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अनूपपुर । एक बार फिर 46 दिनों के बाद एक हाथी अपने समूह से विछुड़ कर गुरुवार की सुबह जिले की सीमा छग के मरवाही वन मंडल,वन परिक्षेत्र के शिवनी बीट के जंगल में विश्राम कर रहा है जिससे एक बार फिर से अनूपपुर जिले में प्रवेश करने की संभावना बन रही है। ज्ञात हो कि दो हाथी विगत दिसम्बर माह में आने के बाद 46 दिनों तक अनूपपुर जिले में विचरण करने बाद 7 फरवरी को पुन: उसी रास्तेब वापस चले गये जहां 50 हाथियों के समूह में मिल गये थे। जानकारी अनुसार 17 मार्च को एक हाथी अकेला विचरण करता हुआ कटघोरा वन मंडल के पसान वन परिक्षेत्र से मरवाही वन मंडल में प्रवेश कर निरंतर विचरण कर रहा था जो 19 मार्च को एक बार फिर मरवाही वन परिक्षेत्र के जंगल में बुधवार की रात विचरण करता हुआ चार घरों में तोड़फोड़ कर तीन किसानों के खेतों में लगी फसलों को अपना आहार बनाते हुए 20 मार्च की सुबह मरवाही वन परिक्षेत्र के शिवनी बीट के ग्राम घिनौची,डडि़या के जंगल के पहाड़ में विश्राम कर रहा है। जो अनूपपुर जिले के जैतहरी तहसील,थाना एवं वन परिक्षेत्र के ग्राम पंचायत एवं बीट चोलना की सीमा से 3 से 4 किलोमीटर दूर पर है, यही रास्ता विगत कई वर्षों से हाथियों के आने एवं जाने का होने के कारण फिर से आने की संभावना व्यक्त किया रही है। गुरुवार की रात एक बार फिर से अनूपपुर जिले में प्रवेश करने की संभावना बन रहीं हैं। एक बार फिर 46 दिन बाद हाथी के आने की सम्भावना से जैतहरी एवं अनूपपुर वन परिक्षेत्र के ग्रामीण परेशान हैं। वनविभाग द्वारा एक हाथी के आने की संभावना को देखते हुए आवश्यक दिशा/निर्देश एवं सतर्कता बरतते हुए तैयारी में लगे हुए प्रभावित ग्राम पंचायतो को भी ग्रामीणों को सतर्क एवं सचेत रहने को कहा गया है।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मौसम का मिजाज बदल गया है। प्रदेश में एक साथ दो सिस्टम एक्टिव है। जिसके चलते कुछ हिस्सों में गरज चमक के साथ बारिश होने के आसार है। 20 से 22 मार्च तक मौसम खराब रहने की संभावना है। प्रदेश के मंडला, बालाघाट, सीधी-सिंगरौली समेत 7 जिलों में अगले 2 दिन तक ओले गिरने का अलर्ट है। वहीं, प्रदेश के आधे हिस्से में तेज आंधी, गरज-चमक और हल्की बारिश की संभावना है। भोपाल-जबलपुर में भी मौसम बदला रहेगा।मौसम विभाग के अनुसार, दो साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम के एक्टिव होने की वजह से इन दिनों मौसम बदला हुआ है। वहीं, एक टर्फ भी गुजर रहा है। एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) भी एक्टिव हो गया है। जिसके असर से प्रदेश में बारिश का दौर शुरू होगा। इससे पहले बुधवार को नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, गुना, अशोकनगर, सिंगरौली, सीधी, मऊगंज, शहडोल, उमरिया, डिंडौरी, कटनी, मंडला और मैहर जिलों में मौसम बदला रहा। कुछ जगहों पर बौछारें भी गिरीं। भोपाल में बादल छाए रहे। 22 मार्च तक प्रदेश में मौसम बदला रहेगा। इसके बाद पूर्वी हिस्से के पारे में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट होगी। 25 मार्च से पूरे प्रदेश में गर्मी का असर बढ़ेगा।आज गुरुवार को मंडला, बालाघाट, शहडोल, सीधी, सिंगरौली और मऊगंज में ओले गिर सकते हैं। भोपाल, विदिशा, सीहोर, हरदा, बैतूल, नर्मदापुरम, सागर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, जबलपुर, दमोह, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, मैहर, कटनी, उमरिया, डिंडौरी और अनूपपुर में गरज-चमक, तेज आंधी और हल्की बारिश हो सकती है। 21 मार्च को मऊगंज, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, सिवनी, मंडला और बालाघाट में ओले, आंधी और गरज-चमक का ऑरेंज अलर्ट है। जबलपुर, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, मैहर, दमोह, सागर, कटनी, उमरिया, डिंडौरी, अनूपपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, बैतूल, नर्मदापुरम, रायसेन, विदिशा, सीहोर, हरदा में गरज-चमक के साथ तेज आंधी और हल्की बारिश हो सकती है। वहीं, 22 मार्च को सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली, मैहर, शहडोल, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला और बालाघाट में बूंदाबांदी और बादल रहेंगे।मौसम का कहना है कि मार्च के आखिरी दिनों में प्रदेश में फिर से गर्मी का असर देखने को मिलेगा। कुछ इलाकों में लू भी चल सकती है। कई शहरों में पारा 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच सकता है।  

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रीवा । रीवा जिले के सेमरा गांव में बुधवार शाम दो साल के बच्चे की चना खाने से मौत हो गई। सांस नली में चना फंसने के कारण बच्चे की हालत अचानक बिगड़ गई और अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया। जानकारी के अनुसार, ग्राम सेमरा में दो वर्षीय रौनक साहू ने बुधवार शाम करीब चार बजे भूख लगने प्लेट में रखा चना खा लिया। कुछ ही सेकेंड में उसकी सांस फूलने लगी और आंखें पलट गईं। परिजन घबरा गए और आनन-फानन में उसे रीवा के संजय गांधी अस्पताल लेकर गए, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। संजय गांधी अस्पताल के प्रवक्ता डॉ. यत्नेश त्रिपाठी ने बताया कि चना सांस नली में फंस जाने से बच्चे की मौत की सूचना मिली है। यह कोई अप्रत्याशित घटना नहीं है। ऐसा पहले भी हो चुका है। बच्चों को ठोस और सूखा खाना खिलाते समय खास सावधानी बरतनी चाहिए। शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया है। रिपोर्ट आने के बाद मौत के सही कारणों की पुष्टि होगी। फिलहाल शव परिजन को सौंप दिया गया है। बच्चे की मौत के बाद उसकी मां अनीता साहू का रो-रोकर बुरा हाल है। अनीता ने कहा कि बेटा पूरी तरह स्वस्थ था। वह मेरी गोद में खेल रहा था। अचानक चना खाया और कुछ ही पलों में तड़पने लगा। मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि चना उसकी जान ले लेगा। बच्चे के मामा राजा साहू ने बताया कि रौनक को पहले कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं थी। वह पूरी तरह स्वस्थ था, लेकिन एक चने के दाने ने उसकी जान ले ली।  

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इंदौर । देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में बुधवार को रंगपंचमी पर अलग ही नजारा देखने को मिल रहा है। यहां मध्यक्षेत्र राजवाड़ा में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी रंगपंचमी पर ऐतिहासिक-पारंपरिक गेर निकली जा रही है। पूरा क्षेत्र रंगों से सराबोर है। टैंकरों से रंग और पानी की बौछार कई फीट ऊपर तक की जा रही है। वहीं मिसाइलों से  गुलाल उड़ाया जा रहा है। 75 साल से चले आ रहे इस पारंपरिक आयोजन में फाग यात्रा में झांकियां भी शामिल की गई हैं। ब्रज की लठ्ठमार होली, रासरंग, श्रीकृष्ण की झांकी आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। यूनेस्को की टीम भी यहां पहुंच गई है।   दरअसल, इंदौर की इस पारंपरिक गेर को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल कराने के प्रयास किये जा रहे हैं। इसी उद्देश्य से यूनेस्को की टीम यहां पहुंची है और रंगारंग गेर में शामिल हुई है। इस विश्व प्रसिद्ध गेर को देखने के लिए इंदौर में छतों की बुकिंग की गई है। फाग यात्रा में मंत्री तुलसी सिलावट और विधायक मालिनी गौड़ भी शामिल हैं। इसमें कालीचरण महाराज सहित कई देशी-विदेशी मेहमान शामिल हुए हैं।   परम्परा के अनुसार, रंगपंचमी पर राजवाड़ा क्षेत्र में टोरी कार्नर से बुधवार को सुबह 10.30 बजे से गेर निकलने का सिलसिला प्रारंभ हुआ। गेर में शामिल होने आए लोग ट्रैक्टर-ट्रॉली पर चढ़कर रंग-गुलाल उड़ा रहे हैं। यहां हर पॉइंट पर पुलिस नजर रखे हुए है। वहीं, नरसिंह बाजार से भी गेर की फाग यात्रा भगवान श्रीकृष्ण की आरती के बाद शुरू हो गई है। यात्रा में श्रीकृष्ण की लीलाओं को दर्शाया गया है। इस यात्रा में प्रदेश के मंत्री तुलसी सिलावट और विधायक मालिनी गौड़ भी शामिल हैं।   गेर की यात्रा में नगर निगम की झांकी भी शामिल है। इसके माध्यम से संदेश दिया जा रहा कि इंदौर 8वीं बार भी देश में सबसे स्वच्छ शहर का अवॉर्ड जीतेगा। हुरियारों की टोलियां पूरे शहर से गेर देखने के लिए राजवाड़ा पहुंची। पूरा क्षेत्र रंगों से सराबोर है। इस अद्भुत नजरों के गवाह शहर के हर उम्र के लोग बन रहे हैं। लाखों लोग इस दौरान यहां मौजूद हैं। गेर के चलते इंदौर की गलियां लोगों से पट गई हैं। हर तरफ भीड़ और गुलाल नजर आ रहा है।   गेर की तैयारी एक दिन पहले ही पूरी हो चुकी थी और राजवाड़ा क्षेत्र में घरों और मंदिरों को प्लास्टिक शीट से ढंक दिया गया था। टोरी कार्नर से शुरू होकर राजवाड़ा, सराफा होते हुए नर्सिह बाजार गेर और फाग यात्रा पहुंचेगी। इसमें राधा कृष्ण फाग यात्रा, संगम कार्नर गेर, टोरी कार्नर गेर, रसिया कार्नर और मारल क्लब की गेर निकलती है। रसिया कार्नर की गेर इस बार नहीं निकलेगी।   इस आयोजन में मुख्यमंत्री मोहन यादव भी शामिल होंगे। पुलिस सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा संभाल रही है। ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों से पूरी गेर पर नजर रखी जा रही है। पूरे गेर मार्ग को कानून व्यवस्था की दृष्टि से नौ सेक्टरों में विभाजित कर अपर कलेक्टर स्तर के अधिकारियों को प्रभारी बनाया गया है। इन सेक्टरों की जवाबदारी एसडीएम को सौंपी गई है। अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी रोशन राय संपूर्ण कानून व्यवस्था के समन्व्यक हैं।   यूनेस्को में शामिल करने गेर को शालीन बनाना होगाः कलेक्टरइंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि गेर के रास्ते सेक्टर में बांटे गए हैं। सभी सेक्टर में एम्बुलेंस, फायर फाइटर्स, सीसीटीवी, पुलिस तैनात की गई है। कंट्रोल रूम के माध्यम से नजर रखी जा रही है। यूनेस्को में शामिल होने का हमारा दावा भी तभी मजबूत होगा जब हम शालीन तरीके से, महिलाओं की सहभागिता और सुरक्षित तरीके से गेर निकालेंगे। जिसमें सभी लोग अपने आप को सेफ महसूस कर पाएं।  

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शिवपुरी । मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में खनियाधाना थाना क्षेत्र अंतर्गत माता टीला डैम में मंगलवार शाम को श्रद्धालुओं से भरी नाव पलट गई। इसमें तीन महिलाओं और चार बच्चों समेत कुल सात लोग बह गए हैं, जिनका खबर लिख जाने तक कोई पता नहीं चल पाया है। प्रशासन मौके पर रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटा है। वहीं, आठ लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है।   हादसा जिला मुख्यालय से लगभग 100 किमी दूर मंगलवार शाम लगभग छह बजे का बताया गया है। उत्तर प्रदेश के ललितपुर स्थित मातटीला बांध का यह क्षेत्र मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के खनियाधाना कें अंतर्गत आता है। जानकारी के अनुसार, खनियाधाना के रजावन गांव के 15 लोग मंगलवार शाम करीब पांच बजे नाव से माता टीला डैम के बीच बने टापू पर स्थित सिद्ध बाबा मंदिर के दर्शन करने जा रहे थे। इसी दौरान रास्ते में नाव असंतुलित होकर पलट गई। नाव में सवार लोग डूबने लगे। उनकी चीख सुनकर स्थानीय ग्रामीणों ने तत्परता दिखाते हुए आठ लोगों को बचा लिया। तीन महिलाओं, दो लड़कों व दो लड़कियों का कई पता नहीं चला है। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन के लोग मौके पर पहुंच गए। लापता लोगों की तलाश के लिए गोताखोरों की मदद ली जा रही है। साथ ही एसडीआरएफ की टीम भी रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई है।   पिछोर एसडीओपी प्रशांत शर्मा ने बताया कि रेस्क्यू टीम के करीब 15 जवान डैम के कैचमेंट एरिया में लगातार सर्चिंग कर रहे हैं। अंधेरा होने के बाद भी तलाश की जा रही है। देर रात करीब 11 बजे कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी, एसपी अमन सिंह राठौड़, जिला पंचायत सीईओ हिमांशु जैन भी मौके पर पहुंचे और रेस्क्यू अभियान की जानकारी ली। शिवपुरी एसपी अमन सिंह राठौड़ ने बताया कि बचाव कार्य तेज कर दिया गया है। जल्द से जल्द लापता लोगों को खोजने का प्रयास किया जा रहा है।   एसडीओपी शर्मा ने बताया कि नाव पलटने की घटना के बाद सात लोग लापता हैं। इनमें शारदा (55) पत्नी इमरत लोधी, कुमकुम (15) पुत्री अनूप लोधी, लीला (40) पत्नी रामनिवास लोधी, चाइना (14) पुत्र लज्जाराम लोधी, कान्हा (07) पुत्र कप्तान लोधी, रामदेवी (35) पत्नी भूरा लोधी और शिवा (08) पुत्र भूरा लोधी शामिल हैं।   वहीं, जिन आठ लोगों को बचाया गया है, उनमें शिवराज (60) पुत्र हरिराम लोधी, जानसन (12) पुत्र अनूप लोधी, गुलाब (40) पुत्र जगदीश लोधी, लीला (45) पत्नी सूरी सिंह लोधी, रामदेवी (50) पत्नी प्राण सिंह लोधी, उषा (45) पत्नी लाल सिंह लोधी, 10 वर्षीय सावित्री पुत्री अनूप लोधी और नाविक प्रदीप लोधी (18) पुत्र कृपाल लोधी शामिल है।   हादसे में बचे नाविक प्रदीप लोधी ने बताया कि सबसे पहले नाव पर सवार एक महिला को पिछले हिस्से में पानी भरता हुआ दिखाई दिया। इसके कुछ देर बाद नाव में पानी तेजी से भरने लगा और वह डूब गई।   मुख्यमंत्री डॉ यादव ने शिवपुरी जिले में हुई नाव दुर्घटना पर व्यक्त किया दु:खमुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने शिवपुरी जिले में हुई नाव दुर्घटना पर गहरा दु:ख व्यक्त किया है। मंगलवार की शाम हुई नाव दुर्घटना में खनियाधाना थाने के ग्राम रजावन, पिछोर के कुछ श्रद्धालुओं की असामयिक मृत्यु हो गई है। ये श्रृद्धालु माताटीला बांध के निकट सिद्ध बाबा मंदिर में फाग से संबंधित कार्यक्रम के लिए जा रहे थे। जानकारी के अनुसार शिवपुरी जिला प्रशासन ने आपदा बलों और स्थानीय नागरिकों की सहायता से 15 श्रृद्धालुओं में से आठ श्रृद्धालुओं को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया है।मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि यह एक दुखद घटना है। प्रभावित परिवारों की संकट की घड़ी में राज्य सरकार साथ है। मृत नागरिकों के परिजन को मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान से दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि जारी करने के निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने दिवंगत नागरिकों की आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है।

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश के मौसम में एक बार फि‍र बदलाव होने वाला है। प्रदेश में गर्मी के बीच बारिश की संभावना है। जबलपुर, मंडला समेत 13 जिलों में आज बुधवार को हल्की बारिश हो सकती है। वहीं, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा, शहडोल, चंबल और सागर संभाग में 20-21 मार्च को तेज आंधी, गरज-चमक और बारिश होने का अलर्ट है। इन जिलों में 40 से 50 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से आंधी भी चल सकती है।मौसम विभाग के अनुसार, वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) और ट्रफ की वजह से प्रदेश में मौसम बदला हुआ है। इस वजह से दिन के तापमान में भी गिरावट हुई है, जबकि 14 मार्च से ही प्रदेश के कुछ हिस्से में हल्की बारिश हो रही है। दो दिन के ब्रेक के बाद 19 मार्च से फिर प्रदेश में बारिश, आंधी और गरज-चमक की स्थिति बनेगी। आज बुधवार को को छतरपुर, पन्ना, सीधी, सिंगरौली, दमोह, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला और बालाघाट में हल्की बारिश होने का अनुमान है।अगले 3 दिन यानी, 19, 20 और 21 मार्च को सिस्टम का असर भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, चंबल, रीवा, सागर और शहडोल संभाग में ही दिखाई देगा। इंदौर, उज्जैन और नर्मदापुरम में बारिश, आंधी या गरज-चमक की स्थिति नहीं बनेगी। मौसम विभाग के अनुसार, 20 और 21 मार्च को प्रदेश में हवा की रफ्तार अधिक रहेगी। अमूमन 10 से 12 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा चलती है, लेकिन दो दिन में यह रफ्तार 30 से 50 किमी तक हो सकती है।20 से 22 मार्च तक बारिश का अलर्ट20 मार्च को भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, अशोकनगर, विदिशा, सीहोर, रायसेन, सागर, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, दमोह, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, बालाघाट, सिवनी, मंडला, डिंडौरी, अनूपपुर, उमरिया, शहडोल, कटनी, मैहर, पन्ना, सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी और सिंगरौली में गरज-चमक, तेज आंधी और बारिश होने का अलर्ट जारी किया है। वहीं, 21 मार्च को जबलपुर, शिवपुरी, अशोकनगर, विदिशा, सीहोर, रायसेन, सागर, दमोह, सतना, रीवा, मैहर, कटनी, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला, सिवनी और बालाघाट में गरज-चमक और तेज आंधी के साथ बारिश होने का अनुमान है। 22 मार्च को रीवा, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली, मंडला और बालाघाट में गरज-चमक के साथ बारिश होने का अलर्ट है।  

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इंदौर। देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में रंगपंचमी पर होने वाली विश्वप्रसिद्ध पारंपरिक गेर बुधवार को निकलेगी। करीब तीन किलोमीटर लंबी गेर में देश-विदेश के लाखों लोग शामिल होंगे। जिला प्रशासन ने गेर के लिए व्यापक स्तर पर तैयारियां की हैं। राजवाड़ा को ढंक दिया गया है, ताकि रंगों के कारण वह खराब न हो। हुड़दंगियों और उत्पात मचाने वालों पर ड्रोन से नजर रखी जाएगी। इसी के साथ ही गेर में किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना न हो, इसके भी पूरे इंतजाम किए जा रहे हैं। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने मंगलवार को बताया कि इंदौर की यह ऐतिहासिक गेर न केवल स्थानीय नागरिकों बल्कि विदेशी मेहमानों के लिए भी आकर्षण का केंद्र होती है। इसे देखते हुए विशेष इंतजाम किए गए हैं ताकि किसी भी आगंतुक को असुविधा न हो। उन्होंने बताया कि गेर में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी शामिल होने के लिए आ रहे हैं। सभी व्यवस्था की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि गेर के बाद सफाई व्यवस्था की भी पूरी तैयारी की जा चुकी है। 500 से ज्यादा कर्मचारी और संसाधन एक साथ लगकर रिकॉर्ड टाइम में पूरे गेर मार्ग को साफ करेंगे। इस बार के भी फोटो-वीडियो यूनेस्को को भेजे जाएंगे। भारत सरकार से भी निवेदन किया है कि यूनेस्को में पत्र भेजे और उनकी विजिट कराए। पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह ने बताया कि गेर के पूरे रूट में 100 से 200 मीटर के सेक्टर बनाए जा रहे हैं, ताकि उसमें प्रभावी तरीके से सुरक्षा व्यवस्था की जा सके। साथ ही अन्य आकस्मिक व्यवस्थाएं की जा रही हैं। इमरजेंसी एग्जिट रूट बनाए जा रहे हैं। हाइराइज की व्यवस्था भी की जा रही है। कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि गेर को लेकर सभी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। गेर मार्ग पर आइडेंटिफिकेशन किया गया है। कहां-कहां मंच लगाने हैं, कहां वॉच टावर बनेंगे, सीसीटीवी कैमरे लगाने की जगह भी निर्धारित की गई है। गलियों में बीच-बीच में एग्जिट रूट बनाए हैं। वहां एम्बुलेंस भी रहेगी, अगर कोई घटना हो जाती है तो उसके जरिए बाहर निकाला जा सकता है। उन्होंने बताया कि गेर के पुराने वीडियो में जूते-चप्पल फेंकने की घटना हुई थी। यह दोबारा न हो इसका प्रयास किया जाएगा। जनता से अपील है कि यूनेस्को में इस धरोहर को शामिल करने के लिए प्रयास करें। इसको और अधिक भ‌व्य बनाया जाए। गेर जितना सेफ होगा, हमारे लिए और इंदौर के लिए अच्छा होगा। गेर आयोजक कमलेश खंडेलवाल ने बताया कि इंदौर की गेर की पहचान पूरे देशभर में है। आज से 75 साल पहले 48 और 50 के दशक में उनके पिता प्रेमस्वरूप खंडेलवाल, बाबूलाल गिरी और सत्यनारायण सत्तन साहब ने मिलकर इंदौर में गेर की शुरुआत की थी। बैलगाड़ी से शुरू हुआ गेमिसाइल, टैंकर, डीजे सहित मॉडर्न साधनों तक पहुंच चुका है। गेर में अब ट्रैक्टर-ट्रॉली, डीजे, पानी के टैंकर और अन्य गाड़ियां शामिल होने लगी हैं। रंगपंचमी की गेर देखने के लिए लोग छतों पर बुकिंग कराने लगे हैं। पहले की अपेक्षा अब लाखों की संख्या में लोग इस गेर में शामिल होने लगे हैं। नगर निगम गेर में पिछले दो साल से आधिकारिक रूप से शामिल होने लगा है। इसमें अब विदेशी भी शामिल होने के लिए आने लगे हैं। रंगपंचमी पर इंदौर में निकलने वाली गेर देखने देश और दुनियां के अलग-अलग हिस्सों से लोग इंदौर पहुंचते हैं। इस बार प्रशासन ने गेर मार्ग पर करीब कई मकान और उनकी छतें चिन्हित की हैं, जिनके सामने पर्यटक और विदेशी पर्यटक बैठकर गेर देख सकेंगे। यहां पर पुलिस के भी पुख्‍ता इंतजाम किए गए हैं। इन छतों को बुक माए शो पर बुक कर सकते हैं। अनुमान है कि 200 से 250 लोगों की बैठक व्यवस्था का इंतजाम किया जा रहा है। बुकिंग करवाने के बाद घर की छतों से गेर देखने के लिए लोगों को कोई असुविधा न हो, इसलिए वालंटियर छतों की व्यवस्था संभालेंगे। रंगपंचमी पर अलग-अलग हिस्सों से निकलने वाली पारंपरिक गेर जब राजबाड़ा के सामने पहुंचेगी तो बेहद दिलचस्प नजारा होगा। राजबाड़ा पर‍ किसी भी प्रकार से रंग न लगे और उसे नुकसान न पहुंचे इसके लिए प्रशासन ने उचित इंतजाम कर रखे हैं। राजबाड़ा को पूरी तरह से ढक दिया गया है। भीतर किसी को भी जाने की अनुमति नहीं है। जिला प्रशासन के निर्देशानुसार राजबाड़ा के पास गेर मार्ग की निगरानी के लिए कंट्रोल रूम हेतु पर्याप्त टेन्ट व्यवस्था करने तथा गेर यात्रा के साथ एक अधिकारी को नोडल अधिकारी के रूप में तैनात करने के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं।  

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उज्जैन । प्रसिद्ध गायिका और अभिनेत्री सुनंदा शर्मा मंगलवार काे उज्जैन पहुंची। यहां वे भस्मारती में शामिल हुई और बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया। दर्शन के बाद उन्हाेंने महाकाल मंदिर की व्यवस्थाओं की खूब प्रशंसा की।   अभिनेत्री सुनंदा शर्मा मंगलवार तड़के चार बजे श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंची। सुनंदा ने भगवान की भस्मारती में सम्मिलित होकर बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया। तड़के भस्म आरती के दौरान सुनंदा साधारण परिधान साड़ी में आई थी। उन्होंने दो घंटे नंदी हॉल में बैठकर भगवान महाकाल की आराधना की। आरती के पश्चात सुनंदा ने महाकाल की देहरी से पूजन अभिषेक किया। पूजन आकाश पुजारी ने सम्पन्न करवाया। सुनंदा महाकाल मंदिर समिति के कार्य और दर्शन व्यवस्था की तारीफ करते हुए कहा कि आज परिवार के साथ आई। बहुत अच्छे से दर्शन हुए है, जो अनुभव हुआ वो बता नहीं सकती। यहां की दर्शन व्यवस्था भी बहुत अच्छी है।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में एक बार फिर मौसम करवट लेगा। प्रदेश में गर्मी के बीच बारिश की संभावना है। राज्य में दो दिनों में तापमान में गिरावट आ सकती है। प्रदेश के आधे हिस्‍से में कल यानि 19 मार्च रंगपंचमी से अगले तीन दिन बारिश की संभावना है। भोपाल, इंदौर-उज्जैन संभाग में बादल छाए रहेंगे और बूंदाबांदी होगी, जबकि जबलपुर, ग्वालियर, चंबल, नर्मदापुरम, रीवा, सागर-शहडोल संभाग में तेज आंधी-बारिश का अलर्ट है। नए सिस्टम के एक्टिव होने से ऐसा मौसम रहेगा। इस दौरान हवा की रफ्तार 40 से 50 किमी प्रति घंटा तक पहुंच सकती है।मौसम विभाग के अनुसार, दो साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम के एक्टिव होने की वजह से प्रदेश में इन दिनों मौसम बदला हुआ है। 19 मार्च से एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव होगा। जिसके असर से प्रदेश में बारिश का दौर शुरू होगा। प्रदेश में फिलहाल गर्मी का असर देखने को मिल रहा है। मार्च में ही मई-जून वाली गर्मी पड़ रही है। इस बीच कई जगहों पर बारिश की संभावना है। पिछले 24 घंटे में पन्ना, टीकमगढ़, सतना, मैहर, सिंगरौली, दमोह, सागर, विदिशा, जबलपुर और छतरपुर जिलों में हल्की बारिश हुई। वहीं, सिंगरौली में 39 किलोमीटर प्रतिघंटा, सागर में 37 किलोमीटर प्रतिघंटा, पन्ना में 36 किलोमीटर प्रतिघंटा और चित्रकूट, सतना में 35 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा चली। वहीं, सोमवार को दिन के तापमान में गिरावट हुई है। भोपाल समेत कई शहरों में पारा 3 डिग्री से ज्यादा लुढ़क गया।आज मंगलवार को कुछ जिलों में बादल छा सकते हैं। पूर्वी हिस्से में बूंदाबांदी की संभावना भी है। 19 मार्च को जबलपुर, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दमोह, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा सहित 19 जिलों में गरज-चमक, आंधी और हल्की बारिश हो सकती है। 20 मार्च को जबलपुर, श्योपुर, शिवपुरी, अशोकनगर, दतिया सहित 28 जिलों में तेज आंधी, गरज-चमक और बारिश होने की संभावना है। वहीं, 21 मार्च को ग्वालियर, जबलपुर, नीमच, मुरैना, भिंड, श्योपुर, दतिया, गुना, अशोकनगर सहित 30 जिलों में बारिश और आंधी होने का अनुमान है।  

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ग्वालियर । स्कूली छात्र-छात्राओं एवं अभिभावकों की सुविधा के लिये कलेक्टर रुचिका चौहान की पहल पर ग्वालियर में 22 मार्च से 29 मार्च तक वृहद पुस्तक मेले का आयोजन किया जा रहा है। यह मेला ग्वालियर व्यापार मेला परिसर में आयोजित होगा। मेले में विभिन्न स्टॉलों के माध्यम से छात्र-छात्राओं और अभिभावकों को सस्ती दर पर स्कूली पुस्तकें, कॉपियाँ एवं स्कूल में उपयोग होने वाली अन्य सामग्री उपलब्ध कराई जायेगी। कलेक्टर रुचिका चौहान ने रविवार को ग्वालियर व्यापार मेला परिसर में 22 मार्च से आयोजित किए जाने वाले पुस्तक मेले की तैयारियों का अवलोकन किया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस मौके पर जिला पंचायत सीईओ विवेक कुमार, नगर निगम आयुक्त संघ प्रिय, एडीएम टीएन सिंह, मेला सचिव टीआर रावत, विभागीय अधिकारी एवं पुस्तक प्रकाशक एवं विक्रेता भी उपस्थित थे। कलेक्टर रुचिका चौहान ने कहा कि पुस्तक मेले के पंजीयन के लिये 17 मार्च तक तिथि निर्धारित की गई है। निर्धारित तिथि तक जिनका पंजीयन होगा उन्हें दुकानों का आवंटन कर दिया जायेगा। उन्होंने पुस्तक मेले की व्यवस्थाओं के संबंध में साफ-सफाई, पेयजल, प्रकाश, फूड जोन आदि की व्यवस्थायें संबंधित अधिकारियों को समय रहते करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि पुस्तक मेला दोपहर 2 बजे से रात्रि 10 बजे तक आयोजित किया जायेगा। पुस्तक मेले का अधिक से अधिक विद्यार्थियों एवं अभिभावकों को लाभ मिले, इसके लिये व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाए। जिला पंचायत सीईओ विवेक कुमार ने कलेक्टर को पुस्तक मेले के संबंध में की गई तैयारियों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 22 मार्च के पूर्व पुस्तक मेले की सभी तैयारियां पूर्ण कर ली जायेंगीं। नगर निगम आयुक्त संघ प्रिय ने कहा कि नगर निगम के माध्यम से मेला स्थल की साफ-सफाई बेहतर की जायेंगीं एवं मेले के दौरान भी किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो, इसके लिये निगम स्तर से सभी प्रबंधन किए जायेंगे।

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भोपाल । मध्य प्रदेश के मौसम में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। गर्मी के बीच प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की बूंदाबांदी भी हो रही है, तो कई जगहों पर मौसम शुष्क बना हुआ है। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और नर्मदापुरम संभाग के जिलों में अधिकतम तापमान 36-40 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने प्रदेश के आधे हिस्से में 19 और 20 मार्च को आंधी-बारिश की संभावना जताई है। भोपाल, जबलपुर, नर्मदापुरम, रीवा, चंबल, सागर और शहडोल संभाग में ज्यादा असर रहेगा। यहां 40 से 50 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है। वहीं, इंदौर, उज्जैन और ग्वालियर संभाग में बूंदाबांदी हो सकती है।मौसम विभाग ने 19 और 20 मार्च के लिए यलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इससे पहले रविवार को दिन के पारे में 1 से 4 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई। भोपाल, विदिशा, सागर, दमोह, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली में बादल छाए रहे। कहीं-कहीं बूंदाबांदी और गरज-चमक की स्थिति भी बनी रही। मौसम विभाग का कहना है कि अभी राजस्थान के ऊपर और उत्तर-पश्चिमी मध्यप्रदेश के ऊपर दो साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम एक्टिव हैं। इस वजह से मौसम बदला हुआ है। 18 मार्च से फिर नया सिस्टम एक्टिव होगा। इसकी वजह से अगले 2 दिन तक बारिश हो सकती है।अजा सोमवार को कुछ जिलों में बादल छा सकते हैं। पूर्वी हिस्से में बूंदाबांदी की संभावना भी है। 18 मार्च को इंदौर, उज्जैन, भोपाल संभाग में बादल छा सकते हैं। पूर्वी हिस्से में बूंदाबांदी होने के आसार है। 19 मार्च को भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, सागर और शहडोल संभाग में बादल, बारिश, गरज-चमक और आंधी का असर देखने को मिलेगा। जबकि 20 मार्च को दमोह, कटनी, उमरिया-शहडोल में आंधी, गरज-चमक का ऑरेंज अलर्ट है। वहीं, भोपाल, मुरैना, श्योपुर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, विदिशा, सागर, रायसेन, खंडवा, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, सागर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, जबलपुर, सिवनी, मंडला, बालाघाट, डिंडोरी, अनूपपुर, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली, सतना, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़ में गरज-चमक, बारिश-आंधी का यलो अलर्ट जारी किया गया है।  

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उज्जैन । प्रसिद्ध कवि एवं कथा वाचक कुमार विश्वास ने सोमवार को उज्जैन पहुंचकर विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन कर पूजा अर्चना की। उन्होंने नंदी हाल से भगवान महाकाल का ध्यान भी लगाया। उन्होंने गर्भगृह की देहरी से भगवान महाकाल के दर्शन किए और नंदी हॉल में पूजन किया। मंदिर के पुजारी ने पूजन और अभिषेक कराया। इस दौरान मंदिर प्रबंध समिति की ओर से उनका प्रसाद और बाबा महाकाल की तस्वीर देकर सम्मान किया गया। दर्शन के बाद कुमार विश्वास ने मीडिया से बातचीत में कहा कि भगवान महाकाल सबका मन जानते हैं। मैं बाबा से क्या मांगूगा, वह तो भोला भंडारी है। बाबा के आशीर्वाद से बेटी की शादी अच्छे से सम्पन्न हुईं। बेटी के विवाह का पवित्र उत्तरदायित्व पूरा होने के बाद मैं महाकाल का आशीर्वाद लेने आया हूं। उन्होंने बताया कि उनके बच्चे जल्द ही विदेश से वापस लौटेंगे। दोनों बच्चे भी महाकाल के दर्शन करने आएंगे। उन्होंने कहा कि पिछली एक शताब्दी से उनके पूरे वंश पर भगवान महाकाल की कृपा बनी हुई है। जब भी समय मिलता है, वे महाकाल के चरणों में शीश झुकाने आ जाते हैं।  

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भोपाल । माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा शनिवार को भोपाल में 9वीं और 11वीं के परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया गया था। सत्र 2024-25 की परीक्षा में कक्षा 9वीं के 10,953 छात्रों में से 10,507 ने परीक्षा दी, जिनमें से 6,669 छात्र उत्तीर्ण हुए हैं। जिले में कक्षा 9वीं का कुल परीक्षा परिणाम 63.4% रहा। बैरसिया ब्लॉक का परीक्षा परिणाम 68% और गोविंदपुरा ब्लॉक का 62.03% रहा। इसी तरह, कक्षा 11वीं में कुल 7,102 छात्रों में से 7,028 ने परीक्षा दी, जिनमें से 5,816 सफल हुए। इस वर्ष जिले में कक्षा 11वीं का परीक्षा परिणाम 82.75% रहा। ब्लॉकों के अनुसार, बैरसिया ब्लॉक का परीक्षा परिणाम 87% और गोविंदपुरा का 81.77% रहा। परिणामों की घोषणा के बाद जिला शिक्षा अधिकारी और स्कूल प्रशासन ने सफल छात्रों को बधाई दी। उन्होंने बताया कि परीक्षा परिणाम में सुधार के लिए शिक्षकों की मेहनत और छात्रों की लगन अहम रही। उन्होंने यह भी कहा कि कमजोर छात्रों को आगे बेहतर प्रदर्शन के लिए विशेष कक्षाएं दी जाएंगी। शिक्षा विभाग के अनुसार, पिछली परीक्षाओं की तुलना में इस बार परिणामों में सुधार हुआ है। कक्षा 9वीं में पास प्रतिशत में 5% की बढ़ोतरी हुई, जबकि कक्षा 11वीं का परिणाम 78.4% से बढ़कर 82.75% हो गया। जिला शिक्षा अधिकारी नरेन्द्र कुमार ने बताया कि अगले सत्र में शिक्षण पद्धति को और बेहतर बनाने की योजना है। कक्षा 2025-26 के लिए स्मार्ट क्लास, शिक्षक प्रशिक्षण और अतिरिक्त कक्षाओं की व्यवस्था की जाएगी ताकि छात्रों के परीक्षा परिणाम और बेहतर हो सकें।

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उज्जैन ।हिंदी फिल्मों में खलनायक की भूमिका से पहचान बनाने वाले बॉलीवुड के मशहूर खलनायक रंजीत रविवार काे विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर बाबा महाकाल के दर्शन करने पहुंचे। उन्हाेंने नंदी हाॅल से भगवान महाकाल की विशेष पूजा अर्चना की और आशीर्वाद लिया। इस दाैरान जैसे ही लाेगाें काे रंजीत के महाकाल मंदिर आने की सूचना मिली उनके प्रशंसकाें की भीड़ जमा हाे गई।   उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में रविवार को बॉलीवुड के प्रसिद्ध खलनायक रंजीत कुमार ने दर्शन किए। अभिनेता ने मंदिर के नंदी हॉल में भगवान महाकाल की विशेष पूजा-अर्चना की। मंदिर के पुरोहित सत्यनारायण जोशी ने उनकी पूजा करवाई। रंजीत कुमार को देखने के लिए दर्शन करने आए लोगों की भीड़ जमा हो गई। मंदिर परिसर के बाहर भी उनके प्रशंसकों की भीड़ देखी गई। रंजीत कुमार ने भगवान महाकाल का आशीर्वाद लिया।

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ग्वालियर । अंचल के सबसे बड़े चिकित्सा समूह जयारोग्य चिकित्सालय के कमलाराजा महिला एवं बाल रोग चिकित्सालय के लेबर वार्ड के आईसीयू में शनिवार देर रात भीषण हादसा हो गया। एसी कंप्रेसर फटने से वहां आग लग गई, जिससे सो रही प्रसूताओं का दम घुटने लगा। जब उन्होंने देखा तो पूरे वार्ड में तेज धुआं भर चुका था और कई जगह आग की हल्की चिंगारियां भी नजर आ रही थीं। आगजनी से पूरे अस्पताल में हड़कंप मच गया। खिड़कियां तोड़कर धुआं निकालने की कोशिश की गई।   घटना की सूचना मिलते ही कलेक्टर रुचिका चौहान और एसपी सहित अस्पताल प्रबंधन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। फायर ब्रिगेड की मदद से सभी मरीजों को कड़ी मशक्कत के बाद सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। यहां भर्ती गर्भवती महिला मरीजों को सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में शिफ्ट किया गया है। मरीजों की शिफ्टिंग का काम रविवार सुबह पांच बजे तक चलता रहा।इस संबंध में प्राप्त जानकारी अनुसार घटना शनिवार देर रात करीब एक बजे लेबर रूम के गाइनोकॉलाजी आईसीयू में हुई, जहां एयर कंडीशनर में शॉर्ट सर्किट के कारण ब्लास्ट हुआ। इसके बाद देखते ही देखते आग फैल गई। इस दौरान आईसीयू और आसपास के वार्डों में कुल 22 मरीज भर्ती थे, जबकि लेबर रूम में करीब 100 और पीडियाट्रिक्स वार्ड में 50 मरीज मौजूद थे। आग लगने के बाद अस्पताल में धुआं भर गया, जिससे मरीजों और उनके परिजनों में अफरा-तफरी मच गई। अस्पताल प्रशासन और मेडिकल स्टाफ की मुस्तैदी के चलते सभी मरीजों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। फायर सेफ्टी ट्रेनिंग प्राप्त अस्पताल के गार्ड और वार्ड बॉयज ने तुरंत मरीजों को सुरक्षित सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में शिफ्ट किया। हालात बिगड़ने पर वार्ड की खिड़कियों की जाली तोड़कर वेंटिलेशन की व्यवस्था की गई। सूचना मिलते ही दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। अस्पताल में भर्ती महिला मरीजों के परिजन के मुताबिक, ग्वालियर में बीती रात का तापमान करीब 20 डिग्री सेल्सियस था। ऐसे में कमला राजा अस्पताल के लेबर रूम में भर्ती 16 मरीज और उनके नवजातों के लिए एसी चल रहे थे। अचानक एक एसी में ब्लास्ट हुआ और आग लग गई। एक मरीज के अटेंडर दीपक कुमार ने बताया- कुछ समझ पाते, उससे पहले ही धुएं से दम घुटने लगा। हम मरीजों और नवजात बच्चों को लेकर बाहर की तरफ भागे। अस्पताल के वार्ड बॉय, सिक्योरिटी गार्ड के साथ मिलकर वार्ड की खिड़कियों को तोड़कर मरीजों को बाहर निकाला गया। मरीजों की शिफ्टिंग का काम सुबह पांच बजे तक चलता रहा है।   राहत की बात यह है कि इस आगजनी में कोई जनहानि नहीं हुई है। हालांकि, धुएं के कारण कई लोगों की स्थिति बिगड़ गई। कलेक्टर रूचिका चौहान ने कहा- सूचना मिलते ही सीनियर डॉक्टरर्स, प्रशासनिक और पुलिस अफसर आ गए थे। मरीजों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। हादसा एसी फटने से हुआ है। टीम गठित कर जांच की जाएगी। नगर निगम की फायर ब्रिगेड से आग पर काबू पा लिया गया और किसी भी प्रकार की जनहानि नहीं हुई। कलेक्टर रुचिका चौहान, एसडीएम विनोद सिंह, सुपरिंटेंडेंट डॉ. सक्सेना और डॉ. श्रीवास्तव मौके पर मौजूद रहे और सभी मरीजों को सुरक्षित शिफ्ट करवाया गया।

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सतना । चित्रकूट में शुक्रवार शाम कानपुर से घूमने आए एक छात्र की मंदाकिनी नदी में डूब गया। सूचना के बाद माैके पर पहुंची पुलिस ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर पांच घंटे बाद देर रात छात्र के शव काे बाहर निकाला। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए जानकीकुंड अस्पताल भेज दिया है। जहां आज शनिवार काे पाेस्टमार्टम के बाद शव परिजनाें काे साैंप दिया जाएगा।   जानकारी अनुसार कानपुर निवास देवेश तिवारी (19) बी फार्मा का छात्र था। शुक्रवार काे अपने तीन दाेस्ताें के साथ चित्रकूट घूमने आया था। शाम साढ़े पांच बजे सभी दाेस्त आरोग्यधाम घाट पर नहा रहे थे। इसी दौरान देवेश गहरे पानी में चला गया। उसके दोस्तों ने मदद के लिए आवाज लगाई। आसपास मौजूद लोग नदी में उतरे, लेकिन देवेश का पता नहीं चल सका। नयागांव थाना प्रभारी डीआर शर्मा ने बताया कि सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। स्थानीय गोताखोरों की मदद से रात में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। पांच घंटे की मशक्कत के बाद देर रात देवेश का शव बरामद किया गया। घटना की जानकारी मिलते ही परिजन चित्रकूट पहुंच गए। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए जानकीकुंड अस्पताल भेज दिया है।  

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ग्वालियर । प्रतिवर्ष की भाँति इस वर्ष भी केन्द्रीय जेल में होली की भाईदूज के अवसर पर रविवार, 16 मार्च को बंदियों की उनकी बहनों से मुलाकात कराई जाएगी। मुलाकात प्रात: सात बजे से दोपहर दो बजे तक ही होगी। इस दौरान इच्चुक महिलाएं केन्द्रीय जेल पहुंचकर अपने भाइयों को तिलक लगा सकेंगी।   केन्द्रीय जेल के अधीक्षक विदित सिरवैया ने शनिवार को बताया कि निर्धारित समय के अनुसार, भाईदूज के अवसर पर प्रात: सात बजे से दोपहर 12 बजे तक बहनों के नाम लिखे जाएंगे। जिन बहनों के नाम अंकित किए जाएंगे, उन्हें ही दोपहर तीन बजे तक मुलाकात कराई जायेगी। इसके पश्चात किसी भी बहन की मुलाकात संभव नहीं होगी। सभी बहनों को मुलाकात के लिये अपने साथ अपनी आईडी (पहचान पत्र) लाना अनिवार्य होगा। उन्होंने मुलाकात करने आने वाली बहनों से निवेदन किया है कि जेल की सुरक्षा एवं जेल नियमों को दृष्टिगत रखते हुए अपने साथ कोई भी प्रतिबंधात्मक सामग्री मोबाइल आदि न लेकर आएं। बहनों को पूजा की सम्पूर्ण सामग्री जेल कैन्टीन से भाईदूज के अवसर पर विशेष किट के रूप में जिसमें मिठाई, कुमकुम, अक्षत आदि उपलब्ध कराई जायेगी। जिसके निर्धारित मूल्य का भुगतान बहनों को करना होगा। जेल अधीक्षक ने सभी बहनों से आग्रह किया है कि भाईदूज के अवसर पर जेल प्रशासन द्वारा आयोजित मुलाकात में सहयोग प्रदान करें। मुलाकात सीसीटीव्ही कैमरे की निगरानी में रहेगी। किसी भी प्रकार की अव्यवस्था की स्थिति निर्मित होने पर जेल नियमों के तहत कार्रवाई की जायेगी।  

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भोपाल । राजधानी भाेपाल के शाहपुरा इलाके में तालाब में सैकड़ाे मछलियां मर गई है। शनिवार सुबह जब लाेग मार्निंग वाक पर निकले ताे तालाब किनारे मरी हुई मछलियाें काे देखा। लाेगाें ने निगम अफसराें काे सूचना दी। जिसके बाद माैके पर पहुंची निगम की टीम ने मरी मछलियाें काे हटाया। विशेषज्ञ मछलियाें के मरने का कारण ऑक्सीजन की कमी बता रहे है।   जानकारी के अनुसार शाहपुरा तालाब में सैकड़ों मछलियां मर गईं और किनारे पर आकर जमा हाे गई थी। शाहपुरा तालाब किनारे बड़ी संख्या में लोग मॉर्निंग वॉक करने जाते हैं। इसी दौरान उन्हें मछलियां मरी हुई मिली। इस मामले पर एक्सपर्ट राशिद नूर ने बताया कि शाहपुरा तालाब में आसपास के रहवासी क्षेत्र के कई नाले मिल रहे हैं। इस वजह से ऑक्सीजन का लेवल कम हो गया है। मछलियों के मरने की एक बड़ी वजह यह भी है। नगर निगम नालों को रोकने और पानी को साफ रखने के अच्छे उपाय करें। बता दें कि इस तालाब में तिलापिया किस्म की मछली की ब्रीडिंग होती है। ये मछली तेजी से ग्रोथ करती है। इसलिए इस किस्म की मछली का यहां पर पालन किया जा रहा है। एक्सपर्ट राशिद नूर ने बताया कि तालाब की इस मछली की बिक्री पर भी प्रशासन को रोक लगाना चाहिए।  

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सतना । चित्रकूट में शुक्रवार शाम कानपुर से घूमने आए एक छात्र की मंदाकिनी नदी में डूब गया। सूचना के बाद माैके पर पहुंची पुलिस ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर पांच घंटे बाद देर रात छात्र के शव काे बाहर निकाला। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए जानकीकुंड अस्पताल भेज दिया है। जहां आज शनिवार काे पाेस्टमार्टम के बाद शव परिजनाें काे साैंप दिया जाएगा।   जानकारी अनुसार कानपुर निवास देवेश तिवारी (19) बी फार्मा का छात्र था। शुक्रवार काे अपने तीन दाेस्ताें के साथ चित्रकूट घूमने आया था। शाम साढ़े पांच बजे सभी दाेस्त आरोग्यधाम घाट पर नहा रहे थे। इसी दौरान देवेश गहरे पानी में चला गया। उसके दोस्तों ने मदद के लिए आवाज लगाई। आसपास मौजूद लोग नदी में उतरे, लेकिन देवेश का पता नहीं चल सका। नयागांव थाना प्रभारी डीआर शर्मा ने बताया कि सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। स्थानीय गोताखोरों की मदद से रात में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। पांच घंटे की मशक्कत के बाद देर रात देवेश का शव बरामद किया गया। घटना की जानकारी मिलते ही परिजन चित्रकूट पहुंच गए। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए जानकीकुंड अस्पताल भेज दिया है।  

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दतिया । मध्य प्रदेश के दतिया जिले में बसई थाना क्षेत्र अंतर्गत ककोड़ा के जंगल में बुधवार को भीषण आग लग गई। यह जंगल बबीना आर्मी कैंट की फायरिंग रेंज का हिस्सा है। दोपहर में फायरिंग के दौरान लगी आग तेज हवा के कारण जल्द ही पूरे जंगल में फैल गई। आग की चपेट में आने से जंगल में पड़े गोले और बारूद फटने लगे। इससे लगातार धमाके हो रहे थे, जिससे आसपास के गांवों में दहशत फैल गई। बसई पुलिस ने सुरक्षा के लिए आसपास के खेतों को खाली करा कर ग्रामीणों को दूर हटाया। थाना प्रभारी सच्चिदानंद शर्मा ने दतिया, झांसी, बबीना, ललितपुर, खनियाधाना और पिछोर से दमकल वाहनों को बुलाया। रात नौ बजे तक फायर ब्रिगैड और ग्रामीणों की मदद से आग पर काबू पा लिया गया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए दतिया से बड़ौनी एसडीओपी भी बसई पहुंचे। बता दें कि इस क्षेत्र में पहले भी गोला-बारूद से हादसे हो चुके हैं। पिछले महीने ही दो लोगों की मौत हुई थी। कुल मिलाकर अब तक चार लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। यह घटनाएं जंगल से गोला-बारूद बीनने के दौरान हुईं।

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भोपाल। हवाओं का रुख लगातार उत्तरी बना रहने से मध्‍य प्रदेश में गर्मी के तेवर तीखे बने हुए हैं। बुधवार को प्रदेश में दिन का सबसे अधिक 39.4 डिग्री सेल्सियस तापमान खजुराहो में दर्ज किया गया। रात का सबसे कम 13.4 डिग्री सेल्सियस तापमान मंडला में रिकॉर्ड किया गया। प्रदेश के 5 बड़े शहरों में उज्जैन सबसे गर्म है। यहां दिन का तापमान 38 डिग्री पहुंच गया है। भोपाल, इंदौर और जबलपुर में भी पारा 37 डिग्री के पार है। ऐसा ही मौसम आज गुरुवार को भी बना रहेगा। होली के बाद गर्मी और असर दिखाने लगेगी।मौसम विभाग के अनुसार, आसमान साफ होने से सूरज की धूप सीधे जमीन पर आ रही है। इस कारण दिन गर्म हो गए हैं। बुधवार को खजुराहो में 39.4 डिग्री, नर्मदापुरम में 39.1 डिग्री, रतलाम-मंडला में 39 डिग्री, धार में 38.8 डिग्री, दमोह में 38.5 डिग्री, सतना में 38.2 डिग्री, शिवपुरी, सागर-नौगांव में 38 डिग्री, टीकमगढ़ में 37.8 डिग्री, शाजापुर में 37.6 डिग्री, बैतूल में 37.5 डिग्री और रीवा में पारा 37 डिग्री दर्ज किया गया। बड़े शहरों में भोपाल में 37.8 डिग्री, इंदौर में 37.2 डिग्री, ग्वालियर में 36.6 डिग्री, उज्जैन में 38 डिग्री और जबलपुर में पारा 37.6 डिग्री सेल्सियस रहा।इधर, रात का तापमान भी बढ़ा है। मंगलवार-बुधवार की रात में धार में पारा 23.2 डिग्री तक पहुंच गया। भोपाल, इंदौर, खंडवा, खरगोन, रीवा, सिवनी में तापमान 20 डिग्री से ज्यादा रहा। मौसम विभाग का कहना है कि अब गर्मी से राहत नहीं मिलेगी। होली के बाद असर और बढ़ जाएगा। हालांकि, मार्च में उत्तर-भारत में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव होते हैं। जिनका असर से पारे में गिरावट भी होती है। मार्च के तीसरे सप्ताह में बारिश होने की संभावना है।  

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दतिया । रंगों का त्‍योहार होली गुरुवार को होलिका दहन के साथ ही शुरू हो जायेगा। पाँच दिन तक चलने वाले इस पर्व की रौनक बाजारों में दिखाई दे रही है। रंग गुलाल, पिचकारी, टोपियाँ, मुखौटे आदि से सजी दुकाने और मिठाई कि दुकानों पर जम कर खरीदी की जा रही है । वहीं शहर के अधिकांश क्षेत्रों में जैसे बढ़े गोविन्द जी के मंदिर, टाउन हाल, राजगढ़ चैराह, अनामय आश्रम के सामने, किलाचौक, होलीपुरा, तिगेलिया, बिहारी जी मंदिर, ठण्डी सडक़, पकोडिय़ा महादेव, गंजी के हनुमान आदि स्थानों पर होलिका दहन होगा ।   पंडित बृजेशचंद्र दुबे का कहना है कि ज्‍यो‍ित‍िष की गणना के अनुसार रात्रि हमें पूर्णिमा तिथि 13 मार्च को मिल रही है। 14 मार्च को पूर्णिमा दोपहर में समाप्त हो रही है। ऐसे में पूर्णिमा दो दिन है। पहले दिन व्रत वाली पूर्णिमा और दूसरे दिन 14 मार्च को स्नान और दान वाली पूर्णिमा रहेगी। उसके बाद प्रतिपदा तिथि 14 मार्च को दोपहर में शुरू होगी और अगले दिन 15 मार्च को दोपहर 02.34 मिनट तक रहेगी। इसके बाद 15 मार्च को दूज लग जाएगी। तत्‍पश्‍चात  16 मार्च को भाई दोज शाम को 4.59 मिनट तक रहेगी।   होलिका दहन का शुभ मुहूर्त - शुभ मुहूर्त भद्रा काल के बाद 13 मार्च, गुरुवार रात्रि 11 बजकर 26 मिनट से लेकर 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। ऐसे में होलिका दहन के लिए कुल 1 घंटे 4 मिनट का समय मिलेगा।

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उज्जैन । मध्य प्रदेश के उज्जैन में लोकायुक्त ने बड़ी कार्रवाई की है। यहां बुधवार काे लाेकायुक्त ने तहसील कार्यालय में पदस्थ नायाब तहसीलदार की रीडर को पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि रीडर ने पट्टे की जमीन के दस्तावेज में बदलाव करने की एवज में किसान से रिश्वत मांगी थी। शिकायत के बाद लाेकायुक्त पुलिस ने कार्रवाई की है।लोकायुक्त डीएसपी दिनेशचंद्र पटेल ने बताया कि महिदपुर निवासी फरियादी हाकम चौहान की खेड़ा खजूरिया गांव में पट्टे की जमीन है। दस्तावेजों में नाम की गलतियां सुधारने के लिए तहसील कार्यालय में आवेदन दिया था। जिसमें रीडर दीपा चेलानी ने गलती ठीक करने के बदल 10 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। इस पर हाकम चौहान ने 6 मार्च को लोकायुक्त पुलिस से शिकायत दर्ज कराई। शिकायत मिलने के बाद आराेप सही साबित हाेने के बाद लोकायुक्त ने ट्रैप करने का प्लान तैयार किया। बुधवार को लाेकायुक्त ने शिकायतकर्ता काे पांच हजार रुपये की पहली किश्त के साथ रीडर दीपा चेलानी के पास भेजा। जहां रीडर के पैसे लेते ही लोकायुक्त की टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। लोकायुक्त ने आरोपी महिला के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत कार्रवाई की है। कार्रवाई में निरीक्षक हिना डावर, प्रधान आरक्षक हितेश ललावत, आरक्षक मोहम्मद इसरार, संदीप कदम, नीता बेस, ऋतु मालवीय, अंजलि पुरानीया की भूमिका रही।

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उज्जैन । महाकाल मंदिर में होली,धुलेंडी और रंग पंचमी पर रंग-गुलाल-पिचकारी आदि लाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं की जांच होगी। मंदिर प्रशाशक प्रथम कौशिक ने बताया कि होलिका महोत्सव मे गर्भगृह, नंदी मण्डपम्, गणेश मण्डपम्, कार्तिकेय मण्डपम् एवं सम्पूर्ण मंदिर परिसर में किसी भी प्रकार का रंग-गुलाल इत्यादि ले जाना, रंग-गुलाल उड़ाया जाना, आपस में रंग-गुलाल लगाना, किसी विशेष उपकरण का उपयोग कर रंग इत्यादि उड़ाना पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा।श्री महाकालेश्वर मंदिर में आने वाले श्रद्धालु मंदिर में किसी भी प्रकार का रंग-गुलाल व अन्य कोई विशेष उपकरण लेकर प्रवेश नही कर सकेंगे। श्रद्धालुओ को जाँच उपरान्त ही मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा।  श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के कंट्रोल रूम में कर्तव्यरत अधिकारी व कर्मचारी द्वारा कैमरों के माध्यम से मंदिर के समस्त द्वारों एवं सम्पूर्ण मंदिर परिसर परिक्षेत्र की सतत निगरानी रखी जाएगी।श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी, पुरोहित, प्रतिनिधि, अधिकारी, पुलिसकर्मी, कर्मचारी, सुरक्षाकर्मी, सफाई कर्मचारी, सेवक मंदिर परिसर स्थित अन्य छोटे-बडे मंदिर के पुजारी, सेवक व अन्य आउटसोर्स कर्मचारी आदि मंदिर परिसर में किसी भी प्रकार का रंग-गुलाल लेकर प्रवेश नहीं कर सकेंगे। समस्त द्वारों पर तैनात कर्मचारी एवं सुरक्षाकर्मी यह सुनिश्चित करेंगे कि मंदिर में रंग-गुलाल लेकर कोई भी प्रवेश न कर सके इस हेतु श्रद्धालुओं की जाँच करने के उपरांत ही मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा।श्री महाकालेश्वर मंदिर में होलिका पर्व 13 मार्च व 14 मार्च के उपलक्ष्य पर परम्परा के सम्यक निर्वहन हेतु भगवान श्री महाकालेश्वर की होने वाली त्रिकाल आरती में सीमित मात्रा में प्रतिकात्मक रूप से हर्बल गुलाल भगवान श्री महाकालेश्वर जी को अर्पण किया जाएगा।इसी प्रकार 19 मार्च रंगपंचमी के उपलक्ष्य पर परम्परा के सम्यक निर्वहन हेतु भस्मार्ती में 01 लोटा केसर युक्त जल एवं संध्या आरती में केसर का रंग प्रतिकात्मक रूप से भगवान श्री महाकालेश्वर जी को अर्पण किया जाएगा। 13-14 एवं 19 मार्च को हर्बल गुलाल, केसर युक्त जल एवं केसर का रंग मंदिर प्रबंध समिति की कोठार शाखा द्वारा भस्मार्ती पुजारी एवं शासकीय पुजारी को उपलब्ध कराया जाएगा।   

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भोपाल । मार्च महीने में गर्मी ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। मध्य प्रदेश में लगातार आ रही गर्म हवाओं के कारण अधिकांश जिलों में गर्मी के तेवर तीखे होने लगे हैं। प्रदेश में अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। मंगलवार को प्रदेश के कई शहरों में गर्मी का असर देखा गया। भोपाल, इंदौर और उज्जैन संभाग सबसे ज्यादा गर्म रहे। जबकि नर्मदापुरम-जबलपुर संभाग में भी तापमान बढ़ गया। मौसम का इस तरह का मिजाज अभी दो-तीन दिन तक बना रह सकता है।मौसम विभाग के अनुसार, मंगलवार को इंदौर संभाग का धार शहर सबसे गर्म रहा। यहां दिन का तापमान 39.1 डिग्री रहा। वहीं, नर्मदापुरम में तापमान 39 डिग्री दर्ज किया गया। इसी तरह रतलाम में 38.5 डिग्री, खजुराहो में 38.4 डिग्री, गुना में 38.1 डिग्री, दमोह में 37.5 डिग्री, मंडला, शिवपुरी-सिवनी में 37.2 डिग्री और सागर में पारा 37.1 डिग्री दर्ज किया गया। हालांकि, रात में पारे में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। बड़े शहरों में ग्वालियर-उज्जैन सबसे गर्म हैं। यहां तापमान 37.5 डिग्री दर्ज किया गया। इंदौर में 37.3 डिग्री और भोपाल में 37.1 डिग्री रहा। जबलपुर में 35.2 डिग्री सेल्सियस रहा।आज बुधवार को राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के अन्य शहरों में तापमान में बढ़ोतरी हो सकती है। रात में भी पारा बढ़ा रहेगा। गौरतलब है कि प्रदेश में मार्च की शुरूआत में बर्फीली हवा चलने से कड़ाके की ठंड पड़ी। इससे भोपाल समेत कई शहरों में पिछले 10 साल का रिकॉर्ड टूटा। लेकिन अब तापमान में बढ़ोतरी होने लगी है। बर्फीली हवा का असर अब नहीं है।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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उज्जैन । श्री महाकालेश्‍वर मंदिर में 13 मार्च होलिका दहन किया जाएगा और 14 मार्च को धुलंडी का पर्व मनाया जाएगा। श्री महाकालेश्‍वर भगवान की सायं आरती में सर्वप्रथम बाबा श्री महाकालेश्वर जी को हर्बल गुलाल व परंपरानुसार शक्कर की माला अर्पित की जाएगी। सायं आरती के पश्‍चात श्री महाकालेश्‍वर मंदिर प्रांगण में ओम्कारेश्वर मंदिर के सामने होलिका के विधिवत पूजन-अर्चन के पश्‍चात होलिका दहन किया जावेगा। 14 मार्च धुलण्डी को प्रातः 4 बजे भस्मार्ती में सर्वप्रथम बाबा श्री महाकालेश्वर को मंदिर से पुजारी- पुरोहितों द्वारा हर्बल गुलाल अर्पित किया जाएगा।   परम्‍परानुसार होगा आरतियों के समय में परिवर्तनश्री महाकालेश्‍वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक प्रथम कौशिक ने बताया कि, 15 मार्च 2025 से परम्‍परानुसार ज्‍योर्तिलिंग श्री महाकालेश्‍वर भगवान की आरतियों के समय में चैत्र कृष्‍ण प्रतिपदा से अश्विन पूर्णिमा तक परिवर्तन होगा।प्रथम भस्‍मार्ती – प्रा‍त: 04:00 से 06:00 बजे तकद्वितीय दद्योदक आरती- प्रा‍त: 07:00 से 07:45 बजे तकतृतीय भोग आरती- प्रा‍त: 10:00 से 10:45 बजे तक,चतुर्थ संध्‍या पूजन- सायं 05:00 से 05:45 बजे तक,पंचम संध्‍या आरती- सायं 07:00 से 07:45 बजे शयन आरती-रात्रि 10:30 ये 11:00 बजे तक होगी।

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भोपाल  । मध्य प्रदेश में होली से पहले मार्च के दूसरे हफ्ते में ही सूरज की तपिश काफी तेज हो गई है। प्रदेश के अधिकांश जिलों में तापमान 35 डिग्री सेल्सियस पार पहुंचने लगा है। सोमवार को इस सीजन का सबसे गर्म स्थान रतलाम रहा। जहां पर अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस रहा। राजधानी भोपाल और इंदौर जिले का अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। मौसम विभाग ने अगले दाे दिन तक तापमान में और बढ़ोतरी होने का अनुमान जताया है।मौसम विभाग के मुताबिक, आने वाले दिनों में प्रदेश के तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस तक वृद्धि होने की संभावना है। होली के दिन भोपाल सहित प्रदेश के अधिकांश इलाकों में दिन का तापमान 35 से 36 डिग्री तो रात का तापमान 17-18 डिग्री के आसपास रहने की संभावना है। हालांकि अधिकतम तापमान में भले ही तेजी आ रही हो, लेकिन रात के तापमान में बड़ी वृद्धि नहीं हुई है। कुछ जिलों की रातें अभी भी ठंडक भरी हैं। आज मंगलवार को भोपाल में तापमान 36 डिग्री के पार पहुंच सकता है। इंदौर, उज्जैन में तापमान 36 डिग्री के आसपास रहेगा। अन्य शहरों में भी तापमान बढ़ा हुआ रहेगा।पिछले 3 दिन से प्रदेश में गर्मी का असर बढ़ा है। सोमवार को धार-रतलाम में 38 डिग्री, शिवपुरी-मंडला में 37 डिग्री, गुना में 36.5 डिग्री, खरगोन में 36 डिग्री, सागर, सिवनी, नर्मदापुरम-टीकमगढ़ में 35.8 डिग्री, खजुराहो में 35.6 डिग्री, दमोह-बैतूल में 35.5 डिग्री, नरसिंहपुर में 35.2 डिग्री और खंडवा में 35.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बड़े शहरों की बात करें तो उज्जैन सबसे गर्म रहा। यहां तापमान 37 डिग्री तक पहुंच गया। इंदौर में 35.6 डिग्री, भोपाल में 35.4 डिग्री, ग्वालियर में 34.5 डिग्री और जबलपुर में 34 डिग्री रहा। सोमवार की रात की बात करें तो धार में सबसे ज्यादा 23.2 डिग्री रहा था। वहीं, भोपाल, इंदौर में 21 डिग्री से ज्यादा रहा।  

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मंडला । जबलपुर का बरगी बांध पुनः जल, थल और नभ पर होने वाले साहसिक खेलों का साक्षी बनेगा। यहां 29 मार्च से 13 अप्रैल तक मंडला जिले के विकासखंड बीजाडांडी के ग्राम देवरी-बकई में होने वाले झील महोत्सव में स्लिंग शॉट, वाटर पैरा सेलिंग, सर्फिंग जैसे साहसिक खेल होंगे, वहीं शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यह जानकारी सोमवार को जनसम्पर्क अधिकारी हिमांशु यादव ने दी। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड (एमपीटीबी) और जबलपुर पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति परिषद (जेएटीसीसी) के आयोजन में पर्यटक नाइट वाटर सफारी का आनंद क्रूज पर उठा सकेंगे। महोत्सव में राजस्थान, महाराष्ट्र के कलाकार लोक नृत्य की प्रस्तुति देंगे, वहीं नगर व अन्य राज्यों के कलाकार सुगम और शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुति करेंगे। एक घंटे के नौका विहार के दौरान नगर के बैंड और अन्य संगीत समूह संगीत की महफिल सजाएंगे। उन्होंने बताया कि पर्यटकों के ठहरने के लिए अमेरिकन स्विस टेंट भी लगाए जा रहे हैं। देवरी बकई के नर्मदा व्यू के निकट आयोजित कार्यक्रम में बॉलीवुड और दक्षिण भारत के सिने स्टार शिरकत करेंगे। महोत्सव को राष्ट्रीय स्तर का बनाने के लिए फिल्म निर्माता और बियोंड स्टूडियोज के एमडी भारत भूषण ने कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की है। महोत्सव का डिजाइन और एग्जिक्यूशन वह कर रहे हैं। जेएटीसीसी के सीईओ हेमंत सिंह ने बताया कि झील महोत्सव के वाटर स्पोर्टस और कल्चरल प्रोग्राम का फ्यूजन पर्यटकों को आकर्षित करने वाला बनाया गया है। महोत्सव राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाएगा। बियोंड स्टूडियोज के एमडी भारत भूषण ने बताया कि इस महोत्सव की कार्ययोजना ही इस प्रकार बनाई गई है कि इसमें भाग लेने के लिए देशभर के लोग आएं, यहां लोगों के आनंद के लिए समुद्र तटों पर होने वाली अनोखी राइड्स के अलावा महोत्सव के पूरे क्षेत्र को फुटफाल बढाने के लिहाज से तैयार किया जा रहा है। झील महोत्सव मंडला जिले की सीमा के अंतिम गांव देवरी बकई के नर्मदा व्यू में आयोजित हो रहा है। कार्यक्रम स्थल का दौरा मंडला कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने एसपी रजत सकलेचा सहित जिले के कई अधिकारियों के साथ किया। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों को आयोजन को सफल बनाने में सक्रिय भूमिका निभाने के निर्देश दिए। इस अवसर पर सीईओ जिला पंचायत श्रेयांश कूमट, जेएटीसीसी के सीईओ हेमंत सिंह, पर्यटन प्रबंधक तरुण मिश्रा, बियोंड स्टूडियोज के एमडी भारत भूषण, एसडीएम निवास शाहिद खान आदि उपस्थित थे। क्रूज पर नाइट सफारी और हाउस बोट का आनंद उठाएंगे लोग झील महोत्सव के दौरान बरगी बांध पर दो क्रूज चलाई जाएंगी जो पर्यटकों को एक घंटे बांध में नौकाविहार कराएंगी। इस दौरान नगर के कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे। क्रूज पर भोजन की भी व्यवस्था की जाएगी। जलविहार के क्रम में एक हाउस बोट बरगी बांध में उतारा जाएगा जो पर्यटकों को अलग अनुभव कराएगा।

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भोपाल । जैसे-जैसे मार्च महीने के दिन आगे बढ़ते जा रहे हैं, गर्मी ने भी अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। मध्यप्रदेश में दिन का तापमान 37 डिग्री के पार पहुंच गया है। रविवार को भोपाल, इंदौर, उज्जैन-ग्वालियर संभाग में दिन का तापमान 1 से 4 डिग्री बढ़ गया। रतलाम सबसे गर्म रहा। यहां अधिकतम तापमान 37.6 डिग्री रहा। नर्मदापुरम, मंडला-शिवपुरी में भी पारा उछाला है। प्रदेश में सबसे कम तापमान 10.0 डिग्री सेल्सियस शहडोल में रिकॉर्ड किया गयामौसम विभाग के मुताबिक, दिन-रात के तापमान में और बढ़ोतरी होगी। सोमवार को सबसे ज्यादा गर्म ग्वालियर, चंबल और उज्जैन संभाग रहेंगे। भोपाल में तापमान 35 डिग्री पार हो सकता है। बर्फीली हवा का असर घटने से ऐसा हो रहा है। इस कारण दिन और रात के तापमान में बढ़ोतरी हुई है। बड़े शहरों की बात करें तो रविवार को उज्जैन और इंदौर सबसे गर्म रहे। उज्जैन में 36.5 डिग्री, इंदौर में 35.2 डिग्री, भोपाल में 34.5 डिग्री, ग्वालियर में 33.4 डिग्री और जबलपुर में 32.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।इसी तरह रतलाम में 37.6 डिग्री, नर्मदापुरम में 36.8 डिग्री, मंडला-शिवपुरी में 36 डिग्री, सिवनी में 35.4 डिग्री, दमोह में 35.2 डिग्री, गुना में 35.1 डिग्री, धार, नरसिंहपुर, टीकमगढ़-खजुराहो में 35 डिग्री, खरगोन में 34.8 डिग्री, बैतूल में 34.2 डिग्री और मलाजखंड में पारा 34 डिग्री पहुंच गया। इधर, रात के तापमान में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है। शनिवार-रविवार की रात में नर्मदापुरम, खंडवा में 20 डिग्री से अधिक रहा। आज सोवमार को भोपाल में पारा 35 डिग्री के पार पहुंच सकता है। इंदौर, उज्जैन में पारा 36 डिग्री के आसपास रहेगा। अन्य शहरों में भी तापमान बढ़ा हुआ रहेगा।मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में मार्च से ही हीट वेव यानी लू भी चलेगी। 15 मार्च के बाद जब शहरों में पारा 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक पहुंचेगा, तब गर्म हवा का असर देखने को मिलेगा। मार्च से गर्मी के सीजन की शुरुआत हो जाती है। अगले 4 महीने तेज गर्मी पड़ेगी। मौसम विभाग ने मार्च से मई तक 15 से 20 दिन तक हीट वेव चलने का अनुमान जताया है। अप्रैल-मई में हीट वेव का असर ज्यादा हो सकता है।  

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कटनी । मध्य प्रदेश के कटनी जिले के ढीमरखेड़ा तहसील के एक गांव में नहर में डूबी तीन मासूम बच्चियों में से तीसरा शव भी मिल गया है। हादसे के 19 घंटे बाद साेमवार सुबह नर्मदा नहर में तीसरी बच्ची का शव मिला है। बता दें कि रविवार को दो बच्चियों के शव मिल गए थे। एक साथ तीन बच्चियों की मौत से गांव में मातम पसरा हुआ है।   दरअसल, ढीमरखेड़ा तहसील के ग्राम परसवारा में रविवार दोपहर नर्मदा नहर में नहाने गई तीन मासूम बच्चियों के डूबने से मौत हो गई थी। तीन बच्चियों सिद्धि पटेल 13 वर्ष, अंशिका पटेल 15 वर्ष और मानवी पटेल 8 वर्ष की मौत हो गई। एक बच्ची अनन्या पटेल 13 को ग्रामीणों की मदद से बचा लिया गया था। तीसरी बच्ची मानवी पटेल की तलाश दिनभर टीम करती रही लेकिन नहर में बच्ची का शव नहीं मिला। सोमवार सुबह करीब 7 बजे शव अपने आप ऊपर आ गया। इसके बाद पुलिस ने उसे बाहर निकाला। उमरिया पान थाना प्रभारी एसआई दिनेश तिवारी के अनुसार पुलिस ने तीनों बच्चियों के शवों का पोस्टमॉर्टम कराया है। मृतक सिद्धि और मानवी के पिता पुणे में काम करते है जो अभी तक गांव नहीं पहुंचे। ग्रामीणों ने बताया कि दोनों ही गरीब परिवार से है। विधायक और पंचायत ने तत्कालीन सहायता राशि उपलब्ध कराई है लेकिन अभी तक शासन स्तर से किसी प्रकार की सहायता राशि उपलब्ध नहीं हो पाई है।

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भोपाल । प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा लागू की जा रही नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रत्येक बिंदु को ठोस तरीके से लागू किये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं। नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में तेजी से बढ़ती हुई विश्व की अर्थव्यवस्था में भारतीयों का किस प्रकार से योगदान हो उसकी चिंता की गई है। बढ़ती हुए आबादी के साथ जनता के लिये उनकी शिक्षा, कौशल और आकांक्षाओं के अनुरूप रोजगार का सृजन एक महत्वपूर्ण चुनौती है। इस बात को ध्यान में रखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा पर जोर दे रहा है।जनसंपर्क अधिकारी मुकेश मोदी ने सोमवार को बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग ने नये शैक्षणिक सत्र में 700 नये उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में नये ट्रेड एवं जॉब रोल्स शुरू करने का प्रस्ताव केन्द्र सरकार के शिक्षा विभाग को भेजा है। यह ट्रेड 21वीं सदी के नवीन कौशल उन्नयन पर आधारित है। वर्तमान में 2383 विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा के कोर्स चल रहे है। इन्हें मिलाकर प्रदेश में व्यावसायिक शिक्षा देने वाले स्कूलों की संख्या 3 हजार से अधिक हो जायेगी। इन कोर्स में उन्नत कृषि को बढ़ावा देने पर बल दिया गया है। डेयरी विकास से जुड़े कोर्स कन्स्ट्रशन ट्रेड अंतर्गत मेशन सहायक, कंस्ट्रशन पेन्टर, असिस्टेंट डिजाइनर, फैशन, हाउसकीपिंग, ऑफिस एडमिनिस्ट्रेशन एण्ड मैनेजमेंट के जॉब रोल्स भी प्रारंभ किये जायेंगे।वर्तमान में संचालित कोर्स में कक्षा 9 और 10 में डाटाएंट्री ऑपरेटर, जूनियर फील्ड टेकनिशियन, असिस्टेंट ब्यूटी थेरेपिस्ट, रिटेलस्टोर, ऑपरेशन असिस्टेंट, प्रायवेट सिक्योरिटी गॉर्ड, फूड एण्ड बेवरीज, सर्विस असिस्टेंट, माइक्रो फ़ाइनेंस एग्ज़ीक्यूटिव, असिस्टेंट प्लम्बर, सिलाई मशीन ऑपरेटर, फोर व्हीलर सर्विस असिस्टेंट, इलेक्ट्रॉनिक सर्विस असिस्टेंट और फिजिकल एजूकेशन असिस्टेंट विषय प्रमुख है, कक्षा 11 और 12 में जिन कोर्स को प्राथमिकता दी गई है। उनमें जूनियर सॉफ्टवेयर डेवलपर, सौलर पैनल टेक्नीशियन, ड्रोन सर्विस टेक्नीशियन, सीसीटीबी, फुटेज ऑपरेटर, फ्लोरीकल्चर, सेल्फ एम्प्लॉयड टेलर प्रमुख है।4 लाख से अधिक विद्यार्थियों को व्यावसायिक शिक्षाप्रदेश में वर्तमान में 2383 विद्यालयों में 4 लाख से अधिक विद्यार्थियों को व्यावसायिक शिक्षा दी जा रही है। व्यावसायिक शिक्षा देने के लिये 4 हजार 700 से अधिक शिक्षकों को विभिन्न विषयों का प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की गई है। लोक शिक्षण संचालनालय ने प्रदेश में संचालित व्यावसायिक शिक्षा के संबंध में जिला शिक्षा अधिकारियों को व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश भी दिये है।

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दमोह । शहर में प्रधानमंत्री आवास के समीप के आधा दर्जन अधिक मकानों का ध्वस्त कर दिया गया। यह सभी नगर पालिका क्षेत्र के एक बडे भू भाग में कब्जा किये हुये थे। रविवार  सुबह जेसीबी के पंजे ने इनका अतिक्रमण ध्वस्त कर दिया। बताया जा रहा है कि तीन दिनों की कार्यवाही में लगभग पांच करोड रुपये की भूमि अतिक्रमण से मुक्त करायी गयी है। वन विभाग एवं राजस्व विभाग की भूमि के मध्य यह रेंप बनाया गया था। इस रेंप का उपयोग पशु को वाहनों में चढाने उतारने के लिये किया जाता था। विदित हो कि अतिक्रमणकारियों के विरूद्ध कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर के निर्देशन में कार्यवाही चल रही है जबकि असमाजिक तत्वों एवं अपराधियों पर लगाम लगाने के लिये पुलिस अधीक्षक श्रुतकीर्ति सोमवंशी के निर्देशन में कार्यवाही की जा रही है। अनुविभागीय दण्डाधिकारी आर.एल.बागरी ने बताया कि यह नियमित चलने वाली कार्यवाही है। हम शासकीय जमीन पर अवैध में से निर्माण किया है उसको ध्वस्त कर रहे हैं जो लगातार जारी रहेगा। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संदीप मिश्रा ने जानकारी देते हुये बताया कि यह रेंप और आसपास का परिदृश्य यह बता रहा है कि यहां से पशुओं के लोडिंग अनलोडिंग का कार्य किया जाता था। अधिनियम और नियम में इस बात का स्पष्द्र उल्लेख है कि कितने नाप में क्या क्या स्थिति होना चाहिये। पशु क्रूरता अधिनियम के तहत अज्ञात आरोपियों के विरूद्ध मामला पंजीबद्ध किया जायेगा और आरोपियों को तलाश कर कार्यवाही की जायेगी। तहसीलदार मोहित जैन ने बताया कि अतिक्रमण करने वाले कोई भी हों उनको छोडा नहीं जायेगा। नगर पालिका की करोडों रूपयों की जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है। अभियान लगातार चलने वाली प्रक्रिया जो चलती रहेगी।   सीएसपी अभिषेक तिवारी ने बताया कि गौ कसी कें मामले में शेष आरोपियों की तलाश जारी है असमाजिक तत्वों एवं अपराधियों पर अंकुश लगाने कार्यवाही की गति और तेज की जा रही है। रेंजर विक्रम चौधरी ने बताया कि वन विभाग एवं राजस्व के बीच एक भूमि पर एक रेंप बनाया गया था जिसका उपयोग पशुओं को चढाने उतारने किया जाता है उसको ध्वस्त किया गया है। कार्यवाही के दौरान सिटी कोतवाली थाना प्रभारी आनंद राज,देहात थाना प्रभारी मनीष कुमार मुख्य नगर पालिका अधिकारी प्रदीप शर्मा के साथ बडी तादाद में प्रशासन,पुलिस,वन एवं नगर पालिका के साथ विघुत मंडल की टीम उपस्धित रही।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में सर्द हवाओं का असर कम होते ही गर्मी बढ़ने लगी है। प्रदेश में दिन का तापमान 36 डिग्री के पार पहुंच गया है। इंदौर, उज्जैन और जबलपुर संभाग में गर्मी बढ़ गई है। 15 मार्च के बाद सूरज के तेवर और तीखे होने लगेंगे। आज रविवार को राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के अन्य शहरों में दिन के तापमान में 2 से 3 डिग्री की बढ़ोतरी होगी। 10 मार्च को भी दिन और रात के तापमान में बढ़ोतरी की संभावना है। फिलहाल, बारिश होने के आसार नहीं है।पिछले चार दिन प्रदेश में उत्तरी हवा चलने से कड़ाके की ठंड पड़ी। इससे भोपाल समेत कई शहरों में पिछले 10 साल का रिकॉर्ड टूट गया। कई शहर में शीतलहर चली, रात का तापमान 6 डिग्री तक पहुंच गया। राजगढ़, शाजापुर, उमरिया, मंडला, नौगांव और मलाजखंड जैसे छोटे शहर सबसे ठंडे रहे। मौसम विभाग ने बताया कि पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में रविवार से एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव हो रहा है। ऐसा होने पर दो दिन बाद प्रदेश में भी असर देखने को मिल सकता है।शनिवार की रात की बात करें तो प्रदेश के अधिकांश शहरों में पारे में बढ़ोतरी हुई। भोपाल में 5.9 डिग्री की बढ़ोतरी के बाद तापमान 16.4 डिग्री पहुंच गया। बैतूल, धार, गुना, ग्वालियर, नर्मदापुरम, इंदौर, खंडवा, खरगोन, पचमढ़ी, राजगढ़, रतलाम, उज्जैन, छिंदवाड़ा, दमोह, जबलपुर, खजुराहो, मंडला, नरसिंहपुर, नौगांव, रीवा, सागर, सतना, सिवनी, सीधी, टीकमगढ़, उमरिया और मलाजखंड में भी पारा बढ़ गया। शनिवार को दिन के तापमान भी बढ़ गया। नर्मदापुरम में 36.9 डिग्री, रतलाम में 36.2 डिग्री, धार, सिवनी-मंडला में पारा 35 डिग्री दर्ज किया गया। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 32.8 डिग्री, इंदौर में 33.8 डिग्री, ग्वालियर में 32.5 डिग्री, उज्जैन में 34.5 डिग्री और जबलपुर में तापमान 33.2 डिग्री रहा।

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इंदौर । भोपाल गैस त्रासदी के बाद भोपाल की यूनियन कार्बाइड में 40 साल डम्प पड़े जहरीले कचरे का निष्पादन मप्र उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार पीथमपुर में किया जा रहा है। यूनियन कार्बाइड के इस जहरीले कचरे को जलाने के ट्रायल रन का दूसरा चरण शनिवार को रात आठ बजे संपन्न हुआ। पीथमपुर के री-सस्टेनेबिलिटी (पूर्व में रामकी) कंपनी में दूसरे चरण में कचरा जलाने की प्रक्रिया छह मार्च को सुबह 11.06 बजे शुरू हुई थी। इसमें 180 किलो प्रति घंटे की दर से कचरा जलाया गया। दूसरे ट्रायल रन में 10 टन कचरे का निष्पादन करने में 57 घंटे लगे। यह प्रक्रिया 55 घंटे में पूरी होना थी, परंतु इसमें देर हुई। आखिरी खेप शनिवार शाम 7.05 बजे डाली गई और इसे करीब एक घंटे तक जलाया गया। इंदौर संभागायुक्त दीपक सिंह ने बताया कि उच्च न्यायालय के निर्देश पर पीथमपुर की रामकी कंपनी में यूनियन कार्बाइड के रासायनिक कचरे को नष्ट किया जा रहा है। पहले ट्रायल रन में 28 फरवरी से तीन मार्च तक 10 टन कचरा जलाया गया था। इसके बाद छह मार्च को दूसरा ट्रायल रन शुरू हुआ, जो शनिवार रात आठ संपन्न हुआ। दूसरे ट्रायल रन में भी 10 टन रासायनिक कचरा जलाया गया है। अब तीसरा ट्रायल रन 10 मार्च से शुरू किया जा सकता है। इधर, प्रदूषण विभाग के अनुसार शनिवार को दोपहर 12:46 बजे इंटरनेट बंद हो जाने से ऑनलाइन सर्वर पर डाटा फीड होना बंद हो गया था। इससे दोपहर एक बजे से करीब बीस मिनट के लिए भस्मक में कचरा डालना रोका दिया गया था। भस्मक के तापमान को बनाए रखने और आखिरी खेप को करीब एक घंटा जलाने से दो घंटे अतिरिक्त लगे। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार 10 मार्च से कचरा जलाने के ट्रायल रन का तीसरा चरण शुरू किया जाएगा। इसके बाद तीनों ट्रायल रन की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर कोर्ट में प्रस्तुत की जाएगी। कचरा जलाने के साथ ही चिमनी से निकलने वाले धुएं व कण की निगरानी व मॉनिटरिंग मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के 20 अधिकारी-कर्मचारी कर रहे हैं।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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इंदौर । इंदौर में नगर निगम के टैक्स विवाद के बीच शनिवार की रात प्रसिद्ध सिंगर और रैपर यो यो हनी सिंह का कॉन्सर्ट हुआ। करीब डेढ़ घंटे चले इस कार्यक्रम में उन्होंने 10 गाने गाए। हालांकि, इस कार्यक्रम के लिए पुलिस और प्रशासन की ओर से अनुमति दे दी गई थी। इसके बावजूद कॉन्सर्ट जल्दी समाप्त हो गया। हनी सिंह के कॉन्सर्ट के लिए हजारों लोग यहां पहुंचे थे। उन्होंने डांस भी किया। हनी सिंह का शो डेढ़ घंटे में खत्म होने को लेकर नगर निगम की डिप्टी कमिश्नर लता अग्रवाल का कहना है कि टैक्स जमा नहीं करने के कारण शो खत्म किया गया, ऐसा नहीं है। इस इवेंट के पौने आठ लाख रुपये टैक्स जमा किए थे। बाकी 50 लाख रुपये नगर निगम को और लेना है। शनिवार को भी नगर निगम की टीम वहां गई थी, लेकिन टैक्स जमा नहीं किया गया है। कार्यक्रम उन्होंने ही बंद किया है। हमारी इसमें कोई भूमिका नहीं है। गौरतलब है कि नगर निगम ने हनी सिंह के 'मिलियनेयर इंडिया टूर' कॉन्सर्ट के आयोजकों को मनोरंजन कर वसूलने का नोटिस दिया था। साथ ही महापौर पुष्य मित्र भार्गव ने पुलिस और प्रशासन को पत्र लिखकर मनोरंजन टैक्स जमा करने के बाद ही अनुमति देने की बात कही थी। इंदौर नगर निगम ने आयोजकों से 50 लाख रुपये के टैक्स की मांग की। नगर निगम ने शनिवार दोपहर को जीएसटी पोर्टल के माध्यम से बताया कि इस कार्यक्रम के लिए तीन करोड़ 28 लाख रुपये से ज्यादा के टिकट बिके हैं। इसलिए इस राशि का 10 प्रतिशत मनोरंजन कर और आमोद कर पहले ही जमा कराएं। हनी सिंह के कॉन्सर्ट के लिए अलग-अलग रेंज में 2500 रुपये तक के टिकट बिके थे। इस मामले में महापौर पुष्य मित्र भार्गव ने कहा कि आयोजन करने वालों की नीयत में खोट है। उन्होंने आयोजकों को पोस्ट डेटेड चेक देने के लिए कहा था। इस पर उन्होंने कहा था कि वे चेक साथ लेकर नहीं चलते।  

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राजगढ़ । सुठालिया क्षेत्र के कई गांवों में बिजली की सप्लाई काटने की बात को लेकर रविवार को एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने चक्काजाम कर विरोध प्रदर्शन किया, जिससे वाहनों की लंबी कतारें देखने में आई। पुलिस की समझाइश पर मामले को शांत किया गया, वहीं कार्यकर्ताओं ने मांग पूरी नही होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी।   सुठालिया क्षेत्र के 100 से अधिक गांवों में बिजली सप्लाई बंद करने का विरोध करते हुए एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने चक्काजाम कर प्रदर्शन किया। एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं का कहना है कि विधुत सप्लाई बंद होने से ग्रामीणों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं परीक्षा के दौरान बिजली काटे जाने से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इधर बिजली कंपनी के अफसरों का कहना है कि बकाया राशि के चलते कार्रवाई की गई है। संगठन का कहना है कि फसल बिकने के बाद ही किसानों पर पैसा आता है तभी वह बिजली बिल भुगतान कर सकते है, इसलिए परीक्षा होने तक का समय दिया जाए, जिससे छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो। विरोध प्रदर्शन के दौरान ललित सोलंकी, एलकार सौंधिया, नारायणसिंह, सरदारसिंह, जितेन्द्र पटेल सहित अन्य मौजूद रहे।    

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मौसम में बदलाव का दौर जारी है। रविवार से प्रदेश में एक साथ कई पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की संभावना है। इसके चलते प्रदेश के पूर्वी और उत्तरी हिस्से में हल्की बूंदाबांदी हाे सकती है। मार्च महीने में तेज गर्मी, लू, बादल और हल्की बारिश वाला मौसम रहेगा। पहले सप्ताह में बादल छाएंगे। वहीं, चौथे सप्ताह में हीट वेव, यानी लू चलेगी। इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, चंबल, सागर और रीवा संभाग में 3 से 4 दिन लू चल सकती है। 20 मार्च के बाद कुछ जिलों में हल्की बारिश होने के आसार भी हैं। आज भोपाल में बादल छा सकते हैं। अन्य शहरों में तापमान बढ़ा रहेगा।मौसम विभाग के अनुसार, मार्च में बारिश के सामान्य से कम होने के प्रबल संकेत मिल रहे हैं। वहीं, तापमान के सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। प्रदेश में मार्च से ही हीट वेव यानी लू भी चलेगी। मौसम विभाग ने मार्च से मई तक 15 से 20 दिन तक हीट वेव चलने का अनुमान जताया है। अप्रैल-मई में हीट वेव का असर ज्यादा हो सकता है। इस कारण 30 से 35 दिन तक गर्म हवा चल सकती है। 15 मार्च के बाद जब शहरों में पारा 40 डिग्री से अधिक पहुंचेगा, तब गर्म हवा का असर देखने को मिलेगा। मौसम विभाग ने अप्रैल और मई में सबसे ज्यादा गर्मी पड़ने का अनुमान जताया है। इन दो महीने के अंदर ग्वालियर, चंबल, जबलपुर, रीवा, शहडोल और सागर संभाग के जिलों में पारा 45 डिग्री के पार पहुंच सकता है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन और नर्मदापुरम संभाग भी गर्म रहेंगे।मार्च के पहले दिन शनिवार को भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन, जबलपुर समेत कई शहरों में दिन के तापमान में गिरावट देखने को मिली। इसकी वजह बादल छाया है। भोपाल में अगले 3 दिन तक बादल छाए रह सकते हैं। बादलों की वजह से शनिवार को ग्वालियर में 3.8 डिग्री की गिरावट के बाद पारा 29.8 डिग्री दर्ज किया गया। भोपाल, बैतूल, धार, गुना, इंदौर, खंडवा, पचमढ़ी, उज्जैन, दमोह, जबलपुर, खजुराहो, मंडला, नरसिंहपुर, नौगांव, मलाजखंड में भी गिरावट हुई।

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भोपाल । राज्य की लाभकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए बिजली उपभोक्ताओं को ईकेवायसी कराना अनिवार्य है। उपभोक्ता मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के उपाय ऐप से भी ईकेवायसी करा सकते हैं। गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध "उपाय" ऐप डाउनलोड कर बिजली उपभोक्ता समग्र केवायसी में अपना उपभोक्ता क्रमांक एवं समग्र क्रमांक दर्ज करने के बाद लिंक मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी को दर्ज कर केवायसी प्रक्रिया को पूर्ण कर सकते हैं। केवायसी प्रक्रिया में अब तक 06 लाख 73 हजार 534 उपभोक्ताओं ने सफलतापूर्वक केवायसी करा ली है। जनसम्पर्क अधिकारी राजेश पाण्डेय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नर्मदापुरम ग्रामीण क्षेत्र में 71 हजार 940, बैतूल ग्रामीण में 91 हजार 012, राजगढ़ ग्रामीण में 51 हजार 223, शहर वृत्त भोपाल में 61 हजार 271, भोपाल ग्रामीण में 38 हजार 656, गुना ग्रामीण में 32 हजार 353, विदिशा ग्रामीण में 49 हजार 230, सीहोर ग्रामीण में 24 हजार 130, ग्वालियर ग्रामीण में 21 हजार 086, शहर वृत्त ग्वालियर में 46 हजार 642, अशोकनगर ग्रामीण में 25 हजार 737, दतिया ग्रामीण में 25 हजार 233, रायसेन ग्रामीण में 44 हजार 009, शिवपुरी ग्रामीण में 25 हजार 791, हरदा ग्रामीण में 20 हजार 964, श्योपुर ग्रामीण में 09 हजार 652, मुरैना ग्रामीण में 23 हजार 730 एवं भिण्ड ग्रामीण में 10 हजार 875 बिजली उपभोक्ताओं की केवायसी की गई है। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कंपनी कार्य क्षेत्र के भोपाल, नर्मदापुरम, ग्वालियर एवं चंबल संभाग के अंतर्गत आने वाले 16 जिलों के बिजली उपभोक्ताओं के बिजली संबंधी व्यक्तिगत विवरण को कंपनी के रिकार्ड में अपडेट करने के लिए नो योर कंज्यूमर (केवायसी) प्रक्रिया शुरू की है। कंपनी द्वारा नो योर कंज्यूमर (केवायसी) प्रक्रिया के तहत बिजली उपभोक्ताओं की व्यक्तिगत जानकारी जैसे समग्र आईडी, मोबाइल नंबर एवं बैंक खाता इत्यादि की जानकारी को अपडेट किया जा रहा है। नो योर कंज्यूमर (केवायसी) प्रक्रिया से बिजली उपभोक्ताओं को जहां राज्य शासन की योजनाओं का लाभ सीधे लाभ अंतरण (डीबीटी) योजना के माध्यम से सुनिश्चित किया जा सकेगा वहीं दूसरी ओर प्रणाली में अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। साथ ही केवायसी से वास्तविक उपभोक्ताओं के विद्युत संयोजन एवं उनके भार की स्थिति का भौतिक सत्यापन सुनिश्चित किया जा सकेगा। इससे कंपनी कार्य क्षेत्र में विद्युत संरचनाओं के भविष्य में विस्तार की योजना बनाने में आसानी होगी। केवायसी होने से कंपनी द्वारा उपभोक्ताओं की सही पहचान और मोबाइल नंबर को सटीक रूप से टैग करने में मदद मिलेगी, जिससे कंपनी की सेवाओं का सुचारू संचालन

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भोपाल । मध्य प्रदेश में रात को ठंड का अहसास और दिन में तेज गर्मी का सितम जारी है। आने वाले दिनों में दिन-रात का तापमान बढ़ेगा। फिलहाल दिन और रात के तापमान में 2 से 5 डिग्री की बढ़ोत्तरी हो सकती है। मार्च के पहले सप्ताह में बादल छाने और हल्की बारिश होने के भी आसार हैं। मौसम विभाग का कहना है कि 2 मार्च से पश्चिम-उत्तर भारत में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव हो रहा है। जिसका असर प्रदेश में भी देखने को मिल सकता है। खासकर 4 मार्च से इंदौर, ग्वालियर, चंबल हिस्से में कहीं-कहीं मौसम बदला हुआ रह सकता है। इससे पहले दिन-रात के तापमान में 2 से 4 डिग्री तक की बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।प्रदेश में फरवरी में मौसम का मिला-जुला असर रहा। शुरुआती दिनों में ही तेज ठंड पड़ी, लेकिन दूसरे सप्ताह से ठंड जैसी गायब सी हो गई। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन, जबलपुर समेत कई शहरों में रात का पारा 10 डिग्री से अधिक ही रहा। वहीं, दिन में 34 डिग्री तक पहुंच चुका है। फरवरी के आखिरी दिन शुक्रवार को भी मौसम का मिजाज ऐसा ही बना रहेगा, लेकिन मार्च के पहले सप्ताह में मौसम में फिर से बदलाव देखने को मिल सकता है। उत्तर-पश्चिमी भारत में सक्रिय होने वाले वेस्टर्न डिस्टरबेंस का असर प्रदेश में 2 दिन बाद यानी, 4 मार्च से देखने को मिल सकता है। इसके अलावा एक साइक्लोनिक सकुर्लेशन सिस्टम भी एक्टिव है। इस कारण भोपाल समेत कई शहरों में बादल छाए रहे।प्रदेश में पिछले पांच दिनों से हल्‍की ठंड पड़ी। इस वजह से पचमढ़ी समेत कई शहरों में पारा 10 डिग्री से नीचे ही रहा, लेकिन गुरुवार की रात में तापमान में फिर से बढ़ोतरी होने लगी। कई शहरों में पारा 2 से 4 डिग्री तक बढ़ गया। पचमढ़ी में 10.2 डिग्री, कल्याणपुर में 10.3 डिग्री, शाजापुर के गिरवर में 11.2 डिग्री, उमरिया में 11.3 डिग्री, अशोकनगर के आंवरी में 11.6 डिग्री और मंडला में पारा 12 डिग्री तक दर्ज किया गया। इधर, गुरुवार को दिन के तापमान में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है। आज शुक्रवार को तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। कहीं-कहीं बादल भी छा सकते हैं। जबकि 1 मार्च को भोपाल, इंदौर समेत कई शहर में दिन का पारा 2 से 3 डिग्री तक बढ़ सकता है।  

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रीवा । शहर के शिल्पी प्लाजा बाजार के तीसरी मंजिल में स्थित लोकायुक्त कार्यालय में गुरुवार रात भीषण आग लग गई। आग  के घटना से इलाके में सनसनी फैल गई। सूचना मिलते ही दमकल और पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया। वहीं आगजनी में लोकायुक्त कार्यालय के अंदर रखे कई दस्तावेज जलकर खाक हो गए हैं। प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण शार्ट सर्किट बताया जा रहा है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।   जानकारी अनुसार घटना गुरुवार की देर रात तकरीबन करीब साढ़े 10 बजे की है। आग की लपटें देख क्षेत्र में हड़कंप मच गया, स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना दमकल और पुलिस टीम को दी। सूचना मिलते ही दमकल की कई गाड़ियों के साथ पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई। फायर ब्रिगेड की टीम ने कड़ी मशक्कत कर आग पर काबू पाया। गनीमत रही की फायर ब्रिगेड की टीम ने सूझबूझ से आग को नियंत्रण में कर लिया, नहीं तो स्थिति और भयावह हो सकती थी, क्योंकि आसपास मौजूद अन्य शासकीय कार्यालयों के साथ दुकानें भी आग की चपेट में आ सकती थी। गार्ड शिवलाल साकेत ने बताया- सबसे पहले कांच टूटने की आवाज सुनाई दी। लगा कि कोई चोर घुस आया है। मौके पर जाकर देखा तो आग लगी थी। दफ्तर में रखा पुराना रिकॉर्ड जलकर खाक हो गया।आग की जानकारी मिलते ही लोकायुक्त कार्यालय के सीनियर अफसर और सिविल लाइन थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। अफसरों ने आग में जले दस्तावेजों को अनुपयोगी बताया है। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक 50 से अधिक पुराने कागजात जलकर नष्ट हो गए हैं। इनमें कुछ अहम फाइलें भी हो सकती हैं। मामले में लोकायुक्त अफसर फिलहाल कोई आधिकारिक बयान देने से बच रहे हैं। सिविल लाइन थाना प्रभारी कमलेश साहू ने कहा- आग लगने की सही वजह का अब तक खुलासा नहीं हो सका है। प्राथमिक जांच में शॉर्ट सर्किट को कारण बताया जा रहा है। जांच के बाद ही इस बारे में कुछ कहा जा सकेगा।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा हाईस्कूल कक्षा 10वीं बोर्ड की वार्षिक परीक्षा आज (गुरुवार) से आरंभ हो रही है। यह परीक्षा 21 मार्च तक आयोजित होगी। परीक्षा नियमित तथा स्वाध्यायी परीक्षार्थियों के लिए प्रात: 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक होगी। जनसम्पर्क अधिकारी उमेश तिवारी ने बताया कि सभी परीक्षार्थियों को परीक्षा केन्द्र में प्रात: 8 बजे एवं परीक्षा कक्ष में प्रात: 8.30 बजे उपस्थित होना अनिवार्य होगा। परीक्षा कक्ष में प्रात: 8.45 बजे के बाद किसी भी परीक्षार्थी को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। परीक्षार्थियों को परीक्षा प्रारंभ होने से 10 मिनट पूर्व अर्थात प्रात: 8.50 बजे उत्तर पुस्तिका एवं 5 मिनट पूर्व अर्थात प्रात: 8.55 बजे प्रश्न-पत्र दिए जाएंगे। प्रत्येक परीक्षार्थी का उपस्थिति पत्रक की फोटो से मिलान किया जायेगा। प्रवेश पत्र में भी फोटो लगाना अनिवार्य है। परीक्षार्थी यथा संभव पेयजल की बोतल स्वयं लेकर आएं। उन्होंने बताया कि कक्षा 10वीं के नियमित तथा स्वाध्यायी परीक्षार्थियों की परीक्षा का प्रथम प्रश्न पत्र गुरूवार 27 फरवरी को हिंदी का होगा। शुक्रवार 28 फरवरी को उर्दू तथा शनिवार एक मार्च को नेशनल स्किल्स क्वालिफिकेशन फ्रेम वर्क के समस्त विषयों तथा आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस का प्रश्न पत्र होगा। सोमवार 3 मार्च को अंग्रेजी का प्रश्न पत्र होगा। बुधवार 5 मार्च को मराठी, गुजराती, पंजाबी, सिन्धी के प्रश्न पत्र तथा मूक बधिर और दृष्टिहीन विद्यार्थियों के लिए चित्रकला, गायन वादन, तबला पखावज और कम्प्यूटर का प्रश्न पत्र होगा। गुरूवार 6 मार्च को संस्कृत, सोमवार 10 मार्च को गणित, गुरूवार 13 मार्च को सामाजिक विज्ञान तथा शुक्रवार 21 मार्च को विज्ञान के प्रश्न पत्र की परीक्षा आयोजित होगी।    

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भोपाल । मध्य प्रदेश शासन, संस्कृति विभाग द्वारा जिला प्रशासन रायसेन के सहयोग से महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर प्रतिवर्षानुसार भोजपुर स्थित विश्व प्रसिद्ध शिव मंदिर प्रांगण में "महादेव" भोजपुर महोत्सव 26 से 28 फरवरी तक आयोजित किया जा रहा है। उप मुख़्यमंत्री जगदीश देवड़ा, क्षेत्रीय विधायक सुरेंद्र पटवा तथा सांची विधायक प्रभुराम चौधरी ने बुधवार देर शाम महोत्सव का शुभारंभ किया। इस अवसर पर पूर्व कैबिनेट मंत्री रामपाल सिंह, कलेक्टर अरुण विश्वकर्मा, स्थानीय जनप्रतिनिधि राकेश शर्मा सहित बड़ी संख्या में श्रोतागण भी उपस्थित रहे। समारोह के पहले दिन मुम्बई के गायक ऋषभ रिखीराम शर्मा ने भक्ति गीतों की प्रस्तुति दी, जिस पर श्रोता जमकर झूमे। महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि भोजपुर का मंदिर महाभारत कालीन है, इस मंदिर की प्रसिद्धी पुरे विश्व में है। आज मध्य प्रदेश ऐसा राज्य है जहां अपनी लोक संस्कृति को पुरे देश में सबसे अधिक बढ़ावा देने का कार्य किया जा रहा है। सरकार धार्मिक स्थलो पर विविध कार्यक्रम करा कर संस्कृति को बढ़ावा दे रही है। इस अवसर पर सुरेंद्र पटवा ने कहा कि आज भोजपुर में एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन किये। प्रभुराम चौधरी ने कहा कि सुंदरलाल पटवा ने इस महोत्सव को शुरू किया था, आज हजारों लोग इस महोत्सव का आनंद लेने आते हैं। महोत्सव में लोक गीत, संगीत और नृत्य के सांस्कृतिक स्वरूपों में भगवान शिव की महिमा दर्शायी जायेगी। कार्यक्रम प्रतिदिन सायं 6:30 बजे से शुरू होगा, जिसमें श्रोताओं का प्रवेश निःशुल्क रहेगा। संस्कृति संचालक एन.पी. नामदेव ने बताया कि तीन दिवसीय समारोह में आराध्य शिव के गीत-संगीत से भक्ति रस की पावन गंगा बहेगी। शाम की पहली सभा में खरगोन के शिव भाई गुप्ता का लोकगायन हुआ। उनकी सुमधुर वाणी ने निकले भक्ति गीतों ने श्रोताओं के अंतर्मन को भक्ति रस से भिगो दिया। बसंत की ढलती शाम के बीच उन्होंने महादेव की नगरी में जैसे ही भोले बाबा, म्हारा भोले बाबा, जटा म गंगा की धारा... गीत पेश किया, श्रोता उनकी स्वर लहरियों के बीच अलौलिक भक्ति में लीन हो गए। भगवान और भक्तों के बीच सुरों का सेतू बनाते हुए शिव भाई ने भोजपुर के लिए विशेष गीत जको गला म काला-काला नाग, देखो भाई भोजपुरम्... पेश किया। आदि-अनादि शिव का आह्वान करते हुए भोलेबाबा की आई रे बारात प्यारी लाग शिवरात्रि… गीत सुनाते हुए उन्होंने शिव के प्रति अपने कठ माधुर्य से प्रेम और समर्पण को दिखाया। गीतों की बेला को आगे बढ़ा हुए उनके कंठ से निकला हर स्वर भोजपुर की समीरण में भक्ति की महक घोल रहे थे। कार्यक्रम को विस्तार देते हुए उन्होंने भोला शम्भू परणंन क चलिया तजि गड चौव दुल्लव क देखी मन हर्ष रहि रे गॉवरा..., रनु बाई पाणी का जाए जाये बड़ी खटका सी लंबी चोटी न लाल फुन्दों पाणी भर मटका सी.... मारी पार्वती क डुबाई दि महारा नाथ और म्हारी नथनी खवाई गयी नाचनम... की प्रस्तुति देकर निमाड़ की पावन संस्कृति को मंच पर जीवंत किया। शाम की ठंडी बयार के बीच अगली प्रस्तुति बुंदेलखंड की ऐतिहासिक धरा से जुड़े प्रसिद्ध बधाई नृत्य की हुई। अभिलाष चौबे और साथी कलाकारों ने लोकनृत्य के माध्यम से जनपदीय संस्कृति के उल्लास को मंच पर बिखेरा। बधाई लोक नृत्य बुंदेलखंड अंचल का लोकप्रिय नृत्य है। इसे स्त्री एवं पुरुष दोनों ही मिलकर करते हैं। विवाह, तीज, त्यौहार, शिशु जन्म जैसे मांगलिक कार्य और धार्मिक अनुष्ठान के समय इस नृत्य को बुंदेलखंड में किए जाने की परंपरा रही है। कलाकार ढोलक, टिमकी, बांसुरी, लोटा और रामतुला जैसे पारंपरिक वाद्ययंत्रों के साथ गारी गीत गाते हैं। भोजपुर महोत्सव में आए इन योगियों ने जन्म लियो रघुरैया अवध में बाजे बधाइयां..., कोना घड़ी में राम रघुरैया कोना में किशन कन्हैया अवध में बाजे बधाइया..., नैना बंद लागे कहियो चोली बंद लागे कहियो, पीपर को पत्ता डुलत नैया... और लाल रंग डारो गुलाबी रंग डारो और रंग डारो केसरिया जे बंसी वारे सांवरिया नैना बंद... जैसे गीतों पर प्रस्तुति दी। प्रस्तुति में गायन में आदित्य प्रजापति, ढोलक पर लीलाधर बेन, टिमकी पर अक्षय तिवारी, रामतुला पर आदर्श मिश्रा ने संगत दी। उज्जैन की हीरामणी वर्मा और उनके साथी मटकी नृत्य के माध्यम से भोजपुर के आकाश में अठखेलियां करते चंद्रमा की चंचलता को प्रकृति पर उतार लाए। नृत्य और गायन में उनकी वर्षों की साधना की झलक दिखाई दे रही थी। मालवा की लोकनृत्य मटकी, मांगलिक कार्यों और त्योहारों के अवसर पर ढोल की थाप पर किया जाता है। इसमें महिलाएं समूह में घुंघट निकालकर यह नृत्य करती हैं। इसमें आडा, खड़ा, रजवाड़ी, डंडे, मटकीऔर फूंदी नृत्य के साथ आखिरी में हाथों में घड़े लेकर सांगीतिक धुनों पर मटक-मटक कर नृत्य किया जाता है। कलाकारों ने सायबा म्हारे लईदो करण फूल झुमको..., भम्मर पेरूं तो म्हारी सासू लड़े..., उदिया तो पुर से सायबा बीज मंगाव..., हो जी देस परायो रईवर आवंगा... और हूं तो केसूर बिजूर का हाट गई... जैसी गीतों पर लोकनृत्य पेश किया। भोजपुर महोत्सव में ऋषभ शर्मा ने अपनी मधुर और भक्तिमय प्रस्तुति से श्रोताओं को संगीतमयी यात्रा पर ले गए। प्रस्तुति की शुरुवात "तिलक कामोद" राग में अपने घराने की परम्परा की झलक पेश कर श्रोताओं को संगीत की एक अद्भुत दुनिया में प्रवेश कराया। इसके बाद, उन्होंने "शंकरा" की मनमोहक धुन से माहौल को भक्तिरस से सराबोर कर दिया। कार्यक्रम में आगे बढ़ते हुए, ऋषभ शर्मा ने "ॐ नमः शिवाय" की भक्ति में लीन प्रस्तुति दी, जिससे पूरे पंडाल में शिवमय वातावरण बन गया। फिर, उन्होंने "शिव कैलाशवासी धौली धरों के राजा शंकर संकट हर ना (शिव शम्भो हरणा ) शंकर संकट हरना " गाकर भोलेनाथ की महिमा का गुणगान किया। इतना ही नहीं, ऋषभ शर्मा ने अपने गायन में शास्त्रों और नीति को भी शामिल किया। उन्होंने "चाणक्य" और "कौटिल्य" से जुड़ी रचनाएं प्रस्तुत कर दर्शकों को भारतीय संस्कृति और ज्ञान परंपरा की झलक दिखाई। अंत में, उन्होंने ‘तांडवम’ में जटा टवी गलज्जलप्रवाह पावितस्थले गलेऽव लम्ब्यलम्बितां भुजंगतुंग मालिकाम्‌। डमड्डमड्डमड्डमन्निनाद वड्डमर्वयं चकारचण्डताण्डवं तनोतु नः शिव: शिवम्‌। की शानदार प्रस्तुति से पूरे माहौल को ऊर्जावान बना दिया। उनकी इस प्रस्तुति में शिव के तांडव की शक्ति और भावनाओं का जबरदस्त संगम देखने को मिला, जिसे सुनकर दर्शक रोमांचित हो उठे। ऋषभ शर्मा की इस संगीतमयी प्रस्तुति ने भोजपुर महोत्सव को यादगार बना दिया, और उनके मंत्रमुग्ध कर देने वाले गायन से हर कोई संगीत और भक्ति की गहराइयों में डूब गया।  

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में मौसम में लगातार उतार-चढ़ाव जारी है। पिछले कुछ दिनों से दिन के तापमान में बढ़ोतरी हुई है। हालांकि रात में हल्‍की ठंड है। अब मार्च के पहले सप्ताह में मध्य प्रदेश के पश्चिम-उत्तरी हिस्से में हल्की बारिश होने के आसार है। मौसम विभाग का कहना है कि वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) के एक्टिव होने से ऐसा हो सकता है। इससे पहले 3 दिन तक दिन-रात का पारा 2 से 3 डिग्री बढ़ा रहेगा। जिससे गर्मी का अहसास होगा।मौसम विभाग के अनुसार, 2 मार्च से नया वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव हो रहा है। जिसका असर प्रदेश में भी देखने को मिल सकता है। अभी साइक्लोनिक सर्कुलेशन का असर है। गुरुवार को दिन के तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। रात में भी पारा बढ़ सकता है। वहीं, 28 फरवरी को राजधानी भोपाल और इंदौर समेत कई शहर में दिन का पारा 2 से 3 डिग्री तक बढ़ सकता है। इधर, बुधवार को भोपाल में सुबह से बादल छाए रहे। वहीं, रीवा, सतना, पन्ना और मैहर जिलों में भी मौसम बदला रहा। बाकी शहरों में आसमान साफ रहा। जिससे दिन के पारे में बढ़ोतरी देखने को मिली।पिछले 5 दिन से प्रदेश में हल्की ठंड पड़ रही है। बुधवार रात पचमढ़ी में तापमान 6.8 डिग्री, शहडोल के कल्याणपुर में 8.7 डिग्री, शाजापुर के गिरवर में 9.6 डिग्री और मंडला में 10.2 डिग्री दर्ज किया गया। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 12.6 डिग्री, इंदौर में 17.6 डिग्री, ग्वालियर में 15.5 डिग्री, उज्जैन में 13.8 डिग्री और जबलपुर में पारा 11.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।  

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मंदसौर । नगर की आस्था के केन्द्र भूतभावन अष्टमुखी भगवान पशुपतिनाथ मंदिर में महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया गया। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रबंधन ने सुबह 4 बजे से ही मंदिर के द्वार खोल दिए थे। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए थे। मंदिर परिसर में करीब 200 पुलिस जवानों की तैनाती की गई थी। साथ ही मंदिर परिसर को सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही थी।   पशुपतिनाथ मंदिर के पुजारी कैलाश भट्ट के अनुसार प्रदोष के साथ महाशिवरात्रि का विशेष संयोग है। सुबह भगवान का दूध, दही और पंचामृत से विशेष अभिषेक किया गया। दिन में भी भगवान को दूध-दही से स्नान कराया गया। इसके बाद मेवा, भांग और फूलों से श्रृंगार किया गया। शाम को मंदिर के आराधना हॉल में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी हुआ। सागर से आए जुगल किशोर नामदेव ने अपनी शानदार प्रस्तुति दी। इंदौर की कविता तिवारी महादेव पर केंद्रित नृत्य प्रस्तुत किया जिसे दर्शको ने खूब सराहा।

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भोपाल । मध्य प्रदेश के सीहोर जिला मुख्यालय स्थित कुबेरेश्वर धाम में मंगलवार से सात दिवसीय रुद्राक्ष महोत्सव का आगाज हो गया है। यह महोत्सव 3 मार्च तक चलेगा। इसके लिए विट्ठलेश सेवा समिति और प्रशासन ने इस आयोजन के लिए व्यापक स्तर पर तैयारियां की हैं। महोत्सव को लेकर दो दिन पहले से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुटनी शुरू हो गई। रविवार रात तक पंडाल और डोम श्रद्धालुओं से भर गए। मंगलवार को कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने पंडाल की भोजनशाला में हजारों श्रद्धालुओं को नुक्ती, मिक्चर, रोटी, सब्जी और खिचड़ी-चावल का प्रसाद वितरण किया। प्रसिद्ध भजन गायक देंगे प्रस्तुति महोत्सव में 27 फरवरी और 1 मार्च को प्रसिद्ध भजन गायक अपनी प्रस्तुति देंगे। महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों से 2000 से अधिक सेवादार व्यवस्था के लिए पहुंचे हैं। सुरक्षा व्यवस्था के लिए तीन हजार से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। कथा में शामिल होने के लिए देश भर से लाखों भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। आयोजन के लिए यहां चार लाख स्क्वायर फीट में पांच डोम और भव्य पंडाल बनाए गए हैं, जो फुल हो गए थे। शिवमहापुराण समारोह को लेकर ट्रैफिक पुलिस द्वारा पहले ही पार्किंग व्यवस्था और रूट डायवर्ट किया गया था। भक्तों को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए हजारों की संख्या में पुलिस के जवान दिन-रात अपनी सेवा दे रहे हैं। इसके अलावा जिला प्रशासन ने भी एक दर्जन से अधिक विभागों के आला अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है। मंगलवार से पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा और रुद्राक्ष महोत्सव का सात दिवसीय आयोजन शुरू हो गया। जिसके लिए सुबह से रुद्राक्ष तैयार करने का सिलसिला जारी है। दोपहर में एक बजे से शाम 4 बजे तक कथा और रात्रि में सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इस बार रुद्राक्ष महोत्सव में एक करोड़ से अधिक रुद्राक्षों को अभिमंत्रित किया जाएगा। भगवान शिव पर भरोसा करना वह आपको कामयाबी दिलाएगा कथा के पहले दिन पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि भगवान शिव के अनेक गुण हैं, लेकिन शांत रहना, समदर्शी, विनम्रता और निम्रलता आदि गुणों को श्रद्धालु ले लें, तो शिव की प्राप्ति हो सकती है। आपके जीवन में जब भी असफलता और निराश आए, तो भगवान शिव पर भरोसा करना वह आपको कामयाबी दिलाएगा। भगवान शिव की आराधना करने वाला भक्त कभी दुखी नहीं रहता है। जीवन में कोई जीव अकेला नहीं, कभी खुद को अकेला महसूस न करें, शुभकर्म में किसी के साथ का इंतजार न करें। अकेले भी कर्म, धर्म करने का मौका मिलता है, तो इसे गंवाना मत। शिव की आराधना कोई भी कर सकता है। भगवान शिव पूजा-अर्चना सेठ से लेकर गरीब कर सकता है। भगवान तो सिर्फ भाव के भूखे हैं। उन्होंने कहा कि जीवन में जब भी भगवत नाम सुनने का अवसर प्राप्त हो, उससे विमुख नहीं होना चाहिए-जीवन में जब भी भगवत नाम सुनने का अवसर प्राप्त हो, उससे विमुख नहीं होना चाहिए। परमात्मा अवतार धारण करके धरती पर धर्म की स्थापना करते हैं। कथा के श्रवण करने की सार्थकता तब ही सिद्ध होती है जब इसे हम अपने जीवन व व्यवहार में धारण कर निरंतर भगवान का स्मरण करते हैं। भगवान भोलेनाथ हर भक्त की सुनते हैं। भोले की भक्ति में शक्ति होती है। भगवान भोलेनाथ कभी भी किसी भी मनुष्य की जिंदगी का पासा पलट सकते हैं। बस भक्तों को भगवान भोलेनाथ पर विश्वास करना चाहिए और उनकी प्रतिदिन आराधना करनी चाहिए। पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि इस सृष्टि में हम जिस विपत्ति को कांटों की चुभन की तरह कष्टकारक समझते है, उसका भी हमसे गुलाब के कांटों जैसा ही अनोखा रिश्ता है। गुलाब का कांटों के बीच खिलना हमारे जीवन के लिए प्रकृति का संदेश है कि जीवन फूलों की सेज नहीं है। जैसे गुलाब में केवल कोमलता ही नहीं होती, उसी तरह जीवन भी सुख-दुख का संगम है। जिसने यह रहस्य समझ लिया, वह हर अभिशाप को भी वरदान बना लेता है। गुलाब का फूल और मनुष्य का शरीर दुखों और कांटों के मध्य रहता है। हमें अपने जीवन को सरल और सहज बनाकर अपने आपको सुखी रखना है। शिव पुराण का यही संदेश है कि भगवान शिव की आराधना करने वाला नहीं रहता दुखी। भगवान भोलेनाथ की भक्ति में बहुत ही शक्ति है। भोलेनाथ पर विश्वास करने वालों की पलट जाती है किस्मत। जब भरोसा प्रबल हो जाए तो शिव मिलते हैं   उन्होंने कहा कि जब भरोसा प्रबल हो जाए तो शिव से मिलने में देरी नहीं होगी, यह केवल रुद्राक्ष उत्सव नहीं, यह भक्ति का सागर है साल भर में जो सात दिन है, इसमें पूरी आस्था और विश्वास के साथ भगवान शंकर की भक्ति करें, यहां से जो जाता है वो तीन माह बाद लौटकर आता है। यह देश में 12 ज्योर्तिलिंग में आस्था का देवालय है। जो थोड़ी सी गर्मी पाकर गर्म हो जाए वो हीरा नहीं कांच पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि कुबेरेश्वरधाम पर आकर दिल से बाबा की भक्ति करे, हमारे अंदर का अहम और घमंड को त्याग कर सच्चे मन से बाबा को याद करें, उन्होंने कहानी का जिक्र करते हुए कहा कि एक जौहरी के पास दो हीरे थे, एक नकली और एक असली, वह अनेक स्थानों पर गया, लेकिन किसी ने इन हीरों की पहचान नहीं की, लेकिन संत ने असली हीरे के बारे में बताते हुए कहा कि हीरा कितनी गर्मी पड़ जाए अपना तत्व नहीं खोता है, जो थोड़ी सी गर्मी पाकर गर्म हो जाए वो कांच और जो अधिक गर्मी पाकर भी अपने तत्व पर बना रहे वहीं हीरा होता है। इसी तरह धन की गर्मी, पद की गर्मी और सत्ता की गर्मी में नहीं हमें शिव की भक्ति में लीन होकर अपना जीवन सफल करना है।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मौसम का मिला जुला असर देखने को मिल रहा है। कहीं धूप तो कहीं हल्की ठंड पड़ रही है। कुछ शहर ऐसे है जहां तापमान 10 डिग्री से भी कम दर्ज किया गया। भोपाल, जबलपुर समेत मध्यप्रदेश के 11 शहरों में रात का तापमान 12 डिग्री से नीचे पहुंच गया है। प्रदेश के हिल स्टेशन पचमढ़ी, खजुराहो और मंडला भी ठंडे हैं। मौसम विभाग के मुताबिक, गुरुवार से तापमान में फिर बढ़ोतरी होगी। तापमान 2 से 4 डिग्री तक बढ़ सकता है।प्रदेश में पिछले चार दिन से हल्की ठंड पड़ रही है। कुछ शहर तो ऐसे हैं, जहां पारा 10 डिग्री से भी कम है। सोमवार-मंगलवार की रात में शाजापुर के गिरवर में 8.8 डिग्री, अशोकनगर के आंवरी में 9.5 डिग्री और शहडोल के कल्याणपुर में पारा 9.9 डिग्री दर्ज किया गया। भोपाल, जबलपुर, राजगढ़, उमरिया खजुराहो, मंडला में भी पारा कम रहा। इधर, मंगलवार को दिन में मिला-जुला असर देखने को मिला। धूप तो खिली लेकिन ज्यादा चूभने वाली नहीं थी। हालांकि, तापमान बढ़ा हुआ रहा। भोपाल समेत कई शहरों में तापमान 31 डिग्री या इससे अधिक ही दर्ज किए गए।मौसम विभाग के अनुसार, अभी वेस्टर्न डिस्टरबेंस और साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम एक्टिव है। इस वजह से ऐसा मौसम है। बुधवार को भी मौसम ऐसा ही बना रहेगा, फिर दिन-रात के तापमान में बढ़ोतरी होगी। आज बुधवार को दिन के तापमान में बढ़ोतरी के साथ कहीं-कहीं बादल छाने का भी अनुमान है। वहीं, 27 फरवरी को दिन-रात के तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है, जो अगले एक-दो दिन तक रहेगी।  

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मंदसौर । महाशिवरात्रि पर्व को लेकर क्षेत्र में भक्तों की आस्था के केन्द्र भगवान पशुपतिनाथ मंदिर में सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। इससे पूर्व सोमवार की शाम को प्रबंध समिति की बैठक भी हुई जिसमें कलेक्टर अदिति गर्ग और एसपी अभिषेक आनंद और विधायक विपिन जैन ने मंदिर प्रबंध समिति के सदस्यों और पुजारियों के साथ व्यवस्थाओं की समीक्षा की। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए कई अहम निर्णय लिए गए। मंदिर में प्रवेश और निकास के लिए अलग-अलग पॉइंट बनाए गये है। दिव्यांग श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। मंदिर की सज्जा और विद्युत व्यवस्था पर भी विशेष ध्यान दिया गया है।  सुरक्षा के मद्देनजर मंदिर और शहर में 200 पुलिसकर्मियों की शिफ्ट वाइज तैनाती की जाएगी। कलेक्टर ने जिले के अन्य मंदिरों में भी बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। सभी मेला स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। ट्रैफिक प्लान भी तैयार किया गया है। श्रद्धालुओं से अच्छा सरल सहज व्यवहार करें-एसपीमंगलवार को मंदिर परिसर में जिन पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगेंगे उस व्यवस्था को देखने एसपी अभिषेक आनंद खुद मंदिर पहुंचे और ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि मंदसौर भगवान पशुपतिनाथ मंदिर क्षेत्र में आने वाले सभी श्रद्धालुओं से सरल सहज हाथ जोड़ कर सभी भक्तों से अच्छा व्यवहार करें। एसपी श्रीआनन्द ने श्रद्धालुओं से भी अपील करते हुए कहा आप सभी भी ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों के निर्देश का पालन करें यह सब आप सभी को सुलभ सरल दर्शन करवाने हेतु इनकी ड्यूटी लगाई गई है।

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भोपाल । भोपाल में  शुरू हुई दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) में एमपी टूरिज्म बोर्ड का पवेलियन आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थल, प्राचीन मंदिर, राजसी किले और लुभावने प्राकृतिक स्थलों को नवीन तकनीक और इंटरैक्टिव पैनल के माध्यम से प्रदर्शित किया जा गया है। यहां डेलिगेट्स ने होलोग्राम के जरिए महांकाल के सजीव दर्शन कराये जा रहे हैं। उन्हें उज्जैन से विशेष रूप से मंगाया गया बाबा महाकाल का प्रसाद भी दिया जा रहा है। इसके साथ ही साइक्लिंग करते हुए वर्चुअल रियलिटी के ज़रिए ओरछा, खजुराहो और सांची स्तूप के साथ वन्य जीवन का अनुभव कराया जा रहा है। पवेलियन में वेलनेस टूरिज्म को प्रदर्शित करते हुए साउंड हीलिंग तकनीक का विशेष जोन बनाया गया है। प्रदेश के पारंपरिक हस्तशिल्प बाग प्रिंट का लाइव काउंटर में डेलिगेट्स बाग प्रिंट को करीब से जानने के साथ साड़ी, स्टोल जैसे उत्पाद भी खरीद रहे हैं। जीआईएस के पलो को यादगार बनाने के लिए मोगली सेल्फी पॉइंट स्थापित किया गया हैं। जिसमें डेलीगेट्स जंगल बुक के कैरेक्टर मोगली, बघीरा सहित चीता और बाघ के साथ सेल्फी ले सकते है। पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी ने कहा "जीआईएस में आने वाले मेहमानों को म.प्र. के ऐतिसाहिक, प्राकृतिक, सांस्कृतिक स्थलों से अवगत कराने के उद्देश्य से आधुनिक तकनीक का उपयोग किया गया है। वर्चुअल अनुभव से न केवल राज्य की विरासत को व्यापक स्तर पर प्रचार मिलेगा, बल्कि डेलिगेट्स में हमारे पर्यटन स्थलों के प्रति आकर्षण भी बढ़ेगा। पवेलियन में होलोग्राम के जरिये महाकाल के दर्शन और ओरछा की वर्चुअल टूर को सराहा जा रहा है। साथ ही पवेलियन में पधारने वाले निवेशकों और डेलिगेट्स को प्रदेश में पर्यटन परियोजनाओं में निवेश के अवसर और नवीन पर्यटन नीति के प्रावधानों से भी अवगत कराया जा रहा है। डेलिगेट्स के लिए उज्जैन और सांची बने पहली पसंद   ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आए देश-विदेश के प्रतिनिधियों के लिए मध्य प्रदेश पर्यटन ने विशेष यात्रा टूर प्लान किया है। डेलिगेट्स ने उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर के साथ ही, सांची के बौद्ध स्तूप, भोजपुर के शिव मंदिर और भीम बेटका की ऐतिहासिक गुफाओं में रुचि व्यक्त की है। साथ ही पर्यटन ग्राम खारी को भी डेलिगेट्स द्वारा खूब पसंद किया जा रहा है, जहां डेलिगेट्स ग्रामीण जीवनशैली और स्थानीय संस्कृति का अनुभव ले रहे हैं। मध्य प्रदेश पर्यटन की शानदार मेहमाननबाजी का ले रहे हैं लुत्फ   मध्य प्रदेश पर्यटन GIS में आए मेहमानों को राज्य के ऐतिहासिक, प्राकृतिक, सांस्कृतिक स्थलों से अवगत कराने के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग भी कर रहा है। इससे न केवल राज्य की विरासत को व्यापक स्तर पर प्रचार मिल रहा है, बल्कि डेलीगेट्स में हमारे पर्यटन स्थलों के प्रति आकर्षण भी बढ़ा रहा है। मध्य प्रदेश सरकार और पुरातत्व विभाग के सहयोग से राज्य के सभी पुरातात्विक और एएसआई संरक्षित स्मारकों पर प्रतिनिधियों के लिए नि:शुल्क प्रवेश की सुविधा दी गई है। इसके अलावा, मध्य प्रदेश पर्यटन द्वारा सहायता डेस्क और यात्रा सहायकों की भी विशेष व्यवस्था की गई, जिससे मेहमानों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। मध्य प्रदेश की जनजातीय कला और संस्कृति का भव्य प्रदर्शन   प्रदेश की जनजातीय और स्थानीय संस्कृति के साथ जनपदीय संस्कृति को सजीव रूप में प्रस्तुत करने के लिए सांस्कृतिक ग्राम विकसित किया गया है। इसमें प्रदेश की जनजातीय और लोक कलाकारों की अद्भुत प्रतिभा का प्रदर्शन भी किया जा रहा है। सांस्कृतिक परिदृश्य की झलक प्रस्तुत करते जनजातीय नृत्य, पारंपरिक वस्त्र, चित्रकारी, मिट्टी और धातु शिल्प के साथ लोक संगीत सभी डेलीगेट को अपनी ओर अनायास ही आकर्षित कर रहे है। विशेष रूप से जनजातीय नृत्य बोंगा, बैगा, सहरिया, कोल और कोरकू जनजातियों के पारंपरिक नृत्यों की प्रस्तुतियां दी जा रही हैं। चंदेरी और महेश्वरी साड़ियों, बाग प्रिंट, मिट्टी के बर्तन, धातु के आभूषण और लकड़ी के खिलौने मध्य प्रदेश की शिल्प कला का उत्कृष्ट नमूना प्रस्तुत किया जा रहा है। निमाड़ और बुंदेलखंड के लोक गायकों द्वारा प्रस्तुत पारंपरिक गीत संगीत की प्रस्तुति दी जा रही हैं।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मौसम में उतार-चढ़ाव जारी है। कभी गर्मी का एहसास हो रहा हो तो कभी हल्की ठंड का। सोमवार रात की बात करें तो कई शहरों के न्यूनतम तापमान में उछाल आया है। जबकि पहाड़ों पर बर्फबारी होने और उत्तरी हवाएं चलने के कारण प्रदेश के कई शहरों के रात के तापमान में हल्की गिरावट आई। सोमवार को भोपाल में बादल छाए रहे, जबकि पचमढ़ी की रात सबसे ठंडी रही। ऐसा ही मौसम मंगलवार को भी बना रहेगा, लेकिन इसके बाद पारे में 2 से 4 डिग्री तक की बढ़ोतरी हो सकती है।मौसम विभाग के अनुसार, अभी वेस्टर्न डिस्टरबेंस और साइक्लोनिक सकुर्लेशन सिस्टम की वजह से ऐसा मौसम है। मंगलवार को भी असर बना रहेगा, लेकिन बुधवार से पारे में फिर से बढ़ोतरी होने लगेगी। इससे दिन-रात में हल्की गर्मी का एहसास होगा। इससे पहले सोमवार को भोपाल, इंदौर, दमोह, उमरिया, बालाघाट समेत कई शहरों में दिन के तापमान में गिरावट हुई। वहीं, रतलाम, उज्जैन, खंडवा, खरगोन, नर्मदापुरम, गुना, बैतूल, जबलपुर आदि शहरों में पारे में बढ़ोतरी हुई। खंडवा-खरगोन और रतलाम में तो तापमान 33 डिग्री के पार पहुंच गया। इन शहरों में मंगलवार को पारा लुढ़क सकता है।आज भोपाल, जबलपुर-ग्वालियर और इंदौर में दिन के तापमान में गिरावट हो सकती है। इंदौर संभाग के खंडवा-खरगोन और उज्जैन संभाग के रतलाम में पारा बढ़ा हुआ रहने का अनुमान है। जबकि 26 फरवरी को दिन-रात के तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है, जो अगले एक-दो दिन तक रहेगी।

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उज्जैन । सनातन धर्म परंपरा में जिस प्रकार शक्ति की आराधना के लिए देवी मंदिरों में नवरात्रि मनाई जाती है, उसी प्रकार उज्जैन के विश्वप्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में शिव नवरात्रि मनाई जाती है। बारह ज्योतिर्लिंगों में एकमात्र श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में ही शिव नवरात्रि उत्सवपूर्वक मनाई जाती है। श्री महाकालेश्वर मंदिर में शिव नवरात्रि का यह उत्सव फाल्गुन कृष्ण पंचमी 17 फरवरी से प्रारम्भ हो गया है। यह महाशिवरात्रि महापर्व के अगले दिन तक चलेगा | इस दौरान श्री महाकालेश्वर भगवान जी के पट दर्शन हेतु लगभग 44 घंटे दर्शन हेतु खुले रहेगे। * 26 फरवरी 2025 (25 फरवरी की रात्रि) महाशिवरात्रि महापर्व पर भस्मार्ती हेतु महाकालेश्वर भगवान जी के मंगल पट प्रात: 02:30 बजे खुलेगे| भस्मारती उपरांत प्रातः 07:30 से 08:15 दद्योदक आरती, प्रातः 10:30 से 11:15 तक भोग आरती के पश्यात दोपहर 12 बजे से उज्जैन तहसील की ओर से पूजन-अभिषेक संपन्न होगा| सायं 04 बजे होल्कर व सिंधिया स्टेट की ओर से पूजन व सायं पंचामृत पूजन के बाद भगवान श्री महाकालेश्वर को नित्य संध्या आरती के समान गर्म मीठे दूध का भोग लगाया जायेगा|  रात्रि में सायं 07 बजे से 10 बजे तक कोटितीर्थ कुण्ड के तट पर विराजित श्री कोटेश्वर महादेव का पूजन, सप्तधान्य अर्पण, पुष्प मुकुट श्रृंगार (सेहरा) के उपरान्त आरती की जायेगी | 26 फरवरी 2025 की रात्रि 11 बजे से सम्पूर्ण रात्रि के साथ ही 27 फरवरी प्रात: 06 बजे तक भगवान श्री महाकालेश्वर जी का महाअभिषेक पूजन चलेगा | जिसमे एकादश-एकादशनी रूद्रपाठ व विभिन्न मंत्रो के माध्यम से 11 ब्राह्मणों द्वारा देवादिदेव भगवान श्री महाकालेश्वर जी का अभिषेक किया जायेगा | उसके पश्यात भस्म लेपन, विभिन्न प्रकार के पाच फलो के रसो से अभिषेक, पंचामृत पूजन (101 लीटर दूध, 31 किलो दही, 21 किलो खांडसारी , 21 किलो शहद, 15 किलो घी), गंगाजल, गुलाब जल, भाँग आदि के साथ केसर मिश्रित दूध से अभिषेक किया जायेगा | फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी 27 फरवरी 2025 गुरुवार अभिषेक उपरांत भगवान को नवीन वस्त्र धारण कराये जाकर सप्तधान्य का मुखारविंद धारण कराया जायेगा | जिसके उपरांत भगवान श्री महाकालेश्वर जी को सप्तधान्य अर्पित किया जाएगा जिसमे चावल, खडा मूग, तिल, गेहू, जौ, साल, खड़ा उडद सम्मिलित रहेगे |श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारियो द्वारा भगवान श्री महाकालेश्वर का श्रृंगार कर पुष्प मुकुट (सेहरा) बांधा जाएगा | भगवान श्री महाकालेश्वर जी को चंद्र मुकुट, छत्र, त्रिपुंड व अन्य आभूषणों से श्रृंगारित किया जायेगा | भगवान पर न्योछावर नेग स्वरुप चांदी का सिक्का व बिल्वपत्र अर्पित की जायेगी | श्री महाकालेश्वर भगवान की सेहरा आरती की जायेगी व भगवान को विभिन्न मिष्ठान्न, फल, पञ्च मेवा आदि का भोग अर्पित किये जायेगे| 27 फरवरी 2025 को प्रातः सेहरा दर्शन के उपरांत वर्ष में एक बार दिन में 12 बजे होने वाली भस्मार्ती होगी | भस्मार्ती के बाद भोग आरती होगी व शिवनवरात्रि का पारणा किया जायेगा | 27 फरवरी को सायं पूजन, सायं आरती व शयन आरती के बाद भगवान श्री महाकालेश्वर जी के पट मंगल होगे | 01 मार्च 2025 शनिवार को वर्ष में एक बार एक साथ होने वाले पंचमुखारविन्द (पाँच स्वरूप एक साथ) के दर्शन के साथ महाशिवरात्रि पर्व का समापन होगा |  

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में मौसम में उतार-चढ़ाव जारी है। एक बार फिर हल्की सर्दी का दौर शुरू हो गया है। दिन में ठंडी हवा चल रही है तो रातें सर्द हैं। रविवार की रात प्रदेश के 3 शहरों में पारा 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहा। पचमढ़ी में तापमान 6.1 डिग्री पहुंच गया। प्रदेश के पूर्वी हिस्से यानी जबलपुर, सागर, शहडोल-रीवा के साथ भोपाल संभाग में भी पारा लुढ़का है। अगले 2 दिन ऐसा ही मौसम बना रहेगा। इस दौरान दिन-रात के तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट हो सकती है। 24-25 फरवरी को हल्की सर्दी का एहसास होगा।मौसम विभाग के अनुसार, फरवरी में कई वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव होते हैं। इस बार भी ऐसा ही है। इस वजह से तापमान में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहेगी। फिलहाल, बारिश होने के आसार नहीं हैं। आज सोमवार को भोपाल, जबलपुर-ग्वालियर में दिन में सर्द हवा चल सकती है। रात में भी तापमान में गिरावट होने का अनुमान है। 25 फरवरी को दिन-रात के तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी, लेकिन इसके बाद फिर से तापमान में बढ़ोतरी होने लगेगी। रविवार को ज्यादातर जिलों में धूप तो खिली रही, लेकिन हवाओं से ठंडक बनी रही। भोपाल में हवा की रफ्तार 8 से 10 किमी प्रतिघंटा रही। इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर समेत अन्य शहरों में भी मौसम बदला रहा।रविवार की रात छतरपुर के खजुराहो में 4.6 डिग्री की गिरावट के साथ पारा 10.4 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। छिंदवाड़ा में 4.2 डिग्री की गिरावट हुई और पारा 13 डिग्री दर्ज किया गया। पचमढ़ी में 6.1 डिग्री, कल्याणपुर में 9 डिग्री, शाजापुर से जुड़े गिरवर में 9.3 डिग्री, उमरिया में 10.3 डिग्री, राजगढ़ में 10.6 डिग्री, मंडला में 11.4 डिग्री और बैतूल-नौगांव में 12.7 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। वहीं, भोपाल में 11.4 डिग्री, ग्वालियर में 11.8 डिग्री, जबलपुर में 11.4 डिग्री, उज्जैन में 13.4 डिग्री और इंदौर में 16 डिग्री तापमान रहा।  

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रतलाम । मध्य प्रदेश के रतलाम रेल मंडल में साेमवार सुबह उस वक्त हड़कंप मच गया जब, जब कोच छोड़ रेल का इंजन आगे निकल गया। यहां रतलाम रेल मंडल के बड़ायला चौरासी स्टेशन पर चित्तौड़गढ़ जा रही डेमू ट्रेन की कपलिंग टूटने से ट्रेन दो हिस्सों में बंट गई। ट्रेन का इंजन निकल कर आगे चला गया। ट्रेन का आधा हिस्सा स्टेशन से पार हो गया था, उस समय यह घटना घटी। अचानक से हुए घटनाक्रम से यात्रियों में हड़कंप मच गया। रतलाम रेल मंडल डीआरएम अश्वनी कुमार ने घटनाक्रम के जांच के आदेश दिए है। घटना में किसी प्रकार की कोई जनहानि नहीं हुई है।जानकारी के अनुसार, सुबह करीब 9:56 बजे रतलाम से रवाना हुई 79303 रतलाम-चित्तौड़गढ़ डेमू ट्रेन 10:24 बजे बड़ायला चौरासी पहुंची। यहां से आगे रवाना होने के दौरान ही ट्रेन से इंजन अलग हो गया। इस दौरान ट्रेन की गति धीमी थी, जिससे बगैर इंजन का रैक कुछ दूर आगे जाकर रुक गया। घटना की सूचना मिलते ही रेल प्रशासन हरकत में आ गया। वहीं जिला पुलिस के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। यात्री भी घबराकर कोच से उतर गए। ट्रेन की गति धीमी होने से बड़ा हादसा टल गया। एकदम हुए घटनाक्रम से रेल यात्री घबरा गए। ट्रेन से उतर कर बाहर प्लेटफॉर्म पर तो कुछ पटरियों के किनारे खड़े हो गए। घटना की सूचना रतलाम रेलवे कंट्रोल को दी गई। सूचना मिलने पर अधिकारी और कर्मचारी मौके पर पहुंचे। बाद में इंजन को दोबारा जोड़कर ट्रेन को करीब 11:50 बजे रवाना किया। इसके चलते ट्रेन करीब 1:30 घंटा लेट हो गई। बडायला चौरासी स्टेशन मास्टर योगेश यादव ने बताया- तकनीकी खराबी के कारण कपलिंग टूटने से इंजन ट्रेन से अलग हो गया। दूसरा इंजन बुलवाकर ट्रेन को एक घंटे में रवाना किया। वहीं रतलाम रेल मंडल के जनसंपर्क अधिकारी खेमराज मीणा ने बताया कि कपलिंग टूटने से इंजन अलग हुआ है। किसी प्रकार की कोई जनहानि नहीं हुई है। जांच के आदेश दिए हैं।  

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छतरपुर । मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग के सहयोग से आयोजित 51वें खजुराहो नृत्य समारोह का तीसरा दिन संस्कृति के रंगों से भरा रहा। समारोह के तीसरे दिन शनिवार की शाम कुचिपुड़ी, कथक, मोहिनीअट्टम और कथकली नृत्य के नाम रही। नृत्य महोत्सव के मुक्ताकाशी मंच पर देश-विदेश के साधनारत कलाकारों ने शिव की परम्‍परा को साकार किया। 51 वें नृत्य समारोह परिसर में कहीं संस्कृति के रंग बिखरे हुए हैं, तो कहीं सजीव चित्रांकन तो कहीं पारंपरिक शिल्प से स्टॉल सजे हुए हैं। जहां कलाकार और कला प्रेमियों का भारतीय कलाओं के प्रति अनंत आस्था और समर्पण देखते ही बना। खजुराहो नृत्य समारोह की समृद्धि और प्रसिद्धि का अंदाजा मंच के सामने बैठे दर्शकों की संख्या को देखकर ही लगाया जा सकता था।  

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उज्जैन । भारत और पाकिस्तान के बीच आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का मैच आज रविवार काे दुबई में खेला जा रहा है। इस महामुकाबले को लेकर देशभर में उत्साह चरम पर है। टीम इंडिया की जीत के लिए देश भर में दुआ की जा रही है। उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में भी इसके लिए विशेष पूजा की गई। पुजारियों ने गर्भगृह में टीम इंडिया की तस्वीर रखकर जलाभिषेक किया और मंत्रोच्चार के साथ जीत की कामना की।   भारत और पाकिस्तान के बीच महा मुकाबले से पहले रविवार काे उज्जैन स्थित ज्योर्तिलिंग महाकाल मंदिर में भारतीय टीम की शानदार जीत के लिए विशेष पूजा अर्चना की गई। मंदिर के पुजारियों ने भारतीय टीम के खिलाड़ियों की फोटो गर्भ गृह में लेकर भगवान महाकाल का पूजन किया और मंत्रोच्चार के बीच उनका आशीर्वाद लिया। महाकाल मंदिर परिसर स्थित श्री सिद्धिविनायक गणेश मंदिर में भी विशेष पूजा का आयोजन किया गया। यहां भगवान गणेश के सामने टीम की तस्वीर रखकर गणपति अथर्व शीर्ष का पाठ किया गया। वहीं, दूसरी ओर मां बगलामुखी मंदिर में हल्दी-मिर्च के साथ खास हवन किया गया।महाकाल मंदिर स्थित श्री सिद्धिविनायक गणेश मंदिर के पुजारी पंडित दिलीप उपाध्याय (चम्मू गुरु) ने बताया कि भारत-पाकिस्तान मैच को लेकर भारत ही नहीं दुनिया भर में उत्साह है। चैंपियंस ट्रॉफी मैं पाकिस्तान के खिलाफ भारत को विजयश्री मिले। इसी कामना को लेकर विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के गर्भग्रह में टीम इंडिया के खिलाड़ियों की तस्वीर रखकर विशेष पूजा अर्चना की गई। पुजारी ने विशेष मंत्रों के साथ पूजा की और बाबा महाकाल से यह कामना की । सिद्धिविनायक गणेश मंदिर में भी विशेष पूजा की गई। पूजा-अर्चना के साथ गणपति अर्थवशीर्ष का पाठ ब्राह्मणों द्वारा किया गया। स्वस्तिवाचन किया गया। आज यह कामना की है कि मैच में भारत इतने बड़े स्कोर से जीत दर्ज करे कि पाकिस्तान याद रखें।   इधर, भैरवगढ़ रोड़ स्थित मां बगलामुखी मंदिर में भर्तृहरि गुफा के महंत पीर योगी रामनाथ महाराज और पीर योगी महावीरनाथ की मौजूदगी में 51 वैदिक ब्राह्मण बटुकों ने मंदिर में हवन किया। महंत रामनाथ महाराज ने कहा कि भारत की प्रचंड जीत हो, इसके लिए देवी मां से प्रार्थना करते हुए यज्ञ अनुष्ठान किया है। मिर्च, हल्दी, नारियल के साथ हवन सामग्री का उपयोग करते हुए भारतीय टीम के सभी खिलाड़ियों के नाम से यज्ञ किया है। देवी मां की कृपा से भारत की प्रचंड जीत होगी।  

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भोपाल  । मध्यप्रदेश में एक बार फिर मौसम बदल गया है। तापमान में गिरावट की वजह से ठंड बढ़ने लगी है। ठंडी हवा ने कई शहरों में ठिठुरन बढ़ा दी है। दिन में ठंडी हवा चल रही तो रातें सर्द हैं। शनिवार रात ग्वालियर और भोपाल संभाग में करीब 3 डिग्री तक पारा लुढ़का है। अगले दो दिन यानी, रविवार-सोमवार को 2 से 3 डिग्री तक पारा और लुढ़केगा। वहीं, आखिरी सप्ताह में दिन में गर्मी और रातें ठंडी रहेगी।मौसम विभाग के अनुसार, भोपाल में 3 डिग्री की गिरावट के बाद तापमान 12 डिग्री पर आ गया। ग्वालियर में 14.7 डिग्री, इंदौर में 16 डिग्री, उज्जैन में 13 डिग्री और जबलपुर में पारा 14.2 डिग्री रहा। धार, गुना, खरगोन, रतलाम, राजगढ़, मंडला, रीवा, सागर, सिवनी, टीकमगढ़ और बालाघाट में भी पारे में गिरावट देखने को मिली। शनिवार को भी मौसम में बदलाव देखने को मिला। धूप तो खिली रही, लेकिन हवाओं से ठंडक बनी रही। इस कारण दिन में चूभन वाली धूप नहीं रही। भोपाल में हवा की रफ्तार 8 से 10 किमी प्रतिघंटा रही। इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर समेत अन्य शहरों में भी मौसम बदला रहा।मौसम विभाग का कहना है कि फरवरी के आखिरी दिनों में मौसम का मिजाज ऐसा ही बना रहेगा। वर्तमान में दक्षिण पाकिस्तान और राजस्थान के ऊपर एक साइक्लोनिक सकुर्लेशन सिस्टम है। वहीं, उत्तर भारत में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव है। इस वजह से प्रदेश में भी मौसम बदला है। 24 फरवरी को उत्तर-पश्चिम भारत में एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव होगा। जिसका असर प्रदेश में देखने को मिल सकता है। आज रविवार को भोपाल में ठंडी हवा चलेगी। रात और सुबह सर्दी का असर रहेगा। इंदौर, उज्जैन, जबलपुर और ग्वालियर में भी मौसम बदला हुआ रहेगा। जबकि 24 फरवरी को दिन-रात के तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी, लेकिन इसके बाद फिर से बढ़ोतरी होने लगेगी।  

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उमरिया। जिले में बाघों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नही ले रहा है। शनिवार को फिर एक बाघ का शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिला। वन विभाग को सूचना मिलते ही पाली एसडीओ अपने अमले के साथ मौके पर पहुंच कर जांच में जुट गए और इसकी सूचना उच्च अधिकारियों को दे दी गई है ।   पाली एसडीओ दिगेन्द्र सिंह ने बताया कि जैसे ही हमें सूचना मिली तत्काल घटना स्थल पर पहुंच कर जांच कर रहे हैं, मृत बाघ का शव पाली रेंज के करकटी बीट से सटे राजस्व क्षेत्र में पाया गया है। हम लोग डॉग स्क्वायड बुलाकर पता करने में लगे हैं। बाघ पूर्ण वयस्क है और लगभग 2 दिन पूर्व इसकी मौत हुई होगी। अभी इसका पोस्टमार्टम नही हुआ है इसलिये इसके मौत के कारणों का सही पता नही चल पा रहा है वहीं नर है या मादा इसका भी पता पोस्टमार्टम के बाद चल सकेगा।   गौरतलब है कि सामान्य वन मण्डल का पाली और घुनघुटी रेंज बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र से सटा हुआ होने के कारण बाघों का मूवमेंट दोनो रेंज में लगातार बना रहता है और इस क्षेत्र में शिकारी भी सक्रिय रहते हैं, लेकिन सामान्य वन मण्डल का अमला सघन गश्त नही करता है जिसके चलते कई घटनाएं हो चुकी हैं।

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इंदौर । भोपाल में आयोजित होने वाली मध्य प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए इंदौर में व्यापक तैयारियां जारी है। यह समिट भोपाल में 24 एवं 25 फरवरी को आयोजित होगी। जिसमें देश व विदेश से इन्वेस्टर शामिल होंगे। अनेक इन्वेस्टर इंदौर होकर भोपाल जाएंगे, जिनके स्वागत के लिए इंदौर एयरपोर्ट पर व्यापक तैयारियां की गई है। मेहमानों का भारतीय परंपरा अनुसार तिलक व मालवी पगड़ी पहनाकर स्वागत व सत्कार किया जायेगा। सेल्फी प्वाइंट भी जनसम्पर्क अधिकारी महिपाल अजय ने शनिवार को जानकारी देते हुए बताया कि इंदौर यात्रा की स्मृति को सहजने के लिए एक सेल्फी पॉइंट भी बनाया गया है, जिसमें इंदौर की खासियत राजवाड़ा की प्रतिकृति बनाई गई है। उद्योगपति अपनी सेल्फी लेकर इंदौर की यात्रा को सहेज सकते हैं। समिट में इंदौर संभाग से सैकड़ों की संख्या में उद्योगपति होंगे शामिल मध्य प्रदेश में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए भोपाल में 24 एवं 25 फरवरी को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में इंदौर संभाग में भी निवेश की अपार संभावनाएं बन रही है। इंदौर संभाग में निवेश के लिए हर तरह का अनुकूल वातावरण, सुविधा और संसाधन उपलब्ध है। भोपाल की इन्वेस्ट समिट में इंदौर संभाग के सैकड़ों उद्योगपति शामिल होंगे और निवेश की संभावनाएं तलाशेंगे। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इंदौर क्षेत्र के उद्योगपतियों को इन्वेस्ट समिट में शामिल होने का न्योता देने के लिए स्वयं इंदौर आए थे। उन्होंने उद्योगपतियों से इन्वेस्ट समिट में शामिल होने और निवेश करने का आह्वान किया था। बताया गया कि इंदौर संभाग के झाबुआ , अलीराजपुर सहित सभी जिलों के सैकड़ों की संख्या में उद्योगपति इन्वेस्ट समिट में शामिल होंगे। समिट में इंदौर जिले से 644, धार से 248, खंडवा से 81, खरगोन से 70, झाबुआ से 25, अलीराजपुर से 27, बड़वानी से 57 और बुरहानपुर से 55 उद्योगपति शामिल होंगे।  

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश के कई शहरों में शुक्रवार से दिन के तापमान में गिरावट आयी है। यहां तापमान 2 डिग्री तक लुढ़का है। मौसम विभाग ने रात के तापमान में भी 2 से 3 डिग्री की गिरावट होने की संभावना जताई है। आज शनिवार को भोपाल-ग्वालियर में बादल छा सकते हैं, जबकि इंदौर, उज्जैन में आसमान साफ रहेगा। हालांकि 24 फरवरी से एक नए पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में आने की संभावना है। जिसका प्रभाव प्रदेश में देखने को मिलेगा। जिससे तापमान बढ़ सकता है।मौसम विभाग के अनुसार, फरवरी के आखिरी दिनों में मौसम का मिजाज ऐसा ही बना रहेगा। वर्तमान में दक्षिण पाकिस्तान और राजस्थान के ऊपर एक साइक्लोनिक सकुर्लेशन सिस्टम है। वहीं, उत्तर भारत में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव है। इस वजह से प्रदेश में भी मौसम बदला है। शुक्रवार से दिन के तापमान में गिरावट का दौर शुरू हो गया। कई शहरों में दिन का तापमान 30 डिग्री से नीचे रहा।भोपाल, इंदौर, उज्जैन, धार, गुना, नर्मदापुरम, खंडवा, खरगोन, रायसेन, रतलाम, खजुराहो, नरसिंहपुर, उमरिया में तापमान में गिरावट दर्ज की गई। वहीं, गुरुवार-शुक्रवार की रात में भी पारे में हल्की गिरावट दर्ज की गई। मौसम विभाग का कहना है कि 24 फरवरी को उत्तर-पश्चिम भारत में एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव होगा। जिसका असर प्रदेश में देखने को मिल सकता है। दिन और रात के तापमान में बढोत्‍तरी होगी।   बात करें मध्य प्रदेश के प्रमुख शहरों के न्यूनतम तापमान की तो भोपाल में 14.4, ग्वालियर में 14.8, इंदौर में 16.8, पचमढ़ी में 11.5, राजगढ़ में 14.6, उज्जैन में 14.5, मंडला में 13.6, जबलपुर में 14.02 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया। वहीं, अधिकतम तापमान भोपाल में 31.6, ग्वालियर में 28.8, इंदौर में 30.6, पचमढ़ी में 26.5, उज्जैन में 31.4, जबलपुर में 31.5 और खरगोन में 34 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान दर्ज किया गया।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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उज्जैन । फिल्म अभिनेता दर्शन कुमार शुक्रवार काे उज्जैन पहुंचे। यहां उन्हाेंने विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर पहुंचकर बाबा महाकाल के दर्शन किये। इसके साथ ही अभिनेता दर्शन कुमार ने अपनी आने वाली फेमस ओटीटी सीरीज आश्रम 3 की सफलता के लिए महाकाल से आशीर्वाद लिया है।   अभिनेता दर्शन कुमार शुक्रवार काे बाबा महाकाल की भस्म आरती में शामिल हुए। यहां उन्होंने करीब दाे घंटे नंदी हॉल में बैठकर बाबा महाकाल की भस्म आरती को देखा। उन्होंने भस्म आरती के बाद चांदी द्वार पर पहुंचकर बाबा महाकाल का पूजन अर्चन किया और जय श्री महाकाल का उद्घोष करते भी नजर आए। पूजन पंडित अर्पित पुजारी ने सम्पन्न करवाया। इस दौरान दर्शन को दुपट्टा उड़ाकर प्रसाद भेंट कर सम्मान किया गया।   दर्शन करने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए अभिनेता ने कहा कि भस्म आरती में मुझे कैसा लगा यह मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता। भस्म की आरती जादुई थी, मैजिकल मूवमेंट में मैंने अपने आपको खो दिया। इस दौरान यहां जो वातावरण भस्म आरती के दौरान था वैसा मैंने कभी नहीं देखा। शिव भगवान की आरती से रोंगटे खड़े हुए हर भक्त झूम रहा था। सब श्रद्धालु जोश से ताली बजा रहे थे। भगवान शिव की माया अद्भुत है। उनकी एनर्जी पॉजिटिव है। आज उन्होंने मुझे यहां बुला लिया मैं उनका जितना धन्यवाद दूं, उतना कम है। आज मैं जो भी हूं भगवान शिव की कृपा से हूं। बाबा महाकाल के दर्शन पाकर धन्य हुआ। उनका आशीर्वाद है कि आश्रम 3 के टीजर के रिलीज के बाद अगले ही दिन मुझे उन्होंने मुझे बुला लिया।  

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में मौसम ने करवट बदल ली है। प्रदेश के अधिकतर जिलों में तापमान बढ़ने लगा है। हालांकि आज शुक्रवार से एक बार फिर मौसम में बदलाव आने के संकेत है। दिन-रात का पारा फिर से लुढ़केगा। मौसम विभाग ने तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट होने का अनुमान जताया है। भोपाल-ग्वालियर में बादल छा सकते हैं, जबकि इंदौर, उज्जैन में आसमान साफ रहेगा।मौसम विभाग के अनुसार, फरवरी के आखिरी दिनों में मौसम का मिजाज ऐसा ही बना रहेगा। वर्तमान में दक्षिण पाकिस्तान और राजस्थान के ऊपर एक साइक्लोनिक सकुर्लेशन सिस्टम है। वहीं, उत्तर भारत में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव है। इस वजह से प्रदेश में भी मौसम बदला है।प्रदेश में गुरुवार को तापमान में उतार-चढ़ाव देखने को मिला। दिन का तापमान 30 डिग्री से ज्यादा ही रहा। सबसे ज्यादा 34 डिग्री खरगोन में दर्ज किया गया। वहीं, सिवनी, मंडला, गुना, खंडवा और रतलाम में तापमान 33 डिग्री के पार पहुंच गया। दमोह, खजुराहो, सागर, धार, नर्मदापुरम में तापमान 31 डिग्री या इससे अधिक ही दर्ज किया गया। भोपाल में 31.6 डिग्री, इंदौर में 30.6 डिग्री, ग्वालियर में 28.8 डिग्री और उज्जैन में 31.4 डिग्री रहा। रात के तापमान में भी बढ़ोतरी देखने को मिली। हालांकि, शुक्रवार से तापमान में गिरावट होने लगेगी। गुरुवार को मुरैना और भिंड में हल्की बारिश भी दर्ज की गई।

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राजगढ़ । राजगढ़ कोतवाली थाना क्षेत्र के ग्राम जलालिया में शुक्रवार दोपहर पेड़ से पत्तियां तोड़ने के दौरान दो बुजुर्गों पर मधुमक्खियों के झुंड ने हमला कर दिया। जिसमें से एक ने पानी से भरे गड्डे में कूदकर जान बचाई, वहीं हमले में 65 वर्षीय व्यक्ति गंभीर से घायल हो गया, जिसका जिला चिकित्सालय में उपचार किया जा रहा है।     जानकारी के अनुसार ग्राम जलालिया निवासी गोकुल (75) पुत्र देवीलाल वर्मा और मांगीलाल(65) पुत्र घीसालाल लोहार जंगल में बकरियों के लिए पत्तियां लेने गए थे और वह बांस के डंडे में दराता बांधकर पत्ती तोड़ रहे थे। तभी मधुमक्खियों के झुंड ने हमला कर दिया, जिस पर गोकुल वर्मा तुरंत पास में पानी से भरे गड्डे में कूद गया, जिससे वह बच गया। वहीं मांगीलाल मधुमक्खियों के हमले से गंभीर रुप से घायल हो गया। सूचना पर पहुंची एम्बुलेंस वाहन की मदद से उनकाे जिला चिकित्सालय पहुंचाया गया, जहां इलाज किया जा रहा है।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । मध्य प्रदेश के 15 हजार से अधिक डॉक्टराें ने आज यानि गुरुवार से अपनी विभिन्न मांगाें काे लेकर आंदोलन शुरू किया है। प्रदेशभर में गुरुवार से सरकारी डॉक्टर कार्यस्थल पर काली पट्टी बांधकर काम कर रहे हैं। अपनी अलग-अलग मांगों को लेकर प्रदेशभर के सरकारी डॉक्टरों ने एकजुट होकर आंदोलन करने का ऐलान किया है। आंदोलन की शुरुआत राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल के ब्लॉक-2 के सामने हुई, जहां डॉक्टर्स ने विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में मेडिकल ऑफिसर्स, चिकित्सा शिक्षक, चिकित्सक और जूनियर डॉक्टर शामिल रहे।   दरअसल, लंबे समय से लंबित डीएसीपी, सातवें वेतन का लाभ व चिकित्सकों के कार्य में बढ़ती प्रशासनिक दखलंदाजी जैसी अन्य मांगें को लेकर डाॅक्टर अपना विराेध जता रहे है। चिकित्सक महासंघ ने आंदोलन की घोषणा की है। चिकित्सक महासंघ ने अपनी प्रमुख मांगों में उच्च न्यायालय द्वारा आदेशित उच्च स्तरीय समिति का गठन, कैबिनेट से पारित डीएसीपी और एनपीए का सही क्रियान्वयन, सातवें वेतनमान का वास्तविक लाभ और चिकित्सा क्षेत्र में प्रशासनिक दखलंदाजी को रोकने जैसी मांगें शामिल की हैं। डॉक्टरों ने सरकार से जल्द से जल्द इन मुद्दों पर निर्णय लेने की मांग की है, अन्यथा आंदोलन और तेज करने की चेतावनी दी है।चिकित्सक महासंघ के मुख्य संयोजक डॉ. राकेश मालवीया ने बताया कि यह आंदोलन प्रदेश के 52 जिला अस्पतालों, कम्युनिटी अस्पतालों, सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों द्वारा किया जा रहा है। गुरुवार काे काली पट्टी बांधकर काम किया गया। 21 फरवरी काे प्रतीकात्मक रूप से आवश्यक दवाइयों की होली जलाकर विरोध जताया जाएगा। 22 फरवरी काे प्रदेशव्यापी सामूहिक चिकित्सक उपवास किया जाएगा। विभिन्न स्थानों पर टेंट और स्टेज लगाकर विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। 24 फरवरी काे आंदोलन को और व्यापक बनाने की योजना। चिकित्सा बचाओ-चिकित्सक बचाओ प्रदेशव्यापी जन आंदोलन की घोषणा और आगामी निर्णय का ऐलान किया जाएगा। डॉ. राकेश मालवीय ने बताया कि यह आंदोलन किसी नई मांग को लेकर नहीं है। हमारी पुरानी मांगें आज भी वैसी ही बनी हुई हैं। इनमें से कुछ मांगों पर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा आदेश भी जारी किए जा चुके हैं, लेकिन उनका क्रियान्वयन अभी तक नहीं हुआ है। इसके अलावा, कैबिनेट से पारित डीएसीपी का भी डॉक्टरों को पूरा लाभ नहीं मिला है। सरकार को इन सभी मुद्दों पर जल्द निर्णय लेना चाहिए और आदेश जारी करने चाहिए, जिससे हमारा आंदोलन समाप्त हो सके। हमारा मकसद केवल न्याय पाना है, आंदोलन करना नहीं।"ये है प्रमुख मांगे?- उच्च न्यायालय के आदेशानुसार उच्च स्तरीय समिति का गठन- कैबिनेट से पारित डीएसीपी का सही क्रियान्वयन- 7वें वेतनमान का पूरा लाभ- चिकित्सा क्षेत्र में प्रशासनिक दखलंदाजी पर रोक

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भोपाल । राजधानी भोपाल समेत प्रदेश भर में मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है। कई जगह बादल छाए रहे तो कहीं गर्मी का असर रहा। हालांकि फरवरी के आखिरी दिनों में एक बार फिर मौसम बदलेगा और 21 फरवरी से दिन-रात के तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट होने का अनुमान है। आज गुरुवार को भोपाल में बादल छा सकते हैं। इंदौर, उज्जैन, जबलपुर और ग्वालियर में गर्मी का असर रहेगा।मौसम विभाग के अनुसार, अभी दक्षिण पाकिस्तान और राजस्थान के ऊपर एक साइक्लोनिक सकुर्लेशन सिस्टम है। वहीं, उत्तर भारत में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव है। इस वजह से प्रदेश में भी मौसम बदला है। बुधवार को भोपाल समेत कई शहरों में बादल छाए रहे। दूसरी ओर, इंदौर-उज्जैन में दिन में गर्मी का असर देखा गया। भोपाल में दिन का तापमान 32.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पचमढ़ी में 27.3 डिग्री, रायसेन में 29 डिग्री, नरसिंहपुर में 29.2 डिग्री, नौगांव में 28 डिग्री रहा। कई शहरों में दिन के तापमान में 3 डिग्री तक की गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि, रात में पारे में बढ़ोतरी देखने को मिली है। बुधवार की रात सिवनी-दमोह में 17 डिग्री, खंडवा-खरगोन में 18 डिग्री और नर्मदापुरम में 19 डिग्री दर्ज किया गया।मौसम विभाग ने बताया कि 24 फरवरी को उत्तर-पश्चिम भारत में एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव होगा। जिसका असर प्रदेश में देखने को मिल सकता है। फरवरी में कई वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव होते हैं। अबकी बार भी ऐसा ही है। इस वजह से पारे में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहेगी। फिलहाल बारिश होने के आसार नहीं है।  

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अनूपपुर । मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिला मख्यालय से करीब 45 किमी दूर बिजुरी रेलवे स्टेशन पर गुरुवार दोपहर करीब बजे राजनगर साइडिंग से आ रही मालगाड़ी के चार डिब्बे प्लेटफॉर्म नंबर 3 के पास से पटरी हो गए। घटना की सूचना मिलते ही आरपीएफ, जीआरपी, रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी पहुंच गए। 2.30 बजे तक लाइन क्लियर कर दी गई।   रेलवे का कितने राजस्व की हानि हुई जानकारी नहीं हो सकी। रेलवे की एक से दो ट्रेनें लेट हुई है, साथ ही मालगाड़ी के गिरे हुए कोयले का नुकसान भी हुआ है जिसे हटाने का कार्य किया जा रहा है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर के जनसंपर्क अधिकारी अंबिकेश साहू ने बताया कि हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए जांच की जाएगी।  

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भोपाल । प्रदेश के अशासकीय विद्यालय की मान्यता नवीनीकरण और नवीन मान्यता की अंतिम तिथि अब बढ़ाकर 25 फरवरी 2025 निर्धारित की गई है। राज्य शिक्षा केन्द्र ने स्पष्ट किया है कि 25 फरवरी के बाद अंतिम तिथि में किसी भी प्रकार की वृद्धि नहीं की जा सकेगी। मान्यता संबंधी निर्देश पूर्व की तरह यथावत रहेंगे।जनसंपर्क अधिकारी मुकेश मोदी ने बुधवार काे जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में शिक्षण सत्र 2025-26 के लिये अशासकीय विद्यालयों की मान्यता नवीनीकरण और नवीन मान्यता आवेदन की अंतिम तिथि 7 फरवरी 2025 निर्धारित की गई थी। विलंब शुल्क के साथ अंतिम तिथि 14 फरवरी 2025 निर्धारित की गई थी। अशासकीय विद्यालयों की दिक्कतों को देखते हुए राज्य शिक्षा केन्द्र ने आवेदन तिथि में वृद्धि की है। राज्य शिक्षा केन्द्र ने कलेक्टर्स और जिला परियोजना समन्वयक को इस संबंध में निर्देश जारी किये हैं।समेकित छात्रवृत्ति योजनास्कूल शिक्षा विभाग ने समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के अंतर्गत समेकित छात्रवृत्ति योजना लागू की है। योजना का नोडल अधिकारी स्कूल शिक्षा विभाग निर्धारित किया गया है। समेकित छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत शासकीय और अशासकीय विद्यालयों में कक्षा 1 से 12 तक अध्ययनरत विद्यार्थियों को 6 विभागों की लगभग 20 प्रकार की छात्रवृत्ति शिक्षा पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन स्वीकृत कर सीधे विद्यार्थी के खाते में भुगतान किये जाने की व्यवस्था की गई है। योजना में प्रत्येक विद्यार्थी का नाम समग्र यूनिक आईडी के आधार पर उसके स्कूल के डाइस कोड के साथ मेपिंग कर कक्षावार, स्कूलवार नामांकन ऑनलाइन किये जाने का सिस्टम शिक्षा पोर्टल एनआईसी के माध्यम से तैयार कराया गया है। प्रत्येक छात्र की प्रोफाइल में संबंधित की जाति, माता-पिता का व्यवसाय, परिवार की वार्षिक आय, बीपीएल स्टेटस, छात्रावासी स्टेटस, पिछले वर्ष का परीक्षा परिणाम, जो छात्रवृत्ति गणना करने में आवश्यक होते हैं, उसे रिकॉर्ड में रखा जाता है।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में तापमान धीरे धीरे बढ़ने लगा है। प्रदेश का तापमान 33 डिग्री पहुंच गया है। सोमवार को सबसे गर्म नर्मदापुरम, खंडवा, मंडला और सिवनी रहा। मौसम विभाग के मुताबिक, अगले चार दिन तक ऐसा ही मौसम बना रहेगा। बताया जा रहा है कि 22-23 फरवरी से ठंड का तीसरा दौर आने की संभावना है। वहीं, 21 फरवरी को पूर्वी हिस्से में हल्की बारिश की संभावना है।मौसम विभाग के अनुसार, वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) और साइक्लोनिक सर्कुलेशन की वजह से मध्य प्रदेश में मौसम का बदल गया है। मंगलवार को ग्वालियर-चंबल में बारिश हुई, जबकि भोपाल, इंदौर-उज्जैन में गर्मी का असर देखने को मिला। आज बुधवार को भोपाल, इंदौर, उज्जैन-जबलपुर में मौसम साफ रहेगा। ग्वालियर संभाग में बादल देखने को मिल सकते हैं। वहीं, 20 फरवरी को दिन-रात के तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। जबकि 21 फरवरी को पूर्वी हिस्से में यानी, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, सिवनी, मंडला और बालाघाट में हल्की बारिश हाे सकती है।इससे पहले मंगलवार को प्रदेश के ज्यादातर शहरों में दिन का तापमान 30 डिग्री के पार ही रहा। भोपाल में 32.2 डिग्री, इंदौर में 31.5 डिग्री, उज्जैन में 32 डिग्री और जबलपुर में दर्ज किया गया। ग्वालियर में एक ही दिन में पारा 4.7 डिग्री लुढ़ककर 24.9 डिग्री पहुंच गया। यहां बादल छाने की वजह से पारे में गिरावट हुई। बैतूल, धार, दमोह, सागर में पारा 32 डिग्री और नर्मदापुरम, खंडवा, खरगोन, रतलाम, मंडला में 33 डिग्री या इससे अधिक दर्ज किया गया। सोमवार-मंगलवार की रात में कई शहरों में पारा 15 डिग्री से अधिक ही रहा।

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भोपाल । राजधानी भोपाल में छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती मनाने को लेकर एक बड़ा विवाद सामने आया है। शिवाजी महाराज चौराहा पर हर साल की तरह इस बार भी शिवाजी महाराज के जन्मोत्सव के कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा था, लेकिन प्रशासन के आदेश पर इस बार कार्यक्रम में कुछ अड़चनें आईं। टीटी नगर तहसीलदार कुणाल राउतद्वारा कार्यक्रम में साउंड सिस्टम का माइक बंद कराने की बात को लेकर लोग नाराज हो गए। उन्होंने लिंक रोड नंबर-1 पर शिवाजी की प्रतिमा के सामने धरना दे दिया। तहसीलदार के प्रतिमा के सामने ही माफी मांगने के बाद वे हटे। मामला बुधवार दोपहर का है। बीजेपी पार्षद पप्पू विलास घाड़गे ने बताया, लिंक रोड नंबर-1 स्थित रेडक्रॉस अस्पताल के पास चौराहे पर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापित है। यहां पिछले 20 साल से हर 19 फरवरी को जन्मोत्सव कार्यक्रम करते हैं। बुधवार को भी कार्यक्रम रखा गया था। इस दौरान तहसीलदार राउत आए और साउंड सिस्टम-टेंट हटा दिया। इस विवाद के विरोध में, बीजेपी कार्यकारिणी सदस्य कृष्णा घाडगे और मराठा समाज के लोगों ने शिवाजी महाराज चौराहा पर चक्का जाम कर प्रदर्शन किया।   कृष्णा घाडगे ने बताया कि यह कार्यक्रम मराठा समाज की भावना से जुड़ा हुआ है और छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती मनाना उनके लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि प्रशासन को यह अधिकार नहीं है कि वह इस तरह से मराठा समाज की भावनाओं से खेलें और एक ऐतिहासिक आयोजन को बाधित करें। इस दौरान उन्होंने तहसीलदार के खिलाफ नारेबाजी भी की। प्रदर्शन के दौरान छत्रपति शिवाजी महाराज की वेशभूषा में एक युवक को भी शामिल किया गया। इससे पुलिस मौके पर पहुंची और ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया। इधर, तहसीलदार कुणाल भी मौके पर पहुंचे और समाजजनों को समझाइश दी। प्रतिमा के सामने माफी मांगने पर समाजजन हट गए। इस मामले में तहसीलदार रावत ने कहा कि साउंड सिस्टम या कार्यक्रम की अनुमति नहीं थी। मैं सिर्फ साउंड सिस्टम बंद करने को कहा था। समाजजनों को कोई गलतफहमी हो गई थी। मेरा गलत उद्देश्य नहीं था। समाजजनों के कहने पर मैंने शिवाजी महाराज से माफी भी मांग ली।  

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उज्जैन । विश्वप्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर के मंदिर में आज (सोमवार से) शिव नवरात्रि का पर्व शुरू होने जा रहा है। दरअसल, भगवान महाकाल के आंगन में शिवरात्रि का पर्व नौ दिन तक चलता है, जिसे शिव नवरात्रि के रूप में जाना जाता है। इस दौरान बाबा महाकाल का नौ दिनों तक दूल्हे के रूप में शृंगार किया जाता है। मान्यता है कि शिव विवाह के तहत भगवान को इन नौ दिनों तक हल्दी का उबटन लगाया जाता है और महाशिवरात्रि पर्व पर रात्रि को महापूजन पश्चात अगली सुबह पुष्प मुकूट श्रृंगार किया जाता है, जिसमें सवा मन फूल का मुकुट बनता है। महाकालेश्वर मंदिर के शासकीय पुजारी पं. घनश्याम शर्मा ने बताया कि महाशिवरात्रि के नौ दिन पूर्व मंदिर में शिवनवरात्रि पर्व का शुरुआत होती है। सोमवार को महाकाल मंदिर में प्रात: भगवान महाकाल को हल्दी का उबटन लगाया जाएगा। इसके बाद कोटेश्वर महादेव का अभिषेक किया जाएगा। आरती पश्चात भगवान महाकाल का पूजन प्रारंभ होगा। महाकालेश्वर भगवान का पूजन 11 ब्राम्हणों द्वारा एकादश एकादशनी रूद्राभिषेक से सभी नौ दिनों तक किया जाएगा। प्रात: 10.30 बजे भोग आरती होगी। अपरांह तीन बजे भगवान का संध्या पूजन होकर श्रृंगार किया जाएगा और नये वस्त्र-आभूषण धारण करवाए जाएंगे। भगवान संध्या समय में प्रतिदिन नए स्वरूप में दर्शन देंगे। यह क्रम 25 फरवरी तक चलेगा। महाशिवरात्रि पर्व 26 फरवरी को मनाया जाएगा। इस दिन रात्रि में महापूजन सम्पन्न होगा। भगवान के दर्शन सतत चालू रहेंगे। 27 फरवरी को प्रात: पुष्प मुकुट से श्रृंगार होगा और दोपहर 12 बजे वर्ष में एक बार होने वाली भस्मारती होगी। फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर महाशिवरात्रि मनाई जाती है। यह एक ऐसा दिन है, जिसका शिव भक्तों को बेसब्री से इंतजार रहता है। इस तिथि पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करने का विधान है। ऐसा माना गया है कि जो व्यक्ति बाबा महाकाल के इस दूल्हा स्वरूप का नौ दिनों तक लगातार दर्शन करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। शिव नवरात्रि के प्रथम दिन भगवान कोटेश्वर की पूजा की जाती है और उनका अभिषेक किया जाता है। शिव नवरात्रि के दूसरे दिन अभिषेक पूजन होता है और उसी के बाद बाबा महाकाल को वस्त्र पहनाएं जाते हैं। शेषनाग शृंगार में बाबा महाकाल के ऊपर शेषनाग का मुकुट चढ़ाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जिस शेषनाग को भगवान शिव अपने गले में धारण किए हुए हैं, उन्होंने पृथ्वी का वजन अपने सर पर धारण किया हुआ है। शिव नवरात्रि के सातवें दिन भगवान शिव, माता पार्वती के साथ दिखाई देते हैं। इसलिए इसे उमा महेश शृंगार भी कहा जाता है। वहीं, शिव नवरात्रि के अंतिम दिन यानी महाशिवरात्रि पर्व पर भगवान महाकाल अपने भक्तों को दूल्हे के रूप में दर्शन देते हैं। इस स्वरूप को सेहरा दर्शन भी कहा जाता है।

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भोपाल । कुबेरेश्वर धाम में 25 फरवरी से शिव महापुराण कथा का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा एवं यातायात सुगम बनाए रखने के लिए मार्गों का डायवर्सन किया गया है। शिव महापुराण कथा 03 मार्च तक चलेगी। इस आयोजन में लाखों श्रद्धालु कुबेरेश्वर धाम पहुंचेंगे। शिवमहापुराण कथा में प्रतिदिन लाखों श्रद्धालुओं का मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों से सड़क मार्ग द्वारा आवागमन होगा। इस दौरान यातायात सुगम बनाए रखने के लिए भोपाल से इंदौर और इंदौर से भोपाल आने जाने वाले वाहनो के मार्ग में 24 फरवरी को प्रात: 06 बजे से परिवर्तन किया गया है।भारी वाहनों के लिए मार्ग परिवर्तनभोपाल से इंदौर जाने वाले भारी वाहन भोपाल से श्यामपुर, ब्यावरा होते हुये इंदौर (तूमडा दोराहा जोड़ होते हुये) जा सकेंगें। इसी प्रकार इंदौर से भोपाल जाने वाले भारी वाहन देवास से ब्यावरा, श्यामपुर होते हुये भोपाल जा सकेंगे।हल्के वाहनों एवं यात्री बसों के लिए मार्ग परिवर्तनभोपाल से सीधे आष्टा, देवास इंदौर जाने वाले सभी छोटे वाहन एवं यात्री बस सीहोर स्थित क्रिसेंट चौराहा से भाऊखेड़ी जोड़ एवं अमलाहा होते हुए इंदौर को ओर जायेगें। इसी प्रकार इंदौर से भोपाल सीहोर आने वाले वाहन अमलाहा से भाऊखेड़ी जोड़ एवं क्रिसेंट चौराहा होते हुए सीहोर, भोपाल जा सकेंगे। मात्र कुबेरेश्वर धाम जाने वाले वाहन ही सीधे हाईवे से जा सकेंगे। अन्य सभी वाहनों को डायवर्सन मार्ग से ही संचालित किया जाएगा।

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श्योपुर । मध्य प्रदेश के श्याेपुर में साेमवार सुबह एक तेज रफ्तार डंपर काेर काे बचाने के चक्कर में अनियंत्रित हाेकर पलट गया। इस हादसे में सड़क किनारे पाेहा बेच रहा एक दुकानदार डंपर की चपेट में आ गया और नीचे दबकर उसकी माैत हाे गई। डंपर ड्राइवर भी गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।     जानकारी के अनुसार हादसा बारां हाईवे पर अजापुरा गांव के पास सोमवार सुबह करीब 7 बजे हुआ। 30 वर्षीय नरेश प्रजापति सड़क किनारे अपने दो बच्चों के साथ पोहे का ठेला लगाकर बैठा था। इस दौरान डंपर कार को बचाने के प्रयास में अनियंत्रित हो गया। नरेश ने बेकाबू डंपर को अपनी ओर आते देखा तो पास बैठे बच्चों को पीछे धकेला। दोनों बच्चे खेत में जाकर गिरे। नरेश ने भागने का प्रयास किया लेकिन उसका पैर फिसल गया। वह डंपर के नीचे आ गया, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। केबिन में फंसे ड्राइवर को पुलिस और ग्रामीणों ने मिलकर निकालने की कोशिश की। करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद उसे बाहर निकाला जा सकता। शुरुआती आशंका थी कि डंपर के नीचे कुछ और लोग दबे हो सकते हैं, लेकिन रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान कोई अन्य व्यक्ति नहीं मिला। जेसीबी और क्रेन की मदद से डंपर को सड़क से हटाया गया।  

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उज्जैन ।महाकाल मंदिर के आंगन में सोमवार से शिवनवरात्र प्रारंभ होगी। बाबा महाकाल को सोमवार प्रात: हल्दी का उबटन लगाया जाएगा। यह मान्यता है कि शिव विवाह के तहत भगवान को इन नाै दिनों तक हल्दी का उबटन लगाया जाता है और महाशिवरात्रि पर्व पर रात्रि को महापूजन पश्चात अगली सुबह पुष्प मुकूट श्रृंगार किया जाता है,जिसमें सवा मन फूल का मुकूट बनता है। शासकीय पुजारी पं.घनश्याम शर्मा ने बताया कि महाशिवरात्रि के नाै दिन पूर्व सोमवार से मंदिर में शिवनवरात्र प्रारंभ होगी। सोमवार प्रात: भगवान महाकाल को हल्दी का उबटन लगाया जाएगा। प्रात: 8 से 9 बजे तक कोटेश्वर महादेव का अभिषेक किया जाएगा। आरती पश्चात भगवान महाकाल का पूजन प्रारंभ होगा। महाकालेश्वर भगवान का पूजन 11 ब्राम्हणों द्वारा एकादश एकादशनी रूद्राभिषेक से सभी नाै दिनों तक किया जाएगा। पश्चात प्रात: 10.30 बजे भोग आरती होगी। अपरांह 3 बजे भगवान का संध्या पूजन होकर श्रृंगार किया जाएगा और नये वस्त्र-आभूषण धारण करवाए जाएंगे। भगवान संध्या समय में प्रतिदिन नए स्वरूप में दर्शन देंगे। यह क्रम 25 फरवरी तक चलेगा। महाशिवरात्रि पर्व 26 फरवरी को मनाया जाएगा। इस दिन रात्रि में महापूजन सम्पन्न होगा। भगवान के दर्शन सतत चालू रहेंगे। 27 फरवरी को प्रात: पुष्प मुकूट श्रृंगार दर्शन होंगे और दोपहर 12 बजे वर्ष में एक बार होने वाली भस्मार्ती होगी।  

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उज्जैन । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार सुबह उज्जैन स्थित भगवान अंगारेश्वर महादेव का सपत्नीक दर्शन-पूजन किया। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने भगवान श्री अंगारेश्वर का दुग्धाभिषेक व जलाभिषेक भी किया।   पूजन, जलाभिषेक कर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि 84 महादेव में से एक, यह मंदिर अत्यंत प्राचीन है। पूजन, पुजारी मनीष उपाध्याय, रोहित गुरु ने संपन्न कराया। पूजन उपरांत मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गौ सेवा की। इस अवसर पर जनप्रतिनिधि रवि सोलंकी, बहादुर सिंह बोरमुंडला, अभय यादव आदि उपस्थित रहे।    

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मैहर । मध्य प्रदेश के मैहर में रविवार दोपहर प्रयागराज महाकुंभ जा रही यात्रियाें से भरी तीन गाड़ियां आपस में टकरा गई। हादसे में पांच लाेग घायल हुए है। सभी घायलों को टोल प्लाजा की एम्बुलेंस से मैहर सिविल अस्पताल पहुंचाया गया। हादसे के बाद हाइवे पर लंबा जाम लग गया। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है और हादसे के कारणों का पता लगाने में जुटी है।     जानकारी के अनुसार घटना रविवार दाेपहर करीब 1:35 बजे की है। खेरवासानी टोल प्लाजा के पास एनएच-30 पर यह हादसा तब हुआ जब आगे चल रही तूफान गाड़ी ने अचानक ब्रेक लगा दिया। इसके चलते पीछे से आ रही एसयूवी कार एमएच 24 बीआर 2357) उससे टकरा गई और फिर एसयूवी के पीछे से आ रही बस जीजे 14 डब्ल्यू 0399 ने भी टक्कर मार दी। हादसे में नागपुर, महाराष्ट्र के पांच यात्री घायल हुए, जिनमें विनोद (31), चंद्रकांत (29), श्रीकांत (44), अनुपमा (52) और रवि (31) शामिल हैं। सभी घायलों को टोल प्लाजा की एम्बुलेंस से मैहर सिविल अस्पताल पहुंचाया गया। दुर्घटना के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर लंबा जाम लग गया। पुलिस और प्रशासन की टीम ने क्रेन की मदद से क्षतिग्रस्त वाहनों को हटाकर यातायात सुचारू किया। स्थानीय पुलिस मामले की जांच कर रही है और हादसे के कारणों का पता लगाया जा रहा है।      

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उज्जैन । महाकाल मंदिर में शिवनवरात्र 17 फरवरी से प्राम्भ होकर 01 नरक तक चलेगा। भगवान अलग-अलग रूपों में श्रद्धालुओग को दर्शन देंगे। प्रतिदिन प्रातः कोटेश्‍वर महादेव का प्रथम पूजन होगा। इस वर्ष हिंदू पंचांग अनुसार तिथि में वृद्धि होने के कारण 10 दिवसीय शिव नवरात्रि उत्सव मनेगा।महाकालेश्वर मंदिर में शिवरात्रि उत्सव का प्रारंभ 17 फरवरी से होगा। यह पर्व इस बार 10 दिन चलेगा। प्रतिदिन भगवान महाकालेश्वर अपने भक्तों को अलग-अलग स्वरूपों में दर्शन देकर उनकी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं | भक्त महाकालेश्वर भगवान के इन स्वरूपों के दर्शन प्रतिवर्ष श्रावण-भाद्रपद माह की सवारियों मे करते है व दर्शन का पुण्य लाभ प्राप्त करते है।   फाल्गुन कृष्ण पंचमी, सोमवार 17 फरवरी से शिव नवरात्रि उत्सव प्रारम्भ होगा। महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी बुधवार 26 फरवरी को मनाया जायेगा। प्रशासक प्रथम कौशिक ने बताया कि महाशिवरात्रि पर्व के नौ दिन भगवान श्री महाकालेश्वर और श्री कोटेश्वर महादेव भगवान का नित्य विशेष अभिषेक और पूजन किया जायेगा। भगवान श्री महाकालेश्वर को हल्दी-चन्दन का उपटन लगाया जाएगा। कोटेश्वर महादेव के पूजन एवं आरती के पश्चात भगवान श्री महाकालेश्वर का पूजन-अभिषेक प्रारम्भ होगा। श्री महाकालेश्वर भगवान का पूजन 11 ब्राह्मणों द्वारा एकादश एकादशनी रूद्राभिषेक से सम्पूर्ण शिव नवरात्रि के दौरान किया जायेगा। इसके बाद भोग आरती होगी। अपराह्न 3 बजे से भगवान महाकालेश्वर के सांध्य पूजन के पश्चात श्रृंगार किया जायेगा। यह क्रम 17 फरवरी के 25 फरवरी शिव नवरात्रि तक नौ दिनों तक नित्य चलेगा। 26 फरवरी 2025 महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जायेगा | महाशिवरात्रि पर्व पर सम्पूर्ण दिवस सतत जल धारा से श्री महाकालेश्वर भगवान का अभिषेक होगा व सम्पूर्ण रात्रि श्री महाकालेश्वर भगवान की विशेष पूजन-अभिषेक होगे |फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी गुरुवार 27 फरवरी को महाशिवरात्रि के दूसरे दिन प्रातः भगवान के सप्तधान श्रृंगार व सवामन पुष्प मुकुट (सेहरा) दर्शन होगे व सेहरा आरती की जायेगी | वर्ष में एक बार दोपहर 12:00 बजे होने वाली भगवान श्री महाकालेश्वर जी की भस्म आरती होगी। इस दौरान श्री महाकालेश्वर भगवान के पट लगभग 44 घंटे खुले रहेगे |01 मार्च सोमवार को सायं पूजन से शयन आरती तक भगवान श्री महाकालेश्वर के पञ्च मुखारविन्द के दर्शन होगे। इसके साथ श्री महाकालेश्वर मंदिर में शिव नवरात्रि उत्सव का समापन होगा |    

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मौसम ने फिर करवट बदली है। शुक्रवार को भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर समेत प्रदेश के कई शहरों में दिन के तापमान में 1 से 3 डिग्री तक की बढ़ोतरी हुई। मौसम विभाग का कहना है कि 17 फरवरी से नया वेस्टर्न डिस्टरबेंस पश्चिमी हिमालय की तरफ एक्टिव होने की संभावना है। इस वजह से 18 फरवरी से प्रदेश में दिन-रात के तापमान में फिर से गिरावट होने का अनुमान है, जो अगले तीन से चार दिन तक रह सकता है।मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर भारत में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव था। इस वजह से प्रदेश में ठंड का असर देखने को मिला, लेकिन यह सिस्टम अब लौट गया है। इसलिए शुक्रवार से तापमान में फिर से बढ़ोतरी देखने को मिली है। इस वजह से धार, नर्मदापुरम, खंडवा, खरगोन, रतलाम, उज्जैन, दमोह, खजुराहो, मंडला में पारा 30 डिग्री के पार पहुंच गया। रतलाम में 2.2 डिग्री की बढ़ोतरी के बाद तापमान 32.2 डिग्री रहा। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 28.4 डिग्री, इंदौर में 29.1 डिग्री, ग्वालियर में 29.5 डिग्री, उज्जैन में 30.5 डिग्री और जबलपुर में तापमान 29.3 डिग्री दर्ज किया गया।वहीं, अब 17 फरवरी से एक नया वेस्टर्न डिस्टरबेंस पश्चिमी हिमालय की तरफ एक्टिव होने की संभावना है। इस वजह से 18 फरवरी से प्रदेश में दिन-रात के तापमान में फिर से गिरावट होने का अनुमान है, जो अगले तीन से चार दिन तक रह सकता है। आज शनिवार को दिन का तापमान 2 से 3 डिग्री तक बढ़ सकता है। रात और सुबह के समय ठंडक बनी रहेगी। 16 फरवरी को भी दिन-रात के तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।

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भोपाल । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल के वन विहार में 'एशियाटिक सिंहों' के आगमन के बाद अब पर्यटकों द्वारा सिंहों को देखने की व्यवस्था प्रारंभ होने का स्वागत किया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शनिवार काे कहा है कि मध्य प्रदेश में वन्य प्राणी आदान-प्रदान योजना के अंतर्गत लगभग दो महीने पहले जूनागढ़, गुजरात से लाये गये "एशियाटिक सिंह" को भोपाल के वन विहार में क्वारेन्टाइन बाड़े से पर्यटकों के अवलोकन के लिए छोड़ दिया गया है। अब यहां आने वाले स्थानीय और देशी-विदेशी पर्यटक इनकी दहाड़ सुनने के साथ इनके विचरण का अनोखा आनंद भी ले सकेंगे।मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश में वन्य प्राणी पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही वन्य जीवों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए राज्य सरकार संकल्पित है। इस दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। एशियाई सिंह गुजरात में ही पाए जाते हैं। वन्य प्राणियों में विशिष्ट माने गए एशियाई सिंह की वन विहार भोपाल में मौजूदगी मध्यप्रदेश में वन्य जीव पर्यटन के विकास की दृष्टि से महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। वन विहार, भोपाल में आए एशियाई सिंह में एक नर "जूना" एवं एक मादा "गिरी" है। इन दोनों को बाड़े में क्वारेन्टाइन रखने के बाद इनकी सतत निगरानी की जा रही थी। वर्तमान में ये दोनों एशियाई सिंह पूर्णत: स्वस्थ हैं।

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश के कई जिलों में एक बार फिर ठंड का असर तेज हो गया है। सुबह और रात को फिर से ठंड का अहसास होने लगा है। हालांकि दिनभर धूप रहने से थोड़ी राहत है। मौसम विभाग का कहना है कि उत्तर भारत में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) की एक्टिविटी होने से प्रदेश में हवा की रफ्तार 12 से 15 किमी प्रतिघंटा पहुंच गई, जिससे तापमान में गिरावट आयी है। रात में तापमान 7 डिग्री और दिन में 23 डिग्री तक लुढ़क गया है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर और ग्वालियर में भी तापमान में गिरावट हुई है।मौसम विभाग के अनुसार, आज शुक्रवार से तापमान में फिर से गिरावट हो सकती है। इससे तापमान 2 से 3 डिग्री तक बढ़ेगा। पूरे फरवरी महीने में तापमान में ऐसी ही उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहेगी। वर्तमान में जम्मू-कश्मीर के ऊपर एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव है। इस वजह से तापमान में गिरावट देखने को मिली है। फिलहाल बारिश होने के आसार नहीं है। शुक्रवार को दिन के तापमान में बढ़ोतरी हो सकती है, हालांकि रात और सुबह के समय ठंडक बनी रहेगी।इससे पहले गुरुवार को दिन के तापमान में खासी गिरावट हुई। पचमढ़ी में पारा 23.4 डिग्री रहा। भोपाल में 26.6 डिग्री, इंदौर में 27.3 डिग्री, ग्वालियर में 27.1 डिग्री, उज्जैन में 28.5 डिग्री और जबलपुर में 26.2 डिग्री रहा। इसी तरह रायसेन में 25 डिग्री, दमोह में 28 डिग्री, खजुराहो में 27.6 डिग्री, नरसिंहपुर में 28.2 डिग्री, नौगांव में 25.8 डिग्री, रीवा में 27 डिग्री, सागर में 28.2 डिग्री, सतना में 27.2 डिग्री, सिवनी में 26.4 डिग्री, सीधी में 26.6 डिग्री, उमरिया में 27.4 डिग्री और मलाजखंड में पारा 26.9 डिग्री दर्ज किया गया। बुधवार-गुरुवार की रात में भी पारे में गिरावट देखने को मिली है।  

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देवास । देवास के औद्योगिक क्षेत्र में स्थित फाइन पेस्ट सल्फर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में शुक्रवार को अचानक भीषण आग लग गई। आग लगओ ही माैके पर अफरा तफरी मच गई। सूचना के बाद माैके पर पहुंची नगर निगम की फायर ब्रिगेड टीम ने कढ़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।   जानकारी अनुसार घटना शुक्रवार सुबह की है। फाइन पेस्ट सल्फर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में अचानक आग लग गई। आग इतनी भीषण थी कि दूर से ही देखी था सकती थी। काले धुंए के गुबार ने पूरे आसमान काे घेर लिया। समय रहते लाेगाें ने तुरंत फायर ब्रिगेड काे सूचना दी। माैके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम को आग बुझाने में करीब 30 मिनट का समय लगा। घटना की जानकारी मिलते ही तहसीलदार, एसपी और औद्योगिक थाना क्षेत्र के पुलिसकर्मी भी मौके पर पहुंच गए। प्रारंभिक जांच में आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। स्थानीय प्रशासन मामले की जांच कर रहा है। किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है। कंपनी को हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है।

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सीहोर। मुस्लिम समाज द्वारा शब ए बारात के मौके पर गुरुवार की रात कब्रिस्तानों में अपने बुजुर्गो की कब्रों पर जाकर जन्नत के लिए दुआएं की गईं, तो इधर शहर में पहली बार ऑल इंडिया मुस्लिम त्यौहार कमेटी के द्वारा हजरत दुल्हाबादशाह बाबा की दरगाह को मोमबत्तियों से रोशन किया गया। खास बात यह रही की मुस्लिमों के साथ हिन्दुओं ने भी मजारों पर पहुंचकर शब ए बारात का ऐहतराम किया। दरगाह शरीफ पर लोबान अगरबत्ती किया गया और लोगों को हल्बे का प्रसाद बांटा गया। हजरत दुल्हाबादशाह बाबा की दरगाह में ऑल इंडिया मुस्लिम त्यौहार कमेटी जिलाध्यक्ष रिजवान पठान और महामंत्री पसमांदा मुस्लिम महासभा प्रदेशाध्यक्ष नौशाद खान सहित हाजी हमीद के द्वारा फातीह कुरान पाक पढ़ी गई। जनाब नौशाद खान ने बताया कि पहली मर्तबा हजरत दुल्हाबादशाह बाबा की दरगाह को शब ए बारात पर रोशन किया गया है। अधिकतर मुस्लिम समाजजन कब्रिस्तानों में अपने अल्लहा को प्यारे हुए बुजुर्गो की याद में विद्युत झालरें लगाते हैं, चिराग जलाते है और मरहूम लोगों को जन्नत देने की दुआएं करते हैं। दरगाह परिसर में एक हजार मोमबत्तियां लगाई गई हैं। शहर के कस्बा और गंज स्थित कब्रिस्तानों में देर रात तक लोगों का आना जाना लगा रहा।  

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ग्वालियर । नजदीक से मंगल, चंद्रमा व अन्य तारे कैसे दिखते हैं। कौन से गृह की क्या-क्या भौगोलिक एवं पर्यावरणीय विशेषतायें होती हैं। सौर मंडल में गृहों की स्थिति कहां-कहां है। खगोलीय घटनाओं का पृथ्वी पर किस प्रकार असर पड़ता है। सौर मंडल से संबंधित ऐसी ही तमाम दुर्लभ एवं रोमांचकारी घटनाओं से बुधवार की रात वरिष्ठ प्रशासनिक पुलिस अधिकारी भी रूबरू हुए। “तीन दिवसीय स्पेस प्रोग्राम” के तहत सिरोल रोड स्थित एमपीसीटी परिसर में नेहरू प्लेटोरियम मुम्बई के व्याख्याता देश के सुप्रसिद्ध खगोलशास्त्री प्रो. एस नटराजन द्वारा खगोलीय घटनाओं पर व्याख्यान दिया गया। साथ ही टेलिस्कोप के माध्यम से अधिकारियों को चन्द्रमा व मंगल सहित विभिन्न गृहों के दर्शन कराए। पुलिस महानिरीक्षक अरविंद सक्सेना, कलेक्टर रुचिका चौहान, भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी शैलेन्द्र चौहान, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विवेक कुमार एवं वन मण्डलाधिकारी अंकित पाण्डेय सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। कलेक्टर रुचिका चौहान की पहल पर जिले के सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को विज्ञान एवं अंतरिक्ष की गतिविधियों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से खागोलशास्त्री प्रो. नटराजन द्वारा शहर में “तीन दिवसीय स्पेस प्रोग्राम” के तहत रोचक सत्र आयोजित किए गए। कार्यक्रम की आखिरी शाम पर अधिकारियों ने भी सौर मंडल के गृह देखे और खगोलकीय घटनाओं के बारे में जानकारी हासिल की। खगोलशास्त्री प्रो. एस नटराजन ने बच्चों को विभिन्न प्रकार की खगोलीय घटनाओं को गहराई से परिचित कराया। साथ ही उन्होंने स्कूली बच्चों की सौर मंडल से संबंधित जिज्ञासाओं का समाधान भी “तीन दिवसीय स्पेस प्रोग्राम” के तहत किया गया है। ज्ञात हो कि मुम्बई स्थित नेहरू प्लेनेटोरियम के वरिष्ठ व्याख्याता खगोलशास्त्री प्रो. एस. नटराजन देश भर के स्कूलों और कॉलेजों में अब तक 3500 से अधिक व्याख्यान दे चुके हैं। साथ ही इसरो एवं एनसीआर पुणे जैसी प्रतिष्ठित संस्थानों में भी अपने खगोलकीय ज्ञान का प्रसार कर चुके हैं। मध्यप्रदेश में भी ग्वालियर सहित 10 जिलों में प्रोफेसर नटराजन अपना कार्यक्रम प्रस्तुत कर चुके हैं। बुधवार की रात आयोजित हुए कार्यक्रम में कलेक्टर ने प्रो. नटराजन के प्रति आभार व्यक्त किया।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश की उपजाऊ भूमि केवल भरपूर फसल ही नहीं, बल्कि नवाचार, सतत विकास और वैश्विक निवेश के नए द्वार भी खोल रही है। सरकार के इस रूपांतरणकारी प्रयास में दुनिया भर के निवेशकों को शामिल होने का आमंत्रण दिया जा रहा है। प्रदेश ने अपनी समृद्ध कृषि परंपरा और उन्नत कृषि तकनीकों के बल पर खुद को देश की “फ़ूड बास्केट” के रूप में स्थापित किया है। राज्य को अब तक सात कृषि कर्मण पुरस्कार मिल चुके हैं, जो इसकी कृषि क्षेत्र में मजबूती को दर्शाते हैं। मध्य प्रदेश में ‘श्वेत क्रांति’ का विस्तार जनसम्पर्क अधिकारी बिन्दु सुनील ने गुरुवार को जानकारी देते हुए बताया कि मध्य प्रदेश में ‘श्वेत क्रांति’ तेजी से अपने पैर पसार रही है। राज्य में 2012 से 2023 के बीच दूध उत्पादन में जबरदस्त वृद्धि दर्ज की गई है। इस विस्तार को डेयरी इन्वेस्टमेंट एक्सेलेरेटर जैसी योजनाओं से मजबूती मिली है, जो निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल तैयार कर डेयरी उद्योग के विकास को प्रोत्साहित कर रही है। मध्य प्रदेश दूध उत्पादन और उपलब्धता में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी स्थिति लगातार मजबूत कर रहा है। प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता (591 ग्राम प्रति दिन) में मध्य प्रदेश छठवें स्थान पर है। राष्ट्रीय सीएजीआर 6.18% की तुलना में मध्य प्रदेश की वृद्धि दर 8.60% है। देश के कुल दूध उत्पादन में मध्य प्रदेश का योगदान वर्ष 2023 में 8.73% था। खाद्य और डेयरी प्रोसेसिंग में एमएसएमई को बढ़ावा उन्होंने बताया कि राज्य सरकार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को खाद्य और डेयरी प्रोसेसिंग में आगे बढ़ाने के लिए कई प्रोत्साहन योजनाएं चला रही है, जिनमें औद्योगिक विकास सब्सिडी, पेटेंट और गुणवत्ता प्रमाणन के लिए वित्तीय सहायता और बिजली शुल्क में छूट शामिल है । पीएमएफएमई योजना से खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को लाभ जनसम्पर्क अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम (PMFME) योजना के तहत क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी से खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को आर्थिक सहायता मिल रही है, जिससे इस क्षेत्र में नए निवेश को बढ़ावा मिल रहा है। बड़े निवेशकों के लिए आकर्षक सुविधाएं उन्होंने बताया कि राज्य सरकार 50 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने वाले बड़े उद्योगों को विशेष प्रोत्साहन दे रही है। इसमें निर्यात इकाइयों को लाभ, हरित औद्योगिकीकरण (ग्रीन इंडस्ट्रियलाइजेशन) को बढ़ावा और कोल्ड चेन और वेयरहाउस जैसे खाद्य प्रसंस्करण बुनियादी ढांचे में सहयोग प्रदान किया जा रहा है। मध्य प्रदेश सरकार के इन प्रयासों से राज्य का खाद्य और डेयरी उद्योग नई ऊंचाइयों को छू रहा है। यह न केवल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती दे रहा है, बल्कि पूरे देश के डेयरी और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान कर रहा है। मध्यप्र देश में निवेश की बयार: ‘सीड टू शेल्फ’ में वैश्विक निवेशकों का स्वागत मध्यप्र देश खाद्य प्र-संस्करण और कृषि क्षेत्र में निवेश के लिए एक प्रमुख केंद्र बनकर उभर रहा है। राज्य अपने समृद्ध प्राकृतिक संसाधनों, रणनीतिक नीतियों और सतत विकास के प्रति प्रतिबद्धता के कारण ‘भारत की खाद्य टोकरी’ की उपाधि का वास्तविक हकदार बना है। अब, यह ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 के जरिए वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करने के लिए तैयार है। खाद्य प्र-संस्करण में निवेश का हब बना मध्य प्रदेश राज्य सरकार की निवेश नीति को उद्योग जगत के सकारात्मक रुझान से बल मिल रहा है। पेप्सी -को, कोका कोला और अमूल जैसी शीर्ष वैश्विक कंपनियां पहले ही राज्य में निवेश कर चुकी हैं, जिससे यह क्षेत्र निवेशकों के लिए और भी आकर्षक बन गया है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025: “सीड टू शेल्फ” सत्र पर फोकस 25 फरवरी 2025 को ‘इंवेस्ट मध्यप्रदेश - ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025’ के तहत “सीड टू शेल्फ” थीम पर एक विशेष सत्र आयोजित किया जाएगा। इस सत्र का उद्देश्य कृषि, खाद्य प्र-संस्करण और बागवानी क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देना होगा। इस सत्र में अधिकारी, उद्योग जगत के दिग्गज और निवेशक एक मंच पर आएंगे, जिससे नई साझेदारियों और व्यापारिक अवसरों का मार्ग प्रशस्त होगा। यह पहल मध्य प्रदेश को कृषि और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र का प्रमुख केंद्र बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मौसम की आंख मिचौली जारी है। प्रदेश के मौसम में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। कहीं धूप के साथ गर्मी तो कहीं हल्‍की ठंड का दौर जारी है। प्रदेश के दिन के तापमान में फिर से गिरावट आयी है। बुधवार को भोपाल, इंदौर, ग्वालियर समेत 11 शहरों में पारा 30 डिग्री से नीचे आ गया। ग्वालियर में 3.7 डिग्री की गिरावट के साथ पारा 27.8 डिग्री दर्ज किया गया। अगले 2 दिन ऐसा ही मौसम रहेगा। फरवरी महीने में तापमान में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहेगी।मौसम विभाग के अनुसार, जम्मू-कश्मीर के ऊपर एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव हुआ है। इस वजह से बुधवार को दिन के तापमान में गिरावट देखने को मिली है। वहीं, अब रात में भी पारा लुढ़क सकता है। 14 और 15 फरवरी को भी मौसम का मिजाज ऐसा ही बना रहेगा। इसके बाद तापमान में बढ़ोतरी होगी। मौसम विभाग का अनुमान है कि फरवरी में कई वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव होंगे। इस वजह से पारे में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहेगी। फिलहाल बारिश के आसार नहीं है।तापमान की बात करें तो बुधवार को भोपाल-इंदौर में 28.8 डिग्री, धार में 28.9 डिग्री, ग्वालियर में 27.8 डिग्री, नर्मदापुरम में 29 डिग्री, पचमढ़ी में 26.1 डिग्री, रायसेन में 28 डिग्री, नरसिंहपुर में 28 डिग्री, नौगांव में 28.1 डिग्री, सीधी में 29.8 डिग्री, मलाजखंड में 29.2 डिग्री सेल्सियस रहा। दूसरी ओर, दमोह, जबलपुर, खजुराहो, मंडला, रीवा, सागर, सतना, सिवनी, टीकमगढ़, उमरिया, बैतूल, गुना, खंडवा, खरगोन, रतलाम, शिवपुरी और उज्जैन में पारा 30 डिग्री से अधिक दर्ज किया गया। खंडवा में सबसे ज्यादा 33.1 डिग्री और खरगोन में तापमान 33 डिग्री दर्ज किया गया। आज गुरुवार को दिन-रात के तापमान में हल्की गिरावट हो सकती है। कुछ शहरों में दिन में गर्मी का असर देखा जा सकता है। 14 फरवरी को भी ऐसा ही मौसम रहेगा ।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । प्रयागराज महाकुंभ में बुधवार को माघ पूर्णिमा का स्नान जारी है। रीवा में महाकुंभ जाने वाले श्रद्धालुओं की तादाद बढ़ने से सड़कों पर गाड़ियों की लंबी कतार लगी है। यहां 70 किलोमीटर के दायरे में जगह-जगह जाम और स्लो मूविंग ट्रैफिक के हालात हैं। कई राज्यों के श्रद्धालु उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे मध्य प्रदेश के चार जिलों रीवा, सतना, मैहर और कटनी के रास्ते प्रयागराज जा रहे हैं, जिससे बुधवार सुबह से ही हजारों गाड़ियां स्लो ट्रैफिक में फंसी हुई हैं। कटनी में तो प्रशासन ने अनाउंसमेंट कर श्रद्धालुओं को वापस लौटने के लिए कहा है।   सड़क से जाने वाले श्रद्धालु रीवा होते हुए प्रयागराज पहुंचने की मशक्कत कर रहे हैं। रातभर जाम में फंसे कई लोग फुटपाथ पर ही चादर बिछकर सो गए। वहीं, सतना और कटनी रेलवे स्टेशन पर पैर रखने की जगह नहीं है। दरअसल, प्रयागराज जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए मध्य प्रदेश का कटनी सेंटर प्वाइंट है। ऐसे में कई लोग कटनी रेलवे स्टेशन पहुंच रहे हैं, जिससे यहां भी जाम लगा हुआ है। वहीं, कई श्रद्धालु मैहर दर्शन करते हुए महाकुंभ जाना चाहते हैं। इसके लिए हजारों श्रद्धालु सतना और मैहर पहुंच रहे हैं। दोनों जिलों के रेलवे स्टेशन पर भारी भीड़ है। सड़क पर भी जाम के हालात बन गए हैं। रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल ने बताया कि जगह-जगह पर प्रशासनिक और पुलिस की टीम मौजूद है। होल्डिंग प्वाइंट्स पर लोगों के खाने-पीने की सुविधा का ध्यान रखा जा रहा है। छोटे बच्चों के लिए दूध भी उपलब्ध करवाया जा रहा है। वहीं, उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने बताया कि मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश के बाद प्रशासन अपनी तरफ से कुंभ यात्रियों की आवभगत और सुविधा में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। देश के कई राज्यों से श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं। उन्हें संभालना और सुविधाओं की फिक्र करना थोड़ा कठिन जरूर है, लेकिन प्रशासन इसे भलीपूर्वक कर रहा है।  

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दमोह । दमोह में बुधवार सुबह एक मालगाड़ी की बाेगी में अचानक आग लग गई। लाेकाे पायलट ने तत्काल इसकी सूचना स्टेशन प्रबंधन काे दी जिसके बाद माैके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की गाड़ी ने कार्रवाई करते हुए आग पर काबू पाया। प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है।   जानकारी अनुसार घटना बुधवार सुबह करीब 11 बजे की है। कटनी से सागर की ओर जा रही कोयले से भरी मालगाड़ी की बोगी नंबर 5 में अचानक आग लग गई। मालगाड़ी के लोको पायलट (ड्राइवर) मोहम्मद जावीर ने तत्काल स्टेशन प्रबंधन को आग की सूचना दी। इसके बाद फायर ब्रिगेड के कर्मचारी मुख्तार, शेषधर और अमन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आग पर काबू पा लिया। घटना की जानकारी मिलते ही स्टेशन प्रबंधक मुकेश जैन, आरपीएफ थाना प्रभारी जेडी मिश्रा, आरक्षक अशोक भिंडारे, जीआरपी से एएसआई महेश कोरी, ओमकार सिरसाम और कोतवाली से आरक्षक आसिफ भी मौके पर पहुंच गए। प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। अधिकारियों का अनुमान है कि चिंगारी या शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी हो सकती है। सौभाग्य से इस घटना में कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ और समय रहते आग पर काबू पा लिया गया।

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से ठंड से राहत मिली है। तापमान में भी बढ़ोत्‍तरी देखने को मिली। हालांकि अब एक बार फिर 13 फरवरी से सर्दी का एक और दौर आएगा। जिसके चलते दो दिन तक तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट हो सकती है। प्रदेश के 5 बड़े शहर भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन और जबलपुर में तापमान 10 डिग्री से नीचे जाने का अनुमान है। आज बुधवार को दिन में गर्मी का एहसास होगा, लेकिन रात में ठंडक रहेगी। जबकि 13 फरवरी को दिन और रात के तापमान में हल्की गिरावट देखने को मिल सकती है।प्रदेश में फरवरी के पहले सप्‍ताह मौसम में दो रंग देखने को मिले। दिनभर धूप खिलने से जहां गर्मी का अहसास होने लगा था, वहीं रातें ठंडी रहीं। हालांकि पिछले दो-तीन दिन से प्रदेश में रातें ज्यादा ठंडी नहीं है। तापमान की बात करें तो मंगलवार रात राजधानी भोपाल में 15.7 डिग्री, इंदौर में 14.4 डिग्री, ग्वालियर में 11.3 डिग्री, उज्जैन में 11.5 डिग्री और जबलपुर में तापमान 13.6 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं, सिवनी सबसे गर्म रहा। यहां रात का तापमान 17 डिग्री तक पहुंच गया। छिंदवाड़ा, नर्मदापुरम, बैतूल, खरगोन, धार और सागर में पारा 15-16 डिग्री के बीच ही रहा। मंगलवार को दिन के तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिली। भोपाल में सुबह से तेज धूप खिली रही। कई शहरों में दिन का तापमान 30 डिग्री के पार ही रहा।मौसम विभाग का कहना है कि 8 फरवरी को एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) उत्तर भारत पहुंचा था। इसके असर के कारण प्रदेश में उत्तर से सर्द हवाएं चल रही थी, जो अब लौट गई है। वहीं, हवा का रुख दक्षिणी हो गया है। इस कारण ठंडी हवा प्रदेश में नहीं आ रही और दिन-रात के तापमान में बढ़ोतरी हुई। वहीं, अब 13 फरवरी से तापमान में फिर से गिरावट देखने को मिल सकती है।  

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कटनी । मध्य प्रदेश के कटनी स्टेशन के पास एक सीमेंट से लदी मालगाड़ी डिरेल हो गई। सोमवार को दोपहर बाद यह मालगाड़ी कटनी स्टेशन से गुजरने के बाद जैसे ही कर्व लाइन के जरिए मुड़वारा की ओर मुड़ी, तभी अचानक तेज आवाज के साथ उसके डिब्बे पटरी से उतर गए। जानकारी मिलते ही रेलवे का तकनीकी अमला मौके पर पहुंचा और राहत एवं बचाव कार्य में जुट गया। खबर लिखे जाने तक मालगाड़ी के डिब्बों को पटरी पर लाने का प्रयास किया जा रहा था। रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि मालगाड़ी में सीमेंट लोड थी। इसे प्रिज्म जानसन लिमिटेड मैनपुरी से लोड किया गया था और उसे बीना की ओर जाना था। दोपहर तीन बजे के लगभग गुड्स ट्रेन कटनी स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर दो व तीन के बीच की लाइन से निकाली जा रही थी, जिसे मुड़वारा स्टेशन होते हुए बीना की ओर जाना था। स्टेशन गुजरते समय ही जैसे ही मालगाड़ी कर्वलाइन पर पहुंची बीच की बोगी क्रमांक-13,14,15 पटरी से उतर गई। उसके साथ चौथा डिब्बा भी चपेट में आया। ट्रेन पटरी से उतरने के बाद कर्व लाइन की पटरी का कुछ हिस्सा और नीचे लगे सीमेंट के स्लीपरों सहित पूरे प्वाइंट को तोड़ते हुए आगे बढ़ गई। हादसे के बाद चालक ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोका। एकदम से मालगाड़ी के स्टेशन और कर्व लाइन के बीच में रूकने और तेज आवाज आने पर रेलवे के अधिकारी-कर्मचारी मौके पर पहुंच गए। कुछ ही देर में एनकेजे सहित अन्य स्टेशनों से अधिकारी व कर्मचारी के साथ दुर्घटना राहत कर्मचारी मौके पर पहुंच गए। शाम से लेकर देर रात तक पटरी से नीचे उतरे डिब्बों को पटरी पर वापस लाने की कवायद जारी रही। इस बीच एरिया मैनेजर सहित जबलपुर से भी अधिकारी मौके पर पहुंचे। दुर्घटना के कारण कटनी स्टेशन का प्लेटफार्म नंबर से तीन तक से ट्रेनों का आवागमन बंद हो गया और दो प्लेटफार्म व बीच की लाइन से ट्रेनों को निकालने का कार्य किया गया। स्टेशन प्रबंधक संजय दुबे और स्टेशन के अन्य टेक्नीकल स्टाफ के सदस्य मौके पर पहुंच गए और वरिष्ठ अधिकारियों को दुर्घटना की जानकारी दी। थोड़ी ही देर में एरिया मैनेजर रोहित सिंह अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ घटना स्थल पहुंचे और जानकारी लेते हुए वरिष्ठ कार्यालय को सूचना दी। साथ ही मालगाड़ी को पटरी पर लाने के लिए व्यवस्था कराना प्रारंभ किया। काटकर अलग की गई बोगियां दो हिस्सों में बंटी मालगाड़ी के आगे के हिस्से की इंजिन जुड़ी बोगियों को अलग कराने का कार्य किया गया। पटरी से उतरी बोगियों को काटकर रेलवे के कर्मचारियों ने अलग किया और आगे के हिस्से को मुड़वारा स्टेशन की ओर रवाना कर किनारे खड़ा कराया गया। वहीं पीछे की ओर से भी दूसरे इंजन के माध्यम से दुर्घटनाग्रस्त हुई बोगियों से अलग कराते हुए शेष मालगाड़ी के डिब्बों को सतना एंड की ओर ले जाया गया। उसके बाद अमले ने मशीनों व अन्य माध्यमों से पटरी से उतरी चारों बोगियों को वापस पटरी में लाने की कवायद प्रारंभ की। देर शाम तक अमला काम में लगा हुआ था और एक भी बोगी पटरी पर नहीं आ सकी थी। प्रभावित हुई पैसेंजर गाड़ी दुर्घटना के बाद प्लेटफार्म नंबर एक से लेकर तीन तक से ट्रेन यातायात रूक गया। दूसरे रूटों की ट्रेनों को प्लेटफार्म नंबर चार व पांच से रवाना किया गया और इसके चलते कुछ ट्रेनों को निकालने में विलंब हुआ। दूसरी ओर कटनी स्टेशन से बीना की ओर जाने वाली पैसेंजर गाड़ी ट्रैक बंद होने के कारण प्रभावित रही। दुर्घटना का कारण नहीं स्पष्ट मालगाड़ी के बोगियां अचानक दुर्घटनाग्रस्त होने का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है।

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छिंदवाड़ा । मध्य प्रदेश  में बाघ और तेंदुए के बेहतर जीवन के लिए पेंच नेशनल पार्क और उसके आसपास के जंगल बेहतर साबित हो रहे हैं। पेंच नेशनल पार्क से लगे हरदुआ गांव में पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष शैलेंद्र सिंह रघुवंशी के गन्ने के खेत में मादा तेंदुए ने एक शावक को जन्म दिया है।खेत मालिक पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष शैलेंद्र सिंह रघुवंशी ने बताया कि उनके खेत में गन्ने की कटाई चल रही है। मंगलवार सुबह जब मजदूर खेत पहुंचे तो उन्हें गन्ने के ढेर के नीचे एक बिल्ली के बच्चे जैसा दिखाई दिया। उन्होंने इसकी सूचना मुझे दी। जब मैंने जाकर देखा तो वह तेंदुए का शावक था उसकी आंख भी नहीं खुली थी, इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि मादा तेंदुआ ने खेत में ही शावक को जन्म दिया होगा। सूचना के बाद वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू कर शावक को उसकी मां से मिलाया है और सुरक्षित उसे जंगलों में छोड़ दिया गया है, ताकि मादा तेंदुआ उसकी देखभाल कर सके।  

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जबलपुर । मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। अब माध्यमिक एवं प्राथमिक शिक्षक चयन परीक्षा 2024 में शामिल होने वाले इडब्ल्युएस अभ्यर्थियों को भी अन्य आरक्षित वर्गों की तरह 5 वर्ष की आयु सीमा में छूट मिलेगी। शिक्षक चयन परीक्षा 2024 के नियमों में कंडिका 7.1 और 7.2 के अनुसार इडब्ल्युएस को आरक्षित वर्ग माना गया था, लेकिन कंडिका 6.2 में उन्हें आयु सीमा छूट के लाभ से वंचित रखा गया। इस असमानता के खिलाफ रीवा निवासी पुष्पेंद्र द्विवेदी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिकाकर्ता ने दलील दी कि इडब्ल्युएस को आयु सीमा में छूट न देना संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) और अनुच्छेद 16 (सरकारी नौकरियों में समान अवसर) का उल्लंघन है। अनुच्छेद 14: यह सभी नागरिकों को कानून के समक्ष समानता और भेदभावरहित अवसर की गारंटी देता है। समान परिस्थिति में रहने के बावजूद इडब्ल्युएस को आयु छूट न देना इस अनुच्छेद का उल्लंघन है। अनुच्छेद 16: सरकारी नौकरियों में समान अवसर सुनिश्चित करता है। जब इडब्ल्युएस को आरक्षित वर्ग माना गया, तो उन्हें आयु सीमा में छूट न देना असंवैधानिक था। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता धीरज तिवारी और ईशान सोनी ने तर्क दिया कि जब इडब्ल्युएस को आरक्षित वर्ग माना गया है, तो उन्हें भी एससी/स्ट/ओबीसी की तरह आयु सीमा में छूट मिलनी चाहिए। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के तर्कों को स्वीकार करते हुए कहा कि यदि इडब्ल्युएस को आरक्षित वर्ग में रखा गया है, तो उन्हें भी अन्य आरक्षित वर्गों की तरह समान अवसर मिलना चाहिए। कोर्ट ने इडब्ल्युएस अभ्यर्थियों को 5 साल की आयु सीमा छूट देने का आदेश दिया। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच के इस फैसले से हजारों उम्मीदवारों को लाभ होगा, जो अब तक अधिकतम आयु सीमा के कारण परीक्षा में शामिल नहीं हो पा रहे थे।  

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भोपाल । नगर निगम द्वारा सड़कों, फुटपाथों, कारीडोर व सार्वजनिक स्थलों आदि से अतिक्रमणों को हटाने की कार्यवाही निरंतर की जा रही है। निगम के अतिक्रमण निरोधक दस्ते के दलों ने सोमवार को जिला प्रशासन एवं स्मार्ट सिटी की कार्यवाही में सहयोग करते हुए टी.टी. नगर स्थित सीएम राईज स्कूल की बाउंड्रीवाल के पास रखी दुकानों के अलावा एम.ए.सिटी कालेज, जवाहर चैक आदि क्षेत्रों से ठेले, गुमठी के अलावा अवैध रूप से निर्मित शेड, तोड़कर बुल्‍डोजर चला दिया।   निगम आयुक्त हरेन्द्र नारायन के निर्देषों के परिपालन में नगर निगम के अतिक्रमण निरोधक दस्ते के दलों ने सोमवार को टी.टी. नगर स्टेडियम के समीप सी.एम.राईज की बाउंड्रीवाल के समीप अवैध रूप से लगी 42 दुकानों को जे.सी.बी मशीनों व श्रमिकों के माध्यम से हटाने की कार्यवाही की। निगम अमले ने दुकानों के अलावा अन्य प्रकार के अतिक्रमणों को भी हटाया। निगम अमले ने एम.ए.सिटी कालेज व जवाहर चौक क्षेत्र में भी अतिक्रमणों को हटाने की कार्यवाही करते हुए अवैध रूप से लगाए गए ठेले, गुमठी, शेड, छप्पर आदि को भी तोड़ा। निगम अमले ने समझाइश भी दी कि पुनः अतिक्रमण न करें अन्यथा और अधिक कठोर कार्यवाही की जाएगी।

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भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को देशभर के विद्यार्थियों से परीक्षा के तनाव को कम करने और उन्हें प्रेरित करने के उद्देश्य से ‘परीक्षा पे चर्चा’ की। इस खास संवाद कार्यक्रम में मध्य प्रदेश से हजारों विद्यार्थी, शिक्षक और अभिभावक आनलाइन जुड़े। परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने दसवीं ओर बारहवीं के विद्यार्थियों से बातचीत की और उन्हें बोर्ड परीक्षा को लेकर टिप्स भी दिए। कार्यक्रम राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में आयोजित किया गया था। राजधानी भोपाल के सुभाष उत्कृष्ट स्कूल में इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण किया गया। इस कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह, स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. संजय गोयल और अन्य अधिकारी विद्यार्थियों के साथ मौजूद रहे। इसके साथ ही प्रदेश के सभी हाई और हायर सेकण्डरी स्कूलों में इस कार्यक्रम को अधिकतम विद्यार्थियों तक पहुंचाने के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) और सभी जिला शैक्षिक प्रशिक्षण संस्थानों (डीआईईटीएस) में लाइव प्रसारण की व्यवस्था की गई थी। स्कूलों में टीवी के अलावा कंप्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल डिवाइस पर भी कार्यक्रम को देखा गया। कार्यक्रम में देशभर से 36 विद्यार्थियों से प्रधानमंत्री से सीधे संवाद कर उनसे मार्गदर्शन लिया। इसके अलावा, मानसिक स्वास्थ्य, प्रौद्योगिकी और शिक्षा से जुड़े विभिन्न विषयों पर विशेषज्ञों ने छात्रों को मार्गदर्शन दिया। प्रधानमंत्री ने विद्यार्थियों से कहा कि सबसे पास दिन में 24 घंटे ही होते हैं। कोई इतने ही समय में सब-कुछ कर लेता है, तो कोई यही कहता रहता है कि समय नहीं है। ऐसे में टाइम मैनेजमेंट सीखना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि स्टेडियम में दर्शक फोर-सिक्स का शोर करते हैं, लेकिन बल्लेबाज का ध्यान सिर्फ बॉल पर होता है। आपको भी ऐसे ही सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान लगाना चाहिए। ज्यादातर लोग खुद से स्पर्धा नहीं करते, दूसरे से करते हैं। जो खुद से स्पर्धा करता है, उसका विश्वास कभी टूटता नहीं। टारगेट हमेशा ऐसा हो, जो पहुंच में हो, लेकिन पकड़ में न हो। 95% मार्क्‍स लाने का टारगेट था और 93% आए तो आप सफल हैं। मप्र के स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अकेले परीक्षा ही महत्वपूर्ण है, यह उचित नहीं है। इस बात को प्रधानमंत्री ने 'परीक्षा पे चर्चा' में प्रतिपादित किया है। परीक्षा का परिणाम ही आपके जीवन में सब कुछ नहीं होता। मैं आज सामाजिक जीवन में सफलता से काम कर पा रहा हूं, तो इसमें मेरे परीक्षा के नंबरों का योगदान नहीं है। यह मेरे जीवन के अनुभव, माता-पिता से मिले उद्देश्य, शिक्षकों से प्राप्त ज्ञान और पढ़ाई का भी योगदान है, लेकिन सिर्फ पढ़ाई का नहीं।

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में सर्द हवाओं ने एक बार फिर ठंडक बढ़ा दी है। पिछली 2 रातों से तापमान 5 डिग्री से नीचे लुढ़क गया है। प्रदेश के शहडोल और ग्वालियर संभाग के जिलों में सबसे ज्‍यादा ठंडे है। रविवार रात यहां के दो शहर- कल्याणपुर में तापमान 4.6 डिग्री और आंवरी में 4.8 डिग्री रहा। वहीं, भोपाल, जबलपुर में भी सर्दी का असर रहा। हालांकि दिन में धूप निकलने से गर्मी रही। मौसम विभाग का कहना है कि अगले 3 दिन तक सर्दी से राहत मिलेगी। दिन-रात के तापमान में 2 से 3 डिग्री तक की बढ़ोतरी हो सकती है।मौसम विभाग ने बताया कि प्रदेश में अभी कई शहरों में तापमान 10 डिग्री से नीचे है, लेकिन अगली एक-दो रात में ही तापमान बढ़ने लगेगा। रविवार की रात में शहडोल के कल्याणपुर में 4.6 डिग्री, अशोकनगर के आंवरी में 4.8 डिग्री, मंडला में 5.8 डिग्री, नौगांव में 6 डिग्री, पचमढ़ी में 6.8 डिग्री, खजुराहो में 7.2 डिग्री, राजगढ़ में 7.6 डिग्री, मलाजखंड में 8.7 डिग्री, सतना में 9 डिग्री और रीवा में पारा 9.8 डिग्री रहा। नर्मदापुरम में सबसे ज्यादा 15.2 डिग्री दर्ज किया गया। बड़े शहरों की बात करें तो ग्वालियर में तापमान सबसे कम 8 डिग्री रहा। जबलपुर में 9.5 डिग्री, भोपाल में 10.6 डिग्री, उज्जैन में 12 डिग्री और इंदौर में सबसे ज्यादा 14.9 डिग्री दर्ज किया गया। रविवार को इन शहरों में पारा 30 डिग्री से अधिक ही दर्ज किया गया।प्रदेश में तीन-चार दिन पहले तक सर्द हवा की रफ्तार 36 से 40 किमी प्रतिघंटा तक पहुंच गई थी, लेकिन अब यह 10 से 12 किमी तक आ गई है। रविवार को पूर्वी-उत्तरी भारत में 12.6 किमी की ऊंचाई पर 177 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से जेट स्ट्रीम हवाएं चली। इससे प्रदेश में असर कम रहा। आज सुबह और रात में ठंडक बनी रहेगी। दिन के तापमान में बढ़ोतरी हो सकती है। वहीं, 11 फरवरी को भी अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। रात में भी पारे में उछाल आ सकता है।  

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सीहोर । मध्य प्रदेश के सीहोर रेलवे स्टेशन पर शनिवार देर रात एक शराबी युवक ने जयपुर-चेन्नई एक्सप्रेस को रोककर जमकर हंगामा किया। वह ट्रेन गुजरने से पहले रेल की पटरी पर लेट गया। सूचना मिलने पर रेलवे पुलिस मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद उसे पटरी से हटाया। हंगामे के चलते जयपुर-चेन्नई एक्सप्रेस करीब 30 मिनट लेट हुई। इस दौरान यात्री परेशान होते नजर आए। जानकारी के अनुसार, सीहोर रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात करीब 12 बजे जयपुर-चेन्नई एक्सप्रेस के प्लेटफॉर्म पर आई थी। इस दौरान नशे में धुत एक युवक रेल पटरी पर लेट गया, जिससे ट्रेन को रोकना पड़ा। सूचना मिलने पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर युवक को पटवारी से हटाने की कोशिश की, लेकिन नशे में धुत युवक बार-बार पटरी पर लेटने की कोशिश करता रहा। इस घटनाक्रम में ट्रेन करीब 30 मिनट लेट हुई, जिससे यात्री परेशान होते दिखे। इसके बाद युवक को वहां से हटाया गया। घटना के बाद पुलिस युवक को लेकर चली गई। युवक की पहचान नहीं हो पाई है। पुलिस ने युवक हिरासत में ले लिया है।

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भोपाल । प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी सोमवार, 10 फरवरी को प्रात: 11 बजे देश के विद्यार्थियों के साथ परीक्षा पे चर्चा करेंगे। इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण संचार माध्‍यमों पर किया जायेगा। कार्यक्रम का दूरदर्शन, डीडी नेशनल, डीडी न्यूज, डीडी इंडिया एवं ऑल इंडिया रेडियो के सभी चैनल, पीएमओ वेबसाइट mygov.in, यूट्यूब, एमओई, फेसबुक लाइव, स्वयंप्रभा चैनल एमओई, दीक्षा चैनल एमओई से भी प्रसारण होगा। कार्यकम का प्रसारण अन्य निजी चैनल भी करेंगे। मध्य प्रदेश के सभी हाई और हायर सेकण्डरी स्कूलों में कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया जाएगा। लोक शिक्षण आयुक्‍त शिल्‍पा गुप्‍ता ने रविवार को जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री हर वर्ष से परीक्षा के तनाव को दूर करने के लिए विद्यार्थियों से संवाद करते हैं। इस वर्ष यह कार्यक्रम सोमवार, 10 फरवरी को प्रात: 11 बजे से नई दिल्‍ली में आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम को ऑनलाइन देखे जाने के लिये यूट्यूब लिंक https://www.youtube.com/watch?v=G5UhdwmEEls भी जारी की गई है। कार्यक्रम में विद्यार्थी एवं शिक्षक तथा अभिभावक उक्त लिंक के माध्यम से सहभागिता कर सकेंगे। इस वर्ष प्रदेश से 18 लाख 27 हजार विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं अभिभावकों ने अपना पंजीयन कर सहभागिता की है। स्कूल शिक्षा मंत्री श्री सिंह सहित अधिकारी भी होंगे शामिल स्‍कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह, सचिव स्‍कूल शिक्षा डॉ. संजय गोयल और स्कूल शिक्षा विभाग में अन्‍य वरिष्‍ठ अधिकारी राजधानी भोपाल के सुभाष उत्‍कृष्‍ट विद्यालय से विद्यार्थियों के साथ कार्यक्रम में सहभागिता करेंगे। लोक शिक्षण आयुक्‍त शिल्‍पा गुप्‍ता ने बताया कि प्रदेश में भी राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद और सभी जिला शैक्षिक प्रशिक्षण संस्थानों में हाई और हायर सेकेण्डरी स्‍कूलों में विद्यार्थियों की लाइव प्रसारण में सहभागिता होगी। स्‍कूलों में टीवी प्रसारण के अलावा, इंटरनेट एक्सेस डिवाइस (कंप्यूटर लैपटॉप/मोबाइल इत्यादि) पर भी कार्यक्रम देखने की सुविधा दी जा रही है। प्रदेश के दूरदराज के क्षेत्रों में जहां टीवी देखने की व्यवस्था संभव नहीं होगी, वहां रेडियो/ट्रांजिस्टर की व्यवस्था किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। समस्‍त जि़ला कलेक्‍टर्स एवं मैदानी अधिकारियों को परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के लाइव प्रसारण में विद्यार्थी, अभिभावक एवं शिक्षकों की सामूहिक रूप से सहभागिता सुनिश्चित करने के लिये कहा गया है। इस कार्यक्रम का पहला संस्करण वर्ष 2018 में हुआ था। इस वर्ष इस कार्यक्रम का आठवाँ संस्करण है।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में फरवरी के महीने में फि‍र से ठंड की वापसी हुई है। हालांकि दिन में हल्की धूप राहत दे रही है। लेकिन रात होते ही कंपकंपाने वाली ठंड शुरू हो जाती है। राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के कई जिलों में सर्द हवाओं से रात का तापमान लुढ़कने लगा है। पहली बार फरवरी में प्रदेश में रात का तापमान 5 डिग्री से नीचे पहुंच गया। शनिवार रात शहडोल के कल्याणपुर में पारा 4.5 डिग्री रहा। भोपाल समेत 17 शहरों में ठंड बढ़ने के साथ तापमान 10 डिग्री के नीचे पहुंच गया है। हालांकि, आज रविवार से मौसम में फिर से बदलाव होने का अनुमान है। अब दिन-रात के तापमान में 3 से 4 डिग्री तक की बढ़ोतरी हो सकती है।मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तर भारत में बर्फबारी होने से प्रदेश में भी ठंड का असर बढ़ा है। पिछले चार दिन से दिन-रात के तापमान में गिरावट देखने को मिली। शनिवार की रात में तापमान में खासी कमी आई। भोपाल, शहडोल, राजगढ़, शाजापुर, उमरिया, छतरपुर, सिंगरौली, टीकमगढ़, मंडला, रायसेन, गुना, सतना, सीधी, दमोह, रीवा और नर्मदापुरम जिले ठिठुर गए। आज रविवार को हल्की ठंडक बनी रहेगी, लेकिन दिन के साथ रात के तापमान में भी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। 10 फरवरी को अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।प्रदेश में सबसे ठंडा शहडोल का कल्याणपुर रहा। यहां पारा 4.5 डिग्री, राजगढ़ में 5 डिग्री, शाजापुर के गिरवर में 5.8 डिग्री, उमरिया-नौगांव में 6.1 डिग्री, सिंगरौली के देवरा में 6.4 डिग्री, खजुराहो में 7.4 डिग्री, टीकमगढ़ में 7.8 डिग्री, मंडला में 8.3 डिग्री, रायसेन में 8.5 डिग्री, गुना-सतना में 8.6 डिग्री, सीधी में 9 डिग्री, दमोह में 9 डिग्री, रीवा में 9.2 डिग्री और पचमढ़ी में 9.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। शनिवार को दिन में ठंड से थोड़ी राहत मिली है। कई शहरों में पारे में बढ़ोतरी देखने को मिली। भोपाल, बैतूल, धार, गुना, ग्वालियर, नर्मदापुरम, इंदौर, खरगोन, रतलाम, शिवपुरी, उज्जैन, खजुराहो, मंडला, सागर, सिवनी, टीकमगढ़, उमरिया और मलाजखंड में पारा 27 डिग्री से ज्यादा रहा। मंडला और उज्जैन में पारा सबसे अधिक 30 डिग्री के पार रहा। रविवार को तापमान में बढ़ोतरी हो सकती है।  

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सीहोर । जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में आगामी 25 फरवरी से होने वाले भव्य महोत्सव को लेकर कथा स्थल के भव्य परिसर में डोम लगाए जा रहे है। इसके अलावा प्रशासन भी यहां पर अतिथियों, साधु संतो और लाखों की संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं के आगमन को लेकर तैयारियां की जा रही है।   शनिवार की सुबह अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने यहां पर मौजूद अधिकारियों, ग्रामीण और शहरी विठलेश सेवा समिति के पदाधिकारियों के अलावा आस-पास के सभी समाजसेवियों के साथ ही अन्य के साथ कथा स्थल का जायजा लेकर पेयजल, बिजली, साफ-सफाई, अस्थाई शौचालय, पार्किंग, हेल्थ कैम्प, आकस्मिक चिकित्सा व्यवस्था, एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड, कन्ट्रोल रूम, सहायता केंद्र, मार्ग मरम्मत सहित अन्य व्यवस्थाएं सुचारू रूप से बनाए रखने के लिए बात कही।   अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा छत्तीसगढ़ से लौटने के बाद धाम पर पहुंचे थे। इस मौके पर प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा समितियों से चर्चा की। अब पंडित मिश्रा प्रयाग राज के लिए रवाना हो जाऐंगे। समिति के द्वारा शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में विभिन्न समितियों का गठन किया गया है। रुद्राक्ष महोत्सव का शुभारंभ 25 फरवरी से किया जाएगा। इसके अंतर्गत प्रतिदिन सुबह शिवलिंग का अभिषेक, दोपहर में कथा और रात्रि में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। गत दिनों कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों ने धाम पर पहुंचकर निरीक्षण किया था इस दौरान बेहतर इंतजाम करने एवं लोगों की सुरक्षा के साथ ही नेशनल हाईवे पर आवागमन सुगम बनाए रखने के लिए मार्ग परिवर्तित करने तथा वैकल्पिक मार्ग के संबंध में अधिकारियों से चर्चा की। उन्होंने कथा के दौरान पेयजल, बिजली, साफ-सफाई, अस्थाई शौचालय, पार्किंग, हेल्थ कैम्प, आकस्मिक चिकित्सा व्यवस्था, एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड, कन्ट्रोल रूम, सहायता केंद्र, मार्ग मरम्मत सहित अन्य व्यवस्थाएं सुचारू रूप से बनाए रखने के लिए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।   कुबेरेश्वर धाम परिसर तथा आसपास यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि विद्युत लाइन, केबल तथा पोल कहीं से क्षतिग्रस्त न हों तथा विद्युत विभाग की टीम को एक्टिव मोड पर रखा जाए। आयोजन स्थल तथा आसपास भीड़ अत्याधिक होने पर स्वच्छता बनाए रखने के लिए अस्थाई चलित शौचालयों की व्यवस्था तथा आयोजन स्थल पर पर्याप्त संख्या में सफाई कर्मियों ड्यूटी लगाने के निर्देश दिए।    

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राजगढ़ । राजगढ़ कोतवाली थाना क्षेत्र के ग्राम हिरणखेड़ी में चल रही भागवत कथा के दौरान शनिवार को मधुमक्खी ने ग्रामीणों पर हमला बोल दिया, जिसमें आठ लोग घायल हो गए, जिनमें एक की हालत गंभीर होने पर भोपाल रेफर किया गया।   जानकारी के अनुसार ग्राम हिरणखेड़ी में भागवत कथा के दौरान पीपल के पेड़ पर लगी मधुमक्खी ने अचानक ग्रामीणों पर हमला कर दिया, जिसमें भंवरलाल (60) पुत्र गंगाराम तंवर, रोड़जी पुत्र नारायणसिंह तंवर, सांवलिया (65) पुत्र मुरली तंवर, दीपक (20)पुत्र लखनदास बैरागी, राजेश (20) पुत्र लालसिंह तंवर, रामसिंह (35) पुत्र हजारीलाल और दरियावसिंह (35) पुत्र देवसिंह निवासी हिरणखेड़ी घायल हो गए, जिनमें भंवरलाल की हालत बिगड़ने पर भोपाल रेफर किया गया। बताया गया कि डीजे के शोरगुल से पीपल के पेड़ पर बैठी मधुमक्खी ने अचानक हमला कर दिया।  

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में एक बार फिर सर्दी का असर तेज हो गया है। पश्चिम-उत्तर भारत आ रही सर्द हवाओं की वजह से प्रदेश में ठिठुरन बढ़ गई है। पूरा प्रदेश शीतलहर की चपेट में है। इससे दिन और रात के पारे में 5 डिग्री तक की गिरावट हुई है। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन भी ठंडे हैं। शुक्रवार को भी सर्द हवाओं से ठिठुरन बनी रही। ऐसा ही मौसम शनिवार को भी रहेगा। आज सर्द हवाएं चलेंगी, इससे दिन में ठंडक रहेगी। रात में भी तापमान में गिरावट आ सकती है। हालांकि रविवार से ठंड से थोड़ी राहत मिल सकती है।प्रदेश में फरवरी में ठंड ने फिर वापसी की है। पिछले 3 दिन से सर्दी बढ़ गई है। इस वजह से रात का तापमान 10 और दिन में 25 डिग्री से नीचे आ गया है। पिछले 24 घंटे की बात करें तो राजगढ़, रायसेन, धार, शाजापुर, सीहोर, नीमच, मंदसौर, छतरपुर, उमरिया और शहडोल अधिक शीतलहर वाले जिले रहे। वहीं, भोपाल, विदिशा, झाबुआ, आगर-मालवा, गुना, दतिया, श्योपुर, मुरैना, भिंड, टीकमगढ़, निवाड़ी, सतना, मेहर, मऊगंज, सिंगरौली, अनूपपुर में भी सर्द हवा चली। वहीं, रात में कल्याणपुर, राजगढ़, खजुराहो, नौगांव, टीकमगढ़, गुना, सतना, धार, पचमढ़ी और मंडला में तापमान 10 डिग्री से नीचे आ गया। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर और ग्वालियर में भी न्यूनतम तापमान 10.2 से 12 डिग्री तक रहा। शुक्रवार को प्रदेश के कई शहरों में हवा की रफ्तार 30 किमी प्रतिघंटा तक रही। भोपाल में 15 से 17 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चली। इंदौर, ग्वालियर और उज्जैन में भी तापमान में गिरावट आयी।शुक्रवार को भोपाल में एक ही दिन में तापमान 4.4 डिग्री लुढ़ककर 23.2 डिग्री पर आ गया। यह प्रदेश में सबसे कम रहा। वहीं, रायसेन में 23.5 डिग्री, रीवा में 23.8 डिग्री, पचमढ़ी में 24.4 डिग्री, सतना में 24.9 डिग्री और धार, नरसिंहपुर-दमोह में 25 डिग्री दर्ज किया गया। बड़े शहरों की बात करें तो ग्वालियर में 25.4 डिग्री, इंदौर में 24.8 डिग्री, उज्जैन में 26 डिग्री और ग्वालियर में 24.4 डिग्री रहा।  

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इंदौर । मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में जीएनटी टिंबर मार्केट के दो गोदाम में शुक्रवार तड़के भीषण आग लग गई। सुबह मॉर्निंग वॉक पर निकले कुछ लोगों ने आग की लपटें उठते देखी तो इस घटना की जानकारी दमकल विभाग और पुलिस को दी। घटना की सूचना मिलते ही दमकल की टीम और नगर निगम मौके पर पहुंची। जिसके बाद बड़ी मशक्कत के बाद दमकल की टीम ने आग पर काबू पाया। आगजनी में लाखों रुपए की लकड़ियां जलकर खाक हो गई। वहीं आग लगने का कारण अभी अज्ञात है। फिलहाल इस पूरे मामले में पुलिस जांच पड़ताल कर रही है।   जानकारी के अनुसार धार रोड़ स्थित जीएनटी मार्केट में सुबह करीब 5 बजे अक्षर लेमिनेट्स में आग लग गई। जानकारी के मुताबिक जिस जगह आग लगी थी वहां से लकड़ी पीठे में बना फायर स्टेशन 100 मीटर दूरी पर था। लकड़ी मार्केट के चौकीदारों ने मौके पर पहुंचकर दमकलकर्मियों को उठाया। इसके करीब आधे घंटे बाद गाड़ियां यहां पहुंच पाई। लेकिन जब तक आग ने विकराल रूप ले लिया। इसके बाद फायरकर्मी उसे बुझाने का प्रयास करते रहे। घटना में फर्नीचर और लकड़ी का सामान जल गया। सूचना के बाद दमकल की 5 गाड़ियों ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया। आगजनी में दो गोदाम चपेट में आ गए। जिसमें काफी संख्या में फर्नीचर और लकड़ी का सामान भरा हुआ था। दो घंटे तक आग पर काबू करने के लिए फायर टीम को मशक्कत करनी पड़ी। फायर ब्रिगेड के मुताबिक, हादसे में चीकू उर्फ चिंटू नाम का गोकुल टिंबर का कर्मचारी भी झुलसा है। चीकू अंदर ही कमरे में रहता था। आग लगने के बाद वह बाहर आ गया। इस दौरान उसका हाथ और चेहरा जला है। बताया जाता है कि इस टिंबर मार्केट में चीकू अपनी मां के साथ रहता है। मां रिश्तेदारों के यहां थी। पुलिस ने चीकू को उपचार के लिए पहले जिला अस्पताल भेजा। इसके बाद उसे एमवाय में भर्ती कराया गया है। फिलहाल उसका बर्न यूनिट में उपचार चल रहा है। गनीमत रही कि पास के पीठों में ऊंची दीवारें बना लेने से आग वहां तक नहीं फैली, नहीं तो अन्य पीठे भी चपेट में आ जाते।  

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भोपाल । हरियाणा के पर्यटन विभाग द्वारा शुक्रवार, 07 फरवरी से 23 फरवरी तक आयोजित किए जा रहे अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड शिल्प मेले में मध्य प्रदेश थीम राज्य है। इस अवसर पर मध्य प्रदेश शासन, संस्कृति एवं पर्यटन विभाग के संयोजन से मेले में आने वाले देश-विदेश के सैलानियों को मध्य प्रदेश की संस्कृति, पर्यटन, कला, शिल्प देखने और पारंपरिक व्यंजनों का आनंद लेने का अवसर मिलेगा।   जनसम्पर्क अधिकारी अनुराग उइके ने गुरुवार देर शाम जानकारी देते हुए बताया कि अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड शिल्प मेले में मध्य प्रदेश की ओर से सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के अंतर्गत लोक नृत्य-संगीत का प्रदर्शन होगा। इसमें भगोरिया, गणगौर, मटकी, गुदुमबाजा, काठी, करमा, भड़म, बरेदी, बधाई-नौरता, अहिराई इत्यादि लोक नृत्यों की प्रस्तुति होगी। मध्य प्रदेश की समृद्ध लोक संस्कृति को मेले के सैलानी देख सकेंगे। मेले में 17 फरवरी को नाटक बैजू बावरा और नृत्य नाटिका वीरांगना रानी दुर्गावती की विशेष प्रस्तुतियां भी होंगी।   उन्होंने बताया कि सूरजकुंड शिल्प मेला में मध्य प्रदेश के 40 शिल्पकारों के पारंपरिक शिल्प प्रदर्शन सह विक्रय के लिए उपलब्ध होंगे। इन शिल्पों में चंदेरी, महेश्वरी साड़ी एवं बाग प्रिंट, दरी-चादर, अजरक प्रिंट, घास की पत्ती से बने शिल्प, गोंड पेंटिंग, ढोकरा शिल्प, जूट, मिट्टी शिल्प, कढ़ाई एवं छपाई, भीली गुड़िया, छापा कला, नाँदना प्रिंट, लौह शिल्प, गोबर शिल्प, कशीदाकारी, खरद शिल्प, खादी और कॉटन, ब्लॉक प्रिंट इत्यादि शामिल हैं।   मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा मेला परिसर में विशेष मंडप भी बनाया गया है, जहां प्रदेश के पर्यटन के बारे में विस्तृत जानकारी पर्यटकों को दी जा सकेगी। पर्यटक जान सकेंगे कि वे कैसे मध्यप्रदेश के पर्यटन स्थलों का भ्रमण कर सकते हैं। साथ ही मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा क्या-क्या सुविधाएं पर्यटकों को दी जाती हैं। इस मंडप में पर्यटकों को मध्य प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में हो रहे नवाचारों की जानकारी दी जायेगी। साथ ही बताया जायेगा कि वह किस तरह वे अपना टूर प्लान कर सकते हैं।   सूरजकुंड शिल्प मेला के बारे में सूरजकुंड शिल्प मेला, भारत की एवं शिल्पियों की हस्तकला का 15 दिन चलने वाला मेला लोगों को ग्रामीण और लोक संस्कृति का परिचय देता है। यह मेला हरियाणा राज्य के फरीदाबाद शहर के दिल्ली के निकटवर्ती सीमा से लगे सूरजकुंड क्षेत्र में प्रतिवर्ष लगता है। यह मेला लगभग तीन दशक से आयोजित होता आ रहा है। इस मेले में हस्तशिल्पी और हथकरघा कारीगरों के अलावा विविध अंचलों की वस्त्र परंपरा, लोक कला, लोक व्यंजनों के अतिरिक्त लोक संगीत और लोक नृत्यों का भी संगम होता है।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से गर्मी का अहसास होने लगा था, लेकिन एक बार फि‍र मौसम का मिजाज बदल गया है। कई हिस्सों में तापमान गिरने से ठिठुरन बढ़ गई है। उत्तर भारत में बर्फबारी होने से मध्य प्रदेश एक बार फिर सर्द हवाओं की चपेट में है। गुरुवार को इंदौर समेत कई शहरों में हवा 34 से 36 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चली, जो आम दिनों की तुलना में 3-4 गुना अधिक रही। वहीं, फरवरी में पहली बार दिन का तापमान 22 डिग्री सेल्सियस के नीचे आ गया। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर और जबलपुर में भी तापमान में गिरावट आयी है।मौसम विभाग के मुताबिक, पश्चिम-उत्तर भारत में गुरुवार को 12.6 किमी ऊपर 231 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से जेट स्ट्रीम हवा चली। इस वजह से प्रदेश में भी कंपकंपी देखने को मिली। बर्फबारी का असर भी रहा। आज शुक्रवार को भी ऐसा ही मौसम रहेगा। हालांकि शनिवार को तापमान में 2-3 डिग्री की बढ़ोतरी होने का अनुमान है। इससे पहले गुरुवार को भोपाल में 18 से 20 किमी और इंदौर एयरपोर्ट पर 34 से 35 किमी प्रतिघंटे की स्पीड से हवा चली। अमूमन यह 6 से 8 किमी प्रतिघंटा रहती है। शुक्रवार को भी हवा की गति तेज रहेगी। इससे ठिठुरन बनी रहेगी। हालांकि 8 फरवरी को वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव होने की संभावना है। इस वजह से प्रदेश के मौसम में बदलाव देखने को मिल सकता है। इस सिस्टम की वजह से दिन-रात के तापमान में बढ़ोतरी हो सकती है।बर्फीली हवा चलने की वजह से गुरुवार को दिन के तापमान में खासी गिरावट हुई है। पचमढ़ी में तापमान 21.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। रायसेन में 23.2 डिग्री, धार में 23.7 डिग्री, नौगांव-रीवा में 24 डिग्री, सिवनी में 24.2 डिग्री, सीधी में 24.4 डिग्री, उमरिया-सागर में 25.1 डिग्री, सतना में 25.3 डिग्री, दमोह-गुना में 25.5 डिग्री और बैतूल में 25.7 डिग्री तापमान रहा। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 25.8 डिग्री, इंदौर में 23.5 डिग्री, ग्वालियर में 25.4 डिग्री, उज्जैन में 25 डिग्री और जबलपुर में 23.8 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। इससे पहले बुधवार-गुरुवार की रात में भी पारे में गिरावट देखने को मिली। यह 10 डिग्री से नीचे आ गया।  

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छतरपुर । छतरपुर के बिजावर में गुरुवार दोपहर को एक बस अनियंत्रित हाेकर सड़क किनारे पेड़ से जा टकराई। टक्कर लगते ही केबिन में बैठे यात्री उछलकर बाहर जा गिरे, वहीं ड्राइवर स्टीयरिंग में फंस गया। हादसे में 11 लाेग घायल हुए है। वहीं ड्रायवर काे स्थानीय लोगों ने बाहर निकाला। घायलों को बिजावर अस्पताल अस्पताल ले जाया गया, जहां से 5 गंभीर घायलों को जिला अस्पताल रेफर किया गया है। हादसा अचानक सड़क पर आए बंदर को बचाने के चक्कर में हुआ।बिजावर थाना टीआई कमलजीत सिंह ने बताया कि गुरुवार दोपहर को अपसा कंपनी की बस एमपी 16 जेडबी 3870 जटाशंकर से बिजावर जा रही थी। जटाशंकर से 3 किमी दूर करीब 11:30 बजे अचानक सड़क पर बंदर आ गया। बंदर को बचाने के प्रयास में बस असंतुलित होकर सड़क किनारे खड़े पेड़ से टकरा गई। टक्कर लगते ही केबिन में बैठे यात्री उछलकर बाहर जा गिरे, वहीं ड्राइवर स्टीयरिंग में फंस गया, जिसे स्थानीय लोगों ने बाहर निकाला। हादसे में बस में सवार 11 लाेग घायल हो गए। स्थानीय लोगों की मदद से सभी घायलों को तत्काल एंबुलेंस के माध्यम से बिजावर के अस्पताल पहुंचाया गया, जहां से 5 लोगों को जिला अस्पताल भेजा गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।  

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भोपाल । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भोपाल में मध्य प्रदेश लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के पूर्व अधीक्षण यंत्री दीपक असाई के खिलाफ पीएमएलए के तहत कार्रवाई की है। असाई की एक करोड़ पांच लाख रुपये की चल-अचल संपत्ति अनंतिम रूप से कुर्क की गई है, जिसका बाजार मूल्य 2.5 करोड़ रुपये बताया गया है। वहीं, ईडी की टीम ने इंदौर में भी अवैध सट्‌टेबाजी मामले में मनोज मालवीय की एक करोड़ रुपये की संपत्ति को कुर्क करने की कार्रवाई की है। ईडी ने गुरुवार को प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से जानकारी दी गई है कि लोक निर्माण विभाग भोपाल में प्रभारी मुख्य अभियंता रहे अधीक्षण यंत्री दीपक असाई की यह संपत्ति महाराष्ट्र के भंडारा जिले में है। यह आवासीय और कॉमर्शियल यूज वाली दुकानों के रूप में है। साथ ही डाकघर में रखी गई इनकी और पत्नी के स्वामित्व वाली एफडी और एसएससी के रूप में चल संपत्ति और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस कम्पनी की बीमा पालिसी भी कुर्क की गई हैं। लोकायुक्त पुलिस भोपाल द्वारा इनके विरुद्ध दर्ज अपराध के मामले में जांच के बाद यह कुर्की की कार्रवाई की गई है। ईडी की जांच में पता चला है कि दीपक असाई ने लोक निर्माण विभाग में लोक सेवक के रूप में पदस्थ रहने के दौरान पद का दुरुपयोग किया और भ्रष्टाचार से अवैध रूप से कमाई की। कमाई की इस रकम को बड़े पैमाने पर चल- अचल संपत्ति अर्जित करने में निवेश किया गया। ईडी की विज्ञप्ति में कहा गया है कि असाई की पत्नी ज्योति असाई ने कथित तौर पर अपने पति की अवैध आय को वैध रूप में परिवर्तित करने में सहायता की है। इधर, ईडी इंदौर की टीम ने अवैध ऑनलाइन सट्‌टेबाजी के मामले में पीएमएलए 2002 के प्रावधानों के अंतर्गत गत 30 जनवरी को एक करोड़ रुपये की संपत्ति अनंतिम रूप से कुर्क की है। यह संपत्ति मनोज मालवीय की है, जो लोकेश वर्मा और निखिल हलभवी उर्फ अजय रतन राजपूत के साथ मिलकर ऑनलाइन सट्‌टेबाजी में शामिल था। मप्र पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर ईडी ने इस मामले की जांच शुरू की थी। पता चला कि मप्र, कर्नाटक और देश के अन्य राज्यों में अवैध ऑनलाइन सट्‌टेबाजी एप धन-गेम्स और अन्य सट्‌टा मटका एप के जरिए लोगों को लुभाने के लिए सट्‌टा खिलाया जा रहा था। ऐसे यूजर्स के मोबाइल नंबर के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करने और यूपीआई के माध्यम से धन-गेम्स वॉलेट में पैसे ट्रांसफर करने और सट्‌टेबाजी में शामिल होने की अनुमति देता था। सट्‌टा मटका एप के जरिए कमाए गए पैसे को लोकेश वर्मा और मनोज मालवीय द्वारा डमी व्यक्तियों के नाम पर उनके केवाईसी दस्तावेजों का दुरुपयोग करके फर्जी खातों में भेजा जाता था। यह रकम वेब के जरिए सट्‌टेबाजी आपरेशन को चलान के लिए लोगों से अवैध रूप से लूटी जा रही थी। इसके बाद ईडी ने बेनामी बैंक खातों में सट्‌टेबाजी के संचालन की जांच की तो पाया कि इनके द्वार प्रॉपर्टी खरीदने का काम भी किया गया है। इस मामले में पहले 8.89 करोड़ रुपये का एक अनंतिम कुर्की आदेश जारी किया गया था और 46 लाख रुपये भी जब्त किए गए थे। ईडी की जांच अभी जारी है।  

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भोपाल । राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के कई जिलों में मौसम का मिजाज बदल गया है। कड़ाके की ठंड से राहत मिली है। रात में तापमान 18 डिग्री तो दिन में 34 डिग्री के पार पहुंच गया है। सुबह और रात में हल्की ठंड है। दिनभर धूप निकलने से गर्मी का अहसास होने लगा है। हालांकि बुधवार को भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन, जबलपुर समेत प्रदेश के कई शहरों में दिन के तापमान में 5 डिग्री तक की गिरावट देखने को मिली है। मौसम विभाग के मानें तो प्रदेश के कुछ हिस्सों में अगले सप्‍ताह बारिश की संभावना है। बारिश के बाद तापमान में गिरावट हो सकती है।मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक दिन और रात के तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट होने का अनुमान जताया है। ऐसे में कुछ शहरों में रात का तापमान फिर से 10 डिग्री के नीचे पहुंच सकता है। अभी तापमान इससे अधिक ही है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, 8 फरवरी को वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव होने की संभावना है। इस वजह से प्रदेश में मौसम में बदलाव देखने को मिल सकता है। 12, 13 और 14 फरवरी को बारिश होने का अनुमान है। 20 फरवरी के बाद ठंड का असर और कम होगा। जिससे दिन-रात दोनों ही तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी। वर्तमान में भी एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है।प्रदेश में 7 फरवरी को दिन में धूप खिली रहेगी, लेकिन रात और सुबह हल्की ठंड का असर बना रहेगा। 8 फरवरी को भी ऐसा ही मौसम रहेगा। बुधवार को प्रदेश के कई शहरों में दिन के तापमान में गिरावट हुई है। भोपाल में 5.5 डिग्री की गिरावट के बाद तापमान 26.2 डिग्री पर पहुंच गया। इंदौर में 5.2 डिग्री की गिरावट हुई और यह 25.4 डिग्री रहा। ग्वालियर में 25.6 डिग्री, उज्जैन में 26 डिग्री और जबलपुर में 29.5 डिग्री दर्ज किया गया। प्रदेश में रायसेन सबसे ठंडा रहा। यहां तापमान 24.8 डिग्री दर्ज किया गया। इसी तरह नौगांव में 25 डिग्री, धार में 25.2 डिग्री, टीकमगढ़ में 25.5 डिग्री, पचमढ़ी में 26.1 डिग्री, रतलाम में 26.5 डिग्री, गुना में 26.7 डिग्री, रीवा-सीधी में 27.2 डिग्री, सतना-खजुराहो में 27.4 डिग्री, सागर में 28.1 डिग्री, नरसिंहपुर में 28.2 डिग्री रहा। सबसे अधिक मंडला में 33 डिग्री दर्ज किया गया।  

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भोपाल । संचालनालय लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, मध्यप्रदेश द्वारा भोपाल के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. प्रभाकर तिवारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। यह नोटिस मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के तहत जारी किया गया है, जिसमें डॉ. तिवारी पर कार्य में लापरवाही और अपने दायित्वों के निर्वहन में असफल रहने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने बुधवार को कहा कि डॉ. प्रभाकर तिवारी ने विभाग को ग़लत जानकारी देकर डॉ. प्रांजल खरे की अवैध नियुक्ति करवाई। बाद में जब विभागीय जांच के बाद उनकी नियुक्ति निरस्त कर दी गई, तब भी उन्हें नियमित भुगतान किया जाता रहा, जो पूरी तरह नियम विरुद्ध था। इसके अलावा, डॉ. प्रभाकर तिवारी ने अधिकारियों से मिलीभगत कर अपनी पत्नी डॉ. प्रज्ञा तिवारी को एनएचएम में प्रभारी संचालक बनवाया, जबकि उनके खिलाफ विभाग में सैकड़ों शिकायतें लंबित हैं। रवि परमार ने आरोप लगाया कि डॉ. प्रभाकर तिवारी स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार के मास्टरमाइंड हैं। जब वे सीहोर में पदस्थ थे, तब वहां भी उन्होंने चिकित्सा सामग्री की खरीद में घोटाला किया था, जिसकी जांच के बाद उन पर एफआईआर दर्ज हुई थी। अब भोपाल में भी उन्होंने सैकड़ों फर्जी अस्पताल खोलकर मानव जीवन के साथ खिलवाड़ किया और अधिकारियों से मिलीभगत कर फर्जी नियुक्तियां करवाईं। एनएसयूआई की मांग:रवि परमार ने कहा कि डॉ. प्रभाकर तिवारी दोषी पाए गए हैं, इसलिए उन्हें तत्काल पद से हटाया जाए और भ्रष्टाचार में शामिल अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि भोपाल के नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए एनएसयूआई इस मुद्दे को हर स्तर पर उठाएगा और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी रखेगा।  

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इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में बुधवार को सुबह एक दवा व्यापारी की हार्ट अटैक से मौत हो गई। वे शहर के अभय प्रशाल में बैडमिंटन खेल रहे थे। इसी दौरान अचानक उनके सीने में दर्द हुआ। मौके पर मौजूद साथियों ने उन्हें सीपीआर देकर बचाने की कोशिश की। रिस्पॉन्स नहीं मिलने पर नजदीक के निजी अस्पताल ले गए। यहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। जानकारी के अनुसार, साउथ तुकोगंज निवासी अमित चेलावत (45) बुधवार सुबह अभय प्रशाल में रोजाना की तरह बैडमिंटन खेल रहे थे। खेल के दो दौर पूरे हो चुके थे, तभी अमित के सीने में दर्द शुरू हुआ। वे एक ओर जाकर बैठ गए। कुछ ही देर में उनको बेहोशी छाने लगी। साथियों ने सीपीआर दिया तो वे उठकर बैठ गए। उन्हें तात्कालिक उपचार के रूप में सॉर्बिट्रेट टेबलेट देनी चाही तो अमित ने यह कहकर लेने से इनकार कर दिया कि वे जैन धर्म की परंपरा नवकारसी के अनुसार सुबह 8 बजे के पहले कुछ खा नहीं सकते। साथियों ने जबरन दवाई दी तो दोनों बार उन्होंने मुंह से बाहर निकाल दी। इसी दौरान उन्हें दिल का दूसरा दौरा पड़ा, जिसके उनकी मौत हो गई। अमित चेलावत के परिवार में पत्नी और दो बेटियां हैं।

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में सर्दी का असर अब कम हो गया है। तापमान में बढ़ोत्‍तरी के चलते राजधानी भोपाल समेत कई शहरों में गर्मी का अहसास होने लगा है। कुछ शहरों में 2 दिन से बारिश वाला मौसम है। नीमच में बूंदाबांदी के बाद मंगलवार को ग्वालियर-चंबल में आंधी और हल्की बारिश का दौर रहा। बाकी जिलों में मौसम साफ रहा और धूप खिली रही। मौसम विभाग का कहना है कि आज बुधवार से दिन-रात के तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट हो सकती है।मौसम विभाग के अनुसार, 8 फरवरी को वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव होने की संभावना है। इस वजह से प्रदेश में मौसम में बदलाव देखने को मिल सकता है। प्रदेश के कुछ हिस्से में पहले सप्ताह में बादल छाए रहेंगे। 12, 13 और 14 फरवरी को बारिश होने का अनुमान है। 20 फरवरी के बाद ठंड का असर और कम होगा। जिससे दिन-रात दोनों ही तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी। अभी दो साइक्लोनिक सकुर्लेशन एक्टिव है।   मौसम विभाग का अनुमान है कि आज बुधवार काे भोपाल, इंदौर-उज्जैन में दिन और रात के तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट हो सकती है। जबकि ग्वालियर और चंबल संभाग के जिलों में बादल छाए रह सकते हैं। बाकी जिलों में भी तापमान में गिरावट देखने को मिल सकती है। जबकि 6 फरवरी को दिन में धूप खिली रहेगी, लेकिन रात और सुबह हल्की ठंड का असर बना रहेगा। मंगलवार को मंडला में दिन का तापमान 34.7 डिग्री, सिवनी में 33.4 डिग्री, जबलपुर में 33.3 डिग्री, दमोह में 33 डिग्री रहा। भोपाल में 31.7 डिग्री, इंदौर में 30.6 डिग्री, ग्वालियर में 26.1 डिग्री और उज्जैन में तापमान 30 डिग्री दर्ज किया गया।

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सिवनी । मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में कुरई वन परिक्षेत्र के ग्राम हरदुली (पिपरिया) गांव में शिकार के लिए जंगली सुअर का पीछा करते एक वयस्क बाघ खेत के कुएं में गिर गया। जंगली सुअर भी कुएं में गिरा हुआ है। घटना सोमवार देर रात की है, लेकिन मंगलवार सुबह करीब 8 बजे ग्रामीणों ने कुएं के पानी में तैरते और बाहर निकलने का प्रयास करते बाघ तथा जंगली सुअर को देखा तो वन अधिकारियों को सूचना दी। इसके बाद वन विभाग का अमला मौके पर पहुंचा और राहत एवं बचाव कार्य में जुट गया। फिलहाल, दोनों का रेस्क्यू जारी है। ग्रामीणों ने बताया कि जंगली सुअर का शिकार करने के लिए बाघ उसका पीछा कर रहा था, तभी दोनों कुएं में गिर गए। ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई है और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है। मौके पर पहुंचे वन कर्मियों द्वारा कुएं के पानी से बाहर निकलने मशक्कत करते बाघ तथा जंगली सुअर पर नजर रखी जा रही है। दोनों जीवित बताए जा रहे हैं। मौके पर पेंच टाइगर रिजर्व के एसडीओ आशीष पांडेय भी मौजूद हैं। कुएं से बाघ को सुरक्षित बाहर निकालने पेंच टाइगर रिजर्व का रेस्क्यू दल को मौके पर बुलाया गया है।

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गुना । जिले के पगारा स्थित धागा फैक्ट्री के एक हिस्से में मंगलवार सुबह आग लग गई। आग की इस घटना में मशीनें और सामान जलकर खाक हो गया। सूचना के बाद माैके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की दाे गाड़ी ने करीब आधे घंटे बाद आग पर काबू पा लिया। आग लगने का कारण शार्ट सर्किट बताया जा रहा है।   जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय से 13 किलोमीटर दूर पगारा गांव में दीपक स्पिनर्स नाम से फैक्ट्री है। यह धागा बनाया जाता है। मंगलवार सुबह करीब साढ़े दस बजे फैक्ट्री के एक हिस्से में आग लग गई। आग ने वहां रखे सामान को चपेट में ले लिया। वहां काम कर रह कर्मचारियों ने फैक्ट्री के मैनेजर और फैक्ट्री मालिक को सूचना दी। फायर ब्रिगेड को भी सूचना दी गई। सूचना मिलते ही नगरपालिका से दो फायर ब्रिगेड मौके पर रवाना की गईं। एसडीएम शिवानी पांडे और ग्रामीण तहसीलदार कमल मंडेलिया सहित नपा की टीम भी मौके पर पहुंची। फायर ब्रिगेड को अंदर भेजने के लिए एक दीवार का कुछ हिस्सा भी तोड़ा गया। लगभग आधे घंटे की मशक्कत के बाद दो फायर ब्रिगेड से आग पर काबू पा लिया गया।प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। हालांकि, अधिकारियों ने पूरी घटना की विस्तृत जांच कराने की बात कही है। राहत की बात यह रही कि आग पर जल्दी काबू पा लिया गया और आग फैक्ट्री के बाकी हिस्से में नहीं फैली। दूसरे हिस्से में काफी धागा रखा हुआ था। आग से उस हिस्से में रखी मशीनें और सामान जल गया। तहसीलदार ने बताया कि लगभग 11 बजे प्रशासन को सूचना मिली थी। जल्द ही आग पर काबू पा लिया गया है। घटना के बाद प्रशासन ने फैक्ट्री प्रबंधन को आवश्यक सुरक्षा उपाय अपनाने के निर्देश दिए हैं, ताकि भविष्य में इस तरह की घटना न हो। फायर ब्रिगेड और प्रशासन की सतर्कता से बड़ा हादसा टल गया, लेकिन इस आग में फैक्ट्री के महत्वपूर्ण उपकरण और सामान जलकर नष्ट हो गया, जिससे लाखों के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है। फिलहाल, फैक्ट्री प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों द्वारा आग लगने के सही कारणों की जांच की जा रही है, ताकि भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं को रोका जा सके।      

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मौसम में बदलाव जारी है। फरवरी का पहला सप्ताह ही गर्मी के जैसे महसूस होने लगा है। सोमवार को प्रदेश के कई जिलों का तापमान बढ़कर 34 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। वहीं, न्यूनतम तापमान में भी बड़ा उछाल आया है। हालांकि, 2 दिन बाद तापमान में फिर से गिरावट हो सकती है। मौसम विभाग ने बढ़ते तापमान के बीच कुछ जिलों में कोहरे का अलर्ट जारी किया है। आज मंगलवार को ग्वालियर-चंबल और उज्जैन संभाग में हल्के कोहरे का असर रह सकता है। दिन में गर्मी का असर रहेगा। जबकि 5 फरवरी को प्रदेश में दिन में गर्मी रहेगी। रात और सुबह के समय ही ठंड का असर देखने को मिलेगा।मौसम विभाग के मुताबिक, फरवरी में सुबह और रात में ही ठंड का असर देखने को मिलेगा। 20 फरवरी से यह असर और कम हो जाएगा। इससे पहले सोमवार को ग्वालियर-चंबल और उज्जैन संभाग के कुछ जिलों में कोहरा रहा। मंगलवार को भी कुछ जिलों में कोहरा छाया रहेगा। दूसरी ओर, दो दिन में तापमान में गिरावट हो सकती है, पर सोमवार को कई शहरों में तापमान 5 डिग्री तक ऊपर चला गया। ऐसे में गर्मी का एहसास हुआ। मौसम विभाग का कहना है कि 8 फरवरी को वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव हो सकता है। इस वजह से प्रदेश में मौसम में बदलाव देखने को मिल सकता है। प्रदेश के कुछ हिस्से में पहले सप्ताह में बादल छाए रहेंगे। 12, 13 और 14 फरवरी को बारिश होने का अनुमान है। 20 फरवरी के बाद ठंड का असर और कम होगा। जिससे दिन-रात दोनों ही तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी।सोमवार को कई शहरों में गर्मी का असर देखा गया। सिवनी में 34.2 डिग्री और मंडला में 34 डिग्री दर्ज किया गया। इसी तरह बैतूल में 33.2 डिग्री, इंदौर में 32.5 डिग्री, भोपाल में 32.1 डिग्री, रतलाम में 32 डिग्री, उज्जैन में 31.5 डिग्री, खरगोन-नर्मदापुरम में 31.4 डिग्री, धार में 31.9 डिग्री, मलाजखंड में 30.3 डिग्री, रायसेन में 30.2 डिग्री, खंडवा में 30.1 डिग्री, उमरिया-सागर में 30 डिग्री रहा। सोमवार की रात की बात करें तो कई शहरों में तापमान 15 डिग्री के पार पहुंच गया। नर्मदापुरम में सबसे ज्यादा तापमान 17.5 डिग्री, इंदौर में 17.2 डिग्री और सिवनी में 17 डिग्री रहा। इसी तरह उज्जैन-छिंदवाड़ा में 15 डिग्री, मलाजखंड में 15.2 डिग्री, सागर में 15.3 डिग्री, खंडवा में 15.4 डिग्री, धार में 16.5 डिग्री, सिवनी में 17 डिग्री, नर्मदापुरम में 17.5 डिग्री दर्ज किया गया।  

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उज्जैन । बसंत पंचमी पर सोमवार सुबह भस्मार्ती के बाद बाबा महाकाल को पीले वस्त्र धारण करवाए जाएंगे ओर आकर्षक श्रृंगार किया गया। भगवान को पीले रंग के पूष्प अर्पित किए वहीं पकवानों का रंग भी पीला था। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी बसंत पंचमी की प्रात: भगवान महाकाल को फलों के रस से स्नान करवाया गया। सोमवार शाम को भगवान को गुलाल अर्पित की जाएगी और फाग उत्सव की शुरूआत हो जाएगी।   वैष्णव हवेलियों में 40 दिन चलेगा फागउज्जैन की वैष्णव हवेलियों में रविवार को बसंत पंचमी मनाई गई। इन मंदिरों में रविवार से सेवा प्रणाली की दिनचर्या बदल गई। मंदिरों में अब 40 दिन तक ठाकुरजी का फाग महोत्सव के मनेगा। महाप्रभु की बैठक के ट्रस्टी नागर ने बताया कि सभी पुष्टिमार्गीय हवेलियों में बसन्त पंचमी मनाई गई। रविवार से गर्म सामग्री (सोंठ) बंद हो जाती है। अदरक नींबू और गुड़ की सामग्री ठाकुरजी को नहीं चढ़ाई जाती है। साथ ही पालन के दर्शन, डोल तक बंद हो जाते है। ठाकुरजी को ग्वाल या श्रृंगार में फाग खिलाया जाता है। ठाकुरजी को सफेद सूती वस्त्र पहनाएं जाते हैं। हवेलियों की खिड़की पर लगाई गई रजाई हटा दी है। 20 फरवरी को ठाकुरजी के पांव के मोड़ हटा दिए जाएंगे। कुंज एकादशी,10 मार्च को केसुडी के फूलों को सुखाकर गीला रंग बनाकर होली खेली जाएगी।   रेवती नक्षत्र, शुभ मांतग योग में मनेगी बसंत पंचमीज्योतिर्विद पं अजय कृष्ण शंकर व्यास के अनुसार रेवती नक्षत्र, शुभ मांतग योग में सोमवार को बसंत पंचमी मनाई जाएगी। मातंग योग एक शुभ योग है। मातंग योग में दान करने से इंद्र के समान सुख मिलता है। तिब्बती बौद्ध धर्म में मातंग शब्द का आशय हाथी के लिए होता है। चक्रसंवर समाधि के दौरान मातंग का इस्तेमाल किया जाता है। चक्रसंवर समाधि, नेपाल में नेवाह महायान-वज्रयान बौद्धों की मुख्य पूजा और साधना पद्धति है। पं.व्यास ने बताया कि जब शुक्र और चंद्रमा एक साथ आते हैं, तो यह कलात्मक योग बनता है। इस योग से लोगों के अंदर रचनात्मकता बढ़ती है और कार्यक्षेत्र में सफलता मिलती है। मां सरस्वती को ज्ञान और विद्या की देवी कहा जाता है। बसंत पंचमी के दिन को अबूझ मुहूर्त पर उनकी पूजा करने का विधान है। मान्यता है कि इस दिन शिक्षा-परिक्षा आरंभ करना भी काफी शुभ माना जाता है। इसलिए इस दिन विद्यारंभ/संगीत शिक्षा आरंभ के लिए संस्कार किया जाता है। हिंदू धर्म में हर माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन मां सरस्वती का अवतरण हुआ था।  

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दमोह । मध्यप्रदेश के दमोह जिले के अंतर्गत आने वाले बांदकपुर में स्थित जागेश्वरनाथ मंदिर में आज सोमवार को पूजा करने के लिये उमडी भक्तों की भारी भीड में भगदड मचने से पांच महिलायें घायल हो गयीं। जिन्हे एम्बूलेंस की मदद से जिला चिकित्सालय भेजा गया है जिनमें एक की हालत गंभीर बतायी जा रही है।     विदित हो कि देवजागेश्वरनाथ बुंदेलखंड का प्रसिद्ध तीर्थ क्षेत्र है जहां विशाल स्वंय भू शिवलिंग स्थापित है। प्रतिवर्ष यहां पर देश भर से लाखों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं। आज बसंत पंचमी के अवसर पर दो तीन पूर्व से ही भारी तादाद में भक्त मां नर्मदा का जल लेकर कांवढ यात्रा के माध्यम से पहुंचे तो पूजनार्चन के लिये पहुंचे थे। भक्तों की भारी भीड को देखते हुये प्रशासन एवं पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये थे। प्रातःघटना उस समय घटी जब भक्तों की भारी भीड गेट पर अपनी बारी आने का इंतजार कर रही थी। उसी समय भीड का दबाव पडते ही गेट अचानक खुल गया। जिससे मची भगदड में पांच महिलायें घायल हो गयी, जिन्हे जिला चिकित्सालय मे भर्ती कराया गया। हालांकि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संदीप मिश्रा ने स्वंय स्थिति को नियंत्रित करने में आगे आकर पहल की और भीड के दबाव को नियंत्रित कर लिया गया। पुलिस अधीक्षक श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने बताया कि कांवड यात्रियों के लिये जो दुसरा गेट खोला गया था उसमें कुछ यात्री अचानक प्रवेश कर गये जिसके कारण चेनल गेट पर दबाब पडा और भगदड मच गयी। मैने सिविल सर्जन से बात की है सभी घायलों का ईलाज चल रहा है सभी बातचीत कर रहीं हैं। फिलहाल दर्शन पूजनार्चन का क्रम शांति पूर्ण तरीके चल रहा है किसी प्रकार कोई दिक्कत नहीं हैं।    

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भोपाल  । मध्य प्रदेश में मौसम ने एक बार फि‍र से करवट बदल ली है। अब तेज धूप से चुभन होने लगी है। अधिकांश जिलों का न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। वहीं, अधिकतम तापमान भी 32 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हालांकि सुबह और रात में ठंड का असर है। रविवार को ग्वालियर, नीमच, मुरैना, श्योपुर, मंदसौर और भिंड में कोहरा रहा। ऐसा ही मौसम आज सोमवार सुबह भी है। उज्जैन, ग्वालियर और चंबल संभाग में कोहरा छाया है। मौसम विभाग के मुताबिक, तीन दिन बाद प्रदेश में दिन-रात के पारे में 2 से 3 डिग्री की गिरावट हो सकती है, जबकि 12, 13 और 14 फरवरी को बारिश होने का अनुमान भी है।मौसम विभाग ने बताया कि आज सोमवार से वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) के एक्टिव होने के आसार है। वहीं, 8 फरवरी को भी एक सिस्टम एक्टिव हो सकता है। इस वजह से प्रदेश में मौसम में बदलाव देखने को मिल सकता है। प्रदेश के कुछ हिस्से में पहले सप्ताह में बादल छाए रहेंगे। जबकि 12, 13 और 14 फरवरी को बारिश होने का अनुमान है। 20 फरवरी के बाद ठंड का असर और कम होगा। जिससे दिन-रात दोनों ही तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी।इससे पहले रविवार को ग्वालियर-चंबल में कहीं-कहीं बादल भी छाए रहे। वहीं, कई शहरों में दिन के तापमान में गिरावट देखने को मिली। ग्वालियर में 1.9 डिग्री की गिरावट के बाद पारा 27.4 डिग्री रहा। धार में 2.4 डिग्री की गिरावट हुई और तापमान 26.7 डिग्री पर आ गया। बैतूल, गुना, खंडवा, रतलाम, शिवपुरी, दमोह, जबलपुर, नौगांव, रीवा, सागर, सतना, सीधी, टीकमगढ़, उमरिया और मलाजखंड में भी पारा लुढ़क गया। रविवार की रात में भी कई शहरों में तापमान में मामूली गिरावट देखने को मिली। आज सोमवार को मंदसौर, शिवपुरी, दतिया, भिंड में हल्के से मध्यम कोहरा रह सकता है। नीमच, ग्वालियर, मुरैना और श्योपुर में कहीं-कहीं घना कोहरा भी छाया रह सकता है। वहीं, 4 फरवरी को प्रदेश में कहीं-कहीं पारे में हल्की गिरावट हो सकती है। दिन में धूप वाला मौसम रहेगा।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । मध्य प्रदेश के मौसम में लगातार उतार चढ़ाव देखने को मिल रहा है। प्रदेश के कुछ शहरों में शीतलहर तो कुछ शहरों में बारिश के आसार हैं। हालांकि प्रदेश में अब सुबह और रात में ही ठंड का असर रहेगा, जबकि दिन में धूप चूभेगी। फरवरी के पहले दिन ऐसा ही मौसम रहा। मंडला, मलाजखंड, खंडवा और खरगोन में तापमान 32 डिग्री के पार पहुंच गया। मौसम विभाग के मुताबिक प्रदेश में आज रविवार को रतलाम, उज्जैन समेत 10 जिलों में बारिश के आसार हैं। जिससे ठंड का असर बढ़ जायेगा।मौसम विभाग ने बताया कि प्रदेश के कुछ हिस्से में फरवरी के पहले सप्ताह में बादल छाए रहेंगे। 12, 13 और 14 फरवरी को बारिश होने का अनुमान है। 20 फरवरी के बाद ठंड का असर और कम होगा। जिससे दिन-रात दोनों ही तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी। मौसम विभाग का कहना है कि 3 फरवरी से एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव हो रहा है। जिसका असर पश्चिम-उत्तरी भारत में रहेगा। इसी वजह से प्रदेश के उत्तरी हिस्से, ग्वालियर-चंबल में बादल छाने और बूंदाबांदी होने के आसार है। हालांकि, ये सिस्टम ज्यादा स्ट्रॉन्ग नहीं है। इस वजह से तेज बारिश होने की संभावना कहीं भी नहीं है।प्रदेश में आज रविवार को रतलाम, उज्जैन, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, नीमच, मंदसौर, शाजापुर, देवास और आगर मालवा में बारिश के आसार हैं। ऐसे में ठंड का असर बढ़ेगा, तापमान 2 से 3 डिग्री तक नीचे जा सकता है। इसके अलावा कहीं-कहीं घना कोहरा छाए रहने का अनुमान है। इस दौरान कई शहरों का तापमान 7 डिग्री से नीचे जा सकता है।फरवरी के पहले दिन शनिवार को मंडला में 32.4 डिग्री, मलाजखंड में 32.9 डिग्री, खंडवा में 32.5 डिग्री और खरगोन में तापमान 32 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं, बैतूल, रतलाम, दमोह, जबलपुर, रीवा, सागर, सतना, सिवनी, टीकमगढ़ और उमरिया में पारा 30 से 31 डिग्री के बीच ही रहा। रविवार को तापमान में और भी बढ़ोतरी होगी। वहीं, शुक्रवार-शनिवार की रात में सागर में 16 और सिवनी में पारा 17 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।

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भाेपाल । प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के मशहूर बाघ छोटा भीम की रविवार काे उपचार के दौरान भोपाल के वन विहार में मौत हो गई। छोटा भीम को नवंबर के महीने में गले में फंदा फंस जाने से घायल होने के बाद भोपाल उपचार के लिए भेजा गया था। उसकी चोट गंभीर थी, जिससे इंफेक्शन और सांस लेने में दिक्कत बढ़ती गई, अंततः रविवार काे उसने दम तोड़ दिया।   लगभग दो महीना पहले 26 नवंबर को बाघ छोटा भीम को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के खतौली क्षेत्र से रेस्क्यू किया गया था। उस समय उसके गले में दो पहिया वाहन के क्लच वायर का बना हुआ फंदा कसा हुआ था। उसने फंदे से मुक्त होने के लिए काफी प्रयास किया था, जिसके कारण फंदा उसके गले में काफी अंदर तक धंस गया था और वह बुरी तरह से घायल हो गया था। इसके बाद बाघ छोटा भीम को 30 नवंबर 2024 को घायल अवस्था में बांधवगढ़ से भोपाल के वन विहार ले जाया गया था। वन विहार रेस्क्यू सेंटर में छोटा भीम का उपचार किया जा रहा था। भोपाल भेजे जाने के कुछ दिनों बाद यह खबर आई थी कि छोटा भीम की सेहत में सुधार हो रहा है। 2 महीने 3 दिन इलाज चलने के बाद कंजरवेटिव हार्ट फेलियर के कारण बाघ छोटा भीम की मौत हुई है। एनटीसीए की गाइडलाइन के अनुसार रविवार काे ही भोपाल के वन विहार में बाघ का अंतिम संस्कार हुआ। छोटा भीम की मौत बांधों का टाइगर रिजर्व के लिए बड़ी क्षति है।    

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भिंड । भिंड जिले के मालनपुर इंडस्ट्रियल एरिया स्थित विक्रम फूड प्राइवेट लिमिटेड की बिस्कुट फैक्टरी में रविवार सुबह भीषण आग लग गई। आग सुबह करीब 7 बजे लगी, जिससे फैक्टरी में अफरा-तफरी मच गई। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और दमकल टीम मौके पर पहुंची। खबर लिखे जाने तक आग बुझाने का काम जारी था।   घटना मालनपुर थाना क्षेत्र के प्रिया गोल्ड बिस्कुट फैक्टरी की है, वहां पर आग लगने से हड़कंप मच गया। आग की ऊंची-ऊंची लपटें दूर से ही दिखाई दे रही थीं। काले धुएं का गुब्बार कई किलोमीटर दूर से ही नजर आ रहा है। मौके पर दमकल की चार गाड़ियां मौजूद है। आग पर काबू पाने की कोशिश की जा रही है। हालांकि, अभी भी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। फैक्टरी में अचानक आग लगने के कारणों की जांच प्रशासन और फैक्टरी प्रबंधन कर रहे हैं। मालनपुर थाना प्रभारी अपनी टीम के साथ मौके पर मौजूद हैं। फैक्टरी में आग लगने के चलते भारी नुकसान की संभावना जताई जा रही है। 

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पन्‍ना । पन्ना के जेके सीमेंट कंपनी में हादसे को लेकर प्लांट में कार्यरत मजदूरों के वायरल वीडियो से प्रशासनिक दावों से हटकर स्थिति सामने आ रही है । सीमेंट प्‍लांट में बिहार के कार्यरत मजदूर विकास कुमार ने बताया कि वह सीमेंट प्‍लांट में साढ़े सात बजे मजदूरी करने गया उस समय 170 मजदूर कार्य के लिए गए हुए थे। हादसा लगभग 10.30 बजे हुआ जिस समय वह भी बाल-बाल बच गया। प्‍लांट से बाहर मात्र 40 मजदूर सुरक्षित निकल सके थे शेष सभी उसी स्लेब के मलवे में दब गए थे इसके बाद से किसी मजदूर को अंदर नही जाने दिया गया। कई मजदूर दब कर मर गए जिन्हें प्‍लांट के अंदर ही दफना दिया गया होगा किसी को अंदर नही जाने दिया जा रहा है और नही किसी से मिलने दिया जा रहा है। कई घायल हैं चार मौतें नही बल्कि कई मौतें होने की बात अपनी वायरल वीडियों में कही है वहीं दूसरे मजदूर हिमाचल जो वह भी बिहार का रहने वाला है उसने भी मौतों एवं घायलों की संख्या का प्रशासनिक आंकड़े से अधिक होने की बात कही और अधिक से अधिक मुआवजा म्रतकों एवं घायलों को देने तथा मृतकों के कम से कम एक वारिश को प्‍लांट में नौकरी देने की बात कही है । कमिश्नर सहित कलेक्टर ने गठित की जांच समितियां- सागर कमिश्नर वीरेन्द्र सिंह रावत से हासिल जानकारी के अनुसार आज उनके द्वारा पांच सदस्यीय जांच समिति गठित की गयी है जारी आदेश में उन्होंने उल्लेख किया है कि गत दिवस सिमरिया थानांतर्गत स्थित जे के सीमेण्ट प्‍लांट में हुए हादसे में 4 मजदूरों की मौत हुई और 15 मजदूर घायल हुए जिससे प्रथम द्रष्टया जे के सीमेण्ट फैक्टी प्रबंधन की लापरवाही परिलक्षित होती है। अतः घटित दुर्घटना के कारणों एवं अन्य विदुओं की जांच के लिए समिति का गठन किया जाता है जिससे जिसमें अपर कलेक्टर पन्ना, एडीशनल एस पी पन्ना,मुख्य अभियंता लोकनिर्माण विभाग सागर,सहायक श्रमायुक्त सागर तथा कार्यपालन यंत्री पी आइयू पन्ना को शामिल किया गया है । इसी प्रकार कल 30 जनवरी को देर शाम कलेक्टर पन्ना ने सीमेंट प्‍लांट हादसे को लेकर जिला स्तरीय जांच समिति गठित की है जिसमें प्रभारी कलेक्टर नीलाम्बर मिश्र ने बताया कि उक्त समिति में अपर कलेक्टर पन्ना, एडीशनल एस पी पन्ना, कार्यपालन यंत्रीद्वय पी आई यू एवं लोकनिर्माण विभाग तथा श्रम पदाधिकारी जिला पन्ना को सदस्य बनाया गया है जो निर्धारित विभिन्न बिदुओं के आधार पर तीन दिवस में अपनी जांच रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपेगी ।   इन छः बिदुओं पर 3 दिवस में करनी होगी जांच-   कमिश्नर सागर द्वारा जारी पत्र में जिन छः बिंदुओं पर तीन दिवस के अंदर जांच सिमति को जांच पूर्ण कर सौंपना है । उसमें से किन परिस्थतियों एवं किन कारणों से घटना घटित हुई, निर्माण कार्य के लिए क्या सभी संबंधित विभागों से अनुमतिली गयी या नहीं, निर्माण कार्य में किए जा रहे मटेरियल की गुणवत्ता का मानक स्तर की थी या नही, किस स्तर पर लापरवाही की गयी है इसके लिए कौन कौन जिम्मेदार है तथा समिति अन्य जो भी उचित कारण समझे उल्लेख कर सकती है ।  

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भोपाल । उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने गोविंदगढ़, रीवा में प्रस्तावित व्हाइट टाइगर ब्रीडिंग सेंटर को मिली मंजूरी पर प्रदेशवासियों को बधाई दी है। उन्होंने केन्द्र सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया है। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने शनिवार काे कहा कि यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के विजन के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। व्हाइट टाइगर ब्रीडिंग सेंटर की स्थापना न केवल बाघों की संख्या को बढ़ाने में सहायक होगी बल्कि पर्यटन को भी प्रोत्साहन देगी। यह पहल बाघ संरक्षण और प्रकृति के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को और सुदृढ़ करेगी।उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश सरकार जैव विविधता के संरक्षण, वन्यजीव सुरक्षा और पर्यटन के विकास के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। गोविंदगढ़, रीवा में प्रस्तावित व्हाइट टाइगर ब्रीडिंग सेंटर को मिली मंजूरी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि मध्यप्रदेश वन्य-जीव संरक्षण के क्षेत्र में आदर्श राज्य बने।उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि मध्यप्रदेश वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में अपनी उत्कृष्ट उपलब्धियों के कारण न केवल "टाइगर स्टेट" बल्कि "लेपर्ड स्टेट" और "चीता स्टेट" के रूप में भी प्रतिष्ठित है। राज्य में देश की सबसे अधिक तेंदुआ आबादी दर्ज की गई है, जो यहां के समृद्ध वन्य आवासों का प्रमाण है। मध्यप्रदेश ने चीता पुनर्वास परियोजना के तहत नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीतों का सफल पुनर्स्थापन करके "चीता स्टेट" का गौरव भी प्राप्त किया है। कान्हा नेशनल पार्क, बांधवगढ़, सतपुड़ा और पन्ना टाइगर रिजर्व जैसे क्षेत्रों में वन्य-जीव संरक्षण के लिए अभिनव प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य की इस उपलब्धि को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय वन्य-जीव विशेषज्ञों ने भी सराहा है। उन्होंने कहा कि वन्य-जीव संरक्षण के लिए राज्य की प्रतिबद्धता देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है।बाघ संरक्षण में ऐतिहासिक पहलउप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि गोविंदगढ़ में व्हाइट टाइगर ब्रीडिंग सेंटर की स्थापना से व्हाइट टाइगर की सुरक्षा और संख्या में वृद्धि सुनिश्चित की जाएगी। केन्द्र राज्य में वन्य-जीव पर्यटन को भी नई दिशा देगा। मध्यप्रदेश बाघों की संख्या में भी अग्रणी है और इस पहल से राज्य की इस प्रतिष्ठा को और मजबूती मिलेगी।पर्यटन और रोजगार को मिलेगा बढ़ावाउप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि व्हाइट टाइगर ब्रीडिंग सेंटर के माध्यम से स्थानीय समुदायों के लिए रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे। देश-विदेश से पर्यटकों को आकर्षित कर रीवा और सतना क्षेत्र को पर्यटन मानचित्र पर एक नई पहचान मिलेगी।रीवा में सेटेलाइट फैसिलिटी के रूप में व्हाइट टाइगर ब्रीडिंग सेंटर की होगी स्थापनामहाराजा मार्तंड सिंह जूदेव व्हाइट टाइगर सफारी और चिड़ियाघर, मुकुंदपुर, सतना के संशोधित मास्टर (ले-आउट) प्लान के तहत गोविंदगढ़, रीवा में सेटेलाइट फैसिलिटी के रूप में व्हाइट टाइगर ब्रीडिंग सेंटर की स्थापना के प्रस्ताव को केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की विशेषज्ञ समिति द्वारा तकनीकी समिति की अनुशंसा पर स्वीकृति प्रदान की गई है। यह स्वीकृति 9 एवं 17 दिसंबर, 2024 को आयोजित विशेषज्ञ समिति की 114वीं बैठक और 19 दिसंबर, 2024 को तकनीकी समिति की 112वीं बैठक के निर्णय के अनुक्रम में प्रदान की गई है।  

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भोपाल । राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के कई जिलों में तेज ठंड का असर कम हो गया है। हालांकि सुबह और रात को हल्‍की सर्दी है, लेकिन दिनभर धूप छाये रहने से गर्मी का अहसास होने लगा है। मौसम विभाग का अनुमान है कि फरवरी के पहले सप्ताह में बादल छाए रहेंगे। वहीं, 12 से 14 फरवरी के बीच बारिश हो सकती है। 20 फरवरी के बाद ठंड का असर और कम हो जाएगा।मौसम विभाग के अनुसार, अभी एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव है। इसका असर 2 से 3 दिन रहेगा। लेकिन यह सिस्टम स्ट्रॉन्ग नहीं है। ऐसे में पहले सप्ताह में बारिश की संभावना कम ही है। रात के तापमान में जरूर गिरावट होगी। दूसरे सप्ताह में ठंड का असर और कम होगा। 12 से 14 फरवरी के बीच बूंदाबांदी हो सकती है। आखिरी सप्ताह में दिन और रात के तापमान में बढ़ोतरी होगी।गौरतलब है कि मध्‍य प्रदेश में पिछले 10 साल के आंकड़ों पर नजर डालें, तो फरवरी महीने में रातें ठंडी और दिन गर्म रहते हैं। इस दौरान कुछ शहरों में बादल छाने के साथ बारिश का ट्रेंड भी देखा गया है। इस बार भी ऐसा ही मौसम रहने का अनुमान है। भोपाल, इंदौर और उज्जैन में दिन का अधिकतम तापमान 30 डिग्री के पार रहेगा। जबकि रात का तापमान 10 से 14 डिग्री के बीच रह सकता है।  

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भोपाल । मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रांतर्गत भोपाल वृत्त के लाम्बाखेड़ा स्थित 33/11 केवी उपकेंद्र पर 5 एमवीए पॉवर ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि कर 8 एमवीए नवीन पॉवर ट्रांसफार्मर स्थापित किया गया है। रिवेम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) योजना के तहत इस पॉवर ट्रांसफार्मर की स्थापना से चौकसे नगर, शारदा नगर, लाम्बाखेड़ा परेवाखेड़ा, जगदीशपुर बायपास, देवल खेड़ी, बिशन खेड़ी, अरवलिया, परवलिया सानी, श्यामपुर आदि ग्रामों के उपभोक्ताओं को निर्बाध तथा गुणवत्तापूर्ण सतत बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी।जनसंपर्क अधिकारी राजेश पाण्डेय ने शुक्रवार को बताया कि मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक क्षितिज सिंघल ने कहा है कि कंपनी कार्यक्षेत्र के अंतर्गत सभी श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं को निर्बाध एवं गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कंपनी कृत संकल्पित है। उन्होंने बताया कि ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि से एक ओर जहॉं विद्युत वितरण प्रणाली मजबूत होगी वहीं दूसरी ओर विद्युत हानियां कम होकर प्रणाली की क्षमता वृद्धि से उपभोक्ताओं को पर्याप्त वोल्टेज पर विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित होगी।  

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भोपाल । राजधानी भोपाल के बरखेड़ी इलाके में शुक्रवार काे एक युवक नशे की हालत में माेबाइल टावर पर चढ़ गया। करीब 20 मिनट तक युवक टावर पर चढ़ा रहा और उसे हिलाने की कोशिश करता रहा। सूचना मिलते ही पुलिस और नगर निगम मौके पर पहुंची और युवक को नीचे उतरने की समझाइश देने लगी। वहीं कुछ देर बाद युवक को सुरक्षित नीचे उतार लिया गया।   जानकारी अनुसार विवेक ठाकुर (33) नामक युवक शुक्रवार दाेपहर करीब दाे बजे नशे की हालत में मोबाइल टावर पर चढ़ गया। युवक को टावर पर चढ़ता देख स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस और नगर निगम को सूचना दी। सूचना पाकर मौके पर नगर निगम, पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें पहुंचीं। जहांगीराबाद थाना के एएसआई राजेंद्र यादव ने बताया कि सूचना मिलते ही पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची, जहां भारी भीड़ जमा हो गई थी। पुलिस और बचाव दल ने युवक को बातों में उलझाकर करीब 2:40 बजे सुरक्षित नीचे उतारा। जांच में पता चला कि युवक भोपाल के ऐशबाग इलाके का रहने वाला है और नशे की हालत में टावर पर चढ़ा था। पुलिस ने युवक को हिरासत में लेकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है

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भोपाल  । राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के कई जिलों में ठंड का असर जारी है। प्रदेश में फरवरी के पहले सप्ताह में ठंड का एक और दौर आने का अनुमान है। हालांकि, कड़ाके की ठंड नहीं पड़ेगी, लेकिन कई शहरों में तापमान 5 से 8 डिग्री के बीच रह सकता है। मौसम वैज्ञानिक का कहना है कि अगले 4 दिन में दो वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव हो रहे हैं, लेकिन प्रदेश में असर कम रहेगा। इस वजह से अब बारिश के आसार नहीं है।मौसम विभाग के अनुसार, 1 और 3 फरवरी को वेस्टर्न डिस्टरबेंस पश्चिम-उत्तर भारत को प्रभावित कर सकता है। इसका असर प्रदेश में कम देखने को मिलेगा। ग्वालियर-चंबल और उज्जैन संभाग में बादल जरूर छा सकते हैं। राजस्थान के ऊपर ही असर देखने को मिलेगा। फरवरी के पहले सप्ताह में मौसम का मिला-जुआ असर रहेगा। सुबह और रात में ठंड रहेगी। इससे ठंड का एक दौर और आ सकता है। तापमान में गिरावट होगी। दूसरी ओर, दिन में धूप खिली रहेगी। आज शुक्रवार को दिन में गर्मी का अहसास होगा, लेकिन रात और सुबह में ठंड पड़ेगी। जबकि 1 फरवरी को प्रदेश में कहीं-कहीं बादल छा सकते हैं।प्रदेश के कई शहरों में दिन में गर्मी का असर देखने को मिल रहा है। कुछ शहरों का तापमान 28 डिग्री के पार पहुंच गया है। गुरुवार को सिवनी में पारा सबसे ज्यादा 33 डिग्री तक पहुंच गया। खंडवा में पारा 32.1 डिग्री, मंडला में 32 डिग्री रहा। वहीं, खरगोन, रतलाम, नर्मदापुरम, सागर में 31 डिग्री के पार रहा। भोपाल, बैतूल, गुना, शिवपुरी, उज्जैन, दमोह, जबलपुर, खजुराहो, सतना, टीकमगढ़, उमरिया में पारा 29-30 डिग्री के बीच दर्ज किया गया। रात के तापमान में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है। सिवनी, नर्मदापुरम, धार और छिंदवाड़ा में पारा 15 डिग्री से ज्यादा ही रहा।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में तेज सर्दी से थोड़ी राहत मिली है। कई शहरों में बुधवार को दिन में धूप तीखी होने से गर्मी का एहसास हुआ। इससे तापमान में वृद्धि हुई है। हालांकि 2 फरवरी से ठंड का असर फिर बढ़ेगा। रात का तापमान 2 से 3 डिग्री तक लुढ़क सकता है। जबकि वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) की वजह से ग्वालियर-उज्जैन संभाग में बारिश का अलर्ट भी है।मौसम विभाग के मुताबिक, 2 फरवरी को उज्जैन, नीमच, मंदसौर, रतलाम, आगर-मालवा, शाजापुर, देवास, गुना, अशोकनगर और शिवपुरी में हल्की बारिश हो सकती है। इसी दिन से प्रदेश में ठंड भी बढ़ेगी। इससे दिन-रात के तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट होने की संभावना है। मौसम विभाग का कहना है कि 1 और 3 फरवरी को दो नए वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव हो रहे हैं। जिससे प्रदेश का पश्चिमी-उत्तरी हिस्सा भी प्रभावित रहेगा। इसलिए बारिश होने की संभावना है। आज गुरुवार को दिन और रात में तेज सर्दी से थोड़ी राहत मिलेगी। तापमान में बढ़ोतरी भी हो सकती है। 31 फरवरी को भी इस दिन ऐसा ही मौसम रहेगा। कहीं-कहीं बादल भी छा सकते हैं।प्रदेश के कई शहरों में बुधवार को तापमान में बढ़ोत्‍तरी हुई है । मंडला में सबसे ज्यादा 32 डिग्री दर्ज किया गया। बैतूल, नर्मदापुरम, रतलाम, उज्जैन, सिवनी में पारा 31 डिग्री या इससे अधिक रहा। इसी तरह भोपाल, धार, गुना, इंदौर, खरगोन, सागर में तापमान 30 डिग्री से अधिक दर्ज किया गया। बुधवार की रात में भी पारे में बढ़ोतरी देखने को मिली। कुछ शहरों में 10 डिग्री से कम रहा। इनमें भोपाल, जबलपुर, कल्याणपुर, उमरिया, देवरा, राजगढ़, खजुराहो, अमरकंटक, चित्रकूट, मंडला, रायसेन, रीवा, दमोह और टीकमगढ़ शामिल हैं।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती के वेटिंग अभ्यर्थियों ने गुरुवार काे राजधानी भाेपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पर नियुक्ति देने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करने शिक्षक भर्ती अभ्यर्थी हाथों में कटोरा लेकर पहुंचे, जहां प्रदर्शन कर अपनी मांगों को पूरा करने की मांग की। वहीं दूसरी ओर प्रदर्शन के बीच महिलाओं ने अपने बाल काटे हैं। साथ ही जल्द वेटिंग अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र नहीं सौंपे जाने पर मुंडन कराने की चेतावनी दी है। अभ्यर्थी सरकार से खाली पदों को बढ़ाकर दूसरी काउंसिलिंग कराने की मांग कर रहे हैं।   प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों का कहना है कि उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती वर्ग-1, 2023 के लिए दूसरी काउंसलिंग को लेकर लिखित आश्वासन नहीं दे रही है। उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती की वेटिंग उम्मीदवार नेहा गुप्ता और अनुपमा शर्मा ने रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पर अपने बाल कटवाए। मऊगंज जिले से विरोध प्रदर्शन में शामिल होने आई नेहा ने बताया कि "हमारे मुख्यमंत्री पढ़े हुए पीएचडी धारी हैं. हमें उम्मीद है कि वो जल्द ही वेटिंग शिक्षकों को खाली पदों पर नियुक्ति देंगे।" वहीं मुरैना की अराधना शर्मा ने कहा कि "सरकार लाड़ली बहनों को फ्री में 1250 रुपये दे रही है, लेकिन मेहनत करने वालों को नौकरी नहीं दे रही है। अराधना ने कहा कि यदि सरकार हमारी मांगों पर विचार नहीं करती, तो हम सभी वेटिंग शिक्षक महिलाएं सामूहिक रुप से राजधानी में मुंडन कराएंगे।" अभ्यर्थी जिज्ञासा ठाकुर ने कहा, आप महिला सशक्तिकरण और बहनों की बात करते हैं। अगर बहनें लायक हो गई हैं, तो उन्हें उनका अधिकार दीजिए। हमें फ्री में पैसे नहीं चाहिए। आपकी बहन शिक्षित है, उसे एक सम्मानजनक नौकरी दे दीजिए। हमने दो-दो चयन परीक्षाएं और पात्रता परीक्षाएं पास की हैं, बावजूद इसके हम वेटिंग में हैं।   एक अन्य वेटिंग अभ्यर्थी कुसुम शाक्या ने रोते हुए कहा कि "हम पिछले डेढ़ साल से प्रदर्शन कर रहे हैं। यहां तक कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव तक को ज्ञापन सौंप चुके हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। कुसुम ने कहा कि सरकार हमारी मांगें पूरी करते हुए उच्च माध्यमिक शिक्षकों के पदों पर वृद्धि करे या हमें इच्छामृत्यु की अनुमति दे। बता दें कि मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग ने साल 2023 में उच्च माध्यमिक शिक्षक वर्ग 1 पद के लिए वैकेंसी निकाली थी। जिसमें केवल 2900 लोगों को ही नियुक्ति दी गई है। ऐसे में अब बचे हुए उम्मीदवार नियुक्ति के लिए बीते डेढ़ सालों से प्रदर्शन कर रहे हैं।   वेटिंग शिक्षकों की ये हैं मुख्य मांगेवेटिंग उम्मीदवारों की मांग है कि लोक शिक्षण संचालनालय उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती 2023 की प्रतीक्षा सूची जारी करे। दूसरी काउंसलिंग में 20 हजार पद बढ़ाकर वेटिंग क्लियर कराई जाए। जनजातीय कार्य विभाग में खाली पदों पर काउंसलिंग के माध्यम से नियुक्ति दी जाए। इसके साथ वर्ग शिक्षक भर्ती 2018 में 22 हजार पद हैं, लेकिन 5 साल बाद आयोजित वर्ग 1 शिक्षक भर्ती 2023 में केवल 5,052 पद रखे गए हैं। ऐसे में पद वृद्धि करने की मांग भी वेटिंग अभ्यर्थियों ने की है।

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सतना । सतना के रामपुर थाना क्षेत्र में रघुनाथपुर में गुरुवार दाेपहर काे एक अनियंत्रित ट्रक सड़क किनारे स्थित घर में जा घुसा। इस हादसे में एक युवक की माैत हाे गई। सूचना के बाद माैके पर पहुंची पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।   जानकारी अनुसार छिबौरा-कोटर मार्ग पर गुरुवार दोपहर 3 बजे एक तेज रफ्तार ट्रक एमपी 19 एचए 4187 अनियंत्रित होकर सड़क किनारे स्थित एक मकान में जा घुसा। हादसे में मकान में मौजूद आजाद सिंह (28) गंभीर रूप से घायल हो गया। स्थानीय लोगों ने तुरंत घायल को अस्पताल पहुंचाया, जहां इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। घटना के बाद चालक मौके से फरार हो गया। रामपुर बघेलान थाना प्रभारी संदीप चतुर्वेदी ने बताया है कि प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि अत्यधिक गति के कारण चालक वाहन पर नियंत्रण खो बैठा, जिससे यह हादसा हुआ। पुलिस ने ट्रक को जब्त कर लिया है। जांच में पता चला है कि ट्रक ललितपुर थाना ताला निवासी मोहित सिंह का है। पुलिस फरार चालक की तलाश में जुटी है।

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मैहर । मौनी अमावस्‍या के दिन प्रयागराज महाकुंभ से दर्शनार्थी शारद देवी के दर्शन के लिए भी बड़ी संख्‍या में मैहर पहुंच रहे है इसी को देखते हुए मैहर प्रशासन ने वीआईपी दर्शन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। यहां तक कि बड़े वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी है।   जानकारी के लिए बता दें कि प्रयागराज महाकुंभ के कारण मैहर मंदिर में भी भारी भीड़ होने के कारण रोपवे में 29 जनवरी से 3 फरवरी तक पूरी तरह से बंद किया गया है। साथ ही शारदा देवी मंदिर में वीआईपी दर्शन पर प्रतिबंध लगा दिया है। शहर के प्रवेश क्षेत्र राममंदिर के पास रीवा रोड में पार्किंग स्थल बना वहां से ऑटो के माध्यम से दर्शनार्थी देवीधाम तक पहुँच सकेंगे। जहां जहाँ पार्किंग स्थल बनाये गए है वहा से ऑटो की उपलब्धता मौजूद रहेगी। मैहर प्रशासन ने स्थानीय जनों से भी अपील की है कि भीड़ के मद्देनजर 3 तारीख तक आपके स्वजन मैहर आ रहे हो उनके रोकने या बाद में आने की सलाह दे व्यवस्था में सहयोग करें।   चित्रकूट में जवानों की तैनाती   चित्रकूट में विशेष सुरक्षा इंतजामों के तहत 450 जवानों की तैनाती की गई है, जिसमें पन्ना, जबलपुर और शहडोल से 75 जवान, डीजी रिजर्व की छठी बटालियन जबलपुर से एक कंपनी, क्यूआरएफ की टुकड़ी और जिला बल के 91 जवान शामिल हैं। अंतरराज्यीय बस अड्डे से मंदिर तक भारी भीड़ देखी गई और सभी पार्किंग स्थल पूरी तरह भर गए।  

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भोपाल । माघ मास की मौनी अमावस्या पर बुधवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालु जीवनदायिनी मां नर्मदा और मां शिप्रा में स्नान करने पहुंच रहे हैं। अल सुबह से ही नर्मदा और क्षिप्रा के तटों पर भीड़ उमड़ रही है। सुबह चार बजे से ही ब्रह्म मुहूर्त में स्नान का सिलसिला शुरू हुआ, जो दोपहर बाद भी जारी है। श्रद्धालु घाट पर कथा, पूजन-पाठ भी करा रहे हैं। भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में शिप्रा नदी के राम घाट में श्रद्धालु बड़ी संख्या में डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं। इस दौरान कुछ भक्त सोमती कुंड में भी स्नान कर रहे हैं। भीड़ को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। इधर जबलपुर, नर्मदापुरम, नेमावर, महेश्वर, बरमान और सीहोर में श्रद्धालुओं ने नर्मदा में आस्था की डुबकी लगाई। नर्मदा के घाटों पर हर-हर नर्मदे के जयकारे गूंज रहे हैं। जबलपुर के ग्वारी घाट और जिलहरी घाट में स्नान के लिए श्रद्धालु की भीड़ उमड़ी है। शिप्रा नदी पर डुबकी लगाने आए श्रद्धालुओं का कहना है कि प्रयागराज में भीड़ होने के चलते शिप्रा नदी में डुबकी लगाकर पुण्य कमा रहे हैं। मौनी अमावस्या पर अन्नदान, वस्त्रदान का भी विशेष महत्व है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन पितरों के निमित्त धूप-दीप जलाना, तर्पण और पिंड दान करना चाहिए। इसके साथ ही वस्त्रदान, अन्नदान और पात्र दान का संकल्प सुख-शांति के साथ आर्थिक समृद्धि की प्राप्ति होती है। सीहोर में मौनी अमावस्या के पर्व पर नर्मदा नदी के विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा है। सुबह चार बजे से ही भक्तों का आना शुरू हो गया था, जो दिन चढ़ने के साथ लगातार बढ़ता जा रहा है। क्षेत्र के आंवली घाट, नीलकंठ और बुधनी घाट समेत कई स्थानों पर हजारों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। वहीं, अमावस्या पर नर्मदा स्नान करने नर्मदापुरम के अलावा हरदा, इटारसी, बैतूल, भोपाल, विदिशा, बीना, छिंदवाड़ा सहित अन्य शहरों से बड़ी संख्या में महिला-पुरुष स्नान करने पहुंचे हैं। रेलवे स्टेशन पर स्नान करने आने और लौटने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ रही। जिले के आंवलीघाट, सांडिया, बाबरी घाट, खोकसर, बांद्राभान में भी श्रद्धालुओं द्वारा नर्मदा स्नान किया जा रहा है। श्रद्धालुओं का लगातार नदी के घाटों पर आना जारी है। जबलपुर में नर्मदा तटों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। ब्रह्म मुहूर्त से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने नर्मदा तट गौरी घाट पहुंचकर स्नान किया। नर्मदा के स्नान का सिलसिला लगातार जारी है। जबलपुर के गौरीघाट, तिलवारा घाट, और भेड़ाघाट में नर्मदा स्नान के लिए तकरीबन दो लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के नर्मदा स्नान करने की संभावना है। जिसको देखते हुए प्रशासनिक स्तर पर भी सुरक्षा की इंतजाम किए गए हैं। वहीं, सिवनी मालवा क्षेत्र के प्रसिद्ध आवली घाट, बाबरी घाट और भिलाड़िया घाट समेत सभी घाटों पर तड़के से ही भक्तों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई। कड़ाके की ठंड के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बन रहा था। नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष पवित्र स्नान के लिए पहुंचे। भक्तों ने जहां नर्मदा में डुबकी लगाई, वहीं घाटों पर पूजन-पाठ और मां नर्मदा की आराधना का सिलसिला दिनभर जारी रहेगा। बड़वाह में नावघाट खेड़ी के नर्मदा तट पर श्रद्धालुओं का विशाल जनसमूह उमड़ा। नगर से लगभग 3 किलोमीटर दूर स्थित इस पवित्र नर्मदा तट पर सुबह 6 बजे से ही स्नान के लिए श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया। महिला और पुरुष श्रद्धालुओं ने तट के विभिन्न घाटों पर स्नान कर धार्मिक अनुष्ठान पूरे किए। मनावर से 15 किलो मीटर दूर ग्राम सेमल्दा में मौनी अमावस्या पर नर्मदा घाटों सुबह 4 बजे से स्नान शुरू हुआ। सुबह 11 बजे तक अलग-अलग घाटों पर करीब 5 हजार भक्तों ने स्नान किया। वहीं देवास जिले के नेमावर में अब तक 50 हजार से ज्यादा लोगों ने स्नान किया। प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए पुख्ता इंतजाम किए हैं। सभी प्रमुख घाटों पर बोट, लाइफ सेविंग जैकेट और गोताखोर तैनात किए गए हैं। प्रशासन ने एक दिन पहले से ही अपनी टीमों को तैनात कर दिया था।  

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में पिछले 4 दिन से ठंड का असर तेज है। खासकर रात और सुबह तेज सर्दी पड़ रही है। हालांकि आने वाले तीन दिन तेज सर्दी से राहत मिलने की उम्‍मीद है। प्रदेश में 31 जनवरी तक रात में तापमान 2 से 3 डिग्री तक बढ़ सकता है। जबकि 1 फरवरी को प्रदेश के आधे से ज्यादा हिस्से में बूंदाबादी की संभावना है। आज बुधवार को भी कुछ जिलों में बादल और बूंदाबांदी वाला मौसम रह सकता है।मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में अगले तीन दिन रात के तापमान में बढ़ोत्‍तरी होगी। जबकि दिन में तापमान स्थिर रहेगा। अभी प्रदेश के ज्यादातर शहरों में दिन का तापमान 25-26 डिग्री के आसपास ही है। दूसरी ओर रात में 5 डिग्री के नीचे पहुंच गया। यह 7 से 8 डिग्री तक पहुंच जाएगा। वहीं, 1 फरवरी को वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) के एक्टिव होने का अनुमान है। जिसका असर प्रदेश में भी देखने को मिलेगा। इसकी वजह से फरवरी के शुरुआती 4 दिन तक मौसम बदला रहेगा। 1 से 4 फरवरी के बीच पूर्वी और दक्षिणी हिस्से में कहीं-कहीं बारिश हो सकती है। इनमें रीवा, शहडोल, जबलपुर, सागर, ग्वालियर, चंबल और नर्मदापुरम संभाग के जिले शामिल हैं।आज बुधवार को भोपाल, इंदौर, छिंदवाड़ा, सीहोर, पन्ना, राजगढ़, सिंगरौली, रीवा, शहडोल, सागर, नर्मदापुरम, ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर में कहीं-कहीं बूंदाबांदी हो सकती है। हालांकि 30 जनवरी को बारिश के आसार नहीं है। दिन में ठंडक रहेगी, लेकिन रात में तापमान बढ़ा रहेगा।मंगलवार की रात भोपाल, ग्वालियर समेत प्रदेश के 20 शहरों में पारा 10 डिग्री से नीचे रहा। शहडोल का कल्याणपुर सबसे ठंडा रहा। यहां पारा 3.6 डिग्री दर्ज किया गया। नौगांव में 5 डिग्री, मंडला में 5.2 डिग्री, शाजापुर के गिरवर में 5.4 डिग्री, पचमढ़ी में 5.7 डिग्री, उमरिया में 5.9 डिग्री, राजगढ़ में 6 डिग्री, खजुराहो-सतना में 7.2 डिग्री, रायसेन में 7.4 डिग्री, मलाजखंड में 7.5 डिग्री, रीवा में 7.6 डिग्री, गुना, दमोह-सीधी में 9 डिग्री और टीकमगढ़ में पारा 9.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 6.8 डिग्री, ग्वालियर में 6.2 डिग्री, जबलपुर में 7.5 डिग्री, उज्जैन में 10 डिग्री और इंदौर में 13.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इधर, मंगलवार को दिन के तापमान में थोड़ी बढ़ोतरी देखने को मिली।

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भोपाल/छतरपुर । मध्य प्रदेश के छतरपुर और हरपालपुर रेलवे स्टेशन पर सोमवार देर रात महू से प्रयागराज जा रही डॉ अंबेडकर नगर- प्रयागराज एक्सप्रेस ट्रेन पर पथराव और तोड़फोड़ की घटना सामने आयी है। ट्रेन जैसे स्टेशन पर रुकी, उसमें अंदर बैठे यात्रियों ने भीड़ को देखकर ट्रेन के गेट नहीं खोले। इससे ट्रेन के बाहर खड़े लोग भड़क उठे और उन्‍होंने ट्रेन पर पत्थर, पानी बोतल फेंकने लगे। इस घटना में ट्रेन में बैठे कुछ लोगों को मामूली चोट आई है।जानकारी के अनुसार यह घटना सोमवार देर रात करीब 1 बजे की है। जब इंदौर से डॉक्टर अंबेडकर नगर से प्रयागराज जाने वाली ट्रेन (14115) छतरपुर और हरपालपुर रेलवे स्टेशन पर आकर रुकी। इस दौरान उसमें अंदर बैठे यात्रियों ने भीड़ को देखकर ट्रेन के गेट नहीं खोले। तभी प्लेटफॉर्म पर खड़े यात्रियों ने ट्रेन के दरवाजे नहीं खोलने पर आक्रोशित होकर पथराव और तोड़फोड़ कर दी। ट्रेन में बैठे कुछ लोगों को मामूली चोट आई है। जबकि पथराव में ट्रेन की कई बोगियों के दरवाजे और खिड़कियों को नुकसान पहुंचा है। हमले के दौरान ट्रेन में सवार यात्री, महिलाएं और बच्चों में डर दिखा। इस दौरान कुछ यात्रियों ने घटना का वीडियो बना लिया।बताया जा रहा है कि आरपीएफ जवान मौके पर थे, लेकिन वह कंट्रोल नहीं कर पाए तो सिविल पुलिस को सूचना दी। समझाइश के बाद 40 मिनट बाद ट्रेन को रवाना किया गया। छतरपुर सिविल लाइन थाना प्रभारी वाल्मीक चौबे ने बताया कि रात करीब एक बजे छतरपुर रेलवे स्टेशन पर गेट नहीं खोलने के कारण कुछ लोगों ने ट्रेन में पत्थर मारकर तोड़फोड़ की है। सूचना के बाद हम लोग मौके पर पहुंचे और समझाइश देकर ट्रेन को रवाना किया गया।

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में तेज ठंड का दौर जारी है। इस बीच मौसम विभाग ने प्रदेश में बारिश की संभावना जताई है। वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) की वजह से 29 जनवरी को भोपाल, इंदौर-ग्वालियर समेत करीब 15 जिलों में बूंदाबांदी हो सकती है। हालांकि, तेज बारिश होने की संभावना नहीं है। फरवरी की शुरुआत में भी प्रदेश में बारिश होने के आसार है। मौसम विभाग के अनुसार, उत्तरी हवाओं की वजह से प्रदेश में पिछले 4 दिन से तेज ठंड पड़ रही है। आज मंगलवार से ठंड से राहत मिल सकती है। दिन-रात के तापमान में 2 से 3 डिग्री की बढ़ोतरी होगी। वहीं, बारिश का दौर शुरू होगा। मौसम विभाग ने 29 जनवरी और 1 फरवरी को दो वेस्टर्न डिस्टरबेंस के एक्टिव होने का अनुमान जताया है। जिसका असर प्रदेश में भी देखने को मिलेगा। पश्चिमी विक्षोभ की वजह से फरवरी के शुरुआती 4 दिन तक मौसम बदला रहेगा।प्रदेश में 1 से 4 फरवरी के बीच पूर्वी और दक्षिणी हिस्से में कहीं-कहीं बारिश हो सकती है। इनमें रीवा, शहडोल, जबलपुर, सागर, ग्वालियर, चंबल और नर्मदापुरम संभाग के जिले शामिल हैं। 29 जनवरी को कुछ जिलों में बूंदाबांदी हो सकती है। आज मंगलवार को रात और सुबह के समय ठंड का असर रहेगा। दिन में तेज धूप खिलेगी। 29 जनवरी को भोपाल, इंदौर, छिंदवाड़ा, सीहोर, पन्ना, राजगढ़, सिंगरौली, रीवा, शहडोल, सागर, नर्मदापुरम, ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर में कहीं-कहीं बूंदाबांदी हो सकती है।सोमवार की रात में भी कई शहरों में तापमान में गिरावट आयी है। शहडोल का कल्याणपुर सबसे ठंडा रहा। यहां पारा 2.8 डिग्री रहा। उमरिया में 4.8 डिग्री, सिंगरौली के देवरा में 5.3 डिग्री, राजगढ़ में 5.6 डिग्री, शाजापुर के गिरवर और मंडला में 6 डिग्री, नौगांव में 6.6 डिग्री, सतना-खजुराहो में 7 डिग्री, पचमढ़ी में 7.8 डिग्री, रीवा-रायसेन में 8 डिग्री, गुना-टीकमगढ़ में 8.2 डिग्री, दमोह-सीधी में 8.6 डिग्री और मलाजखंड में 9 डिग्री रहा। बड़े शहरों की बात करें तो ग्वालियर सबसे ठंडा रहा। यहां पारा 6.3 डिग्री दर्ज किया गया। भोपाल में 8.3 डिग्री, जबलपुर में 7.4 डिग्री, इंदौर में 12.5 डिग्री और उज्जैन में 11.2 डिग्री सेल्सियस रहा।

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जबलपुर । रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलगुरु द्वारा महिला अधिकारी को प्रताड़ित करने के मामले में शिकायत के बाद कार्यवाही करने के आदेश जारी हुए थे, लेकिन उन आदेशों पर कोई भी कार्यवाही नहीं की गई। जिसको लेकर पीड़ित महिला के द्वारा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर न्याय की गुहार लगाई गई। इस याचिका पर सुनवाई जस्टिस विशाल मिश्रा की सिंगल बेंच में हुई जिसमें उन्होंने पाया की याचिकाकर्ता के अधिवक्ता की तरफ से यह आशंका जताई गई है कि सीसीटीवी फुटेज को मिटा दिया गया है, जिसमें घटना रिकॉर्ड की गई है। साथ ही उन्होंने 21 नवंबर 2024 के उस सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखने की कोर्ट से अपील की है। इसके बाद कोर्ट ने कलेक्टर महिला एवं बाल विकास एवं आरडीवीवी के रजिस्ट्रार को सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखने के निर्देश जारी किए हैं साथ ही आदेश दिया है कि उसमें किसी भी प्रकार का परिवर्तन या छेड़छाड़ ना की जाए।   पीड़ित महिला अधिकारी के द्वारा लगातार अपने साथ हुए अभद्र व्यवहार और सामाजिक अपमान के खिलाफ कार्यवाही किए जाने को लेकर उच्च अधिकारियों सहित राज्य महिला आयोग और राज्य उच्च शिक्षा विभाग तक इसकी शिकायत की गई लेकिन न्याय ना मिलते देख महिला अधिकारी के द्वारा हाईकोर्ट से इस मामले याचिका दायर कर न्याय की गुहार लगाई गई है। उनके द्वारा अपने आरोपों की पुष्टि करने के लिए कुलगुरु के कमरे में हुई बैठकों के सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराने के लिए कई बार आवेदन भी दिए गए लेकिन अभी तक सीसीटीवी फुटेज नहीं मिले हैं।   उल्लेखनीय है कि जबलपुर में रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो राजेश वर्मा पर एक वरिष्ठ महिला अधिकारी ने छेड़छाड़ करने के साथ अभद्र इशारे करने के गंभीर आरोप लगाए गए थे। जिससे परेशान होकर महिला अधिकारी के द्वारा मध्य प्रदेश के राज्यपाल सहित राज्य के उच्च शिक्षा विभाग, महिला आयोग एवं राज्य विश्वविद्यालयीन सेवा अधिकारी संघ में पत्र लिखकर इस मामले में शिकायत की थी। कहीं से भी न्याय न मिलने के कारण अब महिला अधिकारी ने हाईकोर्ट की शरण ली है।   महिला अधिकारी के द्वारा मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग और राज्य महिला आयोग भोपाल में की गई शिकायत के बाद संबंधित शिकायत में जांच करने के लिए कलेक्टर कार्यालय में स्थित महिला एवं बाल विकास के द्वारा 02 जनवरी 2025 एवं उच्च शिक्षा विभाग के द्वारा 06 जनवरी 2025 को विश्वविद्यालय के कुल सचिव को आदेश पत्र जारी करते हुए शिकायत पर आंतरिक समिति एवं विश्वविद्यालय की महिला उत्पीड़न समिति को गठित कर मामले में जांच के साथ निर्णय को प्रस्तुत करने के निर्देश जारी किए थे।   कुलसचिव के पास इन आदेशों की प्रति लगभग 20 दिन पहले पहुंचा दी गई थी, लेकिन कुल सचिव के द्वारा इनको नजरअंदाज कर शासन के आदेशों की अवहेलना करते हुए संबंधित मामलों में कोई भी कार्यवाही नहीं की गई। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में महिला कर्मचारी के साथ कुलगुरु के द्वारा किया गया गए व्यवहार को लेकर छात्र छात्राओं में भी आक्रोश है। उन्होंने इस मामले में शासन से निष्पक्ष जांच कर कठोर कार्यवाही किए जाने की मांग की है। मामले को अगले हफ्ते की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।      

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रीवा/भोपाल  । प्रदेश के रीवा जिले के अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में एमबीए की छात्रा की सोशल मीडिया पर अपलोड की गई रील पर विवाद खड़ा हो गया है। हिंदू संगठनों के सोमवार को छात्रा पर केस दर्ज करने को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। जिसके बाद पुलिस ने छात्रा पर एफआईआर दर्ज की है। वहीं, छात्रा ने सोशल मीडिया पर एक और वीडियो पोस्ट कर माफी मांगी है। इधर, रील सामने आने के बाद यूनिवर्सिटी ने भी छात्रा को नोटिस दिया है। यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने छात्रा को सस्पेंड करने की चेतावनी दी है।   दरअसल, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय की छात्रा अल्फिया खान के हाल ही में सोशल मीडिया पर अपलोड किए गए वीडियो विवादाें में आ गए है। इसमें युवती विश्वविद्यालय की ड्रेस में है और उसने गले पर विश्वविद्यालय का आईडी कार्ड भी लटका रखा है। वीडियो में 'ख्वाजा के गुलामों से उलझना छोड़ दे.. फेंक देंगे काटकर..' गाना बज रहा है। जिस पर युवती गले पर हाथ रखकर एक्टिंग कर रही है। दूसरे वीडियो में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन औवेसी का 15 मिनट वाला एक बयान है, जो महाराष्ट्र चुनाव के दौरान काफी विवादों में रहा था। औवेसी के इसी भाषण पर छात्रा ने रील बनाई है। छात्रा की सोशल मीडिया पर अपलोड की गई रील को लेकर हिंदू संगठनों और छात्र संगठनों ने कड़ी नाराजगी जताई। रविवार देर रात विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता और पदाधिकारी मामले की लिखित शिकायत लेकर थाने पहुंचे। जहां वे रात में ही एफआईआर दर्ज करने की मांग पर अड़ गए। इसके बाद साेमवार काे हिंदू संगठनों ने कार्रवाई की मांग काे लेकर विरोध प्रदर्शन किया। जिसके बाद पुलिस ने सोमवार दोपहर को छात्रा पर मामला दर्ज कर जांच में लिया।   इस मामले में थाना प्रभारी हितेंद्र शर्मा का कहना है कि विद्यार्थी परिषद से मामले की शिकायत मिली है। शिकायत के आधार पर युवती के खिलाफ FIR की गई है। एसपी विवेक सिंह ने बताया कि अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली एक युवती ने विवादित वीडियो पोस्ट किए हैं। जो दो धर्मों के बीच में धार्मिक हिंसा भड़काने वाले हैं। शिकायती आवेदन पर मामला दर्ज किया गया है।  

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रतलाम । आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की टीम ने आय से अधिक संपत्ति मामले में सोमवार को रतलाम नगर निगम के लेखापाल विकास सोलंकी और उनके पिता धार में आदिम जाति सेवा सहकारी समिति के प्रबंधक नंदकिशोर सोलंकी के ठिकानों पर छापेमारी की। ईओडब्ल्यू इंदौर के डीएसपी पवन सिंघल के नेतृत्व में आई टीम ने रतलाम और धार स्थित घर पर दबिश देकर सर्चिंग शुरू की, जिसमें करोड़ों की संपत्ति के दस्तावेज बरामद हुए हैं। इओडब्ल्यू की टीम ने विकास सोलंकी के पिता आरोपित नंदकिशोर सोलंकी के खिलाफ भ्रष्टाचार से करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित करने की शिकायत सही पाए जाने पर धारा 7 (सी), 13 (1) बी, 13(2), भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 का प्रकरण पंजीबद्ध किया है। ईओडब्ल्यू के एसपी रामेश्वर सिंह यादव ने बताया कि 40 हजार रुपये मासिक वेतन पाने वाले नंदकिशोर सोलंकी के पास लगभग चार करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति मिली है। सोलंकी के स्वामित्व में दो मकान, सात प्लॉट, सात गाड़ियां, दो बसें और एक निर्माणाधीन पेट्रोल पंप की जानकारी सामने आई है। इसके अलावा इंदौर में दो प्लॉट भी उनके नाम पर हैं। सोलंकी की 28 साल की नौकरी में कुल वैध आय लगभग 50 लाख रुपये होनी चाहिए, लेकिन उनके पास प्रारंभिक तौर पर ही संपत्ति आय से लगभग 240 प्रतिशत अधिक पाई गई है। ईओडब्ल्यू की अलग-अलग टीमों ने सोमवार सुबह करीब 04 बजे धार और रतलाम में एक साथ दबिश दी। धार में आदिम जाति सेवा सहकारी समिति के प्रबंधक नंदकिशोर सोलंकी और रतलाम में उनके बेटे व नगर निगम के अकाउंट ऑफिसर विकास सोलंकी के घर पर यह कार्रवाई की गई। दरअसल विकास सोलंकी के पिता नंदकिशोर सोलंकी धार जिले के सरदारपुर तहसील के ग्राम रिंगनोद में सेवा सहकारी समिति के प्रबंधक हैं। धार व रतलाम में एक साथ कार्रवाई की गई है। विकास सोलंकी नगर निगम में पूर्व में उपायुक्त भी रहे हैं। मार्च 2024 में हुए नगर निगम के साधारण सम्मेलन में परिषद ने प्रस्ताव पारित कर उन्हें उपायुक्त के कार्य से मुक्त कर दिया था। इसके बाद सिविक सेंटर के 22 प्लाटों की कम दर में रजिस्ट्री के मामले में लोकायुक्त उज्जैन की टीम ने तत्कालीन निगमायुक्त एपीएस गहरवार, विकास सोलंकी सहित 36 लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था। इसमें नगर निगम के अधिकारी के साथ क्रेता विक्रेता भी आरोपित बनाए गए हैं। विकास सोलंकी की पत्नी भी जिला पंचायत में लेखाधिकारी है। उनके भाई की इंदौर-जोबट मार्ग पर बस चलती है। सर्चिंग में मिली संपत्ति पेट्रोल पंप : भूमि सर्वे क्रमांक 3177/2/2 ग्राम रिंगनोद जिला धार पर निर्माणाधीन है। सात भूखंड : त्रिमूर्ति नगर राजगढ़, दलपुरा राजगढ में भूखंड, सर्वे कमांक 655/1/6 रकबा 0.006 हेक्टेयर भूमि दलपुरा राजगढ़ में, भूखण्ड क्रमांक 79, आवासीय दलपुरा, राजगढ, भूमि सर्वे क्रमांक 3177/1/1, भूमि सर्वे क्रमांक 3177 ग्राम रिंगनोद, न्यू विजयनगर इंदौर में 1800 वर्गफीट का प्लाट, राजगढ़ जिला धार में 600 वर्गफीट का प्लाट। ग्राम रिंगनोद में एक मकान, रतलाम में ग्लोबस टाउनशिप 10000 वर्गफीट क्षेत्र में मकान। दो 52 सीटर डीलक्स बसें, एक चार पहिया वाहन, 6 दो पहिया वाहन मिले हैं। इसके अलावा टीम दोनों स्थानों पर दस्तावेज, आभूषण, बैंक खातों एवं नकद आदि से संबंधित सर्च कर रही है। कार्रवाई के दौरान और अधिक संपत्ति मिलने की संभावना है। अभी तक मिली संपत्ति का मूल्य चार करोड़ रुपये होने का अनुमान है। ईओडब्ल्यू इंदौर की डीएसपी मधुर वीणा गौड़ के नेतृत्व में रिंगनोद धार और पवन सिंघल के नेतृत्व में रतलाम में एक साथ कार्रवाई चल रही है।

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में फिर से सर्दी का दौर शुरू हो गया है। सर्द हवाओं ने ठिठुरन बढ़ा दी है। दिन और रात के तापमान में गिरावट आयी है। शहडोल के कल्यापुर में तापमान 5 डिग्री के नीचे पहुंच गया है। आज सोमवार को भी ऐसा ही मौसम रहने वाला है। सुबह और रात ठंडे रहेंगे। सोमवार और मंगलवार की रात से पारे में 3 से 4 डिग्री तक की बढ़ोतरी होने का अनुमान है। 28, 29, 30 और 31 जनवरी को दिन में गर्मी और रातें ठंडी रहेगी। वहीं, 1 फरवरी से बारिश का दौर शुरू हो सकता है।मौसम विभाग के अनुसार, वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) की वजह से फरवरी के शुरुआती 4 दिन तक मौसम बदला रहेगा। 1 से 4 फरवरी के बीच पूर्वी और दक्षिणी हिस्से में कहीं-कहीं बारिश हो सकती है। इनमें रीवा, शहडोल, जबलपुर, सागर, ग्वालियर, चंबल और नर्मदापुरम संभाग के जिले शामिल हैं। इंदौर, भोपाल और उज्जैन संभाग में मौसम साफ रहेगा। आज सोमवार को प्रदेश के सभी हिस्से में ठंड का असर रहेगा। खासकर सुबह और रात में मौसम सर्द रहेगा। 28 जनवरी को दिन-रात में ठंड का असर रहेगा। कुछ शहरों में हल्का कोहरा भी रह सकता है।प्रदेश में पिछले दो दिन से मौसम में बदलाव देखने को मिला है। रविवार को दिन में सर्द हवाएं चली। हालांकि, पारे में ज्यादा गिरावट नहीं हुई। कई शहरों में एक से दो डिग्री की बढ़ोतरी ही देखने को मिली। जबकि रविवार की रात में कई शहरों में पारा लुढ़क गया। बड़े शहरों की बात करें तो ग्वालियर में सबसे कम 6.2 डिग्री रहा। भोपाल में 8.2 डिग्री, जबलपुर में 8.8 डिग्री, उज्जैन में 11.4 डिग्री और इंदौर में 13.6 डिग्री रहा। प्रदेश में सबसे ठंडा कल्याणपुर रहा। यहां न्यूनतम तापमान 4.9 डिग्री दर्ज किया गया। रीवा में 5.4 डिग्री, राजगढ़-नौगांव में 6 डिग्री, उमरिया में 6.4 डिग्री, खजुराहो में 6.8 डिग्री, गुना में 7.2 डिग्री, सतना में 7.5 डिग्री, टीकमगढ़ में 8 डिग्री, मंडला में 8.4 डिग्री, पचमढ़ी में 8.4 डिग्री और सीधी में 9.4 डिग्री रहा।  

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भोपाल । राज्यपाल मंगुभाई पटेल के मुख्य आतिथ्य में रविवार को देश का 76वां गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास से मनाया गया। राज्यपाल पटेल ने भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में आयोजित राज्य स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहराया। आकाश में गुब्बारे छोड़े और परेड की सलामी लेकर निरीक्षण किया। उन्होंने सांस्कृतिक कार्यक्रमों, परम्परागत लोकनृत्यों और झांकियों की प्रस्तुति का अवलोकन किया। परेड कमांडरों के साथ ग्रुप फोटो भी खिंचवाया। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित भी किया। समारोह में सांसद वीडी शर्मा, मुख्य सचिव अनुराग जैन, पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना, राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव के.सी. गुप्ता एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।   राज्यपाल पटेल ने 76वें गणतंत्र दिवस के मौके पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम में राष्ट्र ध्वज फहराया और आकर्षक परेड की सलामी ली। उन्होंने परेड का निरीक्षण किया। इसके बाद परेड कमांडर करणदीप सिंह के नेतृत्व में मार्च पास्ट किया गया। टूआईसी अतुल कुमार सोनी के नेतृत्व में परेड में विभिन्न बलों की 20 टुकड़ियां शामिल थीं। परेड में शामिल कंटीजेंट नम्बर-1 केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल का नेतृत्व निरीक्षक सुरेन्द्र सिंह ने किया। कंटीजेंट नम्बर-2 केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, कंटीजेंट नम्बर-3 छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल, कंटीजेंट नम्बर-4 मध्यप्रदेश विशेष सशस्त्र बल (1), कंटीजेंट नम्बर-5 स्पेशल टास्क फोर्स, कंटीजेंट नम्बर-6 विशेष सशस्त्र बल और जिला पुलिस बल (महिला), कंटीजेंट नम्बर-7 जिला पुलिस बल (पुरूष), कंटीजेंट नम्बर-8 जेल विभाग (महिला), कंटीजेंट नम्बर-9 मध्यप्रदेश विशेष सशस्त्र बल (2), कटीजेंट नम्बर-10 मध्य प्रदेश होमगार्ड, कंटीजेंट नम्बर-11 भूतपूर्व सैनिक, कंटीजेंट नम्बर-12 एनसीसी सीनियर डिविजन, एयरविंग और नेवल विंग, बॉयस मिश्रित प्लाटून, कंटीजेंट नम्बर-13 एनसीसी सीनियर विंग, एयर विंग और नेवल विंग गर्ल्स मिश्रित प्लाटून, कंटीजेंट नम्बर-14 स्काउड गाइड बॉयस, कंटीजेंट नम्बर-15 गर्ल्स गाइड छात्रा, कंटीजेंट नम्बर-16 पुलिस बॉयस, कंटीजेंट नम्बर-17 शौर्य दल, कंटीजेंट नम्बर-18 पुलिस बैंड, कंटीजेंट नम्बर-19 श्वान दल और कंटीजेंट नम्बर-20 अश्वरोही दल के रूप में शामिल था। इन 20 दलों ने देशभक्ति की धुन पर आकर्षक मार्च पास्ट किया। परेड के बाद आकाश में तिरंगे के रूप में गुब्बारे छोड़े गये। समारोह में ग्रांउड पर हुई आकर्षक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां समारोह में छात्र-छात्राओं ने आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दीं। अशासकीय सेंट पॉल को-एड हायर सेकण्ड्री स्कूल आनंद नगर के बच्चों ने देशभक्ति के जज्बे से ओतप्रोत प्रस्तुति दी। इस कार्यक्रम में 180 छात्र-छात्राएं शामिल थे। कार्यक्रम के जरिये बताया गया कि देशभक्ति का जज्बा हर एक दिल में उमंग भर देता है और वतन की मिट्टी से जुड़ने का एहसास कराता है। अशासकीय हेमा हायर सेकण्ड्री स्कूल गोविंदपुरा भेल के छात्र-छात्राओं ने भारतीय कला, संस्कृति और विरासत पर केन्द्रित प्रस्तुति दी। प्रस्तुति में बताया गया कि भारतीय संस्कृति का ऐश्वर्य इतना महान है कि सारा संसार हमारी संस्कृति के समक्ष नत-मस्तक है। सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मिसरोद, शासकीय सुभाष उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय शिवाजी नगर और सीएम राइज स्कूल महात्मा गांधी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बरखेड़ा के विद्यार्थियों ने रक्षमाम्-धरती की पुकार शीर्षक से प्रस्तुति दी। प्रस्तुति में 70 विद्यार्थी शामिल थे। पर्यावरण संरक्षण और धरती को प्रदूषण रहित बनाये रखने का संदेश दिया गया। भरत नाट्यम नृत्य में आधुनिक फ्यूजन संगीत का प्रयोग किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रंखला में 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' की तर्ज पर अशासकीय होली फेमिली हायर सैकेण्डरी कान्वेंट स्कूल गांधीनगर के नन्हे बच्चों ने प्रस्तुति दी। प्रस्तुति में बताया गया कि देश की विभिन्न भाषाएं, संस्कृतियां और परंपराएं रहने के बावजूद सभी एक सूत्र में बंधे हुए हैं। इन सभी का समावेश करते हुए प्रस्तुतियां दी गई। जनजातीय नृत्यों की प्रस्तुतियां राज्य स्तरीय समारोह में जनजातीय संस्कृति पर केन्द्रित गोण्ड ठाच्या की प्रस्तुति हुई। यह नृत्य जनजातीय समुदाय में दीपावली के बाद किया जाता है। लोक कलाकारों ने बांसुरी की मधुर धुन और हाथ, पैर एवं कमर का सुंदर संयोजन कर विविध मुद्राओं से नृत्य को आकर्षक बनाया। कार्यक्रम में कोरकू जनजाति के गदली-थापटी नृत्य की प्रस्तुति दी गई। लोक कलाकरों ने ठोलक की लय-ताल पर हाथों और पैरों की विभिन्न मुद़ाएं बनाते हुए गोल घेरे में कोरकू नृत्य प्रस्तुत किया। आकर्षक झांकियों का प्रदर्शन गणतंत्र दिवस समारोह में झांकियों के माध्यम से प्रदेश की प्रगति, सुशासन जनभागीदारी से समग्र विकास को प्रदर्शित किया गया। 20 शासकीय विभागों की झांकियों को प्रदर्शन किया गया। उद्यानिकी विभाग की झांकी में उद्यानिकी फसलों से किसानों की बढ़ती आय को दर्शाया गया। प्रदेश में उद्यानिकी मंडियों का संचालन और वर्तमान में 15 उद्यानिकी फसलों का जीआई पंजीयन को प्रदर्शित किया गया। आयुष विभाग की झांकी में आयुष हेल्थ-वेलनेस सेंटर, समुद्र मंथन से आयुर्वेद ज्ञान की प्राप्ति और प्रदेश में अत्याधुनिक आयुर्वेद अस्पतालों के संचालन को प्रदर्शित किया गया। उद्योग विभाग की झांकी में बुधनी के लकड़ी के खिलौने, इन्वेस्टर्स मीट और बुरहानपुर के पावर लूम को दिखाया गया। किसान कल्याण तथा कृषि विभाग की झांकी में दलहन-तिलहन के बढ़ते उत्पादन, रानी दुर्गावती श्रीअन्न योजना से कोदों, कुटकी, रागी, ज्वार, बाजरा के बढ़ते उत्पादन को दिखाया गया। कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग की झांकी में खादी कपड़े की बुनाई और वस्त्र निर्माण करने की कला, रेशमी वस्त्र कला और माटीकला के पारंपरिक साधनों को विकसित करते हुए इलेक्ट्रिक चरखों से रंगीन कपड़ा बनाने की प्रक्रिया को दिखाया गया। खेल और युवा कल्याण विभाग की झांकी में प्रदेश के 11 खेल अकादमियों के संचालन, खेलेगा इंडिया तभी तो बढ़ेगा इंडिया की गतिविधियों को प्रदर्शित किया गया। प्रदेश की झाँकी में पेरिस ओलंपिक, पैरालम्पिक में 6 खिलाड़ियों द्वारा 3 काँस्य पदक अर्जित करने की उपलब्धि को प्रदर्शित किया गया। गृह विभाग की झांकी में पुलिस बैंड की प्रभावी प्रस्तुति को दिखाया गया। प्रदेश में व्यापक रूप में पुलिस बैंड यूनिट का विस्तार किया जा रहा है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र में पुलिस द्वारा जनजातीय समुदाय के लिये चलाये जा रहे "जनमैत्री" अभियान को दर्शाया गया। जनजातीय कार्य विभाग की झांकी में भीली जनजातीय गोण्ड चित्रांकन के कलाकारों के लिये डिजिटल प्लेटफार्म, जनजातीय क्षेत्रों में सामुदायिक रेडियो का संचालन और जनजातीय न्याय महाअभियान (पीएम जनमन) को दर्शाया गया। जेल विभाग की झांकी में बंदियों को रचनात्मक कार्यों से जोड़ने और प्रशिक्षण की गतिविधियों को दर्शाया गया। तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग की झांकी में इलेक्ट्रिक लूम, आधुनिक सोलर ऊर्जा के नये-नये प्रयोग, आईटीआई प्रशिक्षण केन्द्र की गतिविधियों को दर्शाया गया। नगरीय विकास एवं आवास विभाग की झांकी में उज्जैन के महाकाल लोक का निर्माण एवं प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में धार्मिक लोकों के निर्माण को दर्शाया गया। पर्यटन विभाग की झांकी में ओरछा का ऐतिहासिक समूह नामांकन दस्तावेज और पर्यटन की गतिविधियों को प्रदर्शित किया गया। पशुपालन एवं डेयरी विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, वन विभाग, सहकारिता विभाग और संस्कृति विभाग की झांकी में इन क्षेत्रों में हासिल की गई उपलब्धियों को प्रदर्शित किया गया। पुरस्कार राज्य स्तरीय समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रम में पहला पुरस्कार रक्षमाम्, द्वितीय पुरस्कार हेमा हायर सेकण्ड्री स्कूल के भारत की संस्कृति गाथा और तृतीय पुरस्कार अशासकीय सेंट पॉल को-एड के सामूहिक नृत्य प्रस्तुति 'देशभक्ति जज्बा' को दिया गया। प्रस्तुत झांकियों में प्रथम स्थान संस्कृति विभाग, द्वितीय वन विभाग और तृतीय पुरस्कार जनजातीय कार्य विभाग को दिया गया। परेड परेड में सैन्य दल में प्रथम केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, द्वितीय स्पेशल टास्क फोर्स, तृतीय केन्द्रीय रिजर्व पुलिस को दिया गया। असैन्य दल में प्रथम भूतपूर्व सैनिक, द्वितीय एनसीसी सीनियर बॉयस और तृतीय एनसीसी सीनियर गर्ल्स को दिया गया।  

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रायसेन । रायसेन में रविवार शाम काे भीषण सड़क हादसा हाे गया। यहां यात्रियाें से भरे ऑटाे और बाइक की आमने सामने से टक्कर हाे गई। हादसे में सात लाेग घायल हुए हैं, जिनमें तीन की हालत गंभीर बताई जा रही है। सभी काे इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।   जानकारी के अनुसार घटना रविवार शाम पांच बजे भोपाल रोड पर दरगाह शरीफ के पास हुई। हाट बाजार से लौट रहे ऑटो की बाइक से सामने-सामने की टक्कर हुई। हादसे में ऑटो अनियंत्रित होकर सड़क से नीचे जा गिरा। जिसमें सात लोग घायल हो गए। इसमें रुक्मणी, विशाल, अभिषेक, रामचरण, अभिलाष, मनोज और अमिताभ घायल हो गए। घायलों में दो बाइक सवार व्यक्ति भी है। घटना की सूचना मिलते ही 108 एम्बुलेंस मौके पर पहुंची और सभी घायलों को तत्काल रायसेन जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने प्राथमिक इलाज के बाद गंभीर घायलों की स्थिति पर नजर बनाए रखी है। थाना कोतवाली पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। डॉक्टरों के मुताबिक घायलों में से तीन की स्थिति गंभीर बनी हुई है।      

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में फिर मौसम का मिजाज बदलने वाला है। कुछ शहरों में बूंदाबांदी की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार 29 जनवरी से प्रदेश में फिर नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने जा रहा है। ऐसे में जबलपुर, ग्वालियर, चंबल समेत 7 संभाग के जिलों में बूंदाबादी के आसार है। जबकि भोपाल, इंदौर और उज्जैन में ठंड बढ़ेगी। पश्चिमी विक्षोभ की वजह से फरवरी के शुरुआती 4 दिन तक मौसम बदला रहेगा। कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है।मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में उत्तरी हवाएं आ रही हैं। वहीं, जेट स्ट्रीम हवा राजस्थान, पश्चिम उत्तरप्रदेश, पश्चिम-उत्तर मध्य प्रदेश और गुजरात में चल रही है। इस वजह से पारे में गिरावट हुई है, जो अगले 2 दिन बनी रहेगी। फिर 1-2 डिग्री की बढ़ोतरी होगी। 29 जनवरी से वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव हो रहा है। जिसका असर 2 दिन बाद से प्रदेश में देखने को मिलेगा। इस कारण 1 से 4 फरवरी के बीच पूर्वी और दक्षिणी हिस्से में बारिश हो सकती है।मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में 1 फरवरी से जबलपुर, रीवा, शहडोल, सागर, नर्मदापुरम और ग्वालियर संभाग के कुछ जिलों में हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। हालांकि इंदौर, भोपाल और उज्जैन संभाग में मौसम साफ रहेगा, लेकिन ठंड का असर तेज हाे जाएगा। आज रविवार को प्रदेश के सभी हिस्से में ठंड का असर रहेगा। खासकर सुबह और रात में मौसम सर्द रहेगा। 27 जनवरी को दिन-रात में ठंड का असर रहेगा। कुछ शहरों में हल्का कोहरा भी रह सकता है।प्रदेश में सबसे कम न्यूनतम तापमान वाले शहरों की बात करें तो नीमच जिले के मरूखेड़ा शहर और ग्वालियर जिले की रात सबसे ठंडी रही। जहां तापमान 6.6 डिग्री दर्ज किया गया है। इसके अलावा शाजापुर के गिरवर में 6.8 डिग्री, छतरपुर के खजुराहो में 7.6 डिग्री, ग्वालियर में 7.9 डिग्री और सतना के चित्रकूट में रात का तापमान 8.3 डिग्री रहा।

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भोपाल । दिल्ली में आयोजित हुई राष्ट्रीय बैंड प्रतियोगिता में पश्चिमी जोन का प्रतिनिधित्व कर रही सेंट जोसफ कॉन्वेन्ट सीनियर सेकेंडरी स्कूल भोपाल की टीम ने बालिका वर्ग में देश में दूसरा स्थान प्राप्त किया। राष्ट्रीय स्तर की स्कूल बैंड प्रतियोगिता के बालिका वर्ग में पहला स्थान सिक्किम की टीम, दूसरा स्थान मध्य प्रदेश की टीम जबकि तीसरा स्थान केरल की टीम ने प्राप्त किया। उत्तराखंड की टीम को प्रतियोगिता में सांत्वना पुरस्कार अर्जित किया। मध्य प्रदेश की टीम वेस्ट ज़ोन की क्षेत्रीय प्रतियोगिता में पहला स्थान हासिल कर राष्ट्रीय प्रतियोगिता में पहुंची थी। उल्लेखनीय है कि प्रतियोगिता में वेस्ट जोन के तहत 6 राज्य मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा एवं केन्द्र शासित प्रदेश दमन एवं दीव और दादर नगर हवेली आते हैं। ब्रास बैंड प्रतियोगिता के बालिका वर्ग में इन राज्यों (वेस्ट ज़ोन) का प्रतिनिधित्व मध्य प्रदेश की टीम कर रही थी।    

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भोपाल । राजधानी भोपाल के खानूगांव में शनिवार सुबह 3 मंजिला इमारत में आग लग गई। सिलाई सेंटर में सुबह करीब 8 बजे भड़की आग ने पूरी बिल्डिंग को अपनी चपेट में ले लिया। आग से अफरा-तफरी मच गई। मजदूर शोर मचाते हुए सिलाई सेंटर से बाहर भागे। आग ने देखते ही देखते 3 मंजिला बिल्डिंग को चपेट में ले लिया। 15 फीट ऊंची पलटों के बीच बिल्डिंग में रहने वाले 50 लोग घिर गए। सूचना मिलने पर फायर ब्रिगेड की 30 गाड़ियां पहुंची। करीब 3 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। सभी 50 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाला। आग लगने की वजह शॉट सर्किट बताई जा रही है।   जानकारी के मुताबिक, खानूगांव में युनूस कुरैशी की तीन मंजिला बिल्डिंग है। बिल्डिंग के थर्ड और ग्राउंड फ्लोर के एक हिस्से में आठ परिवार रहते हैं। फर्स्ट फ्लोर पर सिलाई सेंटर है। यहां सिलाई मशीनें और कपड़े की गठानें रखी थी। शॉट सर्किट से सुबह 8 बजे सिलाई सेंटर में आग भड़की गई। आग बढ़ती गई। कुछ ही देर में पूरी बिल्डिंग को चपेट में ले लिया। लपटें उठती देखकर अफरा-तफरी मच गई। बिल्डिंग में धुआं भर गया। चश्मदीद फहीमुद्दीन चौधरी ने बताया कि जिस बिल्डिंग में आग लगी, उसके पास में ही वे रहते हैं। सुबह सिलाई सेंटर से मजदूर शोर मचाता बाहर निकला। देखा तो धुआं निकल रहा था। इसके बाद फौरन फायर ब्रिगेड को सूचना दी। सूचना के बाद एक के बाद एक कर 30 फायर ब्रिगेड गाड़ियां पहुंची। दमकल कर्मियों ने लोगों को बिल्डिंग से बाहर निकालना शुरू किया। महिलाएं छोटे बच्चों को गोद में उठाकर बाहर भागीं। घरों से गैस सिलेंडर भी बाहर किए ताकि कोई गंभीर हादसा न हो जाए। कुछ ही देर में पूरी बिल्डिंग खाली करा दी गई। करीब 50 लोगों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया। आग पर कड़ी मशक्कत के बाद 3 घंटे में काबू पाया जा सका। सुबह 11 बजे तक फतेहगढ़ समेत आसपास के फायर स्टेशनों से करीब 30 फायर ब्रिगेड गाड़ियां और पानी के टैंकरों की मदद से आग बुझाई जा सकी।     बताया जा रहा है कि हादसे के वक्त सिलाई सेंटर में 10 मजदूर थे। बाकी के लोग भी बिल्डिंग में किराए से रह रहे हैं। लोगों ने बताया कि आग की लपटें 10 से 15 फीट तक ऊपर उठ रहीं थी। आग ने बिल्डिंग के सभी फ्लैट को चपेट में ले लिया। कुछ लोगों के घरों का घरेलू सामान जलकर खाक हो गया। आग में सिलाई सेंटर पूरी तरह से जल गया। लाखों की मशीनें आग में खाक हो गई। जिस समय आग लगी उस समय सिलाई सेंटर में 10 मजदूर काम कर रहे थे। गनीमत रही कि किसी तरह की जनहानि नहीं हुई। स्थानीय लोगों का कहना था कि आग लगने की सूचना नगर निगम के फायर स्टेशन को फौरन दे दी गई थी, लेकिन औपचारिकताएं पूरी करने में इतना समय लगा कि आग तेजी से फैलती गई। अगर समय रहते दमकल वाहन मौके पर पहुंच जाते तो आग को फैलने से रोका जा सकता था।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मौसम ने एक बार फिर करवट ली है। उत्तर से आ रही बर्फीली हवाओं की वजह से मध्य प्रदेश में फिर से ठंड बढ़ गई है। शुक्रवार को राजधानी भोपाल में दिन का तापमान 6.8 डिग्री लुढ़ककर 22.6 डिग्री पर आ पहुंचा। इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर और जबलपुर में भी गिरावट हुई है। भोपाल समेत प्रदेश के अधिकांश शहरों में शीतलहर का प्रकोप देखने को मिल रहा है। आने वाले दिनों में ठंड और बढ़ने की संभावना है।मौसम विभाग के अनुसार, अगले 3 दिन तक ठंड का असर रहेगा। इसके बाद थोड़ी राहत मिलेगी। 29 जनवरी से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव हो रहा है। इससे पारे में बढ़ोतरी होगी। हालांकि, सिस्टम गुजरने के बाद फिर से ठंड बढ़ जाएगी। आज शनिवार को ग्वालियर, चंबल, जबलपुर संभाग में कहीं-कहीं हल्का कोहरा रह सकता है। जबकि 26 जनवरी को दिन-रात में ठंड का असर रहेगा। कुछ शहरों में हल्का कोहरा भी रह सकता है। दिन के साथ रात के तापमान में भी गिरावट होगी।शुक्रवार को सभी शहरों में तापमान में गिरावट आयी है। इंदौर में 23.4 डिग्री, उज्जैन में 23.5 डिग्री, ग्वालियर में 25 डिग्री और जबलपुर में पारा 24.5 डिग्री रहा। गुना में 25 डिग्री, पचमढ़ी में 26.6 डिग्री, रायसेन में 23.6 डिग्री, दमोह में 25.5 डिग्री, खजुराहो में 25.4 डिग्री, नरसिंहपुर में 24.2 डिग्री, रीवा में 23.8 डिग्री, सागर में 24.9 डिग्री, सतना में 24.7 डिग्री, सीधी में 24.6 डिग्री, टीकमगढ़ में 24 डिग्री, उमरिया में 25.5 डिग्री रहा। दिन के साथ रात के तापमान में भी गिरावट होगी। हालांकि, शुक्रवार की रात में नर्मदापुरम में तापमान 16.6 डिग्री तक पहुंच गया, जो सबसे ज्यादा रात का तापमान रहा। नीचम का मरुखेड़ा में ही सबसे कम 9.2 डिग्री पारा रहा। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 13.2 डिग्री, इंदौर में 13.5 डिग्री, ग्वालियर में 10.4 डिग्री, उज्जैन में 13.5 डिग्री और जबलपुर में 13.8 डिग्री रहा। बाकी शहरों में तापमान 10 डिग्री से अधिक ही दर्ज किया गया।  

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इंदौर । मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में देवगुराड़िया इलाके में गुरुवार को एक तेंदुआ घुस गया। जंगल से जुड़े इस इलाके में तेंदुए को देखते ही कॉलोनी के लोग दहशत में आ गए। सामने आए एक वीडियो में तेंदुआ एक छत से कूदता हुआ नजर आया। इसके बाद एक निर्माणाधीन मकान में घुस गया। सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद उसका रेस्क्यू किया। मामला देवगुराड़िया गांव के की मानसरोवर कॉलोनी का है। यहां गुरुवार दोपहर एक तेंदुआ निर्माणाधीन मकान में बैठा दिखाई दिया। इसके बाद लोगों ने तेंदुए ने भगाने की कोशिश की तो वह लोगों की तरफ झपटा। इससे इलाके में भगदड़ मच गई। घटना का वीडियो सामने आया है। तेंदुए को सबसे पहले मकान में काम कर रहे मजदूरों ने देखा। घटना की सूचना कंट्रोल रूम को दी गई, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने वन विभाग को इसकी जानकारी दी। वन विभाग की टीम ने करीब तीन घंटे बाद तेंदुए को रेस्क्यू किया। वन विभाग ने तेंदुए को पिछड़े में बंद कर उसे अपने साथ ले गई, जिसके बाद कॉलोनी के लोगों ने चैन की सांस ली। इससे पहले भी इंदौर के कुछ इलाकों में तेंदुआ लोगों में दहशत फैला चुका है। रेंजर योगेश यादव ने कहा कि आशंका है कि तेंदुआ पास ही स्थित रालामंडल जंगल से रिहायशी इलाके में आया होगा।  

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भिंड । मध्य प्रदेश में भिंड जिले के गोहद नगर में गुरुवार को पानी की पाइपलाइन बिछाने के लिए खुदाई के दौरान मिट्टी के एक घड़े में चांदी के 113 सिक्के मिले हैं। सूचना मिलने पर स्थानीय प्रशासन की टीम ने मौके पर पहुंचकर सिक्कों को जब्त कर लिया है। ये सिक्के 500 साल पुराने मुगलकालीन 1700 से 1800 ईस्वी के मध्य के बताए जा रहे हैं। क्षेत्र के एसडीएम पराग जैन का कहना है कि पुरातत्व विभाग को भी जानकारी दी है। वह इन सिक्कों की जांच करेगा।   दरअसल, भिंड के गोहद में वार्ड 11 कालिया कंठ मंदिर के पास गुरुवार को नल-जल योजना के तहत पानी की पाइपलाइन बिछाए जाने के लिए रामकुमार सिंह गुर्जर, पंजाब सिंह गुर्जर के घर के पास खुदाई की जा रही थी। इसी दौरान मजदूरों को ढक्कन लगा हुआ मिट्टी का घड़ा मिला। उसमें चांदी के सिक्के भरे हुए थे। सिक्के मिलते ही स्थानीय रहवासी रामकुमार सिंह और पंजाब सिंह ने मिट्टी के घड़े को मजदूरों के हाथ से छीन लिया और घर के अंदर ले गए। धीरे-धीरे सिक्के मिलने की जानकारी पूरे वार्ड में फैल गई।   जानकारी मिलने पर एसडीओपी सौरभ कुमार, तहसीलदार विश्राम शाक्य, गोहद थाना प्रभारी मनीष धाकड़, पटवारी अनुज शर्मा सहित अन्य लोग मौके पर पहुंचे। इसके बाद राजस्व और पुलिस विभाग की टीम ने चांदी के सिक्कों को जब्त कर उन्हें धोया गया। जिस स्थान पर चांदी के सिक्के मिले हैं, उसके आसपास 500 मीटर के क्षेत्र को प्रतिबंधित किया गया है। वहीं स्थानीय प्रशासन ने अब मशीनों से खोदाई करानी शुरू कर दी है।   सिक्कों पर उर्दू में लिखा अलखामी प्रोफेसर इकबाल अली ने बताया कि ये सिक्के 1800 ईस्वी के लग रहे हैं। सिक्कों पर उर्दू में अलखामी करके कुछ लिखा हुआ है। ऐसा हो सकता है कि अलखामी उस समय किसी मुद्रा का नाम हो। पुरातत्व विभाग की जांच में यह स्पष्ट हो सकेगा।  

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भोपाल  । मध्य प्रदेश के मौसम में लगातार बदलाव देखने को मिल रहा है। राजधानी भोपाल समेत कई जिलों में दिन के तापमान में उछाल आया है। दक्षिण-पूर्वी हवाओं के रूख बदलने से ठंड कम हो गई है। गुरुवार को जबलपुर, खरगोन-खंडवा समेत 7 शहर ऐसे रहे, जहां दिन का तापमान 30-31 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया। वहीं, रात में पारा 16 डिग्री रहा। हालांकि, शनिवार से मौसम फिर बदल सकता है। मौसम विभाग के मुताबिक, 25 जनवरी से तेज ठंड का एक और दौर शुरू होगा, जो पूरे सप्ताह रहेगा।मौसम विभाग ने बताया कि अभी साइक्लोनिक सर्कुलेशन और वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) की एक्टिविटी है। इस वजह से दक्षिण-पूर्वी हवा चल रही है। अब यह रुख उत्तरी हो जाएगा। इससे ठंडी हवा प्रदेश में आएगी और दिन-रात के तापमान में दो से तीन डिग्री तक की गिरावट होगी। बीते गुरुवार को मंडला में दिन का तापमान 31.5 डिग्री, खंडवा में 31.1 डिग्री, खरगोन में 31 डिग्री, जबलपुर, नर्मदापुरम-सिवनी में 30.4 डिग्री और बैतूल में 30 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दूसरी ओर, पचमढ़ी और ग्वालियर ठंडे रहे। पचमढ़ी में रात के तापमान में गिरावट देखने को मिली।गुरुवार की रात में इंदौर में पारा 16.2 डिग्री सेल्सियस रहा। उज्जैन में 13.8 डिग्री, भोपाल में 10.2 डिग्री, ग्वालियर में 12.4 डिग्री और जबलपुर में 12.4 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। यह पचमढ़ी में सबसे कम 8.3 डिग्री रहा। शहडोल के कल्याणपुर में 9.1 डिग्री, मंडला में 9.5 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। बाकी शहरों में 10 डिग्री से ज्यादा तापमान रहा।  

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उज्जैन । इन दिनों खुले आसमान में सूर्यास्त के बाद बगैर दूरबीन के क्रम से शनि, शुक्र, नेप्चून, यूरेनस, बृहस्पति एवं मंगल ग्रह दिखाई दे रहे हैं। इनको देखने के लिए आपको दिशा और थोड़ा बहुत ग्रहों की आकृति/रंग के बारे में जानना होगा। तो चलें....आज शाम को ही अपने घर की छत पर, इन ग्रहों को देखने...। जीवाजी वेधशाला के प्रभारी अधीक्षक डॉ.आर.पी.गुप्त के अनुसार आप अपने घर की छत से पश्चिम दिशा से पूर्व दिशा की ओर सूर्यास्त के बाद क्रम से शनि, शुक्र, नेप्चून, यूरेनस, बृहस्पति एवं मंगल ग्रह का अवलेाकन बगैर किसी उपकरण की सहायता से खुली आंखों से कर सकते हैं। ग्रहों की कांति से आपको स्पष्ट होगा कि ये ग्रह एक सीध में न होकर कुछ उत्तर या दक्षिण की ओर हैं। यह स्थिति लगभग एक माह तक आंशिक रूप से बदली हुई स्थितियों में रहेगी,लेकिन ग्रह दिखाई देंगे। यदि दूरबीन का उपयोग किया जाएगा तो स्पष्टता अधिक रहेगी और ग्रहों के रंग भी आकर्षक दिखाई देंगे। खगोलीय भाषा में इसे हम डॉ.गुप्त के अनुसार इसप्रकार समझ सकते हैं-सायन गणना के अनुसार 25 जनवरी,25 को सूर्य कुंभ राशि में 5 अंश 31 कला पर रहेगा तथा सूर्यास्त का समय सायं 6.09 बजे रहेगा।* बुध ग्रह मकर राशि में 25 अंश 25 कला पर होगा, जिस कारण वह दिखाई नहीं देगा।* पश्चिम की ओर क्षितिज से लगभग 45 अंश ऊपर सबसे चमकदार शुक्र ग्रह दिखाई दे रहा है और 25 जनवरी को भी दिखाई देगा।* शुक्र ग्रह मीन राशि में 21 अंश 47 कला पर है तथा इसकी क्रांति 2 अंश 11 कला दक्षिण है।* पश्चिम की ओर क्षितिज से लगभग 40 अंश ऊपर शुक्र ग्रह के नजदीक सबसे सुंदर ग्रह शनि इन दिनों रोजाना दिखाई दे रहा है। शनि ग्रह भी मीन राशि में 16 अंश 43 कला पर है तथा इसकी क्रांति 7 अंश 01 कला दक्षिण है।* मीन राशि में ही नेप्चून ग्रह 27 अंश 46 कला पर है तथा इसकी क्रांति 2 अंश 03 कला दक्षिण है। यह क्षितिज से लगभग 50 अंश ऊपर किसी अंधकार वाले स्थान से ही देखा जा सकता है।* यूरेनस ग्रह वृषभ राशि में 23 अंश 16 कला पर है तथा इसकी क्रांति 18 अंश 21 कला दक्षिण है। इसे भी किसी अंधकार वाले स्थान से सायं के समय सिर के ऊपर देखा जा सकता है।* सौर परिवार का सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति मिथुन राशि में 11 अंश 27 कला पर है तथा इसकी क्रांति 21 अंश 38 कला दक्षिण है। इसे सायं के समय सिर के ऊपर से कुछ पूर्व की ओर अच्छे से देखा जा सकता है।* पृथ्वी के सबसे अधिक समानता रखने वाला लाल ग्रह मंगल कर्क राशि में 22 अंश 41 कला पर है तथा इसकी क्रांति 25 अंश 48 कला उत्तर है। मंगल ग्रह को सूर्यास्त के बाद पूर्व दिशा में क्षितिज से लगभग 40 अंश ऊपर चमकदार तारे के रूप में देख सकते हैं।इन ग्रहों को वेधशाला पहुंचकर भी देखा जा सकता है। यहां दूरबीन की व्यवस्था भी है।

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उज्जैन । स्काई फोर्स फिल्म से बॉलीवुड में कदम रख रहे अभिेनेता वीर पहारिया फिल्म की रिलीज से पहले गुरुवार काे भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेने के लिए महाकाल की शरण में पहुंचे। वीर ने नंदी हाल में पंडित पुरोहित से पूजन करवाया। इसके बाद देहरी से भगवान महाकाल का आशीर्वाद लिया।   फिल्म अभिनेता वीर पहारिया गुरुवार काे उज्जैन पहुंचे। यहां उन्हाेंने अपनी फिल्म स्काई फाेर्स की रिलीज से पहले बाबा महाकाल के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। यहां उन्होंने महाकालेश्वर मंदिर की देहरी से पूजन अभिषेक कर फिल्म की सफलता की कामना की। फिल्म में वीर बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार और सारा अली खान के साथ स्क्रीन शेयर कर रहे हैं। पूजन पुरोहित पीयूष चतुर्वेदी ने सम्पन्न करवाया। मंदिर प्रबंध समिति की ओर से पहारिया का स्वागत-सम्मान किया गया। वीर भेड़िया और स्त्री 2 में बतौर सहायक निर्देशक का काम कर चुके है। एक्टर को तौर पर वे पहली बार पर्दे पर दिखेंगे।

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में पिछले दो-तीन दिनों से कड़ाके की सर्दी से राहत मिली है। दिन में धूप अच्‍छी धूप खिलने से तापमान में बढ़ोत्‍तरी हो रही है। हालांकि रातें अभी भी ठंडी है। मौसम विभाग का कहना है कि प्रदेश में 25 जनवरी से फिर तेज ठंड का दौर शुरू होगा। उत्तरी हवा से दिन-रात के तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट हो सकती है। अभी दो सिस्टम की एक्टिविटी होने से हवा का रुख अभी दक्षिण-पूर्वी है। आज गुरुवार को ग्वालियर-चंबल संभाग में सिर्फ हल्का कोहरा रहेगा। जबकि 24 जनवरी को पूरे प्रदेश में तेज धूप खिलेगी। इससे दिन का तापमान बढ़ा रहेगा, लेकिन रात में पारे में गिरावट के आसार है।मौसम विभाग के अनुसार, पंजाब और निकटवर्ती क्षेत्रों में साइक्लोनिक सर्कुलेशन एक्टिव है। वहीं, एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) की भी एक्टिविटी है। इस वजह से दक्षिण-पूर्वी हवा चल रही है। अगले 2 दिन में हवा का रुख उत्तरी हो जाएगा। इससे प्रदेश एक बार फिर ठंडी हवा की चपेट में आएगा और दिन-रात के तापमान में दो से तीन डिग्री तक गिरावट की संभावना है। मौसम विभाग का कहना है कि पश्चिम-उत्तर भारत में जेट स्ट्रीम हवाएं भी चल रही हैं, लेकिन प्रदेश में इसका असर कम है। जेट स्ट्रीम हवा की रफ्तार कम होने से तापमान में बढ़ोतरी हुई है। इस वजह से पिछले 5 दिन से प्रदेश के मौसम में खासा बदलाव हुआ है। जिन शहरों में दिन में पारा 20 डिग्री के नीचे था और शीतलहर चल रही थी, वहां पर ठंड का असर नहीं है। बल्कि तेज धूप है। कई शहरों में रात के तापमान में भी बढ़ोतरी हुई है।बुधवार को प्रदेश के कई शहरों में दिन का तापमान 5 डिग्री तक बढ़ गया। भोपाल, बैतूल, धार, गुना, नर्मदापुरम, इंदौर, खंडवा, खरगोन, रतलाम, शिवपुरी, उज्जैन, जबलपुर, खजुराहो, सतना, उमरिया में तापमान 28 डिग्री से ज्यादा रहा। वहीं, नर्मदापुरम, खंडवा, खरगोन, सिवनी में पारा 30 डिग्री से अधिक रहा। मंडला में सबसे ज्यादा 31.2 डिग्री दर्ज किया गया। बुधवार रात में पचमढ़ी सबसे ठंडा रहा। यहां तापमान 7.6 डिग्री, कल्याणपुर में 7.9 डिग्री, शाजापुर के गिरवर में 8.6 डिग्री, मंडला में 8.8 डिग्री, मलाजखंड में 9.4 डिग्री और राजगढ़ में तापमान 9.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बड़े शहरों में ग्वालियर में सबसे कम 10.1 डिग्री रहा। भोपाल में 11.2 डिग्री, उज्जैन में 12 डिग्री, जबलपुर में 11.4 डिग्री और इंदौर में पारा 13.6 डिग्री रहा।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मौसम ने एक बार फिर करवट बदली ली है। हवा की दिशा बदलने से दिन में ठंड का असर कम हो गया है। दिनभर तेज धूप खिली रहती है। कई शहरों में तापमान 25 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया है। लेकिन भोपाल, मंडला, पचमढ़ी जैसे शहरों में रात में ठंड का असर अभी भी बना हुआ है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में तापमान में गिरावट की संभावना जताई है। ग्वालियर-चंबल में आज बुधवार को बूंदाबांदी की भी संभावना है।मौसम विभाग के अनुसार, पिछले चार दिन से प्रदेश के मौसम में काफी बदलाव हुआ है। जिन शहरों में दिन में पारा 20 डिग्री के नीचे था और शीतलहर चल रही थी, वहां पर ठंड का असर नहीं है। तेज धूप भी है। कई शहरों में रात के तापमान में भी बढ़ोतरी हुई है। हालांकि 24 जनवरी से ठंड का एक दौर और आ सकता है। 24 जनवरी से उत्तर से सर्द हवा आना शुरू होगी, जिससे न्यूनतम तापमान में 2-3 डिग्री तक गिरावट हो सकती है।इससे पहले आज बुधवार को ग्वालियर-चंबल में बूंदाबांदी हो सकती है। वहीं, उत्तरी हवा आने से रात के तापमान में गिरावट के आसार है। आज ग्वालियर, भिंड, दतिया और मुरैना में हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। इससे पहले सुबह ग्वालियर, भिंड, मुरैना, निवाड़ी, टीकमगढ़ और छतरपुर में कोहरा रहेगा। वहीं, 23 जनवरी को मौसम साफ हो जाएगा। कोहरे या बारिश का अलर्ट नहीं है।प्रदेश के पांच सबसे कम न्यूनतम तापमान वाले शहरों में नर्मदापुरम जिले के पचमढ़ी शहर की रात सबसे ठंडी रही। यहां पारा 6.2 डिग्री दर्ज हुआ। इसके अलावा कल्याणपुर (शहडोल) में 7.5 डिग्री, मंडला में 8.5 डिग्री, गिरवर (शाजापुर) में 8.6 डिग्री और राजगढ़ में 9.2 डिग्री दर्ज किया गया।

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जबलपुर । भोपाल रियासत की ऐतिहासिक संपत्तियों पर 2015 से चल रहा स्टे खत्म हो गया है। सैफ अली खान के परिवार की 15 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति सरकार अपने कब्जे में ले सकती है। यह संपत्ति 'शत्रु संपत्ति' मानी जा रही है क्योंकि नवाब की बड़ी बेटी आबिदा पाकिस्तान चली गई थीं। नवाब परिवार के वंशज, सैफ अली खान और शर्मिला टैगोर सहित इस संपत्ति पर दावा कर रहे हैं। सरकार अब इस संपत्ति का सर्वे कराएगी और क़ानूनी प्रक्रिया के तहत इसे अपने कब्जे में ले सकती है। इससे पहले 2015 में भी सरकार ने इस संपत्ति को सरकारी घोषित किया था। पटौदी परिवार ने 2015 में एक याचिका दायर की थी। भोपाल के कोहेफिजा से चिकलोद तक सैफ अली खान और शर्मिला टैगोर के परिवार की संपत्ति फैली हुई है।पटौदी परिवार की करीब 100 एकड़ जमीन पर डेढ़ लाख लोग रह रहे हैं। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने अभिनेता सैफ अली खान,उनकी मां शर्मिला टैगोर, बहनें सोहा और सबा अली खान व पटौदी की बहन सबीहा सुल्तान को शत्रु संपत्ति के मामले में अपीलीय प्राधिकरण के पास पक्ष रखने का आदेश दिया था।अब हाई कोर्ट के आदेश की 30 दिन में अपीलीय प्राधिकरण के समक्ष पक्ष रखने की मियाद खत्म हो चुकी है।एक माह की मियाद खत्म होने के बाद भी पटौदी परिवार ने कोई दावा पेश नहीं किया है।पटौदी परिवार के पास डिवीजन बेंच में चुनौती देने का विकल्प है। पिछले महीने हाईकोर्ट की जबलपुर स्थित मुख्य पीठ ने शर्मिला टैगोर, उनके बेटे सैफ अली खान और सबीहा सुल्तान के शत्रु संपत्ति मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था। जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकल पीठ ने पटौदी परिवार को शत्रु संपत्ति अभिरक्षक अधिनियम मामले में दिल्ली स्थित अपीलीय प्राधिकरण के समक्ष आवेदन प्रस्तुत करने की स्वतंत्रता दी थी। याचिका का निपटारा करते हुए एकल पीठ ने अपने आदेश में कहा था कि अपीलीय प्राधिकरण गुण-दोष के आधार पर निर्णय ले। पटौदी परिवार ने 2015 में एक याचिका दायर की थी. उन्होंने शत्रु संपत्ति अधिनियम, 1968 के तहत भोपाल के आखिरी नवाब की संपत्तियों पर नियंत्रण करने के सरकार के फैसले को चुनौती दी थी। अपने आदेश में भारत के शत्रु संपत्ति के संरक्षक, मुंबई (CEPI) ने नवाब की संपत्तियों को शत्रु संपत्ति घोषित किया था क्योंकि उनकी बड़ी बेटी राजकुमारी आबिदा सुल्तान 1950 में पाकिस्तान चली गई थीं। वह (आबिदा) नवाब के जीवित रहते पाकिस्तान चली गई थीं। नवाब की मृत्यु के बाद, उनकी दूसरी बेटी मेहर ताज साजिदा सुल्तान बेगम को भोपाल उत्तराधिकार अधिनियम, 1947 के अनुसार संपत्ति का उत्तराधिकारी घोषित किया गया और याचिकाकर्ता उनके उत्तराधिकारी हैं। अब नवाब परिवार के पास सिर्फ़ एक ही विकल्प बचा है। वह है हाई कोर्ट के इस आदेश को डिविजन बेंच में चुनौती देना। स्टे हटने के बाद सरकार अब 'शत्रु संपत्ति अधिनियम' के तहत नवाब परिवार की संपत्ति को अपने कब्जे में ले सकती है। इसकी तैयारी भी शुरू हो चुकी है। भोपाल के कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के अनुसार पिछले 72 सालों में शत्रु संपत्तियां किन लोगों के नाम हो गई हैं, इसकी जांच की जाएगी। हाई कोर्ट के आदेश के बाद अब संपत्ति का सर्वे भी कराया जाएगा।गौरतलब है कि मुंबई स्थित 'शत्रु संपत्ति अभिरक्षक कार्यालय' ने 2015 में एक आदेश जारी कर भोपाल नवाब की जमीन को सरकारी घोषित कर दिया था। 2013 में भोपाल में 24 संपत्तियों को 'शत्रु संपत्ति' बताया गया था। 'शत्रु संपत्ति अधिनियम' 1968 में बनाया गया था। इस कानून के अनुसार, भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद पाकिस्तान चले गए लोगों की भारत में छोड़ी गई संपत्ति पर केंद्र सरकार का अधिकार होता है।

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उज्जैन । उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर मंदिर में एक युवती द्वारा फिल्मी गाने पर रील बनाने का मामला सामने आया है। इस पर मंदिर के पुजारी खासे नाराज हैं। उनका कहना है कि धर्म स्थान पर अमर्यादित आचरण करने वालों पर सख्त कार्रवाई होना चाहिए। उन्होंने ऐसे लोगों को हिदायत दी है कि मंदिर में शालीनता से पेश आए। उन्होंने कहा कि जिस तरह से युवतियां मंदिर में फिल्मी गानों पर प्रदर्शन कर रही है। वो उचित नहीं है। बता दें कि इससे पहले भी कुछ युवक-युवती मंदिर में फिल्मी गानों पर रील बना चुके हैं। मामले में मंदिर प्रशासन द्वारा कार्रवाई भी की जा चुकी है। ताजा मामला एक युवती के महाकाल महालोक में ध्यानस्थ अवस्था में बैठे भगवान शिव की मूर्ति के समक्ष रील बनाने से जुड़ा है। इसमें युवती फिल्मी गीत ‘ये दिल तो प्यार मांगे है’ पर नृत्य करते हुए नजर आ रही है। युवती द्वारा सोशल माध्यमों पर रील प्रसारित करने के बाद मामला सामने आया। मामले में मंदिर के पुजारी नाराज हैं। उनका कहना है कि युवक-युवतियों को किसी भी मंदिर में इस प्रकार की अशोभनीय हरकत नहीं करना चाहिए। मंदिर के पुजारी महेश शर्मा ने मंगलवार को बताया कि मंदिर धर्म, अध्यात्म के केंद्र हैं। ऐसे वीडियो बनाना उचित नहीं है। यहां फूहड़ता फैलाने वाला कोई भी व्यक्ति भक्त नहीं हो सकता है। इसलिए ऐसे जो भी मामले संज्ञान में आते हैं, उन पर सख्त कार्रवाई होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी महाकाल मंदिर समिति रील बनाने वाली महिला और युवतियों पर कार्यवाही कर चुकी है। इसके बाद भी मंदिर की मर्यादा का पालन नहीं किया जाता है। ऐसे लोगों पर कार्यवाही होनी चाहिए। वहीं, महाकाल मंदिर के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया कि मोबाइल प्रतिबंध के बाद प्रवेश द्वार पर मोबाइल रखने की सुविधा की दी गई है। इसके बाद भी कई भक्त मोबाइल लेकर मंदिर में प्रवेश कर जाते है। आगे अभी और सख्ती से चेकिंग करने के निर्देश दिए हैं। इससे पहले ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में प्रतिबंध के बावजूद गर्भगृह में प्रवेश करना एक युवक को भारी पड़ गया। मंदिर प्रबंध समिति की शिकायत पर पुलिस ने उसके खिलाफ शांति भंग करने का प्रकरण दर्ज कर एसडीएम के समक्ष पेश किया। यहां से उसे जेल भेज दिया गया। इस मामले में मंदिर प्रशासक ने दो कर्मचारियों को नोटिस दिया है। वहीं दो सुरक्षाकर्मियों को हटाने के लिए निजी सुरक्षा कंपनी क्रिस्टल को पत्र भेजा है।

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अनूपपुर । वन परिक्षेत्र राजेंद्रग्राम के मंगलवार की सुबह दोनों हाथी बेनीबारी के समीप ग्राम तुलना में स्थित बिरासिनी देवी मंदिर के समीप जंगल में पहुंचकर विश्राम कर रहे हैं। वही चार दिनों से बाघिन अमरकंटक क्षेत्र के जालेश्वर में मंदिर के समीप निरंतर डेरा जमाए हुए हैं दोनों स्थानों पर वन्यप्राणियों के निरंतर विचरण पर जिला प्रशासन निगरानी बनाए रखते हुए आम जनों को सतर्क एवं सावधानी बरतने की अपील की है। वहीं गस्ती में लगा वन परिक्षेत्र जैतहरी का वाहन नगमला की घाट में अनियंत्रित होकर लगभग 15 फीट नीचे खाई में गिरकर एक पेड़ में जाकर अटक गया। वहीं चालक सतय रहते कूद कर जान बचाई। दोनों प्रवासी हाथी सोमवार को वन परिक्षेत्र राजेंद्रग्राम के ग्राम पंचायत नगमला के समीप जोहिला नदी के किनारे जंगल में दिन बीताने के बाद देर शाम को नगमला से निकलते हुए श्यामदुआरी से करनपठार के बेलाटोला से भलवारे होते हुए मंगलवार की सुबह लहरपुर से ग्राम पंचायत तुलरा के जंगल माता बिरासनी देवी का मंदिर के समीप जंगल में पहुंचकर मंगलवार को 29 वें दिन विश्राम कर रहे हैं। रात भर हाथियों ने दो ग्रामीण हीरालाल बैगा एवं माखन बैगा करनपठार के घर में तोड़फोड़ कर फूल सिंह, मंगल दास ग्राम नगमला, दलवीर सिंह ग्राम श्यामदुआरी, देवलाल पता सम्भर बैगा, गोपाल अगरिया ददराटोला के खेत तथा बांडियो में लगे फसलों को आहार बनाया। वहीं गस्ती में लगा वन परिक्षेत्र जैतहरी का वाहन नगमला की घाट में अनियंत्रित होकर लगभग 15 फीट नीचे खाई में गिरकर एक पेड़ में जाकर अटक गया। वहीं चालक सतय रहते कूद कर जान बचाई। हाथी अनूपपुर जिले के सीमा से लगे डिंडोरी जिले की सीमा से लगभग 15 से 20 किलोमीटर की दूरी पर वर्तमान समय वितरण कर रहे हैं।  चार दिनों से कॉलर आईडी वाली बाघिन वन परिक्षेत्र अमरकंटक के उमरगोहान बीट अंतर्गत जालेश्वर मंदिर के समीप जंगल में पहुंचकर एक गाय का शिकार करने बाद निरंतर विचरण कर रही है जो रात होते ही सीमा पर स्थित छत्तीसगढ़ के गौरेला वन परिक्षेत्र की सीमा के जंगल में प्रवेश कर वितरण करते हुए पुन: वापस आ जाती है। दोनों वन्यप्राणियों के निरंतर विचरण के कारण आम जनों में डर एवं भय का वातावरण बना हुआ है। दोनों स्थानों पर विचरण कर रहे वन्यप्राणियों पर वनविभाग के लोग निगरानी करते हुए आम जनों को सतर्क एवं सावधान रहने की अपील मुनादी एवं अन्य माध्यमों से कर रहे हैं।  

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में मौसम में बदलाव देखने को मिल रहे हैं। कड़ाके की सर्दी के बीच पिछले दो दिनों से थोड़ी राहत महसूस हो रही है। हवाओं का रूख बदलने के कारण तापमान में बढ़ोत्‍तरी हुई है। हालांकि मौसम विभाग ने प्रदेश में 2 दिन बाद तेज ठंड पड़ने का अनुमान जताया है । आज मंगलवार को ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, सतना, मैहर, रीवा, मऊगंज, सीधी और सिंगरौली में कोहरा रहा। ग्वालियर-चंबल के हिस्से में हल्की बारिश होने का अनुमान भी है। बुधवार को निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, सतना, मैहर, रीवा, मऊगंज, सीधी और सिंगरौली में कोहरा रहेगा। जबकि ग्वालियर, श्योपुर, दतिया, मुरैना, भिंड में हल्की बारिश हो सकती है।मध्य प्रदेश में अभी मौसम का मिला-जुला असर है। कहीं रात में तेज ठंड है तो कुछ शहरों में पारा 10 से 14 डिग्री सेल्सियस के बीच चल रहा है। सुबह के समय मध्यम से घना कोहरा और दिन में सर्द हवाएं चल रही हैं। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, बर्फीली हवा की वजह से प्रदेश में ठंड का असर है। इस कारण रात के तापमान में ज्यादा गिरावट हो रही है। सोमवार को जेट स्ट्रीम हवा 260 किमी प्रतिघंटा से चलीं। हालांकि, प्रदेश में ठंडक कम हो गई। वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) की वजह से मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है।प्रदेश के पूर्वी हिस्से में ठंड का असर है। सोमवार की रात में मंडला में पारा 5 डिग्री सेल्सियस रहा। शहडोल के कल्याणपुर में 5.1 डिग्री, पचमढ़ी में 6.5 डिग्री, मलाजखंड में 6.9 डिग्री, उमरिया में 7.4 डिग्री, नौगांव में 8.5 डिग्री, राजगढ़ में 9.4 डिग्री और रायसेन-सतना में 9.8 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। वहीं, बड़े शहरों में जबलपुर में 8.6 डिग्री और भोपाल में 9.6 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा। बाकी शहरों में पारा 10 डिग्री से अधिक रहा। इधर, सोमवार सुबह कई शहरों में कोहरे का असर देखने को मिला। वहीं, कई शहरों में दिन में पारे में बढ़ोतरी हुई।  

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भोपाल । खगोल विज्ञान में रुचि रखने वाले लोगों के लिए मंगलवार, 21 जनवरी की शाम बेहद खास होने जा रही है। इस दौरान आसमान में अद्भुत खगोलीय घटना होने जा रही है, जिसमें सौरमंडल के ग्रहों का जमावड़ा लगने लगने जा रहा है। इस दिन सूर्यास्‍त के बाद आकाश में पूर्व से पश्चिम तक सौरमंडल के छह ग्रह एक कतार में नजर आएंगे।   नेशनल अवार्ड प्राप्‍त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने सोमवार को इस खगोलीय घटना की जानकारी देते हुए बताया कि मंगलवार की शाम पूर्वी आकाश में मंगल (मार्स) होगा तो सिर के लगभग ऊपर बृहस्‍पति (जुपिटर) और यूरेनस अपनी चमक विखेर रहे होंगे। वहीं पश्चिमी आकाश में नेप्‍च्‍यून, शुक्र (वीनस) और शनि (सेटर्न) कतार बनाते हुए नजर आएंगे। ग्रहों का कुंभ से नजारे में आप मंगल, बृहस्‍पति, शुक्र और शनि को तो खाली आंखों से देख पाएंगे, लेकिन यूरेनस और नेप्‍च्‍यून को देखने के लिए टेलिस्‍कोप की मदद लेनी होगी। टेलिस्कोप से देखने पर यह छह ग्रह आकाश में एक कतार बनाते हुए दिखेंगे।   सारिका ने बताया कि सौरमंडल के पहले ग्रह बुध की इस समय कमी रहेगी। इस कमी को आने वाले फरवरी माह में पूरी कर पाएंगे, जब आप सभी ग्रहों को एक साथ देख सकेंगे और अगर आप सौर परिवार के तीसरे ग्रह (पृथ्वी) को देखना चाहते हैं तो उसे देखने के लिये ऊपर नहीं, आपके कदमों में देखना होगा। सौर परिवार के छह ग्रहों को एक साथ देखने का यह अच्छा अवसर है।   हालांकि, इस खगोलीय घटना के दर्लभ होने को लेकर सारिका ने बताया कि सोशल मीडिया में इस घटना को बढ़ा–चढ़ा कर बताया जा रहा है, लेकिन ऐसा है नहीं। दरअसल, ग्रहों की परेड आम तौर हर कुछ साल में होती रहती है, लेकिन इनका समय बदलता रहता है। भारत के आकाश के लिए यह घटना शाम को दिख रही है, इसलिये महत्‍वपूर्ण है। इसमें भी ग्रह आपस में सटेंगे नहीं, बल्कि 180 डिग्री के आकाश में एक कतार में रहेंगे। यह इन ग्रहों को पहचानने और जानने का मौका रहता है।

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इंदौर । मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में बायपास रोड पर रविवार शाम को लिक्विड अमोनिया गैस से भरे टैंकर को पीछे से आयशर ट्रक ने टक्कर मार दी। इससे टैंकर खाली करने का वॉल्व टूट गया। इससे टैंकर से ज्वलनशील गैस (अमोनिया) के रिसाव होने लगा। गैस की गंध इतनी तेज थी कि लोगों की आंखों और गले में जलन होने लगी। महिलाएं और बच्चे उल्टियां करने लगे। पुलिस ने सूझबूझ दिखाई और देवास-पीथमपुर से आने वाले वाहन रोककर टैंकर खाली करवाया। राहत कार्य के लिए फायर ब्रिगेड और एसडीआरएफ भी बुलानी पड़ी। घटना तेजाजी नगर बायपास पर सेज यूनिवर्सिटी के पास रविवार शाम करीब 4 बजे हुई। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों ओर ट्रैफिक बंद कराया। इससे वाहनों की कतारें लग गई। फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस को भी बुलवाया गया। टैंकर खाली होने के बाद करीब चार घंटे बाद ट्रैफिक शुरू हो सका। मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने गैस को वातावरण में फैलने से रोकने के लिए लगातार पानी की बौछार की। मौके पर कंपनी के टेक्नीशियन को भी बुलवाया गया। टैंकर के खाली होने पर ट्रैफिक शुरू हो सका। दरअसल, पुलिस कंट्रोल रूम को सायं चार बजे खबर मिली थी कि टैंकर से जहरीली गैस निकल रही है। गैस की चपेट में आने वाले वाहन चालकों के गले, नाक, श्वसन नली और आंखों में जलन हो रही है। कई को उल्टियां भी हो रही है। पुलिस मौके पर पहुंची और पीथमपुर से देवास जाने वाले वाहनों को बिजलपुर की तरफ मोड़ा गया। देवास से पीथमपुर जाने वाले वाहनों को वैकल्पिक मार्ग से निकाला गया। मौके पर फायरकर्मियों को बुलाया और पानी डालकर गैस का प्रभाव कम किया। टैंकर खाली कर रात आठ बजे क्रेन की मदद से टैंकर हटाकर ट्रैफिक शुरू करवाया गया। राहत बचाव में लगे 10 से ज्यादा पुलिसकर्मियों की भी हालत बिगड़ने पर उनको अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस के अनुसार, टैंकर पीथमपुर की कंपनी हरी प्रभु गैसेस एंड रेफ्रिजरेशन लिमिटेड का है। पुलिस ने कंपनी से कर्मचारियों को भी मौके से बुला लिया था। कर्मचारियों ने बताया कि एक्वस अमोनिया से भरा टैंकर ग्वालियर के लिए भेजा गया था। रास्ते में टैंकर खराब हो गया इसलिए उसे सही कराने के लि चालक बीच सड़क पर खड़ा कर मैकेनिक को बुलाने चला गया। इस बीच कोई वाहन टैंकर से टकरा गया और वाल्व टूट गया। इस कारण गैस का रिसाव होने लगा। लिक्विड अमोनिया होने के कारण लोगों को परेशानी होने लगी। अधिकारियों ने मौके पर फायर ब्रिगेड, डाक्टर, दमकलकर्मी और एसडीआरएफ का बल लगा दिया था। पुलिस लापरवाही की जांच कर रही है। आजाद नगर के एसीपी आशीष पटेल का कहना है कि टैंकर चालक और कंपनी संचालक के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। तेजाजी नगर थाना प्रभारी देवेंद्र मरकाम ने बताया कि यह टैंकर पीथमपुर की एक कंपनी से एक्वा लिक्विड अमोनिया केमिकल भरकर ग्वालियर की ओर जा रहा था। सेज यूनिवर्सिटी के पास ट्रक की टक्कर से टैंकर से लीकेज शुरू हो गया। तहसीलदार नारायण नांदेडा ने बताया कि टैंकर की क्षमता सात हजार लीटर की है। इसमें ऑक्सीडिएट अमोनिया नामक केमिकल भरा हुआ था। इससे लोगों को आंखों में जलन होने लगी। घटना के बाद ट्रक चालक भाग गया था। टैंकर मालिक का पता लगाया जा रहा है।

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भोपाल । मध्य प्रदेश के लोगों को कड़ाके की सर्दी से राहत मिलने वाली है। प्रदेश में इस हफ्ते शीत लहर नहीं चलेगी। आज से तापमान में बढ़ोतरी के आसार हैं। हालांकि मौसम विभाग ने बताया कि रीवा, ग्वालियर, चंबल संभाग में अगले तीन दिन भी घना कोहरा रहेगा। जबकि जबलपुर, रीवा, सीधी और शहडोल में रात के तापमान में गिरावट जारी रहेगी। आज सोमवार को ग्वालियर, दतिया, श्योपुर, मुरैना, भिंड, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, सतना, मैहर, रीवा, मऊगंज, सीधी और सिंगरौली में कोहरा छाया है। प्रदेश में मंगलवार से कड़ाके की ठंड से थोड़ी राहत मिलने के आसार हैं।मौसम विभाग के अनुसार, बर्फीली हवा की वजह से प्रदेश में ठंड का असर है। खासकर पूर्वी हिस्से में रात के तापमान में ज्यादा गिरावट हो रही है। रविवार को जेट स्ट्रीम हवा 240 किमी प्रतिघंटा से चली। सोमवार को भी ऐसा ही मौसम बना रहने का अनुमान है। 21 जनवरी को ग्वालियर, दतिया, श्योपुर, मुरैना, भिंड, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, सतना, मैहर, रीवा, मऊगंज, सीधी और सिंगरौली में कोहरा रहेगा। 22 जनवरी को ग्वालियर, मुरैना, भिंड और दतिया में कोहरा छाया रहेगा।रविवार रात में प्रदेश के कई शहरों में तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहा। शहडोल का कल्याणपुर सबसे ठंडा रहा। यहां तापमान 3.4 डिग्री दर्ज किया गया। मंडला में भी 4.3 डिग्री पारा रहा। उमरिया, खजुराहो, पचमढ़ी, रीवा, मलाजखंड, सतना, नौगांव, राजगढ़, सीधी, टीकमगढ़, दमोह और रायसेन में तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया। बड़े शहरों की बात करें तो जबलपुर में पारा सबसे कम 7.6 डिग्री दर्ज किया गया। भोपाल में 9.9 डिग्री, ग्वालियर में 8.5 डिग्री, उज्जैन में 12.2 डिग्री और इंदौर में 13.8 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा। रविवार सुबह प्रदेश के आधे जिलों में कोहरे का असर देखने को मिला। वहीं, दिन में पारे में बढ़ोतरी रही।  

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सागर । शहर के गोपालगंज थाना क्षेत्र के तिली स्थित एक मैरिज गार्डन में आयोजित शादी समारोह में रस्मों के दौरान दूल्हे की अचानक तबीयत बिगड़ गई और उसने दुल्हन की गोद में ही सिर रखकर दम तोड़ दिया। घटना शनिवार सुबह की है। इससे पहले शुक्रवार शाम को वरमाला कार्यक्रम हुआ था। जिसमें दूल्हा-दुल्हन ने एक दूसरे को वरमाला पहनाई। इसके बाद रात में बारात निकली और शादी की अन्य रस्में हुईं। दोनों परिवार में खुशियों का माहौल था। सुबह फेरों के दौरान अचानक तबीयत बिगड़ने से दुल्ले की मौत हो गई, जिससे शादी की खुशियां मातम में बदल गईं। जानकारी के अनुसार शुक्रवार को जैसीनगर निवासी 28 वर्षीय हर्षित चौबे की शादी श्रीराम नगर निवासी एक लड़की से थी। शादी समारोह का आयोजन तिली के मानसरोवर मैरिज गार्डन में था। रात में ही वरमाला की रस्म हुई। करीब दो घंटे तक फोटो सेशन चला। जयमाल के बाद मंडप पर फेरों के बाद अन्य रस्मे निभाई जा रही थी, तभी शनिवार सुबह करीब छह बजे पाव पखारने की रस्म के दौरान अचानक हर्षित के सीने में दर्द हुआ और वह बाजू में बैठी दुल्हन के गोद में ही सिर रखकर कर अचेत हो गया। दूल्हे को मंडप में मौजूद लोग उसे तुरंत बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज ले कर पहुंचे, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बताया जा रहा है कि मौत के कुछ देर पहले ही हर्षित ने बेचैनी होने की बात कही थी लेकिन किसी को यह पता नहीं था कि कुछ देर बाद ऐसा अनहोनी हो जाएगी। हर्षित का परिवार जैसीनगर का है। कुछ समय से वह सागर के परकोटा में निवासरत थे। हर्षित गोपालगंज में मेडिकल स्टोर चलाता था। मौत के बाद दोनों परिवारों में मातम छा गया। शनिवार दोपहर जैसीनगर में हर्षित का शव पहुंचा, जहां उसका अंतिम संस्कार किया गया। श्मशान घाट में जिसने भी यह नजारा देखा उसकी आंखें आंसुओं से भर गई।  

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इंदौर । मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपी पीएससी) ने शनिवार देर शाम राज्य सेवा परीक्षा 2022 का अंतिम परिणाम जारी कर दिया है। देवास की दीपिका पाटीदार ने 902.75 अंक प्राप्त कर परीक्षा में टॉप किया है। वहीं टॉप टेन में छह लड़कियों ने जगह बनाई है। रैंकिंग में दीपिका के बाद दूसरा स्थान आदित्य नारायण तिवारी (897.50) और तीसरा स्थान सुरभि जैन (893) अंक रहा है। इसके बाद महिमा चौधरी, धर्मप्रकाश मिश्रा , शानू चौधरी, स्वाति सिंह, उमेश अवस्थी, कविता देवी यादव और प्रत्यूष श्रीवास्तव का चयन हुआ है। इस परीक्षा में डिप्टी कलेक्टर के 24 पदों पर 11 महिलाओं का चयन हुआ है। एमपी पीएससी के ओएसडी डॉ. आर.पंचभाई ने बताया कि, राज्य सेवा परीक्षा 2022 का फाइनल परिणाम जारी किया है। परीक्षा के इंटरव्यू 11 नवंबर से 9 जनवरी 2025 तक आयोजित किए गए थे। उन्होंने बताया कि, 87-13 प्रतिशत फॉर्मूले 394 कैंडिडेट्स का चयन हुआ है। इसमें कुल 456 सीटें थी। 52 सीटें 13 प्रतिशत में थी। 404 सीटें 87 प्रतिशत में थी, इसमें 10 सीटें खाली रही है। आयोग की वेबसाइट पर रिजल्ट अपलोड किया गया है। https://mppsc.mp.gov.in/Results पर रिजल्ट देख सकते है। परीक्षा के माध्यम से कुल 456 पदों पर भर्ती होनी थी, लेकिन ओबीसी आरक्षण से संबंधित अदालत में लंबित मामले के कारण अभी 396 पदों पर नियुक्ति की गई है। शेष 60 पदों की घोषणा अदालत के निर्णय के बाद होगी। 13 प्रतिशत पदों पर नियुक्ति न होने का कारण ओबीसी आरक्षण विवाद है, जिसके समाधान की प्रतीक्षा है। इन पदों पर हुए चयनित चयनित अभ्यर्थियों को डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी, सहायक संचालक, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, वाणिज्य कर निरीक्षक, पंचायत विकास अधिकारी, और अन्य पदों पर नियुक्त किया जाएगा। यह परीक्षा राज्य प्रशासनिक सेवा, पुलिस सेवा, सहकारिता विभाग, वित्त सेवा, और अन्य महत्वपूर्ण विभागों में पदों के लिए आयोजित की गई थी। पंचायत सचिव की बेटी दीपिका बनेगी डिप्टी कलेक्टर राज्य सेवा परीक्षा 2022 में प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त करने वाली देवास जिले के सोनकच्छ क्षेत्र के गांव जामगोद की बेटी दीपिका पाटीदार डिप्टी कलेक्टर बनेंगी। दीपिका के पिता गोपाल पाटीदार गढ़ खजूरिया के पंचायत सचिव हैं। माता सुमनबाई पाटीदार गृहिणी हैं। परिवार में माता-पिता के अलावा दीपिका का भाई दीपेश पाटीदार है, जो किसान है। शनिवार देर शाम जैसे ही दीपिका ने अपने पिता को मोबाइल पर अपने चयन व प्रदेश में पहले स्थान पर आने की जानकारी दी तो पूरा परिवार खुशी से झूम उठा। दीपिका के पिता गोपाल पाटीदार ने बताया कि परिवार ने कभी बेटा-बेटी में भेदभाव नहीं किया। उसे हमेशा अपने बेटे की तरह ही माना, जो वह करना चाहती थी, उसमें पूरा सहयोग दिया। दीपिका ने दो साल तक दिल्ली में रहकर परीक्षा की तैयारी की थी। इसके बाद 2018-19 में इंदौर आ गई। वहीं पर छात्रावास में रहकर तैयारी कर रही थी। दीपिका ने बीएससी व एमए की पढ़ाई इंदौर से की है। एक दिन पहले ही दीपिका ने पिता से बात की थी तो कहा था जल्द ही परिणाम आने की संभावना है। दीपिका 2018 से परीक्षा दे रही थीं। अब सफलता मिली। शहडोल के विवेक का असिस्टेंट डायरेक्टर पद पर चयन शहडोल जिले के ब्यौहारी विधानसभा के गांव झरौसी के रहने वाले विवेक कुमार का शिक्षा विभाग में चयन हुआ है। उनका असिस्टेंट डायरेक्टर पद पर सिलेक्शन हुआ है। उनके पिता बृजेश पटेल टीचर हैं। वहीं, टीकमगढ़ की नैनसी जैन का मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग परीक्षा में डीएसपी के पद पर चयन हुआ है। नैनसी जैन बालचंद्र जैन, शशि जैन की बेटी हैं। सतना के दिव्यांश वाणिज्य कर निरीक्षक बने सतना जिले के दिव्यांश पुत्र कमलेश शुक्ला का वाणिज्य कर निरीक्षक के पद पर चयन हुआ है। उन्होंने पहले ही प्रयास में सफलता पाई। वह बिरसिंहपुर तहसील के मझियार गांव के रहने वाले हैं। सतना के ही शत्रुंजय प्रताप सिंह का चयन वाणिज्यिक कर निरीक्षक के पद पर हुआ है। वह ग्राम पंचायत कैलाशपुर के पनघटी गांव के रहने वाले हैं। सतना जिले के कुंदहरी गांव के जयंत सिंह पुत्र राघवेंद्र सिंह परिहार का महिला बाल विकास अधिकारी पद पर चयन हुआ। सतना जिले के भागवत प्रसाद शिवहरे का आरटीओ उपनिरीक्षक के पद पर चयन हुआ है। वे मझगवां के रहने वाले हैं। उनके पिता अमृत लाल शिवहरे अमृत ट्रेडर्स के संचालक हैं। हरदा जिले के सोडलपुर गांव के रहने वाले राम सोलंकी का एमपीपीएससी 2022 में जिला कोषालय अधिकारी या डीईओ के रूप में चयन हुआ है। उन्हें मुख्य परीक्षा में 768 नंबर मिले हैं। वह वर्तमान में आगर मालवा जिले में उद्योग विभाग में सहायक संचालक के पद पर पदस्थ हैं। मंडला जिले के पिंडरई निवासी सागर जैन डिप्टी कलेक्टर बने। उनकी 24वीं रैंक आई है। पिता दिलीप जैन का निधन हो चुका है। मां गृहणी है। तीन साल से जबलपुर में रहकर तैयारी कर रहे थे।  

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में सर्दी का सितम जारी है। प्रदेश में कड़ाके की ठंड का असर अब और तेज हो सकता है। मौसम विभाग की मानें तो बर्फीली हवाओं की रफ्तार बढ़ सकती है। अगले तीन दिनों तक अधिकतर जिलों में घना कोहरा छाया रह सकता है। रविवार सुबह 20 से ज्यादा जिलों में कहीं मध्यम तो कहीं घना कोहरा छाया है। मौसम विभाग ने आज शाजापुर, सीहोर, रायसेन, रतलाम और सिंगरौली में कोल्ड-डे का अलर्ट जारी किया है।मौसम विभाग के अनुसार, बर्फीली हवाओं हवाओं और पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टरबेंस) के कारण प्रदेश में ठंड का असर बढ़ गया है। मौसम विभाग ने पूरे जनवरी महीने में तेज सर्दी पड़ने की संभावना जताई है। रविवार को गुना, अशोकनगर, श्योपुर, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, शिवपुरी, छतरपुर, टीकमगढ़ और निवाड़ी जिलों में घना कोहरा छाए रह सकता है। जबकि सीधी, रीवा, मऊगंज, सतना, मैहर, भोपाल, विदिशा, राजगढ़, धार, इंदौर, उज्जैन, सिंगरौली, रायसेन, सीहोर, रतलाम में मध्यम से लेकर हल्का कोहरा छाए रह सकता है। 20 जनवरी को ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़ और छतरपुर में कोहरा रहेगा। 21 जनवरी को ग्वालियर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, दतिया, भिंड, मुरैना और श्योपुर में कोहरे का अलर्ट है।इससे पहले शनिवार को प्रदेश के 23 जिलों में कोहरा रहा। ग्वालियर-चंबल में तो 50 मीटर दूर देखना भी मुश्किल था। जेट स्ट्रीम हवा 241 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से चलती रही। प्रदेश के कई शहरों में शनिवार को कोल्ड-डे जैसी स्थिति रही। शिवपुरी में सबसे कम 19 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। दमोह में 20 डिग्री, खजुराहो में 22.2 डिग्री, नौगांव में 22.5 डिग्री, नरसिंहपुर में 22.6 डिग्री, रीवा-पचमढ़ी में 23 डिग्री तापमान रहा। बड़े शहरों में ग्वालियर सबसे ठंडा रहा। यहां दिन का तापमान 21 डिग्री दर्ज किया गया। भोपाल में 25.6 डिग्री, उज्जैन में 29 डिग्री, इंदौर में 27.9 डिग्री और जबलपुर में 25 डिग्री तापमान रहा।

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । मध्य प्रदेश के भोपाल जिले में गुरुवार आधी रात को बैरसिया-नरसिंहगढ़ रोड पर स्थित पार्वती नदी का पुल क्रैक होकर धंस गया। जिसके बाद पुल पर वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है। अब भारी वाहन भोपाल होकर करीब 50 किलोमीटर का चक्कर लगाकर जा रहे हैं। घटना की जानकारी मिलते ही बैरसिया एसडीएम और नरसिंहगढ़ पीडब्ल्यूडी के अफसरों ने मौके पर पहुंचकर पुल का निरीक्षण किया। वहीं, अब मप्र सड़क विकास निगम (एमपीआरडीसी) के एक्सपर्ट आज शुक्रवार को इसकी जांच करेंगे। यह पुल करीब 49 साल पुराना है।   पुल धंसने की जानकारी मिलने पर बैरसिया एसडीएम आशुतोष शर्मा गुरुवार रात 9 बजे मौके पर पहुंचे और जांच की। इस दौरान दोनों ओर से बेरिकेडिंग की गई। वाहनों को दूसरे रास्ते पर डायवर्ट किया गया है। नरसिंहगढ़ पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने भी पुल का जायजा लिया। पुल के दोनों ओर पुलिस तैनात है। एसडीएम शर्मा ने मप्र सड़क विकास निगम, भोपाल के संभागीय प्रबंधक को पत्र भी लिखा है। पत्र में लिखा गया कि 'पार्वती पुल क्षतिग्रस्त हो गया है। पुल से आवाजाही के कारण जान-माल के नुकसान की आशंका है। प्रारंभिक रूप से इस ब्रिज के पिलर के नीचे बड़ा गड्‌ढा हो गया है। इसलिए जरूरी है कि नरसिंहगढ़-बैरसिया आने-जाने वाले वाहनों की आवाजाही पूर्ण रूप से बंद कर दिया जाए।' वहीं, आज शुक्रवार को एमपीआरडीसी की टीम मौके पर पहुंचेंगी और जांच करेगी कि ब्रिज को कितना नुकसान हुआ है। साथ ही ऑप्शनल रास्तों की भी व्यवस्था की जाएगी।   नरसिंहगढ़ के एसडीओपी भूपेंद्र सिंह भाटी ने बताया कि मंगलगढ़ और बरायठा के बीच में पार्वती नदी पर बना पुल क्षतिग्रस्त हो गया है। नरसिंहगढ़ से नजीराबाद जाने के लिए इस मार्ग का इस्तेमाल न करें। नरसिंहगढ़ से देवगढ़, कुरावर होते हुए भोपाल की तरफ की यात्रा करें। इसी प्रकार नजीराबाद से नरसिंहगढ़ आने वालों को भी उस तरफ से रोका गया है। पार्वती नदी पर बना ये पुल राजगढ़ और भोपाल जिले की सीमा पर है। यह नरसिंहगढ़ को नजीराबाद, बैरसिया, विदिशा और भोपाल से जोड़ता है। इसकी दो साल पहले ही मरम्मत की थी।

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आगर मालवा । मध्य प्रदेश के आगर मालवा जिले में नलखेड़ा तहसील के ग्राम लसुलड़िया केलवा में शुक्रवार को जहरीली चाय पीने से एक परिवार के 5 सदस्याें की तबीयत खराब हाे गई। सभी काे ईलाज के लिए नलखेड़ा के शासकीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां से हालत गंभीर हाेने पर सभी काे जिला अस्पताल रेफर किया गया है, जहां सभी उपचाररत है। इधर विभाग को मामले की जांच के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही आमजन को भी खानपान में विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।   जानकारी के अनुसार ग्राम लसुलड़िया केलवा निवासी एक ही परिवार के पानी बाई, हेमलता, कालूराम, श्रेया और लीला बाई ने शुक्रवार सुबह चाय पी। चाय पीने के कुछ देर बाद ही सभी की तबीयत बिगड़ने लगी। पीड़ितों को चक्कर आने लगे, उल्टी होने लगी और पेट में तेज दर्द की शिकायत की। हालत बिगड़ने पर उन्हें तुरंत नलखेड़ा के शासकीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। प्राथमिक उपचार के बावजूद जब स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो सभी को गंभीर अवस्था में जिला अस्पताल रेफर किया गया। चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजीव भाटी ने बताया कि चाय में किसी जहरीले पदार्थ के मिश्रण से फूड पॉइजनिंग हुई है। मरीजों में दिख रहे लक्षणों के आधार पर उनका इलाज किया जा रहा है। घटना की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को सतर्क कर दिया गया है।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । मध्य प्रदेश के मौसम में एक बार फिर बदलाव देखने को मिल रहे हैं। कड़ाके की सर्दी के बीच ठंडी हवाओं ने ठिठुरन पैदा कर दी है। प्रदेश के अधिकतर शहरों के तापमान में गिरावट आयी है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के दौरान प्रदेश के ग्वालियर, रीवा और उज्जैन संभाग के जिलों में बारिश और कोहरे की संभावना जताई है। पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम में बदलाव देखने को मिला है। वहीं, प्रदेश में 19 जनवरी से ठंड और बढ़ जाएगी।मौसम विभाग के अनुसार, मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल में अगले दाे दिन कोहरा रहेगा, जबकि भोपाल, इंदौर-उज्जैन में बादल छाए रहेंगे। मौसम विभाग के मुताबिक 19-20 जनवरी से ठंड का असर फिर बढ़ेगा। इस बार जनवरी के आखिरी सप्ताह में भी तेज ठंड पड़ने का अनुमान है। शुक्रवार सुबह से भोपाल, इंदौर समेत अधिकतर जिलों में कोहरा छाया रहा। शाजापुर-सागर में तापमान में गिरावट आने से सर्दी बढ़ गई है। वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) की एक्टिविटी की वजह से गुरुवार को श्योपुर, मुरैना में बारिश हुई, जबकि भोपाल-इंदौर समेत प्रदेश के कई शहरों में बादल छाए रहे।इससे पहले 24 घंटे में भिंड, मुरैना, श्योपुर, आगर-मालवा, धार, नीमच, मंदसौर और ग्वालियर में बारिश हुई। मौसम विभाग ने अब बारिश का दौर थमने और कोहरे का असर बढ़ने का अनुमान जताया है। मौसम विभाग ने आज शुक्रवार से अगले वेस्टर्न डिस्टरबेंस के एक्टिव होने की संभावना जताई है। यह उत्तर-पश्चिमी भारत को प्रभावित करेगा। इसका असर हिमालय की तरफ भी रहेगा। जिससे बर्फीली हवा की रफ्तार बढ़ जाएगी, जो मध्यप्रदेश में भी आकर ठिठुरन बढ़ा देगी। 18 जनवरी को ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, सतना, रीवा, मैहर, मऊगंज, सीधी और सिंगरौली में कोहरा रहेगा। 19 जनवरी को मौसम साफ रहेगा, हालांकि सुबह कोहरा छाया रहेगा।प्रदेश में गुरुवार को कड़ाके की ठंड रही। कई शहरों में दिन का तापमान 4 से 5 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया। छतरपुर का नौगांव सबसे ठंडा रहा। यहां दिन का तापमान 15.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। खजुराहो में 16 डिग्री, शिवपुरी में 17 डिग्री, टीकमगढ़ में 17.5 डिग्री, रतलाम में 19.5 डिग्री, गुना में 19.6 डिग्री, रायसेन-सतना में 21.2 डिग्री, धार-रीवा में 21.4 डिग्री, सीधी में 22.2 डिग्री, नरसिंहपुर में 23.2 डिग्री, मलाजखंड में 23.5 डिग्री और सागर में 23.8 डिग्री तापमान रहा। बड़े शहरों की बात करें तो ग्वालियर सबसे ठंडा रहा। यहां तापमान 18.6 डिग्री पहुंच गया। भोपाल में 23.4 डिग्री, इंदौर में 22.6 डिग्री, उज्जैन में 20.4 डिग्री और जबलपुर में तापमान 25.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि कई शहरों में रात का तापमान 15 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।  

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भोपाल । वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) की एक्टिविटी की वजह से मध्य प्रदेश में मौसम फिर बदला हुआ है। गुरुवार सुबह राजधानी भोपाल समेत निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, सतना, रीवा, मैहर, मऊगंज, सीधी और सिंगरौली में कोहरा रहा। कहीं-कहीं बूंदाबांदी भी हुई। ऐसा ही मौसम गुरुवार को भी बना रहेगा। अगले 2 दिन भोपाल, इंदौर, ग्वालियर समेत प्रदेश के आधे हिस्से में बारिश हो सकती है। आज ग्वालियर-चंबल संभाग में बारिश होने के आसार हैं। 17 जनवरी को भी कोहरे का असर रहेगा। फिर मौसम साफ हो जाएगा और ठंड का असर बढ़ेगा।मौसम विभाग के अनुसार, वेस्टर्न डिस्टरबेंस की एक्टिविटी का फिलहाल प्रदेश के उत्तरी हिस्से में असर है, जो दो दिन रहेगा। सिस्टम जैसे ही गुजरेगा, प्रदेश में ठंड का असर फिर बढ़ जाएगा। इसके बाद बर्फीली हवा की रफ्तार बढ़ेगी और पूरा प्रदेश ठिठुर जाएगा। इससे पहले बुधवार को जेट स्ट्रीम हवा 287 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से चली। आज गुरुवार को ग्वालियर, मुरैना, श्योपुर, भिंड और दतिया में हल्की बारिश हो सकती है। वहीं, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, सतना, रीवा, मैहर, मऊगंज, सीधी और सिंगरौली में कोहरा रहेगा। 17 जनवरी को ग्वालियर, मुरैना, भिंड, शिवपुरी, निवाड़ी, टीकमगढ़ और छतरपुर में कोहरा रहेगा। 18 जनवरी को मौसम साफ रहेगा। सुबह कोहरा छाया रहेगा।इससे पहले बुधवार को मौसम के 3 रंग देखने को मिले। बारिश, दिन में ठंड और सुबह कोहरे का असर रहा। मौसम विभाग के अनुसार, भोपाल में दिन का तापमान 25.8 डिग्री सेल्सियस, ग्वालियर में 23.1 डिग्री, उज्जैन में 27.5 डिग्री, इंदौर में 27 डिग्री और 24.6 डिग्री रहा। टीकमगढ़ में 19 डिग्री, रीवा में 17.8 डिग्री, खजुराहो में 19.4 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। इससे पहले सुबह प्रदेश के ज्यादातर शहरों में कोहरा रहा। वहीं, रात में पारे में बढ़ोतरी देखने को मिली। पचमढ़ी में रात का पारा 5.6 डिग्री सेल्सियस पर रहा।

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भोपाल । नगर निगम द्वारा सड़कों, फुटपाथों, कारीडोर व सार्वजनिक स्थलों आदि पर किए गए अतिक्रमणों को हटाने की कार्यवाही निरंतर की जा रही है। इसी क्रम में गुरुवार को निगम के अतिक्रमण निरोधक दस्ते के दलों ने संयुक्त रूप से विभिन्न क्षेत्रों में कार्यवाही करते हुए अवैध रूप से बनाए गए छप्पर तोडकर 19 ट्रक सामान जप्त किया साथ ही सड़कों के किनारे पड़ी 02 ट्रक गिट्टी व 04 ट्रक रेत भी जप्त की।   निगम अमले ने जिला प्रशासन की कार्यवाही में पुलिया एवं सड़क निर्माण में बाधक अवैध निर्माण को भी तोड़ने की कार्यवाही की। निगम आयुक्त हरेन्द्र नारायन के निर्देशों के परिपालन में नगर निगम के अतिक्रमण निरोधक दस्ते के दलों ने गुरूवार को करोंद मण्डी, आरिफ नगर ब्रिज, बेस्ट प्राईज तिराहा, भोपाल मेमोरियल हाॅस्पिटल, करोंद चैराहा आदि क्षेत्रों में सड़कों, फुटपाथों व अन्य सार्वजनिक स्थलों पर किए गए अतिक्रमणों को हटाने की कार्यवाही की।   निगम के दलों ने सड़कों के किनारे पड़ी 02 ट्रक गिट्टी व 04 ट्रक रेत जप्त की साथ ही सड़क किनारे अवैध रूप से बने 15 छप्परों को भी तोड़ा और गुमठी, लोहे के पलंग, पटिये, ड्रम, मेकेनिक का आॅटो सहित 19 ट्रक विभिन्न प्रकार का सामान जप्त किया। इसके अतिरिक्त निगम के अतिक्रमण निरोधक दस्ते ने जिला प्रशासन द्वारा अब्बास नगर बंजारा बस्ती क्षेत्र में सड़क एवं पुलिया निर्माण कार्य में बाधक अवैध रूप से निर्मित भवन को तोड़ने की कार्यवाही में सहयोग करते हुए उक्त भवन को जे.सी.बी. व श्रमिको के माध्यम से तोड़ने की कार्यवाही की। उपरोक्त कार्यवाही के दौरान नगर निगम व जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद थे।

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भाेपाल। राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल में एक बार फिर कर्मचारियों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया है। गुरुवार सुबह से वार्ड बॉय और लैब टेक्नीशियन धरने पर बैठे हैं। दरअसल, हॉस्पिटल मैनेजमेंट 400 कर्मचारियों को हटाने की तैयारी में है। 50 से अधिक कर्मचारियों को इस महीने की 20 तारीख तक सेवा समाप्ति के लेटर दिए जा चुके हैं। जिसके खिलाफ अब प्रदर्शन शुरू हो गया है।     गुरुवार सुबह से ही हमीदिया अस्पताल में हड़ताल जारी है। कर्मचारी लगातार अस्पताल परिसर में नारेबाजी कर रहे हैं। हड़ताल में वार्ड बॉय और लैब टेक्नीशियन सहित अन्य कर्मचारी शामिल हैं। इसके चलते गुरुवार सुबह से ही हमीदिया अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही है। पिछले 10 -12 साल से पदस्थ कर्मचारियों को बाहर निकाला गया है। कर्मचारियों ने दलील देते हुए कहा कि 10 साल से यहीं पर पदस्थ हैं, अब कहां जाएंगे। सैलरी नहीं मिलने से कर्जा लेकर घर चलाना पड़ रहा है। पिछले 2 महीने की सैलरी नहीं मिलने को लेकर हमीदिया अस्पताल के आउटसोर्स कर्मचारी हड़ताल कर रहे हैं।   इससे पहले, जीएमसी ने इसे लेकर मैनेजमेंट में एक निजी कंपनी को लेटर जारी किया था। बताया जा रहा है कि निकाले जा रहे ये वही कर्मचारी हो सकते हैं, जिनकी नियुक्ति कोविड महामारी के दौरान हुई थी। संकट काल में अपनी जान की परवाह किए बगैर उन्होंने लोगों की सेवा की थी। लेकिन अब उन्हें ही हटाया जा रहा है। डीन कविता एन. सिंह ने पहले कहा था कि शासन से स्वीकृत पदों के मुकाबले हमीदिया में 400 कर्मचारी अधिक हैं। वर्तमान में शासन द्वारा स्वीकृत पदों के आधार पर ही निर्णय लिया जाएगा। बता दें कि सैलरी को लेकर हमीदिया अस्पताल के 500 से अधिक वार्ड बॉय महीने भर में पहले ही दो बार हड़ताल कर चुके हैं। अस्पताल में रोजाना 2500 से अधिक मरीज ओपीडी (आउट पेशेंट डिपार्टमेंट) में आते हैं और 60 से अधिक ऑपरेशन किए जाते हैं।    

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ग्वालियर । मध्य प्रदेश में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है। बुधवार को भी सुबह सभी जगह घना कोहरा छाया रहा और दिन में कहीं धूप कहीं छांव वाली स्थिति बनी रही। ग्वालियर-अंचल तो पूरे दिन कोहरे से ढंका रहा और दिनभर शीतलहर चलती रही। शीत लहर की वजह से सर्दी बढ़ने और बारिश की संभावना को ध्यान में रखकर जिले में केजी-नर्सरी से लेकर आठवी कक्षा तक के स्कूली बच्चों के लिए 16 जनवरी को अवकाश घोषित किया गया है। साथ ही आंगनबाड़ी के बच्चों के लिये भी इस दिन छुट्टी रहेगी। कलेक्टर ने बच्चों को ठंड से बचाने के उद्देश्य से निर्देश पर जिला शिक्षा अधिकारी अजय कटियार एवं सहायक संचालक महिला बाल विकास राहुल पाठक द्वारा बुधवार को अलग-अलग आदेश जारी किए गए हैं। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी किया गया आदेश स्कूल शिक्षा विभाग, आईसीएससी व सीबीएसई के सभी सरकारी एवं गैर सरकारी स्कूलों पर लागू होगा। आदेश में यह भी उल्लेख है कि परीक्षाएं पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार यथावत चलती रहेंगी। इसी तरह सभी आंगनवाड़ी केंद्रों में भी 16 जनवरी को बच्चों के लिए अवकाश रखा गया है। सहायक संचालक महिला बाल विकास राहुल पाठक ने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में केवल बच्चों के लिए छुट्टी रहेगी। केवल पोषण आहार के लिये प्रात: 11.30 बजे बच्चे आंगनबाड़ी केन्द्र आ सकेंगे। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका आंगनवाड़ी की अन्य गतिविधियां यथावत संचालित करेंगीं। विभागीय परियोजना अधिकारी व समस्त पर्यवेक्षकों से इन निर्देशों का पालन कराने के लिए कहा गया है।

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भोपाल । खगोल विज्ञान में रुचि रखने वाले लोगों के लिए गुरुवार 16 जनवरी का दिन बेहद खास होने जा रहा है। इस दौरान आकाश में एक अद्भुत खगोलीय घटना होने जा रही है। इस दिन सौरमंडल का लाल ग्रह मंगल हमारी पृथ्‍वी और सूर्य की सीध में आ रहा है। इस खगोलीय घटना में मंगल, पृथ्‍वी और सूर्य एक सरल (सीधी) रेखा में होंगे।   नेशनल अवार्ड प्राप्‍त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बुधवार को इसकी जानकारी दी। उन्हाेंने बताया कि इस खगोलीय घटना को मार्स एट अपोजीशन कहते हैं। इस समय मंगल चमकदार लालिमा के साथ बिना दूरबीन के देखा जा सकेगा। यह खगोलीय घटना दो साल के बाद हमें आकाश में देखने को मिलेगी। इससे पूर्व यह घटना 8 दिसम्‍बर 2022 को हुई थी।   सारिका ने बताया कि पृथ्‍वी का पड़ाेसी ग्रह मंगल सूर्यास्‍त के बाद पूर्वी आकाश में उदित होगा और मध्‍यरात्रि में आपके सिर के ठीक ऊपर पहुंच जाएगा। अगले दिन सुबह पश्चिम में अस्‍त होगा। अपोजीशन की यह खगाेलीय घटना इसलिये महत्‍वूपर्ण है, क्‍योंकि मंगल को सारी रात आकाश में देखा जा सकेगा। अपोजीशन की इस घटना में पृथ्‍वी के एक ओर मंगल होगा तो दूसरी ओर सूर्य होगा। ये तीनों खगोलीय पिंड एक सीध में होंगे। इस समय मंगल की पूरी डिस्‍क सूर्य के प्रकाश से चमक रही होगी, जिससे इसकी पूरी सतह देखी जा सकेगी।   सारिका ने बताया कि मार्स अपोजीशन की घटना लगभग 26 माह के अंतराल पर होती है। इससे पहले 2003 का मार्स अपोजीशन बहुत खास था, जिसमें मंगल 60000 साल बाद इतना निकट आया था और अब इतना नजदीक 2287 में आएगा। उन्होंने कहा कि मंगल दर्शन का यह अच्छा अवसर है। इसलिए इसे देखने से चूकिए मत, क्योंकि इसके बाद यह घठना दो साल बाद 19 फरवरी 2027 को होगी।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मौसम का मिजाज बदल रहा है। जनवरी में तीसरी बार मावठा गिरने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले 2 दिन भोपाल, इंदौर, ग्वालियर समेत प्रदेश के आधे हिस्से में बारिश होने की संभावना है। बारिश के दौरान गरज-चमक की स्थिति भी बन सकती है। आज बुधवार को भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, श्योपुर समेत 34 जिलों में मौसम बदला रहेगा। कहीं-कहीं कोहरा तो कहीं हल्की बारिश का अनुमान है। वहीं, 17 जनवरी से तेज ठंड का दौर फिर शुरू हो जाएगा।मौसम विभाग के अनुसार, 15 और 16 जनवरी को वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) की एक्टिविटी का असर प्रदेश के पश्चिमी और उत्तरी हिस्से में देखने को मिलेगा। सिस्टम जैसे ही गुजरेगा, प्रदेश में ठंड का असर फिर से बढ़ जाएगा। 18 जनवरी से एक और वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव होगा। इसके बाद बर्फीली हवा की रफ्तार बढ़ जाएगी और पूरा प्रदेश ठिठुर जाएगा। इससे पहले मंगलवार को 203 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से जेट स्ट्रीम हवा चली।आज बुधवार को भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दमोह, गुना, अशोकनगर, विदिशा, रायसेन, नर्मदापुरम, राजगढ़, आगर-मालवा, शाजापुर, सीहोर, हरदा, देवास, खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन, बड़वानी, धार, झाबुआ, रतलाम, मंदसौर, नीमच में कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है। ग्वालियर, मुरैना, भिंड, दतिया, श्योपुर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, नीमच और मंदसौर में गरज-चमक की स्थिति भी बनेगी। वहीं, सतना, रीवा, मैहर, मऊगंज, सीधी और सिंगरौली में कोहरा रहेगा। 16 जनवरी को भोपाल, ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, निवाड़ी, रीवा, मऊगंज, छतरपुर, पन्ना, कटनी, दमोह, सागर, विदिशा, रायसेन, सीहोर, बैतूल, छिंदवाड़ा में हल्की बारिश हो सकती है। 17 जनवरी को इस दिन मौसम साफ रहने का अनुमान है। वहीं, ठंड का असर भी बना रहेगा।प्रदेश में मंगलवार की रात भोपाल समेत कई शहरों के तापमान में गिरावट दर्ज की गई। भोपाल में 5.4 डिग्री सेल्सियस, जबलपुर में 6.6 डिग्री, ग्वालियर में 8.4 डिग्री, उज्जैन में 8.5 डिग्री और इंदौर में 9.6 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। सबसे ठंडा सीहोर रहा। यहां तापमान 3.2 डिग्री सेल्सियस रहा। शाजापुर के पास गिरवर में 3.9 डिग्री, राजगढ़ में 4.6 डिग्री, पचमढ़ी में 4.7 डिग्री, नौगांव-कल्याणपुर में पारा 5 डिग्री रहा। अन्य शहरों में भी पारे में गिरावट देखने को मिली। सतना, मैहर, रीवा, सीधी, सिंगरौली, राजगढ़, पन्ना, छतरपुर, ग्वालियर, रायसेन, दमोह, भोपाल, मंडला, उमरिया और पचमढ़ी में कोहरा भी रहा।

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इंदौर । राज्य शासन ने भोपाल स्थित समस्त शासकीय कार्यालयों और संस्थाओं में 3 स्थानीय अवकाश घोषित किए हैं। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश अनुसार भोपाल में मकर संक्रांति मंगलवार 14 जनवरी, रंग पंचमी बुधवार 19 मार्च और गणेश चतुर्थी बुधवार 27 अगस्त 2025 को स्थानीय अवकाश घोषित किया है। भोपाल गैस त्रासदी बरसीं दिवस बुधवार, 3 दिसंबर 2025 केवल भोपाल शहर के लिए घोषित किया है।वहीं, इंदौर जिले में भी मकर संक्रांति पर्व के अवसर पर 14 जनवरी को स्थानीय अवकाश रहेगा। यह अवकाश इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा घोषित किया गया है। यह अवकाश बैंक और कोषालय में लागू नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि कलेक्टर श्री आशीष सिंह द्वारा जारी वर्ष 2025 के लिए इंदौर जिले हेतु स्थानीय अवकाश घोषित किए गए हैं।इस संबंध में जारी आदेश के अनुसार जिले में मकर संक्रांति के पर्व पर 14 जनवरी मंगलवार को, रंग पंचमी के अवसर पर 19 मार्च बुधवार को और दशहरे के दूसरे दिन 03 अक्टूबर शुक्रवार को स्थानीय अवकाश रहेगा। साथ ही अहिल्या उत्सव के अवसर पर 22 अगस्त शुक्रवार को आधे दिन का अवकाश घोषित किया गया है। उक्त सभी अवकाश बैंक और कोषालय में लागू नहीं होंगे।  

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इंदौर । मध्य प्रदेश सरकार के परशुराम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष पंडित विष्णु राजोरिया ने ब्राह्मण समाज के नए जोड़ों से चार बच्चे पैदा करने का आग्रह किया है। उन्होंने इसके लिए उन्हें बतौर प्रोत्साहन एक लाख रुपये की राशि इनाम में देने का ऐलान भी किया है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में विधर्मी लोगों की आबादी बहुत तेजी से बढ़ रही है। वजह ये है कि हमने अपने परिवार पर ध्यान देना लगभग बंद कर दिया है। युवाओं से मेरी बड़ी उम्मीद है। जो युवा हैं वह ध्यान से कान खोलकर सुन लें कि आने वाली पीढ़ी की रक्षा आपके हाथों में है। परशुराम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष पं. राजोरिया रविवार की रात इंदौर में आयोजित सनाढ्य ब्राह्मण सभा के परिचय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज के युवा अच्छा पद-प्रतिष्ठा हासिल कर लेते हैं, लेकिन युवा दंपत्ति एक ही बच्चा चाहते हैं, यह हमारे लिए बहुत ही बड़ी समस्या है। आप सभी से आग्रह है कि कम से कम चार बच्चे पैदा करें। अब चार संतानें पैदा करने वाले ब्राह्मण समाज के युगलों को परशुराम बोर्ड ओर से एक लाख रुपये की राशि भेंट की जाएगी। राजोरिया ने यह भी कहा कि मैं परशुराम बोर्ड का अध्यक्ष रहूं या नहीं, कोई भी रहेगा, उसकी ओर से यह राशि दी जाएगी। पंडित राजोरिया ने कहा कि मैं युवाओं से पूछता हूं तो वे ये कहते है कि पढ़ाई में ज्यादा खर्च होता है, अरे खर्चा कम होगा, ज्यादा होगा। थोड़ा कम में गुजारा कर लेंगे, लेकिन बच्चे पैदा करने में पीछे नहीं रहना है, नहीं तो विधर्मी लोग इस देश पर कब्जा कर लेंगे। ब्राह्मणों की संख्या तो कम होती जा रही है। इतना बड़ा इंदौर शहर है, अगर सभी ब्राह्मण आ जाते तो एक लाख हो जाते, लेकिन यहां पर इस छोटी सी जगह को भी आपने भर दिया। ये आपकी बड़ी कृपा है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले मेरा यही विचार था कि ब्राह्मणों की संख्या कम हो रही है। युवाओं से आग्रह है कि आप संख्या बढ़ाएं। आने वाली संतानें इस देश में अपना नाम, अपना समाज, अपना गोत्र, अपना सूत्र सभी की रक्षा कर सकें। सनातन की रक्षा तभी होगी जब ब्राह्मणों की संख्या पर्याप्त होगी। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ युवा उनसे कहते हैं कि बच्चों को पढ़ाई कराना महंगा हो गया है। इस पर उनका कहना है कि किसी तरह बच्चों को पढ़ाओं, लेकिन कम बच्चे मत करो। ऐसा न करने पर दूसरे इस देश पर कब्जा कर लेंगे। राजोरिया ने धर्मांतरण का भी एक उदाहरण दिया और कहा कि जहां भी खोदा, बुलडोजर चला, वहां कोई न कोई मंदिर के अवशेष निकल आते हैं, क्योंकि ब्राह्मणों ने रक्षा करने का प्रयत्न किया है। उन्होंने कहा कि युवाओं को ये बातें मिर्ची की तरह लग रही होंगी, लेकिन ये तो आपको करना ही पड़ेगा। यह ज्वलंत विषय है, जिस पर ध्यान देने की जरूरत है। मैं सभी जगह संदेश प्रसारित कर रहा हूं कि ब्राह्मणों की संख्या बढ़ाओ, क्योंकि लोकतंत्र में जन बल सबसे बड़ा बल है।

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल  । मध्य प्रदेश में कड़ाके की सर्दी के बीच बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। मकर संक्रांति के दिन मंगलवार को मालवा-निमाड़ यानी, इंदौर-उज्जैन संभाग में बादल और बूंदाबांदी होने के आसार हैं। जबकि 15 जनवरी को आधे एमपी में बादल और बूंदाबांदी होने का अलर्ट है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन और ग्वालियर भी इसमें शामिल हैं। आज सोमवार सुबह ग्वालियर-चंबल में कोहरा छाया रहा। वहीं, राजधानी भोपाल में भी सुबह से कोहरा छाया है, कहीं-कहीं बारिश की फुहारें भी गिर रही हैं।मौसम विभाग के अनुसार, वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) की एक्टिविटी होने से मौसम का मिजाज बदला रहेगा। इससे पहले 2 दिन से प्रदेश के कई जिलों में बारिश हो रही है। रविवार को बैतूल, दमोह, रीवा, सतना और उमरिया में बारिश हुई। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन, जबलपुर समेत कई जिलों में बादल छाए रहे। आज सोमवार को ग्वालियर, श्योपुर, मुरेना, भिंड और दतिया में कोहरा रहेगा। जबकि 14 जनवरी को इंदौर, उज्जैन, आगर-मालवा, मंदसौर, नीमच, गुना, शिवपुरी, अशोकनगर में बादल रहेंगे। कहीं-कहीं बूंदाबांदी भी हो सकती है। 15 जनवरी को भोपाल, इंदौर, उज्जैन और ग्वालियर समेत 33 जिलों में हल्की बारिश हो सकती है। 16 जनवरी को ग्वालियर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी और अशोकनगर में बादल और बूंदाबांदी के आसार है।रविवार को कुछ जगहों पर सर्द हवा चलने से ठंड का असर देखने को मिला। वहीं, तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई। भोपाल में 5.2 डिग्री की गिरावट के बाद तापमान 21.8 डिग्री पर आ गया। बैतूल में बूंदाबांदी होने के बाद तापमान 23.2 डिग्री पर आ गया। गुना में एक ही दिन में 7.6 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। यहां पर अधिकतम तापमान 18.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। ग्वालियर में पारा 20 डिग्री रहा। इंदौर में तापमान 22.4 डिग्री, उज्जैन में 22.5 डिग्री और जबलपुर में 20.5 डिग्री रहा। प्रदेश में उमरिया सबसे ठंडा रहा। यहां दिन का तापमान 18 डिग्री पहुंच गया। सतना-गुना में 18.2 डिग्री, दमोह में 18.6 डिग्री, पचमढ़ी में 18.8 डिग्री, खजुराहो में 19.6 डिग्री, सिवनी में 19.8 डिग्री, टीकमगढ़ में 20 डिग्री, शिवपुरी में 21 डिग्री, नौगांव में 21.6 डिग्री, नरसिंहपुर में 22 डिग्री, रायसेन में 22.4 डिग्री, नर्मदापुरम में 23.3 डिग्री, सागर में 23.6 डिग्री और धार में 23.7 डिग्री सेल्सियस रहा।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में दुनिया की सबसे बड़ी थ्री-डी रंगोली बनाई गई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार को युवा दिवस के उपलक्ष्य में स्वामी विवेकानंद पर बनी इस थ्री-डी रंगोली का अनावरण किया। मुख्यमंत्री ने इस दौरान स्वयं रंगोली में रंग भरे। यह थ्री-डी रंगोली भोपाल के शौर्य स्मारक में 18 हजार स्क्वेयर फीट में बनाई गई है। इसमें स्वामी विवेकानंद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की तस्वीरें उकेरी गई हैं। इस रंगोली में संवाद, सामर्थ्य और समृद्धि का संदेश दिया गया। विश्व की सबसे बड़ी यह थ्री-डी रंगोली गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हो गई है।   रंगोली के अनावरण अवसर पर मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि स्वामी विवेकानंद की जयंती पर मध्य प्रदेश ने इतिहास रचा है। प्रदेश की बेटी शिखा शर्मा द्वारा बनाई गई अद्भुत कौशल और अतुलनीय कला से समृद्ध यह रंगोली भारतीय संस्कृति एवं सृजनात्मकता का जीवंत प्रतीक है, जो प्रदेश के प्रत्येक युवा को मध्य प्रदेश का नाम गर्व से ऊंचा करने की निरंतर प्रेरणा देता रहेगी। इससे पहले मुख्यमंत्री यादव शौर्य स्मारक में माँ भारती की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर बेटी शिखा शर्मा द्वारा स्वामी विवेकानंद पर आधारित 18,000 स्क्वायर फीट में बनी विश्व की सबसे बड़ी थ्री-डी रंगोली का अवलोकन किया। साथ ही रंगोली का नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होने पर बेटी शिखा एवं उनकी टीम के अन्य कलाकारों को बधाई एवं उज्ज्वल भविष्य की शुभकमनाएं दीं। इस अवसर पर राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर, विधायक भगवान दास सबनानी सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित रहे।   स्वामी विवेकानंद की इस थ्री-डी रंगोली को बनाने में 48 घंटे से अधिक का समय लगा है। रंगोली को इंदौर की जानी-मानी कलाकार शिखा शर्मा जोशी और उनकी टीम ने तैयार की है। शिखा शर्मा देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर की ब्रांड एंबेसेडर भी हैं। उन्होंने इस रंगोली में स्वामी विवेकानंद, प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री यादव की तस्वीरें भी उकेरी हैं। इसमें संवाद, सामर्थ्य और समृद्धि का संदेश दिया गया है। इस रंगोली का आकार 225 फुट X80 फुट है। इस रंगोली को बनाने के लिए चार हजार किलो रंगों का इस्तेमाल हुआ है। शिखा ने अपनी रंगोली कला से न सिर्फ मध्य प्रदेश, बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया है। शिखा दसवीं क्लास से बच्चों को कला सिखा रही हैं। वे विश्व के करीब 70 हजार बच्चों को कला सिखा चुकी हैं। उन्हें रंगोली क्वीन के नाम से जाना जाता है। उन्होंने कई अवॉर्ड भी जीते हैं।

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । मध्य प्रदेश में कड़ाके की ठंड का दौर जारी है। इस बीच वेस्टर्न डिस्टरबेंस की वजह से मुरैना, ग्वालियर, भिंड, दतिया के रतनगढ़, श्योपुर, शिवपुरी और गुना में हल्की बारिश और आंधी की स्थिति बनी हुई है। राजधानी भोपाल में भी सुबह से बादल छाए हुए हैं, जबकि कहीं-कहीं बूंदाबांदी भी हुई। वहीं, आज रविवार को जबलपुर, निवाड़ी, टीकमगढ़ समेत 14 जिलों में गरज-चमक के साथ बूंदाबांदी हो सकती है।मौसम विभाग के अनुसार, वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) की वजह बारिश का अलर्ट है। इस दौरान दिन-रात के तापमान में बढ़ोतरी होगी, लेकिन सिस्टम के आगे जाने के बाद ठंड का असर बढ़ जाएगा। अगले 2 दिन बाद फिर से पारा लुढ़क जाएगा। शनिवार को प्रदेश के कई जिलों में बादल छाए रहे। आज रविवार को जबलपुर, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दमोह, पन्ना, सतना, रीवा, मऊगंज, मैहर, कटनी, डिंडौरी, मंडला, सिवनी, छिंदवाड़ा और पांढुर्णा में गरज-चमक और बूंदाबांदी हो सकती है। 13 जनवरी को इस दिन मौसम खुला रहेगा। कहीं भी बारिश होने का अनुमान नहीं है। 14 जनवरी को भोपाल, राजगढ़, आगर-मालवा, मंदसौर, नीमच, श्योपुर, ग्वालियर, मुरैना, भिंड, दतिया और शिवपुरी में बादल रहेंगे। कहीं-कहीं बूंदाबांदी भी हो सकती है।शनिवार को दिन के तापमान की बात करें तो ग्वालियर में अधिकतम तापमान 21.2 डिग्री, पचमढ़ी में 22.7 डिग्री, रायसेन में 24.2 डिग्री, नरसिंहपुर में 23 डिग्री, रीवा में 24 डिग्री, नौगांव में 24.8 डिग्री, सतना में 25 डिग्री, सीधी में 24.2 डिग्री, मलाजखंड में 24.8 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं, उमरिया, सिवनी, जबलपुर, दमोह, भोपाल, नर्मदापुरम, इंदौर, खंडवा, खरगोन, उज्जैन में तापमान 27 डिग्री से अधिक दर्ज किया गया। शनिवार रात में शहडोल के कल्याणपुर में 4.5 डिग्री, रीवा में 5 डिग्री, मंडला में 5.4 डिग्री और अमरकंटक में पारा 5.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बड़े शहरों में जबलपुर में सबसे कम 7.5 डिग्री, भोपाल में 8.5 डिग्री, ग्वालियर में 9.5 डिग्री, उज्जैन में 11.8 डिग्री और इंदौर में पारा 14.2 डिग्री रहा।

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उज्जैन । मध्य प्रदेश की धर्मनगरी उज्जैन में विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर के मंदिर के विस्तार के लिए शनिवार को निजामुद्दीन कॉलोनी के 257 मकानों को हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई। जिला प्रशासन, पुलिस और नगर निगम की टीम मकानों को हटाने का काम में जुटी है। जेसीबी के माध्यम से दोपहर तक 50 मकान और धर्मस्थल तोड़े जा चुके हैं। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है। दरअसल, उज्जैन में महाकाल लोक के विस्तार के लिए करीब सवा दो हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया है। इसके लिए निजामुद्दीन कॉलोनी के 257 मकानों को हटाया जाना है। यहां रहने वालों को 32 करोड़ रुपये का मुआवजा भी दिया गया है। इस दौरान 66 करोड़ रुपए का मुआवजा देने की योजना है। इसके लिए प्रशासन ने मकान मालिकों को पहले ही नोटिस दे दिए थे। शुक्रवार रात मुनादी करवाई और लोगों को मकान खाली करने का अल्टीमेटम दिया था। शनिवार सुबह प्रशासन ने मकानों से सामान हटवाकर उन्हें पूरी तरह खाली करवा लिया। इस दौरान पुलिस बल भी मौके पर तैनात रहा। खबर लिखे जाने तक सभी 257 मकानों को खाली करा लिया गया है और इन पर बुलडोजर चलाकर करीब 50 मकानों को गिराया जा रहा है। इनमें एक मस्जिद भी शामिल है। एडीएम अनुकूल जैन ने बताया कि कार्रवाई कानूनी दायरे में रहकर की गई है। सभी आदेश पहले ही जारी हो चुके थे। जिन मकानों पर कोर्ट का स्टे था, उन्हें छोड़ दिया गया, बाकी को हटाया जा रहा है। इस जमीन पर भविष्य में पार्किंग और अन्य निर्माण कार्य किए जाएंगे। एडीएम के मुताबिक कार्रवाई के दौरान प्रशासन ने लोगों से बातचीत की, जिससे अब तक किसी तरह विवाद के हालात नहीं बने। लोग स्वेच्छा से अपने मकान खाली कर रहे हैं।  

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भोपाल। मध्य प्रदेश में लोगों को कड़ाके की ठंड से थोड़ी राहत मिली है। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से हवाओं का रुख पूर्वी हो गया है। इससे रात के तापमान में बढ़ोतरी होने लगी है। मौसम वैज्ञानिकाें के अनुसार हवाओं के साथ नमी आने के कारण आज शनिवार को प्रदेश में आंशिक बादल छा सकते हैं। साथ ही ग्वालियर, चंबल, जबलपुर, नर्मदापुरम संभाग के जिलों में कहीं-कहीं बारिश और ओले भी गिरने की संभावना है। हालांकि अगले 48 घंटों में शीतलहर चलने से ठंड में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।मौसम विभाग के अनुसार, वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) की वजह ओले-बारिश का अलर्ट है। इस दौरान दिन-रात के तापमान में बढ़ोतरी होगी, लेकिन सिस्टम के आगे जाने के बाद ठंड का असर बढ़ जाएगा। 11 और 12 जनवरी को ग्वालियर-जबलपुर समेत 34 जिलों में बारिश होने का अलर्ट है। वहीं, नर्मदापुरम, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, हरदा, बैतूल और बुरहानपुर में शनिवार को ओले भी गिर सकते हैं। मौसम विभाग के मुताबिक, 13 जनवरी से तेज सर्दी का तीसरा दौर फिर से आएगा। इस महीने 20 से 22 दिन तक शीतलहर चलेगी। वहीं, 12 जनवरी को जबलपुर, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली, मैहर, दमोह, कटनी, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला, नरसिंहपुर, सिवनी, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, बैतूल में बारिश हो सकती है। 13 जनवरी को इस दिन मौसम साफ रहेगा।प्रदेश के कई शहरों में शुक्रवार दिन के तापमान में 1 से 3 डिग्री तक की बढ़ोतरी हुई है। भोपाल में 25.8 डिग्री, इंदौर में 27.2 डिग्री, ग्वालियर में 21.5 डिग्री, उज्जैन में 28 डिग्री और जबलपुर में पारा 24.8 डिग्री रहा। बैतूल, धार, नर्मदापुरम, खंडवा, खरगोन, रतलाम, मंडला, सिवनी, उमरिया में पारा 26 डिग्री या इससे अधिक रहा। वहीं, सीधी में पारा 22 डिग्री से कम रहा। शुक्रवार की रात में भी कुछ शहरों में तापमान में बढ़ोतरी हुई, लेकिन पचमढ़ी, कल्याणपुर, मंडला, अमरकंटक, उमरिया, राजगढ़, रीवा, छतरपुर, छिंदवाड़ा, मलाजखंड, रायसेन, टीकमगढ़, नौगांव, सीधी, सतना, रतलाम, दमोह, धार, सिवनी, बैतूल, नरसिंहपुर और गुना में पारा 10 डिग्री से कम ही रहा। पचमढ़ी सबसे ठंडा रहा। यहां पारा 2.3 डिग्री दर्ज किया गया। कल्याणपुर में 2.8 डिग्री, मंडला में 3.5 डिग्री, अमरकंटक में 4.8 डिग्री रहा। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 7 डिग्री, इंदौर में 9.8 डिग्री, ग्वालियर में 6 डिग्री, उज्जैन में 9.5 डिग्री और जबलपुर में 6.2 डिग्री दर्ज किया गया।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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जबलपुर/भोपाल । मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने जबलपुर सहित प्रदेश के पुलिस थाना परिसरों में हनुमान मंदिर के निर्माण को चुनौती देने वाली जनहित याचिका को निरस्त कर दिया है। इसके साथ ही प्रदेश के थाना परिसरों में मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैथ की अध्यक्षता वाली युगलपीठ ने साफ किया कि पूर्व की एक जनहित याचिका के आदेश का पालन न होने के विरुद्ध विचाराधीन अवमानना याचिका के साथ इस बिंदु को शामिल कर विरोध किया जा सकता है। पृथक से सुनवाई की आवश्यकता नहीं है। दरअसल, जबलपुर निवासी अधिवक्ता ओपी यादव ने यह याचिका दायर करते हुए आरोप लगाया था कि पुलिस अधिकारी उच्चतम न्यायालय के आदेशों की अवहेलना कर थानों में अवैध धार्मिक स्थल बना रहे हैं। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैथ और न्यायमूर्ति विवेक जैन की युगलपीठ ने गुरुवार को मामले की सुनवाई करते हुए उक्त याचिका को खारिज कर दिया। इससे पहले कोर्ट ने मामले पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार से जवाब मांगा था। कोर्ट ने 2009 में इसी विषय पर पहले ही आदेश जारी किया था कि सार्वजनिक संपत्ति पर किसी प्रकार का धार्मिक स्थल नहीं बनाया जा सकता। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से इन धार्मिक स्थलों को हटाने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज करते हुए कहा कि एक ही मुद्दे पर पुनः याचिका क्यों लगाई गई। मामले पर हाईकोर्ट में 4 नवंबर, 19 नवंबर और 16 दिसंबर को भी सुनवाई हुई थी। इस याचिका पर बार काउंसिल के अधिवक्ता दिनेश अग्रवाल ने भी हस्तक्षेप किया और बताया कि वर्तमान में थानों से मंदिर हटाने वाली याचिका में जो वकील है, वह 2009 की याचिका में याचिकाकर्ता थे, उसी को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है। ऐसी स्थिति में अब याचिकाकर्ता चाहे तो कानूनी उपचार का उपयोग करना चाहे तो कर सकता है। फिलहाल अब मंदिर में बने थाने यथावत रहेंगे। अधिवक्ता ओपी यादव ने जबलपुर शहर के सिविल लाइन, लार्डगंज, मदन महल और विजय नगर थानों में बने मंदिरों की तस्वीरें हाई कोर्ट में पेश की थीं। उन्होंने आरोप लगाया था कि पुलिस अधिकारी सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना कर अपनी मर्जी से मंदिर बना रहे हैं, जो अवैध हैं और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के खिलाफ हैं। करीब डेढ़ माह पहले याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट केने प्रदेश के मुख्य सचिव (सीएस) अनुराग जैन और डीजीपी कैलाश मकवाना को नोटिस देकर जवाब मांगा था। नोटिस गृह विभाग, नगरीय प्रशासन विभाग को भी दिए गए थे।

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जबलपुर । शहर में पाटन रोड स्थित भाटिया पेट्रोल पंप के सामने गुरुवार काे एक बस में आग लग गयी, जिससे वहाँ भगदड़ की स्थिति हो गयी। बताया जा रहा है कि एक चलती बस से अचानक धुआं निकलने लगा, देखते ही बस में आग लग गई, सूझ-बूझ के चलते बस से निकल रहे धुआं पर काबू पाया गया तथा यात्रियों को तत्काल बस से उतारा गया।   जानकारी के अनुसार शिवशक्ति ट्रेवल्स की बस तारादेही तेंदुखेड़ा से जबलपुर आ रही थी, बस जैसे ही भाटिया पेट्रोल पंप के पास पहुंची तो इंजन से अचानक धुआं उठने लगा। इसके बाद देखते ही देखते धुआं ने विकराल रूप ले लिया, जिसके बाद बस में बैठे यात्रियों के बीच चीख-पुकार शुरू हो गई। बस चालक ने तुरंत सभी यात्रियाें काे सुरक्षित बाहर निकाल लिया। इसके बाद समय रहते बस के कर्मचारी और क्षेत्रीय लोगों ने आग पर काबू पा लिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने प्रकरण को जांच में लिया है।

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भोपाल । राजधानी भोपाल समेत प्रदेशभर में सर्दी का सितम जारी है। कड़ाके की ठंड के दूसरे दौर से पूरा प्रदेश कांप रहा है। बफीर्ली हवाओं के कारण सर्दी तेज हो गई है। तापमन में भी गिरावट आयी है। पचमढ़ी में तापमान रिकॉर्ड 0.2 डिग्री पर पहुंच गया है। वहीं, भोपाल में 10 साल का रिकॉर्ड टूटा है। मंगलवार-बुधवार की रात यहां तापमान 3.6 डिग्री रहा। ऐसा ही मौसम गुरुवार को भी बना रहेगा। मौसम विभाग ने प्रदेश के 9 जिलों में कोल्ड-डे का अलर्ट जारी किया है। वहीं, आज सुबह करीब 20 जिलों में कोहरा छाया है।मौसम विभाग के अनुसार, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, लद्दाख में बर्फ पिघल रही है। जिससे हवा की रफ्तार भी तेज हो गई है। बुधवार को जेट स्ट्रीम हवाओं की रफ्तार 268 किमी प्रतिघंटा रही। 20 से 22 दिन तक शीतलहर चलने का अनुमान है। जनवरी के पहले सप्ताह में भी कड़ाके की ठंड पड़ी थी। अब दूसरा दौर शुरू हुआ है। जनवरी में प्रदेश का मौसम ठंडा ही रहेगा। आज गुरुवार को नीमच, मंदसौर, निवाड़ी, छतरपुर, सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी और सिंगरौली में कोल्ड डे रहेगा। वहीं, ग्वालियर, मुरैना, भिंड समेत 17 जिलों में कोहरा छाया रहेगा।प्रदेश में कुछ जिलों में बारिश के भी आसार है। 10 जनवरी को गुना, अशोकनगर और श्योपुर में बूंदाबांदी हो सकती है। 11 जनवरी को ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, अशोकनगर, विदिशा, रायसेन, सागर, दमोह, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा और मऊगंज में कहीं-कहीं बारिश होने का अनुमान है। 12 जनवरी को दमोह, पन्ना, सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी और डिंडौरी में बारिश होने के आसार है।तापमान की बात करें तो मंगलवार-बुधवार की रात भोपाल में 3.6 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। पिछले 10 साल में यह जनवरी का सबसे कम तापमान है। इंदौर-ग्वालियर में 6-6 डिग्री, उज्जैन में 6 डिग्री और जबलपुर में तापमान 7 डिग्री रहा। प्रदेश का दूसरा सबसे ठंडा जिला राजगढ़ रहा। यहां तापमान 1.6 डिग्री रहा। मंडला, रायसेन, गुना, उमरिया, मलाजखंड, छिंदवाड़ा, धार, रतलाम में तापमान 6 डिग्री के नीचे ही रहा। सुबह प्रदेश के कई शहरों में मध्यम से घना कोहरा दर्ज किया गया। ग्वालियर-चंबल में दिनभर शीतलहर चली।वहीं, दिन के तापमान में भी गिरावट आई है। दिन में रीवा सबसे ठंडा रहा। यहां पारा 19.5 डिग्री दर्ज किया गया। सीधी में 19.8 डिग्री, मलाजखंड में 20 डिग्री, जबलपुर में 21.2 डिग्री, रायसेन-उमरिया में 21.4 डिग्री, दमोह में 21.5 डिग्री, टीकमगढ़ में 21.8 डिग्री, पचमढ़ी, नौगांव-शिवपुरी में 22 डिग्री, खजुराहो में 22.2 डिग्री, भोपाल-नरसिंहपुर में 22.4 डिग्री, गुना में 23 डिग्री, बैतूल-धार में 23.2 डिग्री, ग्वालियर में 23.3 डिग्री, सागर में 23.7 डिग्री और इंदौर-उज्जैन में 24.5 डिग्री दर्ज किया गया।

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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उज्जैन । उज्जैन में अब तपोभूमि और महाकाल महालोक थाना,ऐसे दो थाना और खोले जाएंगे। ऐसा होने से महाकाल थाना पर दबाव कम होगा वहीं इंदौर मार्ग पर तेजी से बढ़ती कालोनियों एवं होटल्स/मांगलिक परिसरों/शैक्षणिक संस्थानों की कानून व्यवस्था का दबाव नानाखेड़ा थाना पर कम होगा। इस मार्ग पर सड़क दुर्घटनाएं भी बहुत अधिक हो रही है। सिक्स लेन बनने के बाद पुलिस का काम ओर बढ़ जाएगा।यह निर्णय मंगलवार को भोपाल में प्रदेश के मंत्री-मण्डलीय समिति की बैठक में लिया गया। शहर में इससे पूर्व शिवराजसिंह सरकार द्वारा चार नए थाने खोले गए थे,जिनमें पंवासा,चिंतामण,नागझिरी,नानाखेड़ा शामिल हैं। पंवासा थाना खुलने से चिमनगंज मण्डी थाना का कामकाज हल्का हुआ था वहीं चिंतामण थाना खुलने से महाकाल/नीलगंगा थाने का बोझ कम हुआ। इधर नानाखेड़ा थाना खुलने से माधवनगर थाने का कामकाज कम हुआ क्योंकि यह शुरूआत से ही वीआयपी ड्यूटी वाला थाना कहलाता है। अभी तक जिले में कुल 32 थाने थे, अब 34 हो जाएंगे।   इस संबंध में एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि यह प्रस्ताव लंबित थे,जो अब स्वीकृत हो जाने से कानून व्यवस्था और अधिक पुख्ता होगी। दोनों थानों के लिए कुल 150 पद स्वीकृत किए गए हैं,जिसमें सभी केडर शामिल हैं। दो थाना प्रभारी, 16 उप निरीक्षक, 20 सहायक उप निरीक्षक,28 प्रधान आरक्षक एवं 84 आरक्षक। इनमें 6 वाहन चालक शामिल हैं। महाकाल महालोक थाने का मुख्य कामकाज मंदिर में दर्शन व्यवस्था,रोजाना आनेवाले करीब एक लाख श्रद्धालुओं के लिए कानून व्यवस्था एवं यातायात व्यवस्था संभालना,क्षेत्र की होटल्स से लेकर होनेवाली आपराधिक गतिविधियों पर नजर रखना ही मुख्य रहेगा। हालांकि इस थाने का काम रोजाना की कानून व्यवस्था बनाने के लिए पसीने निकालने जैसा रहेगा। तपोभूमि थाने पर सड़क दुर्घटनाओं को रोकने,यातायात व्यवस्था और होटल्स में होनेवाली गतिविधियों पर नजर रखने के लिए रहेगा ही,समीपस्थ गांव भी इससे जुड़ेंगे,जहां नई टाउनशिप आ रही है।  

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भोपाल । राजधानी भाेपाल में मंत्रालय की बिल्डिंग नंबर दाे के बाहर बुधवार को हड़कंप मच गया। यहां तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास विभाग के सचिव रघुराज एमआर की कार में सांप दिखाई दिया। सरकारी कार में सांप घुसने की जानकारी मिलने के बाद मौके पर मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने आनन-फानन में एसडीआरएफ की टीम को सूचना दी। इसके बाद एसडीआरएफ की टीम ने करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद सांप को कार से निकाला।   दरअसल, राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राजभवन में विश्वविद्यालयों के कुलगुरु की बैठक बुलाई थी। इसमें शामिल होने के बाद सचिव रघुराज मंत्रालय पहुंचे थे। उनके ड्राइवर ने गाड़ी नंबर एम पी 02-जेड ए 0939 को पार्किंग में ले जाने के पहले मंत्रालय के गेट नंबर 9 के सामने खड़ा कर दिया था। इसी दौरान एक जहरीला सांप बोनट में घुस गया और करीब 4 घंटे तक गाड़ी में ही मौजूद रहा। कार में सांप घुसने की सूचना के बाद रघुराज एमआर लंच के लिए दूसरी गाड़ी से गए। इसी बीच सुरक्षा कर्मियों द्वारा एसडीआरएफ की टीम को सूचना दी गई। सूचना के बाद मौके पर पहुंची एसडीआरएफ की टीम ने करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद जहरीले सांप को अपने काबू पर किया। इस दाैरान कार में सांप घुसने की घटना के बाद यहां लोग घंटों तक दहशत में रहे।

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । उत्तर भारत से आ रही सर्द हवाओं से मध्य प्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। प्रदेश के कई इलाकों में अगले 48 घंटों में ठिठुरन बढ़ेगी। आज बुधधार काे 29 जिलों में घना कोहरा छाया रहेगा। बर्फीली हवाओं की वजह से भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन समेत पूरे प्रदेश में दिन-रात के तापमान में 2 से 3 डिग्री तक की गिरावट हुई है। मौसम विभाग ने सतना-रीवा समेत 11 जिलों में कोल्ड डे की संभावना जताई है। वहीं 12 जनवरी से कुछ जिलों में हल्की बारिश भी होने के आसार है।मौसम विभाग के मुताबिक, अगले 3 दिन तक कड़ाके की ठंड पड़ेगी। वहीं, 10 जनवरी से बादल और बूंदाबांदी वाला मौसम रहेगा। 12 जनवरी को कई शहरों में हल्की बारिश होने का अनुमान है। उत्तर भारत में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) की एक्टिविटी के बाद सर्द हवा की रफ्तार बढ़ गई है। मंगलवार को 12.5 किमी की ऊंचाई पर 250 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से जेट स्ट्रीम हवाएं बही, जिसका असर पूरे प्रदेश में देखने को मिला। 8, 9 और 10 जनवरी को भी सर्द हवाओं का असर रहेगा।आज बुधवार को प्रदेश के आधे हिस्से में कोहरे का असर रहेगा। वहीं, ग्वालियर-चंबल और सागर संभाग के जिलों में शीतलहर चलेगी। 9 जनवरी को मौसम साफ रहेगा, लेकिन ठंड का असर बना रहेगा। 10 जनवरी को ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़ और छतरपुर में कहीं-कहीं हल्की बारिश का अनुमान हैं। 11 जनवरी को ग्वालियर, मुरैना, श्योपुर, भिंड, दतिया, निवाड़ी, छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना, सतना और रीवा में भी बारिश होने की संभावना हैं।इससे पहले मंगलवार को प्रदेश के कई शहरों में दिन के पारे में खासी गिरावट हुई। राजधानी भोपाल में पारा 21.4 डिग्री रहा। एक ही दिन में पारा 6.4 डिग्री लुढ़क गया। ग्वालियर में तापमान 18.4 डिग्री सेल्सियस रहा। पचमढ़ी में 19.9 डिग्री, धार में 21.6 डिग्री, गुना में 21.3 डिग्री, इंदौर में 22.1 डिग्री, रायसेन में 23.2 डिग्री, रतलाम में 22.5 डिग्री, उज्जैन में 22.5 डिग्री, जबलपुर में 21.4 डिग्री, खजुराहो में 20.2 डिग्री, नौगांव में 19.8 डिग्री, रीवा में 18 डिग्री, सतना में 19.5 डिग्री, सीधी में 19.6 डिग्री, टीकमगढ़ में 20 डिग्री, मलाजखंड में 22.2 डिग्री, सिवनी में 23.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।वहीं, सोमवार-मंगलवार की रात में प्रदेश के सभी शहरों में पारे में गिरावट हुई है। सबसे ठंडा इकलौता हिल स्टेशन पचमढ़ी रहा। यहां रात का तापमान 7 डिग्री पहुंच गया। गुना-रतलाम में 7.4 डिग्री, नौगांव-टीकमगढ़ में 7.5 डिग्री, राजगढ़ में 7.6 डिग्री, धार-मंडला में 8.7 डिग्री, सागर में 8.9 डिग्री और रायसेन में 9.6 डिग्री दर्ज किया गया। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 9 डिग्री, इंदौर में 9.3 डिग्री, ग्वालियर में 9.7 डिग्री, उज्जैन में 9.8 डिग्री और जबलपुर में 9.4 डिग्री टेम्परेचर दर्ज किया गया।  

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भोपाल । जाने-माने थिएटर अभिनेता आलोक चटर्जी का 64 साल की उम्र में निधन हो गया। साथी रंगकर्मी बालेंद्र बालू ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि वह कई बीमारियों से जूझ रहे थे। किडनी पैंक्रियाज में भी समस्याएं थीं। उन्हें बंसल हॉस्पिटल के आईसीयू में भर्ती किया गया था। उनके शरीर में इन्फेक्शन फैल गया था। इसके चलते उनके अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। सोमवार देर रात उन्होंने उपचार के दौरान अंतिम सांस ली। रंगगर्मी आलोक चटर्जी मध्य प्रदेश स्कूल ऑफ ड्रामा (एमपीएसडी) के पूर्व निदेशक भी थे। अभिनेता ओम पुरी के बाद एनएसडी (नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा) के दूसरे गोल्ड मेडलिस्ट रहे। हिंदी सिनेमा के दिग्गज कलाकार रहे इरफान खान से भी आलोक चटर्जी की गहरी दोस्ती थी। दोनों ने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में साल 1984 से लेकर 1987 तक एक साथ पढ़ाई की। दोनों ने तीन साल तक नाटकों में लीड रोल भी निभाए। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड से सम्मानित किया था। चार दिन बाद (11 जनवरी) उनका जन्मदिन आने वाला था। भोपाल के रंगकर्मी बालेंद्र सिंह ने बताया कि इरफान खान जब भोपाल में जहांनुमा होटल में एक निजी कार्यक्रम में आए। तब आलोक भाई सिगरेट पी रहे थे और इरफान खान साहब बीड़ी। दोनों ने एनएसडी के दिनों के खूब किस्से सुनाए थे। इरफान खान ने वहां ये बात कही कि मैं बहुत आलसी था। आलोक चटर्जी को देखकर मैने रियलिस्टिक एक्टिंग को जाना। मेरी प्रेम कहानी और शादी कराने में भी आलोक भाई शामिल रहे। मेरा लव लेटर आलोक लिखते थे और मेरा प्रेम का प्रस्ताव लेकर सुतापा जो अब मेरी पत्नी है उसके पास आलोक ही गए थे। मध्य प्रदेश के दमोह में जन्मे आलोक चटर्जी 8वीं कक्षा पास कर जबलपुर चले गए थे। इसके बाद वे भोपाल में बस गए। बाद में उन्होंने दिल्ली के नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा से ड्रामा में डिग्री हासिल की। आलोक चटर्जी एनएसडी से बेस्ट एक्टिंग के लिए गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाले दूसरे शख्स थे। उनसे पहले दिग्गज फिल्म स्टार ओम पुरी को नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा से गोल्ड मेडल मिला था। अपने अंतिम समय में अपने गृहनगर भोपाल में थिएटर कर रहे आलोक चटर्जी को 2019 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संगीत नाटक एकेडमी अवॉर्ड से सम्मानित किया था। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोशल मीडिया के माध्यम से दुख जताते हुए कहा कि अपनी नाट्य प्रतिभा से भोपाल रंगमंच की प्रतिष्ठा को नव शिखर पर प्रतिष्ठित करने वाले अभिनेता और निर्देशक मप्र नाट्य विद्यालय के पूर्व निदेशक आलोक चटर्जी के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है। उनकी नाट्य प्रस्तुतियां व अभिनय रंगमंच के कलाकारों तथा नाट्य जगत के लिए सदैव प्रेरणा का स्रोत रहेंगी। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें। वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि देश के प्रख्यात रंगकर्मी आलोक चटर्जी का भोपाल में निधन होने का दुखद समाचार प्राप्त हुआ। चटर्जी ने अपने अभिनय और निर्देशन से रंगमंच को नई ऊंचाइयां प्रदान कीं। उनका निधन भारतीय रंगमंच के लिए अपूरणीय क्षति है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें और परिवार को यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। पंचायत मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि मेरा मित्र, महाविद्यालयीन काल में सफल छात्र नेता, अभिनय में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिष्ठा बनाने वाला आलोक चटर्जी जल्दी चला गया। शायद भगवान ने इतनी ही उम्र तय की होगी, ऐसा विश्वास करके मैं उसके चरणों में श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भाेपाल । मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) की 10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षा में डेढ़ माह का समय शेष है। एमपी बोर्ड परीक्षा ने पैटर्न बदल दिया है। अब 10वीं के प्रत्येक विषय का पेपर 75 अंक और 12वीं के विषयों का 80 अंक का पेपर होगा। माशिमं ने प्रश्नों का पैटर्न वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। इसमें अंक योजना के साथ-साथ हर प्रश्न के पैटर्न की जानकारी दी गई है।     इसमें 10वीं के प्रत्येक विषय का पेपर 75 अंक और आंतरिक मूल्यांकन 25 अंक का होगा। वहीं, 12वीं का नॉन प्रैक्टिकल विषयों का 80 अंक और आंतरिक मूल्यांकन 20 अंक का होगा। वहीं, प्रायोगिक विषयों का पेपर 70 अंक का होगा और 30 अंक का प्रैक्टिकल होग। माशिमं ने एक सूचना पत्र जारी कि है। जिसमें लिखा है “हाईस्कूल, हायर सेकेंडरी परीक्षा वर्ष 2024-25 के लिए परीक्षा पैटर्न के आधार पर प्रश्न पत्रों के पैटर्न की जानकारी के लिए मुख्य विषयों के अभ्यास के लिए सैंपल पेपर मंडल की वेबसाइट पर अवपलोड किए गए हैं।” इसमें अंक योजना के साथ-साथ हर प्रश्न के पैटर्न की जानकारी दी गई है।   दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों के बदले होंगे 2 अंकों के प्रश्न 10वीं-12वीं दोनों कक्षाओं के दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों के बदले 2 अंकों की लघु उत्तरीय प्रश्नों की संख्या अधिक होगी। वस्तुनिष्ट प्रश्न 30 अंक के होंगे। 10वीं व 12वीं की प्री-बोर्ड परीक्षाएं 16 जनवरी से आयोजित होंगी। प्री-बोर्ड एग्जाम के दिन भी कक्षाएं लगाकर सवाल हल कराए जाएंगे। राजधानी के कई स्कूलों में रविवार और त्योहार के दिन भी एक्सट्रा क्लास लगाईं जा रही हैं। सीएम राइज स्कूलों में कमजोर विद्यार्थियों को चयनित कर उनकी जिम्मेदारी शिक्षकों को अलग से दी गई है। सभी स्कूलों में वार्डन शिक्षक को पांच विद्यार्थियों की जिम्मेदारी दी गई है। दोनों कक्षाओं में कमजोर विद्यार्थियों को चयनित किया गया है, उनकी विशेष तैयारी कराई जा रही है।  

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भोपाल । राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के कई जिलों में सर्दी का दौर जारी है। कुछ जगहों में कोहरा भी छाया है। इस बीच आज मंगलवार से प्रदेश में कड़ाके की ठंड का दूसरा दौर शुरू होगा। मौसम विभाग के मुताबिक आज से दिन-रात के तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट होगी। शीतलहर भी चल सकती है। वहीं, 2 दिन तक ग्वालियर, चंबल और रीवा संभाग में घना कोहरा रहेगा। 12 जनवरी से कुछ जिलों में हल्की बारिश होने की भी संभावना है।मौसम विभाग के अनुसार, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, लद्दाख में बर्फबारी होने से सर्द हवाएं मध्य प्रदेश में आ रही हैं। सोमवार को 12.6 किलोमीटर की ऊंचाई पर 204 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से जेट स्ट्रीम चलती रहीं। आने वाले दिनों में बर्फ पिघलेगी, जिससे हवा की रफ्तार तेज होगी और प्रदेश में ठंड का असर बढ़ जाएगा। उत्तरी हवा का असर तेज होने से दिन-रात के तापमान में गिरावट आएगी। उत्तर-पश्चिम भारत में 10 जनवरी को वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव होगा। इसके असर से 12 जनवरी से बूंदाबांदी हो सकती है। जनवरी में प्रदेश का मौसम ठंडा ही रहेगा। 20 से 22 दिन तक शीतलहर चलने का भी अनुमान है।आज मंगलवार को ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, नीमच, मंदसौर, सतना, रीवा, मऊगंज, मैहर, सीधी और सिंगरौली में मध्यम से घना कोहरा छाया रहेगा। 8 जनवरी को ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, सतना, रीवा, मऊगंज, मैहर, सीधी और सिंगरौली में मध्यम से घना कोहरा रहेगा। 9 जनवरी को प्रदेश में कोहरा छाने का अनुमान नहीं है। ठंड का असर बढ़ा रहेगा।तापमान की बात करें तो प्रदेश में सबसे ठंडा छतरपुर जिले का नौगांव है। रविवार-सोमवार की रात नौगांव में पारा 8.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मंडला में 8.8 डिग्री, टीकमगढ़ में 9 डिग्री, गुना, मलाजखंड, शिवपुरी में 9.3 डिग्री, राजगढ़ में 9.4 डिग्री तापमान रहा। पचमढ़ी, खजुराहो, रायसेन, दमोह, सागर, रीवा, सतना और उमरिया में पारा 12 डिग्री से नीचे रहा। बड़े शहरों में ग्वालियर में सबसे कम 9.7 डिग्री, जबलपुर-उज्जैन में 12 डिग्री, भोपाल में 10 डिग्री और इंदौर में पारा 13.1 डिग्री तापमान दर्ज किया गया।

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जबलपुर/भोपाल । मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने भोपाल की यूनियन कार्बाइड फैक्टरी के जहरीले कचरे के निस्तारण के लिए प्रदेश शासन को छह सप्ताह का समय दिया है। यह व्यवस्था सरकार की ओर से की गई मांग को स्वीकार करते हुए दी गई। इसी के साथ मामले की अगली सुनवाई 18 फरवरी को निर्धारित कर दी गई।   दरअसल, यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा पीथमपुर में जलाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति विवेक जैन की युगल पीठ के सामने सरकार ने कहा कि मिस लीडिंग करने से यह स्थिति बनी और हालात बिगड़े हैं। अदालत में प्रदेश सरकार की ओर से महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने कहा कि 03 दिसंबर को हाई कोर्ट ने यूनियन कार्बाइड फैक्टरी से जहरीले कचरे को हटाने के लिए चार हफ्ते की समय-सीमा तय की थी। सरकार को चेतावनी भी दी थी कि अगर निर्देश का पालन नहीं किया गया तो अवमानना की कार्यवाही की जाएगी। इसलिए हमें छह सप्ताह का समय दिया जाए। इस तर्क को स्वीकार करते हुए उच्च न्यायालय ने सुनवाई की अगली तारीख 18 फरवरी दी है।   सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से शपथ पत्र प्रस्तुत कर पूर्व आदेश का पालन सुनिश्चित किए जाने की जानकारी दी गई। बताया गया कि उच्च न्यायालय के आदेश के परिपालन में एक जनवरी, 2025 को ग्रीन कॉरीडोर बनाकर कचरा भोपाल से पीथमपुर भेजा जा चुका है। इस प्रक्रिया में फायर ब्रिगेड, डाक्टरों व विशेषज्ञों की टीम सहित अन्य सभी सुरक्षा के सभी मानदंडों का पूर्ण पालन किया गया था। मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति विवेक जैन की युगलपीठ ने राज्य सरकार के शपथपत्र को अभिलेख पर ले लिया। साथ ही राज्य शासन को निर्देश दे दिया कि वह सुरक्षा के सभी उपाय अपनाते हुए तीन दिसंबर को पारित आदेश के पूर्ण पालन की दिशा में गंभीरता बरतते हुए आगे की प्रक्रिया को गति दें।   सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने भोपाल से पीथमपुर तक परिवहन करके लाए गए कचरा कंटेनरों को निरस्तारित करने की अनुमति दिए जाने का निवेदन किया। इस पर उच्च न्यायालय ने कहा कि जब कचरे का भोपाल से पीथमपुर तक सुरक्षित तरीके से कंटेनरों में परिवहन हो ही गया है तो फिर उसके पीथमपुर में वैज्ञानिक प्रविधि से निस्तारण के लिए अलग से अनुमति की कोई आवश्यकता नहीं है। सरकार छह सप्ताह की मोहलत का सदुपयोग करे और आगामी सुनवाई तिथि 18 फरवरी को पालन प्रतिवेदन कोर्ट के पटल पर रखें।   महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने दलील दी कि मीडिया की कचरा निस्तारण से एक और त्रासदी न हो जाए जैसी फेंक रिपोर्ट के कारण पीथमपुर में जनाक्रोश भड़का है, जिसके कारण प्रदर्शन प्रारंभ हो गए। यहां तक कि पुलिस पर पथराव तक हो गया। इसीलिए पीथमपुर की स्थानीय जनता का विश्वास जीतने समय अपेक्षित है। अदालत ने इसी आधार पर छह सप्ताह का समय दे दिया। इसके साथ ही उक्त जानकारी को गंभीरता से लेकर मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत ने मीडिया को हिदायत दे दी कि वह फेक न्यूज के जरिए गलत संदेश प्रचारित न करें। प्रिंट व इलेक्ट्रानिक के अलावा समानांतर वैकल्पिक मीडिया इस बात का ध्यान रखें।   दरअसल, जनहित याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ ने कहा कि 40 वर्ष पूर्व भोपाल गैस त्रासदी हुई थी, जिसका कचरा अब तक निस्तारित नहीं हुआ है। हाई कोर्ट तीन दिसंबर को स्पष्ट आदेश पारित कर चुका है, जिसका सरकार को हर हाल में पालन सुनिश्चित करना चाहिए। इस पर महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने साफ किया कि हमने कोर्ट के पूर्व आदेश के एक भाग का पाल करते हुए सुरक्षित तरीके से कंटेरनरों में कचरा परिवहन कर दिया है। हाई कोर्ट की इंदौर बेंच में दायर हुई एमजीएम एलुमिनाई एसोसिएशन, इंदौर की याचिका भी हाई कोर्ट की मुख्यपीठ जबलपुर में स्थानांतरित कर मूल संज्ञान आधारित जनहित याचिकाकर्ता के साथ संलग्न कर सुनवाई में ली गई। याचिकाकर्ता इंदौर के डॉक्टरों की ओर से इंदौर निवासी अधिवक्ता अभिनव धनोदकर ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि यूनियन कार्बाइड परिसर, भोपाल के जहरीले लेड, मरकरी आदि घातक रसायनयुक्त कचरे को पीथमपुर लाने का निर्णय क्षेत्रीय नागरिकों को विश्वास में लिए बिना किया गया है।   दरअसल, पीथमपुर और इंदौर की दूरी महज 30 किलोमीटर है, ऐसे में यह निर्णय दोनों शहरों के समीपस्थ लगभग दो हजार निवासियों के स्वास्थ्य के लिए खतरे का सबब बन गया है। इसिलए यह कचरा वापस भोपाल ले जाने का आदेश पारित किया जाए। इस पर हाई कोर्ट ने सरकार को निर्देश दे दिया कि कचरा निरस्तारण से पूर्व संबंधित पक्ष के साथ संयुक्त बैठक कर उसके आवेदन पर गंभीरता से विचार कर निराकरण करें।

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भोपाल  । मध्य प्रदेश में अगले 48 घंटे में यानि मंगलवार से कड़ाके की ठंड का दूसरा दौर शुरू होगा। दिन-रात के पारे में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट हो सकती है। वहीं, मौसम विभाग ने 12 जनवरी से प्रदेश के कुछ जिलों में हल्की बारिश होने का भी अनुमान जताया है। ऐसा उत्तर-पश्चिम भारत में 10 जनवरी को एक्टिव होने वाले वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) के असर से हो सकता है। आज सोमवार को ग्वालियर-रीवा संभाग के शहरों में घने कोहरे का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में कड़ाके की ठंड का दूसरा दौर मंगलवार से शुरू होगा। दिन-रात के पारे में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट हो सकती है। अभी उत्तर भारत में एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस की एक्टिविटी है। इस वजह से बर्फीली हवा प्रदेश में आने लगेगी। जिसकी रफ्तार तेज होगी। यह ठंड का असर बढ़ाएगी। दिन-रात दोनों के ही तापमान में गिरावट होगी। इधर, शीतलहर के चलते ग्वालियर और मुरैना में 8वीं क्लास तक के स्कूलों की छुट्टी घोषित कर दी गई है। वहीं, भिंड में स्कूलों का समय बदला है।सोमवार को ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, सतना, मैहर, रीवा, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली, नीमच और मंदसौर में मध्यम से घना कोहरा रहेगा। 7 जनवरी को ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, सिंगरौली, नीमच, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, सतना, मैहर, रीवा, मऊगंज, सीधी और मंदसौर में मध्यम से घना कोहरा रहेगा। 8 जनवरी को प्रदेश में कोहरा छाने का अनुमान नहीं है। ठंड का असर बढ़ा रहेगा।शनिवार-रविवार की रात में प्रदेश के कई शहरों में तापमान 10 डिग्री सेल्सियस के नीचे रहा। बड़े शहरों में सबसे ठंडा जबलपुर रहा। यहां पारा 8 डिग्री दर्ज किया गया। ग्वालियर में 9.2 डिग्री, भोपाल में 9.6 डिग्री, इंदौर में 12.8 डिग्री और उज्जैन में तापमान 11.5 डिग्री सेल्सियस रहा। प्रदेश में सबसे ठंडा मंडला रहा। यहां पारा 4 डिग्री, कल्याणपुर में 4.4 डिग्री, पचमढ़ी में 4.6 डिग्री, मलाजखंड में 6.3 डिग्री, उमरिया में 6.5 डिग्री, रीवा में 7.8 डिग्री, छिंदवाड़ा-खजुराहो में 8.4 डिग्री, सीधी-राजगढ़ में 8.6 डिग्री, सतना में 9 डिग्री, नौगांव-रायसेन में 9.6 डिग्री, बैतूल में 9.7 डिग्री और टीकमगढ़ में 9.8 डिग्री रहा। बाकी शहरों में भी रात के तापमान में गिरावट देखी गई।

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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कटनी । मध्य प्रदेश के कटनी जिले में रविवार को कोदो की रोटी खाने से एक ही परिवार के आठ लोग बीमार हो गए, जिनको जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनकी हालत में सुधार है। घटना बहोरीबंद तहसील क्षेत्र के बरही गांव की है। बीमार होने वालों में परिवार की लक्ष्मी बाई पटेल 65 साल, अनसुईया बाई पटेल 30 वर्ष, सूरज प्रसाद पटेल 42 साल, शैलेंद्र पटेल 20 वर्ष के अलावा चार से आठ साल के चार बच्चे शामिल हैं। जानकारी के अनुसार बहोरीबंद क्षेत्र के बरही गांव निवासी श्याम सुंदर पटेल के परिवार के सदस्यों ने रविवार को सुबह घर में नाश्ते में कोदो से बनी रोटी और सब्जी खाई थी। इसके बाद सभी सदस्य अपने काम में लग गए और कुछ ही देर बाद सभी की हालत बिगड़ने लगी। उनको उल्टी होने लगी और चक्कर आने लगे। सभी की हालत बिगड़ने पर स्वजनों ने एंबुलेंस 108 को फोन किया और सभी को लेकर बहोरीबंद सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचाया। जहां से हालत में सुधार न होने पर प्राथमिक उपचार के बाद सभी को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। जहां पर उनके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा था। गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा किसानों को इसकी खेती करने को प्रोत्साहित किया जा रहा है। कोदो, जिसे कोदरा भी कहा जाता है, एक पोषणयुक्त मोटा अनाज है। इसमें प्रोटीन, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, मिनरल्स, और डाइटरी फाइबर प्रचुर मात्रा में होते हैं। कोदो मिलेट्स को श्रीअन्न में शामिल किया गया है।

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मध्य प्रदेश । केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने रविवार को मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर के दर्शन किये। उन्होंने भस्म आरती के पश्चात गर्भगृह की देहरी से सपत्नीक भगवान महाकाल का पूजन कर आशीर्वाद लिया। इस दाैरान केन्द्रीय मंत्री जाेशी ने भगवा रंग की पारंपरिक पोशाक पहनी थी।   पूजन कार्य पं. महेश पुजारी और पं. अर्पित पुजारी ने सम्पन्न कराया। पूजन के पश्चात केंद्रीय मंत्री जोशी का श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की ओर से आशीष दुबे ने भगवान महाकाल का प्रसाद और दुपट्टा भेंट कर सम्मान किया।    

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भोपाल । राजधानी भोपाल समेत प्रदेशभर में कड़ाके का दौर जारी है। इसी बीच अब वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) के असर से प्रदेश में तेज ठंड का दूसरा दौर 7 जनवरी से शुरू होगा। प्रदेश के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में रविवार से यह सिस्टम एक्टिव हुआ है, जिसका असर दो दिन बाद दिखेगा। इससे पहले ग्वालियर-चंबल, उज्जैन, सागर और रीवा संभाग में कोहरे का असर देखने को मिलेगा। मौसम विभाग के अनुसार जनवरी में प्रदेश का मौसम ठंडा ही रहेगा। 20 से 22 दिन तक शीतलहर चलने का अनुमान है।मौसम विभाग ने बताया कि वेस्टर्न डिस्टरबेंस की एक्टिविटी से उत्तर से बर्फीली हवाएं आने लगेंगी। जिनकी रफ्तार तेज होगी। ये ठंड का असर बढ़ाएंगी। दिन-रात दोनों के तापमान में गिरावट होगी। जनवरी में मावठे की बारिश भी हो सकती है। वहीं, जम्मू, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, लद्दाख में बर्फबारी होने से सर्द हवाएं प्रदेश में आ रही हैं। रविवार को 12.6 किमी की ऊंचाई पर 240 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से जेट स्ट्रीम चलती रहीं। इस कारण ठंड का असर बना रहा। आने वाले दिनों में बर्फ पिघलेगी। जिससे हवा की रफ्तार तेज होगी और प्रदेश में ठंड का असर बढ़ जाएगा।आज रविवार को ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, छतरपुर, सतना, रीवा, मऊगंज और सिंगरौली में घना कोहरा रहेगा। नीमच, मंदसौर, गुना, अशोकनगर, मैहर, शिवपुरी, निवाड़ी, टीकमगढ़ और सीधी में मध्यम कोहरा रहेगा। 6 जनवरी को ग्वालियर, नीमच, मंदसौर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, सतना, सीधी, मऊगंज, सिंगरौली, सीधी, मैहर, उमरिया, शहडोल और अनूपपुर में कोहरे का अलर्ट है। 7 जनवरी को ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली, मैहर, उमरिया, अनूपपुर, शहडोल में मध्यम कोहरा छाया रहेगा।शुक्रवार-शनिवार की रात में प्रदेश के ज्यादातर शहरों में ठंड का असर देखने को मिला। भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में तापमान 9 डिग्री सेल्सियस के नीचे रहा। भोपाल में 7.2 डिग्री, इंदौर में 11.4 डिग्री, ग्वालियर में 8.3 डिग्री, उज्जैन में 10 डिग्री और जबलपुर में 7.6 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा। शहडोल का कल्याणपुर सबसे ठंडा रहा। यहां तापमान 4.1 डिग्री दर्ज किया गया। पचमढ़ी में 4.5 डिग्री, मंडला में 5 डिग्री, नौगांव में 6.2 डिग्री, उमरिया में 6.3 डिग्री, राजगढ़ में 6.6 डिग्री, मलाजखंड में 7.2 डिग्री, सतना में 7.4 डिग्री रहा। रीवा, रायसेन, खजुराहो, खंडवा, छिंदवाड़ा, टीकमगढ़ और बैतूल में 10 डिग्री सेल्सियस के नीचे पारा रहा। शनिवार को दिन के तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिली। भोपाल में 29.9 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। इंदौर में यह 31.6 डिग्री, उज्जैन में 31.5 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। धार, गुना में 30 डिग्री से ज्यादा रहा। खजुराहो सबसे ठंडा रहा। यहां दिन का तापमान 19.2 डिग्री दर्ज किया गया। ग्वालियर में 21.7 डिग्री और जबलपुर में 26.4 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा।  

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भोपाल । खगोल विज्ञान में रुचि रखने वाले लोगों के लिए आज शनिवार का दिन बेहद खास होने जा रहा है। शाम को आसमान में दो खगोलीय घटनाएं होंगी। पहली घटना में अंडाकार पथ में परिक्रमा करते हुये पृथ्‍वी इस साल के लिए सूर्य के सबसे नजदीक पहुंच रही होगी। दूसरी घटना में शनि, चंद्रमा और शुक्र आसमान में एक लाइन बनाते हुए नजर आएंगे। नेशनल अवार्ड प्राप्‍त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि ठंड के इस मौसम में लगता है कि गर्मी देने वाला सूर्य शायद हमसे दूर हो गया है, लेकिन ऐसा नहीं है। उन्होंने बताया कि पृथ्‍वी सूर्य की परिक्रमा करते हुये साल में एक दिन सूर्य के सबसे पास आती है और एक दिन सबसे दूर होती है। आज शाम 6 बजकर 58 मिनिट पर पृथ्‍वी सूर्य के सबसे पास के बिंदु पर पहुंच रही है और यह दूरी घटकर 14 करोड 71 लाख तीन हजार 686 किलोमीटर रह जाएगी। इसे पेरिहेलियन बिंदु पर आना कहते हैं। सारिका ने बताया कि जुलाई में हम सूर्य के सबसे दूर होंगे। इस खगोलीय घटना को अफेलियन कहते हैं। आज हम अफेलियन की तुलना में लगभग 50 लाख किलोमीटर सूर्य से नजदीक रहेंगे। सूर्य के पृथ्वी के नजदीक आने के बाद भी हमें इस समय ठंड का अहसास इसलिये हो रहा है, क्‍योंकि हमारे भूभाग पर सूर्य की किरणें इस समय तिर‍छी पड़ रही हैं। उन्होंने बताया कि आज शाम आसमान में एक दूसरी खगोलीय घटना भी देखने को मिलेगी। इसमें शनि, चंद्रमा और शुक्र को एक लाइन में रहकर चमकते हुए देखा जा सकेगा। सेटर्न (शनि), क्रिसेंट मून (चंद्रमा) और वीनस (शुक्र) के लाइन अप होने की इस घटना को सूर्यास्‍त के बाद से लगभग दो घंटे तक देखा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि ऐसे अवसर बार-बार नहीं आते, इसलिए आए सूरज का सर्दी के मौसम में शीतलता का अहसास और शाम के आकाश में तीन चमकते खगोलीय पिंडों की कतार में देखने का मौका न गंवाएं।  

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उज्जैन । तारक मेहता का उल्टा चश्मा में तारक मेहता का किरदार निभाने वाले प्रसिद्ध कवि, लेखक व अभिनेता शैलेष लोढ़ा शनिवार दोपहर काे भगवान महाकाल के दर्शन करने पहुंचे। जहां उन्होंने पूजा पाठ कर बाबा का आशीर्वाद लिया। इस दौरान एक्टर पूरी तरह से बाबा की भक्ति भाव में डूबे हुए नजर आये। बाबा के दर पर आने पर मंदिर समिति ने उनका सम्मान किया।     तारक मेहता का उल्टा चश्मा में अहम किरदार निभाने वाले अभिनेता शैलेष लोढ़ा ने महाकाल मंदिर के नंदी हाल और उसके बाद देहरी से बाबा महाकाल का पूजन अभिषेक किया। शैलेष लोढ़ा बाबा महाकाल के दर्शन कर काफी खुश नजर आए। इस दौरान उन्होंने कहा कि दो वर्ष बाद आया हूं। भगवान महाकाल की कृपा है इसलिए उनके दर्शन मिल पाए। महाकाल लोक बहुत सुन्दर बना है।    

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भोपाल । राजधानी भोपाल समेत प्रदेशभर में कड़ाके की सर्दी का सितम जारी है। प्रदेश के ग्वालियर, चंबल और रीवा संभाग के 12 जिलों में शनिवार को घना कोहरा छाया है। जबकि 11 जिलों में मध्यम कोहरा है। कुछ जगहों पर विजिबिजिटी 100 मीटर से भी कम है। रात के तापमान में भी गिरावट आयी है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले 2 दिन प्रदेश में कोहरे और तेज ठंड का असर रहेगा। इसके बाद थोड़ी राहत मिलेगी।मौसम विभाग ने बताया कि प्रदेश में 6 और 7 जनवरी को कोहरा छंट जाएगा। दिन-रात के तापमान में बढ़ोतरी होगी। हालांकि कुछ दिन उतार-चढ़ाव के बाद कड़ाके की ठंड का असर फिर से बढ़ेगा। मौसम विभाग का कहना है कि जम्मू, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, लद्दाख में बर्फबारी होने से सर्द हवाएं प्रदेश में आ रही हैं। अभी 12.6 किलोमीटर की ऊंचाई पर 222 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से जेट स्ट्रीम चल रही है। इस कारण ठंड का असर है। आने वाले दिनों में बर्फ पिघलेगी। जिससे हवा की रफ्तार तेज होगी और प्रदेश में ठंड का असर बढ़ जाएगा। इस कारण जनवरी में प्रदेश का मौसम ठंडा ही रहेगा। 20 से 22 दिन तक शीतलहर चलने का अनुमान है।आज शनिवार को ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी और सिंगरौली में घना कोहरा है। कई जगहों पर विजिबिलिटी 50 मीटर तक है। वहीं, नीमच, मंदसौर, आगर-मालवा, राजगढ़, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, निवाड़ी, टीकमगढ़, जबलपुर, मैहर में मध्यम से घना कोहरा है। 5 जनवरी को ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी और सिंगरौली में मध्यम से घना कोहरा रहेगा। इसी तरह 6 जनवरी को भी कुछ जिलों में कोहरे का असर देखने को मिल सकता है। रातें भी ठंडी ही रहेंगी।प्रदेश में फिलहाल रात का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे चल रहा है। प्रदेश में सबसे ठंडे मंडला और शहडोल का कल्याणपुर रहा। यहां न्यूनतम तापमान 4.3 डिग्री दर्ज किया गया। नौगांव में 4.4 डिग्री, पचमढ़ी में 4.6 डिग्री, शाजापुर के गिरवर में 4.6 डिग्री, अशोकनगर के आंवरी में 5.5 डिग्री, नीमच के मरुखेड़ा में 6.3 डिग्री, रीवा-उमरिया में 6.4 डिग्री, बालाघाट के मलाजखंड में 6.8 डिग्री, रायसेन में 7.6 डिग्री, सतना-टीकमगढ़ में 7.8 डिग्री, खजुराहो में 8.2 डिग्री, छिंदवाड़ा-सीधी में 8.6 डिग्री, खंडवा में 9 डिग्री, बैतूल-रतलाम में 9.2 डिग्री, गुना-सिवनी में 9.4 डिग्री और दमोह में 9.5 डिग्री तापमान रहा।हालांकि, शुक्रवार को दिन के तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिली। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, शिवपुरी, रतलाम, धार समेत सभी शहरों के पारे में 1 से 5.5 डिग्री सेल्सियस तक की बढ़ोतरी हुई है। इंदौर, उज्जैन, रतलाम में पारा 30 डिग्री दर्ज किया गया। दूसरी ओर, सीधी, रीवा, खजुराहो, नरसिंहपुर, नौगांव, सतना, मलाजखंड में पारा 25 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहा।  

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भोपाल । नए साल के आगमन के साथ ही मध्‍य प्रदेश में कड़ाके की सर्दी का दौर शुरू हो गया है। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर-उज्जैन समेत प्रदेश के करीब 40 जिलों में आज शुक्रवार सुबह भी कोहरा छाया रहा। ग्वालियर में विजिबिलिटी 100 मीटर के आसपास रही। राजधानी भोपाल में ओस के चलते शहरभर की सड़कें भीगी नजर आईं। जबलपुर में सुबह और रात को कड़ाके की ठंड पड़ रही है। पचमढ़ी में पारा 4 डिग्री सेल्सियस के नीचे है। वहीं, सभी शहरों में पारा 13 डिग्री से कम बना हुआ है। मौसम विभाग ने अगले 3 दिन तक मध्यम से घने कोहरे का अलर्ट जारी किया है। हालांकि, इस दौरान शीतलहर का अलर्ट नहीं है।मौसम वैज्ञानिक अरुण शर्मा ने बताया कि प्रदेश में अभी कोहरे का असर बना रहेगा। तीन दिन के बाद न्यूनतम तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी होगी। उन्‍होंने बताया कि जम्मू, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, लद्दाख में बर्फबारी हो रही है। जिससे सर्द हवाएं मध्‍य प्रदेश में आ रही हैं। वहीं, जेट स्ट्रीम हवा 12.6 किमी की ऊंचाई पर 222 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से चल रही है। इस कारण ठंड का असर है। आने वाले दिनों में बर्फ पिघलेगी। जिससे हवा की रफ्तार तेज होगी और प्रदेश में ठंड का असर बढ़ जाएगा। इस कारण जनवरी में प्रदेश का मौसम ठंडा ही रहेगा। 20 से 22 दिन तक शीतलहर चलने का अनुमान है।प्रदेश में आज शुक्रवार को भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, समेत 37 जिलों में मध्यम से घना कोहरा रहेगा। 4 जनवरी को भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर समेत 27 जिलों में घना कोहरा रहेगा। जबकि 5 जनवरी को 29 जिलों में घना कोहरा छाया रहेगा। नए साल की दूसरी रात ने भी प्रदेश को कंपकपा दिया। गुरुवार-शुक्रवार की रात पचमढ़ी में तो एक ही रात में पारा 7.6 डिग्री लुढ़क कर 3.4 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। रीवा, रायसेन, मंडला, नौगांव, राजगढ़, खजुराहो, उमरिया, गुना में पारा 7 डिग्री के नीचे रहा। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में सबसे कम 6.8 डिग्री, जबलपुर में 7 डिग्री, ग्वालियर में 7.6 डिग्री, उज्जैन में 9 डिग्री और इंदौर में 9.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। गुरुवार की सुबह प्रदेश के आधे हिस्से में कोहरे का असर देखने को मिला।  

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भोपाल । खगोल विज्ञान में रुचि रखने वाले लोगों के लिए शनिवार, 04 जनवरी का दिन बेहद खास होने जा रहा है। इस दिन आसमान में दो खगोलीय घटनाएं होने जा रही है। पहली घटना में अंडाकार पथ में परिक्रमा करते हुये पृथ्‍वी इस साल के लिए सूर्य के सबसे नजदीक पहुंच रही है। भीषण सर्दी के इस मौसम में शनिवार को हम सूर्य के सबसे करीब होंगे, इसके बाद भी दुनियाभर को गर्मी देने वाला सूर्य ठंड से राहत नहीं देगा। वहीं, दूसरी घटना में शनिवार शाम को शनि, चंद्रमा और शुक्र आसमान में एक लाइन बनाते हुए नजर आएंगे।   नेशनल अवार्ड प्राप्‍त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने शुक्रवार इस बारे में बताया कि ठंड के इस मौसम में लगता है कि गर्मी देने वाला सूर्य शायद हमसे दूर हो गया है, लेकिन ऐसा नहीं है। उन्होंने बताया कि पृथ्‍वी सूर्य की परिक्रमा करते हुये साल में एक दिन सूर्य के सबसे पास आती है और एक दिन सबसे दूर होती है। शनिवार को शाम 6 बजकर 58 मिनिट पर पृथ्‍वी सूर्य के सबसे पास के बिंदु पर पहुंच रही है और यह दूरी घटकर 14 करोड 71 लाख तीन हजार 686 किलोमीटर रह जाएगी। इसे पेरिहेलियन बिंदु पर आना कहते हैं।   सारिका ने बताया कि जुलाई में हम सूर्य के सबसे दूर होंगे। इस खगोलीय घटना को अफेलियन कहते हैं। शनिवार को हम अफेलियन की तुलना में लगभग 50 लाख किलोमीटर सूर्य से नजदीक रहेंगे। सूर्य के पृथ्वी के नजदीक आने के बाद भी हमें इस समय ठंड का अहसास इसलिये हो रहा है, क्‍योंकि हमारे भूभाग पर सूर्य की किरणें इस समय तिर‍छी पड़ रही हैं।   उन्होंने बताया कि शनिवार शाम को आसमान में एक दूसरी खगोलीय घटना भी देखने को मिलेगी। इसमें शनि, चंद्रमा और शुक्र को एक लाइन में रहकर चमकते हुए देखा जा सकेगा। सेटर्न (शनि), क्रिसेंट मून (चंद्रमा) और वीनस (शुक्र) के लाइन अप होने की इस घटना को सूर्यास्‍त के बाद से लगभग दो घंटे तक देखा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि ऐसे अवसर बार-बार नहीं आते, इसलिए आए सूरज का सर्दी के मौसम में शीतलता का अहसास और शाम के आकाश में तीन चमकते खगोलीय पिंडों की कतार में देखने का मौका न गंवाएं।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में आचार्य शंकराचार्य के अद्वैत दर्शन और शिक्षाओं से युवाओं को परिष्कृत और सुसंस्कृत बनाने के लिए आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास द्वारा वर्ष-2025 में 20 अद्वैत जागरण युवा शिविर आयोजित किए जाएंगे। इस शिविरों में 10 आचार्यों की दिव्य सान्निध्य में देश-विदेश के 18 वर्ष से 40 वर्ष आयु वर्ग के प्रतिभाशाली युवा अद्वैत वेदान्त अध्ययन कर सकेंगे। शिविर में शामिल होने के लिए इच्छुक युवा www.oneness.org.in पर जाकर पंजीयन करा सकते हैं। जनसम्पर्क अधिकारी अनुराग उइके ने शुक्रवार को बताया कि वर्ष-2025 का प्रथम शिविर 17 से 26 जनवरी तक आयोजित होगा। इसमें चिन्मय गार्डन, कोयम्बटूर, तमिलनाडु की स्वामिनी विमलानंद सरस्वती मनीषा पंचकम के माध्यम से युवाओं को अद्वैत से जोड़ेंगी। इसके बाद 1 से 10 फरवरी एवं 1 अगस्त से 10 अगस्त तक आर्ष विद्या गुरुकुलम्, कोयम्बटूर, तमिलनाडु में स्वामी परमात्मानंद सरस्वती तत्वबोध पर, 8 से 17 फरवरी तक ओंकारेश्वर आश्रम, मध्य प्रदेश में स्वामी प्रबुद्धानंद सरस्वती तत्वबोध पर, 15 से 24 फरवरी एवं 22 जून से 1 जुलाई तक अद्वैत आश्रम, मायावती, उत्तराखंड में स्वामी शुद्धिदानंद विवेक चूड़ामणि पर, 01 से 10 अप्रैल तक चिन्मय तपोवन, सिद्धबाड़ी, हिमाचल प्रदेश में स्वामी मित्रानंद सरस्वती, साधना पंचकम् पर, 4 से 13 अप्रैल एवं 21 से 30 मई तक तपोवन कुटी, उत्तरकाशी, उत्तराखंड में स्वामी हरिब्रह्न्द्रानंद तीर्थ तत्वबोध पर, 14 से 23 जुलाई तक चिन्मय इंटरनेशनल फाउंडेशन, केरल में स्वामी स्वात्मानंद सरस्वती साधना पंचकम पर युवाओं को अद्वैत वेदान्त का अध्ययन कराएंगे। उन्होंने बताया कि युवाओं को 12 से 21 अगस्त एवं 23 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चिन्मय गार्डन, कोयम्बटूर, तमिलनाडु की स्वामिनी विमलानंद सरस्वती मनीषा पंचकम पर 27 अगस्त से 5 सितंबर एवं 24 सितंबर से 3 अक्टूबर तक चिन्मय विभूति, पुणे, (महाराष्ट्र) में स्वामी अद्वैतानंद सरस्वती तत्वबोध पर, 4 से 13 अक्टूबर तक ओंकारेश्वर आश्रम, मध्य प्रदेश में स्वामिनी प्रव्राजिका दिव्यानंद प्राण तत्वबोध पर, 1 से 10 नवंबर तक आर्ष विद्या मंदिर, राजकोट, गुजरात के स्वामी परमात्मानंद सरस्वती तत्वबोध पर, 21 से 30 नवंबर तक चिन्मय तरंगिणी, चेन्नई, तमिलनाडु में स्वामी मित्रानंद सरस्वती भज गोविंदम् पर तथा इस वर्ष के अंतिम शिविर में 5 से 14 दिसंबर तक ओंकारेश्वर आश्रम में स्वामी प्रबुद्धानंद सरस्वती तत्वबोध पर युवाओं को व्याख्यान देंगे।  

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भोपाल। स्थलों आदि पर किए गए अतिक्रमणों को हटाने की कार्यवाही निरंतर की जा रही है। इसी तारतम्य में गुरुवार को निगम के अतिक्रमण निरोधक दस्ते ने जहांगीराबाद शब्बन चौराहा क्षेत्र में शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर किए गए अतिक्रमण कर लगाई गई अस्थायी दुकानों ठेलों आदि को हटाया और हाथ ठेले, तखत व अन्य सामग्री जप्त की।   निगम आयुक्त हरेन्द्र नारायन के निर्देशों के परिपालन में नगर निगम के अतिक्रमण निरोधक दस्ते के दल ने जोन क्र. 07 के अंतर्गत वार्ड क्र. 34 के शब्बन चौराहा जहांगीराबाद क्षेत्र में अवैध रूप से शासकीय भूमि पर ठेले, तखत आदि लगाकर व्यवसाय करने वालों के अतिक्रमणों को हटाया और शासकीय भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराते हुए 04 ठेले, 02 तखत सहित अन्य प्रकार की सामग्री जप्त की।

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उमरिया। उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पनपथा बफर क्षेत्र में पनपथा बरही मार्ग के ग्राम महरोई के समीप स्टेट हाईवे पर सड़क पर तेंदुआ शावक का शव मिला है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के अधिकारी मौके पर पहुंचकर जांच में जुट गए हैं।  आशंका है कि  अज्ञात वाहन की ठोकर से देर रात तेंदुआ शावक की मौत हो गई।बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के उप संचालक प्रकाश कुमार वर्मा ने बताया कि पनपथा बफर क्षेत्र में पनपथा बरही मार्ग स्टेट हाइवे पर ग्राम महरोई के पास देर रात किसी अज्ञात वाहन ने तेंदुआ शावक को टक्कर मार दी, जिससे उसकी मौत हो गई।  मृत शावक की उम्र लगभग 6 माह होगी। जानकारी के बाद गुरुवार सुबह पनपथा बफर परिक्षेत्र की टीम मौके पर पहुंची। क्षेत्र संचालक और सहायक संचालक भी मौके पर पहुंचकर जांच में जुट गए हैं। पोस्टमार्टम के बाद माैत का सही कारण पता चल सकेगा। इसके साथ ही वाहन की तलाश की जा रही है। गौरतलब है कि नये वर्ष के चक्कर में नशे में चूर वाहन चालकों को वन्य जीव एवं कोई भी नजर नही आते जिसके चलते तेंदुआ शावक की मौत हो गई।       

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भोपाल । खगोल विज्ञान में रुचि रखने वाले लोगों के लिए शुक्रवार, 03 जनवरी का दिन बेहद खास होने जा रहा है। इस दिन शाम को पश्चिमी आकाश में सूर्य के अस्‍त होने के तुरंत बाद हंसियाकार चंद्रमा और चमकती बिंदी के रूप में दिखता शुक्र जोड़ी सी बनाते दिखेंगे। इस घटना को बिना किसी टेलिस्‍कोप के खाली आंखों से भी देखा जा सकेगा।   नेशनल अवार्ड प्राप्‍त सारिका घारू ने गुरुवार को इस खगोलीय घटना की जानकारी देते हुए बताया कि शुक्रवार की शाम वीनस और मून आपस में सिमटे से दो डिग्री से कम के अंतर पर होंगे। इस नजदीकियों को टेक्‍नीकल रूप से एपल्‍स कहा जाता है। उन्होंने बताया कि यह खगोलीय जोड़ी क्षितिज से कुछ ऊंचाई पर दिखने के बाद धीरे-धीरे नीचे आते जाएगी।   उन्हाेंने बताया कि इस जोड़ी को सूर्यास्‍त के बाद तीन घंटे से कुछ अधिक समय तक देखा जा सकेगा। इस समय चतुर्थी का हंसियाकार चंद्रमा माइनस 10.7 के मैग्‍नीटयूड से चमक रहा होगा तो वीनस माईनस 4.4 के मैग्‍नीटयूड से चमक रहा होगा। किसी खुले स्‍थान से इस मनोहर आकाशीय जोड़ी को खुली आंखों से देखा जा सकेगा। नव वर्ष सप्‍ताह मनाती शाम को यह समीपता शाम 6 से रात लगभग 9 बजे तक केवल सीमित समय के लिये ही देखी जा सकेगी।

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भोपाल । केन्द्र सरकार की ओवर साइट कमेटी के निर्देशों एवं सुपरविजन के अनुसार यूनियन कार्बाइड के शेष बचे 337 मीट्रिक टन रासायनिक अपशिष्ट के विनष्टीकरण की कार्यवाही की जा रही है। गैस राहत एवं पुनर्वास संचालक स्वतंत्र कुमार सिंह ने मंगलवार को बताया कि 337 मीट्रिक टन यूसीआईएल अपशिष्ट की पैकिंग, लोडिंग और परिवहन सीपीसीबी द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुसार और सुरक्षा के पुख्ता इंतजामों के साथ विशेष 12 कंटेनरों से किया जाएगा। कंटेनर्स के साथ पुलिस सुरक्षा बल, एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड तथा क्विक रिस्पॉन्स टीम रहेगी। यह कंटेनर लीक प्रूफ एवं फायर रेजिस्टेंट हैं। प्रति कंटेनर दो प्रशिक्षित ड्राइवर नियुक्त किए ऐ हैं। इन कंटेनरों का मूवमेंट जीपीएस द्वारा मॉनिटर किया जायेगा। अपशिष्ट का परिवहन भोपाल से पीथमपुर टीएसडीएफ तक एक ग्रीन कॉरिडोर बनाकर शीघ्र किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश में औद्योगिक इकाइयों में निकलने वाले रासायनिक तथा अन्य अपशिष्ट के निष्पादन के लिये धार जिले के पीथमपुर में एकमात्र प्लांट है, जहां पर भस्मीकरण से अपशिष्ट पदार्थों का विनष्टीकरण किया जाता है। यह प्लांट प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित उद्योगों द्वारा जनित खतरनाक एवं रासायनिक अपशिष्ट के सुरक्षित निष्पादन के लिये स्थापित किया गया है। यह प्लांट सेन्ट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) के दिशा-निर्देशानुसार संचालित है। सीपीसीबी की मॉनिटरिंग में सभी निर्धारित पैरामीटर अनुसार सुरक्षा मानकों का ध्यान रखते हुए 10 मीट्रिक टन अपशिष्ट विनिष्टिकरण का ट्रॉयल रन-2015 में किया गया। शेष बचे 337 मीट्रिक टन रासायनिक अपशिष्ट पदार्थों का निष्पादन सर्वोच्च न्यायालय तथा उच्च न्यायालय द्वारा समय-समय पर पारित आदेशों के अनुक्रम में तथा उच्च न्यायालय द्वारा गठित ओवर साइट कमेटी/टास्क फोर्स कमेटी के निर्णय 19 जून 2023 के अनुक्रम में किया जा रहा है। संचालक सिंह ने बताया कि पीथमपुर में अत्याधुनिक बुनियादी ट्रीटमेंट, स्टोरेज एवं डिस्पोजल फेसिलिटी (टीएसडीएफ) अनुसार वर्ष-2006 से अन्य संस्थाओं के अपशिष्ट का भस्मीकरण ठीक उसी प्रकार से किया जा रहा है, जैसे लगातार क्रियाशील यूसीआईएल में अपशिष्ट संग्रहित हैं। देश में पीथमपुर जैसे 42 संयंत्र क्रियाशील हैं, जिसमें ऐसे रासायनिक अपशिष्ट पदार्थों का उपचार उपरांत निपटान किया जाता है। पीथमपुर में स्थापित यह कॉमन हैज़र्डस वेस्ट ट्रीटमेंट, स्टोरेज और डिस्पोज़ल फैसिलिटी एक अत्याधुनिक सुविधा है, जिसमें ख़तरनाक कचरे को सटीकता और सुरक्षा के साथ निष्पादन करने हेतु डिज़ाइन किया गया है। री-सस्टेनेबिलिटी लिमिटेड की सहायक कंपनी पीआईडब्ल्यूएमपीएल (पीथमपुर इंडस्ट्रियल वेस्ट मेनेजमेंट प्रा.लि.) द्वारा संचालित, यह सुविधा भस्मीकरण, लैंडफ़िल प्रबंधन और उत्सर्जन नियंत्रण के लिए उन्नत तकनीकों का उपयोग कर अपशिष्टों का निष्पादन करती है। अपशिष्टों के निष्पादन के दौरान इस सुविधा द्वारा लगातार जल एवं वायु मापन कार्य किया जाता है। इस प्रकार यह सुविधा खतरनाक कचरे को पर्यावरण की दृष्टि से सुरक्षित रूप से निपटाने और प्राकृतिक संसाधनों को दूषित करने के जोखिम को कम करने के लिये विशिष्ट समाधान प्रदान करती है। उन्होंने बताया कि सीपीसीबी द्वारा 2015 में किये गये यूसीआईएल अपशिष्ट विनिष्टिकरण के ट्रायल रन के दौरान तथा बाद में उत्सर्जन मानक, निर्धारित राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप पाये गये। परिणामों के आधार पर वर्णित किया गया है कि यूसीआईएल. कचरे के निष्पादन पश्चात किसी तरह के हानिकारक तत्व पानी अथवा वायु में नहीं पाये गये तथा इनसीनेरेशन (भस्मीकरण) के पश्चात शेष बचे रेसीड्यूज़ का निष्पादन टीएसडीएफ (ट्रीटमेंट स्टोरेज एंड डिस्पोजल फेसेलिटी) में लैण्ड फिल के माध्यम से डबल कम्पोजिट लाइनर सिस्टम से किया गया। इसका किसी भी प्रकार का दुष्प्रभाव पर्यावरण एवं स्वास्थ्य पर नहीं पाया गया। उन्होंने बताया कि यह सीपीसीबी का कथन है, जिसकी पुष्टि संबंधित अधिकारियों द्वारा की गई है। उक्त स्थिति से सर्वोच्च न्यायालय को भारत सरकार द्वारा शपथ पत्र द्वारा अवगत कराया गया है। संचालक स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि कलेक्टर धार द्वारा "पीथमपुर के जिन स्थानों पर अपशिष्ट जलाया गया, वहां फसल उत्पादन में 98 प्रतिशत घटने और पानी 5 गुना अधिक दूषित होने" के समाचारों की विस्तृत जांच कराई गई है। धार कलेक्टर के प्रतिवेदन में वर्णित है कि तहसील-पीथमपुर के राजस्व निरीक्षक, वृत्त-पीथमपुर के ग्राम में विगत 10 वर्षों के अंतर्गत फसल सोयाबीन एवं गेहूं के रकबे में वृद्धि हुई है तथा फसल मक्का और चना में किसानों की रुचि कम होने से रकबे में कमी परिलक्षित हुई है। उक्त चारों फसलों से फसली रकबे में 11.83 प्रतिशत की वृद्धि पाई गई है। उन्होंने बताया कि कलेक्टर के प्रतिवेदन के आधार पर कुल 28 सर्वे क्रमांक का कुल रकबा 14.857 हेक्टेयर भूमि निजी स्वत्व पर पाया गया, कुल 7 सर्वे क्रमांक 13.032 हेक्टेयर भूमि शासकीय मद के पाये गये और कुल 6 सर्वे क्रमांक का कुल 3.478 हेक्टेयर भूमि व्यावर्तित पाई गई। सिंह ने बताया कि समाचार पत्र में प्रकाशित समाचार पीथमपुर स्थित प्लांट क्षेत्र में पास के नाले में प्रदूषित लाल पानी आने और उससे लोगों को स्किन इंफेक्शन, श्वांस संबंधी परेशानी के संबंध में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, भोपाल के स्किन एक्सपर्टस् और आईसीएमआर के शोध वैज्ञानिकों तथा विभाग के संबंधित चिकित्सकों की टीप गठित कर संबंधित 12 गांवों में ‘स्वास्थ्य सर्वेक्षण’ कराया गया। जांच के बाद प्रस्तुत रिपोर्ट अनुसार उक्त गांव में चर्म रोग (1.77) एवं श्वसन रोग यूआरटीआई 1.14 प्रतिशत भारत सरकार का राष्ट्रीय डेटा चर्मरोग 7.9-60 प्रतिशत एवं श्वसन रोग 40-50 प्रतिश से कम है। इससे यह प्रतीत होता है कि उक्त बीमारियों का प्रतिशत सामान्य स्तर पर ही है। रिपोर्ट में दिये गये तथ्य अनुसार प्रकाशित रिपोर्ट भ्रामक एवं निराधार है। संचालक ने बताया कि क्षेत्रीय निदेशक (मध्य), केन्द्रीय प्रदूषण निवारण बोर्ड, भोपाल द्वारा मेसर्स पीथमपुर इंडस्ट्रीयल वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के आस-पास के 5 जल नमूने जांच हेतु लिये गये, जिसके नमूनों की विश्लेषण रिपोर्ट के आधार पर दिनांक 25-12-2024 को प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार लैण्डफिल के समीप स्थित 2 ओपनवेल (कुंआ) (रिपोर्ट WW24.25-188.189) क्रमशः ग्राम-तारपुरा एवं बुकनेश्वर मंदिर के समीप जल नमूनों में कुछ प्रचालक जैसे रंग, क्लोराइड, हार्डनेस, सल्फेट, फ्लोराईड, टोटल डिसॉल्व्ड सॉलिड, पीने के पानी के मानक आईएस 10500 की परमीसिबिल लिमिट से अधिक पाये गये। उक्त पैरामीटर्स सामान्यतः भू-जल की गुणवत्ता प्रदर्शित करते हैं एवं ये प्रचालक टीएसडीएफ से संबंधित प्रतीत नहीं होते हैं। उक्त नमूनों में भारी धातु नगण्य पाये गये। इसका यूसीआईएल कचरे से कोई संबंध नहीं है। ऐसा संबंधित वैज्ञानिकों द्वारा अवगत कराया गया है। उन्होंने बताया कि यूसीआईएल अपशिष्ट के विनिष्टिकरण के लिये केन्द्र सरकार स्तर पर ओवर साइट कमेटी का गठन जुलाई 2010 में केन्द्रीय मंत्री पर्यावरण एवं वन क्लाइमेंट चेंजेस की अध्यक्षता में हुआ था, जिसमें राज्य शासन के पर्यावरण मंत्री एवं भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री सम्मिलित हैं। इसमें पर्यावरण एक्सपर्ट तथा भारत सरकार कॉउंसिल फॉर साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च के अंतर्गत संचालित संस्थाएं नेशनल इन्वायरमेंटल एण्ड इंजीनियरिंग रिसर्च इन्स्टीट्यूट (एनईईआरआई) नागपुर, एनजीआरआई (नेशनल जियो फिजिकल रिसर्च इन्स्टीट्यूट), हैदराबाद, सीपीसीबी (केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड), आईआईसीटी (इंडियन इन्स्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी), हैदराबाद तथा एमपीपीसीबी के विशेषज्ञों के साथ भारत सरकार एवं राज्य सरकार के सचिव स्तर के वरिष्ठ अधिकारी भी सम्मिलित हैं। उक्त समिति को उच्च न्यायालय द्वारा ओवर साइट कमेटी/टास्क फोर्स के रूप में नामांकित किया गया है। कमेटी के निर्देशों एवं सुपरविजन के अनुसार विनिष्टिकरण का कार्य किया जा रहा है।  

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भोपाल । राज्य शासन द्वारा भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के सेवानिवृत्त अधिकारी (अपर मुख्य सचिव) मनोज श्रीवास्तव को मध्य प्रदेश का नया राज्य निर्वाचन आयुक्त नियुक्त किया गया है। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने मंगलवार देर शाम आदेश जारी कर दिया है। दरअसल, निवर्तमान राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह का 6 माह का अतिरिक्त कार्यकाल 31 दिसंबर को पूरा हो गया है। इससे पहले राज्य निर्वाचन आयुक्त रहे बीपी सिंह का कार्यकाल 30 जून 2024 को खत्म हो गया था। तब सरकार ने किसी नए आयुक्त को नियुक्ति नहीं देते हुए बीपी सिंह को ही पद पर बने रहने के आदेश जारी किए थे। इसमें कहा गया था कि राज्य निर्वाचन आयुक्त कार्यकाल पूरा होने के बाद 6 माह तक पद पर बने रह सकते हैं। मंगलवार को उनका अतिरिक्त कार्यकाल पूरा होने के बाद राज्य शासन ने राज्य निर्वाचन आयुक्त के पद पर नई नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए हैं।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में नए साल के साथ ही कड़ाके की सर्दी दस्तक देने को तैयार है। कुछ दिनों पहले हुई बारिश की गतिविधि से तापमान में बड़ी गिरावट आई है। न्यूनतम तापमान में गिरावट के साथ ही अधिकतम तापमान भी कम हो गया है। मौसम वैज्ञानिकाें के मुताबिक उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में हाल ही में जबरदस्त बर्फबारी हुई है। वहां से आ रही सर्द हवाओं ने एक बार फिर ठिठुरन बढ़ा दी है। आगामी तीन से चार दिन तक रात के तापमान में गिरावट बनी रह सकती है। कई शहरों में शीतलहर चलने के आसार हैं।मौसम विभाग के अनुसार, साल 2024 की आखिरी रात मंगलवार को प्रदेश में ठंड का असर बना रहेगा। मालवा यानी, उज्जैन संभाग में कड़ाके की ठंड पड़ेगी। जहां कोल्ड डे और शीतलहर की स्थिति रहेगी। भोपाल, इंदौर-जबलपुर में भी सर्दी का असर रहेगा। मौसम विभाग के अनुसार, जनवरी में 20 से 22 दिन तक शीतलहर और कोल्ड डे का असर रह सकता है। वहीं, आज मंगलवार सुबह ग्वालियर-चंबल, उज्जैन, सागर और रीवा संभाग के कई जिलों में कोहरे का असर रहा। उज्जैन-रतलाम में आज कोल्ड-डे का अलर्ट है। वहीं, शाजापुर, नीमच, मंदसौर और आगर-मालवा में भी शीतलहर चलेगी।आज ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, सतना, सीधी, मैहर, मऊगंज, सिंगरौली, मंदसौर और नीमच में कोहरा रहेगा। शाजापुर, नीमच, मंदसौर, आगर-मालवा में शीतलहर चलेगी। वहीं, उज्जैन और रतलाम में कोल्ड डे की स्थिति बनेगी। वहीं, 1 जनवरी को ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, सतना, मैहर, रीवा, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली, गुना, अशोकनगर, नीमच, मंदसौर में हल्के से मध्यम कोहरा रहेगा। उज्जैन-रतलाम में कोल्ड डे और नीमच, मंदसौर, आगर-मालवा, शाजापुर में शीतलहर का अलर्ट है। 2 जनवरी को नीमच, मंदसौर, ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, सतना, मैहर, रीवा, मऊगंज, सीधी और सिंगरौली में हल्के से मध्यम कोहरा छाया रहेगा।सोमवार को प्रदेश के ज्यादातर शहरों में दिन का तापमान 25 डिग्री से नीचे रहा। सबसे ठंडा टीकमगढ़ रहा। जहां पारा 18 डिग्री दर्ज किया गया। नौगांव में 18.5 डिग्री, ग्वालियर-रीवा में 19 डिग्री, सीधी में 19.8 डिग्री, खजुराहो में 20.2 डिग्री और सतना में 20.3 डिग्री रहा। इसी तरह शिवपुरी में 21 डिग्री, जबलपुर में 21.6 डिग्री, उमरिया में 22 डिग्री, पचमढ़ी, मलाजखंड-सागर में 22.5 डिग्री, भोपाल में 22.6 डिग्री और गुना में 22.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इससे पहले रविवार-सोमवार की रात में भी सर्दी का असर देखने को मिला था। गुना में पारा 7.2 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। भोपाल, बैतूल, धार, ग्वालियर, नर्मदापुरम, इंदौर, खंडवा, खरगोन, पचमढ़ी, रायसेन, राजगढ़, रतलाम, शाजापुर, उज्जैन में भी गिरावट हुई है। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 10.4 डिग्री, इंदौर में 13.2 डिग्री, ग्वालियर में 11.1 डिग्री, उज्जैन में 11.5 डिग्री और जबलपुर में 13.5 डिग्री रहा।

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ग्वालियर । भोपाल में परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के ठिकानों पर छापे में मिली 7.98 करोड़ की संपत्ति के बाद अलग-अलग जांच एजेंसियाें ने उस पर शिकंजा कस दिया है। इसके साथ ही अब सौरभ शर्मा के चार साथी आरक्षकों के खिलाफ भी शिकायत की गई है। आरटीआई एक्टिविस्ट संकेत साहू ने सोमवार को ग्वालियर में पदस्थ रहे परिवहन विभाग के चार आरक्षक नरेंद्र सिंह भदौरिया, गौरव पाराशर, हेमंत जाटव और धनंजय चौबे के खिलाफ लोकायुक्त में शिकायत की है। संकेत साहू ने आरोप लगाया कि परिवहन विभाग के ये चारों आरक्षक सौरभ के साथ बराबर के भ्रष्टाचारी हैं। इनकी भी प्रॉपर्टी की जांच की जानी चाहिए। जब से सौरभ के खिलाफ जांच शुरू हुई है, ये चारों आरक्षक भी अंडरग्राउंड हो गए हैं। इन्होंने भी प्रदेश के परिवहन चेक पोस्ट से अवैध वसूली की है। प्रदेश और प्रदेश के बाहर अकूत संपत्ति बनाई है। उन्होंने कहा कि शिकायत में कोई दस्तावेज नहीं दिया है। सूत्रों के आधार पर शिकायत की है। खास बात यह भी है कि जब से सौरभ शर्मा के खिलाफ जांच बैठी है, तभी से ये चारों भी अंडरग्राउंड हैं। इस संबंध में लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक राजेश मिश्रा का कहना है कि आरटीआई एक्टिविस्ट से मिली शिकायत को सौरभ शर्मा के खिलाफ की जा रही जांच में शामिल किया जाएगा। इसकी जांच भोपाल लोकायुक्त कर रही है। आरटीआई एक्टिविस्ट ने लोकायुक्त के अलावा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को भी मेल कर शिकायत की है। उन्होंने कहा कि सौरभ शर्मा भले ही वीआरएस लेकर रिटायर हो गया था, लेकिन इन चारों साथियों के जरिए वह परिवहन विभाग के पोस्ट चलाता था। उन्होंने चारों कॉन्स्टेबल के बारे में बताया कि नरेंद्र सिंह भदौरिया मूल रूप से भिंड का रहने वाला है। खुद को पूर्व कैबिनेट मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया का नजदीकी बताता है। ससुराल इंदौर में है। पत्नी, बच्चे इंदौर में ही रहते हैं। इंदौर में कोठी बनवा रहा है। श्योपुर, भिंड, ग्वालियर में इसने जमीनीं खरीद रखी हैं। गौरव पाराशर शिवपुरी जिले के पिछोर का रहने वाला है। खुद को पूर्व विधायक केपी सिंह का नजदीकी बताता है। केपी सिंह ने ही इन दोनों की मुलाकात करवाई थी। इसने इंदौर, पिछोर, श्योपुर और यूपी के झांसी जिले में जमीनें खरीद रखी हैं। हेमंत जाटव शिवपुरी जिले के रन्नौद कस्बे का रहने वाला है। कुछ समय पहले 20 एकड़ जमीन रन्नौद में खरीदी है। ग्वालियर, शिवपुरी, श्योपुर में भी जमीनी खरीद रखी हैं। धनंजय चौबे सौरभ शर्मा का सबसे खास है। छिंदवाड़ा, इंदौर और भोपाल में जमीनें खरीद रखी हैं। आरटीआई एक्टिविस्ट ने शिकायत में सौरभ शर्मा की आरटीओ में हुई नियुक्ति को भी गलत बताया है। उन्होंने सौरभ शर्मा की अनुकंपा नियुक्ति के लिए उनकी मां उमा शर्मा के दिए शपथ पत्र पर सवाल किए। आरटीआई एक्टिविस्ट ने कहा कि उमा का बड़ा बेटा सचिन शर्मा 2013 से छत्तीसगढ़ में अधिकारी के तौर पर नियुक्त है। लेकिन, 12 जुलाई 2016 में सौरभ की मां उमा ने नॉटराइज्ड शपथ पत्र देकर इस जानकारी को छिपाया। फर्जी तरीके से सौरभ को नौकरी दिलवाई। सौरभ शर्मा के साथ उनकी मां भी इस फर्जीवाड़े की दोषी हैं। उन्होंने शपथ पत्र के पैराग्राफ - 3 में स्पष्ट तौर से उल्लेख किया है कि उनका बेटा सचिन शर्मा शासकीय नौकरी में नहीं है।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में बारिश का दौर थम गया है। अब दिन-रात के तापमान में गिरावट होने लगी है। शनिवार-रविवार की रात कई शहरों में पारा लुढ़का। वहीं, रविवार को दिन के तापमान में 6.2 डिग्री तक की गिरावट देखने को मिली। अब नए साल के पहले दिन यानी, 1 जनवरी से कड़ाके की सर्दी का दौर फिर शुरू हो जाएगा। बर्फीली हवा की वजह से पूरा प्रदेश ठिठुरेगा। सबसे ज्यादा असर उज्जैन और ग्वालियर-चंबल में दिखाई देगा। इन्हीं जगहों पर 30 और 31 दिसंबर को कोहरा भी रहेगा। जबलपुर, रीवा, शहडोल, सागर संभाग में भी कोहरा देखने को मिलेगा।मौसम विभाग ने बताया कि वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) और साइक्लोनिक सकुर्लेशन के एक्टिव होने से प्रदेश में 2 दिन तक तेज बारिश का दौर रहा। रविवार को मौसम खुल गया, लेकिन तापमान में गिरावट देखने को मिली। वहीं, कई जगहों पर कोहरा भी रहा। अगले 2 दिन ऐसा ही मौसम रहेगा। फिर ठंड का असर बढ़ जाएगा। मौसम विभाग के अनुसार, जनवरी में 20 से 22 दिन तक शीतलहर और कोल्ड डे का असर रह सकता है। शुरुआती दो दिन में ग्वालियर, चंबल और उज्जैन संभाग के जिलों में शीतलहर का असर देखने को मिलेगा। इसके बाद पूरे प्रदेश में असर बढ़ जाएगा।आज सोमवार को ग्वालियर, भिंड, मुरैना, दतिया, श्योपुर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, नीमच, मंदसौर, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दमोह, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, बालाघाट, मंडला, जबलपुर, डिंडौरी, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, कटनी, पन्ना, सतना, सीधी, मऊगंज, रीवा एवं सिंगरौली में हल्के से मध्यम कोहरा रहेगा। वहीं, 31 दिसंबर को ग्वालियर, भिंड, मुरैना, दतिया, श्योपुर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, नीमच और मंदसौर में कोहरा रहेगा। 1 जनवरी को नीमच, मंदसौर, आगर-मालवा, शाजापुर, श्योपुर, मुरैना में शीतलहर चलेगी। 2 जनवरी को नीमच, मंदसौर, आगर-मालवा, शाजापुर, श्योपुर, मुरैना में शीतलहर चलने का अनुमान है।प्रदेश में रविवार को दिन के तापमान में गिरावट देखने को मिली। उज्जैन में 19.2 डिग्री, दमोह में 22.2 डिग्री, खजुराहो में 21.4 डिग्री, नौगांव-धार में 20 डिग्री, रीवा में 22.6 डिग्री, सतना-गुना में 22 डिग्री, सीधी में 22.4 डिग्री, टीकमगढ़ में 20.7 डिग्री, उमरिया में 22.7, पचमढ़ी में 20.8, शिवपुरी में 21.2 डिग्री रहा। बड़े शहरों में भोपाल में 22.4 डिग्री, ग्वालियर में 20.6 डिग्री, इंदौर में 21.4 डिग्री और जबलपुर में 23.4 डिग्री दर्ज किया गया। शनिवार-रविवार की रात में भी कई शहरों में तापमान में गिरावट देखने को मिली। सबसे ठंडा नीमच का मरुखेड़ा रहा। यहां पारा 8.6 डिग्री दर्ज किया गया। नरसिंहपुर, नौगांव, पचमढ़ी में पारा 12 डिग्री से नीचे रहा। राजगढ़, मंडला, टीकमगढ़, रतलाम, उमरिया, खंडवा और गुना में भी पारा 15 डिग्री से कम ही दर्ज किया गया। बड़े शहरों में भोपाल में 16.8 डिग्री, इंदौर में 15.4 डिग्री, ग्वालियर में 14.6 डिग्री, उज्जैन में 14.5 डिग्री और जबलपुर में 14.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भाेपाल । सोमवती अमावस्या पर धर्म और आस्था की नगरी उज्जैन श्रद्धालुओं से गुलजार हो गई। साेमवार को कड़कड़ाती ठंड के बीच श्रद्धालु सुबह से ही मोक्षदायिनी शिप्रा नदी के तट पर स्नान करने पहुंचे। श्रद्धालुओं ने यहां शिप्रा नदी में डुबकी लगाई और सोमतीर्थ कुंड में भी स्नान किया। घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। बता दें कि प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए उज्जैन शिप्रा घाट और सोमकुंड पर विशेष इंतजाम किए गए हैं।   उज्जैन में कड़ाके की ठंड में सोमवती अमावस्या पर सोमवार को मोक्षदायिनी शिप्रा नदी में श्रद्धालु बड़ी संख्या में डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं। इस दौरान कुछ भक्त सोमती कुंड में भी स्नान कर रहे हैं। यहां रात का तापमान 11 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके बाद भी उत्साह देखते बन रहा है। घाट पर पुलिस बल की तैनाती की गई है और बेरिकेट्स लगाए गए हैं। वहीं, सोमतीर्थ पर स्नान को और व्यवस्थित बनाने के लिए कुंड व्यवस्था भी है। महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग स्नान स्थल बनाए गए। साथ ही वस्त्र बदलने के लिए शामियानों की व्यवस्था की गई है। अब तक 50 हजार से ज्यादा श्रद्धालु ग्वारी घाट और जिलहरी घाट में स्नान कर चुके हैं।   घाट पर मौजूद पंडितों ने पितृ दोष निवारण के लिए पिंडदान और तर्पण कर्म संपन्न कराया। बड़ी संख्या में ग्रामीण और शहरी क्षेत्र से आए श्रद्धालुओं ने इस धार्मिक परंपरा में हिस्सा लेकर दान-पुण्य किया। वहीं विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर सहित अन्य मंदिरों में भी श्रद्धालुओं की खासी भीड़ दिखाई दी। सोमवती अमावस्या के अवसर पर सोमतीर्थ स्थित सोमकुंड में स्नान और सोमेश्वर महादेव के दर्शन का विशेष महत्व है।मान्यता है कि इससे चंद्र दोष दूर होता है और अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्य प्राप्त होता है। पूजन के साथ दान-पुण्य स्नान और पूजा के बाद श्रद्धालुओं ने घाट पर मौजूद भिक्षुओं को अन्न और वस्त्र दान किया। शिप्रा नदी के पुजारी राकेश जोशी ने कहा, सोमवती अमावस्या का स्नान और पूजन बेहद शुभ माना जाता है। स्नान से चंद्र दोष समाप्त होते हैं और व्यक्ति को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।   नर्मदा घाटाें पर उमड़ी भीड़ नर्मदापुरम में भी सोमवती अमावस्या पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ नजर आई। नर्मदापुरम के सेठानी घाट में भी हजारों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। तड़के 5 बजे से ही कड़कड़ाती ठंड में श्रद्धालुओं के स्नान का सिलसिला शुरू हुआ। नर्मदापुरम के विवेकानंद घाट, परमहंस घाट, कोरी घाट, पर्यटन घाट, बांद्राभान संगम समेत जिलेभर के घाटों पर भारी भीड़ रही। इस दिन पितरों के तर्पण के लिए विशेष महत्व है। इस दिन पवित्र नदियाें में स्नान कर पूर्वजों को जल अर्पित किया जाता है, जिससे उन्हें शांति मिलती है और पुण्य की प्राप्ति होती है। आज की सोमवती अमावस्या का महत्व इसलिए भी बढ़ गया है क्योंकि यह साल 2024 की अंतिम सोमवती अमावस्या है। इसके अलावा यह सोमवती अमावस्या सनातनियों के लिए इसलिए भी खास है क्योंकि साल 2025 में सोमवती अमावस्या नहीं पड़ रही है। अगले डेढ़ साल तक सोमवती अमावस्या का पर्व नहीं आएगा। श्रद्धालुओं को सोमवती स्नान के लिए 15 जून 2026 का इंतजार करना पड़ेगा।  

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उज्जैन । उज्जैन में शनिवार सुबह शिप्रा नदी में नहाने के दाैरान दाे नाबालिग भाई डूबने लगे। बच्चाें काे पानी में डूबता देख मां ने भी पानी में छलांग लगा दी। अधिक पानी हाेने के कारण तीनाें डूबने लगे। इस दाैरान घाट पर तैनात एसडीईआरएफ जवानों ने बिना समय गवाए नदी में गोता लगाया और तीनों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। परिवार के सदस्यों ने जवानों का आभार व्यक्त किया है।   शिप्रा नदी पर स्थित होमगार्ड चौकी प्रभारी ईश्वर लाल ने बताया कि सागर निवासी मनोज रायकवार अपने परिवार के साथ शनिवार सुबह करीब आठ बजे शिप्रा नदी में स्नान करने पहुंचे थे। राणोजी की छतरी के सामने स्थित घाट पर नहाते समय उनके दोनों बेटे गणेश (14 वर्ष) और अनुज (12 वर्ष) गहरे पानी में चले गए और डूबने लगे। दोनों को डूबता देख उनकी मां प्रभा (40 वर्ष) भी उन्हें बचाने के लिए पानी में कूद पड़ी। पानी ज्यादा होने के कारण तीनों ही डूबने लगे। इसी दौरान घाट पर तैनात एसडीईआरएफ जवानों देवेंद्र झाला और राजेंद्र रंगोटा ने तुरंत कार्रवाई करते हुए तीनों को सुरक्षित बाहर निकाला।   दरअसल, 30 दिसंबर को होने वाली सोमवती अमावस्या के पर्व को लेकर जिला प्रशासन ने शिप्रा नदी में पानी छोड़ा है, जिससे नदी का जल स्तर बढ़ गया है। वर्ष का अंतिम समय हाेने के कारण इस समय यहां बड़ी संख्या में लाेग पहुंच रहे हैं। ऐसे में लाेगाें की सुरक्षा काे देखते हुए शिप्रा नदी पर स्थित घाटों पर सुरक्षा के लिए एसडीईआरएफ और होमगार्ड के जवान तैनात रहते हैं।  

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दमाेह । जिले के हटा तहसील अंतर्गत जिले के हटा-पन्ना स्टेट हाईवे पर शनिवार सुबह एक बस ओर ट्रक में आमने सामने की भीषण टक्कर हाे गई। हादसे में बस सवार करीब 24 लोग घायल हो गए। घायलाें में कुछ को हटा स्वास्थ्य केंद्र और कुछ घायलाें काे सिमरिया के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां  घायलों का ईलाज जारी है। पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई हैं।       जानकारी के अनुसार आज शनिवार सुबह करीब नाै बजे थाना गैसाबाद के पास व्यारमा नदी के पुल पर बस क्रमांक एमपी 34 पी 241 जो कि सागर से पन्ना की तरफ जा रही थी। इस दाैरान सामने से आ रहे ट्रक क्रमांक एम पी 33 एच 2852 जो कि सीमेंट लोड कर रीवा से सागर की तरफ जा रहा था। दाेनाें की आमने सामने टक्कर हाे गई। सूचना मिलते ही हटा एसडीएम राकेश मरकाम मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि 16 लोगों को हटा अस्पताल भेजा गया है। कुछ घायलों का सिमरिया अस्पताल में इलाज चल रहा है। किसी की हालत गंभीर नहीं है। हादसे की वजह अभी स्पष्ट नहीं है। कुछ घायलों ने बताया कि ट्रक चालक की लापरवाही से यह हादसा हुआ।      हटा अस्पताल में 16 लोगों का चल रहा इलाज जिनके नाम इस प्रकार है:  1- कमलेश कोरी (35) 2- प्रिंस कोरी (6) 3- बस चालक भगवान दास (35) 4- मनोज (32) 5- गिरिजा (32) 6- लक्ष्मी दत्त (32) 7- जागृति चौधरी (25) 8- लखन विश्वकर्मा (48) 9- शशि रोहित (32) 10- संगीता सूर्यवंशी (39) 11- सुरेंद्र खमरिया (42) 12- मनीषा (29) 13- अग्रणी तिवारी (19) 14- चीनू कुचबंदिया (75) 15- निधि रजक (35) 16- प्रमोद (36)। सभी घायल दमोह जिले के हटा क्षेत्र के ग्रामीण इलाके के रहने वाले हैं।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में ठंड के मौसम के बीच अचानक बारिश और ओले ने मौसम का मिजाज बदल दिया। राजधानी भोपाल समेत कई जिलों में जमकर बादल बरसे, जिससे ठिठुरने और बढ़ गई। देर रात तक कई जगहों पर पानी गिरा जिसका सिलसिला सुबह तक जारी रहा। भोपाल, इंदौर और उज्जैन में देर रात को गरज-चमक के साथ तेज बारिश हुई। शुक्रवार को रतलाम, मंदसौर, बैतूल, आलीराजपुर समेत कई जिलों में बारिश के साथ ओले गिरे। आज शनिवार को भी ऐसा ही मौसम रहेगा।मौसम विभाग ने बताया कि प्रदेश में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव है। वहीं, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से हवा नमी लेकर आ रही है। जिसकी वजह से प्रदेश में ओले और बारिश का दौर शुरू हो गया है। अगले 24 घंटे भी ऐसा ही मौसम बना रहेगा। 1 जनवरी से तेज सर्दी का दौर शुरू हो जाएगा। मौसम विभाग का कहना है कि नर्मदापुरम, छिंदवाड़ा समेत 12 जिलों में आज ओले-बारिश की संभावना है। जबकि 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी भी चल सकती है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर, उज्जैन समेत 25 जिलों में हल्की बारिश, बादल छाए रहेंगे।बता दें कि पिछले एक सप्ताह से ठंड का असर कम हुआ है और दिन-रात के तामान में बढ़ोतरी देखने को मिली है। गुरुवार-शुक्रवार की रात की बात करें तो पारा 11 डिग्री से ज्यादा ही रहा। मंडला, नरसिंहपुर, नौगांव, कल्याणपुर, पचमढ़ी, मलाजखंड, उमरिया, रीवा, खंडवा और खरगोन में तापमान 15 डिग्री से नीचे रहा। वहीं, भोपाल में 16.4 डिग्री, इंदौर में 17.5 डिग्री, ग्वालियर में 13.1 डिग्री, उज्जैन में 18.5 डिग्री और जबलपुर में पारा 14.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

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उमरिया । उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र में कहीं बाघ द्वारा ग्रामीणों पर हमला तो कहीं बाघों की मौत, कहीं हाथियों की मौत तो कहीं तेंदुए की मौत, यह सिलसिला थमने का नाम नही ले रहा है। एक बार फिर पनपथा बफर के टूरिज़्म ज़ोन में एक मादा बाघ शावक की मौत हो गई। इस घटना की सूचना किसी पर्यटक ने गुरुवार की दोपहर में पार्क प्रबन्धन को दी है। जिसके बाद पार्क प्रबन्धन हरकत में आया और देर शाम घटना स्थल की ओर रवाना हुआ।   शुक्रवार को पनपथा एसडीओ वन बी एस उप्पल ने बताया कि मादा बाघ शावक की उम्र लगभग डेढ़ वर्ष है और पनपथा बफर जोन अंतर्गत जगुआ बीट के कक्ष क्रमांक आरएफ 501 में पर्यटन मार्ग के किनारे मिला है। मृत मादा बाघ शावक का पोस्टमार्टम करवाकर अंतिम संस्कार करवा दिया गया है, इसकी मौत प्रथम दृष्टया आपसी संघर्ष में हुई प्रतीत होती है, ज्यादा जानकारी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल सकेगी।   गौरतलब है कि मादा बाघ शावक की मौत बुधवार को रात में हुई होगी और जब पर्यटक उस रास्ते से गये तब गुरुवार को पनपथा रेंजर शिव पाल सिंह मार्को को सूचना दिए, लेकिन रेंजर ने उच्च अधिकारियों को सूचना देना मुनासिब नही समझा। गुरुवार की देर शाम जब अधिकारियों तक सूचना पहुंची तब पार्क प्रबंधन हरकत में आया और रात में घटना स्थल तक पहुंच कर शव को सुरक्षित किये और शुक्रवार को पोस्टमार्टम करवा कर अंतिम संस्कार किया, जबकि पनपथा क्षेत्र में ही कुछ माह पूर्व 11 हाथियों की मौत हुई थी और रेंजर द्वारा इतनी बड़ी लापरवाही की गई ऐसे में विभाग को तत्काल एक्शन लेना चाहिए ताकि वन्य जीव सुरक्षित रह सकें।    

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उज्जैन । कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी नीरज कुमार सिंह ने जनसाधारण को घरेलू प्रयोजन के लिये जल उपलब्ध कराने की दृष्टि से गंभीर डेम व क्षिप्रा नदी के जल को संरक्षित घोषित कर दिया है। इस संबंध में उन्होंने शुक्रवार को पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 03 में उपलब्ध प्रावधानों के अनुसरण में आदेश जारी किया है। कलेक्टर सिंह द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि जनसाधारण को घरेलु प्रयोजन के लिए जल उपलब्ध कराने की दृष्टि से गंभीर डेम एवं क्षिप्रा नदी के जल को संरक्षित घोषित किया गया है। साथ ही उज्जैन तहसील के ग्राम फाजलपुरा, खरेट, नलवा, सेमदिया, असलाना, खेमासा, एरवास, कंडारिया, भेरूखेड़ा, पारदीखेड़ा, अजराना, टकवासा, घट्टिया तहसील के ग्राम अंबोदिया, बड़वई, बड़नगर तहसील के ग्राम कंथारखेड़ी, बमनापाती, मतांगना, छानखेड़ी, खडोतिया, चिकली, भोंडावास, ब्राह्मण बड़ौदा, निम्बोदा और नाहरखेड़ी को केवल पेयजल के लिये प्रयोग की अनुमति देते हुए एवं मध्य प्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 04 में उपलब्ध प्रावधानों के तहत गंभीर डेम क्षिप्रा नदी से जल को अन्य किसी प्रयोजन यथा सिंचाई एवं औद्योगिक प्रयोजन के उपयोग हेतु निषिद्ध कर दिया है। कलेक्टर ने आदेश में कहा है कि नगर पालिक निगम उज्जैन सबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) यह सुनिश्चित करेंगे की जल का उपयोग केवल घरेलू प्रयोजन के लिये हो, इस उददेश्य से जल के उपयोग के लिए विविध तरीको पर सतत् निगरानी रखेंगे। यह उनका उत्तरदायित्व होगा कि, वे अन्य प्रयोजन के लिये उन्हे उनके अधिकार क्षेत्र में जल उपयोग करते हुए पाए जाने की स्थिति में म.प्र. पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 अथवा इस विषय पर प्रभावशील अन्य उपबंधो के अधीन वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे। नगर पालिक निगम, उज्जैन राजस्व विभाग एवं विद्युत मंडल के दल गंभीर जलाशय नदी पर चल रहे या चलने वाले अवैध पंपो को जब्त करने की कार्यवाही करेंगे। इस आदेश का उल्लंघन किये जाने पर म.प्र. पेयजल अधिनियम 1986 की धारा 09 के प्रावधान आकृष्ट होंगे, जिसके अतंर्गत आदेश का उल्लंघन सिद्ध पाये जाने पर दो वर्ष का कारावास अथवा दो हजार का जुर्माना अथवा दोनों से दंडित किये जाने का प्रावधान होगा।  

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में वेस्टर्न डिस्टरबेंस और साइक्लोनिक सकुर्लेशन सिस्टम की वजह से मौसम में बदलाव देखने को मिला रहा है। दिन के तापमान में गिरावट हुई है। रात में भी ठंड का असर कम हुआ है। लेकिन सिस्टम के गुजरने के बाद प्रदेश में कोहरे और ठंड का असर बढ़ जाएगा। यानी, नए साल पर लोगों को कड़ाके की ठंड के दौर से गुजरना पड़ सकता है। इसके बाद पूरे एक महीने तक कड़ाके की ठंड पड़ने का अनुमान है। इससे पहले अगले 2 दिन यानी, 27-28 दिसंबर को ओले, बारिश और आंधी का दौर रहेगा। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन समेत पूरे प्रदेश में मौसम बदला रहेगा। इस दौरान भोपाल, इंदौर, नर्मदापुरम, सागर और जबलपुर संभाग में ओले भी गिर सकते हैं। कुछ जिलों में हवा की रफ्तार 40-50 किलोमीटर तक रहेगी।मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) और साइक्लोनिक सकुर्लेशन सिस्टम एक्टिव है। वहीं, हवा का असर भी है। अगले 2 दिन सिस्टम का असर रहेगा। 29 दिसंबर को सिस्टम का असर कम हो जाएगा। फिर तापमान में गिरावट होगी। वहीं, कोहरा भी छाएगा। मौसम विभाग के अनुसार, आज शुक्रवार को आंधी, बारिश और ओले का स्ट्रॉन्ग सिस्टम रहेगा। पूरे प्रदेश में ही मौसम बदला रहेगा। रायसेन, सीहोर, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, सागर, पांढुर्णा और बड़वानी में बारिश के साथ ओले गिर सकते हैं। यहां 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे तक हवा चलेगी। यहां ऑरेंज अलर्ट है। अन्य जिलों में कहीं बारिश तो कहीं गरज-चमक की स्थिति बनी रहेगी।इसके अलावा आज मंदसौर, नीमच, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा में 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा से हवा चलेगी और बारिश भी होगी। इसी तरह भोपाल, विदिशा, राजगढ़, खरगोन, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, शाजापुर, आगर-मालवा, जबलपुर, सिवनी, मंडला, बालाघाट, पन्ना, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़ और निवाड़ी जिलों में हल्की बारिश हो सकती है।प्रदेश में 29 और 30 दिसंबर से ठंड बढ़ने का अनुमान है। तापमान की बात करें तो बुधवार-गुरुवार को प्रदेश में न्यूनतम तापमान 11 डिग्री से कम नहीं गया। नौगांव ही ऐसा शहर रहा, जहां तापमान 11 डिग्री दर्ज किया गया। नरसिंहपुर, मंडला, कल्याणपुर, पचमढ़ी, टीकमगढ़, मलाजखंड, खजुराहो, उमरिया, रायसेन, रतलाम, गुना, खरगोन, रीवा और सागर में पारा 15 डिग्री के नीचे रहा। बड़े शहरों की बात करें तो ग्वालियर में सबसे कम 11.9 डिग्री रहा। जबलपुर में 13.8 डिग्री, भोपाल में 14.4 डिग्री, इंदौर में 16.9 डिग्री और उज्जैन में पारा 16 डिग्री दर्ज किया गया।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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शाजापुर । उज्जैन लोकायुक्त पुलिस की टीम ने गुरुवार को कालापीपल तहसील के ग्राम पंचायत सचिव मुरलीधर शर्मा के तीन ठिकानों पर छापा मारा। यह कार्रवाई आय से अधिक संपत्ति के मामले में की गई। पंचायत सचिव मुरलीधर शर्मा ग्राम पंचायत देहरी घाट डोडी में लंबे समय तक पदस्थ रहे हैं। वर्तमान में वह सेमली खेड़ा और हरुखेड़ी में तैनात हैं। उनकी टाइल्स की दुकान और एक पेट्रोल पंप होने की जानकारी सामने आई है। पंचायत सचिव शर्मा देहरीघाट मंदिर ट्रस्ट के सचिव भी हैं और ज्योतिष का काम भी करते हैं। लोकायुक्त को उनके खिलाफ पहले से शिकायत मिली थी। एक साल पहले कीमती जमीन बेचने के बाद से जांच एजेंसियों की नजर उन पर थी।  अलसुबह लोकायुक्त टीम की दबिश से पूरे नगर में चर्चा बनी हुई है। समाचार के लिखे जाने तक कार्रवाई जारी थी।     गुरुवार सुबह 5 बजे लोकायुक्त के एक दर्जन से ज्यादा अफसरों ने पंचायत सचिव मुरलीधर शर्मा के कालापीपल, आष्टा और बमुलिया मूंछाली में सचिव के निवास और प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई की। लोकायुक्त पुलिस तीनों स्थानों पर संपत्ती और अन्य दस्तावेज खंगाल रही है। पंचायत सचिव द्वारा आष्टा में भी भैरव ट्रेडर्स के नाम से एक दुकान संचालित की जा रही है। इसके अलावा कृषि भूमि, प्लाट और मकान भी बताएं जा रहे हैं। लोकायुक्त की कार्रवाई के बाद पूरी संपत्ति का खुलासा होगा। लोकायुक्त पुलिस अभी भी जांच में जुटी है। आय से अधिक संपति का खुलासा हो सकता है। उज्जैन लोकायुक्त टीम ने लोकायुक्त डीएसपी राजेश पाठक के नेतृत्व में कार्रवाई चल रही है। मुरलीधर शर्मा 1999 में पंचायत सचिव बने। अब तक शाजापुर जिले के हारखेड़ी, डोडी, कोठरी, बमुलिया मुछाली ग्राम पंचायत में सचिव रह चुके हैं। उनके खिलाफ पहले से लोकायुक्त में शिकायत दर्ज थी, जिसके आधार पर यह कार्रवाई की गई। छापेमारी के दौरान लोकायुक्त टीम ने स्वास्थ्य विभाग की 108 एम्बुलेंस और दो डॉक्टरों की मदद ली। हालांकि, स्थानीय पुलिस को इस कार्रवाई की कोई जानकारी नहीं दी गई। कालापीपल थाने के सब-इंस्पेक्टर रवि भंडारी ने कार्रवाई की जानकारी होने से इनकार किया है।     लोकायुक्त जांच दल ने सुबह 6 बजे मकान के खरीदार सुंदरलाल से रजिस्ट्री की कॉपी और बयान लिए। फिलहाल जांच स्थल पर सभी को नजरबंद रखा गया है। वहीं, पंचायत सचिव मुरलीधर शर्मा ने बताया कि उन्होंने एक साल पहले अंबिका कॉलोनी का मकान बेचा था। जिसकी रजिस्ट्री भी नए मालिक के नाम कर दी गई है। उन्होंने लोकायुक्त टीम के साथ सहयोग की बात कही और बताया कि उनका पेट्रोल पंप पार्टनरशिप में है। लोकायुक्त डीएसपी राजेश पाठक ने बताया कि हमें आय से अधिक संपत्ति की शिकायत मिली थी। इसी के बाद मुरलीधर शर्मा के तीन ठिकानों पर जांच कार्रवाई की जा रही है। आष्टा में 12 से ज्यादा अफसर इस काम में जुटे हैं। फिलहाल जांच जारी है, और जल्द ही पूरी जानकारी सामने आने की उम्मीद है।    

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खंडवा । मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में गुड़ी वन परिक्षेत्र में पेड़ों की कटाई कर वन भूमि पर कब्जा करने वालों पर गुरुवार को जिला प्रशासन द्वारा बड़ी कार्रवाई की जा रही है। करीब 500 जवानों और 40 जेसीबी मशीनों के साथ वन विभाग, पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीम ने दबिश दी और अवैध अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई शुरू की। फिलहाल, कब्जाई जमीनों में अवैध रूप से बने टपरों को हटाकर खंती खोदने की कार्रवाई की जा रही है, साथ ही इस जमीन पर बोई गई फसलों को नष्ट किया जा रहा है। खंडवा कलेक्टर अनूप सिंह और पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार राय भी इस कार्रवाई के दौरान मौके पर पहुंचे। उन्होंने जंगल में अतिक्रमण क्षेत्र का निरीक्षण किया। इस दौरान नाहरमाल के ग्रामीणों ने बताया कि जहां कार्रवाई हो रही है, यह नया अतिक्रमण है। पुराने अतिक्रमण में कार्रवाई होनी चाहिए। यह जानने के बाद कलेक्टर और एसपी पुराने क्षेत्र में पहुंचे। डीएफओ से कहा कि आधी मशीनरी पुराने क्षेत्र टाकलखेड़ा तरफ मूव करें। यहां फसलों को जेसीबी से नष्ट किया जा रहा है। अतिक्रमण प्रभावित जमीन पर मशीनों से खंती खोदकर गड्ढे किए जा रहे हैं। अधिकारियों का दावा है कि गड्ढे खोदने से जमीन टूट जाएगी। माफिया को अगली बार फसल बोवनी में दिक्कत होगी तो वे जंगल छोड़कर भाग जाएंगे। जानकारी के अनुसार, फिलहाल कार्रवाई गुडी रेंज के नाहरमाल और हीरापुर गांव में चल रही है। यहां वन विभाग की तीन हजार एकड़ जमीन पर खेती हो रही है। यहां माफिया ने जंगल काटकर खेत तैयार कर लिए हैं। करीब चार साल से फसलों की बोनी कर रहे हैं। पहले भी कार्रवाई के लिए दबिश दी गई थी। इस दौरान अतिक्रमणकारी हमलावर हो गए थे। इस बार कार्रवाई के लिए दो दिनों से गुड्डी क्षेत्र में वन विभाग और पुलिस की टीम ने डेरा डाल रखा था। बताया जाता है कि वन विभाग की कार्रवाई की जानकारी मिलते ही अतिक्रमणकारी जंगल से फरार हो गए हैं। अधिकांश मकानों व गांव में महिला, बच्चे व बुजुर्ग ही बचे हैं। वन विभाग द्वारा इस कार्रवाई की तैयारी बेहद गोपनीय ढंग से की गई थी। कार्रवाई के लिए बुधवार देर रात कर्मचारियों को गुड़ी व हीरापुर में एकत्र होने को कहा गया था। तड़के छह बजे से कार्रवाई की रणनीति बना कर गुड़ी से दल बल के साथ टीम को नाहरमाल जंगल रवाना किया गया है। कार्रवाई में करीब 40 जेसीबी और ट्रैक्टरों की मदद ली जा रही है। अधिकांश पुरुषों के घरों से नदारद होने के कारण अभी तक कार्रवाई के विरोध में हंगामे स्थिति सामने नहीं आई है। वन विभाग ने जिला प्रशासन के साथ चर्चा कर कार्रवाई की रूपरेखा तैयार की है। इसमें वन विभाग के विभिन्न जिलों के अधिकारी-कर्मचारियों के साथ ही पुलिस और राजस्व के अधिकारी की टीम बनाई गई है। उल्लेखनीय है कि गुड़ी वनक्षेत्र से बुरहानपुर जिले के नेपानगर वनपरिक्षेत्र का जंगल भी लगा हुआ है। जहां पिछले साल वन विभाग और जिला प्रशासन द्वारा बड़े स्तर पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई थी। खंडवा जिले में भी वन भूमि पर बढ़ते अतिक्रमण को देखते हुए इस प्रकार की कार्रवाई जिले के गुड़ी वन परिक्षेत्र में भी करने की मांग ग्रामीणों और पर्यावरण प्रेमी लंबे समय से कर रहे थे। ग्रामीणों का कहना है कि आसपास के जिलों से आकर करीब तीन हजार हेक्टेयर वन भूमि पर पेड़ काटने के बाद कब्जा कर खेती की जा रही है। इस संबंध में सामान्य वन मंडल के वनमंडल अधिकारी राकेश कुमार डामोर का कहना है कि वन भूमि पर कब्जे को लेकर लगातार कार्रवाई विभाग अपने स्तर पर कर रहा है। इस मामले में बड़ी संख्या में अतिक्रमणकारियों को नोटिस भी दिए है। गुड़ी क्षेत्र के नाहरमाल, सीताबेड़ी बिट में वन भूमि से कब्जा हटाने के लिए कार्य योजना अनुसार पुलिस, प्रशासन और वन विभाग द्वारा संयुक्त रूप से कार्रवाई की जा रही है।  

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भोपाल  । मध्य प्रदेश में साल के अंत में मौसम ने अपना मिजाज बदल दिया है। उत्तर भारत में एक पश्चिमी विक्षोभ और और साइक्लोनिक सर्कुलेशन सक्रिय हुआ है। नए सिस्टम से 27 और 28 दिसंबर को प्रदेश के अधिकतर जिलों में बारिश होने की संभावना जताई गई है। भोपाल, इंदौर, नर्मदापुरम और जबलपुर जिलों में कई स्थानों पर ओलावृष्टि भी हो सकती है। हालांकि प्रदेश में रात के तापमान में 4 से 5 डिग्री की बढ़ोतरी हुई है। जबकि दिन में गिरावट दर्ज की गई। कई जगहों पर मावठा भी गिरा। प्रदेश में 28 दिसंबर तक ऐसा ही मौसम बना रहेगा।गुरुवार सुबह भोपाल, इंदौर समेत आधे एमपी में कोहरा छाया है। वहीं, मालवा-निमाड़ यानी इंदौर-उज्जैन संभाग के 10 जिलों में बारिश का भी अलर्ट है। 27 दिसंबर से पूरे प्रदेश में ओले-बारिश का स्ट्रॉन्ग सिस्टम रहेगा। आधे से ज्यादा जिलों में 40 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है। 11 जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट है। इससे पहले बुधवार को पूरे प्रदेश में मौसम बदला रहा। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर समेत अन्य जिलों में बादल छाए रहे। इस वजह से ठंड बढ़ गई। भोपाल में पारा 22.5 डिग्री रहा। ग्वालियर में 21.8 डिग्री, गुना में 22 डिग्री, नौगांव में 22.5 डिग्री, टीकमगढ़ में 21.5 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं, खजुराहो में 23.2 डिग्री, रीवा-सतना में 23.8 डिग्री, रायसेन, शिवपुरी-रतलाम में 23 डिग्री और उज्जैन में पारा 23.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इंदौर में 24.3 डिग्री और जबलपुर में पारा 27.4 डिग्री रहा।मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि अभी वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव है। वहीं, बंगाल की खाड़ी में एक लो प्रेशर एरिया (निम्न दाब क्षेत्र) भी सक्रिय है। 26 दिसंबर की रात में एक और वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव हो रहा है। इस वजह से प्रदेश में स्ट्रॉन्ग सिस्टम बनेगा। 28 दिसंबर तक इसका असर बना रहेगा। आज खंडवा, खरगोन, बड़वानी, आलीराजपुर, झाबुआ, धार, रतलाम, मंदसौर, नीमच और श्योपुर में गरज-चमक के साथ बारिश का अलर्ट है। वहीं, भोपाल, विदिशा, रायसेन, सीहोर, राजगढ़, इंदौर, उज्जैन, देवास, शाजापुर, भिंड, मुरैना, सिंगरौली, सीधी, मऊगंज, सतना, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर और मैहर जिले में कोहरा छाया रहेगा।प्रदेश के ज्यादातर हिस्से में अगले 4 दिन तक ऐसा ही मौसम रहेगा। मंगलवार-बुधवार की रात में नरसिंहपुर, पचमढ़ी, ग्वालियर और नौगांव ही ऐसे शहर रहे, जहां पारा 12 डिग्री से नीचे था। बाकी शहरों में तापमान इससे अधिक ही रहा। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 14 डिग्री, इंदौर में 15.3 डिग्री, उज्जैन में 15.5 डिग्री और जबलपुर में पारा 13.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।  

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अनूपपुर । एक बार फिर से छत्तीसगढ़ की सीमा लांधकर दो जंगली हाथी मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले के वन परिक्षेत्र जैतहरी अंतर्गत धनगवा के जंगल में बुधवार को विश्राम कर रहे हैं जिनके देर शाम होने पर किस तरफ विचरण करेंगे यह देर शाम एवं रात होने पर ही पता चल सकेगा। दोनो हाथियों के विचरण को देखते हुए जिला प्रशासन ग्रामीणों की सुरक्षा को देखते हुए सतर्क रहने की सलाह दी हैं। दो जंगली हाथी लगभग दो माह पूर्व हाथियों के समूह से निकल कर छत्तीसगढ़ के कटघोरा वन मंडल से जीपीएम जिला अंतर्गत वन परिक्षेत्र मरवाही में पांच दिनों तक विचरण करने बाद मंगलवार की रात मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिला अंतर्गत वन परिक्षेत्र जैतहरी सीमा के गूजरनाला पार करते हुए ग्राम पंचायत चोलना के विभिन्न बार्डो में ग्रामीणों के घर खेत-वाड़ी में आहार की तलाश कर आहार करते हुए ग्राम पंचायत कुकुरगोंड़ा से बुधवार की सुबह धनगवां बीट के जंगल में प्रवेश कर विश्राम कर रहे हैं, जिनके रात होने पर जंगल से निकल कर किस ओर विचरण करेंगे यह रात होने पर ही पता चल सकेगा।   हाथियों के विचरण पर नजर बनाए रखते हुए वन, पुलिस,राजस्व विभाग सहित ग्राम पंचायतों के लोग जहां ग्रामीण अलग-थलग तरीके से खेतों में कच्चे एवं पक्के घर बनाकर रह रहे हैं को देर शाम एवं रात होने के पहले पर बीच बस्ती में आकर सुरक्षित रहने,हाथियों के समूह के पीछे नहीं जाने, ना हीं किसी भी तरह की हरकत हाथियों के साथ करने की सलाह देते हुए सतर्क कर रहे हैं। ज्ञात हो कि हाथी विगत दो वर्षों से निरंतर छत्तीसगढ़ राज्य से अनूपपुर जिले के विभिन्न ग्रामीण अंचलों में कई बार विचरण करते पहुंचकर विश्राम करने बाद ग्रामीणो की संपत्तियों का नुकसान कर वापस छत्तीसगढ़ राज्य में अपने बड़े समूह में जाकर मिल जाते हैं।

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उज्जैन । फिल्म 'केसरी' के प्रसिद्ध गाने 'तेरी मिट्टी' के गायक और संगीत निर्देशक बी प्राक बुधवार को महाकाल मंदिर पहुंचे। यहां वे बाबा महाकाल की भस्म आरती में शामिल हुए। बी प्राक ने करीब दो घंटे तक नंदी हॉल में बैठकर भगवान महाकाल की भस्म आरती देखी। आरती के बाद उन्होंने देहरी से भगवान महाकाल का आशीर्वाद लिया। इस मौके पर उनके साथ उनकी टीम के सदस्य भी थे।     महाकाल मंदिर के अर्पित पुजारी ने सिंगर बी प्राक की पूजा संपन्न करवाई। पुजारी ने उन्हें फूलों की माला पहनाई और आशीर्वाद दिया। पूजा के दौरान बी प्राक भक्ति में लीन दिखे और ताली बजाकर झूमते नजर आए। उन्होंने माथे पर चंदन भी लगाया था। दर्शन के बाद बी प्राक ने कहा, “जय महाकाल। यहां दर्शन करने आए हैं। यहां की व्यवस्थाएं बहुत अद्भुत है। सबने इतने बढ़िया से दर्शन करवाए। महाकाल का आशीर्वाद हम सब पर बरसा है। पुजारी समेत सभी लोगों ने आशीर्वाद दिया। यहां आकर जो अनुभव हुआ है, उसे शब्दों में मैं क्या कोई भी बयान नहीं कर सकता है। उसके लिए आपको महाकाल के दर्शन करने पड़ेंगे। महाकाल को देखते ही आपके अंदर ताकत आ जाएगी। आपको ऐसा लगेगा कि यहां या तो आप हैं या फिर महाकाल, बाकि कोई नहीं।” महाकाल दर्शन के बाद उन्होंने मंगलनाथ मंदिर में भी पूजा की। बता दें कि आज शाम इंदाैर के राऊ में ड्राइव इन सिनेमा में बी प्राक का इवेंट हैं।      

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भोपाल । मध्य प्रदेश में कड़ाके की सर्दी का दौर जारी है। बुधवार सुबह कई शहरों में घना कोहरा छाया हुआ है। ठंड के इस सितम के बीच बारिश ने भी दस्तक दे दी है। प्रदेश में सीजन का पहला मावठा गिर रहा है। पिछले 24 घंटे में 10 से ज्यादा जिलों में हल्की बारिश हुई, जबकि ग्वालियर-चंबल संभाग में कोहरा छाया रहा। आज बुधवार को ग्वालियर, चंबल, रीवा और शहडोल संभाग के जिलों में हल्की बारिश होने की संभावना है। वहीं, 27 दिसंबर के बाद ओला और बारिश का स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव हो सकता है।मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया, पश्चिमी विक्षोभ (पश्चिमी विक्षोभ) की वजह से मौसम बदल गया है। ग्वालियर, चंबल और सागर संभाग के कुछ जिलों में बारिश हुई है। बंगाल की खाड़ी में एक लो प्रेशर एरिया (निम्न दाब क्षेत्र) एक्टिव है। वहीं, एक पाकिस्तान के ऊपर पश्चिम विक्षोभ एक्टिव है। 26 दिसंबर की रात में एक और वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव हो रहा है। इस वजह से प्रदेश में स्ट्रॉन्ग सिस्टम बनेगा। 28 दिसंबर तक इसका असर बना रहेगा। जबकि 27 दिसंबर को ओले-बारिश का स्ट्रॉन्ग सिस्टम बनेगा। जिसका भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन समेत पूरे प्रदेश में असर देखने को मिलेगा।सोमवार-मंगलवार की रात में भिंड-सीहोर में बारिश हुई। वहीं, मंगलवार को पन्ना, दतिया, टीकमगढ़, बड़वानी, खजुराहो, निवाड़ी, मुरैना, भिंड, अशोकनगर, श्योपुर में हल्की बारिश दर्ज की गई। भोपाल में पूरे दिन बादल छाए रहे। वहीं, सर्द हवाएं चलीं। जिससे लोग ठिठुर गए। इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन और जबलपुर में भी ऐसा ही मौसम रहा। हालांकि, दिन और रात के तापमान में बढ़ोतरी हुई है।प्रदेश में सोमवार-मंगलवार की रात में कई शहरों में तापमान 5 डिग्री तक लुढ़क गया। मंडला में सबसे कम 9.3 डिग्री दर्ज किया गया। कल्याणपुर, खजुराहो, नरसिंहपुर, रायसेन, उमरिया, दमोह, रीवा, पचमढ़ी, बैतूल, नौगांव, राजगढ़, मलाजखंड, खंडवा, रतलाम, सतना, खरगोन, गुना, टीकमगढ़ में पारा 14 डिग्री से नीचे रहा। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन और जबलपुर में पारा 13 डिग्री से ज्यादा ही दर्ज किया गया।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में सर्दी के बीच अब अगले चार दिन तक कोहरा, बारिश और ओले गिरने की संभावना है। मौसम विभाग ने राजधानी भोपाल और ग्वालियर समेत 21 जिलों में ओले-बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। वहीं, रात के तामपान में गिरावट आने और ठंडी हवाओं से ठिठुरन बढ़ने का अनुमान है। इससे पहले सोमवार को भी मौसम बदला रहा। भोपाल समेत कई जिलों में बादल छाए रहे। इससे दिन के तापमान में बढ़ोतरी भी दर्ज की गई है। मौसम विभाग ने बताया, प्रदेश में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) के असर से मौसम का मिजाज बदला रहेगा। राजस्थान के ऊपर भी एक लो प्रेशर एरिया (निम्न दाब क्षेत्र) की एक्टिविटी रहेगी। जिससे बारिश के साथ ओले गिर सकते हैं। मौसम विभाग ने 27 दिसंबर को सिस्टम सबसे ज्यादा स्ट्रॉन्ग रहने का अनुमान जताया है। इस दिन भोपाल, ग्वालियर समेत 21 जिलों में ओले-बारिश का अलर्ट है। वहीं, अन्य जिलों में हल्की बारिश, गरज-चमक की स्थिति बनी रहेगी। आज ग्वालियर, मुरैना, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, खरगोन, विदिशा, गुना और अशोकनगर में कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है। इनमें से अशोकनगर, निवाड़ी और छतरपुर में गरज-चमक की स्थिति भी रहेगी।इसी तरह 25 दिसंबर को ग्वालियर, भिंड, मुरैना, श्योपुर, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, अशोकनगर और गुना में कोहरा रहेगा। 26 दिसंबर को इंदौर, उज्जैन, नीमच, मंदसौर, आगर-मालवा, रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर, धार, बड़वानी, खरगोन, देवास, खंडवा, बुरहानपुर, पांढुर्णा, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, सागर और गुना में हल्की बारिश का दौर रहेगा। इनमें से ज्यादातर जिलों में गरज-चमक की स्थिति भी बनी रहेगी। 27 दिसंबर को भोपाल, ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, अलीराजपुर, बड़वानी, खरगोन, बुरहानपुर, खंडवा, हरदा, देवास, सीहोर, शाजापुर, बैतूल, नर्मदापुरम, रायसेन, सागर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा में आंधी, बारिश और गरज-चमक का ऑरेंज अलर्ट है। वहीं, इंदौर, उज्जैन, धार, झाबुआ, रतलाम, मंदसौर, आगर-मालवा, नीमच, राजगढ़, विदिशा, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, दमोह, पन्ना, सतना, जबलपुर, कटनी और उमरिया में गरज-चमक की स्थिति बनी रहेगी।रविवार-सोमवार की रात में नौगांव में 6.2 डिग्री, पचमढ़ी में 7.9 डिग्री, खजुराहो-मंडला में 8 डिग्री, टीकमगढ़ में 8.2 डिग्री, रायसेन में 9.2 डिग्री और उमरिया में 9.4 डिग्री तापमान रहा। बाकी जिलों में पारा 10 डिग्री के ऊपर ही दर्ज किया गया। बड़े शहरों की बात करें तो इंदौर में सबसे ज्यादा 14.6 डिग्री, उज्जैन में 13.5 डिग्री, जबलपुर में 10.4 डिग्री, भोपाल में 10.2 डिग्री और ग्वालियर में पारा 9.3 डिग्री रहा।

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उज्जैन । बाॅलीवुड अभिनेता वरुण धवन और अभिनेत्री कीर्ति सुरेश ने मंगलवार प्रातः श्री महाकालेश्वर भगवान की भस्मार्ती में सम्मिलित होकर दर्शन किये। भस्मार्ती उपरांत  पुरोहित पीयूष चतुर्वेदी और विपुल चतुर्वेदी ने पूजन करवाया।   एक वीडियो में वरुण धवन और एटली मंदिर में बैठे नजर आ रहे हैं। वरुण और एटली दोनों को सफेद कुर्ता-पायजामा में देखा गया। एटली की पत्नी प्रिया और फिल्म की लीड एक्ट्रेस कीर्ति सुरेश दोनों ट्रेडिशनल लुक में नजर आईं। उन्होंने आने वाली फिल्म 'बेबी जॉन' की सफलता के लिए प्रार्थना की।   बॉलीवुड एक्टर वरुण धवन इस वक्त चर्चा में हैं। उनकी फिल्म 'बेबी जॉन' क्रिसमस के मौके पर 25 दिसंबर को रिलीज हो रही है। मशहूर डायरेक्टर एटली और कलाकार फिल्म का जमकर प्रमोशन करते नजर आ रहे हैं। हाल ही में फिल्म की पूरी टीम ने फिल्म को हिट कराने के लिए उज्जैन के प्रसिद्ध महाकालेश्वर के दर्शन किए हैं।  

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इंदौर । पौष कृष्ण पक्ष की अष्टमी के मौके पर सोमवार सुबह इंदौर में प्राचीन रणजीत हनुमान मंदिर के नाम से प्रसिद्ध भगवान रणजीत हनुमान की 139वीं प्रभात फेरी निकाली गई। स्वर्ण रथ पर सवार होकर बाबा हनुमान नगर भ्रमण पर निकले। प्रभात फेरी में पांच लाख से ज्यादा श्रद्धालु शामिल हुए। इस दौरान सुरक्षा के लिए करीब एक हजार पुलिसकर्मी तैनात रहे। प्रभात फेरी के दौरान बाबा रणजीत हनुमान का शहर भर में 200 से ज्यादा मंचों पर स्वागत हुआ।   मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित दीपेश व्यास​ने बताया कि बाबा रणजीत हनुमान की 139वीं प्रभात फेरी सुबह सोमवार सुबह 5 बजे मंदिर से शुरू हुई। इस दौरान भक्तों में खासा उत्साह देखने को मिला। प्रभात फेरी में भक्त नाचते-गाते जय रणजीत के जयघोष लगाते हुए आगे बढ़ रहे थे। प्रभात फेरी में बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक बाबा का आशीर्वाद लेने पहुंचे। पांच विशिष्ट हनुमान की वेशभूषा में आए कलाकार ने सभी का ध्यान खींचा। भगवान राम और हनुमान की झांकियां भी आकर्षण का केंद्र रहीं। नगर भ्रमण करने के बाद रणजीत हनुमान का स्वर्ण रथ सुबह करीब 11.15 बजे वापस मंदिर परिसर पहुंचा।   प्रभात फेरी के दौरान महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सेवादार रस्सी का घेरा बनाकर चल रहे थे। इस दौरान रास्ते में बीच में किसी को नहीं आने दिया गया। सादी वर्दी में भी कई महिला पुलिसकर्मी शामिल रहीं। रास्ते में जगह-जगह चाय-पोहे और नाश्ते के स्टॉल लगाए गए। प्रभात फेरी में मंत्री तुलसी सिलावट, इंदौर-3 के विधायक गोलू शुक्ला, इंदौर-4 से विधायक मालिनी गौड़ समेत कई साधु-संत यात्रा में शामिल हुए।   138 साल पुराना है मंदिर का इतिहास- मंदिर के पुजारी पं. दीपेश व्यास के मुताबिक, रणजीत हनुमान मंदिर 138 साल पुराना है। शुरू से ही प्रभात फेरी निकाली जा रही है। यह परंपरा आज भी कायम है। शुरुआत की बात करें तो रणजीत हनुमान मंदिर के संस्थापक पुजारी भोलाराम व्यास थे। वर्ष 1950 तक इनका कार्यकाल रहा। फिर उनके बेटे पं. गोपीकिशन व्यास ने यह जिम्मेदारी संभाली। उन्होंने 1970 तक मंदिर में भगवान की सेवा की। इसके बाद उनके बेटे पं. त्रिलोकीनाथ व्यास को 2008 तक भगवान की सेवा की।   पूरे मार्ग को भगवा ध्वजा से सजाया- रणजीत हनुमान मंदिर से निकली प्रभात फेरी में झांकियां, भजन मंडलों के वाहन, बग्घी, रथ शामिल रहे। इन्हें क्रमबद्ध करने में रविवार रात 10 बजे से मंडल के सदस्य जुट गए थे। पूरे मार्ग को भगवा ध्वजा से सजाया गया था। प्रभातफेरी महू नाका, अन्नपूर्णा मंदिर, नरेंद्र तिवारी मार्ग होते हुए सुबह 11 बजे वापस मंदिर पहुंची। इसी के साथ प्रभात फेरी का समापन हुआ। इस अवसर पर विधि-विधान से अभिमंत्रित सवा लाख रक्षा सूत्रों को मंदिर से निशुल्क वितरित किया गया। प्रभात फेरी के मंदिर पहुंचने के बाद सफाई कर्मचारियों ने मोर्चा संभाला। उनके साथ महापौर पुष्यमित्र भार्गव भी झाड़ू लेकर सड़क पर उतर गए।

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भाेपाल । भर्ती प्रक्रिया को लेकर सरकार की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। एमपीपीएससी इंदौर के बाहर चल रहा प्रदर्शन खत्म हाेने के एक दिन बाद ही साेमवार को वेटिंग शिक्षकों ने पदवृद्धि को लेकर मोर्चा खोल दिया है। प्रदेशभर के वेटिंग शिक्षकाें का सुबह से भोपाल में पहुंचना शुरु हो गया हैं। उम्मीदवाराें की मांग है कि सरकार उच्च माध्यमिक यानी वर्ग 1 शिक्षक भर्ती 2023 में पदवृद्धि करें। यदि उम्मीदवारों को पदवृद्धि को लेकर कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिलता है तो शाम तक महिला उम्मीदवार भोपाल में मुंडन कराएंगी।   साेमवार काे सुबह से भाेपाल पहुंचने के बाद रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के बाहर वेटिंग शिक्षक प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन में अलग-अलग जिलों के वेटिंग शिक्षक शामिल हैं। अभ्यर्थी दंडवत मुद्रा में आगे बढ़ते हुए डीपीआई कार्यालय तक पहुंचेंगे। डीपीआई कार्यालय पहुंचकर अधिकारियों के सामने अपनी मांगें रखेंगे। महिलाओं का कहना है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं तो वे मुंडन कराएंगी। शिक्षकों का कहना है कि अब तक मध्यप्रदेश में शिक्षक भर्ती के लिए केवल पात्रता परीक्षा आयोजित की जाती थी, लेकिन वर्ग 1 के रोस्टर में लगभग 45 प्रतिशत बैकलॉग हैं और नए (फ्रेश) पदों की संख्या कम होने के कारण, श्रेणीवार केवल 6 से 8 पद ही आवंटित हो पा रहे हैं। इस वजह से अच्छे अंक लाने के बावजूद कई अभ्यर्थियों का चयन नहीं हो पा रहा है। शिक्षकों का कहना है कि कई वर्षों से तैयारी करने के बाद वे अब अपने जीवन के अंतिम पड़ाव तक पहुंच चुके हैं। यह उनका अंतिम अवसर है। वर्ष 2018 से लंबे समय के इंतजार के बाद 5 साल बाद परीक्षा आयोजित की गई थी, फिर भी पद इतने कम क्यों हैं, यह उनका प्रमुख सवाल है।   इनकी मांगें: डी. पी. आई. द्वारा प्रतीक्षा सूची जारी की जाए। द्वितीय काउंसलिंग में 20,000 पदों की वृद्धि कर वेटिंग को क्लियर किया जाए। जनजातीय विभाग में लगभग 17,500 पद खाली हैं, अतः पद वृद्धि कर वेटिंग को क्लियर किया जाए।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मौसम ने एक बार फिर करवट बदली है। राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के कई जिलों में सुबह से बादल और कोहरा छाया रहा। दफ्तर-स्कूल जाने वाले लोगों को गाड़ियों की हेडलाइट जलाकर सफर करना पड़ा। ठंड और कोहरे के बीच अब इस सप्‍ताह बारिश के साथ ही ओलावृष्टि होने की संभावना है। दिसंबर महीने में कड़ाके की ठंड शुरू हुई थी। वहीं अब साल के अंत से पहले मौसम विभाग ने वर्षा होने का अनुमान जताया है।मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के असर के चलते दो-तीन दिन से न्यूनतम तापमान में हो रही बढ़ोतरी के बाद सोमवार को एक बार फिर मध्य प्रदेश का पारा नीचे आया है। जिसके कारण ठंड बढ़ गई है। विभाग ने 23 से 28 दिसंबर के बीच प्रदेश में सीजन का पहला मावठा गिरने का अनुमान जताया है। बारिश के साथ कुछ हिस्सों में ओले भी गिरेंगे। मौसम विभाग का कहना है कि प्रदेश में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) के चलते उत्तर-पश्चिमी हवाएं आएंगी। ये अरब सागर से नमी लाएंगी। बंगाल की खाड़ी से पूर्वी हवाएं भी आएंगी। इस कारण प्रदेश में बादल छाने के साथ हल्की या मध्यम बारिश हो सकती है। कुछ जगहों पर ओले गिरने की संभावना भी है।प्रदेश में आज सोमवार को मुरैना, भिंड, विदिशा, सागर, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल और बुरहानपुर में कहीं-कहीं बारिश हो सकती है। वहीं, ग्वालियर, मुरैना और भिंड में कोहरा रहेगा। 24 दिसंबर को ग्वालियर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, विदिशा, सागर, रायसेन, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, मऊगंज और सीधी में कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है। वहीं, 25 दिसंबर को ग्वालियर, भिंड, मुरैना, श्योपुर, शिवपुरी, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर और पन्ना में कोहरा रहेगा। 26 दिसंबर को भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, छतरपुर, सागर, दमोह, विदिशा, रायसेन, नर्मदापुरम, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सीहोर, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, देवास, शाजापुर, राजगढ़, आगर-मालवा, खरगोन, बड़वानी, धार, नीमच, मंदसौर, रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर में कहीं-कहीं बारिश हो सकती है।शनिवार-रविवार की रात में प्रदेश के कई शहरों में तापमान में गिरावट हुई है। हिल स्टेशन पचमढ़ी में पारा सबसे कम 3.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। खजुराहो में 5.6 डिग्री और रीवा में पारा 5.8 डिग्री रहा। नौगांव, रायसेन, टीकमगढ़, राजगढ़, सतना, मंडला, उमरिया, दमोह में पारा 10 डिग्री से नीचे रहा। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 7.9 डिग्री, इंदौर में 13.9 डिग्री, ग्वालियर में 7.3 डिग्री, उज्जैन में 11 डिग्री और जबलपुर में पारा 8.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।  

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भाेपाल । भोपाल-सागर रोड पर रविवार को नकतरा के पास एक बड़ा हादसा टल गया। यहां सागर से भाेपाल जा रही एक यात्री बस और कार की आमने सामने से भिड़ंत हाे गई। गनीमत रही हादसे में काेई जनहानि नहीं हुई। वहीं हादसे के बाद बस चालक माैके से भाग निकला। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।   जानकारी अनुसार 'जय मां अंबे ट्रेवल्स' की यात्री बस रविवार काे यात्रियाें काे लेकर सागर से भाेपाल के लिए निकली थी। इस दाैरान नकतरा के पास सामने से आ रही कार से बस की टक्कर हाे गई। इस दौरान बस में बैठे यात्रियों में हड़कंप मच गया। एक्सीडेंट के बाद बस चालक मौके से फरार हो गया। देवनगर थाना प्रभारी शैलेंद्र दायमा ने बताया कि घटना के दौरान बस और कार में सवार सभी लोग सुरक्षित हैं किसी को भी चोट नहीं आई। घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंच गई और स्थिति को नियंत्रित किया। पुलिस ने वाहनों को सड़क से हटाकर यातायात को सामान्य कर दिया है। मामले की जांच की जा रही है।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मौसम एक बार फिर करवट बदलेगा। कल यानि 23 दिसम्‍बर से ठंड के बीच बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग का कहना है कि भोपाल, इंदौर और जबलपुर संभाग में हल्‍की बारिश हो सकती है। वहीं, उज्जैन और ग्वालियर संभाग में भी पानी गिरेगा। बारिश के चलते तापमान में इजाफा होगा। ऐसा वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) के एक्टिव होने से होगा।मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया, 23 दिसंबर से बारिश का दौर रहेगा। पूर्वी और पश्चिमी दोनों ही हिस्सों में कहीं-कहीं बारिश होगी। इस वजह से दिन-रात के तापमान में 2 से 3 डिग्री की बढ़ोतरी और हो जाएगी, लेकिन सिस्टम के गुजरने के बाद सर्दी फिर से तेज हो जाएगी। प्रदेश में रविवार सुबह ग्वालियर, जबलपुर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, कटनी, सागर, दमोह, सीधी और सिंगरौली में कोहरा छाया रहा। भोपाल में धुंध देखने को मिल रही है।इन जिलो में बारिश के आसार23 दिसंबर को भिंड, दतिया, शिवपुरी, अशोकनगर, विदिशा, सीहोर, रायसेन, नरसिंहपुर, नर्मदापुरम, हरदा, बैतूल, खंडवा, बुरहानपुर, अलीराजपुर, सागर, नरसिंहपुर, दमोह, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़ और निवाड़ी में कहीं-कहीं बारिश हो सकती है। 24 दिसंबर ग्वालियर, जबलपुर, भिंड, श्योपुर, दतिया, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, विदिशा, राजगढ़, सीहोर, देवास, खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर, सागर, छतरपुर, दमोह, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, पन्ना, कटनी, मंडला, डिंडौरी, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, मैहर, सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी और सिंगरौली में भी हल्की बारिश होने का अनुमान। 25 दिसंबर को इंदौर, उज्जैन, डिंडौरी, मंडला, सिवनी, छिंदवाड़ा, रायसेन, सीहोर, राजगढ़, शाजापुर, आगर-मालवा, देवास, हरदा, खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, धार, झाबुआ, रतलाम, मंदसौर जिले में बूंदाबांदी हो सकती है।इधर, रात के पारे में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। जिससे कई शहरों में तापमान 10 डिग्री से ज्यादा ही है। हालांकि, इकलौते हिल स्टेशन पचमढ़ी में पारा सबसे कम है। शुक्रवार-शनिवार की रात में यहां तापमान 5.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। नौगांव में 6 डिग्री, खजुराहो में 6.2 डिग्री, टीकमगढ़ में 6.8 डिग्री, राजगढ़ में 8.2 डिग्री और रायसेन में पारा 9 डिग्री रहा। बड़े शहरों की बात करें तो इंदौर में पारा 13.6 डिग्री पहुंच गया। उज्जैन में 12.7 डिग्री, जबलपुर में 11.6 डिग्री, भोपाल में 10.4 डिग्री और ग्वालियर में 8 डिग्री रहा। शनिवार को दिन के तापमान में गिरावट देखने को मिली।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी, संस्कृति परिषद्, राज्य शासन भोपाल द्वारा कैलेण्डर वर्ष 2022 और कैलेण्डर वर्ष 2023 के मध्य प्रदेश की छः बोलियों (मालवी, निमाड़ी, बघेली, बुंदेली, भीली और गोंडी) के साहित्यिक कृति पुरस्कारों की घोषणा कर दी गई है। प्रति पुरस्कार रुपये 51 हजार) के साथ शाल, श्रीफल, स्मृति चिह्न और प्रशस्ति के साथ रचनाकारों को अलंकृत किया जाता है। यह जानकारी रविवार को अकादमी के निदेशक डॉ. विकास दवे ने दी। उन्होंने बताया कि कैलेण्डर वर्ष 2022 के पुरस्कारों में (1) ‘मालवी’ के लिए संत पीपा स्मृति पुरस्कार रजनीश दवे-इंदौर की कृति ‘आस की ओसारी’, (2) ‘निमाड़ी’ के लिए संत सिंगा जी स्मृति पुरस्कार विजय कुमार जोशी-महेश्वर की कृति ‘आस तीस का लाड़ू’, (3) ‘बघेली’ के लिए विश्वनाथ सिंह जूदेव स्मृति पुरस्कार सीताशरण गुप्त-मैहर की कृति ‘जगन्नाथ केर परसाद’, (4) ‘बुंदेली’ के लिए छत्रासाल स्मृति पुरस्कार पं. मनीराम शर्मा-दतिया की कृति ‘हम हैं इन गाँवन के ठौर के’ को दिया गया है। (5) ‘भीली’ टंट्या भील स्मृति पुरस्कार एवं (6) ‘गोंडी’ रानी दुर्गावती स्मृति पुरस्कार हेतु कोई भी कृति प्रविष्टि के रूप में प्राप्त नहीं हुई। इसी तरह कैलेण्डर वर्ष 2023 के पुरस्कारों में (1) ‘मालवी’ के लिए संत पीपा स्मृति पुरस्कार हेतु कोई भी कृति प्रविष्टि के रूप में प्राप्त नहीं हुई, (2) ‘निमाड़ी’ के लिए संत सिंगा जी स्मृति पुरस्कार राकेश गीते ‘रागी’-खरगोन की कृति ‘गुड़ की गाँगड़ी’, (3) ‘बघेली’ के लिए विश्वनाथ सिंह जूदेव स्मृति पुरस्कार चन्द्रिका प्रसाद ‘चन्द्र’-रीवा की कृति ‘रिस्तन केर निबाह’, (4) ‘बुंदेली’ के लिए छत्रासाल स्मृति पुरस्कार मनोज कुमार तिवारी-बड़ामलहरा की कृति ‘बोल बुन्देली’ को दिया गया है। (5) ‘भीली’ टंट्या भील स्मृति पुरस्कार एवं (6) ‘गोंडी’ रानी दुर्गावती स्मृति पुरस्कार हेतु कोई भी कृति प्रविष्टि के रूप में प्राप्त नहीं हुई।

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मऊगंज । मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले में देवतालाब थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम जुड़मनिया में शनिवार तड़के रूम हीटर से कमरे में लगी आग से 90 वर्षीय महिला बुरी तरह झुलस गई। परिजन वृद्धा को गंभीर हालत में अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां उसकी मौत हो गई। पुलिस ने प्रकरण दर्ज मामले को जांच में लिया है। मृतक 90 वर्षीय ललिता तिवारी के पुत्र राजेश तिवारी ने बताया कि ठंड से बचने के लिए हमेशा रूम हीटर कमरे में लगा रहता था। शुक्रवार-शनिवार की रात रूम हीटर लगाया था, लेकिन शनिवार तड़के करीब तीन बजे अचानक रजाई में आग लग गई। जब तक हम उनके कमरे में पहुंचते, आग काफी भड़क चुकी थी। किसी तरह आग को बुझाया गया और बुरी तरह झुलसी अपनी मां ललिता तिवारी को अस्पताल लेकर आए, जहां चिकित्सकों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलने पर पुलिस अस्पताल पहुंची और मर्ग कायम कर शव को पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया।  

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भोपाल । राष्ट्रीय बाल रंग के दूसरे दिन शनिवार को राजधानी भोपाल के श्यामला हिल्स स्थित राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में 22 राज्यों की लोक संस्कृति पर केन्द्रित नृत्यों की शानदार प्रस्तुतियां देशभर के बच्चों ने दी। इन प्रस्तुतियों में 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' की झलक देखने को मिली। बाल रंग में विभिन्न राज्यों के 10 हजार बच्चें अनेक रचनात्मक गतिविधियों में सहभागिता कर रहे हैं।लोक नृत्य बच्चों को एक-दूसरे से जुड़ने का बेहतर माध्यमबाल रंग के दूसरे दिन स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. संजय गोयल बच्चों के बीच पहुंचे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय बालरंग कार्यक्रम मध्यप्रदेश का महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बच्चों को पढ़ाई के साथ विभिन्न गतिविधियों से सक्रिय रूप से जोड़ने की अनुशंसा की गई है। बाल रंग में शामिल बच्चे अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर दूसरे बच्चों के लिये प्रेरणा स्त्रोत बनेंगे। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय मानव संग्रहालय की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान है। बच्चों को संग्रहालय का भ्रमण भी करवाया जाये। सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. गोयल ने इस मौके पर प्रकाशित बाल पत्रिका का विमोचन भी किया।लोक नृत्य की प्रस्तुतियांकार्यक्रम की शुरूआत में पंजाब के बच्चों ने लोक संस्कृति पर केन्द्रित नृत्य की प्रस्तुति दी। इस प्रस्तुति में पंजाब की विरासत का बखान था। मध्यप्रदेश के बच्चों ने महाकौशल अंचल के लांगुरिया लोक नृत्य की प्रस्तुति दी। इसमें ईश्वर की आराधना आस्था के साथ किस तरह से होती है। उसको आकर्षक तरीके से प्रस्तुत किया गया था। कार्यक्रम में मानव संग्रहालय के निदेशक प्रो. अमिताभ पांडे और विभागीय अधिकारी भी मौजूद थे।विकसित भारत प्रदर्शनीबाल रंग में लगाई गई प्रदर्शनी में राजस्थान के स्टॉल में हवा महल, जन्तर-मन्तर, राज्य के परंपरागत वेश-भूषा और वर्ष 2047 में विकसित राजस्थान की कल्पना को मॉडल के जरिये दर्शाया गया। गोवा राज्य के स्टॉल में वहां की संस्कृति, त्यौहार, मछली पालन व्यवसाय और पर्यटन के क्षेत्र में लगातार हो रहे विकास को दर्शाया गया था। इन स्टॉलों में भोपाल के स्कूलों के बच्चों ने मेहनत से मॉडल तैयार किये है। बाल रंग में बच्चों को देश और दुनिया में विज्ञान के क्षेत्र में हो रही प्रगति से प्रदर्शनी के माध्यम से अवगत कराया गया। कार्यक्रम की शुरूआत में बच्चों ने अपने राज्यों की पट्टिका को लेकर मार्च पास्ट भी किया। बाल रंग के अंतिम दिन 22 दिसम्बर रविवार को प्रात: 10 बजे से गतिविधियों शुरू होंगी और बच्चों को पुरस्कार वितरित किये जायेंगे। कार्यक्रम स्थल में बच्चों का प्रवेश निशुल्क रखा गया है। बच्चों को अपनी शाला के गणवेश के साथ आना होगा।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मौसम का मिजाज बदल गया है। पिछले कुछ दिनों जारी कड़ाके ठंड से थोड़ी राहत मिली है। प्रदेश में बर्फीली हवा का असर कम होते ही रात का तापमान 6.9 डिग्री तक बढ़ गया है। मौसम विभाग का कहना है कि अभी ठंड का असर और भी कम होगा। लेकिन 25 दिसंबर से तेज सर्दी का दूसरा दौर आएगा। सर्दी से पहले प्रदेश के उत्तरी हिस्से में कोहरे का असर बना रहेगा। आज शनिवार सुबह भी ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना और दमोह में कोहरा छाया रहा।मौसम विभाग के अनुसार, अगले 4 दिन तक दिन-रात के तापमान में और भी बढ़ोतरी होगी। ग्वालियर, चंबल, भोपाल, उज्जैन और सागर संभाग में 3 से 4 डिग्री, इंदौर, नर्मदापुरम, रीवा, शहडोल और जबलपुर संभाग में न्यूनतम तापमान 2-3 डिग्री बढ़ सकता है। मौसम विभाग का कहना है कि उत्तर-पश्चिम हिस्से में एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव है। वहीं, एक और सिस्टम 27 दिसंबर से एक्टिव हो रहा है। इनके गुजरने के बाद ठंड का असर बढ़ेगा, क्योंकि पहाड़ों में बर्फबारी होगी। जिससे उत्तरी हवा फिर से चलने लगेंगी।वहीं, गुरुवार-शुक्रवार की रात प्रदेश में तापमान 5 डिग्री के ऊपर रहा। छतरपुर के खजुराहो में सबसे कम 5.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पचमढ़ी में 6.4 डिग्री, टीकमगढ़ में 6.5 डिग्री, नौगांव में 6.6 डिग्री रहा। बाकी शहरों में पारा 7 डिग्री से अधिक ही दर्ज किया गया। बड़े शहरों में भोपाल में 8.6 डिग्री, ग्वालियर में 8.2 डिग्री रहा। वहीं, जबलपुर में 10 डिग्री, उज्जैन में 11 डिग्री और इंदौर में तापमान 12.2 डिग्री सेल्सियस रहा। बता दें कि इस बार दिसंबर महीने में ही ठंड रिकॉर्ड तोड़ चुकी है। पूरे प्रदेश में जनवरी से भी ठंडा दिसंबर रहा। भोपाल समेत कई शहरों में ठंड ने रिकॉर्ड तोड़ दिए।

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भोपाल । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 जनवरी 2024 को शिवपुरी जिले के हातोद ग्राम पंचायत में 2 सहरिया जनजाति की महिलाओं से संवाद किया था, जिसमें पोहरी ब्लॉक की बूड़दा पंचायत की ललिता ने प्रधानमंत्री मोदी से हातोद जैसी आवासीय कॉलोनी खुद की बूड़दा पंचायत में भी बनवाने की गुजारिश की थी। बूड़दा पंचायत के सहरिया जनजाति के लिए ये एक सपना जैसा था जो अब साकार हुआ है। शिवपुरी जिले की चौथी कॉलोनी एवं पोहरी ब्लॉक की पहली जनमन आवासीय कॉलोनी बनकर तैयार हो गई है।जनसंपर्क अधिकारी प्रियंका शर्मा ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए बताया कि कॉलोनी में 32 सहरिया हितग्राहियो के आवास बनाए गए हैं। इन आवासों की ख़ास बात ये है कि ये आवास शहरों की तर्ज पर डुप्लेक्स जैसे बनाये गए है। इन आवासों में अब विशेष पिछड़ी जनजाति के सहरिया हितग्राही निवास करेंगे। इसके अतिरिक्त इन आवास में घर-घर नल एवं विद्युत कनेक्शन की सुविधा दी गयी है, साथ ही सड़क, सामुदायिक भवन, चौपाल आदि की सुविधा भी दी जाएगी।उन्‍होंने बताया बूड़दा पंचायत की जनमन कॉलोनी की पूर्णता में आ रही समस्त अड़चनों का समयसीमा में निराकरण किया और कॉलोनी की गुणवत्ता के लिए सूक्ष्मता से मॉनिटरिंग की। समस्त जनमन कॉलोनी में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा गया है और आवास बेहद सुन्दर बनाए गए हैं। कॉलोनी का प्रथम आवास पूर्ण करने वाली ललिता का कहना है कि देश के प्रधानमंत्री मोदी का बहुत धन्यवाद, जिन्होंने हमारे लिए इतनी सुन्दर आवास कॉलोनी बनवाई, उन्होंने हमारे घर का सपना पूरा किया है।कॉलोनी को पूर्ण करने में पोहरी ब्लॉक के सहायक यंत्री, इंजीनियर, सचिव आदि का मुख्य योगदान रहा है। इसके साथ ही राजस्व विभाग द्वारा स्थल चिन्हांकन में योगदान दिया गया। पीएम-जनमन योजना को 15 नवंबर 2023 को बिरसा मुंडा जयंती के अवसर पर विशेष पिछड़ी जनजातियों के उत्थान के लिए शुरू किया गया था। शिवपुरी जिले की जनपद शिवपुरी ने पीएम जनमन योजना में देश का पहला आवास और पहली कॉलोनी बनाकर, देश में प्रदेश का नाम रोशन किया था। साथ ही सर्वप्रथम 100 आवास, एक हजार आवास तथा 2 हजार आवास भी शिवपुरी जिले में पूर्ण किये गये हैं।

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भोपाल । वर्ल्‍ड मेडिटेशन डे के अवसर पर शनिवार, 21 दिसंबर को सूर्य अपनी छह माह की दक्षिण यात्रा का समापन करने जा रहा है। इसके बाद इसकी यात्रा उत्‍तर की ओर आरंभ होगी। यानी, सूर्य इस दिन उत्तरायण हो जाएंगे। इस दौरान दिन इस साल का सबसे छोटा (कम अवधि का) और रात की अवधि सबसे लम्बी होगी।   नेशनल अवार्ड प्राप्‍त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने शुक्रवार को विंटर सोलिस्‍टस की इस खगोलीय घटना की जानकारी देते हुए बताया कि शनिवार, 21 दिसंबर को सूर्य किरणें भारतीय समयानुसार दोपहर 2 बजकर 50 मिनिट पर मकर रेखा पर लबंवत होने जा रही हैं। इसके बाद सूर्य की कर्क रेखा की ओर उत्‍तरायण यात्रा आरंभ होगी। उत्‍तरायण यात्रा आरंभ होने की तारीख को देखते हुए भारत के सहप्रायोजन में संयुक्‍त राष्‍ट्रसंघ ने 21 दिसम्‍बर को विश्‍वध्‍यान दिवस यानी वर्ल्‍ड मेडिटेशन डे घोषित किया है। उन्होंने बताया कि इस खगोलीय घटना के कारण उत्तरी गोलार्द्ध के शहरों में शनिवार को दिन सबसे छोटा और रात सबसे लंबी होगी।   सारिका ने बताया कि विगत छह माह से उत्तरी गोलार्द्ध में अब तक सूर्य दक्षिण दिशा में जाता महसूस हो रहा था, लेकिन अब यह उत्‍तर की ओर जाना आरंभ करेगा। वैज्ञानिक दृष्टि से देखें तो शनिवार को दोपहर 2 बजकर 50 मिनिट के बाद सूर्य का उत्तरायण आरंभ हो जाएगा। उन्होंने बताया कि विंटर सोलस्टिस की यह खगोलीय घटना 20, 21 ,22 या 23 दिसम्बर को हो सकती है, लेकिन 20 या 23 दिसम्बर को यह कम ही होती है।   सारिका के अनुसार 21 दिसंबर को सूर्योदय और सूर्यास्त का समय एवं दिन की अवधि-   नगर - सूर्यादय - सूर्यास्‍त - दिन की अवधि   रायसेन - 06:56 बजे - शाम 5:38 बजे - 10 घंटे 42 मिनट 03 सेकंड   भोपाल - 06:57 बजे - शाम 5:39 बजे - 10 घंटे 42 मिनट 21 सेकंड   उज्‍जैन - 07:03 बजे - शाम 5:46 बजे - 10 घंटे 42 मिनट 40 सेकंड   नर्मदापुरम - 06:55 बजे - शाम 5:39 बजे - 10 घंटे 44 मिनट 25 सेकंड   हरदा - 06:56 बजे - शाम 5:42 बजे - 10 घंटे 46 मिनट 06 सेकंड   बैतूल - 06:52 बजे - शाम 5:40 बजे - 10 घंटे 47 मिनट 49 सेकंड   खरगोन - 07:01 बजे - शाम 5:41 बजे - 10 घंटे 49 मिनट 33 सेकंड   इंदौर - 07:02 बजे - शाम 5:46 बजे - 10 घंटे 44 मिनट 33 सेकंड   छिंदवाडा - 06:48 बजे - शाम 5:36 बजे - 10 घंटे 47 मिनट 14 सेकंड   जयपुर - 07:11 बजे - शाम 5:38 बजे - 10 घंटे 26 मिनट 52 सेकंड   जोधपुर - 07:21 बजे - शाम 5:50 बजे - 10 घंटे 29 मिनट 32 सेकंड   पटना - 06:31 बजे - शाम 5:03 बजे - 10 घंटे 32 मिनट 30 सेकंड   अंबिकापुर - 06:33 बजे - शाम 5:16 बजे - 10 घंटे 42 मिनट 55 सेकंड   नई दिल्‍ली - 07:09 बजे - शाम 5:28 बजे - 10 घंटे 19 मिनट 17 सेकंड   मुम्‍बई - 07:07 बजे - शाम 6:06 बजे - 10 घंटे 59 मिनट 29 सेकंड  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में हवाओं का रुख बदलने के कारण न्यूनतम तापमान में धीरे-धीरे बढ़ोतरी होने लगी है। इससे कड़ाके की ठंड से लोगों को काफी राहत मिली है। हालांकि गुरुवार को शहडोल एवं सिवनी में शीतलहर का प्रभाव रहा। पचमढ़ी सबसे ठंडा रहा है। मैदानी क्षेत्रों में सबसे कम 4.5 डिग्री सेल्सियस तापमान मंडला में रिकॉर्ड किया गया। मौसम विभाग का कहना है कि प्रदेश में अगले 3-4 दिन तक रात का तापमान 2 से 3 डिग्री तक बढ़ेगा। जबकि ग्वालियर, चंबल और सागर संभाग में कोहरा रहेगा। इसके बाद कड़ाके की ठंड का दौर फिर आएगा।बता दें कि इस सप्ताह पूरे प्रदेश में तेज सर्दी से थोड़ी राहत मिली है। कई शहरों के पारे ने उछाल आया है। इंदौर, धार, गुना, नर्मदापुरम, खंडवा, खरगोन, नरसिंहपुर, सागर, सिवनी जैसे शहरों में तो पारा 10-11 डिग्री तक पहुंच गया है। दिसंबर के पहले पखवाड़े में यहां तेज सर्दी पड़ी थी। दूसरी ओर, पचमढ़ी, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, मंडला, उमरिया, छतरपुर, टीकमगढ़, राजगढ़ में पारा 6-7 डिग्री के नीचे ही चल रहा है।मौसम वैज्ञानिक वीएस यादव ने बताया कि पिछले सप्ताह पूरे प्रदेश में शीतलहर और कोल्ड डे यानी, ठंडे दिन की कंडीशन रही, जो दो-तीन दिन से खत्म हो गई है। इस कारण अगले 3-4 दिन तक रात के तापमान में बढ़ोतरी रहेगी। जिससे ठंड का असर कम रहेगा। उत्तर भारत में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव है। इसके गुजरने के बाद बर्फबारी होगी। जिससे उत्तरी हवाएं फिर से चलने लगेंगी। इसके बाद प्रदेश में कड़ाके की ठंड का दौर फिर से आएगा।आज (शुक्रवार) को ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़ और छतरपुर में कोहरे का असर रहेगा। दिन में धूप भी खिली रह सकती है। प्रदेश का इकलौता हिल स्टेशन पचमढ़ी अभी सबसे ठंडा है। यहां बुधवार-गुरुवार की रात में तापमान 3.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। शहडोल के कल्याणपुर में 3.7 डिग्री, मंडला में 4.5 डिग्री, उमरिया में 5.3 डिग्री, उमरिया में 5.3 डिग्री, नौगांव में 5.4 डिग्री, राजगढ़ में 5.6 डिग्री और टीकमगढ़ में 6.7 डिग्री रहा। रीवा, रायसेन, मलाजखंड, छिंदवाड़ा में 8 डिग्री के नीचे रहा। बड़े शहरों में जबलपुर सबसे ठंडा है। यहां तापमान 5.2 डिग्री रहा। भोपाल-ग्वालियर में 6.4 डिग्री, उज्जैन में 9.8 डिग्री और इंदौर में 11.8 डिग्री सेल्सियस रहा।  

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उज्जैन । कलेक्टर नीरजकुमार सिंह रोजाना की तरह गुरूवार सुबह दर्शन करने महाकाल मंदिर पहुंचे। नंदी हाल में जब वे दर्शन कर रहे थे तो कुछ श्रद्धालु उन्हे वहां बैठे दिखे। उन्‍होंने पूछा लिया कि आप लोग यहां पर कैसे बैठे हैं? यह जानकारी देते हुए कलेक्टर ने बताया कि श्रद्धालुओं ने जवाब दिया कि उन्हे पुरोहित प्रतिनिधि राजेश भट्ट एवं एक अन्य ने प्रति व्यक्ति ग्यारह सौ रूपए लेकर यहां बैठाया है। उनका कहना था कि वे भगवान महाकाल को जल अर्पित करवाएंगे।   श्री सिंह ने बताया कि यह जानकारी सामने आने के बाद उन्होने उक्त सभी श्रद्धालुओं को महाकाल थाने भिजवाया ताकि वे संबंधित के खिलाफ शिकायत दर्ज करवा सके। यह ठगी का मामला है। इसके साथ ही कलेक्टर ने मोबाइल पर कुछ निर्देश दिए। थोड़ी ही देर में एडीएम अनुकूल जैन,एसडीएम एल एन गर्ग,तहसीलदार,महाकाल मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ आदि मौके पर पहुंच गए। एडीएम के अनुसार पूछताछ में श्रद्धालुओं ने बताया कि वे उत्तर प्रदेश से आए हैं।   मनोजकुमार और संजू देवी ने आरोप लगाया कि राजेश भट्ट ने उनसे 6 हजार 6सौ रूपए 6 लोगों के 1100-100 रू. के हिसाब से लिए। इसीप्रकार अहमदाबाद की जीनल एवं योगेश ने बताया कि उनसे 2200 रू. लिए। कलेक्टर ने बताया कि उन्होने राजेश भट्ट एवं एक अन्य को मौके से पकड़ा। आगे की कार्रवाई पुलिस को करना है। इधर मंदिर में इस बात की जानकारी लगने पर हड़कम मच गया। मौके पर कुछ पुजारी-पुरोहित एकत्रित हो गए तो कुछ पुरोहित थाने पर पहुंचे। कुछ लोग कलेक्टर से मिलने के लिए कलेक्ट्रेट पहुंचे। इस संबंध में थाने पर कार्रवाई को लेकर उहापोह के हालात देखे गए। इधर एसपी प्रदीप शर्मा से चर्चा करना चाही लेकिन उन्होने मोबाइल फोन रिसिव्ह नहीं किया।

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उज्जैन । मध्य प्रदेश की प्रसिद्ध तीर्थ नगरी उज्जैन के मंगलनाथ रोड स्थित गंगाघाट श्री मौन तीर्थ पीठ के पीठाधीश्वर और निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर डॉ. सुमनानंद गिरि महाराज को जान से मारने की धमकी मिली है। यह धमकी एक पत्र के जरिए मिली है। प्रयागराज से भेजे गए उर्दू में लिखे इस पत्र में सिर तन से जुदा करने की बात कही गई है। सुमनानंद गिरि को इस तरह का धमकी भरा पत्र पहले भी मिल चुका है। साल 2023 में किसी अज्ञात व्यक्ति ने अखाड़ा परिषद की बैठक के दौरान उन्हें उर्दू में पत्र भेजकर धमकी दी थी।   महामंडलेश्वर डॉ. सुमनानंद गिरि ने गुरुवार को धमकी भरे पत्र के बारे में बताया कि सगीर अहमद पुत्र रिजवान नाम के व्यक्ति ने नवाब नगर करेली प्रयागराज, यूपी के पते से एक लिफाफे में बंद उर्दू से लिखा पत्र भेजा है। इस पत्र में जान से मारने की धमकी दी गई है। महामंडलेश्वर ने धमकी भरे पत्र की जानकारी पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा को भेजी है और सुरक्षा देने का आग्रह किया है।   चिट्ठी पर लिखा है कि "काफिर (नास्तिक) सुमन आनंद, तू बार-बार नबी की तौहीन (अपमान) करता है। नामुराद, तुम अच्छी तरह जानते हो कि गुस्ताख-ए-रसूल की एक सजा जिस्म से जिस्म को जुदा करना है। तुम बहुत मुनाफिक (पाखंडी) और बदतमीज आदमी हो। तुम्हारी जिंदगी हमारे रहम-ओ-करम पर है। खामोश सफर में आप हमारी जमात (समुदाय) को मुसलसल (लगातार) गुमराह कर रहे हैं और हम आपके लिए कयामत (प्रलय) का इंतजार नहीं करेंगे। वैसे आप खुद एक मरदूद (बहिष्कृत) हैं। अल्लाह ने खुद आपको तोड़ा है, लेकिन शैतान आपके दिमाग में दाखिल होकर आपको धोखा दे रहा है। हम अपने दीन और ईमान की हिफाजत में पूरी तरह मजबूत हैं। राम मंदिर पर एक दिन अजान गूंजेगी। अपने आप को बचा सकते हो, तो बचा लो। इंशाल्लाह हम कामयाब होंगे।"   महामंडलेश्वर सुमनानंद गिरि ने कहा कि पत्र भेजने वाले व्यक्ति की जानकारी हमें नहीं है। इसके पहले भी कई बार इसी तरह से प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से धमकियां मिल चुकी हैं। कुछ लोगों को सनातन का प्रचार-प्रसार रास नहीं आ रहा है। इसलिए इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। शासन-प्रशासन को भी इस बारे में सूचनाएं दी जाती हैं, लेकिन न जाने किस कारण से कोई जवाबदार व्यक्ति संज्ञान नहीं ले रहा है। पुलिस मुख्यालय को भी धमकी भरे पत्र की सूचनाएं दी गई हैं। मुख्यमंत्री मोहन यादव से भी मुलाकात कर सूचना दी थी। उन्होंने लोकसभा चुनाव के बाद सुरक्षा देने की बात कही थी। लेकिन उसके बाद कोई रुचि नहीं दिखाई। इसके पहले शिवराज को भी सूचना दी थी।   सुमनानंद गिरि ने कहा कि मैं तो सनातन का काम कर रहा हूं और करता रहूंगा। जब तक शरीर में प्राण हैं, धमकियां मिलती रहेंगी। वे लोग अपना काम कर रहे हैं, मैं अपना काम कर रहा हूं। जिस दिन हमारा समय आ जाएगा उस दिन न सुरक्षा व्यवस्था काम आएगी न कुछ और। ये जरूर है कि उस दिन जिम्मेदार श्रद्धांजलि देने जरूर आएंगे।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । मध्य प्रदेश में बुधवार से ठंड के तेवर थोड़े नरम पड़े है। राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के कई जिलों के न्यूनतम तापमान में से दो से तीन डिग्री बढ़ोतरी देखने को मिली है। लेकिन दिसम्‍बर के अंतिम सप्‍ताह फिर से पारा गिरने और ठंड बढ़ने के आसार हैं। मौसम विभाग का कहना है कि प्रदेश में कड़ाके की ठंड का दूसरा दौर 23 से 25 दिसंबर के बीच आएगा। यह जनवरी 2025 तक रहेगा। इससे पहले अगले 4-5 दिन तक प्रदेश के उत्तरी हिस्से यानी ग्वालियर, चंबल और सागर संभाग में कोहरा रहेगा। भोपाल, उज्जैन, जबलपुर में रात का पारा 8-10 डिग्री सेल्सियस से नीचे ही रहेगा।मौसम विभाग ने आज गुरुवार को ग्वालियर, मुरैना, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़ और छतरपुर में कोहरा छाने का अनुमान जताया है। बाकी जगहों पर मौसम साफ रहेगा। दिन में तेज धूप हो सकती है। इससे पहले मंगलवार-बुधवार की रात प्रदेश में कड़ाके की ठंड से थोड़ी राहत मिली। रात के पारे में 2 डिग्री सेल्सियस तक की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, कई शहर ऐसे हैं, जहां पारा 5 डिग्री सेल्सियस से कम ही रहा। पचमढ़ी सबसे ठंडा रहा। यहां पारा 2.4 डिग्री दर्ज किया गया। मंडला में 3.5 डिग्री, उमरिया में 3.8 डिग्री, नौगांव में 4 डिग्री, टीकमगढ़ में 5.3 डिग्री, रीवा में 5.4 डिग्री और राजगढ़ में 5.6 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा।बड़े शहरों की बात करें तो जबलपुर में 5.2 डिग्री, ग्वालियर में 5.4 डिग्री, भोपाल में 6.2 डिग्री, उज्जैन में 10 डिग्री और इंदौर में 11.6 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। हालांकि, बुधवार को दिन के तापमान में गिरावट देखने को मिली। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन समेत कई शहरों में पारा 1 से 2 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया। खंडवा और खरगोन जैसे शहरों में तापमान 30 डिग्री के पार दर्ज किया गया है। प्रदेश में अधिकतम तापमान खंडवा का दर्ज किया गया, जो 31.1 डिग्री रहा। इसके अलावा खरगोन में 30.2 डिग्री, नर्मदापुरम में 29.9 डिग्री, धार 29.5 डिग्री, भोपाल में 26 डिग्री और इंदौर में 28.4 डिग्री दर्ज किया गया।

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सागर, 18 दिसंबर (हि.स.)। सागर जिले के गौरझामर के न्यू बस स्टैंड स्थित दुकानों में मंगलवार देर रात भीषण आग लग गई। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया। आगजनी की इस घटना में सात दुकानें जलकर पूरी तहर से खाक हाे गई। आग का धुआं उठते देख आसपास के लोग जागे और पुलिस को सूचना दी। सूचना के बाद माैके पर पहुुंची फायर ब्रिगेड ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।   घटना मंगलवार देर रात करीब दाे बजे की है। गौरझामर बस स्टैंड पर सौरभ पटवा, गौरव पटवा, संतोष पटेल, राजेश खटीक, गुड्‌डा चाट वाले की नाश्ता, सब्जी, दूध डेयरी, जनरल स्टोर समेत अन्य दुकानें है। मंगलवार रात अचानक एक दुकान में आग लग गई। आग इतनी भीषण थी कि एक के बाद एक सात दुकानों को अपनी चपेट में ले लिया। आग लगी देख मौके पर स्थानीय लोग पहुंचे जिन्होंने सूचना दुकानदारों, पुलिस और फायर ब्रिगेड को दी। सूचना मिलते ही फायर फाइटर गाड़ी मौके पर पहुंची और आग बुझाने की मशक्कत शुरू की। करीब दो से तीन घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। आगजनी में 7 दुकानें जलकर खाक हो गईं। आग लगने से दुकानदारों का लाखों रुपया का नुकसान बताया जा रहा है। सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घटना का पंचनामा बनाया है। आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर मामला जांच में लिया है।

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भोपाल । भोपाल के हमीदिया अस्पताल के कर्मचारियों को बड़ा झटका लग सकता है। हमीदिया अस्पताल प्रबंधन ने कर्मचारियों की छंटनी की तैयारी कर ली है। बताया जा रहा है कि यहां स्वीकृत पदों से ज्यादा स्टाफ काम कर रहा है। 200 कर्मचारियों को हटाया जा सकता है। ये कौन से कर्मचारी होंगे, अभी तय नहीं है। इसे लेकर मैनेजमेंट ने निजी कंपनी को लेटर जारी किया है।   भोपाल के हमीदिया अस्पताल में वार्ड बॉय, लैब टैक्नीशियन, हाउसकीपिंग स्टाफ की संख्या अधिक है। इस हॉस्पिटल में 1400 कर्मचारियों की स्वीकृति है, लेकिन यहां 1600 के करीब स्टाफ कार्यरत है। अस्पताल में कोविड फंड से अतिरिक्त स्टाफ भर्ती किया गया था। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि शासन से सैक्शन पदों के मुकाबले हमीदिया में 200 कर्मचारी अधिक काम कर रहे हैं। वर्तमान में शासन की ओर से जितने पद सैक्शन हैं, उस आधार पर निर्णय लिया जाएगा।   उधर, हमीदिया अस्पताल में वार्ड बॉय, कंप्यूटर ऑपरेटर और हाउस कीपिंग स्टाफ मंगलवार सुबह से हड़ताल पर चले गए। जीएमसी की डीन डॉ. कविता एन सिंह का कहना है- इनकी सैलरी शुक्रवार या शनिवार तक आ जाएगी। सैलरी में देरी की वजह पैसा नहीं होना है। हमीदिया में अधिक स्टाफ के चलते इन आउटसोर्स कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिल रहा है। वेतन विसंगति के कारण हॉस्पिटल के कर्मचारी एक हफ्ते में 2 बार हड़ताल कर चुके हैं। इसे देखते हुए अब स्टाफ कम करने या अन्य प्रबंधन को लेकर विचार चल रहा है। हमीदिया अस्पताल में जल्द छटनी हो सकती है।

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उज्जैन । फिल्म अभिनेता उत्कर्ष शर्मा बुधवार सुबह महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे और भस्म आरती में शामिल हुए। उन्होंने बाबा महाकाल के दर्शन कर आर्शीवाद लिया। साथ ही नंदी हाल में बैठकर शिव साधना की।     श्री महाकालेश्वर मंदिर में बुधवार की भस्म आरती में फिल्म अभिनेता उत्कर्ष शर्मा सम्मिलित हुए। उन्होंने अल सुबह करीब 4 बजे भस्म आरती में हिस्सा लिया। वे सभा मंडप में बैठकर बाबा की आरती के साक्षी बने। आरती समाप्त होने के बाद उन्होंने गर्भगृह की चौखट से भगवान महाकाल के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। दर्शन करने के बाद मीडिया से बातचीेत करते हुए अभिनेता ने कहा कि मंदिर समिति और सरकार ने जो महाकालेश्वर में व्यवस्थाएं की हैं, वह बेहद प्रशंसनीय हैं। मुझे इस मंदिर में आकर अद्भुत अनुभव हुआ। हर किसी को महाकाल की भस्म आरती प्रत्यक्ष रूप से देखना चाहिए। मेरा आप सभी से आग्रह है कि आप भी बाबा महाकाल के दर्शन करने आए और विश्व में सिर्फ एक स्थान जहां पर आपको ऐसी अनुभूति हो सकती है। यहां आकर बाबा महाकाल की भस्म आरती जरूर देखें।   महाकालेश्वर मंदिर के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया कि श्री महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिदिन परम्परागत रूप से होने वाली भगवान श्री महाकालेश्वर की भस्म आरती में आज फ़िल्म अभिनेता उत्कर्ष शर्मा भी सम्मिलित हुए। भस्म आरती उपरांत पं महेश पुजारी, पुरोहित पीयूष चतुर्वेदी व विपुल चतुर्वेदी द्वारा उत्कर्ष शर्मा के माध्यम से बाबा महाकाल का पूजन सम्पन्न करवाया गया।   बता दें कि उत्कर्ष शर्मा उत्कर्ष शर्मा एक भारतीय अभिनेता हैं और डायरेक्टर अनिल शर्मा के बेटे हैं। इनका जन्म 22 मई 1994 को मुम्बई में हुआ था। इन्होंने अपने फिल्मी जीवन की शुरुआत सबसे पहले ग़दर: एक प्रेम कथा में बाल्य कलाकार के रूप में की थी। जिसमें वह सनी देओल और अमीषा पटेल के बेटे के रूप में दिखाए गए थे। इसके बाद में उन्होनें बड़े होने पर जीनियस में काम किया और उसमें मुख्य भूमिका निभाई थी।

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भाेपाल । राजधानी भाेपाल के ऐशबाग थाना क्षेत्र में मंगलवार काे सड़क किनारे खड़ी एक मारूति वैन में अचानक आग लग गई। आग लगने के बाद कार में ब्लास्ट हाे गया। धमाके से वैन के टुकड़े लगभग 40 से 50 फीट हवा में उड़े।सूचना के बाद माैके पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पाया।   जानकारी अनुसार ऐशबाग थाना क्षेत्र में फातिमा बी की मस्जिद के पास मंगलवार दाेपहर काे एक मारुति वैन में अचानक आग लग गई। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया और कार में ब्लास्ट हो गया। धमाके से कार के टुकड़े करीब 40 से 50 फीट हवा में उड़े। ब्लास्ट की आवाज सुनकर आसपास के लोगों में हड़कंप मच गया। लोग घरों से बाहर निकल आए। गनीमत रही कि इस घटना में कोई जानहानि नहीं हुई। सूचना के बाद माैके पर पहुंची दमकल विभाग की टीम ने आसपास के लोगों की मदद से आग पर काबू पाया। फिलहाल कार में आग कैसे लगी इसका कारण अज्ञात है। पुलिस मामला दर्ज कर जांच में जुट गई है।

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भोपाल । भोपाल के हमीदिया अस्पताल में 500 से अधिक आउटसोर्स कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर मंगलवार काे एक बार फिर से हड़ताल पर बैठ गए है। आउटसाेर्स कर्मचारियाें के हड़ताल पर जाने से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो गई हैं। दरअसल, 3 माह की सैलरी नहीं मिलने के चलते हमीदिया अस्पताल में वार्ड बॉय – टेक्नीशियन सहित अन्य लोग वेतन जारी करने को लेकर प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। यह दूसरी बार है जब हमीदिया अस्पताल के कर्मचारी हड़ताल पर गए, इससे पहले भी उन्होंने सैलरी मिलने के आश्वासन के बाद हड़ताल खत्म की थी। लेकिन वेतन नहीं मिलने पर उन्होंने फिर से हड़ताल शुरू कर दी है।   हमीदिया अस्पताल में वार्ड बॉय, कंप्यूटर ऑपरेटर और हाउस कीपिंग स्टाफ मंगलवार सुबह से फिर हड़ताल पर बैठ गए हैं। दरअसल, हफ्ते भर पहले 10 दिसंबर को 500 से अधिक वार्ड बॉय और टेक्नीशियन हड़ताल पर थे। सुबह 7 बजे से सभी कर्मचारी अस्पताल के सामने धरने पर बैठे थे। हड़ताल के चलते मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मरीजों के परिजन खुद ही व्हील चेयर और स्ट्रेचर धकाते नजर आए। हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों ने बताया कि 3 महीने से सैलरी नहीं दी गई है। वह लगातार कंपनी और अस्पताल के अधिकारियों से चर्चा कर रहे हैं। उसके बाद भी उन्हें तनख्वाह नहीं दी जा रही है। उनका कहना है कि हम लोगों को घर बार के खर्च चलाने में भारी परेशानी हो रही है। अगर हमें जल्द सैलरी नहीं दी गई तो हम यहां से कलेक्टर ऑफिस तक रैली निकाल कर प्रदर्शन करेंगे।   कर्मचारियों की मांगें सैलरी हर महीने की 1 से 8 तारीख के बीच मिले। बाकी का बोनस तुरंत दिया जाए और भविष्य में समय पर भुगतान हो। सरकारी छुट्टी मिले और डबल ड्यूटी का भुगतान किया जाए। सभी आउट सोर्स कर्मचारियों को जॉइनिंग लेटर जारी किया जाए।

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । राजधानी भोपाल सहित पूरा मध्‍य प्रदेश बीते एक सप्‍ताह से शीतलहर की चपेट में है। पहाड़ी इलाकों में हो रही लगातार बर्फबारी का असर प्रदेश में देखने को मिल रहा है। इस बार जनवरी से भी ठंडा दिसंबर है। भोपाल समेत कई शहरों में ठंड ने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। मौसम विभाग ने आज मंगलवार को भोपाल, जबलपुर समेत 20 जिलों में कोल्ड वेव यानी, शीतलहर चलने का अलर्ट जारी किया है।मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में तापमान काफी कम होने से उधर से आ रही सर्द हवाओं के कारण मध्य प्रदेश में ठंड बढ़ी हुई है। आज मंगलवार को 20 जिलों में शीतलहर चलने का अनुमान है। इनमें से 6 जिले- शाजापुर, आगर-मालवा, सीहोर, रायसेन, मंडला और छतरपुर में पेड़-पौधों की पत्तियों पर बर्फ भी जम सकती है। मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि अभी दो तीन दिन तक मौसम ऐसा ही रहेगा और ठंड के तेवर तीखे बने रह सकते हैं। उसके बाद हवाओं का रुख पूर्वी तरफ होने से ठंड से थोड़ी राहत मिलने की संभावना है। कड़ाके की ठंड की वजह से भोपाल, इंदौर, ग्वालियर समेत कई जिलों में स्कूलों की टाइमिंग बदल दी गई है, जबकि भोपाल के वन विहार नेशनल पार्क में जानवरों को सर्दी से बचाने के लिए हीटर लगाए गए हैं।रविवार-सोमवार की रात में इकलौते हिल स्टेशन पचमढ़ी सबसे ठंडा रहा। यहां पारा 1.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बीती रात की तुलना में 0.9 डिग्री की बढ़ोतरी जरूर हुई है। शहडोल के कल्याणपुर में तापमान 2.3 डिग्री रहा। राजधानी भोपाल में पारे में गिरावट हुई और यह 3.3 डिग्री पर आ पहुंचा। मंडला में 3 डिग्री और उमरिया, शाजापुर के गिरवर में 3.3 डिग्री दर्ज किया गया। राजगढ़, खजुराहो में पारा 5 डिग्री के नीचे ही रहा। बड़े शहरों की बात करें तो इंदौर में सबसे ज्यादा 9.6 डिग्री रहा। ग्वालियर-जबलपुर में 5 डिग्री और उज्जैन में 7.5 डिग्री दर्ज किया गया। बाकी शहरों में भी पारा 10 डिग्री के नीचे ही दर्ज किया गया। सोमवार को दिन में भी शीतलहर का असर रहा। जिससे कई शहरों में अधिकतम तापमान लुढ़क गया।  

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भोपाल । उत्तर भारत की तरफ से आ रही सर्द हवाओं के कारण मध्य प्रदेश में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है। बीते चार दिनाें से पूरा प्रदेश शीतलहर की चपेट में है। शनिवार को प्रदेश के आधे हिस्से में सर्द हवाएं चलीं। शनिवार-रविवार की रात अमरकंटक और पचमढ़ी में पारा एक डिग्री पर पहुंच गया। वहीं, मौसम विभाग ने रविवार को भोपाल, इंदौर समेत 36 जिलों में शीतलहर और कोल्ड डे का अलर्ट है। मैकल पहाड़ी पर घने जंगल और ऊंचाई पर स्थित प्राकृतिक सौंदर्य स्थल अमरकंटक में एक बार फिर तापमान गिरने से यहां ओंस की बूंदे बर्फ में तब्दील हो गईं। इसी तरह अनूपपुर में रविवार की सुबह सीजन का सबसे ठंडा दिन रहा। वहीं, प्रदेश के इकलौते हिल स्टेशन पचमढ़ी में पारा एक डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है। शनिवार-रविवार की रात में यहां रिकॉर्ड ठंड पड़ी। उमरिया में 2.3 डिग्री और मंडला में 2.5 डिग्री दर्ज किया गया। रायसेन-राजगढ़ में 3.8 डिग्री रहा। नौगांव, मलाजखंड, रीवा, खजुराहो, सतना, टीकमगढ़ में तापमान 6 डिग्री के नीचे दर्ज किया गया। प्रदेश के पांच बड़े शहरों में भोपाल और जबलपुर सबसे ठंडे रहे। भोपाल में 4.2 डिग्री और जबलपुर में पारा 4 डिग्री दर्ज किया गया। इंदौर में सबसे ज्यादा 9.4 डिग्री रहा। ग्वालियर में 5.2 डिग्री और उज्जैन में 6.8 डिग्री सेल्सियस रहा। इधर, मौसम विभाग के रिकॉर्ड की मानें तो ग्वालियर में तो 26 दिसंबर 1961 को तापमान लुढ़ककर माइनस 0.4 डिग्री तक पहुंच गया था। हालांकि अब यह इतिहास ही बन चुका है, क्योंकि इसके बाद ग्वालियर में कभी इतनी सर्दी नहीं पड़ी है। जबलपुर में भी शनिवार का दिन सबसे ठंडा दिन रहा, जबकि शुक्रवार को सर्द सीजन की सबसे सर्द रात रात का न्यूनतम तापमान पहली बार 4.6 डिग्री तक नीचे आ गया। धुंध के बीच बर्फीली हवा से लोग कंपकपा उठे। रात की ठंड का असर सुबह तक बना रहा। रविवार को सुबह से सर्द हवा के झोंके लोगों को झकझोरते रहे। शीतलहर लोगों को ठिठुराती रही। वातावरण में गलाव वाली ठंड महसूस की गई। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के दौरान मौसम ऐसा ही बना रहेगा। जबलपुर जिले के लिए शीतलहर का आरेंज अलर्ट जारी किया है। भोपाल मौसम विज्ञान केन्द्र की वरिष्ठ मौसम विशेषज्ञ डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि उत्तर भारत से बर्फीली हवा आ रही है, जो स्ट्रॉन्ग है। इस वजह से पूरा प्रदेश ठिठुर रहा है। रविवार को भी ऐसा ही मौसम बना रहेगा। शाजापुर, सीहोर, विदिशा, रायसेन, जबलपुर और शहडोल में ऑरेंज अलर्ट है। जबलपुर और शहडोल में शीतलहर चलेगी, जबकि बाकी जिलों में बर्फ तक जम सकती है। वहीं, मंदसौर, रतलाम, बड़वानी, देवास, गुना, शिवपुरी, अशोकनगर, सागर, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, दमोह, कटनी, उमरिया, सिवनी, मंडला, अनूपपुर, सिंगरौली में शीतलहर चल सकती है। इसके अलावा इंदौर, सीधी, नरसिंहपुर, राजगढ़, बैतूल, धार, उज्जैन, राजगढ़ में कोल्ड डे का अलर्ट है। नीमच में सर्द हवा चलने के साथ कोल्ड डे यानी, ठंडा दिन भी रह सकता है।

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भाेपाल । तानसेन शताब्दी संगीत समारोह के दौरान ऑस्कर विजेता एनीमेशन टीम कलाकार दीपंकर गोस्वामी भारतीय शास्त्रीय संगीत और उसके स्वरों को पेटिंग के रूप में जीवंत करेंगे। ग्वालियर के मोती महल में शास्त्रीय संगीत, कला साधकों और सुरों पर केन्द्रित गोस्वामी की संगीतमय कलाकृतियों की प्रदर्शनी "रागरंग" एक विशेष आकर्षण होगी। रविवार 15 दिसंबर को दोपहर 3:30 बजे मोती महल में प्रदर्शनी का उद्घाटन होगा, जो 19 दिसम्बर तक लगेगी। प्रदर्शनी सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक दर्शकों के लिए खुली रहेंगी। इसमें सभी का प्रवेश निःशुल्क रहेगा। यह जानकारी शनिवार काे जनसंपर्क अधिकारी अनुराग उइके ने दी।     उन्हाेंने बताया कि यूनेस्को सिटी ऑफ म्यूजिक ग्वालियर में भारतीय शास्त्रीय संगीत का “रागरंग” प्रदर्शनी के माध्यम से एक नया आयाम देखने को मिलेगा। कलाकृतियों के साथ संगीत संजोए यह प्रदर्शनी एक नया अनुभव प्रदान करेंगी। पंडित भीमसेन जोशी, हरिप्रसाद चौरसिया, बिस्मिल्ला खान साहब, पंडित जसराज, बेगम अख्तर, पंडित रविशंकर, निखिल बनर्जी, राजन-साजन मिश्रा, डागर बंधु, उस्ताद विलायत खान, मल्लिकार्जुन मंसूर, उस्ताद अली अकबर खान आदि के जीवंत पोर्ट्रेट की यह प्रदर्शनी अपने-आप में एक हृदय-स्पर्शी और दुर्लभ अनुभव देगी।     “रागरंग” के जरिए गोस्वामी ने संगीत के विभिन्न रागों को अपने अनूठे दृष्टिकोण और रंगों के माध्यम से चित्रों में ढाला है। इस पहल का उद्देश्य भारतीय शास्त्रीय संगीत को न केवल सुनने, बल्कि देखने और महसूस करने का अनुभव देना है। प्रो॰ कीर्ति त्रिवेदी ने चित्रों का संयोजन और प्रस्तुतीकरण किया हैं। तानसेन महोत्सव देशभर के संगीत प्रेमियों और कलाकारों को एक साथ लाने का मंच है। इस साल दीपंकर गोस्वामी की भागीदारी इसे और भी खास बना रही है। मध्यप्रदेश टूरिज़्म बोर्ड द्वारा पुरातत्व संचालनालय के सहयोग से प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है।     दीपंकर गोस्वामी-एक परिचय दीपंकर गोस्वामी हालीवुड एनीमेशन इंडस्ट्री के वरिष्ठ स्पेशल इफेक्ट्स निर्देशक हैं। वर्ष 2019 में ऑस्कर अवॉर्ड से सम्मानित फिल्म 'स्पाइडरमैन : इन टु द स्पायडर वर्स' की टीम का हिस्सा रहे है। फ़िल्मों के अलावा वे इलस्ट्रेशन और ग्राफिक डिज़ाइन की विधाओं में भी पारंगत हैं। लास एंजेलेस निवासी दीपंकर पिछले एक दशक से 'रागरंग' श्रृंखला की पेंटिंग बनाने में लगे हुए हैं- जो हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत के मूर्त स्वरूप को दर्शाने का एक नूतन प्रयोग है। गोस्वामी हॉलीवुड फिल्मों के कई प्रोजेक्ट्स से जुड़े रहे हैं। इसमें द सी बीस्ट, विवो, किंग्समैन : द गोल्डन सर्कल, स्मर्क्स, द लॉस्ट विलेज, द अमेज़िंग स्पायडर मैन-2, मोआना जैसी फिल्में शामिल हैं।    

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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अनूपपुर । इन दिनों पड़ रही कड़ाके की ठंड से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। तापमान में गिरावट का दौर जारी है। जिला मुख्यालय अनूपपुर सहित प्रदेश का प्रमुख पर्यटन एवं धार्मिक तीर्थ स्थल पवित्र नगरी अमरकंटक में विगत तीन दिनों से शीतलहर की चपेट में है। पूरे अंचल में ठंड का असर लगातार बढ़ रहा है। शुक्रवार को भी वातावरण में ठंडक घुली रही। दिनभर चली शीतलहर लोगों को झकझोरती रही। रात में भी वर्फीली हवा से लोग कंपकंपाते रहे। मौसम विभाग ने तापमान में और गिरावट आने की संभावना जताई है। अनूपपुर का न्यूनतम तापमान 8.0 डिग्री तक पहुंच सकता है। यानि आने वाले 24 से 48 घंटे हाड़ कंपाने वाली ठंड पड़ सकती हैं। वहीं अमरकंटक में न्यूनतम तापमान 4.0 डिग्री तक पहुंच सकता है। अनूपपुर सहित अंचल पूरा शीतलहर की चपेट में दिसंबर के पहले पखवाड़े में ही कड़ाके की ठंड की चपेट में है। शुक्रवार को ठंड के तेवर तीखे रहे। अनूपपुर में अधिकतम तापमान 22 डिग्री और न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस होगा। उत्ततर-पूर्व से आ रही हवा में बर्फीली डक घुली रही, जिसके कारण लोगों गलाव वाली ठंड महसूस होती। आग से बचने लोग गर्म कपड़ों - साथ ही अलाव का सहारा लेते दखे। गरीब, बेसहारा कचरा, पन्नी जलाकर ठंड से बचाव की कोशिश करते दिखे। इसी तरह पवित्र नगरी अमरकंटक में अधिकतम तापमान 21 डिग्री और न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस तक हो सकता हैं। पर्यटकों को आकर्षित करती अमरकंटक की ठंडअमरकंटक क्षेत्र में दिसंबर और जनवरी के माह में सर्वाधिक ठंड का वातावरण रहता है। यहां न्यूनतम तापमान 0 से भी नीचे चला जाता है। अमरकंटक की तरह पुष्पराजगढ़ तहसील क्षेत्र में भी कड़ाके की ठंड है। यह पूरा अंचल आदिवासी है तथा पहाड़ी अंचल होने तथा अमरकंटक के घनघोर जंगल की वजह से यहां भी भारी ठंड बरकरार रहती है। अमरकंटक की ठंड पर्यटकों को आकर्षित करती है, जिससे सर्दियों के मौसम में पर्यटकों की संख्या बढ़ जाती है। हालांकि, स्थानीय लोगों के लिए यह मौसम चुनौतियां लेकर आता है। दुकानदार और अन्य स्थानीय लोग अपने दैनिक कामकाज में ठंड से बचने के लिए दुकानों के बाहर अलाव जलाकर गर्मी का सहारा लेते हैं। अमरकंटक और आसपास के गांवों में पिछले कुछ दिनों से ठंड तेजी से बढ़ी है। दिसंबर और जनवरी के महीनों में यहां ठंड अपने चरम पर होती है, और इस बार ठंड समय से पहले शुरू हो गई है। पर्यटकों के लिए यह ठंड रोमांचकारी हो सकती है, लेकिन स्थानीय लोगों को इससे निपटने में काफी कठिनाई होती है। 16 दिसंबर तक सिहराएंगी सर्द हवाएंमौसम विभाग के अनुसार अभी 16 दिसंबर तक ठंड से राहत की उम्मीद नहीं है। पश्चिमोत्तर भारत में सब ट्रॉपिकल जेट स्ट्रीम हवा चल रही है, वहीं एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पाकिस्तान के आसपास सक्रिय है जिससे पहाड़ों में बर्फबारी हो रही है। पहाड़ों से आ रही सर्द हवा से र प्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ रही है।  

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खंडवा । मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में गुड़ी वन परिक्षेत्र में शुक्रवार को अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान वन विभाग के अमले पर पथराव की घटना सामने आई है। सरमेश्वर के जंगल में अतिक्रमण पर कार्रवाई के लिए वन विभाग की टीम गई थी। अचानक अतिक्रमणकारीयो ने पत्थर और गोफन से हमला कर दिया। वन विभाग के अधिकारी कुछ समझ पाते इससे पहले ही उन पर एक के बाद एक पत्थर फेंके गए। अचानक हुए हमले में एक वनकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गया। साथी वनकर्मियों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया है, जहां उसका उपचार जारी है। जानकारी के मुताबिक, गुड़ी वन परिक्षेत्र में हजारों हेक्टयर वनभूमि को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए वन विभाग की टीम जंगल में दो दिनों से कार्रवाई कर रही है। शुक्रवार सुबह 46 वनकर्मियों का दल सरमेश्वर वन परिक्षेत्र में नवाड़ की जमीन से कब्जा हटाने के लिए गया था। वन भूमि में प्रवेश रोकने के लिए खंती खोदने का कार्य पोकलेन मशीन से करवाया जा रहा था। इसी दौरान सुबह करीब साढ़े 10 बजे अतिक्रमणकारियों ने वनकर्मियों पर पथराव शुरू कर दिया। अचानक हुए हमले से वहां भगदड़ मच गई। पथराव में वन रक्षक संजय सिंह तोमर के सिर में पीछे की ओर पत्थर लगने से वह बेहोश हो गया। घटना में पांच-सात अन्य कर्मचारी भी घायल हुए हैं। गंभीर चोट लगने से वन रक्षक सिंह को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है। उपवन क्षेत्रपाल चंद्रशेखर सोनी ने बताया कि हम लोग गुड़ी रेंज के वन परिक्षेत्र सरमेश्वर में अतिक्रमण हटाने के उद्देश्य से करीब 46 लोगों का स्टाफ साथ लेकर गए हुए थे। हम वहां पर सीपीटी खुदवा रहे थे, तभी सीताबेड़ी क्षेत्र के कुछ वन अतिक्रमणकारी वहां आए और उन्होंने वन अमले पर पथराव कर दिया। इस हमले में हमारे सरमेश्वर रेंज के वनरक्षक संजय सिंह तोमर घायल हुए हैं। उनके साथ ही 6 और कर्मचारियों को पत्थर लगे हैं। हालांकि उन्हें गंभीर चोट नहीं है।

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बालाघाट । मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यान कान्हा में अब महिलाएं भी जिप्सी चलाएंगी और पर्यटकों को कान्हा की सैर कराएंगी। इसी सिलसिले में महिला बाल विकास विभाग, पर्यटन विभाग, प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना, युएन वूमन एवं सेंटर फॉर एडवांस्ड रिसर्च एंड ट्रेनिंग (कार्ड संस्था) के समन्वय से महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से कुल 19 महिलाओं को 10 दिवसीय बैहर स्थित सिंह मोटर ड्राइविंग स्कूल में जिप्सी ड्राइविंग का प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें वन स्टॉप सेंटर से 3 हिंसा से प्रभावित महिला, 11 डिस्ट्रिक्ट हब फॉर एंपावरमेंट ऑफ विमेन पंजीकृत महिलाओं तथा अन्य 5 महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया।   बताया गया कि ड्राइविंग का यह निशुल्क प्रशिक्षण विकासखंड बैहर अंतर्गत कान्हा नेशनल पार्क के पास स्थित सिंह मोटर ड्राइविंग स्कूल के माध्यम से दिया जा रहा है। साथ ही प्रशिक्षु महिलाओं का चार पहिया वाहन का लाइसेंस भी बनवाया जा रहा है। इस प्रशिक्षण से न केवल महिला चार पहिया वाहन चलाना सीखेंगी अपितु समाज में चलित रूढ़िवादी सोच जैसे महिलाएं भारी काम या गाड़ी नहीं चला सकती उसमें भी सकारात्मक बदलाव आएगा।    

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उज्‍जैन/भोपाल  । उज्जयिनी एक महान धार्मिक सांस्कृतिक, साहित्यिक, पौराणिक एवं ऐतिहासिक सिध्द नगरी है। पृथ्वी के नाभिस्थल पर स्थित होने से कुण्डलिनी शक्ति-जागरण के सुविज्ञ योगियों एवं आध्यात्मविदों के लिए यह सफलदायी महत्ती सिध्द भूमि है। यहां पर प्रत्येक 12वें वर्ष में सिंह राशि में गुरू के स्थित होने पर कुम्भ महापर्व का आयोजन सुदीर्घकाल से होता आ रहा है। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव प्रदेश के साथ-साथ उज्जैन के विकास में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं और निरंतर विकास के कार्य कर रहे हैं। उज्जयिनी नगरी का विश्व प्रसिध्द बारह ज्योर्तिलिंगों में से एक दक्षिणमुखी श्री भगवान महाकालेश्वर का मंदिर उज्जैन की जीवन शैली का केन्द्र बिन्दू है। अवंतिकानाथ भगवान श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्री महाकाल महालोक बनने के बाद से देश-विदेश से श्रध्दालुओं का अधिकाधिक संख्या में आगमन हो रहा है और निरंतर श्रध्दालुओं की संख्या में वृध्दि हो रही है।जनसंपर्क अधिकारी कपिल मिश्रा ने गुरुवार को बताया कि मुख्यमंत्री डॉ.यादव की मंशानुरूप भगवान श्री महाकालेश्वर की श्रावण-भादौ मास की सवारियों व राजसी सवारी ने सम्पूर्ण भारतवर्ष का ध्यान आकर्षित किया। भगवान श्री महाकालेश्वर का राजसी वैभव व ठाट-बाट देखने देश-विदेश से 1 करोड़ से अधिक श्रध्दालु सिर्फ श्रावण के एक माह में पधारें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देशानुसार इस वर्ष सवारी में आकर्षण का केन्द्र देश की विभिन्न जनजातिय दलों के कलाकारों द्वारा लोक नृत्यों की आकर्षक प्रस्तुतियां, पुलिस बैंड द्वारा मधुर धुन की सवारी मार्ग में प्रस्तुति, डमरूवादन का विश्व रिकॉर्ड व राजसी सवारी में भगवान श्री महाकालेश्वर की पालकी रामघाट पहुंचने पर हेलीकाप्टर से पुष्पवर्षा रही। श्रावण मास 22 जुलाई 2024 से 19 अगस्त 2024 में 1 करोड़ से अधिक श्रध्दालुओं ने उज्जैन आकर भगवान श्री महाकाल के देव दर्शन कर श्री महाकाल महालोक को निहारा व सवारियों में सम्मिलित हुए। उज्जयिनी में दिन-प्रतिदिन श्रध्दालुओं की संख्या में वृध्दि होने से उज्जैन, मालवा क्षेत्र का प्रमुख पर्यटन, आर्थिक, सामाजिक केन्द्र बनकर उभरा है। व्यापार के क्षेत्र में बढ़ोतरी होने से नागरिकों को बहुआयामी रोजगार प्राप्त हुए हैं।उन्‍होंने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव की मंशानुरूप सम्राट विक्रमादित्य के समय का गौरव अवंतिका नगरी पुन: प्राप्त करें इसके लिए सम्पूर्ण भारतवर्ष के साधु-संत-महंत, विद्वानों, चिन्तकों, विचारकों, साहित्यकारों, अनुसंधानकर्ताओं का केन्द्र उज्जैन विभिन्न आयोजनों, सेमीनार, संगोष्ठी, महोत्सवों से सम्पूर्ण वर्ष रहा। क्षिप्रा नदी के पावन तट रामघाट पर चैत्र नवरात्रि गुडी पड़वा के अवसर पर "शिवज्योति अर्पणम" भव्य कार्यक्रम आयोजित कर दीप दान किया गया। विक्रमोत्सव व अखिल भारतीय कालिदास महोत्सव के अंतर्गत विविध सांस्कृतिक, साहित्यिक, धार्मिक व विज्ञान के कार्यक्रम आयोजित किए गए। इन कार्यक्रमों में देश-विदेश की महान विभूतियां पधारी और उज्जैन निरंतर वर्ष भर साहित्यकारों, विचारकों, चिंतकों और वैज्ञानिकों का केन्द्र बना रहा।

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अनूपपुर । मध्य प्रदेश का प्रमुख पर्यटन एवं धार्मिक तीर्थ स्थल पवित्र नगरी अमरकंटक बीते दो दिनों से शीतलहर की चपेट में है। जहां पारा लुढकने से तापमान जमाव बिंदु तीन डिग्री सेल्सियस में पहुंचा गया हैं। उत्तर भारत की सर्द हवाएं अनूपपुर जिले के लोगों को कड़ाके की ठंड का अहसास दिला रहीं है।   सतपुड़ा मैकल अंचल की पहाड़ी वादी पर बसा अमरकंटक अपनी ठंड के लिए देशभर में जाना जाता है। इन दिनों यहां कड़ाके की ठंड पड़ रही है।लगातार दो दिनों से अमरकंटक की धरा पर घास पर ओस की बूंदे जमी हुई नजर आई। यहां का न्यूनतम तापमान गुरुवार की सुबह 3 डिग्री दर्ज किया गया। अमरकंटक के नर्मदा मंदिर उद्गम कुंड से लेकर रामघाट, कपिलधारा तक के मैदानी क्षेत्र में नर्मदा तट के किनारे घास सफेद हो गई थी, जो सुबह करीब सात बजे तक थी। वाहनों के ऊपर जमीं ओस की बूंदपवित्र नगरी अमरकंटक में शाम की तरह सुबह भी गलन भरी ठंड थी। लोग अलाव जलाए हुए नजर आए। सुबह हल्के कोहरे की धुंध भी थी। सुबह चार पहिया वाहनों में भी ओस जमा हुई थी। कोटि तीर्थ कुंड, रामघाट जहां सुबह से नर्मदा भक्तों का डुबकी लगाने भीड़ लग जाया करती थी, भारी ठंड के चलते लोग बेहद कम नजर आए। जैसे-जैसे दिन आगे बढ़ा यहां चहल-पहल बढ़नी शुरू हो गई। जनवरी में रहता सबसे ठंडाअमरकंटक क्षेत्र में दिसंबर और जनवरी के माह में सर्वाधिक ठंड का वातावरण रहता है। यहां न्यूनतम तापमान 0 से भी नीचे चला जाता है। अमरकंटक की तरह पुष्पराजगढ़ तहसील क्षेत्र में भी कड़ाके की ठंड है। यह पूरा अंचल आदिवासी है तथा पहाड़ी अंचल होने तथा अमरकंटक के घनघोर जंगल की वजह से यहां भी भारी ठंड बरकरार रहती है। दो दिनों से पड़ रही तेज ठंडगुरुवार सुबह पुष्पराजगढ़ के ग्रामीण अंचल में पौधों और घास पर सफेद ओस के कारण खर्रा भी पड़ गया था। अमरकंटक से जिला मुख्यालय अनूपपुर की दूरी लगभग 70 किलोमीटर है, जहां गुरूवार की सुबह 5 से 6 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया हैं। ठंड का असर यहां भी दो दिनों से बना हुआ है शाम ढलते ही शीत लहर का प्रकोप शुरू हो जाता। सुबह कंकपाती ठंड से लोगों के दैनिक कार्य प्रभावित हो जाते। आसमान साफ होते ही पारा लगातार पर गिर रहा है। ऐसे में संभावना है कि अमरकंटक सहित जिले के तापमान में और गिरावट आएगी।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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खरगोन । खरगोन जिले के प्रसिद्ध संत सियाराम बाबा का निधन हो गया है। उन्होंने सुबह 6 बजे भट्टयान बुजुर्ग आश्रम में अंतिम सांस ली। वे 110 वर्ष के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे। बाबा के निधन से प्रदेश में शोक की लहर है। उनका अंतिम संस्कार शाम 4 बजे नर्मदा नदी के किनारे भट्टयान के तट पर किया जाएगा। इसमें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी शामिल होंगे। बाबा सियाराम, हनुमान जी के परम भक्त थे और हमेशा रामायण का पाठ करते थे।   संत सियाराम बाबा ने बुधवार काे मोक्षदा एकादशी पर सुबह 6.10 मिनट पर प्रभुमिलन हाे गए। बाबा पिछले 10 दिन से बीमार थे। इंदौर के डॉक्टरों ने भी उनका इलाज किया था। मूलतः गुजरात के बाबा यहां कई सालों से नर्मदा भक्ति कर रहे थे। उनके निधन की खबर मिलते ही देशभर में उनके अनुयायियाें में शाेक की लहर है। आश्रम में सियाराम बाबा के अंतिम दर्शन को लोगों की भीड़ लगी है। कुछ दिनों पहले बाबा को निमोनिया की शिकायत पर सनावद के निजी अस्पताल में भर्ती किया था। इसके बाद बाबा की इच्छानुसार उनका आश्रम में ही जिला चिकित्सालय और कसरावद के डॉक्टर भी इलाज कर रहे थे। पिछले दिनों ही उनके निधन की अफवाह फैली थी। प्रशासन ने उस समय ऐसी अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की थी।   बता दें कि सियाराम बाबा अपनी दिनचर्या में लगातार रामायण पाठ करते रहते थे। भक्तों के अनुसार वे 21 घंटों तक रामायण का पाठ करते थे। उन्हें चश्मा भी नहीं लगा था। भक्तों के अनुसार उन्होंने सियाराम बाबा को हमेशा लंगोट में ही देखा है। सर्दी, गर्मी या बरसात वे लंगोट के अलावा कोई कपड़े नहीं पहनते थे।आश्रम पर मौजूद अन्य सेवादारों ने बताया कि उनकी दिनचर्या भगवान राम व मां नर्मदा की भक्ति से शुरू होकर यही खत्म होती थी। बाबा प्रतिदिन रामायण पाठ का पाठ करते और आश्रम पर आने वाले श्रद्धालुओं को स्वयं के हाथों से बनी चाय प्रसादी के रूप में वितरित करते थे।    

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भोपाल । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में दिसंबर की सर्दी ने 2 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। भोपाल में दो साल बाद दिसंबर में रात का तापमान 6.9 तापमान दर्ज किया गया। बर्फीली हवाओं की वजह से प्रदेश में एक बार फिर ठिठुरन बढ़ गई है। कई जिलों में दिन और रात के तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है। मौसम विभाग ने प्रदेश में अगले 4-5 दिन शीत लहर का अलर्ट जारी किया गया है।मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि इस समय पश्चिम-उत्तर भारत में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव है। साथ ही जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में बर्फ गिरने से सर्दी बढ़ी है। जिससे 12.6 किमी की ऊंचाई पर 240 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से जेट स्ट्रीम हवाएं चल रही हैं। इन दोनों सिस्टम की वजह से मध्य प्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। मौसम विभाग ने अगले 4-5 दिन ऐसा ही मौसम रहने का अनुमान जताया है। आज बुधवार को भोपाल, इंदौर, जबलपुर-उज्जैन समेत प्रदेश के 16 जिलों में शीत लहर यानी सर्द हवाएं चलने का अलर्ट है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन और शाजापुर में कोल्ड डे रह सकता है।मौसम विभाग के अनुसार, बुधवार को जबलपुर, धार, आगर-मालवा, राजगढ़, सीहोर, विदिशा, सागर, नर्मदापुरम, रायसेन, दमोह, नरसिंहपुर और सिवनी में भी सर्द हवाएं चलेंगी। मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात पचमढ़ी में 1.8 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। एक रात पहले यह 3.5 डिग्री सेल्सियस था यानी एक ही रात में 1.7 डिग्री सेल्सियस की गिरावट हुई है। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन और जबलपुर में भी तापमान नीचे आया है। यह भोपाल में 6.9 डिग्री, इंदौर में 8.6 डिग्री, ग्वालियर में 6 डिग्री, उज्जैन में 7.5 डिग्री और जबलपुर में 6.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पचमढ़ी के अलावा रायसेन, गुना, उमरिया, मंडला और नौगांव में टेम्परेचर 6 डिग्री सेल्सियस के नीचे रहा। रायसेन में 4.8 डिग्री, गुना-उमरिया में 5 डिग्री, मंडला में 5.2 डिग्री और नौगांव में 5.3 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा।दिन के तापमान की बात करें तो भोपाल में 23.4 डिग्री, इंदौर में 22.1 डिग्री, ग्वालियर में 23.2 डिग्री, उज्जैन में 23.5 डिग्री और जबलपुर में 22.0 डिग्री रहा। प्रदेश में सबसे ठंडा पचमढ़ी रहा। यहां पारा 20.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसी तरह बैतूल में 22.7 डिग्री, धार में 23.1 डिग्री, रायसेन में 22.4 डिग्री, रतलाम में 23.2 डिग्री, शिवपुरी में 25 डिग्री, दमोह में 24 डिग्री, खजुराहो में 23.8 डिग्री, नौगांव में 24 डिग्री, रीवा में 22.5 डिग्री, सागर में 23.4 डिग्री, सतना में 23 डिग्री, सीधी में 21.8 डिग्री, टीकमगढ़ में 23 डिग्री, उमरिया में 23.6 डिग्री और मलाजखंड में पारा 21.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

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उज्जैन । महाकालेश्वर मंदिर प्रबन्ध समिति द्वारा बुधवार को अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव के उपलक्ष्य पर जूना महाकाल परिसर स्थित यज्ञ शाला में हवन, पूजन इत्यादि का आयोजन किया गया। महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने आहुति दी। प्रशासक गणेश कुमार धाकड़, सहायक प्रशासक प्रतीक द्विवेदी भी सम्मिलित हुए। अंतराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव के उपलक्ष्य में मंदिर प्रबंध समिति द्वारा किये जा रहे आयोजन में श्रीमद्भागवत गीता के 18 अध्यायों के वाचन के साथ यज्ञ आहुति भी दी जा रही है।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में बर्फीली हवाओं के चलते सोमवार रात से कड़ाके की ठंड पड़ने का सिलसिला शुरू हो गया है। इसकी वजह से कई जिलों के तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। भोपाल, इंदौर-ग्वालियर समेत प्रदेश के कई शहरों में रात का तापमान 10 डिग्री से नीचे पहुंच गया है। पचमढ़ी में पारा सबसे कम है। अगले 24 घंटे में तापमान और भी लुढ़केगा। वहीं, 11 दिसंबर से प्रदेश में कोल्ड वेव यानी, सर्द हवाएं भी चलने लगेगी। सोमवार को भोपाल, इंदौर समेत कई शहरों में दिन के पारे में 2 से 4 डिग्री तक की गिरावट दर्ज की गई। मौसम विभाग के अनुसार, 11, 12 और 13 दिसंबर को धार, गुना-अशोकनगर में कोल्ड वेव चलेगी। आम तौर पर दिसंबर के आखिरी सप्ताह में कोल्ड वेव चलती है, लेकिन जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में बर्फ गिरने से सर्दी बढ़ी है। मौसम विभाग ने बताया कि जेट स्ट्रीम हवाएं 12.6 किमी ऊंचाई पर 277 किमी प्रतिघंटा के हिसाब से चल रही है। इससे मध्‍य प्रदेश में भी ठिठुरन है। आने वाले दिनों में हवा की ऊंचाई कम हो जाएगी। जिससे पूरे प्रदेश में सर्दी का असर बढ़ जाएगा। अगले 48 घंटे के दौरान दिन-रात के तापमान में गिरावट हो सकती है। खासकर रात में पारा 2-3 डिग्री तक लुढ़क सकता है। इससे कई शहरों में टेम्प्रेचर 10 डिग्री के नीचे पहुंच जाएगा।सोमवार - मंगलवार की रात में प्रदेश के सभी शहरों में तापमान में गिरावट हुई। सबसे ठंडा पचमढ़ी रहा। यहां 5.5 डिग्री की गिरावट के बाद तापमान 3.5 डिग्री पर आ गया। भोपाल में 4.5 डिग्री की गिरावट हुई और तापमान 7.8 डिग्री दर्ज किया गया। इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन और जबलपुर में भी खासी गिरावट हुई है। रात में इंदौर में 8.7 डिग्री, ग्वालियर में 8.5 डिग्री, उज्जैन में 10 डिग्री और जबलपुर में 7 डिग्री तापमान रहा। इसी तरह रायसेन, राजगढ़, नौगांव, उमरिया ऐसे शहर रहे, जहां पारा 7 डिग्री से नीचे रहा।प्रदेश में दिन के तापमान में भी खासी गिरावट दर्ज की गई। सोमवार को भोपाल में दिन में 4.4 डिग्री की गिरावट के बाद पारा 23.4 डिग्री सेल्सियस जा पहुंचा। इंदौर में भी 4.6 डिग्री पारा नीचे चला गया। इससे यह 22.9 डिग्री दर्ज किया गया। ग्वालियर में 24.8 डिग्री, उज्जैन में 24.5 डिग्री और जबलपुर में 26.4 डिग्री रहा। वहीं, बैतूल में 23.5 डिग्री, गुना में 24.7 डिग्री, पचमढ़ी में 20.8 डिग्री, रायसेन में 23.2 डिग्री, रतलाम में 25.5 डिग्री, शिवपुरी में 24.2 डिग्री, नौगांव में 25.2 डिग्री, रीवा में 26.2 डिग्री, सागर में 26.4 डिग्री, सतना में 26.7 डिग्री, सिवनी में 26 डिग्री, सीधी में 24.6 डिग्री, टीकमगढ़ में 26 डिग्री, उमरिया में 26.3 डिग्री और मजालखंड में पारा 23.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

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भोपाल । भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम में 7 से 11 दिसंबर 2024 तक आयोजित 39वीं राष्ट्रीय जूनियर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में मध्य प्रदेश राज्य एथलेटिक्स अकादमी के एथलीट विनोद सिंह ने बालक अंडर-20 वर्ग के 5000 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीतकर नया इतिहास रच दिया। विनोद ने 14:12.67 मिनट के प्रदर्शन के साथ न केवल स्वर्ण पदक जीता, बल्कि नई मीट रिकॉर्ड भी बनाई। यह जानकारी मंगलवार को जनसंपर्क अधिकारी दुर्गेश रायकवार ने दी।उन्‍होंने बताया कि इसी इवेंट में अकादमी के एक अन्य प्रतिभाशाली एथलीट विकास कुमार बिंद ने 14:13.52 मिनट के प्रदर्शन के साथ चौथा स्थान प्राप्त किया, जो पिछले मीट रिकॉर्ड से बेहतर था। गौरतलब है कि यह पूर्व रिकॉर्ड भी अकादमी के एथलीट सुनील डावर के नाम था, जिन्होंने 14:13.95 मिनट का समय दर्ज किया था।इस अभूतपूर्व उपलब्धि पर खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने विनोद सिंह, विकास कुमार बिंद और उनके प्रशिक्षकों एस.के. प्रसाद एवं संदीप सिंह को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा, "यह प्रदर्शन प्रदेश के खेल इतिहास में एक और सुनहरा अध्याय जोड़ता है। राज्य एथलेटिक्स अकादमी के एथलीटों की इस उपलब्धि से हमें अपार गर्व हुआ है।"मध्य प्रदेश राज्य एथलेटिक्स अकादमी निरंतर उत्कृष्टता के नए आयाम स्थापित कर रही है और यह सफलता न केवल एथलीटों की मेहनत का प्रमाण है, बल्कि प्रशिक्षकों की अद्वितीय तैयारी और मार्गदर्शन का भी परिणाम है।  

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ग्वालियर । ग्वालियर में रविवार देर रात एक प्लास्टिक फैक्ट्री में भीषण आग लग गई। आग शहर के औद्योगिक क्षेत्र बाराघाटा क्षेत्र में संचालित एक प्लास्टिक दाना बनाने वाली फैक्ट्री लगी थी। सूचना के बाद मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की तीन दर्जन गाड़ियाें ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। आग इतनी बड़ी थी कि उसने पड़ोस की फैक्ट्री को भी अपनी ज़द में लेना शुरू कर दिया था। इसकी लपटे दूर से ही देखी जा सकती थी। आसमान में काले धुएं का गुब्बार बन गया। घटना में कोई जनहानि नहीं हुई है।   जानकारी के अनुसार ग्वालियर में झांसी रोड पर विक्की फैक्ट्री इलाके में गत्ता-प्लास्टिक फैक्ट्री में रविवार रात भीषण आग लग गई। रात 11 बजे फैक्ट्री से लपटें उठती देख चौकीदार और आसपास रहने वालों ने पुलिस और फायर ब्रिगेड को जानकारी दी। तब तक पुलिस और दमकल की टीम मौके पर पहुंची आग का दायरा बढ़ चुका था। आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड की तीन दर्जन गाड़ियां लगाई गईं। इसके अलावा 5 फोम स्प्रिंकलर गाड़ियों को भी लगाया गया। गत्ता, प्लास्टिक के अलावा फैक्ट्री में केमिकल होने की वजह से आग तेजी से फैल रही थी। कड़ी मशक्कत के बाद देर रात करीब 3.30 बजे आग पर काबू पाया जा सका। आग की वजह से फैक्ट्री पूरी तरह से जलाकर खाक हो गई। दो मंजिला इस फैक्ट्री में प्लास्टिक का सामान तैयार करने के लिए कच्चा माल तैयार किया जाता था। बताया जा रहा है कि फैक्ट्री में भारी मात्रा में प्लास्टिक का दाना और केमिकल मौजूद था। इसकी वजह से फैक्ट्री की आग पर काबू पाना बेहद मुश्किल हो गया। यह फैक्ट्री शहर के बड़े कारोबारी पप्पू गुप्ता की बताई जा रही है। वे भी मौके पर पहुंचे थे। इसके अलावा आसपास जिन लोगों की फैक्ट्रियां हैं, वे भी आग लगने की खबर पाते ही आ गए।   ग्वालियर नगर निगम उपायुक्त एवं अग्निशमन अधिकारी अतिबल सिंह यादव ने कहा, "बाराघाटा में मुस्कान प्लास्टिक फैक्ट्री में आग लगी। इस आग में करीब 4 बच्चे और एक महिला फंसी हुई थीं, जिन्हें जिसे सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। हो सकता है, आग लगने का कारण या तो कोई रोटी बना रहा हो या किसी ने बीड़ी फेंक दी हो क्योंकि ये प्लास्टिक की जगह है उसी से हो सकता है कि आग लगी हो। कोई जनहानि नहीं हुई है। वही आग पर काबू पाने के बाद ही नुकसान का आंकलन किया जा सकेगा।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश के मौसम में एक बार फिर बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। सोमवार से अधिकांश जिले में हाड़ कंपाने वाली ठंड पड़ने वाली है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे बाद कड़ाके की सर्दी का अलर्ट जारी किया है। विभाग का कहना है कि वर्तमान में हवाओं का रुख उत्तरी एवं उत्तर-पश्चिमी बना हुआ है। इस वजह से कल से न्यूनतम तापमान में कमी आने की संभावना हैं। हालांकि जबलपुर, शहडोल संभाग के जिलों में कहीं-कहीं आंशिक बादल छाए रह सकते हैं।मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर-पश्चिम भारत के ऊपर 12.6 किमी की ऊंचाई पर 260 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से जेट स्ट्रीम हवाएं बह रही हैं। यहां पर एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस भी एक्टिव हो रहा है। इस वजह से बर्फ पिघलेगी और फिर हवा की रफ्तार तेज हो जाएगी। जिसका असर प्रदेश में अगले 24 घंटे बाद यानी 10 दिसंबर से देखने को मिलेगा। दरअसल, वेस्टर्न डिस्टरबेंस के कारण उत्तरी इलाकों और पहाड़ों पर मौसम बदलेगा। इस दौरान पहाड़ों पर बर्फबारी भी होगी। ऐसा होने पर बर्फ पिघलने के बाद बर्फीली हवा मध्य प्रदेश में आएगी। जिससे भोपाल-इंदौर समेत पूरे प्रदेश में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस तक पारा गिर जाएगा। वहीं, रविवार को प्रदेश के पूर्वी हिस्से के कुछ जिलों में हल्की बूंदाबांदी हुई। इससे दिन के तापमान में भी गिरावट आयी है।प्रदेश के तापमान की बात करें तो रविवार को रीवा में अधिकतम तापमान 24.6 डिग्री, सतना में 26 डिग्री, सीधी में 24.4 डिग्री, मलाजखंड में 25.8 डिग्री, पचमढ़ी में 24.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 27.8 डिग्री, इंदौर में 27.5 डिग्री, ग्वालियर में 26.7 डिग्री, उज्जैन में 28 डिग्री और जबलपुर में 28.3 डिग्री तापमान रहा। रात में ग्वालियर-राजगढ़ शहर सबसे ठंडे हैं। शनिवार-रविवार की रात में यहां पारा 9.6 डिग्री सेल्सियस रहा। शाजापुर के गिरवर में 9.7 डिग्री, खजुराहो में 10.2 डिग्री, चित्रकूट-नौगांव में 10.3 डिग्री, पचमढ़ी में 10.6 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। भोपाल, इंदौर, जबलपुर और उज्जैन में भी पारे में गिरावट देखने को मिली है। ग्वालियर का रात का न्यूनतम तापमान सबसे कम 9.3 डिग्री सेल्सियस रहा। इसके अलावा भोपाल में 12.1 डिग्री, उज्जैन में 12.8 डिग्री जबलपुर में 13.8 डिग्री और इंदौर में 14.3 डिग्री दर्ज हुआ।

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । मध्य प्रदेश में तूफान ‘फेंजल’ अब बेअसर हो चुका है। वहीं हवाओं का रुख भी उत्तरी और उत्तर-पश्चिमी की ओर हो गया है। सर्द हवाओं के असर से प्रदेश में एक बार फिर सर्दी बढ़ने लगी है। वहीं, वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) की वजह से प्रदेश के पूर्वी हिस्से के जिलों में अगले 24 घंटे में बारिश की संभावना हैं। जबलपुर समेत 13 जिलों में बारिश हो सकती है। जबकि ग्वालियर-चंबल संभाग में बर्फीली हवाएं चलेंगी और भोपाल, इंदौर-उज्जैन में ठंड का असर रहेगा।मौसम वैज्ञानिक वीएस यादव ने बताया कि वेस्टर्न डिस्टरबेंस के कारण उत्तरी इलाकों और पहाड़ों पर मौसम बदल सकता है। इस दौरान पहाड़ों पर बर्फबारी भी हो सकती है। ऐसा होने पर बर्फ पिघलने के बाद बर्फीली हवा प्रदेश में आएगी। वहीं, अगले 24 घंटे में पूर्वी हिस्से में बारिश हो सकती है। जिसमें जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, कटनी, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी, अनूपपुर, उमरिया, शहडोल और सिंगरौली में कहीं-कहीं बारिश होने का अलर्ट है। पूर्वी हिस्से में जहां बारिश और बादल रहेंगे वहीं, उत्तर और पश्चिमी हिस्से में ठंड का असर बढ़ जाएगा। बर्फीली हवाएं ग्वालियर-चंबल में सीधे आएंगी, जिससे यह ठिठुर सकता है। वहीं, भोपाल, इंदौर, उज्जैन में भी तेज ठंड का असर रहेगा।पिछले तीन-चार दिन की राहत के बाद प्रदेश एक बार फिर रात का तापमान लुढ़क गया है। शुक्रवार-शनिवार की रात 12 शहरों में रात का तापमान 10 डिग्री के नीचे रहा। शहडोल के कल्याणपुर, नौगांव में 8 डिग्री, सिंगरौली के देवरा और रीवा में 8.2 डिग्री, सतना के चित्रकूट और शिवपुरी के पिपरसमा में 8.5 डिग्री, राजगढ़ में 9 डिग्री, टीकमगढ़ में 9.1 डिग्री, खजुराहो में 9.2 डिग्री, उमरिया में 9.4 डिग्री, पचमढ़ी में 9.6 डिग्री और सतना में 9.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। गुना, सीधी, रायसेन और मंडला में तापमान 12 डिग्री से नीचे ही रहा। बड़े शहरों में भी रात के तापमान में गिरावट हुई है। इसके बाद भोपाल में 11.2 डिग्री, इंदौर में 16.3 डिग्री, ग्वालियर में 10.1 डिग्री, उज्जैन में 13.8 डिग्री और जबलपुर में 11.1 डिग्री दर्ज किया गया।

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इंदौर । मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में फिल्म अभिनेता और सिंगर दिलजीत दोसांझ के रविवार शाम को होने वाले कंसर्ट का विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता विरोध कर रहे हैं। इस कंसर्ट के लिए दिलजीत शनिवार को ही इंदौर पहुंच गए थे। रविवार सुबह उन्होंने 56 दुकान पहुंचकर पोहा और जलेबी का लुत्फ उठाया। इस दौरान फैंस का हुजूम लग गया। दिलजीत ने सभी का हाथ जोड़कर अभिवादन किया। इसके बाद वे पलासिया स्थित सेल्फी पाइंट पर साइकलिस्ट से मिले। उन्होंने सुबह साइकिल चलाने और सेहत बनाने का संदेश दिया। उन्होंने साइकिल चला रही महिला को शो में आने का निमंत्रण भी दिया। रविवार शाम 7 बजे बायपास स्थित सी-21 एस्टेट ग्राउंड पर होने वाले लाइव कसंर्ट में दिलजीत प्रस्तुति देंगे। दिलजीत के कंसर्ट के विरोध में रविवार सुबह 11.30 बजे विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल के कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट पहुंचे। उन्होंने यहां सड़क पर बैठकर नशे को प्रोत्साहित करने वाले कार्यक्रम को तत्काल रोकने की मांग की और धरना देकर कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा। इस दौरान बजरंग दल के विभाग मंत्री यश बचानी ने कहा कि आयोजन स्थल पर शराब कंपनी का विज्ञापन किया जा रहा है। हमारी मांग है कि सभी विज्ञापन, होर्डिंग्स तत्काल हटवाए जाएं। उन्होंने कहा कि बजरंग दल का प्रतिनिधिमंडल आयोजन स्थल पर पुलिस अधिकारियों और व्यवस्थापकों के साथ निरीक्षण करके आया है। मंच के चारों तरफ शराब और बियर कंपनियों के बड़े-बड़े स्टॉल लगे हैं। मांसाहारी व्यंजनों के स्टॉल लगे हैं। खुले परिसर में बजरंग दल किसी भी मनोरंजन का विरोध नहीं करता है लेकिन शहर की संस्कृति से छेड़छाड़ को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। इधर, दिलजीत के कंसर्ट स्थल पर करीब एक हजार की संख्या में पुलिसकर्मी और आयोजक समिति के वॉलंटियर मौजूद हैं। यहां कुल चार गेट हैं। इनमें से गोल्डन गेट पर ही 200 से ज्यादा वॉलंटियर हैं। एक किलोमीटर दूर से ही वाहनों को चेक किया जा रहा है। बीच-बीच में बैरिकेड्स लगाए गए हैं। पुलिसकर्मियों को हिदायत दी गई है कि बिना पास के किसी को भी एंट्री न दें और न ही सोशल मीडिया पर यहां से किसी को कुछ पोस्ट करने दें। ट्रैफिक पुलिस ने कंसर्ट में आने वाले लोगों से अपील की है कि वे खाली मैदान में बनाई गई पार्किंग में ही गाड़ियां खड़ी करें। अगर गाड़ियां मेन रोड पर पार्क की जाती हैं, तो कार्रवाई की जाएगी।

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भोपाल । ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूकता के लिए भोपाल में ‘रन भोपाल रन 2024’ का आयोजन रविवार सुबह टीटी नगर स्टेडियम से किया गया। ‘रन भोपाल रन’ की शुरू हुई,यह दौड़ 10 किलोमीटर की रही। जिसमें हजारों की संख्या में शहर वासियों ने भाग लिया। खास बात ये है कि इस जागरूकता दौड़ में शहर के सभी आयु वर्ग के लोगों ने भाग लिया। इस आयोजन में तीन कैटेगरी में दौड़ हुईं, जिसमें 21 किमी. 10 किमी व 5 किमी की दौड में लोगों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। कार्यक्रम में शहर की महापौर मालती राय और मंत्री विश्वास सांरग भी मौजूद रहे।   दौड़ सुबह 5.30 बजे टीटी नगर स्टेडियम से शुरू हुई, मुख्य द्वार से जैन मंदिर होते हुए प्लेटिनम प्लाजा, अटल पथ, जवाहर चौक, भारत माता चौराहा, स्मार्ट रोड, पॉलिटेक्निक चौराहा, यू-टर्न लेते हुए स्मार्ट रोड, भारत माता चौराहा तक पहुंची। , जवाहर चैक, अटलपथ, प्लेटिनम प्लाजा होते हुए टीटी नगर स्टेडियम में समाप्त हुई। बता दें कि इस आयोजन के लिए कुल रजिस्ट्रेशन करीब 11 हजार से अधिक हुए, जिसमें 1000 से अधिक लोगों ने 21 किमी., 2500 से अधिक ने 10 किमी और करीब 7500 ने 5 किमी की कैटेगरी में भाग लिया। इससे पहले टीटी नगर स्टेडियम में कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग की मौजूदगी में “रन भोपाल रन” कार्यक्रम में शामिल हुए और हरी झंडी दिखाकर इसका शुभारंभ किया। इस मौके पर विधायक भगवान सबनानी और आयोजन समिति मौजूद रही।      

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निवाड़ी/भोपाल । बुंदेलखंड की अयोध्या कही जाने वाली मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले में स्थित ऐतिहासिक नगरी ओरछा इन दिनों भगवान श्री रामराजा सरकार के विवाहोत्सव के उल्लास में डूबी हुई है। शुक्रवार देर शाम कलेक्टर लोकेश कुमार जांगिड़ ने सपत्नीक दूल्हे सरकार की पूजा की। इसके बाद बारात को श्री रामराजा मंदिर से जनकपुरी के लिए रवाना किया गया। इस दौरान मंत्री प्रहलाद पटेल, प्रभारी मंत्री नारायण कुशवाहा, विधायक अनिल जैन मौजूद थे। रामराजा की बारात राजसी बुंदेली ठाठ-बाट और गाजे-बाजे के साथ शहर से होते देर रात जनकपुरी पहुंची। रामराजा सरकार की बारात जब मन्दिर से बाहर निकली तो हर तरफ राम सिया के जयघोष हो रहे थे। हर कोई दूल्हा बने रामराजा सरकार की एक झलक पाने के लिए आतुर दिखा। पहले दिन गणेश पूजन के बाद राजसी अंदाज में प्रतिभोज का आयोजन किया गया था जिसमें भी हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। शुक्रवार को जगह-जगह बुंदेली विवाह गीतों के गायन के साथ श्री रामराजा सरकार दूल्हा बनकर देर रात जनकपुरी पहुंची, जहां रात में भगवान रामराजा सरकार का माता जानकी के साथ बुंदेली परम्पराओं और राजसी वैभव के साथ विवाह संपन्न होगा। विवाहोत्सव में सभी रस्में अदा करने के बाद शनिवार, 7 दिसंबर को सुबह कुंवर कलेवा के साथ विवाह महोत्सव का समापन होगा। 500 पुरानी है परंपरा रामराजा की नगरी ओरछा एक ऐसी जगह है, जहां भक्त और भगवान के बीच राजा और प्रजा का सम्बन्ध है। इसलिए ओरछा के परिकोटा के अन्दर सिर्फ रामराजा को ही गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है। ओरछा की सीमा के अन्दर मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री समेत कोई भी अति विशिष्ट व्यक्ति गार्ड ऑफ ऑनर नहीं लेता है। इस तरह की 500 वर्ष पुरानी एक नहीं, ओरछा में अनेक परंपराएं जीवंत हैं। परंपराओं की इसी शृंखला में प्रतिवर्ष रामराजा विवाह की वर्षगांठ का तीन दिवसीय आयोजन ठेठ बुन्देली राजसी अंदाज में मनाया जाता है। खजूर की पत्तियों का मुकुट पहनाते हैं बारात में दूल्हा के रूप में विराजमान रामराजा सरकार की प्रतिमा को पालकी में बैठाया जाता है। उनके सिर पर सोने का मुकुट नहीं, बल्कि आघम बुन्देली दूल्हों की तरह खजूर के पेड़ की पत्तियों का मुकुट पहनाया जाता है। पालकी के एक ओर छत्र तथा दूसरी ओर चंवर को देखकर सैकड़ों वर्ष पुराने बुन्देली राजसी वैभव की याद ताजा हो जाती है। पालकी के आगे बुन्देली अंदाज में मशालीची मशाल लेकर चलते हैं। नगर भम्रण के बाद बारात रामराजा की ससुराल विशम्भर मंदिर (जानकी मंदिर) पहुंचती है। बुंदेली गीतों से गूंज उठती हैं गलियां जहां बारातियों के भव्य स्वागत के साथ द्वारचार की रस्म पूरी होती है। इस दौरान नगर की गली-गली बुन्देली वैवाहिक गीतों से गूंज उठती है। इस तीन दिवसीय समारोह के पहले दिन गणेश पूजन, दूसरे दिन मण्डप व प्रीतिभोज का आयोजन किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि पूरे वर्षभर ओरछा के लोग अपने राजा को अपने यहां वैवाहिक समारोह व प्रीतिभोज में आमंत्रित कर प्रीतिभोज देते हैं, लेकिन वर्ष में एक बार रामराजा सरकार के यहां प्रीतिभोज कार्यक्रम में 50 हजार लोग भाग लेते हैं और भगवान का प्रसाद ग्रहण करते हैं, वहीं साल में एक दिन राजा अपनी प्रजा का हालचाल जानने मंदिर के बाहर आते हैं। इस दौरान भक्त अपने राजा का घरों के बाहर खड़े होकर राजतिलक करते हैं। इसमें देशी व विदेशी सैलानी भी आते हैं। ढोल-नगाड़े, ताशे-बाजे के बीच अनोखी बारात में पूरे नगर को दूधिया रोशनी से नहलाया जाता है। निवाड़ी पुलिस अधीक्षक राय सिंह नरवरिया ने बताया कि राम बारात को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। बारात व्यवस्था में भी 100 पुलिस के जवान तैनात थे। एक लाख दीपों से जगमगाई ओरछा नगरी ओरछा धाम में श्रीराम जानकी विवाह महोत्सव में एक लाख दीपों से पूरे नगर को जगमग किया गया है।

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सिंगरौली । मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय पिपराछापी में शनिवार को फूड प्वाइजनिंग से 10 से अधिक छात्र-छात्राएं बीमार हो गए। इन छात्रों ने दोपहर में मध्यान भोजन में दाल-चावल और सब्जी खाई थी, जिसके बाद उनके शरीर में दर्द और अन्य लक्षण दिखाई दिए। सबसे ज्यादा प्रभावित कक्षा आठ के छात्र-छात्राएं रहे। घटना के बाद छात्र-छात्राओं को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत पर चिकित्सकों की टीम नजर बनाए हुए हैं। कुछ बच्चों की हालत गंभीर बताई जा रही है। जिला कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला, पुलिस अधीक्षक मनीष खत्री, एसडीएम सृजन वर्मा और अन्य प्रशासनिक अधिकारी अस्पताल में मौजूद हैं और स्थिति पर लगातार निगरानी रख रहे हैं। थाना प्रभारी अशोक सिंह परिहार भी मौके पर पहुंचे और मामले की जांच की। प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं, ताकि फूड प्वाइजनिंग की वजह का पता चल सके।

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रतलाम/भोपाल । मध्य प्रदेश के रतलाम रेलवे स्टेशन पर अप यार्ड में शनिवार को सुबह करीब 9 बजे एक पैसेंजर ट्रेन मालगाड़ी से टकरा गई। इस हादसे में पैंसेजर ट्रेन का एक कोच मालगाड़ी के कोच पर चढ़ गया। रेलवे का सायरन बजते ही दुर्घटना रिलीफ ट्रेन मौके पर पहुंची। डीआरएम रजनीश कुमार, कलेक्टर राजेश बाथम, एसपी अमित कुमार समेत जिला व रेलवे प्रशासन के तमाम अधिकारी मौके पर पहुंच गए। दरअसल, यहां कोई ट्रेन हादसा नहीं हुआ था, बल्कि ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए रेलवे ने मॉकड्रिल कराई थी।   रेलवे द्वारा जानकारी दी गई कि रतलाम मंडल ने जिला प्रशासन के सहयोग से यहां ट्रेन दुर्घटना की स्थिति में समय पर पहुंचने के लिए मॉकड्रिल की। दिल्ली-मुबंई रेल लाइन से कुछ दूरी पर ट्रेन हादसे के बाद राहत एवं बचाव कार्य का पूरा सीन रिक्रिएट किया। सुबह से रेलवे का सायरन लगातार बजता रहा। हर कोई अपने स्तर पर जानकारी जुटाने में लग गया कि आखिर रेल दुर्घटना कहां हुई है। स्टेशन पर दुर्घटना रिलीफ ट्रेन पहुंची। रेलवे का तकनीकी अमला पूरी तैयारी के साथ डीजल शेड के आगे अपयार्ड के पास पहुंचा। भोपाल से आई एनडीआरएफ की टीम ने कोच को काटकर और कोच के विंडो के कांच फोड़कर यात्रियों को बाहर निकालने का प्रयास किया। डीआरएम रजनीश कुमार, कलेक्टर राजेश बाथम, एसपी अमित कुमार ने मौके पर पहुंचकर हर एक पहलु को देखा। अधिकारी दुर्घटना वाले कोच में भी गए। मौके पर स्वास्थ्य कैंप, रेलवे दुर्घटना राहत कैंप भी बनाया गया। एनडीआरएफ की टीम ने अपने संसाधनों के साथ इस मॉकड्रिल में भाग लिया।   रतलाम रेल मंडल के डीआरएम रजनीश कुमार ने बताया कि ट्रेन हादसे में राहत एवं बचाव कार्य करते हुए पूरी मुस्तैदी से जांची गई है। जिला पुलिस और रेलवे द्वारा संयुक्त रूप से यह देखा गया कि क्या सुधार किया जा सकता है। पूरी टीम कार्य में लगी हुई है। दो माह से इसकी की तैयारी की जा रही थी।   वहीं, रतलाम कलेक्टर राजेश बाथम ने बताया कि रेलवे द्वारा मॉकड्रिल की गई है। सभी एजेंसियों ने मिलकर यह सीन को रिक्रिएट किया है। राज्य एजेंसी मिल कर एक्सरसाइज कर रहे हैं। इसके बाद आपस में सभी के अनुभव साझा किए जाएंगे, ताकि पता चल सके दुर्घटना के बचाव के समय किन कमियों को दूर कर क्या सुधार किया जा सकता है?

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पन्‍ना । हीरा का शहर कहे जाने वाले पन्‍ना में हीरा नीलामी का शुक्रवार तीसरा और अंतिम दिन था जिसमें आज के हीरा नीलामी के आकर्षण का केंद्र 69.32 कैरट का रहा है। जो 2 करोड़ 21 लाख 72 हजार 800 मे व्ही एस एसोसिएट सत्येंद्र ने सर्वाधिक बोली लगाकर अपने नाम नीलाम कराया।   जिला खनिज अधिकारी रवि पटेल ने बताया कि कलेक्टर कार्यालय में तीन दिवसीय हीरा नीलामी की प्रक्रिया शुक्रवार को संपन्न हो गई। नीलामी में 230.81 कैरेट वजन के 86 नग हीरों का विक्रय 5 करोड़, 38 लाख, 62 हजार 233 रूपए में किया गया। इससे 61 लाख 94 हजार 156 रूपए की राजस्व रायल्टी भी प्राप्त होगी।   हीरा अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी अनुसार 69.32 कैरेट वजन के 41 नग हीरों का शासकीय बोली प्राप्त न होने के कारण इन्हें आगामी हीरा नीलामी में रखा जाएगा। हीरा नीलामी में सबसे महंगा हीरा 32.80 कैरेट वजन का 6 लाख 76 हजार रूपए के भाव से कुल 2 करोड़ 21 लाख 72 हजार 800 रूपए में विक्रय किया गया। नीलामी में 300.13 कैरेट वजन के 127 नग हीरों का प्रदर्शन किया गया था।    

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उज्जैन । उच्च न्यायालय ने महाकाल मंदिर प्रशासक ओर राज्य सूचना आयुक्त आदि को नोटिस जारी करते हुए आठ हफ्तों में नोटिस का जवाब मांगा है। मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ के अनुसार माननीय उच्च न्यायालय ने पूछा है कि याचिकाकर्ता को सूचना के अधिकार के तहत जानकारी क्यों नहीं दी गई? अन्य बिंदुओं पर भी जानकारी मांगी गई है।   चर्चा में प्रशासक श्री धाकड़ ने बताया कि सारिका गुरू ने महाकाल मंदिर प्रबंध समिति से जनवरी, 22 में सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी कि महाकाल मंदिर परिसर में स्थित 40 मंदिरों में पुरोहितों की और महाकाल मंदिर में 300 कर्मचारियों की नियुक्ति किस अधिकार के तहत की गई और उसका मापदण्ड क्या था? तत्कालिन प्रशासक ने उक्त जानकारी गोपनीय होने का वास्ता देकर नहीं दी थी। इसके बाद 7 फरवरी,23 को सारिका गुरू ने राज्य सूचना आयुक्त के यहां अपील की तो वहां से 30 अक्टूबर,23 को जवाब दिया और इसे गोपनीय आदि बताते हुए जानकारी नहीं दी गई थी। इसी आधार पर सारिका गुरू ने माननीय उच्च न्यायालय में नवंबर,24 में याचिका लगाई।   प्राप्त जानकारी के अनुसार इस मामले में माननीय उच्च न्यायालय ने 3 दिसंबर को सुनवाई करते हुए राज्य सूचना आयुक्त,जिला प्रशासन,महाकाल मंदिर प्रशासक तथा लोक सूचना अधिकारी को नोटिस जारी करते हुए आठ हफ्ते में जवाब मांगा है। श्री धाकड़ के अनुसार नोटिस की प्रति में चाही गई जानकारी अनुसार मंदिर प्रबंध समिति के कानूनी सलाहकार द्वारा जवाब बनाया जाएगा ओर माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष में प्रस्तुत किय जाएगा।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में फेंजल तूफान की वजह से पिछले दो दिन से बादल छाए हुए थे। इस कारण तापमान में बढ़ोतरी हुई। जिससे लोगों को थोड़ी ठंड से राहत मिली। लेकिन अब अगले 2 दिन यानी 48 घंटे बाद मौसम फिर से करवट बदलेगा और रात में तेज ठंड का दौर शुरू होगा। जबकि पूर्वी हिस्से यानी- जबलपुर, रीवा, शहडोल और सागर संभाग के जिलों में बारिश होने की संभावना हैं। बता दें कि पिछले दो दिन से मौसम का मिला-जुला असर है। दिन में गर्मी है जबकि रात में भी पारा 6 से 8 डिग्री तक बढ़ा है। मौसम विभाग का कहना है कि 6 और 7 दिसंबर को भी ऐसा ही मौसम रहेगा लेकिन फिर मौसम बदल जाएगा।मौसम वैज्ञानिक वीएस यादव ने बताया कि वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) के एक्टिव होने से पूर्वी हिस्से में बारिश होने की संभावना है। वहीं, 48 घंटे बाद रात के पारे में गिरावट हो सकती है, लेकिन दिन में तापमान 26 डिग्री से अधिक ही रहेगा। मौसम वैज्ञानिक का कहना है कि पूर्वी हिस्से के संभाग में बारिश होती है तो भोपाल, इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम, ग्वालियर और चंबल संभाग में तेज ठंड पड़ेगी। फि‍लहाल, अभी उत्तर भारत में 12.6 किमी की ऊंचाई पर 240 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से जेट स्ट्रीम हवाएं बह रही हैं। यह हवाएं ग्वालियर-चंबल में सबसे ज्यादा असर कर रही है। सर्द हवाओं की वजह से इन दोनों ही संभाग में रात का तापमान ज्यादा लुढ़का हुआ है। जब हवा की ऊंचाई कम होगी, तब प्रदेश में सर्द हवाओं से ठंड का असर और भी बढ़ जाएगा।गुरुवार को भोपाल, गुना, नर्मदापुरम, उज्जैन, खजुराहो, मंडला, सिवनी और उमरिया में पारा 30 डिग्री से अधिक रहा। मंडला, सिवनी और नर्मदापुरम में तो टेम्प्रेचर 31 डिग्री या इससे अधिक पर पहुंच गया। इंदौर में गुरुवार को दिन का तापमान दो डिग्री बढ़कर 29.9 पर पहुंच गया। जबकि रात का तापमान 1 डिग्री कम हुआ है, जो 16.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। जबकि बुधवार-गुरुवार की रात ग्वालियर समेत प्रदेश के 13 शहरों में रात का तापमान 12 डिग्री से नीचे रहा। शिवपुरी के पिपरसमा में पारा 9.7 डिग्री रहा। वहीं, राजगढ़, अशोकनगर के आंवरी, छतरपुर के नौगांव, खजुराहो, शहडोल के कल्याणपुर, ग्वालियर, नर्मदापुरम के पचमढ़ी, रीवा, टीकमगढ़, बालाघाट के मलाजखंड और रायसेन में 12 डिग्री से कम रहा। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 13.8 डिग्री, इंदौर में 17.1 डिग्री, ग्वालियर में 11, उज्जैन 16.7 और जबलपुर में 13.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

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इंदौर । मध्य प्रदेश की सड़कों पर अब 12 साल से ज्यादा पुरानी स्कूल बसें नहीं दौड़ सकेंगी। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ ने प्रदेश में स्कूल बसों के हादसों को गंभीरता से लेते हुए गाइडलाइन जारी की है। बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए कि मध्य प्रदेश मोटर व्हीकल एक्ट-1994 में स्कूल बस रजिस्ट्रेशन, संचालन व प्रबंधन के लिए नियमों का प्रावधान किया जाए। आरटीओ, डीएसपी-सीएसपी ट्रैफिक इन गाइडलाइन का सख्ती से पालन करवाएं। कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि 12 साल पुरानी स्कूल बसें नहीं चलाई जा सकेंगी। बसों में स्पीड गर्वनर, जीपीएस और सीसीटीवी कैमरा अनिवार्य रूप से लगवाएं। ताकि पालक मोबाइल एप से ट्रैक कर सकें। उच्च न्यायालय में सात वर्ष पहले हुए दिल्ली पब्लिक स्कूल बस हादसे को लेकर चल रही अलग-अलग जनहित याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए बुधवार देर शाम जस्टिस विवेक रुसिया और जस्टिस बिनोद कुमार द्विवेदी की युगलपीठ ने यह फैसला सुनाया है और गुरुवार को मीडिया को जारी हुआ है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि मोटर व्हीकल एक्ट में भी स्कूल बसों के लिए अलग से कोई गाइडलाइन नहीं है। ऐसे में जरूरी है कि जब तक मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन कर स्कूल बसों के लिए अलग से प्रावधान नहीं जोड़े जाते, तब तक कोर्ट खुद ही गाइडलाइन बना दे। इसमें 22 बिंदुओं को शामिल किया है। कोर्ट ने कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों को गाइडलाइन का पालन करवाने की जिम्मेदारी सौंपी है। सात साल पहले हुई थी चार बच्चों की मौत गौरतलब है कि इंदौर में सात साल पहले पांच जनवरी 2018 को डीपीएस की बस छुट्टी के बाद बच्चों को घर छोड़ने जा रही थी। शहर के बायपास रोड पर बस अनियंत्रित हो गई और डिवाइडर फांदते हुए दूसरे लेन में चल रहे ट्रक से जा टकराई। हादसे में चालक स्टियरिंग पर फंस गया। उसने वहीं दम तोड़ दिया। हादसे में चार बच्चों की भी मौत हो गई थी, जबकि कई अन्य बच्चे घायल हो गए। ऑटो में नहीं बैठा सकेंगे तीन से ज्यादा बच्चे कोर्ट द्वारा जारी गाइडलाइन में राज्य शासन को आदेश दिए गए हैं कि वह मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन करे। जब तक ऐसा नहीं होता यह गाइडलाइन लागू रहेगी। साथ ही उनका पालन कराने की जिम्मेदारी संबंधित जिले के आरटीओ और ट्रैफिक सीएसपी, डीसीपी की होगी। वहीं पीएस स्कूल शिक्षा विभाग, संबंधित जिले के कलेक्टर, एसपी इस मामले में ध्यान देंगे कि इनका पालन हो और इन गाइडलाइन को लेकर जागरूकता फैलाई जा सके। आदेश में यह भी कहा गया है कि ऑटो में तीन से ज्यादा स्कूली बच्चे नहीं बैठेंगे। ड्राइवर सहित कुल चार ही सवारी होंगी। अभिभावक मोबाइल एप पर देख सकेंगे बस की स्थिति जस्टिस विवेक रुसिया और जस्टिस विनोद कुमार द्विवेदी ने गाइडलाइन के साथ ही आदेश दिए हैं कि हर सरकारी स्कूल में प्रिंसिपल और निजी स्कूल, शैक्षणिक संस्थान में ऑनर, प्रिंसिपल व अन्य जिम्मेदार व्यक्ति हर बस के लिए एक व्हीकल इंचार्ज नियुक्त करेगा। जो बस के परमिट, लाइसेंस, फिटनेस ड्राइवर के क्रिमिनल रिकॉर्ड व अन्य बातों पर नजर रखेगा। कोई भी घटना होने पर उन्हें ही सीधे जिम्मेदार माना जाएग। हाईकोर्ट ने यह भी आदेश दिए हैं कि हर बस में सीसीटीवी और जीपीएस भी होना चाहिए। इससे अभिभावक मोबाइल एप पर हर बस की स्थिति देख सकें। बस में मेल, फीमेल टीचर भी होना चाहिए, जो बच्चों के बस में आने-जाने को देखेगा। ड्राइवर का लगातार मेडिकल चैकअप भी किया जाएगा। मुआवजे का मुद्दा जनहित याचिका में नहीं उठाया जा सकता इसके साथ ही बस दुर्घटना में मरने वालों और घायलों को उचित मुआवजा दिए जाने का मुद्दा भी जनहित याचिका में उठाया गया था। साथ ही प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की गई थी, लेकिन इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि मुआवजे का मुद्दा जनहित याचिका में नहीं उठाया जा सकता। इसलिए इस पर विचार नहीं किया जाएगा। जहां तक प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की बात है, तो उस समय पहले से ही मामला दर्ज था, इसलिए इन दो बिंदुओं पर विचार नहीं किया जा रहा है। लेकिन स्कूली बसों और ऑटो में बच्चों की सुरक्षा के लिए दिशा-निर्देश जरूर जारी किए जा रहे हैं। हाईकोर्ट के दिशा-निर्देश का किया जाएगा पालन इस संबंध में इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि स्कूल बस के मामले में हाई कोर्ट के जो भी दिशा-निर्देश हैं, उनका पालन किया जाएगा। कोर्ट की गाइडलाइन - स्कूल बस को पीले रंग से रंगा जाएगा और वाहन के आगे और पीछे स्कूल बस या आन स्कूल ड्यूटी लिखवाना होगा। स्कूल बस के बाहर दोनों तरफ स्कूल के वाहन प्रभारी का नाम, पता एवं टेलीफोन, मोबाइल नंबर लिखा होगा। स्कूल बसों की खिड़कियों पर शीशों पर रंगीन फिल्म नहीं लगेगी। प्रत्येक स्कूल बस में फर्स्ट एड बाक्स और अग्निशमन यंत्र होगा। प्रत्येक स्कूल बस में आपात स्थिति से निपटने में प्रशिक्षित एक परिचारक होगा। ड्राइवर के पास स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस और पांच वर्ष का अनुभव होना चाहिए। ऐसे ड्राइवर जिन्होंने एक वर्ष में दो से ज्यादा बार सिग्नल जंप किया है, वे स्कूल बस नहीं चला सकेंगे। जिस व्यक्ति का तेज गति से या शराब पीकर गाड़ी चलाने का एक बार भी चालान बना है वह भी स्कूल बस नहीं चला सकेगा। स्कूल प्रबंधन इस संबंध में ड्राइवर से शपथ पत्र लेगा। - प्रत्येक स्कूल बस में सीट के नीचे स्कूल बैग रखने की जगह होगी। प्रत्येक बस में स्पीड गवर्नर लगा होगा। स्कूल बस में दाहिनी ओर एक आपातकालीन दरवाजा और गुणवत्ता वाला लाकिंग सिस्टम होगा। प्रेशर हार्न नहीं लगाया जाएगा। रात में स्कूल बसों के अंदर नीले बल्ब लगाना होंगे। कोई भी स्कूल बस 12 वर्ष से अधिक पुरानी नहीं होगी। छात्रों को लाने-ले जाने में लगे आटो में चालक सहित चार से अधिक व्यक्ति नहीं बैठ सकते हैं। प्रत्येक स्कूल बस में एक जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम और एक सीसीटीवी कैमरा होगा। अभिभावक वाहन को मोबाइल एप के माध्यम से ट्रैक और देख सकेंगे।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में चक्रवात फेंजल का असर देखा जा रहा है। फेंजल तूफान के चलते हवाओं ने उत्तर पूर्वी और पूर्वी क्षेत्र का रुख किया है, जिससे बुधवार को राजधानी भोपाल सहित कई जिलों में बादल छाए रहे। बादल छाने से तापमान में वृद्धि हुई है। इससे प्रदेशवासियों को फिलहाल ठंड से राहत मिली है।मौसम वैज्ञानिक वीएस यादव ने बताया कि फेंजल तूफान की वजह से पूरे प्रदेश में बादल छाए हुए हैं। बुधवार को भी ऐसा ही मौसम रहा। इस कारण रात के तापमान में बढ़ोतरी हुई है। तूफान का असर अगले 2 दिन तक और रह सकता है। इसके बाद रात का तापमान तेजी से लुढ़कने लगेगा। वहीं, पिछले कुछ दिनों से बर्फीली हवाओं के कारण मध्य प्रदेश के भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर और चंबल संभाग में दिन में ठंडक बढ़ गई है। यहां दिन के पारे में 3 डिग्री की गिरावट हुई है।मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में उत्तरी हवाओं की रफ्तार बढ़ गई है। औसत 8 से 12 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा चल रही है। वहीं, पश्चिम-उत्तर भारत में 12.6 किमी की ऊंचाई पर 268 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से जेट स्ट्रीम हवाएं चल रही हैं। हवा की ऊंचाई जैसे ही कम होगी, प्रदेश में ठिठुरन और भी बढ़ जाएगी। जिसके असर से दिन-रात के तापमान में खासी गिरावट देखने को मिल सकती है।तापमान की बात करें तो रात में ग्वालियर-चंबल में सबसे ज्यादा ठंड है। मंगलवार-बुधवार की रात में ग्वालियर में तापमान 11.4 डिग्री दर्ज किया गया। भिंड, मुरैना, श्योपुर, दतिया में भी तापमान लुढ़का रहा। दूसरी ओर, भोपाल, इंदौर, नर्मदापुरम, उज्जैन, जबलपुर समेत अन्य शहरों में तापमान बढ़ गया है। प्रदेश के 9 शहर ही ऐसे रहे, जहां तापमान 12 डिग्री से कम रहा हो। इनमें शिवपुरी के पिपरसमा, टीकमगढ़, छतरपुर का खजुराहो, नौगांव, शहडोल का कल्याणपुर, अशोकनगर के आंवरी, नरसिंहपुर, रायसेन शामिल हैं। जबकि भोपाल में 15.8 डिग्री, इंदौर में 18.4 डिग्री, ग्वालियर में 11.4 डिग्री, उज्जैन में 16.5 डिग्री और जबलपुर में 12.6 डिग्री सेल्सियस रहा।मौसम विभाग का कहना है कि अगले 15 दिन तक मौसम में ऐसा ही उतार-चढ़ाव होता रहेगा। कड़ाके की ठंड का दौर 20 दिसंबर से शुरू होगा, जो जनवरी तक बना रहेगा। इन्हीं 40 दिनों में 20 से 22 दिन कोल्ड वेव यानी, सर्द हवाओं की भी स्थिति बन सकती है।

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भोपाल । मध्यप्रदेश की 'अयोध्या' और भगवान श्रीराम राजा सरकार की नगरी ओरछा में हर साल की तरह इस बार भी श्रीराम जानकी विवाह उत्सव की तैयारियां शुरू हो गई हैं। श्री रामराजा मंदिर के साथ ही पूरे नगर को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। आज से श्रीराम राजा सरकार के विवाह उत्सव की मुख्य रस्में शुरू होने जा रही हैं। ओरछा में भगवान श्रीराम-जानकी विवाह की परम्परा 450 वर्षों से चली आ रही है। इसी परम्परा के अनुसार, यहां श्रीराम-जानकी विवाह उत्सव की प्रमुख रस्में सात दिसंबर तक चलेंगी।आज पहले दिन हल्दी और मंडप की रस्म के साथ विशाल भंडारे का आयोजन होगा। छह दिसंबर को भगवान की बारात निकलेगी तथा रात में विवाह संपन्न होगा और सात दिसंबर को सुबह कुंवर कलेवा के साथ महोत्सव का समापन होगा। विवाह बुंदेली रीति-रिवाज से होगा।ओरछा तहसीलदार और व्यवस्थापक सुमित गुर्जर ने बताया कि इस बार श्रीराम राजा सरकार के विवाह उत्सव कार्यक्रम में आज यहां एक भंडारा है, जिसमें हम करीब 70 हजार लोगों के पहुंचने की उम्मीद कर रहे हैं। अगले दिन बारात निकाली जाएगी। यह बारात नगर का भ्रमण करते हुए राम जानकी मंदिर पहुंचेगी। राम जानकी मंदिर में दूल्हा बने श्री रामचंद्र जी का तिलक किया जाएगा और यहीं पर वैवाहिक रस्मों में पांव पखराई और कुमार कलेवा भी किया जाता है। श्रीराम राजा सरकार के विवाह उत्सव में देश और दुनिया से आने वाले भक्त भी बाराती बनकर बारात में शामिल होते हैं। उन्होंने बताया कि सजावट तो पूरे ओरछा नगर की कराई जा रही है। विशेष रूप से बारात मार्ग को दुल्हन की सजाया गया है।रामराजा मंदिर के बाहर फूल-मालाओं और इलेक्ट्रिक झालरों को लटकाकर सुंदरता से सजाया गया है। प्रभु श्रीराम और माता जानकी के विवाह के उत्साह का आकर्षक और मनमोहक डिजिटल कार्ड तैयार किया गया है। आम शादियों की तरह राम जानकी विवाह का निमंत्रण भेजा गया है। मंदिर समिति के विशिष्ट अधिकारियों द्वारा इन कार्ड को चारों तीर्थ स्थलों, 12 ज्योतिर्लिंगों और अयोध्या धाम सहित देश के प्रमुख मठों और मंदिरों तक पहुंचाया गया है।गौरतलब है कि भगवान राम और सीता माता का विवाह मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को हुआ था, जिसे विवाह पंचमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन ओरछा नगरी में घर-घर जाकर मंगलगायन के साथ तिलक की रस्म अदा की जाती है। मंडप में भोज भी आयोजित किया है और हजारों श्रद्धालु एक-दूसरे को हल्दी लगाकर नाचते-गाते हुए विवाह की रस्मों का आनंद लेते हैं। रात्रि में भगवान श्रीरामराजा सरकार की बारात मंदिर से निकलती है, जो पूरे नगर में एक धार्मिक उल्लास का माहौल बना देती है। ओरछा में श्रीराम-जानकी विवाह महोत्सव में रात्रि आठ बजे भगवान श्रीरामराजा सरकार की बारात धर्म ध्वजा और विद्युत सजावट के साथ निकलती है। बारात में धार्मिक कीर्तन मंडली और रामधुन के साथ भक्तगण शामिल होते हैं। नगर के हर द्वार पर दूल्हा बने राजाराम का पारंपरिक बुंदेली वैवाहिक मंगल गीत गायन करते हुए तिलक किया जाता है।

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भोपाल । मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो राष्ट्रीय उद्यान में लंबे इंतजार के बाद पर्यटक अब चीतों का दीदार कर सकेंगे। बुधवार को कूनो राष्ट्रीय उद्यान में अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस मनाया गया। इस दौरान बड़े बाड़े में कैद 24 चीतों में से दो नर चीतों अग्नि और वायु को कूनो प्रबंधन के अधिकारियों ने खुले जंगल में छोड़ा। विशेषज्ञों ने जंगल में उनके विचरण, सुरक्षा, भोजन आदि को लेकर अंतिम चर्चा के बाद यह निर्णय लिया। कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ आर. थिरुकुराल ने बुधवार शाम को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि फिलहाल सभी चीते पूरी तरह से स्वस्थ हैं। कूनो के बाड़े में 12 वयस्क और 12 शावक यानी कुल 24 चीते थे, जिनमें से दो को खुले जंगल में रिलीज कर दिया गया है। अब बाड़े में कुल 22 चीते हैं। इन्हें भी कूनो प्रबंधन के अधिकारी क्रमबद्ध तरीके से रिलीज करेंगे। खुले जंगल में छोड़े जाने के बाद अब ये चीते रफ्तार में भाग सकेंगे और अपने पसंद के जानवर का शिकार कर अपना पेट भर सकेंगे। चीतों को खुले जंगल में छोड़ने का फैसला स्टीयरिंग कमेटी करती है। सिंह परियोजना के निदेशक एवं क्षेत्र के डीएफओ उत्तम कुमार शर्मा ने बताया कि बुधवार को कूनो राष्ट्रीय उद्यान के पारोंद वन क्षेत्र में चीते छोड़े गए हैं। यह क्षेत्र अहेरा पर्यटन क्षेत्र का हिस्सा है। ऐसे में पर्यटकों को सफारी के दौरान चीतों को देखने का अवसर मिल सकता है। उन्होंने बताया कि इससे पहले अग्नि-वायु, गौरव-शौर्य, आशा, वीरा सहित कुल नौ चीतों को जंगल में छोड़ा जा चुका है। पिछले साल जुलाई और अगस्त में कुछ चीतों की मौत व संक्रमण के मामले सामने आने के बाद सभी चीतों को वापस बाड़े में बंद कर दिया था। छह माह पहले पवन व वीरा चीता का जोड़ा जंगल में छोड़ा था। वीरा के मुरैना व ग्वालियर क्षेत्र तक गांव में पशुओं के शिकार करने के बाद वापस बाड़े में ले जाना पड़ा था। पवन की बरसाती नाले में डूबकर मौत हो गई थी, जिसके बाद से ही सभी चीतों बाड़े में ही बंद थे। अग्नि और वायु उम्र में अधिक बड़े और मजबूत चीतों में से हैं, इसलिए पहले इन्हें छोड़ा गया है। गौरतलब है कि केन्द्र सरकार द्वारा चीता परियोजना के तहत नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाकर 20 चीते कूनो राष्ट्रीय उद्यान में बसाए गए थे। इनमें नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 17 सिंतबर 2022 को अपने जन्म दिन के अवसर पर कूनो के बाड़ों में रिलीज किया था। इसके बाद फरवरी 2023 में 12 चीते दक्षिण अफ्रीका से लाए गए थे। इनमें से आठ चीतों की मौत हो चुकी है। वहीं, यहां मादा चीतों द्वारा जन्म दिए गए 12 शावक को विशेषज्ञों की निगरानी में बाड़ों में रखा गया है, जो एक से डेढ़ साल के होने वाले हैं।  

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उज्जैन । महाकालेश्वर मंदिर में लड्डू प्रसाद के लिए लगाई गई एटीएम वेंडिंग मशीन प्रारंभ हो गई है। इसका लोकार्पण तीन दिन पूर्व भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश नड्डा तथा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने किया था। बुधवार को यह जानकारी देते हुए मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ ने बताया कि लड्डू प्रसाद वेंडिंग एटीम मशीन द्वारा क्यूआर कोड स्कैन कर भुगतान करने के बाद प्रसाद के कूप से लड्डू का पैकेट मशीन से बाहर निकलेगा। मंदिर समिति ने कोयंबटूर की 5जी टेक्नोलॉजी कंपनी से यह ऑटोमेटिक मशीन ली है। इसकी लागत करीब ढाई लाख रूपए आई थी। उन्होने बताया कि इस मशीन से श्रद्धालु 100 ग्राम, 200 ग्राम और 500 ग्राम लड्डू के पैकेट प्राप्त कर सकेंगे। यह हाईटेक सुविधा देश के किसी भी अन्य मंदिर में फिलहाल उपलब्ध नहीं है।  

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भोपाल । दिसंबर का महीना आते ही मध्य प्रदेश में कड़ाके की ठंड ने थोड़ा ब्रेक ले लिया है। राजधानी भोपाल समेत कई जिलों में तापमान में थोड़ी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वहीं, ‘फेंगल’ के असर से प्रदेश के कई जिलों में बादल छाए हुए हैं, तो कहीं बर्फीली हवाओं की वजह से ठिठुरन बढ़ गई है। मौसम विभाग के अनुसार 20 दिसंबर से प्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ेगी।मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि 'फेंगल' तूफान की वजह से प्रदेश में बादल छाए हुए हैं और रात का तापमान 6 डिग्री तक बढ़ गया है। दूसरी ओर, बर्फीली हवाओं की वजह से ग्वालियर-चंबल ठिठुर रहे हैं। अगले 2-3 दिन तक तूफान का असर रहेगा। बादल छाए रहेंगे और रात के तापमान में बढ़ोतरी होगी। इसके बाद पूरे प्रदेश में फिर से सर्दी बढ़ जाएगी। मौसम विभाग का कहना है कि जब भी बादल रहते हैं तो रात के तापमान में गिरावट की बजाय बढ़ोतरी होती है। इस समय भी ऐसा ही मौसम है। पिछली 2 रात से भोपाल, उज्जैन, इंदौर समेत कई शहरों में पारे में बढ़ोतरी हुई है। वहीं, ठिठुरन की वजह सर्द हवाएं हैं। अभी प्रदेश में औसत 8 से 10 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से उत्तरी हवाएं चल रही हैं।मंगलवार को प्रदेश के दक्षिणी हिस्से यानी, छिंदवाड़ा, सिवनी, बैतूल समेत कई जिलों में बादल छाए रहे। मालवा-निमाड़, बुंदेलखंड, बघेलखंड में भी बादल रहे, जबकि मालवा-निमाड़ में भी कभी बादल तो कभी मौसम साफ रहा। सोमवार-मंगलवार की रात प्रदेश के कई शहरों में रात के तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिली। उज्जैन में तो 6.2 डिग्री की बढ़ोतरी के बाद तापमान 16 डिग्री पर आ गया। भोपाल में 4.3 डिग्री, इंदौर में 3.3 डिग्री, पचमढ़ी-सागर में 3 डिग्री, रायसेन में 3.4 डिग्री, दमोह में 3.2 डिग्री, उमरिया में 2.1 डिग्री तक टेम्परेचर बढ़ गया। नौगांव में 8.1 डिग्री, पिपरसमा में 9 डिग्री, टीकमगढ़ में 9.5 डिग्री, रीवा में 10 डिग्री रहा। नरसिंहपुर, खजुराहो, रायसेन, सतना, खंडवा, राजगढ़, खरगोन, सीधी में भी पारा 12 डिग्री से नीचे ही रहा।बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 12.8 डिग्री, इंदौर में 16.5 डिग्री, ग्वालियर में 10.7 डिग्री, उज्जैन में 16 डिग्री और जबलपुर में तापमान 12.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में इस बार 20 दिसंबर से कड़ाके की ठंड का दौर आएगा, जो जनवरी तक बना रहेगा। इन्हीं 40 दिनों में 20 से 22 दिन कोल्ड वेव यानी, सर्द हवाएं की भी स्थिति रह सकती है। सबसे ज्यादा ठंड उज्जैन, ग्वालियर-चंबल संभाग में रहेगी। वजह बर्फीली हवाएं सीधे आना है। दूसरे पखवाड़े में ही मावठा यानी, बारिश भी हो सकती है।  

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देवास । मध्य प्रदेश के देवास जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर ग्राम दुर्गापुरा में एक खेत में मंगलवार को आठ मोर मृत अवस्था में मिले हैं। खेत मालिक की सूचना पर वन विभाग की टीम पशु चिकित्सक व पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंची और पंचनामा बनाकर मृत मोरों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। फिलहाल वन विभाग की टीम मामले की जांच में जुटी है। क्षेत्र के डीएफओ पीएन मिश्रा ने बताया कि मंगलवार सुबह सूचना मिली थी कि ग्राम दुर्गापुर के एक खेत में आठ मौर मृत हालत में पड़े हुए हैं। सूचना के बाद मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने मृत मोर के आसपास सर्चिंग भी, लेकिन प्रारंभिक जांच में शिकार होने संबंधी कुछ भी साक्ष्य नहीं मिले हैं। जिस खेत में मोर मृत मिले, वह टमाटर का खेत था। वन विभाग ने मोरों द्वारा कुछ रासायनिक पदार्थ खाने की आशंका जताई है। उन्होंने बताया कि मोराें की मौत आज सुबह होना ही प्रतीत हो रही है। इन मोराें में पांच मादा और तीन उनके बच्चे हैं। प्रथम दृष्टया मौत के कारण की पुष्टि नहीं हो पा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही खुलासा हो सकता है। खेत में करंट जैसा भी कुछ नहीं दिख रहा और न ही कोई शिकार जैसी बात सामने आ रही है। पोस्टमार्टम के बाद मृत मोरों का अंतिम संस्कार किया जाएगा। आसपास की सभी वस्तुओं के सैंपल लेकर राज्य स्तरीय लैब पहुंचाए जाएंगे। एसओपी के तहत पीएम के बाद शवदाह करने के बाद रिपोर्ट वन मुख्यालय भेजी जाएगी।  

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भोपाल  । स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त तरुण राठी ने प्रदेश के सभी निजी चिकित्सालयों (नर्सिंग होम) को निर्देश दिए हैं कि वे अपने अस्पताल में प्रदायित सभी चिकित्सकीय सेवाओं की दर सूची (रेट लिस्ट) प्रमुखता से प्रदर्शित करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश के नागरिकों के हितों की रक्षा करते हुए उन्हें बेहतर और पारदर्शी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिये यह महत्वपूर्ण है।   जनसंपर्क अधिकारी अंकुश मिश्रा ने मंगलवार को जानकारी देते हुए बताया कि निजी चिकित्सालयों में काउंटर पर दर सूची का प्रदर्शन अनिवार्य है। रोगी या उनके परिवारजन द्वारा मांग करने पर दर सूची दिखाना अस्पताल प्रबंधन का दायित्व भी होगा। इसके अलावा, यदि किसी अस्पताल को दर सूची में संशोधन करना हो, तो इसकी लिखित सूचना मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को देना आवश्यक है। संशोधित दर सूची को भी प्रमुखता से प्रदर्शित करना होगा। इसका उद्देश्य रोगियों के अधिकारों की रक्षा करने और स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता लाना है।   उन्‍होंने बताया कि यह निर्देश म.प्र. उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं अधिनियम, 1973 और नियम, 1997 (यथासंशोधित 2021) के नियम 17 के अनुसार जारी किए गए हैं। सभी निजी चिकित्सालयों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे इन प्रावधानों का पालन करें। आयुक्त राठी ने समस्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को इसके अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। दर सूची के बिना अतिरिक्त शुल्क लेना नियमों का उल्लंघन है, मनमानी शुल्क वसूलने की घटनाओं को रोकने के लिए सतत निरीक्षण करने के आयुक्त ने निर्देश दिये हैं।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में सर्दी ने रफ्तार पकड़ ली है। राजधानी भोपाल सहित कई जिलों में रात का तापमान 10 डिग्री के नीचे पहुंच गया है। अब मौसम विभाग ने चक्रवात फेंगल की वजह से आज मंगलवार को प्रदेश के 7 जिलों में बारिश की संभावना जताई है। वहीं, ग्वालियर, चंबल और उज्जैन संभागों में रात के तापमान में गिरावट आएगी। जबकि भोपाल, इंदौर और जबलपुर को ठंड से थोड़ी राहत मिलेगी। वहीं पश्चिमी, पूर्वी और दक्षिणी हिस्से में तापमान बढ़ेगा।मौसम विभाग के अनुसार, 'फेंगल' तूफान के असर से मध्य प्रदेश के बैतूल, छिंदवाड़ा समेत 7 जिलों में मंगलवार को बारिश के आसार हैं। वहीं, उत्तरी हवाएं आने से ग्वालियर, चंबल और उज्जैन संभाग में रात में तेज ठंड रहेगी जबकि इंदौर, भोपाल और जबलपुर संभाग में ठंड से थोड़ी राहत मिल सकती है। प्रदेश के दक्षिणी और पूर्वी हिस्से में रात का तापमान 2 से 3 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है। अगले 24 घंटे में बैतूल, डिंडौरी, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, पांढुर्णा जिलों में कहीं-कहीं बादल और बारिश की स्थिति बनी रहेगी। इन जगहों पर हवा की रफ्तार भी आम दिनों की तुलना में 3 से 4 किमी प्रतिघंटा तक बढ़ी हुई रहेगी। मौसम विभाग का कहना है कि 4 दिसंबर को भी ऐसा ही मौसम रहेगा।मौसम विभाग ने बताया कि उत्तर-पश्चिमी भारत के ऊपर एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस भी एक्टिव है। इस वजह से पहाड़ों में बर्फबारी होगी और उत्तरी हवाएं मध्य प्रदेश में तेजी से आएंगी, जिससे पूरे प्रदेश में दिन-रात में ठंड बढ़ने का अनुमान है। तापमान की बात करें तो इंदौर में पिछले 24 घंटे में दिन के तापमान में 2 डिग्री सेल्सियस का इजाफा हुआ है। सोमवार को यहां दिन का तापमान 27.5 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। उज्जैन में भी बीती रात न्यूनतम तापमान में 7 डिग्री सेल्सियस का उछाल आया। यहां पारा 16 डिग्री पर पहुंच गया, जबकि एक दिन पहले रात में 9.8 डिग्री टेम्परेचर रिकॉर्ड किया गया था।रविवार-सोमवार की रात में शाजापुर के गिरवर में पारा 5.9 डिग्री, छतरपुर के नौगांव में 7.8 डिग्री, सीहोर में 7.9 डिग्री, राजगढ़ में 8 डिग्री, टीकमगढ़ में 9.3 डिग्री, रायसेन में 9.4 डिग्री, पचमढ़ी-रीवा में 9.8 डिग्री रहा। खंडवा, खरगोन, रतलाम, खजुराहो, सतना, उमरिया, गुना, दमोह, नरसिंहपुर, धार, सागर और सीधी में तापमान 12 डिग्री से नीचे ही रहा। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में तापमान 8.5 डिग्री, इंदौर में 13.2 डिग्री, ग्वालियर में 10.9 डिग्री, उज्जैन में 9.8 डिग्री और जबलपुर में 11 डिग्री दर्ज किया गया। सोमवार को दिन में भी कई शहरों में तापमान में गिरावट देखी गई।

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भोपाल । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में वर्ष 1984 में दो-तीन दिसंबर की रात को हुई विश्व की भीषणतम औद्योगिक त्रासदी को लोग अब तक भूल नहीं पाए हैं। अब भी यहां के लोग इसका दंश झेलने को मजबूर हैं। यूनियन कार्बाइड कारखाने से जहरीली गैस मिथाइल आइसोसाइनेट का रिसाव हुआ और हजारों लोग मौत के मुंह में चले गए थे। मंगलवार, 3 दिसंबर को इस भीषणतम त्रासदी की 40वीं बरसी है, लेकिन अब तक न तो पीड़ितों को न्याय मिल पाया है और न ही यूनियन कार्बाइड परिसर में पड़े कचरे को नष्ट नहीं किया जा सका है। निकट भविष्य में भी इसके निपटान की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है।   विषैली गैस के सम्पर्क में आने वाले लोगों के परिवारों में इतने वर्षों बाद भी शारीरिक और मानसिक रूप से अक्षम बच्चे जन्म ले रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक गैस त्रासदी से 3787 की मौत हुई और गैस से करीब 5,58,125 लोग प्रभावित हुए थे। हालांकि कई एनजीओ का दावा रहा है कि मौत का यह आंकड़ा 10 से 15 हजार के बीच था। बहुत सारे लोग कई तरह की शारीरिक अपंगता से लेकर अंधेपन के भी शिकार हुए। विभिन्न अनुमानों के मुताबिक करीब आठ हजार लोगों की मौत तो दो सप्ताह के भीतर ही हो गई थी जबकि करीब आठ हजार अन्य लोग रिसी हुई गैस से फैली संबंधित बीमारियों के चलते मारे गए थे।   कैसे हुआ हादसा ? यूनियन कार्बाइड की फैक्टरी से करीब 40 टन गैस का रिसाव हुआ था। इसकी वजह थी टैंक नंबर 610 में जहरीली मिथाइल आइसोसाइनेट गैस का पानी से मिल जाना था। इससे हुई रासायनिक प्रक्रिया की वजह से टैंक में दबाव पैदा हो गया। इससे टैंक खुल गया और गैस रिसने लगी। लोगों को मौत की नींद सुलाने में विषैली गैस को मात्र तीन मिनट लगे थे। क्या बनता था इस कारखाने में- यूनियन कार्बाइड कारखाने में कारबारील, एल्डिकार्ब और सेबिडॉल जैसे खतरनाक कीटनाशकों का उत्पादन होता था। संयंत्र में पारे और क्त्रसेमियम जैसी दीर्घस्थायी और जहरीली धातुएं भी इस्तेमाल होती थीं। सरकार का कृषि विभाग उन कीटनाशकों का एक बड़ा खरीददार था। भोपाल कारखाने से कीटनाशकों का निर्यात दूसरे देशों को किया जाता था और उससे भारत को निर्यात शुल्क की आय होती थी। जानकारों का कहना है कि कीटनाशकों की आड़ में यह कारखाना कुछ ऐसे प्रतिबंधित घातक एवं खतरनाक उत्पाद भी तैयार करता था, जिन्हें बनाने की अनुमति अमेरिका और दूसरे पश्चिमी देशों में नहीं थी।   40 वर्ष बाद भी धरती के नीचे दफन है जहरीला कचरा- भोपाल गैस त्रासदी के 40 वर्ष 3 दिसंबर को पूरे होने जा रहे हैं, पर इतने वर्ष बाद भी जहरीला कचरा यूनियन कार्बाइड परिसर में दफन है। इस कारण भूजल प्रदूषित होने की बात सत्यापित हो चुकी है। वर्ष 2018 में इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टाक्सिकोलाजी रिसर्च लखनऊ की रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आ चुका है। रिपोर्ट के अनुसार यूनियन कार्बाइड परिसर के आसपास की 42 बस्तियों के भूजल में हेवी मेटल, आर्गनो क्लोरीन पाया गया था, जो कैंसर और किडनी की बीमारी के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। इसके बाद इस क्षेत्र में नर्मदा जल की आपूर्ति सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर की जा रही है। आशंका है इन कालोनियों के अतिरिक्त प्रदूषित भूजल आगे पहुंच गया हो पर वर्ष 2018 के बाद जांच ही नहीं कराई गई।   राज्य सरकार ने कुछ साल पहले यूनियन कार्बाइड परिसर में पड़े लगभग 350 मी टन कचरे का निपटान गुजरात के अंकलेश्वर में करने का निर्णय लिया था और उस समय गुजरात सरकार भी इसके लिए तैयार हो गई थी, लेकिन गुजरात की जनता द्वारा इसको लेकर आंदोलन किए जाने के बाद गुजरात सरकार ने कचरा वहां लाए जाने से इनकार कर दिया। इसके बाद सरकार ने प्रदेश के धार जिले के पीथमपुर में कचरा नष्ट करने का निर्णय लिया और 40 मी. टन कचरा वहां जला भी दिया, लेकिन यह मामला प्रकाश में आने के बाद यहां विरोध में किए गए आंदोलन के बाद स्वयं मध्य प्रदेश सरकार ने इससे अपने हाथ खींच लिए।   इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने नागपुर में डीआरडीओ स्थित इंसीनिरेटर में कचरे को नष्ट करने के आदेश दिया, लेकिन महाराष्ट्र के प्रदूषण निवारण मंडल ने इसकी अनुमति नहीं दी और महाराष्ट्र सरकार ने भी नागपुर में कचरा जलाने से इनकार कर दिया। प्रदेश सरकार ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट की शरण ली और न्यायालय ने नागपुर स्थित इंसीनिरेटर के निरीक्षण के आदेश दिए, लेकिन न्यायालय को यह बताया गया कि वहां स्थित इंसीनिरेटर इतनी बड़ी मात्रा में जहरीला कचरा नष्ट करने में सक्षम नहीं है। सरकार द्वारा महाराष्ट्र के कजोला में भी कचरा नष्ट करने पर विचार किया गया, लेकिन प्रदूषण निवारण मंडल द्वारा अनुमति नहीं दिये जाने से यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया। जिससे आज तक परिसर में पड़ा हजारों टन कचरा जहां था वहीं आज भी पड़ा है।   इस कचरे के होने से जहां भूमिगत प्रदूषण फैल रहा तो वहीं कई प्रकार की बीमारियां भी बनी रहती हैं। भोपाल ग्रुप फॉर इंफॉर्मेशन एंड एक्शन के सदस्यों का कहना है कि दुनिया की सबसे बड़ी गैस त्रासदी का असर आज भी दिख रहा है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के अधीन संस्था नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च ऑन एनवायरमेंटल हेलट ने एक शोध में यह पाया था कि जहरीली गैस का दुष्प्रभाव गर्भवती महिलाओं पर भी पड़ा। इसके कारण बच्चों में जन्मजात बीमारियां हो रही हैं। उन्हेंने आरोप लगाते हुए कहा कि आइसीएमआर की रिपोर्ट सरकार ने प्रकाशित ही नहीं होने दी, बल्कि रिपोर्ट को दबा लिया गया। जहरीली गैस का दुष्प्रभाव गर्भवती महिलाओं पर भी पड़ा। इसके कारण बच्चों में जन्मजात बीमारियां हो रही हैं। आईसीएमआर की रिपोर्ट सरकार ने प्रकाशित ही नहीं होने दी। रिपोर्ट को दबा लिया गया।   यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे के कारण आस-पास का भूजल मानक स्तर से 562 गुना ज्यादा प्रदूषित हो गया। कारखाने में और उसके चारों तरफ तकरीबन 10 हजार मीट्रिक टन से अधिक कचरा जमीन में आज भी दबा हुआ है। बीते कई सालों से बरसात के पानी के साथ घुलकर अब तक 14 बस्तियों की 50 हजार से ज्यादा की आबादी के भूजल को जहरीला बना चुका है। सीएसई के शोध में परिसर से तीन किलोमीटर दूर और 30 मीटर गहराई तक जहरीले रसायन पाए गए।   गैस पीड़ित संगठन के कार्यकर्ताओं का दावा है कि रैपिड किट से उन्होंने इनके अतिरिक्त कारखाने की साढ़े तीन किमी की परिधि में आने वाली 29 अन्य कालोनियों में भी जांच की तो आर्गनो क्लोरीन मिला है, पर कितना मात्रा में है इसकी जांच बड़े स्तर पर सरकार द्वारा कराने की आवश्यकता है।   गैस पीड़ितों के लिए काम करने वाली सामाजिक कार्यकर्ता रचना ढींगरा ने बताया कि त्रासदी के पहले परिसर में ही गड़्ढे बनाकर जहरीला रासायनिक कचरा दबा दिया जाता था। इसके अतिरिक्त परिसर में बनाए गए तीन छोटे तालाबों में भी पाइप लाइन के माध्यम जहरीला अपशिष्ट पहुंचाया जाता था। इस कचरे की कोई बात ही नहीं हो रही। कारखाने में रखे कचरे को नष्ट करने के लिए 126 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इसे पीथमपुर में जलाया जाना है।   गैर राहत विभाग के उप सचिव केके दुबे का कहना है कि यूनियन कार्बाइड परिसर में प्लांट में रखे कचरे को नष्ट करने के लिए सभी अनुमतियां मिल गई हैं। इस जल्द नष्ट करने के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद ही जमीन में गड़े कचरे के बारे में विचार किया जाएगा। विभाग के पास ऐसी कोई रिसर्च भी नहीं है कि जमीन में कितना कचरा दबा है और उससे क्या नुकसान हो रहा है।   पुनर्वास के लिए मिली राशि में 14 वर्ष बाद खर्च नहीं हो पाए 129 करोड़ रुपये- सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गैस पीड़ितों के पुनर्वास के लिए वर्ष 2010 में 272 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए थे। इसमें 75 प्रतिशत राशि केंद्र व 25 प्रतिशत राज्य सरकार की थी। इसमें भी 129 करोड़ रुपये आज तक खर्च नहीं हो पाए हैं। गैस राहत एवं पुनर्वास विभाग आज तक इस राशि को खर्च करने की योजना ही नहीं बना पाया है। आर्थिक पुनर्वास के लिए 104 करोड़ रुपये मिले थे। इसमें 18 करोड़ रुपये स्वरोजगार प्रशिक्षण पर खर्च हुए बाकी राशि बची है। सामाजिक पुनर्वास के लिए 40 करोड़ रुपये मिले थे, जिसमें गैस पीड़ितों की विधवाओं के लिए पेंशन का भी प्रविधान है। 4399 महिलाओं को पेंशन मिल रही हैं। वर्ष 2011 से यह राशि एक हजार है जिसे बढ़ाया नहीं गया है। न ही किसी नए हितग्राही को शामिल किया गया है।   गौरतलब है कि वर्ष 1984 में मप्र की राजधानी भोपाल में 02 और 03 दिसंबर की दरम्यानी रात्रि में यूनियन कार्बाइड कारखाने की गैस के रिसाव से हजारों लोगों की मौत हो गई थी और लाखों लोग इससे प्रभावित हुए थे। हजारों प्रभावित आज भी उसके दुष्प्रभाव झेलने को मजबूर हैं। उस त्रासदी को 40 साल हो चुके हैं, लेकिन पीड़ितों के जख्म आज भी हरे हैं। एक शोध में यह तथ्य सामने आया है कि भोपाल गैस पीड़ितों की बस्ती में रहने वालों को दूसरे क्षेत्रों में रहने वालों की तुलना में किडनी, गले तथा फेफड़ों का कैंसर 10 गुना ज्यादा है। इसके अलावा इस बस्ती में टीबी तथा पक्षाघात के मरीजों की संख्या भी बहुत ज्यादा है। इस गैस त्रासदी में पांच लाख से भी ज्यादा लोग प्रभावित हुए थे, जिनमें से हजारों लोगों की मौत तो मौके पर ही हो गई थी और जो जिंदा बचे, वे विभिन्न गंभीर बीमारियों के शिकार होकर जीवित रहते हुए भी पल-पल मरने को विवश हैं। इनमें से बहुत से लोग कैंसर सहित कई प्रकार की गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं।  

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भोपाल  । नवंबर जाते ही मध्‍य प्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ने का सिलसिला शुरू हो गया है। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में फेंगल तूफान का असर देखने को मिलेगा। जिसकी वजह से अगले 48 घंटों में तापमान में गिरावट के चलते सर्दी तेज होने लगेगी। इसके साथ ही छिंदवाड़ा, सिवनी और बैतूल में हल्की बारिश की संभावना भी जताई गई है। जबकि ग्वालियर-चंबल और उज्जैन में बर्फीली हवा चलेगी।   मौसम विभाग ने बताया कि फेंगल तूफान के असर से हवाओं का रुख बदला है। जिससे मध्य प्रदेश में कड़ाके की सर्दी का सिलसिला जारी हुआ। इसके साथ ही दिसंबर में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोप) का भी असर रहेगा। इस कारण दिन में भी तापमान गिर सकता है। 20 दिसंबर से कड़ाके की ठंड का दौर शुरू होगा, जो जनवरी के पूरे महीने तक चलेगा। भोपाल में रविवार-सोमवार की रात भी तापमान 10 डिग्री से नीचे रहा। वहीं, आज सोमवार सुबह हल्का कोहरा भी छाया रहा।   प्रदेश में रात के तापमान में गिरावट जारी है। रविवार-सोमवार की रात प्रदेश के 11 शहरों में रात का तापमान 10 डिग्री से कम तापमान दर्ज किया गया। शाजापुर से जुड़े गिरवर में पारा सबसे कम 6.1 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं राजगढ़ में 7 डिग्री, छतरपुर के नौगांव में 7.2 डिग्री, शिवपुरी के पिपरसमा में 7.7 डिग्री, हिल स्टेशन पचमढ़ी में 8.2 डिग्री, रायसेन-टीकमगढ़ में 9 डिग्री, खंडवा-खजुराहो में 9.4 डिग्री, उमरिया-बैतूल में 9.5 डिग्री और गुना में पारा 9.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। गुना, रतलाम, खरगोन, रीवा, धार, मंडला, नरसिंहपुर, सतना, सागर, सीधी में तापमान 12 डिग्री से कम रहा।   बड़े शहरों को बात करें तो भोपाल में रविवार-सोमवार की रात पारा 8.8 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। इंदौर में 12 डिग्री, ग्वालियर में 9.8 डिग्री, उज्जैन में 10 डिग्री और जबलपुर में 11.5 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।

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अनूपपुर । जिले के अमरकंटक वन परिक्षेत्र के दोनिया, भेजरी क्षेत्र में रविवार रात एक बाघ को देखा गया है, यहां तक कि इसने एक भैंस का भी शिकार किया। सोमवार सुबह यह बाघ मेढ़ाखार के गांव में लेन्टाना की झाड़ियों में विश्राम करता दिखा। वन विभाग और पुलिस की टीम ने ग्रामीणों को इसके नजदीक नहीं जाने तथा रात में सावधानी बरतने की सलाह दी है। बाघ रविवार रात जब दोनिया एवं भेजरी गांव के बीच सड़क पार कर रहा था, तभी एक चार पहिया वाहन चालक ने उसका वीडियो बना लिया और वन विभाग को सूचना दी। इसके बाद अमरकंटक के वन परिक्षेत्र अधिकारी वीरेंद्र श्रीवास्तव कर्मचारियों के साथ बाघ की लोकेशन लेने के लिए गश्त पर निकल गए। सोमवार सुबह पता चला कि बाघ ने मेढ़ाखार गांव में ईश्वर सिंह नायक की भैंस का शिकार कर लिया। अभी वह लेंटाना की झाड़ियां में विश्राम कर रहा है।   वन विभाग एवं अमरकंटक पुलिस की टीम उसकी निगरानी कर रही है। वहीं बाघ के कारण आसपास के गांवों में भी दहशत है। मामले में पुष्पराजगढ़ एसडीओपी नवीन तिवारी ने बताया कि मेढ़ाखार के ग्रामीणों ने टाइगर होने की सूचना दी थी। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस एवं वन विभाग की टीम गांव में मौजूद है, जो टाइगर पर नजर बनाए हुए हैं।

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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इंदौर । इंदाैर शहर के विजयनगर इलाके में रविवार तड़के एक तेज रफ्तार कार सड़क पार कर रहे ट्रक में जा घुसी। हादसे में कार सवार उत्तर प्रदेश पुलिस के एसआई और दाे सिपाही घायल हाे गए। सभी को मामूली चोट आई, जिन्हें निजी अस्पताल भेजा गया हैं।   जानकारी अनुसार घटना विजय नगर चाैराहे पर रविवार सुबह करीब साढ़े चार बजे की है। उत्तर प्रदेश पासिंग कार नंबर यूपी 92 एपी 8722 तेज रफ़्तार से एबी रोड की तरफ आते हुए चौराहा पार कर रहे ट्रक नंबर एमपी 09 एचजी 8283 में आगे की तरफ से जा घुसी। कार में उतर प्रदेश पुलिस के एसआई और दो सिपाही बैठे थे। हादसे में कार का अगला हिस्सा बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। आसपास मौजूद लोगों ने कार में बैठे एसआई और दो कांस्टेबल को बाहर निकाला, उनकी कार में नमकीन के पैकेट रखे हुए थे। पुलिस की गाड़ी से तीनों को अस्पताल भेजा गया। बताया जा रहा है कि हादसे के बाद एसआई कार में अपनी पिस्टल ढूंढ रहे थे। जो बाद में उन्हें कार की सीट पर मिल गई। सूचना के बाद माैके पर पहुंची पुलिस ने ट्रक और कार जब्त की हैं। पुलिस मामला दर्ज कर जांच में जुट गई है।

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भोपाल । राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के लगभग सभी जिलों में तेज सर्दी का असर होना शुरू हो गया है। भोपाल में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। हालात यह हैं कि पिछले 10 दिनों से शहर में रात का तापमान 8 से 10 डिग्री सेल्सियस के बीच बना हुआ है। दिन में भी सर्द हवाएं सिहरन बढ़ा रही हैं। वहीं, नौगांव शहर में भी न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ है। यह मैदानी इलाके के किसी शहर में शनिवार को दर्ज सबसे कम तापमान है। जबकि पचमढ़ी में न्यूनतम तापमान 5.2 डिग्री सेल्सियस पर रहा।   मौसम विभाग से मिली जानकारी अनुसार, नवंबर में जम्मू, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में बर्फबारी शुरू हो गई। वहीं, पश्चिम-उत्तर भारत में जेट स्ट्रीम हवाएं यानी बर्फीली हवाएं 274 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने लगी। जिससे सर्द हवाएं मध्यप्रदेश में आईं और भोपाल समेत अन्य शहर ठिठुर गए। मौसम विभाग का कहना है कि इस बार पिछले साल से ज्यादा ठंड पड़ेगी। दिसंबर के आखिरी सप्ताह में प्रदेश के कई शहरों में कोल्ड वेव यानी सर्द हवाएं चलेंगी। जनवरी में यह 20 से 22 दिन तक चल सकती है।   तापमान की बात करें तो प्रदेश के 11 शहरों में रात का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम रहा। शनिवार को दिन का सबसे कम 23.2 डिग्री सेल्सियस रायसेन में रिकॉर्ड किया गया। न्यूनतम तापमान नौगांव में 8. 0 डिग्री, राजगढ़- 8.2, उमरिया- 8.4, मंडला- 8.6, बैतूल- 8.8, खजुराहो- 9.2, रीवा- 9.2, ग्वालियर- 9.4, टीकमगढ़- 9.4, जबलपुर- 9.5, धार- 9.5 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं, भोपाल में शनिवार को दिन का तापमान 24 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। जो सामान्य से 4.6 डिग्री सेल्सियस कम रहा।

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भोपाल । मध्य प्रदेश के अशोकनगर की बेटी मुस्कान रघुवंशी ने अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजरों को फतह कर भारत का झंडा लहरा दिया है। मुस्कान पर्वत पर चढ़ाई करने वाली मध्य प्रदेश की सबसे कम उम्र की युवती हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, केन्द्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर समेत अन्य लोगों ने मुस्कान को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है।   मध्य प्रदेश के अशोकनगर की निवासी 22 वर्षीय मुस्कान रघुवंशी ने अफ्रीका के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट किलिमंजारो पर चढ़ाई का चुनौतीपूर्ण अभियान 23 नवंबर को शुरू किया था और 27 नवंबर को दोपहर 1:49 पर मुस्कान ने किलिमंजरों को फतह कर लिया। इस अभियान को मिशन पॉसिबल ने ऑर्गेन्स किया था। इस अभियान के लीडर नरेंद्र सिंह यादव थे, जिन्होंने इस अभियान को सफलता पूर्ण पूरा करने में भागीदारी निभायी है।   केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुस्कान रघुवंशी को अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो पर चढ़ने वाली मध्य प्रदेश की सबसे कम उम्र की पर्वतारोही बनने पर बधाई दी। उन्होंने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स के माध्यम से कहा कि "ऑस्ट्रेलिया के सबसे ऊंचे पर्वत कोज़िअस्को को फतह करने के बाद अशोकनगर की बेटी मुस्कान रघुवंशी ने एक बार फिर अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो पर भारतीय ध्वज फहराकर प्रदेश और देश को गौरवान्वित किया है। मुस्कान यह दोहरी सफलता हासिल करने वाली प्रदेश की सबसे कम उम्र की पर्वतारोही बन गई हैं। इस उपलब्धि के लिए हर भारतवासी की ओर से बधाई।"   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मुस्कान रघुवंशी को अफ्रीकी महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो पर विजय प्राप्त करने के लिए बधाई दी है। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि बिटिया मुस्कान ने माउंट किलिमंजारो पर तिरंगा ध्वज फहराकर मध्य प्रदेश सहित सम्पूर्ण देश को गौरवान्वित किया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बेटी मुस्कान को आशीर्वाद एवं शुभकामनाएं देते हुए उनके सुखद, सफल और उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।   ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने भी एक्स के माध्यम से कहा कि ‘अशोकनगर की बेटी मुस्कान रघुवंशी ने अपनी साहस और संकल्प से एक और इतिहास रच दिया है। ऑस्ट्रेलिया की सबसे ऊंची चोटी कोज़िअस्को को फतह करने के बाद, अब अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो पर तिरंगा फहराकर उन्होंने प्रदेश और देश का गौरव बढ़ाया है।   गौरतलब है कि मुस्कान रघुवंशी ने इससे पहले 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आस्ट्रेलिया के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट कोज़िअस्को पर चढ़कर तिरंगा लहराया था और यह उपलब्धि हासिल करने वाली वह प्रदेश की सबसे कम उम्र की पर्वतारोही बनी थीं।

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भोपाल । बृहस्पति अगले साल 14 मई 2025 की रात मिथुन राशि में गोचर कर रहे हैं। वहीं, गुरु बृहस्पति के गोचर के करीब 2 महीने बाद 26 जुलाई को सुबह मिथुन राशि में शुक्र ग्रह की का गोचर होगा। श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ ललित शर्मा ने बताया कि दोनों ग्रहों के मिलने से गजलक्ष्मी राजयोग॔ का निर्माण होगा। इसका लाभ कई राशियों को हो सकता हैं।   आईए जानते हैं उनके बारे में   गजलक्ष्मी राजयोग को ज्योतिष शास्त्र में सुख, समृद्धि, धन, यश, वैभव आदि में उन्नति का प्रतीक माना जाता हैं। मेष राशि के जातकों के लिए यह गजलक्ष्मी राजयोग लाभकारी हो सकता हैं। आर्थिक तरक्की के रास्ते खुलेंगे। मिथुन राशि के लिए भी राजयोग शुभ साबित हो सकता हैं। उनके मान-सम्मान में वृद्धि होगी। कॅरियर में तरक्की के योग बनेंगे। तुला राशि की जातकों के धन लाभ, नौकरी में प्रमोशन, सफलता के योग बनेंगे। साथ ही यात्रा के योग बन रहे हैं। कुंभ राशि वालों की व्यवसाय जीवन में सक्सेस के योग हैं। आर्थिक लाभ व कॅरियर में तरक्की मिलेगी।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में रिकॉर्ड तोड़ सर्दी पड़ने का सिलसिला लगातार जारी है। नवंबर के पहले सप्‍ताह से ही रात के तापमान में गिरावट होना शुरू हो गई थी। वहीं अब दिन के तापमान में भी गिरावट दर्ज की जा रही है। प्रदेश में अब रात के साथ दिन भी ठंडे हैं। बीते 24 घंटों में सबसे कम 6.8 डिग्री सेल्सियस तापमान मंडला में दर्ज किया गया है। यहां मनाली से भी ज्यादा सर्द रात रही। वहीं प्रदेश के 10 शहरों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम रहा।मौसम वैज्ञानिक प्रमेंद्र कुमार ने बताया कि उत्तर भारत की तरफ से लगातार आ रही सर्द हवाओं के कारण तापमान में गिरावट हो रही है। अगले एक-दो दिन तक मौसम का मिजाज इसी तरह बना रह सकता है। कई शहरों में दिसंबर-जनवरी जैसी ठंड पड़ रही है। भोपाल में नवंबर का महीना 36 साल में सबसे ज्यादा ठंड है। यहां पारा 8.2 डिग्री पहुंच चुका है। वहीं, मंडला का पारा 7 डिग्री के नीचे है। नवंबर के आखिरी दिन भी तेज सर्दी का असर रहने की संभावना है। जबकि दिसंबर में कड़ाके की ठंड का दौर रहेगा।मौसम विभाग का कहना है कि पश्चिम-उत्तर भारत के ऊपर जेट स्ट्रीम 234 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से बह रही है। मध्य प्रदेश के शहरों में यह औसत 8 से 10 किलोमीटर है। इस वजह से भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर-जबलपुर के साथ ही छोटे शहरों में भी तेज ठंड है। शुक्रवार को सर्द हवाओं की वजह से लोग कंपकपा उठे। इससे बचने के लिए वे दिनभर गर्म कपड़ें पहने रहे। नवंबर में पहली बार भोपाल में रात का तापमान पचमढ़ी से भी कम हो गया। गुरुवार-शुक्रवार की रात भोपाल में तापमान 8.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं पचमढ़ी में 9.6 डिग्री रहा। इससे पहले भोपाल में 1988 में पारा 7.5 डिग्री दर्ज किया गया था।तापमान की बात करें तो शुक्रवार रात मंडला में 6.8 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। बैतूल में 9.4 डिग्री, राजगढ़ में 8 डिग्री, खजुराहो में 9.4 डिग्री, नौगांव में 8 डिग्री, रीवा में 9.5 डिग्री, उमरिया में 7.4 डिग्री और मलाजखंड में 9.5 डिग्री तापमान रहा। बड़े शहरों की बात करें तो इंदौर में 12.2 डिग्री, जबलपुर में 8.5 डिग्री, ग्वालियर में 10 डिग्री और उज्जैन में 12 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। दिन की बात करें तो पचमढ़ी में पारा सबसे कम 22.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। रायसेन में 23 डिग्री, नरसिंहपुर में 24.4 डिग्री, सीधी में 24.8 डिग्री और मलाजखंड में 24.1 डिग्री रहा। जबकि भोपाल और इंदौर में पारा 25 डिग्री से नीचे रहा। भोपाल में 24.9 डिग्री, इंदौर में 24.6 डिग्री, उज्जैन में 25.7 डिग्री, ग्वालियर में 25.5 डिग्री और जबलपुर में 25.9 डिग्री दर्ज किया गया।  

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रायसेन । रायसेन जिले में शुक्रवार सुबह एक यात्री बस का टायर फटने के बाद वह अनियंत्रित हाे गई। हालांकि बस चालक ने समय रहते बस काे राेक लिया। घटना में चार यात्री घायल हुए है। घायलों को जिला अस्पताल पहुंचाया गया है। बताया जा रहा है कि बस में क्षमता से अधिक सवारी भरी हुई थी।   जानकारी के अनुसार मां अंबे ट्रैवल्स कंपनी की बस सागर रोड देवरी कला से भोपाल रूट पर चलती है। शुक्रवार काे बस रायसेन से गुजर रही थी, तभी बस का टायर फट गया, जिससे यात्रियों में चीख पुकार मच गई। चालक ने सजगता दिखाते हुए बस काे तुरंत नियंत्रित कर राेक लिया। घटना की जानकारी लगते ही विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता बस स्टॉप सागर तिराहा पहुंचे और घायल यात्रियों को उतार कर अस्पताल पहुंचाया गया। यात्रियों ने बताया कि बस 52 सीटर थी, लेकिन इसके अलावा बस में क्षमता से अधिक यात्रियों को भरा गया था। सीट पर बैठने के अलावा कई यात्री खड़े होकर सफर कर रहे थे। जैसे ही बस का टायर फटा सभी यात्री उछलकर एक- दूसरे के ऊपर गिर गए। विद्यार्थी परिषद की जिला संयोजक अश्विनी पटेल ने बताया सागर से भोपाल की ओर चलने वाली बसों में यात्रियों को ठूंस -ठूंस कर भरा जाता है। इन बसों में छात्र-छात्राएं भी सफर करते हैं, कई बार इन छात्र-छात्राओं बस कंडक्टरों द्वारा अभद्रता करने का मामला भी सामने आ चुका है।      

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भोपाल । राजधानी भोपाल सहित प्रदेशभर में तेज सर्दी का दौर शुरू हो गया है। दिन और रात के तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। भोपाल की रात हिल स्टेशन पचमढ़ी से भी ठंडी हो गई है। गुरुवार-शुक्रवार की रात भोपाल में तापमान 8.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं पचमढ़ी में पर 9.6 डिग्री रहा। सबसे ठंडा पूर्वी हिस्से का मंडला शहर रहा। यहां न्यूनतम तापमान 6.8 डिग्री दर्ज किया गया।   मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिम-उत्तर भारत के ऊपर जेट स्ट्रीम 278 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से बह रही है। एक दिन में ही 18 किमी रफ्तार बढ़ी है। इस वजह से प्रदेश में भी सर्द हवाएं आ रही हैं। अभी हवा की ऊंचाई 12.6 किमी है। जब यह नीचे बहेगी, तब ठंड का असर और तेज हो जाएगा। इसके अलावा पूर्वी हिस्से में एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम और दक्षिण-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी के ऊपर डीप डिप्रेशन एक्टिव है। इसका असर भी प्रदेश में देखने को मिल रहा है।   प्रदेश में इस बार नवंबर माह के दूसरे सप्ताह से पारा तेजी से लुढ़क रहा है। गुरुवार रात बैतूल में 9.4 डिग्री, राजगढ़ में 8 डिग्री, जबलपुर में 8.5 डिग्री, खजुराहो में 9.4 डिग्री, नौगांव में 8 डिग्री, रीवा में 9.5 डिग्री, उमरिया में 7.4 डिग्री और मलाजखंड में 9.5 डिग्री तापमान रहा। बड़े शहरों की बात करें तो इंदौर में 12.2 डिग्री, ग्वालियर में 10 डिग्री और उज्जैन में 12 डिग्री तापमान दर्ज किया गया।   पचमढ़ी में अब तक दिन और रात का तापमान सबसे कम रहा, लेकिन फिलहाल शहडोल का कल्याणपुर और मंडला की रातें सबसे ठंडी हैं। बुधवार-गुरुवार की रात में कल्याणपुर में तापमान 6.1 डिग्री और मंडला में 6.5 डिग्री रिकॉर्ड हुआ। पचमढ़ी में 7.2 डिग्री, उमरिया में 7.5 डिग्री, नौगांव में 8.6 डिग्री, मलाजखंड में 9.3 डिग्री और रीवा में पारा 9.6 डिग्री दर्ज किया गया। इनमें से कई शहर ऐसे हैं, जो शिमला, माउंट आबू जैसे शहरों से भी ठंडे रहे।   गुरुवार को प्रदेश के कई शहरों में दिन के तापमान में भी गिरावट आयी है। पचमढ़ी में तापमान 22 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बालाघाट जिले के मलाजखंड में पारा 23.3 डिग्री रहा। इसी तरह सीधी में 24.2 डिग्री, सिवनी में 25 डिग्री, बैतूल-रायसेन में 25.2 डिग्री, उमरिया में 25.7 डिग्री, नरसिंहपुर में 26 डिग्री, सतना में 26.5 डिग्री, धार में 26.7 डिग्री, टीकमगढ़, शिवपुरी, नौगांव, रीवा-दमोह में 27 डिग्री, रतलाम में 27.2 डिग्री, सागर में 27.4 डिग्री, गुना में 27.5 डिग्री रहा। बड़े शहरों की बात करें, तो भोपाल में 27.2 डिग्री, इंदौर में 25.9 डिग्री, ग्वालियर में 27.5 डिग्री, उज्जैन में 27 डिग्री और जबलपुर में तापमान 25.8 डिग्री दर्ज किया गया।  

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उज्जैन । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की धर्मपत्नी जशोदाबेन इन दिनों निजी कार्यक्रम के तहत धार्मिक नगरी उज्जैन में हैं। शुक्रवार को वे विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर पहुंचीं। इस दाैरान उनके साथ परिवार के कुछ लोग भी थे। उन्होंने भोग आरती के बाद मंदिर के गर्भगृह की देहरी से पूजन कर दर्शन किए। बाद में उन्होंने कुछ देर नंदी हॉल में बैठकर ध्यान भी लगाया।   प्रधानमंत्री मोदी की पत्नी जशोदाबेन ने जल द्वार से प्रवेश कर देहरी से भगवान महाकाल का आशीर्वाद लिया। बाबा के दर्शन कर जल अर्पित करते हुए पूजन-अभिषेक किया। यहां मंदिर समिति ने उनका सम्मान भी किया। खास बात यह है कि यशोदा बेन ने पीएम की पत्नी होने के बावजूद गर्भ गृह में प्रवेश नहीं किया और उन्होंने नंदी हाल और देहरी से ही पूजन किया।   श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित अर्पित गुरु ने बताया कि जशोदाबेन ने बाबा महाकाल के चांदी द्वार पर माथा टेककर पूजन-अर्चन और जलाभिषेक किया। इसके बाद, उन्होंने नंदी हॉल में जाकर नंदीजी के कानों में अपनी मनोकामनाएं कही और ॐ नमः शिवाय का जाप करते हुए ध्यान लगाया बता दें कि जशोदा बेन की महाकाल में गहरी आस्था है। वे पूर्व में कई बार बाबा के दर्शन करने आ चुकी हैं।

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जबलपुर । शहर के गाेहलपुर थाना क्षेत्र में बुधवार देर रात सड़क किनारे खड़े एक ट्रक में अचानक आग लग गई। आग लगते ही माैके पर अफरा तफरी मच गई। सूचना के बाद माैके पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने कढ़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। इस घटना में किसी भी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है। फिलहाल पुलिस ट्रक में रखे सामान और नुकसान की जानकारी जुटाने में लगी है।   जानकारी अनुसार घटना बुधवार देर रात करीब 12 बजे की है। गोहलपुर थाना क्षेत्र के जागृति नगर के पास एक खड़े ट्रक में अचानक आग लग गई। ट्रक में आग लगते ही अफरा-तफरा मच गई। स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। फायर ब्रिगेड को सूचना देने के साथ ही ट्रैफिक बंद करा दिया। सूचना मिलते ही थाना प्रभारी प्रतीक्षा मार्को स्टाफ के साथ मौके पर पहुंची। फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियों ने मौके पर पहुंच कर आग पर काबू किया। ट्रक किसी टेंट व्यवसायी का बताया जा रहा है। शॉर्ट सर्किट के चलते आग लगने की बात सामने आ रही है। फिलहाल पुलिस मामला दर्ज कर जांच में जुटी हुई है।

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भोपाल । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के ईंटखेड़ी क्षेत्र अंतर्गत ग्राम घासीपुरा में 29 नवंबर से मुस्लिम समाज के धार्मिक सम्मेलन आलमी तब्लीगी इज्तिमा का आयोजन होने जा रहा है। इसमें देश-दुनिया की करीब 30 हजार से अधिक जमातें शामिल होंगी। 02 दिसंबर तक आयोजित इस कार्यक्रम की तैयारियां लगभग पूर्ण हो चुकी हैं। बाहरी जमातों के आने का सिलसिला 15 दिन पहले ही शुरू हो गया था और रोजाना बड़ी संख्या में लोग ट्रेन और फ्लाइट से भोपाल पहुंच रहे हैं।   आयोजन समिति के मुताबिक चार दिनों तक चलने वाले इस आलमी तब्लीगी इज्तिमा में 10 से 12 लाख लोगों के शामिल होने का अनुमान है। आयोजन स्थल का दायरा भी बढ़ा दिया गया है। वालिंटियर, खानपान, जमातियों के ठहरने के इंतजाम और साफ-सफाई की व्यवस्था भी इस बार बढ़ा दी गई है।   इज्तिमा में चार दिनों तक देश के अलग-अलग हिस्सों से बड़ी संख्या में लोग भोपाल पहुंचेंगे। इसमें विदेश से भी जमाती आएंगे। लोग रेलवे स्टेशन और पुराने शहर के विभिन्न क्षेत्रों से कार्यक्रम स्थल तक पहुंचेंगे। इज्तिमा के समापन दिवस पर 02 दिसंबर को दुआ की नमाज अदा की जाएगी, जिसमें लाखों की संख्या में मुस्लिम धर्मावलंबी शामिल होंगे।   रोना के बाद बड़ा आयोजन कोरोना के बाद से अब तक हुए इज्तिमा के आयोजन में जमातों को सीमित संख्या में ही बुलाया जा रहा था, लेकिन इस बार कोरोना का असर पूरी तरह से खत्म हो चुका है। यही कारण है कि इस बार देशी ही नहीं विदेशों से भी जमातें पहुंच रही हैं।   77वां आलमी तब्लीगी इज्तिमा भोपाल में इस साल यह 77वां आलमी तब्लीगी इज्तिमा है। भोपाल में लगने वाला दुनिया का सबसे बड़ा इज्तिमा माना जाता है। इसकी शुरुआत 1947 को हुई थी। मस्जिद शकूल खां में यह पहली बार शुरू हुआ था। उस समय केवल 12 से 14 लोग ही थे। बाद में 1971 से इसका विस्तार होता गया और यह ताजुल मसाजिद में होने लगा। धीरे-धीरे देश-दुनिया से आने वालों की संख्या बढ़ने लगी और यह स्थान भी छोटा पड़ गया और इसे ताजुल मसाजिद से शिफ्ट करके 2015 में बैरसिया रोड स्थित ईंटखेड़ी के पास घासीपुरा में शिफ्ट कर दिया गया। दुनिया में सिर्फ तीन ही देशों में इज्तिमा का आयोजन होता है। इनमें भारत के अलावा पाकिस्तान और बांग्लादेश शामिल है।   हर बार की तरह इस बार भी इज्तिमा आयोजन की तैयारी ग्रीन और क्लीन के थीम पर हो रही है। इज्तिमा कमेटी के मीडिया को-ऑर्डिनेटर डॉ. उमर हफीज ने बताया कि इस बार करीब 600 एकड़ एरिया में व्यवस्थाएं की गई हैं। इसमें 300 एकड़ में पार्किंग, 100 एकड़ का पंडाल बनाया गया है। इसके अलावा 200 एकड़ एरिया में अन्य व्यवस्थाएं की गई हैं। जिसमें फूड जोन, वुज़ू खाने, वॉशरूम आदि रहेंगे। डॉ. हफीज ने बताया कि हर साल हम इज्तिमा में एनवायरमेंट आस्पेक्ट लेकर कुछ न कुछ नया करने की कोशिश करते हैं। पिछले साल हमने डस्ट फ्री किया था और हमने अपने इस गोल को आर्चिव भी किया था। हमने गार्बेज डिस्पोजल का रिकॉर्ड भी बनाया था। इज्तिमा खत्म होने के 24 घंटों के अंदर ही पूरी साइड क्लीन हो गई थी। यहां से मिला रिसाइक्लेबल कचरा रिसाइकिल प्लांट और डिस्पोसेबल कचरा डिकंपोज प्लांट चला गया था। दो साल पहले भी हमने ग्रीन थीम पर काम किया था। उसमें वेजिटेरियन फूड था। इस साल हमने इज्तिमा को सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त किया है। पानी के बोतल के अलावा सभी सिंगल यूज प्लास्टिक बैन रहेगा। साथ ही पानी के बोतलों को भी तुरंत इकट्ठा किया जाएगा। आयुर्वेद और यूनानी दवाखानों की भी रहेगी व्यवस्था इज्तिमा कमेटी के आरिफ गौहर ने बताया कि 'इस बार आयुर्वेद और यूनानी दवाखानों की व्यवस्था भी शासन द्वारा की जा रही है। इनके लिए अलग से स्टॉल लगाए जाएंगे। मेले में चार दिन तक जो रुकेगा, उनके लिए व्यवस्था कमेटी द्वारा की जाएगी। सोने और ओढ़ने का सामान जमाती खुद लेकर चलते हैं। खाना बनाने के लिए लकड़ी की व्यवस्था कमेटी कर रही है। कहीं भी गैस का उपयोग नहीं किया जाएगा। खाने के लिए 50 फूड जोन बनाए गए हैं। जमातियों को नीचे बैठ कर खाना खाने की भी व्यवस्था रहेगी।    

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में इन दिनों सर्दी से कई शहर ठिठुर रहे हैं। पहाड़ों में हो रही बर्फबारी और उत्तरी हवाओं की वजह से प्रदेश में रात और दिन लगातार ठंडे बने हुए हैं। खासकर पूर्वी हिस्से में दिन का तापमान 4.5 डिग्री तक लुढ़क गया है। बुधवार को नरसिंहपुर में सबसे ज्यादा पारा गिरा। वहीं, पूर्वी हिस्से के शहरों की रातें भी सबसे ठंडी हो गई है। बुधवार-गुरुवार की रात मंडला पूरे प्रदेश में सबसे ठंडा रहा। यहां रात का तापमान 6.5 डिग्री पहुंच गया। वहीं, पचमढ़ी में 7.2 डिग्री, टीकमगढ़ में 7.5 डिग्री, नौगांव में 8.6 डिग्री, मलाजखंड में 9.3 डिग्री और रीवा में 9.6 डिग्री दर्ज किया गया।मौसम वैज्ञानिक प्रमेंद्र कुमार का कहना है कि नवंबर के आखिरी सप्ताह में दिन-रात के टेम्प्रेचर में गिरावट होने का ट्रेंड रहता है। अबकी बार भी ऐसा ही मौसम है। पश्चिम-उत्तर भारत में अगले 2 से 3 दिन में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव हो सकता है। जिससे बर्फीली हवा की रफ्तार तेज हो जाएगी और मध्‍य प्रदेश भी इसकी चपेट में आ जाएगा। उन्‍होंने बताया कि पश्चिम-उत्तर भारत के ऊपर जेट स्ट्रीट 260 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चल रही है, लेकिन इसकी ऊंचाई 12.6 किमी है। इस वजह से प्रदेश में असर कम है। जब हवा नीचे बहेंगी तो कड़ाके की ठंड होगी। वेस्टर्न डिस्टरबेंस की वजह से दिसंबर के पहले सप्ताह में ही यह दौर शुरू हो जाएगा।इसके अलावा यदि बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 10.2 डिग्री, इंदौर में 13.2 डिग्री, ग्वालियर में 10.9 डिग्री, उज्जैन में 12.2 डिग्री और जबलपुर में 9 डिग्री रहा। भोपाल में 6 दिन के बाद पारा 10 डिग्री के ऊपर पहुंचा। इससे पहले की छह रातों में पारा 8.8 डिग्री से 9.8 डिग्री के बीच रहा था। बुधवार के दिन के तापमान की बात करें तो पूर्वी हिस्सा ऐसा है, जहां तापमान में सबसे ज्यादा गिरावट हुई है। नरसिंहपुर में एक ही दिन में 4.5 डिग्री, मलाजखंड में 3.1 डिग्री, सीधी में 1.6 डिग्री, रीवा में 1.8 डिग्री, जबलपुर-नौगांव में 1 डिग्री गिरावटहुई। पश्चिमी हिस्से के भोपाल, बैतूल, खंडवा, खरगोन, पचमढ़ी में भी गिरावट देखने को मिली, लेकिन धार, गुना, नर्मदापुरम, इंदौर, रायसेन, रतलाम, शिवपुरी और उज्जैन में मामूली बढ़ोतरी रही।

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के कई शहरों में तेज सर्दी का दौर शुरू हो गया है। प्रदेश में इस बार नवंबर महीने में सर्दी ने कई साल का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है। भोपाल में 25 साल में यह नवंबर सबसे ठंडा है। इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन समेत सभी शहरों में तापमान सामान्य से नीचे ही चल रहा है। मौसम विभाग ने बताया कि पहाड़ों पर बर्फबारी होने से प्रदेश के शहर ठिठुर रहे हैं। भोपाल और जबलपुर शहर तो ठंडे हैं ही पचमढ़ी में शिमला-मसूरी से भी ज्यादा सर्दी पड़ रही है। मौसम विभाग ने भोपाल और जबलपुर में अगले 3 से 4 दिन तक रात का तापमान 10 डिग्री रहने का अनुमान जताया है।मौसम वैज्ञानिक शिल्पा आप्टे ने बताया कि नवंबर के आखिरी दिनों में भी ठंड का असर रहेगा। वेस्टर्न डिस्टरबेंस का असर खत्म होने से ग्वालियर-चंबल में बारिश होने की संभावना नहीं है। बता दें, नवंबर महीने में प्रदेश में बारिश का ट्रेंड भी रहा है। आप्टे ने बताया कि, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में बर्फबारी हो रही है। इस वजह से जेट स्ट्रीम यानी सर्द हवाओं की रफ्तार ज्यादा है। पश्चिम-उत्तर भारत के ऊपर यह 12.6 किमी की ऊंचाई पर 260 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से चल रही है। इस वजह से प्रदेश में सर्द हवाओं का असर है। इससे दिन में भी ठिठुरन बढ़ गई है। मौसम विभाग ने बताया कि भोपाल, जबलपुर शहर जम्मू, कटरा-देहरादून से ठंडे रहे। जबकि पचमढ़ी बाकी शहरों से भी सर्द दर्ज किया गया।प्रदेश में मंगलवार को दिन के तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई। भोपाल, इंदौर, पचमढ़ी, नर्मदापुरम, ग्वालियर, गुना, सतना, जबलपुर समेत कई शहरों में अधिकतम तापमान में गिरावट देखने को मिली। पचमढ़ी में पारा 23.4 डिग्री, बालाघाट के मलाजखंड में तापमान 24.2 डिग्री रहा। भोपाल-इंदौर में 27.5 डिग्री, ग्वालियर में 28.4 डिग्री, उज्जैन में 28.8 डिग्री और जबलपुर में 27.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इससे पहले सोमवार-मंगलवार की रात में पचमढ़ी में पारा सबसे कम 5.6 डिग्री, शहडोल के कल्याणपुर में 7.3 डिग्री दर्ज किया गया था। वहीं, भोपाल, जबलपुर, मंडला, उमरिया, नौगांव और राजगढ़ में पारा 10 डिग्री के नीचे रहा था। वहीं, मलाजखंड, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, बैतूल, खंडवा, खरगोन, टीकमगढ़, रायसेन, गुना और सतना में तापमान 12 डिग्री के नीचे रहा था।  

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भोपाल । आगामी 3 दिसम्बर को भोपाल गैस त्रासदी की 40वीं बरसी है। इस अवसर पर 3 दिसम्बर को सुबह 10:30 बजे से सेंट्रल लाइब्रेरी, भोपाल के 'बरकतउल्ला भवन' में एक सर्व-धर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया है। इस प्रार्थना सभा में राज्यपाल मंगुभाई पटेल विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। जनसम्पर्क अधिकारी घनश्याम सिरसाम ने बुधवार को जानकारी देते हुए बताया कि कार्यक्रम में भोपाल गैस त्रासदी में दिवंगत हुए सभी गैस पीड़ितों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी एवं विभिन्न धर्म-गुरूओं द्वारा धर्म-ग्रंथों का पाठ भी किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि साल 1984 में दो और तीन दिसंबर की दरमियानी रात भोपाल की यूनियन कार्बाइड नामक कैमिकल फैक्ट्री से मिथाइल आइसोनेट (मिक) नामक जहरीली गैस का रिसाव था, जिसमें हजारों लोगों की मौत हो गई थी और लाखों लोग इससे प्रभावित हुए थे। यह घटना दुनिया की भीषणतम औद्योगिक त्रासदियों में गिनी जाती है।  

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छतरपुर । कमिश्नर और कलेक्टर ने बुधवार काे केन बेतवा लिंक परियोजना में बनने वाले ढ़ोड़न बांध स्थल का निरीक्षण किया विस्थापन संबंधी लोगों के बैंक खातों में मुआवजा राशि जमा होने कि समीक्षा करने के साथ ही लोगों को पैकेज की राशि का सही प्रयोग करने की सलाह दी कमिश्नर द्वारा जन चौपाल के माध्यम से लोगों की समस्याओं को भी सुना गया ।   कमिश्नर सागर डा. वीरेंद्र सिंह रावत ने बुधवार को कलेक्टर छतरपुर पार्थ जैसवाल के साथ केन बेतवा लिंक परियोजना अंतर्गत बनने वाले ढ़ोड़न बांध स्थल का निरीक्षण किया। साथ ही व्यवस्थापन संबंधी लोगों को अभी तक मिले मुआवजा राशि कि समीक्षा की। इस दौरान एसडीएम विजय द्विवेदी, तहसीलदार अभिनव शर्मा, जनपद सीईओ अंजना नागर सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। कमिश्नर डा. रावत ने डैम के डूब क्षेत्र में आने वाली भूमि एवं ग्रामों के संबंध में समीक्षा करते हुए मुआवजे की राशि के वितरण एवं पैकेज की राशि सम्बंधित लोगों के अभी तक बैंक खातों में जमा होने की जानकारी ली और बकाया राशि के प्रकरणों को जल्द निराकृत करने के निर्देश दिए।   इस दौरान ई.ई. केन बेतवा लिंक परियोजना अंतर्गत बनने वाली अपर लेबिल टनल एरिया की संपूर्ण जानकारी दी गई। कमिश्नर ने ढ़ोड़न ग्राम पहुंचकर जन चौपाल के माध्यम से लोगों की समस्याओं को सुना और अधिकारियों को निराकरण के निर्देश दिए। उन्होंने लोगों को मिलने वाली शासन की योजनाओं के लाभ की जानकारी ली। इस दौरान एसडीएम विजय द्विवेदी ने ग्रामवासियों को अधिग्रहण की जा रही जमीन एवं मुआवजा राशि की जानकारी दी।  

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नीमच । मध्य प्रदेश के नीमच जिला मुख्यालय पर इंदौर की बेटी शिखा शर्मा ने अपने साथियों के साथ 84 हजार वर्गफीट की महान विभूतियों के 100 चित्रों वाली रंगोली बनाकर इतिहास रच दिया है। इसे एशिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड और इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोशल मीडिया के माध्यम से इस अद्भुत रंगोली बनाने वाली इंदौर को बेटी शिखा को बधाई दी है।   दरअसल, नीमच के दशहरा मैदान में प्रसिद्ध कथावाचक संत डॉ. वसंत विजय महाराज के सान्निध्य में नौ दिवसीय सनातन सर्वधर्म भैरव भक्ति उत्सव चल रहा है। इसके तहत विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों के साथ-साथ सामाजिक कार्य किए जा रहे हैं। इस कड़ी में 22 नवंबर को इंदौर के कलाकारों ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद स्टेडियम में रंगोली बनाई। इसे बनाने में 100 घंटे (चार दिन) का समय लगा। इसमें 26 टन रंगों का इस्तेमाल किया गया। इस अद्भुत रंगोली में देश के 28 राज्यों के करीब 100 महापुरुषों-क्रांतिकारी, संत व नेताओं के चित्र बनाए गए हैं। मंगलवार को एशिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के अधिकारियों ने नीमच पहुंचकर इसका निरीक्षण किया। इसके बाद संत डॉ. वसंत विजय महाराज की उपस्थिति में पदक और प्रमाण पत्र सौंपा।   मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स के माध्यम से कहा कि नीमच में 84 हजार वर्ग फीट में महान विभूतियों पर केन्द्रित 100 चित्रों वाली अद्भुत रंगोली बनाकर इंदौर की बेटी शिखा और उनके साथियों ने एशिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड व इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया है। बेटी शिखा और उनके साथियों को बधाई और शुभकामनाएं!    

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भोपाल । मध्य प्रदेश में पहाड़ी इलाकों से आ रही बर्फीली हवाओं से तापमान में भारी गिरावट आई है, इस वजह से अब हाड़ कपाने वाली ठंड का एहसास होने लगा है। प्रदेश के हिल स्टेशन पचमढ़ी में सोमवार रात तापमान 5.6 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया। वहीं, राजधानी भोपाल में भी 49 साल बाद नवंबर के महीने में तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहा है। मौसम विभाग का कहना है कि दिसंबर के पहले सप्‍ताह से ही तेज सर्दी का दौर शुरू हो जाएगा।मौसम वैज्ञानिक शिल्पा आप्टे ने बताया कि पहाड़ी इलाकों से सीधी बर्फीली हवा आ रही है। इसका ज्यादा असर मध्‍य प्रदेश के मध्य और पूर्वी हिस्से में पड़ रहा है। भोपाल संभाग, जबलपुर संभाग सहित मध्य प्रदेश के मध्य और पूर्वी हिस्से के शहरों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री के आसपास रहने की संभावना है। आप्टे ने बताया कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बर्फबारी के कारण मध्य प्रदेश में ठंड का असर बढ़ा। अब हिमाचल प्रदेश में भी बर्फ गिर रही है। ऐसे में हवा की रफ्तार बढ़ने का अनुमान है। ऐसा होता है तो दिसंबर के पहले सप्ताह से ही मध्य प्रदेश में कड़ाके की ठंड का दौर शुरू हो जाएगा, जो पूरे महीने बना रहेगा।मौसम विभाग के अनुसार, रविवार-सोमवार की रात भोपाल, जबलपुर में तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम रहा। भोपाल में यह 9.6 डिग्री और जबलपुर में 9.9 डिग्री दर्ज किया गया। पचमढ़ी में 5.6 डिग्री, शहडोल के कल्याणपुर में 7.3 डिग्री, मंडला में 7.8 डिग्री, शाजापुर के गिरवर में 8.6 डिग्री, उमरिया में 9.3 डिग्री, राजगढ़ में 9.6 डिग्री और नौगांव में तापमान 9.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मलाजखंड, छिंदवाड़ा, बैतूल, रीवा, खरगोन, टीकमगढ़, रायसेन और गुना में पारा 12 डिग्री से कम रहा। बड़े शहरों की बात करें तो इंदौर में 13.7 डिग्री, ग्वालियर में 12.1 डिग्री और उज्जैन में पारा 12.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।रविवार-सोमवार की रात में कई शहरों में पारे में गिरावट हुई तो सोमवार को दिन में पारा बढ़ गया। पश्चिमी हिस्से के जिले- भोपाल, इंदौर, उज्जैन में पारे में मामूली गिरावट हुई लेकिन ग्वालियर, शिवपुरी, नर्मदापुरम, बैतूल, धार में भी पारा 2 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ गया। पूर्वी हिस्से के जिले- दमोह, जबलपुर, खजुराहो, मंडला, नरसिंहपुर, रीवा, सतना, सीधी, टीकमगढ़, उमरिया और मलाजखंड में भी 2 डिग्री तक तापमान बढ़ गया। खजुराहो में सबसे ज्यादा 31.2 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा।

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उज्जैन/भोपाल । भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी अक्षर पटेल और रवि बिश्नोई समेत नौ क्रिकेटर आज  सुबह उज्जैन पहुंचे और विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान भगवान महाकालेश्वर के दर्शन कर पूजा की। उन्होंने सुबह बाबा महाकाल की भस्मारती में भी हिस्सा लिया। महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी विपुल चतुर्वेदी ने बताया कि भारतीय क्रिकेटर अक्षर पटेल, रवि बिश्नोई, आकाश सिंह, अभिषेक देसाई, ऋषभ चौहान, चिंतन गाजा, उमंग टांडेल, विशाल जायसवाल और भानु पनिया तड़के चार बजे महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे। सभी ने नंदी हॉल में बैठकर बाबा महाकाल की भस्म आरती के दर्शन किए। इसके बाद चांदी द्वार के पास पहुंचकर भगवान का पूजन-अर्चन और दूध से अभिषेक किया। इसके बाद नंदीजी के कानों में अपनी मनोकामनाएं कहकर बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया। दर्शन के बाद अक्षर पटेल ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि बाबा महाकाल हमें हर साल बुलाते रहते हैं, इसीलिए हम यहां आते हैं। बाबा महाकाल जानते हैं कि हमें क्या देना है और क्या नहीं। रवि बिश्नोई ने कहा कि यह दूसरी बार है जब मैं बाबा महाकाल की भस्म आरती देखने आया हूं। बाबा की कृपा मुझ पर और हम सब पर बनी रहे, यही कामना है। दरअसल, इंदौर में इन दिनों मुश्ताक अली ट्राफी के मैच खेले जा रहे हैं और इस प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए कई दिग्गज खिलाड़ी इंदौर पहुंचे है। मंगलवार को अक्षर पटेल, रवि विश्नोई समेत अन्य क्रिकेटर इंदौर से ही उज्जैन पहुंचे थे। दो दिन पहले रविवार को क्रिकेटर मयंक अग्रवाल और यश राजपूत ने भी महाकाल के दर्शन किए थे। रविवार को ही भारतीय क्रिकेट टीम के ऑलराउंडर कुनाल पंड्या महाकालेश्वर मंदिर दर्शन के लिए पहुंचे थे, जहां उन्होंने परिवार के साथ बाबा महाकाल के दर्शन कर आशीर्वाद लिया था।    

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सिंगरौली । सिंगरौली में नॉर्दर्न कोल फील्ड लिमिटेड (एनसीएल) में रविवार दाेपहर काे परिवार के साथ पिकनिक मनाने गई 13 साल की बच्ची नदी में डूब गई थी। रात भर चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद साेमवार सुबह बच्ची का शव बरामद कर लिया गया है। हादसे में एक डाॅक्टर की भी डूबने से माैत हाे गई थी। उनका शव रविवार काे ही मिल गया था।     दरअसल, घटना रविवार दोपहर को गोपद नदी में हुई जब डॉ. हरीश सिंह अपने डॉक्टर परिवार और दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने गए थे। डॉ. हरीश सिंह एनसीएल के जयंत अस्पताल में काम करते थे। वे अपने साथी डॉक्टरों और परिवारों के साथ देउरदह घाट मंदिर के पास पिकनिक मना रहे थे। इसी दौरान रिटायर्ड डॉक्टर प्रवीण मुंडा अपनी 13 वर्षीय बेटी प्रेरणा मुंडा के साथ नदी में नहाने गए, तभी अचानक दोनों डूबने लगे। दाेनाें काे बचाने के लिए हरीश और उनके एक साथी डॉक्टर ने नदी में छलांग लगा दी। तेज बहाव के बावजूद, उन्होंने डॉ. प्रवीण मुंडा को तो बचा लिया, लेकिन इसी बीच डॉ. हरीश सिंह बच्ची को बचाने के लिए दोबारा नदी में कूद गए और तेज बहाव में खुद बह गए। शाेर सुन गांव के लोग मौके पर पहुंचे थे। घटना की जानकारी पुलिस को दी।   गोताखोरों की मदद से उनका शव बरामद कर लिया गया। देर रात सिंगरौली कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला व एएसपी शिव कुमार मौके पर पहुंचे। रातभर एसडीआरएएफ ग्रामीण व पुलिस की टीम लापता 13 वर्षीय बच्ची की नदी के पानी में तलाश करती रही। पुलिस ने बताया कि रात में हाइड्रोन की मदद से बच्ची को ढूंढने की कोशिश की जाएगी। सुबह फिर से तलाशी अभियान शुरू किया गया, जिसके बाद बच्ची का शव भी बरामद कर लिया गया है।  

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उज्जैन । उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर मंदिर में सोमवार तड़के भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल को वैष्णव तिलक अर्पित कर आभूषण, रुद्राक्ष माला, रजत मुकुट पहनाया गया तथा भांग व ड्रायफ्रूट से दिव्य श्रृंगार किया गया। भगवान के इस दिव्य स्वरूप के हजारों श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। वहीं, उज्जैन में आज शाम भगवान महाकाल की कार्तिक-अगहन माह की अंतिम राजसी सवारी धूमधाम से निकाली जाएगी। अवंतिकानाथ चांदी की पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण कर अपनी प्रजा का हाल जान जानेंगे। इस दौरान भगवान दो स्वरूपों में भक्तों को दर्शन देंगे।   महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि परम्परा के अनुसार मार्गशीर्ष माह, कृष्ण पक्ष दशमी तिथि पर सोमवार तड़के 4:00 बजे मंदिर के पट खोले गए। इसके बाद पण्डे-पुजारियों ने भगवान महाकाल का जलाभिषेक कर दूध, दही, घी, शक्कर और फलों के रस से पंचामृत पूजन किया। तत्पश्चात हरि ओम का जल अर्पित किया गया। कपूर आरती के बाद भगवान महाकाल को वैष्णव तिलक, आभूषण, रुद्राक्ष माला और रजत मुकुट अर्पित किया गया। इसके बाद भांग, चन्दन और ड्रायफ्रूट से श्रृंगार कर भस्म चढ़ाई गई।   भगवान महाकाल ने शेषनाग का रजत मुकुट, रजत की मुण्डमाल और रुद्राक्ष की माला के साथ-साथ सुगन्धित पुष्प से बनी फूलों की माला धारण की। फल और मिष्ठान का भोग लगाया गया। भस्म आरती में बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया। महा निर्वाणी अखाड़े की और से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गई। श्रद्धालुओं ने नंदी हॉल और गणेश मंडपम से बाबा महाकाल की दिव्य भस्मारती के दर्शन किए और भस्मारती की व्यवस्था से लाभान्वित हुए। इस दौरान श्रद्धालुओं ने "जय श्री महाकाल" का उद्घोष भी किया।   महाकालेश्वर मंदिर समिति के प्रशासक गणेश धाकड़ ने बताया कि उज्जैन में आज शाम चार बजे महाकालेश्वर भगवान की कार्तिक-अगहन माह की अंतिम राजसी सवारी निकलेगी। सवारी निकलने के पहले सायं 3.30 बजे सभा मंडप में भगवान चंद्रमौलेश्वर का पूजन कर पालकी में विराजित किया जाएगा। सवारी पूरे लाव लश्कर के साथ नगर भ्रमण के लिए रवाना होगी। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवान पालकी में विराजित भगवान के चंद्रमौलेश्वर स्वरूप को सलामी देंगे। इसके बाद कारवां शिप्रा तट की ओर रवाना होगा।   उन्होंने बताया कि सवारी मे पुलिस बैण्‍ड, घुड़सवार दल, सशस्‍त्र पुलिस बल के जवान आदि शामिल रहेंगे। सवारी महाकालेश्वर मंदिर से गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार कहारवाडी होते हुए रामघाट क्षिप्रातट पहुंचेगी, जहां मॉं क्षिप्रा के जल से पूजन-अर्चन पश्‍चात भगवान महाकाल की सवारी रामघाट से गणगौर दरवाजा, मोड की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्‍यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार होते हुए पुन: महाकाल मंदिर पहुंचेगी।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में इस समय कड़ाके की ठंड पड़ रही है। पहाड़ी इलाकों में हो रही बर्फबारी और उत्तर भारत से आ रही ठंडी हवाओं के कारण तापमान में लगातार गिरावट जारी है। वहीं हिल स्टेशन पचमढ़ी सबसे ठंडा है, जहां रात का न्यूनतम तापमान 5.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। राजधानी भोपाल में भी यह 9.8 डिग्री तक पहुंच गया। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक मौसम के इसी तरह बने रहने की संभावना जताई है।   मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, भोपाल, जबलपुर समेत मध्य प्रदेश के 9 शहरों में रात का तापमान 10 डिग्री से नीचे है। पचमढ़ी में पारा रिकॉर्ड 5.8 डिग्री तक आ चुका है, जबकि राजधानी में नवंबर की ठंड ने 25 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। मौसम वैज्ञानिकों की माने तो पहाड़ों पर बर्फ पिघलने के बाद वहां से आई बर्फीली हवा से ठंड बढ़ी है। अगले कुछ दिन तक ठंड का ऐसा ही दौर बना रहेगा। 27 नवंबर से पारे में बढ़ोतरी होगी, लेकिन दिसंबर में कड़ाके की ठंड का दौर फिर से शुरू हो जाएगा। वहीं, भोपाल में दिन में भी धुंध का असर है। इस वजह से 2-3 किलोमीटर दूर देखना मुश्किल हो जाता है। सुबह के समय धुंध का असर तेज रहता है। दूसरी ओर, प्रदेश के उत्तरी हिस्से यानी, ग्वालियर-चंबल में कोहरे का असर भी है। इस बार जिस तरह से मानसून बरसा, उसी हिसाब से ठंड का असर भी है।   मध्‍य प्रदेश में नवंबर में ही कई शहरों में तापमान 10 डिग्री के नीचे पहुंच गया है। शनिवार-रविवार की बात करें तो पचमढ़ी में 5.8 डिग्री, शहडोल के कल्याणपुर में 7.4 डिग्री, मंडला में 7.5 डिग्री, उमरिया में 9 डिग्री, मलाजखंड में 9.1 डिग्री, राजगढ़ में 9.4 डिग्री और नौगांव में पारा 9.6 डिग्री है। बड़े शहरों में भोपाल और जबलपुर में पारा 10 डिग्री से कम है। भोपाल में यह 9.8 डिग्री और जबलपुर में 9.9 डिग्री दर्ज किया गया। इंदौर में 13.6 डिग्री, ग्वालियर में 11.2 डिग्री और उज्जैन में 12.5 डिग्री सेल्सियस रहा। अन्य शहरों की बात करें तो रीवा, छिंदवाड़ा, खंडवा, टीकमगढ़, गुना, सतना, खरगोन और रायसेन में रात का तापमान 12 डिग्री से नीचे है।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । राजधानी भोपाल समेत प्रदेशभर में उत्तरी हवाओं की वजह से सर्दी का असर तेज हो गया है। पिछले एक सप्ताह से राजधानी भोपाल में धुंध छा रही है। सुबह के समय धुंध का असर तेज रहता है। दूसरी ओर, प्रदेश के उत्तरी हिस्से यानी, ग्वालियर-चंबल में भी कोहरा छा रहा है। भोपाल में रात का तापमान 8.8 डिग्री पर पहुंच गया। जो नवंबर में 36 साल बाद सबसे कम है। इससे पहले 1988 में नवंबर में रात का सबसे कम तापमान 7.5 डिग्री दर्ज किया गया था।   मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेद प्रकाश सिंह ने बताया कि उत्तर से बर्फीली हवा का सबसे ज्यादा असर भोपाल संभाग और उसके आसपास हो रहा है। वहीं, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन में भी तापमान सामान्य से 5 डिग्री तक नीचे लुढ़क गया है। मौसम विभाग के अनुसार अगले 3 दिन प्रदेश में कड़ाके की ठंड रहेगी। उनका कहना है कि पहाड़ों पर बर्फ पिघलने के बाद वहां से आई बर्फीली हवा से ठंड बढ़ी है। अगले दो-तीन दिन और ऐसी कड़ाके ठंड से राहत के आसार नहीं है।   इंदौर में शनिवार को दिन का तापमान 27.5 (-2) डिग्री सेल्सियस रहा। रात के तापमान में 2 डिग्री का इजाफा हुआ और तापमान 13.6 (0) डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। रविवार सुबह मौसम ठंडा रहा। धूप खिलने के साथ मौसम साफ है। उज्जैन में रविवार सुबह धूप निकलने के बाद भी हल्की ठंड होने से लोग गर्म कपड़ों में नजर आए। वेधशाला में शनिवार-रविवार की रात का तापमान 12.5 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं, पचमढ़ी में रात में टेम्प्रेचर 6.6 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। यह प्रदेश में सबसे कम रहा। शुक्रवार-शनिवार की रात में मंडला में 7.4 डिग्री, शहडोल के कल्याणपुर में 7.6 डिग्री, अनूपपुर के अमरकंटक में 7.7 डिग्री, शाजापुर के गिरवर में 8.2 डिग्री, उमरिया में 8.9 डिग्री, राजगढ़ में 9.2 डिग्री, नौगांव में 9.5 डिग्री दर्ज किया गया।   इसी तरह रायसेन जिले में 10 डिग्री, छिंदवाड़ा में 10.6 डिग्री, गुना-खरगोन में 11 डिग्री, रीवा-टीकमगढ़ में 11.2 डिग्री, खंडवा-रीवा में 11.4 डिग्री, सतना में 11.5 डिग्री, बैतूल में 11.7 डिग्री रहा। सिवनी-सीधी में 12.2 डिग्री, दमोह-खजुराहो में 12.4 डिग्री, रतलाम में 12.5 डिग्री और नरसिंहपुर में 12.6 डिग्री दर्ज किया गया। शनिवार को दिन में भी ठंड का असर देखने को मिला। कई शहरों में पारा 28 डिग्री से कम रहा। मौसम विभाग के अनुसार, वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक साइक्लोनिक सकुर्लेशन के रूप में उत्तरी हिस्से में एक्टिव है। पूर्वी हिस्से में एक साइक्लोनिक सकुर्लेशन एक्टिव है। वहीं, उत्तरी हवाएं भी प्रदेश में आ रही है। इस कारण तेज ठंड है।  

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भाेपाल । मध्य प्रदेश डीजीपी के पद पर नए आईपीएस अफसर की नियुक्ति हुई है। 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी कैलाश मकवाना मध्य प्रदेश के नए डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) होंगे। सीएम डॉ. मोहन यादव के विदेश यात्रा पर जाने के बाद शनिवार देर रात गृह विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए है। मौजूदा डीजीपी सुधीर सक्सेना 30 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं, जिसके बाद कैलाश मकवाना 1 दिसंबर को प्रदेश के नए डीजीपी की कमान संभालेंगे। वे मप्र के 32वें डीजीपी होंगे।   आपको बता दें कि वर्तमान डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना 30 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। मध्य प्रदेश सरकार ने 9 वरिष्ठ अधिकारियों के नामों का पैनल यूपीएससी को भेजा था। 21 नवंबर को देर शाम यूपीएससी दिल्ली में बैठक हुई, जिसमें 9 में से 3 नाम फाइनल किए गए। नए डीजीपी के लिए यूपीएससी ने तीन नामों का पैनल भेजा था, जिसमें अरविंद कुमार, अजय शर्मा और कैलाश मकवाना शामिल थे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विदेश यात्रा पर निकलने से पहले ही नए डीजीपी के नाम को मंजूरी दे दी। 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी कैलाश मकवाना वरिष्ठता क्रम में पांचवें क्रम पर हैं। उनकी नियुक्ति 30 अगस्त 1988 को हुई थी। मकवाना ने बीई और आईआईटी से एमटेक किया है। अभी मप्र पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन में चेयरमैन हैं। इसके पहले लोकायुक्त में स्पेशल डीजी रहे। यहां से छह माह में उन्हें हटाकर कॉर्पोरेशन भेज दिया गया था। रिटायरमेंट 31 दिसंबर 2025 में है।   मकवाना को प्रदेश के तेज-तर्रार आईपीएस अफसरों में गिना जाता है। 2022 में उन्हें विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त में महानिदेशक बनाया गया था। उस दौरान उन्होंने एक आईएएस और एक आईएफएस अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज कराया था। इसके बाद महाकाल लोक कॉरिडोर की जांच शुरू होने पर उन्हें वहां से हटाकर एमपी पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन में चेयरमैन बना दिया गया था। कैलाश मकवाना पूर्व में मुरैना, जबलपुर, मंदसौर, बैतूल आदि जिलों में सेवाएं दे चुके हैं। मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़ अलग होने से पहले कैलाश मकवाना मंदसौर, बस्तर, बैतूल और दंतेवाड़ा जैसे जिलों के एसपी भी रह चुके हैं। उनकी नियुक्ति डीआईजी इंटेलिजेंस के पद पर भी हुई थी। वे सीआईडी इंटेलीजेंस में एडीजी के पद पर भी रह चुके है। शिवराज सरकार में भी कैलाश मकवाना कई महत्वपूर्ण पदों पर सेवाएं दे चुके हैं।  

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उज्जैन । भारतीय क्रिकेटर मयंक अग्रवाल और यश राजपूत रविवार को सुबह उज्जैन पहुंचे और यहां विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन कर पूजन-अर्चन किया। दोनों सुबह भस्म आरती के दौरान महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे थे। उन्होंने नंदी हॉल में बैठकर इस दिव्य भस्म आरती के दर्शन किए और उसके बाद चांदी द्वार से बाबा महाकाल का पूजन-अभिषेक किया।   महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित अर्पित गुरु ने बताया कि भारतीय क्रिकेटर मयंक अग्रवाल और यश राजपूत रविवार सुबह बाबा महाकाल के दर्शन करने पहुंचे। उन्होंने बाबा महाकाल के सामने हाथ जोड़कर प्रार्थना की, मस्तक पर तिलक लगाया और चांदी द्वार से भगवान का जलाभिषेक किया। भस्म आरती के दौरान मयंक अग्रवाल भगवान महाकाल के श्रृंगार को अपने मोबाइल से शूट करते भी देखे गए। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी उपस्थित थे।   मयंक अग्रवाल एक भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी हैं। वह बेंगलुरु में जैन विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र हैं। मयंक एक सलामी बल्लेबाज हैं, जो कर्नाटक के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलते हैं। उन्होंने भारतीय क्रिकेट के घरेलू सत्र 2017-18 में सचिन तेंदुलकर के बाद सबसे ज्यादा 2,253 रन बनाकर नया कीर्तिमान स्थापित किया था।    

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भोपाल । राजधानी भोपाल सहित प्रदेशभर में कड़ाके की सर्दी का दौर शुरू हो गया है। नवंबर में ही ठंड रिकॉर्ड तोड़ रही है। राजधानी भोपाल में नवंबर महीने की ठंड का पिछले 10 साल का रिकॉर्ड टूट गया है। यहां पारा 10 डिग्री के नीचे पहुंच चुका है। इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन में रातें तो ठंडी है ही, दिन में भी पारा 26 डिग्री के आसपास पहुंच गया है। हिल स्टेशन पचमढ़ी, अमरकंटक, कल्याणपुर, शाजापुर-राजगढ़ जैसे छोटे शहर सबसे ठंडे हैं। आज शनिवार सुबह प्रदेश के उत्तरी हिस्से यानी, ग्वालियर-चंबल संभाग में मध्यम कोहरा देखने को मिला। वहीं, भोपाल में धुंध है। बाकी शहरों में भी धुंध का असर है। यहां दिन भी ठंडे है।   मौसम विभाग के अनुसार, उत्तरी-पश्चिमी हिस्से में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) और पूर्वी हिस्से में एक साइक्लोनिक सकुर्लेशन एक्टिव है। वहीं, उत्तरी हवाएं भी प्रदेश में आ रही है। इस कारण तेज ठंड है। भोपाल, जबलपुर के अलावा शहडोल के कल्याणपुर, पचमढ़ी, शाजापुर, अमरकंटक, मंडला, शिवपुरी के पिपरसमा, उमरिया और राजगढ़ में रात का तापमान 10 डिग्री से कम है, जबकि बाकी शहरों में तापमान 15 डिग्री से नीचे है। हालांकि, मौसम विभाग ने पारे में बढ़ोतरी होने की बात कही है। 25 नवंबर से तेज ठंड का दौर फिर से आएगा।   इधर, शनिवार सुबह ग्वालियर, मुरैना, भिंड और दतिया में मध्यम कोहरे का असर देखने को मिला। इंदौर में इस सीजन में पहली बार बीती रात का तापमान 11.6 (-2) डिग्री सेल्सियस रहा। उज्जैन में बीती रात का न्यूनतम तापमान 11.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं ग्वालियर में रात का न्यूनतम तापमान 11.3 डिग्री सेल्सियस पर आ गया है। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे में तापमान में 2 डिग्री और गिरावट की आशंका जताई है।   बड़े शहराें की बात करें ताे भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और उज्जैन में तापमान सामान्य (15 डिग्री) से 5.6 डिग्री तक नीचे पहुंच गया है। भोपाल में सबसे ज्यादा गिरावट हुई है, जबकि जबलपुर दूसरे नंबर पर है। इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में तापमान 12 डिग्री के आसपास है। वहीं, गुरुवार-शुक्रवार की रात कल्याणपुर में पारा 7.1 डिग्री रहा, जबकि पचमढ़ी में 7.2 डिग्री दर्ज किया गया। मंडला में 8.1 डिग्री, शिवपुरी के पिपरसमा, उमरिया और राजगढ़ में 9 डिग्री, बालाघाट के मलाजखंड में 9.7 डिग्री दर्ज किया गया।  

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जबलपुर । स्लीमनाबाद थाना क्षेत्र के सलैया रेलवे फाटक क्रमांक 1042 सलैया फाटक में रेलवे ट्रैक पर ट्रक फंस गया, जिसे भारी मशक्‍कत के बाद बाहर निकाला गया है।   इस मामले में रेलवे जबलपुर की ओर से जानकारी दी गई कि जब सलैया रेलवे फाटक को ट्रक द्वारा पार किया जा रहा था, तभी अचानक से तेज आवाज आई और स्टेयरिंग बीच ट्रैक पर टूट गई। जिससे रेलवे यातायात सहित पानउमरिया कटनी सड़क मार्ग अवरुद्ध हो गया। मौके पर रेल्वे सहित सम्बंधित विभाग के लोग पहुंच गए और ट्रक को लाइन से बाहर करने के लिए प्रयास करने लगे, अंतत: दो घण्‍टे की मशक्‍क‍त के बाद इस लाइन पर आवागमन सुचारु हो सका ।

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कटनी । अभी उमरिया जिले बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में कोदो खाने से 10 हाथियों की मौत का मामला शांत हुआ नहीं कि एक बार कोदो की रोटी खाने से एक ही परिवार के कई लोगों की तबियत बिगड़ने से गांव के लोगों में दहशत का माहौल पैदा हो गया है।    मामला कटनी जिले के रीठी थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत बिलहरी पौड़ी गांव का है, जहां कोदू की रोटी खाने से एक ही परिवार के 13 लोग गंभीर रूप से बीमार हो गए हैं। सभी को जिला अस्पताल लाया गया है। जहां उनका उपचार जारी है। एक ही परिवार के तीन 13 लोगों के अचानक बीमार पड़ने से हड़कंप मच गया है।    दरअसल रीठी थाना अंतर्गत आने वाली पंचायत बिलहरी पौड़ी में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब गांव में चौधरी परिवार के 6 बच्चे और 7 परिवार के लोगों नें सुबह कोदू की रोटी का नास्ता किया जिससे कुछ देर बाद सभी की तबियत बिगड़ने लगी। खाने के बाद उनकी तबीयत अचानक बिगड़ने लगी। लिहाजा उल्टी, चक्कर और शरीर में कमजोरी लगना जैसे लक्षण सामने आने के बाद सभी को बेहोशी की हालत में जिला अस्पताल लाया गया है। जहां डॉक्टरों द्वारा उनका उपचार किया जा रहा है। जिसमे दो बच्चें अभी भी बेहोशी में है वही बाकी लोगों का चिकित्सकीय निगरानी मे उपचार जारी है।    बिलहरी पौड़ी गांव में रहने वाले सत्यम(13), मीनाक्षी(10), विमलेश(10), संध्या(09) , खुशी(07), काव्या(02) , राजकुमारी(52), मिथला बाई(31), आरती(29), अभिलाषा(20), विनोद(32), प्रमोद(26), ललित चौधरी(21) को गंभीर हालत में सुबह 12 बजे जिला अस्पताल मे भर्ती कराया गया है, जहां सभी का उपचार जारी है।    परिजन उमेश चौधरी ने जानकारी बताया कि शनिवार को सभी ने सुबह 09:30 बजे घर पर कोदू की रोटी का नशता करने के लिए खाई थी। इसके बाद से उन्हें उल्टी और चक्कर आने लगे थे। उन्हें बेहोशी की हालत में ऑटो से जिला अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरो द्वारा इलाज जारी है जिनमें से दो बच्चे आईसीयू में है और दो बच्चे अभी भी बेहोश है जिनका उपचार जारी है। परिजनों का साफ तौर पर कहना है कि कोदो की रोटी खाने से ही तीनों की तबीयत बिगड़ी है, हालांकि डॉक्टरों ने इस मामले में अभी कुछ साफ नहीं कहा है।     

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मध्य प्रदेश । बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने सनातन हिंदू एकता पदयात्रा दूसरे दिन शुक्रवार को सुबह साढ़े 8 बजे कदारी फार्मेसी कॉलेज से शुरू की गई। इस माैके पर उन्होंने यात्रा का विरोध करने वालों को जवाब देते हुए कहा कि ठठरी के बंधे इस देश में जलसा जायज है और पदयात्रा नाजायज बता रहे हो। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की सनातन हिंदू एकता पदयात्रा का आज दूसरा दिन है। दूसरे दिन शास्त्री की यात्रा की शुरुआत कदारी फार्मेसी कॉलेज से हुई और पदयात्रा दोपहर करीब ढाई बजे कदारी से गठेवरा पहुंची, जहां भोजन प्रसादी की। छतरपुर शहर में यहां छत्रसाल चौराहे पर पंडित शास्त्री ने एक सभा को संबोधित किया। इस सभा में हैदराबाद की गोशामहल विधानसभा सीट से भाजपा विधायक टी राजा भी शामिल हुए। शाम को पदयात्रा बस स्टैंड होते हुए छतरपुर के नौगांव रोड के पेप्टेक टाउन पहुंच गई। यात्रा यहां रात्रि भोजन के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रवचन की व्यवस्था की गई है। पेप्टेक टाउन में दिल्ली की गायिका शीतल पाण्डेय, बिन्नू रानी और हिमालय यादव प्रस्तुति देंगे। उल्लेखनीय है कि पंडित शास्त्री ने शुक्रवार का 17 किलोमीटर का सफर तय किया। नाै दिवसीय यात्रा बागेश्वर धाम से शुरू हुई और रामराजा मंदिर ओरछा तक करीब 160 किमी का सफर तय करेगी। इस यात्रा के कुल आठ पड़ाव होंगे। बताया गया कि सनातन हिंदू एकता में पैदल चलते पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पैर छिल गए हैं, जिनका उपचार चरण सेवक सेवादाराें ने किया है।   धीरेन्द्र शास्त्री की पदयात्रा के चलते शहर में बदली ट्रैफिक व्यवस्था पदयात्रा को लेकर शहर में ट्रैफिक व्यवस्था में बदलाव किया गया। नगर में पदयात्रा पहुंचने पर पेप्टेक टाउन पहुंचने तक बड़े वाहनों काे रोका गया और छोटे वाहनों को वैकल्पिक मार्गों से परिवर्तित किया गया। पदयात्रा के दौरान झांसी से खजुराहो की तरफ जाने वाले वाहन सौरा पहाड़िया के पास वाटरपार्क कट पॉइंट से अपनी लेन दी गई और फिर कदारी फार्मेसी के आगे कट पॉइंट से वापस अपनी लेन में आ जाएंगे। महोबा से आने वाले वाहन महोबा अंडरब्रिज बैरियर पर रोक दिए गए। नौगांव से आने वाले वाहन गौरगांव बैरियर से ग्राम कैड़ी से होते हुए हाइवे डायवर्ट किए जाएंगे। बस स्टैंड से पन्ना और नौगांव, झांसी तरफ जाने वाली बस महोबा रोड बाइपास होकर फोरलेन हाइवे से जाएंगे और सागर की ओर जाने वाले और सागर से छतरपुर आने वाली बस रॉयल होटल के पास विराज गार्डन से संचालित होंगी। यातायात पुलिस ने सभी वाहन चालकों से निर्धारित लेन में चलने और तेज गति में वाहन न चलाने की अपील की गई है।  

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इंदौर । इंस्टिट्यूट ऑफ़ होटल मैनेजमेंट (SIHM) इन्दौर ने अपने वार्षिक केक मिक्सिंग समारोह का आयोजन किया। यह कार्यक्रम फसल के मौसम की शुरुआत और क्रिसमस की उत्सव भावना को चिह्नित करने वाली एक लोकप्रिय परंपरा है। यह कार्यक्रम शुक्रवार को संस्थान परिसर में हुआ। परिसर को क्रिसमस थीम में खूबसूरती से सजाया गया था।   केक मिक्सिंग समारोह में सूखे मेवे, नट्स और मसालों आदि के साथ मिलाकर केक के स्वाद और सुगंध को समृद्ध किया गया। यह समय-समय पर होने वाली परंपरा न केवल प्रतिभागियों को उत्सव के मौसम के लिए तैयार करती है, बल्कि होटल प्रबंधन के छात्रों को अपनी पाक कला और रचनात्मकता दिखाने का अनमोल अवसर भी प्रदान करती है।   SIHM इन्दौर के प्रिंसिपल प्रोफेसर डॉ. वी. के. सिंह ने बताया कि यह कार्यक्रम एकता और उत्सव की भावना को दर्शाता है। यह हमारे छात्रों को आतिथ्य उद्योग में महत्वपूर्ण अनुभव प्राप्त करने का अवसर देता है। इस समारोह में बेकारी विभाग की फैकल्टी अवनि पाटिल एवं अन्य फैकल्टी मेम्बर्स, स्टाफ के साथ छात्रों ने सक्रिय भागीदारी की। जिससे साथियों के बीच सामंजस्य बढ़ा और केक बनाने की समृद्ध परंपराओं को अपनाया गया।   यह पहल SIHM की होटल प्रबंधन में व्यापक प्रशिक्षण प्रदान करने की प्रतिबद्धता का हिस्सा है, जो छात्रों को आतिथ्य क्षेत्र में सफल करियर के लिए तैयार करती है। SIHM इन्दौर के स्नातकों को एक मजबूत पाठ्यक्रम का लाभ मिलता है जो न केवल उन्हें आवश्यक कौशल से लैस करता है, बल्कि होटलों, रिसॉर्ट्स और आतिथ्य के विभिन्न क्षेत्रों में कई करियर अवसरों के द्वार भी खोलता है। व्यावहारिक अनुभव और उद्योग संबंधों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, SIHM सुनिश्चित करता है कि उसके स्रातक इस गतिशील क्षेत्र की मांगों को पूरा करने के लिए पूरी तरह से तैयार हों।

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में लगातार दूसरे दिन कड़ाके की ठंड पड़ी। राजधानी भोपाल में गुरुवार रात का तापमान 10.2 डिग्री दर्ज किया गया। एक दिन पहले रात का पारा 11 डिग्री पर था। भोपाल में 10 साल में नवंबर में दूसरी बार ऐसी कड़ाके की ठंड पड़ी। प्रदेश के 8 शहरों में पारा 7.8 डिग्री से 10.8 डिग्री के बीच रहा। आज शुक्रवार सुबह से मौसम में ठंडक है। धूप निकलने से थोड़ी राहत जरूर है। सुबह के समय कोलार, बैरसिया रोड, अयोध्या बायपास समेत कई इलाकों में हल्का कोहरा भी देखने को मिला, जबकि बड़ा तालाब समेत कई इलाकों में अभी भी धुंध छाई हुई है।   मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि जमीन से 12.6 किमी की ऊंचाई पर जेट स्ट्रीम की रफ्तार 200 किमी/घंटा तक पहुंच गई है। इसके साथ ही पहाड़ों से आ रही बर्फीली हवाओं ने मप्र में ठंड बढ़ा दी है। भोपाल के अलावा प्रदेश के अन्य शहरों में भी ठंड बढ़ी है। पचमढ़ी सबसे ठंडा रहा, जहां पारा 7.8 डिग्री दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार, नवंबर में भोपाल में ऐसा ही मौसम रहता है। 15 नवंबर के बाद ठंड का असर बढ़ता है, जो आखिरी तक बना रहता है। इस बार ठंड का असर तेज हो गया है।   बुधवार-गुरुवार की रात प्रदेश के सभी शहरों में तापमान 15 डिग्री के नीचे आ गया। प्रदेश के सात शहरों के तापमान 10 डिग्री से नीचे आ गया है। राजगढ़ में 10 डिग्री, रीवा में 10.4 डिग्री, सतना में 10.6 डिग्री, बालाघाट में 10.8 डिग्री, रायसेन में 11 डिग्री, गुना में 11.2 डिग्री, खजुराहो में 12 डिग्री, टीकमगढ़ में 12.1 डिग्री, खंडवा में 12.4 डिग्री, दमोह में 12.6 डिग्री, बैतूल में 12.7 डिग्री और खरगोन में 12.8 डिग्री, उमरिया जिले में 9.8 डिग्री, नौगांव 10 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, सर्दी का यह दौर अभी दो-तीन दिन और बरकरार रह सकता है। रात के तापमान में गिरावट का सिलसिला जारी रह सकता है। दिसंबर से ला नीना अपने फुल फॉर्म में आ जाएगा, जिससे मध्य प्रदेश में हाड़ कंपा देने वाली ठंड पड़ेगी। ऐसे में दिसंबर में सर्दी के कई रिकॉर्ड भी टूट सकते हैं।

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खंडवा । खंडवा के जूनी इंदौर लाइन क्षेत्र में अंजनी टाकीज के पास गुरुवार देर रात बारदाना के गोदाम में भीषण आग लग गई। आगजनी की इस घटना में गाेदाम में माेजूद लाखाें रूपये कीमत के जूट के बारदाने जलकर खाक हो गए। सूचना के बाद माैके पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू किया गया। इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई। आग लगने की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है।   जानकारी अनुसार गोदाम मयंक पालीवाल का है। बुधवार देर रात करीब ढाई बजे अचानक गाेदाम में आग भड़क गई। देखते ही देखते आग ने भीषण रूप ले लिया। जिससे लोगों के बीच अफरातफरी का माहौल बन गया। स्थानी निवासियों ने तुरंत घटन की सूचना दमकल को दी। स्थानीय निवासियों ने पहले गोदाम की दीवाल को तोड़कर आग पर काबू पाने की कोशिश की। इसी दौरान सूचना पर दमकल की टीम भी मौके पर पहुंच गई। इधर आग बेकाबू होती और आसपास के एरिया को अपनी चपेट में लेती, इससे पहले मौजूद लोगों और दमकल कर्मियों ने आग पर काबू पा लिया। आग को काबू करने में नगर निगम की तीन फायर ब्रिगेड के अलावा मूंदी की दमकल भी बुलानी पड़ी। इसके अलावा पानी के टैंकर और निगम के बुलडोजर की मदद भी मौके भी ली गई। आग लगने के कारण और नुकसान का आंकलन किया जा रहा है। बारदान के बंडलों की आग पूरी तरह नहीं बुझ पाने से गुरुवारसुबह तक भी धुआं निकलता रहा।          

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश के लगभग सभी शहरों में सर्दी ने दस्‍तक दे दी है। सुबह और रात को ठंड का असर बढ़ गया है। बुधवार-गुरुवार की रात प्रदेश के सभी शहरों में तापमान 15 डिग्री के नीचे आ गया। राजधानी भोपाल में तापमान 10.2 डिग्री दर्ज किया गया, जो पिछले 10 साल में नवंबर का तीसरा सबसे कम तापमान रहा। यानी, यह रात तीसरी सबसे सर्द रात रही। इससे पहले 2017 में 9.6 डिग्री और 2022 में 10.2 डिग्री पारा पहुंचा था। इंदौर में 13.9 डिग्री और उज्जैन में 11.5 डिग्री रहा। दोनों ही शहरों में पिछले साल से कम तापमान दर्ज किया गया।   मौसम विभाग के अनुसार, इस समय जम्मू-कश्मीर, लद्दाख में बर्फबारी हो रही है। वहीं, पश्चिम-उत्तर भारत में जेट स्ट्रीम हवाएं भी चल रही हैं। वेस्टर्न डिस्टरबेंस का भी असर है। ऐसे में उत्तरी हवाएं मध्यप्रदेश में आ रही है, जिससे पारा लुढ़क गया हैं। आने वाले दिनों में पारे में और भी गिरावट हो सकती है। अभी रात के साथ दिन भी ठंडे है। मौसम विभाग ने बताया कि भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर-उज्जैन समेत 28 शहरों में पारा सामान्य से नीचे है। ऐसा ही मौसम अगले कुछ दिन और बना रहेगा। गुरुवार सुबह ग्वालियर, चंबल और रीवा संभाग के कई जिलों में कोहरा रहा। भोपाल में भी सुबह के समय कोहरा छाया रहा। राजधानी में पिछले 5 दिन से ऐसा ही मौसम है।   वहीं, पचमढ़ी में मंगलवार-बुधवार की रात पारा 7.8 डिग्री और बुधवार को दिन में तापमान 22.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इस तरह पचमढ़ी के दिन और रात दोनों ही प्रदेश में सबसे ठंडे है। इसी तरह मंडला में 9.1 डिग्री, उमरिया में 9.8 डिग्री, नौगांव-राजगढ़ में 10 डिग्री, रीवा में 10.4 डिग्री, सतना में 10.6 डिग्री, बालाघाट में 10.8 डिग्री, रायसेन में 11 डिग्री, गुना में 11.2 डिग्री, खजुराहो में 12 डिग्री, टीकमगढ़ में 12.1 डिग्री, खंडवा में 12.4 डिग्री, दमोह में 12.6 डिग्री, बैतूल में 12.7 डिग्री और खरगोन में 12.8 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। बालाघाट में 24 डिग्री, रायसेन में 25 डिग्री, बैतूल में 26.5 डिग्री, सिवनी में 26.6 डिग्री दर्ज किया गया। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 27.1 डिग्री, ग्वालियर में 26.4 डिग्री, इंदौर में 27.8 डिग्री, उज्जैन में 27.7 डिग्री और जबलपुर में दिन का तापमान 27.6 डिग्री दर्ज किया गया। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 11 डिग्री, इंदौर में 14.6 डिग्री, ग्वालियर में 11.3 डिग्री, उज्जैन में 12.6 डिग्री और जबलपुर में 12.4 डिग्री दर्ज किया गया।

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उमरिया । उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के जंगल में एक नर जंगली हाथी छोड़ा गया। इस जंगली हाथी को शहडोल जिले के उत्तर वनमण्डल क्षेत्र के जयसिंहनगर रेंज के बीट वनचाचर के कक्ष क्रमांक आर एफ 382 से लाया गया था। जिसको इतने माह रख कर आज जंगल मे छोड़ा गया।   इस मामले की जानकारी देते हुए बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के नवागत फील्ड डायरेक्टर डॉक्टर अनुपम सहाय ने बताया कि इस जंगली हाथी को शहडोल जिले के उत्तर वन मंडल के जयसिंहनगर रेंज के वनचाचर बीट से 2 मार्च 2024 को बांधवगढ़ की टीम द्वारा रेस्क्यू कर लाया गया था और इसको यहां रख कर इलाज किया गया उसको पूर्ण रूप से तंदुरुस्त होने के बाद आज जंगल मे छोड़ा गया, इसमें सबसे खास बात यह रही कि बांधवगढ़ के इतिहास में पहली बार किसी जंगली हाथी को सेटेलाइट कॉलर लगाया गया और उसको ताला रेंज के दमना बीट के कक्ष क्रमांक आर एफ 332 में छोड़ा गया है, अब इसकी हर एक्टिविटी पर हमारी नजर रहेगी। उसके कालरिंग के समय मेरे साथ वन्य प्राणी चिकित्सक डॉक्टर नितिन गुप्ता, सहायक संचालक ताला, परिक्षेत्र अधिकारी ताला, डब्ल्यू डब्ल्यू एफ के सांकेत भाले, एवं डॉ. सुभांकर, डब्ल्यू सी टी के डॉ. प्रशांत देशमुख एवं परिक्षेत्र ताला का स्टाफ सम्मिलित हुआ तथा कालरिंग की कार्यवाही सफलतापूर्वक संम्पन्न किया गया। हाथी के वनक्षेत्र में विचरण के अध्ययन करने की दिशा में यह कालरिंग प्रक्रिया मील का पत्थर सिद्ध होगी।  

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ग्वालियर । ग्वालियर शहर में बुधवार दाेपहर स्कूली बच्चाें काे लेकर जा रही बस में अचानक आग लग गई। आग लगते ही बच्चे घबरा गए। आग देखते ही ड्रायवर ने गाड़ी राेक दी। स्टाफ और पुलिस पॉइंट पर तैनात जवानों ने बच्चों को बाहर निकाला। बस में आठ से दस बच्चे थे। पुलिस की सूचना पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने आग बुझाई।     जानकारी अनुसार माधवनगर गेट के पास जीडी गोइंका पब्लिक स्कूल की ट्रैवलर बस बुधवार काे दाेपहर काे स्कूल की छुट्टी के बाद बच्चाें काे लेकर निकली थी। इस दाैरान अचान बोनट से धुआं उठने लगा। ड्रायवर ने देखते ही तुरंत बस काे राेक दिया। बस में आठ से दस बच्चे थे। हादसे के बाद बच्चे बुरी तरह डर गए। स्टाफ और पुलिस पॉइंट पर तैनात जवानों ने बच्चों को बाहर निकाला। पुलिस की सूचना पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने आग बुझाई। बस में आग लगने की सूचना पर कुछ बच्चों के परिजन मौके पर पहुंच गए थे। जिनके परिजन से संपर्क नहीं हुआ, उनको पुलिस वाहन से घर तक छुड़वाया गया। आग लगने की वजह पता की जा रही है। यातायात थाना झांसी रोड के प्रभारी सुधारक सिंह तोमर ने बताया कि आग बढ़ती, उससे पहले ही काबू पा लिया गया। सभी बच्चे सुरक्षित हैं।  

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उज्जैन/नागदा । नृसिंहघाट के पास स्थित रघुकुल गार्डन में मंगलवार रात विवाह-समारोह चल रहा था। दूल्हा-दुल्हन स्टेज पर बैठे थे और बाराती डीजे की धुन पर नाच रहे थे। परिवार और रिश्तेदार भोजन कर रहे थे। तभी किसी ने महाकाल थाना पुलिस को फोन कर दिया। पुलिस अपने साथ महिला एवं बाल विकास की टीम के साथ पहुंची। दूल्हा-दुल्हन के परिजनों को समझाइश दी और शादी रुकवा दी।     महिला एवं बाल विकास के जिला कार्यक्रम अधिकारी साबिर एहमद सिद्दीकी ने बताया कि मंगलवार रात महाकाल थाने से सूचना मिली थी कि रघुकुल गार्डन में शादी समारोह चल रहा है। दुल्हन नाबालिग है। परिजनों द्वारा बाल विवाह कराया जा रहा है।    सूचना मिलने पर विभाग की टीम को महाकाल थाना पुलिस के साथ रघुकुल गार्डन रवाना किया। टीम में शामिल संतोष पंवार ने बताया कि स्टेज पर बैठे दूल्हा-दुल्हन के परिजनों से उम्र संबंधी दस्तावेज मांगे। इस पर दुल्हन के माता पिता इस बात से सहमत हो गए कि बेटी की उम्र 18 वर्ष होने में 3-4 माह काम हैं। उन्हें बाल विवाह नहीं करने की समझाइश दी गई। लडक़ी पक्ष जयसिंहपुरा का रहने वाला था। बारात नागदा से आई थी। बारात में शामिल लोग बैंड बाजों के साथ नाचते गाते गार्डन तक पहुंचे थे। वरमाला कार्यक्रम के बाद दूल्हा-दुल्हन को स्टेज पर बैठाया गया था। यहां भी डीजे साउंड पर डांस चल रहा था। दूसरी तरफ लोग भोजन कर रहे थे। जब पुलिस और महिला बाल विकास विभाग की टीम गार्डन पहुंची तो कुछ लोगों ने शादी रोकने से इंकार किया, हालांकि पुलिस की समझाइश के बाद वे लोग मान गए। रिसेप्शन के बाद दूल्हा बारात के साथ लौट गया।    सिद्दीकी ने बताया कि गार्डन में शादी की प्रोसेस चल रही थी। दूल्हा-दुल्हन स्टेज पर बैठे थे। इसके बाद रात में फेरे होने वाले थे। यदि फेरे हो जाते तो बाल विवाह का केस थाने में दर्ज कराना पड़ता। दोनों पक्षों को समझाइश दी तो वे मान गए और शादी कार्यक्रम रद्द कर दिया।   

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । भोपाल में नगर निगम के हाउसिंग फोर ऑल प्रोजेक्ट में हो रही लेटलतीफी से परेशान हितग्राहियों ने सोमवार को आईएसबीटी निगम ऑफिस का घेराव कर दिया। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का पोस्टर लेकर हितग्राहियों ने आइएसबीटी निगम ऑफिस के बाहर जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारी ऑफिस के अंदर घुसने लगे तो पुलिस ने रोक दिया। गुस्साए लोग गेट के सामने ही धरने पर बैठे गए। विरोध बढ़ता देख निगम कमिश्नर हरेंद्र नारायण मौके पर पहुंचे तो लोगों ने उन्हें घेर लिया। कमिश्नर ने लोगों को समझाया और कहा कि जल्द ही सभी को मकान दिए जाएंगे।   सोमवार को निगम के हाउसिंग के 12 नंबर, बाग मुगालिया-गंगानगर के अधूरे प्रोजेक्ट के विरोध में सैकड़ों की संख्या में पहुंचे हितग्राहियों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान मकान के लिए कई महिलाएं अपने नन्हें बच्चे को साथ लेकर पहुंची। वहीं प्रदर्शन के दौरान जैसे ही निगम कमिश्नर मौके पर पहुंचे लोगों ने उनका घेराव कर दिया। दरअसल नगर निगम के गंगानगर, 12 नंबर, भानपुर समेत कई जगहों प्रोजेक्ट चल रहे हैं। पीएम आवास योजना के तहत मकान बन रहे हैं, लेकिन काम में लेटलतीफी आम लोगों पर भारी पड़ रही है। लोगों ने इस उम्मीद में फ्लैट्स या सिग्लेक्स मकान बुक कराए थे कि उन्हें जल्दी पजेशन मिल जाएगा, लेकिन कई जगहों पर प्रोजेक्ट को सालों बीत चुके हैं। बावजूद लोगों का अपने घर का सपना पूरा नहीं हो रहा है।   विरोध का रहे लोगों का कहना है कि सालों से अगल-अलग दफ्तरों में अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। लोगों ने कहा कि मल्टी बनाने के काम की चाल बहुत ही धीमी है। यदि यही रफ्तार रही तो घर मिलने में वर्षों लग जाएंगे। नगर निगम कार्यालय में जवाबदार मोबाइल पर कॉल रिसीव नहीं करते। यदि रिसीव कर भी लें तो सही जवाब नहीं देते। मकान के किराए के साथ बैंक की किश्त भी भरनी पड़ रही है। जिससे आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गई है। विरोध प्रदर्शन के दौरान निगम कमिश्नर हरेंद्र नारायण जैसे ही ऑफिस पहुंचे तो एक व्यक्ति उनके कदमों में गिरकर रोने लगा। उसने कमिश्नर से कहा कि सालों से भटक रहा हूं, मकान नहीं मिला। मुझे मकान दे दो। वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने व्यक्ति को संभाला। कमिश्नर ने लोगों को समझाया और कहा कि जल्द ही सभी को मकान दिए जाएंगे। मौके पर निरीक्षण को दौरान लोगों की समस्या सुनने का भी आश्वासन दिया है।

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उज्जैन । फिल्म अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी और अभिनेता सुधांशु पाण्डे (अनुपमा धारावाहिक का वनराज) साेमवार काे उज्जैन भगवान महाकाल की शरण में पहुंचे। दाेनाें ने नंदी हाल में बैठकर बाबा महाकाल का ध्यान लगाया और आशीर्शाद लिया।   सोमवार सुबह 11 बजे प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री शिल्पा सेट्टी परिजनों के साथ बाबा महाकाल के दर्शन करने श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंची। अभिनेत्री यहा बाबा महाकाल की भक्ति में लीन नजर आईं। उनके साथ पति राज कुंद्रा भी माैजूद रहे। शिल्पा शेट्टी ने नंदी हॉल में परिजनों के साथ बैठकर महाकाल के दर्शन किए, उन्होने गर्भगृह की देहरी से भगवान महाकाल का आशीर्वाद लिया. वह यहां बिलकुल साधारण गुलाबी वस्त्र में परिजनों के साथ नजर आई। यहां मंदिर के पुजारी ने बाबा को चढ़ा हुआ दुपट्टा शिल्पा शेट्टी को प्रसाद स्वरूप पहनाया। इस दौरान वें भगवान महाकाल की भक्ति में लीन दिखाई दिए। और बाबा महाकाल की आरती देखी। इसके बाद शिल्पा शेट्टी ने नन्दी के कानों में अपनी मनोकामना कही।     दर्शन करने के बाद मीडिया से चर्चा में शिल्पा शेट्टी ने कहा कि 'यहां आकर मन तृप्त हो गया है और यहां वहीं आ सकता है जिसे बाबा बुलाते हैं। 18 वर्ष बाद बाबा का बुलावा आया है। वे फिर से यहां आई है। यह ज्योतिर्लिंग है। यहां की शक्ति अद्भुत है। यहां पर आकर जो भी मनोकामना मांगी जाती है वह निश्चित पूरी होती है। यहां की शक्ति व ऊर्जा महसूस करने लायक है यहां एक बार सबको आना चाहिए।' वहीं, सुधांशु पांडे का चेहरा देखने लायक रहा। वह एकदम रुंआसे से दिखाई दिए। हाथ जोड़े वह बैठे हुए थे। हर किसी की नजर उन पर ही अटकी थी।  

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ग्वालियर । शहर में दिवाली के बाद शुरू हुई हल्की ठंड सुबह-शाम और रात तक ही सीमित थी। सोमवार को घने कोहरे के साथ दिन में भी ठंड की शुरुआत हो गई। ग्वालियर में सीजन का यह पहला कोहरा था। कोहरा घना होने के कारण सुबह दृश्यता 100 से 150 मीटर रही। इस दौरान सड़कों पर वाहन चालकों को हेडलाइन जलानी पड़ी। मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार को सुबह भी मध्यम से घना कोहरा पड़ सकता है।   सोमवार को सुबह लोगों की नींद खुली तो पूरा शहर कोहरे के आगोश में था। कोहरा घना होने के कारण सूरज के दर्शन भी देरी से हुए। दोपहर होते-होते कोहरा बादलों में बदल गया। जिससे पिछले दिनों की अपेक्षा आज धूप काफी कमजोर रही। कोहरे के साथ चलीं ठंडी हवाओं ने आज दिन में भी ठंड का एहसास कराया। इसके चलते लोगों को गर्म कपड़े पहना पड़े। मौसम विज्ञान केन्द्र भोपाल के अनुसार इस समय पश्चिमोत्तर भारत के वायु मंडल में जेट स्ट्रीम हवाएं बह रही हैं। इसके अलावा बांग्लादेश के दक्षिण भाग में चक्रवातीय परिसंचरण बना हुआ है। इन मौसम प्रणालियों की वजह से हवाओं के साथ नमी आ रही है। इसी कारण आज ग्वालियर सहित भिण्ड एवं मुरैना जिलों में घने कोहरे की स्थिति निर्मित हो गई। हवाओं में नमी की वजह से अगले दो दिन भी सुबह के समय मध्यम से घना कोहरा पड़ सकता है।   अधिकतम तापमान 5.7 डिग्री लुढ़का: घने कोहरे की वजह से सोमवार को अधिकतम तापमान में दबरदस्त गिरावट दर्ज की गई है जबकि न्यूनतम तापमान एक अंक बढ़ गया है। स्थानीय मौसम विज्ञान केन्द्र के अनुसार पिछले दिन की तुलना में आज अधिकतम तापमान 5.7 डिग्री सेल्सियस लुढ़क कर 26.3 डिग्री सेल्सियस पर ही थम गया जो सामान्य से 3.2 डिग्री सेल्सियस कम है जबकि न्यूनतम तापमान 1.1 डिग्री सेल्सियस वृद्धि के साथ 16.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से 3.4 डिग्री सेल्सियस अधिक है। आज सुबह हवा में नमी 90 प्रतिशत दर्ज की गई जो सामान्य से 13 प्रतिशत अधिक है जबकि शाम को हवा में नमी 67 प्रतिशत दर्ज की गई। यह भी सामान्य से 09 प्रतिशत अधिक है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि मंगलवार को न्यूनतम तापमान में एक से दो डिग्री सेल्सियस की गिरावट हो सकती है।  

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भोपाल । सिवनी जिले के पेंच टाइगर रिजर्व के फील्ड डारेक्टर देवा प्रसाद जे. ने रविवार को बताया कि अरी बफर रेंज के कैम्प क्रमांक 188 में गश्त के दौरान कर्मचारियों को एक बाघ शावक मृत मिला। बाघ शावक के शरीर के सभी अंग सुरक्षित हैं। मृत शावक की उम्र लगभग 4 माह है। उन्होंने बताया कि सबूतों का पता लगाने के लिये कर्मचारियों और डॉग स्क्वायड द्वारा इलाके की सघन तलाशी ली जा रही है।   फील्ड डारेक्टर ने बताया कि बाघ शावक का पोस्टमार्टम एनटीसीए प्रोटोकाल के अनुसार किया जायेगा। मृत शावक के अंग नमूने हिस्टोपैथोलॉजिकल और फोरेंसिक परीक्षण के लिये भेजे जा रहे है। पीएम की रिपोर्ट आने के बाद वस्तु स्थिति की सही जानकारी प्राप्त होगी। प्रकरण की गहन विवेचना की जा रही है।  

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उज्जैन । सोमवार को बाबा की सवारी नगर भ्रमण पर निकलेगी। कार्तिक अगहन मास की तीसरी और अगहन मार्ग की पहली सवारी होगी। प्रशाशक गणेश धाकड़ ने बताया कि सवारी निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर स्थित सभामंडप में भगवान श्री महाकालेश्वर के श्री चन्द्रमौलीश्वर स्वरूप का विधिवत पूजन-अर्चन किया जायेगा। पूजन उपरांत भगवान श्री चन्द्रमौलीश्वर रजत पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर प्रजा का हॉल जानने नगर भ्रमण पर निकलेंगे।                                                                                                                                                                                                                                                  सवारी परंपरानुसार एवं पूर्ण गरिमामय तरीके से निकाली जायेगी। सवारी श्री महाकालेश्वर मंदिर से महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाडी होते हुए रामघाट पहुंचेगी। वहॉ क्षिप्रा के जल से भगवान श्री चन्द्रमौलीश्वर का अभिषेक उपरांत सवारी रामघाट से गणगौर दरवाजा, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार, होते हुए पुन: श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी। सवारी में आगे तोपची, कडाबीन, पुलिस बैण्ड घुडसवार दल, सशस्त्र पुलिस बल के जवान नगर वासियों को बाबा के आगमन की सूचना देते चलेंगे।

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में तेजी से सर्दी का असर बढ़ रहा है। सुबह और रात सर्दी का असर सबसे ज्‍यादा है। राजधानी भोपाल और जबलपुर में तापमान सामान्य से 2.4 डिग्री सेल्सियस तक नीचे है। भोपाल की रातें पिछले साल से ज्यादा सर्द हैं। वहीं, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन में तापमान 2 डिग्री तक लुढ़क सकता है। उत्तरी हिस्से यानी ग्वालियर-चंबल संभाग में ठंड का असर ज्यादा बढ़ेगा। मौसम विभाग ने बताया कि उत्तर-पूर्वी हवाओं के कमजोर होने और पहाड़ों में जेटस्ट्रीम चलने की वजह से ऐसा मौसम बन रहा है।   मौसम विभाग ने बताया कि प्रदेश के कई हिस्सों में 20 नवंबर तक शीतलहर चलेगी। भोपाल, इंदौर-जबलपुर में भी कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना है। जबकि पचमढ़ी-अमरकंटक सबसे ठंडे रहेंगे। साथ ही कोहरा भी नजर आएगा। इसकी वजह उत्तर-पूर्वी हवाओं का असर कम होना है। वहीं, पहाड़ों में जेटस्ट्रीम का चलना है। ये हवाएं प्रदेश के उत्तरी हिस्से में भी आ रही हैं। इस वजह से शुक्रवार से मौसम में बदलाव देखने को मिला है, जो अगले कुछ दिन और बना रहेगा।   पिछले 3 दिन से भोपाल समेत कई जिलों में सुबह 8 बजे तक कोहरा देखने को मिल रहा है। वहीं, पचमढ़ी में दिन-रात दोनों ही सबसे ठंडे हैं। नवंबर महीने में यहां की रातें सबसे सर्द रही हैं। शुक्रवार-शनिवार की रात में यहां पारा 7.8 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। मौसम विभाग ने बताया कि पिछले साल 14 नवंबर को भोपाल में रात का तापमान 12.8 डिग्री सेल्सियस रहा था। यह रात नवंबर की सबसे सर्द रात थी जबकि इस बार शुक्रवार-शनिवार की रात में पारा 12.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यानी भोपाल में नवंबर का महीना पिछले साल से भी सर्द है।   भोपाल के अलावा जबलपुर में भी रात का पारा सामान्य से कम है। यहां तापमान 13.8 डिग्री पर पहुंच गया है, जो सामान्य से 1.2 डिग्री सेल्सियस कम है। इंदौर, ग्वालियर और उज्जैन में पारा 15 डिग्री या इससे अधिक है। इससे पहले शुक्रवार-शनिवार की रात में प्रदेश के 16 शहरों में टेम्प्रेचर 15 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहा। पचमढ़ी में 7.8 डिग्री तापमान दर्ज किया गया, जो प्रदेश में सबसे ठंडा रहा। मंडला में 10.5 डिग्री, शहडोल में 10.9 डिग्री, शाजापुर में 11.2 डिग्री, बालाघाट में 12.1 डिग्री, नौगांव में 12.3 डिग्री, टीकमगढ़ में 12.4 डिग्री टेम्प्रेचर दर्ज किया गया।   इसी तरह बैतूल में 12.5 डिग्री, छिंदवाड़ा में 12.6 डिग्री, राजगढ़ में 13.4 डिग्री, रीवा-रायसेन में 13.5 डिग्री, खंडवा में 14 डिग्री और खरगोन में पारा 14.6 डिग्री सेल्सियस रहा। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 12.6 डिग्री, इंदौर में 15.7 डिग्री, ग्वालियर में 15.3 डिग्री, उज्जैन में 15 डिग्री और जबलपुर में तापमान 13.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। शनिवार को दिन के तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई।  

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में ठंड का असर तेज होने लगा है। प्रदेश में अब कोहरा भी छा रहा है। भोपाल समेत कई शहरों में शुक्रवार सुबह कोहरा छाया रहा। शनिवार को भी सुबह ग्वालियर, भिंड और निवाड़ी में मध्यम कोहरे का असर देखने को मिला। मौसम विभाग ने मध्य प्रदेश के उत्तरी हिस्से यानी, ग्वालियर-चंबल में ठंड बढ़ने का अनुमान जताया है। यहां रात का तापमान 2 डिग्री तक लुढ़क सकता है। ऐसा मौसम 20 नवंबर तक बना रहेगा। भोपाल, इंदौर-जबलपुर में भी सर्दी बढ़ेगी, जबकि पचमढ़ी-अमरकंटक सबसे ठंडे रहेंगे।   मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि प्रदेश में पिछले 3 दिन से ठंड का असर ज्‍यादा बढ़ा है। इसकी वजह उत्तर-पूर्वी हवाओं का असर कम होना है। वहीं, पहाड़ों में जेट स्ट्रीम हवाओं का चलना है। ये हवाएं प्रदेश के उत्तरी हिस्से में भी आ रही है। इस वजह से शुक्रवार से मौसम में बदलाव देखने को मिला है, जो अगले कुछ दिन और बना रहेगा। उन्‍होंने बताया कि हवा का रुख जब उत्तर-पश्चिमी हो जाएगा और पहाड़ों पर बर्फबारी होगी, तब तापमान में और गिरावट होगी। उत्तर-पश्चिमी हवाओं के असर से ग्वालियर-चंबल संभाग सबसे ज्यादा ठंडा रहेगा। शनिवार से सुबह-शाम धुंध भी बढ़ेगी।   वहीं, प्रदेश के इकलौते हिल स्टेशन पचमढ़ी में दिन-रात दोनों ही सबसे ठंडे हैं। पिछली दो रातों से यहां 8.8 और 9.6 डिग्री तापमान रहा। वहीं, गुरुवार-शुक्रवार को पारा 10.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पचमढ़ी के अलावा अमरकंटक, शहडोल, मंडला, नौगांव, उमरिया, बालाघाट, छिंदवाड़ा, रीवा, रायसेन, राजगढ़, बैतूल, खंडवा, खरगोन, खजुराहो और टीकमगढ़ ऐसे शहर हैं, जहां रात का तापमान 15 डिग्री से नीचे हैं। पचमढ़ी, अमरकंटक-शहडोल सबसे ठंडे हैं। बड़े शहरों में भोपाल और जबलपुर सबसे ठंडे हैं। गुरुवार-शुक्रवार की रात में भोपाल में 12.8 डिग्री और जबलपुर में 13.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इंदौर में 15.6 डिग्री, ग्वालियर-उज्जैन में 15.5 डिग्री रहा।

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उज्‍जैन । विश्व प्रसिद्ध भगवान श्री महाकालेश्वर की नगरी में प्रतिदिन लाखों के संख्या में श्रद्धालुओं का आना लगा रहता है। वहीं भगवान श्री महाकालेश्वर के दर्शन और पूजन के साथ ही भक्त यहां पर अलग-अलग तरह की भेट भी भगवान महाकाल को अर्पित करते हैं।   शनिवार को बाबा के एक भक्त ने भगवान महाकाल को अमेरिकन डॉलर की माला भेंट की। करीब तीन फीट से अधिक लम्बी माला में एक (01) अमेरिकन डॉलर के नोट लगे हुए है । बीच में जय श्री महाकाल लिखा हुआ है। समय-समय पर मंदिर के अधिकारी, पुजारी, पुरोहितों, मंदिर प्रबंध समिति सदस्यों व कर्मचारियों के माध्यम से भी भक्तों को मंदिर में दान करने हेतु प्रेरित किया जाता है। इसी कड़ी में बाबा को अमेरिकन डॉलर की माला दान की गई।   महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने बताया कि माला किसने दी ये नहीं पता चल पाया है। एक भक्त ने विदेशी मुद्रा जिसमे लगभग 200 की संख्या मे मुद्रा है, अर्पित करने के लिए दी थी। जिसे भगवान को अर्पित करने के बाद मंदिर सेवादारो द्वारा दान पेटी में डाल दिया गया।    

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सागर । मप्र बाल संरक्षण अधिकार आयोग (CPCR) के हस्ताक्षेप से सागर जिले में एक सरकारी स्कूल परिसर में कब्र खोदकर मृतक को दफनाने से रोका गया है। स्कूल परिसर में करीब तीन महीने पहले भी एक कब्र बनाई जा चुकी थी। मौके पर जब स्थानीय पुलिस कब्र खोदने से रोकने पहुंची तो लोग पुलिस को ही धमकी देने लगे थे। बाद में प्रशासन ने दलबल दिखाया तब जाकर दूसरी जगह पर कब्र बनाई गई है।   सागर जिले के गिरवर गांव में शासकीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल के मैदान में कुछ लोग किसी मृतक को दफनाने के लिए कब्र खोद रहे थे। किसी ने इसकी खबर मप्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य ओंकार सिंह को दी थी। उन्होंने तत्काल कलेक्टर संदीप जीआर को मामले की सूचना दी तो प्रशासन हरकत में आया। गिरवर में दोपहर में पुलिसकर्मी यहां पहुंचे और कब्र खोदने और सुपुर्दे खाक की प्रक्रिया रोकने की बात कही तो मृतक के परिजन व समाज के लोग पुलिस को ही धमकी देने लगे।   धमकी के बाद ASP दलबल के साथ पहुंचे स्थानीय पुलिस से जब मामला नहीं संभला और लोग शव को थाने में रखकर प्रदर्शन की धमकी देने लगे और दफनाने से इंकार किया तो मामला बिगड़ता देख एडिशनल एसपी लोकेश सिन्हा और प्रशासन का अमला भारी पुलिसबल के साथ गिरवर पहुंच गया। यहां उन्होंने समाज और परिवार के लोगों को समझाइश दी। लोगों का कहना था कि यहां हमारा कब्रिस्तान पहले से था, लेकिन इसके बाजू में स्कूल बना दी गई है। काफी मशक्कत के बाद लोग माने। प्रशासन ने उन्हें मृतक को दफनाने के लिए दूसरी जगह दी है।   अगस्त में भी एक कब्र बनाई गई थी जानकारी अनुसार गिरवर के सरकारी स्कूल परिसर में दूसरी दफा कब्र खोदकर मृतक को दफनाने की तैयारी चल रही थी। बीते 14-15 अगस्त को सरकारी अवकाश के दिन यहां पर कब्र खोदकर गांव के किसी व्यक्ति को सुपुर्दे खाक किया गया था। कब्र पर पत्थर भी बकायदा लगाया गया था। अब शुक्रवार 15 नवंबर को भी छुट्टी का दिन था और स्कूल परिसर में कब्र खोदी जा रही थी। यदि समय पर सूचना नहीं मिलती तो लोग दफनाने की प्रक्रिया पूरी कर देते और स्कूल परिसर में दूसरी कब्र तैयार हो जाती।   आयोग ने मानी प्रशासन की गलती, नोटिस जारी मप्र बाल संरक्षण अधिकार आयोग के सदस्य ओंकार सिंह ने हिन्‍दुस्‍थान समाचार को जानकारी देते हुए बताया कि गिरवर में करीब 3 महीने में दूसरी दफा शव दफनाने का काम चल रहा था। शुक्रवार को अवकाश था, अगस्त महीने में भी अवकाश के दिन ही शव दफनाया गया था। यह गलत है। प्रशासन को मौके पर जाकर देखना था, इसे रोकना था। उस समय रोका जाता तो अभी यह स्थिति नहीं बनती। मामले में आयोग ने संबंधितों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है।  

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भोपाल । उमरिया जिले का विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व वैश्विक धरोहर है। यहां की जैव-विविधता, दुर्लभ वन्य-जीवों की उपलब्धता, कल्चुरी कालीन किला और हिन्दू देवताओं के प्राचीन मंदिर पूरी दुनिया में दुर्लभ हैं। टाइगर रिजर्व की स्थापना के पूर्व यहां का जंगल एवं पहाड़ियों के बीच निर्मित किला एवं अन्य संरचनाएं रीवा रियासत के महाराजा की निजी सम्पत्ति हुआ करती थी। किले में राजकीय कार्यों के अलावा राज परिवार का निवास भी होता था। घनघोर जंगल राजा और महाराजाओं का निजी शिकारगाह होता था, जहां देश-विदेश के राजा समय-समय पर आकर आखेट करते थे।   जनसंपर्क अधिकारी केके जोशी ने शुक्रवार को बताया कि कालांतर में देश की आजादी के बाद तत्कालीन रीवा महाराजा मार्तण्ड सिंह ने सन् 1967 में किला सहित पूरा जंगल मध्य प्रदेश शासन को नेशनल पार्क स्थापित करने एवं वन्य-जीव संरक्षण के लिये दान में दिया था। इसके बाद मध्य प्रदेश शासन द्वारा बांधवगढ़ नेशनल पार्क की स्थापना की गयी। वर्ष 1981 के बाद यहाँ पर केन्द्र की टाइगर परियोजना शुरू की गयी। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में मौजूद जल-स्रोतों से यहां की जैव-विविधता देश-दुनिया के जंगलों की अपेक्षा उत्कृष्ट रही है। यहां जल-स्रोतों की मौजूदगी हमेशा से रही है, जिससे हरियाली बनी रहती है। पर्याप्त जल-स्रोत, चारागाह, सघन वन, शाकाहारी, मांसाहारी वन्य-जीवों के लिये आवश्यक आहार और रहवास की अनुकूलता होने से यहाँ दुर्लभ से दुर्लभ वन्य-प्राणी एवं पक्षी अपना आश्रय-स्थल बनाये हुए हैं।   उन्‍होंने बताया कि बाघों की सघन मौजूदगी पूरी दुनिया में बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व को एक अलग पहचान दिलाती है। टाइगर रिजर्व 1526 वर्ग किलोमीटर के कोर एवं बफर क्षेत्र में फैला हुआ है। इस जंगल में वर्ष 2022 की गणना अनुसार 165 से भी ज्यादा बाघों की संख्या पायी गयी थी। इसके अलावा कान्हा टाइगर रिजर्व से 49 बायसन लाकर वर्ष 2012 में बसाये गये थे, जो अनुकूल परिस्थितियों में बढ़कर वर्तमान में लगभग 200 की संख्या में स्वच्छंद विचरण कर रहे हैं। टाइगर रिजर्व में दुनिया में विलुप्ति की कगार पर पहुँच चुके विशेष प्रजाति के बारहसिंघा भी कान्हा टाइगर रिजर्व से लाकर बाँधवगढ़ में बसाये गये हैं। वर्ष 2018 से जंगली हाथियों ने भी अपना रहवास यहां बनाया है। तकरीबन 70 से 80 जंगली हाथी टाइगर रिजर्व के अलग-अलग क्षेत्रों में विभिन्न झुण्डों में विचरण कर रहे हैं।   हिन्दू मान्यताओं के हैं कई प्राचीन धार्मिक मंदिर टाइगर रिजर्व में बाघ, बायसन, जंगली हाथी के अलावा नीलगाय, भालू, तेंदुआ, चीतल और सांभर यहाँ के मुख्य वन्य-प्राणी हैं, जो पर्यटन के साथ जैव-विविधता का केन्द्र हैं। टाइगर रिजर्व बाँस एवं साल के सघन वृक्षों से घिरा हुआ है। यहां वन्य-जीव दर्शन के अलावा हिन्दू मान्यताओं के कई प्राचीन धार्मिक मंदिर भी हैं। इसमें बांधवगढ़ किले के समीप स्थित भगवान राम-जानकी मंदिर आस्था का प्रमुख केन्द्र है। यहां पर प्रतिवर्ष जन्माष्मी के पर्व पर मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें देशभर से हिन्दू धर्मावलम्बी पूजा-दर्शन के लिये पहुँचते हैं। बांधवगढ़ की पहाड़ियों पर स्थित कबीर गुफा कबीरपंथियों की आस्था का केन्द्र है। प्रतिवर्ष अगहन पूर्णिमा के दिन यहाँ पर कबीरपंथियों का जमावड़ा होता है और कबीर गुफा में कबीर अनुयायी उनकी पूजा-पाठ करते हैं। संत शिरोमणि सेन की तपोस्थली भी बांधवगढ़ में ही रही है। मध्यप्रदेश शासन द्वारा संत सेन का मंदिर एवं समाधि-स्थल बनाने के लिये टाइगर रिजर्व की सीमा से लगे हुए क्षेत्र में भूमि आरक्षित की गयी है, जिसमें निर्माण कार्य भी शुरू हो गया है।   तितलियों की 100 से अधिक प्रजातियां बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व बाघों के लिये विश्व प्रसिद्ध है। इसमें पहली बार दो दिवसीय बटरफ्लाई सर्वे कराया गया। टाइगर रिजर्व के 15 कैम्पों में 61 सदस्यों ने रिजर्व के जंगलों में पैदल सर्वे किया और सर्वे शीट पर तितलियों की जानकारी को अपडेट किया। दो दिवसीय सर्वे में तितलियों की 100 से अधिक प्रजातियां पायी गयीं। इनमें 5 से अधिक तितलियां दुर्लभ प्रजाति की हैं। कॉमन रैड आई, ब्लैक राजा, किंग क्रो और इंडियन डॉर्ट लेट जैसी तितली भी सर्वे में पायी गयी। तितलियों के सर्वे में मोबाइल एप का उपयोग नहीं किया गया। हाथ से ही सर्वे शीट में पैन से जानकारी को अपडेट किया गया।

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भोपाल । राजधानी भोपाल सहित प्रदेशभर में हवाओं के रुख ने सर्दी बढ़ा दी है। पचमढ़ी में रात का तापमान 8.8 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। साथ ही भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर-उज्जैन समेत प्रदेश के कई शहरों में भी पारा लुढ़क गया है। अमरकंटक, मंडला और शहडोल में भी तापमान 11 डिग्री के आसपास आ गया है। पचमढ़ी में ज्‍यादा ठंड की वजह पहाड़ और हरियाली है। इस वजह से यहां दिन-रात दोनों ही सबसे ठंडे हैं। गुरुवार को यहां दिन में तापमान 26.2 डिग्री दर्ज किया गया।   मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि उत्तर-पूर्वी हवाओं का असर कम हो रहा है। इस वजह से ठंड बढ़ी है। 20 नवंबर तक ऐसा ही मौसम रहेगा। डॉ. सिंह ने बताया कि हवा का रुख जब उत्तर-पश्चिमी हो जाएगा और पहाड़ों पर बर्फबारी होगी, तब तापमान में और गिरावट होगी। उत्तर-पश्चिमी हवाओं के असर से ग्वालियर-चंबल संभाग सबसे ज्यादा ठंडा रहेगा। आज यानि शुक्रवार से सुबह-शाम धुंध भी बढ़ेगी। हवाओं का असर इन्हीं संभागों में सबसे पहले होता है। आज से अधिकांश शहरों में पारा 15 डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच सकता है। दिन के तापमान में 1 से 2 डिग्री तक गिरावट होगी लेकिन सामान्य से नीचे जाने की संभावना नहीं है। आखिरी सप्ताह में ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में बारिश होने का अनुमान है।   बुधवार-गुरुवार की रात में भी पचमढ़ी में तापमान 8.8 डिग्री सेल्सियस रहा। एक रात पहले यह 9.6 डिग्री था। दो दिन में ही पारे में 2 डिग्री तक की गिरावट हुई है। आने वाले दिनों में भी पचमढ़ी ही सबसे अधिक ठंडा रहेगा। हालांकि, नवंबर में पारा सामान्य से ज्यादा नीचे नहीं जाएगा। दिसंबर से कड़ाके की ठंड पड़ने लगेगी। आखिरी सप्ताह में कोल्ड वेव भी चलेगी। प्रदेश में अभी पचमढ़ी के साथ अमरकंटक और मंडला भी ठंडे हैं। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में तापमान 13.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। एक ही रात में पारा 1.9 डिग्री लुढ़क गया। वहीं, रायसेन में तापमान 28 डिग्री, बैतूल में 28.4 डिग्री, नरसिंहपुर में 28.6 डिग्री, सिवनी-सीधी में 29 डिग्री और मलाजखंड में 27 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

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उज्जैन । 'अब सौंप दिया इस सृष्टि का सब भार तुम्हारे हाथों में...’ कुछ इसी तरह के भजनों के मध्य ज्योतिर्लिंग भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में हरि-हर मिलन की अद्भुत परंपरा निभाई गई। यहां कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी (बैकुंठ चतुर्दशी) के अवसर पर मध्य रात्रि को हरि (भगवान विष्णु) का हर (भगवान शिव) से मिलन हुआ। अवंतिकानाथ राजा महाकाल ठाठ के साथ सवारी लिए भगवान विष्णु के स्वरूप गोपाल जी से भेंट करने पहुंचे। चातुर्मास समापन पर भगवान महाकाल ने सृष्टि का भार फिर से भगवान श्रीहरि को सौंप दिया। यह दिव्य दृश्य देखने के लिए आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। परम्परा के मुताबिक गुरुवार को महाकालेश्वर मंदिर से रात करीब 11 बजे भगवान महाकाल चांदी की पालकी में सवार होकर हरि-हर मिलन के लिए रवाना हुए। भगवान महाकाल की सवारी निर्धारित मार्ग से होते हुए रात बजे गोपाल मंदिर पहुंची। यहां भगवान महाकाल का जगत के पालन कर्ता भगवान विष्णु से मिलन हुआ। इस अद्भुत मिलन के साक्षी बनने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु सवारी‎ मार्ग के दोनों ओर इकट्ठे हुए। इस दौरान भक्तों ने महाकाल के नारे लगाए। हरि-हर मिलन में भक्तो की भारी भीड़ देखने को मिली। मान्यता के अनुसार, वामन अवतार के समय भगवान विष्णु ने राजा बलि को उनका आतिथ्य स्वीकार करने का वचन दिया था। उसी वचन को निभाने के लिए भगवान विष्णु चातुर्मास के चार माह पाताल लोक में राजा बलि के यहां अतिथि बनकर व्यतित करते हैं। इस दौरान सृष्टि के संचालन का भार भगवान शिव के हाथ में रहता है। देव प्रबोधिनी एकादशी पर चातुर्मास का समापन होता है और भगवान विष्णु पुन: वैकुंठ पधारते हैं। इसके तीन दिन बाद भगवान शिव बैकुंठ चतुर्दशी पर भगवान श्री हरि विष्णु को पुन: सृष्टि का भार सौंपने के लिए गोलोक जाते हैं। हर के हरि से मिलने जाने के इसी धर्म प्रसंग को हरि हर मिलन कहा जाता है। महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पं. महेश गुरु ने बताया सिंधिया देव स्थान ट्रस्ट के श्री द्वारकाधीश गोपाल मंदिर में हरि-हर मिलन की परंपरा 100 साल से पुरानी है। सिंधिया रियासत के समय से ही हर साल यहां मध्य रात्रि 12 बजे हरि हर-मिलन कराया जाता है। इस अद्भुत मिलन के दौरान दोनों देवों ‎को अपने-अपने स्वभाव के ‎विपरीत मालाएं धारण करवाई गईं। इस मिलन में भगवान महाकाल ने प्रभु‎ द्वारकाधीश को बिल्वपत्र की माला धारण करवाई। वहीं ‎प्रभु द्वारकाधीश ने भगवान ‎महाकाल को तुलसी पत्र की माला‎ धारण करवाई। इस मिलन के दौरान भक्तों ने देवों की महाआरती की। विधि-विधान के साथ पूजन-अर्चन किया गया। इस अद्भुत मिलन को देखने के लिए देश भर से हजारों की संख्या में श्रद्धालु उज्जैन पहुंचे। पूजन के बाद भगवान महाकाल अपनी सवारी के साथ देर रात वापस अपने धाम महाकालेश्वर‎ ज्योतिर्लिंग पहुंचे।    

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भोपाल । इस वर्ष का अंतिम संपूर्णकालिक गुरु पुष्य योग 21 नवंबर, गुरुवार को रहेगा। इस दिन गुरुवार के साथ पुष्य नक्षत्र का संयोग सूर्योदय से सूर्यास्त तक रहेगा, जिससे यह पूर्णकाल योग अत्यधिक फलदायी माना जा रहा है। इस योग में रवि योग और अमृत सिद्धि योग का भी संयोग है, जो इसे और भी उत्तम फलकारी बनाते हैं।   ज्योतिष मठ संस्थान, भोपाल के ज्योतिषाचार्य पंडित विनोद गौतम ने गुरुवार को बताया कि यह विशेष योग स्थिरता प्रदान करने वाला है और इस दिन पीली धातु, पीले अनाज, पीले वस्त्र, मांगलिक कार्यों के लिए वस्तुएं, धार्मिक सामग्री, पुस्तकें, साहित्य और सामाजिक-धार्मिक कार्यों के लिए संकल्प जैसी चीजें खरीदना शुभ रहेगा। गुरु पुष्य नक्षत्र का यह महा मुहूर्त विशेष रूप से खरीदारी में स्थिरता प्रदान करेगा, जो विवाह और मांगलिक कार्यों के लिए उपयुक्त माना गया है।   उन्‍होंने बताया कि इस दिन के चार शुभ योग- गुरु पुष्य योग, रवि योग, अमृत सिद्धि योग और शुभ योग, चार गुना फल प्रदान करेंगे। यह दिन भूमि, भवन, सोना, पीतल की मूर्तियां, मंदिर, पूजा की सामग्री, और गृह प्रवेश व मांगलिक कार्यों हेतु सामग्री की खरीदारी के लिए अत्यधिक लाभकारी रहेगा।  

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में अब सर्दी का असर तेज होने लगा है। प्रदेश के हिल स्टेशन पचमढ़ी में दिन-रात दोनों ही सबसे ठंडे हैं। मंगलवार-बुधवार की रात में भी पचमढ़ी में तापमान 9.6 डिग्री सेल्सियस रहा। एक रात में 1 डिग्री की गिरावट हुई। सीजन में पहली बार पचमढ़ी में पारा 10 डिग्री से नीचे पहुंच गया है। वहीं, प्रदेश के कई शहरों में रात का तापमान 1 डिग्री तक लुढ़का है। 15 नवंबर के बाद असर और बढ़ेगा। उत्तरी हवाओं से सर्दी बढ़ सकता है।   मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि अभी मौसम शुष्क है। ज्यादातर शहरों में दिन का तापमान एवरेज 15-16 डिग्री और दिन में 31-32 डिग्री तक ही रहेगा। उन्होंने कहा- पचमढ़ी, मंडला में तापमान लुढ़क सकता है। हिमालय की तरफ वेस्टर्न डिस्टबेंस की एक्टिविटी है। जल्‍द प्रदेश में इसका मूवमेंट हो सकता है। यदि असर रहता है तो उत्तरी हवाएं प्रदेश में आने लगेगी। जिससे ठंड का असर थोड़ा बढ़ सकता है। इसके अलावा वर्तमान में प्रशांत महासागर में अलनीलो-ला नीनो की स्थिति न्यूट्रल है। वहीं, आईओडी भी हिंद महासागर में न्यूट्रल है। इस वजह से नवंबर के शुरुआती दिनों में तापमान का असर ज्यादा नहीं है। दिसंबर में पारा लुढ़कने लगेगा। आखिरी सप्ताह में कोल्ड वेव भी चलेगी।   प्रदेश में अभी पचमढ़ी के साथ मंडला, शहडोल और अमरकंटक की रात भी सबसे सर्द है। मंडला में 12 डिग्री, शहडोल-अमरकंटक में 12.7 डिग्री, शाजापुर में 12.8 डिग्री, बैतूल में 13.4 डिग्री, राजगढ़-सीधी में 14 डिग्री, उमरिया में 14.1 डिग्री, मलाजखंड में 14.2 डिग्री और छिंदवाड़ा में 14.4 डिग्री रहा। जबलपुर समेत 15 शहरों में पारा 15 डिग्री से कम रहा। बड़े शहरों की बात करें तो जबलपुर सबसे ठंडा रहा। यहां न्यूनतम तापमान 14.5 डिग्री दर्ज किया गया। भोपाल में 15.5 डिग्री, इंदौर में 16.8 डिग्री, ग्वालियर में 16 डिग्री और उज्जैन में तापमान 16.2 डिग्री दर्ज किया गया। यहां दिन में भी हल्की सर्दी रही।  

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उज्जैन । भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में आज आधी रात हरि-हर मिलन का अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा। चार माह के विश्राम के बाद भगवान श्रीहरि विष्णु आज कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी (बैकुंठ चतुर्दशी) के मौके पर पुन: सृष्टि का भार संभालेंगे। चार माह से सृष्टि का संचालन कर रहे भगवान शिव (महाकाल) यह भार उन्हें सौंपेंगे। हरि-हर मिलन का यह दुर्लभ अवसर श्रद्धालुओं को आनंदित करने वाला होगा।    उज्जैन में बैकुंठ चतुर्दशी का विशेष महत्व है। बैकुंठ चतुर्दशी पर बाबा महाकाल (हर) श्रीविष्णु भगवान (हरि) को सारी सृष्टि का कार्यभार सौंपते हैं। बैकुंठ चतुर्दशी की मध्य रात्रि नगर के प्राचीन द्वारकाधीश गोपाल मंदिर में हरि-हर मिलन होता है। पौराणिक मान्यता है कि जब श्रीहरि विष्णु देवशयनी एकादशी पर चार माह के लिए शयन करने जाते है, तब सृष्टि का कार्यभार हर यानी बाबा महाकाल सौंप कर जाते हैं। देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु के जागने के उपरांत बैकुंठ चतुर्दशी की मध्य रात्रि बाबा महाकाल भगवान विष्णु को पुन: सारी सृष्टि का कार्यभार लौटकर हिमालय प्रस्थान करते हैं।     महाकालेश्वर मंदिर समिति के प्रशासक गणेश धाकड़ ने बताया कि आज बैकुंठ चतुर्दशी पर भगवान महाकाल चांदी की पालकी में विराजमान होकर श्रीद्वारकाधीश गोपाल मंदिर जाएंगे। इसकी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। रात 11 बजे भगवान महाकाल की सवारी गोपाल मंदिर के लिए रवाना होगी। मंदिर के मुख्य द्वार पर सवारी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा। इसके बाद भगवान महाकाल की सवारी निर्धारित मार्ग से होते हुए गोपाल मंदिर पहुंचेंगी। यहां हरि-हर का अनूठा मिलन होगा। दोनों देवों को अपने-अपने स्वभाव के विपरीत मालाएं धारण कराकर महाआरती की जाएगी।   उन्होंने बताया कि भगवान महाकाल नारायण को बिल्व पत्र की माला भेंट करेंगे, जबकि गोपाल जी महाकाल को तुलसी की माला पहनाएंगे। महाकाल की ओर से गोपालजी को भेंट स्वरूप वस्त्र, फल, मिष्ठान, सूखे मेवे आदि प्रदान किए जाएंगे। इसके बाद पूजा-अर्चना और महाआरती होगी। लगभग दो घंटे के पूजन के बाद रात करीब एक बजे बाबा महाकाल की सवारी वापस महाकालेश्वर मंदिर के लिए रवाना होगी।     देररात होने वाले हरि-हर मिलन को देखने के लिए हजारों श्रद्धालु धार्मिक नगरी उज्जैन पहुंच चुके हैं।  इस दौरान खूब आतिशबाजी होगी और पुष्प वर्षा की जाएगी। हरि-हर मिलन के लिए महाकाल मंदिर से आने वाली बाबा महाकाल की सवारी में श्रद्धालु अत्यधिक मात्रा में पटाखे, हिंगोट, राकेट (आतिशबाजी) लापरवाही पूर्वक चलाते हैं। इसके कारण दुर्घटनाएं भी होती रही हैं। इसे रोकने के लिए प्रशासन ने सवारी मार्ग व गोपाल मंदिर के सामने अधिक संख्या में पुलिस बल तैनात करने का फैसला किया है। सवारी निकलने के दो घंटे पूर्व से मार्ग में पुलिस बल की तैनाती हो जाएगी।    

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रायसेन । जिले से गुजरने वाले नेशनल हाइवे 45 पर बुधवार सुबह फलाें से भरा एक ट्रक गाय पर पलट गया। हादसे में एक गाय की माैत हाे गई। हादसे में ट्रक चालक काे भी चाेट आई है। सूचना के बाद माैके पर पहुंची पुलिस ने घायल चालक काे इलाज के लिए अस्पताल भिजवाया और ट्रक काे साइड कर आवागमन सुचारू रूप से शुरू करवाया।     जानकारी के अनुसार हादसा देवरी से होकर गुजरने वाले एनएच-45 पर बाल मंदिर स्कूल के सामने मंडी के पास बुधवार सुबह 8:30 बजे हुआ। फल से भरा आयशर ट्रक आरजे क्रमांक 25 जीए 7837 गुजर रहा था। इस दाैरान सड़क पर अचानक से दाे गाय आ गईं। ड्राइवर ने उन्हें बचाने के लिए तेजी से ट्रक को मोड़ा। ट्रक अनियंत्रित हो गया और गाय को बचाने के चक्कर में पलट गया। ट्रक के नीचे दबने से एक गाय की माैत हाे गई। ट्रक चालक धर्मेंद्र ने बताया कि वह बदनावर से अमरूद भरकर सिलीगुढ़ी असम जा रहा था। ट्रक चालक धर्मेंद्र को भी चोट आई है। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और ट्रक को सड़क साइड करवाया।

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इंदौर । कलेक्टर आशीष सिंह के मार्गदर्शन एवं दिशा-निर्देश पर इंदौर में यातायात को सुगम बनाने के लिए लगातार विशेष प्रयास किए जा रहे है। राजस्व, पुलिस एवं नगर निगम द्वारा लगातार अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जा रही है। एसडीएम कल्याणी पांडे के नेतृत्व में बुधवार को सत्य साईं चौराहा से न्याय नगर रोड़ पर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गई।   एसडीएम कल्याणी पांडे ने बताया कि यातायात को सुगम बनाने के लिए सत्यसांई चौराहे से न्याय नगर मार्ग पर प्रशासन व नगर निगम द्वारा कार्यवाही जारी रखते हुए कई अवैध अतिक्रमण हटाए गए। साथ ही आईडीए द्वारा पूर्व में बनाई गई कालोनी में सार्वजनिक मार्ग को बंद करते हुए वहाँ गेट लगा दिये गए थे, जिन्हें भी हटवाने की कार्यवाही की गई। इससे मुख्य मार्ग पर ट्रैफिक का दबाव कम होगा। उन्होंने बताया अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही लगातार जारी रहेगी।  

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भोपाल । राजधानी भोपाल सहित प्रदेशभर में अब सर्दी का असर तेज होने लगा है। प्रदेश का हिल स्टेशन पचमढ़ी सबसे ठंडा है। यहां रात का तापमान 11 डिग्री सेल्सियस के नीचे चल रहा है। राज्य में 15 नवंबर से ठंड का असर और बढ़ जाएगा। पचमढ़ी समेत अन्य शहरों में पारा 10 डिग्री के करीब पहुंच सकता है। हालांकि, कड़ाके की ठंड दिसंबर में ही पड़ेगी। इस महीने से कोल्ड वेव यानी सर्द हवाएं भी चलने लगेंगी।   मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार-मंगलवार की रात प्रदेश के कई शहरों में ठंड का असर देखने को मिला। पचमढ़ी में पारा 10.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यहां दो रात से पारा 11 डिग्री से नीचे है। मंडला में 12.8 डिग्री सेल्सियस, शाजापुर में 13.9 डिग्री, शहडोल में 14.2 डिग्री, मलाजखंड में 14.3 डिग्री, सीहोर में 14.4 डिग्री, राजगढ़ में 14.4 डिग्री, उमरिया में 14.5 डिग्री, बैतूल में 14.5 डिग्री, नौगांव में 15 डिग्री, सीधी में 15.2 डिग्री, छिंदवाड़ा में 15.4 डिग्री, टीकमगढ़ में 15.5 डिग्री और रीवा में तापमान 15.6 डिग्री रहा। प्रदेश के ज्यादातर शहरों में पारा 20 डिग्री के नीचे ही रहा।   बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल सबसे ठंडा रहा। यहां 15.6 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। इंदौर में यह 16.9 डिग्री, ग्वालियर में 17.2 डिग्री, जबलपुर में 15.8 डिग्री और उज्जैन में 16.8 डिग्री रहा। पिछले 10 साल जैसा ही ट्रेंड इस नवंबर में भी देखने को मिल रहा है। दिन गर्म हैं और रातें ठंडी। हालांकि, 15 नवंबर के बाद पारे में गिरावट देखने को मिलती है। 20 से 25 नवंबर के बीच कई शहरों में रात का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस के नीचे पहुंच जाता है।   मौसम विभाग ने बताया कि 15 नवंबर से रात के पारे में गिरावट होने का अनुमान है। अधिकांश शहरों में यह 15 डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच सकता है। दिन के तापमान में 1 से 2 डिग्री तक गिरावट होगी, लेकिन सामान्य से नीचे जाने की संभावना नहीं है। नवंबर के आखिरी सप्ताह में ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में बारिश होने का अनुमान है।  

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उज्जैन । उज्जैन के सामाजिक न्याय परिसर में सोमवार देर रात भीषण आग लग गई। यहां देवउठनी ग्यारस के लिए पटाखा दुकानें लगी थीं। आग की सूचना पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने आग पर तत्काल काबू पा लिया। लेकिन तब तक दो पटाखा दुकानें और एक बाइक जलकर ख़ाक हो चुकी थी। आग लगने का कारण शार्ट सर्किट बताया जा रहा है।   जानकारी के अनुसार साेमवार देर रात करीब दो बजे आगर रोड स्थित सामाजिक न्याय परिसर में लगी पटाखा दुकानों में आग लग गई। दिवाली के मौके पर लगी पटाखा दुकानों में से कुछ दुकानदार छोटी दिवाली (देवउठानी एकादशी) पर्व तक दुकानें संचालित कर रहे थे। मंगलवार सुबह लोग यहां खरीदारी करने आते इसके पहले ही आगजनी की घटना हो गई। फायर बिग्रेड कर्मचारी अंकित राजपूत ने बताया, '' आग लगने की सूचना मिलने पर टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आग को नियंत्रित किया। आग से दो दुकानें और एक बाइक जलकर ख़ाक हो गई। आग के कारण दुकानों में रखे पटाखे भी कुछ देर तक फूटते रहे। माना जा रहा है कि आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट हो सकता है।''  

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में अब धीरे-धीरे सर्दी ने दस्‍तक देना शुरू कर दिया है। यहां सुबह और रात ठंडी होने लगी है। मौसम विभाग ने प्रदेश में इस बार दिसंबर-जनवरी में कड़ाके की ठंड का अनुमान जताया है। इन दो महीनों में 20 से 22 दिन कोल्ड वेव की स्थिति रह सकती है। नवंबर के 10 दिन में प्रदेश का इकलौता हिल स्टेशन पचमढ़ी सबसे ठंडा रहा है। यहां तापमान 10.6 डिग्री सेल्सियस पहुंच चुका है, जबकि भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन में भी सर्दी है।   मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह के अनुसार, नवंबर में पारा 10 से 15 डिग्री सेल्सियस के बीच बना रहेगा। इस साल पिछली बार से ज्यादा सर्दी पड़ेगी। ग्वालियर, उज्जैन और चंबल संभाग सबसे ज्यादा ठिठुरेंगे। यहां कोल्ड वेव यानी सर्द हवाएं भी चलेंगी। मौसम वैज्ञानिक का कहना है कि मानसून के चार महीने (जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर) में से दो महीने जुलाई-अगस्त महत्वपूर्ण रहते हैं। इन्हीं में 60 प्रतिशत या इससे अधिक बारिश हो जाती है। ठीक उसी तरह दिसंबर और जनवरी में कड़ाके की ठंड पड़ती है। इन्हीं दो महीने में प्रदेश में उत्तर भारत से सर्द हवाएं ज्यादा आती हैं इसलिए तापमान में गिरावट आती है। वहीं, सर्द हवाएं भी चलती हैं।   डॉ. सिंह ने बताया कि दिसंबर की शुरुआत से ला नीना की स्थिति बनना शुरू हो जाएगी। इससे ग्वालियर-चंबल और बुंदेलखंड में ठंड जोर पकड़ेगी। हालांकि, कड़ाके की ठंड का दौर 20 दिसंबर से शुरू होगा। ग्वालियर, चंबल और उज्जैन संभाग के सभी जिलों में कड़ाके की ठंड पड़ेगी। वहीं वर्तमान में पचमढ़ी को छोड़ दें तो बाकी के सभी शहरों में रात का तापमान 13 से 18 डिग्री सेल्सियस के बीच है। वहीं, अधिकतम तापमान भी 32 डिग्री या इससे अधिक बना हुआ है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर-चंबल संभाग में दक्षिण-पश्चिमी हवाएं चल रही हैं, जो अरब सागर से नमी लेकर आ रही हैं। मौसम वैज्ञानिक का कहना है कि वर्तमान में प्रशांत महासागर में अलनीलो-ला नीनो की स्थिति न्यूट्रल है। वहीं, आईओडी हिंद महासागर में न्यूट्रल है। इस वजह से नवंबर में ठंड का असर ज्यादा नहीं है। पूरे महीने ही ऐसा मौसम रहेगा। सामान्य से ज्यादा तापमान नहीं जाएगा।  

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खंडवा । प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान ओंकारेश्वर की 49वीं पंचकोशी यात्रा सोमवार से शुरू हो गई है। इसमें लाखों श्रद्धालु शामिल हुए हैं। इस पंचकोशी यात्रा का महत्व हिंदू धार्मिक मान्यताओं में विशेष है, जिसमें नर्मदा नदी के तट पर ओंकार पर्वत की परिक्रमा करते हुए लाखों श्रद्धालु पांच दिनों में करीब 75 किलोमीटर की यात्रा पूरी करते हैं। ओंकारेश्वर में यह यात्रा देवउठनी एकादशी के अवसर पर शुरू होती है और कार्तिक पूर्णिमा के दिन संपन्न होती है, लेकिन इस वर्ष पंचकोशी यात्रा की तिथियों में बदलाव के कारण यात्रा दशमी को ही शुरू हो गई।   दरअसल, इस बार दशमी और एकादशी तिथियों के एक साथ आने से हजारों श्रद्धालु एक दिन पहले ही ओंकारेश्वर से रवाना हो गए। यात्रा समिति के संयोजक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि इस बार भी प्रशासन और नर्मदा भक्तों के सहयोग से यात्रा को अनुशासनपूर्वक संचालित किया जा रहा है। हर साल यात्रियों की संख्या में वृद्धि होती जा रही है, और इस बार यात्रा में लाखों श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं।    यात्रा का प्रारंभ ओंकारेश्वर मंदिर में नर्मदा स्नान और भगवान ओंकारेश्वर एवं ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन से होता है। इसके बाद भक्तजन पांच दिनों की यात्रा में निकलते हैं, जिसमें ओंकार पर्वत के चारों ओर पैदल चलते हैं। यात्रा के पहले दिन सभी यात्री भगवान ओंकारेश्वर से आशीर्वाद प्राप्त कर यात्रा प्रारंभ करते हैं। यात्रा में छोटे बच्चों से लेकर वृद्ध महिलाएं और पुरुष शामिल होते हैं, जिनमें महिलाओं की संख्या 80 प्रतिशत से अधिक है। महिलाओं की इस सहभागिता ने पंचकोशी यात्रा को नारी शक्ति का प्रतीक बना दिया है।   यात्रा का आयोजन नर्मदा अंचल पंचकोशी पदयात्रा केंद्रीय समिति द्वारा किया जाता है, जो इसे पूरी व्यवस्था और अनुशासन के साथ संचालित करती है। पांच दिनों तक यह यात्रा ओंकारेश्वर, खरगोन, सनावद, और बडवाह जैसे विभिन्न क्षेत्रों से होकर गुजरती है। हर रात्रि श्रद्धालु अलग-अलग स्थानों पर विश्राम करते हैं।   पहले दिन सभी श्रद्धालु ओंकारेश्वर से रवाना होकर सनावद पहुंचते हैं। दूसरे दिन सभी यात्री सनावद से खरगोन की ओर जाते हैं और वहां से टोकसर गांव के पास नर्मदा किनारे रात्रि विश्राम करते हैं। तीसरे दिन यात्रा में शामिल श्रद्धालु नावों से नर्मदा पार करके बडवाह कृषि मंडी में रात्रि विश्राम करते हैं। चौथे दिन बडवाह से सिधवरकुट पहुंचते हैं, जहां विश्राम के बाद पांचवे दिन कार्तिक पूर्णिमा पर ओंकारेश्वर वापस लौटते हैं। समापन के दिन श्रद्धालु ओंकार पर्वत की परिक्रमा कर पंचकोशी यात्रा का समापन करते हैं।   इस यात्रा की शुरुआत सन 1975 में स्व. डॉ. रविंद्र भारती चौरे ने अपने चार मित्रों के साथ की थी। पहले वर्ष में मात्र पांच लोगों से शुरू हुई यह यात्रा आज लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बन चुकी है। डॉ. चौरे ने अपनी पूरी जिंदगी में नर्मदा तट पर 26 महत्वपूर्ण पंचकोशी यात्राओं का आयोजन किया था। 2008 में उनके निधन के बाद भी यह यात्रा लगातार बढ़ती रही है। श्रद्धालुओं की आस्था के कारण इस यात्रा को मध्यप्रदेश और आसपास के राज्यों में एक विशेष स्थान प्राप्त हुआ है।   पंचकोशी यात्रा का महत्व केवल धार्मिक परंपरा तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे गहन आध्यात्मिक अवधारणाएं भी हैं। नर्मदा के किनारे की यात्रा को मन को शांति और आध्यात्मिक उन्नति का माध्यम माना गया है। राधेश्याम शर्मा के अनुसार, यह यात्रा शरीर के पांच तत्वों की सिद्धि के लिए की जाती है, जो कि पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि, और आकाश तत्व को दर्शाती है। यह भी माना जाता है कि नर्मदा तट पर चलने से व्यक्ति के मन को शांति और आत्मिक संतोष मिलता है।   इस यात्रा में विभिन्न राज्यों के श्रद्धालु शामिल होते हैं, जिनमें मध्यप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, और राजस्थान के भक्त प्रमुखता से भाग लेते हैं। नर्मदा परिक्रमा करते हुए इस यात्रा में भक्तजन भजन-कीर्तन करते हैं, जिससे यात्रा का माहौल भक्तिमय बनता है। यात्रा की संपूर्ण व्यवस्था स्थानीय प्रशासन द्वारा की जाती है, जिससे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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उमरिया/भोपाल । मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में स्थित राष्ट्रीय नेशनल पार्क बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के मानपुर बफर वन परिक्षेत्र के कुदरा गांव के पास जंगल में घायल हालत में मिले तेंदुए की मुकुंदपुर टाइगर सफारी के अस्पताल में उपचार के दौरान हो गई। जानकारी मिलने पर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन के डॉक्टर मुकुंदपुर के लिए रवाना हो गए हैं। पोस्टमॉर्टम के बाद सोमवार को तेंदुआ का अंतिम संस्कार किया जाएगा।   जानकारी के मुताबिक, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के मानपुर बफर वन परिक्षेत्र के कुदरा गांव के पास जंगल में तेंदुआ घायल अवस्था में लगातार ग्रामीणों पर हमला कर रहा था। शनिवार को उसे रेस्क्यू किया गया था। तेंदुए ने रेस्क्यू के पहले चार ग्रामीणों को घायल किया था। इसके बाद रेस्क्यू के दौरान तीन बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के कर्मचारी और दो ग्रामीण और भी घायल हुए थे। घायल तेंदुआ को रेस्क्यू के बाद बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने प्राथमिक उपचार के बाद मुकुंदपुर सफारी भेज दिया गया, जहां पर उसकी इलाज के दौरान रविवार की रात मौत हो गई। सोमवार को जानकारी मिलने के बाद बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन के डॉक्टर मुकुंदपुर के लिए रवाना हो गए हैं।   मामले में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के उपसंचालक पीके वर्मा ने बताया कि तेंदुआ की मुकुंदपुर में मौत हो गई है। बांधवगढ़ के डॉक्टर भी मुकुंदपुर जा रहे हैं। पोस्टमॉर्टम के बाद ही मौत के कारण स्पष्ट हो पाएंगे।  

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में नवंबर की शुरूआत होते ही सर्दी ने भी दस्‍तक देना शुरू कर दिया। हालांकि प्रदेश में अभी मौसम के दो रूप देखने को मिल रहे हैं। यहां दिन गर्म हैं जबकि रातें सर्द हो रही हैं। भोपाल, इंदौर-उज्जैन समेत कई शहरों में दिन के पारे में बढ़ोतरी हुई है। वहीं, पचमढ़ी, शाजापुर-राजगढ़ की रातें सबसे ठंडी हैं। पचमढ़ी में रात का तापमान 12.4 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले सप्ताह रात में सर्दी बढ़ सकती है। वहीं, आखिरी सप्ताह में ग्वालियर-चंबल में बारिश होने का अनुमान है।   मौसम विभाग के अनुसार, नवंबर में पिछले 10 साल जैसा ही ट्रेंड देखने को मिल रहा है। दिन गर्म हैं और रातें ठंडी। हालांकि, 15 नवंबर के बाद पारे में गिरावट देखने को मिलती रही है। 20 से 25 नवंबर के बीच कई शहरों में रात का तापमान 10 डिग्री के नीचे पहुंच जाता है। 15 नवंबर से रात के पारे में गिरावट होने का अनुमान है। अधिकांश शहरों में तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच सकता है। दिन के तापमान में 1 से 2 डिग्री तक की गिरावट होगी, लेकिन सामान्य से नीचे जाने की संभावना नहीं है। आखिरी सप्ताह में ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में बारिश होने का अनुमान है।   वहीं, प्रदेश का इकलौता हिल स्टेशन पचमढ़ी नवंबर में सबसे ठंडा बना हुआ है। दिन हो या रात, तापमान में गिरावट देखने को मिल रही है। शनिवार-रविवार की दरमियानी रात यहां का तापमान 12.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। शाजापुर में तापमान 13.9 डिग्री, राजगढ़ में 15 डिग्री, अशोकनगर में 15.2 डिग्री, मंडला में 15.5 डिग्री, टीकमगढ़ में 15.7 डिग्री, रीवा में 16 डिग्री, बैतूल-नौगांव में 16.2 डिग्री, उमरिया में 16.3 डिग्री, खंडवा में 16.4 डिग्री, खरगोन में 16.8 डिग्री, छिंदवाड़ा में 16.9 डिग्री, नर्मदापुरम में 17.4 डिग्री रहा। रतलाम में 17.5 डिग्री, गुना में 18 डिग्री, खजुराहो-मलाजखंड में 18.2 डिग्री, धार में 18.5 डिग्री, दमोह में 18.6 डिग्री, सागर में 18.7 डिग्री, सिवनी में 19 डिग्री, नरसिंहपुर में 19.6 डिग्री पारा दर्ज किया गया। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 15.2 डिग्री, ग्वालियर में 17.3 डिग्री, इंदौर में 17.4 डिग्री, उज्जैन में 17 डिग्री, जबलपुर में 16.4 डिग्री तापमान रहा।   दिन के तापमान की बात करें तो रविवार को पचमढ़ी में यह 27.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जो प्रदेश में सबसे कम है। सिवनी में 28.2 डिग्री, बैतूल में 28.8 डिग्री, शिवपुरी में 29 डिग्री, रायसेन में 29.4 डिग्री, सीधी में 29.8 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। बाकी शहरों में टेम्प्रेचर 30 डिग्री से अधिक ही रहा।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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उज्जैन । उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर मंदिर में आज  भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल का चंदन के सूर्य, आभूषण और त्रिपुण्ड अर्पित कर बाबा महाकाल का दिव्य शृंगार  किया गया। भगवान के इस दिव्य स्वरूप के हजारों श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। वहीं, कार्तिक-अगहन मास में निकलने वाली सवारियों के क्रम में उज्जैन में आज शाम भगवान महाकाल की कार्तिक मास की दूसरी सवारी धूमधाम से निकाली जाएगी। अवंतिकानाथ चांदी की पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण कर अपनी प्रजा का हाल जान जानेंगे। इस दौरान भगवान दो स्वरूपों में भक्तों को दर्शन देंगे। महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि परम्परा के अनुसार कार्तिक शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर सोमवार तड़के 4:00 बजे मंदिर के पट खोले गए। इसके बाद पण्डे-पुजारियों ने भगवान महाकाल का जलाभिषेक कर दूध, दही, घी, शक्कर और फलों के रस से पंचामृत पूजन किया। तत्पश्चात हरि ओम का जल अर्पित किया गया। कपूर आरती के बाद भगवान के मस्तक पर भांग चन्दन और त्रिपुण्ड अर्पित कर शृंगार किया गया। इसके बाद ज्योतिर्लिंग को कपड़े से ढांककर भस्मी रमाई गई। चन्दन का सूर्य, आभूषण और त्रिपुण्ड अर्पित कर बाबा महाकाल का दिव्य शृंगार किया गया। भस्म अर्पित करने के बाद शेषनाग का रजत मुकुट रजत की मुण्डमाल और रुद्राक्ष की माला के साथ-साथ सुगन्धित पुष्प से बनी फूलों की माला अर्पित की गई। फल और मिष्ठान का भोग लगाया गया। भस्म आरती में बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया। महा निर्वाणी अखाड़े की ओर से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गई। श्रद्धालुओं ने नंदी हॉल और गणेश मंडपम से बाबा महाकाल की दिव्य भस्मारती के दर्शन किए और भस्मारती की व्यवस्था से लाभान्वित हुए। इस दौरान श्रद्धालुओं ने "जय श्री महाकाल" का उद्घोष भी किया। वहीं, महाकालेश्वर मंदिर समिति के प्रशासक गणेश धाकड़ ने बताया कि भगवान महाकाल की कार्तिक माह की दूसरी सवारी आज शाम चार बजे सभामंडप में पूजा-अर्चना के बाद शुरू होगी। सवारी में भगवान महाकाल दो स्वरूपों में भक्तों को दर्शन देंगे। भगवान महाकाल चांदी की पालकी में चंद्रमौलेश्वर स्वरूप में और रथ पर मनमहेश स्वरूप में नगर का भ्रमण कर अपनी प्रजा का हाल जानने के लिए निकलेंगे। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र बल की टुकड़ी अवंतिकानाथ को सलामी देगी। इसके बाद कारवां शिप्रा तट की ओर रवाना होगा। सवारी मे पुलिस बैंड, घुड़सवार दल, सशस्‍त्र पुलिस बल के जवान आदि शामिल रहेंगे। सवारी महाकालेश्वर मंदिर से गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार कहारवाडी होते हुए रामघाट क्षिप्रातट पहुंचेगी, जहां मॉ क्षिप्रा के जल से पूजन-अर्चन पश्‍चात भगवान महाकाल की सवारी रामघाट से गणगौर दरवाजा, मोड की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्‍यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार होते हुए पुन: महाकाल मंदिर पहुंचेगी।  

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बैतूल । मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में शनिवार देर रात एक यात्री बस हादसे का शिकार हो गई। बैतूल-भोपाल राष्ट्रीय राजमार्ग पर शनिवार देर रात तेज रफ्तार से जा रही एक यात्री बस बेकाबू होकर पलट गई। इस हादसे में 28 यात्रियों को चोट आई है। घायलाें में सात की हालत गंभीर बताई जा रही है। घायलों का शाहपुर और जिला चिकित्सालय बैतूल में इलाज जारी है।     जानकारी के अनुसार भोपाल ट्रैवल्स की बस नागपुर से भोपाल की ओर जा रही थी। इस दाैरान शनिवार देर रात करीब दाे बजे नागपुर-भोपाल फोरलेन हाईवे पर धपाड़ा जोड़ के पास अनियंत्रित होकर बेकाबू होकर सड़क किनारे पलट गई। जिस समय हादसा हुआ, उस वक्त बस में सवार सभी यात्री गहरी नींद में सोए हुए थे। अचानक हुए हादसे से सभी घबरा गए और चीख पुकार मच गई। हादसे के समय बस में 32 यात्री सवार थे। बताया जा रहा है कि मोड पर ड्राइवर बस पर नियंत्रण नहीं रख सका और वह पलट गई। इस हादसे में 24 यात्री घायल हो गए, जिनमें से 07 को गंभीर चोटें आई हैं। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को अस्पताल भिजवाने का इंतजाम किया। घायलों को पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शाहपुर लाया गया, जिसमें से सात मरीजों की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें जिला अस्पताल बैतूल रेफर किया गया है। हादसे के बाद घायलों के परिजनों को सूचना दे दी गई है और अस्पताल में सभी घायलों का इलाज जारी है। घायल यात्री अरविंद देशमुख ने बताया, "हम भोपाल ट्रेवल्स की बस से नागपुर से भोपाल जा रहे थे। रात करीब 02 बजे अचानक बस पलट गई, जिससे बस में सवार सभी यात्रियों को चोटें आईं। शाहपुर पुलिस इस घटना की जांच कर रही है। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि तेज गति के कारण चालक बस पर नियंत्रण खो बैठा था, जिससे यह दुर्घटना घटी। हादसे के तुरंत बाद अन्य राहगीरों और स्थानीय लोगों की भीड़ जमा हो गई और पुलिस ने राहत कार्यों के साथ यातायात को नियंत्रित किया। क्रेन की मदद से हाईवे पर पलटी बस को मार्ग से हटाया गया।

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उमरिया । मध्य प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों की मौत का मामला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। बीते दिनों 10 हाथियों की मौत के बाद अब हाथी शावक की भी मौत हो गई। जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पनपथा बफर रेंज क्षेत्र में 3 दिन पूर्व नन्हा हाथी शावक बीमार हालत में मिला था, जिसको तत्काल रेस्क्यू कर पार्क प्रबंधन ताला हाथी कैम्प ले आया था। जहां डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया था, लेकिन रविवार सुबह उसकी मौत हो गई।   बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के उप संचालक प्रकाश कुमार वर्मा ने बताया कि पनपथा बफर रेंज अंतर्गत खारी बड़ी टोला बीट के कक्ष क्रमांक आरएफ 179 पटपरहा हार से 1 जंगली हाथी का बच्चा झुंड से बिछड़ कर लावारिस अचेत बीमार अवस्था में मिला था। जिसका उपचार करवाया गया और इसको रामा हाथी कैम्प में रखा गया। लेकिन रविवार सुबह 6 बजकर 06 मिनट पर उसकी मौत हो गई। उसका पोस्टमार्टम अधिकारियों की उपस्थिति में नियमानुसार करवाया जा रहा है।   गौरतलब है कि इन दिनों उमरिया जिले का बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व जंगली हाथियों के लिए जीवन संकट साबित हाे रहा है। 29 अक्टूबर को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में चार हाथी मृत पाए गए थे। बाद में मरने वालों की संख्या बढ़कर 10 हो गई थी। सभी लैब की रिपोर्ट में हाथियों की मौत का कारण कोदो ही बताया जा रहा है, लेकिन यहां के क्षेत्रीय लोग मानने को तैयार ही नही हैं, क्योंकि उसी कोदो की फसल को उनके मवेशी खा रहे हैं और उनको कुछ नहीं हुआ।    

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के कई शहरों में नवंबर महीने में मौसम के दो रंग देखने को मिल रहे हैं। सुबह ठंड का असर रहता है, तो दिन गर्म है। पिछले 10 साल से ऐसा ही ट्रेंड है। मौसम विभाग ने बताया कि अगले 5-6 दिन ऐसा ही मौसम रहेगा। 15 नवंबर के बाद मौसम फिर से करवट बदलेगा। उत्तरी हवाएं चलने से रातें और ठंडी हो सकती हैं। लेकिन आखिरी सप्ताह में पारा 10 डिग्री के नीचे जा सकता है। वहीं, ग्वालियर-चंबल में बारिश होने की संभावना भी है।   मौसम विभाग के अनुसार, 15 नवंबर के बाद रात के तापमान में गिरावट का अनुमान है। अधिकांश शहरों में पारा 15 डिग्री से नीचे पहुंच सकता है। अभी पचमढ़ी, शाजापुर और अमरकंटक में ही पारा सबसे कम है। दिन के तापमान में 1 से 2 डिग्री तक पारा में गिरावट होगी, लेकिन सामान्य से नीचे जाने की संभावना नहीं है। आखिरी सप्ताह में ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में बारिश का अनुमान है। फिलहाल, अभी पचमढ़ी में दिन और रातें दोनों ही ठंडी है। शनिवार को पचमढ़ी में दिन का तापमान 26.2 डिग्री रहा। नौगांव, सिवनी, मलाजखंड, बैतूल, रायसेन, शिवपुरी में पारा 30 डिग्री से नीचे रहा। रतलाम में 34 डिग्री और उज्जैन-खजुराहो में 33 डिग्री के पार रहा।   प्रदेश के बड़े शहरों- भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर और जबलपुर में नवंबर में मौसम के ट्रेंड पर नजर डाले तो रातें ठंडी और दिन गर्म होते हैं। इस बार भी मौसम का ऐसा ही मिजाज है। नवंबर के 9 दिन में पचमढ़ी, अमरकंटक, शाजापुर, मंडला, राजगढ़, गुना जैसे कई शहरों में पारा 15 डिग्री के नीचे पहुंच चुका है। वहीं, पचमढ़ी समेत 7 शहरों को छोड़ बाकी में दिन का तापमान 30 डिग्री के पार ही है। शुक्रवार-शनिवार की रात में ज्यादातर शहरों में रात का तापमान 20 डिग्री से कम रहा। शाजापुर में 13.7 डिग्री, अमरकंटक में 13.9 डिग्री रहा। वहीं, भोपाल, राजगढ़, मंडला, सीहोर, मलाजखंड, टीकमगढ़, रायसेन, नौगांव, रीवा और धार में पारा 17 डिग्री से नीचे रहा।  

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मंडला । जिले के माेहगांव थाना क्षेत्र में शनिवार सुबह कार्तिक स्नाक करने बुढ़नेर नदी में उतरे तीन बच्चे अचानक डूब गए। माैके पर माैजूद लाेगाें ने किसी तरह दाे बच्चाें काे सुरक्षित निकाल लिया, लेकिन एक बच्चा लापता है। सूचना के बाद पहुंची एसडीआरएफ की टीम बच्चे की तलाश में जुटी हुई है।   पुल‍िस से म‍िली जानकारी अनुसार कसोटा गांव के रहने वाले तीन बच्चे शनिवार काे बुढ़नेर नदी में कार्तिक स्नान करने गए थे। तीनों नदी में नहाने के लिए उतरे थे। इस दाैरान तीनों गहरे पानी में चले गए। मौके पर मौजूद लोगों ने दो बच्चों को सुरक्षित निकाल लिया, लेकिन एक बच्चा डूब गया। स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर थाना प्रभारी क्रांति कुमार ब्रम्हे टीम के साथ पहुंच गए। उन्होंने एसडीआरएफ की टीम को बुला लिया और बच्चे की तलाश शुरू की। थाना प्रभारी क्रांति कुमार ब्रम्हे ने बताया कि दो बच्चाें को बचा लिया गया, लेकिन एक बालक अभिषेक भांवरे (11) गहरे पानी में लापता हो गया। नाव आदि की मदद से उसकी तलाश की जा रही है।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मौसम ने करवट बदल ली है, फिलहाल अभी प्रदेश में ठंड का असर कम है। लेकिन सुबह और रात के समय सर्दी का एहसास होने लगा है। मौसम विभाग ने नवंबर माह के आखिरी सप्ताह में ग्वालियर-चंबल संभाग में बारिश का अनुमान जताया है। जबकि भोपाल, इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम, जबलपुर, सागर, रीवा और शहडोल संभाग में मौसम खुला रहेगा। हालांकि, यहां दिन गर्म और रातें ठंडी रहेंगी। सबसे ज्यादा ठंड पचमढ़ी और अमरकंटक में पड़ेगी। यहां तापमान 10 डिग्री से नीचे जा सकता है।   भोपाल के सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में चल रही पूर्वी हवाएं प्रदेश में आती रहेंगी। इससे उत्तरी हवाएं नहीं आएंगी और ठंड का असर ज्यादा नहीं बढ़ेगा। कुछ शहरों में रात का तापमान सामान्य से एक से डेढ़ डिग्री तक अधिक रह सकता है। उत्तर भारत में बर्फबारी होने के बाद पूरा मध्य प्रदेश ठिठुरने लगता है। हर साल नवंबर के दूसरे सप्ताह में उत्तर से ठंडी हवाएं आने लगती है, लेकिन वर्तमान में बंगाल की खाड़ी में पूर्वी हवाओं का जोर है। ये हवाएं मध्‍य प्रदेश में आई तो उत्तरी हवाओं का जोर ज्यादा नहीं रहेगा। इससे तापमान में ज्यादा गिरावट होने की संभावना नहीं है।   गुरुवार-शुक्रवार की रात की बात करें तो पचमढ़ी सबसे ठंडा रहा। प्रदेश के इकलौते हिल स्टेशन पचमढ़ी में रात का तापमान 11.8 डिग्री रहा। पिछली तीन रातों से पारा 12 डिग्री से नीचे ही चल रहा है। इसके अलावा भोपाल, इंदौर, बैतूल, गुना, ग्वालियर, खंडवा, खरगोन, रायसेन, राजगढ़, रतलाम, उज्जैन, छिंदवाड़ा, जबलपुर, खजुराहो, मंडला, नरसिंहपुर, रीवा, सागर, सतना, सिवनी, टीकमगढ़, उमरिया और मलाजखंड में पारा 20 डिग्री से नीचे ही रहा। दिन की बात करें तो शुक्रवार को पचमढ़ी में पारा 25.8 डिग्री रहा। शिवपुरी में 28.2 डिग्री और बैतूल में 29 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। पचमढ़ी रात के साथ दिन में भी सबसे ठंडा बना हुआ है।

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उज्जैन । उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में शनिवार सुबह तमिल, कन्नड़ और बंगाली फिल्मों सहित जय श्रीकृष्ण में कंस और महाभारत में दुर्योधन की भूमिका निभाने वाले एक्टर अर्पित रांका पहुंचे। वे अपनी पत्नी निधि और दोनों बच्चों के साथ बाबा महाकाल की भस्म आरती में शामिल हुए और बाबा महाकाल की भस्म आरती का शृंगार देखा और उसके बाद चांदी द्वार पर पहुंचकर बाबा महाकाल का पूजन अर्चन किया।   अर्पित रांका ने परिवार के साथ बाबा महाकाल की भस्म आरती के दर्शन करने श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे थे। जहां उन्होंने नंदी हॉल में बैठकर बाबा महाकाल की भस्म आरती में शामिल हुए। उसके बाद चांदी द्वार पर पहुंचकर बाबा महाकाल का पूजन अर्चन किया।अर्पित रांका और उनका पूरा परिवार बाबा महाकाल की भक्ति में लीन दिखाई दिया। जिन्होंने चांदी द्वार पर बाबा महाकाल के सामने माथा टेका और तिलक भी लगवाया। बताया जाता है कि अर्पित अपनी आने वाली साउथ की फिल्म की सफलता के लिए बाबा महाकाल के दरबार में पहुंचे थे, जहां उन्होंने बाबा महाकाल से इसी फिल्म की सफलता की कामना भी की।   उल्‍लेखनीय है कि अर्पित रांका वर्ष 2008 में जय श्री कृष्णा में कंस के किरदार में नजर आए थे, जिसके बाद उन्होंने महाभारत में दुर्योधन का किरदार निभाया। इसके बाद वर्ष 2021 में फिर जय कन्हैया लाल की सीरियल में कंस की भूमिका में दिखाई दिए थे। उनके साथ ही अर्पित रांका ने फिल्मों मे भी अपना भाग्य आजमाया वे तमिल फिल्म पेया के साथ ही अजय देवगन की फिल्म भोला और एमएसजी 2 में भी दिखाई दिए थे। अपने किरदार को बड़ी ही संजीदगी से निभाने वाले अर्पित रांका के बारे में बताया जाता है कि जब उन्होंने कंस की भूमिका निभाई थी, उस समय उन्होंने अपना वजन 100 किलो कर लिया था। उन्हें बेस्ट एक्टर इन नेगेटिव रोल के लिए नॉमिनेट भी किया जा चुका है।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । मध्य प्रदेश स्वास्थ्य संचालनालय के भाेपाल स्थित कार्यालय में शुक्रवार को दोपहर में उस वक्त हंगामा हो गया, जब भोपाल काेर्ट के कर्मचारियों ने एक कुर्की के आदेश के अनुपालन में कार्यालय का सामान बाहर निकालना शुरू कर दिया। इस दौरान वहां पदस्थ एक महिला अधिकारी ने इस कार्रवाई का विरोध किया। उन पर कर्मचारियों और मीडियाकर्मियों के साथ धक्का-मुक्की करने का भी आरोप लगा है।   दरअसल, कलकत्ता हाई कोर्ट ने एक मुकदमे में राज्य स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ 19 करोड़ 34 लाख रुपये की वसूली का आदेश दिया था।जिसके लिए काेर्ट के कर्मचारी यहां पहुंचे थे। जानकारी के अनुसार कोलकाता की इंसेक्टिसाइड मैन्युफेक्चर कंपनी से मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने साल 2013 में 50 लाख 70 हजार रुपये कीमत की कीटनाशक दवाएं खरीदी थी, जिसका भुगतान नहीं किया गया। इसके खिलाफ कंपनी ने कलकत्ता हाई काेर्ट में याचिका लगाई थी। इस पर हाई काेर्ट ने कंपनी को ब्याज समेत राशि भुगतान करने का आदेश दिया था। काेर्ट के आदेश का पालन कराने के लिए कंपनी ने भोपाल जिला कोर्ट में एक्जीक्युशन याचिका लगाई। इस पर भोपाल कोर्ट ने स्वास्थ्य निदेशक से 19 करोड़ 34 लाख रुपये की कुर्की करने का आदेश दिया।   इस आदेश का अनुपालन के लिए कलकत्ता हाई काेर्ट के वकील पूर्णाशीष भुइया शुक्रवार को भोपाल कोर्ट के अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ स्थानीय जेपी अस्पताल कैंपस में स्थित स्वास्थ्य संचालनालय के कार्यालय पहुंचे। उन्होंने स्वास्थ्य संचालनालय में रखा सामान निकालना शुरू कर दिया। इस बीच स्वास्थ्य संचालक मल्लिका निगम नागर ने कहा कि यहां स्वास्थ्य निदेशक का कोई पद नहीं है। ऐसे में आप इस कार्यालय में कुर्की नहीं कर सकते हैं। उन्होंने सामान बाहर निकल निकाल रहे कर्मचारियों को कार्यालय से बाहर कर दिया। इस संबंध में वकील पूर्णाशीष भुइया ने पत्रकाराें काे बतायाकि मप्र के स्वास्थ्य संचालक को नीटापोल इंडस्ट्री ने 2013 में इन्सेक्टिसाइट सप्लाई किया था। विभाग ने 50 लाख 70 हजार रुपये कीटनाशक दवाएं ले लीं और उपयोग करने के बाद अब तक भुगतान नहीं किया। इसको लेकर हम लोगों ने पश्चिम बंगाल फेसिलेशन काउंसिल में रेफरेंस एप्लीकेशन लगाई थी। काउंसिल ने आरबीआई के अनुसार ब्याज सहित राशि अदा करने का आदेश दिया था। उस केस में ये लोग (स्वास्थ्य विभाग) हार चुके हैं। उसके बाद कलकत्ता हाई काेर्ट में उन लोगों ने केस दायर किया। वहां भी ये लोग हार चुके हैं। उसके बाद ये लोग सुप्रीम कोर्ट गए। वहां भी हेल्थ डायरेक्टर हार गए।   वकील भुइया ने बताया कि इसके बाद हम लोगों ने भोपाल जिला काेर्ट की कमर्शियल बेंच में एक्जीक्युशन की याचिका लगाई। भोपाल जिला काेर्ट ने डायरेक्टर ऑफ हेल्थ की कुर्की का आदेश दिया था। ब्याज मिलाकर कोर्ट ने 19 करोड़ 34 लाख 57 हजार 58 रुपए की रिकवरी के आदेश दिए हैं। हम लोग यहां कुर्की करने आए थे। यहां की अधिकारी मल्लिका निगम नागर यहां की डायरेक्टर (आईएएस) हैं, उनकी तरफ से यह कहा गया कि यहां पर निदेशक, डायरेक्टर ऑफ हेल्थ का कोई पोस्ट ही नहीं हैं। आप यहां की कुर्की नहीं कर सकेंगे। हम लोगों ने थोड़ा सा सामान निकाला, तो वे लोग हमें लिखकर दे रहे हैं कि ये निदेशक हेल्थ का ऑफिस नहीं हैं।   वकील भुइया ने बताया कि हम कोर्ट के ऑर्डर पर कोर्ट के स्टाफ के साथ कुर्की करने आए थे, यहां की अधिकारी ने हम लाेगाें के साथ दुर्व्यवहार किया और ऑफिस से निकाल दिया। हम कोर्ट को इसकी जानकारी देकर अतिरिक्त पुलिस बल के साथ कुर्की कराने का अनुरोध करेंगे।  

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उमरिया । जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पनपथा बफर क्षेत्र अंतर्गत आने वाले छतवा बीट में जंगली हाथी शावक के अचानक बीमार पड़ गया है। जिसे डाक्टरों की टीम इलाज करने जुटी हुई है।      जिले के विश्वप्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में जंगली हाथियों के ऊपर आपदा का क्रम थमने का नाम नहीं ले रहा है, बीते दिनों 10 जंगली हाथियों के मौत के बाद अब तक दो अनाथ जंगली हाथी शावक जंगल में बेहाल अवस्था में भटकते हुए पार्क प्रबंधन द्वारा रेस्क्यू किए जा चुके हैं, शुक्रवार की सुबह पार्क प्रबंधन को पनपथा बफर इलाके के छतवा जमुनिहा के जंगल में जंगली हाथी शावक बीमार अवस्था में मिला है, हाथी शावक की उम्र महज तीन से चार की है,बेहाल अवस्था में मिले जंगली हाथी को पार्क प्रबंधन ने रेस्क्यू कर अपने कब्जे में लिया है और उसका उपचार शुरू किया है,संयुक्त संचालक पीके वर्मा ने बताया है कि हाथी शावक को पार्क के ताला हाथी कैंप में रखकर देखभाल की जाएगी।   गौरतलब है कि पनपथा बफर के छतवा बीट के आर एफ 236 धौरीघाट में नवम्बर 2022 में जंगली हाथी का जहर खिला कर अवैध शिकार हुआ था और जनवरी 2023 में जंगली हाथी के जले हुए अवशेष मिले थे जिसमें 4 माह बाद 18 मई 2023 को डब्ल्यू सी सी बी और एस टी एफ की टीम जांच करने आई थी और उस मामले में तत्कालीन पनपथा रेंजर शील सिंधु श्रीवास्तव और डिप्टी रेंजर कमला कोल को कार्य मे लापरवाही और सूचना नही देने के साथ अन्य मामले में दोषी पाया गया था जिस पर तत्कालीन क्षेत्र संचालक बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व राजीव मिश्रा ने दोनो को निलंबित कर दिया था, लेकिन शुक्रवार को फिर उसी बीट में हाथी शावक बीमार होने की सूचना पर पार्क अमला तत्काल इलाज में जुट गया और निगरानी में लगा हुआ है।

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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इंदौर । मध्य प्रदेश में छठ महापर्व श्रद्धा एवं उत्साह के साथ मनाया गया। शुक्रवार सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही इस चार दिवसीय छठ महापर्व का समापन हुआ। इस अवसर पर पूर्वांचल और बिहार के हजारों श्रद्धालुओं ने सूर्य देव की पूजा कर अपने परिवार, समाज, प्रदेश, और देश के सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की।   गुरुवार शाम को अस्त होते सूर्य को पहला अर्घ्य देने के बाद रात के मध्य से ही छठ व्रतियों और श्रद्धालुओं की भीड़ शहर के घाटों पर जुटनी शुरू हो गई थी। सुबह 4 बजे तक सभी प्रमुख घाट श्रद्धालुओं और उपासकों से खचाखच भर गए थे। रंग-बिरंगी विद्युत सजावट और छठ मैया के भक्तिपूर्ण लोकगीतों से सजे इन घाटों का दृश्य बेहद आकर्षक था। अर्घ्य से पहले, कई घाटों पर पटाखे और फुलझड़ियों से माहौल को उत्सवमय बनाया गया। जैसे-जैसे सूर्योदय का समय नजदीक आ रहा था, जल कुंडों में खड़े व्रती महिलाएं और पुरुष पूरे समर्पण के साथ भगवान भास्कर की आराधना में लीन होकर अपनी कामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना कर रहे थे।   इंदौर शहर में सूर्योदय के साथ ही विजय नगर, स्कीम न 78, तुलसी नगर, समर पार्क निपानिया, वेद मंदिर, सुखलिया, श्याम नगर, ड्रीम सिटी देवास नाका, शंखेश्वर सिटी, बाणगंगा कुंड, वक्रतुण्ड नगर, कालानी नगर, सिलिकॉन सिटी, पिपलियाहाना तालाब, अन्नपूर्णा रोड तालाब, सूर्य मंदिर कैट रोड जैसे लगभग 150 घाटों पर श्रद्धालुओं ने भगवान भास्कर के उदीयमान स्वरूप को "आदि देव नमस्तुभ्यं प्रसीद मम भास्कर:" और "ऊं सूर्याय नम:" के मंत्रोच्चार के साथ अर्घ्य अर्पित किया। घाटों पर उपस्थित श्रद्धालुओं ने सूर्य देव से प्रदेशवासियों और देश में शांति, समृद्धि, भाईचारे की कामना की। राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के अन्य शहरों में सुबह उदीयमान सूर्य का पूजन-अर्चन कर महापर्व का समापन किया।   पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान के प्रदेश महासचिव केके झा और अध्यक्ष ठाकुर जगदीश सिंह ने बताया कि छठ महोत्सव के दौरान स्थानीय नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों ने भी घाटों पर पहुंचकर श्रद्धालुओं के साथ इस पर्व में सहभागिता की। अर्घ्य के पश्चात श्रद्धालुओं ने छठ प्रसाद में ठेकुआ और मौसमी फलों का वितरण किया, जिसके बाद व्रतियों ने पीपल के पेड़ की पूजा की और 36 घंटे के कठिन निर्जला व्रत का पारण किया। इसके बाद व्रतियों ने नमकयुक्त भोजन ग्रहण कर व्रत का समापन किया। छठ महापर्व के इस भव्य समापन ने शहर में पूर्वांचल संस्कृति का अद्भुत नजारा प्रस्तुत किया और हजारों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना।  

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अनूपपुर । अमरकंटक से दर्शन कर वापिस घर जा रहे श्रद्धालुओं का पिकअप वाहन अनियंत्रित होकर पलट गया, जिसमे 13 लोग घायल हो गए। वाहन में 18 लोग सवार थे। घटना कोतवाली थाना क्षेत्र की बताई गई हैं।       जानकारी अनुसार मंगलवार-बुधवार की रात्रि पिकअप वाहन में 18 लोग अमरकंटक से दर्शन कर लौट रहें थे। तभी किररघाट के नीचे ग्राम क्षीरापटपर के पास पिकअप वाहन अनियंत्रित होकर पलट गया। जिसके बाद चीख-पुकार सुन कर ग्रमीण पहुंचे और घायलाें काे अनूपपुर जिला चिकित्सालय में पहुंचाया। जहां 13 घायलों का इलाज शुरू किया गया । जिसमें दाे की हालत गंभीर होने पर उन्हें बड़े अस्तपताल रेफर किया गया। पुलिस के अनुसार हादसे में एक महिला और 22 वर्षीय युवक अमन को शहडोल मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वाहन में सवार सभी कोतमा विकासखण्ड के ग्राम पंचायत कोठी के निवासी हैं। यात्रियों ने बताया कि पिकअप चालक शराब के नशे में धुत था। जिला चिकित्सालय में ड्यूटी डॉक्टर मोहम्मद ओजैर ने बताया कि अस्पताल में उपचार के लिए 11 लोग भर्ती हैं।    

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में अब मौसम ने करवट बदल ली है। यहां अधिकतर शहरों में रातें ठंडी हो गई हैं। कई शहरों में रात का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे है। जिसमें पचमढ़ी सबसे ठंडा है। यहां रात का तापमान 12.2 डिग्री पहुंच गया है। हालांकि एक ओर रातें ठंडी हो रही हैं तो दूसरी ओर दिन अभी भी गर्म है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार 15 नवंबर से ठंड का असर बढ़ेगा। उत्तरी हवाएं चलने से पारे में और भी गिरावट होगी। हालांकि, कृषि वैज्ञानिक मौजूदा मौसम को गेहूं की बोवनी के लिए अच्छा बता रहे हैं।   प्रदेश में मंगलवार रात जबलपुर में 16 डिग्री सेल्सियस, भोपाल-ग्वालियर में 16.6 डिग्री, इंदौर में 18.9 डिग्री, उज्जैन में 17.5 डिग्री तापमान रहा। बता दें कि उत्तरी हवाओं के असर से ग्वालियर और चंबल संभाग प्रदेशभर में सबसे ठंडा रहता है लेकिन अभी ठंड की शुरुआत है। इसलिए पचमढ़ी, मंडला, मलाजखंड समेत अन्य शहरों में ठंड का असर ज्यादा है। 15 नवंबर के बाद उत्तरी हवाओं का जोर रहेगा। ऐसे में ग्वालियर-चंबल संभाग में भी पारे में तेजी से गिरावट होगी।   इसके अलावा प्रदेश के ज्यादातर शहरों में रातें भले ही ठंडी हो, लेकिन दिन अभी भी गर्म है। यहां तापमान 30 डिग्री सेल्सियस के पार ही है। मंगलवार को पचमढ़ी में 27.4 डिग्री, मलाजखंड में 27.5 डिग्री तापमान रहा। बाकी शहरों में यह 30 डिग्री सेल्सियस से अधिक दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर भारत में बर्फबारी होने के बाद पूरा मध्यप्रदेश ठिठुरने लगता है। इस बार नवंबर के दूसरे सप्ताह में उत्तर से ठंडी हवाएं आ सकती हैं, जिससे ठंड का असर और भी बढ़ जाएगा। पिछले 10 साल से यही ट्रेंड है।   वहीं, कृषि विज्ञान केंद्र शाजापुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक एसएस धाकड़ ने बताया कि 20 अक्टूबर के बाद से चने की बोवनी शुरू हो गई जबकि अब गेहूं की बोवनी की जानी है। गेहूं के लिए 18 से 20 डिग्री के बीच तापमान होना चाहिए। फिलहाल, ऐसा ही मौसम है इसलिए किसान गेहूं फसल की बोवनी कर सकते हैं। बता दें कि मध्‍य प्रदेश में करीब सवा लाख हेक्टेयर में गेहूं की फसल होती है।  

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उमरिया । जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र के सलखनिया बीट में बीते दिनों 10 हाथियों की मौत हो गई थी जिसमे डेढ़ वर्षीय हाथी शावक की मां की भी मौत हो गई थी, मां की मौत के बाद छोटा सा बच्चा अपनी माँ को तलाशता इधर-उधर भटक रहा था। कल दिन में मां को ढूंढता चंदिया रेंज क्षेत्र में आ गया, लेकिन उसकी मां नही मिली तो भटकता हुआ छोटी महानदी के किनारे कटनी जिले के ग्राम गुड़ा पहुंच गया। जिसकी सूचना ग्रामीणों ने वन विभाग को दिया तो वन विभाग की टीम रात भर धान के खेत में रात भर पहरा देती रही। बुधवार सुबह होते ही बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व और रेग्युलर की कटनी एवं उमरिया जिले की टीम जिसमे लगभग 100 लोग शामिल रहे और 4 हाथी लेकर ग्राम गुड़ा पहुंच कर हाथी शावक को रेस्क्यू कर पिकअप वाहन के माध्यम से बांधवगढ़ ले गए।   ग्राम गुड़ा खुर्द निवासी महेन्द्र सिंह ने बताया कि बुधवार सुबह वन विभाग वाले आए और पूछे कि इधर कोई जानवर दिखा है क्या तो हमने कहा कि जानवर नहीं देखा थोड़ी देर बाद उधर हाथी का बच्चा दिखा, तब वह लोग बोले की हो गया वहीं रहने दो अभी और लोग आ रहे हैं फिर जैसे ही और लोग आ गए तो इसको पकड़ने लगे, रात भर यह थोड़ी बहुत धान की फसल खाया है।   वहीं संजय टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक एवं बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के प्रभारी क्षेत्र संचालक अमित दुबे ने बताया कि यह गुडन कला गांव है कटनी डिवीजन में पड़ता है एक हाथी आ गया है जिसकी उम्र हम लोग डेढ़ साल मान रहे हैं, इसकी कल से सूचना आई थी, देर रात होने के कारण कल रेस्क्यू नही हो सका था इसलिए आज रेस्क्यू किये हैं, इसमें 4 हाथी लगे थे 2 कान्हा के और 2 बांधवगढ़ के, इसके अलावा इसमें बांधवगढ़, संजय, उमरिया और कटनी डिवीजन के स्टाफ लगे थे करीब 100 आदमी लगे थे, अभी और हाथियों के मूवमेंट की खबर तो नहीं है मगर प्रिकाशनरी हम लोगों ने बफर क्षेत्र में अपने आदमी लगा रखे हैं, उनकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं कि अगर इस साइड आते हैं या निकलने की कोशिश करते हैं तो पहले से हम लोगों को जानकारी आ जायेगी, अभी कर्मचारियों को हाथी के मूवमेंट के हिसाब से सघन गश्ती के निर्देश दिए गए हैं, टीमें बनाई गई हैं, हम लोग हर दिन उनको ट्रैक कर रहे हैं कि कितने संख्या में और कहां घूम रहे हैं।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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इन्दौर । कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश पर क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय इंदौर द्वारा स्कूली तथा अन्य वाहनों पर चेकिंग की कार्रवाई की जा रही है। वाहन की गति, स्पीड गवर्नर सहित दस्तावेज की चेकिंग की जा रही है। वाहनों की चेकिंग की कार्यवाही निरन्तर जारी है।   इसी क्रम में मंगलवार को परिवहन विभाग के अमले द्वारा की गई कार्रवाई में ग्राम केलोद हाला में अलग-अलग स्कूलों के 50 से अधिक वाहनों की चेकिंग की गई। चेकिंग के दौरान 03 स्कूली वाहन ओमनी वेन, मैजिक बिना दस्तावेज के संचालित होते पाए गए, जिन्हें जब्त किया गया। अन्य स्कूली वाहनों जिसमें क्षमता से अधिक बच्चे बैठाने एवं लापरवाही पाये जाने पर मोटरयान अधिनियम की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत कार्यवाही कर वाहन संचालकों के विरूद्ध 52 हजार रुपये से अधिक जुर्माना लगाया गया। बच्चों एवं पालकों से चालक-परिचालक के व्यवहार के बारे में फीडबैक भी लिया जा रहा है। कार्यवाही निरन्तर जारी है।

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में अब धीरे-धीरे सर्दी बढ़ना शुरू हो गई है। राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के कई शहरों में रातें ठंडी होने लगी हैं। ज्यादातर शहरों में रात का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से कम है। अनूपपुर का अमरकंटक और नर्मदापुरम का पचमढ़ी सबसे ठंडा है। यहां तापमान 13 डिग्री के नीचे चल रहा है। बड़े शहरों की बात करें तो ग्वालियर में भोपाल, जबलपुर की तुलना में कम ठंड है। यहां पारा 17 डिग्री है। वहीं, इंदौर-उज्जैन में 18 डिग्री सेल्सियस के आसपास है। मौसम विभाग ने बताया कि नवंबर के दूसरे सप्ताह में उत्तर से ठंडी हवाएं आ सकती हैं। जिससे ठंड का असर और भी बढ़ जाएगा।   मौसम विभाग के अनुसार, उत्तरी हवाओं के असर से ग्वालियर और चंबल संभाग सबसे ठंडा रहता है लेकिन अभी ठंड की शुरुआत है इसलिए भोपाल-जबलपुर की तुलना में ग्वालियर में ठंड कम है। रविवार-सोमवार की दरमियानी रात की बात करें तो भोपाल-जबलपुर में तापमान 17 डिग्री, ग्वालियर में 17.3 डिग्री, उज्जैन में 18.3 डिग्री और इंदौर में 18.6 डिग्री सेल्सियस रहा। अमरकंटक और पचमढ़ी के अलावा मंडला, रीवा, मलाजखंड (बालाघाट), उमरिया समेत कई शहरों में रात का पारा लुढ़क गया है। रविवार-सोमवार की दरमियानी रात अमरकंटक में 12.2 डिग्री, पचमढ़ी में 12.4 डिग्री, मंडला में 13.6 डिग्री, रीवा में 14.4 डिग्री, मलाजखंड में 14.8 डिग्री, उमरिया में 15.3 डिग्री, राजगढ़ में 16 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा।   इसी तरह बैतूल-सतना में 16.7 डिग्री, खजुराहो, टीकमगढ़-नौगांव में 17 डिग्री, रायसेन में 17.2 डिग्री, खरगोन में 17.8 डिग्री, खंडवा में 18 डिग्री, सिवनी में 18.4 डिग्री, गुना में 19 डिग्री, रतलाम में 19.2 डिग्री, नर्मदापुरम में 19.4 डिग्री, धार में 19.5 डिग्री, दमोह में 19.8 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। ऐसा ही मौसम सोमवार-मंगलवार की रात में भी देखने को मिला। प्रदेश में रात में 20 डिग्री से कम और दिन में 30 डिग्री से ज्यादा तापमान है। सोमवार को पचमढ़ी में 27.2 डिग्री, मलाजखंड में 27.8 डिग्री तापमान रहा। बाकी शहरों में यह 30 डिग्री सेल्सियस से अधिक दर्ज किया गया।  

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इंदौर । पूरे देश के साथ-साथ मध्य प्रदेश में भी चार दिवसीय छठ महापर्व का शुभारंभ मंगलवार को 'नहाय-खाय' से हुआ। श्रद्धालुओं ने अपने घरों की सफाई कर पूर्ण पवित्रता के साथ स्नान किया। तत्पश्चात मिट्टी के चूल्हे पर व्रतियों ने अपने हाथों से लौकी की सब्जी, चने की दाल और चावल पका कर अत्यंत सात्विकता के साथ ग्रहण कर व्रत की शुरुआत की। इस तरह नहाय खाय से छठ महापर्व की शुरुआत हो गई।   इंदौर के ड्रीम सिटी निवासी सुषमा झा ने बताया कि छठ व्रत में शुरू से ही नहाय खाय के दिन लौकी चावल खाने की परम्परा है. लौकी को सब्जियों में सात्विक माना गया है। लौकी आसानी से पच जाता है और इसमें पानी अच्छी मात्रा में होती है। इसे खाने के बाद काफी समय तक शरीर में उर्जा बनी रहती है। इसलिए छठ व्रत की शुरूआत लौकी चावल खाकर की जाती है।   खरना के साथ बुधवार को शुरू होगा 36 घंटे का निर्जल उपवास छठ महापर्व के दूसरे दिन बुधवार को व्रतधारी 'खरना' मनाएंगे। इस अवसर पर दिनभर निर्जला व्रत रखने के बाद शाम को मिट्टी के चूल्हे पर गन्ने के रस में बनी चावल की खीर, दूध, चावल का पिठ्ठा और घी लगी रोटी का प्रसाद सूर्य भगवान को अर्पित करेंगे और फिर इसे ग्रहण करेंगे। इसके पश्चात् व्रती 36 घंटे के कठिन निर्जला उपवास का पालन करेंगे।   7 नवंबर को अस्ताचलगामी सूर्य को दिया जाएगा पहला अर्घ्य छठ महापर्व के तीसरे दिन गुरुवार, 7 नवंबर को व्रतधारी शाम 6 बजकर 8 मिनट पर जलकुण्ड में खड़े होकर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगे।   फलों से भरा सूप लेकर दिया जाता है संध्या अर्घ्य तुलसी नगर निवासी शारदा झा ने बताया कि खरना के बाद वाले दिन में सुबह से ही महिलाएं ठेकुआ, गुजिया, पुड़ी, पुआ सहित अन्य पकवान तैयार करती हैं। ये सारे पकवान मिट्टी के चूल्हे पर पकाए जाते हैं। इसके बाद सूप में फल, ठेकुआ और सारे पकवानों को सजा कर टोकरी में बांध कर घाट ले जाया जाता है। शाम को व्रती सूर्यास्त के समय कमर भर पानी में खड़ी होकर सूर्य देव को फल और पकवान से भरा सूप लेकर संध्या अर्घ्य देती हैं।   महापर्व का समापन 8 नवंबर को, प्रातः 6 बजकर 32 मिनट पर उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर किया जाएगा गुरुवार को संध्या अर्घ्य के पश्चात व्रती वापस घर लौट आती हैं। अगले दिन शुक्रवार को सुबह वापस फलों और पकवानों से सूप सजाकर लकड़ी की टोकरी में रख ले जाएंगी। सूर्योदय से पहले घाट जाकर उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर व्रती छठ मैया से सुख समृद्धि की कामना करेंगी। सुबह के अर्घ्य के बाद व्रती घर आकर पारण करेंगी। इसके बाद घाट पर उपस्थित सभी श्रद्धालुओं को को ठेकुए का प्रसाद बांटा जाएगा।   इंदौर के 150 से अधिक छठ घाटों पर भास्कर देव को अर्घ्य इंदौर शहर में विजयनगर, बाणगंगा, तुलसी नगर, समर पार्क, सुखलिया, वक्रतुण्ड नगर, संगम नगर, शंखेश्वर सिटी, निपानिया, सिलिकॉन सिटी, एरोड्रम रोड, कालानी नगर, पिपलियाहाना तालाब, और कैट रोड सूर्य मंदिर सहित शहर के 150 से अधिक छठ घाटों पर सूर्य देव को अर्घ्य देने की व्यवस्था की गई है।   प्रकृति की उपासना का पर्व है छठ पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान के प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर जगदीश सिंह और महासचिव केके झा ने बताया कि इस महापर्व में प्रकृति की पूजा की जाती है। हर चीज सात्विक और प्राकृतिक होता है। सूर्य भगवान जो कि साक्षात हैं, उनकी पूजा की जाती है। व्रत में बनने वाला प्रसाद भी सीजनल फल और गेहूं के आटे से बना होता है। बांस के बने सूप में छठ मैया को प्रसाद भोग लगाया जाता है। इस पर्व में गन्ना, सुथनी, कंद, मौसमी, सेव, केला, अनार, नारियल जैसे सीजनल फलों को चढ़ाया जाता है. ये पर्व प्रकृति की उपासना का पर्व है।   संस्थान ने मध्य प्रदेश सरकार से छठ महापर्व के अवसर पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करने का अनुरोध किया है। उनका कहना है कि प्रदेश में लाखों श्रद्धालु छठ महापर्व मनाते हैं और सार्वजनिक अवकाश मिलने से वे इस त्योहार को और भी श्रद्धा व धूमधाम से मना सकेंगे।

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अनूपपुर । ईश्वर ने अनूपपुर जिले की निवासी जोगी परिवार के साथ क्रूर मजाक किया हैं। रविवार की रात्रि शहडोल मेडिकल कॉलेज में जुड़वा बच्चो ने जन्म दिया है,बच्चों के शरीर की बनावट देख परिजन सहित डॉक्टर भी हैरान रह गए कारण बच्चों के दो शरीर तो हैं लेकिन दिल एक ही है. यानी दोनों शरीर से जुड़े हुए हैं. मेडिकल कॉलेज अधीक्षक डॉक्टर नागेंद्र सिंह का कहना है कि,”दोनों बच्चे सीने से जुड़े हुए हैं. जिन्हें एसएनसीयू वार्ड में रखकर उपचार दिया जा रहा है, बच्चे दो हैं लेकिन दिल एक ही है।   दो जिस्म, एक दिल वाले बच्चों का जन्म जिले के कोतमा के रहने वाले रवि जोगी की पत्नी 25 वर्षीय वर्षा जोगी को प्रसव पीड़ा हुई तो उसे शहडोल मेडिकल कॉलेज लाया गया, जहां उनका सीजर किया गया. जिसमें एक ऐसे जुड़वा बच्चों ने जन्म लिया जिसके दिल एक ही हैं. विशेषज्ञों के अनुसार ऐसे मामले यदा कदा ही सामने आते हैं, जिसमें दो अलग-अलग भ्रूण प्रारंभ व्यवस्था में गर्भ के अंदर एक दूसरे से चिपक जाते हैं। ऐसे बच्चों का जीवन आगे स्थिर रह पाना बड़ा ही कठिन होता है।   लाखों में एक ही होता है ऐसा बच्चा मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉक्टर नागेंद्र सिंह का कहना हैं कि ऐसे मामले लाखों में एक ही आते हैं ऐसे नवजातों को सीमन्स ट्विंस भी कहा जाता है। जिसमें दो अलग-अलग भ्रूण शुरुआती अवस्था में गर्भ के अंदर एक दूसरे से चिपक जाते हैं और ऐसी स्थिति निर्मित होती है। ऐसे बच्चों का जीवन आगे स्थिर रह पाना बहुत कठिन होता है। दोनों के दो सर है, दो चेहरे हैं, लेकिन किडनी, लीवर और ब्लेंडर एक-एक हैं इन्हें अलग नहीं किया जा सकता ऐसे बच्चों को कोजॉइंड ट्विंस भी कहा जाता है। डॉक्टर का कहना है कि दुनिया में 2 लाख में से एक बच्चा ऐसा पैदा होता है. ऐसे 95 फीसदी बच्चे जन्म के 1 साल के भीतर दम तोड़ देते हैं। एक अनुमान यह भी है कि 2 लाख में से केवल एक जुड़वा बच्चा ही ऐसा होता है जो लंबा जीवन जीता हैं।   ऑपेरशन आसान नहीं शहडोल मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक का कहना कि दोनों बच्चे सीने से जुड़े हुए हैं इनका शरीर सामान्य तरीके से विकसित नहीं हो सका है बनावट के कारण ऑपरेशन भी कठिन है। नवजातों का शरीर सीने के पास से आपस में जुड़ा है लेकिन दिल एक होने के कारण स्थिति सामान्य नहीं है। बच्चों के माता-पिता कहीं ले जाने को तैयार नहीं हैं। बच्चों की जांच की जा रही है, कहीं और कोई विकृति तो नहीं है।   चिंता में परिजन इस तरह के बच्चों के जन्म के बाद परिजन का कहना है कि नवजातों को जन्म देने वाली मां समेत परिवार के लोग भी चिंता में हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि शरीर से एक दूसरे से जुड़े बच्चों का पालन पोषण कैसे करेंगे, भविष्य में इनके स्वास्थ्य का क्या होगा।

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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उज्जैन । उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर मंदिर में आज  भस्मारती के दौरान बाबा महाकाल का फूलों से आकर्षक शृंंगार किया गया। इस दौरान बाबा महाकाल के मस्तक पर चंद्र, त्रिपुंड भी लगाए गए। भगवान के इस दिव्य स्वरूप के हजारों श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। वहीं, कार्तिक-अगहन मास में निकलने वाली सवारियों के क्रम में आज शाम को कार्तिक मास की पहली सवारी धूमधाम से निकाली जाएगी। इस दौरान अवंतिकानाथ चांदी की पालकी में मनमहेश रूप में सवार होकर नगर का भ्रमण कर अपनी प्रजा का हाल जानेंगे। महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि कार्तिक शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर सोमवार तड़के 4:00 बजे मंदिर के पट खोले गए। इसके बाद पण्डे-पुजारियों ने दूध,दही,घी,शहद और फलों के रस से बने पंचामृत से बाबा महाकाल का अभिषेक पूजन किया। हरिओम का जल अर्पित किया गया। कपूर आरती के बाद भगवान महाकाल को त्रिपुण्ड, त्रिनेत्र, भांग और चन्दन अर्पित कर फूलों से राजा स्वरूप में श्रृंगारित किया गया। उन्होंने बताया कि इसके बाद महानिर्वाणी अखाड़े के द्वारा बाबा महाकाल को भस्म अर्पित की गई। भस्म अर्पित करने के पश्चात, भगवान महाकाल को ड्रायफ्रूट के साथ भोग अर्पित कर कर्पूर आरती की गई। शेषनाग का रजत मुकुट, रजत की मुण्डमाल और रुद्राक्ष की माला के साथ सुगन्धित पुष्प से बनी फूलों की माला अर्पित की। फल और मिष्ठान का भोग लगाया गया। भस्म आरती में बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया। श्रद्धालुओं ने नंदी हॉल और गणेश मंडपम से बाबा महाकाल की दिव्य भस्म आरती के दर्शन किए और भस्म आरती की व्यवस्था से लाभान्वित हुए। श्रद्धालुओं ने इस दौरान बाबा महाकाल के निराकार से साकार होने के स्वरूप का दर्शन कर जय श्री महाकाल का उद्घोष भी किया। शाम को निकलेगी सवारी इधर, महाकालेश्वर मंदिर समिति के प्रशासक गणेश धाकड़ ने बताया कि श्रावण- भाद्रपद माह की तरह भगवान महाकाल की कार्तिक माह की पहली सवारी सोमवार को सभामंडप में पूजा-अर्चना के बाद शाम चार बजे निकलेगी। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र बल की टुकड़ी अवंतिकानाथ को सलामी देगी। इसके बाद कारवां शिप्रा तट की ओर रवाना होगा। इस बार कार्तिक-अगहन मास में भगवान महाकाल की पांच सवारी निकलेंगी। उन्होंने बताया कि सवारी में भगवान महाकाल मनमहेश स्वरूप में भक्तों को दर्शन देंगे। सवारी मे पुलिस बैण्‍ड, घुड़सवार दल, सशस्‍त्र पुलिस बल के जवान आदि शामिल रहेंगे। सवारी महाकालेश्वर मंदिर से गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार कहारवाडी होते हुए रामघाट क्षिप्रातट पहुंचेगी, जहां मां क्षिप्रा के जल से पूजन-अर्चन पश्‍चात भगवान महाकाल की सवारी रामघाट से गणगौर दरवाजा, मोड की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्‍यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार होते हुए पुन: महाकाल मंदिर पहुंचेगी।    

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उज्जैन । सोमवार को बाबा महक की कार्तिक अगहन माह की पहली सवारी निकलेगी। श्री मनमहेश के रूप में भगवान श्री महाकालेश्वर अपनी प्रजा का हाल जानने निकलेंगे।   मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ ने बताया कि श्रावण- भाद्रपद माह की तरह श्री महाकालेश्‍वर भगवान की कार्तिक माह की पहली सवारी सोमवार 04 नवंबर को सभामंडप में सायं 4 बजे विधिवत पूजन-अर्चन के बाद राजसी ठाट-बाट के साथ निकाली जावेगी।   भगवान श्री महाकालेश्वर श्री मनमहेश के रूप में अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकलेंगे। श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी में पुलिस बैण्‍ड, घुड़सवार दल, सशस्‍त्र पुलिस बल के जवान आदि के साथ श्री महाकालेश्वर मंदिर से गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार कहारवाडी होते हुए रामघाट क्षिप्रातट पहुंचेगी। वहां मॉ क्षिप्रा के जल से पूजन-अर्चन पश्‍चात भगवान महाकाल की सवारी रामघाट से गणगौर दरवाजा, मोड की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्‍यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार होते हुए पुन: महाकाल मंदिर पहुंचेगी। इसी क्रम में परंपरानुसार श्री महाकालेश्वर भगवान की कार्तिक एवं अगहन(मार्गशीर्ष) माह में निकलने वाली श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारियॉ क्रमशः द्वितीय सवारी 11 नवम्‍बर, तृतीय सवारी 18 नवम्बर तथा शाही सवारी 25 नवम्बर को निकाली जावेगी। हरिहर मिलन की सवारी रविवार, 14 नवम्बर को निकाली जावेगी।  

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इंदौर । शहर के सदर बाजार इलाके में एक युवक ने शनिवार रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। युवक का एक लड़की के साथ पिछले पांच सालाें से प्रेम प्रसंग था। उसी युवती के साथ उसकी 12 दिन बाद शादी हाेने वाली थी। घर में शादी की तैयारी चल रही थी, शादी के कार्ड छप चुके थे। उससे पहले युवक ने आत्मघाती कदम उठा लिया। रविवार सुबह उसका पाेस्टमार्टम कर शव परिजनाें काे साैंप दिया गया। मृतक के पास से काेई सुसाइड नाेट नहीं मिला है। फिलहाल पुलिस मामले में जांच कर रही है।   जानकारी के अनुसार अभिषेक पुत्र हरीश नामदेव निवासी जूना रिसाला ने शनिवार रात अपने घर में फांसी लगाकर जान दे दी। अभिषेक परदेशीपुरा इलाके में एक ऑटो पार्टस की दुकान में काम करता था। उसका शंकर गंज में रहने वाली एक युवती के साथ 5 साल से अफेयर चल रहा था। दोनों की परिवार की मर्जी से शादी भी तय हुई थी। 15 नवबंर 2024 की शादी की तारीख निकली थी। उसके कार्ड भी छप गए थे। घर में तैयारियां चल रही थी। इसी बीच अभिषेक ने यह कदम उठा लिया। मृतक अभिषेक के भाई प्रकाश ने बताया कि दिन में दोनों भाई साथ में मूवी देख रहे थे। उस समय वह हंसी खुशी था। रात में दोनों चौराहे तक काम से गए थे। अभिषेक वापस घर आ गया। इसके बाद कमरे में चला गया। बाद में मां ने दरवाजा खटखटाया तो उसने नहीं खोला। मां को लगा वह सो रहा होगा। इसके बाद उसके मोबाइल पर कॉल किया तो फोन भी नहीं उठाया। फिर कुछ देर बाद कमरे में झांककर देखा तो अभिषेक फंदे पर लटका हुआ था। अभिषेक के पिता की 2017 में एक्सीडेंट में मौत हो चुकी है। परिवार के मुताबिक उसके मोबाइल में कुछ नहीं मिला है। उसकी वॉटसएप चैटिंग भी क्लीयर थी। कोई सुसाइड नोट भी नहीं मिला है।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में नवम्‍बर की शुरूआत होते ही सर्दी बढ़ने लगी है। प्रदेश के 24 शहरों में रात का तापमान 20 डिग्री से नीचे आ गया है। हिल स्टेशन पचमढ़ी सबसे ठंडा है। यहां लगातार दो दिन से तापमान 12 से 13 डिग्री सेल्सियस के बीच है। मंडला, राजगढ़, उमरिया, रीवा, बैतूल और मलाजखंड में भी न्यूनतम तापमान में गिरावट आ गई है। दिन में भी पारा लुढ़कने लगा है।   मौसम विभाग के अनुसार, 15 नवंबर से ठंड का असर तेज होगा। पिछले 10 साल से यही ट्रेंड है। हालांकि, दिन में गर्मी का असर दूसरे सप्ताह तक बना रहेगा। इसके बाद पारा 30 डिग्री से नीचे पहुंच जाएगा। उत्तरी हवाओं की वजह से तापमान में गिरावट आएगी। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर समेत प्रदेश के 24 शहरों में रात का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे चल रहा है। शुक्रवार-शनिवार की रात में पचमढ़ी में तापमान 13.4 डिग्री, मंडला में 15.6 डिग्री, राजगढ़-उमरिया में 16.4 डिग्री, रीवा में 16.6 डिग्री, बैतूल-मलाजखंड में 16.8 डिग्री रहा।   वहीं, ग्वालियर में 17.4 डिग्री, छिंदवाड़ा में 17.5 डिग्री, रायसेन में 17.6 डिग्री, भोपाल-जबलपुर में 17.8 डिग्री, नौगांव में 17.9 डिग्री, सतना-टीकमगढ़ में 18.0 डिग्री, इंदौर-खरगोन में 18.4 डिग्री, उज्जैन में 18.8 डिग्री, खंडवा में 19 डिग्री, रतलाम में 19.2 डिग्री, धार, गुना-सिवनी में 19.4 डिग्री और नर्मदापुरम में 19.9 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा।

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गुना । जिले के आरोन इलाके में शनिवार सुबह एक झोपड़ी में अचानक आग लग गई। झाेपड़ी से आग की पलटे निकलती देख आस पास के लाेग भयभीत हाे गये। लाेगाें ने तुरंत आग पर काबू पाने का प्रयास किया । इस दाैरान एक युवक झुलस गया। सूचना के बाद माैके पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पाया। घायल व्यक्ति काे ईलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं आग लगने के कारण स्पष्ट नहीं है। फिलहाल पुलिस मामला दर्ज कर जांच में जुट गई है।     जानकारी अनुसार आरोन कस्बे के पठार मोहल्ले में उधम सहरिया अपने परिवार के साथ रहते हैं। उनके घर के एक हिस्से में झोपडी बनी हुई है। इसमें कुछ सामान रखा रहता है। शनिवार सुबह करीब 10:30 बजे के आसपास अचानक झोपडी से आग की लपटें उठने लगीं। लपटें उठती देख उधम सहरिया सामान बचाने अंदर घुसे, तो वे भी झुलस गए। आग देख घर के बाकी सदस्य भी आ गए और पानी डालकर आग बुझाने का प्रयास करने लगे। आग पर काबू नहीं पाने पर फायर ब्रिगेड को सूचना दी। सूचना मिलने पर फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची। एसडीएम सहित पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पाया। हादसे में झोपड़ी पूरी तरह जल गई, उसमें रखा सामान भी जलकर खाक हो गया। हादसे में झुलसे उधम सहरिया को इलाज के लिए आरोन अस्पताल भिजवाया गया, जहां उनका इलाज किया जा रहा है।

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उमरिया । जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 13 हाथियों के दल में से कोदो खाने से 10 हाथियों की मौत हो गई, 3 हाथी ठीक - ठाक होने के कारण टाइगर रिजर्व एरिया से निकल कर चंदिया थाने के ग्राम देवरा पहुंच गए और अपने साथियों के विछोह से आक्रोशित तीनो हाथी ग्राम देवरा निवासी 62 वर्षीय राम रतन यादव पिता स्वर्गीय टिल्ला यादव जो शनिवार सुबह 7 बजे शौच के लिए गए हुए थे उनको पटक कर मौत के घाट उतार दिए। घटना की सूचना मिलने के बाद चंदिया पुलिस और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची है।   चंदिया टी आई भानु प्रताप भवेदी ने बताया कि हमको जैसे ही सूचना मिली कि 3 हाथियों के दल ने ग्राम देवरा निवासी 62 वर्षीय राम रतन यादव पिता स्वर्गीय टिल्ला यादव जो सुबह 7 बजे शौच के लिए गांव के किनारे खेतों की तरफ गए हुए थे उनको हाथियों ने पटक कर मार दिया है, जिसमे उनकी मौत हो गई है। हम अपनी टीम के साथ घटना स्थल पर पहुंच कर मर्ग कार्रवाई कर रहे हैं वहीं वन विभाग से रेंजर साहब लोग भी पहुंच गए हैं। तीनो हाथियों का दल खेतों के रास्ते से ग्राम करहिया की तरफ मूव कर गया है, वन विभाग की टीम सर्चिंग में लगी है।   गौरतलब है कि ग्राम पंचायत देवरा ओ डी एफ घोषित ग्राम पंचायत है उसके बाद ग्रामीण शौच के लिए बाहर जाते है। वहीं इस घटना ने ओ डी एफ की कलई खोल कर रख दिया है कि जिले में किस तरफ का फर्जीवाड़ा चल रहा है।

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में दिवाली के बाद अब कई शहरों में सर्दी का असर दिखने लगा है। मौसम विभाग ने नवंबर के दूसरे हफ्ते सर्दी बढ़ने का अनुमान जताया है। उत्तरी हवाओं के असर से भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन और दूसरे शहरों में रात के तापमान में गिरावट आएगी। नवंबर के पहले दिन पचमढ़ी सबसे सर्द रहा। यहां सीजन में पहली बार रात का तापमान 12.6 डिग्री पहुंच गया। उज्जैन, मंडला समेत 25 से ज्यादा शहरों में पारा 20 डिग्री से नीचे ही रहा।   मौसम विभाग के अनुसार, उत्तरी हवाओं की वजह से तापमान में गिरावट होने लगती है। खासकर रातें ज्यादा सर्द हो जाती हैं। दूसरे सप्ताह में हवाओं का असर तेज होगा। इससे पारे में गिरावट आएगी। हालांकि, दिन में पारा 30 डिग्री के आसपास ही बना रहेगा। दिवाली की रात पचमढ़ी सबसे ठंडा रहा। प्रदेश के एकमात्र हिल स्टेशन पचमढ़ी में तापमान 12.6 डिग्री दर्ज किया गया। मंडला में 15.6 डिग्री, मलाजखंड में 16.1 डिग्री, बैतूल में 16.5 डिग्री, राजगढ़ में 17.4 डिग्री, रीवा-रायसेन में 17.5 डिग्री, उमरिया में 17.8 डिग्री, छिंदवाड़ा में 18 डिग्री, टीकमगढ़ में 18.2 डिग्री, भोपाल-खंडवा में 18.4 डिग्री रिकॉर्ड हुआ। जबकि खरगोन में 18.6 डिग्री, ग्वालियर-नर्मदापुरम में 18.8 डिग्री, जबलपुर, नौगांव, सिवनी-उज्जैन में 19 डिग्री, गुना-इंदौर में 19.4 डिग्री, खजुराहो-रतलाम में 19.5 डिग्री और धार-नर्मदापुरम में 19.8 डिग्री पहुंच गया।   गौरतलब है कि नवंबर में राजधानी में रात का तापमान 9 से 12 डिग्री सेल्सियस पहुंच जाता है। पिछले 10 साल से ऐसा ही ट्रेंड रहा है। इस बार भी दूसरे सप्ताह से पारा तेजी से लुढ़केगा। मौसम विभाग के अनुसार, भोपाल में नवंबर में रात का तापमान 6.1 डिग्री तक पहुंच चुका है। यह 30 नवंबर 1941 को दर्ज किया गया था। इस महीने बारिश होने का ट्रेंड भी है। 10 साल में दो बार बारिश हो चुकी है। साल 1936 में महीने में साढ़े 5 इंच से ज्यादा पानी गिर चुका है।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में स्थित प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यान बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में गुरुवार को दो और हाथियों ने दम तोड़ दिया। यहां बीते तीन दिन में 10 हाथियों की मौत हो चुकी है। इनमें गुरुवार दोपहर में 9वें और शाम को दसवें हाथी की मौत हुई है। मामले में एसटीएफ की टीम डॉग स्क्वॉड की मदद से मामले की जाच में जुटी है। घटनास्थल से पांच किमी के दायरे में छानबीन की जा रही है। वेटरनरी डॉक्टरों का कहना है कि मौत का कारण फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट के बाद ही पता चल पाएगा।   दरअसल, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में दो दिन पहले 29 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे सलखनिया, खतौली और पतोर रेंज की सीमा पर ख