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अनूपपुर। मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में ग्रमीण क्षेत्र में विगत 14 दिन पूर्व आया एक हाथी सोमवार की सुबह प्रदेश की सीमा पार कर छत्तीसगढ़ के मरवाही में एक प्रवेश कर गया। हाथी द्वारा 14 दिनों के मध्य अनूपपुर जिले में कई ग्रामीणों के घरों में तोड़फोड़ कर खेतों में लगी व घरों में रखी विभिन्न तरह की फसलों को अपना आहार बनाया। गत रात एक ग्रामीण की बाउंड्री तोड़कर बांड़ी में लगे केला एवं अन्य तरह की सामग्रियों को खाया है हाथी के छत्तीसगढ़ वापस चले जाने से ग्रामीणों को राहत की सांस ली है। विगत 5 नवंबर को एक-एक दांत वाला नर हाथी छत्तीसगढ़ के मरवाही से मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिला के जैतहरी तहसील एवं वन परिक्षेत्र के चोलना और धनगवां बीट के ग्रमीणों के घरों में रखे अनाज एवं धान की फसलोंको नुकसान पहुंचाया हैं। दिन में जंगलो में डेरा डाला और रात में ग्राम पंचायत पड़रिया के चोई, ग्राम पंचायत कुकुरगोड़ा के विभिन्न टोला मोहल्लों में लगी धान एवं अन्य तरह की फसलों को अपना आहार बनाया।   रविवार की रात जंगल से निकल कर हाथी ने ग्राम पंचायत कुकुरगोंड़ा के मंटोलिया टोला, बडकाटोला होते हुए ग्राम पंचायत चोलना के बचहाटोला में विचरण करते हुए खेतों, खलिहानों में रखी धान की फसल के साथ एक ग्रामीण के बांड़ी के बाउंड्री वॉल को तोड़कर दो-तीन ग्रामीणों के बांडी में लगे केला एवं अन्य तरह की सामग्रियों को अपना आहार बनाते हुए सोमवार की चोलना गांव के मुदरी के समीप से गूजरनाला पार कर छत्तीसगढ़ के शिवनी बीट के मालाडांड गांव से धिनौची के जंगल के पहाड़ में पहुंचकर दिन में विश्राम कर रहा है। एक बार फिर से हाथी के वापस जाने से ग्रामीणों को राहत मिली है।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में नवंबर महीने में ही तेज ठंड का दौर शुरू हो गया है। प्रदेश के 10 शहरों में पारा 10 डिग्री से नीचे पहुंच गया है। वहीं राजगढ़ जिला सबसे ठंडा रहा। प्रदेश में अगले दो दिन शीतलहर का अलर्ट है। इसे देखते हुए कई जिलों में स्कूलों के समय में बदलाव किया गया है। आज सोमवार को भी कई जिलों में कोल्ड वेव चलेगी। भोपाल, इंदौर, जबलपुर, राजगढ़, कटनी, सीहोर, सतना, शाजापुर, शिवपुरी, धार, देवास, दमोह, रीवा, मैहर, छतरपुर और पन्ना में अलर्ट जारी किया गया है।मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तर भारत में बर्फबारी की वजह से मध्‍य प्रदेश में कड़ाके की ठंड देखने को मिल रही है। प्रदेश में नवंबर में ही दिसंबर और जनवरी जैसे हालात है। भोपाल, इंदौर और राजगढ़ देश के 10 सबसे ठंडे शहरों की सूची में शामिल हैं। राजगढ़ जिला सबसे ठंडा रहा। यहां तापमान 6 डिग्री दर्ज किया गया। भोपाल और इंदौर में 25 साल में सबसे कम तापमान दर्ज किया गया है। दोनों जगहों पर पारा 6.4 डिग्री सेल्सियस पहुंचा। ये तीनों शहर भीषण शीतलहर की चपेट में हैं।शनिवार-रविवार की रात भोपाल-इंदौर में पारा 6.4 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। जबलपुर में 8.5 डिग्री सेल्सियस, उज्जैन में 10.5 डिग्री और ग्वालियर में 10.1 डिग्री सेल्सियस टेम्प्रेचर दर्ज किया गया। शाजापुर जिले के गिरवर में रात का तापमान 6, शहडोल के कल्याणपुर में 6.2, उमरिया में 7.3, रीवा में 7.4, नौगांव में 7.6, मंडला में 8.8, शिवपुरी में 9, छिंदवाड़ा में 9.2, दमोह में 9.6, बैतूल में 9.7 डिग्री पारा दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने प्रदेश में दो दिन शीतलहर की चेतावनी जारी की है। प्रदेश में कड़ाके की ठंड को देखते हुए कई जिलों में स्कूलों के समय में बदलाव किया गया है। छिंदवाड़ा, उमरिया में कलेक्टर ने स्कूलों का टाइम बढ़ा दिया है। भोपाल और इंदौर में भी जल्द स्कूलों की टाइमिंग को लेकर फैसला हो सकता है।

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उमरिया। मप्र के उमरिया जिले में बढ़ती ठंड और गिरते तापमान को देखते हुए प्रशासन सक्रिय हो गया है। शीतलहर के प्रभाव से सुबह के समय कड़ाके की ठंड के कारण छोटे बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका को ध्यान में रखते हुए प्रभारी कलेक्टर अभय सिंह ने जिले में संचालित सभी शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों के समय में संशोधन कर दिया है। जारी आदेश के अनुसार जिले में प्री-प्राइमरी से कक्षा 8वीं तक के विद्यार्थियों के लिए आज यानी सोमवार से नवंबर से आगामी आदेश तक विद्यालयों का संचालन प्रातः 9 बजे से किया जाएगा। यह निर्णय विशेष रूप से उन बच्चों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, जिन्हें सुबह-सुबह अत्यधिक ठंड और शीत लहर के बीच स्कूल पहुँचना कठिन हो रहा था।उल्‍लेखनीय है कि जिले में पिछले कुछ दिनों से तापमान में अचानक गिरावट आई है। सुबह के समय तेज ठंडी हवाएँ चल रही हैं, धुंध के कारण दृश्यता प्रभावित हो रही है और छोटे बच्चों में सर्दी-जुकाम तथा अन्य मौसमी बीमारियों की आशंका बढ़ गई है। मौसम विभाग की चेतावनी और स्वास्थ्य विभाग की सलाह के बाद प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से यह आदेश जारी किया।प्रभारी कलेक्टर ने कहा कि शीत ऋतु के प्रभाव से बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर न पड़े, इसलिए यह बदलाव आवश्यक हो गया था। यह आदेश जिले में संचालित सभी शासकीय, अशासकीय, केन्द्रीय विद्यालय, सीबीएसई समेत सभी बोर्ड से मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों पर समान रूप से लागू होगा। हालाँकि विद्यालयों में शिक्षण-अध्यापन कार्य समयानुसार जारी रहेगा और शिक्षकों के लिए यह अनिवार्य होगा कि वे निर्धारित समय पर विद्यालय पहुँचकर अपनी नियमित जिम्मेदारियों का निर्वहन करें। प्रशासन का कहना है कि बच्चों को ठंड से राहत मिल सके, इसी उद्देश्य से केवल विद्यार्थियों के समय में परिवर्तन किया गया है, जबकि विद्यालयीन गतिविधियाँ पूर्ववत गति से चलती रहेंगी।उधर, अभिभावकों ने प्रशासन के इस निर्णय का स्वागत किया है। उनका कहना है कि सर्दी बढ़ने के चलते सुबह 7 बजे या 7:30 बजे बच्चों को तैयार कर स्कूल भेजना काफी चुनौतीपूर्ण हो गया था। कई बच्चे ठंड लगने से बीमार पड़ रहे थे। शिक्षकों ने भी इसे सकारात्मक कदम बताया है, क्योंकि कम तापमान में स्कूली बच्चों की यात्रा और उपस्थिति दोनों प्रभावित हो रही थीं। स्वास्थ्य विभाग ने भी माता-पिता से अपील की है कि ठंड के मौसम में बच्चों को गर्म कपड़े पहनाएँ, सुबह के समय बाहर निकलने से बचाएँ और सर्दी-जुकाम के किसी भी लक्षण पर तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें।प्रशासन ने संकेत दिया है कि यदि आने वाले दिनों में ठंड का प्रकोप और बढ़ता है तो स्कूलों के समय में और बदलाव या छुट्टियाँ घोषित करने पर भी विचार किया जा सकता है। फिलहाल जिले के सभी विद्यालय 9 बजे से संचालित होंगे और यह आदेश अगले निर्देश तक लागू रहेगा।  

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भोपाल। मध्य प्रदेश इस वर्ष नवंबर में ही तेज ठंड की चपेट में आ गया है। राजधानी भोपाल और इंदौर सहित कई शहरों में रात का तापमान रिकॉर्ड स्तर पर लुढ़क गया है। मौसम विभाग ने आगामी तीन दिनों तक प्रदेश के कई हिस्सों में शीतलहर की चेतावनी जारी की है।मौसम विभाग के अनुसार, बीते 24 घंटों में कई जिलों में अति-शीतलहर और शीतलहर का असर देखने को मिला है। अगले तीन दिन भी कोल्ड वेव की स्थिति बनी रहने की संभावना है, जिसके बाद मामूली राहत मिलने की उम्मीद है। मौसम विभाग का कहना है कि उत्तरी राज्यों उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में जारी बर्फबारी का प्रभाव मध्यप्रदेश तक पहुंच रहा है। पहाड़ों से आने वाली ठंडी उत्तरी हवाओं के कारण रातें अत्यंत सर्द हो गई हैं, हालांकि दिन में धूप निकलने से कुछ राहत मिलती है।शुक्रवार-शनिवार की रात प्रदेश में तापमान सामान्य से काफी नीचे रहा। भोपाल में न्यूनतम तापमान 8 डिग्री, इंदौर में 9.6 डिग्री, ग्वालियर में 9.9 डिग्री, उज्जैन में 11.7 डिग्री तथा जबलपुर में 9.7 डिग्री दर्ज किया गया। प्रदेश में सबसे कम तापमान राजगढ़ में रिकॉर्ड हुआ। रीवा 7.5 डिग्री, छतरपुर के नौगांव में 7.8 डिग्री, खजुराहो 9.4 डिग्री, उमरिया 8.4 डिग्री, शिवपुरी 9 डिग्री, सतना और मलाजखंड 9.6 डिग्री तथा छिंदवाड़ा 9.8 डिग्री पर रहा। अन्य अधिकांश शहरों में पारा 10 डिग्री के आसपास या उससे ऊपर दर्ज किया गया।मौसम विभाग ने आज रविवार को भोपाल, इंदौर, राजगढ़, शाजापुर, देवास, सीहोर, शिवपुरी, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, मैहर, कटनी, उमरिया, शहडोल, जबलपुर, डिंडौरी और अनूपपुर जिलों में शीतलहर का अलर्ट जारी किया है। इससे पहले, शनिवार तक भोपाल लगातार आठ दिनों से शीतलहर की चपेट में रहा। सीहोर, इंदौर, शाजापुर, शहडोल, जबलपुर, छतरपुर, शिवपुरी, रीवा और राजगढ़ में भी कोल्ड वेव का प्रभाव बना रहा।  

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उज्जैन। फिल्म और टेलीविजन की मशहूर जाेड़ी अभिनेता रवि दुबे और उनकी पत्नी अभिनेत्री सरगुन मेहता ने रविवार सुबह उजजैन के विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल के दर्शन किए। दोनों कलाकारों ने अल सुबह हुई भस्म आरती में शामिल होकर श्रद्धा और आस्था के साथ भगवान का आशीर्वाद लिया। नंदी हॉल में बैठकर दोनों ने भगवान महाकाल की भस्म आरती के दर्शन किए। इस दौरान वे भगवान की भक्ति में लीन दिखाई दिए ।   दर्शन के बाद अभिनेता रवि दुबे ने मंदिर समिति द्वारा की गई दर्शन व्यवस्थाओं की सराहना की। उन्होंने मीडिया से बातचीत में बताया कि इतनी अधिक भीड़ होने के बावजूद सभी श्रद्धालुओं को सुचारू रूप से दर्शन कराना आसान काम नहीं है, लेकिन श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति इसे बखूबी निभा रही है। मंदिर समिति की ओर से उप प्रशासक एसएन सोनी ने रवि दुबे और सरगुन मेहता को भगवान महाकाल का दुपट्टा और प्रसाद भेंटकर सम्मानित किया।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । प्रदेश में अचानक बढ़ी ठिठुरन ने सर्दियों के आगमन को इस बार काफी पहले और तेज महसूस करा दिया है। राज्‍य में शीतलहर का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में कड़ाके की ठंड के हालात बन गए हैं। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, सागर, ग्वालियर और जबलपुर संभाग के शहरों में सुबह-शाम सर्द हवाओं ने जनजीवन को प्रभावित कर दिया है। मौसम विभाग के अनुसार राजधानी भोपाल में तो स्थिति और गंभीर है, जहां लगातार सात दिनों से कोल्ड वेव बनी हुई है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि शुक्रवार एवं शनिवार को प्रदेश के कई शहरों के लिए शीतलहर का अलर्ट जारी किया गया है, जबकि 17 नवंबर से तापमान में मामूली सुधार की संभावना जताई गई है।गुरुवार-शुक्रवार की रात प्रदेश में सबसे अधिक ठंड शहडोल में दर्ज हुई, जहां पहली बार पारा 7.2 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया। इसके बाद शिवपुरी 8 डिग्री रहा। भोपाल में तापमान 9.6 डिग्री रहा, जबकि पिछले एक सप्ताह में पारा 8 डिग्री के आसपास बना हुआ था। इंदौर में न्यूनतम तापमान 8.2 डिग्री, जबलपुर में 9.4 डिग्री, ग्वालियर में 10.5 डिग्री और उज्जैन में 11.8 डिग्री दर्ज किया गया।अन्य जिलों में भी ठंड का असर तेज रहा। छतरपुर के नौगांव और राजगढ़ में पारा 8.2 डिग्री दर्ज हुआ। उमरिया में 8.6, रीवा में 8.8, छिंदवाड़ा और मलाजखंड में 9.5 और मंडला में 9.6 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया। अचानक बढ़ी इस ठंड ने नवंबर के मध्य में ही जनवरी जैसी सर्दी का एहसास करा दिया है।मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इस बार ठंड बढ़ने के पीछे कई कारण हैं। हिमालयी राज्यों में लगातार बर्फबारी हो रही है, जिसके कारण वहां की बेहद ठंडी उत्तरी हवाएं सीधे मैदानी इलाकों में प्रवेश कर रही हैं। दूसरी ओर राजस्थान के पास एक प्रति-चक्रवात सक्रिय है, जिसने इन ठंडी हवाओं को नीचे की ओर धकेलकर उनके प्रभाव को और बढ़ा दिया है। यही हवाएं राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों से होते हुए भोपाल और इंदौर तक पहुंच रही हैं, जिससे तापमान में तेजी से गिरावट हुई है।राजधानी भोपाल में लगातार आठवें दिन भी शीतलहर चलने का अनुमान है। मौसम विभाग के मुताबिक शनिवार को इंदौर, भोपाल, राजगढ़, शाजापुर, देवास, सीहोर, शिवपुरी, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, मैहर, कटनी, जबलपुर, उमरिया, शहडोल, मंडला, डिंडौरी और अनूपपुर जिलों में शीतलहर का अलर्ट जारी किया गया है। इन जिलों में सुबह से ही गलन महसूस की जा रही है और लोग गरम कपड़ों के बिना घर से बाहर नहीं निकल पा रहे।प्रदेश के इकलौते हिल स्टेशन पचमढ़ी में इस बार मौसम के दो अलग-अलग स्वरूप दिखाई दे रहे हैं। यहां रात का तापमान भले ही अन्य शहरों की तुलना में थोड़ा अधिक है, लेकिन दिन के तापमान में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई है। शुक्रवार को पचमढ़ी में अधिकतम तापमान 23 डिग्री और न्यूनतम 14.2 डिग्री दर्ज किया गया। मलाजखंड और सीधी में भी दिन के तापमान में गिरावट दर्ज हुई है, जिससे यहां दिन में ठंड का असर ज्यादा महसूस किया जा रहा है।मध्यप्रदेश में पिछले दस वर्षों से नवंबर में ठंड के साथ बारिश का पैटर्न देखा जा रहा है। इस साल भी मौसम में यही ट्रेंड देखने को मिला है। बारिश के लिहाज से अक्टूबर का महीना उम्मीद से बेहतर रहा, जहां औसत 1.3 इंच के मुकाबले 2.8 इंच बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य से 121% अधिक है। अतिरिक्त नमी के चलते भी तापमान में तेजी से गिरावट देखी जा रही है।मौसम विभाग का कहना है कि आज 15 और आगामी 16 नवंबर को ठंड का प्रकोप चरम पर रहेगा, जबकि 17 नवंबर से रात के तापमान में कुछ बढ़ोतरी की संभावना है। हालांकि दिन के तापमान में सुधार 18 या 19 नवंबर से ही संभव हो सकेगा। फिलहाल लोगों को ठंड से बचाव रखने, सुबह जल्दी बाहर न निकलने और बुजुर्गों व बच्चों की विशेष देखभाल करने की सलाह दी गई है।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश की राजधानी भाेपाल की सड़क पर शनिवार सुबह उस वक्त हड़कंप मच गया, जब भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड (बीसीएलएल) की लो फ्लोर रोड में अचानक धुआं उठने लगा। बस से उठते धुएं को देख यात्रियों के बीच अफरा-तफरी मच गई। बस में आग लगते ही ड्राइवर-कंडक्टर कूद गए और फिर बस में मौजूद सवारियों को भी सुरक्षित नीचे उतार लिया। हालांकि बाद में बस में लगी आग बुझा ली गई।   जानकारी के अनुसार पूरा मामला भोपाल के लिंक रोड नंबर-1 का है, जहां बोर्ड ऑफिस चौराहे से न्यू मार्केट की ओर जा रही लो फ्लोर बस से अचानक धुआं निकलने लगा। तभी ड्राइवर ने बस को अचानक रोका और कूद गया। इसके बाद यात्रियों को बाहर निकाला गया। हालांकि, घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है। ये बस टीआर-4 है, जो कि बैरागढ़ से एम्स तक संचालित होती है। नगर निगम में एमआईसी मेंबर और बीसीएलएल के प्रभारी मनोज राठौर ने बताया "ये बस टीआर-4 रूट पर बैरागढ़ से एम्स तक चलती है। शनिवार सुबह यह बस बोर्ड आफिस से न्यू मार्केट की तरफ जा रही थी। इस बीच लिंक रोड नंबर एक पहुंचे ही बस से अचानक धुंआ निकलने लगा। इसकी जानकारी मिलते ही यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। ड्राइवर ने सूझबूझ का परिचय देते हुए बस को साइड में लगाकर रोका और इसमें सवार यात्रियों को उतारा।" नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि बस के पिछले हिस्से में शॉर्ट सर्किट की वजह से धुंआ निकलने की बात सामने आ रही है। घटना की भनक लगते ही ड्राइवर ने बस को भी रोक दिया था। घटना के समय बस में ड्राइवर और कंडक्टर समेत 8 से 10 सवारियां मौजूद थीं।   घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है। अच्छी बात यह रही कि उस समय बस में सवारियों की संख्या कम थी। अन्यथा भगदड़ जैसे हालात बन सकते थे। बता दें कि बीसीएलएल की बसों की खराब हालत को लेकर सवाल उठते रहे हैं। अधिकारियों ने घटना की जांच शुरू कर दी है।    

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भोपाल। भावांतर योजना 2025 के अंतर्गत सोयाबीन विक्रेता किसानों के लिए शनिवार को 4225 रुपये प्रति क्विंटल का मॉडल रेट जारी किया गया है। यह मॉडल रेट उन किसानों के लिए है जिन्होंने अपनी सोयाबीन की उपज मंडी प्रांगणों में विक्रय की है। इस मॉडल रेट के आधार पर ही भावांतर की राशि की गणना की जाएगी।सोयाबीन के मॉडल रेट में लगातार वृद्धि जारी है। पहला मॉडल रेट 7 नवंबर को 4020 रुपये प्रति क्विंटल जारी किया गया था। इसी तरह 8 नवंबर को 4033 रुपए, 9 और 10 नवंबर को 4036 रुपए, 11 नवंबर को 4056 रुपये, 12 नवंबर को 4077 रुपए, 13 नवंबर को 4130 रुपये और 14 नवंबर को 4184 रुपये प्रति क्विंटल का मॉडल रेट जारी हुआ।

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उज्जैन । सेम ग्लोबल यूनिवर्सिटी, रायसेन द्वारा अपने प्रथम दीक्षांत समारोह में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के संस्कृति सलाहकार श्रीराम तिवारी को मानद उपाधि (डी.लिट.) से सम्मानित किया गया। यह उपाधि श्रीराम तिवारी को उनके सांस्कृतिक, सामाजिक एवं राष्ट्रीय विचार पुनरुत्थान में उत्कृष्ट योगदान के लिए दी गई है।

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खरगोन । मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में स्थित ऐतिहासिक नगर महेश्वर में 22 से 24 नवंबर तक तीन दिवसीय निमाड़ उत्सव 2025 का आयोजन किया जा रहा है। मध्य प्रदेश आदिवासी लोक कला एवं बोली विकास अकादमी संस्कृति परिषद भोपाल द्वारा आयोजित इस तीन दिवसीय निमाड़ उत्सव का शुभारंभ 22 नवम्बर को सायं 7 बजे देवी अहिल्या घाट महेश्वर में होगा। निमाड़ उत्सव के शुभारंभ अवसर पर भक्ति संगीत की प्रस्तुति नई दिल्ली से आए सुप्रसिद्ध गायक लखवीरसिंह लक्खा एवं उनके साथियों द्वारा दी जाएगी।   कार्यक्रम के समन्वयक एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आकाश सिंह ने गुरुवार को बताया कि निमाड़ उत्सव के दूसरे दिन 23 नवम्बर को विविध लोक-सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। इस दौरान बाड़मेर के भुट्टे खाँ एवं साथियों द्वारा मांगणियार गायन, पुरी के चन्द्रमणि प्रधान एवं साथियों द्वारा गोटीपुआ नृत्य एवं बड़ौदा के विजयभाई राठवा एवं साथियों द्वारा राठ नृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी। इसी दिन निमाड़ी कवियों द्वारा भी प्रस्तुति दी जाएगी। निमाड़ी कवियों में मोहन परमार (खरगोन), दिलीप काले (महेश्वर), राम शर्मा परिंदा (मनावर), जितेंद्र यादव (कसरावद), धनसिंह सेन (जलकोटा) एवं बिहारी पाटीदार गांववाला (उमियाधाम करोंदिया) द्वारा अपनी रचनाएं प्रस्तुत की जाएगी। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता पद्मश्री जगदीश जोशीला द्वारा की जाएगी।   महोत्सव के अंतिम दिन 24 नवम्बर को शास्त्रीय एवं लोकनृत्य की प्रस्तुतियां आयोजित होगी। इसमें खरगोन की गौरी देशमुख एवं समूह द्वारा कथक नृत्य, खण्डवा की अनुजा जोशी एवं समूह द्वारा गणगौर नृत्य और खण्डवा के रामदास साकल्ले एवं समूह द्वारा काठी नृत्य प्रस्तुत किए जाएंगे। इसी दिन राष्ट्रीय कवि सम्मेलन भी आयोजित होगा। इसमें राष्ट्रीय कवि सुदीप भोला, डॉ. शंभूसिंह मनहर, भुवन मोहिनी, नरेंद्र श्रीवास्तव अटल एवं राम भदावर ’ओज’ कविता पाठ करेंगे। जिसमें सूत्रधार बुद्धिप्रकाश दाधीच होंगे।   उत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ विविध प्रतियोगिताएँ भी आयोजित होंगी। 22 नवम्बर को प्रातः 8 बजे रैली उकृष्ट विद्यालय महेश्वर से घाट तक निकाली जाएगी। इसी दिन प्रातः 9 बजे से कबड्डी प्रतियोगिता उत्कृष्ट विद्यालय में तथा दोपहर 3 से 5 बजे तक देवी अहिल्या घाट पर नौका सज्जा प्रतियोगिता आयोजित होगी। 23 नवम्बर को कुश्ती प्रतियोगिता प्रातः 9 बजे से उत्कृष्ट विद्यालय में तथा दोपहर 12 से 3 बजे तक देवी अहिल्या किला में मेहंदी प्रतियोगिता का आयोजन होगा। 24 नवम्बर को दोपहर 2 से 3 बजे तक देवी अहिल्या किला में रंगोली प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी।  

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भोपाल । पश्चिमी विक्षोभ और पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी के चलते हवा का रूख उत्तरी हो गया है, जिसके चलते मध्य प्रदेश में तापमान में तेजी से गिरावट दर्ज की जा रही है और ठंड का असर भी तेज हो चला है। रात के अलावा दिन में भी ठंडक घुलने लगी है। संभवत: पहली बार नवंबर माह के पहले पखवाड़े में भोपाल, इंदौर सहित कई शहरों में लगातार पांच दिन तक तीव्र शीतलहर की स्थिति बनी हुई है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, मौसम का इस तरह का मिजाज अभी तीन-चार दिन तक और बना रह सकता है।   अनूपपुर और बालाघाट में पिछले 2 दिन से कोल्ड डे की स्थिति है। गुरुवार को भी यही अलर्ट है। मौसम विभाग ने गुरुवार को इंदौर, राजगढ़, भोपाल, शाजापुर, सीहोर, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, मैहर, उमरिया और सिवनी में कोल्ड वेव चलने का अलर्ट जारी किया है। अगले चार दिन ऐसा ही मौसम रहेगा। मौसम विशेषज्ञ पीके शाह ने बताया कि इस बार हिमालय क्षेत्र में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक सप्ताह पहले ही एक्टिव हो गए। इस वजह से जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी हो रही है। उत्तर से दक्षिणी की ओर बहने वाली हवा का असर एमपी में भी पड़ रहा है। जिससे ठंड का असर तेज हो गया है। नवंबर के पहले पखवाड़े में संभवत: पहली बार न्यूनतम तापमान इतना कम दर्ज हो रहा है। अमूमन नवंबर के अंत में कहीं-कहीं शीतलहर की स्थिति बना करती थी। किसी प्रभावी पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में सक्रिय होने पर हवाओं का रुख बदलने से तापमान में कुछ बढ़ोतरी होने की उम्मीद है, लेकिन अभी तीन-चार दिन तक मौसम का मिजाज इसी तरह बना रहने की संभावना है।     बुधवार को भोपाल, इंदौर, राजगढ़ में तीव्र शीतलहर एवं सीहोर, शाजापुर, रीवा एवं शहडोल जिले में शीतलहर का प्रभाव रहा। प्रदेश में रात का सबसे कम सात डिग्री सेल्सियस तापमान राजगढ़ में दर्ज किया गया। बुधवार को दिन का सबसे अधिक 30.5 डिग्री सेल्सियस तापमान खंडवा में रिकॉर्ड किया गया। मलाजखंड में शीतल दिन रहा।

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उमरिया । मध्‍य प्रदेश के उमरिया जिले के विश्व विख्यात बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पनपथा बफर जोन से सटे ग्राम चँसुरा में बाघ ने दो मवेशियों का शिकार कर अपनी पनाहगाह बना लिया है, जिसके चलते ग्रामीणों का अकेले घरों से निकलना मुश्किल हो गया है, कारण है ग्राम चंसुरा निवासी विष्णु साहू व सुरेश साहू के घर से 5 से 10 मीटर की दूरी पर बाघ निरन्तर बना हुआ है।   गांव के भीतर ही उसको पालतू मवेशी शिकार करने को मिल गये जिसके कारण बाघ गांव छोड़ने को तैयार नहीं है, जबकि इन दिनों ग्रामीणों की धान और कोदो की कटाई के साथ गेंहू बुवाई भी चालू है, घर के लोग दिन भी खेतों में काम कर रहे हैं और दिन में महिलायें खाना लेकर खेतों में पहुँचाने जाती हैं। ऐसी स्थिति में बाघ के आतंक के चलते ग्रामीण दहशत में जीने को मजबूर हैं, हालांकि ग्रामीण आपस में एक होकर बाघ को भगाने का प्रयास कर रहे है, लेकिन बाघ है कि ग्रामीणों पर ही आक्रमक हो रहा है।   इस बात की खबर पार्क प्रबंधन तक पहुंची तो पार्क प्रबंधन ने हाथियों को निगरानी करने को भेज दिया है ताकि आक्रमक बाघ को जंगल में खड़ेदा जा सके, लेकिन आलम यह है कि बुधवार की सुबह 7 बजे से ही गांव में दहशत है और लोग अपने घरों की छतों में चढ़कर बाघ का दीदार कर रहे है उस भी बाघ दहाड़ कर ग्रामीणों की तरफ दौड़ने का प्रयास कर रहा है ऐसे में कोई भी अप्रिय घटना घट सकती है और ग्रामीणों को विशेष सुरक्षा की आवश्यकता है।  

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भोपाल। भावांतर योजना 2025 अंतर्गत सोयाबीन विक्रेता किसानों के लिए बुधवार, 12 नवंबर को 4077 रुपये प्रति क्विंटल का मॉडल रेट जारी किया गया है। यह मॉडल रेट उन किसानों के लिए है जिन्होंने अपनी सोयाबीन की उपज मंडी प्रांगणों में विक्रय की है। इस मॉडल रेट के आधार पर ही भावांतर की राशि की गणना की जाएगी।मॉडल रेट में लगातार वृद्धि जारी रही। पहला मॉडल रेट 7 नवंबर को 4020 रुपये प्रति क्विंटल जारी किया गया था। इसी तरह 8 नवंबर को 4033 रुपये, 9 और 10 नवंबर को 4036 रुपए तथा 11 नवंबर को 4056 रुपये प्रति क्विंटल का मॉडल रेट जारी हुआ।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश इस बार नवंबर महीने की शुरुआत में ही अप्रत्याशित रूप से तेज ठंड की चपेट में आ गया है। सामान्यत: प्रदेश में नवंबर के मध्य या अंत में ठंड पड़ती है, लेकिन इस बार मौसम ने पहले ही ऐसा मिजाज दिखाया कि लोगों को हैरानी हुई। राजधानी भोपाल, इंदौर, शहडोल और जबलपुर में तीव्र शीतलहर का असर देखा जा रहा है, वहीं राजगढ़, सीहोर, शाजापुर, रीवा और मलाजखंड में भी ठंड का प्रभाव बना हुआ है।शुष्क वातावरण और साफ आसमान बढ़ा रहे ठंड का असरमौसम विज्ञानियों के अनुसार, पूरे प्रदेश का वातावरण शुष्क है और आसमान साफ होने की वजह से रात का तापमान सामान्य से काफी कम बना हुआ है। रातें और सुबह का मौसम बेहद ठंडा होने के कारण लोगों को सर्दी से परेशानी हो रही है। मौसम विभाग ने बताया कि यह स्थिति अगले दो-तीन दिन तक बनी रह सकती है। मंगलवार को राजगढ़ में रात का तापमान रिकॉर्ड आठ डिग्री सेल्सियस तक गिर गया। प्रदेश के 30 शहरों में न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से कम दर्ज किया गया। भोपाल, इंदौर और शहडोल में तीव्र शीतलहर का असर रहा, जबकि राजगढ़, सीहोर, शाजापुर, रीवा और मलाजखंड में शीतलहर की स्थिति बनी रही।उल्‍लेखनीय है कि इस साल नवंबर के पहले सप्ताह से ही मध्य प्रदेश में ठिठुरन जारी है। दिन में सर्द हवाएं चल रही हैं और रातें अत्यधिक ठंडी हैं। राजधानी भोपाल में नवंबर का न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो पिछले 10 साल में सबसे कम है। इंदौर में पारा 7 डिग्री तक पहुंच गया, जो पिछले 25 साल में नवंबर का अब तक का सबसे कम तापमान है।भोपाल के मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार इस बार हिमालय क्षेत्र में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक सप्ताह पहले सक्रिय हो गए। इसका असर उत्तर से दक्षिण की ओर बहती हवा के माध्यम से मध्य प्रदेश तक पहुंचा, जिससे ठंड का असर तेज हुआ। मौसम विज्ञान केंद्र ने बताया कि पाकिस्तान और उसके आसपास हवा के ऊपरी हिस्से में एक पश्चिमी विक्षोभ चक्रवात के रूप में बना हुआ है। प्रदेश के आसपास के राज्यों में भी ठंड पड़ रही है, लेकिन मध्य प्रदेश के कई शहरों में तापमान हिमाचल, उत्तराखंड के शहरों से भी कम दर्ज किया गया।पचमढ़ी में दिन और रात का अंतरप्रदेश के इकलौते हिल स्टेशन पचमढ़ी में रात का तापमान अपेक्षाकृत अधिक है, लेकिन दिन में सर्दी का असर महसूस किया जा रहा है। सोमवार-मंगलवार की रात पचमढ़ी का तापमान 13.8 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि दिन का तापमान 23.6 डिग्री तक पहुंच गया। वहीं, बैतूल, धार, रायसेन, सीधी और मलाजखंड में न्यूनतम तापमान 27 डिग्री से भी कम दर्ज किया गया।अगले चार दिनों तक कोल्ड वेव का अलर्टमौसम विभाग ने आगामी चार दिनों तक शीतलहर यानी कोल्ड वेव का अलर्ट जारी किया है। बुधवार को भोपाल, इंदौर समेत कुल 23 जिलों में शीतलहर की चेतावनी दी गई। पिछले 3-4 दिन तक सर्दी का असर प्रदेश के पश्चिमी हिस्से यानी भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, चंबल और नर्मदापुरम संभाग में अधिक था। अब पूर्वी हिस्से यानी जबलपुर, सागर, रीवा और शहडोल संभाग के जिलों में भी कड़ाके की ठंड पड़ रही है।नागरिकों को सतर्क रहने की सलाहमौसम विभाग ने नागरिकों से ठंड से बचाव के उपाय अपनाने का आग्रह किया है। विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों को गर्म कपड़े पहनने और सुबह-शाम बाहर निकलने में सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। इस तरह, मध्य प्रदेश में नवंबर की शुरुआत से ही अनपेक्षित शीतलहर ने लोगों की दिनचर्या प्रभावित कर दी है और मौसम के इस अचानक बदलाव ने सभी को चौंका दिया है। आने वाले दिनों में ठंड और बढ़ने की संभावना है, इसलिए सभी को सतर्क रहना होगा।

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आगरमालवा । साउथ फ़िल्म इंडस्ट्री की प्रसिद्ध अभिनेत्री नयनतारा और उनकी सह-कलाकार लीला आगरमालवा जिले के नलखेड़ा स्थित विश्वप्रसिद्ध पीताम्बरा सिद्धपीठ माँ बगलामुखी मंदिर पहुँचीं, जहाँ देवीजी के दर्शन कर पंडितों के सानिध्य में वैदिक रीति से विशेष पूजा-अर्चना की। रविवार देर रात आई दोनो अभिनेत्रियों को देखने के लिये मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। दोनों अभिनेत्रियों ने माँ बगलामुखी के चरणों में माथा टेकते हुए देश-प्रदेश में शांति, समृद्धि और सुख-समृद्धि की कामना की। पूजा के पश्चात उन्होंने कुछ समय मंदिर प्रांगण में बिताया और वहाँ के आध्यात्मिक वातावरण का अनुभव किया।   गौरतलब है कि यहां स्थित पीताम्बरा सर्व सिद्धपीठ माँ बगलामुखी मंदिर न केवल मध्यप्रदेश बल्कि पूरे देशभर में आस्था का प्रमुख केंद्र माना जाता है। राजनीति, व्यापार और फिल्म जगत से जुड़ी कई हस्तियाँ समय-समय पर यहाँ दर्शन के लिए पहुँचती रहती हैं। श्रद्धालुओं ने मोबाइल कैमरों में इस पल को कैद करने की कोशिश की। वहीं मंदिर प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्था के पुख्ता इंतज़ाम किए, जिससे पूजा-अर्चना का क्रम शांतिपूर्वक संपन्न हो सका।।       

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उज्जैन । मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान श्री महाकालेश्वर के मंदिर में कृष्ण पक्ष माह मार्गशीर्ष की पंचमी/षष्ठी तिथि पर सोमवार तड़के चार बजे विशेष शृंगार के साथ भस्म आरती संपन्न हुई। इस अवसर पर भगवान महाकाल का दिव्य श्रृंगार किया गया। इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने अपने ईष्ट देव के दर्शन किए। वहीं, शाम को उज्जैन में कार्तिक-अगहन मास में निकलने वाली सवारियों के क्रम में भगवान महाकाल की तीसरी सवारी धूमधाम से निकलेगी। चांदी की पालकी में सवार होकर अवंतिकानाथ नगर भ्रमण करेंगे और अपनी प्रजा का हाल जानेंगे।   महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि मंदिर के पट खुलने के बाद पुजारियों ने गर्भगृह में स्थापित सभी देवी-देवताओं का पूजन कर भगवान महाकाल का जलाभिषेक किया। इसके बाद दूध, दही, घी, शहद, फलों के रस से बने पंचामृत से अभिषेक पूजन किया। भस्म अर्पण से पहले प्रथम घंटाल बजाकर हरिओम का जल अर्पित किया गया और मंत्रोच्चार के बीच भगवान का ध्यान किया गया। कपूर आरती के बाद ज्योतिर्लिंग को कपड़े से ढांककर भस्म रमाई गई।   इसके बाद शेषनाग का रजत मुकुट, रजत की मुण्डमाल, रुद्राक्ष की माला और पुष्पों की मालाएं अर्पित की गईं। आभूषणों से सुगंधित पुष्पों से भगवान का अलंकरण हुआ। भस्म आरती में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने दर्शन कर पुण्य लाभ कमाया। लोगों ने नंदी महाराज का दर्शन कर उनके कान के समीप जाकर अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने का आशीर्वाद मांगा। इस दौरान श्रद्धालु बाबा महाकाल की जयकारे भी लगाए, जिससे पूरा मंदिर बाबा के जयकारे से गुंजायमान हो उठा।   महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक प्रथम कौशिक ने बताया कि भगवान महाकाल की मार्गशीर्ष माह की पहली और कार्तिक-अगहन माह की तीसरी सवारी आज शाम 4 बजे नगर में धूमधाम से निकाली जाएगी। इस दौरान भगवान श्री चन्द्रमौलीश्वर स्वरूप में पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। सवारी से पूर्व मंदिर परिसर के सभामंडप में भगवान श्री चन्द्रमौलीश्वर का विधिवत पूजन-अर्चन किया जाएगा। शाम चार बजे पूजन के बाद भगवान श्री चन्द्रमौलीश्वर रजत पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण के लिए प्रस्थान करेंगे।   मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवान भगवान को सलामी (गॉड ऑफ ऑनर) देंगे। सवारी में तोपची, कडाबीन, पुलिस बैंड, घुड़सवार दल, सशस्त्र पुलिस बल के जवान, श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति का बैंड, भजन मंडली के सदस्य, पंडे-पुजारी और प्रशासनिक अधिकारी शामिल होंगे। परंपरा अनुसार सवारी मंदिर से प्रारंभ होकर महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाड़ी होते हुए रामघाट पहुंचेगी। रामघाट पर मां शिप्रा के जल से भगवान श्री चन्द्रमौलीश्वर का अभिषेक किया जाएगा। अभिषेक के उपरांत सवारी रामघाट से गणगौर दरवाजा, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार होते हुए पुनः श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी।  

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भोपाल । उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी के बाद मध्य प्रदेश में ठंड ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। राजधानी भोपाल, इंदौर और उज्जैन समेत आधा प्रदेश शीतलहर की चपेट में है। मौसम विभाग ने आज सोमवार को 20 जिलों में शीतलहर का अलर्ट जारी किया है।मौसम विभाग के अनुसार, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हो रही बर्फबारी के कारण उत्तरी हवाएं सीधे मध्य प्रदेश की ओर बढ़ रही हैं, जिससे तापमान में लगातार गिरावट हो रही है। बीते रविवार को प्रदेश के कई हिस्सों में तापमान सामान्य से 5 से 7 डिग्री नीचे दर्ज किया गया। पिछले दो दिन में भोपाल, राजगढ़, सीहोर, इंदौर और शाजापुर में तीव्र शीतलहर का प्रभाव रहा, जबकि रीवा, शहडोल और जबलपुर में भी शीतलहर चली। सोमवार को भोपाल, इंदौर, आगर-मालवा, राजगढ़, सीहोर, देवास, उज्जैन, शाजापुर, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, रीवा, मऊगंज, सतना, पन्ना, मैहर, कटनी, जबलपुर, उमरिया और शहडोल में शीतलहर का अलर्ट है।शाजापुर सबसे ठंडा जिलाशाजापुर इस समय सबसे ठंडा जिला रहा। भोपाल में न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो नवंबर माह के पिछले 10 साल का सबसे कम आंकड़ा है। इंदौर में पारा 7 डिग्री सेल्सियस तक गिरा, जो नवंबर में पिछले 25 वर्षों की सबसे सर्द रात रही। 1938 में यहां नवंबर माह का ऐतिहासिक रिकॉर्ड 5.6 डिग्री दर्ज हुआ था। इसी तरह राजगढ़ में भी तापमान 7 डिग्री तक लुढ़का। उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर, रीवा और सीहोर में भी ठंड ने असर दिखाया। उज्जैन में 10.5 डिग्री, ग्वालियर में 10.7 और जबलपुर में 9.8 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।शनिवार-रविवार की रात में प्रदेश के कई शहरों में पारा रिकॉर्ड लुढ़का। प्रदेश के इकलौते हिल स्टेशन पचमढ़ी में बाकी शहरों से ठंड का असर कम है। यहां पारा 15 डिग्री रहा। सीहोर में 8.5 डिग्री, उमरिया में 9.5 डिग्री, मलाजखंड में 9.6 डिग्री और रीवा में 9.9 डिग्री दर्ज किया गया। इसी तरह छिंदवाड़ा में 10 डिग्री, नौगांव में 10.5 डिग्री, मंडला में 10.6 डिग्री, बैतूल में 10.8 डिग्री, गुना, दमोह-शिवपुरी में 11 डिग्री, सागर में 11.5 डिग्री, धार में 11.6 डिग्री, टीकमगढ़-सतना में 11.8 डिग्री, रतलाम में 12.2 डिग्री, दतिया में 12.5 डिग्री, श्योपुर में 12.6 डिग्री, खजुराहो में 13 डिग्री, खंडवा, सीधी-नरसिंहपुर में 13.4 डिग्री, नर्मदापुरम में 13.7 डिग्री और खरगोन में पारा 14.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि यह ठंड नवंबर के शुरुआती दौर के लिए असामान्य है। आने वाले दिनों में कोहरे की स्थिति भी बढ़ सकती है, खासकर देर रात और सुबह के समय। दिन के तापमान में भी ठंडक घुलने लगी है। रविवार को अधिकांश शहरों में अधिकतम तापमान 30 डिग्री से नीचे रहा।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में इस साल सर्दी ने सामान्य समय से पहले दस्तक दी है। आमतौर पर नवंबर के दूसरे पखवाड़े में शुरू होने वाली कड़ाके की ठंड इस बार पहले ही पूरे प्रदेश को अपनी चपेट में ले चुकी है। उत्तर-पूर्वी हवाओं के असर से राज्य के अधिकांश जिलों में न्यूनतम तापमान में अचानक गिरावट दर्ज की गई है। राजगढ़ सबसे ठंडा जिला रहा, जहां रात का पारा 9 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया। वहीं, इंदौर में नवंबर की सर्दी का दस साल पुराना रिकॉर्ड टूट गया है।मौसम विभाग ने बताया कि मानसून के बाद जैसे-जैसे नमी घटती है, रातें जल्दी ठंडी होने लगती हैं। पहाड़ों पर बर्फबारी होती है, बर्फ पिघलती है और ठंडी हवा मैदानों तक आती है। हवा का रुख दक्षिण-पश्चिमी से उत्तर-पूर्वी दिशा में होता है, जिसे ‘विंड पैटर्न सेट होना’ कहा जाता है। इन सभी वजहों से प्रदेश में ठंड का असर बढ़ा है। राजधानी भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन जैसे बड़े शहरों में हिल स्टेशन पचमढ़ी से भी ज्यादा ठंड महसूस की जा रही है।रात के तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट दर्जपिछली दो रातों में प्रदेशभर में तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। रात का तापमान 10 डिग्री से नीचे आ गया। गुरुवार-शुक्रवार की रात ज्यादा ठंडी रही। सबसे ठंडा राजगढ़ रहा। यहां एक ही रात में 2 डिग्री की गिरावट के बाद तापमान 9 डिग्री पर आ गया। इंदौर में 10.3 डिग्री रिकॉर्ड हुआ। मौसम विभाग का कहना है कि साल 2015 से 2024 के बीच न्यूनतम तापमान कभी भी इतने नीचे नहीं पहुंचा। साल 2017, 2020 और 2022 में पारा जरूर 11 डिग्री के आसपास रहा था। वहीं, भोपाल में पारा 2 डिग्री नीचे आ गया। रात में यह 11 डिग्री दर्ज किया गया। पिछले 10 साल में से 5 बार ऐसा हुआ है, जब पारा इतना नीचे आया हो। ग्वालियर में 11.3 डिग्री, जबलपुर में 14.6 डिग्री और उज्जैन में 13 डिग्री रिकॉर्ड किया गया।प्रदेश के सभी शहरों में पारे में गिरावटगुरुवार-शुक्रवार की रात में प्रदेश के सभी शहरों में पारे में गिरावट दर्ज की गई। दतिया में 11.1 डिग्री, गुना में 12.2 डिग्री, धार में 12.4, रीवा में 12.5 डिग्री, श्योपुर-नौगांव में 13 डिग्री, बैतूल में 13.2 डिग्री, उमरिया में 13.8 डिग्री, टीकमगढ़ में 14 डिग्री, सागर में 14.2 डिग्री, रतलाम में 14.5 डिग्री, सतना में 14.9 डिग्री, छिंदवाड़ा-दमोह में 15 डिग्री सेल्सियस रहा। झाबुआ में तीन दिन के दौरान न्यूनतम तापमान में 8.4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई। ठंड बढ़ने से झाबुआ जिले में स्कूलों के समय में बदलाव किया गया है। कलेक्टर नेहा मीना के निर्देशानुसार अब नर्सरी से तीसरी कक्षा तक की कक्षाएं सुबह 9 बजे से पहले और चौथी से बारहवीं तक की कक्षाएं सुबह 8 बजे से पहले नहीं लगेंगी।ठंडी हवाओं और कोहरे का असर बढ़ेगामौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि मानसून के बाद नमी घटने और उत्तर की ओर से आने वाली ठंडी हवाओं के कारण सर्दी का असर तेज हुआ है। हवा का रुख उत्तर-पूर्वी दिशा में बनने से इसे “विंड पैटर्न सेट होना” कहा जाता है, यही फिलहाल ठंड बढ़ने की मुख्य वजह है। आने वाले दिनों में कोहरा भी बढ़ेगा। वर्तमान में मंडला में दृश्यता 1 से 2 किलोमीटर तक सीमित रही, जबकि जबलपुर, रीवा और सतना में 2 से 4 किलोमीटर तक दर्ज की गई। देर रात और सुबह के समय ठंड का असर सबसे ज्यादा महसूस किया जा रहा है।  

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धार । नशे के विरुद्ध मध्य प्रदेश पुलिस की सख्त नीति और सतत अभियान लगातार जारी है। धार जिले के थाना मनावर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। इस कार्रवाई में पुलिस ने कुल 515 हरे गांजे के पौधे, लगभग 1361.38 किलोग्राम एवं 1 करोड़ 31 लाख 29 हजार 800 है, जब्‍त किए हैं।   शनिवार को पुलिस मुख्‍यालय भोपाल से जारी प्रेस नोट में बताया कि पुलिस अधीक्षक धार को सूचना प्राप्त हुई थी कि जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ असामाजिक तत्व कपास की फसल के बीच गांजे की अवैध खेती कर उसकी तस्करी में संलिप्त हैं। प्राप्त शिकायतों पर तत्काल संज्ञान लेते हुए एसपी धार अवस्थी द्वारा जिले के सभी एसडीओपी, थाना एवं चौकी प्रभारियों को प्रभावी कार्यवाही के लिए निर्देशित किया गया। शुक्रवार को थाना प्रभारी मनावर ईश्वर सिंह चौहान एवं उनकी टीम द्वारा एक ही दिन में तीन स्थानों पर दबिश देकर अवैध गांजा खेती के तीन मामलों का खुलासा किया गया। पहली कार्रवाही ग्राम जामनियामोटा (लाईनपुरा) में हुई, जहां थाना मनावर पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि सरदार पिता भुरे सिंह चौहान ने अपने खेत में कपास की फसल के बीच गांजे के पौधे लगा रखे हैं।   पुलिस टीम ने दबिश देकर 75 नग हरे गांजे के पौधे (वजन 112.600 किग्रा, मूल्य₹5,60,000 लगभग) जप्त किए। मामले में एनडीपीएस एक्ट पंजीबद्ध किया गया है। वहीं दूसरी कार्रवाही ग्राम बापडुद में नानबाई पति स्व. प्रताप के खेत में की गई। जहां मुखबिर की सूचना पर नानबाई पति स्व. प्रताप के खेत में अवैध गांजे की खेती का खुलासा हुआ। पुलिस ने 130 नग गांजे के पौधे (वजन 386.98 किग्रा, मूल्य लगभग 38 लाख 69 हजार 800 रूपए) जप्त किए। मामले में एनडीपीएस एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है। तीसरी कार्रवाही में इसी स्‍थान पर रामेश्वर उर्फ पोमडिया पिता निर्भय सिंह के खेत से 310 नग गांजे के पौधे (वजन 861.80 किग्रा, मूल्य ₹87,00,000 लगभग) बरामद किए गए।   इस संबंध में एनडीपीएस एक्ट के तहत अपराध दर्ज किया गया है। धार पुलिस की इस कार्रवाई से नशे के अवैध कारोबार में संलिप्त तत्वों में हड़कंप मच गया है। पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी ने बताया कि नशा समाज की जड़ों को खोखला करने वाला अभिशाप है, और पुलिस नशामुक्त समाज की दिशा में लगातार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की अवैध गतिविधियों में संलिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।    

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मुरैना । स्वास्थ्य विभाग के लापरवाही माना जाए या फिर किसी की साजिश यह तो जांच के बाद तय होगा, लेकिन गरीब मरीजों को लगने वाली सोडियम क्लोराइड एन एस की बोतल हजारों की संख्या में सड़क पर बिखरी मिलने से स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाओं पर प्रश्न चिन्ह अवश्य खड़ा हो गया है।   शनिवार सुबह मप्र के मुरैना जिले के पहाड़गढ़ से कैलारस जाने वाले मार्ग पर अक्टूबर 2025 में निर्मित सोडियम क्लोराइड एन एस की बोतलें मिलने से ग्रामीणों में कोतूहल पैदा हो गया। ग्रामीणों द्वारा दी गई सूचना के बाद मौके पर पहुंचकर पाया कि बोतलों का बैच नंबर ईएनबी 25374 है। वही इन पर लाइसेंस नंबर 01/ एलव्हीपी / एससी/ पी आफ 2018 दर्ज था। बोतल पर एक्सपायरी डेट सितंबर 2027 दर्ज है। इनमें 500 व 200 एम एल की बोतल है।   आश्चर्यजनक किया है क्या अस्पताल से मात्र 500 मीटर की दूरी पर स्थित गैस एजेंसी से कैलारस की ओर लगभग 2 किलोमीटर तक सड़क किनारे बोतलें बिखरी हुई थी। बोतल की पैकिंग भी खुली नहीं थी। मरीज के इलाज में उपयोग होने वाली प्राथमिक दवा सोडियम क्लोराइड एन एस की बोतलों के सड़क पर मिलने से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहाड़गढ़ में भी हड़कंप मच गया। आनन फानन में स्वास्थ्य कर्मचारी बोतल एकत्रित करने पहुंचे, लेकिन दोपहर तक सभी बोतलों को एकत्रित नहीं कर पाए थे।   ग्रामीणजन स्वास्थ्य विभाग की कार्य प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगा रहे थे कि जहां शासकीय स्वास्थ्य केंद्रों पर यह बोतल आमतौर पर उपलब्ध नहीं होती विशेष कर ग्रामीण क्षेत्रों में ।वही यह हजारों की संख्या में सड़क पर दिखाई दे रही है। वह भी बिल्कुल नवनिर्मित बोतल सड़क पर मिलने से स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाओं पर भी सवालिया निशान खड़ा हो गया है। बहरहाल दोपहर तक कर्मचारी इन बोतलों को एकत्रित करने में लगे थे।इसके विपरीत स्थानीय पहाड़गढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के मुखिया इन बोतलों का अपना होना स्वीकार नहीं कर रहे हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहाडगढ के विकास खंड चिकित्सा अधिकारी डाक्टर अजय डंडौतिया का कहना है कि पहाड़गढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को प्रदान किया गया बैच नंबर बोतलों पर दर्ज नहीं है । इसके बावजूद भी जांच कर कर यह पता लगाया जाएगा कि यह बोतल कहां के लिए भेजी गई थी।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में जारी बर्फबारी का असर अब मध्य प्रदेश के मैदानी इलाकों में भी महसूस किया जा रहा है। प्रदेशभर में रात का तापमान सामान्य से करीब 6 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला गया है। इंदौर में नवंबर की रातें इस बार रिकॉर्ड तोड़ ठंडी हो रही हैं। पिछले दस सालों में यह पांचवीं बार है जब न्यूनतम पारा 12 डिग्री से नीचे दर्ज किया गया। बुधवार से गुरुवार की दरमियानी रात से प्रदेश में ठंड का असर बढ़ा है। सभी प्रमुख शहरों में न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया।मौसम विभाग ने बताया कि हिमालयी राज्यों जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बर्फबारी ने निचले इलाकों में ठंड बढ़ा दी है। गुलमर्ग, केदारनाथ और बद्रीनाथ बर्फ की चादर में लिपट गए हैं। हिमाचल के लाहौल-स्पीति, किन्नौर और कुल्लू जिलों में भी ताजा बर्फबारी दर्ज की गई है। मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर से आने वाली ठंडी हवाओं के कारण अगले कुछ दिनों तक रात के तापमान में और गिरावट संभव है। फिलहाल प्रदेश में कहीं भी बारिश की संभावना नहीं है।मध्‍य प्रदेश में रात के तापमान की बात करें तो राजगढ़ में सबसे कम 11 डिग्री, धार में 14.1 डिग्री, गुना में 14.7 डिग्री और नौगांव में 15.1 डिग्री रहा। पांच बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 13 डिग्री, इंदौर में 12.1 डिग्री, उज्जैन में 14.5 डिग्री, ग्वालियर में 16.3 डिग्री और जबलपुर में 18.3 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। पिछले साल नवंबर में इंदौर का न्यूनतम तापमान 11.6 डिग्री तक पहुंचा था।दिन के तापमान में भी गिरावटदिन के समय भी ठंडक घुलने लगी है। गुरुवार को भोपाल का अधिकतम तापमान 28.4 डिग्री, इंदौर का 28.3 डिग्री, ग्वालियर का 28.6 डिग्री, उज्जैन का 29.5 डिग्री और जबलपुर का 30.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। दमोह, खजुराहो, मंडला, रीवा, सागर, सतना, उमरिया, नर्मदापुरम, खंडवा और खरगोन को छोड़ अधिकांश जिलों में अधिकतम तापमान 30 डिग्री से नीचे रहा।कोहरे की दस्तकमौसम विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में ठंड के साथ कोहरा भी बढ़ेगा। फिलहाल देर रात और अल सुबह हल्का कोहरा छाने लगा है। मंडला में विजिबिलिटी मात्र 1-2 किमी, जबकि जबलपुर, रीवा और सतना में 2-4 किमी रही। विभाग का अनुमान है कि नवंबर का यह शुरुआती ठंडा दौर आने वाले हफ्तों में और तेज होगा, जिससे प्रदेश में सर्दी का असर लंबा खिंच सकता है।

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भोपाल । देश की राजधानी दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर शुक्रवार सुबह एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम (एटीसी) में आई बड़ी तकनीकी खराबी का असर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के राजाभोज एयरपोर्ट पर देखने को मिला। दिल्ली से आई फ्लाइट यहां तय समय से एक से डेढ़ घंटे की देरी से पहुंच रही है, जिससे यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार, इंडिगो की नियमित फ्लाइट संख्या 6ई602 दिल्ली से उड़ान भरकर सुबह 7.45 बजे भोपाल पहुंचती है, लेकिन शुक्रवार को यह करीब डेढ़ घंटे की देरी से यानी 9.10 बजे यहां राजाभोज एयरपोर्ट पहुंची। वहीं, दोपहर 12:05 बजे भोपाल पहुंचने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट संख्या एआई 1723 दोपहर 1:05 बजे पहुंची। इसी तरह इंडिगो की एक और फ्लाइट दोपहर 1:05 बजे भोपाल पहुंचने वाली थी, जो खबर लिखे जाने तक भोपाल नहीं पहुंच पाई है। इस संबंध में भोपाल एयरपोर्ट प्रबंधन का कहना है कि सभी फ्लाइट्स की रियल-टाइम ट्रैकिंग की जा रही है। यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे एयरलाइन की वेबसाइट या कस्टमर केयर से जानकारी लेते रहें। भोपाल एयरपोर्ट के निदेशक रामजी अवस्थी ने बताया कि सुबह की एक फ्लाइट देर से आई है। बाकी फ्लाइट्स के आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि देरी का असर आगे भी जारी रहेगा या नहीं। उन्होंने कहा कि दिल्ली एयरपोर्ट पर तकनीकी गड़बड़ी के कारण उड़ानों की लैंडिंग और टेकऑफ के टाइम में बदलाव आ रहा है।  

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शहडोल । मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में अमलाई स्थित ओरियंट पेपर मिल में माल अनलोड कर वापस जा रही मालगाड़ी के डिब्बे शुक्रवार तड़के करीब 5 बजे पटरी से उतर गए। घटना के बाद लोको पायलट द्वारा इसकी सूचना वारिष्ठ अधिकारियों को दी गई। इस डिरेल में किसी भी प्रकार की जनहानि नहीं हुई। पता चला है कि मिल के अंदर तक जाने वाली रेल लाइन का रख रखाव व मेंटेनेन्स की जिम्मेदारी मिल प्रबंधन की है, लेकिन एक लम्बे अर्से से उक्त रेल ट्रैक का मेंटेनेन्स नहीं कराया गया है। जिस कारण सप्ताह भर के भीतर यह दूसरी घटना घटित हो गईं। जानकारी के अनुसार, मालगाड़ी अमलाई स्थित ओरियंट पेपर मिल में माल अनलोड कर वापस जा रही थी। इसी दौरान एक डिब्बे के दो पहिए अचानक पटरी से उतर गए। लोको पायलट की सूचना पर रेलवे का तकनीकी अमला मौके पर पहुंचा और राहत कार्य शुरू किया। इस दौरान मालगाड़ी की रफ्तार धीमी थी, जिससे किसी भी प्रकार की जनहानि नहीं हुई। रेलवे के अधिकारियों के अनुसार कभी-कभी तकनीकी खामियों के कारण ऐसी घटना होती हैं। घटना के बाद रेलवे कर्मचारियों ने तुरंत सुधार कार्य शुरू कर दिया गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि उक्त रेल ट्रैक काफी पुराना हो चुका है, जिससे पटरियां काफी घिस चुकी हैं। संभवतः इसी कारण आए दिन यहां ऐसा हादसा हो रहा है। मिल प्रबंधन को चाहिए कि उक्त रेल ट्रैक का शीघ्र मेंटेनेन्स कराएं, ताकि भविष्य में ऐसे हादसे कि पुनरावृत्ति न होने पाए। वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि मिल प्रबंधन सही ढंग से पटरी का रखरखाव नहीं करता है और कई साल पुराने ट्रैक पर माल गाड़ियों का आना-जाना आज भी बरकरार है। जिससे आए दिन ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं। प्रबंधन को इस पर जल्द सही कदम उठाना चाहिए। रेलवे के एक अधिकारी के अनुसार यह ट्रैक मिल प्रबंधन का निजी ट्रैक है।    

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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अनूपपुर । मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिला अंतर्गत बुधवार की देर रात एक हाथी छत्तीसगढ़ की सीमा लांध कर जैतहरी तहसील के चोलना गांव में प्रवेश कर गया। गुरुवार की सुबह से हाथी ने धनगवां बीट के जंगल में डेरा डाल रखा है। हाथी ने रात में खेतों में लगी फसलों को खाया और पैरों से रौदते हुए नुकसान पहुंचाया। वन विभाग द्वारा निरंतर हाथी की निगरानी करते हुए ग्रामीणों को सचेत एवं सतर्क रहने की अपील की है।   जानकारी के अनुसार,  एक हाथी  छत्तीसगढ़ के वन परिक्षेत्र मरवाही के शिवनी बीट के जंगल में दिनभर आराम के बाद देर शाम अनूपपुर जिले के जैतहरी तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत चोलना से बचहाटोला, कुकुरगोड़ा होते हुए गुरुवार  सुबह धनगवां बीट के जंगल में पहुंचा है। यह ग्राम पंचायत क्योंटार के कुसुमहाई गांव से लगा हुआ है। हाथी देर रात तक खेतों में लगी धान एवं अन्य तरह की फसलों को अपना आहार बनाया और रौंदा। हाथी के विचरण पर वनविभाग की टीम द्वारा निरंतर निगरानी रखते हुए ग्रामीणों को सचेत एवं सतर्क रहने की अपील की है हाथी के आने से ग्रामीणों की चिन्ता बढ़ गई हैं। खतों में खड़ी फसल का नुकसान होने का डर सता रहा हैं। ज्ञात हो कि यह हाथी अभी तक तीन वर्षों से जिस रास्ते से आवगमन कर रहा है उसी रास्ते से एक बार फिर आ गया है।

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भोपाल । मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) ने डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) प्रथम और द्वितीय वर्ष की द्वितीय अवसर परीक्षाओं का टाइम टेबल जारी कर दिया है। मंडल के अनुसार ये परीक्षाएं 19 नवंबर से शुरू होकर 27 और 29 नवंबर तक चलेंगी। जारी कार्यक्रम के मुताबिक, दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। फर्स्ट ईयर की परीक्षाएं 29 नवंबर तक और सेकेंड ईयर की परीक्षाएं 27 नवंबर तक संपन्न होंगी। माशिमं ने स्पष्ट किया है कि परीक्षा अवधि के दौरान यदि कोई सार्वजनिक अथवा स्थायी अवकाश पड़ता है, तो भी परीक्षा की तारीखों में कोई परिवर्तन नहीं होगा। सभी परीक्षाएं पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही आयोजित की जाएंगी।इस परीक्षा में प्रदेशभर के डीएलएड प्रथम और द्वितीय वर्ष के विद्यार्थी शामिल होंगे। मंडल द्वारा परीक्षा केंद्रों की सूची और दिशा-निर्देश जल्द ही संबंधित जिलों को भेजे जाएंगे। शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार, द्वितीय अवसर परीक्षा का आयोजन उन विद्यार्थियों के लिए किया जा रहा है जो किसी कारणवश पिछली बार परीक्षा नहीं दे पाए थे या अनुत्तीर्ण हो गए थे। यह अवसर उनके लिए डिप्लोमा पूर्ण करने का अंतिम मौका माना जा रहा है।उल्‍लेखनीय है कि माशिमं ने सभी परीक्षार्थियों से अपील की है कि वे समय से परीक्षा केंद्र पर पहुंचे, प्रवेश पत्र और आवश्यक दस्तावेज अपने साथ रखें तथा परीक्षा नियमों का पालन करें।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में अब मौसम ने करवट लेना शुरू कर दिया है। फिलहाल किसी प्रभावी मौसम प्रणाली के सक्रिय न होने से वातावरण में नमी कम हो गई है और बादल भी छंटने लगे हैं। आसमान साफ होते ही दिन के तापमान में मामूली बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है, वहीं रात का पारा धीरे-धीरे नीचे उतरने लगा है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि आने वाले तीन दिनों में रात के तापमान में तीन से चार डिग्री सेल्सियस तक गिरावट हो सकती है। बुधवार को नर्मदापुरम में दिन का अधिकतम तापमान 32.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि नौगांव में रात का न्यूनतम तापमान 15 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। मौसम विज्ञानियों के अनुसार अब मध्य प्रदेश में आंधी, बारिश और गरज-चमक का दौर थम गया है। प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में अगले पांच दिनों तक आसमान साफ रहेगा और बारिश की कोई संभावना नहीं है। इस दौरान रात के तापमान में दो से तीन डिग्री तक की गिरावट दर्ज की जाएगी। इसका सबसे ज्यादा असर ग्वालियर-चंबल संभाग में दिखाई देगा, जहां उत्तरी हवा का असर सबसे पहले महसूस होगा। मौसम विभाग ने बताया कि उत्तर भारत के पहाड़ों पर बर्फबारी शुरू हो चुकी है, जिसका असर अगले 48 घंटे में मध्य प्रदेश के मौसम पर भी पड़ेगा।प्रदेश के ग्वालियर-चंबल, नीमच, मंदसौर, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, गुना, राजगढ़, आगर-मालवा और शाजापुर जिलों में ठंड का असर अधिक रहेगा। यहां रातें और ठंडी होंगी, जबकि दिन सुहावने बने रहेंगे। मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, इस समय एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पंजाब और उसके आसपास के क्षेत्र में हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में सक्रिय है। इसके साथ एक द्रोणिका और प्रेरित चक्रवात भी बना हुआ है।उल्‍लेखनीय है कि अक्टूबर के आखिरी हफ्ते में बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से नमी आने के कारण प्रदेश में बादल छाए रहे थे। इससे दिन का तापमान ज्यादा नहीं बढ़ सका और रात का पारा भी गिर नहीं पाया। फिलहाल हरियाणा के पास बना एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन ठंडी हवाओं को रोक रहा है।मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, अगले 24 घंटे में यह चक्रवात उत्तर भारत में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ में समाहित हो जाएगा, जिसके बाद प्रदेश में ठंड का असर तेजी से बढ़ेगा। ग्वालियर में 56 साल पहले नवंबर में न्यूनतम तापमान 3 डिग्री तक पहुंच चुका है जबकि उज्जैन में 52 साल पहले यह 2.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। इस बार भी मौसम विभाग ने संकेत दिए हैं कि नवंबर के मध्य से तापमान सामान्य से नीचे जा सकता है। फिलहाल साफ आसमान और गिरते पारे के बीच मध्य प्रदेश में सर्दियों की शुरुआत हो चुकी है।  

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अनूपपुर । सनातन धर्म में हर महीने पड़ने वाली पूर्णिमा का महत्व होता है, लेकिन कार्तिक मास की पूर्णिमा विशेष मानी जाती है। यह मास भगवान विष्णु की उपासना करने के लिए कार्तिक मास को उत्तम बताया गया है। मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान और दान करने से बड़े-बड़े यज्ञों को करने के बराबर फल की प्राप्ति होती है।   कार्तिक मास के अंतिम दिवस बुधवार काे कार्तिक पूर्णिमा पर मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में स्थित अमरकंटक के नर्मदा उद्गम सहित जिले भर की नदियों सोन, तिपान, चंदास, केवई सहित अन्य नदियों और सरोवरों पर श्रद्धालुओं ने स्नान कर दीप दान भी किए, साथ ही मंदिरों में दर्शन कर दान किया। वहीं एक मास तक चलने वाले कार्तिक माह का समापन बुधवार को हो गया। इसी पूर्णिमा के दिन सिखों के पहले गुरु नानक जी का जन्म हुआ था, जिसे विश्वभर में गुरु नानक जयंती के नाम से मनाया जाता है। इस जयंती को गुरु पर्व और प्रकाश पर्व भी कहते हैं। कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा और गंगा स्नान की पूर्णिमा भी कहते हैं। बताया जाता है कि इस दिन भगवान शिव ने राक्षस त्रिपुरासुर का वध किया था। इसी वजह से इसे त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इसी के साथ कार्तिक पूर्णिमा की शाम भगवान विष्णु का मत्स्य अवतार उत्पन्न हुए थे। कल्यायण आश्राम के प्रमुख हिमान्द्री मुनी महाराज ने बताया कि कार्तिक मास में आने वाली पूर्णिमा के दिन कार्तिक पूर्णिमा मनाई जाती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा और व्रत करने से घर में यश और कीर्ति की प्राप्ति होती है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीपदान और पवित्र नदियों स्नान का महत्व है। साथ ही गंगा सहित नर्मदा,सोन जैसी पवित्र नदियों में स्नान के बाद किनारे दीपदान करने से दस यज्ञों के बराबर पुण्य मिलता है। कार्तिक मास की पूर्णिमा को दीप जलाने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा मिलती है। घर में धन, यश और कीर्ति आती है। इसीलिए इस दिन लोग विष्णु जी का ध्यान करते हुए मंदिर, पीपल, चौराहे या फिर नदी किनारे दियें जलाते हैं। दीप विशेष रूप से मंदिरों से जलाए जाते हैं। इस दिन मंदिर दीयों की रोशनी से जगमगा उठता है। दीपदान मिट्टी के दीयों में घी या तिल का तेल डालकर करतें हैं।   अमरकंटक के रामघाट सहित अन्य घाटों पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्थाल की डुबकीकार्तिक पूर्णिमा के अंतिम दिवस पर अमरकंटक के नर्मदा उद्गम सहित जिले भर की नदियों सोन, तिपान, चंदास, केवई सहित अन्यि नदियों सरोबरों पर श्रद्धालुओं ने स्नान कर दीप दान भी किए, साथ ही मंदिरों में दर्शन कर दान किया। इस अवसर पर छग के श्रद्धालुओं की संख्या अधिक रहीं। वहीं एक मास तक चलने वाले कार्तिक माह का समापन आज हो गया। श्रद्धालुओं ने शिवालयों में पूजा अर्चना कर दीप जालायें, नदियों में दीपदान किया। जिला मुख्यालय अनूपपुर में लोगों ने सोन नदी सहित अन्यं नदियों में कार्तिक पूर्णिमा पर स्नानन किया। वहीं आज के दिन घाटों पर स्नान करने और दीप दान करने का काफी ज्यादा महत्त्व माना गया है। इसलिए इस दिन लोगों ने दान कर घाटों पर दीप दान भी किए गए। बता दे, कार्तिक पूर्णिमा से पहले बैकुंठ चतुर्दशी के दिन सिद्धवट घाट पर हजारों भक्तों ने स्नान किया था। साथ ही सिद्धवट पर दूध भी अर्पित किया गया।नर्मदा के तट पर श्रद्धालुओं ने लगाई पुण्य स्नान की डुबकी, दीपदान कर किया पूजन-अर्चन पवित्र नगरी अमरकंटक में बुधवार को कार्तिक मास की पूर्णिमा पर आस्था और श्रद्धा का अद्भुत संगम देखने को मिला। पतित पावनी पुण्यसलिला मां नर्मदा के कोटि तीर्थ, कुंड एवं रामघाट में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी।भोर की पहली किरण के साथ ही भक्तों द्वारा पुण्य स्नान, पूजन-अर्चन और दीपदान का क्रम प्रारंभ हो गया। श्रद्धालुओं ने मां नर्मदा उद्गम स्थल परिसर में दर्शन कर अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए मन्नत मांगी। घाटों पर दीपों की जगमगाहट और श्रद्धा से भरे स्वर वातावरण में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार कर रहे थे। नर्मदा मंदिर में भी भक्तगण भगवान भोलेनाथ पर जलाभिषेक कर पूजा-अर्चना कर रहे हैं। दर्शन के लिए श्रद्धालु कतारबद्ध होकर अपनी बारी की प्रतीक्षा में हैं। छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल सहित देश के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु अमरकंटक पहुंचे हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु, भगवान भोलेनाथ और कार्तिकेय देव की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन किया गया स्नान, दर्शन और दीपदान अत्यंत फलदायी और शुभ फल प्रदान करने वाला माना गया है। कार्तिक पूर्णिमा के इस पुण्य पर्व पर अमरकंटक के घाटों, मंदिरों और मार्गों में भक्ति और उत्सव का अद्भुत दृश्य देखने को मिला। वहीं श्रद्धालुओं ने नर्मदा कुंड एवं रामघाट तट में दीपदान कर कार्तिक पूर्णिमा के पवित्र पुण्य का लाभ लिया। वही अबतक लगभग 50,000 से भी अधिक श्रद्धालुओं ने मॉ नर्मदा में स्नान और दर्शन पूजन का लाभ लिया। गुरु नानक देव का 556वां जन्मोत्सवअनूपपुर में नगर पालिका वार्ड नंबर 3 स्थित गुरु सिंह सभा गुरुद्वारा में गुरु नानक देव की 556वां जन्मोत्सव शबद कीर्तन और अरदास के साथ आरम्भ हुआ। जिसमें नगर के सिक्ख और सिंधी सम्प्रदाय के लोगों ने गुरूद्वारा पहुंचकर कर गुरू की याद में गुरु सिंहसभा के सामने मत्था टेका साथ ही गुरूवाणी के साथ शबद कीर्तन और अरदास किया। अरदास प्रसाद वितरण व गुरू का लंगर लिया।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में बुधवार को मौसम का मिजाज बदला-बदला सा रहेगा। पूर्वी मध्य प्रदेश के कई जिलों में गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश की चेतावनी जारी की गई है। वहीं, प्रदेश में ठंड भी बढ़ने लगी है। मंगलवार को ग्वालियर-चंबल संभाग में रात का तापमान 18 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया, वहीं सुबह घना कोहरा छाया रहा। राज्य के अधिकांश शहरों में दिन का तापमान 30 डिग्री के आसपास रहा। बुधवार को भी इसी तरह का मौसम बने रहने की संभावना है।16 जिलों में हो सकती है हल्की बारिशमौसम विभाग ने बुधवार को रायसेन, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, जबलपुर, कटनी, सिवनी, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला और बालाघाट जिलों में कहीं-कहीं हल्की बूंदाबांदी की संभावना जताई है। वहीं भोपाल, इंदौर और उज्जैन में दिनभर साफ आसमान और धूप खिली रहेगी। विभाग ने 6 नवंबर को छिंदवाड़ा, सिवनी और बालाघाट में भी हल्की बारिश का अनुमान जताया है।साइक्लोनिक सर्कुलेशन और वेस्टर्न डिस्टरबेंस का असरमौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, फिलहाल मध्य प्रदेश के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम सक्रिय है, जिसके कारण कुछ जिलों में बारिश की संभावना बनी हुई है। साथ ही, एक नया वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) भी सक्रिय हो रहा है, जो अगले कुछ दिनों में हिमालयी क्षेत्र तक पहुंच सकता है। इससे उत्तर भारत में बर्फबारी और ठंड दोनों बढ़ने की उम्मीद है। इसके प्रभाव से मध्यप्रदेश में भी तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी।दो दिन बाद मौसम रहेगा साफ, फिर बढ़ेगी ठंडविभाग का अनुमान है कि 5 और 6 नवंबर को कुछ स्थानों पर हल्की बारिश और बादल छाए रहेंगे, लेकिन इसके बाद उत्तर से ठंडी हवाएं आने लगेंगी। इससे तापमान में 2 से 3 डिग्री की कमी आएगी। नवंबर के दूसरे सप्ताह से दिन और रात दोनों ठंडे होने लगेंगे। 15 नवंबर के बाद प्रदेश में ठंड का प्रभाव तेजी से बढ़ने की संभावना है। मंगलवार को प्रदेश के अधिकांश जिलों में दिन का तापमान सामान्य से 1–2 डिग्री नीचे रहा। राज्य का एकमात्र हिल स्टेशन पचमढ़ी सबसे ठंडा रहा, जहां तापमान 24.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। शिवपुरी, श्योपुर, रतलाम, रायसेन, इंदौर, ग्वालियर, बैतूल, धार, नरसिंहपुर, सिवनी, सीधी, टीकमगढ़ और मलाजखंड में दिन का पारा 30 डिग्री से नीचे रहा। रात के तापमान की बात करें तो रीवा में 12.5 डिग्री, नौगांव में 13 डिग्री और उमरिया में 13.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।

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सिवनी । मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में स्थित प्रसिद्ध पेंच टाइगर रिजर्व में घायल बाघ शावक के रेस्क्यू का अभियान मंगलवार को सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। जिसे इलाज के लिए वन विहार भोपाल भेजा गया है। पेंच टाइगर रिजर्व के उपसंचालक रजनीश कुमार सिंह ने बताया कि घायल शावक की स्थिति पर डॉक्टरों की टीम लगातार नजर बनाए हुए थे। गत 02 नवंबर  को पेंच में भ्रमण कर रहे पर्यटकों ने एक घायल बाघ शावक को देखा और इसकी सूचना पार्क प्रबंधन को दी। सूचना मिलते ही वन विभाग ने शावक की खोजबीन शुरू की। 03 नवंबर की शाम लगभग 5.30 बजे हाथी महावतों ने घायल शावक को उसकी मां बाघिन और एक अन्य शावक के साथ देखा, परंतु अंधेरा होने के कारण रेस्क्यू अभियान उस समय संभव नहीं हो सका।   उन्होंने बताया कि मंगलवार को पुनः खोज अभियान प्रारंभ किया गया। सुबह करीब 11 बजे हाथी महावतों एवं पर्यटकों ने घायल शावक को उसी स्थान के आसपास फिर से देखा। तुरंत वरिष्ठ वन्य प्राणी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अखिलेश मिश्रा के निर्देशन में गठित रेस्क्यू टीम, अधीक्षक पेंच मोगली अभ्यारण्य अनिल सोनी एवं परिक्षेत्र कर्माझीरी का स्टाफ मौके पर पहुंचा। रेस्क्यू टीम के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी कृ मां बाघिन की मौजूदगी में घायल शावक को सुरक्षित पकड़ना। डॉ. मिश्रा ने शावक को निश्चेतन डार्ट मारा, जबकि अन्य हाथियों की सहायता से बाघिन और दूसरे शावक को सावधानीपूर्वक पीछे हटाया गया। इसके बाद शावक को रेस्क्यू वाहन में रखकर प्राथमिक उपचार दिया गया और चेतन करने के पश्चात उसे वन विहार भोपाल इलाज हेतु भेजा गया।

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अशोकनगर । मध्य प्रदेश के अशाेकनगर जिले में साेमवार काे डीएपी खाद के टोकन वितरण के दौरान किसानों का सब्र टूट गया। किसानों की भीड़ में एमपी स्टेट एग्रो वेयर हाउस के दफ्तर पर हंगामा करते हुए पथराव कर दिया। ऑफिस में तोड़फोड़ कर दी। गेट और खिड़कियों पर पत्थर फेंके। इसका वीडियो भी सामने आया है। मौके पर पहुंची पुलिस और अधिकारियों ने किसानों को खाली मैदान में ले जाकर टोकन वितरण की व्यवस्था बनाई लेकिन वहां भी किसानों की धक्का-मुक्की हुई।जानकारी के अनुसार घटना सोमवार को पुरानी कृषि उपज मंडी की है। यहां खाद का टोकन लेने के लिए लाइन में खड़ा किसान बेहोश होकर गिर गया। उसे इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया। इससे गुस्साए किसानों ने जमकर हंगामा किया। नाराज किसानों ने विदिशा बाईपास पर चक्का जाम भी किया। इसके बाद टोकन वितरण केंद्र पर अफरातफरी मच गई। हंगामे के दौरान एक और किसान बेहोश हो गया। उसे भी अस्पताल पहुंचाया गया। इसी दौरान टोकन का बंडल छीनने की कोशिश भी की गई। हंगामे की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। कोतवाली थाना प्रभारी रवि प्रताप चौहान, तहसीलदार भारतेंदु यादव, नायब तहसीलदार शंभू मीना और कृषि उपसंचालक अमित सिंह भदौरिया भी आए। किसानों से बात की। समझाइश के बाद हंगामा शांत किया जा सका। बाद में पार्क के दोनों गेट से टोकन बांटने का काम दोबारा शुरू किया गया। इस बीच किसानों ने टोकन वितरण में गड़बड़ी और देरी का आरोप लगाया। देखते ही देखते विवाद बढ़ गया और किसानों ने हंगामा शुरू कर दिया। वेयरहाउस के मैनेजर रणजीत तिवारी ने बताया कि सुबह के वक्त किसानों की भारी भीड़ खाद की टोकन के लिए आई थी, जिनमें कुछ किसानों ने उपद्रव मचाया और दफ्तर पर पथराव कर दिया। टोकन वितरण कर रहे कुछ कर्मचारियों को पत्थर लगे हैं। इधर किसानों का आरोप है कि वह रात भर से मंडी में पड़े हैं और सुबह से टोकन के लिए लाइन में हैं। कहीं टोकन वितरण शुरू कर रहे और कहीं बंद कर रहे हैं। कभी कह रहे हैं कि वितरण नहीं होगा। अब दूसरे स्थान से टोकन वितरण करेंगे। इसी बात से किसान नाराज हो गए और हंगामा कर दिया। सूचना मिलने पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे और भीड़ को नियंत्रण में लिया। बाद में पुलिस ने किसानों को समझाइश देकर पास के खाली मैदान में टोकन वितरण की व्यवस्था की। हालांकि वहां भी भगदड़ जैसी स्थिति बन गई और कई किसान कर्मचारियों के हाथ से टोकन छीनकर भाग निकले। इसी दौरान भीड़ में दबा किसान बेहोश हो गया। इस दौरान अधिकारियों ने किसानों से शांति बनाए रखने की अपील की है।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में एक बार फिर मौसम का मिजाज बदलने वाला है। लो प्रेशर एरिया (निम्न दबाव क्षेत्र) और साइक्लोनिक सर्कुलेशन (चक्रवाती तंत्र) के सक्रिय होने से अगले दो दिन राज्य के कई हिस्सों में बादल छाए रहने और हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन और ग्वालियर में बूंदाबांदी के साथ बादल छाए रहेंगे, जबकि पश्चिमी जिलों में कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है।इससे पहले रविवार को प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में धूप खिली रही, जिससे दिन का तापमान 1 से 2.9 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ गया। भोपाल में अधिकतम तापमान 31.1 डिग्री सेल्सियस, इंदौर में 30.1, ग्वालियर में 31, उज्जैन में 30 और जबलपुर में 29.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दतिया, गुना, नर्मदापुरम, खंडवा, रतलाम, श्योपुर, छिंदवाड़ा, दमोह, खजुराहो, मंडला, नौगांव, सतना और उमरिया में तापमान 30 डिग्री या उससे अधिक रहा।दो दिन रहेगा सिस्टम का असरमौसम विभाग के अनुसार रविवार को राज्य के उत्तर-पूर्वी हिस्से में एक निम्न दबाव क्षेत्र और एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सक्रिय हुआ, जिसका प्रभाव सोमवार और मंगलवार तक बना रहेगा। अगले 48 घंटों के दौरान भोपाल, इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम, ग्वालियर, सागर और जबलपुर संभाग के 30 से अधिक जिलों में बादल, आंधी, गरज-चमक और हल्की बारिश का मौसम रहेगा।नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगामौसम विभाग विभाग ने बताया कि 4 नवंबर की रात से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में नया वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) सक्रिय होने की संभावना है। इसका असर मध्य प्रदेश में 48 घंटे बाद यानी 6 नवंबर के आसपास दिखेगा। इसके चलते उत्तरी हवाएं तेज होंगी और दिन के तापमान में गिरावट दर्ज की जा सकती है। नवंबर के दूसरे सप्ताह से प्रदेश में ठंड का असर बढ़ने की संभावना है। विशेष रूप से ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में, जहां उत्तरी हवाएं सीधी पहुंचती हैं, पारा तेजी से लुढ़क सकता है।

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उज्जैन । मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर मंदिर में आज सोमवार को कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी और चतुर्दशी तिथि पर अलसुबह भस्म आरती के दौरान भगवान महाकाल राजा स्वरूप में श्रृंगार हुआ। भगवान के इस अलौकिक स्वरूप से हजारों श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। वहीं, उज्जैन में कार्तिक-अगहन मास में निकलने वाली सवारियों के क्रम में आज शाम बाबा महाकाल की कार्तिक मास की दूसरी सवारी निकलेगी। अवंतिकानाथ चांदी की पालकी में सवार होकर नगर का भ्रमण कर अपनी प्रजा का हाल जानेंगे। इस महाकाल दो स्वरूपों में भक्तों को दर्शन देंगे।   महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि सोमवार अलसुबह 4 बजे भस्म आरती के लिए महाकालेश्वर मंदिर के पट खुलते ही पण्डे पुजारी ने गर्भगृह में स्थापित सभी भगवान की प्रतिमाओं का पूजन कर भगवान महाकाल का जलाभिषेक और दूध,दही, घी, शक्कर फलों के रस से बने पंचामृत पूजन किया। जटाधारी भगवान महाकाल को रजत त्रिपुण्ड और कमल पुष्प की माला अर्पित कर राजा स्वरूप श्रृंगार किया गया।   इससे पहले प्रथम घंटाल बजाकर मंदिर में प्रवेश करते ही भगवान ध्यान कर मंत्र उच्चार के साथ हरिओम का जल अर्पित किया गया। कपूर आरती के बाद भगवान के मस्तक पर भांग चन्दन और त्रिपुण्ड अर्पित कर श्रृंगार किया गया। श्रृंगार पूरा होने के बाद ज्योतिर्लिंग को कपड़े से ढांककर भस्म रमाई गई। महा निर्वाणी अखाड़े की और से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गयी।   भस्म अर्पित करने के पश्चात भगवान महाकाल को शेषनाग का रजत मुकुट रजत की मुण्डमाल और रुद्राक्ष की माला के साथ साथ सुगन्धित पुष्प से बनी फूलों की माला अर्पित की गई, साथ ही मोगरे और गुलाब के सुगंधित पुष्प धारण कराए गए और फल और मिष्ठान का भोग लगाया गया। मान्यता है कि भस्म अर्पित करने के बाद भगवान निराकार से साकार रूप में दर्शन देते हैं। भस्म आरती में बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया। इस दौरान पूरा मंदिर परिसर बाबा महाकाल के जयकारों से गूंज उठा।   शाम को सवारी में दो स्वरूप में दर्शन देंगे महाकाल श्रावण-भाद्रपद माह की तरह श्री महाकालेश्वर भगवान की कार्तिक-अगहन मास में भी सवारियां निकाली जाती हैं। इसी क्रम में आज सोमवार को महाकालेश्वर मंदिर से शाम चार बजे भगवान महाकाल की कार्तिक माह की द्वितीय सवारी राजसी ठाट-बाट के साथ निकाली जाएगी।   महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक प्रथम कौशिक ने बताया कि सवारी निकलने से पूर्व मंदिर परिसर स्थित सभामण्डप में भगवान महाकाल का विधिवत पूजन-अर्चन होगा। इसके बाद भगवान महाकालेश्वर चांदी की पालकी में चंद्रमौलेश्वर तथा हाथी पर मनमहेश रूप में सवार होकर अपनी प्रजा को दर्शन देने व उनका कुशलक्षेम जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकलेंगे।   भगवान महाकाल की सवारी कोट मोहल्ला, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए शिप्रा तट पर पहुंचेगी, मां क्षिप्रा के जल से पूजन के पश्चात भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर की सवारी रामघाट से गणगौर दरवाजा, मोड की धर्मशाला, कार्तिक चोक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चोराहा, छत्री चोक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी चोराहा होते हुए पुनः महाकाल मंदिर पहुंचेगी। सवारी में इस बार भी श्री महाकालेश्वर बैंड, पुलिस बैंड, घुड़सवार दल, सशस्त्र पुलिस बल के जवान आदि शामिल रहेंगे। महाकालेश्वर भगवान की तृतीय सवारी 10 नवम्बर 2025 तथा चतुर्थ (राजसी) सवारी 17 नवम्बर 2025 को निकाली जाएगी।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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अनूपपुर । मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में स्थित विश्वविख्यात मां नर्मदा की नगरी अमरकंटक में शनिवार को  श्रीरामचन्द्र पथ गमन न्यास मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग द्वारा जिला प्रशासन अनूपपुर के सहयोग से रामघाट में सायं 6 बजे से मध्य प्रदेश स्थापना दिवस एवं देव प्रबोधिनी एकादशी के अवसर पर दीपोत्सव पर्व का आयोजन किया गया। इस मौके पर मां नर्मदा के पुण्य तट 51 हजार दीपों से जगमग किया गया। इसके बाद मां नर्मदा की महाआरती की गई। जिसमे प्रदेश के कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिलीप जायसवाल, कलेक्टर हर्षल पंचोली,मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अर्चना कुमारी सहित जनप्रतिनि‍धीयों सहित पुजारियों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण के मां नर्मदा की महाआरती की गई। धार्मिक उत्साह एवं श्रद्धा से ओत-प्रोत इस आयोजन में श्रद्धालुओं ने मां नर्मदा से समृद्धि और कल्याण की कामना की। इस अवसर पर जबलपुर के मनीष अग्रवाल द्वारा भक्ति गायन की प्रस्तुतियां जारी हैं। कार्यक्रम में नागरिकों, श्रृद्धालुओं तथा पर्यटकों ने बड़ी संख्या में सहभागिता की।   परंपरा के रुप में प्रतिवर्ष होगा आयोजनइस अवसर पर उपस्थित संतगणों, पंडा - पुजारियों, श्रद्धालुओं, गणमान्य नागरिकों को संबोधित करते हुए प्रदेश के कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिलीप जायसवाल ने दीपदान आयोजन की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि दीपावली के बाद देव उठनी एकादशी के पर्व पर माता नर्मदा जी की उद्गम नगरी अमरकंटक के रामघाट में संतमंडल और गणमान्य लोगों के सहयोग से दीपदान और पंच आरती का भव्य और ऐतिहासिक आयोजन की बधाई दी, और कहां कि हमारा प्रयास होगा कि ऐसे भव्य - दिव्य अन्य आयोजन अमरकंटक में होते रहें। ऐसे आयोजनों से अमरकंटक में पर्यटन को बढावा मिलेगा। इससे पूर्व वह कार्यक्रम में शामिल होने आए सभी विद्वत संतगणों से मिल कर आशीर्वाद प्राप्त किया। रामघाट में हुआ 51 हजार दीपदानदेवउठनी एकादशी- तुलसी विवाह अवसर पर श्रीरामचन्द्र पथ गमन न्यास मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग द्वारा जिला प्रशासन अनूपपुर के सहयोग से जिले में अमरकंटक के रामघाट में शनिवार की सायं 6 बजे से देव प्रबोधनी एकादशी के उपलक्ष्य में दीपोत्सव पर्व का आयोजन किया गया। श्रद्धालुओं द्वारा रामघाट को रंगोली,पुष्पमाला,रंगीन बिजली की लाईट से सजावट कर कार्यक्रम को अत्यंत मनोहारी बनाया गया था। दीपदान और पंच आरती से पूर्व भजन कीर्तन,वैदिक मंत्रोच्चारण कर नर्मदाष्टक से नर्मदा मैया की विधिवत पूजा-अर्चना की गयी। मृत्युंजय आश्रम के वेदपाठी शिष्यों द्वारा सस्वर पाठ किया गया। इसके पश्चात नर्मदा तट के रामघाट पर 51 हजार दीप प्रज्ज्वलन के साथ दीपदान करते हुए काशी के आचार्यों द्वारा पंच महाआरती की गयी।  

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इंदौर । मध्य प्रदेश के इंदौर शहर स्थित देवी अहिल्याबाई होलकर अंतरराष्ट्रीय विमानतल पर इन दिनों रेलवे स्टेशन जैसे हालात बन रहे हैं। यहां कुछ दिनों पहले लागू हुए विंटर शेड्यूल के बाद से सुबह के समय यात्रियों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। रविवार को भी सुबह यहां भारी भीड़ उमड़ी, जिसकी वजह से सिक्योरिटी गेट तक लंबी कतारें लग गईं। भीड़ में फंसे कई यात्रियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एयरपोर्ट की अव्यवस्था और भीड़ की तस्वीरें साझा कर एयरपोर्ट अथॉरिटी से सुधार की मांग की है।   दरअसल, विंटर शेड्यूल लागू होने के बाद सुबह 8 से 10 बजे के बीच पांच घरेलू और एक अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट इंदौर एयरपोर्ट से उड़ान भरती हैं। इसके चलते टर्मिनल पर करीब 1000 यात्रियों का दबाव रहता है। इस वजह से एंट्री गेट और सिक्योरिटी चेकिंग काउंटरों पर लंबी कतारें लग रही हैं। इस दौरान एयरपोर्ट पर हालात रेलवे स्टेशन जैसे हो जाते हैं। यहां तीन एंट्री गेट हैं, दो पुरुषों के लिए और एक महिलाओं के लिए। प्रत्येक यात्री को एक-एक कर जांच प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है, जिससे लंबा इंतजार करना पड़ता है।   यात्रियों का कहना है कि सीमित सिक्योरिटी गेट और कम अधिकारियों के कारण जांच प्रक्रिया में 20 से 30 मिनट तक का समय लग रहा है, जिससे कई बार बोर्डिंग में देरी का खतरा भी बना रहता है। हाल ही में एक यात्री ने इस भीड़ की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा करते हुए एविएशन मंत्री राममोहन नायडू और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को टैग कर शिकायत की थी।   इस संबंध में एयरपोर्ट प्रबंधन का कहना है कि पहले इंदौर एयरपोर्ट से रात 10:10 बजे उड़ने वाली अंतरराष्ट्रीय (इंदौर–शारजाह) फ्लाइट अब सुबह 9:25 बजे उड़ती है। इसके चलते इंटरनेशनल डिपार्चर एरिया सुबह के समय केवल विदेशी उड़ान के यात्रियों के लिए रिजर्व रहता है। पहले इस क्षेत्र के उपयोग से भीड़ नियंत्रण में रहती थी। शारजाह फ्लाइट के चलते इंटरनेशनल डिपार्चर एरिया का उपयोग घरेलू यात्रियों के लिए नहीं किया जा सकता। इससे घरेलू यात्रियों को अब केवल डोमेस्टिक डिपार्चर एरिया से गुजरना पड़ता है, जिससे वहां अत्यधिक भीड़ होने लगी है। अधिकारिरयों का कहना है कि अब भीड़ नियंत्रण के लिए ट्रे और स्टाफ की संख्या बढ़ाई जा रही है। इंदौर एयरपोर्ट से अब 90 से अधिक उड़ानें प्रतिदिन विंटर शेड्यूल लागू होने के बाद इस बार इंदौर एयरपोर्ट से प्रति दिन आने-जाने वाली उड़ानों की संख्या 90 से अधिक हो गई है। अब औसतन 11,500 यात्री प्रतिदिन फ्लाइट से सफर कर रहे हैं। इसके अलावा, गोवा के लिए दो नई उड़ानों का संचालन भी शुरू किया गया है। पहले यहां से 82 उड़ानें प्रतिदिन संचालित होती थीं और करीब 10,000 यात्री रोजाना यात्रा करते थे।   एयरपोर्ट प्रबंधन के अनुसार, उड़ानों की संख्या में बढ़ोतरी के साथ यात्री संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है और आने वाले दिनों में यह संख्या और बढ़ने की संभावना है। इंदौर–शारजाह के बीच चलने वाली अंतरराष्ट्रीय उड़ान अब सप्ताह के सातों दिन संचालित की जा रही है, जिससे विदेशी यात्रियों को सुविधा मिली है, लेकिन घरेलू यात्रियों के लिए भीड़ की समस्या बढ़ गई है।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में नवंबर की शुरुआत बारिश और ठंड दोनों के साथ होने जा रही है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले तीन दिनों तक इंदौर, जबलपुर, नर्मदापुरम, भोपाल और उज्जैन संभाग के कई जिलों में हल्की बारिश हो सकती है। आज रविवार को इंदौर, नर्मदापुरम और जबलपुर संभाग के 10 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया गया है, जबकि भोपाल, ग्वालियर और उज्जैन में बादल छाए रहने की संभावना है।मौसम विभाग ने बताया कि अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में दो निम्न दाब क्षेत्र सक्रिय हैं, लेकिन उनका प्रभाव मध्य प्रदेश में सीमित रहेगा। उन्होंने कहा कि “फिलहाल हल्की बारिश के आसार हैं, भारी वर्षा का कोई अलर्ट नहीं है।” पिछले तीन-चार दिनों से सक्रिय सिस्टम अब कमजोर पड़ने लगा है। अगले 24 घंटे में झाबुआ, अलीराजपुर, धार, बड़वानी, खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर, बैतूल, छिंदवाड़ा और पांढुर्णा में बारिश की संभावना जताई गई है। भोपाल में शाम या रात के समय बूंदाबांदी हो सकती है। 3 नवंबर की रात से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में एक नया पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टर्बेंस) सक्रिय होने का अनुमान है, जिसका असर दो दिन बाद प्रदेश में महसूस होगा। इसके चलते उत्तर दिशा से ठंडी हवाएं चलेंगी और तापमान में गिरावट दर्ज की जा सकती है।अक्टूबर में उम्मीद से ज्यादा बरसे बादलमौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर महीने में मध्यप्रदेश में सामान्य से 121% अधिक बारिश दर्ज की गई। औसतन 2.8 इंच वर्षा हुई, जबकि सामान्य बारिश 1.3 इंच होती है। भोपाल में इस दौरान दिन का तापमान 24 डिग्री तक पहुंच गया, जो पिछले 25 वर्षों में अक्टूबर का सबसे ठंडा दिन रहा।उज्जैन, छतरपुर और नरसिंहपुर समेत कई जिलों में भी अधिकतम तापमान 24 डिग्री से नीचे रहा। बारिश के आंकड़ों में श्योपुर सबसे आगे रहा, जहां 6.52 इंच पानी गिरा। झाबुआ में 5.52 इंच, सिंगरौली में 5.35 इंच, सीधी में 5 इंच और अनूपपुर में 4.82 इंच बारिश दर्ज की गई। प्रदेश के 53 जिलों में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई, जबकि केवल खंडवा में औसत से कम बारिश हुई। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, इस बार मानसून का समापन भी “हैप्पी एंडिंग” के साथ हुआ है।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में नवंबर की शुरुआत इस बार भी बारिश और ठंड दोनों के मेल से हो रही है। पिछले 10 वर्षों से नवंबर का महीना प्रदेश में ठंड और वर्षा के मिश्रण का साक्षी बनता आया है। इस बार भी मौसम विभाग ने पहले सप्ताह में तेज बारिश का अलर्ट जारी किया है। शनिवार को भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर और बड़वानी जिलों में भारी वर्षा की चेतावनी दी है। विभाग के अनुसार, इन जिलों में अगले 24 घंटे में लगभग साढ़े चार इंच तक पानी गिर सकता है।राजधानी भोपाल में बादल छाए रहेंगे और शाम को हल्की बौछारें पड़ने की संभावना है। वहीं नीमच, मंदसौर, उज्जैन, इंदौर, खरगोन, बुरहानपुर, श्योपुर, मुरैना, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला और बालाघाट में हल्की बारिश का दौर बना रहेगा। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि नवंबर के पहले सप्ताह में बारिश जारी रहेगी, जबकि दूसरे सप्ताह से उत्तरी हवाएं चलने लगेंगी, जिससे ठंड में तेजी आएगी।उल्‍लेखनीय है कि अक्टूबर का महीना इस बार बारिश के लिहाज से खासा सक्रिय रहा। पूरे प्रदेश में औसत 2.8 इंच वर्षा दर्ज की गई, जो सामान्य 1.3 इंच से 121 प्रतिशत अधिक रही। यह अक्टूबर महीने की अपेक्षा से दोगुनी बारिश थी। वहीं दिन के तापमान में जबरदस्त गिरावट देखी गई। भोपाल का अधिकतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया, जो पिछले 25 वर्षों में सबसे कम रहा। उज्जैन, छतरपुर, नरसिंहपुर समेत कई जिलों में भी दिन का पारा 24 डिग्री से नीचे दर्ज किया गया।आईएमडी भोपाल के अनुसार, अक्टूबर में मानसून की विदाई के बावजूद चक्रवाती दबाव, लो प्रेशर एरिया और डिप्रेशन के कारण प्रदेश में बारिश का दौर जारी रहा। इस बार अक्टूबर में सामान्य से ज्यादा बारिश का पूर्वानुमान था और वही हुआ। आमतौर पर अक्टूबर में मानसून की विदाई के साथ ही प्रदेश में हल्की गर्मी और ठंडी हवाओं का दौर शुरू हो जाता है। इस साल मानसून 13 अक्टूबर को प्रदेश से विदा हुआ, लेकिन इसके बाद भी बादल और बरसात का सिलसिला थमा नहीं। नर्मदापुरम, श्योपुर, मुरैना, भिंड समेत कई जिलों में तेज हवाओं और बारिश के कारण फसलें नुकसान झेल गईं।पिछले चार दिनों से प्रदेश का मौसम चक्रवाती तूफान मोंथा के प्रभाव में था। हालांकि अब यह तूफान कमजोर पड़ने लगा है। शुक्रवार को दिनभर आसमान में हल्के बादल छाए रहे, लेकिन वर्षा नहीं हुई। शाम के समय मौसम सुहावना रहा। क्षेत्रीय मौसम केंद्र के अनुसार, अगले 48 घंटे में मौसम पूरी तरह साफ हो जाएगा। शनिवार से धूप खिलने लगेगी और शाम को हल्की ठंड का एहसास होगा।मौसम विभाग के मुताबिक जबलपुर, मंडला, डिंडौरी, नरसिंहपुर, बालाघाट और सिवनी जिलों में अगले 24 घंटे में हल्की बारिश या बूंदाबांदी की संभावना है। दिन में धूप और बादल के बीच तापमान में हल्का उतार-चढ़ाव रहेगा, जिससे रात में हल्की उमस महसूस हो सकती है। तीन नवंबर से बादल हटने की संभावना जताई गई है। उसके बाद मौसम की दिशा पूरी तरह बदलेगी और उत्तर-पूर्वी हवाएं बहने लगेंगी, जिससे रात का तापमान तेजी से गिरेगा। पांच से 13 नवंबर तक पूर्वी मध्यप्रदेश में वर्षा की संभावना नहीं है, लेकिन ठंड में बढ़ोतरी जारी रहेगी।कुल मिलाकर, नवंबर की शुरुआत मध्यप्रदेश में बारिश और ठंड दोनों के साथ हो रही है। जहां एक ओर मानसून की विदाई के बावजूद अक्टूबर में रिकॉर्ड बारिश दर्ज की गई, वहीं अब नवंबर में भी पहला सप्ताह भीगा रहेगा। दूसरे सप्ताह से मौसम में ठंड का असर बढ़ेगा। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, यह पैटर्न पिछले कई वर्षों से जारी है और इस बार भी प्रदेश में बारिश के बाद कड़ाके की ठंड दस्तक देने को तैयार है।

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भोपाल । हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का अत्यंत विशेष महत्व माना गया है। हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी को व्रत रखा जाता है। इस प्रकार एक वर्ष में कुल 24 एकादशी व्रत पड़ते हैं। इन सभी व्रतों में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आराधना की जाती है। इन्हीं में से एक महत्वपूर्ण व्रत है देवउठनी एकादशी या देवोत्थान एकादशी, जिसे देव प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है। यह तिथि विशेष रूप से इसलिए पावन मानी जाती है क्योंकि इसी दिन भगवान विष्णु चार महीने की योगनिद्रा से जागकर सृष्टि का पुनः संचालन प्रारंभ करते हैं। इस दिन चातुर्मास की अवधि समाप्त होती है और शुभ व मांगलिक कार्यों का आरंभ दोबारा संभव हो जाता है।देवउठनी एकादशी तिथि और समयइस संबंध में पं. भरत शास्‍त्री ने जानकारी दी कि वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि आज शनिवार को 1 नवंबर, मनाई जा रही है। यह तिथि सुबह 09 बजकर 11 मिनट पर प्रारंभ होकर दो नवंबर को सुबह 07 बजकर 31 मिनट पर समाप्त होगी। चूंकि उदया तिथि 1 नवंबर को है, इसलिए देवउठनी एकादशी का व्रत इसी दिन रखा जाएगा। उन्‍होंने बताया कि व्रत का पारण द्वादशी तिथि को किया जाता है। इस बार पारण का समय दो नवंबर को दोपहर एक बजकर 11 मिनट से 03 बजकर 23 मिनट तक रहेगा। इस अवधि में व्रत का समापन किया जा सकता है। सूर्योदय के बाद भी पारण संभव है; उस दिन सूर्योदय का समय 06 बजकर 34 मिनट रहेगा। इनका कहना यह भी है कि देवउठनी एकादशी भगवान विष्णु के जागरण का पर्व है, यह मानव जीवन में शुभारंभ और नवऊर्जा का प्रतीक भी है। इस दिन किए गए व्रत, पूजा और दान से व्यक्ति को असीम पुण्य की प्राप्ति होती है। यह एकादशी हर भक्त के लिए आध्यात्मिक उत्थान और शुभ फल प्रदान करने वाली मानी जाती रही है।देवउठनी एकादशी पूजा और व्रत विधिदेवउठनी एकादशी के दिन प्रातः स्नान कर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। भगवान विष्णु के चरणों में तुलसी दल अर्पित करना इस दिन अत्यंत शुभ माना जाता है। पूजा के लिए विष्णु भगवान की शालिग्राम रूप में आराधना कर दीप, धूप, पुष्प, फल, तुलसी और पंचामृत से अभिषेक किया जाता है।व्रत के नियमों को लेकर पं. ब्रजेशचंद्र दुबे का कहना है कि व्रत के दिन सात्त्विक भोजन का ही सेवन करें। तामसिक भोजन, लहसुन, प्याज और चावल का सेवन वर्जित है। व्रत करने वाले को काले या गहरे रंग के वस्त्र नहीं पहनने चाहिए। घर और पूजा स्थल की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें, क्योंकि माता लक्ष्मी का वास स्वच्छता में होता है। व्रत का पारण द्वादशी तिथि को नियत समय में करें। पारण के बाद अन्न, वस्त्र या धन का दान करना अत्यंत शुभ माना गया है। ऐसा करने से सुख, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।देवउठनी एकादशी पूजन मुहूर्त (1 नवंबर 2025):ब्रह्म मुहूर्त: 04:50 एएम – 05:41 एएमअभिजित मुहूर्त: 11:42 एएम – 12:27 पीएमविजय मुहूर्त: 01:55 पीएम – 02:39 पीएमगोधूलि मुहूर्त: 05:36 पीएम – 06:02 पीएमअमृत काल: 11:17 एएम – 12:51 पीएमरवि योग: 06:33 एएम – 06:20 पीएमइनमें से कोई भी मुहूर्त पूजा और विष्णु आराधना के लिए शुभ माना गया है।भगवान विष्णु के प्रमुख मंत्रव्रत और पूजन के समय भगवान विष्णु के निम्न मंत्रों का जप करने से मन को शांति और पुण्य की प्राप्ति होती है;1. विष्णु ध्यान मंत्र:“शान्ताकारम् भुजगशयनम् पद्मनाभम् सुरेशम्,विश्वाधारम् गगनसदृशम् मेघवर्णम् शुभाङ्गम्।लक्ष्मीकान्तम् कमलनयनम् योगिभिर्ध्यानगम्यम्,वन्दे विष्णुम् भवभयहरम् सर्वलोकैकनाथम्॥”2. महामंत्र:“ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतरायेः,अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय सर्व रोगनिवारणाय,त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूपाय नमः।”देवउठनी एकादशी का धार्मिक महत्वपुराणों के अनुसार, चातुर्मास के दौरान भगवान विष्णु क्षीरसागर में योगनिद्रा में चले जाते हैं। इस अवधि में विवाह, गृहप्रवेश या अन्य मांगलिक कार्य नहीं किए जाते। देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु जागते हैं, जिससे शुभ कार्यों का पुनः आरंभ संभव होता है। इस दिन तुलसी विवाह का विशेष महत्व है। भगवान विष्णु (शालिग्राम) और तुलसी माता का विवाह कर भक्त पुण्य लाभ प्राप्त करते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, देवउठनी एकादशी का व्रत करने से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है। इस व्रत से व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है और वह मोक्ष की प्राप्ति करता है।  

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भोपाल । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर मध्य प्रदेश और विशेषकर पश्चिम मध्य प्रदेश के राजस्व क्षेत्र में कृष्ण मृग एवं रोजड़ों द्वारा फसलों को नुकसान पहुँचाने की समस्या के निदान के लिये दक्षिण अफ्रीका की कंजरवेशन सॉल्यूशन एवं वन विभाग की टीम द्वारा हेलीकॉप्टर और बोमा से कृष्ण मृगों को पकड़ने का अभियान चल रहा है। शुक्रवार को शाजापुर जिले की तहसील लाहौरी बड़ला गाँव में बोमा लगाया गया। लाहौरी, सिंगारचोरी, पिपलिया इंदौर, नया समाजखेड़ा, खोरिया, विकलाखेड़ी, मुल्लाखेड़ी, पिपलिया गोपाल, छजियाजीपुर, सनकोटा और बोपा का डेरा गाँव से 59 नीलगाय को खेतों से पकड़ कर राष्ट्रीय उद्यान के जंगल में छोड़ा जा रहा है।   इस अभियान में अभी तक 501 कृष्ण मृग और 59 नीलगाय को पकड़ कर अन्यत्र संरक्षित क्षेत्रों एवं राष्ट्रीय उद्यान के जंगल में छोड़ा गया। इससे किसानों को होने वाले फसल नुकसान में कमी आयेगी और कृषकों की समस्या का निदान होगा। देश में इस तरह का यह पहला अभियान है।   अभियान में शाजापुर विधायक अरुण भीमावद, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य वन्य जीव अभिरक्षक शुभरंजन सेन, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं क्षेत्र संचालक चीता प्रोजेक्ट उत्तम शर्मा, मुख्य वन संरक्षक उज्जैन एम.आर. बघेल द्वारा बोमा क्षेत्र में उपस्थित रहकर वन्य-प्राणियों को पकड़ने की कार्यवाही एवं निगरानी का अवलोकन किया गया।   अभियान के तहत वन विभाग द्वारा मैदानी अमले का एक समर्पित दल बनाया गया है। यह दल दक्षिण अफ्रीका की कंजरवेशन सॉल्यूशन टीम के साथ प्रशिक्षित हो रहा है। आगामी समय में वन विभाग का प्रशिक्षित दल कृष्ण मृग एवं नीलगायों को पकड़ने का अभियान चलायेगा। अभियान में जिला प्रशासन, पुलिस और शाजापुर जिले के ग्रामवासियों द्वारा सहयोग किया जा रहा है। वन विभाग द्वारा अभियान के दौरान यह अपील की गयी है कि ग्रामीणजन हेलीकॉप्टर द्वारा हांके के दौरान कृष्ण मृग एवं नीलगाय के पीछे न भागें। अभियान नवम्बर माह के प्रथम सप्ताह तक चलेगा।  

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अनूपपुर । मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले के कोयलांचल में भालूओं के लगातार विचरण से भयभीत लोगों को थोड़ी राहत मिली है। शुक्रवार की सुबह अनूपपुरवन परिक्षेत्र के खांड़ा गांव में अमरहाई तालाब के आसपास विचरण करते हुए देखा गया है। वनविभाग ने भालू ग्रमीणों से दूर रहने की सलाह दी है। अनूपपुर वन परिक्षेत्र के खांड़ा गांव में शुक्रवार  सुबह एक भालू विचरण करते हुए प्रवेश कर गया जिसकी सूचना मिलने पर वनविभाग का मैदानी अमला भालू के विचरण क्षेत्र में पहुंचकर निरंतर निगरानी करते हुए भालू को ग्रामीण क्षेत्र से जंगल की ओर भेजने की कोशिश कर रहा है। भालू शुक्रवार की सुबह कोदैली, रामपुर गांव की सीमा के मध्य कठना नदी के किनारे से खांडा गांव में खेत से लगे मुख्य मार्ग के किनारे तेलरी तालाब के समीप पहुंचकर झाड़ियो में कुछ देर छिपकर बैठा रहा,पटाखे की आवाज पर कठना नदी की ओर जाकर फिर वापस खांडा गांव के ठाकुरबाबा, अमरहाई तालाब,अस्पताल, हाईस्कूल के मध्य विचरण कर रहा है। भालू के विचरण की सूचना पर ग्रामीणों की भीड़ एकत्रित हो गई जिसे वनविभाग के द्वारा भालू से दूर रखा गया है।

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रीवा । मध्य प्रदेश शासन द्वारा श्री अन्न का उत्पादन बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों के तहत खरीफ फसल 2025-26 में रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना के तहत समर्थन मूल्य पर कोदो और कुटकी का उपार्जन किया जाएगा। किसान इसके लिए ई उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन करा सकते हैं। पंजीयन की आज 31 अक्टूबर को अंतिम तिथि है।   इस संबंध में कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी प्रतिभा पाल ने बताया कि रीवा जिले में किसानों के पंजीयन के लिए 21 सेवा सहकारी समितियों में 21 उपार्जन केन्द्र बनाये गये हैं। उन्होंने बताया कि कोदो के उपार्जन के लिए तहसील गुढ़ में गुढ़, तहसील जवा में भुनगांव और डभौरा, तहसील त्योंथर में सोहरवा तथा कटरा और तहसील सिरमौर में बैकुंठपुर व सिरमौर को खरीदी केन्द्र बनाया गया है। तहसील सेमरिया में भमरा, सेमरिया एवं बीड़ा, तहसील मनगवां में गढ़, गंगेव, बांस, मनगवां एवं कंदैला को केन्द्र बनाया गया है। तहसील रायपुर कर्चुलियान में व्यौहरा तथा रायपुर कर्चुलियान एवं तहसील हुजूर में बहुरीबांध, कृषि उपज मण्डी करहिया, गोविंदगढ़ तथा बांसा में खरीदी केन्द्र बनाए गए हैं।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में इस समय मौसम ने पूरी तरह करवट ले ली है। एक साथ तीन मौसमीय सिस्टम सक्रिय होने के कारण प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में आंधी, गरज-चमक और बारिश का दौर लगातार जारी है। इन लगातार बदलते हालातों ने दिन के तापमान में रिकॉर्ड गिरावट दर्ज कराई है, जिससे ठंड का अहसास अक्टूबर के अंतिम दिनों में ही होने लगा है। कई शहरों में तो दिन का तापमान 23 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे पहुंच गया है। गुरुवार को दतिया, गुना, नौगांव और टीकमगढ़ प्रदेश के सबसे ठंडे स्थान रहे, जबकि शुक्रवार को भी इसी तरह का मौसम बने रहने की संभावना जताई गई है।कई जिलों में जोरदार बारिश, दतिया में सबसे अधिकमौसम विभाग के अनुसार, गुरुवार को दतिया में सबसे अधिक डेढ़ इंच तक बारिश दर्ज की गई। जबलपुर में सवा इंच, मलाजखंड में पौन इंच, गुना में आधा इंच से ज्यादा और मंडला में आधा इंच वर्षा रिकॉर्ड हुई। राजधानी भोपाल में दिनभर रिमझिम फुहारें गिरती रहीं, जिससे शहर का तापमान भी सामान्य से नीचे चला गया।ग्वालियर, पचमढ़ी, शिवपुरी, रायसेन, नर्मदापुरम, टीकमगढ़, निवाड़ी, छिंदवाड़ा, दमोह, खजुराहो, नौगांव, रीवा, सागर, सतना, सिवनी, सीधी, उमरिया समेत कई जिलों में लगातार बारिश होती रही। इस बारिश ने जहां मौसम को सुहाना बना दिया, वहीं किसानों के लिए यह आफत बनकर आई। खेतों में पानी भर जाने से फसलें बर्बाद हो गईं। कई इलाकों में धान, सोयाबीन और सब्जियों की फसलें गिर गईं एवं कई जगह ये सड़ने लगी हैं।दिन में ठिठुरन, तापमान 22 डिग्री के नीचेप्रदेश के पांच बड़े शहरों में भोपाल में दिन का तापमान 24 डिग्री, इंदौर में 23.2 डिग्री, उज्जैन और ग्वालियर में 24 डिग्री, जबकि जबलपुर में 28.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। छिंदवाड़ा, दमोह, मंडला, रीवा, सागर, सतना, सिवनी, उमरिया, बैतूल, रायसेन, रतलाम, श्योपुर और शिवपुरी में भी तापमान सामान्य से कई डिग्री नीचे रहा।तीन मौसमीय सिस्टम से बढ़ा असरमौसम विभाग की ओर से जानकारी दी गई है कि फिलहाल प्रदेश के उत्तरी हिस्से में एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन, एक डिप्रेशन और एक अन्य सिस्टम सक्रिय हैं। इन तीनों के संयुक्त प्रभाव से प्रदेश में बादल छाए हुए हैं और लगातार बारिश हो रही है। इन सिस्टमों की सक्रियता अगले 24 घंटों तक जारी रहने की संभावना है। वहीं मौसम विभाग ने शुक्रवार के लिए भी चेतावनी जारी की है। झाबुआ, अलीराजपुर, धार, बड़वानी, खरगोन, बुरहानपुर, सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी और सिंगरौली जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है। इसके अलावा भोपाल, जबलपुर, इंदौर, ग्वालियर जैसे बड़े शहरों में बादल छाए रहेंगे और बीच-बीच में बूंदाबांदी हो सकती है।अक्टूबर में ठंड की दस्तकउल्‍लेखनीय है कि आम तौर पर अक्टूबर के आखिरी हफ्ते तक मध्य प्रदेश में हल्की ठंड महसूस होने लगती है, लेकिन इस बार मौसम का यह रुख असामान्य माना जा रहा है। बारिश और तेज हवाओं के चलते तापमान में जो गिरावट आई है, उसने नवंबर जैसी ठंड का अहसास पहले ही करा दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में मौसम धीरे-धीरे शुष्क होगा, लेकिन तापमान में बढ़ोतरी फिलहाल संभव नहीं है।अगले कुछ दिनों तक प्रदेश के कई इलाकों में ऐसे ही हालात बने रहने की संभावना है।  

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भोपाल । अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में सक्रिय दो गहरे दबाव (डिप्रेशन) तंत्रों के साथ उत्तर भारत में बने साइक्लोनिक सर्कुलेशन (चक्रवाती दबाव) का असर अब मध्य प्रदेश में स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगा है। राज्य के कई हिस्सों में बुधवार को रुक-रुक कर बारिश हुई, जबकि भोपाल, इंदौर और उज्जैन में तेज हवाओं के चलते तापमान में गिरावट दर्ज की गई। उज्जैन में दिन का अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि राज्य में अगले चार दिनों तक लगातार बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। ठंडी हवाओं और नमी के कारण कई इलाकों में कोहरा छाने की संभावना भी जताई गई है।पूर्वी और दक्षिणी जिलों में सिस्टम सबसे सक्रियमौसम विभाग के अनुसार, आज गुरुवार को भी यह मौसम प्रणाली सक्रिय रहेगी, विशेषकर मध्य प्रदेश के पूर्वी और दक्षिणी हिस्सों में। मौसम विभाग ने 12 जिलों सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली, मैहर, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला और बालाघाट के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में अगले 24 घंटों के भीतर ढाई से साढ़े चार इंच तक वर्षा होने की संभावना है। वहीं, खंडवा, बुरहानपुर, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, जबलपुर, कटनी और पन्ना में हल्की बारिश, गर्जन और तेज हवाओं की स्थिति बनी रह सकती है।‘मोंथा’ तूफान का असर और गिरता तापमानअरब सागर में बने तूफान ‘मोंथा’ का प्रभाव भी राज्य में महसूस किया जा रहा है। कई शहरों में हवा की रफ्तार सामान्य से अधिक रहने के कारण ठंडक बढ़ गई है। बुधवार को 20 से अधिक जिलों में दिन का तापमान 26 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया। भोपाल में अधिकतम तापमान 25.2 डिग्री, इंदौर में 25.1 डिग्री, उज्जैन में 23 डिग्री, जबलपुर में 28.8 डिग्री, और ग्वालियर में 24.6 डिग्री रहा। वहीं, बैतूल, धार, दतिया, गुना, रतलाम और शिवपुरी जैसे शहरों में भी तापमान सामान्य से नीचे रहा।आधिकारिक विदाई के बाद भी बारिश का सिलसिला जारीहालांकि प्रदेश से मानसून की आधिकारिक विदाई हो चुकी है, लेकिन नमी युक्त हवाओं और सक्रिय मौसमी प्रणालियों के चलते वर्षा का दौर अब भी जारी है। मौसम विभाग का अनुमान है कि 31 अक्टूबर से 2 नवंबर के बीच भी कई जिलों में वर्षा की संभावना बनी रहेगी, जबकि 30 अक्टूबर को सबसे अधिक गतिविधि देखने को मिल सकती है।  

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उज्जैन । मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में गुरुवार तड़के भस्म आरती के दौरान आंवला नवमी के अवसर पर भगवान महाकाल का विशेष श्रृंगार किया गया। भगवान को आंवले की माला, रजत चंद्र, भांग, और चंदन अर्पित किया गया। ज्योतिषाचार्य पं. हरिहर पंड्या के अनुसार आंवला नवमी कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाई जाती है। इसे अक्षय नवमी भी कहा जाता है। इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है। मान्यता है कि आंवले के वृक्ष में स्वयं भगवान विष्णु और शिव का वास होता है। देवी लक्ष्मी ने आंवले के पेड़ को विष्णु-शिव का प्रतीक मानकर उसकी पूजा की थी, जिसके बाद से यह पर्व शुरू हुआ। इस दिन पूजा, व्रत और दान करने से अक्षय पुण्य (अविनाशी पुण्य), आरोग्य, सौभाग्य, वैवाहिक सुख, संतान की उन्नति और दीर्घायु की प्राप्ति होती है।पौराणिक कथा के अनुसार, आंवला ब्रह्माजी के आंसुओं से उत्पन्न फल है और समुद्र मंथन के समय निकले अमृत की बूंदें इसमें गिरने से यह फल दैवीय माना गया है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने वृंदावन छोड़कर मथुरा प्रस्थान किया था, जिसे भी आंवला नवमी के महत्व में जोड़ा जाता है। व्रत और पूजा करने से घर में सुख-शांति, प्रेम और समृद्धि आती है और जीवन में सकारात्मकता बनी रहती है।इस दिन आंवले के पेड़ के नीचे भोजन करना और गरीबों को आंवले या उससे बने वस्तु दान करना शुभ माना जाता है। आयुर्वेद में भी आंवले को स्वास्थ्यवर्धक अमृतफल माना गया है। आंवला नवमी का दिन सतयुग की शुरुआत की तिथि भी माना जाता है, जिससे इसका धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व और अधिक बढ़ जाता है।      

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सतना । मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल भोपाल द्वारा आरक्षक संवर्ग (कार्यपालिक) की सीधी भर्ती के पदों के लिए आज गुरुवार से भर्ती परीक्षा 2025 का आयोजन किया जा रहा है। यह परीक्षा 15 दिसम्बर तक आयोजित की जायेगी। सतना जिले में यह परीक्षा तीन केन्द्रों- आदित्य कॉलेज ऑफ टेक्नोलाजी एण्ड साइंस सतना, आदित्य कालेज आफ मैनेजमेंट सतना एवं मां मीरा कान्वेंट हायर सेकेण्डरी स्कूल वैष्णो देवी मंदिर डाली बाबा डेलौरा सतना में 2 पालियों में आयोजित होगी। आनलाईन परीक्षा प्रथम पाली में प्रातः 10 बजे से प्रातः 12 बजे तक एवं द्वितीय पाली में दोपहर 2.30 बजे से सायं 4.30 बजे तक आयोजित की जायेगी। परीक्षार्थियों के लिए परीक्षा केन्द्रों पर रिपोर्टिंग का समय प्रथम पाली में प्रातः 8 बजे से 9.30 बजे और द्वितीय पाली में दोपहर 12.30 बजे से दोपहर 2 बजे तक नियत किया गया है। कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट डॉ. सतीश कुमार एस ने परीक्षाओं के सुचारू रूप से संचालन के लिए उडनदस्ता दल गठित किया है। उन्होंने परीक्षा के लिए अपर कलेक्टर विकास कुमार सिंह को सहायक समन्वयक, डिप्टी कलेक्टर बीके मिश्रा को परीक्षा प्रभारी, डीएसपी देवेन्द्र प्रताप सिंह को सुरक्षा समन्वयक, डिप्टी कलेक्टर एलआर जांगडे को प्रशासनिक आब्जर्वर, तहसीलदार रघुराजनगर सौरभ मिश्रा को प्रशासनिक आब्जर्वर, नायब तहसीलदार राजेश कुमार सिंह को प्रशासनिक आब्जर्वर, विनोद चतुर्वेदी को सहा. अधीक्षक, प्रमोद द्विवेदी को स्टेनो, रामलखन वर्मा को उडनदस्ता सहायक को नियुक्त किया गया है। इसी प्रकार सहायक ग्रेड-3 मानेन्द्र सिंह को जिला नाजिर, दयाराम वर्मा को शाखा प्रभारी, आकाश यादव को पेपर जमा हेतु, सचिन विश्वकर्मा को आपरेटर तथा रोशन वर्मन तथा कमलेश कुमार सेन को भृत्य बनाया गया है।  

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कटनी । मध्य प्रदेश के कटनी जिले में स्थित कैमोर नगर में गत दिवस भाजपा नेता नीलेश रजक की हत्या के मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को शॉर्ट एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार कर लिया है। मुठभेड़ के दौरान दोनों आरोपी गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें जबलपुर के निजी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है। एएसपी डॉ. संतोष डेहरिया ने बुधवार को मामले की जानकारी देते हुए बताया कि कैमोर निवासी भाजपा नेता नीलेश उर्फ नीलू रजक की हत्या के मामले में आरोपित अकरम खान व प्रिंस जोसफ का नाम सामने आया था। घटना के बाद कैमोर और विजयराघवगढ़ में बवाल मच गया था। लोगों ने बाजार बंद कर चक्काजाम कर दिया था। आरोपी अकरम खान और प्रिंस जोसेफ के कजरवारा में होने सूचना मिली थी। इसके बाद रात करीब दो बजे पुलिस ने घेराबंदी की। आरोपियों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी, जिसके जवाब में पुलिस की ओर से चार राउंड फायर किए गए। आरोपियों के पैर और हाथ में गोली लगी है। दोनों आरोपितों को तत्काल इलाज के लिए जबलपुर रवाना किया गया है। पुलिस के अनुसार, मंगलवार सुबह करीब 11 बजे कैमोर में भाजपा के पिछड़ा वर्ग मंडल अध्यक्ष नीलेश रजक को बाइक सवार दो लोगों ने बैंक ऑफ बड़ौदा के पास गोली मार दी थी। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। भाजपा नेता की हत्या के बाद परिजनों ने चक्काजाम किया था। उन्होंने शव का पोस्टमॉर्टम कराने से इनकार कर दिया था। वे आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर अड़े रहे। आरोपियों को जल्द पकड़ने और सख्त कार्रवाई के आश्वासन के बाद 7 घंटे बाद प्रदर्शन खत्म हुआ। रात में ही शव का पोस्टमॉर्टम किया गया। मामले में पुलिस अधीक्षक अभिनव विश्वकर्मा ने कैमोर थाना प्रभारी निरीक्षक अरविंद चौबे और प्रधान आरक्षक प्रेम शंकर पटेल को लाइन अटैच कर दिया था। घटना के बाद आरोपी प्रिंस के पिता नेल्सन जोसेफ ने आत्महत्या कर ली थी। नेल्सन के भतीजे ने बताया कि चाचा सुबह करीब 11:30 बजे घर आए और सबसे नॉर्मल बातचीत की। इसके बाद उन्होंने अंदर जाकर गेट लगा लिया। काफी देर तक दरवाजा नहीं खोलने पर परिजनों ने जाली से देखा तो वे फांसी लगा चुके थे। वहीं, विजयराघवगढ़ से भाजपा विधायक संजय पाठक ने बताया कि डीएवीवी स्कूल की एक छात्रा ने शिकायत की थी कि कोई मुस्लिम लड़का उनके साथ छेड़खानी करता है। नीलेश रजक उसे समझाने गए थे। उस दौरान विवाद और मारपीट हुई थी। मामला थाने पहुंचा था। दोनों पक्षों पर एफआईआर हुई, काउंटर केस बना। बाद में अकरम नाम के लड़के ने बोला था कि मैं तेरे को बीच चौराहे में गोली मारूंगा। डेढ़ महीने बाद उसने वारदात को अंजाम दिया। मैंने मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष से बात की। उन्होंने कठोर से कठोर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। विजयराघवगढ़ एसडीओपी वीरेंद्र धारवे ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में दोनों हमलावर बाइक से आकर भाजपा नेता को गोली मारते स्पष्ट दिखाई दे रहे थे। देर रात तक कई थानों के पुलिस बल सहित आइजी, डीआईजी और अन्य अधिकारी डेरा डाले रहे। पुलिस की टीमों को आरोपित दोनों युवकों की तलाश में लगाया गया था। जो पुलिस को कजरवारा के पास मिले और वही पुलिस से मुठभेड़ में दोनों घायल हुए। नगर में आज स्थिति फिलहाल सामान्य बनी हुई है। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।  

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राजगढ़ । मध्‍य प्रदेश के राजगढ़ जिले में बिजली कटौती से परेशान किसानों ने बुधवार सुबह सिलपटी ग्रिड के सामने विरोध प्रदर्शन करते हुए ब्यावरा-सिरोंज राजमार्ग पर चक्काजाम कर दिया, जिससे यातायात बाधित हो गया और हाइवे पर वाहनों की लंबी कतारें लग गई। जानकारी लगते ही जिला पंचायत अध्यक्ष चंदरसिंह सौंधिया मौके पर पहुंचे,जिन्होंने किसानों का समर्थन किया। विद्युत अफसरों की समझाइश पर लगभग डेढ़ घंटे बाद किसान माने।   किसानों का कहना है कि पिछले कई दिनों से ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार बिजली कटौती हो रही है, जिससे गिंदौरहाट, मानकी, भगोरा, पिपलियाखेड़ी सहित अन्य गांव के किसान प्रभावित है।सिंचाई का समय होने के बाद भी पर्याप्त मात्रा में बिजली नही मिल रही है, जिससे फसलें सूख रही है। बिजली कटौती से परेशान किसान ब्यावरा-सिरोंज राजमार्ग स्थित सिलपटी ग्रिड के समीप एकत्रित हो गए और विरोध प्रदर्शन करते हुए चक्काजाम कर दिया। इस दौरान स्कूल बस सहित कई वाहन जाम में फंस गए, जिससे स्कूली बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ा। लगभग डेढ़ घंटे तक लगे जाम से शहर और आसपास के क्षेत्रों का यातायात बाधित हो गया।   सूचना मिलने पर शहर ब्यावरा थानाप्रभारी वीरेन्द्रसिंह धाकड़, सुठालिया थानाप्रभारी प्रवीण जाट सहित पुलिसबल मौके पर पहुंचा, जिन्होंने किसानों से बातचीत कर समझाने का प्रयास किया, लेकिन किसान अपनी मांगों को लेकर अड़े रहे। इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष चंदरसिंह सौंधिया मौके पर पहुंचे, जिन्होंने किसानों का समर्थन करते हुए विद्युत कंपनी पर लापरवाही के आरोप लगाए। विद्युत कंपनी के एई अमरदीप साहू ने किसानों को आश्वासन दिया, जल्द ही सभी प्रभावित गांवों में बिजली की नियमित आपूर्ति की जाएगी। अफसरों से मिले आश्वासन के बाद किसानों ने चक्काजाम समाप्त किया।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में बारिश का दौर जारी है। मंगलवार को ग्वालियर, शिवपुरी और रतलाम समेत कई जिलों में बारिश हुई, जबकि राजधानी भोपाल, इंदौर में आंधी का असर रहा। आज बुधवार को छिंदवाड़ा-बालाघाट समेत 11 जिलों में बारिश होने की संभावना है। अगले चार दिन ऐसा ही मौसम रहेगा। वहीं, प्रदेश में ‘मोंथा’ का असर भी देखने को मिलेगा।मौसम विभाग के अनुसार, अरब सागर में एक डिप्रेशन एक्टिव है, जिससे एक टर्फ मध्‍य प्रदेश के पास से गुजर रही है। वहीं, उत्तरी हिस्से में एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन भी सक्रिय है। इस वजह से प्रदेश में बारिश का दौर चल रहा है। दूसरी ओर, तूफान 'मोंथा' की वजह से तेज आंधी का दौर है। अगले 24 घंटे के दौरान सिस्टम का असर बढ़ेगा और कई जिलों में भारी बारिश की संभावना है। इस सिस्टम की वजह से अगले चार दिन तक प्रदेश में बारिश होने के आसार हैं। अगले 24 घंटे के दौरान श्योपुर, मुरैना, बुरहानपुर, बैतूल, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, डिंडौरी और अनूपपुर में तेज बारिश हो सकती है। प्रदेश के बाकी के जिलों में हल्की बारिश और गरज-चमक का दौर बना रहेगा।सिस्टम की एक्टिविटी होने की वजह से मंगलवार को बैतूल, धार, रतलाम, मुरैना, ग्वालियर, श्योपुर, शिवपुरी, रीवा और उमरिया में बारिश हुई। भोपाल में तेज आंधी का असर देखने को मिला। बारिश की वजह से कई जिलों में फसलों को नुकसान भी पहुंचा है। बता दें कि मध्य प्रदेश से मानसून की विदाई हो चुकी है, लेकिन बारिश का दौर अभी भी जारी है। 29, 30 और 31 अक्टूबर को भी तेज बारिश हो सकती है। 30 अक्टूबर को सिस्टम का सबसे ज्यादा असर देखने को मिलेगा।  

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भोपाल । सूर्य उपासना और आस्था के अद्भुत संगम का प्रतीक महापर्व छठ आज मंगलवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ श्रद्धा और उल्लास के साथ संपन्न हुआ। चार दिनों तक चलने वाले इस अनुष्ठान का समापन कार्तिक शुक्ल सप्तमी के दिन होता है, जब व्रती महिलाएं उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर अपना कठोर 36 घंटे का निर्जला व्रत पूर्ण करती हैं। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में इस अवसर पर भक्तिमय वातावरण छाया रहा। शहर के सभी 52 घाटों समेत अन्‍य पूजा स्‍थलों पर तड़के से ही श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा था।आज सुबह जैसे ही पूर्व दिशा में सूर्य की पहली किरण दिखाई दी, वैसे ही व्रती महिलाओं ने दूध, जल और प्रसाद से अर्घ्य अर्पित किया। पूरे वातावरण में “छठी मइया के जयकारे” और लोकगीतों की मधुर गूंज फैल गई। महिलाओं के चेहरे पर भक्ति और संतोष की अनोखी आभा झलक रही थी। सूर्य देव और छठी मैया से परिवार की सुख-समृद्धि और कल्याण की कामना के साथ उन्होंने यह व्रत पूर्ण किया।भोपाल के घाटों पर आस्था का सैलाबभोपाल के पाँच नंबर तालाब, शीतलदास की बगिया, कमला पार्क, वर्धमान पार्क (सनसेट पॉइंट), खटलापुरा घाट, प्रेमपुरा घाट, हथाईखेड़ा डैम, बरखेड़ा और घोड़ा पछाड़ डैम जैसे प्रमुख घाटों पर आज सुबह अद्भुत दृश्य देखने को मिले। इन स्थानों पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु एकत्र हुए थे। जल में खड़े होकर व्रती महिलाएं सिर पर टोकरी में फल, ठेकुआ, और पूजा सामग्री रखे अर्घ्य देती नजर आईं। सूर्योदय के क्षण में पूरा वातावरण लोकभक्ति, गीतों और ढोलक की थाप से गूंज रहा था।नगर निगम और प्रशासन ने इस अवसर पर बेहतरीन व्यवस्थाएं की थीं। सुरक्षा, प्रकाश व्यवस्था, पेयजल और सफाई के पुख्ता इंतज़ाम किए गए थे। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी सुबह से ही घाटों पर मौजूद थे ताकि किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अलग-अलग मार्गों पर बैरिकेडिंग और ट्रैफिक नियंत्रण की भी विशेष व्यवस्था रही।जनप्रतिनिधियों ने भी की सूर्य उपासनापाँच नंबर तालाब के छठ घाट पर इस बार विशेष उत्साह देखने को मिला। यहाँ केन्द्रीय मंत्री डीडी उइके, भोपाल विधायक भगवानदास सबनानी और मप्र जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष (राज्य मंत्री दर्जा) मोहन नागर समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। सभी ने पारंपरिक विधि-विधान से सूर्योपासना कर छठी मैया के दर्शन-पूजन का लाभ प्राप्त किया।व्रत का पारण और प्रसाद का महत्वअर्घ्य देने के बाद व्रती महिलाओं ने “पारण” की रस्म निभाई, जो इस पर्व का अंतिम और सबसे पवित्र चरण माना जाता है। पारण में व्रती सात्विक भोजन करती हैं, जिसमें चावल, दाल, साग, सब्जी, पापड़, बड़ी, पकौड़ी और चटनी शामिल होती है। यह भोजन न केवल व्रती बल्कि पूरे परिवार द्वारा प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है। माना जाता है कि इससे घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।रातभर गूंजे छठ गीत और भजनभोजपुरी एकता मंच के अध्यक्ष कुंवर प्रसाद ने बताया कि रविवार की शाम जब अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया गया, उसके बाद श्रद्धालु पूरी रात छठी मैया के गीत और भजन गाते रहे। घाटों पर लोकगीतों की स्वर लहरियाँ देर रात तक गूंजती रहीं। कई स्थानों पर महिलाओं ने पारंपरिक नृत्य किया और बच्चों ने दीयों से घाटों को सजाया। उन्होंने बताया कि इस वर्ष भोपाल में रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु घाटों पर पहुंचे, जिससे पूरा शहर छठ मैया की भक्ति में सराबोर हो गया।चार दिनों का यह कठिन व्रतछठ पर्व की शुरुआत कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से होती है और सप्तमी तक चलता है। पहले दिन “नहाय-खाय” में शुद्ध भोजन ग्रहण किया जाता है। दूसरे दिन “खरना” में गुड़ और चावल की खीर बनाकर पूजा की जाती है। तीसरे दिन अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का समापन होता है। यह व्रत महिलाओं के साथ-साथ पुरुष भी रखते हैं, और इसमें पूर्ण संयम, पवित्रता और आस्था का विशेष महत्व होता है।भक्ति और उल्लास से नहाया भोपालपूरे भोपाल में पिछले चार दिनों से छठ पर्व का उत्साह चरम पर रहा। घाटों पर सजावट, दीयों की रोशनी, लोकगीतों की गूंज और श्रद्धालुओं की भीड़ ने राजधानी को आध्यात्मिक रंग में रंग दिया। विशेष रूप से रविवार की शाम जब अस्त होते सूर्य को अर्घ्य दिया गया, तब तालाबों में तैरती दीयों की पंक्तियों ने ऐसा मनमोहक दृश्य बनाया कि मानो धरती पर दिव्यता उतर आई हो। आज सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ जब व्रत का समापन हुआ, तब श्रद्धालुओं के चेहरों पर भक्ति और आनंद का भाव झलक रहा था। पूरा वातावरण छठी मैया की महिमा और सूर्य उपासना की परंपरा से ओतप्रोत दिखाई दिया।  

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भोपाल । मध्यप्रदेश में मौसम का यह नया रंग सर्दी की दस्तक और मानसूनी विदाई के बीच का एक अनोखा संगम बना हुआ है, न पूरी गर्मी गई है, न पूरी ठंड आई है, लेकिन बादलों की बरसात ने अक्टूबर के अंतिम दिनों को यादगार बना दिया है। अक्टूबर का आखिरी हफ्ता इस बार असामान्य रूप से नम और ठंडा साबित हो रहा है। मानसून की विदाई के बाद भी अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के सक्रिय सिस्टमों ने प्रदेश को बारिश से भिगो रखा है। मौसम विभाग के मुताबिक, यह सिलसिला नवंबर के पहले सप्ताह तक जारी रह सकता है। उल्‍लेखनीय है कि सर्दी की शुरुआत में ही मध्य प्रदेश के आसमान पर बादलों का डेरा बना हुआ है। सोमवार को श्योपुर और शिवपुरी में बादलों ने जमकर बरसात की। शाम साढ़े पांच बजे तक श्योपुर में 56 मिलीमीटर और शिवपुरी में 34 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। इसके साथ ही भोपाल, चंबल-ग्वालियर, इंदौर और उज्जैन संभाग के कई जिलों में कहीं तेज तो कहीं हल्की फुहारें पड़ीं। मंगलवार सुबह भी प्रदेश में कई जगह हल्‍की बारिश होते दिखी। जिसके चलते ठंड के मौसम से पहले ही वातावरण में ठंडक घुल गई है।मौसम विज्ञानियों के अनुसार, प्रदेश में फिलहाल पांच मौसम प्रणालियाँ सक्रिय हैं, जिनमें से तीन प्रमुख सिस्टम काफी मजबूत स्थिति में हैं। इनमें बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवात, अरब सागर में कम दबाव का क्षेत्र और उत्तर भारत में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ शामिल हैं। इन तीनों के संयुक्त प्रभाव से प्रदेश में हवाओं के साथ नमी बढ़ी है, जिसके चलते कई हिस्सों में लगातार बादल छाए हुए हैं और रुक-रुक कर बारिश का सिलसिला जारी है।ग्वालियर और उज्जैन संभाग के कई हिस्सों में भी हल्की से मध्यम बारिश हुई। दतिया, सीधी, रतलाम, रीवा और टीकमगढ़ में आधे से एक इंच तक पानी गिरा, जबकि गुना, मुरैना, छतरपुर, खजुराहो और मंदसौर में फुहारें पड़ीं। मौसम विभाग का कहना है कि यह बारिश “पोस्ट-मानसून एक्टिविटी” के तहत हो रही है, जो नवंबर के शुरुआती दिनों तक जारी रह सकती है।छह जिलों में भारी बारिश का अलर्टमौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि 29 और 30 अक्टूबर को प्रदेश के छह जिलों सिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी, अनूपपुर और सिंगरौली में भारी बारिश हो सकती है। इन जिलों में अगले दो दिन ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं भोपाल, इंदौर, उज्जैन और जबलपुर सहित मध्य और पश्चिमी हिस्सों में हल्की से मध्यम वर्षा के आसार हैं।भोपाल केंद्र मौसम विभाग का कहना है अगले 24 घंटे में चंबल, ग्वालियर, इंदौर और उज्जैन संभाग के जिलों में तेज हवाओं के साथ बारिश और गरज-चमक की संभावना है। कई इलाकों में बिजली गिरने की घटनाएं भी हो सकती हैं, इसलिए नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।बारिश के बीच तापमान में उतार-चढ़ावमौसम विभाग के अनुसार, बारिश के चलते अधिकतम तापमान में गिरावट आई है, लेकिन नमी बढ़ने से न्यूनतम तापमान में मामूली बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। चार प्रमुख शहरों में तापमान इस प्रकार रहा है। भोपाल: अधिकतम 30.4°, न्यूनतम 20.4°, इंदौर: अधिकतम 29.8°, न्यूनतम 20.2°, ग्वालियर: अधिकतम 23.4°, न्यूनतम 21.6°, जबलपुर: अधिकतम 31.8°, न्यूनतम 20.5°। विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल ठंड की शुरुआत धीमी है, लेकिन जैसे ही पश्चिमी विक्षोभ आगे बढ़ेगा और बादलों का असर घटेगा, वैसे ही तापमान में तीव्र गिरावट देखने को मिलेगी।तवा डैम से छोड़ा गया पानीबारिश का असर नदियों और जलाशयों पर भी नजर आने लगा है। तवा डैम में जलस्तर बढ़ने के कारण सोमवार को प्रशासन ने तीन गेट खोल दिए। इन्हें तीन-तीन फीट की ऊंचाई तक खोला गया, जिससे 16,070 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। डैम का जलस्तर 1166.30 फीट तक पहुंच गया और जलग्रहण क्षेत्र में निरंतर वर्षा के कारण पानी की आवक बनी हुई है। इस साल मानसूनी सीजन में अब तक डैम के गेट 79 बार खोले जा चुके हैं।6 नवंबर के बाद बढ़ेगी ठंडमौसम विशेषज्ञों ने बताया कि उत्तर भारत में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के चलते पहाड़ी राज्यों में अगले कुछ दिनों में बर्फबारी के आसार हैं। जब यह सिस्टम गुजर जाएगा, तो उत्तर की ठंडी हवाएं मध्य प्रदेश की ओर बढ़ेंगी। इसके बाद 6 नवंबर से प्रदेश में ठंड की शुरुआत जोर पकड़ लेगी। सुबह और रात में तापमान में गिरावट होगी और दिन के समय हल्की ठंडी हवाएं चलने लगेंगी।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकाल की कार्तिक-अगहन मास में निकालने वाली सवारियों के क्रम में सोमवार को पहली सवारी धूमधाम से निकाली गई। अवंतिकानाथ चांदी की पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण पर निकले और अपनी प्रजा का हाल जाना। इस दौरान बाबा महाकाल ने मनमहेश रूप में प्रजा को दर्शन दिए। इस बार सवारी में पहली बार महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा संचालित श्री महाकालेश्वर बैंड भी शामिल किया गया, जिस पर शिव धुन सुन श्रद्धालु अभिभूत नजर आए। परम्परा के मुताबिक श्रावण-भाद्रपद माह की तरह कार्तिक-अगहन मास में भी भगवान महाकाल की सवारियां निकाली जाती हैं। इसी परम्परा के अनुसार, सोमवार को कार्तिक माह की पहली सवारी निकाली गई। सवारी निकलने से पहले महाकालेश्वर मंदिर के सभा मंडप में उज्जैन कलेक्टर रोशन सिंह और एएसपी प्रदीप शर्मा ने भगवान मन महेश का विधिवत पूजन अर्चन किया। इस दौरान पालकी का भी पूजन किया गया। इसके बाद शाम चार बजे सवारी महाकाल मंदिर से राजसी ठाट-बाट के साथ रवाना हुई। महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक प्रथम कौशिक ने बताया कि भगवान महाकालेश्वर मनमहेश के रूप में अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकले। महाकालेश्वर भगवान की सवारी में प्रथम बार मंदिर प्रबंध समिति द्वारा संचालित श्री महाकालेश्वर बेंड भी सम्मिलित किया। सवारी पुलिस बैण्ड, घुड़सवार दल, सशस्त्र पुलिस बल के जवान आदि के साथ गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार कहारवाड़ी होते हुए रामघाट क्षिप्रातट पहुंची, जहां मां क्षिप्रा के जल से पूजन-अर्चन किया गया। इसके पश्चात भगवान महाकाल की सवारी रामघाट से गणगौर दरवाजा, मोड की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यननारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार होते हुए पुन महाकाल मंदिर पहुंची। महाकाल मंदिर में मराठा परंपरा का विशेष तौर पर प्रभाव है। महाराष्ट्रीयन परंपरा में शुक्ल पक्ष से माह का शुभारंभ माना जाता है। कार्तिक-अगहन मास में भी महाकाल की सवारी कार्तिक शुक्ल पक्ष के पहले सोमवार से शुरू होती है। इसी वजह से आज से सवारी निकालने की शुरुआत हुई। कार्तिक-अगहन मास की दूसरी सवारी 3 नवंबर को निकाली जाएगी। साथ ही हरिहर मिलन की सवारी सोमवार 3 नवंबर को निकाली जाएगी। हरिहर सवारी रात 12 बजे श्री द्वारकाधीश गोपाल मंदिर पहुंचेगी। आपको बता दें कि, सावन और कार्तिक महीने में निकलने वाली सवारी में पूजा-अर्चना से लेकर विधि-विधान में कोई फर्क नहीं रहता है। सावन-भादो माह की तरह कार्तिक-अगहन में भी भगवान महाकाल को गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है। हालांकि इस समय श्रद्धालुओं की संख्या कम रहती है।    

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भोपाल । मध्य प्रदेश से मानसून की विदाई तो हो चुकी है लेकिन बारिश का दौर अभी जारी है। बीते रविवार को प्रदेश के 20 जिलों में तेज बारिश हुई। राजधानी भोपाल, इंदौर में पूरे दिन रिमझिम बरसात होती रही। वहीं, कई जिलों में भी पानी गिरा। ऐसा ही मौसम सोमवार को भी बना रहेगा। खासकर ग्वालियर, चंबल और उज्जैन संभाग के 8 जिलों में तेज बारिश की चेतावनी जारी की गई है। प्रदेश में 29 अक्टूबर तक ऐसा ही मौसम बने रहने का अनुमान है।मौसम विभाग के अनुसार, अरब सागर की खाड़ी में एक डिप्रेशन एक्टिव है। इससे एक ट्रफ भी जुड़ी है, जो मध्य प्रदेश के बीचों-बीच तक आ रही है। इस वजह से अगले 3 दिन तक बारिश होने का अनुमान है। अगले 24 घंटे में यह ग्वालियर-चंबल समेत उत्तरी हिस्से में ज्यादा असर दिखाएगा। इसलिए कुछ जिलों में तेज बारिश का अलर्ट है। आज सोमवार को भोपाल, इंदौर, अशोकनगर, गुना, रायसेन, विदिशा, नरसिंहपुर, नर्मदापुरम, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, बैतूल, राजगढ़, हरदा, सीहोर, शाजापुर, खंडवा, खरगोन, देवास, बड़वानी, बुरहानपुर, धार, आलीराजपुर, आगर-मालवा, झाबुआ और रतलाम में बूंदाबांदी जारी रहेगी। वहीं बंगाल की खाड़ी में एक डीप डिप्रेशन सक्रिय है, जिसका असर अगले 48 घंटे में देखने को मिलेगा। मौसम विभाग ने 27 से 30 अक्टूबर तक बारिश, गरज-चमक और आंधी का अलर्ट जारी किया है।उल्लेखनीय है कि प्रदेश में पिछले कुछ दिन से अधिकतम और न्यूनतम तापमान में गिरावट देखने को मिली थी। खासकर रात का तापमान 15 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था, लेकिन अब तापमान बढ़ गया है। रविवार को बारिश होने की वजह से कई शहरों में दिन के तापमान में गिरावट हुई है। बारिश का दौर थमने के बाद रात के तापमान में गिरावट होने का अनुमान है।रविवार को भोपाल में दिन का तापमान 24.2 डिग्री, बैतूल में 26.5 डिग्री, धार में 23.2 डिग्री, नर्मदापुरम में 24.6 डिग्री, इंदौर में 23.5 डिग्री, खंडवा में 28.5 डिग्री, पचमढ़ी में 23.8 डिग्री, रायसेन में 28.2 डिग्री, रतलाम में 24.2 डिग्री, शिवपुरी में 29.2 डिग्री, उज्जैन में 25.7 डिग्री, छिंदवाड़ा में 27 डिग्री, दमोह में 26.6 डिग्री, जबलपुर में 24.8 डिग्री रहा। इसी तरह मंडला में 26.8 डिग्री, रीवा में 28.1 डिग्री, सागर में 25.7 डिग्री, सतना में 28.8 डिग्री, सिवनी में 28.4 डिग्री, सीधी में 27 डिग्री, उमरिया में 28.5 डिग्री और मलाजखंड में 29.8 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। रात के तापमान में ज्यादा अंतर नहीं आया है।  

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उज्जैन । मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर मंदिर में सोमवार को कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार हुआ। इस दौरान श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। भक्तों ने लाइन में लगकर अपने ईष्ट देव के दर्शन किए। वहीं, उज्जैन में आज शाम 4 बजे भगवान महाकाल की कार्तिक-अगहन मास की पहली सवारी निकलेगी। इस दौरान अवंतिकानाथ नगर भ्रमण कर अपनी प्रजा का हाल जानेंगे। महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि सोमवार तड़के 4 बजे मंदिर के पट खोले गए। पंडे-पुजारी ने गर्भगृह में स्थापित सभी भगवान की प्रतिमाओं का पूजन कर भगवान महाकाल का जलाभिषेक किया। इसके बाद दूध, दही, घी, शकर और फलों के रस से बने पंचामृत पूजन किया गया। भगवान महाकाल का ड्रायफ्रूट की माला, रजत त्रिपुण्ड, मुकुट और आभूषण से दिव्य श्रृंगार किया गया। इस दिव्य दर्शनों का लाभ हजारों भक्तों ने लिया और जय श्री महाकाल का जयघोष भी किया। इससे पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल की गूंज से गुंजायमान हो गया।   इससे पहले प्रथम घंटाल बजाकर मंदिर में प्रवेश करते ही भगवान का ध्यान कर मंत्र उच्चार के साथ हरिओम का जल अर्पित किया गया। कपूर आरती के बाद भगवान के मस्तक पर भांग, चंदन और त्रिपुण्ड अर्पित कर ज्योतिर्लिंग को कपड़े से ढांककर भस्म रमाई गई। भस्म अर्पित करने के बाद शेषनाग का रजत मुकुट, रजत की मुण्डमाल और रुद्राक्ष की माला के साथ सुगन्धित पुष्प से बनी माला अर्पित की गई। भगवान महाकाल ने मोगरे और गुलाब के सुगंधित पुष्प धारण किए। फल और मिष्ठान का भोग लगाया। भस्म आरती में बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया। महा निर्वाणी अखाड़े की ओर से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गई।   इधर, भगवान महाकाल की कार्तिक-अगहन मास में निकलने वाली सवारियों की आज से शुरुआत हो रही है। महाकाल मंदिर से शाम चार बजे बाबा महाकाल चांदी की पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। इस दौरान भगवान महाकाल मनमहेश स्वरूप में अपने भक्तों को दर्शन देंगे। बाबा महाकाल की सवारी महाकालेश्वर मंदिर से शुरू होकर गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी से होती हुई शिप्रा तट पहुंचेगी। यहां शिप्रा के जल से पूजन-अर्चन किया जाएगा। इसके बाद सवारी गणगौर दरवाजा, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबारोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी चौराहा होकर पुन: महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी।   मंदिर समिति के सहायक प्रशासक आशीष फलवाड़िया ने बताया कि इस बार सवारी का आकर्षण बढ़ाने के लिए एक खास प्रयोग किया जा रहा है। पहली बार श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति का बैंड भी सवारी में शामिल होगा। इसमें 30 सदस्य हैं, जो विभिन्न वाद्य यंत्रों से भक्ति गीत और भजनों की प्रस्तुति देंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दीपावली के दिन इस बैंड का शुभारंभ किया था। सवारी में पारंपरिक रूप से पुलिस बैंड, घुड़सवार दल, सशस्त्र पुलिस बल और भजन संध्या के सदस्य भी शामिल रहेंगे।   पूर्व भारतीय क्रिकेटर श्रीकांत ने किए बाबा महाकाल के दर्शन, भस्म आरती में हुए शामिल सोमवार को पूर्व भारतीय क्रिकेटर कृष्णम्माचारी श्रीकांत ने उज्जैन पहुंचकर भगवान महाकाल के दर्शन किए। उन्होंने महाकाल मंदिर में तड़के होने वाली भस्म आरती में शामिल होकर भगवान महाकाल का आशीर्वाद लिया। श्रीकांत ने मंदिर में व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए भगवान महाकाल से देशवासियों की सुख-समृद्धि एवं कल्याण की कामना की।   पूर्व क्रिकेटर श्रीकांत सुबह चार बजे अपने परिवार के साथ महाकाल मंदिर पहुंचे थे। भस्म आरती के दौरान उन्होंने करीब दो घंटे नंदी हाल में बैठकर आरती देखी। इस दौरान वे धोती कुर्ते में नजर आए। आरती के बाद श्रीकांत ने नंदी जी और भगवान महाकाल की देहरी से जल अर्पित कर दर्शन किए। भगवान महाकालेश्वर का पूजन-अर्चन पुजारी आकाश गुरु द्वारा विधि-विधान से कराया। इस अवसर पर महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की ओर से भस्म आरती प्रभारी आशीष दुबे ने उनका सम्मान किया।  

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अनूपपुर । मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिला मुख्यालय के रेलवे स्टेशन से सोमवार की सुबह गुजर रही थी मालगाड़ी से एक बड़ा हादसा टल गया। अम्बिकापुर से कटनी की ओर जा रही कोयले से भरी मालगाड़ी में अचानक आग उठने लगी जिससे हाई टेंशन लाइन छू जाने से जोरदार धमाका के साथ चिंगारियां निकलने लगी। इस दौरान कुछ देर के लिए ट्रेनें बाधित हुईं। इस घटना के बाद अधिकारी जांच की बात कह रहें हैं। अम्बिकापुर से कटनी की ओर जा रही कोयले से भरी मालगाड़ी अनूपपुर रेलवे स्टेशन में अचानक आग उठने लगी जिससे हाई टेंशन लाइन छू जाने से जोरदार धमाका के साथ चिंगारियां निकलने लगी। इस दौरान कुछ देर के लिए ट्रेनें बाधित हुईं। इस दौरान जैतहरी, छुलहा और मौहरी रेलवे स्टेशनों पर कई ट्रेनों को रोका गया। घटना के समय प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर रीवा-चिरमिरी पैसेंजर ट्रेन खड़ी थी और यात्री भी आवागमन कर रहे था। मालगाड़ी दूसरी पटरी पर थी, जिससे कोई बड़ा जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। रेलवे सूत्रो के अनुसार मालगाड़ी में ओवरलोड जैसी समस्या नहीं हो सकती, क्योंकि हर जगह इसकी जांच होती है। कोयला वैसे भी ज्वलनशील है उसके अंदर कभी कभी धुंआ निकलने तथा चिंगारी जैसी स्थिति बनने से ओएचई केबल गल कर टूटने की संभावना व्यक्त की जा रही है। प्रत्यक्षदर्शी यात्रियों ने बताया कि विस्फोट इतना भयानक था कि काफी देर तक ट्रेन से चिंगारियां निकलती रहीं। रेलकर्मियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मालगाड़ी को प्लेटफॉर्म नंबर 4 के अतिरिक्त यार्ड में खड़ा कर दिया। घटना के बाद भी कुछ चिंगारियां निकलती देखी गईं और स्टेशन परिसर में बिजली के तार टूटकर पटरी पर गिर गए। जिससे यात्रियों में दहशत का माहौल बन गया था। ओवरलोड कैसे हुई, जांच कर रहा विभागवहीं एआरएम आर.एस मोहंती ने बताया कि मालगाड़ी अंबिकापुर से कोयला लेकर कटनी की तरफ जा रही थी। गाड़ी ओवरलोड होकर यार्ड से कैसे निकली, इसकी जांच की जा रही है। फिलहाल, लाइन की मरम्मत का काम चल रहा है। एक घंटे खड़ी रही बरौनी गोंदिया एक्सप्रेसहादसे के बाद बरौनी गोंदिया एक्सप्रेस को जैतहरी रेलवे स्टेशन पर रोका गया था। इसे एक नंबर प्लेटफार्म से एक घंटे की देरी से रवाना किया जा सका। रीवा-चिरमिरी एक्सप्रेस को अनूपपुर में ही एक घंटे तक खड़ा रखा गया। 3 मालगाड़ियां जैतहरी और अमलई में रोकी गई थीं।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मौसम में अब बदलाव दिखने लगा है। बारिश की गतिविधयों के बीच प्रदेश में धीरे-धीरे ठंड बढ़ने लगी है। कई जिलों में रात का तापमान 15 डिग्री तक पहुंच गया है। आज रविवार को प्रदेश के इंदौर संभाग के जिलों में पानी गिरने की चेतावनी जारी की गई है। बारिश के कारण आने वाले कुछ दिनों में तापमान में और गिरावट आने की संभावना है। अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में भी बारिश का दौर बना रहेगा।मौसम विभाग के अनुसार, डिप्रेशन (अवदाब) के एक्टिव होने से मध्य प्रदेश में बारिश का दौर शुरू जारी है। रविवार से सिस्टम का असर ज्यादा रहेगा। धार, बड़वानी, झाबुआ और अलीराजपुर में अगले 2 दिन तेज बारिश का अलर्ट है। वहीं, प्रदेश के 24 जिलों में भी मौसम बदला रहेगा। इंदौर और उज्जैन में बूंदाबांदी होने का अनुमान है। भोपाल में शनिवार रात से ही बारिश हो रही है। इससे पहले शनिवार को भोपाल, उज्जैन, शाजापुर, पांढुर्णा समेत कई जिलों में बारिश हुई। शाजापुर के अकोदिया और पांढुर्णा में तो सड़कों से पानी बह गया। भोपाल में बादल छाने और धुंध होने से विजिबिलिटी घट गई। सीजन में पहली बार इतनी ज्यादा धुंध देखी गई।अगले 24 घंटे के दौरान इंदौर संभाग के धार, बड़वानी, झाबुआ और अलीराजपुर में तेज बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। यहां ढाई से साढ़े 4 इंच तक पानी गिर सकता है। वहीं, इंदौर, उज्जैन, रतलाम, आगर-मालवा, रतलाम, खरगोन, बुरहानपुर, खंडवा, देवास, शाजापुर, सीहोर, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला और बालाघाट में हल्की बारिश, गरज-चमक और आंधी का अलर्ट है। बाकी जिलों में मौसम साफ रहेगा। यहां धूप खिलेगी। मौसम विभाग ने 27, 28 और 29 अक्टूबर तक बारिश, गरज-चमक और आंधी की संभावना जताई है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम और जबलपुर संभाग में असर देखने को मिलेगा।बता दें कि प्रदेश में पिछले कुछ दिन से अधिकतम और न्यूनतम तापमान में गिरावट देखने को मिली थी। खासकर रात का तापमान 15 डिग्री तक पहुंच गया है। शनिवार को बारिश होने की वजह से कई शहरों में दिन के तापमान में गिरावट हुई है। बारिश का दौर थमने के बाद रात के तापमान में गिरावट होने का अनुमान है। मंडला, नरसिंहपुर, रीवा, सागर, सतना, सिवनी, सीधी, टीकमगढ़, उमरिया, भोपाल, बैतूल, गुना, छिंदवाड़ा, दमोह, जबलपुर, खजुराहो, नर्मदापुरम, इंदौर, पचमढ़ी, रतलाम, उज्जैन में रात का तापमान 20 डिग्री से ज्यादा है। आने वाले कुछ दिनों में पारा और गिरेगा।

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जबलपुर । मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित डुमना एयरपोर्ट पर शनिवार को यात्रियों ने जमकर हंगामा किया। दिल्ली से इंडिगो एयरलाइंस के विमान में सवार होकर यात्री तो जबलपुर आ गए, लेकिन उनका सामान नहीं आया। एयरपोर्ट पर जब सामान लेने यात्री टर्मिनल में पहुंचे तो 15 यात्रियों के सामान दिल्ली में छूटने की जानकारी मिली। इसके बाद यात्रियों ने का गुस्सा फूट पड़ा और करीब एक घंटे तक एयरपोर्ट पर हंगामा चलता रहा। बाद में इंडिगो के प्रतिनिधियों ने बातचीत की और रविवार की फ्लाइट से सामान बुलवाने का आश्वासन दिया, तब जाकर मामला शांत हुआ। जानकारी के अनुसार,इंडिगो की दिल्ली-जबलपुर-दिल्ली फ्लाइट शनिवार को निर्धारित समय एक बजकर 40 मिनट पर दिल्ली से उड़ी। यह फ्लाइट दोपहर तीन बजकर 10 मिनट पर जबलपुर एयरपोर्ट पहुंची। इस फ्लाइट से 15 यात्री जबलपुर पहुंचे। ये सभी यात्री बाहर निकले और लाउंज में अपने-अपने लगेज का इंतजार करने लगे। लगभग 20 से 25 मिनट बाद तक सामान नहीं आया तो उन्होंने कारण पूछा, तब पता चला कि उनका सामान दिल्ली में ही रह गया है। लगभग 15 से अधिक यात्री ऐसे थे, जिनका सामान दिल्ली में छूट गया था। सामान न मिलने से नाराज यात्रियों ने एयरपोर्ट पर हंगामा शुरू कर दिया। इंडिगो प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। इंडिगो प्रबंधन ने रविवार को दिल्ली से आने वाली फ्लाइट में सामान बुलवाने का आश्वासन दिया, तब हंगामा शांत हुआ। इस विमान से चार ऐसे यात्री जबलपुर पहुंचे, जिन्हें रविवार को विवाह समारोह में शामिल होना है। एक यात्री तारिक अहमद खान ने बताया कि विमानन कंपनी प्रबंधन की लापरवाही से उनका जो लगेज दिल्ली में ही छूट गया है, उसमें उनके पहनने के कपड़े, जेवर, मेकअप सामग्री आदि है। उन्होंने कहा कि वे परिवार के साथ शादी समारोह में शामिल होने के लिए आए हैं। उन्होंने ड्रेसेस व अन्य सामग्री पूरी तैयारी कई माह पहले से करके अपने-अपने बैग में रखी थी, लेकिन इंडिगो विमानन कंपनी ने उनकी सारी तैयारियों पर पानी फेर दिया। अब हमें यह भरोसा दिया जा रहा है कि कल की फ्लाइट से उनका सामान जबलपुर आयेगा। यात्रियों ने यह भी कहा कि वे जो कपड़े पहने हुए हैं, वही उनके पास है, यहां पर वे क्या पहनें, क्योंकि सारे कपड़े उनके लगेज में ही हैं।

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इंदौर । मध्य प्रदेश के इंदौर शहर को भिक्षावृत्ति मुक्त शहर बनाए जाने के संदर्भ में कलेक्टर श्री शिवम वर्मा की पहल पर विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत भिक्षा लेने और देने वाले दोनों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जा रही है। इसी कड़ी में शनिवार को महिला बाल विकास विभाग की टीम ने एमवाय हॉस्पिटल के सामने लगातार बैठ रहे भिक्षुकों पर कार्रवाई की गई। कार्रवाई की दौरान जो लोग अस्पताल में आए मरीजों के परिजन थे और जिन्हें रहने का स्थान नहीं था उनके लिए वर्ल्ड कप चौराहा रैन बसेरा में रुकने का इंतजाम किया गया, जो लोग भिक्षावृत्ति कर रहे थे, उन्हें रेस्क्यू कर अभियान के अंतर्गत रेन बसेरा पल्सीकर में रखा गया है। एमवाय हॉस्पिटल के सामने फुटपाथ, बस स्टॉप पर किए गए कब्जे को भी इनसे खाली करवाया गया। भाजपा कार्यालय के सामने स्थित गार्डन एवं दुकानों के समक्ष कई दिनों से रह रहे भिक्षुकों को भी रेस्क्यू किया गया। महिला बाल विकास एवं अन्य विभागों के समन्वय से बनी टीमों के द्वारा लगातार नगर के सभी मंदिर मस्जिद चौराहों आदि की निगरानी की जा रही है। भिक्षावृत्ति उन्मूलन अभियान नोडल अधिकारी दिनेश मिश्रा ने बताया कि इन्हें 15 दिनों के लिए उज्जैन शेल्टर हाउस सेवा धाम, भेजा जाएगा जहां पर उनकी काउंसलिंग एवं संभव सहायता की जाएगी और उनके रिहैबिलिटेशन पर कार्य किया जाएगा। इसके पूर्व नगर निगम चौराहा से लेकर एमजी थाने तक की पट्टी पर एमजी थाना प्रभारी, नगर निगम एवं महिला बाल विकास की टीम के द्वारा संयुक्त कार्यवाही की गई। भिक्षावृत्ति उन्मूलन टीम लगातार जगह-जगह कार्रवाई कर रही है। यह मुहिम लगातार जारी है।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मौसम में अब बदलाव दिखने लगा है। बारिश की गतिविधयों के बीच प्रदेश में धीरे-धीरे ठंड बढ़ने लगी है। कई जिलों में रात का तापमान 15 डिग्री तक पहुंच गया है। आज रविवार को प्रदेश के इंदौर संभाग के जिलों में पानी गिरने की चेतावनी जारी की गई है। बारिश के कारण आने वाले कुछ दिनों में तापमान में और गिरावट आने की संभावना है। अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में भी बारिश का दौर बना रहेगा।मौसम विभाग के अनुसार, डिप्रेशन (अवदाब) के एक्टिव होने से मध्य प्रदेश में बारिश का दौर शुरू जारी है। रविवार से सिस्टम का असर ज्यादा रहेगा। धार, बड़वानी, झाबुआ और अलीराजपुर में अगले 2 दिन तेज बारिश का अलर्ट है। वहीं, प्रदेश के 24 जिलों में भी मौसम बदला रहेगा। इंदौर और उज्जैन में बूंदाबांदी होने का अनुमान है। भोपाल में शनिवार रात से ही बारिश हो रही है। इससे पहले शनिवार को भोपाल, उज्जैन, शाजापुर, पांढुर्णा समेत कई जिलों में बारिश हुई। शाजापुर के अकोदिया और पांढुर्णा में तो सड़कों से पानी बह गया। भोपाल में बादल छाने और धुंध होने से विजिबिलिटी घट गई। सीजन में पहली बार इतनी ज्यादा धुंध देखी गई।अगले 24 घंटे के दौरान इंदौर संभाग के धार, बड़वानी, झाबुआ और अलीराजपुर में तेज बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। यहां ढाई से साढ़े 4 इंच तक पानी गिर सकता है। वहीं, इंदौर, उज्जैन, रतलाम, आगर-मालवा, रतलाम, खरगोन, बुरहानपुर, खंडवा, देवास, शाजापुर, सीहोर, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला और बालाघाट में हल्की बारिश, गरज-चमक और आंधी का अलर्ट है। बाकी जिलों में मौसम साफ रहेगा। यहां धूप खिलेगी। मौसम विभाग ने 27, 28 और 29 अक्टूबर तक बारिश, गरज-चमक और आंधी की संभावना जताई है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम और जबलपुर संभाग में असर देखने को मिलेगा।बता दें कि प्रदेश में पिछले कुछ दिन से अधिकतम और न्यूनतम तापमान में गिरावट देखने को मिली थी। खासकर रात का तापमान 15 डिग्री तक पहुंच गया है। शनिवार को बारिश होने की वजह से कई शहरों में दिन के तापमान में गिरावट हुई है। बारिश का दौर थमने के बाद रात के तापमान में गिरावट होने का अनुमान है। मंडला, नरसिंहपुर, रीवा, सागर, सतना, सिवनी, सीधी, टीकमगढ़, उमरिया, भोपाल, बैतूल, गुना, छिंदवाड़ा, दमोह, जबलपुर, खजुराहो, नर्मदापुरम, इंदौर, पचमढ़ी, रतलाम, उज्जैन में रात का तापमान 20 डिग्री से ज्यादा है। आने वाले कुछ दिनों में पारा और गिरेगा।

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जबलपुर । मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित डुमना एयरपोर्ट पर शनिवार को यात्रियों ने जमकर हंगामा किया। दिल्ली से इंडिगो एयरलाइंस के विमान में सवार होकर यात्री तो जबलपुर आ गए, लेकिन उनका सामान नहीं आया। एयरपोर्ट पर जब सामान लेने यात्री टर्मिनल में पहुंचे तो 15 यात्रियों के सामान दिल्ली में छूटने की जानकारी मिली। इसके बाद यात्रियों ने का गुस्सा फूट पड़ा और करीब एक घंटे तक एयरपोर्ट पर हंगामा चलता रहा। बाद में इंडिगो के प्रतिनिधियों ने बातचीत की और रविवार की फ्लाइट से सामान बुलवाने का आश्वासन दिया, तब जाकर मामला शांत हुआ। जानकारी के अनुसार,इंडिगो की दिल्ली-जबलपुर-दिल्ली फ्लाइट शनिवार को निर्धारित समय एक बजकर 40 मिनट पर दिल्ली से उड़ी। यह फ्लाइट दोपहर तीन बजकर 10 मिनट पर जबलपुर एयरपोर्ट पहुंची। इस फ्लाइट से 15 यात्री जबलपुर पहुंचे। ये सभी यात्री बाहर निकले और लाउंज में अपने-अपने लगेज का इंतजार करने लगे। लगभग 20 से 25 मिनट बाद तक सामान नहीं आया तो उन्होंने कारण पूछा, तब पता चला कि उनका सामान दिल्ली में ही रह गया है। लगभग 15 से अधिक यात्री ऐसे थे, जिनका सामान दिल्ली में छूट गया था। सामान न मिलने से नाराज यात्रियों ने एयरपोर्ट पर हंगामा शुरू कर दिया। इंडिगो प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। इंडिगो प्रबंधन ने रविवार को दिल्ली से आने वाली फ्लाइट में सामान बुलवाने का आश्वासन दिया, तब हंगामा शांत हुआ। इस विमान से चार ऐसे यात्री जबलपुर पहुंचे, जिन्हें रविवार को विवाह समारोह में शामिल होना है। एक यात्री तारिक अहमद खान ने बताया कि विमानन कंपनी प्रबंधन की लापरवाही से उनका जो लगेज दिल्ली में ही छूट गया है, उसमें उनके पहनने के कपड़े, जेवर, मेकअप सामग्री आदि है। उन्होंने कहा कि वे परिवार के साथ शादी समारोह में शामिल होने के लिए आए हैं। उन्होंने ड्रेसेस व अन्य सामग्री पूरी तैयारी कई माह पहले से करके अपने-अपने बैग में रखी थी, लेकिन इंडिगो विमानन कंपनी ने उनकी सारी तैयारियों पर पानी फेर दिया। अब हमें यह भरोसा दिया जा रहा है कि कल की फ्लाइट से उनका सामान जबलपुर आयेगा। यात्रियों ने यह भी कहा कि वे जो कपड़े पहने हुए हैं, वही उनके पास है, यहां पर वे क्या पहनें, क्योंकि सारे कपड़े उनके लगेज में ही हैं।

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इंदौर । मध्य प्रदेश के इंदौर शहर को भिक्षावृत्ति मुक्त शहर बनाए जाने के संदर्भ में कलेक्टर श्री शिवम वर्मा की पहल पर विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत भिक्षा लेने और देने वाले दोनों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जा रही है। इसी कड़ी में शनिवार को महिला बाल विकास विभाग की टीम ने एमवाय हॉस्पिटल के सामने लगातार बैठ रहे भिक्षुकों पर कार्रवाई की गई। कार्रवाई की दौरान जो लोग अस्पताल में आए मरीजों के परिजन थे और जिन्हें रहने का स्थान नहीं था उनके लिए वर्ल्ड कप चौराहा रैन बसेरा में रुकने का इंतजाम किया गया, जो लोग भिक्षावृत्ति कर रहे थे, उन्हें रेस्क्यू कर अभियान के अंतर्गत रेन बसेरा पल्सीकर में रखा गया है। एमवाय हॉस्पिटल के सामने फुटपाथ, बस स्टॉप पर किए गए कब्जे को भी इनसे खाली करवाया गया। भाजपा कार्यालय के सामने स्थित गार्डन एवं दुकानों के समक्ष कई दिनों से रह रहे भिक्षुकों को भी रेस्क्यू किया गया। महिला बाल विकास एवं अन्य विभागों के समन्वय से बनी टीमों के द्वारा लगातार नगर के सभी मंदिर मस्जिद चौराहों आदि की निगरानी की जा रही है। भिक्षावृत्ति उन्मूलन अभियान नोडल अधिकारी दिनेश मिश्रा ने बताया कि इन्हें 15 दिनों के लिए उज्जैन शेल्टर हाउस सेवा धाम, भेजा जाएगा जहां पर उनकी काउंसलिंग एवं संभव सहायता की जाएगी और उनके रिहैबिलिटेशन पर कार्य किया जाएगा। इसके पूर्व नगर निगम चौराहा से लेकर एमजी थाने तक की पट्टी पर एमजी थाना प्रभारी, नगर निगम एवं महिला बाल विकास की टीम के द्वारा संयुक्त कार्यवाही की गई। भिक्षावृत्ति उन्मूलन टीम लगातार जगह-जगह कार्रवाई कर रही है। यह मुहिम लगातार जारी है।  

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इंदौर । मप्र के इंदौर में सूर्य उपासना और लोक आस्था का प्रतीक छठ महापर्व आज (शनिवार) से नहाय-खाय के साथ आरंभ हो गया। यह चार दिवसीय पर्व शुद्धता, संयम और श्रद्धा का अद्भुत संगम है, जिसमें व्रती महिलाएं और पुरुष प्रकृति एवं सूर्यदेव के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं। सुबह से ही व्रतधारी परिवार अपने घरों की सफाई, शुद्धिकरण और सात्विक भोजन की तैयारी में जुट गए। नहाय-खाय के साथ छठ व्रतियों द्वारा गेहूं धोने और सुखाने की परंपरा निभाई जा रही है, जिससे आने वाले दिनों में सूर्यदेव को अर्पित किए जाने वाले प्रसाद की तैयारी होती है।   पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान मध्य प्रदेश के महासचिव केके झा ने बताया कि “इस वर्ष इंदौर के 150 से अधिक घाटों पर छठ महापर्व का आयोजन किया जा रहा है। सभी समितियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में घाटों की सफाई और सजावट की है। इंदौर और आसपास के प्रमुख छठ स्थलों- स्कीम नं. 54, 78, टिगरिया बादशाह, कैट रोड सूर्य मंदिर, सुखलिया, श्याम नगर, तुलसी नगर, समर पार्क, निपानिया, तपेश्वरी बाग, फीनिक्स टाउनशिप, पिपलियाहाना तालाब, एरोड्रम रोड, राऊ और पीथमपुर- पर श्रद्धालु डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करेंगे। छठ महापर्व की कार्यक्रम रूपरेखा आज नहाय-खायः घर की शुद्धि और सात्विक आहार से शुभारंभ 26 अक्टूबर (रविवार) खरना — दिनभर उपवास के बाद आम की लकड़ी पर गुड़ की खीर व रोटी का प्रसाद बनाकर सूर्यदेव को अर्पित किया जाएगा; इसके साथ 36 घंटे का निर्जला व्रत प्रारंभ होगा 27 अक्टूबर (सोमवार) षष्ठी तिथि — अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पण 28 अक्टूबर (मंगलवार) सप्तमी तिथि — उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के साथ महापर्व का समापन लोक संस्कृति, पर्यावरण और एकता का पर्व झा ने बताया कि छठ पूजा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश देती है। यह पर्व सूर्य की ऊर्जा, जल की पवित्रता और मानवीय समर्पण का अनोखा प्रतीक है, जो समाज के सभी वर्गों को एक सूत्र में बाँधता है।  

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भोपाल  । मध्य प्रदेश में आज शनिवार से अगले चार दिनों तक मौसम का मिजाज बदला नजर आएगा। पूर्व-मध्य अरब सागर के ऊपर सक्रिय एक डिप्रेशन की वजह से राज्य के आधे से अधिक हिस्सों में हल्की बारिश, आंधी और बूंदाबांदी के आसार हैं। मौसम विभाग का कहना है कि यह डिप्रेशन नमी ला रहा है, जिससे बादल छाए रहेंगे और दिन के तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी। 28 अक्टूबर तक बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना है।मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में 26, 27 और 28 अक्टूबर को भोपाल, इंदौर, उज्जैन और नर्मदापुरम संभाग के जिलों में हल्की बारिश के आसार है। कुछ जिलों में दिनभर बादल रहेंगे। शनिवार को भोपाल, इंदौर, झाबुआ, अलीराजपुर, धार, बड़वानी, खरगोन, शाजापुर, देवास, खंडवा, बुरहानपुर, सीहोर, हरदा, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, जबलपुर, सिवनी, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला और बालाघाट में बूंदाबांदी हो सकती है। बादल छाए रहने से दिन के तापमान में गिरावट भी हो सकती है। मौसम विभाग का कहना है कि यह मौसमी बदलाव मानसून के अवशेषों से जुड़ा है, जो अक्टूबर के अंत तक जारी रहेगा।प्रदेश में पिछले कुछ दिन से अधिकतम और न्यूनतम तापमान में गिरावट देखने को मिली थी। खासकर रात का तापमान 15 डिग्री तक पहुंच गया था, लेकिन अब तापमान बढ़ गया है। छिंदवाड़ा, दमोह, जबलपुर, खजुराहो, मंडला, नरसिंहपुर, रीवा, सागर, सतना, सिवनी, सीधी, टीकमगढ़, उमरिया, भोपाल, बैतूल, गुना, नर्मदापुरम, इंदौर, पचमढ़ी, रतलाम, उज्जैन में रात का तापमान 20 डिग्री से ज्यादा है। वहीं, दिन में पारा 34 डिग्री तक पहुंच गया है।

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भोपाल । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में दुनिया के सबसे बड़े मजहबी आयोजनों में एक आलमी तब्लीगी इज्तिमा आगामी 14 नवम्बर से शुरू हो रहा है। भोपाल में इज्तिमा का यह 78वां साल है। इस बार यह और भी भव्य और संगठित रूप में आयोजित किया जाएगा। भोपाल के ईटखेड़ी में 14 से 17 नवंबर तक होने वाले इस विश्वस्तरीय आयोजन में करीब 12 लाख से अधिक जायरीन के आने की उम्मीद है। इज्तिमा कमेटी ने पिछले वर्ष की तुलना में सभी व्यवस्थाओं में 20 फीसदी का इज़ाफ़ा किया है, चाहे वह पंडाल, खानपान, सर्विस एरिया या पार्किंग का विस्तार हो। भोपाल संभागायुक्त संजीव सिंह ने शुक्रवार को इज्तिमा स्थल पर नागरिक सुविधाओं और सुरक्षा व्यवस्था के लिये संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में आईजी अभय सिंह, कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह सहित इज्तिमा समिति के पदाधिकारी एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। संभागायुक्त सिंह ने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि अपने-अपने कार्यों को निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण करें तथा इज्तिमा स्थल पर आने वाले जमातो की सुरक्षा और सुविधा सर्वोच्च प्राथमिकता पर सुनिश्चित की जाए। आईजी अभय सिंह ने निर्देश दिए कि इज्तिमा स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ रखी जाए। स्थल पर पर्याप्त सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए जाएं एवं भीड़ नियंत्रण की पर्याप्त व्यवस्था रहे तथा ट्रैफिक पुलिस द्वारा सुचारू यातायात सुनिश्चित किया जाए, ताकि जमातो को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। उन्होंने निर्देश दिए कि रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर हेल्प डेस्क स्थापित किए जाएं, जिससे जमातो को सहायता मिल सके। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन एवं इज्तिमा समिति के बीच सुगम समन्वय और संचार बना रहे। सभी विभागों को स्थल पर जाकर कार्यों की स्थिति का भौतिक निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंस्टॉलेशन के कार्य की पूर्व एवं पश्चात जांच करने के निर्देश देते हुए कहा कि सभी कार्य सुरक्षा मानकों के अनुरूप किए जाएं। साथ ही वालंटियर की सूची तैयार कर उन्हें इज्तिमा स्थल की सभी व्यवस्थाओं की जानकारी दी जाए ताकि जमातो को समय पर सहयोग प्राप्त हो सके। संभागायुक्त सिंह ने यह भी कहा कि इज्तिमा के दौरान स्वास्थ्य सुविधाएं सुदृढ़ रहें तथा किसी भी आपात स्थिति में रिस्पॉन्स टाइम न्यूनतम रहे। उन्होंने फूड सेफ्टी अधिकारी को खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता जांचने एवं जल गुणवत्ता परीक्षण कराने के निर्देश दिए, जिससे किसी प्रकार की दुर्घटना या अस्वास्थ्यकर स्थिति उत्पन्न न हो। संभागायुक्त ने निर्देशित किया कि इज्तिमा स्थल के लिए मिनट-टू-मिनट एक्शन प्लान तैयार किया जाए और सभी विभाग उसी के अनुरूप कार्य करें, जिससे इज्तिमा सुरक्षित, सुव्यवस्थित एवं सफलतापूर्वक संपन्न हो सके। 120 एकड़ में पंडाल, 300 एकड़ में पार्किंग एरिया आयोजन कमेटी के मीडिया कोऑर्डिनेटर डॉक्टर उमर हफीज ने बताया कि इस बार पंडाल का क्षेत्रफल 100 एकड़ से बढ़ाकर 120 एकड़ कर दिया गया है। वहीं जायरीन की आमद को देखते हुए पार्किंग एरिया को 300 एकड़ से अधिक तक फैला दिया गया है। कुल 70 पार्किंग जोन बनाए जा रहे हैं, ताकि ट्रैफिक मैनेजमेंट में कोई दिक्कत न हो। 30 हजार प्रशिक्षित लोग संभालेंगे व्यवस्थाएं डॉ. उमर हफीज के अनुसार, पूरे आयोजन की व्यवस्था 30 हजार प्रशिक्षित और अनुभवी लोगों के हाथों में है। इनमें 25 हजार वॉलंटियर्स इज्तिमा कमेटी के हैं और 5 हजार का अमला नगर निगम, प्रशासन और पुलिस बल से जुड़ा है। ये सभी क्राउड मैनेजमेंट, सफाई, सुरक्षा और पंडाल व्यवस्था में अहम भूमिका निभा रहे हैं। भीड़ बढ़ते ही टीम नए टेंट लगाने का काम तुरंत शुरू कर देती है। सफाईकर्मी बोरा लेकर चलते हैं ताकि कहीं भी कचरा इकट्ठा न हो। उन्होंने बताया कि कमेटी ने इस बार की तैयारियों में हर स्तर पर 20 फीसदी की वृद्धि की है। लाइटिंग, साउंड, पानी और खानपान व्यवस्था को और मज़बूत किया गया है। सर्विस एरिया में अतिरिक्त ट्यूबवेल और जल टैंकर लगाए जा रहे हैं। फूड ज़ोन का आकार भी बढ़ाया गया है ताकि जायरीन को कतार में ज़्यादा देर न लगानी पड़े। इज्तिमा स्थल पर इस बार फायर सेफ्टी, मेडिकल यूनिट और ट्रैफिक कंट्रोल के लिए प्रशासन और कमेटी की संयुक्त टीम तैनात रहेगी। एंट्री और एग्ज़िट पॉइंट्स को पुनः डिजाइन किया गया है ताकि आवागमन सुगम रहे। सुरक्षा कारणों से पंडाल की क्षमता 1.80 लाख से घटाकर 1.40 लाख रखी गई है। इज्तिमा 5 बड़े इस्लामिक आयोजनों में एक भोपाल का आलमी तब्लीगी इज्तिमा दुनिया के पांच सबसे बड़े इस्लामिक आयोजनों में से एक माना जाता है। दुनियाभर से इसमें लाखों लोग शामिल होते हैं। दुनिया में केवल तीन देश भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में इसका आयोजन होता है।

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग का दो दिवसीय राज्य स्तरीय कला उत्सव आज शुक्रवार से भोपाल के कलियासोत कोलार रोड़ के मध्य प्रदेश भूमि एवं जल प्रबंधन संस्थान (वाल्मी) में शुरू हुआ। राज्य स्तरीय कला उत्सवपहले दिन गायन, वादन, नृत्य, नाटक, कहानी वाचन, मूर्तिकला, चित्रकला, स्थानीय शिल्प एवं खेल-खिलौना निर्माण की प्रतियोगिताएँ प्रारंभ हुईं। कार्यक्रम का आकर्षण प्रदेश की लोक संस्कृति पर आधारित नृत्य प्रस्तुतियां रहीं।कार्यक्रम के शुभारंभ सत्र में अपर परियोजना संचालक समग्र शिक्षा अभियान मनीषा सेतिया ने विद्यार्थियों से कहा कि कला उत्सव वास्तव में बच्चों का उत्सव है, जो उन्हें अपनी संस्कृति, परंपरा और मूल्यों से जोड़ता है। यह आयोजन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्यों को साकार करता है और भारत की समृद्ध कला परंपरा से विद्यार्थियों को परिचित कराता है। कला उत्सव के माध्यम से बच्चे पुस्तकों से बाहर निकलकर विभिन्न कलाओं में दक्ष बनते हैं। यह आयोजन भारतीय कला के संरक्षण का महत्वपूर्ण माध्यम है।इस दो दिवसीय राज्य स्तरीय कला उत्सव में मध्य प्रदेश के 9 संभागों से लगभग 250 विद्यार्थी सहभागिता कर रहे हैं। कुल 12 प्रतियोगिता श्रेणियों में विद्यार्थी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं। लोकनृत्य की श्रृंखला में सागर संभाग की बालिकाओं ने ‘बधाई नृत्य’ की मनमोहक प्रस्तुति दी, जो बुंदेलखंड क्षेत्र में विवाह एवं त्यौहारों के अवसर पर किया जाता है। जबलपुर संभाग की बालिकाओं ने ‘बरेदी नृत्य’ प्रस्तुत कर मध्य प्रदेश की देशज संस्कृति को सजीव कर दिया। शहडोल संभाग की बालिकाओं ने ‘गोंड जनजाति का गायकी लोकनृत्य’ प्रस्तुत किया, जो पशुपालकों द्वारा दीपावली पर किया जाता है। भोपाल संभाग की बालिकाओं ने ‘भगोरिया लोकनृत्य’ प्रस्तुत किया, जो भील जनजाति की विवाह परंपरा से जुड़ा नृत्य है और सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर गया। सामूहिक लोकगीत प्रतियोगिता में सागर संभाग की बालिकाओं ने बुंदेली कजरी प्रस्तुत की, जो श्रावण मास में गाई जाती है और ऋतु परंपरा का सुंदर प्रतीक है।वादन प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शनभोपाल के अंश पाटीदार ने बांसुरी पर राग मेघ प्रस्तुत किया। सागर के केशव ने शहनाई पर मनमोहक प्रस्तुति दी। जबलपुर के छात्र पराग ने वायलिन वादन किया। तालवाद्य में भोपाल के कुणाल ठाकुर ने तबले पर तीनताल की प्रस्तुति दी तथा उज्जैन के राजपाल राव ने राग मधुमती प्रस्तुत किया। नाटक, कहानी वाचन और थिएटर प्रतियोगिता में भोपाल संभाग की बालिकाओं ने रानी दुर्गावती के जीवन पर आधारित लघुनाटिका प्रस्तुत की। इंदौर संभाग की बालिकाओं ने देवी अहिल्याबाई होल्कर के जीवन एवं उनके लोककल्याणकारी कार्यों पर आधारित नाटिका प्रस्तुत की। जबलपुर संभाग के विद्यार्थियों ने डॉ. भीमराव अंबेडकर के संघर्षपूर्ण जीवन पर आधारित नाटिका प्रस्तुत की। कहानी वाचन में इंदौर और सागर के विद्यार्थियों ने वीर तेजाजी के जीवन पर आधारित कहानी वाचन किया। भोपाल संभाग की बालिकाओं ने मुगलकालीन दास्तानगोई शैली में प्रस्तुति दी, जबकि जबलपुर संभाग के विद्यार्थियों ने सरदार ऊधम सिंह के जीवन पर आधारित कहानी वाचन प्रस्तुत कर देशभक्ति का भाव जगाया।शास्त्रीय नृत्य एवं दृश्य कला प्रदर्शनशास्त्रीय नृत्य में कत्थक, भरतनाट्यम एवं ओडिसी की प्रस्तुतियाँ हुईं। उज्जैन संभाग के विद्यार्थियों ने सामूहिक वादन में ढोलक, टीमकी, मृदंग एवं पखावज के सुरों से मनमोहक तालमेल प्रस्तुत किया। दृश्य कला में विकसित भारत @ 2047 थीम पर आधारित चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की गई। मूर्तिकला प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने लालपुर की काली मिट्टी से भारत की विविध मूर्तिकला शैलियों को जीवंत रूप दिया। स्थानीय शिल्प एवं खेल-खिलौना निर्माण प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने लकड़ी व मिट्टी के खिलौनों के माध्यम से भारत की प्राचीन लोक परंपराओं को पुनर्जीवित किया।कला उत्सव का उद्देश्यवर्ष 2015 में शिक्षा मंत्रालय, केन्द्र सरकार द्वारा प्रारंभ किया गया कला उत्सव कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों को भारतीय कलाओं से जोड़ने का माध्यम है। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों में भारतीय कला, संस्कृति एवं शिल्प परंपराओं के प्रति समझ, संवेदना और सम्मान का विकास करना है।समापन समारोहराज्य स्तरीय कला उत्सव का समापन समारोह 25 अक्टूबर शनिवार को दोपहर 3 बजे होगा। जिसमें सभी विजेताओं को पुरस्कृत किया जाएगा। आगामी राष्ट्रीय कला उत्सव का आयोजन शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 15 नवंबर से महाराष्ट्र के पुणे में किया जाएगा, जिसमें राज्य स्तर के विजेता प्रतिभागी मध्यप्रदेश का प्रतिनिधित्व करेंगे।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में लो प्रेशर एरिया की एक्टिविटी से मौसम का मिजाज बदला हुआ है। आज शुक्रवार को 9 जिलों में बारिश होने की संभावना है। अगले तीन दिन में प्रदेश के आधे हिस्से में हल्की बारिश और गरज चमक की स्थिति बनी रहेगी। प्रदेश में बीते 24 घंटे में छिंदवाड़ा, बड़वानी, बुरहानपुर, खरगोन, छतरपुर, अशोकनगर, नर्मदापुरम, धार और सतना में हल्की बारिश हुई। वहीं रात के तापमान में उतार चढ़ाव देखने को मिल रहा है।मौसम विभाग के अनुसार, देश के दक्षिणी हिस्से में लो प्रेशर एरिया (निम्न दाब क्षेत्र) एक्टिव है। इसका असर मध्य प्रदेश में भी देखने को मिल रहा है। पिछले 24 घंटे में धार, सतना समेत प्रदेश के 9 जिलों में बारिश हुई। वहीं, भोपाल समेत कई जिलों में बादल छाए रहे। मौसम विभाग के अनुसार, 25, 26 और 27 अक्टूबर को सिस्टम का असर ज्यादा रहेगा। मौसम विभाग का कहना है कि सिस्टम दक्षिण-पूर्व अरब सागर से होते हुए उत्तर-पूर्व हिस्से की तरफ बढ़ रहा है। अगले 24 घंटे से ही प्रदेश में असर दिखाई देने लगेगा, लेकिन 25 से 27 अक्टूबर के बीच प्रदेश के लगभग आधे हिस्से में हल्की बारिश, गरज-चमक और आंधी की स्थिति बनी रहेगी।इससे पहले शुक्रवार को बड़वानी, खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, छिंदवाड़ा और पांढुर्णा में हल्की बारिश हो सकती है। प्रदेश में दिन के तापमान में मामूली गिरावट दर्ज की गई है। राजधानी भोपाल में पारा 31.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इंदौर में 32 डिग्री, उज्जैन में 34 डिग्री, ग्वालियर में 33.8 डिग्री और जबलपुर में अधिकतम तापमान 31.9 डिग्री रहा। बैतूल, भोपाल, दतिया, गुना, खंडवा, खरगोन, शिवपुरी, दमोह, जबलपुर, रीवा, सतना, सीधी, उमरिया में भी दिन के तापमान में कमी देखने को मिली। इधर, रात के तापमान में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। इस वजह से तेज ठंड का असर नहीं है।

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने राज्य सरकार के जल गंगा संवर्धन अभियान में प्रदेश के सभी नगरीय निकायों की जल संरचनाओं के संरक्षण और जोर्णोद्धार की पहल जनभागीदारी से की थी। इसके अच्छे परिणाम भी सामने आये हैं। आज नगरीय निकायों के नागरिकों विशेषकर युवाओं ने जल संरचनाओं के संरक्षण का संकल्प लिया है। जिसके परिणाम स्‍वरूप प्रदेश की कई सूख चुकी बावड़ि‍यां एक बार फिर पुनर्जीवित हो गई है।देपालपुर की सूरजकुंड बावड़ीजनसंपर्क अधिकारी मुकेश मोदी ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए बताया कि इंदौर जिले के देपालपुर में मंगलेश्वर महादेव मंदिर परिसर में स्थित ऐतिहासिक सूरजकुंड बावड़ी अब एक बार फिर अपने प्राचीन स्वरूप में लौट आई है। यह बावड़ी ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। स्थानीय मान्यता के अनुसार इसका निर्माण 11वीं शताब्दी में परमार वंश के शासन काल के दौरान किया गया था। इसके बाद लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर सूरजकुंड बावड़ी का पुननिर्माण कराया, जिससे यह बावड़ी नगर वासियों के लिये स्वच्छ जल का प्रमुख स्त्रोत बन गई। समय के साथ इस ऐतिहासिक बावड़ी की देख-रेख में कमी आयी और यह बावड़ी सूखने की कगार पर पहुंच गई। बावड़ी की उपेक्षा के कारण इसकी सीढ़ियां और मार्ग भी क्षतिग्रस्त हो गये।अमृत 2.0 में हुआ कार्यउन्‍होंने बताया कि नगरीय विकास की अमृत 2.0 योजना में ऐतिहासिक बावड़ी के जीर्णोद्धार का कार्य प्रारंभ किया गया। ग्रामीण वासियों के उत्साह ने भी इस कार्य को गति दी। अब यह जल संरचना केवल देपालपुर के लिये ही नहीं बल्कि प्रदेशभर के लिये प्रेरणा स्त्रोत बनकर उभरी है। जल संरक्षण का उद्देश्य पानी के साथ पर्यावरणीय स्थिरता, जैव विविधता संरक्षण और स्थानीय पारिस्थितिकि तंत्र के सुदृढ़ीकरण का भी है। बावड़ी के संरक्षण से जल गुणवत्ता एवं मात्रा में सुधार, क्षतिग्रस्त सीढ़ियों एवं मार्गों का पुनर्निमाण, प्लास्टिक एवं ठोस अपशिष्ट की सफाई, हरियाली एवं लैंडस्केपिंग कार्य के साथ स्थानीय समुदाय की सहभागिता और जल संरक्षण के प्रति जागरूकता पैदा की गई है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी जल संरक्षण के क्षेत्र में जल संरचनाओं के जीर्णोद्धार पर जोर दिया है।स्थानीय समुदाय की भागीदारी एवं संकल्पजनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि सूरजकुंड बावड़ी के संरक्षण में स्थानीय नागरिकों और युवाओं ने संकल्प के साथ काम किया है। उनका कहना है कि हम सब ऐतिहासिक बावड़ी को अब कभी गंदा नहीं होने देंगे। यह हमारी ऐतिहासिक धरोहर है, जिसे हमारे बुजुर्गों ने देखा और संजोया है, हम सब चाहते हैं कि हमारी आने वाली पीढ़ियां भी ऐतिहासिक बावड़ी पर गर्व करें।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर दक्षिण अफ्रीका की कंजरवेशन सॉल्यूशंस एवं वन विभाग की टीम द्वारा हेलीकॉप्टर और बोमा तकनीक से कृष्ण मृगों (काला हिरण) को पकड़ने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया गया है। खेतों की फसलों को वन्य-जीवों से बचाने के लिए देश में यह इस तरह का पहला अभियान है, जो कि पश्चिम मध्य प्रदेश के राजस्व क्षेत्र शाजापुर जिले में शुरू किया गया है। क्षेत्र के मुख्य वन संरक्षक एम.आर. बघेल ने बताया कि बुधवार को इस अभियान के तहत शाजापुर जिले के कालापीपल तहसील के इमलीखेड़ा गाँव से 34 काले हिरणों को किसानों के खेतों से पकड़ कर गाँधी सागर वन्य-जीव अभयारण्य के जंगल में छोड़ा गया। इससे किसानों की फसल नुकसान में कमी आयेगी। शाजापुर जिले में 5 नवम्बर तक यह अभियान चलेगा। उन्होंने बताया कि इस तकनीक से किसी भी वन्य-जीव को कोई नुकसान नहीं हुआ है। जिले में 400 काले हिरण और 100 नीलगाय पकड़ने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि बोमा तकनीक दक्षिण अफ्रीका में विकसित की गई है और इसमें वन्यजीवों को बिना ट्रैंक्युलाइज यानी बेहोश किए बिना ही सुरक्षित रूप से स्थानांतरित किया जाता है। प्रक्रिया की शुरुआत हेलीकॉप्टर से की जाती है, जो जानवरों को धीरे-धीरे एक बड़े घेरे की ओर बढ़ाता है। बोमा तकनीक एक अफ्रीकी वन्यजीव प्रबंधन तकनीक है, जिसमें जानवरों को फनल (कीप) के आकार की बाड़ के माध्यम से एक केंद्रीय बाड़े में फंसाया जाता है। यह फनल, जिसे घास और हरे जाल से ढका जाता है जिससे यह जानवरों के लिए अपारदर्शी हो, जानवरों को वाहन में लोड करके दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करने में मदद करता है।    

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भोपाल । दक्षिण-पूर्वी अरब सागर में सक्रिय निम्न दबाव क्षेत्र (लो-प्रेशर एरिया) का असर अब मध्य प्रदेश तक पहुंच गया है। इसके चलते बीते 24 घंटों में ग्वालियर, जबलपुर समेत 12 जिलों में हल्की बारिश और गरज-चमक दर्ज की गई है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि प्रदेश के कई हिस्सों में अगले चार दिनों तक बादल, बूंदाबांदी और गरज-चमक का दौर जारी रह सकता है।मौसम विभाग के अनुसार, यह सिस्टम पूर्व दिशा की ओर आगे बढ़ रहा है, जिसके प्रभाव से प्रदेश के दक्षिणी और पूर्वी हिस्सों में नमी और अस्थिरता बनी हुई है। साथ ही, उत्तर भारत में सक्रिय दो साइक्लोनिक सर्कुलेशन और एक वेस्टर्न डिस्टर्बेंस भी मौसम को प्रभावित कर रहे हैं। अगले 4 दिन तक सिस्टम का दक्षिणी जिलों में असर रहेगा। आज गुरुवार को बड़वानी, खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर, बैतूल, पांढुर्णा और बालाघाट में बूंदाबांदी, आंधी और गरज-चमक की संभावना है। जबकि 24 से 26 अक्टूबर तक इंदौर, नर्मदापुरम और जबलपुर संभाग में इसका असर दिखेगा। वहीं, पिछले 24 घंटे में कुछ जिलों में बारिश दर्ज की गई। ग्वालियर, सागर, छतरपुर, नर्मदापुरम, हरदा, बुरहानपुर, रायसेन, बैतूल, जबलपुर, सिवनी, रीवा और छिंदवाड़ा में हल्की बारिश हुई।बारिश और बादलों के बीच राज्य में रात का तापमान गिरा है, जबकि दिन में गर्मी बनी हुई है। मौसम विभाग का अनुमान है कि अक्टूबर के अंत तक ऐसा ही मौसम रहेगा, जबकि नवंबर के दूसरे सप्ताह से ठंड में तेजी आने की संभावना है। बीते बुधवार को रात का पारा भोपाल में 18.2 डिग्री, इंदौर में 20.8 डिग्री, उज्जैन में 21.5 डिग्री, ग्वालियर में 22.2 डिग्री और जबलपुर में 22.1 डिग्री दर्ज हुआ। कई जिलों नरसिंहपुर, नौगांव, टीकमगढ़, मलाजखंड, धार, खंडवा, खरगोन, पचमढ़ी, राजगढ़ और शिवपुरी में तापमान 20 डिग्री से नीचे रहा। दिन के तापमान की बात करें तो दतिया, गुना, नर्मदापुरम, खंडवा, खरगोन, रतलाम, उज्जैन, दमोह, जबलपुर, खजुराहो, मंडला, सागर, सतना और उमरिया में अधिकतम तापमान 32 डिग्री से ऊपर दर्ज किया गया।  

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उज्जैन । मिस इंडिया 2024 निकिता पोरवाल गुरुवार तड़के श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचीं और भस्म आरती में शामिल होकर भगवान महाकाल का आशीर्वाद लिया। इस दाैरान निकिता पूरी तरह से बाबा महाकाल की भक्ति में लीन दिखी।   निकिता पाेरवाल गुरुवार सुबह करीब चार बजे वे महाकाल मंदिर पहुंचीं और नंदी हॉल में बैठकर करीब दो घंटे तक भस्म आरती में शामिल रहीं। आरती के बाद निकिता ने नंदीजी और भगवान महाकाल के देहरी से दर्शन किए। उन्होंने मंदिर में देश के सम्मान और मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता में भारत की जीत के लिए प्रार्थना की। दर्शन करने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए निकिता ने कहा कि उन्हें बचपन से भगवान महाकाल में गहरी आस्था है और हर बड़ी उपलब्धि के बाद वे सबसे पहले महाकाल मंदिर आकर आशीर्वाद लेती है। बता दें कि उज्जैन की रहने वाली निकिता पाेरवाल पेशे से मॉडल और कलाकार हैं। दिवाली पर्व मनाने के लिए वे परिवार सहित अपने गृह नगर पहुंची थीं। निकिता अगले वर्ष होने वाली मिस वर्ल्ड 2026 प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। जहां जीत की प्रार्थना करने के लिए वे आज महाकाल के दरबार में पहुंची थी।

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भोपाल । दीपावली पर्व के अवसर पर शहर में आम नागरिकों द्वारा राजधानी भोपाल में बड़ी संख्या में पटाखे चलाए जाने के कारण पटाखों से निकलने वाले हेजर्डस्ट कचरे को स्थल पर ही अलग कर विशेष वाहन से गार्बेज स्टेशनों में एकत्रित किया गया और गार्बेज स्टेशनों में पुनः पृथक्कीकृत कर पुट्ठा, गत्ता, पैकेट, कवर, पन्नी इत्यादि को अलग कर एम.आर.एफ में दिया गया जबकि धूल के साथ मिश्रित बारूद, अनार, चकरी इत्यादि के अपशिष्ट को पृथक एकत्रित किया गया और गार्बेज स्टेशनों में सुरक्षित किया गया।   गार्बेज स्टेशनों में लगभग 20 टन पटाखों का कचरा एकत्रित किया गया जिसमें 15 टन वेस्ट पटाखों के धूल इत्यादि को निगम की अनुबंधित फर्म के माध्यम से पीथमपुर भेजने की व्यवस्था की जाएगी। निगम आयुक्त संस्कृति जैन द्वारा दीपोत्सव के तहत धनतेरस, छोटी दीपावली, बड़ी दीपावली में बड़ी संख्या में पटाखे चलाए जाने के कारण पटाखों के कचरे को पृथक से एकत्रित करने के दिए गए निर्देशों के परिपालन में निगम ने मंगलवार को प्रातः से ही दीपावली पर्व पर बड़ी संख्या में चलाए गए पटाखों के अवशेषों को स्थल पर ही पृथक से बोरियों में पटाखों का कचरा, बारूद इत्यादि अलग किया गया और संग्रहित वाहनों से गार्बेज स्टेशनों में भेजा गया।     गार्बेज स्टेशनों में इसे पुनः पृथक्कीकृत किया गया और पुट्ठा, गत्ता, पैकेट, पन्नी को पूरी तरह अलग कर एम.आर.एफ में दिया गया। इसके साथ ही धूल के साथ मिश्रित बारूद, अनार, चकरी इत्यादि के अपशिष्ट को सभी गार्बेज स्टेशनों में अलग से रखा गया। गार्बेज स्टेशनों में अभी तक लगभग 20 टन कुल पटाखों का कचरा एकत्रित किया गया है जिसमें से लगभग 05 टन गत्ते, कागज, पैकेट, पन्नी इत्यादि को एकत्रित किया गया और 15 टन वेस्ट पटाखों के धूल का बारूद एकत्रित हुआ। गार्बेज स्टेशनों में एकत्रित हेजर्डस्ट वेस्ट को निगम की अनुबंधित फर्म द्वारा पीथमपुर भेजा जाएगा। नगर निगम ने सुबह से ही स्मार्ट सिटी में इंटीगे्रटेड कंट्रोल एण्ड कमांड सेंटर से मानीटरिंग शुरू की गई और जिस जोन में वाहन के खराब होने की समस्या आई उन्हें तत्काल वैकल्पिक वाहन उपलब्ध कराए गए जिससे नियत समय पर पटाखों के कचरे को एकत्रित किया जा सका। नगर निगम ने पटाखों के कचरे को पृथक से एकत्रित करने के लिए 35 वाहन सेवा में उपलब्ध कराए थे। नगर पालिक निगम भोपाल द्वारा एकादषी में पुनः इसी तरह से पृथक कलेक्षन के बाद इस वेस्ट को नियमानुसार वैज्ञानिक रूप से निष्पादित किया जाएगा।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में एक बार फिर मौसम का मिजाज बदल गया है। प्रदेश के दक्षिणी हिस्से में बूंदाबांदी का दौर जारी है। आज बुधवार को भी कई जिलों में हल्की बारिश और गरज चमक की चेतावनी जारी की गई है। जिसमें अलीराजपुर, धार, बड़वानी, इंदौर, खरगोन, देवास, खंडवा, हरदा, बुरहानपुर, नर्मदापुरम, बैतूल, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी और बालाघाट में हल्की बारिश और गरज-चमक का अलर्ट है। 23, 24 और 25 अक्टूबर को भी ऐसा ही मौसम रहने का अनुमान जताया है।मौसम विभाग के अनुसार, दक्षिण-पूर्व अरब सागर में एक निम्न दवाब क्षेत्र एक्टिव है। यह अगले 24 घंटे के दौरान अवदाब में परिवर्तित होने लगेगा। वहीं, चक्रवात की एक्टिविटी भी की है। इनका असर प्रदेश के दक्षिणी हिस्से में देखने को मिलेगा। हल्की बारिश, गरज-चमक और आंधी के बीच प्रदेश में रातें ठंडी भी हो गई है, लेकिन दिन गर्म है। मौसम विभाग का कहना है कि अक्टूबर में ऐसा ही मौसम रहेगा। नवंबर के दूसरे सप्ताह से तेज ठंड का दौर शुरू हो जाएगा।अक्टूबर महीने में मौसम का मिला-जुला असर रहने की संभावना जताई है। रात व सुबह हल्की ठंड है तो दिन में धूप का असर बना रहेगा। कहीं-कहीं बारिश का अनुमान भी है। मौसम का मिजाज बदलने से रात के तापमान में फिर गिरावट हुई है। सोमवार-मंगलवार की रात में भोपाल का न्यूनतम तापमान 17.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। इंदौर में 18.6 डिग्री, ग्वालियर-उज्जैन में 19.5 डिग्री और जबलपुर में 21 डिग्री रहा। राजगढ़ में सबसे कम 15.4 डिग्री सेल्सियस रहा। दतिया, धार, गुना, खंडवा, खरगोन, पचमढ़ी, रतलाम, शिवपुरी, नौगांव, टीकमगढ़ में पारा 20 डिग्री से कम रहा।  

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इंदौर । मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के गौतमपुरा में दीपावली के दूसरे दिन धोक पड़वा पर वर्षों से चली आ रही परंपरा के मुताबिक हिंगोट युद्ध हुआ। इस दौरान गौतमपुरा और रूणजी के वीर योद्धा तुर्रा और कलंगी ने दलों में बंटकर करीब डेढ़ घंटे तक एक-दूसरे पर अग्नि बाणों की वर्षा की। इसमें पांच योद्धा घायल हो गए। इस बार हिंगोट युद्ध आधे घंटे पहले ही खत्म हो गया।   इस बार गौतमपुरा में तुर्रा और रूणजी के वीर योद्धा तुर्रा और कलंगी दल के बीच करीब डेढ़ घंटे तक हिंगोट युद्ध चला। देपालपुर एसडीएम राकेश मोहन त्रिपाठी ने बताया कि युद्ध में पांच योद्धा घायल हुए हैं। हालांकि सभी की हालत ठीक बतायी गई है। इनमें से कोई भी गंभीर नहीं है। नवरात्रि से युद्ध की तैयारी में लग जाते हैं योद्धा नवरात्र से ही योद्धा युद्ध की तैयारी में लग जाते हैं। वे बड़नगर, इंगोरिया, चंबल और आसपास के क्षेत्रों के जंगल से हिंगोरिया वृक्ष के फल लाते हैं। इसे सुखाकर अंदर का गूदा निकाल दिया जाता है और खोखला बनाया जाता है, फिर उसमें बारूद भरा जाता है, एक सिरे पर मिट्टी से मुंह बंद कर बत्ती लगाई जाती है। दिशा निर्धारण के लिए बांस की पतली डंडी बांधी जाती है। बुजुर्गों के अनुसार, परंपरा मुगलों के आक्रमण से बचाव के लिए शुरू हुई थी। चंबल घाटियों से मुगल सैनिक हमला करते, तो नगरवासी हिंगोट चलाकर उन्हें घोड़े से गिरा देते थे। इस तरह से यह तरीका आत्मरक्षा का प्रतीक बन गया। बाद में यह परंपरा धार्मिक और सामाजिक स्वरूप में बदल गई। युद्ध की शुरुआत भगवान देवनारायण के दर्शन के बाद की जाती है।   तुर्रा दल के पूर्व योद्धा गोपाल खत्री का कहना है कि अब युवा स्वयं हिंगोट बनाने के बजाय दूसरों पर निर्भर हो गए हैं। अब हिंगोट बनाना महंगा हो गया है। पहले जहां एक हिंगोट 8 से 10 रुपये में बन जाता था, वहीं अब इसकी लागत 18 से 20 रुपये तक पहुंच चुकी है। वहीं अब नई पीढ़ी हिंगोट बनाने के लिए मेहनत नहीं करती है। हिंगोट तैयार करने की 21 चरणों की विधि है। वहीं, तुर्रा योद्धा राज वर्मा ने बताया कि हिंगोरिया पेड़ों की कटाई के कारण अब फल आसानी से नहीं मिलते। योद्धाओं को इन्हें लाने के लिए बड़नगर, उज्जैन, बदनावर और धार जैसे दूरस्थ क्षेत्रों तक जाना पड़ता है। इससे इस बार हिंगोट सीमित मात्रा में तैयार हो रहे हैं। पहले आसपास के जंगल में इन पेड़ों की भरमार थी। इन पेड़ों को नहीं बचाया गया तो यह परंपररा निभाना भी मुश्किल हो जाएगा।   गौरतलब है कि दीपावली के दूसरे दिन धोक पड़वा पर आयोजित होने वाला हिंगोट युद्ध (अग्निबाण युद्ध) खतरनाक किंतु रोमांचक स्वरूप के लिए देशभर में प्रसिद्ध है। यह युद्ध शाम पांच बजे से शुरू होकर करीब सात बजे तक चलता है। गौतमपुरा और रूणजी के दो दल तुर्रा और कलंगी अग्निबाणों से एक-दूसरे पर वार करते हैं। यह जानलेवा युद्ध नहीं है, बल्कि साहस, परंपरा और लोक आस्था का प्रतीक है। इसमें हार-जीत नहीं, बल्कि शौर्य और परंपरा का प्रदर्शन मायने रखता है। यह युद्ध जितना खतरनाक होता है, उतना ही रोमांचक भी होता है।

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उज्जैन। शीतकाल के प्रारंभ होने से सोमवार से भगवान श्री महाकालेश्वर जी का स्नान गर्म जल से आरंभ किया गया।   सोमवार को दीपोत्सव महापर्व के अवसर पर भगवान महाकालेश्वर को प्रातःकालीन पंचामृत अभिषेक किया गया। इस अवसर पर महाकालेश्वर मंदिर पुजारी परिवार की महिला द्वारा सुगंधित द्रव्य एवं चंदन तेल से भगवान का अभ्यंग स्नान कराया गया। तत्पश्चात सुपारी से भगवान की नजर उतारी गई एवं कर्पूर आरती की गई। रुद्र सूक्त का पाठ किया गया।    

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भोपाल । मध्य प्रदेश में एक बार फिर मौसम का मिजाज बदल गया है। प्रदेश में अगले 4 दिन तक कई जिलों में हल्की बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। भोपाल, इंदौर और जबलपुर संभाग के ज्यादातर जिलों में पानी गिरने की संभावना है। मौसम विभाग का कहना है कि दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में साइक्लोनिक सर्कुलेशन (चक्रवात) के एक्टिव होने से प्रदेश में मौसम बदला रहेगा। आधे प्रदेश में 24 अक्टूबर तक हल्की बारिश और गरज-चमक की स्थिति बनी रह सकती है।मौसम विभाग के अनुसार, आज मंगलवार को हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, डिंडौरी, मंडला और बालाघाट में बूंदाबांदी और गरज-चमक होने का अलर्ट जारी किया है। अगले दिन सिस्टम का असर ज्यादा रहेगा। 22 अक्टूबर को इंदौर, भोपाल, राजगढ़, शाजापुर, बड़वानी, खरगोन, बुरहानपुर, खंडवा, हरदा, देवास, सीहोर, विदिशा, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, सागर, नरसिंहपुर, दमोह, जबलपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, डिंडौरी और अनूपपुर में मौसम बदला रह सकता है। 23 और 24 अक्टूबर को भी दक्षिणी हिस्से के जिलों में हल्की बारिश और गरज-चमक बनी रहेगी। इससे पहले दिवाली पर झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी, सिवनी, मंडला, बालाघाट और डिंडौरी में बादल छाए रहे।मौसम विभाग ने अक्टूबर महीने में मौसम का मिला-जुला असर रहने की संभावना जताई है। रात व सुबह हल्की ठंड है तो दिन में धूप का असर बना रहेगा। कहीं-कहीं बारिश का अनुमान भी है, लेकिन नवंबर के दूसरे सप्ताह से तेज ठंड का दौर शुरू हो जाएगा। वहीं, मौसम का मिजाज बदलने से रात के तापमान में फिर गिरावट हुई है। रविवार-सोमवार की रात में ज्यादातर शहरों में रात का पारा लुढ़क गया। भोपाल में 17.2 डिग्री, इंदौर में 20.2 डिग्री, उज्जैन में 22 डिग्री, ग्वालियर में 20.5 डिग्री और जबलपुर में 18 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।इधर, बैतूल, दतिया, गुना, खंडवा, खरगोन, पचमढ़ी, राजगढ़, श्योपुर, शिवपुरी, छिंदवाड़ा, जबलपुर, खजुराहो, मंडला, नरसिंहपुर, नौगांव, रीवा, सागर, सतना, टीकमगढ़, उमरिया और मलाजखंड में पारा 20 डिग्री से नीचे रहा। छतरपुर का नौगांव सबसे ठंडा रहा। यहां पारा 16.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। राजगढ़ में 16.6 डिग्री रहा। मौसम विभाग का कहना है कि नवंबर से कड़ाके की ठंड का दौर शुरू हो जाता है, जो जनवरी तक रहता है। इस बार फरवरी तक ठंड का असर रहने की संभावना है।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में सोमवार को दीपावली का उत्सव धूमधाम से मनाया गया है। राजधानी भोपाल समेत प्रदेशभर में लोगों ने अपने-अपने घर, प्रतिष्ठान में मां लक्ष्मी का पूजन कर दीप जलाए। इसके बाद जमकर आतिशबाजी की, जिससे आसमान रंग-बिरंगी रोशनी से सराबोर नजर आया। देर रात तक पटाखों की आवाज गूंजती रही। सभी बड़े शहरों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए थे। भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।   दीपावली पर सोमवार को उत्साह का माहौल रहा। प्रदेशभर में लोग सुबह से लक्ष्मी पूजा की तैयारियों में जुटे हुए थे। व्यापारी लक्ष्मीजी के पूजन के लिए अपनी दुकानों, मकानों की सफाई करते देखे गए। ठेले वाले अशोक के पत्ते, माला आदि लेकर खड़े हो गए थे। लोगों ने पत्ते, फूल आदि खरीदकर दुकानों, मकानों पर सजाए। लोगों ने अपनी दुकानों, मकानों और ऑफिसों में लक्ष्मी जी का पूजन पूरे विधि विधान से किया। शाम होते ही दीपावली की असली चमक नजर आई। शहर रंग बिरंगी रोशनी में नहाए नजर आए। बाजारों में अलग ही रौनक बिखरी हुई थी। हर तरफ आतिशबाजी का शोर सुनाई दे रहा था। आसमान में अलग-अलग रंग के पटाखों की रोशनी देखते ही बन रही थी। वहीं, बच्चे अपने बड़ों के चरण छूकर आशीर्वाद लेते नजर आए।   प्रदेश के सभी शहरों में शाम 7 बजे से शहर का आसमान आतिशबाजी से गूंजने लगा। राजधानी भोपाल के नए और पुराने शहर में लोगों ने जमकर पटाखे जलाए। वहीं दूसरी ओर दीपावली पर रात में जबलपुर में तेज बारिश शुरू हो गई, जिससे बारिश ने लोगों की तैयारियों में बाधा पहुंचा दी। लोगों ने सुबह से ही जो तैयारियां की थीं, रात को धरी की धरी रह गई। रात तक तेज बारिश से लोगों का उत्साह कम हो गया। तेज बारिश के बाद तेज बादल की गर्जना के चलते पूरा शहर अंधकारमय हो गया। देर रात तक बारिश और बूंदाबांदी जारी रही। लोगों ने बारिश के बीच ही आतिशबाजी की।   ग्वालियर में दीपावली के मौके पर ग्वालियर-चंबल अंचल के सबसे बड़े लक्ष्मी मंदिर जौरासी घाटी पर विशेष पूजा की गई है। पूरे विधि विधान से शाम पांच बजे यह पूजन शुरू हुआ तो 7 बजे तक चला। इस विशेष पूजन में जीवाजी विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति डॉ. संगीता शुक्ला (वर्तमान में मेरठ यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर) ने भी भाग लिया है। मंदिर में पूजन के बाद दीप माला जलाई गई है। शहर के लोगों ने इसमें भाग लिया। शहर के लोगों ने दीपावली के शुभ मुहूर्त में पूजन कर दीपावली का त्योहार मनाया। पूजन के बाद परिवार में मिठाइयां बांटी गई और फिर आतिशबाजी की गई। हालांकि जिला प्रशासन की ओर से अपील की गई थी कि रात 7 से 10 बजे तक ही पटाखे चलाएं, लेकिन दीपावली का त्योहार हो और आतिशबाजी न हो ऐसा नहीं हो सकता है, इसलिए देर रात तक पटाखे चले।   रामराजा सरकार मंदिर 2100 दीयों की रोशनी से जगमगाया इधर, मप्र की अयोध्या कहे जाने वाले प्रसिद्ध पर्यटन स्थल ओरछा स्थित रामराजा सरकार मंदिर परिसर दीपावली पर 2100 दीपों की रोशनी से जगमगा उठा। इन दीयों से 'रामराजा सरकार की जय' की आकृति बनाई गई, जिससे पूरा मंदिर सुनहरी आभा में नहाया हुआ प्रतीत हो रहा था। कार्यक्रम की शुरुआत निवाड़ी कलेक्टर जमुना भिड़े ने अपने परिवार के साथ पूजन-अर्चन कर की। उनके साथ भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश पटेरिया भी मौजूद थे। पंडित वीरेंद्र बिदुआ ने पूजा कराई।   कलेक्टर ने नागरिकों से स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग की अपील भी की, इसे भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। दीपोत्सव के दौरान मंदिर परिसर में भजन-कीर्तन का आयोजन हुआ। 'जय श्री राम' के नारों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। महिलाओं ने पारंपरिक वेशभूषा में दीप जलाकर प्रभु श्रीरामराजा को नमन किया, वहीं मंदिर में रंगोली और दीपमाला भी सजाई गई थी। शाम के समय जब मंदिर के शिखर पर दीप प्रज्वलित हुए तो पूरे ओरछा नगर में एक सुनहरी आभा फैल गई, जिसने इस पर्व की भव्यता को और बढ़ा दिया।

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उज्जैन । मध्य प्रदेश के उज्जैन में धन तेरस पर शनिवार को महाकालेश्वर मंदिर में शनि प्रदोष संयोग के साथ पुरोहितों द्वारा राष्ट्रवासियों की सुख समृद्धि हेतु पूजन अर्चन किया गया। इस अवसर पर भगवान महाकाल और कुबेर देव का चांदी के सिक्क से अभिषेक किया गया। इन्हे धन-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।   धन तेरस के पूजन के लिए महाकाल मंदिर मेें संभागायुक्त आशीष सिंह, कलेक्टर रोशनvकुमार सिंह, एसपी प्रदीप शर्मा और प्रशासक प्रथम कौशिक सपत्निक सम्मिलित हुए। करीब एक घण्टे तक चली पूजा के दौरान अधिकारियों ने गणपति पूजन, महालक्ष्मी पूजन, पंचामृत स्नान और रूद्राभिषेक किया। गर्भगृह की दहलीज पर दीपक अर्पित किए गए।पूजन महाकालेश्वर मंदिर की पुरोहित समिति के अध्यक्ष लोकेन्द्र व्यास, पुरोहित,भूषण व्यास, विश्वास करहाडकर, नीरज शर्मा, पीयूष चतुर्वेदी, दीपक शर्मा, मंगलेश शर्मा, भावेश व्यास, संदीप शर्मा, सुभाष शर्मा, राधे श्याम शास्त्री, मुकेश शर्मा ने करवाया। मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष सह कलेक्टर रोशनकुमार सिंह व प्रशासक प्रथम कौशिक ने दीप प्रज्वलन किया। शनि प्रदोष होने से ब्राम्हणों द्वारा भगवान महाकाल का रूद्र अभिषेक किया। भगवान धनवंतरि का पूजनशनिवार को महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा महाकाल महालोक स्थित मानसरोवर भवन के प्रथम तल पर संचालित 10 बेड के चिकित्सालय में भगवान धनवंतरि का पूजन किया गया। पूजन प्रथम कौशिक ने किया। पूजन पं. सुधीर चतुर्वेदी ने करवाया। डॉ.देवेन्द्र परमार,अनिता थोरात,चिकित्साकर्मी उपस्थित थे। कुबेर देव की नाभी में लगाया इत्रमहाकाल वन में स्थापित 84 महादेव मंदिरों में से एक कुण्डेश्वर महादेव मंदिर(सांदीपनि आश्रम परिसर,अंकपात) में पुजारी शिवांश व्यास ने भगवान कुबेर का पूजन किया और नाभी में इत्र लगाया। अनार और मिठाई का नैवेद्य लगाया। इस मंदिर के गर्भगृह में कुबेर की प्राचीन प्रतिमा स्थापित है। वर्ष में एक बार धनतेरस पर प्रतिमा पूजन होता है और आकर्षक श्रृंगार करके आभूषण धारण करवाए जाते हैं।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश के सतना जिले के पवित्र तीर्थस्थल चित्रकूट में दीपावली के शुभ अवसर पर शुरू हुआ पांच दिवसीय दीपोत्सव इस बार पहले ही दिन धार्मिक उत्साह और भव्यता का अद्भुत संगम लेकर आया। शनिवार को दीपोत्सव के पहले दिन ही करीब चार लाख श्रद्धालुओं ने धर्मनगरी पहुंचकर भगवान की आराधना और कामदगिरि परिक्रमा का पुण्य लाभ लिया।   मंदाकिनी तट दीपों की जगमग रोशनी से आलोकित हो उठा, मानो स्वयं देवताओं ने धरती पर उतरकर इस अलौकिक दृश्य को निहारा हो। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का रविवार को आगमन पूरे आयोजन का केंद्र रहेगा। उल्‍लेखनीय है कि इस वर्ष का दीपोत्सव धार्मिक आस्था का केंद्र बनने के साथ ही प्रशासनिक दृष्टि से विशेष रूप से तैयारियों का उदाहरण पेश कर रहा है। कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पूरे मेले क्षेत्र को 11 जोनों में विभाजित किया गया है। प्रत्येक जोन में कार्यपालिक मजिस्ट्रेट और पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती की गई है, ताकि कहीं भी भीड़ प्रबंधन में कोई कठिनाई न हो।एएसपी (ग्रामीण) प्रेमलाल कुर्वे के अनुसार मेले में लगभग डेढ़ हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। वहीं, पहली बार चित्रकूट मेले के इतिहास में कमांड सेंटर की स्थापना की गई है, जहाँ से सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से हर पल की निगरानी की जा रही है। कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस और एसपी हंसराज सिंह ने स्वयं कमांड सेंटर से भीड़ प्रबंधन की स्थिति पर नजर रखी। उनके साथ अपर कलेक्टर विकास सिंह भी मौजूद हैं।मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज करेंगे कामदगिरि की परिक्रमादीपोत्सव के दूसरे दिन आज रविवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आगमन पूरे आयोजन का केंद्र रहेगा। कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री दोपहर तीन बजे चित्रकूट पहुंचेंगे। वे आरोग्यधाम में साधु-संतों के साथ भेंट कर चित्रकूट के समग्र विकास पर विचार-विमर्श करेंगे। इसके बाद वे पंचवटी घाट पर पहुंचकर दीपदान करेंगे और बच्चों को दीपावली उपहार भी देंगे। साधु-संतों के सम्मान के बाद मुख्यमंत्री आम जनता को संबोधित करेंगे। इसके बाद शाम पांच बजे वे सतना टाउन हॉल में आयोजित पूर्व विधायक स्वर्गीय शंकरलाल तिवारी की श्रद्धांजलि सभा में शामिल होंगे और तत्पश्चात भोपाल के लिए रवाना हो जाएंगे।दशकों बाद चित्रकूट धाम में दिखी दिव्यता भव्यताकई दशकों बाद चित्रकूट को इतनी भव्यता से सजाया गया है। मंदाकिनी के पवित्र तटों को अत्याधुनिक लाइटिंग और विजुअलाइजेशन सिस्टम से इस प्रकार सजाया गया है कि पूरा क्षेत्र दिव्य आभा से आलोकित प्रतीत हो रहा है। वहीं, कामदगिरि परिक्रमा मार्ग पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मार्गों की मरम्मत, रोशनी, पेयजल, प्राथमिक उपचार और विश्राम व्यवस्था को सुदृढ़ किया गया है। इस बार प्रशासन ने पर्यावरणीय संतुलन का विशेष ध्यान रखते हुए मिट्टी के दीयों और प्राकृतिक सजावट को प्राथमिकता दी है, जिससे न केवल परंपरा जीवित रहे बल्कि प्रकृति की रक्षा भी हो।परंपरा और संस्कृति का भव्‍य मिलन देखने को मिल रहा मेले के पहले दिन से ही चित्रकूट में भक्तिमय वातावरण व्याप्त हो गया है। मंदाकिनी के किनारे गूंजते भजन, आरती की घंटियाँ और जलते दीयों का प्रतिबिंब पानी में झिलमिलाते हुए ऐसा दृश्य उत्पन्न कर रहा है, जिसे शब्दों में पिरो पाना कठिन है। श्रद्धालु सुबह से ही भगवान कामतानाथ के दर्शन के लिए पंक्तिबद्ध दिखाई दिए। शाम होते-होते घाटों पर दीपों की पंक्तियाँ फैल गईं और पूरा क्षेत्र एक जीवंत चित्र की भाँति लगने लगा। इस अलौकिक दृश्य ने हर आगंतुक के मन में भक्ति की ज्योति प्रज्वलित कर दी।25 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने का है अनुमानइस बार के आयोजन में अनुमान है कि अगले पांच दिनों में लगभग 25 लाख श्रद्धालु देशभर से चित्रकूट पहुँचेंगे। इनमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र और राजस्थान से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या सर्वाधिक रहेगी। मेले में धार्मिक अनुष्ठानों के साथ-साथ स्थानीय कारीगरों और व्यापारियों के लिए भी यह अवसर रोजगार और प्रदर्शन का बन गया है। हस्तशिल्प, मिठाई, खिलौनों और धार्मिक वस्तुओं की सैकड़ों दुकानें पूरे मेले में सजी हैं, जो पारंपरिक उत्सव को लोक संस्कृति का रंग दे रही हैं।श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बनाई गईं नई व्यवस्थाएँप्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अस्थायी पार्किंग स्थल, फ्री शटल बस सेवा, और निःशुल्क पेयजल केंद्रों की व्यवस्था की है। स्वास्थ्य विभाग ने भी विभिन्न स्थानों पर प्राथमिक उपचार शिविर लगाए हैं ताकि किसी आकस्मिक स्थिति में तत्काल सहायता उपलब्ध कराई जा सके। इसके साथ ही साफ-सफाई और स्वच्छता पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि धार्मिक स्थल की गरिमा बनी रहे।गौरतलब है कि चित्रकूट का यह दीपोत्सव केवल धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि संस्कृति, परंपरा और समरसता का प्रतीक बन गया है। यहाँ एक ओर जहाँ श्रद्धा की लौ जलती है, वहीं दूसरी ओर विकास और प्रबंधन का उजाला भी दिखाई देता है। मंदाकिनी के तट पर जगमगाते दीप और कामदगिरि की परिक्रमा करते श्रद्धालु मिलकर यह संदेश दे रहे हैं कि आस्था जब व्यवस्था के साथ जुड़ती है, तो वह केवल पर्व नहीं, बल्कि जन-जन का उत्सव बन जाती है। चित्रकूट का यह दीपोत्सव संस्कृति, लोक परंपरा और आधुनिक प्रबंधन का सुंदर संगम प्रस्तुत कर रहा है।  

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भोपाल। मध्य प्रदेश में अक्टूबर महीने में मौसम के दो रंग देखने को मिल रहे हैं। सुबह और रात में जहां हल्की ठंड का अहसास हो रहा है, वहीं दिन में धूप खिलने से गर्मी का असर है। मौसम विभाग का कहना है कि अक्टूबर में ऐसा ही मौसम रहेगा। वहीं नवंबर के दूसरे सप्ताह से तेज ठंड का दौर शुरू होगा। इसके अलावा प्रदेश में अगले तीन दिन बूंदाबांदी होने की भी संभावना है।मौसम विभाग के अनुसार, 20, 21 और 22 अक्टूबर को बैतूल, नर्मदापुरम, खंडवा, हरदा, बुरहानपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी और अनूपपुर जिलों में कहीं-कहीं हल्की बारिश, गरज-चमक की स्थिति बनी रहेगी। 21 से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में एक पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव पड़ने की संभावना भी है। 21 अक्टूबर से दक्षिणी हिस्से के ज्यादातर जिलों में हल्की बारिश का दौर शुरू हो सकता है। इसमें मुख्य रूप से अनूपपुर, डिंडौरी, बैतूल, मंडला, खंडवा आदि जिले शामिल हैं। इससे पहले शनिवार को मौसम का मिजाज बदला रहा। राजधानी भोपाल में दिनभर बादल छाए रहे। इस वजह से दिन के तापमान में गिरावट आयी है। वहीं, इंदौर, खंडवा में तेज बारिश हुई। उज्जैन समेत प्रदेश के कई शहरों में भी ऐसा ही मौसम रहा।प्रदेश में हवा की दिशा बदलने से रात के तापमान में बढ़ोतरी हुई है। शुक्रवार-शनिवार की रात में ज्यादातर शहरों में पारा 20 डिग्री से अधिक रहा। रीवा ही ऐसा शहर है, जहां पारा 15 डिग्री के आसपास है। दूसरी ओर, दिन के तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिली है। उज्जैन, इंदौर, ग्वालियर, खजुराहो में पारा 33 से 34 डिग्री के बीच चल रहा है। मौसम विभाग का कहना है कि नवंबर से कड़ाके की ठंड का दौर शुरू हो जाता है, जो जनवरी तक रहता है। इस बार फरवरी तक ठंड का असर रहने की संभावना है। मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि आने वाले सर्दियों के मौसम में 2010 के बाद सबसे भीषण ठंड का अहसास हो सकता है। सर्दियों के दौरान इस बार बारिश की गतिविधियां भी देखने को मिल सकती है।

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भोपाल। मध्य प्रदेश में हवाओं की दिशा बदलने और वातावरण में नमी बढ़ने के कारण मौसम ने करवट ले ली है। बीते दिन शुक्रवार को पूर्वी और दक्षिणी मध्य प्रदेश के कई इलाकों में बादल छाए रहे और कहीं-कहीं हल्की बारिश भी दर्ज की गई। वर्तमान में दक्षिण-पूर्वी अरब सागर और लक्षद्वीप क्षेत्र में हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात सक्रिय है, जो शनिवार तक केरल और कर्नाटक तट पर कम दबाव के क्षेत्र में बदल सकता है। अगले दो दिनों में इसके अवदाब के रूप में विकसित होने की संभावना है। दरअसल, हवा की दिशा बदलने से रात के तापमान में हल्की बढ़ोतरी देखी जा रही है। गुरुवार और शुक्रवार की रात अधिकतर शहरों में तापमान 20 डिग्री से ऊपर दर्ज किया गया। केवल छतरपुर का नौगांव ऐसा स्थान रहा जहां पारा 15 डिग्री तक गिरा। वहीं दिन के तापमान में भी मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई है। उज्जैन, इंदौर, ग्वालियर और खजुराहो में अधिकतम तापमान 33 से 34 डिग्री के बीच बना हुआ है।मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एच.एस. पांडे ने बताया कि शनिवार को भोपाल और इंदौर संभाग के जिलों में बूंदाबांदी की संभावना है। पिछले 24 घंटों में भोपाल, इंदौर, नर्मदापुरम, उज्जैन और जबलपुर संभाग के कई हिस्सों में हल्की बारिश दर्ज की गई। नमी के कारण दक्षिण-पूर्वी और दक्षिण-पश्चिमी मध्यप्रदेश में बादल छाए रहने की संभावना बनी हुई है। मौसम विशेषज्ञ अजय शुक्ला ने बताया कि इस समय पूर्वी हवाओं के साथ बीच-बीच में दक्षिणी हवाएं भी चल रही हैं, जिससे वातावरण में नमी बढ़ रही है और बादल बन रहे हैं। यह स्थिति अगले एक सप्ताह तक बनी रह सकती है।मौसम विभाग के अनुसार, इंदौर संभाग के चार जिलेबड़वानी, खरगोन, खंडवा और बुरहानपुरमें शनिवार को हल्की बूंदाबांदी और बादल छाए रहने की संभावना है। वहीं भोपाल, ग्वालियर, उज्जैन और जबलपुर समेत प्रदेश के अन्य जिलों में दिनभर धूप खिली रहने की उम्मीद है।मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि नवंबर से ठंड का असली दौर शुरू होगा, जो जनवरी के अंत तक जारी रहेगा। इस बार फरवरी तक भी ठंडक का असर महसूस हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल 2010 के बाद सबसे अधिक सर्द सर्दी देखने को मिल सकती है। सर्दियों के दौरान सामान्य से ज्यादा बारिश की संभावना भी जताई गई है, क्योंकि उत्तर-पश्चिम भारत में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ बार-बार मौसम को प्रभावित करेंगे। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने भी जल्द ही ला-नीना परिस्थितियों के विकसित होने की पुष्टि की है, जिससे ठंडक और बढ़ेगी।पूरे मध्यप्रदेश से विदा हुआ मानसूनमौसम विभाग ने बताया कि पूरे प्रदेश से मानसून विदा हो चुका है। इस बार मानसून तीन महीने 28 दिन तक सक्रिय रहा। 16 जून को इसकी एंट्री हुई थी और 13 अक्टूबर को वापसी दर्ज की गई। इसके बावजूद कुछ इलाकों में छिटपुट बारिश का दौर जारी रहेगा। इस साल मानसून की ‘हैप्पी एंडिंग’ रही। भोपाल और ग्वालियर समेत 30 जिलों में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई। गुना जिला इस बार सबसे ज्यादा बारिश वाला रहा, जहां 65.7 इंच पानी गिरा। वहीं श्योपुर में 216.3 प्रतिशत बारिश दर्ज की गई। विशेषज्ञों का कहना है कि अच्छी बारिश से प्रदेश में भू-जल स्तर और सिंचाई क्षमता दोनों बढ़ी हैं। हालांकि, शाजापुर ऐसा जिला रहा जहां सबसे कम 28.9 इंच (81.1%) वर्षा दर्ज की गई। इस कारण इसे “बारिश की भारी कमी” वाले जिले की श्रेणी में रखा गया है।

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रतलाम  । दीपोत्सव की रौनक के बीच रतलाम का मां महालक्ष्मी मंदिर इस बार भी अपनी अनोखी और भव्य सजावट के लिए चर्चा में है। मंदिर को फूलों से नहीं, बल्कि हीरों, जवाहरात और नोटों की मालाओं से सजाया गया है। गर्भगृह से लेकर दीवारों तक हर जगह मुद्रा और आभूषणों की चमक नजर आ रही है। किसी लड़ी में 10 रुपये के नोट हैं तो किसी में 500 के, यहां ऐसा लग रहा है जैसे कि पूरा मंदिर मानो कुबेर का खजाना बन गया हो।मंदिर समिति के अनुसार, इस वर्ष करीब दो करोड़ रुपये की नकदी और आभूषणों से मंदिर को सजाया गया है। दीपोत्सव के पांच दिन पूरे होने के बाद यह सारा धन और आभूषण “प्रसादी” के रूप में दाताओं को लौटा दिया जाएगा। परंपरा के मुताबिक अब तक यहां से एक रुपये का भी हेरफेर नहीं हुआ है।300 साल पुरानी परंपरामहालक्ष्मी मंदिर के पुजारी अश्विनी पुजारी बताते हैं कि यह मंदिर करीब 300 वर्ष पुराना है और रियासतकालीन विरासत का प्रतीक है। रतलाम के संस्थापक महाराजा रतन सिंह राठौर ने जब शहर की स्थापना की थी, तभी से दीपावली यहां राजकीय भव्यता के साथ मनाई जाती रही है। राजा अपनी प्रजा की समृद्धि, सुख और निरोगी जीवन की कामना करते हुए पांच दिन तक शाही खजाने के सोने-चांदी के आभूषण मां लक्ष्मी को अर्पित करते थे। इसी परंपरा ने समय के साथ स्वरूप बदला और अब श्रद्धालु अपने आभूषण, नकदी और नोट सजावट के लिए मंदिर में अर्पित करते हैं।पं. अश्विनी पुजारी बताते हैं कि दीपावली प्रकाश पर्व के साथ ही धन और वैभव का त्योहार है। विष्णु भगवान की अर्धांगिनी महालक्ष्मी की पूजा इस पर्व का प्रमुख अंग है। श्रद्धालु मानते हैं कि जिस व्यक्ति का धन महालक्ष्मी के श्रृंगार में इस्तेमाल होता है, उसके घर में सुख, संपन्नता और धन की वर्षा होती है। यही कारण है कि रतलाम ही नहीं, पड़ोसी राज्यों से भी भक्त यहां पहुंचते हैं ताकि उनका धन “मां की आराधना” में काम आए।इस साल 2 करोड़ की सजावटमंदिर समिति के अनुसार, इस बार की सजावट में रतलाम, झाबुआ, मंदसौर, नीमच, गुजरात और राजस्थान से भी बड़ी संख्या में भक्तों ने योगदान दिया है। कई श्रद्धालुओं ने पांच लाख रुपये तक का दान किया। लगभग 1000 भक्तों ने मिलकर इस बार की सजावट को आकार दिया है। हर दान की ऑनलाइन एंट्री और डिजिटल रिकॉर्डिंग की गई है। नोट गिनने की मशीनों का प्रयोग हुआ और नकदी जमा करने वालों का नाम, पता, फोटो और मोबाइल नंबर दर्ज किया गया है। हर दाता को डिजिटल टोकन दिया गया है, जिस पर मंदिर की सील लगी है। दीपोत्सव के पांचवें दिन यही टोकन दिखाकर दाता अपनी धनराशि “प्रसाद” के रूप में वापस प्राप्त करते हैं।उल्‍लेखनीय है कि महालक्ष्मी मंदिर की सजावट का काम दीपावली से एक सप्ताह पहले शुरू हो जाता है। शरद पूर्णिमा से ही भक्तों द्वारा रुपये और गहनों का आगमन शुरू हो जाता है। मंदिर को 1, 10, 20, 50, 100 और 500 रुपये के नए नोटों से सजाया जाता है। इन नोटों से वंदनवार, झालरें और दीवार सजावट तैयार की जाती है। गर्भगृह को खजाने की तरह सजाया जाता है, जहां मां महालक्ष्मी आठ स्वरूपों में विराजमान हैं, आद्य लक्ष्मी, धान्य लक्ष्मी, लक्ष्मीनारायण, धन लक्ष्मी, विजय लक्ष्मी, वीर लक्ष्मी, संतान लक्ष्मी और ऐश्वर्य लक्ष्मी। मंदिर में मां लक्ष्मी की मूर्ति के साथ भगवान गणेश और माता सरस्वती की भी प्रतिमाएं हैं। लक्ष्मी जी के हाथ में धन की थैली है, जो समृद्धि और वैभव का प्रतीक मानी जाती है।मंदिर की आभा और सजावट इतनी भव्य होती है कि दूर-दूर से लोग इसे देखने आते हैं। श्रद्धालु मानते हैं कि इस मंदिर में मां लक्ष्मी का साक्षात वास है। दीपावली की रात यहां विशेष महालक्ष्मी पूजन और आरती होती है, जिसमें हजारों दीप प्रज्ज्वलित किए जाते हैं। सुरक्षा के लिए मंदिर परिसर में सीसीटीवी और पुलिस बल की तैनाती की गई है। हर दान की एंट्री रजिस्टर और ऑनलाइन सिस्टम दोनों में होती है ताकि किसी भी प्रकार की अनियमितता न हो। दूसरी ओर दीपोत्सव के दौरान यह मंदिर देश का पहला ऐसा स्थल बन जाता है जो पांच दिन तक नोटों और आभूषणों से सजा रहता है, और जहां धन की वर्षा आस्था में बदल जाती है।

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भोपाल । इस वर्ष दीपावली का पर्व पांच नहीं बल्कि छह दिन तक चलेगा। दीपोत्सव की शुरुआत आज धनतेरस से होगी। इस बार पितृ कार्य की अमावस्या 21 अक्टूबर को पड़ने से पर्वों का क्रम एक दिन आगे बढ़ गया है। इसके चलते दीपावली का मुख्य पर्व 20 अक्टूबर, गोवर्धन पूजा 22 अक्टूबर और भाई दूज 23 अक्टूबर को मनाई जाएगी।सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय, उज्जैन के ज्योतिष विभाग के आचार्य डॉ. सर्वेश्वर शर्मा के अनुसार, इस वर्ष दीप महोत्सव में18 अक्टूबर को धनतेरस, 19 अक्टूबर को रूप चतुर्दशी, 20 अक्टूबर को दीपावली, 21 अक्टूबर को पितृ कार्य की अमावस्या, 22 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा और 23 अक्टूबर को भाई दूज पर्व मनाया जाएगा। डॉ. शर्मा ने बताया कि इस बार दीप पर्व पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र और ब्रह्म योग के विशेष संयोग में मनाया जाएगा, जो अत्यंत शुभ माना गया है।ज्योतिषाचार्य पं. चंदन व्यास के अनुसार, त्रयोदशी तिथि शनिवार दोपहर 12 बजकर 20 मिनट के बाद प्रारंभ होगी। इस दिन पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र और ब्रह्म योग का मिलन इस पर्व को और अधिक मंगलमय बना देगा। पौराणिक मान्यता के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को समुद्र मंथन से भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए इस तिथि को धनतेरस या धनत्रयोदशी कहा जाता है। इस दिन भगवान धन्वंतरि, मां लक्ष्मी, भगवान कुबेर, यमराज और श्री गणेश की पूजा का विधान है।धनतेरस के दिन खरीदारी को शुभ माना गया है। ज्योतिषाचार्य व्यास का कहना है, इस दिन सोना-चांदी, बर्तन, वाहन, कुबेर यंत्र, गोमती चक्र और देवी-देवताओं की प्रतिमाएं खरीदना विशेष लाभकारी रहता है। इसके अलावा झाड़ू की खरीद भी शुभ मानी गई है, क्योंकि इसे दरिद्रता नाशक और लक्ष्मी आगमन का प्रतीक कहा गया है। विद्वानों का कहना है कि व्यक्ति को अपनी सामर्थ्य के अनुसार वस्तुएं खरीदनी चाहिए, ताकि लक्ष्मी कृपा स्थायी बनी रहे।इसके साथ ही आचार्य भरत दुबे का कहना है कि हिन्‍दू पंचांग के अनुसार इस वर्ष धनतेरस का पर्व शनि प्रदोष व्रत के संयोग में आ रहा है, जिससे इसका धार्मिक महत्त्व और बढ़ गया है। महाकालेश्वर मंदिर में शनिवार को विशेष पूजन-अभिषेक और रूद्र पाठ का आयोजन किया जाएगा। मंदिर के पुजारी दिलीप गुरु ने बताया कि प्रातः भगवान महाकाल का अभिषेक और पूजन किया जाएगा, अपराह्न चार बजे से गर्भगृह में रुद्र पाठ होगा और संध्याकाल में विशेष आरती के साथ नैवेद्य अर्पित किया जाएगा।धनतेरस के दिन पूजन का शुभ मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 38 मिनट से शाम 4 बजकर 21 मिनट तक, सायं 6 से 7 बजकर 31 मिनट तक और रात्रि 9 से 12 बजकर 10 मिनट तक रहेगा। रूप चतुर्दशी के दिन पितृ दीपदान सायं 6 से रात्रि 10 बजकर 30 मिनट तक किया जा सकेगा। दीपावली पर महालक्ष्मी पूजन के लिए तीन शुभ मुहूर्त बताए गए हैं-प्रातः 6 बजकर 30 मिनट से 8 बजे तक, अपराह्न 3 से सायं 6 बजे तक और रात्रि 10 बजकर 38 मिनट से 12 बजकर 12 मिनट तक।इसके साथ ही उनका कहना है कि स्थिर लग्न में लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व बताया गया है। इसके लिए स्थिर वृश्चिक लग्न प्रातः 8 बजकर 40 मिनट से 10 बजकर 45 मिनट तक, स्थिर कुम्भ लग्न दोपहर 2 बजकर 45 मिनट से सायं 4 बजकर 15 मिनट तक और स्थिर वृषभ लग्न सायं 7 बजकर 30 मिनट से रात्रि 9 बजकर 20 मिनट तक रहेगा।पितृ कार्य की अमावस्या 21 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इसके अगले दिन 22 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा और अन्नकूट उत्सव मनाया जाएगा। इस दिन पूजन का शुभ समय सायं 4 बजकर 30 मिनट से रात्रि 10 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। भाई दूज यानी यम द्वितीया पर्व 23 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन बहनों द्वारा भाइयों को तिलक करने का शुभ समय दोपहर 12 बजकर 10 मिनट से अपराह्न 3 बजे तक और सायं 4 बजकर 30 मिनट से रात्रि 9 बजे तक रहेगा।ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि इस बार का दीपोत्सव धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत शुभ रहेगा। पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र, ब्रह्म योग और शनि प्रदोष जैसे योग इस बार धनतेरस और दीपावली दोनों को विशेष बना रहे हैं। उज्जैन सहित पूरे प्रदेश में श्रद्धालु माता लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि और महाकालेश्वर का पूजन कर सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना करेंगे।

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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उमरिया । मध्य प्रदेश के उमरिया जिले के विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथी का परिवार बढ़ गया है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एक नया मेहमान आया है। गुरुवार देर रात 12 बजे मादा बांधवी हथिनी ने एक नर हाथी को जन्म दिया है। अब यहां हाथियों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है। खबर सुनते ही अधिकारी बठान हाथी कैंप की पहुंचे। डाॅक्टराें की टीम ने तत्काल पहुंच कर मां और बच्चे का स्वास्थ्य परिक्षण किया जिसमें दाेनाें स्वस्थ पाए गए।      क्षेत्र संचालक बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व डॉक्टर अनुपम सहाय ने बताया कि बांधवगढ़ में उस वक्त खुशी की लहर दौड़ गई जब ताला रेंज के बठान हाथी कैंप में विगत कई माह से रह रही बांधवी हथिनी ने एक नर हाथी बच्चे को जन्म दिया। बांधवी की उम्र लगभग 14 वर्ष की है तथा यह उसका पहला बच्चा है। जन्म के बाद हाथी मां और बच्चे का निरीक्षण रेंज अधिकारी ताला तथा वन्य प्राणी स्वास्थ्य अधिकारी के द्वारा किया गया। हाथी मां को पौष्टिक आहार दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अब बांधवगढ़ में 15 कैंप हाथी है तथा रेस्क्यू की गई हाथी बच्ची को मिला कर अभी इनकी संख्या 16 है जो अलग अलग जगह के कैंपों में निवास करते हैं तथा समय समय पर गस्ती तथा अन्य आवश्यक कार्य करते हैं। वहीं अगर देखा जाय तो बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक डॉक्टर अनुपम सहाय की मेहनत का नतीजा है। जब से डॉक्टर सहाय स्वयं फील्ड में भ्रमण कर रहे हैं तब से स्थितियों में काफ़ी सुधार परिलाक्षित हो रहा है, यदि ऐसे ही निगरानी रहेगी तो वह दिन दूर नहीं ज़ब बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व अपनी गिरती हुई साख को सहेजने में सफल होगा।           

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भोपाल। मध्य प्रदेश में अगले तीन दिन बारिश के आसार है। प्रदेश के दक्षिणी हिस्से में हल्की बूंदाबांदी की संभावना है। कुछ जगहों पर बादल छाए रह सकते हैं, लेकिन तेज बारिश की चेतावनी कहीं भी नहीं है। हालांकि चार दिन पहले ही मानसून ने पूरे प्रदेश से वापसी कर ली है, लेकिन इसके बावजूद कुछ जिलों में अभी भी बारिश का दौर जारी है।मौसम विभाग के मुताबिक, दक्षिण-पूर्वी अरब सागर और उससे लगे लक्षद्वीप क्षेत्र पर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बना हुआ है। 19 अक्टूबर तक कम दबाव के क्षेत्र में बदलने की संभावना है। वहीं हवाओं का रुख पूर्वी बना हुआ है। जिससे बादल छाए हुए हैं और कहीं-कहीं हल्की बूंदाबांदी भी हो रही है। मौसम विभाग ने अगले 3 दिन तक प्रदेश के दक्षिणी हिस्से में हल्की बूंदाबांदी होने का अनुमान जताया है। शुक्रवार और शनिवार (17-18 अक्टूबर) को इंदौर, उज्जैन, जबलपुर नर्मदापुरम, छिंदवाड़ा, खंडवा, झाबुआ, धार, आलीराजपुर, खरगोन, बड़वानी, बुरहानपुर, देवास, आगर मालवा, नीमच, देवास, शाजापुर, रतलाम, बैतूल, हरदा, कटनी, सिवनी, नरसिंहपुर, डिंडोरी, बालाघाट और मंडला में बारिश होने की संभावना है।इस बीच प्रदेश में ठंड ने भी दस्तक देने शुरू कर दी है। प्रदेश के 15 शहरों में न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच गया है। बुधवार-गुरुवार की दरमियानी रात खंडवा में सबसे कम 16 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। वहीं दिन का सबसे अधिक 34.2 डिग्री सेल्सियस तापमान खजुराहो में रिकॉर्ड किया गया। इस बार मध्य प्रदेश में मानसून जमकर बरसा है। कुल 3 महीने 28 दिन बारिश हुई और 10 साल में तीसरी बार सबसे ज्यादा पानी गिरा। वहीं, भोपाल, ग्वालियर समेत 30 जिले ऐसे रहे, जहां बहुत ज्यादा बारिश दर्ज की गई।इस मानसूनी सीजन में सबसे ज्यादा बारिश गुना जिले में है। जहां पूरे सीजन 65.7 इंच पानी गिर गया, जबकि श्योपुर में औसत के मुकाबले 216.3 प्रतिशत बारिश हुई। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि अच्छी बारिश होने से न सिर्फ पेयजल बल्कि सिंचाई के लिए भी भरपूर पानी है। भू-जल स्तर भी बढ़ा रहेगा। हालांकि, शाजापुर ऐसा जिला है, जहां सबसे कम 28.9 इंच यानि 81.1 प्रतिशत ही बारिश हुई है। इससे पहले मौसम विभाग ने पूरे मानसूनी सीजन में प्रदेश में 106 प्रतिशत बारिश होने का अनुमान जताया था, लेकिन 15 प्रतिशत पानी ज्यादा गिर गया।  

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धार । मध्य प्रदेश के धार जिले के गंधवानी से करीब 15 किलोमीटर दूर बिल्दा गांव में शुक्रवार को साप्ताहिक हाट बाजार के दौरान भीषण आग लग गई। आग पटाखा दुकानों से शुरू होकर तेजी से फैल गई और 20 से अधिक दुकानें इसकी चपेट में आ गईं। अचानक हुई घटना से पूरे बाजार में अफरातफरी मची हुई है। हादसे में तीन लोग घायल हो गए, जबकि करीब 50 लाख रुपए से अधिक का नुकसान बताया जा रहा है।   जानकारी अनुसार शुक्रवार काे बिल्दा गांव में सप्ताहिक बाजार लगा था। जिसकी वजह से बड़ी संख्या में लाेग दिवाली की खरीदारी करने पहुंचे हुए थे। इसी बीच अचानक एक पटाखा दुकान में आग लग गई। एक के बाद एक कई दुकानों को अपनी चपेट में ले लिया। लगभग 20 से अधिक दुकानें आग की चपेट में आ गई। घटना के बाद अफरातफरी का माहौल हाे गया। घटना की सूचना के बाद थाना प्रभारी और दमकल की टीम मौके पर पहुंची। मनावर के व्यापारी शब्बीर बोहरा ने बताया कि दोपहर में लगी आग शाम चार बजे तक जलती रही। इस दौरान एक बाइक भी आग की चपेट में आ गई।   प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, एक दुकान पर बच्चा पटाखे चेक कर रहा था। इसी दौरान पटाखे से निकली चिनगारी अन्य पटाखों पर जा गिरी और देखते ही देखते आग की लपटें तेज हो गईं। कुछ ही मिनटों में आग ने आसपास की कई दुकानों को अपनी चपेट में ले लिया। हालांकि स्थानीय लोगों और दमकल कर्मियों की तत्परता से कुछ ही देर में आग पर काबू पा लिया गया। हाट बाजार में भारी भीड़ और आसपास रिहायशी इलाका होने के कारण बड़ा हादसा टल गया। आग से पटाखा व्यापारियों के साथ-साथ अन्य दुकानदारों को भी भारी नुकसान हुआ है।

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । अरब सागर में सक्रिय चक्रवात ने मध्य प्रदेश के मौसम में बदलाव की दस्तक दे दी है। दक्षिण-पूर्वी अरब सागर और लक्षद्वीप क्षेत्र के ऊपर बने इस चक्रवाती तंत्र ने हवाओं का रुख बदल दिया है। हवाओं के साथ नमी आने से प्रदेश के कई इलाकों में बादल छा गए हैं, जिससे तापमान में हल्की बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। मौसम विभाग का कहना है कि आगामी दो से तीन दिनों तक आसमान में बादलों का डेरा रहेगा और कई जगह हल्की बूंदाबांदी के आसार बन रहे हैं। इस बार दीपोत्सव पर भी मौसम का यह बदला मिजाज लोगों को भिगो सकता है। मौसम विज्ञान केंद्र भोपाल के अनुसार, अरब सागर में बने चक्रवात के प्रभाव से हवाओं का रुख पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी दिशा की ओर हो गया है। इन हवाओं में नमी के कारण वातावरण में आर्द्रता बढ़ी है, जिससे कई शहरों में बादलों की परत दिखाई देने लगी है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर और नर्मदापुरम संभाग के जिलों में बादल छाए रहने और हल्की बारिश या बूंदाबांदी की संभावना जताई गई है।प्रदेश के 24 जिलों भोपाल, रायसेन, सीहोर, विदिशा, नर्मदापुरम, हरदा, बैतूल, इंदौर, धार, झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी, खरगोन, बुरहानपुर, खंडवा, जबलपुर, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, छिंदवाड़ा, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी और राजगढ़ में कहीं-कहीं फुहारें पड़ने की संभावना है। मौसम विभाग का अनुमान है कि यह स्थिति 19 अक्टूबर तक बनी रह सकती है, जब अरब सागर का चक्रवात कम दबाव के क्षेत्र में बदल जाएगा।उल्‍लेखनीय है कि वर्तमान में अरब सागर का यह चक्रवात हवा के ऊपरी हिस्से में सक्रिय है और धीरे-धीरे इसका असर मध्य भारत तक पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे हवाओं में नमी बढ़ेगी, वैसे-वैसे बादलों की घनत्वता भी बढ़ेगी। इससे रात के तापमान में गिरावट की संभावना नहीं है, जबकि दिन के तापमान में मामूली कमी आ सकती है। उधर, मंगलवार-बुधवार की दरम्यानी रात में खंडवा और नौगांव प्रदेश के सबसे ठंडे शहर रहे, जहाँ न्यूनतम तापमान 15.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। प्रदेश के 17 शहरों में रात का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया। दिन में सर्वाधिक तापमान 34.8 डिग्री सेल्सियस भी खंडवा में ही दर्ज हुआ। भोपाल में न्यूनतम तापमान 20.6 डिग्री, ग्वालियर में 18, इंदौर में 18.2, उज्जैन में 20 और जबलपुर में 20.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।वरिष्ठ मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान में पूर्वी हवाएं बह रही हैं और इनमें पर्याप्त नमी मौजूद है। इसी कारण मध्य प्रदेश में बादल छाए हुए हैं। यह स्थिति कम से कम अगले तीन दिनों तक बनी रह सकती है। इसके बाद यदि हल्की बारिश होती है तो दिन का तापमान तेजी से घट सकता है। इस बीच, भोपाल, इंदौर और सागर संभाग में रातें ठंडी होने लगी हैं। पारा 17 डिग्री सेल्सियस से नीचे जा चुका है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी से उत्तरी हवाएं सक्रिय हो गई हैं, जो मध्य प्रदेश में ठंडक ला रही हैं।मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश से मानसून आधिकारिक रूप से विदा हो चुका है। इस बार मानसून ने लगभग 3 महीने 28 दिन तक सक्रिय रहकर वर्षा दी। 16 जून को मानसून की शुरुआत हुई थी और 13 अक्टूबर को उसकी वापसी घोषित की गई। इसके बावजूद अरब सागर की मौजूदा गतिविधियों के चलते बारिश की संभावना बनी हुई है।विभाग ने आज यानी कि 16 से 18 अक्टूबर के बीच प्रदेश के दक्षिणी हिस्सों में गरज-चमक के साथ हल्की बारिश की चेतावनी जारी की है। अरब सागर के चक्रवात और हवाओं की दिशा के संयुक्त प्रभाव से नमी बनी हुई है। इस वजह से मौसम में हल्की ठंडक और फुहारों का दौर जारी रहेगा। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि यदि अगले दो दिनों में बादल सक्रिय रहे तो प्रदेश के कई हिस्सों में दीपोत्सव की रात भी हल्की फुहारों से भीग सकती है।

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ग्वालियर । दीपावली त्यौहार पर मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर के सभी प्रमुख बाजार सजधजकर तैयार हैं। रंगबिरंगी रोशनियों से नहाए बाजारों की रौनक देखते ही बन रही है। गुरुवार को भी सुबह से बाजार खुल गए हैं। जिलेवासी दीपावली के लिये जमकर खरीददारी कर रहे हैं। इससे व्यापारी भी खुश हैं। बाजारों में फुटपाथ पर बैठकर पवित्र दीपक एवं अन्य पूजन सामग्री बेचने वाले छोटे-छोटे व्यवसाइयों का भी कारोबार मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा के अनुरूप अच्छा चल रहा है। कलेक्टर रुचिका चौहान ने बुधवार की रात वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह के साथ महाराज बाड़ा पहुँचकर दीपावली को ध्यान में रखकर की गई तैयारियों का जायजा लिया। दरअसल, ग्वालियर में उच्च न्यायालय परिसर में डॉ. भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा को लेकर चल रहे विवाद के बाद कुछ संगठनों ने 15 अक्टूबर को बड़े आंदोलन की चेतावनी दी थी, लेकिन जिला प्रशासन की सख्ती के चलते आंदोलन नहीं हुआ। पूरा शहर पुलिस के पहरे में रहा। इस दौरान बाजार भी खुले और दिनभर शांति के माहौल में जनजीवन रोजमर्रा जैसा चलता रहा। इसी बीच रात में कलेक्टर-एसपी महाराज बाड़ा पहुंच गए। कलेक्टर रुचिका चौहान ने इस अवसर पर फुटपाथ पर दुकान लगाकर बैठे छोटे-छोटे व्यवसाइयों से चर्चा कर उनके व्यवसाय के बारे में जानकारी ली। साथ ही उन्होंने दीपावली के लिये इनसे छोटे-छोटे व बड़े-बड़े पवित्र दीपक भी खरीदे और महिला दुकानदार को यूपीआई से भुगतान किया। उन्होंने फुटपाथी दुकानों पर रखी पारंपरिक स्वदेशी पूजन सामग्री एवं सजावटी सामान की प्रशंसा की। कलेक्टर ने नगर निगम व संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि फुटपाथ पर दुकान लगाकर दीपावली के अवसर पर व्यवसाय कर रहे छोटे-छोटे दुकानदारों को कोई तकलीफ नहीं होना चाहिए। इन सबकी सुविधा को ध्यान में रखकर यातायात व्यवस्था को अंजाम दिलायें। व्यवस्था ऐसी हो, जिससे यातायात भी सुचारू बना रहे और छोटे-छोटे दुकानदारों का व्यवसाय भी ठीक से चलता रहे।  

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डिंडौरी । मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल जिले डिंडौरी में पानी की समस्या को लेकर जनपद करंजिया अंतर्गत ग्राम पंचायत धवाडोंगरी के ग्रामीणों ने गुरुवार की सुबह डिंडौरी से अमरकंटक मार्ग पर कनकधारा के पास चक्का जाम कर दिया। पिछले 9 महीने से नल जल योजना बंद है, जिससे ग्रामीण दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। सुबह करीब 9:30 बजे ग्रामीण महिलाएं और पुरुष बर्तन लेकर हाईवे पर बैठ गए, जिससे यातायात बाधित हो गया। सूचना मिलने पर पीएचई विभाग, पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। अधिकारियों के आश्वासन के बाद ग्रामीण माने और 10:30 बजे जाम खुल गया, जिससे आवागमन बहाल हो सका। प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने बताया कि धवा डोंगरी गांव के पोषक ग्राम कनक धारा में पिछले 9 महीने से नल जल योजना से पानी की सप्लाई नहीं हो पा रही है। ग्रामीणों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। ग्रामीण कुएं सहित अन्य स्रोतों के दूषित पानी का उपयोग करने मजबूर हैं। गांव में किए गए बोर भी फेल हो चुके हैं। इस संबंध में जिम्मेदारों को भी समस्या से अवगत कराया जा चुका है। उन्होंने कई बार ग्राम पंचायत को इस बारे में जानकारी दी, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। समस्या का समाधान न होने से आक्रोशित ग्रामीण गुरुवार की सुबह लगभग 9 बजे के आसपास सड़क में उतर आए और चक्का जाम कर दिया। जानकारी के मुताबिक एक घंटे बीतने के बाद भी अभी तक कोई जिम्मेदार मौके पर नहीं पहुंच सका है। हाइवे जाम होने से सड़क के दोनों ओर वाहनों के पहिए थम गए है। डिंडौरी से अमरकंटक मार्ग पर चक्का जाम की सूचना मिलने के बाद थाना प्रभारी गाड़ासरई, पीएचई विभाग के इंजीनियर अंशुल बिसेन, नायब तहसीलदार करंजिया शैलेश गौर राजस्व निरीक्षक, पटवारी सहित पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। इंजीनियर सहित अधिकारियों द्वारा ग्रामीणों को बंद पड़ी नल जल योजना को शुरू कराने का आश्वासन दिया गया। पीएचई इंजीनियर अंशुल बिसेन ने बताया कि सरपंच ईश्वर सिंह ने तीन दिन पहले जानकारी दी थी कि गांव में 70 से 80 नल कनेक्शन हैं। बोरिंग मशीन खराब होने के बाद उसे मरम्मत के लिए भेजा गया था। जब मशीन बनकर वापस आई और उसे बोर में डालने का प्रयास किया गया, तो पता चला कि कुछ असामाजिक तत्वों ने बोर में पत्थर डाल दिए हैं। इंजीनियर बिसेन के अनुसार, पत्थरों के कारण पाइप 20 फीट से नीचे नहीं जा पा रहा है। अब एक नई मशीन बुलाई गई है और नल जल के बंद पड़े बोर की साफ सफाई करने की पहल शुरू की गई। विभाग जल्द से जल्द पेयजल आपूर्ति शुरू करने का प्रयास कर रहा है। उसके बाद ग्रामीण माने और सुबह 9 बजे से लगा जाम 10:30 बजे के आसपास समाप्त हो हुआ। इसके बाद ही इस मार्ग पर आवागमन बहाल हो सका।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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ग्वालियर । मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में आज बुधवार को 12वी कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिये अवकाश रहेगा। कलेक्टर रुचिका चौहान के निर्देश पर जिला शिक्षा अधिकारी ने इस आशय का आदेश जारी किया है। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में उच्च न्यायालय परिसर में डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति लगाने का विवाद को लेकर कुछ संगठनों ने आज बुधवार को आंदोलन की चेतावनी दी है। इसके चलते कलेक्टर रुचिका चौहान ने किसी भी तरह के कार्यक्रम, आयोजन और भीड़ एकत्र करने पर रोक लगा रखी है। इस दौरान संभावित स्थानीय आयोजन एवं यातायात व्यवस्था बाधित होने की स्थिति निर्मित होने की संभावना बनने पर बच्चों को असुविधा न हो और उनके हित प्रभावित न हो, इस बात को ध्यान में रखकर यह छुट्टी घोषित की गई है। जिला शिक्षा अधिकारी हरिओम चतुर्वेदी ने बताया कि जिले में संचालित समस्त शासकीय, अशासकीय, अनुदान प्राप्त एवं सी.बी.एस.ई. व आई.सी.एस.ई. विद्यालयों में अध्ययनरत 12वी कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिये आज अवकाश घोषित किया गया है। सभी शिक्षक अपने स्कूल में उपस्थित होकर अन्य शासकीय कार्य सम्पादित करेंगे। यह आदेश तत्काल प्रभाव से प्रभावशील होगा।

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इंदौर । मध्य प्रदेश के इंदौर में दीपावली पर्व के अवसर पर कुम्हारों द्वारा पारंपरिक रूप से मिट्टी के दीये बनाकर बाजारों में विक्रय के लिए लाने की परंपरा को देखते हुए कलेक्टर शिवम वर्मा ने बड़ी पहल करते हुए मिट्टी के दियों की बिक्री को कर मुक्त कर दिया है। इस संबंध में जिला प्रशासन द्वारा महत्वपूर्ण आदेश जारी किया गया है। एडीएम रोशन राय ने बुधवार को बताया कि दीपावली पर्व को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण संरक्षण और परंपरागत व्यवसाय को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से मिट्टी के दीये के विक्रय में किसी प्रकार की बाधा न आए। ग्राम पंचायत एवं नगर पंचायत क्षेत्र में किसी भी तरह का कर वसूल नहीं किया जाये, इसके लिए प्रशासन द्वारा विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। जारी आदेश में संबंधित सभी विभागों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि ग्रामीणों व कुम्हारों को मिट्टी के दीये बाजारों में बेचने के लिए किसी भी प्रकार की रोक-टोक न हो। साथ ही पर्यावरणीय दृष्टिकोण से अनुकूल इन पारंपरिक दीयों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए आमजन को प्रेरित करने की बात भी कही गई है। अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी रोशन राय द्वारा हस्ताक्षरित इस आदेश की प्रतियां पुलिस अधीक्षक, जिला पंचायत, नगर निगम, उप पुलिस अधीक्षक, जनपद पंचायतों सहित सभी संबंधित विभागों को भेजी गई हैं ताकि निर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जा सके। प्रशासन ने अपील की है कि नागरिक अधिक से अधिक पारंपरिक गोबर एवं मिट्टी के दीयों का उपयोग करें, जिससे पर्यावरण संरक्षण के साथ स्थानीय कारीगरों को भी लाभ मिल सकें।  

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भोपाल  । मध्य प्रदेश से मानसून की विदाई हो गई है, लेकिन आने वाले एक सप्ताह तक दक्षिणी हिस्से में हल्की बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। तीन दिन तक गरज चमक के साथ बूंदाबांदी की संभावना है। इंदौर, नर्मदापुरम और जबलपुर संभाग के 10 जिलों में असर देखने को मिलेगा। वहीं, भोपाल, उज्जैन, ग्वालियर समेत बाकी के हिस्से में तेज धूप खिली रहेगी। मानसून की विदाई के साथ ही प्रदेश की रातें ठंड हो गई है। कई शहरों में रात का तापमान 20 से नीचे पहुंच गया है।मौसम विभाग के मुताबिक, दक्षिणी हिस्से के जिलों में हल्की बारिश का दौर बना रहेगा। आज बुधवार को बूंदाबांदी होने की संभावना है। 15, 16 और 17 अक्टूबर को गरज-चमक के साथ बारिश होने का अनुमान है। बीते मंगलवार को मौसम साफ रहा, लेकिन बुधवार को गरज-चमक और बूंदाबांदी हो सकती है। इस बीच प्रदेश में रातें ठंडी हो गई है। हवा का रुख बदलने से ऐसा हो रहा है। दरअसल, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के पहाड़ों में बर्फबारी हो रही है। इस वजह से उत्तरी हवा चल रही है और मध्यप्रदेश में ठंडक बढ़ा रही है।सोमवार-मंगलवार की रात प्रदेश के अधिकांश शहरों में न्यूनतम तापमान 20 डिग्री के नीचे आ गया। भोपाल में 16 डिग्री, इंदौर में 17.2 डिग्री, ग्वालियर में 18.2 डिग्री, उज्जैन में 18.8 डिग्री और जबलपुर में पारा 19.6 डिग्री सेल्सियस रहा। इसी तरह खंडवा में 15 डिग्री, राजगढ़ में 14.4 डिग्री, शिवपुरी में 16 डिग्री, नौगांव में 15.1 डिग्री, रीवा में 17.5 डिग्री, टीकमगढ़ में 17.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के शाहपुरा इलाके में मंगलवार दाेपहर काे एक खड़ी स्कॉर्पियो कार में अचानक आग लग गई। आग लगते ही वहां अफरा-तफरी मच गई। आसपास अन्य वाहन भी खड़े थे, जिससे आग के फैलने का खतरा बढ़ गया था। मौके पर मौजूद लोगों ने तत्काल सूझबूझ दि खाते हुए अन्य वाहनों को सुरक्षित दूरी पर हटाया और आग बुझाने का प्रयास शुरू कर दिया। समय रहते लाेगाें ने आग पर काबू पा लिया, जिसके फलस्वरूप कई अन्य वाहनों को आग की चपेट में आने से बचा लिया गया।जानकारी के अनुसार आग की घटना मनीषा मार्केट के पास बंसल हॉस्पिटल के ठीक सामने हुई। यहां एक स्कॉर्पियो कार सर्विस रोड पर खड़ी थी, जिसमें कोई भी व्यक्ति मौजूद नहीं था। अचानक कार के बोनट से धुआं निकलने लगा, और देखते ही देखते आग लग गई। आग की लपटें बढ़ने से पहले ही आसपास के लोग हरकत में आ गए। लोगों ने बिना समय गंवाए तुरंत आसपास खड़ी अन्य गाड़ियों को भी हटा दिया, जिससे किसी अन्य वाहन को नुकसान नहीं पहुंचा। आग पर काबू पाने के प्रयासों के दौरान, लोग एक-दूसरे को मदद करते हुए नजर आए, जिससे स्थिति को नियंत्रित करना संभव हुआ। दमकल विभाग के पहुंचने से पहले ही लाेगाें ने काफी हद तक आग पर काबू पा लिया था। आग से कार का अगला हिस्सा बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हाे गया है। आग लगने की घटना से हड़कंप की स्थिति बन गई, लेकिन स्थानीय लोगों की सक्रियता ने बड़ा हादसा टाल दिया। यदि समय पर कार्रवाई नहीं की जाती, तो स्थिति गंभीर हो सकती थी। स्थानीय निवासी इस घटना को लेकर चिंतित हैं और उन्होंने अधिकारियों से सुरक्षा उपायों में सुधार की मांग की है। हालांकि अभी तक आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है, माना जा रहा है कि यह संभवतः तकनीकी खराबी या इलेक्ट्रिकल शॉर्ट सर्किट के कारण हो सकता है। स्थानीय प्रशासन ने इस दिशा में जांच शुरू कर दी है। इसके साथ ही, लोगों को आग की घटनाओं से बचने के लिए जागरूक करने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।  

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राजगढ़ । अतिवृष्टि से बर्बाद हुई फसलों के मुआवजा की मांग को लेकर मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन के साथ किसानों ने एक अनोखा प्रदर्शन किया। किसान अपनी मांगों को लेकर घुटनों के बल कलेक्टर कार्यालय पहुंचे, जहां एसडीएम निधि भारद्वाज को एक ज्ञापन सौंपा। साथ ही चेतावनी देते हुए कहा कि 15 दिन में सर्वे और मुआवजा नही मिला तो कार्यालय परिसर में टेंट लगाकर सुंदरकांड पाठ के साथ धरना देंगे।     बर्बाद हुई फसलों के मुआवजा की मांग को लेकर मंगलवार काे किसान खिलचीपुर नाका राजगढ़ पर एकत्रित हुए, जहां से नारेबाजी करते हुए किसान कलेक्टर कार्यालय के गेट तक पहुंचे, इसके बाद किसानों ने घुटने के बल पर चलना शुरु किया और कार्यालय पहुंचे, जहां सर्वे और मुआवजा की मांग को लेकर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उल्लेखित है कि अतिवृष्टि के कारण उनकी फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है, जिससे नुकसान का उचित मुआवजा मिलना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता में मौजूद मंत्री, सांसद, विधायक उनके मुद्दों को लेकर गंभीर नही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अन्य जिलों में मुआवजा वितरण हो चुका है, लेकिन राजगढ़ के किसानों को इससे वंचित रखा गया है। एसडीएम ने किसानों को आश्वासन दिया कि एक सप्ताह के अंदर उनकी मांगों का समाधान हो जाएगा। वहीं किसानों ने चेतावनी देते हुए कहा कि 15 दिन में यदि सर्वे और मुआवजा नही मिला तो कलेक्टर कार्यालय परिसर में धरना प्रदर्शन किया जाएगा।      

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भोपाल । मध्य प्रदेश से मानसून की विदाई हो गई है। लेकिन बारिश का दौर जारी रहेगा। हालांकि आज कहीं भी बारिश का अलर्ट नहीं है। बुधवार और गुरुवार को प्रदेश के दक्षिणी हिस्से में गरज चमक के साथ पानी गिरने की संभावना है। मौसम विभाग का कहना है कि प्रदेश से मानसून की विदाई हो चुकी है, लेकिन प्रदेश के दक्षिणी हिस्से के जिलों में हल्की बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। आज मंगलवार को मौसम साफ रहेगा, लेकिन इसके बाद कई जिलों में बूंदाबांदी हो सकती है।मौसम विभाग के अनुसार, पूरे मध्य प्रदेश से मानसून की विदाई हो गई है। इस बार मानसून की तीन किश्तों में रवानगी हुई है। सबसे पहले 12 जिलों से मानसून लौटा। फिर करीब 35 जिलों से विदाई हुई। इसके बाद सोमवार को सिंगरौली, सीधी, शहडोल, उमरिया, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला, बालाघाट, जबलपुर, छिंदवाड़ा और पांढुर्णा से भी मानसून विदा हो गया। इस साल 3 महीने 28 दिन मानसून एक्टिव रहा। 16 जून को प्रदेश में मानसून की एंट्री हुई थी। हालांकि, भले ही मानसून लौट गया है, लेकिन बारिश का दौर जारी रहेगा। मौसम विभाग के अनुसार, मंगलवार को कहीं भी बारिश का अलर्ट नहीं है, लेकिन 15 और 16 अक्टूबर को प्रदेश के दक्षिणी हिस्से में गरज-चमक के साथ पानी गिर सकता है।इस बीच प्रदेश में रातें ठंडी हो गई है। हवा का रुख बदलने से ऐसा हो रहा है। दरअसल, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के पहाड़ों में बर्फबारी हो रही है। इस वजह से उत्तरी हवा चल रही है और मध्यप्रदेश में ठंडक बढ़ा रही है। रविवार-सोमवार की रात प्रदेश के अधिकांश शहरों में न्यूनतम तापमान 20 डिग्री के नीचे आ गया। इंदौर-राजगढ़ में 14.6 डिग्री, भोपाल में 15.8 डिग्री, उज्जैन में 17.3 डिग्री, ग्वालियर में 21.3 डिग्री और जबलपुर में पारा 18.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसी तरह बैतूल में 17.2 डिग्री, धार में 16.9 डिग्री, गुना में 18.6 डिग्री, नर्मदापुरम में 18.9 डिग्री, खंडवा में 16.4 डिग्री, खरगोन में 17 डिग्री, पचमढ़ी में 17.8 डिग्री, रतलाम में 17.2 डिग्री, शिवपुरी में 18 डिग्री, छिंदवाड़ा में 16.8 डिग्री, नौगांव में 15.3 डिग्री, टीकमगढ़, रीवा-सागर में 18 डिग्री रहा।

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भोपाल  । मध्य प्रदेश में अधिकांश जिलों से मानसून की वापसी हो चुकी है, लेकिन कुछ जिलों में अभी भी हल्की बारिश का दौर जारी है। आज सोमवार को पूर्वी हिस्से में बारिश होने की संभावना है। हालांकि कहीं भी तेज बारिश का सिस्टम नहीं है। वहीं, प्रदेश में ठंड का असर दिखने लगा है। ज्यादातर शहरों में रात के तापमान में गिरावट दर्ज की गई है।मौसम विभाग के अनुसार, मध्य प्रदेश के पूर्वी हिस्से के जिले मंडला, बालाघाट, अनूपपुर और डिंडौरी में सोमवार को हल्की बारिश हो सकती है। अगले 3 दिन तक यहां ऐसा ही मौसम बना रहेगा। वहीं, भोपाल, इंदौर और उज्जैन की रातें ठंडी रह सकती है। मौसम विभाग ने प्रदेश के बाकी हिस्से से 2 से 3 दिन में मानसून के पूरी तरह से लौटने का अनुमान जताया है। अभी तक 40 से अधिक जिलों से मानसून वापसी कर चुका है। इनमें भोपाल, इंदौर, उज्जैन, धार, बड़वानी, खरगोन, बुरहानपुर, खंडवा, हरदा, सीहोर, विदिशा, सागर, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल भी शामिल हैं। वहीं, प्रदेश के सिंगरौली, सीधी, शहडोल, उमरिया, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला, बालाघाट, जबलपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा आदि जिलों से मानसून अभी नहीं लौटा है। दो से तीन दिन में बाकी हिस्‍सों से मानसून के लौटने का अनुमान है।मौसम विभाग ने बताया कि जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के पहाड़ों में बर्फबारी की वजह से हवा का रुख बदला है। उत्तर से ठंडी हवा आने से मध्य प्रदेश में भी ठंडक बढ़ी है। शुक्रवार-शनिवार की रात प्रदेश के अधिकांश शहरों में रात का तापमान 20 डिग्री के नीचे आ गया। इंदौर में 14 डिग्री, भोपाल-उज्जैन में 17 डिग्री, ग्वालियर में 18.2 डिग्री और जबलपुर में डिग्री सेल्सियस रहा। इसी तरह बैतूल में 16.8 डिग्री, धार में 15.5 डिग्री, गुना में 17.6 डिग्री, खंडवा-शिवपुरी में 17 डिग्री, खरगोन में 17.6 डिग्री, राजगढ़ में 14.4 डिग्री, नौगांव में 15.3 डिग्री, उमरिया में 17.5 डिग्री रहा।

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भोपाल । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के बिलखिरिया इलाके में सोमवार दोपहर काे बड़ा हादसा टल गया। यहां रेलवे ट्रैक के ऊपर से जाने वाले ब्रिज का बड़ा हिस्सा धंस गया। 50 मीटर सड़क धंसने से 20 फीट गड्ढा हुआ है। गनीमत रही कि हादसे के वक्त कोई व्यक्ति और वाहन मौजूद नहीं था। हादसे के बाद प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। सड़क मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कार्पोरेशन (MPRDC) के अधिकार क्षेत्र में आती है, जिसे लेकर विभागीय जिम्मेदारी पर भी सवाल उठने लगे हैं।   घटना सोमवार दोपहर 12 से 1 बजे के बीच की है। मंडीदीप से ईंटखेड़ी की ओर जाने वाला ब्रिज के पास का हिस्सा करीब 100 मीटर धंस गया है। यह सड़क एमपीआरडीसी की है, जो इंदौर, होशंगाबाद, जबलपुर, जयपुर, मंडला, सागर को जोड़ती है। गनीमत रही की इस दौरान वहां से कोई नहीं गुजर रहा था। रिटेनिंग वॉल गिरने का वीडियो भी सामने आया है। सूचना मिलते ही मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम (MPRDC) के अधिकारी और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी तत्काल मौके पर पहुंच गए। सुरक्षा की दृष्टि से पूरे क्षतिग्रस्त क्षेत्र को बैरिकेड कर दिया गया है ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना न हो। फिलहाल, सड़क धंसने के कारणों की जांच के साथ ही मरम्मत शुरू कर दी गई है। सूखी सेवनिया थाना प्रभारी रामबाबू चौधरी ने बताया कि ब्रिज धंसने के बाद ट्रैफिक को डायवर्ट किया है। मौके पर पुलिस बल की भी तैनाती की है। स्थानीय लोगों ने बताया कि कुछ दिनों से सड़क पर दरारें दिखाई दे रही थीं, लेकिन मरम्मत का कोई इंतजाम नहीं किया गया। धंसाव इतना गहरा है कि वाहन चालकों को अब वैकल्पिक मार्ग से होकर गुजरना पड़ रहा है।   MPRDC ने दिए जांच के आदेशघटना की गंभीरता को देखते हुए MPRDC ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एक उच्चस्तरीय जांच समिति गठित की है। इस समिति की अध्यक्षता चीफ इंजीनियर बी.एस. मीणा, जनरल मैनेजर मनोज गुप्ता और जनरल मैनेजर आर.एस. चंदेल कर रहे हैं। यह समिति रिटेनिंग वॉल के धंसने के कारणों का पता लगाएगी और अपनी रिपोर्ट जल्द से जल्द शासन को सौंपेगी। MPRDC के एमडी ने स्पष्ट किया है कि यदि जांच में किसी भी प्रकार की लापरवाही या अनियमितता सामने आती है तो जिम्मेदार व्यक्तियों या संस्थाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।    

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ग्वालियर । मध्य प्रदेश के ग्वालियर स्थित शासकीय महिला पॉलीटेक्निक महाविद्यालय की ब्यूटी कल्चर एण्ड कॉस्मेटोलाजी ब्रांच की पूर्व छात्रा शिविका सिंह बैस ने अपने महाविद्यालय सहित अपने शहर, जिले व प्रदेश का नाम रोशन किया है। शिविका सिंह ने ओकाडा मनीला फिलिपिन्स में आयोजित हुई मिसेज यूनिवर्स प्रतियोगिता-2025 में 120 प्रतियोगियों से कड़ा मुकाबला करते हुए मिसेज यूनिवर्स ब्यूटी प्रिंसेस का खिताब जीता है।   महिला महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एए सिद्दीकी सोमवार को बताया कि मिसेज यूनिवर्स प्रतियोगिता का 48वां संस्करण फिलीपींस के मनीला स्थित भव्य ओकाडा में आयोजित हुआ, जिसमें महिला पॉलीटेक्निक महाविद्यालय की पूर्व छात्रा शिविका सिंह को मिसेज यूनिवर्स ब्यूटी प्रिंसेस के खिताब के अलावा एक सब टाइटल मिसेज पिलग्रिम्स ड्रीम्स यूनिवर्स 2025 से भी नवाजा गया। उनकी इस उपलब्धि पर तकनीकी शिक्षा विभाग में हर्ष व्याप्त है। तकनीकी शिक्षा आयुक्त अवधेश शर्मा एवं अन्य अधिकारियों ने शिविका की इस उपलब्धि पर उन्हें बधाई दी है।   डॉ. सिद्दीकी ने बताया कि शिविका सिंह ने महिला पॉलीटेक्निक महाविद्यालय से वर्ष 2018 में ब्यूटी कल्चर एण्ड कास्मेटोलाजी ब्रांच से डिप्लोमा उत्तीर्ण किया था। शिविका पिछले छह महीने से इस प्रतियोगिता की गहन तैयारी कर रहीं थीं। यह सब उपलब्धि दृढ संकल्प हार्ड वर्क एवं समर्पण का परिणाम है। शिविका इससे पहले भी रूबरू मिसेज इडिया 2021 एवं मिसेज नेशनल यूनिवर्स 2022 का खिताब जीत चुकी हैं।   प्रतियोगिता में आकर्षण का केन्द्र उनकी राष्ट्रीय पोशाक रही जो कि विश्व के सातवें अजूबे ताजमहल और भारत के राष्ट्रीय पक्षी मोर पर आधारित थी। इस प्रतियोगिता में केवल सुन्दरता ही नहीं बल्कि सामाजिक कार्य, व्यवहार एवं कम्युनिकेशल स्किल जैसे कई आयामों पर प्रतिभागियों का मूल्याकन किया जाता है। शिविका ने इस मंच के माध्यम से घरेलू हिंसा के मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय पर साझा किया जिसने उनके चयन में निर्णायक भूमिका निभाई।

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भोपाल । मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पर्यटन क्षेत्र को आगे बढ़ाया है। उनके नेतृत्व में मध्य प्रदेश कदम से कदम मिलाकर चल रहा है। मध्य प्रदेश में पर्यटन को बढ़ाने के लिए नीतियां निर्धारित की गई हैं। ट्रैवल मार्ट पर्यटन विकास में महत्वपूर्ण माध्यम बनेगा। इस तरह का ट्रैवल मार्ट प्रतिवर्ष आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ट्रैवल मार्ट में 3 हजार 665 करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले हैं, जो इस आयोजन के पहले ही दिन की सफलता का प्रमाण हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शनिवार की रात भोपाल में आयोजित तीन दिवसीय मध्य प्रदेश ट्रैवल मार्ट के शुभारंभ सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह ट्रैवल मार्ट मध्य प्रदेश के पर्यटन की विशेषताओं को विश्व के समक्ष प्रस्तुत करने का जीवंत प्रमाण हैं। ट्रैवल मार्ट में 27 देशों की भागीदारी इसे वैश्विक आयोजन का दर्जा दे रही है। पर्यटन के माध्यम से विकास का प्रकाश प्रदेश के हर कोने तक पहुंचेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव की अभिनव श्रृंखला प्रारंभ की गई जो उद्योग और रोजगार वर्ष में प्रत्येक संभाग के पश्चात सेक्टर वार आयोजन में परिवर्तित हुई। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एक वर्ष में डॉ. वाकणकर वन्य प्राणी अभ्यारण्य और माधव नेशनल पार्क प्रारंभ हुए हैं। माण्डव में रानी रूपमती और राजबहादुर के प्रेम के प्रतीक स्मारक हैं। उज्जैन में बाबा महाकाल के साथ अनेक देवी-देवताओं की जीवंत प्रतिमाएं हैं। प्रदेश में भीमबेटका, सांची और खजुराहो जैसी विश्व धरोहर हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मार्ट से युवाओं के सपनों को नई उड़ान मिलेगी। मध्य प्रदेश में प्लेन की तरह हेलीकॉप्टर सर्विस भी पर्यटन क्षेत्र में प्रारंभ होगी। नए अनुबंधों से पुरातत्व और पर्यटन विभाग मिलकर कार्य करेंगे। रायसेन के किले के भ्रमण के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का सहयोग लिया जाएगा, क्योंकि अनेक स्मारक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण भारत सरकार के अधीन हैं। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने प्रदेश की अनेक पर्यटन विशेषताएं बताई। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में वन्य जीवन, इतिहास पुरातत्व के साथ पर्यटन सुविधा बढ़ाई जा रही हैं। प्रदेश में सशक्त अधोसंरचना है। प्रदेश में आठ एयरपोर्ट हैं। इसके साथ ही 230 हेलीपैड भी हैं। कम समय में अधिक से अधिक स्थानों पर पहुंचा जा सकता है। विभिन्न धार्मिक पर्यटन के स्थानों में सुविधाएं बढ़ाई गई हैं। होटल व्यवसाय और रहवास व्यवस्थाओं को सशक्त बनाया जा रहा है। डेढ़ वर्ष में पर्यटन क्षेत्र में तेजी से कार्य हुआ है। हेल्थ टूरिज्म के बारे में भी मध्य प्रदेश सरकार गंभीर है। प्रदेश में 13 मेडिकल कॉलेज लोकार्पित हुए हैं। राज्य के नागरिकों के साथ अन्य स्थानों के लोग भी उपचार के लिए मध्य प्रदेश आया करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के गौरवशाली अतीत से भी सबको परिचित करवाने के लिए ट्रेवल मार्ट का आयोजन हर वर्ष होगा। इसका आयोजन प्रत्येक वर्ष 11 से 13 अक्टूबर को भोपाल में इसी स्थान पर किया जाएगा। यह आयोजन हमे और आपके हर बार मिलने का स्थल बनेगा। सरकार 30 प्रतिशत अनुदान उद्योगों को दे रही है। उन्होंने कहा कि देश में एकमात्र राज्य मध्य प्रदेश है जो आयुष्मान कार्ड के माध्यम से एयर एंबुलेंस की सुविधा दे रहा है। उन्होंने हेल्थ टूरिज्म के सेक्टर में निवेशको से आगे आने का आव्हान किया। केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी कार्यक्रम में उपस्थित थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव से ट्रैवल मार्ट के शुभारंभ के पूर्व पर्यटन और उद्योग जगत के प्रमुख लोगों ने भेंट की। मुख्य रूप से फिल्म और टीवी सीरियल प्रोड्यूसर एकता कपूर, आर्टिस्ट रघुवीर यादव गजराज राव आदि शामिल हैं। अनुबंध के अवसर पर मध्य प्रदेश के पर्यटन और संस्कृति मंत्री धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी, मुख्य सचिव अनुराग जैन एक्टर रघुवीर यादव, अपर मुख्य सचिव शिव शेखर शुक्ला, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के निदेशक चितरंजन त्रिपाठी भारत सरकार के संयुक्त सचिव गुरमीत चावला आदि उपस्थित थे। मध्यप्रदेश की पर्यटन नीति अन्य राज्यों से बेहतर केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि मध्य प्रदेश पर्यटन क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है, जिसका श्रेय मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को है। उन्होंने इस ट्रैवल मार्ट की पहल और देश-विदेश के इस क्षेत्र के विशेषज्ञों को आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश रचनात्मकता से ओत प्रोत एक पावर हाउस है। यह बहुत महत्वपूर्ण आयोजन है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत पर्यटन क्षेत्र में प्रगति कर रहा है। शेखावत ने पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के फलस्वरुप हुई आर्थिक प्रगति और विभिन्न सूचकांक में आए सकारात्मक परिवर्तन का विस्तार से उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि जन भागीदारी के साथ स्थानीय समुदाय का सहयोग लेते हुए और विरासत का संरक्षण करते हुए विकास के प्रयास किया जा रहे हैं। मध्य प्रदेश की पर्यटन नीति अनेक राज्यों से बेहतर है। केंद्र सरकार द्वारा किए गए जीएसटी रिफॉर्म्स के बाद मध्य प्रदेश की पर्यटन नीति अधिक सफल हो जाएगी। मध्य प्रदेश एक मॉडल बन चुका है जहां प्रकृति का वरदान भी है। फिल्म नीति के मामले में मध्य प्रदेश सबसे आगे है। यहां लगभग 300 फिल्मों और वेब सीरीज का निर्माण हुआ है। विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने में मध्य प्रदेश पर्यटन के माध्यम से भी विशेष सहयोग देगा। ट्रैवल मार्ट में हुआ अनुबंध मुख्यमंत्री डॉ. यादव और केंद्रीय मंत्री शेखावत की उपस्थिति में बालाजी टेली फिल्म की एकता कपूर और अपर मुख्य सचिव शिव शेखर शुक्ला के मध्य अनुबंध हुआ, जिसमें बालाजी टेली फिल्म आगामी 5 वर्ष में मध्य प्रदेश में 50 करोड रुपये की लागत से फिल्मों और वेब सीरीज का निर्माण किया जाएगा। टीवीसी "द सितारिस्ट" हुआ लॉन्च मुख्यमंत्री ने एमपी टूरिज्म के नए टीवीसी "द स्टारिस्ट" को लॉन्च किया। यह टीवीसी दर्शकों को प्रदेश की आत्मा को महसूस करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करती है। इस फिल्म में विश्वप्रसिद्ध सितार वादक और भारत रत्न पंडित रवि शंकर की सुपुत्री, अनुष्का शंकर, अपनी जड़ों से जुड़ते हुए मध्यप्रदेश को अपनी नज़रों से प्रस्तुत करती हैं। लेटर ऑफ अवार्ड मुख्यमंत्री डॉ यादव ने दो बड़ी परियोजनाओं के लिए इंदौर ट्रेजर टाउन प्रा.लि. को लेटर ऑफ अवार्ड प्रदान किया। इन परियोजनाओं के माध्यम से प्रदेश में लगभग 386 करोड़ रुपये का निवेश होगा। पहली परियोजना विश्व धरोहर स्थल साँची के निकट, रायसेन जिले के ग्राम नीनोद में स्थापित की जाएगी। यहाँ 70.707 हेक्टेयर भूमि पर पर्यटन संबंधी गतिविधियों के विकास के लिए 246 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। दूसरी परियोजना खंडवा जिले में स्थित इंदिरा सागर जलाशय के सुरम्य नजरपुरा आइलैंड पर 17.57 हेक्टेयर भूमि पर 140 करोड़ रुपये की लागत से एक अद्वितीय रिसॉर्ट विकसित किया जाएगा। महत्वपूर्ण एमओयू एमपी टूरिज्म बोर्ड ने Balaji Telefilms के साथ एक महत्वपूर्ण साझेदारी के तहत एमओयू पर हस्ताक्षर किए। समझौते के तहत कंपनी अगले पांच वर्षों में राज्य में वेब‑सीरीज, फिल्म, शॉर्ट‑फिल्म और डॉक्यूमेंट्री निर्माण के लिए कम से कम 50 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। प्रदेश में बर्ड टूरिज़्म को बढ़ावा देने के लिए बंगलौर की अतावी बर्ड फाउंडेशन के साथ समझौता ज्ञापन का आदान प्रदान किया गया। यह पहल राज्य में इको-टूरिज़्म और एडवेंचर टूरिज़्म को नई दिशा देगी। मुख्यमंत्री की उपस्थित में मध्यप्रदेश पर्यटन ने अपने डिजिटल प्रचार अभियान को गति देने के लिए देश के प्रतिष्ठित ट्रैवल, फूड और लाइफस्टाइल प्लेटफॉर्म 'कर्ली टेल्स' के साथ अनुबंध किया गया। इसके साथ ही हनुवंतिया, तामिया मांडू को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किए जाने हेतु टैट सिटी स्थापित किए जाने के लिए M/s Ease my Trip के साथ अनुबंधन किया गया। इसके अतिरिक्त ओरछा को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किए जाने हेतु टेंट सिटी स्थापित किए जाने हेतु Ms. Aagman India Travel का चयन किया गया है। मुख्यमंत्री की उपस्थिति में प्रदेश के प्रमुख पर्यटक स्थलों, धार्मिक स्थलो, राष्ट्रीय उ‌द्यानों के मध्य सुलभ हवाई सेवा प्रदान करने के लिए राज्य के भीतर तीन सेक्टरों में प्रादेशिक हेलीकॉप्टर सेवा प्रदाय करने की शुरुआत की गई।  

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भोपाल  । मध्य प्रदेश के पूर्वी हिस्सों में आगामी चार दिनों तक हल्की बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग ने सिवनी, मंडला, बालाघाट, अनूपपुर और डिंडौरी जैसे जिलों में बारिश की संभावना जताई है। वहीं दूसरी ओर, प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों भोपाल, इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम और ग्वालियर संभाग में न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है, जिससे रातें ठंडी होने लगी हैं।स्थानीय सिस्टम के कारण बारिश की संभावनामौसम विभाग ने जानकारी दी कि पूर्वी मध्य प्रदेश में लोकल वेदर सिस्टम सक्रिय है, जिसके कारण अगले चार दिन हल्की बारिश देखने को मिल सकती है। शनिवार को भी इन क्षेत्रों में बूंदाबांदी दर्ज की गई। प्रदेश के सिंगरौली, सीधी, शहडोल, उमरिया, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला, बालाघाट, जबलपुर, छिंदवाड़ा और पांढुर्णा जैसे जिलों से अभी तक मानसून ने पूरी तरह वापसी नहीं की है।प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों में ठंडी हवाओं का असरपश्चिमी हिस्सों में उत्तर भारत की ओर से आ रही ठंडी हवाओं ने तापमान में गिरावट ला दी है। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ऊपरी इलाकों में बर्फबारी के कारण उत्तर से आने वाली हवाओं ने प्रदेश में ठंडक बढ़ा दी है। शुक्रवार और शनिवार की रात प्रदेश के 25 से अधिक शहरों में न्यूनतम तापमान 20 डिग्री से नीचे दर्ज किया गया। सबसे कम तापमान राजगढ़ में 13.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। अन्य शहरों में धार में 15.6 डिग्री, इंदौर में 15 डिग्री, भोपाल में 17.8 डिग्री, ग्वालियर में 18.2 डिग्री और उज्जैन में 17.2 डिग्री तापमान रहा।प्रदेश के अधिकांश जिलों से मानसून लौटा अब तक प्रदेश के 40 से अधिक जिलों से मानसून वापसी कर चुका है। इनमें भोपाल, इंदौर, उज्जैन, धार, बड़वानी, खरगोन, बुरहानपुर, खंडवा, हरदा, सीहोर, विदिशा, सागर, रायसेन, नर्मदापुरम और बैतूल शामिल हैं। मौसम विभाग के अनुसार वर्तमान में प्रदेश में कोई मजबूत वर्षा प्रणाली सक्रिय नहीं है, जिससे संपूर्ण राज्य से मानसून के लौटने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हो रही हैं। संभावना है कि आने वाले एक-दो दिनों में शेष जिलों से भी मानसून पूरी तरह विदा ले लेगा।

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उमरिया । मध्य प्रदेश के उमरिया जिला स्थित बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में दो बाघ शावकों का रेस्क्यू किया गया। गश्ती दल की सूचना पर रेस्क्यू टीम ने उनकाे सुरक्षित तरीके से पकड़ कर फिलहाल बाड़े में रखा है। यह अभियान बीती शाम तक चला, जिसकी जानकारी आज  सुबह दी गई।बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में पनपथा रेंज अंतर्गत सलखनिया बीट में शुक्रवार को दोपहर एक बाघ शावक काे गश्ती दल ने देखा कि वह जंगल में एक गिरे हुए पेड़ की खोह में घुस रहा है। उन्होंने इसकी तत्काल सूचना उच्च अधिकारियों को दी जिस पर तुरंत संज्ञान लेते हुए क्षेत्र संचालक डॉक्टर अनुपम सहाय स्वयं मौके पर पहुंचे और उस स्थल का जायजा लिया। इसके बाद हाथियों पर सवार होकर आसपास के क्षेत्र में बाघ और बघिन की खोज करवायी, लेकिन वहां किसी के होने की आहट और उनके पग नहीं मिले। तब रेस्क्यू दल को बुलाकर बाघ शावक का रेस्क्यू करवाया गया तो वहां दो बाघ शावक मिले, जिसको ताला ले जाकर उनका स्वास्थ्य परीक्षण करवा कर उन्हें बाड़े में रखा गया। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक डॉक्टर अनुपम सहाय ने बताया कि शुक्रवार 10 अक्टूबर को दोपहर परिक्षेत्र पनपथा बफर की बीट सलखनिया के कक्ष क्र. पीएफ 610 में गश्ती दल को एक शावक बाघ गिरे हुए पेड़ की खोह में घुसता हुआ दिखाई दिया, जिसके उपरांत गश्ती दल एवं कैम्प हाथियों के द्वारा क्षेत्र की सघन सर्चिग की गई, लेकिन वहां पर बड़े नर अथवा मादा बाघ के कोई भी चिह्न नहीं मिले। तब पेड़ की खोह में रेस्क्यू  टीम ने शावकों काे खोजना शुरू किया तो वहां पर दो बाघ शावक मिले। इन दोनों बाघ शावकों की उम्र लगभग 4 माह है। दोनों को रेस्क्यू के उपरांत ताला ले जाया गया, जहां उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह अभियान शुक्रवार को शाम तक चला। यह अभियान एडी ताला, एसडीओ वन पनपथा, रेंजर खितौली, रेंजर पनपथा बफर, रेस्क्यू दल एवं अन्य स्टाफ ने किया। शावकों के बाबत वरिष्ठ अधिकारियों से प्राप्त निर्देशानुसार अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।क्षेत्र संचालक ने बताया कि बीती 03 अक्टूबर को जिस बाघ का सड़ा गला हुआ शव मिला था, शायद यह दोनों शावक उनके हो सकते हैं। लेकिन अभी यह कहना जल्दबाजी होगी क्योंकि अभी तक मृत मिले बाघ के शव के जेंडर का पता नहीं चल पाया है। अभी आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं कहा जा सकता है, लेकिन इस सम्भावना से इंकार भी नहीं किया जा सकता है।गौरतलब है कि पहली बार क्षेत्र संचालक के कर्मचारियों पर बरती गई सख़्ती और उनकी लापरवाही पर निलंबित करने का परिणाम यह रहा कि दो बाघ शावकों को गश्ती दल ने देखा और उनको प्रबंधन द्वारा सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मौसम का मिजाज बदल रहा है। मौसमी सिस्टम कमजोर पड़ने से बारिश का दौर जरूर थम गया है, लेकिन हवाओं की दिशा बदलने से दिन और रात के तापमान में गिरावट आयी है। प्रदेश में गुलाबी ठंड का असर शुरू हो गया है। राजधानी भोपाल सहित कई क्षेत्रों में तापमान में कमी देखी जा रही है। कई शहरों में पारा 20 डिग्री से नीचे है। मालवा-निमाड़ यानी, इंदौर-उज्जैन संभाग के शहर सबसे ठंडे हैं। भोपाल, ग्वालियर, चंबल और नर्मदापुरम संभाग में भी तापमान खासा लुढ़क गया है। मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में रातें और ठंडी होंगी, जिससे सर्दी का एहसास बढ़ेगा।मौसम विभाग के अनुसार, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के पहाड़ों में बर्फबारी की वजह से हवा का रुख बदला है। उत्तर से ठंडी हवा आने से मध्य प्रदेश में भी ठंडक बढ़ी है। गुरुवार-शुक्रवार की रात प्रदेश के 22 शहरों में न्यूनतम तापमान 20 डिग्री से नीचे दर्ज किया गया। राजगढ़ सबसे ठंडा रहा। यहां तापमान 14.6 डिग्री दर्ज किया गया। इंदौर में 15.5 डिग्री, भोपाल में 18 डिग्री, उज्जैन में 18.5 डिग्री, ग्वालियर में 18.9 डिग्री और जबलपुर में पारा 21 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, धार में 16.5 डिग्री, बैतूल में 17.2 डिग्री, गुना में 17.6 डिग्री, खंडवा-शिवपुरी में 17 डिग्री रहा। मौसम विभाग का अनुमान है कि 11 अक्टूबर को प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्के बादल छाए रह सकते हैं। 11 से 13 अक्टूबर तक शुष्क मौसम रहेगा, जबकि 14 अक्टूबर को कहीं-कहीं बारिश होने के आसार है।वहीं, मध्य प्रदेश से अभी मानसून पूरी तरह से विदा नहीं हुआ है, कहीं-कहीं हल्‍की बारिश का दौर भी चल रहा है। शुक्रवार को बालाघाट के मलाजखंड में करीब एक इंच बारिश हो गई। उमरिया, मंडला, सिवनी में भी मौसम बदला रहा। वहीं, भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन समेत कई जिलों में तेज धूप खिली रही। उधर, शुक्रवार को ही भोपाल, इंदौर समेत 35 से ज्यादा जिलों से मानसून विदा हो गया। सिंगरौली, सीधी, शहडोल, उमरिया, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला, बालाघाट, जबलपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा आदि जिलों से भी अगले एक-दो दिन में मानसून लौट जाएगा।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में शुक्रवार को करवा चौथ का पर्व पूरे श्रद्धा, उल्लास और पारंपरिक अंदाज़ में मनाया गया। महिलाओं ने पति की लंबी उम्र के लिए दिनभर व्रत रखा। इसके बाद शाम को चांद दिखने पर करवा चौथ पूजा की। पति के हाथों से पानी पीकर व्रत खोला। कई जगहों पर भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया, तो कहीं सामूहिक रूप से नाच गाकर सेलिब्रेट किया। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में पत्नी साधना सिंह को पानी पिलाकर व्रत तुड़वाया। शुक्रवार को करवा चौथ पर सुबह से ही सुहागिनों में उत्साह देखने को मिला। करवा चौथ पर महिलाओं ने सजधज कर पति की लंबी उम्र के लिए दिनभर व्रत रखा। इस खास मौके पर भोपाल के अरेरा कॉलोनी में मोना पंजाबी समाज की महिलाओं ने सामूहिक रूप से करवा चौथ की पूजा अर्चना की और अपने जीवनसाथी की लंबी उम्र के लिए व्रत रखा। खास बात यह रही कि कई महिलाओं ने इस वर्ष पहली बार व्रत रखा और इस पावन अवसर को खास बनाने के लिए सामूहिक आयोजन किया गया। सरगी से लेकर शाम की कहानियों और चांद की पूजा तक, हर रस्म को पारंपरिक रीति-रिवाज़ों के अनुसार निभाया गया। मप्र में सबसे पहले सिंगरौली में चांद दिखाई दिया। भोपाल, इंदौर और उज्जैन में भी धूमधाम से महिलाओं ने सुहाग की पूजा की। इस बार चंद्रमा न केवल अधिक चमकदार दिखा, बल्कि पृथ्वी के थोड़ा करीब भी है। इसलिए यह पहले से बड़ा और उजला दिखाई दे रहा है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल स्थित अपने निवास पर करवा चौथ पर्व को पूरे पारंपरिक विधि-विधान के साथ मनाया। केंद्रीय मंत्री ने पूजन-अर्चन कर करवा चौथ की कथा सुनाई और आरती की। करवा चौथ पर महिलाएं गणेश जी, चौथ माता और चंद्र देव की पूजा करती हैं। रात में चंद्रमा निकलने के बाद अर्घ्य दिया जाता है। चंद्र दर्शन और पूजा के बाद ही व्रत खोलकर खाना-पानी ग्रहण किया जाता है। इस व्रत में करवा चौथ माता की कथा सुनना या पढ़ना जरूरी होता है, बिना इसके व्रत पूरा नहीं माना जाता। करवा चौथ की यह पौराणिक कथा वेद शर्मा नामक एक ब्राह्मण और उनकी पुत्री वीरावती से जुड़ी है। वेद शर्मा इंद्रप्रस्थ नगर में रहते थे, उनकी पत्नी लीलावती थी और उनके सात पुत्र और एक पुत्री थी। पुत्री का नाम वीरावती था। वीरावती के बड़े होने पर भाइयों ने उसका विवाह कर दिया। शादी के बाद कार्तिक कृष्ण चतुर्थी को वह अपने माता-पिता के घर आई। उस दिन उसकी सभी भाभियां करवा चौथ का व्रत रख रही थीं, और वीरावती ने भी यह व्रत शुरू कर दिया। लेकिन भूख-प्यास सहन न कर पाने के कारण वीरावती चंद्र उदय से पहले ही बेहोश हो गई। उसे देखकर सभी भाई बहुत परेशान हुए। उन्होंने विचार कर मशाल जलाकर रोशनी दी और कहा कि चंद्र उदय हो गया है। वीरावती ने भाइयों की बात मानकर मशाल के उजाले को अर्घ्य दिया और फिर भोजन किया।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल भोपाल द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग तथा जनजातीय कार्य विभाग के अंतर्गत प्राथमिक शिक्षक के पदों के लिए आज (गुरुवार) से भर्ती परीक्षा 2025 का आयोजन किया जा रहा है। आगामी 13 अक्टूबर तक चलने वाली यह परीक्षा सभी जिला मुख्यालयों पर बनाए गए परीक्षा केन्द्रों पर दो पालियों में संपन्न होगी। मप्र कर्मचारी चयन मंडल द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, आनलाइन परीक्षा प्रथम पाली में प्रातः 10 बजे से प्रातः 12 बजे तक एवं द्वितीय पाली में दोपहर 2.30 बजे से सायं 4.30 बजे तक आयोजित की जाएगी। परीक्षार्थियों के लिए परीक्षा केन्द्रों पर रिपोर्टिंग का समय प्रथम पाली में प्रातः 8 बजे से 9.30 बजे और द्वितीय पाली में दोपहर 12.30 बजे से दोपहर 2 बजे तक नियत किया गया है। परीक्षाओं के सुचारू रूप से संचालन के लिए उडनदस्ता दल गठित किया है।

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में अब भारी बारिश का दौर खत्‍म हो गया है। हालांकि कुछ जिलों में अभी भी हल्‍की बूंदाबांदी हो रही है। लेकिन आने वाले दिनो में अब प्रदेश में दिन में तेज धूप खिलेगी और रात में गुलाबी ठंड का अहसास होने लगेगा। मौसम विभाग का अनुमान है कि 2 से 3 दिन में पूरे प्रदेश से मानसून की विदाई हो जायेगी। पूर्वी हिस्से में 3 दिन तक बूंदाबांदी के आसार जरूर है। बीते बुधवार को प्रदेश में कहीं भी बारिश नहीं हुई।मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश के 12 जिले ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, गुना, आगर-मालवा, नीमच, मंदसौर और रतलाम से मानसून पूरी तरह से विदा हो चुका है, जबकि राजगढ़ और अशोकनगर के कुछ हिस्से से लौटा है। अभी प्रदेश में बारिश होने का कोई सिस्टम एक्टिव नहीं है। इन वजहों से पूरे प्रदेश से मानसून के लौटने की परिस्थितियां अनुकूल हुई है। मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि अगले 3 दिन धूप-छाव और बूंदाबांदी वाला मौसम रहेगा। पूर्वी हिस्से के जिलों में कहीं-कहीं बूंदाबांदी हो सकती है। वहीं, भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर में दिन में तेज धूप खिली रहेगी।प्रदेश के तापमान की बात करें तो कई शहरों में रात का पारा 18 डिग्री तक पहुंच गया है। जबकि दिन का तापमान 24 डिग्री के आसपास है। राजधानी भोपाल में रात का तापमान 19.6 डिग्री, उज्जैन में 19 डिग्री, ग्वालियर में 22.1 डिग्री और जबलपुर में 21 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इस बार मानसूनी सीजन में गुना में सबसे ज्यादा पानी गिरा है। वहीं, शाजापुर, खरगोन, खंडवा, बड़वानी और धार सबसे कम बारिश दर्ज की गई।  

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जबलपुर । जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस प्रदीप मित्तल की डिवीजनल बेंच ने मप्र सरकार द्वारा भोपाल की यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री परिसर के पीथमपुर में जलाए गए जहरीले कचरे की राख को लेकर पेश रिपोर्ट पर हाईकोर्ट ने असंतोष जताते हुए उसे अमान्य कर दिया है। बेंच ने कहा कि राख को आबादी से महज 500 मीटर दूर दफनाने का प्रस्ताव है। सरकार खुद से सवाल करे कि भविष्य में कोई आपदा आती है तो उस राख से क्या दुष्परिणाम होंगे? हाईकोर्ट ने ये निर्देश 2004 में दायर जनहित याचिका पर दिए। इसमें फैक्ट्री परिसर में फैले जहरीले कचरे के विनष्टिकरण को लेकर सरकार को उचित निर्देश देने की प्रार्थना की गई थी।सुनवाई में सरकार की ओर से एक वीडियो के जरिए दिखाया गया कि राख को किस तरह दबाया जा रहा है। बेंच ने एनिमेटेड वीडियो देखकर उसे अमान्य कर दिया। बेंच ने कहा कि सरकार को देखना चाहिए कि जिस कंसल्टेंट पर भरोसा जताया जा रहा, उसके पिछले रिकॉर्ड कैसे हैं। उस कंसल्टेंट कंपनी ने केमिकल से संबंधित मामले पर पहले कभी काम किया भी है या नहीं। कोर्ट ने कहा- राख में पारे को मौजूदगी को अनदेखा न करें।बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा- देश में कई इंडस्ट्री में हादसे हो चुके हैं। उन सभी घटनाओं से सरकार को सबक लेना चाहिए। सरकार यह नहीं कह सकती कि सब ठीक है। गैत्र त्रासदी से पहले भी यूका फैक्ट्री परिसर में सब कुछ सही था। जिस जगह पर राख को दफनाने का प्रस्ताव है, उससे तो यही लग रहा कि सरकार एक और हादसे का इंतजार कर रही है। बेंच ने राख के मुद्दे पर वास्तविक और योग्य एक्सपर्ट्स की रिपोर्ट के साथ सरकार को जवाब पेश करने को कहा है। अगली सुनवाई 20 अक्टूबर को होगी।

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भोपाल। पुलिस मुख्यालय के अंतर्गत सूबेदार/उप निरीक्षक संवर्ग के 500 पदो की सीधी भरती के लिये चयन परीक्षा-2025 का विज्ञापन मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल द्वारा 7 अक्टूबर 2025 को प्रकाशित किया जाएगा। इस संबंध में सोमवार को नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। मंडल द्वारा नोटिफिकेशन में बताया गया है कि परीक्षा के ऑनलाईन आवेदन-पत्र भरने की तिथि 27 अक्टूबर से 10 नवंबर 2025 तक निर्धारित है। परीक्षा का आयोजन 9 जनवरी 2026 को होगा। परीक्षा केन्द्र प्रदेश के 12 शहरों भोपाल, इंदौर, जबलपुर, खंडवा, नीमच, रीवा, रतलाम, सागर, सतना, सीधी, उज्जैन एवं अनूपपुर में होंगे। परीक्षा की नियम पुस्तिका मंडल की वेबसाइट www.esb.mp.gov.in पर प्रदर्शित की गई है, जिसे डाउनलोड कर आवेदक नियम पुस्तिका में उल्लेखित प्रावधान अनुसार अपना आवेदन-पत्र कर सकते हैं।  

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भोपाल । मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में जहरीले कफ सिरप से मासूम बच्चों की मौत के बाद अब प्रशासन सख्त मोड में आ गया है। भोपाल के दवा बाजार में मंगलवार को एमपी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (औषधि प्रशासन) की टीम ने छापेमारी की है। सरकार ने जिन दो कफ सिरप रेस्पिफ्रेस डी और एएनएफ कफ सिरप पर प्रतिबंध लगाया है। ड्रग विभाग की टीम ने दवा दुकानों पर पहुंचकर इन कफ सिरप की बोतलें खोजकर जब्त कीं।     दरअसल छिंदवाड़ा में मासूम बच्चों की मौत के बाद मेडिकल स्टोर से लेकर जगह-जगह कोल्ड्रिफ सिरप और अमानक दवाइयों की जांच की जा रही है। इसी कड़ी में भोपाल के दवा बाजार में मंगलवार काे ड्रग्स (औषधि प्रशासन) का छापा मारकर रेस्पिफ्रेस डी और ए एनएफ कफ सिरप को जब्त किया। जानकारी के मुताबिक टीम ने सैंपल के लिए 10 बोतल को सील किया और बाकी 80 बोतल को भी जब्त कर लिया। कफ सिरप री लाइफ और रेस्पिफ्रेस टीआर में खतरनाक केमिक डायएथिलीन ग्लाइकॉल की अधिक मात्रा पाई मिली थी, जो बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है।     किडनी फेल, ब्रेन डैमेज होने का खतरामप्र फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ था। छिंदवाड़ा में लिए 19 दवाओं के नमूने की जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है। ये दोनों सिरप गुजरात में बनाए गए। यह वही केमिकल है,जो कोल्ड्रिफ कफ सिरप में मिले थे। दोनों सिरप पर तत्काल रोक लगाने की प्रक्रिया शुरू की गई। कफ सिरप में अधिकतम 0.1 प्रतिशत डायएथिलिन ग्लाइकॉल की मौजूदगी हो सकती है। इन सिरप से किडनी फेल, ब्रेन डैमेज होने का खतरा रहता है।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मानसून की विदाई से पहले झमाझम बारिश का दौर जारी है। प्रदेश में आने वाले दो दिनों तक पानी गिरने की संभावना है। प्रदेश के 26 जिलों में बारिश की चेतावनी है। मौसम विभाग का कहना है कि प्रदेश में 10 से 12 अक्टूबर के बीच मानसून पूरी तरह से लौट जाएगा। हालांकि, इससे पहले हल्की बारिश का दौर जारी रहेगा, लेकिन कहीं भी भारी बारिश का अलर्ट नहीं है। आज मंगलवार को उज्जैन, राजगढ़, सीहोर, देवास, शाजापुर, गुना, शिवपुरी में पानी गिरने की संभावना है। टीकमगढ़, निवाड़ी, मैहर, पांढुर्णा में तेज हवा के साथ बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है।मौसम विभाग के अनुसार, बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी के कारण मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है। प्रदेश के पूर्वी हिस्से के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन (चक्रवात) सक्रिय है। जिससे हल्की बारिश का दौर बना रह सकता है। दो दिन पानी गिरने की संभावना है। वहीं 9 अक्टूबर को कुछ ही जिलों में बूंदाबांदी या गरज-चमक और 10 अक्टूबर से मौसम साफ हो जाएगा। अब तक ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, गुना, आगर-मालवा, नीमच, मंदसौर और रतलाम से मानसून विदा हो चुका है। राजगढ़ और अशोकनगर के कुछ हिस्से से मानसून विदा हुआ है। मौसम विभाग की माने तो मानसून की विदाई के लिए अब परिस्थिति अनुकूल होने वाली है।बता दें कि पिछले 48 घंटे के दौरान प्रदेश के कई जिलों में मूसलाधार बारिश हुई थी। सोमवार को भी राजधानी भोपाल समेत श्योपुर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, टीकमगढ़, सागर, दमोह, कटनी, शहडोल, अनूपपुर, डिंडौरी, सिवनी, बालाघाट, मंडला, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, नरसिंहपुर, रतलाम, मंदसौर, धार, बड़वानी, इंदौर, देवास, शाजापुर, आगर, बैतूल, नर्मदापुरम, हरदा, सीहोर, रायसेन, राजगढ़ और विदिशा जिलों में आंधी के साथ बारिश हुई। इनमें से भोपाल, रायसेन, गुना और हरदा भारी बारिश दर्ज की गई।  

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भोपाल । मानसून की विदाई से पहले मध्य प्रदेश में झमाझम बारिश का दौर जारी है। बीते रविवार को राजधानी भोपाल समेत 20 से ज्यादा जिलों में बारिश हुई। भोपाल में ही ढाई इंच और बैतूल में 2 इंच से ज्यादा पानी गिर गया। मौसम विभाग ने आज सोमवार को प्रदेश के कई जिलों में हल्की बारिश होने का अनुमान जताया है।मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में मौसमी प्रणालियां एक्टिव होने से अगले 3 दिन हल्की बारिश का दौर रहेगा। वहीं, ग्वालियर-चंबल संभाग ड्राई रहेगा। फिलहाल कहीं भी भारी बारिश का अलर्ट नहीं है। रविवार को भोपाल, बैतूल समेत 20 से ज्यादा जिलों में बारिश हुई। भोपाल में शाम को तेज बारिश का दौर चला। भोपाल-इंदौर रोड पर इतनी तेज बारिश थी कि गाड़ियां रेंगती हुई चली। बारिश की वजह से भदभदा और कलियासोत डैम के एक-एक गेट रात में ही खोल दिए गए। गुना, नर्मदापुरम, पचमढ़ी, श्योपुर, शिवपुरी, शाजापुर, सीहोर, छिंदवाड़ा, दमोह, सतना, सिवनी, बालाघाट में भी बारिश हुई। श्योपुर और सिवनी में करीब डेढ़ इंच पानी गिरा। देर रात तक प्रदेश के कई जिलों में कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश हुई।बता दें कि प्रदेश के 12 जिलों से मानसून विदा हो चुका है। बाकी के जिलों से 10 अक्टूबर तक मानसून के लौटने की संभावना है। इससे पहले कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश का दौर बना रहेगा। मौसम विभाग के अनुसार, अब तक ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, गुना, आगर-मालवा, नीमच, मंदसौर और रतलाम से मानसून विदा हो चुका है। राजगढ़ और अशोकनगर के कुछ हिस्से से मानसून विदा हुआ है। बाकी जिलों में 10 अक्टूबर तक मानसून विदाई ले लेगा।  

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जबलपुर । मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल भेड़ाघाट की संगमरमरी वादी में आयोजित दो दिवसीय नर्मदा महोत्सव में आज दूसरे दिन सोमवार की रात शरद पूर्णिमा के अवसर पर सुर और ताल के साथ आध्यात्म, संस्कृति और प्रकृति का अनूठा संगम देखने को मिलेगा। इस प्रतिष्ठित मोहत्सव में आज प्रसिद्ध भजन गायिका मैथिली ठाकुर और लखबीर सिंह लख्खा भजनों की प्रस्तुतियां देंगे। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, नर्मदा महोत्सव में आज की सांस्कृतिक संध्या में शाम 7.30 बजे संस्कार भारती जबलपुर की ओर से कमलेश यादव एवं उनके समूह द्वारा वीरांगना रानी दुर्गावती पर केंद्रित नृत्य नाटिका प्रस्तुत की जाएगी। इसके बाद रात 7.45 बजे राजस्थान के जवाहर नाथ ग्रुप द्वारा चरी और घूमर नृत्य प्रस्तुत किये जायेंगे। रात 8.05 बजे से मधुबनी की मैथिली ठाकुर तथा रात 9 बजे से पंजाब के लखवीर सिंह लक्खा द्वारा भजनों का गायन होगा। जनसम्पर्क अधिकारी आनंद जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि इन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के मुख्य अतिथि प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह होंगे। प्रदेश के संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र सिंह लोधी की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में सांसद आशीष दुबे, विधायक नीरज सिंह एवं डॉ अभिलाष पांडे, जबलपुर के महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू एवं भेडाघाट नगर परिषद के अध्यक्ष चतुर सिंह विशिष्ट के रूप में मौजूद रहेंगे। मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड, जबलपुर पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति परिषद द्वारा जिला प्रशासन, जिला पंचायत, नगर निगम जबलपुर, नगर परिषद भेड़ाघाट एवं जबलपुर विकास प्राधिकरण के सहयोग से शरद पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित दो दिवसीय नर्मदा महोत्सव नर्मदा महोत्सव का यह लगातार 22वां वर्ष है। इसका रविवार देर शाम आगाज हो चुका है। पहले दिन की सांस्कृतिक संध्या का मुख्य आकर्षण पुरी की प्रसिद्ध भजन गायिका अभिलिप्सा पांडा के शिव भजन रहे। उन्होंने अपने भजनों की शुरुआत " तू क्या भोले को चढायेगा, भोला सबको देता है" से की। अभिलिप्सा का दूसरा भजन मॉ दुर्गा की उपासना में "तेरी जमीं तेरा सारा जहां है, तू जीवन में लाये उजाला" था। इसके बाद उन्होंने महादेव को समर्पित सबसे पसंदीदा भजन "हर हर शंभु ..." गाकर पूरे वातावरण को भक्तिमय कर दिया और श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके बाद अभिलिप्सा ने कई और भजन प्रस्तुत किये।  

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भोपाल/छिंदवाड़ा । मध्‍य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के खाद्य एवं औषधि प्रशासन कार्यालय द्वारा विभिन्न अनियमितताएं पाए जाने पर जिले के परासिया स्थित अपना मेडिकल स्टोर्स का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है। औषधि अनुज्ञापन प्राधिकारी शरद कुमार जैन ने सोमवार को बताया कि आदेश के पश्चात इस मेडिकल स्टोर्स द्वारा अब दवाओं का क्रय-विक्रय पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। उल्लंघन पर तीन से पांच वर्ष तक के कारावास का प्रावधान है।अनुज्ञापन अधिकारी जैन ने बताया कि विभिन्न बिंदुओं पर अपना मेडिकल स्टोर्स परासिया का निरीक्षण किया गया, जिसमें औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियमावली 1945 के तहत गंभीर अनियमितताएं पाई गईं। निरीक्षण के दौरान विक्रय रिकॉर्ड अपूर्ण पाए गए, पंजीकृत फार्मासिस्ट की अनुपस्थिति में दवाओं का विक्रय किया जा रहा था तथा विक्रय बिल प्रस्तुत नहीं किए गए।इन उल्लंघनों के संबंध में औषधि अनुज्ञापन प्राधिकारी द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, किन्तु नियत अवधि में संचालक द्वारा स्पष्टीकरण प्रस्तुत नहीं किया गया। उक्त के दृष्टिगत अपना मेडिकल स्टोर्स का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मानसून की विदाई से पहले बारिश का सिलसिला जारी है। आज रविवार को भी कई जिलों में पानी गिरने की संभावना है। प्रदेश में साइक्लोनिक सर्कुलेशन के सक्रिय होने से बारिश हो रही है। हालांकि प्रदेश के 12 जिलों से मानसून विदा हो चुका है। बाकी के जिलों से 10 अक्टूबर तक मानसून के लौटने की संभावना है। इससे पहले कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश का दौर बना रहेगा। अगले 3 दिन बूंदाबांदी होने का अनुमान है। एक सिस्टम स्ट्रॉन्ग रहा तो तेज बारिश के आसार भी हैं।मौसम विभाग के अनुसार, वर्तमान में प्रदेश के पूर्वी हिस्से में एक लो प्रेशर एरिया (निम्न दाब क्षेत्र) एक्टिव है। इस वजह से बारिश की गतिविधियां जारी है। शनिवार को भी प्रदेश के 15 से ज्यादा जिलों में बारिश का दौर रहा। भोपाल में तेज बारिश हुई। वहीं, इंदौर, बैतूल, दतिया, छतरपुर के खजुराहो, रीवा, सागर, सतना, सीधी, उमरिया, शाजापुर, सीहोर, राजगढ़, देवास, आगर-मालवा में भी हल्की बारिश हुई। रविवार को प्रदेश के कई जिलों में हल्की बारिश होने का अलर्ट है।मौसम विभाग के अनुसार, अब तक ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, गुना, आगर-मालवा, नीमच, मंदसौर और रतलाम से मानसून विदा हो चुका है। राजगढ़ और अशोकनगर के कुछ हिस्से से मानसून विदा हुआ है। मौसम विभाग की माने तो मानसून की वापसी के लिए अभी परिस्थिति अनुकूल नहीं है, लेकिन 10 अक्टूबर तक पूरे प्रदेश से मानसून विदाई ले लेगा। इस बार गुना में सबसे ज्यादा पानी गिरा है, यहां 65.6 इंच बारिश दर्ज हुई। जबकि शाजापुर, खरगोन, खंडवा, बड़वानी और धार सबसे कम बारिश वाले जिलों में शामिल हैं। शाजापुर में 28.9 इंच, खरगोन में 29.6 इंच, खंडवा में 32 इंच, बड़वानी में 33.5 इंच और धार में 33.6 इंच बारिश दर्ज की गई।

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उमरिया । मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व  के पनपथा बफर रेंज के सलखनिया बीट के कक्ष क्रमांक आर एफ 610 में शनिवार को एक बाघ का 5 से 6 दिन पुराना  शव मिला है।   पनपथा रेंज के एसडीओ भूरा गायकवाड़ ने बताया कि 5 से 6 दिन पुराना शव सलखनिया बीट के कक्ष क्रमांक आर एफ 610 में ग़श्ती दल को मिला है, जिसकी सूचना मिलते ही उच्च अधिकारियों को सूचना दी गई। शव का पोस्टमार्टम करवा कर उसका अंतिम संस्कार करवा दिया गया है। मृतं बाघ की उम्र लगभग 8 से 9 साल थ। बाघ की मौत का कारण  अभी अस्पष्ट है। एसडीओ का कहना है कि बिसरा एवं अन्य अवयव प्रिजर्व कर लैब को भेज दिए गए हैं, वहां से रिपोर्ट आने के बाद ही उसकी मौत का कारण एवं लिंग का पता चल सकेगा।  

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उज्जैन । मध्यप्रदेश के उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध श्रीमहाकालेश्वर मंदिर में शनिवार को शनि प्रदोष के अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना और रुद्राभिषेक का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पंडे-पुजारियों द्वारा भगवान महाकाल का प्रदोषकालीन एकादश-एकादशनी रुद्राभिषेक विधि-विधान से संपन्न कराया गया। मंदिर परिसर में दिनभर भक्तों की भीड़ रही, श्रद्धालुओं ने शनि प्रदोष पर महादेव के दर्शन कर विशेष पुण्य लाभ प्राप्त किया।मंदिर प्रशासन ने जानकारी दी है कि आगामी आठ अक्टूबर से महाकाल मंदिर की आरतियों के समय में परिवर्तन किया जा रहा है। शरद पूर्णिमा के अगले दिन से कार्तिक मास की प्रतिपदा आरंभ होती है और इसी दिन से आरती का यह नया क्रम लागू होगा। यह परिवर्तन हर वर्ष दो बार शीत ऋतु और ग्रीष्म ऋतु में किया जाता है, ताकि मौसम और सूर्योदय-सूर्यास्त के समय के अनुसार आरती का आयोजन सुव्यवस्थित रूप से किया जा सके।महाकाल मंदिर के पुजारी दिलीप पुजारी का इस संबंध में कहना है कि पांच प्रमुख आरतियों में से तीन आरतियों के समय में बदलाव होगा। अन्य दो आरतियों का समय यथावत रहेगा। उन्होंने बताया कि हर वर्ष मौसम के अनुसार आरतियों के समय में यह अदला-बदली परंपरागत रूप से होती आई है।नया आरती क्रम (8 अक्टूबर से लागू):भस्मारती: प्रातः 4:00 बजे सेबाल भोग आरती: प्रातः 7:30 बजे सेभोग आरती: प्रातः 10:30 बजे सेसंध्या पूजन: सायं 5:00 बजे सेसंध्या आरती: सायं 6:30 बजे सेशयन आरती: रात्रि 10:30 बजे सेमंदिर समिति के अनुसार, शीत ऋतु में भोर देर से और रात जल्दी होने के कारण आरतियों का समय आगे-पीछे किया जाता है। इसी तरह ग्रीष्म ऋतु में सूर्योदय जल्दी और सूर्यास्त देर से होता है, जिससे आरतियों का समय फिर से समायोजित किया जाता है।उल्‍लेखनीय है कि शनिवार को हुए शनि प्रदोष पर्व पर मंदिर में दिनभर विशेष धार्मिक माहौल रहा। भक्तों ने रुद्राभिषेक और पूजन में भाग लेकर भगवान महाकाल से परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। इस अवसर पर मंदिर परिसर में भस्मारती के दर्शन हेतु बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे आठ अक्टूबर से लागू होने वाले नए आरती समय का पालन करें और समय से पहले मंदिर पहुंचकर आरती दर्शन का लाभ उठाएं।  

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आगर मालवा । मध्य प्रदेश के आगर मालवा जिले में सोयाबीन की फसल का सही दाम नहीं मिलने से नाराज किसानों ने शनिवार को नेशनल हाईवे पर चक्काजाम कर दिया। जिला मुख्यालय के छावनी चौराहे पर किसानों ने सड़क पर बैठकर प्रदर्शन किया, जिससे करीब एक घंटे तक यातायात प्रभावित रहा।   आगरमालवा कृषि उपज मंडी में किसानों को सोयाबीन का दाम मात्र 2700 से 3000 रुपए प्रति क्विंटल तक मिल रहा था। कम दाम से नाराज किसानों ने पहले मंडी में प्रदर्शन किया और मंडी गेट पर ताला जड़ दिया। बाद में नारेबाजी करते हुए किसान छावनी नाका चौराहे पहुंचे और अपने ट्रैक्टर-ट्रॉली खड़े कर उज्जैन-झालावाड़ राष्ट्रीय राजमार्ग-552जी पर चक्काजाम कर दिया।   किसानों का कहना है कि अतिवृष्टि और पीला मोज़ेक वायरस से फसल पहले ही खराब हो चुकी है, ऊपर से मंडी में कम भाव मिलने से अब उनकी लागत भी नहीं निकल पा रही। किसानों ने सवाल उठाया कि जब भावांतर योजना में सरकार भाव का अंतर देती है, तो वह राशि मंडी में ही क्यों न दे दी जाए-ताकि उन्हें तुरंत राहत मिल सके।   मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। एडिशनल एसपी, एसडीएम, तहसीलदार और थाना प्रभारी ने किसानों से चर्चा की। समझाइश के बाद किसानों ने जाम खत्म किया। इस दौरान हाईवे पर दोनो और वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। फिलहाल स्थिति सामान्य हो गई है, लेकिन किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर फसलों का उचित मूल्य नहीं मिला तो वे आने वाले दिनों में बड़ा आंदोलन करेंगे।   

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सिंगरौली । मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले के आसपास शनिवार दोपहर भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र जमीन से लगभग 10 किलोमीटर की गहराई पर था। इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.1 मापी गई है। यह जानकारी राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से दी है।   राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने सोशल मीडिया एक्स पर बताया कि भूकंप दोपहर 1 बजकर 33 मिनट पर आया। इसकी तीव्रता 3.1 और इसका केन्द्र जमीन से 10 किलोमीटर नीचे थे। वहीं मौसम विज्ञान केन्द्र भोपाल के विशेषज्ञ वीएस यादव ने बताया कि भूकंप का केंद्र सिंगरौली क्षेत्र में दर्ज हुआ है। हालांकि, झटके से किसी तरह की क्षति या जनहानि की सूचना अब तक नहीं मिली है। जैसे ही लोगों झटके महसूस किए, हड़कंप की स्थिति बन गई। लोग सर्तकता बरते हुए घरों बाहर आ गए। झटकों से लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है।

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भोपाल । मध्य प्रदेश के पूर्वी हिस्से में मानसून ने आखिरी विदाई का तोहफा दिया है। मौसम विभाग ने शनिवार के लिए रीवा, मऊगंज, सीधी और सिंगरौली में अगले 24 घंटों में साढ़े 4 इंच तक पानी गिरने का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। अन्य जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना है, जबकि रविवार से बूंदाबांदी का सिलसिला शुरू हो सकता है। साथ ही इसी सप्ताह से कई जिलों से मानसून की विदाई हो सकती है।मौसम विभाग के अनुसार, डिप्रेशन, डीप डिप्रेशन और साइक्लोनिक सर्कुलेशन (चक्रवात) के सक्रिय होने की वजह से पिछले 2 दिन से कई जिलों में तेज बारिश हुई। दशहरे के दिन भोपाल, बैतूल, दतिया, ग्वालियर, नर्मदापुरम, उज्जैन, दमोह, जबलपुर, नरसिंहपुर, छतरपुर, सागर, टीकमगढ़, बालाघाट में बारिश हुई। वहीं, शुक्रवार को जबलपुर, रीवा, शहडोल और सागर संभाग के जिलों में पानी गिरा। यह सिस्टम शनिवार को भी सक्रिय रह सकता है। इस वजह से मौसम विभाग ने चार जिलों में भारी बारिश होने की चेतावनी जारी की है। प्रदेश के 12 जिलों से मानसून विदा हो चुका है।इस बार गुना में सबसे ज्यादा बारिश हुई है। यहां 65.6 इंच बारिश दर्ज की गई। मंडला-रायसेन में 62 इंच से अधिक और श्योपुर-अशोकनगर में 56 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है। वहीं, शाजापुर, खरगोन, खंडवा, बड़वानी और धार सबसे कम बारिश वाले टॉप-5 जिलों में शामिल हैं। शाजापुर में 28.9 इंच, खरगोन में 29.6 इंच, खंडवा में 32 इंच, बड़वानी में 33.5 इंच और धार में 33.6 इंच पानी गिरा है।  

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भोपाल । देश के साथ पूरे मध्य प्रदेश में भी गुरुवार को विजयादशमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। सुबह से दिनभर जहां शस्त्र पूजन चलता रहा, तो वहीं शाम को रावण दहन का सिलसिला शुरू हुआ, जो देर तक जारी रहा। राजधानी भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और उज्जैन समेत पूरे प्रदेश में गांव-गांव, शहर-शहर रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतलों का दहन किया गया। भोपाल के कोलार में प्रदेश का सबसे ऊंचा 105 ऊंचा रावण का पुतला बनाया गया। खरगोन, खंडवा और नर्मदापुरम समेत कई शहरों में जमकर आतिशबाजी की गई। वहीं भगवान श्रीराम की शोभायात्रा भी निकाली गई। राजधानी भोपाल में विजयादशमी पर्व अलग-अलग हिस्सों में रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के विशाल पुतलों का दहन किया गया। इस वर्ष भोपाल के कोलार स्थित दशहरा मैदान पर प्रदेश का सबसे ऊंचा 105 फीट का रावण का पुतला बनाया गया, जिसे देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ी। हिंदू उत्सव समिति द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में भगवान श्रीराम की भव्य शोभायात्रा भी आयोजन स्थल तक पहुंची। रावण के साथ मेघनाद और कुंभकर्ण के भी पुतले बनाए गए थे। भोपाल के लगभग हर बड़े क्षेत्र जैसे शाहजहांनाबाद, नेहरू नगर, करोंद, अवधपुरी, भेल, जहांगीराबाद, कलियासोत और एमपी नगर में अलग-अलग समितियों द्वारा दशहरा महोत्सव आयोजित किए गए, जहां हजारों लोग रावण दहन के साक्षी बने। विट्ठल मार्केट दशहरा मैदान में 54 फीट के रावण के पुतले का दहन किया गया। आयोजन में मंत्री विश्वास सारंग भी उपस्थित रहे। इधर, टीटी नगर दशहरा मैदान पर भी बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए। यहां रावण दहन से पहले भोपाल पुलिस बैंड ने सांस्कृतिक प्रस्तुति दी और फिर आतिशबाजी के साथ पुतलों को अग्नि के हवाले किया गया। आयोजन स्थल "बिट्टन मार्केट मैदान" पर जैसे ही रावण का पुतला जला, जय श्रीराम के जयकारों से पूरा वातावरण गूंज उठा। इंदौर में भी दशहरे पर करीब एक हजार से ज्यादा स्थानों पर बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक स्वरूप रावण के पुतलों का दहन किया गया। रावण के पुतलों के साथ मेघनाथ, कुंभकर्ण व लंका का भी दहन हुआ। दशहरा मैदान पर शहर का सबसे ऊंचा रावण का पुतला दहन किया गया। यहां 111 फीट ऊंचे रावण के साथ ही 250 फीट की लंका भी जलाई गई। अधिकांश जगह शाम 7 बजे के बाद रावण दहन हुआ। इसके अलावा शहर के चिमन बाग मैदान पर 111 फीट के रावण के पुतले का दहन हुआ। उषा गंज छावनी में 51 फीट के रावण के पुतले का दहन किया गया। इसी तरह छावनी दो नंबर स्कूल में 100 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन किया गया, जिसने आंख से अंगारे निकाले। सभी स्थानों पर आकर्षक आतिशबाजी की गई। दशहरा महोत्सव समिति के संयोजक सत्यनारायण सलवाडिया व समिति के अध्यक्ष पिंटू जोशी ने बताया कि दशहरा मैदान पर 7.30 बजे 111 फीट ऊंचा रावण दहन किया गया। इसे लोहे के एंगल की मदद से खड़ा किया गया था। यहां 250 फीट की लंका भी तैयार की गई। रावण दहन के पहले प्रताप चौराहा से दशहरा मैदान तक भव्य शोभायात्रा निकली, जिसमें रामजी और हनुमानजी के वेश में युवा शामिल हुए। रावण दहन से पहले राम-रावण युद्ध हुआ और उसके बाद आतिशबाजी की गई। इंदौर जिले में दशहरे के दूसरे दिन 3 अक्टूबर को स्थानीय अवकाश घोषित किया गया है। यह अवकाश बैंक और कोषालय में लागू नहीं होगा। उज्जैन में रावण का पुतला दहन के पहले ही तेज आंधी से नीचे गिर गया। इसमें एक कर्मचारी घायल हो गया। यहां गिरे हुए पुतले का ही दहन किया गया। वहीं रतलाम में रावण का पुतला अधूरा जला। नीचे-नीचे का हिस्सा तो जल गया। धड़ खड़ा रह गया। जिसके बाद क्रेन की मदद से पुतले के ऊपर पेट्रोल डाला गया। इसके बाद भी रावण का सिर्फ चेहरा ही जला। अभी भी रावण का पुतला अधूरा जला रह गया है। ग्वालियर के डबरा में तय समय से पहले ही रावण का पुतला जल गया। आतिशबाजी से निकली चिंगारी से रावण के पुतले में आग लग गई। देर रात अधिकांश शहरों और कस्बों में रावण दहन का सिलसिला जारी रहा।    

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मानसून की विदाई से पहले जमकर पानी गिरेगा। प्रदेश में अगले 48 घंटे के लिए भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। जबलपुर समेत प्रदेश के कुल 17 जिलों में आज शुक्रवार को भारी या अति भारी बारिश का अलर्ट है। मौसम विभाग ने 4 जिले रीवा, मऊगंज, सीधी और सिंगरौली में अगले 24 घंटे के दौरान 8 इंच तक बारिश होने का अनुमान जताया है। स्ट्रॉन्ग सिस्टम की एक्टिविटी 4 अक्टूबर को भी बनी रहेगी।मौसम विभाग के अनुसार, देश के पूर्वी और पश्चिमी हिस्से में डिप्रेशन और डीप डिप्रेशन एक्टिव है। वहीं, दो साइक्लोनिक सकुर्लेशन (चक्रवात) एक्टिव है। इनमें से एक साइक्लोनिक सकुर्लेशन सिस्टम प्रदेश के पूर्वी हिस्से के ऊपर एक्टिव है। जिसका असर शुक्रवार से देखने को मिलेगा। अगले 48 घंटे तक भारी बारिश का अलर्ट है। मौसम विभाग ने रीवा, मऊगंज, सीधी और सिंगरौली में अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। वहीं, जबलपुर, सतना, पन्ना, मैहर, दमोह, कटनी, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला, नरसिंहपुर और छिंदवाड़ा में भारी बारिश का यलो अलर्ट है। रविवार से सिस्टम कमजोर होगा। हालांकि, कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है।इससे पहले प्रदेश में दशहरे के दिन भी बारिश का दौर जारी रहा। नर्मदापुरम में आधा इंच से ज्यादा पानी गिर गया। वहीं, दतिया-नरसिंहपुर में आधा इंच बारिश हुई। भोपाल, इंदौर, छतरपुर के नौगांव, सागर, टीकमगढ़ में भी बूंदाबांदी हुई। वहीं, प्रदेश के 12 जिलों से मानसून विदा हो चुका है। इस बार गुना में सबसे ज्यादा पानी गिरा है। 65.6 इंच बारिश दर्ज हुई। मंडला-रायसेन में 62 इंच से अधिक और श्योपुर-अशोकनगर में 56 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है। वहीं, शाजापुर, खरगोन, खंडवा, बड़वानी और धार सबसे कम बारिश वाले टॉप-5 जिलों में शामिल हैं। शाजापुर में 28.9 इंच, खरगोन में 29.6 इंच, खंडवा में 32 इंच, बड़वानी में 33.5 इंच और धार में 33.6 इंच पानी गिरा है।  

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शहडोल । मध्य प्रदेश में दुर्गा विसर्जन के दौरान लगातार हादसों की खबरें आ रही हैं। अब ताजा मामला शहडोल जिले से सामने आया है। यहां 30 लोगों से भरा पिकअप वाहन अचानक पलट गया। जिससे 8 लोग घायल हो गए, वहीं 1 किशोर की पिकअप वाहन के नीचे दबने से मौत हाे गई।   जानकारी के अनुसार घटना धनपुरी थाना क्षेत्र के मुड़कटिया नाला के पास शुक्रवार सुबह करीब 5 बजे हुई। पिकअप में 20 से अधिक लोग सवार थे और यह सिंहपुर के बोडरी गांव से अमरकंटक दुर्गा प्रतिमा विसर्जन करने जा रहे थे। इस दाैरान सुबह तकरीबन पांच बजे धनपुरी थाना क्षेत्र में वाहन अनियंत्रित हो गया और पलट गया। इस हादसे में वाहन के नीचे दबने से किशोर मुकेश कोल (16) नाम के युवक की मौके पर ही मौत हो गई, वहीं पांच से अधिक लोग मामूली रूप से घायल हुए हैं। वाहन के बेकाबू होकर पलटने के बाद उसमें सवार लोगों ने स्वयं ही पलटे हुए पिकअप को सीधा करने का प्रयास किया ताकि दबे हुए किशोर को निकाला जा सके। हालांकि, जब तक मुकेश को बाहर निकाला गया, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। घटना की सूचना मिलने पर धनपुरी पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने घायलों को तत्काल उपचार के लिए धनपुरी अस्पताल पहुंचाया। धनपुरी थाना प्रभारी खेम सिंह पेंदरो ने बताया कि दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान पिकअप वाहन पलटने से एक किशोर की मौत हुई है।बता दें कि इससे पहले गुरुवार शाम को भी शहडाेल जिले के गोहपारू थाना क्षेत्र में भी दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान एक हादसा हुआ था। नदी में अचानक आई बाढ़ के कारण प्रतिमा विसर्जन कर रहे दो लोग तेज बहाव में बह गए थे। उनकी तलाश के लिए शुक्रवार सुबह से एसडीआरएफ और पुलिस द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। लापता लोगों का अभी कोई पता नहीं चल सका है।      

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अनूपपुर । मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिला चिकित्सालय में विशेषज्ञ चिकित्सक तथा अन्य चिकित्साकों की कमी से यहां आने वाले मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिला चिकित्सालय होने के कारण जिले के प्राथमिक तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से मरीजों यहां रैफर किया जाता है। विशेषज्ञों के न होने से मरीजों को यहां से फिर शहडोल मेडिकल कॉलेज रैफर कर दिया जाता है। ऐसे में कई बार गंभीर मरीजों की रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं। हाल ही में चिकित्सालय के नए भवन का निर्माण कार्य किया गया है लेकिन इलाज के लिए जरूरी चिकित्सकों की पदस्थापना अब तक नहीं हो पाई है। जिला चिकित्सालय की ओपीडी लगभग 3000 मरीजों की है। साथ ही 1200 के लगभग आईपीडी में मरीज भर्ती होते हैं। चिकित्सालय अनूपपुर में विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ ही सहयोगी स्टाफ की भी कमी है। वर्तमान में यहां नर्सिंग अधीक्षक, नर्सिंग ब्रदर, प्रशासकीय अधिकारी तथा सहायक प्रबंधक का पद रिक्त पड़ा हुआ है। नहीं पहुंचते हैं चिकित्सक, होती है परेशानीचिकित्सकों की कमी के कारण एक ही चिकित्सक को कई कार्य सौंपे जा रहे हैं, ऐसे में चिकित्सक भी परेशान हो रहे हैं। साथ ही मरीजों को भी वार्ड में कई घंटे तक इंतजार करना पड़ता है। उपचार के लिए जिला चिकित्सालय में आए मरीज संजय कुमार ने बताया कि एक्सीडेंट होने के बाद यहां लाया गया था, लेकिन सिर्फ नर्सिंग स्टाफ ही देखने के लिए पहुंची चिकित्सा राउंड में नहीं आए। मरीज शंभू लाल यादव ने बताया कि हाथ टूटने के कारण 5 दिनों से भर्ती है। प्लास्टर चढ़ाने के बाद आज तक चिकित्सक देखने के लिए नहीं आए। चिकित्सकों की कमी को देखते हुए सिविल सर्जन को भी प्रतिदिन ओपीडी में मरीजों को देखना पड़ता है। चिकित्सकों की स्थितिमेडिकल विशेषज्ञ के 3 स्वीकृत पद में कार्यरत 1 रिक्त 1, सर्जिकल विशेषज्ञ के 4 पद स्वीकृत कार्यरत 1 रिक्त 3 पद, शिशु रोग विशेषज्ञ के 6 स्वीकृत पद में कार्यरत 1 रिक्त 5 पद, नेत्र रोग विशेषज्ञ 1 पद स्वीकृत कार्यरत 1, निश्चेतना विशेषज्ञ 4 स्वीकृत पद में कार्यरत 1 रिक्त 3, स्त्री रोग विशेषज्ञ 2 स्वीकृत पद में कार्यरत दोनो भरे हुए हैं। अस्थि रोग विशेषज्ञ 3 स्वीकृत पद में तीनो पद खाली हैं। पैथोलॉजी विशेषज्ञ, रेडियोलोजी विशेषज्ञ, दंत रोग विशेषज्ञ, क्षय रोग विशेषज्ञ एवं नाक कान गला रोग विशेषज्ञ के 1-1 पद स्वीकृत होने के बाद भी रिक्त हैं। इस संबंध में जिला चिकित्सालय अनूपपुर के सिविल सर्जन डॉ. एसआर परस्ते का कहना है कि चिकित्सकों की कमी से परेशानी का सामना तो करना पड़ रहा है लेकिन किसी तरह कार्य कर रहे हैं। रिक्त पदों के लिए वरिष्ठ कार्यालय को पत्राचार किया गया है।  

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अनूपपुर । विजयदशमी पर जहां पूरे देश में बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में रावण दहन किया जाता है वहीं मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले के देवरी गाँव में जहां हर विजयदशमी पर रावण दहन नहीं होता, बल्कि विधिविधान से उसकी पूजा की जाती है। स्थानीय आदिवासी समुदाय रावण को अपना देवता मानते हैं। उनका कहना है कि रावण ‘जीने और जीने देने’ की सोच पर भरोसा करता था। अनूपपुर जिले के जनपद पंचायत कोतमा जिले के ग्राम देवरी में विजयदशमी के दिन रावण की पूजा की जाती है। कुछ आदिवासी परिवार रावण को अपना देवता मानते हुए दशहरा के दिन विधि विधान से उसकी पूजा अर्चना करते हैं। इस आदिवासी अंचल के लोगों कि यह अनूठी परंपरा है बताते हैं कि पूर्वज इस प्रक्रिया को निरंतर दशहरे के दिन मनाते थे लेकिन बीच में कुछ समस्याओं के कारण बंद कर दिया गया था अब 6 साल से उन्हें नई पीढ़ी दशानन रावण की पूजा करना शुरू कर दिया है। यह है मान्यतादेवरी गांव के लोगों ने बताया कि रावण की माता कैकसी वह असुर कुल से थीं और दैत्यराज सुमाली की पुत्री थीं। देवरी में रहने वाले आदिवासी परिवार के कुल और वंश की बहन और माता थी जिस कारण से रावण उनका पुत्र और उच्च ब्राह्मण कुल के साथ-साथ इन आदिवासियों का राजा था जिस कारण से रावण की पूजा उक्त आदिवासी परिवार के साथ-साथ वहां के रहने वाले अन्य लोग करते हैं रावण की माता कैकसी ने महर्षि विश्रवा से विवाह किया था, जो ऋषि पुलस्त्य के पुत्र थे। इसी विवाह से रावण, कुंभकर्ण, शूर्पणखा और विभीषण का जन्म हुआ था। समाज, संस्कृति और रावण के जियो और जीने दो की सिद्धांत को जिंदा रखना इन आदिवासी का मूल मकसद है। आदिवासी समाज के लोगों ने बताया कि इनका मूल मंत्र ही रावण के सिद्धांतों पर चलता है इसीलिए रावण को पजनी मानते हुए हर विजयदशमी में उत्सव के तौर पर रावण की पूजा की जाती है।        

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भोपाल । मध्य प्रदेश के कई जिलों में अभी भी बारिश की गतिविधि‍यां जारी है। प्रदेश में तीन-चार अक्टूबर को भारी बारिश का अलर्ट है। इंदौर, जबलपुर, नर्मदापुरम, रीवा और शहडोल संभाग के जिलों में इसका असर देखने को मिलेगा। यानी मानसून की विदाई से पहले प्रदेश में एक बार फिर तरबतर होगा। आज गुरुवार को दशहरे के दिन भी कई जिलों में पानी गिरने के आसार है।मौसम विभाग के मुताबिक, पश्चिमी हिस्से में एक लो प्रेशर एरिया (निम्न दाब क्षेत्र) सक्रिय है। वहीं एक ट्रफ भी गुजर रही है। वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) का 3 और 4 अक्टूबर से असर देखने को मिल सकता है। इस वजह से इंदौर, जबलपुर, नर्मदापुरम, रीवा और शहडोल संभाग के जिलों में भारी बारिश होने की संभावना है। प्रदेश के 12 जिलों से मानसून विदा हो चुका है। इनमें ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, गुना, आगर-मालवा, नीमच, मंदसौर और रतलाम भी शामिल हैं। राजगढ़ और अशोकनगर के कुछ हिस्से से मानसून विदा हुआ है।बता दें कि इस साल मानसून ने प्रदेश में 16 जून को दस्तक दी थी। मौसम विभाग के अनुसार, 6 अक्टूबर तक प्रदेश के सभी जिलों से मानसून विदा हो जाता है, लेकिन नया सिस्टम बनने से विदाई की तारीख आगे भी बढ़ सकती है। इस बार गुना में सबसे ज्यादा पानी गिरा है। 65.6 इंच बारिश दर्ज हुई। मंडला-रायसेन में 62 इंच से अधिक और श्योपुर-अशोकनगर में 56 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है। वहीं, शाजापुर, खरगोन, खंडवा, बड़वानी और धार सबसे कम बारिश वाले टॉप-5 जिलों में शामिल हैं। शाजापुर में 28.9 इंच, खरगोन में 29.6 इंच, खंडवा में 32 इंच, बड़वानी में 33.5 इंच और धार में 33.6 इंच पानी गिरा है।  

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जबलपुर । संस्कारधानी के इतिहास में विभिन्न परंपराओं से मां दुर्गा के पूजन का इतिहास सैकड़ो वर्ष पुराना है। शहर में लगभग 3000 से ज्यादा दुर्गा प्रतिमाएं स्थापित की जाती हैं। जबलपुर के परंपरागत इतिहास में यहां बुंदेलखंड की परंपरा सर्वाधिक घुली मिली है। नवरात्रि में शहर की नगर जेठानी एवं नगर सेठानी के नाम से प्रसिद्ध मां दुर्गा की बुंदेलखंडी परंपरा शैली की प्रतिमाएं सर्वाधिक आकर्षण का केंद्र रहती हैं।   ◆ माँ के दरबार मे उमड़ पड़ती है जनमेदनी   यह प्रतिमाएं सराफा बाजार के सुनरहाई एवं नुनहाई क्षेत्र में स्थापित की जाती हैं। स्वर्णकार समाज द्वारा स्थापित यह प्रतिमाएं अपने आप में एक गौरवशाली इतिहास संजोय हैं। इन प्रतिमाओं के मुख्य आकर्षण होते हैं बुंदेलखंडी परंपरा के जेवर जिनमें करोड़ों रुपए के सोना, चांदी एवं हीरे जवाहरात शामिल हैं। लोग, खासकर जिनमें महिलाएं शामिल हैं, भगवती के पहने हुए इन परम्परागत जेवरों को देखने बड़ी संख्या में आती हैं। भीड़ इतनी की यातायात परिवर्तित करना पड़ता है।   ◆ जवाहरातों के साथ सोने चांदी के जेवर है विशेषता हम पहले बात करते हैं सुनरहाई दुर्गा उत्सव समिति में स्थापित नगर सेठानी के नाम से विख्यात मां दुर्गा की बुंदेलखंडी परंपरा की प्रतिमा की। यहां समिति के राजेश सराफ के अनुसार मां दुर्गा की प्रतिमा सन 1866 से सराफा बाजार के सुनरहाई क्षेत्र स्थापित की जा रही है। यह प्रतिमा करोड़ों रुपए के सोनी चांदी एवं हीरे जवाहरातों से सुसज्जित है। सबसे अनूठी बात यह है कि यह प्रतिमा बुंदेलखंडी परंपरा की होने के कारण जो स्वर्ण आभूषण पहने रहती हैं वह भी बुंदेलखंडी शैली के हैं, जो आजकल देखने नहीं मिलते। बड़ी संख्या में महिलाएं उनके दर्शनों को पहुंचती हैं। बताया जाता है कि यह प्रतिमा मक्खन तेली द्वारा स्थापित की गई थी। दशहरे में इस प्रतिमा को शहर के जुलूस में प्रथम नम्बर पर नेतृत्व करने का सौभाग्य है।   ◆ 10 किलो सोने चांदी के जेवर पहनती है माँ की प्रतिमा   इसके बाद दूसरे नंबर पर आती है, सराफा बाजार के नुनहाई क्षेत्र में स्थापित नगर जेठानी के नाम से विख्यात मां दुर्गा की बुंदेलखंडी परंपरा की प्रतिमा। इस समिति के अध्यक्ष विनीत सोनी के अनुसार प्रतिमा की स्थापना 157 वर्ष पूर्व की गई थी। मां भगवती पूर्ण रूप से स्वर्ण,चांदी आभूषणों से सुसज्जित हैं। लगभग 10 किलो सोने के आभूषण एवं कई किलो चांदी के साथ हीरे जवाहरात मां के श्रृंगार में लगाएं जाते हैं। माँ दुर्गा की यह प्रतिमा 350 किलो चांदी से निर्मित रथ में भ्रमण करती है।   ◆ नों दिन माँ को समर्पित व्यापार इस प्रतिमा में भी वही खासियत है जो सुनरहाई दुर्गा उत्सव समिति की प्रतिमा में है। बुंदेली शैली के स्वर्ण आभूषण दोनों प्रतिमाओं में एक से देखने को मिलते हैं। नवरात्रि के दौरान सराफा का यह कारोबारी क्षेत्र 9 दिनों तक माता की भक्ति में डूब जाता है। समाज के व्यापारियों के अनुसार मां की भक्ति के चलते कारोबार में लोगों का ध्यान कम ही रहता है, इसलिए लगभग बाजार मन्द रहता है।   ◆ दशहरे के दिन विदा में रो पड़ते हैं लोग मां की अगवानी से लेकर विदाई तक इस क्षेत्र में अपने आप में अनूठी है। जब भगवती की प्रतिमाएं आती हैं तो सड़कों पर रंगोली से लेकर फूल बिछा दिए जाते हैं। इन प्रतिमाओं को लोग अपने क्षेत्र की बेटी भी मानते हैं, इसीलिए बड़े लाड प्यार से इनका आगमन से लेकर 9 दिन तक भक्ति की जाती है। जब दशहरे के दिन इनकी विदाई होती है तो लोग रो पड़ते हैं। वे इस विदाई को ऐसे करते हैं जैसे उनकी बेटी की विदाई हो रही हो। पहले यह प्रतिमाएं लोगों के कंधों पर जाती थी परंतु कालांतर में बदलाव के बाद अब यह रथों पर जाती हैं।   ◆ मां की सुरक्षा में सशस्त्र बल रहता है तैनातस्वर्ण आभूषणों से लदी हुई इन प्रतिमाओं की सुरक्षा के लिए जहां शस्त्रधारी पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं, तो वहीं निजी गनमैन भी मां की सुरक्षा के लिए लगाए जाते हैं। पुराने बुजुर्गों के अनुसार शहर में बुंदेलखंडी परंपरा की नौ बहने एक सी स्थापित की जाती हैं,जिनमें, सुनरहाई, नुनहाई, दरहाई, मलखम, कोष्टीमन्दिर आदि प्रमुख हैं।  

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उमरिया । मध्‍य प्रदेश के उमरिया जिले का विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व 3 माह बाद बुधवार को नये कलेवर के साथ पर्यटकों के लिये फिर खोल दिया गया है।   बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक डॉक्टर अनुपम सहाय ने गेट पर हरी झंडी दिखा कर पर्यटकों को मिठाई खिला कर स्वागत किया। खास बात यह रही कि आज पहले दिन 370 पर्यटक 76 जिप्सियों से बाघ दर्शन करने पार्क में पहुंचे जिसमें 367 देशी पर्यटक और 3 विदेशी पर्यटक शामिल हैं, 337 पर्यटक 68 जिप्सियों से कोर जोन में और 33 पर्यटक 8 जिप्सियों से बफर जोन में गये सभी जिप्सियों में एक-एक गाइड भी साथ में था । इस तरह 76 गाइड़ों ने बुधवार को पहले दिन पर्यटकों को जंगल की सैर करावाई।   बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक डॉक्टर अनुपम सहाय ने बताया कि आज टाइगर रिजर्व के सभी 6 गेट पर्यटकों के लिये खोल दिये गये हैं जिसमें ताला, मगधी और खितौली 3 गेट कोर जोन के हैं बाकी 3 गेट पचपेढ़ी, परासी और ज्वालामुखी बफर जोन के शामिल हैं, सभी गेट में पूजा अर्चना कर गेट खोला गया है साथ ही सबसे पहले आने वाली 6 जिप्सियों के 36 पर्यटकों को कैप देकर सम्मान किया गया है। हमारा प्रयास रहेगा कि हमारे पर्यटकों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। हमने सभी से अपील की कि जिप्सी चालक, गाइड और पर्यटक पार्क नियमों का पालन करते हुये बाघ दर्शन का भरपूर लाभ लें। 5 अक्टूबर तक आन लाइन सफारी पूरी फूल है, पर्यटकों में भी भरपूर उत्साह है।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मानसून की विदाई के बीच हल्की बारिश का दौर जारी है। मंगलवार को भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर समेत 10 जिलों में बारिश हुई। अगले चार दिन ऐसा ही मौसम बनेगा रहेगा। दशहरे के दिन भी बारिश होने की संभावना है। वहीं, अब तक 12 जिलों से मानसून की विदाई हो चुकी है। 10 अक्टूबर तक पूरे प्रदेश से मानसून लौट जाएगा। इस बार सितंबर में ही बारिश का कोटा पूरा हो गया। औसत 45.2 इंच पानी गिरा, जो सामान्य बारिश 37.3 इंच के मुकाबले 7.8 इंच अधिक है।मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि अक्टूबर का महीना चेंज ओवर पीरियड रहता है। इस महीने मानसून विदाई पर रहता है। इससे आसमान साफ हो जाता है। इस कारण दिन में गर्मी और रात में ठंड पड़ती है। उत्तर भारत में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव होने से बारिश होती है। इस बार भी ऐसा ही मौसम रहेगा। ग्वालियर में पारा रिकॉर्ड 39 डिग्री तक पहुंच चुका है तो भोपाल, इंदौर, उज्जैन-जबलपुर में गुलाबी ठंड की दस्तक के साथ बारिश भी हुई है।इससे पहले मंगलवार को भोपाल, ग्वालियर-जबलपुर समेत 10 जिलों में बारिश हुई। बैतूल में डेढ़ इंच पानी गिर गया। बालाघाट के मलाजखंड में सवा इंच, दतिया में आधा इंच से ज्यादा और ग्वालियर में आधा इंच बारिश हुई। भोपाल, जबलपुर, सागर, डिंडौरी, मुरैना में भी बूंदाबांदी हुई। अब तक प्रदेश के 12 जिलों से मानसून विदा हो चुका है। इनमें ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, गुना, आगर-मालवा, नीमच, मंदसौर और रतलाम शामिल हैं। राजगढ़ और अशोकनगर के कुछ हिस्से से मानसून विदा हुआ है।  

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खरगोन। मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में भीकनगांव थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पलासी में रविवार की रात दुर्गा उत्सव के दौरान गरबा कर रही एक महिला की हार्ट अटैक से मौत हो गई। महिला अपने पति के साथ ओ मेरे ढोलना गाने पर डांस कर रही थी, तभी झांकी के सामने गिरी और दम तोड़ दिया। सोमवार को इसका वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है। जानकारी के अनुसार, ग्राम पलासी निवासी सोनम (19) अपने पति कृष्णपाल यादव के साथ सिंगाजी मंदिर पर स्थापित मां दुर्गा की प्रतिमा के सामने गरबा में शामिल हुई थी। दोनों पति-पत्नी साथ में नाच रहे थे। नाचते हुए अचानक सोनम जमीन पर गिर पड़ी। कृष्णपाल ने उसे उठाने का प्रयास किया, जब नहीं उठी तो बाकी लोग भी आ गए, लेकिन तब तक उसकी सांसें थम चुकी थीं। मंदिर में मौजूद सभी महिलाएं घबरा गई। वे लोग सोनम को उठाकर अपने साथ घर ले गए। परिजन ने गांव के एक डॉक्टर को बुलाया, जिसने सोनम को मृत घोषित कर दिया। इधर, सामान्य मौत होने के चलते परिवार ने महिला का पोस्टमॉर्टम नहीं कराया। सोमवार को गांव में ही अंतिम संस्कार किया गया। घटना के बाद पूरे गांव में मातम पसर गया।  

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में मानसून की विदाई के बीच कई जिलों में बारिश का दौर जारी है। मानसून ट्रफ और लो प्रेशर एरिया (निम्न दाब क्षेत्र) के एक्टिव होने से प्रदेश में कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश हो रही है। आज सोमवार को भोपाल, इंदौर, जबलपुर समेत कई जिलों में हल्की बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के लिए पूरे प्रदेश में हल्की बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। लोकल सिस्टम की वजह से कहीं-कहीं तेज बारिश भी हो सकती है।मौसम विभाग के अनुसार, 1 अक्टूबर से नया सिस्टम एक्टिव हो रहा है। इससे 2 अक्टूबर को दशहरे के दिन भी बारिश हो सकती है। इससे पहले रविवार को भी प्रदेश के कई जिलों में बारिश हुई। धार के मनावर और बड़वानी के सेंधवा में पानी गिरा। सेंधवा में तेज बारिश से खेतों में पानी भर गया, जिससे मक्के की फसल को नुकसान पहुंचा है। वहीं, नर्मदापुरम जिले के तवा डैम के पांच गेट खोले गए। नरसिंहपुर में आधा इंच से ज्यादा बारिश हो गई। बैतूल, इंदौर, पचमढ़ी, रतलाम, उज्जैन, छिंदवाड़ा, दमोह, जबलपुर, मंडला, सागर, सिवनी में भी पानी गिरा।मध्य प्रदेश के कुल 12 जिलों से मानसून विदा हो चुका है। इनमें ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, गुना, आगर-मालवा, नीमच, मंदसौर और रतलाम भी शामिल हैं। राजगढ़ और अशोकनगर के कुछ हिस्से से मानसून विदा हुआ है। प्रदेश में अब तक औसत 45 इंच बारिश हो चुकी है। इस बार गुना में सबसे ज्यादा पानी गिरा है। 65.5 इंच बारिश दर्ज की जा चुकी है। मंडला-रायसेन में 62 इंच से अधिक और श्योपुर-अशोकनगर में 56 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है। वहीं, शाजापुर, खरगोन, खंडवा, बड़वानी और धार सबसे कम बारिश वाले टॉप-5 जिलों में शामिल हैं।

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भोपाल । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के प्रतिष्ठित प्रधानमंत्री एक्सीलेंस शासकीय हमीदिया कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय में सोमवार एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। यहां कॉलेज के जर्जर भवन का हिस्सा सोमवार को गिर गया। गनीमत यह रही कि मौके पर क्षतिग्रस्त गलियारे में कोई मौजूद नहीं था। कॉलेज प्रशासन ने तुरंत घटनास्थल को खाली कराया और छात्रों को सुरक्षित स्थान पर भेजा।     प्रधानाचार्य अनिल सेवानी के मुताबिक हादसे से 10 मिनट पहले ही वे यहीं से गुजरे थे। हमीदिया कॉलेज के प्रधानाचार्य ने बताया कि जर्जर भवन की मरम्मत को लेकर कई बार पूर्व में पत्र लिखे गए थे। लेकिन, उनपर कोई कार्रवाई नहीं हुई। पहले कॉलेज सिर्फ आर्ट और कॉमर्स स्टूडेंट्स के लिए था। बाद में इसमें साइंस से जुड़े कोर्स भी शुरू किए गए। जिसके कारण यहां बच्चों की क्लासेस लगाने के लिए जगह कम पड़ रही थी। अभी हादसा हो जाने के बाद प्रभावित हिस्से में मौजूद ऊपरी क्लासों में भी कक्षाएं नहीं लगा सकेंगे। उच्च शिक्षा विभाग ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं और कॉलेज को अस्थायी रूप से बंद करने का फैसला किया है। छात्र संगठनों ने घटना के बाद कॉलेज प्रशासन और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। एबीवीपी और एनएसयूआई ने कहा, "कॉलेज की जर्जर इमारतें छात्रों की जान के लिए खतरा बन चुकी हैं। सरकार को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।" छात्रों ने मरम्मत कार्य तेज करने और सुरक्षा उपायों की मांग की है।   कॉलेज की जन भागीदारी समिति के अध्यक्ष देवेंद्र रावत के अनुसार, 7 साल पहले कॉलेज का सी ब्लॉक पूरी तरह तालाब में समा गया था। इस घटना के बाद कॉलेज में नए भवन के निर्माण के कई वादे किए गए थे। लेकिन अब तक वह सिर्फ कागजों तक सिमटे हुए हैं। अब यह एक नया हादसा हो गया और निर्माण कार्य का अब तक कुछ पता नहीं है। नगर निगम से लेकर जिम्मेदारों को कई बार हमने इस तरह की घटना होने का अंदेशा जताया था। जिस पर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। रावत के अनुसार, गलियारे का जो हिस्सा सोमवार को टूटकर तालाब में गिरा है, यह आवाजाही के लिए प्रमुख रास्ता था। यहां से कॉलेज के प्रधानाचार्य से लेकर स्टाफ और कॉमर्स स्टूडेंट अपनी क्लास में जाते थे। इससे लगे हुए हिस्से में अभी भी एकाउंट्स डिपार्टमेंट, कंप्यूटर लैब, प्रिंसिपल रूम जैसे महत्वपूर्ण कई कक्ष ग्राउंड फ्लोर पर मौजूद है। वहीं, उपरी मंजिल में पांच कक्षाएं लगती हैं।   हमीदिया कॉलेज, जिसकी स्थापना 1946 में हुई थी, की अधिकांश इमारतें दशकों पुरानी हैं। लंबे समय से रखरखाव की कमी के कारण कई भवन खतरनाक स्थिति में हैं। कॉलेज में दरारें, रिसाव और संरचनात्मक कमजोरियां देखने को मिल रही हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, अगर समय रहते मरम्मत न हुई, तो भविष्य में कोई बड़ा हादसा हो सकता है।  

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अनूपपुर । मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में स्थित 12 विद्यालयों को पीएमश्री विद्यालय का दर्जा दिया गया है, लेकिन दर्जा बढ़ने के बाद भी आज तक इनमें कोई सुविधा नहीं बढ़ पाई है। हालत यह है कि यहां अध्यनरत छात्र-छात्राओं को खेल सुविधा के लिए परेशान होना पड़ता है। यहां पर न तो खेल मैदान है और न ही खेल सामग्री, जिससे छात्र-छात्राओं का सर्वांगीण विकास नहीं हो पा रहा है। अभिभावकों का कहना है कि पीएमश्री विद्यालय का दर्जा जब मिला तो उन्हें लगा कि अब विद्यालय में सुविधा भी बढ़ेंगी, लेकिन आज तक यहां सुविधाओं में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई। वर्तमान  में अनूपपुर जिले में हायर सेकंडरी अमरकंटक हायर, हायर सेकेंडरी भेजरी, हाई स्कूल नौगवा, हाई स्कूल दुलहरा, कोलमी, मलगा, बैहा टोला, हाई स्कूल बहेराबांध, केंद्र कोतमा, पोड़ी चौड़ी, भालूमाडा, कन्या शिक्षा परिसर जैतहरी विद्यालय को पीएमश्री स्कूल का दर्जा मिला है। इन सभी विद्यालयों में लगभग 3600 छात्र छात्राएं अध्यनरत हैं। दो स्कूलों के लिए टेंडरबीते दिनों पीएमश्री विद्यालय भेजरी तथा बहेराबांध में खेल मैदान का टेंडर जारी किया गया है, जबकि 10 विद्यालयों में अभी तक इसके लिए कोई व्यवस्था नहीं है। भेजरी विद्यालय में खेल मैदान का निर्माण तो कराया जा रहा है, लेकिन यह भूमि निजी भूमि है, ऐसे में शासकीय खेल मैदान का संचालन निजी भूमि पर करने से आगामी दिनों में यह उलझन भरा भी हो सकता है। पुराने भवन में संचालनबताया गया कि पीएमश्री विद्यालय का संचालन पुराने भवनों में ही किया जा रहा है जिनकी मरमम्त भी अभी नहीं हो पाई है।  बारिश के दिनों में इन सभी विद्यालय में परेशानी का सामना करना पड़ता है। बताया गया कि कुछ भवन 20 से 25 वर्ष पुराने हो चुके हैं। शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल भेजरी में पीएमश्री विद्यालय का संचालन किया जा रहा है। विद्यालय के पास स्वयं का खेल मैदान नहीं है जिस कारण निजी भूमि पर खेल आयोजन होते हैं। यहां 300 से अधिक छात्र संख्या होने के बावजूद  खेलकूद के लिए खेल मैदान न होने से छात्र-छात्राओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है।इसी तरह पीएमश्री माध्यमिक विद्यालय बैहाटोला जहां पर ढाई सौ से अधिक विद्यार्थी अध्यनरत हैं लेकिन यहां पर भी खेलकूद मैदान उपलब्ध नहीं है। विद्यालय का दर्जा बढ़ा लेकिन सुविधाएं नहीं है।   ग्राम पंचायत के उप सरपंच श्याम मुरारी शर्मा ने इस संबंध में रविवार को बताया कि खेल मैदान की व्यवस्था हो जाए तो ग्रामीण प्रतिभाओं को निखारने का अवसर मिलेगा। वहीं, इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी टीआर आर्मों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि खेल मैदान जहां उपलब्ध है वहां कार्य कराए जा रहे हैं। भेजरी का विद्यालय ही निजी भूमि पर है। अन्य विद्यालयों में भी खेल मैदान और खेल सुविधाओं का विस्तार होगा। मरमत के संबंध में अभी तक कोई जानकारी नहीं आई है।    

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मानसून की विदाई शुरू हो चुकी है। कई जिलों से मानसून लौट चुका है, लेकिन कुछ जिलों में अभी भी बारिश की गतिविधियां जारी है। आज रविवार को इंदौर संभाग के चार जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। जिनमें अलीराजपुर, धार, बड़वानी और खरगोन शामिल है। वहीं, राजधानी भोपाल और जबलपुर में बूंदाबांदी होने की संभावना है। अन्य जिलों में गरज-चमक के साथ हल्की बारिश होने के आसार है।मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश के दक्षिणी हिस्से में एक ट्रफ गुजर रही है। वहीं, बंगाल की खाड़ी में एक डिप्रेशन भी एक्टिव है। इस वजह से प्रदेश के दक्षिणी हिस्से में बारिश का दौर शुरू हुआ है। शनिवार को भोपाल में दिन में कहीं-कहीं बूंदाबांदी हुई, वहीं रात में तेज पानी गिरा। नर्मदापुरम के इटारसी में भी तेज बारिश हुई। इस वजह से तवा डैम के 3 गेट खोल दिए गए। इटारसी में अब तक 53 इंच बारिश हो चुकी है। जबलपुर में सुबह से बादल छाए हुए थे, लेकिन दोपहर में तेज बारिश हुई। खरगोन के कसरावद क्षेत्र में हवा के साथ 45 मिनट तेज बारिश हुई। बैतूल, रायसेन, राजगढ़, रतलाम, श्योपुर, छिंदवाड़ा, दमोह, मंडला, नरसिंहपुर, छतरपुर के नौगांव, रीवा, सागर, सिवनी, टीकमगढ़, उमरिया, बालाघाट, बड़वानी में कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश का दौर जारी रहा।इधर, शनिवार को उज्जैन जिले से भी मानसून विदा हो गया। इसे मिलाकर प्रदेश के 12 जिलों से मानसून विदा हो चुका है। इनमें ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, गुना, आगर-मालवा, नीमच, मंदसौर और रतलाम भी शामिल हैं। राजगढ़ और अशोकनगर के कुछ हिस्से से मानसून लौट चुका है। बता दें कि प्रदेश में इस मानसूनी सीजन में अब तक औसत 44.3 इंच बारिश हो चुकी है। अब तक 37.1 इंच पानी गिरना था। इस हिसाब से 7.2 इंच पानी ज्यादा गिर चुका है। प्रदेश की सामान्य बारिश औसत 37 इंच है। यह कोटा पिछले सप्ताह ही पूरा हो गया है। अब तक 118 प्रतिशत बारिश हो चुकी है।  

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भोपाल । मध्यप्रदेश शासन ने राज्य प्रशासनिक सेवा के आठ अधिकारियों के तबादले के आदेश रविवार की देर रात्रि जारी किए हैं। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश में सभी अधिकारियों को प्रशासकीय आधार पर तत्काल प्रभाव से नई पदस्थापना दी गई है। जारी सूची के अनुसार शैलेन्द्र सिंह सोलंकी (आर.आर. 2007) को अपर संचालक, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण, इंदौर से स्थानांतरित कर ’’मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत सीधी’’ बनाया गया है। डॉ. इच्छित गढपाले (आर.आर. 2008) को उप सचिव, गृह विभाग से हटाकर ’’मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत राजगढ़’’ पदस्थ किया गया है। विजय राज (आर.आर. 2011) अब ’’मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत शिवपुरी होंगे। शैलेन्द्र सिंह (आर.आर. 2011) को मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत सतना बनाया गया है। अनुपमा चौहान (आर.आर. 2006) को मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत शाजापुर पदस्थ किया गया है।   इनके साथ ही नमः शिवाय अरजरिया (आर.आर. 2012) को मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत छतरपुर की जिम्मेदारी दी गई है। शाश्वत सिंह मीना (आर.आर. 2012) अब मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत मंडला होंगे वहीं, अंजली शाह (आर.आर. 2012) को मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत सिवनी’’ पदस्थ किया गया है। आदेश सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन से उप सचिव अर्चना सोलंकी द्वारा जारी किया गया है।

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भोपाल  । मध्य प्रदेश में मानसून की विदाई का सिलसिला शुरू हो गया है। प्रदेश के 11 जिलों से मानसून लौट चुका है। वहीं, अब अगले 24 घंटों में प्रदेश के अन्य जिलों से भी मानसून की विदाई हो सकती है। हालांकि इस बीच प्रदेश में अगले 3 दिन तेज बारिश का अलर्ट है। इंदौर-जबलपुर संभाग में पानी गिरेगा। वहीं, भोपाल में बूंदाबांदी होने के आसार हैं। आज शनिवार को धार, बड़वानी, खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर, बैतूल, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी और बालाघाट में तेज बारिश हो सकती है।मौसम विभाग ने बताया कि प्रदेश के दक्षिणी हिस्से से एक टर्फ गुजर रही है। इस वजह से प्रदेश के निचले हिस्से के जिलों में हल्की बारिश का दौर बना हुआ है। अगले 24 घंटे के दौरान टर्फ और लो प्रेशर एरिया (निम्न दाब क्षेत्र) की सक्रियता बढ़ जाएगी। इससे बारिश का दौर चलेगा। इस बीच प्रदेश के कुछ जिलों से मानसून भी लौट जाएगा। प्रदेश के 11 जिलों से मानसून पूरी तरह से विदा हो चुका है। इनमें ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, गुना, आगर-मालवा, नीमच, मंदसौर और रतलाम शामिल हैं। वहीं, उज्जैन, राजगढ़ और अशोकनगर के कुछ हिस्से से मानसून की विदाई हो चुकी है।प्रदेश में बारिश का दौर भी जारी है। शुक्रवार को छिंदवाड़ा, दमोह, जबलपुर, मंडला, नरसिंहपुर, रीवा सतना, सिवनी, सीधी, उमरिया, बालाघाट, नर्मदापुरम के पचमढ़ी में बारिश हुई। पचमढ़ी में आधा इंच से ज्यादा पानी गिर गया। प्रदेश के जिन 7 जिलों से शुक्रवार को मानसून लौटा, वहां पर सामान्य से ज्यादा बारिश हो गई है। गुना में सबसे ज्यादा 65.4 इंच पानी गिर चुका है। दतिया में 29.3 इंच के मुकाबले 33.7 इंच, शिवपुरी में 55 इंच, रतलाम में 48.5 इंच, मंदसौर में 33.7 इंच और आगर-मालवा में 39 इंच बारिश हो गई।इधर, शनिवार को टीकमगढ़ में सुबह से मौसम का मिजाज बदला हुआ है। शहर में घने बादलों के साथ बारिश शुरू हुई। तवा डैम का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। डैम के कैचमेंट एरिया खासकर पचमढ़ी और अन्य ऊपरी क्षेत्रों में भी भारी बारिश के चलते बांध में लगातार पानी की आवक हो रही है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए शनिवार सुबह 6 बजे तवा डैम का एक गेट 5 फीट की ऊंचाई तक खोला गया है। बता दें कि प्रदेश में अब तक औसत 44.2 इंच बारिश हो चुकी है।

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भोपाल । केन्द्र सरकार के अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा उम्मीद पोर्टल के संबंध में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन शुक्रवार को भोपाल में मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड के सहयोग से किया गया। कार्यशाला में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान वक्फ बोर्ड के अधिकारी शामिल हुए। इस दौरान वक्‍फ बोर्ड में सुधार के लिये आईआईटी दिल्‍ली की पांच स्‍तंभ आधारित रिपोर्ट में की गई अनुशंसाओं पर समीक्षा की गई। मध्य प्रदेश वक़्फ़ संपत्ति के संस्थागत प्रशासन और संपत्ति डेटा से संबंधित स्तंभ में टॉप परफ़ॉर्मर बना। अन्य स्तंभों में भी बेहतर प्रदर्शन के लिए वक़्फ़ बोर्ड की कार्य योजना की प्रशंसा की गई। मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सनवर पटेल ने कहा कि प्रदेश के लिए यह गौरव की बात है कि तीन राज्यों के वक्फ बोर्ड की संयुक्त कार्यशाला भोपाल में आयोजित हो रही है। उन्होंने बताया कि वक्फ संपत्तियों के डिजिटलीकरण के क्षेत्र में मध्य प्रदेश ने WAMSI-MP पोर्टल के माध्यम से उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है और इस कार्य के लिए विभाग के आयुक्त सौरभ कुमार सुमन विशेष बधाई के पात्र हैं। मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड का प्रस्तुतीकरण सहायक संचालक इतिशा जैन ने प्रस्तुत किया। छत्तीसगढ़ की ओर से तारीक अशरफी तथा राजस्थान की ओर से आसिफ इकबाल एवं मोहसिन ने प्रस्तुतिकरण दिया। कार्यशाला में केन्द्र सरकार के नवीन सेंट्रल 'उम्मीद' पोर्टल पर प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान केन्द्र सरकार के अधिकारियों ने वक्फ संपत्तियों के डिजिटलीकरण में नवाचार के लिए WAMSI-MP पोर्टल को प्रतिष्ठित स्कॉच अवॉर्ड मिलने पर आयुक्त श्री सौरभ कुमार सुमन को बधाई दी और विभाग के प्रयासों की सराहना की। कार्यशाला में केन्द्र सरकार अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के उपसचिव समीर सिन्हा एवं अवर सचिव विशाल विश्वकर्मा, मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के आयुक्त सौरभ कुमार सुमन, मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड की मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. फरजाना गजाल, राजस्थान वक्फ बोर्ड से आसिफ इकबाल तथा छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड से प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी पवन कुमार सहित तीनों राज्यों के अधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन सहायक संचालक डॉ. ममता भट्टाचार्य ने किया।  

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भोपाल । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश के पर्यटन ने अब अंतरराष्ट्रीय मानकों की बराबरी कर ली है। मध्य प्रदेश का पर्यटन "वसुधैव कुटुंबकम" की भावना को साकार कर रहा है। प्रदेश में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मध्य प्रदेश पर्यटकों की पहली पसंद बन गया है। पिछले साल तक 13.41 करोड़ पर्यटकों ने मध्य प्रदेश आने का आनंद उठाया। अकेले उज्जैन में सात करोड़ से ज्यादा की संख्या में आध्यात्मिक पर्यटक पहुंचे। विश्व पर्यटन दिवस (27 सितंबर) की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि मध्य प्रदेश का पर्यटन सतत विकास के सभी मानदंडों को पूरा कर रहा है। प्राकृतिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक, ग्रामीण पर्यटन, वन्य जीव पर्यटन के अलावा नए क्षेत्र जैसे खेल पर्यटन, चिकित्सा पर्यटन, जल क्रीड़ा पर्यटन, कृषि पर्यटन, इतिहास बोध कराने वाला पर्यटन भी लोगों की पसंद बनते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदृष्टि से मध्य प्रदेश जैसे राज्यों का पर्यटन लगातार बढ़ रहा है। भारत की पूरे विश्व में साख बढ़ी है। वैश्विक पर्यटन बढ़ने से मध्य प्रदेश जैसे राज्यों को लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पर्यटन की गतिविधि को केवल आर्थिक गतिविधि से अलग हटकर सामाजिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और पर्यावरणीय पुनर्जागरण का माध्यम बनाया है। "वोकल फॉर लोकल", देखो अपना देश और ट्रिपल टी-टेक्सटाइल टूरिज्म और टेक्नोलॉजी जैसे नई सोच पर्यटन को विकास, रोजगार, महिला सशक्तिकरण और सांस्कृतिक नवजागरण से जोड़ रहे हैं। पर्यटकों की बढ़ती संख्या पिछले पांच साल में मध्य प्रदेश में आने वाले पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वर्ष 2019 में 8.9 करोड़ पर्यटक यहां आए थे। वर्ष 2020 और 2021 में कोविड महामारी के चलते पर्यटन की संख्या वैश्विक स्तर पर यात्रा प्रतिबंधों और स्वास्थ्य संकट (कोविड) के कारण कम हुई लेकिन मध्य प्रदेश लोगों की पहली पसंद बना। वर्ष 2022 में परिस्थितियों के सामान्य होने के साथ ही पर्यटकों की संख्या में सुधार हुआ। इसके बाद 2023 में आशा अनुरूप बढ़कर पर्यटकों की संख्या 11.21 करोड़ और वर्ष 2024 में 13 करोड़ 41 हजार तक पहुंच गई।     वैश्विक धरोहरों का प्रदेश मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश अब वैश्विक धरोहरों का प्रदेश बन गया है। भारत के 69 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों में से 18 मध्य प्रदेश में है। इनमें खजुराहो के मंदिर समूह, सांची के बौद्ध स्मारक, भीमबेटका जैसे स्थल विश्व भर में भारतीय सभ्यता की गौरव गाथा को अभिव्यक्त कर रहे हैं। वर्तमान में मध्य प्रदेश के तीन स्थल स्थाई सूची में और 15 स्थल अस्थाई सूची में शामिल है। ग्वालियर किला, मांडू, ओरछा, चंदेरी, भेड़ाघाट, लमेटा घाट, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व अशोक शिलालेख स्थल तथा 64 योगिनी मंदिरों की संख्या जैसी धरोहर इस सूची में शामिल है। स्पष्ट है कि मध्यप्रदेश की प्राकृतिक और ऐतिहासिक विरासत अत्यंत समृद्ध है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश का पर्यटन आज बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित करने में सक्षम बन गया है। हाल ही में रीवा और ग्वालियर में आयोजित रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव में उत्साहपूर्वक निवेशकों ने भाग लिया और रीवा में 3000 करोड़ से ज्यादा और ग्वालियर में 3500 करोड़ से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव मिले। पर्यटन अधोसरंचना में सुधार मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन की अधोसंरचना में सुधार करते हुए पीएमश्री पर्यटन वायु सेवा का शुभारंभ किया है। इंदौर ग्वालियर, जबलपुर, भोपाल, रीवा, सिंगरौली उज्जैन एवं खजुराहो में शुरू हो चुका है। अब सार्वजनिक निजी भागीदारी के तहत निजी ऑपरेटर के सहयोग से राज्य के भीतर हैलीकॉप्टर सेवा संचालन भी जल्दी शुरू होगी। प्रदेश के हवाई अड्डों, हैलीपेड एवं हवाई पट्टियों के बीच निजी ऑपरेटर द्वारा चयनित स्थानों पर हैलीकॉप्टर सेवा प्रदाय की जाएगी। इस सेवा का उद्देश्य प्रमुख शहरों, धार्मिक स्थलों, राष्ट्रीय उद्यानो और पर्यटक स्थलों के मध्य निजी ऑपरेटर के सहयोग से किफायती एवं स्थायी हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध कराना है। इस सेवा से यात्रियों, पर्यटकों, व्यवसाइयों, निवेशकों एवं प्रदेश के रहवासियों का प्रदेश में आवागमन सुगम हो सकेगा। इससे प्रदेश के प्रमुख व्यापारिक शहरों एवं पर्यटक स्थलों के बीच व्यवसाय एवं पर्यटन गतिविधियों में अभिवृद्धि होगी और रोजगार के नये अवसरों का सृजन भी होगा। श्रेष्ठता का सम्मान वर्ष 2025 मध्य प्रदेश पर्यटन के लिए उपलब्धियों का स्वर्णिम अध्याय रहा है। जनवरी में नई दिल्ली में आयोजित हॉस्पिटैलिटी इंडिया अवॉर्ड्स में प्रदेश को “मेलों और त्योहारों को बढ़ावा देने के लिए सर्वश्रेष्ठ राज्य” और “प्रचार के लिए सर्वश्रेष्ठ राज्य” का सम्मान मिला। फरवरी में SATTE 2025 में “सर्वश्रेष्ठ राज्य पर्यटन पुरस्कार” प्राप्त हुआ। अप्रैल में VETA ने मध्य प्रदेश को “अग्रणी विरासत पर्यटन स्थल” (“Leading Heritage Tourism Destination”) घोषित किया। सितंबर में इंडिया ट्रैवल अवॉर्ड्स (DDP Publication) द्वारा प्रदेश को “सर्वश्रेष्ठ राज्य पर्यटन बोर्ड” का सम्मान दिया गया, वहीं द वीक पत्रिका ने हमें “गोल्डन बनयान पुरस्कार – विरासत पर्यटन (सर्वश्रेष्ठ राज्य)” से नवाजा है। अगस्त में गोवा में आयोजित MADX शिखर सम्मेलन और पुरस्कार 2025 में एमपी टूरिज्म–किडज़ानिया एक्सपीरियंस सेंटर को दो महत्वपूर्ण सम्मान—“सर्वश्रेष्ठ अनुभवात्मक विपणन अभियान” और “सर्वश्रेष्ठ यात्रा और पर्यटन विपणन अभियान”—प्राप्त हुए। ये सभी पुरस्कार इस बात का प्रमाण हैं कि मध्य प्रदेश पर्यटन आज राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी नए मानक स्थापित कर रहा है।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश के मैहर स्थित प्रसिद्ध शारदा माता मंदिर के पास शारदेय नवरात्र मेले में एक आटो चालक ने श्रद्धालुओं से ज्यादा किराया वसूला। वह सजातीय दुकानदार के पास ले गया और जबरन महंगा प्रसाद दिलाने के साथ ही रुपये ऐंठे। शिकायत पर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया और दुकान को सील कर दिया है। सतना निवासी शिकायतकर्ता देवांश द्विवेदी ने बताया कि वह अपने दोस्त के साथ रेलवे स्टेशन मैहर से मंदिर जाने के लिए आटो में बैठा। चालक यूसुफ खान ने 10 रुपये प्रति सवारी किराया बताया, लेकिन गंतव्य तक पहुंचने पर 20-20 रुपये की मांग करने लगा। उसने कहा कि प्रसाद सोनू खान की दुकान से ही लेना होगा। इन्कार करने पर गाली-गलौच और हाथ पकड़कर दुकान के अंदर ले गया और डराकर रुपये भी ले लिए। पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपित सोनू खान ने ज्योति गौतम की दुकान किराए पर ली है। वह गोपाल प्रसाद भंडार के नाम से संचालित कर रहा है। दुकान का लाइसेंस निरस्त कर सील कर दिया गया है। पुलिस अधीक्षक अवधेश प्रताप सिंह ने कहा कि मेले में श्रद्धालुओं से अवैध वसूली बर्दाश्त नहीं की जाएगी।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मेट्रो ट्रेन चलाने की तैयारियां जोर-शोर से जारी है। इसी क्रम में अहम कमिश्नर मेट्रो रेल सेफ्टी (सीएमआरएस) की टीम गुरुवार को मेट्रो के कमर्शियल रन के लिए भोपाल पहुंची। कमिश्नर जनक कुमार गर्ग सुभाषनगर स्थित मेट्रो डिपो पहुंचे। करीब तीन घंटे तक निरीक्षण के बाद वे मेट्रो में सवार हुए। प्रॉयोरिटी कॉरिडोर के 6.22 किलोमीटर रूट का उन्हें ट्रेन में सवार होकर निरीक्षण किया। इस दौरान सुभाषनगर स्टेशन पर करीब 30 मिनट और एम्स स्टेशन पर सवा घंटे रुके। गौरतलब है कि मेट्रो के लिए सीएमआरएस का दौरा सबसे महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि 'ओके' रिपोर्ट मिलने के बाद ही आम लोगों के लिए मेट्रो दौड़ना शुरू होती है। मेट्रो अफसरों की माने तो ये टीमें ट्रैक के नट-बोल्ट से लेकर सिग्नल, इंट्री-एग्जिट गेट, डिपो तक देखेगी। निरीक्षण में यदि सबकुछ पैमाने और सुरक्षा के लिहाज से परफेक्ट मिलता है तो सीएमआरएस की टीम 'ओके' रिपोर्ट देगी। इसके बाद कमर्शियल रन की तारीख तय कर दी जाएगी। एक दिन के निरीक्षण के बाद टीम वापस लौट गईं। मेट्रो एमडी एस. कृष्ण चैतन्य, सिस्टम निदेशक अरुण कुमार श्रीवास्तव समेत मेट्रो से जुड़े सभी अधिकारी मौजूद थे।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मानसून धीरे-धीरे विदाई ले रहा है, लेकिन इससे पहले एक अंतिम दौर की बारिश राज्य के कई हिस्सों को भिगोने वाली है। मौसम विभाग ने अगले 4 दिनों (26 से 29 सितंबर तक) के लिए इंदौर, नर्मदापुरम, जबलपुर और उज्जैन संभागों में हल्की से तेज बारिश का अलर्ट जारी किया है। एक नया निम्न दबाव क्षेत्र पूर्वी मध्य प्रदेश और सटे इलाकों पर बनने से इन संभागों में गरज-चमक के साथ बारिश की गतिविधियां बढ़ सकती हैं। हालांकि, इससे पहले कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है।मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश के चार जिले नीमच, श्योपुर, भिंड और मुरैना से मानसून लौट चुका है। अगले एक-दो दिन में ग्वालियर, दतिया और मंदसौर से भी मानसून के लौटने की संभावना है। मौसम विभाग ने आज शुक्रवार के लिए इन जिलों में बारिश की चेतावनी जारी नहीं की। बाकी सभी जिलों में हल्की बारिश, गरज-चमक होने के आसार जताए हैं। अगले 2 दिन तक कुछ जिलों में हल्की बारिश हो सकती है, लेकिन 28 और 29 सितंबर को तेज बारिश का अलर्ट है। इंदौर, देवास, खरगोन, हरदा, खंडवा, बुरहानपुर, बैतूल, उज्जैन, शाजापुर, सीहोर, नर्मदापुरम, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा में बारिश हो सकती है।   भोपाल में आज तेज धूप और उमस का प्रकोप रहेगा। अधिकतम तापमान 28-30 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है, जबकि न्यूनतम 22-24 डिग्री रहेगा। आर्द्रता अधिक होने से लोगों को गर्मी का अहसास होगा, लेकिन शाम तक हल्की फुहारें पड़ सकती हैं। दूसरी ओर, नीमच, श्योपुर, भिंड और मुरैना जिलों से मानसून पूरी तरह लौट चुका है। इन इलाकों में अब शुष्क मौसम का राज होगा, और तापमान में धीरे-धीरे वृद्धि हो सकती है। इससे पहले गुरुवार को मंडला-रीवा में पौने 2 इंच पानी गिरा। वहीं, उज्जैन, जबलपुर, सतना, सिवनी, सीधी, उमरिया और बालाघाट में हल्की बारिश दर्ज की गई। राजधानी भोपाल में तेज धूप खिली। इससे गर्मी और उमस का असर रहा। इंदौर, ग्वालियर में भी मौसम साफ रहा। बता दें कि प्रदेश में अब तक औसत 44.1 इंच बारिश हो चुकी है।  

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इंदौर । मध्य प्रदेश के इंदौर‍ जिले में कलेक्टर शिवम वर्मा के निर्देश पर क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय इंदौर द्वारा लोक परिवहन वाहनों बसों, स्कूल वाहनों सहित अन्य वाहनों की लगातार चेकिंग की जा रही है। इसी क्रम में मंगलवार को यातायात नियमों का पालन नहीं करने वाले वाहनों के विरूद्ध सख्ती से कार्रवाई की गई और 14 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना वसूल किया। क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, मंगलवार को इंदौर-धार, इंदौर -उज्जैन रूट की बसों की चेकिंग की गई। स्कूल बसों, यात्री बसों में विभिन्न कमियां पाए जाने पर 12 से अधिक वाहनों पर जुर्माना लगाया गया। साथ ही बिना परमिट संचालित एक बस को जब्त किया गया। साथ ही 05 पिकअप वाहनों को भी दस्तावेज के अभाव में जब्त किया। अन्य वाहनों पर 14 लाख रुपये से अधिक का मध्यप्रदेश मोटरयान कर बकाया था, जिसे मोके पर ही जमा करवाया गया। इस दौरान वाहनों से 81 हजार रुपये से अधिक का जुर्माना वसूला गया।  

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जबलपुर । मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में शरद पूर्णिमा के अवसर पर 5 और 6 अक्टूबर को भेडाघाट में नर्मदा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। संगमरमरी वादियों के लिये प्रख्यात पर्यटन स्थल भेडाघाट में नर्मदा महोत्सव के आयोजन का यह लगातार 22 वां वर्ष है। इस बार के नर्मदा महोत्सव में विश्वप्रसिद्ध धुआंधार जलप्रपात के समीप बने मुक्ताकाशी मंच पर भजनों की सरिता बहेगी। दो दिवसीय इस आयोजन के पहले दिन 5 अक्टूबर की सांस्कृतिक संध्या में पुरी की सुप्रसिद्ध भजन गायिका अभिलिप्सा पांडा अपनी सुरीली आवाज में भजनों की प्रस्तुति देंगी। वहीं, दूसरे दिन 6 अक्टूबर को मधुबनी की मैथिली ठाकुर और पंजाब के लखवीर सिंह लक्खा भजन प्रस्तुत करेंगे। इनके अलावा स्थानीय कलाकारों की सांकृतिक प्रस्तुतियां भी इस दो दिवसीय नर्मदा महोत्सव में होंगी। मंगलवार को महोत्सव को लेकर कलेक्टर राघवेंद्र सिंह ने अधिकारियों को दायित्व सौंपे हैं। नगर निगम जबलपुर के आयुक्त राम प्रकाश अहिरवार को नर्मदा महोत्सव के अतिथि कलाकारों के आगमन से लेकर उनके ठहरने एवं भोजन आदि का प्रबंध करने की जिम्मेदारी सौंपी है। नगर निगम आयुक्त को शहर में प्रमुख स्थानों पर होर्डिंग्स के माध्यम से नर्मदा महोत्सव का व्यापक-प्रचार करने तथा आयोजन स्थल पर अग्निशमन वाहन एवं मोबाइल टॉयलेट की व्यवस्था करने का दायित्व भी सौंपा गया है। वहीं, जिला पंचायत के सीईओ अभिषेक गहलोत को नर्मदा महोत्सव के आयोजन के दौरान महिला स्व-सहायता द्वारा निर्मित सामग्री का प्रदर्शन करने हेंडीक्राफ्ट मेला का आयोजन सुनिश्चित करने का कार्य सौंपा गया है। अपर कलेक्टर नाथूराम गोंड को मुख्य अतिथि के आगमन और प्रस्थान के लिये लाइजनिंग अधिकारी को नियुक्त करने, आमंत्रण पत्र तैयार करने, आयोजन स्थल के अलग-अलग सेक्टर्स के लिये कार्यपालिक मजिस्ट्रेट को तैनात करने, नर्मदा महोत्सव के प्रचार-प्रसार के लिये फ्लेक्स, ब्रोशर, पम्पलेट्स एवं अन्य सामग्री तैयार करने, कलाकारों के अनुसार मंच पर लाइट, साउंड एवं माइक आदि की व्यवस्था करने, बैंकों एवं अन्य व्यवसायिक संस्थानों को स्टॉल आवंटित करने तथा आयोजन के दौरान दिन में नौका विहार की उचित व्यवस्था तय करने की जिम्मेदारी दी गई है। अपर कलेक्टर श्री गोंड को आयोजन स्थल पर आगन्तुकों की बैठक व्यवस्था, लाइट, साउंड, टेंट, स्टेज लाइट, जनरेटर, एलईडी वॉल, वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी आदि का दायित्व भी दिया गया है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अंजना तिवारी को नर्मदा महोत्सव के दौरान भेडाघाट में सुरक्षा व्यवस्था की तथा यातायात एवं वाहनों की व्यवस्थित पार्किंग की दायित्व सौंपा गया है। कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग शिवेंद्र सिंह एवं खनिज अधिकारी ऐ के राय को आयोजन स्थल की लेवलिंग एवं बेरिकेटिंग का तथा भेडाघाट की सड़कों की मरम्मत का कार्य सौंपा गया है। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधीक्षण यंत्री नीरज कुचिया को आयोजन स्थल पर प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था करने तथा हाईमास्ट लगाने का कार्य सौंपा गया है। कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण ईएण्डएम पी के पड़वार को पूर्व के अनुसार यथा स्थान नमामि देवी नर्मदे का ग्लोसाइन बोर्ड लगाने का काम सौपा गया है। मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग के क्षेत्रीय प्रबंधक संजय मल्होत्रा को प्रदेश में स्थित सभी पर्यटन स्थलों एवं पर्यटन विभाग की सभी होटलों में नर्मदा महोत्सव का प्रचार करने, नर्मदा महोत्सव आयोजन स्थल पर फूड फेस्टिवल लगाने, शरद पूर्णिमा खीर का स्टॉल लगाने, पर्यटन विभाग की होटल में आगंतुकों को 25 प्रतिशत की छूट देने तथा जबलपुर स्थित होटलों से भी समन्वय स्थापित कर आगंतुकों को छूट देने की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी दी गई है। जिला सत्कार अधिकारी पीयूष दुबे को नर्मदा महोत्सव के दो दिवसीय आयोजन में आमंत्रित अतिथियों के लिए पात्रतानुसार वाहन की व्यवस्था करने, आमंत्रित अतिथियों एवं जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को निमंत्रण पत्र देने की जिम्मेदारी सौंपी गई है, वहीं सयुंक्त कलेक्टर ऋषभ जैन को आमंत्रण पत्र के वितरण का दायित्व दिया गया है। क्षेत्रीय परिवहन आयुक्त जितेंद्र सिंह रघुवंशी को नर्मदा महोत्सव के आयोजन के दौरान जिले के विभिन्न क्षेत्रों से भेडाघाट तक रियायती दर पर यात्री बस की उपलब्धता सुनिश्वित करने तथा मेट्रो बसों एवं निजी यात्री बसों में नर्मदा महोत्सव का प्रचार करने की जिम्मेदारी दी गई है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ संजय मिश्रा को नर्मदा महोत्सव के आयोजन के दौरान आयोजन स्थल पर चिकित्सकीय स्टॉफ सहित एम्बुलेंस को तैनात करने, कमांडेंट होमगार्ड नीरज सिंह ठाकुर को सुरक्षा हेतु होमगार्ड के जवान उपलब्ध कराने नौका विहार के लिये सुरक्षा उपकरणों सहित गोताखोर एवं मोटर बोट को तैनात करने का दायित्व दिया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी को नर्मदा महोत्सव के आयोजन के दौरान दिन में स्कूली बच्चों की चित्रकला एवं निबंध जैसी प्रतियोगितायें आयोजित करने का कार्य सौंपा गया है। इसी प्रकार भेडाघाट नगर पंचायत के सीएमओ विक्रम झरिया को भेडाघाट के मूर्तिकारों के बीच कलाकृति एवं फोटोग्राफर्स के बीच मॉं नर्मदा पर केंद्रित फोटोग्राफी प्रतियोगिता का आयोजन करने तथा आयोजन स्थल की साफ-सफाई की जिम्मेदारी दी गई है।

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जबलपुर । मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में शरद पूर्णिमा के अवसर पर 5 और 6 अक्टूबर को भेडाघाट में नर्मदा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। संगमरमरी वादियों के लिये प्रख्यात पर्यटन स्थल भेडाघाट में नर्मदा महोत्सव के आयोजन का यह लगातार 22 वां वर्ष है। इस बार के नर्मदा महोत्सव में विश्वप्रसिद्ध धुआंधार जलप्रपात के समीप बने मुक्ताकाशी मंच पर भजनों की सरिता बहेगी। दो दिवसीय इस आयोजन के पहले दिन 5 अक्टूबर की सांस्कृतिक संध्या में पुरी की सुप्रसिद्ध भजन गायिका अभिलिप्सा पांडा अपनी सुरीली आवाज में भजनों की प्रस्तुति देंगी। वहीं, दूसरे दिन 6 अक्टूबर को मधुबनी की मैथिली ठाकुर और पंजाब के लखवीर सिंह लक्खा भजन प्रस्तुत करेंगे। इनके अलावा स्थानीय कलाकारों की सांकृतिक प्रस्तुतियां भी इस दो दिवसीय नर्मदा महोत्सव में होंगी। मंगलवार को महोत्सव को लेकर कलेक्टर राघवेंद्र सिंह ने अधिकारियों को दायित्व सौंपे हैं। नगर निगम जबलपुर के आयुक्त राम प्रकाश अहिरवार को नर्मदा महोत्सव के अतिथि कलाकारों के आगमन से लेकर उनके ठहरने एवं भोजन आदि का प्रबंध करने की जिम्मेदारी सौंपी है। नगर निगम आयुक्त को शहर में प्रमुख स्थानों पर होर्डिंग्स के माध्यम से नर्मदा महोत्सव का व्यापक-प्रचार करने तथा आयोजन स्थल पर अग्निशमन वाहन एवं मोबाइल टॉयलेट की व्यवस्था करने का दायित्व भी सौंपा गया है। वहीं, जिला पंचायत के सीईओ अभिषेक गहलोत को नर्मदा महोत्सव के आयोजन के दौरान महिला स्व-सहायता द्वारा निर्मित सामग्री का प्रदर्शन करने हेंडीक्राफ्ट मेला का आयोजन सुनिश्चित करने का कार्य सौंपा गया है। अपर कलेक्टर नाथूराम गोंड को मुख्य अतिथि के आगमन और प्रस्थान के लिये लाइजनिंग अधिकारी को नियुक्त करने, आमंत्रण पत्र तैयार करने, आयोजन स्थल के अलग-अलग सेक्टर्स के लिये कार्यपालिक मजिस्ट्रेट को तैनात करने, नर्मदा महोत्सव के प्रचार-प्रसार के लिये फ्लेक्स, ब्रोशर, पम्पलेट्स एवं अन्य सामग्री तैयार करने, कलाकारों के अनुसार मंच पर लाइट, साउंड एवं माइक आदि की व्यवस्था करने, बैंकों एवं अन्य व्यवसायिक संस्थानों को स्टॉल आवंटित करने तथा आयोजन के दौरान दिन में नौका विहार की उचित व्यवस्था तय करने की जिम्मेदारी दी गई है। अपर कलेक्टर श्री गोंड को आयोजन स्थल पर आगन्तुकों की बैठक व्यवस्था, लाइट, साउंड, टेंट, स्टेज लाइट, जनरेटर, एलईडी वॉल, वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी आदि का दायित्व भी दिया गया है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अंजना तिवारी को नर्मदा महोत्सव के दौरान भेडाघाट में सुरक्षा व्यवस्था की तथा यातायात एवं वाहनों की व्यवस्थित पार्किंग की दायित्व सौंपा गया है। कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग शिवेंद्र सिंह एवं खनिज अधिकारी ऐ के राय को आयोजन स्थल की लेवलिंग एवं बेरिकेटिंग का तथा भेडाघाट की सड़कों की मरम्मत का कार्य सौंपा गया है। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधीक्षण यंत्री नीरज कुचिया को आयोजन स्थल पर प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था करने तथा हाईमास्ट लगाने का कार्य सौंपा गया है। कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण ईएण्डएम पी के पड़वार को पूर्व के अनुसार यथा स्थान नमामि देवी नर्मदे का ग्लोसाइन बोर्ड लगाने का काम सौपा गया है। मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग के क्षेत्रीय प्रबंधक संजय मल्होत्रा को प्रदेश में स्थित सभी पर्यटन स्थलों एवं पर्यटन विभाग की सभी होटलों में नर्मदा महोत्सव का प्रचार करने, नर्मदा महोत्सव आयोजन स्थल पर फूड फेस्टिवल लगाने, शरद पूर्णिमा खीर का स्टॉल लगाने, पर्यटन विभाग की होटल में आगंतुकों को 25 प्रतिशत की छूट देने तथा जबलपुर स्थित होटलों से भी समन्वय स्थापित कर आगंतुकों को छूट देने की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी दी गई है। जिला सत्कार अधिकारी पीयूष दुबे को नर्मदा महोत्सव के दो दिवसीय आयोजन में आमंत्रित अतिथियों के लिए पात्रतानुसार वाहन की व्यवस्था करने, आमंत्रित अतिथियों एवं जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को निमंत्रण पत्र देने की जिम्मेदारी सौंपी गई है, वहीं सयुंक्त कलेक्टर ऋषभ जैन को आमंत्रण पत्र के वितरण का दायित्व दिया गया है। क्षेत्रीय परिवहन आयुक्त जितेंद्र सिंह रघुवंशी को नर्मदा महोत्सव के आयोजन के दौरान जिले के विभिन्न क्षेत्रों से भेडाघाट तक रियायती दर पर यात्री बस की उपलब्धता सुनिश्वित करने तथा मेट्रो बसों एवं निजी यात्री बसों में नर्मदा महोत्सव का प्रचार करने की जिम्मेदारी दी गई है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ संजय मिश्रा को नर्मदा महोत्सव के आयोजन के दौरान आयोजन स्थल पर चिकित्सकीय स्टॉफ सहित एम्बुलेंस को तैनात करने, कमांडेंट होमगार्ड नीरज सिंह ठाकुर को सुरक्षा हेतु होमगार्ड के जवान उपलब्ध कराने नौका विहार के लिये सुरक्षा उपकरणों सहित गोताखोर एवं मोटर बोट को तैनात करने का दायित्व दिया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी को नर्मदा महोत्सव के आयोजन के दौरान दिन में स्कूली बच्चों की चित्रकला एवं निबंध जैसी प्रतियोगितायें आयोजित करने का कार्य सौंपा गया है। इसी प्रकार भेडाघाट नगर पंचायत के सीएमओ विक्रम झरिया को भेडाघाट के मूर्तिकारों के बीच कलाकृति एवं फोटोग्राफर्स के बीच मॉं नर्मदा पर केंद्रित फोटोग्राफी प्रतियोगिता का आयोजन करने तथा आयोजन स्थल की साफ-सफाई की जिम्मेदारी दी गई है।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मानसून ने अभी विदाई नहीं ली है। प्रदेश में कुछ जिलों में बारिश का दौर जारी है। आज बुधवार को तीन जिलों में तेज बारिश की चेतावनी जारी की है। अगले 24 घंटों के लिए सिवनी, मंडला और बालाघाट में येलो अलर्ट जारी किया है, यहां गरज-चमक के साथ तेज बारिश हो सकती है।मौसम विभाग के अनुसार, वर्तमान में लो प्रेशर एरिया (कम दवाब का क्षेत्र), साइक्लोनिक सकुर्लेशन और एक ट्रफ की एक्टिविटी है। इनका असर बुधवार को दक्षिणी हिस्से के 3 जिलों सिवनी, मंडला और बालाघाट में देखने को मिल सकता है। जहां ढाई इंच से ज्यादा बारिश होने के आसार हैं। वहीं, डिंडोरी, कटनी और सागर सहित अन्य जिलों में भी हल्की से मध्यम बारिश जारी रह सकती है। प्रदेश में अब तक 44 इंच बारिश हो चुकी है, जो सामान्य से 19 प्रतिशत ज्यादा है। गुना और रायसेन ऐसे जिले हैं, जहां 61 इंच से अधिक पानी गिर चुका है। सितंबर के आखिरी दिनों में भी तेज बारिश होगी।देश के कई राज्‍यों से मानसून विदाई ले रहा है। हालां‍कि मध्य प्रदेश में अक्टूबर के पहले सप्ताह तक मानसून की एक्टिविटी जारी रहने की संभावना है। बता दें, प्रदेश में 16 जून को मानसून ने दस्‍तक दी थी। तब से अब तक औसत 44 इंच बारिश हो चुकी है। अब तक 36.7 इंच पानी गिरना था। इस हिसाब से 7.3 इंच पानी ज्यादा गिर चुका है। प्रदेश की सामान्य बारिश औसत 37 इंच है। यह कोटा पिछले सप्ताह ही पूरा हो गया है। अब तक 118 प्रतिशत बारिश हो चुकी है। गुना जिले में सबसे अधिक 65.4 इंच बारिश दर्ज की गई, जबकि खरगोन में सबसे कम बारिश हुई।  

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उमरिया । मध्‍य प्रदेश के उमरिया जिले के विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र में वन्य जीव और मानव द्वन्द थमने का नाम नहीं ले रहा है, आये दिन किसी न किसी पर बाघ एवं अन्य हिंसक जीव हमला करते ही रहते हैं।   जानकारी के अनुसार मंगलवार सुबह करीब साढ़े 6 बजे बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के बफर रेंज मानपुर के दमना बीट के कक्ष क्रमांक पीएफ 352 से सटे राजस्व क्षेत्र में अपने पलतू मवेशी को तलाशने ग्राम दमना निवासी दिनेश सिंह पुत्र भैया लाल सिंह (50) वर्ष खेतों की तरफ गया था जहाँ झाड़ियों में अपने शिकार की रखवाली करते बाघ ने दिनेश सिंह पर हमला कर दिया जिसमें दिनेश सिंह घायल हो गया। शोर शराबा करने पर बाघ उसे छोड़ कर भाग गया तब किसी तरह घायल घर पहुंचा और वन विभाग को सूचना दी। वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच कर मानपुर अस्पताल में भर्ती करावाया।   मानपुर रेंजर मुकेश अहिरवार ने बताया कि मंगलवार सुबह जैसे ही घटना की सूचना मिली तत्काल अपनी टीम को रवाना किया और घायल दिनेश सिंह को लाकर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मानपुर में भर्ती करवा दिया है। साथ ही तात्कालिक सहायता राशि के तौर पर एक हजार रूपये भी दे दि गए है आगे जो भी खर्च इलाज में आएगा वह नियमानुसार दिया जायेगा।  

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भोपाल । संस्कृति विभाग, म.प्र. शासन द्वारा शारदीय नवरात्रि के पावन अवसर पर “शक्ति पर्व” का आयोजन सोमवार शाम माँ विजयासन माता मंदिर प्रांगण, सलकनपुर में किया गया। लोक गीत, भक्ति गीत और शिव-सती की गाथा पर केंद्रित नृत्य नाटिका के माध्यम से कलाकारों ने माँ के प्रेम और शक्ति के विभिन्न स्वरूपों का बखान किया। समारोह में भोपाल की पूर्णिमा चतुर्वेदी का लोकगायन, मुंबई के चरणजीत सिंह के भक्ति गायन की प्रस्तुतियाँ हुईं तो भोपाल की दुर्गा मिश्रा एवं साथी कलाकारों ने नृत्य नाटिका "शिव-सती गाथा" का नृत्य शैली में मंचन किया। भोपाल की पूर्णिमा चतुर्वेदी ने गणपति भजन, गणपति सभा में आये हरि सभा में रंग बरसाये... गीत पेशकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कलारसिकों के मध्य देवी गीत अंबे मैया आओ रे पूजू तुम्हारे पाँव... गाकर माहौल को भक्तिमय बना दिया। सभा को विस्तारित करते हुए देवी दर्शन गीत फूल बगियन में देख आई सखियाँ मैया बिजासन आई है..., शिव परिवार झूला गीत झूलत गिरिजा संग उमापति..., गौरी पूजन गीत करूं गौरी की पूजा तन-मन से..., देवी महिमा गीत मैया जी की महिमा न्यारी..., देवी झूला गीत झूला झूल रही भवानी..., देवी सत्कार गीत अंबा भवानी तुम रूणझुण करता आओ..., मैया से विनती ठुमुक-ठुमुक चली आ जाना..., सुहाग गीत बहनों को देना सुहाग..., मेंहदी गीत रंग लाई मैया जी के हाथ मेंहदी... और अंत में हनुमान जी का भजन महावीर बलवान करता कल्याण... गाकर सभा को विराम दिया। उनके साथ आराधना पाराशर, मीनाक्षी पगारे और प्रज्ञा अत्रे ने संगत दी। समारोह के अगली चरण में भोपाल की दुर्गा मिश्रा एवं साथी नृत्यांगनाओं ने नृत्य नाटिका “शिव-सती गाथा” के माध्यम से माता के शक्ति स्वरूप और शिव के रौद्र रूप की कथा को मंच पर जीवंत किया। कथा का आरंभ दक्ष प्रजापति के ब्रह्मा जी के साथ संवाद से हुआ, जिसमें वे सती के विवाह की चिंता लेकर ब्रह्म देव के समक्ष उपस्थित होते हैं। ब्रह्म देव उन्हें सती के जन्म की वास्तविकता का पुनः स्मरण करवाते हैं, किंतु दक्ष प्रजापति अहंकार में आकर सत्य को स्वीकार न करते हुए सती स्वयंवर की घोषणा कर देते हैं। नाटिका में आगे दिखाया गया कि महादेव का विवाह सती के साथ हो जाने से दक्ष ने शिव एवं सती से संबंध विच्छेद कर लिए और विवाह के कुछ समय के उपरांत ही एक सहस्त्र कुंड यज्ञ कराया। उस यज्ञ में शिव-सती को छोड़कर बाकी सभी को निमंत्रित किया गया। माता सती बिना निमंत्रण के वहाँ पहुँच जाती हैं और दक्ष प्रजापति की बातों से क्रोधित होकर स्वयं को अग्नि में भस्मीभूत कर लेती हैं। नाटिका में आगे दिखाया गया कि शिव इस दुःख से क्रोध में आकर विनाशकारी तांडव नृत्य आरंभ कर देते हैं। श्रीहरि महादेव को इस स्थिति से बाहर निकलने हेतु माता सती की देह को सुदर्शन से भेद देते हैं। इस प्रकार माता सती के विविध अंगों से अलग-अलग शक्ति पीठों की स्थापना होती है। 20 कलाकारों ने इस संपूर्ण कथा को कथक नृत्य के माध्यम से दिखाया। भक्ति संध्या में अंतिम प्रस्तुति मुंबई के चरणजीत सिंह सौंधी ने स्वरचित भक्ति गीतों की हुई। चरणजीत ने कर दो दया मेरी माँ... गाकर मंदिर प्रांगण की फिजा को भक्ति के नौ रसों से सराबोर कर दिया। इसके बाद मैया आ गई दरबार..., नच-नच के..., चली भवानी चली..., मैया खप्पर वाली..., मेरी मैया के भवन..., मईया के द्वारे जो कोई..., जगाए ऐसी भाग्य दतिए..., मेरी शेरावाली माता है..., मेरी माँ ने किया कमाल..., इस ज्योति का ध्यान लगा लो..., जाग-जाग महाकाली माँ..., तेरी चौखट पे माँ शेरावाली..., अबके बरस है मेरी बारी... जैसी गीत गाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मौसम ने एक बार फिर करवट ली है। मौसम विभाग ने बताया कि मानसून की विदाई से पहले 25-26 सितंबर से एक निम्न दबाव का क्षेत्र सक्रिय होगा, जिससे राज्य में भारी बारिश होने की संभावना है। जिसके बाद मानसून के विदाई हो सकती है। देश के चार राज्यों-गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब में मानसून ने विदाई लेना शुरू कर दिया है, लेकिन मध्य प्रदेश में यह अक्टूबर के पहले सप्ताह तक रुक सकता है। आज मंगलवार को कुछ जिलों में हल्की बारिश हो सकती है।इससे पहले सोमवार को कई जिलों में बारिश और धूप वाला मौसम रहा। राजधानी भोपाल में सुबह से ही धूप खिली रही। इस वजह से गर्मी और उमस से परेशानी बढ़ गई। इंदौर में करीब एक इंच पानी गिर गया। वहीं, रतलाम में भी बूंदाबांदी हुई। मौसम विभाग का कहना है कि अब 25-26 सितंबर से तेज बारिश का अनुमान है, जो अक्टूबर के पहले सप्ताह तक रहेगा। इसके बाद मानसून धीरे-धीरे विदाई ले सकता है। प्रदेश में इस मानसूनी सीजन में अब तक औसत 43.9 इंच बारिश हो चुकी है। अब तक 36.5 इंच पानी गिरना था। इस हिसाब से 7.4 इंच पानी ज्यादा गिर चुका है। प्रदेश की सामान्य बारिश औसत 37 इंच है। यह कोटा पिछले सप्ताह ही पूरा हो गया है। अब तक 118 प्रतिशत बारिश हो चुकी है।इस बार गुना में सबसे ज्यादा 65.4 इंच पानी गिर चुका है। रायसेन में 61.1 इंच, मंडला में 60 इंच, श्योपुर में 56.6 इंच और अशोकनगर में 56 इंच बारिश हो चुकी है। वहीं, सबसे कम 26.8 इंच बारिश खरगोन में हुई। शाजापुर में 28.6 इंच, खंडवा में 28.8 इंच, बड़वानी में 29.8 इंच और धार में 31.9 इंच पानी गिर चुका है। ग्वालियर-चंबल में भी मानसून जमकर बरसा है। यहां के सभी 8 जिलों में कोटे से ज्यादा पानी गिर चुका है। इनमें ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, भिंड, मुरैना, दतिया और श्योपुर शामिल हैं। भोपाल, जबलपुर, रीवा, सागर और शहडोल संभाग में तेज बारिश हुई है।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मौसम एक बार फिर करवट लेने को तैयार है। अगले तीन दिनों तक प्रदेश के कई हिस्सों में हल्की बारिश का दौर चलता रहेगा, लेकिन 25 से 26 सितंबर के बीच मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल जाएगा और तेज बारिश का सिलसिला शुरू होगा। इसके बाद धीरे-धीरे प्रदेश से मानसून की वापसी का रास्ता भी साफ होने लगेगा। फिलहाल भोपाल, इंदौर, जबलपुर समेत कई जिलों में हल्की बारिश की संभावना बनी हुई है। सोमवार को राजधानी भोपाल में सुबह से धूप खिली रही, हालांकि नमी और उमस के कारण मौसम में चिपचिपाहट महसूस की गई। उल्‍लेखनीय है कि रविवार को प्रदेश के नर्मदापुरम, उज्जैन, मंडला, नरसिंहपुर सहित 15 से अधिक जिलों में हल्की बारिश दर्ज की गई। भोपाल में कोलार, कलियासोत और भदभदा डैम के गेट खुले रहे। राजधानी भोपाल में पिछले 24 घंटे में तेज धूप और हल्की उमस के बाद मौसम में बदलाव देखने को मिला। उज्जैन में दिनभर उमस और धूप के कारण लोग परेशान रहे, लेकिन शाम होते-होते आसमान पर बादल छा गए और तेज बारिश ने लोगों को राहत दी।मौसम वैज्ञान विभाग के अनुसार सोमवार और मंगलवार को भी हल्की बारिश हो सकती है। हालांकि 25 सितंबर से बंगाल की खाड़ी में लो-प्रेशर एरिया के एक्टिव होने की संभावना है, जिसके चलते मध्य प्रदेश में तेज बारिश का दौर शुरू होगा। यह सिस्टम दो से तीन दिन तक असर दिखा सकता है और इसके बाद मानसून की विदाई की प्रक्रिया शुरू होगी।प्रदेश में मानसून ने 16 जून को प्रवेश किया था, तब से अब तक औसतन 43.8 इंच बारिश दर्ज की जा चुकी है, जबकि सामान्य तौर पर 36.3 इंच बारिश होने पर राज्‍य का मानसूनी कोटा पूरा हो जाता है, यानी अपेक्षा से अधिक अब तक प्रदेश में 7.5 इंच अधिक पानी गिर चुका है।ग्वालियर और चंबल संभाग में मानसून ने जमकर बरसात की। यहां के आठों जिलों ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, भिंड, मुरैना, दतिया और श्योपुर में सामान्य से अधिक पानी गिर चुका है। पूर्वी हिस्से यानी जबलपुर, रीवा, सागर और शहडोल संभाग में तो मानसून की शुरुआत से ही स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव रहे और कई जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति बनी। छतरपुर, मंडला, टीकमगढ़ और उमरिया जैसे जिलों में तेज बारिश और नदियों के उफान के कारण मुश्किलें भी बढ़ीं। दूसरी ओर इंदौर संभाग की शुरुआत कमजोर रही और यहां सामान्य बारिश को लेकर आशंकाएँ बनी रहीं। लेकिन सितंबर में हुई तेज बारिश से इंदौर में सामान्य बारिश का कोटा पूरा हो गया। हालांकि बड़वानी, खरगोन और खंडवा जैसे जिलों में हालात अभी भी कमजोर हैं। उज्जैन संभाग में भी स्थिति संतोषजनक नहीं है और शाजापुर अब भी सबसे कम बारिश वाले जिलों में दूसरे नंबर पर बना हुआ है।विशेषज्ञों का कहना है कि सितंबर के अंतिम सप्ताह में होने वाली यह बारिश खरीफ की फसलों के लिए वरदान साबित होगी। सोयाबीन, धान और मक्का जैसी फसलों को अंतिम दौर की सिंचाई मिल जाएगी। वहीं जहां ज्यादा बारिश होगी, वहां कटाई में थोड़ी देरी भी हो सकती है। दूसरी ओर मानसून की विदाई की शुरुआत अक्टूबर के पहले सप्ताह से मानी जा रही है।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में रविवार को भूतड़ी अमावस्या के अवसर पर नर्मदा आंवली घाट और कालियादेव पहुंचकर हजारों श्रद्धालुओं ने स्नान कर पूजा अर्चना की। कलेक्टर बालागुरू के. के निर्देशानुसार जिला प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं के सुविधा के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गईं तथा पर्याप्त संख्या में जिला प्रशासन तथा पुलिस के अधिकारी-कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई। धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं के अनुसार हिन्दू पूजा-पद्धति में अमावस्या से लेकर एकादशी तक अनेक प्रकार के व्रत एवं पूजन का विधान है। लोग अपनी आस्था एवं श्रद्धा के अनुसार विभिन्न धार्मिक स्थलों, तीर्थ स्थानों एवं पवित्र नदियों में स्नान और पूजा अर्चना कर पुण्य की प्राप्ति करते हैं। हिन्दू धर्म में पूर्वजों का श्राद्ध करना और उनका तर्पण करना पुण्यदायी माना गया है। श्राद्ध पक्ष में श्रद्धालु अपने पूर्वजों को याद कर उनका श्राद्ध और तर्पण मां नर्मदा में करते हैं। पितृमोक्ष अमावस्या पर 16 श्राद्ध पूर्ण होते ही शारदीय नवरात्रि प्रारंभ होती है। अश्विनी कृष्ण पक्ष अमावस्या को भूतड़ी अमावस्या भी कहा जाता है। इसी के चलते आवली घाट पर श्रद्धालु मां नर्मदा में स्नान कर पूजा अर्चना करते हैं।  

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश परिवहन विभाग में नागरिकों को ऑनलाईन सुविधा देने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। विभाग द्वारा वर्तमान में 51 प्रकार की फेसलेस सुविधा प्रदान की जा रही है। इस तरह की सुविधा देने वाला मध्य प्रदेश देश में दूसरा राज्य है। नागरिकों द्वारा ऑनलाइन सुविधा लेने के लिये अपलोड किये गये दस्तावेजों में कमी होने पर विभाग द्वारा आवेदक को एसएमएस के माध्यम से सूचित भी किया जा रहा है। इस सुविधा से नागरिक किसी प्रकार की कमी होने पर दस्तावेज को पुन: अपलोड कर पा रहे है। विभाग ने जिलेवार परिवहन कार्यों की समीक्षा के लिये एमआईएस कंसोल का उपयोग शुरू किया है।जनसंपर्क अधिकारी मुकेश मोदी ने सोमवार को बताया कि प्रदेश में चलने वाले वाहनों से होने वाले प्रदूषण नियंत्रण के लिये उन्नत पीयूसीसी 2.0 प्रणाली शुरू की है। इस समय प्रदेश में 600 से ज्यादा प्रमाणिक परीक्षण केन्द्र संचालित किये जा रहे है। सभी केन्द्रों को वाहन पोर्टल के पीयूसीसी संस्करण 2.0 के साथ एकीकृत किया गया है। इस सुविधा से नागरिकों को पीयूसी प्रमाण पत्र रियल टाईम पर सिस्टम द्वारा जारी किया जा रहा है। प्रदेश में वाहन परमिट समस्या समाधान के लिये क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण का पुनर्गठन कर संभागीय आयुक्तों को परमिट जारी करने का अधिकार दिया गया है। प्रदेश में 2700 से अधिक स्थाई परमिट होने से अस्थाई परमिट पर निर्भरता कम हुई है। इस व्यवस्था से आरटीओ एवं प्रवर्तन के काम में कमी आई है।पारदर्शिता के उपायपरिवहन विभाग ने अपनी कार्यप्रणाली में ट्रांसपेरेंसी लाने के लिये डिजिटल पेमेंट की सुविधा भी उपलब्ध कराई है। प्रवर्तन के दौरान पीओएस मशीन के माध्यम से पारदर्शी चालान जारी कर समय पर राजस्व लेखा संधारित किया जा रहा है। प्रवर्तन कर्मचारियों की निगरानी के लिये विभाग द्वारा एप विकसित किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाएं सुलभ तरीके से नागरिकों को उपलब्ध करवाने के लिये एमपी ऑनलाइन को अधिकृत किया गया है।  

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भोपाल। मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में मंडीदीप औद्योगिक क्षेत्र में स्थित फोम कंपनी अनन्या पैकर्स में शनिवार देर शाम आग लग गई। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप लले लिया। आग की लपटें इतनी तेज थी कि दूर से दिखाई दे रही थी। सूचना मिलने पर दमकल का गाड़ियां मौके पर पहुंची और आग बुझाने के प्रयास शुरू किए। खबर लिखे जाने तक आसपास के क्षेत्रों से बुलाई गई 20 दमकलों की मदद से आग बुझाने का काम जारी था। जानकारी के अनुसार, एसोसिएशन ऑफ ऑल इंडस्ट्रीज के पूर्व अध्यक्ष राजीव अग्रवाल की कंपनी अनन्या पैकर्स में प्रमुख कंपनियों के लिए री-बोंडेड फोम के गद्दे बनाए जाते हैं। यहां शनिवार रात करी सात बजे अचानक आग लग गई। सूचना पर नगर पालिका की पांच दमकलों समेत एचईजी लिमिटेड ,वर्धमान यार्न, पार्ले, हर्ष,दावत फूड्स,लूपिन अरिस्टो कंपनियों की दमकलें मौके पर पहुंची। भोपाल से भी पांच दमकलों को बुलवाया गया। रात 11 बजे तक आग पर पूरी तरह काबू नहीं पाया जा सका। घटना की जानकारी मिलते ही एसडीएम चंद्रशेखर श्रीवास्तव और एसडीओपी शीला सुराणा मौके पर पहुंचे। मंडीदीप और सतलापुर के पुलिस जवान भी घटनास्थल पर तैनात हैं। एसडीएम चंद्रशेखर श्रीवास्तव ने बताया की कंपनी के ऊपरी हिस्से में आग पर काबू पा लिया गया है। वहीं लेकिन अंदर अभी भी आग जल रही है। जिसे काबू करने का प्रयास जारी है। कंपनी में गद्दे बनाए जाते थे। संभावना है कि अंदर आग हो सकती है। इस लिए मलबा हटा कर आग बुझाई जा रही है। जिससे बाद में आग न फैल सके।    

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उज्जैन । शारदीय नवरात्र सोमवार से है। इस बार नवरात्र दस दिन के आ रहे हैं। सोमवार को घट स्थापना होगी और नवरात्र का समापन 2 अक्टूबर को होगा। ऐसा कई वर्ष बाद संयोग बन रहा है कि जिस दिन नवरात्र की पूर्णता होगी,उसी दिन दसवा दिन होकर विजयादशमी पर्व भी मनाया जाएगा।   ज्योतिषाचार्य पं.हरिहर पण्ड्या के अनुसार इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आएंगी। हस्त नक्षत्र संयोग के साथ नवरात्र के पहले दिन सोमवार को प्रात:काल से 11.24 बजे तक उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र रहेगा। इसके बाद हस्त नक्षत्र का संयोग बनेगा। इस योग में मां दुर्गा का पूजन मनोकामना पूर्ण करनेवाला रहेगा।   घटस्थापना के मुहूर्त   अमृत: प्रात: 6.13 से 7.30 बजे तक।   शुभ: प्रात: 9 से 10.30 बजे तक।   अभिजीत मुहूर्त: प्रात: 11.49 से 12.38 बजे तक।   अमृत: अपरांह 3 से सायं 6 बजे तक।   चर: शाम 6 से रात्रि 7.30 बजे तक।   लाभ: रात्रि 10.30 से 12 बजे तक।   वृश्चिक लग्न: प्रात: 10.14 से 12.31 बजे तक।   कुंभ लग्न: शाम 4.22से 5.55 बजे तक।   वृष लग्न: रात्रि 9.05 से 11.03 बजे तक।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में हल्की बारिश का सिलसिला जारी है। लोकल सिस्टम की सक्रियता के चलते हल्की बारिश हो रही है। प्रदेश में रविवार को फिलहाल कहीं भी भारी बारिश का अलर्ट नहीं है। प्रदेश में अभी दो सिस्टम एक्टिव है लेकिन वे स्‍ट्रांग नहीं है। कुछ जिलों में लोकल सिस्टम एक्टिव होने से बारिश हो रही है। आज रविवार को भी इसका असर देखने की संभावना है।मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर-पूर्वी ट्रफ गुजर रही है। वहीं, पूर्वी हिस्से के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन (चक्रवात) भी एक्टिव है। हालांकि ये सिस्‍टम ज्‍यादा मजबूत नहीं है, जिस कारण भारी बारिश से राहत मिली है। लेकिन कुछ जिलों में लोकल सिस्टम के एक्टिव होने से भी बारिश हो रही है। रविवार को भी इन सिस्टम का असर देखने को मिल सकता है। ऐसे में पूरे प्रदेश में हल्की बारिश का यलो अलर्ट है। पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में कहीं हल्की तो कहीं रिमझिम बारिश हो रही है।शनिवार को भोपाल, इंदौर समेत प्रदेश के 25 जिलों में बारिश हुई। नर्मदापुरम में सबसे ज्यादा 1 इंच, नरसिंहपुर, शिवपुरी-खरगोन में आधा इंच पानी गिरा। भोपाल, शाजापुर, आगर-मालवा, सीहोर, देवास, राजगढ़, विदिशा, धार, इंदौर, उज्जैन, छिंदवाड़ा, दमोह, रीवा, बालाघाट, बड़वानी, मऊगंज, गुना, डिंडौरी में भी बारिश हुई। बता दें कि प्रदेश में अब तक औसत 43.6 इंच बारिश हो चुकी है। वहीं, भोपाल के पास कोलार डैम के सीजन में पहली बार 2 गेट खुले। शनिवार को भोपाल के ही कलियासोत के 2 और भदभदा का भी एक गेट खुला। अब सिर्फ केरवा डैम ही ऐसा है, जिसके गेट नहीं खुले हैं।

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भोपाल । आश्विन मास की अमावस्या पर रविवार 21 सितंबर को इस साल का दूसरा और आखिरी सूर्यग्रहण होने जा रहा है, लेकिन इस ग्रहण को पृथ्‍वी के सीमित जनसंख्‍या वाले स्‍थानों से ही देखा जा सकेगा। यह ग्रहण भारतीय समयानुसार रविवार देर रात 10 बजकर 59 मि‍नट 43 सेकेंड से आरंभ होगा और मध्‍यरात्रि के बाद 3 बजकर 23 मिनट 45 सेकंड पर समाप्‍त होगा। इस समय भारत में रात होगी, इसीलिए यह सूर्यग्रहण भारत में नहीं देखा जा सकेगा।   नेशनल अवार्ड प्राप्‍त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने शनिवार को उक्त खगोलीय घटना की मैप की मदद से जानकारी देते हुए बताया कि इस ग्रहण को न्‍यूजीलैंड के साथ आस्‍ट्रेलिया के ईस्‍टर्न कोस्‍ट की एक पतली स्ट्रिप तथा अंटार्टिका के भागों में देखा जा सकेगा। एक गणितीय अनुमान के अनुसार इस ग्रहण को विश्‍व की कुल जनसंख्‍या का लगभग 0.2 प्रतिशत भाग ही देख सकेगा।   उन्होंने बताया कि जहां तक ग्रहण के असर की बात है, तो हर साल चार ग्रहण होते ही हैं, जिनमें कम से कम दो चंद्रग्रहण और और दो सूर्यग्रहण होते हैं। इनमें से कुछ आपके शहर में दिखाई भी देते हैं तो कुछ पृथ्‍वी के अन्‍य भागो पर होते हैं। इस तरह अगर किसी व्‍यक्ति की आयु 75 वर्ष है तो वह कम से कम 300 ग्रहण की भौगोलिक स्थिति का अनुभव कर चुका होता है। अगर 300 ग्रहण के बाद भी कोई विपरीत असर न आया हो तो नई युवा पीढ़ी को ग्रहण से भयभीत करना ठीक नहीं माना जा सकता है। ग्रहण का भी होता है खानदान सारिका ने बताया कि रविवार का यह ग्रहण 18 वर्ष 11 दिन और आठ घंटे की अवधि के बाद फिर उसी रूप में आ रहा है, जैसा कि 11 सितंबर 2007 को हुआ था। इस ग्रहण के बाद फिर इसी अंतराल के बाद 03 अक्‍टूबर 2043 को पुन: इसी रूप में दिखाई देगा। लगभग 18 वर्ष 11 दिन और आठ घंटे की अवधि के बाद ग्रहण फिर उसी स्थिति में होता है, जिसमें चंद्रमा की पृथ्‍वी से दूरी और स्थिति समान रहती है। इस तरह हर एक ग्रहण किसी एक खानदान का सदस्‍य होता है। इस खानदान को सारोस कहते हैं। यह सारोस 154 खानदान ग्रहण है। इस खानदान या सारोस में कुल 71 ग्रहण होना है, जिसमें यह सातवां ग्रहण है। सारिका ने बताया कि अगर आप भारत में सूर्य ग्रहण देखना चाहते हैं तो आपको 02 अगस्‍त 2027 का इंतजार करना होगा। तब आप आंशिक सूर्यग्रहण देख पाएंगे। उन्होंने बताया कि अगर आपका जन्‍म 1950 में हुआ है, तो आप अब तक 340 ग्रहण का सामना कर चुके हैं।

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उमरिया । मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में स्थित प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र में शुक्रवार को एक मादा बाघ शावक का शव मिला है। क्षेत्र संचालक बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व उमरिया अनुपम सहाय ने बताया कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पतौर रेंज में बीट क्रमांक आर एफ 404 में गश्त के दौरान एक मादा बाघ शावक के मौत की सूचना प्राप्त हुई। सूचना मिलते ही विभागीय अमले द्वारा तत्काल स्थल पर पहुँचकर मानक संचालन प्रक्रिया (एस ओ पी) के तहत आवश्यक कार्यवाही प्रारम्भ की गई है। मृत्यु का कारण संभावित आपसी संघर्ष बताया जा रहा है।   उन्होंने बताया कि घटना की जानकारी प्राप्त होते ही उच्च अधिकारियों को सूचित किया गया तथा वन्यप्राणी अपराध नियंत्रण ब्यूरो एवं राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण एन टी सी ए के निर्देशानुसार प्रक्रियाएँ पूर्ण की गईं। मृत बाघ शावक का पंचनामा तैयार कर स्थल संरक्षण किया गया। डॉग स्वायड से शव तथा स्थल की जांच कराई गई। मेटल डिटेक्टर से शव की जांच की गई। सक्षम वन्य चिकित्सक की उपस्थिति में विस्तृत पोस्टमॉर्टम परीक्षण किया गया। नमूना संकलन विधिवत किया गया, जिसे परीक्षण हेतु अधिकृत प्रयोगशाला प्रेषित किया जाएगा। शव दाह की कार्यवाही कल की जाएगी।

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भोपाल  । मध्य प्रदेश में मौसम का स्ट्रांग सिस्टम कमजोर पड़ गया है। इस वजह से प्रदेश में अब हल्की बारिश का दौर चल रहा है। सितंबर का यह महीना प्रदेश में मानसून के अंतिम चरण में है, जहां औसतन 6 से 8 दिनों में बारिश दर्ज की जाती है। मौसम विभाग का कहना है कि आज शनिवार को राज्य में बादल छाए रहेंगे और दिनभर गरज-चमक के साथ छिटपुट बारिश का दौर जारी रह सकता है। कही भी भारी बारिश का अलर्ट नहीं है।मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर-दक्षिण ट्रफ प्रदेश से गुजर रही है। वहीं, उत्तरी-दक्षिणी हिस्से में दो चक्रवात भी एक्टिव है, लेकिन यह स्ट्रॉन्ग नहीं है। इस वजह से अगले चार दिन तक भारी बारिश का दौर नहीं रहेगा। हालांकि, लोकल सिस्टम के सक्रिय होने से कहीं-कहीं तेज बारिश भी हो सकती है। शुक्रवार को 10 से ज्यादा जिलों में बारिश हुई। छतरपुर के खजुराहो और बड़वानी के सेंधवा में तेज बारिश का दौर रहा। एबी रोड स्थित बिजासन घाट क्षेत्र में डेढ़ घंटा मूसलाधार पानी गिरा। वहीं, खजुराहो के रनगुवां बांध के तीन गेट खोल दिए गए।इधर, राजधानी भोपाल के भदभदा डैम का एक गेट फिर से खोला गया। इस सीजन में चार बार गेट खुल चुके हैं। भोपाल में शाम को तेज बारिश हुई। बैतूल में सवा इंच और रतलाम-छिंदवाड़ा में 1-1 इंच पानी गिर गया। नर्मदापुरम के पचमढ़ी, शिवपुरी, जबलपुर, छतरपुर के नौगांव, सीधी, बड़वानी में भी हल्की बारिश हुई। प्रदेश में इस मानसूनी सीजन में औसत 43.5 इंच बारिश हो चुकी है, जो सामान्य बारिश से 7.5 इंच ज्यादा है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि आखिरी सप्ताह में पूरे प्रदेश में तेज बारिश का एक और दौर शुरू हो सकता है। वहीं, प्रदेश में तापमान की बात करें तो अधिकतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 22 डिग्री के आसपास रहने का अनुमान है। आर्द्रता का स्तर 80-90 प्रतिशत तक पहुंच सकता है, जिससे उमस भरी गर्मी का अहसास होगा

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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उज्जैन । मध्य प्रदेश के उज्जैन में सहजयोग का तीन दिवसीय निर्मल ज्ञान प्रोग्राम शुक्रवार से प्रारंभ हो गया। इसका समापन रविवार को होगा। इस कार्यक्रम में शामिल होने प्रदेश भर से सहजयोगी भाई-बहन आए हैं। नगर समन्वयक सुधीर कुमार धारीवाल ने बताया कि उक्त आयोजन देवास मार्ग स्थित श्री राजेंद्र सूरीश्वर शोध संस्थान,उज्जैन में सम्पन्न हो रहा है। प्रात: से संध्या तक चलने वाले इस कार्यक्रम में ध्यान की गहनता, धर्म-आध्यात्म और एक नागरिक के रूप में समाज में हमारी भूमिका जैसे विषयों पर सहजयोग प्रणेता परम पूज्य श्रीमाताजी निर्मला देवी द्वारा दिए गए प्रवचनों,आत्मसाक्षात्कार तथा ध्यान की विविधता और विधियों पर आनिंधा राय, प्रद्योत वर्मा एवं कार्तिकेय निवासी बैंगलुरू, ब्रजेश पाण्डेय निवासी कानपुर, दीपा गोखले निवासी महू एवं भरत कुलकर्णी निवासी इंदौर के द्वारा विस्तार से जानकारी दी जा रही है। यह जानकारी एलईडी पर पॉवर पाइंट प्रजेंटेशन के द्वारा,विभिन्न स्लाइड शो के द्वारा तथा निर्मल ज्ञान पुस्तिका के माध्यम से दी जा रही है। करीब 250 साधक इस प्रोग्राम में ध्यान की गहनता का अनुभव और साक्षात्कार प्राप्त करने आये हैं।कार्यक्रम में सहजयोग के प्रदेश समन्वयक अमित गोयल,पूर्व ट्रस्टी अनिल जोशी,पूर्व प्रदेश समन्वयक गोपालसिंह ज्वेल एवं दीपक गोखले, पूर्व नगर समन्वयक कमलकिशोर नागर,रमेश जैन उपस्थित थे।   कार्यक्रम के प्रारंभ में दीप प्रज्ज्वलन अतिथियों ने किया। स्वागत भाषण नगर समन्वयक सुधीरकुमार धारीवाल ने दिया। अतिथि स्वागत के पश्चात कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कानपुर के बृजेश पांडेय ने कहा कि आज जब तीसरे विश्व युद्ध की बात हो रही है, तब सहजयोग प्रणेता परम् पूज्य श्रीमाताजी निर्मला देवी के द्वारा बताए गए क्षमा, प्रेम,त्याग और राष्ट्र प्रथम के पथ को याद रखना होगा। श्रीमाताजी स्वयं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थीं। माताजी ने पाश्चात्य संस्कृति के अवगुणों से वहां के लोगों को बचाने तथा हमारे धर्म-संस्कृति का प्रसार करने के लिए विश्व के 150 से अधिक देशों में सहजयोग का प्रचार किया और अनुयायी बनाए, जो आज भारतीय संस्कृति के वाहक बन गए हैं। भरत कुलकर्णी ने सहजयोग के सूक्ष्म ज्ञान की व्याख्या करते हुए बताया कि सहजयोग भविष्य से भविष्य का निर्माण करने में सहयोगी है। हमे अतीत को भूलकर क्षमा गुण अपनाना होगा। तभी हम मानव को मानवतामय बना सकेंगे। हर जन से प्रेम करना और अपने अहंकार को समाप्त करना उत्थान के सही मार्ग है।    

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उज्जैन । मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर के समीप पुराने महाराजवाड़ा स्कूल में पर्यटन विकास निगम की हेरिटेज होटल बनी है। इसी वर्ष इसका लोकार्पण हुआ है। इस होटल की फर्जी वेबसाइट ठगों ने बना ली है, जिससे वे रूम बुक करने वाले पर्यटकों को ठग रहे हैं।   एक परिवार स्वीट रूम बुक करने के बाद जब यहां पहुंचा तो पता चला कि उनके नाम से रूम बुक ही नहीं हुआ है। महाकाल थाना पुलिस के अनुसार ढाई माह (1 जुलाई से 18 सितंबर) के भीतर छह से सात पर्यटक धोखाधड़ी के शिकार हो चुके हैं। हेरिटेज होटल के प्रबंधक सतीश पिता उमाशंकर पाठक (57) ने गुरुवार शाम भी महाकाल थाने में धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। इन ठगों द्वारा अभी तक पांच से छह लाख रुपए की धोखाधड़ी पर्यटकों से की जा चुकी है। टीआई गगन बादल ने बताया कि सभी शिकायतें लेकर तकनीकी जांच कराई जा रही है।   इसके पहले महाकाल मंदिर के भक्त निवास और सूर्यनारायण व्यास धर्मशाला के नाम पर कई बार रुम बुकिंग के नाम पर ऑनलाइन ठगी हुई है। माधव सेवा न्याय पर भी ठगी हुई थी। जब घटनाएं बढ़ी तो करीब दो महीने पहले पुलिस ने ऐसी 7 फर्जी बेवसाइट बंद करवाई थी, जो इन महाकाल मंदिर के मिलते-जुलते नाम पर थी और ठगी में उपयोग की जा रही थी। अब ठगों के निशाने पर यह होटल आ गई है।

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भोपाल  । मध्‍य प्रदेश में अब मानसून की वापसी होने लगी है। हालांकि इससे पहले प्रदेश के कुछ जिलों में बारिश की गतिविधियां अभी भी जारी है। गुरुवार को छतरपुर के खजुराहो में 1 इंच से ज्यादा बारिश हुई, जबकि ग्वालियर में आधा इंच से ज्यादा पानी गिरा। भोपाल, जबलपुर, दतिया, इंदौर, श्योपुर, उज्जैन, मंडला, रीवा, टीकमगढ़, उमरिया, बालाघाट, राजगढ़ में भी हल्की बारिश हुई। मौसम विभाग ने आज शुक्रवार से अगले 4 दिन तक हल्की बरसात का दौर जारी रहने की संभावना जताई है।मौसम विभाग के अनुसार, मानसून की विदाई के दौरान भी पूरे प्रदेश में तेज बारिश का एक और दौर शुरू हो सकता है। फिलहाल 4 दिन तक तेज बारिश का अलर्ट नहीं है। हालांकि, गुरुवार को दो टर्फ और एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन की एक्टिविटी प्रदेश में रही। इस वजह से कुछ जिलों में बारिश का दौर चला। उज्जैन में हुई बारिश के कारण शिप्रा में जलस्‍तर बढ़ने से रामघाट के मंदिरों में पानी घुस गया। बैतूल के मुलताई में लोगों के घरों में पानी भर गया। पांढुर्णा में बारिश की वजह से जाम नदी का भी जलस्‍तर बढ़ गया है। पिछले 24 घंटे के दौरान 25 से ज्यादा जिलों में बारिश हुई।प्रदेश में इस मानसूनी सीजन में औसत 43.2 इंच बारिश हो चुकी है। अब तक 35.8 इंच पानी गिरना था। इस हिसाब से 7.4 इंच पानी ज्यादा गिर चुका है। प्रदेश की सामान्य बारिश औसत 37 इंच है। यह कोटा पिछले सप्ताह ही पूरा हो गया है। गुना में सबसे ज्यादा 65 इंच जबकि खरगोन में सबसे कम 26.2 इंच बारिश हुई है।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में हुई दुनिया की सबसे भीषणतम औद्योगिक त्रासदियों में एक भोपाल गैस त्रासदी मामले में बुधवार को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने भोपाल की ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया कि साल 1984 भोपाल गैस त्रासदी मामलों में दायर अपील का यथाशीघ्र निराकरण किया जाए। दरअसल, भोपाल गैस पीड़ित संघर्ष समिति की और से दायर जनहित याचिका पर बुधवार को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा एवं न्यायमूर्ति विनय सराफ की युगलपीठ में सुनवाई हुई। उच्च न्यायालय ने कहा कि भोपाल गैस त्रासदी केस को चलते हुए 33 साल से ज्यादा हो गए हैं, लिहाजा भोपाल गैस त्रासद से जुड़े क्रिमिनल केस का ट्रायल कोर्ट शीघ्र निराकरण करे। उच्च न्यायालय ने मामले में यह भी टिप्पणी की है कि हम 40 साल तक केस को लंबित नहीं रख सकते हैं। वॉरेन एंडरसन सहित सभी आरोपियों पर जल्द फैसला सुनाया जाए। युगलपीठ ने निर्देश दिए हैं कि केस से जुड़े सभी प्रकरणों दाखिल मंथली प्रोग्रेस रिपोर्ट रजिस्ट्रार ऑफ जनरल को दी जाए। जिसके बाद प्रकरणों की प्रोग्रेस रिपोर्ट देखी जाएगी। गौरतलब है कि याचिकाकर्ता समिति विभिन्न स्वैच्छिक संगठनों का संघ है और गैस त्रासदी पीड़ितों की ओर से काम करती है। संघ की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया था कि क्रिमिनल 91/1992 मामला पिछले 33 सालों से लंबित है। वर्ष 2010 से जिला जज की अदालत में आपराधिक पुनरीक्षण की अपील भी लंबित है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने बताया कि मामला 5 अक्टूबर तक स्थगित कर दिया गया है। सरकारी पक्ष ने कहा कि सीबीआई जांच एजेंसी है। अब भी एक आपराधिक अपील तथा एक विविध आपराधिक मामला लंबित है। यह मामला दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 82 के तहत आरोपियों को फरार घोषित करने के लिए दायर किया गया था। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि एक आरोपी अक्टूबर 2023 से अदालत में उपस्थित हो रहा है, फिर भी अब तक न तो कोई आदेश पारित हुआ है, न ही ट्रायल शुरू हुआ है। इस पर अदालत ने मौखिक रूप से पूछा 'धारा 82 में आरोपी उपस्थित होता है तो उसका क्या अर्थ है? याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि धारा 82 में उपस्थिति से ट्रायल स्वतः शुरू नहीं होता, इसके लिए अदालत को विशेष आदेश देना पड़ता है। उन्होंने कहा कि आरोपी दो साल से उपस्थित है, फिर भी चार्जशीट दाखिल नहीं हुई। याचिकाकर्ता ने कहा कि मजिस्ट्रेट ने खुले अदालत में आदेश पारित करने में असमर्थता व्यक्त की है। इस पर हाईकोर्ट ने आश्वस्त किया है कि अब हर महीने रिपोर्ट भेजें। सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने आपत्ति जताई कि याचिकाकर्ता न तो गवाह है और न ही पक्षकार, इसलिए याचिका सुनने योग्य नहीं है। हालांकि, उच्च न्यायालय ने इस पर आदेश दिया कि 'चूंकि ये कार्रवाई लंबे समय से लंबित है, इसलिए इस याचिका का निराकरण करने के निर्देश देते हैं। उच्च न्यायालय ने संबंधित न्यायालय और लंबित आपराधिक अपीलों का यथाशीघ्र निस्तारीकरण प्राथमिकता से करें। हाईकोर्ट ने संबंधित अदालतें मासिक रिपोर्ट रजिस्ट्रार जनरल को भेजेंगी और रजिस्ट्रार जनरल इन्हें मुख्य न्यायाधीश को प्रशासनिक पक्ष पर प्रस्तुत करेंगे।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना चीता में बुधवार को एक और ऐतिहासिक उपलब्धि जुड़ गई, जब कूनो राष्ट्रीय उद्यान की लगभग 7.5 वर्ष की मादा चीता 'धीरा' को वन विभाग के अधिकारियों ने गाँधी सागर अभयारण्य में सफलतापूर्वक छोड़ा।   दरअसल, चीता परियोजना को बुधवार को सफलतापूर्वक तीन वर्ष पूर्ण हो गए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस परियोजना के तहत 2022 में अपने जन्मदिन के अवसर पर नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को कूनों राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ा था। इसके बाद कूनो में चीतों का कुनबा बढ़ा और अब गांधीसागर भी चीतों की स्थायी बसाहट का केंद्र बन रहा है। तीन वर्ष बाद फिर प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन के अवसर पर प्रदेश के गांधीसागर वन्य जीव अभ्यारण्य में कूनो अभ्यारण्य से लाए गए मादा चीता 'धीरा' को छोड़ा गया है।   प्रधान मुख्य वन संरक्षक शुभरंजन सैन ने बताया कि मादा चीता धीरा को बुधवार सुबह कूनो राष्ट्रीय उद्यान से रवाना किया गया। इस अभियान में वन विभाग की पशु चिकित्सा टीम, फील्ड स्टॉफ और वरिष्ठ अधिकारियों ने पूरी प्रक्रिया की बारीकी से निगरानी की। मादा चीता 'धीरा' अपने परिवहन क्रेट में शांत, किन्तु सतर्क थी। धीरा ने लगभग सात घंटे की यात्रा एक विशेष वातानुकूलित वाहन में पूरी की। पूरी यात्रा के दौरान उसकी सेहत और सुरक्षा पर कड़ी निगरानी रखी गयी। दोपहर दो बजे धीरा को गांधी सागर अभयारण्य लाया गया।   गाँधी सागर अभयारण्य में जब क्रेट का दरवाजा खोला गया, तो धीरा ने कुछ क्षण रुककर अपने नये परिवेश को देखा और अपने नये घर की भूमि पर फुर्ती से छलांग लगाते हुए पहला कदम रखा। जाली से बाहर निकलते ही चीता धीरा तेजी से भागी, जिसे वन विभाग की टीम ने कैमरे में कैद किया। वन विभाग ने धीरा को नए वातावरण में ढलने के लिए पर्याप्त शिकार और विशेष बाड़े में रखा है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक सैन ने बताया कि यह पुनर्वास भारत में चीता आबादी के विस्तार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।   गौरतलब है कि कूनो राष्ट्रीय उद्यान से पूर्व में भी दो नर चीतों का पुनर्वास गाँधी सागर अभयारण्य में किया गया था। मादा चीता का पुनर्वास होने से यह एक सक्षम प्रजनन आबादी का मार्ग प्रशस्त करेगा। यह परियोजना की दीर्घकालिक सफलता के लिये अत्यंत आवश्यक है। यह घटना केवल एक जानवर का पुनर्वास नहीं थी, बल्कि एक सपने की निरंतरता थी। भारत की अपनी खोयी हुई प्राकृतिक धरोहर को पुनर्स्थापित करने की प्रतिबद्धता और 'टीम चीता' के प्रत्येक सदस्य के लिये गौरव का क्षण था।    

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भोपाल । मध्य प्रदेश में फिर भारी बारिश का दौर शुरू हो गया है। बुधवार को इंदौर-भोपाल समेत 13 जिलों में जमकर बारिश हुई। दिनभर धूप खिलने के बाद भोपाल और इंदौर में देर शाम बारिश शुरू हो गई, जो देर रात तक जारी रही। इंदौर के विजयनगर इलाके में तो सड़कों पर दो फीट तक पानी भर गया, जिससे वाहन चालकों का काफी परेशानी हुई। इटारसी में भी बारिश का पानी सड़कों पर भर गया है। गाड़ियों के पहिए डूब रहे हैं। वहीं, बुधवार दोपहर में रीवा और सतना में सबसे ज्यादा पौने 2 इंच बारिश हो गई, जबकि टीकमगढ़ में सवा इंच, सतना में पौन इंच, और छिंदवाड़ा में आधा इंच से ज्यादा पानी गिरा। पचमढ़ी, खजुराहो, नौगांव, सीधी, नर्मदापुरम, शाजापुर, पांढुर्णा, डिंडौरी समेत अन्य जिलों में भी बारिश दर्ज की गई। पांढुर्णा में बारिश की वजह से अचानक जाम नदी में बाढ़ आ गई। कुछ युवक जान जोखिम में डालकर पुलिया पर खड़े थे। प्रशासन ने लोगों को सावधान रहने की अपील की। सिवनी में रुक-रुककर बारिश हुई। संजय सरोवर बांध के 4 गेट खोले गए हैं। लगभग 21000 घन फिट प्रति सेकेंड की दर से वैनगंगा नदी में पानी छोड़ा जा रहा है। हालांकि, कई जिलों में बुधवार को तेज धूप भी खिली रही। मौसम विभाग के अनुसार, वर्तमान में मध्य प्रदेश के आसपास तीन साइक्लोनिक सर्कुलेशन एक्टिव है, लेकिन इनका प्रदेश में असर कम है। अगले 3 दिन तक प्रदेश में तेज बारिश का अलर्ट जारी नहीं किया है, लेकिन कई बार लोकल सिस्टम की वजह से बारिश की झड़ी लग सकती है। पिछले एक सप्ताह से ऐसा ही हो रहा है। लोकल सिस्टम की एक्टिविटी होने से बारिश हो जाती है। भोपाल, रायसेन में भी पानी गिरा है। मौसम विभाग के अनुसार, मध्य प्रदेश में मानसून की वापसी 30 सितम्बर से शुरू होगी। हालांकि कई राज्य में मानसून की वापसी भी होने लगी है। आधे राजस्थान से मानसून लौट चुका है। वहीं, गुजरात, पंजाब और हरियाणा के कई जिलों से भी मानसून लौटा है। यदि वापसी की यही रफ्तार रही तो एमपी के भी कई जिलों में ऐसी स्थिति बन सकती है। मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में अब तक औसत 42.4 इंच बारिश हो चुकी है। अब तक 35.4 इंच पानी गिरना था। इस हिसाब से 7 इंच पानी ज्यादा गिर चुका है। प्रदेश की सामान्य बारिश औसत 37 इंच है। यह कोटा पिछले सप्ताह ही पूरा हो गया है। इस सीजन में इंदौर और उज्जैन संभाग की स्थिति ठीक नहीं है। यहां सबसे कम पानी गिरा है। सबसे कम बारिश वाले टॉप-5 जिलों में बुरहानपुर, बड़वानी, खंडवा खरगोन और शाजापुर शामिल हैं। जबकि जबलपुर, रीवा, सागर और शहडोल संभाग में तेज बारिश हुई है। यहां बारिश के स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव रहे। छतरपुर, मंडला, टीकमगढ़, उमरिया समेत कई जिलों में बाढ़ आ गई ग्वालियर-चंबल में भी मानसून जमकर बरसा है। यहां के सभी 8 जिलों में कोटे से ज्यादा पानी गिर चुका है।  

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अनूपपुर । जिले में स्थापित मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई के अथियंताओं व कार्मिकों के समर्पण, कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता से 210 मेगावाट स्थापित क्षमता की यूनिट लगातार 350 दिन तक संचालित होने में सफल हुई। मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के इतिहास में यह प्रथम विद्युत उत्पादन यूनिट है जिसने लगातार 350 दिन तक लगातार विद्युत उत्पादन करने का रिकार्ड स्थापित किया। इस बात की पूरी संभावना है कि अगले 15 दिन में यह यूनिट लगातार 365 दिन या एक वर्ष तक सतत व निर्बाध विद्युत उत्पादन करने का कीर्तिमान बनाएगी।   उल्लेखनीय है कि 210 मेगावाट क्षमता की यह यूनिट 1 अक्टूबर 2024 से लगातार विद्युत उत्पादन कर रही है। इससे पूर्व इस यूनिट ने इस यूनिट ने 27 अगस्त 2023 से 22 जून 2024 तक 300 दिन सतत विद्युत उत्पादन करने का रिकार्ड बनाया था। इस यूनिट के सतत बिजली उत्पादन करने से प्रदेश की बिजली की आपूर्ति को विश्वसनीय बनाने के पावर जनरेटिंग कंपनी के उद्देश्य में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। विभिन्न मापदंडों में भी मिली उपलब्धिं-210 मेगावाट की यूनिट ने जिस समय 350 दिन सतत् विद्युत उत्पादन करने का कीर्तिमान अर्जित किया तब इसने विभिन्न मापदंडों में भी उल्लेखनीय प्रदर्शन किया। यूनिट ने 98.71 फीसदी प्लांट उपलब्धता फेक्टर (पीएएफ), 95.97 फीसदी प्लांट लोड फेक्टर (पीएलएफ) व 9.18 प्रतिशत ऑक्जलरी कंजम्पशन की उपलब्धिर हासिल की। ऊर्जा मंत्री व अपर मुख्य सचिव ने दी बधाई मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, अपर मुख्य सचिव ऊर्जा नीरज मंडलोई व मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के प्रबंध संचालक मनजीत सिंह ने बुधवार काे अमरकंटक ताप विद्युत गृह के यूनिट नंबर 5 के अभियांताओं व कार्मिकों को बधाई देते हुए उनकी सराहना करते हुए कहा कि समर्पण, कड़ी मेहनत व प्रतिबद्धता से लक्ष्य अर्जित करने का यह सर्वश्रेष्ठ व अनुकरणीय उदाहरण है।    

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उज्जैन । मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर की प्रंबंध समिति द्वारा उमा सांझी महोत्सव आज (बुधवार) से 21 सितंबर तक मनाया जाएगा। इसके तहत मंदिर परिवार के पुरोहित एवं पुजारीगण प्रतिदिन रंगोली सज्जा करेंगे और माण्डने बनाएंगे। भगवान महाकाल के विभिन्न मुखारविंद की झांकी सजाई जाएगी।   इस संबंध में मंदिर प्रशासक प्रथम कौशिक ने बताया कि महोत्सव के पहले दिन बुधवार को प्रात: शासकीय पुजारी पं.घनश्याम शर्मा द्वारा घट स्थापना की जाएगी। संध्या आरती पश्चात वसंत पूजा होगी। वहीं सायं साढ़े सात बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रम अन्तर्गत प्रीति देवले का लोक गायन और स्वाति उखले का लोक नृत्य समुह में प्रस्तुत होगा।   महोत्सव के तहत 22 सितंबर को कन्या भोज होगा वहीं 23 सितंबर को माता पार्वती रजत पालकी में विराजकर नगर भ्रमण करेंगी। सवारी महाकाल चौराहा, तोपखाना, दौलतगंज चौराहा, सराफा, छत्रीचौक से होते हुए मां शिप्रा के तट तक जाएगी। जवारे और संजा विसर्जन के बाद सवारी कहारवाड़ी, बक्षी बाजार होते हुए महाकालेश्वर मंदिर लौटेगी।   उल्लेखनीय है कि महाकाल मंदिर में उमा-सांझी महोत्सव एक पांच दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव है, जो हर साल अश्विन कृष्ण पक्ष एकादशी से शुरू होता है और लोक संस्कृति पर आधारित होता है। इसमें प्रतिदिन शाम की आरती के बाद लोक गायन, लोक वादन व लोक नृत्य के कार्यक्रम होते हैं। महोत्सव के समापन पर उमा माता की सवारी निकाली जाती है।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मौसम ने फिर करवट ली है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में खरगोन और बड़वानी जिले में तेज बारिश का अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में ढाई से साढ़े चार इंच तक बारिश होने की संभावना है। वहीं, राजधानी भोपाल और इंदौर में बादल छाए रहने के साथ हल्की बूंदाबांदी के आसार हैं। इसके अलावा कई जिलों में तेज धूप भी खिली रहेगी, बाकी जिलों में हल्‍की बारिश हो सकती है।मौसम विभाग के अनुसार, वर्तमान में मध्य प्रदेश के आसपास तीन साइक्लोनिक सर्कुलेशन (चक्रवात) एक्टिव है, लेकिन इनका प्रदेश में असर कम है। इस वजह से मंगलवार को कई जिलों में तेज बारिश नहीं हुई। ऐसा ही मौसम बुधवार को भी बना रहेगा। मौसम विभाग ने अगले 3 दिन तक प्रदेश में तेज बारिश की संभावना जताई है, लेकिन कई बार लोकल सिस्टम की वजह से बारिश की झड़ी लग सकती है। पिछले एक सप्ताह से ऐसा ही हो रहा है। लोकल सिस्टम की एक्टिविटी होने से बारिश हो जाती है। भोपाल, रायसेन में भी पानी गिरा है।मौसम विभाग ने बताया कि अब मानसून की वापसी भी होने लगी है। आधे राजस्थान से मानसून लौट चुका है। वहीं, गुजरात, पंजाब और हरियाणा के कई जिलों से भी मानसून लौटा है। बता दें कि मध्‍य प्रदेश में अब तक औसत 42.4 इंच बारिश हो चुकी है।  

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भोपाल । प्रदेश की राजधानी भोपाल और ग्वालियर की शांत वादियों में हाल ही में एक ऐसा अनुभव आयोजित हुआ जिसने प्रकृति प्रेमियों और पक्षीप्रेमियों के मन में नई ऊर्जा भर दी। मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड और अतावी बर्ड फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित बर्ड वॉचिंग टूर ने पर्यटकों को पंखों की उस रंगीन दुनिया से रूबरू कराया, जिसे अक्सर लोग अनदेखा कर देते हैं। यह आयोजन भोपाल के बिसनखेड़ी क्षेत्र और ग्वालियर के महाराजपुरा इलाके में हुआ, जहां चिड़ियों की चहचहाहट और हरी-भरी प्रकृति ने मिलकर एक ऐसा वातावरण रचा जिसमें शामिल हर प्रतिभागी मंत्रमुग्ध हो गया।टूर में 45 से अधिक पक्षीप्रेमी हुए शामिलदरअसल, इस आयोजन में देश भर से आए 45 से अधिक बर्ड वॉचिंग प्रेमियों ने भाग लिया और उन्होंने करीब 50 से अधिक प्रजातियों का अवलोकन किया। यह संख्या अपने आप में बताती है कि मध्य प्रदेश पक्षियों की विविधता से कितना समृद्ध है। बड़े तालाब के किनारे बसे बिसनखेड़ी क्षेत्र में जब पर्यटक अपने कैमरे और दूरबीन लेकर पहुंचे तो सूरज की किरणों के साथ पक्षियों का स्वर समवेत गूंज उठा।बर्ड गाइड अंकित मालवीय ने प्रतिभागियों को अलग-अलग प्रजातियों की पहचान कराई। प्रतिभागियों ने वायर-टेल्ड स्वैलो, पाइड बुशचैट, स्पॉटेड डव, ग्रे-हेडेड स्वाम्पहेन, ग्रे फ्रैंकोलिन, रॉक पिजन और सबसे खास भारतीय पैराडाइज फ्लाईकैचर जैसी सुंदर प्रजातियों का नजदीकी अवलोकन किया। हर एक पक्षी की गतिविधि और उसकी उड़ान प्रतिभागियों के लिए किसी जीवंत चित्र की तरह थी। दूसरी ओर ग्वालियर के महाराजपुरा क्षेत्र में भी यह आयोजन उतना ही आकर्षक रहा। यहां बर्ड गाइड विवेक वर्मा ने पर्यटकों को 50 से अधिक प्रजातियों से परिचित कराया और उनके व्यवहार व पारिस्थितिकी के बारे में जानकारी दी। प्रकृति के इस संसार में विचरण करते हुए पर्यटक स्वयं को एक नए अनुभव से जोड़ते नजर आए।हमारा प्रयास बर्ड टूरिज्म को प्रदेश की खास पहचान बनानाइस दौरान पर्यटन, संस्कृति और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र सिंह लोधी ने कहा कि मध्यप्रदेश अपनी पक्षी विविधता और प्राकृतिक धरोहर के लिए पूरे देश में विशेष पहचान रखता है। उनके अनुसार बर्ड वॉचिंग जैसे आयोजन न केवल पर्यटकों को आकर्षित करते हैं बल्कि सतत पर्यटन की दिशा में भी एक बड़ा कदम हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इस तरह के आयोजन स्थानीय समुदायों के लिए रोजगार और नए अवसरों का निर्माण करते हैं और साथ ही पर्यावरण संरक्षण की दिशा में जनजागरूकता फैलाते हैं। इसके साथ ही उनका कहना था कि राज्य सरकार का प्रयास है कि बर्ड टूरिज्म को मध्य प्रदेश की विशेष पहचान बनाया जाए।ये आयोजन बढ़ाते हैं पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकताइस अवसर पर अपर मुख्य सचिव पर्यटन, संस्कृति, गृह और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व शिव शेखर शुक्ला का कहना रहा कि मध्य प्रदेश सचमुच एक प्राकृतिक धरोहर से भरपूर राज्य है जहां हर मौसम में बर्ड वॉचिंग का नया अनुभव मिलता है। बर्ड वॉचिंग जैसे आयोजन न केवल पर्यटकों को आकर्षित करते हैं, बल्कि स्थानीय समुदायों के लिए रोजगार के अवसर और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता भी बढ़ाते हैं। उन्होंने माना कि यह पहल स्थानीय समुदायों को जोड़ते हुए पर्यावरण और पर्यटन दोनों को साथ लेकर चलने का बेहतरीन प्रयास है।बर्ड टूर में शामिल हुए पक्षीप्रेमियों का कहना था कि यह आयोजन उनके लिए केवल सैर-सपाटा नहीं बल्कि सीखने और प्रकृति को समझने का अवसर भी था। कुछ लोगों ने तो पहली बार भारतीय पैराडाइज फ्लाईकैचर को इतने नजदीक से देखा और उनकी खुशी का ठिकाना ही नहीं था। प्रतिभागियों ने यह भी साझा किया कि इस अनुभव ने उन्हें पर्यावरण और जैव विविधता की रक्षा के प्रति और अधिक संवेदनशील बना दिया है ।अब हर माह होंगे बर्ड वॉचिंग जैसे आयोजनमध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड ने यह घोषणा भी की कि बर्ड वॉचिंग जैसे आयोजन अब प्रत्येक माह आयोजित किए जाएंगे ताकि अधिक से अधिक लोग इस अनोखे अनुभव से जुड़ सकें। 21 सितम्बर को छिंदवाड़ा और भोपाल तथा 28 सितम्बर को नरसिंहगढ़ के चिड़ीखो में बर्ड वॉचिंग टूर आयोजित होंगे। इन आयोजनों की बुकिंग पहले ही शुरू हो चुकी है और इच्छुक पक्षीप्रेमी इसमें भाग लेकर मध्य प्रदेश की समृद्ध पक्षी विविधता का प्रत्यक्ष अनुभव कर सकते हैं।उल्‍लेखनीय है कि मध्यप्रदेश सरकार और टूरिज्म बोर्ड का यह प्रयास पर्यटन को नई दिशा देने के साथ प्रकृति और पर्यावरण के संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। आने वाले समय में जब हर महीने ऐसे आयोजन होंगे, तब यह पहल देश भर के बर्ड वॉचर्स को आकर्षित करेगी, जोकि प्रदेश को बर्ड टूरिज्म के मानचित्र पर एक मजबूत पहचान भी दिलाएगी।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में राज्य शासन ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 18 अधिकारियों का तबादला करते हुए उनकी नवीन पदस्थापना की है। वंदना वैद्य को मप्र वित्त निगम इंदौर में प्रबंध संचालक बनाया गया है। आदिम जाति विकास योजनाएं विभाग में संचालक का दायित्व संभाल रहीं 2009 बैच की आईएएस वंदना वैद्य को मप्र वित्त निगम में प्रबंध संचालक बनाया गया है, जबकि पदस्थापना के लिए प्रतीक्षारत 2008 बैच के आईएएस विशेष गढ़पाले को ऊर्जा विभाग में सचिव पदस्थ किया गया है। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा सोमवार देर रात आदेश जारी किया गया। जारी आदेश के अनुसार, सिंगरौली जिला पंचायत के सीईओ गजेन्द्र सिंह नागेश को नरसिंहपुर जिला पंचायत में सीईओ बनाया गया है, जबकि स्टेट वाईड एरिया नेटवर्क (स्वान) के प्रबंध संचालक गुरु प्रसाद को मुख्य सचिव कार्यालय में उप सचिव पदस्थ किया गया है। वहीं, इंदौर स्मार्ट सिटी के सीईओ दिव्यांक सिंह को भोपाल में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग में अपर आयुक्त, छतरपुर जिला पंचायत की सीईओ तपस्या परिहार को कटनी नगर पालिका निगम में आयुक्त और कटनी जिला पंचायत के सीईओ शिशिर गेमावत को भोपाल नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग में अपर आयुक्त बनाया गया है। इसी तरह सीहोर जिला पंचायत की सीईओ नेहा जैन को नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण इंदौर में उप संचालक, मंडला जिला पंचायत के सीईओ श्रेयांस कूमट को उज्जैन जिला पंचायत में सीईओ, अनूपपुर जिला पंचायत के सीईओ तन्मय वशिष्ट शर्मा को भोपाल नगर पालिका निगम में अपर आयुक्त, नरसिंहपुर जिला पंचायत के सीईओ दलीप कुमार को देवास नगर पालिका निगम में आयुक्त, सिवनी जिला पंचायत के सीईओ पवार नवजीवन विजय को इंदौर में अपर कलेक्टर, डिंडोरी जिला पंचायत के सीईओ अनिल कुमार राठौर को मप्र औद्योगिक विकास निगम के क्षेत्रीय कार्यालय जबलपुर में कार्यकारी संचालक और सीधी जिला पंचायत के सीईओ अंशुमन राज को स्टेट वाईड एरिया नेटवर्क (स्वान) में प्रवंध संचालक नियुक्त किया गया है। वहीं, आलीराजपुर के अनुविभागीय राजस्व अधिकारी अर्थ जैन को इंदौर स्मार्ट सिटी में सीईओ, शहडोल के अनुविभागीय राजस्व अधिकारी अरविंद कुमार शाह को जबलपुर नगर पालिक निगम में अपर आयुक्त, नर्मदापुरम (इटारसी) के अनुविभागीय राजस्व अधिकारी टी. प्रतीक राव को ग्वालियर नगर पालिक निगम में अपर आयुक्त और नर्मदापुरम (पिपरिया) की अनुविभागीय राजस्व अधिकारी अनिशा श्रीवास्तव को मप्र औद्योगिक विकास निगम के क्षेत्रीय कार्यालय ग्वालियर में कार्यकाली संचालक बनाया गया है। इसके अलावा भोपाल स्मार्ट सिटी की सीईओ अंजू अरुण कुमार को अपने वर्तमान कर्तव्यों के साथ-साथ अस्थाई रूप से आगामी आदेश तक भोपाल नगर पालिक निगम में अपर आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। राज्य प्रशासनिक सेवा के दो अधिकारियों का भी तबादला वहीं, सामान्य प्रशासन विभाग ने एक अन्य आदेश में राज्य प्रशासनिक सेवा के दो अधिकारियों का भी तबादला करते हुए उनकी नवीन पदस्थापना की है। इनमें रतलाम जिला पंचायत के सीईओ श्रृंगार श्रीवास्तव को नगर पालिक निगम इंदौर में अपर आयुक्त और रतलाम की भू प्रबंधन अधिकारी अनिल भाना को रतलाम नगर पालिक निगम में आयुक्त पदस्थ किया गया है।

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में पिछले दो दिनों से साइक्लोनिक सर्कुलेशन के कारण कई जिलों में बारिश का सिलसिला जारी है। राजधानी भोपाल समेत कई जिलों में तेज बारिश भी हुई। हालांकि अब यह सिस्टम आज मंगलवार को दूर हो जाएगा। जिसके कारण प्रदेश में कहीं भी भारी बारिश होने की संभावना नहीं है। प्रदेश में अगले 3 दिन तक हल्की बारिश का दौर जारी रहेगा।मौसम विभाग के अनुसार, यदि लोकल सिस्टम की एक्टिविटी रही तो कुछ जिलों में तेज पानी गिर सकता है। इससे पहले सोमवार को भोपाल में दिनभर धूप खिलने के बाद शाम साढ़े 5 बजे झमाझम बारिश हुई। कई इलाकों में आधा घंटा तक तेज पानी गिरा। रायसेन, सतना, मंडला, पचमढ़ी, नर्मदापुरम, छिंदवाड़ा, दमोह, जबलपुर, सिवनी में भी बारिश हुई। रायसेन में सबसे ज्यादा 2 इंच पानी गिर गया। वहीं, सतना में सवा इंच और मंडला-पचमढ़ी में आधा इंच पानी बरसा।मौसम विभाग ने बताया कि रविवार को राजस्थान के कई जिलों से मानसून की वापसी हो गई। अगले दो-तीन दिन में पंजाब और गुजरात के कुछ हिस्सों से भी मानसून लौट सकता है। इसके बाद मध्‍य प्रदेश से भी मानसून की वापसी होने लगेगी। हालांकि, सितंबर में बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। बता दें कि प्रदेश में अब तक औसत 42.1 इंच बारिश हो चुकी है। अब तक 35.2 इंच पानी गिरना था। इस हिसाब से 6.9 इंच पानी ज्यादा गिर चुका है। प्रदेश की सामान्य बारिश औसत 37 इंच है। यह कोटा पिछले सप्ताह ही पूरा हो गया है। इस मानसूनी सीजन में इंदौर और उज्जैन संभाग की स्थिति ठीक नहीं है। यहां सबसे कम पानी गिरा है। सबसे कम बारिश वाले टॉप-5 जिलों में बुरहानपुर, बड़वानी, खंडवा खरगोन और शाजापुर शामिल हैं।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में किसानों की समस्याओं को लेकर भारतीय किसान संघ ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जा रहा है। राजधानी भोपाल, जबलपुर समेत प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर किसान प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंप रहे हैं। इसके लिए किसान ट्रैक्टर रैली से पहुंच रहे हैं। किसान संघ ने चेतावनी दी है कि हमारी मांगें नहीं मानी गई तो हम शहरों में दूध और सब्जियां तक बंद कर देंगे। जबलपुर में किसान कृषि उपज मंडी से ट्रैक्टर रैली निकालकर घंटाघर पहुंचेंगे और अपनी मांगों को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपेंगे। रैली को देखते हुए पुलिस ने घंटाघर क्षेत्र में बैरिकेडिंग कर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। सभा के बाद ट्रैक्टर रैली मंडी से शुरू होकर दमोह नाका, रानीताल, यातायात चौक, तीन पत्ती चौक और नौदरा ब्रिज से होती हुई घंटाघर पहुंचेगी। यहां कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर आंदोलन समाप्त किया जाएगा। इसी तरह टीकमगढ़ में भी किसानों ने दोपहर एक बजे रैली निकालना शुरू कर दिया है। किसान संघ के जिला मंत्री धनंजय पटेल ने बताया कि दोपहर 12 बजे किसान कृषि उपज मंडी में एकत्रित हुए हैं। इधर, भोपाल और उज्जैन में भी बड़ी संख्या में किसान ट्रैक्टर-ट्राली लेकर एकत्रित हुए हैं और रैली निकालने की तैयारी कर रहे हैं। आगर-मालवा में किसान रैली में बड़ी संख्या में महिलाएं भी पहुंची।   वहीं, उज्जैन में 2028 में होने वाले सिंहस्थ के लिए किसानों की जमीनों के स्थायी अधिग्रहण के मामले को लेकर भारतीय किसान संघ ने सोमवार को विरोध प्रदर्शन किया। उज्जैन सिंहस्थ क्षेत्र में करीब 17 गांवों के किसानों की जमीनों का स्थायी अधिग्रहण को लेकर किसान और भारतीय किसान संघ आज प्रदेश भर में कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपा। उज्जैन के विरोध प्रदर्शन में भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्रा भी शामिल हुए हैं। वहीं, मंगलवार को उज्जैन में करीब 500 से ज्यादा ट्रैक्टरों की रैली निकाली जाएगी। भारतीय किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष कमलसिंह आंजना ने बताया कि किसानों की मांगे हैं कि लैंड पूलिंग एक्ट को तत्काल वापस लिया जाए। यूरिया और डीएपी सहित खाद की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। खाद-बीज की कालाबाजारी पर सख्ती से रोक लगाई जाए। धान, गेहूं, मूंग और उड़द का रुका हुआ भुगतान किसानों को तुरंत दिया जाए। गेहूं 2700 रुपये और धान 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदी की जाए। जिले में तीन साल से अधिक समय से पदस्थ कृषि विभाग के अधिकारियों का ट्रांसफर हो और भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गई तो वह गांव से शहर में आने वाले दूध और सब्जी पर रोक लगा देंगे।  

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भोपाल । आश्विन संक्रांति का सनातन धर्म में विशेष महत्व है। इस बार आश्विन संक्रांति मंगलवार, 16 सितंबर को मनाई जाएगी। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस दिन सूर्यदेव अर्धरात्रि एक बजकर 47 मिनट पर सिंह राशि से कन्या राशि में प्रवेश करेंगे। इसे कन्या संक्रांति भी कहा जाता है। संक्रांति का पुण्यकाल अगले दिन सुबह आठ बजकर 11 मिनट तक रहेगा। इस दौरान स्नान, दान और सूर्योपासना का विशेष महत्व बताया गया है।श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के प्रधान ज्योतिषाचार्य महंत रोहित शास्त्री ने बताया कि आश्विन संक्रांति पर पवित्र नदियों में स्नान, ब्राह्मणों को भोजन कराना और यथाशक्ति दान करना दस गुना पुण्यफल प्रदान करता है। यदि किसी कारणवश गंगा या अन्य नदियों में स्नान संभव न हो तो घर पर ही गंगाजल मिश्रित जल से स्नान किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस दिन एक समय भोजन करना और सात्विक आचरण अपनाना विशेष रूप से शुभ माना गया है। धार्मिक और सामाजिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण आचार्य ब्रजेश चंद्र दुबे का कहना है कि आश्विन संक्रांति केवल ज्योतिषीय दृष्टि से ही नहीं बल्कि धार्मिक और सामाजिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन नशे और तामसिक आहार से पूरी तरह बचना चाहिए। सात्विक भोजन, सत्यनारायण भगवान की पूजा तथा सूर्यदेव को अर्घ्य देने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि संक्रांति के दिन किया गया दान व्यक्ति के दुर्भाग्य को दूर कर सुख-समृद्धि की राह खोलता है।इनके अलावा पंडित भरत शास्त्री ने बताया कि इस संक्रांति का प्रभाव सभी राशियों पर अलग-अलग दिखाई देगा। मेष, वृषभ, मिथुन, कर्क, वृश्चिक और मकर राशि के जातकों के लिए यह संक्रांति शुभ फलदायी रहेगी। वहीं अन्य राशियों के लिए कुछ चुनौतियाँ सामने आ सकती हैं। उनके अनुसार, दान राशि अनुसार करने पर शुभ फल कई गुना बढ़ जाते हैं। यह केवल धार्मिक परंपरा नहीं बल्कि सामाजिक समरसता का भी प्रतीक है, क्योंकि इससे जरूरतमंदों तक सहयोग पहुँचता है।संक्रांति का संभावित प्रभावज्योतिषाचार्यों का मानना है कि इस संक्रांति का प्रभाव केवल व्यक्तिगत जीवन पर ही नहीं बल्कि समाज और देश की परिस्थितियों पर भी दिखाई देगा। महंत रोहित शास्त्री के अनुसार, इस समय महंगाई से राहत मिलती नहीं दिख रही है। प्रजा अनेक रोगों से पीड़ित रह सकती है और भ्रष्टाचार, उपद्रव तथा हिंसक घटनाओं में वृद्धि की संभावना बनी रहेगी। कुछ प्रसिद्ध लोगों की आकस्मिक मृत्यु और प्राकृतिक आपदाएँ जैसे भूकंप व बाढ़ का खतरा भी बना रहेगा। उत्तर और पूर्वी राज्यों में भारी वर्षा और बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। दैनिक उपयोग की वस्तुओं के मूल्य में बढ़ोतरी की भी आशंका है।क्या करें, क्या न करेंआचार्यों के अनुसार, आश्विन संक्रांति पर विशेष नियमों का पालन करना चाहिए। तामसिक भोजन और नशे से पूरी तरह दूर रहें। सात्विक आहार ग्रहण करें और भगवान को सात्विक भोग अर्पित करें। सूर्योपासना, सत्यनारायण पूजा और अपने इष्टदेव की आराधना करें। दान अपनी राशि के अनुसार अवश्य करें।राशि अनुसार दानमेष: गुड़, मूंगफली, तांबे की वस्तु, दहीवृषभ: सफेद कपड़ा, चांदी, तिलमिथुन: मूंग दाल, चावल, पीला वस्त्र, गुड़, कंबलकर्क: चांदी, चावल, सफेद ऊन, तिल, सफेद वस्त्रसिंह: तांबा, गुड़, गेहूँ, सोना, मोतीकन्या: चावल, हरे मूंग, हरे वस्त्रतुला: हीरा, चीनी, कंबल, गुड़, सात तरह के अनाजवृश्चिक: मूंगा, लाल वस्त्र, दही, तिलधनु: वस्त्र, चावल, तिल, पीला वस्त्र, गुड़मकर: गुड़, चावल, कंबल, तिलकुंभ: काला कपड़ा, काली उड़द, खिचड़ी, कंबल, घी, तिलमीन: रेशमी वस्त्र, चने की दाल, चावल, तिलपंडित भरत शास्त्री ने यह भी कहा कि दान केवल राशि अनुसार ही नहीं बल्कि अपनी सामर्थ्य के अनुसार करना चाहिए। संक्रांति के दिन किसी भूखे को भोजन कराना या जरूरतमंद को वस्त्र देना भी उतना ही पुण्यकारी माना गया है। आश्विन संक्रांति का दिन श्रद्धा, संयम और सेवा का प्रतीक है। इस दिन किए गए सत्कर्म और दान जीवन को सुख-समृद्धि से भरने वाले माने गए हैं। चाहे यह समय ग्रहों की चाल के कारण कुछ चुनौतियाँ लेकर आए, परंतु आस्था और दान-पुण्य के माध्यम से उसका सकारात्मक परिणाम अवश्य मिलेगा।  

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भोपाल । राजस्थान से मानसून की वापसी की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और यह सामान्य तारीख से तीन दिन पहले लौट रहा है। मौसम विभाग का अनुमान है कि अब मध्य प्रदेश से भी अगले सप्ताह से मानसून की विदाई हो जाएगी। हालांकि, मानसून की विदाई से पहले प्रदेश भर में बारिश का जोरदार दौर देखने को मिल रहा है। कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।मौसम वैज्ञानिक अरुण शर्मा के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बने लो-प्रेशर एरिया (कम दबाव का क्षेत्र) के कारण मध्य प्रदेश में बारिश हो रही है। आने वाले दो दिनों तक कहीं तेज तो कहीं मध्‍यम श्रेणी में बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना है। वर्तमान में उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिणी ओडिशा के तट पर सक्रिय कम दबाव का क्षेत्र बारिश की मुख्य वजह बना हुआ है। मौसम विभाग का कहना है कि अगले तीन से चार दिनों तक प्रदेश में रुक-रुककर मध्यम से तेज बारिश का दौर जारी रहेगा। इसके लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है। इनके अलावा मौसम वैज्ञानिक अजय शुक्ला ने बताया कि लो-प्रेशर एरिया सोमवार तक छत्तीसगढ़ की तरफ बढ़ सकता है, जिससे मध्य प्रदेश में बारिश का सिलसिला और आगे बढ़ेगा। मौसम विभाग के विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान में मानसून द्रोणिका श्रीगंगानगर, रोहतक, सिवनी और राजनांदगांव से होते हुए कम दबाव के क्षेत्र तक बनी हुई है। इसके अलावा दक्षिण-पश्चिमी बिहार और उससे लगे झारखंड पर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात सक्रिय है। एक अन्य द्रोणिका दक्षिणी महाराष्ट्र तक बनी हुई है, जो छत्तीसगढ़ और विदर्भ से होकर गुजर रही है। वहीं, उत्तर-पूर्वी राजस्थान पर भी हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात का असर देखा जा रहा है। इन सभी मौसम प्रणालियों के कारण मध्यप्रदेश में बारिश का सिलसिला और तेज होने की संभावना है।   जानकारी के मुताबिक भोपाल, रायसेन, राजगढ़, सीहोर, विदिशा, नर्मदापुरम, हरदा, बैतूल, इंदौर, धार, झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी, खरगोन, बुरहानपुर और खंडवा जिलों में आज सोमवार को बारिश होने का अनुमान है।कई जिलों में हुई बारिशउल्‍लेखनीय है कि रविवार को प्रदेश के कई हिस्सों में झमाझम बारिश देखने को मिली। राजधानी भोपाल में दोपहर के समय करीब एक घंटे तक तेज बारिश हुई। जबलपुर, बैतूल, पचमढ़ी और राजगढ़ में भी अच्छी बारिश हुई। नर्मदापुरम के इटारसी में जोरदार पानी गिरा। इसके अलावा खरगोन, खंडवा, डिंडौरी, मंडला, शहडोल, अनूपपुर, सागर, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली, रीवा, सतना, मैहर, पन्ना, बुरहानपुर, बालाघाट, सिवनी, पांढुर्णा, कटनी और दमोह सहित कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई।विशेषज्ञों का कहना है कि मानसून की विदाई से पहले होने वाली यह बारिश खरीफ फसलों के लिए वरदान साबित हो सकती है। हालांकि, नदी-नालों के उफान और बिजली गिरने के खतरे को देखते हुए सावधानी बरतना जरूरी है। राजस्थान से मानसून की विदाई सामान्य तौर पर सितंबर के अंतिम सप्ताह से आरंभ होती है, लेकिन इस बार मानसून ने तीन दिन पहले ही वापसी की है। मौसम विभाग का कहना है कि अब अगले हफ्ते से मध्य प्रदेश से भी मानसून की विदाई हो जाएगी। हालांकि, उससे पहले पूरे प्रदेश में बारिश का एक और दौर देखने को मिलेगा। अगले चार-पांच दिन तक प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में बारिश का सिलसिला जारी रहेगा।  

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उज्जैन । मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में देवास मार्ग पर महाश्वेतानगर स्थित इस्कान में आज (रविवार) से पांच दिवसीय विशेष आयोजन (संत समागम) होने जा रहा है। इसमें 15 देशों के भक्त हिस्सा लेने के लिए उज्जैन आ रहे हैं, जो भक्ति चारू महाराज की 80वीं व्यास पूजा में सम्मिलित होंगे। यह पूर्णत: आंतरिक अनुष्ठान होगा, जिसमें प्रवेश पूर्व पंजीयन अनिवार्य रहेगा।   इस्कॉन मंदिर के जनसंपर्क अधिकारी राघव पण्डित दास ने बताया कि इस्कॉन के संस्थापक श्रील प्रभुपाद की स्मृति एवं भक्ति चारु स्वामी महाराज की 80वीं व्यास-पूजा के उपलक्ष्य में यहां पांच दिवसीय भव्य कार्यक्रम आज से 18 सितम्बर तक आयोजित किया जा रहा है। इसमें 15 देशों (मलेशिया, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, फिजी, यूके, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया एवं यूरोप के कई देशों) से लगभग 150 भक्त तथा उज्जैन, आसपास के क्षेत्रों एवं भारतभर से लगभग 3000 भक्त भाग लेंगे। साथ ही सात प्रमुख संन्यासी महाराज और 11 वरिष्ठ भक्त भी आएंगे। 17 सितम्बर को विशेष दिवस उन्होंने बताया कि 17 सितंबर को भक्ति चारु स्वामी महाराज की व्यास-पूजा होगी। भगवान श्रीकृष्ण को विशेष नूतन पोशाक अर्पित की जाएगी। इसी प्रकार प्रतिदिन दो सत्र: प्रात: 10 से दोपहर 1 बजे तक, अपराह्न 4 से रात्रि 8 बजे तक प्रतिदिन प्रभुपाद की महिमा, भागवत कथा तथा प्रचार ही सार है, वसुधैव कुटुंबकम, शुद्धता की शक्ति, ग्रंथ ही आधार है, सेवा की उपयोगिता आदि विषयों पर संगोष्ठियां होंगी। प्रतिदिन प्रात: मंगल आरती, जप-ध्यान, दर्शन आरती होगी। सायं 7 बजे कीर्तन मेला होगा। 14 एवं 20 सितंबर को दीक्षा अनुष्ठान होगा, जिसमें प्रेम स्वामी महाराज भक्तों को दीक्षा प्रदान करेंगे। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण यूट्यूब चैनल पर होगा। ये प्रमुख संतगण आ रहे कार्यक्रम में राघव पण्डित दास ने बताया कि कार्यक्रम में पधारने वाले प्रमुख साधु-संत गुरुप्रसाद स्वामी, चन्द्रमौली स्वामी, एचजी कृपनिधि प्रभु , एचजी सर्वदृक प्रभु , एचजी महामन प्रभु , एचजी संकर्षण प्रभु , एचजी शमिक ऋषि प्रभु , एचजी अनर्ता माताजी, एचजी कैवल्य प्रभु , एचजी विकुक्षी माताजी, राम गोविन्द स्वामी महाराज, भक्ति प्रभव स्वामी महाराज, भक्ति प्रेम स्वामी महाराज, भक्ति सार गोविन्दानन्द स्वामी महाराज, भक्ति केवल गोपेन्द्र कृष्ण स्वामी महाराज, एचजी अमोघ लीला प्रभु, एचजी सांब प्रभु, एचजी निताई सेविनी माताजी। इसमें आ सकेंगे आमजन उन्होंने बताया कि आज दोपहर 12.30 बजे एचजी अमोघ लीला प्रभु का ‘वसुधैव कुटुंबकम’ पर अमोघ लीला दास, नई दिल्ली की मोटीवेशनल स्पीच होगी। यह कार्यक्रम सबके लिए खुला रहेगा। उन्होंने आईआईएम, अहमदाबाद में गेस्ट फैकल्टी के रूप में गीता के संदेश को आधुनिक जीवन से जोडक़र प्रस्तुत किया है।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में शनिवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की त्रयोदशी का कार्यक्रम हुआ। यहां बोर्ड ऑफिस चौराहे पर भारतीय गढ़ वार्ता पार्टी (भगवा पार्टी) ने ट्रंप के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं ने 'गद्दार डोनाल्ड ट्रंप के नारे लगाए और उनके पुतले पर जूतों की माला पहनाई।   दरअसल, भारत से अमेरिका भेजे जाने वाले सामानों पर 27 अगस्त से 50 फीसदी टैरिफ लागू हुआ है। भारत पर लगाए गए भारी भरकर टैरिफ को लेकर भगवा पार्टी ने गत एक सितंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का अंतिम संस्कार किया था। इसी क्रम में 13वें दिन शनिवार को तेरहवीं कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें लोगों को भोजन भी कराया गया। इस दौरान ट्रंप के पुतले को जूतों की माला पहनाकर नारेबाजी की गई।   पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवाकांत शुक्ला ने बताया कि भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाना डोनाल्ड ट्रंप की दोषपूर्ण मानसिकता और विक्षिप्त सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के हमेशा अच्छे संबंध रहे हैं, लेकिन यह कदम दोनों देशों की मित्रता के खिलाफ है।   शिवाकांत शुक्ला ने कहा कि हमने ट्रंप को सद्बुद्धि दिलाने के लिए यह प्रतीकात्मक कार्यक्रम किया है। एक सितंबर को उनका अंतिम संस्कार किया गया था और आज उसी के तारतम्य में उनकी तेरहवीं की जा रही है। हमें उम्मीद है कि इस कार्यक्रम के बाद उन्हें सद्बुद्धि आएगी और भारत पर लगाया गया 50 फीसदी का अनावश्यक टैरिफ खत्म होगा।   उन्होंने कहा कि यह मुहिम भारत में स्वदेशी को अपनाने और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए है। उनका मानना है कि अमेरिका यदि भारत को नुकसान पहुंचाने वाली नीतियों पर अमल करता है तो ऐसे सांकेतिक कार्यक्रमों के जरिए विरोध दर्ज कराया जाता रहेगा।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मानसून का सिस्टम एक बार फिर सक्रिय हो गया है। नए सिस्टम के एक्टिव होने से भोपाल, इंदौर और जबलपुर संभाग में झमाझम बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग ने आज रविवार को प्रदेश के 8 जिलों में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है।मौसम विभाग के मुताबिक, प्रदेश में शनिवार को मानसून टर्फ की एक्टीविटी देखने को मिली। एक अन्य सिस्टम भी सक्रिय है। एक मानसून टर्फ बीच में से गुजर रही है। जिससे भोपाल, इंदौर, जबलपुर और नर्मदापुरम संभाग में अच्‍छी बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग ने आज 8 जिलों में तेज बारिश होने की संभावना जताई है। खंडवा, बुरहानपुर, बैतूल, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला, अनूपपुर में बारिश होने के आसार है। इन जिलों में चार इंच तक पानी गिरने की संभावना है।बता दें कि प्रदेश में अब तक औसत 41.9 इंच बारिश हो चुकी है, जो कोटे से 11 प्रतिशत अधिक है। 30 से ज्यादा जिलों में सामान्य बारिश का कोटा फुल हो चुका है। मालवा-निमाड़ यानी, इंदौर-उज्जैन संभाग में हाल बुरे हैं। 15 में से 5 जिले-खरगोन, बुरहानपुर, खंडवा, शाजापुर और बड़वानी में 27 इंच पानी भी नहीं गिरा है। सबसे ज्यादा बारिश वाले टॉप-5 जिलों की बात करें तो गुना नंबर-1 पर है। यहां 65 इंच बारिश हो चुकी है। मंडला में 57.3 इंच, श्योपुर में 56.3 इंच, शिवपुरी में 54.3 इंच और अशोकनगर में 54.1 इंच पानी गिरा है।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश इस समय मानसून की सक्रियता के नए दौर से गुजर रहा है। जहाँ एक ओर प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की फुहारें राहत का एहसास करा रही हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ जिलों में तेज बारिश हो रही है, ऐसे में मौसम विभाग ने राज्य के 10 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस बदलाव की बड़ी वजह तीन मौसम प्रणालियों का एक साथ सक्रिय होना है। इससे आने वाले दिनों में बारिश का दौर और तेज हो सकता है।उल्‍लेखनीय है कि बुधवार को प्रदेश की राजधानी भोपाल सहित कई जिलों में हल्की बारिश हुई। बालाघाट और छिंदवाड़ा में बादलों ने जमकर बरसात की, जिससे किसानों और आम लोगों ने राहत की सांस ली। नर्मदापुरम, डिंडौरी और खजुराहो में भी अच्छी बारिश दर्ज की गई। हालाँकि, प्रदेश के कुछ हिस्सों में अभी भी लोग उमस और गर्मी से परेशान हैं। पिछले 24 घंटों के आंकड़े बताते हैं कि पचमढ़ी में सबसे अधिक 88.3 मिलीमीटर पानी गिरा, जबकि भोपाल में 41.6, रायसेन में 23.6, सागर में 29.6, छिंदवाड़ा में 16.8 और बालाघाट में 14.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई। दमोह और नरसिंहपुर जैसे जिलों में भी अच्छी खासी बारिश हुई।इन जिलों में भारी बारिश की चेतावनीमौसम विभाग ने गुरुवार को नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, अनूपपुर, डिंडोरी, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट और पांढुर्णा जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश होने की संभावना जताई है। यहां अगले 24 घंटे में ढाई से साढ़े 4 इंच तक पानी गिर सकता है। इसके अलावा प्रदेश के ज़्यादातर जिलों में गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने की आशंका है। राजधानी भोपाल में भी गुरुवार को बादल गरजने और हल्की बारिश होने की संभावना जताई गई है। इंदौर, उज्जैन, जबलपुर-ग्वालियर में भी मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा।मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि आने वाले कुछ दिनों तक यह स्थिति बनी रह सकती है। तीन प्रणालियां कर रहीं असर मौसम विभाग के विशेषज्ञों के अनुसार, इस समय मध्य प्रदेश के मौसम को तीन प्रणालियां प्रभावित कर रही हैं, जिसमें चक्रवाती परिसंचरण तंत्र (Cyclonic Circulation), मानसून ट्रफ लाइन (Monsoon Trough Line) और डिप्रेशन (Depression) की स्थिति है। इन तीनों के सक्रिय होने से बारिश की तीव्रता और फैलाव दोनों बढ़ जाते हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि जब इस तरह की संयुक्त परिस्थितियां बनती हैं, तब कई जिलों में अचानक भारी बारिश का दौर शुरू हो सकता है। दूसरी ओर यहां देखने में मिल रहा है कि तेज बारिश होने के बावजूद प्रदेश के कई जिलों में तापमान में कोई बड़ी गिरावट नहीं दिखी। छतरपुर जिले के खजुराहो में बुधवार को अधिकतम तापमान 35.4 डिग्री तक पहुँच गया। इसी तरह ग्वालियर में 34.6, सतना में 34.3, टीकमगढ़ में 34.2 और जबलपुर में 33 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। भोपाल में यह 30.4 डिग्री सेल्सियस रहा।मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि बादलों और उमस के कारण तापमान में उल्लेखनीय गिरावट नहीं हो रही। इससे लोगों को भीषण गर्मी तो नहीं झेलनी पड़ रही, लेकिन उमस और पसीने ने परेशानी बढ़ा दी है। वहीं, शहरी इलाकों में लगातार हो रही बारिश से जगह-जगह जलभराव की समस्या सामने आने लगी है। भोपाल, जबलपुर और इंदौर जैसे शहरों में निचली कॉलोनियों में पानी भरने की शिकायतें मिल रही हैं।उधर, भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए संबंधित जिलों के प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क किया जा रहा है। नदी-नालों के किनारे रह रहे लोगों को भी प्रशासन ने एहतियात बरतने की सलाह दी है।

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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ग्वालियर । मध्य प्रदेश के भिंड के रहने वाले एक होटल के रसोइए के खाते से 46 करोड़ रुपये का लेन-देन सामने आया है। यह मामला तब उजागर हुआ, जब आयकर विभाग से नोटिस मिला। नोटिस आने के बाद पीड़ित अपनी नौकरी छोड़कर पुणे से वापस घर लौट आया। पीड़ित का कहना है कि वह ढाबे में काम करता है और उसके खाते में सालभर में तीन लाख रुपये का भी लेन-देन नहीं होता, फिर करोड़ों रुपये का नोटिस कैसे आया, यह समझ से परे है। दरअसल, यह मामला कुछ महीने पहले ग्वालियर के राजपूत ढाबे पर खाना बनाने वाले कुक रवींद्र चौहान से जुड़ा है। उनका परिवार भिंड के गांधी नगर में रहता है। अप्रैल में उनके घर आयकर विभाग का नोटिस आया, जो अंग्रेजी में था। उस समय रवींद्र पुणे में नौकरी कर रहे थे और परिवार पढ़ा-लिखा नहीं था, इसलिए कोई समझ नहीं पाया। जुलाई में फिर से ऐसा ही नोटिस आया, तब घरवालों ने रवींद्र को इसकी जानकारी दी। जब रवींद्र घर लौटे और नोटिस देखा, तो समझ नहीं पाए। पड़ोसियों ने उन्हें बताया कि इस पर सरकारी सील लगी है, मामला गंभीर है। इसके बाद वे अपने पड़ोसी वकील प्रद्युम्न सिंह भदौरिया के पास गए। वहां पता चला कि रवींद्र के बैंक खाते में 46 करोड़ 18 लाख 32 हजार 916 रुपये का लेन-देन दिखाया गया है। यह सुनकर रवींद्र दंग रह गए, क्योंकि वह सिर्फ ढाबे में काम करते हैं और इतना पैसा आना असंभव है। रवींद्र ने बताया कि जब ये नोटिस आने लगे, तब वह पुणे में हेल्पर की नौकरी कर रहे थे। दोबारा नोटिस आने पर वह घबरा गए और नौकरी छोड़कर घर आ गए। उन्होंने वकील को लेटर दिखाया, तब पता चला कि नोटिस वास्तव में आयकर विभाग का है और खाते में करोड़ों का ट्रांजेक्शन दिखाया गया है। पीड़ित ने भिंड के पंजाब नेशनल बैंक से अपने खाते का पांच साल का स्टेटमेंट निकलवाया। उसमें तीन लाख रुपये का भी लेन-देन नहीं मिला। जब बैंक मैनेजर से आगे जांच कराई गई, तो पता चला कि रवींद्र के नाम से दिल्ली के उत्तम नगर ब्रांच में एक और खाता है, जिसमें अभी भी 12.5 लाख रुपये जमा हैं। जांच में सामने आया कि जब रवींद्र ग्वालियर के मेहरा टोल प्लाजा पर मेस हेल्पर की नौकरी कर रहे थे, तब उनके सुपरवाइजर शशिराय भूषण ने उनके नाम पर यह बैंक खाता खुलवाया था। रवींद्र ने उस समय आपत्ति भी की थी और खाता बंद करने की बात कही थी। वे सुपरवाइजर के साथ बैंक भी गए, लेकिन मैनेजर ने कहा कि इसे बंद करने के लिए जीएसटी ऑफिस जाना पड़ेगा। बाद में सुपरवाइजर ने कहा कि खाता बंद हो गया है। रवींद्र ने उनकी बात पर भरोसा कर लिया। रवींद्र का आरोप है कि इस धोखाधड़ी के पीछे उनके पूर्व सुपरवाइजर शशिराय भूषण का हाथ है। उन्होंने इस संबंध में ग्वालियर के सिरोल थाने, एसपी जनसुनवाई और साइबर सेल में शिकायत भी की है। वकील प्रद्युम्न सिंह भदौरिया का कहना है कि नोटिस से पता चलता है कि दिल्ली के उत्तम नगर में रवींद्र के नाम से खोला गया खाता शौर्य ट्रेडर्स नाम की कंपनी से जुड़ा है और करोड़ों रुपये का पूरा लेन-देन उसी कंपनी के माध्यम से हुआ है। सभी साक्ष्य और आवेदन एसपी कार्यालय व साइबर सेल को दिए जा चुके हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई है। ऐसे में जरूरी है कि पुलिस और विभाग तुरंत संज्ञान लें और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करें।

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भोपाल  । मध्य प्रदेश में मानसून टर्फ सिस्टम कमजोर पड़ गया है। जिससे तेज बारिश का दौर थम गया है, कई जिलों में धूप खिल गई है। मौसम विभाग का कहना है कि 15 सितंबर के बाद एक बार फिर स्ट्रांग सिस्टम एक्टिव होगा। जिसके बाद पूरे प्रदेश में फिर से तेज बारिश का दौर शुरू होगा। हालांकि आज बुधवार को कई जिलों में बारिश होने की संभावना है। प्रदेश में इस मानसूनी सीजन में अब तक औसत 41.4 इंच बारिश हो चुकी है।मौसम विभाग के अनुसार, मानसून टर्फ प्रदेश के ऊपर से गुजर रही है। वहीं, अन्य सिस्टम प्रदेश से काफी दूर है। इस वजह से कुछ जिलों में बारिश का दौर बना हुआ है। लेकिन 15 सितंबर के बाद एक स्ट्रांग सिस्टम सक्रिय होगा, जिससे पूरे प्रदेश में झमाझम बारिश के आसार है। आज बुधवार को जिन जिलों में बारिश होने का अनुमान है, उनमें मंडला, डिंडोरी, अनूपपुर और बालाघाट शामिल है। यहां बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। प्रदेश के बाकी जिलों में हल्की बारिश होने की संभावना है।इससे पहले मंगलवार को 11 जिलों में कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश हुई। भोपाल में ढाई घंटे के अंदर डेढ़ इंच पानी गिर गया। सागर में सवा इंच और छिंदवाड़ा-मलाजखंड में आधा इंच से ज्यादा बारिश हुई। नर्मदापुरम, रायसेन, नरसिंहपुर, सतना, डिंडौरी, उमरिया, सीधी में भी हल्की बारिश का दौर रहा। रात में भी रिमझिम बारिश होती रही। दूसरी ओर, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर-जबलपुर में तेज धूप खिली। कैचमेंट एरिया में हो रही बारिश के बाद बड़ा तालाब में मंगलवार को पानी का लेवल फिर बढ़ गया। इससे दोपहर करीब 1 बजे भदभदा डैम का एक गेट खोल दिया गया। शाम तक डैम से 7 एमसीएफटी पानी छोड़ा जा चुका है। तेज बारिश की वजह से शहर के कई इलाकों में जलभराव के हालात बन गए। बाणगंगा चौराहे पर सड़क पर काफी पानी भर गया। इससे लोग परेशान होते रहे।

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भोपाल । मध्य प्रदेश के इंदौर में क्राइम ब्रांच पुलिस ने फिल्म अभिनेता एजाज खान के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। एजाज खान ने गैंगस्टर सलमान लाला की मौत के बाद एक भड़काऊ वीडियो बनाकर इंस्टाग्राम पर शेयर किया था। वीडियो वायरल होने के बाद क्राइम ब्रांच ने इसे गंभीर मानते हुए कार्रवाई की थी। इसे लेकर मंगलवार शाम एजाज खान के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। इंदौर क्राइम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने गैंगस्टर सलमान लाला की मौत के बाद उसे सांप्रदायिक रूप देने के मामले में एक्टर एजाज खान पर एफआईआर की गई है। एजाज खान ने एक वीडियो में सलमान के लिए कहा था कि वह वर्ग विशेष का था, इसलिए पुलिस ने उसे मार दिया, जबकि इस मामले में सलमान के एनकाउंटर जैसे किसी भी तरह के साक्ष्य मौके पर नहीं मिले थे। सोशल मीडिया पर सलमान लाला को लेकर और भी कई वीडियो वायरल हुए थे, जिनमें भड़काऊ पोस्ट थीं। इसे लेकर क्राइम ब्रांच ने करीब 35 अकाउंट को लिस्टेड किया था। आने वाले समय में उन पर भी कार्रवाई हो सकती है। सलमान लाला के समर्थन में एक्टर एजाज खान ने कहा था कि मुझे ऐसा लगता है कि वह समंदर में तैरने वाला बहुत बड़ा तैराक था। समंदर में तैरने वाले तालाबों में डूबकर नहीं मरा करते। अगर वह गैंगस्टर था, तो उसका गुनाह यह नहीं था कि वह गैंगस्टर था, गुनाह यह था कि वह मुसलमान था- इसलिए उसे मार दिया गया। दरअसल, नया बसेरा में रहने वाले बदमाश सलमान लाला की 31 अगस्त रविवार को तालाब में डूबने से मौत हो गई थी। उसका पूरा परिवार अपराधी है। सभी पर अवैध शराब के साथ हत्या, चाकूबाजी और लूटमार के केस दर्ज हैं। क्राइम ब्रांच की टीम जब इनके पीछे लगी तो सलमान बचने के लिए भागा और सड़क किनारे तालाब में कूद गया और डूबने से उसकी मौत हो गई।    

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । मध्य प्रदेश में राज्य शासन ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 14 अधिकारियों का तबादला करते हुए उनकी नवीन पदस्थापना की है। इनमें पांच जिलों इंदौर, जबलपुर, कटनी, बड़वानी और आगर मालवा के कलेक्टर बदले गए हैं। सोमवार देर रात सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं।   जारी आदेश के अनुसार, जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना को भोपाल में जनसंपर्क विभाग में आयुक्त बनाया गया है, जबकि जनसंपर्क आयुक्त डॉ. सुदाम खाड़े को हटाकर उन्हें इंदौर संभाग का कमिश्नर बनाया गया है। वहीं इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के गृह संभाग उज्जैन का कमीश्नर बनाया गया है। उन्हें सरकार पहले ही 2028 में होने वाले मेला अधिकारी सिंहस्थ मेला का प्रभार दे चुकी थी। आदेश में इंदौर नगर निगम के कमिश्नर शिवम वर्मा को इंदौर का कलेक्टर बना दिया गया है।इसी तरह इंदौर संभाग के कमिश्नर दीपक सिंह को राज्य निर्वाचन आयोग में सचिव बनाया गया हैं। जबकि आयोग के सचिव अभिषेक सिंह को गृह विभाग में सचिव पदस्थ किया गया हैं। वर्तमान में गृह सचिव आशीष भार्गव की नई पदस्थापना फिलहाल नहीं की गई है। परीक्षित संजय राव झाड़े को इंदौर विकास प्राधिकरण का मुख्य कार्यपालन अधिकारी बनाया है। इससे पहले वह नगरीय प्रशासन एवं विकास में अपर आयुक्त की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। इंदौर विकास प्राधिकरण में सीईओ की जिम्मेदारी संभाल रहे रामप्रकाश अहिरवार को जबलपुर नगर निगम का कमिश्नर बनाया गया है।जिन पांच जिलों के कलेक्टर बदले गए हैं, उनमें इंदौर में नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा को इंदौर कलेक्टर बनाया गया है। वहीं, जबलपुर में राघवेन्द्र सिंह को कलेक्टर बनाया गया हैं। राघवेंद्र सिंह अभी आगर-मालवा जिले के कलेक्टर हैं। कटनी में आशीष तिवारी को कलेक्टर बनाया गया हैं। तिवारी अभी मुख्य सचिव कार्यालय में उपसचिव हैं। बड़वानी में जयति सिंह को कलेक्टर बनाया गया हैं। जयति अभी उज्जैन जिला पंचायत की सीईओ हैं। आगर-मालवा में प्रीति यादव को कलेक्टर बनाया गया हैं। प्रीति अभी जबलपुर नगर निगम में कमिश्रर हैं।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में बारिश का सिस्टम कमजोर पड़ गया है, जिससे तेज बारिश का सिलसिला थम गया है। प्रदेश के अधिकतर जिलों में मौसम साफ है। आज मंगलवार को भी तेज बारिश का अलर्ट नहीं जारी किया गया। कुछ जिलों में हल्की बारिश हो सकती है। जबलपुर संभाग के कुछ जिलों में तेज पानी गिरने की संभावना है। वहीं बुधवार और गुरुवार को कुछ जिलों में बारिश हो सकती है।मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में फिलहाल कोई स्ट्रांग सिस्टम सक्रिय नहीं है। जिससे तेज बारिश का दौर थमा हुआ है। मंगलवार को कहीं भी तेज बारिश का अलर्ट नहीं है। बुधवार और गुरुवार को कुछ जिलों में बारिश का अलर्ट है। प्रदेश में अब तक औसत 41.3 इंच बारिश हो चुकी है, जो सामान्य के मुकाबले 12 प्रतिशत यानी 4.3 इंच ज्यादा है। भोपाल, ग्वालियर समेत 30 जिलों में कोटा फुल हो चुका है तो 10 जिले मुहाने पर हैं। सितंबर के बचे हुए दिनों में भी मानसून एक्टिव रहेगा। ऐसे में प्रदेश में 10 इंच बारिश और होने की उम्मीद है।स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव नहीं होने से भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, चंबल और नर्मदापुरम संभाग में अगले 4 दिन भारी बारिश का अलर्ट नहीं है। जबलपुर संभाग के कुछ जिलों में तेज पानी गिर सकता है। इससे पहले सोमवार को भोपाल, इंदौर समेत अधिकांश जिलों में तेज धूप खिली रही। वहीं, सागर में सवा इंच, खजुराहो में आधा इंच बारिश हो गई। छिंदवाड़ा, उमरिया में भी बूंदाबांदी का दौर जारी रहा।  

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उज्जैन । मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान श्री महाकालेश्वर मंदिर में चंद्रग्रहण समाप्त होने के बाद सोमवार तड़के भस्म आरती से पहले मंदिर की शुद्धि की गई। पूरे मंदिर परिसर को जल से शुद्ध किया गया। गर्भगृह सहित सभी मंदिरों में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ ग्रहण शुद्धि का विधान संपन्न हुआ। इसके बाद सुबह चार बजे बाबा महाकाल की भस्म आरती हुई, जिसमें भगवान महाकाल को रजत चंद्र, त्रिशूल, मुकुट और आभूषण अर्पित कर गणेश स्वरूप में श्रृंगारित किया गया। भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल के दरबार में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। भक्तों ने बाबा महाकाल के दर्शन कर जयकारे लगाए, जिससे पूरा मंदिर परिसर "जय श्री महाकाल" के जयघोष से गुंजायमान हो उठा। श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि अश्विन मास कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर सोमवार तड़के चार बजे भस्म आरती हुई। इस दौरान भगवान महाकाल का श्रृंगार उतारकर पंचामृत पूजन किया गया और कर्पूर आरती संपन्न हुई। नंदी हॉल में नंदीजी का स्नान, ध्यान और पूजन कराया गया। भगवान महाकाल का जल से अभिषेक करने के बाद दूध, दही, घी, शक्कर, शहद और फलों के रस से बने पंचामृत से विशेष पूजन हुआ। पूजन के दौरान प्रथम घंटाल बजाकर हरि ओम का जल अर्पित किया गया। पुजारियों और पुरोहितों ने इस दौरान बाबा महाकाल का भांग से श्रृंगार किया। उन्होंने बताया कि भगवान महाकाल को रजत चंद्र, त्रिशूल, मुकुट और आभूषण अर्पित कर गणेश स्वरूप में श्रृंगारित किया गया। भांग, चंदन, ड्रायफ्रूट और भस्म चढ़ाई गई। शेषनाग का रजत मुकुट, रजत की मुण्डमाल, रुद्राक्ष की माला और सुगंधित पुष्पों से बनी मालाओं से अलंकृत किया गया। फल और मिष्ठान का भोग भी अर्पित किया गया। भस्म आरती में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे और बाबा महाकाल का आशीर्वाद प्राप्त किया। महा निर्वाणी अखाड़े की ओर से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गई। मान्यता है कि भस्म अर्पित करने के बाद भगवान महाकाल निराकार से साकार रूप में दर्शन देते हैं।  

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राजगढ़ । नरसिंहगढ़ क्षेत्र के शिवजी नगर, कुम्हार गली और उदावतगंज में रविवार-सोमवार की दरम्यानी रात कांटेदार जीव सड़क पर दिखाई दिया। सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू कर उसे प्राकृतिक आवास पर छोड़ दिया। जानकारी के अनुसार बीती रात नरसिंहगढ़ के उदावत गंज, कुम्हार गली और शिवजी नगर में कांटेदार जीव दिखाई दिया।   स्थानीय लोगों की सूचना पर वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर दुर्लभ प्रजाति के जीव को रेस्क्यू कर प्राकृतिक आवास पर छोड़ा। वन विभाग का कहना है कि पैंगोलिन एक दुर्लभ प्रजाति का जीव है, इसके पूरे शरीर पर कांटों का आवरण होता है साथ ही यह जीव मनुष्यों के लिए खतरनाक नही है। बताया गया है कि इस प्रकार का जीव जिले में दूसरी बार दिखाई दिया है। वन विभाग ने लोगों से अपील की है, ऐसे अनजान प्रजातियों को देखें तो घबराएं नही, बल्कि विभाग को तुरंत जानकारी दें ताकि समय रहते सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।  

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में एक बार फिर भारी बारिश का दौर थम गया है। आज सोमवार को कहीं भी भारी बारिश की चेतावनी जारी नहीं की गई। प्रदेश में मानसून समेत दो टर्फ एक्टिव है, लेकिन स्ट्रॉन्ग नहीं हैं। इसलिए तेज बारिश नहीं हो रही है। लेकिन मंगलवार से एक बार फिर तेज बारिश का दौर शुरू होगा।मौसम विभाग के मुताबिक, प्रदेश में अभी उत्तरी गुजरात और दक्षिण-पश्चिम राजस्थान के ऊपर से लो प्रेशर एरिया एक्टिव हो रहा है। अगले 2 दिन में यह आगे बढ़ेगा, जिसका असर देखने को मिल सकता है। प्रदेश में रविवार को कुछ ही जिलों में हल्‍की बारिश हुई। हालांकि आज सोमवार को प्रदेश में कहीं भी भारी बारिश का अलर्ट नहीं है। नया सिस्टम एक्टिव होने के बाद बारिश शुरू होगी। मंगलवार (9 सितंबर) को पूर्वी हिस्से में फिर से भारी बारिश का दौर शुरू होने की संभावना है। उल्‍लेखनीय है कि प्रदेश में मानसून के दस्तक देने के बाद अब तक औसत 41.2 इंच बारिश हो चुकी है। प्रदेश की सामान्य बारिश औसत 37 इंच है। यानी कोटे से 4 इंच पानी ज्यादा गिर चुका है। प्रदेश के 30 जिले भोपाल, राजगढ़, रायसेन, विदिशा, अलीराजपुर, बड़वानी, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, मंडला, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, दतिया, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, रतलाम, मंदसौर, नीमच, आगर-मालवा, भिंड, मुरैना, श्योपुर, सिंगरौली, सीधी, सतना और उमरिया में बारिश का कोटा फुल हो चुका है। कई जिले ऐसे हैं, जहां आंकड़ा डेढ़ सौ प्रतिशत के पार है। श्योपुर में कुल 213 प्रतिशत पानी गिर चुका है।इस मानसूनी सीजन में इंदौर और उज्जैन संभाग की स्थिति ठीक नहीं है। यहां सबसे कम पानी गिरा है। सबसे कम बारिश वाले टॉप-5 जिलों में बुरहानपुर, बड़वानी, खंडवा खरगोन और शाजापुर शामिल हैं। सबसे ज्यादा बारिश वाले टॉप-5 जिलों की बात करें तो गुना नंबर-1 पर है, यहां 65 इंच बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा मंडला-श्योपुर में 56 इंच, अशोकनगर में 54 इंच और शिवपुरी में 54.2 इंच पानी गिर चुका है।  

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इंदौर । मधय प्रदेश के इंदौर में शहर की गौरवशाली परम्परा के अनुसार हर साल की तरह इस बार भी अनन्त चतुर्दशी के अवसर पर चल समारोह निकाला जा रहा है, जिसमें झिलमिलाती नयनाभिराम झांकियां को देखने के लिए लोगों की भारी उमड़ रही है। शनिवार शाम 7 बजे कलेक्टर आशीष सिंह और अन्य अधिकारियों ने पूजा के बाद झांकियों को आगे बढ़ाया। यह चल समारोह रातभर शहर के विभिन्न मार्गों से गुजरेगा। झांकी और अखाड़ों का स्वागत करने के लिए मार्ग पर 100 से ज्यादा मंच लगाए गए हैं। बारिश के मौसम को देखते हुए ज्यादातर वाटर प्रूफ मंच लगाए गए हैं।   गौरतलब है कि इंदौर में अनंत चतुर्दशी पर निकलने वाली झांकियों को देखने के लिए देशभर से लोग पहुंचते हैं। इस बार अनंत चतुर्दशी पर 6 मिलों की 16 झांकियों के साथ ही चार संस्थाओं की 12 अन्य झांकियां भी चल समारोह में शामिल हैं। हर बार की तरह इस बार भी पूरे चल समारोह में 32 अखाड़ों के समूह अपने करतब दिखाते हुए चल रहे हैं। चल समारोह में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी शामिल हुए और उन्होंने देशभक्ति से भरे गीत भी गाए। उन्होंने - ये देश वीर जवानों का...., दम निकले इस देश की खातिर बस इतना अरमान है,,, जैसे गीत सुनाकर माहौल को देशभक्ति से सराबोर कर दिया। चल समारोह में खजराना गणेश की झांकी सबसे आगे चल रही है। इनके पीछे ट्रैक्टर में भगवान खजराना गणेश की प्रतिमा लगाई गई है। दूसरे नंबर पर शास्त्री कार्नर नवयुक मण्डल छोटा गणपति मंदिर मल्हारगंज, तीसरे नंबर पर इंदौर विकास प्राधिकरण की झांसी चल रही है। उसके पीछे नगर निगम, फिर होप टेक्सटाईल (भण्डारी मिल), कल्याण मिल, मालवा मिल, हुकुचंद मिल, स्वदेशी मिल,. राजकुमार मिल, स्पूतनिक ट्यूटोरियल एकेडमी और जय हरसिद्धी माँ सेवा समिति की झांकियां शामिल हैं। झांकियों को देखने के लिए लोग की भारी भीड़ उमड़ रही है। चल समारोह में 3500 अधिकारी और कर्मचारियों को तैनात किया गया है। पुलिस के साथ डॉक्टरों की टीम और एम्बुलेंस भी अलर्ट मोड पर हैं। इंदौर में निकल रही झांकियों के लिए पुलिस विभाग ने नवाचार करते हुए मध्य प्रदेश में पहली बार भीड़ नियंत्रण के लिए एक विशेष ड्रोन कैमरे की मदद ली जा रही है। अनंत चतुर्दर्शी में भीड़ नियंत्रण व निगरानी के लिए इंदौर पुलिस इसका उपयोग कर रहा है। इस ड्रोन की विशेषता यह है कि इसमें पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम भी इनबिल्ट है। जो जमीन से 120 मीटर ऊपर से भी अनाउंस कर सकता है। साथ ही 2 से 5 किमी.की रेंज तक इसका कैमरा प्रभावी निगरानी योग्य है। यह ड्रोन लगातार 40 मिनट तक उड़ान भर सकता है। इसके अलावा यह ज़ूम कैमरा और सर्च लाइट यूक्त है। इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह और अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर अमित सिंह ने इस विशेष ड्रोन का कृष्णपुरा छत्री स्थल पर परीक्षण किया। इस विशेष ड्रोन को ड्रोन स्टार्क के नाम से भी जाना जाता है।

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भोपाल। मध्य प्रदेश में अब भारी बारिश से प्रदेशवासियों को थोड़ी राहत मिलने वाली है। स्ट्रॉन्ग सिस्टम के कमजोर होने से प्रदेश में अगले चार दिन हल्की बारिश का दौर रहेगा। भोपाल, इंदौर, ग्‍वालियर और उज्जैन में रिमझिम वर्षा होगी। आज रविवार को कहीं भी तेज बारिश का अलर्ट नहीं है।मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में शनिवार को बारिश के दो स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव रहे। इनमें एक मानसून समेत दो टर्फ शामिल हैं। इस वजह से कई जिलों में बारिश का दौर रहा, लेकिन अब सिस्‍टम कमजोर पड़ गया है। रविवार को कहीं भी तेज बारिश का अलर्ट नहीं है। इससे पहले प्रदेश के कई जिलों में नदी-नाले उफान पर रहे और डैम ओवरफ्लो हो गए। कैचमेंट एरिया और सीहोर जिले में बारिश होने के बाद राजधानी भोपाल के बड़ा तालाब में पानी का लेवल 1666.80 फीट तक पहुंच गया। इसके चलते भदभदा डैम के गेट सीजन में पहली बार खुले। रायसेन में हलाली बांध के 3 गेट भी 2-2 मीटर तक खोल दिए गए।प्रदेश में अब तक 40.6 इंच बारिश हो चुकी है, जो सीजन की 111 प्रतिशत है। अब तक 32.8 इंच बारिश होनी थी। प्रदेश की सामान्य बारिश औसत 37 इंच है। पिछले मानसूनी सीजन में औसत 44 इंच बारिश हुई थी। इस बार बारिश के मामले में गुना सबसे बेहतर है। यहां 63.8 इंच बारिश हो चुकी है। गुना में सामान्य से 30.6 इंच पानी ज्यादा गिर चुका है। श्योपुर में 56 इंच, मंडला में 55.9 इंच, अशोकनगर में 53.9 इंच और रायसेन में 55.8 इंच बारिश हुई है। सबसे कम बारिश वाले 5 जिले इंदौर और उज्जैन संभाग के हैं। खरगोन में सबसे कम 25.6 इंच, बुरहानपुर में 25.8 इंच, शाजापुर में 26.2 इंच, खंडवा में 26.4 इंच और बड़वानी में 26.5 इंच बारिश हो चुकी है।

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भोपाल । खगोल विज्ञान में रुचि रखने वाले लोगों के लिए रविवार की रात एक खास खगोलीय घटना होने जा रही है, जिसमें आसमान में अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा। दरअसल, आज की रात सन् 2022 के बाद सबसे लंबी अवधि का चंद्रग्रहण लगने जा रहा है। इस दौरान मध्यरात्रि आसमान में तामिया लाल चांद दिखाई देगा, जिसे ब्लड मून कहा जा रहा है। इसे भारत के साथ ही आस्‍ट्रेलिया, एशिया अफ्रीका और यूरोप सहित विश्‍व की लगभग 85 आबादी देख पाएगी। यह इस साल का आखिरी चंद्रग्रहण होगा। नेशनल अवार्ड प्राप्‍त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने चंद्रमा और सूर्य के बीच और एक सीध में पृथ्‍वी के आ जाने से होने वाली इस खगोलीय घटना की जानकारी देते हुए बताया कि पृथ्‍वी के बीच में आ जाने से सूर्य की रोशनी सीधे चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाती है। इससे चंद्रग्रहण की स्थिति बनती है। इस समय पृथ्वी की वायुमंडलीय परतों में से गुजरते हुए लाल तरंगें चंद्रमा तक पहुंचती हैं, जिससे चंद्रमा लाल तामिया दिखता है। इस रंग के कारण इसे ब्‍लड मून भी कहा जाता है। सारिका घारू ने बताया कि भारतीय समयानुसार आंशिक ग्रहण का आरंभ रात्रि 09 बजकर 57 मिनिट 09 सेकंड से होगा। इसके बाद रात्रि 11 बजकर 48 सेकंड की स्थिति में पूर्णचंद्रग्रहण दिखना आरंभ होगा। पूर्णग्रहण की स्थिति रात्रि 12 बजकर 22 मिनट 51 सेकंड तक रहेगी। इसके बाद पुन: आंशिक ग्रहण चलता रहेगा, जो कि रात्रि 01 बजकर 26 मिनट 31 सेकंड पर समाप्‍त होगा। सारिका ने बताया कि इस खगोलीय घटना में पूर्ण ग्रहण अवधि या टोटेलिटी डयूरेशन लगभग एक घंटा 22 मिनट रहेगा, जबकि सन् 2022 में हुए चंद्रग्रहण की पूर्णता अवधि 1 घंटा 25 मिनट थी। इस तरह यह 2022 के बाद सबसे लंबी अवधि का पूर्णचंद्रग्रहण है। खास बात यह है कि इसे देखने के लिये किसी विशेष यंत्र जैसे टेलिस्‍कोप या ग्रहण के चश्‍मे की जरूरत नहीं होगी। खाली आंखों से ही इसे देखा जा सकता है।  

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भाेपाल । राजधानी भोपाल में आज (शनिवार काे) गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा। इसके साथ ही चल समारोह निकलेंगे। इसे लेकर नगर निगम और पुलिस ने पुख्ता इंतजाम किए हैं। प्रमुख घाटों पर सीसीटीवी कैमरे, गोताखोर, फायर ब्रिगेड और क्रेन तैनात रहेंगे। गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन प्रेमपुरा घाट, कमलापति घाट, बैरागढ़, हथाईखेड़ा डेम पर होगा। शहर में कई मार्ग बदले रहेंगे।   भोपाल के 6 बड़े घाटों पर शनिवार को गणेश मूर्तियों का विसर्जन होगा। बड़ी मूर्तियों को क्रेन और छोटी को कुंड में विसर्जित किया जाएगा। वहीं, शहर में जुलूस रूट पर कुंड के अलावा 33 जगहों पर स्टॉल भी लगेंगे। जहां लोग गणेश मूर्तियां रख सकेंगे। फिर निगम इन्हें विसर्जित करेगा। डोल ग्यारस (एकादशी) से निगम, प्रशासन और पुलिस अमला घाटों पर तैनात हो गया है, जो 8 सितंबर तक रहेगा। पूर्व में हुए हादसों को देखते हुए पानी में उतरकर मूर्ति विसर्जित करने की मनाही रहेगी। बड़ी मूर्तियों के लिए सभी घाटों पर क्रेन मौजूद है। पूजा-अर्चना के बाद लोग क्रेन पर मूर्ति रखेंगे, जिन्हें तालाब में विसर्जित कर दिया जाएगा। छोटी मूर्तियों के लिए यहीं पर कुंड भी बने हैं। पिछले दो दिन से मूर्तियों का विसर्जन हो रहा है, लेकिन शनिवार को लाखों मूर्तियां विसर्जित होंगी। शाम को निकलेंगे चल समारोहअनंत चतुर्दशी के अवसर पर भारत टाॅकीज चैराहे से रात्रि 7 बजे गणेश प्रतिमाओं एवं झाॅकियों के साथ मुख्य चल समारोह प्रारंभ होगा। जो इतवारा चौराहा, गणेश चोक मंगलवारा,गल्ला मण्डी हनुमानगंज, छोटे भैया चैराहा, जनकपुरी, जुमेराती, पुराना पोस्ट , सिंधी ऑफिस, पीरगेट, मोती मस्जिद, रेतघाट, कमला पार्क से होकर कमलापति घाट पर समापन होगा। साथ ही कुछ झाकियाॅ पाॅलिटेक्निक चैराहा से डिपो चैराहा, 25 वीं वाहिनी के सामने भदभदा तिराहा होकर प्रेमपुरा घाट विर्सजन के जाएंगी। हिंदू उत्सव समिति के नवनिर्वाचित अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने बताया कि शाम 6.30 बजे से सेंट्रल लाइब्रेरी के पास से सामूहिक विसर्जन जुलूस शुरू होगा, जो इतवारा, मंगलवारा, हनुमानगंज, जनकपुरी, सिंधी मार्केट, सोमवारा होते हुए कमलापति घाट पहुंचेगा। जुलूस में करीब 200 झांकियां शामिल होंगी।   ऐसी रहेगी यातायात व्यवस्था1. सुबह 8 बजे से आगामी आदेश तक शहर में सभी प्रकार के अनुमति बिना अनुमति प्राप्त भारी वाहन खजूरी सडक, मुबारकपुर, लाम्बाखेडा चैराहा, इस्लाम नगर, चैपडा कला चैराहा, पटेल नगर, 11 मील, रातीबढ, लालघाटी, नरसिंहगढ तिराहा, एयरपोर्ट चैराहा, करौंद चैराहा, भानपुर चैराहा, रत्नागिरी से आगे शहर के सभी ओर आना-जाना प्रतिबंधित रहेगें।2. शाम- 5 बजे से सभी प्रकार के सिटीबस,मैजिक आदि वाहन भारत टाॅकीज चैराहा, अल्पना तिराहे, नादरा बस स्टेण्ड चैराहा एवं भोपाल टाकीज चैराहे की ओर आना-जाना प्रतिबंधित रहेंगे।3. शाम-6 बजे से मंगलवारा थाना तिराहा, दयानंद चैक, जुमेराती पानी की टंकी तिराहा, पुरानी सब्जी मण्डी की ओर से किसी भी प्रकार का कोई वाहन घोडा नक्कास, बस स्टेण्ड की ओर नही जा सकेगें।4. रात्रि 8 बजे तीन मोहरा से भोपाल टाॅकीज चैराहा की ओर जाने वाले वाहन इस्लामी गेट से सिंधी कालोनी चैराहा होते हुए अग्रवाल धर्मषाला, समानान्तर मार्ग से आ-जा सकेंगे।5. रात्रि में अल्पना टाॅकीज से नादरा बस स्टेण्ड जाने वाले वाहन संगम टाकीज तिराहा रोड अथवा समानान्तर मार्ग से अग्रवाल धर्मषाला की ओर जा सकेंगे।6. चल समारोह का अगला हिस्सा मंगलवारा पहुंचने पर सेन्ट्रल लाईब्रेरी एवं छावनी रोड एवं बुधवारा से कोई भी वाहन इतवारा की ओर नहीं जा सकेंगे।7. चल समारोह का अगला हिस्सा जुमेराती पहुचनें के उपरान्त कोई भी वाहन रायल मार्केट से पीरगेट (भवानी चैक) की ओर नही जा सकेंगे। इसी प्रकार जुलूस का अगला हिस्सा रेतघाट पहुंचने पर कोई भी वाहन करबला से रेतघाट तथा पोलिटेक्निक से कमला पार्क की ओर प्रवेश नहीं पा सकेगें इसी समय तलैया से बुधवारा की ओर कोई ट्राॅफिक नहीं आ सकेगा । यह वाहन रायॅल मार्केट से तीन मोहरा, थाना शहजहानाबाद के सामने से भोपाल टाॅकिज, हमिदिया रोड, नादरा बस स्टेण्ड होकर आवागमन कर सकेंगें।8. गणेश प्रतिमांओ का चल समारोह भारत माता चैराहा आने पर सभी प्रकार के वाहन भदभदा नये पुल से सिटी डिपों चैराहे की ओर नहीं आ सकेंगे। यह वाहन आईआई एफएम नेहरू नगर चैराहा एमए सिटी चैराहे से होकर अपने गंतव्य को जा सकेगें।    

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भोपाल । मध्य प्रदेश के पश्चिमी और उत्तरी हिस्से में शुक्रवार को तेज बारिश का दौर जारी रहा। मालवा-निमाड़ अंचल में कई स्थानों पर तेज वर्षा हुई। उज्जैन में शिप्रा का जल स्तर फिर बढ़ गया है। इससे निचले इलाकों में पानी भर गया। नदी-नाले उफान पर हैं। रतलाम में सड़कों पर जहां दो-दो फीट पानी बहने लगा, वहीं उज्जैन के निचले क्षेत्रों के कई घरों-दुकानों में पानी घुस गया। भारी बारिश की संभावना को देखते हुए इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर और धार में शनिवार को स्कूलों और आंगनबाड़ियों में अवकाश घोषित किया गया है। शुक्रवार को उज्जैन में सवा दो इंच और इंदौर में डेढ़ इंच पानी गिरा। जबकि शिवपुरी में एक इंच बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा भोपाल, दतिया, गुना, ग्वालियर, नर्मदापुरम, रतलाम, सिवनी, टीकमगढ़, बालाघाट, धार, बड़वानी, श्योपुर, दतिया, विदिशा, मुरैना समेत कई जिलों में हल्की बारिश का दौर जारी रहा। बारिश ने नदी-नाले उफान पर आ गए है। इस कारण हादसे भी हो रहे हैं। राजगढ़ के सारंगपुर में शुक्रवार को कालीसिंध नदी के पुल से एक कार नीचे गिर गई। इसमें सारंगपुर जनपद पंचायत सदस्य और बीजेपी नेता महेश सोनी का बेटा विशाल सोनी (26) सवार था। रेस्क्यू टीमें उसे तलाश रही हैं। उज्जैन में खाचरोद के नन्दयासी गांव में भी पुलिया पार करते समय एक कार बागेड़ी नदी में बह गई। कार सवार को ग्रामीणों ने बचाया। श्योपुर में कूनो नदी उफान पर है। दिमरछा गांव की एक महिला को डिलीवरी के लिए पुलिस की मदद से नाव से रेस्क्यू कर अस्पताल भिजवाया गया। उधर, नीमच जिले के रतनगढ़ में स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की गाड़ी पानी के बीच फंस गई। दरअसल, गुरुवार शाम गुंजाली नदी का पानी पुल के ऊपर आ गया था। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग रतनगढ़ के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ. राजेश मीणा, डॉ. मोहन मुजाल्दे और उनका ड्राइवर बोलेरो से नदी पार कर रहे थे। गाड़ी तेज बहाव में फंसकर बहने लगी। फिर खजूर के पेड़ से टकराकर रुक गई। मौके पर मौजूद लोगों ने तीनों लोगों को बचाया। इटारसी की सुखतवा नदी में डूबे दादा-पोते के शव शुक्रवार दोपहर मिले हैं। दोनों गुरुवार दोपहर को नदी में नहाने गए थे। धार के मुलथान में चार मकान गिरे धार जिले में हालात बिगड़ने लगे हैं। धार के ग्राम मुलथान में चार मकान गिर गए। मनावर के पास ग्राम भुवादा में भी दीवार गिर गई। केसूर में में मुख्य बाजार पर पानी भर जाने से आवागमन बाधित रहा। यहां दुकानों और मकानों में पानी घुस गया। खरगोन जिले के महेश्वर में नर्मदा नदी का सामान्य जलस्तर 140 मीटर के आसपास रहता है। अभी 144 मीटर तक पहुंच गया है, जो सामान्य से चार मीटर अधिक है। उफान पर नर्मदा नदी मंडलेश्वर, महेश्वर सहित अन्य नर्मदा के तटीय इलाकों में अलर्ट है। निचली बस्तियों में मुनादी के माध्यम से सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी जा रही है। जिले में 635.50 मिमी वर्षा दर्ज हो चुकी है, जबकि पिछले साल इस अवधि में 793.62 मिमी हुई थी। ओंकरेश्वर बांध के 21 और इंदिरा सागर बांध के 12 गेट खुले हुए हैं। ओंकारेश्वर बांध से करीब 10700 क्यूमैक्स पानी छोड़ने से नर्मदा नदी उफान पर है। उज्जैन में बही कार, देवास में भारी जलभराव उज्जैन के खाचरौद के समीप बगेड़ी नदी के पुल को पार करते समय कार बह गई। हालांकि चालक को बचा लिया गया। गंभीर डैम के दो गेट खोले गए हैं। जिले में शुक्रवार सुबह तक कुल 726.5 मिमी वर्षा दर्ज की जा चुकी है। रतलाम जिले में अब तक औसत 1128.50 मिमी वर्षा हो चुकी है। कुल वर्षा 918.3 मिमी है। गत वर्ष इस अवधि में अब तक 866.25 मिमी वर्षा हुई थी। देवास शहर में दो घंटे में 70 मिमी वर्षा हुई। इससे कई कालोनियों में जल जमाव होने से लोग परेशान हुए। नगर निगम ने कंट्रोल रूम बनाया है। शुक्रवार को धार में 50, पीथमपुर में 80, खरगोन में 10.7 व रतलाम में 50 मिमी वर्षा दर्ज की गई। चंबल और कूनो नदियां उफान पर, 16 का किया गया रेस्क्यू श्योपुर जिले की वीरपुर तहसील का दीमरछा गांव शुक्रवार को चंबल और कूनो नदी के पानी से घिर गया। मुख्य रास्ता बंद होने और गांव के पास कूनो और चंबल का संगम होने से स्थिति विकट हो गई। गांव की नीलम पत्नी कुलदीप रावत 24 साल की डिलीवरी होनी थी। जिला प्रशासन को सूचना मिली। इसके बाद एसडीआरएफ टीम ने महिला को सुरक्षित निकालकर एंबुलेंस से वीरपुर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। बच्चे, बुजुर्ग और महिलाओं सहित 15 अन्य लोग भी निकाले गए। भिंड में चंबल और क्वारी नदी खतरे के निशान के पास पहुंच गई हैं। अंचल के सबसे बड़े शिवपुरी के मड़ीखेड़ा डेम के गेट खोलकर लगातार पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे दतिया में सिंध नदी में जलस्तर बढ़ने के कारण सेवढ़ा के छोटा पुल तक पानी पहुंच गया है। इंदौर जिले में लगातार हो रही बारिश के कारण स्कूलों में 6 सितंबर को अवकाश घोषित किया गया है। कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा अवकाश की घोषणा की गई है। यह आदेश सभी शासकीय, अशासकीय, शिक्षण संस्थाओं में लागू होगा। नर्सरी से लेकर कक्षा 12वीं तक के विद्यार्थियों की शनिवार को छुट्टी रहेगी। स्कूल शिक्षा विभाग की डीईओ शांता स्वामी ने बताया कि लगातार हो रही वर्षा को देखते हुए अवकाश की घोषणा की गई है, ताकि बरसात में होने वाली समस्या से विद्यार्थियों को बचाया जा सके। उज्जैन, ग्वालियर और धार में भी भारी बारिश के चलते स्कूलों और आंगनबाड़ियों की छुट्‌टी घोषित की गई है।    

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शिवपुरी । मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले से होकर बहने वाली सिंध नदी में एक बार फिर उफान आया है, जिसके चलते गुरूवार को अटल सागर (मड़ीखेड़ा) डैम के 8 गेट खोल दिए गए, पानी की अधिक आवक, बारिश की चेतावनी के चलते जब डेम का जलस्तर 345.60 मीटर हुआ और पूरा डैम फूल होने से चंद कदम दूरी रही तो अब आठ गेटों से 2564.429 क्यूमेक्स पानी छोड़ा जाने लगा है।   जानकारी के लिए बता दें कि मड़ीखेड़ा डेम का निर्धारित जल स्तर 346.25 मीटर रहता है जो लगभग भरने की स्थिति में है, लेकिन बर्षा काल के मद्देनजर प्रबंधन उसे किस तरह भरना है ये तय करता है। पचावली के पुराने पुल से आठ फीट ऊपर बह रहा है, इस समय सिंध नदी पर बना पांचवली का पुराना पुल पानी में डूबा हुआ है। इधर 60 मेगावाट की मड़ीखेड़ा बिजली परियोजना की बीस बीस मेगावॉट की तीन इकाइयों से बिजली निर्माण भी लगातार जारी है। इस बार अच्छी बारिश के चलते लगातार बिजली बनाई जा रही है वहीं डेम के गेट भी बार बार खोलकर जल निकासी करनी पड़ी है। बिजली निर्माण के रस्ते से 135.42 क्यूमेक्स पानी छोड़ा जा रहा है। अटल सागर डेम के पर पदस्थ इंजीनियर अम्बुज पारसर ने लोगों से अपील की है कि सिंध नदी के वहाब इलाके से दूरी बनाकर रखें।

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उज्जैन । मध्य प्रदेश के उज्जैन में बुधवार को महाकाल के सेनापति काल भैरव ने भैवरगढ़ क्षेत्र में नगर भ्रमण किया। रजत पालकी में विराजे काल भैरव की सवारी नगर भ्रमण करते हुए सिद्धवट स्थित शिप्रा तट पहुंची। यहां अभिषेक पूजन पश्चात सवारी पुन: मंदिर लौटी।   नगर भ्रमण से पूर्व भगवान का पूजन होकर सिंधिया रियासत की पगड़ी धारण करवाई गई। इसके बाद परिसर में सशस्त्र पुलिस बल ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। पश्चात पुलिस बैण्ड,लाव लश्कर के साथ बाबा नगर भ्रमण पर निकले। परंपरानुसार केंद्रीय जेल भैरवगढ़ के बाहर पालकी को पूजन के लिए रोका गया।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में बारिश का सिलसिला जारी है। मौसम विभाग ने आज भारी व अति भारी बारिश की चेतावनी दी है। प्रदेश के 26 जिलों में जोरदार पानी गिरेगा। अगले तीन दिन तक ऐसा ही मौसम रहने की संभावना है। राजधानी भोपाल में बुधवार रात से ही कहीं धीमी, कहीं तेज बारिश का दौर जारी है। मानसून ट्रफ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन (चक्रवात) की वजह से प्रदेश में बारिश का स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव है।मौसम विभाग के अनुसार, मध्‍य प्रदेश से एक मानसून ट्रफ गुजर रही है। वहीं, दो साइक्लोनिक सर्कुलेशन का भी असर है। इस वजह से अगले तीन दिन तक प्रदेश में तेज बारिश का दौर बना रहेगा। अगले 24 घंटे के दौरान झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी, खरगोन, बुरहानपुर, खंडवा, हरदा, देवास और सीहोर में अति भारी बारिश हो सकती है। यहां अगले 24 घंटे में साढ़े 8 इंच तक पानी गिरने की संभावना है। वहीं, भोपाल समेत गुना, आगर-मालवा, राजगढ़, शाजापुर, उज्जैन, इंदौर, रतलाम, धार, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी और बालाघाट में भी भारी बारिश का अलर्ट है।इससे पहले बुधवार को भी प्रदेश के 25 से ज्यादा जिलों में बारिश हुई। पचमढ़ी, रतलाम-नरसिंहपुर में 1 इंच, इंदौर, खरगोन, भोपाल, ग्वालियर-शिवपुरी में पौन इंच, उज्जैन, दमोह और रायसेन में आधा इंच से अधिक पानी गिर गया। गुना में आधा इंच बारिश हुई। बैतूल, दतिया, छिंदवाड़ा, मंडला, हरदा, सागर, सिवनी, बालाघाट, नर्मदापुरम, शाजापुर, उमरिया समेत कई जिलों में बारिश का दौर जारी रहा।   बारिश के बाद जबलपुर में बरगी बांध के 9 गेट खोल दिए गए। उमरिया में संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र के जोहिला डैम के तीन गेट, शिवपुरी में अटल सागर बांध मडीखेड़ा के दो, ग्वालियर में तिघरा डैम के 7 जबकि तवा डैम के 5 गेट खोलकर पानी छोड़ा गया। हरदा में बारिश के चलते अजनाल, मटकुल, देदली, माचक और गंजाल नदियां उफान पर हैं। कई गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया। रात में भी कई जिलों में बारिश का दौर जारी रहा। मानसूनी सीजन में अब तक 39 इंच बारिश हो चुकी है, जो सीजन की 105 प्रतिशत है।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश अब पर्यटन की दुनिया में नया अध्याय लिखने जा रहा है। यहां के घने जंगल, नदियों का सुकून और रोमांच से भरपूर गतिविधियां अब इको-टूरिज्म और एडवेंचर टूरिज्म के रूप में पर्यटकों को आकर्षित कर रही हैं। प्रदेश के दो बड़े आयोजन, गांधीसागर फॉरेस्ट रिट्रीट और कूनो फॉरेस्ट रिट्रीट को राज्य सरकार द्वारा इस साल खास अंदाज में तैयार किया गया है।दरअसल, पर्यटन, संस्कृति और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र सिंह लोधी ने सोमवार को पत्रकार वार्ता के दौरान जानकारी दी कि गांधीसागर और कूनो जैसे आयोजन केवल पर्यटन तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ये प्रदेश की प्राकृतिक धरोहर, सांस्कृतिक समृद्धि और पर्यावरण संरक्षण को जोड़ने वाले मंच साबित होंगे। यही वजह है कि गांधीसागर और कूनो अब इको-टूरिज्म और साहसिक पर्यटन के केंद्र के रूप में तेजी से उभर रहे हैं।गांधीसागर फॉरेस्ट रिट्रीट 12 सितंबर सेचंबल नदी पर बने गांधीसागर डैम का बैकवाटर इलाका अब रोमांच का गढ़ बनने जा रहा है। यहां 12 सितंबर से गांधीसागर फॉरेस्ट रिट्रीट का चौथा संस्करण शुरू होगा। मंदसौर जिले में होने वाला यह आयोजन पहले ही देश-विदेश के सैलानियों का ध्यान खींच चुका है।इस बार यहां 50 लग्जरी ऑल सीजन टेंट सिटी बनाई गई है, जहां पर्यटक आधुनिक सुविधाओं के बीच जंगल और नदी का रोमांच महसूस करेंगे। इसके अलावा पैरासेलिंग, पैरामोटरिंग, जेट स्की, ज़ोरबिंग जैसी साहसिक गतिविधियां पर्यटकों का दिल जीतेंगी। बोट सफारी, बोट स्पा, जंगल सफारी और बटरफ्लाई गार्डन जैसे अनुभव भी पर्यटकों को प्राकृतिक सौंदर्य से जोड़ेंगे। वहीं, रॉक गार्डन और स्थानीय हस्तशिल्प पर आधारित कार्यशालाएं क्षेत्रीय संस्कृति को करीब से समझने का अवसर देंगी।कूनो फॉरेस्ट रिट्रीट 5 अक्टूबर सेश्योपुर जिले का कूनो राष्ट्रीय उद्यान, जहां हाल ही में चीता पुनर्वास का ऐतिहासिक क्षण देखा गया, अब इको-टूरिज्म और सांस्कृतिक धरोहर का संगम प्रस्तुत करेगा। 5 अक्टूबर से कूनो फॉरेस्ट रिट्रीट का दूसरा संस्करण यहां आयोजित होगा।यहां 25 लग्जरी ऑल सीजन टेंट सिटी बनाई गई है। जंगल सफारी, नाइट वॉक और स्टार गेज़िंग जैसी गतिविधियां पर्यटकों को रोमांचक अनुभव देंगी। इसके साथ ही हॉट एयर बैलूनिंग, योग, ध्यान और वेलनेस सत्र से यह आयोजन वेलनेस टूरिज्म का नया केंद्र बनेगा। गांवों की झलक दिखाने वाले टूर, कला और शिल्प प्रदर्शन, लोक संगीत और नृत्य की प्रस्तुतियां पर्यटकों को स्थानीय जीवनशैली से जोड़ेंगी। वहीं, चीता इंटरप्रिटेशन सेंटर इस आयोजन का खास आकर्षण होगा, जो प्रदेश की वन्यजीव धरोहर की पहचान को और मजबूत करेगा।पर्यटन बोर्ड का फोकसअपर मुख्य सचिव पर्यटन, संस्कृति, गृह और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व तथा प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड शिव शेखर शुक्ला का कहना है कि गांधीसागर और कूनो फॉरेस्ट रिट्रीट अनुभव-आधारित पर्यटन के शानदार उदाहरण हैं। यहां पर्यटक केवल घूमने नहीं आएंगे, बल्कि हर पल को जिएंगे। पैरासेलिंग, पैरामोटरिंग, जेट स्की, जंगल सफारी, नाइट वॉक और स्टार गेज़िंग जैसी रोमांचक गतिविधियां उन्हें नए अनुभव देंगी। वहीं, योग और वेलनेस सत्र, स्थानीय व्यंजन और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां प्रदेश की आत्मा से सीधा परिचय कराएंगी।उन्होंने यह भी कहा कि इन आयोजनों की रूपरेखा इस तरह तैयार की गई है कि पर्यटन के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण, स्थानीय समुदायों की भागीदारी और सतत विकास को प्राथमिकता मिले।उद्देश्य और लाभगांधीसागर और कूनो फॉरेस्ट रिट्रीट के पीछे केवल मनोरंजन का विचार नहीं है। इन आयोजनों का उद्देश्य प्रदेश को एडवेंचर और वेलनेस टूरिज्म के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मानचित्र पर स्थापित करना है। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार और आजीविका के नए अवसर पैदा होंगे। स्थानीय संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण के साथ नई पीढ़ी में अपनी धरोहर और प्राकृतिक संपदा के प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी।पर्यटन विशेषज्ञों का मानना है कि इन आयोजनों से प्रदेश में आने वाले सैलानियों की संख्या बढ़ेगी। खासकर वे पर्यटक, जो रोमांच और प्रकृति को करीब से महसूस करना चाहते हैं, अब मध्य प्रदेश को अपनी प्राथमिक सूची में शामिल करेंगे।प्रदेश की पहचान बनेगा एडवेंचर टूरिज्मगांधीसागर फॉरेस्ट रिट्रीट जहां एडवेंचर टूरिज्म की पहचान मजबूत करेगा, वहीं कूनो फॉरेस्ट रिट्रीट वेलनेस और वन्यजीव पर्यटन को नया आयाम देगा। यह पहल न केवल देशी पर्यटकों बल्कि विदेशी सैलानियों को भी आकर्षित करेगी। मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी के अनुसार, "यह आयोजन प्रदेश के लिए गर्व का विषय हैं। इन्होंने मध्य प्रदेश को नई पहचान दी है और आगे यह हमारी अर्थव्यवस्था और संस्कृति दोनों को नई दिशा देंगे।"  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में इस मानसूनी सीजन में सामान्य औसत बारिश का कोटा पूरा हो गया है। साथ ही प्रदेश में अभी हो रही बारिश फुल कोटे के अतिरिक्त दर्ज हो रही है। हालांकि प्रदेश के कई जिलों में सामान्य से काफी कम बारिश हुई है। मानसून ट्रफ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन (चक्रवात) की वजह से प्रदेश में आज बुधवार को भी अति भारी या भारी बारिश का दौर जारी रहेगा। मौसम विभाग ने इंदौर-उज्जैन समेत 18 जिलों में भारी और 8 जिलों में अति भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। यानी आधा प्रदेश अगले 24 घंटे के दौरान तरबतर होगा।मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश से दो ट्रफ गुजर रही हैं। इनमें से एक मानसून ट्रफ है। इस वजह से मंगलवार को कई जिलों में बारिश हुई। सिस्टम की बुधवार को भी एक्टिविटी रहेगी। जिससे कई जिलों में तेज बारिश का दौर जारी रहेगा। जिन 8 जिलों में आज भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है, उनमें देवास, सीहोर, हरदा, खंडवा, नर्मदापुरम, बैतूल, छिंदवाड़ा और पांढुर्णा शामिल हैं। यहां अगले 24 घंटे में साढ़े 8 इंच तक पानी गिरने का अनुमान है। वहीं, भारी बारिश के यलो अलर्ट वाले 18 जिलों में इंदौर, उज्जैन, रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर, धार, बड़वानी, खरगोन, बुरहानपुर, आगर-मालवा, राजगढ़, शाजापुर, विदिशा, रायसेन, नरसिंहपुर, सिवनी, मंडला और बालाघाट शामिल हैं। यहां ढाई से साढ़े 4 इंच तक बारिश हो सकती है।इससे पहले प्रदेश में मंगलवार को भी 25 से अधिक जिलों में बारिश का दौर जारी रहा। भोपाल, सिवनी और शिवपुरी में तेज बारिश हुई। दतिया, गुना, ग्वालियर, नर्मदापुरम, इंदौर, खरगोन, पचमढ़ी, खजुराहो, मंडला, रीवा, सागर, सीधी, शाजापुर, टीकमगढ़, सीहोर, विदिशा, रायसेन, राजगढ़ समेत कई जिलों में हल्की बारिश हुई। शाजापुर जिले के अकोदिया में भारी बारिश के बाद खारसौदा मार्ग की पुलिया डूब गई। यहां आवागमन बंद हो गया। एक स्कूल बस भी फंस गई। निचली बस्तियों में पानी भर गया।वहीं, नर्मदापुरम जिले के इटारसी में रुक-रुक कर तेज और रिमझिम बारिश होती रही। जलस्तर बढ़ने पर तवा डैम के 3 गेट दो-दो फीट की ऊंचाई तक खोले गए। यह इस सीजन में दूसरी बार है, जब बांध के गेट खोले गए। मऊगंज और पिपरिया में भी पानी गिरा। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में अब तक 38.2 इंच बारिश हो चुकी है, जो सीजन की 104 प्रतिशत है जबकि अब तक 31.5 इंच बारिश होनी थी। प्रदेश की सामान्य बारिश औसत 37 इंच है। पिछले मानसूनी सीजन में औसत 44 इंच बारिश दर्ज की गई थी।  

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अनूपपुर । दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन बिलासपुर ने त्योहारों की भीड़ को कम करने के लिए विभिन्न मार्गो पर त्योहार (पूजा) स्पेशल के नाम पर कई ट्रेन का परिचालन किया जा रहा है। इसी क्रम में दुर्ग से अनूपपुर जंक्शन, कटनी, मैहर, कानपुर, लखनऊ, सुल्तानपुर के लिए स्पेशल ट्रेन की सुविधा 12 -12 फेरे के लिये चलाई गई है।   बिलासपुर रेल मंडल द्वारा मंगलवार को जानकारी दी गई कि त्योहार के अवसर पर दुर्ग एवं सुल्तानपुर के मध्य रेल यात्रियो की सुविधा को ध्यान में रखते हुए रेलवे प्रशासन द्वारा दोनों तरफ मिलाकर 24 फेरे के लिए त्योहार स्पेशल गाड़ी 08763/ 08764 दुर्ग-सुलतानपुर-दुर्ग के मध्य चलाई है। यह गाड़ी दुर्ग से 08763 नंम्बर के साथ प्रत्येक शनिवार को 13 सितम्बर से 29 नवम्बर, 2025 तक तथा सुल्तानपुर से 08764 नम्बर के साथ प्रत्येक रविवार को 14 सितम्बर से 30 नवम्बर, 2025 तक चलेगी। इसमे स्पेशल ट्रेन में 3 एसएलआर, 04 स्लीपर, 08 एसी थ्री, 01 एसी टू, 02 एसी टू कम एसी थ्री, 02 पवाएरकार सहित कुल 20 कोच रहेगा। इससे लोगो को दुर्ग से अनूपपुर जक्शंन, कटनी,मैहर,कानपुर, लखनऊ, सुल्तानपुर आने एवं जाने के लिए अधिक आरक्षित बर्थ की सुविधा मिलेगी। यह ट्रेन प्रत्येक शनिवार को दुर्ग से सुबह 7.20 से छूट कर रायपुर, उसलापुर, पेन्ड्रानरोड से अनूपपुर जक्शंन दोपहर 12.20 बजे, शहडोल 1 बजे, उमरिया 01.52 बजे कटनी 4 बजे, मैहर 5.10 बजे, सतना 6.15 बजे, चित्रकूट धाम,अतर्रा, बांदा, रागौल, भीमसेन जक्शंन, कानपुर सेंट्रल, लखनऊ प्रात: 4.25 बजे एवं सुल्तानपुर 7 बजे पहुंचेगी। इसी तरह सुल्तानपुर से प्रत्येक रविवार की सुबह 10 बजे छूट कर लखनऊ, कानपुर सेंट्रल, भीमसेन जक्शंन, रागौल, बांदा, अतर्रा, चित्रकूट धाम, सतना रात 11.54बजे, मैहर 12.20 बजे, कटनी 1.40 बजे, उमरिया सुबह 4.01 बजे, शहडोल 5.20 बजे, अनूपपुर जक्शंन 6.15 बजे, पेन्ड्रायरोड, उसलापुर, रायपुर एवं दुर्ग दोपहर 12.50 बजे पहुंचेगी।    

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भोपाल । मध्य प्रदेश में एक बार फिर मानसून सक्रिय है। स्ट्रॉन्ग सिस्टम के एक्टिव होने के बाद से सोमवार से ही प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश का दौर शुरू हो गया। भोपाल, रतलाम, दमोह, ग्वालियर समेत 26 से अधिक जिलों में झमाझम पानी बरसा। कहीं खेत-खलिहान लबालब हो गए तो कहीं गांव पूरी तरह पानी में डूब गए। नदियां उफान पर हैं, डैम ओवरफ्लो हो गए हैं और कई जगहों पर आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।रतलाम का पलसोड़ा गांव पानी में डूबारतलाम जिले का पलसोड़ा गांव भारी बारिश और डैम से पानी छोड़े जाने के बाद पूरी तरह जलमग्न हो गया। गांव के घर, गलियां और खेत सब पानी में समा गए। हालात इतने गंभीर हो गए कि ग्रामीणों को अपनी सुरक्षा के लिए घरों की छतों पर शरण लेनी पड़ी। धोलावाड़ डैम के तीन गेट खोलने पड़े जिससे निचले इलाकों में पानी तेजी से भर गया। इस दौरान गांव के उसरगार और अमलेटा के बीच नाले की पुलिया भी धंस गई, जिससे सड़क संपर्क टूट गया।मुरैना में तिरपाल के नीचे अंतिम संस्कारमुरैना जिले के अंबाह में हालात इतने बिगड़े कि लगातार बारिश के बीच लोगों को मजबूरी में तिरपाल डालकर अंतिम संस्कार करना पड़ा। यह दृश्य साफ दिखाता है कि बारिश ने किस हद तक सामान्य जीवन को प्रभावित किया है। वहीं, तेज बारिश ने कई जिलों में तबाही मचाई। दमोह में एक मकान गिरने से मलबे में दबकर एक व्यक्ति की मौत हो गई। उसकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हुई जिसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। वहीं, उपलई गांव में एक कार पलट गई लेकिन ग्रामीणों की सतर्कता से कार सवार लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।मौसम वैज्ञानिकों का अनुमानमौसम वैज्ञानिक दीपक शाक्य ने बताया कि इस समय प्रदेश में दो ट्रफ लाइन्स सक्रिय हैं। यही कारण है कि मानसून की गतिविधियां तेज हो गई हैं। बैतूल, खंडवा, बुरहानपुर, हरदा, गुना में गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है। वहीं, नर्मदापुरम-पचमढ़ी, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, डिंडौरी, अनूपपुर और शहडोल में हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान है। इसके अलावा भोपाल, सीहोर, विदिशा, रायसेन, सागर, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़, देवास, खरगोन, बड़वानी, अशोकनगर और दतिया में भी बारिश का दौर जारी रहने की संभावना है।मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले दो से तीन दिनों तक प्रदेश में बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। कहीं तेज तो कहीं हल्की बौछारें पड़ेंगी। खासकर मालवा-निमाड़ और बुंदेलखंड के जिलों में भारी बारिश की संभावना है। उज्जैन, रतलाम, आगर-मालवा, राजगढ़, गुना, शिवपुरी, धार, बुरहानपुर, खंडवा, हरदा, कटनी, उमरिया, शहडोल, डिंडौरी और अनूपपुर जिलों में अगले 24 घंटे में 2.5 से 4.5 इंच तक पानी गिरने का अनुमान है।इन जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। इससे पहले सोमवार को दमोह में सबसे ज्यादा 2.3 इंच पानी बरसा। रतलाम और दतिया में डेढ़ इंच, ग्वालियर में लगभग पौन इंच और भोपाल में आधा इंच बारिश रिकॉर्ड की गई। वहीं, बैतूल, इंदौर, गुना, पचमढ़ी, शाजापुर, भिंड, छतरपुर, बालाघाट, मंदसौर, सतना, नर्मदापुरम और सिवनी सहित लगभग सभी जिलों में बारिश दर्ज हुई।उल्‍लेखनीय है कि राजधानी भोपाल में सोमवार को रुक-रुककर बारिश होती रही। कभी तेज बौछारें पड़ीं तो कभी रिमझिम फुहारें। ग्वालियर, दतिया, इंदौर, जबलपुर, शाजापुर, बालाघाट, मंदसौर, सागर समेत लगभग सभी हिस्सों में पानी गिरता रहा। मौसम विभाग ने मंगलवार को भी भारी बारिश की संभावना जताई है।बारिश का कोटा पूरामौसम विभाग के अनुसार, मध्य प्रदेश में अब तक 37.8 इंच बारिश हो चुकी है, जो सामान्य से भी अधिक है। इस समय तक 31.2 इंच बारिश होनी चाहिए थी, यानी प्रदेश ने 102 प्रतिशत बारिश का आंकड़ा पूरा कर लिया है। सामान्य औसत 37 इंच है, जबकि पिछले साल सीजन में औसतन 44 इंच बारिश दर्ज हुई थी।  

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जबलपुर । मध्य प्रदेश के जबलपुर रेल मंडल  के भिटौनी रेलवे स्टेशन पर सोमवार सुबह एक दुर्घटना होते-होते बची। बताया जा रहा है कि यार्ड में इंजन द्वारा संटिंग की जा रही थी कि अचानक इंजन इस दौरान पटरी से उतर गया। घटना के बाद रेल विभाग सकते में आ गया। हालांकि इस घटना में किसी तरह की जनहानि नहीं हुई है। घटना के चलते रेल ट्रैक करीब एक घंटे तक बाधित रहा। घटना की सूचना मिलते ही स्टेशन पर खतरे का हूटर बजने लगा। किसी अनहोनी की आशंका को देखते हुए अधिकारी और कर्मचारी तुरंत अलर्ट मोड पर आ गए। दुर्घटना राहत गाड़ी मौके पर पहुंची और क्रेन की मदद से इंजन को दोबारा पटरी पर चढ़ाया गया।हालांकि भिटौनी रेलवे यार्ड में इंजन या बोगियों का पटरी से उतरना कोई नई बात नहीं है। अक्सर यहां इस तरह की घटनाएं होती रहती हैं। अधिकारी बताते हैं कि सबसे ज्यादा दिक्कत तब होती है जब इंजन या बोगी मेन लाइन पर पटरी से उतर जाए। ऐसी स्थिति में जबलपुर-इटारसी रेलखंड पर ट्रेनों का संचालन ठप हो जाता है, जिससे मालगाड़ियां और यात्री गाड़ियां दोनों प्रभावित होती हैं।जबलपुर रेल मंडल द्वारा बताया गया कि हादसा सुबह करीब 10 बजे हुआ था। इंजन को पटरी पर लाने के बाद टूटे हुए स्लीपरों को बदलकर नए स्लीपर डाले गए और ट्रैक को मजबूत कर दिया गया। पूरी प्रक्रिया में लगभग एक घंटे का समय लगा। इसके बाद यार्ड में दोबारा रैकों की आवाजाही शुरू हो सकी।

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भोपाल। मध्य प्रदेश में मानसून एक बार फिर पूरी ताकत से सक्रिय हो गया है। मौसम विभाग के ताजा पूर्वानुमान के मुताबिक, प्रदेश के मध्य से मानसून ट्रफ गुजर रही है और इसके साथ ही हवा के ऊपरी भाग में चक्रवाती गतिविधि भी देखने को मिल रही है। इन दोनों प्रणालियों के संयुक्त प्रभाव से प्रदेश के कई हिस्सों में तेज बारिश का दौर शुरू हो चुका है और आने वाले 72 घंटे तक इसका असर व्यापक रूप से देखने को मिलेगा।1 सितंबर से 3 सितंबर तक भारी बारिश की चेतावनीभारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने बताया कि एक से तीन सितंबर तक पश्चिमी मध्य प्रदेश के ज़िलों में अत्यधिक भारी वर्षा की संभावना बनी हुई है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि अगले तीन दिनों तक लगातार रुक-रुक कर वर्षा का सिलसिला चलता रहेगा, जिसकी वजह से निचले इलाकों में जलभराव और ग्रामीण इलाकों में जनजीवन प्रभावित होने की आशंका है।   मौसम विशेषज्ञ अजय शुक्ला के मुताबिक, मौजूदा परिस्थितियों में बंगाल की खाड़ी और अरब सागर दोनों तरफ से नमी मिल रही है। यही वजह है कि मध्यप्रदेश में लगातार हल्की से मध्यम बारिश का सिलसिला बना रहेगा और कई जगहों पर भारी बारिश की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है। विभाग ने बताया कि सोमवार को इंदौर, धार, झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी, खरगोन, बुरहानपुर, खंडवा, भोपाल, रायसेन, राजगढ़, सीहोर, विदिशा, अशोकनगर, शिवपुरी, दतिया, गुना, ग्वालियर, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, मुरैना, श्योपुर और भिंड जिलों में तेज बारिश के आसार हैं।मौसम विभाग ने एक सितंबर को 19 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। इनमें झाबुआ, अलीराजपुर, धार, बड़वानी, देवास, खंडवा, सिवनी और बालाघाट जैसे ज़िले शामिल हैं। अलर्ट का अर्थ है कि इन ज़िलों में मौसम की गतिविधियां सामान्य से ज्यादा असर डाल सकती हैं, इसलिए स्थानीय प्रशासन और आमजन को सतर्क रहने की जरूरत है। वहीं, मौसम वैज्ञानिक देवेश सिंह ने बताया कि टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना-चित्रकूट में आंधी और बिजली के साथ भारी बारिश जारी रहने की संभावना है, साथ ही सागर, दमोह, श्योपुर कलां, भिंड, दतिया, मुरैना, निवाड़ी-ओरछा, ग्वालियर, शिवपुरी, जबलपुर, कटनी, नरसिंहपुर में बिजली गिरने के साथ मध्यम बारिश जारी रहने की संभावना है। रायसेन, अशोकनगर, विदिशा, नर्मदापुरम-पचमढ़ी, सिवनी, बालाघाट और गुना और मैहर, रीवा, उमरिया, शहडोल, मंडला, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली, अनूपपुर, डिंडोरी, छिंदवाड़ा, पांढुर्ना, बैतूल, हरदा में हल्की बारिश होगी।   साथ ही देर रात में भी खंडवा-ओंकारेश्वर, खरगोन-महेश्वर, बुरहानपुर, बड़वानी, अलीराजपुर, धार-मांडू, रतलाम, झाबुआ, उज्जैन, आगर, मंदसौर, नीमच, शाजापुर, भोपाल, सीहोर, देवास, राजगढ़ और इंदौर में बारिश होने की संभावना है । मौजूदा मौसम प्रणालीमौसम विज्ञान केंद्र ने जानकारी दी कि इस समय मानसून द्रोणिका बीकानेर, अजमेर, गुना, दमोह, रायपुर और पुरी से होकर बंगाल की खाड़ी तक सक्रिय है। उत्तर-पश्चिमी मध्यप्रदेश के ऊपर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बना हुआ है। इसके अलावा राजस्थान के मध्य भाग में भी इसी तरह का चक्रवात मौजूद है। उत्तरी पाकिस्तान और पंजाब के पास भी पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है। वहीं, उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी में एक और चक्रवात बनने से मौसम प्रणाली और मजबूत हुई है। मौसम विशेषज्ञों ने बताया कि 2 सितंबर को बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र विकसित हो सकता है, जो आने वाले दिनों में बारिश को और तेज़ कर देगा।रविवार का बारिश का आंकड़ारविवार को सुबह 8:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक कई ज़िलों में उल्लेखनीय वर्षा दर्ज की गई। रतलाम में सबसे ज्यादा 27 मिमी बारिश दर्ज हुई। इसके अलावा गुना में 18, पचमढ़ी में 11, सीधी और रायसेन में 7-7, बैतूल, सतना और दतिया में 6-6, जबकि भोपाल और नर्मदापुरम में 5-5 मिमी बारिश हुई। छिंदवाड़ा में भी 3 मिमी वर्षा दर्ज की गई।

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भोपाल। मध्‍य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित शासकीय होम्योपैथिक चिकित्सा महाविद्यालय चिकित्सालय परिसर में आयुष मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त तत्वावधान में हाइपोथायरायडिज्म एवं ओबेसिटी के लिए विशेषज्ञ इकाई की स्थापना की गई है। इस इकाई की स्थापना का उद्देश्य, थायराइड ग्रंथि की अनियमितताएं और उससे होने वाले मोटापे में होम्योपैथी की कारगर दवाओं के माध्यम से अनुसंधान एवं उपचार किया जाना है।इस इकाई के लिए भारत सरकार के केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद द्वारा विशेषज्ञ चिकित्सकों के अतिरिक्त सहायक चिकित्सकों एवं लैब विशेषज्ञों की एक टीम, स्थानीय होम्योपैथिक चिकित्सालय में उक्त कार्यों के लिए उपलब्ध है। यह इकाई थायराइड ग्रंथि की अनियमिताओं से उत्पन्न होने वाले रोगों के त्वरित उपचार एवं इन रोगों के कारण आने वाले दीर्घकालिक प्रभाव पर केंद्रित कार्य करेगी। यह इकाई प्रतिदिन प्रातः 10 से दोपहर एक बजे तक उक्त रोगियों के पंजीयन एवं उपचार की सेवाएं प्रदान करेगी। इसके लिए दूरभाष क्रमांक 0755 299 2972 पर समस्त जानकारी प्रतिदिन प्रातः 10 बजे से शाम 4 बजे तक उपलब्ध रहेगी। इच्छुक लाभार्थियों द्वारा अपना दूरभाष दिए जाने पर विशेषज्ञों द्वारा संपर्क किया जाएगा। समस्त उपचार शासकीय स्तर पर किया जाएगा। उपचार में होम्योपैथिक दवाओं के अतिरिक्त व्यायाम एवं आहार विशेषज्ञों द्वारा भी संपूर्ण स्वास्थ्य के लक्ष्य के साथ कार्य किया जाएगा।प्रधानाचार्य डॉ. एस.के. मिश्रा ने सोमवार को बताया कि प्रदेश में इस प्रकार की हाइपोथायरायडिज्म से जनित मोटापे की यह प्रथम विशेषज्ञ इकाई है, जो भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के माध्यम से स्थापित मापदंडों पर कार्य करेगी। होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति प्रकृति के सिद्धांतों के अनुरूप शरीर की रोग प्रतिकारक क्षमताओं को विकसित करके मनुष्य को दीर्घकालीन स्वास्थ्य एवं उच्च गुणवत्ता का जीवन प्रदान करती है। प्रायः रासायनिक दवाओं के उपयोग के पश्चात भी हाइपोथायरायडिज्म के मरीजों का वजन बढ़ता चला जाता है, जो भविष्य में हड्डियों एवं जोड़ों की गंभीर समस्याओं को जन्म देता है। होम्योपैथी चिकित्सा के माध्यम से हाइपोथाइरॉएडिज्म के मरीजों को उपचारित करके, इस प्रकार की जटिलताओं से बचाया जा सकता है और उनके भविष्य को सुरक्षित किया जा सकता है।नोडल अधिकारी डॉ. जूही गुप्ता ने बताया कि यह समस्या विशेषकर महिलाओं में अधिक देखने को मिलती है और समय रहते उपचार प्राप्त न करने के कारण 50 वर्ष के उपरांत महिलाएं हड्डियों और जोड़ों की समस्याओं से बहुत बड़ी संख्या में प्रभावित होती हैं। यदि समय रहते प्राकृतिक एवं होम्योपैथी उपचारों से इसका नियंत्रण किया जाए तो व्यक्ति दीर्घायु होने के साथ-साथ रासायनिक पदार्थ से दूर रहकर भी स्वस्थ रह सकता है। वास्तविकता यह है कि वर्तमान परिवेश में जीवन के सामान्य परिवर्तन जैसे गर्भावस्था में होने वाले सूक्ष्म हार्मोनल परिवर्तन को भी रोग मानकर उनके लिए रासायनिक उपचार प्रदान किए जाते हैं, जिसके कारण वह महिला पूरे जीवन रसायनों पर आश्रित हो जाती है और एक कुचक्र में फंस जाती है जिससे निकलना असंभव हो जाता है। इस कार्य का उद्देश्य है कि जिन लोगों में सामान्य परिवर्तन एवं होम्योपैथी दवा के साथ उपचार किया जा सकता है, उनके लिए एक विशेषज्ञ इकाई के माध्यम से, उन्हें जीवन यापन के लिए संपूर्ण ज्ञान प्रदान किया जाए।शासकीय होम्योपैथी चिकित्सालय के अतिरिक्त आयुष मंत्रालय भारत सरकार की संस्था द्वारा देश के पांच अन्य शहरों में इस प्रकार की विशेषज्ञ इकाई की स्थापना की गई है और इन संयुक्त प्रयासों से हाइपोथायरायडिज्म एवं उससे संबंधित मोटापे का कारगर उपाय एवं उपचार प्रदान करने की अद्वितीय पहल की गई है।  

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उज्जैन । मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में स्थित भेसोला गांव में रविवार दोपहर करीब 3 बजे एक तेज रफ्तार कार 20 फीट गहरी खाई में जा गिरी। सूचना मिलते ही ग्रामीण मौके पर पहुंचे और उन्होंने तुरंत कार में फंसे युवक राजदीप सिंह पवार (22), अनिरुद्ध सिंह पवार (19) और आयुष पवार को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। ये तीनों खाचरोद थाना क्षेत्र के ग्राम बंजारी के निवासी है। जिस खाई में कार गिरी उसमें बारिश का पानी भरा था। पानी में गिरने से युवक बाहर नहीं निकल पा रहे थे। ग्रामीणों ने रस्सी की मदद उन्हें बाहर निकाल लिया। खाचरोद थाना प्रभारी धन सिंह नलवाया ने बताया कि टायर फटने के कारण मारुति कार सड़क से नीचे खदान में जा गिरी। तीनों को ग्रामीणों ने सुरक्षित बाहर निकाल लिया। तीनों ग्राम भेसोला से बंजारी जा रहे थे। इसी दौरान हादसा हो गया।

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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अनूपपुर । मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले के अमरकंटक वन परिक्षेत्र के फर्रीसेमर जंगल में एक तेंदुए का कटा हुआ शव शुक्रवार की शाम मिला है। वन विभाग के बीट गार्ड हरीलाल प्रजापति को नियमित गश्त के दौरान शव दिखाई दिया। जिस पर तुरंत वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया। मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने शव को अपने कब्जे में ले लिया। तेंदुए के शव से चारों पंजे और सिर गायब पाए गए। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से आए वन्यजीव विशेषज्ञों की टीम पोस्टमॉर्टम कर रही है। विशेषज्ञों के अनुसार शव एक से दो दिन पुराना है। वन विभाग ने अभी तक तेंदुए की मौत के कारणों का खुलासा नहीं किया है। विभाग का कहना है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का सही कारण पता चल सकेगा। हाल के दिनों में अमरकंटक क्षेत्र में वन्यजीवों की उपस्थिति बढ़ी है। तेंदुए का कटा हुआ शव मिलने से स्थानीय लोगों में डर का माहौल है। वन विभाग और बांधवगढ़ की टीम घटना की गहन जांच कर रही है। अंग गायब होना इस बात की ओर इशारा है कि शिकारियों ने अवैध तस्करी या तांत्रिक कारणों से जानवर के अंग निकाले हैं। वन विभाग और पुलिस की संयुक्त जांच टीम शिकारियों की तलाश के लिए नाकाबंदी और गश्त,फॉरेस्ट क्षेत्र में सीसीटीवी/कैमरा ट्रैप फुटेज खंगालना शुरू कर दिया है साथ ही स्थानीय मुखबिरों से जानकारी एकत्रित की जा रही है, अक्सर ऐसे मामलों में शिकारी आसपास के इलाकों के ही होते हैं,वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत सख्त कार्रवाई की गई है, यह मामला न सिर्फ वन्यजीव संरक्षण के लिए चुनौती है बल्कि अमरकंटक जैसे संवेदनशील और धार्मिक-पर्यटन क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाता है।  

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इंदौर । मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में एमजी रोड़ पर स्थित होल्कर कालीन बिल्डिंग के टावर में शुक्रवार शाम अचानक आग लग गई। देखते ही देखते आग तेजी से फैली और टावर के ऊपर से ऊंची लपटे निकलने लगी, जिसके बाद फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई। सूचना मिलते ही दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंची और मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। आग लगने का कारण शार्ट सर्किट बताया जा रहा है। तुकोगंज थाना प्रभारी जितेंद्र यादव ने बताया कि शुक्रवार देर शाम सूचना मिली थी कि एमजी रोड पर पंजाब ज्वेलर्स के पास स्थित होल्कर राजघराने के समय बनी आनंद भवन बिल्डिंग के टॉवर में अचानक आग लग गई। कर्मचारियों ने धुआं और लपटें देखकर तुरंत फायर ब्रिगेड और पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीमें मौके पर पहुंचीं और आग बुझाने का काम शुरू कर दिया। आधे घंटे के भीतर आग पर काबू पा लिया गया। प्रारंभिक जांच में एसी शॉर्ट-सर्किट के चलते आग लगने की संभावना जताई जा रही है। राहत की बात यह रही कि हादसे में किसी तरह की जनहानि नहीं हुई। थाना प्रभारी यादव ने बताया कि आग लगने के समय बिल्डिंग में करीब 7 से 8 लोग मौजूद थे, जिन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। चूंकि बिल्डिंग में लकड़ी का काम ज्यादा है, इसलिए आग तेजी से फैल गई। यह करीब 150 साल पुरानी ऐतिहासिक बिल्डिंग है, जिसका निर्माण होल्कर शासनकाल में माणिकचंद सेठ द्वारा कराया गया था।    

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मानसून इस समय पूरी रफ्तार में है। प्रदेश के कई जिलों में लगातार झमाझम बारिश हो रही है, इसी तारतम्‍य में मौसम विभाग ने इंदौर, नर्मदापुरम और जबलपुर संभाग के 19 में से 12 जिलों में शनिवार को भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। आलीराजपुर, धार, बड़वानी, खरगोन, बुरहानपुर, खंडवा, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा और पांढुर्णा में अगले 24 घंटों के भीतर ढाई से साढ़े चार इंच तक बारिश हो सकती है। वहीं, 31 अगस्त को 24 जिलों के लिए अलर्ट जारी किया गया है।  अगले 48 घंटे कई जिलों के लिए चुनौती भरे साबित हो सकते हैं।मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में इस सीजन अब तक 36.5 इंच बारिश दर्ज की जा चुकी है। सामान्यतः मध्य प्रदेश की औसत बारिश 37 इंच मानी जाती है। ऐसे में आधा इंच पानी गिरते ही इस बार का कोटा भी पूरा हो जाएगा। आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रदेश में इस साल अब तक 98 प्रतिशत बारिश हो चुकी है। पिछले वर्ष के मानसूनी सीजन में औसत 44 इंच पानी गिरा था। दक्षिणी हिस्से में मेहरबानीमौसम विज्ञानी वीएस यादव ने बताया कि मानसून ट्रफ के सक्रिय रहने से दक्षिणी हिस्सों, महाराष्ट्र व छत्तीसगढ़ से लगे जिलों में अच्छी बारिश की संभावना है। भोपाल में हल्की से मध्यम बारिश का दौर रहने के आसार हैं, जबकि नर्मदापुरम, बैतूल और आसपास के क्षेत्रों में भारी से अति भारी बारिश हो सकती है।उधर, मौसम विभाग के देवेश सिंह के अनुसार झाबुआ, अलीराजपुर, धार, राजगढ़, उज्जैन, आगर, इंदौर, खरगोन, बड़वानी, बैतूल, सागर, पन्ना, दमोह, विदिशा, रायसेन और रतलाम में बिजली-बारिश के साथ मध्यम गरज के साथ बारिश होने की संभावना है, साथ ही शाजापुर में बिजली-बारिश के साथ हल्की आंधी आने की संभावना है। विभाग के अनुसार इस समय प्रदेश से मानसून ट्रफ गुजर रही है। इसके साथ ही एक अन्य ट्रफ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन भी सक्रिय है। ट्रफ लाइन शिवपुरी और दमोह होते हुए गुजर रही है और छत्तीसगढ़ के मध्य हिस्से में निम्न दबाव का क्षेत्र बना है। इससे प्रदेश के दक्षिणी हिस्सों में लगातार झमाझम बारिश हो रही है।यही कारण है कि शुक्रवार को कई जिलों में तेज बारिश हुई और शनिवार को भी यही सिस्टम सक्रिय है।उल्‍लेखनीय है कि शुक्रवार को इंदौर और सिवनी में आधा इंच पानी दर्ज किया गया। वहीं, नर्मदापुरम, पचमढ़ी, इटारसी-पिपरिया, धार के पीथमपुर, बैतूल और टीकमगढ़ में भी अच्छी बारिश हुई। लगातार हो रही इस बरसात ने खेत-खलिहानों से लेकर नदी-नालों तक को लबालब कर दिया है। बारिश के आंकड़ों की बात करें तो इस सीजन में गुना जिले ने सबसे बेहतर प्रदर्शन किया है। यहां औसत 54.5 इंच पानी गिर चुका है। इसके बाद मंडला 53.8 इंच बारिश के साथ दूसरे स्थान पर है। अशोकनगर में 50.9 इंच, शिवपुरी में 50.7 इंच और श्योपुर में 50.3 इंच बारिश दर्ज की गई है।इसके विपरीत, सबसे कम बारिश वाले जिले इंदौर संभाग में ही हैं। इंदौर में अब तक मात्र 18.7 इंच बारिश हुई है। वहीं, बुरहानपुर में 22.7 इंच, खरगोन में 19.8 इंच, खंडवा में 21.5 इंच और बड़वानी में 21.4 इंच पानी गिरा है। यानी इंदौर संभाग का इलाका अभी भी बारिश की कमी झेल रहा है।मानसून की आमद से अब तकप्रदेश में 16 जून को मानसून ने दस्तक दी थी। उसके बाद से अब तक 36.5 इंच औसत बारिश दर्ज हो चुकी है, जबकि सामान्य तौर पर इस समय तक 30 इंच बारिश होना अपेक्षित था। यानी प्रदेश को 6.5 इंच अतिरिक्त बारिश मिल चुकी है। आधा इंच पानी और गिरते ही इस साल का कोटा भी फुल हो जाएगा। पिछले साल यह आंकड़ा 44 इंच से ऊपर पहुंचा था।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में एक बार फिर मौसम ने करवट बदली ली है और तेज बारिश का दौर शुरू हो गया है। प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई जा रही है। मौसम विभाग ने आज शुक्रवार को इंदौर, नर्मदापुरम और जबलपुर संभाग के 13 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। यहां तेज बारिश के साथ बिजली चमकने की भी संभावना है। वहीं, भोपाल, विदिशा, गुना, अशोकनगर और शिवपुरी में हल्की बारिश होने के आसार हैं। अगले 3 दिन तक प्रदेश में तेज बारिश का दौर जारी रहेगा।मौसम विभाग के अनुसार, मानसून टर्फ और लो प्रेशर एरिया (कम दबाव का क्षेत्र) की वजह से गुरुवार को भोपाल, इंदौर समेत प्रदेश के कई जिलों में बारिश का दौर बना रहा। ऐसा ही मौसम अगले 24 घंटे के दौरान भी देखने को मिलेगा। जिन जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, उनमें धार, अलीराजपुर, बड़वानी, खरगोन, बुरहानपुर, खंडवा, हरदा, बैतूल, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला और बालाघाट शामिल हैं। यहां ढाई से साढ़े 4 इंच तक पानी गिर सकता है।इससे पहले गुरुवार को तेज बारिश होने से भोपाल, इंदौर और रायसेन की सड़कें तालाब बन गईं। भोपाल के कई इलाकों में सड़कों पर एक से दो फीट तक पानी भर गया। रायसेन में पौने 2 इंच बारिश हो गई जबकि छिंदवाड़ा में सवा इंच पानी गिरा। गुना, इंदौर, शाजापुर, धार, उज्जैन, दमोह, खजुराहो, मंडला, उमरिया समेत कई जिलों में भी बारिश हुई। इस बार बारिश के मामले में गुना सबसे बेहतर है। यहां औसत 53.8 इंच पानी गिर चुका है। वहीं, मंडला में 53.3 इंच बारिश हुई है। अशोकनगर में 50.9 इंच, शिवपुरी में 50.1 इंच और श्योपुर में 50.2 इंच बारिश हुई है। वहीं, सबसे कम बारिश वाले 5 जिलों में सभी इंदौर संभाग के हैं। इंदौर सबसे आखिरी में है। यहां अब तक औसत 17.8 इंच बारिश हुई है। बुरहानपुर में 20.1 इंच, खरगोन में 19.5 इंच, खंडवा में 20.9 इंच और बड़वानी में 20.5 इंच पानी गिरा है। प्रदेश में अब तक औसत 36.2 इंच बारिश हो चुकी है।

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भोपाल । स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इण्डिया ने 69वीं राष्ट्रीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता के आयोजन में मध्य प्रदेश को 15 खेल विधाओं की राष्ट्रीय प्रतियोगिता के आयोजन का दायित्व सौंपा है। स्कूल शिक्षा विभाग ने इन प्रतियोगिताओं के आयोजन स्थल और तिथियों का निर्धारण कर दिया है।जानकारी देते हुए जनसंपर्क अधिकारी मुकेश मोदी ने शुक्रवार को बताया कि 19 आयु वर्ग के बालक/बालिकाओं के लिए वॉलीवाल प्रतियोगिता 13 से 17 नवम्बर को गाडरवाड़ा (नरसिंहपुर) में, 14, 17 और 19 आयु वर्ग के बालक/बालिकाओं के लिए मलखम्ब प्रतियोगिता 24 से 28 नवम्बर को उज्जैन में, 14 आयु वर्ग के बालकों के लिए फुटबाल प्रतियोगिता 01 से 06 दिसम्बर उमरिया में, 14 आयु वर्ग के बालक/बालिकाओं के लिए एथेलेटिक्स प्रतियोगिता 01 से 04 दिसम्बर को इंदौर में, 17 आयु वर्ग के बालक/बालिकाओं के लिए रायफल शूटिंग प्रतियोगिता 06 से 09 दिसम्बर को इंदौर में, 14, 17, 19 आयु वर्ग के बालक/बालिका के लिए सॉफ्ट टेनिस प्रतियोगिता 11 से 14 दिसम्बर को देवास में आयोजित की जाएगी।इसी तरह 19 आयु वर्ग के बालक/बालिकाओं के लिए स्कवॉश प्रतियोगिता 11 से 13 दिसम्बर को इंदौर में, 14 आयु वर्ग के बालक/बालिकाओं के लिए कराते प्रतियोगिता 15 से 19 दिसम्बर को इंदौर में, 11, 14, 17, 19 आयु वर्ग के बालक/बालिकाओं के लिए स्केटिंग प्रतियोगिता 15 से 20 दिसम्बर को ग्वालियर में, 14 आयु वर्ग के बालक/बालिकाओं के लिए बैडमिंटन प्रतियोगिता 17 से 21 दिसम्बर को सागर में, 14 आयु वर्ग के बालिकाओं के लिए बॉस्केटबॉल प्रतियोगिता 19 से 23 दिसम्बर को शहडोल में, 14 आयु वर्ग के बालकों के लिए हॉकी प्रतियोगिता 22 से 27 दिसम्बर को टीकमगढ़ में आयोजित होगी।इसी प्रकार 14 आयु वर्ग के बालकों के लिए बॉस्केटबॉल प्रतियोगिता 23 से 28 दिसम्बर को जबलपुर में, 19 आयु वर्ग के बालक/बालिकाओं के लिए खो-खो प्रतियोगिता 23 से 28 दिसम्बर को जबलपुर में, 14 आयु वर्ग के बालकों के लिए बॉक्सिंग प्रतियोगिता 26 से 31 दिसम्बर को गुना में, 14, 19 आयु वर्ग के बालक/बालिकाओं के लिए रायफल शूटिंग प्रतियोगिता 05 से 09 जनवरी, 2026 को भोपाल में, 19 आयु वर्ग के बालिकाओं के लिए क्रिकेट प्रतियोगिता 01 से 06 जनवरी को शिवपुरी में और 14, 19 आयु वर्ग के बालिकाओं के लिए हॉकी प्रतियोगिता 02 से 07 जनवरी को ग्वालियर में आयोजित होगी।

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जबलपुर । मध्‍य प्रदेश के शहडोल जिले में ग्राम पंचायत सचिवों के बड़े पैमाने पर हुए तबादलों को लेकर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है।   दरअसल, 13 जून 2025 को जिला पंचायत सीईओ ने 81 पंचायत सचिवों का तबादला किया था। नोटशीट वायरल होने पर पता चला कि इन तबादलों के पीछे स्थानीय विधायकों, सांसद, उपमुख्यमंत्री, नगर अध्यक्ष और यहां तक कि जिला अध्यक्ष तक की सिफारिशें दर्ज थीं। जबकि नियम को लेकर सवाल उठा कि जब ट्रांसफर नीति 2025 के तहत केवल प्रभारी मंत्री की स्वीकृति जरूरी है तो बाकी नेताओं की सिफारिश किस आधार पर मानी गई। शहडोल निवासी दुर्गा प्रसाद तिवारी ने इस मामले पर जनहित याचिका लगाते हुए हाईकोर्ट तक पहुंचाया। उनकी ओर से अधिवक्ता भारत कुमार दुबे और सुनंदा केसरवानी ने दलील दी कि सिफारिश के आधार पर हुए तबादले गलत हैं और इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है। कोर्ट ने इस पर संज्ञान लिया।   कोर्ट ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि जब विधायक, सांसद और पार्टी पदाधिकारी ही तबादले करा रहे हैं तो इन्हें ही प्रशासन में बैठा दो और यहां कोर्ट में भी बिठा दो। हाईकोर्ट ने इस आदेश पर फिलहाल रोक नहीं लगाई, लेकिन सरकार, शहडोल कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ से जवाब तलब किया है। मामले की अगली सुनवाई 22 नवंबर को होगी, जिसमें सरकार को पूरे प्रकरण पर स्पष्टीकरण देना होगा। उक्‍त नाराजगी न्‍यायालय की गत दिवस ही देखने को मिली है। 

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में स्वच्छ पर्यावरण के लिये इस वर्ष नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने अमृत हरित महाअभियान चलाया है। अभियान में अब तक 10 संभागों में 23 लाख पौधों का सफलतापूर्वक रोपण किया जा चुका है। नगरीय क्षेत्रों में जन भागीदारी से सामुहिक पौधरोपण के कार्यक्रम अभी भी निरंतर आयोजित किये जा रहे हैं।जनसंपर्क अधिकारी मुकेश मोदी ने गुरुवार को बताया कि मध्‍य प्रदेश में अब तक यह पौधरोपण जबलपुर, शहडोल, भोपाल, नर्मदापुरम्, ग्वालियर, चंबल, उज्जैन, इंदौर, सागर एवं रीवा संभाग के नगरीय क्षेत्रो में व्यापक स्तर पर किया गया है। शहरी क्षेत्रों में लगाये गये पौधों की सुरक्षा की जिम्मेदारी “वूमेन्स फॉर ट्री” अमृत मित्र महिला समूह को सौंपी गयी है। प्रदेश में करीब 7 हजार 800 महिलाएं लगाये गये पौधों की 2 वर्ष तक सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाएंगी। अमृत महिला मित्रों को नगरीय निकायों द्वारा प्रशिक्षण के साथ आवश्यक किट भी उपलब्ध कराया गया है। प्रदेश के कुछ नगरीय निकायों ने उनके नगरीय क्षेत्रों के पार्कों के रखरखाव की जिम्मेदारी अमृत मित्र महिला समूह को सौंपी है।गौरतलब है कि प्रदेश में अमृत हरित महाअभियान 5 जून 2025 को पर्यावरण दिवस से नगरीय निकायों की मदद से व्यापक स्तर पर शुरू किया गया था। राज्य में यह अभियान 30 सितंबर तक लगातार जारी रहेगा। सामुहिक पौधरोपण में जनभागीदारी में छात्र-छात्राओं, युवाओं, जनप्रतिनिधियों, विशेषकर महिला जनप्रतिनिधियों की भागीदारी को शामिल किया जा रहा है।औद्योगिक क्षेत्रों में भी पौधरोपणप्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों में पर्यावरण संतुलन के लिये नगरीय निकायों ने सामूहिक पौधरोपण के व्यापक स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। प्रदेश को हराभरा बनाने तथा शहरी पर्यावरण को संरक्षित करने की दिशा में एक सराहनीय कदम है। पौधरोपण में मुख्य रूप से छायादार और फलदार वृक्षों का चयन किया गया है।आयुक्त की अपीलनगरीय प्रशासन एवं विकास आयुक्त संकेत भोंडवे ने सभी नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधियों एवं नागरिकों से अपील है कि वृक्षारोपण को जन-अभियान का स्वरूप देते हुए अपने-अपने क्षेत्र में अधिक से अधिक पौधों का रोपण और उनकी देखभाल की जिम्मेदारी का निर्वहन निष्ठा के साथ करें। ऐसा करके ही हम सब पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सक्रिय भूमिका निभा सकते है।

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इंदौर । मध्य प्रदेश के इंदौर शहर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के आयोजन अनंत चतुर्दशी चल समारोह के तहत निकाले जाने वाली झांकियों की तैयारी तेजी से जारी है। झांकियों की सुरक्षा और अन्य प्रशासनिक व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के लिए गुरुवार को एक अनोखा नजारा देखने को मिला। महापौर पुष्यमित्र भार्गव, कलेक्टर आशीष सिंह, नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा, अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर अमित सिंह सहित महापौर परिषद के सदस्य और सभी विभागीय अधिकारी एक ही बस में सवार होकर नगर भ्रमण पर निकले और झांकी मार्ग का जायजा लिया। निरीक्षण की शुरुआत डीआरपी लाइन से हुई। इसके बाद दल ने भंडारी ब्रिज चौराहा, श्रम शिविर, चिंकमंगलूर चौराहा, जेल रोड, नावेल्टी मार्केट, एमजी रोड, कृष्णपुरा छत्री, नंदलालपुरा रोड, जवाहर मार्ग, गुरुद्वारा चौराहा, बम्बई बाजार, कपड़ा मार्केट, सीतलामाता बाजार, खजूरी बाजार रोड़ और राजबाड़ा तक पूरे झांकी मार्ग का जायजा लिया। इस दौरान जगह-जगह रुककर तैयारियों का निरीक्षण किया गया। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि इंदौर की झांकियां सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और आस्था का विराट उत्सव हैं। नगर निगम झांकियों की व्यवस्थाओं को सर्वोत्तम बनाने के लिए हर संभव प्रयास करेगा। कलेक्टर आशीष सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जर्जर भवनों की तुरंत पहचान कर उन पर चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं। विद्युत तारों और अनावश्यक केबल-वायर को हटाने की कार्यवाही की जाए। झांकी मार्ग पर किसी भी प्रकार की बाधा जैसे ठेले, गुमटियां, शेड आदि न रहें। आपात स्थिति में त्वरित चिकित्सा, एम्बुलेंस और अग्निशमन वाहनों की उपलब्धता हर हाल में सुनिश्चित की जाए। नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा ने बताया कि अनंत चतुर्दशी के दिन नगर निगम में विशेष इमरजेंसी दल तैनात रहेगा, जो मार्ग की सफाई और अन्य आपात कार्यों के लिए हर वक्त तैयार रहेगा। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अमित सिंह ने सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि झांकी मार्ग पर सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। भीड़ नियंत्रण के लिए बैरिकेडिंग और पुलिस बल की पर्याप्त तैनाती होगी। निरीक्षण के दौरान महापौर परिषद सदस्य नंदकिशोर पहाड़िया, राजेंद्र राठौड़, निरंजन सिंह चौहान, अश्विनी शुक्ल, श्री अभिषेक शर्मा (बबलू), राजेश उदावत, मनीष शर्मा, अपर आयुक्त रोहित सिसोनिया, अपर कलेक्टर एवं एडीएम रोशन राय, अभय राजनगांवकर, नरेंद्र नाथ पांडे सहित कई विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। एक ही बस में जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की इस संयुक्त यात्रा ने इंदौर की अनूठी परंपरा को और सशक्त बनाया है और ऐसी अनूठी मिसाल प्रस्तुत की गई, जहां प्रशासन और जनप्रतिनिधि मिलकर नागरिकों के उत्सव को सफल बनाने के लिए संकल्पित हैं।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मानसून एक बार फिर सक्रिय हो गया है। आज गुरुवार से फिर भारी बारिश का दौर शुरू होगा। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के लिए राज्य के 10 जिलों में भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी और बालाघाट में ढाई से साढ़े चार इंच तक बारिश होने की संभावना जताई गई है। अगले 4 दिन कई जिलों में बारिश का अलर्ट है।मौसम विभाग के अनुसार, बुधवार को एक मानसून ट्रफ प्रदेश के बीचोंबीच से गुजरी। एक अन्य ट्रफ की सक्रियता भी देखने को मिली। वहीं, बंगाल की खाड़ी में एक लो प्रेशर एरिया एक्टिव हो रहा है। इसका अगले कुछ दिन में असर देखने को मिलेगा। ऐसे में प्रदेश के कई जिलों में तेज बारिश का दौर बना रहेगा।इससे पहले बुधवार को प्रदेश के ज्यादातर हिस्से में तेज बारिश का दौर थमा रहा, जो गुरुवार से फिर शुरू होगा। राजधानी भोपाल और इंदौर में रिमझिम बारिश हो सकती है। बुधवार को प्रदेश के 12 जिलों में कहीं हल्की तो कहीं तेज बारिश का दौर बना रहा। इंदौर, उज्जैन और श्योपुर में आधा इंच पानी गिर गया। वहीं, सागर, शाजापुर, मंदसौर, जबलपुर, नर्मदापुरम, धार, बालाघाट, खरगोन और रतलाम में भी हल्की बारिश हुई। भोपाल में दिनभर तेज धूप रही, लेकिन शाम को बादलों ने डेरा डाल दिया। कुछ इलाकों में बूंदाबांदी भी हुई।प्रदेश में इस बार बारिश के मामले में गुना सबसे बेहतर है। यहां औसत 53.8 इंच पानी गिर चुका है। वहीं, मंडला में 53.1 इंच बारिश हुई है। अशोकनगर में 50.5 इंच, शिवपुरी में 49.9 इंच और रायसेन में 49.6 इंच बारिश हुई है। सबसे कम बारिश वाले 5 जिलों में सभी इंदौर संभाग के हैं। इंदौर में अब तक औसत 16.5 इंच बारिश हुई है। बुरहानपुर में 19 इंच, खरगोन में 19.1 इंच, खंडवा में 19.6 इंच और बड़वानी में 20.1 इंच पानी गिरा है। प्रदेश में अब तक औसत 35.9 इंच बारिश हो चुकी है।

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इंदौर । मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में स्थित प्रसिद्ध श्री खजराना गणेश मंदिर में बुधवार से 10 दिवसीय गणेश चतुर्थी महोत्सव प्रारंभ हुआ। कलेक्टर सह अध्यक्ष आशीष सिंह ने बुधवार को सपरिवार खजराना गणेश मंदिर पहुंचकर विधि-विधान से पूजन-अर्चन किया और दस दिवसीय गणेश चतुर्थी महोत्सव का शुभारंभ किया। इस अवसर पर नगर निगम आयुक्त सह प्रशासक शिवम वर्मा सहित अन्य अधिकारी व मंदिर प्रबंध समिति के पदाधिकारी मौजूद थे। ध्वजा-पूजन और लड्डू प्रसादी का वितरण उद्घाटन दिवस पर ध्वजा-पूजन किया गया और लड्डू प्रसादी का वितरण हुआ। श्रद्धालुओं में खास उत्साह देखने को मिला। महोत्सव के दौरान प्रतिदिन विशेष साज-सज्जा, पूजन-अर्चन के साथ-साथ भजन संध्याएं और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां आयोजित होंगी। इस वर्ष देशभर से कई प्रसिद्ध भजन गायक और कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे।  

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अनूपपुर । एक हाथी विगत 5 दिन पहले छत्तीसगढ़ की सीमा पार करते हुए मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिला अंतर्गत जैतहरी, अनूपपुर वन परिक्षेत्र,थाना की सीमा से घूमता हुआ विगत तीन दिनों से वन परिक्षेत्र राजेंद्रग्राम में घूम रहा है, जो दिन में जंगल और रात होते ही जंगल से लगे ग्रामीण अंचलों में पहुंचकर ग्रामीणों के मकान में तोड़फोड़ कर खेत एवं बांडियो में लगे विभिन्न प्रकार की फसलों को अपना आहार बना रहा हैं। बुधवार की सुबह हाथी राजेंद्रग्राम वन परिक्षेत्र के गुट्टीपारा बीट के जंगल में डेरा जमाया हैं। एक नर हाथी 22 अगस्त की सुबह छत्तीसगढ़ को पार कर मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिला अंतर्गत जैतहरी के ग्राम पंचायत चोलना, कुकुरगोड़ा में एक महिला यशोदा सिंह को घायल कर, रात को कुसुमहाई गांव में पुरुषोत्तम सिंह का मकान तोड़ कर लहरपुर के गोडानटोला में 46 वर्षीय हेमराज सिंह को घायल दिया। फिर गोबरी के जंगल से ठेगरहा में कुन्ना कोल के घर का दरवाजा तोड़ कर अन्दर रखे सामान की तोडफोड कर अनाज खा जाता हैं। इसके बाद वन परिक्षेत्र अनूपपुर के दुधमनिया बीट के जंगल से निकल कर गौरेला पंचायत के ठेही गांव में जयलाल सिंह के घर को तोड़ते हुए बैहार पंचायत के दोखहाटोला में रामदास बैगा,मोहन बैगा के खेत/बांडी में लगे अनाज खाते देर रात राजेंद्रगाम के कछुवाकोनहा के कोदूलाल सिंह, रघुनाथ सिंह एवं गुरुदयाल सिंह के घरों में तोड़फोड़ कर घर में रखे विभिन्न तरह के अनाजों को खासा। इसके बाद मझगवां गांव में छोटू सिंह के घर में तोड़फोड़ कर बसनिहा से वरटोला में मनोहर सिंह का घर तोड़ते छपानी में कृष्णा सिंह, कमल सिंह के घर को नुकसान पहुंचाते सुबह छींदपानी बीट,गाम पंचायत जीलंग के जंगल से निकल कर छींदपानी के बैगानटोला में राम सिंह एवं भोला सिंह के घरों में तोड़फोड़ कर घर में रखे विभिन्न तरह के अनाजों को खाया, बुधवार की सुबह वन बीट गुट्टीपारा पंचायत लमसरई के केशवानी गांव के आमाटोला से लगे जंगल में है। एक अकेले हाथों के निरंतर विचरण करने पर वनविभाग का गश्ती दल संबंधित वन परिक्षेत्र के वन अधिकारियों/कर्मचारियों के साथ हाथी के विचरण पर निगरानी करते हुए हाथी के संभावित विचरण क्षेत्र में जाने वाले इलाके के ग्रामीणों को सुरक्षित रहने हेतु विभिन्न माध्यमों से अपील कर सतर्क एवं सुरक्षित रहने की अपील की है यह हाथी पूर्व में आए अपने तीन अन्य साथियों के विचरण क्षेत्र इलाके से राजेंद्रग्राम में आगे की ओर बढ़ रहा है‌।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में बारिश का स्ट्रांग सिस्टम कमजोर पड़ने के कारण बुधवार को प्रदेश के किसी भी जिले में भारी बारिश का अलर्ट नहीं है। मौसम विभाग का कहना है कि ज्यादातर जिलों में हल्की बारिश और बूंदाबांदी की संभावना है। हालांकि, 28 अगस्त से नया सिस्टम एक्टिव होने के साथ दक्षिणी मध्य प्रदेश में एक बार फिर तेज बारिश का दौर शुरू होगा।मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश के ऊपर से एक मानसून ट्रफ गुजर रही है। इस वजह से मंगलवार को कई जिलों में हल्की बारिश का दौर बना रहा। बुधवार को ट्रफ प्रदेश से दूर रहेगी, जिससे तेज बारिश नहीं होगी, लेकिन 28 अगस्त से सिस्टम स्ट्रॉन्ग हो सकता है। इससे पहले मंगलवार को रतलाम, मंदसौर समेत कई जिलों में तेज बारिश हुई। रतलाम में चौराहों पर पानी भर गया तो मंदसौर में शिवना नदी उफान पर आ गई। जबलपुर के बरगी डैम के 9 और नर्मदापुरम के तवा बांध के 3 गेट खुले रहे। रतलाम में करीब सवा इंच बारिश हुई। वहीं, नर्मदापुरम, उज्जैन, दमोह, खजुराहो, नौगांव, उमरिया में भी हल्की बारिश हुई। नर्मदापुरम में तवा डैम के तीन गेट दो-दो फीट की ऊंचाई तक खोलकर 10 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। मंदसौर में शिवना नदी, नाहरगढ़ बिल्लोद पुलिया के ऊपर से बही।बता दें कि बारिश के मामले में गुना सबसे आगे है। यहां 53.3 इंच पानी गिर चुका है। वहीं, मंडला में 52.8 इंच, अशोकनगर में 50.5 इंच, श्योपुर में 49.9 इंच और शिवपुरी में 49.7 इंच बारिश हुई है। वहीं, सबसे कम बारिश वाले 5 जिलों में सभी इंदौर संभाग के हैं। इंदौर सबसे आखिरी में है। यहां अब तक औसत 16.3 इंच बारिश हुई है। बुरहानपुर में 18.7 इंच, खरगोन में 19.8 इंच, खंडवा में 19 इंच और बड़वानी में 20 इंच से कम पानी गिरा है। बुधवार को भी इन जिलों में तेज बारिश होने के आसार कम ही है। मौसम विभाग ने 28, 29 और 30 अगस्त को प्रदेश के दक्षिणी हिस्से में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। प्रदेश में अब तक औसत 35.6 इंच बारिश हो चुकी है।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । मध्य प्रदेश प्रदेश के अधिकांश जिलों में पिछले दो दिनों से बारिश का सिलसिला जारी है और मौसम विभाग ने आने वाले चार दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। कई हिस्सों में पानी बरसने से लोगों को उमस और गर्मी से राहत तो मिली है, लेकिन दूसरी ओर कई जगहों पर जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।उल्‍लेखनीय है कि मध्य प्रदेश की औसत वार्षिक बारिश 37 इंच मानी जाती है। इस सीजन में अब तक 35.1 इंच बारिश हो चुकी है, जो कुल लक्ष्य का 95 प्रतिशत है। यानी अब राज्य केवल 1.9 इंच बारिश से पूरे वार्षिक लक्ष्य को पूरा कर लेगा। इस समय तक सामान्य से 6.8 इंच अधिक बारिश दर्ज की गई है। ग्वालियर, शिवपुरी, अशोकनगर, मुरैना, श्योपुर, छतरपुर, टीकमगढ़ और निवाड़ी जैसे जिलों में सामान्य से अधिक बारिश हो चुकी है। वहीं, बाकी जिलों में भी औसतन 80 प्रतिशत से ज्यादा पानी गिर चुका है।सोमवार को भोपाल, ग्वालियर, नर्मदापुरम, इंदौर, पचमढ़ी, रतलाम, शाजापुर, श्योपुर, उज्जैन, छिंदवाड़ा, सागर, सतना और धार समेत पिछले 24 घंटों में प्रदेश के 30 से अधिक जिलों में वर्षा दर्ज की गई है। ग्वालियर और रीवा में 1.3 इंच, खजुराहो में 1.2 इंच, पचमढ़ी में 1.1 इंच और उमरिया में 1 इंच बारिश दर्ज हुई। वहीं, इंदरगढ़ में 92.0 मिमी, अलीराजपुर में 88.2 मिमी, रामपुर बाघेलान में 84.4 मिमी, मझगांव में 78.0 मिमी, डिंडोरी में 77.2 मिमी और बिलहरी में 70.0 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई।मौसम विभाग ने भोपाल, उज्जैन, जबलपुर और सागर संभाग के 22 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। जिसमें कि मंगलवार को श्योपुर, मुरैना, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला और बालाघाट जिलों के लिए भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। नीमच और मंदसौर में भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। इन जिलों में गरज-चमक के साथ भारी वर्षा हो सकती है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर और अन्य जिलों में हल्की से मध्यम बारिश का दौर जारी रहेगा। जिससे नदी-नालों का जलस्तर अचानक बढ़ने की आशंका है। विभाग ने लोगों को सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है।मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार इस समय प्रदेश में तीन मौसमी सिस्टम सक्रिय हैं। मानसून ट्रफ लाइन जो दतिया और सीधी से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक जा रही है। एक और ट्रफ लाइन, प्रदेश के मध्य हिस्से से गुजर रही है। साइक्लोनिक सर्कुलेशन प्रदेश के दक्षिणी हिस्से में सक्रिय है। इन तीनों मौसमी गतिविधियों के कारण प्रदेश के कई हिस्सों में लगातार बारिश हो रही है और अगले तीन-चार दिनों तक मौसम का यही मिजाज बना रहेगा।

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भोपाल । मध्य प्रदेश के दो शिक्षकों को वर्ष 2025 का राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। केन्द्र सरकार के स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा सोमवार को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कारों की घोषणा की गई है। इनमें मध्य प्रदेश के दो शिक्षक भी शामिल हैं। दमोह जिले की प्राथमिक शिक्षक शीला पटेल और आगर-मालवा के माध्यमिक शिक्षक भेरूलाल ओसारा को नई दिल्ली में सम्मानित किया जाएगा।   मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित होने वाले शिक्षकों को बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। स्कूल शिक्षा मंत्री उदयप्रताप सिंह ने भी चयनित शिक्षकों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि चयनित शिक्षकों को श्रेष्ठ कार्यों की वजह से मध्य प्रदेश को गौरवान्वित करने का अवसर मिला है। चयनित शिक्षक राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार चयनित दमोह जिले की प्राथमिक शिक्षक शीला पटेल, शासकीय प्राथमिक शाला देवरान टपरिया में पदस्थ हैं। राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से चयनित आगर-मालवा जिले के भेरूलाल ओसारा माध्यमिक शिक्षक शासकीय ईपीईएस माध्यमिक शाला खेरिया सुसनेर में पदस्थ हैं। चयनित दोनों शिक्षकों को स्कूली शिक्षा गुणवत्ता में सुधार एवं छात्रों के जीवन को समृद्ध बनाने, नवाचारों के माध्यम से शैक्षिक उत्कृष्टता के लिये प्रदान किया गया है। चयन प्रक्रिया मध्य प्रदेश के समस्त 55 जिलों में 45 जिलों से 145 शिक्षकों द्वारा राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार-2025 के लिये अपना पंजीयन कराया गया था। राज्य स्तरीय चयन समिति द्वारा राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार-2025 के लिये छह शिक्षकों की अनुशंसा केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय को की गई थी।  

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उज्जैन । उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में मंगलवार काे योग गुरु बाबा रामदेव दर्शन करने पहुंचे। उन्होंने गर्भगृह में पहुंचकर बाबा महाकाल का पूजन अर्चन किया। यहां पुजारी यश गुरु ने बाबा रामदेव का पूजन अर्चन करवाया। गर्भगृह में शिवलिंग पर मंत्र उच्चारण के साथ जल चढ़ाया। इसके बाद वे नन्दी हाल बैठकर शिव आराधना में लीन नजर आए। इस दौरान पुजारियों ने मंत्र उच्चारण किया।   महाकालेश्वर मंदिर में योग गुरु का भव्य स्वागत हुआ। मंदिर प्रबंधन समिति के उपप्रशासक एस.एन. सोनी ने उन्हें सम्मानित किया। योग गुरु बाबा रामदेव को दुपट्टा उड़ाया गया और प्रसाद के साथ बाबा महाकाल की तस्वीर भेंट की गई। इस दौरान बाबा रामदेव ने मुख्यमंत्री डाॅ. मोहन यादव की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने महाकाल की अच्छी दर्शन व्यवस्था की है। सनातन धर्म की प्रतिष्ठा और विकास के लिए सराहनीय कार्य किए हैं। बाबा रामदेव ने भगवान महाकाल से प्रार्थना की कि उनकी कृपा से सभी का जीवन सुखी रहे, किसी की अकाल मृत्यु न हो, रोग ना हो, दुख दरिद्रता ना आए और भारत स्वस्थ, समृद्ध व विकसित बने। बता दें कि बाबा रामदेव की महाकाल में गहरी आस्था है। यही कारण है कि बीते 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के अवसर पर भी बाबा रामदेव महाकाल मंदिर पहुंचे थे। इस दौरान वे सुबह 3:00 बजे होने वाली भस्म आरती में शामिल हुए थे।   गाैरतलब है कि मध्यप्रदेश के उज्जैन में महाकाल के दर्शन के लिए रोजाना भक्तों का मेला लगा रहता है। आम लोगों से लेकर वीआईपी श्रद्धालुओं का मंदिर में आना लगातार जारी है। चाहे बॉलीवुड के कलाकार हाे, खेल जगत के सितारे और बड़े-बड़े राजनेता अक्सर बाबा महाकाल के दर्शन करने श्रीमहाकालेश्वर मंदिर पहुंचते रहते हैं।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में भारी बारिश का सिलसिला जारी है। प्रदेश में तीन सिस्टम सक्रिय है। जिसके चलते राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के कई जिलों में लगातार पानी गिर रहा है। आज सोमवार को भी ऐसा ही मौसम बना रहेगा। प्रदेश के 22 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है, जो उज्जैन, सागर, जबलपुर और ग्वालियर-चंबल संभाग के हैं। अब तक औसत 35.1 इंच बारिश हो चुकी है। मौसम विभाग का कहना है कि अब तक 28.3 इंच पानी गिरना था। इस हिसाब से 6.8 इंच पानी ज्यादा गिर चुका है। प्रदेश की सामान्य बारिश औसत 37 इंच है। इस हिसाब से कोटे की 95 प्रतिशत तक बारिश हो चुकी है।मौसम विभाग के अनुसार, रविवार को मानसून टर्फ, साइक्लोनिक सर्कुलेशन और लो प्रेशर एरिया की एक्टिविटी देखने को मिली। इस वजह से उत्तरी हिस्से में तेज बारिश का दौर बना रहा। इसी प्रकार अगले 4 दिन तक कई जिलों में तेज बारिश की संभावना है। मौसम विभाग ने बताया कि अगले 24 घंटे के दौरान ग्वालियर, भिंड, मुरैना, श्योपुर, दतिया, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, नीमच, मंदसौर, सागर, दमोह, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, मऊगंज, मंडला, डिंडौरी और बालाघाट में भारी बारिश होने का अनुमान है। इंदौर, भोपाल समेत अन्य जिलों में हल्की बारिश का दौर बना रहेगा।प्रदेश में रविवार को भी 30 जिलों में कहीं हल्की तो कहीं तेज बारिश हुई। सबसे ज्यादा पौन इंच बारिश उमरिया में हुई। इसके अलावा भोपाल, बैतूल, दतिया, गुना, ग्वालियर, सीहोर, शाजापुर, राजगढ़,विदिशा, देवास, इंदौर, नर्मदापुरम, रतलाम, शिवपुरी, उज्जैन, छिंदवाड़ा, दमोह, जबलपुर, छतरपुर, रीवा, सागर, हरदा, मंडला, मुरैना, श्योपुर, सतना, सीधी, टीकमगढ़, बालाघाट समेत कई जिलों में भी हल्की बारिश जारी रही। बारिश की वजह से सतना में निचली बस्तियों में पानी भर गया। वहीं, तेज बारिश होने से नर्मदापुरम जिले के तवा डैम के गेट 5 फीट तक खोले गए।  

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भोपाल । भाेपाल में बिना मंजूरी मुख्यालय छोड़ने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। भाेपाल एडीएम अंकुर मेश्राम ने साेमवार काे समयावधि मीटिंग (टीएल मीटिंग) में यह सख्त निर्देश दिए हैं। उन्हाेंने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि अनुमति लिए बिना मुख्यालय से बाहर जाने वाले अधिकारियों पर हर हाल में कार्रवाई की जाएगी। साथ ही जनसुनवाई में भी मौजूद रहने को कहा है।   बता दें कि हर सोमवार को कलेक्टोरेट में टीएल मीटिंग होती है। जिसमें सभी जिला अधिकारी मौजूद रहते हैं। वहीं, प्रत्येक मंगलवार को जनसुनवाई भी की जाती है। जिसमें औसत सवा सौ तक आवेदन आते हैं। जनसुनवाई में वरिष्ठ अधिकारी तो मौजूद रहते हैं, लेकिन कई जिला अधिकारी नहीं पहुंचते। वे अपने अधिनस्थों को ही भेज देते हैं। इससे आवेदनों का निराकरण सही समय पर नहीं हो पाता है। दूसरी ओर, टीएल मीटिंग से भी कई अधिकारी गायब रहते हैं। कुछ तो बिना अनुमति के ही मुख्यालय छोड़ जाते हैं। ऐसे में कामकाज में कसावट लाने की कवायद करते हुए सोमवार को इसी मुद्दे पर एडीएम मेश्राम ने मीटिंग में ही फटकार लगाई। खासकर तहसीलदार और नायब तहसीलदारों को कड़े निर्देश जारी किए।      

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भोपाल । मध्य प्रदेश में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि और ग्वालियर–चंबल एवं सागर संभाग में पर्यटन निवेश को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मुख्य आतिथ्य में ग्वालियर में 29 एवं 30 अगस्त को रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव का आयोजन किया जाएगा। ग्वालियर के राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाले इस रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव में केंद्रीय संचार मंत्री और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्याेतिरादित्य सिंधिया, विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर, तथा पर्यटन, संस्कृति और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र सिंह लोधी की विशेष उपस्थिति होगी।राज्य मंत्री लोधी ने बताया कि मध्य प्रदेश में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि के साथ–साथ पर्यटन व्यवसायियों, टूर ऑपरेटर्स और होटल इंडस्ट्री के बीच सहयोग और साझेदारी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव आयोजित की जा रहा है। ग्वालियर के पर्यटन श्रेत्र में निवेश को नया आयाम मिलेगा। “टाइमलेस ग्वालियर: इकोज़ ऑफ़ कल्चर, स्पिरिट ऑफ़ लेगेसी” थीम पर आधारित ये कॉन्क्लेव पर्यटन निवेश, सांस्कृतिक धरोहर, अनुभवात्मक पर्यटन और क्षेत्रीय विकास को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।प्रमुख सचिव पर्यटन और संस्कृति एवं प्रबंध संचालक टूरिज्म बोर्ड शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि कॉन्क्लेव में होटल, रिसोर्ट, वेलनेस और ईको-टूरिज्म क्षेत्र के निवेशकों को लेटर ऑफ अवॉर्ड (एलओए) प्रदान किए जाएंगे, एमओयू एवं अनुबंध होंगे। इन परियोजनाओं से स्थानीय समुदाय को पर्यटन आधारित रोजगार प्राप्त होगा और क्षेत्रीय पर्यटन को स्थायित्व के साथ बल मिलेगा। क्षेत्र के विकास को गति देने के लिए महत्वपूर्ण घाेषणाएं होंगी। विशेष पर्यटन प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें मध्यप्रदेश के विविध पर्यटन स्थलों, पर्यटन इकाइयों, होस्पिटैलिटी ब्रांड्स, होमस्टे, रिसॉर्ट्स, हैंडलूम/हैंडिक्राफ्ट, साहसिक गतिविधियों और सांस्कृतिक धरोहरों को समर्पित स्टॉल लगाए जाएंगे।प्रमुख सचिव ने बताया कि रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव में दो महत्वपूर्ण सत्र होंगे। “टूरिज़्म ऐज़ अ कल्चरल ब्रिज–ब्रांडिंग ग्वालियर एंड हार्टलैंड ऑफ़ एमपी” विषय पैनल डिस्कशन होगा, जिसमें ग्वालियर की सांस्कृतिक धरोहर, शास्त्रीय संगीत और स्थापत्य कला को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने की रणनीतियों पर विचार होगा। दूसरा पैनल डिस्कशन “ग्वालियर एंड चंबल राइजिंग–इनबाउंड अपील थ्रू हेरिटेज, लग्ज़री एंड एक्सपीरियंस” विषय पर केंद्रित होगा, जिसमें विरासत, लग्ज़री स्टे, डेस्टिनेशन वेडिंग और अनुभवात्मक पर्यटन जैसे नए आयामों पर संवाद होगा।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल सहित प्रदेशभर में बारिश का सिलसिला जारी है। शनिवार को शिवपुरी, डिंडौरी, शाजापुर समेत 20 जिलों में बारिश हुई। ऐसा ही मौसम रविवार को भी बना रहेगा। मौसम विभाग ने ग्वालियर-श्योपुर समेत 16 जिलों में अति भारी और भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।मौसम विभाग के अनुसार, मानसून ट्रफ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन (चक्रवात) की वजह से मध्य प्रदेश में तेज बारिश का दौर जारी है। प्रदेश में अब तक औसत 34.2 इंच बारिश हो चुकी है। 2.8 इंच पानी और गिरते ही सीजन की बारिश का कोटा फुल हो जाएगा। गुना में औसत 52 इंच पानी गिर चुका है। वहीं, मंडला और अशोकनगर में आंकड़ा 50 इंच से ज्यादा है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में उज्जैन संभाग के नीमच और मंदसौर में अति भारी बारिश का अनुमान जताया है। यहां साढ़े 8 इंच तक पानी गिर सकता है। वहीं, ग्वालियर, मुरैना, श्योपुर, शिवपुरी, गुना, राजगढ़, आगर-मालवा, रतलाम, झाबुआ, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी, अनूपपुर और सिंगरौली में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।इस बार बारिश के मामले में गुना सबसे आगे रहा। यहां औसत 52 इंच पानी गिर चुका है। मंडला-अशोकनगर में 50 इंच से ज्यादा बारिश हुई है। वहीं, टीकमगढ़ में 47.3 इंच और निवाड़ी में 46.7 इंच बारिश हो चुकी है। प्रदेश में जब से मानसून एंटर हुआ, तब से पूर्वी हिस्से यानी जबलपुर, रीवा, सागर और शहडोल संभाग में तेज बारिश हुई है। छतरपुर, मंडला, टीकमगढ़, उमरिया के अलावा ग्वालियर-चंबल में भी मानसून जमकर बरसा है। यहां के 8 जिलों में से 7 में कोटे से ज्यादा पानी गिर चुका है। इनमें ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, भिंड, मुरैना और श्योपुर शामिल हैं। दतिया में भी 92 प्रतिशत से अधिक बारिश हो चुकी है। दूसरी ओर, इंदौर और उज्जैन संभाग में सिस्टम की एक्टिविटी कम देखने को मिलीं।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पहली बार राजकीय सम्मान के साथ देहदान सम्पन्न हुआ। किरण फाउंडेशन के सहयोग से भोपाल निवासी स्व. रमा चौदा (आयु 79 वर्ष) का शुक्रवार को देहदान गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल में कराया गया। स्व. रमा चौदा के पुत्र राजेश गुप्ता नेशनल अस्पताल भोपाल के मेडिकल संचालक हैं। इस अवसर पर राजकीय सम्मान के साथ पूरे विधि-विधान से देहदान प्रक्रिया सम्पन्न की गई। देहदान की इस पूरी प्रक्रिया में गांधी मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ. कविता एन. सिंह और डॉ. संदीप जी ने आवश्यक सहयोग प्रदान किया। डीन डॉ. कविता सिंह ने कहा कि इस पहल से न केवल चिकित्सा शिक्षा को बल मिलेगा, बल्कि समाज में देहदान जैसे पुण्य कार्यों के प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि देहदान सबसे बड़ा दान है। यह मानव जीवन को सेवा के माध्यम से अमर बना देता है। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार ऐसे प्रेरणादायी कार्यों को सम्मान देने के लिए संकल्पित है। उन्होंने स्व. रमा चौदा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनका यह निर्णय आने वाली पीढ़ियों को चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान में अनुपम सहयोग देगा।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मानसून एक बार फिर जोर पकड़ चुका है और अगले तीन दिन तक प्रदेश के कई हिस्सों में तेज बारिश का दौर जारी रहने की संभावना है। मौसम विभाग ने शनिवार 23 अगस्त को नीमच और शिवपुरी जिलों में बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, यहां आंधी और बिजली गिरने की आशंका भी जताई गई है। वहीं मंदसौर, रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर, धार, उज्जैन, आगर-मालवा, शाजापुर, राजगढ़, गुना और मुरैना सहित कई जिलों के लिए भारी बारिश का येलो अलर्ट घोषित किया गया है। उल्‍लेखनीय है कि शुक्रवार को भोपाल समेत 20 जिलों में झमाझम बारिश हुई, जिसमें सबसे अधिक वर्षा बालाघाट के मलाजखंड में सवा इंच दर्ज की गई। मंडला में एक इंच, पचमढ़ी में पौन इंच और नरसिंहपुर व श्योपुर में आधा इंच पानी गिरा। इंदौर, जबलपुर, रीवा, सागर, उज्जैन, रतलाम, बैतूल, गुना सहित अन्य जिलों में भी अच्छी बारिश दर्ज की गई। लगातार हो रही बारिश से नर्मदापुरम के तवा डैम का एक गेट खोलकर पानी छोड़ा गया है, वहीं श्योपुर में सीप नदी के उफान पर आने से निचली बस्तियों में पानी भर गया और बोदल की पुलिया बहने से सवाई माधोपुर रोड बंद करना पड़ा। कराहल क्षेत्र में नाले में बहे दो युवकों में से एक को ग्रामीणों ने बचा लिया जबकि दूसरे की तलाश एसडीईआरएफ कर रही है।मौसम वैज्ञानिक वेदप्रकाश सिंह का कहना है कि प्रदेश के ऊपर से गुजर रही मानसून टर्फ और उत्तरी हिस्से में सक्रिय साइक्लोनिक सर्कुलेशन की वजह से बारिश का दौर बना हुआ है। अगले 24 घंटे में नीमच और मंदसौर में अति भारी वर्षा की संभावना है जबकि शिवपुरी, मुरैना, गुना, राजगढ़, शाजापुर, उज्जैन, रतलाम, झाबुआ और अलीराजपुर जिलों में भारी बारिश हो सकती है। विभाग के मुताबिक इस साल एक जून से 22 अगस्त तक प्रदेश में दीर्घावधि औसत से 23 फीसदी अधिक बारिश हो चुकी है। पूर्वी मध्यप्रदेश में औसत से 24 प्रतिशत और पश्चिमी मध्यप्रदेश में 22 प्रतिशत ज्यादा वर्षा दर्ज की गई है।मध्यप्रदेश में इस बार मानसून ने जोरदार वापसी की है। अगस्त के तीसरे सप्ताह में लगातार तेज बारिश का सिलसिला जारी है। बारिश का सबसे बड़ा फायदा किसानों को हुआ है। सोयाबीन, धान और मूंगफली जैसी खरीफ फसलों को भरपूर पानी मिला है। दूसरी ओर लगातार बारिश से सब्ज़ी और फल की फसल को नुकसान भी हो रहा है। शहरों में निचली बस्तियों में जलभराव, कीचड़ और यातायात जाम की स्थिति भी देखने को मिली। मौसम विभाग ने लोगों को निचली बस्तियों से दूर रहने, नदी-नालों को पार न करने और बिजली गिरने के दौरान खुले मैदान में न ठहरने की सलाह दी है। प्रशासन ने राहत दलों को सतर्क रहने और संभावित आपदा की स्थिति से निपटने के निर्देश दिए हैं। साथ ही मौसम विभाग ने साफ संकेत दिए हैं कि अगले तीन दिन तक सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि बारिश का रुक-रुककर तेज दौर जारी रहेगा।

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश के मुरैना का शनि पर्वत इन दिनों श्रद्धा और आस्था का केंद्र बना हुआ है। अतिप्राचीन समय से विश्व में एकमात्र मूर्ति स्वरूप में विराजमान शनि देव का मंदिर यहीं स्थित है। धार्मिक मान्यता के अनुसार शनि उपासना के लिए यह स्‍थान अत्यंत फलदायी है, इसी कारण हजारों श्रद्धालुओं ने यहां पहुंचना शुरू कर दिया है। इस बार यहां शनि अमावस्या के अवसर पर जिला प्रशासन ने दो दिवसीय शनि मेले का आयोजन किया है।उल्‍लेखनीय है कि शनि पर्वत, जिसे ऐति पर्वत भी कहा जाता है, रामायण काल से जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि लंका दहन के समय हनुमान जी ने रावण की कैद से मुक्त कराए गए शनि देव को अपनी पूरी शक्ति से उछाला था और शनि देव आकर इस पर्वत पर गिरे। यहीं उन्होंने तपस्या कर अपनी शक्तियाँ अर्जित कीं। तभी से यह स्थान श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बन गया।जिला प्रशासन ने मेले के लिए सुरक्षा व्यवस्था में छह सौ पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं, वहीं अतिरिक्त बल भिंड, श्योपुर और दतिया से बुलाया गया है। 60 सदस्यीय क्यूआरएफ टीम भी लगातार निगरानी की जा रही है। पुलिस चौकियाँ, खोया-पाया केंद्र और मेडिकल कैम्प लगाए गए हैं। दो ड्रोन कैमरों से मेले की निगरानी हो रही है। ग्वालियर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए स्टेशन शनिचरा के पास पार्किंग की गई है जबकि मुरैना-बानमौर मार्ग पर रांसु तिराहे पर अलग पार्किंग स्थल बनाया गया है। ट्रैक्टर, ट्रॉली और ट्रक जैसे भारी वाहनों का प्रवेश अगले दो दिनों तक पूरी तरह बंद कर दिया गया है।कलेक्टर अंकित अस्थाना ने बताया कि पिछले वर्ष यहां तीन लाख पच्चीस हजार श्रद्धालु पहुंचे थे और इस बार संख्या और अधिक होने की संभावना है। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए भंडारों के पंडाल मंदिर से दूरी पर बनाए गए हैं। स्नान और कपड़े धोने की अलग व्यवस्था की गई है, वहीं स्वास्थ्य सुविधा के लिए एम्बुलेंस और पीने के पानी की पर्याप्त व्यवस्था भी की गई है।आचार्य बृजेश चंद्र दुबे ने बताया कि धार्मिक मान्यता के अनुसार शनि देव कलयुग के न्यायाधीश माने जाते हैं। श्रद्धालु काले तिल, सरसों का तेल, उड़द दाल और काले वस्त्र चढ़ाकर अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की प्रार्थना करते हैं। शनिचरी अमावस्या पर स्नान और दान का विशेष महत्व माना गया है। श्रद्धालु स्नान के बाद अपने जूते-चप्पल और कपड़े वहीं त्याग देते हैं, जिन्हें पनौती समझा जाता है। बाद में इनका प्रशासन द्वारा नीलामी की जाती है। आचार्य दुबे ने इस दौरान यह भी बताया कि भाद्रपद मास की अमावस्या तिथि 22 अगस्त को प्रातः 11 बजकर 55 मिनट से प्रारंभ होकर 23 अगस्त को प्रातः 11 बजकर 35 मिनट पर समाप्त है। उदया तिथि के आधार पर शनि अमावस्या का पर्व 23 अगस्त, यानी आज मनाया जा रहा है। विशेष बात यह है कि वर्ष 2025 की यह अंतिम शनि अमावस्या है।मंदिर के पुजारी पंडित जितेंद्र बैरागी के अनुसार अमावस्या पर पितरों की शांति के लिए तर्पण और श्राद्ध कर्म किए जाते हैं। जिन लोगों पर शनि की साढ़े साती, ढैय्या, पितृ दोष, कालसर्प योग या अशुभ ग्रहों का प्रभाव होता है, उनके लिए इस दिन किया गया शनि पूजन विशेष लाभकारी होता है।इधर, उज्जैन के शिप्रा नदी के त्रिवेणी घाट पर भी शनिचरी अमावस्या पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा है। मध्यरात्रि से ही श्रद्धालु स्नान के लिए घाट पर पहुंचने लगे। प्रशासन ने फव्वारों से स्नान की विशेष व्यवस्था की। यहां शनि मंदिर को आकर्षक फूलों से सजाया गया और शनि महाराज को राजा के रूप में पगड़ी पहनाकर श्रृंगारित किया गया। स्नान और पूजन के बाद श्रद्धालु अपने वस्त्र और चप्पल वहीं छोड़कर मंदिर के दर्शन करते हैं।   इसी तरह से नर्मदा तटों, ताप्‍ती एवं अन्‍य नदियों के किनारे भी स्‍नान के लिए बड़ी संख्‍या में सुबह से श्रद्धालुओं ने पहुंचना आरंभ रखा है। धार्मिक मान्यता के अनुसार माँ ताप्ती सूर्यपुत्री और शनि की बहन के रुप में जानी जाती है । यही कारण है कि जो लोग शनि से परेशान होते हैं उन्हे ताप्ती मे स्नान करने से राहत मिलती है । इसलिए आज सुबह से ही बैतूल के मुलताई स्‍थ‍ित ताप्‍ती कुंड में भोर से ही पुण्‍य लाभ लेने श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जा रही है। चंबल, शिवना, पार्वती एवं अन्‍य नदि‍यों के तटों पर भी भारी संख्‍या में स्‍नान का पुण्‍य लाभ लेने श्रद्धाभाव रखनेवाले लोग पहुंचे हैं । इस तरह से प्रदेश भर में लाखों श्रद्धालु न केवल पूजा-पाठ और दान में भाग ले रहे हैं, बल्कि धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप शनि देव की कृपा प्राप्त करने की कामना करते हुए भी देखे जा रहे हैं।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मौसम ने एक बार फिर करवट ले ली है। राज्य में इन दिनों एक साथ तीन वेदर सिस्टम सक्रिय हैं, जिनके चलते लगभग पूरे प्रदेश में भारी बारिश का दौर जारी है। उत्तर और पश्चिमी हिस्सों से एक मानसून ट्रफ गुजर रही है, जबकि दूसरी ट्रफ प्रदेश के मध्य भाग से होकर निकल रही है। इसके अलावा, दक्षिणी मध्यप्रदेश में एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन भी सक्रिय है। इन तीनों सिस्टम का असर यह है कि आसमान में लगातार बादल छाए हुए हैं और कहीं हल्की तो कहीं भारी बारिश हो रही है। भारतीय मौसम विभाग ने राज्य के कई जिलों के लिए अगले चार दिन के दौरान बारिश का अलर्ट जारी किया है।उल्‍लेखनीय है कि गुरुवार को भोपाल, इंदौर, उज्जैन समेत प्रदेश के 26 जिलों में अच्छी बारिश दर्ज की गई। शिवपुरी में सबसे अधिक 1 इंच से ज्यादा बारिश दर्ज की गई। गुना और रतलाम में लगभग 1 इंच, सागर में पौन इंच, जबकि भोपाल, मंडला और रायसेन में आधा इंच पानी गिरा। इसके अलावा बैतूल, दतिया, ग्वालियर, नर्मदापुरम, इंदौर, पचमढ़ी, शाजापुर, उमरिया, छिंदवाड़ा, दमोह, रीवा, सतना और मलाजखंड सहित कई जिलों में भी वर्षा दर्ज की गई।इस बार सामान्य से अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई है। मध्यप्रदेश में इस वर्ष मानसून ने 16 जून को दस्तक दी थी। तब से अब तक औसतन 33.1 इंच बारिश हो चुकी है, जबकि सामान्य आंकड़ा इस अवधि तक 27 इंच का होता है। यानी इस बार अब तक 6.1 इंच अधिक वर्षा हो चुकी है। मध्यप्रदेश की वार्षिक सामान्य वर्षा औसतन 37 इंच मानी जाती है। इस लिहाज से अब तक 89 प्रतिशत बारिश पूरी हो चुकी है।विभिन्न संभागों की स्थिति पर नजर डालें तो पूर्वी मध्यप्रदेश के जबलपुर, रीवा, सागर और शहडोल संभाग में अब तक अच्छी वर्षा दर्ज की गई है। छतरपुर, मंडला, टीकमगढ़, उमरिया समेत कई जिलों में तो हालात बाढ़ जैसे बन गए थे। ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में भी इस बार मानसून काफी सक्रिय रहा है। यहां के 8 जिलों में से 7 में कोटे से अधिक वर्षा हो चुकी है। इनमें ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, भिंड, मुरैना और श्योपुर शामिल हैं। दतिया जिले में भी 92 प्रतिशत से अधिक बारिश दर्ज की गई है।इसके उलट इंदौर और उज्जैन संभाग में इस बार मानसूनी सिस्टम की सक्रियता कम रही है। इन दोनों संभागों के 15 में से 9 जिलों में तो कोटे की आधी बारिश भी नहीं हुई है। इससे किसानों और स्थानीय प्रशासन की चिंताएं बढ़ गई हैं।मौसम विभाग ने आज शुक्रवार को श्योपुर, मंदसौर और नीमच जिलों में अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में अगले 24 घंटे में 8.5 इंच तक बारिश होने की संभावना जताई गई है। इसके अलावा ग्वालियर, मुरैना, भिंड, दतिया, निवाड़ी, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, राजगढ़, रतलाम, आगर-मालवा, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला और बालाघाट में भारी बारिश की चेतावनी के तहत येलो अलर्ट घोषित किया गया है। वहीं, अन्य जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है।मौसम वैज्ञानिक शिवांग बाकोड़े के अनुसार, बालाघाट, पांढुर्ना, सीधी, सिंगरौली, रीवा, चित्रकूट, उत्तरी पन्ना में बिजली के साथ मध्यम बारिश जारी रहने की संभावना है, साथ ही मऊगंज, सतना, मैहर, छतरपुर, दक्षिणी पन्ना, निवाड़ी, शहडोल, अनूपपुर, डिंडोरी, मंडला, सिवनी, छिंदवाड़ा, बैतूल, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन में हल्की बारिश जारी रहने की संभावना है। फिलहाल प्रदेश में जो तीन सिस्टम सक्रिय हैं, वे अगले चार से पांच दिनों तक असर दिखा सकते हैं। एक ट्रफ दतिया और सीधी से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक फैली हुई है। दूसरी ट्रफ लाइन मध्यप्रदेश के केंद्र से गुजर रही है, जबकि दक्षिणी हिस्सों में एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है, जो मॉनसून की गति और दिशा को प्रभावित कर रहा है। इन तीनों सिस्टम के कारण प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश की संभावना बनी हुई है।मौसम विभाग ने आगामी दिनों के लिए भी अलर्ट जारी किया है। 23 अगस्त को नीमच, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, श्योपुर, मुरैना, ग्वालियर, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दमोह, पन्ना, सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला, सिवनी और बालाघाट में भारी बारिश का येलो अलर्ट रहेगा। जबकि अन्य जिलों में गरज-चमक के साथ हल्की बारिश की संभावना है। 24 अगस्त को ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली, मैहर और शहडोल में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग का कहना है कि इन तारीखों में पश्चिमी और मध्य जिलों में भी कुछ स्थानों पर अचानक तेज बारिश हो सकती है, इसलिए सतर्क रहने की आवश्यकता है।राजधानी भोपाल की बात करें तो आने वाले 24 घंटे के दौरान शहर और आसपास के इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना जताई गई है। इस दौरान गरज-चमक के साथ तेज हवाएं चल सकती हैं, जिनकी रफ्तार 16 से 18 किलोमीटर प्रतिघंटा तक हो सकती है। तापमान की बात करें तो अधिकतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 23 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है।

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नर्मदापुरम । टाइगर स्टेट मध्य प्रदेश में फिर एक बाघ की मौत हो गई। नर्मदापुरम जिले में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से सटे जंगल क्षेत्र में वन विभाग के गश्ती दल काे शुक्रवार सुबह तवा नदी के किनारे बाघ का शव मिला। फिलहाल शिकार की आशंका जताई जा रही है। यह जिले में पिछले 10 दिन में टाइगर की दूसरी मौत है। इससे पहले 12 अगस्त को मढ़ई के कोर क्षेत्र में टाइगर पानी में मृत मिला था।सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से सटे जंगल क्षेत्र में वन विभाग के गश्ती दल काे शुक्रवार सुबह 10.30 बजे तवा नदी के किनारे बाघ का शव मिला। मोटर बोट से गश्ती कर रहे दल ने बढ़-चापड़ा घाट पर पानी में टाइगर को देखा। सूचना मिलते ही नर्मदापुरम से एसटीआर फील्ड डायरेक्टर राखी नंदा, डीएफओ मयंक गुर्जर, वाइल्डलाइफ डॉक्टर गुरुदत्त शर्मा और एसडीओ विनोद वर्मा डॉग स्क्वॉड टीम के साथ मौके पर पहुंचे। टाइगर की माैत की असल वजह पोस्टमॉर्टम रिपाेर्ट से स्पष्ट हो पाएगी।   बता दें कि इससे पहले बीते 12 अगस्त को मढ़ई के कोर क्षेत्र में लगदा कैंप के पास भी एक टाइगर पानी में मृत पाया गया था। उस समय अधिकारियों ने इसकी वजह आपसी संघर्ष बताई थी। हालांकि शुक्रवार को शव जिस क्षेत्र में मिला वह वन विकास निगम के क्षेत्र में आता है, जहां कोर और बफर क्षेत्र से दूरी होने के कारण आपसी संघर्ष की संभावना कम मानी जा रही है। ऐसे में बाघ के शिकार की आशंका जताई जा रही है। मामला वन विकास निगम क्षेत्र में होने के कारण सुरक्षा और संरक्षण की जिम्मेदारी पर सवाल उठ रहे हैं।    

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में किसानों की आय दोगुनी करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें पशुपालन गतिविधियों से जोड़ा जा रहा है। सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से प्रदेश में पशुपालन और दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा दे रही है। पशुपालन से किसानों की आय बढ़ेगी और वे आत्मनिर्भर होंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का यह हमारा संकल्प है कि प्रदेश में दुग्ध उत्पादन निरंतर बढ़े और वर्ष 2028 तक प्रदेश को देश की 'मिल्क कैपिटल' बनाया जाये। गो- संरक्षण और गो-संवर्धन सरकार की प्राथमिकता है और इसके लिए निरंतर कार्य किये जा रहे हैं।जनसंपर्क अधिकारी पंकज मित्तल ने शुक्रवार को बताया कि मध्‍य प्रदेश में पशुपालन विभाग को गो-पालन विभाग का नाम दिया गया है। प्रदेश में देश के कुल दुग्ध उत्पादन का 9% होता है, जिसे 20% तक ले जाने का सरकार का लक्ष्य है। प्रदेश में गोवंश के लिए आहार की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए प्रतिमाह दी जाने वाली राशि को 20 रुपये से बढ़कर 40 रुपये कर दिया गया है। 'हर घर गोकुल' के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रदेश में 946 नई दुग्ध सहकारी समितियों का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री वृंदावन ग्राम योजना में प्रदेश के ग्रामों को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। दुग्ध उत्पादन और ग्रामीण आजीविका को बढ़ाने के लिए प्रत्येक जनपद में एक वृंदावन ग्राम बनाया जा रहा है।सांची ब्रांड को बनाया जा रहा अधिक लोकप्रियदुग्ध उत्पादन से अधिक आय के लिए मध्य प्रदेश दुग्ध संघ के सांची ब्रांड को अधिक लोकप्रिय बनाया जा रहा है, इसके लिए नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड से करार भी किया गया है। प्रदेश में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के साथ दुग्ध उत्पादों की बेहतर ब्राडिंग, गोवंश की समुचित देखभाल, वेटनरी क्षेत्र में आवश्यक प्रशिक्षण और उन्नत अधोसंरचना स्थापित करने में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की विशेषज्ञता का हरसंभव लाभ लिया जा रहा है। वर्ष 2030 तक प्रदेश के 26 हजार गांवों तक डेयरी नेटवर्क का विस्तार सुनिश्चित किया जाना है। इससे 52 लाख किलोग्राम दुग्ध संकलन होगा। बढ़े हुए दुग्ध संकलन का समुचित उपयोग सुनिश्चित करने के लिए आधुनिकतम दुग्ध प्रसंस्करण अवसंरचना विकसित की जाएगी। प्रदेश में निर्मित होने वाले दुग्ध उत्पादों की राष्ट्रीय स्तर पर ब्राडिंग सुनिश्चित की जाएगी।पशुपालन और डेयरी विकास के लिए नई योजनाएं शुरूप्रदेश में पशुपालन और डेयरी विकास के लिए सरकार द्वारा नई योजनाएं शुरू की गई हैं। डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना में पशुपालक को 25 दुधारू पशु गाय, संकर गाय, भैंस की इकाई प्रदान की जाएगी। इस इकाई की लागत 36 से 42 लाख रुपए के बीच रहेगी। योजना में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के हितग्राहियों के लिए 33 प्रतिशत एवं अन्य वर्ग के लिए 25% अनुदान की व्यवस्था की गई है। सरकार अब सिर्फ भैंस का नहीं गाय का दूध भी खरीदेगी। गाय के दूध की खरीद की कीमत बढ़ाई जाएगी। प्रदेश में "स्वावलंबी गो-शालाओं की स्थापना नीति 2025" भी लागू की गई है। इसके अंतर्गत नगरीय क्षेत्र में उपलब्ध गो वंश के आश्रय एवं भरण पोषण के लिए 05 हजार गो-वंश से अधिक की क्षमता वाली वृहद गो-शालाएं नगर निगम ग्वालियर, उज्जैन, इंदौर, भोपाल और जबलपुर में स्थापित की जा रही हैं।दुग्ध उत्पादन में निरंतर वृद्धिगो-संरक्षण एवं संवर्धन के क्षेत्र में मध्यप्रदेश देश का अग्रणी राज्य बन गया है। मुख्यमंत्री दुधारू पशु योजना, कामधेनु निवास योजना, मुख्यमंत्री डेयरी प्लस कार्यक्रम, नस्ल सुधार कार्यक्रम के साथ ही विभिन्न केंद्रीय योजनाओं का प्रदेश में प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है। इन योजनाओं के माध्यम से प्रदेश में न केवल गोवंश का समुचित पालन-पोषण किया जा रहा है, अपितु दुग्ध उत्पादन में भी निरंतर वृद्धि हो रही है।स्वाबलंबी गो-शालाओं की स्थापना नीति पर तेजी से कार्यप्रदेश में स्वाबलंबी गो-शालाओं की स्थापना नीति पर तेज गति से कार्य किया जा रहा है। योजना के अंतर्गत प्रदेश में 28 स्थान चिन्हित किए गए हैं तथा 8 स्वयं सेवी संस्थाओं को भूमि भी आबंटित भी की जा चुकी है। योजना में 5000 एवं अधिक गो-वंश के पालन पर शासन की ओर से 130 एकड़ तक भूमि आवंटित किए जाने का प्रावधान है। गो-शालाओं के लिए चारा-भूसा अनुदान योजना के अंतर्गत इस वित्त वर्ष में विभिन्न गो-शालाओं को 133.35 करोड रुपए दिए गए हैं। गत वर्ष इस योजना में 270.40 करोड़ रुपए गो-शालाओं को अनुदान के रूप में दिए गए थे। प्रदेश में गो संवर्धन बोर्ड के अंतर्गत 2942 गो-शालाएं पंजीकृत हैं, जिनमें 2828 गो-शालाएं संचालित हैं। इन गो-शालाओं में 04 लाख 22 हजार गो-वंश का पालन-पोषण किया जा रहा है। गत एक वर्ष में प्रदेश में कुल 623 गौशालाएं पंजीकृत हुई हैं, जिनमें 596 गौशालाएं मनरेगा योजना के अंतर्गत बनाई गई हैं तथा 27 का संचालन स्वयंसेवी संस्थाएं कर रही हैं।मध्‍य प्रदेश के 14 जिलों में संचालित की जा रही मुख्यमंत्री दुधारु पशु योजनाप्रदेश में अति पिछड़े बैगा, सहरिया और भारिया जनजाति के पशुपालकों के लिए प्रदेश के 14 जिलों में मुख्यमंत्री दुधारु पशु योजना संचालित की जा रही है, जिसके अंतर्गत सरकार द्वारा 90% अनुदान पर प्रत्येक हितग्राही को दो-दो मुर्रा भैंस/ गाय प्रदान की जाती है। योजना में गत वर्ष 660 के विरुद्ध 639 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया था तथा इस वर्ष 483 को पशु प्रदान किए जाने का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री डेयरी प्लस कार्यक्रम प्रदेश में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में सीहोर विदिशा तथा रायसेन जिलों में चलाया जा रहा है। केंद्र सरकार के राष्ट्रीय गोकुल मिशन के अंतर्गत प्रदेश में कुल 1500 " मैत्री" की स्थापना के लिए 12 करोड़ 15 लख रुपए की राशि प्राप्त हुई है। प्रदेश में कृत्रिम गर्भाधान के माध्यम से पशु नस्ल सुधार के लिए निरंतर कार्य किया जा रहा है।

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल। मध्य प्रदेश में मानसून इस बार पूरे जोर-शोर से सक्रिय है। प्रदेश में अब तक औसतन 32.4 इंच बारिश दर्ज की जा चुकी है, जो पूरे मानसून सीजन के तय कोटे का लगभग 87 प्रतिशत है। लगातार सक्रिय हो रहे तीन बड़े सिस्टम मानसून ट्रफ, डिप्रेशन और साइक्लोनिक सर्कुलेशन की वजह से बारिश का सिलसिला जारी है। मौसम विभाग ने अगले पांच दिनों तक प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में भारी से अति भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। उल्‍लेखनीय है कि बुधवार को कई जिलों में झमाझम बारिश हुई। रतलाम और दमोह में हालात सबसे ज्यादा प्रभावित रहे। रतलाम में नौ घंटे के भीतर तीन इंच पानी बरस गया, जिससे सड़कों पर नदियों जैसा नजारा बन गया। दमोह में ढाई इंच तक पानी गिरा। वहीं इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन समेत 30 से ज्यादा जिलों में बारिश का दौर बना रहा। बारिश के चलते नदी-नाले उफन गए और कई निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए।मानसून ट्रफ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन कर रहे असरमौसम विशेषज्ञों के अनुसार इस समय प्रदेश पर तीन बड़े सिस्टम सक्रिय हैं। एक ट्रफ रेखा बैतूल से मंडला की ओर गुजर रही है, जिससे लगातार नमी खिंचकर आ रही है। वहीं, उत्तर-पूर्व अरब सागर में बना साइक्लोनिक सर्कुलेशन भी दक्षिण और पश्चिमी जिलों में बारिश बढ़ा रहा है। इन परिस्थितियों के चलते प्रदेश में मानसूनी गतिविधियां अगले पांच दिनों तक बनी रहने की संभावना है।12 जिलों में यलो अलर्ट, 27 शहरों में भारी बारिश की संभावनागुरुवार के लिए मौसम विभाग ने कुल 12 जिलों में भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। इनमें नीमच, मंदसौर, आगर-मालवा, राजगढ़, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, श्योपुर, उमरिया, शहडोल, डिंडौरी और अनूपपुर शामिल हैं। इन जिलों में अगले 24 घंटों के दौरान ढाई से साढ़े चार इंच तक पानी गिर सकता है। वहीं बैतूल, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, छिंदवाड़ा और पांढुर्णा जैसे जिलों में अति भारी बारिश का खतरा जताया गया है। इसके अलावा रायसेन, सीहोर, नर्मदापुरम, हरदा, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, शाजापुर, अनुपपुर, जबलपुर, नरसिंहपुर, सिवनी, मंडला और बालाघाट में भारी बारिश होने के आसार हैं। राजधानी भोपाल सहित 27 अन्य शहरों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ आंधी-तूफान और बिजली गिरने की भी चेतावनी दी गई है।मौसम वैज्ञानिक दीपक शाक्‍य ने गुरुवार बताया कि प्रदेश में रतलाम-धोलावाड, झाबुआ, अलीराजपुर, धार-मांडू, उज्जैन, शिवपुरी , गुना, अशोकनगर, विदिशा, रायसेन-भीमबेटका-सांची, सागर, दमोह, निवाड़ी-ओरछा, टीकमगढ़, छतरपुर-खजुराहो, पन्ना, सिंगरौली में बिजली के साथ मध्यम बारिश जारी रहने की संभावना है, साथ ही नीमच में हल्की बारिश होने की संभावना है। उन्‍होंने बताया मंदसौर-गांधी सागर, बड़वानी-बावनगजा, खरगोन-महेश्वर, खंडवा-ओंकारेश्वर, बुरहानपुर, इंदौर, देवास, सीहोर, आगर, राजगढ़, शाजापुर, भोपाल-बैरागढ़, ग्वालियर, दतिया-रतनगढ़, हरदा, नर्मदापुरम-पचमढ़ी, बैतूल, छिंदवाड़ा, पांढुर्ना, नरसिंहपुर, सिवनी, बालाघाट, सतना-चित्रकूट, मऊगंज, सीधी, देर रात रीवा, जबलपुर कहीं कम और कुछ अधिक वर्षा हुई है।औसत से ज्यादा बारिशएक जून से 20 अगस्त 2025 तक प्रदेश में सीजन की औसत बारिश से 22 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई है। पूर्वी मध्य प्रदेश में औसत से 25 प्रतिशत अधिक और पश्चिमी मध्य प्रदेश में 20 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। इसका असर खेती-किसानी पर भी सकारात्मक दिख रहा है, हालांकि कहीं-कहीं जलभराव से नुकसान की खबरें भी आई हैं। मौसम विभाग का कहना है कि अगले पांच दिन तक पूर्वी और दक्षिणी हिस्सों में जोरदार बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। पश्चिमी मध्यप्रदेश के जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है। साथ ही, बिजली गिरने और आंधी-तूफान की स्थिति भी बनी रह सकती है। विभाग ने लोगों को सतर्क रहने और नदियों-नालों के आसपास अनावश्यक आवाजाही से बचने की सलाह दी है।निचले इलाकों में अलर्टलगातार भारी बारिश के चलते कई जिलों में निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन रहे हैं। प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत दल तैनात कर दिए हैं। नर्मदा और उसकी सहायक नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। श्योपुर, शिवपुरी, मंदसौर और नीमच जिलों में प्रशासन ने विशेष निगरानी शुरू कर दी है। मौसम विभाग का स्पष्ट अनुमान है कि अगस्त के अंत तक प्रदेश के ज्यादातर हिस्से भीगते रहेंगे। ऐसे में जनता को सावधानी बरतने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की जरूरत है।

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शिवपुरी । मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में गुरुवार तड़के बस सड़क हादसे का शिकार हाे गई। यहां देहात थाना क्षेत्र में एनएच-46 पर उज्जैन से दिल्ली जा रही बस पाेल और पुलिया से टकरा गई। हादसे में बस सवार 20 यात्री घायल हुए, जबकि बस का सेकेंड ड्राइवर गंभीर रूप से घायल हो गया। घायलों को जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।   जानकारी के अनुसार, मां वैष्णो ट्रेवल्स की बस क्रमांक यूपी 75 सीटी 5446 उज्जैन से दिल्ली जा रही थी। बस बुधवार की रात करीब 8:30 बजे यात्रियों को लेकर उज्जैन से दिल्ली के लिए रवाना हुई थी।  गुरुवार तड़के सुबह 4:10 बजे एनएच-46 पर ग्राम रायश्री में कृष्णा ढाबा के पास बस अनियंत्रित होकर पहले सड़क पर लगे पोल और उसके बाद पुलिया से टकरा गई। सुबह का समय हाेने के कारण यात्री साे रहे थे। अचानक हुए हादसे से सभी घबरा गए। हादसे की सूचना मिलते ही देहात थाना प्रभारी जितेन्द्र मावई पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने यात्रियों को बस से बाहर निकालकर एंबुलेंस की मदद से अस्पताल भेजा। वहीं, ड्राइवर सीट पर फंसे सेकेंड ड्राइवर को क्रेन की मदद से निकाला गया। हादसे में बस चालक सहित कुल 20 यात्री घायल हो गए। हादसे में सेकेंड ड्राइवर दिनेश गंभीर रूप से घायल हुआ है। कई यात्रियों के हड्डी टूटने (फ्रैक्चर) की भी जानकारी सामने आई है। गंभीर रूप से घायल चार लोगों को उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है। देहात पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और हादसे की जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि ड्राइवर की लापरवाही और बस की गति नियंत्रण में न होना दुर्घटना का कारण प्रतीत हो रहा है।   यात्री रणजीत सिंह (हाथरस, यूपी) ने बताया कि सुबह 3:45 बजे उनकी नींद खुली तो उन्होंने देखा कि बस का मेन ड्राइवर सो रहा था और सेकेंड ड्राइवर दिनेश बस चला रहा था । रफ्तार धीमी थी लेकिन बस बार-बार नियंत्रण खो रही थी और कई बार सड़क से नीचे भी उतर गई। रणजीत ने मेन ड्राइवर को जगाने की कोशिश की लेकिन वह नहीं जागा। कुछ देर बाद 4:10 बजे बस पोल और पुलिया से टकराकर रुक गई।   घायलों के नाम बस चालक बृजभूषण पुत्र श्रीलाल शर्मा पूजा पत्नी सुमित शर्मा उम्र 38 साल अनामिका पुत्री राजेंद्र पाठक उम्र 38 साल प्रदीप पुत्र जगदीश उम्र 24 साल आरती पत्नी दिनेश तोमर उम्र 45 साल मेघा पत्नी शुभम कश्यप उम्र 29 साल शुभम पुत्र मोहनलाल कश्यप उम्र 31 साल भावना पत्नी धर्मेन्द्र पाटीदार उम्र 33 साल सुशीला पत्नी मोहन पाटीदार उम्र 53 साल जया पत्नी प्रदीप पाटीदार उम्र 27 साल कविता पत्नी प्रकाश उम्र 33 साल राकेश पुत्र ब्रजमोहन जाटव उम्र 32 साल मुन्नालाल पुत्र रामचरण उम्र 62 साल अक्षत सिंह पुत्र वासुदेव सिकरवार मनोरमा पत्नी मुन्नालाल उम्र 50 साल दिनेश पुत्र राजेश उम्र 47 साल महेश पुत्र गेंदालाल पाटीदार उम्र 59 साल सतवीर पुत्र ब्रजपाल उम्र 26 साल रूपेश पुत्र प्रकाश चंद्र उम्र 45 साल रैवर पुत्र मोहम्मद रफीक खान उम्र 26 साल      

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भोपाल। जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर की शान मानी जाने वाली डल झील अगले तीन दिनों तक खेल और उत्सव के रंगों में रंगी रहेगी। इस ऐतिहासिक और खूबसूरत झील में आज गुरुवार से शुरू हुआ पहला “खेलो इंडिया वॉटर स्पोर्ट्स फेस्टिवल-2025” न केवल खिलाड़ियों के हुनर की परीक्षा है, बल्कि जल क्रीड़ाओं को नई पहचान देने का भी प्रयास है। तीन दिवसीय इस आयोजन में देश के कोने-कोने से आए करीब 400 खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। रोइंग, क्याकिंग-केनोइंग, वॉटर स्कीइंग, ड्रैगन बोट रेस और शिकारा स्प्रिंट जैसी स्पर्धाएं झील की लहरों पर खिलाड़ियों की ताकत और संतुलन की कहानी लिखेंगी। शिकारा स्प्रिंट को डेमो खेल के रूप में रखा गया है, जो कश्मीर की सांस्कृतिक पहचान को खेल के मंच पर भी प्रदर्शित करेगा।मध्य प्रदेश का 54 सदस्यीय दल शामिल इस आयोजन में मध्य प्रदेश का 54 सदस्यीय दल भी शामिल है, जिसमें 44 खिलाड़ी और 10 सहयोगी स्टाफ हैं। प्रदेश के खिलाड़ी इस राष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण प्रतियोगिता में रोइंग और क्याकिंग-केनोइंग स्पर्धाओं में राज्य का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। दल का नेतृत्व वॉटर स्पोर्ट्स रोइंग अकादमी के मुख्य प्रशिक्षक दलबीर सिंह कर रहे हैं। खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने मप्र के खिलाड़ियों को लेकर कहा है कि उन्‍हें उम्मीद है कि खिलाड़ी शानदार प्रदर्शन कर प्रदेश का गौरव बढ़ाएँगे।खेल और पर्यटन का अनोखा संगमडल झील का नाम सुनते ही पर्यटकों की आंखों के सामने शिकारे और हाउसबोट की तस्वीर उभर आती है। झील की यही पहचान अब खेलों के नए इतिहास से जुड़ रही है। इस आयोजन से जहां खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं जैसा अनुभव मिलेगा, वहीं पर्यटन को भी नया आयाम मिलेगा। आयोजकों का कहना है कि झील का शांत और आकर्षक वातावरण खिलाड़ियों को प्रेरित करेगा और दर्शकों के लिए यह खेल किसी उत्सव से कम नहीं होगा।पांच खेलों की स्पर्धाएं, डेमो खेल भी शामिलइस फेस्टिवल में कुल 5 खेलों का आयोजन किया जा रहा है। इनमें रोइंग, क्याकिंग-केनोइंग (पदकीय स्पर्धा), वॉटर स्कीइंग, ड्रैगन बोट रेस और शिकारा स्प्रिंट (डेमो खेल) शामिल हैं। आयोजन में देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के खिलाड़ी भाग ले रहे हैं। डल झील की प्राकृतिक खूबसूरती और पर्यावरणीय महत्व को देखते हुए इस आयोजन को पर्यटन और खेलों का संगम माना जा रहा है। आयोजन समिति का मानना है कि इससे न केवल जल क्रीड़ाओं को नई पहचान मिलेगी बल्कि स्थानीय स्तर पर भी खेल संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा।नए सपनों की उड़ानउल्‍लेखनीय है कि 'खेलो इंडिया वॉटर स्पोर्ट्स फेस्टिवल-2025' केवल एक प्रतियोगिता नहीं है, यह उन युवा खिलाड़ियों के लिए मंच है जो मेहनत और समर्पण से अपने भविष्य को आकार दे रहे हैं। झील पर हर चप्पू का स्ट्रोक, हर नाव की रफ्तार और हर खिलाड़ी का संतुलन इस बात की गवाही देगा कि भारत में जल क्रीड़ाओं का भविष्य उज्ज्वल है।

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भोपाल । संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) की कंट्री हेड एंड्रिया एम. वोज्नार ने बुधवार को मध्‍य प्रदेश की राजधानी भोपाल के तुलसी नगर स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास का दौरा किया। उनके साथ अपर परियोजना प्रबंधक मनीषा सेथिया और जनसंख्या कोष के स्टेट हेड सुनील जैकब भी थे। प्रतिनिधियों ने छात्रावास में पढ़ने वाली बालिकाओं से चर्चा की। यूएनएफपीए एवं स्कूल शिक्षा विभाग की संयुक्त पहल से बालिकाओं के सशक्तिकरण के लिये एक मॉड्यूल तैयार किया गया है, जिसका नाम “सशक्त” है। छात्रावास में आकर्षक प्रदशर्नी के माध्यम से हिंसा से बचाव, उनके अधिकारों, पॉक्सो एक्ट और शारीरिक स्वच्छता के संबंध में बालिकाओं को जानकारी दी गई है। जनसंख्या कोष बालिका छात्रावास में बालिकाओं के उन्मुखीकरण के लिये विषय-विशेषज्ञों की उपस्थिति में लगातार वर्कशॉप भी कर रहा है। कंट्री हेड एंड्रिया एम. वोज्नार और स्टेट हेड सुनील जैकब ने लोक शिक्षण विभाग की आयुक्त शिल्पा गुप्ता से मुलाकात कर यूथ एवं एडोलसेंट प्रोग्राम के बारे में जानकारी प्राप्त की। बैठक में यूएनएफपीए से अपेक्षा की गई कि कार्यक्रम का विस्तार प्रदेश के अन्य सरकारी स्कूलों में भी किया जाये। इससे सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली बालिकाओं में आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने की भावना मजबूत होगी। वे अपने अच्छे करियर की तरफ भी बढ़ सकेंगी। 

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भोपाल । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के त्रिलंगा स्थित फॉरच्यून प्राइड सिटी कॉलोनी में बुधवार काे नगर निगम की टीम काॅलाेनी का मुख्य गेट ताेड़ने पहुंची। निगम की टीम काे देखते ही रहवासी विराेध करने लगे और कार्रवाई काे पूरी तरह से गलत बताया। लोगों का कहना था कि बिना नोटिस और समय दिए कार्रवाई की जा रही है, जो गलत है।   दरअसल त्रिलंगा ई-8 में फॉरच्यून प्राइड सिटी है। कवर्ड कैम्पस की इस कॉलोनी में 50 से अधिक घर है। मुख्य रास्ते पर गेट बना है। इसे अवैध बताते हुए बुधवार दोपहर 12 बजे निगम की टीम कार्रवाई करने पहुंची। इसी दौरान कई महिला-पुरुष विरोध में सड़क पर उतर गए। करीब दो घंटे से कॉलोनी के लोग विरोध जता रहे हैं। उनका कहना है कि गेट तोड़ने से पहले न तो नोटिस मिला और न ही समय दिया गया। मंगलवार को निगम की टीम जरूर आई थी, उनका कहा था कि बुधवार को कार्रवाई करेंगे। हम समय चाहते हैं ताकि, मामले का उचित निराकरण हो सके।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में इस समय मानसून पूरी तरह सक्रिय है और इसका असर प्रदेश के लगभग हर हिस्से में देखा जा रहा है। मौसम विभाग ने बुधवार को जबलपुर और रतलाम समेत कुल 23 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। वहीं राजधानी भोपाल, इंदौर, उज्जैन और ग्वालियर जैसे बड़े शहरों में भी हल्की से मध्यम बारिश के आसार हैं। अनुमान है कि आने वाले चार से पांच दिनों तक प्रदेश का मौसम इसी तरह बना रहेगा।मौसम विभाग के अनुसार इस समय प्रदेश में मानसून टर्फ, डिप्रेशन और साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम सक्रिय है। यही कारण है कि कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश हो रही है। विशेषज्ञों ने बताया कि प्रदेश के निचले हिस्से से होकर एक ट्रफ लाइन गुजर रही है। इसके अलावा, उत्तर-पूर्व अरब सागर में साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है। इन दोनों मौसमीय परिस्थितियों के चलते दक्षिण और पश्चिमी जिलों में तेज बारिश का दौर जारी है। इसी वजह से मौसम विभाग ने बुधवार के लिए नीमच, मंदसौर, रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर, धार, बड़वानी, खरगोन, बुरहानपुर, खंडवा, हरदा, सीहोर, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, जबलपुर, सिवनी, डिंडौरी, मंडला और बालाघाट जिलों में यलो अलर्ट जारी किया है। यह चेतावनी 25 अगस्त तक जारी रहने की संभावना है।पश्चिमी मध्यप्रदेश में अति भारी बारिश की आशंकामौसम विभाग का कहना है कि अगले पांच दिनों तक पश्चिमी मध्य प्रदेश के कई जिलों में अति भारी बारिश की स्थिति बन सकती है। पिछले 24 घंटों से लगातार हो रही बारिश ने कई स्थानों पर बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। भोपाल और इंदौर जैसे बड़े शहरों में भी इसका असर साफ दिखा। मंगलवार को पूरे दिन बादल छाए रहे। शाम को तेज बारिश ने रिकॉर्ड तोड़ हालात बना दिए और शहर के कई हिस्से जलमग्न हो गए।बारिश के मामले में भीमपुर सबसे आगेपिछले 24 घंटे की बात करें तो बैतूल जिले के भीमपुर में सबसे अधिक 175 मिमी बारिश दर्ज की गई। वहीं छिंदवाड़ा के सौसर में 132.5 मिमी पानी गिरा। इसके अलावा कुरई, पांढुर्णा और पुनासा में भी अच्छी खासी बारिश दर्ज की गई। प्रदेश के अन्य जिलों में भी बारिश का असर देखा गया। ग्वालियर, उज्जैन, खरगोन, सिवनी, मंडला, दमोह, बैतूल और गुना जैसे जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा हुई।तापमान में भारी उतार-चढ़ावतेज बारिश के बीच तापमान में भी उतार-चढ़ाव दर्ज किया गया। ग्वालियर में सबसे अधिक 35 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा, जबकि दतिया में 34.6 डिग्री, नर्मदापुरम में 34.4 डिग्री और छतरपुर में 34.2 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज हुआ। जबलपुर का 32.6 डिग्री, भोपाल का 32.2 डिग्री, उज्जैन का 31.5 डिग्री और इंदौर का 29 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ. वहीं खंडवा सबसे ठंडा रहा, जहां न्यूनतम तापमान केवल 16 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पचमढ़ी में तापमान 19.6 डिग्री तक पहुंच गया।आंधी और बिजली के साथ बारिश का अलर्टमौसम विभाग के वैज्ञानिक देवेश सिंह ने चेतावनी दी है कि उज्जैन-महाकालेश्वर, रतलाम-धोलावाड़, झाबुआ, धार-मांडू, इंदौर, बड़वानी-बावनगजा, सागर और दमोह में आंधी और बिजली के साथ भारी बारिश हो सकती है। इसके अलावा अलीराजपुर, आगर, शाजापुर, नरसिंहपुर, खरगोन-महेश्वर, खंडवा-ओंकारेश्वर, देवास, हरदा, बुरहानपुर, रायसेन-सांची-भीमबेटका में मध्यम गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना है। बालाघाट, पांढुर्णा-पेंच, सिवनी, सीहोर, भोपाल-बैरागढ़, जबलपुर-भेड़ाघाट, मंडला-कान्हा, राजगढ़, डिंडौरी, मंदसौर-गांधीसागर अभयारण्य, नर्मदापुरम-पचमढ़ी, बैतूल, छिंदवाड़ा, अनूपपुर-अमरकंटक, सिंगरौली, सीधी, शहडोल-बाणसागर बांध और उमरिया-बांधवगढ़ में भी हल्की बारिश के साथ बिजली गिरने का खतरा जताया गया है।उल्‍लेखनीय है कि मंगलवार को इंदौर में लगातार नौ घंटे तक बारिश होती रही। इस दौरान शहर में ढाई इंच से अधिक पानी गिरा। वहीं भोपाल में शाम के समय तेज बारिश का दौर चला, जिसने शहर के कई हिस्सों को जलमग्न कर दिया। रायसेन और नर्मदापुरम में आधा इंच वर्षा दर्ज की गई।

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में मानसून फिर से सक्रिय हो गया है। बारिश के स्ट्रॉन्ग सिस्टम की वजह से अगस्त महीने के आखिरी दिनों में पूरा प्रदेश भीगेगा। राजधानी भोपाल समेत इंदौर, जबलपुर और नर्मदापुरम संभाग के जिलों में ज्यादा असर देखने को मिलेगा। यहां 21 अगस्त से अति भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। इससे पहले भी बारिश की गतिविधियां जारी है। आज मंगलवार को 9 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट है।मौसम विभाग के मुताबिक, प्रदेश से एक मानसून टर्फ गुजर रही है। इस वजह से इंदौर-उज्जैन संभाग में तेज बारिश हो रही है। वहीं, दो साइक्लोनिक सर्कुलेशन, दो टर्फ और एक लो प्रेशर एरिया भी एक्टिव है। इस कारण अगले तीन दिनों तक राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश की संभावना है। विशेष रूप से देवास, हरदा, खंडवा और बुरहानपुर में अति भारी बारिश की संभावना है। यहां 24 घंटों में 8.5 इंच तक बारिश हो सकती है। जबकि अगले 24 घंटे में अलीराजपुर, बड़वानी, खरगोन, बैतूल, छिंदवाड़ा और पांढुर्णा में भारी बारिश हो सकती है। यहां साढ़े 4 इंच तक पानी गिरने का अनुमान है। इसके बाद सिस्टम और स्ट्रॉन्ग होगा। 21 और 22 अगस्त को दक्षिणी और पूर्वी हिस्सा तरबतर हो जाएगा।प्रदेश में सोमवार को कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश का दौर जारी रहा। इंदौर में 1 इंच से ज्यादा पानी गिर गया। वहीं, उज्जैन में करीब एक इंच और दमोह में आधा इंच बारिश हो गई। राजधानी भोपाल में दोपहर बाद कभी तेज तो कभी रिमझिम बारिश जारी रही। शाजापुर, रतलाम, खरगोन, बड़वानी, धार, बैतूल, गुना, नर्मदापुरम, रायसेन, जबलपुर, मंडला, नरसिंहपुर, सतना, उमरिया, देवास, सीहोर, राजगढ़, विदिशा समेत कई जिलों में भी भी हल्की बारिश हुई। रात में भी बारिश का दौर जारी रहा। बता दें कि प्रदेश में अब तक औसत 31.5 इंच बारिश हो चुकी है।

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भोपाल । राजधनी सहित पूरे प्रदेश में न्यायिक और गैर न्यायिक विभाजन से नाराज तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने अपनी हड़ताल खत्म कर दी है। मंगलवार से भोपाल के सभी तहसीलदार और नायब तहसीलदार काम पर लौट आए है। हड़ताल के चलते राजधानी की तहसीलों में करीब छह हजार से अधिक प्रकरण लंबित हो गए हैं। अब इनका निराकरण करने तहसीलदारों के लिए बड़ी चुनौती रहेगी। बता दें कि मप्र राजस्व अधिकारी (कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा) संघ के नेतृत्व में हड़ताल की जा रही थी।    दरअसल, न्यायिक और गैर न्यायिक विभाजन से नाराज तहसीलदार पिछले 13 दिन यानी, 6 अगस्त से ही काम बंद विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। सोमवार को राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा एवं विभाग के सीनियर अधिकारियों से मुलाकात के बाद उन्होंने काम पर लौटने का निर्णय लिया। जिसके बाद मंगलवार को भोपाल में सभी तहसीलदार और नायब तहसीलदार काम पर लौट आए। बता दें कि भोपाल में नामांतरण, सीमांकन, फौती नामांतरण, मूल निवासी, जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, ईडब्ल्यूएस सहित करीब 500 से अधिक मामले रोजाना आते हैं। इसके अलावा हर दिन करीब 300 प्रकरणों में तहसीलदार, नायब तहसीलदार सुनवाई करते हैं। इस वजह से दो दिन में ही 600 से ज्यादा केस की पेशियां आगे बढ़ा दी गई है। अब तक पेंडिंग केस का आंकड़ा 6 हजार तक पहुंच गया है।भोपाल में बैरागढ़, कोलार, एमपी नगर, शहर वृत्त, बैरसिया और टीटी नगर तहसील हैं। इनके तहसीलदार और नायब तहसीलदारों को न्यायिक और गैर न्यायिक कार्य में विभाजित किया है। यानी, जो अधिकारी न्यायिक कार्य कर रहे हैं, वे फिल्ड में नहीं है। वहीं, फिल्ड वाले अधिकारी न्यायिक कार्य नहीं कर रहे। इस व्यवस्था का वे भी विरोध कर रहे थे। इसके साथ ही कुल 8 मांगों को लेकर विरोध किया जा रहा था। इनमें से 7 मांगों पर सहमति बनने के बाद मंगलवार से तहसीलदार और नायब तहसीलदार काम पर लौट आए।प्रमुख बिंदुओं पर बनी सहमति   संघ के पदाधिकारियों और अफसरों के बीच दो घंटे से अधिक समय तक बैठक चली। इसमें न्यायिक और गैर न्यायिक शब्दावली में बदलाव किया जाएगा। संघ का प्रस्ताव है कि गैर न्यायिक शब्द हटाया जाए, जिसके स्थान पर कार्यपालिक दंडाधिकारी शब्द का उपयोग किया जाएगा। इस पर शासन ने सहमति दी है। जिलों में अभी लागू की गई व्यवस्था में जिला मुख्यालय में पदस्थ और फील्ड में पदस्थ तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों की संख्या पर की गई आपत्ति को भी शासन ने बदलने की सहमति दी है। अब कलेक्टरों से अभिमत लेकर संख्या तय की जाएगी। राजस्व अधिकारियों को रेवेन्यू कोर्ट का मर्जर नहीं करने का भी आश्वासन मिला है। तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों के ग्रेड-पे के मुद्दे पर कोई सहमति नहीं बनी है। इसके लिए अलग से चर्चा करने की बात शासन के अधिकारियों ने की है।  

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अनूपपुर । मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में कोतमा वन परिक्षेत्र के डूमरकछार के पौराधार में साेमवार देर रात एक किसान भालू के हमले का शिकार हो गया। प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने उन्हें बेहतर इलाज के लिए जिला चिकित्सालय अनूपपुर रेफर कर दिया। वर्तमान में उनकी स्थिति खतरे से बाहर है। वहीं वन विभाग ने मंगलवार काे पीड़ित को प्रारंभिक सहायता राशि भी प्रदान की है। जानकारी अनुसार 51 वर्षीय आनंदराम यादव साेमवार रात अपनी बांड़ी में लगे भुट्टे की फसल की रखवाली कर रहा था। इस दौरान एक मादा भालू अपने शावक के साथ मक्का खाने आई। किसान ने जब शोर मचाया तो भालू ने उन पर हमला कर दिया। भालू ने उनके बाएं हाथ को अपने मुंह और नाखूनों से घायल कर दिया। इस बीच भालू का शावक भी आनंदराम के कंधे पर रखे कंबल को नोचता रहा। शोर-शराबे के बाद मादा भालू शावक के साथ पास के जंगल की ओर भाग गई। घायल आनंदराम को पहले बिजुरी चिकित्सालय ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने उन्हें बेहतर इलाज के लिए जिला चिकित्सालय अनूपपुर रेफर कर दिया। वर्तमान में उनकी स्थिति खतरे से बाहर है। घटना की सूचना मिलते ही कोतमा वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण किया और चिकित्सालय में भर्ती आनंदराम की स्थिति देख कर पीड़ित को प्रारंभिक सहायता राशि दी।      

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भोपाल । मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्‍वर मंदिर में भादो मास की कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि पर सोमवार तड़के भस्म आरती के दौरान जलाभिषेक और पंचामृत पूजन के बाद जटाधारी भगवान महाकाल को भांग, रजत चंद्र मुकुट और रुद्राक्ष की माला अर्पित कर राजा स्वरूप में श्रृंगार किया गया। वहीं शाम को उज्जैन में भगवान महाकाल राजसी (शाही) सवारी धूमधाम से निकाली जाएगी। इसमें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी शामिल होंगे। सात किलोमीटर लंबे सवारी मार्ग में 10 ड्रोन से रजत पालकी पर पुष्पवर्षा की जाएगी।   महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि सोमवार तड़के 4 बजे मंदिर के पट खोले गए। पंडितों ने गर्भगृह में स्थापित सभी देव प्रतिमाओं का पूजन कर भगवान महाकाल का जलाभिषेक किया। इसके बाद दूध, दही, घी, शक्कर और फलों के रस से पंचामृत पूजन हुआ। प्रथम घंटाल बजाकर प्रवेश के बाद भगवान का ध्यान कर ‘हरिओम’ मंत्र के साथ जल अर्पित किया गया। कपूर आरती के बाद भगवान के मस्तक पर भांग-चंदन और त्रिपुंड अर्पित कर श्रृंगार पूरा किया गया। इसके बाद महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से भगवान महाकाल के शिवलिंग पर भस्म अर्पित की गई। इसके बाद भगवान को शेषनाग का रजत मुकुट, रजत की मुण्डमाल, रुद्राक्ष की माला और सुगंधित पुष्पों की मालाएं अर्पित की गईं। मोगरे और गुलाब की सुगंध से वातावरण महक उठा। अंत में भगवान को फल व मिष्ठान का भोग लगाया गया। बाबा महाकाल के दिव्य दर्शन का लाभ हजारो भक्तों ने लिया। इस दौरान पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल की गूंज से गुंजायमान हो गया।   उज्जैन में आज शाम श्रावण/भाद्रपद माह में निकलने वाली छठवीं एवं अंतिम राजसी सवारी निकलेगी। इस दौरान अवंतिकानाथ नगर भ्रमण कर अपनी प्रजा का हाल जानेंगे। सवारी के दौरान भगवान महाकाल छह स्वरूपों में अपने भक्तों को दर्शन देंगे। रजत पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, गजराज पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर श्री शिवतांडव, नन्दी रथ पर श्री उमा-महेश और श्री होल्कर स्टेट के मुखारविंद तथा श्री सप्तधान का मुखारविंद डोल रथ पर विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। सवारी में जनजातीय समूहों के कलाकारों द्वारा मनमोहक प्रस्तुतियां भी दी जाएंगी।   महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक प्रथम कौशिक ने बताया कि भगवान महाकाल की सावन-भाद्रपद मास की छठवीं व अंतिम सवारी आज सायं 4:00 बजे शाही अंदाज में निकाली जाएगी। सवारी निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में विधिवत भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर का पूजन-अर्चन होगा। इसके बाद भगवान रजत पालकी में विराजित होकर अपनी प्रजा के हाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकलेंगे। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों के द्वारा पालकी में विराजित भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर को सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दी जाएगी।   उन्होंने बताया कि श्री चन्द्रमौलेश्वर की पालकी सायं 04 बजे महाकालेश्वर मंदिर से प्रारंभ होकर कोट मोहल्ला, गुदरी चौराहा, बक्षीबाजार चौराहा, कहार वाड़ी, हरसिद्धीपाल से रामघाट पहुंचेगी, जहां भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर एवं श्री मन महेश का माँ क्षिप्रा के तट पर पूजन-अर्चन आरती के बाद शाही सवारी रामानुजकोट, बंबई वाले की धर्मशाला, गणगौर दरवाजा, जगदीश मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, कमरी मार्ग, टंकी चौराहा से तेलीवाड़ा कंठाल, सतीमाता मंदिर, छत्री चौक होते हुए गोपाल मंदिर पर पहुचेगी। जहाँ सिंधिया स्टेट द्वारा पररम्परानुसार पालकी में विराजित भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर का पूजन किया जाएगा। इसके बाद सवारी पटनी बाज़ार, गुदरी चौराहा, कोट मोहल्ला, महाकाल चौराहा होते हुए महाकालेश्वर मंदिर परिसर में पहुचेगी, जहां सभामंडप में सवारी का विश्राम होगा। शाही सवारी के चल समारोह का स्वरुप इस प्रकार रहेगा भगवान महाकाल की प्रमुख शाही सवारी के चल समारोह में सबसे आगे श्री महाकालेश्वर मंदिर का प्रचार वाहन चलेगा, उसके बाद यातायात पुलिस, तोपची, भगवान श्री महाकालेश्वर का रजत ध्वज, घुड़सवार, विशेष सशस्त्र बल सलामी गार्ड, स्काउट गाइड सदस्य, कांग्रेस सेवा दल, सेवा समिति बैंड के बाद उज्जैन के अतिरिक्त मध्य प्रदेश के विभिन्न शहरों से परंपरागत रूप से सवारी सम्मिलित होने वाली 70 भजन मंडलियां चल समारोह में प्रभु का गुणगान करते हुए व अपनी सेवाएं देती हुईं चलेंगी।   भजन मंडलियों के बाद नगर के साधु-संत व गणमान्य नागरिक, पुलिस बैंड, नगर सेना के सलामी गार्ड की टुकड़ी, श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी व पुरोहितगण सवारी के साथ रहेंगे। उनके बाद भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर की प्रमुख पालकी, भारत बैंड, गरुथ रथ पर विराजित श्री शिव-तांडव, रमेश बैंड, नंदी रथ पर श्री उमा महेश स्वरुप, गणेश बैंड, रथ पर श्री होल्कर स्टेट मुखारविंद, आरके बैंड, रथ पर श्री सप्तधान मुखारविंद के पश्चात राजकमल मुजिकल ग्रुप बैंड, व श्री मनमहेश स्वरुप हाथी पर विराजित होंगे। सवारी के साथ एम्बुलेन्स, विद्दयुत मंडल का वाहन, फायर ब्रिगेड, वन विभाग आदि भी सुरक्षा की दृष्टि से सम्पूर्ण सवारी मार्ग में साथ मे चलेगे, साथ ही सवारी मार्ग ओर अलग-अलग स्थानों पर भी व्यवस्था रहेगी। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव की मंशानुरूप बाबा महाकाल की शाही सवारी को भव्य स्वरुप देने के लिए 04 जनजातीय कलाकारों के दल सहभागिता करेंगे। इनमें लामूलाल धुर्वे अनूपपुर के नेतृत्व में ढुलिया जनजातीय गुदुमबाजा नृत्‍य, भुवनेश्वर से अभिजीत दास नेतृत्व में श्रृंगारी लोक नृत्‍य, सुमित शर्मा एवं साथी हरदा से डण्‍डा लोक नृत्‍य एवं साधूराम धुर्वे बालाघाट के नेतृत्व में बैगा जनजातीय करमा नृत्‍य की प्रस्तुतियां सम्मिलित हैं। यह सभी दल शाही सवारी के साथ अपनी प्रस्तुति देते हुए चलेंगे।

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अनूपपुर । प्रदेश के राजस्व विभाग के तहसीलदार, नायब तहसीलदारों ने अपनी मांगों को लेकर 6 अगस्तै से मोर्चा खोला है, जो 13वें सोमवार को दिन भी जारी हैं। जिसके चलते कामकाज ठप्प पड़ा हुआ है। हड़ताल के चलते किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में अब राजस्व विभाग हड़ताली तहसीलदार, नायब तहसीलदारों की जानकारी मांगी है। बताया जा रहा है कि प्रशासन ने हड़ताल पर बैठे सभी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। अनूपपुर जिले में तहसीलदार, नायब तहसीलदारों अपने-अपने कार्यालयों बैठे हैं किन्तुए जनता से जुडे कार्य नहीं कर रहें हैं। अनूपपुर तहसीलदार ईश्वकर प्रधान ने बताया कि यदि आदेश रद्द होता है तो सामान्य रूप से काम शुरू कर दिया जाएगा। मध्य प्रदेश राजस्व अधिकारी संघ ने राजस्व विभाग के उस फैसले का विरोध किया है। इस फैसले में तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों को न्यायिक और गैर-न्यायिक कार्यों में विभाजित कर दिया गया है। संघ के अनुसार, इस नए सिस्टम में कुछ अधिकारियों को केवल न्यायिक कार्य दिए गए हैं, जबकि अन्य को सिर्फ फील्ड वर्क करना होगा। इस अव्यवहारिक कार्य विभाजन से अधिकारियों में नाराजगी है। राजस्व अधिकारी संघ ने स्पष्ट किया है कि तहसीलदार और नायब तहसीलदार केवल आपदा प्रबंधन से संबंधित कार्यों को ही करेंगे। अन्य काम नहीं करेंगे।   उन्होंने यह भी कहा है कि वह सरकार द्वारा दिए गए वाहन भी लौटाएंगे। यह हड़ताल तब तक जारी रहेगी, जब तक मांगों पर विचार नहीं किया जाता।इस हड़ताल से भूमि रिकॉर्ड खसरा, खतौनी का पर्यवेक्षण, सत्यापन, अपडेट कराना,भूमि के स्वामित्व के हस्तांतरण और संपत्ति के विभाजन से संबंधित मामले, सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई, कोर्ट में भूमि विवादों से संबंधित मामलों की सुनवाई, तहसील के कार्यकारी मजिस्ट्रेट के रूप में सामाजिक और कानूनी व्यवस्था, पटवारी, राजस्व निरीक्षक और अन्य कर्मचारियों पर प्रशासनिक नियंत्रण, बाढ़, सूखा, या आगजनी के दौरान राहत कार्यो का प्रबंधन प्रभावित हैं।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मानसून की सक्रियता ने कई जिलों में जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। प्रदेश के 14 जिलों में मौसम विभाग ने सोमवार को भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है जिनमें देवास, हरदा, खंडवा और बुरहानपुर ऐसे जिले हैं जहां अगले चौबीस घंटों में अति भारी बारिश की संभावना जताई गई है। इंदौर, नर्मदापुरम, जबलपुर और भोपाल संभाग के अन्य दस जिलों में भी भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। प्रदेश में अब तक औसतन 31.3 इंच बारिश दर्ज की जा चुकी है जो सामान्य से 6.1 इंच ज्यादा है।भारतीय मौसम विभाग के अनुसार मानसून ट्रफ प्रदेश के पश्चिमी और दक्षिणी हिस्से से गुजर रही है और इसी के साथ लो प्रेशर एरिया भी दक्षिणी भागों में सक्रिय है जिसकी वजह से लगातार तेज बारिश का दौर बना हुआ है। यह सिलसिला अगले दो से तीन दिन तक जारी रहने की संभावना है। रविवार को भी प्रदेश के कई हिस्सों में झमाझम बारिश हुई जिसने एक ओर जहां लोगों को उमस से राहत दी वहीं कई जगह जलभराव से लोगों को परेशानी भी हुई।  मौसम वैज्ञानिक शिवांग बाकोड़े ने सोमवार को बताया कि बालाघाट, डिंडोरी, उत्तरी मंडला, बुरहानपुर में बिजली चमकने और गरज के साथ बारिश जारी रहने की संभावना है। साथ ही दक्षिणी मंडला-कान्हा, अनुपपुर-अमरकंटक, शहडोल, उमरिया-बांधवगढ़, जबलपुर-भेड़ाघाट, नरसिंहपुर, सिवनी, छिंदवाड़ा, पांढुर्ना-पेंच, बैतूल, नर्मदापुरम-पचमढ़ी, रायसेन-भीमबेटका, सीहोर, हरदा, खंडवा-ओंकारेश्वर में हल्की बारिश जारी रहने की संभावना है। देर रात खरगोन-महेश्वर, बड़वानी-बावनगजा, अलीराजपुर, गुना, श्योपुर कलां, भिंड, निवाड़ी-ओरछा, टीकमगढ़, छतरपुर-खजुराहो, सागर, सीधी में बारिश हुई है।खरगोन जिले में रूपारेल नदी में अचानक आई बाढ़ का कहर देखने को मिला, जबकि बड़वानी के सेंधवा और निवाली क्षेत्रों में तेज बारिश से कॉलोनियों में पानी भर गया और घरों तक पानी घुस आया जिससे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचना पड़ा। मुंबई-आगरा नेशनल हाईवे के बिजासन घाट में रविवार दोपहर को हुई तेज बारिश ने यातायात को प्रभावित किया, पहाड़ी से उतरते पानी के कारण सड़क फिसलन भरी हो गई और वाहनों की रफ्तार कम करनी पड़ी। श्योपुर में झमाझम बारिश ने लोगों को गर्मी और उमस से राहत दी तो धार के पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में पानी भरने से फैक्टरियों के संचालन पर असर पड़ा।राजधानी भोपाल में रविवार को बारिश नहीं हुई और धूप खिली रही जिससे उमस और गर्मी बढ़ी, वहीं दतिया, गुना, दमोह, जबलपुर और नर्मदापुरम जिलों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई। खंडवा में लगभग पौन इंच बारिश रिकॉर्ड की गई। मौसम विभाग के मुताबिक प्रदेश के कई जिलों में सामान्य से अधिक बारिश हो चुकी है। औसत बारिश जहां 25.2 इंच के आसपास होती है वहीं इस बार 31.3 इंच दर्ज की गई है। यानी अब तक 6.1 इंच अतिरिक्त पानी बरस चुका है। पश्चिमी और दक्षिणी हिस्सों में तो कई जिलों में औसत से 30 से 40 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज हो चुकी है। हालांकि पूर्वी इलाकों में अब भी सामान्य से कम बारिश हुई है और वहां की फसलों को सिंचाई पर निर्भर रहना पड़ रहा है। वहीं, दूसरी ओर लगातार भारी बारिश से कई क्षेत्रों में किसानों की चिंता भी बढ़ गई है, जबकि नर्मदापुरम और बैतूल जिलों में धान की फसल को इस बारिश से फायदा हो रहा है।दूसरी ओर प्रशासन ने संभावित आपदा को देखते हुए सभी जिलों के कलेक्टरों को अलर्ट मोड पर रखा है और एसडीआरएफ की टीमों को भी सक्रिय किया गया है। निचले इलाकों में पानी भरने की स्थिति में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि दक्षिणी मध्यप्रदेश में लो प्रेशर एरिया एक्टिव है और अगले तीन दिन तक इसका असर देखने को मिलेगा जिससे इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम और भोपाल संभाग में भारी से अति भारी वर्षा का दौर जारी रहेगा। लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्तव्यस्त है, कई जगह यातायात प्रभावित है, निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है और ग्रामीण क्षेत्रों में कच्चे मकानों के ढहने की खबरें भी आ रही हैं। नगर निगम और पंचायतों की टीमें राहत कार्यों में जुटी हुई हैं, वहीं नदी-नालों और बांधों के जलस्तर पर कड़ी नजर रखी जा रही है। लोगों से अपील की जा रही है कि वे सावधानी बरतें और बिना जरूरत के निचले क्षेत्रों में आवाजाही न करें।

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उज्जैन । श्री महाकालेश्वर भगवान की श्रावण-भाद्रपद माह में निकलने वाली सवारी के क्रम में सोमवार को बाबा महाकाल की राजसी सवारी निकलेगी। भगवान देंगे छ: स्वरूपों में दर्शन देंगे। महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक प्रथम कौशिक ने सोमवार को बताया कि रजत पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर श्री शिवतांडव, नन्दी रथ पर श्री उमा-महेश और डोल रथ पर श्री होल्कर स्टेट के मुखारविंद, व श्री सप्तधान का मुखारविंद सम्मिलित रहेगा।भगवान श्री महाकालेश्वर की शाही सवारी निकलने के पूर्व अपरान्ह 4 बजे महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में विधिवत भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर का पूजन-अर्चन होने के पश्चात रजत पालकी में विराजित होकर अपनी प्रजा के हाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकलेंगे। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों के द्वारा पालकी में विराजित भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर को सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दी जाएगी।श्री चन्द्रमोलेश्वर की पालकी महाकालेश्वर मंदिर से प्रारंभ होकर कोट मोहल्ला, गुदरी चौराहा, बक्षीबाजार चौराहा, कहार वाड़ी, हरसिद्धीपाल से रामघाट पहुचेगी। रामघाट पर पालकी में विराजित भगवान श्री चंद्रमोलीश्वर एवं गजराज पर आरूढ़ श्री मनमहेश के माँ क्षिप्रा के तट पर पूजन-अर्चन व आरती के बाद प्रमुख राजसी सवारी रामानुजकोट, बंबई वाले की धर्मशाला, गणगौर दरवाजा, खाती समाज का श्री जगदीश मंदिर, श्री सत्यनारायण मंदिर, कमरी मार्ग, टंकी चौराहा से तेलीवाडा, कंठाल, सतीमाता मंदिर, छत्री चौक, श्री गोपाल मंदिर पर पहुचेगी।जहाँ सिंधिया स्टेट द्वारा पररम्परानुसार पालकी में विराजित भगवान श्री चंद्रमोलीश्वर का पूजन किया जायेगा। उसके बाद सवारी पटनी बाज़ार, गुदरी चौराहा, कोट मोहल्ला, महाकाल चौराहा होते हुए श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर में पहुचेगी व सभामंडप में सवारी का विश्राम होगा। चल समारोह का स्वरुपश्री महाकालेश्वर भगवान की प्रमुख राजसी सवारी के चल समारोह में सबसे आगे श्री महाकालेश्वर मंदिर का प्रचार वाहन चलेगा | उसके बाद यातायात पुलिस, तोपची, भगवान श्री महाकालेश्वर जी का रजत ध्वज, घुडसवार, विशेष सशस्त्र बल सलामी गार्ड, स्काउट / गाइड सदस्य , कांग्रेस सेवा दल , सेवा समिति बैंड के बाद उज्जैन के अतिरिक्त मध्यप्रदेश के विभिन्न शहरो से परंपरागत रूप से सवारी सम्मिलित होने वाली 70 भजन मंडलियां चल समारोह में प्रभु का गुणगान करते हुए व अपनी सेवाए देती हुई चलेंगी |70 भजन मंडलियों के बाद नगर के साधू-संत व गणमान्य नागरिक, पुलिस बैंड, नगर सेना के सलामी गार्ड की टुकड़ी, श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी व पुरोहितगण सवारी के साथ रहेगे|उनके बाद श्री महाकालेश्वर भगवान (श्री चंद्रमोलीश्वर) की प्रमुख पालकी, भारत बैंड, रथ पर श्री गरुड़ पर विराजित श्री शिव-तांडव जी, रमेश बैंड, नंदी रथ पर श्री उमा महेश स्वरुप, गणेश बैंड, रथ पर श्री होल्कर स्टेट मुखारविंद, आर.के.बैंड , रथ पर श्री सप्तधान मुखारविंद के पश्यात राजकमल मुजिकल ग्रुप बैंड, व श्री मनमहेश स्वरुप हाथी पर विराजित होंगे |चलित रथ के माध्यम से दर्शनभगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी के सुगमतापूर्वक दर्शन के लिये श्री महाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति द्वारा चलित रथ की व्यवस्था की गई है। जिसके दोनों ओर एलईडी के माध्यम से सवारी का लाईव प्रसारण किया जाएगा। जिससे श्रद्धालु भगवान के दर्शनो का लाभ सकेंगे। साथ ही उज्जैन के अन्य स्थानों जैसे फ्रीगंज, नानाखेड़ा, दत्तअखाड़ा आदि क्षेत्रों पर भी सवारी के लाइव प्रसारण को देख सकेंगे व भगवान के दर्शनों का लाभ ले सकेगे।जनजातीय एवं लोक नृत्य कलाकार देंगे प्रस्तुति04 जनजातीय कलाकारों के दल श्री महाकालेश्वर भगवान की 18 अगस्त को भाद्रपद माह की दूसरी व राजसी सवारी में सहभागिता करेगा | लामूलाल धुर्वे अनूपपुर के नेतृत्व में ढुलिया जनजातीय गुदुमबाजा नृत्‍य, भुवनेश्वर से अभिजीत दास नेतृत्व में श्रृंगारी लोक नृत्‍य, सुमित शर्मा एवं साथी हरदा से डण्‍डा लोक नृत्‍य एवं साधूराम धुर्वे बालाघाट के नेतृत्व में बैगा जनजातीय करमा नृत्‍य की प्रस्तुतियां सम्मिलित है|यह सभी दल श्री महाकालेश्वर भगवान की राजसी सवारी के साथ अपनी प्रस्तुति देते हुए चलेगे | सभी जनजातीय दल संस्कृति विभाग भोपाल, जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद व ‍त्रिवेणी कला एवं पुरातत्वव संग्रहालय के माध्यम से भगवान श्री महाकालेश्वर जी की राजसी सवारी सहभागिता कर रहे है।    

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भोपाल  । मध्य प्रदेश में एक बार फिर मानसून की एंट्री हो गई है। कई जिलों में लगातार बारिश हो रही है। नदी-नाले उफान पर होने की वजह से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच मौसम विभाग ने रविवार को 14 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। आज खरगोन, खंडवा और बुरहानपुर में अति भारी बारिश हो सकती है। वहीं, इंदौर, धार, झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी, देवास, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, छिंदवाड़ा और पांढुर्णा में भारी बारिश होने की चेतावनी दी गई है। भोपाल, उज्जैन, ग्वालियर समेत अन्य जिलों में हल्की बारिश का दौर जारी रह सकता है।मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि एक मानसून टर्फ जैसलमेर, जोधपुर, कोटा से गुना-बैतूल होते हुए दक्षिणी छत्तीसगढ़ से गुजर रही है। यहीं पर लो प्रेशर एरिया (निम्न दाब क्षेत्र) की एक्टिविटी भी है। वहीं, एक अन्य टर्फ दक्षिणी हिस्से में सक्रिय है। एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन यानी, चक्रवात भी एक्टिव है। इन वजहों से प्रदेश में बारिश का दौर जारी है। 18 अगस्त के आसपास बंगाल की खाड़ी पर एक नया लो प्रेशर एरिया के सक्रिय होने की संभावना है।इससे पहले शनिवार को बड़वानी के राजपुर नगर में तेज बारिश हुई, जिससे नदी-नाले उफान पर आ गए। रूपा नदी में अचानक बाढ़ आ गई। कई लोगों की गाड़ियां और दुकानों को नुकसान पहुंचा है। खरगोन जिले में भी पहाड़ी क्षेत्र के नदी-नाले उफान पर हैं। कुंदा नदी में इस सीजन की पहली बाढ़ आई। वहीं, भोपाल, शाजापुर, खरगोन, धार, सिवनी समेत 15 जिलों में बारिश हुई। इससे बारिश का आंकड़ा भी बढ़ा है। रविवार को भी इंदौर, नर्मदापुरम, उज्जैन और जबलपुर संभाग में टर्फ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन की एक्टिविटी देखने को मिलेगी। बता दें कि प्रदेश की औसत बारिश 37 इंच है, जबकि 31 इंच पानी गिर चुका है, जो कोटे की 84 प्रतिशत है। वहीं, अब आंकड़ा कोटे से सिर्फ 6 इंच दूर है। दूसरी ओर, अब तक 6.2 इंच ज्यादा यानी, 24.8 इंच बारिश हो चुकी है।मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में तेज बारिश का दौर शुरू हो गया है, जो महीने के आखिरी तक चलता रहेगा। ऐसे में कई जिलों में बारिश का कोटा अगस्त में ही पूरा हो जाएगा। हालांकि, अब तक ग्वालियर समेत 10 जिलों में कोटा पूरा हो चुका है, लेकिन इंदौर और उज्जैन संभाग के जिलों की तस्वीर बेहतर नहीं है। वहीं, पूर्वी हिस्से यानी, जबलपुर, सागर, शहडोल और रीवा संभाग में औसत से 30 प्रतिशत और पश्चिमी हिस्से यानी, भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, चंबल और नर्मदापुरम संभाग में 20 प्रतिशत बारिश अधिक हुई है। अब तक ओवरऑल 25 प्रतिशत बारिश ज्यादा हो चुकी है।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में शनिवार को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। जैसे ही रात के 12 बजे मंदिरों में घंटियों की आवाज के साथ 'आलकी के पालकी.. जय कन्हैया लाल की' नारे गूंजने लगे। भगवान श्रीकृष्ण की विशेष आरती की गई। बाल गोपाल के दर्शन के लिए लाखों श्रद्धालु पहुंचे। वहीं, लोगों ने अपने घरों में भी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना की। छोटे बच्चों को बाल गोपाल और राधा के रूप में सजाया गया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जन्माष्टमी के अवसर पर शनिवार की सपत्नीक सांदीपनी आश्रम पहुंचे। यहां उन्होंने पूजा की। इसके बाद उन्होंने मीरा माधव मंदिर में पूजा कर देश-प्रदेश की समृद्धि की कामना की। इस अवसर पर विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, नगर निगम सभापति कलावती यादव, संजय अग्रवाल, रवि सोलंकी और श्रद्धालु उपस्थित रहे। जन्माष्टमी पर प्रदेशभर के श्रीकृष्ण मंदिरों को सजाया गया। सुबह से ही श्रद्धालु बाल गोपाल के दर्शन के लिए मंदिरों में उमड़े। उज्जैन में भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली सांदीपनि आश्रम और गोपाल मंदिर में विशेष साज-सज्जा की गई। वहीं ग्वालियर के कृष्ण मंदिर में 100 करोड़ रुपये कीमत के गहनों से भगवान का श्रृंगार किया गया। भोपाल के बिड़ला मंदिर में हजारों श्रद्धालु जन्मोत्सव मनाने पहुंचे। रतलाम के बड़ा गोपाल मंदिर में मटकी फोड़ प्रतियोगिता के दौरान आतिशबाजी की गई। मंदिरों के साथ ही अलग-अलग जगहों पर भजन-कीर्तन का दौर देर रात तक जारी रहा। कई जगहों पर मटकी फोड़ के आयोजन किए गए। राजधानी भोपाल आज पूरी तरह कृष्ण भक्ति में रंगी नजर आई। जन्माष्टमी के अवसर पर मुख्यमंत्री निवास से लेकर इस्कॉन और बिरला मंदिर तक श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। जगह-जगह शोभायात्राएं निकलीं, मंदिरों में देर रात तक भजन-कीर्तन चलता रहा और भक्त जय श्रीकृष्ण के जयकारे लगाते रहें।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में जनगणना-2027 का कार्य दो चरणों में किया जाएगा। राज्य शासन द्वारा प्रदेश में जनगणना 2027 के राष्ट्रीय महत्व के कार्य के सुचारू एवं सफल संचालन के दृष्टिगत जनगणना कार्य निदेशालय एवं राज्य शासन के विभिन्न विभागों के मध्य समन्वय एवं योजनाबद्ध रूप से कार्य करने के दृष्टिगत मुख्य सचिव अनुराज जैन की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय जनगणना समन्वय समिति का गठन किया गया है। राज्य स्तरीय जनगणना समन्वय समिति में अपर मुख्य सचिव गृह, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, नगरीय विकास एवं आवास, सामान्य प्रशासन, योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी, वित्त, प्रमुख सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, जनजातीय कार्य, राजस्व, सचिव, स्कूल शिक्षा, जनसम्पर्क, अपर सचिव गृह विभाग एवं नोडल अधिकारी निदेशक एन.आई.सी. सदस्य होंगे। निदेशक, जनगणना कार्य निदेशालय म.प्र. भोपाल को संयोजक/सदस्य सचिव बनाया गया है। जनसम्पर्क अधिकारी राजेश दाहिमा ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए बताया कि समिति दोनों चरणों में शासन के सम्बधित विभागों के मध्य अपेक्षित सहयोग एवं समन्वय स्थापित करने का कार्य करेगी। समिति की बैठक में जनगणना कार्य के लिए लगाये जाने वाले कर्मचारियों की उपलब्धता सुनिश्चित कराना, जनगणना के मास्टर ट्रेनर फील्ड ट्रेनर्स और फील्ड स्टाफ का प्रशिक्षण निर्धारित कार्यक्रम अनुसार आयोजित करना। 31 दिसम्बर 2025 तक प्रशासनिक इकाइयों की सीमाओं के परिवर्तन सम्बन्धी समस्त प्रस्तावों को अंतिम रूप दिया जाना इत्यादि बिन्दुओं पर निर्णय लिया जायेगा। समिति का कार्यकाल 31 मार्च 2027 तक रहेगा। उन्होंने बताया कि जनगणना 2027 का कार्य दो चरणों में सम्पन्न किया जायेगा। प्रथम चरण के अंतर्गत मकान सूचीकरण एव मकानों की गणना का कार्य अप्रैल से सितम्बर 2026 के मध्य, राज्य शासन द्वारा निर्धारित 30 दिवस की अवधि में संपन्न किया जायेगा। द्वितीय चरण अंतर्गत जनसंख्या की गणना का कार्य 9 से 28 फरवरी 2027 की अवधि में किया जायेगा। जनगणना 2027 के लिए सन्दर्भ तिथि 1 मार्च 2027 की रात्रि 12 बजे होगी। जनगणना 2027 विशेष रूप से महत्वपूर्ण होने जा रही है। यह पूरी तरह से डिजिटल प्रक्रिया होगी, जिसमें प्रगणक मोबाईल पर डाटा एकत्र करेंगे और जनता को स्व-गणना करने का विकल्प भी दिया जायेगा। जनगणना के समस्त फील्ड कार्य की सतत निगरानी के लिए भारत के महारजिस्ट्रार कार्यालय द्वारा एक वेब पोर्टल Census Management and Monitoring System (CMMS) Portal विकसित किया गया है।  

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भोपाल । भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव देशभर में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। पुराणों के अनुसार, मथुरा नगरी में कारागार में देवकी के गर्भ से, भादो कृष्ण अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र और अर्धरात्रि के शुभ संयोग में, विष्णु ने कृष्ण रूप में अवतार लिया था। तभी से यह पर्व न केवल भारत में, बल्कि दुनिया भर में बसे भारतीय समुदायों में, अपार श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। तिथि और मुहूर्तहिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 15 अगस्त 2025 को रात 11:49 बजे आरंभ होकर 16 अगस्त 2025 को रात 9:34 बजे समाप्त होगी। इस संबध में आचार्य ब्रजेशचंद्र दुबे ने हिस को बताया कि उदया तिथि 16 अगस्त को पड़ने के कारण, वैष्णव संप्रदाय, ब्रजवासी और अधिकांश श्रद्धालु जन्माष्टमी इसी दिन मनाएंगे। जबकि स्मार्त संप्रदाय 15 अगस्त को पूजा करेंगे।पूजा का शुभ मुहूर्त 16 अगस्त की देर रात 12:04 बजे से 12:45 बजे तक रहेगा। यह लगभग 43 मिनट का समय श्रीकृष्ण जन्माभिषेक और आरती के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। जन्माष्टमी की यह रात भक्ति, आनंद और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है। जैसे ही आधी रात को नंद के घर बधाई गूंजती है, हर भक्त के हृदय में यही भाव उमड़ता है : "नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की…"इस बार जन्माष्टमी की तिथि के साथ रोहिणी नक्षत्र का संयोग नहीं बन रहा है। रोहिणी नक्षत्र 17 अगस्त को सुबह 4:38 बजे शुरू होकर 18 अगस्त की सुबह 3:17 बजे समाप्त होगा। पारंपरिक मान्यता है कि श्रीकृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था, इसलिए कई श्रद्धालु इस संयोग का भी ध्यान रखते हैं। यही कारण है कि कुछ लोग 17 अगस्त को भी विशेष पूजा कर सकते हैं।जन्माष्टमी का महत्वआचार्य ब्रजेशचंद्र दुबे का कहना है कि श्रीमद्भागवत, महाभारत और पुराणों में वर्णित है कि श्रीकृष्ण ने अपने जन्म के साथ ही धरती से अन्याय, अधर्म और अत्याचार का नाश करने का संकल्प लिया था। उनका जीवन केवल लीलाओं का क्रम नहीं, बल्कि धर्म, नीति, प्रेम और भक्ति का अद्वितीय संगम है। मथुरा, वृंदावन, द्वारका, बरसाना और गोकुल में इस दिन का उल्लास चरम पर होता है। लाखों की संख्या में श्रद्धालु मंदिरों में उमड़ते हैं। रासलीला, झांकियां और दही-हांडी जैसे आयोजन इस पर्व को लोकोत्सव का स्वरूप देते हैं।   मध्य प्रदेश के उज्जैन में निवासरत प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पं.अजयशंकर व्यास के अनुसार इस बार अष्टमी तिथि की शुरुआत 15 अगस्त से होगी और समाप्ति 16 अगस्त को होगी। शास्त्र सम्मत नियम के अनुसार 16 अगस्त को ही यह त्योहार माना गया है । उन्होंने बताया कि भगवान कृष्ण के जन्म तिथि के महत्व के साथ रोहणी नक्षत्र रात्रिकालीन रहेगा।पूजा-विधि : इस तरह से मनाएं जन्माष्टमीजन्माष्टमी के दिन श्रद्धालु प्रातः स्नान कर व्रत का संकल्प लेते हैं। घर के पूजा स्थल को विशेष रूप से सजाया जाता है। रंगोली, फूल, तोरण और दीपों से वातावरण को उत्सवमय बनाया जाता है।झूला सजाना: भगवान कृष्ण के बालरूप को पालने या झूले में स्थापित किया जाता है, जिसे फूलों और रंगीन कपड़ों से सजाया जाता है।पंचामृत अभिषेक: दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से कृष्ण प्रतिमा का अभिषेक किया जाता है।भोग अर्पण: ताजे माखन, मिश्री, मेवे और तुलसी दल को भोग के रूप में अर्पित किया जाता है।भजन-कीर्तन: दिनभर कृष्ण भजन, संकीर्तन और कथाएं होती हैं।मध्यरात्रि जन्मोत्सव: जैसे ही घड़ी 12 बजाती है, शंख-घंटियों की गूंज, बांसुरी की मधुर तान और जयकारों के बीच श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है।व्रत का महत्व और नियमजन्माष्टमी व्रत को अत्यंत फलदायी माना गया है। व्रती को दिनभर सात्विक रहना चाहिए। परंपरा के अनुसार यह व्रत निर्जला होता है, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से फलाहार भी किया जा सकता है। मध्यरात्रि में पूजा संपन्न होने के बाद ही व्रत तोड़ा जाता है।श्रीकृष्ण का श्रृंगारश्रृंगार में पीताम्बर, वैजयंती माला, मोर मुकुट, कस्तूरी तिलक और चंदन का विशेष महत्व है। फूलों का प्रयोग अधिक किया जाता है, जबकि काले रंग से परहेज किया जाता है।भक्ति और उत्सव का संगमजन्माष्टमी केवल धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि यह प्रेम, करुणा, स्नेह और भाईचारे का संदेश देने वाला उत्सव है। श्रीकृष्ण का जीवन हर युग के लिए प्रेरणा है, गोकुल में बांसुरी की मधुर धुन हो, कुरुक्षेत्र में अर्जुन को दिया गया गीता का उपदेश हो, या फिर सुदामा के साथ निभाई अटूट मित्रता, उनकी लीलाएं आज भी मानवता के लिए आदर्श हैं। महाराष्ट्र, गुजरात और कई अन्य राज्यों में जन्माष्टमी के अगले दिन दही-हांडी का आयोजन होता है। इसमें युवा गोविंदा मानव पिरामिड बनाकर ऊंचाई पर टंगी मटकी को फोड़ते हैं, जो माखन-मिश्री और अन्य मिठाइयों से भरी होती है। यह बालकृष्ण की माखन चुराने की लीला का प्रतीक है।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मानसून सक्रिय होने के चलते 15 अगस्त को राज्य के कई जिलों में भारी से अति भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र सक्रिय है। इसके अलावा तीन ट्रफ लाइनें और साइक्लोन सर्कुलेशन भी प्रभावी हैं। इन मौसम प्रणालियों के कारण प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में लगातार वर्षा हो रही है। अगले चार दिनों में सिस्टम के और मजबूत होने की संभावना है, जिससे कई जिलों में अगस्त माह की औसत वर्षा का आंकड़ा पूरा हो सकता है। राजधानी भोपाल में बीते कुछ दिनों से बादल छाए हुए हैं और रुक-रुक कर बारिश हो रही है। इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और सागर संभागों में भी वर्षा का क्रम जारी है। पचमढ़ी में पर्यटक स्थलों पर बारिश के कारण पर्यटकों की आवाजाही बढ़ी है। छिंदवाड़ा, बालाघाट और मंडला जिलों में बिजली कड़कने के साथ तेज बौछारें देखने को मिली हैं। मौसम विभाग के अनुसार सिस्टम के सक्रिय रहने से प्रदेश में वर्षा का रुख अगले कुछ दिनों तक बना रहेगा।मौसम विभाग ने भारी बारिश वाले जिलों में निचले इलाकों में जलभराव और नदी-नालों के जलस्तर बढ़ने की आशंका जताई है। मौसम विभाग के अनुसार 15 अगस्त को पचमढ़ी, छिंदवाड़ा, सागर, भोपाल, गुना, ग्वालियर, नर्मदापुरम, इंदौर, दमोह, मंडला, नरसिंहपुर, रीवा, नौगांव, सतना, सीधी, सिवनी और शाजापुर में भारी वर्षा की संभावना है। वहीं, बालाघाट, सिवनी, छिंदवाड़ा, पांढुर्ना/पेंच, दक्षिणी मंडला, बैतूल और दक्षिणी डिंडोरी में बिजली चमकने के साथ मध्यम बारिश हो सकती है। अनूपपुर, उत्तरी डिंडोरी, उत्तरी मंडला/कान्हा, जबलपुर, नरसिंहपुर, नर्मदापुरम/पचमढ़ी, हरदा, खंडवा/ओंकारेश्वर, बुरहानपुर, खरगोन, मुरैना, शिवपुरी, श्योपुरकलां, रायसेन समेत कई जिलों में हल्की वर्षा का अनुमान है।पिछले 24 घंटों में पचमढ़ी, छिंदवाड़ा और सागर में लगभग आधा इंच वर्षा दर्ज की गई है। भोपाल, गुना, ग्वालियर, नर्मदापुरम, इंदौर, दमोह, मंडला, नरसिंहपुर, रीवा, नौगांव, सतना, सीधी, सिवनी, शाजापुर सहित कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हुई है। मौसम विभाग ने कहा है कि बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी और सक्रिय ट्रफ लाइनों के कारण वर्षा का यह क्रम जारी है।विशेषज्ञों के अनुसार अगस्त के दूसरे पखवाड़े में प्रदेश के अधिकांश जिलों में औसत बारिश का आंकड़ा पूरा होने की संभावना है। भारी वर्षा वाले जिलों में प्रशासन ने सतर्कता बरतने की अपील की है। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने और नदी-नालों के किनारे अनावश्यक आवाजाही से बचने की सलाह दी गई है।खेतों में पानी भरने और जलभराव की स्थिति से खरीफ फसलों को नुकसान का खतरा भी है। हालांकि, जिन क्षेत्रों में अब तक कम वर्षा हुई थी, वहां वर्तमान दौर की बारिश से फसलों को लाभ होगा। मौसम विभाग ने कहा है कि अगले कुछ दिनों तक प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में वर्षा का क्रम जारी रहेगा और कई स्थानों पर भारी से अति भारी बारिश हो सकती है।  

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अनूपपुर । भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई बलरामजी की जंयती पुत्र की दीर्घायु के साथ उसकी सुख-समृद्धि की कामनाओं के लिए हरछठ व्रत बलरामजी की तरह बलशाली पुत्र की प्राप्ति के लिए 14 अगस्त को श्रद्धाभाव के साथ मनाया गया। हलछठ के नाम से होने वाली जयंती के दिन संतान की कामना को लेकर महिलाएं व्रत रखती हैं। हरछठ व्रत भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को होता है। महिलाएं निर्जला व्रत रख पूजापाठ कर व्रत को तोड़ती हैं। बलराम को हलधर के नाम से भीम जाना जाता है और इसी वजह से इस दिन को हलषष्टी भी कहा जाता है। बलराम जयंती होने के चलते इस दिन किसान समुदाय के लोग खेती के पवित्र उपकरण जैसे मूसल और फावड़ा की पूजा करते हैं, जिनका उपयोग भगवान बलराम ने किया था। इस दिन माताएं महुआ पेड़ की डाली का दातून कर स्नान कर व्रत धारण करती हैं। व्रती महिलाएं कोई अनाज नहीं खाती हैं। भैंस के दूध की चाय पीती हैं। हरछठ व्रत को माताओं ने विधि-विधान के साथ अपने ईष्टदेव के विशेष पूजन उपरांत शाम को पसही के चावल और दही के सेवन के साथ समाप्त किया। मान्यताओं के अनुसार माताएं इसे अपने पुत्र की लम्बी आयु के साथ उसकी समृद्धिओं की प्रार्थनाओं के लिए करती है। वहीं धार्मिक ग्रंथ स्कंद पुराण में वर्णित है कि हरछठ देव धर्म स्वरूप नंदी बैल का पूजन कर भगवान शिव की सवारी नंदी बैल को धर्म का स्वरूप मान जिसकी पूजा कर माताएं अपने पुत्र के लिए लंबी उम्र की कामना करती हैं। इस व्रत में मिट्टी से भगवान की मूर्ति का निर्माण कर बांस की लकडी, छुईला के पत्ते, कांस एवं महुआ के पत्ता को सजा कर विधि-विधान से पूजा करते हुए अपने संतान की लंबी उम्र और उनकी सुख समृद्धि की कामना करती हैं। बताया जाता है कि हरछठ पूजा में पांच वृक्षों जिसे पंच वृक्ष कहा जाता है के पांच वृक्षों के तना को मिलाकर जिसे छूला डांडी, छूलजारी के नाम से भी जाना जाता है में महुआ, छूला, बेर की टहनी, काश, बांस वृक्ष को घर के आंगन में बावली या तालाब नुमा स्थान बनाकर स्थापित कर सप्त धान जिसे सतनजा या सतदाना भी कहते हैं धान, चना, गेहूं, ज्वार, मक्का, जौ, बाजरा का प्रसाद बनाया जाता है।   अन्य पूजन सामग्री के साथ-साथ घरों में कई प्रकार से प्रसाद बनाकर बांस की टोकरी मिट्टी के छोटे-छोटे कुल्हड़ में पूजन सामग्री को रख कर पूजन किया जाता है। जिसमें विशेष रूप से वरुण देव पंचव्रछ एवं सप्त धान का विशेष महत्व होता है, जिनसे यह पूजा संपन्न होती है। पूजा के बाद माताएं बिना हल के उगे पसही चावल के साथ भैस के दूध व दही का सेवन प्रसाद के रूप में करती है, हालांकि यह क्षेत्रीय विधाओं के आधार पर अलग अलग होते हैं।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश शासन, जेल विभाग की रिहाई नीति 27 मई 2025 के तहत आजीवन कारावास से दंडित बंदियों को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सजा में विशेष माफी प्रदान की जा रही है। इस साल स्वतंत्रता दिवस पर 15 अगस्‍त को राज्य शासन ‌द्वारा मध्य प्रदेश की विभिन्न जैली से आजीवन कारावास के 156 दंडित कैदी रिहा किए जाएंगे। इनमें 06 महिलाएं भी शामिल हैं। उपजेल जावद के सहायक अधीक्षक अंशुल गर्ग ने गुरुवार को जानकारी देते हुए बताया कि रिहाई नीति के अंतर्गत आजीवन कारावास से दंडित बंदियों में बलात्कार, पाक्सी आदि प्रकरण वाले दंडित बंदियों को किसी भी प्रकार की माफी प्रदान नहीं की गई है। रिहा किए जा रहे बंदियों को जेल में निरुद्ध रहने के दौरान उनके पुनर्वास हेतु उन्हें टेलरिंग, कारपेन्ट्री, लौहारी, भवन मिस्त्री, भवन सामग्री निर्माण आदि का प्रशिक्षण प्रदान किया गया है, जिससे रिहा होने के पश्चात वह अपनी जीवकोपार्जन के साधन अर्जित कर सकें। इस साल स्‍वतंत्रता दिवस पर विभिन्न जेलों से 156 कैदियों को रिहा किया जा रहा है। इनमें उज्जैन के केंद्रीय जेल से 14, सतना के केंद्रीय जेल से 17, केंद्रीय जेल नर्मदापुरम से 11, केंद्रीय जेल बडवानी से तीन, केंद्रीय जेल ग्‍वालियर से 16, केंद्रीय जेल जबलपुर से 14, केंद्रीय जेल रीवा से 19, केंद्रीय जेल सागर से 14, केंद्रीय जेल नरसिहपुर से छह, केंद्रीय जेल इंदौर से 10, केंद्रीय जेल भोपाल से 25, जिला जेल देवास से एक, जिला जेल टीकमगढ़ से दो, जिला जेल इंदौर से दो, सब जेल पवई से एक और सब जेल बण्‍डा से एक बंदी शामिल है। पुलिस महानिदेशक (जेल एवं सुधारात्मक सेवाएं) डॉ. वरुण कपूर ने रिहा होने वाले बंदियों से उन्हें पुनः अपराध नहीं करने की अपील की है, साथ ही उनसे अपेक्षा की है कि वह जेल में परिस्ट्ध रहने के दौरान जी कौशल और प्रशिक्षण अर्जित किया है, उसका उपयोग अपने परिवार के जीविकोपार्जन एवं अच्छे समाज के नव-निर्माण में सहभागी बनने के लिए करेंगे। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्य प्रदेश शासन की रिहाई नीति में आवश्यक संशोधन किया गया है। इसके मुताबिक अब आजीवन कारावास से दंडित बंदियों को वर्ष में पांच अवसरों पर रिहा किया जाता है। पूर्व में गणतंत्र दिवस, अंबेडकर जयंती, स्वतंत्रता दिवस एवं गांधी जयंती पर बंदी रिहा किये जाते थे, किन्तु अब राष्ट्रीय जनजाति गौरव दिवस (15 नवम्बर) को भी आजीवन कारावास से दंडित बंदियों को पात्रतानुसार रिहा किया जाएगा।

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में एक बार फिर मानसून सक्रिय हो गया है। राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के कई जिलों में बुधवार को बारिश का दौर रहा। शाम तक करीब 17 जिलों में पानी गिरा। प्रदेश के मालवा-निमाड़ यानी इंदौर और उज्जैन में अगले 3 दिन अति भारी और भारी बारिश का अलर्ट है। बता दें कि इन दोनों संभागों के 15 में से 8 जिलों में 14 इंच से कम पानी गिरा है। दूसरी ओर, गुना, निवाड़ी, मंडला और टीकमगढ़ में 45 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है।मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर एरिया (कम दबाव का क्षेत्र) एक्टिव हो गया है। वहीं, तीन ट्रफ की एक्टिविटी भी है। अगले चार दिन में सिस्टम स्ट्रॉन्ग होगा। इसके चलते कई जिलों में अति भारी और भारी बारिश का दौर बना रहेगा। गुरुवार को जिन जिलों में अति भारी बारिश हो सकती है, उनमें बैतूल, छिंदवाड़ा और पांढुर्णा शामिल हैं। वहीं, भारी बारिश वाले जिलों में इंदौर, उज्जैन, धार, बड़वानी, खरगोन, बुरहानपुर, खंडवा, देवास, हरदा, नर्मदापुरम, श्योपुर और शिवपुरी शामिल हैं। यहां अगले 24 घंटे में साढ़े 4 इंच तक पानी गिर सकता है।गुरुवार सुबह से भोपाल और इंदौर में बारिश हो रही है। नर्मदापुरम के पिपरिया में रात 12 बजे के बाद से कभी तेज, कभी धीमा पानी गिर रहा है। इससे पहले प्रदेश में बुधवार को बारिश का दौर जारी रहा। बैतूल और बालाघाट के मलाजखंड में पौन इंच पानी गिर गया। पचमढ़ी, छिंदवाड़ा और सागर में आधा इंच पानी गिरा। इसके अलावा भोपाल, गुना, ग्वालियर, नर्मदापुरम, इंदौर, दमोह, मंडला, नरसिंहपुर, नौगांव, रीवा, सतना, सिवनी, सीधी, शाजापुर समेत कई जिलों में बारिश का दौर जारी रहा।मौसम विभाग के अनुसार, सबसे कम बारिश के मामले में इंदौर जिला पहले नंबर पर है। सबसे कम बारिश वाले टॉप-5 जिलों में बड़वानी, बुरहानपुर, खरगोन और खंडवा भी शामिल हैं। उज्जैन संभाग की भी ऐसी ही तस्वीर है। इन्हीं दोनों संभाग के जिलों में स्ट्रॉन्ग सिस्टम की एक्टिविटी हो रही है। जिससे अब इन जिलों का सूखा खत्म होने की उम्मीद है। प्रदेश की औसत बारिश 37 इंच है जबकि इस सीजन में अब तक 29.9 इंच पानी गिर चुका है, जो कोटे का 81 प्रतिशत है। अब बारिश का आंकड़ा कोटे से सिर्फ 7.1 इंच दूर है। दूसरी ओर, अब तक 6.4 इंच ज्यादा यानी 23.5 इंच बारिश हो चुकी है

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भोपाल । मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्‍वर की श्रावण/भाद्रपद माह में निकलने वाली सवारी के क्रम में आज (सोमवार को) पांचवीं सवारी धूमधाम से निकाली जाएगी। इस दौरान अवंतिकानाथ नगर भ्रमण कर अपनी प्रजा का हाल जानेंगे। सवारी के दौरान भगवान महाकाल पांच स्वरूपों में अपने भक्तों को दर्शन देंगे। पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, गजराज पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर श्री शिवतांडव, नन्दी रथ पर श्री उमा-महेश और श्री होल्कर स्टेट के मुखारविंद डोल रथ पर विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। सवारी में जनजातीय समूहों के कलाकारों द्वारा मनमोहक प्रस्तुतियां भी दी जाएंगी। महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष और उज्जैन कलेक्टर रोशन कुमार सिंह ने बताया कि भगवान महाकाल की पांचवीं सवारी शाम 4 बजे मंदिर से निकलेगी। सवारी निकलने के पूर्व महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर का विधिवत पूजन-अर्चन होगा। उसके पश्चात भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में विराजित भगवान को सलामी दी जाएगी। इसके बाद सवारी परंपरागत मार्ग महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाडी से होती हुई रामघाट पहुंचेगी। जहॉ क्षिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन किया जाएगा। इसके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक खाती का मंदिर, सत्यीनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होती हुई पुन: महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी। कलेक्टर रोशन कुमार सिंह ने बताया कि भगवान महाकाल की पंचम सवारी में चार जनजातीय एवं लोक नृत्य कलाकारों के दल सहभागिता करेंगे। इनमें बैतूल से मिलाप इवने के नेतृत्व में गोण्ड जनजातीय ठाट्या नृत्य, खजुराहो से गणेश रजक के नेतृत्व कछियाई लोक नृत्य, दमोह से पंकज नामदेव नेतृत्व में बधाई लोक नृत्य एवं डिण्डोरी के सुखीराम मरावी के नेतृत्व गेडी जनजातीय नृत्य की प्रस्तुतियां शामिल है। उन्होंने बताया कि पंचम सवारी में प्रसंग (थीम) अनुसार प्रदेश के धार्मिक पर्यटन की झाकियां निकाली जाएगी। धार्मिक पर्यटन के अंतर्गत मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा श्री राजाराम लोक ओरछा, सर्वसिद्धि श्री माँ बगलामुखी माता मंदिर, माँ शारदा शक्तिपीठ मैहर एवं देवीलोक माँ श्री बिजासन धाम सलकनपुर की प्रतिकृति को प्रदर्शित किया जाएगा। भगवान महाकाल की सवारी के सुगमतापूर्वक दर्शन के लिये श्री महाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति द्वारा चलित रथ की व्यवस्था की गई है। जिसके दोनों ओर एलईडी के माध्यम से सवारी का लाइव प्रसारण किया जाएगा, जिससे श्रद्धालु भगवान के दर्शनो का लाभ सकेंगे। साथ ही उज्जैन के अन्य स्थानों जैसे फ्रीगंज, नानाखेड़ा, दत्तअखाड़ा आदि क्षेत्रों पर भी सवारी के लाइव प्रसारण को देख सकेंगे व भगवान के दर्शनों का लाभ ले सकेगे।

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जबलपुर । मप्र की संस्‍कारधानी जबलपुर  रविवार से सोमवार देर रात तक कजलियों के उत्‍सवी आनंद में सराबोर रही। त्यौहार को लेकर प्रदेश का सबसे बड़ा समरसता के साथ कजलियां महोत्सव हनुमानताल में मनाया गया। "समरस भारत-समृद्ध भारत" के उद्घोष के साथ देर रात तक चला यह वृहद आयोजन समरसता सेवा संगठन के द्वारा आयोजित किया गया था। यह आयोजन प्रसिद्ध सन्तों, किन्नर गुरुओं , विश्विद्यालयों के कुलपतियों, सांसद, विधायकों, सहित जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में मना।   दरअसल,  संगठन के अध्यक्ष संदीप जैन के आह्वान पर जबलपुर के सभी समाजों ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया और सहभागिता दी। इस अवसर पर उपस्थित सर्व प्रथम एक दूसरे को कजलिया देकर संतो का मिलन हुआ, उसके उपरांत मंच पर लगातार लाइन लगाकर उपस्थित जनसमुदाय ने संतों से कजलिया लेते हुए आशीर्वाद लिया। यहां संतों के साथ कन्याओं का भी पूजन किया गया। इस मौके पर निबंध, मेंहदी सहित अन्य प्रतियोगिताओं के विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। स्वागत उद्बोधन में जैन ने कहा कि इस रूप में जो कजलियां मिलन दिख रहा है, उसमें सर्व समाज और जाति के लोगों का सहयोग है। ये सहयोग बताता है कि समरसता के प्रति किस तरह से जन जागरण को सफलता मिल रही है। उन्होंने सभी का स्वागत करते हुए आगंतुकों का आभार भी जताया।इस ऐतिहासिक आयोजन में किन्नर समाज जुलुस के साथ सम्मिलित हुआ।  शामिल किन्नर गुरुओं ने संस्कारधानी कजलिया महोत्सव के लिए संगठन को बधाई देते हुए संस्कारधानी वासियों के सुख-समृद्धि की कामना करते हुए स्वछता बनाये रखने, बुजुर्गों की सेवा करने और सद्भाव और समरस होकर रहने की कामना की। इस अवसर पर बुंदेलखंड के सुपरहिट लोकगीत गायक जित्तू खरे, प्रसिद्ध गायक मनीष अग्रवाल मोनी, मिठाईलाल चक्रवर्ती, रवि शुक्ला, नरेन्द्र राज, सविता मिश्रा, इंदु मिश्रा ने समां बांध दिया।   उपस्थित सन्तों ने इस अवसर पर कहा कि देश मे सनातन की जो शक्ति नजर आती है, वो अद्भुत है। संहिष्णुता, एकता और भारतीयता के लिहाज से ये बहुत बड़ी सेवा और सफलता है। पूज्य संतों ने कहा कि समरसता भारतीय संस्कृति की आत्मा है। समरसता के बगैर भारतीय समाज निष्प्राण है। समरसता सेवा संगठन ने समाज में समरसता के प्राण फूंक रहा है।   विभिन्न समाजों ने लगाए माँ अन्नपूर्णा स्टालकजलियां महा महोत्सव में पारंपरिक स्वादिष्ट और जायकेदार खान-पान में भी सामाजिक सहभागिता रही, जिसमे जैन समाज द्वारा गुड़ की जलेबी और मोटे सेव, राजपूत समाज द्वारा , पंजाबी समाज एवं अग्रवाल समाज द्वारा पूड़ी सब्जी, सिंधी समाज द्वारा कढ़ी चावल, स्वर्णकार समाज द्वारा स्वीर कॉर्न, राजपूत सभा द्वारा जगन्नाथ का भात, चौरसिया समाज द्वारा मुखवास पान, अखिल भारतीय कायस्थ सभा द्वारा पानी बड़ा, बारी समाज द्वारा चना जोर गरम, मांझी समाज द्वारा चना जोर, सोनकर समाज द्वारा खिचड़ी युवा रजक समाज द्वारा ठंडा जल का जायका आयोजन स्थल उपलब्ध कराया गया। यह वितरण अनवरत जारी रहा।   इनकी रही उपस्थितिकजलियां महा महोत्सव में पूज्य स्वामी सुखानन्द द्वाराचार्य स्वामी राघवदेवाचार्य जी, नृसिंह पीठाधीश्वर जगद्गुरु डॉ. नरसिंहदेवाचार्य जी, स्वामी गिरीशानंद जी साकेतधाम, स्वामी राधे चैतन्य जी, जगद्गुरु बालगोविन्दा चार्य जी, स्वामी पगलानंद जी, स्वामी अशोकानंद जी, साध्वी ज्ञानेश्वरी दीदी जी,महंत कालीनन्द जी, महंत राजेश्वरआनन्द जी, स्वामी चंद्रशेखरानन्द जी, पं वासुदेव शास्त्री, पं रोहित दुबे, पं देवेंद्र त्रिपाठी, पं अमन बाजपेई, पं आशुतोष दीक्षित, सहित अनेक संतवृंद महंत ने उपस्थित होकर अपने आशीर्वचन दिए।   इनके अलावा सांसद आशीष दुबे, महापौर जगत बहादुर अन्नू, विधायक सुशील तिवारी इंदू, नीरज सिंह, भाजपा जिला अध्यक्ष रत्नेश सोनकर, क़ृषि विश्वविद्यालय कुलपति प्रो.पी के मिश्रा, वरिष्ठ नेता प्रभात साहू, लेखराज सिंह मुन्ना, नगर निगम अध्यक्ष रिंकू विज, रविकिरण साहू, पूर्व विधायक अंचल सोनकर, नीलेश अवस्थी, धीरज पटेरिया, डॉ जितेंद्र जामदार, डॉ अखिलेश गुमस्ता डॉ पवन स्थापक, उपमहाधिवक्ता विवेक शर्मा, डॉ वाणी अहलुवालिया, आलोक पाठक, कैलाश अग्रवाल बब्बा, कैलाशचंद्र जैन, राममूर्ति मिश्रा, एड सुधीर नायक, कमलेश अग्रवाल, सहित कई गणमान्य जनों ने उपस्थित होकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। कार्यक्रम के समापन पर समरसता सेवा संगठन के सचिव उज्जवल पचौरी ने सभी का आभार व्यक्त किया।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में एक बार फिर मानसून लौट आया है। बीते कुछ दिनों से हल्की-फुल्की बारिश के बाद दोबारा बारिश का सिलसिला शुरू हो जाएगा। मौसम विभाग ने कई जिलों के लिए गरज-चमक के साथ पानी गिरने की चेतावनी दी है। प्रदेश के पूर्वी हिस्से यानी, जबलपुर, रीवा और सागर संभाग के 10 जिलों में आज सोमवार को भारी बारिश का अलर्ट है। ट्रफ की एक्टिविटी होने से यहां तेज बारिश हो सकती है। जबकि राजधानी भोपाल सहित इंदौर और उज्जैन में मौसम साफ रहेगा। यहां तेज धूप खिली रहेगी।मौसम वैज्ञानिक अरुण शर्मा ने बताया कि अगले 3 दिन तक कई जिलों में भारी बारिश होगी। 13-14 अगस्त से बारिश की एक्टिविटी तेज होगी। यानी, अगस्त के दूसरे पखवाड़े में प्रदेश में भारी बारिश का दौर बना रहेगा। उन्‍होंने बताया कि बंगाल की खाड़ी में 13 अगस्त से लो प्रेशर एरिया (निम्न दाब क्षेत्र) एक्टिव होगा। इससे पूरे प्रदेश में फिर से तेज बारिश का दौर शुरू होगा। मौसम विभाग के अनुसार, अगले 24 घंटे के दौरान पन्ना, सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी, मैहर, कटनी, जबलपुर, सिवनी और बालाघाट में तेज बारिश होगी। 12 अगस्त को भी पूर्वी हिस्से में तेज बारिश की चेतावनी दी गई है।अगस्त के दूसरे सप्ताह में तेज बारिश का दौर शुरू होगा, जो आखिरी तक चलता रहेगा। ऐसे में बारिश का कोटा अगस्त में ही पूरा हो जाएगा। हालांकि, अब तक ग्वालियर समेत 10 जिलों में कोटा पूरा हो चुका है, लेकिन इंदौर और उज्जैन संभाग के जिलों की तस्वीर बेहतर नहीं है। प्रदेश में 16 जून को मानसून ने दस्‍तक दी थी। तब से अब तक औसत 29.3 इंच बारिश हो चुकी है।  

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उज्जैन । मध्य प्रदेश के उज्जैन में भगवान महाकालेश्वर की पांचवीं सवारी सोमवार को निलगी। श्रावण-भादौ मास की इस पांचवी सवारी में भगवान पांच स्वरूपों में दर्शन देंगे। सवारी में चार जनजातीय एवं लोकनृत्य कलाकारों दल एवं मध्य प्रदेश के विभिन्न धार्मिक स्थलों की झाकियाँ भी सम्मिलित होंगी।   प्रशासक प्रथम कौशिक ने रविवार को बताया कि महाकालेश्वर भगवान की श्रावण-भाद्रपद माह में निकलने वाली सवारी के क्रम में पांचवीं सवारी 11 अगस्त, सोमवार को निकलेगी। इस दौरान पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, गजराज पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर श्री शिवतांडव, नन्दी रथ पर श्री उमा-महेश और डोल रथ पर श्री होल्कर स्टेट के मुखारविंद सम्मिलित रहेगा। श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर का विधिवत पूजन-अर्चन होगा। पश्चात भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में विराजित भगवान को सलामी दी जावेगी। उसके बाद सवारी परंपरागत मार्ग महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाडी से होती हुई रामघाट पहुंचेगी। जहॉ क्षिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन किया जावेगा। इसके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक खाती का मंदिर, सत्यीनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार होकर मंदिर पहुँचेगी। चलित रथ से श्रद्धालु करेंगे दर्शनभगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी के सुगमतापूर्वक दर्शन के लिये श्री महाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति द्वारा चलित रथ की व्यवस्था की गई है। जिसके दोनों ओर एलईडी के माध्यम से सवारी का लाईव प्रसारण किया जाएगा। जिससे श्रद्धालु भगवान के दर्शनो का लाभ सकेंगे। साथ ही उज्जैन के अन्य स्थानों जैसे फ्रीगंज, नानाखेड़ा, दत्तअखाड़ा आदि क्षेत्रों पर भी सवारी के लाइव प्रसारण को देख सकेंगे व भगवान के दर्शनों का लाभ ले सकेगे। श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी में 04 जनजातीय एवं लोक नृत्य कलाकारों के दल सहभागिता  बैतूल से मिलाप इवने के नेतृत्व में गोण्ड जनजातीय ठाट्या नृत्य, खजुराहो से गणेश रजक के नेतृत्व कछियाई लोक नृत्य, दमोह से पंकज नामदेव नेतृत्व में बधाई लोक नृत्य एवं डिण्डोरी के सुखीराम मरावी के नेतृत्व गेडी जनजातीय नृत्य की प्रस्तुतियां सम्मिलित है |  सभी सवारियों में जनजातीय दल संस्कृति विभाग भोपाल, जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद व ‍त्रिवेणी कला एवं पुरातत्वव संग्रहालय के माध्यम से सहभागिता कर रहे है| भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी में मध्यप्रदेश के विभिन्न धार्मिक स्थल की झाकियाँ निकली जाएंगी। इसकेे साथ ही धार्म‍िक पर्यटन के अंतर्गत मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा राजाराम लोक ओरछा, सर्वसिद्धि माँ बगलामुखी माता मंदिर, माँ शारदा शक्तिपीठ मैहर एवं देवीलोक माँ बिजासन धाम सलकनपुर की प्रतिकृति को प्रदर्शित किया जाएगा |

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से थमी मानसूनी गतिविधियां एक फिर सक्रिय होने वाली है। बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर एरिया (निम्न दाब क्षेत्र) एक्टिव होने से 13 अगस्त से प्रदेश में तेज बारिश का दौर शुरू होगा। जिससे प्रदेश के कई जिले तरबतर होंगे। आज रविवार को हरदा, नर्मदापुरम और बैतूल में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। मौसम विभाग का कहना है कि टर्फ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन एक्टिविटी की वजह से ऐसा हो रहा है ।मौसम वैज्ञानिक अरुण शर्मा ने बताया कि अगले 5 दिन तक कई जिलों में भारी बारिश होगी। 13-14 अगस्त से बारिश की एक्टिविटी तेज होगी। यानी, अगस्त के दूसरे पखवाड़े में प्रदेश में भारी बारिश का दौर बना रहेगा। इससे पहले शनिवार को प्रदेश के कई जिलों में बारिश का दौर बना रहा। राजधानी भोपाल में दोपहर बाद बादल छा गए और शाम को हल्की बारिश हुई। प्रदेश में अब तक 28.8 इंच बारिश हो चुकी है, जो कुल बारिश का 78 प्रतिशत है। जून-जुलाई में स्ट्रॉन्ग सिस्टम की वजह से अब तक 34 प्रतिशत बारिश ज्यादा हो चुकी है।अगस्त के दूसरे सप्ताह में तेज बारिश की संभावना है, जो आखिरी तक चलता रहेगा। ऐसे में बारिश का कोटा अगस्त में ही पूरा हो जाएगा। हालांकि, अब तक ग्वालियर समेत 9 जिलों में कोटा पूरा हो चुका है, लेकिन इंदौर और उज्जैन संभाग के जिलों की तस्वीर बेहतर नहीं है। वहीं, पूर्वी हिस्से यानी, जबलपुर, सागर, शहडोल और रीवा संभाग में औसत से 37 प्रतिशत और पश्चिमी हिस्से यानी, भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, चंबल और नर्मदापुरम संभाग में 27 प्रतिशत बारिश अधिक हुई है।

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राजगढ़ । जीरापुर थाना क्षेत्र के ग्राम गागारोनी में आभापुरा मार्ग स्थित जन सुविधा केन्द्र पर अचानक आग लग गई, जिससे पाइंट में रखे एलपीजी सिलेंडर आग की चपेट में आए और एक के बाद एक पांच सिलेंडर ब्लास्ट हो गए, जिसके धमाकों की आवाज से क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल हो गया, आग से दुकान सहित उसमें रखा सामान जलकर खाक हो गया। सूचना पर पहुंची पुलिस की मौजूदगी में दमकल वाहनों की मदद से आग पर काबू किया। आग लगने की वजह दुकान में रखे इन्वर्टर में शाॅर्ट- सर्किट होना बताया गया है। पुलिस ने रविवार को आगजनी का केस दर्ज कर जांच शुरु की।     थाना प्रभारी रवि ठाकुर के अनुसार बीती रात ग्राम गागारोनी में आभापुरा रोड पर जन सुविधा केन्द्र में रखे इंवर्टर में शाॅर्ट-सर्किट होने से आग लगी, जिससे समीप में रखे एलपीजी सिलेंडर चपेट में आ गए और एक के बाद एक पांच सिलेंडर ब्लास्ट हुए। ब्लास्ट और आग की लपटों को देखकर क्षेत्र में चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई। घटना के दौरान त्योहार के चलते दुकान बंद थी, जिससे दुकानदार सहित कोई अन्य व्यक्ति मौजूद नही था। आग से दुकान में रखे कुर्सी-टेबल, इलेक्ट्राॅनिक सामान जलकर खाक हो गए। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला साथ ही दमकल वाहनों की मदद से आग पर काबू किया गया। बताया गया है कि गांव के पुरुषोत्तम गुप्ता की दुकान में प्रेम लववंशी जन सुविधा केन्द्र संचालित करता है। जन सुविधा केन्द्र का गैस एजेंसी से अनुबंध है, जो क्षेत्र में सुविधा के तौर पर उपभोक्ताओं को गैस सिलेंडर वितरित करता है। घटना से दहशत में आए ग्रामीणों ने मांग की है कि एलपीजी गैस सिलेंडरों का भंडारण या गोदाम किसी भी परिस्थति में रहवासी क्षेत्र में नही होना चाहिए साथ ही प्रशासन को सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करना चाहिए। थाना प्रभारी रवि ठाकुर का कहना है कि केन्द्र पर रखे इंवर्टर में शाॅर्ट- सर्किट होने से आग फैली और एक के बाद एक पांच सिलेंडर ब्लास्ट हुए, जिसमें कोई जनहानि नही हुई है। मामले में केन्द्र में रखे सुरक्षा मानकों की उपलब्धता की जांच की जा रही है।    

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उज्जैन । मध्यप्रदेश के उज्जैन में श्रावण माह के अंतिम दिवस पुजारी परिवार की ओर से भस्मारती में श्री महाकालेश्वर भगवान को सवालाख लड्डूओं का भोग लगाया गया। इसीप्रकार रक्षाबंधन के पावन पर्व पर भगवान श्री महाकालेश्वर को भस्मारती मे राखी बांधी गईं।   महाकालेश्वर मंदिर में श्री महाकालेश्वर भगवान जी को भस्मार्ती में पुजारी परिवार के अमर पुजारी द्वारा सवा लाख लड्डूओ का भोग लगाया गया। प्रथम पूजन पंचामृत पूजन , श्रृंगार के बाद भगवान को भस्म अर्पित की गई। पश्यात भगवान श्री महाकालेश्वर को पुजारी परिवार द्वारा रक्षाबंधन के पावन पर्व पर प्रथम राखी बांधी गई। पुजारी श्री धर्मेंद्र शर्मा द्वारा भगवान महाकालेश्वर को भोग लगाकर आरती सम्पन्न की गई।    

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में मानसूनी बारिश का दौर थमा हुआ है, लेकिन आज शनिवार को रक्षाबंधन के दिन मौसम के दो रंग देखने को मिल सकते हैं। इंदौर और उज्जैन संभाग के 15 में से 13 जिलों में तेज धूप खिलेगी। वहीं, पूर्वी और उत्तरी हिस्से के 9 जिलों में तेज बारिश की संभावना है। राजधानी भोपाल के साथ ग्वालियर-जबलपुर में हल्के बादल छाए रह सकते हैं। इससे पहले शुक्रवार को भी सीधी, मंडला समेत 12 जिलों में बारिश हुई।मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया, शुक्रवार को देश में दो टर्फ की एक्टिविटी रही, जो मध्य प्रदेश से काफी दूर है। शनिवार को कुछ जिलों में बारिश होने का अनुमान है। वहीं, 13 अगस्त के आसपास बंगाल की खाड़ी में एक लो प्रेशर एरिया (निम्न दाब क्षेत्र) के एक्टिव होने का अनुमान है। इससे प्रदेश में बारिश का दौर फिर से शुरू हो सकता है। प्रदेश में 1 जून से 31 जुलाई तक औसत 28.8 इंच बारिश हो गई, लेकिन 1 से 7 अगस्त के बीच सिर्फ 0.8 इंच पानी ही गिरा।शनिवार को श्योपुर, मुरैना, पन्ना, कटनी, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला, सिवनी और बालाघाट में तेज बारिश होने का अलर्ट जारी किया है। दूसरी ओर, इंदौर, उज्जैन, नीमच, मंदसौर, रतलाम, देवास, खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन, धार, बड़वानी, अलीराजपुर और झाबुआ में मौसम साफ रहेगा। बाकी जिलों में गरज-चमक और हल्की बारिश का यलो अलर्ट है। अगस्त के दूसरे सप्ताह में तेज बारिश का दौर शुरू होगा, जो आखिरी तक चलता रहेगा।इससे पहले प्रदेश में शुक्रवार को मौसम ने फिर करवट बदली और हल्की बारिश का दौर रहा। मंडला और सीधी में सवा इंच बारिश हुई। छतरपुर के नौगांव में आधा इंच से ज्यादा पानी गिरा। भोपाल में बादल छाए रहे। वहीं, बैतूल, नर्मदापुरम, छिंदवाड़ा, जबलपुर, खजुराहो, रीवा, सतना, उमरिया, डिंडौरी, मऊगंज में हल्की बारिश हुई।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में आज (शनिवार को) रक्षाबंधन का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस अवसर पर राजधानी भोपाल में महिलाएं रात 9 बजे तक बसों में निशुल्क सफर कर सकेंगी। 'शहर सरकार' ने बहनों को सिटी बसों में फ्री में घूमने का यह उपहार दिया है। भोपाल महापौर मालती राय ने बताया कि हर साल रक्षाबंधन पर बहनों को भाई को राखी बांधने के लिए एक जगह से दूसरी जगह पर जाना पड़ता है। बहनों को नगर निगम की तरफ से सौगात दी जाती है। इस बार भी यह सौगात दी गई है। बहनों से किराया नहीं लिया जाएगा। गौरतलब है कि पूरे शहर में बैरागढ़ के पास चिरायु हॉस्पिटल से लेकर अवधपुरी, न्यू मार्केट, अयोध्या बायपास, करोंद, एमपी नगर, मिसरोद, मंडीदीप, भोजपुर, होशंगाबाद रोड, कटारा हिल्स, बैरागढ़ चिचली, कोलार रोड, गांधीनगर, बंगरसिया, रायसेन रोड, लांबाखेड़ा, नारियलखेड़ा, भौंरी समेत 25 रूट शामिल हैं, लेकिन अभी आठ रूटों पर ही बसें दौड़ रही है। ऐसे में महिलाओं को इन्हीं रूटों पर मुफ्त में सफर करने को मिलेगा। भोपाल में जब सभी बसें दौड़ती थीं, तब एक दिन में डेढ़ लाख से ज्यादा लोग सफर करते हैं। इनमें 40% तक यानी करीब 60 हजार महिला यात्री शामिल थीं। वर्तमान में यात्रियों की संख्या करीब 50 हजार है। इनमें से आधी महिला यात्री हैं। किराए के रूप में उन्हें न्यूनतम 7 और अधिकतम 42 रुपये लगते हैं।    

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भोपाल । यात्रियों की सुविधा और बढ़ती मांग को देखते हुए पश्चिम मध्य रेलवे ने मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल और रीवा के मध्य एक-एक ट्रीप की एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन चलाने का निर्णय लिया है। यह रक्षाबंधन स्पेशल ट्रेन आज (शुक्रवार) की शाम को भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से रवाना होगी। वहीं, शनिवार, 9 अगस्त की सुबह रीवा से भोपाल के लिए लौटेगी। पश्चिम मध्य रेलवे भोपाल मंडल द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, यह स्पेशल ट्रेन आज शाम 7.35 बजे रानी कमलापति स्टेशन से ट्रेन रवाना होगी। यह रात 8.28 बजे विदिशा, 10.35 बजे बीना, 11.40 बजे सागर, रात 12.45 बजे दमोह, रात 2.50 बजे कटनी मुड़वारा, सुबह 4.48 बजे मैहर, सुबह 5.15 बजे सतना और रीवा में सुबह 6.20 बजे पहुंचेंगी। वहीं, शनिवार, 9 अगस्त की सुबह 7.35 बजे रीवा स्टेशन से ट्रेन रवाना होगी। सुबह 8.35 बजे सतना, सुबह 9 बजे मैहर, सुबह 10.45 बजे कटनी मुड़वारा, दोपहर 12.30 बजे दमोह, दोपहर 1.45 बजे सागर, शाम 4 बजे बीना, शाम 5.08 बजे विदिशा और शाम 7.20 बजे रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पर पहुंचेंगी। इस स्पेशल ट्रेन में वातानुकूलित, शयनयान और सामान्य श्रेणी के कोच शामिल रहेंगे। ताकि, सभी वर्ग के यात्रियों को आरामदायक यात्रा की सुविधा मिल सकेगी। यह ट्रेन दोनों दिशाओं में विदिशा, बीना, सागर, दमोह, कटनी मुड़वारा, मैहर एवं सतना स्टेशनों पर ठहरते हुए गंतव्य तक जाएगी। यात्रा के लिए रिजर्वेशन रेलवे के किसी भी कंप्यूटरीकृत आरक्षण केंद्र या आईआरसीटीसी की वेबसाइट के माध्यम से कराया जा सकता है।  

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में पिछले एक हफ्ते से बारिश की गतिविधियां थम गई हैं। राजधानी भोपाल समेत अधिकांश जिलों में तेज पानी नहीं गिरा। इससे गर्मी का असर बढ़ गया है। गुरुवार को 10 से ज्यादा जिलों में दिन का तापमान 34 डिग्री के पार पहुंच गया। ऐसा ही दौर शुक्रवार को भी बना रहेगा। कहीं भी भारी बारिश का अलर्ट नहीं है। प्रदेश में अब तक प्रदेश में 28.7 इंच बारिश हो चुकी है।मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि गुरुवार तक देश में एक ट्रफ की एक्टिविटी रही, जो मध्य प्रदेश से काफी दूर है। इस वजह से बारिश का दौर नहीं है। अगले 4 दिन तक तेज बारिश के आसार दिखाई नहीं दे रहे हैं। कहीं-कहीं बूंदाबांदी या रिमझिम बारिश जरूर हो सकती है। बारिश के मामले में इंदौर और उज्जैन संभाग की स्थिति ठीक नहीं है। इंदौर संभाग के आठ में से पांच जिले ऐसे हैं, जहां 13 इंच से कम पानी गिरा है। सिर्फ अलीराजपुर और झाबुआ में ही 20 इंच से ज्यादा पानी गिरा है। दूसरी ओर, ग्वालियर में सबसे ज्यादा 35 इंच बारिश हो चुकी है। यहां कुल बारिश का कोटा पूरा हो चुका है। जबलपुर और भोपाल की तस्वीर भी बेहतर है।मौसम विभाग के अनुसार, अगस्त के दूसरे सप्ताह में तेज बारिश का दौर शुरू होगा, जो आखिरी तक चलता रहेगा। बता दें कि जुलाई में प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ के हालात बने थे। खासकर पूर्वी हिस्से यानी- जबलपुर, रीवा, शहडोल और सागर संभाग में मानसून जमकर मेहरबान रहा। आखिरी दिनों में रायसेन में बेतवा ने विकराल रूप लिया। खेत-मंदिर और पुल डूब गए। वहीं, डैम ओवरफ्लो हो गए हैं।  

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भोपाल । राजस्व अधिकारियों के न्यायिक और गैर न्यायिक विभाजन को लेकर लगातार तीसरे दिन भी विरोध जारी रहा। शुक्रवार काे भी राजस्व अधिकारी काम नहीं कर रहे है। इससे अकेले भोपाल में ही 600 से ज्यादा कोर्ट केस की पेशियां आगे बढ़ाई गई हैं। अगले 2 दिन सरकारी छुट्‌टी है। इस वजह से आम लोगों के काम पर ज्यादा असर पड़ेगा।   नई व्यवस्था को भोपाल के सभी तहसीलदार और नायब तहसीलदार 6 अगस्त से विरोध कर रहे हैं। इससे पहले गुरुवार को उन्होंने अपनी गाड़ियों की चॉबी कलेक्टोरेट में जमा कर दी थी। वे ऑफिसों में तो बैठ रहे, लेकिन काम नहीं कर रहे। इस वजह से कोर्ट केस की पेशियां आगे बढ़ाई जा रही हैं। जानकारी के अनुसार, नामांतरण, सीमांकन, फौती‎ नामांतरण, मूल निवासी, जाति प्रमाण‎ पत्र, आय प्रमाण पत्र, ईडब्ल्यूएस ‎सहित करीब 500 से अधिक मामले‎ आते हैं। इसके अलावा हर दिन करीब तीन सौ प्रकरणों में तहसीलदार,‎ नायब तहसीलदार सुनवाई करते हैं।‎ इस वजह से दो दिन में ही 600 से ज्यादा केस की पेशियां आगे बढ़ा दी गई है। तीसरे दिन शुक्रवार को भी 300 पेशियां आगे बढ़ेगी। ऐसे में आंकड़ा 900 तक पहुंच सकता है।   भोपाल में बैरागढ़, कोलार, एमपी नगर, शहर वृत्त, बैरसिया और टीटी नगर तहसीलें हैं। इनके तहसीलदार और नायब तहसीलदारों को न्यायिक और गैर न्यायिक कार्य में विभाजित किया गया है। यानी, जो अधिकारी न्यायिक कार्य कर रहे हैं, वे फिल्ड में नहीं है। वहीं, फिल्ड वाले अधिकारी न्यायिक कार्य नहीं कर रहे। इस व्यवस्था का वे भी विरोध कर रहे हैं। बुधवार को कोर्ट समेत अन्य काम उन्होंने नहीं किए थे। गुरुवार को भी ऐसी ही स्थिति है। इस वजह से आमजनों के कामकाज पर भी असर पड़ रहा है। कोर्ट में प्रकरणों की सुनवाई नहीं हो रही तो जनता से जुड़े काम भी अटक रहे हैं।इस संबंध में मध्य प्रदेश राजस्व अधिकारी (कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा) संघ राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा और सीनियर अधिकारियों के सामने अपनी बात रख चुका है। इस दौरान बताया गया था कि अगले 3 महीने के लिए 12 जिलों में ही पायलेट प्रोजेक्ट के तहत यह व्यवस्था लागू की जाएगी, लेकिन बाद में 9 और जिलों में यह व्यवस्था लागू कर दी गई। इसके चलते संघ के सभी जिला अध्यक्ष, प्रभारी और प्रतिनिधियों की बैठक हुई। इसमें 6 अगस्त से विरोध करने का फिर से निर्णय लिया गया। संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नवीनचंद कुंभकार ने बताया कि भोपाल, इंदौर, उज्जैन समेत प्रदेश के कई जिलों में राजस्व अधिकारी विरोध कर रहे हैं। भोपाल में भी असर देखने को मिल रहा है।विरोध के चलते बुधवार को ही राजस्व मंत्री वर्मा ने कहा था कि यह कैबिनेट का निर्णय है। प्रोटोकॉल और न्यायालयीन प्रक्रिया में पहले बड़ी दिक्कतें आ रही थीं। सभी तहसीलदार और नायब तहसीलदारों के लिए व्यवस्था नहीं की है। कुछ के लिए ही है।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में तेज बारिश का दौर फिलहाल थम गया है। प्रदेश में अगस्त का पहला सप्ताह सूखा निकल गया। मौसम विभाग के अनुसार, अगले चार दिनों तक प्रदेश में कोई स्ट्रॉन्ग सिस्टम सक्रिय नहीं होगा। भोपाल, इंदौर, उज्जैन समेत कई जिलों में तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। ज्यादातर शहरों में पारा 35 डिग्री सेल्सियस के पार रहने की संभावना है।मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि अभी एक मानसून ट्रफ, एक अन्य ट्रफ और एक साइक्लोनिक सकुर्लेशन सिस्टम की एक्टिविटी है, लेकिन प्रदेश में इसका कोई असर नहीं है। इस वजह से भारी बारिश का दौर थमा हुआ है। 10 अगस्त तक ऐसा ही मौसम बना रहेगा। हालांकि कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है। बुधवार को शिवपुरी में ही हल्की बूंदाबांदी हुई। दूसरी ओर, छतरपुर के खजुराहो में पारा 35 डिग्री पर पहुंच गया। ग्वालियर, रतलाम, श्योपुर, उज्जैन, ग्वालियर, दमोह, नौगांव, रीवा, सतना, सिवनी, उमरिया में पारा 33 डिग्री या इससे अधिक दर्ज किया गया। वहीं, नर्मदापुरम, जबलपुर, मंडला, सीधी, टीकमगढ़ में 34 डिग्री के पार रहा। भोपाल में अधिकतम तापमान 32.7 डिग्री दर्ज किया गया।प्रदेश में 1 जून से 31 जुलाई तक औसत 28.7 इंच बारिश हो गई। 1 से 6 अगस्त के बीच सिर्फ 0.7 इंच पानी ही गिरा। हालांकि, यह कुल कोटे की 77 प्रतिशत है। वहीं, अब तक 40 प्रतिशत बारिश ज्यादा हो चुकी है। मौसम विभाग का अनुमान है कि अगस्त के दूसरे सप्ताह में तेज बारिश का दौर शुरू होगा, जो आखिरी तक चलता रहेगा। ऐसे में बारिश का कोटा अगस्त में ही पूरा हो जाएगा। इस बार सबसे ज्यादा पानी गुना में गिरा है। यहां 45.8 इंच बारिश हो चुकी है। निवाड़ी में 45.1 इंच, मंडला-टीकमगढ़ में 44 इंच और अशोकनगर में 42 इंच के करीब बारिश हो चुकी है। विदिशा, जबलपुर, नरसिंहपुर, बालाघाट, डिंडौरी, सागर, पन्ना, श्योपुर, सिंगरौली, सीधी, नर्मदापुरम और उमरिया में 30 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है। इंदौर में सबसे कम 11 इंच, बुरहानपुर में 11.1 इंच, बड़वानी में 11.5 इंच, खरगोन में 11.8 इंच और खंडवा में 12.8 इंच पानी ही गिरा है।  

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मंदसौर । मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में पिपलियामंडी और मल्हारगढ़ क्षेत्र के आसपास गुरुवार सुबह सुबह 10:07 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.9 मापी गई, जबकि भूकंप का केंद्र प्रतापगढ़ में जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई में था। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी) ने सोशल मीडिया एक्स पर इसकी जानकारी साझा की है।   मंदसौर में जिले के पिपलियामंडी नगर, रेवास देवड़ा, अमरपुरा, मल्हारगढ़, कनघट्टी, फोफालिया, बोरी, कुलमीपुरा और दमाखेड़ी गांवों में गुरुवार सुबह लोगों ने भूकंप के हल्के झटके किए गए। ये झटके कुछ सेकंड तक रहे। इससे घबराकर कई लोग अपने घरों और दुकानों से बाहर निकलकर खुले स्थानों में खड़े हो गए। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि अचानक दरवाजे और खिड़कियां हिलने लगीं। फिलहाल किसी तरह की जन या माल की हानि की कोई खबर नहीं है। जिला प्रशासन सतर्क हो गया है और आपदा प्रबंधन विभाग ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है।   मप्र के राजस्थान के प्रतापगढ़ शहर के नई आबादी, सदर बाजार, एरियापति, वाटर वर्क्स, बड़ा बाग कॉलोनी और मानपुर जैसे क्षेत्रों में भी झटके महसूस किए गए। यह वही क्षेत्र है, जहां भूकंप का केंद्र था। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी साझा की।

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भोपाल । राजस्व अधिकारियों के न्यायिक और गैर न्यायिक विभाजन को लेकर गुरुवार को भी विरोध जारी रहा। गुरुवार सुबह सभी तहसीलदार और नायब तहसीलदार एकसाथ कलेक्टोरेट पहुंचे। इसके बाद उन्होंने गाड़ियाें की चाबियां सौंप दी। इससे पहले बुधवार काे भी राजस्व अधिकारियों के न्यायिक और गैर-न्यायिक विभाजन को लेकर भोपाल सहित पूरे एमपी में विरोध हुआ था। यह अगले तीन दिन तक जारी रहेगा। तहसीलदार और नायब तहसीलदार आपदा प्रबंधन को छोड़ अन्य कोई काम नहीं करेंगे।   भोपाल में बैरागढ़, कोलार, एमपी नगर, शहर वृत्त, बैरसिया और टीटी नगर तहसीलें हैं। इनके तहसीलदार और नायब तहसीलदारों को न्यायिक और गैर न्यायिक कार्य में विभाजित किया गया है। यानी, जो अधिकारी न्यायिक कार्य कर रहे हैं, वे फिल्ड में नहीं है। वहीं, फिल्ड वाले अधिकारी न्यायिक कार्य नहीं कर रहे। इस व्यवस्था का वे भी विरोध कर रहे हैं। बुधवार को कोर्ट समेत अन्य काम उन्होंने नहीं किए थे। गुरुवार को भी ऐसी ही स्थिति है। इस वजह से आमजनों के कामकाज पर भी असर पड़ रहा है। कोर्ट में प्रकरणों की सुनवाई नहीं हो रही तो जनता से जुड़े काम भी अटक रहे हैं।इस संबंध में मध्यप्रदेश राजस्व अधिकारी (कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा) संघ राजस्व मंत्री वर्मा और सीनियर अधिकारियों के सामने अपनी बात रख चुका है। इस दौरान बताया गया था कि अगले 3 महीने के लिए 12 जिलों में ही पायलेट प्रोजेक्ट के तहत यह व्यवस्था लागू की जाएगी, लेकिन बाद में 9 और जिलों में यह व्यवस्था लागू कर दी गई। इसके चलते संघ के सभी जिला अध्यक्ष, प्रभारी और प्रतिनिधियों की बैठक हुई। इसमें 6 अगस्त से विरोध करने का फिर से निर्णय लिया गया। संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नवीनचंद कुंभकार ने बताया कि भोपाल, इंदौर, उज्जैन समेत प्रदेश के कई जिलों में राजस्व अधिकारी विरोध कर रहे हैं। भोपाल में भी असर देखने को मिल रहा है।विरोध के चलते बुधवार को ही राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने कहा था कि यह कैबिनेट का निर्णय है। प्रोटोकॉल और न्यायालयीन प्रक्रिया में पहले बड़ी दिक्कतें आ रही थीं। सभी तहसीलदार और नायब तहसीलदारों के लिए व्यवस्था नहीं की है। कुछ के लिए ही है।  

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सागर । मध्य प्रदेश के सागर जिले में बुधवार सुबह एक काॅलेज बस का ब्रेक फेल हाेने के बाद काेतवाली थाने की सीढियाें से जा टकराई। बस में करीब 25 छात्र-छात्राएं सवार थे। हादसे में बस में सवार एक छात्रा और एक शिक्षिका घायल हुई है। पुलिस ने घायलों को अस्पताल भिजवाया और ड्राइवर को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार ज्ञानसागर कॉलेज की बस क्रमांक एमपी 15 पीए 0485 बुधवार सुबह छात्राें काे लेकर जा रही थी। इस दाैरान तीनबत्ती तिराहे से बड़े बाजार की तरफ आते वक्त अचानक बस के ब्रेक फेल हाे गए। ड्राइवर ने बस को संभालने की कोशिश की लेकिन वह अनियंत्रित हाेकर सीधे कोतवाली थाने की सीढ़ियों से जा टकराई। हादसे के बाद बस में चीख-पुकार मच गई। आस-पास के लोग दौड़कर मौके पर पहुंचे और बस में सवार छात्रों को सुरक्षित बाहर निकाला। छात्रा और शिक्षिका को मामूली चोट आई, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल भिजवाया गया है। जिस जगह बस रुकी, उसके ठीक बगल में बिजली का ट्रांसफार्मर लगा हुआ था। अगर बस सीढ़ियों की बजाय ट्रांसफार्मर से टकराती, तो बड़ा हादसा हो सकता था। गनीमत रही कि समय रहते बस रुक गई और ट्रांसफार्मर की चपेट में नहीं आई। पुलिस ने बस को सड़क से हटाकर थाने में खड़ा कराया है। ड्राइवर को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। प्राथमिक जांच में ब्रेक फेल होने की बात सामने आई है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है कि तकनीकी खराबी थी या लापरवाही।            

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भोपाल  । गणेशोत्सव त्यौहार 27 अगस्त तथा अन्य त्यौहारों में पंडालों को अस्थायी कनेक्शन देने के लिए मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने माकूल प्रबंध किए हैं। कंपनी ने धार्मिक उत्सव समितियों और बिजली उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे गणेशोत्सव के दौरान धार्मिक पण्डालों एवं झॉंकियों में बिजली साज-सज्जा, नियमानुसार ऑनलाइन अस्थाई कनेक्शन लेकर ही करें।अस्थाई कनेक्शन लेने के लिए क्या करेंजनसंपर्क अधिकारी अरुण शर्मा ने बुधवार को बताया कि बिजली कंपनी के पोर्टल http://saralsanyojan.mpcz.in:8888/home पर जाकर निर्धारित प्रपत्र में सही, संयोजित विद्युत भार को दर्शाते हुए अस्थायी कनेक्शन हेतु ऑनलाइन आवेदन प्रस्तुत करें, लायसेंसी विद्युत ठेकेदार की टेस्ट रिपोर्ट आवेदन में संलग्न करें एवं वायरिंग इत्यादि लायसेंसधारी विद्युत ठेकेदार से ही करवाएं, आवेदन में दर्शाए अनुसार विद्युत भार के अनुरूप सुरक्षा निधि एवं अनुमानित विद्युत उपभोग की राशि अग्रिम जमा कराकर बिजली कंपनी से अस्थाई कनेक्शन की रसीद अवश्य लें, रसीद की लेमीनेटेड प्रति अनिवार्य रूप से पंडाल/झॉंकी के सामने लगाएं, आवेदित विद्युत भार से अधिक भार का उपयोग विद्युत साज-सज्जा के लिए न करें, विद्युत कनेक्शन मीटरीकृत होगा एवं विद्युत देयक की बिलिंग नियमानुसार अस्थायी कनेक्शन हेतु लागू घरेलू दर पर की जाएगी, झांकियों के निर्माण एवं विद्युत साज-सज्जा में सुरक्षा नियमों का अनिवार्य रूप से पालन करें। अनधिकृत तरीके से विद्युत का उपयोग न करें, अधिक जानकारी के लिए कंपनी के टोल फ्री नंबर - 1912 पर भी कॉल कर सकते हैं।अस्थाई कनेक्शन न लेने से होने वाले नुकसानअधिक भार से ट्रांसफार्मर के जलने की संभावना तथा दुर्घटना की आशंका, पारेषण एव वितरण प्रणाली पर विपरीत असर होने से अंधेरे की संभावना, अनधिकृत विद्युत उपयोग करने पर इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 के तहत उपयोगकर्ता एवं जिस विद्युत ठेकेदार से कार्य कराया गया है, उनके विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही, अनधिकृत विद्युत उपयोग की दशा में संबंधित विद्युत ठेकेदार के लायसेंस निरस्तीकरण की कार्यवाही।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में बीते कुछ दिनों से लगातार बारिश का दौर जारी था। इस बार जुलाई महीने में मानसून खूब बरसा। जिसकी वजह से कई जगह बाढ़ जैसे हालात हो गए थे। लेकिन अब प्रदेशवासियों के लिए राहत की खबर है। अगले 4 दिन तक स्ट्रॉन्ग सिस्टम की एक्टिविटी नहीं है। ऐसे में रक्षाबंधन पर भी मौसम साफ रहेगा। मौसम विभाग का कहना है कि भोपाल, इंदौर, उज्जैन समेत सभी जिलों में तीखी धूप खिली रहेगी।मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि इस बार अब तक अच्छी बारिश हो चुकी है। पूर्वी हिस्से यानी, जबलपुर, सागर, शहडोल और रीवा संभाग में औसत से 48 प्रतिशत और पश्चिमी हिस्से यानी, भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, चंबल और नर्मदापुरम संभाग में 39 प्रतिशत बारिश अधिक हुई है। 9 अगस्त तक प्रदेश में कहीं भी तेज बारिश होने का अनुमान नहीं है। इसकी वजह स्ट्रॉन्ग सिस्टम की एक्टिविटी नहीं है। उत्तरी हिस्से में जरूर हल्की बारिश हो सकती है। बारिश थमने से गर्मी का असर बढ़ेगा। ज्यादातर शहरों में पारा 35 डिग्री के पार रहेगा।प्रदेश में इस मानसूनी सीजन में 28.7 इंच बारिश हो चुकी है। अब तक 44 प्रतिशत पानी ज्यादा गिर चुका है। वहीं, कोटे की 77 प्रतिशत है। पूर्वी हिस्से में बादल जमकर बरसे हैं। अगस्त के दूसरे सप्ताह में तेज बारिश का दौर शुरू होगा, जो आखिरी तक चलता रहेगा। ऐसे में बारिश का कोटा अगस्त में ही पूरा हो जाएगा। हालांकि, अब तक ग्वालियर समेत 9 जिलों में कोटा पूरा हो चुका है, लेकिन इंदौर और उज्जैन संभाग के जिलों की तस्वीर बेहतर नहीं है।पिछले सप्ताह प्रदेश में बाढ़ के हालात बने थे। खासकर पूर्वी हिस्से यानी- जबलपुर, रीवा, शहडोल और सागर संभाग में मानसून जमकर मेहरबान रहा। इस बार सबसे ज्यादा पानी गुना में गिरा है। यहां 45.8 इंच बारिश हो चुकी है। निवाड़ी में 45.1 इंच, मंडला-टीकमगढ़ में 44 इंच और अशोकनगर में 42 इंच के करीब बारिश हो चुकी है। विदिशा, जबलपुर, नरसिंहपुर, बालाघाट, डिंडौरी, सागर, पन्ना, श्योपुर, सिंगरौली, सीधी, नर्मदापुरम और उमरिया में 30 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है। इंदौर में सबसे कम 11 इंच, बुरहानपुर में 11.1 इंच, बड़वानी में 11.5 इंच, खरगोन में 11.8 इंच और खंडवा में 12.8 इंच पानी ही गिरा है।

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उज्जैन । मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्‍वर की श्रावण/भाद्रपद माह में निकलने वाली सवारी के क्रम में सोमवार को श्रावण मास की चौथी सवारी धूमधाम से निकाली गई। इस दौरान अवंतिकानाथ ने नगर भ्रमण कर अपनी प्रजा का हाल जाना। सवारी के दौरान भगवान महाकाल चार स्वरूपों में अपने भक्तों को दर्शन दिए। बाबा महाकाल पालकी में श्री चन्‍द्रमोलेश्‍वर, गजराज पर श्री मनमहेश, बैलगाड़ी में गरूड़ पर शिवतांडव एवं बैलगाड़ी में नंदी पर श्री उमा-महेश के स्‍वरूप में विराजमान होकर नगर के भ्रमण पर निकले। सवारी के दौरान जनजातीय समूहों के कलाकारों द्वारा मनमोहक प्रस्तुतियां भी दी गईं।   शाम चार बजे महाकालेश्वर मंदिर से चतुर्थ सवारी शुरू हुई। सवारी निकलने के पूर्व महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में भगवान चंद्रमौलेश्वर का पूजन परिवहन व स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने किया। पूजन शासकीय पुजारी पं. घनश्याम शर्मा ने करवाया। इस दौरान महाकालेश्वर मंदिर परिसर के सभामंडप में विधायक सतीश मालवीय, महापौर मुकेश टटवाल, नगर निगम सभापति कलावती यादव, संजय अग्रवाल आदि ने भी भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर का पूजन-अर्चन किया और आरती में सम्मिलित हुए। सभी गणमान्यों ने पालकी को कंधा देकर नगर भ्रमण के लिए रवाना किया।   सभामंडप में पूजन उपरांत अवंतिकानाथ भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर के स्वरूप में पालकी में सवार होकर अपनी प्रजा का हाल जानने और भक्‍तों को दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण पर निकले। पालकी जैसे ही श्री महाकालेश्‍वर मंदिर के मुख्‍य द्वार पर पहुंची, सशस्‍त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में विराजित भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर को सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दी गई। इसके बाद सवारी नगर पर रवाना हुई। राजाधिराज भगवान महाकालेश्वर की सवारी में लाखों भक्त भगवान शिव का गुणगान करते हुए तथा विभिन्न भजन मंडलियां झांझ-मंजीरे, डमरू बजाते हुए चल रहे थे। सवारी मार्ग के दोनों ओर श्रद्धालु पालकी में विराजित चन्द्रमोलेश्वर के दर्शन के लिए खड़े थे जैसे ही पालकी उनके सामने से निकली वैसे ही भगवान के गुणगान एवं पुष्प वर्षा कर अपने आपको श्रद्धालु धन्य मान रहे थे।   सवारी अपने परम्परागत मार्ग से होती हुई शाम करीब छह बजे रामघाट पहुँची, जहाँ रामघाट पर मॉं क्षिप्रा के जल से भगवान महाकाल का अभिषेक और पूजन किया गया। इस दौरान परिवहन एवं स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने सपत्निक भगवान महाकालेश्वर का पूजन अर्चन किया। उन्होंने कहा कि भगवान महाकालेश्वर का आशीर्वाद पूरे प्रदेश और देश की जनता पर बना रहे, बस यही कामना है।   पूजन-अभिषेक व आरती उपरांत सवारी रामानुजकोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्‍यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर पहुंची, जहॉ सिंधिया ट्रस्‍ट के पुजारी द्वारा पालकी में विराजित श्री चन्‍द्रमौलेश्‍वर का पूजन किया गया। इसके पश्‍चात सवारी पटनी बाजार और गुदरी चौराहे से होती हुई पुन: महाकालेश्‍वर मंदिर पहुंची। महाकालेश्वर मंदिर पहुंचने के पश्‍चात सवारी का विश्राम हुआ। चार जनजातीय कलाकारों के दलों ने की सहभागिता मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर बाबा महाकाल की सवारी को भव्य स्वरुप देने के लिए चार जनजातीय कलाकारों के दल ने सहभागिता की। जिसमें मनीष सिसोदिया के नेतृत्व में मध्य प्रदेश में धार से भगोरिया नृत्य, मोजीलाल ड़ाडोलिया छिंदवाड़ा का भारिया जनजातीय भडम नृत्य, उज्जैन के कृष्णा वर्मा के नेतृत्व में मटकी लोक नृत्य, राहुल धुर्वे सिविनी के नेतृत्व में गोन्ड जनजातीय सैला नृत्य सम्मिलित हुए। यह सभी दल महाकालेश्वर भगवान की सवारी के साथ अपनी प्रस्तुति देते हुए चले। सभी जनजातीय दल संस्कृति विभाग भोपाल, जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी मध्य प्रदेश संस्कृति परिषद व ‍त्रिवेणी कला एवं पुरातत्वव संग्रहालय के माध्यम से भगवान महाकालेश्वर की चतुर्थ सवारी सहभागिता की।   श्रावण-भादौ माह 2025 में भगवान महाकाल की नगर भ्रमण पर निकली चतुर्थ सवारी में मध्य प्रदेश के वन्य जीव पर्यटन, धार्मिक पर्यटन, ऐतिहासिक पर्यटन, ग्रामीण पर्यटन की झाकियां निकाली गई। जिसमें वन्य जीव पर्यटन के अंतर्गत मध्य प्रदेश के प्रमुख वन्य जीव एवं वन्य जीव पर्यटन स्थल/टाइगर रिजर्व जैसे कान्हा टाइगर रिजर्व, पेंच टाइगर रिजर्व, रातापानी टाइगर रिजर्व एवं पन्ना टाइगर रिजर्व को प्रदर्शित किया गया है। धार्मिक पर्यटन के अंतर्गत मध्य प्रदेश के उज्जैन नगर के सांदीपनि आश्रम जहां की भगवान श्री कृष्ण ने शिक्षा ली थी, को प्रदर्शित किया गया है। साथ ही ओंकारेश्वर में स्थित आदि शंकराचार्य एकात्म धाम को भी प्रदर्शित किया। ऐतिहासिक पर्यटन के अंतर्गत ग्वालियर के किले चंदेरी का किला एवं खजुराहो के मंदिर का प्रदर्शन किया जा रहा है। ग्रामीण पर्यटन के अंतर्गत मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा ओरछा में संचालित होम स्टे और ओरछा मंदिर की प्रतिकृति भी प्रदर्शित की गई।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में इस मानसूनी सीजन में बारिश ने अब तक उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया है। मौसम विभाग के ताज़ा आँकड़ों के मुताबिक, प्रदेश में औसतन 28.6 इंच बारिश हो चुकी है, जो सामान्य से 47 प्रतिशत अधिक है। यह पूरे मानसून कोटे का लगभग 77 प्रतिशत है, और अगस्त के अंत तक यह कोटा पूरा होने की संभावना है।गुना-निवाड़ी में सबसे ज्यादा बारिशराज्य में सबसे अधिक बारिश गुना जिले में दर्ज की गई है, जहां अब तक 45.8 इंच पानी गिर चुका है। निवाड़ी में भी 45.1 इंच, मंडला और टीकमगढ़ में 44 इंच, तथा अशोकनगर में 42 इंच बारिश हुई है। राज्य के पूर्वी हिस्से जबलपुर, सागर, शहडोल और रीवा संभाग में औसत से 51 प्रतिशत ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। यहां रीवा, शहडोल और सागर संभाग में मानसून जमकर मेहरबान रहा है। पश्चिमी हिस्सों भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर और नर्मदापुरम संभाग में भी 43 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है। रायसेन में बेतवा नदी ने विकराल रूप ले लिया था। खेत-मंदिर और पुल डूब गए थे। वहीं, अब भी कई डैम अपने खतरे के निशान के नजदीक बने हुए हैं।ग्वालियर-मुरैना में भारी बारिश का अलर्टमौसम विभाग ने ग्वालियर और मुरैना समेत कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। वहीं, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दतिया, शिवपुरी, भिंड और श्योपुरकलां में बिजली के साथ मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है। बारिश की असमानता की वजह से इंदौर, उज्जैन, बुरहानपुर, बड़वानी, खरगोन और खंडवा में अब तक सामान्य से बेहद कम बारिश हुई है। इंदौर में महज़ 11 इंच, जबकि खंडवा में 12.8 इंच बारिश दर्ज हुई है।अगस्त के दूसरे सप्ताह से फिर तेज बारिशवरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि अगस्त के दूसरे सप्ताह से एक बार फिर तेज बारिश का दौर शुरू होगा, जो माह के अंत तक चलेगा। इसके चलते रक्षाबंधन पर ज्यादा बारिश की संभावना नहीं है, लेकिन स्वतंत्रता दिवस पर तेज बारिश हो सकती है। वहीं, मौसम वैज्ञानिक दीपक शाक्‍य ने बताया कि टीकमगढ़, दक्षिणी छतरपुर/खजुराहो, उत्तरी सागर में बिजली के साथ मध्यम बारिश जारी रहने की संभावना है, साथ ही निवाड़ी/ओरछा, उत्तरी छतरपुर, दक्षिणी सागर, दतिया/रतनगढ़, शिवपुरी, ग्वालियर/एपी, भिंड, मुरैना, श्योपुरकलां, पन्ना/टीआर, सीधी, सिंगरौली, अनूपपुर/अमरकंटक, शहडोल/बाणसागर बांध, उमरिया/बांधवगढ़, डिंडोरी, बालाघाट में हल्की बारिश जारी रहने की संभावना है। मध्य रात्रि में मंडला/कान्हा, नर्मदापुरम/पचमढ़ी, भोपाल/बैरागढ़, विदिशा/उदयगिरि, रायसेन/भीमबेटका/सांची, नरसिंहपुर, राजगढ़, शाजापुर, गुना, अशोकनगर, सीहोर, आगर, उज्जैन/महाकालेश्वर, इंदौर/एपी, देवास, दमोह में कहीं मध्‍यम व कहीं हल्‍की बारिश देखने को मिली है। वहीं, दिन के तापमान में बढ़ोतरी भी देखने को मिली। दस अगस्‍त तक इसी प्रकार का प्रदेश में मौसम रहने का अनुमान है।कृषि के लिए फायदेमंद लेकिन नुकसान भी कम नहींबारिश की अच्छी रफ्तार से खरीफ फसलों की बुआई को गति मिली है। किसानों को उम्मीद है कि यदि यही रफ्तार रही, तो इस बार फसलें बेहतर होंगी। वहीं, बारिश ने राहत तो दी, लेकिन बाढ़ जैसे हालात ने नुकसान भी पहुँचाया। गुना, शिवपुरी, अशोकनगर क्षेत्र में कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालातों के बीच सोमवार को मुख्‍यमंत्री डॉ. मोहन यादव एवं केंद्रीय मंत्री ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया लोगों के बीच पहुंचे और उन्‍हें शासन से जरूरी सहायता उपलब्‍ध कराई गई।उल्‍लेखनीय है कि जून-जुलाई में 275 लोगों की मौत, 1657 पशुओं की हानि और 3980 मकानों को नुकसान पहुँचने का आंकड़ा अब तक विभिन्‍न सरकारी एजेंसियों के माध्‍यम से सामने आया है। साथ ही 254 से अधिक सड़कें और पुल भी क्षतिग्रस्त हुए हैं।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में राज्य शासन ने भारतीय प्रशानिक सेवा (आईएएस) के पांच अधिकारियों का तबादला करते हुए उनकी नवीन पदस्थापना की है। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने सोमवार देर शाम आदेश जारी किया है।   जारी आदेश के अनुसार, 2017 बैच के आईएएस अधिकारी इंदौर नगर के अपर आयुक्त अभिलाष मिश्रा को उज्जैन में नगर निगम में कमिश्नर पदस्थ किया है। वहीं, स्टडी लीव से लौटे 1997 बैच के आईएएस मनीष सिंह को तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार विभाग में प्रमुख सचिव के पद पर पदस्थ किया है, साथ ही उन्हें खेल और युवक कल्याण विभाग का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया है। इसी तरह स्टडी लीव से लौटीं 2005 की आईएएस जीवी रश्मि को महिला और बाल विकास विभाग में सचिव बनाया गया है।   इसके अलावा 2016 बैच के आईएएस बीज और फार्म विकास निगम के प्रबंध संचालक अनुराग सक्सेना को राज्य कृषि विपणन बोर्ड में अपर प्रबंध संचालक की जिम्मेदारी सौंपी है। वहीं, 2018 बैच की आईएएस मप्र ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण की मुख्य महाप्रबंधक अर्चना सोलंकी को सामान्य प्रशासन विभाग में उपसचिव बनाया है।   सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश में आईएएस संदीप केरकेट्‌टा को मुख्यमंत्री के उप सचिव साथ बीज और फार्म विकास निगम के प्रबंध संचालक का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। आदेश में कहा गया है कि मनीष सिंह के तकनीकी शिक्षा के प्रमुख सचिव का चार्ज लेने के बाद मनु श्रीवास्तव अपर मुख्य सचिव नवीन और नवकरणीय ऊर्जा विभाग खेल और युवक कल्याण विभाग के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त होंगे।   इसी तरह प्रमुख सचिव राजस्व विभाग विवेक पोरवाल तकनीकी शिक्षा और कौशल व रोजगार विभाग के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त होंगे। वहीं, जीवी रश्मि के प्रभार संभालने के बाद अपर मुख्य सचिव खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग रश्मि अरुण शमी महिला और बाल विकास विभाग के दायित्व से मुक्त होंगी।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश के उत्तरी जिलों में फिर से भारी बारिश का खतरा मंडरा रहा है। मौसम विभाग ने मध्यप्रदेश के ग्वालियर-चंबल अंचल में भारी बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। ग्वालियर, दतिया और मुरैना जिलों में अगले 24 घंटों के दौरान साढ़े आठ इंच (204 मिमी तक) बारिश होने की संभावना जताई गई है। इन इलाकों में तेज बारिश के साथ जलभराव, निचले क्षेत्रों में बाढ़ और यातायात में व्यवधान की स्थिति बनने की आशंका है। स्थानीय प्रशासन को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। इनके अलावा श्योपुर, निवाड़ी, गुना, शिवपुरी, अशोकनगर और छतरपुर जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है। यहां मध्यम से भारी बारिश के साथ गरज-चमक और बिजली गिरने की चेतावनी दी गई है। शेष बचे जिलों में भी हल्की से मध्यम बारिश के साथ आकाशीय बिजली की संभावना को देखते हुए यलो अलर्ट लागू किया गया है। इनमें से ज्‍यादातर जिलों में रविवार को भी झमाझम बारिश हुई थी, जिससे कई जगहों पर जलभराव की स्थिति बन गई।मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश के उत्तरी हिस्से के ऊपर एक ट्रफ लाइन और साइक्लोनिक सर्कुलेशन सक्रिय है, जिसका सीधा असर इन जिलों पर देखने को मिल रहा है। अनुमान है कि अगले 24 घंटे में इन क्षेत्रों में 4.5 इंच तक वर्षा हो सकती है। इस संबंध में मौसम वैज्ञानिक देवेश सिंह ने जानकारी दी कि सीधी, सिंगरौली, रीवा, मऊगंज, सतना/चित्रकूट, मैहर, शहडोल/बाणसागर बांध पर बिजली के साथ मध्यम बारिश होने की संभावना है। साथ ही श्योपुर कलां, मुरैना, ग्वालियर/एपी, भिंड, दतिया/रतनगढ़, शिवपुरी, निवाड़ी/ओरछा, छतरपुर/खजुराहो, पन्ना/टीआर, दमोह, कटनी, भोपाल, उमरिया, जबलपुर, अनूपपुर/अमरकंटक, गुना, पर हल्की बारिश होने की संभावना है। मध्य रात्रि में अशोकनगर, विदिशा, रायसेन, सिवनी, नरसिंहपुर, नर्मदापुरम, सीहोर, देवास, मंदसौर, नीमच, आगर, शाजापुर, राजगढ़, रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी, खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर, उज्जैन, टीकमगढ़, सागर, धार, इंदौर, हरदा, बैतूल, छिंदवाड़ा में हल्‍की बारिश हुई है।भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार, बंगाल की खाड़ी और उत्तर-पश्चिम मध्य प्रदेश पर बना निम्न दबाव क्षेत्र तेजी से सक्रिय हो रहा है, जिससे अगले 24 से 48 घंटे के भीतर ग्वालियर-चंबल अंचल में अत्यधिक वर्षा हो सकती है। यह तंत्र अब राजस्थान और मध्य प्रदेश की सीमा के पास केंद्रित होता दिख रहा है। उधर, उत्तरप्रदेश में यमुना नदी के जलस्तर में वृद्धि का असर मध्‍य प्रदेश के चित्रकूट में भी देखने को मिला है। यहां की मंदाकिनी नदी उफान पर है, जिससे शहर के बाजार क्षेत्र में सौ से अधिक दुकानें पानी में डूब गईं। लोगों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।मौसम विभाग के अनुसार, 16 जून से अब तक प्रदेश में औसतन 28.4 इंच बारिश दर्ज की जा चुकी है, जबकि इस अवधि के लिए सामान्य आंकड़ा 19 इंच होता है। यानी इस बार मानसून ने औसत से कहीं ज्यादा मेहरबानी दिखाई है। अब तक जिन जिलों में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई है, उनमें शामिल हैं- ग्वालियर, अशोकनगर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, राजगढ़, शिवपुरी, गुना, मुरैना और श्योपुर। इन जिलों में पचास प्रतिशत से अधिक बारिश हो चुकी है, जिससे कई स्थानों पर जलभराव की स्थिति बन गई है। हालांकि इस बीच राजधानी के पास स्थित सीहोर जिला बारिश की कमी से जूझ रहा है। यहां की सीवन नदी में बहुत कम पानी है, जो स्थानीय ग्रामीणों और किसानों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। खेतों में नमी की कमी और जलस्रोतों के सूखने से बोवनी कार्य प्रभावित हुआ है।मौसम विभाग के वैज्ञानिकों ने हालांकि उम्मीद जताई है कि अगस्त के मध्य से लेकर सितंबर के अंत तक सीहोर और अन्य कम वर्षा वाले जिलों में मानसून सक्रिय रहेगा और बारिश का औसत आंकड़ा पूरा हो सकता है। दूसरी ओर, इंदौर और उज्जैन संभागों में भी अब तक औसत से कम वर्षा हुई है, जबकि भोपाल और जबलपुर में इस सीजन की लगभग आधी बारिश ही दर्ज की गई है।उल्‍लेखनीय है कि पिछले सप्ताह प्रदेश के कई हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात बन गए थे। रायसेन में बेतवा नदी ने विकराल रूप ले लिया था। नर्मदा नदी अभी भी उफान पर है और कई डैम ओवरफ्लो हो चुके हैं, जिसके चलते उनके गेट खोल दिए गए हैं। यहां देखने में यही आ रहा है कि राज्‍य में इस वक्‍त मानसून एक ओर कुछ जिलों में राहत और चुनौती दोनों ला रहा है, वहीं दूसरी ओर कुछ ज़िले अब भी बादलों की प्रतीक्षा में हैं।  

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मऊगंज । मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र में साेमवार सुबह एक स्कूल बस और पुलिस की डायल 100 में आमने- सामने की जोरदार भिड़ंत हो गई। हादसे के बाद अफरा-तफरी मच गई। इस घटना में बस में सवार तीन बच्चे घायल हो गए। तीनाें काे मऊगंज सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां प्राथमिक इलाज के बाद सभी की हालत सामान्य बताई गई है। प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला और मामले की जांच शुरू की।   जानकारी के अनुसार यह घटना साेमवार सुबह 11 बजे बरांव गांव में मिश्रान टोला के पास एक मोड़ पर हुई। सरस्वती संस्कार हाई स्कूल की बस और पुलिस की डायल-100 गाड़ी में आमने-सामने की टक्कर हो गई। घटना के वक्त बस में 25 स्कूली बच्चे सवार थे। ये सभी बराव गांव के रहने वाले हैं। हादसे में तीन बच्चों साहिल पटेल, रोहित जायसवाल और शिवम पटेल को मामूली चोट आई है। उन्हें तुरंत मऊगंज सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां प्राथमिक इलाज के बाद सभी की हालत सामान्य बताई गई है। चश्मदीदों के अनुसार, स्कूल बस पहाड़ी की तरफ से आ रही थी, जबकि पुलिस का वाहन मऊगंज की ओर से जा रहा था। मोड़ पर दोनों गाड़ियां आपस में टकरा गईं। हादसा इतना तेज था कि कुछ देर के लिए गांव में हड़कंप मच गया। स्कूल स्टाफ, ग्रामीण और पुलिस तुरंत घटना स्थल पर पहुंचे। बच्चों के अभिभावकों में भी इस घटना को लेकर चिंता फैल गई। डायल 100 की गाड़ी और स्कूल बस की टक्कर किन कारणों से हुई, क्या यह लापरवाही का नतीजा थी या कोई तकनीकी खामी ? इसकी जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस और प्रशासन मौके पर पहुंचकर स्थितियों का जायजा ले रहे हैं। फिलहाल पुलिस दोनों पक्षों के बयान ले रही है।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश की राजधानी भाेपाल के तलैया थाना क्षेत्र में कमला पार्क इलाके में रविवार देर रात दो सेंट्रो कार में अचानक आग भड़क उठी। इस घटनाक्रम का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है जिसमें एक संदिग्ध हाथ में कुछ सामान लेकर गाड़ियों की तरफ बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। फरियादी आपस में रिश्तेदार है। पुलिस ने दाेनाें की शिकायत पर मामला दर्ज लिया और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच कर रही है।   जानकारी के अनुसार घटना रविवार देर रात ढेरपुरा स्थित संजीवनी क्लिनिक के सामने की है। ओसामा अली (43) पेशे से जिम ट्रेनर हैं। उन्होंने अपनी सेंट्रो कार को रात करीब 11:50 बजे घर के सामने खड़ा किया था। वहीं, उनके भतीजे साईम अली (35) ने अपनी कार शाम 8 बजे पार्क की थी। दोनों गाड़ियां संजीवनी क्लिनिक के सामने रोड के किनारे खड़ी थीं। देर रात करीब 3:15 बजे किसी अज्ञात युवक ने पहले दोनों गाड़ियों पर कोई ज्वलनशील पदार्थ डाला और फिर आग लगा दी। आग की लपटें उठती देख आसपास के लोग जाग गए और फौरन फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई। आग पर काबू पा लिया गया, लेकिन तब तक ओसामा अली की कार में करीब 80 हजार रुपए और साईम अली की कार में लगभग 90 हजार रुपए का नुकसान हुआ है। इसके अलावा पास ही खड़ी एक अन्य स्कूल मेजिक वाहन भी इस आग की चपेट में आई।घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने इलाके के सीसीटीवी कैमरे खंगाले। फुटेज में एक युवक हाथ में कोई सामान लिए गाड़ियों के पास आता हुआ नजर आया है। एक अन्य फुटेज में आग लगाने के बाद वही युवक भागता हुआ दिखाई दे रहा है। हालांकि अभी तक उसकी पहचान नहीं हो सकी है। तलैया पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर संदिग्ध की पहचान की जा रही है और जल्द ही उसे गिरफ्तार किया जाएगा। स्थानीय लोगों से भी पूछताछ की जा रही है, ताकि घटना के पीछे की मंशा का पता चल सके।      

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) द्वारा "ए" ग्रेड प्रदान किया गया है। उच्च शिक्षा मंत्री इन्दर सिंह परमार ने इस महत्वपूर्ण एवं गौरवपूर्ण उपलब्धि मिलने पर उच्च शिक्षा विभाग एवं विश्वविद्यालय परिवार को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं हैं। मंत्री परमार ने शनिवार को उक्त जानकारी देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के यशस्वी नेतृत्व में राज्य सरकार, विद्यार्थियों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के परिप्रेक्ष्य में गुणवत्तापूर्ण एवं रोजगारपरक उच्च शिक्षा प्रदान करने की दिशा में प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सतत् नवीन आयाम स्थापित हो रहे हैं। उच्च शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों के समग्र विकास एवं प्रगति के साथ, शैक्षणिक एवं अकादमिक स्तर पर उत्तरोत्तर गुणवत्ता वृद्धि हो रही है। विद्यार्थियों के गुणात्मक एवं संज्ञानात्मक विकास के लिए मजबूत आधार तैयार करने, शोध एवं नवाचारों को बढ़ावा देने, उद्योगजगत की आवश्यकता अनुरूप रोजगारपरक पाठ्यक्रमों की समावेशिता को बढ़ावा देने और देश की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित एवं संवर्धित करने के लिए सतत् कार्य किए जा रहे हैं। उच्च शिक्षा मंत्री परमार ने कहा कि विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. सुरेश कुमार जैन के नेतृत्व में विश्वविद्यालय परिवार अपने पुरुषार्थ से नए आयाम स्थापित कर रहा है। विश्वविद्यालय का, उच्च शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद द्वारा निर्धारित मानकों पर खरा उतरकर, सर्वोत्कृष्ट उपलब्धि अर्जित करना प्रशंसनीय एवं सराहनीय है। उन्होंने कहा कि यह मान्यता मिलने से विश्वविद्यालय के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और अनुसंधान अनुदान के साथ राष्ट्रीय एवं वैश्विक मंचों पर संस्थागत दृश्यता की नई राहें प्रशस्त होंगी। विद्यार्थियों के लिए बेहतर प्लेसमेंट एवं रोजगार के लिए नए अवसरों का सृजन होगा। परमार ने कहा कि नैक द्वारा प्रत्ययन से वंचित प्रदेश के अन्य समस्त उच्च शिक्षण संस्थान, विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय भी राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद के मानकों पर खरा उतरने के लिए प्रयास करें। ज्ञातव्य है कि राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद की टीम ने भोपाल स्थित बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय का 23 से 25 जुलाई तक निरीक्षण कर विश्वविद्यालय में पाठ्यक्रम गुणवत्ता, शिक्षण-प्रशिक्षण एवं मूल्यांकन, शोध, नवाचार, आधारभूत ढांचा एवं संसाधन, विद्यार्थी सहयोग एवं प्रगति, गवर्नेंस एवं लीडरशिप मैनेजमेंट सहित विविध मानकों के आधार पर परखा था। राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नौक) द्वारा बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय को निर्धारित मानकों पर "ए" ग्रेड से प्रत्ययित किया गया है। उल्लेखनीय है कि बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय (जिसे पहले भोपाल विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाता था) की स्थापना वर्ष 1970 में, प्रदेश की राजधानी भोपाल में हुई थी। वर्ष 1988 में इसका नाम बदलकर बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय कर दिया गया था। विश्वविद्यालय को नैक द्वारा वर्ष 2015 में 'बी' ग्रेड प्रदान किया गया था। बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय भोपाल को वर्ष 2025 में वैश्विक विश्वविद्यालय रैंकिंग (एमईआई विश्व रैंकिंग-2025) द्वारा भी योग्यता, उत्कृष्टता और प्रभाव के लिए विशिष्ट रैंकिंग भी प्रदान की गई है। यह प्रमाणपत्र उत्कृष्ट उपलब्धि के सम्मान में प्रदान किया गया है, जो जीयू की एमईआई विश्व रैंकिंग में संस्थान के असाधारण प्रदर्शन को दर्शाता है। यह विश्वविद्यालय की शैक्षणिक उत्कृष्टता और समग्र शिक्षा के प्रति समर्पण को दर्शाता है। विगत दो वर्षों में विश्वविद्यालय को पीएम उषा के अंतर्गत 100 करोड़ रुपए की राशि भी प्राप्त हुई है, जिसका उपयोग विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता को बढ़ाने एवं अधो-संरचना के विकास के साथ-साथ शोध को बढ़ावा देने में उपयोगी सिद्ध हो रहा है।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में बीते तीन-चार दिनों से तेज बारिश की गतिविधियां रूक गई है। हालांकि कहीं हल्‍की बूंदाबांदी हो रही है। वहीं इस बीच अब मौसम विभाग ने अगले दो दिन तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। आज रविवार को ग्वालियर, चंबल और सागर संभाग के 9 जिलों में भारी बारिश हो सकती है। अगले 2 दिन तक ऐसा मौसम बना रहेगा।मौसम विभाग के अनुसार, रविवार को ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, शिवपुरी, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़ और छतरपुर में भारी बारिश का अलर्ट है। यहां अगले 24 घंटे में साढ़े 4 इंच तक पानी गिर सकता है। मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि साइक्लोनिक सर्कुलेशन और टर्फ प्रदेश के ऊपरी हिस्से में है। जिसका असर प्रदेश में नहीं रहा। हालांकि, दो दिन तक उत्तरी हिस्से में तेज बारिश हो सकती है। इससे पहले टीकमगढ़, गुना, नर्मदापुरम, छतरपुर के नौगांव, रीवा, सागर, सतना, सीधी, उमरिया समेत कई जिलों में हल्की बारिश का दौर चला। टीकमगढ़ में आधा इंच से ज्यादा पानी गिर गया।पिछले सप्ताह प्रदेश में बाढ़ के हालात बने थे। खासकर पूर्वी हिस्से यानी- जबलपुर, रीवा, शहडोल और सागर संभाग में मानसून जमकर मेहरबान रहा। रायसेन में बेतवा ने विकराल रूप लिया। खेत-मंदिर और पुल डूब गए। दो दिन से बारिश थमी रही, लेकिन नर्मदा नदी उफान पर है। वहीं, डैम ओवरफ्लो है। इनके गेट खोले गए। प्रदेश के ग्वालियर, राजगढ़, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, मुरैना और श्योपुर में बारिश का कोटा पूरा हो गया है। यहां सामान्य से 50 प्रतिशत तक ज्यादा पानी गिर चुका है। टीकमगढ़-निवाड़ी में सबसे ज्यादा बारिश हुई है, जबकि इंदौर में सबसे कम पानी गिरा है। वहीं, भोपाल और जबलपुर में सीजन की आधी बारिश हुई है। प्रदेश में अब तक औसत 28 इंच बारिश हो चुकी है।  

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दमोह । मध्यप्रदेश के दमोह में आवारा कुत्तों के आतंक से लोगों को परेशान होते देखा जा सकता है। इनके सडक पर अचानक दौडने और हमला से बचने में प्रतिदिन अनगिनित लोग वाहनों से गिरकर घायल हो जाते हैं। अगर इनके द्वारा काटने से घायलों की संख्या पर नजर डालें तो जुलाई माह में 434 लोगों को इन आवारा कुत्तों ने अपना शिकार बनाया।   मई माह में 370 एवं जून में 385 यानि मई, जून एवं जुलाई माह की स्थिति पर नजर डालें तो यह संख्या 1 हजार 204 पहुंच जाती है। एन्टी रैबीज इंजेक्शन लगवाने जिला चिकित्सालय पहुंचेे लोेगों की यह संख्या है जबकि जिले में अन्य चिकित्सालयों की स्थिति को देखें तो यह लगभग दो हजार है, हालांकि एैसे भी लोग हैं जो एन्टी रैबीज इंजेक्शन की जगह अन्य उपाय भी कर लेते हैं जो खतरनाक बताया जाता है। इन आवारा कुत्तों के आतंक से मुक्ति दिलाने की जिम्मेदारी नगरीय निकाय पर होती है परन्तु अपनी जिम्मेदारी कितना निभा रहा है यह किसी से छुपा नहीं है।

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में पिछले दो दिन की राहत के बाद एक बार फिर मौसम सक्रिय हो गया है। शुक्रवार को मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की बूंदाबांदी हुई, लेकिन शनिवार को ज्‍यादातर हिस्‍सों में मौसम खुला हुआ है। दोपहर तक हल्की बूंदाबांदी और शॉवर्स के बीच तापमान लगभग 26–30 डिग्री सेल्‍सियस तक पहुँच सकता है। दिनभर घने बादल बने रहेंगे और शाम तक बारिश की संभावना है। 03 और 04 अगस्त को यहां कुछ जिलों में तेज बारिश की संभावना के साथ मौसम विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है।   मौसम विभाग के अनुसार राज्य के अधिकांश हिस्सों में आर्द्रता बढ़ेगी। राजधानी भोपाल समेत इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन जैसे शहरों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। इस बारे में मौसम विभाग की ओर से बताया गया है कि वर्तमान में एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन और टर्फ प्रदेश के ऊपर बना हुआ है। अगले 24 घंटों में इसका असर उत्तरी मध्य प्रदेश में देखा जा सकता है। ग्वालियर, चंबल और सागर संभाग के जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। टीकमगढ़, गुना और निवाड़ी सहित कई जिलों में तेज हवाएं (40-50 किमी/घंटा) और आकाशीय बिजली गिरने की चेतावनी भी जारी की है। जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के सभी बांधों एवं जलाशयों की निरंतर निगरानी की जाए और सभी सुरक्षात्मक उपाय किए जाएं।   मौसम विभाग के अनुसार मप्र के पूर्वी हिस्से में औसत से 62 प्रतिशत अधिक एवं पश्चिमी हिस्से में औसत से 55 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई है। जो कि प्रदेश की औसत वर्षा से आठ प्रतिशत अधिक थी। प्रदेश के प्रमुख बांधों में जल भराव की स्थिति में प्रमुख बांधों में 72.75 प्रतिशत जलभराव हो चुका है। प्रदेश के 18 बांधों के जल द्वार खोले जा चुके हैं।   भिंड में बाढ़ के बीच बीमार बुजुर्ग का रेस्क्यू   बारिश के कारण भिंड जिले में हालात अभी भी सामान्य नहीं हैं। शुक्रवार को सिंध और चंबल नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से 6 से 7 मीटर ऊपर दर्ज किया गया। इससे आसपास के कई गांवों का संपर्क मुख्य सड़कों से कट गया है। इसी बीच मुसावली गांव से एक बीमार बुजुर्ग के फंसे होने की सूचना पर प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एनडीआरएफ टीम को रवाना किया, जिसने सुरक्षित रेस्क्यू ऑपरेशन करते हुए बुजुर्ग को अस्पताल पहुंचाया। प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में एनडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी हैं, जो चौबीसों घंटे निगरानी कर रही हैं और जरूरत पड़ने पर तत्काल राहत और बचाव कार्य कर रही हैं।   प्रदेश के बांधों की जल भराव स्‍थ‍िति   प्रदेश के प्रमुख बांधों में जल भराव की स्थिति में प्रमुख बांधों में 72.75 प्रतिशत जलभराव हो चुका है। प्रदेश के 18 बांधों के जल द्वार खोले जा चुके हैं। जिसमें कि बरगी जबलपुर बांध के पांच, बिलगांव डिंडोरी के दो, गोपी कृष्ण सागर गुना का एक, इंदिरा सागर खंडवा के 12, कोतवाल फीडर मुरैना के दो, कुटनी छतरपुर के दो, मणिखेड़ा शिवपुरी के 10, मनुअर शिवपुरी के दो, मटियारी मंडला के 6, मोहिनी पिकअप वियर शिवपुरी के दो, ओंकारेश्वर के 19, पगारा मुरैना के दो, पगरा फीडर सागर के सात, पवई पन्ना का एक, राजघाट अशोकनगर के आठ, संजय सागर विदिशा का एक, थावर मंडला का एक तथा अपर ककेटो श्योपुर का एक गेट खोले जा चुके हैं।   रिजर्वायर लेवल मॉनिटरिंग सिस्टम में चिन्हित प्रदेश के 286 प्रमुख बांधों में से 104 बांधों में 90 प्रतिशत से अधिक, 31 बांधों में 75 प्रतिशत से 90 प्रतिशत तक तथा 46 बांधों में 50 प्रतिशत से 75 प्रतिशत तक जल भराव हो चुका है। इसी प्रकार 52 बांधों में 25 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक, 25 बांधों में 10 प्रतिशत से 25 प्रतिशत तक तथा शेष प्रमुख बांधों में 10 प्रतिशत से कम जल भराव हुआ है।   नर्मदा बेसिन अंतर्गत प्रमुख बांधों के जलग्रहण क्षेत्र में औसत से अधिक वर्षा दर्ज होने से लगभग सभी बाँधों में जल भराव की स्थिति सामान्य से अधिक है। जबलपुर जिले में बरगी बांध 62.01 प्रतिशत, रायसेन जिले में बारना 78.9 प्रतिशत, नर्मदापुरम में तवा बांध 82.45 प्रतिशत, सीहोर में कोलार बांध 64.37 प्रतिशत, खंडवा में इंदिरा सागर बांध 88.80 प्रतिशत एवं ओंकारेश्वर बांध 94.85 प्रतिशत भर चुका है। वहीं, प्रदेश के गंगा बेसिन अंतर्गत निर्मित बड़ी परियोजनाओं में शहडोल स्थित बाणसागर में 63.68 प्रतिशत एवं सीधी स्थित महान बांध में 80.81 प्रतिशत जलभराव हो चुका है। बाणसागर बॉध के जलग्रहण क्षेत्र में गत दिनों भारी वर्षा दर्ज की गई।   भोपाल जिले में स्थित केरवा एवं कलियासोत बांध की स्‍थ‍िति   वैनगंगा बेसिन अंतर्गत प्रदेश के प्रमुख बांधो में पेंच छिंदवाड़ा में 63.38 प्रतिशत, संजय सरोवर सिवनी में 69.80 प्रतिशत एवं बालाघाट स्थित राजीव सागर में 32.05 प्रतिशत जल भराव है। माही एवं ताप्ती बेसिन में प्रमुख बांध पारसडोह 60.64 प्रतिशत, माही मेन और माही सब्सिडरी बांध में क्रमश: 42.32 प्रतिशत एवं 20.17 प्रतिशत जल भराव हुआ है। बेतवा बेसिन बेसिन अंतर्गत प्रमुख बांधो में भोपाल जिले में स्थित केरवा एवं कलियासोत बांध में क्रमश: 52.78 एवं 60.91 प्रतिशत जल भराव की स्थिति है। सम्राट अशोक सागर हलाली 61.75 प्रतिशत, संजय सागर बांध 70.71 प्रतिशत और राजघाट 73.18 प्रतिशत भर चुके हैं।   चंबल बेसिन में गांधी सागर बांध 52.42 प्रतिशत, मोहनपुरा 75.59 प्रतिशत और कुण्डलिया 42.08 प्रतिशत भर गए हैं। प्रदेश के शेष बेसिन जैसे सिंध, केन और धसान में भी बांधों के जलग्रहण क्षेत्र में माह जुलाई में अत्यधिक वर्षा दर्ज हुई है। प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र के छतरपुर, टीकमगढ़, निवारी जिलों में गत दिनों भारी वर्षा दर्ज की गई। धसान बेसिन में बाणसुजारा बांध 53.43 प्रतिशत एवं पन्ना में पवई बांध 50.67 प्रतिशत जलभराव में है।   इसी प्रकार ग्वालियर-चंबल संभाग में दतिया, भिण्ड, शिवपुरी, श्योपुर एवं अशोक नगर में भी भारी वर्षा दर्ज की गई है। सिंध बेसिन पर स्थित आवदा बांध 100.00 प्रतिशत, हरसी 105.52 प्रतिशत, अपर काकेटो 44.94 प्रतिशत, काकेटो 100.98 प्रतिशत, मड़ीखेड़ा 74.30 प्रतिशत, मोहिनी पिकअपवेयर 58.99 प्रतिशत जल भराव की स्थिति में हैं।   उल्‍लेखनीय है कि बीते सप्ताह जबलपुर, रीवा, शहडोल और सागर संभाग के जिलों में मूसलधार बारिश से बाढ़ जैसे हालात बन गए थे। रायसेन जिले में बेतवा नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया, जिससे खेत, मंदिर और पुल तक डूब गए। इस बीच नर्मदा नदी भी उफान पर है, वहीं कई डैम ओवरफ्लो होने के चलते गेट खोले गए हैं, जिससे निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है।   प्रशासन और मौसम विभाग ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि वे नदी-नालों से दूर रहें, बारिश के दौरान जरूरी यात्रा से बचें और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत स्थानीय प्रशासन या आपदा नियंत्रण कक्ष से संपर्क करें।  

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दमोह । मध्यप्रदेश के दमोह में एक और मगरमच्छ पिंजडे में कैद कर लिया गया है। शनिवार को दमोह ग्राम कनिया घाट पटी में ब्यारमा नदी में ट्रैप केज लगा कर मगरमच्छ पकडा गया। विदित हो कि यह चैथा मगरमच्छ है जुलाई माह में 3 मगरमच्छों को पकडा गया था। वनमंडलाधिकारी ईश्वर जरांडे के निर्देशन में लगातार मगरमच्छों को पकडने में वन विभाग का अमला लगा हुआ है।   ज्ञात हो कि जिले से निकलने वाली ब्यारमा नदी मे काफी बडी संख्या में मगरमच्छ हैं। गत माह एक महिला को मगरमच्छ ने अपना निशाना बनाया था और उसकी मौत हो गयी थी, जबकि एक महिला को खेत में हमला करके घायल कर दिया था। वन विभाग द्वारा मगरमच्छों को पकडने एवं लोगों को नदियों के किनारों से दूर रहने के लिये संबधित क्षेत्र में विभिन्न प्रकार से मुनादी करायी जा रही है।   रेंजर विक्रम सिंह ने बताया कि आज पकडे गये मगरमच्छ की लम्बाई 6.8 फुट है जिसको रेस्क्यू किया जा रहा है। उन्होने बताया कि वन विभाग के नियमों के अनुसार इसको सुरक्षित स्थान पर छोडा जायेगा। रेस्क्यू में डिप्टी रेंजर प्रेमलाल अहिरवार,वन रक्षक मयंक विश्वकर्मा,ईश्वरकांत मिश्रा,अमित तिवारी एवं लक्ष्मीकांत की विशेष भूमिका रही है।

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अशेाक नगर । मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले के कलेक्‍टर आदित्‍य सिंह शनिवार को साइकिल से बाढ़ तहसील नईसराय के बाढ़ प्रभावित ग्राम शाजापुर तिगरी, अखाईघाट, पौरूखेडी में पहुंचे। उन्होंने इन ग्रामों में पहुंचकर अतिवर्षा एवं बाढ़ से प्रभावितों की समस्‍याओं को सुना। ग्रामीणों ने बाढ़ से हुए नुकसान के बारे में कलेक्‍टर को अवगत कराया। कलेक्‍टर ने प्रभावितों से आश्‍वस्‍त किया कि बाढ़ से हुए नुकसान की हर संभव सहायता मुहैया कराई जाएगी। राजस्‍व एवं कृषि सर्वे दल द्वारा प्राप्‍त रिपोर्ट के आधार पर मुआवजा राशि का वितरण बाढ प्रभावितों को किया जाएगा। कलेक्‍टर आदित्‍य सिंह ग्राम शाजापुर तिगरी, अखाईघाट, पौरूखेडी में अतिवर्षा एवं बाढ़ प्रभावितों से संवाद किया और उन्हें ढांढस बंधाते हुए कहा कि इस संकट की घड़ी में शासन, प्रशासन आपके साथ है। प्रभावितों की हर संभव सहायता की जाएगी। अतिवर्षा एवं बाढ़ से प्रभावितों का जो नुकसान हुआ है, उसका शत प्रतिशत सर्वे कराकर राहत राशि उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने प्रभावितों को 50 किलो राशन सामग्री वितरित किए जाने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। साथ ही उन्होंने पटवारी को निर्देश दिए कि खराब फसल का शत प्रतिशत सर्वे किया जाए। सर्वे में किसी प्रकार की लापरवाही न हो यह सुनिश्चित किया जाए। उन्‍होंने बाढ़ प्रभावितों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास स्‍वीकृत कराये जाने के निर्देश दिये। बाढ़ प्रभावितों को राहत किट वितरण और क्षतिग्रस्त मकानों का निरीक्षण कलेक्टर आदित्‍य सिंह एवं चंदेरी विधायक जगन्‍नाथ सिंह रघुंवंशी ने शाहजहांपुर तिगरी, अखाईघाट एवं पारुखेड़ी के ग्रामीणों के घरों में पहुंचकर बाढ़ से हुए नुकसान की स्थिति का मौका मुआयना किया। साथ ही क्षतिग्रस्त मकान वाले परिवारों को राशन, राहत किट का थैला वितरण किया। उन्होंने परिवारों को ढंढास बधाते हुए कहा कि क्षतिग्रस्त मकानों का सर्वे अनुसार क्षतिपूर्ति का मुआवजा दिलाया जाएगा। इस अवसर पर सांसद प्रतिनिधि हरिसिंह रघुवंशी, एसडीएम रचना शर्मा, नायब तहसीलदार मयंक तिवारी सहित जनप्रतिनिधिगण एवं संबंधित अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । मध्य प्रदेश में भारी बारिश के चलते कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात है। हालांकि अति भारी बारिश का दौर तो थम गया, लेकिन हालात अब भी बिगड़े हुए हैं। बुधवार को गुना, शिवपुरी, श्योपुर, मुरैना समेत कई जिलों में सैकड़ों लोगों को रेस्क्यू किया। नर्मदा समेत अन्य नदियां उफान पर रही। इससे रास्ते भी बंद हो गए। आज गुरुवार को 12 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट है। शिवपुरी में स्कूलों की छुट्‌टी रहेगी।मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि बुधवार को प्रदेश के बीचोंबीच में एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन और ट्रफ की एक्टिविटी देखने को मिली। इस वजह से बारिश हुई। हालांकि, इसके बाद सिस्टम कमजोर होगा और भारी बारिश का दौर थमेगा। बुधवार को भारी बारिश का दौर थमा रहा। इससे पहले जबलपुर में ही सबसे ज्यादा 1 इंच पानी गिरा। वहीं, भोपाल, बैतूल, गुना, ग्वालियर, नर्मदापुरम, इंदौर, पचमढ़ी, रायसेन, श्योपुर, उज्जैन, दमोह, मंडला, नरसिंहपुर, नौगांव, सागर, सिवनी, उमरिया, बालाघाट, शिवपुरी समेत 25 से अधिक जिलों में हल्की बारिश का दौर रहा।गुरुवार को श्योपुर और गुना अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी दी है। इन जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है। विदिशा, राजगढ़, अशोकनगर, शिवपुरी, मुरैना, दमोह और सागर में अतिभारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है। प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में येलो अलर्ट है। पिछले तीन दिन से जारी भारी बारिश से प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ आ गई। श्योपुर में सीप नदी उफान पर रही। यहां मानपुर में सरकारी अस्पताल में पानी भर जाने के कारण 12 मरीज फंस गए। एसडीईआरएफ की टीम ने सभी को निकालकर सुरक्षित जगह पर पहुंचाया। वहीं, गुना में 24 घंटे में 12.92 इंच बारिश हो गई। यहां कलोरा बांध की वेस्ट बीयर 15 फीट तक टूट गई थी। इससे आसपास के गांवों के जल मग्न होने का खतरा बना हुआ है। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर एनडीआरएफ और सेना को बुलाया गया।नर्मदापुरम में सोहागपुर के ग्राम सांकला में नर्मदा किनारे बसे गांव के 7 मकानों में पानी भर गया। परिवारों ने सामान ट्रॉलियों में रखवा दिया। भोपाल, नर्मदापुरम और अशोकनगर में लगातार बारिश के चलते स्कूलों की छुट्‌टी घोषित की गई। शिवपुरी में कोलारस के पचावली गांव में बस में सवार होकर स्कूल से घर लौट रहे 30 बच्चे बाढ़ में फंस गए। जिसके बाद सभी को पचावली सरपंच के घर रुकवाया गया। कोलारस के संगेश्वर गांव में लोग छत पर टेंट लगाकर रह रहे हैं। मुरैना में चंबल नदी उफान पर है। मुरैना, सबलगढ़, अंबाह तहसील सहित जिलेभर में 500 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया।नरसिंहपुर जिले के गांव गंगई में बरांझ नदी के बैक वाटर के कारण 7 ग्रामीण फंस गए। सूचना मिलते ही एसडीईआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और सभी लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। मध्य प्रदेश के ग्वालियर, शिवपुरी, अशोकनगर, मुरैना, श्योपुर, छतरपुर, टीकमगढ़ और निवाड़ी में बारिश का कोटा पूरा हो गया है। यहां सामान्य से 37 प्रतिशत तक ज्यादा पानी गिर चुका है। प्रदेश में अब तक औसत 27.7 इंच बारिश हो चुकी है।  

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भोपाल । प्रदेश में वर्तमान में संचालित भूलेख पोर्टल का वर्जन-1 (वेब जीआईएस 1.0) संचालित किया जा रहा था। इसकी गुणवत्ता को बढ़ाते हुए अब वेब जीआईएस 2.0 लांच किया गया है। नये पोर्टल यूआरएल : https://webgis2.mpbhulekh.gov.in पर लांच किया गया है।राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव विवेक पोरवाल ने गुरुवार को बताया कि एमपी भूलेख पोर्टल राज्य सरकार द्वारा नागरिकों को उनकी भूमि से संबंधित दस्तावेज की जानकारी ऑनलाइन प्रदान करने के लिये विकसित किया गया है। राजस्व विभाग की आयुक्त अनुभा श्रीवास्तव ने कहा है कि राजस्व विभाग ने नवीन पोर्टल 2.0 को पहले नरसिंहपुर और सिवनी जिलों में पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में संचालित किया गया था। इसके सफल संचालन के बाद 30 जुलाई, 2025 से राज्य स्तर पर लागू किया गया है।उन्‍होंने बताया कि भूलेख के नये वर्जन के आने से नागरिकों को कम समय में अधिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। वेब जीआईएस 2.0 में वेब पोर्टल के साथ-साथ मोबाइल ऐप भी उपलब्ध कराया गया है। अब नागरिक खसरे की प्रमाणित प्रतिलिपि व्हाट्स ऐप के माध्यम से भी प्राप्त कर सकते हैं। नवीन पोर्टल में ओटीपी आधारित ई-केवाईसी सुविधा भी उपलब्ध होगी। नवीन भूलेख पोर्टल पर नागरिक एक ही आवेदन द्वारा अनेक भू-अभिलेखों का चयन कर इन अभिलेखों की प्रमाणित प्रतिलिपि प्राप्त कर सकेंगे। राजस्व आयुक्त ने बताया कि वेब जीआईएस 1.0 की मौजूदा कार्य-क्षमता में सुधार के लिये नवीन वर्जन में पुराने सर्वर/स्टोरेज को प्रतिस्थापित कर नवीन तकनीकी सर्वर्स स्थापित किये गये हैं इससे जनता की समस्या का त्वरित निराकरण हो सकेगा।

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जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट की मुख्यपीठ जबलपुर ने सीमांकन के मामले में जारी आदेश की अवहेलना को लेकर तीन अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। जबलपुर निवासी अमित सेन ने रजिस्टर्ड विक्रय पत्र के आधार पर अपने प्लॉट का सीमांकन करवाने के लिए आवेदन किया था। नियम के मुताबिक एक माह में सीमांकन हो जाना था। लेकिन प्रशासनिक लापरवाही के कारण एक वर्ष बाद भी उनका सीमांकन नहीं हुआ। जिसको लेकर उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जिस पर हाईकोर्ट में जस्टिस विशाल धगत की सिंगल बेंच में सुनवाई हुई। कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अधिकारियों को एक माह के भीतर सीमांकन की कार्यवाही पूरी करने के निर्देश दिए थे। 10 फरवरी 2025 को जारी किए गए इस आदेश के बाद भी अधिकारियों ने याचिकाकर्ता के प्लॉट का वास्तविक सीमांकन न कर केवल कागजी औपचारिकताएं पूरी कीं। कोर्ट ने प्रारंभिक सुनवाई में इस लापरवाही को साफ तौर पर अदालत के आदेश की अवमानना माना। इसी के चलते कोर्ट ने राज्य शासन के राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव विवेक पोरवाल, जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना और पनागर तहसीलदार विकास चंद जैन को नोटिस जारी करते हुए उनसे जवाब मांगा है कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरु की जाए।इस मामले में याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता असीम त्रिवेदी, विनीत टेहेनगुनिया, पंकज तिवारी और शुभम पाटकर ने पैरवी की। इस मामले की अगली सुनवाई 15 सितंबर को होगी।

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दमोह । मध्यप्रदेश के दमोह जिले ग्राम कनिया घाट मेें एक विशाल मगरमच्छ पिंजडे फंसा है। मंगलवार को वन विभाग के अमले को एक बार सफलता मिली है। पिंजडे में फंसने वाला यह तीसरा मगरमच्छ बताया जा रहा है जिसका रेस्क्यू किया जा रहा है।   विदित हो कि व्यारमा नदी में लगातार मगरमच्छों की संख्या में ईजाफा हो रहा है तो उनसे घायल होने वालों की तादाद भी बढ रही है। गत माह एक महिला को एक महिला को अपना निवाला बनाया था जिससे उसकी मौत हो गयी थी। वहीं तेंदूखेडा के तारादेही क्षेत्र में खेत में काम कर रही महिला पर हमला किया था इसके साथ ही अनेक घटनायें सामने आ रही हैं।   दमोह रेंजर विक्रम चौधरी ने बताया कि वन विभाग के द्वारा लगातार मगरमच्छों को पकडने और उनको सुरक्षित स्थानों पर छोडने का कार्य किया जा रहा है। आज भी एक विशाल मगरमच्छ पिंजडे में कैद हुआ है जहां उसको सुरक्षित स्थान पर छोडा जायेगा। उन्होने आम जनों से आग्रह किया है कि नदियों तालाबों के किनारों से दूर और सर्तक रहें।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में भारी बारिश का दौर जारी है। प्रदेश में कहीं मूसलाधार तो कहीं रिमझिम बारिश हो रही है। राजधानी भोपाल में बीते सोमवार से लगातार तेज बारिश का दौर जारी है। इसके साथ ही रायसेन और इटारसी में भी रात से बारिश हो रही है। प्रदेश में लगभग 25 से अधिक जिलों में पानी गिरा। मौसम विभाग ने आज मंगलवार को 14 जिलों में अति भारी और 20 में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि सोमवार को प्रदेश में लो प्रेशर एरिया (कम दबाव का क्षेत्र) और ट्रफ की एक्टिविटी रही। इस वजह से अति भारी या भारी बारिश का दौर बना रहा। मंगलवार को यलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि इस मानसूनी सीजन में मध्य प्रदेश में 25.4 इंच बारिश हो चुकी है, जो सीजन की 70 प्रतिशत है। वहीं, आठ जिले ग्वालियर, शिवपुरी, अशोकनगर, मुरैना, श्योपुर, छतरपुर, टीकमगढ़ और निवाड़ी में बारिश का कोटा पूरा हो गया है।आज मंगलवार को ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, अशोकनगर, विदिशा, सागर, रायसेन और नर्मदापुरम में अति भारी बारिश हो सकती है। यहां अगले 24 घंटे में साढ़े 8 इंच तक पानी गिर सकता है। वहीं, गुना, राजगढ़, आगर-मालवा, शाजापुर, देवास, सीहोर, हरदा, बैतूल, पांढुर्णा, छिंदवाड़ा, सिवनी, नरसिंहपुर, जबलपुर, डिंडौरी, अनूपपुर, उमरिया, कटनी, दमोह और पन्ना में भारी बारिश का अलर्ट है।भोपाल और सीहोर में बारिश की वजह से कोलांस नदी एक फीट ऊपर बह रही है। इससे बड़ा तालाब का वाटर लेवल 1661.05 फीट पानी हो गया है। तालाब का फुल टैंक लेवल 1666.80 फीट है। रायसेन में महामाया चौक समेत निचले इलाकों में पानी भर गया है। इटारसी में भारी बारिश के कारण मंगलवार सुबह 4 बजे तवा डैम के पांच गेट 7-7 फीट तक खोल दिए गए। इसके बाद सुबह 7 बजे 4 गेट खोले गए। फिलहाल, 9 गेट 7-7 फीट की ऊंचाई तक खोलकर एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। तवा डैम का वर्तमान जलस्तर 1159.80 फीट है। तवा और नर्मदा नदी के किनारे बसे गांवों के लोगों को सतर्क रहने और नदी किनारे न जाने की सलाह दी गई है।  

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उज्जैन । मध्य प्रदेश के उज्जैन में विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर मंदिर की तीसरी मंजिल पर स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट सोमवार रात 12 बजे खोले गए। महानिर्वाणी अखाड़ा के महंत विनीतगिरी महाराज ने त्रिकाल पूजन करके मंदिर के पट खोले। इसके बाद श्रद्धालुओं के लिए दर्शन का सिलसिला शुरू हुआ, जो मंगलवार रात 12 बजे तक यानि 24 घंटे चलेगा। भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए रात में श्रद्धालुओं की लम्बी कतार लगी हुई है। महाकालेश्वर मंदिर समिति के प्रशासक प्रथम कौशिक ने बताया कि श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट हर साल सिर्फ एक बार नागपंचमी के दिन 24 घंटे के लिए खोले जाते हैं। श्रद्धालु मंगलवार रात 12 बजे तक दर्शन कर सकेंगे। यहां नागपंचमी पर दोपहर 12 बजे फिर से महानिर्वाणी अखाड़ा की ओर से पूजन होगा। फिर शाम को भगवान महाकाल की आरती के बाद पुजारियों और पुरोहितों द्वारा अंतिम पूजन किया जाएगा। इसके बाद रात 12 बजे मंदिर में आरती होगी और मंदिर के पट पुनः बंद कर दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि नागपंचमी महापर्व पर देशभर से पांच लाख से अधिक भक्तों के भगवान महाकाल व नागचंद्रेश्वर के दर्शन करने आने का अनुमान है। प्रशासन ने भीड़ को संभालने और सुरक्षा के लिए 200 वरिष्ठ अधिकारी, 2,500 कर्मचारी, 1,800 पुलिसकर्मी और 560 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। 11वीं शताब्दी की श्री नागचंद्रेश्वर भगवान की दुर्लभ प्रतिमा श्री नागचंद्रेश्वर भगवान की प्रतिमा 11वीं शताब्दी की मानी जाती है। इस अद्भुत प्रतिमा में शिवजी और माता पार्वती एक फन फैलाए हुए नाग के आसन पर विराजमान हैं। शिवजी नाग शैय्या पर लेटे हुए दिखाई देते हैं, और उनके साथ मां पार्वती तथा भगवान श्रीगणेश की प्रतिमाएं भी मौजूद हैं। प्रतिमा में सप्तमुखी नाग देवता भी दर्शाए गए हैं। साथ ही शिवजी और पार्वतीजी के वाहन नंदी और सिंह भी प्रतिमा में विराजित हैं। शिवजी के गले और भुजाओं में नाग लिपटे हुए हैं, जो इस मूर्ति की विशेषता को और अधिक दिव्य बनाते हैं। श्री महाकालेश्वर मंदिर की संरचना तीन खंडों में विभाजित है। सबसे नीचे भगवान महाकालेश्वर का गर्भगृह है, दूसरे खंड में ओंकारेश्वर मंदिर और तीसरे तथा शीर्ष खंड पर श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर स्थित है। इतिहासकारों के अनुसार, इस मंदिर का निर्माण परमार वंश के राजा बोजराजा ने 1050 ईस्वी के लगभग करवाया था। बाद में 1732 ईस्वी में सिंधिया राजघराने के महाराज राणोजी सिंधिया ने महाकाल मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया। ऐसा माना जाता है कि श्री नागचंद्रेश्वर भगवान की यह दुर्लभ प्रतिमा नेपाल से लाकर मंदिर में स्थापित की गई थी।    

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भोपाल । मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्‍वर की श्रावण/भाद्रपद माह में निकलने वाली सवारी के क्रम में आज (सोमवार) श्रावण मास की तीसरी सवारी धूमधाम से निकाली जाएगी। इस दौरान अवंतिकानाथ चांदी के रथ पर सवार होकर नगर भ्रमण करेंगे और अपनी प्रजा का हाल जानेंगे। सवारी के दौरान भगवान महाकाल तीन स्वरूपों में अपने भक्तों को दर्शन देंगे। श्री चंद्रमौलेश्वर के रूप में पालकी में, श्री मनमहेश के रूप में हाथी पर और श्री शिव-तांडव रूप में गरूड़ रथ पर विराजित होकर बाबा महाकाल उज्जैन नगर के भ्रमण पर निकलेंगे। सवारी के दौरान जनजातीय समूहों के कलाकारों द्वारा मनमोहक प्रस्तुतियां भी दी जाएंगी।   महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष और कलेक्टर रोशन कुमार सिंह ने बताया कि भगवान महाकाल की सवारी शाम चार बजे मंदिर से रवाना होगी। सवारी निकलने के पूर्व महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में भगवान चन्द्रमौलेश्वर का विधिवत पूजन-अर्चन होगा। उसके पश्चात भगवान चन्द्रमौलेश्वर पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में विराजित भगवान को सलामी दी जाएगी।   सवारी परंपरागत मार्ग महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाडी से होती हुई रामघाट पहुंचेगी जहां क्षिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन किया जायेगा। पूजन के बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होती हुई पुन: महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी। भगवान महाकालेश्वर की सवारी का सजीव प्रसारण महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के फेसबुक पेज के अलावा चलित रथ में एल.ई.डी. के माध्यम से सवारी मार्ग व उज्जैन के अन्य क्षेत्रों में श्रद्धालुओं को सजीव दर्शन के लिए व्यवस्था की गई है।   कलेक्टर सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशानुरूप भगवान महाकाल की तीसरी सवारी को भव्य स्वरुप देने के लिए प्रसंग (थीम) अनुसार विभिन्न बैण्ड की प्रस्तुतियां दी जाएंगी, जिसमें पुलिस बैण्ड, बीएसएफ बैण्ड, स्काउट गाईड, सरस्वती शिशु मंदिर खाचरौद, सरस्वती शिशु मंदिर बड़नगर, इम्पीरियल स्कूल खाचरौद, गोपालकृष्ण बैण्ड व कृष्णा मालवा बैण्ड सम्मिलित होंगे।   उन्होंने बताया कि चार जनजातीय कलाकारों के दल सवारी में भी सहभागिता करेंगे। इन दलों में प्रतापसिंह डिण्डोरी के नेतृत्व में मध्य प्रदेश का करमा सैला जनजातीय नृत्य, पुष्पलता एवं साथियों द्वारा कर्नाटक का ढोलू कूनीथा जनजातीय नृत्य, सचिन चौधरी, जबलपुर मध्य प्रदेश द्वारा अहिराई लोकनृत्य एवं संजय महाजन द्वारा गणगौर लोकनृत्य की प्रस्तुतियां सम्मिलित हैं।

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश की राजधानी भोपाल जिले के कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह सोमवार को बारिश के बीच शहर की ट्रैफिक व्यवस्था का जायजा लेने के लिए सड़कों पर उतरे। इस दौरान उन्होंने कई लेफ्ट टर्न और ब्लैक स्पॉट का निरीक्षण किया और मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों से ट्रैफिक व्यवस्था में आ रही खामियों की जानकारी ली।कलेक्टर ने सड़क किनारे ऊंचाई वाले पेड़ों की छंटाई के निर्देश दिए, जिससे दृश्यता बेहतर हो सके और हादसों की संभावना कम की जा सके। निरीक्षण के दौरान उनके साथ जिला पंचायत सीईओ ईला तिवारी, एसीपी ट्रैफिक बीएस कौल सहित जिला प्रशासन, नगर निगम और पुलिस विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे। कलेक्टर ने ट्रैफिक सुधार को लेकर एक विस्तृत प्रजेंटेशन तैयार करने के निर्देश दिए, जिसमें समस्याओं के समाधान भी शामिल हों। कलेक्टर अपने अमले के साथ सात नंबर क्षेत्र सहित कई इलाकों में पहुंचे। यहां उन्होंने ब्लैक स्पॉट और लेफ्ट टर्न को बेहतर ढंग से व्यवस्थित करने के निर्देश दिए। इसके अलावा वे जिला कोर्ट के सामने, प्लेटिनम प्लाजा और जेपी हॉस्पिटल के समीप स्थित चौराहों का भी निरीक्षण करने पहुंचे।गौरतलब है कि 27 जून को जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें स्कूलों में ई-रिक्शा के संचालन पर रोक सहित कई अहम निर्णय लिए गए थे। बीते सप्ताह ई-रिक्शा पर प्रतिबंध पहले ही लागू किया जा चुका है। इन्हीं निर्णयों के अमल की स्थिति का जायजा लेने के लिए कलेक्टर ने विभिन्न इलाकों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने ट्रैफिक सिग्नलों, चौराहों और तिराहों के उन्नयन, लेफ्ट टर्न और डिवाइडर निर्माण, रोड मार्किंग, स्टॉप लाइन, साइन बोर्ड, स्पीड ब्रेकर और रंबल स्ट्रिप्स जैसे जरूरी सुधारों को लेकर भी अधिकारियों से चर्चा की।  

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नीमच । मध्य प्रदेश में इन दिनों जमकर बारिश हो रही है। खासकर मालवा-निमाड अंचल में भारी बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं। नीमच और मंदसौर जिले में रविवार-सोमवार की दरमियानी रात हुई तेज बारिश से गांधी सागर अभयारण्य में जल भराव की स्थिति है। यहां कूनो राष्ट्रीय उद्यान से शिफ्ट किए गए दो चीतों के बाड़ों तक पानी पहुंच गया है। हालांकि, वन विभाग का दल चीतों की सतत मॉनिटरिंग कर रहा है। मंदसौर वन परिक्षेत्र के वनमण्‍डलाधिकारी (सामान्‍य) संजय रायखेड़े ने सोमवार को बताया कि मौसम विभाग द्वारा बार-बार नीमच-मंदसौर जिले में अतिवर्षा होने की सूचना एसएमएस के माध्यम से मोबाइल पर प्राप्त हो रही थी। भानपुरा रामपुरा तहसील ब्लाक में 27 जुलाई को अतिवृष्टि हुई, जिसके चलते कारण गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य के अन्तर्गत रामपुरा पठार क्षेत्र पर निर्मित की गई चीता बाड़ा फेसिंग के क्षेत्र के अंदर से निकल रहे नालों में पानी का अत्यधिक तेज बहाव होने के कारण 28 जुलाई की मध्य रात्रि में लगभग 2 से 4 बजे के बीच करणपुरा-रावलीकुडी क्षेत्र में पानी के साथ बहकर आई घांस, पत्तों तथा कुड़ा-करकट से पानी के बहाव में अवरोध, रूकावट पैदा होने के कारण नालों पर लगी फेसिंग कुल तीन स्थानों पर झुक गई है। उन्होंने बताया कि फेसिंग के झुक जाने के कारण क्षेत्र में विचरण कर रहे किसी भी वन्यप्राणी को कोई क्षति, हानि नहीं पहुंची हैं। झुकी हुई फेंसिंग को वन अमले द्वारा पुनः खडा करने, यथा स्थिति में लाने हेतु त्वरित कार्यवाही की जा रही है, साथ ही जिस फेंसिंग क्षेत्र में चीते छोडे़ गये हैं, वह क्षेत्र पूर्ण रूप से सुरक्षित है एवं क्षेत्र में चीते स्वछंद विचरण कर रहे हैं, जिनकी सतत मॉनिटरिंग गठित निरीक्षण दल द्वारा की जा रही है। इसके साथ ही फेंसिंग क्षेत्र से गुजर रहे अन्‍य नालों की भी सतत मॉनिटरिंग की जा रही है। अतिवृष्टि के कारण नीमच, झालावाड़ राजमार्ग में गांधीसागर बांध क्षेत्र में भू-स्‍खलन की घटना होने से राजमार्ग भी बाधित होना पाया गया है, जिसे स्‍थानीय प्रशासन की सहायता से खोले जाने की कार्यवाही की जा रही है।  

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उज्जैन । नागपंचमी का पर्व मंगलवार, 29 जुलाई को देशभर के साथ मध्य प्रदेश में भी धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। मध्य प्रदेश के उज्जैन में भी नागपंचमी पर्व पर नागचंद्रश्वर मंदिर के पट खुलेंगे। देश के कोने-कोने से हजारों की संख्या में श्रद्धालु भगवान नागचन्द्रेश्वर के दर्शन के लिए आयेंगे। इसे देखते हुए प्रशासन ने व्यापक व्यवस्थाएं की हैं। सोमवार रात 12 बजे पट खुलेंगे। 24 घण्टे सतत दर्शन पश्चात मंगलवार रात 12 बजे पट एक वर्ष के लिए बंद हो जाएंगे।   श्री महाकालेश्वर मंदिर के द्वितीय तल पर नागचन्द्रेश्वर मंदिर स्थित है। देश-दुनिया में केवल इसी मंदिर के पट वर्ष में एक बार 24 घंटे सिर्फ नागपंचमी के दिन खुलते है। हिंदू धर्म में सदियों से नागों की पूजा करने की परंपरा रही है। हिंदू परंपरा में नागों को भगवान शिव का आभूषण भी माना गया है। महाकाल मंदिर के गर्भगृह के उपर ओंकारेश्वर मंदिर(भू तल पर) और उसके भी शीर्ष पर भगवान श्री नागचन्द्रेश्वर का मंदिर प्रतिष्ठापित है।   यह है प्राचीन इतिहास   नागचन्द्रेश्वर मंदिर में 11 वीं शताब्दीे की एक अद्भुत प्रतिमा स्थापित है। प्रतिमा में श्री नागचन्द्रेश्वर स्वयं अपने सात फनों से सुशोभित हो रहे है। साथ में शिव-पार्वती के दोनों वाहन नंदी एवं सिंह भी विराजित है। प्रतिमा में श्री गणेश की ललितासन मूर्ति, उमा के दांयी ओर कार्तिकेय की मूर्ति व ऊपर की ओर सूर्य-चन्द्रमां भी अंकित है। नागचन्द्रेश्वर की मूर्ति अपने आप में भव्य एवं कलात्मकता का उदहारण है। भगवान के गले और भुजाओं में भुजंग लिपटे हुए है। कहते हैं कि यह प्रतिमा नेपाल से यहां लाई गई थी। ऐसी मान्यता है कि उज्जैन के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसी प्रतिमा नहीं है। इस प्रतिमा के दर्शन के उपरांत अंदर प्रवेश करने पर भगवान नागचन्द्रेश्वर के शिवलिंग के दर्शन होते है।   सोमवार रात 12 बजे खुलेंगे पट सोमवार,28 जुलाई की रात्रि 12 बजे पट खुलेंगे। पट खुलने के बाद रात्रि 12 बजे विशेष पूजा के बाद आम भक्तों के लिये मंदिर के पट खुल जायेंगे। मंदिर के पट 29 जुलाई, मंगलवार तक लगातार 24 घंटे खुले रहेंगे। मंदिर के पट मंगलवार रात्रि 12 बजे बंद होंगे।   नागचन्द्रेश्वर भगवान की होगी त्रिकाल पूजा नागपंचमी पर्व पर भगवान श्री नागचन्द्रेश्वर की त्रिकाल पूजा होगी। सोमवार मध्यरात्रि मेें पट खुलने के पश्चा्त पंचायती महानिर्वाणी अखाडे के महंत विनितगिरी महाराज एवं अन्य अधिकारियों द्वारा प्रथम पूजन व अभिषेक किया जायेगा। मंगलवार 29 जुलाई को अपरान्ह 12 बजे अखाडे द्वारा पूजन होगा। महाकालेश्वजर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा मंगलवार को महाकालेश्वेर भगवान की सायं आरती के पश्चात नागचन्द्रेश्वर का पूजन-आरती महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी एवं पुरोहितों द्वारा की जाएगी। 29 जुलाई को रात्रि 12 बजे भगवान नागचन्द्रेश्वर महादेव के पट एक वर्ष के लिए बंद किए जाएंगे।

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अनूपपुर । मध्य प्रदेश के अनूपपुर ‍जिले के जैतहरी वन क्षेत्र में पिछले पांच दिनों से चार हाथियों का समूह चोलना बीट के चोई गांव के जंगल में डेरा डाले हुए है। हाथियों का नित्यि क्रम दिन के समय जंगल में और शाम होते ही ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच कर घरों में तोड़फोड़ करते हुए खेतों में लगी फसलों का अहार बनाते हुए रौद कर खराब कर देते हैं। वहीं प्रशासन और ग्रमीण क्षेत्र से भगाने का प्रयास भी असफल रहा। शनिवार की रात में भी हाथियों का समूह चोलना बीट के चोई गांव के जंगल निकलकर कई ग्रामीणों के घरों में तोड़फोड़ की है। जिसमें फरसू यादव और छोकू के घरों में नुकसान पहुंचाया है। इसके अलावा पूरन राठौर, लाला नापित, रामदीन सिंह और मन्नू सिंह के घरों में भी तोड़फोड़ करते हुए घरों में रखे अनाज को अपना अहार बनाया। हाथियों का यह समूह बुढार से वापस अनूपपुर से जैतहरी ग्रमीण क्षेत्र पहुंचा था। सभी को लगा था कि हाथी जल्द ही वापसी छत्तीसगढ़ की ओर बढ़ जाएंगे, लेकिन वे अभी तक यहीं डेरा जमाये हुए हैं। हाथियों ने लगभग 20 से 22 ग्रामीणों के खेतों और बांडियों में लगी धान और अन्य फसलों को नुकसान पहुंचाया है। चोई के पडमनियाटोला, वन चौकी टोला से धनगवां के पिपरहाटोला, पड़रिया पंचायत के चिकनीटोला, लेगराटोला और कनईटोला में विचरण कर रहे हैं। वन विभाग का गश्ती दल, पुलिस एवं ग्रामीणों के सहयोग से हाथियों पर निरंतर निगरानी रखी जा रही है। वन परिक्षेत्र अधिकारी जैतहरी विवेक मिश्रा के नेतृत्व में वन विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों और हाथी मित्र दल के प्रशिक्षित सदस्यों की मदद से हाथियों को दूर करने की कोशिश की गई। हाथी कुछ किलोमीटर दूर गए, लेकिन सुबह होते ही वापस चोई के जंगल में लौट आए। ग्रामीण हाथियों के डर से परेशान और भयभीत हैं। वे रात भर जागकर अपने परिवारों को सुरक्षित रखने की कोशिश कर रहे हैं। वन विभाग ने आम लोगों से हाथियों से दूरी बनाए रखने और सतर्क रहने की अपील की है।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल सहित प्रदेशभर में बारिश का दौर जारी है। प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बने हैं। नर्मदा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। प्रदेश में इस मानसून सीजन में बारिश का सबसे स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव है। आज रविवार को 53 जिलों में अति भारी और भारी बारिश का रेड, ऑरेंज-यलो अलर्ट जारी किया गया है। मालवा-निमाड़ यानी इंदौर-उज्जैन संभाग के सभी 15 जिलों में रेड और ऑरेंज अलर्ट है। मौसम विभाग का कहना है कि राज्य में अगले चार दिन मूसलाधार वर्षा होने की संभावना है।मौसम विभाग के अनुसार, लो प्रेशर एरिया (कम दबाव का क्षेत्र), दो मानसून ट्रफ और दो साइक्लोनिक सर्कुलेशन की वजह से मध्य प्रदेश में बारिश का स्ट्रॉन्ग सिस्टम बना है। जिसका असर अगले 4 दिन और रहेगा यानी जुलाई की विदाई तेज बारिश के साथ होगी। वहीं, अगस्त की शुरुआत में भी बारिश का दौर जारी रहेगा। रविवार को शिवपुरी और अशोकनगर में भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट और नीमच, मंदसौर, रतलाम, उज्जैन, आगर-मालवा, राजगढ़, शाजापुर, देवास, सीहोर, गुना, विदिशा, सागर, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, श्योपुर, मुरैना, भिंड और दतिया में अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, नर्मदापुरम, रीवा, शहडोल और सागर संभाग के सभी जिलों में तेज बारिश होगी। वहीं, चंबल के दो जिले मुरैना और भिंड में हल्की बारिश होगी।खंडवा में नर्मदा का जलस्तर बढ़ने से रविवार सुबह 4 बजे इंदिरा सागर बांध और सुबह 5.30 बजे ओंकारेश्वर बांध के गेट खोल दिए गए हैं। इंदिरा सागर बांध के 10 गेट आधा मीटर और 2 गेट एक मीटर तक खोले गए। इनसे 3460 क्यूमेक्स पानी छोड़ा जा रहा है। ओंकारेश्वर डैम के 9 गेट खोले गए हैं। यहां से कुल 3510 क्यूमेक्स पानी नर्मदा में छोड़ा जा रहा है।इससे पहले शनिवार को प्रदेश में भारी बारिश का दौर बना रहा। इस वजह से उमरिया के जोहिला डैम, रायसेन में बारना बांध, शिवपुरी के अटल सागर बांध, छतरपुर में बान सुजारा डैम, बैतूल में सतपुड़ा डैम और नर्मदापुरम में तवा डैम के गेट खोल दिए गए। भोपाल में शनिवार रात से ही रुक-रुककर कभी तेज तो कभी रिमझिम बारिश जारी रही। इंदौर में तेज बारिश की वजह से सड़कों पर दो फीट तक पानी भर गया। सीहोर के आष्टा में दुकानों में पानी घुस गया। मध्य प्रदेश में इस मानसूनी सीजन में औसत 23.7 इंच बारिश हो चुकी है।

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मण्डल ने शुक्रवार को हायर सेकेण्डरी परीक्षा वर्ष 2025 की द्वितीय परीक्षा का परीक्षाफल घोषित कर दिया है। इस परीक्षा में कुल 57.60 प्रतिशत विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए हैं। परीक्षार्थी अपना परीक्षाफल मण्डल की वेबसाइट www.mpbse.mponline.gov.in पर देख सकते हैं। गौरतलब है कि मंडल द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार. कुल 1,35,675 विद्यार्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। इनमें 75,175 छात्र और 60,500 छात्राएं शामिल थीं। परीक्षा में केवल दो विद्यार्थी गैरमौजूद रहे। जबकि पांच विद्यार्थियों का पंजीयन निरस्त किया गया। इस परीक्षा में प्रथम श्रेणी में 24,728 विद्यार्थी रहे, जबकि 52,966 विद्यार्थी द्वितीय श्रेणी, और 457 तृतीय श्रेणी में पास हुआ। वहीं, द्वितीय परीक्षा में 38,438 स्वाध्यायी विद्यार्थी भी शामिल हुए थे, जिनमें से 15,116 विद्यार्थी सफल रहे हैं।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में बादलों ने आसमान ने ऐसा रौद्र रूप धारण किया है कि जमीन पूरी तरह से तर-ब-तर हो गई है। चक्रवाती दबाव, ट्रफ और डिप्रेशन की संयुक्त ताकत के चलते प्रदेश के कई जिलों में शनिवार सुबह भी कहीं तेज तो कहीं हल्‍की बारिश हो रही है। प्रदेश की राजधानी भोपाल में भोर से ही आकाश में काली घटाएं बनी हुई हैं और कई जगह बूँदाबाँदी हो रही है। सुबह पांच बजे से लगातार बारिश शुरू हो रही है, जो दिन भर रुक-रुक कर होती रहेगी। दोपहर तक आर्द्रता बनी रहेगी और बाद में शाम तक कुछ राहत मिलने की संभावना मौसम विभाग की और से दर्शायी गई है। मौसम विभाग ने 41 जिलों में मूसलाधार बारिश का अलर्ट जारी किया है। इनमें से 6 जिलों में भारी से अति भारी बारिश की संभावना जताई गई है। सिंगरौली में एहतियातन स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया है। मौसम विभाग के मुताबिक, वर्तमान में उत्तर बंगाल की खाड़ी में एक निम्न दबाव का क्षेत्र अन्तर्निहित है, और पश्चिमोत्तर दिशा की ओर बढ़ते हुए अगले 48 घंटे में पश्चिम बंगाल और उत्तरी ओडिशा तक पहुँचने की संभावना है। यह क्षेत्र दक्षिण-पूर्व राजस्थान, पूर्वी उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ तक फैली चक्रवातीय गतिविधियों से जुड़ा हुआ है, जिसका असर इस वक्‍त मप्र में देखने को मिल रहा है।मौसम विभाग ने राज्य भर के कई जिलों में भारी या अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इनमें राजगढ़, जगदलपुर, मंडला, छिंदवाड़ा, सिवनी जैसे जिलों में विशेष सतर्कता बरतने की हिदायत दी गई है। इसके अलावा विदिशा, रायसेन, ग्वालियर, जबलपुर समेत कई जिलों में भी मॉनसून अलर्ट जारी है। रायसेन, सतना, रीवा, सागर, दमोह और पन्ना में अगले 24 घंटे में आठ इंच से ज्यादा वर्षा हो सकती है। इन जिलों में रेड अलर्ट घोषित किया गया है। गुना से लेकर बालाघाट तक 21 जिलों में ऑरेंज अलर्ट है, जबकि भोपाल, इंदौर, उज्जैन समेत 14 जिलों में यलो अलर्ट जारी किया गया है।मौसम विभाग के वरिष्‍ठ वैज्ञानिक अभिषेक मिश्रा ने शनिवार को बताया कि गुना, अशोकनगर, शिवपुरी/कूनो एनपी, श्योपुरकलां, ग्वालियर, मुरैना, उत्तरी विदिशा, सिंगरौली में बिजली के साथ भारी बारिश जारी रहने की संभावना है, साथ ही दक्षिणी विदिशा-उदयगिरि, राजगढ़, रायसेन-सांची/भीमबेटका, पश्चिम सागर, सीहोर, भिंड, दतिया-रतनगढ़, सीधी-संजयदुबरी, मऊगंज, अनूपपुर-अमरकंटक, छिंदवाड़ा, मंडला में बिजली के साथ मध्यम बारिश जारी रहने की संभावना है। कान्हा, साथ ही भोपाल/बैरागढ़, इंदौर, धार-मांडू, झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी, खरगोन, खंडवा-ओंकारेश्वर, शाजापुर, आगर, उज्जैन, रतलाम, मंदसौर, नीमच, रीवा, सतना, मैहर, पन्ना, छतरपुर के खजुराहो, टीकमगढ़, निवाड़ी, कटनी, जबलपुर;भेड़ाघाट में हल्की बारिश हुई।उन्‍होंने कहा है कि फिलहाल प्रदेश पर तीन ट्रफ, दो चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र और एक डिप्रेशन का असर है। यही कारण है कि बारिश की गतिविधियां और तेज होंगी। यह सिलसिला चार दिन तक जारी रह सकता है।यहां बारिश का असर जलाशयों पर भी दिख रहा है। जबलपुर में बरगी डैम के सात गेट खोल दिए गए हैं। बैतूल के सतपुड़ा डैम के गेट भी खोले गए हैं। वहीं जिला मुरैना का पगारा डैम खतरे की सीमा लांघ गया और इसके सभी 6 ऑटोमैटिक गेट खोलने पड़े हैं। दूसरी तरफ यहां यह भी देखने में आ रहा है कि कुछ जिलों में बारिश ने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं तो वहीं निवाड़ी, टीकमगढ़ और श्योपुर ने अपने-अपने सालाना कोटे को पार कर लिया है। वहीं, इंदौर, उज्जैन, बुरहानपुर और शाजापुर जैसे क्षेत्र अब भी पानी के लिए तरस रहे हैं, यहां 10 इंच से भी कम वर्षा हुई है।उल्‍लेखनीय है कि शुक्रवार को प्रदेश के 30 से अधिक जिलों में बादल बरसे थे। सिंगरौली में 7 इंच और सीधी में 4.8 इंच बारिश ने रिकॉर्ड बनाया है। वहीं, पचमढ़ी में डेढ़ इंच, गुना और उमरिया समेत कुछ जिलों में पौन इंच, जबकि सागर और नर्मदापुरम में आधा इंच बारिश दर्ज की गई।  

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राजगढ़ । मलावर थाना क्षेत्र के ग्राम मोरीखोह निवासी डेढ़ साल की बच्ची की अचानक तबीयत बिगड़ी और सुठालिया अस्पताल ले जाने के दौरान उसकी मौत हो गई। सुठालिया थाना पुलिस ने शनिवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा और जीरो पर मर्ग कायम कर संबंधित थाना मलावर के सुपुर्द किया।     पुलिस के अनुसार बीती रात ग्राम मोरीखोह निवासी डेढ़ वर्षीय रिया पुत्री बबलू बंजारा की अचानक तबीयत बिगड़ गई, गंभीर हालत में परिजन उसे सुठालिया अस्पताल लेकर जा रहे थे तभी रास्ते में मासूम ने दम तोड़ दिया। परिजनों का कहना है कि दोपहर के समय बच्ची को अस्पताल में टीका लगवाया था, कुछ देर बाद वह उल्टी करने लगी और हालत गंभीर होने पर उसकी मौत हो गई। बच्ची की मौत किन हालातों से हुई, इसका वास्तविक पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद लग सकेगा। पुलिस ने मामले में मर्ग कायम कर जांच शुरु की।    

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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उज्जैन । श्री महाकालेश्वर मंदिर में 13 दिन में 25 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति को विभिन्न मदों से 7 करोड़ से अधिक आय प्राप्त हुई ।   मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक एवं अपर कलेक्टर प्रथम कौशिक ने बताया कि कम समय में श्री महाकालेश्वर भगवान के दर्शन हो इसके लिए श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा चाक-चौबंद व्यवस्थायें की गई है। 12 जुलाई से 24 जुलाई तक 25 लाख से अधिक भक्तों ने प्रातः 06 बजे से रात्रि पट बंद होने तक दर्शन लाभ प्राप्त किया। महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति को विभिन्न मदों से 7 करोड़ 88 लाख 59 हजार 705 रुपये की आय प्राप्त हुई है। जिसमें भेंट एवं *दान में रुपये 1,94,32,205 *शीघ्र दर्शन (रुपये 250 रसीद) से रुपये 2,91,01,500 व श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा भक्तों को उपलब्ध कराये जाने वाले *लड्डू प्रसाद से रुपये 3,03,26,000 की आय हुई है।श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा दर्शनार्थियों के लिए सुगम दर्शन की व्यवस्था की गई है। श्री महाकालेश्वर मंदिर दर्शन व अन्य जानकारी एवं शिकायत के लिए श्री महाकालेश्वर मंदिर की वेबसाईट www.shrimahakaleshwar.com के साथ मंदिर के टोल फ्री नम्बर 18002331008 पर संपर्क कर सकते हैं।  

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शिवपुरी  । शिवपुरी शहर की थीम रोड बड़ौदी के निकट चिंकारा होटल के सामने एक तेंदुए की मौत हो गई, जानकारी के बाद वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं। अनुमान लगाए जा रहे हैं कि सड़क पार करते समय किसी अज्ञात वाहन की टक्कर से तेंदुए की मौत हो गई l वन टीम ने तेंदुए की बॉडी अपने कब्जे में लेकर जाँच प्रारम्भ कर दी है।   बता दें कि उक्त इलाके में तेंदुआ कीमौजूदगी लंबे समय से थी। राम सहाय ट्रांसपोर्ट के मालिक पंकज अरोरा को उक्त इलाके के लोगों ने कई बार तेंदुआ देखे जाने की जानकारी दी थी।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मानसून एक बार फिर सक्रिय हो गया है। जुलाई के आखिरी हफ्ते में बारिश का स्ट्रांग सिस्टम एक्टिव हुआ है। इस वजह से कहीं तेज बारिश तो कहीं हल्‍की बूंदाबादी का सिलसिला जारी है। गुरुवार को राजधानी भोपाल में सुबह से लेकर दिनभर बारिश का दौर जारी रहा। इसी तरह प्रदेश के कई जिलों में भी जमकर पानी गिरा। मौसम विभाग ने आज शुक्रवार को भी 19 जिलों में अति भारी और 18 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि प्रदेश में दो ट्रफ और एक दो साइक्लोनिक सर्कुलेशन की एक्टिविटी है। इनमें से एक मानसून ट्रफ लाइन उत्तरी हिस्से से गुजर रही है। इससे अगले चार दिन तक अति भारी बारिश का कहीं रेड, ऑरेंज तो कहीं भारी बारिश का यलो अलर्ट है। शुक्रवार को जबलपुर, रायसेन, नर्मदापुरम, नरसिंहपुर, दमोह, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी, अनूपपुर, उमरिया, शहडोल, कटनी, पन्ना, सतना, मैहर, रीवा, मऊगंज, सीधी और सिंगरौली में अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है। यहां अगले 24 घंटे में साढ़े 8 इंच तक पानी गिर सकता है। वहीं, ग्वालियर, दतिया, टीकमगढ़, निवाड़ी, छतरपुर, सागर, शिवपुरी, अशोकनगर, विदिशा, सागर, सीहोर, देवास, हरदा, खंडवा, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा और सिवनी में भारी बारिश हो सकती है।इससे पहले गुरुवार को अशोकनगर, विदिशा, शिवपुरी समेत कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात रहे। रायसेन में 2.3 इंच पानी गिरा। सिवनी में 1.6 इंच, पचमढ़ी में डेढ़ इंच, भोपाल में सवा इंच बारिश हुई। वहीं, दतिया, शिवपुरी और सागर में आधा इंच पानी गिरा। बैतूल, दतिया, नर्मदापुरम, उज्जैन, छिंदवाड़ा, जबलपुर, खजुराहो, मंडला, नरसिंहपुर, टीकमगढ़, उमरिया, विदिशा, बालाघाट समेत कई जिलों में बारिश हुई। अशोकनगर के मुंगावली में 4 घंटे तेज बारिश हुई। नदी-नाले उफान पर आ गए। कई घरों में चार फीट तक पानी भर गया। गलियों में भी पानी का बहाव तेज था। बता दें कि प्रदेश में इस मानसूनी सीजन में औसत 21.8 इंच बारिश हो चुकी है।

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । हिन्दू पंचांग के अनुसार इस बार नाग पंचमी 29 जुलाई मंगलवार को शिव और प्रजापति योग में मनाई जाएगी। यह योग अपने आप में बहुत शुभ है और सभी के लिए कल्‍याणकारी माना जाता है।   इस संबंध में ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि "नागपंचमी के मौके पर शिव, सिद्ध, प्रजापति और सौम्य नाम के शुभ योग बनेंगे। इतने सारे शुभ योग होने से नागपंचमी पर्व का महत्व और भी बढ़ जाएगा। इस दिन किए गए उपाय व पूजा से बहुत जल्दी फल मिलेगा।" ज्योतिषाचार्य चोपड़ा  कहते हैं कि नागपंचमी पर नागदेवता की पूजा  का विधान है, लेकिन ध्यान रखें इस दिन जीवित सर्प की पूजा न करें। मंदिर में जाकर नागदेवता को दूध चढ़ाएं, फल-फूल आदि चीजें भी चढ़ाएं। संभव हो तो इस दिन उपवास रखें। जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े आदि का दान करें। इससे आपको नागदेवता का आशीर्वाद प्राप्त होगा।उन्‍होंने बताया कि "वैदिक पंचांग के अनुसार सावन शुक्ल पंचमी तिथि इस साल 28 जुलाई की रात 11:23 बजे आरंभ होकर 29 जुलाई की रात 12:45 बजे तक चलेगी। इस आधार पर नाग पंचमी का पर्व मंगलवार, 29 जुलाई 2025 को मनाया जाएगा। इस दिन श्रेष्ठ मुहूर्त सुबह 05:41 से 08:23 बजे तक रहेगा यानी भक्तों को पूजा के लिए पूरे 02 घण्टे 43 मिनट का समय मिलेगा। इसी प्रकार से सुबह 09:16 से दोपहर 12:33 बजे तक। इसी क्रम में दोपहर 12:33 से 02:11 बजे तक। इसके बाद दोपहर 03:49 से शाम 05:28 बजे तक।" ज्योतिषाचार्य चोपड़ा ने कहा कि "नाग पचंमी पर भगवान शिव का रुद्राभिषेक करना बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान शिव की आराधना करने से सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही इस दिन कालसर्प दोष की शांति के लिए शिव पूजन करने का विधान है। नाग पंचमी के दिन सांपों की पूजा करने से परिवार को सांपों के डर से मुक्ति मिलती है। इस दिन जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या धन का दान करने से भी शुभ फल प्राप्त होते हैं।"

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इंदौर । पश्चिम रेलवे द्वारा इंदौर और मुंबई के बीच आज (बुधवार) से सुपरफास्ट तेजस एक्सप्रेस की शुरुआत की जा रही है। यह मध्य प्रदेश में संचालित होने वाली पहली तेजस एक्सप्रेस है। यह आज रात 11.20 बजे मुंबई से रवाना होकर गुरुवार, 24 जुलाई को दोपहर में इंदौर पहुंचेगी। इंदौर से यह ट्रेन 24 जुलाई को वापसी करेगी। यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए यह ट्रेन सप्ताह में तीन दिन चलाई जाएगी।   पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी विनीत अभिषेक ने बताया कि मुंबई-इंदौर रूट पर यात्रियों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए यह ट्रेन शुरू करने का फैसला लिया गया है। इस ट्रेन का संचालन आईआरसीटीसी द्वारा किया जा रहा है। मुंबई सेंट्रल से इंदौर के लिए ट्रेन संख्या 09085 हर सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को रात 11:20 बजे रवाना होगी और अगले दिन दोपहर एक बजे इंदौर पहुंचेगी। इसी तरह, इंदौर से मुंबई के लिए ट्रेन संख्या 09086 हर मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को शाम पांच बजे चलेगी और दूसरे दिन सुबह 7:10 बजे मुंबई पहुंचेगी। ट्रेन दोनों दिशाओं में बोरिवली, वापी, सूरत, वडोदरा, दाहोद, रतलाम तथा उज्जैन स्टेशनों पर रुकेगी।   यह मध्य प्रदेश की पहली सुपरफास्ट तेजस स्पेशल ट्रेन है। फिलहाल रेलवे ने इस स्पेशल ट्रेन का संचालन 30 अगस्त तक करने का फैसला किया है। ट्रेन संख्या 09085/ 09086 के लिए टिकट बुकिंग सभी आरक्षण काउंटर और आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर की जा सकती है। इसका किराया तीन कैटेगरी में है। पहली कैटेगरी एसी 3 टीयर है, जिसका किराया एक हजार 805 रुपये है। इसमें एक हजार 634 रुपये बेस फेयर, 40 रुपये रिजर्वेशन चार्ज, 45 रुपये सुपर फास्ट चार्ज और 86 रुपये जीएसटी शामिल है।   दूसरी कैटेगरी एसी टू टीयर का किराया दो हजार 430 रुपये है। इसमें 2 हजार 219 रुपये बेस फेयर, 50 रुपये रिजर्वेशन चार्ज, 45 रुपये सुपर फास्ट चार्ज और 116 रुपये जीएसटी शामिल है। वहीं, तीसरी कैटेगरी एसी फर्स्ट क्लास है, जिसका किराया 3 हजार 800 रुपये है। इसमें 3 हजार 484 रुपये बेस फेयर, 60 रुपये रिजर्वेशन चार्ज, 75 रुपये सुपर फास्ट चार्ज और 181 रुपये जीएसटी शामिल है।   दुरंतो और अवंतिका से ज्यादा किराया इंदौर-मुंबई के बीच चलने वाली तेजस स्पेशल का किराया इसी मार्ग पर चल रही दुरंतो एक्सप्रेस और अवंतिका एक्सप्रेस से अधिक है। इंदौर-दुरंतो में फिलहाल सेकेंड सीटिंग का किराया 460 रुपये, एसी इकोनॉमी का 2070 रुपये, थर्ड एसी का 2205 रुपये, सेकेंड एसी का 2975 रुपये और फर्स्ट एसी का किराया 3670 रुपये है। वहीं, अवंतिका एक्सप्रेस में स्लीपर का किराया 465 रुपये, एसी इकोनॉमी का 1130 रुपये, थर्ड एसी का 1220 रुपये, सेकेंड एसी का 1715 रुपये और फर्स्ट एसी का किराया 2870 रुपये है। इंदौर-मुंबई तेजस का किराया और समय दोनों ही इंदौर से मुंबई के लिए चलने वाली दुरंतो एक्सप्रेस और अवंतिका एक्सप्रेस के मुकाबले ज्यादा है। तेजस ट्रेन इंदौर से मुंबई का सफर पूरा करने में दूरंतो से तीन घंटे और अवंतिका से एक घंटे ज्यादा लेगी।    

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भोपाल । मध्य प्रदेश में एक बार फिर बारिश का स्ट्रांग सिस्टम एक्टिव हुआ है। बीते मंगलवार को भोपाल, इंदौर, टीकमगढ़ समेत 20 से ज्यादा जिलों में तेज बारिश का दौर चला। आज बुधवार को भी जबलपुर समेत 15 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। जहां अगले 24 घंटे में साढ़े चार इंच तक पानी गिर सकता है।मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि मध्य प्रदेश में फिलहाल मानसून ट्रफ और दो साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम एक्टिव हैं। इस वजह से प्रदेश में बारिश का दौर शुरू हुआ है। अगले चार दिन तक कहीं भारी तो कहीं अति भारी बारिश का अलर्ट है। बुधवार को जिन जिलों में भारी बारिश की चेतावनी है, उनमें जबलपुर, श्योपुर, मुरैना, नर्मदापुरम, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सागर, दमोह, सिवनी, मंडला, बालाघाट, डिंडौरी, अनूपपुर शामिल हैं। अन्य जिलों में गरज-चमक, आंधी और हल्की बारिश का दौर रहेगा।प्रदेश में मंगलवार को कई जिलों में बारिश हुई। भोपाल में दिनभर धूप खिली रही, लेकिन शाम 4 बजे के बाद मौसम बदला और तेज बारिश शुरू हो गई। इससे पूरा शहर तरबतर हो गया। टीकमगढ़, नर्मदापुरम, सागर, इंदौर, छिंदवाड़ा, दमोह, उज्जैन, हरदा, शाजापुर में भी बारिश का दौर चला। रात में भी कई जिलों में बारिश हुई। मध्य प्रदेश में इस मानसूनी सीजन में औसत 21 इंच बारिश हो चुकी है। प्रदेश के तीन जिले- निवाड़ी, टीकमगढ़ और श्योपुर में तो कोटा पूरा हो चुका है। इन जिलों में सामान्य से 15 प्रतिशत तक ज्यादा पानी गिर चुका है। ग्वालियर समेत 5 जिलों में भी बेहतर स्थिति है। यहां 80 प्रतिशत से 95 प्रतिशत तक बारिश हो चुकी है। दूसरी ओर, इंदौर और उज्जैन संभाग सबसे पीछे हैं। इंदौर, उज्जैन, शाजापुर, बुरहानपुर और आगर-मालवा में 10 इंच से भी कम पानी गिरा है।

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उमरिया । बाघों के लिए विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में फिर एक बार एक जंगली हाथी की मौत होने से वन्य जीव प्रेमी हैरान हैं कि आखिर पार्क प्रबंधन क्या कर रहा है, पूर्व मे भी 10 हथियों की मौत ने लोगों को हैरान कर दिया था और आज फिर हाथी कैम्प मे बंधे हुये हाथी की मौत ने लोगों को हैरान कर दिया है।   शहडोल जिले में जंगली हाथी के हमले से ग्रामीण की मौत के बाद 21 मई को संजय टाइगर रिजर्व के पौड़ी रेंज के कूड़माड़ बीट के आर एफ 291 से इस जंगली नर हाथी को रेस्क्यू किया गया था, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में मंगलवार को सुबह लगभग 5 बजे रामा कैंप में जंगली हाथी की मौत हुई है। इस जंगली हाथी के पोस्‍टमार्टम के लिये आने वाली डाक्टरों की टीम का इंतजार किया जा रहा है, उसके बाद अंतिम संस्कार किया जाएगा।   बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के उपसंचालक प्रकाश कुमार वर्मा ने अधिक कुछ ना कहते हुए बताया कि नर हाथी की मौत हो गई है। इसकी उम्र लगभग 20 वर्ष रही होगी, हाथी चोटिल था। डाक्टरों की टीम इलाज कर रही थी इसी दौरान मौत हो गई। गौरतलब है कि कहीं न कहीं पार्क प्रबंधन की घोर लापरवाही के चलते लगातार हाथियों की हो रही मौत वन्य जीव प्रेमियों को सदमें में डाल रही है, ऐसे में आवश्यकता है उच्च स्तरीय जाँच की ताकि इनकी मौतों पर अंकुश लग सके।  

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जबलपुर । मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव द्वारा की गयी घोषणानुसार नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में देहदान करने वाले दानी को पहली बार "गार्ड ऑफ ऑनर" मिला। जवाहरगंज खोवा मंडी निवासी आनंद मोहन वर्मा के पार्थिव शरीर को नेताजी सुभाष चंद्र बोस चिकित्सा महाविद्यालय में पूरे सम्मान के साथ गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। संभवतः जबलपुर में यह पहला मामला है। स्वर्गीय आनंद मोहन वर्मा को परिजनों की उपस्थिति में मेडिकल कॉलेज कैंपस में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।कार्यक्रम का आयोजन नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के एनाटॉमी विभाग द्वारा किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के अधिष्ठाता प्रो. डॉ. नवनीत सक्सेना, एनाटॉमी विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. नटवर अग्रवाल, प्रो. डॉ. एस.के. वर्मा, अनंग देव त्रिपाठी, परिजन और विभाग के सभी सदस्य मौजूद रहे। जानकारी के अनुसार साल 2025 में जबलपुर मेडिकल कॉलेज को अब तक कुल 10 पार्थिव शरीर चिकित्सा अध्ययन हेतु प्राप्त हुए हैं। देहदान से छात्र मानव शरीर की संरचना, शारीरिक तंत्रों और सर्जरी जैसे जटिल विषयों को प्रैक्टिकल के जरिए समझ पाते हैं।उल्लेखनीय है कि 1 जुलाई 2025 को मुख्यमंत्री मोहन यादव ने घोषणा की थी कि देहदान या अंगदान करने वाले सभी नागरिकों को अंतिम संस्कार के समय गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा। साथ ही उनके परिजनों को गणतंत्र दिवस या स्वतंत्रता दिवस पर सार्वजनिक मंच से सम्मानित किया जाएगा।    

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भोपाल । मध्य प्रदेश में थमा बारिश का दौर एक बार फिर से एक्टिव होगा। नए साइक्लोनिक सर्कुलेशन और ट्रफ लाइन सक्रिय होने के चलते मानसून ने फिर से रफ्तार पकड़ ली है। सोमवार देर रात भोपाल समेत कई जिलों में बारिश हुई। मौसम विभाग ने आज मंगलवार को जबलपुर समेत 12 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। यहां अगले 24 घंटे में साढ़े 4 इंच तक पानी गिर सकता है। इससे पहले सोमवार को इंदौर समेत कई जिलों में बारिश हुई। इंदौर में तो सड़कों पर पानी भर गया।मौसम विभाग के अनुसार, साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम की वजह से अगले चार दिन तक भारी बारिश का दौर रहने वाला है। वहीं, मानसून ट्रफ लाइन भी एक्टिव है। दूसरी ओर, 24 जुलाई से बंगाल की खाड़ी में नया लो प्रेशर एरिया (दम दबाव का क्षेत्र) सक्रिय हो रहा है। इसका असर भी प्रदेश में देखने को मिलेगा। आज मंगलवार को जबलपुर, मंडला, डिंडोरी, बालाघाट, सिवनी, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा देवास और सीहोर में भारी बारिश का अलर्ट है। यहां 24 घंटे में 4 इंच तक पानी गिरने की संभावना है।उल्‍लेखनीय है कि प्रदेश में इस मानसूनी सीजन में औसत 20.7 इंच बारिश हो चुकी है। तीन जिले- निवाड़ी, टीकमगढ़ और श्योपुर में तो कोटा पूरा हो चुका है। इन जिलों में सामान्य से 15 प्रतिशत तक ज्यादा पानी गिर चुका है। वहीं, ग्वालियर समेत 5 जिलों भी बेहतर स्थिति में है। यहां 80 से 95 प्रतिशत तक बारिश हो चुकी है। दूसरी ओर, इंदौर और उज्जैन संभाग सबसे पीछे है। इंदौर, उज्जैन, शाजापुर, बुरहानपुर और आगर-मालवा में 10 इंच से भी कम पानी गिरा है।सोमवार को प्रदेश के कई जिलों में मौसम में बदलाव देखने को मिला। इंदौर में तेज बारिश की वजह से सड़कें डूब गईं। तीन इमली चौराहे पर ज्यूपिटर हॉस्पिटल के पहले सर्विस रोड पर भी पानी भर गया, जिससे वाहनों की आवाजाही में परेशानी हुई। मौसम विभाग ने यहां 19 मिमी यानी, पौन इंच बारिश दर्ज की। सिवनी में भी इतनी ही बारिश हुई। उमरिया, बालाघाट के मलाजखंड, खजुराहो और मंडला में आधा इंच पानी गिरा। सागर में भी हल्की बारिश हुई। इसी तरह मंडला, अनूपपुर, सिवनी, डिंडौरी, बालाघाट, छिंदवाड़ा, जबलपुर, बैतूल, उमरिया, उज्जैन, हरदा, बड़वानी, रायसेन, नर्मदापुरम, नरसिंहपुर, दमोह, शहडोल, श्योपुर, विदिशा, सीहोर, मुरैना, भिंड, ग्वालियर, सिंगरौली आदि जिलों में भी मौसम बदला रहा। 23-24 जुलाई को भी प्रदेश में तेज बारिश का अलर्ट है।

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । मध्य प्रदेश में एक महीने बाद बारिश से थोड़ी राहत मिली है। प्रदेश में फिलहाल नया सिस्टम सक्रिय नहीं है। हालांकि पिछले 2 दिन से कुछ जिलों में ही हल्की बारिश हुई है। मौसम विभाग ने 21 और 22 जुलाई को कहीं-कहीं हल्की बारिश की संभावना जताई है। इससे दिन का तापमान बढ़ जाएगा। जबकि 23 जुलाई से फिर से भारी बारिश का दौर शुरू हो जाएगा।मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि मानसूनी टर्फ और वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) प्रदेश से काफी दूर है, लेकिन जुलाई के आखिरी सप्ताह फिर से प्रदेश तरबतर हो जाएगा। पूर्वी और दक्षिणी हिस्से में तेज बारिश होने का अनुमान है। बता दें कि प्रदेश में अब तक औसत 20.5 इंच बारिश हो चुकी है। 3 जिले- निवाड़ी, टीकमगढ़ और श्योपुर में तो कोटा पूरा हो चुका है। इन जिलों में सामान्य से 15% तक ज्यादा पानी गिर चुका है। वहीं, ग्वालियर समेत 5 जिलों भी बेहतर स्थिति में है। यहां 80 से 95 प्रतिशत तक बारिश हो चुकी है। दूसरी ओर, इंदौर और उज्जैन संभाग सबसे पीछे हैं। इंदौर, उज्जैन, शाजापुर, बुरहानपुर और आगर मालवा में 10 इंच से भी कम पानी गिरा है।आज सोमवार को भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर, छिंदवाड़ा, विदिशा, सीहोर, सिंगरौली, सीधी, सतना, सागर, राजगढ़, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, रतलाम, देवास, आगर, मंदसौर, नीमच, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, शाजापुर, श्योपुर, दतिया, भिंड, मुरैना, रीवा, मऊगंज, रायसेन, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, मंडला, बालाघाट, पन्ना, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, मैहर और पांढुर्णा में बारिश की संभावना है।इससे पहले रविवार को उज्जैन और खजुराहो में हल्की बारिश हुई। वहीं, शाम के बाद मंडला, डिंडौरी, अनूपपुर, सिंगरौली, मुरैना, भिंड, ग्वालियर, दतिया, श्योपुर, नीमच, मंदसौर, गुना, विदिशा, राजगढ़, सागर, दमोह, जबलपुर, उमरिया, सीधी, शहडोल और रीवा जिलों में हल्की बारिश का दौर रहा। भोपाल, इंदौर, उज्जैन समेत कई शहरों में दिन में धूप खिली रही। प्रदेश में अधिकतम तापमान की बात करें तो छतरपुर के खजुराहो में 35 डिग्री, सतना में 34.5 डिग्री और नरसिंहपुर में 34.2 डिग्री रिकॉर्ड हुआ। सबसे कम तापमान पचमढ़ी में 19.6 डिग्री, राजगढ़ और शिवपुरी में 21 डिग्री दर्ज किया गया। राजधानी भोपाल में रविवार को दिनभर तेज धूप और उमस ने लोगों को परेशान किया।

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भोपाल । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की सड़कों पर दौड़ रहे ई-रिक्शा बच्चों के लिए असुरक्षित हैं। यहां सोमवार, 21 जुलाई से स्कूली बच्चों के ई-रिक्शा से स्कूल आने-जाने पर रोक लगा दी गई है। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने ई-रिक्शा को बच्चों के लिए असुरक्षित मानते हुए प्रतिबंध का आदेश भी जारी कर दिया है। यह आदेश कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर जारी किया है। इसके साथ ही शहर में तेजी से बढ़ते और बेतरतीब दौड़ते ई-रिक्शा पर पहली बड़ी कार्रवाई की गई है। आदेश में कहा गया है कि कई स्कूल के छात्र-छात्राओं को घर से स्कूल लाने ले जाने के लिए ई-रिक्शा का इस्तेमाल होता है। यह बच्चों के लिए असुरक्षित है। इनके पलटने का डर ज्यादा रहता है। इन्हीं तथ्यों को ध्यान में रखते हुए डीईओ सभी स्कूल संचालकों को ई-रिक्शा बंद करने को कहेंगे। प्रशासन भी पूरी नजर रखेगा। गौरतलब है कि 18 जुलाई को भोपाल सांसद आलोक शर्मा ने ट्रैफिक सुधार के लिए बैठक रखी थी। इसमें कलेक्टर ने ई-रिक्शा स्कूलों में प्रतिबंधित करने को कहा था। उन्होंने कहा था कि छोटे बच्चों को ई-रिक्शा में बैठाकर स्कूल भेजना ठीक नहीं है। सांसद की बैठक के बाद कलेक्टर ने आदेश कर दिए हैं। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह द्वारा जारी आदेश में बताया गया है कि 27 जून को जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में सभी की सहमति से प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर स्कूल के छात्र- छात्राओं के परिवहन के लिए ई-रिक्शा का उपयोग किया जा रहा है, अब उस पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया है। ई-रिक्शा स्कूल के छात्र-छात्राओं के परिवहन के लिए असुरक्षित वाहन है, वाहन में स्कूल के छोटे बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण विषय है। ऐसे में ई-रिक्शा द्वारा स्कूली छात्र-छात्राओं के परिवहन पर प्रतिबंध लगाया जाता है। एसीपी ट्रैफिक अजय वाजपेयी ने बताया कि शहर में लगभग 12 हजार ई-रिक्शा रजिस्टर्ड हैं। हालांकि स्कूलों से यह अटैच नहीं है, लेकिन अभिभावक अपनी सहूलियत के हिसाब से बच्चों को ई-रिक्शा से स्कूल भेजते हैं। अब इन्हें रोकने का काम किया जाएगा, जिसके लिए सोमवार से टीमें स्कूलों में जाकर प्रबंधन से संपर्क करेंगी और ऐसे बच्चों को चिह्नित करेंगी, जो ई-रिक्शा से स्कूल आते-जाते हों। इसके बाद ई-रिक्शा बंद कराए जाएंगे। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि बैठकों में पुलिस और एक्सपर्ट की राय के बाद ई-रिक्शा में बच्चों को स्कूल लाने ले जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। भोपाल में ई-रिक्शा में स्कूली बच्चों को लेकर हादसे तो नहीं हुए, लेकिन अन्य शहरों में हादसे हो चुके हैं। इसलिए यह फैसला लिया गया है।    

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उज्जैन । श्रावण माह के दूसरे सोमवार काे विश्व प्रसिद्ध बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर मंदिर में बड़ी संख्या में भक्त भगवान महाकाल के दर्शन करने पहुंच रहे हैं। सावन में पवित्र महिने में आम से लेकर खास तक हर काेई अपने अराध्य बाबा महाकाल का आशीर्वाद लेना चाहता है। फेमस टीवी धारावाहिक 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' के कलाकार भी सोमवार को महाकाल मंदिर पहुंचे और सभी ने नंदी हॉल से भगवान महाकाल के दर्शन कर आशीर्वाद लिया।   तारक मेहता का उल्टा चश्मा में गोली का किरदार निभाने वाले कुश शाह, डॉ. हाथी (निर्मल सोनी), नट्टू काका (किरण भट्ट) और बागा (तन्मय विकड़िया) ने महाकाल मंदिर पहुंचकर भगवान महाकाल का आशीर्वाद लिया। इन कलाकारों ने मंदिर में दर्शन के बाद परिसर स्थित वीआर दर्शन का भी लाभ लिया। दर्शन करने के बाद सभी कलाकारों ने कहा कि भगवान महाकाल के दर्शन श्रावण के सोमवार पर मिल गए ये सबसे बड़ा सौभाग्य है। वीआर में भी दर्शन कर ऐसा लगा मानो साक्षात भगवान महाकाल की भस्म आरती के दर्शन कर रहे हैं। टीम के चारों सदस्य ने काल भैरव के मंदिर में दर्शन किए। इस दौरान उन्होंने महाकाल मंदिर की व्यवस्थाओं की तारीफ की।   बता दें कि सावन के दूसरे साेमवार काे आज भस्म आरती के बाद तड़के 2:30 बजे मंदिर के कपाट खोले गए। भस्म आरती के दौरान चलायमान दर्शन व्यवस्था में बिना अनुमति वाले भक्तों ने भी चलित दर्शन किए। इस दौरान पूरा मंदिर परिसर महाकाल के जयकारों से गूंज उठा। श्रावण के दूसरे सोमवार पर रात 2:30 बजे से लेकर दोपहर 12:00 बजे तक एक लाख श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन कर चुके हैं। अब रात 10 बजे शयन आरती तक दर्शन का सिलसिला लगातार जारी रहेगा। वहीं उज्जैन में शाम चार बजे महाकाल अपनी प्रजा का हाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकलेंगे। सीएम डॉ. मोहन यादव भी महाकाल की सवारी में शामिल होंगे।      

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भोपाल । भोपाल पुलिस ने शहर के बुधवारा क्षेत्र से बांग्लादेशी नागरिक अब्दुल कलाम को हिरासत में लिया है। वह पहचान बदलकर करीब ढाई दशक से यहां रह रहा था। लोग उसे नेहा नाम से जानते हैं। इसी नाम से उसने अपना पहचान पत्र भी बनवा रखा है। पुलिस ने उसके फर्जी पहचान पत्र को भी कब्जे लिया है। पुलिस के अनुसार, बांग्लादेशी अब्दुल कलाम 17 वर्ष की उम्र में करीब 2000 के आसपास भारत आया था और तब से अब तक वह किन्नर नेहा की पहचान के साथ रह रहा था। उसने फर्जी तरीके से आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज भी तैयार करवा लिए थे। लगभग 42 साल का हो चुका अब्दुल कलाम उर्फ नेहा किन्नर पहले महाराष्ट्र में रहा, बाद में भोपाल आकर मंगलवारा क्षेत्र में रहने लगा। इंटेलीजेंस इनपुट से उसके अवैध रूप से रहने की सूचना मिली तो तलैया थाना पुलिस ने उसे हिरासत में लिया। वह एक सप्ताह से पुलिस हिरासत में है। अब केंद्रीय एजेंसी भी जांच में जुट गई है। करीब 30 दिन की हिरासत के बाद उस पर आगामी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस अधिकारियों ने केंद्रीय जांच एजेंसी के पास मामला जाने के बहाने अपना पल्ला झाड़ लिया है। अब फर्जी तरीके से दस्तावेज तैयार करवाने वालों और उसे आश्रय देने वालों की जानकारी जुटाई जा रही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, किन्नर नेहा के रूप में अब्दुल कलाम भोपाल के मंगलवारा क्षेत्र में रह रहा था। करीब पांच साल पहले उसका किन्नर काजल मुंबईया से झगड़ा हुआ था। इसको लेकर एमपी नगर थाने में एक केस भी दर्ज किया गया था। पिछले दिनों ही उस मामले में तेजी दिखाते हुए कोर्ट में दो पेशी हुई हैं। वहीं 21 जुलाई को अगली पेशी बताई जा रही है। केस पूरा होने तक नेहा किन्नर को वापस डिपोर्ट नहीं किया जाएगा। वहीं यदि जल्द ही इस पर सुनवाई पूरी हो जाती है तो उसे अगले महीने डिपोर्ट किया जा सकता है। फिलहाल नेहा किन्नर कब और क्यों भारत आई थी। डीसीपी जोन-3 रियाज इकबाल ने गुरुवार को मामले की जानकारी देते हुए बताया कि 'आरोपित को एक सप्ताह पहले हिरासत में लिया था। वह फर्जी तरीके से दस्तावेज तैयार करवाकर कई सालों से भारत में रह रहा था। भोपाल से पहले वह महाराष्ट्र में रहता है। अब केंद्रीय जांच एजेसियां भी मामले की जांच में जुट गई हैं। हिरासत के 30 दिन के बाद केंद्रीय एजेंसियों द्वारा ही कार्रवाई की जाएगी।'  

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जबलपुर। स्वास्थ्य विभाग में संविदा कर्मियों के ट्रांसफर और कैंसिल मामले में अब कानूनी हस्तक्षेप हुआ है तथा एनएचएम की सलोनी सिडाना और कलेक्टर दीपक सक्सेना को हाईकोर्ट से नोटिस जारी हुआ है। हाईकोर्ट ने जबलपुर कलेक्टर के आदेश को अवैध मानते हुए आठ कर्मियों के ट्रांसफर रद्द करने के आदेश को स्थगित कर दिया।दरअसल, जबलपुर कलेक्टर नेएक आदेश निकाल ग्रामीण क्षेत्रों के कर्मियों को शहरी स्वास्थ्य केंद्रों में स्थानांतरित किया था। लेकिन कुछ दिन बाद एनएचएम भोपाल से एक पत्र के आधार पर इन तबादलों को रद्द कर दिया गया। इस पर आठ संविदा कर्मियों ने इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की।जस्टिस मनिंदर एस. भट्टी की सिंगल बेंच ने प्राथमिक सुनवाई के आधार पर ट्रांसफर निरस्त करने के कारणों को गलत ठहराया। कोर्ट ने आठ जुलाई 2025 को कलेक्टर द्वारा जारी ट्रांसफर कैंसिल आदेश को स्थगित कर दिया। इसके साथ ही कर्मचारियों को राहत देते हुए, अगली सुनवाई तक उन्हें नए ट्रांसफर स्थान पर कार्यरत रहने की छूट दी।याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता परितोष गुप्ता ने कोर्ट को बताया कि कलेक्टर ने बिना नोटिस दिए, बिना किसी सुनवाई के कर्मचारियों को पिछली जगह पर ही भेजने का आदेश पारित कर दिया। इस ट्रांसफर को कैंसिल करने के लिए एनएचएम से जो निर्देश दिए गए थे और कलेक्टर के द्वारा जो आदेश जारी किया गया। दोनों लेटर्स में जिस पत्र का हवाला दिया गया था वह नगण्य था। क्योंकि उसमें ग्रामीण क्षेत्र से शहरी क्षेत्र में हो रहे ट्रांसफरों पर कोई रोक नहीं थी।हाईकोर्ट ने इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए एनएचएम की संचालक सलोनी सिडाना और जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अगली सुनवाई एक सितंबर 2025 को निर्धारित की गई है।  

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भोपाल । राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में कहीं तेज बारिश तो कहीं रुक-रुककर बौछारें पड़ रही हैं। मानसून ट्रफ और डिप्रेशन की वजह से प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश के कारण बाढ़ के हालात हैं। गुरुवार को सतना, डिंडौरी, मऊगंज समेत 26 से ज्यादा जिलों में बारिश हुई। नदी-नाले उफान पर आ गए। आज शुक्रवार को भी ग्वालियर-चंबल के 7 जिलों में अति भारी बारिश का अलर्ट है। जबकि 16 जिलों में तेज पानी गिरेगा।मौसम विभाग के अनुसार, शुक्रवार को प्रदेश के 23 जिलों में भारी बारिश की संभावना है। इनमें ग्वालियर, अशोकनगर, दतिया, गुना, शिवपुरी, भिंड, श्योपुर, मुरैना, सागर, निवाड़ी, छतरपुर, दमोह, टीकमगढ़, पन्ना, रीवा, मैहर, मऊगंज, सिंगरौली, सीधी, सतना, शहडोल, अनूपपुर और उमरिया शामिल है। इन जिलों में आज और कल के लिए भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।जबकि छतरपुर, दमोह, कटनी, पन्ना, सागर, सतना और टीकमगढ़ में अचानक बाढ़ आ सकती है। वहीं, अशोकनगर, दतिया, गुना, ग्वालियर, मुरैना, राजगढ़, श्योपुर, शिवपुरी और विदिशा जिलों में भी बाढ़ का खतरा है।बता दें कि इस मानसूनी सीजन में प्रदेश में औसत 19.2 इंच बारिश हो चुकी है जबकि अब तक 11.5 इंच पानी गिरना था। इस हिसाब से 7.7 इंच बारिश ज्यादा हो चुकी है। प्रदेश में गुरुवार को बाढ़ जैसे हालात रहे। सतना में 9 घंटे के अंदर 95 मिमी यानी 3.8 इंच पानी गिर गया। रीवा में 2.3 इंच, खजुराहो-टीकमगढ़ में 1.7 इंच, ग्वालियर, मंडला, नौगांव और पचमढ़ी में पौन इंच, भोपाल, सीधी और जबलपुर में आधा इंच पानी गिरा। इसी तरह दतिया, गुना, नर्मदापुरम, शिवपुरी, दमोह, नरसिंहपुर, सागर, सिवनी, उमरिया, बालाघाट, मऊगंज, हरदा, मंदसौर, राजगढ़, शाजापुर, विदिशा, आगर-मालवा, सीहोर समेत कई जिलों में बारिश का दौर रहा।प्रदेश में लगातार बारिश के कारण जनजीवन अस्‍तव्‍यस्‍त है। बारिश की वजह से सतना में शासकीय स्वशासी महाविद्यालय की 17, 18 और 19 जुलाई को होने वाली परीक्षाएं स्थगित कर दी गईं। डिंडौरी में अतिवर्षा के चलते सरकारी स्कूलों में गुरुवार को अवकाश रहा। मऊगंज के भी सभी स्कूलों में छुट्‌टी रही। मऊगंज जिले के नई गढ़ी कस्बे में कई घरों में पानी घुस गया। लोग जरूरी सामान लेकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचे। थाना परिसर भी पानी में डूबा रहा। चित्रकूट की गुप्त गोदावरी गुफा में तेज बहाव के साथ पानी बह रहा है। पर्यटकों के लिए गुफा को बंद करा दिया गया है।प्रदेश में कुल 54 बड़े डैम हैं, जहां पर पानी की आमद तेजी से हो रही है। बाणसागर, बरना, गांधीसागर, गोपीकृष्ण, इंद्रा सागर, केरवा, कलियासोत, कोलार, कुंडालिया, कुशलपुरा, मोहनपुरा, ओंकारेश्वर, राजघाट, बरगी, संजय सागर, तवा, टिल्लर, तिघरा, पेंच, सतपुड़ा समेत अन्य डैमों में पानी बढ़ा है। भोपाल के बड़ा तालाब में भी अच्छे खासी पानी की आमद हो गई है। साढ़े 6 फीट पानी आते ही तालाब ओवरफ्लो हो जाएगा, फिर भदभदा डैम के गेट खोलने पड़ेंगे।

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उज्जैन । महाकाल महालोक में श्रावण-भादौ मास में प्रतिदिन होने वाली सांस्कृतिक संध्या के तीसरे दिन बुधवार को रोहित कुमार सोनावने के वायलिन वादन व अनन्या डोरिया के एकल कथक नृत्य की प्रस्तुति हुई। रोहित कुमार सोनावने द्वारा राग मालकौश विलम्बित लय, एकताल व दु्रत लय तीन ताल में आलाप-जोडे-झाला की प्रस्तुति दी गई। उसके उपरांत राग मालकौश पर आधारित ऊ नमः शिवाय शिव धुन की प्रस्तुति से समापन किया गया। आपके साथ तबला पर अरूण कुशवाह ने प्रभावी संगत दी। अनन्या डोरिया की प्रस्तुति का प्रारंभ गणेश वंदना गाइए गणपति जगवंदन से हुआ। पश्चात शुद्ध कथक में कुछ बंदिशे, तिहाइयाॅं, माखन चोरी गत, भाव और जुगलबंदी प्रस्तुत की। प्रस्तुति का समापन शिव भवन अर्धांग भस्म भभूत सोहे अर्धमोहिनी रूप है.............. से हुआ।कार्यक्रम के प्रारंभ में दीप प्रज्जवलन मुख्य अतिथि महामण्डलेश्वर अतुलेशानंद महाराज (आचार्य शेखर जी) व गौरव नागपाल, प्रबंधक यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया, नानाखेड़ा शाखा द्वारा किया गया। डिप्टी कलेक्टर एवं उप प्रशासक सिम्मी यादव व प्रशांत त्रिपाठी ने अतिथियों का दुपट्टा, प्रसाद व स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मान किया। कलाकारों एवं सहयोगी कलाकारों का दुपट्टा, प्रसाद व प्रशस्ति पत्र देकर स्वागत व सम्मान किया गया। मंच संचालन सुदर्शन अयाचित द्वारा किया गया। गुरुवार की प्रस्तुति 17 जुलाई साइन 6बसे 8 बजे तक वसुन्धरा लोककला कृषक शिक्षण संस्थान रहली, जिला सागर के द्विव्यांग बच्चों की मोनिया लोकनृत्य की प्रस्तुति होगी।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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दमोह । नगर में पठानी मोहल्ला मस्जिद के समीप अतिक्रमण हटाने की कार्यवाई करते हुए प्रशासन और नगर पालिका ने अंडा मुर्गा एवं मटन की दुकानों को भी हटाया।   कार्रवाई के लिए जैसे ही प्रशासन और नगर पालिका के साथ पुलिस बल पहुंचा क्षेत्र में हड़कंप मच गया। बताया जाता है कि यहां पर अतिक्रमण कितना है इसकी जानकारी देने के लिए नगर पालिका ने प्रशासन और पुलिस का सहयोग मांगा था। और इसी हिसाब से पुलिस बल पहुंचा था, लेकिन अचानक अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई प्रारंभ होने से तनाव की स्थिति निर्मित हो गई और फिर एसडीएम आर.एल.बागरी और सीएसपी एच.आर.पांडे को पहुंचकर मोर्चा संभालना पड़ा अतिरिक्त पुलिस बल के साथ यहां बिगड़ती स्थिति को नियंत्रित किया गया।   कार्रवाई से प्रभावित लोगों ने जहां सहयोग की बात कही वहीं प्रशासन पर पक्षपात पूर्ण रवैया बनाने का भी आरोप लगाया। गत दिवस पठानी मोहल्ला क्षेत्र में अजमेरी गार्डन के पास रहने वाले युवक की वाहन से कुचलकर हत्या करने के मामले में क्षेत्र में तनाव बना हुआ है। यहां समीप स्थित अति प्राचीन शिव मंदिर के पास आरोपी अब्दुल आदिल और उसके पिता नसीर पर अतिक्रमण करने का आरोप लगाया जा रहा है। प्रशासन का कहना है स्थाई अतिक्रमण पर कार्यवाई करने की एक प्रक्रिया होती है जिसके तहत हम काम कर रहे हैं।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में लगातार बारिश का कहर जारी है। इस वजह से नदी नाले उफान पर है। पिछले एक महीने से जारी तेज बारिश की वजह से कुल 54 बड़े बांधों में पानी बढ़ गया है। जोहिला, बरगी, बाणसागर, सतपुड़ा समेत कई डैम तो ओवरफ्लो भी हो रहे हैं। इनके गेट खोलने पड़े हैं। मौसम विभाग ने आज गुरुवार को भी ग्वालियर समेत प्रदेश के 12 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। प्रदेश में कई मौसमी सिस्टम सक्रिय हैं, जिसके चलते सीजन में अब तक 72 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की जा चुकी है।मौसम वैज्ञानिक अरुण शर्मा ने बताया कि प्रदेश से एक मानसून ट्रफ गुजर रही है। इस वजह से उत्तरी हिस्से में अगले 2 दिन तक भारी बारिश का अलर्ट है। इस मानसूनी सीजन में प्रदेश में औसत 18.5 इंच बारिश हो चुकी है। इस बार पूर्वी हिस्से में मानसून मेहरबान रहा है। अगले 24 घंटे के दौरान जिन जिलों में भारी बारिश का अनुमान है, उनमें ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, अशोकनगर, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना और सतना शामिल हैं। यहां साढ़े 4 इंच तक बारिश हो सकती है। भोपाल, इंदौर में हल्की बारिश होने की संभावना है।इससे पहले बुधवार को जबलपुर-ग्वालियर में 9 घंटे के अंदर 1.1 इंच पानी गिर गया। प्रदेश के इकलौते हिल स्टेशन पचमढ़ी में 1 इंच, मंडला में पौन इंच और दतिया में आधा इंच से ज्यादा बारिश हुई। इसी तरह रतलाम, उज्जैन, दमोह, छतरपुर के खजुराहो, रीवा, सीधी, बालाघाट, शहडोल, शिवपुरी, डिंडौरी, मऊगंज, बैतूल, आलीराजपुर समेत कई जिलों में भी बारिश का दौर जारी रहा। भोपाल में शाम को मौसम बदला। रात में हल्की बारिश भी हुई। आलीराजपुर में लगातार बारिश से उर नदी में जलस्तर तेजी से बढ़ गया। शहडोल के बाणसागर डैम के 8 गेट खोल दिए गए। वहीं, बैतूल जिले के सारणी में सतपुड़ा बांध के 5 गेट 2 फीट तक खोले गए।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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अनूपपुर । सावन महीना शुरू होते ही नाग-नागिन का जिक्र होना भी शुरू हो जाता है, यह महीना भगवान शिव के अलावा नाग की भी पूजा होती है। सावन मास में सांप के जोड़े कई जगहों पर नृत्य करते हुए मिल जाते हैं। सावन के प्रथम सोमवार के दूसरे दिन मंगलवार की सुबह जिला सत्र न्याययलाय परिषर में नाग-नागिन का नृत्य लोगो के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया। लोग अपने मोबाईल कैमरे में सुदंर पल को कैद करने लगे। सावन माह के पहले सोमवार के दूसरे दिन मंगलवार की सुबह जिला सत्र न्याययलाय परिषर अनूपपुर में नाग नागिन के प्रेम मिलन का एक ऐसा नजारा दिखा जिसे देखने के लिए लोगों की भीड़ जमा हो गई। करीब आधा घंटे तक नाग नागिन का जोड़ा प्रेम मिलन में डूबा रहा, जैसे- जैसे लोगों तक इस जानकारी पहुंची तो इस अद्भुत नजारे को देखने के लिए भीड़ जमा हो गई और वीडियो बनाने लगे। जैसे ही नाग नागिन के प्रेम मिलन में खलल पड़ गया और ये जोड़े झाड़ियों में गायब हो गए। फिलहाल लोगो द्वारा बनाया गया वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। सावन के महीने में नाग-नागिन का नृत्य या समागम एक आम घटना नहीं है, लेकिन इस दौरान सांपों को अक्सर जोड़ा बनाते और अठखेलियां करते देखा जा सकता है। यह दृश्य लोगों के लिए आकर्षक होता है और इसे शुभ माना जाता है, खासकर सावन के महीने में जब भगवान शिव और नागों की पूजा की जाती हैं। सावन का मौसम अमूमन सभी जानवरों के लिए मेटिंग का समय होता है। सर्फ विशेषज्ञ शशिधर अग्रवाल एवं छोटेलाल यादव के अनुसार सावन में नाग-नागिन का जोड़ा दिखाई देता है, तो उन्हें परेशान न करें, उन्हें देखने का आनंद लें, वह आपके रास्ते में हैं, तो उन्हें धीरे से दूर जाने दें,कोई खतरा महसूस होता है, तो स्थानीय अधिकारियों या सर्फ प्रहरियों से संपर्क करें।    

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में नगरीय क्षेत्रों में सार्वजनिक स्थलों पर महिलाओं को सार्वजनिक शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मिशन पिंक टॉयलेट प्रारंभ किया गया है।जनसंपर्क के सूचना अधिकारी मुकेश मोदी ने मंगलवार को जानकारी दी कि स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत 183 नगरीय निकायों में 218 पिंक शौचालय संचालित हो रहे हैं। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने इस मिशन में 100 करोड़ रूपये के निवेश की कार्ययोजना तैयार की है। मिशन के माध्यम से प्रदेश के सभी निकायों में मिशन पिंक टॉयलेट तैयार किये जायेंगे।

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में इस बार मानसून जमकर बरस रहा है। लगभग सभी जिलों में बारिश की गतिविधियां जारी है। प्रदेश के जबलपुर, रीवा, शहडोल, सागर, मंडला, श्योपुर, सिवनी, उमरिया, छतरपुर समेत कई जिलों में एक सप्ताह से लगातार बारिश हो रही है। इस कारण इन जिलों में बाढ़ जैसे हालात हैं। सोमवार को श्योपुर के कई इलाके और गांव पानी से घिरे रहे। मकान-दुकानों से लेकर अस्पताल तक में पानी भर गया। वहीं, नर्मदा नदी खतरे के निशान से ऊपर रही। मौसम विभाग ने आज मंगलवार को भी 17 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।मौसम वैज्ञानिक अरुण शर्मा ने बताया कि मध्‍य प्रदेश से एक मानसून ट्रफ गुजर रही है। वहीं, लो प्रेशर एरिया (कम दबाव का क्षेत्र) भी एक्टिव है। इस वजह से बारिश का दौर चल रहा है। अगले 4 दिन तक तेज बारिश होने की संभावना है। बता दें कि प्रदेश में 16 जून से मानसून एंटर हुआ था। तभी से तेज बारिश का दौर चल रहा है। इस वजह से कोटे की आधी यानी औसत 18 इंच बारिश हो चुकी है। निवाड़ी में तो 103 प्रतिशत तक पानी गिर चुका है। मंडला, टीकमगढ़ में भी बारिश का कोटा 75 प्रतिशत तक फुल हो गया है। अगले 4 दिन यानी 18 जुलाई तक तेज बारिश का दौर चलेगा।इससे पहले सोमवार को मंडला में 9 घंटे में 2 इंच बारिश हो गई। वहीं, खरगोन में डेढ़ इंच पानी गिरा। टीकमगढ़-उमरिया में आधा इंच बारिश दर्ज की गई। भोपाल, दतिया, गुना, ग्वालियर, इंदौर, रतलाम, श्योपुर, शिवपुरी, उज्जैन, छिंदवाड़ा, जबलपुर, खजुराहो, सागर, सिवनी, सीधी, बालाघाट, सीहोर, शाजापुर, आगर-मालवा, देवास, राजगढ़, विदिशा समेत कई जिलों में भी बारिश का दौर जारी रहा।शिवपुरी जिले में अटल सागर मड़ीखेड़ा बांध का जलस्तर तेजी से बढ़ गया। इसी के चलते सोमवार को बांध के 6 गेट खोल दिए गए। करीब 1500 क्यूमेक पानी छोड़ा गया है। श्योपुर जिले के विजयपुर में क्वारी नदी का जलस्तर बढ़ने से आगरा जाने वाला रास्ता बंद हो गया। वहीं, बड़ौदा में बाढ़ जैसे हालात रहे। यहां दुकानों-मकानों के अलावा अस्पताल में भी पानी भर गया। शिवपुरी जिले के रन्नौद क्षेत्र में भी बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ है। यहां कई लोगों के घरों में पानी भर गया। मंडला में भी आधे घंटे की तेज बारिश से पानी घर-दुकानों में घुस गया। वहीं, राजधानी भोपाल में दोपहर में तेज बारिश का दौर चला।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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उज्जैन । देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में सात दिन में (13 जुलाई तक) 11 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे। इस अवधि में सुबह छह बजे से रात्रि पट बंद होने तक कुल 11,06,270 भक्तों ने भगवान महाकालेश्‍वर के दर्शन किए। साथ ही लगभग 26,996 भक्तों ने भस्म आरती के दर्शन किए। यह जानकारी श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक एवं अपर कलेक्टर प्रथम कौशिक ने दी।उन्‍होंने कहा कि आज श्रावण माह के प्रथम सोमवार पर 4,498 श्रद्धालुओं ने श्री महाकालेश्वर भगवान की भस्म आरती में दर्शन किये। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति ने दर्शनार्थियों के लिए सुगम दर्शन की व्यवस्था की है। कौशिक ने कहा कि दर्शन, अन्य जानकारी एवं शिकायत के लिए श्री महाकालेश्वर मंदिर टोल फ्री नंबर 18002331008 पर संपर्क किया जा सकता है।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में बारिश का सिलसिला जारी है। कई जिलों में भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्‍तव्‍यस्‍त है। लगातार हो रही बारिश की वजह से नदियों और तालाबों का जलस्‍तर बढ़ गया है। मौसम विभाग ने आज सोमवार को भी प्रदेश के 35 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। राजधानी भोपाल में पिछले 24 घंटों में 36 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है, जिससे शहर के कई इलाकों में जलभराव की स्थिति बन गई है।मौसम वैज्ञानिक अरुण शर्मा ने सोमवार को इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर-चंबल में मानसून टर्फ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन (चक्रवात) का असर देखने को मिलेगा। कुल 35 जिलों में तेज बारिश का अलर्ट है। इनमें से 9 जिलों में अति भारी बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार को नीमच, मंदसौर, आगर-मालवा, राजगढ़, विदिशा, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी और श्योपुर में अति भारी बारिश का अलर्ट है। यहां 24 घंटे में 8 इंच तक बारिश हो सकती है। ग्वालियर, मुरैना, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली, उमरिया, शहडोल, सागर, रायसेन, सीहोर, शाजापुर, देवास, इंदौर, उज्जैन, रतलाम, झाबुआ, धार और अलीराजपुर में भारी बारिश हो सकती है। भोपाल में हल्की बारिश का दौर बना रहेगा।प्रदेश के 4 जिले छतरपुर, टीकमगढ़, अशोकनगर और गुना में बाढ़ के हालात हैं। रविवार को इन जिलों के कई गांव बाढ़ में घिरे रहे। रविवार को गुना में 9 घंटे में 2 इंच से ज्यादा बारिश हो गई। श्योपुर में सवा इंच, खरगोन-टीकमगढ़ में आधा इंच से ज्यादा पानी गिरा जबकि पचमढ़ी में आधा इंच बारिश हुई। भोपाल, बैतूल, दतिया, ग्वालियर, इंदौर, रायसेन, रतलाम, शिवपुरी, उज्जैन, छिंदवाड़ा, दमोह, जबलपुर, मंडला, सागर, बालाघाट, शाजापुर, देवास, सीहोर, आगर-मालवा, राजगढ़, विदिशा समेत कई जिलों में भी कभी तेज तो कभी हल्की बारिश का दौर बना रहा। रात में भी पानी गिरा। वहीं, छतरपुर के खजुराहो में रनगुवां बांध के 15 गेट खोल दिए गए हैं। जबकि खजुराहो में पुल टूटने से देवगांव-देवरा मार्ग बंद हो गया। छतरपुर-पन्ना जाने वाले वाहनों की लंबी कतार लग गई। बिजली के 6 खंभे बह जाने से कई गांवों की बिजली आपूर्ति भी ठप हो गई है।

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भोपाल । राजधानी भोपाल में सोमवार को टैक्सी और ऑटो सेवाएं प्रभावित रही। यहां टैक्सी यूनियन की हड़ताल का मिला-जुला असर देखने को मिला। राजधानी में यूनियन ने 2500 टैक्सियों के पहिए थमने का दावा किया था, लेकिन सड़काें पर हालात कुछ और ही नजर आए। जानकारी के मुताबिक अब तक 400 से 500 टैक्सियां ही हड़ताल में शामिल हुई हैं, जबकि बाकी टैक्सियां सड़कों पर नजर आ रही हैं या फिर ऐप आधारित सेवा में सक्रिय हैं। इधर टैक्सी यूनियन कल्याण समिति के बैनर तले ड्राइवर सुबह 11 से डॉ. अंबेडकर जयंती पार्क में विरोध प्रदर्शन कर रहे है, जाे कि शाम पांच बजे तक जारी रहेगा।   टैक्सी यूनियन की हड़ताल से भोपाल रेलवे स्टेशन, रानी कमलापति स्टेशन, हबीबगंज, एयरपोर्ट, बस स्टैंड जैसे प्रमुख केंद्रों पर असर हो रहा है। इन सभी जगहों पर सुबह से ही यात्रियों का आना जाना शुरु हो जाता है। ऐसे में ऑटो टैक्सी बंद होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिन यात्रियों को टैक्सी नहीं मिल रही हैं, उन्होंने ई-रिक्शा और खुले ऑटो का सहारा लिया, लेकिन इन चालकों ने मौके का फायदा उठाते हुए मनमाना किराया वसूल किया। यात्रियाें से 2 से 3 गुना ज्यादा किराया वसूलना शुरू कर दिया है। किराए में बढ़ोतरी को लेकर किसी तरह की प्रशासनिक निगरानी नजर नहीं आई।   इधर, अंबेडकर जयंती पार्क में हड़ताल के समर्थन में टैक्सी चालकों और यूनियन पदाधिकारियों का जमावड़ा जारी है। दोपहर तक यहां 250 से 300 टैक्सियां खड़ी हो चुकी थीं। यूनियन पदाधिकारी मंच से सरकार और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं और मांगों को दोहराया जा रहे हैं। यूनियन के राष्ट्रीय सचिव नफीसउद्दीन ने बताया कि यह विरोध प्रदर्शन राजधानी सहित प्रदेशभर के टैक्सी चालकों की उपेक्षा और शोषण के खिलाफ है। प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहेगा और इसके लिए पुलिस प्रशासन से विधिवत अनुमति ली गई है। यूनियन ने शहरभर में पोस्टर और पंपलेट लगाकर आमजन को अलर्ट किया है। 11 बजे से 5 बजे तक हम अंबेडकर मैदान में धरना देंगे।टैक्सी यूनियन की आठ प्रमुख मांगें1. रेलवे स्टेशनों पर अवैध वसूली तत्काल बंद की जाए2. एयरपोर्ट और अन्य पब्लिक पिकअप पॉइंट्स पर उचित पार्किंग सुविधा दी जाए3. एयरपोर्ट पर प्राइवेट टैक्सियों का अतिक्रमण रोका जाए 4. अवैध प्राइवेट और टू-व्हीलर टैक्सी सेवाएं बंद की जाएं 5. निजी टैक्सी कंपनियों पर सरकारी दरें लागू हों6. फिटनेस मशीनों में तकनीकी गड़बड़ियों को सुधारा जाए7. पैनिक बटन के नाम पर अवैध वसूली बंद की जाए8. यूनियन के लिए स्थायी कार्यालय की व्यवस्था की जाए  

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सागर । सागर के बंडा थाना क्षेत्र में सौरई के पास रविवार दाेपहर काे अमोनियम सल्फेट से भरा एक टैंकर पलट गया। हादसे में टैंकर के ड्राइवर की मौके पर ही मौत हो गई। सूचना के बाद माैके पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचनामा बनाकर पाेस्टमार्टम के लिए भेजा। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर हैं। क्रेन और जेसीबी की मदद से टैंकर को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने की मशक्कत शुरू की जा रही है। वहीं टैंकर में अमोनियम सल्फेट होने से सुरक्षा की दृष्टि से लोगों को घटनास्थल से हटाया गया है।जानकारी अनुसार लिक्विड अमोनिया से भरा टैंकर गुना से सागर के बंडा में ग्राम सौरई में स्थित मध्यभारत एग्रो प्रोडक्ट्स लिमिटेड के लिए लाया जा रहा था। इस दाैरान ग्राम सौरई के पास टैंकर अचानक अनियंत्रित होकर सड़क किनारे पलट गया। हादसे के बाद टैंकर के कैबिन में ड्राइवर फंस गया, जिससे उसकी मौत हो गई। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। लोगों की मदद से कैबिन में फंसे ड्राइवर के शव को बाहर निकाला गया। वहीं घटनास्थल पर लोगों की भीड़ जमा हो गई। लेकिन टैंकर में अमोनियम भरी होने के कारण सुरक्षा के लिहाज से पुलिस और प्रशासन की टीम ने लोगों को टैंकर के पास से हटवाया है। इसके साथ ही क्रेन और जेसीबी को मौके पर बुलाया है। जिनकी मदद से टैंकर को सुरक्षित स्थान पर ले जाने की मशक्कत की जा रही है। बंडा एसडीओपी प्रदीप वाल्मीकि ने बताया कि गुना से सागर आ रहा अमोनियम से भरा टैंकर सौरई के पास पलटा है। घटना में ड्राइवर की मौत हुई है। टैंकर को सुरक्षित स्थान पर रखवाया जा रहा है। पुलिस जांच में जुटी हुई है।  

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उज्जैन । 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक दक्षिणमुखी भगवान श्री महाकालेश्वर की श्रावण/भाद्रपद मास की प्रथम सोमवार को भगवान श्री महाकालेश्वर श्री चंद्रमौलेश्वर के रूप में पालकी में विराजित होकर अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकलेंगे।श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक एवं अपर कलेक्टर प्रथम कौशि़क ने बताया कि, श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में भगवान का विधिवत पूजन-अर्चन होगा। उसके पश्चात भगवान को रजत पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में विराजित भगवान को सलामी दी जाएगी।पूजन उपरांत सवारी परंपरागत मार्ग महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाडी से होती हुई रामघाट पहुंचेगी। जहॉ माँ क्षिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन किया जावेगा। इसके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक खाती का मंदिर, सत्यीनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होती हुई पुन: श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी। श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी का सजीव प्रसारण मंदिर प्रबंध समिति के फेसबुक पर व सवारी के दौरान चलित रथ में एल.ई.डी. के माध्यम से सवारी मार्ग में दर्शन हेतु खड़े श्रद्धालुओं को सजीव दर्शन की व्यवस्था की गई है। इस चलित रथ की विशेषता यह है कि, इसमें लाइव बॉक्स रहेगा, जिससे लाइव प्रसारण निर्बाध रूप से होगा।

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भोपाल । राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के कई जिलों में रूक-रूक कर बारिश का दौर जारी है। प्रदेश के कुछ जिलों में भारी बारिश से बाढ़ के हालात भी हैं। प्रदेश में नदियां उफान पर और डैम ओवरफ्लो हो गए है। रीवा, सतना, मैहर और छतरपुर के कई गांवों से लोगों का रेस्क्यू करना पड़ा है। जबकि चित्रकूट में घर-दुकानों में पानी भर गया। मौसम विभाग ने आज रविवार को भी 19 जिलों में अति भारी और 22 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।मौसम वैज्ञानिक अरुण शर्मा ने बताया कि प्रदेश में दो ट्रफ, एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) और एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम की एक्टिविटी है। इस वजह से प्रदेश में बारिश का दौर चल रहा है। अगले दो दिन तक पश्चिमी हिस्से यानी इंदौर, उज्जैन, भोपाल संभाग में ज्यादा असर देखने को मिलेगा। इसके बाद सिस्टम कमजोर पड़ेगा।रविवार को बारिश के सिस्टम भोपाल, इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम, ग्वालियर और चंबल संभाग में शिफ्ट हो जाएंगे। इससे 19 जिलों में अति भारी और 22 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले 24 घंटे के दौरान जिन जिलों में अति भारी बारिश की चेतावनी है, उनमें ग्वालियर, मुरैना, श्योपुर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, निवाड़ी, छतरपुर, टीकमगढ़, दमोह, बैतूल, हरदा, खंडवा, खरगोन, धार, झाबुआ, रतलाम, नीमच और मंदसौर शामिल हैं। 24 घंटे में यहां 8 इंच तक बारिश हो सकती है। भारी बारिश के अलर्ट वालों जिलों में भोपाल, अलीराजपुर, बड़वानी, बुरहानपुर, इंदौर, देवास, सीहोर, उज्जैन, शाजापुर, आगर-मालवा, राजगढ़, विदिशा, सागर, रायसेन, नर्मदापुरम, पांढुर्णा, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, भिंड, दतिया, पन्ना और सतना शामिल हैं।प्रदेश में शनिवार को भी कई जिलों में बारिश का दौर जारी रहा। छतरपुर जिले में सबसे ज्यादा बारिश हुई। खजुराहो में 9 घंटे में ही 6.3 इंच पानी गिरा। वहीं, नौगांव में 3.4 इंच पानी गिर गया। टीकमगढ़ में डेढ़ इंच, दतिया-नरसिंहपुर में पौन इंच, जबलपुर, दमोह-मंडला में आधा इंच बारिश दर्ज की गई। वहीं, भोपाल, गुना, नर्मदापुरम, रायसेन, शिवपुरी, सागर, सतना समेत कई जिलों में बारिश का दौर चलता रहा। रात में भी कई जिले तरबतर हो गए।शहडोल के ब्योहारी में 24 घंटे में सबसे ज्यादा 10 इंच पानी गिर गया। शहडोल में बाणसागर डैम के 7 गेट खोले गए। मैहर में मां शारदा माता मंदिर के मार्ग पर करीब तीन फीट तक पानी भर गया। उमरिया में संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र के जोहिला डैम के दो गेट खोलकर पानी छोड़ा गया। रीवा में पिछले 24 घंटे से कई गांव बाढ़ में घिरे हुए रहे। विदिशा और खजुराहो में भी बाढ़ की स्थिति रही। टीकमगढ़ के लिधौरा में घरों में पानी घुस गया। वहीं, चित्रकूट में भी लगातार दो दिन से हो रही बारिश से मंदाकिनी नदी किनारे रामघाट, भरत घाट सहित सभी प्रमुख घाट जलमग्न हो गए। घरों-दुकानों में भी पानी घुस गया। लोगों को नावों से सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मानसून ने अपनी पूरी ताकत दिखानी शुरू कर दी है। प्रदेश के कई जिलों में बारिश का दौर जारी है। बारिश अब आफत बनकर बरस रही है। चित्रकूट में लगातार दो दिनों से हो रही बारिश से मंदाकिनी नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। इसके चलते रामघाट, भरतघाट सहित सभी प्रमुख घाट जलमग्न हो गए हैं। घरों-दुकानों में भी पानी घुस रहा है। मौसम विज्ञान विभाग ने आज शनिवार को भी प्रदेश के 10 जिलों में अति भारी और 35 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। यह अलर्ट खासकर प्रदेश के पूर्वी और मध्य क्षेत्र के लिए है, जहां बाढ़ जैसे हालात बनने की आशंका जताई गई है।प्रदेश में पिछले एक सप्ताह से तेज बारिश का दौर जारी है। इस मानसूनी सीजन में अब तक करीब 16 इंच बारिश हो चुकी है। पूर्वी हिस्से में सबसे ज्यादा असर है। खासकर मंडला, सिवनी, बालाघाट, मैहर, डिंडौरी, छतरपुर, उमरिया, सतना, कटनी समेत कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात रहे। सिवनी में 9 घंटे में ही साढ़े 6 इंच पानी गिर गया। 20 से ज्यादा जिलों में तेज बारिश हुई। बारिश की वजह से मंडला जिले में सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है। यहां 300 मकान समेत कई सड़कें और पुलियां क्षतिग्रस्त हो गई हैं। 312 लोगों को रेस्क्यू कर 7 राहत कैंप में रखा गया है।वहीं, शिवपुरी और ग्वालियर की सीमा पर बना हरसी बांध लबालब भर गया। इससे पानी का ओवरफ्लो होना शुरू हो गया है। इससे दोनों जिलों के करीब 20 गांव में पानी भरने का खतरा बढ़ गया है। सीधी में लगातार बारिश होने से मकान-दुकानों में पानी भर गया। मैहर में हो रही भारी बारिश के चलते लिलजी नदी उफान पर है। नदी का पानी मां शारदा मंदिर मार्ग में भर गया है। जिसके चलते दर्शनार्थियों के आने-जाने का रास्ता बंद है। सतना जिले के चित्रकूट में लगातार दो दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश से मंदाकिनी नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। इसके चलते रामघाट, भरतघाट सहित सभी प्रमुख घाट जलमग्न हो गए हैं। प्रशासन ने लोगों से नदी के किनारे न जाने और सतर्क रहने की अपील की है।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीता प्रोजेक्ट के तहत नामीबिया से लाई गई मादा चीता नाभा की शनिवार को मौत हो गई है। वह एक सप्ताह पहले घायल हालत में मिली थी। कूनो प्रबंधन ने इसकी जानकारी मीडिया से साझा की है। नाभा की मौत के बाद कूनों उद्यान में चीतों की संख्या घटकर 26 रह गई है।    सिंह परियोजना के फील्ड डायरेक्टर ने बताया कि कूनो नेशनल पार्क की 8 वर्षीय नामीबियाई मादा चीता नाभा की शनिवार सुबह मृत्यु हो गई। वह एक सप्ताह पहले सॉफ्ट रिलीज बोमा के अंदर घायल अवस्था में पाई गई थी। संभवत: वह शिकार के प्रयास के दौरान घायल हुई थी। अन्य चोटों के साथ उसके दोनों बाएं आगे एवं पिछले पैरों में फ्रैक्चर पाया गया था। एक हफ्ते से उसका इलाज चल रहा था, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। आज उसकी मृत्यु हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की जानकारी मिल पाएगी।    वन विभाग के मुताबिक, चीता नाभा के शरीर पर गहरे घाव और खरोंच के निशान थे। अधिकारियों ने किसी अन्य चीते से आपसी संघर्ष होने की आशंका जताई है। यह भी संभव है कि शिकार के दौरान वह घायल हुई हो। फिलहाल, फॉरेस्ट मेडिकल टीम को पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है। अधिकारियों का कहना है कि कूनाे नेशनल पार्क में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और सीमित जगह के चलते चीतों के बीच आपसी संघर्ष के मामले बढ़े हैं।   नाभा की मौत के बाद कूनो राष्ट्रीय उद्यान में फिलहाल 26 चीते जीवित हैं, जिनमें 9 वयस्क चीते (6 मादा और 3 नर) और भारत में जन्में 17 शावक शामिल हैं। क्षेत्रीय निदेशक उत्तम कुमार शर्मा ने बताया कि सभी चीते स्वस्थ हैं और अच्छा कर रहे हैं। इन 26 चीतों में से 16 चीते जंगल में विचरण कर रहे हैं, जिनका व्यवहार और अनुकूलन संतोषजनक बताया गया है। 2 मादा चीते वीरा और निरवा अपने हाल ही में जन्मे शावकों के साथ स्वस्थ हैं और स्वाभाविक व्यवहार प्रदर्शित कर रही हैं। इसके अलावा गांधीसागर में भेजे गए दो नर चीते भी अच्छी स्थिति में हैं और उनकी निगरानी की जा रही है।   गौरतलब है कि भारत से कई सालों पहले चीते विलुप्त हो गए थे। करीब 70 साल के बाद केन्द्र सरकार ने चीतों की पुनरुत्थान योजना के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्म दिन के मौके पर 17 सितंबर, 2022 को 8 चीते नामीबिया से लाकर कूनो नेशनल पार्क में बसाए गए थे। इसके बाद 18 फरवरी, 2023 को 12 और चीतों को दक्षिण अफ्रीका से भारत लाया गया। इन 20 चीतों के साथ धीरे-धीरे इन चीतों का कुनबा तो बढ़ा, लेकिन कई चीतों की मौत भी हुई थी। 

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भोपाल । राज्य शासन ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के वरिष्ठ अधिकारी विकास मिश्रा को की नई पदस्थपना की है। उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय में उप सचिव पदस्थ किया गया है। इस संबंध में शुक्रवार की रात सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी किए हैं। आईएएस विकास मिश्रा वर्तमान में योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग में उप सचिव का दायित्व संभाल रहे थे। इसके साथ ही राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित के प्रबंध संचालक आलोक कुमार सिंह को अपने वर्तमान दायित्व के साथ आगामी आदेश तक अस्थाई रूप से मुख्यमंत्री मोहन यादव के सचिव का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। इस संबंध में शुक्रवार को सामान्य प्रशासन की तरफ से आदेश जारी किए गए हैं।

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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उज्जैन । श्रावण मास का आज शुक्रवार को प्रारंभ हो गया है । बाबा महाकाल के दर्शन का सिलसिला भस्मारती के बाद से प्रारम्भ हो गया। इसी के साथ कांवड़ यात्रियों की बोल बम की गूंज भी यहां चारो ओर सुनाई दे रही है। इधर महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए लाखों श्रद्धालु पहुंचे। सोमवार से बाबा महाकाल की श्रावण मास की पहली सवारी निकलेगी। वहीं रविवार को श्रावण महोत्सव अन्तर्गत मुख्य प्रस्तुतियां सम्पन्न होंगी।  पूरा शहर इस वक्‍त शिवमय हो गया है । शहर के शिव मंदिरों पर रंगरोगन पश्चात आकर्षक सज्जा हो गई है।   श्रावण मास में पुलिस विभाग द्वारा की गई यातायात व्यवस्था श्रावण मास में शहर ओर बाहर से आनेवाले श्रद्धालुओं के लिए पुलिस विभाग ने विशेष यातायात व्यवस्था की है। इससे श्रद्धालुओं को जहां सुविधा प्राप्त होगी। वहीं शहर का यातायात भी व्यवस्थित रहेगा। व्यवस्था में कुछ मार्गों पर प्रवेश भी प्रतिबंधित किया गया है । पार्किंग भी निर्धारित की गई है। चार पहिया वाहनों के लिए पार्किंग व्यवस्था इंटरपिटिशन , चारधाम मंदिर के सामने, नरसिंह घाट पार्किंग,हरिफाटक चौराहा पर मन्नत गार्डन परिसर, इम्पीरियल होटल के समीप पार्किंग,हरिफाटक ओव्हरब्रीज के नीचे पार्किंग तथा भारी वाहनों के लिए कार्तिक मेला मैदान में पार्किंग। दो पहिया वाहनों के लिए पार्किंग व्यवस्था हरसिद्धी की पाल, क्षीरसागर मैदान,टंकी चौराहा मल्टी लेवल पार्किंग व्‍यवस्‍था सुुनिश्‍चित की गई है।   कालभैरव मंदिर हेतु यह करें श्रद्धालु श्रद्धालुओं के द्वारा महाकालेश्वर के दर्शन के उपरांत कालभैरव मंदिर तक पहुँचने हेतु पुलिस विभाग ने विभिन्न वैकल्पिक मार्ग चिन्हित किए हैं, जिनमें प्रमुख मार्ग यह है- 1.हरिफाटक चौराहा से जीवाजी वेधशाला,लालपुल,रंजीत हनुमान होकर कालभैरव मंदिर। 2. कर्कराज पार्किंग से नरसिंह घाट, शंकराचार्य चौराहा,कालीदास उद्यान,मोजम खेड़ी होकर कालभैरव मंदिर। समीपस्थ शहरों से सीधे काल भैरव जानेवाले श्रद्धालुओं के लिए इंजीनियरिंग कॉलेज तिराहा से पाइप फैक्ट्री, विक्रमनगर रेलवे स्टेशन के सामने से ब्रीज से होकर मंडी चौराहा,पश्चात जेल तिराहा होकर काल भैरव।   महाकाल सवारी मार्ग की व्यवस्था श्रावण मास में भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी प्रत्येक सोमवार को शाम 4 बजे प्रारंभ होकर रामघाट पहुंचती है तथा वहां से वापसी होकर मंदिर आती है। सवारी मार्ग पर आने वाली गलियों में दो पहिया/अन्य वाहन पार्क करने पर पुलिस चालान बनाएगी तथा के्रेन से वाहन उठाकर जुर्माना वसूलेगी। डायवर्शन एवं प्रतिबंधित मार्ग श्रावण मास में निम्न मार्गों पर वाहनों के प्रवेश को प्रतिबंधित किया गया है- देवास गेट से दौलतगंज,  इंदौर गेट से महाकाल घाटी,  बेगमबाग से कोट मोहल्ला, हरसिद्धीपाल से गुदरी, दानीगेट से ढाबा रोड,  जूना सोमवारिया से कालियादेह दरवाजा।    अवकाश निरस्त श्रावण-भादौ मास की सवारियों को लेकर कलेक्टर रोशन कुमार सिंह ने जिले के सभी जिलाधिकारी, अधिनस्थ अधिकारियों की 11 जुलाई से 20 अगस्त तक की छुट्टियां निरस्त कर दी है। महाकाल मंदिर में व्यवस्थाएं लगाने तथा सवारियों के दौरान व्यवस्था लगाने के चलते अवकाश तत्काल प्रभाव से निरस्त किए गए हैं। शनिवार, रविवार एवं सोमवार को सभी जिलाधिकारी अपने मुख्यालय पर आवश्यक रूप से उपस्थित रहेंगे। विशेष परिस्थिति में पूर्व से अनुमति लेने पर ही अवकाश स्वीकृत होगा।

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सीहोर । मध्य प्रदेश के सीहोर जिला मुख्यालय स्थित कुबेरेश्वरधाम पर प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के मार्गदर्शन में आयोजित छह दिवसीय गुरु पूर्णिमा महोत्सव संपन्न हो गया। यहां अतिम दिन गुरु पूर्णिमा पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। अल सुबह से ही श्रद्धालुओं की कतारे लगी हुई थी, इसके बाद सुबह सात बजे से पंडित प्रदीप मिश्रा ने यहां पर आए श्रद्धालुओं को सामूहिक रूप से देर शाम तक दीक्षा ग्रहण करने के साथ दर्शन, प्रवचन और भगवान की पूजा अर्चना की। अंतिम दिन भंडारे में करीब तीन लाख से अधिक श्रद्धालुओं को प्रसादी का वितरण किया। करीब 12 घंटे से अधिक समय तक चले भव्य आयोजन में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे। यहां पर छह दिवसीय कार्यक्रम देश के कोने-कोने से श्रद्धालुओं ने कथा, प्रवचन और दीक्षा प्राप्त की।   कुबेरेश्वरधाम पर गुरु पूर्णिमा महोत्सव के छठवें दिवस कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने भव्य पंडाल में अपने प्रवचन के दौरान कहा कि बचपन खेल में खोया, जवानी नींद भर सोया, बुढ़ापा देख कर रोया, वही किस्सा पुराना है। हर जन्म में यही होता है। सारा जीवन बीत जाता है। अंतिम समय में जब शक्ति समाप्त होती है, शरीर में तब जीने का तरीका समझ में आता है तब व्यक्ति जीना चाहता है, परंतु शक्ति न होने के कारण सिर्फ पश्चाताप ही कर पाता है और यही सोचता है कि चलो अब तो जीवन बीत गया अगले जन्म में करेंगे और ऐसे ही वह हर जन्म में डालता रहता है और कितने ही जन्म-जन्म बीत जाते हैं और व्यक्ति का मोक्ष नहीं हो पाता। इसलिए सावधान रहें अपने बड़े बुजुर्गों की बातों से लाभ उठाएं, वेदों का अध्ययन करें और सलाह मानें, आप का कल्याण हो जाएगा। वैसे से जीवन में चार गुरु रहते हैं, जिसमें माता, पिता, शिक्षक और सद्गुरु जो आपको सद्मार्ग की ओर ले जाता है।   पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि हर साल यहां पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां पर भगवान शिव की कृपा से सत्य कार्य करने और अपने जीवन को सफल बनाए जाने के लिए दीक्षा लेने आते है उन्होंने अपने संदेश में कहाकि आप सभी से मेरा निवेदन है कि आप जिस भगवान को मानते है उसको अपना गुरु बनाओ, क्योंकि भगवान शिव से बड़ा कोई गुरु नहीं है, इसलिए शंकर को आदि गुरु कहा जाता है। मां पार्वती ने भगवान शिव को अपना गुरु बनाया था। उन्होंने गुरु का महत्व बताते हुए कहाकि सद्गुरु या आध्यात्मिक गुरु, का मुख्य उद्देश्य अपने शिष्यों को सेवा और धर्म के मार्ग पर प्रेरित करना और उन्हें इस मार्ग पर चलने में मदद करना है। सद्गुरु, एक मार्गदर्शक के रूप में, शिष्यों को सही दिशा दिखाते हैं और उन्हें आध्यात्मिक ज्ञान और मुक्ति की ओर ले जाते हैं।   भगवान श्री कृष्ण और ऋषि दुर्वासा की कथा का वर्णन पंडित मिश्रा ने कहाकि गुरु आपकी परीक्षा लेते है। भगवान श्री कृष्ण और ऋषि दुर्वासा के बीच एक ऐसा प्रसंग हुआ था जिसमें एक शिष्य की अपने गुरु के लिए अविश्वसनीय भक्ति दिखती है। कथा के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण अपने गुरु का मान रखने के लिए न केवल रथ का घोड़ा बने बल्कि अपने मृत्यु के सत्य का ज्ञान होने के बावजूद अपने गुरु के सम्मान की खतिर उस मृत्यु के कारण को अपना लिया था। एक बार दुर्वासा ऋषि अपने शिष्यों के साथ द्वारका नगरी के पास से गुजर रहे थे। राह में उन्होंने अपने शिष्य श्री कृष्ण से मिलने की इच्छा हुई। उन्होंने अपने शिष्यों को श्री कृष्ण को बुलाकर लाने को भेजा। उनके शिष्य ने द्वारका जाकर द्वारकाधीश को उनके गुरुदेव का संदेश दिया। संदेश सुनते ही श्री कृष्ण नंगे पैर दौड़े-दौड़े अपने गुरु से मिलने आए और उनसे द्वारका नगरी चलने के लिए विनती की लेकिन दुर्वासा ऋषि जी ने चलने से इनकार कर दिया। कृष्ण ने अपने गुरु से पुन: चलने के लिए आग्रह किया। दुर्वासा ऋषि मान गये लेकिन उन्होंने एक शर्त रखी। उन्होंने कहा कि वो जिस रथ से जायेंगे, उसे घोड़े नहीं खीचेंगें बल्कि एक तरफ से कृष्ण और एक तरफ से उनकी पत्नी रुक्मिणी खीचेंगी। श्री कृष्ण मान गये और वह दौड़ते हुए पत्नी रुक्मिणी के पास गए। रुक्मिणी को उन्होंने गुरुदेव दुर्वासा की शर्त बताई। रुक्मिणी मान गईं और फिर दोनों गुरुदेव के पास वापस आये और उनसे रथ पर बैठने की विनती की। उन्होंने इस प्रसंग का विस्तार से वर्णन किया।    संकट के समय गुरु नहीं गुरु मंत्र काम आता पंडित श्री मिश्रा ने कहाकि संकट के समय गुरु नहीं गुरु मंत्र काम आता है। शहर में गीता बाई पाराशर रही जो जगह-जगह भोजन बनाने का कार्य करती थीं। उन्होंने श्रीमद भागवत कथा का संकल्प लिया था पर पैसा नहीं था। उन्होंने कथा करवाई, उस समय न भागवत थी न ही धोती कुर्ता। उन्होंने कहा कि पहले आप गुरु दीक्षा लीजिए, गुरु दीक्षा लेने हम इंदौर गोवर्धन नाथ मंदिर गए। वहां से दीक्षा ली। मेरे गुरुजी ने ही मुझे धोती पहनना सिखाई, और उन्होंने छोटी सी पोथी मेरे हाथ में दे दी। वर्तमान में भी उनके मंत्र और उनके आशीर्वाद से मैं धर्म का कार्य कर रहा हूं।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मानसून ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है। प्रदेश के अधिकतर जिलों में रूक-रूक कर झमाझम बारिश का दौर जारी है। मौसम विभाग ने आज भी शुक्रवार को प्रदेश के 20 जिलों में अति भारी बारिश और 12 जिलों में भारी बारिश होने की चेतावनी दी है। इन जिलों में भारी बारिश के साथ बिजली कड़कने और तेज हवाओं का भी अनुमान है।मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि प्रदेश में 3 टर्फ का असर है। वहीं, लो प्रेशर एरिया (कम दबाव का क्षेत्र) की एक्टिविटी भी सामने आई है। इसके चलते बारिश का दौर बना हुआ है। अगले 2 दिन में सिस्टम और भी स्ट्रॉन्ग होगा, जिससे भोपाल, इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम, ग्वालियर-चंबल में भी तेज बारिश का दौर चलेगा। मौसम विभाग ने शुक्रवार के लिए 20 जिलों में अति भारी बारिश और 12 जिलों में भारी बारिश होने का अलर्ट जारी किया है।जिन जिलों में अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, उनमें जबलपुर, पन्ना, सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली, मैहर, कटनी, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला, बालाघाट, सिवनी, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, बैतूल और नर्मदापुरम जिले शामिल हैं। ग्वालियर, श्योपुर, शिवपुरी, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दमोह, विदिशा, रायसेन, नरसिंहपुर में भारी बारिश का यलो अलर्ट है। भोपाल, इंदौर समेत अन्य जिलों में भी हल्की बारिश का दौर जारी रह सकता है।गुरुवार को प्रदेश के 15 जिलों में बारिश हुई। नदी-नाले उफान पर आ गए। मंडला समेत कई जिलों में नर्मदा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इस वजह से कई गांवों में बाढ़ के हालात हैं। शिवपुरी और ग्वालियर की सीमा पर बना हरसी बांध लबालब भर गया है। बांध से पानी का ओवरफ्लो होना शुरू हो गया है। इससे दोनों जिलों के करीब 20 गांव में पानी भरने का खतरा बढ़ गया है। वहीं, ग्वालियर और रीवा में 9 घंटे में ढाई इंच पानी गिर गया। दतिया में पौन इंच, टीकमगढ़, सतना और छतरपुर के खजुराहो में आधा इंच पानी गिरा। सीधी, गुना, सागर, उमरिया, दतिया, मऊगंज, दमोह, सिवनी, मऊगंज में भी बारिश का दौर जारी रहा।

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उज्जैन । प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी श्रावण मास में ओम नमः शिवाय जप समिति एवं श्री हरि आध्यात्मिक सेवा संस्थान द्वारा ओम नमः शिवाय के जाप किये जाएंगे। इस वर्ष भी 7 करोड़ ओम नमः शिवाय जप करने का लक्ष्य रखा गया है।   संयोजक हरिसिंह यादव ने बताया कि वर्ष 2016 से लगातार ओम नमः शिवाय जप समिति श्रावण मास में शिव नाम जप कर रही है। वाल्मिकीधाम पीठाधीश्वर उमेश नाथ महाराज की प्रेरणा से एवं स्थानीय सभी महामंडलेश्वर, संतों, महात्माओं के आशीर्वाद एवं सानिध्य में इस वर्ष भी मठ, मंदिर, स्कूल, कॉलेज, कॉलोनी एवं समिति सदस्यों के निवास पर प्रतिदिन ओम नमः शिवाय का जाप का कार्यक्रम किया जाएगा। ओम नमः शिवाय जाप संगीत की धुन पर लगातार किया जाता है। प्रथम दिवस 11 जुलाई को इसका शुभारंभ वाल्मिक धाम पीठाधीश्वर संत श्री उमेश नाथ जी महाराज के द्वारा किया जाएगा। वाल्मिकी धाम पर ओम नमः शिवाय जप का कार्यक्रम होगा। हरि यादव ने कहा कि इस बार और भी सहयोगी संस्थाओं को प्रेरित करके उनके सदस्यों के निवास पर यह जाप किया जाएगा। इस बार 7 करोड़ के लगभग ओम नमः शिवाय जप करने का लक्ष्य रखा गया है। महाराजश्री की प्रेरणा से अन्य राज्यों, शहरों में भी ओम नमः शिवाय का जाप उनके भक्तों के द्वारा किया जाएगा।      

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इंदौर/भोपाल। मध्य प्रदेश में एक और कोरोना पॉजिटिव महिला की मौत हो गई है। इंदौर निवासी 64 वर्षीय इस महिला को सेप्टिसीमिया सहित अन्य बीमारियां थी और उनका इलाज चल रहा था। पिछले दिनों उनकी कोरोना की भी जांच कराई गई थी जिसमें वह पॉजिटिव पाई गई थी। मंगलवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। प्रदेश में इस साल कोरोना संक्रमित मरीज की यह छठवीं मौत है।   इंदौर सीएमएओ डॉ. माधव हसानी ने बताया कि इंदौर में इस साल अब तक कोरोना पॉजिटिव चार महिलाओं की मौत हुई हैं। चारों महिलाओं को दूसरी अन्य गंभीर बीमारियां थी। एक महिला की मौत पांच जुलाई को हुई थी। उसे गंभीर बीमारियां भी थी। देवास नाका क्षेत्र में रहने वाली इस महिला की मौत घर पर ही हुई है। एक देपालपुर की महिला है। जिसे ब्लड कैंसर सहित अन्य बीमारियां थी। वह भी कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी। सोमवार को उसकी भी मौत हो गई। सीएमएचओ ने स्पष्ट किया कि दोनों की मौत का कारण ब्लड कैंसर व अन्य गंभीर बीमारियां हैं। इसके पूर्व अप्रैल में एक महिला की मौत हुई थी। उसे किडनी सहित दूसरी बीमारियां थी।   इसके अलावा प्रदेश में इस साल दो अन्य कोरोना संक्रमित महिलाओं की मौत हुई है। इनमें रतलाम की 52 वर्षीय महिला की मौत 11 जून को हुई थी। उन्हें टीबी, ब्रोंकाइटिस और हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां थीं। वहीं, खरगोन की 44 वर्षीय महिला की मौत 6 जून को हुई थी।   सीएमएचओ ने बताया कि इंदौर में इस साल अब तक 187 पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें से 12 एक्टिव केस हैं और अधिकांश होम आइसोलेट हैं। सभी नए मरीजों के सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भोपाल स्थित लैब भेजे जा रहे हैं। इनकी ट्रैवल हिस्ट्री की भी जांच की जा रही है और इनके संपर्क में आए लोगों के सैंपल भी लिए जा रहे हैं।    

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भोपाल  । मध्य प्रदेश में इन दिनों भारी बारिश का कहर देखने को मिल रहा है। गांव-गांव, शहर-शहर बाढ़ के हालात बन गए है। तेज बारिश से प्रदेश के मंडला, नरसिंहपुर समेत कई जिलों में बाढ़ के हालात हैं। नर्मदा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, इससे कई रास्ते बंद हैं। नरसिंहपुर के कई गांव पानी में आधे डूब गए। प्रदेश में अब तक औसत 14 इंच बारिश हो चुकी है, जो सामान्य से 74% ज्यादा है। मौसम विभाग ने आज बुधवार को भी प्रदेश के 35 जिलों में अति भारी या भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। पूर्व हिस्से जबलपुर, रीवा, शहडोल और सागर संभाग में अति भारी बारिश का अनुमान है।मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि प्रदेश में दो ट्रफ का असर है। वहीं, साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम भी एक्टिव है। इन वजहों से अति भारी या भारी बारिश हो रही है। लो प्रेशर एरिया (कम दबाव का क्षेत्र) की एक्टिविटी अगले कुछ दिन में देखने को मिलेगी। इससे बारिश का दौर जारी रहेगा। अगले चार दिन यानी 12 जुलाई तक प्रदेश के ज्यादातर हिस्से में तेज बारिश का दौर रहेगा। पूर्वी हिस्से में सिस्टम का असर ज्यादा रहेगा।मौसम विभाग ने बुधवार को विदिशा, रायसेन, सागर, दमोह, पन्ना, सतना, रीवा, सिवनी, मंडला और बालाघाट में अति भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। यहां अगले 24 घंटे में 8 इंच तक पानी गिरने की संभावना है। वहीं, भोपाल, सीहोर, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, ग्वालियर, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, नर्मदापुरम, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, जबलपुर, कटनी, डिंडौरी, अनूपपुर, उमरिया, मैहर, मऊगंज, सीधी और सिंगरौली में भारी बारिश हो सकती है। इंदौर, उज्जैन, धार, बड़वानी, श्योपुर, हरदा समेत अन्य जिलों में बारिश का यलो अलर्ट है।प्रदेश में भारी बारिश के चलते नदियों का जलस्‍तर बढ़ गया है। मंगलवार को टीकमगढ़ जिले में धसान नदी पर बने बान सुजारा बांध के 5 गेट और खोल दिए गए। दमोह में सतधरू और साजली बांध के तीन-तीन गेट और बैतूल जिले के सारणी में सतपुड़ा डैम के 7 गेट खोल दिए गए। नरसिंहपुर के कौड़ियां गांव में बाढ़ आ गई। कई घर आधे डूब गए। वहीं, मंडला में नर्मदा नदी खतरे के निशान के ऊपर बही। वहीं, मंगलवार को नर्मदापुरम के पचमढ़ी में 9 घंटे में 5 इंच से ज्यादा पानी गिर गया। नर्मदापुरम में सवा इंच, बैतूल, बालाघाट के मलाजखंड में 1 इंच, श्योपुर, छिंदवाड़ा-दमोह में पौन इंच पानी गिरा। भोपाल, मंडला, नरसिंहपुर, हरदा, दमोह, धार, रायसेन, टीकमगढ़, सीहोर, देवास, शाजापुर, आगर-मालवा, इंदौर, सिवनी, जबलपुर, सागर समेत कई जिलों में बारिश का दौर चलता रहा।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश ने कई जिलों में जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। लगातार तेज बारिश की वजह से नर्मदा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। मंडला, डिंडौरी, श्योपुर, शहडोल, उमरिया समेत कई जिले बाढ़ की चपेट में हैं। सोमवार को 30 से ज्यादा जिलों में बारिश का दौर चला। वहीं, आज मंगलवार को 7 जिलों में बाढ़ का खतरा है। मौसम विभाग ने अति भारी बारिश होने का अलर्ट जारी किया है।मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि प्रदेश के बीचोंबीच से टर्फ गुजर रही है। ऊपरी हिस्से से मानसून टर्फ की एक्टिविटी है। इस वजह से अति भारी या भारी बारिश हो रही है। लो प्रेशर एरिया (कम दबाव का क्षेत्र) की एक्टिविटी अगले कुछ दिन में देखने को मिलेगी। अगले चार दिन यानी 11 जुलाई तक प्रदेश के ज्यादातर हिस्से में तेज बारिश का दौर रहेगा। 9-10 जुलाई को स्ट्रॉन्ग सिस्टम के रहने का अनुमान है। पूर्वी हिस्से में सिस्टम का असर ज्यादा रहेगा।मौसम विभाग के अनुसार, मंगलवार को नर्मदापुरम, बैतूल, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला और बालाघाट में अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है। अगले 24 घंटे में यहां 8 इंच तक पानी गिर सकता है। सीहोर, हरदा, रायसेन, सागर, नरसिंहपुर, दमोह, जबलपुर, छतरपुर, पन्ना, कटनी, डिंडौरी, उमरिया में भारी बारिश हो सकती है। भोपाल, इंदौर में हल्की बारिश का दौर जारी रहेगा।सोमवार को भोपाल में दिनभर रुक-रुककर कभी तेज, कभी रिमझिम बारिश होती रही। इस वजह से शाम को शहर के कई इलाकों में ट्रैफिक जाम की स्थिति बन गई। एमपी नगर थाने से नर्मदापुरम रोड तक करीब 3 किलोमीटर लंबा जाम लग गया। डिंडौरी के मेहदवानी जनपद पंचायत क्षेत्र में धमनी-कुसेरा रोड बारिश से क्षतिग्रस्त हो गई। सड़क टूटने से इस रास्ते पर भारी वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है। सीहोर जिले में पार्वती और पपनाश नदी भारी बारिश के चलते उफान पर हैं। नर्मदापुरम के इटारसी में थाने और बाजार में पानी भर गया। वहीं, बालाघाट जिले के गांवों का सड़क संपर्क टूट गया।मंडला में भारी बारिश होने से नर्मदा नदी का जलस्तर वॉर्निंग लेबल क्रॉस कर गया है। माहिष्मती घाट स्थित छोटा पुल फिर डूब गया। साथ ही मटियारी, सुरपन, बंजर सहित कई नदियां उफान पर हैं। प्रदेश के 30 से ज्यादा जिलों में सोमवार को तेज बारिश का दौर जारी रहा। सिवनी में 9 घंटे में ढाई इंच पानी गिर गया। पचमढ़ी-मलाजखंड में सवा इंच, शाजापुर, छिंदवाड़ा-शिवपुरी में 1 इंच, नर्मदापुरम-जबलपुर में पौन इंच, बैतूल में आधा इंच पानी गिरा। वहीं, भोपाल, उज्जैन, मंडला, उमरिया, नर्मदापुरम, बैतूल, शिवपुरी, डिंडौरी, बालाघाट, सीहोर, विदिशा, शाजापुर, आगर-मालवा, देवास, इंदौर समेत कई जिलों में बारिश का दौर जारी रहा।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश के समस्त शासकीय प्राथमिक माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा 2 से 8 के विद्यार्थियों को प्रदेश, देश और विश्व के सांस्कृतिक, भौगोलिक ऐतिहासिक परिदृश्य, समसामयिक सामान्य ज्ञान तथा हिन्दी, इंग्लिश, विज्ञान और गणित विषयों से जोड़ने के लिए मंच क्विज प्रतियोगिता ओलंपियाड का आयोजन इस वर्ष दो चरणों में जन शिक्षा केन्द्र और जिलास्तर पर किया जा रहा है। इस वर्ष जन शिक्षा केन्द्र स्तरीय आयोजन सितंबर और जिला स्तरीय आयोजन नवंबर माह में होगा। ओलंपियाड में सहभागिता के लिए विद्यार्थी शिक्षकों के सहयोग से ऑनलाइन पंजीयन rskmp पोर्टल पर 30 जुलाई तक कर सकेंगे। जनसम्पर्क विभाग द्वारा मंगलवार को जानकारी दी गई है कि इस वर्ष ओलंपियाड में कक्षा दूसरी से लेकर 8वीं तक प्रारंभिक कक्षाओं के विद्यार्थी ओएमआर शीट पर प्रश्न हल करेंगे। इस व्यवस्था से बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिये प्रारंभिक काल से अनुभव प्राप्त होगा। कक्षा 2 और 3 के लिये इंग्लिश, हिन्दी और गणित, कक्षा 4 और 5 के लिए इंग्लिश, हिन्दी, गणित एवं पर्यावरण विषय पर और कक्षा 6, 7 और 8 के लिए हिन्दी, संस्कृत, इंग्लिश, विज्ञान, गणित और सामाजिक विज्ञान विषय में ओलंपियाड प्रतियोगिता होगी। उन्होंने बताया कि ओलंपियाड के संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग के राज्य शिक्षा केन्द्र ने विस्तृत दिशा-निर्देश जिला शिक्षा केन्द्र और शालाओं को प्रेषित किए है। कक्षा 2 और 3 में प्रत्येक जन शिक्षा केन्द्र से कुल 28 विद्यार्थी जिला स्तर की प्रतियोगिता के लिये चयनित होंगे। कक्षा 6 से 8 में जन शिक्षा केन्द्र स्तर पर सर्वाधिक अंको के आधार पर 36 विद्यार्थियों का चयन जिला स्तरीय प्रतियोगिता के लिये होगा। राज्य शिक्षा केन्द्र के संचालक हरजिंदर सिंह ने ओलंपियाड प्रतियोगिता के आयोजन के लिये जिला कलेक्टर्स और राज्य शिक्षा केन्द्र अधिकारियों को भी निर्देश जारी किये है।

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इंदौर । मध्य प्रदेश में सार्वजनिक स्थानों पर नई प्रतिमाएं लगाने पर उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी है। सोमवार को उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए इस संबंध में प्रदेश के मुख्य सचिव और सभी विभागों के प्रमुख सचिवों को आदेश दिया है। कोर्ट ने निर्देश दिया है कि पूर्व में जबलपुर मुख्य पीठ द्वारा वर्ष 2023 में दिए गए निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए। दरअसल, उज्जैन जिले के माकड़ोन निवासी राजेश कुमार द्वारा दायर जनहित याचिका पर सोमवार को मप्र उच्च न्यायालय की इंदौर खंठपीठ में सुनवाई हुई। याचिका में बताया गया कि माकड़ोन में एक चौराहे पर स्थापित डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा को कुछ लोगों ने तोड़ दिया था और वहां सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा लगाने की मांग उठाई गई। इस घटना से क्षेत्र में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। इसके बाद विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा अलग-अलग महापुरुषों की प्रतिमाएं लगाने के लिए नगर परिषद से अनुमति मांगी गई। याचिकाकर्ता ने इस स्थिति को देखते हुए आशंका जताई कि यदि हर चौराहे पर प्रतिमाएं लगाई जाती हैं, तो इससे यातायात व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो सकती है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से यह भी तर्क रखा गया कि जबलपुर मुख्य पीठ ने पहले ही इस विषय में निर्देश जारी कर रखे हैं, जिसमें कहा गया था कि ऐसी किसी गतिविधि की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए जिससे ट्रैफिक में रुकावट हो। लेकिन इसके बावजूद विभिन्न स्थानों पर प्रतिमाएं लगाने की अनुमति दी जाती रही है। कोर्ट ने इस मामले में स्पष्ट किया कि यह प्रतिबंध केवल नई प्रतिमाओं पर लागू होगा। जो प्रतिमाएं पहले से सार्वजनिक स्थलों पर स्थापित हैं, उन पर इस आदेश का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इस फैसले से स्पष्ट हो गया है कि अब प्रदेश में यातायात और सार्वजनिक व्यवस्था को प्राथमिकता देते हुए, किसी भी सड़क या चौराहे पर नई प्रतिमा लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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सीहोर । गुरु कभी किसी का बुरा नहीं चाहता है। गुरु का अनुशासन सदैव हितकारी होता है। गुरु का अनुशासन जीवन में रहे तो उसे चमकदार बना देता है। गुरु जो कहे, वह धारण, पालन और अनुसरण करें, ऐसा शिष्य ही अपना आत्मकल्याण कर सकता है। वर्तमान में शिष्य और चेले गुरु के अनुशासन के अनुसरण को छोड़कर गुरु के आसन और सिहासन की ओर नजर लगाए होते हैं, इसलिए सफल नहीं हो पाते हैं। अगर विश्वास और आस्था के साथ गुरु के एक शब्द का भी संबंध में आपके दिल और दिमाग से हो गया तो आपका जीवन सफल हो सकता है। गुरु के आसन का नहीं, गुरु के अनुशासन का अनुसरण करना चाहिए। इसका मतलब है कि हमें गुरु के उपदेशों को सुनना चाहिए, उनका पालन करना चाहिए और अपने जीवन में अनुशासन बनाए रखना चाहिए। यह विचार सीहोर जिले में स्थित प्रसिद्ध कुबेरेश्वरधाम पर जारी छह दिवसीय गुरु पूर्णिमा महोत्सव के जारी श्री गुरु शिव महापुराण के तीसरे दिन सोमवार को कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि एक स्त्री का सबसे बड़ा गुरु उसका पति रहता है, जो उसकी रक्षा भी करता है और सही उपदेश भी देता है। स्त्री को अपने पति के मार्गदर्शन में चलने की बात कही है। उन्होंने कहा कि गुरु का अनुशासन या गुरु के मार्गदर्शन में अनुशासन एक शिष्य के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है। गुरु एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करते हैं, जो शिष्यों को सही रास्ते पर चलने और जीवन के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करते हैं। गुरु के पद का सम्मान करने के बजाय, हमें उनके द्वारा सिखाए गए अनुशासन का पालन करना चाहिए। गुरु का पद तो सम्मान का पात्र है, लेकिन असली महत्व शिष्य के जीवन में अनुशासन का है, जो उसे गुरु से प्राप्त होता है। आज की दुनिया गुरु के आसन और सिहासन लेने में लगी है। गरु जी अनुशासन लेने में नहीं, आसन से प्रीति नहीं अनुशासन से प्रीति होना चाहिए। नियत, नीति और नियम अच्छे होना चाहिए पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि परिवार में समाज और देश में नियत, नीति और नियम अच्छे होना चाहिए। जब हम अच्छे मन से कोई काम करते है तो हमारे सभी काम पूरे हो जाते हैं, लेकिन जब हम जीवन में कई बार काम को ठीक ढंग से करने का प्रयास करते हैं और वह पूरा नहीं हो पाता है तो हम इसके लिए ईश्वर को जवाबदार मानते हैं। जबकि जीवन में जब भी कोई काम करें और उसमें अगर हमारी नियत सही होगी तो हमें सफलता जरूर मिलेगी। क्योंकि जीवन में सही नीति और सही नियत से ही हमें सफलता मिलती है। परिवार में नियम भी ठीक होना चाहिए। पति को पत्नी के लिए गुरु के रूप में दर्शाया गया उन्होंने कहा कि पति को पत्नी के लिए गुरु के रूप में दर्शाया गया है। यह माना जाता है कि पति, पत्नी को जीवन के सही मार्ग पर ले जाता है और उसे सही ज्ञान प्रदान करता है। पति को गुरु मानने से पति-पत्नी के बीच सम्मान, प्रेम और विश्वास का रिश्ता मजबूत होता है। इससे परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। पति को गुरु मानने से समाज में एक सकारात्मक संदेश जाता है। यह दर्शाता है कि पत्नी अपने पति का सम्मान करती है और उसे अपने जीवन में महत्व देती है। वैवाहिक जीवन में पति-पत्नी के बीच भरोसा नहीं होगा तो ये रिश्ता ज्यादा दिनों तक टिक नहीं पाएगा। स्त्री और पुरुष दोनों ही समान हैं। इस रिश्ते को बनाए रखने के लिए पति-पत्नी की समान जिम्मेदारी होती है। पुरुष होने का अर्थ ये नहीं है कि वह कैसा भी आचरण कर सकता है और स्त्री होने का अर्थ ये नहीं है कि हर बार वह खुद को ही दोष मानती रहे। शिवपुराण में बिंदुक और चंचुला का कथा है। ये दोनों पति-पत्नी थे और शिव-पार्वती के परम भक्त थे। शुरू-शुरू में तो इन दोनों का आचरण भी बहुत अच्छा था, लेकिन कुछ समय बाद बिंदुक का आचरण गिरने लगा। कुछ समय बाद बिंदुक की मृत्यु हो गई। माना जाता है कि उसकी आत्मा पिशाच योनि में चली गई थी। कुबेरेश्वरधाम पर चल रहे गुरु पूर्णिमा महोत्सव का समापन 10 जुलाई को गुरु पूर्णिमा पर होगा। पंडित प्रदीप मिश्रा के मार्गदर्शन में जारी श्री शिव महापुराण कथा में प्रतिदिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। सोमवार को तीसरे दिन भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने कथा का श्रवण किया।

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भोपाल । राज्य शासन ने भारतीय प्रशानिक सेवा (आईएएस) के नौ अधिकारियों का तबादला करते हुए उनकी नवीन पदस्थापना की है। इनमें राजेश राजौरा की जगह अब नीरज मंडलोई को मुख्यमंत्री का अपर मुख्य सचिव बनाया गया है। मंडलोई अभी ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। उनके पास ऊर्जा विभाग और लोक सेवा प्रबंधन विभाग का अतिरिक्त प्रभार रहेगा। इस संबंध में रविवार की रात सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी किया है। जारी आदेश के मुताबिक, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा को नर्मदा घाटी विकास विभाग में अपर मुख्य सचिव की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं, एसीएस संजय दुबे को नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग में अपर मुख्य सचिव बनाया गया है। उन्हें आईटी विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है, जबकि नगरीय विकास एवं आवास विभाग के एसीएस संजय शुक्ला को एसीएस सामान्य प्रशासन विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। कर्मचारी चयन मंडल का अतिरिक्त प्रभार डीपी आहूजा पीएस मछुआ कल्याण को पीएस सहकारिता विभाग बनाया गया है। कृषि सचिव एम सेलवेंद्रम को सामान्य प्रशासन विभाग में सचिव बनाया गया है। उच्च शिक्षा आयुक्त निशांत वरवड़े को कृषि विभाग में सचिव बनाया गया। लोक सेवा आयोग से प्रबल सिपाहा को उच्च शिक्षा आयुक्त बनाया गया। राखी सहाय को सचिव मध्य प्रदेश लोकसेवा आयोग बनाया गया है।  

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जबलपुर । मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने प्रमोशन में आरक्षण पर फिलहाल रोक लगा दी है। सोमवार को पदोन्नति के नए नियमों को लेकर सुनवाई हुई। कोर्ट ने सरकार से पूछा कि पुराने नियम (2002) और नए नियम (2025) में क्या फर्क है? सरकार इसका कोई साफ जवाब नहीं दे पाई। इस पर एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की डिवीजन बेंच ने कहा कि ऐसी स्थिति में नए नियमों को लागू नहीं किया जा सकता। अब अगली सुनवाई 15 जुलाई को होगी।हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा व जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने इस मामले पर सुनवाई की। इस मामले में उन्हें बताया गया कि प्रदेश सरकार ने प्रमोशन में आरक्षण के लिए गजट नोटिफिकेशन भी दायर किया गया था लेकिन याचिका में राहत चाही गई कि प्रमोशन में आरक्षण के नए नियम और पुराने नियम एक सामान्य हैं और फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में पुराने नियमों को लेकर ही मामला लंबित है। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस की बेंच ने सरकार से यह भी सवाल किया कि जब पदोन्नति का मामला पहले से सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, क्या पहले सुप्रीम कोर्ट से पुराना मामला वापस नहीं लेना चाहिए था? तो फिर सरकार ने नए नियम क्यों बनाए?राज्य सरकार की तरफ से एडवोकेट जनरल पेश हुए, लेकिन वे यह स्पष्ट नहीं कर सके कि 2002 और 2025 के नियमों में असली फर्क क्या है। उन्होंने कहा कि अभी यह पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। कोर्ट ने कहा कि जब तक इस मामले में हाईकोर्ट कोई अंतिम फैसला नहीं देता, तब तक सरकार नए नियमों के आधार पर कोई भी पदोन्नति या संबंधित कार्रवाई नहीं करे।याचिकाकर्ताओं की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता आरपी सिंह व अधिवक्ता सुयश मोहन गुरू ने पैरवी की। युगलपीठ ने प्रमोशन में आरक्षण के मामले पर प्रदेश सरकार सहित अन्य अनावेदकों को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जवाब मांगा है। याचिका पर अगली सुनवाई 15 जुलाई को निर्धारित की गई है।        

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भोपाल । मध्य प्रदेश में बारिश का स्ट्रांग सिस्टम एक्टिव होने से पूरे प्रदेश में झमाझम बारिश का दौर जारी है। लगातार हो रही बारिश से नदियों का जल स्‍तर बढ़ गया है, तो वहीं बाढ़ जैसे हालात भी बन गए हैं। प्रदेश के पूर्वी हिस्से जबलपुर, सागर, शहडोल और रीवा संभाग में सबसे ज्यादा खतरा है। शनिवार को शिवपुरी, शहडोल, नरसिंहपुर, श्योपुर में कई गांव और शहर जलमग्न हो गए। नर्मदा खतरे के निशान से ऊपर बही तो उमरिया के जौहिला डैम के गेट खोलने पड़े। रविवार को भी 21 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, दोपहर में जबलपुर के बरगी बांध के गेट खोले जाएंगे। 5000 क्यूमेक जल निकासी होगी, जिससे नर्मदा के घाटों पर 4 से 5 फीट पानी की बढ़ोतरी हो सकती है।मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि प्रदेश में बारिश के 3 स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव हैं। इनमें दो ट्रफ और एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम है। इस वजह से अगले चार दिन तक ऐसा ही मौसम रहेगा। यह सीजन का सबसे स्ट्रॉन्ग सिस्टम है। रविवार को जबलपुर, सागर, दमोह, सिवनी, मंडला, डिंडौरी और बालाघाट में अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है। अगले 24 घंटे में 8 इंच तक पानी गिर सकता है। शिवपुरी, अशोकनगर, विदिशा, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, कटनी, मैहर, उमरिया, शहडोल और अनूपपुर में भारी बारिश हो सकती है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर में भी बारिश का दौर बना रहेगा।मध्य प्रदेश में शनिवार को तेज बारिश का दौर जारी रहा। भोपाल, सीधी, उमरिया, जबलपुर, सागर, नरसिंहपुर, शिवपुरी, शहडोल, इंदौर, मैहर, शाजापुर, धार, श्योपुर, रायसेन, छिंदवाड़ा, डिंडौरी, उज्जैन, देवास, सीहोर, आगर-मालवा, राजगढ़, विदिशा, मऊगंज, रीवा, सतना, मंडला, रतलाम, दमोह, छतरपुर, सिवनी, बालाघाट, बैतूल, गुना, खरगोन में तेज बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुसार, शनिवार को सीधी में 2 इंच, सागर में पौने 2 इंच, रीवा-सतना में 1 इंच, मंडला में पौन इंच, भोपाल, उज्जैन, शाजापुर, रायसेन, रतलाम, छिंदवाड़ा-नरसिंहपुर में आधा इंच बारिश हुई। वहीं, अन्य जिलों में हल्की बारिश हुई।बारिश की वजह से उमरिया में संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र के जोहिला डैम के दो गेट खोले गए। दोनों गेट को एक-एक मीटर खोलकर पानी छोड़ा गया। सागर से बेगमगंज और ग्यारसपुर जाने वाला मार्ग नदियों में बाढ़ के कारण बंद हो गया। नरसिंहपुर में स्टेट हाईवे-22 पर पुलिया धंस गई। लोग रस्सी के सहारे शक्कर नदी पार करते रहे। वहीं, डिंडौरी में जबलपुर-अमरकंटक नेशनल हाईवे पर खेत की मिट्टी बहकर आ गई। यहां वाहन कीचड़ में फंसते रहे।वहीं, शिवपुरी में बैराड़ के कई गांवों में बाढ़ आ गई। घरों में पानी भर गया है। जोराई गांव में सड़क पर खड़ी गाड़ियां पानी में डूब गईं। श्योपुर जिले के बेनीपुरा गांव में क्वारी नदी का पानी गांवों में घुस गया। करीब 20 घरों में पानी भर गया, जिससे गृहस्थी का सामान खराब हो गया। नरसिंहपुर में भी बरमान घाट पर नर्मदा नदी का जलस्तर बढ़ता जा रहा है। प्रशासन ने यहां किनारे पर बसे लोगों को घर खाली करने के लिए कहा है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले चार दिन यानी 9 जुलाई तक प्रदेश के आधे हिस्से में भारी बारिश का अलर्ट है। पूर्वी हिस्से में सिस्टम का असर ज्यादा रहेगा।  

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सीहोर । कुबेरेश्वर धाम पर गुरु पूर्णिमा महोत्सव एवं शिव महापुराण कथा का शुभारंभ हुआ। इस महोत्सव के पहले ही दिन आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। हजारों की संख्या में श्रद्धालु शिव महापुराण की कथा का श्रवण करने के लिए पहुंचे। गुरु पूर्णिमा महोत्सव के अंतर्गत पांच दिवसीय शिव महापुराण के पहले दिन पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि भगवान शिव को अपना गुरु बनाओ और उस पर भरोसा और विश्वास कर अपने जीवन को सफल बनाया जा सकता है। एक लोटा जल शिव तत्व का अर्पण परिवार के सदस्य को पाप से मुक्त करता है, पुण्य लाभ प्रदान कराता है। जीवन की हर परीक्षा में सफल होने का मूलमंत्र यह है कि आप किसी को हराने के लिए कोई काम न करें। महादेव को समर्पित कर आगे बढ़ने के लिए परीक्षा का सामना करें। आपका व्यवहार, प्रेम, वात्सल्यता, धर्म कर्म ही जीवन को सम्पूर्ण करेगा। कोई व्यक्ति अगर आपको मंदिर शिवालय जाने, शिव तत्व अर्पित करने, भक्ति भजन हेतु प्रेरित करता है तो समझिए भगवान शिव की इच्छा से प्रेरणा प्राप्त हो रही है। उन्होंने कहा कि भगवान आपकी परीक्षा पल-पल पर लेता है। कथा के आरंभ होने के साथ ही बारिश की शुरूआत हो गई, बारिश के बाद भी भक्त पूरे उत्साह के साथ भगवान की अविरल भक्ति में मग्र है, यह आपकी आस्था है। महोत्सव में हजारों की संख्या में शिव भक्ताओं के आने का सिलसिला जारी है। पंडित मिश्रा ने कहाकि गुरु और कथा का एक ही काम है आपको भगवान से जोड़कर रखे, आपको सद्मार्ग की ओर अग्रेषित करे। एक गुरु की प्रेरणा से शिष्य का जीवन सफल हो जाता है, वहीं कथा में आकर सच्चे मन से भावपूर्ण तरीके से कथा का श्रवण करने से हमारे जीवन की दिशा ही बदल जाती है। कथा के माध्यम से भगवान शिव की प्राप्ति करने के लक्ष्य से कथा का श्रवण करें। उन्होंने भगवान शिव के स्वरूप का वर्णन करते हुए उनके स्वभाव का वर्णन किया एवं देवराज ब्राह्मण का उल्लेख करते हुए कहाकि ब्राह्मण कुल में जन्म लेने के बाद भी जिस प्रकार से अपने धर्म से च्युत होकर अधर्म मार्ग का अनुसरण किया, लेकिन शिव महापुराण की कथा ने उसके जीवन की दिशा बदल दी। एक छोटा सा जीवन है मनुष्य का उस जीवन में हम कैसे भक्ति साधना कर सकते हैं जीवन को भक्तिपूर्ण बना सकते हैं ये शिवपुराण कथा बताती है। जैसे-जैसे ईश्वर की भक्ति में डूबते जाओगे तब जीवन के आनंद की अनुभूति होगी। शिवमहापुराण पुण्य का अर्जन है। शिवपुराण का पाठ करने से न केवल मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, बल्कि व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति भी हो सकती है। यह आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करता है और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। प्रशासन द्वारा सुचारू रूप से संचालित की जा रही हैं सभी व्यवस्थाएं कलेक्टर बालागुरू के. के निर्देशानुसार कुबेरेश्वर धाम पर गुरु पूर्णिमा महोत्सव एवं शिव महापुराण कथा में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए न केवल सभी आवश्यक व्यवस्थाएं एवं सुविधाएं सुनिश्चित की गई हैं, बल्कि इन व्यवस्थाओं का सुचारू रूप से संचालन भी किया जा रहा है। श्रद्धालुओं को कुबेरेश्वर धाम तक आवागमन, पेयजल, पार्किंग, चिकित्सा सुविधा एवं अन्य सहायता के लिए किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हो रही है। सड़क पर यातायात सामान्य गति से चल रहा है। जिन अधिकारियों कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है वे सभी सेवाभाव और पूरी मुस्तेदी से अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। कलेक्टर बालागुरू के. तथा एसपी दीपक कुमार शुक्ला व्यवस्थाओं की सतत मॉनिटरिंग भी की जा रही है। व्यवस्थाओं के लिए लगाई गई है अधिकारियों की ड्यूटी कलेक्टर द्वारा कार्यक्रम की व्यवस्थाओं के सुचारू संचालन के लिए अधिकारियों कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। कलेक्टर द्वारा जारी आदेशानुसार एसडीएम तन्मय वर्मा को संपूर्ण व्यवस्था का प्रभारी बनाया गया है। इसी प्रकार संयुक्त कलेक्टर आनंद सिंह राजावत, डिप्टी कलेक्टर सुधीर कुशवाह सहित अन्य अधिकारियों कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है। इसके साथ ही कलेक्टर ने जनपद सीईओ, बिजली कंपनी के अधीक्षण यंत्री, सीएमएचओ, सिविल सर्जन, नगर पालिका सीएमओ, लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री सहित अन्य विभागों को अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि कार्यक्रम स्थल पर सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर प्रभावी रूप से संचालित की जाएं।  

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भोपाल   । मध्य प्रदेश जनजातीय संग्रहालय में नृत्य, गायन एवं वादन पर केंद्रित गतिविधि "संभावना" का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें रविवार को कमलेश नामदेव एवं साथी, नरसिंहपुर द्वारा अहिराई नृत्य एवं लेखपाल धुर्वे एवं साथी, डिण्डोरी द्वारा गोण्ड जनजातीय नृत्य गुदुमबाजा की प्रस्तुति दी गई।गतिविधि में कमलेश नामदेव एवं साथी, नरसिंहपुर द्वारा अहिराई नृत्य की प्रस्तुति दी गई। अहिराई नृत्य अहीर समुदाय द्वारा किया जाने वाला पुरुष प्रधान नृत्य है। दीपावली के दूसरे दिन यदुवंशी अहीर जाति के लोग अपने घर में गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाकर पूजा करते हैं। इसी दौरान पुरुष अपने अस्त्र-शस्त्र लाठी, फरसे आदि की पूजा करते हैं। नृत्य के दौरान दोहे, कहावतों की लम्बी टेर लगाकर गाते हैं और नर्तक दल प संचालन के साथ नृत्य की शुरूआत करते हैं।वहीं, लेखपाल धुर्वे एवं साथी, डिण्डोरी द्वारा गोण्ड जनजातीय नृत्य गुदुमबाजा की प्रस्तुति दी गई। गोण्ड की उपजाति ढुलिया का पारम्परिक नृत्य है। गुदुम, ढफ, मंजीरा, शहनाई, टिमकी आदि वाद्यों के साथ गीतों की धुनों पर वादन एवं नर्तन किया जाता है। विशेषकर विवाह एवं आनुष्ठानिक अवसरों पर इस नृत्य के कलाकारों अनिवार्य रूप से आमंत्रित करते हैं।गौरतलब है कि मप्र जनजातीय संग्रहालय परिसर में प्रत्येक रविवार दोपहर 02 बजे से आयोजित होने वाली गतिविधि में मध्य प्रदेश के पांच लोकांचलों एवं सात प्रमुख जनजातियों की बहुविध कला परंपराओं की प्रस्तुति दी जाती है। जिसमें प्रदेश के साथ ही देश के अन्य राज्यों के कला रूपों को देखने समझने का अवसर भी जनसामान्य को प्राप्त होता है।  

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सीहोर । जिला मुख्यालय के समीप स्थित कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में विठलेश सेवा समिति के तत्वाधान में हर साल की तरह इस बार भी कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के मार्गदर्शन में गुरु पूर्णिमा महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। आज शनिवार को कुबेरेश्वर धाम में इस भव्य आयोजन का शुरुआत होगी। आस्था के इस महाकुंभ में हजारों की संख्या में श्रद्धालु प्रतिदिन आएंगे।   समिति के व्यवस्थापक समीर शुक्ला ने बताया कि हर साल गुरु के प्रति अपनी आस्था दिखाने के लिए आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि पर गुरु पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाता है। इस छह दिवसीय महोत्सव में श्रद्धालु गुरुदीक्षा प्राप्त करेंगे। कथा वाचक पंडित मिश्रा के द्वारा भव्य गुरु पूर्णिमा महोत्सव कार्यक्रम का प्रसारण भी चैनल सहित अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से किया जाएगा। जिससे करोड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं को जीवन में गुरु के महत्व और ईश्वर की आस्था के बारे में जानकारी प्राप्त होगी।   उन्होंने बताया कि इस भव्य आयोजन को लेकर सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। यहां श्रद्धालुओं के बैठने के लिए अनेक पंडाल के अलावा, उपचार केन्द्र, शौचालय आदि की व्यवस्था की गई है। वहीं समिति ने भी अपनी ओर से यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पार्किंग की व्यवस्था की गई है। वहीं जिला प्रशासन भी लाखों की संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए तैयार है।   गुरु पूर्णिमा महोत्सव को लेकर सेवादार भी आ रहे है। मुंबई से बड़ी संख्या में आए रसोई की सेवा संभालने वाले कुमार सिंह ने बताया कि वह हर साल यहां पर सेवा देने आते है और रसोई के काम के उपकरण स्वयं निर्माण कर सेवा देते है। यहां आठ दिनों तक सैकड़ों की संख्या में सेवादार अपनी सेवा देंगे। कुबेरेश्वर धाम में आयोजन के लिए भव्य पंडालों का निर्माण किया गया है। करीब 10 एकड़ क्षेत्र में श्रद्धालुओं को ठहराने, कथा का श्रवण करने, भोजन करने के अलावा अन्य के लिए वाटर प्रूफ पंडाल बनाया गया है।  

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इंदौर । नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा द्वारा मेघदूत गार्डन के सामने सड़क में अचानक हुए गडढे को लेकर अपर आयुक्त रोहित सिसोनिया, अधीक्षण यंत्री डीआर लोधी को मौका मुआयना कर जांच करने के निर्देश दिये गये थे। उक्त घटनाक्रम के पश्चात अपर आयुक्त रोहित सिसोनिया एवं अधीक्षण यंत्री डी.आर. लोधी द्वारा मौके पर पहुंचकर प्रकरण की जांच करने पर पाया कि भारती एयरटेल कंपनी की ठेकेदार फर्म स्टेलाईट प्रायवेट लिमिटेड के प्रोपाईटर जगदीश शर्मा द्वारा बिना निगम अनुमति लिए ऑप्टिकल फाइबर केबल डालने के दौरान उपचारित जल की पाईप लाईन को क्षतिग्रस्त करने का मामला सामने आया। जांच दल द्वारा यह भी बताया गया कि उपचारित जल की पाईप लाईन उक्त लापरवाही पूर्ण तरीके से डाली जाने वाली एचडीडी पाईप के कार्य के दौरान क्षतिग्रस्त होने से लाईन में लीकेज हुआ एवं मिटटी कटाव एवं धंसने के कारण देखते ही देखते गड्ढा बड़ा होता चला गया।   नगर निगम आयुक्त वर्मा ने शनिवार को जांच रिपोर्ट के आधार पर संबंधित फर्म के विरूद्ध कडी कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये, जिसके तहत ऑप्टिकल फाईबर केबल के तीन बंडल एवं अन्य सामग्री (जिसकी कीमत लगभग 60 हजार रुपये) मौके से जब्त की गई तथा संबंधित ठेकेदार कंपनी से राशि तीन लाख रुपये वसूल किए जाने हेतु संबंधित फर्म को नोटिस भी जारी किया गया। इसके साथ ही आयुक्त वर्मा के निर्देश पर संबंधित कंपनी/ठेकेदार के विरूद्ध थाना विजय नगर में एफआईआर दर्ज करने संबंधित झोन स्तर से पत्र भी प्रेषित किया गया।   नगर निगम द्वारा स्पष्‍ट किया गया है कि उक्त घटनाक्रम में वर्तमान में किए गए कार्य एवं सडक की गुणवत्ता पर उठ रहे सवाल आधारहीन एवं भ्रामक है, उक्त रोड इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा लगभग 20-25 साल पहले बनाई गई थी, वर्तमान में इस सडक पर कोई रिपेयर/ड्रेनेज लाईन डालने का कार्य नही किया गया था, साथ ही गड्ढा होने का मुख्य कारण अनाधिकृत तरीके से कार्य करने के दौरान लाईन क्षतिग्रस्त होने से मिटटी कटाव एवं मिटटी का धंसना है।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में भारी बारिश का दौर पिछले एक सप्‍ताह से जारी है, जिसके अभी आगे भी बने रहने की भविष्‍यवाणी मौसम विभाग द्वारा की गई है। विभाग की मानें तो यहां एक स्ट्रॉन्ग सिस्टम सक्रिय है, जिससे चलते ये हालात हैं। उधर प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ के हालात दिखाई देने लगे हैं। यहां शुक्रवार को कई जिलों में शुरू हुई बारिश आज शनिवार को भी जारी है। मौसम विभाग ने मंडला, सिवनी और बालाघाट में अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है और जिसके चलते बाढ़ की चेतावनी भी दी गई है।इस संबंध में मौसम वैज्ञानिक वेदप्रकाश सिंह ने शुक्रवार शाम कहा था कि उत्तरी शिवपुरी, निवारी/ओरछा, छतरपुर/खजुराहो, पन्ना/टीआर, दमोह, जबलपुर/एपी/भेड़ाघाट और रीवा में बिजली के साथ भारी बारिश जारी रहने की संभावना है। साथ ही अलीराजपुर, धार/मांडू, श्योपुर कलां/कुनो_एनपी, मुरैना, दतिया/रतनगढ़, सागर, टीकमगढ़, रायसेन/सांची/भीमबेटका, मैहर, खंडवा/ओंकारेश्वर, नरसिंगपुर, मऊगंज, कटनी में मध्यम बारिश जारी रहने की संभावना है। उन्‍होंने बताया था कि उमरिया/बांधवगढ़, मंडला/कान्हा, सिंगरौली एवं सीधी; और शाम के समय ग्वालियर/एपी, भिंड, पूर्वी भोपाल, विदिशा/उदयगिरि, हरदा, देवास, राजगढ़, दक्षिणी शिवपुरी, शहडोल, अनुपपुर/अमरकंटक, डिंडोरी, बालाघाट, सिवनी, नर्मदापुरम/पचमढ़ी, उत्तरी बैतूल, छिंदवाड़ा, सतना/चित्रकूट, इंदौर/एपी, नीमच, मंदसौर, रतलाम, उज्जैन, झाबुआ, खरगोन/महेश्वर और बड़वानी में हल्की बारिश होगी।   शनिवार सुबह देखा गया कि जो भविष्‍यवाणी मौसम विभाग द्वारा की गई, उस अनुरूप यहां लगातार बारिश हो रही है। अब तक पिछले 24 घण्‍टे के दौरान राज्‍य के 29 जिलों में बारिश हुई है, जिसमें सबसे अधिक जबलपुर में पानी गिरना सामने आया है।  मौसम विभाग के अनुसार उत्तर-पूर्वी मध्य प्रदेश में हवा के ऊपरी स्तर पर एक और चक्रवात सक्रिय है। एक मानसूनी द्रोणिका मध्य प्रदेश के उत्तरी हिस्से से होकर गुजर रही है, जो बंगाल की खाड़ी से लेकर राजस्थान तक फैली हुई है। जिसके कारण विशेष रूप से पूर्वी मध्य प्रदेश में तेज बारिश हो रही है, यह स्‍थ‍िति अभी ओर कुछ दिन बनी रहने की संभावना है। मौसम वैज्ञानिक कहते हैं कि इन दो प्रमुख कारणों के कारण से प्रदेश के कई हिस्सों में बादलों की गतिविधि प्रमुखता से देखी जा सकती है जोकि बारिश होने की मुख्‍य वजह है। वैज्ञानिकों का कहना है कि जबलपुर, डिंडौरी, छिंदवाड़ा, अनूपपुर, उमरिया, शहडोल, कटनी, मैहर, सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी, शिवपुरी, गुना और अशोकनगर में अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।  

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दमोह । ईसाई मिशनरी द्वारा संचालित सेंट जॉन स्कूल एक बार फिर चर्चा में आ गया है। दमोह कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने एक नोटिस जारी करते हुये प्रबंधन को 10 जुलाई तक 6 करोड़ 25 लाख रूपये के साथ 2 लाख जुर्माना जमा करने कहा है।   उल्‍लेखनीय है कि गत कुछ माह पूर्व कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने निजि विद्यालयों में हो रही अनिमितताओं, पुस्तकों एवं फीस को लेकर जो भारी विसंगतियां हैं उन्‍हें लेकर कार्रवाई की थी । इसी क्रम में सेंट जॉन स्कूल के विरूद्ध भी कार्रवाई की गयी थी। इसी कार्रवाई को चुनौती देने के लिये सेंट जॉन स्कूल के प्रबंधन के द्वारा राज्य समि‍ति में मामला प्रस्तुत किया गया था। मध्य प्रदेश निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम 2017 एवं नियम 2020 के अन्तर्गत विद्यालय तथा जिला समिति द्वारा प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों के परीक्षण उपरान्त राज्य समिति ने विद्यालय द्वारा की गयी अपील में कोई भी तर्क जिला समिति द्वारा पारित निर्णय के विरूद्ध नहीं पाये जाने पर विद्यालय की अपील को खारिज करते हुए राज्य समिति द्वारा जिला समिति के आदेश को यथावत बनाए रखा है।   इस संबंध में कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने स्कूल प्रबंधन को एक नोटिस जारी कर कहा है कि 10 जुलाई तक 6 करोड़ 25 लाख से अधिक फीस की राशि के साथ 2 लाख रूपये कि अर्थदंड राशि जमा करना सुनिश्चित किया जाए।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में बीते कुछ दिनों से झमाझम बारिश का दौर जारी है। लगातार हुई इस वर्षा से मौसम तो सुहाना हो गया है, लेकिन कई जगहों पर नदी नाले उफान पर आ गए हैं। कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। जिसकी वजह से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। प्रदेश में बारिश का स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव है। आज शुक्रवार को भी मंडला समेत 7 जिलों में अति भारी बारिश की चेतावनी दी गई है, जबकि 23 जिलों में भारी बारिश हो सकती है। अगले 4 दिन तक एमपी में तेज बारिश का दौर बना रहेगा।मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि मध्य प्रदेश से अभी एक मानसून समेत 2 ट्रफ गुजर रही है। वहीं, एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम की भी एक्टिविटी है। इस वजह से बारिश का सिस्टम स्ट्रॉन्ग है। अगले 4 दिन के लिए कई जिलों में अति भारी या भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। शुक्रवार को जबलपुर, मंडला, डिंडौरी, बालाघाट, श्योपुर, शिवपुरी और गुना में अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है। अगले 24 घंटे में यहां 8 इंच तक पानी गिर सकता है। वहीं, ग्वालियर, मुरैना, भिंड, दतिया, विदिशा, रायसेन, पांढुर्णा, छिंदवाड़ा, सिवनी, नरसिंहपुर, सागर, दमोह, राजगढ़, अशोकनगर, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, कटनी, मैहर, उमरिया, शहडोल और अनूपपुर में भारी बारिश हो सकती है। बाकी जिलों में भी बारिश का दौर बना रहेगा।प्रदेश में गुरुवार को तेज बारिश का दौर जारी रहा। मंडला के बिछिया इलाके में लगातार बारिश से कई गांवों में बाढ़ के हालात बन गए। होमगार्ड जवान यहां मौजूद हैं। 70 से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू किया गया। शिवपुरी में ग्रामीण बच्चों और महिलाओं को गोद में उठाकर उफनती सिंध नदी पार करवा रहे हैं। शिवपुरी के कोलारस में कई गांव जलमग्न हो गए। बारिश का पानी स्कूल, मंदिर और घरों में घुस गया। निवाड़ी के ओरछा में भी भारी बारिश हुई। उमरिया में कथली नदी का पानी पुल तक पहुंच गया। जिले में महानदी में भी पानी बढ़ गया है।राजधानी भोपाल में भी गुरुवार दोपहर में रिमझिम बारिश शुरू हो गई जो शाम तक जारी रही। रीवा, छतरपुर के खजुराहो और दतिया में पौन इंच, मंडला-शिवपुरी में आधा इंच बारिश हो गई। वहीं, बैतूल, गुना, ग्वालियर, इंदौर, श्योपुर, दमोह, जबलपुर, सतना, सीधी, उमरिया, बालाघाट, धार, मऊगंज, शाजापुर, देवास, आगर-मालवा समेत 20 से ज्यादा जिलों में रिमझिम बारिश का दौर जारी रहा। रात में भी कई जिलों में बारिश का दौर जारी रहा।  

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जबलपुर । हैदराबाद से जबलपुर लाए गए रेसिंग घोड़ों की एक के बाद एक हो रही मौतों का मामला अब मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के संज्ञान में है। इन मौतों को लेकर एनिमल एक्टिविस्ट सिमरन इस्सर ने इस मामले में जनहित याचिका दायर की थी। एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ में हुयी सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने याचिका में आरोप लगाया है कि घोड़ों को बिना चिकित्सा सुविधा और अनुमति के जबलपुर लाया गया। इसके चलते अब तक 12 घोड़े मर चुके हैं।याचिकाकर्ता सिमरन इस्सर के वकील द्वारा दायर 800 पन्नों की याचिका के जवाब में राज्य सरकार और सचिन तिवारी ने कुल 1600 पन्ने दायर किए। इनमें से 800 पन्ने सचिन तिवारी और 800 पन्ने सरकार ने दायर किए। यह देश के हाईकोर्ट इतिहास में सबसे बड़े लिखित जवाबों में गिना जा रहा है।   अदालत ने स्पष्ट किया कि वह अभी सिर्फ स्टेटस रिपोर्ट चाहती है, जिसमें वर्तमान में घोड़ों की हालत, इलाज की स्थिति और प्रशासन की निगरानी का विवरण हो। कोर्ट ने हेथा नेट कंपनी को, जो कि कथित तौर पर इन घोड़ों की मालकिन है, जवाब दाखिल करने के लिए समय प्रदान किया है। वहीं, हैदराबाद रेस कोर्स के घोड़ों की दौड़ कराने वाले सुरेश पलादुगु का जवाब भी अगली सुनवाई में पेश किया जाएगा। कोर्ट इस पूरे प्रकरण को बहुत गंभीरता से ले रही है, कोर्ट की टिप्पणी थी कि "जानवरों के जीवन की कीमत किसी रेसिंग या सट्टेबाजी से अधिक है"।  

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उज्जैन । महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल का प्रतिदिन भांग से श्रृंगार होता है। भक्त अपने या परिजन के जन्म दिन पर अथवा किसी विशेष कार्य के पूर्ण होने पर भगवान के भांग से श्रृंगार हेतु 11 हजार रुपये की रसीद काउंटर से कटवाते हैं। यही स्थिति श्रावण मास के लिए हर वर्ष होती है। इस वर्ष श्रावण मास में प्रतिदिन भगवान के होने वाले भांग श्रृंगार हेतु बुकिंग फुल हो चुकी है। काउंटर से प्राप्त जानकारी के अनुसार 11 जुलाई से प्रारंभ होने वाले श्रावण मास का समापन 9 अगस्त को होगा। श्रृंगार हेतु इन तारीखों में अब कोई दिन खाली नहीं बचा है। यह उल्लेखनीय है कि बाबा महाकाल का प्रतिदिन सायं 7 बजे शुद्ध भांग से दिव्य श्रृंगार किया जाता है। इसमें करीब साढ़े तीन किग्रा भांग, सूखे मेवे, नवीन वस्त्र, पुष्प आदि लगते हैं। इसीलिए 11 हजार रुपये की रसीद भक्त कटवाते हैं। इसके बदले मंदिर प्रबंध समित संबंधित भक्त को परिवार के साथ आरती के विशेष दर्शन हेतु अनुमति पत्र प्रदाय करती है।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में बारिश का सिलसिला जारी है। स्ट्रॉन्ग सिस्टम के एक्टिव होने से बुधवार को पूरे प्रदेश में आंधी-बारिश का दौर रहा। आज भी ऐसा ही मौसम रहेगा। आज गुरुवार को प्रदेश के पूर्वी हिस्से यानी जबलपुर, सागर, रीवा और शहडोल संभाग के 17 जिलों में अति भारी या भारी बारिश का अलर्ट है। इसके साथ ही ग्वालियर-चंबल संभाग के 4 जिलों में भी बारिश की संभावना है। वहीं, भोपाल, इंदौर-उज्जैन समेत अन्य जिलों में भी बारिश का यलो अलर्ट है।मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि प्रदेश से 2 ट्रफ गुजर रही है। इनमें से एक मानसून ट्रफ है। इस वजह से पूरे प्रदेश में तेज बारिश का दौर चल रहा है। अगले 4 दिन तक पूरे प्रदेश में तेज बारिश होने की संभावना है। 5 और 6 जुलाई को सभी जिले तरबतर हो जाएंगे। जिन जिलों में अति भारी बारिश का अलर्ट है, उनमें पन्ना, दमोह, मैहर और कटनी शामिल हैं। यहां 24 घंटे में 8 इंच तक पानी गिर सकता है। श्योपुर, शिवपुरी, भिंड, गुना, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, मंडला, जबलपुर, डिंडौरी, अनूपपुर, उमरिया, शहडोल, सीधी, मऊगंज, रीवा और सतना में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।बुधवार को पूरे प्रदेश में आंधी-बारिश का दौर रहा। 27 जिले ऐसे रहे, जहां बारिश हुई। शिवपुरी, उज्जैन-रतलाम, नौगांव में आधा इंच बारिश दर्ज की गई। वहीं, बड़वानी, मऊगंज, राजगढ़, नीमच, मंदसौर, सीहोर, शहडोल, बैतूल, भोपाल, दतिया, गुना, ग्वालियर, नर्मदापुरम, इंदौर, श्योपुर, मंडला, सागर, सतना, सीधी, बालाघाट, शाजापुर, देवास, आगर-मालवा में भी दिनभर रुक-रुककर बारिश होती रही। मानसूनी बारिश के कारण रतलाम के सैलाना में बांसवाड़ा रोड स्थित केदारेश्वर महादेव मंदिर का झरना बह निकला। आसपास पहाड़ियों पर हरियाली छा गई है। जो देखने लायक बन गई है। ऊंची नीची पहाड़ियों के बीच अलग-अलग झरने बह रहे हैं। भोपाल के कई इलाकों में जलभराव के हालात बन गए। बड़ा तालाब में आधा फीट पानी भर गया।  

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देवास । मध्‍यप्रदेश में शिक्षक एप पर 1 जुलाई से जिले के शिक्षकों को ई- अटेंडेंस लगाना अनिवार्य किया गया है, हालांकि सॉप्‍टवेयर में तकनीकी गड़बड़ी आने से इस एप में अटेंडेंस नहीं लग पा रही है। वहीं देवास जिले के कन्नौद ब्लाक क्षेत्र के शिक्षकों द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग मध्य प्रदेश द्वारा आरंभ की गई ई- अटेंडेंस पर रोक लगाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री एवं आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय के नाम का तहसीलदार अंजली गुप्ता को ज्ञापन सोपा। जिसमें बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा पूर्व में भीई- अटेंडेंसप्रारंभ करने का प्रयास किया गया था, परंतु यह व्यवस्था अव्यावहारिक एवं अमानवीय होकर शिक्षक समाज को जन सामान्य के बीच अच्छी छवि नहीं बनाती एवं शिक्षक जैसे पवित्र कार्य करने वालों के लिए अपमानजनक व्यवस्था है। यह व्यवस्था पूर्णता मोबाइल और मोबाइल के नेटवर्क पर आधारित है, जो स्कूलों में मोबाइल के उपयोग को बढ़ावा देता है मोबाइल फोन खराब होने या गुमने एवं घर पर भूल जाने से इस व्यवस्था से परेशानी होगी।   शिक्षक की भौतिक रूप से स्कूल में उपस्थिति रहेगी, परंतु मोबाइल के अभाव में वह अनुपस्थित माना जाएगा शिक्षक की निगरानी आवश्यक हो परंतु ऐसी हो कि मानवीय गरिमा का हास ना हो, अगर हम वास्तव में शिक्षा को प्रभावी बनाना चाहते हैं तो विश्वास और सम्मान का रिश्ता बनाए रखना होगा। उक्त अटेंडेंस जैसी अव्यवस्था को तत्काल बंद किया जाए ।   

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इंदौर । राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट यूजी) में बिजली गुल होने के बाद प्रभावित हुए मध्य प्रदेश के 75 छात्रों को राहत मिली है। इंदौर हाईकोर्ट ने सोमवार को राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) को निर्देश दिया है कि वह इन छात्रों के लिए पुनः परीक्षा आयोजित करे और उसका परिणाम शीघ्र जारी करे। गौरतलब है कि गत 4 मई को आयोजित नीट यूजी परीक्षा के दौरान इंदौर और उज्जैन के कई केंद्रों पर बिजली चली गई थी, जिससे परीक्षार्थियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। याचिकाकर्ताओं ने अदालत को बताया कि अंधेरे और गर्मी में परीक्षा देना उनके लिए अत्यंत चुनौतीपूर्ण रहा। इन छात्रों ने तीन जून से पहले कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसके चलते कोर्ट ने केवल उन्हीं के लिए फिर से परीक्षा कराने का आदेश दिया है। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने परीक्षा की परिस्थिति को महसूस करने के लिए कोर्टरूम की बिजली बंद कर दी थी और प्रश्नपत्र को उस वातावरण में पढ़ा। न्यायालय ने माना कि छात्र परिस्थितियों के शिकार हुए, जबकि गलती उनकी नहीं थी। एनटीए की ओर से पेश हुए सरकारी वकीलों ने दावा किया कि परीक्षा केंद्रों पर बिजली बैकअप की व्यवस्था थी। इसके जवाब में छात्रों की ओर से वकील मृदुल भटनागर ने कोर्ट को सूचित किया कि खुद एनटीए के पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट में उल्लेख है कि कई केंद्रों पर न तो जनरेटर थे और न ही पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था। सोमवार को हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि परीक्षा में शामिल हुए छात्रों की कोई गलती न होने के बावजूद उन्हें बिजली कटौती के कारण असुविधाजनक स्थिति में डाल दिया गया था। इसीलिए परीक्षा दोबारा कराई जाए। दो हजार से ज्यादा छात्रों के प्रभावित होने की संभावना   इस तकनीकी खामी के कारण लगभग 600 से 2000 छात्रों की परीक्षा प्रभावित हुई थी। अब तक 85 छात्र याचिका दाखिल कर चुके हैं। अदालत ने शुरुआत में 15 मई को एनटीए से जवाब मांगा और परिणाम पर रोक लगा दी थी। इसके बाद कई सुनवाइयों में छात्रों की संख्या और शिकायतें लगातार बढ़ती रहीं।  

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शिवपुरी । एक जुलाई से मध्यप्रदेश में सिर्फ शिक्षकों पर लागू की गई ई अटेंडेंस व्यवस्था को लेकर शिक्षकों में भारी आक्रोश उत्पन्न हो गया है। शिक्षकों का कहना है कि यह व्यवस्था पूर्णतः अव्यवहारिक है और सिर्फ शिक्षकों पर ही व्यवस्था को लागू करना समाज में उन्हे अपमानित करने जैसा है। तो वहीं 70 से 80 प्रतिशत विद्यालय दूर दराज के ग्रामीण ईलाकों में हैं जहाँ मूलभूत व्यवस्थाओं को लेकर अव्यवस्थायें पूर्व से विद्यमान हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्किंग जैसी तकनीकि, प्राकृतिक एवं व्यवहारिक समस्याओं को लेकर शिक्षक, ई अटेंडेंस जैसी तकनीकी व्यवस्था पर सटीकता से कैसे बच पाएगा। पूर्णतः मोबाईल पर आधारित ई अटेंडेंस व्यवस्था मोबाईल नेटवर्क न आने, खराब हो जाने, वार्जिंग व अन्य समस्या उत्पन्न होने पर शिक्षकों को परेशानी का कारण बनेगी। शिक्षकों का यह भी कहना है कि अगर व्यवस्थाओं की खामियों में सुधार करना ही है तो पहले इस व्यवस्था को प्रदेश के सभी कार्यालयों एवं विभागों में लागू किया जाए तभी शासन के मंशानुसार लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। हनुमान चालीसा का पाठ कर विरोध स्वरुप जलाए केंडल-सिर्फ शिक्षकों पर ई अटेंडेंस व्यवस्था लागू करने को लेकर शिक्षक संगठनों नें भारी आक्रोश व्यक्त किया है। तथा विरोध प्रकट करते हुऐ गत दिवस शिक्षक हनुमान मंदिर माधव चौक पर पहुँचे जहाँ उन्होंने श्री हनुमान चालीसा का सात बार पाठ किया। तथा अगले क्रम में अमर शहीद तात्याटोपे शहादत स्थल पहुँचे जहाँ केंडल जलाकर सामूहिक रूप से विरोध प्रकट किया। करैरा, बदरवास, पिछोर, खनियांधाना,पोहरी, नरवर सभी ब्लॉकों पर भी शिक्षकों द्वारा विरोध किया जा रहा है एवं सभी विकास खण्डों पर भी शिक्षकों द्वारा आगामी दिवसों में ई अटेंडेंस के विरोध में ज्ञापन दिया जाएगा। इस विरोध प्रदर्शन के समय मुख्य रूप से अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के जिलाध्यक्ष राजेन्द्र पिपलौदा, शासकीय शिक्षक संगठन के जिलाध्यक्ष पवन अवस्थी, जिलाध्यक्ष राजकुमार सरैया, सुनील वर्मा, विपिन पचौरी, वेद प्रकाश शर्मा, अमरदीप श्रीवास्तव, अवधेश श्रीवास्तव, जिला सविव वीरेंद्र अवस्थी, पोहरी ब्लॉक अध्यक्ष कपिल पचौरी सहित तहसीलों से सैकड़ों शिक्षक मौजूद रहे।  

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शिवपुरी ।  शिवपुरी- शिवपुरी जिले में स्थित माधव टाइगर रिजर्व शिवपुरी में मानसून ऋतु में 1 जुलाई 2025 से पर्यटकों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। इस दौरान पर्यटक नेशनल पार्क में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं क्षेत्र संचालक माधव टाइगर रिजर्व शिवपुरी ने बताया कि 30 जून 2025 को पर्यटन वर्ष समाप्त हो गया है। जिसके साथ ही मध्यप्रदेश शासन के निर्देशानुसार 01 जुलाई से 30 सितम्बर तक सभी राष्ट्रीय उद्यानो में पर्यटकों का प्रवेश प्रतिबंधित किया गया है।   मानसून के दौरान पार्क के अंदर स्थित कच्चे रास्ते कीचड़ और बारिश के कारण वाहनों की आवाजाही के लिए उपयुक्त नहीं रहते। इसके साथ ही शिवपुरी के माधव टाइगर रिजर्व में अब टाइगर और हाथी सहितअन्य वन्य प्राणियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, ऐसे में किसी भी तरह का जोखिम उठाना खतरे से खाली नहीं हो सकता, इसलिए नेशनल पार्कों में पर्यटकों के प्रवेश को बाधितकिया जाता है जो वर्षाकाल के उपरांत फिर से शुरु कर दिया जाएगा।  

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झाबुआ । जल गंगा संवर्धन अभियान अंतर्गत आजीविका मिशन की दीदियों द्वारा जिले की जनपद पंचायतों के माध्यम से वन विभाग व राजस्व भूमि पर छायादार एवं औषधीय पौधो के बीज के कुल 25 लाख सीडबॉल तैयार कर उन्हें ड्रोन की मदद से वन विभाग व राजस्व भूमि पर बिखरने का कार्य सम्पादित किया गया है।   जल गंगा संवर्धन अभियान के संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत जितेन्द्र सिंह चौहान द्वारा बताया गया कि जिले की छह जनपद पंचायतों पेटलावद, मेघनगर, झाबुआ, थांदला, रामा व राणापुर के माध्यम से स्व सहायता समूह की दीदियों द्वरा छायादार एवं औषधीय पौधो के बीज के कुल 25 लाख सीडबॉल बनाकर उन्हें स्वयं के प्रयासों सहित ड्रोन की सहायता से वन विभाग व राजस्व भूमि पर बिखरने का वृहत्तम कार्य सम्पादित किया गया है।   सीईओ जिला पंचायत के अनुसार गत वर्ष भी जल गंगा संवर्धन अभियान 2024 में सीडबॉल बिखरने का कार्य चिन्हित पहाडियों पर किया गया था, जिसकी उत्तरजीविता 23.8% रही थी। इस सफलता की सराहना कैबिनेट मंत्री पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग एवं श्रम विभाग, प्रहलाद सिंह पटेल द्वारा झाबुआ प्रवास के दौरान की गई। इसी को दृष्टि गत रखते हुए इस वर्ष भी ड्रोन एवं स्वयं सहायता समूह की दीदियों के माध्यम से सीडबॉल्स का वृहद स्तर पर छिड़काव किया गया। सीडबॉल्स छिड़काव से स्वयं सहायता समूह की दीदियों को अतिरिक्त रोजगार एवं आय प्राप्त हुई है।   गौरतलब है कि सीडबॉल रोपण से जहां पर्यावरण को संरक्षण में मदद मिलती है, वहीं जैव विविधता उद्देश्य भी स्वत: पूरा हो जाता है। इसके साथ ही पौधों की विविधता में वृद्धि, मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार शामिल हैं। चूंकि सीडबॉल बीजों को मिट्टी, खाद और पानी से बनी एक गेंद में लपेटकर बनाया जाता है, इसलिए यह बीजों को पक्षियों और कृन्तकों से बचाता है और अंकुरण के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करता है। सीडबॉल में इस्तेमाल की जाने वाली मिट्टी एक बाइंडर के रूप में कार्य करती है जो बीजों को एक साथ रखने और उन्हें शिकारियों और खराब मौसम की स्थिति से बचाने में मदद करती है। इसके अतिरिक्त, मिट्टी प्रत्येक बीज के चारों ओर एक सुरक्षात्मक प्राकृतिक आवरण बनाती है, जो अंकुरण को बढ़ावा देती है, जो उच्च सफलता दर सुनिश्चित करती है।

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इंदौर । इंदौर बाईपास और अर्जुन बरोदा ओवरब्रिज क्षेत्र में अब यातायात पूरी तरह से सामान्य हो गया है। वाहनों की आवाजाही अब सुगमता से हो रही है और यात्रियों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ रहा है। यह जानकारी रविवार देर शाम राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के परियोजना निदेशक सोमेश बांझल ने दी। उन्होंने मीडिया द्वारा जाम में फंसकर हुई तीन लोगों की मौत की खबर को भी भ्रामक बताया है।   दरअसल, बीते तीन दिन से मीडिया में प्रसारित किया जा रहा था कि बीते इंदौर-देवास रोड पर जाम लगा हुआ है। आठ किलोमीटर के इस जाम में चार हजार गाड़ियां फंसीं थी। इस दौरान तीन लोगों इंदौर के कमल पांचाल, शुजालपुर के बलराम पटेल (55) और गारी पिपल्या गांव के संदीप पटेल (32) की मौत हो गई। दो को हार्ट अटैक आया, जबकि एक पेशेंट ने अस्पताल पहुंचने से पहले दम तोड़ दिया।   एनएचएआई के परियोजना निदेशक सोमेश बांझल ने बताया कि अर्जुन बरोदा क्षेत्र में बनाए गए डायवर्जन मार्ग की मरम्मत का कार्य पूर्ण कर लिया गया है, जिससे अब यहां से वाहन सामान्य रूप से गुजर रहे हैं। साथ ही बाईपास के अन्य हिस्सों में भी ट्रैफिक सुचारू रूप से संचालित हो रहा है।   उन्होंने कहा कि जाँच में स्पष्ट हुआ कि अर्जुन बरोदा बायपास क्षेत्र में जाम के कारण तीन व्यक्तियों की मृत्यु होने की खबर पूरी तरह भ्रामक हैं। बताया गया कि एक व्यक्ति की मृत्यु शाजापुर से इंदौर आते हुई थी, जबकि दूसरी घटना लसूड़िया क्षेत्र की है। इन दोनों मामलों का अर्जुन बरोदा क्षेत्र के जाम से कोई संबंध नहीं है। साथ ही अपील की गई है कि नागरिक अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल अधिकृत स्रोतों से प्राप्त जानकारी पर ही विश्वास करें।   इससे पहले इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने रविवार को संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ मौके पर पहुँचकर व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। वे लंबे समय तक यहीं मौजूद रहे और उन्होंने स्वयं यातायात की निगरानी की और आवश्यक निर्देश भी मौके पर दिये।इस मौके पर कलेक्टर सिंह ने कहा कि इंदौर के बाईपास पर अर्जुन बरोदा ओवर ब्रिज पर यातायात सामान्य हो गया है। वाहनों की अब सामान्य रूप से आवाजाही हो रही हैं। प्रशासन ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, पुलिस, यातायात पुलिस, होमगार्ड एवं अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ समन्वय बनाकर व्यवस्थाओं को दुरुस्त बनाया। उन्होंने कहा कि आमजन को परेशानी न हो, इसके लिए वैकल्पिक मार्गों की प्रभावी व्यवस्था भी सुनिश्चित रखी जाए।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मानसून के एक्टिव हाेने के बाद से ही तेज बारिश का सिलसिला लगातार जारी है। दक्षिण-पश्चिम मानसून रविवार को पूरे देश में छा गया है। जिसके चलते रविवार को भोपाल, इंदौर, ग्वालियर-उज्जैन समेत 25 से ज्यादा जिलों में बारिश का दौर चला। ऐसा ही मौसम सोमवार को भी बना रहेगा। साेमवार काे प्रदेश के 20 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। इन जिलों में माैसम विभाग ने बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।   वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक वीएस यादवने बताया कि एक टर्फ मध्य प्रदेश से होकर गुजर रही है। वहीं साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम भी सक्रिय है। इस वजह से सोमवार को भी बारिश का दौर जारी रहेगा। उधर अलग-अलग स्थानों पर बनी छह मौसम प्रणालियों के प्रभाव से मध्य प्रदेश में अनेक स्थानों पर वर्षा हो रही है। राज्य में एक जुलाई से बारिश का और स्ट्रांग सिस्टम बनेगा। मौसम विभाग के अनुसार, जिन जिलों में सोमवार को भारी बारिश होने की चेतावनी दी गई है, उनमें ग्वालियर, श्योपुर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, विदिशा, सागर, रायसेन, राजगढ़, शाजापुर, आगर-मालवा, मंदसौर, नीमच, दमोह, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, मंडला और बालाघाट शामिल हैं। यहां 24 घंटे में साढ़े 4 इंच तक पानी गिर सकता है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर समेत बाकी के जिलों में बारिश का यलो अलर्ट है। छतरपुर में साेमवार काे सुबह से हाे रही बारिश के बाद बुंदेलखंड का केदारनाथ कहे जाने वाले जटाशंकर धाम में बारिश के बाद झरना बहने लगा है। बारिश का पानी पहाड़ों से होकर भोले नाथ की प्रतिमा के पास से निकलता है। पीथमपुर और रतलाम में भी सोमवार सुबह से रिमझिम बारिश हो रही है। मऊगंज जिले में सोमवार सुबह से तेज बारिश हो रही है। जिले में एक जून से अब तक 253.1 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है।      

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सिवनी । जिले के केवलारी पुलिस थाना मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर पाथरफोड़ी गांव में शनिवार शाम काे खेत के नाले में मछली पकड़ते समय दाे बच्चाें की डूबने से माैत हाे गई। काफी देर तक जब बच्चे लौटकर नहीं आए, तो परिवार के लोग मौके पर पहुंचे, जहां नाले की पुलिया पर बर्तन रखे मिले, लेकिन बच्चे नहीं थे। नाले के पानी में खोजबीन करने पर दोनों बच्चों के शव पानी से बाहर निकाले गए। पुलिस ने मर्ग कायम कर प्रकरण को जांच में लिया है। जानकारी अनुसार घटना शनिवार शाम करीब चार बजे की है। मृतकों की पहचान यश पुत्र जितेन्द्र मसराम (7) और प्रेम पुत्र रामनाथ बरकड़े (8) दोनों पाथरफोड़ी गांव निवासी के रूप में हुई। परिजनाें ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि पड़ोस में रहने वाले दाेनों बच्चे दोपहर तीन से चार बजे गांव के पास स्थित के नाले में मछली-केकड़ा पकड़ने गए थे। काफी देर तक जब बच्चे लौटकर नहीं आए, तो परिवार के लोग मौके पर पहुंचे, जहां नाले की पुलिया पर बर्तन रखे मिले, लेकिन बच्चे नहीं थे। नाले के पानी में खोजबीन करने पर दोनों बच्चों के शव पानी से बाहर निकाले गए।   गहरे पानी में डूबने से दाेनाें की मौत हो गई। केवलारी थाना प्रभारी शिवशंकर रामटेक्कर ने बताया कि नाले में मछली-केकड़ा पकड़ने का प्रयास कर रहे दोनों मासूम बच्चों की गहराई में जाने से मौत हो गई। पंचनामा कार्रवाई के बाद पोस्ट मार्टम के लिए बच्चों के शव केवलारी अस्पताल पहुंचा दिए गए हैं। रविवार सुबह शवों का पोस्ट मार्टम कराया जाएगा। पुलिस ने मर्ग कायम कर प्रकरण को जांच में लिया है।  

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भोपाल । राजधानी भोपाल में निर्माणाधीन ऐशबाग रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) की डिज़ाइन में आई तकनीकी खामियों पर सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस मामले में बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई करते हुए लोक निर्माण विभाग (लो.नि.वि.) के आठ इंजीनियरों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ऐशबाग आरओबी के निर्माण में हुई गंभीर लापरवाही मामले में संज्ञान लेकर जांच के आदेश दिये थे। जांच रिपोर्ट के आधार पर लोक निर्माण विभाग के आठ इंजीनियर्स के खिलाफ कार्रवाई की गई है। मामले में दो चीफ इंजीनियर (सीई) सहित सात इंजीनियर्स को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। एक सेवानिवृत सुपरिटेंडेंट इंजीनियर (एसई) के खिलाफ विभागीय जांच प्रारंभ की जायेगी।मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सोशल मीडिया 'एक्स' पर कहा कि इस प्रोजेक्ट में आरओबी का त्रुटिपूर्ण डिजाईन प्रस्तुत करने पर निर्माण एजेंसी एवं डिजाईन कंसल्टेंट, दोनों को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि रेल्वे ओवर ब्रिज (आरओबी) में आवश्यक सुधार के लिए एक कमेटी बनाई गयी है। सुधार के बाद ही इस आरओबी का लोकार्पण किया जाएगा।  

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भाेपाल । मध्य प्रदेश में मानसून पूरी तरह मेहरबान है और झमाझम बारिश हाे रही है। अलग-अलग स्थानों पर बनी चार मौसम प्रणालियों के प्रभाव से प्रदेश के विभिन्न जिलों में कही तेज ताे कहीं रुक-रुक कर बारिश का सिलसिला जारी है। रविवार काे भी ग्वालियर, चंबल, रीवा और शहडोल संभाग के 11 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट है। यहां अगले 24 घंटे के दौरान साढ़े 4 इंच तक पानी गिर सकता है। वहीं, 1 जुलाई से स्ट्रॉन्ग सिस्टम बनेगा। इससे प्रदेश के आधे से ज्यादा जिलों में अति भारी या भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि गुजरात के सौराष्ट्र-कच्छ में एक लो प्रेशर एरिया (कम दबाव का क्षेत्र) एक्टिव हो गया है। जिसका असर अगले 1-2 दिन में एमपी में भी देखने को मिलेगा। वहीं, प्रदेश में अभी टर्फ की एक्टिविटी बनी हुई है। यह टर्फ जिन हिस्सों से गुजर रही है, वहां भारी बारिश का अलर्ट है। साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम भी सक्रिय है। इन सभी वजहों से मध्यप्रदेश तरबतर हो रहा है। मौसम विभाग के अनुसार, रविवार को गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, सतना, रीवा, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, अनूपपुर, मंडला और बालाघाट में भारी बारिश होगी। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर समेत अन्य जिलों में बारिश का यलो अलर्ट है। इसके अलावा मौसम विभाग ने 1 जुलाई को 6 जिलों में अति भारी और 26 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। 2 जुलाई को 5 जिलों में अति भारी और 25 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट है।इससे पहले शनिवार को 15 से ज्यादा जिलों में बारिश हुई। सीधी में सवा इंच से ज्यादा पानी गिरा। छतरपुर के खजुराहो और नौगांव में आधा इंच से अधिक बारिश हुई। सतना में भारी बारिश के बाद निचले इलाकों में घुटनों तक पानी भर गया। सतना के चित्रकूट में तेज बारिश हुई जिससे यहां की गुप्त गोदावरी गुफा की पहाड़ी से तेज पानी बहकर नीचे की ओर आ गया।बड़वानी के बिजासन घाट पर धुंध के कारण वाहन धीमी गति से चले। भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, उज्जैन, रतलाम, शिवपुरी, छतरपुर के खजुराहो, नौगांव, दतिया, गुना, बालाघाट, बुरहानपुर, सीहोर, बड़वानी, डिंडोरी, शाजापुर, आगर-मालवा, देवास समेत कई जिलों में हल्की बारिश हुई।  

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निवाड़ी । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज (शनिवार को) निवाड़ी जिले के प्रवास पर है। प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. यादव पृथ्वीपुर में लोकमाता देवी अहिल्याबाई की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। शनिवार सुबह कार्यक्रम में शामिल हाेने के लिए लाेगाें काे लेने पहुंची एक एक बस बेकाबू हाेकर दाे मकानाें में घुस गई। गनीमत रही कि हादसे में काेई हताहत नही हुआ।   जानकारी अनुसार घटना शनिवार सुबह करीब 10 बजे की है। जिला प्रशासन ने मुख्यमंत्री की सभा के लिए आसपास के गांवों से लोगों को लाने के लिए कई बसें भेजी थीं। मतंगेश्वर बस सर्विस की बस क्रमांक एमपी 53 जीए 1106 तेज रफ्तार में थी। हादसे में नयाखेरा गांव में बस बेकाबू होकर रामकिशोर रैकवार समेत दो लोगों के मकान में जा घुसी। इससे मकानों का हिस्सा ढह गया। हालांकि हादसे में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। मकान मालिक रामकिशोर ने मुख्यमंत्री से नुकसान की भरपाई की मांग की है। घटना के बाद गांव के लोगों में आक्रोश है।        

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भोपाल । मध्य प्रदेश में भारी बारिश का दौर जारी है और  राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के 17 जिलों में मूसलाधार बारिश हो रही है। इसके अलावा अन्‍य दस जिलो में भी स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव है, जिसके कारण यहां बारिश हो रही है। उल्‍लेखनीय है कि मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार को नर्मदापुरम जिले में सबसे अधिक बारिश होना पाया गया, जहां लगभग 2.7 इंच पानी गिरा। खंडवा में 2 इंच, उज्जैन में 1.9 इंच, रतलाम में 1.8 इंच, जबलपुर में 1.7 इंच, टीकमगढ़ में 1.3 इंच, सागर में 1.2 इंच, खजुराहो में 1.3 इंच, छिंदवाड़ा में 1.2 इंच, गुना में 1 इंच और भोपाल में भी 1 इंच बारिश होना दर्ज किया गया है । वहीं, बारिश के कारण कई शहरों में दिन के तापमान में गिरावट आई है। दूसरी ओर इस संबंध में मौसम वैज्ञानिक वेदप्रकाश सिंह जानकारी देते हैं कि शनिवार सुबह से ही निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर/खजुराहो, उत्तरी दमोह, कटनी, दक्षिणी शिवपुरी और पन्ना-टीआर में बिजली के साथ मध्यम श्रेणी की बारिश जारी है। साथ ही उत्तरी अशोकनगर, पश्चिमी शिवपुरी, ओरछा, सतना, पूर्वी सागर, बालाघाट, मंडला/कान्हा, सिवनी, छिंदवाड़ा, मैहर, जबलपुर/भेड़ाघाट/एपी, रीवा, मऊगंज, उज्जैन, भिंड, पूर्वी नरसिंहपुर और डिंडोरी में बिजली के साथ हल्की से मध्यम बारिश जारी रहने की संभावना है।शनिवार को मंदसौर, नीमच और गुना जिलों में अत्यधिक बारिश और तेज हवाओं के साथ ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा, सिंगरौली और दमोह जिलों में भी अत्यधिक बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। विदिशा, राजगढ़, खंडवा, खरगौन, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, आगर, अशोकनगर, शिवपुरी, ग्वालियर, भिंड, सीधी, रीवा, मऊगंज, सतना, उमरिया, कटनी, जबलपुर, सागर और मैहर जिलों में भारी बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।मौसम विभाग की मानें तो पूर्वी मध्य प्रदेश में एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन भी सक्रिय है, जिसके कारण मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है। वहीं, एक ट्रफ उत्तर-पूर्व अरब सागर से दक्षिण गुजरात, मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ होते हुए बंगाल की खाड़ी तक व्‍याप्‍त है। दरअसल, इस क्षेत्र में लो प्रेशर एरिया सक्रिय है। एक तरह से देखें तो मौसम विभाग प्रदेश के 27 जिलों में बारिश की संभावना जता रहा है।

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भोपाल । भोपाल शहर में स्कूली बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए आरटीओ ने एक बार फिर सख्त रुख अपनाया है। गुरुवार को नर्मदापुरम रोड पर विशेष चेकिंग अभियान के दौरान माउंट कार्मल और केएम कॉन्वेंट स्कूल समेत कई स्कूल बसों की जांच की गई। इस अभियान के दौरान नियमों का उल्लंघन करने वाली स्कूल बसों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की गई। बिना परमिट और फिटनेस के दौड़ रही 5 बसें जब्त की गईं। ये सभी वाहन जब्त कर आरटीओ कार्यालय में खड़े कर दिए गए हैं। इसके अलावा तीन अन्य बसों से बिना पीयूसी और चालक के पास वैध लाइसेंस न होने पर 25 हजार रुपये का शमन शुल्क वसूला गया। आरटीओ अमले ने मौके पर ही दस्तावेजों की बारीकी से जांच की और जिन वाहनों में भारी खामियां पाई गईं, उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की। आरटीओ जितेंद्र शर्मा ने इस संबंध में कहा, 'बच्चों की सुरक्षा से जुड़ी स्कूल बसों के दस्तावेज जैसे फिटनेस सर्टिफिकेट, परमिट और बीमा की अनदेखी गंभीर अपराध है। यह सीधे तौर पर बच्चों की जान से खिलवाड़ है, जिसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।' शर्मा ने यह भी स्पष्ट किया कि परिवहन विभाग आने वाले दिनों में और भी सख्त चेकिंग अभियान चलाएगा। जो वाहन नियमों के विपरीत पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि पिछले 13 दिनों में आरटीओ विभाग ने कुल 15 स्कूल बसों के खिलाफ कार्रवाई की है। इन सभी बसों के पास न तो वैध परमिट था और न ही फिटनेस संबंधी दस्तावेज।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मानसून सक्रिय हो गया है। बुधवार को प्रदेश के 20 से ज्यादा जिलों में बारिश हुई। आज गुरुवार को भी ऐसा ही मौसम बना रहेगा। प्रदेश के 15 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। अलीराजपुर और बालाघाट में 24 घंटे में 8 इंच बारिश का अलर्ट है। राजधानी भोपाल, इंदौर और जबलपुर में भी बारिश की संभावना जताई गई है।मौसम विभाग के अनुसार, एक ट्रफ प्रदेश के बीचोंबीच से गुजर रही है। वहीं, साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम भी एक्टिव है। इस वजह से प्रदेश में बारिश का दौर चल रहा है। अगले 4 दिन तक प्रदेश के कई जिलों में अति भारी या भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। गुरुवार को जिन जिलों में भारी बारिश का अलर्ट है, उनमें नीमच, मंदसौर, झाबुआ, धार, सीहोर, विदिशा, रायसेन, नर्मदापुरम, सतना, मैहर, पन्ना, सिवनी और मंडला शामिल हैं। बालाघाट-आलिराजपुर में अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट तो भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर समेत अन्य जिलों में बारिश का यलो अलर्ट है।   मौसम वैज्ञानिक वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि अलीराजपुर, झाबुआ, धार/मांडू, कटनी, उमरिया/बांधवगढ़, मैहर, डिंडोरी, अनुपपुर/अमरकंटक, छतरपुर/खजुराहो, मंडला/कान्हा में बिजली के साथ भारी बारिश जारी रहने की संभावना है, साथ ही आगर, दक्षिण बैतूल, छिंदवाड़ा/पेंच, दक्षिण देवास, इंदौर/एपी, रतलाम, सिवनी, मऊगंज, सीधी/संजय_डुबरी_एनपी, सिंगरौली, शहडोल/बाणसागर में बिजली गिरने के साथ मध्यम बारिश जारी रहने की संभावना है। बांध, दक्षिण सतना, पन्ना/टीआर, पूर्वी जबलपुर और बालाघाट; और हरदा, पश्चिमी सीहोर, खंडवा/ओंकारेश्वर, उत्तरी देवास, नर्मदापुरम/पचमढ़ी, पांढुर्ना, नीमच, मंदसौर/गांधी सागर अभयारण्य, ढोलावड़, बड़वानी/बावनगजा, उज्जैन/महाकालेश्वर, खरगोन/महेश्वर, उत्तरी सतना, टीकमगढ़, निवाड़ी/ओरछा, दमोह, पश्चिम जबलपुर, रीवा, श्योपुर कलां, भिंड, मुरैना, शिवपुरी में रात के समय बिजली चमकने के साथ हल्की आंधी का दाैर रहा।       मानसून के एक्टिव होने के बाद से ही पूरे प्रदेश में बारिश का दौर जारी है। बुधवार को 26 जिलों में बारिश हुई। सतना में सबसे ज्यादा 2.2 इंच पानी गिर गया। छतरपुर के खजुराहो में 1.7 इंच, भोपाल में 1.4 इंच, खरगोन में 1 इंच, छतरपुर के नौगांव और सीधी में आधा इंच बारिश हुई। वहीं, दतिया, बैतूल, गुना, ग्वालियर, नर्मदापुरम, इंदौर, रतलाम, शिवपुरी, उज्जैन, छिंदवाड़ा, जबलपुर, मंडला, नरसिंहपुर, रीवा, उमरिया, सीहोर, कटनी, टीकमगढ़, श्योपुर, शाजापुर, धार, डिंडोरी में भी बारिश का दौर जारी रहा।    

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भोपाल । महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान द्वारा प्रदेश में संचालित समस्त शासकीय एवं अशासकीय संस्कृत विद्यालयों के कक्षा 5वीं, 8वीं, 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम गुरुवार को भोपाल के महर्षि पतंजलि संस्थान के निदेशक पी.आर. तिवारी द्वारा घोषित किये गये। संस्कृत माध्यम की कक्षा 10वीं बोर्ड परीक्षा में शासकीय आवासीय कन्या संस्कृत विद्यालय (गार्गी) भोपाल की छात्रा कुमारी शिखा धनगर और सद्गुरू संकल्प संस्कृत विद्यालय लटेरी जिला विदिशा के छात्र हरि त्रिपाठी ने संयुक्त रूप से समान अंक प्राप्त करते हुए प्रावीण्य सूची में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। इसी प्रकार कक्षा 12वीं में शासकीय आवासीय कन्या संस्कृत विद्यालय (गार्गी) भोपाल की छात्रा कुमारी सलोनी चौहान ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है। संस्कृत माध्यम की कक्षा 10वीं और 12वीं के बोर्ड परीक्षा परिणामों में शासकीय आवासीय कन्या संस्कृत विद्यालय भोपाल ने पुन: अपनी श्रेष्ठता कायम की है। परीक्षा परिणाम संस्थान के पोर्टल mpss.digivarsity.online पर प्रदर्शित किये गये हैं। विद्यार्थी अपना रोल नम्बर अंकित कर परीक्षा परिणाम देख सकते हैं और ई-अंकसूची प्राप्त कर सकते हैं। संस्थान की मुख्य परीक्षा में अनुत्तीर्ण विद्यार्थियों के लिये जल्द ही द्वितीय परीक्षा आयोजित की जायेगी। द्वितीय परीक्षा की समय सारणी संस्थान द्वारा शीघ्र घोषित की जायेगी।    

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अनूपपुर । पुष्पराजगढ़ जनपद पंचायत के 80 फीसदी स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में जल जीवन मिशन के तहत बच्चों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल पा रहा है। सभी स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में पीएचई विभाग द्वारा ठेकेदार के माध्यम से पाइपलाइन का कनेक्शन कर छतों पर टंकी रखवा दी गई है। जिन विद्यालयों में बोरवेल ही नहीं है या बोर ड्राई हैं वहां भी विभाग ने नल फिटिंग का कार्य करवा कर भुगतान कर दिया है, लेकिन विद्यार्थियों को पानी नहीं मिल पा रहा। बिना बोरवेल कराए ही जब नल जल योजना का कार्य कराया जा रहा था, तब पीएचई विभाग के अधिकारियों द्वारा कहा गया था कि जहां बोरवेल नहीं है वहां हम बोर कराएंगे लेकिन विभाग ने आज तक एक भी बोरवेल नहीं कराया। अब बरसात में विद्यार्थ‍ियों को कहीं हैंडपंप तो कहीं कुएं का पानी पीने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। ग्राम पंचायत मोहदी के प्राथमिक शाला राय गढ़िया टोला विद्यालय के शिक्षक बताते हैं कि विद्यालय में कभी भी बोरवेल नहीं हुआ न ही कभी नल जल का कनेक्शन हुआ। हम कुएं का ही पानी शुरू से पी रहे हैं। उनका कहना है कि विद्यालय एवं आंगनबाड़ी के विद्यार्थी कुएं का गंदा पानी पीने के लिए मजबूर हैं, जिससे बीमारी फैलने की आशंका बनी रहती है।   इसी तरह पड़रिया के प्राथमिक विद्यालय टिकरा टोला जहां पानी की टंकी लगाई गई थी। वह टूट-फूट कर क्षतिग्रस्त हो गई है और आज तक उसमें पेयजल की व्यवस्था नहीं बनाई गई है। विद्यालय के बगल में ही आंगनबाड़ी केंद्र और स्वास्थ्य केंद्र भी हैं। इन दोनों संस्थानों में भी पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं होने से विद्यार्थियों एवं स्वास्थ्य केंद्र में जाने वाले मरीजों को पेयजल की समस्या का सामना करना पड़ता है। अब इस संबंध में एसडीओ पुष्पराजगढ़ दीपक साहू का कहना है कि विद्यालय व आंगनबाड़ी केंद्रों में बोरवेल की स्वीकृत अब तक नहीं मिली है, इसलिए बोरवेल नहीं कराया गया है।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में नए प्रमोशन नियमों का विरोध करने के लिए सामान्य वर्ग, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक वर्ग के अधिकारी-कर्मचारी साथ आए हैं। इन सभी का मानना है कि अनारक्षित वर्ग के साथ पदोन्‍नति के मामले में अन्‍याय हो रहा है, जिसका कि हम सभी समान रूप से विरोध कर रहे हैं। अब विरोध स्‍वरूप बुधवार 25 जून को सभी कर्मचारी पदोन्नति नियमों के विरोध की टोपी पहनकर काम करेंगे। उसके बाद 26 जून गुरुवार को वल्लभ भवन के गेट नंबर-1 पर लंच टाइम में शांतिपूर्ण शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।इस संबंध में मंत्रालय सेवा अधिकारी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष इंजीनियर सुधीर नायक का कहना है कि आरक्षित वर्ग के लोग पिछले अपने कार्यकाल के दौरान दो से तीन पदोन्नति लेकर उच्च पदों पर पहुंच गए हैं, दूसरी ओर वे अनारक्षित वर्ग के अधिकारी-कर्मचारी हैं कि अधिक मेहनत करके, योग्‍तम श्रेणी में अधिक अंक लाकर भर्ती होने के बाद भी प्रथम नियुक्ति के ही पद पर पड़े हुए हैं, जिसमें से कुछ ही ऐसे हैं जिन्‍हें अब तक एकाध पदोन्नति मिल सकी है। नायक कहते हैं, यह सब 2002 के पदोन्नति नियमों के कारण हो रहा है। इन नियमों ने अनारक्षित वर्ग की बहुत बुरी स्थिति कर दी है। इनका कहना है कि कनिष्ठ कर्मचारियों के उच्च पदों पर कम समय में ही पहुंच जाने से उच्च स्तर पर प्रशासनिक दक्षता में लगातार गिरावट आ रही है, जिसे कि सभी उच्च अधिकारी स्वीकार अपनी चचाओं में स्‍वीकार भी करते हैं।इंजीनियर सुधीर नायक ने कहा कि उम्मीद थी कि पुराने अनुभवों से सीख लेकर नए नियमों में न्यायसंगत व्यवस्था कायम की जाएगी। लेकिन अब लगता है कि वह भी नहीं हुआ, बल्‍कि नए नियम, पुराने नियमों जोकि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा निरस्त किए जा चुके हैं, उनकी प्रतिकृति प्रतीत हो रहे हैं।उन्‍होंने कहा, इसके साथ ही यहां यह भी ध्‍यान में आता है कि कुछ मामलों में नए नियम पुराने नियमों से भी अधिक हानिकारक हैं। जैसे पुराने नियमों में यह प्रावधान था कि जितने आरक्षित पदों पर आरक्षित वर्ग के लोग आ जाएंगे बाद में उतने पद समायोजित किए जाएंगे। यद्यपि इस प्रावधान के तहत समायोजन कभी नहीं हुआ परन्तु कम से कम यह प्रावधान तो था, लेकिन नए नियमों में यह प्रावधान ही हटा दिया गया है। मंत्रालय सेवा अधिकारी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष इंजीनियर सुधीर नायक के वक्‍तव्‍य से सपाक्स के प्रांतीय अध्यक्ष के एस तोमर भी यहां सहमत नजर आए हैं। उन्‍होंने कहा है कि हम अपनी बात प्रशासन तक शांतिपूर्ण तरीके से पहुंचाने में विश्‍वास रखते हैं और इसीलिए हमने शांतिपूर्वक अपना आन्‍दोलन अपने साथ हो रहे अन्‍याय के विरोध में शुरू किया है।   उल्‍लेखनीय है कि लोकसेवा पदोन्नति नियम 2025 से मध्यप्रदेश सरकार से अधिकारी-कर्मचारी संगठन नाराज हैं। संगठनों ने संकेत दिए हैं कि वे सरकार के इस फैसले के विरोध में कोर्ट जा सकते हैं। सामान्य, पिछड़ा, अल्पसंख्यक वर्ग अधिकारी-कर्मचारी संस्था (स्पीक) इसे सामान्य वर्ग विरोधी बता रही है। हालांकि, आरक्षित वर्ग के संगठन अजाक्स ने इस फैसले का स्वागत किया है और कहा कि, इस व्यवस्था के चालू होने से सभी वर्गों को पदोन्नति का मौका मिलेगा।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में बारिश का दौर जारी है। राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के कई जिलों में बारिश हो रही है। आज बुधवार को भी भोपाल-इंदौर समेत 16 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। यहां अगले 24 घंटे में साढ़े 4 इंच तक पानी गिर सकता है। इससे पहले मंगलवार को 20 से अधिक जिलों में बारिश हुई। प्रदेश में अगले चार दिनों तक मौसम ऐसा ही बना रहेगा।मौसम विभाग के अनुसार, बुधवार के लिए जिन जिलों में भारी बारिश का अलर्ट है, उनमें ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, राजगढ़, विदिशा, शाजापुर, रायसेन, देवास, धार, नर्मदापुरम, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला और बालाघाट शामिल हैं। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर समेत पूरे प्रदेश में बारिश का यलो अलर्ट है। मौसम विभाग का कहना है कि मध्य प्रदेश के ऊपर से दो टर्फ गुजर रही है। इसके अलावा साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम भी एक्टिव है। इस वजह से पूरे प्रदेश में बारिश का दौर चल रहा है। अगले चार दिन तक कई संभागों में तेज बारिश हो सकती है।इससे पहले मंगलवार को भी प्रदेश में बारिश का दौर जारी रहा। 9 घंटे में उज्जैन में 2.1 इंच पानी गिर गया। वहीं, सतना में 1 इंच, नर्मदापुरम, छतरपुर के नौगांव और बालाघाट के मलाजखंड में आधा इंच बारिश हुई। भोपाल, बैतूल, गुना, जबलपुर, राजगढ़, दमोह, मंडला, सागर, उमरिया, शाजापुर, आगर-मालवा, सीहोर, रतलाम, शिवपुरी समेत कई जिलों में भी बारिश का दौर बना रहा। बारिश की वजह से प्रदेश के कई शहरों में दिन के तापमान में गिरावट हुई है। इकलौता हिल स्टेशन पचमढ़ी सबसे ठंडा है। यहां अधिकतम तापमान 23.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।  

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भोपाल  । मध्य प्रदेश में मानसून ने रफ्तार पकड़ ली है। सोमवार को कई जिलों में बारिश का दौर बना रहा। ऐसा ही मौसम मंगलवार को भी रहेगा। ग्वालियर, चंबल, सागर, भोपाल, इंदौर, उज्जैन और जबलपुर संभाग के 24 जिलों में अति भारी या भारी बारिश की संभावना है। शिवपुरी-श्योपुर में रेड, जबकि बाकी हिस्से में ऑरेंज और यलो अलर्ट है।मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश के ऊपर से एक ट्रफ गुजर रही है। वहीं, साइक्लोनिक सर्कुलेशन भी एक्टिव है। इस वजह से प्रदेश में अति भारी या भारी बारिश का अलर्ट है। अगले चार दिन तक कई संभागों में तेज बारिश हो सकती है। शिवपुरी-श्योपुर में अगले 24 घंटे में 8 इंच से ज्यादा पानी गिर सकता है। ग्वालियर, गुना, अशोकनगर, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पांढुर्णा, बालाघाट में अति भारी यानी, 4 इंच तक बारिश हो सकती है। इंदौर, उज्जैन, भिंड, मुरैना, शाजापुर, देवास, रतलाम, विदिशा, रायसेन, सागर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला में भारी बारिश होने की संभावना है। भोपाल, जबलपुर समेत अन्य जिलों में बारिश का यलो अलर्ट है।इससे पहले प्रदेश में सोमवार को 20 से अधिक जिलों में तेज बारिश का दौर जारी रहा। शिवपुरी में सबसे ज्यादा 2 इंच पानी गिर गया। नौगांव (छतरपुर) में सवा इंच, नरसिंहपुर-खरगोन में पौन इंच बारिश हुई। भोपाल, ग्वालियर, नर्मदापुरम, दमोह, जबलपुर, खजुराहो, मंडला, सागर, सतना, टीकमगढ़, बालाघाट, बड़वानी, गुना, रायसेन, श्योपुर, अशोकनगर, टीकमगढ़, मऊगंज में भी कभी तेज तो कभी हल्की बारिश हुई।श्योपुर जिले में भारी बारिश के चलते पार्वती नदी उफान पर रही। बड़ौदा के पास कुहंजापुर पुलिया पर पानी ऊपर आने से श्योपुर-बारां हाईवे बंद हो गया। वहीं, अशोकनगर जिले में पिछले दो दिनों से लगातार हो रही बारिश ने जन जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। सोमवार को मुंगावली में भारी बारिश के कारण घरों में पानी घुस गया। गुना में भी यही हालात रहे।मौसम के ताजा अपडेट को लेकर मौसम वैज्ञानिक वेदप्रकाश सिंह ने हिस को बताया कि भिंड, दक्षिणी देवास, नर्मदापुरम, निवारी/ओरछा, मंडला/कान्हा, बालाघाट में बिजली के साथ मध्यम गरज के साथ बारिश जारी रहने की संभावना है, साथ ही हरदा, उत्तरी बैतूल, पचमढ़ी, इंदौर/एपी, धार, दक्षिणी सीहोर, दक्षिणी सागर, नरसिंगपुर, उत्तरी टीकमगढ़, उत्तरी छतरपुर, सिवनी, उत्तरी छिंदवाड़ा, डिंडोरी, अनुपपुर, शहडोल, सीधी, सिंगरौली और पूर्वी शिवपुरी में रात के समय हल्की गरज के साथ बारिश होना पाया गया, अभी दिन में भी कई जगह प्रदेश में बारिश जारी रहने की संभावना है।

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इंदौर । नीट यूजी परीक्षा-2024 को लेकर बिजली बाधा के विवाद में सोमवार को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ में अंतिम सुनवाई हुई। यह मामला चार मई को हुई परीक्षा के दौरान बिजली गुल होने और बारिश से परीक्षा में व्यवधान से जुड़ा है। करीब डेढ़ घंटे तक चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। याचिकाकर्ता छात्रों की ओर से वकील मृदुल भटनागर ने कोर्ट के समक्ष तर्क दिया कि परीक्षा के दौरान बिजली बाधित होने से कई छात्रों का प्रदर्शन प्रभावित हुआ। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे से अब तक 100 से अधिक छात्र प्रभावित हुए हैं और उन्हें दोबारा परीक्षा देने का अवसर मिलना चाहिए। उन्होंने कोर्ट को सीसीटीवी फुटेज भी दिखाए, जिसमें बारिश और बिजली जाने के दृश्य शामिल थे। एनटीए की ओर से उपस्थित हुए वरिष्ठ वकील भारत सरकार के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता वर्चुअली, जबकि रूपेश कुमार और डिप्टी सॉलिसिटर जनरल रोमेश दवे प्रत्यक्ष रूप से पेश हुए। एनटीए का पक्ष था कि अधिकतर परीक्षा केंद्रों पर बैकअप की व्यवस्था थी और दोबारा परीक्षा कराना 75-80 छात्रों के लिए उपयुक्त नहीं है। गौरतलब है कि चार मई को परीक्षा के दौरान इंदौर और उज्जैन में तेज बारिश और आंधी के चलते कई सेंटरों पर बिजली चली गई। छात्रों ने कोर्ट में याचिकाएं लगाना शुरू किया, जिससे एनटीए को नोटिस भेजा गया और कुछ छात्रों के रिजल्ट होल्ड रखे गए। इसके बाद नौ जून को हुई पिछली सुनवाई में एनटीए ने बैकअप होने का दावा किया, जबकि याचिकाकर्ता ने इसे खारिज करते हुए सेंटर ऑब्जर्वर की रिपोर्ट पेश की जिसमें जनरेटर न होने की बात थी। मामले में अब तक 85 से अधिक छात्र याचिका दायर कर चुके हैं, जबकि 2000 से ज्यादा छात्रों के प्रभावित होने की बात सामने आ रही है। छात्रों की मांग है कि जिन सेंटरों पर बिजली की समस्या आई थी, वहां दोबारा परीक्षा कराई जाए। उनका तर्क है कि बिजली न होने से परीक्षा के दौरान ध्यान भंग हुआ और वे अपना प्रदर्शन ठीक से नहीं कर पाए। उज्जैन में 40-45 मिनट और इंदौर में करीब 2 घंटे तक बिजली नहीं थी।    

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इंदौर । आबकारी विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एमआरपी से अधिक या एमएसपी से कम मूल्य पर मदिरा विक्रय किए जाने के 18 प्रकरणों में से नौ और शराब दुकानों पर 22.95 लाख का जुर्माना लगाया है। इससे पहले तीन दिन पूर्व आठ दुकानों पर 20.82 लाख का जुर्माना लगाया गया था। अब केवल एक प्रकरण शेष है। सहायक आबकारी आयुक्त अभिषेक तिवारी ने बताया कि उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा और मदिरा दुकानों पर नियंत्रण के उद्देश्य से जिला आबकारी विभाग ने पिछले दिनों सख्त कार्रवाई को अंजाम दिया था। विभाग द्वारा की गई गहन जांच में 18 शराब दुकानों पर एमआरपी से अधिक या एमएसपी से कम मूल्य पर मदिरा विक्रय किए जाने के प्रमाण पाए गए थे। संबंधित सभी लाइसेंसियों को नोटिस के उपरांत कलेक्टर आशीष सिंह के समक्ष निराकरण हेतु प्रस्तुत किये गए थे। कलेक्टर द्वारा सोमवार को 09 और प्रकरणों का निराकरण करते हुए इन दुकानों पर 22.95 लाख का जुर्माना अधिरोपित किया गया है, जिसका इंद्राज सहायक आबकारी आयुक्त द्वारा ई-आबकारी पोर्टल पर अद्यतन किया गया है, शेष 01 प्रकरण का निराकरण भी शीघ्र किया जाएगा। जिन दुकानों पर जुर्माना अधिरोपित किया गया गया है, उनमें कंपोजिट मदिरा दुकान काछी मोहल्ला पर 137267 रुपये, जीपीओ चौराहा स्थित दुकान पर 199698 रुपये, शिवनी स्थित दुकान पर 66596 रुपये, छावनी की दुकान पर 296396 रुपये, परदेशीपुरा क्र 2 स्थित दुकान पर 253727 रुपये, हातोद क्र 01 पर स्थित दुकान पर 179138 रुपये, रेती मण्डी चौराहा स्थित दुकान पर 272981 रुपये, साजन नगर स्थित दुकान पर 263185 रुपये और ट्रांसपोर्ट नगर स्थित शराब दुकान पर 696983 रुपये शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि 03 दिन पूर्व 08 दुकानों पर 20.82 लाख का जुर्माना अधिरोपित किया गया था, इस प्रकार अब तक 18 में से 17 प्रकरणों का निराकरण कर 43.75 लाख का जुर्माना कलेक्टर द्वारा अधिरोपित किया गया है। विभाग द्वारा पुनः स्पष्ट किया गया है कि जिले में प्रत्येक मदिरा दुकानों पर रेट लिस्ट लगी है तथा QR कोड भी चस्पा है जिसे स्कैन करके अलग अलग ब्रांड और लेबल की मदिरा का अधिकतम और न्यूनतम विक्रय मूल्य देखा जा सकता है।

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ग्वालियर । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के रानी कमलापति स्टेशन से नई दिल्ली जा रही शताब्दी एक्सप्रेस पर एक बार फिर पथराव की घटना सामने आई है। यह घटना बीते 10 दिनों में दूसरी बार सामने आई है। रविवार रात ग्वालियर स्टेशन पार करने के बाद बिरला नगर और रायरू के बीच कुछ अज्ञात लोगों ने ट्रेन पर पत्थर फेंके, जिससे सी-5 कोच की खिड़की का कांच टूट गया। साइड विंडो सीट पर बैठी महिला यात्री अचानक कांच में पत्थर लगने घबरा गई। तत्काल ट्रेन के टीसी को मामले की सूचना दी गई। कन्ट्रोल रूम को सूचना मिलने के बाद जीआरपी, आरपीएफ ने बिरला नगर से रायरू के बीच सर्चिंग की, लेकिन कोई पत्थर बाज हाथ नहीं आया है। जानकारी के अनुसार, शताब्दी एक्सप्रेस रविवार की रात करीब आठ बजे ग्वालियर पहुंची थी, जहां से निकलने के कुछ ही देर बाद बिरला नगर-रायरू स्टेशन के बीच ट्रेन पर यह हमला हुआ। ट्रेन पर पथराव की खबर से वहां हंगामा मच गया। आसपास के कोच के लोग भी वहां एकत्रित हो गए। डरे-सहमे यात्रियों ने ट्रेन में मौजूद रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) को जानकारी दी। सूचना मिलते ही आरपीएफ की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन हमलावरों का कोई सुराग नहीं मिला। आरपीएफ के अनुसार, यह भी हो सकता है कि पत्थर गलती से ट्रेन पर आ लगा हो, लेकिन फिर भी मामले की जांच की जा रही है और रेल पटरियों के आसपास निगरानी बढ़ा दी गई है। इससे पहले 12 जून को भी इसी ट्रेन पर दतिया के पास सोनागिर स्टेशन और ग्वालियर आउटर के बीच पत्थरबाजी हुई थी। लगातार हो रही इन घटनाओं ने रेलवे सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेलवे को अब सख्त कदम उठाने की जरूरत है।    

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भोपाल । मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की गैरहाज़िरी की बढ़ती शिकायतों के बीच स्कूल शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के लिए ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली लागू करने का फैसला किया है। यह व्यवस्था 1 जुलाई 2025 से अनिवार्य रूप से लागू की जाएगी, जबकि इसका ट्रायल आज (सोमवार) से शुरू हो रहा है, जो कि आगामी 30 जून तक चलेगा। कैसे काम करेगी नई व्यवस्था? शिक्षकों को स्कूल पहुंचने के बाद हर एक घंटे में नवीन ई-पोर्टल के ज़रिए अपनी उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज करनी होगी। छुट्टी के दिन, उपस्थिति तय समय से आधा घंटा पहले या बाद में दर्ज की जा सकेगी। यदि निर्धारित समय के बाद उपस्थिति दर्ज की जाती है, तो शिक्षक का आधा दिन का आकस्मिक अवकाश माना जाएगा। वेतन और अवकाश पर प्रभाव देर से उपस्थिति या अनुपस्थित रहने की स्थिति में संबंधित शिक्षकों के वेतन और अवकाश पर असर पड़ेगा। निर्धारित 13 आकस्मिक और 3 ऐच्छिक अवकाश से कटौती की जाएगी। इसके बाद यदि छुट्टी ज़्यादा हो जाती है, तो उसे अतिरिक्त अवकाश या वेतन कटौती के रूप में गिना जाएगा। इंटरनेट समस्याओं वाले क्षेत्रों में ट्रायल ट्रायल चरण उन क्षेत्रों में शुरू किया गया है जहां पहले नेटवर्क की दिक्कतें सामने आई थीं। विभाग तकनीकी विशेषज्ञों की मदद से इन समस्याओं को पहचानकर समाधान खोजने का प्रयास कर रहा है। इससे पहले 2017, 2020 और 2022 में भी ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली लागू करने की कोशिश की गई थी, लेकिन शिक्षकों के विरोध और तकनीकी बाधाओं के चलते यह कारगर नहीं हो पाई। अब नई प्रणाली को अधिक पारदर्शी और डिजिटल गवर्नेंस के अंतर्गत तैयार किया गया है। इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से शिक्षकों को अपनी उपस्थिति दर्ज करने के अलावा छुट्टी के लिए आवेदन, वेतन वृद्धि, पेंशन संबंधी सेवाएं और अन्य प्रशासनिक रिकॉर्ड तक डिजिटल पहुंच प्राप्त होगी।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश के कई जिलों में सोमवार को भी बारिश का दौर जारी है। लगातार हाे रही बारिश से नदिया उफान पर आ गई है। शिवपुरी के ज्ञानस्थली स्कूल में पानी भरने के कारण वहां का स्टाफ फंस गया है। प्रशासन को सूचना दे दी गई है और रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। वहीं भारी बारिश के कारण सिंध और कुना नदियां भी उफान पर हैं, जिससे हालात और बिगड़ गए हैं। पार्वती नदी के उफान पर होने के कारण श्योपुर-बारां हाईवे भी बंद हो गया है। गुना में भी घरों में पानी भर गया है।   मध्य प्रदेश के शिवपुरी में रात भर से मूसलाधार बारिश का दौर जारी है। शहर के वार्ड क्रमांक 15 में लोगों के घरों में पानी भर गया है। जिले में भारी बारिश के चलते कोलारस के लुकवासा में ज्ञान स्थली स्कूल में जलभराव हो गया है। जानकारी के मुताबिक स्कूल में कुछ टीचर फंसे हुए हैं, जिन्हें निकालने के एसडीईआरएफ की टीम को मौके पर बुलाया गया है। अब तक 10 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। शिवपुरी में एक घर में आकाशीय बिजली गिरने से घर के खिड़कियों में दरारें आ गईं। कोलारस बदरवास में सिंध तो पोहरी क्षेत्र में कूनो नदी उफान पर आ गई हैं। पोहरी अनुभाग में कूनो नदी का जल स्तर बढ़ने के कारण छर्च क्षेत्र से लगे डिगडौली, भरतपुर, श्यामपुर, बघेड़, जिगनी, अनवोरा, टुकी, मेहलोनी, गाजेट, पारा, इंदुकी, आदि गांव का रास्ता बंद हो गया। कई लोग जाम जोखिम में डालकर रास्ते से निकल रहे हैं।   इसके अलावा कूनो में पानी बढ़ने के कारण ग्राम खरवाया, तिघरा, नौगांव, चक्क, गढ़ला, छर्च, हिनोतिया, बागलौन, ल्होहार, मोहरा गांव में भी कूनो का पानी घुसने का खतरा बढ़ गया है। अगर नदी का जल स्तर बढ़ता है तो इन गांवों में पानी घुसने का खतरा बढ़ जाएगा। वहीं शहर में भी आज लगातार चौथे दिन भी सुबह से ही आसमान में बादल छाए रहे और लगातार बारिश होती रही। वहीं, अशोकनगर जिले में पिछले दो दिनों से लगातार हो रही बारिश ने जन जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। सोमवार सुबह मुंगावली में भारी बारिश के कारण घरों में पानी घुस गया है। गुना में भी यही हालात हैं। श्योपुर जिले में भारी बारिश के चलते पार्वती नदी उफान पर है। बड़ौदा के पास कुहंजापुर पुलिया पर पानी ऊपर आने से श्योपुर-बारां हाईवे बंद हो गया है। दोनों तरफ से आवाजाही रुकी है।मध्य प्रदेश में पिछले 24 घंटे के दौरान 25 से ज्यादा जिलों में बारिश हुई। गुना में सबसे ज्यादा 5.8 इंच पानी गिर गया। नर्मदापुरम में 2.1 डिग्री, टीकमगढ़ में 2 इंच, मंडला में 1.4 डिग्री, ग्वालियर में 1 इंच बारिश हो गई। रायसेन, शिवपुरी, भोपाल, बालाघाट, खरगोन, रतलाम, दमोह, नरसिंहपुर, उमरिया, बैतूल, सिवनी, छिंदवाड़ा, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, छतरपुर, सागर समेत कई जिलों में बारिश का दौर चलता रहा।   माैसम विभाग के मुताबिक साइक्लोनिक सर्कुलेशन (चक्रवात) और टर्फ के एक्टिव होने से मध्य प्रदेश में अगले 4 दिन तक बारिश का स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव है। रविवार को पूरे प्रदेश में बारिश हुई। वहीं, सोमवार को उज्जैन में रेड, इंदौर-देवास में ऑरेंज अलर्ट है। मौसम विभाग ने इस सीजन में पहली बार उज्जैन समेत 4 जिलों में अति भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के अनुसार, उज्जैन, शाजापुर, आगर-मालवा और राजगढ़ में अति भारी बारिश का रेड अलर्ट है। यहां 24 घंटे में 8 इंच से ज्यादा पानी गिर सकता है। नीमच, मंदसौर, इंदौर और देवास में ऑरेंज अलर्ट है।    

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उज्जैन । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव डोंगला में शनिवार दोपहर अत्याधुनिक तारा मंडल का लोकार्पण करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव खगोल विज्ञान एवं भारतीय ज्ञान परंपरा विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ भी करेंगे। कार्यशाला में देश के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक और शिक्षाविद शामिल होंगे।यहां आचार्य वराहमिहिर न्यास द्वारा अवादा फाउण्डेशन के आर्थिक सहयोग एवं डीप स्काई प्लेनेटेरियम, कोलकाता के तकनीकी सहयोग से आचार्य वराहमिहिर न्यास द्वारा अत्याधुनिक डिजीटल तारामंडल की स्थापना की गई हैं।   दरअसल, इस तारामण्डल की विशेषता इसे खास मनाती है । तारामंडल में 8 मीटर व्यास के एफ.आर.पी. डोम में ई-विजन 4 के डिजीटल प्रोजेक्टर एवं डिजीटल साउण्ड सिस्टम लगाया गया है। इस वातानुकूलित गोलाकार तारामण्डल में 55 लोग एक साथ बैठकर रोमांचक अनुभव एवं आनन्द ले सकते हैं।  वहीं, जिले की महिदपुर तहसील स्थित ऐतिहासिक ग्राम डोंगला से कर्क रेखा गुजरती है। प्राचीन काल से ही खगोल और ज्योतिष विज्ञान की दृष्टि से विशेष महत्व रखता है। भारत की गौरवशाली ज्ञान परंपरा को आगे बढ़ाते हुए वर्ष 2013 में मध्यप्रदेश शासन के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा ग्राम डोंगला में वराहमिहिर खगोलीय वेधशाला की स्थापना की गई। इस महत्वाकांक्षी परियोजना की परिकल्पना, भूमि चयन से लेकर निर्माण तक की प्रक्रिया में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का विशेष योगदान रहा है। इस वेधशाला की स्थापना में भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (IIA), बैंगलोर और आर्यभट्ट प्रशिक्षण विज्ञान शोध संस्थान (ARIES), नैनीताल का तकनीकी सहयोग प्राप्त हुआ है।वेधशाला में आधुनिक टेलीस्कोप अनुसंधान और खगोल वैज्ञानिक गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है। यह सुविधा प्रदेश और देश के विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं और शिक्षाविदों को खगोल विज्ञान के क्षेत्र में अध्ययन और अनुसंधान का मंच प्रदान कर रही है और "एक भारत श्रेष्ठ भारत योजना के अंतर्गत अन्य राज्यों के विद्यार्थी भी इस वेधशाला का भ्रमण कर रहे हैं।DMT यानि डोंगला मीन टाइम की अवधारणाडोंगला में ही स्थापित पद्मश्री डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर वेधशाला, जो प्राचीन खगोलीय यंत्रों पर केन्द्रित है, इस क्षेत्र की सांस्कृतिक और वैज्ञानिक विरासत को जीवंत बनाए हुए है। आधुनिक तकनीक और प्राचीन ज्ञान के समन्वय के रूप में डोंगला को डोंगला मीन टाइम (DMT)की अवधारणा के केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में यह प्रयास एक ऐतिहासिक पहल है।वेधशाला में आधुनिक टेलीस्कोप अनुसंधान और खगोल वैज्ञानिक गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है। यह सुविधा प्रदेश और देश के विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं और शिक्षाविदों को खगोल विज्ञान के क्षेत्र में अध्ययन और अनुसंधान का मंच प्रदान कर रही है और एक भारत श्रेष्ठ भारत योजना के अंतर्गत अन्य राज्यों के विद्यार्थी भी इस वेधशाला का भ्रमण कर रहे हैं।   

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बालाघाट । मध्य प्रदेश के बालाघाट शहर के गुजरी बाजार क्षेत्र में स्थित एक मिर्ची गोदाम के ऊपर लगे मोबाइल टावर में शुक्रवार शाम को अचानक विस्फोट हो गया, जिससे आग भड़क उठी। तेज धमाके के साथ टावर में लगी आग ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया। सूचना मिलने पर दमकल की दो गाड़ियां मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। जानकारी के मुताबिक बालाघाट शहर के गुजरी बाजार में राजहंस भोजनालय के सामने स्थित मोहम्मद शकील कच्छी के गोदाम पर मोबाइल टावर में विस्फोट के बाद आग लग गई। स्थानीय लोगों ने आग बुझाने की कोशिश की, मगर स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई। घटना की सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और भीड़ को हटाकर सुरक्षा व्यवस्था संभाली। नगर पालिका की दो फायर ब्रिगेड गाड़ियाँ त्वरित रूप से मौके पर पहुंचीं और आग पर काबू पाया। टावर से उठती लपटों और काले धुएं के कारण आसपास के निवासी घबरा गए और घरों से बाहर निकल आए। फायर ब्रिगेड की तत्परता से आग को फैलने से रोक दिया गया, वरना यह आस-पास के रिहायशी इलाकों तक फैल सकती थी, जिससे भारी नुकसान की आशंका थी। घटना का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। पुलिस मामले की जांच कर रही है कि टावर में धमाका कैसे हुआ।  

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भोपाल । मानसून ने पूरे प्रदेश के कवर कर लिया है। लगातार बारिश का दौर जारी है। कई जिलों में नदी-नाले उफान पर हैं। मौसम विभाग ने आज शनिवार को प्रदेश के 6 जिलों सतना, मैहर, रीवा, मऊगंज, सीधी और सिंगरौली में भारी बारिश का ऑरेंज जारी किया है। यहां अगले 24 घंटे में 4 से 8 इंच तक पानी गिर सकता है। ग्वालियर, मुरैना, शिवपुरी, अशोकनगर, सागर, दमोह, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना में भी बारिश होने की संभावना है। वहीं, भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर समेत प्रदेश के 49 जिलों में यलो अलर्ट है।मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश के ऊपर से एक लो प्रेशर एरिया (कम दवाब का क्षेत्र) गुजर रहा है। वहीं, पश्चिमी हिस्से से ट्रफ की एक्टिविटी है। ये दोनों ही सिस्टम स्ट्रॉन्ग है। इस वजह से पूर्वी और उत्तरी हिस्से में अति भारी या भारी बारिश का अलर्ट है। इसके अलावा एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन और ट्रफ भी सक्रिय है, जो पूरे प्रदेश में कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश करा रहे हैं। मानसूनी बारिश ने पूरे मध्य प्रदेश को तरबतर कर दिया है। प्रदेश के बचे 2 जिले भिंड और मऊगंज में भी शुक्रवार को मानसून ने एंट्री दे दी।शुक्रवार को ग्वालियर में बारिश के कारण रोड धंस गई, जिससे एक तलघर ढह गया। आसपास के मकानों में दरारें आ गईं। श्योपुर में खिरखिरी नदी उफान पर आ गई, जिससे कई गांवों का संपर्क टूट गया। गुना में सबसे ज्यादा 2 इंच पानी गिरा। शिवपुरी में 1.8 इंच, टीकमगढ़ में डेढ़ इंच, नरसिंहपुर में पौन इंच बारिश दर्ज की गई। वहीं, सागर, मंडला, छिंदवाड़ा, मालजखंड, बैतूल, पचमढ़ी में आधा इंच या इससे अधिक पानी गिरा। इसी तरह दमोह, ग्वालियर, जबलपुर, धार, नौगांव, सतना, सिवनी, मऊगंज, निवाड़ी, सीहोर, रायसेन, नर्मदापुरम, पन्ना, श्योपुर समेत कई जिलों में बारिश का दौर चला। 20 से ज्यादा जिलों में सुबह से रात तक बारिश हुई। ऐसा ही मौसम अगले 24 घंटे यानी शनिवार को भी बना रहेगा।आंधी-बारिश की वजह से कई शहरों में दिन के तापमान में खासी गिरावट हुई है। पचमढ़ी में दिन का तापमान 23.8 डिग्री पर आ गया। मलाजखंड, मंडला, गुना, सिवनी, सागर, छिंदवाड़ा, धार, टीकमगढ़, उमरिया, दमोह, बैतूल, नरसिंहपुर, रायसेन, नर्मदापुरम में पारा 30 डिग्री से कम ही रहा। सीधी में सबसे ज्यादा 33.4 डिग्री पारा रहा। प्रदेश के 5 बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 30.7 डिग्री, इंदौर में 28.6 डिग्री, ग्वालियर में 30.4 डिग्री, उज्जैन में 30.5 डिग्री और जबलपुर में पारा 28.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।  

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उज्जैन। शनिवार 21 जून को हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी खगोलीय घटना एक बार फिर सम्पन्न होगी। दिन सबसे बड़ा होगा और रात सबसे छोटी। जीवाजी वेधशाला के प्रभारी अधीक्षक डॉ.आर.पी.गुप्त के अनुसार दिन 13 घण्टे 34 मिनिट का और रात 10 घण्टे 26 मिनिट की होगी। इस दिन दोपहर 12 बजकर 28 मिनिट पर परछाई गायब हो जाएगी। इस खगोलीय घटना को वेधशाला में शंकु यंत्र पर देखा जा सकेगा। शर्त यह है कि इस दिन मौसम साफ हो याने आसमान में बादल न हो,बारिश न हो रही हो।   डॉ.गुप्त ने बताया कि हर वर्ष 21 जून को सूर्य उत्तरी गोलाद्र्ध में कर्क रेखा पर लम्बवत होता है। चूंकि उज्जैन कर्क रेखा पर स्थित है,इसलिए इस दिन दोपहर को गणना अनुसार तय समय पर सूर्य की परछाई कुछ सेकण्ड के लिए गायब हो जाती है। वेधशाला परिसर में शंकु यंत्र है। यह यंत्र दो भागों उत्तरी गोलाद्र्ध और दक्षिणी गोलाद्र्ध में अक्षांश एवं देशांतर रेखाओं के साथ विभाजीत है। बीच में एक लोहे की राड गड़ी हुई है। 21 जून को दोपहर 12 बजकर 28 मिनिट पर इस राड की परछाई शून्य हो जाएगी। याने परछाई बनेगी ही नहीं। यही समय रहेगा जब सूर्य उत्तरी गोलाद्र्ध से दक्षिणी गोलाद्र्ध में प्रवेश करेगा। इस दिन सूर्योदय प्रात: 5.42 पर और सूर्यास्त सायं 7.16 बजे होगा। इसके बाद सूर्य 22 जून से दक्षिणी गोलाद्र्ध में चला जाएगा। जैसे-जैसे दिन आगे बढेंगे 23 सितंबर को दिन और रात बराबर हो जाएंगे। इसके बाद दिन छोटा और रात बढ़ी होने लगेगी। क्योंकि दक्षिणी गोलाद्र्ध में होने के कारण सूर्य की किरणें हमारी ओर तिरछी पड़ेगी,इस कारण किरणों का ताप कम हो जाएगा। जिसे हम ठण्ड आने की बात के रूप में जानेंगे।

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भोपाल । भोपाल सांसद आलोक शर्मा ने दो दिन पहले ही कंडम गाड़ियों और अतिक्रमण का मुद्दा उठाया था। जिसके बाद अब राजधानी में ट्रैफिक सिस्टम सुधारने और अतिक्रमण हटाने को लेकर अमला सड़क पर उतर आया और शुक्रवार को टीटी नगर इलाके में बड़ी कार्रवाई हुई। यहां दोपहर तक पुलिस की मौजूदगी में नगर निगम और प्रशासनिक अमले ने एक ही जगह पर महीनों से खड़े 35 से ज्यादा ऑटो और कारें जब्त कीं। इस दौरान कुछ लोगों की अफसरों से बहस भी हुई, लेकिन सख्ती के आगे उनकी एक न चली। एसडीएम अर्चना शर्मा ने बताया, कंडम गाड़ियों की वजह से सड़कें ब्लॉक हो गई थीं। जगह-जगह ई-रिक्शा खड़े रहते हैं। इससे एक्सीडेंट भी होते हैं। एडीएम अंकुर मेश्राम की मौजूदगी में प्रशासन, पुलिस और नगर निगम ने यह संयुक्त कार्रवाई की। एसडीएम शर्मा ने बताया कि कार्रवाई से पहले मुनादी भी कराई गई। ताकि, लोग अपने कंडम वाहन हटा लें, लेकिन कई लोगों ने गाड़ियां नहीं हटाईं। ये गाड़ियां 4-5 महीने से एक ही जगह पर खड़ी हुई थीं।   दूसरी ओर एडीएम  अंकुर  मेश्राम ने बताया कि यह संयुक्त कार्रवाई है, जो लगातार जारी रहेगी। शुक्रवार को टीटी नगर इलाके में कार्रवाई हुई। ऐसी ही कार्रवाई कोलार, बैरसिया, एमपी नगर, शहर वृत्त, बैरागढ़ और हुजूर क्षेत्र में भी होगी। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने सभी एसडीएम और तहसीलदारों से कार्रवाई करने के लिए कहा है।  

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भोपाल  । मध्य प्रदेश में मानसून ने अब पूरे प्रदेश को कवर कर लिया है। लगातार बारिश का दौर जारी है। गुरुवार को कई जिले भीगे। नीमच में तो नदी-नाले उफान पर आ गए और कार-बाइक बह गईं। ऐसा ही मौसम शुक्रवार को भी बना रहेगा। आज मौसम विभाग ने अशोकनगर, गुना, दमोह, पन्ना, सतना, मैहर, रीवा और मऊगंज में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। यहां 24 घंटे में 2.5 से 4.5 इंच तक बारिश होने का अनुमान है। वहीं, भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर समेत प्रदेश के बाकी जिलों में गरज-चमक, आंधी और बारिश होने की संभावना है। अगले 4 दिन तक पूरे प्रदेश में आंधी-बारिश का दौर बना रहेगा।मौसम विभाग के अनुसार, वर्तमान में लो प्रेशर एरिया, तीन साइक्लोनिक सर्कुलेशन और दो ट्रफ की एक्टिविटी है। एक ट्रफ प्रदेश के पास से गुजर रही है। इन वजहों से प्रदेश में तेज बारिश का दौर जारी है। गुरुवार को भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, रतलाम, मंदसौर, नीमच, राजगढ़, अशोकनगर और हरदा समेत कई जिलों में बारिश का दौर जारी रहा। मालवा क्षेत्र में भारी बारिश के चलते नदी नाले उफान पर आ गए। नीमच, मंदसौर में सड़कों पर पानी भर गया। इंदौर के महू में सूखे पड़े झरनों में पानी आ गया है। राजगढ़ जिले के ब्यावरा में लगातार तेज बारिश हुई। जिले के सुठालिया, मलावर, करनवास सहित आसपास के गांवों में भी पानी गिरा। नर्मदापुरम, डिंडौरी में भी बारिश दर्ज की गई।बारिश की वजह से कई शहरों में पारा काफी लुढ़क गया। इंदौर में दिन-रात का तापमान बराबर हो गया है। बुधवार-गुरुवार की रात में तापमान 24.3 डिग्री था, जबकि गुरुवार को यह 25.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह गुरुवार को प्रदेश में सबसे कम तापमान रहा। रतलाम और उज्जैन में दिन-रात के तापमान में सिर्फ 2 डिग्री का अंतर रहा। रतलाम में बुधवार-गुरुवार की रात में पारा 24.2 डिग्री रहा था, जबकि गुरुवार को दिन में तापमान 26.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, उज्जैन में रात में 25.5 डिग्री और दिन में 27.5 डिग्री दर्ज किया गया। बालाघाट के मलाजखंड, गुना, रायसेन, पचमढ़ी और धार में भी पारा 30 डिग्री से कम रहा। बड़े शहरों में भोपाल में 30 डिग्री, इंदौर में 31.4 डिग्री, ग्वालियर में 33.5 डिग्री और जबलपुर में 32.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। टीकमगढ़ में सबसे ज्यादा 40.5 डिग्री रहा।

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भोपाल । राज्य शासन द्वारा 11वां अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस आगामी 21 जून को मनाया जाएगा। इस दौरान प्रदेशभर में निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस संबंध मे समस्त जिला कलेक्टरों को निर्देश जारी किये गये है। जारी आदेश में अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए जिले की समस्त संस्थाओं को प्रेरित किया जायेगा, सभी कार्यक्रम आयोजकों को अपना पंजीयन कराना होगा। इसका पंजीयन लिंक https//yoga.ayush.gov.in/yoga-sangam पर होगा।   जनसम्पर्क अधिकारी राजेश दाहिमा ने बुधवार को बताया कि अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस का कार्यक्रम जिले के पंचायत मुख्यालयों तथा पंचायत के अन्य ग्रामों एवं सभी नगरीय निकायों मुख्यालय एवं समस्त वार्डो में जनप्रतिनिधियों के सहयोग से कराया जायेगा। योग दिवस के कार्यक्रम के लिए भारत सरकार द्वारा योग निर्धारित प्रोटोकॉल अनुसार आयोजन होगा। इस कार्यक्रम के लिए जिले में पंतजलि योग संस्थान, श्रीरामचंद्र मिशन हार्टफुलनेस संस्थान, जन अभियान परिषद, मप्र योग आयोग एवं अन्य सहयोगी संस्थाओं से संबद्ध योग इन्स्ट्रक्टर/योगा वालेंटियर उपलब्ध है जिनकी सूची पृथक से आयुष विभाग द्वारा प्रदान की जायेगी।    उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का 21 जून के योग दिवस कार्यक्रम में उद्धबोधन का सीधा प्रसारण प्रदेश के समस्त ग्रामों एवं वार्डो में कराया जायेगा। कार्यक्रम सुबह 6 से 7.45 बजे तक आयोजित किया जाएगा। जिसका प्रसारण लिंक मप्र जनसंपर्क विभाग द्वारा प्रदाय किया जाएगा। सभी जिलों में उपलब्ध योग प्रशिक्षक एवं वालेंटियर्स को ट्रेंनिग कराने के लिए आयुष विभाग द्वारा ट्रेनिंग मॉडयूल तैयार किया गया है जिसके माध्यम से 19 व 20 जून को ऑनलाइन ट्रेनिंग की व्यवस्था की जाएगी, जिसका लिंक आयुष विभाग द्वारा प्रेषित किया जाएगा।   योग दिवस कार्यक्रम के लिए जिले में योग आयोजन कराने वाली संस्थाओं का अधिकाधिक पंजीयन कराया जाना है। इसके लिए जिले में एक नोडल अधिकारी को नियुक्त किया जाएगा। नोडल अधिकारी योग दिवस कार्यक्रम उपरांत जानकारी एवं फोटो भारत सरकार के पोर्टल पर भेजने के लिए उत्तरदायी होगा। जिले के समस्त शासकीय सेवको को योग दिवस के नजदीकी कार्यक्रम में सहभागिता के लिए प्रेरित किया जायगा।

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भोपाल । मध्य प्रदेश के इंदौर समेत 19 जिलों में मानसून की एंट्री हो गई है। वहीं, अगले 24 घंटे के अंदर राजधानी भोपाल, उज्‍जैन, जबलपुर समेत प्रदेश के अन्य जिलों में पहुंचने की संभावना है। इसी बीच गुजरात-राजस्थान से सटे 5 जिलों में आज बुधवार को भारी बारिश का अलर्ट है। इसी के साथ प्रदेश के ज्यादातर जिलों में तेज हवाएं चलने का भी अनुमान है।मौसम विभाग के अनुसार, वर्तमान में आंधी और बारिश के 4 सिस्टम एक्टिव है। गुजरात क्षेत्र और पड़ोसी हिस्से में लो प्रेशर एरिया (कम दवाब क्षेत्र) और एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम सक्रिय है। वहीं, वेस्टर्न डिस्टरबेंस और टर्फ की एक्टिविटी भी देखने को मिल रही है। इस वजह से अगले चार दिन तक पूरे प्रदेश में मौसम बदला रहेगा। कुछ जिलों में भारी बारिश का अलर्ट है। यानी, 24 घंटे में सवा 4 इंच पानी गिर सकता है। भारी बारिश के अलर्ट वाले जिलों में मालवा-निमाड़ (इंदौर-उज्जैन संभाग) के धार, झाबुआ, रतलाम, नीमच और मंदसौर शामिल हैं। वहीं, भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर समेत पूरे प्रदेश में बारिश, तेज आंधी और गरज-चमक वाला मौसम रहेगा।इंदौर समेत प्रदेश के 19 जिलों में मंगलवार तक मानसून पहुंच गया। इस दौरान प्रदेश में आंधी-बारिश का दौर भी जारी रहा। मंगलवार को सिंगरौली में आकाशीय बिजली गिरने से दो बच्चियों की मौत हो गई। वहीं, भोपाल, राजगढ़, धार, रतलाम, छिंदवाड़ा, जबलपुर, मंडला, सतना, टीकमगढ़ समेत कई जिलों में बारिश दर्ज की गई। बारिश की वजह से दिन के तापमान में भी गिरावट हुई है। शिवपुरी में ही पारा सबसे ज्यादा 40 डिग्री रहा। वहीं, सबसे कम तापमान इकलौते हिल स्टेशन पचमढ़ी में 28.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। 5 बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 34.4 डिग्री, इंदौर में 32.2 डिग्री, ग्वालियर में 38.5 डिग्री, उज्जैन में 33 डिग्री और जबलपुर में पारा 34.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

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इंदौर । देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर अंगदान के क्षेत्र में भी पीछे नहीं है। मध्य प्रदेश के इस शहर ने एक बार फिर मानवीय संवेदनाओं की मिसाल कायम करते हुए अंगदान के क्षेत्र में इतिहास रच दिया। बुधवार को 64वां ग्रीन कॉरिडोर बना। उज्जैन के 69 वर्षीय ब्रेन डेड घोषित मरीज के अंगों को ग्रीन कॉरिडोर के जरिए दूसरे अस्पताल भेजा गया, जहां उनके अंगदान से दो मरीजों को नया जीवन मिला।   दरअसल, उज्जैन में 69 वर्षीय तुलसीराम रावल को ब्रेन हेमरेज हो गया था, जिसके बाद उन्हें उज्जैन के पाटीदार अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उपचार के दौरान उन्हें ब्रेन डेड घोषित किया गया। डॉक्टर ने ब्रेन डेथ की जानकारी परिवार को दी। इसके बाद परिवार ने मानवता दिखाते हुए अंगदान का निर्णय लिया और ‘मुस्कान ग्रुप’ से संपर्क किया।   मुस्कान ग्रुप के सेवादार जीतू बगानी ने बताया कि उज्जैन निवासी तुलसीराम रावल (69) को ब्रेन डेथ घोषित होने के बाद 16 जून को इंदौर लाया गया और यहां सीएचएल अस्पताल में अंगदान की प्रक्रिया शुरू की गई। चार चिकित्सक दलों की ब्रेन डेथ सर्टिफिकेशन कमेटी ने रोगी का प्रथम ब्रेन डेथ 17 जून सुबह 10:35 तथा द्वितीय ब्रेन डेथ सर्टिफिकेशन शाम 5:30 पर पूरा किया। इसके बाद 18 जून की सुबह 9 बजे अंगों को समय पर अस्पताल पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया।   उन्होंने बताया कि रावल की एक किडनी सीएचएल केयर हॉस्पिटल में भर्ती 45 वर्षीय मरीज को दी गई, जबकि दूसरी किडनी चोइथराम हॉस्पिटल में 54 वर्षीय मरीज को ट्रांसप्लांट की गई। लिवर प्रत्यारोपण की योजना जुपिटर हॉस्पिटल के लिए बनाई गई थी, लेकिन मेल न होने के कारण यह प्रक्रिया रद्द कर दी गई। इस प्रक्रिया में सांसद शंकर लालवानी, संभाग आयुक्त दीपक सिंह, इंदौर सोसाइटी फॉर ऑर्गन डोनेशन के सचिव एवं एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन मेडिकल कॉलेज डॉ. अरविंद घनघोरिया, संस्थापक सचिव डॉ. संजय दीक्षित लगातार मॉनिटरिंग करते रहे। इसके अलावा सोटो मध्य प्रदेश के नोडल ऑफिसर डॉ. मनीष पुरोहित, निधि शर्मा, शुभम वर्मा ने भी समन्वय किया।   बगानी ने बताया कि मृतक तुलसीराम के बेटों संतोष और शैलेन्द्र ने अंगदान प्रक्रिया में सहयोग करने वाले राजेश पेड़वा, डॉ. सुरेंद्र सिंह परिहार, मोनिशा बगानी, डॉ. निखिलेश जैन, डॉ. शिव शंकर शर्मा, डॉ. सौरभ जुल्का, डॉ. विपिन शर्मा, संदीपन आर्य, लकी खत्री, जुगल नागपाल, राजेन्द्र माखीजा, जेठानंद जयसिंघानी, विशाल चंदानी, राजू धनवानी और तरुण रोचवानी का आभार व्यक्त किया है।

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भोपाल । माध्यमिक शिक्षा मंडल बोर्ड द्वारा 10वीं और 12वीं की द्वितीय परीक्षा का आयोजन आज (मंगलवार) से किया जा रहा है। यह परीक्षा पहली परीक्षा में असफल या गैरहाजिर रहे विद्यार्थियों के लिए आयोजित की जा रही है। जिला शिक्षा विभाग के एडीपीसी गिरीश तिवारी के अनुसार, विद्यार्थी सभी विषयों की परीक्षा दे सकते हैं। उत्तीर्ण विद्यार्थी श्रेणी सुधार के लिए भी परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। पहली परीक्षा में अनुपस्थित या देर से पहुंचने वाले विद्यार्थियों को भी यह अवसर मिलेगा। उन्होंने बताया कि आज से शुरू हो रही कक्षा 10वीं की परीक्षा 26 जून तक और कक्षा 12वीं की परीक्षा पांच जुलाई तक चलेगी। सभी परीक्षाएं सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक होंगी। प्रायोगिक परीक्षाएं 17 से 26 जून के बीच आयोजित की जाएंगी।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में सोमवार को दक्षिण-पश्चिम मानसून की एंट्री हो गई है। अचानक बदले मौसम के साथ मानसून के सक्रिय होने से बड़वानी, खंडवा, खरगोन और बुरहानपुर में बारिश शुरू हो गई। इस दौरान राजधानी भोपाल सहित कई जिलों में बारिश दर्ज की गई। झमाझम बारिश से लोगों को तेज गर्मी और लू से राहत मिली है। पिछले 24 घंटों में विदिशा में सबसे ज्यादा 68 मिमी बारिश दर्ज की गई। अगले 2 दिन में मानसून भोपाल-इंदौर में दस्तक दे सकता है। वहीं, सबसे आखिरी में ग्वालियर-चंबल में पहुंचेगा। मौसम विभाग की माने तो एक सप्ताह में मानसून पूरे प्रदेश को कवर कर लेगा।मौसम विभाग के अनुसार, वर्तमान में 2 साइक्लोनिक सर्कुलेशन एक्टिव है। इस वजह से आंधी-बारिश का दौर जारी है। वहीं, मानसून भी सक्रिय हो गया है। अब प्रदेश में आंधी-बारिश का दौर रहेगा। कहीं-कहीं भारी या अति भारी बारिश भी हो सकती है। आज मंगलवार को जिन जिलों में आंधी-बारिश का अलर्ट जारी किया है, उनमें भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, मुरैना, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, रीवा, सीधी, सिंगरौली, पन्ना, दमोह, मंडला, बालाघाट, सिवनी, पांढुर्णा, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, सागर, विदिशा, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, सीहोर, शाजापुर, देवास, खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन, बड़वानी, धार, अलीराजपुर, झाबुआ, रतलाम, मंदसौर, श्योपुर, शिवपुरी, अशोकनगर, गुना, राजगढ़, आगर-मालवा, सतना, मैहर, मऊगंज, कटनी, जबलपुर, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, डिंडौरी और नीमच शामिल हैं। यहां हवा की रफ्तार 40 से 60 किलोमीटर प्रतिघंटा तक हो सकती है।इधर, प्रदेश में सोमवार को चार जिले बड़वानी, खरगोन, खंडवा और बुरहानपुर के रास्ते मानसून पहुंचा। इन जिलों में बारिश का दौर चला। मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार को 9 घंटे में छतरपुर जिले के नौगांव में सबसे ज्यादा सवा इंच पानी गिर गया। रीवा में भी 1 इंच से ज्यादा बारिश हुई। मंडला में आधा इंच बरसात हुई। धार, गुना, रतलाम, सागर, सतना, बालाघाट, खंडवा, बड़वानी, टीकमगढ़, अशोकनगर, हरदा में भी बारिश का दौर चला। भोपाल में शाम को मौसम बदल गया। कुछ जगहों पर बूंदाबांदी भी हुई। देर रात तक कई जिलों में बारिश का दौर रहा।बारिश के चलते दिन के तापमान में खासी गिरावट हुई है। सोमवार को सिर्फ एक शहर नर्मदापुरम में तापमान 40.2 डिग्री दर्ज किया गया। बाकी शहरों में तापमान 40 डिग्री से नीचे ही रहा। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 37.5 डिग्री, इंदौर में 34.6 डिग्री, ग्वालियर में 37 डिग्री, उज्जैन-जबलपुर में 38 डिग्री सेल्सियस रहा। पचमढ़ी में सबसे कम 31.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।  

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भोपाल । पर्यटन की दृष्टि से मध्य प्रदेश एक समृद्ध और विविधतापूर्ण राज्य है। इसकी सांस्कृतिक विरासत, ऐतिहासिक धरोहरें, प्राकृतिक सौंदर्य और वन्यजीव संपदा का आकर्षण “अतुलनीय मध्य प्रदेश” के रूप में पर्यटकों की पहली पसंद बन रहा है। प्रदेश ने वर्ष 2024 में पर्यटन के क्षेत्र में कीर्तिमान रचा है। मध्य प्रदेश में साल 2024 में रिकॉर्ड 13 करोड़ 41 लाख पर्यटकों का आगमन हुआ। यह उपलब्धि वर्ष 2023 की तुलना में 19.6 प्रतिशत, 2019 से लगभग 50.6 प्रतिशत और 2020 की तुलना में 526 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाती है।   मंगलवार को पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि पर्यटन की दृष्टि से मध्य प्रदेश भारत का एक समृद्ध और विविधतापूर्ण राज्य है। प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत, प्राकृतिक संपदा, ऐतिहासिक धरोहरें और वन्यजीव विविधता, पर्यटकों को एक सम्पूर्ण अनुभव प्रदान करती हैं। वर्ष 2024 में 13.41 करोड़ पर्यटकों का आगमन इस बात का प्रमाण है कि मध्य प्रदेश देश ही नहीं, वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर भी मजबूती से उभर रहा है।    वर्ष 2024 में 1.67 लाख विदेशी पर्यटकों ने भी मध्य प्रदेश की सैर की। खजुराहो में 33131, ग्वालियर में 10,823 और ओरछा में 13,960 विदेशी पर्यटक पहुंचे। शहरी पर्यटन में भी विदेशी पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई, जिसमें इंदौर में 9,964 और भोपाल में 1,522 विदेशी पर्यटक शामिल हैं। बांधवगढ़ में 29192, कान्हा में 19148, पन्ना में 12762 और पेंच में 11272 विदेशी पर्यटक आए।    वर्ष 2024 में धार्मिक स्थलों ने 10.7 करोड़ पर्यटकों को आकर्षित किया, जो वर्ष 2023 की तुलना में 21.9% अधिक है। प्रदेश के शीर्ष 10 पर्यटन स्थलों में से 6 धार्मिक स्थल शामिल हैं। उज्जैन 7.32 करोड़ पर्यटकों के साथ इस सूची में सबसे आगे रहा, जो वर्ष 2023 के 5.28 करोड़ की तुलना में 39% अधिक है। चित्रकूट में भी एक करोड़ से अधिक पर्यटक आए, जो वर्ष 2023 के 90 लाख की तुलना में 33% अधिक है। मैहर में 1.33 करोड़, अमरकंटक में 40 लाख, सलकनपुर में 26 लाख और ओंकारेश्वर में 24 लाख पर्यटक पहुंचे। महाकाल लोक, ओंकारेश्वर महालोक, श्रीराम वनगमन पथ, देवी लोक, राजा राम लोक, हनुमान जैसी परियोजनाओं ने धार्मिक पर्यटन को आध्यात्मिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाया है।   मध्य प्रदेश की समृद्ध विरासत ने 2024 में 80 लाख से अधिक पर्यटकों को आकर्षित किया, जो 2023 के 64 लाख की तुलना में 25% की वृद्धि दर्शाता है। ग्वालियर में पर्यटकों की संख्या में 3 गुना वृद्धि देखी गई, जहां 9 लाख से अधिक पर्यटक पहुंचे, जो 2023 की तुलना में 3.69 लाख की उल्लेखनीय वृद्धि है। खजुराहो (4.89 लाख), भोजपुर (35.91 लाख) और महेश्वर (13.53 लाख) में भी पर्यटकों ने इन समृद्ध विरासतों का आनंद लिया। यूनेस्को ने हाल ही में भोजपुर को अपनी टेंटेटिव सूची में शामिल किया है और ग्वालियर को "क्रिएटिव सिटी ऑफ म्यूजिक" के रूप में मान्यता दी है। मध्यप्रदेश में अब 3 स्थायी और 15 टेंटेटिव सूची में कुल 18 यूनेस्को धरोहरें हैं। स्थायी सूची में खजुराहो के मंदिर समूह, भीमबेटका की गुफाएं और सांची स्तूप शामिल हैं। सम्राट अशोक के शिलालेख, 64 योगिनी मंदिर, गुप्तकालीन मंदिर, बुंदेला शासकों के महल और किले, ग्वालियर किला, बुराहनपुर का खूनी भंडारा, चंबल घाटी के शैल कला स्थल, भोजपुर का भोजेश्वर महादेव मंदिर, मंडला स्थित राम नगर के गोंड स्मारक, धमनार का ऐतिहासिक समूह, मांडू के स्मारकों का समूह, ओरछा का ऐतिहासिक समूह, नर्मदा घाटी में भेड़ाघाट–लमेटाघाट, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व और चंदेरी टेंटेटिव लिस्ट में हैं।    राज्य में 12 राष्ट्रीय उद्यान, 25 वन्यजीव अभयारण्य और 9 टाइगर रिजर्व हैं। कान्हा (2.48 लाख), पेंच (1.92 लाख), बांधवगढ़ (1.94 लाख), पन्ना (3.85 लाख) और मढ़ई (4.34 लाख) जैसे प्रमुख वन्यजीव स्थलों पर पर्यटकों का आगमन हुआ। कुनो पालपुर राष्ट्रीय उद्यान में अफ्रीकी चीतों की पुनर्स्थापना परियोजना ने भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित किया है।   पचमढ़ी, अमरकंटक, भेड़ाघाट, हनुवंतिया, गांधीसागर, तामिया, सैलानी आइलैंड और सरसी आइलैंड जैसे स्थल प्राकृतिक पर्यटन के प्रमुख केंद्र हैं। वर्ष 2024 में पचमढ़ी में 2.87 लाख पर्यटक और भेड़ाघाट में 2.34 लाख पर्यटक पहुंचे। यहां रिसॉर्ट्स, एडवेंचर, स्पोर्ट्स, ट्रेकिंग ट्रेल्स और कैंपिंग सुविधाओं ने पर्यटकों को नया अनुभव दिया। गांधीसागर डैम, सैलानी आइलैंड, तामिया की पातालकोट घाटी और सरसी आइलैंड में प्राकृतिक सौंदर्य ने पर्यटकों को प्रकृति के और करीब लाया।   मध्य प्रदेश में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 63 पर्यटन ग्राम विकसित किए गए हैं। प्रदेश में 470 से अधिक होमस्टे का निर्माण किया गया है, जिनसे अब तक 24 हजार से अधिक अतिथि स्थानीय संस्कृति और खानपान का अनुभव ले चुके हैं। पचमढ़ी, कान्हा और अमरकंटक जैसे क्षेत्रों के आसपास के गांवों में होम स्टे सुविधाएं पर्यटकों के लिए अनूठा अनुभव बन गई है। चंदेरी में भारत के पहले हैंडलूम गांव प्राणपुर ने स्थानीय शिल्पकारों को वैश्विक पहचान दिलाई है। आदिवासी समुदायों की कला जैसे गोंड, भील पेंटिंग और मांडना आर्ट पर्यटकों के बीच लोकप्रिय हो रहे हैं।   फिल्म पर्यटन के क्षेत्र में भी मध्य प्रदेश एक अलग पहचान बना रहा है। चंदेरी और महेश्वर जैसे स्थल फिल्म निर्माताओं की पहली पसंद बन गए हैं। "स्त्री 2" की शूटिंग ने चंदेरी को पर्यटकों के बीच लोकप्रिय बनाया, जहां 47,630 पर्यटक पहुंचे। महेश्वर में 13.53 लाख पर्यटक आए, जो कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फिल्मों की शूटिंग का गवाह बना। हाल ही प्रदेश में निर्मित फिल्म होमबाउंड को फिल्म जगत के प्रतिष्ठित कान्स फिल्म फेस्टिवल में दुनिया भर के दिग्गजों की प्रशंसा मिली। नई फिल्म नीति-2025 और पर्यटन सुविधा सेल ने मध्यप्रदेश को फिल्म निर्माताओं के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनाया है। फिल्म स्त्री, सुई धागा, दबंग 2, पैडमैन, पंचायत (वेब सीरीज) और महारानी जैसे प्रोजेक्ट्स ने प्रदेश की सांस्कृतिक और प्राकृतिक सुंदरता को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित किया। खजुराहो, ग्वालियर और मांडू जैसे स्थल भी फिल्म शूटिंग के लिए लोकप्रिय हुए।   भोपाल, इंदौर और जबलपुर जैसे शहर अपनी आधुनिकता, स्वच्छता और सांस्कृतिक समृद्धि के लिए जाने जाते हैं। वर्ष 2024 में इंदौर में 1.02 करोड़, भोपाल में 22 लाख और जबलपुर में 23 लाख पर्यटक पहुंचे। इंदौर ने 7वीं बार स्वच्छ भारत सर्वेक्षण में पहला स्थान हासिल किया है, जो इसे एक स्वच्छ और स्मार्ट पर्यटन गंतव्य बनाता है। प्रमुख सचिव शुक्ला ने कहा कि वर्ष 2024 में मध्य प्रदेश ने पर्यटन के हर क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति करते हुए देश और दुनिया के मानचित्र पर अपनी अलग पहचान बनाई है। प्रदेश में 13.41 करोड़ पर्यटकों का आगमन इस बात का प्रमाण है कि प्रदेश में पर्यटन न केवल तेजी से बढ़ रहा है, बल्कि नए प्रतिमान भी स्थापित कर रहा है। राज्य सरकार की प्रतिबद्धता, नीतिगत नवाचार और स्थानीय समुदायों की सक्रिय भागीदारी से मध्य प्रदेश आगामी वर्षों में भी पर्यटन का नया अध्याय रचेगा।   

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उज्जैन । महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति ने मंदिर में दर्शन व्यवस्था में बदलाव किया है। अब अतिविशिष्ट व्यक्तियों को ही नंदी हॉल में प्रवेश दिया जाएगा। शेष सभी आम श्रद्धालु के रूप में बेरीकेट्स से होकर दर्शन करेंगे।   रविवार को महाकालेश्वर मंदिर और महाकाल महालोक में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। सोमवार से निजी स्कूल खुलने जा रहे हैं। इसके चलते शनिवार को और फिर रविवार को मंदिर में भारी भीड़ रही। मंदिर प्रबंध समिति ने रविवार को नंदी हॉल में आम भक्तों का प्रवेश बंद कर दिया। सामान्य दर्शनार्थियों को गणेश मण्डपम के सामने से दर्शन करवाए। भीड़ नियंत्रण के लिए दर्शनार्थियों की दर्शन हेतु चलायमान व्यवस्था रखी गई।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) में कमजोर वर्ग एवं वंचित समूह के बच्चों के गैर अनुदान मान्यता प्राप्त अशासकीय स्कूलों में नि:शुल्क प्रवेश का दूसरा चरण आज (सोमवार) से शुरू हो रहा है। प्रथम चरण के बाद जिन स्कूलों में सीटें रिक्त रह गई हैं, उन स्कूलों में रिक्त सीटों की जानकारी द्वितीय चरण प्रवेश प्रक्रिया के लिए पोर्टल पर प्रदर्शित की गई है। आवेदकों द्वारा स्कूलों के च्वाइस को अपडेट किये जाने का कार्य 20 जून तक किया जा सकेगा। जनसम्पर्क अधिकारी मुकेश मोदी ने जानकारी देते हुए बताया कि द्वितीय चरण के लिए ऑनलाइन लाटरी 25 जून 2025 को होगी। आवंटन के बाद स्कूल में प्रवेश एवं संबंधित स्कूल द्वारा मोबाइल ऐप से एडमीशन रिपोर्टिंग 25 जून से 30 जून 2025 तक की जा सकेगी। द्वितीय चरण के लिए नवीन आवेदन पंजीयन नहीं होगा और पुन: सत्यापन प्रक्रिया भी नहीं होगी। वह आवेदक जिन्होंने प्रथम चरण में आवेदन किया था और सत्यापन के बाद पात्र पाए गए थे, उनका प्रथम चरण में कोई स्कूल आवंटित नहीं हुआ था वह द्वितीय चरण के लिए स्कूल की च्वाइस अपडेट कर सकते हैं। जिन आवेदकों को प्रथम चरण में स्कूल आवंटन हुआ है, लेकिन स्कूल पसंद नहीं आने के कारण आवंटित स्कूल में एडमीशन नहीं लिया है, वह द्वितीय चरण में च्वाइस अपडेट कर सकते हैं।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश इन दिनों मौसम अजीब से दौर से गुजर रहा है। प्रदेश में एक ओर जहां कुछ जगहों पर भीषण गर्मी पड़ रही है, लोग उमस से हलाकान हो रहे हैं वहीं कई जगहों पर जोरदार बारिश भी हो रही है। प्री मानसून एक्टिविटी के कारण खासा पानी गिर रहा है। मानसून एक बार फिर से रफ्तार पकड़ चुका है और प्रदेश में अगले 24 से 48 घंटे में दस्‍तक दे सकता है । इससे पहले पूरे प्रदेश में आंधी-बारिश का दौर जारी रहेगा। आज सोमवार को नरसिंहपुर और डिंडौरी में भारी बारिश का अलर्ट है।मौसम विभाग के अनुसार, वर्तमान में तीन साइक्लोनिक सर्कुलेशन, एक टर्फ और एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव है। इस वजह से प्रदेश में आंधी-बारिश का दौर जारी है। वहीं, मानसून भी सक्रिय है। इस वजह से यह आगे बढ़ रहा है। अगले 24 घंटे में नरसिंहपुर और डिंडौरी में ढाई से सवा 4 इंच तक बारिश हो सकती है। वहीं, भोपाल-इंदौर के साथ ही प्रदेश के सभी जिलों में तेज आंधी के साथ बारिश होने की संभावना है। मानसून के प्रवेश से पहले प्रदेश में आंधी और बारिश का दौर जारी है। रविवार को नरसिंहपुर में 9 घंटे के अंदर 27 मिमी यानी, एक इंच से ज्यादा पानी गिर गया। भोपाल, खंडवा, मंडला, उमरिया और दतिया में भी बारिश दर्ज की गई। वहीं, नर्मदापुरम के पिपरिया और सिवनी मालवा, बड़वानी में आंधी के साथ बारिश हुई।प्रदेश के कई शहरों में दिन के तापमान में गिरावट हुई है। सीधी में 41.4 डिग्री, टीकमगढ़ में 40.7 डिग्री, खरगोन में 40.2 डिग्री और उमरिया में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस रहा। बाकी शहरों में तापमान 40 डिग्री से नीचे ही दर्ज किया गया। नरसिंहपुर में दिनभर बारिश होने से यहां अधिकतम तापमान 30 डिग्री पर आ गया। यहां एक ही दिन में पारा 11.4 डिग्री लुढ़क गया। नौगांव में 6.6 डिग्री, खजुराहो में 5.5 डिग्री, छिंदवाड़ा में 4.8 डिग्री, दमोह में 6 डिग्री, भोपाल में 4.6 डिग्री, गुना में 4.5 डिग्री, नर्मदापुरम में 7.3 डिग्री की गिरावट हुई। बड़े शहरों में दिन के तापमान की बात करें तो भोपाल में 35.6 डिग्री, इंदौर में 35.2 डिग्री, ग्वालियर में 37.1 डिग्री, उज्जैन में 37 डिग्री और जबलपुर में 39.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।  

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इंदौर । मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, जिससे स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है। इंदौर में शनिवार को फिर कोरोना के आठ नए मरीज मिले हैं। इसके बाद शहर में सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़कर 54 हो गई है। इस साल अब तक इंदौर में कुल 112 कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, जिनमें से इंदौर के 100 मरीज हैं।   इससे पहले शुक्रवार को इंदौर में भाजपा के नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा सहित कोरोना के 16 नए मरीज मिले थे, जबकि शुक्रवार को सात मरीजों को डिस्चार्ज भी किया गया था। भाजपा नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा का कोरोना पॉजिटिव आने के निजी अस्पताल में इलाज जारी है। दो दिन पहले ही मिश्रा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के साथ कार्यक्रम में शामिल हुए थे। उनकी कोरोना और अन्य बीमारियों से संबंधित जांचें करवाई थी। इनके संपर्क में आए लोगों के भी सैंपल लिए जाएंगे।   इंदौर सीएमएचओ डॉ. बीएस सैत्या ने बताया कि शनिवार को कोरोना के आठ नए मरीज मिले हैं। उन्होंने सर्दी, खांसी, बुखार, दस्त की शिकायत के बाद जांच करवाई थी। यह सभी मरीज इंदौर के रहने वाले हैं। इनकी कोई ट्रेवल हिस्ट्री भी सामने नहीं है। पिछले पांच दिनों में कोरोना के 52 मिल चुके हैं। इनमें से करीब चार मरीज अस्पताल में भर्ती है, दो की हालत गंभीर है। बाकी मरीज होम आइसोलेशन में है। नए मरीजों में वह भी शामिल है, जो पिछले दिनों पाजिटिव आए मरीजों के संपर्क में थे।   इंदौर में अभी 64 एक्टिव मरीज है, जिनका डॉक्टरों की निगरानी में उपचार चल रहा है। अब तक इंदौर में 110 मरीज मिल चुके हैं। जिनमें से 100 इंदौर के रहने वाले हैं और बाकी अन्य जिलों से हैं। शनिवार को छह मरीजों को डिस्चार्ज किया है। विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना के मरीज सामने आ रहे हैं, लेकिन मौजूदा वैरिएंट पहले वाले वैरिएंट से ज्यादा खतरनाक नहीं हैं। अधिकांश मरीजों में हल्के लक्षण होते हैं और वे होम आइसोलेशन में ठीक हो जाते हैं। मधुमेह, उच्च रक्तचाप, गर्भावस्था या गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों को सतर्क रहना चाहिए।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में जल्द ही मानसून की एंट्री होगी। लेकिन इससे पहले बारिश और आंधी का दौर जारी है। शनिवार को कई जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश हुई। आज रविवार को भी भोपाल, इंदौर समेत 47 जिलों में आंधी और बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। साथ ही 60 किलोमीटर की रफ्तार से हवा चलने का भी अनुमान है।मौसम विभाग के अनुसार, जिन जिलों में रविवार को आंधी-बारिश होगी, उनमें भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, मुरैना, भिंड, दतिया, रीवा, पन्ना, दमोह, मंडला, बालाघाट, सिवनी, पांढुर्णा, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, सागर, विदिशा, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, सीहोर, शाजापुर, देवास, खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन, बड़वानी, धार, अलीराजपुर, झाबुआ, रतलाम, मंदसौर, श्योपुर, शिवपुरी, अशोकनगर, गुना, राजगढ़, आगर-मालवा, सतना, मैहर, मऊगंज, कटनी, जबलपुर, डिंडौरी और नीमच शामिल हैं। यहां हवा की रफ्तार 40 से 60 किलोमीटर प्रतिघंटा तक हो सकती है।इससे पहले शनिवार को प्रदेश में आंधी-बारिश हुई। छिंदवाड़ा, खजुराहो, सागर, सिवनी, बालाघाट, धार, उज्जैन, जबलपुर, नीमच और शाजापुर जिले में तेज हवाओं के साथ बारिश हुई है। नीमच में आंधी से एक मकान पर टीनशेड उड़ गया। छिंदवाड़ा में पौन इंच के करीब पानी गिर गया। आंधी के कारण उज्जैन के पास बेरछा और पीर अमरूद के बीच रेलवे ट्रैक पर पेड़ गिर गया। जिससे कई ट्रेन प्रभावित हुई है। भोपाल से चलकर दाहोद जाने वाली 19340 गाड़ी को बीच में रोकना पड़ा। काफी देर तक ट्रेनें रुकी रहीं।दूसरी ओर, प्रदेश के कई जिलों में तेज गर्मी का असर भी रहा। नर्मदापुरम में सबसे ज्यादा तापमान 45.2 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। वहीं, छतरपुर जिले के खजुराहो में 44.7 डिग्री और नौगांव में 44.6 डिग्री रहा। सतना में 43.1 डिग्री, सीधी में 43 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दमोह, शाजापुर, टीकमगढ़, रीवा, नरसिंहपुर, खरगोन, गुना, शिवपुरी, उमरिया, खंडवा, बैतूल और सागर में भी पारा 40 डिग्री सेल्सियस या इससे अधिक रहा। प्रदेश के 5 बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 40.4 डिग्री, इंदौर में 38.8 डिग्री, ग्वालियर में 42.5 डिग्री, उज्जैन में 40 डिग्री और जबलपुर में पारा 40.3 डिग्री सेल्सियस रहा।

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मुरैना । मध्य प्रदेश के कूनाे नेशनल पार्क से निकलकर एक बार फिर चीते दूर जा पहुंचे हैं। इस बार पांच चीतों का एक समूह मुरैना में देखा गया है। ये चीते रविवार सुबह जौरा के पास डैम के करीब सड़क पर घूमते हुए दिखाई दिए। वहां मौजूद लोगों ने उनका वीडियो बना लिया। सूचना मिलते ही वन विभाग, चीता मित्रों की टीम निगरानी के लिए तैनात कर दी गई है और ग्रामीणों को अलर्ट रहने की सलाह दी है। इधर चीतों को लेकर गांवों के लोग दहशत में भी है।   दरअसल, मुरैना जिले के जौरा इलाके में रविवार सुबह कूनो नेशनल पार्क से निकले पांच चीते पगारा बांध के पास नजर आए। रविवार सुबह सैर पर निकले राहगीरों ने जब अचानक चीतों को देखा तो वे दहशत में आ गए। वहां माैजूद लाेगाें ने चीतों का वीडियो बनाया। डिप्टी रेंजर विनोद कुमार उपाध्याय ने बताया कि रविवार सुबह 6:45 बजे कैलारस से आए चीते जौरा के पगारा डैम की कोठी पर देखे गए। जौरा वन क्षेत्र के स्टाफ को लोकेशन मिलते ही टीम तुरंत मौके पर पहुंच गई। चीते अभी भी पगारा डैम की कोठी की घटिया पर बैठे हुए हैं। चीता मित्र उनके पास मौजूद हैं और कुछ दूरी पर निगरानी कर रहे हैं। वन विभाग की टीम ने इलाके को घेरकर निगरानी शुरू कर दी है।   प्रभारी डिप्टी रेंजर विनोद ने बताया कि ये चीते कूनो नेशनल पार्क श्योपुर से कैलारस होते हुए जौरा क्षेत्र में पहुंचे हैं। वर्तमान में सभी चीते पगारा डैम, कोठी और जोगी देवगढ़ गांव की घटिया के ऊपरी क्षेत्र में आराम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि चीतों के साथ चार चीता मित्र भी मौजूद हैं। चीतों के गले में ट्रैकिंग कॉलर लगे हैं, जिनसे उनकी लोकेशन की जानकारी मिल रही है। वन विभाग की टीम चीतों के साथ-साथ चल रही है और उनकी गतिविधियों पर नजर रख रही है। उन्होंने बताया कि अब तक चीतों ने किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है।   चीतों के आने से इलाके में दहशत-जौरा और आसपास के ग्रामीण इलाकों में चीते आने से दहशत का माहौल है। लोग समूह में ही बाहर निकल रहे हैं और बच्चों को घरों के अंदर ही रखा जा रहा है। चीतों के वीडियो वायरल होने के बाद यह मामला पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गया है। विभाग ने ग्रामीणों से सतर्क रहने की अपील की है। विभाग ने लोगों को खेतों में अकेले न जाने, बच्चों को बाहर खेलने से रोकने और चीतों की लोकेशन की जानकारी तत्काल वन विभाग या स्थानीय प्रशासन को देने का निर्देश दिया है।

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जबलपुर । मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड (एमपीटीबी) के तत्वावधान में गुरुवार को होटल शान एलिजे में इन्फ्लूएंसर्स मीट आयोजित की गई। इंफ्लुएंसर्स मीट में रील्स, ब्लॉग और स्टोरीज के माध्यम से प्रदेश के ऐतिहासिक, धार्मिक और प्राकृतिक स्थलों, प्रोडक्ट्स आदि को एक्सप्लोर करने वाले जबलपुर, छिंदवाड़ा, डिंडोरी आदि जिलों के सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स को सम्मानित किया गया। मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड की सोशल मीडिया विभाग की प्रमुख डॉ नीलम रावत ने कहा कि इन्फ्लूएंसर्स मध्य प्रदेश का नाम पूरे विश्व में लेकर जा रहे हैं लेकिन सोशल मीडिया के सामने भी कई चुनौतियां हैं। उन्होंने इंफ्लुएंसर्स से कहा कि अब हमारा प्रदेश केवल टाइगर स्टेट नहीं बल्कि यह लेपर्ड और वल्चर स्टेट भी है। यहां यूनेस्को की तीन साइट हैं। दो ज्योतिर्लिंग हैं तथा वाइल्ड लाइफ, नेचर, रूरल टूरिज्म, खानपान और संस्कृति आदि अलग अलग तरह के अनुभव हैं और करने के लिए भी बहुत कुछ है लेकिन चुनौतियां भी कम नहीं हैं। डॉ नीलम रावत ने कहा कि ग्वालियर के तानसेन और खजुराहो समारोह विश्व प्रसिद्ध हो गए हैं। विक्रमोत्सव, भगोरिया ट्राइबल फेस्टिवल हों या ओरछा और मांडू में प्रस्तावित टेंट सिटी प्रदेश को पर्यटन विकास की दिशा में नई दिशा में ले जाएंगे। एमपीटीबी के साहसिक खेल विभाग के संयुक्त संचालक डॉ एस के श्रीवास्तव ने कहा कि नजर सबके पास एक सी होती है लेकिन नजरिया अलग होता है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में वह सब कुछ है जो किसी पर्यटक को चाहिए। ऐसे में इन्फ्लूएंसर्स की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। उन्होंने उज्जैन की स्काई डाइविंग, पेंच ट्रेल, अलीराजपुर की ट्रैकिंग साइट्स, राइडर्स ऑन बाइक आदि इवेंट की जानकारी दी और कहा कि पर्यटन आर्थिकी सुदृढ़ करने वाला बनना चाहिए। एमपीटीबी के निखिल देशमुख ने रूरल टूरिज्म के माध्यम से स्लो ट्रैवल एक्सपीरियंस पर प्रकाश डाला। पुरातत्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय जबलपुर के उप संचालक के एल डाभी ने कहा कि कल्चुरी काल की पाषाण प्रतिमाओं, सिक्कों सहित रानी दुर्गावती संग्रहालय में शैव, वैष्णव और गोंड संस्कृति को समर्पित गैलरी हैं, जो नई पीढ़ी को हमारी विरासत और धरोहरों की जानकारी देती हैं। जबलपुर पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति परिषद के सीईओ हेमंत सिंह ने कहा कि पर्यटन एक उभरता सेक्टर है जिसमें असीमित रोजगार हैं। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी का रुझान समाचार पत्र और न्यूज चैनल में नहीं बल्कि मोबाइल में है। अतः इन्फ्लूएंसर्स उनका ज्ञान वर्धन धार्मिक, ऐतिहासिक स्थलों को एक्सप्लोर करके करें। इसके पूर्व सभी इन्फ्लूएंसर्स ने अपने अपने पेज की विशेषता और फॉलोवर्स संख्या बतलाई। इस अवसर पर मध्य प्रदेश टूरिज्म कॉर्पोरेशन के क्षेत्रीय प्रबंधक संजय मल्होत्रा, एमपीटीबी के पर्यटन प्रबंधक तरुण मिश्र आदि उपस्थित थे। हेरिटेज वॉक को तैयार सीएमएम मिलिट्री कॉलेज ऑफ मटेरियल मैनेजमेंट (सीएमएम) के कर्नल विशाल चौपड़ा ने बताया कि आर्मी आर्डिनेंस कॉर्प्स के 250 वर्ष पुराने इतिहास को दुनिया के सामने लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए सीता पहाड़ी में जल्द हेरिटेज वॉक आरंभ होगी। उन्होंने बताया कि यह संग्रहालय 1835 में स्थापित हुआ और 1951 में जबलपुर आया जहां दो हजार से ज्यादा आर्टिफिक्ट हैं। संग्रहालय के बारे में मेजर राजिंदर सिंह विर्क ने विस्तार से प्रकाश डाला। कंटेंट डालने में बरतें सावधानी :- एम्पीटीबी की सोशल मीडिया विभाग की प्रमुख डॉ नीलम रावत ने कहा कि इन्फ्लूएंसर्स को कंटेंट डालने में सावधानी बरतने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि स्वयं की जगह डेस्टिनेशन या प्रोडक्ट को हीरो बनाने की जरूरत है। पर्यटन स्थल तक पहुंचने का मार्ग, दूरी साधन आदि जानकारी देना इन्फ्लूएंसर्स की नैतिक जिम्मेदारी है। फिल्मों और वेब सीरीज की शूटिंग के लिए आ रहे निर्माता डॉ नीलम रावत ने कहा कि फिल्मों और वेब सीरीज की शूटिंग के लिए प्रदेश नया डेस्टिनेशन बन रहा है। यह करन जौहर, आमिर खान आदि बड़े निर्माता शूट करने की योजना बना रहे हैं।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में जून की भीषण गर्मी लोगों पर भारी पड़ रही है। पिछले 15 दिन से मानसून महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ में एक ही जगह पर ठहरा है। इस वजह से प्रदेश में इसकी एंट्री नहीं हो पाई है। मौसम विभाग ने प्रदेश में 15 और 16 जून को भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। दक्षिणी हिस्से के पांढुर्णा, छिंदवाड़ा, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी, अनूपपुर, खंडवा में 24 घंटे में ढाई से 4.5 इंच तक बारिश हो सकती है। इसी दौरान मानसून भी प्रदेश में एंटर हो जाएगा। हालांकि, इससे पहले आज शुक्रवार को उज्जैन, सागर, ग्वालियर-चंबल संभाग के 12 जिलों में लू का अलर्ट है।मौसम विभाग के अनुसार, मानसून महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ में एक ही जगह पर ठहरा है। हालांकि, अब मानसून के सक्रिय होने की हल चल तेज हुईं है। ऐसे में मौसम विभाग ने 14-15 जून को मध्य और पूर्वी भारत के हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के एंटर होने की संभावना जताई है। दूसरी ओर, मौसम विभाग ने अगले 4 दिन का अनुमान भी जारी किया है। जिसमें शुक्रवार को ग्वालियर, श्योपुर, भिंड, मुरैना, दतिया, शिवपुरी, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, नीमच, मंदसौर, आगर-मालवा, गुना और अशोकनगर में लू का अलर्ट है। भोपाल, उज्जैन, झाबुआ, अलीराजपुर, धार, बड़वानी, खरगोन, हरदा, खंडवा, बुरहानपुर, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला और बालाघाट में गरज-चमक, आंधी और बारिश होने की संभावना है। 14 जून को प्रदेश के आधे से ज्यादा हिस्से में गरज-चमक और बारिश के आसार है। वहीं, 15 और 16 जून को दक्षिणी हिस्से में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। यानी, मानसून इन्हीं दो दिन के अंदर प्रवेश करेगा।पिछले 2 दिन से प्रदेश में मौसम फिर से बदला है। दिन में भीषण गर्मी का असर है, जबकि रात में तेज आंधी के साथ बारिश हो रही है। गुरुवार को इंदौर में शाम को तेज बारिश शुरू हो गई। वहीं, बुरहानपुर, बैतूल, रतलाम, उज्जैन, धार, विदिशा, सागर, रायसेन, हरदा, नर्मदापुरम, शाजापुर, राजगढ़, गुना, ग्वालियर, भोपाल, आगर-मालवा, देवास, सीहोर और खंडवा में भी मौसम बदला रहा। इंदौर में तेज आंधी के साथ बारिश हुई। ग्वालियर, मुरैना, धार समेत कई जिलों में भी बारिश वाला मौसम रहा।प्रदेश में तेज आंधी और बारिश के बीच भीषण गर्मी का असर भी है। गुरुवार को 22 शहरों में पारा 40 डिग्री के पार रहा। सबसे गर्म छतरपुर जिले के खजुराहो और नौगांव रहे। खजुराहो में 45.8 डिग्री और नौगांव में तापमान 45 डिग्री दर्ज किया गया।प्रदेश के 5 बड़े शहरों में ग्वालियर सबसे गर्म रहा। यहां तापमान 44.2 डिग्री रहा। उज्जैन में 43.5 डिग्री, भोपाल में 41 डिग्री, इंदौर में 41.6 डिग्री और जबलपुर में 40.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसी तरह टीकमगढ़ में 44.7 डिग्री, शिवपुरी में 44 डिग्री, शाजापुर, गुना-नर्मदापुरम में 43.7 डिग्री, नरसिंहपुर में 43.4 डिग्री, रतलाम में 43.2 डिग्री, सतना में 43 डिग्री, सीधी-रीवा में 42.6 डिग्री, धार-दमोह में 42.4 डिग्री, सागर में 42.2 डिग्री, उमरिया में 41.5 डिग्री और खरगोन में तापमान 41.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

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भोपाल । मध्य प्रदेश सरकार ने संविदा अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन में 2.94 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। इस संबंध में गुरुवार देर शाम वित्त विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं। संविदा कर्मचारियों को वेतन वृद्धि का लाभ एक अप्रैल 2025 से मिलेगा। शासन के इस फैसले से राज्य में कार्यरत डेढ़ लाख से अधिक अधिकारी-कर्मचारी लाभान्वित होंगे। जारी आदेश के अनुसार, सामान्य प्रशासन विभाग के 22 जुलाई 2023 के सर्कुलर के आधार पर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक की रिपोर्ट पर यह वृद्धि 2.94 प्रतिशत तय की गई है। यानी अब हर अधिकारी और कर्मचारी को 31 मार्च 2025 की स्थिति में मिल रहे वेतन में एक अप्रैल 2025 से 2.96 प्रतिशत बढ़ा हुआ वेतन मिलेगा। वित्त विभाग ने सभी विभागों के विभागाध्यक्ष, संभागीय आयुक्त, राजस्व मंडल अध्यक्ष, सभी कलेक्टरों को वेतनवृद्धि के निर्देश जारी किए हैं। मध्य प्रदेश संविदा अधिकारी-कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर का कहना है कि प्रदेश में संविदा पर काम करने वाले अधिकारी और कर्मचारी का न्यूनतम वेतन 12 हजार से लेकर 65 हजार रुपये प्रति माह तक है। इसमें दो महीने से वृद्धि नहीं किए जाने पर उनके द्वारा शासन के संज्ञान में यह मामला लाया गया था। पिछले वित्त वर्ष 2024-25 में यह वृद्धि 3.78 प्रतिशत की गई थी। संविदा वर्ग को उम्मीद थी कि इस बार सरकार 4 प्रतिशत तक की वृद्धि कर लाभ देगी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया है। राठौर ने कहा कि आज जो वृद्धि की गई है, उससे कर्मचारियों को 300 रुपये से 1500 रुपये तक की वेतन वृद्धि मिलेगी, जो नाम मात्र है। पहले यह वृद्धि दो हजार से आठ हजार तक होती थी। इसलिए सरकार से मांग है कि जैसे पहले संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों की तरह महंगाई भत्ता मिलता था, वैसे ही महंगाई भत्ता दिया जाए।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में भीषण गर्मी और उमस से जूझ रहे लोगों के लिए राहत भरी खबर है। मौसम विभाग के अनुसार 15 जून को मानसून प्रदेश में मंडला और बालाघाट के रास्ते दस्तक दे सकता है। वहीं अगले 24 घंटे में प्रदेश के कई जिलों में मौसम में बदलाव के आसार है। आज गुरुवार को ग्वालियर, चंबल-सागर संभाग के 12 जिलों में लू चलने की संभावना है। इनमें से 7 जिले-भिंड, मुरैना, श्योपुर, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़ और छतरपुर में ऑरेंज अलर्ट है।मौसम विभाग ने बताया कि आज गुरुवार को भिंड, मुरैना, श्योपुर, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर के अलावा ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, सागर में भी लू चलेगी। अगले 2 दिन यानी, 13 और 14 जून को ग्वालियर, चंबल, उज्जैन और सागर संभाग के जिलों में लू का अलर्ट जारी किया है। हालांकि 14 जून से कहीं-कहीं बारिश का दौर शुरू हो जाएगा। 15 जून को पूरे प्रदेश में बारिश का अलर्ट है। इसी दौरान मानसून की एंट्री भी प्रदेश में हो जाएगी। आज भोपाल, विदिशा, शाजापुर, रायसेन, सीहोर, बड़वानी, खरगोन, बुरहानपुर, खंडवा, देवास, हरदा, बैतूल, नर्मदापुरम, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी, उमरिया, शहडोल और अनूपपुर में आंधी-बारिश एवं गरज-चमक का अलर्ट है।इससे पहले बुधवार को लगातार 5वें दिन भी भीषण गर्मी का असर देखा गया। ग्वालियर समेत 6 शहर ऐसे रहे, जहां पारा 44 डिग्री या इससे अधिक पहुंच गया। सबसे गर्म छतरपुर जिले का नौगांव रहा। यहां तापमान 44.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। गुना में 44.5 डिग्री, ग्वालियर-शाजापुर में 44.2 डिग्री और शिवपुरी-टीकमगढ़ में 44 डिग्री रहा। बड़े शहरों में भोपाल में 42.6 डिग्री, इंदौर में 41.6 डिग्री, उज्जैन में 42.8 डिग्री और जबलपुर में तापमान 40.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसी तरह खजुराहो (छतरपुर) में 43.6 डिग्री, नर्मदापुरम में 43.5 डिग्री, नरसिंहपुर में 43.2 डिग्री, सागर में 42.6 डिग्री, दमोह में 42.5 डिग्री, सतना में 42.4 डिग्री, धार में 42.3 डिग्री, सीधी में 42.2 डिग्री, रीवा में 42 डिग्री, रतलाम में 41.6 डिग्री, उमरिया में 41.5 डिग्री और खरगोन में पारा 40.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। यहां बुधवार की रात कोरोना के 12 नए मामले सामने आए हैं, जबकि एक कोरोना पॉजिटिव महिला की मौत भी हुई है। इस साल प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीज की यह तीसरी मौत है। इसकी पुष्टि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के कोविड-19 डैशबोर्ड पर की गई है, जिसमें बताया गया कि प्रदेश में कोरोना से एक और महिला की जान गई है। मृतक 52 वर्षीय महिला थीं, जिन्हें ब्रोंकियल अस्थमा था। उन्हें 25 साल पहले टीबी हो चुकी थी और वे मधुमेह से भी पीड़ित थीं। इन जटिल स्वास्थ्य समस्याओं के कारण उनकी स्थिति गंभीर हो गई थी।   रतलाम की रहने वाली टीबी, ब्रोंकाइटिस और हाई ब्लड प्रेशर जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित 52 वर्षीय महिला को गत 8 जून को सांस लेने में तकलीफ के कारण प्राइवेट अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां 10 जून को रिपोर्ट में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई, जिसके बाद उन्हें सरकारी अस्पताल एमआरटीबी के आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट किया गया, लेकिन बुधवार को उनकी मौत हो गई। इससे पहले 6 जून को खरगोन की 44 वर्षीय महिला की एमआरटीबी अस्पताल में मौत हुई थी। वह हाल ही में एमटीएच अस्पताल में बच्चे को जन्म देने के बाद संक्रमित पाई गई थीं। इससे पहले, 27 अप्रैल को इंदौर की 74 वर्षीय किडनी रोगी महिला की अरबिंदो अस्पताल में मौत हो चुकी है।   इंदौर के सीएमएचओ डॉ. बीएस सैत्या ने बताया कि बुधवार देर रात प्राप्त रिपोर्ट में कोरोना के 12 पॉजिटिव मरीज मिले हैं। ये सभी इंदौर के रहने वाले हैं। इनकी ट्रैवल हिस्ट्री पता की जा रही है। इन मरीजों सहित अब तक इंदौर में कुल 81 कोरोना मरीज पाए गए हैं। इनमें से 69 इंदौर के हैं, जबकि 12 मरीज बाहर के हैं। अभी इंदौर में सक्रिय मरीजों की संख्या 51 है। अधिकांश सक्रिय मरीज होम आइसोलेट हैं और उनकी हालत ठीक है। वहीं, एक कोरोना पॉजिटिव 67 वर्षीय बुजुर्ग को अन्य बीमारियां भी हैं, जिसके चलते उन्हें एक निजी हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है। इसी तरह, एक अन्य 50 वर्षीय व्यक्ति को सांस लेने और अन्य तकलीफों के कारण प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है।   इधर, मध्य प्रदेश में बुधवार को कोरोना के 21 नए केस दर्ज किए गए। यह इस साल एक दिन में दर्ज सबसे ज्यादा मामले हैं। इसके साथ ही 2025 में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 123 हो गई है। इनमें से 86 सक्रिय मरीज हैं, जबकि 34 मरीज स्वस्थ होकर अपने घर पहुंच चुके हैं।

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भोपाल । उज्जैन में वर्ष 2028 में आयोजित होने वाले सिंहस्‍थ महाकुंभ के शांतिपूर्ण, सुरक्षित और सुव्यवस्थित संचालन के लिए मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा व्यापक तैयारियां की जा रही हैं। इसी क्रम में गुरूवार को पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाणा की अध्यक्षता में पुलिस मुख्यालय, भोपाल के कांफ्रेंस हॉल में वृहद समीक्षा बैठक की गई।   उज्‍जैन सिंहस्‍थ-2028 की तैयारियों को लेकर आयोजित इस वृहद बैठक में पुलिस मुख्यालय, भोपाल के वरिष्ठ अधिकारीगण जैसे अतिरिक्त महानिदेशक गुप्तवार्ता,सायबर, दूरसंचार, रेल, प्रशिक्षण, योजना, प्रबंध, PTRI तथा विसबल, IG भोपाल ग्रामीण, IG का.व्‍य. एवं सुरक्षा, DIG SDRF, DIG एएनओ,नोडल अधिकारी सिंहस्‍थ, पुलिस आयुक्त भोपाल, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त भोपाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे। साथ ही, वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ADG उज्जैन जोन, पुलिस आयुक्त इंदौर, IG व DIG इंदौर ग्रामीण, DIG उज्जैन रेंज तथा उज्जैन, खण्डवा, खरगौन, देवास, शाजापुर, धार, रतलाम, सीहोर एवं आगर-मालवा के पुलिस अधीक्षक बैठक से वर्चुअल रूप से जुड़े।   बैठक का एक प्रमुख आकर्षण रहे उत्तर प्रदेश पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी प्रेम कुमार गौतम, भा.पु.से., वर्तमान में पुलिस महानिरीक्षक, एटीएस, उत्तर प्रदेश, द्वारा वर्ष 2025 में आयोजित प्रयागराज कुंभ मेले के दौरान अपनाए गए उत्कृष्ट प्रबंधन उपायों का प्रेजेंटेशन के माध्यम से विस्तारपूर्वक साझा किया गया, जो आगामी सिंहस्‍थ महाकुंभ-2028 के आयोजन के लिए अत्यंत प्रेरणादायी एवं मार्गदर्शक सिद्ध होगा। इस दौरान एक प्रजेंटेशन के माध्‍यम से समझाया गया।   बैठक के दौरान खासकर वीआईपी मूवमेंट और विशेष प्रबंधन, ट्रैफिक कंट्रोल, श्रद्धालुओं की सहायता के लिए रूट डायवर्जन, दल यात्रियों के लिए अस्थायी फ्लाईओवर, आतंकवाद-रोधी उपाय, मेले के क्षेत्र में स AI-आधारित CCTV कैमरों की स्थापना, ड्रोन फीड को मुख्य कंट्रोल रूम में लाइव मॉनिटर सहित अन्‍य बिन्‍दुओं को बारीकी से बताया गया।   डीजीपी ने बैठक के अंत में कहा कि उनके अनुभवों का हमें लाभ मिलेगा तथा सिंहस्‍थ महाकुंभ-2028 मध्यप्रदेश की गरिमा और प्रशासनिक क्षमता का परिचायक होगा, जिसमें मध्यप्रदेश पुलिस अपनी दक्षता और प्रौद्योगिकीय नवाचार से एक मिसाल कायम करेगी।    

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भोपाल । चार पर्वत चोटी सहित माउंट एवरेस्ट फतह करने के बाद भी विक्रम अवार्ड नहीं मिलने को लेकर पर्वतारोही मेघा परमार को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। न्यायाधीश अमित सेठ की एकलपीठ ने मंगलवार को मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को दो सप्ताह में जवाब देने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने याचिकाकर्ता मेघा परमार को सरकार के समक्ष अभ्यावेदन पेश करने को भी कहा है। याचिकाकर्ता मेघा परमार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में विक्रम अवार्ड को लेकर याचिका दायर करते हुए बताया कि वह माउंट एवरेस्ट की चोटी तक पहुंचने वाली प्रदेश की पहली महिला है। टीम में भावना डेहरिया भी शामिल थीं, जो उनके बाद चोटी पर पहुंचीं, इसके अलावा माउंट कोस्कियस, माउंट किलिमन और माउंट एल्ब्रस की चोटी भी उसने भावना से पहले फतह की थी। याचिकाकर्ता ने कोर्ट में दोनों का टाइमिंग डाटा भी पेश किया। मेघा परमार ने कोर्ट को बताया कि योग्यता के अनुसार भावना के साथ मुझे भी विक्रम अवॉर्ड दिया जाना चाहिए। मेघा परमार की याचिका पर पहले हाईकोर्ट जस्टिस एके सिंह एवं जस्टिस अमित सेठ ने सुनवाई की। याचिकाकर्ता की तरफ से बताया गया कि साल 2019 में विक्रम अवार्ड रूल्स में संशोधन करते हुए एडवेंचर गेम को भी शामिल किया है। नियम के अनुसार एडवेंजर गेम में लिए एक खिलाड़ी को विक्रम अवार्ड दिया जाए। गौरतलब है कि साल 2016 में एवरेस्ट फतह करने वाले प्रदेश के दो पुरुष को साल 2022 में विक्रम अवार्ड दिया गया। सरकार पूर्व में एडवेंचर गेम में सिर्फ एक खिलाड़ी को विक्रम अवार्ड देने का नियम शिथिल कर चुकी है। उच्च न्यायालय को बताया गया कि दोनों खिलाड़ी योग्य हैं, तो दोनों को विक्रम अवार्ड देना चाहिए। युगलपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते एकलपीठ को निर्देश जारी किए थे। याचिका पर दूसरे चरण में जस्टिस अमित सेठ की एकलपीठ ने याचिका की सुनवाई की। तब सरकार की तरफ से बताया गया कि विक्रम अवार्ड देने के लिए खिलाड़ियों के नाम की घोषणा हो चुकी है, उसमें परिवर्तन नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा याचिका में भावना को अनावेदक नहीं बनाने जाने का मुद्दा भी उठाया गया। याचिकाकर्ता की तरफ से बताया गया कि वह भावना को विक्रम अवार्ड दिए जाने के खिलाफ नहीं है, इसलिए उसे अनावेदक नहीं बनाया गया था। कानूनी प्रक्रिया के तहत आवश्यक होने पर वह याचिका में संशोधन करना चाहते हैं। एकलपीठ ने सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता को यह स्वतंत्रता दी है कि वह इस संबंध में सरकार के समक्ष अभ्यावेदन पेश कर सकती है। याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने पैरवी की। मेघा परमार के लिए राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को पत्र लिखकर बताया कि हाल ही में साहसिक खेलों में विक्रम अवॉर्ड के लिए जो नॉमिनेशन हुए हैं, उनमें हमारे प्रदेश की बेटी मेघा परमार का नाम किसी कारणवश छूट गया है। 22 मई 2019 को मेघा पाटकर ने सबसे पहले दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराया था। भावना डहरिया करीब पांच घंटे बाद पहुंची थीं। एवरेस्ट समिट में दूसरे क्रम पर आने वाली बेटी भावना का चयन मप्र सरकार ने विक्रम अवॉर्ड के लिए कर लिया है, यह अच्छी बात है, लेकिन प्रथम आने वाली बेटी मेधा को अवॉर्ड के लिए नामित न करना इस बेटी के साथ-साथ प्रदेश के लाखों लोगों की भावना को ठेस पहुंचाना है। मेघा के लिए विक्रम अवार्ड पाने का नामांकन प्रक्रिया के अनुसार यह अंतिम अवसर है।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में भीषण गर्मी का सितम जारी है। कई शहरों में हीटवेव और लू चल रही है। इस भीषण गर्मी से लोग काफी परेशान हैं। सुबह से ही तापमान तेजी से चढ़ रहा है। वहीं दोपहर में हालत और भी खराब हो रही है। मंगलवार को 28 शहरों में पारा 40 डिग्री के पार रहा, जबकि नौगांव में सबसे ज्यादा 46.1 डिग्री पहुंच गया। नर्मदापुरम, गुना, खजुराहो, टीकमगढ़ और सागर में तापमान 45 डिग्री या इससे अधिक रहा। मौसम विभाग के मुताबिक, अगले 2 दिन लू और तेज गर्मी का अलर्ट है।मौसम विभाग ने बताया कि आज बुधवार को ग्वालियर, भिंड, मुरैना, दतिया, गुना, शिवपुरी, अशोकनगर, सागर, दमोह, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, नीमच और मंदसौर में हीट वेव यानी, लू चलने की संभावना है। वहीं, भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर समेत कई शहरों में तेज गर्मी रहेगी। दूसरी ओर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, डिंडौरी, अनूपपुर और शहडोल में आंधी-बारिश होने का अलर्ट है।इससे पहले प्रदेश में मंगलवार को छतरपुर जिले का नौगांव में तापमान सबसे ज्यादा 46.1 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा। वहीं, नर्मदापुरम, गुना, खजुराहो, टीकमगढ़ और सागर में तापमान 45 डिग्री या इससे अधिक रहा। मंगलवार को प्रदेश के 28 शहरों में तापमान 40 डिग्री या इससे ज्यादा रहा। बड़े 5 शहरों में ग्वालियर सबसे गर्म रहा। यहां अधिकतम तापमान 44.6 डिग्री दर्ज किया गया। भोपाल में 43.4 डिग्री, उज्जैन में 43 डिग्री, जबलपुर में 42.5 डिग्री और इंदौर में 40.4 डिग्री रहा। नौगांव के बाद नर्मदापुरम में पारा सबसे ज्यादा 45.9 डिग्री रहा। गुना-खजुराहो में 45.4 डिग्री, टीकमगढ़ में 45.2 डिग्री, सागर में 45 डिग्री दर्ज किया गया। शिवपुरी में 44 डिग्री रहा। दमोह, शाजापुर, सतना और रतलाम में 43 डिग्री के पार तापमान पहुंच गया। बाकी शहरों में पारा 40 डिग्री से ज्यादा ही रहा। सिर्फ पचमढ़ी में सबसे कम 37.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने अगले 2 दिन यानी, 11 और 12 जून को ग्वालियर, चंबल, उज्जैन और सागर संभाग के जिलों में लू का अलर्ट जारी किया है।

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इंदौर । इंदौर जिले के 101 शासकीय स्कूलों को आधिकारिक तौर पर "तंबाकू मुक्त" (Tobacco-Free) घोषित किया गया है। आज (बुधवार को) सुबह 11.30 बजे से शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय बाल विनय मंदिर में जिला स्तरीय कार्यक्रम संभागायुक्त दीपक सिंह की अध्यक्षता आयोजित किया जा रहा है, जिसमें इन स्कूलों को प्रमाणपत्र दिए जाएंगे। यह उपलब्धि राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम (NTCP) के तहत जिला प्रशासन, शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य अधिकारियों की संयुक्त मुहिम का परिणाम है। कलेक्टर आशीष सिंह के नेतृत्व में जिले के 101 सरकारी स्कूलों ने तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान दिशा-निर्देशों के सभी मानकों को पूरा किया है। इन स्कूलों ने 90 प्रतिशत या उससे अधिक स्कोर हासिल करके यह उपलब्धि प्राप्त की। जिला नोडल और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सिद्धार्थ जैन ने बताया कि उपरोक्त स्कूलों में न केवल तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाई है, बल्कि छात्रों और शिक्षकों को जागरूक करने के लिए विशेष कार्यशालाएं भी आयोजित की गईं। स्कूलों के आसपास तंबाकू उत्पादों की बिक्री और छात्रों में इसकी लत बढ़ रही थी। इस पहल से युवाओं को तंबाकू के दुष्प्रभावों से बचाने और स्वस्थ वातावरण बनाने में मदद मिलेगी। पुलिस, शिक्षा और स्वास्थ्य विभागों ने मिलकर स्कूलों को तंबाकू मुक्त बनाने के लिए सख्त नियम लागू किए। यह जिले के युवाओं के स्वस्थ भविष्य की दिशा में एक बड़ा कदम है। अन्य स्कूलों को भी इस मुहिम से जुड़ने के लिए प्रेरित करेंगे। इस सफलता के बाद जिला प्रशासन का लक्ष्य अधिक से अधिक स्कूलों और कॉलेजों को तंबाकू मुक्त बनाने का है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें नियमित निगरानी करेंगी ताकि यह अभियान स्थायी रूप से सफल हो।  

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इंदौर। इंदौर में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। सोमवार को यहां कोरोना के चार नए मरीज मिले। चारों ही होम आइसोलेट हैं। चारों पुरुष हैं। इसके बाद इंदौर में सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़कर 25 हैो गई है। सभी होम आइसोलेट हैं और हालत ठीक है। इनमें से एक मरीज को कैंसर है, इसलिए उसे एडमिट किया गया है। मध्य प्रदेश में इस साल अब तक 65 कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए हैं। इनमें भी सबसे ज्यादा 48 मरीज (63%) इंदौर में हैं। इनमें से दो कोरोना पॉजिटिव महिलाओं की मौतें भी इंदौर में ही हुई हैं। इनमें एक खरगोन की है। हालांकि, अधिकारियों ने इन दोनों की मौत का कारण अन्य वजह बताई है। प्रदेश में अभी 32 से ज्यादा कोरोना के एक्टिव मरीज हैं। सभी एक्टिव मरीजों में हल्के लक्ष्ण हैं और स्थिति सामान्य है। अधिकारियों का कहना है कि घबराने जैसी स्थिति नहीं है। जबकि हकीकत यह है कि इंदौर में सरकारी अस्पतालों मे RT-PCR परीक्षण सुविधा नहीं हैं। ऐसे में मरीजों को जांच के लिए प्राइवेट लैब और अस्पतालों में जांच करानी पड़ रही है।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के बिट्टन मार्केट स्थित नाबार्ड क्षेत्रीय कार्यालय परिसर में आज (मंगलवार) से पांच दिवसीय ‘राज्य स्तरीय आम महोत्सव 8.0’ की शुरुआत होने जा रही है। आगामी 14 जून तक चलने वाले इस आयोजन में प्रदेश के आदिवासी जिलों से लाए गए प्राकृतिक रूप से पके रसायनमुक्त आमों की 15 से अधिक किस्में बिक्री के लिए उपलब्ध रहेगी। नाबार्ड की चीफ जनरल मैनेजर सी. सरस्वी ने बताया कि वाड़ी परियोजनाओं से जुड़े आदिवासी परिवारों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने, उनकी आजीविका को सशक्त करने और विपणन कौशल विकसित करने के उद्देश्य से आम महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस वर्ष महोत्सव की खास बात यह है कि पहली बार दुर्लभ नूरजहां आम बिक्री के लिए उपलब्ध करवाया गया है। इससे पहले यह आम केवल प्रदर्शनी के लिए रखा जाता था। इस आम की कीमत 2,000 प्रति किलो है और इसका वजन 1.1 किलो से अधिक का होता है। नूरजहां आम का उत्पादन केवल आलीराजपुर जिले के कट्ठीवाड़ा क्षेत्र में होता है, जहां इसकी खेती केवल 10 पेड़ों पर होती है। यह आम इतना भारी होता है कि हल्की हवा से भी गिर सकता है, इसलिए इसकी खेती एक चुनौती है। वहीं, रीवा जिले के गोविंदगढ़ क्षेत्र से लाया गया जीआई टैग प्राप्त सुंदरजा आम भी खास आकर्षण रहेगा। यह आम फाइबर-फ्री होता है और शुगर मरीजों के लिए उपयुक्त माना जाता है। इसकी मिठास और गुणवत्ता इसे विशेष बनाती है। इसके अलावा मल्लिका, आम्रपाली, नीलम, दशहरी, मालदा, केसर, लंगड़ा, चौसा, तोतापरी, नारंगी, सिंदूरी, राजापुरी आदि किस्म के आम भी बिक्री के उपलब्ध रहेंगे।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मौसम के उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। वातावरण से नमी कम होने के कारण तापमान में अब बढ़ोतरी होने लगी है। भोपाल, ग्वालियर समेत कई शहरों में सूरज के तेवर तीखे हैं। सोमवार को 7 शहरों में पारा 45 डिग्री के पार रहा। जून माह में पहली बार इतना पारा पहुंचा। इससे पहले अप्रैल में ही इतनी गर्मी रही थी। वहीं, 24 शहरों में तापमान 40 डिग्री या इससे अधिक रहा।मौसम विभाग के अनुसार, आज मंगलवार को भी पूरे प्रदेश में गर्मी का असर बना रहेगा। कहीं भी आंधी-बारिश का अलर्ट नहीं है। ग्वालियर, भिंड, मुरैना, दतिया, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर और पन्ना में हीट वेव यानी, लू चल सकती है। वहीं, भोपाल, इंदौर, उज्जैन और जबलपुर में दिन का तापमान 42 से 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है।इससे पहले सोमवार को छतरपुर का खजुराहो शहर सबसे गर्म रहा। यहां पारा 45.8 डिग्री तक पहुंच गया। टीकमगढ़ में 45.4 डिग्री, ग्वालियर, नर्मदापुरम-सागर में 45.2 डिग्री, नौगांव और गुना में तापमान 45 डिग्री रहा। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में सबसे ज्यादा 43.4 डिग्री, जबलपुर में 42.6 डिग्री, उज्जैन में 42 डिग्री और इंदौर में 39.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, दमोह, शिवपुरी, सतना, शाजापुर, रीवा, सीधी, उमरिया, मलाजखंड, रतलाम, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला और रायसेन में तापमान 40.2 से 43.5 डिग्री सेल्सियस तक रहा। इकलौते हिल स्टेशन पचमढ़ी में तापमान सबसे कम 36.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।बता दें कि इस बार भीषण गर्मी में भी आंधी-बारिश वाला मौसम रहा। मौसम विभाग ने अगले 2 दिन तक ग्वालियर, चंबल और सागर संभाग के जिलों में लू का अलर्ट जारी किया है। 12 जून से फिर से बारिश का दौर शुरू हो जाएगा। हालांकि, जिन जिलों में बारिश नहीं होगी, वहां गर्मी का असर बना रहेगा। पिछले 12 दिन से मानसून महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ में एक ही जगह पर ठहरा है। इस वजह से एमपी में इसकी एंट्री लेट हो रही है। अगले 2 से 3 दिन तक मानसून के आगे बढ़ने की संभावना कम ही है। यानी, मानसून 15 जून तक प्रदेश में प्रवेश कर सकता है।

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रायसेन । मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में ग्राम सदलतपुर में रविवार देर शाम अज्ञात वाहन ने बाइक को टक्कर मार दी। इस हादसे में बाइक पर सवार दो युवकों की मोके पर ही मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, रायसेन-भोपाल रोड स्थित ग्राम सदलतपुर में रविवार शाम करीब सात बजे किसी अज्ञात वाहन ने सामने से आ रही बाइक को टक्कर मार दी। हादसा इतना भीषण था कि बाइक पर सवार दोनों युवक दूर जा गिरे और उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। राहगीरों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों युवकों के शवों को जिला अस्पताल पहुंचाया। पुलिस ने बताया कि मृतक युवकों की पहचान ग्राम मुड़ियाखेड़ा निवासी 20 वर्षीय पवन साहू और 26 वर्षीय राजीव विश्वकर्मा के रूप में हुई है। दोनों युवक किसी काम से भोपाल की ओर जा रहे थे। दोनों के शव मॉर्चरी में रखे गए हैं। सोमवार सुबह दोनों का पोस्टमार्टम किया जाएगा। पुलिस ने मर्ग कायम कर अज्ञात वाहन की तलाश शुरू कर दी है।  

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खंडवा । खंडवा के जंगलों से अतिक्रमण हटाने के लिए एक बार फिर फॉरेस्ट विभाग ने पुलिस और प्रशासन के साथ अभियान छेड़ दिया है। साेमवार तड़के करीब तीन बजे प्रशासनिक अमला दल-बल के साथ मौके पर पहुंच गया। इस दाैरान टीम जब कार्रवाई करने पहुंची तो अतिक्रमणकारियों की ओर से पथराव होने लगा। पुलिस ने आंसू गैस छोड़ी और 11 लोगों को हिरासत में लिया। इसके बाद प्लानिंग के साथ 13 जेसीबी मशीने ने सुबह 5 बजे से कार्रवाई शुरू की गई। दोपहर तक 30 जेसीबी मशीनों को काम पर लगाया गया।   डीएफओ राकेश कुमार डामोर ने बताया कि गुड़ी रेंज के ग्राम आमाखुजरी में लंबे समय से अतिक्रमण है। यहां 2019 से अतिक्रमण हो रहा था। करीब 250 हेक्टेयर यानी 600 एकड़ से ज्यादा के जंगल एरिया में अतिक्रमण है, जिसे हटाने की कार्रवाई की जा रही है। जंगल की कटाई के बाद यहां खेती के लिए जमीन को जोता गया। प्रशासनिक अमला दल-बल के सात सोमवार तड़के 3 बजे ही मौके पर पहुंच गया। प्लानिंग के साथ सुबह 5 बजे से कार्रवाई शुरू की गई। सुबह 5 बजे से लेकर अब तक 20 हेक्टेयर से ज्यादा जंगल से अतिक्रमण हटाया जा चुका है। डीएफओ डामोर ने बताया कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के लिए जंगल में 40 जेसीबी मशीनों को बुलाया गया था। हालांकि, रात में सिर्फ 13 जेसीबी मशीन पहुंची। जेसीबी मशीनों ने जमीन से अतिक्रमण हटाया और गड्ढे खोद दिए। जेसीबी की मदद से जमीन पर रखी फसलों को हटाया गया। कब्जा की गई जमीन पर खेती हो रही थी। जेसीबी की मदद से गड्ढे खोदे गए। कंटूर में सीड बॉल डाले जा रहे हैं। ताकी अतिक्रमणकारी खेती न कर सकें और बारिश के दौरान स्वतः वृक्षारोपण होकर जंगल दोबारा जीवित हो सकें। एडिशनल एसपी महेंद्र तारणेकर ने बताया कि पुलिस फोर्स के साथ सुबह 5 बजे से कार्रवाई चल रही है। 550 जवान कार्रवाई के दौरान तैनात किए गए हैं। सुबह 7 बजे अतिक्रमणकारियों ने कार्रवाई का विरोध शुरू कर दिया। उन्होंने गोफन के जरिए फोर्स पर पत्थर फेंके है, जवाबी कार्रवाई में फोर्स को उनके पीछे दौड़ाया गया। इस दौरान हालात को काबू करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस दागकर अतिक्रमणकारियों को खदेड़ दिया। कुल 11 लोगों को हिरासत में लिया है। इनमें 4 लोग बकरी चराने वाले हैं, जो अतिक्रमणकारियों को पुलिस के मूवमेंट की जानकारी दे रहे थे।      

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बुरहानपुर । मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में स्थित बीटी कॉटन फैक्ट्री में रविवार देर शाम अचानक आग गई। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। फैक्ट्री में लगी इस आग के बाद चारों ओर अफरा-तफरी का माहौल देखा गया। सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन और दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। आग की खबर फैलते ही लोगों की भारी भीड़ भी वहां जुट गई। जानकारी के अनुसार, बुरहानपुर के गणपति नाका थाना क्षेत्र में उद्योग नगर स्थित गुरुद्वारे के सामने स्थित रोहित पोद्दार की बीटी कॉटन फैक्ट्री में रविवार शाम करीब 6 बजे अचानक भीषण आग लग गई। आग इतनी तेज थी कि धुएं का गुबार पांच किलोमीटर दूर से नजर आ रहा था। आग की सूचना मिलते ही नगर पालिक निगम, शाहपुर और नेपानगर से फायर ब्रिगेड की टीमें मौके पर पहुंचीं। नगर निगम फायर अधिकारी बसंत पाटिल के मुताबिक, 3 फायर फाइटर और एक टैंकर की मदद से आग बुझाने का काम चल रहा है। बता दें कि इसके पहले भी इस तरह की आग लग चुकी है, हालांकि जिला प्रशासन, पुलिस और फायर फाइटर आग पर काबू पाने में जुटे हुए हैं। फिलहाल राहत-बचाव कार्य जारी है, लेकिन आग लगने के कारणों का अब तक मालूम नहीं चल सका है। सुरक्षा के चलते फैक्ट्री के पास स्थित रिहायशी इलाकों और पास की फैक्ट्रियों को खाली कराया गया।शाम 7 बजे चार थानों से पुलिस बल मौके पर पहुंचा और भीड़ को हटाया गया। फिलहाल आग पर काबू पाने की कोशिशें लगातार जारी हैं। एसडीएम पल्लवी पुराणिक ने बताया कि आसपास के जिलों से अतिरिक्त फायर ब्रिगेड बुलाई गई हैं। अब तक किसी जान-माल की हानि की सूचना नहीं है, लेकिन फैक्ट्री को बड़ा नुकसान होने की आशंका है। गणपति नाका थाना प्रभारी किशोर सिंह मोरे के अनुसार, आग पर जल्द ही काबू पा लिया जाएगा। फिलहाल आग लगने का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। प्रशासन और पुलिस की टीमें मौके पर डटी हुई हैं।  

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इन्दौर । इंदौर में कोविड-19 संक्रमण के मामलों में तेजी से वृद्धि देखने को मिल रही है। यहां शनिवार को कोरोना के 12 नए मरीज मिले हैं। नए मरीजों में छह पुरुष और छह महिलाएं शामिल हैं, जिनकी उम्र 18 से 72 वर्ष के बीच है। इसके साथ ही इंदौर में सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है। इंदौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. बीएस सैत्या ने बताया कि शनिवार को प्राप्त रिपोर्ट में 12 मरीजों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। इनमें से चार मरीजों की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। जबकि अन्य की गोवा, दिल्ली, पुणे और वियतनाम की ट्रैवल हिस्ट्री है। संक्रमित महिलाओं में से एक इंदौर में एक शादी समारोह में शामिल हुई थी, जबकि एक 18 वर्षीय महिला मरीज से स्वास्थ्य विभाग का अभी संपर्क नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि इस तरह इस साल इंदौर में कोरोना मरीजों की संख्या 50 हो गई है। इनमें से 9 दूसरे शहरों के हैं। शनिवार को मिले कोरोना संक्रमित मरीजों में एक नीमच का है। उसे कैंसर भी है। इसके चलते ‌वह अरबिंदो अस्पताल में भर्ती है। शेष मरीजों को होम आइसोलेशन में रखा गया है। बता दें कि इंदौर में कोरोना पॉजिटिव एक गर्भवती महिला की गुरुवार को मौत हो गई थी। वह डिलीवरी के लिए इंदौर आई थी। उसे सरकारी एमटीएच में भर्ती किया था। सीएमएचओ डॉ. बीएस सैत्या ने बताया कि महिला कोरोना पॉजिटिव थी, पर मौत का कारण कोरोना नहीं है। उन्होंने बताया कि सिजेरियन डिलीवरी के दौरान उसकी हालत बिगड़ी तो उसे सरकारी एमआरटीबी हॉस्पिटल रेफर किया। उसे सीजर के दौरान हुए कॉम्पलिकेशन सहित दूसरी तकलीफ थीं। दरअसल, 44 वर्षीय यह महिला अपनी तीसरी डिलीवरी के लिए एमटीएच में भर्ती हुई थी। उसकी 25 मई को डिलीवरी हुई और एक स्वस्थ बच्चा पैदा हुआ। फिर 5 जून को वह कोरोना पॉजिटिव हुई। इस बीच उसकी हालत बिगड़ी तो उसे एमआरटीबी रैफर किया गया था। इसी दिन उसकी मौत हो गई। दूसरी ओर बच्चा स्वस्थ है। उसे गायनिक संबंधी भी तकलीफ थी। इसके पहले अप्रैल में एक निजी अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव महिला की मौत हुई थी। उसे भी दूसरी बीमारियां थीं। इस तरह इंदौर में इस साल कोरोना पॉजिटिव दूसरे मरीज की मौत हुई है और दोनों ही महिलाएं हैं। सीएमएचओ के मुताबिक, मौजूदा सक्रिय मरीजों की हालत बिल्कुल ठीक है। ये सभी होम आइसोलेट हैं। स्वास्थ्य विभाग हर पॉजिटिव मरीजों की ट्रैवल हिस्ट्री की निकाल रहा है। जिनकी भी ट्रैवल हिस्ट्री मिली है उनकी कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग निकाली जा रही है। इसके साथ ही उनके संपर्क में आए लोगों के भी सेंपल लिए जा रहे हैं। पिछले दिनों मध्य प्रदेश में कोविड-19 के ओमिक्रॉन वेरिएंट की नई सब लाइनेज की पुष्टि हुई थी। यह पुष्टि पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) में कराई गई जीनोम सीक्वेंसिंग के जरिए हुई थी। इंदौर के सात कोविड पॉजिटिव मरीजों की व्होल जीनोम सिक्वेंसिंग रिपोर्ट में दो सब लाइनेज XFG और LF.7.9 पाए गए हैं। ये वर्तमान में राज्य में सक्रिय हैं। इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि कोविड के जितने भी केस आ रहे हैं उनकी मॉनिटरिंग की जा रही है। सभी टेस्ट आरटीपीसीआर से हो यह सुनिश्चित किया गया है। चूंकि सभी मरीजों में हल्के लक्षण पाए गए हैं, इसलिए घबराने या पैनिक जैसी स्थिति नहीं है। सारी स्थिति पर नजर है। कलेक्टर का कहना है कि मरीज चाहे होम आइसोलेशन में हो या अस्पताल में, उसकी मॉनिटरिंग की जा रही है। हालांकि अभी तक जितने भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए उनमें से अप्रैल में दो मरीज एक प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट थे। उन्हें दूसरी बीमारियां भी थीं। इनमें से एक महिला की मौत हो गई थी। सीएमएचओ डॉ. बीएस सैत्या ने बताया कि अभी केस 10 एक्टिव हैं। सभी होम आइसोलेट हैं और हालत अच्छी है।  

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भोपाल । शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में आज (रविवार को) अवकाश के दिन भी सुबह 9:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक तीन घंटे ओपीडी संचालित होगी। इस सम्बन्ध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि दो दिवस निरंतर अवकाश होने के कारण आज ओपीडी में नियमित दिवसों की भांति सभी सेवाएं दी जाएगी। उन्होंने बताया कि सात जून को ईदज्जुहा का पर्व था और आज रविवार का अवकाश है। लगातार दो दिन के अवकाश होने के कारण मरीजों को उपचार लेने में असुविधा न हो, इसे देखते हुए तीन घंटे की ओपीडी संचालित रखने के निर्देश दिए जारी किए गए हैं। चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ को भी ड्यूटी पर उपस्थित रहने के लिए निर्देशित किया गया है।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में बीते एक सप्ताह से प्री मानसून की गतिविधियां जारी हैं और कई हिस्सों में आंधी-तूफान के साथ बारिश हो रही है। रविवार को भी तेज धूप के बीच प्रदेश के कई हिस्सों में बादल छाए हुए हैं। मौसम विभाग की मानें तो मध्य प्रदेश में 10 जून के बाद मानसून दस्तक दे सकता है, लेकिन इससे पहले प्रदेश के कुछ हिस्सों में आंधी और गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है। रविवार को दक्षिणी हिस्से के आठ जिलों में आंधी-बारिश का अलर्ट जारी किया गया है, जबकि 9 और 10 जून को ग्वालियर-चंबल में लू चलने की संभावना है। भोपाल के मौसम विज्ञान केन्द्र से मिली जानकारी के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून एक सप्ताह से महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ के आसपास अटका हुआ है। इस वजह से मध्य प्रदेश में इसकी एंट्री लेट हो रही है, लेकिन इस दौरान मध्य प्रदेश में प्री मानसून की गतिविधियां जारी है। हवाओं के साथ कुछ नमी आने से प्रदेश में कहीं-कहीं बारिश हो रही है। मौसम विभाग का कहना है कि अगले तीन से चार दिन में मानसून आगे बढ़ सकता है। मौसम विभाग ने रविवार को बड़वानी, खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर, बैतूल, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा और सिवनी में आंधी, गरज-चमक और बारिश की चेतावनी जारी है। वहीं, सोमवार को ग्वालियर, भिंड, मुरैना, टीकमगढ़, निवाड़ी, छतरपुर, पन्ना में लू का अलर्ट है। सिवनी, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, बैतूल, खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन और बड़वानी में गरज-चमक और बारिश वाला मौसम रह सकता है। इससे पहले शनिवार को प्रदेश में मौसम के दो रंग देखने को मिले। इंदौर, नर्मदापुरम और बड़वानी के सेंधवा में बारिश हुई। वहीं, 13 शहरों में पारा 40 डिग्री के पार रहा। मौसम विभाग के अनुसार, खजुराहो और गुना में पारा 42.2 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं, ग्वालियर, नौगांव, शाजापुर, सतना, टीकमगढ़ और शिवपुरी में 41 डिग्री या इससे अधिक दर्ज किया गया। उज्जैन, सीधी, रीवा, सागर और रतलाम में तापमान 40.2 से 40.8 डिग्री तक रहा। मौसम विज्ञान केन्द्र की वरिष्ठ मौसम विशेषज्ञ डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि साइक्लोनिक सकुर्लेशन की एक्टिविटी की वजह से मौसम बदला हुआ है। इस वजह से आंधी-बारिश वाला मौसम है। अगले चार दिन तक ऐसा ही मौसम बना रहेगा। इस बार भीषण गर्मी में भी आंधी-बारिश वाला मौसम रहा। प्रदेश में 26 अप्रैल से आंधी-बारिश का दौर शुरू हो गया था, जो 7 जून को भी जारी रहा। यानी, लगातार 43 दिन से प्रदेश के किसी न किसी जिले में पानी गिर रहा है, या आंधी चल रही है। आज रविवार को बड़वानी, खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर, बैतूल, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा और सिवनी में तेज हवाएं चलने के साथ ही बारिश की संभावना है।    

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भोपाल । राजधानी भोपाल में आज (शनिवार काे) ईद-उल-अजहा (बकरीद) पूरी अकीदत और एहतराम के साथ मनाई जा रही है। ईदगाहों और मस्जिदों में शनिवार सुबह अलग-अलग वक्त में नमाज अदा की गई है। ईद-उल-अजहा के मौके पर हजारों मुसलमानों ने नमाज अदा कर मुल्क और फिलिस्तीन के लिए दुआ की।   भोपाल में ईदगाह में नमाज का समय सुबह 6:30 बजे था, इसके बाद ताजुल मसाजिद में 6:45 बजे, जामा मस्जिद में 7 बजे, मोती मस्जिद में 7:15 बजे और मस्जिद बिल्किस जहां (आरिफ नगर) में 7:30 बजे ईद की नमाज अदा की गई। ईदगाह में शहरकाजी मुश्ताक अली नदवी, ताजुल मसाजिद में मौलाना हस्सान साहब ने नमाज पढ़ाई। नमाज के दौरान मुल्क की सलामती, इंसाफ के कयाम और बीमारों की शिफा, फिलिस्तीनी भाइयों की हिफाजत, उनकी भूख-प्यास और हालात को लेकर दुआ मांगी गई। शहर की मोती मस्जिद, जामा मस्जिद, मस्जिद बिल्किस जहां (आरिफ नगर) सहित शहर की विभिन्न मस्जिदों में भी अपने निर्धारित समय पर नमाज अदा की गई। शहर काजी मुश्ताक अली नदवी ने अमनो अमान और अच्छी बारिश के साथ ईद की नमाज का समापन किया। शहरकाजी मुश्ताक अली नदवी और ताजुल मसाजिद में मौलाना हस्सान साहब ने सूफियों, ऋषि-मुनियों और बुजुर्गों की मोहब्बत वाली राह पर चलने की दुआ मांगी।   शहर काजी नदवी ने कहा कि कुर्बानी इस्लाम का एक अहम फर्ज है, लेकिन इसे सलीके और सलीम तरीके से अंजाम देना हर मुसलमान की जिम्मेदारी है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि कुर्बानी के स्थान को चारों ओर से ढंका जाए, सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए और प्रशासनिक नियमों का पालन किया जाए।

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इंदौर । इंदौर जिले में संचालित स्कूली बसों के संचालन के संबंध में क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय द्वारा दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। दिशा-निर्देशों का उल्लंघन पाये जाने पर सख्त कार्रवाई की जायेगी। सभी स्कूलों को उनके स्कूल में संचालित उपयोगी तथा अनुपयोगी स्कूली बसों की जानकारी देना जरूरी होगा। साथ ही सभी स्कूली बसों का फिटनेस, बीमा, परमिट आदि जरूरी दस्तावेज होना अनिवार्य रहेगा। कोई भी कमी पाये जाने पर कार्रवाई होगी। साथ ही कहा गया है कि सभी स्कूली बसों में सुरक्षा के सभी प्रबंध सुनिश्चित किये जाये।रेसीडेंसी में शुक्रवार को शहर में संचालित सभी शैक्षणिक संस्थानों के संचालकों और प्राचार्यों की महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी प्रदीप शर्मा ने दिशा-निर्देशों और मोटरयान अधिनियम के संबंध में विस्तार से जानकारी दी और अपेक्षा की कि दिशा-निर्देशों और नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाये। पालन में किसी भी तरह की कोताही नहीं बरती जाये। बताया गया कि कई स्कूली बसें ऐसी हैं, जिनका फिटनेस समाप्त हो गया है और उनका अभी तक नवीनीकरण नहीं कराया गया है, उन्हें निर्देश दिए गये कि वे उक्त बसों का फिटनेस करवायें अथवा अनुपयोगी होने पर उसकी जानकारी क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में देवें। समस्त शैक्षणिक संस्थानों को निदेश दिए गये कि उनके संस्थान की बसों के समस्त वैध दस्तावेजों की जानकारी एवं उनके परिसर में खड़ी अनुपयोगी वाहनों की जानकारी उपलब्ध कराएं। बैठक में एडिशनल डीसीपी ट्राफिक संतोष कुमार कौल, एआरटीओ अर्चना मिश्रा एवं राजेश गुप्ता भी मौजूद थे।बैठक में शैक्षणिक संस्थानों को उनकी बसों के वैध प्रमाण पत्र एवं बसों में लगाई जाने वाली कीएलटीडी डिवाईस, स्पीड गवर्नर, एफएपीएस (अग्नि सुरक्षा उपकरण), सीसीटीवी केमरा इत्यादि की जानकारी उपलब्ध कराये जाने हेतु फार्मेट उपलब्ध कराया गया। कुछ शैक्षणिक संस्थान के संचालकों/प्रतिनिधियों द्वारा ऑटोमेटेस टेस्टिंग सेन्टर (ATS)/फिटनेस सेन्टर एवं Vehicle Location Tracking Device (VLTD) लगाने वाले अधिकृत एजेन्सियों द्वारा समय पर कार्य न करने एवं डिवाईस में आ रही समस्याओं के संबंध में बताया गया, उनके द्वारा इस संबंध में लिखित आरटीओ के समक्ष शीघ्र प्रस्तुत करने हेतु कहा गया।गोल्डन इन्टरनेशल स्कूल केट रोड इन्दौर एवं जे जी पब्लिक स्कूल महू की ओर से उपस्थित प्रतिनिधियों द्वारा बताया गया कि उनके द्वारा ड्रायवरों के मादक पदार्थ (शराब) के सेवन को रोकने हेतु ब्रिचिंग एनेलाईजर मशीन क्रय की गई जिससे उनके द्वारा प्रतिदिन दो बार सुबह एवं दोपहर को ड्रायवरों की जाँच की जाती है, जिससे शराब पीकर वाहन चलाने पर अंकुश लगाया जा सके। अन्य सभी स्कूल को भी उक्त मशीन क्रय कर सतत् निगरानी करने हेतु निर्देशित किया गया।स्कूल बसों के सुरक्षात्मक संचालन हेतु दिशा-निर्देश:-1. उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली द्वारा जारी दिशा-निर्देशों (Guideline) का अक्षरशः पालन जरूरी।2. स्कूल बस का रंग पीला होना चाहिए।3. बसों के आगे-पीछे "स्कूल बस" लिखा होना चाहिए, अगर किसी एजेन्सी से बस अनुबंध पर ली गई है तो उस पर "ऑन स्कूल ड्यूटी" लिखा होना चाहिए।4. बसों में प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स (First-Aid Box) होना चाहिए।5. बस में परिवहन विभाग द्वारा स्वीकृत स्पीड गवर्नर लगा होना चाहिए।6. प्रत्येक स्कूल बस में सुरक्षा हेतु हॉरिजेंटल ग्रिल लगे होने चाहिए।7. प्रत्येक बस में आग बुझाने के उपकरण (Fire Extiguisher) होना चाहिए।8. बस पर स्कूल का नाम और फोन नम्बर लिखा होना चाहिए।9. बस में सीट के नीचे बैग रखने की व्यवस्था होना चाहिए।10. प्रत्येक स्कूल बस चालक को कम से कम 5 साल का भारी वाहन चलाने का अनुभव होना चाहिए।11. बसों में कंडक्टर/टीचर/माता-पिता/अभिभावक में से कोई एक जरूर होना चाहिए, बच्चों की देखभाल के लिए। (स्कूल बस में छात्राओ को लाना या ले जाने किया जा रहा है, तो सम्बंधित बस में महिला चालक या परिचालक का होना आवश्यक है)12. चालक का कोई चालान नहीं होना चाहिए और न ही उसके खिलाफ कोई प्रकरण दर्ज हो।13. स्कूल प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रत्येक स्कूल बसें आपातकालीन निकास द्वार स्थापित हो।14. स्कूल बस में जीपीएस और सीसीटीवी अनिवार्य है और उन्हें हर समय काम करने की स्थिती में रखा जाना चाहिए।15. स्कूल बस में परदे या शीशे में फिल्म नहीं होना चाहिए ताकि अन्दर की गतिविधियां बाहर से दिखाई दे।16. स्कूल बस के अन्दर पर्याप्त रोशनी व सफाई होनी चाहिए।17. बच्चों की सुरक्षा के लिए बस की सीटें गैर ज्वलनशील सामग्री की होनी चाहिए।18. स्कूल बस पर रिफ्लेक्टि टेप और स्टॉप साइन होना चाहिए।19. सभी स्कूल बस चालकों के पास वैध रजिस्ट्रेशन फिटनेस, परमिट, पीयूसी, बीमा होना चाहिए।20. स्कूल बस में स्टेपनी टायर और मरम्मत किट होना चाहिए।21. बस में इमरजेंसी सायरन और अलार्म बेल/पैनिक बटन होना चाहिए। (बस में हर सीट के बाद पैनिक बटन लगा हो)22. बस चालक वाहन चलाते समय मोबाईल फोन का प्रयोग न करे।23. वर्षा काल में यदि पुल/पुलिया पर पानी का अधिक बहाव होने पर पुलिया पार न करे।24. विद्यार्थियों को सीमित संख्या में, क्षमता के अनुसार ही परिवहन किया जावे।25. स्कूल संचालकों द्वारा समय-समय पर बस चालको की कॉउंसलिंग ट्रैनिंग कि जाए।26. स्कूल प्रबंधन व बस संचालकों द्वारा जीपीएस व सीसीटीवी के माध्यम से सुचारू रूप से निगरानी रखी जावे।27. बसों के दरवाजे के अन्दर से बन्द करने की व्यवस्था होनी चाहिए।28. स्कूल प्रबंधन द्वारा विद्यार्थियों और पालकों से वाहन चालकों के संबंध में जानकारी- फीडबैक प्राप्त की जाये।29. बस चालक व परिचालक का यूनिफार्म में होना अनिवार्य है।30. बस के केबिन में छात्र-छात्राओं को न बैठाया जाये।31. वर्षाकाल के दौरान वाहनों के संचालन हेतु पालन किये जाने वाले दिशानिर्देशों का पालन करना होगा।  

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भोपाल । कोविड-19 के भोपाल में इस साल अब तक नौ नए प्रकरण सामने आए हैं। इनमें अप्रैल में एक, मई में तीन एवं जून में पांच पॉजिटिव केसेज मिले हैं। वर्तमान में चार एक्टिव केस हैं। इनमें से एक मरीज अन्य बीमारियों के कारण अस्पताल में भर्ती था तथा अन्य बीमारियों के जांच के समय कोविड पॉजिटिव पाया गया। तीन व्यक्तियों को कोविड पॉजिटिव पाए जाने, किंतु कोई विशेष लक्षण न होने (Asymptomatic) के कारण घर पर रहकर सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। पांच व्यक्ति लक्षणों से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं। यह जानकारी शुक्रवार देर शाम भोपाल के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ.प्रभाकर तिवारी ने दी। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे और स्वास्थ्य सेवा प्रदायगी को सुनिश्चित करने के लिए सतत रूप से निगरानी की जा रही है। इस संबंध में विगत दिनों स्वास्थ्य संस्थानों में मॉकड्रिल भी आयोजित जा चुकी है। जिसमें मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति, ऑक्सीजन प्लांट की कार्यक्षमता का मूल्यांकन किया गया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. तिवारी ने बताया कि लक्षणों के आधार पर निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुरूप कार्य करने के लिए स्वास्थ्य संस्थाओं को निर्देशित किया जा चुका है। सभी शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में परामर्श निशुल्क उपलब्ध है। जन सामान्य से यह भी आग्रह है कि कोई भी समस्या होने पर चिकित्सक की सलाह के अनुसार जाँच वउपचार लिया जाना चाहिए। अनावश्यक तौर पर स्वयं से कोविड की जांच करवाने या उपचार लेने (Self Diagnosis & Self Medication ) से बचें। कोविड से डरने की कोई भी आवश्यकता नहीं है, किंतु सतर्कता जरूरी है। कोविड कम प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों जैसे कैंसर के मरीज़, डायलिसिस के मरीज़ तथा Co-morbidity जैसे डायबिटीज इत्यादि के लिए घातक हो सकता है। अतः ऐसे व्यक्ति विशेष सावधानी बरतें।

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बुरहानपुर । बुरहानपुर जिले के चाकबारा गांव के पास शुक्रवार सुबह जंगल में गोंद निकालने गए एक युवक पर बाघ ने हमला कर दिया। बाघ के हमले में युवक काे गले पर पंजे के गहरे घाव लगने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद गांव में दहशत फैल गई है। वन विभाग जांच में जुटा है, लेकिन बाघ की पुष्टि नहीं की गई है।जानकारी के अनुसार मृतक 22 वर्षीय गुणेश पुत्र सुरपाल भिलाला शुक्रवार सुबह छह बजे बोदरली रेंज के चाकबारा गांव से सटे मगरडोह के जंगल में गोंद निकालने गया था। इस दौरान अचानक बाघ ने उस पर हमला कर दिया। बाघ के पंजे से गले पर गहरा घाव लगने से उसकी मौत हो गई। शव के पास बाघ काफी देर तक बैठा रहा। ग्रामीणों ने शोर मचाया, तब जाकर वह जंगल की ओर भागा। गणेश के साथ गए तीन अन्य युवक अलग-अलग स्थानों पर गोंद निकाल रहे थे। वे गांव लौटे तो गणेश नहीं मिला। काफी देर इंतजार करने व फोन नहीं उठाने पर उसे खोजने वापस जंगल पहुंचे। उन्हें उसका शव मिला। उसके पास में बाघ भी मौजूद था।   ग्रामीणों ने बताया कि मृतक गणेश का एक माह पहले ही विवाह हुआ था। अचानक हुई इस घटना से पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है। मृतक सात भाई-बहन हैं। परिवार खेती व मजदूरी कर जीवन यापन करता है। ग्रामीणों का कहना है कि इस क्षेत्र में इससे पहले बाघ की कोई उपस्थिति नहीं देखी गई थी। घटना की सूचना मिलने पर वन विभाग के एसडीओ अजय सागर, रेंजर व खकनार थाना प्रभारी अभिषेक जाधव मौके पर पहुंचे। कागजी प्रक्रिया के बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है। युवकों का दावा है कि उन्होंने खुद बाघ को देखा, लेकिन वन विभाग अब तक हमले की पुष्टि नहीं कर पाया है। इस घटना ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया है। युवक की मौत के बाद गांव में मातम पसरा हुआ है। वन विभाग की कार्रवाई पर सवाल उठने लगे हैं। फिलहाल मामले की जांच जारी है।

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भोपाल । राजधानी भोपाल में शुक्रवार सुबह सैलरी नहीं मिलने से सफाई मित्र और वाहन चालकों ने प्रदर्शन किया। इस दाैरान डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन का काम करीब डेढ़ घंटे तक थमा रहा। नाराज कर्मचारियों ने कचरा ट्रांसफर स्टेशनों पर ही गाड़ियां खड़ी कर दी। जैसे ही यह जानकारी अफसरों तक पहुंची, उन्होंने कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि सैलरी आज ही बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दी जाएगी। इसके बाद कर्मचारी माने और अपने काम में जुट गए।नगर निगम भोपाल सार्थक कर्मचारी संघ के बैनरतले कर्मचारियों ने यह प्रदर्शन किया और विरोध दर्ज कराया। इसके बाद डिप्टी कमिश्नर चंचलेश गिरहारे ने चर्चा की। उन्होंने आज दोपहर तक सैलरी ट्रांसफर होने की बात कही। इसके बाद सभी कर्मचारी मान गए। बता दें कि भाेपाल नगर निगम में करीब 6 हजार दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी हैं। जिनमें सफाई मित्र और वाहन चालक शामिल हैं। इन्हें हर महीने 10 से 12 तारीख तक सैलरी मिलती है। इस बार ईद होने की वजह से पहले सैलरी की मांग कर रहे थे, लेकिन गुरुवार शाम तक सैलरी नहीं मिली। इसके चलते शुक्रवार सुबह उन्होंने ट्रांसफर स्टेशनों पर ही गाड़ियां खड़ी कर दी और गली-मोहल्लों में कचरा लेने नहीं पहुंचे। करीब डेढ़ घंटा तक उनका प्रदर्शन चला।  

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जबलपुर । मप्र वक्फ बोर्ड ने कुर्बानी के लिए सात बिंदुओं पर आधारित एडवाइजरी जारी की है। इस अवसर पर बोर्ड ने अपने अधीनस्थ सभी वक्फ मुतवल्लियों और प्रबंध समितियों को निर्देश जारी किए हैं। इसके अलावा, बोर्ड ने निर्देश दिया कि ईद की नमाज केवल ईदगाह या मस्जिद परिसर में ही अदा करें। एडवाइजरी में साफ-सफाई,सरकारी नियमों का पालन और सोशल मीडिया पर कुर्बानी के वीडियो न डालने की अपील की है। मप्र वक्फ बोर्ड के अनुसार, प्रदेश में मस्जिदें, कब्रिस्तान, दरगाह, ईदगाह, करबला, मदरसे और स्कूलों के रूप में लगभग 15 हजार वक्फ संपत्तियां रजिस्टर्ड हैं। ईद-उल-अज्हा, सबसे खास त्योहारों में से एक है।वक्फ बोर्ड ने अपने अधीनस्थ मुतवल्लियों और समितियों को आदेश जारी करते हुए कहा है कि कुर्बानी निर्धारित स्थान पर ही की जाए और उसमें सरकारी कानूनों का पूरी तरह पालन हो। जिसमें कुर्बानी की जगह चारों ओर से बंद हो, साफ सफाई का पूरा ध्यान दिया जाए, निषिद्ध जानवरों की कुर्बानी पर पूर्ण रोक, कुर्बानी का कोई वीडियो या ऑडियो न बनाएं और शेयर न करने के आदेश दिए गए हैं। इससे सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता है। राज्य के सभी जिला कलेक्टरों और दंडाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे इन गाइडलाइंस का सख्ती से पालन कराएं और जनजागरूकता अभियान भी चलाएं।बोर्ड ने कहा है कि धार्मिक कार्यों में नागरिकों को अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए सफाई,दवाई छिडक़ाव और अवशेषों के सही निष्पादन का पालन करना चाहिए। जानवर की अनुपयोगी चीजें नगर निगम के निर्धारित कंटेनर में डालें, कुर्बानी का स्थान ढका हो, नमाज केवल ईदगाह या मस्जिद परिसर तक सीमित हो। इस बार सऊदी अरब में 27 मई को चांद नजर आया, जिसके आधार पर वहां 6 जून को बकरीद मनाने की घोषणा की गई। भारत में चांद एक दिन बाद दिखा, जिस कारण यहां बकरीद 7 जून, शनिवार को मनाई जाएगी। मुख्य नमाज रानीताल ईदगाह में की जाएगी    

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । मध्य प्रदेश के तीन जिलों में बुधवार की रात भूकंप के झटके महसूस किए गए। रात करीब 10 बजे खरगोन जिले के बड़वाह, खंडवा जिले के नर्मदानगर और बुरहानपुर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में भूकंप के हल्के झटके महसूस होने के बाद रहवासी दहशत में आ गए और घरों से बाहर निकल आए। हालांकि, अब तक किसी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है।   राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, भूकंप का केंद्र मध्य प्रदेश के खंडवा जिला मुख्यालय से 65 किलोमीटर दूर महाराष्ट्र के अमरावती जिले में जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई में था। खंडवा के पंधाना स्थित भूकंप मापी केंद्र पर इस भूकंप की तीव्रता 3.8 मापी गई। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर इसकी जानकारी साझा की है।   वहीं, अधिकारियों ने बताया कि खंडवा जिले के पंधाना ब्लॉक में कोहदड, बोरगांव, रुस्तमपुर, अहमदपुर, खैगांव और सुरगांव समेत कई गांवों में भूकंप के झटके महसूस हुए। बुरहानपुर जिले के नेपानगर क्षेत्र में भी लोगों को भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे लोग दहशत में आ गए और अपने घरों से बाहर निकल आए। ऐसे ही खरगोन जिले के खरगोन जिले के बड़वाह की पीपल गली, गोंदी पट्टी, सौभाग्य केसरी कॉलोनी, बस स्टैंड क्षेत्र, नर्मदा रोड व कंवर कॉलोनी और बुरहानपुर जिले के कुछ हिस्सों में भी भूकंप की सूचना मिली है। लेकिन कहीं से कोई नुकसानी की खबर नहीं है।   जिले के मौसम विशेषज्ञ सौरभ गुप्ता ने बताया कि भूकंप का केंद्र महाराष्ट्र के अमरावती जिले में था, जो खंडवा से लगभग 66 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। भूकंप का प्रभाव खंडवा के पंधाना ब्लॉक के गांवों कोहदड, बोरगांव, रुस्तमपुर और पड़ोसी जिले बुरहानपुर के नेपानगर क्षेत्र में भी महसूस किया गया। उन्होंने बताया कि यह झटका टेक्टॉनिक प्लेटों में मामूली हलचल का परिणाम हो सकता है।   मौसम विशेषज्ञ गुप्ता ने बताया कि हाल के दिनों में महाराष्ट्र क्षेत्र में अत्यधिक वर्षा हुई है। इसके कारण जमीन में पानी के जमा होने और भीतर की परतों में बने एयर मूवमेंट ने इस भूकंप जैसी स्थिति को जन्म दिया। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के बीच मानसूनी तंत्र की बढ़ती सक्रियता और भूमि के तापमान में परिवर्तन भी ऐसी परिस्थितियों को जन्म देते हैं। इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी अफवाह से बचें और आवश्यकता पड़ने पर खुले स्थानों में शरण लें।    

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भोपाल । मध्य प्रदेश में प्री-मानसून का दौर जारी हैं। बुधवार को भी कई जिलों में तेज आंधी और बारिश हुई। भोपाल, शाजापुर, उज्जैन, छिंदवाड़ा, राजगढ़, सागर, सतना, धार समेत कई जिले भीगे। वहीं मौसम विभाग ने आज यानी गुरुवार को ग्वालियर, रतलाम, इंदौर, उज्जैन, नीमच समेत कुल 27 जिलों में आंधी और बारिश का अलर्ट जारी किया है। मानसून की बात करें तो मौसम विभाग के मुताबिक यह फिलहाल महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ में अटका हुआ है।मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में मानसून की एंट्री 10 जून के बाद ही होने की संभावना है। लेकिन इससे पहले प्रदेश में आंधी-बारिश के सिस्टम एक्टिव हैं। इस वजह से मौसम बदला हुआ है और प्री-मानसून की गतिविधियां जारी है। मौसम विभाग की माने तो अभी मानसून महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ में एक ही जगह पर ठहरा है। पिछले कुछ दिन से ये आगे नहीं बढ़ा है। मानसून के आने से पहले जून के पहले सप्ताह में प्रदेश में गर्मी का असर रहता है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर-जबलपुर समेत कई शहरों में दिन का तापमान 40 डिग्री के पार पहुंच जाता है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। इन शहरों में पारा 40 डिग्री से नीचे ही है। वहीं, यहां बारिश का दौर चल रहा है। अगले 4 दिन भी आंधी-बारिश का अलर्ट है।मौसम विभाग के अनुसार, गुरुवार को ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, अशोकनगर, विदिशा, सागर, कटनी, उमरिया, डिंडोरी, मंडला, सिवनी, पांढुर्णा, बैतूल, हरदा, खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, रतलाम, मंदसौर और नीमच में आंधी-बारिश का अलर्ट है। यहां पर आंधी की रफ्तार 40 से 50 किलोमीटर प्रतिघंटा तक रह सकती है।बारिश की वजह से बुधवार को कई शहरों में दिन के तापमान में गिरावट हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, नौगांव में ही पारा 40 डिग्री तक पहुंचा। बाकी शहरों में इससे नीचे रहा। भोपाल में 33 डिग्री, इंदौर में 32.3 डिग्री, ग्वालियर में 36.4 डिग्री, उज्जैन में 35.4 डिग्री और जबलपुर में 36.7 डिग्री सेल्सियस रहा। इकलौते हिल स्टेशन पचमढ़ी में तापमान 29.6 डिग्री रहा। बता दें कि इस बार भीषण गर्मी में भी आंधी-बारिश वाला मौसम है। प्रदेश में 26 अप्रैल से आंधी-बारिश का दौर शुरू हो गया था, जो 4 जून को भी जारी रहा। यानी, लगातार 40 दिन से प्रदेश के किसी न किसी जिले में पानी गिर रहा है या आंधी चल रही है। मौसम विभाग ने अगले 4 दिन यानी 8 जून तक ऐसा ही मौसम रहने का अनुमान जताया है।  

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इंदौर । मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। बुधवार को यहां कोरोना के सात नए मामले सामने हैं। इसके बाद यहां कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़कर 17 हो गई है। सभी मरीजों को होम आइसोलेशन में रखा गया है। जहां विशेषज्ञों की निगरानी में इनका इलाज किया जाएगा। इंदौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. बीएस सैत्या ने बताया कि बुधवार को सात मरीजों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है। यह सभी मरीज दूसरे राज्यों की यात्रा करके लौटे हैं। स्वास्थ्य विभाग इनके संपर्क में आए लोगों की जानकारी जुटा है। उन्होंने बताया कि मथुरा से लौटी 43 वर्षीय महिला, केरल से लौटी 69 वर्षीय महिला, बद्रीनाथ से लौटी 48 वर्षीय महिला, ओडिशा से लौटे 29 वर्षीय पुरूष, रायपुर से लौटे 36 वर्षीय पुरूष सहित इंदौर के दो पुरूष पॉजिटिव पाए गए है। उन्होंने सर्दी, खांसी, बुखार के बाद जांच करवाई थी, जिसमें यह पॉजिटिव पाएं गए। सभी मरीजों को होम आइसोलेशन में रखा गया है। उनके परिवार के सदस्यों को भी विशेष सावधानी रखने के लिए कहा गया है। गौरतलब है कि इंदौर में इस वर्ष अब तक कोरोना के 33 मरीज मिल चुके हैं। इनमें से इंदौर के 25 मरीज और आठ दूसरे जिलों के हैं। अभी इंदौर में 17 सक्रिय मरीज है। यह सभी होम आइसोलेशन में उपचार जारी है। प्रदेश में सबसे अधिक मरीज इंदौर में ही है। सीएमएचओ डॉ. सैत्या ने बताया कि हाल ही में कोरोना के ओमिक्रान वैरिएंट के सब लाइनिज की पुष्टि हुई है। हमें घबराने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन सर्तकता बरतते हुए हमें भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए। यदि किसी को सर्दी-खांसी है तो दूसरों के संपर्क में आने से बचना चाहिए। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए बुधवार को एमजीएम मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया ने विशेषज्ञों की बैठक बुलाई। जिसमें उन्हें छह बेड के आईसीयू वार्ड सहित मरीजों के इलाज की व्यवस्थाओं पर चर्चा की। बैठक में निर्देश दिए कि कोरोना के लिए अलग से बनाएं आईसीयू वार्ड में डॉक्टरों और स्टाफ की टीम तैनात रहेगी। मरीजों को जांच की सुविधा भी मिलना चाहिए। उन्होंने बताया कि अस्पताल में ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था है।

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इंदौर । मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में कोरोना के नए मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इसी बीच इंदौर में कोविड-19 के ओमिक्रॉन के दो नए वैरिएंट की पुष्टि हुई है। यह पुष्टि पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) में कराई गई जीनोम सीक्वेंसिंग के जरिए हुई है। कोविड पॉजिटिव मरीजों की होल जीनोम सिक्वेंसिंग (डब्ल्यूजीएस) रिपोर्ट में दो सब लाइनिज एक्सएफजी और एलएफ 7.9 पाए गए हैं। दरअसल, इंदौर में हाल ही मिले कोरोना के सात मरीजों के सेम्पल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) भेजे गए थे। मंगलवार को एमजीएम मेडिकल कॉलेज इंदौर को उक्त मरीजों की रिपोर्ट प्राप्त हुई। इन सात सैंपलों में से पांच में एक्सएफजी लाइनिज पाई गई। जबकि दो नमूनों में एलएफ 7.9 की पहचान हुई है। ये दोनों ओमिक्रॉन (बीए.2 जैसे) से संबंधित हैं। इनका परीक्षण ऑक्सफोर्ड नैनोपोर सीक्वेंसिंग प्लेटफॉर्म के जरिए किया गया। एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया ने मंगलवार को बताया कि पुणे से आई रिपोर्ट में पता चला है इसमें बीए2 ओमिक्रॉन डिटेक्ट हुआ है। यह सामान्य वायरस है जो घातक नहीं है। उन्होंने बताया कि मंगलवार को इंदौर में कोरोना का एक और मरीज मिला है। 62 वर्षीय इस व्यक्ति की अहमदाबाद की ट्रैवल हिस्ट्री मिली है। होम आइसोलेट किया है। स्थिति सामान्य है।

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राजगढ़ । बोड़ा थाना क्षेत्र के ग्राम चाठा में बुधवार दोपहर असम रायफल्स जवान छोगमल रुहेला का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया, जिनका 1 जून डय्टी के दौरान तबीयत बिगड़ने से निधन हो गया था। मंगलवार रात को जवान छोगमल रुहेला का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव चाठा में लाया गया।   बुधवार को पचोर के महारानी बाग से अंतिम यात्रा शुरु हुई जो बोड़ा होते हुए पैतृक गांव चाठाजागीर पहुंची। अंतिम यात्रा में हजारों लोगों ने शामिल होकर श्रद्वांजलि अर्पित की। अंत्येष्ठि से पूर्व सेना के जवानों ने गार्ड आफ आनर दिया साथ ही ज्येष्ठ पुत्र हर्षित रुहेला ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस दौरान चारो ओर अमर रहे छोगमल के नारे गूंजे। जवान छोगमल रुहेला की नियुक्ति 28 सितम्बर 2024 को असम रायफल्य लेखापानी बटालियन में हुई थी। छोगमल के असामयिक निधन से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है।    

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भोपाल । प्रदेश में जल गंगा संवर्धन अभियान प्रदेश भर में 30 जून तक निरंतर जारी रहेगा। प्रदेश के नर्मदा नदी से सटे जिलों में नर्मदा पथ सर्वेक्षण यात्रा निरंतर जारी है। यात्रा के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीणों को नर्मदा नदी के किनारों को पर्यावरण सरंक्षण के उद्देश्य से साफ सफाई की शपथ दिलाई जा रही है। इसी के साथ जिलों में तालाबों को चिन्हित कर मछली पालन के जरिये किसानों की आमदनी बढ़ाये जाने के अवसरों की तलाश की जा रही है। यह जानकारी जनसंपर्क अधिकारी मुकेश माेदी ने बुधवार काे दी।उन्हाेंने बताया कि डिण्डौरी जिले में विकासखंड बजाग की ग्राम पंचायत गीधा स्थित संगम गोमती नर्मदा घाट पर मां नर्मदा पथ सर्वेक्षण एवं जन जागरण यात्रा का विधिवत शुभारंभ नर्मदाष्टक एवं मां नर्मदा की आरती के साथ किया गया। इस अवसर पर जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत घाट परिसर में स्वच्छता अभियान चलाया गया। जिले में चल रही यात्रा का उद्देश्य मां नर्मदा के पथ पर जन जागरूकता फैलाना, जल स्रोतों का संरक्षण करना एवं स्वच्छता को बढ़ावा देना है। इस दौरान ग्रामीणों को जल की महत्ता के प्रति जागरूक किया गया और उन्हें प्राकृतिक संसाधनों के सतत सदउपयोग की जानकारी दी गई। कार्यक्रम में उपस्थित ग्रामीणों ने नर्मदा सेवा के संकल्प को दोहराते हुए पर्यावरण संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभाने का संकल्प लिया।माँ नर्मदा के उत्तर तटीय ग्रामों में नर्मदा सेवा समितियों का गठनप्रदेश के 16 जिलों के 51 विकासखंडों में चिन्हित 335 पंचायतों में माँ नर्मदा सर्वेक्षण एवं जनजागरण यात्रा निकाली जा रही है। मंडला जिले में उत्तर तट की प्रत्येक नर्मदा तटीय ग्राम पंचायत में नर्मदा पथ सर्वेक्षण यात्रा पहुँच रही है। यात्रा के दौरान सार्वजनिक चौपालों के माध्यम से नर्मदा सेवा समितियों का गठन भी किया जा रहा है। इसी कड़ी में यात्रा ग्राम बड़ी खैरी से प्रारंभ होकर ग्राम, खुड़िया, पटपरा और छपरी ग्राम में समाप्त हुई। प्रत्येक स्थानों में सभी ग्रामीणजनों के समक्ष पतित पावनी मां के प्रवाह पर वर्तमान समय में किस तरह के दुष्प्रभाव पड़ रहे हैं इससे अवगत कराया गया। चौपालों में सर्वे प्रपत्र की जानकारी भरवाई गई एवं जल गंगा संवर्धन अभियान अंतर्गत ग्रामवासियों को जल संरक्षण की शपथ भी दिलाई गई।विकसित कृषि संकल्प अभियान के दौरान बांटे गये केसीसी कार्डबालाघाट जिले में जल गंगा संवर्धन अभियान निरंतर जारी है। जिले में पेयजल स्त्रों की सफाई का कार्य सामूहिक भागीदारी से किया जा रहा है। जिले में किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिये जिले में उपलब्ध तालाबों में मछली पालन की और अधिक संभावनाओं को तलाशा जा रहा है। विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत हर दिन विकासखंडों के 2-2 गांवो में कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन और मत्स्य विभाग के अमले द्वारा कार्यशालाएं आयोजित की जा रही है। इन कार्यशालाओं के माध्यम से सम्बंधित विभागों द्वारा कृषि की उन्नत तकनीकों के साथ ही आवश्यक योजनाओँ के हितलाभ भी देने के प्रयास जारी है। बिरसा जनपद के कचनारी में कार्यशाला हुई। जिला मत्स्य अधिकारी ने बताया कि ग्राम कचनारी में रौबदाभाटा की आदिवासी मछुआ सहकारी समिति के सदस्यों को केसीसी कार्ड प्रदान किये गए है। समिति में शामिल 23 सदस्यों को जीरो प्रतिशत ब्याज पर ऋण प्राप्त करने वाले कार्ड का वितरण किया गया है। समिति के सदस्य कचनारी सिंचाई तालाब में मछली पालन करते है। समिति के सदस्य एक सीजन में करीब 10 टन मछली का विक्रय करते है।जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत होगा वृहद वृक्षारोपणभोपाल संभाग आयुक्त संजीव सिंह ने बताया कि प्रदेश में चलाए जा रहे जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत संबंधित विभागों द्वारा बनाई गई कार्य योजना के अनुसार भोपाल नगर में वृहद वृक्षारोपण किया जाएगा। इसकी शुरुआत विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून से की जाएगी। सभी संबंधित विभाग आपसी समन्वय से नगर के विभिन्न बाग बगीचे एवं हरित क्षेत्र में वृक्षारोपण करेंगे। उन्होंने कहा कि कार्य ऐसा हो कि अधिक से अधिक पौधे जीवित रहे। संभाग आयुक्त ने निर्देश दिए कि नगर के सभी बाग बगीचों की मैपिंग और जियो टैगिंग करा ली जाए जिसमें बगीचे का नाम, एरिया, नगर निगम के जोन एवं वार्ड का नाम, सिंचाई के लिए पानी का स्रोत, देखभाल करने वाले अधिकारी /कर्मचारी का नाम एवं मोबाइल नंबर आदि जानकारियां हों। नगर निगम सीमा के बाहर के नगरीय क्षेत्र में भी कार्य योजना बनाकर वृक्षारोपण कराया जाए। आयुक्त नगर निगम ने बताया कि भोपाल नगर में नगर निगम के 157 पार्क हैं। इसके अलावा स्मार्ट सिटी, राजधानी परियोजना एवं वन विभाग के बाग बगीचे हैं। नगर में कालिया सोत, खानू गांव सहित पांच क्षेत्रों का चयन किया गया है जहां व्यापक वृक्षारोपण किया जाएगा। संभाग आयुक्त श्री सिंह ने निर्देश दिए कि नगर के विभिन्न जल स्रोतों से प्रदूषण हटाने का कार्य भी निरंतर किया जाए. नगर निगम के अधिकारी द्वारा बताया गया कि भोपाल नगर में कुल 12 तालाब है, जिनमें से किसी भी तालाब में उद्योगों का प्रदूषित पानी नहीं मिलता है।

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उज्जैन । पूर्व भारतीय हॉकी खिलाडी पद्मश्री, अर्जुन पुरस्कार व मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित धनराज पिल्लै व अर्जुन पुरस्कार व एकलव्य पुरस्कार से सम्मानित आशीष कुमार बल्लाल ने (हॉकी के पूर्व भारतीय गोलकीपर) मंगलवार तड़के श्री महाकालेश्वर भगवान की प्रातः होने वाली भस्मार्ती में सम्मिलित हुए।  भस्मारती उपरांत पूजन विजय पुजारी द्वारा सम्पन्न करवाया गया । श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबन्ध समिति की ओर से सहायक प्रशासक शिवकांत पांडेय द्वारा श्री पिल्लै और श्री बल्लाल का स्वागत व सम्मान किया गया।   इस अवसर पर उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि बाबा महाकाल के दर्शन करना अद्वितीय है। इस मौका बार बार मिले, यही प्रार्थना है। यहां आकर स्थान का महत्व पता चलता है। भस्मार्ती के दर्शन के दौरान आशीष बल्लाल का स्वास्थ्य खराब हो गया। जिस पर तुरंत मंदिर प्रबंध समिति की मेडिकल टीम द्वारा उनका उपचार किया गया और वे पुनः भस्मार्ती में सम्मिलित हो सके।  आशीष बल्लाल द्वारा श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति का धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

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इंदौर । मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में भी कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। सोमवार देर शाम आई रिपोर्ट में यहां फिर दो मरीज कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें से एक 21 वर्षीय युवक देवास का रहने वाला है। उसकी ट्रैवल हिस्ट्री है, जबकि दूसरा 34 वर्ष का युवक इंदौर का रहने वाला है। उसकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। उसे होम आइसोलेट किया गया है। इससे पहले इंदौर में रविवार को भी कोरोना के तीन नए मरीज सामने आए थे। इनमें एक मरीज इंदौर निवासी है, जबकि दो अन्य में एक देवास और दूसरा किसी अन्य जिले का रहने वाला था। इंदौर का संक्रमित 37 वर्षीय युवक है, जिसे हल्के लक्षणों के बाद होम आइसोलेट कर दिया गया है। उसकी हालत सामान्य है और उसकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं मिली है। इसके साथ ही इंदौर में इस साल अब तक कोरोना के कुल मरीजों की संख्या 23 हो गई है। इंदौर से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. बीएस सैत्या ने बताया कि संक्रमित युवक के संपर्क में आए लोगों की जानकारी जुटाई जा रही है। एहतियातन उसका सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए एम्स भोपाल भेजा गया है। हालांकि, अब तक भेजे गए सैंपलों की रिपोर्ट नहीं आई है, जिससे यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि संक्रमितों में कौन सा वैरिएंट है। डॉ. सैत्या ने बताया कि फिलहाल जिन मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, वे सामान्य सर्दी-खांसी के लक्षणों के बाद खुद ही जांच कराने पहुंचे थे। सभी की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की जा रही है और उनके संपर्क में आए लोगों के भी सैंपल लिए जा रहे हैं।

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भोपाल । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की गरिमामय उपस्थिति में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग द्वारा 5 जून को उज्जैन में 'स्पिरिचुअल एंड वेलनेस समिट' का आयोजन किया जायेगा। इस समिट का उद्देश्य मध्यप्रदेश को वैश्विक वेलनेस हब के रूप में स्थापित करना तथा उज्जैन को वेलनेस सेक्टर की प्रमुख केंद्रस्थली के रूप में अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाना है। इस आयोजन के माध्यम से योग, आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा, जनजागरूकता, आध्यात्मिकता तथा वेलनेस आधारित उद्योगों में निवेश और सहयोग को प्रोत्साहित करने पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा।जनसंपर्क अधिकारी साेनिया परिहार ने मंगलवार काे जानकारी देते हुए बताया कि वेलनेस समिट को सफल बनाने के लिए आनंद, पर्यटन एवं आयुष विभाग द्वारा समन्वित प्रयास एवं सक्रिय सहयोग किया जा रहा है। भारत के हृदयस्थल में स्थित उज्जैन एक प्राचीन और धार्मिक नगरी के रूप में प्रसिद्ध है। यह का शांत वातावरण, प्राकृतिक संसाधनों और पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों के कारण वेलनेस सेक्टर के लिए एक आदर्श स्थल है। एक दिवसीय समिट में प्रख्यात आध्यात्मिक संत / साधक, वेलनेस सेक्टर के प्रमुख निवेशक, नीति-निर्माता, आयुष और स्वास्थ्य विशेषज्ञ, वेलनेस तथा टूरिज्म ऑपरेटर्स आदि भाग लेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव समिट में भाग लेने वाले वेलनेस सेक्टर के प्रमुख निवेशकों, नीति-निर्माताओं एवं अन्य संबंधित संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ वन-टू-वन बैठकें भी करेंगे।वेलनेस सेक्टर के विभिन्न विषयों पर होगी चर्चासमिट में वेलनेस सेक्टर के विकास, नीति-निर्माण, सार्वजनिक-निजी भागीदारी, सस्टेनेबल वेलनेस इन्फ्रास्ट्रक्चर और निवेश संभावनाओं पर आधारित उच्चस्तरीय पैनल चर्चाएं होंगी। सत्र की शुरुआत "आईडयटिंग द पार्टनरशिप मॉडल" विषय पर पैनल चर्चा के साथ होगी। जिसमें विषय-विशेषज्ञ अपनी बात रखेंगे। कैसे नीतियाँ वेलनेस उद्योग को निवेश और सहयोग के लिए प्रेरित कर सकती हैं पर यह सत्र वेलनेस इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने, गुणवत्ता मानकों को बेहतर बनाने और विशेष रूप से वंचित क्षेत्रों में सेवाओं की पहुंच बढ़ाने में सहायक होगी। इसके पश्चात "वेलनेस इकोसिस्टम और वर्कफोर्स डेव्लपमेंट" पर पैनल चर्चा आयोजित की जाएगी, जहां विशेषज्ञ पारंपरिक औषधीय प्रणालियों के समावेश, अनुसंधान में निवेश की आवश्यकता और आधुनिक चिकित्सा के साथ तालमेल जैसे पहलुओं पर प्रकाश डालेंगे। साथ ही एक विशेष फायरसाइड चैट सत्र "वेलनेस के लिए एक नई सोच" विषय पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव के साथ संवाद भी प्रस्तावित है।यह समिट मध्य प्रदेश को भारत एवं विश्व के वेलनेस मानचित्र पर स्थापित करने, वेलनेस क्षेत्र में नीति, नवाचार और निवेश के त्रिसूत्रीय मार्गदर्शन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। समिट में भाग लेने के लिए वेलनेस क्षेत्र से जुड़े प्रतिभागी invest.mp.gov.in पोर्टल के माध्यम से रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।यह समिट, मुख्यमंत्री डॉ. यादव की 'उद्योग एवं रोजगार वर्ष- 2025' की पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य प्रदेश में आर्थिक विकास को गति देना, औद्योगिक विस्तार को प्रोत्साहित करना और व्यापक स्तर पर रोजगार के अवसर सृजित करना है। इस दिशा में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग द्वारा प्रदेश में, राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय मंचों पर विभिन्न अवसरों पर निवेश संवर्धन, कौशल विकास एवं रोजगार आधारित कार्यशालाएं, एक्सपो एवं कॉन्क्लेव आदि कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे ।

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राजगढ़ । जीरापुर तहसील के ग्राम काछीखेड़ी में सोमवार को प्रशासनिक टीम अतिक्रमण हटाने पहुंची, जिसका ग्रामीणों ने जमकर विरोध किया। कार्रवाई के दौरान 55 वर्षीय महिला ने जहर खा लिया और उसका भतीजा 33 केव्ही.के बिजली के खंभा पर चढ़ गया। प्रशासन तत्परता से लाइन बंद करवाई और युवक को नीचे उतारा।   जानकारी के अनुसार ग्राम काछीखेड़ी में मानसिंह, बनेसिंह और कमल दांगी के अतिक्रमण वाले मकानों को हटाने के लिए तीन से चार जेसीबी मशीनें लेकर प्रशासनिक टीम पहुंची थी। प्रभावित परिवारों ने पहले टीम ने निवेदन किया लेकिन कार्रवाई नही रुकी तो बनेसिंह की 55 वर्षीय पत्नी अनारबाई ने जहर गटक लिया और उसका भतीजा रामचरण 33 केव्ही.लाइन के खंभा पर चढ़ गया। प्रशासनिक टीम ने तत्परता से लाइन बंद करवाई और युवक को खंभा से नीचे उतारा। वहीं अनारबाई को जीरापुर अस्पताल पहुंचाया गया, जहां से हालत बिगड़ने पर जिला चिकित्सालय रेफर किया गया।   ग्रामीण बनेसिंह का कहना है पिछले कई सालों से यहां रह रहे है, उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले छ माह से विधायक और उनके बेटे के इशारे पर उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। उनका कहना है कि गांव के अधिकांशत मकान सरकारी जमीन पर है लेकिन उन पर ही कार्रवाई की जा रही है।कार्रवाई के दौरान तहसीलदार आरपी.सिंह गौड़, थानाप्रभारी प्रदीप गोलिया सहित पुलिसटीम मौजूद रही।  

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भोपाल। आईआईटी कानपुर ने जेईई एडवांस्ड 2025 परीक्षा का परिणाम सोमवार सुबह जारी दिया है। इस परीक्षा में मैक्रो विजन एकेडमी बुरहानपुर के माजिद मुजाहिद हुसैन ने मध्य प्रदेश में टॉप किया है। उन्होंने एआईआर (ऑल इंडिया रैंक) तीन हासिल की है। जेईई एडवांस्ड 2025 में पहले स्थान पर राजित गुप्ता और दूसरे स्थान पर सक्षम जिंदल रहे हैं। यह दोनों उम्मीदवार कोटा (राजस्थान) से हैं। वहीं, जबलपुर के देव कौरव ने ऑल इंडिया रैंक (एआईआर) 159 हासिल की है। देव ने कैमिस्ट्री में 100 में से 100 अंक प्राप्त किए हैं। जेईई एडवांस्ड 2025 में बुरहानपुर के माजिद मुजाहिद हुसैन ने मध्य प्रदेश के टॉपर रहे हैं। इस सफलता पर माजिद मुजाहिद हुसैन के पिता ने बताया कि यह बच्चे की कड़ी मेहनत का नतीजा है। हमें अपने बेटे पर गर्व है। आज उसका स्कूल में सम्मान हो रहा है। बच्चे के लिए आयोजित इस कार्यक्रम में आना एक अलग ही अनुभव है। वहीं, माजिद ने कहा कि सफल होना है, तो खुद पर भरोसा जरूरी है। ऐसा होने पर आप ज्यादा बेहतर प्रदर्शन कर पाते हैं। साथ ही, मानसिक तनाव से दूर रहते हैं। उन्होंने बताया कि दो साल तक वे सोशल मीडिया से दूर रहे। रोज दिन में 12 घंटे पढ़ाई की। दिन में सिर्फ एक घंटे ही बात करने मोबाइल फोन यूज किया। लगातार मेहनत और फोकस के साथ पढ़ने के बाद ही यह सफलता मिली। माजिद की मां सकीना मुजाहिद हुसैन ने कहा कि बहुत अच्छा लग रहा है। हमारे लिए यह गर्व की बात है। पढ़ाई के दौरान अगर आप बच्चों की जिज्ञासा शांत कर देते हैं तो उसे काफी बल मिलता है। उसके पिता ने यह चीज काफी गंभीरता से कीं। बचपन से ही बच्चा क्या चाहता है, यह पेरेंट्स को समझने की जरूरत होती है। इंदौर की हर्षिता लड़कियों में टॉपर   कानपुर जोन में इंदौर की हर्षिता गोयल लड़कियों में टॉपर रही हैं। हर्षिता की 434वीं रैंक आई है। हर्षिता ने अपनी सफलता पर कहा कि मैंने 11वीं क्लास से ही जेईई की तैयारी शुरू कर दी थी। पता था कि रिजल्ट अच्छा आएगा लेकिन यह नहीं पता था कि एमपी में फर्स्ट रेंक मिलेगी। वे एआई या कम्प्यूटर साइंस की फील्ड में ही आगे जाना चाहती हैं। उन्हें रीडिंग, आर्ट एंड क्राफ्ट और ट्रेवलिंग का शौक है। वहीं, जेईई एडवांस्ड में भोपाल के आरुष नावकर की एआईआर 427 रैंक है। उन्होंने भोपाल टॉप किया है, जबकि भोपाल की टॉपर लिस्ट में शामिल मोहम्मद हमजा की जेईई एडवांस्ड में ऑल इंडिया रैंकिंग 1595 है। हमजा ने बताया कि यह लगातार दूसरा साल है, जब उन्होंने जेईई मेन क्लियर किया। पिछली बार उनकी रैंक चार हजार के करीब थी। बीते साल जेईई मेन के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई और वे जेईई एडवांस्ड की तैयारी नहीं कर सके। जिसके चलते जेईई एडवांस्ड में उनकी रैंक 17 हजार पहुंच गई थी। इस बार इसमें सुधार हुआ है।  

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जबलपुर । लोकायुक्त की टीम ने ओमती थाने में पदस्थ नितेश शुक्ला नाम के पुलिस आरक्षक को 5 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए हाथों गिरफ्तार किया है। आरक्षक पर आरोप है कि उसने फरियादी की गाड़ी अपने पास रखते हुए उसके खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज करवाने का दबाव बनाया और 25 हजार रुपए रिश्वत की मांग की। बाद में थाने में खड़ी गाड़ी छोड़ने के नाम पर 5 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की। जिसकी शिकायत फरियादी ने लोकायुक्त पुलिस से की थी। सोमवार को आरोपी नितेश को थाने के बाहर से लोकायुक्त ने गिरफ्तार किया है। लोकायुक्त पुलिस ने इस मामले में सब इंस्पेक्टर को भी जांच के दायरे में लिया है।   जबलपुर के अंधेरदेव निवासी शिवम चौरसिया हार्डवेयर शॉप के मालिक है, उन्हें अपना व्यापार बढ़ाने के लिए पैसों की जरूरत थी, उन्होंने अपने दोस्त आयुष सोनी से संपर्क किया, और सोने के दो कंगन देते हुए साढ़े तीन लाख रुपए मांगे। आयुष ने शिवम से चूड़ी तो ले लिया, पर उसके बदले पैसे नहीं दिए, शिवम ने उससे रुपए देने हेतु कई बार मिन्नत की परंतु उसने नहीं दिए। परेशान होकर शिवम ने ओमती थाने में आयुष के खिलाफ आवेदन दिया, जिसके लिए पुलिस ने शिवम की शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं की उल्टा उसे धमकाते हुए, बाइक यह कहते हुए जब्त कर ली कि उसने सोने के नकली कंगन दिए है। बाइक वापस करने हेतु रिश्वत की मांग की गई जिसकी शिकायत फरियादी ने लोकायुक्त एसपी संजय साहू से की थी। शिवम ने लोकायुक्त पुलिस को बताया कि 27 मई को जब वह थाने गया तो उससे यह कहा गया कि आवेदन में गलती है, फिर से लिखकर लाओ। इसके बाद फरियादी की बाइक को जब्त कर लिया गया। रिश्वतखोर पुलिस आरक्षक नितेश शुक्ला ने शिवम का आवेदन लेकर एसआई से मिलवाया, जिसके बाद दोनों ने धमकाया कि 25 हजार रुपए लेकर आओ, नहीं तो नकली सोने के कंगन बेचने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भिजवा देगें। इतनी ही नहीं पुलिस ने शिवम को वो गाड़ी भी जब्त कर रख ली, जिसे कि वह अपने दोस्त से मांगकर लाया था। लोकायुक्त एसपी ने जांच उपरांत आराेपाें काे सही पाया। जिसके बाद सोमवार को आरोपी नितेश को थाने के बाहर से 5 हजार रुपए लेते हुए लोकायुक्त ने गिरफ्तार किया है। इसके बाद उसे सार्किट हाउस नंबर दो में ले जाया गया जहां पूर्ण कार्यवाही की गई। लोकायुक्त पुलिस ने इस मामले में सब इंस्पेक्टर शिवगोपाल गुप्ता को भी जांच के दायरे में लिया है।    

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भोपाल । मध्य प्रदेश में नौतपा में आंधी-बारिश का दौर जारी है। प्रदेश में जून महीने में लू की संभावना नहीं है। आज भी कई हिस्सों में बूंदाबांदी का अलर्ट जारी किया गया है। जबकि कई जगहों पर दिन का तापमान बढ़ेगा। वहीं कई जिलों में 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है। प्रदेश में ऐसा पहली बार हुआ जब प्रदेश के किसी न किसी जिले में आंधी-बारिश न हुई हो। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर-जबलपुर समेत कुल 53 जिले भीगे।मौसम विभाग के अनुसार, मई महीने में बारिश के कई रिकॉर्ड भी टूटे। इंदौर में 139 साल में सबसे ज्यादा 4.6 इंच पानी गिरा। वहीं, उज्जैन में सबसे ज्यादा बारिश का ओवरऑल रिकॉर्ड बना। मई के आखिरी दिन भी उमरिया और बालाघाट जिले में बारिश हुई। इसे मिलाकर इस महीने ओवरऑल करीब 2 इंच पानी गिर गया, जो सामान्य बारिश से 7 गुना अधिक है। इस महीने की सामान्य बारिश 7 मिमी है। मौसम विभाग ने बताया कि मई में भीषण गर्मी की बजाय आंधी-बारिश का दौर इसलिए रहा कि मई की शुरुआत से आखिरी तक प्रदेश में साइक्लोनिक सर्कुलेशन, वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) और टर्फ की एक्टिविटी देखने को मिली। लगातार सिस्टम एक्टिव होते रहे। इस वजह से आंधी-बारिश का दौर भी चलता रहा। आखिरी दिन भी कुछ जिलों में मौसम बदला रहा।इस साल अप्रैल में जितनी गर्मी थी, उतनी मई में नहीं रही। अप्रैल में कई शहरों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। पिछले सालों की डेटा स्टडी से पता चलता है कि मई में निवाड़ी के पृथ्वीपुर, छतरपुर के नौगांव, खजुराहो, निवाड़ी, ग्वालियर, राजगढ़, दतिया, टीकमगढ़, सतना, दमोह, उज्जैन, गुना, शाजापुर, खंडवा, खरगोन जैसे कई शहरों में पारा 46 से 48 डिग्री सेल्सियस या इसके पार पहुंच चुका है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। प्रदेश के किसी भी शहर में दिन का तापमान 43 डिग्री सेल्सियस तक नहीं पहुंचा। नौतपा में भी कम ही गर्मी रही। नौगांव, खजुराहो, टीकमगढ़, ग्वालियर, दमोह, शिवपुरी जैसे शहरों में ही पारा 40 डिग्री के पार पहुंचा। बाकी शहरों में इससे काफी नीचे रहा।इस साल रिकॉर्ड टूटेइंदौर में साल 1886 के मई महीने में 107.7 मिमी यानी 4.2 इंच पानी गिरा था जबकि इस बार 114.8 मिमी यानी 4.6 इंच पानी गिर गया है। इस तरह 139 साल में इंदौर का रिकॉर्ड टूट गया है। उज्जैन में मई की बारिश का ओवरऑल रिकॉर्ड बना है। इस बार 111.8 मिमी यानी 4.3 इंच से ज्यादा पानी गिरा है। साल 2021 में कुल मासिक बारिश 65 मिमी (2.5 इंच) हुई थी। इस हिसाब से उज्जैन में मई की बारिश का ओवरऑल रिकॉर्ड बना है। देवास में मई में कभी भी इतनी बारिश नहीं हुई। यहां पर इस बार 6.3 इंच से ज्यादा पानी गिर गया। मई में ऐसा मौसम पहली बार है, जब पूरे महीने ही आंधी-बारिश का दौर रहा।जून में कैसा रहेगा मौसमइसे लेकर मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी टर्फ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम की एक्टिविटी है। इस वजह से अगले चार दिन यानी 4 जून तक आंधी-बारिश का अलर्ट है। कई शहरों में दिन-रात के पारे में थोड़ी बढ़ोतरी हो सकती है। उमस भी बढ़ जाएगी। इधर, मानसून 7 से 10 जून के बीच प्रदेश में प्रवेश कर सकता है। यदि पिछले 10 साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो मानसून के एंटर होने से पहले प्रदेश में तेज गर्मी का असर रहता है। सबसे ज्यादा ग्वालियर-चंबल गर्म रहता है जबकि भोपाल, इंदौर और उज्जैन संभाग भी जमकर तपते हैं।  

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भोपाल । माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा वर्ष 2025 की हाईस्कूल (कक्षा 10वीं) और हायर सेकेण्डरी (कक्षा 12वीं) सर्टिफिकेट द्वितीय परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए आवेदन-पत्र भरने की तिथि 8 जून तक बढ़ा दी गयी है। पहले यह तिथि 31 मई 2025 तक निर्धारित की गयी थी। जनसम्पर्क अधिकारी लक्ष्मण सिंह ने शनिवार को बताया कि हाईस्कूल और हायर सेकेण्डरी मुख्य परीक्षा में केवल अनुत्तीर्ण विषयों के लिए 8 जून 2025 की रात्रि 12 बजे तक ऑनलाइन आवेदन करने का अंतिम अवसर प्रदान किया जा रहा है। ऑनलाइन परीक्षा आवेदन भरने के लिये पूर्व में जारी किये गये निर्देश यथावत लागू रहेंगे।

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राजगढ़ । ब्यावरा शहर की पंचशील काॅलोनी में निवासरत लोगों ने पेयजल की समस्या को लेकर रविवार को राजगढ़ रोड पर चक्काजाम कर दिया, साथ ही मटके फोड़कर प्रदर्शन किया और नगरपालिका प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाए। नगरपालिका के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर समस्या का जल्द ही समाधान करने का आश्वासन दिया, तब काॅलोनीवासी रोड से हटे।     रविवार सुबह पंचशील काॅलोनी में रहवासी पानी की किल्लत को लेकर राजगढ़ रोड पर एकत्रित हो गए। जहां उन्होंने मटके फोड़कर प्रदर्शन किया और नगरपालिका प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए चक्काजाम कर दिया। काॅलोनीवासियों का कहना है कि पूर्व में दो से तीन दिन में नल आ जाते थे लेकिन अब आठ से दस दिन में नल का पानी आ रहा था। नल का पानी मात्र 20-25 मिनिट तक चलते है, जिसमें शुरुआत में नल से गंदा और बदबूदार पानी आता है, पिछले कई दिनों से इस समस्या से जूझ रहे है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नही हो सका, जिसके बारे में कई बार नगरपालिका प्रशासन से शिकायतें की गई है, इसके बावजूद भी नगरपालिका प्रशासन ध्यान नही दे रहा है। प्रदर्शन में मौजूद वार्ड क्रमांक 4 के पार्षद गिरीश शाक्यवार का कहना है कि मैं भी इसी वार्ड में रहता हूं, पेयजल की समस्या लगातार कई दिनों से चल रही है, रहवासियों को गंदा-बदबूदार पानी मिल रहा है वह भी आठ से दस दिन में। वहीं काॅलोनी के आसपास की नालियां चैक हो रही है और वार्ड में गंदगी का अंबार लगा है। प्रशासन से कई बार शिकायतें की गई, लेकिन आश्वसान के सिवाय कुछ नही मिला। नगरपालिका इंजीनियर श्री नेताम ने मौके पर पहुंचकर लोगों की समस्याएं सुनी और जल्द ही समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन दिया, समझाइश के बाद काॅलोनीवासी माने और रोड से हटे।        

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निवाड़ी । पुष्य नक्षत्र में ओरछा के रामराजा सरकार के दर्शन के लिए आए एक श्रद्धालु को हार्टअटैक आ गया। ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों ने श्रद्धालु को संभाला और सीपीआर दिया। श्रद्धालु की हालत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया। यहां उनकी मौत हो गई। घटना के समय जिले के एसपी रायसिंह नरवरिया मंदिर के बाहर व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे थे।   जानकारी के अनुसार बहादुर पुरा रोन भिंड के रहने वाले जनक बघेल (50) अपने दोस्तों के साथ रामराजा के दर्शन करने आए थे। दोपहर करीब 12 बजे जैसे ही वे मंदिर में प्रवेश करने वाले थे उन्हें चक्कर आ गए। ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें संभाला और कुर्सी पर बैठाया। हालत बिगड़ने पर इंस्पेक्टर संदीप यादव ने सीपीआर देना शुरू किया। श्रद्धालु की हालत बिगड़ने पर तुरंत बिना देरी के ओरछा थाना प्रभारी रामबाबू शर्मा ने थाने की गाड़ी से यथार्थ हॉस्पिटल ले जाया गया। जहां कुछ देर चले इलाज के बाद उनकी मौत हो गई। वहीं दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही भी इस घटना में सामने आई। मंदिर परिसर में न तो कोई डॉक्टर मौजूद था और न ही प्राथमिक चिकित्सा के उपकरण। बीपी मशीन जैसी बुनियादी सुविधाएं भी नहीं थीं। इससे भी चिंताजनक यह रहा कि वहां रखी दवाइयां एक्सपायर्ड पाई गईं। बताया जा रहा है कि जनक अपने साथी संतोष शर्मा और संजीव दास गुप्ता के साथ रोन भिंड से पुष्य मेले में रामराजा के दर्शन करने आया था।इस पूरे मामले में ओरछा थाना प्रभारी रामबाबू शर्मा ने बताया यथार्थ हॉस्पिटल में इलाज के दौरान भिंड के जनक बघेल की मौत हो गई। रामलीला मंदिर के मुख्य गेट के बाहर दर्शन के दौरान उन्हें हार्ट अटैक आया था। उन्हें बचाने की बहुत कोशिश की लेकिन नहीं बचा पाये। घटना के समय जिले के एसपी रायसिंह नरवरिया मंदिर के बाहर व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे थे।

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भोपाल । मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कंपनी कार्यक्षेत्र के भोपाल, नर्मदापुरम, ग्वालियर एवं चंबल संभाग के अंतर्गत आने वाले 16 जिलों के बिजली उपभोक्ताओं को अनेक सुविधाएं एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराई गई हैं। कंपनी ने बिजली उपभोक्ता की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए कंपनी के उपाय ऐप को अपग्रेड कर दिया है। अब बिजली उपभोक्ता कंपनी के उपाय ऐप से घर बैठे ही अपने बिजली कनेक्शन से संबंधित अनेक सुविधाओं का लाभ केवल एक ऐप के माध्यम से ही उठा सकते है। यह जानकारी जनसंपर्क अधिकारी राजेश पाण्डेय ने शनिवार काे दी।   उन्हाेंने बताया कि कंपनी ने उपाय ऐप को अपग्रेड कर समग्र आईडी के साथ ही पैन कार्ड के माध्यम से भी ई-केवायसी करने की सुविधा उपलब्ध करवाई है। उपभोक्ता परिसरों में स्थापित स्मार्ट मीटर में बिजली खपत की जानकारी को देखने के साथ ही बिजली रीडिंग, बिलिंग, चेकिंग और अन्य बिजली संबंधी कार्यवाही के लिए उपभोक्ता परिसर में आने वाले बिजली कार्मिकों की पहचान हेतु एम्पलाई वेरिफिकेशन संबंधी फीचर भी उपलब्ध कराया है। उपभोक्ता अब उपाय के माध्यम से कंपनी के अधिकृत कर्मचारी की पहचान हेतु उससे कर्मचारी नंबर पूछकर उपाय एप के एम्पलाई वेरिफिकेशन फीचर के माध्यम से देख सकेंगे और अनधिकृत व्यक्ति तथा जालसाजों द्वारा बिजली कार्मिक बनकर किये जाने वाले धोखे से भी बच सकेंगे।मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक क्षितिज सिंघल ने कहा है कि बिजली उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति और उपभोक्ता सेवाएं प्रदान करना कंपनी का प्राथमिक दायित्व है और इसी क्रम में कंपनी द्वारा उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए उपाय ऐप को अपग्रेड किया गया है। इससे उपभोक्ता अब आसानी से अपने बिजली बिलों के भुगतान के साथ ही कनेक्शन संबंधी अन्य सेवाओं जिनमें बिल भुगतान, नवीन कनेक्शन आवेदन, बिल कंप्लेंट, पॉवर कंप्लेंट, कंप्लेंट स्टेट्स, बिल कैल्कुलेटर, बिजली चोरी की सूचना (इनफॉर्मर स्कीम), नेट मीटरिंग (सोलर रूफटॉप), विजिलेंस बिल भुगतान, ई-केवायसी, स्मार्ट मीटर खपत विवरण जैसी अनेक सुविधाओं का लाभ अब एक ही प्लेटफॉर्म पर उठा सकेंगे।मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने उपभोक्ताओं से अपील की है वे गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध उपाय ऐप को डाउनलोड कर बिजली संबंधी सेवाओं का लाभ उठाएं।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में इन दिनों मौसम का मिजाज बदला हुआ है। बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र और हवा के ऊपरी भाग में बने तीन चक्रवातों के असर से प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में रुक-रुककर बारिश हो रही है। शुक्रवार को नौतपा के लगातार छठें दिन भी प्रदेश में आंधी-बारिश का दौर रहा। छतरपुर के खजुराहो में आधा इंच से ज्यादा पानी गिर गया तो गुना, रीवा, अशोकनगर, रायसेन में भी शाम को बारिश हुई। रायसेन में तो तेज बारिश होने से सड़कों पर पानी भर गया। भोपाल में दिनभर बादल छाए रहे। हालांकि, कुछ जिलों में गर्मी के तीखे तेवर देखने को मिले, लेकिन कई जिलों में दिन का पारा लुढ़का रहा। ग्वालियर की सबसे गर्म रहा। यहां अधिकतम तापमान 40.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। रीवा में 40.6 डिग्री, टीकमगढ़ में 40.5 डिग्री, सतना-सीधी में 40.4 डिग्री और खजुराहो में 40.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इकलौते हिल स्टेशन पचमढ़ी में पारा 28.2 डिग्री पर आ गया। वहीं, शिवपुरी में 29 डिग्री और छिंदवाड़ा में 32 डिग्री दर्ज किया गया। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 36.6 डिग्री, इंदौर में 34.3 डिग्री, उज्जैन में 36.5 डिग्री और जबलपुर में 38 डिग्री सेल्सियस रहा। भोपाल के मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक खजुराहो में 14 मिमी, गुना में चार, जबलपुर में तीन और सिवनी में एक मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई। इससे पहले शुक्रवार सुबह तक पचमढ़ी में 27.6 मिमी, मलाजखंड में 22.8 मिमी, खजुराहो में 13.6 मिमी, सतना में 7.7 मिमी और गुना में 0.1 मिमी वर्षा दर्ज की गई। वहीं, प्रदेश में सबसे अधिक तापमान ग्वालियर में 40.8 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम वैज्ञानिक पी.के. रायकवार और अजय शुक्ला ने बताया कि फिलहाल बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र अब कमजोर हो गया है और मेघालय की ओर बढ़ गया है। इसके अलावा पश्चिमी राजस्थान, मध्य उत्तर प्रदेश और उत्तर-पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ऊपर हवा के ऊपरी हिस्से में चक्रवात सक्रिय हैं, जो प्रदेश के मौसम को प्रभावित कर रहे हैं। हालांकि अरब सागर में कोई नया सिस्टम नहीं बना है, इसलिए फिलहाल जोरदार बारिश की संभावना कम है। मौसम विज्ञान केंद्र ने संभावना जताई है कि शनिवार को भोपाल, नर्मदापुरम, जबलपुर, ग्वालियर, चंबल, रीवा और शहडोल संभागों के जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है। हालांकि बारिश व्यापक नहीं होगी, लेकिन बादल छाए रहेंगे और कहीं-कहीं हल्की बौछारें पड़ सकती हैं। मानसून की उत्तरी सीमा मुंबई, अहिल्यानगर, आदिलाबाद, भवानीपटना, पुरी और बालुरघाट तक पहुंच गई है, जिससे आगामी दिनों में मानसून के धीरे-धीरे आगे बढ़ने की संभावना है।

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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इंदौर । मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में भी कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। यहां गुरुवार को कोरोना के दो नए मरीज मिले हैं। इनमें से एक मरीज कोलकाता से लौटा है। यहां तबीयत बिगड़ने के बाद जांच करवाई तो पॉजिटिव पाए है। एक दिन पहले यानी बुधवार को भी इंदौर में चार नए कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आए थे। अब दो नए मामलों को मिलाकर शहर में सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़कर 11 हो गई है। सभी मरीजों को होम आइसोलेशन में रखा गया है। वायरस के वैरियंट का पता करने के लिए सभी मरीजों के सैंपल भोपाल भेजे गए हैं। इंदौर के मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. बीएस सैत्या ने बताया कि पिछले 24 घंटें में शहर के अलग-अलग इलाकों में कोरोना के छह नए मरीज मिले हैं। इनमें दो मरीज गुरुवार को कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें 48 वर्षीय और 79 वर्षीय पुरूष शामिल हैं। इनमें से 48 वर्षीय कोलकाता से लौटा है। वहीं 79 वर्षीय शादी में शामिल होने के बाद से बीमार है। दोनों कोरोना पॉजिटिव को होम आइसोलेशन में चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया है। सीएमएचओ ने बताया कि जिन कोरोना मरीजों की ट्रेवल हिस्ट्री मिल रही है, उनसे संपर्क में आने वाले लोगों की भी जांच की जा रही है। डॉ. सैत्या ने बताया कि पिछले छह दिनों में इंदौर में कोरोना के 13 नए मरीज मिल चुके हैं। इनमें से चार मरीजों की बुधवार को मिले थे। चार मरीजों में 43 वर्षीय एक महिला शामिल है, जो यूनाइटेड किंगडम से लौटी है। दूसरी संक्रमित 30 वर्षीय महिला केरल से और कोरोना पाजिटिव 50 वर्षीय पुरुष मुंबई से यात्रा करके लौटा है। वहीं 54 वर्षीय महिला इंदौर में ही थी। इनमें से केरल से आई महिला के पति शुक्रवार को पॉजिटिव आए थे। पति के संपर्क में आने पर उनका भी सैंपल लिया गया, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। हालांकि, राहत की बात यह है कि सभी की हालत सामान्य है और किसी को अस्पताल में भर्ती कराने की आवश्यकता नहीं पड़ी है।    

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भोपाल । आंधी-बारिश या आए तूफान अब कैसी भी परिस्थिति हो उपभोक्ताओं को हर समय बिजली सेवाएं और निर्बाध बिजली आपूर्ति मिलेगी। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने उपभोक्ता सुविधाओं का ध्यान रखते हुए अब कंपनी कार्यक्षेत्र अंतर्गत निम्न दाब एवं उच्च दाब औद्योगिक उपभोक्ताओं की सेवाओं को और अधिक बेहतर बनाने के लिए चयनित वितरण केंद्रों में अतिरिक्त एफओसी गठित करने का निर्णय लिया है। इससे उपभोक्ता संतुष्टि बढ़ने के साथ-साथ 24 घंटे/सातों दिवस गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति करने में भी मदद मिलेगी। जनसम्पर्क अधिकारी राजेश पाण्डेय ने शुक्रवार को उक्त जानकारी देते हुए बताया कि मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कार्यक्षेत्र के ऐसे अन्य बड़े शहरों और कस्बों में जो कंपनी द्वारा पूर्व निर्धारित मानदंड की पूर्ति करते हैं और उन शहरों और कस्बों में बिलिंग दक्षता और कलेक्शन एफिशिएंसी तथा एटीएण्डसी हानियों में कमी के अच्छे आंकड़े मिलते हैं तो उन शहरों और कस्बों में भी इसी तरह से एफओसी का गठन करके उपभोक्ता सेवाओं में विस्तार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कंपनी द्वारा गठित यह एफओसी टीम 24 घंटे तीन अलग-अलग शिफ्ट में काम करेगी। भोपाल शहर के गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र के उच्च दाब उपभोक्ताओं के लिए इंडस्ट्रियल एरिया गेट वितरण केंद्र में नॉर्मल एफओसी, जबकि ग्रामीण क्षेत्र के उच्च दाब उपभोक्ताओं के लिए बगरौदा तथा बिलकिसगंज वितरण केंद्र में मिनी एफओसी टीम काम करेगी। नॉर्मल एफओसी टीम में कंपनी द्वारा प्रदाय स्मार्ट फोन सहित दो कुशल तथा दो अकुशल कर्मचारी सभी साजो-समान और जरूरी उपकरणों से लैस एफओसी वाहन सहित कार्यरत रहेंगे वहीं मिनी एफओसी में एक कुशल तथा दो अकुशल कर्मचारी काम करेंगे। इसी तरह से निम्न दाब घरेलू उपभोक्ताओं के लिए कंपनी कार्यक्षेत्र के छह सर्किलों में नई एफओसी टीम गठित की गई है। इसमें नर्मदापुरम सर्किल में पचमढ़ी टाऊन और सिवनी मालवा टाऊन जोन, राजगढ़ सर्किल में नरसिंहगढ़ शहर, रायसेन सर्किल में बेगमगंज कस्बा, अशोकनगर सर्किल में मुंगावली कस्बा तथा बैतूल सर्किल में आमला टाऊन शामिल है। यहां पर भी एफओसी टीम तीन शिफ्ट में चौबीसों घंटों काम करेगी। प्रत्येक शिफ्ट में एक कुशल तथा एक अकुशल कार्मिक शामिल होंगे जबकि एक कुशल कार्मिक रिलीवर के रूप में तैनात रहेगा। इस तरह से कुल 7 लोगों का स्टाफ रहेगा। यह एफओसी टीम 24 घंटे /सातों दिवस उपभोक्ताओं की बिजली से संबंधित समस्याओं का निराकरण तथा कम्पनी के राजस्व वसूली, नए कनेक्शन, विद्युत उपकरणों का रख रखाव और संधारण के साथ ही उपभोक्ता शिकायतों को दूर करने के लिए त्वरित काम करेगी। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने सभी आमजन और उपभोक्ताओं से अपील की है वे अपने बिजली बिलों का समय पर भुगतान कर निरंतर पेयी कंज्यूमर बने रहें। विद्युत का अनधिकृत उपयोग न करें साथ ही विद्युत चोरी करने वालों की सूचना देकर विद्युत चोरी की रोकथाम में सहयोग करें और कंपनी द्वारा चलाई जा रही इनफॉर्मर स्कीम का लाभ उठाएं। कंपनी ने कहा है कि उपभोक्ताओं द्वारा निरंतर बिल भुगतान किए जाने से अन्य क्षेत्रों में भी निर्धारित क्राइटेरिया प्राप्त होने की स्थिति मै उन क्षेत्रों को भी 24 x 7 समर्पित FOC TEAM उपलब्ध कराई जाएगी।  

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रीवा । मध्य प्रदेश के रीवा जिले के सिमरिया थाना क्षेत्र में गुरुवार को आकाशीय बिजली गिरने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई। सिमरिया गांव में अचानक मौसम बदला और आसमान से गिरी बिजली से दंपत्ति और पुत्र की मौत हो गई। परिवार के दो अन्य लोग भी झुलस गए। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विवेक लाल ने बताया कि मृतकों की पहचान आशीष वासुदेवा (32) पुत्र प्रेमलाल, उनकी पत्नी ज्योति वासुदेवा (26) और आठ वर्षीय बेटे किशन वासुदेवा के रूप में हुई है। ये तीनों एक साथ खेत के पास खड़े थे, तभी उन पर बिजली गिर गई और मौके पर ही मौत हो गई। हादसे में नैना वासुदेवा (2), प्रेमलाल वासुदेवा (55) और उनकी पत्नी मोटाई वासुदेवा (45) झुलस गए। इन्हें पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सेमरिया लाया गया, जहां से हालत गंभीर होने पर संजय गांधी मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है। इस घटना के बाद पूरे गांव में मातम का माहौल है। मध्य प्रदेश में नौतपा के पांचवें दिन गुरुवार को भी आंधी-बारिश वाला मौसम रहा। छतरपुर, सतना, सागर, मऊगंज, राजगढ़, श्योपुर, गुना समेत कई जिलों में आंधी के साथ तेज बारिश हुई। छतरपुर में खराब मौसम के चलते सीएम डॉ. मोहन यादव का दौरा रद्द हो गया। यहां गौरिहार में बने हेलीपैड में पानी भर गया। सभास्थल का टेंट भी उखड़ गया। सतना, रीवा समेत कई जिलों में तेज आंधी चली। सतना में दोपहर करीब 12 बजे एकाएक गरज-चमक के साथ तेज बारिश शुरु हो गई। चित्रकूट, नागौद व उचेहरा क्षेत्र में भी तेज हवा के साथ बारिश हुई। रीवा में हल्की बूंदाबांदी हुई, जबकि शहडोल में तेज बारिश हुई जिससे सड़कों पर पानी भर गया। अन्य जिलों में शाम को बादल छा गए और तापमान में गिरावट दर्ज की गई। इस दौरान हल्की बूंदाबांदी भी हुई है। प्रदेश में अगले कुल घंटों में कई जिलों में तेज आंधी के साथ बारिश होने का अलर्ट है। मौसम विभाग के अनुसार, श्योपुर, सागर, पांढुर्णा, दमोह और रायसेन में तेज आंधी के साथ बारिश हो सकती है। यहां 60 किमी या इससे अधिक की रफ्तार से आंधी चलने का अनुमान है।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में नौतपा का असर बेअसर दिखाई दे रहा है। भीषण गर्मी की बजाय तीसरे दिन भी आंधी-बारिश का दौर जारी रहा। भोपाल-उज्जैन समेत 15 से ज्यादा जिलों में पानी गिरा। वहीं आज बुधवार को भी भोपाल, इंदौर-उज्जैन समेत 40 जिलों में तेज आंधी चलने और बारिश होने का अलर्ट है। कुछ जिलों में आंधी की रफ्तार 50 किलोमीटर प्रतिघंटा तक रह सकती है।मौसम विभाग के अनुसार, मध्य प्रदेश के आसपास दो साइक्लोनिक सकुर्लेशन एक्टिव है। वहीं, एक ट्रफ प्रदेश से होकर छत्तीसगढ़ की ओर जा रही है। इस वजह से प्रदेश में आंधी-बारिश वाला मौसम है। 31 मई तक ऐसा ही मौसम बने रहने का अनुमान है। बुधवार के लिए भी कई जिलों में आंधी चलने और बारिश होने का अलर्ट जारी किया है। इनमें भोपाल, इंदौर, उज्जैन, सीधी, सिंगरौली, पन्ना, दमोह, मंडला, बालाघाट, सिवनी, पांढुर्णा, छिंदवाड़ा, सागर, विदिशा, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, सीहोर, शाजापुर, देवास, खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन, बड़वानी, धार, अलीराजपुर, झाबुआ, रतलाम, मंदसौर, राजगढ़, आगर-मालवा, मैहर, मऊगंज, कटनी, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, डिंडौरी और नीमच शामिल हैं। यहां हवा की रफ्तार 30 से 50 किलोमीटर प्रतिघंटा तक हो सकती है।प्रदेश के कई शहरों में मंगलवार को दिन के तापमान में बढ़ोतरी भी हुई। भोपाल में बारिश से पहले तेज गर्मी और उमस वाला मौसम रहा। भोपाल में पारा 40.2, ग्वालियर में 40.1 डिग्री, इंदौर में 35.6 डिग्री, उज्‍जैन में 37.7 डिग्री और जबलपुर में 38.5 डिग्री, टीकमगढ़ में 41.5 डिग्री, नौगांव में 41.4 डिग्री, सागर में 41.2 डिग्री, गुना-दमोह में 40.8 डिग्री और शिवपुरी में 40 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। छिंदवाड़ा में सबसे कम 34 डिग्री दर्ज किया गया। धार-सिवनी में 34.8 डिग्री, बैतूल में 34.5 डिग्री और पचमढ़ी में 34.2 डिग्री रहा। वर्ष 2024 में नौतपा के तीसरे दिन यानी 27 मई को गर्मी की बात करें तो पारा 48.7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था।

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भोपाल । “तंबाकू एक धीमा जहर है, इससे बचाव ही समझदारी” थीम पर 31 मई को “विश्व तंबाकू निषेध दिवस” पर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा प्रदेश के समस्त जिलों में तंबाकू व नशा विरोधी गतिविधियाँ पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएगे। जिनमें छात्रों, युवाओं, स्वयंसेवी संगठनों तथा विभिन्न विभागों की सक्रिय भागीदारी रहेगी।सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की प्रमुख सचिव सोनाली वायंणकर ने बुधवार को बताया कि इस वर्ष विश्व स्वास्थ्य संगठन की थीम "Exposing lies, protecting lives: Unmask the appeal of tobacco and nicotine products" पर आधारित कार्यक्रमों की श्रृंखला में प्रत्येक जिले में प्रभातफेरी, मैराथन, रंगोली, नुक्कड़ नाटक और गीत-संगीत के माध्यम से समाज को तंबाकू के दुष्परिणामों से अवगत कराया जाएगा।भोपाल में आयोजित मुख्य समारोह में स्कूली बच्चों ने रंगारंग कार्यक्रमों के माध्यम से कैंसर, टीबी और हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों से बचाव का संदेश देंगे। साथ ही, तंबाकू सेवन के दुष्प्रभावों पर आधारित वॉल पेंटिंग और पोस्टर प्रदर्शनी भी लगाई जायेगी। शहर के प्रमुख चौराहों और सार्वजनिक स्थलों पर बैनर और होर्डिंग्स के माध्यम से नशामुक्ति का संदेश, राष्ट्रीय नशामुक्ति हेल्पलाइन नंबर 14446 का भी प्रचार किया जा रहा है। इससे नशा छोड़ने के इच्छुक व्यक्तियों को उचित मार्गदर्शन मिल सके।प्रमुख सचिव वायंणकर ने बताया कि विशेष रूप से विद्यालयों और महाविद्यालयों के 100 मीटर के दायरे में पान-गुटका की दुकानों पर विक्रय पर प्रतिबंध की कार्रवाई जिला प्रशासन द्वारा की जाएगी। साथ ही, ग्रीष्मकालीन शिविरों में आयोजित चित्रकला, निबंध लेखन और भाषण प्रतियोगिताओं से विद्यार्थियों में विषय के प्रति गहरी समझ विकसित करने के प्रयास किए जा रहे है। राज्य भर में आयोजित इन गतिविधियों की प्रविष्टियाँ भारत सरकार द्वारा विकसित NMBA मोबाइल ऐप/वेबलिंक पर अपलोड की जायेगी। जिसकी जानकारी जिलों द्वारा संचालनालय को भेजी जाएगी।

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सीहोर । सीहोर की दुर्गा कॉलोनी मंगल भवन के पास खड़ी एक वैन में बुधवार सुबह अचानक आग लग गई। कुछ ही देर में आग ने वैन काे पूरी तरह से अपनी चपेट में ले लिया। वैन में लगी आग काे देख कर लाेगाें में हड़कंप मच गया। स्थानीय लोगों ने तुरंत फायर ब्रिगेड को सूचना दी। सूचना के बाद माैके पर पहुंची दमकल की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।जानकारी के अनुसार नगर के दुर्गा कॉलोनी स्थित मंगल भवन के पास खड़ी वेन में आज अचानक आग लग गई। वेन में आग लगी हुई देख क्षेत्र के लोगों ने इसकी सूचना फायर ब्रिगेड टीम को दी जिसके बाद दमकल टीम मौके पर पहुंची और बमुश्किल से आग पर काबू पाया गया अभी तक आग लगने का कारण ज्ञात नहीं हो सका है। दमकल विभाग के अनुसार उन्हें सूचना मिलते ही तत्काल कार्रवाई की गई। वैन में आग लगने का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है। यह भी पता नहीं चल सका है कि वैन किसकी है और कब से वहां खड़ी थी। दमकल विभाग मामले की जांच कर रहा है।

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हरदा । मध्य प्रदेश के हरदा में मंगलवार को अमावस्या पर नर्मदा स्नान करने आए तीन युवकों की डूबने से मौत हो गई। सूचना के बाद पुलिस और एसडीआरएफ टीम मौके पर पहुंची और तीनों के शव पानी से बाहर निकाले। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक दो युवक गहरे पानी में चले गए थे, जिन्हें बचाने तीसरा युवक गया था। घटना की जानकारी लगने पर घाट पर बड़ी संख्या में ग्रामीण जुट गए। फिलहाल पुलिस ने शवाें काे पाेस्टमार्टम के लिए भेज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार घटना मंगलवार सुबह दाेपहर करीब साढ़े ग्यारह बजे लछौरा गांव की है। डगवानीमा निवासी देवू उर्फ देवेंद्र पुत्र शिवनारायण जाट (23), भुन्नास गांव निवासी करण पुत्र महेश जाट (20) सहित एक अन्य दोस्त नदी में नहाते समय ज्यादा गहराई में चले गए और डूबने लगे। इसी दौरान घाट पर मौजूद लहाड़कुई निवासी रामदास पुत्र रामनाथ सेजकर (38) ने उन्हें देखा और बचाने के लिए नदी में कूद गया। उन्होंने एक दोस्त को तो बचा लिया, लेकिन जब देवेंद्र और करण को बचाने दोबारा नदी में गए तो खुद भी डूब गए। जहां युवक नहा रहे थे, वहां पानी की गहराई अधिक थी। इस कारण तीनों को संभलने का मौका नहीं मिला। घटना की जानकारी लगने के बाद मौके पर टिमरनी एसडीओपी आकांक्षा तलया, करताना पुलिस चौकी प्रभारी सहित पुलिस व होमगार्ड के जवान पहुंचे। तीनों युवकों के शव पानी से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल लाए जा रहे हैं।   करताना चौकी प्रभारी अनिल गुर्जर ने बताया कि घटना घाट से लगभग 700 मीटर दूर हुई। दो युवक नहाते समय डूबने लगे। उन्हें बचाने गया तीसरा युवक भी नदी की तेज धार में डूब गया। होमगार्ड और पुलिस के जवानों ने तीनों के शवों को नदी से बाहर निकाला। पंचनामा की कार्रवाई के बाद शवों को पोस्टमार्टम के लिए टिमरनी भेजा गया है। बता दें कि अमावस्या होने के कारण घाट पर पहले से ही श्रद्धालु स्नान कर रहे थे, लेकिन कोई उन्हें बचा नहीं सका। इस घटना के बाद प्रशासन और पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो रहे है। प्रतिमाह अमावस्या के पहले अधिकारी बैठक कर ग्रामीणों को सुरक्षित स्नान करने की समझाइश देते हैं। इसके बाद भी घटनाएं नहीं थम रही हैं। पहले भी नर्मदा के विभिन्न घाटाें पर लोगों के डूबने की घटनाएं हो चुकी है।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में नौतपा के दूसरे दिन भी आंधी-बारिश का दौर जारी रहा। इंदौर समेत कई जिलों में बूंदाबांदी हुई। प्रदेश में नौतपा के तीसरे दिन मंगलवार को भी इंदौर-उज्जैन समेत 30 से अधिक जिलों में आंधी-बारिश का अलर्ट है। आंधी की रफ्तार 30 से 50 किलोमीटर प्रतिघंटा तक रह सकती है। वहीं चार शहरों में तापमान 40 से अधिक रहा, बाकी के शहरों में तापमान 40 डिग्री के नीचे दर्ज किया गया है।मौसम विभाग के अनुसार, अभी लो प्रेशर एरिया और साइक्लोनिक सकुर्लेशन एक्टिव है। इस वजह से आंधी-बारिश वाला मौसम है। आने वाले चार दिन तक आंधी और बारिश का अलर्ट जारी किया है। मंगलवार को इंदौर, उज्जैन, नीमच, मंदसौर, आगर-मालवा, रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर, धार, बड़वानी, खरगोन, बुरहानपुर, खंडवा, हरदा, बैतूल, नर्मदापुरम, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी, अनूपपुर, उमरिया, शहडोल, मैहर, सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी और सिंगरौली में आंधी-बारिश का अलर्ट है। बाकी जिलों में मौसम साफ रहेगा। इस बार नौतपा के दूसरे दिन सोमवार को प्रदेश के 4 शहर- नौगांव में 41.6 डिग्री, खजुराहो में 41.4 डिग्री, टीकमगढ़ में 41 डिग्री और दमोह में पारा 40.2 डिग्री दर्ज किया गया। बाकी शहरों में तापमान 40 डिग्री से कम ही रहा।यदि पिछले साल नौतपा के दूसरे दिन 26 मई की बात करें तो 38 शहरों में पारा 40 डिग्री से अधिक था। राजगढ़ में सबसे ज्यादा 46.8 डिग्री दर्ज किया गया था। वहीं, शाजापुर में 46.6 डिग्री, निवाड़ी के पृथ्वीपुर में 46.5 डिग्री, गुना-सागर में 46.2 डिग्री, खजुराहो-सीहोर में 46 डिग्री, आंवरी में 45.7 डिग्री, ग्वालियर में 45.6 डिग्री, टीकमगढ़ में 45.5 डिग्री, भोपाल में 45.4 डिग्री, दमोह में 45.2 डिग्री, खंडवा में 45.1 डिग्री, शिवपुरी, खरगोन और नौगांव में 45 डिग्री दर्ज किया गया था।

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भोपाल । प्रदेश के समस्त शासकीय जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) एवं अशासकीय महाविद्यालयों में डी.एल.एड. पाठ्यक्रम में शिक्षण सत्र 2025-26 में प्रवेश के लिये आवेदन प्रक्रिया आज (मंगलवार) से प्रारंभ हो रही है। योग्‍य अभ्‍यर्थी एम.पी. ऑनलाइन के माध्यम से प्रवेश के लिये पंजीयन करा सकेंगे। उक्त संस्थानों में प्रवेश के इच्छुक अभ्यर्थी राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल की बेबसाइट https://rsk.mponline.gov.in/ पर जाकर जानकारी प्राप्त कर ऑनलाइन पंजीयन कर सकते हैं। जनसम्पर्क अधिकारी देवेन्द्र ओगारे ने बताया कि प्रथम चरण के प्रवेश पंजीयन की अंतिम तिथि 5 जून निर्धारित की गयी है। उल्‍लेखनीय है कि उक्‍त संस्‍थानों में डीएलएड पाठ्यक्रम की नियत सीटों पर प्रवेश, अभ्‍यर्थी के कक्षा 12वीं में प्राप्तांकों के आधार पर मैरिट अनुसार शासन द्वारा आरक्षण संबंधी जारी निर्देशों के तहत किये जाएंगे। अंतिम तिथि तक प्राप्‍त आवेदनों के आधार पर आरक्षण नियमों के अनुसार मेरिट सूची 6 जून को तथा योग्‍य अभ्‍यर्थियों को विभिन्‍न संस्‍थानों में प्रवेश आवंटन 7 जून से 10 जून तक जारी किये जायेंगे। चयनित अभ्‍यर्थी 11 जून से 16 जून के मध्‍य उन्‍हें आंवटित संस्‍थानों में प्रवेश ले सकेंगे।

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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अनूपपुर । वट सावित्रि व्रत में वट यानि बरगद के वृक्ष के साथ-साथ सत्यवान-सावित्रि और यमराज की पूजा की जाती है। माना जाता है। वटवृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों ईष्टदेवों का वास होता है। वट वृक्ष के समक्ष बैठकर पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। 26 मई को वट सावित्री पूजा के अवसर पर सुहागिन महिलाओं ने अपने पति की लम्बी आयु और अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना लिए वट सावित्री का पावन व्रत किया। सुहागिन महिलाओं ने वट वृक्षों की पूजा अर्चना कर सत्यवान-सावित्री कथा के प्रसंग में पति की लम्बी आयु की कामना लिए ईष्टदेव से सदा सुहागन का आशीष मांगा।   जिले के पसान, कोतमा, जैतहरी, बिजुरी, पसान, अमरकंटक, राजेन्द्र ग्राम, चचाई में भी वट सावित्री व्रत मौके पर सुबह से ही सुहागिन महिलाओं द्वारा मंदिरो एंव वृक्षों की परिक्रमा के साथ पूजा पाठ किया गया। पीपल, तुलसी सहित अन्य दूसरे वृक्षों में भी 108 फेरी लगाने के बाद मंदिर में पूजा अर्चना की गई। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन पूजा करने का उद्देश्य पति की लम्बी आयु के साथ परिवारिक समृद्धि की कामना होती है।   दरअसल, सुबह से ही महिलाओं ने निर्जला व्रत करते हुए नगर के मुख्य पीपल वृक्षों के तनों में अक्षय सूत्र के 108 परिक्रमा लगाते हुए कामना के सूत्र बांधे। इस विधि में हर फेरे में महिलाओं ने अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए ईष्टदेव से मन्नते मांगी। महिलाओं ने जड़ों में फल-फूल चढ़ाकर हवन-धूप भी किया।   उल्लेखनीय है  कि ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि पर वट सावित्री का पर्व मनाया गया। महिलाओं ने पति की लंबी उम्र व प्रगति के लिए निर्जला व्रत रखा।  मंगलवार 27 मई को अमावस्या तिथि प्रातः 8:33 तक रहेगी इस दिन वृष राशि का सूर्य एवं वृष राशि का चंद्रमा एक साथ आने से इस दिन वट सावित्री व्रत एवं शनि जयंती का पर्व मनाया जाएगा। हिन्दू धर्म में वट सावित्री व्रत का विशेष महत्व होता है। इस दिन विवाहित स्त्रियां अपने अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए व्रत रखती हैं। कहते हैं कि इस दिन सावित्री यमराज से अपने पति के प्राण वापस लाई थी। ऐसी मान्यता है कि विवाहित स्त्रियां इस दिन वट वृक्ष की पूजा करती हैं, वट वृक्ष की लंबी उम्र होने के कारण इस वृक्ष की पूजा की जाती है, जिससे उनके पति की उम्र भी लंबी रहे। पंडित सुनील दुबे कहते है की वट वृक्ष (बरगद पेड़) में देव निवास करते हैं। बरगद के पेड़ में जगत के पालनहार भगवान विष्णु, शिव और ब्रम्हा का वास होता है जिसकी पूजा आराधना करने से सौभाग्य, आरोग्य व सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में बताया है की वट सावित्री व्रत में 108 परिक्रमा लगानी चाहिए।  वृक्ष की कई शाखाएं नीचे की ओर झुकी रहती है जिन्हे देवी सावित्री का रूप माना जाता है। इन्ही सब मान्यताओं के आधार पर हिंदू सुहागिन महिलाए यह व्रत करके अपने सुहाग की रक्षा हेतु व्रत रख पूजन, आराधना करतीं है।   जमुना कोतमा में वट वृक्ष की हुई पूजाअखंड सौभाग्य की कामना को लेकर गुरुवार को महिलाओं द्वारा वट सावित्री का व्रत रखते हुए पूजा अर्चना कर पति की दीर्घायु जीवन की कामना की। जमुना कोतमा के रेलवे कॉलोनी, ठाकुर बाबा धाम, पंचायती मंदिर, रेस्ट हाऊस रोड शिव मंदिर, विकास नगर रोड मन्दिर सहित अन्य वट वृक्षों में सुबह से महिलाओं ने विधि विधान से पूजा करते हुए सुहागन सामग्री चूड़ी, बिंदी महावर को अर्पित कर परिक्रमा करते हुए अपने पति की दीर्घायु की कामना की। नर्मदा उद्गम अमरकंटक में महिलाओं ने की वट वृक्ष की पूजामां नर्मदा जी की उद्गम स्थली अमरकंटक में ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को महिलाओं ने सावित्री व्रत रहकर वट वृक्ष की पूजन, आराधना कर बारह परिक्रमा लगाते हुए इस पति की दीघार्यु में वृद्धि की कामना की। अमरकंटक क्षेत्र व आसपास की सुहागिन महिलाएं ही अपने पति की दीर्घायु और सुख समृद्धि के लिए व्रत रख पूजन, आराधना और वट वृक्ष की परिक्रमा लगा सौभाग्य का आशीर्वाद लिया।   

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अनूपपुर । छत्तीसगढ़ के मरवाही वन मंडल से चार हाथियों का झुंड मप्र के अनूपपुर जिले में 25 मई की देर रात प्रवेश कर गया है। यह झुंड 18 दिन तक मरवाही वन क्षेत्र में विचरण करने के बाद पुन: वापस आया है। वन्यजीव संरक्षक अनूपपुर शशिधर अग्रवाल ने बताया कि 4 हाथियों का दल जैतहरी थाना क्षेत्र में गूजर नाला पार करते हुए चोलना गांव के बाहर से होकर गुजरा, जहां से ग्राम पंचायत क्योटार के कुशुमहाई गांव ये पहुंचा। सोमवार को हाथी बीट धनगवां के जंगल में विश्राम कर रहे हैं। वन विभाग हाथियों की गतिविधियों पर लगातार नजर रख रहा है। विभाग ने ग्रामीणों को दिन में अकेले जंगल न जाने की चेतावनी दी है। इससे पहले भी तीन हाथियों ने जिले के कई वन परिक्षेत्रों में घरों में तोड़फोड़ की थी।  

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भोपाल । लोक शिक्षण संचालनालय ने माध्यमिक शिक्षा मण्डल की कक्षा-10वीं और 12वीं की द्वितीय परीक्षा की तैयारी के लिये विशेष कक्षाओं के संचालन का निर्णय लिया है। इसके लिये संभागीय संयुक्त संचालक, जिला शिक्षा अधिकारी और समस्त प्राचार्य शासकीय हाई स्कूल और हायर सेकेण्डरी स्कूल को पत्र लिखकर निर्देश जारी किये गये हैं। जनसम्पर्क अधिकारी मुकेश मोदी ने रविवार को जानकारी देते हुए बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग का प्रयास है कि द्वितीय बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले छात्र अधिक से अधिक संख्या में उत्तीर्ण होकर अपनी आगे की पढ़ाई जारी रख सकें। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कक्षा-10वीं एवं 12वीं में अध्ययनरत उत्तीर्ण विद्यार्थियों की द्वितीय बोर्ड परीक्षाएँ 17 जून से प्रारंभ होंगी। इस परीक्षा में अनुत्तीर्ण विद्यार्थियों के साथ-साथ श्रेणी सुधार के लिये विद्यार्थियों द्वारा आवेदन किये जा रहे हैं। ग्रीष्म अवकाश के दौरान विद्यालय प्राचार्य राज्य स्तर से उपलब्ध करायी गयी अध्ययन सामग्री को विद्यार्थियों के व्हाट्सअप ग्रुप पर साझा करेंगे। इसी के साथ प्राचार्य विद्यार्थियों की प्रगति की समीक्षा कर उनके कठिन बिन्दुओं के संबंध में विषय शिक्षकों के साथ साझा कर विद्यालय स्तर पर कार्य-योजना बनायेंगे। प्रदेश में शासकीय विद्यालयों में ग्रीष्म अवकाश के बाद 2 जून से 14 जून के मध्य उत्तीर्ण विद्यार्थियों के लिये शालाओं में प्रात: 10:30 बजे से कक्षाएँ संचालित होंगी। विद्यार्थियों को गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, अंग्रेजी, हिन्दी और संस्कृत विषय की अध्ययन सामग्री प्रति सप्ताह जून माह में 2, 6 और 14 जून को विमर्श पोर्टल पर प्रसारित की जायेगी। शासकीय विद्यालयों के प्राचार्यों से कहा गया है कि वे विषय शिक्षकों को अनुत्तीर्ण विद्यार्थियों के सम्पर्क में रहने को कहें। इसी के साथ उनकी शैक्षणिक प्रगति का निरंतर मूल्यांकन करें। नोडल अधिकारी बनायें जिला स्तर पर अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक को विशेष कक्षाओं के विधिवत संचालन के लिये नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाये। द्वितीय परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थियों में परीक्षा के तनाव को कम करने के लिये विद्यार्थियों से सतत चर्चा करने के लिये कहा गया है। विद्यार्थियों को विमर्श पोर्टल पर उपलब्ध टिप्स एण्ड ट्रिक्स के वीडियो दिखाये जायें। माध्यमिक शिक्षा मण्डल बोर्ड में हेल्पलाइन नम्बर 18002330175 बनाया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी से द्वितीय बोर्ड परीक्षा की उनके जिले में लगायी जा रही कक्षाओं की मॉनीटरिंग करने के लिये भी कहा गया है।

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ रोज़ सोसायटीज़ द्वारा 21वां वर्ल्ड रोज़ कंवेन्शन 2028 में भोपाल में आयोजित किया जाएगा। इस आयोजन में दुनियाभर के 700 से अधिक अंतराष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मिलित होंगे। भारत में यह आयोजन पहली बार होगा। अपनी झीलों और उद्यानों की सुरम्य पृष्ठभूमि के साथ भोपाल थीमैटिक गार्डन, तकनीकी सत्रों, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और राज्य भर में पर्यटन अनुभवों के लिए एक आदर्श मंच प्रदान करेगा। जापान के फुकुयामा शहर में आयोजित हुए 20वें वर्ल्ड रोज़ कन्वेंशन में शनिवार को इसकी आधिकारिक घोषणा हुई, जिसमें भारत का प्रतिनिधित्व मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड (एमपीटीबी) ने किया। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व मप्र पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव तथा मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक शिव शेखर शुक्ला ने किया। समारोह में वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ रोज़ सोसायटीज़ के नए अध्यक्ष सुशील प्रकाश बनाए गए। वे पहले भारतीय हैं, जो डब्ल्यूएफआरएस के अध्यक्ष के रूप में चुने गए हैं। इस अवसर पर जापान के फुकुओका शहर में इंडियन कौंसल जनरल रामकुमार के साथ एमपीटीबी के डिप्टी डायरेक्टर विवेक जूड, ट्रेवल इंडिया टूर्स के महेंद्र प्रताप सिंह और मध्य प्रदेश रोज़ सोसायटी के 14 सदस्य उपस्थित थे। कंवेन्शन के समापन समारोह में प्रमुख सचिव शुक्ला को डब्ल्यूएफआरसी द्वारा आतिथ्य का अधिकार प्रदान करते हुए सम्मान पूर्वक ध्वज सौंपा गया। समारोह में ऑस्ट्रेलिया, जापान, फिनलैंड, यूनाइटेड किंगडम, यूरोप, दक्षिण कोरिया और कई अन्य देशों के 500 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मिलित हुए। मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल रोज़ सोसायटी के मुख्य संरक्षक हैं। 21वें वर्ल्ड रोज़ कंवेन्शन के आतिथ्य का अवसर प्राप्त करना हमारे लिए गर्व का विषय: प्रमुख सचिव प्रमुख सचिव शुक्ला ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि “अतुलनीय और अद्भुत मध्य प्रदेश” में 21वें वर्ल्ड रोज़ कंवेन्शन के आतिथ्य का अवसर प्राप्त करना हमारे लिए गर्व का विषय है। मध्य प्रदेश अपनी सांस्कृतिक विरासत, धरोहर और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए विश्व में पहचाना जाता है। उन्होंने कहा कि दुनिया भर के सभी गुलाब प्रेमियों और आगंतुकों का हृदय प्रदेश में हृदय से स्वागत करते हैं। दुनिया ने देखे “अतुलनीय मध्यप्रदेश” के रंग जापान में हुए वर्ल्ड रोज़ कन्वेंशन में दुनिया ने अतुलनीय मध्य प्रदेश के अनोखे रंग देखे। व्याख्यानों और कार्यशालाओं में मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड की ओर से प्रजेंटेशन प्रस्तुत किया गया। इसके माध्यम से मध्य प्रदेश की संस्कृति विरासत, धरोहर, प्राकृतिक सौंदर्य आदि के बारे में आगंतुकों को जानकारी प्रदान की गई। मध्य प्रदेश की भागीदारी ने केवल इसकी वैश्विक पर्यटन +आकांक्षाओं को मज़बूती दी, बल्कि 2028 में होने वाले 21वें वर्ल्ड रोज़ कन्वेंशन के माध्यम से राज्य की जैव विविधता, सांस्कृतिक समृद्धि और सतत पर्यटन की दृष्टि को विश्व पटल पर प्रस्तुत किया। क्या है वर्ल्ड रोज़ कंवेन्शन वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ रोज़ सोसायटीज़ द्वारा हर तीन साल में दुनिया के अलग–अलग देशों में वर्ल्ड रोज़ कंवेन्शन का आयोजन किया जाता है। इस कंवेन्शन में दुनिया भर के गुलाब प्रेमी, विशेषज्ञ और आगंतुक एक शहर में जुटते हैं। 20वां वर्ल्ड रोज़ कंवेन्शन जापान के फुकुयामा शहर में 18 से 24 मई 2025 में आयोजित किया गया। इसके आतिथ्य का अवसर जापान रोज़ सोसायटी को प्राप्त हुआ। गुलाब की खेती, गमले में रोपण तकनीक, मिट्टी विज्ञान और बागवानी नवाचार पर केंद्रित प्रदर्शनियां, विशेषज्ञों के व्याख्यान और कार्यशालाओं का आयोजन हुआ। इसी क्रम में तीन वर्ष बाद 2028 में भोपाल, मध्य प्रदेश में इसका आयोजन होगा।  

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भोपाल । सहकारिता, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास कैलाश सारंग के नेतृत्व में शनिवार की शाम भोपाल के नरेला विधानसभा में विशाल तिरंगा यात्रा निकाली गई। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर सेना के सम्मान में नरेला विधानसभा के चार मंडलों में नागरिकों ने तिरंगा यात्रा निकाली, जिससे पूरा क्षेत्र तिरंगामय हो गया। मुख्य तिरंगा यात्रा राजधानी के अशोका गार्डन दशहरा मैदान से प्रारंभ हुई और विभिन्न मार्गों से होते हुए परिहार चौराहे पर पहुंची। जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि, युवावर्ग और महिलाएं शामिल रहीं। नागरिकों ने यात्रा का भारी पुष्पवर्षा कर जोरदार स्वागत किया। इस अवसर पर मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि तिरंगा केवल एक ध्वज नहीं, बल्कि यह भारत की एकता, संकल्प और शक्ति का प्रतीक है। यह यात्रा हमारी सेना के वीर जवानों को समर्पित है, जिन्होंने देश के दुश्मनों को उनके ही घर में घुसकर नेस्तनाबूद कर दिया। परेशन सिंदूर नये भारत के सामर्थ्य का प्रतीक यात्रा के दौरान मंत्री सारंग ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने आतंकवाद को उसकी ही जमीन पर करारा जवाब दिया है। ऑपरेशन सिंदूर नये भारत के सामर्थ्य का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान में घुसकर आतंक के अड्डों को ध्वस्त किया है। यह ऑपरेशन सिद्ध करता है कि आज का भारत आतंक के खिलाफ निर्णायक कार्यवाही करने में सक्षम है। नरेला क्षेत्र में गूंजे भारत माता के जयकारे नरेला विधानसभा क्षेत्र के सम्राट अशोक, नेताजी सुभाष, स्टेशन और महामाई मंडल में एक साथ तिरंगा यात्रा निकाली गईं। यात्राओं में हजारों की संख्या में आम नागरिक, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि और युवाओं ने भाग लिया। लोग मोहल्लों व कॉलोनियों में विभिन्न मार्गों से होते हुए मुख्य चौराहों पर पहुंचे। यात्रा के दौरान भारत माता के जयकारों और ‘वंदे मातरम्’ के नारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। हाथों में तिरंगा थामे चल रहे युवाओं के उत्साह ने सम्पूर्ण वातावरण को देशभक्ति से सराबोर कर दिया।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में पिछले एक सप्ताह से मौसम का मिजाज बदला हुआ है और कई जगह बारिश हो रही है। इसी क्रम में शनिवार को भी मंडला समेत कई जिलों में झमाझम बारिश हुई। मंडला में 9 घंटे में 45 मिमी यानी करीब दो इंच पानी गिर गया। रतलाम के पिपलौदा में आंधी-बारिश के साथ ओले गिरे। राजगढ़, मंडला, मऊगंज उमरिया समेत कई जिलों में शाम को तेज बारिश हुई। इन जिलों में 10 मिनट से लेकर एक घंटे तक तेज बारिश का दौर चला। धार में आधा इंच बारिश हुई, जबकि जबलपुर, उमरिया समेत कई जिलों में बूंदाबांदी का दौर रहा। भोपाल के मौसम विज्ञान केन्द्र से मिली जानकारी के अनुसार, अरब सागर में बना कम दबाव का क्षेत्र और तीव्र होने के बाद अवदाब के क्षेत्र में बदल गया है। इसके अतिरिक्त तीन अन्य मौसम प्रणालियों के भी सक्रिय रहने से प्रदेश में अलग-अलग क्षेत्रों में वर्षा हो रही है। शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक मंडला में 45, धार में 13, जबलपुर में पांच, उमरिया में तीन और बैतूल में 0.8 मिलीमीटर वर्षा हुई। सबसे अधिक 42 डिग्री सेल्सियस तापमान नौगांव में दर्ज किया गया। उधर, रविवार से नौतपा (25 मई से दो जून तक) की शुरुआत होने जा रही है। मौसम विभाग ने शनिवार को रात में कई जिलों में बारिश और आंधी का अलर्ट जारी किया है। मौसम का मिजाज बदलने की वजह से कई शहरों में दिन के तापमान में गिरावट हुई। नौगांव में सबसे ज्यादा तापमान 42 डिग्री दर्ज किया गया। टीकमगढ़ में 40 डिग्री और ग्वालियर में 40.6 डिग्री रहा। बड़े शहरों में भोपाल में 36.2 डिग्री, इंदौर में 34.9 डिग्री, उज्जैन में 39 डिग्री और जबलपुर में 31 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। उमरिया में सबसे कम 30 डिग्री रहा। मलाजखंड, सिवनी, सीधी, पचमढ़ी, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा और मलाजखंड में पारा 33 डिग्री से कम रहा। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक नौतपा के मध्य में तापमान बढ़ सकता है, लेकिन इस बीच कहीं-कहीं वर्षा भी होगी। दक्षिण-पश्चिम मानसून के प्रदेश में जून के दूसरे सप्ताह में पहुंचने की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानी अभिजीत चक्रवर्ती ने बताया कि शनिवार को केरल और गोवा में मानसून पहुंच चुका है। मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां भी अनुकूल बनी हुई हैं। वर्तमान में बनी मौसम प्रणालियों के असर से रविवार को भोपाल, नर्मदापुरम, जबलपुर, शहडोल, इंदौर, उज्जैन संभाग के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा होने की संभावना है। मौसम विशेषज्ञ डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि प्रदेश में साइक्लोनिक सर्कुलेशन और ट्रफ की एक्टिविटी है। इस वजह से आने वाले सात दिन तक प्रदेश में आंधी और बारिश का अलर्ट जारी किया है।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के पेंच टाइगर रिजर्व में अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस से विश्व बाघ दिवस तक की अवधि के लिये एक नया अभियान “बाघदेव’’ प्रारंभ किया गया है। “बाघदेव’’ को आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में देवता के रूप में पूजा जाता है और उनसे मन्नतें मांगी जाती हैं। यह परम्परा आज भी प्रचलित है। पेंच टाइगर रिजर्व के उप संचालक रजनीश कुमार सिंह ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए बताया कि “बाघदेव’’ अभियान में बफर क्षेत्र की सभी 130 ईको विकास समितियों में मिट्टी के बाघ बनाये जाएंगे। ईको विकास समितियों के सदस्य एवं ग्राम पंचधार के मिट्टी के बर्तन और खिलौने बनाने वाले विशेषज्ञ कुम्हार भी सहायता करेंगे। पेंच प्रबंधन द्वारा समिति सदस्यों को पोस्टर के माध्यम से जागरूक किया जायेगा। ग्रामीणजन मिट्टी के बाघ बनाकर उससे प्रकृति के इन तत्वों को वरदान के रूप में लेते हैं। उन्होंने बताया कि मिट्टी के बाघों को पार्क प्रबंधन द्वारा एकत्रित करा कर भट्टी में पकाया जाता है, जिन्हें खबासा में निर्माणाधीन स्टील स्क्रेप से बन रही बाघ कलाकृति के पास स्थापित कर नये आस्था स्थल में संजोया जायेगा। पेंच प्रबंधन का प्रयास है कि इस वर्ष टेराकोटा (मिट्टी) की कलाकृति बनायी जाये। उन्होंने बताया कि इस अभियान में ईको विकास समितियों के साथ पर्यटक एवं अन्य बफर क्षेत्र के बाहर के रहवासी भी जुड़ सकते हैं और अपने हाथ से बाघ बनाकर उसमें अपना नाम लिखकर “बाघदेव’’ से मनोकामना मांग सकेंगे, इससे बाघ संरक्षण में समुदायों के भावनात्मक जुड़ाव के साथ ही पंचधार के मूर्तिकारों के लिये रोजगार के नये अवसर भी प्राप्त होंगे। उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस 22 मई को और बाघ दिवस 29 जुलाई को मनाया जाता है।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मौसम का मिजाज बदला हुआ है। कहीं आंधी-बारिश तो कहीं गर्मी से हाल बेहाल है। मौसम विभाग की माने तो इस बार नौतपा में भी पानी बरसेगा। मौसम विभाग ने अगले 7 दिन यानी, मई के आखिरी सप्ताह में भी आंधी-बारिश का अलर्ट जारी किया है। आज शनिवार को भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन समेत कुल 47 जिलों में तेज आंधी चलने और बारिश होने का अलर्ट है।मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में साइक्लोनिक सर्कुलेशन और ट्रफ की एक्टिविटी है। इस वजह से आने वाले सात दिन तक प्रदेश में आंधी और बारिश का अलर्ट जारी किया है। शनिवार को उज्जैन, रतलाम, शाजापुर, देवास, बड़वानी, खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, अनूपपुर, शहडोल, सीधी, सिंगरौली में तेज आंधी चलेगी। जिसकी रफ्तार 60 किलोमीटर प्रतिघंटा तक रह सकती है। जबकि भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, भिंड, दतिया, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, राजगढ़, विदिशा, सीहोर, रायसेन, सागर, नरसिंहपुर, दमोह, कटनी, उमरिया, डिंडौरी, मैहर, पन्ना, सतना, रीवा, मऊगंज, धार, झाबुआ और अलीराजपुर में हल्की बारिश और आंधी का अलर्ट है। वहीं, नीमच, मंदसौर, आगर-मालवा, श्योपुर, मुरैना, निवाड़ी, टीकमगढ़ और छतरपुर में मौसम साफ रह सकता है।प्रदेश में शुक्रवार को भी आंधी और बारिश का दौर रहा। रतलाम जिले में ओले गिरे। वहीं, उमरिया और गुना में आंधी-बारिश का दौर रहा। छिंदवाड़ा, सिंगरौली, डिंडौरी, मंडला, जबलपुर, उमरिया, शहडोल, कटनी, अनूपपुर, सीधी, सागर, पन्ना, सतना, रीवा और रायसेन में भी आंधी-बारिश का दौर देखने को मिला। इधर, बारिश और आंधी की वजह से दिन के तापमान में गिरावट आई। खजुराहो, नौगांव, टीकमगढ़, गुना और शिवपुरी ही ऐसे शहर रहे, जहां पारा 41 डिग्री या इससे अधिक रहा। ग्वालियर को छोड़ बाकी शहरों में तापमान 40 डिग्री से कम ही रहा। ग्वालियर में 40.2 डिग्री, भोपाल में 36 डिग्री, इंदौर में 34.4 डिग्री, उज्जैन में 39.7 डिग्री और जबलपुर में पारा 38.2 डिग्री दर्ज किया गया। प्रदेश में सबसे ठंडा पचमढ़ी रहा। यहां तापमान 31.6 डिग्री रहा। सीधी में 32.2 डिग्री, मलाजखंड में 34 डिग्री, बैतूल-सिवनी में 34.2 डिग्री रहा।  

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इंदौर । इंदौर में शुक्रवार को कोरोना के फिर दो नए मरीज मिले हैं। दोनों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें घर पर आइसोलेट किया गया है। फिलहाल उनकी स्थिति सामान्य है। इनमें से एक की केरल की ट्रैवल हिस्ट्री भी मिली है। इन्हें मिलाकर शहर में इस साल अब तक कोरोना के पांच मरीज मिल चुके हैं। इंदौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. बीएस सैत्या ने बताया कि दोनों नए मरीज 30 और 35 वर्ष के युवक हैं। उन्हें कोई गंभीर लक्षण नहीं हैं। दोनों को बुखार, सर्दी, खांसी की शिकायत के बाद प्राइवेट लैब में जांच कराई थी। इसमें पता चला कि दोनों कोरोना पॉजिटिव हैं। इनके फिर से एक बार सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे जाएंगे। इनके संपर्क में आए लोगों की पहचान की जा रही है और उनके सैंपल लिए जाएंगे। इसके पूर्व अप्रैल में कोरोना के दो मरीज मिले थे। इनमें एक युवक था, जबकि दूसरी बुजुर्ग महिला थी। दोनों को एक प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट किया गया था। दोनों को अलग-अलग बीमारियां भी थी। इनमें से महिला की किडनी और बीमारियों के चलते मौत हो गई थी। इसके अलावा एक अन्य पॉजिटिव मरीज मिला था। इस तरह इस साल अब तक कोरोना पॉजिटिव के 5 मरीज मिले हैं।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां क