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देवास । मध्य प्रदेश के देवास जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर ग्राम दुर्गापुरा में एक खेत में मंगलवार को आठ मोर मृत अवस्था में मिले हैं। खेत मालिक की सूचना पर वन विभाग की टीम पशु चिकित्सक व पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंची और पंचनामा बनाकर मृत मोरों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। फिलहाल वन विभाग की टीम मामले की जांच में जुटी है। क्षेत्र के डीएफओ पीएन मिश्रा ने बताया कि मंगलवार सुबह सूचना मिली थी कि ग्राम दुर्गापुर के एक खेत में आठ मौर मृत हालत में पड़े हुए हैं। सूचना के बाद मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने मृत मोर के आसपास सर्चिंग भी, लेकिन प्रारंभिक जांच में शिकार होने संबंधी कुछ भी साक्ष्य नहीं मिले हैं। जिस खेत में मोर मृत मिले, वह टमाटर का खेत था। वन विभाग ने मोरों द्वारा कुछ रासायनिक पदार्थ खाने की आशंका जताई है। उन्होंने बताया कि मोराें की मौत आज सुबह होना ही प्रतीत हो रही है। इन मोराें में पांच मादा और तीन उनके बच्चे हैं। प्रथम दृष्टया मौत के कारण की पुष्टि नहीं हो पा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही खुलासा हो सकता है। खेत में करंट जैसा भी कुछ नहीं दिख रहा और न ही कोई शिकार जैसी बात सामने आ रही है। पोस्टमार्टम के बाद मृत मोरों का अंतिम संस्कार किया जाएगा। आसपास की सभी वस्तुओं के सैंपल लेकर राज्य स्तरीय लैब पहुंचाए जाएंगे। एसओपी के तहत पीएम के बाद शवदाह करने के बाद रिपोर्ट वन मुख्यालय भेजी जाएगी।  

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भोपाल  । स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त तरुण राठी ने प्रदेश के सभी निजी चिकित्सालयों (नर्सिंग होम) को निर्देश दिए हैं कि वे अपने अस्पताल में प्रदायित सभी चिकित्सकीय सेवाओं की दर सूची (रेट लिस्ट) प्रमुखता से प्रदर्शित करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश के नागरिकों के हितों की रक्षा करते हुए उन्हें बेहतर और पारदर्शी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिये यह महत्वपूर्ण है।   जनसंपर्क अधिकारी अंकुश मिश्रा ने मंगलवार को जानकारी देते हुए बताया कि निजी चिकित्सालयों में काउंटर पर दर सूची का प्रदर्शन अनिवार्य है। रोगी या उनके परिवारजन द्वारा मांग करने पर दर सूची दिखाना अस्पताल प्रबंधन का दायित्व भी होगा। इसके अलावा, यदि किसी अस्पताल को दर सूची में संशोधन करना हो, तो इसकी लिखित सूचना मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को देना आवश्यक है। संशोधित दर सूची को भी प्रमुखता से प्रदर्शित करना होगा। इसका उद्देश्य रोगियों के अधिकारों की रक्षा करने और स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता लाना है।   उन्‍होंने बताया कि यह निर्देश म.प्र. उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं अधिनियम, 1973 और नियम, 1997 (यथासंशोधित 2021) के नियम 17 के अनुसार जारी किए गए हैं। सभी निजी चिकित्सालयों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे इन प्रावधानों का पालन करें। आयुक्त राठी ने समस्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को इसके अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। दर सूची के बिना अतिरिक्त शुल्क लेना नियमों का उल्लंघन है, मनमानी शुल्क वसूलने की घटनाओं को रोकने के लिए सतत निरीक्षण करने के आयुक्त ने निर्देश दिये हैं।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में सर्दी ने रफ्तार पकड़ ली है। राजधानी भोपाल सहित कई जिलों में रात का तापमान 10 डिग्री के नीचे पहुंच गया है। अब मौसम विभाग ने चक्रवात फेंगल की वजह से आज मंगलवार को प्रदेश के 7 जिलों में बारिश की संभावना जताई है। वहीं, ग्वालियर, चंबल और उज्जैन संभागों में रात के तापमान में गिरावट आएगी। जबकि भोपाल, इंदौर और जबलपुर को ठंड से थोड़ी राहत मिलेगी। वहीं पश्चिमी, पूर्वी और दक्षिणी हिस्से में तापमान बढ़ेगा।मौसम विभाग के अनुसार, 'फेंगल' तूफान के असर से मध्य प्रदेश के बैतूल, छिंदवाड़ा समेत 7 जिलों में मंगलवार को बारिश के आसार हैं। वहीं, उत्तरी हवाएं आने से ग्वालियर, चंबल और उज्जैन संभाग में रात में तेज ठंड रहेगी जबकि इंदौर, भोपाल और जबलपुर संभाग में ठंड से थोड़ी राहत मिल सकती है। प्रदेश के दक्षिणी और पूर्वी हिस्से में रात का तापमान 2 से 3 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है। अगले 24 घंटे में बैतूल, डिंडौरी, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, पांढुर्णा जिलों में कहीं-कहीं बादल और बारिश की स्थिति बनी रहेगी। इन जगहों पर हवा की रफ्तार भी आम दिनों की तुलना में 3 से 4 किमी प्रतिघंटा तक बढ़ी हुई रहेगी। मौसम विभाग का कहना है कि 4 दिसंबर को भी ऐसा ही मौसम रहेगा।मौसम विभाग ने बताया कि उत्तर-पश्चिमी भारत के ऊपर एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस भी एक्टिव है। इस वजह से पहाड़ों में बर्फबारी होगी और उत्तरी हवाएं मध्य प्रदेश में तेजी से आएंगी, जिससे पूरे प्रदेश में दिन-रात में ठंड बढ़ने का अनुमान है। तापमान की बात करें तो इंदौर में पिछले 24 घंटे में दिन के तापमान में 2 डिग्री सेल्सियस का इजाफा हुआ है। सोमवार को यहां दिन का तापमान 27.5 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। उज्जैन में भी बीती रात न्यूनतम तापमान में 7 डिग्री सेल्सियस का उछाल आया। यहां पारा 16 डिग्री पर पहुंच गया, जबकि एक दिन पहले रात में 9.8 डिग्री टेम्परेचर रिकॉर्ड किया गया था।रविवार-सोमवार की रात में शाजापुर के गिरवर में पारा 5.9 डिग्री, छतरपुर के नौगांव में 7.8 डिग्री, सीहोर में 7.9 डिग्री, राजगढ़ में 8 डिग्री, टीकमगढ़ में 9.3 डिग्री, रायसेन में 9.4 डिग्री, पचमढ़ी-रीवा में 9.8 डिग्री रहा। खंडवा, खरगोन, रतलाम, खजुराहो, सतना, उमरिया, गुना, दमोह, नरसिंहपुर, धार, सागर और सीधी में तापमान 12 डिग्री से नीचे ही रहा। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में तापमान 8.5 डिग्री, इंदौर में 13.2 डिग्री, ग्वालियर में 10.9 डिग्री, उज्जैन में 9.8 डिग्री और जबलपुर में 11 डिग्री दर्ज किया गया। सोमवार को दिन में भी कई शहरों में तापमान में गिरावट देखी गई।

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भोपाल । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में वर्ष 1984 में दो-तीन दिसंबर की रात को हुई विश्व की भीषणतम औद्योगिक त्रासदी को लोग अब तक भूल नहीं पाए हैं। अब भी यहां के लोग इसका दंश झेलने को मजबूर हैं। यूनियन कार्बाइड कारखाने से जहरीली गैस मिथाइल आइसोसाइनेट का रिसाव हुआ और हजारों लोग मौत के मुंह में चले गए थे। मंगलवार, 3 दिसंबर को इस भीषणतम त्रासदी की 40वीं बरसी है, लेकिन अब तक न तो पीड़ितों को न्याय मिल पाया है और न ही यूनियन कार्बाइड परिसर में पड़े कचरे को नष्ट नहीं किया जा सका है। निकट भविष्य में भी इसके निपटान की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है।   विषैली गैस के सम्पर्क में आने वाले लोगों के परिवारों में इतने वर्षों बाद भी शारीरिक और मानसिक रूप से अक्षम बच्चे जन्म ले रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक गैस त्रासदी से 3787 की मौत हुई और गैस से करीब 5,58,125 लोग प्रभावित हुए थे। हालांकि कई एनजीओ का दावा रहा है कि मौत का यह आंकड़ा 10 से 15 हजार के बीच था। बहुत सारे लोग कई तरह की शारीरिक अपंगता से लेकर अंधेपन के भी शिकार हुए। विभिन्न अनुमानों के मुताबिक करीब आठ हजार लोगों की मौत तो दो सप्ताह के भीतर ही हो गई थी जबकि करीब आठ हजार अन्य लोग रिसी हुई गैस से फैली संबंधित बीमारियों के चलते मारे गए थे।   कैसे हुआ हादसा ? यूनियन कार्बाइड की फैक्टरी से करीब 40 टन गैस का रिसाव हुआ था। इसकी वजह थी टैंक नंबर 610 में जहरीली मिथाइल आइसोसाइनेट गैस का पानी से मिल जाना था। इससे हुई रासायनिक प्रक्रिया की वजह से टैंक में दबाव पैदा हो गया। इससे टैंक खुल गया और गैस रिसने लगी। लोगों को मौत की नींद सुलाने में विषैली गैस को मात्र तीन मिनट लगे थे। क्या बनता था इस कारखाने में- यूनियन कार्बाइड कारखाने में कारबारील, एल्डिकार्ब और सेबिडॉल जैसे खतरनाक कीटनाशकों का उत्पादन होता था। संयंत्र में पारे और क्त्रसेमियम जैसी दीर्घस्थायी और जहरीली धातुएं भी इस्तेमाल होती थीं। सरकार का कृषि विभाग उन कीटनाशकों का एक बड़ा खरीददार था। भोपाल कारखाने से कीटनाशकों का निर्यात दूसरे देशों को किया जाता था और उससे भारत को निर्यात शुल्क की आय होती थी। जानकारों का कहना है कि कीटनाशकों की आड़ में यह कारखाना कुछ ऐसे प्रतिबंधित घातक एवं खतरनाक उत्पाद भी तैयार करता था, जिन्हें बनाने की अनुमति अमेरिका और दूसरे पश्चिमी देशों में नहीं थी।   40 वर्ष बाद भी धरती के नीचे दफन है जहरीला कचरा- भोपाल गैस त्रासदी के 40 वर्ष 3 दिसंबर को पूरे होने जा रहे हैं, पर इतने वर्ष बाद भी जहरीला कचरा यूनियन कार्बाइड परिसर में दफन है। इस कारण भूजल प्रदूषित होने की बात सत्यापित हो चुकी है। वर्ष 2018 में इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टाक्सिकोलाजी रिसर्च लखनऊ की रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आ चुका है। रिपोर्ट के अनुसार यूनियन कार्बाइड परिसर के आसपास की 42 बस्तियों के भूजल में हेवी मेटल, आर्गनो क्लोरीन पाया गया था, जो कैंसर और किडनी की बीमारी के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। इसके बाद इस क्षेत्र में नर्मदा जल की आपूर्ति सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर की जा रही है। आशंका है इन कालोनियों के अतिरिक्त प्रदूषित भूजल आगे पहुंच गया हो पर वर्ष 2018 के बाद जांच ही नहीं कराई गई।   राज्य सरकार ने कुछ साल पहले यूनियन कार्बाइड परिसर में पड़े लगभग 350 मी टन कचरे का निपटान गुजरात के अंकलेश्वर में करने का निर्णय लिया था और उस समय गुजरात सरकार भी इसके लिए तैयार हो गई थी, लेकिन गुजरात की जनता द्वारा इसको लेकर आंदोलन किए जाने के बाद गुजरात सरकार ने कचरा वहां लाए जाने से इनकार कर दिया। इसके बाद सरकार ने प्रदेश के धार जिले के पीथमपुर में कचरा नष्ट करने का निर्णय लिया और 40 मी. टन कचरा वहां जला भी दिया, लेकिन यह मामला प्रकाश में आने के बाद यहां विरोध में किए गए आंदोलन के बाद स्वयं मध्य प्रदेश सरकार ने इससे अपने हाथ खींच लिए।   इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने नागपुर में डीआरडीओ स्थित इंसीनिरेटर में कचरे को नष्ट करने के आदेश दिया, लेकिन महाराष्ट्र के प्रदूषण निवारण मंडल ने इसकी अनुमति नहीं दी और महाराष्ट्र सरकार ने भी नागपुर में कचरा जलाने से इनकार कर दिया। प्रदेश सरकार ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट की शरण ली और न्यायालय ने नागपुर स्थित इंसीनिरेटर के निरीक्षण के आदेश दिए, लेकिन न्यायालय को यह बताया गया कि वहां स्थित इंसीनिरेटर इतनी बड़ी मात्रा में जहरीला कचरा नष्ट करने में सक्षम नहीं है। सरकार द्वारा महाराष्ट्र के कजोला में भी कचरा नष्ट करने पर विचार किया गया, लेकिन प्रदूषण निवारण मंडल द्वारा अनुमति नहीं दिये जाने से यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया। जिससे आज तक परिसर में पड़ा हजारों टन कचरा जहां था वहीं आज भी पड़ा है।   इस कचरे के होने से जहां भूमिगत प्रदूषण फैल रहा तो वहीं कई प्रकार की बीमारियां भी बनी रहती हैं। भोपाल ग्रुप फॉर इंफॉर्मेशन एंड एक्शन के सदस्यों का कहना है कि दुनिया की सबसे बड़ी गैस त्रासदी का असर आज भी दिख रहा है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के अधीन संस्था नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च ऑन एनवायरमेंटल हेलट ने एक शोध में यह पाया था कि जहरीली गैस का दुष्प्रभाव गर्भवती महिलाओं पर भी पड़ा। इसके कारण बच्चों में जन्मजात बीमारियां हो रही हैं। उन्हेंने आरोप लगाते हुए कहा कि आइसीएमआर की रिपोर्ट सरकार ने प्रकाशित ही नहीं होने दी, बल्कि रिपोर्ट को दबा लिया गया। जहरीली गैस का दुष्प्रभाव गर्भवती महिलाओं पर भी पड़ा। इसके कारण बच्चों में जन्मजात बीमारियां हो रही हैं। आईसीएमआर की रिपोर्ट सरकार ने प्रकाशित ही नहीं होने दी। रिपोर्ट को दबा लिया गया।   यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे के कारण आस-पास का भूजल मानक स्तर से 562 गुना ज्यादा प्रदूषित हो गया। कारखाने में और उसके चारों तरफ तकरीबन 10 हजार मीट्रिक टन से अधिक कचरा जमीन में आज भी दबा हुआ है। बीते कई सालों से बरसात के पानी के साथ घुलकर अब तक 14 बस्तियों की 50 हजार से ज्यादा की आबादी के भूजल को जहरीला बना चुका है। सीएसई के शोध में परिसर से तीन किलोमीटर दूर और 30 मीटर गहराई तक जहरीले रसायन पाए गए।   गैस पीड़ित संगठन के कार्यकर्ताओं का दावा है कि रैपिड किट से उन्होंने इनके अतिरिक्त कारखाने की साढ़े तीन किमी की परिधि में आने वाली 29 अन्य कालोनियों में भी जांच की तो आर्गनो क्लोरीन मिला है, पर कितना मात्रा में है इसकी जांच बड़े स्तर पर सरकार द्वारा कराने की आवश्यकता है।   गैस पीड़ितों के लिए काम करने वाली सामाजिक कार्यकर्ता रचना ढींगरा ने बताया कि त्रासदी के पहले परिसर में ही गड़्ढे बनाकर जहरीला रासायनिक कचरा दबा दिया जाता था। इसके अतिरिक्त परिसर में बनाए गए तीन छोटे तालाबों में भी पाइप लाइन के माध्यम जहरीला अपशिष्ट पहुंचाया जाता था। इस कचरे की कोई बात ही नहीं हो रही। कारखाने में रखे कचरे को नष्ट करने के लिए 126 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इसे पीथमपुर में जलाया जाना है।   गैर राहत विभाग के उप सचिव केके दुबे का कहना है कि यूनियन कार्बाइड परिसर में प्लांट में रखे कचरे को नष्ट करने के लिए सभी अनुमतियां मिल गई हैं। इस जल्द नष्ट करने के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद ही जमीन में गड़े कचरे के बारे में विचार किया जाएगा। विभाग के पास ऐसी कोई रिसर्च भी नहीं है कि जमीन में कितना कचरा दबा है और उससे क्या नुकसान हो रहा है।   पुनर्वास के लिए मिली राशि में 14 वर्ष बाद खर्च नहीं हो पाए 129 करोड़ रुपये- सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गैस पीड़ितों के पुनर्वास के लिए वर्ष 2010 में 272 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए थे। इसमें 75 प्रतिशत राशि केंद्र व 25 प्रतिशत राज्य सरकार की थी। इसमें भी 129 करोड़ रुपये आज तक खर्च नहीं हो पाए हैं। गैस राहत एवं पुनर्वास विभाग आज तक इस राशि को खर्च करने की योजना ही नहीं बना पाया है। आर्थिक पुनर्वास के लिए 104 करोड़ रुपये मिले थे। इसमें 18 करोड़ रुपये स्वरोजगार प्रशिक्षण पर खर्च हुए बाकी राशि बची है। सामाजिक पुनर्वास के लिए 40 करोड़ रुपये मिले थे, जिसमें गैस पीड़ितों की विधवाओं के लिए पेंशन का भी प्रविधान है। 4399 महिलाओं को पेंशन मिल रही हैं। वर्ष 2011 से यह राशि एक हजार है जिसे बढ़ाया नहीं गया है। न ही किसी नए हितग्राही को शामिल किया गया है।   गौरतलब है कि वर्ष 1984 में मप्र की राजधानी भोपाल में 02 और 03 दिसंबर की दरम्यानी रात्रि में यूनियन कार्बाइड कारखाने की गैस के रिसाव से हजारों लोगों की मौत हो गई थी और लाखों लोग इससे प्रभावित हुए थे। हजारों प्रभावित आज भी उसके दुष्प्रभाव झेलने को मजबूर हैं। उस त्रासदी को 40 साल हो चुके हैं, लेकिन पीड़ितों के जख्म आज भी हरे हैं। एक शोध में यह तथ्य सामने आया है कि भोपाल गैस पीड़ितों की बस्ती में रहने वालों को दूसरे क्षेत्रों में रहने वालों की तुलना में किडनी, गले तथा फेफड़ों का कैंसर 10 गुना ज्यादा है। इसके अलावा इस बस्ती में टीबी तथा पक्षाघात के मरीजों की संख्या भी बहुत ज्यादा है। इस गैस त्रासदी में पांच लाख से भी ज्यादा लोग प्रभावित हुए थे, जिनमें से हजारों लोगों की मौत तो मौके पर ही हो गई थी और जो जिंदा बचे, वे विभिन्न गंभीर बीमारियों के शिकार होकर जीवित रहते हुए भी पल-पल मरने को विवश हैं। इनमें से बहुत से लोग कैंसर सहित कई प्रकार की गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं।  

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भोपाल  । नवंबर जाते ही मध्‍य प्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ने का सिलसिला शुरू हो गया है। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में फेंगल तूफान का असर देखने को मिलेगा। जिसकी वजह से अगले 48 घंटों में तापमान में गिरावट के चलते सर्दी तेज होने लगेगी। इसके साथ ही छिंदवाड़ा, सिवनी और बैतूल में हल्की बारिश की संभावना भी जताई गई है। जबकि ग्वालियर-चंबल और उज्जैन में बर्फीली हवा चलेगी।   मौसम विभाग ने बताया कि फेंगल तूफान के असर से हवाओं का रुख बदला है। जिससे मध्य प्रदेश में कड़ाके की सर्दी का सिलसिला जारी हुआ। इसके साथ ही दिसंबर में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोप) का भी असर रहेगा। इस कारण दिन में भी तापमान गिर सकता है। 20 दिसंबर से कड़ाके की ठंड का दौर शुरू होगा, जो जनवरी के पूरे महीने तक चलेगा। भोपाल में रविवार-सोमवार की रात भी तापमान 10 डिग्री से नीचे रहा। वहीं, आज सोमवार सुबह हल्का कोहरा भी छाया रहा।   प्रदेश में रात के तापमान में गिरावट जारी है। रविवार-सोमवार की रात प्रदेश के 11 शहरों में रात का तापमान 10 डिग्री से कम तापमान दर्ज किया गया। शाजापुर से जुड़े गिरवर में पारा सबसे कम 6.1 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं राजगढ़ में 7 डिग्री, छतरपुर के नौगांव में 7.2 डिग्री, शिवपुरी के पिपरसमा में 7.7 डिग्री, हिल स्टेशन पचमढ़ी में 8.2 डिग्री, रायसेन-टीकमगढ़ में 9 डिग्री, खंडवा-खजुराहो में 9.4 डिग्री, उमरिया-बैतूल में 9.5 डिग्री और गुना में पारा 9.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। गुना, रतलाम, खरगोन, रीवा, धार, मंडला, नरसिंहपुर, सतना, सागर, सीधी में तापमान 12 डिग्री से कम रहा।   बड़े शहरों को बात करें तो भोपाल में रविवार-सोमवार की रात पारा 8.8 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। इंदौर में 12 डिग्री, ग्वालियर में 9.8 डिग्री, उज्जैन में 10 डिग्री और जबलपुर में 11.5 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।

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अनूपपुर । जिले के अमरकंटक वन परिक्षेत्र के दोनिया, भेजरी क्षेत्र में रविवार रात एक बाघ को देखा गया है, यहां तक कि इसने एक भैंस का भी शिकार किया। सोमवार सुबह यह बाघ मेढ़ाखार के गांव में लेन्टाना की झाड़ियों में विश्राम करता दिखा। वन विभाग और पुलिस की टीम ने ग्रामीणों को इसके नजदीक नहीं जाने तथा रात में सावधानी बरतने की सलाह दी है। बाघ रविवार रात जब दोनिया एवं भेजरी गांव के बीच सड़क पार कर रहा था, तभी एक चार पहिया वाहन चालक ने उसका वीडियो बना लिया और वन विभाग को सूचना दी। इसके बाद अमरकंटक के वन परिक्षेत्र अधिकारी वीरेंद्र श्रीवास्तव कर्मचारियों के साथ बाघ की लोकेशन लेने के लिए गश्त पर निकल गए। सोमवार सुबह पता चला कि बाघ ने मेढ़ाखार गांव में ईश्वर सिंह नायक की भैंस का शिकार कर लिया। अभी वह लेंटाना की झाड़ियां में विश्राम कर रहा है।   वन विभाग एवं अमरकंटक पुलिस की टीम उसकी निगरानी कर रही है। वहीं बाघ के कारण आसपास के गांवों में भी दहशत है। मामले में पुष्पराजगढ़ एसडीओपी नवीन तिवारी ने बताया कि मेढ़ाखार के ग्रामीणों ने टाइगर होने की सूचना दी थी। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस एवं वन विभाग की टीम गांव में मौजूद है, जो टाइगर पर नजर बनाए हुए हैं।

