 5 सितंबर से अधिकांश हिस्सों में सिस्टम एक्टिव हो जाएगा।   तेज बारिश से पहले फिलहाल प्रदेश में गर्मी का असर है। भोपाल में रविवार को पूरे दिन तीखी धूप खिली रही। वहीं, उमस का असर भी रहा। इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन में भी गर्मी का असर देखने को मिला। ग्वालियर में पारा सबसे ज्यादा रहा। इधर, दोपहर बाद नर्मदापुरम जिले के इटारसी में कुछ देर तक तेज बारिश हुई। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में मानसून ने 24 जून को एंट्री की थी। शुरुआती कुछ दिनों में अच्छी बारिश हुई और ज्यादातर जिले सरप्लस में चले गए थे, लेकिन जुलाई और फिर अगस्त में मानसून ने बेरुखी दिखाई। इसके चलते प्रदेश में 1 जून से अब तक ओवरऑल बारिश का आंकड़ा 18% तक गिर चुका है। प्रदेश में अब तक औसत 26.07 इंच बारिश हुई है, जबकि अब तक 31.81 इंच बारिश हो जानी चाहिए थी। प्रदेश की सामान्य बारिश औसत 37.36 इंच है।   मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि सोमवार को प्रदेश में मानसून ब्रेक खत्म हो जाएगा। ऐसा बंगाल की खाड़ी में सिस्टम एक्टिव होने से होगा। 6 से 7 सितंबर तक लो प्रेशर एरिया एक्टिव हो सकता है। इससे पूर्वी हिस्से में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी मौसम बदला रहेगा। यह सिस्टम 18 से 19 सितंबर तक एक्टिव रह सकता है।   मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में धूप-छांव वाला मौसम रहेगा। राजधानी भोपाल में बादल रहेंगे, जबकि जबलपुर में हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। पूर्वी हिस्से में कहीं-कहीं बारिश होने का अनुमान भी है। ग्वालियर, इंदौर में गर्मी का असर रह सकता है।

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भोपाल। मध्यप्रदेश में राजस्व अधिकारियों ने सोमवार से 3 दिन के सामूहिक अवकाश पर जाने का फैसला टाल दिया है। रविवार रात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से चर्चा के बाद उन्होंने यह फैसला किया है। प्रदेश के तहसीलदार और नायब तहसीलदार वेतन विसंगति दूर करने की मांग कर रहे हैं। सुनवाई नहीं होने पर सोमवार से ये अवकाश पर जाने वाले थे।     प्रदेश भर में ग्रेड पे और अन्य मांगों को लेकर पटवारी पहले से ही हड़ताल पर हैं, जिससे राजस्व संबंधी कार्य प्रभावित हो रहे हैं। इसी बीच प्रदेश के राजस्व अधिकारियों ने भी सोमवार से तीन दिन के सामूहिक अवकाश पर जाने की चेतावनी देकर सरकार की मुश्किलों को और बढ़ा दिया था। संघ के सूत्रों के अनुसार रविवार को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से उनकी चर्चा हुई, जिसमें मुख्यमंत्री ने उन्हें मांगों के संबंध में आश्वासन दिया है। इसके बाद प्रस्तावित हड़ताल टाल दी गई है। राजस्व अधिकारियों की प्रमुख मांगों में तहसीलदारों को 4200 के बजाय 4800 का ग्रेड पे जबकि नायब तहसीलदारों को 3600 के बजाय 4200 का ग्रेड पे देने की मांग शामिल हैं।

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भोपाल। सावन-भादौ मास में निकलने वाली सवारियों के क्रम में आज भादौ मास के पहले सोमवार को विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकाल की नौवीं सवारी धूमधाम से निकाली जाएगी। इस दौरान भगवान महाकाल भक्तों को एक साथ नौ स्वरूपों में दर्शन देंगे। महाकालेश्वर मंदिर से शाम 4.00 बजे शाही ठाठबाट के साथ सवारी शुरू होगी। अवंतिकानाथ चांदी की पालकी में चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव, नंदी पर उमा-महेश, रथ पर होलकर, घटाटोप, जटाशंकर, रुद्रेश्वर व चंद्रशेखर स्वरूप में विराजित होकर अपनी प्रजा का हाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकलेंगे।     महाकाल मंदिर से शुरू होकर सवारी कोटमोहल्ला, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंचेगी। यहां पुजारी शिप्रा जल से भगवान का अभिषेक कर पूजा अर्चना करेंगे। पूजन पश्चात सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, ढाबारोड, टंकी चौराहा, छत्रीचौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार होते हुए शाम 7ः30 बजे पुन: महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी।     उत्तम वर्षा के लिए सीएम करेंगे अनुष्ठानः सवारी निकलने से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज उज्जैन पहुंचेंगे और प्रदेश में अच्छी बारिश होने के लिए महाकालेश्वर मंदिर में अनुष्ठान करेंगे। वे यहां भगवान महाकाल का पंचामृत अभिषेक पूजन कर अनुष्ठान की शुरुआत करवाएंगे।

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सिवनी। जिले के बंडोल थाना क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर भोमाखेड़ा के पास शनिवार देर रात एक ट्रक में अचानक आग लग गई। आग इतनी भीषण थी कि थोड़ी देर में ट्रक धू-धू कर पूरी तरह से जल गया। ट्रक में मौजूद चालक ने किसी तरह समय रहते कूदकर अपनी जान बचाई। सूचना के बाद मौके पर पहुंची दमकल की गाड़ी ने मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।     बंडोल थाना प्रभारी राजेश दुबे ने बताया कि शनिवार की रात कुशा की चटाइयाें से भरा हुआ एक ट्रक नागपुर से जबलपुर की ओर जा रहा था। इस दौरान बंडोल और भोमाखेड़ा के बीच अचानक अज्ञात कारणों से ट्रक में आग लग गई। आग इतनी भीषण थी कि ट्रक धू-धू कर पूरी तरह से जल गया। चालक ने कूदकर अपनी जान बचाई। इस बीच स्थानीय लोगों ने बंडोल पुलिस और दमकल वाहन को आगजनी की सूचना दी। सूचना मिलते ही तुरंत दमकल वाहन मौके पर पहुंचा, लेकिन तब तक ट्रक चल चुका था। ट्रक में आग लगने की घटना के चतले फोरलेन सड़क के एक हिस्से में आवागमन बाधित हो गया। मौके पर मौजूद पुलिस बल ने वाहनों को दूसरे हिस्से में डायवर्ट कर हाइवे से रवाना किया। ट्रक में आग किन कारणों से भड़की, यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। ट्रक में लगी के आग के कारण इसमें सवार ड्रायवर व हेल्पर भी झुलस गए हैं, जिन्हें उपचार के लिए भेज दिया गया है। घायलों के बारे में जानकारी ली जा रही है। पुलिस पूरे घटनाक्रम की जांच की जा रही है।

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भोपाल। बुंदेलखंड की अयोध्या और भगवान श्री राम राजा सरकार की नगरी ओरछा में सोमवार को भव्य रामराजा लोक का लोकार्पण उत्सव मनाया जा रहा है। भक्त और भगवान के बीच राजा और प्रजा के संबंधों वाली इस नगरी में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा भव्य एवं अद्भुत श्री रामराजा लोक का भूमिपूजन किया जाएगा। जनसम्पर्क अधिकारी प्रलय श्रीवास्तव ने बताया कि ओरछा का केन्द्र बिन्दु श्रीराम राजा मंदिर है, जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं तथा पर्यटकों का आगमन होता है। श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों की भावनाओं तथा सुविधाओं को देखते हुए ओरछा में राजाराम लोक का विकास प्रस्तावित है। इसमें प्रवेश द्वार के साथ प्लाजा का विकास, प्रसादालय, कतार परिसर, जानकी मंदिर परिसर का विकास, फूड प्लाजा, आसपास की दुकानों की पुनर्स्थापना एवं जनसमूह प्रबंधन, दुकानों का सौन्दर्यीकरण आदि श्रीराम के बाल स्वरूप एवं राम राजा के दरबार के वर्णन सहित गलियारे एवं प्रागंण का विकास होगा। साथ ही प्रांगण में रामायण से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण वस्तुओं का इस्तेमाल किया जाएगा। सुन्दर कमल नयन से प्रेरित कमल स्तम्भ और पुष्पक विमान देखने को मिलेंगे। इस मध्य लोक में ही स्थानीय वास्तुकला मंदिर प्रांगण और ऐतिहासिक इमारतों का अनूठा स्वरूप बखूबी देखने को मिलेगा। रामराजा लोक की वास्तुकला बुंदेलखंड की प्रमाणिकता और अखडण्ता का उदाहरण होगी। उल्लेखनीय है कि तत्कालीन बुन्देला शासकों द्वारा निर्मित स्मारकों हेतु प्रसिद्ध ओरछा एक हिन्दू तीर्थ स्थल है, जहाँ बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं तथा पर्यटकों का आगमन होता है। इसलिए प्रदेश शासन द्वारा श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों की भावनाओं तथा सुविधाओं को दृष्टिगत रखते हुए ओरछा में श्री रामराजा मंदिर परिसर में श्री रामराजा लोक तथा अन्य स्मारकों के संरक्षण एवं विकास कार्यों हेतु विभिन्न प्रोजेक्ट बनाकर स्वीकृतियां प्रदान की गई है। ओरछा के केन्द्र बिन्दु श्री रामराजा मंदिर परिसर एवं आसपास के क्षेत्र को भव्य स्वरूप देते हुये श्री राजाराम लोक का विकास प्रस्तावित है। इस हेतु कुल 81.00 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। वर्तमान में श्रीरामराजा मंदिर परिसर लगभग 2.86 एकड़ में स्थित है। मंदिर के आसपास लगभग 12 एकड़ क्षेत्र में श्री रामराजा लोक विकसित किया जाएगा। श्रीरामराजा लोक का प्रारंभ प्रवेश द्वार पर भव्य दरबार गलियारे से होगा तथा लोक का विकास दो भागों में किया जाएगा। जिसमें बाल काण्ड प्रागंण श्री राम की बाल्य लीलाओं से प्रेरित होगा तथा उत्तर काण्ड को चित्र प्रस्तुतियों से प्रदर्शित किया जाएगा। श्री राम भगवान के राजा के रूप में कथाओं के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा, साथ ही राजभोग पाकशाला का विकास तथा प्लाजा भी दर्शनार्थियों की सुविधा हेतु विकसित किया जाएगा। राज्य पुरातत्व द्वारा स्मारकों के संरक्षण के कार्य भी होंगे। ओरछा में राज्य पुरातत्व विभाग द्वारा 48 स्मारकोँ को संरक्षित घोषित किया गया है। उक्त स्मारकों के संरक्षण, अनुरक्षण एवं रख रखाव की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुये कुल 8.41 करोड़ के 19 कार्य स्वीकृत किये गये हैं, जिनमें से 10 कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं तथा शेष 9 कार्य प्रगति पर हैं। ओरछा को यूनेस्को विश्व धरोहरों में सम्मिलित करने हेतु भारत सरकार को डोजियर प्रेषित किया गया है। ओरछा के स्मारक विश्व प्रसिद्ध है। इसे विश्व पटल पर लाने हेतु वर्ष 2022 में एवं नामिनेशन डोजियर तैयार करवाकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को प्रेषित किया जा चुका है। इसे यूनेस्को को प्रेषित कर ओरछा को यूनेस्को विश्व धरोहरों में सम्मिलित करने हेतु सरकार से अनुरोध किया जाएगा। यूनेस्को द्वारा भारत में ओरछा एवं ग्वालियर का प्रथम बार चयन कर हिस्टोरिक अर्बन लैण्डस्केप के गाइडलाइन बनाये गये हैं, जिसे ओरछा के मास्टर प्लान में सम्मिलित किये जाने की योजना है, ताकि ओरछा का विकास इसकी ऐतिहासिक संस्कृति के अनुरूप हो सके।

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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उज्जैन। भारत के चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ जनरल अनिल चौहान, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गर्वनर शक्तिकांत दास, भारतीय थल सेना की पूर्वी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राणा प्रताप कलिता और डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) की महानिदेशक डॉ. चंद्रिका कौशिक ने शनिवार को महाकालेश्वर मंदिर पहुच कर श्री महाकालेश्वर भगवान का पूजन- अभिषेक किया।   इस दौरान मंदिर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गर्वनर शक्तिकांत दास ने कहा कि महाकाल के भरोसे दुनिया चल रही है। सबका मंगल हो प्रार्थना की है। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबन्ध समिति की ओर से कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम, प्रशासक एवं अपर कलेक्टर संदीप सोनी द्वारा महाकालेश्वर भगवान का चित्र, उत्तरीय वस्त्र व प्रसाद भेट कर सम्मान किया गया ।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार 1 सितंबर को लिव-इन रिलेशनशिप पर टिप्पणी की कोर्ट ने कहा कि जानवरों की तरह हर मौसम में पार्टनर बदलने का कॉन्सेप्ट एक सभ्य और स्वस्थ समाज की निशानी नहीं हो सकता व्यक्ति को शादी में जो सुरक्षा, सामाजिक स्वीकृति और ठहराव मिलता है, वह कभी भी लिव-इन रिलेशनशिप में नहीं मिल सकता।शादीशुदा लिव-इन पार्टनर से रेप करने के आरोपी व्यक्ति को जमानत देते हुए जस्टिस सिद्धार्थ की सिंगल बेंच ने कहा कि ऊपरी तौर पर लिव-इन का रिश्ता बहुत आकर्षक लगता है, लुभाता है। समय बीतने के साथ उन्हें एहसास होता है कि इस रिश्ते की कोई सामाजिक स्वीकृति नहीं है। इससे युवाओं में हताशा बढ़ने लगती है। सहारनपुर के रहने वाले अदनान पर उसकी लिव-इन पार्टनर ने रेप का आरोप लगाया था। दोनों एक साल तक लिव-इन रिलेशनशिप में रहे और इस दौरान लड़की प्रेग्नेंट हो गई। इसे लेकर जज ने कहा कि देश में शादी के इंस्टीट्यूशन को खत्म करने के लिए सुनियोजित कोशिशें हो रही हैं। कई तथाकथित देशों की तरह हम भी उस राह पर जा रहे हैं, जहां भविष्य में हमारे लिए बड़ी परेशानी खड़ी हो सकती है कोर्ट ने कहा कि लिव-इन रिलेशनशिप को तभी सामान्य माना जा सकता है, जब शादी का संस्थान पूरी तरह प्रचलन से बाहर हो जाए, जैसे कई तथाकथित विकसित देशों में शादी इंस्टीट्यूशन को बचाना मुश्किल हो गया है। हम भी उस राह पर जा रहे हैं, जहां भविष्य में हमारे लिए बड़ी परेशानी खड़ी हो सकती है

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भोपाल। मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड के ज्वाइंट डायरेक्टर (वित्त) वरुण वडेरिया ने यूरोप की सबसे ऊंची चोटी ‘माउंट एल्ब्रुस’ पर तिरंगा लहराया है। यह जानकारी शुक्रवार को पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव एवं मप्र टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक शिव शेखर शुक्ला ने दी। उन्होंने इस उपलब्धि पर वडेरिया को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने बताया कि वरुण वडेरिया ने इंटरनेशनल फेडरेशन फॉर क्लाइबिंग एंड माउंटेनियरिंग से मान्यता प्राप्त संस्था नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ उत्तरकाशी से माउंटेनियरिंग कोर्स किया है। वडेरिया एक प्रशिक्षित पर्वतारोही हैं, जिनका लक्ष्य सेवन समिट (सप्त चोटी) पर तिरंगा फहराना है। सेवन समिट सात पारंपरिक महाद्वीपों में से प्रत्येक के सबसे ऊंचे पर्वत हैं। वरुण वडेरिया ने बताया कि समुद्र तल से 5642 मीटर ऊंचे ‘माउंट एल्ब्रुस’ पर चढ़ाई काफी चुनौतीपूर्ण रही। ऊंचाई पर तापमान माइनस 10 डिग्री सेल्सियस से भी कम रहता है और हवा का बहाव काफी तेज होता है। चोटी की खड़ी चढ़ाई में हवा और ठंड आपकी कठोर परीक्षा लेती है। इसलिये यह यूरोप की न सिर्फ सबसे ऊंची चोटी है बल्कि चुनौतीपूर्ण भी है। योग, प्राणायाम से मिला फायदा वडेरिया ने पर्वतारोहण से पहले कई स्तर पर तैयारी की थी। पिछले दो माह से रनिंग और योग कर रहे थे। उन्होंने बताया कि एल्ब्रुस चोटी पर ऑक्सीजन और एयर प्रेशर काफी कम हो जाता है। इसके प्रभाव से सांसे फूलने लगती हैं। लेकिन योग, प्राणायाम के कारण काफी फायदा मिला और औसत समय से पहले ही चढ़ाई पूरी कर ली।

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भोपाल। स्कूल शिक्षा विभाग का राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह आगामी 05 सितम्बर को भोपाल में आयोजित होगा। समारोह में राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार-2023 के लिए चयनित 14 शिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा। यह जानकारी जनसम्पर्क अधिकारी राजेश दाहिमा ने दी। उन्होंने बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग ने शुक्रवार को राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार-2023 के लिए चयनित शिक्षकों की सूची जारी की है। इसमें प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक श्रेणी में आठ और उच्चतर माध्यमिक शिक्षक श्रेणी में छह शिक्षकों का चयन किया गया है। इस तरह कुल 14 शिक्षकों को राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। समारोह में राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार-2022 प्राप्त दो शिक्षकों रायसेन जिले से नीरज सक्सेना और शाजापुर जिले से ओमप्रकाश पाटीदार को भी सम्मानित किया जाएगा। सम्मानित होने वाले शिक्षकों को आयोजन के बाद एक्सपोजर विजिट भी कराई जाएगी। जारी सूची के अनुसार, राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित शिक्षकों में प्राथमिक एवं माध्यमिक (कक्षा 1 से 8) शिक्षक श्रेणी में राजगढ़ जिले से प्राथमिक शिक्षक पूजा पनवार, बालाघाट जिले से प्राथमिक शिक्षक तिलोतमा कटरे, दमोह जिले से प्राथमिक शिक्षक संध्या तंतुवाय, सीधी जिले से प्राथमिक शिक्षक शैलेन्द्र प्रताप सिंह, इंदौर जिले से सहायक शिक्षक नमिता दुबे, ग्वालियर जिले से सहायक शिक्षक सुनीता पाठक, सिंगरौली जिले से माध्यमिक शिक्षक शरद कुमार पांडे एवं दमोह जिले से माध्यमिक शिक्षक विमल कुमार पटेल शामिल हैं। उच्चतर माध्यमिक (कक्षा 9-12) शिक्षक श्रेणी में मुरैना जिले से उच्च माध्यमिक शिक्षक राकेश कुमार शर्मा, उज्जैन जिले से शिक्षक राजेश राठौर, छिंदवाड़ा जिले से माध्यमिक शिक्षक मनीषा जैन, सागर जिले से माध्यमिक शिक्षक शालिनी, बड़वानी जिले से सहायक शिक्षक अजय यादव एवं उज्जैन जिले से प्राचार्य अशोक कुमार सक्सेना का चयन किया गया है।

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उज्जैन। शिप्रा नदी में डूबने से एक युवक की मौत हो गई। पुलिस ने बताया देवास के मनीष पुत्र राधेश्याम सेन की शिप्रा नदी में डूबने से मौत हो गई। महाकाल थाना पुलिस के अनुसार शुक्रवार सुबह मनीष अपने पुत्र अंकुश के साथ नदी में स्नान कर रहे थे। बेटे को उन्होंने नदी में ज्यादा अंदर नहीं जाने दिया, लेकिन वे गहराई में चले गए। इसी दौरान उनकी सांसें फूल गई और वे डूबने लगे। चिल्लाने की आवाज सुनकर बचाव दल पहुंच गया और उन्हें कुछ ही देर में नदी से निकाल लिया। परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे लेकिन डॉक्टर्स ने मौत की पुष्टि कर दी। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया।

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उज्जैन। प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार सुबह 11 बजे राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत (शिक्षा मंत्रालय) और जिला प्रशासन, उज्जैन (मध्य प्रदेश) के संयुक्त तत्वावधान में तथा मध्य प्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी भोपाल, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन, महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय, उज्जैन एवं अवंतिका विश्वविद्यालय, उज्जैन के सहयोग से उज्जैन में आयोजित पुस्तक मेले का शुभारंभ किया। यह मेला 06 सितम्बर तक दशहरा मैदान उज्जैन में आयोजित किया जा रहा है।     इस पुस्तक मेले में लगभग 30 जाने माने प्रकाशकों द्वारा हिंदी, अंग्रेजी, मालवी, संस्कृत एवं अन्य भारतीय भाषाओँ में प्रकाशित हज़ारों उत्कृष्ट पुस्तकें विक्रय हेतु उपलब्ध होंगी। इसके अलावा सभी आयु वर्ग के पाठकों के लिए लोकोपयोगी विज्ञान, लोकप्रिय सामाजिक विज्ञान, राष्ट्रीय व आत्म जीवनचरित, लोक-संस्कृति, भारतीय एवं विश्व साहित्य जैसे विषयों पर और प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु सहयोगी पुस्तकें भी मौजूद होंगी। प्रतिदिन साहित्यिक, सांस्कृतिक और बच्चों के लिए अनेक कार्यशालाओं व प्रतियोगिताओं का भी आयोजन होगा।   राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत न्यास द्वारा बच्चों के लिए प्रकाशित द्विभाषी पुस्तकों के साथ-साथ नई शृंखला इंडिया@75 भी मेले में उपलब्ध की जाएंगी जो पाठकों को हमारे स्वतंत्रता सैनानियों के जीवन और संघर्षों से परिचित कराती है। साथ ही प्रतिष्ठित पीएम युवा योजना के तहत प्रकाशित पुस्तकें भी उपलब्ध होंगी। मेले का समय प्रतिदिन प्रातः 11 बजे से रात्रि 8 बजे तक होगा। मेले में प्रवेश नि:शुल्क है व सभी के लिए किताबों पर न्यूनतम 10% की छूट होगी। इस अवसर पर लेखक, साहित्य प्रेमी, प्रकाशक और सभी पुस्तक प्रेमी सादर आमंत्रित हैं।

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इंदौर। मेट्रो के तीन कोच करीब 800 किलोमीटर का सफर तय करके बुधवार देर रात इंदौर पहुंचे। सात दिन पहले ये कोच गुजरात के सांवली से निकले थे। इन तीनों कोच को बड़े कंटेनर में 20 से 30 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से लाया गया। कोच 60-60 वजनी है। आज क्रेन की सहायता से इन कोचों को ट्राले से उतारा जाएगा, जिसके बाद इनकी पूजा की जाएगी।     गुजरात से चले मेट्रो ट्रेन के तीन कोच बुधवार शाम को इंदौर से चालीस किमी दूर झलारिया पहुंच गए थे। यहां इन्हें कुछ देर खड़ा रखा गया। देर रात शहर में भारी वाहनों की एंट्री शुरू होने पर उन्हें गांधी नगर स्टेशन तक लाया गया। मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के अधिकारियों ने बताया कि अगले माह के पहले पखवाड़े में मेट्रो ट्रेन ट्रैक पर नजर आएगी। इसी के साथ ट्रायल व लोकार्पण होगा। यार्ड में 25 ट्रेन रखने की क्षमता है।   कोचों को पटरी पर पहुंचाने के लिए फोर पाइंट जैक क्रेन मेट्रो डिपो में लाई गई है। बताया जाता है कि इसकी अनलोडिंग में समय लगेगा। हर कोच को मेट्रो डिपो में बने स्टेब्लिंग यार्ड में ले जाया जाएगा, जहां टेस्टिंग ट्रैक पर इन्हें चेक किया जाएगा। इसके बाद ही कोच इस्तेमाल किए जा सकेंगे। 14 सितंबर को मेट्रो ट्रेन का ट्रायल रन संभावित है। गांधी नगर से टीसीएस चौराहे तक 5.9 किलोमीटर ट्रैक पर मेट्रो का ट्रायल रन करना है। इस हिस्से में 5 स्टेशन आएंगे। हर स्टेशन पर 8-8 एस्केलेटर लगना हैं, लेकिन अभी सिर्फ 2 स्टेशन पर 3 एस्केलेटर लगे हैं। एक स्टेशन पर एस्केलेटर का काम जारी है।

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मध्यप्रदेश  में सावन मास की पूर्णिमा के मौके भोपाल के गुफा मंदिर में श्रावणी पर्व पूर्ण श्रद्धाभाव के साथ मनाया गया। इस मौके पर वेदपाठी, कर्मकांडी ब्राह्मणों ने जलाशयों में सामूहिक रूप से श्रावणी उपाकर्म, सप्तऋषि की पूजा अर्चना कर नवीन यज्ञोपवीत धारण किया  गुफा मंदिर में महंत रामप्रवेशदास महाराज के सान्निध्य में यह धार्मिक अनुष्ठान किया गया यहां 300 से अधिक वैदिक पंडितों ने मंत्रोच्चार के साथ पूजा अर्चना कर हेमाद्रि स्नान किया नए यज्ञोपवीत को धारण किया ब्राह्मण बटुकों को हेमाद्रि संकल्प स्नान कराकर कारण संस्कार कराया साथ ही जाने अनजाने में जो भी दोष लगे, उनका प्रायश्चित कर ब्राह्मणों ने अपने जनेऊ भी बदले वहीं इस दौरान ब्राह्मण एकता अस्मिता सहयोग एवं संस्कार मंच की ओर से शीतलदास की बगिया में पंचगव्य स्नान, उपाकर्म के बाद जनेऊ बदले, इस मौके पर सूर्य की आराधना की पंडित राकेश चतुवेर्दी एवं वैदिक पंडित अनिल शास्त्री ने बताया कि इस मौके पर वैदिक विद्वान ब्राह्मणों द्वारा वैदिक एवं पौराणिक मंत्रों से अभिमंत्रित आत्मरक्षा, धर्मरक्षा और राष्ट्ररक्षा के सूत्र संकल्पबद्ध किए गए इसके साथ ही शीतलदास की बगिया, गायत्री शक्तिपीठ, खटलापुरा में ब्राह्मणों ने नए जनेऊ धारण किए ज्योतिषाचार्यों ने बताया कि श्रावणी उपाकर्म श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को किया जाता है। इसके तहत पितरों का तर्पण कर जाने-अनजाने में हुए तमाम दोषों से मुक्ति के लिए प्रार्थना की जाती है ऐसा मान्यता है कि श्रावणी उपाकर्म करने से देवता व पितृ प्रसन्न होते हैं

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भोपाल। मानसून की गतिविधियां थमने के कारण प्रदेश में गर्मी का असर फिर बढ़ने लगा है। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में मानसून पर लगा ब्रेक 1-2 सितंबर को खत्म हो सकता है। जबलपुर-शहडोल संभागों समेत पूर्वी हिस्से में मध्यम से तेज बारिश का दौर फिर शुरू होगा। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, चंबल और नर्मदापुरम संभाग में भी मौसम बदलेगा, लेकिन तेज बारिश नहीं होगी। बारिश थमने के कारण प्रदेश में दिन और रात का तापमान बढ़ने लगा है। बुधवार को भी प्रदेश के कई शहरों में गर्मी का असर देखने को मिला। भोपाल में तेज धूप खिली रही। ग्वालियर में दिन का पारा 36 डिग्री तक पहुंच गया। सीधी में तापमान 36.4 और टीकमगढ़ में पारा 35 डिग्री रहा। भोपाल, बैतूल, धार, गुना, नर्मदापुरम, इंदौर, खंडवा, खरगोन, रायसेन, रतलाम, शिवपुरी, उज्जैन, छिंदवाड़ा, दमोह, जबलपुर, खजुराहो, मंडला, नरसिंहपुर, नौगांव, रीवा, सागर, सतना, सिवनी, उमरिया और मलांजखंड में तापमान 30 डिग्री से ज्यादा ही रहा।   प्रदेश में 25 अगस्त से मानसून की गतिविधियां थम गई थीं, जिसके बाद स्थानीय परिस्थितियों के असर से कहीं-कहीं बूंदाबांदी हो रही थी। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि पहले मानसून पर लगा यह ब्रेक 5-6 सितंबर तक रहने का अनुमान था, लेकिन परिस्थितियों में हुए बदलाव के कारण अब 1-2 सितंबर से ही पूर्वी हिस्से में मानसूनी एक्टिविटी शुरू हो जाएगी। मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटों में प्रदेश में कहीं भी बारिश होने का अनुमान नहीं है। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन और जबलपुर समेत प्रदेश के अधिकांश हिस्से में तेज धूप निकलेगी। लोकल सिस्टम की एक्टिविटी से कहीं-कहीं हल्की बूंदाबांदी हो सकती है।

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मुरैना। मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में बुधवार को ग्राम धनेला के पास स्थित साक्षी फूड प्रोडक्ट नामक एक फैक्टरी के बायलर में गैस रिसाव होने से पांच मजदूरों की मौत हो गई।     मौके पर पुलिस पहुंच गई है। फैक्टरी को खाली करा कर राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए मुरैना के जिला अस्पताल लाया जा रहा है। गैस का रिसाव किस तरह हुआ और कैसे मजदूर इसकी चपेट में आए, फिलहाल इसका पता नहीं चल पाया है।  

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उज्जैन। इस वर्ष श्रावण-अधिक मास के कारण दो श्रावण मास थे। इसी के चलते इस बार 30 एवं 31 अगस्त को दो पूर्णिमा आई है। पहली पूर्णिमा 30 अगस्त की रात्रि में आसमान में ब्लू मून और 31 अगस्त को पूर्णिमा का चांद दिखाई देगा। हालांकि इसका भौगोलिक कारण अलग है। बुधवार की रात्रि चंद्र-शनि की युति भी बनेगी। ब्लू मून बनने की भौगोलिक घटना की वैज्ञानिक जानकारी देते हुए जीवाजी वेधशाला के प्रभारी अधीक्षक डॉ.आर.पी.गुप्त ने बताया कि जब एक माह में दो पूर्णिमा आती है तो दूसरी पूर्णिमा के चांद को ब्लू मून कहते हैं। उन्होंने बताया कि 01 अगस्त को पूर्णिमा थी और अब अगस्त माह में ही 30 अगस्त,बुधवार को पूर्णिमा है। ऐसे में 30 अगस्त की पूर्णिमा को ब्लू मून कहा जाएगा। वहीं ज्योतिष गणना अनुसार 31 अगस्त को एक ओर पूर्णिमा मानी जाएगी। उन्होंने बताया कि ब्लू मून की स्थिति में चांद का रंग नीला नहीं होता है। चंद्रमा मौसम के अनुसार पूर्णिमा की रात्रि को पूर्ण आभा के साथ चमकता हुआ दिखाई देता है। 30 अगस्त को चंद्रमा-पृथ्वी के पास होने के कारण, चंद्रमा का आकार तुलनात्मक रूप से बड़ा एवं चमकदार दिखाई देगा। चंद्रमा-शनि की युति आज डॉ.गुप्त ने बताया कि बुधवार को ही चंद्रमा-शनि की युति बनेगी। युति से आशय होता है पास-पास होना। साय गणना के अनुसार 30 अगस्त,बुधवार को चंद्रमा कुंभ राशि में 29 डिग्री 20 मिनिट पर होगा तथा शनि ग्रह मीन राशि में 3 डिग्री 37 मिनिट पर होगा। इस प्रकार दोनों खगोलीय पिण्ड कोणात्मक रूप में 4 डिग्री 7 मिनिट की दूरी पर होंगे। ऐसी स्थिति में आकाश साफ होने पर बुधवार रात्रि को चंद्रमा के नीचे शनि ग्रह को चमकते हुए देखा जा सकेगा। दूरबीन की नहीं आवश्यकता डॉ.गुप्त ने बताया कि दोनों खगोलीय घटनाओं को देखने के लिए दूरबीन की आवश्यकता नहीं है। ये खुली आंखों से ही दिखाई देगा। शर्त केवल यह है कि आसमान साफ हो,बादल आदि न हो।

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उज्जैन। बुधवार तड़के भस्म आरती के बाद बाबा महाकाल को पहली राखी बांधी गई। इस मौके पर हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी सवा लाख लड्डुओं का भोग लगाया गया। मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को प्रसादी स्वरूप लड्डू वितरित किए जाएंगे। रक्षाबंधन पर्व पर बुधवार सुबह महाकाल मंदिर में भस्म आरती के बाद पुजारी परिवार ने परंपरागत रूप से बाबा महाकाल को राखी बांधी। तड़के ढाई बजे मंदिर के पट खुले और बाबा का जलाभिषेक, पंचामृत अभिषेक तथा पूजन सम्पन्न हुआ। इसके बाद तड़के बाबा महाकाल को राखी बांधी गई। दिलीप गुरु ने बताया कि पुजारी परिवार की 8 महिलाओं ने राखी बांधी जो रेशम, मुलायम वस्त्र एवं आभूषण युक्त थी। इस राखी का आकार 2 फिट का था। यह करीब 10 दिनों में तैयार हुई। सवा लाख लड्डुओं का लगा भोग बाबा महाकाल को रक्षाबंधन पर्व पर परंपरानुसार बुधवार सुबह सवा लाख लड्डुओं का भोग लगाया गया। भोग लगाने के बाद दर्शन करने आनेवाले श्रद्धालुओं को प्रसादी वितरित की जाएगी। यह क्रम शयन आरती तक चलेगा। इतनी सामग्री लगती है निर्माण में दिलीप गुरु के अनुसार लड्डू निर्माण में 25 क्विंटल बेसन, 25 क्विंटल शक्कर, 20 क्विंटल शुद्ध घी, 03 क्विंटल काजू-किशमिश और 50 किग्रा इलाइची का उपयोग किया गया।

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उज्जैन। जिला मुख्यालय से 45 किमी दूर झारड़ा तहसील के ग्राम पांडलिया में सरकारी स्कूल में विद्यार्थियों से सफाई कराने का मामला सामने आया है। घटना का वीडियो सामने आने के बाद शिक्षा विभाग ने जांच के आदेश दिए हैं। वहीं शिक्षकों ने अधिकारियों को बताया कि बच्चों से परिसर की मिट्टी और अन्य सामग्री हटवा रहे थे। मामला शनिवार का बताया जा रहा है। वीडियो में बच्चे स्कूल टॉयलेट की गंदगी साफ करते नजर आ रहे हैं। झारड़ा के ग्राम पांडलिया के शासकीय प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों पर आरोप है कि वे छात्रों से टॉयलेट और नाली को साफ करवा रहे थे। स्कूल के पास से गुजर रहे लोगों ने इसका वीडियो बना लिया। उन्हें देख शिक्षकों ने सफाई बंद करा दी। इसके बाद खुद को एक कमरे में बंद कर लिया। सफाई कर रहे छात्र पास ही बने हौज पर हाथ धोने चले गए। पूछताछ करने पर छात्र ने डरते हुए साफ करने की बात भी कबूली। वीडियो सामने आने के बाद जिला परियोजना अधिकारी गिरीश तिवारी ने मौके पर कैलाश दंडोतिया को जांच के लिए भेजा। शिक्षा अधिकारी ने शिक्षक और कर्मचारी से मोबाइल पर बात की। अपनी सफाई में शिक्षक और कर्मचारी ने बताया कि स्कूल परिसर में मिट्टी जम गई थी। कर्मचारी और छात्र सभी मिलकर मिट्टी हटा रहे थे। गिरीश तिवारी का कहना है कि उन्हें ऐसी सूचना मिली की टॉयलेट तो साफ नहीं करा रहे थे, वहां से एक नाली निकली है, इसे ही साफ कराया जा रहा था। मामले में जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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भोपाल। प्रत्येक वर्षों की तरह इस वर्ष भी बुधवार, 30 अगस्त को रक्षाबंधन पर्व पर जेलों में बंदियों को उनकी बहनों द्वारा राखी बांधने की विशेष मुलाकात की सुविधा दी जाएगी। यह जानकारी केन्द्रीय जेल के अधीक्षक सतीश कुमार उपाध्याय ने दी।     उन्होंने बताया कि भाई बहन के पर्व को ध्यान में रखते हुए मुलाकात के लिए प्रात: 8 बजे से 2 बजे तक पंजीयन कराया जाएगा। बहनों को फोटोयुक्त पहचान पत्र लाना अनिवार्य होगा। यह व्यवस्था केन्द्रीय जेल एवं सर्किल के अन्तर्गत आने वाली जेलों में की गई है।              जेल अधीक्षक ने बताया कि परिरूद्ध बंदियों से बहनों की मुलाकात कराने के लिए जिलेवार अलग-अलग काउंटर बनाये गये हैं। मुलाकात काउंटर में नाम लिखवाने के बाद बहनों को टोकन प्राप्त करना अनिवार्य होगा। पांच वर्ष की आयु के बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा। जेल प्रशासन द्वारा अक्षत, हल्दी, तिलक, थाली की व्यवस्था की जायेगी। बहनों को 100 ग्राम मिठाई एवं रक्षासूत्र ले जाने की पात्रता होगी। शेष अन्य सामग्री पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगी। बंदियों से उनकी बहनों की मुलाकात विशेष सुरक्षा प्रबंध के दायरे में होगी। जेल प्रशासन द्वारा बनाये गये नियमों का कड़ाई से पालन करना अनिवार्य होगा। नियमों का पालन न करने पर संबंधित की मुलाकात नहीं कराई जाएगी।  

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भोपाल। खगोल विज्ञान में रुचि रखने वालों के लिए बुधवार, 30 अगस्त का दिन बेहद खास होने जा रहा है। इस दिन रक्षाबंधन के मौके पर आसमान में ब्लू सुपरमून नजर आने वाला है। ब्लूमून नाम से दिखने जा रहे इस सुपरमून की चमक जहां आम पूर्णिमा की तुलना में अधिक होगी, वहीं उसका आकार भी कुछ बड़ा दिखेगा। यह जानकारी मंगलवार को भोपाल की नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने दी। उन्होंने बताया कि बुधवार को हमसे लगभग 3 लाख 57 हजार 181 किलोमीटर दूर रहकर चांद पृथ्वी की परिक्रमा करते हुए निकट बिंदु पर होगा। इस कारण वह माइक्रोमून की तुलना में लगभग 14 प्रतिशत बड़ा और 30 प्रतिशत अधिक चमकदार दिखेगा। सारिका ने बताया कि दो पूर्णिमा के बीच 29.5 दिन का अंतर होता है और अगर पहली पूर्णिमा महीने की 1 या 2 तारीख को आती है तो दूसरी पूर्णिमा भी उस ही माह आ जाती है। एक ही अंग्रेजी कैलेंडर माह में दो पूर्णिमा आने पर दूसरी पूर्णिमा के चंद्रमा को मंथली ब्लूमून नाम दिया गया है। एक अगस्त को पूर्णिमा के बाद बुधवार, 30 अगस्त को दूसरी पूर्णिमा है। उन्होंने बताया कि ब्लूमून का दूसरा प्रकार सीजनल ब्लूमून होता है। अगर तीन महीने के किसी खगोलीय सीजन में चार पूर्णिमा आती है, तो तीसरी पूर्णिमा का चांद सीजनल ब्लूमून कहलाता है। सीजनल ब्लूमून कम बार आता है। एक अनुसंधान के अनुसार 1100 सालों में 408 सीजनल ब्लूमून तथा 456 मंथली ब्लूमून की घटना की गणना की गई है। अगला ब्लूमून 2024 में 19 अगस्त को होगा और यह सीजनल ब्लूमून होगा। सारिका ने बताया कि यह सुपरब्लूमून नीला नहीं दिखेगा, बल्कि पूर्णिमा के चांद की तरह ही चमक रहा होगा। दुर्लभ वस्तुओं या घटनाओं के नाम के आगे ब्लू लगा दिया जाता है। अत: मान्यता के अनुसार कुछ लोगों ने इसे ब्लूमून नाम दिया है। उन्होंने बताया कि नीले नहीं सफेद चमक के साथ दिखने जा रहे ब्लूमून नाम के सुपरमून की चमक को रक्षाबंधन बनाते हुए आसमान में देखने का लुफ्त उठा सकते हैं। इसे तिरंगामून नाम भी दे सकते हैं, क्योंकि इस चांद के शिवशक्ति पाइंट के आसपास हमारे तिरंगे के साथ प्रज्ञान रोवर भी चहलकदमी कर रहा है।

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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उज्जैन। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को उज्जैन प्रवास के दौरान ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर के दर्शन और पूजन-अर्चन की और इसके बाद उन्होंने ई-रिक्शा से महाकाल लोक का भ्रमण किया। मन्दिर से प्रस्थान करते समय उन्होंने श्री महाकाल लोक के दर्शन के लिये आये श्रद्धालुओं का अभिवादन स्वीकार किया तथा कहा कि भगवान महाकालेश्वर सभी का कल्याण करें, सबका मंगल हो, यही कामना है।     रक्षाबंधन पर वितरित किये जाने वाले लड्डूओं के निर्माण का किया अवलोकन मुख्यमंत्री चौहान ने सोमवार को भगवान महाकालेश्वर मन्दिर में सपरिवार दर्शन और पूजन-अर्चन के पश्चात आगामी रक्षाबंधन पर्व पर वितरित किये जाने वाले लड्डूओं के निर्माण का अवलोकन किया। इस दौरान उनकी धर्मपत्नी साधना सिंह चौहान, उज्जैन महापौर मुकेश टटवाल एवं अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि रक्षाबंधन पर्व पर सवा लाख लड्डूओं का निर्माण किया जा रहा है। इन्हें श्रद्धालुओं में वितरित किया जायेगा।

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उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकाल के मंदिर में श्रावण मास के आठवें और अंतिम सोमवार को भी आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा। रात 12 बजे से ही श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो गया था। तड़के 2:30 बजे मंदिर के पट खुलने के बाद मंदिर परिसर महाकाल के जयकारों से गूंज उठा। बड़ी संख्या में श्रद्धालु भस्मारती में शामिल हुए। इसके बाद दर्शन का सिलसिला शुरू हुआ, जो निरंतर जारी है। वहीं, शाम चार बजे महाकाल मंदिर से सोमवार को श्रावण मास में भगवान महाकाल की आखिरी सवारी निकलेगी। अवंतिकानाथ भक्तों को एक साथ आठ रूपों में दर्शन देंगे और नगर का भ्रमण कर अपनी प्रजा का हाल जानेंगे।   परम्परा के मुताबिक, इस बार सावन का अंतिम सोमवार और सोम प्रदोष का संयोग भी बना है। इस विशेष संयोग में भस्मारती के लिए रात 12 बजे से भक्तों कतार में लगना शुरू हो गए थे। महाकालेश्वर मंदिर के पट तड़के 2.30 बजे खोले गए। मंदिर के महेश पुजारी ने बताया कि अल सुबह भस्म आरती में भगवान महाकाल पहला पूजन किया गया। गर्भगृह में स्थापित सभी भगवान की प्रतिमाओं का जलाभिषेक कर दूध, दही, घी, शक्कर, शहद से बने पंचामृत से भगवान महाकाल पूजन किया। हरिओम जल चढ़ाकर कपूर आरती के बाद भांग, चंदन, अबीर के साथ महाकाल ने मस्तक पर चंद्र और आभूषण अर्पित कर राजा स्वरूप में श्रृंगार किया गया। इसके बाद भगवान को भस्मी रमाई गई। भस्म आरती में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस नेता जयवर्धन सिंह भी भस्म आरती में शामिल हुए। उन्होंने नंदी हाल में बैठकर भगवान महाकाल का आशीर्वाद लिया।   वहीं, महाकालेश्वर भगवान की श्रावण/भाद्रपद माह में निकलने वाली सवारियों के क्रम में शाम 4.00 बजे आठवीं सवारी निकलेगी। इस दौरान भगवान महाकालेश्वर आठ स्वरूपों में भक्तों को दर्शन देंगे। सवारी के दौरान भगवान महाकालेश्वर रजत पालकी में चन्द्रमौलेश्वर के रूप में विराजित होंगे। वहीं हाथी पर मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव और नन्दी रथ पर उमा-महेश, डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद, नवीन रथ पर घटाटोप स्वरूप और दूसरे नवीन रथ पर जटाशंकर और रथ पर ही नए स्वरूप रूद्रेश्वर मुखारविंद शामिल होकर अपनी प्रजा का हाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकलेंगे।   सवारी निकलने के पूर्व महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में भगवान चन्द्रमौलेश्वर का विधिवत पूजन-अर्चन होगा। उसके बाद भगवान चन्द्रमौलेश्वर पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में विराजित भगवान को सलामी दी जाएगी। इसके बाद सवारी परंपरागत मार्ग महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाडी से होती हुई रामघाट पहुंचेगी, जहां क्षिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन किया जाएगा। इसके बाद सवारी परम्परागत मार्ग से पुन: महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी।   मुख्यमंत्री चौहान आएंगे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान श्रावण मास के आखिरी सोमवार पर भगवान महाकाल के दर्शन करने आएंगे। भाजपा जिला अध्यक्ष बहादुरसिंह बोरमुंडला ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवान महाकाल के दर्शन व पूजा अर्चना करेंगे।

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इंदौर। शहर के कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय (जू) में बाघ शावकों की किलकारियां गूंजी। यहां रविवार सुबह बाघिन जमना ने तीन शावकों को जन्म दिया। नौ वर्षीय जमना चौथी बार मां बनी है। रविवार होने की वजह से जमना और नन्हे शावकों को देखने के लिए दर्शकों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। चिड़ियाघर प्रशासन के मुताबिक, जमना और शावक पूरी तरह स्वस्थ हैं। कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय के प्रभारी डॉ. उत्तम यादव ने बताया कि रविवार सुबह दस बजे तक बाघिन जमना ने एक के बाद एक तीन शावकों को जन्म दिया। ये शावक पूरी तरह स्वस्थ हैं, जो अपनी मां जमना से एक मिनट भी दूर नहीं हुए हैं। बाघिन भी इन्हें लाड़-दुलार करती रही। बाघिन और तीनों शावक अभी बाड़े में ही हैं। उनके नजदीक अभी कोई नहीं गया है। इससे यह पता नहीं लग पाया है कि नन्हे शावकों में कितने नर व मादा है। उन्होंने बताया कि कुछ दिन बाद इन्हें अलग बाड़े में शिफ्ट किया जाएगा। तीनों शावक येलो टाइगर हैं। उन्होंने बताया कि पिछली बार जमना ने चार शावकों को जन्म दिया था, जिसमें एक सफेद और तीन येलो थे। गौरतलब है कि इंदौर जू में इसी साल जनवरी में सफेद बाघिन रागिनी ने चार शावकों को जन्म दिया था जिसमें से दो येलो शावक ही जीवित हैं। फिर अप्रैल में बाघिन सुंदरी से तीन शावक पैदा हुए। इन्हें मिलाकर चिड़ियाघर में तीन महीने के भीतर पांच बंगाल टाइगर के शावक हो चुके हैं। वहीं, 10 अगस्त को शेरनी मेघा ने दो शावकों को जन्म दिया था। चिड़ियाघर प्रशासन के मुताबिक, वाइल्ड कैट में 11 टाइगर और नौ शेर हो गए हैं।

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भोपाल। मध्य प्रदेश के सागर जिले में रविवार को एक बड़ा रेल हादसा होने से टल गया। यहां बीना-कटनी रेलवे ट्रैक पर दौड़ रही बिलासपुर-भोपाल एक्सप्रेस पर ओएचई लाइन टूटकर गिर गई। इससे इंजन का पैंड्राल टूट गया। हादसा सागर के खुरई और बघौरा रेलवे स्टेशन के बीच हुआ। लोको पायलट ने समय रहते ट्रेन को रोक दिया। इसके बाद सभी यात्री ट्रेन से सकुशल उतर आए। रेलवे के उच्च अधिकारियों को सूचना देकर ओएचई लाइन की सप्लाई को रुकवाया गया। गनीमत रही कि तार का करंट ट्रेन में नहीं फैला, वरना बड़ा हादसा हो सकता था।   जानकारी के मुताबिक, रविवार को बिलासपुर भोपाल ट्रेन खुरई स्टेशन पर पहुंची थी, जहां से करीब 11:30 बजे गंतव्य की ओर बढ़ी। बाघौरा स्टेशन से चार किलोमीटर पहले ट्रेन के इलेक्ट्रिक इंजन की छत पर ओएचई तार को इंजन से जोड़ने वाला पैंड्राल और तार टूट गया। ओएचई लाइन के टूटते ही रेलवे पटरियों के नीचे बिछी गिट्टी उछलने लगी। गिट्टी के ट्रेन में उछल कर लगने से खड़खड़ की आवाजें आने लगीं, जिससे ट्रेन में सवार यात्रियों में हड़कंप मच गया। इसके बाद जब ट्रेन रोकी गई, तो आनन-फानन में सभी यात्री नीचे उतरकर इधर-उधर भागने लगे। लोका पायलट ने रेलवे के अधिकारियों को सूचना देकर ओएचई लाइन में सप्लाई को बंद कराया। सप्लाई बंद होने की वजह से किसी हादसे जैसी स्थिति को टाला जा सका। इसके बाद रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए।   ट्रेन में यात्रा कर रहे विदिशा निवासी रमेश अग्रवाल ने बताया कि यह तो भगवान की बड़ी कृपा रही कि हादसा होते-होते टल गया। किसी यात्री को खरोच तक नहीं आई। इधर, रेलवे अधिकारियों का कहना है कि ओएचई लाइन में कट होने की वजह से ट्रेन का पैंड्राल तार में फंस गया होगा। मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं।   सागर रेलवे स्टेशन के प्रबंधक नरेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि फिलहाल कटनी से बीना ट्रैक बंद रखा है। लाइन की मरम्मत में करीब पांच घंटे का समय लगेगा। करीब एक किलोमीटर का तार टूट चुका है। रेलवे की टावर टीम सुधार कर रही है। डाउन ट्रैक से कॉशन लेकर गाड़ियां निकाली जा रही हैं। दोपहर करीब 3:45 बजे डीजल इंजन लगाकर ट्रेन को बघौरा स्टेशन लाया गया। जांच के बाद ट्रेन को आगे के लिए रवाना कर दिया गया।

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ग्वालियर में जीवाजी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में छात्राओं ने बाजी मारी है। रविवार को दीक्षांत समारोह में राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने दीक्षांत समारोह में शिरकत की है। जीवाजी के अटल बिहारी वाजपेई इंटरनेशनल कन्वेंशन हॉल में 42 छात्रों को 55 गोल्ड वितरित किए गए। इनमें से 33 गोल्ड छात्राओं ने लिए हैं।समारोह में राज्यपाल पटेल ने छात्राओं की उपलब्धिक पर कहा है कि छात्राओं ने जेयू व ग्वालियर सहित प्रदेश का नाम रोशन किया है। मैं भी सामान्य परिवार से आता हूं, लेकिन आज राज्यपाल हूं। यदि मन में दृढ़ संकल्प हो जो कुछ भी मुश्किल नहीं।जीवाजी यूनिवर्सिटी में दीक्षांत समारोह का रविवार को अटल बिहारी वाजपेयी इंटरनेशनल कन्वेंशन हॉल में किया गया है। दीक्षांत समारोह में इस बार 42 विद्यार्थियों को 55 गोल्ड मेडल दिए गए हैं। इनमें से गोल्ड मेडल पाने वाली छात्राएं 33 हैं। सीधे शब्दों में कहें तो गोल्ड मेडल पर छात्राओं का राज ही रहा है। दीक्षांत समारोह में प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने अध्यक्षता की और उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इसके अलावा कुलपति प्रो. अविनाश तिवारी, रेक्टर प्रो. डीएन गोस्वामी, रजिस्ट्रार डॉ. राजेंद्र कुमार बघेल व सभी विभागाध्यक्ष शामिल हुए हैं।दीक्षांत समारोह में इस बार 55 गोल्ड मेडल दिए गए हैं। यह गोल्ड मेडल कुल 42 विद्यार्थियों के बीच बांटे गए हैं। इनमें से कुछ विद्यार्थी ऐसे भी हैं जिन्हें 2, 3 या 4 गोल्ड मेडल भी मिले हैं। गोल्ड मेडल पाने वाली ज्यादातर छात्राओं का कहना है कि पढ़ाई में नियमितता की वजह से उन्हें गोल्ड मेडल मिला है।पिछले साल 2022 में 38 विद्यार्थियों को 50 गोल्ड मेडल दिए गए थे इसमें गोल्ड मेडल पाने वाली 28 छात्राएं थीं। इससे पहले 2021 के दीक्षांत समारोह में सत्र 2018-19 के 38 विद्यार्थियों को 48 गोल्ड मेडल दिए गए थे, इनमें से 29 छात्राओं ने मेडल जीते थे। पिछले 3 साल में सबसे ज्यादा गोल्ड मेडल इस साल छात्राओं को दिए जा रहे हैं। पर लगातार छात्राएं गोल्ड मेडल जीतने में कामयाब हो रही हैं।

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ग्वालियर में 'बेटी की पेटी" की पहल अब सार्थक होते दिख रही है। शहर में 40 किलोमीटर दूर घाटीगांव में एक बेटी ने इस 'बेटी की पेटी" में शिकायत डाली थी। बेटी की शिकायत थी कि स्कूल आते-जाते समय बस कंडेक्टर बुरी नजर से उसे घूरता रहता है। बेटी ने हिम्मत की अब पुलिस को एक्शन लेना था।बस कंडेक्टर को तलाश कर पुलिस ने छात्रा के स्कूल की रोड पर कंडेक्टर का बीन की धुन पर जुलूस निकाला है। कंडेक्टर के पीछे सपेरे बीन बजाते हुए चले। बीच-बीच में कंडेक्टर से ऊठक बैठक भी लगवाई। पुलिस ने उसके खिलाफ धारा 151 के तहत मामला दर्ज कर जेल भेजा है। साथ ही उससे शपथ दिलाई है कि भविष्य में ऐसा नहीं करेगा।ग्वालियर में स्कूल, कॉलेज की छात्राओं के साथ होने वाली छेड़छाड़, अभद्रता व दुष्कर्म जैसी घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस ने पूरे ग्वालियर में 'बेटी की पेटी" अभियान शुरू किया था। स्कूल, कॉलेज व कोचिंग क्लासेस के आसपास यह 'बेटी की पेटी" लगाई गई थीं। साथ ही पुलिस का साफ कहना था कि इसमें कोई भी छात्रा अपनी शिकायत बिना झिझक कर सकती है और उसकी पहचान भी उजागर नहीं की जाएगी। शहर में तो 'बेटी की पेटी" में कोई खास शिकायत नहीं आई, लेकिन घाटीगांव के एक स्कूल में पढ़ने वाली बेटी ने 'बेटी की पेटी" बॉक्स में गुमनाम शिकायत डालकर जागरुकता का परिचय दिया है। शिकायत करने वाली 15 वर्षीय छात्रा स्कूल आते-जाते समय एक बस कंडेक्टर के लगातार घूरने व इशारे करने से आहत थी। यह है शिकायतइस मामले में घाटीगांव के एक स्कूल में पढऩे वाली बेटी ने शिकायत की थी कि एक बस का कंडेक्टर उसको परेशान किए हुए है। उसके लिए गांव से स्कूल जाने के लिए बस ही एक मात्र सहारा है और बस का कंडेक्टर की हरकतें उसका जीना हराम किए हुए हैं। जितनी भी देर वह बस में रहती है कंडेक्टर उसे घूरता रहता है। इससे उसे काफी डर लगता है। स्कूल में लगी 'बेटी की पेटी" को शनिवार को जब खोला गया तो उसमें यह शिकायत निकली। इसी समय विधिक कैंप चल रहा था। छात्रा ने गुमनाम शिकायत की थी इसलिए पुलिस ने अपने स्तर पर एक्शन लिया।  

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उज्जैन। श्री महाकालेश्वर भगवान की श्रावण/अधिक मास में निकलने वाली सवारी के क्रम में 28 अगस्त ,सोमवार को आठवीं सवारी निकलेगी। भगवान रुद्रेश्वर स्वरूप में दर्शन देंगे। श्री महाकालेश्वर भगवान की आठवीं सवारी में पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव, नन्दी रथ पर उमा-महेश, रथ पर होलकरों का मुघोटा, घटाटोप, जटाशंकर के अलावा आठवें स्वरूप रुद्रेश्वर स्वरूप में रथ में विराजित होकर अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकलेंगे। श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर का विधिवत पूजन-अर्चन होगा। उसके पश्चात भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में विराजित भगवान को सलामी दी जाएगी। उसके बाद सवारी परंपरागत मार्ग महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाडी से होती हुई रामघाट पहुंचेगी। जहॉ क्षिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन किया जाएगा। इसके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होती हुई पुन: श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी।

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शिवपुरी। मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में शनिवार को तड़के एक भीषण सड़क हादसे में चार युवकों की मौत हो गई। यहां भैंसों से भरा एक पिकअप वाहन अनियंत्रित होकर सड़क से नीचे पलट गया। हादसे में कैबिन में बैठे चार युवकों की दबकर मौत हो गई। सभी मृतक आपस में रिश्तेदार बताए जा रहे हैं। घटना में चार भैंसों की भी मौत हो गई है। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।     जानकारी अनुसार हादसा शनिवार तड़के करीब 4 बजे हुआ। धौलपुर निवासी चार युवक शिवपुरी से भैंस खरीदकर वापस धौलपुर जा रहे थे। इस दौरान केरुआ गांव के पास नरवर-भितरवार मार्ग पर उनका लोडिंग वाहन अनियंत्रित होकर सड़क से नीचे पलट गया। हादसा इतना भीषण थी कि पिकअप का पिछला हिस्सा पिचककर केबिन के ऊपर चढ़ गया। जिससे केबिन में बैठे चारों युवक दब गए। हादसे में चारों युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। सभी मृतक आपस में रिश्तेदार हैं। सूचना के बाद मौके पर पहुंची मगरौनी चौकी पुलिस ने वाहन में फंसे शवों को बाहर निकाला और पोस्टमॉर्टम के लिए जिला अस्पताल भिजवाया। मृतकों की पहचान नासिर कुरैशी (20), सन्नू कुरैशी (32), समीर कुरैशी (22) और फरमान कुरैशी (25) के रूप में हुई है। नरवर चौकी प्रभारी सुमित शर्मा ने बताया कि पिकअप वाहन के लोडिंग वाले हिस्से को मॉडिफाई कर बड़ा बनवाया गया था।

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भोपाल। खगोल विज्ञान में रुचि रखने वालों के लिए रविवार, 27 अगस्त का दिन बहुत रोचक होने जा रहा है। इस दिन पृथ्वी सूर्य और शनि के बीच में पहुंचेगी और शनि आपके समीप रहेगा। यह खगोलीय घटना लगभग एक साल बाद होने जा रही है। यह जानकारी शनिवार को भोपाल की नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने दी।     उन्होंने खगोल विज्ञान की इस घटना की वैज्ञानिक जानकारी देते हुए बताया कि पृथ्वी अपनी धुरी पर परिक्रमा करते हुए पृथ्वी रविवार को सूर्य और शनि के बीच पहुंचेगी। इस तरह शनि, पृथ्वी और सूर्य तीनों एक सीधी रेखा में रहेंगे। इस समय शनि पृथ्वी के सबसे समीप होगा, जिससे यह अपेक्षाकृत अधिक चमकीला महसूस होगा।     सारिका ने बताया कि भारतीय समय के अनुसार शनि रविवार को दोपहर एक बजकर 50 मिनट पर ठीक सीध में पहुंचेगा, लेकिन इसका दिखना शाम सूर्योस्त के बाद पूर्व दिशा में आरंभ होगा। शनि रातभर आकाश में भ्रमण करता दिख कर सुबह सबेरे सूर्योदय के पहले पश्चिम में अस्त होगा। अगर आपके पास टेलीस्कोप है और बादल बाधा नहीं बनते हैं तो इसे रिंग के साथ चमकता देख सकते हैं। बिना टेलीस्कोप यह एक मध्यम तारे के जैसा दिखेगा तथा इसके रिंग खाली आंखों से नहीं देखे जा सकेंगे।     उन्होंने बताया कि अपोजीशन के समय सेटर्न की पृथ्वी से दूरी लगभग 131 करोड़ नौ लाख किलोमीटर होगी। इसका प्रकाश आप तक पहुंचने में लगभग 73 मिनट लग रहा होगा। इसके रिंग 8.1 डिग्री के कोण पर झुके होंगे। उन्होंने बताया कि चूंकि शनि की सूर्य से दूरी, पृथ्वी की सूर्य से दूरी की तुलना में लगभग साढ़े नौ गुना अधिक है इसलिये शनि के अपोजीशन की इस घटना में कोई चमत्कारिक अंतर नहीं आता है, जैसा कि सोशल मीडिया में बढ़-चढ़कर बताया जाता है। लगभग एक साल में होने वाली खगोलीय घटना 2024 में आठ सितम्बर को होगी।

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भोपाल। किसी मानसूनी सिस्टम के सक्रिय न होने के कारण मध्यप्रदेश में अगले 10 दिनों तक तेज बारिश नहीं होगी। ग्वालियर, चंबल, रीवा, शहडोल और सागर संभाग में कहीं-कहीं हल्की बूंदाबांदी जरूर हो सकती है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर और नर्मदापुरम संभाग में भी लोकल सिस्टम से बूंदाबांदी का अनुमान है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि सिस्टम की गतिविधियां न होने के कारण दूसरी बार मानसून ब्रेक की स्थिति बनी है।   बीते 24 घंटों में भोपाल में हल्की बूंदाबांदी हुई। शुक्रवार दोपहर में वीआईपी रोड पर भी बौंछारें गिरीं। प्रदेश के ग्वालियर, रीवा, सागर, शहडोल, चंबल और नर्मदापुरम संभाग में कहीं-कहीं हल्की बूंदाबांदी हुई। इधर, दूसरी बार मानसून पर ब्रेक के कारण प्रदेश में औसत बारिश पिछड़ने लगी है। मध्यप्रदेश में औसत 25.99 इंच बारिश हो चुकी है, जबकि अब तक 28.62 इंच बारिश होना चाहिए। इस हिसाब से औसत बारिश का आंकड़ा 9% कम है। पूर्वी हिस्से में औसत से 6% कम और पश्चिमी हिस्से में औसत से 12% कम बारिश हुई है।     वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि पिछले 2-3 दिन से मध्यप्रदेश में कोई भी प्रभावी मानसूनी सिस्टम सक्रिय नहीं है। इससे प्रदेश में बारिश की गतिविधियां घट गई हैं। ग्वालियर, चंबल, रीवा, शहडोल और सागर संभाग में ही कहीं-कहीं हल्की बूंदाबांदी हुई है। शनिवार को भी ऐसी ही स्थिति रहेगी। वर्तमान में प्रदेश के कई जिले हैं, जहां औसत से कम बारिश हुई है। अगले 10 दिन तक मानसून ब्रेक की स्थिति में रहेगा। किसी सिस्टम के सक्रिय होने की संभावना नहीं है। इसे देखते हुए किसानों के लिए भी एडवाइजरी जारी की गई है।     मौसम विभाग के अनुसार अगले कुछ दिन तक प्रदेश में कहीं मौसम खुला रहेगा, तो कहीं धूप-छांव की स्थिति रहेगी। भोपाल में धूप-छांव वाला मौसम रहेगा। अगले 24 घंटों में प्रदेश के रीवा, ग्वालियर, चंबल, सागर और शहडोल संभाग में कहीं-कहीं हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। भोपाल में धूप-छांव रहेगी। बाकी शहरों में मौसम शुष्क रहने का अनुमान है।

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मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी  अनुपम राजन ने फोटो निर्वाचक नामावली के द्वितीय विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण-2023 के अंतर्गत राजगढ़ जिले की नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र-160 के मतदान केंद्र क्रमांक -231, 232, 262, 263, 264, 266, 267, 269 का निरीक्षण किया। उन्होंने मतदान केंद्रों में बिजली, पानी, रैंप, शौचालय एवं बैठक व्यवस्था देखी। बीएलओ से नाम जोड़ने, हटाने और संशोधन के लिए प्राप्त हुए फॉर्म-6, 7, 8 की जानकारी प्राप्त की। हर एक पात्र नागरिक का नाम जोड़ने और मृत मतदाताओं का नाम मतदाता सूची से अनिवार्य रूप से हटाने के निर्देश दिए।निरीक्षण के दौरान मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री राजन ने मतदान केंद्रों पर उपस्थित बीएलओ और मतदाताओं से संवाद किया। उन्होंने कहा कि जिन नागरिकों की उम्र एक अक्टूबर 2023 को 18 वर्ष पूर्ण हो रही है वे अग्रिम रूप से अपना आवेदन ऑनलाइन और ऑफलाइन के माध्यम से जमा कर मतदाता सूची में नाम जुड़वा सकते हैं।मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी  राजन ने शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कुरावर में स्वीप गतिविधि के अंतर्गत आयोजित मतदाता जागरूकता रैली को रवाना किया। मतदान केंद्र क्रमांक-231 शासकीय हाईस्कूल मानपुरा गुजराती में पौधरोपण किया। उन्होंने स्कूल परिसर में अशोक का पौधा लगाया। पहली बार मतदाता सूची में नाम जुड़वाने वाले युवाओं से संवाद किया। आगामी विधानसभा निर्वाचन 2023 में मतदान करने का आग्रह किया। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी  राजन ने निरीक्षण के दौरान राजगढ़ जिले में आगामी विधानसभा निर्वाचन 2023 की तैयारियों की समीक्षा भी की। उन्होंने कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री हर्ष दीक्षित से मतदाता सूची में नाम जोड़ने, हटाने और संशोधन के लिए प्राप्त हुए आवेदन, ईपी रेशियो, जेंडर रेशियो, स्वीप गतिविधि, सेक्टर अधिकारी, पुलिस सेक्टर अधिकारी, क्रिटिकल मतदान केंद्रों, स्ट्रांग रूम, 107, 116 के प्रकरण, स्क्रीनिक कमेटी, बॉर्डर पर बने नाकों की जांच करने, मतदान प्रतिशत बढ़ाने, वल्नरेविलटी, मॉडल पोलिंग स्टेशन, पिंक पोलिंग बूथ, दिव्यांग पोलिंग बूथ बनाने संबंधी बिंदुओं पर चर्चा की। समीक्षा बैठक में कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी राजगढ़ ने पावर पाइंट के माध्यम से प्रेजेंटेशन दिया।

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भोपाल। विधानसभा चुनाव से पहले सरकारी कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। प्रदेशभर के लगभग साढ़े तीन लाख कर्मचारी पुरानी पेंशन समेत अपनी 39 सूत्री मांगों को लेकर शुक्रवार को एक दिन की हड़ताल पर हैं और राजधानी भोपाल समेत सभी जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे सरकारी दफ्तरों में तालाबंदी जैसे हालात बने हुए हैं। तहसीलों से लेकर निकायों तक जनता से जुड़े काम अटक गए हैं। इस हड़ताल में तृतीय और चतुर्थ वर्ग के कर्मचारी शामिल हैं। पटवारियों के हड़ताल पर रहने से नामांकन, सीमांकन, बंटान जैसे काम नहीं हो रहे हैं। जमीन की रजिस्ट्री कराने में भी दिक्कतें आ रही है। भोपाल में रजिस्ट्री और तहसील ऑफिस सूने पड़े हैं। अफसर ही बैठकर पेंडिंग काम निपटा रहे हैं। स्लॉट बुक नहीं होने से जमीन की एक भी रजिस्ट्री नहीं हो सकेगी।   दरअसल, प्रदेश के पटवारी पहले से तीन दिन के अवकाश पर हैं। वहीं, मध्यप्रदेश अधिकारी-कर्मचारी मोर्चा समेत 6 संगठनों के आह्वान पर शुक्रवार को तृतीय वर्ग और चतुर्थ वर्ग के साथ जनपद सीईओ, राजपत्रित अधिकारी भी अवकाश पर चले गए। इस कारण कामकाम प्रभावित हो रहे हैं। शनिवार और रविवार को सरकारी छुट्टी होने से भी काम नहीं हो सकेंगे। यानी, लगातार तीन दिन तक जनता से जुड़े काम नहीं हो सकेंगे।     राजधानी भोपाल में सुबह 11 बजे से सतपुड़ा और कलेक्ट्रेट के बाहर कर्मचारी धरने पर बैठे हैं। तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी तिवारी ने बताया कि प्रदेश में कुल 5 लाख 75 हजार कर्मचारी हैं। शुक्रवार को वर्ग-3 और 4 समेत राजपत्रिक अधिकारी संवर्ग भी हड़ताल में शामिल हैं। सोमवार को कर्मचारी काम पर लौटेंगे।     उन्होंने बताया कि प्रदेश के लिपिक कर्मचारियों को 2400-2800-3200 के स्थान पर मंत्रालय के समान 2800-3600-4200 ग्रेड पे का लाभ दिया जाए। पुरानी पेंशन बहाल हो। वहीं, सेवानिवृत्त कर्मचारियों को धारा 49 से छूट दी जाए और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को केंद्रीय तिथि से ही महंगाई राहत दी जाए। पूर्व का बकाया भी प्रदान किया जाए। पिछले 11 साल से वाहन एवं मकान किराए भत्ते में वृद्धि नहीं हुई है। इसलिए इसमें वृद्धि किए जाने की मांग भी है। इनके समेत कुल 39 सूत्री मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।     मुख्य मांगे हैं- प्रदेश के कर्मचारियों को केंद्र के समान महंगाई भत्ते का बकाया एरियर मिले। सेवानिवृत्त कर्मचारियों को चार फीसदी महंगाई राहत दी जाए। पुरानी पेंशन बहाल हो। लिपिकों के ग्रेड पे में विसंगति को दूर करें। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को पदनाम दें। वाहन चालकों की भर्ती एवं टैक्सी प्रथा खत्म की जाए। सातवें वेतनमान के अनुसार वाहन भत्ता एवं मकान किराया भत्ता दिया जाए। सीपीसीटी खत्म कर आउट सोर्सेस प्रथा बंद करें। शिक्षकों एवं सहायक शिक्षकों को क्रमोन्नत वेतनमान एवं नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता दें। स्थाईकर्मियों को नियमित करें। कर्मचारियों की पदोन्नति करने धारा 49 समाप्त की जाए। पेंशन हेतु अंशदाई पेंशन की गणना 25 वर्ष करें। आंगनवाड़ी अंशकालीन, स्टेनोग्राफर, जिला न्यायालय, राजस्व कर्मचारियों की लंबित मांगें पूरी हो।

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आगरमालवा। आगरमालवा स्थित प्रसिद्ध, प्राचीन और ऐतिहासिक शिवालय श्री बैजनाथ महादेव की शाही सवारी प्रतिवर्षानुसार पारम्परिक रूप से आगामी 28 अगस्त श्रावण के अंतिम सोमवार को धूमधाम से निकाली जायेगी। शाही सवारी में एक लाख से अधिक श्रृद्धालुओं के शामिल होने का अनुमान है।     सनातन धर्म का जिले का सबसे बड़ा आयोजन होने के चलते जिला प्रशासन द्वारा सभी आवश्यक तैयारियां की जा रही है। वही भक्त मण्डल द्वारा भी इस आयोजन को भव्य रूप देने हेतु कार्य किये जा रहे है। इस वर्ष पहली बार 26 किलो चांदी से बनाई गई सुन्दर व आकर्षक पालकी में विराजमान होकर बाबा बैजनाथ महादेव नगर भ्रमण करते हुए नगरवासियों को दर्शन देंगे। पालकी के लिये बाहर से अनुभवी कहार भी बुलवाये गये है। शाही सवारी को लेकर नगर में अभी से फ्लैक्स और बैनर लगना शुरू हो गये है। नगरवासियों द्वारा भी इसके लिये शहर को दुल्हन की तरह सजाया जाएगा।

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भोपाल। मध्यप्रदेश में एक बार फिर मानसून पर ब्रेक लग गया है। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो मध्यप्रदेश में 5-6 सितंबर तक तेज बारिश होने का अनुमान नहीं है। कहीं-कहीं हल्की बूंदाबांदी या लोकल सिस्टम की गतिविधियां हो सकती हैं। इससे पहले प्रदेश में 5 से 17 अगस्त तक मानसून पर ब्रेक रहा था। प्रदेश में गुरुवार को हल्की बारिश और बूंदाबांदी का दौर जारी रहा। रीवा, सागर और शहडोल संभाग और इनसे लगे जिलों में कहीं-कहीं हल्की बारिश हुई। भोपाल में सुबह फुहार पड़ी। नर्मदापुरम में भी बारिश हुई। इंदौर, जबलपुर और उज्जैन संभाग में भी बूंदाबांदी जारी रही।   वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि दक्षिण उत्तर प्रदेश के ऊपर एक चक्रवाती घेरा सक्रिय था, इसी से होते हुए मानसून ट्रफ लाइन गुजर रही थी। अब यह सिस्टम कमजोर पड़ कर उत्तरी छत्तीसगढ़ के आसपास पहुंच गया है। इसका मध्यप्रदेश पर ज्यादा असर नहीं है। इस कारण प्रदेश के अधिकांश स्थानों पर मौसम शुष्क हो रहा है। हालांकि, ग्वालियर, चंबल, रीवा, सागर और शहडोल संभाग में कहीं-कहीं पर गरज-चमक के साथ बूंदाबांदी या हल्की मध्यम बारिश हो सकती है। 5 से 6 सितंबर तक मौसम शुष्क रहेगा। लोकल सिस्टम की वजह से कहीं-कहीं बूंदाबांदी हो सकती है। वैज्ञानिक डॉ. सिंह ने बताया कि मानसून का यह दूसरा चरण है। एक-दो दिन में ट्रफ लाइन हिमालय की तरफ शिफ्ट हो जाएगी। इससे मध्य भारत के मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में मानसून ब्रेक जैसी स्थिति रहेगी।   मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटों में ग्वालियर, चंबल, रीवा, सागर और शहडोल संभाग में कहीं-कहीं पर गरज-चमक के साथ बूंदाबांदी या हल्की मध्यम बारिश हो सकती है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर, उज्जैन संभाग में कहीं-कहीं बूंदाबांदी होगी। कहीं पर तेज धूप भी खिलेगी।

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इंदौर के बड़े व्यापारियों के दबाव में नगर निगम की टीम गुरुवार दोपहर में फिर राजबाड़ा पहुंची। यहां फुटपाथ पर दुकान चलाने वालों के खिलाफ एक्शन लिया। इस बार क्षेत्र के खजूरी बाजार में कार्रवाई की गई। इसके अलावा जिन व्यापारियों ने सामान दुकान के बाहर जमा रखा था, उसे भी जब्त कर लिया है। इस दौरान फुटपाथ पर बैठने वाले व्यापारियों की नगर निगम टीम से हुज्जत हुई, हाथापाई की नौबत आ गई। जैसे-तैसे मामले को संभाला गया।नगर निगम की टीम गोरा कुंड, खजूरी बाजार में कार्रवाई के बाद कृष्णपुरा छत्री की ओर पहुंची। यहां निगम कर्मचारी अतिक्रमण हटाने के दौरान फुटपाथ पर व्यापार करने वालों के साथ भिड़ गए। वे जबरदस्ती सामान जब्त करते हुए नजर आए।आड़ा बाजार में कपड़े की दुकानों के बाहर ड्रेस फॉर्म मेटल डिस्प्ले डमी मैनिकिन्स, डमी मॉडल हैंगर, मैनिकिन्स महिला डिस्प्ले स्टैंड को नगर निगम की टीम ने जब्ती कर ली है। आटाला बाजार, खजूरी बाजार, शिव विलास पैलेस रोड कृष्ण पुरा, यशवंत रोड पर भी नगर निगम की टीम पहुंची थी। टीम ने यहां से जाली, बोर्ड, टेबल सहित कई तरह की सड़क अवरुद्धता वाले 3 ट्रक सामान​​​​​​​ जब्त किए हैं। हेरिटेज इमारत गोपाल मंदिर की दीवारों पर कील ठोंककर दीवारों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। इसका जीर्णोद्धार किए जाने के लिए मुख्यमंत्री ने लोकार्पण किया था।  

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दुग्ध महासंघ के साँची डेयरी द्वारा राखी पर्व पर भाई-बहनों के लिये 30 अगस्त 2023 तक सेल्फी प्रतियोगिता की जा रही है। साँची फेसबुक और साँची इंस्टाग्राम पर अपलोड की जाने वाली सर्वश्रेष्ठ चयनित सेल्फी को साँची का गिफ्ट हेम्पर दिया जायेगा।प्रतियोगिता में भाग लेने के लिये प्रतिभागी को साँची फेसबुक @sanchimilk और साँची इंस्टाग्राम @sanchidairy पर सेल्फी को टेग करना है। भाई-बहन की साँची मिष्ठान्न के साथ खींची गई गुणवत्ता, सुंदरता और रचनात्मकता वाली सेल्फी को पेज पर टेग करना होगा। प्रतिभागी को साँची डेयरी फेसबुक और इंस्टाग्राम पेज का फॉलोअर होना चाहिये। कमेंट सेक्शन में भाई-बहन अपनी तस्वीर साझा करें।प्रतिभागी विजेताओं का चयन साँची की विशेष टीम द्वारा किया जायेगा। किसी भी प्रतिभागी को चयन मानदण्ड पर आपत्ति उठाने का अधिकार नहीं होगा। विजेताओं को साँची की ओर से गिफ्ट हेम्पर उनके बताये घर के पते पर या नजदीक के साँची पॉर्लर या बूथ पर मिलेगा।

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जबलपुर। लोक निर्माण विभाग संभाग क्रमांक एक जबलपुर के कार्यालय से लगे नाले में मिली पुरा-महत्व की मूर्ति को कार्यालय के कर्मचारियों द्वारा भंवरताल उद्यान स्थित रानी दुर्गावती संग्रहालय में सौंप दिया गया है।   लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री शिवेन्द्र सिंह ने बुधवार को बताया कि पुरा-महत्व की 52 गुणां 23 गुणां 24 इंच आकार की यह मूर्ति नाले में तेज बहाव के कारण मिट्टी के कटाव की वजह से बाहर निकल आई थी। उन्होंने बताया कि मंगलवार को मिली यह मूर्ति कार्यालय के कर्मचारियों अटल उपाध्याय, राजेश त्रिपाठी, प्रमोद गुप्ता, मान दाता विश्वकर्मा, दयाराम, कमल सिंह एवं वैभव मसीह द्वारा रानी दुर्गावती संग्रहालय की अभिरक्षा में बुधवार को संग्रहालय अधिकारी के एल ढावी को सौप दी गई।   कार्यपालन यंत्री शिवेन्द्र सिंह के मुताबिक कि संग्रहालय के मार्गदर्शक राजकुमार रोसल्या ने इस प्रतिमा को दसवीं या ग्यारहवीं शताब्दी का होना बताया है।

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शिवपुरी। जिले के बिजरोनी हल्क के पटवारी को लोकायुक्त ने रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आराेपित पटवारी ने फौती का नामांतरण करने के बदले में किसान से तीन हजार रुपये की रिश्वत की मांग की थी। लोकायुक्त ने रिश्वत लेते हुए पटवारी को गुरुवार को दबोच लिया। लोकायुक्त टीम पटवारी के खिलाफ कार्रवाई कर रही है।     जानकारी अनुसार बदरवास तहसील के बिजरोनी हल्के में पटवारी अवधेश शर्मा पदस्थ हैं। आरोपित पटवारी अवधेश के खिलाफ गांव के ही एक ग्रामीण ने लोकायुक्त को शिकायत की थी। अपनी शिकायत में ग्रामीण ने बताया कि पटवारी अवधेश फौती के नामांतरण के बदले तीन हजार रुपए रिश्वत मांग रहा है। ग्रामीण की शिकायत के बाद लोकायुक्त ने पहले इसकी जांच की। जांच में शिकायत सही पाये जाने के बाद लोकायुक्त ने आरोपित पटवारी रंगे हाथों पकड़ने की योजना बनाई।   याेजना अनुसार गुरुवार सुबह पटवारी को रिश्वत की रकम देने के लिए ग्रामीण को भेजा गया। जैसे ही ग्रामीण ने पटवारी को रिश्वत के रुपए दिए। वैसे ही लोकायुक्त टीम ने उसे रंगे हाथों दबोच लिया। पटवारी से के पास से रिश्वत के रुपए लोकायुक्त टीम ने बरामद कर लिए और उसके जब हाथ धुलवाए तो उसके हाथ लाल हो गए। लोकायुक्त की टीम पटवारी के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। पटवारी अवधेश शर्मा के खिलाफ लोकायुक्त में पहले से एक प्रकरण दर्ज है। 2021 में पटवारी जब एजवारा हल्के में पदस्थ था तब भी उसे लोकायुक्त ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था।

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भोपाल। मध्यप्रदेश में बारिश का वर्तमान सिस्टम कमजोर पड़ने लगा है। इसके चलते अधिकतर जिलों में हल्की बारिश या बूंदाबांदी हो रही है। मौसम विभाग ने गुरुवार को रीवा, सागर और शहडोल संभाग और इनसे लगे जिलों में तेज बारिश की संभावना जताई है। इंदौर, जबलपुर और उज्जैन में भी बूंदाबांदी जारी रह सकती है।     हालांकि सिस्टम कमजोर पड़ने से प्रदेश में बारिश का जोर कम हुआ है, लेकिन बुधवार को भी पद्रेश के कई जिलों में बारिश हुई। नौगांव में आधा इंच पानी बरस गया। शिवपुरी, रीवा, ग्वालियर, खजुराहो, सीधी, मलांजखंड, धार, दमोह, पचमढ़ी, बैतूल, भोपाल, नर्मदापुरम, गुना, जबलपुर और सतना में भी हल्की बारिश और बूंदाबांदी हुई। राजधानी भोपाल में गुरुवार सुबह भी फुहारें गिरीं।     वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि पिछले 24 घंटे में एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन मध्यप्रदेश के उत्तरी हिस्से में एक्टिव था। यही सिस्टम कमजोर होकर आगे दक्षिण उत्तरप्रदेश की ओर बढ़ गया है। इसका असर ग्वालियर-चंबल में रहा। अब यह सिस्टम और कमजोर पड़ जाएगा। इससे मौसम शुष्क पड़ जाएगा। मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटों में प्रदेश के सागर, रीवा और शहडोल संभागों में तेज बारिश हो सकती है। जबकि शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योपुरकलां, सिंगरौली, सीधी, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, सिवनी, मंडला, दमोह और छतरपुर में हल्की बारिश या बूंदाबांदी हो सकती है।

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भोपाल। मध्य प्रदेश के सभी स्कूलों में चंद्रयान-3 की लैंडिंग का सीधा प्रसारण दिखाया जाएगा। इस संबंध में शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों को निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सारा देश आज गर्व से भरा हुआ है। मन आनंद और प्रसन्नता से सरोबार है। यह देश के लिए गौरव का दिन है। शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी स्कूलों में चंद्रयान 3 की लैंडिंग का सीधा प्रसारण बच्चों को दिखाने के लिए निर्देश दिए हैं, जिसमें कहा गया है कि शाम 5.27 से 6.30 तक स्कूलों में विद्यार्थियों के लिए विशेष सभा के आयोजन की तैयारी है। इसके साथ ही जो विद्यार्थी आज सीधा प्रसारण नहीं देख पाएंगे, उनके लिए गुरुवार को इसकी रिकार्डिंग दिखाने की व्यवस्था करने को कहा गया है।

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भोपाल। मानसून सिस्टम के शिफ्ट होने के कारण मध्यप्रदेश के ग्वालियर, चंबल और सागर संभाग में अगले 24 घंटे के दौरान मध्यम से भारी बारिश होगी, जबकि भोपाल, इंदौर, जबलपुर और उज्जैन में गरज-चमक के साथ बूंदाबांदी हो सकती है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि नया सिस्टम एक्टिव नहीं होने से 28 अगस्त से एक बार फिर मानसून पर ब्रेक लग सकता है।     बीते 24 घंटों के दौरान प्रदेश के कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हुई। राजधानी भोपाल में मंगलवार को सुबह से फुहारें गिरती रहीं, जिससे मौसम में ठंडक घुल गई। वहीं बड़ी झील के ऊपर शाम के समय कुहासा भी दिखाई दिया। मंगलवार को ग्वालियर में 3.6 मिमी, खंडवा में 2 मिमी बारिश हुई। वहीं, भोपाल, इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम, मलाजखंड में भी हल्की बूंदाबांदी हुई।       मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटे में सिंगरौली, सीधी, रीवा, सतना, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, पन्ना और छतरपुर में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। यहां पिछले 24 घंटे से सिस्टम की एक्टिविटी है। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि रीवा, सागर-शहडोल संभाग और इनसे लगे जिलों में बुधवार को बारिश का दौर जारी रहेगा। इसके बाद धीरे-धीरे मौसम शुष्क होने लगेगा। 28 अगस्त के बाद प्रदेश में मानसून की गतिविधियां कम हो जाएंगी। इस कारण दिन और रात के तापमान में बढ़ोतरी होगी।   मौसम विभाग ने बुधवार को सिंगरौली, सीधी, रीवा, सतना, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, पन्ना और छतरपुर में मध्यम से भारी बारिश की संभावना जताई है। वहीं, भोपाल, रायसेन, नर्मदापुरम, दतिया, भिंड, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, दमोह, सागर, टीकमगढ़ और निवाड़ी में हल्की बारिश हो सकती है।

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उज्जैन। चंद्रयान-3 की सफलता के लिए आज तड़के विश्व विख्यात महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती के दौरान विशेष पूजा अर्चना की गई। लोगों ने भगवान महाकाल से इसकी सफलता के लिए प्रार्थना की। 14 जुलाई को भी इस मिशन की सफलता के लिए अनुष्ठान और अभिषेक किया गया था। महाकाल मंदिर के पुजारी पंडित यश गुरु ने बताया कि भस्म आरती में शामिल श्रद्धालुओं ने चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर की सफल लैंडिंग के लिए प्रार्थना की। भस्म आरती में शामिल श्रद्धालु चंद्रयान-3 के तस्वीरें लेकर महाकाल मंदिर पहुंचे। उल्लेखनीय है कि इसरो प्रमुख डॉ. एस. सोमनाथ 24 मई को उज्जैन आए थे। उन्होंने महाकाल मंदिर में चंद्रयान-3 की सफलता के लिए कामना की थी।

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टीकमगढ़। सागर लोकायुक्त टीम ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए स्थानीय सीएम राइज स्कूल के पीटीआई को पांच हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है। आरोपित पीटीआई द्वारा रिश्वत की उक्त राशि एक अभ्यर्थी को अतिथि शिक्षक के रूप में नियुक्त कराने के एवज में मांगी गई थी। लोकायुक्त टीम स्कूल में पीटीआई को गिरफ्तार कर कागजी कार्रवाई कर रही है।     सागर लोकायुक्त टीम के अनुसार फरियादी ने अपनी शिकायत में बताया था कि सीएम राइज स्कूल में पदस्थ पीटीआई अरुण कुमार जैन ने फरियादी को अतिथि शिक्षक के रूप में नियुक्त कराने के लिए पांच हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। इसके बाद लोकायुक्त टीम ने शिकायत की जांच की। जांच सही पाये जाने के बाद पीटीआई को ट्रेप करने के लिए योजना बनाई गई। लोकायुक्त टीम ने योजना अनुसार मंगलवार को फरियादी को रिश्वत के पांच हजार रुपये के साथ सीएम राइज स्कूल में पीटीआई को देने पहुंचा। जैसे ही पीटीआई अरुण जैन ने रुपए हाथ में लिए वैसे ही लोकायुक्त टीम ने दबोच लिया। इसके बाद स्कूल परिसर में हड़कंप मच गया। खबर लिखे जाने तक पीटीआई के खिलाफ कार्रवाई जारी थी।

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शिवपुरी। शिवपुरी और सतनवाडा के बीच हाईवे पर मंगलवार को दो वाहन दुर्घटना का शिकार हो गये। इस हादसे में छह लोग घायल हुए है। घटना के वक्त मौके से गुजर रहे पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री और शिवपुरी ज़िले के प्रभारी मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने मानवीय संवेदना का परिचय देते हुए सभी घायलों को अपनी गाड़ी से अस्पताल पहुंचाया और डॉक्टर को उचित ईलाज मुहैया कराने के निर्देश दिये।     जानकारी अनुसार मंगलवार दोपहर को दो अलग अलग सड़क हादसों में दो पहिया वाहन से सकलपुर स्कूल जाने वाली दो शिक्षिकाएं और मारुति वेगनआर कार से जा रहे चार लोग घायल हो गए। एक्सीडेंट की वजह से हाइवे पर जाम लग गया। इस दौरान शिवपुरी ज़िले के प्रभारी मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया का काफिला वहां से निकल रहा था। हाइवे पर भीड़ देख प्रभारी मंत्री सिसोदिया ने अपनी गाड़ी रुकवाई और अपनी मानवीय संवेदना दिखाते हुए स्वयं अपनी गाड़ियों में घायलों को बैठकर शिवपुरी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया और तुरंत चिकित्सीय स्टाफ़ से चर्चा कर उनका इलाज प्रारंभ कराया। इस दौरान मंत्री सिसोदिया दुर्घटना में घायलों को बार बार संबल प्रदान करते हुए दिखाई दिये। दुर्घटना के बारे में प्रभारी मंत्री ने कलेक्टर और एसपी से भी बात कर दुर्घटना स्थल के बारे में जाँच करने के निर्देश भी दिए।    

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भोपाल। मध्यप्रदेश के ग्वालियर, चंबल और सागर संभाग में अगले दो से तीन दिन तक मानसूनी सिस्टम सक्रिय रहेगा। इस कारण कहीं-कहीं मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। जबकि भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर समेत बाकी जिलों में धूप-छांव वाला मौसम रहेगा। यहां बूंदाबांदी या हल्की बारिश हो सकती है।   हालांकि प्रदेश में सक्रिय मानसून का सिस्टम उत्तर की तरफ बढ़ रहा है, इसके बावजूद बीते 24 घंटों में प्रदेश के कई जिलों में बारिश हुई। सबसे ज्यादा 1.93 इंच बारिश उमरिया में हुई। सिवनी में 0.63 इंच, शिवपुरी में 0.15, गुना में 0.14, मलाजखंड में 0.10, इंदौर में 0.10, धार में 0.09, दतिया में 0.07, सतना 0.07, नौगांव 0.03, उज्जैन 0.02, सागर 0.01 तथा बैतूल में 0.01 इंच बारिश दर्ज की गई। इधर, पानी की लगातार आवक के कारण नर्मदापुरम में नर्मदा नदी का जलस्तर 949 फीट पर है।     वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि प्रदेश में एक लो प्रेशर एरिया और चक्रवाती घेरा बना था, जो कमजोर होकर चक्रवाती घेरे में बदल गया है। अभी यह पश्चिम-उत्तरी हिस्से में है। इसके चलते पिछले 24 घंटे में कई जिलों में मध्यम से भारी और हल्की बारिश हुई। मंगलवार को यह सिस्टम उत्तर से आगे बढ़कर पश्चिमी उत्तरप्रदेश में पहुंच जाएगा। इससे ग्वालियर, चंबल और सागर संभाग में अगले दो-तीन दिन तक मध्यम से भारी बारिश जारी रहेगी। बाकी जिलों में मौसम साफ हो जाएगा, लेकिन हल्की बूंदाबांदी होती रहेगी।   मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटे में ग्वालियर, शिवपुरी, भिंड, दतिया, मुरैना, श्योपुरकलां, सतना, अनूपपुर, डिंडोरी, सिवनी, मंडला, बालाघाट, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, सीहोर, शाजापुर, आगर-मालवा, मंदसौर, नीमच, गुना, अशोकनगर में तेज बारिश होने का अनुमान है। कहीं-कहीं मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। जबकि भोपाल, विदिशा, रायसेन, राजगढ़, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, देवास, सिंगरौली, सीधी, रीवा, शहडोल, उमरिया, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर और छिंदवाड़ा में हल्की बारिश का दौर चलता रहेगा।

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उज्जैन। श्रावण एवं भादौ माह में निकलने वाली सवारियों के क्रम में श्रावण माह के सातवें सोमवार को ज्योतिर्लिंग भगवान महाकाल की सातवीं सवारी धूमधाम से निकाली गई। इस दौरान भगवान महाकाल ने सात स्वरूपों में अपने भक्तों को दर्शन दिए और नगर भ्रमण कर अपनी प्रजा का हाल जाना। नागपंचमी का संयोग होने के कारण सवारी में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। लाखों श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल के दर्शन किए।   सोमवार शाम को साढ़े तीन बजे सवारी के निकलने के पूर्व सभामंडप में सर्वप्रथम भगवान चन्द्रमौलेश्वर का षोडशोपचार से पूजन-अर्चन किया गया। इसके पश्चात भगवान की आरती की गई। पूजन-अर्चन मुख्य पुजारी पं. घनश्याम शर्मा द्वारा संपन्न कराया गया। भगवान चन्द्रमौलेश्वर पालकी में सवार होकर अपनी प्रजा का हाल जानने और भक्तों को दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण पर निकले। पालकी जैसे ही महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंची, सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में सवार चन्द्रमोलेश्वर को सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दी गई।   सवारी में चांदी की पालकी में चंद्रमौलेश्वर और हाथी पर मनमहेश के रूप में गरुड़ पर सवार भगवान शिव तांडव की प्रतिमा, नंदी रथ पर उमा महेश, डोल रथ पर होल्कर स्टेट का मुखारविंद, रथ पर घटाटोप और आखिर में जटाशंकर का मुखारविंद स्वरूप में श्रद्धालुओं को दर्शन दिए। सवारी में शिव, राधा-कृष्ण, भगवान विष्णु-लक्ष्मी समेत कई रूप में झांकियां शामिल रहीं। डीजे की धुन पर भक्त नाचते-गाते हुए चल रहे थे। सवारी मार्ग में स्थान-स्थान पर खडे श्रद्धालुओं ने जय श्री महाकाल के घोष के साथ उज्जैन नगरी के राजा भगवान महाकालेश्वर का स्वागत कर पुष्पवर्षा की।   सवारी मंदिर से प्रारंभ होकर कोट मोहल्ला, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंची। यहां शिप्रा जल से भगवान महाकाल का अभिषेक कर पूजा अर्चना की गई। पूजन के बाद सवारी परंपरागत मार्ग से होते हुए पुन: महाकाल मंदिर पहुंचेगी।

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भोपाल। मध्यप्रदेश में सक्रिय तीन सिस्टम की वजह से बीते 24 घंटों में अनेक जिलों में बारिश हुई। सोमवार को भी मौसम विभाग ने भोपाल और उज्जैन संभाग समेत प्रदेश के 16 जिलों में तेज बारिश की चेतावनी दी है। वहीं, इंदौर में बूंदाबांदी का अनुमान है। रतलाम, छिंदवाड़ा समेत 16 जिलों में तेज बारिश का अलर्ट है।     बीते 24 घंटों में प्रदेश के रतलाम में सबसे अधिक 1.88 इंच बारिश हुई। इसके अलावा बैतूल में 1.56, रीवा में 1.48 और 1.07 इंच बारिश दर्ज की गई। नरसिंहपुर, धार, उज्जैन, इंदौर, मंडला, छिंदवाड़ा, नर्मदापुरम, मलाजखंड में भी हल्की बारिश हुई। प्रदेश के अधिकांश जिलों में बादल छाए हुए हैं। इधर, बरगी और तवा बांध से पानी आने के कारण नर्मदापुरम में नर्मदा नदी का जलस्तर सोमवार को भी बढ़ा हुआ है।       वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि प्रदेश के पूर्व, उत्तर और छत्तीसगढ़ के हिस्से में कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ था। साथ में चक्रवाती हवाओं का घेरा भी था। रविवार को यह प्रदेश के बीच हिस्से में आ गया। इस कारण भोपाल, इंदौर, उज्जैन संभाग में बारिश हुई। पूर्वी हिस्से में भी अच्छी बारिश हुई। लेकिन फिलहाल यह सिस्टम कमजोर पड़ गया है। अगले 24 घंटे में यह और कमजोर होकर चक्रवाती हवाओं के घेरे में बदल जाएगा। इसका प्रभाव उत्तरी मध्यप्रदेश में ही असर रहेगा। दक्षिणी हिस्से में बारिश में कमी आएगी।     मौसम विभाग ने सोमवार को विदिशा, रायसेन, राजगढ़, रतलाम, उज्जैन, शाजापुर, मंदसौर, आगर-मालवा, नीमच, गुना, अशोकनगर, छिंदवाड़ा, सिवनी, पन्ना, सागर और छतरपुर में तेज बारिश की चेतावनी दी है। वहीं, भोपाल, सीहोर, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, देवास, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, सिंगरौली, सीधी, रीवा, सतना, डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, मंडला, बालाघाट, दमोह, टीकमगढ़ और निवाड़ी में हल्की बारिश होगी।

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उज्जैन। नागपंचमी पर्व पर वर्ष में एक बार खुलने वाले भगवान नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट रविवार-सोमवार की दरमियानी रात्रि 12.01 बजे शुभ मुहूर्त में खोले गए। मंदिर के पट खुलने के बाद पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीतगिरी महाराज ने विधि-विधान से नागचंद्रेश्वर भगवान का पूजन किया । इस अवसर पर मंदिर प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष एवं कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम, नगर निगम आयुक्त रोशन कुमार सिंह, प्रशासक संदीप कुमार सोनी मौजूद थे।   नाग चंद्रेश्वर की प्रतिमा के पूजन के पश्चात श्री नागचंद्रेश्वर के शिवलिंग का पूजन और अभिषेक किया गया। पूजन अर्चन के बाद भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन आम दर्शनार्थियों के लिए खोल दिए गए। साल में एक बार खुलने वाले भगवान श्री नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए 20 अगस्त की शाम से ही कतार में लगकर श्रद्धालु पट खुलने का इंतजार कर रहे थे। दर्शन प्रारंभ होने के बाद सिलसिला चलता रहा, जोकि सोमवार रात 12 बजे तक जारी रहेगा। पश्चात पूजन करके एक वर्ष के लिए पुनः पट बन्द हो जाएंगे।     प्राचीनकाल से पंचांग तिथि अनुसार सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन ही मंदिर के पट खुलने की परंपरा है। दर्शनों के लिए दर्शनार्थी चारधाम मंदिर की ओर लाइन में लगकर बैरिकेडिंग से हरिसिद्धि माता मंदिर और फिर बड़े गणेश मंदिर होते नागचंद्रेश्वर मंदिर पहुंच रहे हैं। मंदिर प्रशासन द्वारा नागचंद्रेश्वर मंदिर तक जाने के लिए पिछले साल बनाए गए ब्रिज से दर्शन की व्यवस्था की गई है। चारधाम से लाइन में लगने के बाद करीब एक घंटे में लोगों को दर्शन का दावा मंदिर समिति ने किया है।

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जबलपुर रेलवे स्टेशन से कुछ दूरी पर सतपुला रेलवे ब्रिज के पास एक चीतल ट्रेन से टकरा गया जिसके चलते उसकी मौत हो गई। स्थानीय लोगों ने वन विभाग को सूचना दी जिसके बाद टीम ने मौके पर पंचनामा किया और चीतल के शव का पोस्टमार्टम के लिए वेटनरी कालेज भेजा गया। घटना आज सुबह करीब 10 बजे की बताई जा रही है। हालांकि अभी तक यह पता नही चला है कि चीतल किस ट्रेन से टकरा गया था।जानकारी के मुताबिक सतपुला रेलवे ब्रिज के पास एक चीतल को ट्रैक के बीच में पड़े हुए रविवार की सुबह कुछ लोगों ने देखा। चीतल की ट्रेन से टकराने के कारण मौत हो चुकी थी। स्थानीय लोगों ने तुरंत ही वन विभाग को इसकी सूचना दी। साथ ही घमापुर पुलिस को भी चीतल की मौत की जानकारी दी गई। मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने चीतल के शव का पंचनामा किया और फिर पोस्टमार्टम के लिए वेटनरी कालेज ले गए। पीएम के बाद डुमना के जंगल में चीतल का अंतिम संस्कार किया जाएगा।दरअसल सतपुला रेलवे ब्रिज के आसपास जंगल है जहां पर कि जंगली जानवर रहा करते है। पास ही पाट बाबा की पहाड़ी है। यहां पर बहुतायत में हिरण, चीतल सहित कई जंगली जानवर है। अनुमान लगाया जा रहा है कि जंगल से भटकते-भटकते चीतल रेलवे ट्रैक तक पहुंच गया और ट्रेन से टकराने से उसकी मौत हो गई। फिलहाल वन विभाग घटना की जांच कर रही है।

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जबलपुर रेलवे स्टेशन से कुछ दूरी पर सतपुला रेलवे ब्रिज के पास एक चीतल ट्रेन से टकरा गया जिसके चलते उसकी मौत हो गई। स्थानीय लोगों ने वन विभाग को सूचना दी जिसके बाद टीम ने मौके पर पंचनामा किया और चीतल के शव का पोस्टमार्टम के लिए वेटनरी कालेज भेजा गया। घटना आज सुबह करीब 10 बजे की बताई जा रही है। हालांकि अभी तक यह पता नही चला है कि चीतल किस ट्रेन से टकरा गया था।जानकारी के मुताबिक सतपुला रेलवे ब्रिज के पास एक चीतल को ट्रैक के बीच में पड़े हुए रविवार की सुबह कुछ लोगों ने देखा। चीतल की ट्रेन से टकराने के कारण मौत हो चुकी थी। स्थानीय लोगों ने तुरंत ही वन विभाग को इसकी सूचना दी। साथ ही घमापुर पुलिस को भी चीतल की मौत की जानकारी दी गई। मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने चीतल के शव का पंचनामा किया और फिर पोस्टमार्टम के लिए वेटनरी कालेज ले गए। पीएम के बाद डुमना के जंगल में चीतल का अंतिम संस्कार किया जाएगा।दरअसल सतपुला रेलवे ब्रिज के आसपास जंगल है जहां पर कि जंगली जानवर रहा करते है। पास ही पाट बाबा की पहाड़ी है। यहां पर बहुतायत में हिरण, चीतल सहित कई जंगली जानवर है। अनुमान लगाया जा रहा है कि जंगल से भटकते-भटकते चीतल रेलवे ट्रैक तक पहुंच गया और ट्रेन से टकराने से उसकी मौत हो गई। फिलहाल वन विभाग घटना की जांच कर रही है।

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एक सरकारी स्कूल में शिक्षक की नौकरी करने वाले रामजी पटेल की शादी जब रोशनी पटेल के साथ फिक्स हुई तो रामजी बहुत खुश था और 25 मई सन 2002 को दोनों की धूमधाम के साथ शादी हुई। जब रामजी और रोशनी की शादी हुई तब रोशनी ने केवल फर्स्ट ईयर तक पढ़ाई की हुई थी और शादी के बाद रोशनी ने आगे पढ़ाई करने की इच्छा जताई तो रामजी ने बिना कुछ सोचे अपनी छोटी सी पगार के भरोसे रोशनी को बीए, एम.ए और बी.टी.आई की पढ़ाई करवाई। पढ़ाई करने के बाद रोशनी ने भी शिक्षा विभाग में अप्लाई किया और 2009 में रोशनी सरकारी शिक्षक बन गई जिसके बाद रामजी और रोशनी मैहर के पास सरकारी स्कूल में पदस्थ हो गई।2015 में रोशनी का ट्रांसफर जबलपुर जिले के एक सरकारी स्कूल में हो गया पर पति रामजी मैहर में ही पदस्थ रहें। जबलपुर जिले में ट्रांसफर के बाद रोशनी की मुलाकात श्यामसुंदर पटेल नाम के व्यक्ति से हुई जो कि कटनी जिले एक सरकारी स्कूल में शिक्षक है। यहां से रोशनी ने अपने पति के साथ शुरु कर दिया बेवफाई करना।रामजी और रोशनी के दो बच्चे भी है। पति पत्नी के बीच तीसरे इंसान की एंट्री से दोनों में दूरियां बढ़ने लगी और रोशनी को शादी के 17 साल बाद यह याद आया कि पति दहेज के लिए प्रताड़ित करता है। पति से छुटकारा पाने के लिए 2018 में रोशनी ने रामजी के खिलाफ पुलिस में दहेज प्रताड़ना का केस करते हुए अपने दोनों बच्चों को लेकर अलग रहने लगी। परेशान रामजी ने जनसुनवाई के माध्यम से जबलपुर के एसपी कार्यालय, कलेक्टर कार्यालय और जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जाकर न्याय की गुहार लगाई साथ ही कटनी जिले में पदस्थ श्यामसुंदर पटेल की शिकायत भी तमाम कार्यालयों में की।रामजी पटेल का कहना है कि उसने पत्नी के नाम पर पचास लाख रुपए कीमत के तीन प्लॉट लिए थे। शादी के बादएक मकान भी बनवाया था। पर पत्नी की पढ़ाई में पैसा लग गया और मकान आज भी अधूरा हालत पड़ा हुआ है। रोशनी और श्यामसुंदर को साथ में देखने बाद जब रामजी ने इस बात पर आपत्ति जताई तो श्यामसुंदर रामजी को जान से मारने की धमकी देने लगा। रोशनी पटेल जहां रहती है वहां श्यामसुंदर पटेल का आना जाना रहता है। रामजी का कहना है कि दोनों लिव इन रिलेशन में रह रहे हैं। श्यामसुंदर को आते जाते कई बार रामजी ने खुद भी देखा।रामजी ने छोटी सी तनखाह की कमाई से लाखों रुपए लगाकर रोशनी को पढ़ाया- लिखाया लेकिन अब उसी पत्नी के रवैए से परेशान रामजी न्याय की भीख मांगते फिर रहा है। शादी के बाद जीवन की खुशियां तो रामजी पटेल को नसीब नहीं हुई लेकिन पत्नी की बेवफाई से अब रामजी पटेल के सारे सपनों पर पानी जरूर फिर गया और जिस रोशनी को अपनी पत्नी बनाकर घर लाया, पढ़ाई कराकर नौकरी लगवाई अब वह रामजी को तकलीफ दे रही है।

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उज्जैन। श्री महाकालेश्वर भगवान की श्रावण/भाद्रपद माह में निकलने वाली सवारी के क्रम में 21 अगस्त, सोमवार को सातवीं सवारी निकलेगी। जिसमें भगवान जटाशंकर स्वरूप में दर्शन देंगे। श्री महाकालेश्वर भगवान की सातवीं सवारी में पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव और नन्दी रथ पर उमा-महेश, रथ पर होलकरों का मुघोटा, घटाटोप के अलावा सातवें स्वरूप में रथ पर जटाशंकर स्वरूप में विराजित होकर अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकलेंगे।     श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर का विधिवत पूजन-अर्चन होगा। उसके पश्चात भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में विराजित भगवान को सलामी दी जाएगी।     उसके बाद सवारी परंपरागत मार्ग महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाडी से होती हुई रामघाट पहुंचेगी। जहॉ क्षिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन किया जाएगा। इसके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होती हुई पुन: श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी।

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भोपाल। मध्य प्रदेश में बने कम दबाव का क्षेत्र के चलते मानसून फिर से सक्रिय हो गया है और इसके साथ ही प्रदेश के अधिकतर जिलों में झमाझम बारिश का सिलसिला शुरू हो गया है। शनिवार को राजधानी भोपाल समेत प्रदेशभर में जमकर बारिश हुई। मौसम विज्ञानियों ने रविवार को प्रदेश में अनेक स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना जताई है। विशेषकर रायसेन, छिंदवाड़ा, सिवनी, नर्मदापुरम, नरसिंहपुर, बैतूल, दमोह, हरदा, देवास एवं खंडवा में भारी बारिश हो सकती है। इन जिलों में आरेंज अलर्ट जारी किया गया है।       वहीं, इस मानसून सीजन में पहली बार नर्मदापुरम में तवा डैम के गेट शनिवार को खोल दिए गए। पांच गेट पांच फीट तक खोलकर बांध से 42430 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। कैचमेंट एरिया में हो रही अच्छी बारिश और सारणी बांध से छोड़े गए पानी की वजह से तवा बांध का जलस्तर बढ़ रहा है। शनिवार दोपहर तक बांध में पानी का लेवल 1163 फीट पार कर गया। बांध का फुल टैंक लेवल 1166 फीट है। इधर, जबलपुर में बने बरगी बांध का लेवल 421.75 मीटर तक पहुंच गया है। बांध 92 फीसदी भर चुका है। बरगी बांध के नौ गेट भी इस सीजन में तीसरी बार शनिवार शाम को खोले 1.16 मीटर तक गए।   शनिवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक सिवनी में 41, नरसिंहपुर में 29, इंदौर में 25.2, उमरिया में 21, खरगोन में 20, खंडवा में 17, धार में 13, छिंदवाड़ा में 12, दमोह में 11, मंडला में नौ, नर्मदापुरम एवं पचमढ़ी में आठ, जबलपुर में 7.4, भोपाल में छह, बैतूल में चार, मलाजखंड एवं उज्जैन में दो, खजुराहो में 1.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। वहीं, ग्वालियर, गुना, राजगढ़ एवं सागर में बूंदाबांदी हुई।       भोपाल मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ विशेषज्ञ अजय शुक्ला ने बताया कि मानसून द्रोणिका के मप्र में आने से मानसून की गतिविधियों में और तेजी आने लगी है। रविवार को शहडोल, रीवा, जबलपुर, सागर, नर्मदापुरम, उज्जैन, इंदौर, ग्वालियर संभाग के जिलों में रुक-रुककर बारिश हो सकती है। हालांकि कम दबाव के क्षेत्र के कमजोर पड़ने के कारण सोमवार से मानसून की गतिविधियों में कुछ कमी आने लगेगी।       मौसम विज्ञानी एसएन साहू ने बताया कि ओडिशा के आसपास बना कम दबाव का क्षेत्र अब उत्तरी छत्तीसगढ़ के आसपास बना हुआ है। इसी के चलते मानसून फिर से सक्रिय हुआ है और प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बारिश हो रही है।  

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बॉलीवुड के एक्शन हीरो सनी देओल की फिल्म ग़दर 2 का क्रेज तो हर जगह देखने को मिल रहा है। इंदौर में सनी देओल के फैंस शनिवार को उनकी गदर-2 मूवी देखने ट्रक और जेसीबी पर सवार होकर ढोल-नगाड़े के साथ ओपन थिएटर पहुंचे। यहां पर फैंस ने 'मैं निकला ओ गड्डी ले के'... गाने पर जमकर डांस किया और हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए।इंदौर के विंडासा ओपन ड्राइव इन थिएटर में सनी देओल के 44 फैन गदर-2 देखने पहुंचे थे। इस ग्रुप के अलावा फिल्म देखने पहुंचे लोगों को टिकट नहीं मिला तो उन्होंने भी इसी ग्रुप में शामिल होकर फिल्म देखी। इस ग्रुप में कुल 14 गाड़ियां थीं। इसमें 2 कार, 2 बाइक 1 जेसीबी और 9 ट्रक थे। इसका क्रेज फैंस के सिर चढ़कर बोल रहा है।बॉलीवुड एक्टर सनी देओल की फिल्म 'गदर 2' 11 अगस्त को सिनेमाघरों में रिलीज हुई है। 'गदर 2' लोगों के लिए सिर्फ फिल्म ही नहीं, बल्कि एक इमोशन है। 22 साल बाद भी तारा सिंह लोगों को खुद से बांधे हुए दिख रहे हैं। यही वजह है कि फैंस में फिल्म को लेकर गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है। तारा सिंह और सकीना की आईकॉनिक जोड़ी एक बार फिर पर्दे पर लोगों का दिल जीत रही है। अनिल शर्मा के निर्देशन में बनी इस फिल्म में अमीषा पटेल और सनी देओल को लेकर दीवानगी देखते ही बनती है।ट्रक और जेसीबी लेकर पहुंचे सिविल कांट्रैक्टर हरिओम ने बताया कि राऊ में उनकी सिविल कंस्ट्रक्शन की साइट चल रही है। यहां पर काम करने वाले लेबर फिल्म देखने के लिए उनसे छुट्टी मांग रहे थे। जिसके बाद वह अपनी लेबर को ट्रक और जेसीबी में भरकर फिल्म दिखाने के लिए इस थिएटर पर पहुंचे।विंडासा थिएटर के डायरेक्टर ने बताया कि कांट्रैक्टर हरिओम का हमारे पास सुबह फोन आया था। वह बोले थे कि जेसीबी और ट्रक से फिल्म देखने आएंगे। जानकारी के बाद इन लोगों के लिए प्राइवेट स्पेशल स्क्रीनिंग कराई गई।सनी देओल की 'गदर 2' हर दिन कमाई के नए रिकॉर्ड बना रही है। इसके कलेक्शन की तुलना शाहरुख खान की 'पठान' से होने लगी है। 'पठान' इस साल ही नहीं, बॉलीवुड के इतिहास की सबसे बड़ी फिल्म है। लेकिन फिल्म बिजनेस का गणित बताता है कि अगर बॉक्स ऑफिस कलेक्शन के सारे फैक्टर बराबर होते तो 'गदर 2' की कमाई 'पठान' से ज्यादा होती। इतना ही नहीं बॉक्स ऑफिस और फिल्म इंडस्ट्री के लिए स्वतंत्रता दिवस संजीवनी बनकर आया। गदर 2 और ओह माय गॉड 2 की कमाई हर दिन नए रिकॉर्ड बना रही है।

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बड़वानी। शहर में शुक्रवार रात बजरंग दल ने एक मुस्लिम युवक और हिंदू युवती का निकाह रुकवा दिया। बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया। कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए कोतवाली थाने पहुंचे और दोनों को पुलिस के हवाले कर दिया। बजरंग दल के सदस्य मामला दर्ज करने की मांग करने लगे, जिसके बाद पुलिस अधीक्षक पुनीत गहलोत ने मौके पर पहुंचकर नारेबाजी रुकवाई। पुलिस ने मामले में युवक के खिलाफ दुष्कर्म एवं धर्म स्वतंत्रता अधिनियम के प्रावधानों के तहत केस दर्ज किया। दरअसल, शहर में पाला बाजार क्षेत्र के समीप एक मकान में कथित रूप से शुक्रवार की रात धर्मांतरण की सूचना पर हिंदू संगठन के लोग मकान के बाहर जमा हो गए। यहां पर बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी कर हंगामा किया। मकान के भीतर एक हिंदू लड़की का निकाह होने वाला था, जिसे रुकवाया गया और युवक-युवती को पुलिस के हवाले कर दिया गया। देखते ही देखते इसकी जानकारी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। इसके बाद क्षेत्र में आसपास की दुकानें बंद हो गई। पुलिस अधीक्षक पुनीत गहलोत ने बताया कि मामले की जांच हो रही है। एक युवती के कथित धर्मांतरण को लेकर नारेबाजी व हंगामा हुआ। युवक को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ विविध धाराओं में केस दर्ज किया गया है। मौके पर पुलिसबल की तैनाती के बाद स्थिति नियंत्रित है। उन्होंने कहा कि कई जगहों पर पथराव और दुकानें बंद करने की बात झूठी है। जनता से अपील है कि इलाके में शांति बनाए रखें। अफवाहों पर ध्यान न दें। पुलिस की साइबर सेल शरारती तत्वों पर ध्यान रख रही है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने दोनों पक्षों को थाने पर बुलाया है, जहां पर बयान लिए जा रहे हैं। स्थिति नियंत्रण में है और पूर्ण शांति बहाल है।

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उज्जैन। सोमवार 21 अगस्त को नागपंचमी पर्व मनाया जावेगा, जिसमें देश के कोने-कोने से काफी संख्या में श्रद्धालु भगवान नागचन्द्रेश्वर के दर्शन के लिए आयेंगे। रविवार 20 अगस्त की रात्रि 12 बजे मंदिर के पट खोले जाएंगे। दर्शन का सिलसिला सतत 24 घंटे चलेगा।     उल्लेखनीय है कि श्री महाकालेश्वर मंदिर के द्वितीय तल पर श्री नागचन्द्रेश्वर मंदिर के पट साल में एक बार 24 घंटे सिर्फ नागपंचमी के दिन खुलते है। हिंदू धर्म में सदियों से नागों की पूजा करने की परंपरा रही है। हिंदू परंपरा में नागों को भगवान का आभूषण भी माना गया है।     श्री महाकाल मंदिर के गर्भगृह के उपर ओंकरेश्वर मंदिर और उसके भी शीर्ष पर श्री नागचन्द्रेश्वर का मंदिर प्रतिष्ठापित है। श्री नागचन्द्रेश्वर मंदिर में 11वीं शताब्दी की एक अद्भुत प्रतिमा स्थापित है, प्रतिमा में श्री नागचन्द्रेश्वर स्वयं अपने सात फनों से सुशोभित हो रहे है। साथ में शिव-पार्वती के दोनों वाहन नंदी एवं सिंह भी विराजित है। मूर्ति में श्री गणेश की ललितासन मूर्ति, उमा के दांयी ओर कार्तिकेय की मूर्ति व उपर की ओर सूर्य-चन्द्रमां भी अंकित है। इस प्रकार श्री नागचन्द्रेश्वर की मूर्ति अपने आप में भव्य एवं कलात्मकता का उदहारण है। भगवान के गले और भुजाओं में भुजंग लिपटे हुए है।     कहते हैं कि यह प्रतिमा नेपाल से यहां लाई गई थी। ऐसी मान्यता है कि, उज्जैन के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसी प्रतिमा नहीं है। इस प्रतिमा के दर्शन के उपरांत अंदर प्रवेश करने पर श्री नागचन्द्रेश्वर की मुख्य प्रतिमा (शिवलिंग) के दर्शन होते है।     20 अगस्त रविवार की रात्रि 12 बजे पट खुलेंगे। पट खुलने के बाद रात्रि 12 बजे विशेष पूजा-अर्चना के साथ आम भक्तों के लिये मंदिर के खुल जायेंगे और नागचन्द्रेश्वर महादेव के लगातार 24 घंटे दर्शन होंगे। मंदिर के पट सोमवार की रात्रि 12 बजे बंद होंगे। श्री नागचन्द्रेश्वर भगवान की होगी त्रिकाल पूजा नागपंचमी पर्व पर भगवान श्री नागचन्द्रेश्वर की त्रिकाल पूजा होगी। जिसमें रविवार 20 अगस्त की मध्यरात्रि 12 बजे पट खुलने के पश्चात पंचायती महानिर्वाणी अखाडे के महंत विनितगिरी महाराज एवं श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति कलेक्टर एवं अध्यक्ष कुमार पुरुषोत्तम द्वारा प्रथम पूजन व अभिषेक किया जावेगा।   21 अगस्त को अपरान्ह: 12 बजे पंचायती महानिर्वाणी अखाडे द्वारा पूजन होगा। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा 21 अगस्त को ही श्री महाकालेश्वर भगवान की सायं आरती के पश्चात नागचन्द्रेश्वर की पूजन-आरती महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी एवं पुरोहितों द्वारा की जावेगी।

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छिंदवाड़ा। नई दिल्ली से हैदराबाद जा रही 12724 तेलंगाना एक्सप्रेस में शनिवार तड़के छिंदवाड़ा के पांढुर्णा रेलवे स्टेशन से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर अचानक आग लग गई। ट्रेन में यात्रियों ने पैंट्री कार से धुआं और आग की लपटें उठती देखीं, जिसके बाद अफरा-तफरी मच गई। सूचना मिलने पर पांढुर्णा रेलवे स्टेशन के कर्मचारी मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया। फिलहाल कोई जनहानि नहीं हुई है। आधे घंटे बाद आग बुझाकर ट्रेन को आगे के लिए रवाना कर दिया गया है।       जानकारी के अनुसार, गाड़ी संख्या 12724 तेलंगाना एक्सप्रेस शुक्रवार को शाम 4.00 बजे नई दिल्ली से हैदराबाद के लिए रवाना हुई थी। बताया जा रहा है कि यह ट्रेन भोपाल से गुजरने के बाद इटारसी होते हुए नागपुर की ओर जा रही थी। शनिवार सुबह 5.37 बजे पांढुरना रेलवे स्टेशन से गुजरने के लगभग एक किलोमीटर दूर ट्रेन के पेंट्रीकार बोगी कोच नंबर 201811/सी में आग लग गई। आग की लपटें देख यात्रियों ने शोर मचाना शुरू कर दिया। इसके बाद ट्रेन को गायत्री फाटक पर रोका गया और पांढुर्णा रेलवे पर इसकी सूचना दी गई।       सूचना मिलते ही पांढुर्णा से रेलवे कर्मचारी मौके पर पहुंचे और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया। आधे घंटे बाद आग को बुझाकर ट्रेन को अपने गंतव्य की ओर रवाना किया गया। रेल अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ट्रेन में आग कैसे लगी। मामले की जांच की जा रही है।

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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प्रदेश में वक्फ सम्पत्तियों की भौतिक स्थिति जानने के लिये 15 जिलों की करीब 12 हजार 644 वक्फ सम्पत्तियों की जीआईएस मेपिंग की गई है। यह जानकारी वामसी ऑनलाइन www.wamsi.nic.in पर भी उपलब्ध कराई गई है। इस व्यवस्था से वक्फ संपत्तियों पर अतिक्रमण के प्रकरणों की जानकारी मिल रही है। वक्फ बोर्ड द्वारा अतिक्रमण हटाने के संबंध में जिला प्रशासन के साथ मिलकर त्वरित कार्यवाही की जा रही है। वक्फ बोर्ड पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अंतर्गत संचालित हो रहा है। वक्फ बोर्ड द्वारा 5 लाख रूपये से अधिक आय वाली सम्पत्तियों के उचित प्रबंध और आय बढ़ाने के लिये कार्यपालन अधिकारी की नियुक्ति भी की गई है। इसके अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। राष्ट्रीय वक्फ निगम द्वारा मध्यप्रदेश वक्फ के 4 बड़े वक्फों को विकसित करने के लिये चिन्हित किया गया है।बोर्ड ने अपनी कार्य-प्रणाली में सुधार और पारदर्शिता लाने के लिये उर्स-मेलों की खुले बाजार में नीलामी की कार्यवाही की है। इससे वक्फ की आमदनी में वृद्धि हुई है। प्रदेश में करोड़ों के बाजार मूल्य की वक्फ सम्पत्तियाँ, जो राजस्व रिकॉर्ड में किसी अन्य के नाम नामांतरण हो गई थीं, बोर्ड के प्रयास से वापस वक्फ सम्पत्ति के रूप में राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज कराई गई हैं।बोर्ड द्वारा मुस्लिम बच्चों में उच्च शिक्षा के प्रति रुझान पैदा करने के भी बेहतर प्रयास किये जा रहे हैं। बोर्ड ने जकात फाउण्डेशन ऑफ इण्डिया के साथ मिलकर आईएएस और आईपीएस की तैयारी के लिये उच्च स्तर की नि:शुल्क कोचिंग क्लॉस प्रारंभ करने की बड़ी पहल की है।  

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शिवपुरी। कई इलाकों में शुक्रवार दोपहर खेतों में आसमान से चमकदार गोले गिरने की घटनाएं सामने आने पर ग्रामीण दहशत में आ गए। हालांकि लोहे के गोले की जांच की जा रही है और लोगों को इससे दूर रहने की हिदायत दी जा रही है। जानकारी के मुताबिक जिले की करैरा विधानसभा के अंतर्गत ग्राम बनयानी में शुक्रवार दोपहर बंटी रावत अपने भाई के साथ खेतों में काम कर रहे थे, तभी आसमान से बादलों की गड़गड़ाहट जैसी आवाज आई, तभी उन्होंने आसमान की ओर देखा तो एक सुर्ख लाल आग के गोले के समान आकृति वाली वस्तु देखते ही देखते उन्हीं के पास दूसरे खेत में आकर गिर गई। इस घटना की समूचे क्षेत्र में फैल गई। इसी प्रकार की घटना भितरवार थाना क्षेत्र के ग्राम जौरा, सिल्हा, किठोंदा गांव में भी हुई। यहां भी चमकदार गोले के आकार की वस्तु आसमान से आकर जमीन पर गिरी। सूचना मिलने के बाद भितरवार एसडीएम देवकीनंदन सिंह, एसडीओपी जितेंद्र नगायच, थाना प्रभारी धवल सिंह चौहान, उपनिरीक्षक रमाकांत उपाध्याय अन्य पुलिस बल और राजस्व बल मौके पर पहुंचा और लोगों को गोले के आकार के गिरे उपकरण से दूर रहने की हिदायत ग्रामीणों को दी। भितरवार थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम जौरा में शुक्रवार दोपहर लगभग 12:55 बजे अजीबोगरीब घटना आसमान से घटित हुई। जौरा निवासी कृषक मुरारी जाटव के खेत में पांच से सात किलो वजन का लोहे का गोला खेत में गिरा और चकरी की तरह घूमकर उसने दो फीट तक खेत में गड्ढा कर दिया। उक्त घटना पास के ही खेत में कार्य कर रहे पूरन आदिवासी एवं राहगीर रामलखन धानुक ने देखी तो खेतों में काम कर रहे मजदूर और अन्य लोग दहशत में आ गए और उन्होंने इसकी सूचना भितरवार पुलिस को दी। वहीं सूचना मिलने के बाद उपनिरीक्षक रमाकांत उपाध्याय पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और दहशत गर्द ग्रामीणों को खेतों में पड़े गोलाकार वस्तु से दूर रहने की हिदायत देते हुए वरिष्ठ अधिकारियों को मौका स्थल पर हुए घटनाक्रम की विस्तृत जानकारी से अवगत कराया। वहीं, किठोदा गांव के किसान देवेंद्र सिंह जाट पुत्र बदन सिंह जाट के खेतों में भी इसी प्रकार गोलाकार वास्तु गिरी जहां के लोगों में भी दहशत दिखाई दी। वहीं, बनियातौर और सिल्हा गांव के बीच सिल्हा गांव के निवासी किसान रामदास बाथम के खेत में भी इसी प्रकार का गोला गिरा है। जहां भितरवार थाना क्षेत्र के तीन स्थानों पर चमकदार गोला गिरने की घटना हुई है तो वही भितरवार ब्लॉक के सटे हुए शिवपुरी जिले के सीहोर थाना क्षेत्र के गांव बनियानी में बृजमोहन सिंह रावत के खेत के समीप पड़े शासकीय भूखंड पर भी गोला गिरने की सूचना प्राप्त हुई है। भितरवार प्रशासन की सूचना पर ग्वालियर की बम डिस्पोजल टीम के घटना स्थल पहुंच गई है। बम डिस्पोटल टीम ने गोलों को जब्त कर लिया है। उन्होंने अनुमान लगाया है कि सेटेलाइट में हाइड्रोजन से भरे फ्यूल सिस्टम से भरे होते हैं, जो कि हाइड्रोजन खत्म होने पर अपने आप गिर जाते हैं।   घटना के संबंध में जब पुलिस अधीक्षक रघुवंश सिंह भदौरिया का कहना है कि आसमान से कोई वस्तु गिरने की जानकारी मिली है जिसकी जांच विशेषज्ञों से कराई जा रही है। प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि कोई वायुयान का पुर्जा हो सकता है या फिर अंतरिक्ष से आया कुछ और भी हो सकता है। सही स्थिति जांच के बाद ही पता चल सकेगी।

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भोपाल। मध्यप्रदेश में मानसून के सक्रिय होते ही बारिश का दौर फिर शुरू हो गया है। गुरुवार को प्रदेश के कई जिलों में बारिश हुई। जबलपुर और रीवा में गुरुवार शाम से शुरू हुई बारिश शुक्रवार को भी जारी है। वहीं मौसम विभाग ने रीवा समेत 14 जिलों में तेज बारिश की संभावना जताई है। इंदौर-भोपाल में बादल छाए रहेंगे, जबकि ग्वालियर में मौसम साफ रहेगा।     मध्यप्रदेश में बारिश पर बीते 13 दिनों से लगा हुआ ब्रेक हट गया है। गुरुवार को कई जिलों में बारिश हुई। उमरिया में करीब एक इंच पानी गिरा। नौगांव, नरसिंहपुर, सीधी और जबलपुर में तेज बारिश हुई। वहीं, रीवा, सागर, नर्मदापुरम, मंडला, दमोह और मलाजखंड में भी बारिश हुई। शुक्रवार को प्रदेश के कई इलाकों में तेज बारिश का अनुमान है। इससे पहले पिछले कई दिन से कोई सिस्टम सक्रिय नहीं था, जिससे औसत बारिश का आंकड़ा 8% तक गिर गया है। इनमें पूर्वी हिस्से में 6% और पश्चिमी हिस्से में 10% कम बारिश हुई है।     वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. एचएस पांडे ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में साइकोनिक सर्कुलेशन बन रहा है, जिससे 18 अगस्त से कम दबाव के क्षेत्र में मौसम बदल सकता है। गुरुवार से नमी आना शुरू हो गई है। प्रदेश के पूर्वी हिस्से में बारिश होने लगी है। 19 और 20 अगस्त को सिस्टम की सक्रियता बढ़ जाएगी। रीवा-शहडोल संभाग में कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है। इसके अलावा, 18 अगस्त से ही ट्रफ लाइन गुजरने से भी बारिश का दौर शुरू होगा।   मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में रीवा, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर में तेज बारिश की संभावना जताई है। भोपाल, विदिशा, रायसेन, सीहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, देवास, शाजापुर, आगर-मालवा, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, सिंगरौली, सीधी, नरसिंहपुर, बालाघाट, टीकमगढ़, निवाड़ी में हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। अन्य जिलों बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, मंदसौर, नीमच, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योपुरकलां में मौसम साफ रहेगा।

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खंडवा। खंडवा जिले के पुनासा क्षेत्र में दर्दनाक सड़क हादसा हुआ है,जिमसें 5 युवकों की दुखद मौत हो गई। गुरुवार-शुक्रवार की दरमीयानी रात पुनासा-सनावद मार्ग पर पुनासा से तीन किलोमीटर की दूरी पर ग्राम फीफरी रैयत के समीप ट्र्रक और कार के बीच आमने-सामने भीषण टक्कर होने से कार सवार सभी 5 यात्रियों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, दुर्घटना की भयावहता का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता हे कि मृतको के शव को बाहर निकालने में पुनासा पुलिस को कटर का सहारा लेना पड़ा ।   दुर्घटना में मारे गए , भारत-चिंताराम मुकाती ( 40 ) निवासी कांकरीया थाना कसरावद , अलकेश-तुलसीराम भारुड ( 36 ) दोगांवां थाना कसरावद , मनीष-ताराचंद वर्मा ( 26 ) निवासी दोगांवां थाना कसरावद , पुखराज-चरणदास नामदेव ( 24 ) निवासी दोगांवां थाना कसरावद , आदित्य-अमीत शर्मा ( 25 ) निवासी राममन्दिर चौक कसरावद । एसपी खंडवा सत्येंद्र कुमार शुक्ल ने बताया कि सभी मृतक खरगोन जिले के रहने वाले थे एवं सभी मृतको का समुदायीक स्वास्थ्य केन्द्र पुनासा में पोस्टमार्टम किया गया और शव परीजनो के सुपुर्द कर दिए गए ।

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मप्र की राजनीति इन दिनों उत्तर प्रदेश की कास्ट पॉलिटिक्स की तरह चल रही है। शिवराज सरकार तमाम जातियों के सम्मेलन, महाकुंभ का आयोजन करके सामाजिक बोर्ड के गठन का ऐलान कर रही है तो वहीं कांग्रेस भी इसी तरह के जातिवार सम्मेलन कर रही है। कांग्रेस के संगठन को दुरुस्त कर चुनावी रणनीति बनाने में जुटे पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने गुर्जर समाज के आराध्य देव को मनाने के लिए करीब 18 किलोमीटर की नंगे पैर पदयात्रा की।बुधवार दोपहर करीब तीन बजे दिग्विजय सिंह ने बैरसिया क्षेत्र के बरखेडी देव गांव में स्थित भगवान देवनारायण तीर्थ क्षेत्र की परिक्रमा शुरु की। इस पूरी 18 किलोमीटर की पदयात्रा में दिग्विजय ने जूते-चप्पल नहीं पहने। कंकरीले-पथरीले रास्तों पर दिग्गी ने नंगे पैर चलते हुए रात करीब साढे़ नौ बजे अपनी परिक्रमा पूरी की। इस परिक्रमा के मार्ग में पड़ने वाले हनुमान जी के सात मंदिरों और पहाड़ी पर बने एक मंदिर में भी दिग्गी ने जाकर माथा टेका।बैरसिया के स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने दावा किया कि बरखेडी देव स्थित तीर्थ क्षेत्र में बुधवार को 50 हजार से ज्यादा श्रृद्धालु पहुंचे। इस दौरान दिग्विजय सिंह की पदयात्रा में बरखेडी देव तीर्थ क्षेत्र के पंडा दशरथ सिंह गुर्जर ने भी नंगे पैर परिक्रमा की। दिग्गी के साथ पूर्व सांसद रामेश्वर नीखरा ने भी 18 किलोमीटर की परिक्रमा पूरी की।मप्र में गुर्जर समाज की करीब 35 लाख आबादी है। पेशे से उन्नत खेती करने वाले इस बडे़ कृषक वर्ग को साधने के लिए दिग्विजय सिंह ने बैरसिया विधानसभा क्षेत्र के भगवान देवनारायण के तीर्थ क्षेत्र को चुना। अकेले बैरसिया विधानसभा में ही गुर्जर समाज के करीब 50 हजार वोटर हैं। गुर्जर समाज के श्रृद्धालुओं की मौजूदगी में दिग्विजय सिंह ने 18 किलोमीटर की पदयात्रा कर उन्हें जोडने की कोशिश की है।

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भोपाल। प्रदेश के अधिकांश जिलों में 5 अगस्त से मानसून पर ब्रेक लगा हुआ है, जो आज 13वें दिन हट सकता है। इसकी वजह हैं वो दो सिस्टम जो अब सक्रिय हो गए हैं। चक्रवाती हवाओं के घेरे और ट्रफ लाइन के गुजरने से प्रदेश के पूर्वी हिस्से में अगले कुछ दिन बारिश होगी। 19 और 20 अगस्त को भारी बारिश भी हो सकती है। भोपाल, इंदौर और उज्जैन संभाग में हल्की बारिश का दौर जारी रहेगा।     वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. एचएस पांडे ने बताया कि साइक्लोनिक सर्कुलेशन बंगाल की खाड़ी में बन रहा है। इससे 18 अगस्त से कम दबाव के क्षेत्र में मौसम बदलने की संभावना है। गुरुवार से ही नमी आना शुरू हो जाएगी। प्रदेश के पूर्वी हिस्से में बारिश का दौर शुरू होगा। 19 और 20 अगस्त को मानसूनी गतिविधियां बढ़ जाएंगी। रीवा-शहडोल संभाग में कहीं-कहीं भारी बारिश भी हो सकती है। इसके अलावा 18 अगस्त से ही ट्रफ लाइन के गुजरने से भी बारिश का दौर शुरू होगा। रीवा-शहडोल संभाग के सतना, सीधी, सिंगरौली, रीवा, अनूपपुर, शहडोल और उमरिया में तेज बारिश होगी। जबलपुर में भी कहीं-कहीं हल्की और तेज बारिश हो सकती है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन संभाग में असर कम रहेगा।     मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटों में भोपाल, सीहोर, राजगढ़, रायसेन, विदिशा, इंदौर, धार, झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, उज्जैन, रतलाम, देवास, शाजापुर, आगर-मालवा, मंदसौर और नीमच में हल्की बारिश का दौर जारी रहेगा। नर्मदापुरम संभाग में भी ऐसा ही मौसम रहने का अनुमान है। ग्वालियर-चंबल संभाग के ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, दतिया, भिंड, मुरैना और श्योपुरकलां में भी बारिश का दौर जारी रह सकता है।   बीते 24 घंटे में प्रदेश के कुछ जिलों में बूंदाबांदी और हल्की बारिश दर्ज की गई है। दमोह में 0.82 इंच, जबलपुर में 0.76, सिवनी में 0.17 और नर्मदापुरम में 0.09 इंच बारिश हुई। यहां बुधवार शाम से रात्रि तक भी हल्की बारिश हुई। इसके अलावा टीकमगढ़ , नौगांव, उमरिया, उज्जैन, इंदौर, धार और भोपाल में भी हल्की बारिश हुई। पिछले कई दिन से मानसूनी सिस्टम नहीं होने से मध्यप्रदेश में औसत बारिश का आंकड़ा 7% तक गिर गया है। पूर्वी हिस्से में 5% और पश्चिमी हिस्से में 9% कम बारिश हुई है।

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उज्जैन। महाकाल महालोक बनने के बाद तो भगवान महाकालेश्वर के दर्शन के लिये आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या रिकॉर्ड बना रही है। श्रावण अधिक मास के दौरान 30 दिन में औसत 01 करोड़ 20 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने भगवान के दर्शन किए। वही 13 से 15 अगस्त के बीच तीन दिन में 14 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन लाभ लिया है।     महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक एवं अपर कलेक्टर संदीप कुमार सोनी ने बताया कि श्रावण माह में श्रद्धालुओं की गणना करने के लिए स्मार्ट सिटी द्वारा लगाई गई हेड काउंट डिवाइस के माध्यम से श्रद्धालुओं के श्री महाकालेश्वर मंदिर में आगमन की संख्या की जानकारी भी मिल रही है। 13 से 15 अगस्त तक तीन दिन में 14 लाख से अधिक भक्तों ने दर्शन किए। महाकाल की नगरी उज्जैन में श्रावण मास में श्रद्धालुओं का रिकॉर्ड आगमन हो रहा है। श्री महाकाल महालोक बनने के बाद श्रावण मास में 4 जुलाई से लेकर अब तक 1 करोड़ 20 लाख से अधिक श्रद्धालु भगवान महाकालेश्वर के दर्शन कर चुके हैं।   रक्षाबंधन पर्व पर सवा लाख लड्डूओं का महाभोग श्री महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल के आंगन में सबसे पहले त्यौहार मनाए जाते है। इस बार भी रक्षाबंधन का पर्व सबसे पहले मनाया जाएगा। सुबह भस्म आरती में बाबा महाकाल को राखी बांधी जाएगी। इसके बाद भगवान को लड्डूओं का महाभोग लगाया जाएगा। सुबह दर्शन के लिए आने वाले भक्तों को लड्डू का प्रसाद वितरित होगा।   इस बार 30 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा रक्षाबंधन पर महाकालेश्वर मंदिर में पुजारी परिवार द्वारा बाबा महाकाल को असंख्य लड्डूओं का महाभोग लगाया जाएगा। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है। इसी क्रम में इस बार भी भस्म आरती करने वाले पुजारी परिवार द्वारा राजाधिराज महाकाल को लड्डूओं का भोग अर्पण किया जाएगा। भगवान को राखी बांधने के पश्चात लड्डूओं का महाभोग लगाया जाता है। लड्डू प्रसादी तैयार करने में पुजारी परिवार के साथ ही कई भक्तों द्वारा भी सामग्री दी जाती है, जिसे प्रसाद में शामिल किया जाता है।

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सीहोर। कुबेरेश्वर धाम के कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के नेतृत्व में बुधवार को सीहोर में विशाल कावड़ यात्रा निकाली जा रही है। शहर के सीवन तट से करीब 11 किलोमीटर तक सुबह से शुरू हुई इस कावड़ यात्रा में देशभर से आए श्रद्धालु शामिल हुए। पूरा शहर शिव की भक्ति व भगवा रंग में नजर आया। लगातार दूसरे साल निकाली जा रही 11 किलोमीटर लम्बी कावड़ यात्रा में शहर के रास्ते और सीवन तट पर कावड़िया ही कावड़िया नजर आए। डीजे की धुन पर श्रद्धालु नाचते-गाते व बम बम भोले, जय शंभू के साथ कवड़िया कुबेरेश्वर धाम के लिए जा रहे हैं।       पंडित प्रदीप मिश्रा ने संदेश देते हुए श्रद्धालुओं से आह्वान किया था कि अद्भुत संयोग पर निकाली जाने वाली भव्य कावड़ यात्रा भक्ति का सैलाब है। अधिक मास की अमावस्या और सावन का जो मिलन हुआ है, यह काफी दिव्य योग है। कावड़ यात्रा को लेकर विठलेश सेवा समिति सहित क्षेत्रवासियों ने अपने-अपने स्तर पर तैयारियां की हैं, जिसके चलते शिव भक्तों में कावड़ यात्रा को लेकर इतना उत्साह रहा कि दो दिन पूर्व ही कुबेरेश्वरधाम पर लाखों की संख्या में देश के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालुओं डेरा डाल लिया। कावड़ यात्रा में करीब आठ से 10 लाख श्रद्धालुओं के शामिल होने का दावा किया जा रहा है। पूरा शहर भक्तिमय माहौल में डूबा नजर आ रहा है और हर तरफ बम-बम भोले के जयकारों की गूंज सुनाई दे रही है। कावड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं, कावंडिय़ों और दर्शनार्थियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए प्रशासन ने कड़ी व्यवस्था की है। जगह-जगह पुलिस बल मौजूद है।       मान्यता है कि तमाम कष्ट उठाकर भगवान भोले शंकर की कावड़ चढ़ाने जाने वाले शिवभक्तों की सेवा करना भी परम पुण्य का काम है। इससे प्रेरित होकर कांवड़ मार्ग पर जगह-जगह सेवा शिविर लगाए गए। जिससे कांवड़ में शामिल होने वालों का अतिथि सत्कार किया जा रहा है। कावड़ यात्रा में मुख्य अतिथि पंडित प्रदीप मिश्रा स्वयं यात्रियों के साथ शामिल हुए। उन्होंने बताया कि शिव पुराण के अनुसार, श्रावण के महीने में भगवान शिव और माता पार्वती