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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इंदौर । इंदाैर शहर के विजयनगर इलाके में रविवार तड़के एक तेज रफ्तार कार सड़क पार कर रहे ट्रक में जा घुसी। हादसे में कार सवार उत्तर प्रदेश पुलिस के एसआई और दाे सिपाही घायल हाे गए। सभी को मामूली चोट आई, जिन्हें निजी अस्पताल भेजा गया हैं।   जानकारी अनुसार घटना विजय नगर चाैराहे पर रविवार सुबह करीब साढ़े चार बजे की है। उत्तर प्रदेश पासिंग कार नंबर यूपी 92 एपी 8722 तेज रफ़्तार से एबी रोड की तरफ आते हुए चौराहा पार कर रहे ट्रक नंबर एमपी 09 एचजी 8283 में आगे की तरफ से जा घुसी। कार में उतर प्रदेश पुलिस के एसआई और दो सिपाही बैठे थे। हादसे में कार का अगला हिस्सा बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। आसपास मौजूद लोगों ने कार में बैठे एसआई और दो कांस्टेबल को बाहर निकाला, उनकी कार में नमकीन के पैकेट रखे हुए थे। पुलिस की गाड़ी से तीनों को अस्पताल भेजा गया। बताया जा रहा है कि हादसे के बाद एसआई कार में अपनी पिस्टल ढूंढ रहे थे। जो बाद में उन्हें कार की सीट पर मिल गई। सूचना के बाद माैके पर पहुंची पुलिस ने ट्रक और कार जब्त की हैं। पुलिस मामला दर्ज कर जांच में जुट गई है।

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भोपाल । राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के लगभग सभी जिलों में तेज सर्दी का असर होना शुरू हो गया है। भोपाल में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। हालात यह हैं कि पिछले 10 दिनों से शहर में रात का तापमान 8 से 10 डिग्री सेल्सियस के बीच बना हुआ है। दिन में भी सर्द हवाएं सिहरन बढ़ा रही हैं। वहीं, नौगांव शहर में भी न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ है। यह मैदानी इलाके के किसी शहर में शनिवार को दर्ज सबसे कम तापमान है। जबकि पचमढ़ी में न्यूनतम तापमान 5.2 डिग्री सेल्सियस पर रहा।   मौसम विभाग से मिली जानकारी अनुसार, नवंबर में जम्मू, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में बर्फबारी शुरू हो गई। वहीं, पश्चिम-उत्तर भारत में जेट स्ट्रीम हवाएं यानी बर्फीली हवाएं 274 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने लगी। जिससे सर्द हवाएं मध्यप्रदेश में आईं और भोपाल समेत अन्य शहर ठिठुर गए। मौसम विभाग का कहना है कि इस बार पिछले साल से ज्यादा ठंड पड़ेगी। दिसंबर के आखिरी सप्ताह में प्रदेश के कई शहरों में कोल्ड वेव यानी सर्द हवाएं चलेंगी। जनवरी में यह 20 से 22 दिन तक चल सकती है।   तापमान की बात करें तो प्रदेश के 11 शहरों में रात का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम रहा। शनिवार को दिन का सबसे कम 23.2 डिग्री सेल्सियस रायसेन में रिकॉर्ड किया गया। न्यूनतम तापमान नौगांव में 8. 0 डिग्री, राजगढ़- 8.2, उमरिया- 8.4, मंडला- 8.6, बैतूल- 8.8, खजुराहो- 9.2, रीवा- 9.2, ग्वालियर- 9.4, टीकमगढ़- 9.4, जबलपुर- 9.5, धार- 9.5 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं, भोपाल में शनिवार को दिन का तापमान 24 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। जो सामान्य से 4.6 डिग्री सेल्सियस कम रहा।

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भोपाल । मध्य प्रदेश के अशोकनगर की बेटी मुस्कान रघुवंशी ने अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजरों को फतह कर भारत का झंडा लहरा दिया है। मुस्कान पर्वत पर चढ़ाई करने वाली मध्य प्रदेश की सबसे कम उम्र की युवती हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, केन्द्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर समेत अन्य लोगों ने मुस्कान को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है।   मध्य प्रदेश के अशोकनगर की निवासी 22 वर्षीय मुस्कान रघुवंशी ने अफ्रीका के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट किलिमंजारो पर चढ़ाई का चुनौतीपूर्ण अभियान 23 नवंबर को शुरू किया था और 27 नवंबर को दोपहर 1:49 पर मुस्कान ने किलिमंजरों को फतह कर लिया। इस अभियान को मिशन पॉसिबल ने ऑर्गेन्स किया था। इस अभियान के लीडर नरेंद्र सिंह यादव थे, जिन्होंने इस अभियान को सफलता पूर्ण पूरा करने में भागीदारी निभायी है।   केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुस्कान रघुवंशी को अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो पर चढ़ने वाली मध्य प्रदेश की सबसे कम उम्र की पर्वतारोही बनने पर बधाई दी। उन्होंने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स के माध्यम से कहा कि "ऑस्ट्रेलिया के सबसे ऊंचे पर्वत कोज़िअस्को को फतह करने के बाद अशोकनगर की बेटी मुस्कान रघुवंशी ने एक बार फिर अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो पर भारतीय ध्वज फहराकर प्रदेश और देश को गौरवान्वित किया है। मुस्कान यह दोहरी सफलता हासिल करने वाली प्रदेश की सबसे कम उम्र की पर्वतारोही बन गई हैं। इस उपलब्धि के लिए हर भारतवासी की ओर से बधाई।"   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मुस्कान रघुवंशी को अफ्रीकी महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो पर विजय प्राप्त करने के लिए बधाई दी है। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि बिटिया मुस्कान ने माउंट किलिमंजारो पर तिरंगा ध्वज फहराकर मध्य प्रदेश सहित सम्पूर्ण देश को गौरवान्वित किया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बेटी मुस्कान को आशीर्वाद एवं शुभकामनाएं देते हुए उनके सुखद, सफल और उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।   ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने भी एक्स के माध्यम से कहा कि ‘अशोकनगर की बेटी मुस्कान रघुवंशी ने अपनी साहस और संकल्प से एक और इतिहास रच दिया है। ऑस्ट्रेलिया की सबसे ऊंची चोटी कोज़िअस्को को फतह करने के बाद, अब अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो पर तिरंगा फहराकर उन्होंने प्रदेश और देश का गौरव बढ़ाया है।   गौरतलब है कि मुस्कान रघुवंशी ने इससे पहले 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आस्ट्रेलिया के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट कोज़िअस्को पर चढ़कर तिरंगा लहराया था और यह उपलब्धि हासिल करने वाली वह प्रदेश की सबसे कम उम्र की पर्वतारोही बनी थीं।

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भोपाल । बृहस्पति अगले साल 14 मई 2025 की रात मिथुन राशि में गोचर कर रहे हैं। वहीं, गुरु बृहस्पति के गोचर के करीब 2 महीने बाद 26 जुलाई को सुबह मिथुन राशि में शुक्र ग्रह की का गोचर होगा। श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ ललित शर्मा ने बताया कि दोनों ग्रहों के मिलने से गजलक्ष्मी राजयोग॔ का निर्माण होगा। इसका लाभ कई राशियों को हो सकता हैं।   आईए जानते हैं उनके बारे में   गजलक्ष्मी राजयोग को ज्योतिष शास्त्र में सुख, समृद्धि, धन, यश, वैभव आदि में उन्नति का प्रतीक माना जाता हैं। मेष राशि के जातकों के लिए यह गजलक्ष्मी राजयोग लाभकारी हो सकता हैं। आर्थिक तरक्की के रास्ते खुलेंगे। मिथुन राशि के लिए भी राजयोग शुभ साबित हो सकता हैं। उनके मान-सम्मान में वृद्धि होगी। कॅरियर में तरक्की के योग बनेंगे। तुला राशि की जातकों के धन लाभ, नौकरी में प्रमोशन, सफलता के योग बनेंगे। साथ ही यात्रा के योग बन रहे हैं। कुंभ राशि वालों की व्यवसाय जीवन में सक्सेस के योग हैं। आर्थिक लाभ व कॅरियर में तरक्की मिलेगी।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में रिकॉर्ड तोड़ सर्दी पड़ने का सिलसिला लगातार जारी है। नवंबर के पहले सप्‍ताह से ही रात के तापमान में गिरावट होना शुरू हो गई थी। वहीं अब दिन के तापमान में भी गिरावट दर्ज की जा रही है। प्रदेश में अब रात के साथ दिन भी ठंडे हैं। बीते 24 घंटों में सबसे कम 6.8 डिग्री सेल्सियस तापमान मंडला में दर्ज किया गया है। यहां मनाली से भी ज्यादा सर्द रात रही। वहीं प्रदेश के 10 शहरों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम रहा।मौसम वैज्ञानिक प्रमेंद्र कुमार ने बताया कि उत्तर भारत की तरफ से लगातार आ रही सर्द हवाओं के कारण तापमान में गिरावट हो रही है। अगले एक-दो दिन तक मौसम का मिजाज इसी तरह बना रह सकता है। कई शहरों में दिसंबर-जनवरी जैसी ठंड पड़ रही है। भोपाल में नवंबर का महीना 36 साल में सबसे ज्यादा ठंड है। यहां पारा 8.2 डिग्री पहुंच चुका है। वहीं, मंडला का पारा 7 डिग्री के नीचे है। नवंबर के आखिरी दिन भी तेज सर्दी का असर रहने की संभावना है। जबकि दिसंबर में कड़ाके की ठंड का दौर रहेगा।मौसम विभाग का कहना है कि पश्चिम-उत्तर भारत के ऊपर जेट स्ट्रीम 234 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से बह रही है। मध्य प्रदेश के शहरों में यह औसत 8 से 10 किलोमीटर है। इस वजह से भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर-जबलपुर के साथ ही छोटे शहरों में भी तेज ठंड है। शुक्रवार को सर्द हवाओं की वजह से लोग कंपकपा उठे। इससे बचने के लिए वे दिनभर गर्म कपड़ें पहने रहे। नवंबर में पहली बार भोपाल में रात का तापमान पचमढ़ी से भी कम हो गया। गुरुवार-शुक्रवार की रात भोपाल में तापमान 8.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं पचमढ़ी में 9.6 डिग्री रहा। इससे पहले भोपाल में 1988 में पारा 7.5 डिग्री दर्ज किया गया था।तापमान की बात करें तो शुक्रवार रात मंडला में 6.8 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। बैतूल में 9.4 डिग्री, राजगढ़ में 8 डिग्री, खजुराहो में 9.4 डिग्री, नौगांव में 8 डिग्री, रीवा में 9.5 डिग्री, उमरिया में 7.4 डिग्री और मलाजखंड में 9.5 डिग्री तापमान रहा। बड़े शहरों की बात करें तो इंदौर में 12.2 डिग्री, जबलपुर में 8.5 डिग्री, ग्वालियर में 10 डिग्री और उज्जैन में 12 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। दिन की बात करें तो पचमढ़ी में पारा सबसे कम 22.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। रायसेन में 23 डिग्री, नरसिंहपुर में 24.4 डिग्री, सीधी में 24.8 डिग्री और मलाजखंड में 24.1 डिग्री रहा। जबकि भोपाल और इंदौर में पारा 25 डिग्री से नीचे रहा। भोपाल में 24.9 डिग्री, इंदौर में 24.6 डिग्री, उज्जैन में 25.7 डिग्री, ग्वालियर में 25.5 डिग्री और जबलपुर में 25.9 डिग्री दर्ज किया गया।  

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रायसेन । रायसेन जिले में शुक्रवार सुबह एक यात्री बस का टायर फटने के बाद वह अनियंत्रित हाे गई। हालांकि बस चालक ने समय रहते बस काे राेक लिया। घटना में चार यात्री घायल हुए है। घायलों को जिला अस्पताल पहुंचाया गया है। बताया जा रहा है कि बस में क्षमता से अधिक सवारी भरी हुई थी।   जानकारी के अनुसार मां अंबे ट्रैवल्स कंपनी की बस सागर रोड देवरी कला से भोपाल रूट पर चलती है। शुक्रवार काे बस रायसेन से गुजर रही थी, तभी बस का टायर फट गया, जिससे यात्रियों में चीख पुकार मच गई। चालक ने सजगता दिखाते हुए बस काे तुरंत नियंत्रित कर राेक लिया। घटना की जानकारी लगते ही विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता बस स्टॉप सागर तिराहा पहुंचे और घायल यात्रियों को उतार कर अस्पताल पहुंचाया गया। यात्रियों ने बताया कि बस 52 सीटर थी, लेकिन इसके अलावा बस में क्षमता से अधिक यात्रियों को भरा गया था। सीट पर बैठने के अलावा कई यात्री खड़े होकर सफर कर रहे थे। जैसे ही बस का टायर फटा सभी यात्री उछलकर एक- दूसरे के ऊपर गिर गए। विद्यार्थी परिषद की जिला संयोजक अश्विनी पटेल ने बताया सागर से भोपाल की ओर चलने वाली बसों में यात्रियों को ठूंस -ठूंस कर भरा जाता है। इन बसों में छात्र-छात्राएं भी सफर करते हैं, कई बार इन छात्र-छात्राओं बस कंडक्टरों द्वारा अभद्रता करने का मामला भी सामने आ चुका है।      

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भोपाल । राजधानी भोपाल सहित प्रदेशभर में तेज सर्दी का दौर शुरू हो गया है। दिन और रात के तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। भोपाल की रात हिल स्टेशन पचमढ़ी से भी ठंडी हो गई है। गुरुवार-शुक्रवार की रात भोपाल में तापमान 8.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं पचमढ़ी में पर 9.6 डिग्री रहा। सबसे ठंडा पूर्वी हिस्से का मंडला शहर रहा। यहां न्यूनतम तापमान 6.8 डिग्री दर्ज किया गया।   मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिम-उत्तर भारत के ऊपर जेट स्ट्रीम 278 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से बह रही है। एक दिन में ही 18 किमी रफ्तार बढ़ी है। इस वजह से प्रदेश में भी सर्द हवाएं आ रही हैं। अभी हवा की ऊंचाई 12.6 किमी है। जब यह नीचे बहेगी, तब ठंड का असर और तेज हो जाएगा। इसके अलावा पूर्वी हिस्से में एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम और दक्षिण-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी के ऊपर डीप डिप्रेशन एक्टिव है। इसका असर भी प्रदेश में देखने को मिल रहा है।   प्रदेश में इस बार नवंबर माह के दूसरे सप्ताह से पारा तेजी से लुढ़क रहा है। गुरुवार रात बैतूल में 9.4 डिग्री, राजगढ़ में 8 डिग्री, जबलपुर में 8.5 डिग्री, खजुराहो में 9.4 डिग्री, नौगांव में 8 डिग्री, रीवा में 9.5 डिग्री, उमरिया में 7.4 डिग्री और मलाजखंड में 9.5 डिग्री तापमान रहा। बड़े शहरों की बात करें तो इंदौर में 12.2 डिग्री, ग्वालियर में 10 डिग्री और उज्जैन में 12 डिग्री तापमान दर्ज किया गया।   पचमढ़ी में अब तक दिन और रात का तापमान सबसे कम रहा, लेकिन फिलहाल शहडोल का कल्याणपुर और मंडला की रातें सबसे ठंडी हैं। बुधवार-गुरुवार की रात में कल्याणपुर में तापमान 6.1 डिग्री और मंडला में 6.5 डिग्री रिकॉर्ड हुआ। पचमढ़ी में 7.2 डिग्री, उमरिया में 7.5 डिग्री, नौगांव में 8.6 डिग्री, मलाजखंड में 9.3 डिग्री और रीवा में पारा 9.6 डिग्री दर्ज किया गया। इनमें से कई शहर ऐसे हैं, जो शिमला, माउंट आबू जैसे शहरों से भी ठंडे रहे।   गुरुवार को प्रदेश के कई शहरों में दिन के तापमान में भी गिरावट आयी है। पचमढ़ी में तापमान 22 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बालाघाट जिले के मलाजखंड में पारा 23.3 डिग्री रहा। इसी तरह सीधी में 24.2 डिग्री, सिवनी में 25 डिग्री, बैतूल-रायसेन में 25.2 डिग्री, उमरिया में 25.7 डिग्री, नरसिंहपुर में 26 डिग्री, सतना में 26.5 डिग्री, धार में 26.7 डिग्री, टीकमगढ़, शिवपुरी, नौगांव, रीवा-दमोह में 27 डिग्री, रतलाम में 27.2 डिग्री, सागर में 27.4 डिग्री, गुना में 27.5 डिग्री रहा। बड़े शहरों की बात करें, तो भोपाल में 27.2 डिग्री, इंदौर में 25.9 डिग्री, ग्वालियर में 27.5 डिग्री, उज्जैन में 27 डिग्री और जबलपुर में तापमान 25.8 डिग्री दर्ज किया गया।  

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उज्जैन । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की धर्मपत्नी जशोदाबेन इन दिनों निजी कार्यक्रम के तहत धार्मिक नगरी उज्जैन में हैं। शुक्रवार को वे विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर पहुंचीं। इस दाैरान उनके साथ परिवार के कुछ लोग भी थे। उन्होंने भोग आरती के बाद मंदिर के गर्भगृह की देहरी से पूजन कर दर्शन किए। बाद में उन्होंने कुछ देर नंदी हॉल में बैठकर ध्यान भी लगाया।   प्रधानमंत्री मोदी की पत्नी जशोदाबेन ने जल द्वार से प्रवेश कर देहरी से भगवान महाकाल का आशीर्वाद लिया। बाबा के दर्शन कर जल अर्पित करते हुए पूजन-अभिषेक किया। यहां मंदिर समिति ने उनका सम्मान भी किया। खास बात यह है कि यशोदा बेन ने पीएम की पत्नी होने के बावजूद गर्भ गृह में प्रवेश नहीं किया और उन्होंने नंदी हाल और देहरी से ही पूजन किया।   श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित अर्पित गुरु ने बताया कि जशोदाबेन ने बाबा महाकाल के चांदी द्वार पर माथा टेककर पूजन-अर्चन और जलाभिषेक किया। इसके बाद, उन्होंने नंदी हॉल में जाकर नंदीजी के कानों में अपनी मनोकामनाएं कही और ॐ नमः शिवाय का जाप करते हुए ध्यान लगाया बता दें कि जशोदा बेन की महाकाल में गहरी आस्था है। वे पूर्व में कई बार बाबा के दर्शन करने आ चुकी हैं।

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जबलपुर । शहर के गाेहलपुर थाना क्षेत्र में बुधवार देर रात सड़क किनारे खड़े एक ट्रक में अचानक आग लग गई। आग लगते ही माैके पर अफरा तफरी मच गई। सूचना के बाद माैके पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने कढ़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। इस घटना में किसी भी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है। फिलहाल पुलिस ट्रक में रखे सामान और नुकसान की जानकारी जुटाने में लगी है।   जानकारी अनुसार घटना बुधवार देर रात करीब 12 बजे की है। गोहलपुर थाना क्षेत्र के जागृति नगर के पास एक खड़े ट्रक में अचानक आग लग गई। ट्रक में आग लगते ही अफरा-तफरा मच गई। स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। फायर ब्रिगेड को सूचना देने के साथ ही ट्रैफिक बंद करा दिया। सूचना मिलते ही थाना प्रभारी प्रतीक्षा मार्को स्टाफ के साथ मौके पर पहुंची। फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियों ने मौके पर पहुंच कर आग पर काबू किया। ट्रक किसी टेंट व्यवसायी का बताया जा रहा है। शॉर्ट सर्किट के चलते आग लगने की बात सामने आ रही है। फिलहाल पुलिस मामला दर्ज कर जांच में जुटी हुई है।

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भोपाल । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के ईंटखेड़ी क्षेत्र अंतर्गत ग्राम घासीपुरा में 29 नवंबर से मुस्लिम समाज के धार्मिक सम्मेलन आलमी तब्लीगी इज्तिमा का आयोजन होने जा रहा है। इसमें देश-दुनिया की करीब 30 हजार से अधिक जमातें शामिल होंगी। 02 दिसंबर तक आयोजित इस कार्यक्रम की तैयारियां लगभग पूर्ण हो चुकी हैं। बाहरी जमातों के आने का सिलसिला 15 दिन पहले ही शुरू हो गया था और रोजाना बड़ी संख्या में लोग ट्रेन और फ्लाइट से भोपाल पहुंच रहे हैं।   आयोजन समिति के मुताबिक चार दिनों तक चलने वाले इस आलमी तब्लीगी इज्तिमा में 10 से 12 लाख लोगों के शामिल होने का अनुमान है। आयोजन स्थल का दायरा भी बढ़ा दिया गया है। वालिंटियर, खानपान, जमातियों के ठहरने के इंतजाम और साफ-सफाई की व्यवस्था भी इस बार बढ़ा दी गई है।   इज्तिमा में चार दिनों तक देश के अलग-अलग हिस्सों से बड़ी संख्या में लोग भोपाल पहुंचेंगे। इसमें विदेश से भी जमाती आएंगे। लोग रेलवे स्टेशन और पुराने शहर के विभिन्न क्षेत्रों से कार्यक्रम स्थल तक पहुंचेंगे। इज्तिमा के समापन दिवस पर 02 दिसंबर को दुआ की नमाज अदा की जाएगी, जिसमें लाखों की संख्या में मुस्लिम धर्मावलंबी शामिल होंगे।   रोना के बाद बड़ा आयोजन कोरोना के बाद से अब तक हुए इज्तिमा के आयोजन में जमातों को सीमित संख्या में ही बुलाया जा रहा था, लेकिन इस बार कोरोना का असर पूरी तरह से खत्म हो चुका है। यही कारण है कि इस बार देशी ही नहीं विदेशों से भी जमातें पहुंच रही हैं।   77वां आलमी तब्लीगी इज्तिमा भोपाल में इस साल यह 77वां आलमी तब्लीगी इज्तिमा है। भोपाल में लगने वाला दुनिया का सबसे बड़ा इज्तिमा माना जाता है। इसकी शुरुआत 1947 को हुई थी। मस्जिद शकूल खां में यह पहली बार शुरू हुआ था। उस समय केवल 12 से 14 लोग ही थे। बाद में 1971 से इसका विस्तार होता गया और यह ताजुल मसाजिद में होने लगा। धीरे-धीरे देश-दुनिया से आने वालों की संख्या बढ़ने लगी और यह स्थान भी छोटा पड़ गया और इसे ताजुल मसाजिद से शिफ्ट करके 2015 में बैरसिया रोड स्थित ईंटखेड़ी के पास घासीपुरा में शिफ्ट कर दिया गया। दुनिया में सिर्फ तीन ही देशों में इज्तिमा का आयोजन होता है। इनमें भारत के अलावा पाकिस्तान और बांग्लादेश शामिल है।   हर बार की तरह इस बार भी इज्तिमा आयोजन की तैयारी ग्रीन और क्लीन के थीम पर हो रही है। इज्तिमा कमेटी के मीडिया को-ऑर्डिनेटर डॉ. उमर हफीज ने बताया कि इस बार करीब 600 एकड़ एरिया में व्यवस्थाएं की गई हैं। इसमें 300 एकड़ में पार्किंग, 100 एकड़ का पंडाल बनाया गया है। इसके अलावा 200 एकड़ एरिया में अन्य व्यवस्थाएं की गई हैं। जिसमें फूड जोन, वुज़ू खाने, वॉशरूम आदि रहेंगे। डॉ. हफीज ने बताया कि हर साल हम इज्तिमा में एनवायरमेंट आस्पेक्ट लेकर कुछ न कुछ नया करने की कोशिश करते हैं। पिछले साल हमने डस्ट फ्री किया था और हमने अपने इस गोल को आर्चिव भी किया था। हमने गार्बेज डिस्पोजल का रिकॉर्ड भी बनाया था। इज्तिमा खत्म होने के 24 घंटों के अंदर ही पूरी साइड क्लीन हो गई थी। यहां से मिला रिसाइक्लेबल कचरा रिसाइकिल प्लांट और डिस्पोसेबल कचरा डिकंपोज प्लांट चला गया था। दो साल पहले भी हमने ग्रीन थीम पर काम किया था। उसमें वेजिटेरियन फूड था। इस साल हमने इज्तिमा को सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त किया है। पानी के बोतल के अलावा सभी सिंगल यूज प्लास्टिक बैन रहेगा। साथ ही पानी के बोतलों को भी तुरंत इकट्ठा किया जाएगा। आयुर्वेद और यूनानी दवाखानों की भी रहेगी व्यवस्था इज्तिमा कमेटी के आरिफ गौहर ने बताया कि 'इस बार आयुर्वेद और यूनानी दवाखानों की व्यवस्था भी शासन द्वारा की जा रही है। इनके लिए अलग से स्टॉल लगाए जाएंगे। मेले में चार दिन तक जो रुकेगा, उनके लिए व्यवस्था कमेटी द्वारा की जाएगी। सोने और ओढ़ने का सामान जमाती खुद लेकर चलते हैं। खाना बनाने के लिए लकड़ी की व्यवस्था कमेटी कर रही है। कहीं भी गैस का उपयोग नहीं किया जाएगा। खाने के लिए 50 फूड जोन बनाए गए हैं। जमातियों को नीचे बैठ कर खाना खाने की भी व्यवस्था रहेगी।    

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में इन दिनों सर्दी से कई शहर ठिठुर रहे हैं। पहाड़ों में हो रही बर्फबारी और उत्तरी हवाओं की वजह से प्रदेश में रात और दिन लगातार ठंडे बने हुए हैं। खासकर पूर्वी हिस्से में दिन का तापमान 4.5 डिग्री तक लुढ़क गया है। बुधवार को नरसिंहपुर में सबसे ज्यादा पारा गिरा। वहीं, पूर्वी हिस्से के शहरों की रातें भी सबसे ठंडी हो गई है। बुधवार-गुरुवार की रात मंडला पूरे प्रदेश में सबसे ठंडा रहा। यहां रात का तापमान 6.5 डिग्री पहुंच गया। वहीं, पचमढ़ी में 7.2 डिग्री, टीकमगढ़ में 7.5 डिग्री, नौगांव में 8.6 डिग्री, मलाजखंड में 9.3 डिग्री और रीवा में 9.6 डिग्री दर्ज किया गया।मौसम वैज्ञानिक प्रमेंद्र कुमार का कहना है कि नवंबर के आखिरी सप्ताह में दिन-रात के टेम्प्रेचर में गिरावट होने का ट्रेंड रहता है। अबकी बार भी ऐसा ही मौसम है। पश्चिम-उत्तर भारत में अगले 2 से 3 दिन में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव हो सकता है। जिससे बर्फीली हवा की रफ्तार तेज हो जाएगी और मध्‍य प्रदेश भी इसकी चपेट में आ जाएगा। उन्‍होंने बताया कि पश्चिम-उत्तर भारत के ऊपर जेट स्ट्रीट 260 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चल रही है, लेकिन इसकी ऊंचाई 12.6 किमी है। इस वजह से प्रदेश में असर कम है। जब हवा नीचे बहेंगी तो कड़ाके की ठंड होगी। वेस्टर्न डिस्टरबेंस की वजह से दिसंबर के पहले सप्ताह में ही यह दौर शुरू हो जाएगा।इसके अलावा यदि बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 10.2 डिग्री, इंदौर में 13.2 डिग्री, ग्वालियर में 10.9 डिग्री, उज्जैन में 12.2 डिग्री और जबलपुर में 9 डिग्री रहा। भोपाल में 6 दिन के बाद पारा 10 डिग्री के ऊपर पहुंचा। इससे पहले की छह रातों में पारा 8.8 डिग्री से 9.8 डिग्री के बीच रहा था। बुधवार के दिन के तापमान की बात करें तो पूर्वी हिस्सा ऐसा है, जहां तापमान में सबसे ज्यादा गिरावट हुई है। नरसिंहपुर में एक ही दिन में 4.5 डिग्री, मलाजखंड में 3.1 डिग्री, सीधी में 1.6 डिग्री, रीवा में 1.8 डिग्री, जबलपुर-नौगांव में 1 डिग्री गिरावटहुई। पश्चिमी हिस्से के भोपाल, बैतूल, खंडवा, खरगोन, पचमढ़ी में भी गिरावट देखने को मिली, लेकिन धार, गुना, नर्मदापुरम, इंदौर, रायसेन, रतलाम, शिवपुरी और उज्जैन में मामूली बढ़ोतरी रही।

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के कई शहरों में तेज सर्दी का दौर शुरू हो गया है। प्रदेश में इस बार नवंबर महीने में सर्दी ने कई साल का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है। भोपाल में 25 साल में यह नवंबर सबसे ठंडा है। इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन समेत सभी शहरों में तापमान सामान्य से नीचे ही चल रहा है। मौसम विभाग ने बताया कि पहाड़ों पर बर्फबारी होने से प्रदेश के शहर ठिठुर रहे हैं। भोपाल और जबलपुर शहर तो ठंडे हैं ही पचमढ़ी में शिमला-मसूरी से भी ज्यादा सर्दी पड़ रही है। मौसम विभाग ने भोपाल और जबलपुर में अगले 3 से 4 दिन तक रात का तापमान 10 डिग्री रहने का अनुमान जताया है।मौसम वैज्ञानिक शिल्पा आप्टे ने बताया कि नवंबर के आखिरी दिनों में भी ठंड का असर रहेगा। वेस्टर्न डिस्टरबेंस का असर खत्म होने से ग्वालियर-चंबल में बारिश होने की संभावना नहीं है। बता दें, नवंबर महीने में प्रदेश में बारिश का ट्रेंड भी रहा है। आप्टे ने बताया कि, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में बर्फबारी हो रही है। इस वजह से जेट स्ट्रीम यानी सर्द हवाओं की रफ्तार ज्यादा है। पश्चिम-उत्तर भारत के ऊपर यह 12.6 किमी की ऊंचाई पर 260 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से चल रही है। इस वजह से प्रदेश में सर्द हवाओं का असर है। इससे दिन में भी ठिठुरन बढ़ गई है। मौसम विभाग ने बताया कि भोपाल, जबलपुर शहर जम्मू, कटरा-देहरादून से ठंडे रहे। जबकि पचमढ़ी बाकी शहरों से भी सर्द दर्ज किया गया।प्रदेश में मंगलवार को दिन के तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई। भोपाल, इंदौर, पचमढ़ी, नर्मदापुरम, ग्वालियर, गुना, सतना, जबलपुर समेत कई शहरों में अधिकतम तापमान में गिरावट देखने को मिली। पचमढ़ी में पारा 23.4 डिग्री, बालाघाट के मलाजखंड में तापमान 24.2 डिग्री रहा। भोपाल-इंदौर में 27.5 डिग्री, ग्वालियर में 28.4 डिग्री, उज्जैन में 28.8 डिग्री और जबलपुर में 27.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इससे पहले सोमवार-मंगलवार की रात में पचमढ़ी में पारा सबसे कम 5.6 डिग्री, शहडोल के कल्याणपुर में 7.3 डिग्री दर्ज किया गया था। वहीं, भोपाल, जबलपुर, मंडला, उमरिया, नौगांव और राजगढ़ में पारा 10 डिग्री के नीचे रहा था। वहीं, मलाजखंड, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, बैतूल, खंडवा, खरगोन, टीकमगढ़, रायसेन, गुना और सतना में तापमान 12 डिग्री के नीचे रहा था।  

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भोपाल । आगामी 3 दिसम्बर को भोपाल गैस त्रासदी की 40वीं बरसी है। इस अवसर पर 3 दिसम्बर को सुबह 10:30 बजे से सेंट्रल लाइब्रेरी, भोपाल के 'बरकतउल्ला भवन' में एक सर्व-धर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया है। इस प्रार्थना सभा में राज्यपाल मंगुभाई पटेल विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। जनसम्पर्क अधिकारी घनश्याम सिरसाम ने बुधवार को जानकारी देते हुए बताया कि कार्यक्रम में भोपाल गैस त्रासदी में दिवंगत हुए सभी गैस पीड़ितों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी एवं विभिन्न धर्म-गुरूओं द्वारा धर्म-ग्रंथों का पाठ भी किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि साल 1984 में दो और तीन दिसंबर की दरमियानी रात भोपाल की यूनियन कार्बाइड नामक कैमिकल फैक्ट्री से मिथाइल आइसोनेट (मिक) नामक जहरीली गैस का रिसाव था, जिसमें हजारों लोगों की मौत हो गई थी और लाखों लोग इससे प्रभावित हुए थे। यह घटना दुनिया की भीषणतम औद्योगिक त्रासदियों में गिनी जाती है।  

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छतरपुर । कमिश्नर और कलेक्टर ने बुधवार काे केन बेतवा लिंक परियोजना में बनने वाले ढ़ोड़न बांध स्थल का निरीक्षण किया विस्थापन संबंधी लोगों के बैंक खातों में मुआवजा राशि जमा होने कि समीक्षा करने के साथ ही लोगों को पैकेज की राशि का सही प्रयोग करने की सलाह दी कमिश्नर द्वारा जन चौपाल के माध्यम से लोगों की समस्याओं को भी सुना गया ।   कमिश्नर सागर डा. वीरेंद्र सिंह रावत ने बुधवार को कलेक्टर छतरपुर पार्थ जैसवाल के साथ केन बेतवा लिंक परियोजना अंतर्गत बनने वाले ढ़ोड़न बांध स्थल का निरीक्षण किया। साथ ही व्यवस्थापन संबंधी लोगों को अभी तक मिले मुआवजा राशि कि समीक्षा की। इस दौरान एसडीएम विजय द्विवेदी, तहसीलदार अभिनव शर्मा, जनपद सीईओ अंजना नागर सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। कमिश्नर डा. रावत ने डैम के डूब क्षेत्र में आने वाली भूमि एवं ग्रामों के संबंध में समीक्षा करते हुए मुआवजे की राशि के वितरण एवं पैकेज की राशि सम्बंधित लोगों के अभी तक बैंक खातों में जमा होने की जानकारी ली और बकाया राशि के प्रकरणों को जल्द निराकृत करने के निर्देश दिए।   इस दौरान ई.ई. केन बेतवा लिंक परियोजना अंतर्गत बनने वाली अपर लेबिल टनल एरिया की संपूर्ण जानकारी दी गई। कमिश्नर ने ढ़ोड़न ग्राम पहुंचकर जन चौपाल के माध्यम से लोगों की समस्याओं को सुना और अधिकारियों को निराकरण के निर्देश दिए। उन्होंने लोगों को मिलने वाली शासन की योजनाओं के लाभ की जानकारी ली। इस दौरान एसडीएम विजय द्विवेदी ने ग्रामवासियों को अधिग्रहण की जा रही जमीन एवं मुआवजा राशि की जानकारी दी।  

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नीमच । मध्य प्रदेश के नीमच जिला मुख्यालय पर इंदौर की बेटी शिखा शर्मा ने अपने साथियों के साथ 84 हजार वर्गफीट की महान विभूतियों के 100 चित्रों वाली रंगोली बनाकर इतिहास रच दिया है। इसे एशिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड और इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोशल मीडिया के माध्यम से इस अद्भुत रंगोली बनाने वाली इंदौर को बेटी शिखा को बधाई दी है।   दरअसल, नीमच के दशहरा मैदान में प्रसिद्ध कथावाचक संत डॉ. वसंत विजय महाराज के सान्निध्य में नौ दिवसीय सनातन सर्वधर्म भैरव भक्ति उत्सव चल रहा है। इसके तहत विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों के साथ-साथ सामाजिक कार्य किए जा रहे हैं। इस कड़ी में 22 नवंबर को इंदौर के कलाकारों ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद स्टेडियम में रंगोली बनाई। इसे बनाने में 100 घंटे (चार दिन) का समय लगा। इसमें 26 टन रंगों का इस्तेमाल किया गया। इस अद्भुत रंगोली में देश के 28 राज्यों के करीब 100 महापुरुषों-क्रांतिकारी, संत व नेताओं के चित्र बनाए गए हैं। मंगलवार को एशिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के अधिकारियों ने नीमच पहुंचकर इसका निरीक्षण किया। इसके बाद संत डॉ. वसंत विजय महाराज की उपस्थिति में पदक और प्रमाण पत्र सौंपा।   मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स के माध्यम से कहा कि नीमच में 84 हजार वर्ग फीट में महान विभूतियों पर केन्द्रित 100 चित्रों वाली अद्भुत रंगोली बनाकर इंदौर की बेटी शिखा और उनके साथियों ने एशिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड व इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया है। बेटी शिखा और उनके साथियों को बधाई और शुभकामनाएं!    

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भोपाल । मध्य प्रदेश में पहाड़ी इलाकों से आ रही बर्फीली हवाओं से तापमान में भारी गिरावट आई है, इस वजह से अब हाड़ कपाने वाली ठंड का एहसास होने लगा है। प्रदेश के हिल स्टेशन पचमढ़ी में सोमवार रात तापमान 5.6 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया। वहीं, राजधानी भोपाल में भी 49 साल बाद नवंबर के महीने में तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहा है। मौसम विभाग का कहना है कि दिसंबर के पहले सप्‍ताह से ही तेज सर्दी का दौर शुरू हो जाएगा।मौसम वैज्ञानिक शिल्पा आप्टे ने बताया कि पहाड़ी इलाकों से सीधी बर्फीली हवा आ रही है। इसका ज्यादा असर मध्‍य प्रदेश के मध्य और पूर्वी हिस्से में पड़ रहा है। भोपाल संभाग, जबलपुर संभाग सहित मध्य प्रदेश के मध्य और पूर्वी हिस्से के शहरों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री के आसपास रहने की संभावना है। आप्टे ने बताया कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बर्फबारी के कारण मध्य प्रदेश में ठंड का असर बढ़ा। अब हिमाचल प्रदेश में भी बर्फ गिर रही है। ऐसे में हवा की रफ्तार बढ़ने का अनुमान है। ऐसा होता है तो दिसंबर के पहले सप्ताह से ही मध्य प्रदेश में कड़ाके की ठंड का दौर शुरू हो जाएगा, जो पूरे महीने बना रहेगा।मौसम विभाग के अनुसार, रविवार-सोमवार की रात भोपाल, जबलपुर में तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम रहा। भोपाल में यह 9.6 डिग्री और जबलपुर में 9.9 डिग्री दर्ज किया गया। पचमढ़ी में 5.6 डिग्री, शहडोल के कल्याणपुर में 7.3 डिग्री, मंडला में 7.8 डिग्री, शाजापुर के गिरवर में 8.6 डिग्री, उमरिया में 9.3 डिग्री, राजगढ़ में 9.6 डिग्री और नौगांव में तापमान 9.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मलाजखंड, छिंदवाड़ा, बैतूल, रीवा, खरगोन, टीकमगढ़, रायसेन और गुना में पारा 12 डिग्री से कम रहा। बड़े शहरों की बात करें तो इंदौर में 13.7 डिग्री, ग्वालियर में 12.1 डिग्री और उज्जैन में पारा 12.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।रविवार-सोमवार की रात में कई शहरों में पारे में गिरावट हुई तो सोमवार को दिन में पारा बढ़ गया। पश्चिमी हिस्से के जिले- भोपाल, इंदौर, उज्जैन में पारे में मामूली गिरावट हुई लेकिन ग्वालियर, शिवपुरी, नर्मदापुरम, बैतूल, धार में भी पारा 2 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ गया। पूर्वी हिस्से के जिले- दमोह, जबलपुर, खजुराहो, मंडला, नरसिंहपुर, रीवा, सतना, सीधी, टीकमगढ़, उमरिया और मलाजखंड में भी 2 डिग्री तक तापमान बढ़ गया। खजुराहो में सबसे ज्यादा 31.2 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा।

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उज्जैन/भोपाल । भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी अक्षर पटेल और रवि बिश्नोई समेत नौ क्रिकेटर आज  सुबह उज्जैन पहुंचे और विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान भगवान महाकालेश्वर के दर्शन कर पूजा की। उन्होंने सुबह बाबा महाकाल की भस्मारती में भी हिस्सा लिया। महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी विपुल चतुर्वेदी ने बताया कि भारतीय क्रिकेटर अक्षर पटेल, रवि बिश्नोई, आकाश सिंह, अभिषेक देसाई, ऋषभ चौहान, चिंतन गाजा, उमंग टांडेल, विशाल जायसवाल और भानु पनिया तड़के चार बजे महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे। सभी ने नंदी हॉल में बैठकर बाबा महाकाल की भस्म आरती के दर्शन किए। इसके बाद चांदी द्वार के पास पहुंचकर भगवान का पूजन-अर्चन और दूध से अभिषेक किया। इसके बाद नंदीजी के कानों में अपनी मनोकामनाएं कहकर बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया। दर्शन के बाद अक्षर पटेल ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि बाबा महाकाल हमें हर साल बुलाते रहते हैं, इसीलिए हम यहां आते हैं। बाबा महाकाल जानते हैं कि हमें क्या देना है और क्या नहीं। रवि बिश्नोई ने कहा कि यह दूसरी बार है जब मैं बाबा महाकाल की भस्म आरती देखने आया हूं। बाबा की कृपा मुझ पर और हम सब पर बनी रहे, यही कामना है। दरअसल, इंदौर में इन दिनों मुश्ताक अली ट्राफी के मैच खेले जा रहे हैं और इस प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए कई दिग्गज खिलाड़ी इंदौर पहुंचे है। मंगलवार को अक्षर पटेल, रवि विश्नोई समेत अन्य क्रिकेटर इंदौर से ही उज्जैन पहुंचे थे। दो दिन पहले रविवार को क्रिकेटर मयंक अग्रवाल और यश राजपूत ने भी महाकाल के दर्शन किए थे। रविवार को ही भारतीय क्रिकेट टीम के ऑलराउंडर कुनाल पंड्या महाकालेश्वर मंदिर दर्शन के लिए पहुंचे थे, जहां उन्होंने परिवार के साथ बाबा महाकाल के दर्शन कर आशीर्वाद लिया था।    

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सिंगरौली । सिंगरौली में नॉर्दर्न कोल फील्ड लिमिटेड (एनसीएल) में रविवार दाेपहर काे परिवार के साथ पिकनिक मनाने गई 13 साल की बच्ची नदी में डूब गई थी। रात भर चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद साेमवार सुबह बच्ची का शव बरामद कर लिया गया है। हादसे में एक डाॅक्टर की भी डूबने से माैत हाे गई थी। उनका शव रविवार काे ही मिल गया था।     दरअसल, घटना रविवार दोपहर को गोपद नदी में हुई जब डॉ. हरीश सिंह अपने डॉक्टर परिवार और दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने गए थे। डॉ. हरीश सिंह एनसीएल के जयंत अस्पताल में काम करते थे। वे अपने साथी डॉक्टरों और परिवारों के साथ देउरदह घाट मंदिर के पास पिकनिक मना रहे थे। इसी दौरान रिटायर्ड डॉक्टर प्रवीण मुंडा अपनी 13 वर्षीय बेटी प्रेरणा मुंडा के साथ नदी में नहाने गए, तभी अचानक दोनों डूबने लगे। दाेनाें काे बचाने के लिए हरीश और उनके एक साथी डॉक्टर ने नदी में छलांग लगा दी। तेज बहाव के बावजूद, उन्होंने डॉ. प्रवीण मुंडा को तो बचा लिया, लेकिन इसी बीच डॉ. हरीश सिंह बच्ची को बचाने के लिए दोबारा नदी में कूद गए और तेज बहाव में खुद बह गए। शाेर सुन गांव के लोग मौके पर पहुंचे थे। घटना की जानकारी पुलिस को दी।   गोताखोरों की मदद से उनका शव बरामद कर लिया गया। देर रात सिंगरौली कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला व एएसपी शिव कुमार मौके पर पहुंचे। रातभर एसडीआरएएफ ग्रामीण व पुलिस की टीम लापता 13 वर्षीय बच्ची की नदी के पानी में तलाश करती रही। पुलिस ने बताया कि रात में हाइड्रोन की मदद से बच्ची को ढूंढने की कोशिश की जाएगी। सुबह फिर से तलाशी अभियान शुरू किया गया, जिसके बाद बच्ची का शव भी बरामद कर लिया गया है।  

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उज्जैन । उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर मंदिर में सोमवार तड़के भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल को वैष्णव तिलक अर्पित कर आभूषण, रुद्राक्ष माला, रजत मुकुट पहनाया गया तथा भांग व ड्रायफ्रूट से दिव्य श्रृंगार किया गया। भगवान के इस दिव्य स्वरूप के हजारों श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। वहीं, उज्जैन में आज शाम भगवान महाकाल की कार्तिक-अगहन माह की अंतिम राजसी सवारी धूमधाम से निकाली जाएगी। अवंतिकानाथ चांदी की पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण कर अपनी प्रजा का हाल जान जानेंगे। इस दौरान भगवान दो स्वरूपों में भक्तों को दर्शन देंगे।   महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि परम्परा के अनुसार मार्गशीर्ष माह, कृष्ण पक्ष दशमी तिथि पर सोमवार तड़के 4:00 बजे मंदिर के पट खोले गए। इसके बाद पण्डे-पुजारियों ने भगवान महाकाल का जलाभिषेक कर दूध, दही, घी, शक्कर और फलों के रस से पंचामृत पूजन किया। तत्पश्चात हरि ओम का जल अर्पित किया गया। कपूर आरती के बाद भगवान महाकाल को वैष्णव तिलक, आभूषण, रुद्राक्ष माला और रजत मुकुट अर्पित किया गया। इसके बाद भांग, चन्दन और ड्रायफ्रूट से श्रृंगार कर भस्म चढ़ाई गई।   भगवान महाकाल ने शेषनाग का रजत मुकुट, रजत की मुण्डमाल और रुद्राक्ष की माला के साथ-साथ सुगन्धित पुष्प से बनी फूलों की माला धारण की। फल और मिष्ठान का भोग लगाया गया। भस्म आरती में बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया। महा निर्वाणी अखाड़े की और से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गई। श्रद्धालुओं ने नंदी हॉल और गणेश मंडपम से बाबा महाकाल की दिव्य भस्मारती के दर्शन किए और भस्मारती की व्यवस्था से लाभान्वित हुए। इस दौरान श्रद्धालुओं ने "जय श्री महाकाल" का उद्घोष भी किया।   महाकालेश्वर मंदिर समिति के प्रशासक गणेश धाकड़ ने बताया कि उज्जैन में आज शाम चार बजे महाकालेश्वर भगवान की कार्तिक-अगहन माह की अंतिम राजसी सवारी निकलेगी। सवारी निकलने के पहले सायं 3.30 बजे सभा मंडप में भगवान चंद्रमौलेश्वर का पूजन कर पालकी में विराजित किया जाएगा। सवारी पूरे लाव लश्कर के साथ नगर भ्रमण के लिए रवाना होगी। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवान पालकी में विराजित भगवान के चंद्रमौलेश्वर स्वरूप को सलामी देंगे। इसके बाद कारवां शिप्रा तट की ओर रवाना होगा।   उन्होंने बताया कि सवारी मे पुलिस बैण्‍ड, घुड़सवार दल, सशस्‍त्र पुलिस बल के जवान आदि शामिल रहेंगे। सवारी महाकालेश्वर मंदिर से गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार कहारवाडी होते हुए रामघाट क्षिप्रातट पहुंचेगी, जहां मॉं क्षिप्रा के जल से पूजन-अर्चन पश्‍चात भगवान महाकाल की सवारी रामघाट से गणगौर दरवाजा, मोड की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्‍यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार होते हुए पुन: महाकाल मंदिर पहुंचेगी।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में इस समय कड़ाके की ठंड पड़ रही है। पहाड़ी इलाकों में हो रही बर्फबारी और उत्तर भारत से आ रही ठंडी हवाओं के कारण तापमान में लगातार गिरावट जारी है। वहीं हिल स्टेशन पचमढ़ी सबसे ठंडा है, जहां रात का न्यूनतम तापमान 5.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। राजधानी भोपाल में भी यह 9.8 डिग्री तक पहुंच गया। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक मौसम के इसी तरह बने रहने की संभावना जताई है।   मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, भोपाल, जबलपुर समेत मध्य प्रदेश के 9 शहरों में रात का तापमान 10 डिग्री से नीचे है। पचमढ़ी में पारा रिकॉर्ड 5.8 डिग्री तक आ चुका है, जबकि राजधानी में नवंबर की ठंड ने 25 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। मौसम वैज्ञानिकों की माने तो पहाड़ों पर बर्फ पिघलने के बाद वहां से आई बर्फीली हवा से ठंड बढ़ी है। अगले कुछ दिन तक ठंड का ऐसा ही दौर बना रहेगा। 27 नवंबर से पारे में बढ़ोतरी होगी, लेकिन दिसंबर में कड़ाके की ठंड का दौर फिर से शुरू हो जाएगा। वहीं, भोपाल में दिन में भी धुंध का असर है। इस वजह से 2-3 किलोमीटर दूर देखना मुश्किल हो जाता है। सुबह के समय धुंध का असर तेज रहता है। दूसरी ओर, प्रदेश के उत्तरी हिस्से यानी, ग्वालियर-चंबल में कोहरे का असर भी है। इस बार जिस तरह से मानसून बरसा, उसी हिसाब से ठंड का असर भी है।   मध्‍य प्रदेश में नवंबर में ही कई शहरों में तापमान 10 डिग्री के नीचे पहुंच गया है। शनिवार-रविवार की बात करें तो पचमढ़ी में 5.8 डिग्री, शहडोल के कल्याणपुर में 7.4 डिग्री, मंडला में 7.5 डिग्री, उमरिया में 9 डिग्री, मलाजखंड में 9.1 डिग्री, राजगढ़ में 9.4 डिग्री और नौगांव में पारा 9.6 डिग्री है। बड़े शहरों में भोपाल और जबलपुर में पारा 10 डिग्री से कम है। भोपाल में यह 9.8 डिग्री और जबलपुर में 9.9 डिग्री दर्ज किया गया। इंदौर में 13.6 डिग्री, ग्वालियर में 11.2 डिग्री और उज्जैन में 12.5 डिग्री सेल्सियस रहा। अन्य शहरों की बात करें तो रीवा, छिंदवाड़ा, खंडवा, टीकमगढ़, गुना, सतना, खरगोन और रायसेन में रात का तापमान 12 डिग्री से नीचे है।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । राजधानी भोपाल समेत प्रदेशभर में उत्तरी हवाओं की वजह से सर्दी का असर तेज हो गया है। पिछले एक सप्ताह से राजधानी भोपाल में धुंध छा रही है। सुबह के समय धुंध का असर तेज रहता है। दूसरी ओर, प्रदेश के उत्तरी हिस्से यानी, ग्वालियर-चंबल में भी कोहरा छा रहा है। भोपाल में रात का तापमान 8.8 डिग्री पर पहुंच गया। जो नवंबर में 36 साल बाद सबसे कम है। इससे पहले 1988 में नवंबर में रात का सबसे कम तापमान 7.5 डिग्री दर्ज किया गया था।   मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेद प्रकाश सिंह ने बताया कि उत्तर से बर्फीली हवा का सबसे ज्यादा असर भोपाल संभाग और उसके आसपास हो रहा है। वहीं, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन में भी तापमान सामान्य से 5 डिग्री तक नीचे लुढ़क गया है। मौसम विभाग के अनुसार अगले 3 दिन प्रदेश में कड़ाके की ठंड रहेगी। उनका कहना है कि पहाड़ों पर बर्फ पिघलने के बाद वहां से आई बर्फीली हवा से ठंड बढ़ी है। अगले दो-तीन दिन और ऐसी कड़ाके ठंड से राहत के आसार नहीं है।   इंदौर में शनिवार को दिन का तापमान 27.5 (-2) डिग्री सेल्सियस रहा। रात के तापमान में 2 डिग्री का इजाफा हुआ और तापमान 13.6 (0) डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। रविवार सुबह मौसम ठंडा रहा। धूप खिलने के साथ मौसम साफ है। उज्जैन में रविवार सुबह धूप निकलने के बाद भी हल्की ठंड होने से लोग गर्म कपड़ों में नजर आए। वेधशाला में शनिवार-रविवार की रात का तापमान 12.5 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं, पचमढ़ी में रात में टेम्प्रेचर 6.6 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। यह प्रदेश में सबसे कम रहा। शुक्रवार-शनिवार की रात में मंडला में 7.4 डिग्री, शहडोल के कल्याणपुर में 7.6 डिग्री, अनूपपुर के अमरकंटक में 7.7 डिग्री, शाजापुर के गिरवर में 8.2 डिग्री, उमरिया में 8.9 डिग्री, राजगढ़ में 9.2 डिग्री, नौगांव में 9.5 डिग्री दर्ज किया गया।   इसी तरह रायसेन जिले में 10 डिग्री, छिंदवाड़ा में 10.6 डिग्री, गुना-खरगोन में 11 डिग्री, रीवा-टीकमगढ़ में 11.2 डिग्री, खंडवा-रीवा में 11.4 डिग्री, सतना में 11.5 डिग्री, बैतूल में 11.7 डिग्री रहा। सिवनी-सीधी में 12.2 डिग्री, दमोह-खजुराहो में 12.4 डिग्री, रतलाम में 12.5 डिग्री और नरसिंहपुर में 12.6 डिग्री दर्ज किया गया। शनिवार को दिन में भी ठंड का असर देखने को मिला। कई शहरों में पारा 28 डिग्री से कम रहा। मौसम विभाग के अनुसार, वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक साइक्लोनिक सकुर्लेशन के रूप में उत्तरी हिस्से में एक्टिव है। पूर्वी हिस्से में एक साइक्लोनिक सकुर्लेशन एक्टिव है। वहीं, उत्तरी हवाएं भी प्रदेश में आ रही है। इस कारण तेज ठंड है।  

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भाेपाल । मध्य प्रदेश डीजीपी के पद पर नए आईपीएस अफसर की नियुक्ति हुई है। 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी कैलाश मकवाना मध्य प्रदेश के नए डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) होंगे। सीएम डॉ. मोहन यादव के विदेश यात्रा पर जाने के बाद शनिवार देर रात गृह विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए है। मौजूदा डीजीपी सुधीर सक्सेना 30 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं, जिसके बाद कैलाश मकवाना 1 दिसंबर को प्रदेश के नए डीजीपी की कमान संभालेंगे। वे मप्र के 32वें डीजीपी होंगे।   आपको बता दें कि वर्तमान डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना 30 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। मध्य प्रदेश सरकार ने 9 वरिष्ठ अधिकारियों के नामों का पैनल यूपीएससी को भेजा था। 21 नवंबर को देर शाम यूपीएससी दिल्ली में बैठक हुई, जिसमें 9 में से 3 नाम फाइनल किए गए। नए डीजीपी के लिए यूपीएससी ने तीन नामों का पैनल भेजा था, जिसमें अरविंद कुमार, अजय शर्मा और कैलाश मकवाना शामिल थे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विदेश यात्रा पर निकलने से पहले ही नए डीजीपी के नाम को मंजूरी दे दी। 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी कैलाश मकवाना वरिष्ठता क्रम में पांचवें क्रम पर हैं। उनकी नियुक्ति 30 अगस्त 1988 को हुई थी। मकवाना ने बीई और आईआईटी से एमटेक किया है। अभी मप्र पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन में चेयरमैन हैं। इसके पहले लोकायुक्त में स्पेशल डीजी रहे। यहां से छह माह में उन्हें हटाकर कॉर्पोरेशन भेज दिया गया था। रिटायरमेंट 31 दिसंबर 2025 में है।   मकवाना को प्रदेश के तेज-तर्रार आईपीएस अफसरों में गिना जाता है। 2022 में उन्हें विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त में महानिदेशक बनाया गया था। उस दौरान उन्होंने एक आईएएस और एक आईएफएस अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज कराया था। इसके बाद महाकाल लोक कॉरिडोर की जांच शुरू होने पर उन्हें वहां से हटाकर एमपी पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन में चेयरमैन बना दिया गया था। कैलाश मकवाना पूर्व में मुरैना, जबलपुर, मंदसौर, बैतूल आदि जिलों में सेवाएं दे चुके हैं। मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़ अलग होने से पहले कैलाश मकवाना मंदसौर, बस्तर, बैतूल और दंतेवाड़ा जैसे जिलों के एसपी भी रह चुके हैं। उनकी नियुक्ति डीआईजी इंटेलिजेंस के पद पर भी हुई थी। वे सीआईडी इंटेलीजेंस में एडीजी के पद पर भी रह चुके है। शिवराज सरकार में भी कैलाश मकवाना कई महत्वपूर्ण पदों पर सेवाएं दे चुके हैं।  

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उज्जैन । भारतीय क्रिकेटर मयंक अग्रवाल और यश राजपूत रविवार को सुबह उज्जैन पहुंचे और यहां विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन कर पूजन-अर्चन किया। दोनों सुबह भस्म आरती के दौरान महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे थे। उन्होंने नंदी हॉल में बैठकर इस दिव्य भस्म आरती के दर्शन किए और उसके बाद चांदी द्वार से बाबा महाकाल का पूजन-अभिषेक किया।   महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित अर्पित गुरु ने बताया कि भारतीय क्रिकेटर मयंक अग्रवाल और यश राजपूत रविवार सुबह बाबा महाकाल के दर्शन करने पहुंचे। उन्होंने बाबा महाकाल के सामने हाथ जोड़कर प्रार्थना की, मस्तक पर तिलक लगाया और चांदी द्वार से भगवान का जलाभिषेक किया। भस्म आरती के दौरान मयंक अग्रवाल भगवान महाकाल के श्रृंगार को अपने मोबाइल से शूट करते भी देखे गए। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी उपस्थित थे।   मयंक अग्रवाल एक भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी हैं। वह बेंगलुरु में जैन विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र हैं। मयंक एक सलामी बल्लेबाज हैं, जो कर्नाटक के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलते हैं। उन्होंने भारतीय क्रिकेट के घरेलू सत्र 2017-18 में सचिन तेंदुलकर के बाद सबसे ज्यादा 2,253 रन बनाकर नया कीर्तिमान स्थापित किया था।    

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भोपाल । राजधानी भोपाल सहित प्रदेशभर में कड़ाके की सर्दी का दौर शुरू हो गया है। नवंबर में ही ठंड रिकॉर्ड तोड़ रही है। राजधानी भोपाल में नवंबर महीने की ठंड का पिछले 10 साल का रिकॉर्ड टूट गया है। यहां पारा 10 डिग्री के नीचे पहुंच चुका है। इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन में रातें तो ठंडी है ही, दिन में भी पारा 26 डिग्री के आसपास पहुंच गया है। हिल स्टेशन पचमढ़ी, अमरकंटक, कल्याणपुर, शाजापुर-राजगढ़ जैसे छोटे शहर सबसे ठंडे हैं। आज शनिवार सुबह प्रदेश के उत्तरी हिस्से यानी, ग्वालियर-चंबल संभाग में मध्यम कोहरा देखने को मिला। वहीं, भोपाल में धुंध है। बाकी शहरों में भी धुंध का असर है। यहां दिन भी ठंडे है।   मौसम विभाग के अनुसार, उत्तरी-पश्चिमी हिस्से में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) और पूर्वी हिस्से में एक साइक्लोनिक सकुर्लेशन एक्टिव है। वहीं, उत्तरी हवाएं भी प्रदेश में आ रही है। इस कारण तेज ठंड है। भोपाल, जबलपुर के अलावा शहडोल के कल्याणपुर, पचमढ़ी, शाजापुर, अमरकंटक, मंडला, शिवपुरी के पिपरसमा, उमरिया और राजगढ़ में रात का तापमान 10 डिग्री से कम है, जबकि बाकी शहरों में तापमान 15 डिग्री से नीचे है। हालांकि, मौसम विभाग ने पारे में बढ़ोतरी होने की बात कही है। 25 नवंबर से तेज ठंड का दौर फिर से आएगा।   इधर, शनिवार सुबह ग्वालियर, मुरैना, भिंड और दतिया में मध्यम कोहरे का असर देखने को मिला। इंदौर में इस सीजन में पहली बार बीती रात का तापमान 11.6 (-2) डिग्री सेल्सियस रहा। उज्जैन में बीती रात का न्यूनतम तापमान 11.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं ग्वालियर में रात का न्यूनतम तापमान 11.3 डिग्री सेल्सियस पर आ गया है। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे में तापमान में 2 डिग्री और गिरावट की आशंका जताई है।   बड़े शहराें की बात करें ताे भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और उज्जैन में तापमान सामान्य (15 डिग्री) से 5.6 डिग्री तक नीचे पहुंच गया है। भोपाल में सबसे ज्यादा गिरावट हुई है, जबकि जबलपुर दूसरे नंबर पर है। इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में तापमान 12 डिग्री के आसपास है। वहीं, गुरुवार-शुक्रवार की रात कल्याणपुर में पारा 7.1 डिग्री रहा, जबकि पचमढ़ी में 7.2 डिग्री दर्ज किया गया। मंडला में 8.1 डिग्री, शिवपुरी के पिपरसमा, उमरिया और राजगढ़ में 9 डिग्री, बालाघाट के मलाजखंड में 9.7 डिग्री दर्ज किया गया।  

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जबलपुर । स्लीमनाबाद थाना क्षेत्र के सलैया रेलवे फाटक क्रमांक 1042 सलैया फाटक में रेलवे ट्रैक पर ट्रक फंस गया, जिसे भारी मशक्‍कत के बाद बाहर निकाला गया है।   इस मामले में रेलवे जबलपुर की ओर से जानकारी दी गई कि जब सलैया रेलवे फाटक को ट्रक द्वारा पार किया जा रहा था, तभी अचानक से तेज आवाज आई और स्टेयरिंग बीच ट्रैक पर टूट गई। जिससे रेलवे यातायात सहित पानउमरिया कटनी सड़क मार्ग अवरुद्ध हो गया। मौके पर रेल्वे सहित सम्बंधित विभाग के लोग पहुंच गए और ट्रक को लाइन से बाहर करने के लिए प्रयास करने लगे, अंतत: दो घण्‍टे की मशक्‍क‍त के बाद इस लाइन पर आवागमन सुचारु हो सका ।

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कटनी । अभी उमरिया जिले बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में कोदो खाने से 10 हाथियों की मौत का मामला शांत हुआ नहीं कि एक बार कोदो की रोटी खाने से एक ही परिवार के कई लोगों की तबियत बिगड़ने से गांव के लोगों में दहशत का माहौल पैदा हो गया है।    मामला कटनी जिले के रीठी थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत बिलहरी पौड़ी गांव का है, जहां कोदू की रोटी खाने से एक ही परिवार के 13 लोग गंभीर रूप से बीमार हो गए हैं। सभी को जिला अस्पताल लाया गया है। जहां उनका उपचार जारी है। एक ही परिवार के तीन 13 लोगों के अचानक बीमार पड़ने से हड़कंप मच गया है।    दरअसल रीठी थाना अंतर्गत आने वाली पंचायत बिलहरी पौड़ी में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब गांव में चौधरी परिवार के 6 बच्चे और 7 परिवार के लोगों नें सुबह कोदू की रोटी का नास्ता किया जिससे कुछ देर बाद सभी की तबियत बिगड़ने लगी। खाने के बाद उनकी तबीयत अचानक बिगड़ने लगी। लिहाजा उल्टी, चक्कर और शरीर में कमजोरी लगना जैसे लक्षण सामने आने के बाद सभी को बेहोशी की हालत में जिला अस्पताल लाया गया है। जहां डॉक्टरों द्वारा उनका उपचार किया जा रहा है। जिसमे दो बच्चें अभी भी बेहोशी में है वही बाकी लोगों का चिकित्सकीय निगरानी मे उपचार जारी है।    बिलहरी पौड़ी गांव में रहने वाले सत्यम(13), मीनाक्षी(10), विमलेश(10), संध्या(09) , खुशी(07), काव्या(02) , राजकुमारी(52), मिथला बाई(31), आरती(29), अभिलाषा(20), विनोद(32), प्रमोद(26), ललित चौधरी(21) को गंभीर हालत में सुबह 12 बजे जिला अस्पताल मे भर्ती कराया गया है, जहां सभी का उपचार जारी है।    परिजन उमेश चौधरी ने जानकारी बताया कि शनिवार को सभी ने सुबह 09:30 बजे घर पर कोदू की रोटी का नशता करने के लिए खाई थी। इसके बाद से उन्हें उल्टी और चक्कर आने लगे थे। उन्हें बेहोशी की हालत में ऑटो से जिला अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरो द्वारा इलाज जारी है जिनमें से दो बच्चे आईसीयू में है और दो बच्चे अभी भी बेहोश है जिनका उपचार जारी है। परिजनों का साफ तौर पर कहना है कि कोदो की रोटी खाने से ही तीनों की तबीयत बिगड़ी है, हालांकि डॉक्टरों ने इस मामले में अभी कुछ साफ नहीं कहा है।     

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मध्य प्रदेश । बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने सनातन हिंदू एकता पदयात्रा दूसरे दिन शुक्रवार को सुबह साढ़े 8 बजे कदारी फार्मेसी कॉलेज से शुरू की गई। इस माैके पर उन्होंने यात्रा का विरोध करने वालों को जवाब देते हुए कहा कि ठठरी के बंधे इस देश में जलसा जायज है और पदयात्रा नाजायज बता रहे हो। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की सनातन हिंदू एकता पदयात्रा का आज दूसरा दिन है। दूसरे दिन शास्त्री की यात्रा की शुरुआत कदारी फार्मेसी कॉलेज से हुई और पदयात्रा दोपहर करीब ढाई बजे कदारी से गठेवरा पहुंची, जहां भोजन प्रसादी की। छतरपुर शहर में यहां छत्रसाल चौराहे पर पंडित शास्त्री ने एक सभा को संबोधित किया। इस सभा में हैदराबाद की गोशामहल विधानसभा सीट से भाजपा विधायक टी राजा भी शामिल हुए। शाम को पदयात्रा बस स्टैंड होते हुए छतरपुर के नौगांव रोड के पेप्टेक टाउन पहुंच गई। यात्रा यहां रात्रि भोजन के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रवचन की व्यवस्था की गई है। पेप्टेक टाउन में दिल्ली की गायिका शीतल पाण्डेय, बिन्नू रानी और हिमालय यादव प्रस्तुति देंगे। उल्लेखनीय है कि पंडित शास्त्री ने शुक्रवार का 17 किलोमीटर का सफर तय किया। नाै दिवसीय यात्रा बागेश्वर धाम से शुरू हुई और रामराजा मंदिर ओरछा तक करीब 160 किमी का सफर तय करेगी। इस यात्रा के कुल आठ पड़ाव होंगे। बताया गया कि सनातन हिंदू एकता में पैदल चलते पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पैर छिल गए हैं, जिनका उपचार चरण सेवक सेवादाराें ने किया है।   धीरेन्द्र शास्त्री की पदयात्रा के चलते शहर में बदली ट्रैफिक व्यवस्था पदयात्रा को लेकर शहर में ट्रैफिक व्यवस्था में बदलाव किया गया। नगर में पदयात्रा पहुंचने पर पेप्टेक टाउन पहुंचने तक बड़े वाहनों काे रोका गया और छोटे वाहनों को वैकल्पिक मार्गों से परिवर्तित किया गया। पदयात्रा के दौरान झांसी से खजुराहो की तरफ जाने वाले वाहन सौरा पहाड़िया के पास वाटरपार्क कट पॉइंट से अपनी लेन दी गई और फिर कदारी फार्मेसी के आगे कट पॉइंट से वापस अपनी लेन में आ जाएंगे। महोबा से आने वाले वाहन महोबा अंडरब्रिज बैरियर पर रोक दिए गए। नौगांव से आने वाले वाहन गौरगांव बैरियर से ग्राम कैड़ी से होते हुए हाइवे डायवर्ट किए जाएंगे। बस स्टैंड से पन्ना और नौगांव, झांसी तरफ जाने वाली बस महोबा रोड बाइपास होकर फोरलेन हाइवे से जाएंगे और सागर की ओर जाने वाले और सागर से छतरपुर आने वाली बस रॉयल होटल के पास विराज गार्डन से संचालित होंगी। यातायात पुलिस ने सभी वाहन चालकों से निर्धारित लेन में चलने और तेज गति में वाहन न चलाने की अपील की गई है।  

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इंदौर । इंस्टिट्यूट ऑफ़ होटल मैनेजमेंट (SIHM) इन्दौर ने अपने वार्षिक केक मिक्सिंग समारोह का आयोजन किया। यह कार्यक्रम फसल के मौसम की शुरुआत और क्रिसमस की उत्सव भावना को चिह्नित करने वाली एक लोकप्रिय परंपरा है। यह कार्यक्रम शुक्रवार को संस्थान परिसर में हुआ। परिसर को क्रिसमस थीम में खूबसूरती से सजाया गया था।   केक मिक्सिंग समारोह में सूखे मेवे, नट्स और मसालों आदि के साथ मिलाकर केक के स्वाद और सुगंध को समृद्ध किया गया। यह समय-समय पर होने वाली परंपरा न केवल प्रतिभागियों को उत्सव के मौसम के लिए तैयार करती है, बल्कि होटल प्रबंधन के छात्रों को अपनी पाक कला और रचनात्मकता दिखाने का अनमोल अवसर भी प्रदान करती है।   SIHM इन्दौर के प्रिंसिपल प्रोफेसर डॉ. वी. के. सिंह ने बताया कि यह कार्यक्रम एकता और उत्सव की भावना को दर्शाता है। यह हमारे छात्रों को आतिथ्य उद्योग में महत्वपूर्ण अनुभव प्राप्त करने का अवसर देता है। इस समारोह में बेकारी विभाग की फैकल्टी अवनि पाटिल एवं अन्य फैकल्टी मेम्बर्स, स्टाफ के साथ छात्रों ने सक्रिय भागीदारी की। जिससे साथियों के बीच सामंजस्य बढ़ा और केक बनाने की समृद्ध परंपराओं को अपनाया गया।   यह पहल SIHM की होटल प्रबंधन में व्यापक प्रशिक्षण प्रदान करने की प्रतिबद्धता का हिस्सा है, जो छात्रों को आतिथ्य क्षेत्र में सफल करियर के लिए तैयार करती है। SIHM इन्दौर के स्नातकों को एक मजबूत पाठ्यक्रम का लाभ मिलता है जो न केवल उन्हें आवश्यक कौशल से लैस करता है, बल्कि होटलों, रिसॉर्ट्स और आतिथ्य के विभिन्न क्षेत्रों में कई करियर अवसरों के द्वार भी खोलता है। व्यावहारिक अनुभव और उद्योग संबंधों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, SIHM सुनिश्चित करता है कि उसके स्रातक इस गतिशील क्षेत्र की मांगों को पूरा करने के लिए पूरी तरह से तैयार हों।

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में लगातार दूसरे दिन कड़ाके की ठंड पड़ी। राजधानी भोपाल में गुरुवार रात का तापमान 10.2 डिग्री दर्ज किया गया। एक दिन पहले रात का पारा 11 डिग्री पर था। भोपाल में 10 साल में नवंबर में दूसरी बार ऐसी कड़ाके की ठंड पड़ी। प्रदेश के 8 शहरों में पारा 7.8 डिग्री से 10.8 डिग्री के बीच रहा। आज शुक्रवार सुबह से मौसम में ठंडक है। धूप निकलने से थोड़ी राहत जरूर है। सुबह के समय कोलार, बैरसिया रोड, अयोध्या बायपास समेत कई इलाकों में हल्का कोहरा भी देखने को मिला, जबकि बड़ा तालाब समेत कई इलाकों में अभी भी धुंध छाई हुई है।   मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि जमीन से 12.6 किमी की ऊंचाई पर जेट स्ट्रीम की रफ्तार 200 किमी/घंटा तक पहुंच गई है। इसके साथ ही पहाड़ों से आ रही बर्फीली हवाओं ने मप्र में ठंड बढ़ा दी है। भोपाल के अलावा प्रदेश के अन्य शहरों में भी ठंड बढ़ी है। पचमढ़ी सबसे ठंडा रहा, जहां पारा 7.8 डिग्री दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार, नवंबर में भोपाल में ऐसा ही मौसम रहता है। 15 नवंबर के बाद ठंड का असर बढ़ता है, जो आखिरी तक बना रहता है। इस बार ठंड का असर तेज हो गया है।   बुधवार-गुरुवार की रात प्रदेश के सभी शहरों में तापमान 15 डिग्री के नीचे आ गया। प्रदेश के सात शहरों के तापमान 10 डिग्री से नीचे आ गया है। राजगढ़ में 10 डिग्री, रीवा में 10.4 डिग्री, सतना में 10.6 डिग्री, बालाघाट में 10.8 डिग्री, रायसेन में 11 डिग्री, गुना में 11.2 डिग्री, खजुराहो में 12 डिग्री, टीकमगढ़ में 12.1 डिग्री, खंडवा में 12.4 डिग्री, दमोह में 12.6 डिग्री, बैतूल में 12.7 डिग्री और खरगोन में 12.8 डिग्री, उमरिया जिले में 9.8 डिग्री, नौगांव 10 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, सर्दी का यह दौर अभी दो-तीन दिन और बरकरार रह सकता है। रात के तापमान में गिरावट का सिलसिला जारी रह सकता है। दिसंबर से ला नीना अपने फुल फॉर्म में आ जाएगा, जिससे मध्य प्रदेश में हाड़ कंपा देने वाली ठंड पड़ेगी। ऐसे में दिसंबर में सर्दी के कई रिकॉर्ड भी टूट सकते हैं।

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खंडवा । खंडवा के जूनी इंदौर लाइन क्षेत्र में अंजनी टाकीज के पास गुरुवार देर रात बारदाना के गोदाम में भीषण आग लग गई। आगजनी की इस घटना में गाेदाम में माेजूद लाखाें रूपये कीमत के जूट के बारदाने जलकर खाक हो गए। सूचना के बाद माैके पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू किया गया। इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई। आग लगने की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है।   जानकारी अनुसार गोदाम मयंक पालीवाल का है। बुधवार देर रात करीब ढाई बजे अचानक गाेदाम में आग भड़क गई। देखते ही देखते आग ने भीषण रूप ले लिया। जिससे लोगों के बीच अफरातफरी का माहौल बन गया। स्थानी निवासियों ने तुरंत घटन की सूचना दमकल को दी। स्थानीय निवासियों ने पहले गोदाम की दीवाल को तोड़कर आग पर काबू पाने की कोशिश की। इसी दौरान सूचना पर दमकल की टीम भी मौके पर पहुंच गई। इधर आग बेकाबू होती और आसपास के एरिया को अपनी चपेट में लेती, इससे पहले मौजूद लोगों और दमकल कर्मियों ने आग पर काबू पा लिया। आग को काबू करने में नगर निगम की तीन फायर ब्रिगेड के अलावा मूंदी की दमकल भी बुलानी पड़ी। इसके अलावा पानी के टैंकर और निगम के बुलडोजर की मदद भी मौके भी ली गई। आग लगने के कारण और नुकसान का आंकलन किया जा रहा है। बारदान के बंडलों की आग पूरी तरह नहीं बुझ पाने से गुरुवारसुबह तक भी धुआं निकलता रहा।          

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश के लगभग सभी शहरों में सर्दी ने दस्‍तक दे दी है। सुबह और रात को ठंड का असर बढ़ गया है। बुधवार-गुरुवार की रात प्रदेश के सभी शहरों में तापमान 15 डिग्री के नीचे आ गया। राजधानी भोपाल में तापमान 10.2 डिग्री दर्ज किया गया, जो पिछले 10 साल में नवंबर का तीसरा सबसे कम तापमान रहा। यानी, यह रात तीसरी सबसे सर्द रात रही। इससे पहले 2017 में 9.6 डिग्री और 2022 में 10.2 डिग्री पारा पहुंचा था। इंदौर में 13.9 डिग्री और उज्जैन में 11.5 डिग्री रहा। दोनों ही शहरों में पिछले साल से कम तापमान दर्ज किया गया।   मौसम विभाग के अनुसार, इस समय जम्मू-कश्मीर, लद्दाख में बर्फबारी हो रही है। वहीं, पश्चिम-उत्तर भारत में जेट स्ट्रीम हवाएं भी चल रही हैं। वेस्टर्न डिस्टरबेंस का भी असर है। ऐसे में उत्तरी हवाएं मध्यप्रदेश में आ रही है, जिससे पारा लुढ़क गया हैं। आने वाले दिनों में पारे में और भी गिरावट हो सकती है। अभी रात के साथ दिन भी ठंडे है। मौसम विभाग ने बताया कि भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर-उज्जैन समेत 28 शहरों में पारा सामान्य से नीचे है। ऐसा ही मौसम अगले कुछ दिन और बना रहेगा। गुरुवार सुबह ग्वालियर, चंबल और रीवा संभाग के कई जिलों में कोहरा रहा। भोपाल में भी सुबह के समय कोहरा छाया रहा। राजधानी में पिछले 5 दिन से ऐसा ही मौसम है।   वहीं, पचमढ़ी में मंगलवार-बुधवार की रात पारा 7.8 डिग्री और बुधवार को दिन में तापमान 22.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इस तरह पचमढ़ी के दिन और रात दोनों ही प्रदेश में सबसे ठंडे है। इसी तरह मंडला में 9.1 डिग्री, उमरिया में 9.8 डिग्री, नौगांव-राजगढ़ में 10 डिग्री, रीवा में 10.4 डिग्री, सतना में 10.6 डिग्री, बालाघाट में 10.8 डिग्री, रायसेन में 11 डिग्री, गुना में 11.2 डिग्री, खजुराहो में 12 डिग्री, टीकमगढ़ में 12.1 डिग्री, खंडवा में 12.4 डिग्री, दमोह में 12.6 डिग्री, बैतूल में 12.7 डिग्री और खरगोन में 12.8 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। बालाघाट में 24 डिग्री, रायसेन में 25 डिग्री, बैतूल में 26.5 डिग्री, सिवनी में 26.6 डिग्री दर्ज किया गया। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 27.1 डिग्री, ग्वालियर में 26.4 डिग्री, इंदौर में 27.8 डिग्री, उज्जैन में 27.7 डिग्री और जबलपुर में दिन का तापमान 27.6 डिग्री दर्ज किया गया। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 11 डिग्री, इंदौर में 14.6 डिग्री, ग्वालियर में 11.3 डिग्री, उज्जैन में 12.6 डिग्री और जबलपुर में 12.4 डिग्री दर्ज किया गया।

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उमरिया । उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के जंगल में एक नर जंगली हाथी छोड़ा गया। इस जंगली हाथी को शहडोल जिले के उत्तर वनमण्डल क्षेत्र के जयसिंहनगर रेंज के बीट वनचाचर के कक्ष क्रमांक आर एफ 382 से लाया गया था। जिसको इतने माह रख कर आज जंगल मे छोड़ा गया।   इस मामले की जानकारी देते हुए बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के नवागत फील्ड डायरेक्टर डॉक्टर अनुपम सहाय ने बताया कि इस जंगली हाथी को शहडोल जिले के उत्तर वन मंडल के जयसिंहनगर रेंज के वनचाचर बीट से 2 मार्च 2024 को बांधवगढ़ की टीम द्वारा रेस्क्यू कर लाया गया था और इसको यहां रख कर इलाज किया गया उसको पूर्ण रूप से तंदुरुस्त होने के बाद आज जंगल मे छोड़ा गया, इसमें सबसे खास बात यह रही कि बांधवगढ़ के इतिहास में पहली बार किसी जंगली हाथी को सेटेलाइट कॉलर लगाया गया और उसको ताला रेंज के दमना बीट के कक्ष क्रमांक आर एफ 332 में छोड़ा गया है, अब इसकी हर एक्टिविटी पर हमारी नजर रहेगी। उसके कालरिंग के समय मेरे साथ वन्य प्राणी चिकित्सक डॉक्टर नितिन गुप्ता, सहायक संचालक ताला, परिक्षेत्र अधिकारी ताला, डब्ल्यू डब्ल्यू एफ के सांकेत भाले, एवं डॉ. सुभांकर, डब्ल्यू सी टी के डॉ. प्रशांत देशमुख एवं परिक्षेत्र ताला का स्टाफ सम्मिलित हुआ तथा कालरिंग की कार्यवाही सफलतापूर्वक संम्पन्न किया गया। हाथी के वनक्षेत्र में विचरण के अध्ययन करने की दिशा में यह कालरिंग प्रक्रिया मील का पत्थर सिद्ध होगी।  

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ग्वालियर । ग्वालियर शहर में बुधवार दाेपहर स्कूली बच्चाें काे लेकर जा रही बस में अचानक आग लग गई। आग लगते ही बच्चे घबरा गए। आग देखते ही ड्रायवर ने गाड़ी राेक दी। स्टाफ और पुलिस पॉइंट पर तैनात जवानों ने बच्चों को बाहर निकाला। बस में आठ से दस बच्चे थे। पुलिस की सूचना पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने आग बुझाई।     जानकारी अनुसार माधवनगर गेट के पास जीडी गोइंका पब्लिक स्कूल की ट्रैवलर बस बुधवार काे दाेपहर काे स्कूल की छुट्टी के बाद बच्चाें काे लेकर निकली थी। इस दाैरान अचान बोनट से धुआं उठने लगा। ड्रायवर ने देखते ही तुरंत बस काे राेक दिया। बस में आठ से दस बच्चे थे। हादसे के बाद बच्चे बुरी तरह डर गए। स्टाफ और पुलिस पॉइंट पर तैनात जवानों ने बच्चों को बाहर निकाला। पुलिस की सूचना पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने आग बुझाई। बस में आग लगने की सूचना पर कुछ बच्चों के परिजन मौके पर पहुंच गए थे। जिनके परिजन से संपर्क नहीं हुआ, उनको पुलिस वाहन से घर तक छुड़वाया गया। आग लगने की वजह पता की जा रही है। यातायात थाना झांसी रोड के प्रभारी सुधारक सिंह तोमर ने बताया कि आग बढ़ती, उससे पहले ही काबू पा लिया गया। सभी बच्चे सुरक्षित हैं।  

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उज्जैन/नागदा । नृसिंहघाट के पास स्थित रघुकुल गार्डन में मंगलवार रात विवाह-समारोह चल रहा था। दूल्हा-दुल्हन स्टेज पर बैठे थे और बाराती डीजे की धुन पर नाच रहे थे। परिवार और रिश्तेदार भोजन कर रहे थे। तभी किसी ने महाकाल थाना पुलिस को फोन कर दिया। पुलिस अपने साथ महिला एवं बाल विकास की टीम के साथ पहुंची। दूल्हा-दुल्हन के परिजनों को समझाइश दी और शादी रुकवा दी।     महिला एवं बाल विकास के जिला कार्यक्रम अधिकारी साबिर एहमद सिद्दीकी ने बताया कि मंगलवार रात महाकाल थाने से सूचना मिली थी कि रघुकुल गार्डन में शादी समारोह चल रहा है। दुल्हन नाबालिग है। परिजनों द्वारा बाल विवाह कराया जा रहा है।    सूचना मिलने पर विभाग की टीम को महाकाल थाना पुलिस के साथ रघुकुल गार्डन रवाना किया। टीम में शामिल संतोष पंवार ने बताया कि स्टेज पर बैठे दूल्हा-दुल्हन के परिजनों से उम्र संबंधी दस्तावेज मांगे। इस पर दुल्हन के माता पिता इस बात से सहमत हो गए कि बेटी की उम्र 18 वर्ष होने में 3-4 माह काम हैं। उन्हें बाल विवाह नहीं करने की समझाइश दी गई। लडक़ी पक्ष जयसिंहपुरा का रहने वाला था। बारात नागदा से आई थी। बारात में शामिल लोग बैंड बाजों के साथ नाचते गाते गार्डन तक पहुंचे थे। वरमाला कार्यक्रम के बाद दूल्हा-दुल्हन को स्टेज पर बैठाया गया था। यहां भी डीजे साउंड पर डांस चल रहा था। दूसरी तरफ लोग भोजन कर रहे थे। जब पुलिस और महिला बाल विकास विभाग की टीम गार्डन पहुंची तो कुछ लोगों ने शादी रोकने से इंकार किया, हालांकि पुलिस की समझाइश के बाद वे लोग मान गए। रिसेप्शन के बाद दूल्हा बारात के साथ लौट गया।    सिद्दीकी ने बताया कि गार्डन में शादी की प्रोसेस चल रही थी। दूल्हा-दुल्हन स्टेज पर बैठे थे। इसके बाद रात में फेरे होने वाले थे। यदि फेरे हो जाते तो बाल विवाह का केस थाने में दर्ज कराना पड़ता। दोनों पक्षों को समझाइश दी तो वे मान गए और शादी कार्यक्रम रद्द कर दिया।   

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । भोपाल में नगर निगम के हाउसिंग फोर ऑल प्रोजेक्ट में हो रही लेटलतीफी से परेशान हितग्राहियों ने सोमवार को आईएसबीटी निगम ऑफिस का घेराव कर दिया। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का पोस्टर लेकर हितग्राहियों ने आइएसबीटी निगम ऑफिस के बाहर जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारी ऑफिस के अंदर घुसने लगे तो पुलिस ने रोक दिया। गुस्साए लोग गेट के सामने ही धरने पर बैठे गए। विरोध बढ़ता देख निगम कमिश्नर हरेंद्र नारायण मौके पर पहुंचे तो लोगों ने उन्हें घेर लिया। कमिश्नर ने लोगों को समझाया और कहा कि जल्द ही सभी को मकान दिए जाएंगे।   सोमवार को निगम के हाउसिंग के 12 नंबर, बाग मुगालिया-गंगानगर के अधूरे प्रोजेक्ट के विरोध में सैकड़ों की संख्या में पहुंचे हितग्राहियों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान मकान के लिए कई महिलाएं अपने नन्हें बच्चे को साथ लेकर पहुंची। वहीं प्रदर्शन के दौरान जैसे ही निगम कमिश्नर मौके पर पहुंचे लोगों ने उनका घेराव कर दिया। दरअसल नगर निगम के गंगानगर, 12 नंबर, भानपुर समेत कई जगहों प्रोजेक्ट चल रहे हैं। पीएम आवास योजना के तहत मकान बन रहे हैं, लेकिन काम में लेटलतीफी आम लोगों पर भारी पड़ रही है। लोगों ने इस उम्मीद में फ्लैट्स या सिग्लेक्स मकान बुक कराए थे कि उन्हें जल्दी पजेशन मिल जाएगा, लेकिन कई जगहों पर प्रोजेक्ट को सालों बीत चुके हैं। बावजूद लोगों का अपने घर का सपना पूरा नहीं हो रहा है।   विरोध का रहे लोगों का कहना है कि सालों से अगल-अलग दफ्तरों में अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। लोगों ने कहा कि मल्टी बनाने के काम की चाल बहुत ही धीमी है। यदि यही रफ्तार रही तो घर मिलने में वर्षों लग जाएंगे। नगर निगम कार्यालय में जवाबदार मोबाइल पर कॉल रिसीव नहीं करते। यदि रिसीव कर भी लें तो सही जवाब नहीं देते। मकान के किराए के साथ बैंक की किश्त भी भरनी पड़ रही है। जिससे आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गई है। विरोध प्रदर्शन के दौरान निगम कमिश्नर हरेंद्र नारायण जैसे ही ऑफिस पहुंचे तो एक व्यक्ति उनके कदमों में गिरकर रोने लगा। उसने कमिश्नर से कहा कि सालों से भटक रहा हूं, मकान नहीं मिला। मुझे मकान दे दो। वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने व्यक्ति को संभाला। कमिश्नर ने लोगों को समझाया और कहा कि जल्द ही सभी को मकान दिए जाएंगे। मौके पर निरीक्षण को दौरान लोगों की समस्या सुनने का भी आश्वासन दिया है।

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उज्जैन । फिल्म अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी और अभिनेता सुधांशु पाण्डे (अनुपमा धारावाहिक का वनराज) साेमवार काे उज्जैन भगवान महाकाल की शरण में पहुंचे। दाेनाें ने नंदी हाल में बैठकर बाबा महाकाल का ध्यान लगाया और आशीर्शाद लिया।   सोमवार सुबह 11 बजे प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री शिल्पा सेट्टी परिजनों के साथ बाबा महाकाल के दर्शन करने श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंची। अभिनेत्री यहा बाबा महाकाल की भक्ति में लीन नजर आईं। उनके साथ पति राज कुंद्रा भी माैजूद रहे। शिल्पा शेट्टी ने नंदी हॉल में परिजनों के साथ बैठकर महाकाल के दर्शन किए, उन्होने गर्भगृह की देहरी से भगवान महाकाल का आशीर्वाद लिया. वह यहां बिलकुल साधारण गुलाबी वस्त्र में परिजनों के साथ नजर आई। यहां मंदिर के पुजारी ने बाबा को चढ़ा हुआ दुपट्टा शिल्पा शेट्टी को प्रसाद स्वरूप पहनाया। इस दौरान वें भगवान महाकाल की भक्ति में लीन दिखाई दिए। और बाबा महाकाल की आरती देखी। इसके बाद शिल्पा शेट्टी ने नन्दी के कानों में अपनी मनोकामना कही।     दर्शन करने के बाद मीडिया से चर्चा में शिल्पा शेट्टी ने कहा कि 'यहां आकर मन तृप्त हो गया है और यहां वहीं आ सकता है जिसे बाबा बुलाते हैं। 18 वर्ष बाद बाबा का बुलावा आया है। वे फिर से यहां आई है। यह ज्योतिर्लिंग है। यहां की शक्ति अद्भुत है। यहां पर आकर जो भी मनोकामना मांगी जाती है वह निश्चित पूरी होती है। यहां की शक्ति व ऊर्जा महसूस करने लायक है यहां एक बार सबको आना चाहिए।' वहीं, सुधांशु पांडे का चेहरा देखने लायक रहा। वह एकदम रुंआसे से दिखाई दिए। हाथ जोड़े वह बैठे हुए थे। हर किसी की नजर उन पर ही अटकी थी।  

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ग्वालियर । शहर में दिवाली के बाद शुरू हुई हल्की ठंड सुबह-शाम और रात तक ही सीमित थी। सोमवार को घने कोहरे के साथ दिन में भी ठंड की शुरुआत हो गई। ग्वालियर में सीजन का यह पहला कोहरा था। कोहरा घना होने के कारण सुबह दृश्यता 100 से 150 मीटर रही। इस दौरान सड़कों पर वाहन चालकों को हेडलाइन जलानी पड़ी। मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार को सुबह भी मध्यम से घना कोहरा पड़ सकता है।   सोमवार को सुबह लोगों की नींद खुली तो पूरा शहर कोहरे के आगोश में था। कोहरा घना होने के कारण सूरज के दर्शन भी देरी से हुए। दोपहर होते-होते कोहरा बादलों में बदल गया। जिससे पिछले दिनों की अपेक्षा आज धूप काफी कमजोर रही। कोहरे के साथ चलीं ठंडी हवाओं ने आज दिन में भी ठंड का एहसास कराया। इसके चलते लोगों को गर्म कपड़े पहना पड़े। मौसम विज्ञान केन्द्र भोपाल के अनुसार इस समय पश्चिमोत्तर भारत के वायु मंडल में जेट स्ट्रीम हवाएं बह रही हैं। इसके अलावा बांग्लादेश के दक्षिण भाग में चक्रवातीय परिसंचरण बना हुआ है। इन मौसम प्रणालियों की वजह से हवाओं के साथ नमी आ रही है। इसी कारण आज ग्वालियर सहित भिण्ड एवं मुरैना जिलों में घने कोहरे की स्थिति निर्मित हो गई। हवाओं में नमी की वजह से अगले दो दिन भी सुबह के समय मध्यम से घना कोहरा पड़ सकता है।   अधिकतम तापमान 5.7 डिग्री लुढ़का: घने कोहरे की वजह से सोमवार को अधिकतम तापमान में दबरदस्त गिरावट दर्ज की गई है जबकि न्यूनतम तापमान एक अंक बढ़ गया है। स्थानीय मौसम विज्ञान केन्द्र के अनुसार पिछले दिन की तुलना में आज अधिकतम तापमान 5.7 डिग्री सेल्सियस लुढ़क कर 26.3 डिग्री सेल्सियस पर ही थम गया जो सामान्य से 3.2 डिग्री सेल्सियस कम है जबकि न्यूनतम तापमान 1.1 डिग्री सेल्सियस वृद्धि के साथ 16.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से 3.4 डिग्री सेल्सियस अधिक है। आज सुबह हवा में नमी 90 प्रतिशत दर्ज की गई जो सामान्य से 13 प्रतिशत अधिक है जबकि शाम को हवा में नमी 67 प्रतिशत दर्ज की गई। यह भी सामान्य से 09 प्रतिशत अधिक है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि मंगलवार को न्यूनतम तापमान में एक से दो डिग्री सेल्सियस की गिरावट हो सकती है।  

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भोपाल । सिवनी जिले के पेंच टाइगर रिजर्व के फील्ड डारेक्टर देवा प्रसाद जे. ने रविवार को बताया कि अरी बफर रेंज के कैम्प क्रमांक 188 में गश्त के दौरान कर्मचारियों को एक बाघ शावक मृत मिला। बाघ शावक के शरीर के सभी अंग सुरक्षित हैं। मृत शावक की उम्र लगभग 4 माह है। उन्होंने बताया कि सबूतों का पता लगाने के लिये कर्मचारियों और डॉग स्क्वायड द्वारा इलाके की सघन तलाशी ली जा रही है।   फील्ड डारेक्टर ने बताया कि बाघ शावक का पोस्टमार्टम एनटीसीए प्रोटोकाल के अनुसार किया जायेगा। मृत शावक के अंग नमूने हिस्टोपैथोलॉजिकल और फोरेंसिक परीक्षण के लिये भेजे जा रहे है। पीएम की रिपोर्ट आने के बाद वस्तु स्थिति की सही जानकारी प्राप्त होगी। प्रकरण की गहन विवेचना की जा रही है।  

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उज्जैन । सोमवार को बाबा की सवारी नगर भ्रमण पर निकलेगी। कार्तिक अगहन मास की तीसरी और अगहन मार्ग की पहली सवारी होगी। प्रशाशक गणेश धाकड़ ने बताया कि सवारी निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर स्थित सभामंडप में भगवान श्री महाकालेश्वर के श्री चन्द्रमौलीश्वर स्वरूप का विधिवत पूजन-अर्चन किया जायेगा। पूजन उपरांत भगवान श्री चन्द्रमौलीश्वर रजत पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर प्रजा का हॉल जानने नगर भ्रमण पर निकलेंगे।                                                                                                                                                                                                                                                  सवारी परंपरानुसार एवं पूर्ण गरिमामय तरीके से निकाली जायेगी। सवारी श्री महाकालेश्वर मंदिर से महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाडी होते हुए रामघाट पहुंचेगी। वहॉ क्षिप्रा के जल से भगवान श्री चन्द्रमौलीश्वर का अभिषेक उपरांत सवारी रामघाट से गणगौर दरवाजा, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार, होते हुए पुन: श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी। सवारी में आगे तोपची, कडाबीन, पुलिस बैण्ड घुडसवार दल, सशस्त्र पुलिस बल के जवान नगर वासियों को बाबा के आगमन की सूचना देते चलेंगे।

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में तेजी से सर्दी का असर बढ़ रहा है। सुबह और रात सर्दी का असर सबसे ज्‍यादा है। राजधानी भोपाल और जबलपुर में तापमान सामान्य से 2.4 डिग्री सेल्सियस तक नीचे है। भोपाल की रातें पिछले साल से ज्यादा सर्द हैं। वहीं, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन में तापमान 2 डिग्री तक लुढ़क सकता है। उत्तरी हिस्से यानी ग्वालियर-चंबल संभाग में ठंड का असर ज्यादा बढ़ेगा। मौसम विभाग ने बताया कि उत्तर-पूर्वी हवाओं के कमजोर होने और पहाड़ों में जेटस्ट्रीम चलने की वजह से ऐसा मौसम बन रहा है।   मौसम विभाग ने बताया कि प्रदेश के कई हिस्सों में 20 नवंबर तक शीतलहर चलेगी। भोपाल, इंदौर-जबलपुर में भी कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना है। जबकि पचमढ़ी-अमरकंटक सबसे ठंडे रहेंगे। साथ ही कोहरा भी नजर आएगा। इसकी वजह उत्तर-पूर्वी हवाओं का असर कम होना है। वहीं, पहाड़ों में जेटस्ट्रीम का चलना है। ये हवाएं प्रदेश के उत्तरी हिस्से में भी आ रही हैं। इस वजह से शुक्रवार से मौसम में बदलाव देखने को मिला है, जो अगले कुछ दिन और बना रहेगा।   पिछले 3 दिन से भोपाल समेत कई जिलों में सुबह 8 बजे तक कोहरा देखने को मिल रहा है। वहीं, पचमढ़ी में दिन-रात दोनों ही सबसे ठंडे हैं। नवंबर महीने में यहां की रातें सबसे सर्द रही हैं। शुक्रवार-शनिवार की रात में यहां पारा 7.8 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। मौसम विभाग ने बताया कि पिछले साल 14 नवंबर को भोपाल में रात का तापमान 12.8 डिग्री सेल्सियस रहा था। यह रात नवंबर की सबसे सर्द रात थी जबकि इस बार शुक्रवार-शनिवार की रात में पारा 12.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यानी भोपाल में नवंबर का महीना पिछले साल से भी सर्द है।   भोपाल के अलावा जबलपुर में भी रात का पारा सामान्य से कम है। यहां तापमान 13.8 डिग्री पर पहुंच गया है, जो सामान्य से 1.2 डिग्री सेल्सियस कम है। इंदौर, ग्वालियर और उज्जैन में पारा 15 डिग्री या इससे अधिक है। इससे पहले शुक्रवार-शनिवार की रात में प्रदेश के 16 शहरों में टेम्प्रेचर 15 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहा। पचमढ़ी में 7.8 डिग्री तापमान दर्ज किया गया, जो प्रदेश में सबसे ठंडा रहा। मंडला में 10.5 डिग्री, शहडोल में 10.9 डिग्री, शाजापुर में 11.2 डिग्री, बालाघाट में 12.1 डिग्री, नौगांव में 12.3 डिग्री, टीकमगढ़ में 12.4 डिग्री टेम्प्रेचर दर्ज किया गया।   इसी तरह बैतूल में 12.5 डिग्री, छिंदवाड़ा में 12.6 डिग्री, राजगढ़ में 13.4 डिग्री, रीवा-रायसेन में 13.5 डिग्री, खंडवा में 14 डिग्री और खरगोन में पारा 14.6 डिग्री सेल्सियस रहा। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 12.6 डिग्री, इंदौर में 15.7 डिग्री, ग्वालियर में 15.3 डिग्री, उज्जैन में 15 डिग्री और जबलपुर में तापमान 13.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। शनिवार को दिन के तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई।  

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में ठंड का असर तेज होने लगा है। प्रदेश में अब कोहरा भी छा रहा है। भोपाल समेत कई शहरों में शुक्रवार सुबह कोहरा छाया रहा। शनिवार को भी सुबह ग्वालियर, भिंड और निवाड़ी में मध्यम कोहरे का असर देखने को मिला। मौसम विभाग ने मध्य प्रदेश के उत्तरी हिस्से यानी, ग्वालियर-चंबल में ठंड बढ़ने का अनुमान जताया है। यहां रात का तापमान 2 डिग्री तक लुढ़क सकता है। ऐसा मौसम 20 नवंबर तक बना रहेगा। भोपाल, इंदौर-जबलपुर में भी सर्दी बढ़ेगी, जबकि पचमढ़ी-अमरकंटक सबसे ठंडे रहेंगे।   मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि प्रदेश में पिछले 3 दिन से ठंड का असर ज्‍यादा बढ़ा है। इसकी वजह उत्तर-पूर्वी हवाओं का असर कम होना है। वहीं, पहाड़ों में जेट स्ट्रीम हवाओं का चलना है। ये हवाएं प्रदेश के उत्तरी हिस्से में भी आ रही है। इस वजह से शुक्रवार से मौसम में बदलाव देखने को मिला है, जो अगले कुछ दिन और बना रहेगा। उन्‍होंने बताया कि हवा का रुख जब उत्तर-पश्चिमी हो जाएगा और पहाड़ों पर बर्फबारी होगी, तब तापमान में और गिरावट होगी। उत्तर-पश्चिमी हवाओं के असर से ग्वालियर-चंबल संभाग सबसे ज्यादा ठंडा रहेगा। शनिवार से सुबह-शाम धुंध भी बढ़ेगी।   वहीं, प्रदेश के इकलौते हिल स्टेशन पचमढ़ी में दिन-रात दोनों ही सबसे ठंडे हैं। पिछली दो रातों से यहां 8.8 और 9.6 डिग्री तापमान रहा। वहीं, गुरुवार-शुक्रवार को पारा 10.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पचमढ़ी के अलावा अमरकंटक, शहडोल, मंडला, नौगांव, उमरिया, बालाघाट, छिंदवाड़ा, रीवा, रायसेन, राजगढ़, बैतूल, खंडवा, खरगोन, खजुराहो और टीकमगढ़ ऐसे शहर हैं, जहां रात का तापमान 15 डिग्री से नीचे हैं। पचमढ़ी, अमरकंटक-शहडोल सबसे ठंडे हैं। बड़े शहरों में भोपाल और जबलपुर सबसे ठंडे हैं। गुरुवार-शुक्रवार की रात में भोपाल में 12.8 डिग्री और जबलपुर में 13.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इंदौर में 15.6 डिग्री, ग्वालियर-उज्जैन में 15.5 डिग्री रहा।

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उज्‍जैन । विश्व प्रसिद्ध भगवान श्री महाकालेश्वर की नगरी में प्रतिदिन लाखों के संख्या में श्रद्धालुओं का आना लगा रहता है। वहीं भगवान श्री महाकालेश्वर के दर्शन और पूजन के साथ ही भक्त यहां पर अलग-अलग तरह की भेट भी भगवान महाकाल को अर्पित करते हैं।   शनिवार को बाबा के एक भक्त ने भगवान महाकाल को अमेरिकन डॉलर की माला भेंट की। करीब तीन फीट से अधिक लम्बी माला में एक (01) अमेरिकन डॉलर के नोट लगे हुए है । बीच में जय श्री महाकाल लिखा हुआ है। समय-समय पर मंदिर के अधिकारी, पुजारी, पुरोहितों, मंदिर प्रबंध समिति सदस्यों व कर्मचारियों के माध्यम से भी भक्तों को मंदिर में दान करने हेतु प्रेरित किया जाता है। इसी कड़ी में बाबा को अमेरिकन डॉलर की माला दान की गई।   महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने बताया कि माला किसने दी ये नहीं पता चल पाया है। एक भक्त ने विदेशी मुद्रा जिसमे लगभग 200 की संख्या मे मुद्रा है, अर्पित करने के लिए दी थी। जिसे भगवान को अर्पित करने के बाद मंदिर सेवादारो द्वारा दान पेटी में डाल दिया गया।    

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सागर । मप्र बाल संरक्षण अधिकार आयोग (CPCR) के हस्ताक्षेप से सागर जिले में एक सरकारी स्कूल परिसर में कब्र खोदकर मृतक को दफनाने से रोका गया है। स्कूल परिसर में करीब तीन महीने पहले भी एक कब्र बनाई जा चुकी थी। मौके पर जब स्थानीय पुलिस कब्र खोदने से रोकने पहुंची तो लोग पुलिस को ही धमकी देने लगे थे। बाद में प्रशासन ने दलबल दिखाया तब जाकर दूसरी जगह पर कब्र बनाई गई है।   सागर जिले के गिरवर गांव में शासकीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल के मैदान में कुछ लोग किसी मृतक को दफनाने के लिए कब्र खोद रहे थे। किसी ने इसकी खबर मप्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य ओंकार सिंह को दी थी। उन्होंने तत्काल कलेक्टर संदीप जीआर को मामले की सूचना दी तो प्रशासन हरकत में आया। गिरवर में दोपहर में पुलिसकर्मी यहां पहुंचे और कब्र खोदने और सुपुर्दे खाक की प्रक्रिया रोकने की बात कही तो मृतक के परिजन व समाज के लोग पुलिस को ही धमकी देने लगे।   धमकी के बाद ASP दलबल के साथ पहुंचे स्थानीय पुलिस से जब मामला नहीं संभला और लोग शव को थाने में रखकर प्रदर्शन की धमकी देने लगे और दफनाने से इंकार किया तो मामला बिगड़ता देख एडिशनल एसपी लोकेश सिन्हा और प्रशासन का अमला भारी पुलिसबल के साथ गिरवर पहुंच गया। यहां उन्होंने समाज और परिवार के लोगों को समझाइश दी। लोगों का कहना था कि यहां हमारा कब्रिस्तान पहले से था, लेकिन इसके बाजू में स्कूल बना दी गई है। काफी मशक्कत के बाद लोग माने। प्रशासन ने उन्हें मृतक को दफनाने के लिए दूसरी जगह दी है।   अगस्त में भी एक कब्र बनाई गई थी जानकारी अनुसार गिरवर के सरकारी स्कूल परिसर में दूसरी दफा कब्र खोदकर मृतक को दफनाने की तैयारी चल रही थी। बीते 14-15 अगस्त को सरकारी अवकाश के दिन यहां पर कब्र खोदकर गांव के किसी व्यक्ति को सुपुर्दे खाक किया गया था। कब्र पर पत्थर भी बकायदा लगाया गया था। अब शुक्रवार 15 नवंबर को भी छुट्टी का दिन था और स्कूल परिसर में कब्र खोदी जा रही थी। यदि समय पर सूचना नहीं मिलती तो लोग दफनाने की प्रक्रिया पूरी कर देते और स्कूल परिसर में दूसरी कब्र तैयार हो जाती।   आयोग ने मानी प्रशासन की गलती, नोटिस जारी मप्र बाल संरक्षण अधिकार आयोग के सदस्य ओंकार सिंह ने हिन्‍दुस्‍थान समाचार को जानकारी देते हुए बताया कि गिरवर में करीब 3 महीने में दूसरी दफा शव दफनाने का काम चल रहा था। शुक्रवार को अवकाश था, अगस्त महीने में भी अवकाश के दिन ही शव दफनाया गया था। यह गलत है। प्रशासन को मौके पर जाकर देखना था, इसे रोकना था। उस समय रोका जाता तो अभी यह स्थिति नहीं बनती। मामले में आयोग ने संबंधितों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है।  

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भोपाल । उमरिया जिले का विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व वैश्विक धरोहर है। यहां की जैव-विविधता, दुर्लभ वन्य-जीवों की उपलब्धता, कल्चुरी कालीन किला और हिन्दू देवताओं के प्राचीन मंदिर पूरी दुनिया में दुर्लभ हैं। टाइगर रिजर्व की स्थापना के पूर्व यहां का जंगल एवं पहाड़ियों के बीच निर्मित किला एवं अन्य संरचनाएं रीवा रियासत के महाराजा की निजी सम्पत्ति हुआ करती थी। किले में राजकीय कार्यों के अलावा राज परिवार का निवास भी होता था। घनघोर जंगल राजा और महाराजाओं का निजी शिकारगाह होता था, जहां देश-विदेश के राजा समय-समय पर आकर आखेट करते थे।   जनसंपर्क अधिकारी केके जोशी ने शुक्रवार को बताया कि कालांतर में देश की आजादी के बाद तत्कालीन रीवा महाराजा मार्तण्ड सिंह ने सन् 1967 में किला सहित पूरा जंगल मध्य प्रदेश शासन को नेशनल पार्क स्थापित करने एवं वन्य-जीव संरक्षण के लिये दान में दिया था। इसके बाद मध्य प्रदेश शासन द्वारा बांधवगढ़ नेशनल पार्क की स्थापना की गयी। वर्ष 1981 के बाद यहाँ पर केन्द्र की टाइगर परियोजना शुरू की गयी। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में मौजूद जल-स्रोतों से यहां की जैव-विविधता देश-दुनिया के जंगलों की अपेक्षा उत्कृष्ट रही है। यहां जल-स्रोतों की मौजूदगी हमेशा से रही है, जिससे हरियाली बनी रहती है। पर्याप्त जल-स्रोत, चारागाह, सघन वन, शाकाहारी, मांसाहारी वन्य-जीवों के लिये आवश्यक आहार और रहवास की अनुकूलता होने से यहाँ दुर्लभ से दुर्लभ वन्य-प्राणी एवं पक्षी अपना आश्रय-स्थल बनाये हुए हैं।   उन्‍होंने बताया कि बाघों की सघन मौजूदगी पूरी दुनिया में बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व को एक अलग पहचान दिलाती है। टाइगर रिजर्व 1526 वर्ग किलोमीटर के कोर एवं बफर क्षेत्र में फैला हुआ है। इस जंगल में वर्ष 2022 की गणना अनुसार 165 से भी ज्यादा बाघों की संख्या पायी गयी थी। इसके अलावा कान्हा टाइगर रिजर्व से 49 बायसन लाकर वर्ष 2012 में बसाये गये थे, जो अनुकूल परिस्थितियों में बढ़कर वर्तमान में लगभग 200 की संख्या में स्वच्छंद विचरण कर रहे हैं। टाइगर रिजर्व में दुनिया में विलुप्ति की कगार पर पहुँच चुके विशेष प्रजाति के बारहसिंघा भी कान्हा टाइगर रिजर्व से लाकर बाँधवगढ़ में बसाये गये हैं। वर्ष 2018 से जंगली हाथियों ने भी अपना रहवास यहां बनाया है। तकरीबन 70 से 80 जंगली हाथी टाइगर रिजर्व के अलग-अलग क्षेत्रों में विभिन्न झुण्डों में विचरण कर रहे हैं।   हिन्दू मान्यताओं के हैं कई प्राचीन धार्मिक मंदिर टाइगर रिजर्व में बाघ, बायसन, जंगली हाथी के अलावा नीलगाय, भालू, तेंदुआ, चीतल और सांभर यहाँ के मुख्य वन्य-प्राणी हैं, जो पर्यटन के साथ जैव-विविधता का केन्द्र हैं। टाइगर रिजर्व बाँस एवं साल के सघन वृक्षों से घिरा हुआ है। यहां वन्य-जीव दर्शन के अलावा हिन्दू मान्यताओं के कई प्राचीन धार्मिक मंदिर भी हैं। इसमें बांधवगढ़ किले के समीप स्थित भगवान राम-जानकी मंदिर आस्था का प्रमुख केन्द्र है। यहां पर प्रतिवर्ष जन्माष्मी के पर्व पर मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें देशभर से हिन्दू धर्मावलम्बी पूजा-दर्शन के लिये पहुँचते हैं। बांधवगढ़ की पहाड़ियों पर स्थित कबीर गुफा कबीरपंथियों की आस्था का केन्द्र है। प्रतिवर्ष अगहन पूर्णिमा के दिन यहाँ पर कबीरपंथियों का जमावड़ा होता है और कबीर गुफा में कबीर अनुयायी उनकी पूजा-पाठ करते हैं। संत शिरोमणि सेन की तपोस्थली भी बांधवगढ़ में ही रही है। मध्यप्रदेश शासन द्वारा संत सेन का मंदिर एवं समाधि-स्थल बनाने के लिये टाइगर रिजर्व की सीमा से लगे हुए क्षेत्र में भूमि आरक्षित की गयी है, जिसमें निर्माण कार्य भी शुरू हो गया है।   तितलियों की 100 से अधिक प्रजातियां बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व बाघों के लिये विश्व प्रसिद्ध है। इसमें पहली बार दो दिवसीय बटरफ्लाई सर्वे कराया गया। टाइगर रिजर्व के 15 कैम्पों में 61 सदस्यों ने रिजर्व के जंगलों में पैदल सर्वे किया और सर्वे शीट पर तितलियों की जानकारी को अपडेट किया। दो दिवसीय सर्वे में तितलियों की 100 से अधिक प्रजातियां पायी गयीं। इनमें 5 से अधिक तितलियां दुर्लभ प्रजाति की हैं। कॉमन रैड आई, ब्लैक राजा, किंग क्रो और इंडियन डॉर्ट लेट जैसी तितली भी सर्वे में पायी गयी। तितलियों के सर्वे में मोबाइल एप का उपयोग नहीं किया गया। हाथ से ही सर्वे शीट में पैन से जानकारी को अपडेट किया गया।

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भोपाल । राजधानी भोपाल सहित प्रदेशभर में हवाओं के रुख ने सर्दी बढ़ा दी है। पचमढ़ी में रात का तापमान 8.8 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। साथ ही भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर-उज्जैन समेत प्रदेश के कई शहरों में भी पारा लुढ़क गया है। अमरकंटक, मंडला और शहडोल में भी तापमान 11 डिग्री के आसपास आ गया है। पचमढ़ी में ज्‍यादा ठंड की वजह पहाड़ और हरियाली है। इस वजह से यहां दिन-रात दोनों ही सबसे ठंडे हैं। गुरुवार को यहां दिन में तापमान 26.2 डिग्री दर्ज किया गया।   मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि उत्तर-पूर्वी हवाओं का असर कम हो रहा है। इस वजह से ठंड बढ़ी है। 20 नवंबर तक ऐसा ही मौसम रहेगा। डॉ. सिंह ने बताया कि हवा का रुख जब उत्तर-पश्चिमी हो जाएगा और पहाड़ों पर बर्फबारी होगी, तब तापमान में और गिरावट होगी। उत्तर-पश्चिमी हवाओं के असर से ग्वालियर-चंबल संभाग सबसे ज्यादा ठंडा रहेगा। आज यानि शुक्रवार से सुबह-शाम धुंध भी बढ़ेगी। हवाओं का असर इन्हीं संभागों में सबसे पहले होता है। आज से अधिकांश शहरों में पारा 15 डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच सकता है। दिन के तापमान में 1 से 2 डिग्री तक गिरावट होगी लेकिन सामान्य से नीचे जाने की संभावना नहीं है। आखिरी सप्ताह में ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में बारिश होने का अनुमान है।   बुधवार-गुरुवार की रात में भी पचमढ़ी में तापमान 8.8 डिग्री सेल्सियस रहा। एक रात पहले यह 9.6 डिग्री था। दो दिन में ही पारे में 2 डिग्री तक की गिरावट हुई है। आने वाले दिनों में भी पचमढ़ी ही सबसे अधिक ठंडा रहेगा। हालांकि, नवंबर में पारा सामान्य से ज्यादा नीचे नहीं जाएगा। दिसंबर से कड़ाके की ठंड पड़ने लगेगी। आखिरी सप्ताह में कोल्ड वेव भी चलेगी। प्रदेश में अभी पचमढ़ी के साथ अमरकंटक और मंडला भी ठंडे हैं। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में तापमान 13.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। एक ही रात में पारा 1.9 डिग्री लुढ़क गया। वहीं, रायसेन में तापमान 28 डिग्री, बैतूल में 28.4 डिग्री, नरसिंहपुर में 28.6 डिग्री, सिवनी-सीधी में 29 डिग्री और मलाजखंड में 27 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

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उज्जैन । 'अब सौंप दिया इस सृष्टि का सब भार तुम्हारे हाथों में...’ कुछ इसी तरह के भजनों के मध्य ज्योतिर्लिंग भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में हरि-हर मिलन की अद्भुत परंपरा निभाई गई। यहां कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी (बैकुंठ चतुर्दशी) के अवसर पर मध्य रात्रि को हरि (भगवान विष्णु) का हर (भगवान शिव) से मिलन हुआ। अवंतिकानाथ राजा महाकाल ठाठ के साथ सवारी लिए भगवान विष्णु के स्वरूप गोपाल जी से भेंट करने पहुंचे। चातुर्मास समापन पर भगवान महाकाल ने सृष्टि का भार फिर से भगवान श्रीहरि को सौंप दिया। यह दिव्य दृश्य देखने के लिए आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। परम्परा के मुताबिक गुरुवार को महाकालेश्वर मंदिर से रात करीब 11 बजे भगवान महाकाल चांदी की पालकी में सवार होकर हरि-हर मिलन के लिए रवाना हुए। भगवान महाकाल की सवारी निर्धारित मार्ग से होते हुए रात बजे गोपाल मंदिर पहुंची। यहां भगवान महाकाल का जगत के पालन कर्ता भगवान विष्णु से मिलन हुआ। इस अद्भुत मिलन के साक्षी बनने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु सवारी‎ मार्ग के दोनों ओर इकट्ठे हुए। इस दौरान भक्तों ने महाकाल के नारे लगाए। हरि-हर मिलन में भक्तो की भारी भीड़ देखने को मिली। मान्यता के अनुसार, वामन अवतार के समय भगवान विष्णु ने राजा बलि को उनका आतिथ्य स्वीकार करने का वचन दिया था। उसी वचन को निभाने के लिए भगवान विष्णु चातुर्मास के चार माह पाताल लोक में राजा बलि के यहां अतिथि बनकर व्यतित करते हैं। इस दौरान सृष्टि के संचालन का भार भगवान शिव के हाथ में रहता है। देव प्रबोधिनी एकादशी पर चातुर्मास का समापन होता है और भगवान विष्णु पुन: वैकुंठ पधारते हैं। इसके तीन दिन बाद भगवान शिव बैकुंठ चतुर्दशी पर भगवान श्री हरि विष्णु को पुन: सृष्टि का भार सौंपने के लिए गोलोक जाते हैं। हर के हरि से मिलने जाने के इसी धर्म प्रसंग को हरि हर मिलन कहा जाता है। महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पं. महेश गुरु ने बताया सिंधिया देव स्थान ट्रस्ट के श्री द्वारकाधीश गोपाल मंदिर में हरि-हर मिलन की परंपरा 100 साल से पुरानी है। सिंधिया रियासत के समय से ही हर साल यहां मध्य रात्रि 12 बजे हरि हर-मिलन कराया जाता है। इस अद्भुत मिलन के दौरान दोनों देवों ‎को अपने-अपने स्वभाव के ‎विपरीत मालाएं धारण करवाई गईं। इस मिलन में भगवान महाकाल ने प्रभु‎ द्वारकाधीश को बिल्वपत्र की माला धारण करवाई। वहीं ‎प्रभु द्वारकाधीश ने भगवान ‎महाकाल को तुलसी पत्र की माला‎ धारण करवाई। इस मिलन के दौरान भक्तों ने देवों की महाआरती की। विधि-विधान के साथ पूजन-अर्चन किया गया। इस अद्भुत मिलन को देखने के लिए देश भर से हजारों की संख्या में श्रद्धालु उज्जैन पहुंचे। पूजन के बाद भगवान महाकाल अपनी सवारी के साथ देर रात वापस अपने धाम महाकालेश्वर‎ ज्योतिर्लिंग पहुंचे।    

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भोपाल । इस वर्ष का अंतिम संपूर्णकालिक गुरु पुष्य योग 21 नवंबर, गुरुवार को रहेगा। इस दिन गुरुवार के साथ पुष्य नक्षत्र का संयोग सूर्योदय से सूर्यास्त तक रहेगा, जिससे यह पूर्णकाल योग अत्यधिक फलदायी माना जा रहा है। इस योग में रवि योग और अमृत सिद्धि योग का भी संयोग है, जो इसे और भी उत्तम फलकारी बनाते हैं।   ज्योतिष मठ संस्थान, भोपाल के ज्योतिषाचार्य पंडित विनोद गौतम ने गुरुवार को बताया कि यह विशेष योग स्थिरता प्रदान करने वाला है और इस दिन पीली धातु, पीले अनाज, पीले वस्त्र, मांगलिक कार्यों के लिए वस्तुएं, धार्मिक सामग्री, पुस्तकें, साहित्य और सामाजिक-धार्मिक कार्यों के लिए संकल्प जैसी चीजें खरीदना शुभ रहेगा। गुरु पुष्य नक्षत्र का यह महा मुहूर्त विशेष रूप से खरीदारी में स्थिरता प्रदान करेगा, जो विवाह और मांगलिक कार्यों के लिए उपयुक्त माना गया है।   उन्‍होंने बताया कि इस दिन के चार शुभ योग- गुरु पुष्य योग, रवि योग, अमृत सिद्धि योग और शुभ योग, चार गुना फल प्रदान करेंगे। यह दिन भूमि, भवन, सोना, पीतल की मूर्तियां, मंदिर, पूजा की सामग्री, और गृह प्रवेश व मांगलिक कार्यों हेतु सामग्री की खरीदारी के लिए अत्यधिक लाभकारी रहेगा।  

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में अब सर्दी का असर तेज होने लगा है। प्रदेश के हिल स्टेशन पचमढ़ी में दिन-रात दोनों ही सबसे ठंडे हैं। मंगलवार-बुधवार की रात में भी पचमढ़ी में तापमान 9.6 डिग्री सेल्सियस रहा। एक रात में 1 डिग्री की गिरावट हुई। सीजन में पहली बार पचमढ़ी में पारा 10 डिग्री से नीचे पहुंच गया है। वहीं, प्रदेश के कई शहरों में रात का तापमान 1 डिग्री तक लुढ़का है। 15 नवंबर के बाद असर और बढ़ेगा। उत्तरी हवाओं से सर्दी बढ़ सकता है।   मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि अभी मौसम शुष्क है। ज्यादातर शहरों में दिन का तापमान एवरेज 15-16 डिग्री और दिन में 31-32 डिग्री तक ही रहेगा। उन्होंने कहा- पचमढ़ी, मंडला में तापमान लुढ़क सकता है। हिमालय की तरफ वेस्टर्न डिस्टबेंस की एक्टिविटी है। जल्‍द प्रदेश में इसका मूवमेंट हो सकता है। यदि असर रहता है तो उत्तरी हवाएं प्रदेश में आने लगेगी। जिससे ठंड का असर थोड़ा बढ़ सकता है। इसके अलावा वर्तमान में प्रशांत महासागर में अलनीलो-ला नीनो की स्थिति न्यूट्रल है। वहीं, आईओडी भी हिंद महासागर में न्यूट्रल है। इस वजह से नवंबर के शुरुआती दिनों में तापमान का असर ज्यादा नहीं है। दिसंबर में पारा लुढ़कने लगेगा। आखिरी सप्ताह में कोल्ड वेव भी चलेगी।   प्रदेश में अभी पचमढ़ी के साथ मंडला, शहडोल और अमरकंटक की रात भी सबसे सर्द है। मंडला में 12 डिग्री, शहडोल-अमरकंटक में 12.7 डिग्री, शाजापुर में 12.8 डिग्री, बैतूल में 13.4 डिग्री, राजगढ़-सीधी में 14 डिग्री, उमरिया में 14.1 डिग्री, मलाजखंड में 14.2 डिग्री और छिंदवाड़ा में 14.4 डिग्री रहा। जबलपुर समेत 15 शहरों में पारा 15 डिग्री से कम रहा। बड़े शहरों की बात करें तो जबलपुर सबसे ठंडा रहा। यहां न्यूनतम तापमान 14.5 डिग्री दर्ज किया गया। भोपाल में 15.5 डिग्री, इंदौर में 16.8 डिग्री, ग्वालियर में 16 डिग्री और उज्जैन में तापमान 16.2 डिग्री दर्ज किया गया। यहां दिन में भी हल्की सर्दी रही।  

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उज्जैन । भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में आज आधी रात हरि-हर मिलन का अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा। चार माह के विश्राम के बाद भगवान श्रीहरि विष्णु आज कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी (बैकुंठ चतुर्दशी) के मौके पर पुन: सृष्टि का भार संभालेंगे। चार माह से सृष्टि का संचालन कर रहे भगवान शिव (महाकाल) यह भार उन्हें सौंपेंगे। हरि-हर मिलन का यह दुर्लभ अवसर श्रद्धालुओं को आनंदित करने वाला होगा।    उज्जैन में बैकुंठ चतुर्दशी का विशेष महत्व है। बैकुंठ चतुर्दशी पर बाबा महाकाल (हर) श्रीविष्णु भगवान (हरि) को सारी सृष्टि का कार्यभार सौंपते हैं। बैकुंठ चतुर्दशी की मध्य रात्रि नगर के प्राचीन द्वारकाधीश गोपाल मंदिर में हरि-हर मिलन होता है। पौराणिक मान्यता है कि जब श्रीहरि विष्णु देवशयनी एकादशी पर चार माह के लिए शयन करने जाते है, तब सृष्टि का कार्यभार हर यानी बाबा महाकाल सौंप कर जाते हैं। देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु के जागने के उपरांत बैकुंठ चतुर्दशी की मध्य रात्रि बाबा महाकाल भगवान विष्णु को पुन: सारी सृष्टि का कार्यभार लौटकर हिमालय प्रस्थान करते हैं।     महाकालेश्वर मंदिर समिति के प्रशासक गणेश धाकड़ ने बताया कि आज बैकुंठ चतुर्दशी पर भगवान महाकाल चांदी की पालकी में विराजमान होकर श्रीद्वारकाधीश गोपाल मंदिर जाएंगे। इसकी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। रात 11 बजे भगवान महाकाल की सवारी गोपाल मंदिर के लिए रवाना होगी। मंदिर के मुख्य द्वार पर सवारी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा। इसके बाद भगवान महाकाल की सवारी निर्धारित मार्ग से होते हुए गोपाल मंदिर पहुंचेंगी। यहां हरि-हर का अनूठा मिलन होगा। दोनों देवों को अपने-अपने स्वभाव के विपरीत मालाएं धारण कराकर महाआरती की जाएगी।   उन्होंने बताया कि भगवान महाकाल नारायण को बिल्व पत्र की माला भेंट करेंगे, जबकि गोपाल जी महाकाल को तुलसी की माला पहनाएंगे। महाकाल की ओर से गोपालजी को भेंट स्वरूप वस्त्र, फल, मिष्ठान, सूखे मेवे आदि प्रदान किए जाएंगे। इसके बाद पूजा-अर्चना और महाआरती होगी। लगभग दो घंटे के पूजन के बाद रात करीब एक बजे बाबा महाकाल की सवारी वापस महाकालेश्वर मंदिर के लिए रवाना होगी।     देररात होने वाले हरि-हर मिलन को देखने के लिए हजारों श्रद्धालु धार्मिक नगरी उज्जैन पहुंच चुके हैं।  इस दौरान खूब आतिशबाजी होगी और पुष्प वर्षा की जाएगी। हरि-हर मिलन के लिए महाकाल मंदिर से आने वाली बाबा महाकाल की सवारी में श्रद्धालु अत्यधिक मात्रा में पटाखे, हिंगोट, राकेट (आतिशबाजी) लापरवाही पूर्वक चलाते हैं। इसके कारण दुर्घटनाएं भी होती रही हैं। इसे रोकने के लिए प्रशासन ने सवारी मार्ग व गोपाल मंदिर के सामने अधिक संख्या में पुलिस बल तैनात करने का फैसला किया है। सवारी निकलने के दो घंटे पूर्व से मार्ग में पुलिस बल की तैनाती हो जाएगी।    

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रायसेन । जिले से गुजरने वाले नेशनल हाइवे 45 पर बुधवार सुबह फलाें से भरा एक ट्रक गाय पर पलट गया। हादसे में एक गाय की माैत हाे गई। हादसे में ट्रक चालक काे भी चाेट आई है। सूचना के बाद माैके पर पहुंची पुलिस ने घायल चालक काे इलाज के लिए अस्पताल भिजवाया और ट्रक काे साइड कर आवागमन सुचारू रूप से शुरू करवाया।     जानकारी के अनुसार हादसा देवरी से होकर गुजरने वाले एनएच-45 पर बाल मंदिर स्कूल के सामने मंडी के पास बुधवार सुबह 8:30 बजे हुआ। फल से भरा आयशर ट्रक आरजे क्रमांक 25 जीए 7837 गुजर रहा था। इस दाैरान सड़क पर अचानक से दाे गाय आ गईं। ड्राइवर ने उन्हें बचाने के लिए तेजी से ट्रक को मोड़ा। ट्रक अनियंत्रित हो गया और गाय को बचाने के चक्कर में पलट गया। ट्रक के नीचे दबने से एक गाय की माैत हाे गई। ट्रक चालक धर्मेंद्र ने बताया कि वह बदनावर से अमरूद भरकर सिलीगुढ़ी असम जा रहा था। ट्रक चालक धर्मेंद्र को भी चोट आई है। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और ट्रक को सड़क साइड करवाया।

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इंदौर । कलेक्टर आशीष सिंह के मार्गदर्शन एवं दिशा-निर्देश पर इंदौर में यातायात को सुगम बनाने के लिए लगातार विशेष प्रयास किए जा रहे है। राजस्व, पुलिस एवं नगर निगम द्वारा लगातार अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जा रही है। एसडीएम कल्याणी पांडे के नेतृत्व में बुधवार को सत्य साईं चौराहा से न्याय नगर रोड़ पर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गई।   एसडीएम कल्याणी पांडे ने बताया कि यातायात को सुगम बनाने के लिए सत्यसांई चौराहे से न्याय नगर मार्ग पर प्रशासन व नगर निगम द्वारा कार्यवाही जारी रखते हुए कई अवैध अतिक्रमण हटाए गए। साथ ही आईडीए द्वारा पूर्व में बनाई गई कालोनी में सार्वजनिक मार्ग को बंद करते हुए वहाँ गेट लगा दिये गए थे, जिन्हें भी हटवाने की कार्यवाही की गई। इससे मुख्य मार्ग पर ट्रैफिक का दबाव कम होगा। उन्होंने बताया अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही लगातार जारी रहेगी।  

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भोपाल । राजधानी भोपाल सहित प्रदेशभर में अब सर्दी का असर तेज होने लगा है। प्रदेश का हिल स्टेशन पचमढ़ी सबसे ठंडा है। यहां रात का तापमान 11 डिग्री सेल्सियस के नीचे चल रहा है। राज्य में 15 नवंबर से ठंड का असर और बढ़ जाएगा। पचमढ़ी समेत अन्य शहरों में पारा 10 डिग्री के करीब पहुंच सकता है। हालांकि, कड़ाके की ठंड दिसंबर में ही पड़ेगी। इस महीने से कोल्ड वेव यानी सर्द हवाएं भी चलने लगेंगी।   मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार-मंगलवार की रात प्रदेश के कई शहरों में ठंड का असर देखने को मिला। पचमढ़ी में पारा 10.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यहां दो रात से पारा 11 डिग्री से नीचे है। मंडला में 12.8 डिग्री सेल्सियस, शाजापुर में 13.9 डिग्री, शहडोल में 14.2 डिग्री, मलाजखंड में 14.3 डिग्री, सीहोर में 14.4 डिग्री, राजगढ़ में 14.4 डिग्री, उमरिया में 14.5 डिग्री, बैतूल में 14.5 डिग्री, नौगांव में 15 डिग्री, सीधी में 15.2 डिग्री, छिंदवाड़ा में 15.4 डिग्री, टीकमगढ़ में 15.5 डिग्री और रीवा में तापमान 15.6 डिग्री रहा। प्रदेश के ज्यादातर शहरों में पारा 20 डिग्री के नीचे ही रहा।   बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल सबसे ठंडा रहा। यहां 15.6 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। इंदौर में यह 16.9 डिग्री, ग्वालियर में 17.2 डिग्री, जबलपुर में 15.8 डिग्री और उज्जैन में 16.8 डिग्री रहा। पिछले 10 साल जैसा ही ट्रेंड इस नवंबर में भी देखने को मिल रहा है। दिन गर्म हैं और रातें ठंडी। हालांकि, 15 नवंबर के बाद पारे में गिरावट देखने को मिलती है। 20 से 25 नवंबर के बीच कई शहरों में रात का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस के नीचे पहुंच जाता है।   मौसम विभाग ने बताया कि 15 नवंबर से रात के पारे में गिरावट होने का अनुमान है। अधिकांश शहरों में यह 15 डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच सकता है। दिन के तापमान में 1 से 2 डिग्री तक गिरावट होगी, लेकिन सामान्य से नीचे जाने की संभावना नहीं है। नवंबर के आखिरी सप्ताह में ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में बारिश होने का अनुमान है।  

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उज्जैन । उज्जैन के सामाजिक न्याय परिसर में सोमवार देर रात भीषण आग लग गई। यहां देवउठनी ग्यारस के लिए पटाखा दुकानें लगी थीं। आग की सूचना पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने आग पर तत्काल काबू पा लिया। लेकिन तब तक दो पटाखा दुकानें और एक बाइक जलकर ख़ाक हो चुकी थी। आग लगने का कारण शार्ट सर्किट बताया जा रहा है।   जानकारी के अनुसार साेमवार देर रात करीब दो बजे आगर रोड स्थित सामाजिक न्याय परिसर में लगी पटाखा दुकानों में आग लग गई। दिवाली के मौके पर लगी पटाखा दुकानों में से कुछ दुकानदार छोटी दिवाली (देवउठानी एकादशी) पर्व तक दुकानें संचालित कर रहे थे। मंगलवार सुबह लोग यहां खरीदारी करने आते इसके पहले ही आगजनी की घटना हो गई। फायर बिग्रेड कर्मचारी अंकित राजपूत ने बताया, '' आग लगने की सूचना मिलने पर टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आग को नियंत्रित किया। आग से दो दुकानें और एक बाइक जलकर ख़ाक हो गई। आग के कारण दुकानों में रखे पटाखे भी कुछ देर तक फूटते रहे। माना जा रहा है कि आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट हो सकता है।''  

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में अब धीरे-धीरे सर्दी ने दस्‍तक देना शुरू कर दिया है। यहां सुबह और रात ठंडी होने लगी है। मौसम विभाग ने प्रदेश में इस बार दिसंबर-जनवरी में कड़ाके की ठंड का अनुमान जताया है। इन दो महीनों में 20 से 22 दिन कोल्ड वेव की स्थिति रह सकती है। नवंबर के 10 दिन में प्रदेश का इकलौता हिल स्टेशन पचमढ़ी सबसे ठंडा रहा है। यहां तापमान 10.6 डिग्री सेल्सियस पहुंच चुका है, जबकि भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन में भी सर्दी है।   मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह के अनुसार, नवंबर में पारा 10 से 15 डिग्री सेल्सियस के बीच बना रहेगा। इस साल पिछली बार से ज्यादा सर्दी पड़ेगी। ग्वालियर, उज्जैन और चंबल संभाग सबसे ज्यादा ठिठुरेंगे। यहां कोल्ड वेव यानी सर्द हवाएं भी चलेंगी। मौसम वैज्ञानिक का कहना है कि मानसून के चार महीने (जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर) में से दो महीने जुलाई-अगस्त महत्वपूर्ण रहते हैं। इन्हीं में 60 प्रतिशत या इससे अधिक बारिश हो जाती है। ठीक उसी तरह दिसंबर और जनवरी में कड़ाके की ठंड पड़ती है। इन्हीं दो महीने में प्रदेश में उत्तर भारत से सर्द हवाएं ज्यादा आती हैं इसलिए तापमान में गिरावट आती है। वहीं, सर्द हवाएं भी चलती हैं।   डॉ. सिंह ने बताया कि दिसंबर की शुरुआत से ला नीना की स्थिति बनना शुरू हो जाएगी। इससे ग्वालियर-चंबल और बुंदेलखंड में ठंड जोर पकड़ेगी। हालांकि, कड़ाके की ठंड का दौर 20 दिसंबर से शुरू होगा। ग्वालियर, चंबल और उज्जैन संभाग के सभी जिलों में कड़ाके की ठंड पड़ेगी। वहीं वर्तमान में पचमढ़ी को छोड़ दें तो बाकी के सभी शहरों में रात का तापमान 13 से 18 डिग्री सेल्सियस के बीच है। वहीं, अधिकतम तापमान भी 32 डिग्री या इससे अधिक बना हुआ है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर-चंबल संभाग में दक्षिण-पश्चिमी हवाएं चल रही हैं, जो अरब सागर से नमी लेकर आ रही हैं। मौसम वैज्ञानिक का कहना है कि वर्तमान में प्रशांत महासागर में अलनीलो-ला नीनो की स्थिति न्यूट्रल है। वहीं, आईओडी हिंद महासागर में न्यूट्रल है। इस वजह से नवंबर में ठंड का असर ज्यादा नहीं है। पूरे महीने ही ऐसा मौसम रहेगा। सामान्य से ज्यादा तापमान नहीं जाएगा।  

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खंडवा । प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान ओंकारेश्वर की 49वीं पंचकोशी यात्रा सोमवार से शुरू हो गई है। इसमें लाखों श्रद्धालु शामिल हुए हैं। इस पंचकोशी यात्रा का महत्व हिंदू धार्मिक मान्यताओं में विशेष है, जिसमें नर्मदा नदी के तट पर ओंकार पर्वत की परिक्रमा करते हुए लाखों श्रद्धालु पांच दिनों में करीब 75 किलोमीटर की यात्रा पूरी करते हैं। ओंकारेश्वर में यह यात्रा देवउठनी एकादशी के अवसर पर शुरू होती है और कार्तिक पूर्णिमा के दिन संपन्न होती है, लेकिन इस वर्ष पंचकोशी यात्रा की तिथियों में बदलाव के कारण यात्रा दशमी को ही शुरू हो गई।   दरअसल, इस बार दशमी और एकादशी तिथियों के एक साथ आने से हजारों श्रद्धालु एक दिन पहले ही ओंकारेश्वर से रवाना हो गए। यात्रा समिति के संयोजक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि इस बार भी प्रशासन और नर्मदा भक्तों के सहयोग से यात्रा को अनुशासनपूर्वक संचालित किया जा रहा है। हर साल यात्रियों की संख्या में वृद्धि होती जा रही है, और इस बार यात्रा में लाखों श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं।    यात्रा का प्रारंभ ओंकारेश्वर मंदिर में नर्मदा स्नान और भगवान ओंकारेश्वर एवं ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन से होता है। इसके बाद भक्तजन पांच दिनों की यात्रा में निकलते हैं, जिसमें ओंकार पर्वत के चारों ओर पैदल चलते हैं। यात्रा के पहले दिन सभी यात्री भगवान ओंकारेश्वर से आशीर्वाद प्राप्त कर यात्रा प्रारंभ करते हैं। यात्रा में छोटे बच्चों से लेकर वृद्ध महिलाएं और पुरुष शामिल होते हैं, जिनमें महिलाओं की संख्या 80 प्रतिशत से अधिक है। महिलाओं की इस सहभागिता ने पंचकोशी यात्रा को नारी शक्ति का प्रतीक बना दिया है।   यात्रा का आयोजन नर्मदा अंचल पंचकोशी पदयात्रा केंद्रीय समिति द्वारा किया जाता है, जो इसे पूरी व्यवस्था और अनुशासन के साथ संचालित करती है। पांच दिनों तक यह यात्रा ओंकारेश्वर, खरगोन, सनावद, और बडवाह जैसे विभिन्न क्षेत्रों से होकर गुजरती है। हर रात्रि श्रद्धालु अलग-अलग स्थानों पर विश्राम करते हैं।   पहले दिन सभी श्रद्धालु ओंकारेश्वर से रवाना होकर सनावद पहुंचते हैं। दूसरे दिन सभी यात्री सनावद से खरगोन की ओर जाते हैं और वहां से टोकसर गांव के पास नर्मदा किनारे रात्रि विश्राम करते हैं। तीसरे दिन यात्रा में शामिल श्रद्धालु नावों से नर्मदा पार करके बडवाह कृषि मंडी में रात्रि विश्राम करते हैं। चौथे दिन बडवाह से सिधवरकुट पहुंचते हैं, जहां विश्राम के बाद पांचवे दिन कार्तिक पूर्णिमा पर ओंकारेश्वर वापस लौटते हैं। समापन के दिन श्रद्धालु ओंकार पर्वत की परिक्रमा कर पंचकोशी यात्रा का समापन करते हैं।   इस यात्रा की शुरुआत सन 1975 में स्व. डॉ. रविंद्र भारती चौरे ने अपने चार मित्रों के साथ की थी। पहले वर्ष में मात्र पांच लोगों से शुरू हुई यह यात्रा आज लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बन चुकी है। डॉ. चौरे ने अपनी पूरी जिंदगी में नर्मदा तट पर 26 महत्वपूर्ण पंचकोशी यात्राओं का आयोजन किया था। 2008 में उनके निधन के बाद भी यह यात्रा लगातार बढ़ती रही है। श्रद्धालुओं की आस्था के कारण इस यात्रा को मध्यप्रदेश और आसपास के राज्यों में एक विशेष स्थान प्राप्त हुआ है।   पंचकोशी यात्रा का महत्व केवल धार्मिक परंपरा तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे गहन आध्यात्मिक अवधारणाएं भी हैं। नर्मदा के किनारे की यात्रा को मन को शांति और आध्यात्मिक उन्नति का माध्यम माना गया है। राधेश्याम शर्मा के अनुसार, यह यात्रा शरीर के पांच तत्वों की सिद्धि के लिए की जाती है, जो कि पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि, और आकाश तत्व को दर्शाती है। यह भी माना जाता है कि नर्मदा तट पर चलने से व्यक्ति के मन को शांति और आत्मिक संतोष मिलता है।   इस यात्रा में विभिन्न राज्यों के श्रद्धालु शामिल होते हैं, जिनमें मध्यप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, और राजस्थान के भक्त प्रमुखता से भाग लेते हैं। नर्मदा परिक्रमा करते हुए इस यात्रा में भक्तजन भजन-कीर्तन करते हैं, जिससे यात्रा का माहौल भक्तिमय बनता है। यात्रा की संपूर्ण व्यवस्था स्थानीय प्रशासन द्वारा की जाती है, जिससे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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उमरिया/भोपाल । मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में स्थित राष्ट्रीय नेशनल पार्क बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के मानपुर बफर वन परिक्षेत्र के कुदरा गांव के पास जंगल में घायल हालत में मिले तेंदुए की मुकुंदपुर टाइगर सफारी के अस्पताल में उपचार के दौरान हो गई। जानकारी मिलने पर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन के डॉक्टर मुकुंदपुर के लिए रवाना हो गए हैं। पोस्टमॉर्टम के बाद सोमवार को तेंदुआ का अंतिम संस्कार किया जाएगा।   जानकारी के मुताबिक, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के मानपुर बफर वन परिक्षेत्र के कुदरा गांव के पास जंगल में तेंदुआ घायल अवस्था में लगातार ग्रामीणों पर हमला कर रहा था। शनिवार को उसे रेस्क्यू किया गया था। तेंदुए ने रेस्क्यू के पहले चार ग्रामीणों को घायल किया था। इसके बाद रेस्क्यू के दौरान तीन बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के कर्मचारी और दो ग्रामीण और भी घायल हुए थे। घायल तेंदुआ को रेस्क्यू के बाद बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने प्राथमिक उपचार के बाद मुकुंदपुर सफारी भेज दिया गया, जहां पर उसकी इलाज के दौरान रविवार की रात मौत हो गई। सोमवार को जानकारी मिलने के बाद बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन के डॉक्टर मुकुंदपुर के लिए रवाना हो गए हैं।   मामले में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के उपसंचालक पीके वर्मा ने बताया कि तेंदुआ की मुकुंदपुर में मौत हो गई है। बांधवगढ़ के डॉक्टर भी मुकुंदपुर जा रहे हैं। पोस्टमॉर्टम के बाद ही मौत के कारण स्पष्ट हो पाएंगे।  

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में नवंबर की शुरूआत होते ही सर्दी ने भी दस्‍तक देना शुरू कर दिया। हालांकि प्रदेश में अभी मौसम के दो रूप देखने को मिल रहे हैं। यहां दिन गर्म हैं जबकि रातें सर्द हो रही हैं। भोपाल, इंदौर-उज्जैन समेत कई शहरों में दिन के पारे में बढ़ोतरी हुई है। वहीं, पचमढ़ी, शाजापुर-राजगढ़ की रातें सबसे ठंडी हैं। पचमढ़ी में रात का तापमान 12.4 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले सप्ताह रात में सर्दी बढ़ सकती है। वहीं, आखिरी सप्ताह में ग्वालियर-चंबल में बारिश होने का अनुमान है।   मौसम विभाग के अनुसार, नवंबर में पिछले 10 साल जैसा ही ट्रेंड देखने को मिल रहा है। दिन गर्म हैं और रातें ठंडी। हालांकि, 15 नवंबर के बाद पारे में गिरावट देखने को मिलती रही है। 20 से 25 नवंबर के बीच कई शहरों में रात का तापमान 10 डिग्री के नीचे पहुंच जाता है। 15 नवंबर से रात के पारे में गिरावट होने का अनुमान है। अधिकांश शहरों में तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच सकता है। दिन के तापमान में 1 से 2 डिग्री तक की गिरावट होगी, लेकिन सामान्य से नीचे जाने की संभावना नहीं है। आखिरी सप्ताह में ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में बारिश होने का अनुमान है।   वहीं, प्रदेश का इकलौता हिल स्टेशन पचमढ़ी नवंबर में सबसे ठंडा बना हुआ है। दिन हो या रात, तापमान में गिरावट देखने को मिल रही है। शनिवार-रविवार की दरमियानी रात यहां का तापमान 12.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। शाजापुर में तापमान 13.9 डिग्री, राजगढ़ में 15 डिग्री, अशोकनगर में 15.2 डिग्री, मंडला में 15.5 डिग्री, टीकमगढ़ में 15.7 डिग्री, रीवा में 16 डिग्री, बैतूल-नौगांव में 16.2 डिग्री, उमरिया में 16.3 डिग्री, खंडवा में 16.4 डिग्री, खरगोन में 16.8 डिग्री, छिंदवाड़ा में 16.9 डिग्री, नर्मदापुरम में 17.4 डिग्री रहा। रतलाम में 17.5 डिग्री, गुना में 18 डिग्री, खजुराहो-मलाजखंड में 18.2 डिग्री, धार में 18.5 डिग्री, दमोह में 18.6 डिग्री, सागर में 18.7 डिग्री, सिवनी में 19 डिग्री, नरसिंहपुर में 19.6 डिग्री पारा दर्ज किया गया। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 15.2 डिग्री, ग्वालियर में 17.3 डिग्री, इंदौर में 17.4 डिग्री, उज्जैन में 17 डिग्री, जबलपुर में 16.4 डिग्री तापमान रहा।   दिन के तापमान की बात करें तो रविवार को पचमढ़ी में यह 27.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जो प्रदेश में सबसे कम है। सिवनी में 28.2 डिग्री, बैतूल में 28.8 डिग्री, शिवपुरी में 29 डिग्री, रायसेन में 29.4 डिग्री, सीधी में 29.8 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। बाकी शहरों में टेम्प्रेचर 30 डिग्री से अधिक ही रहा।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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उज्जैन । उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर मंदिर में आज  भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल का चंदन के सूर्य, आभूषण और त्रिपुण्ड अर्पित कर बाबा महाकाल का दिव्य शृंगार  किया गया। भगवान के इस दिव्य स्वरूप के हजारों श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। वहीं, कार्तिक-अगहन मास में निकलने वाली सवारियों के क्रम में उज्जैन में आज शाम भगवान महाकाल की कार्तिक मास की दूसरी सवारी धूमधाम से निकाली जाएगी। अवंतिकानाथ चांदी की पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण कर अपनी प्रजा का हाल जान जानेंगे। इस दौरान भगवान दो स्वरूपों में भक्तों को दर्शन देंगे। महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि परम्परा के अनुसार कार्तिक शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर सोमवार तड़के 4:00 बजे मंदिर के पट खोले गए। इसके बाद पण्डे-पुजारियों ने भगवान महाकाल का जलाभिषेक कर दूध, दही, घी, शक्कर और फलों के रस से पंचामृत पूजन किया। तत्पश्चात हरि ओम का जल अर्पित किया गया। कपूर आरती के बाद भगवान के मस्तक पर भांग चन्दन और त्रिपुण्ड अर्पित कर शृंगार किया गया। इसके बाद ज्योतिर्लिंग को कपड़े से ढांककर भस्मी रमाई गई। चन्दन का सूर्य, आभूषण और त्रिपुण्ड अर्पित कर बाबा महाकाल का दिव्य शृंगार किया गया। भस्म अर्पित करने के बाद शेषनाग का रजत मुकुट रजत की मुण्डमाल और रुद्राक्ष की माला के साथ-साथ सुगन्धित पुष्प से बनी फूलों की माला अर्पित की गई। फल और मिष्ठान का भोग लगाया गया। भस्म आरती में बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया। महा निर्वाणी अखाड़े की ओर से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गई। श्रद्धालुओं ने नंदी हॉल और गणेश मंडपम से बाबा महाकाल की दिव्य भस्मारती के दर्शन किए और भस्मारती की व्यवस्था से लाभान्वित हुए। इस दौरान श्रद्धालुओं ने "जय श्री महाकाल" का उद्घोष भी किया। वहीं, महाकालेश्वर मंदिर समिति के प्रशासक गणेश धाकड़ ने बताया कि भगवान महाकाल की कार्तिक माह की दूसरी सवारी आज शाम चार बजे सभामंडप में पूजा-अर्चना के बाद शुरू होगी। सवारी में भगवान महाकाल दो स्वरूपों में भक्तों को दर्शन देंगे। भगवान महाकाल चांदी की पालकी में चंद्रमौलेश्वर स्वरूप में और रथ पर मनमहेश स्वरूप में नगर का भ्रमण कर अपनी प्रजा का हाल जानने के लिए निकलेंगे। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र बल की टुकड़ी अवंतिकानाथ को सलामी देगी। इसके बाद कारवां शिप्रा तट की ओर रवाना होगा। सवारी मे पुलिस बैंड, घुड़सवार दल, सशस्‍त्र पुलिस बल के जवान आदि शामिल रहेंगे। सवारी महाकालेश्वर मंदिर से गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार कहारवाडी होते हुए रामघाट क्षिप्रातट पहुंचेगी, जहां मॉ क्षिप्रा के जल से पूजन-अर्चन पश्‍चात भगवान महाकाल की सवारी रामघाट से गणगौर दरवाजा, मोड की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्‍यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार होते हुए पुन: महाकाल मंदिर पहुंचेगी।  

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बैतूल । मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में शनिवार देर रात एक यात्री बस हादसे का शिकार हो गई। बैतूल-भोपाल राष्ट्रीय राजमार्ग पर शनिवार देर रात तेज रफ्तार से जा रही एक यात्री बस बेकाबू होकर पलट गई। इस हादसे में 28 यात्रियों को चोट आई है। घायलाें में सात की हालत गंभीर बताई जा रही है। घायलों का शाहपुर और जिला चिकित्सालय बैतूल में इलाज जारी है।     जानकारी के अनुसार भोपाल ट्रैवल्स की बस नागपुर से भोपाल की ओर जा रही थी। इस दाैरान शनिवार देर रात करीब दाे बजे नागपुर-भोपाल फोरलेन हाईवे पर धपाड़ा जोड़ के पास अनियंत्रित होकर बेकाबू होकर सड़क किनारे पलट गई। जिस समय हादसा हुआ, उस वक्त बस में सवार सभी यात्री गहरी नींद में सोए हुए थे। अचानक हुए हादसे से सभी घबरा गए और चीख पुकार मच गई। हादसे के समय बस में 32 यात्री सवार थे। बताया जा रहा है कि मोड पर ड्राइवर बस पर नियंत्रण नहीं रख सका और वह पलट गई। इस हादसे में 24 यात्री घायल हो गए, जिनमें से 07 को गंभीर चोटें आई हैं। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को अस्पताल भिजवाने का इंतजाम किया। घायलों को पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शाहपुर लाया गया, जिसमें से सात मरीजों की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें जिला अस्पताल बैतूल रेफर किया गया है। हादसे के बाद घायलों के परिजनों को सूचना दे दी गई है और अस्पताल में सभी घायलों का इलाज जारी है। घायल यात्री अरविंद देशमुख ने बताया, "हम भोपाल ट्रेवल्स की बस से नागपुर से भोपाल जा रहे थे। रात करीब 02 बजे अचानक बस पलट गई, जिससे बस में सवार सभी यात्रियों को चोटें आईं। शाहपुर पुलिस इस घटना की जांच कर रही है। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि तेज गति के कारण चालक बस पर नियंत्रण खो बैठा था, जिससे यह दुर्घटना घटी। हादसे के तुरंत बाद अन्य राहगीरों और स्थानीय लोगों की भीड़ जमा हो गई और पुलिस ने राहत कार्यों के साथ यातायात को नियंत्रित किया। क्रेन की मदद से हाईवे पर पलटी बस को मार्ग से हटाया गया।

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उमरिया । मध्य प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों की मौत का मामला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। बीते दिनों 10 हाथियों की मौत के बाद अब हाथी शावक की भी मौत हो गई। जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पनपथा बफर रेंज क्षेत्र में 3 दिन पूर्व नन्हा हाथी शावक बीमार हालत में मिला था, जिसको तत्काल रेस्क्यू कर पार्क प्रबंधन ताला हाथी कैम्प ले आया था। जहां डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया था, लेकिन रविवार सुबह उसकी मौत हो गई।   बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के उप संचालक प्रकाश कुमार वर्मा ने बताया कि पनपथा बफर रेंज अंतर्गत खारी बड़ी टोला बीट के कक्ष क्रमांक आरएफ 179 पटपरहा हार से 1 जंगली हाथी का बच्चा झुंड से बिछड़ कर लावारिस अचेत बीमार अवस्था में मिला था। जिसका उपचार करवाया गया और इसको रामा हाथी कैम्प में रखा गया। लेकिन रविवार सुबह 6 बजकर 06 मिनट पर उसकी मौत हो गई। उसका पोस्टमार्टम अधिकारियों की उपस्थिति में नियमानुसार करवाया जा रहा है।   गौरतलब है कि इन दिनों उमरिया जिले का बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व जंगली हाथियों के लिए जीवन संकट साबित हाे रहा है। 29 अक्टूबर को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में चार हाथी मृत पाए गए थे। बाद में मरने वालों की संख्या बढ़कर 10 हो गई थी। सभी लैब की रिपोर्ट में हाथियों की मौत का कारण कोदो ही बताया जा रहा है, लेकिन यहां के क्षेत्रीय लोग मानने को तैयार ही नही हैं, क्योंकि उसी कोदो की फसल को उनके मवेशी खा रहे हैं और उनको कुछ नहीं हुआ।    

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के कई शहरों में नवंबर महीने में मौसम के दो रंग देखने को मिल रहे हैं। सुबह ठंड का असर रहता है, तो दिन गर्म है। पिछले 10 साल से ऐसा ही ट्रेंड है। मौसम विभाग ने बताया कि अगले 5-6 दिन ऐसा ही मौसम रहेगा। 15 नवंबर के बाद मौसम फिर से करवट बदलेगा। उत्तरी हवाएं चलने से रातें और ठंडी हो सकती हैं। लेकिन आखिरी सप्ताह में पारा 10 डिग्री के नीचे जा सकता है। वहीं, ग्वालियर-चंबल में बारिश होने की संभावना भी है।   मौसम विभाग के अनुसार, 15 नवंबर के बाद रात के तापमान में गिरावट का अनुमान है। अधिकांश शहरों में पारा 15 डिग्री से नीचे पहुंच सकता है। अभी पचमढ़ी, शाजापुर और अमरकंटक में ही पारा सबसे कम है। दिन के तापमान में 1 से 2 डिग्री तक पारा में गिरावट होगी, लेकिन सामान्य से नीचे जाने की संभावना नहीं है। आखिरी सप्ताह में ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में बारिश का अनुमान है। फिलहाल, अभी पचमढ़ी में दिन और रातें दोनों ही ठंडी है। शनिवार को पचमढ़ी में दिन का तापमान 26.2 डिग्री रहा। नौगांव, सिवनी, मलाजखंड, बैतूल, रायसेन, शिवपुरी में पारा 30 डिग्री से नीचे रहा। रतलाम में 34 डिग्री और उज्जैन-खजुराहो में 33 डिग्री के पार रहा।   प्रदेश के बड़े शहरों- भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर और जबलपुर में नवंबर में मौसम के ट्रेंड पर नजर डाले तो रातें ठंडी और दिन गर्म होते हैं। इस बार भी मौसम का ऐसा ही मिजाज है। नवंबर के 9 दिन में पचमढ़ी, अमरकंटक, शाजापुर, मंडला, राजगढ़, गुना जैसे कई शहरों में पारा 15 डिग्री के नीचे पहुंच चुका है। वहीं, पचमढ़ी समेत 7 शहरों को छोड़ बाकी में दिन का तापमान 30 डिग्री के पार ही है। शुक्रवार-शनिवार की रात में ज्यादातर शहरों में रात का तापमान 20 डिग्री से कम रहा। शाजापुर में 13.7 डिग्री, अमरकंटक में 13.9 डिग्री रहा। वहीं, भोपाल, राजगढ़, मंडला, सीहोर, मलाजखंड, टीकमगढ़, रायसेन, नौगांव, रीवा और धार में पारा 17 डिग्री से नीचे रहा।  

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मंडला । जिले के माेहगांव थाना क्षेत्र में शनिवार सुबह कार्तिक स्नाक करने बुढ़नेर नदी में उतरे तीन बच्चे अचानक डूब गए। माैके पर माैजूद लाेगाें ने किसी तरह दाे बच्चाें काे सुरक्षित निकाल लिया, लेकिन एक बच्चा लापता है। सूचना के बाद पहुंची एसडीआरएफ की टीम बच्चे की तलाश में जुटी हुई है।   पुल‍िस से म‍िली जानकारी अनुसार कसोटा गांव के रहने वाले तीन बच्चे शनिवार काे बुढ़नेर नदी में कार्तिक स्नान करने गए थे। तीनों नदी में नहाने के लिए उतरे थे। इस दाैरान तीनों गहरे पानी में चले गए। मौके पर मौजूद लोगों ने दो बच्चों को सुरक्षित निकाल लिया, लेकिन एक बच्चा डूब गया। स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर थाना प्रभारी क्रांति कुमार ब्रम्हे टीम के साथ पहुंच गए। उन्होंने एसडीआरएफ की टीम को बुला लिया और बच्चे की तलाश शुरू की। थाना प्रभारी क्रांति कुमार ब्रम्हे ने बताया कि दो बच्चाें को बचा लिया गया, लेकिन एक बालक अभिषेक भांवरे (11) गहरे पानी में लापता हो गया। नाव आदि की मदद से उसकी तलाश की जा रही है।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मौसम ने करवट बदल ली है, फिलहाल अभी प्रदेश में ठंड का असर कम है। लेकिन सुबह और रात के समय सर्दी का एहसास होने लगा है। मौसम विभाग ने नवंबर माह के आखिरी सप्ताह में ग्वालियर-चंबल संभाग में बारिश का अनुमान जताया है। जबकि भोपाल, इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम, जबलपुर, सागर, रीवा और शहडोल संभाग में मौसम खुला रहेगा। हालांकि, यहां दिन गर्म और रातें ठंडी रहेंगी। सबसे ज्यादा ठंड पचमढ़ी और अमरकंटक में पड़ेगी। यहां तापमान 10 डिग्री से नीचे जा सकता है।   भोपाल के सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में चल रही पूर्वी हवाएं प्रदेश में आती रहेंगी। इससे उत्तरी हवाएं नहीं आएंगी और ठंड का असर ज्यादा नहीं बढ़ेगा। कुछ शहरों में रात का तापमान सामान्य से एक से डेढ़ डिग्री तक अधिक रह सकता है। उत्तर भारत में बर्फबारी होने के बाद पूरा मध्य प्रदेश ठिठुरने लगता है। हर साल नवंबर के दूसरे सप्ताह में उत्तर से ठंडी हवाएं आने लगती है, लेकिन वर्तमान में बंगाल की खाड़ी में पूर्वी हवाओं का जोर है। ये हवाएं मध्‍य प्रदेश में आई तो उत्तरी हवाओं का जोर ज्यादा नहीं रहेगा। इससे तापमान में ज्यादा गिरावट होने की संभावना नहीं है।   गुरुवार-शुक्रवार की रात की बात करें तो पचमढ़ी सबसे ठंडा रहा। प्रदेश के इकलौते हिल स्टेशन पचमढ़ी में रात का तापमान 11.8 डिग्री रहा। पिछली तीन रातों से पारा 12 डिग्री से नीचे ही चल रहा है। इसके अलावा भोपाल, इंदौर, बैतूल, गुना, ग्वालियर, खंडवा, खरगोन, रायसेन, राजगढ़, रतलाम, उज्जैन, छिंदवाड़ा, जबलपुर, खजुराहो, मंडला, नरसिंहपुर, रीवा, सागर, सतना, सिवनी, टीकमगढ़, उमरिया और मलाजखंड में पारा 20 डिग्री से नीचे ही रहा। दिन की बात करें तो शुक्रवार को पचमढ़ी में पारा 25.8 डिग्री रहा। शिवपुरी में 28.2 डिग्री और बैतूल में 29 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। पचमढ़ी रात के साथ दिन में भी सबसे ठंडा बना हुआ है।

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उज्जैन । उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में शनिवार सुबह तमिल, कन्नड़ और बंगाली फिल्मों सहित जय श्रीकृष्ण में कंस और महाभारत में दुर्योधन की भूमिका निभाने वाले एक्टर अर्पित रांका पहुंचे। वे अपनी पत्नी निधि और दोनों बच्चों के साथ बाबा महाकाल की भस्म आरती में शामिल हुए और बाबा महाकाल की भस्म आरती का शृंगार देखा और उसके बाद चांदी द्वार पर पहुंचकर बाबा महाकाल का पूजन अर्चन किया।   अर्पित रांका ने परिवार के साथ बाबा महाकाल की भस्म आरती के दर्शन करने श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे थे। जहां उन्होंने नंदी हॉल में बैठकर बाबा महाकाल की भस्म आरती में शामिल हुए। उसके बाद चांदी द्वार पर पहुंचकर बाबा महाकाल का पूजन अर्चन किया।अर्पित रांका और उनका पूरा परिवार बाबा महाकाल की भक्ति में लीन दिखाई दिया। जिन्होंने चांदी द्वार पर बाबा महाकाल के सामने माथा टेका और तिलक भी लगवाया। बताया जाता है कि अर्पित अपनी आने वाली साउथ की फिल्म की सफलता के लिए बाबा महाकाल के दरबार में पहुंचे थे, जहां उन्होंने बाबा महाकाल से इसी फिल्म की सफलता की कामना भी की।   उल्‍लेखनीय है कि अर्पित रांका वर्ष 2008 में जय श्री कृष्णा में कंस के किरदार में नजर आए थे, जिसके बाद उन्होंने महाभारत में दुर्योधन का किरदार निभाया। इसके बाद वर्ष 2021 में फिर जय कन्हैया लाल की सीरियल में कंस की भूमिका में दिखाई दिए थे। उनके साथ ही अर्पित रांका ने फिल्मों मे भी अपना भाग्य आजमाया वे तमिल फिल्म पेया के साथ ही अजय देवगन की फिल्म भोला और एमएसजी 2 में भी दिखाई दिए थे। अपने किरदार को बड़ी ही संजीदगी से निभाने वाले अर्पित रांका के बारे में बताया जाता है कि जब उन्होंने कंस की भूमिका निभाई थी, उस समय उन्होंने अपना वजन 100 किलो कर लिया था। उन्हें बेस्ट एक्टर इन नेगेटिव रोल के लिए नॉमिनेट भी किया जा चुका है।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना