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उज्जैन । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव डोंगला में शनिवार दोपहर अत्याधुनिक तारा मंडल का लोकार्पण करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव खगोल विज्ञान एवं भारतीय ज्ञान परंपरा विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ भी करेंगे। कार्यशाला में देश के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक और शिक्षाविद शामिल होंगे।यहां आचार्य वराहमिहिर न्यास द्वारा अवादा फाउण्डेशन के आर्थिक सहयोग एवं डीप स्काई प्लेनेटेरियम, कोलकाता के तकनीकी सहयोग से आचार्य वराहमिहिर न्यास द्वारा अत्याधुनिक डिजीटल तारामंडल की स्थापना की गई हैं।   दरअसल, इस तारामण्डल की विशेषता इसे खास मनाती है । तारामंडल में 8 मीटर व्यास के एफ.आर.पी. डोम में ई-विजन 4 के डिजीटल प्रोजेक्टर एवं डिजीटल साउण्ड सिस्टम लगाया गया है। इस वातानुकूलित गोलाकार तारामण्डल में 55 लोग एक साथ बैठकर रोमांचक अनुभव एवं आनन्द ले सकते हैं।  वहीं, जिले की महिदपुर तहसील स्थित ऐतिहासिक ग्राम डोंगला से कर्क रेखा गुजरती है। प्राचीन काल से ही खगोल और ज्योतिष विज्ञान की दृष्टि से विशेष महत्व रखता है। भारत की गौरवशाली ज्ञान परंपरा को आगे बढ़ाते हुए वर्ष 2013 में मध्यप्रदेश शासन के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा ग्राम डोंगला में वराहमिहिर खगोलीय वेधशाला की स्थापना की गई। इस महत्वाकांक्षी परियोजना की परिकल्पना, भूमि चयन से लेकर निर्माण तक की प्रक्रिया में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का विशेष योगदान रहा है। इस वेधशाला की स्थापना में भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (IIA), बैंगलोर और आर्यभट्ट प्रशिक्षण विज्ञान शोध संस्थान (ARIES), नैनीताल का तकनीकी सहयोग प्राप्त हुआ है।वेधशाला में आधुनिक टेलीस्कोप अनुसंधान और खगोल वैज्ञानिक गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है। यह सुविधा प्रदेश और देश के विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं और शिक्षाविदों को खगोल विज्ञान के क्षेत्र में अध्ययन और अनुसंधान का मंच प्रदान कर रही है और "एक भारत श्रेष्ठ भारत योजना के अंतर्गत अन्य राज्यों के विद्यार्थी भी इस वेधशाला का भ्रमण कर रहे हैं।DMT यानि डोंगला मीन टाइम की अवधारणाडोंगला में ही स्थापित पद्मश्री डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर वेधशाला, जो प्राचीन खगोलीय यंत्रों पर केन्द्रित है, इस क्षेत्र की सांस्कृतिक और वैज्ञानिक विरासत को जीवंत बनाए हुए है। आधुनिक तकनीक और प्राचीन ज्ञान के समन्वय के रूप में डोंगला को डोंगला मीन टाइम (DMT)की अवधारणा के केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में यह प्रयास एक ऐतिहासिक पहल है।वेधशाला में आधुनिक टेलीस्कोप अनुसंधान और खगोल वैज्ञानिक गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है। यह सुविधा प्रदेश और देश के विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं और शिक्षाविदों को खगोल विज्ञान के क्षेत्र में अध्ययन और अनुसंधान का मंच प्रदान कर रही है और एक भारत श्रेष्ठ भारत योजना के अंतर्गत अन्य राज्यों के विद्यार्थी भी इस वेधशाला का भ्रमण कर रहे हैं।   

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बालाघाट । मध्य प्रदेश के बालाघाट शहर के गुजरी बाजार क्षेत्र में स्थित एक मिर्ची गोदाम के ऊपर लगे मोबाइल टावर में शुक्रवार शाम को अचानक विस्फोट हो गया, जिससे आग भड़क उठी। तेज धमाके के साथ टावर में लगी आग ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया। सूचना मिलने पर दमकल की दो गाड़ियां मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। जानकारी के मुताबिक बालाघाट शहर के गुजरी बाजार में राजहंस भोजनालय के सामने स्थित मोहम्मद शकील कच्छी के गोदाम पर मोबाइल टावर में विस्फोट के बाद आग लग गई। स्थानीय लोगों ने आग बुझाने की कोशिश की, मगर स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई। घटना की सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और भीड़ को हटाकर सुरक्षा व्यवस्था संभाली। नगर पालिका की दो फायर ब्रिगेड गाड़ियाँ त्वरित रूप से मौके पर पहुंचीं और आग पर काबू पाया। टावर से उठती लपटों और काले धुएं के कारण आसपास के निवासी घबरा गए और घरों से बाहर निकल आए। फायर ब्रिगेड की तत्परता से आग को फैलने से रोक दिया गया, वरना यह आस-पास के रिहायशी इलाकों तक फैल सकती थी, जिससे भारी नुकसान की आशंका थी। घटना का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। पुलिस मामले की जांच कर रही है कि टावर में धमाका कैसे हुआ।  

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भोपाल । मानसून ने पूरे प्रदेश के कवर कर लिया है। लगातार बारिश का दौर जारी है। कई जिलों में नदी-नाले उफान पर हैं। मौसम विभाग ने आज शनिवार को प्रदेश के 6 जिलों सतना, मैहर, रीवा, मऊगंज, सीधी और सिंगरौली में भारी बारिश का ऑरेंज जारी किया है। यहां अगले 24 घंटे में 4 से 8 इंच तक पानी गिर सकता है। ग्वालियर, मुरैना, शिवपुरी, अशोकनगर, सागर, दमोह, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना में भी बारिश होने की संभावना है। वहीं, भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर समेत प्रदेश के 49 जिलों में यलो अलर्ट है।मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश के ऊपर से एक लो प्रेशर एरिया (कम दवाब का क्षेत्र) गुजर रहा है। वहीं, पश्चिमी हिस्से से ट्रफ की एक्टिविटी है। ये दोनों ही सिस्टम स्ट्रॉन्ग है। इस वजह से पूर्वी और उत्तरी हिस्से में अति भारी या भारी बारिश का अलर्ट है। इसके अलावा एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन और ट्रफ भी सक्रिय है, जो पूरे प्रदेश में कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश करा रहे हैं। मानसूनी बारिश ने पूरे मध्य प्रदेश को तरबतर कर दिया है। प्रदेश के बचे 2 जिले भिंड और मऊगंज में भी शुक्रवार को मानसून ने एंट्री दे दी।शुक्रवार को ग्वालियर में बारिश के कारण रोड धंस गई, जिससे एक तलघर ढह गया। आसपास के मकानों में दरारें आ गईं। श्योपुर में खिरखिरी नदी उफान पर आ गई, जिससे कई गांवों का संपर्क टूट गया। गुना में सबसे ज्यादा 2 इंच पानी गिरा। शिवपुरी में 1.8 इंच, टीकमगढ़ में डेढ़ इंच, नरसिंहपुर में पौन इंच बारिश दर्ज की गई। वहीं, सागर, मंडला, छिंदवाड़ा, मालजखंड, बैतूल, पचमढ़ी में आधा इंच या इससे अधिक पानी गिरा। इसी तरह दमोह, ग्वालियर, जबलपुर, धार, नौगांव, सतना, सिवनी, मऊगंज, निवाड़ी, सीहोर, रायसेन, नर्मदापुरम, पन्ना, श्योपुर समेत कई जिलों में बारिश का दौर चला। 20 से ज्यादा जिलों में सुबह से रात तक बारिश हुई। ऐसा ही मौसम अगले 24 घंटे यानी शनिवार को भी बना रहेगा।आंधी-बारिश की वजह से कई शहरों में दिन के तापमान में खासी गिरावट हुई है। पचमढ़ी में दिन का तापमान 23.8 डिग्री पर आ गया। मलाजखंड, मंडला, गुना, सिवनी, सागर, छिंदवाड़ा, धार, टीकमगढ़, उमरिया, दमोह, बैतूल, नरसिंहपुर, रायसेन, नर्मदापुरम में पारा 30 डिग्री से कम ही रहा। सीधी में सबसे ज्यादा 33.4 डिग्री पारा रहा। प्रदेश के 5 बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 30.7 डिग्री, इंदौर में 28.6 डिग्री, ग्वालियर में 30.4 डिग्री, उज्जैन में 30.5 डिग्री और जबलपुर में पारा 28.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।  

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उज्जैन। शनिवार 21 जून को हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी खगोलीय घटना एक बार फिर सम्पन्न होगी। दिन सबसे बड़ा होगा और रात सबसे छोटी। जीवाजी वेधशाला के प्रभारी अधीक्षक डॉ.आर.पी.गुप्त के अनुसार दिन 13 घण्टे 34 मिनिट का और रात 10 घण्टे 26 मिनिट की होगी। इस दिन दोपहर 12 बजकर 28 मिनिट पर परछाई गायब हो जाएगी। इस खगोलीय घटना को वेधशाला में शंकु यंत्र पर देखा जा सकेगा। शर्त यह है कि इस दिन मौसम साफ हो याने आसमान में बादल न हो,बारिश न हो रही हो।   डॉ.गुप्त ने बताया कि हर वर्ष 21 जून को सूर्य उत्तरी गोलाद्र्ध में कर्क रेखा पर लम्बवत होता है। चूंकि उज्जैन कर्क रेखा पर स्थित है,इसलिए इस दिन दोपहर को गणना अनुसार तय समय पर सूर्य की परछाई कुछ सेकण्ड के लिए गायब हो जाती है। वेधशाला परिसर में शंकु यंत्र है। यह यंत्र दो भागों उत्तरी गोलाद्र्ध और दक्षिणी गोलाद्र्ध में अक्षांश एवं देशांतर रेखाओं के साथ विभाजीत है। बीच में एक लोहे की राड गड़ी हुई है। 21 जून को दोपहर 12 बजकर 28 मिनिट पर इस राड की परछाई शून्य हो जाएगी। याने परछाई बनेगी ही नहीं। यही समय रहेगा जब सूर्य उत्तरी गोलाद्र्ध से दक्षिणी गोलाद्र्ध में प्रवेश करेगा। इस दिन सूर्योदय प्रात: 5.42 पर और सूर्यास्त सायं 7.16 बजे होगा। इसके बाद सूर्य 22 जून से दक्षिणी गोलाद्र्ध में चला जाएगा। जैसे-जैसे दिन आगे बढेंगे 23 सितंबर को दिन और रात बराबर हो जाएंगे। इसके बाद दिन छोटा और रात बढ़ी होने लगेगी। क्योंकि दक्षिणी गोलाद्र्ध में होने के कारण सूर्य की किरणें हमारी ओर तिरछी पड़ेगी,इस कारण किरणों का ताप कम हो जाएगा। जिसे हम ठण्ड आने की बात के रूप में जानेंगे।

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भोपाल । भोपाल सांसद आलोक शर्मा ने दो दिन पहले ही कंडम गाड़ियों और अतिक्रमण का मुद्दा उठाया था। जिसके बाद अब राजधानी में ट्रैफिक सिस्टम सुधारने और अतिक्रमण हटाने को लेकर अमला सड़क पर उतर आया और शुक्रवार को टीटी नगर इलाके में बड़ी कार्रवाई हुई। यहां दोपहर तक पुलिस की मौजूदगी में नगर निगम और प्रशासनिक अमले ने एक ही जगह पर महीनों से खड़े 35 से ज्यादा ऑटो और कारें जब्त कीं। इस दौरान कुछ लोगों की अफसरों से बहस भी हुई, लेकिन सख्ती के आगे उनकी एक न चली। एसडीएम अर्चना शर्मा ने बताया, कंडम गाड़ियों की वजह से सड़कें ब्लॉक हो गई थीं। जगह-जगह ई-रिक्शा खड़े रहते हैं। इससे एक्सीडेंट भी होते हैं। एडीएम अंकुर मेश्राम की मौजूदगी में प्रशासन, पुलिस और नगर निगम ने यह संयुक्त कार्रवाई की। एसडीएम शर्मा ने बताया कि कार्रवाई से पहले मुनादी भी कराई गई। ताकि, लोग अपने कंडम वाहन हटा लें, लेकिन कई लोगों ने गाड़ियां नहीं हटाईं। ये गाड़ियां 4-5 महीने से एक ही जगह पर खड़ी हुई थीं।   दूसरी ओर एडीएम  अंकुर  मेश्राम ने बताया कि यह संयुक्त कार्रवाई है, जो लगातार जारी रहेगी। शुक्रवार को टीटी नगर इलाके में कार्रवाई हुई। ऐसी ही कार्रवाई कोलार, बैरसिया, एमपी नगर, शहर वृत्त, बैरागढ़ और हुजूर क्षेत्र में भी होगी। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने सभी एसडीएम और तहसीलदारों से कार्रवाई करने के लिए कहा है।  

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भोपाल  । मध्य प्रदेश में मानसून ने अब पूरे प्रदेश को कवर कर लिया है। लगातार बारिश का दौर जारी है। गुरुवार को कई जिले भीगे। नीमच में तो नदी-नाले उफान पर आ गए और कार-बाइक बह गईं। ऐसा ही मौसम शुक्रवार को भी बना रहेगा। आज मौसम विभाग ने अशोकनगर, गुना, दमोह, पन्ना, सतना, मैहर, रीवा और मऊगंज में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। यहां 24 घंटे में 2.5 से 4.5 इंच तक बारिश होने का अनुमान है। वहीं, भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर समेत प्रदेश के बाकी जिलों में गरज-चमक, आंधी और बारिश होने की संभावना है। अगले 4 दिन तक पूरे प्रदेश में आंधी-बारिश का दौर बना रहेगा।मौसम विभाग के अनुसार, वर्तमान में लो प्रेशर एरिया, तीन साइक्लोनिक सर्कुलेशन और दो ट्रफ की एक्टिविटी है। एक ट्रफ प्रदेश के पास से गुजर रही है। इन वजहों से प्रदेश में तेज बारिश का दौर जारी है। गुरुवार को भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, रतलाम, मंदसौर, नीमच, राजगढ़, अशोकनगर और हरदा समेत कई जिलों में बारिश का दौर जारी रहा। मालवा क्षेत्र में भारी बारिश के चलते नदी नाले उफान पर आ गए। नीमच, मंदसौर में सड़कों पर पानी भर गया। इंदौर के महू में सूखे पड़े झरनों में पानी आ गया है। राजगढ़ जिले के ब्यावरा में लगातार तेज बारिश हुई। जिले के सुठालिया, मलावर, करनवास सहित आसपास के गांवों में भी पानी गिरा। नर्मदापुरम, डिंडौरी में भी बारिश दर्ज की गई।बारिश की वजह से कई शहरों में पारा काफी लुढ़क गया। इंदौर में दिन-रात का तापमान बराबर हो गया है। बुधवार-गुरुवार की रात में तापमान 24.3 डिग्री था, जबकि गुरुवार को यह 25.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह गुरुवार को प्रदेश में सबसे कम तापमान रहा। रतलाम और उज्जैन में दिन-रात के तापमान में सिर्फ 2 डिग्री का अंतर रहा। रतलाम में बुधवार-गुरुवार की रात में पारा 24.2 डिग्री रहा था, जबकि गुरुवार को दिन में तापमान 26.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, उज्जैन में रात में 25.5 डिग्री और दिन में 27.5 डिग्री दर्ज किया गया। बालाघाट के मलाजखंड, गुना, रायसेन, पचमढ़ी और धार में भी पारा 30 डिग्री से कम रहा। बड़े शहरों में भोपाल में 30 डिग्री, इंदौर में 31.4 डिग्री, ग्वालियर में 33.5 डिग्री और जबलपुर में 32.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। टीकमगढ़ में सबसे ज्यादा 40.5 डिग्री रहा।

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भोपाल । राज्य शासन द्वारा 11वां अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस आगामी 21 जून को मनाया जाएगा। इस दौरान प्रदेशभर में निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस संबंध मे समस्त जिला कलेक्टरों को निर्देश जारी किये गये है। जारी आदेश में अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए जिले की समस्त संस्थाओं को प्रेरित किया जायेगा, सभी कार्यक्रम आयोजकों को अपना पंजीयन कराना होगा। इसका पंजीयन लिंक https//yoga.ayush.gov.in/yoga-sangam पर होगा।   जनसम्पर्क अधिकारी राजेश दाहिमा ने बुधवार को बताया कि अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस का कार्यक्रम जिले के पंचायत मुख्यालयों तथा पंचायत के अन्य ग्रामों एवं सभी नगरीय निकायों मुख्यालय एवं समस्त वार्डो में जनप्रतिनिधियों के सहयोग से कराया जायेगा। योग दिवस के कार्यक्रम के लिए भारत सरकार द्वारा योग निर्धारित प्रोटोकॉल अनुसार आयोजन होगा। इस कार्यक्रम के लिए जिले में पंतजलि योग संस्थान, श्रीरामचंद्र मिशन हार्टफुलनेस संस्थान, जन अभियान परिषद, मप्र योग आयोग एवं अन्य सहयोगी संस्थाओं से संबद्ध योग इन्स्ट्रक्टर/योगा वालेंटियर उपलब्ध है जिनकी सूची पृथक से आयुष विभाग द्वारा प्रदान की जायेगी।    उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का 21 जून के योग दिवस कार्यक्रम में उद्धबोधन का सीधा प्रसारण प्रदेश के समस्त ग्रामों एवं वार्डो में कराया जायेगा। कार्यक्रम सुबह 6 से 7.45 बजे तक आयोजित किया जाएगा। जिसका प्रसारण लिंक मप्र जनसंपर्क विभाग द्वारा प्रदाय किया जाएगा। सभी जिलों में उपलब्ध योग प्रशिक्षक एवं वालेंटियर्स को ट्रेंनिग कराने के लिए आयुष विभाग द्वारा ट्रेनिंग मॉडयूल तैयार किया गया है जिसके माध्यम से 19 व 20 जून को ऑनलाइन ट्रेनिंग की व्यवस्था की जाएगी, जिसका लिंक आयुष विभाग द्वारा प्रेषित किया जाएगा।   योग दिवस कार्यक्रम के लिए जिले में योग आयोजन कराने वाली संस्थाओं का अधिकाधिक पंजीयन कराया जाना है। इसके लिए जिले में एक नोडल अधिकारी को नियुक्त किया जाएगा। नोडल अधिकारी योग दिवस कार्यक्रम उपरांत जानकारी एवं फोटो भारत सरकार के पोर्टल पर भेजने के लिए उत्तरदायी होगा। जिले के समस्त शासकीय सेवको को योग दिवस के नजदीकी कार्यक्रम में सहभागिता के लिए प्रेरित किया जायगा।

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भोपाल । मध्य प्रदेश के इंदौर समेत 19 जिलों में मानसून की एंट्री हो गई है। वहीं, अगले 24 घंटे के अंदर राजधानी भोपाल, उज्‍जैन, जबलपुर समेत प्रदेश के अन्य जिलों में पहुंचने की संभावना है। इसी बीच गुजरात-राजस्थान से सटे 5 जिलों में आज बुधवार को भारी बारिश का अलर्ट है। इसी के साथ प्रदेश के ज्यादातर जिलों में तेज हवाएं चलने का भी अनुमान है।मौसम विभाग के अनुसार, वर्तमान में आंधी और बारिश के 4 सिस्टम एक्टिव है। गुजरात क्षेत्र और पड़ोसी हिस्से में लो प्रेशर एरिया (कम दवाब क्षेत्र) और एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम सक्रिय है। वहीं, वेस्टर्न डिस्टरबेंस और टर्फ की एक्टिविटी भी देखने को मिल रही है। इस वजह से अगले चार दिन तक पूरे प्रदेश में मौसम बदला रहेगा। कुछ जिलों में भारी बारिश का अलर्ट है। यानी, 24 घंटे में सवा 4 इंच पानी गिर सकता है। भारी बारिश के अलर्ट वाले जिलों में मालवा-निमाड़ (इंदौर-उज्जैन संभाग) के धार, झाबुआ, रतलाम, नीमच और मंदसौर शामिल हैं। वहीं, भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर समेत पूरे प्रदेश में बारिश, तेज आंधी और गरज-चमक वाला मौसम रहेगा।इंदौर समेत प्रदेश के 19 जिलों में मंगलवार तक मानसून पहुंच गया। इस दौरान प्रदेश में आंधी-बारिश का दौर भी जारी रहा। मंगलवार को सिंगरौली में आकाशीय बिजली गिरने से दो बच्चियों की मौत हो गई। वहीं, भोपाल, राजगढ़, धार, रतलाम, छिंदवाड़ा, जबलपुर, मंडला, सतना, टीकमगढ़ समेत कई जिलों में बारिश दर्ज की गई। बारिश की वजह से दिन के तापमान में भी गिरावट हुई है। शिवपुरी में ही पारा सबसे ज्यादा 40 डिग्री रहा। वहीं, सबसे कम तापमान इकलौते हिल स्टेशन पचमढ़ी में 28.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। 5 बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 34.4 डिग्री, इंदौर में 32.2 डिग्री, ग्वालियर में 38.5 डिग्री, उज्जैन में 33 डिग्री और जबलपुर में पारा 34.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

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इंदौर । देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर अंगदान के क्षेत्र में भी पीछे नहीं है। मध्य प्रदेश के इस शहर ने एक बार फिर मानवीय संवेदनाओं की मिसाल कायम करते हुए अंगदान के क्षेत्र में इतिहास रच दिया। बुधवार को 64वां ग्रीन कॉरिडोर बना। उज्जैन के 69 वर्षीय ब्रेन डेड घोषित मरीज के अंगों को ग्रीन कॉरिडोर के जरिए दूसरे अस्पताल भेजा गया, जहां उनके अंगदान से दो मरीजों को नया जीवन मिला।   दरअसल, उज्जैन में 69 वर्षीय तुलसीराम रावल को ब्रेन हेमरेज हो गया था, जिसके बाद उन्हें उज्जैन के पाटीदार अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उपचार के दौरान उन्हें ब्रेन डेड घोषित किया गया। डॉक्टर ने ब्रेन डेथ की जानकारी परिवार को दी। इसके बाद परिवार ने मानवता दिखाते हुए अंगदान का निर्णय लिया और ‘मुस्कान ग्रुप’ से संपर्क किया।   मुस्कान ग्रुप के सेवादार जीतू बगानी ने बताया कि उज्जैन निवासी तुलसीराम रावल (69) को ब्रेन डेथ घोषित होने के बाद 16 जून को इंदौर लाया गया और यहां सीएचएल अस्पताल में अंगदान की प्रक्रिया शुरू की गई। चार चिकित्सक दलों की ब्रेन डेथ सर्टिफिकेशन कमेटी ने रोगी का प्रथम ब्रेन डेथ 17 जून सुबह 10:35 तथा द्वितीय ब्रेन डेथ सर्टिफिकेशन शाम 5:30 पर पूरा किया। इसके बाद 18 जून की सुबह 9 बजे अंगों को समय पर अस्पताल पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया।   उन्होंने बताया कि रावल की एक किडनी सीएचएल केयर हॉस्पिटल में भर्ती 45 वर्षीय मरीज को दी गई, जबकि दूसरी किडनी चोइथराम हॉस्पिटल में 54 वर्षीय मरीज को ट्रांसप्लांट की गई। लिवर प्रत्यारोपण की योजना जुपिटर हॉस्पिटल के लिए बनाई गई थी, लेकिन मेल न होने के कारण यह प्रक्रिया रद्द कर दी गई। इस प्रक्रिया में सांसद शंकर लालवानी, संभाग आयुक्त दीपक सिंह, इंदौर सोसाइटी फॉर ऑर्गन डोनेशन के सचिव एवं एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन मेडिकल कॉलेज डॉ. अरविंद घनघोरिया, संस्थापक सचिव डॉ. संजय दीक्षित लगातार मॉनिटरिंग करते रहे। इसके अलावा सोटो मध्य प्रदेश के नोडल ऑफिसर डॉ. मनीष पुरोहित, निधि शर्मा, शुभम वर्मा ने भी समन्वय किया।   बगानी ने बताया कि मृतक तुलसीराम के बेटों संतोष और शैलेन्द्र ने अंगदान प्रक्रिया में सहयोग करने वाले राजेश पेड़वा, डॉ. सुरेंद्र सिंह परिहार, मोनिशा बगानी, डॉ. निखिलेश जैन, डॉ. शिव शंकर शर्मा, डॉ. सौरभ जुल्का, डॉ. विपिन शर्मा, संदीपन आर्य, लकी खत्री, जुगल नागपाल, राजेन्द्र माखीजा, जेठानंद जयसिंघानी, विशाल चंदानी, राजू धनवानी और तरुण रोचवानी का आभार व्यक्त किया है।

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भोपाल । माध्यमिक शिक्षा मंडल बोर्ड द्वारा 10वीं और 12वीं की द्वितीय परीक्षा का आयोजन आज (मंगलवार) से किया जा रहा है। यह परीक्षा पहली परीक्षा में असफल या गैरहाजिर रहे विद्यार्थियों के लिए आयोजित की जा रही है। जिला शिक्षा विभाग के एडीपीसी गिरीश तिवारी के अनुसार, विद्यार्थी सभी विषयों की परीक्षा दे सकते हैं। उत्तीर्ण विद्यार्थी श्रेणी सुधार के लिए भी परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। पहली परीक्षा में अनुपस्थित या देर से पहुंचने वाले विद्यार्थियों को भी यह अवसर मिलेगा। उन्होंने बताया कि आज से शुरू हो रही कक्षा 10वीं की परीक्षा 26 जून तक और कक्षा 12वीं की परीक्षा पांच जुलाई तक चलेगी। सभी परीक्षाएं सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक होंगी। प्रायोगिक परीक्षाएं 17 से 26 जून के बीच आयोजित की जाएंगी।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में सोमवार को दक्षिण-पश्चिम मानसून की एंट्री हो गई है। अचानक बदले मौसम के साथ मानसून के सक्रिय होने से बड़वानी, खंडवा, खरगोन और बुरहानपुर में बारिश शुरू हो गई। इस दौरान राजधानी भोपाल सहित कई जिलों में बारिश दर्ज की गई। झमाझम बारिश से लोगों को तेज गर्मी और लू से राहत मिली है। पिछले 24 घंटों में विदिशा में सबसे ज्यादा 68 मिमी बारिश दर्ज की गई। अगले 2 दिन में मानसून भोपाल-इंदौर में दस्तक दे सकता है। वहीं, सबसे आखिरी में ग्वालियर-चंबल में पहुंचेगा। मौसम विभाग की माने तो एक सप्ताह में मानसून पूरे प्रदेश को कवर कर लेगा।मौसम विभाग के अनुसार, वर्तमान में 2 साइक्लोनिक सर्कुलेशन एक्टिव है। इस वजह से आंधी-बारिश का दौर जारी है। वहीं, मानसून भी सक्रिय हो गया है। अब प्रदेश में आंधी-बारिश का दौर रहेगा। कहीं-कहीं भारी या अति भारी बारिश भी हो सकती है। आज मंगलवार को जिन जिलों में आंधी-बारिश का अलर्ट जारी किया है, उनमें भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, मुरैना, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, रीवा, सीधी, सिंगरौली, पन्ना, दमोह, मंडला, बालाघाट, सिवनी, पांढुर्णा, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, सागर, विदिशा, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, सीहोर, शाजापुर, देवास, खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन, बड़वानी, धार, अलीराजपुर, झाबुआ, रतलाम, मंदसौर, श्योपुर, शिवपुरी, अशोकनगर, गुना, राजगढ़, आगर-मालवा, सतना, मैहर, मऊगंज, कटनी, जबलपुर, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, डिंडौरी और नीमच शामिल हैं। यहां हवा की रफ्तार 40 से 60 किलोमीटर प्रतिघंटा तक हो सकती है।इधर, प्रदेश में सोमवार को चार जिले बड़वानी, खरगोन, खंडवा और बुरहानपुर के रास्ते मानसून पहुंचा। इन जिलों में बारिश का दौर चला। मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार को 9 घंटे में छतरपुर जिले के नौगांव में सबसे ज्यादा सवा इंच पानी गिर गया। रीवा में भी 1 इंच से ज्यादा बारिश हुई। मंडला में आधा इंच बरसात हुई। धार, गुना, रतलाम, सागर, सतना, बालाघाट, खंडवा, बड़वानी, टीकमगढ़, अशोकनगर, हरदा में भी बारिश का दौर चला। भोपाल में शाम को मौसम बदल गया। कुछ जगहों पर बूंदाबांदी भी हुई। देर रात तक कई जिलों में बारिश का दौर रहा।बारिश के चलते दिन के तापमान में खासी गिरावट हुई है। सोमवार को सिर्फ एक शहर नर्मदापुरम में तापमान 40.2 डिग्री दर्ज किया गया। बाकी शहरों में तापमान 40 डिग्री से नीचे ही रहा। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 37.5 डिग्री, इंदौर में 34.6 डिग्री, ग्वालियर में 37 डिग्री, उज्जैन-जबलपुर में 38 डिग्री सेल्सियस रहा। पचमढ़ी में सबसे कम 31.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।  

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भोपाल । पर्यटन की दृष्टि से मध्य प्रदेश एक समृद्ध और विविधतापूर्ण राज्य है। इसकी सांस्कृतिक विरासत, ऐतिहासिक धरोहरें, प्राकृतिक सौंदर्य और वन्यजीव संपदा का आकर्षण “अतुलनीय मध्य प्रदेश” के रूप में पर्यटकों की पहली पसंद बन रहा है। प्रदेश ने वर्ष 2024 में पर्यटन के क्षेत्र में कीर्तिमान रचा है। मध्य प्रदेश में साल 2024 में रिकॉर्ड 13 करोड़ 41 लाख पर्यटकों का आगमन हुआ। यह उपलब्धि वर्ष 2023 की तुलना में 19.6 प्रतिशत, 2019 से लगभग 50.6 प्रतिशत और 2020 की तुलना में 526 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाती है।   मंगलवार को पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि पर्यटन की दृष्टि से मध्य प्रदेश भारत का एक समृद्ध और विविधतापूर्ण राज्य है। प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत, प्राकृतिक संपदा, ऐतिहासिक धरोहरें और वन्यजीव विविधता, पर्यटकों को एक सम्पूर्ण अनुभव प्रदान करती हैं। वर्ष 2024 में 13.41 करोड़ पर्यटकों का आगमन इस बात का प्रमाण है कि मध्य प्रदेश देश ही नहीं, वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर भी मजबूती से उभर रहा है।    वर्ष 2024 में 1.67 लाख विदेशी पर्यटकों ने भी मध्य प्रदेश की सैर की। खजुराहो में 33131, ग्वालियर में 10,823 और ओरछा में 13,960 विदेशी पर्यटक पहुंचे। शहरी पर्यटन में भी विदेशी पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई, जिसमें इंदौर में 9,964 और भोपाल में 1,522 विदेशी पर्यटक शामिल हैं। बांधवगढ़ में 29192, कान्हा में 19148, पन्ना में 12762 और पेंच में 11272 विदेशी पर्यटक आए।    वर्ष 2024 में धार्मिक स्थलों ने 10.7 करोड़ पर्यटकों को आकर्षित किया, जो वर्ष 2023 की तुलना में 21.9% अधिक है। प्रदेश के शीर्ष 10 पर्यटन स्थलों में से 6 धार्मिक स्थल शामिल हैं। उज्जैन 7.32 करोड़ पर्यटकों के साथ इस सूची में सबसे आगे रहा, जो वर्ष 2023 के 5.28 करोड़ की तुलना में 39% अधिक है। चित्रकूट में भी एक करोड़ से अधिक पर्यटक आए, जो वर्ष 2023 के 90 लाख की तुलना में 33% अधिक है। मैहर में 1.33 करोड़, अमरकंटक में 40 लाख, सलकनपुर में 26 लाख और ओंकारेश्वर में 24 लाख पर्यटक पहुंचे। महाकाल लोक, ओंकारेश्वर महालोक, श्रीराम वनगमन पथ, देवी लोक, राजा राम लोक, हनुमान जैसी परियोजनाओं ने धार्मिक पर्यटन को आध्यात्मिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाया है।   मध्य प्रदेश की समृद्ध विरासत ने 2024 में 80 लाख से अधिक पर्यटकों को आकर्षित किया, जो 2023 के 64 लाख की तुलना में 25% की वृद्धि दर्शाता है। ग्वालियर में पर्यटकों की संख्या में 3 गुना वृद्धि देखी गई, जहां 9 लाख से अधिक पर्यटक पहुंचे, जो 2023 की तुलना में 3.69 लाख की उल्लेखनीय वृद्धि है। खजुराहो (4.89 लाख), भोजपुर (35.91 लाख) और महेश्वर (13.53 लाख) में भी पर्यटकों ने इन समृद्ध विरासतों का आनंद लिया। यूनेस्को ने हाल ही में भोजपुर को अपनी टेंटेटिव सूची में शामिल किया है और ग्वालियर को "क्रिएटिव सिटी ऑफ म्यूजिक" के रूप में मान्यता दी है। मध्यप्रदेश में अब 3 स्थायी और 15 टेंटेटिव सूची में कुल 18 यूनेस्को धरोहरें हैं। स्थायी सूची में खजुराहो के मंदिर समूह, भीमबेटका की गुफाएं और सांची स्तूप शामिल हैं। सम्राट अशोक के शिलालेख, 64 योगिनी मंदिर, गुप्तकालीन मंदिर, बुंदेला शासकों के महल और किले, ग्वालियर किला, बुराहनपुर का खूनी भंडारा, चंबल घाटी के शैल कला स्थल, भोजपुर का भोजेश्वर महादेव मंदिर, मंडला स्थित राम नगर के गोंड स्मारक, धमनार का ऐतिहासिक समूह, मांडू के स्मारकों का समूह, ओरछा का ऐतिहासिक समूह, नर्मदा घाटी में भेड़ाघाट–लमेटाघाट, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व और चंदेरी टेंटेटिव लिस्ट में हैं।    राज्य में 12 राष्ट्रीय उद्यान, 25 वन्यजीव अभयारण्य और 9 टाइगर रिजर्व हैं। कान्हा (2.48 लाख), पेंच (1.92 लाख), बांधवगढ़ (1.94 लाख), पन्ना (3.85 लाख) और मढ़ई (4.34 लाख) जैसे प्रमुख वन्यजीव स्थलों पर पर्यटकों का आगमन हुआ। कुनो पालपुर राष्ट्रीय उद्यान में अफ्रीकी चीतों की पुनर्स्थापना परियोजना ने भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित किया है।   पचमढ़ी, अमरकंटक, भेड़ाघाट, हनुवंतिया, गांधीसागर, तामिया, सैलानी आइलैंड और सरसी आइलैंड जैसे स्थल प्राकृतिक पर्यटन के प्रमुख केंद्र हैं। वर्ष 2024 में पचमढ़ी में 2.87 लाख पर्यटक और भेड़ाघाट में 2.34 लाख पर्यटक पहुंचे। यहां रिसॉर्ट्स, एडवेंचर, स्पोर्ट्स, ट्रेकिंग ट्रेल्स और कैंपिंग सुविधाओं ने पर्यटकों को नया अनुभव दिया। गांधीसागर डैम, सैलानी आइलैंड, तामिया की पातालकोट घाटी और सरसी आइलैंड में प्राकृतिक सौंदर्य ने पर्यटकों को प्रकृति के और करीब लाया।   मध्य प्रदेश में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 63 पर्यटन ग्राम विकसित किए गए हैं। प्रदेश में 470 से अधिक होमस्टे का निर्माण किया गया है, जिनसे अब तक 24 हजार से अधिक अतिथि स्थानीय संस्कृति और खानपान का अनुभव ले चुके हैं। पचमढ़ी, कान्हा और अमरकंटक जैसे क्षेत्रों के आसपास के गांवों में होम स्टे सुविधाएं पर्यटकों के लिए अनूठा अनुभव बन गई है। चंदेरी में भारत के पहले हैंडलूम गांव प्राणपुर ने स्थानीय शिल्पकारों को वैश्विक पहचान दिलाई है। आदिवासी समुदायों की कला जैसे गोंड, भील पेंटिंग और मांडना आर्ट पर्यटकों के बीच लोकप्रिय हो रहे हैं।   फिल्म पर्यटन के क्षेत्र में भी मध्य प्रदेश एक अलग पहचान बना रहा है। चंदेरी और महेश्वर जैसे स्थल फिल्म निर्माताओं की पहली पसंद बन गए हैं। "स्त्री 2" की शूटिंग ने चंदेरी को पर्यटकों के बीच लोकप्रिय बनाया, जहां 47,630 पर्यटक पहुंचे। महेश्वर में 13.53 लाख पर्यटक आए, जो कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फिल्मों की शूटिंग का गवाह बना। हाल ही प्रदेश में निर्मित फिल्म होमबाउंड को फिल्म जगत के प्रतिष्ठित कान्स फिल्म फेस्टिवल में दुनिया भर के दिग्गजों की प्रशंसा मिली। नई फिल्म नीति-2025 और पर्यटन सुविधा सेल ने मध्यप्रदेश को फिल्म निर्माताओं के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनाया है। फिल्म स्त्री, सुई धागा, दबंग 2, पैडमैन, पंचायत (वेब सीरीज) और महारानी जैसे प्रोजेक्ट्स ने प्रदेश की सांस्कृतिक और प्राकृतिक सुंदरता को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित किया। खजुराहो, ग्वालियर और मांडू जैसे स्थल भी फिल्म शूटिंग के लिए लोकप्रिय हुए।   भोपाल, इंदौर और जबलपुर जैसे शहर अपनी आधुनिकता, स्वच्छता और सांस्कृतिक समृद्धि के लिए जाने जाते हैं। वर्ष 2024 में इंदौर में 1.02 करोड़, भोपाल में 22 लाख और जबलपुर में 23 लाख पर्यटक पहुंचे। इंदौर ने 7वीं बार स्वच्छ भारत सर्वेक्षण में पहला स्थान हासिल किया है, जो इसे एक स्वच्छ और स्मार्ट पर्यटन गंतव्य बनाता है। प्रमुख सचिव शुक्ला ने कहा कि वर्ष 2024 में मध्य प्रदेश ने पर्यटन के हर क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति करते हुए देश और दुनिया के मानचित्र पर अपनी अलग पहचान बनाई है। प्रदेश में 13.41 करोड़ पर्यटकों का आगमन इस बात का प्रमाण है कि प्रदेश में पर्यटन न केवल तेजी से बढ़ रहा है, बल्कि नए प्रतिमान भी स्थापित कर रहा है। राज्य सरकार की प्रतिबद्धता, नीतिगत नवाचार और स्थानीय समुदायों की सक्रिय भागीदारी से मध्य प्रदेश आगामी वर्षों में भी पर्यटन का नया अध्याय रचेगा।   

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उज्जैन । महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति ने मंदिर में दर्शन व्यवस्था में बदलाव किया है। अब अतिविशिष्ट व्यक्तियों को ही नंदी हॉल में प्रवेश दिया जाएगा। शेष सभी आम श्रद्धालु के रूप में बेरीकेट्स से होकर दर्शन करेंगे।   रविवार को महाकालेश्वर मंदिर और महाकाल महालोक में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। सोमवार से निजी स्कूल खुलने जा रहे हैं। इसके चलते शनिवार को और फिर रविवार को मंदिर में भारी भीड़ रही। मंदिर प्रबंध समिति ने रविवार को नंदी हॉल में आम भक्तों का प्रवेश बंद कर दिया। सामान्य दर्शनार्थियों को गणेश मण्डपम के सामने से दर्शन करवाए। भीड़ नियंत्रण के लिए दर्शनार्थियों की दर्शन हेतु चलायमान व्यवस्था रखी गई।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) में कमजोर वर्ग एवं वंचित समूह के बच्चों के गैर अनुदान मान्यता प्राप्त अशासकीय स्कूलों में नि:शुल्क प्रवेश का दूसरा चरण आज (सोमवार) से शुरू हो रहा है। प्रथम चरण के बाद जिन स्कूलों में सीटें रिक्त रह गई हैं, उन स्कूलों में रिक्त सीटों की जानकारी द्वितीय चरण प्रवेश प्रक्रिया के लिए पोर्टल पर प्रदर्शित की गई है। आवेदकों द्वारा स्कूलों के च्वाइस को अपडेट किये जाने का कार्य 20 जून तक किया जा सकेगा। जनसम्पर्क अधिकारी मुकेश मोदी ने जानकारी देते हुए बताया कि द्वितीय चरण के लिए ऑनलाइन लाटरी 25 जून 2025 को होगी। आवंटन के बाद स्कूल में प्रवेश एवं संबंधित स्कूल द्वारा मोबाइल ऐप से एडमीशन रिपोर्टिंग 25 जून से 30 जून 2025 तक की जा सकेगी। द्वितीय चरण के लिए नवीन आवेदन पंजीयन नहीं होगा और पुन: सत्यापन प्रक्रिया भी नहीं होगी। वह आवेदक जिन्होंने प्रथम चरण में आवेदन किया था और सत्यापन के बाद पात्र पाए गए थे, उनका प्रथम चरण में कोई स्कूल आवंटित नहीं हुआ था वह द्वितीय चरण के लिए स्कूल की च्वाइस अपडेट कर सकते हैं। जिन आवेदकों को प्रथम चरण में स्कूल आवंटन हुआ है, लेकिन स्कूल पसंद नहीं आने के कारण आवंटित स्कूल में एडमीशन नहीं लिया है, वह द्वितीय चरण में च्वाइस अपडेट कर सकते हैं।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश इन दिनों मौसम अजीब से दौर से गुजर रहा है। प्रदेश में एक ओर जहां कुछ जगहों पर भीषण गर्मी पड़ रही है, लोग उमस से हलाकान हो रहे हैं वहीं कई जगहों पर जोरदार बारिश भी हो रही है। प्री मानसून एक्टिविटी के कारण खासा पानी गिर रहा है। मानसून एक बार फिर से रफ्तार पकड़ चुका है और प्रदेश में अगले 24 से 48 घंटे में दस्‍तक दे सकता है । इससे पहले पूरे प्रदेश में आंधी-बारिश का दौर जारी रहेगा। आज सोमवार को नरसिंहपुर और डिंडौरी में भारी बारिश का अलर्ट है।मौसम विभाग के अनुसार, वर्तमान में तीन साइक्लोनिक सर्कुलेशन, एक टर्फ और एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव है। इस वजह से प्रदेश में आंधी-बारिश का दौर जारी है। वहीं, मानसून भी सक्रिय है। इस वजह से यह आगे बढ़ रहा है। अगले 24 घंटे में नरसिंहपुर और डिंडौरी में ढाई से सवा 4 इंच तक बारिश हो सकती है। वहीं, भोपाल-इंदौर के साथ ही प्रदेश के सभी जिलों में तेज आंधी के साथ बारिश होने की संभावना है। मानसून के प्रवेश से पहले प्रदेश में आंधी और बारिश का दौर जारी है। रविवार को नरसिंहपुर में 9 घंटे के अंदर 27 मिमी यानी, एक इंच से ज्यादा पानी गिर गया। भोपाल, खंडवा, मंडला, उमरिया और दतिया में भी बारिश दर्ज की गई। वहीं, नर्मदापुरम के पिपरिया और सिवनी मालवा, बड़वानी में आंधी के साथ बारिश हुई।प्रदेश के कई शहरों में दिन के तापमान में गिरावट हुई है। सीधी में 41.4 डिग्री, टीकमगढ़ में 40.7 डिग्री, खरगोन में 40.2 डिग्री और उमरिया में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस रहा। बाकी शहरों में तापमान 40 डिग्री से नीचे ही दर्ज किया गया। नरसिंहपुर में दिनभर बारिश होने से यहां अधिकतम तापमान 30 डिग्री पर आ गया। यहां एक ही दिन में पारा 11.4 डिग्री लुढ़क गया। नौगांव में 6.6 डिग्री, खजुराहो में 5.5 डिग्री, छिंदवाड़ा में 4.8 डिग्री, दमोह में 6 डिग्री, भोपाल में 4.6 डिग्री, गुना में 4.5 डिग्री, नर्मदापुरम में 7.3 डिग्री की गिरावट हुई। बड़े शहरों में दिन के तापमान की बात करें तो भोपाल में 35.6 डिग्री, इंदौर में 35.2 डिग्री, ग्वालियर में 37.1 डिग्री, उज्जैन में 37 डिग्री और जबलपुर में 39.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।  

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इंदौर । मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, जिससे स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है। इंदौर में शनिवार को फिर कोरोना के आठ नए मरीज मिले हैं। इसके बाद शहर में सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़कर 54 हो गई है। इस साल अब तक इंदौर में कुल 112 कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, जिनमें से इंदौर के 100 मरीज हैं।   इससे पहले शुक्रवार को इंदौर में भाजपा के नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा सहित कोरोना के 16 नए मरीज मिले थे, जबकि शुक्रवार को सात मरीजों को डिस्चार्ज भी किया गया था। भाजपा नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा का कोरोना पॉजिटिव आने के निजी अस्पताल में इलाज जारी है। दो दिन पहले ही मिश्रा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के साथ कार्यक्रम में शामिल हुए थे। उनकी कोरोना और अन्य बीमारियों से संबंधित जांचें करवाई थी। इनके संपर्क में आए लोगों के भी सैंपल लिए जाएंगे।   इंदौर सीएमएचओ डॉ. बीएस सैत्या ने बताया कि शनिवार को कोरोना के आठ नए मरीज मिले हैं। उन्होंने सर्दी, खांसी, बुखार, दस्त की शिकायत के बाद जांच करवाई थी। यह सभी मरीज इंदौर के रहने वाले हैं। इनकी कोई ट्रेवल हिस्ट्री भी सामने नहीं है। पिछले पांच दिनों में कोरोना के 52 मिल चुके हैं। इनमें से करीब चार मरीज अस्पताल में भर्ती है, दो की हालत गंभीर है। बाकी मरीज होम आइसोलेशन में है। नए मरीजों में वह भी शामिल है, जो पिछले दिनों पाजिटिव आए मरीजों के संपर्क में थे।   इंदौर में अभी 64 एक्टिव मरीज है, जिनका डॉक्टरों की निगरानी में उपचार चल रहा है। अब तक इंदौर में 110 मरीज मिल चुके हैं। जिनमें से 100 इंदौर के रहने वाले हैं और बाकी अन्य जिलों से हैं। शनिवार को छह मरीजों को डिस्चार्ज किया है। विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना के मरीज सामने आ रहे हैं, लेकिन मौजूदा वैरिएंट पहले वाले वैरिएंट से ज्यादा खतरनाक नहीं हैं। अधिकांश मरीजों में हल्के लक्षण होते हैं और वे होम आइसोलेशन में ठीक हो जाते हैं। मधुमेह, उच्च रक्तचाप, गर्भावस्था या गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों को सतर्क रहना चाहिए।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में जल्द ही मानसून की एंट्री होगी। लेकिन इससे पहले बारिश और आंधी का दौर जारी है। शनिवार को कई जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश हुई। आज रविवार को भी भोपाल, इंदौर समेत 47 जिलों में आंधी और बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। साथ ही 60 किलोमीटर की रफ्तार से हवा चलने का भी अनुमान है।मौसम विभाग के अनुसार, जिन जिलों में रविवार को आंधी-बारिश होगी, उनमें भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, मुरैना, भिंड, दतिया, रीवा, पन्ना, दमोह, मंडला, बालाघाट, सिवनी, पांढुर्णा, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, सागर, विदिशा, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, सीहोर, शाजापुर, देवास, खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन, बड़वानी, धार, अलीराजपुर, झाबुआ, रतलाम, मंदसौर, श्योपुर, शिवपुरी, अशोकनगर, गुना, राजगढ़, आगर-मालवा, सतना, मैहर, मऊगंज, कटनी, जबलपुर, डिंडौरी और नीमच शामिल हैं। यहां हवा की रफ्तार 40 से 60 किलोमीटर प्रतिघंटा तक हो सकती है।इससे पहले शनिवार को प्रदेश में आंधी-बारिश हुई। छिंदवाड़ा, खजुराहो, सागर, सिवनी, बालाघाट, धार, उज्जैन, जबलपुर, नीमच और शाजापुर जिले में तेज हवाओं के साथ बारिश हुई है। नीमच में आंधी से एक मकान पर टीनशेड उड़ गया। छिंदवाड़ा में पौन इंच के करीब पानी गिर गया। आंधी के कारण उज्जैन के पास बेरछा और पीर अमरूद के बीच रेलवे ट्रैक पर पेड़ गिर गया। जिससे कई ट्रेन प्रभावित हुई है। भोपाल से चलकर दाहोद जाने वाली 19340 गाड़ी को बीच में रोकना पड़ा। काफी देर तक ट्रेनें रुकी रहीं।दूसरी ओर, प्रदेश के कई जिलों में तेज गर्मी का असर भी रहा। नर्मदापुरम में सबसे ज्यादा तापमान 45.2 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। वहीं, छतरपुर जिले के खजुराहो में 44.7 डिग्री और नौगांव में 44.6 डिग्री रहा। सतना में 43.1 डिग्री, सीधी में 43 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दमोह, शाजापुर, टीकमगढ़, रीवा, नरसिंहपुर, खरगोन, गुना, शिवपुरी, उमरिया, खंडवा, बैतूल और सागर में भी पारा 40 डिग्री सेल्सियस या इससे अधिक रहा। प्रदेश के 5 बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 40.4 डिग्री, इंदौर में 38.8 डिग्री, ग्वालियर में 42.5 डिग्री, उज्जैन में 40 डिग्री और जबलपुर में पारा 40.3 डिग्री सेल्सियस रहा।

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मुरैना । मध्य प्रदेश के कूनाे नेशनल पार्क से निकलकर एक बार फिर चीते दूर जा पहुंचे हैं। इस बार पांच चीतों का एक समूह मुरैना में देखा गया है। ये चीते रविवार सुबह जौरा के पास डैम के करीब सड़क पर घूमते हुए दिखाई दिए। वहां मौजूद लोगों ने उनका वीडियो बना लिया। सूचना मिलते ही वन विभाग, चीता मित्रों की टीम निगरानी के लिए तैनात कर दी गई है और ग्रामीणों को अलर्ट रहने की सलाह दी है। इधर चीतों को लेकर गांवों के लोग दहशत में भी है।   दरअसल, मुरैना जिले के जौरा इलाके में रविवार सुबह कूनो नेशनल पार्क से निकले पांच चीते पगारा बांध के पास नजर आए। रविवार सुबह सैर पर निकले राहगीरों ने जब अचानक चीतों को देखा तो वे दहशत में आ गए। वहां माैजूद लाेगाें ने चीतों का वीडियो बनाया। डिप्टी रेंजर विनोद कुमार उपाध्याय ने बताया कि रविवार सुबह 6:45 बजे कैलारस से आए चीते जौरा के पगारा डैम की कोठी पर देखे गए। जौरा वन क्षेत्र के स्टाफ को लोकेशन मिलते ही टीम तुरंत मौके पर पहुंच गई। चीते अभी भी पगारा डैम की कोठी की घटिया पर बैठे हुए हैं। चीता मित्र उनके पास मौजूद हैं और कुछ दूरी पर निगरानी कर रहे हैं। वन विभाग की टीम ने इलाके को घेरकर निगरानी शुरू कर दी है।   प्रभारी डिप्टी रेंजर विनोद ने बताया कि ये चीते कूनो नेशनल पार्क श्योपुर से कैलारस होते हुए जौरा क्षेत्र में पहुंचे हैं। वर्तमान में सभी चीते पगारा डैम, कोठी और जोगी देवगढ़ गांव की घटिया के ऊपरी क्षेत्र में आराम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि चीतों के साथ चार चीता मित्र भी मौजूद हैं। चीतों के गले में ट्रैकिंग कॉलर लगे हैं, जिनसे उनकी लोकेशन की जानकारी मिल रही है। वन विभाग की टीम चीतों के साथ-साथ चल रही है और उनकी गतिविधियों पर नजर रख रही है। उन्होंने बताया कि अब तक चीतों ने किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है।   चीतों के आने से इलाके में दहशत-जौरा और आसपास के ग्रामीण इलाकों में चीते आने से दहशत का माहौल है। लोग समूह में ही बाहर निकल रहे हैं और बच्चों को घरों के अंदर ही रखा जा रहा है। चीतों के वीडियो वायरल होने के बाद यह मामला पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गया है। विभाग ने ग्रामीणों से सतर्क रहने की अपील की है। विभाग ने लोगों को खेतों में अकेले न जाने, बच्चों को बाहर खेलने से रोकने और चीतों की लोकेशन की जानकारी तत्काल वन विभाग या स्थानीय प्रशासन को देने का निर्देश दिया है।

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जबलपुर । मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड (एमपीटीबी) के तत्वावधान में गुरुवार को होटल शान एलिजे में इन्फ्लूएंसर्स मीट आयोजित की गई। इंफ्लुएंसर्स मीट में रील्स, ब्लॉग और स्टोरीज के माध्यम से प्रदेश के ऐतिहासिक, धार्मिक और प्राकृतिक स्थलों, प्रोडक्ट्स आदि को एक्सप्लोर करने वाले जबलपुर, छिंदवाड़ा, डिंडोरी आदि जिलों के सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स को सम्मानित किया गया। मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड की सोशल मीडिया विभाग की प्रमुख डॉ नीलम रावत ने कहा कि इन्फ्लूएंसर्स मध्य प्रदेश का नाम पूरे विश्व में लेकर जा रहे हैं लेकिन सोशल मीडिया के सामने भी कई चुनौतियां हैं। उन्होंने इंफ्लुएंसर्स से कहा कि अब हमारा प्रदेश केवल टाइगर स्टेट नहीं बल्कि यह लेपर्ड और वल्चर स्टेट भी है। यहां यूनेस्को की तीन साइट हैं। दो ज्योतिर्लिंग हैं तथा वाइल्ड लाइफ, नेचर, रूरल टूरिज्म, खानपान और संस्कृति आदि अलग अलग तरह के अनुभव हैं और करने के लिए भी बहुत कुछ है लेकिन चुनौतियां भी कम नहीं हैं। डॉ नीलम रावत ने कहा कि ग्वालियर के तानसेन और खजुराहो समारोह विश्व प्रसिद्ध हो गए हैं। विक्रमोत्सव, भगोरिया ट्राइबल फेस्टिवल हों या ओरछा और मांडू में प्रस्तावित टेंट सिटी प्रदेश को पर्यटन विकास की दिशा में नई दिशा में ले जाएंगे। एमपीटीबी के साहसिक खेल विभाग के संयुक्त संचालक डॉ एस के श्रीवास्तव ने कहा कि नजर सबके पास एक सी होती है लेकिन नजरिया अलग होता है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में वह सब कुछ है जो किसी पर्यटक को चाहिए। ऐसे में इन्फ्लूएंसर्स की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। उन्होंने उज्जैन की स्काई डाइविंग, पेंच ट्रेल, अलीराजपुर की ट्रैकिंग साइट्स, राइडर्स ऑन बाइक आदि इवेंट की जानकारी दी और कहा कि पर्यटन आर्थिकी सुदृढ़ करने वाला बनना चाहिए। एमपीटीबी के निखिल देशमुख ने रूरल टूरिज्म के माध्यम से स्लो ट्रैवल एक्सपीरियंस पर प्रकाश डाला। पुरातत्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय जबलपुर के उप संचालक के एल डाभी ने कहा कि कल्चुरी काल की पाषाण प्रतिमाओं, सिक्कों सहित रानी दुर्गावती संग्रहालय में शैव, वैष्णव और गोंड संस्कृति को समर्पित गैलरी हैं, जो नई पीढ़ी को हमारी विरासत और धरोहरों की जानकारी देती हैं। जबलपुर पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति परिषद के सीईओ हेमंत सिंह ने कहा कि पर्यटन एक उभरता सेक्टर है जिसमें असीमित रोजगार हैं। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी का रुझान समाचार पत्र और न्यूज चैनल में नहीं बल्कि मोबाइल में है। अतः इन्फ्लूएंसर्स उनका ज्ञान वर्धन धार्मिक, ऐतिहासिक स्थलों को एक्सप्लोर करके करें। इसके पूर्व सभी इन्फ्लूएंसर्स ने अपने अपने पेज की विशेषता और फॉलोवर्स संख्या बतलाई। इस अवसर पर मध्य प्रदेश टूरिज्म कॉर्पोरेशन के क्षेत्रीय प्रबंधक संजय मल्होत्रा, एमपीटीबी के पर्यटन प्रबंधक तरुण मिश्र आदि उपस्थित थे। हेरिटेज वॉक को तैयार सीएमएम मिलिट्री कॉलेज ऑफ मटेरियल मैनेजमेंट (सीएमएम) के कर्नल विशाल चौपड़ा ने बताया कि आर्मी आर्डिनेंस कॉर्प्स के 250 वर्ष पुराने इतिहास को दुनिया के सामने लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए सीता पहाड़ी में जल्द हेरिटेज वॉक आरंभ होगी। उन्होंने बताया कि यह संग्रहालय 1835 में स्थापित हुआ और 1951 में जबलपुर आया जहां दो हजार से ज्यादा आर्टिफिक्ट हैं। संग्रहालय के बारे में मेजर राजिंदर सिंह विर्क ने विस्तार से प्रकाश डाला। कंटेंट डालने में बरतें सावधानी :- एम्पीटीबी की सोशल मीडिया विभाग की प्रमुख डॉ नीलम रावत ने कहा कि इन्फ्लूएंसर्स को कंटेंट डालने में सावधानी बरतने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि स्वयं की जगह डेस्टिनेशन या प्रोडक्ट को हीरो बनाने की जरूरत है। पर्यटन स्थल तक पहुंचने का मार्ग, दूरी साधन आदि जानकारी देना इन्फ्लूएंसर्स की नैतिक जिम्मेदारी है। फिल्मों और वेब सीरीज की शूटिंग के लिए आ रहे निर्माता डॉ नीलम रावत ने कहा कि फिल्मों और वेब सीरीज की शूटिंग के लिए प्रदेश नया डेस्टिनेशन बन रहा है। यह करन जौहर, आमिर खान आदि बड़े निर्माता शूट करने की योजना बना रहे हैं।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में जून की भीषण गर्मी लोगों पर भारी पड़ रही है। पिछले 15 दिन से मानसून महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ में एक ही जगह पर ठहरा है। इस वजह से प्रदेश में इसकी एंट्री नहीं हो पाई है। मौसम विभाग ने प्रदेश में 15 और 16 जून को भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। दक्षिणी हिस्से के पांढुर्णा, छिंदवाड़ा, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी, अनूपपुर, खंडवा में 24 घंटे में ढाई से 4.5 इंच तक बारिश हो सकती है। इसी दौरान मानसून भी प्रदेश में एंटर हो जाएगा। हालांकि, इससे पहले आज शुक्रवार को उज्जैन, सागर, ग्वालियर-चंबल संभाग के 12 जिलों में लू का अलर्ट है।मौसम विभाग के अनुसार, मानसून महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ में एक ही जगह पर ठहरा है। हालांकि, अब मानसून के सक्रिय होने की हल चल तेज हुईं है। ऐसे में मौसम विभाग ने 14-15 जून को मध्य और पूर्वी भारत के हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के एंटर होने की संभावना जताई है। दूसरी ओर, मौसम विभाग ने अगले 4 दिन का अनुमान भी जारी किया है। जिसमें शुक्रवार को ग्वालियर, श्योपुर, भिंड, मुरैना, दतिया, शिवपुरी, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, नीमच, मंदसौर, आगर-मालवा, गुना और अशोकनगर में लू का अलर्ट है। भोपाल, उज्जैन, झाबुआ, अलीराजपुर, धार, बड़वानी, खरगोन, हरदा, खंडवा, बुरहानपुर, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला और बालाघाट में गरज-चमक, आंधी और बारिश होने की संभावना है। 14 जून को प्रदेश के आधे से ज्यादा हिस्से में गरज-चमक और बारिश के आसार है। वहीं, 15 और 16 जून को दक्षिणी हिस्से में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। यानी, मानसून इन्हीं दो दिन के अंदर प्रवेश करेगा।पिछले 2 दिन से प्रदेश में मौसम फिर से बदला है। दिन में भीषण गर्मी का असर है, जबकि रात में तेज आंधी के साथ बारिश हो रही है। गुरुवार को इंदौर में शाम को तेज बारिश शुरू हो गई। वहीं, बुरहानपुर, बैतूल, रतलाम, उज्जैन, धार, विदिशा, सागर, रायसेन, हरदा, नर्मदापुरम, शाजापुर, राजगढ़, गुना, ग्वालियर, भोपाल, आगर-मालवा, देवास, सीहोर और खंडवा में भी मौसम बदला रहा। इंदौर में तेज आंधी के साथ बारिश हुई। ग्वालियर, मुरैना, धार समेत कई जिलों में भी बारिश वाला मौसम रहा।प्रदेश में तेज आंधी और बारिश के बीच भीषण गर्मी का असर भी है। गुरुवार को 22 शहरों में पारा 40 डिग्री के पार रहा। सबसे गर्म छतरपुर जिले के खजुराहो और नौगांव रहे। खजुराहो में 45.8 डिग्री और नौगांव में तापमान 45 डिग्री दर्ज किया गया।प्रदेश के 5 बड़े शहरों में ग्वालियर सबसे गर्म रहा। यहां तापमान 44.2 डिग्री रहा। उज्जैन में 43.5 डिग्री, भोपाल में 41 डिग्री, इंदौर में 41.6 डिग्री और जबलपुर में 40.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसी तरह टीकमगढ़ में 44.7 डिग्री, शिवपुरी में 44 डिग्री, शाजापुर, गुना-नर्मदापुरम में 43.7 डिग्री, नरसिंहपुर में 43.4 डिग्री, रतलाम में 43.2 डिग्री, सतना में 43 डिग्री, सीधी-रीवा में 42.6 डिग्री, धार-दमोह में 42.4 डिग्री, सागर में 42.2 डिग्री, उमरिया में 41.5 डिग्री और खरगोन में तापमान 41.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

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भोपाल । मध्य प्रदेश सरकार ने संविदा अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन में 2.94 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। इस संबंध में गुरुवार देर शाम वित्त विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं। संविदा कर्मचारियों को वेतन वृद्धि का लाभ एक अप्रैल 2025 से मिलेगा। शासन के इस फैसले से राज्य में कार्यरत डेढ़ लाख से अधिक अधिकारी-कर्मचारी लाभान्वित होंगे। जारी आदेश के अनुसार, सामान्य प्रशासन विभाग के 22 जुलाई 2023 के सर्कुलर के आधार पर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक की रिपोर्ट पर यह वृद्धि 2.94 प्रतिशत तय की गई है। यानी अब हर अधिकारी और कर्मचारी को 31 मार्च 2025 की स्थिति में मिल रहे वेतन में एक अप्रैल 2025 से 2.96 प्रतिशत बढ़ा हुआ वेतन मिलेगा। वित्त विभाग ने सभी विभागों के विभागाध्यक्ष, संभागीय आयुक्त, राजस्व मंडल अध्यक्ष, सभी कलेक्टरों को वेतनवृद्धि के निर्देश जारी किए हैं। मध्य प्रदेश संविदा अधिकारी-कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर का कहना है कि प्रदेश में संविदा पर काम करने वाले अधिकारी और कर्मचारी का न्यूनतम वेतन 12 हजार से लेकर 65 हजार रुपये प्रति माह तक है। इसमें दो महीने से वृद्धि नहीं किए जाने पर उनके द्वारा शासन के संज्ञान में यह मामला लाया गया था। पिछले वित्त वर्ष 2024-25 में यह वृद्धि 3.78 प्रतिशत की गई थी। संविदा वर्ग को उम्मीद थी कि इस बार सरकार 4 प्रतिशत तक की वृद्धि कर लाभ देगी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया है। राठौर ने कहा कि आज जो वृद्धि की गई है, उससे कर्मचारियों को 300 रुपये से 1500 रुपये तक की वेतन वृद्धि मिलेगी, जो नाम मात्र है। पहले यह वृद्धि दो हजार से आठ हजार तक होती थी। इसलिए सरकार से मांग है कि जैसे पहले संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों की तरह महंगाई भत्ता मिलता था, वैसे ही महंगाई भत्ता दिया जाए।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में भीषण गर्मी और उमस से जूझ रहे लोगों के लिए राहत भरी खबर है। मौसम विभाग के अनुसार 15 जून को मानसून प्रदेश में मंडला और बालाघाट के रास्ते दस्तक दे सकता है। वहीं अगले 24 घंटे में प्रदेश के कई जिलों में मौसम में बदलाव के आसार है। आज गुरुवार को ग्वालियर, चंबल-सागर संभाग के 12 जिलों में लू चलने की संभावना है। इनमें से 7 जिले-भिंड, मुरैना, श्योपुर, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़ और छतरपुर में ऑरेंज अलर्ट है।मौसम विभाग ने बताया कि आज गुरुवार को भिंड, मुरैना, श्योपुर, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर के अलावा ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, सागर में भी लू चलेगी। अगले 2 दिन यानी, 13 और 14 जून को ग्वालियर, चंबल, उज्जैन और सागर संभाग के जिलों में लू का अलर्ट जारी किया है। हालांकि 14 जून से कहीं-कहीं बारिश का दौर शुरू हो जाएगा। 15 जून को पूरे प्रदेश में बारिश का अलर्ट है। इसी दौरान मानसून की एंट्री भी प्रदेश में हो जाएगी। आज भोपाल, विदिशा, शाजापुर, रायसेन, सीहोर, बड़वानी, खरगोन, बुरहानपुर, खंडवा, देवास, हरदा, बैतूल, नर्मदापुरम, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी, उमरिया, शहडोल और अनूपपुर में आंधी-बारिश एवं गरज-चमक का अलर्ट है।इससे पहले बुधवार को लगातार 5वें दिन भी भीषण गर्मी का असर देखा गया। ग्वालियर समेत 6 शहर ऐसे रहे, जहां पारा 44 डिग्री या इससे अधिक पहुंच गया। सबसे गर्म छतरपुर जिले का नौगांव रहा। यहां तापमान 44.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। गुना में 44.5 डिग्री, ग्वालियर-शाजापुर में 44.2 डिग्री और शिवपुरी-टीकमगढ़ में 44 डिग्री रहा। बड़े शहरों में भोपाल में 42.6 डिग्री, इंदौर में 41.6 डिग्री, उज्जैन में 42.8 डिग्री और जबलपुर में तापमान 40.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसी तरह खजुराहो (छतरपुर) में 43.6 डिग्री, नर्मदापुरम में 43.5 डिग्री, नरसिंहपुर में 43.2 डिग्री, सागर में 42.6 डिग्री, दमोह में 42.5 डिग्री, सतना में 42.4 डिग्री, धार में 42.3 डिग्री, सीधी में 42.2 डिग्री, रीवा में 42 डिग्री, रतलाम में 41.6 डिग्री, उमरिया में 41.5 डिग्री और खरगोन में पारा 40.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। यहां बुधवार की रात कोरोना के 12 नए मामले सामने आए हैं, जबकि एक कोरोना पॉजिटिव महिला की मौत भी हुई है। इस साल प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीज की यह तीसरी मौत है। इसकी पुष्टि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के कोविड-19 डैशबोर्ड पर की गई है, जिसमें बताया गया कि प्रदेश में कोरोना से एक और महिला की जान गई है। मृतक 52 वर्षीय महिला थीं, जिन्हें ब्रोंकियल अस्थमा था। उन्हें 25 साल पहले टीबी हो चुकी थी और वे मधुमेह से भी पीड़ित थीं। इन जटिल स्वास्थ्य समस्याओं के कारण उनकी स्थिति गंभीर हो गई थी।   रतलाम की रहने वाली टीबी, ब्रोंकाइटिस और हाई ब्लड प्रेशर जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित 52 वर्षीय महिला को गत 8 जून को सांस लेने में तकलीफ के कारण प्राइवेट अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां 10 जून को रिपोर्ट में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई, जिसके बाद उन्हें सरकारी अस्पताल एमआरटीबी के आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट किया गया, लेकिन बुधवार को उनकी मौत हो गई। इससे पहले 6 जून को खरगोन की 44 वर्षीय महिला की एमआरटीबी अस्पताल में मौत हुई थी। वह हाल ही में एमटीएच अस्पताल में बच्चे को जन्म देने के बाद संक्रमित पाई गई थीं। इससे पहले, 27 अप्रैल को इंदौर की 74 वर्षीय किडनी रोगी महिला की अरबिंदो अस्पताल में मौत हो चुकी है।   इंदौर के सीएमएचओ डॉ. बीएस सैत्या ने बताया कि बुधवार देर रात प्राप्त रिपोर्ट में कोरोना के 12 पॉजिटिव मरीज मिले हैं। ये सभी इंदौर के रहने वाले हैं। इनकी ट्रैवल हिस्ट्री पता की जा रही है। इन मरीजों सहित अब तक इंदौर में कुल 81 कोरोना मरीज पाए गए हैं। इनमें से 69 इंदौर के हैं, जबकि 12 मरीज बाहर के हैं। अभी इंदौर में सक्रिय मरीजों की संख्या 51 है। अधिकांश सक्रिय मरीज होम आइसोलेट हैं और उनकी हालत ठीक है। वहीं, एक कोरोना पॉजिटिव 67 वर्षीय बुजुर्ग को अन्य बीमारियां भी हैं, जिसके चलते उन्हें एक निजी हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है। इसी तरह, एक अन्य 50 वर्षीय व्यक्ति को सांस लेने और अन्य तकलीफों के कारण प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है।   इधर, मध्य प्रदेश में बुधवार को कोरोना के 21 नए केस दर्ज किए गए। यह इस साल एक दिन में दर्ज सबसे ज्यादा मामले हैं। इसके साथ ही 2025 में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 123 हो गई है। इनमें से 86 सक्रिय मरीज हैं, जबकि 34 मरीज स्वस्थ होकर अपने घर पहुंच चुके हैं।

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भोपाल । उज्जैन में वर्ष 2028 में आयोजित होने वाले सिंहस्‍थ महाकुंभ के शांतिपूर्ण, सुरक्षित और सुव्यवस्थित संचालन के लिए मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा व्यापक तैयारियां की जा रही हैं। इसी क्रम में गुरूवार को पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाणा की अध्यक्षता में पुलिस मुख्यालय, भोपाल के कांफ्रेंस हॉल में वृहद समीक्षा बैठक की गई।   उज्‍जैन सिंहस्‍थ-2028 की तैयारियों को लेकर आयोजित इस वृहद बैठक में पुलिस मुख्यालय, भोपाल के वरिष्ठ अधिकारीगण जैसे अतिरिक्त महानिदेशक गुप्तवार्ता,सायबर, दूरसंचार, रेल, प्रशिक्षण, योजना, प्रबंध, PTRI तथा विसबल, IG भोपाल ग्रामीण, IG का.व्‍य. एवं सुरक्षा, DIG SDRF, DIG एएनओ,नोडल अधिकारी सिंहस्‍थ, पुलिस आयुक्त भोपाल, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त भोपाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे। साथ ही, वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ADG उज्जैन जोन, पुलिस आयुक्त इंदौर, IG व DIG इंदौर ग्रामीण, DIG उज्जैन रेंज तथा उज्जैन, खण्डवा, खरगौन, देवास, शाजापुर, धार, रतलाम, सीहोर एवं आगर-मालवा के पुलिस अधीक्षक बैठक से वर्चुअल रूप से जुड़े।   बैठक का एक प्रमुख आकर्षण रहे उत्तर प्रदेश पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी प्रेम कुमार गौतम, भा.पु.से., वर्तमान में पुलिस महानिरीक्षक, एटीएस, उत्तर प्रदेश, द्वारा वर्ष 2025 में आयोजित प्रयागराज कुंभ मेले के दौरान अपनाए गए उत्कृष्ट प्रबंधन उपायों का प्रेजेंटेशन के माध्यम से विस्तारपूर्वक साझा किया गया, जो आगामी सिंहस्‍थ महाकुंभ-2028 के आयोजन के लिए अत्यंत प्रेरणादायी एवं मार्गदर्शक सिद्ध होगा। इस दौरान एक प्रजेंटेशन के माध्‍यम से समझाया गया।   बैठक के दौरान खासकर वीआईपी मूवमेंट और विशेष प्रबंधन, ट्रैफिक कंट्रोल, श्रद्धालुओं की सहायता के लिए रूट डायवर्जन, दल यात्रियों के लिए अस्थायी फ्लाईओवर, आतंकवाद-रोधी उपाय, मेले के क्षेत्र में स AI-आधारित CCTV कैमरों की स्थापना, ड्रोन फीड को मुख्य कंट्रोल रूम में लाइव मॉनिटर सहित अन्‍य बिन्‍दुओं को बारीकी से बताया गया।   डीजीपी ने बैठक के अंत में कहा कि उनके अनुभवों का हमें लाभ मिलेगा तथा सिंहस्‍थ महाकुंभ-2028 मध्यप्रदेश की गरिमा और प्रशासनिक क्षमता का परिचायक होगा, जिसमें मध्यप्रदेश पुलिस अपनी दक्षता और प्रौद्योगिकीय नवाचार से एक मिसाल कायम करेगी।    

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भोपाल । चार पर्वत चोटी सहित माउंट एवरेस्ट फतह करने के बाद भी विक्रम अवार्ड नहीं मिलने को लेकर पर्वतारोही मेघा परमार को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। न्यायाधीश अमित सेठ की एकलपीठ ने मंगलवार को मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को दो सप्ताह में जवाब देने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने याचिकाकर्ता मेघा परमार को सरकार के समक्ष अभ्यावेदन पेश करने को भी कहा है। याचिकाकर्ता मेघा परमार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में विक्रम अवार्ड को लेकर याचिका दायर करते हुए बताया कि वह माउंट एवरेस्ट की चोटी तक पहुंचने वाली प्रदेश की पहली महिला है। टीम में भावना डेहरिया भी शामिल थीं, जो उनके बाद चोटी पर पहुंचीं, इसके अलावा माउंट कोस्कियस, माउंट किलिमन और माउंट एल्ब्रस की चोटी भी उसने भावना से पहले फतह की थी। याचिकाकर्ता ने कोर्ट में दोनों का टाइमिंग डाटा भी पेश किया। मेघा परमार ने कोर्ट को बताया कि योग्यता के अनुसार भावना के साथ मुझे भी विक्रम अवॉर्ड दिया जाना चाहिए। मेघा परमार की याचिका पर पहले हाईकोर्ट जस्टिस एके सिंह एवं जस्टिस अमित सेठ ने सुनवाई की। याचिकाकर्ता की तरफ से बताया गया कि साल 2019 में विक्रम अवार्ड रूल्स में संशोधन करते हुए एडवेंचर गेम को भी शामिल किया है। नियम के अनुसार एडवेंजर गेम में लिए एक खिलाड़ी को विक्रम अवार्ड दिया जाए। गौरतलब है कि साल 2016 में एवरेस्ट फतह करने वाले प्रदेश के दो पुरुष को साल 2022 में विक्रम अवार्ड दिया गया। सरकार पूर्व में एडवेंचर गेम में सिर्फ एक खिलाड़ी को विक्रम अवार्ड देने का नियम शिथिल कर चुकी है। उच्च न्यायालय को बताया गया कि दोनों खिलाड़ी योग्य हैं, तो दोनों को विक्रम अवार्ड देना चाहिए। युगलपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते एकलपीठ को निर्देश जारी किए थे। याचिका पर दूसरे चरण में जस्टिस अमित सेठ की एकलपीठ ने याचिका की सुनवाई की। तब सरकार की तरफ से बताया गया कि विक्रम अवार्ड देने के लिए खिलाड़ियों के नाम की घोषणा हो चुकी है, उसमें परिवर्तन नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा याचिका में भावना को अनावेदक नहीं बनाने जाने का मुद्दा भी उठाया गया। याचिकाकर्ता की तरफ से बताया गया कि वह भावना को विक्रम अवार्ड दिए जाने के खिलाफ नहीं है, इसलिए उसे अनावेदक नहीं बनाया गया था। कानूनी प्रक्रिया के तहत आवश्यक होने पर वह याचिका में संशोधन करना चाहते हैं। एकलपीठ ने सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता को यह स्वतंत्रता दी है कि वह इस संबंध में सरकार के समक्ष अभ्यावेदन पेश कर सकती है। याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने पैरवी की। मेघा परमार के लिए राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को पत्र लिखकर बताया कि हाल ही में साहसिक खेलों में विक्रम अवॉर्ड के लिए जो नॉमिनेशन हुए हैं, उनमें हमारे प्रदेश की बेटी मेघा परमार का नाम किसी कारणवश छूट गया है। 22 मई 2019 को मेघा पाटकर ने सबसे पहले दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराया था। भावना डहरिया करीब पांच घंटे बाद पहुंची थीं। एवरेस्ट समिट में दूसरे क्रम पर आने वाली बेटी भावना का चयन मप्र सरकार ने विक्रम अवॉर्ड के लिए कर लिया है, यह अच्छी बात है, लेकिन प्रथम आने वाली बेटी मेधा को अवॉर्ड के लिए नामित न करना इस बेटी के साथ-साथ प्रदेश के लाखों लोगों की भावना को ठेस पहुंचाना है। मेघा के लिए विक्रम अवार्ड पाने का नामांकन प्रक्रिया के अनुसार यह अंतिम अवसर है।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में भीषण गर्मी का सितम जारी है। कई शहरों में हीटवेव और लू चल रही है। इस भीषण गर्मी से लोग काफी परेशान हैं। सुबह से ही तापमान तेजी से चढ़ रहा है। वहीं दोपहर में हालत और भी खराब हो रही है। मंगलवार को 28 शहरों में पारा 40 डिग्री के पार रहा, जबकि नौगांव में सबसे ज्यादा 46.1 डिग्री पहुंच गया। नर्मदापुरम, गुना, खजुराहो, टीकमगढ़ और सागर में तापमान 45 डिग्री या इससे अधिक रहा। मौसम विभाग के मुताबिक, अगले 2 दिन लू और तेज गर्मी का अलर्ट है।मौसम विभाग ने बताया कि आज बुधवार को ग्वालियर, भिंड, मुरैना, दतिया, गुना, शिवपुरी, अशोकनगर, सागर, दमोह, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, नीमच और मंदसौर में हीट वेव यानी, लू चलने की संभावना है। वहीं, भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर समेत कई शहरों में तेज गर्मी रहेगी। दूसरी ओर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, डिंडौरी, अनूपपुर और शहडोल में आंधी-बारिश होने का अलर्ट है।इससे पहले प्रदेश में मंगलवार को छतरपुर जिले का नौगांव में तापमान सबसे ज्यादा 46.1 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा। वहीं, नर्मदापुरम, गुना, खजुराहो, टीकमगढ़ और सागर में तापमान 45 डिग्री या इससे अधिक रहा। मंगलवार को प्रदेश के 28 शहरों में तापमान 40 डिग्री या इससे ज्यादा रहा। बड़े 5 शहरों में ग्वालियर सबसे गर्म रहा। यहां अधिकतम तापमान 44.6 डिग्री दर्ज किया गया। भोपाल में 43.4 डिग्री, उज्जैन में 43 डिग्री, जबलपुर में 42.5 डिग्री और इंदौर में 40.4 डिग्री रहा। नौगांव के बाद नर्मदापुरम में पारा सबसे ज्यादा 45.9 डिग्री रहा। गुना-खजुराहो में 45.4 डिग्री, टीकमगढ़ में 45.2 डिग्री, सागर में 45 डिग्री दर्ज किया गया। शिवपुरी में 44 डिग्री रहा। दमोह, शाजापुर, सतना और रतलाम में 43 डिग्री के पार तापमान पहुंच गया। बाकी शहरों में पारा 40 डिग्री से ज्यादा ही रहा। सिर्फ पचमढ़ी में सबसे कम 37.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने अगले 2 दिन यानी, 11 और 12 जून को ग्वालियर, चंबल, उज्जैन और सागर संभाग के जिलों में लू का अलर्ट जारी किया है।

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इंदौर । इंदौर जिले के 101 शासकीय स्कूलों को आधिकारिक तौर पर "तंबाकू मुक्त" (Tobacco-Free) घोषित किया गया है। आज (बुधवार को) सुबह 11.30 बजे से शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय बाल विनय मंदिर में जिला स्तरीय कार्यक्रम संभागायुक्त दीपक सिंह की अध्यक्षता आयोजित किया जा रहा है, जिसमें इन स्कूलों को प्रमाणपत्र दिए जाएंगे। यह उपलब्धि राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम (NTCP) के तहत जिला प्रशासन, शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य अधिकारियों की संयुक्त मुहिम का परिणाम है। कलेक्टर आशीष सिंह के नेतृत्व में जिले के 101 सरकारी स्कूलों ने तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान दिशा-निर्देशों के सभी मानकों को पूरा किया है। इन स्कूलों ने 90 प्रतिशत या उससे अधिक स्कोर हासिल करके यह उपलब्धि प्राप्त की। जिला नोडल और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सिद्धार्थ जैन ने बताया कि उपरोक्त स्कूलों में न केवल तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाई है, बल्कि छात्रों और शिक्षकों को जागरूक करने के लिए विशेष कार्यशालाएं भी आयोजित की गईं। स्कूलों के आसपास तंबाकू उत्पादों की बिक्री और छात्रों में इसकी लत बढ़ रही थी। इस पहल से युवाओं को तंबाकू के दुष्प्रभावों से बचाने और स्वस्थ वातावरण बनाने में मदद मिलेगी। पुलिस, शिक्षा और स्वास्थ्य विभागों ने मिलकर स्कूलों को तंबाकू मुक्त बनाने के लिए सख्त नियम लागू किए। यह जिले के युवाओं के स्वस्थ भविष्य की दिशा में एक बड़ा कदम है। अन्य स्कूलों को भी इस मुहिम से जुड़ने के लिए प्रेरित करेंगे। इस सफलता के बाद जिला प्रशासन का लक्ष्य अधिक से अधिक स्कूलों और कॉलेजों को तंबाकू मुक्त बनाने का है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें नियमित निगरानी करेंगी ताकि यह अभियान स्थायी रूप से सफल हो।  

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इंदौर। इंदौर में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। सोमवार को यहां कोरोना के चार नए मरीज मिले। चारों ही होम आइसोलेट हैं। चारों पुरुष हैं। इसके बाद इंदौर में सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़कर 25 हैो गई है। सभी होम आइसोलेट हैं और हालत ठीक है। इनमें से एक मरीज को कैंसर है, इसलिए उसे एडमिट किया गया है। मध्य प्रदेश में इस साल अब तक 65 कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए हैं। इनमें भी सबसे ज्यादा 48 मरीज (63%) इंदौर में हैं। इनमें से दो कोरोना पॉजिटिव महिलाओं की मौतें भी इंदौर में ही हुई हैं। इनमें एक खरगोन की है। हालांकि, अधिकारियों ने इन दोनों की मौत का कारण अन्य वजह बताई है। प्रदेश में अभी 32 से ज्यादा कोरोना के एक्टिव मरीज हैं। सभी एक्टिव मरीजों में हल्के लक्ष्ण हैं और स्थिति सामान्य है। अधिकारियों का कहना है कि घबराने जैसी स्थिति नहीं है। जबकि हकीकत यह है कि इंदौर में सरकारी अस्पतालों मे RT-PCR परीक्षण सुविधा नहीं हैं। ऐसे में मरीजों को जांच के लिए प्राइवेट लैब और अस्पतालों में जांच करानी पड़ रही है।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के बिट्टन मार्केट स्थित नाबार्ड क्षेत्रीय कार्यालय परिसर में आज (मंगलवार) से पांच दिवसीय ‘राज्य स्तरीय आम महोत्सव 8.0’ की शुरुआत होने जा रही है। आगामी 14 जून तक चलने वाले इस आयोजन में प्रदेश के आदिवासी जिलों से लाए गए प्राकृतिक रूप से पके रसायनमुक्त आमों की 15 से अधिक किस्में बिक्री के लिए उपलब्ध रहेगी। नाबार्ड की चीफ जनरल मैनेजर सी. सरस्वी ने बताया कि वाड़ी परियोजनाओं से जुड़े आदिवासी परिवारों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने, उनकी आजीविका को सशक्त करने और विपणन कौशल विकसित करने के उद्देश्य से आम महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस वर्ष महोत्सव की खास बात यह है कि पहली बार दुर्लभ नूरजहां आम बिक्री के लिए उपलब्ध करवाया गया है। इससे पहले यह आम केवल प्रदर्शनी के लिए रखा जाता था। इस आम की कीमत 2,000 प्रति किलो है और इसका वजन 1.1 किलो से अधिक का होता है। नूरजहां आम का उत्पादन केवल आलीराजपुर जिले के कट्ठीवाड़ा क्षेत्र में होता है, जहां इसकी खेती केवल 10 पेड़ों पर होती है। यह आम इतना भारी होता है कि हल्की हवा से भी गिर सकता है, इसलिए इसकी खेती एक चुनौती है। वहीं, रीवा जिले के गोविंदगढ़ क्षेत्र से लाया गया जीआई टैग प्राप्त सुंदरजा आम भी खास आकर्षण रहेगा। यह आम फाइबर-फ्री होता है और शुगर मरीजों के लिए उपयुक्त माना जाता है। इसकी मिठास और गुणवत्ता इसे विशेष बनाती है। इसके अलावा मल्लिका, आम्रपाली, नीलम, दशहरी, मालदा, केसर, लंगड़ा, चौसा, तोतापरी, नारंगी, सिंदूरी, राजापुरी आदि किस्म के आम भी बिक्री के उपलब्ध रहेंगे।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मौसम के उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। वातावरण से नमी कम होने के कारण तापमान में अब बढ़ोतरी होने लगी है। भोपाल, ग्वालियर समेत कई शहरों में सूरज के तेवर तीखे हैं। सोमवार को 7 शहरों में पारा 45 डिग्री के पार रहा। जून माह में पहली बार इतना पारा पहुंचा। इससे पहले अप्रैल में ही इतनी गर्मी रही थी। वहीं, 24 शहरों में तापमान 40 डिग्री या इससे अधिक रहा।मौसम विभाग के अनुसार, आज मंगलवार को भी पूरे प्रदेश में गर्मी का असर बना रहेगा। कहीं भी आंधी-बारिश का अलर्ट नहीं है। ग्वालियर, भिंड, मुरैना, दतिया, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर और पन्ना में हीट वेव यानी, लू चल सकती है। वहीं, भोपाल, इंदौर, उज्जैन और जबलपुर में दिन का तापमान 42 से 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है।इससे पहले सोमवार को छतरपुर का खजुराहो शहर सबसे गर्म रहा। यहां पारा 45.8 डिग्री तक पहुंच गया। टीकमगढ़ में 45.4 डिग्री, ग्वालियर, नर्मदापुरम-सागर में 45.2 डिग्री, नौगांव और गुना में तापमान 45 डिग्री रहा। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में सबसे ज्यादा 43.4 डिग्री, जबलपुर में 42.6 डिग्री, उज्जैन में 42 डिग्री और इंदौर में 39.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, दमोह, शिवपुरी, सतना, शाजापुर, रीवा, सीधी, उमरिया, मलाजखंड, रतलाम, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला और रायसेन में तापमान 40.2 से 43.5 डिग्री सेल्सियस तक रहा। इकलौते हिल स्टेशन पचमढ़ी में तापमान सबसे कम 36.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।बता दें कि इस बार भीषण गर्मी में भी आंधी-बारिश वाला मौसम रहा। मौसम विभाग ने अगले 2 दिन तक ग्वालियर, चंबल और सागर संभाग के जिलों में लू का अलर्ट जारी किया है। 12 जून से फिर से बारिश का दौर शुरू हो जाएगा। हालांकि, जिन जिलों में बारिश नहीं होगी, वहां गर्मी का असर बना रहेगा। पिछले 12 दिन से मानसून महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ में एक ही जगह पर ठहरा है। इस वजह से एमपी में इसकी एंट्री लेट हो रही है। अगले 2 से 3 दिन तक मानसून के आगे बढ़ने की संभावना कम ही है। यानी, मानसून 15 जून तक प्रदेश में प्रवेश कर सकता है।

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रायसेन । मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में ग्राम सदलतपुर में रविवार देर शाम अज्ञात वाहन ने बाइक को टक्कर मार दी। इस हादसे में बाइक पर सवार दो युवकों की मोके पर ही मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, रायसेन-भोपाल रोड स्थित ग्राम सदलतपुर में रविवार शाम करीब सात बजे किसी अज्ञात वाहन ने सामने से आ रही बाइक को टक्कर मार दी। हादसा इतना भीषण था कि बाइक पर सवार दोनों युवक दूर जा गिरे और उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। राहगीरों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों युवकों के शवों को जिला अस्पताल पहुंचाया। पुलिस ने बताया कि मृतक युवकों की पहचान ग्राम मुड़ियाखेड़ा निवासी 20 वर्षीय पवन साहू और 26 वर्षीय राजीव विश्वकर्मा के रूप में हुई है। दोनों युवक किसी काम से भोपाल की ओर जा रहे थे। दोनों के शव मॉर्चरी में रखे गए हैं। सोमवार सुबह दोनों का पोस्टमार्टम किया जाएगा। पुलिस ने मर्ग कायम कर अज्ञात वाहन की तलाश शुरू कर दी है।  

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खंडवा । खंडवा के जंगलों से अतिक्रमण हटाने के लिए एक बार फिर फॉरेस्ट विभाग ने पुलिस और प्रशासन के साथ अभियान छेड़ दिया है। साेमवार तड़के करीब तीन बजे प्रशासनिक अमला दल-बल के साथ मौके पर पहुंच गया। इस दाैरान टीम जब कार्रवाई करने पहुंची तो अतिक्रमणकारियों की ओर से पथराव होने लगा। पुलिस ने आंसू गैस छोड़ी और 11 लोगों को हिरासत में लिया। इसके बाद प्लानिंग के साथ 13 जेसीबी मशीने ने सुबह 5 बजे से कार्रवाई शुरू की गई। दोपहर तक 30 जेसीबी मशीनों को काम पर लगाया गया।   डीएफओ राकेश कुमार डामोर ने बताया कि गुड़ी रेंज के ग्राम आमाखुजरी में लंबे समय से अतिक्रमण है। यहां 2019 से अतिक्रमण हो रहा था। करीब 250 हेक्टेयर यानी 600 एकड़ से ज्यादा के जंगल एरिया में अतिक्रमण है, जिसे हटाने की कार्रवाई की जा रही है। जंगल की कटाई के बाद यहां खेती के लिए जमीन को जोता गया। प्रशासनिक अमला दल-बल के सात सोमवार तड़के 3 बजे ही मौके पर पहुंच गया। प्लानिंग के साथ सुबह 5 बजे से कार्रवाई शुरू की गई। सुबह 5 बजे से लेकर अब तक 20 हेक्टेयर से ज्यादा जंगल से अतिक्रमण हटाया जा चुका है। डीएफओ डामोर ने बताया कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के लिए जंगल में 40 जेसीबी मशीनों को बुलाया गया था। हालांकि, रात में सिर्फ 13 जेसीबी मशीन पहुंची। जेसीबी मशीनों ने जमीन से अतिक्रमण हटाया और गड्ढे खोद दिए। जेसीबी की मदद से जमीन पर रखी फसलों को हटाया गया। कब्जा की गई जमीन पर खेती हो रही थी। जेसीबी की मदद से गड्ढे खोदे गए। कंटूर में सीड बॉल डाले जा रहे हैं। ताकी अतिक्रमणकारी खेती न कर सकें और बारिश के दौरान स्वतः वृक्षारोपण होकर जंगल दोबारा जीवित हो सकें। एडिशनल एसपी महेंद्र तारणेकर ने बताया कि पुलिस फोर्स के साथ सुबह 5 बजे से कार्रवाई चल रही है। 550 जवान कार्रवाई के दौरान तैनात किए गए हैं। सुबह 7 बजे अतिक्रमणकारियों ने कार्रवाई का विरोध शुरू कर दिया। उन्होंने गोफन के जरिए फोर्स पर पत्थर फेंके है, जवाबी कार्रवाई में फोर्स को उनके पीछे दौड़ाया गया। इस दौरान हालात को काबू करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस दागकर अतिक्रमणकारियों को खदेड़ दिया। कुल 11 लोगों को हिरासत में लिया है। इनमें 4 लोग बकरी चराने वाले हैं, जो अतिक्रमणकारियों को पुलिस के मूवमेंट की जानकारी दे रहे थे।      

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बुरहानपुर । मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में स्थित बीटी कॉटन फैक्ट्री में रविवार देर शाम अचानक आग गई। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। फैक्ट्री में लगी इस आग के बाद चारों ओर अफरा-तफरी का माहौल देखा गया। सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन और दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। आग की खबर फैलते ही लोगों की भारी भीड़ भी वहां जुट गई। जानकारी के अनुसार, बुरहानपुर के गणपति नाका थाना क्षेत्र में उद्योग नगर स्थित गुरुद्वारे के सामने स्थित रोहित पोद्दार की बीटी कॉटन फैक्ट्री में रविवार शाम करीब 6 बजे अचानक भीषण आग लग गई। आग इतनी तेज थी कि धुएं का गुबार पांच किलोमीटर दूर से नजर आ रहा था। आग की सूचना मिलते ही नगर पालिक निगम, शाहपुर और नेपानगर से फायर ब्रिगेड की टीमें मौके पर पहुंचीं। नगर निगम फायर अधिकारी बसंत पाटिल के मुताबिक, 3 फायर फाइटर और एक टैंकर की मदद से आग बुझाने का काम चल रहा है। बता दें कि इसके पहले भी इस तरह की आग लग चुकी है, हालांकि जिला प्रशासन, पुलिस और फायर फाइटर आग पर काबू पाने में जुटे हुए हैं। फिलहाल राहत-बचाव कार्य जारी है, लेकिन आग लगने के कारणों का अब तक मालूम नहीं चल सका है। सुरक्षा के चलते फैक्ट्री के पास स्थित रिहायशी इलाकों और पास की फैक्ट्रियों को खाली कराया गया।शाम 7 बजे चार थानों से पुलिस बल मौके पर पहुंचा और भीड़ को हटाया गया। फिलहाल आग पर काबू पाने की कोशिशें लगातार जारी हैं। एसडीएम पल्लवी पुराणिक ने बताया कि आसपास के जिलों से अतिरिक्त फायर ब्रिगेड बुलाई गई हैं। अब तक किसी जान-माल की हानि की सूचना नहीं है, लेकिन फैक्ट्री को बड़ा नुकसान होने की आशंका है। गणपति नाका थाना प्रभारी किशोर सिंह मोरे के अनुसार, आग पर जल्द ही काबू पा लिया जाएगा। फिलहाल आग लगने का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। प्रशासन और पुलिस की टीमें मौके पर डटी हुई हैं।  

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इन्दौर । इंदौर में कोविड-19 संक्रमण के मामलों में तेजी से वृद्धि देखने को मिल रही है। यहां शनिवार को कोरोना के 12 नए मरीज मिले हैं। नए मरीजों में छह पुरुष और छह महिलाएं शामिल हैं, जिनकी उम्र 18 से 72 वर्ष के बीच है। इसके साथ ही इंदौर में सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है। इंदौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. बीएस सैत्या ने बताया कि शनिवार को प्राप्त रिपोर्ट में 12 मरीजों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। इनमें से चार मरीजों की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। जबकि अन्य की गोवा, दिल्ली, पुणे और वियतनाम की ट्रैवल हिस्ट्री है। संक्रमित महिलाओं में से एक इंदौर में एक शादी समारोह में शामिल हुई थी, जबकि एक 18 वर्षीय महिला मरीज से स्वास्थ्य विभाग का अभी संपर्क नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि इस तरह इस साल इंदौर में कोरोना मरीजों की संख्या 50 हो गई है। इनमें से 9 दूसरे शहरों के हैं। शनिवार को मिले कोरोना संक्रमित मरीजों में एक नीमच का है। उसे कैंसर भी है। इसके चलते ‌वह अरबिंदो अस्पताल में भर्ती है। शेष मरीजों को होम आइसोलेशन में रखा गया है। बता दें कि इंदौर में कोरोना पॉजिटिव एक गर्भवती महिला की गुरुवार को मौत हो गई थी। वह डिलीवरी के लिए इंदौर आई थी। उसे सरकारी एमटीएच में भर्ती किया था। सीएमएचओ डॉ. बीएस सैत्या ने बताया कि महिला कोरोना पॉजिटिव थी, पर मौत का कारण कोरोना नहीं है। उन्होंने बताया कि सिजेरियन डिलीवरी के दौरान उसकी हालत बिगड़ी तो उसे सरकारी एमआरटीबी हॉस्पिटल रेफर किया। उसे सीजर के दौरान हुए कॉम्पलिकेशन सहित दूसरी तकलीफ थीं। दरअसल, 44 वर्षीय यह महिला अपनी तीसरी डिलीवरी के लिए एमटीएच में भर्ती हुई थी। उसकी 25 मई को डिलीवरी हुई और एक स्वस्थ बच्चा पैदा हुआ। फिर 5 जून को वह कोरोना पॉजिटिव हुई। इस बीच उसकी हालत बिगड़ी तो उसे एमआरटीबी रैफर किया गया था। इसी दिन उसकी मौत हो गई। दूसरी ओर बच्चा स्वस्थ है। उसे गायनिक संबंधी भी तकलीफ थी। इसके पहले अप्रैल में एक निजी अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव महिला की मौत हुई थी। उसे भी दूसरी बीमारियां थीं। इस तरह इंदौर में इस साल कोरोना पॉजिटिव दूसरे मरीज की मौत हुई है और दोनों ही महिलाएं हैं। सीएमएचओ के मुताबिक, मौजूदा सक्रिय मरीजों की हालत बिल्कुल ठीक है। ये सभी होम आइसोलेट हैं। स्वास्थ्य विभाग हर पॉजिटिव मरीजों की ट्रैवल हिस्ट्री की निकाल रहा है। जिनकी भी ट्रैवल हिस्ट्री मिली है उनकी कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग निकाली जा रही है। इसके साथ ही उनके संपर्क में आए लोगों के भी सेंपल लिए जा रहे हैं। पिछले दिनों मध्य प्रदेश में कोविड-19 के ओमिक्रॉन वेरिएंट की नई सब लाइनेज की पुष्टि हुई थी। यह पुष्टि पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) में कराई गई जीनोम सीक्वेंसिंग के जरिए हुई थी। इंदौर के सात कोविड पॉजिटिव मरीजों की व्होल जीनोम सिक्वेंसिंग रिपोर्ट में दो सब लाइनेज XFG और LF.7.9 पाए गए हैं। ये वर्तमान में राज्य में सक्रिय हैं। इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि कोविड के जितने भी केस आ रहे हैं उनकी मॉनिटरिंग की जा रही है। सभी टेस्ट आरटीपीसीआर से हो यह सुनिश्चित किया गया है। चूंकि सभी मरीजों में हल्के लक्षण पाए गए हैं, इसलिए घबराने या पैनिक जैसी स्थिति नहीं है। सारी स्थिति पर नजर है। कलेक्टर का कहना है कि मरीज चाहे होम आइसोलेशन में हो या अस्पताल में, उसकी मॉनिटरिंग की जा रही है। हालांकि अभी तक जितने भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए उनमें से अप्रैल में दो मरीज एक प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट थे। उन्हें दूसरी बीमारियां भी थीं। इनमें से एक महिला की मौत हो गई थी। सीएमएचओ डॉ. बीएस सैत्या ने बताया कि अभी केस 10 एक्टिव हैं। सभी होम आइसोलेट हैं और हालत अच्छी है।  

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भोपाल । शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में आज (रविवार को) अवकाश के दिन भी सुबह 9:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक तीन घंटे ओपीडी संचालित होगी। इस सम्बन्ध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि दो दिवस निरंतर अवकाश होने के कारण आज ओपीडी में नियमित दिवसों की भांति सभी सेवाएं दी जाएगी। उन्होंने बताया कि सात जून को ईदज्जुहा का पर्व था और आज रविवार का अवकाश है। लगातार दो दिन के अवकाश होने के कारण मरीजों को उपचार लेने में असुविधा न हो, इसे देखते हुए तीन घंटे की ओपीडी संचालित रखने के निर्देश दिए जारी किए गए हैं। चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ को भी ड्यूटी पर उपस्थित रहने के लिए निर्देशित किया गया है।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में बीते एक सप्ताह से प्री मानसून की गतिविधियां जारी हैं और कई हिस्सों में आंधी-तूफान के साथ बारिश हो रही है। रविवार को भी तेज धूप के बीच प्रदेश के कई हिस्सों में बादल छाए हुए हैं। मौसम विभाग की मानें तो मध्य प्रदेश में 10 जून के बाद मानसून दस्तक दे सकता है, लेकिन इससे पहले प्रदेश के कुछ हिस्सों में आंधी और गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है। रविवार को दक्षिणी हिस्से के आठ जिलों में आंधी-बारिश का अलर्ट जारी किया गया है, जबकि 9 और 10 जून को ग्वालियर-चंबल में लू चलने की संभावना है। भोपाल के मौसम विज्ञान केन्द्र से मिली जानकारी के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून एक सप्ताह से महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ के आसपास अटका हुआ है। इस वजह से मध्य प्रदेश में इसकी एंट्री लेट हो रही है, लेकिन इस दौरान मध्य प्रदेश में प्री मानसून की गतिविधियां जारी है। हवाओं के साथ कुछ नमी आने से प्रदेश में कहीं-कहीं बारिश हो रही है। मौसम विभाग का कहना है कि अगले तीन से चार दिन में मानसून आगे बढ़ सकता है। मौसम विभाग ने रविवार को बड़वानी, खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर, बैतूल, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा और सिवनी में आंधी, गरज-चमक और बारिश की चेतावनी जारी है। वहीं, सोमवार को ग्वालियर, भिंड, मुरैना, टीकमगढ़, निवाड़ी, छतरपुर, पन्ना में लू का अलर्ट है। सिवनी, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, बैतूल, खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन और बड़वानी में गरज-चमक और बारिश वाला मौसम रह सकता है। इससे पहले शनिवार को प्रदेश में मौसम के दो रंग देखने को मिले। इंदौर, नर्मदापुरम और बड़वानी के सेंधवा में बारिश हुई। वहीं, 13 शहरों में पारा 40 डिग्री के पार रहा। मौसम विभाग के अनुसार, खजुराहो और गुना में पारा 42.2 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं, ग्वालियर, नौगांव, शाजापुर, सतना, टीकमगढ़ और शिवपुरी में 41 डिग्री या इससे अधिक दर्ज किया गया। उज्जैन, सीधी, रीवा, सागर और रतलाम में तापमान 40.2 से 40.8 डिग्री तक रहा। मौसम विज्ञान केन्द्र की वरिष्ठ मौसम विशेषज्ञ डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि साइक्लोनिक सकुर्लेशन की एक्टिविटी की वजह से मौसम बदला हुआ है। इस वजह से आंधी-बारिश वाला मौसम है। अगले चार दिन तक ऐसा ही मौसम बना रहेगा। इस बार भीषण गर्मी में भी आंधी-बारिश वाला मौसम रहा। प्रदेश में 26 अप्रैल से आंधी-बारिश का दौर शुरू हो गया था, जो 7 जून को भी जारी रहा। यानी, लगातार 43 दिन से प्रदेश के किसी न किसी जिले में पानी गिर रहा है, या आंधी चल रही है। आज रविवार को बड़वानी, खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर, बैतूल, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा और सिवनी में तेज हवाएं चलने के साथ ही बारिश की संभावना है।    

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भोपाल । राजधानी भोपाल में आज (शनिवार काे) ईद-उल-अजहा (बकरीद) पूरी अकीदत और एहतराम के साथ मनाई जा रही है। ईदगाहों और मस्जिदों में शनिवार सुबह अलग-अलग वक्त में नमाज अदा की गई है। ईद-उल-अजहा के मौके पर हजारों मुसलमानों ने नमाज अदा कर मुल्क और फिलिस्तीन के लिए दुआ की।   भोपाल में ईदगाह में नमाज का समय सुबह 6:30 बजे था, इसके बाद ताजुल मसाजिद में 6:45 बजे, जामा मस्जिद में 7 बजे, मोती मस्जिद में 7:15 बजे और मस्जिद बिल्किस जहां (आरिफ नगर) में 7:30 बजे ईद की नमाज अदा की गई। ईदगाह में शहरकाजी मुश्ताक अली नदवी, ताजुल मसाजिद में मौलाना हस्सान साहब ने नमाज पढ़ाई। नमाज के दौरान मुल्क की सलामती, इंसाफ के कयाम और बीमारों की शिफा, फिलिस्तीनी भाइयों की हिफाजत, उनकी भूख-प्यास और हालात को लेकर दुआ मांगी गई। शहर की मोती मस्जिद, जामा मस्जिद, मस्जिद बिल्किस जहां (आरिफ नगर) सहित शहर की विभिन्न मस्जिदों में भी अपने निर्धारित समय पर नमाज अदा की गई। शहर काजी मुश्ताक अली नदवी ने अमनो अमान और अच्छी बारिश के साथ ईद की नमाज का समापन किया। शहरकाजी मुश्ताक अली नदवी और ताजुल मसाजिद में मौलाना हस्सान साहब ने सूफियों, ऋषि-मुनियों और बुजुर्गों की मोहब्बत वाली राह पर चलने की दुआ मांगी।   शहर काजी नदवी ने कहा कि कुर्बानी इस्लाम का एक अहम फर्ज है, लेकिन इसे सलीके और सलीम तरीके से अंजाम देना हर मुसलमान की जिम्मेदारी है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि कुर्बानी के स्थान को चारों ओर से ढंका जाए, सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए और प्रशासनिक नियमों का पालन किया जाए।

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इंदौर । इंदौर जिले में संचालित स्कूली बसों के संचालन के संबंध में क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय द्वारा दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। दिशा-निर्देशों का उल्लंघन पाये जाने पर सख्त कार्रवाई की जायेगी। सभी स्कूलों को उनके स्कूल में संचालित उपयोगी तथा अनुपयोगी स्कूली बसों की जानकारी देना जरूरी होगा। साथ ही सभी स्कूली बसों का फिटनेस, बीमा, परमिट आदि जरूरी दस्तावेज होना अनिवार्य रहेगा। कोई भी कमी पाये जाने पर कार्रवाई होगी। साथ ही कहा गया है कि सभी स्कूली बसों में सुरक्षा के सभी प्रबंध सुनिश्चित किये जाये।रेसीडेंसी में शुक्रवार को शहर में संचालित सभी शैक्षणिक संस्थानों के संचालकों और प्राचार्यों की महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी प्रदीप शर्मा ने दिशा-निर्देशों और मोटरयान अधिनियम के संबंध में विस्तार से जानकारी दी और अपेक्षा की कि दिशा-निर्देशों और नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाये। पालन में किसी भी तरह की कोताही नहीं बरती जाये। बताया गया कि कई स्कूली बसें ऐसी हैं, जिनका फिटनेस समाप्त हो गया है और उनका अभी तक नवीनीकरण नहीं कराया गया है, उन्हें निर्देश दिए गये कि वे उक्त बसों का फिटनेस करवायें अथवा अनुपयोगी होने पर उसकी जानकारी क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में देवें। समस्त शैक्षणिक संस्थानों को निदेश दिए गये कि उनके संस्थान की बसों के समस्त वैध दस्तावेजों की जानकारी एवं उनके परिसर में खड़ी अनुपयोगी वाहनों की जानकारी उपलब्ध कराएं। बैठक में एडिशनल डीसीपी ट्राफिक संतोष कुमार कौल, एआरटीओ अर्चना मिश्रा एवं राजेश गुप्ता भी मौजूद थे।बैठक में शैक्षणिक संस्थानों को उनकी बसों के वैध प्रमाण पत्र एवं बसों में लगाई जाने वाली कीएलटीडी डिवाईस, स्पीड गवर्नर, एफएपीएस (अग्नि सुरक्षा उपकरण), सीसीटीवी केमरा इत्यादि की जानकारी उपलब्ध कराये जाने हेतु फार्मेट उपलब्ध कराया गया। कुछ शैक्षणिक संस्थान के संचालकों/प्रतिनिधियों द्वारा ऑटोमेटेस टेस्टिंग सेन्टर (ATS)/फिटनेस सेन्टर एवं Vehicle Location Tracking Device (VLTD) लगाने वाले अधिकृत एजेन्सियों द्वारा समय पर कार्य न करने एवं डिवाईस में आ रही समस्याओं के संबंध में बताया गया, उनके द्वारा इस संबंध में लिखित आरटीओ के समक्ष शीघ्र प्रस्तुत करने हेतु कहा गया।गोल्डन इन्टरनेशल स्कूल केट रोड इन्दौर एवं जे जी पब्लिक स्कूल महू की ओर से उपस्थित प्रतिनिधियों द्वारा बताया गया कि उनके द्वारा ड्रायवरों के मादक पदार्थ (शराब) के सेवन को रोकने हेतु ब्रिचिंग एनेलाईजर मशीन क्रय की गई जिससे उनके द्वारा प्रतिदिन दो बार सुबह एवं दोपहर को ड्रायवरों की जाँच की जाती है, जिससे शराब पीकर वाहन चलाने पर अंकुश लगाया जा सके। अन्य सभी स्कूल को भी उक्त मशीन क्रय कर सतत् निगरानी करने हेतु निर्देशित किया गया।स्कूल बसों के सुरक्षात्मक संचालन हेतु दिशा-निर्देश:-1. उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली द्वारा जारी दिशा-निर्देशों (Guideline) का अक्षरशः पालन जरूरी।2. स्कूल बस का रंग पीला होना चाहिए।3. बसों के आगे-पीछे "स्कूल बस" लिखा होना चाहिए, अगर किसी एजेन्सी से बस अनुबंध पर ली गई है तो उस पर "ऑन स्कूल ड्यूटी" लिखा होना चाहिए।4. बसों में प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स (First-Aid Box) होना चाहिए।5. बस में परिवहन विभाग द्वारा स्वीकृत स्पीड गवर्नर लगा होना चाहिए।6. प्रत्येक स्कूल बस में सुरक्षा हेतु हॉरिजेंटल ग्रिल लगे होने चाहिए।7. प्रत्येक बस में आग बुझाने के उपकरण (Fire Extiguisher) होना चाहिए।8. बस पर स्कूल का नाम और फोन नम्बर लिखा होना चाहिए।9. बस में सीट के नीचे बैग रखने की व्यवस्था होना चाहिए।10. प्रत्येक स्कूल बस चालक को कम से कम 5 साल का भारी वाहन चलाने का अनुभव होना चाहिए।11. बसों में कंडक्टर/टीचर/माता-पिता/अभिभावक में से कोई एक जरूर होना चाहिए, बच्चों की देखभाल के लिए। (स्कूल बस में छात्राओ को लाना या ले जाने किया जा रहा है, तो सम्बंधित बस में महिला चालक या परिचालक का होना आवश्यक है)12. चालक का कोई चालान नहीं होना चाहिए और न ही उसके खिलाफ कोई प्रकरण दर्ज हो।13. स्कूल प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रत्येक स्कूल बसें आपातकालीन निकास द्वार स्थापित हो।14. स्कूल बस में जीपीएस और सीसीटीवी अनिवार्य है और उन्हें हर समय काम करने की स्थिती में रखा जाना चाहिए।15. स्कूल बस में परदे या शीशे में फिल्म नहीं होना चाहिए ताकि अन्दर की गतिविधियां बाहर से दिखाई दे।16. स्कूल बस के अन्दर पर्याप्त रोशनी व सफाई होनी चाहिए।17. बच्चों की सुरक्षा के लिए बस की सीटें गैर ज्वलनशील सामग्री की होनी चाहिए।18. स्कूल बस पर रिफ्लेक्टि टेप और स्टॉप साइन होना चाहिए।19. सभी स्कूल बस चालकों के पास वैध रजिस्ट्रेशन फिटनेस, परमिट, पीयूसी, बीमा होना चाहिए।20. स्कूल बस में स्टेपनी टायर और मरम्मत किट होना चाहिए।21. बस में इमरजेंसी सायरन और अलार्म बेल/पैनिक बटन होना चाहिए। (बस में हर सीट के बाद पैनिक बटन लगा हो)22. बस चालक वाहन चलाते समय मोबाईल फोन का प्रयोग न करे।23. वर्षा काल में यदि पुल/पुलिया पर पानी का अधिक बहाव होने पर पुलिया पार न करे।24. विद्यार्थियों को सीमित संख्या में, क्षमता के अनुसार ही परिवहन किया जावे।25. स्कूल संचालकों द्वारा समय-समय पर बस चालको की कॉउंसलिंग ट्रैनिंग कि जाए।26. स्कूल प्रबंधन व बस संचालकों द्वारा जीपीएस व सीसीटीवी के माध्यम से सुचारू रूप से निगरानी रखी जावे।27. बसों के दरवाजे के अन्दर से बन्द करने की व्यवस्था होनी चाहिए।28. स्कूल प्रबंधन द्वारा विद्यार्थियों और पालकों से वाहन चालकों के संबंध में जानकारी- फीडबैक प्राप्त की जाये।29. बस चालक व परिचालक का यूनिफार्म में होना अनिवार्य है।30. बस के केबिन में छात्र-छात्राओं को न बैठाया जाये।31. वर्षाकाल के दौरान वाहनों के संचालन हेतु पालन किये जाने वाले दिशानिर्देशों का पालन करना होगा।  

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भोपाल । कोविड-19 के भोपाल में इस साल अब तक नौ नए प्रकरण सामने आए हैं। इनमें अप्रैल में एक, मई में तीन एवं जून में पांच पॉजिटिव केसेज मिले हैं। वर्तमान में चार एक्टिव केस हैं। इनमें से एक मरीज अन्य बीमारियों के कारण अस्पताल में भर्ती था तथा अन्य बीमारियों के जांच के समय कोविड पॉजिटिव पाया गया। तीन व्यक्तियों को कोविड पॉजिटिव पाए जाने, किंतु कोई विशेष लक्षण न होने (Asymptomatic) के कारण घर पर रहकर सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। पांच व्यक्ति लक्षणों से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं। यह जानकारी शुक्रवार देर शाम भोपाल के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ.प्रभाकर तिवारी ने दी। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे और स्वास्थ्य सेवा प्रदायगी को सुनिश्चित करने के लिए सतत रूप से निगरानी की जा रही है। इस संबंध में विगत दिनों स्वास्थ्य संस्थानों में मॉकड्रिल भी आयोजित जा चुकी है। जिसमें मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति, ऑक्सीजन प्लांट की कार्यक्षमता का मूल्यांकन किया गया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. तिवारी ने बताया कि लक्षणों के आधार पर निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुरूप कार्य करने के लिए स्वास्थ्य संस्थाओं को निर्देशित किया जा चुका है। सभी शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में परामर्श निशुल्क उपलब्ध है। जन सामान्य से यह भी आग्रह है कि कोई भी समस्या होने पर चिकित्सक की सलाह के अनुसार जाँच वउपचार लिया जाना चाहिए। अनावश्यक तौर पर स्वयं से कोविड की जांच करवाने या उपचार लेने (Self Diagnosis & Self Medication ) से बचें। कोविड से डरने की कोई भी आवश्यकता नहीं है, किंतु सतर्कता जरूरी है। कोविड कम प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों जैसे कैंसर के मरीज़, डायलिसिस के मरीज़ तथा Co-morbidity जैसे डायबिटीज इत्यादि के लिए घातक हो सकता है। अतः ऐसे व्यक्ति विशेष सावधानी बरतें।

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बुरहानपुर । बुरहानपुर जिले के चाकबारा गांव के पास शुक्रवार सुबह जंगल में गोंद निकालने गए एक युवक पर बाघ ने हमला कर दिया। बाघ के हमले में युवक काे गले पर पंजे के गहरे घाव लगने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद गांव में दहशत फैल गई है। वन विभाग जांच में जुटा है, लेकिन बाघ की पुष्टि नहीं की गई है।जानकारी के अनुसार मृतक 22 वर्षीय गुणेश पुत्र सुरपाल भिलाला शुक्रवार सुबह छह बजे बोदरली रेंज के चाकबारा गांव से सटे मगरडोह के जंगल में गोंद निकालने गया था। इस दौरान अचानक बाघ ने उस पर हमला कर दिया। बाघ के पंजे से गले पर गहरा घाव लगने से उसकी मौत हो गई। शव के पास बाघ काफी देर तक बैठा रहा। ग्रामीणों ने शोर मचाया, तब जाकर वह जंगल की ओर भागा। गणेश के साथ गए तीन अन्य युवक अलग-अलग स्थानों पर गोंद निकाल रहे थे। वे गांव लौटे तो गणेश नहीं मिला। काफी देर इंतजार करने व फोन नहीं उठाने पर उसे खोजने वापस जंगल पहुंचे। उन्हें उसका शव मिला। उसके पास में बाघ भी मौजूद था।   ग्रामीणों ने बताया कि मृतक गणेश का एक माह पहले ही विवाह हुआ था। अचानक हुई इस घटना से पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है। मृतक सात भाई-बहन हैं। परिवार खेती व मजदूरी कर जीवन यापन करता है। ग्रामीणों का कहना है कि इस क्षेत्र में इससे पहले बाघ की कोई उपस्थिति नहीं देखी गई थी। घटना की सूचना मिलने पर वन विभाग के एसडीओ अजय सागर, रेंजर व खकनार थाना प्रभारी अभिषेक जाधव मौके पर पहुंचे। कागजी प्रक्रिया के बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है। युवकों का दावा है कि उन्होंने खुद बाघ को देखा, लेकिन वन विभाग अब तक हमले की पुष्टि नहीं कर पाया है। इस घटना ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया है। युवक की मौत के बाद गांव में मातम पसरा हुआ है। वन विभाग की कार्रवाई पर सवाल उठने लगे हैं। फिलहाल मामले की जांच जारी है।

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भोपाल । राजधानी भोपाल में शुक्रवार सुबह सैलरी नहीं मिलने से सफाई मित्र और वाहन चालकों ने प्रदर्शन किया। इस दाैरान डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन का काम करीब डेढ़ घंटे तक थमा रहा। नाराज कर्मचारियों ने कचरा ट्रांसफर स्टेशनों पर ही गाड़ियां खड़ी कर दी। जैसे ही यह जानकारी अफसरों तक पहुंची, उन्होंने कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि सैलरी आज ही बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दी जाएगी। इसके बाद कर्मचारी माने और अपने काम में जुट गए।नगर निगम भोपाल सार्थक कर्मचारी संघ के बैनरतले कर्मचारियों ने यह प्रदर्शन किया और विरोध दर्ज कराया। इसके बाद डिप्टी कमिश्नर चंचलेश गिरहारे ने चर्चा की। उन्होंने आज दोपहर तक सैलरी ट्रांसफर होने की बात कही। इसके बाद सभी कर्मचारी मान गए। बता दें कि भाेपाल नगर निगम में करीब 6 हजार दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी हैं। जिनमें सफाई मित्र और वाहन चालक शामिल हैं। इन्हें हर महीने 10 से 12 तारीख तक सैलरी मिलती है। इस बार ईद होने की वजह से पहले सैलरी की मांग कर रहे थे, लेकिन गुरुवार शाम तक सैलरी नहीं मिली। इसके चलते शुक्रवार सुबह उन्होंने ट्रांसफर स्टेशनों पर ही गाड़ियां खड़ी कर दी और गली-मोहल्लों में कचरा लेने नहीं पहुंचे। करीब डेढ़ घंटा तक उनका प्रदर्शन चला।  

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जबलपुर । मप्र वक्फ बोर्ड ने कुर्बानी के लिए सात बिंदुओं पर आधारित एडवाइजरी जारी की है। इस अवसर पर बोर्ड ने अपने अधीनस्थ सभी वक्फ मुतवल्लियों और प्रबंध समितियों को निर्देश जारी किए हैं। इसके अलावा, बोर्ड ने निर्देश दिया कि ईद की नमाज केवल ईदगाह या मस्जिद परिसर में ही अदा करें। एडवाइजरी में साफ-सफाई,सरकारी नियमों का पालन और सोशल मीडिया पर कुर्बानी के वीडियो न डालने की अपील की है। मप्र वक्फ बोर्ड के अनुसार, प्रदेश में मस्जिदें, कब्रिस्तान, दरगाह, ईदगाह, करबला, मदरसे और स्कूलों के रूप में लगभग 15 हजार वक्फ संपत्तियां रजिस्टर्ड हैं। ईद-उल-अज्हा, सबसे खास त्योहारों में से एक है।वक्फ बोर्ड ने अपने अधीनस्थ मुतवल्लियों और समितियों को आदेश जारी करते हुए कहा है कि कुर्बानी निर्धारित स्थान पर ही की जाए और उसमें सरकारी कानूनों का पूरी तरह पालन हो। जिसमें कुर्बानी की जगह चारों ओर से बंद हो, साफ सफाई का पूरा ध्यान दिया जाए, निषिद्ध जानवरों की कुर्बानी पर पूर्ण रोक, कुर्बानी का कोई वीडियो या ऑडियो न बनाएं और शेयर न करने के आदेश दिए गए हैं। इससे सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता है। राज्य के सभी जिला कलेक्टरों और दंडाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे इन गाइडलाइंस का सख्ती से पालन कराएं और जनजागरूकता अभियान भी चलाएं।बोर्ड ने कहा है कि धार्मिक कार्यों में नागरिकों को अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए सफाई,दवाई छिडक़ाव और अवशेषों के सही निष्पादन का पालन करना चाहिए। जानवर की अनुपयोगी चीजें नगर निगम के निर्धारित कंटेनर में डालें, कुर्बानी का स्थान ढका हो, नमाज केवल ईदगाह या मस्जिद परिसर तक सीमित हो। इस बार सऊदी अरब में 27 मई को चांद नजर आया, जिसके आधार पर वहां 6 जून को बकरीद मनाने की घोषणा की गई। भारत में चांद एक दिन बाद दिखा, जिस कारण यहां बकरीद 7 जून, शनिवार को मनाई जाएगी। मुख्य नमाज रानीताल ईदगाह में की जाएगी    

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । मध्य प्रदेश के तीन जिलों में बुधवार की रात भूकंप के झटके महसूस किए गए। रात करीब 10 बजे खरगोन जिले के बड़वाह, खंडवा जिले के नर्मदानगर और बुरहानपुर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में भूकंप के हल्के झटके महसूस होने के बाद रहवासी दहशत में आ गए और घरों से बाहर निकल आए। हालांकि, अब तक किसी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है।   राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, भूकंप का केंद्र मध्य प्रदेश के खंडवा जिला मुख्यालय से 65 किलोमीटर दूर महाराष्ट्र के अमरावती जिले में जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई में था। खंडवा के पंधाना स्थित भूकंप मापी केंद्र पर इस भूकंप की तीव्रता 3.8 मापी गई। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर इसकी जानकारी साझा की है।   वहीं, अधिकारियों ने बताया कि खंडवा जिले के पंधाना ब्लॉक में कोहदड, बोरगांव, रुस्तमपुर, अहमदपुर, खैगांव और सुरगांव समेत कई गांवों में भूकंप के झटके महसूस हुए। बुरहानपुर जिले के नेपानगर क्षेत्र में भी लोगों को भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे लोग दहशत में आ गए और अपने घरों से बाहर निकल आए। ऐसे ही खरगोन जिले के खरगोन जिले के बड़वाह की पीपल गली, गोंदी पट्टी, सौभाग्य केसरी कॉलोनी, बस स्टैंड क्षेत्र, नर्मदा रोड व कंवर कॉलोनी और बुरहानपुर जिले के कुछ हिस्सों में भी भूकंप की सूचना मिली है। लेकिन कहीं से कोई नुकसानी की खबर नहीं है।   जिले के मौसम विशेषज्ञ सौरभ गुप्ता ने बताया कि भूकंप का केंद्र महाराष्ट्र के अमरावती जिले में था, जो खंडवा से लगभग 66 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। भूकंप का प्रभाव खंडवा के पंधाना ब्लॉक के गांवों कोहदड, बोरगांव, रुस्तमपुर और पड़ोसी जिले बुरहानपुर के नेपानगर क्षेत्र में भी महसूस किया गया। उन्होंने बताया कि यह झटका टेक्टॉनिक प्लेटों में मामूली हलचल का परिणाम हो सकता है।   मौसम विशेषज्ञ गुप्ता ने बताया कि हाल के दिनों में महाराष्ट्र क्षेत्र में अत्यधिक वर्षा हुई है। इसके कारण जमीन में पानी के जमा होने और भीतर की परतों में बने एयर मूवमेंट ने इस भूकंप जैसी स्थिति को जन्म दिया। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के बीच मानसूनी तंत्र की बढ़ती सक्रियता और भूमि के तापमान में परिवर्तन भी ऐसी परिस्थितियों को जन्म देते हैं। इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी अफवाह से बचें और आवश्यकता पड़ने पर खुले स्थानों में शरण लें।    

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भोपाल । मध्य प्रदेश में प्री-मानसून का दौर जारी हैं। बुधवार को भी कई जिलों में तेज आंधी और बारिश हुई। भोपाल, शाजापुर, उज्जैन, छिंदवाड़ा, राजगढ़, सागर, सतना, धार समेत कई जिले भीगे। वहीं मौसम विभाग ने आज यानी गुरुवार को ग्वालियर, रतलाम, इंदौर, उज्जैन, नीमच समेत कुल 27 जिलों में आंधी और बारिश का अलर्ट जारी किया है। मानसून की बात करें तो मौसम विभाग के मुताबिक यह फिलहाल महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ में अटका हुआ है।मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में मानसून की एंट्री 10 जून के बाद ही होने की संभावना है। लेकिन इससे पहले प्रदेश में आंधी-बारिश के सिस्टम एक्टिव हैं। इस वजह से मौसम बदला हुआ है और प्री-मानसून की गतिविधियां जारी है। मौसम विभाग की माने तो अभी मानसून महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ में एक ही जगह पर ठहरा है। पिछले कुछ दिन से ये आगे नहीं बढ़ा है। मानसून के आने से पहले जून के पहले सप्ताह में प्रदेश में गर्मी का असर रहता है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर-जबलपुर समेत कई शहरों में दिन का तापमान 40 डिग्री के पार पहुंच जाता है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। इन शहरों में पारा 40 डिग्री से नीचे ही है। वहीं, यहां बारिश का दौर चल रहा है। अगले 4 दिन भी आंधी-बारिश का अलर्ट है।मौसम विभाग के अनुसार, गुरुवार को ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, अशोकनगर, विदिशा, सागर, कटनी, उमरिया, डिंडोरी, मंडला, सिवनी, पांढुर्णा, बैतूल, हरदा, खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, रतलाम, मंदसौर और नीमच में आंधी-बारिश का अलर्ट है। यहां पर आंधी की रफ्तार 40 से 50 किलोमीटर प्रतिघंटा तक रह सकती है।बारिश की वजह से बुधवार को कई शहरों में दिन के तापमान में गिरावट हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, नौगांव में ही पारा 40 डिग्री तक पहुंचा। बाकी शहरों में इससे नीचे रहा। भोपाल में 33 डिग्री, इंदौर में 32.3 डिग्री, ग्वालियर में 36.4 डिग्री, उज्जैन में 35.4 डिग्री और जबलपुर में 36.7 डिग्री सेल्सियस रहा। इकलौते हिल स्टेशन पचमढ़ी में तापमान 29.6 डिग्री रहा। बता दें कि इस बार भीषण गर्मी में भी आंधी-बारिश वाला मौसम है। प्रदेश में 26 अप्रैल से आंधी-बारिश का दौर शुरू हो गया था, जो 4 जून को भी जारी रहा। यानी, लगातार 40 दिन से प्रदेश के किसी न किसी जिले में पानी गिर रहा है या आंधी चल रही है। मौसम विभाग ने अगले 4 दिन यानी 8 जून तक ऐसा ही मौसम रहने का अनुमान जताया है।  

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इंदौर । मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। बुधवार को यहां कोरोना के सात नए मामले सामने हैं। इसके बाद यहां कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़कर 17 हो गई है। सभी मरीजों को होम आइसोलेशन में रखा गया है। जहां विशेषज्ञों की निगरानी में इनका इलाज किया जाएगा। इंदौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. बीएस सैत्या ने बताया कि बुधवार को सात मरीजों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है। यह सभी मरीज दूसरे राज्यों की यात्रा करके लौटे हैं। स्वास्थ्य विभाग इनके संपर्क में आए लोगों की जानकारी जुटा है। उन्होंने बताया कि मथुरा से लौटी 43 वर्षीय महिला, केरल से लौटी 69 वर्षीय महिला, बद्रीनाथ से लौटी 48 वर्षीय महिला, ओडिशा से लौटे 29 वर्षीय पुरूष, रायपुर से लौटे 36 वर्षीय पुरूष सहित इंदौर के दो पुरूष पॉजिटिव पाए गए है। उन्होंने सर्दी, खांसी, बुखार के बाद जांच करवाई थी, जिसमें यह पॉजिटिव पाएं गए। सभी मरीजों को होम आइसोलेशन में रखा गया है। उनके परिवार के सदस्यों को भी विशेष सावधानी रखने के लिए कहा गया है। गौरतलब है कि इंदौर में इस वर्ष अब तक कोरोना के 33 मरीज मिल चुके हैं। इनमें से इंदौर के 25 मरीज और आठ दूसरे जिलों के हैं। अभी इंदौर में 17 सक्रिय मरीज है। यह सभी होम आइसोलेशन में उपचार जारी है। प्रदेश में सबसे अधिक मरीज इंदौर में ही है। सीएमएचओ डॉ. सैत्या ने बताया कि हाल ही में कोरोना के ओमिक्रान वैरिएंट के सब लाइनिज की पुष्टि हुई है। हमें घबराने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन सर्तकता बरतते हुए हमें भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए। यदि किसी को सर्दी-खांसी है तो दूसरों के संपर्क में आने से बचना चाहिए। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए बुधवार को एमजीएम मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया ने विशेषज्ञों की बैठक बुलाई। जिसमें उन्हें छह बेड के आईसीयू वार्ड सहित मरीजों के इलाज की व्यवस्थाओं पर चर्चा की। बैठक में निर्देश दिए कि कोरोना के लिए अलग से बनाएं आईसीयू वार्ड में डॉक्टरों और स्टाफ की टीम तैनात रहेगी। मरीजों को जांच की सुविधा भी मिलना चाहिए। उन्होंने बताया कि अस्पताल में ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था है।

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इंदौर । मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में कोरोना के नए मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इसी बीच इंदौर में कोविड-19 के ओमिक्रॉन के दो नए वैरिएंट की पुष्टि हुई है। यह पुष्टि पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) में कराई गई जीनोम सीक्वेंसिंग के जरिए हुई है। कोविड पॉजिटिव मरीजों की होल जीनोम सिक्वेंसिंग (डब्ल्यूजीएस) रिपोर्ट में दो सब लाइनिज एक्सएफजी और एलएफ 7.9 पाए गए हैं। दरअसल, इंदौर में हाल ही मिले कोरोना के सात मरीजों के सेम्पल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) भेजे गए थे। मंगलवार को एमजीएम मेडिकल कॉलेज इंदौर को उक्त मरीजों की रिपोर्ट प्राप्त हुई। इन सात सैंपलों में से पांच में एक्सएफजी लाइनिज पाई गई। जबकि दो नमूनों में एलएफ 7.9 की पहचान हुई है। ये दोनों ओमिक्रॉन (बीए.2 जैसे) से संबंधित हैं। इनका परीक्षण ऑक्सफोर्ड नैनोपोर सीक्वेंसिंग प्लेटफॉर्म के जरिए किया गया। एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया ने मंगलवार को बताया कि पुणे से आई रिपोर्ट में पता चला है इसमें बीए2 ओमिक्रॉन डिटेक्ट हुआ है। यह सामान्य वायरस है जो घातक नहीं है। उन्होंने बताया कि मंगलवार को इंदौर में कोरोना का एक और मरीज मिला है। 62 वर्षीय इस व्यक्ति की अहमदाबाद की ट्रैवल हिस्ट्री मिली है। होम आइसोलेट किया है। स्थिति सामान्य है।

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राजगढ़ । बोड़ा थाना क्षेत्र के ग्राम चाठा में बुधवार दोपहर असम रायफल्स जवान छोगमल रुहेला का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया, जिनका 1 जून डय्टी के दौरान तबीयत बिगड़ने से निधन हो गया था। मंगलवार रात को जवान छोगमल रुहेला का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव चाठा में लाया गया।   बुधवार को पचोर के महारानी बाग से अंतिम यात्रा शुरु हुई जो बोड़ा होते हुए पैतृक गांव चाठाजागीर पहुंची। अंतिम यात्रा में हजारों लोगों ने शामिल होकर श्रद्वांजलि अर्पित की। अंत्येष्ठि से पूर्व सेना के जवानों ने गार्ड आफ आनर दिया साथ ही ज्येष्ठ पुत्र हर्षित रुहेला ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस दौरान चारो ओर अमर रहे छोगमल के नारे गूंजे। जवान छोगमल रुहेला की नियुक्ति 28 सितम्बर 2024 को असम रायफल्य लेखापानी बटालियन में हुई थी। छोगमल के असामयिक निधन से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है।    

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भोपाल । प्रदेश में जल गंगा संवर्धन अभियान प्रदेश भर में 30 जून तक निरंतर जारी रहेगा। प्रदेश के नर्मदा नदी से सटे जिलों में नर्मदा पथ सर्वेक्षण यात्रा निरंतर जारी है। यात्रा के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीणों को नर्मदा नदी के किनारों को पर्यावरण सरंक्षण के उद्देश्य से साफ सफाई की शपथ दिलाई जा रही है। इसी के साथ जिलों में तालाबों को चिन्हित कर मछली पालन के जरिये किसानों की आमदनी बढ़ाये जाने के अवसरों की तलाश की जा रही है। यह जानकारी जनसंपर्क अधिकारी मुकेश माेदी ने बुधवार काे दी।उन्हाेंने बताया कि डिण्डौरी जिले में विकासखंड बजाग की ग्राम पंचायत गीधा स्थित संगम गोमती नर्मदा घाट पर मां नर्मदा पथ सर्वेक्षण एवं जन जागरण यात्रा का विधिवत शुभारंभ नर्मदाष्टक एवं मां नर्मदा की आरती के साथ किया गया। इस अवसर पर जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत घाट परिसर में स्वच्छता अभियान चलाया गया। जिले में चल रही यात्रा का उद्देश्य मां नर्मदा के पथ पर जन जागरूकता फैलाना, जल स्रोतों का संरक्षण करना एवं स्वच्छता को बढ़ावा देना है। इस दौरान ग्रामीणों को जल की महत्ता के प्रति जागरूक किया गया और उन्हें प्राकृतिक संसाधनों के सतत सदउपयोग की जानकारी दी गई। कार्यक्रम में उपस्थित ग्रामीणों ने नर्मदा सेवा के संकल्प को दोहराते हुए पर्यावरण संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभाने का संकल्प लिया।माँ नर्मदा के उत्तर तटीय ग्रामों में नर्मदा सेवा समितियों का गठनप्रदेश के 16 जिलों के 51 विकासखंडों में चिन्हित 335 पंचायतों में माँ नर्मदा सर्वेक्षण एवं जनजागरण यात्रा निकाली जा रही है। मंडला जिले में उत्तर तट की प्रत्येक नर्मदा तटीय ग्राम पंचायत में नर्मदा पथ सर्वेक्षण यात्रा पहुँच रही है। यात्रा के दौरान सार्वजनिक चौपालों के माध्यम से नर्मदा सेवा समितियों का गठन भी किया जा रहा है। इसी कड़ी में यात्रा ग्राम बड़ी खैरी से प्रारंभ होकर ग्राम, खुड़िया, पटपरा और छपरी ग्राम में समाप्त हुई। प्रत्येक स्थानों में सभी ग्रामीणजनों के समक्ष पतित पावनी मां के प्रवाह पर वर्तमान समय में किस तरह के दुष्प्रभाव पड़ रहे हैं इससे अवगत कराया गया। चौपालों में सर्वे प्रपत्र की जानकारी भरवाई गई एवं जल गंगा संवर्धन अभियान अंतर्गत ग्रामवासियों को जल संरक्षण की शपथ भी दिलाई गई।विकसित कृषि संकल्प अभियान के दौरान बांटे गये केसीसी कार्डबालाघाट जिले में जल गंगा संवर्धन अभियान निरंतर जारी है। जिले में पेयजल स्त्रों की सफाई का कार्य सामूहिक भागीदारी से किया जा रहा है। जिले में किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिये जिले में उपलब्ध तालाबों में मछली पालन की और अधिक संभावनाओं को तलाशा जा रहा है। विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत हर दिन विकासखंडों के 2-2 गांवो में कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन और मत्स्य विभाग के अमले द्वारा कार्यशालाएं आयोजित की जा रही है। इन कार्यशालाओं के माध्यम से सम्बंधित विभागों द्वारा कृषि की उन्नत तकनीकों के साथ ही आवश्यक योजनाओँ के हितलाभ भी देने के प्रयास जारी है। बिरसा जनपद के कचनारी में कार्यशाला हुई। जिला मत्स्य अधिकारी ने बताया कि ग्राम कचनारी में रौबदाभाटा की आदिवासी मछुआ सहकारी समिति के सदस्यों को केसीसी कार्ड प्रदान किये गए है। समिति में शामिल 23 सदस्यों को जीरो प्रतिशत ब्याज पर ऋण प्राप्त करने वाले कार्ड का वितरण किया गया है। समिति के सदस्य कचनारी सिंचाई तालाब में मछली पालन करते है। समिति के सदस्य एक सीजन में करीब 10 टन मछली का विक्रय करते है।जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत होगा वृहद वृक्षारोपणभोपाल संभाग आयुक्त संजीव सिंह ने बताया कि प्रदेश में चलाए जा रहे जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत संबंधित विभागों द्वारा बनाई गई कार्य योजना के अनुसार भोपाल नगर में वृहद वृक्षारोपण किया जाएगा। इसकी शुरुआत विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून से की जाएगी। सभी संबंधित विभाग आपसी समन्वय से नगर के विभिन्न बाग बगीचे एवं हरित क्षेत्र में वृक्षारोपण करेंगे। उन्होंने कहा कि कार्य ऐसा हो कि अधिक से अधिक पौधे जीवित रहे। संभाग आयुक्त ने निर्देश दिए कि नगर के सभी बाग बगीचों की मैपिंग और जियो टैगिंग करा ली जाए जिसमें बगीचे का नाम, एरिया, नगर निगम के जोन एवं वार्ड का नाम, सिंचाई के लिए पानी का स्रोत, देखभाल करने वाले अधिकारी /कर्मचारी का नाम एवं मोबाइल नंबर आदि जानकारियां हों। नगर निगम सीमा के बाहर के नगरीय क्षेत्र में भी कार्य योजना बनाकर वृक्षारोपण कराया जाए। आयुक्त नगर निगम ने बताया कि भोपाल नगर में नगर निगम के 157 पार्क हैं। इसके अलावा स्मार्ट सिटी, राजधानी परियोजना एवं वन विभाग के बाग बगीचे हैं। नगर में कालिया सोत, खानू गांव सहित पांच क्षेत्रों का चयन किया गया है जहां व्यापक वृक्षारोपण किया जाएगा। संभाग आयुक्त श्री सिंह ने निर्देश दिए कि नगर के विभिन्न जल स्रोतों से प्रदूषण हटाने का कार्य भी निरंतर किया जाए. नगर निगम के अधिकारी द्वारा बताया गया कि भोपाल नगर में कुल 12 तालाब है, जिनमें से किसी भी तालाब में उद्योगों का प्रदूषित पानी नहीं मिलता है।

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उज्जैन । पूर्व भारतीय हॉकी खिलाडी पद्मश्री, अर्जुन पुरस्कार व मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित धनराज पिल्लै व अर्जुन पुरस्कार व एकलव्य पुरस्कार से सम्मानित आशीष कुमार बल्लाल ने (हॉकी के पूर्व भारतीय गोलकीपर) मंगलवार तड़के श्री महाकालेश्वर भगवान की प्रातः होने वाली भस्मार्ती में सम्मिलित हुए।  भस्मारती उपरांत पूजन विजय पुजारी द्वारा सम्पन्न करवाया गया । श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबन्ध समिति की ओर से सहायक प्रशासक शिवकांत पांडेय द्वारा श्री पिल्लै और श्री बल्लाल का स्वागत व सम्मान किया गया।   इस अवसर पर उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि बाबा महाकाल के दर्शन करना अद्वितीय है। इस मौका बार बार मिले, यही प्रार्थना है। यहां आकर स्थान का महत्व पता चलता है। भस्मार्ती के दर्शन के दौरान आशीष बल्लाल का स्वास्थ्य खराब हो गया। जिस पर तुरंत मंदिर प्रबंध समिति की मेडिकल टीम द्वारा उनका उपचार किया गया और वे पुनः भस्मार्ती में सम्मिलित हो सके।  आशीष बल्लाल द्वारा श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति का धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

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इंदौर । मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में भी कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। सोमवार देर शाम आई रिपोर्ट में यहां फिर दो मरीज कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें से एक 21 वर्षीय युवक देवास का रहने वाला है। उसकी ट्रैवल हिस्ट्री है, जबकि दूसरा 34 वर्ष का युवक इंदौर का रहने वाला है। उसकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। उसे होम आइसोलेट किया गया है। इससे पहले इंदौर में रविवार को भी कोरोना के तीन नए मरीज सामने आए थे। इनमें एक मरीज इंदौर निवासी है, जबकि दो अन्य में एक देवास और दूसरा किसी अन्य जिले का रहने वाला था। इंदौर का संक्रमित 37 वर्षीय युवक है, जिसे हल्के लक्षणों के बाद होम आइसोलेट कर दिया गया है। उसकी हालत सामान्य है और उसकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं मिली है। इसके साथ ही इंदौर में इस साल अब तक कोरोना के कुल मरीजों की संख्या 23 हो गई है। इंदौर से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. बीएस सैत्या ने बताया कि संक्रमित युवक के संपर्क में आए लोगों की जानकारी जुटाई जा रही है। एहतियातन उसका सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए एम्स भोपाल भेजा गया है। हालांकि, अब तक भेजे गए सैंपलों की रिपोर्ट नहीं आई है, जिससे यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि संक्रमितों में कौन सा वैरिएंट है। डॉ. सैत्या ने बताया कि फिलहाल जिन मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, वे सामान्य सर्दी-खांसी के लक्षणों के बाद खुद ही जांच कराने पहुंचे थे। सभी की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की जा रही है और उनके संपर्क में आए लोगों के भी सैंपल लिए जा रहे हैं।

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भोपाल । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की गरिमामय उपस्थिति में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग द्वारा 5 जून को उज्जैन में 'स्पिरिचुअल एंड वेलनेस समिट' का आयोजन किया जायेगा। इस समिट का उद्देश्य मध्यप्रदेश को वैश्विक वेलनेस हब के रूप में स्थापित करना तथा उज्जैन को वेलनेस सेक्टर की प्रमुख केंद्रस्थली के रूप में अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाना है। इस आयोजन के माध्यम से योग, आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा, जनजागरूकता, आध्यात्मिकता तथा वेलनेस आधारित उद्योगों में निवेश और सहयोग को प्रोत्साहित करने पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा।जनसंपर्क अधिकारी साेनिया परिहार ने मंगलवार काे जानकारी देते हुए बताया कि वेलनेस समिट को सफल बनाने के लिए आनंद, पर्यटन एवं आयुष विभाग द्वारा समन्वित प्रयास एवं सक्रिय सहयोग किया जा रहा है। भारत के हृदयस्थल में स्थित उज्जैन एक प्राचीन और धार्मिक नगरी के रूप में प्रसिद्ध है। यह का शांत वातावरण, प्राकृतिक संसाधनों और पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों के कारण वेलनेस सेक्टर के लिए एक आदर्श स्थल है। एक दिवसीय समिट में प्रख्यात आध्यात्मिक संत / साधक, वेलनेस सेक्टर के प्रमुख निवेशक, नीति-निर्माता, आयुष और स्वास्थ्य विशेषज्ञ, वेलनेस तथा टूरिज्म ऑपरेटर्स आदि भाग लेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव समिट में भाग लेने वाले वेलनेस सेक्टर के प्रमुख निवेशकों, नीति-निर्माताओं एवं अन्य संबंधित संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ वन-टू-वन बैठकें भी करेंगे।वेलनेस सेक्टर के विभिन्न विषयों पर होगी चर्चासमिट में वेलनेस सेक्टर के विकास, नीति-निर्माण, सार्वजनिक-निजी भागीदारी, सस्टेनेबल वेलनेस इन्फ्रास्ट्रक्चर और निवेश संभावनाओं पर आधारित उच्चस्तरीय पैनल चर्चाएं होंगी। सत्र की शुरुआत "आईडयटिंग द पार्टनरशिप मॉडल" विषय पर पैनल चर्चा के साथ होगी। जिसमें विषय-विशेषज्ञ अपनी बात रखेंगे। कैसे नीतियाँ वेलनेस उद्योग को निवेश और सहयोग के लिए प्रेरित कर सकती हैं पर यह सत्र वेलनेस इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने, गुणवत्ता मानकों को बेहतर बनाने और विशेष रूप से वंचित क्षेत्रों में सेवाओं की पहुंच बढ़ाने में सहायक होगी। इसके पश्चात "वेलनेस इकोसिस्टम और वर्कफोर्स डेव्लपमेंट" पर पैनल चर्चा आयोजित की जाएगी, जहां विशेषज्ञ पारंपरिक औषधीय प्रणालियों के समावेश, अनुसंधान में निवेश की आवश्यकता और आधुनिक चिकित्सा के साथ तालमेल जैसे पहलुओं पर प्रकाश डालेंगे। साथ ही एक विशेष फायरसाइड चैट सत्र "वेलनेस के लिए एक नई सोच" विषय पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव के साथ संवाद भी प्रस्तावित है।यह समिट मध्य प्रदेश को भारत एवं विश्व के वेलनेस मानचित्र पर स्थापित करने, वेलनेस क्षेत्र में नीति, नवाचार और निवेश के त्रिसूत्रीय मार्गदर्शन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। समिट में भाग लेने के लिए वेलनेस क्षेत्र से जुड़े प्रतिभागी invest.mp.gov.in पोर्टल के माध्यम से रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।यह समिट, मुख्यमंत्री डॉ. यादव की 'उद्योग एवं रोजगार वर्ष- 2025' की पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य प्रदेश में आर्थिक विकास को गति देना, औद्योगिक विस्तार को प्रोत्साहित करना और व्यापक स्तर पर रोजगार के अवसर सृजित करना है। इस दिशा में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग द्वारा प्रदेश में, राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय मंचों पर विभिन्न अवसरों पर निवेश संवर्धन, कौशल विकास एवं रोजगार आधारित कार्यशालाएं, एक्सपो एवं कॉन्क्लेव आदि कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे ।

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राजगढ़ । जीरापुर तहसील के ग्राम काछीखेड़ी में सोमवार को प्रशासनिक टीम अतिक्रमण हटाने पहुंची, जिसका ग्रामीणों ने जमकर विरोध किया। कार्रवाई के दौरान 55 वर्षीय महिला ने जहर खा लिया और उसका भतीजा 33 केव्ही.के बिजली के खंभा पर चढ़ गया। प्रशासन तत्परता से लाइन बंद करवाई और युवक को नीचे उतारा।   जानकारी के अनुसार ग्राम काछीखेड़ी में मानसिंह, बनेसिंह और कमल दांगी के अतिक्रमण वाले मकानों को हटाने के लिए तीन से चार जेसीबी मशीनें लेकर प्रशासनिक टीम पहुंची थी। प्रभावित परिवारों ने पहले टीम ने निवेदन किया लेकिन कार्रवाई नही रुकी तो बनेसिंह की 55 वर्षीय पत्नी अनारबाई ने जहर गटक लिया और उसका भतीजा रामचरण 33 केव्ही.लाइन के खंभा पर चढ़ गया। प्रशासनिक टीम ने तत्परता से लाइन बंद करवाई और युवक को खंभा से नीचे उतारा। वहीं अनारबाई को जीरापुर अस्पताल पहुंचाया गया, जहां से हालत बिगड़ने पर जिला चिकित्सालय रेफर किया गया।   ग्रामीण बनेसिंह का कहना है पिछले कई सालों से यहां रह रहे है, उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले छ माह से विधायक और उनके बेटे के इशारे पर उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। उनका कहना है कि गांव के अधिकांशत मकान सरकारी जमीन पर है लेकिन उन पर ही कार्रवाई की जा रही है।कार्रवाई के दौरान तहसीलदार आरपी.सिंह गौड़, थानाप्रभारी प्रदीप गोलिया सहित पुलिसटीम मौजूद रही।  

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भोपाल। आईआईटी कानपुर ने जेईई एडवांस्ड 2025 परीक्षा का परिणाम सोमवार सुबह जारी दिया है। इस परीक्षा में मैक्रो विजन एकेडमी बुरहानपुर के माजिद मुजाहिद हुसैन ने मध्य प्रदेश में टॉप किया है। उन्होंने एआईआर (ऑल इंडिया रैंक) तीन हासिल की है। जेईई एडवांस्ड 2025 में पहले स्थान पर राजित गुप्ता और दूसरे स्थान पर सक्षम जिंदल रहे हैं। यह दोनों उम्मीदवार कोटा (राजस्थान) से हैं। वहीं, जबलपुर के देव कौरव ने ऑल इंडिया रैंक (एआईआर) 159 हासिल की है। देव ने कैमिस्ट्री में 100 में से 100 अंक प्राप्त किए हैं। जेईई एडवांस्ड 2025 में बुरहानपुर के माजिद मुजाहिद हुसैन ने मध्य प्रदेश के टॉपर रहे हैं। इस सफलता पर माजिद मुजाहिद हुसैन के पिता ने बताया कि यह बच्चे की कड़ी मेहनत का नतीजा है। हमें अपने बेटे पर गर्व है। आज उसका स्कूल में सम्मान हो रहा है। बच्चे के लिए आयोजित इस कार्यक्रम में आना एक अलग ही अनुभव है। वहीं, माजिद ने कहा कि सफल होना है, तो खुद पर भरोसा जरूरी है। ऐसा होने पर आप ज्यादा बेहतर प्रदर्शन कर पाते हैं। साथ ही, मानसिक तनाव से दूर रहते हैं। उन्होंने बताया कि दो साल तक वे सोशल मीडिया से दूर रहे। रोज दिन में 12 घंटे पढ़ाई की। दिन में सिर्फ एक घंटे ही बात करने मोबाइल फोन यूज किया। लगातार मेहनत और फोकस के साथ पढ़ने के बाद ही यह सफलता मिली। माजिद की मां सकीना मुजाहिद हुसैन ने कहा कि बहुत अच्छा लग रहा है। हमारे लिए यह गर्व की बात है। पढ़ाई के दौरान अगर आप बच्चों की जिज्ञासा शांत कर देते हैं तो उसे काफी बल मिलता है। उसके पिता ने यह चीज काफी गंभीरता से कीं। बचपन से ही बच्चा क्या चाहता है, यह पेरेंट्स को समझने की जरूरत होती है। इंदौर की हर्षिता लड़कियों में टॉपर   कानपुर जोन में इंदौर की हर्षिता गोयल लड़कियों में टॉपर रही हैं। हर्षिता की 434वीं रैंक आई है। हर्षिता ने अपनी सफलता पर कहा कि मैंने 11वीं क्लास से ही जेईई की तैयारी शुरू कर दी थी। पता था कि रिजल्ट अच्छा आएगा लेकिन यह नहीं पता था कि एमपी में फर्स्ट रेंक मिलेगी। वे एआई या कम्प्यूटर साइंस की फील्ड में ही आगे जाना चाहती हैं। उन्हें रीडिंग, आर्ट एंड क्राफ्ट और ट्रेवलिंग का शौक है। वहीं, जेईई एडवांस्ड में भोपाल के आरुष नावकर की एआईआर 427 रैंक है। उन्होंने भोपाल टॉप किया है, जबकि भोपाल की टॉपर लिस्ट में शामिल मोहम्मद हमजा की जेईई एडवांस्ड में ऑल इंडिया रैंकिंग 1595 है। हमजा ने बताया कि यह लगातार दूसरा साल है, जब उन्होंने जेईई मेन क्लियर किया। पिछली बार उनकी रैंक चार हजार के करीब थी। बीते साल जेईई मेन के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई और वे जेईई एडवांस्ड की तैयारी नहीं कर सके। जिसके चलते जेईई एडवांस्ड में उनकी रैंक 17 हजार पहुंच गई थी। इस बार इसमें सुधार हुआ है।  

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जबलपुर । लोकायुक्त की टीम ने ओमती थाने में पदस्थ नितेश शुक्ला नाम के पुलिस आरक्षक को 5 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए हाथों गिरफ्तार किया है। आरक्षक पर आरोप है कि उसने फरियादी की गाड़ी अपने पास रखते हुए उसके खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज करवाने का दबाव बनाया और 25 हजार रुपए रिश्वत की मांग की। बाद में थाने में खड़ी गाड़ी छोड़ने के नाम पर 5 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की। जिसकी शिकायत फरियादी ने लोकायुक्त पुलिस से की थी। सोमवार को आरोपी नितेश को थाने के बाहर से लोकायुक्त ने गिरफ्तार किया है। लोकायुक्त पुलिस ने इस मामले में सब इंस्पेक्टर को भी जांच के दायरे में लिया है।   जबलपुर के अंधेरदेव निवासी शिवम चौरसिया हार्डवेयर शॉप के मालिक है, उन्हें अपना व्यापार बढ़ाने के लिए पैसों की जरूरत थी, उन्होंने अपने दोस्त आयुष सोनी से संपर्क किया, और सोने के दो कंगन देते हुए साढ़े तीन लाख रुपए मांगे। आयुष ने शिवम से चूड़ी तो ले लिया, पर उसके बदले पैसे नहीं दिए, शिवम ने उससे रुपए देने हेतु कई बार मिन्नत की परंतु उसने नहीं दिए। परेशान होकर शिवम ने ओमती थाने में आयुष के खिलाफ आवेदन दिया, जिसके लिए पुलिस ने शिवम की शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं की उल्टा उसे धमकाते हुए, बाइक यह कहते हुए जब्त कर ली कि उसने सोने के नकली कंगन दिए है। बाइक वापस करने हेतु रिश्वत की मांग की गई जिसकी शिकायत फरियादी ने लोकायुक्त एसपी संजय साहू से की थी। शिवम ने लोकायुक्त पुलिस को बताया कि 27 मई को जब वह थाने गया तो उससे यह कहा गया कि आवेदन में गलती है, फिर से लिखकर लाओ। इसके बाद फरियादी की बाइक को जब्त कर लिया गया। रिश्वतखोर पुलिस आरक्षक नितेश शुक्ला ने शिवम का आवेदन लेकर एसआई से मिलवाया, जिसके बाद दोनों ने धमकाया कि 25 हजार रुपए लेकर आओ, नहीं तो नकली सोने के कंगन बेचने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भिजवा देगें। इतनी ही नहीं पुलिस ने शिवम को वो गाड़ी भी जब्त कर रख ली, जिसे कि वह अपने दोस्त से मांगकर लाया था। लोकायुक्त एसपी ने जांच उपरांत आराेपाें काे सही पाया। जिसके बाद सोमवार को आरोपी नितेश को थाने के बाहर से 5 हजार रुपए लेते हुए लोकायुक्त ने गिरफ्तार किया है। इसके बाद उसे सार्किट हाउस नंबर दो में ले जाया गया जहां पूर्ण कार्यवाही की गई। लोकायुक्त पुलिस ने इस मामले में सब इंस्पेक्टर शिवगोपाल गुप्ता को भी जांच के दायरे में लिया है।    

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भोपाल । मध्य प्रदेश में नौतपा में आंधी-बारिश का दौर जारी है। प्रदेश में जून महीने में लू की संभावना नहीं है। आज भी कई हिस्सों में बूंदाबांदी का अलर्ट जारी किया गया है। जबकि कई जगहों पर दिन का तापमान बढ़ेगा। वहीं कई जिलों में 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है। प्रदेश में ऐसा पहली बार हुआ जब प्रदेश के किसी न किसी जिले में आंधी-बारिश न हुई हो। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर-जबलपुर समेत कुल 53 जिले भीगे।मौसम विभाग के अनुसार, मई महीने में बारिश के कई रिकॉर्ड भी टूटे। इंदौर में 139 साल में सबसे ज्यादा 4.6 इंच पानी गिरा। वहीं, उज्जैन में सबसे ज्यादा बारिश का ओवरऑल रिकॉर्ड बना। मई के आखिरी दिन भी उमरिया और बालाघाट जिले में बारिश हुई। इसे मिलाकर इस महीने ओवरऑल करीब 2 इंच पानी गिर गया, जो सामान्य बारिश से 7 गुना अधिक है। इस महीने की सामान्य बारिश 7 मिमी है। मौसम विभाग ने बताया कि मई में भीषण गर्मी की बजाय आंधी-बारिश का दौर इसलिए रहा कि मई की शुरुआत से आखिरी तक प्रदेश में साइक्लोनिक सर्कुलेशन, वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) और टर्फ की एक्टिविटी देखने को मिली। लगातार सिस्टम एक्टिव होते रहे। इस वजह से आंधी-बारिश का दौर भी चलता रहा। आखिरी दिन भी कुछ जिलों में मौसम बदला रहा।इस साल अप्रैल में जितनी गर्मी थी, उतनी मई में नहीं रही। अप्रैल में कई शहरों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। पिछले सालों की डेटा स्टडी से पता चलता है कि मई में निवाड़ी के पृथ्वीपुर, छतरपुर के नौगांव, खजुराहो, निवाड़ी, ग्वालियर, राजगढ़, दतिया, टीकमगढ़, सतना, दमोह, उज्जैन, गुना, शाजापुर, खंडवा, खरगोन जैसे कई शहरों में पारा 46 से 48 डिग्री सेल्सियस या इसके पार पहुंच चुका है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। प्रदेश के किसी भी शहर में दिन का तापमान 43 डिग्री सेल्सियस तक नहीं पहुंचा। नौतपा में भी कम ही गर्मी रही। नौगांव, खजुराहो, टीकमगढ़, ग्वालियर, दमोह, शिवपुरी जैसे शहरों में ही पारा 40 डिग्री के पार पहुंचा। बाकी शहरों में इससे काफी नीचे रहा।इस साल रिकॉर्ड टूटेइंदौर में साल 1886 के मई महीने में 107.7 मिमी यानी 4.2 इंच पानी गिरा था जबकि इस बार 114.8 मिमी यानी 4.6 इंच पानी गिर गया है। इस तरह 139 साल में इंदौर का रिकॉर्ड टूट गया है। उज्जैन में मई की बारिश का ओवरऑल रिकॉर्ड बना है। इस बार 111.8 मिमी यानी 4.3 इंच से ज्यादा पानी गिरा है। साल 2021 में कुल मासिक बारिश 65 मिमी (2.5 इंच) हुई थी। इस हिसाब से उज्जैन में मई की बारिश का ओवरऑल रिकॉर्ड बना है। देवास में मई में कभी भी इतनी बारिश नहीं हुई। यहां पर इस बार 6.3 इंच से ज्यादा पानी गिर गया। मई में ऐसा मौसम पहली बार है, जब पूरे महीने ही आंधी-बारिश का दौर रहा।जून में कैसा रहेगा मौसमइसे लेकर मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी टर्फ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम की एक्टिविटी है। इस वजह से अगले चार दिन यानी 4 जून तक आंधी-बारिश का अलर्ट है। कई शहरों में दिन-रात के पारे में थोड़ी बढ़ोतरी हो सकती है। उमस भी बढ़ जाएगी। इधर, मानसून 7 से 10 जून के बीच प्रदेश में प्रवेश कर सकता है। यदि पिछले 10 साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो मानसून के एंटर होने से पहले प्रदेश में तेज गर्मी का असर रहता है। सबसे ज्यादा ग्वालियर-चंबल गर्म रहता है जबकि भोपाल, इंदौर और उज्जैन संभाग भी जमकर तपते हैं।  

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भोपाल । माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा वर्ष 2025 की हाईस्कूल (कक्षा 10वीं) और हायर सेकेण्डरी (कक्षा 12वीं) सर्टिफिकेट द्वितीय परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए आवेदन-पत्र भरने की तिथि 8 जून तक बढ़ा दी गयी है। पहले यह तिथि 31 मई 2025 तक निर्धारित की गयी थी। जनसम्पर्क अधिकारी लक्ष्मण सिंह ने शनिवार को बताया कि हाईस्कूल और हायर सेकेण्डरी मुख्य परीक्षा में केवल अनुत्तीर्ण विषयों के लिए 8 जून 2025 की रात्रि 12 बजे तक ऑनलाइन आवेदन करने का अंतिम अवसर प्रदान किया जा रहा है। ऑनलाइन परीक्षा आवेदन भरने के लिये पूर्व में जारी किये गये निर्देश यथावत लागू रहेंगे।

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राजगढ़ । ब्यावरा शहर की पंचशील काॅलोनी में निवासरत लोगों ने पेयजल की समस्या को लेकर रविवार को राजगढ़ रोड पर चक्काजाम कर दिया, साथ ही मटके फोड़कर प्रदर्शन किया और नगरपालिका प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाए। नगरपालिका के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर समस्या का जल्द ही समाधान करने का आश्वासन दिया, तब काॅलोनीवासी रोड से हटे।     रविवार सुबह पंचशील काॅलोनी में रहवासी पानी की किल्लत को लेकर राजगढ़ रोड पर एकत्रित हो गए। जहां उन्होंने मटके फोड़कर प्रदर्शन किया और नगरपालिका प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए चक्काजाम कर दिया। काॅलोनीवासियों का कहना है कि पूर्व में दो से तीन दिन में नल आ जाते थे लेकिन अब आठ से दस दिन में नल का पानी आ रहा था। नल का पानी मात्र 20-25 मिनिट तक चलते है, जिसमें शुरुआत में नल से गंदा और बदबूदार पानी आता है, पिछले कई दिनों से इस समस्या से जूझ रहे है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नही हो सका, जिसके बारे में कई बार नगरपालिका प्रशासन से शिकायतें की गई है, इसके बावजूद भी नगरपालिका प्रशासन ध्यान नही दे रहा है। प्रदर्शन में मौजूद वार्ड क्रमांक 4 के पार्षद गिरीश शाक्यवार का कहना है कि मैं भी इसी वार्ड में रहता हूं, पेयजल की समस्या लगातार कई दिनों से चल रही है, रहवासियों को गंदा-बदबूदार पानी मिल रहा है वह भी आठ से दस दिन में। वहीं काॅलोनी के आसपास की नालियां चैक हो रही है और वार्ड में गंदगी का अंबार लगा है। प्रशासन से कई बार शिकायतें की गई, लेकिन आश्वसान के सिवाय कुछ नही मिला। नगरपालिका इंजीनियर श्री नेताम ने मौके पर पहुंचकर लोगों की समस्याएं सुनी और जल्द ही समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन दिया, समझाइश के बाद काॅलोनीवासी माने और रोड से हटे।        

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निवाड़ी । पुष्य नक्षत्र में ओरछा के रामराजा सरकार के दर्शन के लिए आए एक श्रद्धालु को हार्टअटैक आ गया। ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों ने श्रद्धालु को संभाला और सीपीआर दिया। श्रद्धालु की हालत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया। यहां उनकी मौत हो गई। घटना के समय जिले के एसपी रायसिंह नरवरिया मंदिर के बाहर व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे थे।   जानकारी के अनुसार बहादुर पुरा रोन भिंड के रहने वाले जनक बघेल (50) अपने दोस्तों के साथ रामराजा के दर्शन करने आए थे। दोपहर करीब 12 बजे जैसे ही वे मंदिर में प्रवेश करने वाले थे उन्हें चक्कर आ गए। ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें संभाला और कुर्सी पर बैठाया। हालत बिगड़ने पर इंस्पेक्टर संदीप यादव ने सीपीआर देना शुरू किया। श्रद्धालु की हालत बिगड़ने पर तुरंत बिना देरी के ओरछा थाना प्रभारी रामबाबू शर्मा ने थाने की गाड़ी से यथार्थ हॉस्पिटल ले जाया गया। जहां कुछ देर चले इलाज के बाद उनकी मौत हो गई। वहीं दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही भी इस घटना में सामने आई। मंदिर परिसर में न तो कोई डॉक्टर मौजूद था और न ही प्राथमिक चिकित्सा के उपकरण। बीपी मशीन जैसी बुनियादी सुविधाएं भी नहीं थीं। इससे भी चिंताजनक यह रहा कि वहां रखी दवाइयां एक्सपायर्ड पाई गईं। बताया जा रहा है कि जनक अपने साथी संतोष शर्मा और संजीव दास गुप्ता के साथ रोन भिंड से पुष्य मेले में रामराजा के दर्शन करने आया था।इस पूरे मामले में ओरछा थाना प्रभारी रामबाबू शर्मा ने बताया यथार्थ हॉस्पिटल में इलाज के दौरान भिंड के जनक बघेल की मौत हो गई। रामलीला मंदिर के मुख्य गेट के बाहर दर्शन के दौरान उन्हें हार्ट अटैक आया था। उन्हें बचाने की बहुत कोशिश की लेकिन नहीं बचा पाये। घटना के समय जिले के एसपी रायसिंह नरवरिया मंदिर के बाहर व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे थे।

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भोपाल । मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कंपनी कार्यक्षेत्र के भोपाल, नर्मदापुरम, ग्वालियर एवं चंबल संभाग के अंतर्गत आने वाले 16 जिलों के बिजली उपभोक्ताओं को अनेक सुविधाएं एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराई गई हैं। कंपनी ने बिजली उपभोक्ता की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए कंपनी के उपाय ऐप को अपग्रेड कर दिया है। अब बिजली उपभोक्ता कंपनी के उपाय ऐप से घर बैठे ही अपने बिजली कनेक्शन से संबंधित अनेक सुविधाओं का लाभ केवल एक ऐप के माध्यम से ही उठा सकते है। यह जानकारी जनसंपर्क अधिकारी राजेश पाण्डेय ने शनिवार काे दी।   उन्हाेंने बताया कि कंपनी ने उपाय ऐप को अपग्रेड कर समग्र आईडी के साथ ही पैन कार्ड के माध्यम से भी ई-केवायसी करने की सुविधा उपलब्ध करवाई है। उपभोक्ता परिसरों में स्थापित स्मार्ट मीटर में बिजली खपत की जानकारी को देखने के साथ ही बिजली रीडिंग, बिलिंग, चेकिंग और अन्य बिजली संबंधी कार्यवाही के लिए उपभोक्ता परिसर में आने वाले बिजली कार्मिकों की पहचान हेतु एम्पलाई वेरिफिकेशन संबंधी फीचर भी उपलब्ध कराया है। उपभोक्ता अब उपाय के माध्यम से कंपनी के अधिकृत कर्मचारी की पहचान हेतु उससे कर्मचारी नंबर पूछकर उपाय एप के एम्पलाई वेरिफिकेशन फीचर के माध्यम से देख सकेंगे और अनधिकृत व्यक्ति तथा जालसाजों द्वारा बिजली कार्मिक बनकर किये जाने वाले धोखे से भी बच सकेंगे।मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक क्षितिज सिंघल ने कहा है कि बिजली उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति और उपभोक्ता सेवाएं प्रदान करना कंपनी का प्राथमिक दायित्व है और इसी क्रम में कंपनी द्वारा उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए उपाय ऐप को अपग्रेड किया गया है। इससे उपभोक्ता अब आसानी से अपने बिजली बिलों के भुगतान के साथ ही कनेक्शन संबंधी अन्य सेवाओं जिनमें बिल भुगतान, नवीन कनेक्शन आवेदन, बिल कंप्लेंट, पॉवर कंप्लेंट, कंप्लेंट स्टेट्स, बिल कैल्कुलेटर, बिजली चोरी की सूचना (इनफॉर्मर स्कीम), नेट मीटरिंग (सोलर रूफटॉप), विजिलेंस बिल भुगतान, ई-केवायसी, स्मार्ट मीटर खपत विवरण जैसी अनेक सुविधाओं का लाभ अब एक ही प्लेटफॉर्म पर उठा सकेंगे।मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने उपभोक्ताओं से अपील की है वे गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध उपाय ऐप को डाउनलोड कर बिजली संबंधी सेवाओं का लाभ उठाएं।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में इन दिनों मौसम का मिजाज बदला हुआ है। बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र और हवा के ऊपरी भाग में बने तीन चक्रवातों के असर से प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में रुक-रुककर बारिश हो रही है। शुक्रवार को नौतपा के लगातार छठें दिन भी प्रदेश में आंधी-बारिश का दौर रहा। छतरपुर के खजुराहो में आधा इंच से ज्यादा पानी गिर गया तो गुना, रीवा, अशोकनगर, रायसेन में भी शाम को बारिश हुई। रायसेन में तो तेज बारिश होने से सड़कों पर पानी भर गया। भोपाल में दिनभर बादल छाए रहे। हालांकि, कुछ जिलों में गर्मी के तीखे तेवर देखने को मिले, लेकिन कई जिलों में दिन का पारा लुढ़का रहा। ग्वालियर की सबसे गर्म रहा। यहां अधिकतम तापमान 40.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। रीवा में 40.6 डिग्री, टीकमगढ़ में 40.5 डिग्री, सतना-सीधी में 40.4 डिग्री और खजुराहो में 40.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इकलौते हिल स्टेशन पचमढ़ी में पारा 28.2 डिग्री पर आ गया। वहीं, शिवपुरी में 29 डिग्री और छिंदवाड़ा में 32 डिग्री दर्ज किया गया। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 36.6 डिग्री, इंदौर में 34.3 डिग्री, उज्जैन में 36.5 डिग्री और जबलपुर में 38 डिग्री सेल्सियस रहा। भोपाल के मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक खजुराहो में 14 मिमी, गुना में चार, जबलपुर में तीन और सिवनी में एक मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई। इससे पहले शुक्रवार सुबह तक पचमढ़ी में 27.6 मिमी, मलाजखंड में 22.8 मिमी, खजुराहो में 13.6 मिमी, सतना में 7.7 मिमी और गुना में 0.1 मिमी वर्षा दर्ज की गई। वहीं, प्रदेश में सबसे अधिक तापमान ग्वालियर में 40.8 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम वैज्ञानिक पी.के. रायकवार और अजय शुक्ला ने बताया कि फिलहाल बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र अब कमजोर हो गया है और मेघालय की ओर बढ़ गया है। इसके अलावा पश्चिमी राजस्थान, मध्य उत्तर प्रदेश और उत्तर-पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ऊपर हवा के ऊपरी हिस्से में चक्रवात सक्रिय हैं, जो प्रदेश के मौसम को प्रभावित कर रहे हैं। हालांकि अरब सागर में कोई नया सिस्टम नहीं बना है, इसलिए फिलहाल जोरदार बारिश की संभावना कम है। मौसम विज्ञान केंद्र ने संभावना जताई है कि शनिवार को भोपाल, नर्मदापुरम, जबलपुर, ग्वालियर, चंबल, रीवा और शहडोल संभागों के जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है। हालांकि बारिश व्यापक नहीं होगी, लेकिन बादल छाए रहेंगे और कहीं-कहीं हल्की बौछारें पड़ सकती हैं। मानसून की उत्तरी सीमा मुंबई, अहिल्यानगर, आदिलाबाद, भवानीपटना, पुरी और बालुरघाट तक पहुंच गई है, जिससे आगामी दिनों में मानसून के धीरे-धीरे आगे बढ़ने की संभावना है।

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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इंदौर । मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में भी कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। यहां गुरुवार को कोरोना के दो नए मरीज मिले हैं। इनमें से एक मरीज कोलकाता से लौटा है। यहां तबीयत बिगड़ने के बाद जांच करवाई तो पॉजिटिव पाए है। एक दिन पहले यानी बुधवार को भी इंदौर में चार नए कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आए थे। अब दो नए मामलों को मिलाकर शहर में सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़कर 11 हो गई है। सभी मरीजों को होम आइसोलेशन में रखा गया है। वायरस के वैरियंट का पता करने के लिए सभी मरीजों के सैंपल भोपाल भेजे गए हैं। इंदौर के मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. बीएस सैत्या ने बताया कि पिछले 24 घंटें में शहर के अलग-अलग इलाकों में कोरोना के छह नए मरीज मिले हैं। इनमें दो मरीज गुरुवार को कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें 48 वर्षीय और 79 वर्षीय पुरूष शामिल हैं। इनमें से 48 वर्षीय कोलकाता से लौटा है। वहीं 79 वर्षीय शादी में शामिल होने के बाद से बीमार है। दोनों कोरोना पॉजिटिव को होम आइसोलेशन में चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया है। सीएमएचओ ने बताया कि जिन कोरोना मरीजों की ट्रेवल हिस्ट्री मिल रही है, उनसे संपर्क में आने वाले लोगों की भी जांच की जा रही है। डॉ. सैत्या ने बताया कि पिछले छह दिनों में इंदौर में कोरोना के 13 नए मरीज मिल चुके हैं। इनमें से चार मरीजों की बुधवार को मिले थे। चार मरीजों में 43 वर्षीय एक महिला शामिल है, जो यूनाइटेड किंगडम से लौटी है। दूसरी संक्रमित 30 वर्षीय महिला केरल से और कोरोना पाजिटिव 50 वर्षीय पुरुष मुंबई से यात्रा करके लौटा है। वहीं 54 वर्षीय महिला इंदौर में ही थी। इनमें से केरल से आई महिला के पति शुक्रवार को पॉजिटिव आए थे। पति के संपर्क में आने पर उनका भी सैंपल लिया गया, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। हालांकि, राहत की बात यह है कि सभी की हालत सामान्य है और किसी को अस्पताल में भर्ती कराने की आवश्यकता नहीं पड़ी है।    

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भोपाल । आंधी-बारिश या आए तूफान अब कैसी भी परिस्थिति हो उपभोक्ताओं को हर समय बिजली सेवाएं और निर्बाध बिजली आपूर्ति मिलेगी। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने उपभोक्ता सुविधाओं का ध्यान रखते हुए अब कंपनी कार्यक्षेत्र अंतर्गत निम्न दाब एवं उच्च दाब औद्योगिक उपभोक्ताओं की सेवाओं को और अधिक बेहतर बनाने के लिए चयनित वितरण केंद्रों में अतिरिक्त एफओसी गठित करने का निर्णय लिया है। इससे उपभोक्ता संतुष्टि बढ़ने के साथ-साथ 24 घंटे/सातों दिवस गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति करने में भी मदद मिलेगी। जनसम्पर्क अधिकारी राजेश पाण्डेय ने शुक्रवार को उक्त जानकारी देते हुए बताया कि मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कार्यक्षेत्र के ऐसे अन्य बड़े शहरों और कस्बों में जो कंपनी द्वारा पूर्व निर्धारित मानदंड की पूर्ति करते हैं और उन शहरों और कस्बों में बिलिंग दक्षता और कलेक्शन एफिशिएंसी तथा एटीएण्डसी हानियों में कमी के अच्छे आंकड़े मिलते हैं तो उन शहरों और कस्बों में भी इसी तरह से एफओसी का गठन करके उपभोक्ता सेवाओं में विस्तार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कंपनी द्वारा गठित यह एफओसी टीम 24 घंटे तीन अलग-अलग शिफ्ट में काम करेगी। भोपाल शहर के गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र के उच्च दाब उपभोक्ताओं के लिए इंडस्ट्रियल एरिया गेट वितरण केंद्र में नॉर्मल एफओसी, जबकि ग्रामीण क्षेत्र के उच्च दाब उपभोक्ताओं के लिए बगरौदा तथा बिलकिसगंज वितरण केंद्र में मिनी एफओसी टीम काम करेगी। नॉर्मल एफओसी टीम में कंपनी द्वारा प्रदाय स्मार्ट फोन सहित दो कुशल तथा दो अकुशल कर्मचारी सभी साजो-समान और जरूरी उपकरणों से लैस एफओसी वाहन सहित कार्यरत रहेंगे वहीं मिनी एफओसी में एक कुशल तथा दो अकुशल कर्मचारी काम करेंगे। इसी तरह से निम्न दाब घरेलू उपभोक्ताओं के लिए कंपनी कार्यक्षेत्र के छह सर्किलों में नई एफओसी टीम गठित की गई है। इसमें नर्मदापुरम सर्किल में पचमढ़ी टाऊन और सिवनी मालवा टाऊन जोन, राजगढ़ सर्किल में नरसिंहगढ़ शहर, रायसेन सर्किल में बेगमगंज कस्बा, अशोकनगर सर्किल में मुंगावली कस्बा तथा बैतूल सर्किल में आमला टाऊन शामिल है। यहां पर भी एफओसी टीम तीन शिफ्ट में चौबीसों घंटों काम करेगी। प्रत्येक शिफ्ट में एक कुशल तथा एक अकुशल कार्मिक शामिल होंगे जबकि एक कुशल कार्मिक रिलीवर के रूप में तैनात रहेगा। इस तरह से कुल 7 लोगों का स्टाफ रहेगा। यह एफओसी टीम 24 घंटे /सातों दिवस उपभोक्ताओं की बिजली से संबंधित समस्याओं का निराकरण तथा कम्पनी के राजस्व वसूली, नए कनेक्शन, विद्युत उपकरणों का रख रखाव और संधारण के साथ ही उपभोक्ता शिकायतों को दूर करने के लिए त्वरित काम करेगी। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने सभी आमजन और उपभोक्ताओं से अपील की है वे अपने बिजली बिलों का समय पर भुगतान कर निरंतर पेयी कंज्यूमर बने रहें। विद्युत का अनधिकृत उपयोग न करें साथ ही विद्युत चोरी करने वालों की सूचना देकर विद्युत चोरी की रोकथाम में सहयोग करें और कंपनी द्वारा चलाई जा रही इनफॉर्मर स्कीम का लाभ उठाएं। कंपनी ने कहा है कि उपभोक्ताओं द्वारा निरंतर बिल भुगतान किए जाने से अन्य क्षेत्रों में भी निर्धारित क्राइटेरिया प्राप्त होने की स्थिति मै उन क्षेत्रों को भी 24 x 7 समर्पित FOC TEAM उपलब्ध कराई जाएगी।  

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रीवा । मध्य प्रदेश के रीवा जिले के सिमरिया थाना क्षेत्र में गुरुवार को आकाशीय बिजली गिरने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई। सिमरिया गांव में अचानक मौसम बदला और आसमान से गिरी बिजली से दंपत्ति और पुत्र की मौत हो गई। परिवार के दो अन्य लोग भी झुलस गए। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विवेक लाल ने बताया कि मृतकों की पहचान आशीष वासुदेवा (32) पुत्र प्रेमलाल, उनकी पत्नी ज्योति वासुदेवा (26) और आठ वर्षीय बेटे किशन वासुदेवा के रूप में हुई है। ये तीनों एक साथ खेत के पास खड़े थे, तभी उन पर बिजली गिर गई और मौके पर ही मौत हो गई। हादसे में नैना वासुदेवा (2), प्रेमलाल वासुदेवा (55) और उनकी पत्नी मोटाई वासुदेवा (45) झुलस गए। इन्हें पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सेमरिया लाया गया, जहां से हालत गंभीर होने पर संजय गांधी मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है। इस घटना के बाद पूरे गांव में मातम का माहौल है। मध्य प्रदेश में नौतपा के पांचवें दिन गुरुवार को भी आंधी-बारिश वाला मौसम रहा। छतरपुर, सतना, सागर, मऊगंज, राजगढ़, श्योपुर, गुना समेत कई जिलों में आंधी के साथ तेज बारिश हुई। छतरपुर में खराब मौसम के चलते सीएम डॉ. मोहन यादव का दौरा रद्द हो गया। यहां गौरिहार में बने हेलीपैड में पानी भर गया। सभास्थल का टेंट भी उखड़ गया। सतना, रीवा समेत कई जिलों में तेज आंधी चली। सतना में दोपहर करीब 12 बजे एकाएक गरज-चमक के साथ तेज बारिश शुरु हो गई। चित्रकूट, नागौद व उचेहरा क्षेत्र में भी तेज हवा के साथ बारिश हुई। रीवा में हल्की बूंदाबांदी हुई, जबकि शहडोल में तेज बारिश हुई जिससे सड़कों पर पानी भर गया। अन्य जिलों में शाम को बादल छा गए और तापमान में गिरावट दर्ज की गई। इस दौरान हल्की बूंदाबांदी भी हुई है। प्रदेश में अगले कुल घंटों में कई जिलों में तेज आंधी के साथ बारिश होने का अलर्ट है। मौसम विभाग के अनुसार, श्योपुर, सागर, पांढुर्णा, दमोह और रायसेन में तेज आंधी के साथ बारिश हो सकती है। यहां 60 किमी या इससे अधिक की रफ्तार से आंधी चलने का अनुमान है।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में नौतपा का असर बेअसर दिखाई दे रहा है। भीषण गर्मी की बजाय तीसरे दिन भी आंधी-बारिश का दौर जारी रहा। भोपाल-उज्जैन समेत 15 से ज्यादा जिलों में पानी गिरा। वहीं आज बुधवार को भी भोपाल, इंदौर-उज्जैन समेत 40 जिलों में तेज आंधी चलने और बारिश होने का अलर्ट है। कुछ जिलों में आंधी की रफ्तार 50 किलोमीटर प्रतिघंटा तक रह सकती है।मौसम विभाग के अनुसार, मध्य प्रदेश के आसपास दो साइक्लोनिक सकुर्लेशन एक्टिव है। वहीं, एक ट्रफ प्रदेश से होकर छत्तीसगढ़ की ओर जा रही है। इस वजह से प्रदेश में आंधी-बारिश वाला मौसम है। 31 मई तक ऐसा ही मौसम बने रहने का अनुमान है। बुधवार के लिए भी कई जिलों में आंधी चलने और बारिश होने का अलर्ट जारी किया है। इनमें भोपाल, इंदौर, उज्जैन, सीधी, सिंगरौली, पन्ना, दमोह, मंडला, बालाघाट, सिवनी, पांढुर्णा, छिंदवाड़ा, सागर, विदिशा, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, सीहोर, शाजापुर, देवास, खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन, बड़वानी, धार, अलीराजपुर, झाबुआ, रतलाम, मंदसौर, राजगढ़, आगर-मालवा, मैहर, मऊगंज, कटनी, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, डिंडौरी और नीमच शामिल हैं। यहां हवा की रफ्तार 30 से 50 किलोमीटर प्रतिघंटा तक हो सकती है।प्रदेश के कई शहरों में मंगलवार को दिन के तापमान में बढ़ोतरी भी हुई। भोपाल में बारिश से पहले तेज गर्मी और उमस वाला मौसम रहा। भोपाल में पारा 40.2, ग्वालियर में 40.1 डिग्री, इंदौर में 35.6 डिग्री, उज्‍जैन में 37.7 डिग्री और जबलपुर में 38.5 डिग्री, टीकमगढ़ में 41.5 डिग्री, नौगांव में 41.4 डिग्री, सागर में 41.2 डिग्री, गुना-दमोह में 40.8 डिग्री और शिवपुरी में 40 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। छिंदवाड़ा में सबसे कम 34 डिग्री दर्ज किया गया। धार-सिवनी में 34.8 डिग्री, बैतूल में 34.5 डिग्री और पचमढ़ी में 34.2 डिग्री रहा। वर्ष 2024 में नौतपा के तीसरे दिन यानी 27 मई को गर्मी की बात करें तो पारा 48.7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था।

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भोपाल । “तंबाकू एक धीमा जहर है, इससे बचाव ही समझदारी” थीम पर 31 मई को “विश्व तंबाकू निषेध दिवस” पर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा प्रदेश के समस्त जिलों में तंबाकू व नशा विरोधी गतिविधियाँ पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएगे। जिनमें छात्रों, युवाओं, स्वयंसेवी संगठनों तथा विभिन्न विभागों की सक्रिय भागीदारी रहेगी।सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की प्रमुख सचिव सोनाली वायंणकर ने बुधवार को बताया कि इस वर्ष विश्व स्वास्थ्य संगठन की थीम "Exposing lies, protecting lives: Unmask the appeal of tobacco and nicotine products" पर आधारित कार्यक्रमों की श्रृंखला में प्रत्येक जिले में प्रभातफेरी, मैराथन, रंगोली, नुक्कड़ नाटक और गीत-संगीत के माध्यम से समाज को तंबाकू के दुष्परिणामों से अवगत कराया जाएगा।भोपाल में आयोजित मुख्य समारोह में स्कूली बच्चों ने रंगारंग कार्यक्रमों के माध्यम से कैंसर, टीबी और हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों से बचाव का संदेश देंगे। साथ ही, तंबाकू सेवन के दुष्प्रभावों पर आधारित वॉल पेंटिंग और पोस्टर प्रदर्शनी भी लगाई जायेगी। शहर के प्रमुख चौराहों और सार्वजनिक स्थलों पर बैनर और होर्डिंग्स के माध्यम से नशामुक्ति का संदेश, राष्ट्रीय नशामुक्ति हेल्पलाइन नंबर 14446 का भी प्रचार किया जा रहा है। इससे नशा छोड़ने के इच्छुक व्यक्तियों को उचित मार्गदर्शन मिल सके।प्रमुख सचिव वायंणकर ने बताया कि विशेष रूप से विद्यालयों और महाविद्यालयों के 100 मीटर के दायरे में पान-गुटका की दुकानों पर विक्रय पर प्रतिबंध की कार्रवाई जिला प्रशासन द्वारा की जाएगी। साथ ही, ग्रीष्मकालीन शिविरों में आयोजित चित्रकला, निबंध लेखन और भाषण प्रतियोगिताओं से विद्यार्थियों में विषय के प्रति गहरी समझ विकसित करने के प्रयास किए जा रहे है। राज्य भर में आयोजित इन गतिविधियों की प्रविष्टियाँ भारत सरकार द्वारा विकसित NMBA मोबाइल ऐप/वेबलिंक पर अपलोड की जायेगी। जिसकी जानकारी जिलों द्वारा संचालनालय को भेजी जाएगी।

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सीहोर । सीहोर की दुर्गा कॉलोनी मंगल भवन के पास खड़ी एक वैन में बुधवार सुबह अचानक आग लग गई। कुछ ही देर में आग ने वैन काे पूरी तरह से अपनी चपेट में ले लिया। वैन में लगी आग काे देख कर लाेगाें में हड़कंप मच गया। स्थानीय लोगों ने तुरंत फायर ब्रिगेड को सूचना दी। सूचना के बाद माैके पर पहुंची दमकल की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।जानकारी के अनुसार नगर के दुर्गा कॉलोनी स्थित मंगल भवन के पास खड़ी वेन में आज अचानक आग लग गई। वेन में आग लगी हुई देख क्षेत्र के लोगों ने इसकी सूचना फायर ब्रिगेड टीम को दी जिसके बाद दमकल टीम मौके पर पहुंची और बमुश्किल से आग पर काबू पाया गया अभी तक आग लगने का कारण ज्ञात नहीं हो सका है। दमकल विभाग के अनुसार उन्हें सूचना मिलते ही तत्काल कार्रवाई की गई। वैन में आग लगने का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है। यह भी पता नहीं चल सका है कि वैन किसकी है और कब से वहां खड़ी थी। दमकल विभाग मामले की जांच कर रहा है।

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हरदा । मध्य प्रदेश के हरदा में मंगलवार को अमावस्या पर नर्मदा स्नान करने आए तीन युवकों की डूबने से मौत हो गई। सूचना के बाद पुलिस और एसडीआरएफ टीम मौके पर पहुंची और तीनों के शव पानी से बाहर निकाले। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक दो युवक गहरे पानी में चले गए थे, जिन्हें बचाने तीसरा युवक गया था। घटना की जानकारी लगने पर घाट पर बड़ी संख्या में ग्रामीण जुट गए। फिलहाल पुलिस ने शवाें काे पाेस्टमार्टम के लिए भेज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार घटना मंगलवार सुबह दाेपहर करीब साढ़े ग्यारह बजे लछौरा गांव की है। डगवानीमा निवासी देवू उर्फ देवेंद्र पुत्र शिवनारायण जाट (23), भुन्नास गांव निवासी करण पुत्र महेश जाट (20) सहित एक अन्य दोस्त नदी में नहाते समय ज्यादा गहराई में चले गए और डूबने लगे। इसी दौरान घाट पर मौजूद लहाड़कुई निवासी रामदास पुत्र रामनाथ सेजकर (38) ने उन्हें देखा और बचाने के लिए नदी में कूद गया। उन्होंने एक दोस्त को तो बचा लिया, लेकिन जब देवेंद्र और करण को बचाने दोबारा नदी में गए तो खुद भी डूब गए। जहां युवक नहा रहे थे, वहां पानी की गहराई अधिक थी। इस कारण तीनों को संभलने का मौका नहीं मिला। घटना की जानकारी लगने के बाद मौके पर टिमरनी एसडीओपी आकांक्षा तलया, करताना पुलिस चौकी प्रभारी सहित पुलिस व होमगार्ड के जवान पहुंचे। तीनों युवकों के शव पानी से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल लाए जा रहे हैं।   करताना चौकी प्रभारी अनिल गुर्जर ने बताया कि घटना घाट से लगभग 700 मीटर दूर हुई। दो युवक नहाते समय डूबने लगे। उन्हें बचाने गया तीसरा युवक भी नदी की तेज धार में डूब गया। होमगार्ड और पुलिस के जवानों ने तीनों के शवों को नदी से बाहर निकाला। पंचनामा की कार्रवाई के बाद शवों को पोस्टमार्टम के लिए टिमरनी भेजा गया है। बता दें कि अमावस्या होने के कारण घाट पर पहले से ही श्रद्धालु स्नान कर रहे थे, लेकिन कोई उन्हें बचा नहीं सका। इस घटना के बाद प्रशासन और पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो रहे है। प्रतिमाह अमावस्या के पहले अधिकारी बैठक कर ग्रामीणों को सुरक्षित स्नान करने की समझाइश देते हैं। इसके बाद भी घटनाएं नहीं थम रही हैं। पहले भी नर्मदा के विभिन्न घाटाें पर लोगों के डूबने की घटनाएं हो चुकी है।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में नौतपा के दूसरे दिन भी आंधी-बारिश का दौर जारी रहा। इंदौर समेत कई जिलों में बूंदाबांदी हुई। प्रदेश में नौतपा के तीसरे दिन मंगलवार को भी इंदौर-उज्जैन समेत 30 से अधिक जिलों में आंधी-बारिश का अलर्ट है। आंधी की रफ्तार 30 से 50 किलोमीटर प्रतिघंटा तक रह सकती है। वहीं चार शहरों में तापमान 40 से अधिक रहा, बाकी के शहरों में तापमान 40 डिग्री के नीचे दर्ज किया गया है।मौसम विभाग के अनुसार, अभी लो प्रेशर एरिया और साइक्लोनिक सकुर्लेशन एक्टिव है। इस वजह से आंधी-बारिश वाला मौसम है। आने वाले चार दिन तक आंधी और बारिश का अलर्ट जारी किया है। मंगलवार को इंदौर, उज्जैन, नीमच, मंदसौर, आगर-मालवा, रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर, धार, बड़वानी, खरगोन, बुरहानपुर, खंडवा, हरदा, बैतूल, नर्मदापुरम, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी, अनूपपुर, उमरिया, शहडोल, मैहर, सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी और सिंगरौली में आंधी-बारिश का अलर्ट है। बाकी जिलों में मौसम साफ रहेगा। इस बार नौतपा के दूसरे दिन सोमवार को प्रदेश के 4 शहर- नौगांव में 41.6 डिग्री, खजुराहो में 41.4 डिग्री, टीकमगढ़ में 41 डिग्री और दमोह में पारा 40.2 डिग्री दर्ज किया गया। बाकी शहरों में तापमान 40 डिग्री से कम ही रहा।यदि पिछले साल नौतपा के दूसरे दिन 26 मई की बात करें तो 38 शहरों में पारा 40 डिग्री से अधिक था। राजगढ़ में सबसे ज्यादा 46.8 डिग्री दर्ज किया गया था। वहीं, शाजापुर में 46.6 डिग्री, निवाड़ी के पृथ्वीपुर में 46.5 डिग्री, गुना-सागर में 46.2 डिग्री, खजुराहो-सीहोर में 46 डिग्री, आंवरी में 45.7 डिग्री, ग्वालियर में 45.6 डिग्री, टीकमगढ़ में 45.5 डिग्री, भोपाल में 45.4 डिग्री, दमोह में 45.2 डिग्री, खंडवा में 45.1 डिग्री, शिवपुरी, खरगोन और नौगांव में 45 डिग्री दर्ज किया गया था।

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भोपाल । प्रदेश के समस्त शासकीय जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) एवं अशासकीय महाविद्यालयों में डी.एल.एड. पाठ्यक्रम में शिक्षण सत्र 2025-26 में प्रवेश के लिये आवेदन प्रक्रिया आज (मंगलवार) से प्रारंभ हो रही है। योग्‍य अभ्‍यर्थी एम.पी. ऑनलाइन के माध्यम से प्रवेश के लिये पंजीयन करा सकेंगे। उक्त संस्थानों में प्रवेश के इच्छुक अभ्यर्थी राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल की बेबसाइट https://rsk.mponline.gov.in/ पर जाकर जानकारी प्राप्त कर ऑनलाइन पंजीयन कर सकते हैं। जनसम्पर्क अधिकारी देवेन्द्र ओगारे ने बताया कि प्रथम चरण के प्रवेश पंजीयन की अंतिम तिथि 5 जून निर्धारित की गयी है। उल्‍लेखनीय है कि उक्‍त संस्‍थानों में डीएलएड पाठ्यक्रम की नियत सीटों पर प्रवेश, अभ्‍यर्थी के कक्षा 12वीं में प्राप्तांकों के आधार पर मैरिट अनुसार शासन द्वारा आरक्षण संबंधी जारी निर्देशों के तहत किये जाएंगे। अंतिम तिथि तक प्राप्‍त आवेदनों के आधार पर आरक्षण नियमों के अनुसार मेरिट सूची 6 जून को तथा योग्‍य अभ्‍यर्थियों को विभिन्‍न संस्‍थानों में प्रवेश आवंटन 7 जून से 10 जून तक जारी किये जायेंगे। चयनित अभ्‍यर्थी 11 जून से 16 जून के मध्‍य उन्‍हें आंवटित संस्‍थानों में प्रवेश ले सकेंगे।

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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अनूपपुर । वट सावित्रि व्रत में वट यानि बरगद के वृक्ष के साथ-साथ सत्यवान-सावित्रि और यमराज की पूजा की जाती है। माना जाता है। वटवृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों ईष्टदेवों का वास होता है। वट वृक्ष के समक्ष बैठकर पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। 26 मई को वट सावित्री पूजा के अवसर पर सुहागिन महिलाओं ने अपने पति की लम्बी आयु और अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना लिए वट सावित्री का पावन व्रत किया। सुहागिन महिलाओं ने वट वृक्षों की पूजा अर्चना कर सत्यवान-सावित्री कथा के प्रसंग में पति की लम्बी आयु की कामना लिए ईष्टदेव से सदा सुहागन का आशीष मांगा।   जिले के पसान, कोतमा, जैतहरी, बिजुरी, पसान, अमरकंटक, राजेन्द्र ग्राम, चचाई में भी वट सावित्री व्रत मौके पर सुबह से ही सुहागिन महिलाओं द्वारा मंदिरो एंव वृक्षों की परिक्रमा के साथ पूजा पाठ किया गया। पीपल, तुलसी सहित अन्य दूसरे वृक्षों में भी 108 फेरी लगाने के बाद मंदिर में पूजा अर्चना की गई। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन पूजा करने का उद्देश्य पति की लम्बी आयु के साथ परिवारिक समृद्धि की कामना होती है।   दरअसल, सुबह से ही महिलाओं ने निर्जला व्रत करते हुए नगर के मुख्य पीपल वृक्षों के तनों में अक्षय सूत्र के 108 परिक्रमा लगाते हुए कामना के सूत्र बांधे। इस विधि में हर फेरे में महिलाओं ने अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए ईष्टदेव से मन्नते मांगी। महिलाओं ने जड़ों में फल-फूल चढ़ाकर हवन-धूप भी किया।   उल्लेखनीय है  कि ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि पर वट सावित्री का पर्व मनाया गया। महिलाओं ने पति की लंबी उम्र व प्रगति के लिए निर्जला व्रत रखा।  मंगलवार 27 मई को अमावस्या तिथि प्रातः 8:33 तक रहेगी इस दिन वृष राशि का सूर्य एवं वृष राशि का चंद्रमा एक साथ आने से इस दिन वट सावित्री व्रत एवं शनि जयंती का पर्व मनाया जाएगा। हिन्दू धर्म में वट सावित्री व्रत का विशेष महत्व होता है। इस दिन विवाहित स्त्रियां अपने अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए व्रत रखती हैं। कहते हैं कि इस दिन सावित्री यमराज से अपने पति के प्राण वापस लाई थी। ऐसी मान्यता है कि विवाहित स्त्रियां इस दिन वट वृक्ष की पूजा करती हैं, वट वृक्ष की लंबी उम्र होने के कारण इस वृक्ष की पूजा की जाती है, जिससे उनके पति की उम्र भी लंबी रहे। पंडित सुनील दुबे कहते है की वट वृक्ष (बरगद पेड़) में देव निवास करते हैं। बरगद के पेड़ में जगत के पालनहार भगवान विष्णु, शिव और ब्रम्हा का वास होता है जिसकी पूजा आराधना करने से सौभाग्य, आरोग्य व सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में बताया है की वट सावित्री व्रत में 108 परिक्रमा लगानी चाहिए।  वृक्ष की कई शाखाएं नीचे की ओर झुकी रहती है जिन्हे देवी सावित्री का रूप माना जाता है। इन्ही सब मान्यताओं के आधार पर हिंदू सुहागिन महिलाए यह व्रत करके अपने सुहाग की रक्षा हेतु व्रत रख पूजन, आराधना करतीं है।   जमुना कोतमा में वट वृक्ष की हुई पूजाअखंड सौभाग्य की कामना को लेकर गुरुवार को महिलाओं द्वारा वट सावित्री का व्रत रखते हुए पूजा अर्चना कर पति की दीर्घायु जीवन की कामना की। जमुना कोतमा के रेलवे कॉलोनी, ठाकुर बाबा धाम, पंचायती मंदिर, रेस्ट हाऊस रोड शिव मंदिर, विकास नगर रोड मन्दिर सहित अन्य वट वृक्षों में सुबह से महिलाओं ने विधि विधान से पूजा करते हुए सुहागन सामग्री चूड़ी, बिंदी महावर को अर्पित कर परिक्रमा करते हुए अपने पति की दीर्घायु की कामना की। नर्मदा उद्गम अमरकंटक में महिलाओं ने की वट वृक्ष की पूजामां नर्मदा जी की उद्गम स्थली अमरकंटक में ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को महिलाओं ने सावित्री व्रत रहकर वट वृक्ष की पूजन, आराधना कर बारह परिक्रमा लगाते हुए इस पति की दीघार्यु में वृद्धि की कामना की। अमरकंटक क्षेत्र व आसपास की सुहागिन महिलाएं ही अपने पति की दीर्घायु और सुख समृद्धि के लिए व्रत रख पूजन, आराधना और वट वृक्ष की परिक्रमा लगा सौभाग्य का आशीर्वाद लिया।   

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अनूपपुर । छत्तीसगढ़ के मरवाही वन मंडल से चार हाथियों का झुंड मप्र के अनूपपुर जिले में 25 मई की देर रात प्रवेश कर गया है। यह झुंड 18 दिन तक मरवाही वन क्षेत्र में विचरण करने के बाद पुन: वापस आया है। वन्यजीव संरक्षक अनूपपुर शशिधर अग्रवाल ने बताया कि 4 हाथियों का दल जैतहरी थाना क्षेत्र में गूजर नाला पार करते हुए चोलना गांव के बाहर से होकर गुजरा, जहां से ग्राम पंचायत क्योटार के कुशुमहाई गांव ये पहुंचा। सोमवार को हाथी बीट धनगवां के जंगल में विश्राम कर रहे हैं। वन विभाग हाथियों की गतिविधियों पर लगातार नजर रख रहा है। विभाग ने ग्रामीणों को दिन में अकेले जंगल न जाने की चेतावनी दी है। इससे पहले भी तीन हाथियों ने जिले के कई वन परिक्षेत्रों में घरों में तोड़फोड़ की थी।  

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भोपाल । लोक शिक्षण संचालनालय ने माध्यमिक शिक्षा मण्डल की कक्षा-10वीं और 12वीं की द्वितीय परीक्षा की तैयारी के लिये विशेष कक्षाओं के संचालन का निर्णय लिया है। इसके लिये संभागीय संयुक्त संचालक, जिला शिक्षा अधिकारी और समस्त प्राचार्य शासकीय हाई स्कूल और हायर सेकेण्डरी स्कूल को पत्र लिखकर निर्देश जारी किये गये हैं। जनसम्पर्क अधिकारी मुकेश मोदी ने रविवार को जानकारी देते हुए बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग का प्रयास है कि द्वितीय बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले छात्र अधिक से अधिक संख्या में उत्तीर्ण होकर अपनी आगे की पढ़ाई जारी रख सकें। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कक्षा-10वीं एवं 12वीं में अध्ययनरत उत्तीर्ण विद्यार्थियों की द्वितीय बोर्ड परीक्षाएँ 17 जून से प्रारंभ होंगी। इस परीक्षा में अनुत्तीर्ण विद्यार्थियों के साथ-साथ श्रेणी सुधार के लिये विद्यार्थियों द्वारा आवेदन किये जा रहे हैं। ग्रीष्म अवकाश के दौरान विद्यालय प्राचार्य राज्य स्तर से उपलब्ध करायी गयी अध्ययन सामग्री को विद्यार्थियों के व्हाट्सअप ग्रुप पर साझा करेंगे। इसी के साथ प्राचार्य विद्यार्थियों की प्रगति की समीक्षा कर उनके कठिन बिन्दुओं के संबंध में विषय शिक्षकों के साथ साझा कर विद्यालय स्तर पर कार्य-योजना बनायेंगे। प्रदेश में शासकीय विद्यालयों में ग्रीष्म अवकाश के बाद 2 जून से 14 जून के मध्य उत्तीर्ण विद्यार्थियों के लिये शालाओं में प्रात: 10:30 बजे से कक्षाएँ संचालित होंगी। विद्यार्थियों को गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, अंग्रेजी, हिन्दी और संस्कृत विषय की अध्ययन सामग्री प्रति सप्ताह जून माह में 2, 6 और 14 जून को विमर्श पोर्टल पर प्रसारित की जायेगी। शासकीय विद्यालयों के प्राचार्यों से कहा गया है कि वे विषय शिक्षकों को अनुत्तीर्ण विद्यार्थियों के सम्पर्क में रहने को कहें। इसी के साथ उनकी शैक्षणिक प्रगति का निरंतर मूल्यांकन करें। नोडल अधिकारी बनायें जिला स्तर पर अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक को विशेष कक्षाओं के विधिवत संचालन के लिये नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाये। द्वितीय परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थियों में परीक्षा के तनाव को कम करने के लिये विद्यार्थियों से सतत चर्चा करने के लिये कहा गया है। विद्यार्थियों को विमर्श पोर्टल पर उपलब्ध टिप्स एण्ड ट्रिक्स के वीडियो दिखाये जायें। माध्यमिक शिक्षा मण्डल बोर्ड में हेल्पलाइन नम्बर 18002330175 बनाया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी से द्वितीय बोर्ड परीक्षा की उनके जिले में लगायी जा रही कक्षाओं की मॉनीटरिंग करने के लिये भी कहा गया है।

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ रोज़ सोसायटीज़ द्वारा 21वां वर्ल्ड रोज़ कंवेन्शन 2028 में भोपाल में आयोजित किया जाएगा। इस आयोजन में दुनियाभर के 700 से अधिक अंतराष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मिलित होंगे। भारत में यह आयोजन पहली बार होगा। अपनी झीलों और उद्यानों की सुरम्य पृष्ठभूमि के साथ भोपाल थीमैटिक गार्डन, तकनीकी सत्रों, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और राज्य भर में पर्यटन अनुभवों के लिए एक आदर्श मंच प्रदान करेगा। जापान के फुकुयामा शहर में आयोजित हुए 20वें वर्ल्ड रोज़ कन्वेंशन में शनिवार को इसकी आधिकारिक घोषणा हुई, जिसमें भारत का प्रतिनिधित्व मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड (एमपीटीबी) ने किया। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व मप्र पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव तथा मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक शिव शेखर शुक्ला ने किया। समारोह में वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ रोज़ सोसायटीज़ के नए अध्यक्ष सुशील प्रकाश बनाए गए। वे पहले भारतीय हैं, जो डब्ल्यूएफआरएस के अध्यक्ष के रूप में चुने गए हैं। इस अवसर पर जापान के फुकुओका शहर में इंडियन कौंसल जनरल रामकुमार के साथ एमपीटीबी के डिप्टी डायरेक्टर विवेक जूड, ट्रेवल इंडिया टूर्स के महेंद्र प्रताप सिंह और मध्य प्रदेश रोज़ सोसायटी के 14 सदस्य उपस्थित थे। कंवेन्शन के समापन समारोह में प्रमुख सचिव शुक्ला को डब्ल्यूएफआरसी द्वारा आतिथ्य का अधिकार प्रदान करते हुए सम्मान पूर्वक ध्वज सौंपा गया। समारोह में ऑस्ट्रेलिया, जापान, फिनलैंड, यूनाइटेड किंगडम, यूरोप, दक्षिण कोरिया और कई अन्य देशों के 500 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मिलित हुए। मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल रोज़ सोसायटी के मुख्य संरक्षक हैं। 21वें वर्ल्ड रोज़ कंवेन्शन के आतिथ्य का अवसर प्राप्त करना हमारे लिए गर्व का विषय: प्रमुख सचिव प्रमुख सचिव शुक्ला ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि “अतुलनीय और अद्भुत मध्य प्रदेश” में 21वें वर्ल्ड रोज़ कंवेन्शन के आतिथ्य का अवसर प्राप्त करना हमारे लिए गर्व का विषय है। मध्य प्रदेश अपनी सांस्कृतिक विरासत, धरोहर और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए विश्व में पहचाना जाता है। उन्होंने कहा कि दुनिया भर के सभी गुलाब प्रेमियों और आगंतुकों का हृदय प्रदेश में हृदय से स्वागत करते हैं। दुनिया ने देखे “अतुलनीय मध्यप्रदेश” के रंग जापान में हुए वर्ल्ड रोज़ कन्वेंशन में दुनिया ने अतुलनीय मध्य प्रदेश के अनोखे रंग देखे। व्याख्यानों और कार्यशालाओं में मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड की ओर से प्रजेंटेशन प्रस्तुत किया गया। इसके माध्यम से मध्य प्रदेश की संस्कृति विरासत, धरोहर, प्राकृतिक सौंदर्य आदि के बारे में आगंतुकों को जानकारी प्रदान की गई। मध्य प्रदेश की भागीदारी ने केवल इसकी वैश्विक पर्यटन +आकांक्षाओं को मज़बूती दी, बल्कि 2028 में होने वाले 21वें वर्ल्ड रोज़ कन्वेंशन के माध्यम से राज्य की जैव विविधता, सांस्कृतिक समृद्धि और सतत पर्यटन की दृष्टि को विश्व पटल पर प्रस्तुत किया। क्या है वर्ल्ड रोज़ कंवेन्शन वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ रोज़ सोसायटीज़ द्वारा हर तीन साल में दुनिया के अलग–अलग देशों में वर्ल्ड रोज़ कंवेन्शन का आयोजन किया जाता है। इस कंवेन्शन में दुनिया भर के गुलाब प्रेमी, विशेषज्ञ और आगंतुक एक शहर में जुटते हैं। 20वां वर्ल्ड रोज़ कंवेन्शन जापान के फुकुयामा शहर में 18 से 24 मई 2025 में आयोजित किया गया। इसके आतिथ्य का अवसर जापान रोज़ सोसायटी को प्राप्त हुआ। गुलाब की खेती, गमले में रोपण तकनीक, मिट्टी विज्ञान और बागवानी नवाचार पर केंद्रित प्रदर्शनियां, विशेषज्ञों के व्याख्यान और कार्यशालाओं का आयोजन हुआ। इसी क्रम में तीन वर्ष बाद 2028 में भोपाल, मध्य प्रदेश में इसका आयोजन होगा।  

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भोपाल । सहकारिता, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास कैलाश सारंग के नेतृत्व में शनिवार की शाम भोपाल के नरेला विधानसभा में विशाल तिरंगा यात्रा निकाली गई। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर सेना के सम्मान में नरेला विधानसभा के चार मंडलों में नागरिकों ने तिरंगा यात्रा निकाली, जिससे पूरा क्षेत्र तिरंगामय हो गया। मुख्य तिरंगा यात्रा राजधानी के अशोका गार्डन दशहरा मैदान से प्रारंभ हुई और विभिन्न मार्गों से होते हुए परिहार चौराहे पर पहुंची। जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि, युवावर्ग और महिलाएं शामिल रहीं। नागरिकों ने यात्रा का भारी पुष्पवर्षा कर जोरदार स्वागत किया। इस अवसर पर मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि तिरंगा केवल एक ध्वज नहीं, बल्कि यह भारत की एकता, संकल्प और शक्ति का प्रतीक है। यह यात्रा हमारी सेना के वीर जवानों को समर्पित है, जिन्होंने देश के दुश्मनों को उनके ही घर में घुसकर नेस्तनाबूद कर दिया। परेशन सिंदूर नये भारत के सामर्थ्य का प्रतीक यात्रा के दौरान मंत्री सारंग ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने आतंकवाद को उसकी ही जमीन पर करारा जवाब दिया है। ऑपरेशन सिंदूर नये भारत के सामर्थ्य का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान में घुसकर आतंक के अड्डों को ध्वस्त किया है। यह ऑपरेशन सिद्ध करता है कि आज का भारत आतंक के खिलाफ निर्णायक कार्यवाही करने में सक्षम है। नरेला क्षेत्र में गूंजे भारत माता के जयकारे नरेला विधानसभा क्षेत्र के सम्राट अशोक, नेताजी सुभाष, स्टेशन और महामाई मंडल में एक साथ तिरंगा यात्रा निकाली गईं। यात्राओं में हजारों की संख्या में आम नागरिक, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि और युवाओं ने भाग लिया। लोग मोहल्लों व कॉलोनियों में विभिन्न मार्गों से होते हुए मुख्य चौराहों पर पहुंचे। यात्रा के दौरान भारत माता के जयकारों और ‘वंदे मातरम्’ के नारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। हाथों में तिरंगा थामे चल रहे युवाओं के उत्साह ने सम्पूर्ण वातावरण को देशभक्ति से सराबोर कर दिया।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में पिछले एक सप्ताह से मौसम का मिजाज बदला हुआ है और कई जगह बारिश हो रही है। इसी क्रम में शनिवार को भी मंडला समेत कई जिलों में झमाझम बारिश हुई। मंडला में 9 घंटे में 45 मिमी यानी करीब दो इंच पानी गिर गया। रतलाम के पिपलौदा में आंधी-बारिश के साथ ओले गिरे। राजगढ़, मंडला, मऊगंज उमरिया समेत कई जिलों में शाम को तेज बारिश हुई। इन जिलों में 10 मिनट से लेकर एक घंटे तक तेज बारिश का दौर चला। धार में आधा इंच बारिश हुई, जबकि जबलपुर, उमरिया समेत कई जिलों में बूंदाबांदी का दौर रहा। भोपाल के मौसम विज्ञान केन्द्र से मिली जानकारी के अनुसार, अरब सागर में बना कम दबाव का क्षेत्र और तीव्र होने के बाद अवदाब के क्षेत्र में बदल गया है। इसके अतिरिक्त तीन अन्य मौसम प्रणालियों के भी सक्रिय रहने से प्रदेश में अलग-अलग क्षेत्रों में वर्षा हो रही है। शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक मंडला में 45, धार में 13, जबलपुर में पांच, उमरिया में तीन और बैतूल में 0.8 मिलीमीटर वर्षा हुई। सबसे अधिक 42 डिग्री सेल्सियस तापमान नौगांव में दर्ज किया गया। उधर, रविवार से नौतपा (25 मई से दो जून तक) की शुरुआत होने जा रही है। मौसम विभाग ने शनिवार को रात में कई जिलों में बारिश और आंधी का अलर्ट जारी किया है। मौसम का मिजाज बदलने की वजह से कई शहरों में दिन के तापमान में गिरावट हुई। नौगांव में सबसे ज्यादा तापमान 42 डिग्री दर्ज किया गया। टीकमगढ़ में 40 डिग्री और ग्वालियर में 40.6 डिग्री रहा। बड़े शहरों में भोपाल में 36.2 डिग्री, इंदौर में 34.9 डिग्री, उज्जैन में 39 डिग्री और जबलपुर में 31 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। उमरिया में सबसे कम 30 डिग्री रहा। मलाजखंड, सिवनी, सीधी, पचमढ़ी, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा और मलाजखंड में पारा 33 डिग्री से कम रहा। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक नौतपा के मध्य में तापमान बढ़ सकता है, लेकिन इस बीच कहीं-कहीं वर्षा भी होगी। दक्षिण-पश्चिम मानसून के प्रदेश में जून के दूसरे सप्ताह में पहुंचने की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानी अभिजीत चक्रवर्ती ने बताया कि शनिवार को केरल और गोवा में मानसून पहुंच चुका है। मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां भी अनुकूल बनी हुई हैं। वर्तमान में बनी मौसम प्रणालियों के असर से रविवार को भोपाल, नर्मदापुरम, जबलपुर, शहडोल, इंदौर, उज्जैन संभाग के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा होने की संभावना है। मौसम विशेषज्ञ डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि प्रदेश में साइक्लोनिक सर्कुलेशन और ट्रफ की एक्टिविटी है। इस वजह से आने वाले सात दिन तक प्रदेश में आंधी और बारिश का अलर्ट जारी किया है।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के पेंच टाइगर रिजर्व में अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस से विश्व बाघ दिवस तक की अवधि के लिये एक नया अभियान “बाघदेव’’ प्रारंभ किया गया है। “बाघदेव’’ को आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में देवता के रूप में पूजा जाता है और उनसे मन्नतें मांगी जाती हैं। यह परम्परा आज भी प्रचलित है। पेंच टाइगर रिजर्व के उप संचालक रजनीश कुमार सिंह ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए बताया कि “बाघदेव’’ अभियान में बफर क्षेत्र की सभी 130 ईको विकास समितियों में मिट्टी के बाघ बनाये जाएंगे। ईको विकास समितियों के सदस्य एवं ग्राम पंचधार के मिट्टी के बर्तन और खिलौने बनाने वाले विशेषज्ञ कुम्हार भी सहायता करेंगे। पेंच प्रबंधन द्वारा समिति सदस्यों को पोस्टर के माध्यम से जागरूक किया जायेगा। ग्रामीणजन मिट्टी के बाघ बनाकर उससे प्रकृति के इन तत्वों को वरदान के रूप में लेते हैं। उन्होंने बताया कि मिट्टी के बाघों को पार्क प्रबंधन द्वारा एकत्रित करा कर भट्टी में पकाया जाता है, जिन्हें खबासा में निर्माणाधीन स्टील स्क्रेप से बन रही बाघ कलाकृति के पास स्थापित कर नये आस्था स्थल में संजोया जायेगा। पेंच प्रबंधन का प्रयास है कि इस वर्ष टेराकोटा (मिट्टी) की कलाकृति बनायी जाये। उन्होंने बताया कि इस अभियान में ईको विकास समितियों के साथ पर्यटक एवं अन्य बफर क्षेत्र के बाहर के रहवासी भी जुड़ सकते हैं और अपने हाथ से बाघ बनाकर उसमें अपना नाम लिखकर “बाघदेव’’ से मनोकामना मांग सकेंगे, इससे बाघ संरक्षण में समुदायों के भावनात्मक जुड़ाव के साथ ही पंचधार के मूर्तिकारों के लिये रोजगार के नये अवसर भी प्राप्त होंगे। उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस 22 मई को और बाघ दिवस 29 जुलाई को मनाया जाता है।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मौसम का मिजाज बदला हुआ है। कहीं आंधी-बारिश तो कहीं गर्मी से हाल बेहाल है। मौसम विभाग की माने तो इस बार नौतपा में भी पानी बरसेगा। मौसम विभाग ने अगले 7 दिन यानी, मई के आखिरी सप्ताह में भी आंधी-बारिश का अलर्ट जारी किया है। आज शनिवार को भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन समेत कुल 47 जिलों में तेज आंधी चलने और बारिश होने का अलर्ट है।मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में साइक्लोनिक सर्कुलेशन और ट्रफ की एक्टिविटी है। इस वजह से आने वाले सात दिन तक प्रदेश में आंधी और बारिश का अलर्ट जारी किया है। शनिवार को उज्जैन, रतलाम, शाजापुर, देवास, बड़वानी, खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, अनूपपुर, शहडोल, सीधी, सिंगरौली में तेज आंधी चलेगी। जिसकी रफ्तार 60 किलोमीटर प्रतिघंटा तक रह सकती है। जबकि भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, भिंड, दतिया, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, राजगढ़, विदिशा, सीहोर, रायसेन, सागर, नरसिंहपुर, दमोह, कटनी, उमरिया, डिंडौरी, मैहर, पन्ना, सतना, रीवा, मऊगंज, धार, झाबुआ और अलीराजपुर में हल्की बारिश और आंधी का अलर्ट है। वहीं, नीमच, मंदसौर, आगर-मालवा, श्योपुर, मुरैना, निवाड़ी, टीकमगढ़ और छतरपुर में मौसम साफ रह सकता है।प्रदेश में शुक्रवार को भी आंधी और बारिश का दौर रहा। रतलाम जिले में ओले गिरे। वहीं, उमरिया और गुना में आंधी-बारिश का दौर रहा। छिंदवाड़ा, सिंगरौली, डिंडौरी, मंडला, जबलपुर, उमरिया, शहडोल, कटनी, अनूपपुर, सीधी, सागर, पन्ना, सतना, रीवा और रायसेन में भी आंधी-बारिश का दौर देखने को मिला। इधर, बारिश और आंधी की वजह से दिन के तापमान में गिरावट आई। खजुराहो, नौगांव, टीकमगढ़, गुना और शिवपुरी ही ऐसे शहर रहे, जहां पारा 41 डिग्री या इससे अधिक रहा। ग्वालियर को छोड़ बाकी शहरों में तापमान 40 डिग्री से कम ही रहा। ग्वालियर में 40.2 डिग्री, भोपाल में 36 डिग्री, इंदौर में 34.4 डिग्री, उज्जैन में 39.7 डिग्री और जबलपुर में पारा 38.2 डिग्री दर्ज किया गया। प्रदेश में सबसे ठंडा पचमढ़ी रहा। यहां तापमान 31.6 डिग्री रहा। सीधी में 32.2 डिग्री, मलाजखंड में 34 डिग्री, बैतूल-सिवनी में 34.2 डिग्री रहा।  

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इंदौर । इंदौर में शुक्रवार को कोरोना के फिर दो नए मरीज मिले हैं। दोनों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें घर पर आइसोलेट किया गया है। फिलहाल उनकी स्थिति सामान्य है। इनमें से एक की केरल की ट्रैवल हिस्ट्री भी मिली है। इन्हें मिलाकर शहर में इस साल अब तक कोरोना के पांच मरीज मिल चुके हैं। इंदौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. बीएस सैत्या ने बताया कि दोनों नए मरीज 30 और 35 वर्ष के युवक हैं। उन्हें कोई गंभीर लक्षण नहीं हैं। दोनों को बुखार, सर्दी, खांसी की शिकायत के बाद प्राइवेट लैब में जांच कराई थी। इसमें पता चला कि दोनों कोरोना पॉजिटिव हैं। इनके फिर से एक बार सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे जाएंगे। इनके संपर्क में आए लोगों की पहचान की जा रही है और उनके सैंपल लिए जाएंगे। इसके पूर्व अप्रैल में कोरोना के दो मरीज मिले थे। इनमें एक युवक था, जबकि दूसरी बुजुर्ग महिला थी। दोनों को एक प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट किया गया था। दोनों को अलग-अलग बीमारियां भी थी। इनमें से महिला की किडनी और बीमारियों के चलते मौत हो गई थी। इसके अलावा एक अन्य पॉजिटिव मरीज मिला था। इस तरह इस साल अब तक कोरोना पॉजिटिव के 5 मरीज मिले हैं।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । केन्द्र सरकार ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस संजीव सचदेवा को नियुक्त कर दिया है। इस संबंध में गुरुवार देर शाम अधिसूचना जारी कर दी गई है, जो कि 24 मई से प्रभावी होगी। गौरतलब है कि निवर्तमान चीफ़ जस्टिस सुरेश कुमार कैत आज (23 मई को) सेवानिवृत्त होने वाले हैं। न्यायाधीश संजीव सचदेवा की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति का आदेश राष्ट्रपति द्वारा जारी किया गया है। संजीव सचदेवा पहले से ही मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश हैं, 24 मई 2025 से मुख्य न्यायाधीश के रूप में अपने दायित्व संभालेंगे। यह नियुक्ति मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत के सेवानिवृत्त होने के बाद प्रभावी होगी। केन्द्र द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि "भारत के संविधान के अनुच्छेद 223 द्वारा प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए, राष्ट्रपति ने जस्टिस संजीव सचदेवा को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस के कार्यालय के कर्तव्यों का पालन करने के लिए नियुक्त किया है, जो जस्टिस सुरेश कुमार कैत की सेवानिवृत्ति के परिणामस्वरूप 24.05.2025 से उस हाईकोर्ट के चीफ़ जस्टिस के कार्यालय के कर्तव्यों का पालन करते हैं। संक्षिप्त परिचय जस्टिस संजीव सचदेवा का जन्म 26 नवंबर 1964 को दिल्ली में हुआ। उन्होंने यहीं अपनी शिक्षा पूरी की और कानून की डिग्री लेकर अधिवक्ता के रूप में नामांकन कराया। करियर की शुरुआत में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में वकालत की और 1995 में ‘एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड’ की परीक्षा उत्तीर्ण की। वर्ष 2011 में उन्हें दिल्ली हाई कोर्ट का वरिष्ठ अधिवक्ता नामित किया गया। इसके बाद 17 अप्रैल 2013 को उन्हें दिल्ली उच्च न्यायालय में अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया। सचदेवा को 18 मार्च 2015 को स्थायी न्यायाधीश बनाया गया। हाल ही में उन्होंने स्वेच्छा से मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में स्थानांतरण का विकल्प चुना था।

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अनूपपुर । दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने अनूपपुर से गुजरने वाली 18 यात्री ट्रेनों को 1 से 7 मई के एक बार फिर से रद्द करने के लिए पत्र जारी किया है। शुक्रवार को जारी पत्र के अनुसार झलवारा व सिंगरौली लाइन के बीच पीएनआई एवं एनआई वर्क होने के कारण लंबी दूरी व लोकल ट्रेनों के परिचालन को रोका गया है। वहीं बरौनी-गोंदिया ट्रेन को डायवर्ट मार्ग से चलाया जाएगा। इस दौरान अलग-अलग दिनों में ट्रेनों का परिचालन रोका जाएगा। ट्रेनों के रद्द होने से बिलासपुर से कटनी का आवागमन प्रभावित होगा। ऐसे में कई यात्रियों को परेशानियों को सामना करना पड़ सकता है। यात्रियों को कटनी व बिलासपुर की यात्रा के लिए बस या फिर निजी वाहनों का सहारा लेना भी पड़ सकता है। यह ट्रेनें होगी प्रभावितरेलवे से जारी पत्र के अनुसार एक्सप्रेस ट्रेन बिलासपुर-भोपाल 1 से 7 जून तक, भोपाल-बिलासपुर 3 से 9 जून तक, जबलपुर- अंबिकापुर अप एंड डाउन 2 से 8 जून तक, रीवा- चिरमिरी अप एंड डाउन ट्रेन 2 से 7 जून तक, लखनऊ- रायपुर गरीब रथ अप एंड डाउन 2 से 6 जून तक, दुर्ग- निजामुद्दीन अप एंड डाउन 3 से 7 जून तक, दुर्ग-अजमेर वीकली अप एडं डाउन 1 व 2 जून, दुर्ग- नवतनवा वीकली अप एडं डाउन 5 एवं 7 जून को रद्द रहेगी। इसी प्रकार पैसेंजर ट्रेन चिरमिरी-अनूपपुर अप एंड डाउन 3,5 व 7 जून, कटनी- चिरमिरी अप एंड डाउन 2 से 8 जून तक रद्द रहेगी। वहीं बरौनी-गोंदिया अप एंड डाउन ट्रेन को 2 से 6 जून तक डायवर्ट किया गया है। यह ट्रेन बरौनी से कटनी जबलपुर व नैनपुर होकर चलेगी।    

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भोपाल । मध्य प्रदेश में आंधी-बारिश का दौर जारी है। प्रदेश में दो साइक्लोनिक सर्कुलेशन और एक ट्रफ की एक्टिविटी है। जिसके चलते मौसम का मिजाज बदला हुआ है। गुरुवार को कई जिलों में तेज बारिश हुई। कई जगहों पर पेड़ भी गिरे। राजधानी भोपाल में रात को तेज आंधी के साथ झमाझम बारिश हुई। कई इलाकों में बिजली गुल रही। वहीं मौसम विभाग ने आज शुक्रवार को भी 40 से ज्यादा जिलों में आंधी-बारिश, जबकि 8 जिलों में लू का अलर्ट जारी किया है।मौसम विभाग ने शुक्रवार को भोपाल-इंदौर समेत 40 से ज्यादा जिलों में आंधी-बारिश का अलर्ट जारी किया है। इनमें 16 जिले ऐसे हैं, जहां आंधी की रफ्तार 60 किलोमीटर प्रतिघंटा या इससे अधिक भी हो सकती है। 8 जिलों में लू का अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर में लू का अलर्ट है। मौसम विभाग के अनुसार, शुक्रवार को झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी, खरगोन, बुरहानपुर, खंडवा, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, डिंडौरी और अनूपपुर में 50 से 60 किमी प्रतिघंटा तक आंधी चल सकती है। जबकि भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली, पन्ना, मैहर, उमरिया, शहडोल, कटनी, दमोह, सागर, नरसिंहपुर, रायसेन, विदिशा, सीहोर, राजगढ़, शाजापुर, देवास, धार और रतलाम में आंधी के साथ बारिश की भी संभावना है।गुरुवार रात को भोपाल समेत कई जिलों में अचानक मौसम बदल गया। तेज हवाओं के साथ बारिश होने लगी। राजधानी भोपाल में भी तेज आंधी चलने लगी। इसके बाद पानी गिरने लगा। इस दौरान शहर के कई इलाकों में बिजली गुल हो गई। इंदौर में भी रात को तेज हवाओं के साथ बारिश हुई। राजगढ़ और रायसेन में भी पानी गिरा। प्रदेश में मई के पूरे महीने में ही बारिश का दौर जारी है। पिछले 22 दिन से प्रदेश के किसी न किसी जिले में बारिश हो रही है। ऐसा ही मौसम अगले चार दिन यानी, 26 मई तक बना रहेगा। यानी, इस बार नौतपा की शुरुआत आंधी-बारिश के साथ हो सकती है।तापमान की बात करें तो गुरुवार को शिवपुरी, गुना और खजुराहो में तापमान अधिक रहा। सबसे गर्म शिवपुरी में 41.2 डिग्री, गुना में 41 डिग्री और खजुराहो में 40.2 डिग्री दर्ज किया गया। मलाजखंड सबसे ठंडा रहा। यहां तापमान 31 डिग्री सेल्सियस रहा। सीधी, बैतूल, छिंदवाड़ा और रीवा में 34 डिग्री से कम दर्ज किया गया। गुरुवार को दिन के पारे में कुछ जगहों पर गिरावट देखने को मिली। सिवनी और सतना में 8.1 डिग्री, मलाजखंड में 6.8 डिग्री, छिंदवाड़ा में 7.9 डिग्री, मंडला में 5 डिग्री, रीवा में 7.6 डिग्री, ग्वालियर में 5.1 डिग्री और शिवपुरी में 3 डिग्री तक लुढ़क गया।

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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शिवपुरी । शिवपुरी के जिला अस्पताल में एक डाक्टर ने वार्ड में भर्ती प्रसूता की हालत पूछने पर अटेंडर के साथ मारपीट कर दी। गार्ड को बुलवा कर उसे जूतों से पिटवाया। पूरा मामला सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया है। पिछोर के ग्राम अगरा निवासी पूजा पत्नी सुरेंद्र रजक को 20 मई की दोपहर तीन बजे प्रसव के लिए भर्ती कराया गया था। प्रसूता को डा अनुराग दंडौतिया ने देखा। जिला अस्पताल में जब डा अनुराग राउंड पर आए तो पूजा के जेठ बृजेश ने ने कहा कि बहू कल से भर्ती है, हम कल से उसकी स्थिति के बारे में जानना चाह रहे हैं, परंतु आप कुछ नहीं बता रहे हो। अगर कोई परेशानी हो तो आप बता दें। अगर यहां प्रसव नहीं हो सकता हो तो ग्वालियर रैफर कर दें। पीड़ित के अनुसार इस बात पर डाक्टर नाराज हो गए।पीड़ित ने अपनी शिकायत में बताया कि इस बात पर डॉक्टर ने गिरेबां पकड़कर मारपीट कर दी। प्रत्यक्षदर्शी युवती के अनुसार डाक्टर ने पहले अंकल का पर्चा फेंका और फिर उनके साथ मारपीट कर दी। गार्ड ने इस छीनाझपटी में अटेंडर का मोबाइल छीन लिया, जिसे बाद में अस्पताल प्रबंधक ने वापस दिलवाया।पीड़ित परिवार का कहना है कि उनकी बहू भर्ती थी, परंतु डाक्टरों ने उसे पलंग पर डालने के अलावा कुछ नहीं किया था। यही कारण रहा कि उन्हें डाक्टर से पूछना पड़ा कि बहू की स्थिति कैसी है? हालाकि मारपीट और हंगामे के बाद अस्पताल प्रबंधन ने प्रसूता का अल्ट्रासाउंड करवा दिया गया, उसे ड्रिप भी लगवा दी गई और उसकी देखरेख भी बढ़ा दी। पूजा के स्वजनों के अनुसार वह पूजा को लेकर इसलिए भी ज्यादा चिंतित थे, क्योंकि पिछले साल भी पूजा का पिछोर में सामान्य प्रसव हुआ था, परंतु प्रसव के बाद उसकी बेटी की मौत हो गई थी।वहीं दूसरी ओर जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ बीएल यादव ने पत्रकारों को बताया कि इस मामले की जांच करवाने के लिए दो सदस्यीय दल गठित किया है। सीसीटीवी फुटेज भी चेक करवा रहे हैं। फिजिकल वायलेंस उचित नहीं है। अगर डाक्टर की गलती है तो एनएचएम को पत्र लिख कर उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखेंगे। अगर अटेंडर की गलती होगी तो उस पर भी कार्रवाई करवाएंगे। वहीं दूसरी ओर इस आरोपों के बाद जिला अस्पताल के डा अनुराग दण्डौतिया ने बताया कि मरीज हाई रिस्क पेसेंट था और डा नीरजा शर्मा के हैंडओवर था, मैंने मरीज को देखा था, परंतु वह गाली गलौच करने लगा, जो मुझे उचित प्रतीत नहीं हुआ। इसी के चलते पूरा घटनाक्रम घटित हुआ।    

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भोपाल । भोपाल के हुजूर तहसील क्षेत्र में गुरुवार को अवैध कॉलोनी और सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर बड़ी कार्रवाई की गई। जेसीबी की मदद से अतिक्रमण तोड़ा गया। हुजूर तहसील के सिंकराबाद-खरपा में 3 कॉलोनी के गेट जेसीबी की मदद से तोड़ दिए गए। वहीं, बरखेड़ी में भी कार्रवाई हुई।     ग्राम खरपा में समृद्धि फार्म पर अवैध कॉलोनी पर कार्रवाई की गई। गेट को जेसीबी की मदद से तोड़ा गया। सड़क, बाउंड्रीवॉल भी बना ली गई थी।ग्राम सिकंदराबाद में नूर खान पिता अनवर खान, आरिफ पिता पीरदास खान की भूमि अवैध कॉलोनी पर कार्रवाई हुई। इसके अलावा ग्राम सिकंदराबाद में अरविंदो कॉलेज के सामने उजमा इम्तियाज पति तारिक सिद्दीकी की भूमि पर विकसित हो रही अवैध कॉलोनी पर कार्रवाई की गई।ग्राम बरखेड़ी बाज्यफत में राधाकृष्ण परिसर एवं एचके बिल्डर्स की अवैध कॉलोनी पर कार्रवाई की गई। ग्राम कोड़िया में डॉ अनिल खेवानी द्वारा कुशाग्र ग्रीन फार्म्स में अवैध कॉलोनी पर विकसित की जा रही थी। यहां भी जेसीबी की मदद से निर्माण तोड़ दिए गए। ग्राम कोड़िया में शासकीय आवागमन के रास्ते पर अनधिकृत निर्माण को हटाया गया। हुजूर एसडीएम विनोद सोनकिया ने बताया, अवैध कॉलोनियों में किए गए निर्माण की पहले जांच की गई। जांच के बाद गुरुवार को पुलिस बल के साथ कार्रवाई की गई।      

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मई के महीने में सावन-भादौ जैसा मौसम देखने को मिल रहा है। बुधवार को ओले, बारिश और आंधी का दौर जारी रहा। कुछ जिलों में तेजी गर्मी भी रही। देर रात छतरपुर और मुरैना में तेज आंधी में पेड़ गिर गए, जिससे बिजली के तार टूट गए। प्रदेश में आज गुरुवार को भी भोपाल, इंदौर समेत 35 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। वहीं ग्वालियर-चंबल में लू चलेगी।मौसम विभाग के अनुसार, एक ट्रफ मध्य प्रदेश के ऊपर से गुजर रही है। वहीं, एक साइक्लोनिक सकुर्लेशन सिस्टम की एक्टिविटी भी है। इस वजह से प्रदेश में आंधी-बारिश का दौर चल रहा है। अगले कुछ दिन तक ऐसा ही मौसम बना रहेगा। गुरुवार को भी 35 जिलों में आंधी-बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली, उमरिया, शहडोल, नरसिंहपुर, नर्मदापुरम, रायसेन, विदिशा, सीहोर, शाजापुर, देवास, धार और रतलाम में तेज आंधी और बारिश होने की संभावना है। जबकि ग्वालियर, मुरैना, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़ और छतरपुर में लू चलने का पूर्वानुमान है। वहीं, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला, बालाघाट, सिवनी, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, बैतूल, हरदा, खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर और झाबुआ में आंधी का ऑरेंज अलर्ट है। इन जिलों में हवा की रफ्तार 60 किलोमीटर प्रतिघंटा तक रह सकती है।प्रदेश के 13 से ज्यादा जिलों में बुधवार को आंधी-बारिश का दौर रहा। कुछ जिलों में ओले भी गिरे। भोपाल-इंदौर में दोपहर तक तेज गर्मी रही, लेकिन इसके बाद हल्की बारिश शुरू हो गई। सीहोर के कई गांवों में ओले गिरे। रतलाम, विदिशा में तेज आंधी वाला मौसम रहा। धार, रतलाम, छिंदवाड़ा, नर्मदापुरम, रायसेन, रीवा, सागर, बालाघाट में भी बारिश का दौर चलता रहा। होशंगाबाद रोड पर मंडीदीप और औबेदुल्लागंज के बीच 10 से ज्यादा बिजली के पोल तेज हवा से झुक गए।इधर, छतरपुर प्रदेश का सबसे गर्म जिला रहा। खजुराहो में तापमान 46 डिग्री और नौगांव में 45.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। टीकमगढ़ में 44.5 डिग्री, गुना में 44.4 डिग्री, शिवपुरी में 44.2 डिग्री, सतना में 43.6 डिग्री, दमोह में 42 डिग्री, सीधी में 41.9 डिग्री, उमरिया, रीवा-सागर में 41 डिग्री और मंडला में 40.2 डिग्री दर्ज किया गया। बड़े शहरों की बात करें तो ग्वालियर में सबसे ज्यादा 44.6 डिग्री, भोपाल में 39.1 डिग्री, इंदौर में 36.8 डिग्री, जबलपुर में 41 डिग्री और उज्जैन में तापमान 38.7 डिग्री सेल्सियस रहा।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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जबलपुर । हाईकोर्ट ने आदेश सुनाते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह एलोपैथिक और आयुष डॉक्टरों के समान पशु चिकित्सकों की रिटायरमेंट की उम्र को 65 वर्ष तक बढ़ाने के लिए आवश्यक प्रावधान बनाए। कोर्ट ने निर्णय में स्पष्ट तौर पर कहा कि यह संशोधन,जिसमें केवल एलोपैथिक और आयुष डॉक्टरों की रिटायरमेंट आयु को 65 वर्ष किया गया, लेकिन पशु डॉक्टरों को इससे बाहर रखा गया, संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत समानता के अधिकार का सीधा उल्लंघन है। कोर्ट ने कहा कि समान पद और सेवा में कार्यरत व्यक्तियों के बीच भेदभाव करना भारत के संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ है, और इस प्रकार का विभाजन केवल असमानता को बढ़ावा देता है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए अपने फैसले में कहा कि पशु चिकित्सकों की सेवा का भी उतना ही महत्व है जितना एलोपैथिक और आयुष डॉक्टरों की सेवाओं का। उन्होंने कहा कि जब तीनों ही चिकित्सा सेवाएं सरकार के अधीन काम कर रही हैं, और जनता की भलाई के लिए समान रूप से योगदान दे रही हैं, तब केवल पदनाम या उपचार के विषय के आधार पर सेवानिवृत्ति की आयु में अंतर करना गैर-जरुरी और असंवैधानिक है।राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2011 में एक संशोधन अधिनियम के माध्यम से एलोपैथिक और आयुष पद्धति के डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु 62 से बढ़ाकर 65 वर्ष कर दी गई थी। यह निर्णय सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में काम कर रहे डॉक्टरों के अनुभव और कुशलता को ध्यान में रखते हुए लिया गया था, जिससे चिकित्सा सेवाओं को मजबूती मिल सके। परंतु इसी दौरान राज्य सरकार के पशुपालन एवं डेयरी विभाग में कार्यरत पशु चिकित्सकों को इस लाभ से वंचित रखा गया। इस अन्याय के खिलाफ पशु चिकित्सकों के एक समूह, जिनमें डॉ. ओपी सिंह सहित कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे, ने वर्ष 2022 में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। उन्होंने अपनी याचिका में स्पष्ट रूप से कहा कि सरकार द्वारा किया गया यह भेदभाव संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत समानता के अधिकार का उल्लंघन है। उनका तर्क था कि वे भी डॉक्टर हैं, सरकार की सेवा में हैं और जानवरों का इलाज करते हैं, तो उन्हें केवल इसलिए भिन्न मानना कि वे इंसानों का इलाज नहीं करते, यह पूरी तरह से अनुचित और गैरकानूनी है। कोर्ट ने न केवल भेदभावपूर्ण संशोधन को असंवैधानिक ठहराया, बल्कि राज्य सरकार को यह भी निर्देश दिया कि वह जल्द से जल्द पशु चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष निर्धारित करने के लिए आवश्यक नियम और प्रावधान बनाए। साथ ही कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि जब तक सरकार नए नियम नहीं बनाती, तब तक यह निर्णय प्रभावी रहेगा। यानी अब राज्य के सभी पशु चिकित्सक 65 साल की उम्र तक सेवा में बने रह सकेंगे।          

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मौसम के दो रंग देखने को मिल रहे है। कहीं भीषण गर्मी तो कहीं बारिश का दौर जारी है। कल सोमवार को कई जिलों में आंधी तूफान के साथ बूंदाबांदी हुई। वहीं खजुराहो में पारा 46 डिग्री तक पहुंच गया है। मौसम विभाग ने मंगलवार को भी भोपाल, इंदौर, ग्‍वालियर समेत 40 से ज्यादा जिलों में तेज आंधी के साथ बारिश की चेतावनी जारी की है।मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में अभी साइक्लोनिक सकुर्लेशन और टर्फ की एक्टिविटी है। इनकी वजह से अगले कुछ दिन तक बारिश और आंधी का असर बना रहेगा। मंगलवार को जिन जिलों में अलर्ट जारी किया है, उनमें भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, मुरैना, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, रीवा, सीधी, सिंगरौली, पन्ना, दमोह, मंडला, बालाघाट, सिवनी, पांढुर्णा, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, सागर, विदिशा, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, सीहोर, शाजापुर, देवास, खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन, बड़वानी, धार, अलीराजपुर, झाबुआ, रतलाम, मंदसौर और नीमच शामिल हैं। यहां 30 से 50 किलोमीटर प्रतिघंटा तक आंधी चल सकती है। कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश भी होगी।इससे पहले सोमवार को भी आंधी, बारिश का दौर जारी रहा। इंदौर के महू में आंधी की रफ्तार इतनी तेज थी कि घरों की टिन उड़ गईं। भोपाल में तेज आंधी के साथ बारिश हुई। देवास, दमोह, गुना सागर, छिंदवाड़ा, रायसेन, बड़वानी, मऊगंज, रतलाम और बीना में भी पानी गिरा। सीधी में सवा इंच पानी गिर गया। शिवपुरी में आधा इंच बारिश हुई। बड़वानी के सेंधवा ब्लॉक के बिजासन घाट क्षेत्र में आधे घंटे आंधी से कई कच्चे मकानों की छतें उड़ गईं। मंदिर क्षेत्र में लगी गुमटियां भी उड़ गईं। एक मकान की दीवार भी गिर गई।तापमान की बात करें तो छतरपुर जिले के खजुराहो में पारा रिकॉर्ड 46 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। सीजन में पहली बार इतना पारा पहुंचा है। वहीं, नौगांव में 44.7 डिग्री, टीकमगढ़ में 44.6 डिग्री, शिवपुरी में 44 डिग्री रहा। इसी तरह सतना में 43.2 डिग्री, ग्वालियर में 43.1 डिग्री, दमोह में 43 डिग्री, सीधी में 42.8 डिग्री, गुना में 42.7 डिग्री, सागर में 41.7 डिग्री, रीवा में 41.4 डिग्री, मंडला में 41 डिग्री, शाजापुर में 40.8 डिग्री, उमरिया में 40.5 डिग्री, रतलाम में 40.4 डिग्री और नर्मदापुरम में 40.2 डिग्री रहा। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 40.2 डिग्री, इंदौर में 38.6 डिग्री, उज्जैन में 40.5 डिग्री, जबलपुर में 40.7 डिग्री सेल्सियस रहा।    

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मुरैना । पागल कुत्ते ने कैलारस क्षेत्र के तीन ग्रामों में दो दर्जन से ज्यादा लोगों को काट लिया। कुत्ते के काटने से गर्भवती महिला सहित आंगनवाड़ी कार्यकर्ता  गंभीर घायल हुए है। सभी मंगलवार सुबह अपने घरेलू कार्य में लगे हुए थे तभी तीन गांव रिझोनी, ब्रह्मबजना, सारसबाई पुरा के बुजर्ग महिला बच्चों सहित गर्भवती महिला एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहित लागभग दो दर्जन लोगों को पागल कुत्ते ने काट लिया। कुत्ते के काटने के बाद सभी के परिवारजन अपने-अपने घायलों को लेकर कैलारस स्वास्य केंद लेकर पहुंचे। वहीं आगनवाड़ी कार्यकर्ता मीना कुशवाह पति सत्यवीर कुशवाह के परिजन गम्भीर हालत को देखते हुए गांव से मुरैना ले आये।    गर्भवती महिला मनीषा कुशवाह पत्नी सुघर सिंह कुशवाह सहित अन्य घायलों का इलाज स्वास्थ्य केंन्द्र कैलारस में किया जा रहा हैं। वहीं कुछ घायलों को परिजन जौरा और मुरैना भी ले गए है। वहीं तीन गांव में दो दर्जन से अधिक लोगों की काटने की सूचना मिलते ही बीएमओ डॉ. एसआर मिश्रा, तहसीलदार विश्राम सिंह बघेल, उपनिरीक्षक संतोष गौतम, प्रधान आरक्षक पंचम सिंह स्वास्थ्य केंद्र कैलारस पहुंचे और घायलों से जानकारी ली। वहीं बीएमओ डॉ. एस.आर मिश्रा ने बताया की सभी का इलाज चल रहा हैं। किसी मरीज को परेशानी होगी तो रेफर किया जाएगा।   ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर शाक्य ने बताया कि बेजनाथ शर्मा, गर्भवती मनीषा कुशवाह, वैकुंठी धाकड़ को परेशानी होने के कारण जिला चिकित्सालय रेफर किया गया है। वहीं अन्य सभी का इलाज जारी हैं। घायलों में वैकुंठी, विजय सिंह, गादीपाल, माया, मीरा, बेजनाथ, जगदीश, मनीषा, रश्मि, रामदीन, मीना, अंचल, काजल, मीरा सहित अन्य लोगों को कुत्ते ने काटा हैं। इसी प्रकार दो माह पूर्व ग्राम सुजानगढ़ी में एक अबोध बालिका को कुत्ते ने बुरी तरह घायल कर दिया था।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में भीषण गर्मी के बीच बारिश का अलर्ट है। प्रदेश के आधे हिस्सों में तेज गर्मी और आधे में बारिश की चेतावनी जारी की गई है। वहीं 25 मई से 2 जून तक नौतपा में भी बारिश होने के आसार है। मौसम विभाग का कहना है कि प्रदेश के ग्वालियर-चंबल और सागर संभाग में अगले 2 दिन तेज गर्मी रहेगी। यहां के 8 जिलों में लू का अलर्ट है। वहीं, चार सिस्टम की वजह से भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, नर्मदापुरम संभाग में आंधी और बारिश का दौर रहेगा। 21 और 22 मई को पूरे प्रदेश में 30 से 50 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से आंधी चल सकती है।मौसम विभाग के अनुसार, वर्तमान में चार साइक्लोनिक सर्कुलेशन और एक टर्फ एक्टिव है। इस वजह से प्रदेश में मौसम बदला हुआ है। कल यानी, 20 मई से ज्यादा असर देखने को मिलेगा। 21 और 22 मई को ज्यादातर जिलों के लिए आंधी-बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। आज सोमवार को ग्वालियर, भिंड, मुरैना, श्योपुर, शिवपुरी, निवाड़ी, टीकमगढ़ और छतरपुर में हीट वेव यानी, लू का अलर्ट है। वहीं, भोपाल, इंदौर, उज्जैन, गुना, अशोकनगर, विदिशा, रायसेन, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, डिंडौरी, अनूपपुर, बैतूल, नर्मदापुरम, सीहोर, हरदा, राजगढ़, शाजापुर, देवास, खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन, आगर-मालवा, खरगोन, बड़वानी, धार, नीमच, मंदसौर, रतलाम, झाबुआ और अलीराजपुर में आंधी, बारिश का दौर रहेगा।प्रदेश में आंधी और बारिश के बीच तेज गर्मी का असर भी है। रविवार को राजगढ़, विदिशा, अशोकनगर समेत कई जिलों में मौसम बदला रहा। वहीं, ग्वालियर, गुना, खजुराहो, सीधी, शिवपुरी और टीकमगढ़ में पारा 43 डिग्री या इससे अधिक रहा। मौसम विभाग के अनुसार, खजुराहो में 43.8 डिग्री, ग्वालियर-गुना में 43.7 डिग्री, सीधी में 43.4 डिग्री, शिवपुरी-टीकमगढ़ में पारा 43 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सतना, रीवा, दमोह, उमरिया, सागर, रायसेन, रतलाम, खंडवा में पारा 40 डिग्री से अधिक रहा। बड़े शहरों की बात करें तो इंदौर में 37.4 डिग्री, भोपाल में 39.1 डिग्री, उज्जैन में 39 डिग्री और जबलपुर में 39.9 डिग्री सेल्सियस रहा।

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शिवपुरी । माधव टाइगर रिजर्व में रविवार को नर बाघ एमटी-5 का सेटेलाइट कॉलर बदलने का कार्य सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। बाधवगढ़ टाइगर रिजर्व से लाकर छोड़े गए नर बाघ एमटी-5 के पुराने सेटेलाइट कॉलर में खराबी आने के कारण उसे निश्चेतन कर नया कॉलर पहनाया गया। यह कार्य अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं माधव टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक उत्तम कुमार शर्मा के निर्देशन में किया गया। टीम में उप संचालक प्रियांशी सिंह, वन्यप्राणी चिकित्सक डॉ. जितेन्द्र कुमार जाटव, कूनो वन्यप्राणी चिकित्सक एवं डब्ल्यू.आई.आई. की टीम तथा परिक्षेत्र अधिकारी दक्षिण और माधव टाइगर रिजर्व का अमला भी शामिल रहा। क्षेत्र संचालक उत्तम कुमार शर्मा ने बताया कि इस तकनीकी सुधार से नर बाघ एमटी-5 की सुरक्षा और ट्रैकिंग में और अधिक प्रभावी नियंत्रण सुनिश्चित होगा, जिससे संरक्षित क्षेत्र में वन्यजीव संरक्षण कार्यों को मजबूती मिलेगी।

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शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में उत्तर वन मंडल के ब्यौहारी वन परिक्षेत्र परिक्षेत्र के सनौसी और डोडा जंगल में सोमवार सुबह जंगली हाथियों के हमले में दो लोगों की मौत हो गई। दो ग्रामीण जंगल में पत्ती तोड़ने गए थे। इसी दौरान उन्हें जंगली हाथियों ने कुचलकर मार डाला। मृतकों में एक पुरुष और एक महिला शामिल है। हादसे के बाद वन विभाग और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची है। वहीं, गांव में इस घटना को लेकर गुस्से का माहौल है।   वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, इन दिनों जंगली हाथियों का एक दल ब्यौहारी वन परिक्षेत्र में विचरण कर रहा है। सनौसी गांव के उमेश कोल अपनी पत्नी के साथ जंगल में पत्तियां तोड़ने गया था। उसी समय बांधवगढ़ की तरफ से दो जंगली हाथी वहां पहुंच गए। उमेश अचानक हाथियों के सामने आ गया। हाथियों ने उसे कुचलकर मार डाला। उमेश की पत्नी जान बचाने के लिए भागकर एक पेड़ पर चढ़ गई। उसने पेड़ से लोगों से मदद के लिए आवाज लगाई। गांव के लोग दौड़े, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। उमेश की मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद हाथी संजय गांधी टाइगर रिजर्व की ओर निकल गए।   वहीं, सनौसी से करीब एक किलोमीटर दूर डोडा जंगल में एक महिला की जंगली हाथियों ने कुचलकर हत्या कर दी। पुलिस के अनुसार, 45 वर्षीय महिला देवगनिया बैगा (पत्नी एतु) जंगल में पत्तियां तोड़ रही थी, तभी अचानक वहां हाथी आ पहुंचे और उन्होंने महिला को कुचल दिया। पहले सिर्फ एक ग्रामीण की मौत की जानकारी थी, लेकिन जब पुलिस और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची, तो उन्हें दूसरी घटना की जानकारी भी मिली और वे तुरंत डोडा जंगल पहुंचे और जांच शुरू की। वन अधिकारियों ने बताया कि घटना की जांच पड़ताल की जा रही है।   ग्रामीणों ने बताया कि हाथियों के कुचलने से ही मौत हुई है। ग्रामीणों ने कहा कि पिछले दो साल से क्षेत्र में हाथियों का आना-जाना लगा हुआ है और खेती-बाड़ी को नुकसान पहुंचाने के साथ अब लोगों की जान भी लेने लगे हैं। वन विभाग अपने स्तर से लोगों को हाथियों के नजदीक जाने से रोकता है और जागरूकता फैला रहा है, लेकिन इससे हाथियों पर अंकुश नहीं लगा है। हाथियों के दल जहां भी मन करता है, उस गांव में घुस जाते हैं और लगातार नुकसान पहुंचा रहे हैं। इससे गांव के लोग परेशान हो गए हैं।   वन विभाग के एसडीओ रेशम सिंह धुर्वे ने बताया कि दोनों ग्रामीणों की मौत जंगली हाथियों के हमले से हुई है। उन्होंने कहा कि ये हाथी नए हैं और आज सुबह बांधवगढ़ जंगल से निकलकर बनास नदी होते हुए संजय गांधी टाइगर रिजर्व की ओर जा रहे थे। उसी रास्ते में ये हादसे हो गए। एसडीओ ने यह भी बताया कि मृतकों के परिजनों को तुरंत 50-50 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाएगी।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भाेपाल । राजधानी भोपाल में बागसेवनिया थाना क्षेत्र में एक शराब की दुकान के गेट को लेकर रविवार दोपहर जमकर हंगामा हुआ। फॉरच्यून डिलाइट सोसाइटी के बाहर बड़ी संख्या में रहवासी इकट्ठा हुए और शराब दुकान के दूसरे गेट के खिलाफ प्रदर्शन किया। रहवासियों का आरोप है कि शराब ठेके का एक गेट पहले से मेन रोड की ओर था, लेकिन अब ठेकेदार ने इसका दूसरा गेट भी रोड की दूसरी दिशा में खोल दिया है। इससे मोहल्ले के लोग खासतौर पर महिलाएं और बच्चे असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।   बागसेवानिया स्थित संचालक को जिस जगह पर दुकान आवंटित की गई है, उस तरफ से दुकान का शटर बनाकर शराब बेची जा रही हैं लेकिन दुकान संचालक ने दुकान के पिछली तरफ भी पीएचई विभाग की जमीन पर कब्जा कर दूसरा गेट खोल दिया है। दुकान के आगे पीछे दो गेट बनाकर धड़ल्ले से शराब बेची जा रही है। अवैध रूप से पीछे बनाये गए गेट के चलते वहां के रहवासी ने बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरे और विरोध जताया है। दरअसल अवैध रूप से खोले गए इस गेट के सामने कई कालोनियां है। शराब की दुकान का यह अवैध शटर इन लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। सुबह से ही यहां खरीदारों की भीड़ लग जाती है जो देर रात तक जारी रहती है। ऐसे में यहां से स्कूल-कालेज जाने वाली बच्चियों या फिर कालोनी के निवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। शाम होते ही कालोनी के लोगों को घरों में कैद रहने मजबूर हो जाना पड़ता है।सोसाइटी की अध्यक्ष विभा श्रीवास्तव ने बताया कि शराब दुकान के लिए जो लाइसेंस मिला है, वह पहले गेट के लिए ही जारी हुआ था। दूसरा गेट खोलना पूरी तरह से अवैध है। जिस तरफ दूसरी गेट खोली गई है। वहां पास ही में बाजार भी है। लोग अक्सर बाजार जाते रहते हैं। ऐसे में यह सुरक्षित नहीं है। वहीं लाइट नहीं होने से एक्सीडेंट का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा गली में कई गुमटियां लग गई हैं, जिससे यहां भीड़भाड़ बनी रहती है। इससे महिलाओं और बच्चों का निकलना मुश्किल हो गया है।   रहवासियों के विरोध की खबर मिलते ही मौके पर प्रशासनिक अधिकारी भी पहुंचे। मीडिया के कैमरे और एसडीएम को देखते ही शराब दुकान में मौजूद स्टाफ ने फौरन अवैध तरीके से खोले गए शटर को बंद कर दिया। एसडीएम ने जब दुकान के दस्तावेज जांचे तो पिछला गेट अवैध रूप से खोलना पाया गया, जिसके बाद दुकान संचालक को चेतावनी दी गई है। फिलहाल दबाव के बाद दुकान का दूसरा गेट बंद कर दिया गया है, लेकिन लोगों को आशंका है कि इसे फिर से खोला जा सकता है। यदि ठेकेदार ने दोबारा गेट खोला, तो रहवासी आगे की कार्रवाई करेंगे।  

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ग्वालियर । मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा स्थापना का मामला लगातार गरमाता जा रहा है। इस मामले में शनिवार को फिर वकीलों और भीम आर्मी के सदस्यों में झडप हो गई। इस दौरान वकीलों ने भीम आर्मी के कार्यकर्ता को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। दो दिन पहले डॉ. अंबेडकर की मूर्ति की स्थापना का विरोध करने वाले वकीलों ने भीम आर्मी को चेतावनी दी थी कि यह गली-मोहल्ला नहीं कोर्ट है, यहां भीम आर्मी आकर दिखाएं। इस पर शनिवार को भीम आर्मी नेता रूपेश केन अपनी टीम के साथ पहुंच गए। यह देख वकील एकजुट हो गए। उन्होंने भारी पुलिस फोर्स के बीच भीम आर्मी नेता रूपेश केन और उनके साथियों से मारपीट कर दी। यह पूरा घटनाक्रम शनिवार शाम को सिटी सेंटर में हाईकोर्ट परिसर के बाहर सड़क पर हुआ है। सड़क पर सिर्फ वकील, पुलिस और भीम आर्मी ही नजर आ रही थी। कोर्ट परिसर के आसपास भारी फोर्स तैनात की गई है। दरअसल, हाईकोर्ट परिसर में जैसे ही बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की मूर्ति लगाने की चर्चा हुई वैसे ही विवाद ने जन्म ले लिया। बार एसोसिएशन मूर्ति लगाने को लेकर विरोध जता रही है। बार एसोसिएशन का कहना है कि हाईकोर्ट की सात सदस्यीय बिल्डिंग कमेटी ने भी परिसर में मूर्ति लगाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। इसके बावजूद बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के अनुयायी वकीलों का एक गुट मूर्ति लेकर हाईकोर्ट पहुंच गया था। उनका कहना था कि उनके पास इजाजत है और मूर्ति की स्थापना होनी है। क्रेन के जरिए मूर्ति लगाने का प्रयास शुरू होते ही बार एसोसिएशन ने विरोध जताते हुए हंगामा खड़ा कर दिया। हालात बिगड़ते देख पुलिस प्रशासन के अधिकारियों के साथ ही पुलिस फोर्स मौके पर पहुंचा। दो दिन पहले हुए तनाव और हंगामे के बाद वकीलों के एक गुट ने अंबेडकर की मूर्ति लगाने का प्रयास कर रहे लोगों को चेतावनी दी थी कि वह भीम आर्मी को बुलाकर लाए हैं, लेकिन भीम आर्मी आ जाए या कोई यहां मूर्ति नहीं लगने देंगे। इसके बाद भीम आर्मी के नेता रूपेश केन अपने साथियों के साथ पहुंच गए। शनिवार शाम वह हाई कोर्ट के बाहर खड़े हो गए। तनाव को देखते हुए पहले ही काफी तादाद में पुलिस बल तैनात था। शाम पांच बजे जैसे ही कोर्ट से वकील बाहर निकले तो वहां भीम आर्मी को देखते ही वहां हंगामा खड़ा हो गया। मौके पर गुस्साए अधिवक्ताओं ने भीम आर्मी के सदस्य रुपेश कैन के साथ जमकर मारपीट कर दी। हंगामा बढ़ता देख पुलिस ने भीम आर्मी के नेताओं को संभाला और वहां से दूर ले जाने लगे, लेकिन जैसे ही उन्होंने जय भीम के नारे लगाए तो वकीलों ने उनको घेर लिया। इसके बाद जमकर मारपीट की है। कुछ देर तक हाई कोर्ट परिसर के बाहर की वो सड़क जिसे वीआईपी कहा जाता है वह किसी जंग का मैदान नजर आ रही थी। हर तरफ पुलिस और पुलिस नजर आ रही थी। पुलिस ने तत्काल भीम आर्मी को वहां से हटाया और हालात पर नियंत्रण पाया है। हालांकि खबर लिखे जाने के समय तक किसी गुट पर कोई कानूनी कार्यवाही नहीं हुई थी। एएसपी कृष्ण लालचंदानी ने बताया कि आज एक डेट दी गई थी जिस पर डिसाइड होना था कि मूर्ति की स्थापना कब और कैसे की जाएगी। इसके बाद वहां दो पक्षों में झड़प हुई है। पुलिस ने हालात को नियंत्रण में लिया है। अब इस मामले में 19 मई की तारीख निर्धारित की गई है।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मौसम के दो रंग देखने को मिल रहे है। प्रदेश में कहीं तेज धूप तो कहीं बारिश का दौर जारी है। प्रदेश में अगले 4 दिन यानी, 21 मई तक दिन में लू चलेगी, जबकि रातें भी गर्म रहेंगी। वहीं, भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर समेत प्रदेश के अधिकांश हिस्से में तेज आंधी और बारिश का दौर भी रह सकता है। आज रविवार को भी 26 जिलों में मौसम के दो रंग देखने को मिलेंगे।मौसम विभाग के अनुसार, तीन साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम इन दिनों एक्टिव है। इनका असर मध्य प्रदेश में भी देखने को मिल रहा है। इस कारण आंधी और बारिश हो रही है। वहीं, अब गर्मी का असर भी देखने को मिल रहा है। अगले चार दिन तक आंधी, बारिश के साथ लू का भी अलर्ट है। आज रविवार को ग्वालियर, भिंड, मुरैना, श्योपुर, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, गुना, अशोकनगर में हीट वेव यानी, गर्म हवाएं चल सकती है। वहीं, सीधी और उमरिया में रातें गर्म रहेंगी। यहां न्यूनतम तापमान सामान्य से 4-5 डिग्री अधिक रह सकता है। दूसरी ओर, झाबुआ, अलीराजपुर, धार, बड़वानी, खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर, हरदा, बैतूल, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला और बालाघाट में हल्की बारिश, तेज आंधी चल सकती है।प्रदेश में शनिवार को मौसम के दो रंग देखने को मिले। कहीं बारिश और तेज आंधी वाला मौसम रहा तो कहीं तेज गर्मी का असर देखने को मिला। बैतूल में 17 मिमी यानी, आधा इंच से ज्यादा पानी बरस गया। वहीं, नौगांव, सीधी, विदिशा, सिंगरौली, गुना में भी बारिश हुई। दूसरी ओर, प्रदेश के कई शहरों में गर्मी का असर देखा गया। सबसे गर्म छतरपुर का खजुराहो रहा। यहां तापमान 44.4 डिग्री दर्ज किया गया। छतरपुर के ही नौगांव में 44 डिग्री सेल्सियस रहा। सीधी और टीकमगढ़ में 43.6 डिग्री, दमोह-सतना में 43.5 डिग्री, शिवपुरी-गुना में 43.2 डिग्री, सागर में 43 डिग्री, रीवा में 42.8 डिग्री, मंडला में 42 डिग्री और रायसेन में 41.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बड़े शहरों की बात करें तो ग्वालियर में 44.2 डिग्री, जबलपुर में 41.2 डिग्री, भोपाल में 40.8 डिग्री, उज्जैन में 39.5 डिग्री और इंदौर में पारा 38.2 डिग्री सेल्सियस रहा। पचमढ़ी में सबसे कम 33.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में इन दिनों मौसम में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा हैं। कभी तेज गर्मी पड़ने लगती है तो कभी अचानक तेज आंधी के साथ बारिश होने लगती है। ऐसा ही मौसम अगले 4 दिन यानी, 20 मई तक रहेगा। इस दौरान आंधी-बारिश के साथ लू भी चलेगी। आज शनिवार को भोपाल, इंदौर, उज्जैन समेत 39 शहरों में आंधी और बारिश का अलर्ट है, जबकि 3 जिले- रीवा, मऊगंज और उमरिया में रातें गर्म रहेंगी। इससे पहले शुक्रवार को ग्वालियर, खजुराहो और नौगांव में तापमान 45 डिग्री या इससे अधिक दर्ज किया गया।मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में 3 साइक्लोनिक सर्कुलेशन और एक टर्फ की एक्टिविटी है। इस वजह से बारिश और आंधी चल रही है। बारिश के साथ गर्मी का असर भी देखने को मिलेगा। इसके लिए अलर्ट जारी किया है। शनिवार को जिन जिलों में बारिश होने और आंधी चलने का अलर्ट है, उनमें भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर, भिंड, शिवपुरी, दतिया, अशोकनगर, विदिशा, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, सीहोर, राजगढ़, शाजापुर, देवास, खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन, आगर-मालवा, नीमच, मंदसौर, रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दमोह, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, बालाघाट, सिंगरौली शामिल हैं। यहां 30 से 50 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से आंधी चल सकती है।इससे पहले शुक्रवार को डिंडौरी, सिवनी, बुरहानपुर, खरगोन, बड़वानी, मंडला, अनूपपुर, सिवनी, बालाघाट, पांढुर्णा, बैतूल, धार, खरगोन समेत कई जिलों में मौसम बदला रहा। यहां आंधी और बादल वाला मौसम देखने को मिला। प्रदेश में आंधी-बारिश के बीच शुक्रवार को गर्मी के तेवर भी देखने को मिलें। एक बार फिर दिन का तापमान 45 डिग्री के पार पहुंच गया। छतरपुर जिला सबसे गर्म रहा। यहां के खजुराहो में पारा सबसे ज्यादा 45.8 डिग्री पहुंच गया। ग्वालियर और नौगांव में भी 45 डिग्री दर्ज किया गया। इस सीजन में पहली बार तापमान इतना पहुंचा।इसी तरह सतना में 44.1 डिग्री, गुना, शिवपुरी-टीकमगढ़ में 44 डिग्री, रीवा में 43.6 डिग्री, सीधी में 42.4 डिग्री, दमोह में 41.5 डिग्री, उमरिया में 40.5 डिग्री, सागर में 40.2 डिग्री और रायसेन में 40 डिग्री रहा। पांच बड़े शहरों में ग्वालियर के बाद जबलपुर सबसे गर्म रहा। यहां तापमान 40.3 डिग्री दर्ज किया गया। भोपाल में 38.4 डिग्री, इंदौर में 36.9 डिग्री और उज्जैन में 39 डिग्री सेल्सियस रहा।  

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बैतूल । सिवनी से फिरोजपुर कैंट जा रही पातालकोट एक्सप्रेस (20423) की एक यात्री बोगी के पहिए से शनिवार दोपहर में अचानक धुआं निकलने लगा, जिससे ट्रेन को बैतूल के मलकापुर स्टेशन पर रोकना पड़ा। पहिए से धुआं उठता देख ट्रेन में सवार यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। जानकारी मिलते ही रेलवे का तकनीकी अमला मौके पर पहुंचा और सुधार कार्य करने के बाद ट्रेन को रवाना कर दिया गया। यात्रियों के अनुसार, पातालकोट एक्सप्रेस सिवनी से रवाना होकर छिंदवाड़ा होते हुए बैतूल जिले के मलकापुर स्टेशन पर पहुंची थी, तभी इंजन से पांचवीं बोगी के नीचे से तेज धुआं निकलने लगा। झांक कर देखा तो बोगी के नीचे पहियों के पास से धुआं उठ रहा था। इस घटना से यात्रियों में कुछ समय के लिए घबराहट फैल गई। ट्रेन को तुरंत रोक दिया गया। करीब 30 मिनट बाद ट्रेन को बैतूल के लिए रवाना किया गया। आमला स्टेशन प्रबंधक सुनील गुप्ता ने बताया की घटना शनिवार दोपहर 12.43 बजे आमला से मलकापुर स्टेशन के पास हुई। पातालकोट एक्सप्रेस की एक बोगी में ब्रेक जाम होने से धुआँ निकलना लगा था। रेलवे की टीम मौके पर पहुँची और जांच की गई। रेलवे के आला अधिकारी की सूचना कर दी गई है। मरम्मत कार्य होने के बाद ट्रेन को आगे के लिए रवाना कर दिया है। स्टेशन प्रबंधक के मुताबिक ट्रेनों में ब्रेक लॉक जाम होने के कारण हल्का धुआं निकला था। उन्होंने कहा कि फाइबर ब्रेक लॉक की वजह से कभी-कभी ऐसी स्थिति बन जाती है। बैतूल स्टेशन पर भी ट्रेन को रोककर ब्रेक लॉक को रिलीज किया गया।    

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मंदसौर । मध्य प्रदेश में मंदसौर नारकोटिक्स विंग ने शुक्रवार को ड्रग्स तस्करी के बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ करते हुए तीन अंतरराज्यीय तस्करों को गिरफ्तार किया है। तस्करों के पास से एक किलो 110 ग्राम एमडी ड्रग्स बरामद की गई है, जिसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक करोड़ 11 लाख रुपये बताई जा रही है। जानकारी के अनुसार, नारकोटिक्स विंग को सूचना मिली थी कि तस्कर लहसुन से भरी एक पिकअप वाहन में एमडी ड्रग्स छिपाकर ले जा रहे हैं। इस सूचना पर नीमच-मिर्जापुर फंटे पर शुक्रवार दोपहर घेराबंदी की गई। जैसे ही संदिग्ध पिकअप पहुंची, उसे रोककर तलाशी ली गई। जांच में वाहन के भीतर एक किलो 110 ग्राम एमडी जब्त की गई। इस दौरान तीन तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार आरोपियों में मंदसौर के मदारपुरा निवासी 32 वर्षीय शम्सुद्दीन उर्फ अन्नू, मुंबई माहिम वेस्ट निवासी 47 वर्षीय यामीन खान और 50 वर्षीय समीर शेख शामिल हैं। जांच में खुलासा हुआ है कि शम्सुद्दीन राजस्थान में 41 किलो अफीम तस्करी के मामले में आरोपी था और पिछले 4 महीने से पैरोल पर फरार चल रहा था। अब वह भी नारकोटिक्स विंग की गिरफ्त में है। थाना प्रभारी भरत चावड़ा ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ में सामने आया है कि वे मंदसौर से एमडी ड्रग्स ले जाकर मुंबई के माहिम और आसपास के क्षेत्रों में सप्लाई करते थे। तीनों आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। नारकोटिक्स विंग अब ड्रग्स नेटवर्क के बाकी सदस्यों और लिंक को खंगालने में जुट गई है। जल्द ही ड्रग्स सप्लाई चैन और फाइनेंशियल लिंक की जांच शुरू की जाएगी।

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राजगढ़। सारंगपुर क्षेत्र के ग्राम डिंगलपुर में अवैध खनन की शिकायत पर प्रशासन ने शुक्रवार को छापेमार कार्रवाई की, टीम ने मौके से एक जेसीबी,एक डंपर और दो ट्रेक्टर जब्त किए, जबकि खनन माफिया मौके से फरार हो गए, जब्त वाहनों को सारंगपुर थाना परिसर में रखा गया है।     तहसीलदार आकाश शर्मा के अनुसार ग्राम डिंगलपुर क्षेत्र में लंबे समय से मुरम और पत्थर के अवैध खनन का काम चल रहा था, शिकायत पर टीम के साथ दबिश दी गई और मौके से एक जेसीबी मशीन, एक डंपर और दो ट्रेक्टर जब्त किए गए, जबकि खनन माफिया मौके से फरार हो गए। कार्रवाई की जानकारी एसडीम और कलेक्टर को भेजी गई है। खनन की गई जमीन का घनमीटर के हिसाब से आंकलन कर दोषियों से जुर्माना बसूल किया जाएगा।      

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भोपाल । केन्द्रीय भू-जल बोर्ड के वरिष्ठ वैज्ञानिक राकेश सिंह के नेतृत्व में भू-जल विशेषज्ञों की टीम ने विदिशा जिले के जल स्रोतों का सर्वे किया है। जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत इस तरह के सर्वे प्रदेश भर में कराए जाएंगे। इनकी सर्वे रिपोर्ट के आधार पर जल स्रोतों के रिचार्ज के लिए संरचनाएं बनाई जाएंगी। इस कार्रवाई को मानसून के सक्रिय होने से पूर्व पूरा कर लिया जाएगा।जनसंपर्क अधिकारी सोनिया परिहार ने शुक्रवार को बताया कि जल गंगा अभियान के अंतर्गत प्रदेश की एकल नल जल योजनाओं के स्रोतों के स्थायित्व और निरंतरता के लिए रिचार्ज संरचनाओं का निर्माण किया जाना है। गांवों में रिचार्ज संरचनाओं के लिए स्थल चयन की सरल और सहज विधि आवश्यक है। इसके लिए प्रथम चरण में विदिशा जिले के तीन गांवों का चयन किया गया है। इनमें विदिशा विकासखंड का लालाखेड़ी, ग्यारसपुर विकासखंड के सिमरहार और मूडरा गणेशपुर शामिल हैं।सर्वे के लिए वैज्ञानिक सिंह और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की भू-जल विद सलाहकार डॉ. स्वाति जैन ने जनपद पंचायत और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के इंजीनियर्स को प्रशिक्षण दिया। गांवों में खनित नलकूपों का वास्तविक सर्वेक्षण कर उनकी गहराई, जलस्तर, केसिंग की जानकारी एकत्रित की गई। ग्रामीणों को रिचार्ज संरचनाओं की उपयोगिता समझाई गई। प्रशिक्षण में मुख्य रूप से रिचार्ज का मापदंड, वर्षा जल का प्रभावी रूप से रिचार्ज होना और प्रदूषण रहित जल से भू-जल पुनर्भरण किये जाने के बारे में बताया गया। वैज्ञानिक सिंह ने बताया कि गांव के ढलान के अनुसार पानी को दिशा देकर 3-3 मीटर के फिल्टर के माध्यम से नलकूपों में पुनर्भरण किया जा सकता है।चौपड़ा मंदिर स्थित भैरूगढ़ बावड़ी की सफाईदेवास जिले में जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत नगरीय निकायों और ग्राम पंचायतों में जल संरक्षण के कार्य किये जा रहे हैं। अभियान जल की एक-एक बूंद को सहेजने के लिए गुड़ी पड़वा से प्रारंभ हुआ ये अभियान गंगा दशहरा 30 जून 2025 तक जारी रहेगा। अभियान में जल संरचनाओं के निर्माण एवं गहरीकरण का कार्य किया जा रहा है। इसी क्रम में नगर निगम देवास की टीम ने जन भागीदारी के साथ चौपड़ा मंदिर स्थित भैरूगढ़ बावड़ी 947 श्रमदान कर साफ-सफाई की।शहडोल के गांव-गांव में श्रमदान से जल संरक्षणजल गंगा संवर्धन अभियान अंतर्गत शहडोल में ‘आओ बचाएं जल, करे सुरक्षित कल’, ‘पानी बचाओ कल के लिये’, और ‘पानी की बर्बादी जीवन की बर्बादी’ जैसे स्लोगन्स के साथ जल संरक्षण के लिये जनप्रतिनिधियों, जन अभियान परिषद के सदस्यों, समाजसेवी और स्थानीय नागरिकों के सहयोग से जल संग्रहण संरचनाओं के जीर्णोद्धार, नदी नालों की सफाई, बोरी बंधान और तालाबों का गहरीकरण जैसे जल संरक्षण के अनेक कार्य निरंतर किये जा रहे है। अभियान के अंतर्गत शहडोल के सुमन सरोवर और पोनांग तालाब की साफ-सफाई की गई।ईच्छापुर की प्राचीन शिव पावबावड़ी में स्वच्छता अभियानबुरहानपुर में जन अभियान परिषद ने जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत जल संरक्षण के ईच्छापुर गांव में सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों के सहयोग से शिव पावबावड़ी पर स्वच्छता अभियान संचालित किया। बावड़ी की साफ-सफाई के साथ ही विद्यार्थियों को जल संरक्षण की शपथ भी दिलवाई गई।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में नमी के साथ आ रही हवाओं से विभिन्न जिलों में बारिश का दौर बना हुआ है। शुक्रवार को भी इंदौर, उज्जैन समेत 21 जिलों में बारिश हो सकती है, जबकि भोपाल, ग्वालियर में गर्मी का असर रहेगा। मौसम विभाग ने 17 मई से उत्तरी हिस्से के जिलों में हीट वेव यानी, गर्म हवाएं चलने का अलर्ट जारी किया है।मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में साइक्लोनिक सर्कुलेशन और टर्फ की एक्टिविटी है। इस वजह से बारिश और आंधी चल रही है। अगले दो-तीन दिन में गर्मी का असर भी बढ़ेगा। उत्तरी हिस्से में तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हो सकती है। शुक्रवार को जिन जिलों में आंधी और बारिश का अलर्ट है, उनमें इंदौर, उज्जैन, रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी, धार, देवास, खरगोन, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, बैतूल, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, उमरिया, रीवा, मऊगंज शामिल हैं।इससे पहले गुरुवार को भी प्रदेश में तेज आंधी, बारिश और गर्मी वाला मौसम रहा। सिवनी में 9 घंटे में डेढ़ इंच से ज्यादा पानी गिर गया। वहीं, इकलौते हिल स्टेशन पचमढ़ी में पौन इंच बारिश दर्ज की गई। उज्जैन, टीकमगढ़, धार, मंडला में भी बारिश हुई। बैतूल, झाबुआ, रतलाम, उज्जैन, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा, हरदा, अलीराजपुर, बड़वानी, खंडवा, खरगोन, बालाघाट, रायसेन, नर्मदापुरम और इंदौर जिलों में रात के समय मौसम बदला रहा।इधर, गुरुवार को कई शहरों में गर्मी का असर देखने को मिला। खजुराहो में 43.4 डिग्री, नौगांव में 42.7 डिग्री, शिवपुरी-रीवा में 42 डिग्री, सतना में 41.6 डिग्री, गुना में 41.3 डिग्री, सीधी में 41.2 डिग्री और उमरिया में तापमान 40 डिग्री दर्ज किया गया। पचमढ़ी में सबसे कम 32.2 डिग्री सेल्सियस रहा। पांच बड़े शहरों की बात करें तो ग्वालियर सबसे गर्म रहा। यहां तापमान 43 डिग्री दर्ज किया गया। भोपाल में 37.3 डिग्री, इंदौर में 36.4 डिग्री, उज्जैन में 37 डिग्री और जबलपुर में तापमान 38.5 डिग्री सेल्सियस रहा।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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सिवनी । घंसौर थाना क्षेत्र अंतर्गत गुरूवार की सुबह लगभग 11.30 बजे करीब ग्राम सारसडोल के समीप एक दर्दनाक हादसा हो गया। जहां रील बनाते समय डेमो ट्रेन की चपेट में आने से एक युवक की मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों से मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार  11.30 बजे सारसडोल के समीप ट्रेन की पटरियों के पास 2 युवक रील बनाकर और फ़ोटो खींच रहे थे। ट्रेन को आता देख दोनों वहां से हट गए और ट्रेन के निकल जाने के बाद फिर फ़ोटो खींचने लगे। उसी समय अचानक पीछे से एक डेमो ट्रेन आ गई। दोनों युवको ने पटरियों से हटने का प्रयास किया जिसमें एक युवक बच गया लेकिन दूसरा युवक डेमो ट्रेन से टकरा गया जिससे उसकी मौत हो गई। इस बात की जानकारी प्रत्यक्ष दर्शियों ने घंसौर पुलिस को दी। सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और युवक के शव का पंचनामा बनाते हुए शव पोस्टमार्टम उपरांत अंतिम संस्कार किया गया। पुलिस घटनाक्रम की जांच कर रही है।

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में जल गंगा संवर्धन अभियान में जल स्त्रोतों की साफ-सफाई के काम में समाज के प्रत्येक वर्ग की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। इसके परिणाम समाज के सामने आ रहे है। जल के महत्व को समझाने के लिये सांस्कृतिक गतिविधियों का सहारा लिया जा रहा है। कुछ क्षेत्रों में जन-प्रतिनिधियों ने पदयात्रा निकाल कर पानी के महत्व का संदेश जन-सामान्य को दिया गया।वाह्य नदी को बारहमासी नदी में बदलने के लिये पदयात्राजनसंपर्क अधिकारी मुकेश मोदी ने गुरुवार को बताया कि भोपाल जिले के बैरसिया में जल गंगा संवर्धन अभियान में वाहृय नदी स्थल का भूमि-पूजन किया गया और वाह्य नदी को बारहमासी नदी में बदलने के लिये बैरसिया विधायक विष्णु खत्री के नेतृत्व में पद यात्रा शुरू की गई। यह यात्रा तहसील के विभिन्न ग्रामों से होती हुई खजुरिया रामदास पर समाप्त हुई। बैरसिया में जल स्त्रोतों को चिन्हित कर उनके संरक्षण कर कार्ययोजना तैयार कर संरक्षण का कार्य शुरू किया गया है। प्राचीन बावड़ी का चिन्हांकन भी किया गया है। उनके ऐतिहासिक महत्व के बारे में जन-सामान्य को जानकारी दी जाएगी।एकल नल जल योजनाओं के स्रोतों के रिचार्ज के प्रयासविदिशा जिले में एकल नल जल योजनाओं के स्रोतों के स्थायित्व और निरंतरता के लिए मनरेगा की योजनाओं के साथ अभिसरण कर रिचार्ज संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए केंद्रीय भूजल बोर्ड के वरिष्ठ वैज्ञानिक और राज्य स्तरीय भुजलविद ने जिले के चयनित गाँव का दौरा किया। ग्रामीणों को बताया गया कि वर्षा की हर बूंद को भूमि के अंदर संरक्षण करके रखना बहुत जरूरी है। ग्रामीणों को वर्षा के जल को रिचार्ज करने की विधि के बारे में बताया गया। ग्रामीणों को बताया गया कि ग्राम के ढलान के अनुसार पानी को दिशा देकर 3-3 मीटर के फिल्टर के माध्यम से असफल नल-कूपों में पुनर्भरण किया जा सकता है।जागरूकता के लिये विशेष प्रयाससीहोर जिले में 30 मार्च से जल गंगा संवर्धन अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत जिले भर में जल संरक्षण से संबंधित अनेक गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं। अभियान के तहत आमजन को जल संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए दीवार लेखन, जागरूकता रैली, पोस्टर बैनर, रंगोली, ग्राम सभाएं, कलश यात्राएं, शपथ सहित अनेकों गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। अभियान के तहत जिले के अनेक ग्रामों में कूप मरम्मत, तालाब जीर्णोद्धार, डैम की साफ-सफाई सहित अनेक कार्य किए जा रहे हैं तथा नागरिकों को जल संरक्षण की शपथ भी दिलाई जा रही है।832 पुरानी जल संरचनाओं पर कामग्वालियर जिले की 263 ग्राम पंचायतों में जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत जल संरचनायें तेजी से आकार ले रही हैं। कार्यों में तेजी आने से इस अभियान में जिले की रैंकिंग में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। जिले में कहीं पर खेत-तालाब, कहीं पर अमृत सरोवर तो कहीं पर पुराने कुँओं के पुनर्भरण के लिये संरचनायें बनाई जा रही हैं। साथ ही पिछले वर्षों की जल संरचनाओं को पूरा करने का काम भी अभियान के तहत हो रहा है। जिले की 263 ग्राम पंचायतों में वर्तमान में वर्षा जल सहेजने के लिये 1610 कार्य चल रहे हैं। इसके अलावा 832 पुरानी जल संरचनाओं को पूरा करने का काम भी प्रमुखता से कराया जा रहा है।प्राचीन और ऐतिहासिक बावड़ी की सफाईझाबुआ जिले के ग्राम भगोर की प्राचीन व ऐतिहासिक बावड़ी में श्रमदान कर साफ-सफाई की गई। झाबुआ कलेक्टर नेहा मीना के निर्देशानुसार मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद ग्राम भगोर के केसरिया की प्राचीन ऐतिहासिक कसारा की बावड़ी में श्रमदान कर साफ-सफाई की गई। जिला समन्वयक प्रेमसिंह चौहान ने बताया कि पूरी बावड़ी में पेड़ों के पत्ते बिखरे हुए थे और गंदगी पसरी हुई थी जिसे ग्राम पंचायत, विद्यार्थी, नवांकुर संस्था के सदस्यों द्वारा मिलकर सफाई की गयी। गौरतलब हैं की यह अति प्राचीन बावड़ी है जो की बड़े बड़े पत्थरों से बनी हुई है। इस बावड़ी में पुराने समय में लोग पानी तक पीते थे। परंतु आज पुरानी होने की वजह से कीचड़ व पत्तों से भर गई है। ग्रामवासियों ने मिलकर इसकी साफ-सफाई की। बावड़ी में पानी दिखाई देने लगा। श्रमदान कार्यक्रम में सभी को जल गंगा संवर्धन अभियान में जल संरक्षण की शपथ दिलाई गई।प्राचीन सूरजकुंड बावड़ी की सफाईइंदौर जिले में जन अभियान परिषद के तत्वावधान में जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत देपालपुर के प्रसिद्ध मंगलेश्वर मंदिर स्थित प्राचीन सूरजकुंड बावड़ी की सफाई का महाअभियान आयोजित किया गया। इस अभियान में परिषद की प्रस्फुटन समितियों के सदस्य, मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास पाठ्यक्रम के छात्र, नवांकुर तथा सामाजिक कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल हुए। सफाई अभियान के दौरान सूरजकुंड बावड़ी की गंदगी को हटाकर जल संरक्षण के प्रति जनजागरूकता का संदेश दिया गया।जल क्षेत्रों के पास पौध-रोपण की योजनाबुरहानपुर जिले में कलेक्टर हर्ष सिंह के निर्देश पर जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत जल संसाधन विभाग द्वारा सावली तालाब के गहरीकरण का कार्य किया जा रहा है। इससे क्षेत्रवासियों की जल की आपूर्ति पूर्ण हो सकेगी। वहीं तालाब के गहरीकरण से वन्य जीवों, पशुओं तथा आस-पास के पेड़-पौधों के लिए भी लाभदायक रहेगा। जिले में 3 माह तक चलने वाले अभियान का उद्देश्य नये तालाब बनाना वहीं पुराने तालाबों, बावड़ियों और कुँओं का जीर्णोद्धार, पुनर्जीवन व गहरीकरण करना है। अभियान अंतर्गत जल क्षेत्रों के आसपास पौध-रोपण किये जाने की योजना भी तैयार की जा रही है।ताप्ती घाट पर की गई सफाईखंडवा जिले के विकासखंड खालवा के ग्राम नागौतार में ताप्ती घाट पर साफ-सफाई अभियान चलाया गया। घाट की सफाई में एकत्र किया गया कूड़ा-कचरा उचित स्थान पर निस्तारित किया गया। कार्यक्रम में ग्रामीणों को जल संरक्षण की शपथ दिलाई गई। बच्चों और ग्रामीणों ने जल संरक्षण के महत्व को समझा और इसे अपने दैनिक जीवन में अपनाने का संकल्प लिया। घाट की सफाई का कार्य आगे भी जारी रहेगा।तालाब विस्तारीकरण के लिये 10 लाख रुपये मंजूरकटनी जिले की जनपद पंचायत रीठी में विभिन्न जल स्रोतों नदी, तालाबों, कुआं, बावड़ी तथा अन्य जल स्रोतों के संरक्षण एवं पुनर्जीवन के कार्य के लिए सभी ग्राम पंचायतों में जल संरक्षण के कार्यों के साथ-साथ सफाई के कार्य किये जा रहे हैं। इसी क्रम में ग्राम पंचायत जमुनिया में जिला पंचायत कटनी में 10 लाख रूपये की लागत से तालाब विस्तारीकरण कार्य स्वीकृत किया गया है। यह कार्य प्रगतिरत है। कार्यस्थल पर पीने का पानी, छाया एवं उपचार किट की व्यवस्था ग्राम पंचायत द्वारा की गई। इस तालाब का जीर्णोद्धार हो जाने से पशुओं को पीने के लिये पानी तथा ग्रामीणों को निस्तार के लिये पानी उपलब्ध होगा। इस कार्य से 2 हजार 500 मानव दिवसों का स्थानीय स्तर पर ग्रामीण श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध होगा।जन-जागरूकता के लिये जल संगोष्ठी, दीवार लेखन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का सहयोगनरसिंहपुर जिले में जल गंगा संवर्धन अभियान में एनसीआई हाई स्कूल बसुरिया में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये गये। कार्यक्रम में शिक्षकों ने विद्यार्थियों और जन-समुदाय को जल संरक्षण के महत्व के बारे में जानकारी दी। ग्रामीणों को बताया गया कि यदि अभी भी हम जल के महत्व को नहीं समझे, तो लोगों को भविष्य में जल को लेकर परेशानी का सामना करना पड़ सकता। आने वाली पीढ़ी के लिए हम सभी को मिलकर जल का सदुपयोग करने और जल का दुरूपयोग रोकना होगा। लोगों को जल संरक्षण व संवर्धन के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से जल संगोष्ठी, रंगोली प्रतियोगिता, दीवार लेखन, लोकनाट्य, लोकगीत व अन्य गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं।जल है तो कल है, आओ मिलकर कदम बढ़ाएंशहडोल जिले में जल गंगा संवर्धन अभियान प्रगति पर है। गंगा संवर्धन अभियान के तहत जिले में 30 जून 2025 तक जल को सहेजने, संरक्षण एवं संवर्धन के लिये जल संवर्धन अभियान चलाया जा रहा है। जिसके तहत जिले के समस्त जनपद पंचायत के ग्रामों में ग्रामीण उत्साह एवं उमंग के साथ जल का महत्व समझते हुए श्रमदान कर अपनी सहभागिता निभा रहे हैं। जन-सामान्य को बताया जा रहा है कि जल है तो कल है, आओ मिलकर कदम बढ़ाएं"। जल गंगा संवर्धन अभियान में जिले की नगरपालिका ब्यौहारी के वार्ड नंबर-2 के चौधरी तालाब में लोगों ने श्रमदान कर जल संरक्षण का संदेश दिया।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मौसम का स्ट्रांग सिस्टम एक्टिव है। वैसे तो आमतौर पर मई माह प्रदेश में सबसे अधिक गर्मी लेकर आता है, लेकिन इस साल मौसम के बदले मिजाज ने लोगों को लू की तपिश और भीषण गर्मी से काफी हद तक राहत दी है। प्रदेश के कई हिस्सों में बादल छाए हुए हैं और रुक-रुक कर हल्की बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने प्रदेश में अगले 4 दिन यानी 18 मई तक आंधी-बारिश का अलर्ट जारी किया है। इंदौर, उज्जैन समेत प्रदेश के 27 जिलों में गुरुवार को तेज आंधी चल सकती है। वहीं, बारिश होने के भी आसार है।मौसम विभाग के अनुसार, गुजरात के ऊपर एक साइक्लोनिक सकुर्लेशन सिस्टम एक्टिव है। इस वजह से प्रदेश में बारिश और आंधी की एक्टिविटी है। वहीं, एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) भी सक्रिय हुआ है। आज गुरुवार को 27 जिलों में तेज आंधी के साथ बारिश होने की संभावना है। इनमें इंदौर, उज्जैन, रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर, धार, बड़वानी, खरगोन, देवास, खंडवा, बुरहानपुर, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, मुरैना, भिंड, पन्ना, सतना, रीवा, मऊगंज, मैहर, उमरिया जिले शामिल हैं। मौसम विभाग का कहना है कि 20 मई के बाद गर्मी बढ़ेगी। हालांकि, मई के आखिरी सप्ताह में फिर से मौसम बदलने की संभावना है।इससे पहले बुधवार को प्रदेश में मौसम के दो रंग देखने को मिले। भोपाल, नर्मदापुरम, उज्जैन, रायसेन, मंदसौर और नीमच में बारिश हुई। वहीं, सीहोर, बड़वानी, रतलाम, खरगोन, बैतूल, छिंदवाड़ा, सिवनी, उमरिया, बालाघाट, डिंडौरी और अनूपपुर में आंधी का दौर रहा। दूसरी ओर, छतरपुर जिले के दो शहर- खजुराहो और नौगांव सबसे गर्म रहे। खजुराहो में सबसे ज्यादा 43.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। नौगांव में 42.5 डिग्री, टीकमगढ़ में 42 डिग्री, सतना में 41.8 डिग्री, रीवा में 41.5 डिग्री, गुना में 41 डिग्री, सीधी में 40.8 डिग्री, दमोह में 40.6 डिग्री, मंडला में 40.5 डिग्री सेल्सियस रहा। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 37.8 डिग्री, इंदौर में 36.8 डिग्री, ग्वालियर में 41.8 डिग्री, उज्जैन में 37.7 डिग्री और जबलपुर में पारा 39.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि पचमढ़ी में सबसे कम 32.6 डिग्री रहा।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में इन दिनों लगातार मौसम में बदलाव देखने को मिल रहे हैं। कहीं बारिश तो कहीं तेज गर्मी से लोगों को दो चार होना पड़ रहा है। एक साथ तीन-तीन वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव होने की वजह से फिलहाल आंधी-तूफान के साथ-साथ बारिश की स्थिति भी लगातार बन रही है। मौसम विभाग के मुताबिक आज मंगलवार को भोपाल-इंदौर समेत प्रदेश के 7 संभागों के कई जिलों में आंधी-तूफान के साथ बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।मौसम विभाग ने बताया कि वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ), टर्फ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन की वजह से आंधी-बारिश का दौर जारी है। इस वजह से सोमवार को कई जिलों में मौसम बदला रहा। ऐसा ही मौसम मंगलवार को भी रहेगा। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर-उज्जैन समेत 7 संभाग के 38 जिलों में आंधी, तूफान और बारिश का अलर्ट है। रीवा, शहडोल और जबलपुर संभाग के जिलों में मौसम साफ रहेगा और गर्मी बढ़ेगी। सोमवार को भोपाल में पूरे दिन धूप खिली रही, लेकिन शाम को मौसम बदल गया। कुछ इलाकों में बूंदाबांदी भी हुई। मौसम विभाग ने 16 मई तक प्रदेश में आंधी, बारिश का अलर्ट जारी किया है।मंगलवार को जिन जिलों में मौसम बदला रहेगा, उनमें भोपाल, उज्जैन, इंदौर, ग्वालियर, श्योपुर, भिंड, मुरैना, दतिया, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, विदिशा, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, सीहोर, राजगढ़, शाजापुर, देवास, खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन, आगर-मालवा, नीमच, मंदसौर, रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी, निवाड़ी, टीकमगढ़, सागर, दमोह, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी और पांढुर्णा शामिल हैं। यहां 30 से 50 किलोमीटर प्रतिघंटा तक की रफ्तार से आंधी चल सकती है।प्रदेश में सोमवार को दिन का तापमान फिर से 41 डिग्री के पार पहुंच गया है। सोमवार को सबसे गर्म खजुराहो रहा। जहां तापमान 41.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सतना में 40.7 डिग्री, रीवा में 40.5 डिग्री और नरसिंहपुर में 40.2 डिग्री सेल्सियस रहा। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 38.4 डिग्री, इंदौर में 36.7 डिग्री, ग्वालियर में 40.4 डिग्री, उज्जैन में 37.8 डिग्री और जबलपुर में 38.3 डिग्री रहा। पचमढ़ी में तापमान 30.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

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सतना । मध्य प्रदेश के सतना जिले में आने वाले एक छोटे से गांव की बेटी मीनाक्षी सिंह ने मिस साउथ एशिया यूनिवर्स का खिताब जीत लिया है। वे अब मिस एशिया यूनिवर्स में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। मीनाक्षी मूल रूप से सतना जिले की बिरसिंहपुर तहसील के अंतर्गत आने वाले जैतवारा पंचायत के छोटे से ग्राम नयागांव की रहने वाली हैं। उनके पिता का नाम सत्यभान सिंह हैं और उनकी माता कीर्ति सिंह जनपद पंचायत मझगवां के वार्ड क्रमांक 25 से जनपद सदस्य हैं। साथ ही संचार संकर्म समिति में सभापति भी हैं। वह अपने माता-पिता की इकलौती संतान हैं। मीनाक्षी का कहना है कि वह पिछले डेढ़ साल से इसकी तैयारी कर रही हैं। हालांकि, डांसिंग और मॉडलिंग उनका बचपन से ही शौक रहा है। शुरुआत में माता-पिता ने ये सब करने से रोका, लेकिन उन्होंने ठान लिया था कि इसे करना है तो करना है। इसके बाद उन्होंने मिस टीन ऐज प्रतियोगिता के लिए अप्लाई और इसके बारे में माता-पिता से चर्चा की और उन्हें सारी जानकारी दी। इसके बाद वे इसके लिए राजी हो गए। प्रतियोगिता के लिए दिल्ली गई और जीत गई। मीनाक्षी सोमवार को अपने गृह ग्राम पहुंची। उन्होंने बताया कि उन्होंने कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया है और अपने टैलेंट के दम पर जीत हासिल की है, लेकिन ये चुनौती नई और अलग है, इसके लिए वे काफी एक्साइटेड और प्रिपेयर्ड है। मीनाक्षी सिंह को अब तक मिस टीन ऐज (क्वीन आफ दा हट्स), मिस टीन इंडिया व मिस टीन एमपी जैसे कई बड़े अवार्डों से सम्मानित किया जा चुका है। ग्रामीण परिवेश में जन्मी मीनाक्षी सिंह की प्राथमिक शिक्षा सतना के सेंट माइकल स्कूल से हुई। वह फिलहाल हायर सेकंडरी की पढ़ाई अनुपम हायर सेकंडरी स्कूल भरहुतनगर सतना से कर रही हैं। इस वर्ष उन्होंने कला विषय से कक्षा 11वीं पास कर 12वीं में प्रवेश किया है।

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नई दिल्ली । केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने मंगलवार को 12वीं कक्षा के नतीजे घोषित कर दिए। इस बार कुल 88.39 प्रतिशत विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए। लड़कियों का परीक्षा परिणाम लड़कों से 5.94 प्रतिशत बेहतर रहा।सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने बताया कि कक्षा 12वीं की परीक्षा के लिए कुल 17,04,367 विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया था और 16,92,794 विद्यार्थी परीक्षा में शामिल हुए। इनमें से 14,96,307 विद्यार्थी सफल हुए हैं। इस साल 88.39 प्रतिशत उम्मीदवार परीक्षा में सफल हुए हैं, जो पिछले साल के 87.98 प्रतिशत से थोड़ा अधिक है। इस साल लड़कियों के उत्तीर्ण होने का प्रतिशत लड़कों से 5.94 प्रतिशत ज्‍यादा रहा। विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम पिछले साल से 0.41 प्रतिशत अधिक है। इस बार की परीक्षा में 91.64 प्रतिशत लड़कियों ने और 85.70 प्रतिशत लड़कों ने सफलता हासिल की है। वहीं, ‘ट्रांसजेंडर’ उम्मीदवारों के उत्तीर्ण होने का प्रतिशत 100 प्रतिशत रहा है, जो पिछले साल 50 प्रतिशत था।1.1 लाख से अधिक विद्यार्थियों ने 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए। परीक्षा में इस बार कुल 1,11,544 विद्यार्थियों ने 12वीं की बोर्ड परीक्षा में 90 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल किए हैं, जबकि 24,867 विद्यार्थियों ने 95 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए हैं। उन्‍होंने बताया कि 1.29 लाख से अधिक उम्मीदवारों को पूरक परीक्षा देनी होगी। 2025 में सीबीएसई कक्षा 12 के लिए कुल 1,29,095 विद्यार्थियों को कम्पार्टमेंट श्रेणी में रखा गया है, जो 2024 में 1,22,170 से थोड़ा अधिक है, जो कुल विद्यार्थियों का 7.63 प्रतिशत है।   जेएनवी और केवी शीर्ष प्रदर्शन करने वाले संस्थानों में शामिलजवाहर नवोदय विद्यालय (जेएनवी) 99.29 प्रतिशत उत्तीर्ण दर के साथ संस्थागत परिणामों में सबसे आगे रहे। इसके बाद केंद्रीय विद्यालय 99.05 प्रतिशत और केंद्रीय तिब्बती स्कूल 98.96 प्रतिशत का स्थान रहा। रीजन के अनुसार उत्तीर्ण प्रतिशत में विजयवाड़ा शीर्ष परसीबीएसई कक्षा 12 के परिणामों में विजयवाड़ा 99.60 उत्तीर्ण प्रतिशत के साथ शीर्ष स्थान पर है। त्रिवेंद्रम ने 99.32 प्रतिशत और चेन्नई ने 97.39 प्रतिशत के साथ रीजन के अनुसार तीसरे स्थान पर है। सीबीएसई ने छात्रों को सूचित किया है कि विद्यार्थी अपना स्कोरकार्ड आधिकारिक वेबसाइट्स cbse.gov.in, cbseresults.nic.in और results.cbse.nic.in पर जाकर चेक कर सकते हैं। इसके अलावा छात्र अपने डिजिटल मार्कशीट और प्रमाणपत्र को डिजी लॉकर ऐप के माध्यम से भी प्राप्त कर सकते हैं। बोर्ड छात्रों के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एसएमएस भेजकर डिजीलॉकर लॉगिन आईडी और एक्सेस कोड साझा करेगा, जिससे वे आसानी से लॉगिन कर सकते हैं। इसी के साथ ही उमंग ऐप और एसएमएस सेवा के माध्यम से भी छात्र परिणाम प्राप्त कर सकते हैं।

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । आज पूरा देश वैशाख पूर्णिमा (बुद्ध पूर्णिमा) मना रहा है। खगोल विज्ञान में रुचि रखने वाले लोगों के लिए सोमवार की रात खास खगोलीय घटना होने जा रही है। आम पूर्णिमा की तुलना में बुद्ध पूर्णिमा का चंद्रमा न केवल छोटा महसूस होगा, बल्कि इसकी चमक भी अपेक्षाकृत कमजोर होगी। इस दौरान चंद्रमा सूर्यास्‍त के बाद शाम को पूर्व दिशा में उदित होता दिखेगा और रातभर आकाश में रहकर सुबह सवेरे पश्चिम दिशा में अस्‍त होगा।   नेशनल अवार्ड प्राप्‍त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने इस खगोलीय घटना के बारे में बताया कि आज रात्रि चंद्रमा की पृथ्‍वी से दूरी लगभग चार लाख छह हजार किलोमीटर होगी। पृथ्वी से चंद्रमा की दूरी अधिक दूर होने के कारण वह न केवल अपेक्षकृत छोटा महसूस होगा, बल्कि चमक भी कम महसूस होगी। खगोल विज्ञान में इसे माइक्रोमून का नाम दिया गया है, जबकि सुपरमून पूर्णिमा के समय यह दूरी लगभग तीन लाख 60 हजार किलोमीटर रहती है।   सारिका ने बताया कि इसे माइक्रो फ्लावर मून नाम इसलिए दिया गया है, क्‍योंकि पश्चिमी देशों में मई में कई जंगली फूल खिलते हैं। संभवत: रंग-बिरंगे फूलों ने वहां के निवासियों ने चंद्रमा का यह नामकरण किया है। भारत में माह का नामकरण पूर्णिमा पर चंद्रमा के आसपास स्थित नक्षत्र के नाम पर किया जाता रहा है। चूंकि पूर्णिमा पर चंद्रमा विशाखा नक्षत्र में होगा, इसिलए इस महीने का नाम वैशाख तथा पूर्णिमा को वैशाखी पूर्णिमा नाम दिया गया है। यह होता है माइक्रोमून सारिका ने बताया कि चंद्रमा पृथ्वी की परिक्रमा एक अण्डाकार पथ पर करता है। चंद्रमा की कक्षा में पृथ्वी के सबसे निकट स्थित बिंदू को पेरिगी कहा जाता है, जबकि पृथ्वी से सबसे दूर स्थित बिंदू को अपोजी कहा जाता है। जब पूर्णिमा अपोजी के आसपास होती है, तो उसे माइक्रोमून, मिनीमून या अपोजी मून कहा जाता है।    

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भोपाल । मध्य प्रदेश में रविवार को मौसम ने अचानक करवट ली। वर्तमान में सक्रिय मौसम प्रणालियों के चलते इंदौर समेत प्रदेश के कई हिस्सों में गरज-चमक के साथ बारिश हुई। भोपाल के कोलार इलाके के साथ ही मंदसौर, शहडोल, इंदौर, छतरपुर, सागर, खरगोन और अशोकनगर में तेज हवाओं के साथ पानी गिरा। अशोकनगर में ओले गिरे। आंधी के कारण खरगोन में कई स्थानों पर टीन शेड उड़ गए, जबकि कुछ जगह पेड़ उखड़े हैं। सीजन में ये अब तक की सबसे तेज आंधी थी। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के दौरान विदिशा, सागर, पन्ना, रायसेन, रीवा, मऊगंज, सिंगरौली, बड़वानी, खरगोन, बुरहानपुर, रतलाम, बैतूल, कटनी, सतना, श्योपुर, शिवपुरी, गुना और अशोकनगर में आकाशीय बिजली चमकने के साथ हल्की बारिश होने का अलर्ट जारी किया है। भोपाल के मौसम विज्ञान केन्द्र से मिली जानकारी के अनुसार, रविवार को खरगोन में 16 मिमी, नौगांव और सागर में 2 मिमी, जबकि इंदौर में 0.4 मिमी बारिश दर्ज की गई। भोपाल के मिसरोद क्षेत्र में भी बौछारें पड़ीं। अशोकनगर में ओलावृष्टि हुई, जबकि मंदसौर और खरगोन में तेज हवाओं के कारण कई घरों के टीन शेड उड़ गए। वहीं, दूसरी ओर कई शहरों में तेज गर्मी का असर भी देखा गया। कई दिन के बाद अधिकतम तापमान 40 डिग्री के पार पहुंच गया। खजुराहो में तापमान सबसे ज्यादा 42 डिग्री रहा। वहीं, सतना में 40.8 डिग्री, रीवा में 40.4 डिग्री, दमोह में 40.2 डिग्री और सागर में 40 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 38.4 डिग्री, इंदौर में 35.9 डिग्री, ग्वालियर में 39.6 डिग्री, उज्जैन में 37.5 डिग्री और जबलपुर में 39.2 डिग्री सेल्सियस रहा। पचमढ़ी में सबसे कम 31.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। विशेषज्ञों के अनुसार, वर्तमान मौसम प्रणालियों के असर से अरब सागर से नमी आ रही है, जिससे प्रदेश के विभिन्न जिलों में बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने भोपाल, इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम, रीवा सहित सभी जिलों में गरज-चमक और आंधी-बारिश का अलर्ट जारी किया है। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि वर्तमान में कुछ सिस्टम एक्टिव है। इस वजह से प्रदेश में मौसम बदला है। आगामी 14 मई तक हल्की बारिश गरज-चमक की स्थिति बनी रहेगी। इसके बाद गर्मी का असर बढ़ सकता है।  

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श्योपुर । मदर्स- डे पर कूनो प्रबंधन ने मादा चीता वीरा और निर्वा और उसके शावकों का अठखेलिया करते वीडियों जारी किया है, जिसमें दिख रहा है कि मादा चीता वीरा और निर्वा अपने शावकों के साथ जंगल में खूब मस्ती कर रहे हैं। नन्हें शावक भी अपनी मां के सुरक्षित साए में उछल-कूंद करते नजर आ रहे हैं।   कूनो प्रबंधन द्वारा जारी किए गए 2 मिनट 30 सैकेंड के वीडियो के साथ लिखा है कि 'इस साल कूनो राष्ट्रीय उद्यान में भी मदर्स डे मनाया जा रहा है। कूनो नेशनल पार्क इस मदर्स डे को मादा चीताओं को सम्मान देने के रूप में मना रहा है, जो भारत के महत्वाकांक्षी चीता प्रोजेक्ट में अपना योगदान दे रही हैं।'   कूनो प्रबंधन के मुताबिक दोनों मादा चिता इस भीषण गर्मी में भी मातृत्व का पालन कर रही हैं। इनकी बदौलत ही आज भारत की धरती पर जन्मे नई पीढ़ी के 19 चीता शावक बड़े हो रहे हैं। वीडियो में अपने शावकों के साथ आजादी से घूम रही मादा चीताओं और मां के साथ अठखेलियां करते शावकों के प्रेम को दर्शाया गया है।   उल्‍लेखनीय है कि वीरा ने बीती 5 फरवरी को 2 शावकों को जन्म दिया था जो भारत में चीता शावकों का पांचवा सफल जन्म था। इसके बाद बीते 27 अप्रैल को निर्वा ने भी 5 शावकों को जन्म दिया था। कूनो ने वीडियो के आखिर में एक संदेश लिखा जो है "चीता माताओं की धरती अब इन नवजात शावकों की आवाजों से भरी हुई है, इन आवाजों को निरंतर सुना जाना चाहिए।''   वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, कुनो में अब कुल 29 चीते हैं। इनमें 19 शावक और 10 वयस्क चीते शामिल हैं। जिनमें से 16 चीते खुले जंगल में घूम रहे हैं।  

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उज्जैन । भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध के चलते जिले का पुलिस बल सतर्क हो गया है। नगर सीमा पर जहां वाहनों से लेकर वाहन में बैठे लोगों से पूछताछ,जांच की जा रही है वहीं रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों की जांच के साथ यात्रियों का सामान भी जांचा जा रहा है। महाकाल मंदिर की सुरक्षा बढ़ाने के साथ-साथ पुलिस ने बीती रात संवेदनशील क्षेत्रों में फ्लेग मार्च भी किया। इधर शुक्रवार को संवेदनशील इलाकों में पुलिस परेड आयोजित की। सोश्यल मीडिया पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है।शहर और जिले के कुछ हिस्से पूर्व से ही संवेदनशील रहे हैं। धार्मिक नगरी होने से यहां आतंकी/शरारती तत्वों द्वारा की जानेवाली हरकत को लेकर पुलिस एवं प्रशासन हमेशा से सतर्कता बरतता रहा है। अब भारत ओर पाकिस्तान के बीच हो रहे युद्ध के बीच पुलिस विभाग ने अपनी सक्रियता और सतर्कता को बढ़ा दिया है। पुलिस ओर पुलिसिंग अब सडक़ों पर सीधे तौर पर दिखाई दे रही है। इसका लाभ जनता के बीच से खौफ कम करने में तथा शरारती तत्वों पर अंकुश लगाने में पुलिस को आनेवाले दिनों में मिलेगा। सोश्यल मीडिया पर लगातार नजरें रखने के चलते पुलिस विभाग को शरारती तत्वों द्वारा फैलाई जानेवाली अफवाहों/गलत समाचारों को रोकने में सफलता भी मिली है।पर्यटन प्रभावित: युद्ध के माहौल के बीच महाकाल मंदिर में दर्शन करने आनेवालों ओर महाकाल महालोक देखने आनेवालों की संख्या में अचानक से दो दिनों में कमी आ गई है। अमूमन परिवार जोकि ग्रीष्मावकाश में परिवार के साथ पर्यटन की दृष्टि से तीर्थ स्थलों पर भी पहुंचते हैं,पिछले तीन दिनों में या तो वे निकले नहीं या फिर उन्होने बीच में ही अपनी यात्रा को समाप्त कर दिया है। हालांकि उज्जैन में ऐसा कोई माहौल नहीं है,फिर भी महाकाल मंदिर में आनेवाले श्रद्धालुओं की संख्या में अचानक से कमी आई है। इसकी पुष्टी स्वयं मंदिर प्रशासन कर रहा है लेकिन अपने बचाव में कहा जा रहा है कि गर्मी बहुत अधिक होने तथा तीन दिन से मौसम में आए बदलाव के कारण दर्शनार्थियों की संख्या प्रभावित हुई है। इधर महाकाल मंदिर एवं महाकाल महालोक में पार्किंग एरिया में कारों तथा बेग आदि की जांच अत्याधुनिक मशीन द्वारा जारी है।महाकाल महालोक का निर्माण होने के बाद शहर में होटल खोलने की बाढ़ सी आ गई है। शहर में 600 से अधिक होटल्स हैं,जहां महाकाल महालोक आनेवाले श्रद्धालु ठहरते हैं। इस समय इन होटल्स में आनेवाले यात्रियों के बारे में होटल्स संचालकों द्वारा तो जानकारी थाने पर भेजी जाती है लेकिन पुलिस मौके पर पहुंचकर भी जांच कर रही है। ताकि किसी संदिग्ध के ठहरने पर पुलिस सतर्क हो जाए। यात्रियों के ठहरने संबंधी सारी जानकारियां नहीं देनेवाले होटल्स संचालकों के खिलाफ हाथों हाथ प्रकरण बनाए जा रहे हैं।पुलिस विभाग का आयटी सेल जिले में सोश्यल मीडिया पर क्या चल रहा है,ऐसा जांच भी रहा है। आयटी सेल द्वारा लगातार नजरें रखकर लोगों के बीच संदेश भी भेजा जा रहा हे कि ऐसी कोई भी सामग्री सेंड/फारवर्ड न करें,जो देश विरोधी हो या संवेदनशील होकर विवाद का हिस्सा बने। लोग भी अपनी ओर से सतर्कता बरते हुए है। पुलिस द्वारा शिकायत मिलने पर तुरंत कार्रवाई भी की जा रही है। इधर फ्लाइटें निरस्त होने के चलते लम्बी दूरी के यात्री किराए के चार पहिया वाहन से जा रहे हैं।

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भोपाल । राज्य शासन द्वारा भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के दो अधिकारियों का तबादला करते हुए उनकी नवीन पदस्थापना है। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने शुक्रवार की रात आदेश जारी किया है। जारी आदेश के अनुसार, जबलपुर संभागायुक्त के रिक्त पद पर 9 दिन बाद धनंजय सिंह भदौरिया को पदस्थ किया गया है। साथ ही दिल्ली से प्रतिनियुक्ति से वापस लौटे संकेत भोंडवे का नगरीय विकास और आवास विभाग का आयुक्त बनाया है। अभी आयुक्त की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री के सचिव सिबि चक्रवर्ती एम के पास थी। गौरतलब है कि 30 अप्रैल को जबलपुर कमिश्नर के पद से अभय कुमार वर्मा रिटायर हो गए थे। अब उनके स्थान पर शुक्रवार को धनंजय सिंह भदौरिया को पदस्थ किया है। भदौरिया अभी आयुक्त अनुसूचित जाति विकास तथा प्रबंध संचालक राज्य अनुसूचित जाति वित्त और विकास निगम के पद पर पदस्थ हैं। उनके विभागों की जिम्मेदारी मीनाक्षी सिंह उपसचिव अनुसूचित जाति कल्याण विभाग को सौंपी गई है। इसी आदेश में पदस्थापना के लिए प्रतीक्षारत संकेत एस भोंडवे को आयुक्त नगरीय प्रशासन और विकास विभाग पदस्थ किया है। भोंडवे के चार्ज लेने के बाद सिबि चक्रवर्ती एम सचिव मुख्यमंत्री केवल आयुक्त नगरीय प्रशासन व विकास के पद से मुक्त होंगे। सिबि चक्रवर्ती के पास भवन विकास निगम के एमडी का अतिरिक्त प्रभार बना रहेगा।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में लगातार मौसम में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। शुक्रवार को कई जिलों में आंधी चली और बारिश भी हुई। आज शनिवार को भी मौसम बदला रहेगा। भोपाल, इंदौर, उज्जैन-जबलपुर समेत प्रदेश के 40 से अधिक जिलों में आंधी, हल्की बारिश और गरज-चमक का अलर्ट जारी किया है।मौसम विभाग के अनुसार, वर्तमान में दो सिस्टम एक्टिव है। इस वजह से प्रदेश में मौसम बदला है। 13 मई तक हल्की बारिश गरज-चमक की स्थिति बनी रहेगी। शनिवार को जिन जिलों में मौसम बदला रहेगा, उनमें भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, भिंड, दतिया, नीमच, मंदसौर, रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी, धार, आगर-मालवा, राजगढ़, शाजापुर, देवास, खंडवा, खरगोन जिले शामिल हैं। वहीं, बुरहानपुर, हरदा, सीहोर, विदिशा, अशोकनगर, सागर, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, पांढुर्णा, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, दमोह, निवाड़ी, टीकमगढ़, पन्ना, सतना, रीवा, मऊगंज, मंडला, बालाघाट, सिवनी, कटनी में भी हल्की बारिश, गरज-चमक और आंधी का दौर रह सकता है।इससे पहले शुक्रवार को प्रदेश के कई जिलों में मौसम बदला रहा। भोपाल, श्योपुर, बैतूल, हरदा, अनूपपुर, शिवपुरी, अशोकनगर, मुरैना, गुना, विदिशा, रायसेन, सीहोर, खंडवा, छतरपुर, बैतूल, रतलाम, देवास, खरगोन, पन्ना, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, सिंगरौली और शहडोल में भी हल्की बारिश, आंधी और गरज-चमक की स्थिति बनी रही। दूसरी ओर, पूरे प्रदेश में दिन का तापमान 40 डिग्री से कम रहा। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 34.2 डिग्री, इंदौर में 34 डिग्री, ग्वालियर में 37.6 डिग्री, उज्जैन में 34 डिग्री और जबलपुर में पारा 37.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इकलौता हिल स्टेशन पचमढ़ी में सबसे कम 30.6 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं, खजुराहो में सबसे ज्यादा 39.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मंडला, सतना, सीधी और रीवा में भी पारा 39 डिग्री या इससे ज्यादा रहा।

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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उज्जैन । व्हाट्सएप पर तेंदुए की खाल को बेचने का सौदा करने की जानकारी मिलने पर नागपुर के डायरेक्टर ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस के दल ने उज्जैन के वन विभाग की मदद से दो तस्कारों को गिरफ्तार किया और इनके पास से 21 करोड रुपये कीमत की दो तेंदुए की खाल तथा जंगली सुअर का दांत जब्त किया। इस दल ने 4 मई को उक्त कार्रवाई शहर के एक होटल में दबिश देकर की थी। इसका खुलासा गुरुवार को हुआ है।वन विभाग के एसडीओ कैलाश भधकरे ने गुरुवार को बताया कि नागपुर और उज्जैन वन विभाग का दल नकली खरीददार बनकर होटल पहुंचा था। सौदा तय होने के बाद दबिश दी गई। दोनों आरोपी शैलेंन्द्र व्यास,इंदौर एवं किशोर जैन,उज्जैन को हिरासत में ले लिया गया। इनके खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। उन्होने बताया कि दोनों खालों की अन्तरराष्ट्रीय कीमत 21 करोड़ रुपये. से अधिक है। अपनी सफाई में आरोपियों ने बताया कि उन्हे वर्ष-1971 में एक साधु महाराज ने ये दी थी। इन्हे न्यायालय में पेश किया गया था,जहां से 18 मई तक का रिमाण्ड मिला है। इस मामले में विवेचना वन विभाग,उज्जैन द्वारा की जाएगी।

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है। प्रदेश के अधिकतर जिलों में आंधी, बारिश के साथ ओले गिरे। मौसम विभाग का कहना है कि प्रदेश में 12 मई तक ऐसा ही मौसम बना रहेगा। इनमें से 2 दिन तो पूरे प्रदेश में ही मौसम बदला रहेगा। आज शुक्रवार को भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर-ग्वालियर में तेज आंधी चलेगी। जिसकी रफ्तार 40 से 50 किलोमीटर प्रतिघंटा तक रह सकती है। वहीं, कई जिलों में बारिश और गरज-चमक की भी संभावना है।मौसम विभाग के अनुसार, शुक्रवार को प्रदेश के सभी जिलों में तेज आंधी, बारिश और गरज-चमक का अलर्ट है। विभाग का कहना है कि वेस्टर्न डिस्टरबेंस, टर्फ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन की वजह से प्रदेश में मौसम बदला हुआ है। 12 मई तक मौसम का मिजाज ऐसा ही बने रहने का अनुमान है। इससे पहले गुरुवार को कई जिलों में मौसम बदला रहा। इंदौर, ग्वालियर के साथ बैतूल, नर्मदापुरम, छिंदवाड़ा, श्योपुर, धार, उज्जैन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, नीमच, मंदसौर, मुरैना और शिवपुरी जिलों में बारिश, आकाशीय बिजली चमकने और तेज आंधी का दौर रहा। राजधानी भोपाल में सुबह से ही बादल छाए रहे। शाम को धूप खिली। धार में करीब 1 इंच पानी गिर गया। वहीं, इंदौर, उज्जैन, रतलाम, शिवपुरी, मंडला और सिवनी में भी हल्की बारिश हुई।बारिश के चलते कई शहरों में दिन का तापमान लुढ़क गया। भोपाल में पारा 31.7 डिग्री दर्ज किया गया। इंदौर में 30.8 डिग्री, ग्वालियर में 35.4 डिग्री, उज्जैन में 30.4 डिग्री और जबलपुर में 35.7 डिग्री सेल्सियस रहा। इकलौता हिल स्टेशन पचमढ़ी सबसे ठंडा रहा। यहां तापमान 30 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। धार में 31.5 डिग्री, शाजापुर में 31.7 डिग्री, खंडवा में 32.1 डिग्री, रतलाम में 32.2 डिग्री, बैतूल में 32.4 डिग्री और नर्मदापुरम में पारा 32.5 डिग्री रहा। गुरुवार को एक भी शहर में तापमान 40 डिग्री या इससे पार नहीं पहुंचा। नरसिंहपुर में सबसे ज्यादा 39.4 डिग्री दर्ज किया गया।

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इंदौर । पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद मध्य प्रदेश में लगातार दूसरे दिन गुरुवार को जश्न का माहौल देखा गया। प्रदेशवासियों ने सेना के एक्शन का समर्थन किया और कहा कि आतंकवाद को भारत से जड़ से खत्म करना चाहिए। इस क्रम में इंदौर ट्रक ऑपरेटर्स एंड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने नई पहल की है। एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर सेना के ट्रांसपोर्ट के लिए अपने ट्रक उपलब्ध कराने की पहल की है। एसोसिएशन ने इस संबंध में गुरुवार को पत्र जारी किया है। संगठन के अध्यक्ष सीएल मुकाती का कहना है कि प्रदेश के साढ़े सात लाख ट्रक सेना के परिवहन के लिए तैयार हैं। हमने कारगिल युद्ध में भी सेना को तब एक हजार ट्रक उपलब्ध कराए थे। अब साढ़े सात लाख ट्रक युद्ध में सेना के की हर संभव मदद के लिए तैयार हैं। ट्रक एंड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने ड्राइवरों और कंडक्टरों की छुट्टियां भी निरस्त कर दी हैं। एसोसिएशन का कहना है कि हम 24 घंटे आपात स्थिति के लिए तैयार हैं। एसोसिएशन ने पत्र में लिखा है कि हमारे देश की आन-बान-शान एवं मां, बहन, बेटी के सिंदूर की लाज रखने के लिए किए गए "ऑपरेशन सिंदूर की बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं। साथ ही हमारी भारतीय सेनाओं की सलाम, जिन्होंने कंधार से पहलगाम तक के जख्मों का एवं उजड़ी मांगों के सिंदूर का बदला लिया और आतंकवादियों, पाकिस्तान की सेनाओं को घर में जाकर मारा। यह हमारे लिए गर्व का पल है। हमारे ट्रक देश सेवा में "ऑपरेशन सिंदूर" के लिए भारतीय सेनाओं के सामान को परिवहन करने के लिए तत्पर हैं एवं उपलब्ध कराना चाहते हैं। हम सब आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर प्रत्यक्ष रूप से ट्रक लेकर खड़े हैं। आप का आदेश सर आंखों पर रखकर हम आपके साथ खड़े हैं।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में पिछले दो दिनों से मौसम बदला हुआ है। कहीं आंधी तो कहीं बारिश का दौर जारी है। कुछ जिलों में बारिश के साथ ओले भी गिरे हैं। मौसम विभाग का कहना है कि प्रदेश में अगले 4 दिन यानी 10 मई तक ओले-बारिश और आंधी का सिस्टम एक्टिव रहेगा। आज बुधवार को भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन में तेज आंधी चलेगी, जबकि इंदौर में बारिश हो सकती है। तीन जिले- अलीराजपुर, धार, झाबुआ में ओले गिर सकते हैं।मौसम विभाग के अनुसार, वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ), दो साइक्लोनिक सकुर्लेशन और ट्रफ की वजह से पूरे प्रदेश में मौसम बदला हुआ है। मंगलवार को कई जिलों में बारिश हुई। बुधवार को भी ऐसा ही मौसम रहेगा। 10 मई तक के लिए अलर्ट जारी किया गया है। जिन जिलों में बुधवार को मौसम बदला रहेगा, उनमें शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, नीमच, मंदसौर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला और बालाघाट में हवा की रफ्तार 50 किमी प्रतिघंटा से अधिक रह सकती है। श्योपुर, मुरैना, रतलाम, राजगढ़, शाजापुर, विदिशा, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, सीहोर, हरदा, खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन, बड़वानी, देवास, नरसिंहपुर, रीवा, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, अनूपपुर और डिंडौरी भी आंधी-बारिश होगी।इससे पहले मंगलवार को भी प्रदेश में तेज आंधी, बारिश और गरज-चमक का दौर जारी रहा। इंदौर में करीब एक इंच बारिश हो गई। लगातार तीसरे दिन इंदौर में तेज बारिश हुई। बदले मौसम की वजह दिन के तापमान में खासी गिरावट आई। मंगलवार को एक भी शहर ऐसा नहीं रहा, जब दिन का तापमान 40 डिग्री या इसके पार पहुंचा हो। सबसे गर्म नरसिंहपुर और खजुराहो रहे। यहां तापमान 39.4 डिग्री रहा। मंडला में 39 डिग्री दर्ज किया गया। बड़े शहरों की बात करें तो उज्जैन में 32.5 डिग्री, भोपाल में 34.6 डिग्री, इंदौर में 32.4 डिग्री, ग्वालियर में 35.4 डिग्री और जबलपुर में 37.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सबसे ठंडा पचमढ़ी रहा। यहां 32 डिग्री दर्ज किया गया। रतलाम में 32.2 डिग्री, गुना में 32.5 डिग्री और शाजापुर में तापमान 32.7 डिग्री रहा।  

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भोपाल । आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिये नागरिकों को तैयार करने और प्रशासनिक व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखने के उद्देश्य से आज बुधवार को शाम 4 बजे से रात 8 बजे तक भोपाल जिले में व्यापक आपदा प्रबंधन मॉक ड्रिल की जा रही है। कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि मॉक ड्रिल में शहर के पहले से चयनित पांच स्थलों पर विभिन्न आपातकालीन परिस्थितियों का पूर्वाभ्यास किया जायेगा। मॉक ड्रिल के स्थल और संचालन 1. भेल क्षेत्र – सर्च एवं रेस्क्यू अभ्यास किया जायेगा। 2. डीबी मॉल – फायर ड्रिल एवं बचाव और घायलों की निकासी का अभ्यास होगा। 3. तुलसी नगर – अस्थायी अस्पताल स्थापित कर आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं का प्रदर्शन किया जायेगा। 4. न्यू मार्केट – लोगों की सुरक्षित निकासी कर पुलिस लाइन तक पहुँचाने की प्रक्रिया का अभ्यास। 5. कोकता मल्टी – भवन ध्वस्तीकरण के दौरान निकासी और रेस्क्यू ऑपरेशन। ब्लैक आउट और अलर्ट प्रक्रिया कलेक्टर सिंह ने बताया कि ब्लैक आउट और अलर्ट प्रक्रिया में शाम लगभग 7:30 से 7:42 बजे के बीच पूरे शहर में ब्लैकआउट किया जायेगा। ब्लैक आउट प्रारंभ होने से पूर्व रेड अलर्ट सायरन दो मिनट तक बजेगा। इस दौरान नागरिकों से अनुरोध किया गया है कि वे अपने घरों, दुकानों, कार्यालयों एवं संस्थानों की सभी रोशनी बंद करें। सड़क पर चल रहे वाहन चालक भी वाहन रोककर हेडलाइट और बैकलाइट बंद रखें। निर्धारित समय पर 7:42 बजे ग्रीन अलर्ट सायरन बजेगा, जो “ऑल क्लीयर सिग्नल” होगा। इसके बाद सभी रोशनियाँ पुनः चालू की जा सकेंगी। नागरिकों से अपील कलेक्टर ने नागरिकों से आग्रह किया है कि मॉक ड्रिल एक सामान्य पूर्वाभ्यास है। उन्होंने सभी भोपालवासियों से इस महत्वपूर्ण अभ्यास में सहयोग करने का अनुरोध किया है ताकि आपदा के समय प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जा सके। इससे घबराने या किसी भी अफवाह पर ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है। मॉक ड्रिल के दौरान शहर की समस्त दैनिक गतिविधियाँ सामान्य रूप से संचालित होती रहेंगी।

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गुना । मध्य प्रदेश के गुना जिले में बुधवार सुबह नेशनल हाईवे पर प्रोपेन गैस से भरा एक टैंकर पलट गया। टैंकी में भारी मात्रा में गैस भरी हुई थी। हालांकि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। प्रशासन की टीम ने लगभग तीन घंटे की मशक्कत के बाद तीन क्रेनों की मदद से उसे सीधा किया। वहीं एनएफएल से दो फायर ब्रिगेड भी बुलाई गई थीं। जानकारी के अनुसार, टैंकर क्रमांक केए 01 एएम 2364 ने गेल (गैस ऑथोरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड), विजयपुर से टैंकर में गैस भरी। बुधवार सुबह लगभग 11 बजे वह विजयपुर से वाराणसी जाने के लिए निकला। इस दाैरान नेशनल हाईवे 46 पर स्थित गादेर इलाके में अतिथि ढाबे के पास अचानक टैंकर अनियंत्रित हाेकर पलट गया। टैंकर नेशनल हाईवे के बीच में स्थित खाली जगह में पलट गया। सूचना मिलते ही राघौगढ़ एसडीओपी दीपा डुडवे, तहसीलदार गौरीशंकर बैरवा, ट्रैफिक टीआई अजय प्रताप सिंह सहित प्रशासन और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। चूंकि टैंकर में प्रोपेन गैस भरी हुई थी, इसलिए खतरा भी था। मौके और तीन क्रेन बुलाई गईं। वहीं एनएफएल से दो फायर ब्रिगेड भी मौके पर पहुंचीं।इसके बाद तीन क्रेन की मदद से टैंकर को सीधा किया गया। इसमें लगभग तीन घंटे का समय लगा। गनीमत रही कि टैंकर से गैस का रिसाव नहीं हुआ, नहीं तो बड़ी घंटा हो सकती थी। एसडीओपी दीपा डुडवे ने बताया कि गैस से भरा एक टैंकर नेशनल हाईवे पर पलट गया था। तीन क्रेन की मदद से लगभग तीन घंटे की मशक्कत के बाद टैंकर को सीधा कर हाईवे पर लाया गया।  

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भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 41 साल पहले हुई भीषण गैस त्रासदी का जिम्मेदार यूनियन कार्बाइड के रासायनिक अपशिष्ट (जहरीले कचरे) को पूरी तरह नष्ट करने का अंतिम चरण शुरू हो गया है। भोपाल से कंटेनरों में भरकर लाए गए 307 टन इस जहरीले कचरे को पीथमपुर में इंवायरो एनर्जी कंपनी के भस्मक संयत्र में सोमवार रात 8 बजे से जलाने की प्रक्रिया शुरू हुई। संयत्र में 270 किलो प्रति घंटे की दर से कचरे को 850 से 1100 डिग्री सेल्सियस तापमान पर जलाया जाएगा।   दरअसल, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार, 28 फरवरी से नौ मार्च के बीच तीन ट्रायल रन में 10-10 टन के हिसाब से कुल 30 टन जहरीला कचरे को नष्ट किया गया था। तीन चरणों में जहरीले कचरे को नष्ट करने के ट्रायल रन की रिपोर्ट के आधार पर 72 दिन में कचरा नष्ट करने की प्रक्रिया को पूरा करने के निर्देश दिए थे। उच्च न्यायालय के निर्देश के अनुसार, इस जहरीले कचरे को दहन की प्रक्रिया शुरू की गई है। विशेषज्ञों के मुताबिक अगले 51 से 55 दिन में यह कचरा पूरी तरह नष्ट कर दिया जाएगा।   मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी श्रीनिवास द्विवेदी ने बताया कि सोमवार सुबह 7ः42 भस्मक संयत्र में ब्लैंक रन शुरू किया। संयत्र के प्रथम व द्वितीय दहन कक्ष में डीजल जलाकर चेंबर को गर्म कर 1100 से डिग्री तक तापमान पहुंचाया गया। यह प्रक्रिया 12 घंटे तक निरंतर चली। इसके बाद भस्मक संयंत्र परिसर में विधि-विधान से पूजन कर सोमवार रात 8 बजे कचरे व लाइम के 18-18 किलो पैकेट को भस्मक संयंत्र में डालने का कार्य शुरु हुआ है।   उन्होंने बताया कि 307 टन कचरा 55 दिन में पूरी तरह नष्ट होगा। सुरक्षित वैज्ञानिक तरीके से कचरे का निष्पादन किया जा रहा है। जब तक कचरा जलेगा, उसकी आनलाइन मानीटरिंग की जाएगी। इस बार संयंत्र में आटोमेटिक मिक्सिंग, वेईंग व पैकिंग मशीन के माध्यम से यूका के कचरे उसके साथ निर्धारित मात्रा में मिलाए गए लाइम के 18-18 किलो पैकेट बनाने वाली मशीन का उपयोग किया गया। यह पैकेट तैयार होकर सीधे संयत्र के प्रथम दहन कक्ष में डाले गए। संयंत्र की चिमनी में मर्करी एनालइजर लगाया गया है। ऐसे मे कचरा जलने के बाद जो धुंआ चिमनी से बाहर निकलेगा। उसमें मर्करी है या नहीं इसकी जानकारी एनालाइजर के माध्यम से रियल टाइम पर डिस्प्ले बोर्ड पर दिखाई देगी।   संयंत्र से लगे बजरंगपुरा व चिराखान गांव में एम्बिएंट एयर मानीटरिंग स्टेशन लगाए गए है। इसके साथ डिस्पले बोर्ड भी लगाए गए है। ऐसे में यहां के ग्रामीणों को रियल टाइम में उस क्षेत्र में प्रदूषण की मात्रा की जानकारी मिल सकेगी। पहले प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मैन्युअली मानीटरिंग कर रहा था। तारापुरा में एम्बिएंट एयर मानीटरिंग स्टेशन पहले लगा है। पिछली बार किए गए ट्रायल रन की तर्ज पर इस बार भी यूनियन कार्बाइड के कचरे के जलाने के दौरान डायक्सीन व फ्यूरान गैस की निगरानी फेयर लैब कंपनी द्वारा की जाएगी। इन गैसों के लिए प्रत्येक आठ घंटे में सैम्पल लेकर उसे केमिकल अंबर लाइट एएक्सडी टू से गुजारा जाएगा।    

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भोपाल । कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के निर्देशन में सोमवार को भोपाल जिला प्रशासन द्वारा ग्राम अचारपुरा पहन क्रमांक-17 में अवैध रूप से की जा रही कॉलोनी निर्माण गतिविधियों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए प्लॉटिंग को जेसीबी मशीन की सहायता से ध्वस्त किया गया। यह कार्रवाई तहसीलदार, नगर प्रशासन एवं स्थानीय पुलिस बल की उपस्थिति में शांति पूर्ण रूप से संपन्न हुई। प्राप्त जानकारी के अनुसार खसरा क्रमांक-35/2/2, रकबा 0.6000 हेक्टेयर, भूमि स्वामी गब्बर घनश्याम पिता गुलाबसिंह एवं अन्य के नाम दर्ज है, जिसकी सरकारी कीमत लगभग 48 लाख रुपए आँकी गई है। साथ ही, खसरा क्रमांक - 27/1, 27/2, 31/1/1/1, 31/2/1, 31/2/2, 32/1, 35/1/1, 35/1/2, कुल रकबा 1.189 हेक्टेयर भूमि विनीत पिता मन्नूलाल परिहार एवं अन्य के नाम दर्ज है,जिसका सरकारी मूल्य 95 लाख 12 हजार रुपए है। कुल मिलाकर लगभग एक करोड़ 44 लाख रुपए मूल्य की भूमि पर अवैध कॉलोनी विकसित की जा रही थी। उक्त भूमि पर कॉलोनी निर्माण के लिए कोई वैध अनुमति या टीएनसीपी से स्वीकृत लेआउट प्राप्त नहीं किया गया था। प्रशासन ने नियमों का उल्लंघन करने पर उक्त निर्माण को हटाने की कार्रवाई की। जिला प्रशासन द्वारा की गई अपील सार्वजनिक हित में जिला प्रशासन सभी नागरिकों एवं भू-स्वामियों से अपील करता है कि किसी भी प्रकार का कॉलोनी विकास कार्य आरंभ करने से पूर्व संबंधित विभाग से विधिवत अनुमति एवं लेआउट स्वीकृति प्राप्त करें। अवैध निर्माण करने वालों के विरुद्ध आगे भी कठोर कार्रवाई जारी रहेगी।

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भोपाल। मध्य प्रदेश में भीषण गर्मी के बीच बारिश, आंधी और ओले गिरने की गतिविधियां जारी है। सोमवार को रूक-रूक कर तेज बारिश का सिलसिला रात तक जारी रहा। बारिश होने से तपती गर्मी से जहां राहत मिली है, वहीं कई जिलों में आंधी-तूफान के कारण पेड़ गिरने से यातायात बाधित रहा। कई जगह बिजली गुल रही तो कहीं जलभराव की स्थिति भी उत्पन्न हो गई । आज मंगलवार को भी आंधी और तूफान का अलर्ट है। मौसम विभाग के मुताबिक 16 जिलों में ओले गिरेंगे। वहीं 30 जिलों में जमकर बारिश होगी।मौसम विभाग के अनुसार, मध्य प्रदेश के ग्वालियर समेत 16 जिलों में आज मंगलवार को ओले गिरने का अलर्ट है। वहीं, भोपाल, इंदौर, जबलपुर-उज्जैन समेत 30 से ज्यादा जिलों में आंधी-बारिश का दौर बना रहेगा। कुछ जिलों में हवा की रफ्तार 60 किमी प्रतिघंटा तक रह सकती है। इंदौर, भोपाल, उज्जैन, जबलपुर, नीमच, मंदसौर, रतलाम, आगर-मालवा, शाजापुर, झाबुआ, अलीराजपुर, धार, बड़वानी, खरगोन, बुरहानपुर, देवास, गुना, अशोकनगर, राजगढ़, विदिशा, रायसेन, सीहोर, नर्मदापुरम, बैतूल, नरसिंहपुर, कटनी, सतना, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर में गरज-चमक, बारिश और आंधी चल सकती है। जबकि ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, मैहर, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला, बालाघाट, सिवनी, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा में ओले गिर सकते हैं।मौसम विभाग का कहना है कि वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ), दो साइक्लोनिक सर्कुलेशन और ट्रफ की वजह से पूरे प्रदेश में मौसम बदला हुआ है। सोमवार को कई जिलों में आंधी, ओले-बारिश का दौर बना रहा। वहीं, मंगलवार को भी ऐसा ही मौसम रहेगा। 9 अप्रैल तक आंधी, बारिश का अलर्ट है। इससे पहले सोमवार को भोपाल समेत कई जिलों में बारिश-आंधी का दौर रहा। शाजापुर, नीमच, सीहोर में ओले गिरे जबकि गुना में आंधी की रफ्तार इतनी तेज थी कि शादी का टेंट तक उड़ गया। भोपाल में भी धूलभरी आंधी चली। ग्वालियर, मंदसौर, रायसेन, विदिशा, रतलाम, भिंड, छतरपुर, मऊगंज, पन्ना, खरगोन समेत कई जिलों में बारिश हुई। अशोकनगर में टावर गिर गया। जबकि कोलार, होशंगाबाद रोड, बैरसिया रोड, तुलसी नगर, करोंद, अयोध्या बायपास, न्यू मार्केट, कमला नगर, रेतघाट, तलैया, अशोका गार्डन, शाहजहानाबाद, बाग मुगालिया, बाग सेवनिया, चार इमली, लिंक रोड नंबर-2, रायसेन रोड, पटेल नगर, आनंद नगर समेत 200 से अधिक इलाकों में बिजली गुल हो गई। रात डेढ़ बजे के बाद तक आंधी-बारिश का सिलसिला जारी रहा।सोमवार को आंधी, बारिश और ओले गिरने की वजह से अधिकांश शहरों में दिन के तापमान में खासी गिरावट आई। रायसेन सबसे ठंडा रहा। यहां पारा 27.4 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। इसमें एक ही दिन में 8.6 डिग्री की गिरावट हुई। उज्जैन में 5.5 डिग्री की गिरावट के बाद पारा 35.5 डिग्री पर आ गया। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर में भी तापमान में कमी आई। नरसिंहपुर में पारा 43 डिग्री रहा, जो प्रदेश में सबसे अधिक है। वहीं, खरगोन में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस रहा। बाकी जिलों में तापमान इससे कम ही दर्ज किया गया। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल-उज्जैन में 35.5 डिग्री, इंदौर में 35 डिग्री, ग्वालियर में 36.2 डिग्री और जबलपुर में 36.7 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा। रायसेन के साथ पचमढ़ी में 32.2 डिग्री और रतलाम में 32.4 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। इंदौर में सोमवार को मई की सबसे ठंडी रात रही। पारा 7.3 डिग्री गिरकर 17.2 डिग्री सेल्सियस पर आ गया।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । प्रसिद्ध फिल्म निर्माता और निर्देशिका एकता कपूर ने कहा कि फिल्म निर्माण के लिए मुख्य रूप से वित्तीय सहायता, छूट, सिंगल विंडो क्लियरेंस सिस्टम, मनभावन लोकेशन और ईज ऑफ शूट को ध्यान में रखा जाता है। इन सभी चीजों के साथ मध्य प्रदेश में समृद्ध संस्कृति और ऐतिहासिक विरासत आज भी अपने मूल रूप में है। स्पेन ने अपनी पॉलिसी के द्वारा अधिकांश अंतर्राष्ट्रीय फिल्म निर्माताओं को आकर्षित किया है। निश्चित है स्पेन की तरह ही मध्य प्रदेश भी फिल्म निर्माताओं की पहली पसंद बनेगा। एकता कपूर शनिवार को मुम्बई में आयोजित “डिजिटल सपनों और सिनेमाई दृष्टिकोण के साथ मध्य प्रदेश: अगला रचनात्मक केंद्र” विषय पर पैनल डिस्कशन को संबोधित कर रही थीं। वर्ल्ड ऑडियो विजुअल एंड एंटरटेनमेंट समिट (WAVES) 2025 में शनिवार को मध्य प्रदेश के लिए ऐतिहासिक क्षण रहा। मुंबई के नीता मुकेश अंबानी सांस्कृतिक केंद्र (एनएमएसीसी) में “डिजिटल सपनों और सिनेमाई दृष्टिकोण के साथ मध्य प्रदेश: अगला रचनात्मक केंद्र” विषय पर एक प्रभावशाली पैनल डिस्कशन आयोजित हुआ। पैनल डिस्कशन ने देश के क्रिएटिव और डिजिटल उद्योग से जुड़े शीर्ष विशेषज्ञों को एक मंच पर लाकर मध्य प्रदेश को एवीजीसी-एक्सआर (एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स और एक्सटेंडेड रियलिटी) का राष्ट्रीय हब बनाने की दिशा में विचार-विमर्श को मजबूती प्रदान की। मप्र आईटी, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के के अपर मुख्य सचिव संजय दुबे, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव तथा मप्र टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक शिव शेखर शुक्ला, प्रसिद्ध फिल्म निर्माता और निर्देशिका एकता कपूर, फिक्की एवीजीसी फोरम व एमसीसीआईए एनिमेशन एंड गेमिंग कमेटी के चेयरमैन आशीष एस. कुलकर्णी, अगस्त मीडिया ग्रुप के फाउंडर एवं सीईओ ज्योर्तिमय सहा और क्रिएटिव लैंड स्टूडियोज़ की सीईओ शोभा सेंट चर्चा में शामिल रहे। सत्र का संचालन सुप्रसिद्ध लेखक और पत्रकार नमन रामचंद्रन ने किया। प्रसिद्ध अभिनेता अमित सियाल और शरद केलकर के साथ सभी विशेषज्ञों ने मध्य प्रदेश फिल्म पर्यटन नीति-2025 और मध्य प्रदेश एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स और एक्सटेंडेड रियलिटी AVGC-XR नीति-2025 को रिलॉन्च किया। साथ ही प्रदेश के फिल्म फैसिलिटेशन पोर्टल के सेकंड फेस को लॉन्च किया। फिल्म का प्री और पोस्ट प्रोडक्शन भी एमपी में ही पूरा कर सकते हैं: अपर मुख्य सचिव दुबे सत्र के दौरान अपर मुख्य सचिव संजय दुबे ने कहा कि फिल्म निर्माण के दौरान फिल्म शूटिंग के अलावा उसका प्री प्रोडक्शन और पोस्ट प्रोडक्शन भी महत्वपूर्ण कार्य होता है। इसी को ध्यान में रखकर मध्य प्रदेश की AVGC-XR नीति-2025 का निर्माण किया गया है। फिल्म पर्यटन नीति और AVGC-XR नीति में से किसी भी एक नीति में अप्लाई कर दोनों नीतियां का लाभ लिया जा सकता है। अब फिल्म निर्माता फिल्म की शूटिंग के अलावा उसका प्री प्रोडक्शन और पोस्ट प्रोडक्शन का कार्य भी एमपी में ही कर सकते हैं। मुंबई को रन फॉर मनी देने के लिए मध्य प्रदेश तैयार : प्रमुख सचिव शुक्ला पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि फिल्म निर्माताओं के लिए मनभावन शूटिंग स्थलों के साथ, शूटिंग फ्रेंडली स्थानीय नागरिक, फिल्म सहयोगी ईको सिस्टम, समृद्ध स्थानीय संस्कृति के साथ मध्य प्रदेश विशेष रूप से ईज ऑफ शूटिंग डेस्टिनेशन बन गया है। उन्होंने फिल्म टूरिज्म पॉलिसी की विशेषताओं को बताते हुए कहा कि प्रदेश में फिल्म और वेब सीरीज की श्रृंखला को शूट करने पर इन्क्रीमेंटल इनसेंटिव्स का प्रावधान है। पहली बार शूट करने पर अधिकतम 1.5 करोड़ रुपये, दूसरी बार शूट करने पर 1.75 करोड़ रुपये और इसी तरफ तीसरी बार शूट करने पर दो करोड़ रुपये तक की सहायता दी जाती है। इसके साथ ही स्थानीय भाषा में फिल्म बनाने और स्थानीय कलाकारों को काम देने पर अतिरिक्त सहायता राशि प्रदान की जाती है। अपनी विशेष सहायता राशि, सिंगल विंडो फिल्म शूटिंग अनुमति, स्थानीय टैलेंट के साथ मध्य प्रदेश अब शूटिंग के हब मुंबई को रन फॉर मनी देने के लिए तैयार है। फिक्की एवीजीसी फोरम व एमसीसीआईए एनिमेशन एंड गेमिंग कमेटी के चेयरमैन आशीष एस. कुलकर्णी ने कहा कि देश में मेट्रो सिटी की तुलना में मध्य प्रदेश के भोपाल और इंदौर में अधोसंरचना निर्माण, सर्विस और आर्टिस्ट कॉस्ट बहुत कम है। इसका फायदा मध्य प्रदेश में फिल्म और AVGC क्षेत्र को मिलेगा। क्रिएटिव लैंड स्टूडियोज़ की सीईओ शोभा सेंट ने कहा कि मध्य प्रदेश देश का एकमात्र प्रदेश है, जहां मल्टीपल सीन और विजुअल है। आज तक किसी फिल्म मेकर से प्रदेश में शूटिंग संबंधी कोई शिकायत नहीं मिली है, जो एक बार मध्य प्रदेश से शूट कर के गया वो दोबारा मध्य प्रदेश ही आया है। अभी हाल में ही ऑट्रेलियन प्रोडक्शन हाउस ने भारत में शूट के लिए मध्य प्रदेश की लोकेशंस को अपनी पहली पसंद बताया है। एवीजीसी-एक्सआर सेक्टर के विकास पर हुआ मंथन पैनलिस्टों ने एवीजीसी-एक्सआर क्षेत्र में तकनीकी विकास, स्किल डेवेलपमेंट, निवेश अवसरों और कंटेंट निर्माण की बढ़ती संभावनाओं पर प्रकाश डाला। यह पैनल डिस्कशन न केवल मध्यप्रदेश के लिए, बल्कि समूचे देश के एवीजीसी-एक्सआर सेक्टर के लिए एक दिशा-दर्शी संवाद हुआ। WAVES-2025 में यह सत्र प्रदेश में डिजिटल क्रिएटिव इंडस्ट्री के विकास और नीतिगत समन्वय की दृष्टि से एक मील का पत्थर साबित होगा।  

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में इन दिनों मौसम में बदलाव देखने को मिल रहे हैं। प्रदेश के कुछ जिलों में भीषण गर्मी का कहर है तो कहीं बारिश और आंधी का दौर जारी है। मौसम विभाग का कहना है कि साइक्लोनिक सर्कुलेशन (चक्रवात) के 3 सिस्टम के एक्टिव होने से ऐसा मौसम बन रहा है। शनिवार को राजधानी भोपाल में धूल भरी आंधी चली, जबकि कई जिलों में बारिश हुई और ओले गिरे। आज रविवार को भी ऐसा ही मौसम रहेगा। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन-जबलपुर समेत 45 जिलों में अलर्ट है।मौसम विभाग के अनुसार, तीन साइक्लोनिक सर्कुलेशन के अलावा दो टर्फ भी गुजर रही है। इस वजह से मौसम बदला हुआ है। अगले चार दिन यानी 7 मई तक प्रदेश में तेज आंधी चलने और बारिश होने की संभावना है। इस दौरान 40 से 60 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से आंधी चल सकती है। भोपाल में धुलभरी हवा चलने की संभावना है। इससे पहले भी प्रदेश में शनिवार को आंधी, बारिश और ओले गिरने के बीच गर्मी का असर भी देखा गया।तापमान की बात करें तो शनिवार को नरसिंहपुर सबसे गर्म रहा। यहां दिन का तापमान 43.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। रतलाम में 43.4 डिग्री, खरगोन में 42.6 डिग्री, शाजापुर में 42.4 डिग्री और खंडवा में पारा 42.1 डिग्री रहा। भोपाल में पारा 41.1 डिग्री, इंदौर में 40.8 डिग्री, ग्वालियर में 34.1 डिग्री, उज्जैन में 41.4 डिग्री और जबलपुर में 38.9 डिग्री दर्ज किया गया। पचमढ़ी सबसे ठंडा रहा। यहां पारा 35 डिग्री दर्ज किया गया। सिवनी, छिंदवाड़ा, सीधी, टीकमगढ़, रायसेन और शिवपुरी में भी तापमान में गिरावट दर्ज की गई है।

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बैतूल । मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के मुलताई नगर में शनिवार की रात 9.30 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। लोगों ने पंखे और फर्नीचर को हिलते देखा। इसके बाद वे घबराकर घरों से बाहर निकलकर आ गए। अब तक किसी जनहानि या संपत्ति के नुकसान की खबर नहीं है। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के मुताबिक, इस भूकंप की 2.8 तीव्रता मापी गई है। इसका केन्द्र पांच किमी गहराई तक इसका प्रभाव देखा गया। मुलताई नगर के इंदिरा गांधी वार्ड के निवासी गोपाल अग्रवाल ने बताया कि झटके इतने तेज थे कि पूरा कमरा हिलता महसूस हुआ। पटेल वार्ड में कुलदीप पहाड ने कहा कि पंखा अपने आप हिलने लगा। उन्होंने जमीन में भी कंपन महसूस किया। सुभाष वार्ड, राजीव गांधी वार्ड और विवेकानंद वार्ड से भी भूकंप के झटके महसूस हुए हैं। सोशल मीडिया पर भी कई लोगों ने अपने अनुभव साझा किए हैं।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मौसम ने फिर करवट बदली है। प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में शुक्रवार को बादल छाए रहे और 21 जिलों में बारिश दर्ज की गई। 6 जिलों में तेज आंधी चली। रतलाम में पारा 44.2 डिग्री तक पहुंच गया। इसके उलट, राजधानी भोपाल में बादलों की मौजूदगी के बावजूद तापमान में गिरावट नहीं आई। यहां अधिकतम तापमान 41.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। शनिवार को भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर समेत करीब 40 जिलों में बारिश-आंधी का अलर्ट है। इनमें से 7 जिले सतना, मैहर, कटनी, उमरिया, शहडोल, डिंडौरी और अनूपपुर में ओले भी गिर सकते हैं। मौसम विभाग के अनुसार 6 मई तक ऐसा ही मौसम बना रहेगा।मौसम विभाग के अनुसार, जिन जिलों में आज शनिवार को बारिश हो सकती है, उनमें भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, भिंड, मुरैना, श्योपुर, दतिया, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, नीमच, मंदसौर, आगर-मालवा, राजगढ़, शाजापुर, विदिशा, रायसेन, सागर, नर्मदापुरम, पांढुर्णा, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, दमोह, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सिवनी, मंडला, बालाघाट, रीवा, मऊगंज, सीधी और सिंगरौली शामिल हैं। यहां गरज-चमक और बारिश हो सकती है। जबकि इंदौर, उज्जैन, सीहोर, देवास, हरदा, बैतूल, बुरहानपुर, खरगोन, बड़वानी, धार, खंडवा, अलीराजपुर, झाबुआ, रतलाम और बड़वानी में गर्मी का असर रहेगा। मौसम विभाग का कहना है कि साइक्लोनिक सकुर्लेशन (चक्रवात) और वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) के एक्टिव होने से मध्य प्रदेश में ओले-बारिश का दौर जारी है। अगले कुछ दिन तक ऐसा ही मौसम बना रहेगा।मध्य प्रदेश में शुक्रवार को बारिश और आंधी के साथ ही गर्मी का असर भी देखा गया। भिंड में तेज हवा के साथ बारिश हुई। मुरैना में भी तेज बारिश हुई। ग्वालियर में भी हल्की बरसात हुई। इससे दिन के तापमान में गिरावट हुई। दूसरी ओर, इंदौर और उज्जैन संभाग के जिलों में गर्मी का असर देखा गया। रतलाम सबसे गर्म रहा। यहां दिन का तापमान 44.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। नरसिंहपुर में 43.6 डिग्री, खंडवा में 43.1 डिग्री, खरगोन में 43 डिग्री, धार में 42.4 डिग्री, शाजापुर-रायसेन में 42.2 डिग्री, शिवपुरी में 42 डिग्री, बैतूल में 40.8 डिग्री, नर्मदापुरम में 40.1 डिग्री और दमोह में पारा 40 डिग्री सेल्सियस रहा। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 41.6 डिग्री, इंदौर में 41.4 डिग्री, ग्वालियर में 36.6 डिग्री, उज्जैन में 41.5 डिग्री और जबलपुर में तापमान 38.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

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उमरिया । उमरिया जिले के विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र के पनपथा और पतौर रेंज में 3 लोगों को मौत के घाट उतारने एवं 3 लोगों को घायल करने वाली बाघिन को आखिरकार रेस्क्यू कर लिया गया है।   शनिवार को रेस्क्यू टीम प्रभारी अर्पित मैराल ने बताया कि विगत एक माह में दो बार कोठिया और कुशमाहा ग्राम में घुसकर एक वनकर्मी समेत 3 लोगों को घायल करने वाली बाघिन का रेस्क्यू कर लिया गया है। क्षेत्र संचालक बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, सहायक संचालक पनपथा, वन्यप्राणी स्वास्थ्य अधिकारी बांधवगढ़ ओर संजय टाइगर रिजर्व, रेंजर पतौर, रेंजर पनपथा कोर की मौजूदगी एवं रेस्क्यू टीम, तीन हाथी (सूर्या, लक्ष्मण ओर गणेश) ओर अन्य फील्ड स्टाफ के सहयोग से रेस्क्यू कर लिया है, यहां से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के इनक्लोजर में भेजा गया, जहां नियमित स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। रेस्क्यू टीम की इस कार्रवाई से ग्रामीणों को राहत मिली है।

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भोपाल । कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के निर्देशानुसार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय, भोपाल द्वारा परीक्षा केंद्रों पर चिकित्सा सम्बन्धी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए मेडिकल टीम की ड्यूटी लगाई गई है। मेडिकल कॉलेज में स्नातक प्रवेश के लिए 4 मई को आयोजित नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट-2025 परीक्षा राजधानी के 35 केंद्रों पर आयोजित होगी। परीक्षा में 14 हजार से अधिक विद्यार्थी शामिल होंगे।परीक्षा के सुचारू संचालन के लिए भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह द्वारा सभी आवश्यक तैयारियां करने के निर्देश दिए थे। आकस्मिक चिकित्सा हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रत्येक परीक्षा केंद्र के लिए एक चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टाफ की व्यवस्था की गई है। विभाग द्वारा 50 टीमों की तैनाती की गई है, जिसमें चिकित्सक एवं पैरामेडीकल स्टाफ सेवाएं देंगे।भोपाल के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर तिवारी ने शनिवार को बताया कि परीक्षार्थियों की लिए आवश्यक चिकित्सा व्यवस्थाएं की गई है। समन्वय के लिए जोनल मेडिकल टीम तैयार रहेगी। 108 एम्बुलेंस वाहन भी क्विक रिस्पांस के लिए लगाए गए हैं।  

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भोपाल । कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह के निर्देश पर भोपाल जिले में अवैध कॉलोनियों के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान के तहत गुरुवार को जिला प्रशासन, राजस्व विभाग, पुलिस और नगर निगम की संयुक्त टीम द्वारा ग्राम बिशनखेड़ी में व्यापक स्तर पर कार्रवाई की गई। इस कार्रवाई में जेसीबी से करीब 1.5 करोड़ रुपये मूल्य की शासकीय भूमि पर की जा रही अवैध प्लॉटिंग को हटाया गया। यह भूमि ग्राम बिशनखेड़ी, पटवारी हल्का नंबर-10 में स्थित है, इसमें खसरा क्रमांक 14/2 रकबा 1.00 हेक्टेयर और खसरा क्रमांक 15/2 रकबा 0.652 हेक्टेयर पर शुभम साहू पुत्र जमना प्रसाद एवं नजमा पत्नी हसीन खां द्वारा कब्जा किया गया था, जिसकी अनुमानित सरकारी कीमत लगभग 1 करोड़ 9 लाख रुपये आँकी गई है। इसके अतिरिक्त खसरा क्रमांक 139, रकबा 0.600 हेक्टेयर पर जियाबाई पत्नी दौलत सिंह, गोपाल सिंह, पवन, एवं हेमराज पुत्रगण दौलत सिंह द्वारा भी अवैध कॉलोनी का निर्माण किया जा रहा था, जिसकी सरकारी कीमत लगभग 40 लाख रुपये आंकी गई है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि शासकीय भूमि पर अतिक्रमण और अवैध प्लॉटिंग किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस तरह की गतिविधियों में लिप्त लोगों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी और आमजन को भी चेतावनी दी गई है कि वे अवैध कॉलोनियों में प्लॉट खरीदने से बचें।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मौसम के दो रंग देखने को मिल रहे है। प्रदेश में कहीं तेज गर्मी पड़ रही है तो कही बारिश और ओले गिर रहे है। गुरुवार को करीब 25 से ज्यादा जिलों में मौसम बदला रहा। राज्य में आज शुक्रवार को भी कई जिलों में बूंदाबांदी होने की संभावना है। जबकि 5 जिले-छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला और बालाघाट में ओले गिर सकते हैं। वहीं कई इलाकों में भीषण गर्मी का असर जारी रहेगा।मौसम विभाग के अनुसार, साइक्लोनिक सर्कुलेशन (चक्रवात) के एक्टिव होने से मध्यप्रदेश में ओले-बारिश का दौर जारी है। पिछले 6 दिन प्रदेश के आधे हिस्से में मौसम बदला हुआ है। कहीं तेज आंधी-बारिश हो रही है तो कहीं ओले भी गिर रहे हैं। भिंड में शुक्रवार सुबह से तेज हवा के साथ बारिश हुई। इसके चलते शहर की बिजली बंद हुई। हालांकि, सुबह के समय होने वाली बारिश से तापमान भी कम हुआ है। इसके साथ ही मुरैना में भी तेज बारिश हुई।आज शुक्रवार को कटनी, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, डिंडौरी, जबलपुर, नरसिंहपुर में हवा की रफ्तार 50 से 60 किमी प्रतिघंटा तक रह सकती है। वहीं, भोपाल, ग्वालियर, नीमच, मंदसौर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, दमोह, सागर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, राजगढ़, विदिशा, सीहोर, रायसेन, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, मऊगंज, सीधी और सिंगरौली में गरज-चमक और हल्की बारिश होने के आसार है। मौसम विभाग के अनुसार 5 मई तक प्रदेश में बारिश का दौर बना रहेगा। कुछ जिलों में दिन में गर्मी रहेगी, जबकि शाम के बाद मौसम बदलेगा।इससे पहले, गुरुवार को भी कुछ जिलों में बारिश हुई। करीब 25 से ज्यादा जिलों में मौसम बदला रहा। डिंडौरी में तेज बारिश के साथ ओले भी गिरे। वहीं, अनूपपुर, उमरिया, कटनी, मैहर, सिवनी, बालाघाट, मंडला, छिंदवाड़ा, पन्ना, शहडोल, सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली, नीमच, मंदसौर, आगर-मालवा, शाजापुर, देवास, रतलाम, उज्जैन और राजगढ़ में हल्की गरज के साथ हल्की बारिश हुई।मई के पहले ही दिन उज्जैन, शाजापुर, रतलाम, गुना और नरसिंहपुर में तापमान 43 डिग्री के पार पहुंच गया। शाजापुर सबसे गर्म रहा। यहां पारा 43.7 डिग्री सेल्सियस रहा। रतलाम में 43.6 डिग्री, उज्जैन में 43.4 डिग्री और गुना-नरसिंहपुर में 43.2 डिग्री दर्ज किया गया। धार, खरगोन, खंडवा, शिवपुरी, रायसेन, टीकमगढ़, सागर, दमोह, बैतूल, खजुराहो और नर्मदापुरम में पारा 41 डिग्री या इससे अधिक रहा। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 42.5 डिग्री, इंदौर में 42 डिग्री, ग्वालियर में 39.6 डिग्री और जबलपुर में 40.2 डिग्री रहा।  

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उमरिया । जिले में ग्रीष्म ऋतु की तेज तपन ने बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के वन्य प्राणियों को भी परेशान कर रखा है। मगधी जोन में पर्यटकों ने ऐसे ही गर्म मौसम से बचने पेड़ की छांव में बैठे नर बाघ की खूबसूरत तस्वीर ली है, जो अब सोशल मीडिया में वायरल हो रही है, जानकारों की माने तो यह तस्वीर मगधी जोन में रहने वाले खूबसूरत जमहोल बाघ की है, जो लंबे समय से पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। बांधवगढ टाइगर रिज़र्व में वैसे तो कई बाघों का बड़ा कुनबा है, इनमें कई बाघों के गले मे कालर आईडी है, जिनकी अब पहचान है फिर भी कई बाघ विशालकाय बांधवगढ टाइगर रिज़र्व के वन क्षेत्र में बिना पहचान के ही रहवास बनाये हुए है।   पर्यटकों के साथ दोस्ताना व्यवहार और शिकार में कमाल का अनुभव संजोये जमहोल टाइगर की अपनी अलग कहानी है। पर्यटकों को आकर्षित करने वाला जमहोल बाघ अक्सर ताला परिक्षेत्र के अलावा मगधी एवम धमोखर बफर में देखा जाता है। ये ज्यादातर बोदा तालाब, सेहरा ग्रास लैंड, राजबहरा ग्रास लैंड, झिलकी नाला, नाडु गुफा, अरहरिया सासर, सूखा बांध और गोहडी में देखा जाता है।   आपको बता दे जमहोल टाइगर वर्ष 2018 में जोबी क्षेत्र में जन्म लिया था। इसकी माता जोबी मादा है एवं जानकारों की माने तो पिता महावन नर बाघ है। जमहोल टाइगर का नाम बांधवगढ टाइगर रिज़र्व के मशहूर जमहोल तालाब के नाम से पड़ा है। ये अक्सर शिकार के बाद पानी के गड्ढों या सासर में वक्त बिताता है। पर्यटकों के साथ दोस्ताना व्यवहार होने के साथ हम उम्र बाघिनों से भी इसके बेहतर रिश्ते है, जानकारों की माने तो बफर वाली मादा के अलावा डॉटी मादा बाघिन के साथ भी गाहे - बगाहे जमहोल बाघ को देखा जा सकता है। जानकार तो यह भी बताते है कि बफर वाली मादा के चार शावकों का पिता यही जमहोल टाइगर है।

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । मध्य प्रदेश में बुधवार शाम को आंधी-बारिश का दौर चला। इंदौर में इतनी तेज हवाएं चली कि मुंबई से आई इंडिगो की फ्लाइट लैंड नहीं कर पाई। इसके बाद विमान को भोपाल में उतारा गया। वहीं, इंदौर के पास राऊ में विश्वकर्मा मंदिर गौशाला के कार्यक्रम के दौरान मंच का एक हिस्सा गिरा। इस दौरान मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी आयोजन स्थल पर मंच पर मौजूद थे। हालांकि इस घटना में उन्हें कोई चोट नहीं आई। इंदौर में तेज आंधी से एरोड्रम इलाके में एक वाहन पर पेड़ गिर गया। जिससे वाहन चालक को चोट आई है। तेज आंधी से कई इलाकों में लाइट भी गुल हो गई। भोपाल में भी चली तेज हवाओं से शहर के तुलसी टावर के पास पेड़ की टहनी टूटकर सड़क पर आ गई। देवास में भोपाल रोड पर कई पेड़ और होर्डिंग्स भी गिर पड़े। राऊ क्षेत्र स्थित एक गौशाला में आयोजित कार्यक्रम के दौरान तेज हवाओं के चलते मंच का स्ट्रक्चर गिर गया। मंच पर भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय मौजूद थे, लेकिन राहत की बात यह रही कि इस हादसे में किसी को चोट नहीं आई। दरअसल, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय प्रतिवर्ष अपने जन्म दिन के मौके पर गौशाला में अपने सर्मथकों के साथ जाते है। बुधवार को भी मंत्री विजयवर्गीय जन्मदिन के मौके इस गौशाला में गौ सेवा के लिए गए थे। इस दौरान क्षेत्री भाजपा समर्थन ने गौशाला परिसर में मंच भी लगवाया था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मंच पर मंत्री विजयवर्गीय वहां मौजूद लोगों से संवाद कर रहे थे। वहां मौजूद लोग गौ सेवा के लिए अपनी ओर से सहयोग व सहायता राशि देने की बातें कह रहे थे। तेज हवा के झोंकों ने पंडाल और मंच को हिला दिया और कुछ ही पलों में मंच गिर पड़ा। इस कारण मंच पर खड़े कुछ लोग गिरे। भाजपा पूर्व जिला अध्यक्ष चिंटू वर्मा के मुताबिक गौशाला में हुए आयोजन में मंत्री विजयवर्गीय मंच पर मौजूद थे। इस दौरान मंच का एक हिस्सा गिरा। इसमें मंत्री विजयवर्गीय या अन्य लोगों को कोई विशेष चोट नहीं लगी। इधर, आगर में लगातार दूसरे दिन बेमौसम बारिश हुई। बुधवार दोपहर करीब 3.45 बजे से तेज हवाओं के साथ बारिश होने लगी। जिससे सड़कों पर पानी भर गया। मंदसौर जिले के शामगढ़ और सीतामऊ समेत आसपास के क्षेत्र में जमकर बारिश हुई। रूपनी चौपाटी पर बारिश के साथ ओले भी गिरे। रतलाम के आलोट में भी तेज हवाओं के साथ करीब एक घंटे तक चली। इस दौरान कई पेड़ उखड़ गए। शाजापुर में शाम को आंधी के साथ हल्की बारिश हुई। इसके अलावा, सीहोर जिले के आष्टा में भी शाम को तेज धूल भरी आंधी चली। बारिश से कई जगहों पर मंडियों में रखा गेहूं भीग गया। वहीं कई जगहों पर सामूहिक विवाह के लिए लगाए गए पंडाल भी उखड़ गए। रतलाम के आनंदगढ़ में तेज हवा की वजह से शॉर्ट सर्किट हो गया। इससे लगी आग में गेहूं, लहसुन और पशु चारा जल गया। दो बकरियों की झुलसकर मौत हो गई। रामपुर नैकिन के भितरी गांव में आंधी से एक कच्चा मकान ढह गया। कई मकानों की सीमेंट की चादर से बनी छतें उड़ गईं। मौसम विभाग ने देवास, आगर और शाजापुर जिले में मध्यम गरज के साथ बारिश होने और 60 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार से आंधी चलने का अलर्ट जारी किया है। वहीं, नीमच, मंदसौर, उज्जैन, राजगढ़, खंडवा, हरदा, सीहोर और नर्मदापुरम जिलों में रात के समय हल्की बारिश होने का अनुमान जताया है।  

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भोपाल । पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से ही राजधानी भोपाल में पाकिस्तान के खिलाफ लगातार विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। गुरुवार काे वार्ड 41 के पार्षद मोहम्मद रेहान के नेतृत्व में मुस्लिम समाज के युवा और महिलाएं एकत्रित हाेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचीं। यहां सभी ने नारेबाजी करते हुए विराेध स्वरुप पाकिस्तान का झंडा फाड़कर उसे पैराें से राैंदा। इस दौरान लोगों ने 'भारत माता की जय' और 'पाकिस्तान मुर्दाबाद' के नारे लगाए। समाज के प्रतिनिधियों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए बॉर्डर पर जाकर भारतीय सेना के साथ काम करने की अनुमति मांगी। इस संबंध में जिला कलेक्टर को समाज के लोगों के नाम और मोबाइल नंबरों की सूची भी सौंपी गई। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अब समय आ गया है जब देश का मुस्लिम समाज भी दुश्मनों को करारा जवाब देगा। आतंकवाद की इस कायराना हरकत को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।   पार्षद मोहम्मद रेहान ने कहा कि हम कलेक्टर महोदय से मांग करने आए हैं कि भारत सरकार जिस प्रकार सेना को 'फ्री हैंड' देती है, उसी प्रकार भोपाल के मुस्लिम युवाओं को भी मौका दिया जाए। हमें बॉर्डर पर भेजा जाए। हम अपने खून की एक-एक बूंद देश पर न्योछावर करने को तैयार हैं। पाकिस्तान को यह बता देना चाहते हैं कि अब हिंदुस्तान का मुसलमान भी जाग चुका है। ज्ञापन में लिखा गया है, "हम अपने मादरे-वतन के लिए हर प्रकार के बलिदान को तैयार हैं। देश की रक्षा के लिए हम बॉर्डर पर जाकर सेना का साथ देना चाहते हैं। कृपया हमें अनुमति प्रदान की जाए। हम वचन देते हैं कि अनुशासन और समर्पण के साथ सेना के निर्देशों का पालन करेंगे।"      

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सीधी । सीधी जिला अस्पताल में गुरुवार काे बड़ा हादसा टल गया। यहां अस्पताल का हाल में बना नवनिर्मित मुख्य द्वार अचानक भरभरा कर गिर गया। गनीमत यह रही कि घटना के समय मौजूद सुरक्षाकर्मी और लोगों ने भाग करके अपनी जान बचा ली। हालांकि, दो मोटरसाइकिलें मलबे की चपेट में आकर क्षतिग्रस्त हो गईं।   गुरुवार सुबह जिस समय घटना हुई जिला अस्पताल के मुख्य प्रवेश द्वार के नीचे कई वाहन खड़े थे। लोगों की नियमित आवाजाही के दौरान अचानक छज्जा गिर पड़ा। जब जिला अस्पताल का मेन गेट गिरा, वहां सुरक्षाकर्मी और मरीजों के परिजन मौजूद थे, लेकिन, किसी को नुकसान की खबर सामने नहीं आई है। घटना के बाद प्रशासन हरकत में आया और उसे ठीक करने की बात कही। अस्पताल के जीर्णोद्धार कार्य के तहत यह गेट हाल ही में बनाया गया था। इसके निर्माण सामग्री की गुणवत्ता पर पहले से सवाल उठ रहे थे। निर्माण के कुछ समय बाद ही गेट में दरारें दिख गई थीं। सीधी सांसद डॉ. राजेश मिश्रा ने सुबह 11 बजे अस्पताल का दौरा किया। उन्होंने कहा कि छज्जे की निर्माण गुणवत्ता घटिया थी। सांसद ने मामले की जांच और दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया। छज्जे का निर्माण अलग से कराया गया था। खराब निर्माण सामग्री के कारण यह हादसा हुआ। सांसद ने प्रशासन से विस्तृत जांच रिपोर्ट मांगी है। इस घटना ने अस्पताल प्रशासन और निर्माण एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सौभाग्य से इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई।        

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मौसम के दो रंग देखने को मिल रहे हैं। प्रदेश में कहीं भीषण गर्मी के चलते लू चल रही है तो कहीं आंधी-बारिश का सिलसिला जारी है। मौसम विभाग ने प्रदेश में अगले 4 दिन यानी, 2 मई तक बारिश का अलर्ट जारी किया है। जिसका पूर्वी और दक्षिणी हिस्से यानी नर्मदापुरम, रीवा, सागर, जबलपुर और शहडोल संभाग में सबसे ज्यादा असर पड़ेगा। आज मंगलवार को पूर्वी हिस्से के 6 जिलों में बारिश हो सकती है। इनमें शहडोल, उमरिया, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला और बालाघाट शामिल हैं।मौसम विभाग ने अनुसार, उज्जैन और ग्वालियर-चंबल संभाग में गर्मी का असर तेज रह सकता है। भोपाल, इंदौर संभाग के शहरों में भी पारा 42 डिग्री के आसपास ही रहेगा। मौसम विभाग का कहना है कि साइक्लोनिक सर्कुलेशन एक्टिव है। वहीं, दो टर्फ एक्टिव है। इस वजह से सोमवार को कई जिलों में बारिश का दौर रहा। ऐसा ही मौसम मंगलवार को भी बना रहेगा। प्रदेश के पूर्वी हिस्से के 6 जिलों में बारिश की संभावना है। यहां गरज-चमक के साथ तेज आंधी भी चल सकती है। 1-2 मई को भी नए सिस्टम की वजह से बारिश होने के आसार है।वहीं, सोमवार को आंधी और बारिश के बीच प्रदेश में गर्मी का असर भी तेज रहा। ग्वालियर में पारा 44 डिग्री के पार पहुंच गया। एक ही दिन में 3.5 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हुई। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और उज्जैन के साथ प्रदेश के 17 शहरों में दिन का तापमान 40 डिग्री के पार रहा। मौसम विभाग के अनुसार, धार में 42.9 डिग्री, नरसिंहपुर में 42.2 डिग्री, खंडवा में 42.1 डिग्री, खरगोन-गुना में 42 डिग्री, शाजापुर में 41.4 डिग्री, सागर-नौगांव में 41.1 डिग्री, दमोह, रायसेन-खजुराहो में 41 डिग्री और नर्मदापुरम में 40.6 डिग्री रहा। बड़े शहरों की बात करें तो उज्जैन में सबसे ज्यादा 42 डिग्री, भोपाल में 41.2 डिग्री, इंदौर में 41.4 डिग्री, ग्वालियर में 41.8 डिग्री और जबलपुर में पारा 38.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के आसपास के इलाकों में प्रदूषित भूजल की जांच की जा रही है। यहां चार दिन पहले 19 इलाकों में पानी की जांच की गई थी। बाकी बचे 23 इलाकों में मंगलवार को जांच टीम पहुंची है। इनमें डीआईजी बंगला क्षेत्र भी शामिल है। इस दौरान गैस पीड़ित संगठनों के पदाधिकारी भी मौजूद हैं। फिलहाल निरीक्षण कार्य जारी है।   दरअसल, भोपाल गैस त्रासदी के बाद से यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के आसपास के इलाकों के लिए प्रदूषित पानी पीने को मजबूर हैं। इस संबंध में उच्चतम न्यायालय के आदेश पर गठित निगरानी समिति के निर्देश पर इन क्षेत्रों में पानी की जांच की जा रही है। गत 25 अप्रैल को भोपाल जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव सुनीत अग्रवाल की अध्यक्षता में 19 मोहल्लों का निरीक्षण किया गया था। मंगलवार को निरीक्षण करने पहुंची टीम पानी की सैंपलिंग भी कर रही है। गैस पीड़ित संगठनों के पदाधिकारियों ने प्रदूषित पानी से संबंधित साक्ष्य भी सौंपे।   इस संबंध में 'भोपाल ग्रुप फॉर इनफॉर्मेशन एंड एक्शन' की संयोजक रचना ढिंगरा ने बताया कि फैक्ट्री के आसपास के 14 मोहल्लों के भूजल में कार्बाइड के जहर (हैवी मेटल्स, कीटनाशक और परसिस्टेंट ऑर्गेनिक पॉल्यूटेंट्स) पाए गए थे। इसके बाद सभी मोहल्लों में पाइपलाइन के जरिए साफ पानी उपलब्ध कराने के आदेश दिए गए। उन्होंने बताया कि 2012 में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टॉक्सीकोलॉजिकल रिसर्च (IITR) को इन 14 बस्तियों के अलावा आठ अन्य मोहल्लों का पानी भी कार्बाइड के जहर से प्रदूषित मिला था।   वहीं, 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक 20 और मोहल्लों में भूजल प्रदूषित पाया गया था। तब सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि सभी मोहल्लों में पाइप लाइन से साफ पानी उपलब्ध कराई जाए, सीवरेज का निर्माण हो और हर तीन महीने में पानी की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए। रचना ढिंगरा ने बताया कि फूटा मकबरा, कैंची छोला, कल्याण नगर जैसे इलाकों में अब तक नल कनेक्शन नहीं दिए गए हैं। संगठनों ने समिति को इन सभी 42 मोहल्लों की पानी की स्थिति, नाली के अभाव और गंदगी के फोटो-वीडियो के साथ एक विस्तृत रिपोर्ट दी है।  

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भोपाल । खगोल विज्ञान में रुचि रखने वाले लोगों के लिए बुधवार, 30 अप्रैल का दिन खास होने जा रहा है। इस दिन देश में हिन्दू धर्म में अबूझ मुहूर्त माना जाने वाला अक्षय तृतीया का पर्व जब मनाया जा रहा होगा, तब आप आसमान में पश्चिम दिशा में अक्षय तृतिया के हंसियाकार चांद को देखेंगे तो पाएंगे कि हंसियाकार भाग तो तेज चमक के साथ दिखेगा, लेकिन हल्‍की चमक के साथ पूरा गोलाकार चांद भी दिखाई देगा।   नेशनल अवार्ड प्राप्‍त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने मंगलवार को इस खगोलीय घटना के बारे में बताया कि इसे अर्थशाईन कहा जाता है। यह घटना आसमान में साल में दो बार होती है। उन्होंने बताया कि इस घटना के समय चंद्रमा की पृथ्‍वी से दूरी लगभग तीन लाख 63 हजार 897 किलोमीटर होगी और इसका 9.9 प्रतिशत भाग ही पूरी तरह प्रकाशित होगा, लेकिन इस खास खगोलीय घटना में चंद्रमा का बाकी अप्रकाशित भाग भी कम चमक के साथ दिख रहा होगा। इसे बिना किसी यंत्र की मदद से खाली आंखों से भी देख सकेंगे।   सारिका ने बताया कि इस घटना को दा विंची चमक के नाम से भी जाना जाता है। लियोनार्डो द विंची ने पहली बार स्‍केच के साथ 1510 के आसपास अर्थशाईन की अवधारणा को रखा था। इस घटना का कारण बताते हुए सारिका ने कहा कि चंद्रमा अपने तक पहुंचने वाले सूर्य के प्रकाश का लगभग 12 प्रतिशत परावर्तित करता है। दूसरी ओर, पृथ्वी अपनी सतह पर आने वाले सभी सूर्य के प्रकाश का लगभग 30 प्रतिशत परावर्तित करती है। पृथ्‍वी का जब यह परावर्तित प्रकाश चंद्रमा पर पहुंचता है तो चंद्रमा की सतह के अंधेरे वाले भाग को भी रोशन कर देता है।   सारिका ने बताया कि बुधवार की शाम जब आप चंद्रमा को देखें तो याद रखें उसे चमकाने में उस पृथ्‍वी का भी योगदान है, जिस पर आप खड़े हैं। चंद्रमा को आप शाम लगभग 9:30 तक देख पाएंगे, इसके बाद यह अस्‍त हो जाएगा।

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भोपाल । केन्द्र सरकार के महत्वाकांक्षी चीता प्रोजेक्ट के अंतर्गत नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से भारत लाकर मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो राष्ट्रीय उद्यान में बसाए गए चीतों का कुनबा लगातार बढ़ता जा रहा है। कूनों से एक बार फिर खुशखबरी आई है। यहां पांच वर्षीय मादा चीता नीरवा ने पांच स्वस्थ शावकों को जन्म दिया है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने रविवार की रात सोशल मीडिया के माध्यम से यह जानकारी साझा की है। इसके साथ ही प्रदेश में चीतों की संख्या बढ़कर 31 हो गई। इनमें से दो चीते हाल ही में मंदसौर जिले के गांधी सागर अभ्यारण्य में छोड़े गए हैं, जबकि इन पांच नए शावकों को मिलाकर कूनों में फिलहाल 29 चीते हो गए हैं।   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार की रात सोशल मीडिया एक्स पर मादा चीता नीरवा के शावकों का एक वीडियो शेयर किया है, साथ ही उन्होंने लिखा कि कूनो में नए मेहमानों का स्वागत है... अत्यंत प्रसन्नता है कि कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों का कुनबा निरंतर बढ़ रहा है। हाल ही में पांच वर्षीय नीरवा ने पांच शावकों को जन्म दिया है। इन नन्हे शावकों का आगमन चीता प्रोजेक्ट की सफलता और भारत की समृद्ध जैव-विविधता का प्रतीक है।   उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में वन्यजीव संरक्षण के लिए बनाया गया अनुकूल वातावरण आज समृद्ध हो रहा है। कूनो नेशनल पार्क की पूरी टीम, वन्यजीव विशेषज्ञों और संरक्षण में जुटे हर कर्मठ साथी को इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी एक्स पर इस खबर को साझा किया।   कूनो राष्ट्रीय उद्यान में मादा चीता नीरवा दूसरी बार मां बनी है। इससे पहले 25 नवंबर 2024 को नीरवा ने पहली बार चार शावकों को जन्म दिया था। जिसमें से दो शावकों की दो दिन बाद यानी 27 नवंबर 2024 को मौत हो गई थी। अब नीरवा ने पांच शावकों को जन्म दिया है। मादा चीता नीरवा को 2022 में दक्षिण अफ्रीका से कूनो राष्ट्रीय उद्यान में लाया गया था। मई 2023 में इसे पहली बार खुले जंगल में छोड़ा गया था। इसके पहले नीरवा को बाड़े में ही दूसरे चीतों के साथ रखा गया था। नीरवा द्वारा लगातार दो बार शावकों के जन्म दिए जाने के बाद से देश के “चीता प्रोजेक्ट” को एक बड़ी सफलता माना जा रहा है।   उल्लेखनीय है कि गत दिनों कूनो से दो चीते मंदसौर के गांधीसागर में छोड़े गए थे। इसके बाद कूनों में इनकी संख्या घटकर 24 हो गई थी। अब पांच शावकों के जन्म के बाद चीतों की संख्या बढ़कर 29 हो गई है।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मौसम ने अचानक करवट ले ली है, जिससे लोगों को भीषण गर्मी से थोड़ी राहत मिली है। लेकिन बेमौसम बारिश से किसानों की चिंता बढ़ गई है। प्रदेश में अगले चार दिन तक बारिश और आंधी की संभावना है। आज सोमवार को जबलपुर समेत 11 जिलों में ओले गिरने की चेतावनी जारी की गई है। इस दौरान कई जिलों में लू का भी अलर्ट है। भोपाल, इंदौर और उज्जैन में गर्मी का असर देखने को मिलेगा।मौसम विभाग ने बताया कि एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) और एक साइक्लोनिक सकुर्लेशन एक्टिव है। इस वजह से प्रदेश में मौसम बदला हुआ है। अगले चार दिन तक कहीं-कहीं बारिश हो सकती है। वहीं, गर्मी का असर भी बना रहेगा। सोमवार को जिन जिलों में ओले गिरने का अलर्ट है, उनमें छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, बालाघाट, जबलपुर, मंडला, डिंडोरी, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया और कटनी शामिल हैं। सिंगरौली, सागर, नर्मदापुरम, बैतूल, देवास में गरज-चमक और बूंदाबांदी हो सकती है। 29-30 अप्रैल और 1 मई को भी बारिश का दौर बना रहेगा, लेकिन लू और तेज गर्मी का असर भी देखने को मिल सकता है। ग्वालियर-चंबल संभाग में दिन में लू और रात में बारिश का अलर्ट है।इससे पहले रविवार को बारिश के बीच गर्मी का असर भी देखा गया। पूर्वी हिस्से में बारिश का दौर चला। छिंदवाड़ा, दमोह, जबलपुर, मंडला, डिंडौरी, सागर, विदिशा, नरसिंहपुर, सिवनी, उमरिया समेत कई जिलों में बारिश हुई। भोपाल में शाम को बूंदाबांदी का दौर शुरू हुआ। वहीं, पश्चिमी हिस्से में गर्मी का असर रहा। तापमाप की बात करें तो छतरपुर जिले के नौगांव में एक ही दिन में 10 डिग्री पारा लुढ़क गया। यहां शनिवार को तापमान 43 डिग्री था, जो रविवार को 33 डिग्री पर आ गया। छिंदवाड़ा में 4 डिग्री, खजुराहो में 4.2 डिग्री, सीधी में 6 डिग्री, सिवनी में 2 डिग्री, मलाजखंड में 3.4 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई।प्रदेश में रविवार को रतलाम सबसे गर्म रहा। यहां दिन का तापमान 43.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, गुना में 41.6 डिग्री, धार-खरगोन में 41.2 डिग्री, नरसिंहपुर में 41 डिग्री, खंडवा में 40.5 डिग्री, टीकमगढ़ में 40.2 डिग्री और शिवपुरी में पारा 40 डिग्री रहा। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 39.2 डिग्री, इंदौर में 40.4 डिग्री, ग्वालियर में 40.2 डिग्री, उज्जैन में 41 डिग्री और जबलपुर में 37.5 डिग्री रहा। बाकी जिलों में तापमान 40 डिग्री से कम ही दर्ज किया गया। सबसे ठंडा सीधी रहा। यहां पारा 31.8 डिग्री रहा।  

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भोपाल । राजधानी भोपाल में साेमवार दाेपहर काे एक युवक का हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला। यहां भीषण गर्मी में एक नशे में धुत युवक टावर पर चढ़ गया। वह टावर की छोटी पर जाकर खड़ा हो गया। इसका वीडियो भी सामने आया है। वहीं घटना की सूचना पर पुलिस और नगर निगम की टीम मौके पर मौजूद है। फिलहाल युवक को नीचे उतारने का प्रयास किया जा रहा है।   जानकारी के अनुसार घटना भारत टॉकीज चौराहे के पास की है। नशे की हालत में एक युवक मोबाइल टावर पर चढ़ गया। टावर की ऊंचाई लगभग 80 फीट है। वह टावर के छाेर पर जाकर खड़ा हो गया। जब लोगों की नजर उस पर पड़ी तो वे हैरान रह गए। करीब एक घंटे तक वह टावर पर चढ़ा रहा और वहां लोगों की भीड़ जमा हो गई। लोगों ने इसकी सूचना प्रशासन और पुलिस को दी गई। माैके पर पुलिस और नगर निगम की टीम पहुंची और युवक को रेस्क्यू किया। मंगलवारा थाना के टीआई अजय सोनी के मुताबिक, युवक सुलोचन के नशे में था। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि वह कहां का रहने वाला है। पुलिस को उसके पास से सुलोचन बरामद हुआ है।      

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शहडोल । शनिवार-रविवार रात जिले के सिंहपुर रेलवे स्टेशन के निकट एक मालगाड़ी का गार्ड डिब्बा पटरी से उतरने की घटना ने रेलवे अधिकारियों और यात्रियों के बीच हलचल मचा दी। हालांकि, इस घटना के बावजूद मुख्य अप और डाउन लाइन पर रेल यातायात सामान्य रूप से जारी रहा और किसी यात्री गाड़ी को रोका नहीं गया।   रेलवे शहडोल के एक अधिकारी के अनुसार, गार्ड डिब्बा लूप लाइन में पटरी से उतरा था। घटना की सूचना मिलते ही रेलवे अधिकारी और तकनीकी कर्मचारी मौके पर पहुंच गए और तत्काल राहत कार्य शुरू कर दिया। आरपीएफ की टीम भी घटनास्थल पर मौजूद रही। कर्मचारियों ने युद्ध स्तर पर काम करते हुए रविवार सुबह तक गार्ड डिब्बे को पुनः पटरी पर चढ़ा दिया और लूप लाइन पर यातायात बहाल कर दिया।   रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी अंबिकेश साहू ने बताया कि कि हमारी तकनीकी टीम और आरपीएफ ने गंभीरता से काम करते हुए रातभर में गार्ड ब्रेक वैन को पटरी पर वापस लाने का कार्य पूरा कर लिया। उन्होंने बताया कि कटनी से बिलासपुर जा रही कॉपर लदी मालगाड़ी के साथ यह घटना सिंहपुर और शहडोल स्टेशनों के बीच घटी थी।    

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नर्मदापुरम/ भाेपाल/ सतना । देशभर में आज (रविवार काे) वैशाख अमावस्या (सत्तू अमावस्या) मनाई जा रही है। इस खास अवसर पर नर्मदापुरम के प्राचीन सेठानी घाट समेत जिले भर के घाटों पर हजारों श्रद्धालुओं ने मां नर्मदा में स्नान किया और सत्तू का दान कर पुण्य लाभ लिया। वहीं चित्रकूट में बैसाखी सतुहाई अमावस्या के अवसर पर भगवान कामतानाथ के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। श्रद्धालु सुबह 3 बजे से ही मंदाकिनी नदी में स्नान कर रहे हैं। इसके बाद वे कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा कर रहे हैं। प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम किए हैं। जगह-जगह पुलिस बल तैनात किया गया है। यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं।     नर्मदापुरम के सेठानी घाट पर रविवार अलसुबह 5 बजे से स्नान का सिलसिला शुरू हुआ जाे कि शाम तक चलता रहेगा। नर्मदापुरम समेत इटारसी, भोपाल, विदिशा, रायसेन, बैतूल सहित दूरदराज क्षेत्रों से आए हजारों श्रद्धालु नर्मदा नदी में स्नान करने पहुंचे है। प्राचीन सेठानी घाट, कोरी घाट, पर्यटन घाट, विवेकानंद घाट, बांद्रा बांध घाट, सांडिया घाट, बाबरी घाट, आंवली घाट सहित सभी घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। नर्मदा नदी में स्नान कर पूजा-पाठ की जा रही है। इस अमावस्या पर सत्तू दान करने का महत्व है। जिसके चलते श्रद्धालु भी नर्मदा तट पर सत्तू का दान कर रहे हैं।   मठ-मंदिरों में करते है सत्तू दान भगवान कामतानाथ चित्रकूट के मुख्य आराध्य देव हैं। मान्यता है कि कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। बैसाखी अमावस्या पर सत्तू दान का विशेष महत्व है। कामदगिरि प्रदक्षिणा प्रमुख द्वार के महंत मदनगोपाल दास के अनुसार, इस दिन बड़ी संख्या में किसान मठ-मंदिरों में सत्तू दान करते हैं। वे इससे पुण्य लाभ प्राप्त करते हैं। स्नान के बाद कई श्रद्धालुओं ने तट पर बैठे भिक्षुक व परिक्रमा वासियों को सत्तू व अन्य धान्य का वितरण किया।        

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भोपाल । मध्य प्रदेश में इस वक्त मौसम के दो रंग देखने को मिल रहे हैं। एक तरह जहां भीषण गर्मी पड़ रही है तो वहीं दूसरी तरफ बारिश का सिलसिला भी जारी है। शनिवार को प्रदेश के कई जिलों में लू का असर देखा गया। वहीं, कुछ जिलों में तेज आंधी और हल्की बारिश हुई। आज रविवार को भी ग्वालियर, जबलपुर और नर्मदापुरम संभाग के जिलों सहित 27 जिलों में बारिश के आसार हैं।मौसम विभाग ने बताया कि तेज गर्मी के बीच मध्य प्रदेश के पूर्वी हिस्से यानी, जबलपुर, रीवा और शहडोल संभाग में अगले 4 दिन बारिश होगी। कुछ जिलों में ओले भी गिरेंगे। वहीं, ग्वालियर-चंबल संभाग में मिला-जुला असर देखने को मिलेगा। यहां बारिश भी होगी और तेज गर्मी भी पड़ेगी। इस दौरान 40 से 50 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से आंधी भी चल सकती है। इंदौर, भोपाल-उज्जैन में तापमान 40 डिग्री के पार ही रहेगा। मौसम विभाग ने अगले चार दिन तक प्रदेश में हल्की बारिश और गरज-चमक का अनुमान जताया है। कुछ जगहों पर लू भी चल सकती है। वहीं, गर्मी का असर भी देखने को मिलेगा।इससे पहले शनिवार को भी प्रदेश में मौसम के दो रंग देखने को मिले। रात में भोपाल, हरदा, देवास, सीहोर, रायसेन और नर्मदापुरम में हल्की बारिश हुई, जबकि कई जिलों में तेज आंधी भी चली। राजधानी भोपाल, सीहोर और हरदा-पचमढ़ी में तेज रफ्तार से हवाएं चलीं। जबकि नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, खंडवा, बुरहानपुर, नरसिंहपुर, दमोह, सागर, कटनी, पन्ना, मैहर, उमरिया, सीधी, शहडोल और रीवा जिलों में हल्की बारिश का दौर रहा। कई शहरों में गर्मी के तेवर भी देखने को मिले। ग्वालियर, खजुराहो और नौगांव में पारा 43 डिग्री के पार रहा। खजुराहो सबसे गर्म रहा, यहां तापमान 43.8 डिग्री रहा। ग्वालियर में 43.6 डिग्री और नौगांव में 43 डिग्री दर्ज किया गया।भोपाल, उज्जैन, गुना, शिवपुरी, खरगोन, रतलाम, टीकमगढ़, खंडवा, नरसिंहपुर, बैतूल, शाजापुर, मंडला, रीवा, धार, मलाजखंड, रायसेन, सतना और दमोह में तापमान 42.4 डिग्री से 40 डिग्री के बीच रहा। वहीं, बारिश की वजह से कई शहरों में पारा लुढ़क गया। इकलौता हिल स्टेशन पचमढ़ी सबसे ठंडा रहा। यहां पारा 33.4 डिग्री दर्ज किया गया। उमरिया में 37.1 डिग्री, जबलपुर-सीधी में 37.8 डिग्री, नर्मदापुरम-सिवनी में 38.2 डिग्री, इंदौर-सागर में 39.7 डिग्री सेल्सियस रहा।  

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भोपाल । जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के विरोध में देशभर में आक्रोश है और जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं। मध्य प्रदेश में विरोध-प्रदर्शन जारी है। इसी क्रम में शनिवार को प्रदेश के कई जिलों में आधे दिन बाजार बंद रखे गए। भोपाल में दोपहर दो बजे के बाद दुकानें खुलना शुरू हुईं। रायसेन, रतलाम और छतरपुर में भी व्यापारियों ने बंद का समर्थन किया है। बंद से इमरजेंसी मेडिकल सेवा को बाहर रखा गया है। हालांकि, इंदौर में ज्यादातर प्रतिष्ठान खुले रहे। दरअसल, भोपाल में चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (बीसीसीआई) ने बंद का आह्वान किया था, जिसका शहर के व्यापारिक संगठनों ने समर्थन किया है। चेंबर के अध्यक्ष तेजकुल पाल सिंह पाली ने बताया कि सभी व्यापारिक संगठनों से सहमति के बाद राजधानी के बाजार शनिवार को आधे दिन का बंद रखा गया है। वहीं, न्यू मार्केट व्यापारी संरक्षण समिति ने बंद के आह्वान का समर्थन किया है। समिति के अध्यक्ष सतीश कुमार गंगराड़े समेत पवन वरदानी, प्रदीप कुमार गुप्ता और अजय देवनानी ने बताया कि सभी व्यापारियों की सहमति के बाद बंद रखने का निर्णय लिया है। पुराने भोपाल के कारोबारियों ने भी बंद का समर्थन करते हुए दुकानें आधे दिन तक बंद रखी। भोपाल में बंद के बीच दयानिधि सामाजिक संस्था ने आतंकी हमले में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान दो मिनट का मौन रखा गया। समाज के लोगों ने आतंकी की हमले की निंदा की है। इंदौर में कांग्रेस ने बंद का आव्हान किया था, जिसका मिला-जुला असर देखने को मिला। कई जगह बाजार बंद रहे, तो कई जगह प्रतिष्ठान खुले रहे। इंदौर में तो एमआईजी क्षेत्र में और तिलक नगर में अधिकांश दुकानें खुली रहीं। एलआईजी व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष महेश तिवारी का कहना है कि हम आतंकी हमले की घटना से दुखी हैं, लेकिन कांग्रेस हिंदू विरोधी है, इसलिए पूरे क्षेत्र की दुकान खुली रखी गई हैं। इधर, आगर मालवा में भारत रक्षा मंच व राष्ट्रीय हिंदू परिषद ने शनिवार दोपहर छावनी नाका चौराहे पर आतंकवाद का पुतला दहन किया गया। संगठन के कार्यकर्ताओं ने इस दौरान जमकर नारेबाजी की। वहीं, रायसेन में शहर बंद रहा। व्यापार महासंघ के आह्वान पर सभी व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद रखकर विरोध जताया है। रायसेन व्यापार महासंघ अध्यक्ष संतोष साहू ने कहा कि पहलगाम में धर्म के नाम पर जो आतंकी हमला हुआ, उसकी हम कड़ी निंदा करते हैं। हमारी मांग है कि पाकिस्तान को आतंकवादी देश घोषित किया जाए। अशोकनगर जिले के शाढ़ौरा में लोगों ने आतंकवाद का पुतला दहन किया। पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए प्रदर्शन किया। छतरपुर में शनिवार को व्यापारी संगठनों ने सर्वसम्मति से बाजार बंद रखने का निर्णय लिया। गांधी चौक बाजार में एक सभा का आयोजन किया गया, जहां व्यापारियों ने मौन धारण कर हमले में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी। इसी तरह प्रदेश के अन्य जिलों में पहलगाम हमले को लेकर प्रदर्शन किया जा रहा है।

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में तपती गर्मी के बीच अब प्रदेशवासियों को लू से राहत मिलने के आसार है। मौसम विभाग ने आज शनिवार को ग्वालियर, जबलपुर सहित 19 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया है। भोपाल, इंदौर और उज्जैन में बादल छाए रहेंगे। जबकि अन्य जिलों में गर्मी का असर बरकरार रहेगा। इसके साथ ही 3 जिलों में लू भी चल सकती है। इनमें रतलाम, खंडवा और बुरहानपुर शामिल हैं।नर्मदापुरम जिले में शनिवार सुबह कई शहरों में तेज गरज-चमक के साथ बारिश हुई। मौसम विभाग ने आज ग्वालियर, मुरैना, भिंड, दतिया, श्योपुर, अशोकनगर, विदिशा, सागर, नर्मदापुरम, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, जबलपुर, सिवनी, मंडला, बालाघाट, डिंडोरी, अनूपपुर में बारिश का अनुमान जताया है। अगले चार दिन तक प्रदेश में हल्की बारिश और गरज-चमक की संभावना है। कुछ जगहों पर लू भी चल सकती है। वहीं, गर्मी का असर भी देखने को मिलेगा।प्रदेश में शुक्रवार को तेज गर्मी का असर रहा। छतरपुर जिले का खजुराहो सबसे गर्म रहा। यहां तापमान 44.6 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। शिवपुरी में 44 डिग्री और दमोह में तापमान 43.5 डिग्री रहा। इस सीजन में पहली बार 11 शहर ऐसे रहे, जहां पर तापमान 43 डिग्री या इससे अधिक दर्ज किया गया। इनमें खजुराहो, शिवपुरी, दमोह के अलावा ग्वालियर, नौगांव, सतना, टीकमगढ़, रतलाम, गुना, मंडला और नरसिंहपुर शामिल हैं।वहीं, रीवा, शाजापुर, उमरिया, मलाजखंड, सागर, नर्मदापुरम, खंडवा में तापमान 42 डिग्री से अधिक दर्ज किया गया। सीधी, खरगोन, धार, छिंदवाड़ा, सिवनी, रायसेन और बैतूल जिले ऐसे रहे, जहां पर तापमान 40 डिग्री से अधिक ही रहा। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 41.2 डिग्री, इंदौर में 40 डिग्री, उज्जैन में 41.1 डिग्री और जबलपुर में 41.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। प्रदेश में सबसे ठंडा इकलौता हिल स्टेशन पचमढ़ी रहा। यहां तापमान 36.2 डिग्री दर्ज किया गया।

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जबलपुर । नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता में हुए फ़र्ज़ीवाडे मामले में लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल की जनहित याचिका के साथ सभी अन्य नर्सिंग मामलों की सुनवाई शुक्रवार को हाईकोर्ट की स्पेशल बेंच के जस्टिस संजय द्विवेदी और जस्टिस अचल कुमार पालीवाल के समक्ष हुई। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने एमपी नर्सिंग काउंसिल और मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी को निर्देश दिये हैं कि किन्ही भी परिस्थितियों में नर्सिंग पाठ्यक्रमों की प्रस्तावित परीक्षाओं में परिवर्तन नहीं किया जावे एवं परीक्षाओं का आयोजन घोषित समय सारिणी अर्थात् 28 एवं 29 अप्रैल से कराना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।   ग़ौरतलब है कि मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों की जाँच के चलते छात्रों की परीक्षाएँ कई वर्ष देरी से हो रही हैं तथा 3-4 बार परीक्षाओं की तिथियाँ घोषित कर उन्हें निरस्त या संशोधित किया जा चुका है जिसके चलते छात्रों को भारी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ रहा था लेकिन अब हाईकोर्ट की सख़्ती के चलते नर्सिंग की सभी परीक्षाएँ अबिलंब संपन्न की जायेंगी, जिससे नर्सिंग पाठ्यक्रमों की वेपटरी व्यवस्थाओं को पुनः बहाल किया जा सके।मामलों की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने यह भी निर्देश दिये हैं कि नर्सिंग मामलों हेतु हाईकोर्ट के द्वारा गठित उच्च स्तरीय कमेटी की भूमिका अब समाप्त हो चुकी है इस कारण से अब किसी भी कॉलेज के प्रकरण कमेटी को रेफ़र नहीं किए जाएँगे । ग़ौरतलब है कि हाईकोर्ट ने सीबीआइ जांच में डेफ़िशियेंट पाये गये कॉलेजों के लिए सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति राजेंद्र कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में एक हाईलेवल कमेटी का गठन किया था, जिन्हें डेफ़िशियेंट कॉलेजों में सीबीआई जाँच के दौरान पाई गई कमियों की कमीपूर्ति के संबंध में सुनवाई कर संबंधित कॉलेजों को सूटेबल अथवा अनसुटेबल की श्रेणी में सूचीबद्ध करने का कार्य सौंपा गया था, लेकिन अब चूँकि मध्यप्रदेश नर्सिंग काउंसिल के द्वारा नये सत्र की मान्यता प्रक्रिया शुरू की जा रही है इसके चलते हाई लेवल कमेटी की भूमिका समाप्त करते हुए सभी कॉलेजों को नये सत्र की मान्यता हेतु विधिवत आवेदन काउंसिल के समक्ष प्रस्तुत करना होगा जिस पर निर्णय आवश्यक जाँच पड़ताल का काउंसिल के द्वारा ही लिया जायेगा।   दरअसल नर्सिंग फर्जीवाड़े मामले में हाइकोर्ट में लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर आरोप लगाया था कि मध्यप्रदेश में नियमों एवं मापदंडों की अनदेखी कर अनेकों नर्सिंग कॉलेज खोल दिये गये हैं जिनके पास आवश्यक इंस्फ़्रास्ट्रक्चर, लैब, लायब्रेरी, टेकिंग फ़ैकल्टी एवं अस्पताल नहीं हैं फिर भी उन्हें मान्यता दे दी गई है। शुरुआती सुनवाइयों के बाद हुए अहम खुलासों के चलते मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने पूरे फर्जीवाड़े की जांच सीबीआइ को सौंप दी थी, हाई कोर्ट की मॉनीटरिंग में हुई सीबीआइ जांच में प्रदेश में हुए नर्सिंग फर्जीवाड़े की पूरी परतें खोल के रख दी जिसके बाद ये खुलासा हुआ कि मध्य प्रदेश में खोले गए 700 कालेजो में से मात्र 200 कॉलेज नियमों की एवं मापदंडों की पूर्ति करते हैं शेष कॉलेजों को फर्जी निरीक्षण रिपोर्ट बनाकर मापदंडों की पूर्ति ना करने के बावजूद भी मान्यता दे दी गई । हालाँकि ज़िम्मेदारों पर कार्यवाही हेतु अभी हाईकोर्ट का फ़ैसला आना बाक़ी है।सुनवाई के दौरान शासन की ओर से अप महाधिवक्ता अभिजीत अवस्थी एवं याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता आलोक वाग्रेचा सहित याचिकाकर्ता स्वयं विशाल बघेल ने पक्ष रखा।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । ज्योतिष शास्त्र की दृष्टि से चतुर्दशी तिथि के स्वामी भगवान शिव हैं और प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 26 अप्रैल, शनिवार को प्रातः 8:28 बजे आरंभ होकर 27 अप्रैल, रविवार को प्रातः 4:50 बजे समाप्त होगी। अतः निशीथ काल की पूजा 26 अप्रैल, शनिवार को होगी, इसलिए इस दिन वैशाख मासिक शिवरात्रि का व्रत मनाया जाएगा।वैशाख मासिक शिवरात्रि के विषय में श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं ज्योतिषाचार्य महंत रोहित शास्त्री ने बताया कि निशीथ पूजा का मुहूर्त : रात्रि 11:55 बजे से 12:48 बजे तक रहेगा। चूंकि यह तिथि शनिवार को पड़ रही है, अतः इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है। इस दिन शिव मंदिरों में प्रातःकाल से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगती है। उन्‍होंने कहा, शिव पूजा पापों का क्षय करती है। विशेष रूप से महिलाओं के लिए शिवरात्रि अत्यंत फलदायक मानी जाती है। अविवाहित महिलाएं योग्य वर प्राप्ति हेतु शिव से प्रार्थना करती हैं, जबकि विवाहित स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु और परिवार की समृद्धि हेतु व्रत रखती हैं।पूजन विधि : विधिपूर्वक व्रत करने वाले भक्त गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद, पुष्प, शुद्ध वस्त्र, बिल्व पत्र, धूप, दीप, नैवेद्य, चंदन, ऋतुफल, आक-धतूरे के पुष्प, चावल आदि से शिवलिंग का अभिषेक करें। रात्रि जागरण करते हुए शिवपुराण, रुद्राभिषेक, शिव कथा, शिव स्तोत्रों तथा 'ॐ नमः शिवाय' का पाठ करें। इससे अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्यफल प्राप्त होता है और व्रती को मोक्ष की प्राप्ति होती है।राशि के अनुसार शिव पूजा :मेष राशि : जल में गुड़, गन्ने का रस अथवा शहद मिलाकर अभिषेक करें। लाल चंदन से तिलक लगाएं, बेलपत्र पर 'ॐ नमः शिवाय' लिखकर अर्पित करें। 11 ब्राह्मणों को शिवपुराण दान करें।वृष राशि : गाय के दूध व दही से अभिषेक करें। चावल, सफेद चंदन, सफेद आक, सफेद वस्त्र, चमेली पुष्प चढ़ाएं। महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें एवं 11 वेदपाठी ब्राह्मणों को रुद्राक्ष माला दान दें।मिथुन राशि : गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करें। बेलपत्र, शमीपत्र, साबुत हरे मूंग, भांग, दूर्वा व कुश अर्पित करें। शिव चालीसा का पाठ करें एवं 11 शिव चालीसाएं मंदिर में अर्पित करें।कर्क राशि : दूध, दही व देशी घी से अभिषेक करें। सफेद चंदन से तिलक लगाएं। साबुत अक्षत, सफेद गुलाब और शंखपुष्पी चढ़ाएं। शिवाष्टक का 11 बार पाठ करें। सफेद वस्त्र दान करें।सिंह राशि : जल में गुड़, लाल चंदन व शहद मिलाकर अभिषेक करें। लाल पुष्प, लाल चंदन से तिलक करें। गुड़-चावल से बनी खीर का प्रसाद बांटें। शिव महिम्न स्तोत्र का पाठ करें। कमलगट्टे की 11 मालाएं दान करें।कन्या राशि : गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करें। पान, बेलपत्र, धतूरा, भांग व दुर्वा अर्पित करें। शिवपुराण कथा का वाचन या श्रवण करें।तुला राशि : चमेली तेल, दही, इत्र, घी, दूध से अभिषेक करें। सफेद चंदन से तिलक करें, सफेद वस्त्र दान करें। मिश्री व खीर का प्रसाद चढ़ाएं। शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करें।वृश्चिक राशि : जल में गुड़, लाल चंदन व शहद मिलाकर पंचामृत से अभिषेक करें। केसर व लाल पुष्प चढ़ाएं। लाल हलवे का भोग लगाएं। भगवान शिव के 1000 नामों का स्मरण करें।धनु राशि : दूध में केसर, हल्दी व शहद मिलाकर अभिषेक करें। केसर, पीले चंदन से तिलक करें। पीले गेंदे की माला चढ़ाएं। पीले वस्त्र दान करें। शिव पंचाक्षर स्तोत्र का पाठ करें।मकर राशि : जल में दूध या गेहूं मिलाकर अर्पित करें। तिल के तेल व नीले पुष्प चढ़ाएं। नीले वस्त्र दान करें। भगवान शिव के 108 नामों का स्मरण करें।कुंभ राशि : नारियल पानी या तिल के तेल से रुद्राभिषेक करें। शमी वृक्ष के पुष्प अर्पित करें। शिवाष्टक का पाठ करें।मीन राशि : केसर मिश्रित जल से जलाभिषेक करें। पंचामृत, दही, दूध व पीले पुष्पों से पूजन करें। ॐ नमः शिवाय का जाप करें एवं शिव चालीसा का पाठ करें।महत्वपूर्ण बातें :दिनभर उपवास रखें और शिव का ध्यान करें। प्रातः स्नान कर भस्म का तिलक लगाएं और रुद्राक्ष की माला धारण करें। शिवलिंग पर अर्पित प्रसाद न खाएं; यदि शिवमूर्ति के पास शालिग्राम विराजमान हो तो प्रसाद सेवन निषिद्ध नहीं होता।

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भोपाल  । मध्य प्रदेश में भीषण गर्मी का कहर जारी है। प्रदेश के कई हिस्सों में आसमान से आग बरस रही है। छतरपुर जिले का खजुराहो में तापमान 44.4 डिग्री दर्ज किया गया। जो देश का सातवां सबसे गर्म शहर रहा। आज शुक्रवार को 13 जिलों में लू का अलर्ट है। जबकि कल 26 अप्रैल से तीन तक बारिश होने की संभावना है।मौसम विभाग ने बताया कि अगले चार दिन तक प्रदेश में कहीं तेज लू का असर रहेगा तो कहीं हल्की बारिश और गरज-चमक की स्थिति बन सकती है। इसके बाद पूरे प्रदेश में गर्मी का असर रहेगा। यह बदलाव वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) और ट्रफ की वजह से हो रहा है। हालांकि, प्रदेश के बड़े हिस्से में तेज गर्मी रहेगी और लू भी चलेगी। मौसम विभाग ने आज शुक्रवार को प्रदेश के 13 जिलों में लू का अलर्ट जारी किया है। इनमें रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़ और निवाड़ी शामिल हैं। इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, उज्जैन-जबलपुर समेत अन्य शहरों में तेज गर्मी रहेगी।इससे पहले प्रदेश में गुरुवार को तेज गर्मी रही। भोपाल समेत कई शहरों में दिन इतने गर्म रहे कि सड़कों का डामर तक पिघल गया। छतरपुर जिले के खजुराहो और नौगांव सबसे ज्यादा गर्म रहे। खजुराहो में 44.4 डिग्री और नौगांव में पारा 43.7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर और जबलपुर में पारा 40 डिग्री सेल्सियस के पार दर्ज किया गया। प्रदेश के इकलौते हिल स्टेशन पचमढ़ी को छोड़ दें तो सभी शहरों में पारा 40 डिग्री से अधिक ही रहा। पचमढ़ी में तापमान 36.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।पांच बड़े शहरों में ग्वालियर सबसे गर्म रहा। यहां 41.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। उज्जैन में 41.6 डिग्री, भोपाल में 41.2 डिग्री, इंदौर और जबलपुर में 40.8 डिग्री रहा। रतलाम और शिवपुरी में भी पारा चढ़ा रहा। रतलाम में 43.2 डिग्री और शिवपुरी में 43 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसी तरह नरसिंहपुर में 42.8 डिग्री, मंडला में 42.5 डिग्री, छिंदवाड़ा, सतना, टीकमगढ़-दमोह में 42.4 डिग्री, मलाजखंड में 42.3 डिग्री, नर्मदापुरम में 42.2 डिग्री, धार में 42 डिग्री, गुना में 41.9 डिग्री, शाजापुर में 41.8 डिग्री, सागर में 41.7 डिग्री, खंडवा में 41.5 डिग्री, खरगोन-रायसेन में 41.4 डिग्री, उमरिया, सीधी-बैतूल में 41.2 डिग्री और रीवा में पारा 41 डिग्री रहा।

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टीकमगढ़ । टीकमगढ़ में शुक्रवार सुबह एक ऑयल मिल में आग लग गई। यह घटना शहर के ढोंगा रोड स्थित मटोल साहू की ऑयल मिल में हुई। सूचना के बाद माैके पर पहुंची दमकल की 7 गाड़ियों ने काबू पर काबू पाया। सूचना मिलते ही प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच गए। खास बात यह है कि डेढ़ महीने में यह दूसरी बार है जब मिल में आग लगी है। इससे पहले होली के दिन भी खाद्य तेल के गोदाम में आग लगी थी।     जानकारी अनुसार घटना शहर के कोतवाली थाना क्षेत्र के ढोंगा रोड स्थित मटोल साहू की ऑयल मिल में हुई है। ऑयल मिल में सुबह करीब 6:15 बजे आग लगी थी। टीकमगढ़ एसडीएम लोकेन्द्र सिंह ने बताया कि शुक्रवार सुबह करीब 8 बजे जिला प्रशासन को आग लगने की सूचना मिली, जिसके बाद वे स्वयं तहसीलदार के साथ मौके पर पहुंचे और फायर ब्रिगेड को बुलाया गया। गोदाम में बड़ी संख्या में तेल से भरे ड्रम और टीन रखे हुए थे। तेल में आग लगने से लपटें तेजी से फैल गईं। घटना की सूचना मिलते ही कलेक्टर विवेक श्रोतिय और एसपी मनोहर मंडलोई मौके पर पहुंच गए। कलेक्टर और एसपी ने जिले भर की दमकल टीमों को तुरंत मौके पर बुलाया।   कोतवाली और देहात थाना पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। नगर पालिका सीएमओ को तुरंत सूचना देकर आसपास की 7 दमकल टीमों को बुलाया गया। टीकमगढ़ शहर की तीन फायर ब्रिगेड के अलावा करी नगर पंचायत और बड़ागांव नगर पंचायत की फायर ब्रिगेड को भी बुलाया गया। आग बुझाने के लिए प्रशासन को गोदाम की दीवारों को तोड़ना पड़ा। तहसीलदार अरविंद यादव ने बताया कि सुबह तकरीबन 11:15 तक आग पर पूरी तरह से काबू पा लिया गया। आग को पूरी तरह से बुझाने में करीब 4 घंटे का समय लगा। तहसीलदार का कहना है कि गोदाम में कच्चा माल, खाली डिब्बे और खाली बोरियों का बारदाना अलग-अलग जगह रखा था। जिससे आग पर काबू पाने में कम समय लगा। ज्यादातर तेल से भरे टीन और ड्रमों को सुरक्षित निकाला गया है। घटना में कोई जनहानि नहीं हुई है। आग लगने के कारणों का अभी तक स्पष्ट पता नहीं चला है, लेकिन शुरुआती जांच में शॉर्ट सर्किट को आग लगने की संभावित वजह माना जा रहा है।   गणेश ऑयल के मालिक ऋषि साहू ने बताया कि रात में सब कुछ ठीक था। सुबह करीब 6:15 बजे मिल के कर्मचारियों ने चिल्लाकर आग लगने की जानकारी दी। उनका मकान बगल में ही है। उन्होंने तुरंत प्रशासन को सूचना दी। गोदाम के गेट खुलवाए। उन्होंने बताया कि आग लगने के कारणों की फिलहाल जानकारी नहीं है। हादसे में करीब 50 लाख रुपए का नुकसान बताया है। उल्लेखनीय है कि टीकमगढ़ शहर के ढोंगा रोड पर स्थित एक अन्य तेल मिल में होली के दिन भी आग लग गई थी, जिसे बुझाने में प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। उस समय बीना रिफाइनरी से फायर ब्रिगेड को बुलाया गया था, तब जाकर आग पर काबू पाया जा सका था। व्यापारियों द्वारा घनी बस्ती में तेल मिल बनाए जाने के कारण इस तरह की घटनाएं बार-बार घटित हो रही हैं।  

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शिवपुरी । एनटीए द्वारा घोषित जेईई-मेंस 2025 के परीक्षा परिणाम में पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय आईटीबीपी शिवपुरी के कुल पांच बच्चों में जेईई-एडवांस् के लिए पात्रता प्राप्त की है। इसी विद्यालय के 2023-24 बैच के छात्र प्रिंस यादव पुत्र अनिल कुमार यादव एवं श्रीमती गीता यादव (एनटीए स्कोर -88.2514)और 2024-25 बैच के चार बच्चों नैतिक ओझा पुत्र दीपक ओझा एवं श्रीमती रमा ओझा (एनटीए स्कोर -95.3475), अभय माहोर पुत्र हरिशंकर माहोर एवं श्रीमती अनीता माहोर (एनटीए स्कोर -85.6872), शिव राय पुत्र संतोष राय एवं श्रीमती रेखा राय (एनटीए स्कोर -83.3599) एवं सोनू यादव पुत्र अवतार सिंह यादव एवं श्रीमती घांति बाई (एनटीए स्कोर -79.9209) ने अपने अथक प्रयासों के द्वारा ना केवल केंद्रीय विद्यालय के लिए गौरव का विषय बने, बल्कि संपूर्ण शहर के लिए भी यह अत्यंत हर्ष की बात है। पीएमश्री केंद्रीय विद्यालय की प्राचार्या श्रीमती पुनीता ज्योति ने सभी पांचो बच्चों और उनके अभिभावकों को उनकी उत्कृष्ट सफलता के लिए हार्दिक बधाई दी और उनके अग्रिम उज्जवल भविष्य की कामना की। प्राचार्या ने कहा कि यह सफलता विद्यार्थियों की कड़ी मेहनत, एकाग्रता, लगन, निरंतरता और दृढ़ संकल्प का परिणाम है। विद्यालय के समस्त शिक्षक गणों ने भी सभी छात्रों की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन सभी के अग्रिम उज्जवल भविष्य और आगे ओर भी ऊंचाइयों को छूने हेतु शुभकामनाएं दी।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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उज्जैन । दक्षिण भारतीय फिल्मों के सुपर स्टार और फिल्म केजीएफ से रातों रात प्रसिद्ध हुए फिल्म अभिनेता यश सोमवार सुबह महाकाल मंदिर पहुंचे। यहां वे भस्म आरती में शामिल हुए। इस दाैरान अभिनेता यश पूरी तरह भगवान महाकाल की भक्ति में लीन नजर आए।   केजीएफ के स्टार अभिनेता यश साेमवार सुबह चार बजे महाकाल मंदिर पहुंचे। वे तड़के मंदिर में होने वाली भस्म आरती में शामिल हुए। इस दौरान उनके साथ कुछ कुछ मित्र भी रहे। यश मंदिर में धोती और सोला पहनकर पहुंचे थे। मस्तक पर चंदन का तिलक लगाकर यश करीब दो घंटे तक भगवान महाकाल के आरती में रमे हुए दिखाई दिखाई दिए। भगवान की आरती के पश्चात यश ने मंदिर की देहरी से दर्शन किए। इस दौरान आकाश पुजारी द्वारा पूजन-पाठ कर जल अर्पित किया गया। महाकाल मंदिर समिति की ओर से यश को दुपट्टा ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। दर्शन के बाद यश ने कहा कि बहुत खुशी हुई जिस तरह से अच्छे से दर्शन हुए भक्त को जो चाहिए सब मंदिर में मिल रहा है। यहां की पॉजिटिव एनर्जी अलग है, भगवान महाकाल का आशीर्वाद सब पर बना रहे।    

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में भीषण गर्मी का दौर जारी है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन और ग्वालियर-चंबल के साथ प्रदेश के पूर्वी हिस्से के शहरों में भी गर्मी बढ़ गई है। रविवार को सीधी में पारा 44 डिग्री के पार पहुंच गया, जबकि 40 शहर ऐसे रहे, जहां तापमान 40 डिग्री या इससे अधिक रहा। यहां दिन के साथ रातें भी गर्म हो गई हैं। ऐसा ही मौसम आज सोमवार को भी बना रहेगा। सभी जिलों में आसमान साफ होने का अनुमान है। इससे पूरे प्रदेश में गर्मी का असर बढ़ा रहेगा। राजस्थान से जुड़े जिलों में गर्म हवाएं भी चल सकती है।मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में अगले कुछ दिन तक तापमान में बढ़ोतरी का दौर रहेगा। इस दौरान लू का अलर्ट भी जारी किया गया है। प्रदेश के पश्चिमी और उत्तरी हिस्से यानी, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर और चंबल संभाग में अब तक तेज गर्मी का असर रहा है, लेकिन अब पूर्वी हिस्से यानी, सागर, सिंगरौली, रीवा, सीधी जैसे शहरों में भी गर्मी के तेवर तीखे हो गए हैं।रविवार को पूर्वी हिस्से के सीधी शहर में पारा 44.2 डिग्री दर्ज किया गया। यह प्रदेश में सबसे अधिक रहा। वहीं, टीकमगढ़ में 43.4 डिग्री, खजुराहो में 43.2 डिग्री दर्ज किया गया। इसी तरह शिवपुरी में 43 डिग्री, नौगांव-रीवा में 42.5 डिग्री, मंडला में 42.3 डिग्री और सतना में पारा 42 डिग्री रहा। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 40.6 डिग्री, इंदौर में 39.4 डिग्री, ग्वालियर में 41.2 डिग्री, उज्जैन में 39.2 डिग्री और जबलपुर में तापमान 40.4 डिग्री दर्ज किया गया।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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उज्जैन । सुप्रसिद्ध गायक अरिजीत सिंह रविवार को महाकालेश्वर भगवान की भस्मार्ती में सम्मिलित हुए। भस्मार्ती उपरांत श्री सिंह ने श्री महाकालेश्वर भगवान का पूजन-अर्चन किया। पूजन आकाश पुजारी द्वारा सम्पन्न करवाया गया ।  

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भोपाल। मध्य प्रदेश में गर्मी के टॉर्चर से लोगों का हाल बेहाल है। आज रविवार को दमोह, सागर, सीधी, शिवपुरी, गुना और रतलाम में हीट वेव यानी लू चलेगी। इससे पहले शनिवार को भी कई जिले लू के चपेट में रहे। प्रदेश में 44 डिग्री तापमान के साथ शिवपुरी सबसे गर्म रहा। जबकि राज्य के अन्‍य  26 जिलों में दिन का तापमान 40 डिग्री से अधिक रहा। मौसम विभाग का कहना है कि अगले कुछ दिन तक तापमान में बढ़ोतरी का दौर रहेगा। इस दौरान लू का अलर्ट भी जारी किया गया है।मौसम विभाग के अनुसार, सागर-नर्मदापुरम में 42.8 डिग्री, मंडला-खजुराहो में 42.6 डिग्री, नौगांव में 42.5 डिग्री, दमोह में 42.4 डिग्री, उमरिया में 42.3 डिग्री, टीकमगढ़ में 42 डिग्री, रायसेन में 41.8 डिग्री, खरगोन में 41.6 डिग्री, खंडवा में 41.5 डिग्री, रतलाम में 41.4 डिग्री, शाजापुर में 41.3 डिग्री, धार, मलाजखंड में 41.1 डिग्री, सिवनी में 40.6 डिग्री, बैतूल में 40.5 डिग्री, सतना में 40.3 डिग्री, छिंदवाड़ा में 40.2 डिग्री और नरसिंहपुर में पारा 40 डिग्री दर्ज किया गया। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 41.4 डिग्री, इंदौर में 40.2 डिग्री, ग्वालियर में 40.4 डिग्री, उज्जैन में 40.5 डिग्री और जबलपुर में तापमान 41.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।आने वाले दिनों में ऐसा रहेगा मौसम21 अप्रैल को भोपाल, इंदौर, उज्जैन-ग्वालियर में दिन का तापमान 42 डिग्री के पार रहेगा। अन्य शहरों में भी गर्मी का असर देखने को मिल सकता है। 22 अप्रैल को दिन में गर्म हवाएं चलेगी। जिसका असर राजस्थान से जुड़े जिलों में देखने को मिलेगा। भोपाल, इंदौर-उज्जैन में भी पारा बढ़ा हुआ रहेगा। वहीं, 23 अप्रैल को तेज गर्मी का असर बरकरार रहेगा। दिन और रात के तापमान में बढ़ोतरी होने की संभावना है।  

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भोपाल । भोपाल के श्यामला हिल्स स्थित एमपीटी डीडीएक्स सिनेमा में प्रसिद्ध गायिका रेखा भारद्वाज ने शनिवार की रात लाइव कॉन्सर्ट में राग फेस्ट में कई फेमस गानों की प्रस्तुति दी। इस दौरान उन्होंने 'रांझा', 'कबीरा', 'फिर ले आया' जैसे गाने गाए, जिन्हें दर्शक भी साथ में गाते और झूमते नजर आए। कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि मुझे अपने से ज्यादा भोपाल वासियों की चिंता है। क्योंकि आप सभी शाम से इतनी गर्मी में बैठे हैं। यही भोपाल वासियों का प्यार हैं, जो मुझे आप तक खींच लाता हैं। उन्होंने कहा कि मैं बहुत ज्यादा घूमी हूं, लेकिन मध्य प्रदेश मेरी सबसे पसंदीदा जगहों में से एक है। इतनी हरियाली और विविधता मैंने कहीं और नहीं देखी। लाइव कॉन्सर्ट के दौरान फेमस स्टोरी टेलर लक्ष्य माहेश्वरी ने सूफी कपड़ों में शानदार प्रस्तुति दी। उन्होंने लोगों को सूफी का अर्थ समझाते हुए कहा कि सूफी संगीत सुनने वाले लोग बीयर बार में गाने नहीं, बल्कि भगवान की इबादत करते हैं। लक्ष्य माहेश्वरी ने दर्शकों को 'सत्य और कहानी' की एक अद्भुत यात्रा पर ले जाते हुए यह बताया कि फिल्मों में भी सत्य को कहानी के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। उन्होंने बीच-बीच में दर्शकों से रोचक पहेलियां पूछीं और मनमोहक गीत भी सुनाए, जिन्हें लोगों ने खूब सराहा। प्रस्तुति के दौरान उन्होंने गुरु-शिष्य के संबंधों और संत कबीर के विचारों पर भी प्रकाश डाला। यह कॉन्सर्ट ईको एज की टीम द्वारा आयोजित किया गया था, जो बेहद कम समय में ग्लोबल स्तर पर पहचान बना चुकी है।

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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मंदसौर । मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में स्थित ग्राम फतेहगढ़ में शादी समारोह में दूषित खाना खाने के बाद लगभग 125 लोगों की तबीयत बिगड़ गई। मंदसौर जिला अस्पताल और धुंधड़का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र से चिकित्सकों की टीम गांव पहुंची और फतेहगढ़ के शासकीय स्कूल को ही अस्पताल बनाकर बीमार लोगों का उपचार शुरू किया।   शुक्रवार की शाम को फतेहगढ़ में आयोजित शादी समारोह में लगभग 500 लोगों ने भोजन किया था। कुछ लोग बाहर से शादी में शिरकत करने आए थे। समारोह में शामिल होने के बाद सभी लोग अपने-अपने गांव लौट गए थे। शुक्रवार की रात से ही कुछ लोगों की तबीयत बिगड़ना शुरू हो गई थी। महिलाओं, पुरुषों व बच्चों को जी घबराने, मितली आने, उल्टी दस्त की शिकायत हुई, जिन्होंने अपना उपचार अपने स्तर पर करवा लिया, लेकिन शनिवार सुबह गांव के लगभग 125 लोग एक साथ बीमार हो गए। मरीजों के इलाज के लिए आनन-फानन में लिए फतेहगढ़ के सरकारी स्कूल में व्यवस्था की गई। मन्दसौर जिला अस्पताल और धुंधड़का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र से डॉक्टरों की टीम लोगों के इलाज के लिए पहुंची है। दोपहर तक लोगों की हालत में सुधार होने लगा था।   घटना की जानकारी मिलते ही शनिवार सुबह क्षेत्रीय सांसद सुधीर गुप्ता और विधायक विपिन जैन मौके पर पहुंचे और बीमार लोगों का हालचाल जाना। सांसद गुप्ता ने सीएमएचओ के मौके पर नहीं पहुंचने पर नाराजगी भी जताई। उन्होंने तत्काल मेडिकल सुविधा बढ़ाने को कहा। मंदसौर विधायक विपिन जैन ने बताया कि अभी प्रशासन से बात कर स्कूल और धर्मशाला में इलाज शुरू करवाया है। बताया जा रहा है कि रस मलाई मिठाई खाने वाले लोग बीमार हुए हैं। करीब 125 व्यक्तियों की जान आफत में आ गई थी। स्वास्थ्य विभाग की टीम मामले की जांच में जुटी है। कलेक्टर और सीएमएचओ संपर्क में है।   सीएमएचओ डॉ. जीएस चौहान ने बताया कि फतेहगढ़ में लोग फूड पॉइजनिंग का शिकार हुए हैं, उनका इलाज किया जा रहा है। अभी एक टीम ओर भेज रहा हूं, वहां स्थिति अभी कंट्रोल में है, दवाइयां और अन्य जरूरी सामान भी वहां पहुंच रहा है।  

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शहडोल । मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में इस समय अवैध कोयला खदानों से जान जोखिम में डालकर अवैध कोयला निकालने का सिलसिला जारी है। जिले के अमलाई थाना क्षेत्र में काले हीरे यानी कोयले की अवैध खुदाई पर पुलिस ने शनिवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए कोल माफियाओं की कमर तोड़ दी है। अमलाई के बटुरा इलाके में गुफानुमा खड्डों से जान जोखिम में डालकर हो रहे अवैध कोयला उत्खनन और परिवहन को रोकने के लिए जिले की अमलाई पुलिस ने सख्त कदम 10 से अधिक अवैध कोयला खदानों को सील कर दिया है।   कार्रवाई के दौरान अमलाई पुलिस ने 10 से अधिक अवैध कोयला खदानों को जेसीबी मशीनों की मदद से मिट्टी भरकर बंद करवा दिया। साथ ही लगभग 30 टन अवैध कोयला जब्त किया गया है। इस मामले में तीन कोल माफियाओं के खिलाफ भी कानूनी कार्यवाही की गई है। शहडोल जिले के अमलाई थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बटुरा गांव में संचालित हो रही अवैध कोयला खदानों पर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें जेसीबी मशीनों की मदद से पूरी तरह बंद करवा दिया है।   बटुरा क्षेत्र में कई गुफानुमा खड्डों के माध्यम से स्थानीय और बाहरी तत्व अवैध रूप से कोयले का उत्खनन कर रहे थे। बिना किसी सुरक्षा उपायों के ये खदानें चल रही थीं, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती थी। इन खदानों से निकाले गए कोयले का अवैध रूप से परिवहन भी किया जा रहा था। इस पर अमलाई पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर कार्यवाही करते हुए मौके पर जेसीबी मंगवाकर इन खदानों को मिट्टी से भरवाकर बंद करवा दिया। इस दौरान करीब 30 टन अवैध कोयला भी जब्त किया गया और तीन प्रमुख कोयला माफियाओं के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की वैधानिक कार्रवाई की गई। पुलिस की इस कार्रवाई से क्षेत्र में कोयला कारोबार से जुड़े अवैध तत्वों में हड़कंप मचा हुआ है। यह कदम न केवल अवैध उत्खनन को रोकने के लिए उठाया गया है, बल्कि लोगों की सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक बड़ा संदेश है।   इस पूरे मामले में थाना प्रभारी अमलाई जेपी शर्मा कहना है कि हमने बटुरा क्षेत्र में संचालित अवैध कोयला खदानों को जेसीबी से भरवाकर बंद करवा दिया है। इस तरह की गतिविधियों को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आगे भी यह अभियान लगातार जारी रहेगा।    

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भोपाल । मध्य प्रदेश में गर्मी के तेवर तीखे हो गए हैं। शुक्रवार को इस सीजन में पहली बार प्रदेश में दिन का अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया। खजुराहो और नौगांव में तापमान क्रमश: 44.6 डिग्री और 44 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि गुना में यह 44.3 डिग्री रहा। इसके साथ ही 18 शहरों में अधिकतम तापमान 42 से अधिक दर्ज किया गया। मौसम विभाग का कहना है कि गुजरात एवं राजस्थान में तपिश काफी बढ़ गई है। वहां से आ रही गर्म हवाओं के कारण मध्य प्रदेश में भी गर्मी बढ़ गई है। शुक्रवार को प्रदेश के बड़े शहर- भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन और जबलपुर भी सीजन के सबसे गर्म रहे। ग्वालियर में तापमान 43 डिग्री, उज्जैन में 42.8 डिग्री, भोपाल में 42.2 डिग्री, जबलपुर में 42.1 डिग्री और इंदौर में 41.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। शुक्रवार को 28 शहरों में पारा 40 डिग्री या इससे अधिक रहा। ऐसा सीजन में पहली बार हुआ है, जब इतने शहरों में भीषण गर्मी पड़ी है। मौसम विभाग के अनुसार, शुक्रवार को रतलाम, सागर-सीधी में 43.8 डिग्री, दमोह में 43.6 डिग्री, सतना-शाजापुर में 43.1 डिग्री, नर्मदापुरम-रीवा में 42.6 डिग्री, टीकमगढ़ में 42.3 डिग्री, शिवपुरी-रायसेन में 42 डिग्री, मंडला में 42 डिग्री, धार में 41.9 डिग्री, उमरिया में 41.7 डिग्री, खरगोन में 41.4 डिग्री, मलाजखंड में 41 डिग्री, सिवनी में 40.4 डिग्री, बैतूल में 40.2 डिग्री, खंडवा में 40.1 डिग्री और छिंदवाड़ा में 40 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। मौसम वैज्ञानिक वीएस यादव ने बताया कि दिन के तापमान में बढ़ोतरी के साथ रात में भी गर्मी बढ़ी है। अगले पांच दिन तक ऐसा ही मौसम रहेगा। भोपाल मौसम विज्ञान केन्द्र से मिली जानकारी के अनुसार, तीसरे सप्ताह में उत्तर-पश्चिमी हवाओं के जोर पकड़ने के साथ इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, चंबल, सागर, रीवा, नर्मदापुरम संभागों में न्यूनतम तापमान 25 से 27 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा। पूरे प्रदेश में दिन में अधिकतम तापमान 42 से 44 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है। 2 से 3 दिन लू चल सकती है। हल्की बारिश होने की संभावना है। जबकि चौथा सप्ताह मे उत्तर-पश्चिमी हवाओं के लगातार जोर पकड़ने के साथ न्यूनतम तापमान पूरे प्रदेश में सामान्य से 3-4 डिग्री अधिक यानि 27 से 30 डिग्री सेल्सियस तक रहेगा। दिन के साथ रातें भी गर्म हो जाएंगी। ग्वालियर, चंबल, सागर और रीवा संभाग में पारा 43-45 डिग्री जबकि इंदौर, उज्जैन-भोपाल सहित बाकी प्रदेश में 41 से 44 डिग्री सेल्सियस तापमान रह सकता है। बंगाल क्षेत्र में साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम की वजह से अप्रैल के आखिरी में 3 से 4 दिन तक लू का असर रह सकता है।    

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मौसम के दो रंग देखने को मिल रहे हैं। कहीं तेज गर्मी का कहर जारी है, तो कहीं बूंदाबादी हो रही है। गुरुवार को शाजापुर और सीहोर जिले में बारिश हुई। वहीं, भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन समेत प्रदेश के 20 शहरों में दिन का तापमान 40 डिग्री के पार पहुंच गया। कई शहरों में तो पारा 3 डिग्री या इससे ज्यादा बढ़ गया। मौसम विभाग ने बताया कि आने वाले दिनों में ज्यादातर क्षेत्रों में अधिकतम तापमान देखने को मिलेगा। कहीं-कहीं हीटवेव के साथ लू चलने का भी अलर्ट भी जारी किया गया है।मध्य प्रदेश में सूरज की तपिश तेज हो गई है। इससे गर्मी का असर भी बढ़ा है। गर्मी का असर बढ़ते ही मौसम विभाग ने लोगों को दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक जरूरत पड़ने पर ही घरों से बाहर निकलने की सलाह दी है। इन्हीं 4 घंटों के दौरान धूप तेज होती है और गर्म हवाएं चलती हैं। वहीं, खाना-पान और सूती कपड़े पहनने की सलाह भी दी गई है। प्रदेश में दिन के तापमान में बढ़ोतरी हुई है। वहीं, रात में भी गर्मी बढ़ी है। अगले 5 दिन तक ऐसा ही मौसम रहेगा। वहीं, अगले 24 घंटे में बड़वानी, धार, खरगोन, बुरहानपुर, पांढुरना, मंडला, बालाघाट जिले में हल्की बारिश हो सकती है। जबकि मालवा, निमाड़, चंबल और बुंदेलखंड के कई जिलों में लू का भी अलर्ट जारी किया गया है।मौसम विभाग के अनुसार, गुरुवार को नर्मदापुरम सबसे गर्म रहा। यहां अधिकतम तापमान 43.6 डिग्री दर्ज किया गया। रतलाम में 43.2 डिग्री रहा। गुना में 42.4 डिग्री, शाजापुर में 42.1 डिग्री, नरसिंहपुर-धार में 42 डिग्री, टीकमगढ़ में 41.5 डिग्री, सागर में 41.4 डिग्री, नौगांव, खजुराहो-मंडला में 41 डिग्री दर्ज किया गया। इसी तरह खरगोन में 40.6 डिग्री, खंडवा-दमोह में 40.5 डिग्री, रायसेन में 40.4 डिग्री और शिवपुरी में 40 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बड़े शहरों की बात करें तो ग्वालियर सबसे गर्म रहा। यहां दिन का पारा 42 डिग्री रहा। भोपाल में 41.1 डिग्री, इंदौर में 40.4 डिग्री, उज्जैन में 41.5 डिग्री और जबलपुर में 39.6 डिग्री रहा।  

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शाजापुर । शाजापुर में शुक्रवार काे अतिक्रमण हटाने गई राजस्व विभाग और नगर पालिका की टीम काे लाेगाें के विराेध का सामना करना पड़ा। इस दाैरान अवैध रूप से गुमटी लगाकर व्यवसाय कर रहे फूल विक्रेताओं ने अधिकारियाें से बहस करते हुए जाम लगा दिया। स्थिति तब और भी ज्यादा बिगड़ गई जब एक युवती ने महिला पुलिसकर्मी से मारपीट कर दी। माैके पर पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी पहुंच गए और स्थिति काे नियंत्रण में किया।दरअसल मां राजराजेश्वरी माता मंदिर प्रांगण पर अवैध अतिक्रमण हटाने शुक्रवार को राजस्व विभाग और नगरपालिका की टीम पुलिस बल के साथ पहुंची। इस दौरान अवैध रूप से गुमटी लगाकर व्यवसाय कर रहे फूल विक्रेताओं ने विरोध करते हुए सारे फूल-मालाएं सड़क पर फेंक दिए और अधिकारियों से बहस की। कोतवाली पुलिस जब व्यापारियों को थाने ले जाने लगी, तो एक महिला ने महिला पुलिसकर्मी के साथ मारपीट कर दी। इस घटना का वीडियो भी सामने आया है। घटना के बाद शहरी हाईवे पर चक्काजाम की स्थिति बन गई। दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। फूल विक्रेता फूल-मालाएं सड़क पर फेंककर वहीं बैठ गए और हंगामा करने लगे। हंगामे के समय मौके पर शाजापुर एसडीएम मनीषा वास्कले, एसडीओपी गोपाल सिंह चौहान, नायब तहसीलदार गौरव पोरवाल और कोतवाली टीआई मौजूद रहे। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में किया और यातायात को सुचारू कराया। अवैध अतिक्रमण करने वाले फूल व्यवसायियों को पुलिस थाने ले गई।  

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दतिया । दतिया रेलवे स्टेशन के पास शुक्रवार सुबह गोवा एक्सप्रेस से गिरकर एक मजदूर का पैर कट गया। हादसे की सूचना मिलते ही रेलवे पुलिस (जीआरपी) मौके पर पहुंची और घायल को तत्काल जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। हादसे के बाद रेल प्रशासन जांच कर रही है।   जानकारी के अनुसार घायल युवक की पहचान ग्वालियर निवासी धर्मेंद्र कुशवाहा के रूप में हुई है। वो गोवा से वापस अपने घर लौट रहा था। धर्मेंद्र के भाई दिनेश कुशवाहा ने बताया कि धर्मेंद्र मजदूरी करता है और तीन दिन पहले अपने साथियों के साथ काम की तलाश में गोवा गया था। वहां काम नहीं मिलने के कारण वापस लौट रहा था। इसी दौरान हादसा हो गया। घायल धर्मेंद्र ने बताया कि जब ट्रेन दतिया और चिरूला स्टेशन के बीच आउटर सिग्नल पर रुकी हुई थी, तब वो ट्रेन से नीचे उतरकर पटरी पर खड़ा हो गया। ट्रेन के चलने पर वह चढ़ने की कोशिश कर रहा था, लेकिन अचानक पैर फिसलने से नीचे गिर गया और उसका एक पैर ट्रेन की चपेट में आ गया। युवक का इलाज फिलहाल जारी है और उसके परिजन भी मौके पर पहुंच चुके हैं।  

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टीकमगढ़ । ग्वालियर से प्रयागराज जा रही बुंदेलखंड एक्सप्रेस बुधवार-गुरुवार की दरमियानी रात करीब एक बजे झांसी मंडल के मगरपुर रेलवे स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक पर फंसी बोलेरो जीप से टकराई गई। ट्रेन को आता देख कार सवार लोग कूदकर भाग निकले। ट्रेन के रुकने पर उसमें सवार यात्री भी दहशत में आ गए और नीचे उतर गए। इससे करीब 35 मिनट तक ट्रेन प्रभावित रही। जानकारी के अनुसार, मगरपुर रेलवे स्टेशन के पास बुधवार की रात एक बोलेरो जीप पटरी पार कर रही थी। इसी दौरान वह ट्रैक पर फंस गई। उसे निकालने के लिए उसमें सवार लोग काफी प्रयास करते रहे। लेकिन वह जीप रेलवे ट्रैक से नहीं निकल सकी। इसी बीच ग्वालियर से प्रयागराज की ओर जाने वाली बुंदेलखंड एक्सप्रेस वहां पहुंची। ट्रेन को आता देख वाहन चालक और सवार वहां से भाग खड़े हुए। ट्रैक पर फंसी जीप को देखकर पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाए, लेकिन जीप इंजन की चपेट में आ गई, जिससे उसके परखच्चे उड़ गए। घटना की सूचना के बाद मौके पर आरपीएफ-जीआरपी के अधिकारी पहुंचे और काफी मशक्कत के बाद वाहन को निकाला गया। इस दौरान करीब 35 मिनट ट्रेन लेट हुई। रेलवे के जनसम्पर्क अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि पायलट की सूझबूझ से बड़ा हादसा होने से टल गया। इस घटना में किसी व्यक्ति को कोई चोट नहीं आईं है। अब पुलिस वाहन चालक और मालिक की तलाश में जुट गई है। उन्होंने बताया कि जीप में कुछ ऐसी सामग्री मिली है, जिससे स्पष्ट होता है कि उसमें सवार लोग किसी शादी समारोह से लौट रहे थे। वाहन किसका है, यह पता लगाया जा रहा है।

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल  । राजधानी भोपाल समेत प्रदेशभर में भीषण गर्मी का सितम जारी है। ओले-बारिश और आंधी का सिस्टम कमजोर पड़ते ही प्रदेश में एक बार फि‍र गर्मी का असर बढ़ गया है। लोग सड़कों पर धूप से बचने के लिए छाते लेकर निकल रहे हैं। कुछ लोग कपड़े से मुंह ढककर धूप की तपिश से खुद हो बचा रहे। मालवा-निमाड़ यानी इंदौर-उज्जैन संभाग सबसे गर्म है। ग्वालियर, चंबल संभाग में भी गर्म हवाओं ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी है। मौसम विभाग ने आज गुरुवार को प्रदेश के अधिकांश हिस्से में गर्मी का असर रहने की संभावना जताई है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर और जबलपुर में भी तापमान में बढ़ोतरी हो सकती है।प्रदेश में बुधवार को 9 शहरों में दिन का तापमान 40 डिग्री के पार पहुंच गया। इनमें रतलाम, नर्मदापुरम, खंडवा, शाजापुर, खरगोन, नरसिंहपुर, उज्जैन, धार और गुना शामिल हैं। सबसे गर्म रतलाम रहा। जहां तापमान 42.6 डिग्री दर्ज किया गया। नर्मदापुरम में 41.6 डिग्री, खंडवा में 41.5 डिग्री, शाजापुर में 41.1 डिग्री और खंडवा-नरसिंहपुर में पारा 41 डिग्री रहा। उज्जैन में 40.7 डिग्री, धार में 40.4 डिग्री और गुना में पारा 40.3 डिग्री पहुंच गया।प्रदेश में बुधवार को गर्मी के साथ बारिश का दौर भी रहा। धार के मनावर में शाम को आधे घंटे तक तेज बारिश हुई। वहीं, पांढुर्णा में भी पानी गिरा। रात में खरगोन, बालाघाट, सिवनी, मंडला, बड़वानी, बुरहानपुर और बैतूल में भी मौसम बदला रहा। मौसम विभाग का कहना है कि 18 अप्रैल तक तेज गर्मी की संभावना है। इसके बाद तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट हो सकती है।  

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शिवपुरी । भोपाल और ग्वालियर के मध्य चलने वाली इंटरसिटी गाड़ी क्रमांक 12197 एवं 12198 में अब दो स्लीपर कोच जोड़े जाने से अब रेल यात्रियों को इससे फायदा होगा। यह व्यवस्था दिनांक 10 अप्रैल 2025 से प्रभावी हो चुकी है। इस परिवर्तन के बाद अब इस ट्रेन में 14 सामान्य श्रेणी, 2 स्लीपर श्रेणी, 2 कुर्सीयान, 1 वातानुकूलित कुर्सीयान सहित कुल 21 कोच होंगे। भाजपा नेता व पूर्व प्रदेश प्रवक्ता धैर्यवर्धन शर्मा ने बतायाकि इस इंटरसिटी ट्रेन में शिवपुरी, गुना, अशोकनगर के नागरिकों को ग्वालियर और भोपाल जाना और सुविधाजनक हो जाएगा। पश्चिम मध्य जोन की सलाहकार समिति के सदस्य रहे धैर्यवर्धन ने इस निर्णय पर यात्रियों को बधाई देते हुए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव एवं रेल विभाग के अधिकारियों के प्रति धन्यवाद जताया है । भाजपा नेता धैर्यवर्धन ने बुधवार और रविवार के दिनों को जोड़कर सातों दिन इंटरसिटी को चलाए जाने पर क्षेत्रीय सांसद एवं केंद्रीय मंत्री सिंधिया का आभार माना है । भाजपा के वरिष्ठ नेता धैर्यवर्धन ने कहा कि इस संबंध में मंडल रेल प्रबंधक देवाशीष त्रिपाठी ने अवगत कराया है कि यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए ट्रेन संख्या 12197/12198 *ग्वालियर-भोपाल-ग्वालियर एक्सप्रेस में दो स्लीपर श्रेणी के कोच स्थायी रूप से जोड़े जा रहे हैं। इस संबंध में भोपाल के वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सौरभ कटारिया ने बताया कि ग्रीष्मकालीन भीड़ और बढ़ती हुई यात्रियों की संख्या को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। यह व्यवस्था दिनांक 10 अप्रैल 2025 से प्रभावी हो चुकी है। इस परिवर्तन के बाद अब इस ट्रेन में 14 सामान्य श्रेणी, 2 स्लीपर श्रेणी, 2 कुर्सीयान, 1 वातानुकूलित कुर्सीयान सहित कुल 21 कोच होंगे।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में इन दिनों दो तरह के मौसम नजर आ रहे हैं। कहीं बारिश तो कही भीषण गर्मी देखने को मिल रही है। सोमवार को सिवनी, छिंदवाड़ा, सिंगरौली, बालाघाट, पांढुर्णा, बैतूल, रीवा सहित कई अन्य जिलों में बादल छाए रहे। कई जगह बूंदाबांदी भी देखने को मिली। हालांकि आज मंगलवार से पूरे प्रदेश में मौसम साफ रहने का अनुमान है। प्रदेश में अब गर्मी का असर देखने को मिलने लगेगा। 16 अप्रैल से प्रदेश में लू चलने लगेगी। जिसके बाद भीषण गर्मी का एहसास होने लगेगा।मौसम विभाग ने बताया कि प्रदेश में 16 अप्रैल से हीट वेव यानी, लू का असर शुरू होगा। इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन और चंबल संभाग के जिलों में लू चलेगी। इससे पहले आज मंगलवार को पूर्वी हिस्से के 7 जिले-शहडोल, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला, बालाघाट, सिवनी और छिंदवाड़ा में हल्की बारिश हो सकती है। जबकि भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, चंबल और नर्मदापुरम संभाग में गर्मी का असर रहेगा। यहां तापमान 40 डिग्री के पार पहुंच सकता है।प्रदेश में सोमवार को कुछ जगहों पर बूंदाबांदी भी हुई है। बाकी के हिस्से में गर्मी का असर रहा। रतलाम में दिन का तापमान सबसे ज्यादा 42 डिग्री दर्ज किया गया। शाजापुर-धार में तापमान 41 डिग्री, खंडवा में 40.5 डिग्री और नर्मदापुरम में 40 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बड़े शहरों की बात करें तो उज्जैन सबसे गर्म रहा। यहां तापमान 41 डिग्री दर्ज किया गया। भोपाल में 39.5 डिग्री, इंदौर में 39.7 डिग्री, ग्वालियर में 37.5 डिग्री और जबलपुर में तापमान 36.8 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम विभाग का कहना है कि 16 अप्रैल को कुछ जिलों में हल्की बारिश होने के आसार हैं, जबकि 11 जिलों में लू का अलर्ट है। 17 और 18 अप्रैल को भी लू चलने की संभावना है।

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छतरपुर । मध्य प्रदेश के छतरपुर में मंगलवार सुबह एक अनियंत्रित कार पेड़ से टकरा गई। हादसा गाय काे बचाने के चक्कर में हुआ। घटना में कार चालक की माैत हाे गई, जबकि तीन लाेग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। घायलों को मेडिकल कॉलेज झांसी रेफर कर दिया गया है। वहीं पुलिस ने मृतक का पंचनामा बनाकर पोस्टमार्टम की कार्रवाई शुरू कर दी है।   जानकारी के अनुसार घटना सुबह करीब 4 बजे गुलगंज थाने के पास की है। कार जैसे ही राठौर वेयरहाउस के पास पहुंची, तभी अचानक कार के सामने एक गाय आ गई। गाय को बचाने के प्रयास में कार रोड किनारे लगे महुए के पेड़ से जा टकराई। हादसे में गासी चौकी के बनगांय निवासी 35 साल के संतोष पटेल की माैत हाे गई, जबकि कार में उनके साथ भतीजा गोलू (22), बहू रवीना (21) और भतीजी रानी (20) सवार थे, जाे गंभीर रूप से घायल हुए है। ये सभी ग्वालियर इलाज के लिए जा रहे थे। दरअसल, कुछ दिन पहले रवीना स्कूटी से गिर गई थी, जिससे उसका पैर टूट गया था। गुलगंज थाना प्रभारी गुरु दत्त शेष ने बताया कि घटना गाय के सामने आने से हुई है। घायलों को मेडिकल कॉलेज झांसी रेफर कर दिया। वहीं पुलिस ने मृतक का पंचनामा बनाकर पोस्टमार्टम की कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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विदिशा । मध्य प्रदेश के विदिशा की कृषि उपज मंडी मिर्जापुर में मंगलवार को नीलामी नहीं होने से नाराज किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दाैरान किसानों ने मंडी के बाहर सड़क पर चक्काजाम कर दिया। किसानाें की नाराजगी पर मंडी सचिव नीलम वैद्य ने आश्वासन दिया है कि जो किसान अपनी उपज लेकर आए हैं, उनकी नीलामी कराई जाएगी।     दरअसल किसान पिछले दो दिन से अपनी फसल लेकर मंडी में आ रहे हैं। मंगलवार काे नीलामी की उम्मीद में आए किसानों को मंडी बंद मिली। व्यापारियों ने पिछले तीन दिन की छुट्टियों के कारण खरीदे गए अनाज की लोडिंग के लिए आज मंडी बंद रखी। अनाज तिलहन व्यापार महासंघ ने पहले ही नीलामी बंद करने की घोषणा कर दी थी। चक्काजाम की सूचना मिलते ही सिविल लाइन पुलिस और एसडीएम मौके पर पहुंचे। अधिकारी व्यापारी प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर समाधान निकालने का प्रयास कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि वे 20 से 60 किलोमीटर दूर से अपनी फसल लेकर आए हैं। शादी का सीजन चल रहा है और उन्हें पैसों की जरूरत है। वकील यादव ने बताया कि उनके यहां 16 अप्रैल को शादी है और आज उपज बेचकर सामान खरीदना था। राजकुमार यादव ने कहा कि बिना सूचना के मंडी बंद की गई है और किसानों के खाने-पीने की भी व्यवस्था नहीं है।

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में इन दिनों मौसम के दो रंग देखने का मिल रहे हैं। तेज गर्मी के बीच प्रदेश के कई जिलों में बारिश और ओले गिरने का दौर जारी है। रविवार को प्रदेश के अधिकांश हिस्से में तेज आंधी, बादल, बारिश, आकाशीय बिजली और ओले गिरने वाला मौसम रहा। आज भी ऐसा ही मौसम रहने वाला है। प्रदेश के पूर्वी हिस्से के 11 जिलों में सोमवार को हल्की बारिश-आंधी की संभावना है। इनमें रीवा, सतना, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली, पन्ना, मैहर, कटनी, उमरिया, शहडोल और अनूपपुर शामिल हैं। इसके बाद मौसम साफ हो जाएगा और गर्मी बढ़ेगी। 16-17 अप्रैल को कई जिलों में लू का अलर्ट है।मौसम विभाग ने बताया कि साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम की वजह से रविवार को कई जिलों में बारिश का दौर चला। वहीं, ओले भी गिरे। अगले 24 घंटे में तापमान ज्यादा नहीं बढ़ेगा, लेकिन इसके बाद तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। सोमवार को कुछ जिलों में हल्की बारिश हो सकती है। मौसम विभाग का कहना है कि 16 अप्रैल से प्रदेश में लू का असर देखने को मिलेगा। खासकर ग्वालियर, चंबल और इंदौर संभाग के जिलों में लू चलेगी। 17 अप्रैल को भी लू का अलर्ट है।इससे पहले रविवार को खरगोन के महेश्वर में तेज बारिश और ओले गिरे। सतना में दो घंटे तेज आंधी के साथ बारिश हुई। वहीं, दूसरी ओर कई जिलों में तापमान 40 डिग्री के पार रहा। नर्मदापुरम में 40.2 डिग्री, खंडवा-धार में 40.1 डिग्री, खरगोन और नरसिंहपुर में 40 डिग्री रहा। वहीं, शाजापुर में 39.7 डिग्री, रतलाम में 39.5 डिग्री और गुना में तापमान 39 डिग्री दर्ज किया गया। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 38.8 डिग्री, इंदौर में 38.6 डिग्री, ग्वालियर में 36 डिग्री, उज्जैन में 38.5 डिग्री और जबलपुर में तापमान 37.4 डिग्री दर्ज किया गया। सबसे कम पचमढ़ी में 32.8 डिग्री रहा। नौगांव में 34 डिग्री, रीवा-सीधी में तापमान 34.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।  

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भोपाल । राज्य शासन द्वारा भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएसएस) के नौ अधिकारियों का तबादला करते हुए उनकी नवीन पदस्थापना की है। इसमें चार जिले उज्जैन, अशोकनगर, हरदा और विदिशा के कलेक्टर बदले गए हैं। इस संबंध में रविवार शाम को सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी किए हैं। जारी आदेश के अनुसार, उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह को हटाकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग भोपाल में अपर सचिव बनाया गया है, जबकि अशोकनगर कलेक्टर सुभाष कुमार द्विवेदी को हटाकर सामान्य प्रशासन विभाग में अपर सचिव पदस्थ किया गया है। वहीं, हरदा कलेक्टर आदित्य सिंह को स्थानांतरित कर अशोकनगर जिले का कलेक्टर बनाया गया है। इसी तरह विदिशा कलेक्टर रोशन सिंह को उज्जैन कलेक्टर और भोपाल के अपर कलेक्टर सिद्धार्थ जैन को हरदा कलेक्टर पदस्थ किया गया है। इसके अलावा जनसंपर्क विभाग के संचालक और मध्य प्रदेश माध्यम के कार्यपालक निदेशक का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे अंशुल गुप्ता को विदिशा कलेक्टर बनाया गया है। वहीं, इंदौर की अपर कलेक्टर ज्योति शर्मा को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत देवास नियुक्त किया गया है। देवास जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हिमांशु प्रजापति को मध्य प्रदेश औद्योगिक विकास निगम, इंदौर का कार्यकारी संचालक बनाया गया है। जारी आदेश में जनजातीय कार्य विभाग के प्रमुख सचिव गुलशन बामरा को अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान, भोपाल के मुख्य कार्यालय अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। इसके साथ ही इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह को उनके वर्तमान दायित्वों के साथ सिंहस्थ मेला उज्जैन के मेला अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। साथ ही राज्य योजना आयोग के सदस्य सचिव एवं आर्थिक एवं सांख्यिकी आयुक्त ऋषि गर्ग को अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान के संचालक का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।  

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भोपाल । राजधानी भोपाल स्थित राष्ट्रीय उद्यान "वन विहार" में वन्यप्राणियों को गर्मी से राहत देने के लिये हाउसिंग में रखे गये मांसाहारी वन्यप्राणियों के लिये गर्मी से बचाव हेतु कूलर लगाये गये हैं। हाउसिंग की खिड़कियों पर पर्दे लगाये गये, क्रॉल के ऊपर लू से बचाव के लिये ग्रीन नेट डाली गई है। क्रॉल को ठंडा रखने के लिये पानी का छिड़काव किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त इंक्लोजर में निर्मित सॉसर के ऊपर प्रकृति से मेल खाते हुये घास के शेड बनाये गये हैं, जिससे सॉसर का पानी ठंठा रहे एवं उसमें बैठने पर वन्य प्राणी का धूप से बचाव हो सके। वन विहार संचालक पदमाप्रिया बालाकृष्णन ने रविवार को बताया कि जल स्रोतों में ऐसी व्यवस्था की गई है कि उसमें हमेशा पानी भरा रहे। वन्य प्राणी चिकित्सक की सलाह अनुसार उनको भोजन दिया जा रहा है। शाकाहारी वन्य प्राणियों को गर्मी से बचाव के लिये खुले क्षेत्र में प्रकृति से मेल खाते हुये घास के शेड बनाये गये हैं। विभिन्न स्थलों पर निर्मित जल स्रोतों में पानी की निरंतरता बनी रहें ऐसी व्यवस्था की गई है। वन्यप्राणियों को हरा चारा एवं पशु आहार सुदाना भी दिया जा रहा है और आवश्यकतानुसार उन्हें साल्ट लिक्स तथा मिनरल मिक्सचर भी दिया जा रहा है।

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ( एडीजी) जी अखेतो सेमा को पदोन्नत कर राज्य शासन ने स्पेशल डीजी बनाया है। इस संबंध में गृह विभाग ने शुक्रवार देर शाम आदेश जारी कर दिया है। इसके अलावा एक अन्य आदेश में छिंदवाड़ा के एडिशनल एसपी को हटाने के साथ तीन आईपीएस अफसरों के तबादले किए हैं। छिंदवाड़ा में अभी किसी की पोस्टिंग नहीं की गई है। गृह विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी जी अखेतो सेमा को एडीजी जेल से पदोन्नत कर स्पेशल डीजी जेल पदस्थ किया है। 9 माह बाद अखेतो सेमा रिटायर होने वाले हैं। प्रदेश में स्पेशल डीजी के 12 पद हैं, जिसमें एक पद स्पेशल डीजी रेल मनीष शंकर शर्मा के आकस्मिक निधन के बाद पिछले माह रिक्त हुआ था। इसके बाद पीएचक्यू ने एडीजी जेल जी अखेतो सेमा को रिक्त पद पर प्रमोट करने का प्रस्ताव भेजा था, जिसके बाद शुक्रवार को इसके आदेश जारी कर दिए गए। इधर, एक अन्य आदेश में आईपीएस प्रकाश चंद्र परिहार को एआईजी ग्रामीण इंदौर जोन से पुलिस उपायुक्त मुख्यालय नगरीय पुलिस इंदौर पदस्थ किया है। साथ ही, अवधेश प्रताप सिंह अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक छिंदवाड़ा को सेनानी 36वीं वाहिनी भारतीय रिजर्व बल बटालियन विशेष सशस्त्र बल बालाघाट और राजेंद्र कुमार वर्मा एआईजी प्रशिक्षण विशेष शाखा पीएचक्यू को पुलिस अधीक्षक पीटीसी इंदौर पदस्थ किया गया है।    

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भोपाल । बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पतोर परिक्षेत्र की पनपता बीट में फील्ड स्टॉफ द्वारा गश्त के दौरान 12 सोन कुत्तों (वन्य प्राणी) का झुण्ड देखा गया। बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक (उमरिया) एलएल उइके ने शुक्रवार को बताया कि सोन कुत्ते अत्यंत दुर्लभ जीव हैं और किसी निश्चित स्थान पर न रहकर जंगलों में यहाँ-वहाँ झुण्ड में विचरण करते हैं। बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पारिस्थितिक तंत्र में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। क्षेत्र संचालक उइके ने बताया कि बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व की पतौर, मानपुर और धमोखर रेंज में कभी-कभी सोन कुत्तों का झुण्ड दिखायी देता है।

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में इन दिनों तेज गर्मी का सिलसिला जारी है। प्रदेशभर के कई जिलों में जहां गर्मी और लू का कहर है, वहीं कुछ जिलों में बारिश भी हो रही है। हालांकि, भीषण गर्मी के बीच अब प्रदेश के लोगों को अगले 4 दिनों गर्मी से राहत मिलेगी। मौसम विभाग का कहना है कि 15 अप्रैल तक तेज गर्मी और लू का अलर्ट नहीं है। इस दौरान बारिश, ओले, आंधी और गरज-चमक की संभावना है। इससे पहले शुक्रवार को भी ग्वालियर समेत कई शहरों में बारिश हुई, जबकि भोपाल में बादल छाए रहे। जिससे दिन के तापमान में गिरावट हुई है।मौसम विभाग के अनुसार, एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ), दो साइक्लोनिक सर्कुलेशन और दो ट्रफ के एक्टिव होने की वजह से प्रदेश में मौसम बदला हुआ है। 15 अप्रैल तक लू का असर नहीं रहेगा। दिन-रात के तापमान में गिरावट भी देखने को मिलेगी। शनिवार को पांढुर्णा, सिवनी, मंडला और बालाघाट में ओले गिर सकते हैं। वहीं, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, नर्मदापुरम, उज्जैन, रीवा, शहडोल, सागर संभाग के 31 जिलों में तेज आंधी चलने और बारिश होने का अनुमान है। ऐसा ही मौसम 15 अप्रैल तक बना रहेगा।इससे पहले तेज गर्मी और लू से शुक्रवार को थोड़ी राहत मिली। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर समेत कई जिलों में तापमान लुढ़ककर 40 डिग्री के नीचे आ गया है। भोपाल में सुबह से ही बादल छाए रहे तो ग्वालियर में हल्की बारिश भी हुई है। वहीं, शाम को रीवा, अनूपपुर, रीवा, मुरैना, ग्वालियर, सीहोर, शहडोल और मऊगंज में मौसम बदला हुआ है। शुक्रवार को भोपाल-इंदौर में 39.6 डिग्री, ग्वालियर में 39.7 डिग्री, उज्जैन में 39.2 डिग्री और जबलपुर में तापमान 40.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सबसे गर्म गुना रहा, यहां तापमान 40.7 डिग्री रहा। नर्मदापुरम में 40.6 डिग्री, खंडवा में 42.5 डिग्री, खजुराहो (छतरपुर) में 42.4 डिग्री, खरगोन में 41.8 डिग्री, नौगांव-टीकमगढ़ में 41 डिग्री, दमोह में 40.5 डिग्री, रतलाम में 40.4 डिग्री, सिवनी में 40.2 डिग्री, धार, मंडला-सागर में 40 डिग्री तापमान दर्ज किया गया।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में तेज गर्मी के बीच एक बार फिर मौसम में बदलाव देखने को मिला। गुरुवार को प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में हीट वेव का असर रहा तो सागर-शिवपुरी जिले में बारिश के ओले भी गिरे। मौसम विभाग की मानें तो अलग-अलग स्थानों पर बनी मौसम प्रणालियों से मौसम का मिजाज बदला है। शुक्रवार को ग्वालियर, चंबल, सागर, रीवा, जबलपुर, शहडोल एवं नर्मदापुरम संभाग के जिलों में गरज-चमक के साथ वर्षा हो सकती है। इस दौरान जबलपुर में ओले गिरने के भी आसार हैं। भोपाल मौसम विज्ञान केन्द्र से मिली जानकारी के अनुसार, राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के कुछ हिस्सों में तेज हवाएं चलीं और आसमान में बादल छा गए। इस दौरान कुछ क्षेत्रों में बारिश भी हुई, जिसके चलते लू से राहत मिल गई है। हालांकि, अधिकांश हिस्सों में गर्मी का असर देखने को मिला। धार और रतलाम सबसे गर्म रहे। धार में 42.3 डिग्री और रतलाम में 42.2 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया। इंदौर में गुरुवार को चार मोरों की मौत होने की जानकारी सामने आई है। हालांकि, इंदौर प्राणी संग्रहालय के प्रभारी डॉ. उत्तम यादव ने दो मोरों की ही मौत हीट वेव से होने की बात कही है। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 41.3 डिग्री, इंदौर में 40.3 डिग्री, ग्वालियर में 39.6 डिग्री, उज्जैन में 41 डिग्री और जबलपुर में 40.6 डिग्री सेल्सियस रहा। खंडवा में 42.1 डिग्री, गुना-नर्मदापुरम में पारा 42 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसी तरह टीकमगढ़-दमोह में 41.8 डिग्री, सागर में 41.5 डिग्री, खरगोन-नौगांव में 41 डिग्री, मंडला में 40.8 डिग्री, सिवनी और शिवपुरी में पारा 40 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। प्रदेश में तेज गर्मी की वजह से स्कूलों का समय भी बदल दिया गया है। भोपाल, रतलाम, शिवपुरी, उज्जैन, नीमच समेत कई जिलों में दोपहर 12 बजे तक कक्षाएं लगाने को कहा गया है ताकि गर्मी की वजह से बच्चों को परेशानी न हो। इधर, शिवपुरी में शाम को बादलों की गड़गड़ाहट के साथ बूंदाबांदी हुई। सागर में गुरुवार शाम अचानक मौसम बदला। तेज हवाएं चली। रहली में हवाओं के साथ बारिश हुई और ओले गिरे। करीब 15 मिनट तक बारिश हुई। वहीं गौरझामर क्षेत्र में भी बारिश हुई है। गुरुवार को सागर का अधिकतम तापमान 41 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं, मुरैना में गुरुवार शाम कई क्षेत्रों में अचानक तेज हवाओं के साथ बारिश शुरू हो गई। बारिश के साथ ही बड़े आकार के ओले गिरने लगे, जिससे खेतों में रखी हुई फसलें पूरी तरह से भीग गईं और नष्ट हो गईं। सबसे ज्यादा नुकसान कैलारस, सबलगढ़ और रामपुर इलाके के किसानों को हुआ है, जहां बड़ी संख्या में खेतों में गेहूं की कटी हुई फसलें पड़ी थीं। इन क्षेत्रों में अधिकांश किसान फसल की कटाई कर उसे खेत में ही सुखा रहे थे। बालाघाट में गुरुवार की शाम मौसम में अचानक बदलाव आया। तेज हवाओं के साथ आसमान में काले बादल छा गए। इससे शहर में धूल भरी आंधी चली। तेज हवाओं की वजह से श्री राम जन्मोत्सव के लिए चौराहों पर लगाए गए प्रवेश द्वार और होर्डिंग्स गिर गए। अंबेडकर चौक, काली पुतली चौक और हनुमान चौक में फ्लेक्स और बैनर भी क्षतिग्रस्त हुए। हालांकि, किसी तरह की जनहानि नहीं हुई। इसके अलावा पांढुर्ना, सिवनी एवं बालाघाट में ओले गिरे। मौसम विज्ञानी वीएस यादव ने बताया कि वर्तमान में पश्चिमी विक्षोभ पाकिस्तान के आसपास द्रोणिका के रूप में बना हुआ है। पंजाब पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना है। दक्षिणी पाकिस्तान और उससे लगे दक्षिण-पश्चिम राजस्थान पर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात मौजूद है। अधिकतम तापमान में शुक्रवार से और भी गिरावट होने के आसार हैं। अगले तीन दिन में अधिकतम तापमान में तीन से चार डिग्री तक की गिरावट हो सकती है।  

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भोपाल । कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के निर्देश पर सहायक आबकारी आयुक्त भोपाल वीरेंद्र धाकड़ के मार्गदर्शन में गुरुवार देर रात काे राजधानी के कोलार क्षेत्र एवं नीलबड़, रातीबड़ क्षेत्र के होटल, ढाबों पर आबकारी की टीम ने दबिश दी ।यहां पर ग्राहकों को शराब परोसी जा रही थी। विभाग ने कुल 33 प्रकरण बनाए।   जिला कंट्रोलर एचएस गोयल ने बताया कि गुरुवार रात में कोलार, नीलबड़, रातीबड़ क्षेत्र के नटखट रेस्टोरेंट, ट्री चैप्टर समेत कई प्रतिष्ठानों पर दबिश दी गई। इस दौरान 33 प्रकरण दर्ज किए गए। अवैध शराब सेवन और बिक्री पर यह कार्रवाई की गई, जो आगे भी जारी रहेगी। जिला कंट्रोलर गोयल ने बताया, कलखेड़ा में आरोपी राजा कश्तवार के कब्जे से 25 पाव देशी शराब जब्त की गई। वहीं, रातीबड़ स्थित गुरु होटल से महंगी शराब और बीयर की पेटियां जब्त की। संचालक के विरुद्ध केस दर्ज किया गया। वहीं रातीबड़ क्षेत्र के गुरु होटल पर उपनिरीक्षक वर्षा उईके ने टीम सहित दबिश दी, जहां से 6 महंगी शराब की बोतल एवं लगभग 4 पेटी बीयर की जप्त कर संचालक के विरुद्ध विधिवत प्रकरण कायम किया। कार्रवाई के दाैरान आबकारी अधिकारी/स्टाफ उपस्थित रहा ।ऐसी कार्यवाहियां लगातार जारी रहेगी।

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अशोकनगर । अशोकनगर जिले के मदागन चक्क गांव में गुरुवार को खेत की नरवाई में अचानक आग लग गई। आग इतनी तेजी से फैली कि देखते ही देखते पास के खेत में खड़ी गेहूं की फसल को चपेट में ले लिया। जिससे पांच बीघा में खड़ी फसल जलकर खाक हो गई। ग्रामीणों की सूचना पर फायर ब्रिगेड ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पा लिया। जानकारी के अनुसार, शाढौरा तहसील स्थित मदागन चक्क गांव में गुरुवार दोपहर किसान खिलन सिंह कुशवाहा के खेत में आग लग गई। जिससे 10 बीघा नरवाई और 5 बीघा में खड़ी गेहूं की फसल जलकर राख हो गई। ग्रामीणों ने आग बुझाने का भरसक प्रयास किया। लेकिन वे इस पर काबू नहीं पा सके। परेशान होकर उन्हें फायर ब्रिगेड को बुलाना पड़ा। शाढौरा से पहुंची फायर ब्रिगेड ने कुछ ही देर में आग पर काबू पा लिया। इस घटना में किसान खिलन सिंह कुशवाहा को भारी नुकसान हुआ है। उनके खेत में लगभग 10 बीघा नरवाई पूरी तरह जल गई। साथ ही 5 बीघा में खड़ी गेहूं की फसल भी जलकर राख हो गई। इस दौरान लगभग 1 घंटे तक इलाके में अफरातफरी का माहौल बना रहा लोग अपने-अपने खेतों को बचाने की प्रयास में जुटे हुए थे। सिंधिया ने 79 किसानों को दिया 30.5 लाख का मुआवजा वहीं, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को अशोकनगर जिले के झागर बमुरिया गांव का दौरा किया। उन्होंने कुछ दिन पहले आग से प्रभावित किसानों को मुआवजे के प्रमाणपत्र वितरित किए। दरअसल, बीते शनिवार को झागर बमुरिया, अमोदा कुकावली और हारूखेड़ी सहित चार गांवों में लगी आग से 1500 बीघा गेहूं की फसल जल गई थी। इस आग से लगभग 18,000 क्विंटल गेहूं का उत्पादन प्रभावित हुआ। झागर बमुरिया के 75 किसानों को 29.91 लाख रुपये और कुकावली गांव के 4 किसानों को 60,992 रुपये का मुआवजा दिया गया। सिंधिया ने किसानों से मुलाकात के दौरान कहा कि वे हर किसान के साथ मजबूती से खड़े हैं। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार से हर संभव मदद दिलाने का आश्वासन दिया। साथ ही उन्होंने वादा किया कि आपदा की स्थिति में वे या जिला कलेक्टर 3 दिन के भीतर मौके पर पहुंचेंगे।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मौसम के दो रंग देखने को मिल रहे हैं। कहीं गर्मी का कहर तो कहीं-कहीं बारिश हो रही है। बुधवार को छिंदवाड़ा-पांढुर्णा में तेज बारिश हुई और ओले गिरे। हवा इतनी तेज चली कि कुछ पेड़ गिर गए। ऐसा ही मौसम गुरुवार को भी बना रहेगा। मौसम विभाग ने आज उज्जैन-ग्वालियर संभाग में लू चलने का अलर्ट जारी किया है। जबकि 17 जिलों में बारिश होने की संभावना है।मौसम विभाग ने बताया कि अभी वेस्टर्न डिस्टरबेंस (साइक्लोनिक सर्कुलेशन) और ट्रफ एक्टिव है। इस वजह से प्रदेश में गर्मी के तेवर के साथ ओलावृष्टि और बारिश की संभावना है। अगले तीन दिन तक ऐसा ही मौसम बना रहेगा। मौसम विभाग के मुताबिक गुरुवार को उज्जैन, गुना, अशोकनगर, राजगढ़, शाजापुर, आगर-मालवा, पन्ना, रतलाम, नीमच और मंदसौर में लू चलेगी। यहां तापमान 41 से 42 डिग्री सेल्सियस तक रहेगा। ग्वालियर, उज्जैन, धार, इंदौर, खंडवा, नर्मदापुरम, रीवा में रात का तापमान 25 डिग्री के पार पहुंच सकता है। दूसरी ओर श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, सतना, रीवा, सीधी, मऊगंज, सिंगरौली, शहडोल, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला और बालाघाट में गरज-चमक की स्थिति रहेगी। कहीं-कहीं बारिश और ओले भी गिर सकते हैं।इससे पहले बुधवार को मौसम के दो रंग देखने को मिले। कहीं ओले-बारिश का दौर रहा तो कहीं तेज गर्मी का असर रहा। छिंदवाड़ा में दोपहर के समय बारिश के साथ ओले गिरे। वहीं, पांढुर्णा, सिवनी में भी ओले गिरे। बालाघाट, डिंडोरी, मंडला, छिंदवाड़ा, अनूपपुर के अमरकंटक, नरसिंहपुर, बैतूल, जबलपुर, ग्वालियर, नीमच, गुना, मंदसौर और सागर में भी मौसम बदला रहा। दूसरी ओर, कई शहरों में तेज गर्मी और लू का असर देखा गया। रतलाम में पारा 44.2 डिग्री दर्ज किया गया, जबकि नर्मदापुरम में 43.3 डिग्री रहा। भोपाल में 41 डिग्री, इंदौर में 41.4 डिग्री, ग्वालियर में 41.6 डिग्री, उज्जैन में 42 डिग्री और जबलपुर में 40 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।

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इंदौर । मध्य प्रदेश में गुरुवार को महावीर जयंती का पर्व धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। भोपाल, इंदौर सहित प्रदेश के सभी बड़े शहरों और जैन तीर्थ स्थलों पर शोभायात्राएं निकाली जा रही हैं। प्रदेश के पांच बड़े जैन तीर्थ स्थलों पर धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जा रहे हैं। सभी शहरों में दिगंबर और श्वेतांबर समाज ने अलग-अलग रथयात्रा निकाली हैं। इंदौर में श्वेतांबर जैन समाज ने सुबह राजवाड़ा से रथयात्रा निकाली। इस दौरान 108 युवाओं ने चांदी का रथ खींचा। यात्रा में पंजाब और कर्नाटक की नृत्य मंडली शामिल हुई। इस दौरान महावीर बाग के पास जाम लग गया। वहीं, उज्जैन में श्वेतांबर-दिगंबर समाज का सामूहिक जुलूस निकला, जिसमें चांदी की वेदी जी में प्रभु को विराजमान कर समाजजन अपने कांधे पर उठाकर निकले। जुलूस में महिलाओं ने भगवान का रथ खींचा। इधर, भोपाल के लालघाटी स्थित जैन नगर में महावीर जयंती पर जैन समाज ने शोभायात्रा निकाली। इसमें सबसे आगे ढोल-नगाड़े लिए बच्चे यात्रा को साथ लिए चल रहे हैं। वहीं, शिवपुरी में महावीर जयंती पर आयोजित शोभायात्रा में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शामिल हुए। शोभायात्रा में सिंधिया ने आरती की जैन समाज के युवाओं द्वारा बजाए जा रहे पारंपरिक ढोल को खुद भी बजाया। शिवपुरी में महावीर जयंती पर आयोजित शोभायात्रा में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शामिल हुए। इस अवसर पर सिंधिया ने कहा कि भगवान महावीर का 'जियो और जीने दो' का संदेश आज भी प्रासंगिक है और हमें इसी नीति पर चलकर जीवन में आगे बढ़ना चाहिए। खरगोन में सकल जैन समाज ने श्री महावीर चैत्यालय से स्वर्ण व रजत पालकी में भगवान को विराजित कर शोभायात्रा निकाली। समाजजन भगवान की पालकी को कंधे पर उठाकर आगे बढ़े। धर्म ध्वजा हाथों में लेकर समाज के युवा, महिला और पुरुष जयकारे लगाते हुए निकले। शोभायात्रा में मुख्य मार्गों पर भ्रमण कर अहिंसा का संदेश दिया। नवकार मंत्र है प्यारा, इसने सबको तारा, त्रिशला नंदन वीर की जय बोलो महावीर... के जयकारों साथ ही श्रद्धालु भगवान महावीरजी का संदेश जीयो और जीने दो का नारा लगा रहे थे। बुरहानपुर में सकल जैन समाज की ओर से शोभायात्रा निकाली गई। यह शोभयात्रा राजपुरा तिलक चौराहा स्थित जैन मंदिरों से निकलकर पांडुमल चौराहा, कमल चौक, गांधी चौक, मंडी क्षेत्र, सिटी कोतवाली रोड, साड़ी बाजार, फव्वारा चौक, बाई साहब की हवेली से वापस तिलक चौराहा पहुंची। शोभायात्रा में शामिल लोग नाचते-गाते चल रहे थे। रास्ते में जगह-जगह शोभायात्रा का स्वागत किया गया। जबलपुर में शोभायात्रा निकाली जा रही है। चांदी के पांच रथ और 11 पालकियों में विराजे भगवान महावीर विराजे हैं। शोभायात्रा में पर्यावरण संरक्षण, जीव हिंसा की रोकथाम और स्कूल माफिया का विरोध दर्शाती झांकियां भी शामिल हैं। करीब चार किलोमीटर लंबे रूट पर निकली इस शोभायात्रा का श्रद्धालुओं ने डांस भी किया। नगरवासियों ने जगह-जगह पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। जबलपुर सांसद आशीष दुबे और महापौर जगत बहादुर सिंह अनु भी शोभायात्रा में शामिल हुए। भीषण गर्मी के बावजूद महिला, पुरुष और बच्चों का उत्साह देखते ही बनता था। पारंपरिक पोशाकों में सजे श्रद्धालु, बैंड-बाजे, ढोल-नगाड़े और भक्तिगीतों की गूंज से वातावरण भक्तिमय हो गया। छिंदवाड़ा में गुरुवार को महावीर जयंती पर जैन समाज ने भव्य शोभायात्रा निकाली। शोभायात्रा अहिंसा स्थली गोलगंज से शुरू होकर नगर के प्रमुख मार्गों से होती हुई जैन मंदिर में सम्पन्न हुई। बैतूल में महावीर जयंती पर 30 वन्य क्षेत्र में जीव दया कार्यक्रम हुआ। इसका आयोजन करुणा क्लब इंटरनेशनल ने किया। जिले के 30 स्थानों पर ककड़ी, तरबूज, टमाटर, फ़ुटाने और अन्य फल वन्य प्राणियों को खिलाए गए। देवास में जैन समाज ने नेत्रहीन बच्चों, वृद्धाश्रम और हामूखेड़ी कुष्ठ धाम के निवासियों को भोजन कराया। रात में शहर के सभी जैन मंदिरों में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इससे पहले शोभायात्र निकाली गई। भगवान चांदी के रथ में नगर भ्रमण पर निकले थे।​बालाघाट में शोभायात्रा में भक्त नंगे पैर भगवान महावीर की पालकी उठाए हुए थे। यह शोभायात्रा पार्श्वनाथ भवन से दादाबाड़ी जैन मंदिर तक निकली। जैन समाज के लोगों ने रंगोली बनाकर शोभायात्रा का स्वागत किया। मध्य प्रदेश में जैन समाज के 5 बड़े तीर्थ स्थल है। इनमें बैतूल में मुक्तागिरी, बड़वानी में बावनगजा, इंदौर में गोम्मटगिरि, दमोह में कुंडलपुर और धार का मोहनखेड़ा शामिल हैं। यहां भी महावीर जयंती पर लाखों श्रद्धालु पहुंचे हैं।  

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ग्वालियर । ग्वालियर के खासगी बाजार में बुधवार देर रात एक तीन मंजिला इमारत में आग लग गई। इसकी चपेट में आकर एक के बाद एक रसोई गैस के सिलेंडर में विस्फोट हो गया। सूचना मिलने पर दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंची और आग बुझाने के प्रयास शुरू किए। इसमें दो फायर ब्रिगेड कर्मी घायल हो गए। वहीं, एक 12 साल का बच्चा भी घायल हो गया। घायलों को जय आरोग्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फायर ब्रिगेड कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के मुताबिक, शहर के खासगी बाजार स्थित तीन मंजिला कलां गोपाल बिल्डिंग के तलघर में चल रहे धागा बनाने के कारखाने में बुधवार-गुरुवार की दरमियानी रात करीब तीन बजे आग लगने की सूचना मिली थी। धागा बनाने के सामान से आग तेजी से फैली और दूसरी-तीसरी मंजिर के पांच फ्लैट्स को चपेट में ले लिया। जिस वक्त आग लगी, बिल्डिंग में रहने वाले लोग गहरी नींद में थे। फ्लैट्स में धुआं भरने से उन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई तो नींद खुली। आग की लपटें देखकर वे नीचे की तरफ भागे। कुछ ही देर में पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम पहुंच गई। तब तक आग तीसरी मंजिल पर बने फ्लैट्स तक पहुंच चुकी थी। दमकलकर्मी पानी की बौछार करते हुए कारखाने में घुसे। इसी दौरान गैस सिलेंडर में ब्लास्ट हो गया। इसमें फायर ब्रिगेड टीम के लोकेंद्र और पुरुषोत्तम सिंह झुलस गए। ब्लास्ट की वजह से बिल्डिंग के नीचे खड़े 12 वर्षीय आयुष के सिर पर ईंट आ लगी। तीनों घायलों को जयारोग्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आग बुझाने के लिए वायुसेना की फायर ब्रिगेड भी बुलानी पड़ी। सुबह करीब आठ बजे लपटों पर काबू पाया जा सका। फायर ब्रिगेड के अधिकारी सतपाल सिंह चौहान ने बताया कि जब दमकलकर्मी आग पर काबू पाने का प्रयास कर रहे थे, इसी दौरान ब्लास्ट हो गया। इसके बाद एक घंटे में पांच सिलेंडर फटने से आग तेजी से फैली। इसमें दो कर्मचारी घायल हो गए। सुबह करीब आठ बजे बिल्डिंग में लगी आग पर काबू पाया जा सका।' फिलहाल आग लगने के कारण का पता नहीं चल सका है। हादसे का कारण शॉर्ट सर्किट से निकली चिंगारी हो सकती है। वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि कलां गोपाल रिहायशी बिल्डिंग है। इसमें अवैध तरीके से धागा बनाने की फैक्ट्री चल रही थी। इसमें रखे सामान की वजह से आग फैली। यदि बिल्डिंग में रहने वाले लोग समय रहते बाहर नहीं आते तो गंभीर हादसा हो सकता था।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । मध्य प्रदेश सरकार ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए प्रदेश के स्कूलों में दशहरा, दीपावली, ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन अवकाश की तिथियों की घोषणा कर दी है। इस संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग ने मंगलवार को आदेश जारी किए हैं। जारी आदेश के अनुसार इस वर्ष छात्रों और शिक्षकों को निर्धारित अवधि में ग्रीष्मकालीन, दशहरा, दीपावली और शीतकालीन अवकाश प्रदान किए जाएंगे। छात्रों के लिए ग्रीष्मकालीन अवकाश 1 मई 2025 से 15 जून 2025 तक रहेगा, जबकि शिक्षकों के लिए यह अवकाश 1 मई से 31 मई 2025 तक निर्धारित किया गया है। वहीं, 1 अक्टूबर से 3 अक्टूबर 2025 तक छात्रों एवं शिक्षकों-दोनों के लिए दशहरा अवकाश रहेगा और 18 अक्टूबर से 23 अक्टूबर 2025 तक दीपावली की छुट्टियां घोषित की गई हैं, जो सभी विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए मान्य होंगी। वर्षांत में शीतकालीन अवकाश 31 दिसंबर 2025 से 4 जनवरी 2026 तक रहेगा।    

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खरगोन । विद्यार्थियों एवं अभिभावकों को एक ही छत के नीचे सस्ती दर पर पाठ्य पुस्तकें, गणवेश, एवं स्टेशनरी सामग्री उपलब्ध कराने के मकसद से कलेक्टर भव्या मित्तल के निर्देश पर आज (बुधवार) से जिला मुख्यालय खरगोन में तीन दिवसीय पुस्तक मेले का आयोजन किया जा रहा है। सरस्वती विद्या मंदिर ऑडिटोरियम बीटीआई रोड़ में आयोजित यह पुस्तक मेला 11 अप्रैल तक चलेगा। कलेक्टर भव्या मित्तल ने विद्यार्थियों, उनके पालकों एवं अभिभावकों से अपील की है कि वे अधिक से अधिक संख्या में आकर इस पुस्तक मेले का लाभ उठाएं। जिला शिक्षा अधिकारी एसके कानुड़े ने बताया कि जिले के समस्त बीईओ, बीआरसी, शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों के प्राचार्य एवं प्रधानपाठकों से कहा गया है कि अपने विद्यालय के अधिक से अधिक छात्र-छात्राओं एवं उनके पालकों को इस पुस्तक मेले में पाठ्य पुस्तकें, गणवेश, रजिस्टर, स्टेशनरी सामग्री एवं अन्य आवश्यकता की सामग्री क्रय करने के लिए भिजवाएं। पाठ्य पुस्तक, स्टेशनरी सामग्री, गणवेश, स्कूल बेग एवं शिक्षा से संबंधित अन्य सामग्री के विक्रेताओं से कहा गया है कि पुस्तक मेले में अपनी दुकान अवश्य लगाएं। इस मेले में विद्यार्थियों एवं उनके पालकों व अभिभावकों को सस्ती दर पर सामग्री उपलब्ध करायी जाएगी। उन्होंने बताया कि सरस्वती विद्या मंदिर ऑडिटोरियम बीटीआई रोड़ खरगोन में आयोजित पुस्तक मेला 11 अप्रैल तक प्रातः 11 बजे से रात्रि 08 बजे तक खुला रहेगा। छात्र-छात्राएं एवं उनके अभिभावक अपनी सुविधा के अनुसार मेले में आकर सस्ती दर पर सामग्री क्रय कर सकते हैं।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में गर्मी का पारा हाई होते जा रहा है। राजधानी भोपाल समेत प्रदेशभर में भीषण गर्मी का असर दिखने लगा है। रतलाम-नर्मदापुरम और गुना में तापमान 43 डिग्री के पार दर्ज किया। मौसम विभाग ने आज बुधवार को ग्वालियर, जबलपुर, रतलाम समेत 30 जिलों में लू का अलर्ट जारी किया है।मौसम विभाग के अनुसार, अभी पश्चिमी राजस्थान से पश्चिमी विदर्भ तक एक टर्फ एक्टिव है। वहीं, पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टरबेंस), साइक्लोनिक सकुर्लेशन का भी असर है। इस वजह से गर्मी का असर बढ़ा है। आज बुधवार को 30 जिलों में लू का अलर्ट जारी किया गया है। अशोकनगर, गुना, रतलाम, मंदसौर और नीमच में हीट वेव का ऑरेंज अलर्ट है। जबकि ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, शिवपुरी, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, सागर, दमोह, जबलपुर, मंडला, सिवनी, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, नर्मदापुरम, रायसेन, विदिशा, राजगढ़, उज्जैन और आगर-मालवा में लू का येलो अलर्ट है। वहीं, 10 अप्रैल को रतलाम, नीमच, मंदसौर, उज्जैन, धार, जबलपुर और मंडला में भी लू चलेगी। हालांकि 11 और 12 अप्रैल को प्रदेश के ज्यादातर हिस्से में मौसम बदल जाएगा। कहीं बादल छाए रहेंगे तो कहीं हल्की बारिश हो सकती है।इधर, मंगलवार को मौसम के दो रंग देखने को मिले। तेज गर्मी के बीच बारिश भी हुई। छिंदवाड़ा में गरज-चमक के साथ पानी गिरा। बैतूल, डिंडौरी और पांढुर्णा में भी मौसम बदला रहा। वहीं, गुना में 43.4 डिग्री, रतलाम-नर्मदापुरम में तापमान 43.2 डिग्री दर्ज किया गया। धार में 42.9 डिग्री, सागर में 42.5 डिग्री, शाजापुर, खजुराहो-नौगांव में 42.4 डिग्री रहा। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 41.2 डिग्री, इंदौर में 41.1 डिग्री, ग्वालियर में 41.9 डिग्री, उज्जैन में 42.5 डिग्री और जबलपुर में 41.4 डिग्री सेल्सियस रहा।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । मध्य प्रदेश के कई शहरों में गर्मी का कहर जारी है। प्रदेश में दो दशक बाद अप्रैल महीने में ही जून जैसा तापमान देखने को मिल रहा है। गुजरात-राजस्थान से आ रहीं गर्म हवाओं के कारण भीषण गर्मी पड़ रही है। जिसकी वजह से तापमान 44 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया है। सोमवार को नर्मदापुरम और रतलाम सबसे गर्म रहे, जबकि प्रदेश के 5 बड़े शहर- भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन में सीजन की सबसे ज्यादा गर्मी पड़ी। ऐसी ही गर्मी मंगलवार को भी पड़ेगी। भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, रतलाम और नीमच समेत 8 जिलों में लू का अलर्ट जारी किया गया है।मौसम विभाग के अनुसार, इंदौर, उज्जैन और धार में रातें गर्म रहेंगी, जबकि श्योपुर, मुरैना, भिंड, शिवपुरी, गुना, नीमच, मंदसौर और रतलाम में लू का अलर्ट है। 9 और 10 अप्रैल को भोपाल, इंदौर, उज्जैन और ग्वालियर में भी हीट वेव चलने की संभावना है। वहीं, वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) की वजह से 11 अप्रैल को प्रदेश के कई शहरों में हल्की बारिश हो सकती है। इससे पहले तेज गर्मी का असर बना रहेगा। सोमवार को मध्य प्रदेश के सभी शहरों में सीजन का सबसे गर्म दिन रहा। नर्मदापुरम में 44.3 डिग्री और रतलाम में 44 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।सीजन में पहली बार भोपाल-इंदौर समेत सभी पांच बड़े शहरों में दिन का तापमान 40 डिग्री के पार रहा। भोपाल में 41.6 डिग्री, इंदौर में 40.6 डिग्री, ग्वालियर में 41.7 डिग्री, उज्जैन में 42 डिग्री और जबलपुर में 40.7 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। प्रदेश के कई शहरों में दिन के साथ रात का तापमान भी बढ़ गया है। रतलाम, गुना, नर्मदापुरम, सागर, पचमढ़ी और मंडला में लू चलने लगी है।  

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शिवपुरी ।शिवपुरी में एक आठ माह के मासूम की गुब्बारा निगलने से मौत हो गई। नया बस स्टैंड क्षेत्र निवासी संजय सोनी का बेटा धनु रविवार सुबह घर में खेल रहा था। खेलते समय उसने एक गुब्बारा मुंह में डाल लिया, जो उसकी सांस नली में फंस गया।बच्चे की हालत बिगड़ने पर परिजन उसे तुरंत सिद्धि विनायक अस्पताल ले गए। वहां से उन्हें नवजीवन अस्पताल भेज दिया गया। दोनों निजी अस्पतालों में इलाज नहीं मिला। इसके बाद परिजन बच्चे को मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचे।   मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों ने तुरंत इलाज शुरू किया। उन्होंने बच्चे की सांस नली से गुब्बारा निकाल लिया। लेकिन, लंबे समय तक ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण बच्चे की मौत हो गई। संजय सोनी का यह दूसरा बेटा था। मासूम की मौत से पूरा परिवार टूट गया है।   समय पर लाते तो बच जाती जान-मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. डी. परमहंस ने बताया कि बच्चा देर से लाया गया। अगर समय पर लाया जाता, तो उसकी जान बचाई जा सकती थी।

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पन्ना । मध्य प्रदेश के पन्ना शहर में मंगलवार को अखिल भारतीय किन्नर समाज का विशेष सम्मेलन हुआ। इसमें उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के किन्नरों ने हिस्सा लिया। इस दौरान भव्य कलश यात्रा भी निकाली गई। वेटनरी हॉस्पिटल के पास स्थित गार्डन से शुरू हुई कलश यात्रा पावर हाउस चौराहे से होते विभिन्न मार्गों से वापस मैरिज गार्डन पहुंची। यात्रा गांधी चौक, कोतवाली तिराहा, बलदेव चौक, बड़ा बाजार, अजयगढ़ चौराहे और पंचम सिंह चौराहे से होकर गुजरी। किन्नरों ने सोलह श्रृंगार कर रथों पर सवार होकर कलश यात्रा में भाग लिया। डीजे और ढोल-नगाड़ों की धुन पर उन्होंने नृत्य भी किया। स्थानीय लोगों ने जगह-जगह फूल मालाओं से उनका स्वागत किया। इस दौरान पुलिस ने सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की थी और जगह-जगह पुलिस बल तैनात किया गया था। अखिल भारतीय सम्मेलन की आयोजक रजनी यादव ने बताया कि यह सम्मेलन देश की खुशहाली और समृद्धि के लिए आयोजित किया गया। सभी किन्नरों ने भगवान जुगल किशोर सरकार से देश के कल्याण की प्रार्थना की। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी शामिल हुए।    

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उमरिया । उमरिया जिले के विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व का कोर जोन ताला इन दिनों पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है, पर्यटकों को एक हाथी और बाघ के दीदार करते हुए यह वीडियो सोशल मीडिया में जम कर सुर्खियां बटोर रहा है।   टाइगर सफारी के दौरान बहुत कम ऐसा देखने को मिलता है कि दोनो वन्य जीव के दर्शन एक साथ होते हों लेकिन बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में ऐसा ही संयोग बना कि पर्यटकों को वन्य प्राणी हाथी और बाघ को देखने का अवसर प्रायः पर्यटकों को नही मिलता है, लेकिन शनिवार की शाम पर्यटकों ने ताला जोन में सड़क के एक तरफ घास के बीच जहां बाघ को आराम फरमाते देखा तो दूसरी तरफ दो हाथियों को खुले वन में विचरण करते देखा, जिसको देख कर पर्यटक रोमांचित हो उठे। इस बात की पुष्टि फील्ड डायरेक्टर अनुपम सहाय ने भी की है।   गौरतलब है कि जहां एक तरफ देशी विदेशी सैलानी वन और वन्य जीवों के साथ तरह - तरह के पक्षियों और घने वनों को देख कर रोमांचित हो उठते हैं वहीं लोकल रहने वालों के लिए दुखद तब हो जाता है जब वन्य जीव और मानव द्वंद होता है, इसको रोकने के लिए शासन और वन प्रशासन को उपाय करने चाहिए।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में ओले-बारिश का सिस्टम खत्म होने के बाद अब भीषण गर्मी पड़ने लगी है। रविवार को भोपाल, ग्वालियर, उज्जैन समेत 14 जिलों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया। रतलाम में सबसे ज्यादा गर्मी रहा, यहां 42.6 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। मौसम विभाग का कहना है कि आज सोमवार को पूरे प्रदेश में गर्मी का असर रहेगा, जबकि मंगलवार से लू का अलर्ट है।मौसम विभाग के अनुसार, पिछले दिनों एक्टिव रहा ओले-बारिश का सिस्टम आगे बढ़ गया है। अब राजस्थान से जुड़े जिलों में हीट वेव का असर देखने को मिलेगा। प्रदेश में पिछले 3 दिन से तेज गर्मी पड़ रही है। रविवार को भोपाल में सुबह से ही तेज धूप खिली रही। गर्म हवाओं के कारण तापमान 40.5 डिग्री पहुंच गया। ग्वालियर में 40 डिग्री और उज्जैन में 41 डिग्री सेल्सियस पारा रहा। वहीं, नर्मदापुरम में 42.2 डिग्री, खजुराहो (छतरपुर) में 42 डिग्री, गुना में 41 डिग्री, मंडला में 40.5 डिग्री, दमोह में 40.4 डिग्री, शाजापुर, धार-टीकमगढ़ में 40.3 डिग्री, नौगांव (छतरपुर), सागर में 40 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा। अन्य शहरों की बात करें तो यह इंदौर में 39.8 डिग्री और जबलपुर में 39.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।इसी तरह सतना में 39.9 डिग्री, मलाजखंड में 39.5 डिग्री, खरगोन-छिंदवाड़ा में 39.4 डिग्री, सिवनी में 39.2 डिग्री और बैतूल में 39 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा। प्रदेश में अगले तीन दिन तक गर्मी बढ़ेगी। वहीं, 9-10 अप्रैल को बालाघाट, डिंडोरी, सिंगरौली, मंडला और अनूपपुर में बारिश होने की संभावना है। इन जिलों में हल्की बारिश हो सकती है। जबकि प्रदेश के उत्तरी और पश्चिमी हिस्सों में लू की चेतावनी जारी की गई है।

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उज्जैन  । मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में तराना के पास रविवार शाम को बीकानेर-बिलासपुर एक्सप्रेस के पावर कार कोच (जनरेटर कोच) में भीषण आग लग गई। धुआं उठने से यात्रियों में दहशत फैल गई। लोको पायलट ने सूझबूझ दिखाते हुए पावर कार को ट्रेन से अलग कर तराना पहुंचाया। सूचना मिलते ही रेलवे का तकनीकी अमला भी मौके पर पहुंच गया और ग्रामीणों के साथ मिलकर आग पर काबू पा लिया। उसके बाद उसी इंजन को फिर से घटनास्थल पर भेजकर ट्रेन को गंतव्य की ओर रवाना किया गया। इस घटना में किसी भी यात्री को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है।   जानकारी के अनुसार, बीकानेर से बिलासपुर जा रही ट्रेन संख्या 20846 बीकानेर-बिलासपुर एक्सप्रेस रविवार को शाम करीब चार बजकर 35 मिनट पर उज्जैन से रवाना हुई थी। शाम करीब साढ़े पांच बजे ट्रेन ताजपुर के आगे शिवपुरा फ्लैग स्टेशन से निकली थी, तभी इंजन के पीछे लगे पावर कार कोच में आग लग गई। इससे यात्रियों में हड़कंप मच गया। ट्रेन को लोको पायलट ने जंगल में ही पावर कोच से अलग कर दिया। जलते पावर कार को लेकर इंजन तराना स्टेशन पहुंचा। यहां पहले से ही रेलवे कर्मचारियों ने फायर ब्रिगेड को सूचना दे दी थी। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद दमकलकर्मियों ने आग पर काबू पाया।   जलते पावर कार को तराना स्टेशन पर खड़ा करके इंजन लेकर पायलट दोबारा शिवपुरा फ्लैग स्टेशन के जंगल में पहुंचा और ट्रेन को लेकर करीब डेढ़ घंटे की देरी से रवाना हो गया। इससे यात्रियों ने राहत की सांस ली। रेलवे अधिकारियों के कारण उज्जैन-मक्सी सेक्शन में पावर कार में आग लगने के कारण ट्रेन संख्या 59319 उज्जैन-भोपाल पैसेंजर, 19489 अहमदाबाद-गोरखपुर एक्सप्रेस, 14309 लक्ष्मीबाई नगर- योगनगरी ऋषिकेश एक्सप्रेस तथा ट्रेन संख्या 18233 इंदौर-बिलासपुर एक्सप्रेस भी अपने निर्धारित समय से करीब एक घंटा 40 मिनट की देरी से रवाना की गई।   रतलाम रेल मंडल के जनसम्पर्क अधिकारी खेमराज मीणा ने बताया कि ट्रेन बीकानेर से चलकर बिलासपुर जा रही थी। रविवार शाम करीब 5:30 बजे तराना रोड स्टेशन से पहले ट्रेन के पावर कोच में आग लगी। इसके बाद ट्रेन से इस डिब्बे को अलग कर दिया गया। फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को बुलाकर आग पर काबू पाया गया। ट्रेन को तराना स्टेशन पर रोक दिया गया था। आग पर काबू पाने के बाद उज्जैन रेलवे स्टेशन से पावर कोच मंगाया गया। इसके बाद शाम 6:32 बजे पर ट्रेन को भोपाल के लिए रवाना किया।   इधर, ट्रेन में आग लगने के बाद का वीडियो भी सामने आया है। इसमें कुछ लोग कोच के कांच फोड़ कर और पानी डालकर आग बुझाने का प्रयास करते नजर आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि ट्रेन के पावर कार कोच को अगर समय पर अलग नहीं किया जाता तो बड़ा हादसा हो सकता था। फिलहाल रेलवे ने इसे पूरे मामले में जांच शुरू कर दी है। अधिकारी रिपोर्ट तैयार कर आला अफसरों को देंगे।  

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जबलपुर । प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह के मुख्‍य आतिथ्‍य में शनिवार की शाम माँ नर्मदा के विश्व प्रसिद्ध बरगी बाँध तट पर 15 दिवसीय झील महोत्सव का भव्य शुभारंभ हुआ। बरगी बांध की सुरम्य वादियों में बसे मंडला जिले के ग्राम देवरी बकई में यह महोत्सव आगामी 20 अप्रैल तक चलेगा।   झील महोत्सव के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि पहले भी एडवेंचर गेम के नाम से अलग-अलग स्‍थानों पर ऐसे कार्यक्रम होते थे, लेकिन मुख्‍यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में नर्मदा तट की सुंदर जगह पर झील महोत्‍सव का आयोजन हो रहा है। उन्‍होंने कहा कि पर्यटन सिर्फ मनोरंजन के लिए ही नहीं होता, बल्कि इससे संस्‍कृतियों का आदान-प्रदान होता है। वहीं इससे रोजगार के अवसर मिलते हैं।   उन्होंने कहा कि पर्यटन जीवन में विविधता लाता है। प्राचीन काल से ही पर्यटन का बहुत महत्‍व रहा है। पर्यटन के विकास पर रोजगार के अवसर सुनिश्चित किया जा सकता है। देवरी बकई ग्राम जो कि विधानसभा पनागर, बरगी और मंडला की सीमा में स्थित है, जहां की सुंदरता बहुत ही आकर्षक है। ऐसे सुंदर स्‍थल पर आयोजित इस झील महोत्‍सव के मार्केटिंग करने से यह और भी सफल होगा। उन्‍होंने कहा कि स्‍कूल कॉलेज व कोचिंग संस्‍थान में अध्‍यनरत विद्यार्थियों को भी ऐसे स्‍थलों का भ्रमण कराना चाहिए। उन्होंने भारतीय नववर्ष की बधाई देते हुए कहा कि मध्‍यप्रदेश सरकार का यह प्रयास है कि प्रदेश के विकास के लिए सभी जगह बेहतर संसाधन उपलब्‍ध हो।   सांसद फग्‍गन सिंह कुलस्‍ते ने कहा कि झी महोत्‍सव जैसे कार्यक्रम मध्‍य प्रदेश सरकार की अभिनव पहल है। मुख्‍यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में मध्‍यप्रदेश में पर्यटन की यह संभावना को तलाशते हुए वहां पर्यटन के अवसर उपलब्‍ध करने के साथ वहां आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए भी कार्य किया जा रहा है। उन्‍होंने झील महोत्‍सव की शुभकामनाएं भी दी।   जबलपुर पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति परिषद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हेमंत सिंह ने बताया कि मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड एवं जबलपुर पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति परिषद के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में जल, थल और नभ पर साहसिक गतिविधियां होंगी। कार्यक्रम में एक ओर जहां फ्लाई-बोट पानी और हवा के बीच संतुलन साधेंगी, तो वहीं दूसरी ओर पानी को चीर कर निकलती मोटर बोट तट पर मौजूद दर्शकों को रोमांचित करेंगी। बरगी की अथाह जलराशि में हवा से बातें करती बोट और अलग-अलग ड्राइव करते युवा दिखाई देंगे, तो वहीं हाट एयर बलून पर सवार होकर आकाश की सैर का मज़ा भी प्रकृति प्रमियों के लिए कम नहीं होगा। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन शाम को सांस्‍कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होंगे। पर्यटकों के रात्रि विश्राम के लिए आयोजन स्थल पर स्विस टेंट भी लगाए गए हैं। झील महोत्सव के शुभारम्भ अवसर पर विधायक नीरज सिंह ठाकुर व संतोष बरकड़े, जिला पंचायत अध्‍यक्ष मंडला संजय कुशराम, जिला पंचायत अध्‍यक्ष जबलपुर आशा मुकेश गोंटिया, अखिलेश जैन, रिकुंज विज, कलेक्‍टर दीपक सक्‍सेना, सीईओ जिला पंचायत मंडला व जबलपुर के साथ अन्‍य संबंधि‍त अधिकारी व बड़ी तादात में आमजन मौजूद थे। कार्यक्रम का शुभारंभ नर्मदा पूजन से किया गया।

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भोपाल । राजधानी भोपाल सहित प्रदेशभर में धूप के तीखे तेवर देखने को मिल रहे हैं। तापमान 42 के पार जा चुका है। मौसम विभाग की मानें तो अगले 4 दिनों तक प्रदेश में तेज गर्मी पड़ेगी। जबकि सात अप्रैल से राजस्थान से जुड़े मध्‍य प्रदेश के कुछ जिलों में लू भी चलेगी। वहीं, वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) के एक्टिव होने से नौ अप्रैल को सिंगरौली, अनूपपुर, डिंडोरी, मंडला और बालाघाट में हल्की बारिश हो सकती है। हालांकि, प्रदेश के उत्तरी और पश्चिमी हिस्से में लू का अलर्ट भी है।मौसम विभाग ने बताया कि पिछले दिनों एक्टिव रहा ओले-बारिश का सिस्टम आगे बढ़ गया है। इससे मध्य प्रदेश में गर्मी बढ़ गई है। सात अप्रैल से राजस्थान से जुड़े जिलों में हीट वेव का असर देखने को मिलेगा। आठ अप्रैल को वेस्टर्न डिस्टरबेंस के एक्टिव होने का अनुमान है। इसकी वजह से पूर्वी हिस्से में मौसम बदला रहेगा। इससे पहले पिछले 24 घंटे में छिंदवाड़ा, सिवनी और पांढुर्णा में हल्की बूंदाबांदी हुई। वहीं, सिवनी में 30 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा चली। शनिवार को नर्मदापुरम प्रदेश में सबसे गर्म रहा। यहां सीजन में पहली बार पारा 42.6 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया।इसी तरह खजुराहो (छतरपुर) में 41.6 डिग्री, रतलाम में 41.5 डिग्री, दमोह में 40.5 डिग्री, धार में 40.1 डिग्री, मंडला, सागर और सतना में पारा 40 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 39 डिग्री, इंदौर में 38.8 डिग्री, ग्वालियर में 38 डिग्री, उज्जैन में 39.4 डिग्री और जबलपुर में पारा 38.5 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम विभाग ने आज रविवार को तापमान में बढ़ोतरी की संभावना जताई है।  

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श्योपुर । कूनो राष्ट्रीय उद्यान के खुले जंगल में छोड़ी गई मादा चीता ज्वाला ने एक बार फिर अपने शावकों के साथ बकरियों का शिकार किया है। शुक्रवार शाम को उसने अपने चार शावकों के साथ अगरा क्षेत्र के उमरीकलां गांव में दहशत फैलाई। ग्रामीणों ने इसका वीडियो बनाया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। उमरीकला गांव के पीड़ित किसान चौहान धाकड़ ने बताया कि शुक्रवार शाम करीब साढ़े छह बजे मादा चीता ज्वाला अपने शावकों के साथ उनके सरसों के खेत में पहुंची और वहां चर रही 6 बकरियों पर हमला कर दिया। चीतों ने कुछ ही मिनटों में सभी बकरियों को मार डाला। ग्रामीणों ने इस पूरी घटना का वीडियो बनाया है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि मादा चीता ज्वाला अपने शावकों के साथ शिकार कर रही है। हालांकि ग्रामीण लाठियां लेकर खड़े हैं, लेकिन उन्होंने चीतों को नुकसान नहीं पहुंचाया। चीते बेखौफ होकर अपना शिकार कर रहे हैं। घटना की सूचना मिलते ही कूनो नेशनल पार्क की ट्रैकिंग टीम मौके पर पहुंची। टीम ने खेतों का निरीक्षण किया और ग्रामीणों से जानकारी ली। वन विभाग ने सुरक्षा के लिहाज से ग्रामीणों को चीतों के क्षेत्र से दूर रहने को कहा है। कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ आर थिरुकुराल ने बताया कि मादा चीता ज्वाला कुछ दिनों से अगरा क्षेत्र में सक्रिय है। उसने अपने शावकों के साथ खुले जंगल में डेरा डाल रखा है। शिकार की सूचना तो है, लेकिन कन्फर्म नहीं है। मैं मॉनिटरिंग टीम से सम्पर्क के बाद इस बारे में सही जानकारी दे सकूंगा।

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भोपाल । मध्य प्रदेश के मौसम में बारिश के बाद बदलाव देखने को मिलने लगा है। नर्मदापुरम, रतलाम में तापमान 40 डिग्री पहुंच गया है। वहीं मौसम विभाग ने अगले पांच दिन तेज गर्मी पड़ने की संभावना जताई है। गर्मी के इस सीजन में पहली बार प्रदेश में हीट वेव यानी, लू का अलर्ट है। मौसम विभाग ने 7 और 8 अप्रैल को उज्जैन, ग्वालियर और चंबल संभाग के 10 जिलों में लू चलने की संभावना जताई है। वहीं, भोपाल, इंदौर, जबलपुर-सागर संभाग में भी तेज गर्मी पड़ने का अनुमान है। यहां तापमान 2 से 5 डिग्री तक बढ़ सकता है।मौसम विभाग के अनुसार, शुक्रवार को दो साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम और एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस साइक्लोनिक सर्कुलेशन के रूप में एक्टिव रहा। इस वजह से कहीं-कहीं हल्की बारिश और बादल छाए रहे। यह सिस्टम आज शनिवार को कमजोर हो जाएगा। इसके बाद गर्मी का असर बढ़ेगा। जिससे तापमान में भी बढ़ोतरी होगी। अगले 3 से 4 दिन तक दिन का तापमान बढ़ सकता है। वहीं, 7-8 अप्रैल को हीट वेव यानी, गर्म हवा चलने का अनुमान है। 7 अप्रैल को नीमच, मंदसौर, ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड और दतिया में लू चल सकती है। 8 अप्रैल को नीमच, मंदसौर, श्योपुर, मुरैना, ग्वालियर, भिंड, दतिया, शिवपुरी, गुना और अशोकनगर में हीट वेव का असर रहेगा।इससे पहले शुक्रवार को ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, सिंगरौली, सीधी, अनूपपुर, शहडोल और डिंडौरी में बादल, गरज-चमक वाला मौसम रहा। हल्की बूंदाबांदी भी हुई। इसी बीच, प्रदेश के अन्य शहरों में गर्मी का असर भी देखा गया। कई जगहों पर तो तापमान 7 डिग्री तक बढ़ गया। नर्मदापुरम-रतलाम में 40 डिग्री, खजुराहो में 39.2 डिग्री, धार में 39.1 डिग्री, गुना-टीकमगढ़ में 39 डिग्री, नौगांव में 38.4 डिग्री, खरगोन में 38.2 डिग्री और सतना में पारा 38 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 37.6 डिग्री, इंदौर में 37.4 डिग्री, ग्वालियर में 38 डिग्री, उज्जैन में 38.2 डिग्री और जबलपुर में 37 डिग्री सेल्सियस रहा।

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उज्जैन । भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में शनिवार को चैत्र नवरात्रि की महाअष्टमी पर चौबीस खंभा माता पूजन के साथ नगर पूजा की शुरुआत हुई। नगरवासियों की सुख समृद्धि की कामना को लेकर नवरात्रि के अंतिम दिन श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी द्वारा प्रतिवर्ष अनुसार आयोजित होने वाली नगर पूजा में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पूरी महाराज और पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने माता महालया और महामाया को भोग लगाकर अष्टमी पर्व की शुरुआत की। गौरतलब है कि गत एक अप्रैल से उज्जैन सहित प्रदेश के 19 शहरों में शराबबंदी लागू हो चुकी है। ऐसे में इस बार शनिवार को चैत्र नवरात्रि की महाअष्टमी पर नगर पूजा के लिए आबकारी विभाग के अधिकारी-कर्मचारी ही एक पेटी देसी शराब और दो बोतल अंग्रेजी शराब लेकर चौबीस खंबा माता मंदिर पहुंचे। इस बार देवी महालया और महामाया को सीधे बोतल से मदिरा अर्पित करने की जगह चांदी के पात्र में मदिरा भरकर चढ़ाई गई। शनिवार सुबह आठ बजे चौबीस खंबा माता मंदिर से नगर पूजा प्रारंभ हुई। नगर पूजा में निरंजनी अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर चारधाम मंदिर पीठाधीश्वर स्वामी शांति स्वरूपानंद गिरी महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद पुरी महाराज शामिल रहे। रविंद्र पूरी महाराज द्वारा चौबीस खंबा मंदिर में माता महालाया और महामाया का पूजन सम्पन्न होने के बाद शासकीय दल नगर पूजा के लिए निकला। दल में आगे कोटवार परंपरा के अनुसार मदिरा से भरी मिट्टी की हांडी लेकर चलते है। मिट्टी की हांडी से मदिरा की धार पूरे नगर के रास्तों में बहती है। शासकीय दल के सदस्य 12 घंटे तक 27 किलोमीटर के दायरे में आने वाले चामुंडा माता, भूखी माता, काल भैरव, चंडमुंड नाशिनी सहित 40 देवी, भैरव व हनुमान मंदिरों में पूजन करेंगे। माताजी और भैरवजी को जहां मदिरा का भोग लगाया जाता है। वहीं हनुमान मंदिरों में ध्वजा अर्पित की जाती है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पूरी महाराज ने बताया कि प्राचीन समय से नगर पूजा होती आ रही है। उज्जैन वासियों की सुख समृद्धि के लिये 28 किलोमीटर मार्ग पर मदिरा की धार लगाई जाती है। एक हांडी में कोटवार मदिरा चलते हैं और रास्ते में आने वाले प्रमुख देवी मंदिर और भैरव मंदिरों में नया ध्वज और चोला चढ़ाया जाता है। माता रानी को पूजन सामग्री के साथ शहर के सभी मंदिरों में मदिरा का भोग लगाया जाएगा और रात 8 बजे अंकपात मार्ग स्थित हांडी फोड़ भैरव मंदिर में नगर पूजा का समापन होगा। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रवक्ता डॉ. गोविंद सोलंकी ने बताया कि यात्रा के पश्चात छह अप्रैल को बड़नगर रोड स्थित पंचायती अखाड़ा निरंजनी में भव्य कन्या पूजन के साथ भंडारे का आयोजन होगा। राजा विक्रमादित्य करते थे देवी और भैरव पूजन   नगर पूजा का इतिहास हजार साल पुराना है। बताया जाता है कि उज्जयिनी के राजा सम्राट विक्रमादित्य के शासन काल से ही चौबीस खंबा माता मंदिर में नगर पूजन किया जाता है। सम्राट विक्रमादित्य माता महालाया और महामाया के साथ ही भैरव का पूजन कर नगर पूजा करते थे। जिससे नगर में समृद्धि और खुशहाली बनी रहे। किसी बिमारी या प्राकृतिक प्रकोप का भय नही रहे। इसी लिए नवरात्रि पर्व के महाअष्टमी पर पूजन कर माता और भैरव को भोग लगाया जाता है। जिससे माता और भैरव प्रसन्न होकर नगर की रक्षा करें।  

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सागर। इन दिनों चैत्र नवरात्र चल रहे हैं और हर कोई मातारानी की भक्ति में लीन नजर आ रहा है। देवी मंदिरों में सुबह से देर रात तक श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। नवरात्रि के छठवें दिन शुक्रवार को सागर जिले के प्रसिद्ध शक्तिपीठ ज्वालादेवी मंदिर में सुबह से भीड़ लगी है। यहां दूर-दूर से श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं। यह शक्ति पीठ तंत्र साधना से जुड़े लोग खास महत्व रखता है। अद्भुत सिद्ध तांत्रिक शक्ति पीठ ज्वालादेवी का मंदिर सागर जिले में खुरई से 29 किमी दूर ग्राम जलंधर में स्थित है। मंदिर विंध्यगिरी पर्वत माला की श्रृंखला में लगभग 750 फीट ऊंचाई पर है। सुरखी विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले जलंधर गांव स्थित यह शक्ति पीठ अति प्राचीन है। यहां जाने के लिए आपको सबसे पहले जरुवाखेड़ा रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड पर उतरना पड़ेगा। यहां से चांदामऊ, लुहर्रा गांव होते हुए मां ज्वाला देवी के दरबार तक पहुंचा जा सकता है। देवी की प्रतिमा अद्वितीय विलक्षण शक्ति पीठ पर अति प्राचीन देवी जी की प्रतिमा की कृति एवं भव्यता आश्चर्य चकित करती है। लगभग साढ़े तीन फीट ऊंची मा देवी ज्वाला देवी जी की मूर्ति पद्मासन मुद्रा में दो शेरों पर सवार हैं। पीछे नौ देवियों के चित्र अंकित हैं। मूर्ति के बायी ओर श्री गणेश जी की विलक्षण प्रतिमाए है। ज्वाला देवी जी की नवीन मूति प्राण प्रतिष्ठा वर्ष 1987 में की गई है। ये है मान्यता जनश्रुति के अनुसार यहां पहले एक गांव बसा था, जिसमें शखों का नाद होता था। वहां से फूटे हुए मिट्टी के बर्तन, शंख के टुकड़े यत्र तत्र पड़े मिल जाते हैं। बाद में यह जंगल के रूप में परिवर्तित हो गया। एक किमी की दूरी पर छत्रसाल महाराज की अटारी अवशेष रूप में है। जनश्रुति के अनुसार महाराज छत्रसाल प्रत्येक नवरात्रि में यहां आकर मां की उपासना किया करते थे। मंदिर से कुछ ही दूरी पर मंजीरा घाटी पड़ती है जहां मजीरा बाबा के नाम से प्रसिद्ध स्थान है। यहां पर पत्थरों को आपस में ठोकने से मंजीरों जैसी मधुर पूर्व आवाज निकलती है। पौराणिक दृष्टि से जिस समय दक्ष प्रजापति के यज्ञ में सती ने अपने शरीर की आहुति दी थी उस समय भगवान श्री शिवशंकर ने अधजले शरीर को लेकर मंत्र-तंत्र भ्रमण किया था। सती के जहां-जहां शरीर के अंग गिरे वे सभी सिद्ध शक्ति पीठ के नाम से प्रसिद्ध हुए। मां ज्वाला देवी अपने भक्तों के मनोरथ तत्काल पूर्ण करती हैं। श्रद्धालुओं का जमघट साल भर एवं क्वार की नवरात्रि एवं चौत्र की नवरात्रि में विशेष जन सैलाव उमड़कर अपनी मनोकामना पूर्ण हेतु माँ ज्वाला देवी के दर्शन करने आते हैं, एवं मनोकामना पूर्ण होने पर पुनः दर्शन करते आते हैं।  

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में इन दिनों मौसम के दो रंग देखने को मिल रहे हैं। एक ओर जहां तेज गर्मी पड़ रही है, तो दूसरी ओर कई जिलों में बारिश और तेज आंधी चली। कई जिलों में ओले भी गिरे। हालांकि आज शुक्रवार से यह सिस्टम कमजोर पड़ जाएगा। प्रदेश में अगले 5 दिन तक तेज गर्मी पड़ेगी। भोपाल, इंदौर, उज्जैन और ग्वालियर में तापमान 2 से 5 डिग्री तक बढ़ेगा। जबलपुर, चंबल, नर्मदापुरम, रीवा, शहडोल, सागर संभाग में भी गर्मी बढ़ेगी।मौसम विभाग के अनुसार, वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) और साइक्लोनिक सर्कुलेशन की वजह से प्रदेश में पिछले चार दिन से मौसम बदला रहा। कई जिलों में ओले गिरे। आकाशीय बिजली भी गिरी, जबकि बारिश और तेज आंधी चली। लेकिन अब यह सिस्टम अब कमजोर पड़ जाएगा। जिससे शुक्रवार को बारिश का अलर्ट नहीं है। कुछ जिलों में बादल जरूर छा सकते हैं। दूसरी ओर, भोपाल समेत कई शहरों में दिन के तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि 8 अप्रैल से एक पश्चिमी विक्षोभ एक्टिव हो रहा है, जिसका असर प्रदेश में भी देखने को मिलेगा। यानी, एक बार फिर बारिश का दौर शुरू हो सकता है।आज शुक्रवार को मौसम साफ हो जाएगा, जिससे बारिश होने की संभावना नहीं है। 5 अप्रैल को तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर और चंबल में गर्मी का असर अधिक रहेगा। इससे पहले गुरुवार को भी मौसम का मिजाज बदला रहा। भोपाल, सीहोर, रायसेन, ग्वालियर, सागर, बालाघाट और गुना में बारिश हुई। कुछ शहरों में दिन के तापमान में गिरावट भी हुई। मलाजखंड में तापमान 28.8 डिग्री, मंडला में 30.2 डिग्री, उमरिया में 30.7 डिग्री और सिवनी में 30.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 36.4 डिग्री, इंदौर में 37.2 डिग्री, ग्वालियर में 37.6 डिग्री, उज्जैन में 38 डिग्री और जबलपुर में 32.3 डिग्री तापमान सेल्सियस दर्ज किया गया।

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शिवपुरी । मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के माधव राष्ट्रीय उद्यान को टाइगर रिजर्व घोषित करने के बाद से यहां टाइगर लाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से लाए गए एक नर बाघ काे माधव टाइगर रिजर्व में गुरुवार सुबह 5 बजे छाेड़ा गया है।इस बाघ की उम्र लगभग पांच साल है। जिसे बुधवार को बांधवगढ़ में रेस्क्यू किया था। चूंकि कुछ दिन पूर्व ही मादा बाघ भी इसी माधव रिजर्व क्षेत्र में छोड़ी गई थी और अब नर टाइगर आने से उनकी जोड़ी बनेगी। इसके साथ ही माधव नेशनल पार्क में अब टाइगरों की संख्या सात हो गई है।इस बाघ को सेलिंग क्लब क्षेत्र में छोड़ा गया। इसी स्थान पर 10 मार्च को मुख्यमंत्री मोहन यादव और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मौजूदगी में पन्ना से लाई गई एक बाघिन को छोड़ा गया था। रिलीज के दौरान शिवपुरी विधायक देवेन्द्र जैन, सीसीएफ उत्तम शर्मा, डीएफओ प्रियांशी सिंह और नेशनल पार्क का अमला मौजूद रहा।   उल्लेखनीय है कि मार्च 2025 में माधव नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व का दर्जा मिला था। 27 साल बाद यहां बाघों की बसाहट शुरू हुई है। इससे शिवपुरी के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही वन्यजीव संरक्षण में भी मदद मिलेगा। बाघों की मौजूदगी से पर्यटकों में उत्साह है और वन विभाग भी इस उपलब्धि से प्रसन्न है।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में एक बार फिर मौसम का मिजाज बदल गया है। अलग-अलग स्थान पर बनी मौसम प्रणालियों के असर से छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी, उमरिया, मंदसौर, धार और राजगढ़ समेत कई जिलों में बारिश हुई। साथ ही कई जगहों पर ओले भी गिरे। वहीं, सिवनी जिले में आकाशीय बिजली गिरने से उसकी चपेट में आए एक युवक की मौत हो गई। मौसम विभाग ने अगले दो दिन तक प्रदेश में ऐसा ही मौसम बने रहने की संभावना जताई है। मौसम विभाग का कहना है कि अलग-अलग स्थानों पर बनी चार मौसम प्रणालियों के असर से प्रदेश में बादल छाए हुए हैं। गरज-चमक के साथ कहीं-कहीं बारिश भी हो रही है। पिछले 24 घंटों के दौरान सौंसर में 11, तामिया में तीन, छिंदवाड़ा में दो, सिवनी में 1.6, चांद में 1.2, बैतूल, अमरवाड़ा, बिछुआ, चौरई, छपारा में 1.0, जबलपुर में 0.5, पांर्ढुना में 0.3 और जुन्नारदेव में 0.2 मिलीमीटर बारिश हुई। प्रदेश में रात का सबसे कम 14.4 डिग्री सेल्सियस तापमान नरसिंहपुर में दर्ज किया गया। हिल स्टेशन पचमढ़ी में रात का पारा 18.8 डिग्री सेल्सियस पर रहा। दिन का सबसे अधिक 40.2 डिग्री सेल्सियस तापमान नरसिंहपुर में रिकार्ड किया गया। राजगढ़ जिले के माचलपुर में बुधवार शाम को अचानक बेमौसम ओले गिरे और बारिश शुरू हो गई। इससे जिले भर के किसानों की चिंता बढ़ गई है। खेतों में गेहूं की फसल कटाई के दौर में है। वहीं, सिवनी में बुधवार दोपहर करीब 2 बजे 15-20 मिनट तक झमाझम बारिश हुई। धार जिले के मनावर समेत अन्य क्षेत्र में बुधवार शाम को तेज हवाओं के साथ बारिश होने लगी। यहां ओले भी गिरे है। मंदसौर के गरोठ और शामगढ़ क्षेत्र में शाम को मौसम ने अचानक करवट ली। ठंडी हवाओं के साथ कई इलाकों में हल्की बारिश हुई। बरखेड़ा गंगासा, बर्डियाअमर और सठखेड़ा गांवों में ओलावृष्टि की खबर है। ऐसे में किसानों की चिंता बढ़ गई है। खेतों में गेहूं की कटी फसल पड़ी है। तेज बारिश की स्थिति में इन फसलों को भारी नुकसान की आशंका है। सिवनी जिले के केवलारी थाना क्षेत्र के ग्राम बिनेकी में बुधवार शाम करीब चार बजे अमित गुमास्ता (24) अपने खेत में गेहूं की कटाई करवा रहा था। इसी दौरान अचानक तेज बारिश शुरू हो गई। आकाशीय बिजली गिरी, जिसकी चपेट में अमित आ गया। इससे उसकी मौत हो गई। बालाघाट में भी बुधवार शाम करीब 5 बजे हल्की बारिश हुई। इससे लोगों को गर्मी से राहत मिली है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में तेज हवाओं और बारिश की चेतावनी दी है। मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानी पीके रायकवार ने बताया कि वर्तमान में बनी मौसम प्रणालियों के असर से प्रदेश में गरज-चमक की स्थिति बनने के साथ बारिश हो रही है। गुरुवार को प्रदेश में कई स्थानों पर तेज रफ्तार से हवा चलने के साथ हल्की बारिश हो सकती है। शुक्रवार से मौसम साफ होने लगेगा। इससे एक बार फिर धूप में तल्खी बढ़ने लगेगी।  

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टीकमगढ़ । टीकमगढ़-सागर हाईवे पर गुरुवार सुबह एक गंभीर सड़क हादसा हाे गया। यहां बड़ागांव थाना क्षेत्र में महाकाल कंपनी की दो बसों की आमने सामने की टक्कर हो गई। टक्कर के बाद एक बस सड़क से नीची उतर कर पलट गई। हादसे में बस सवार दस यात्री घायल हुए है। सभी घायलाें काे ईलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बड़ागांव थाना पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है।   जानकारी अनुसार महाकाल कंपनी की दाे बसे यात्रियाें काे लेकर अपने गंतव्य की ओर जा रही थी। तभी क्रॉसिंग के दौरान दाेनाें बसें अनियंत्रित हाेकर एक दूसरे से टकरा गई। टक्कर के बाद ग्वालियर से सागर जा रही एक बस अनियंत्रित होकर सड़क किनारे खाई में जा गिरी। बस में सवार 10 यात्रियों को चोटें आईं। घायलाें में 32 वर्षीय रामकली पत्नी गोरेलाल अहिरवार, भूमानी बाई 22, लखन अहिरवार 24, गोकुल अहिरवार 20, मनोज अहिरवार 23, प्रेम बाई पत्नी जीवन 27, शीला पत्नी राजू अहिरवार 40, गणेशी अहिरवार 34, नंदकिशोर 30 और मोनू पिता राकेश सोनी 40 साल शामिल हैं। सूचना मिलते ही डायल 100 की टीम तुरंत मौके पर पहुंची। सभी घायलों को पहले बड़ागांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। बस में सवार यात्री नंदकिशोर ने बताया कि घटना के दौरान बस में 40 से ज्यादा लोग सवार थे। गनीमत रही की घटना में कोई जनहानि नहीं हुई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।    

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भोपाल  । मध्‍य प्रदेश में शासकीय हाई एवं हायर सेकण्डरी स्कूलों में कक्षा 9वीं, 10वीं, 11वीं एवं 12वीं के विद्यार्थियों के लिये करियर काउंसलिंग एवं गाइडेंस कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। उचित चयन श्रेष्ठ करियर कार्यक्रम में कक्षा 9वीं एवं 11वीं में जो विद्यार्थी उत्तीर्ण नहीं हो पाये हैं, उनके अभिभावकों को विद्यालय बुलाकर उसी कक्षा में प्रवेश के लिये काउंसलिंग की जा रही है। ऐसे विद्यार्थी जो आगे की पढ़ाई निरंतर नहीं कर पा रहे हैं, उन्हें हार के आगे जीत कार्यक्रम में आईटीआई पाठ्यक्रम, दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना और प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना की जानकारी देकर उन्हें व्यावसायिक शिक्षा से जोड़ने के प्रयास किये जा रहे हैं। इस कार्य के लिये स्कूल शिक्षा विभाग ने समस्त जिला शिक्षा अधिकारियों को मास्टर ट्रेनर और करियर काउंसलर की सेवा लेने के लिये कहा गया है। यह जानकारी बुधवार को जनसंपर्क अधिकारी मुकेश मोदी ने दी।दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजनाइस योजना में आवेदकों को अपनी ग्राम पंचायत ग्राम रोजगार सेवक के साथ दाखिला लेने की आवश्यकता है। आवेदक को ट्रेनिंग सेंटर के बारे में जानकारी मिलेगी। इसके लिये आवेदक को आवश्यक पहचान-पत्र, इनमें मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड एवं अन्य जानकारी रोजगार सेवक को देनी होगी। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रशिक्षण के बाद ऋण उपलब्ध कराने में आवेदक को पूरी मदद दी जायेगी।प्रधानमंत्री कौशल विकास योजनाप्रधानमंत्री कौशल विकास योजना में देशभर में एक करोड़ युवाओं को प्रशिक्षण देने की योजना बनाई गई है। इस योजना में 3 माह, 6 माह और एक साल के लिये युवाओं का रजिस्ट्रेशन किया जाता है। कौशल संबंधी कोर्स पूरा करने के बाद सर्टिफिकेट दिये जाने का प्रावधान है। यह सर्टिफिकेट पूरे देश में मान्य होता है। इस योजना में भी प्रशिक्षण के बाद ऋण प्राप्त करने की सुविधा है। इस योजना में केन्द्र सरकार ने कई टेलिकॉम कंपनियों को इस कार्य के लिये अपने साथ जोड़ रखा है। मोबाइल कंपनियां इस कार्यक्रम से जुड़े लोगों को मेसेज करके एक फ्री टोल नंबर देंगी, जिस पर केंडिडेट को मिस्ड कॉल देना होगा। मिस्ड कॉल के तुरंत बाद आवेदक के पास एक नंबर से कॉल आयेगा, जिससे बाद आवेदक इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पांस (आईवीआर) सुविधा से जुड़ जायेगा।इस प्रक्रिया के बाद आवेदक को उसके निवास के आस-पास ट्रेनिंग सेंटर से जोड़ा जायेगा। केन्द्र सरकार का कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय अब तक एक करोड़ 50 लाख से अधिक युवाओं का कौशल उन्नयन कर चुका है। इस योजना में युवाओं को कन्ट्रक्शन, इलेक्ट्रॉनिक्स, हार्डवेयर, फुड प्रोसेसिंग, फर्नीचर, हेन्ड्रीक्रॉफ्ट, जेम्स और जूलरी समेत 40 क्षेत्र की ट्रेनिंग दिये जाने की सुविधा है। स्कूल शिक्षा विभाग के इस कार्यक्रम के लिये जिला शिक्षा अधिकारियों को अपने क्षेत्र के युवाओं को प्रशिक्षण संबंधी जानकारी देने के निर्देश दिये गये हैं।

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उमरिया । जिले के विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र में बाघ और मानव द्वंद रुकने का नाम नही ले रहा है, लगातार बाघ के द्वारा ग्रामीणों पर हमला किये जाने से ग्रामीण काफी आक्रोशित हैं और उनका गुस्सा वन विभाग के प्रति है। ग्रामीण अनुज पटेल ने बताया कि मंगलवार रात में बाघ घर में घुस कर एक बैल का शिकार कर गया तो वहीं बुधवार सुबह करीब 9 बजे महिला जैसे ही घर से कुछ दूर महुहार में महुआ बीनने गई तभी एक बाघ ने हमला कर दिया जिससे घटना स्थल पर ही महिला की मौत हो गई।   पनपथा रेंजर रंजन सिंह परिहार ने बताया कि बुधवार सुबह करीब 9 बजे ग्राम कोठिया निवासी रानी सिंह पति प्रकाश सिंह (27) घर से महुआ बीनने के लिए कोर क्षेत्र में गई थी तभी बाघ ने कक्ष क्रमांक आर एफ 438 महुहार हार में महिला के ऊपर हमला कर दिया जिससे महिला की मौत हो गईं है, इंदवार पुलिस को भी सूचना दे दी गई है और हम भी घटना स्थल पर पहुंच रहे हैं। वहीं यह भी बताए कि शासन के नियमानुसार मृतिका के परिजन को 8 लाख रुपये की राशि दी जाएगी, हालांकि मुख्यमंत्री ने 25 लाख रुपये देने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक आदेश नही आया है इसलिये अभी 8 लाख रुपये ही दिए जाएंगे, वहीं पुलिस के द्वारा शव का पोस्टमार्टम करवा कर शव परिजनों को सौंपा दिया है। गौरतलब है कि लगातार हो रही घटनाओं से ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है और यदि यही स्थिति बनी रही तो ग्रामीणों और पार्क प्रबंधन के बीच कहीं अप्रिय स्थिति न निर्मित हो जाय, आवश्यकता है सघन पेट्रोलिंग की ताकि वन्य जीवों के मूमेंट पर नजर रखी जा सके और ग्रामीणों को उस क्षेत्र में जाने से रोका जा सके।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में पिछले 24 घंटे से मौसम बदला हुआ है। हवाओं के साथ नमी आने के कारण प्रदेश के दक्षिणी क्षेत्र में बादल बने हुए हैं। इसके साथ ही गरज-चमक के साथ कहीं-कहीं बूंदाबांदी भी हो रही है। वहीं आज बुधवार को प्रदेश के 24 से ज्यादा जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, भोपाल-जबलपुर में तेज आंधी चल सकती है। इसकी रफ्तार 40 से 50 किमी प्रतिघंटा तक रह सकती है। लगातार मौसम में हो रहे बदलाव के कारण प्रदेश के दिन और रात के तापमान में गिरावट आयी है।मौसम विभाग के मुताबिक, साइक्लोनिक सर्कुलेशन-टर्फ की वजह से प्रदेश में ओले-बारिश और आंधी का स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव है। मंगलवार को प्रदेश के कई जिलों में बादल छाए रहे तो कहीं-कहीं हल्की बारिश भी हुई। भोपाल में पूरे दिन बादल रहे। जबलपुर, नीमच, मंदसौर, बड़वानी, खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी, उमरिया और कटनी में गरज-चमक, तेज आंधी का असर भी देखने को मिला।दूसरी ओर, कई शहरों में दिन के तापमान में गिरावट हुई है। सिवनी में पारा 30.4 डिग्री सेल्सियस, मलाजखंड में 32.3 डिग्री, पचमढ़ी में 32.4 डिग्री, मंडला में 34.5 डिग्री, सीधी में 34.8 डिग्री और बैतूल में 35 डिग्री रहा। वहीं, धार सबसे गर्म रहा। यहां दिन का पारा 39.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। रतलाम में 39.5 डिग्री, नर्मदापुरम में 39.2 डिग्री, गुना-दमोह में 38.5 डिग्री, छतरपुर के खजुराहो में 38.2 डिग्री, शिवपुरी-शाजापुर में 38 डिग्री तापमान रहा। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 37 डिग्री, इंदौर में 37.2 डिग्री, ग्वालियर में 36.6 डिग्री, उज्जैन में 38.4 डिग्री और जबलपुर में पारा 36.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।आज बुधवार को खंडवा, बुरहानपुर, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा और पांढुर्णा में ओले गिर सकते हैं। यहां ऑरेंज अलर्ट है। जबकि भोपाल, जबलपुर, सिंगरौली, सीधी, मऊगंज, रीवा, सतना, मैहर, उमरिया, डिंडौरी, सिवनी, मंडला, कटनी, पन्ना, दमोह, सागर, रायसेन, सीहोर, खरगोन और बड़वानी में तेज आंधी, हल्की बारिश और गरज-चमक की स्थिति बनी रहेगी। 3 अप्रैल को खरगोन, बुरहानपुर, खंडवा, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला और बालाघाट में ओले-आंधी का ऑरेंज अलर्ट है। बड़वानी, श्योपुर, मुरैना, ग्वालियर, भिंड, दतिया, छतरपुर में भी तेज आंधी चल सकती है। 4 अप्रैल को सिवनी-मंडला में ओले गिर सकते हैं, जबकि बालाघाट में तेज आंधी चलने की संभावना है।

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अनूपपुर । वन डिपो जैतहरी के समीप विचरण कर रहे तीन चीतलों पर मंगलवार को आवारा कुत्तों ने हमला किया जिसमें एक चीतल के गंभीर रूप से घायल होने पर मृत्यु हो गई। घटना पर वन विभाग द्वारा कार्यवाही करते हुए मृत चीतल का पंचनामा बना पोस्टमार्डम के बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया। जानकारी के अनुसार मंगलवार की दोपहर वन डिपो जैतहरी के समीप तीन चीतल जिसमें नर,मादा एवं बच्चा विचरण कर रहा था इसी दौरान कई आवारा कुत्तों ने पीछा करते हुए नर चीतल पर हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया, जिसकी कुछ देर बाद मृत्यु हो गई, वही मादा बच्चे को ले कर जंगल की ओर भाग गई। घटना की जानकारी स्थानिय निवासी अशोक सोनी द्वारा वनविभाग दिए जाने पर पूरन सिंह ,वनरक्षक सत्येंद्र मिश्रा सुरक्षा श्रमिकों के साथ स्थल पर पहुंचकर मृत चीतल को अभिरक्षा में रखते हुए वरिष्ठ अधिकारियों को घटना की जानकारी दिए जाने पर पशु चिकित्सा एवं नायक तहसीलदार जैतहरी संजय जाट,प्रशिक्षु आईएफएस अशोक साहू, वन्यजीव संरक्षक अनूपपुर शशिधर अग्रवाल, वनरक्षक रामनिवास एवं सुरक्षाश्रमिकों की उपस्थिति में मृत चीतल का पंचनामा बना पोस्टमार्डम करते हुए अंतिम संस्कार किया गया।  

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रायसेन । रायसेन में भोजपुर मंदिर के पास घूम रहे दो बाघों को वन विभाग ने मंगलवार काे रेस्क्यू कर लिया है। वन विहार भोपाल और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की टीम ने सोमवार पिंजरे लगाए थे। साेमवार रात करीब 9 बजे एक बाघ पिंजरे में कैद हो गया। जबकि दूसरे बाघ को आज मंगलवार काे ट्रैंकुलाइज कर पकड़ा गया। दोनों को चेकअप के बाद सतपुड़ा टाइगर रिजर्व भेज दिया गया है।   दरअसल रायसेन में भोजपुर मंदिर के आसपास के क्षेत्र में पिछले एक महीने से दाे बाघाें का मूवमेंट देखने को मिल रहा था। दोनों 10 से ज्यादा मवेशियों का शिकार कर चुके हैं। बाघ के आतंक से ग्रामीणों में दहशत का माहौल था। किसान अपनी फसलों को काटने के लिए भी बाहर जाने से डर रहे थे। भोजपुर, मंडीदीप और बंगरसिया आने-जाने के लिए जंगल से गुजरना पड़ता है। फैक्ट्रियों में काम करने वाले लोगों को देर रात यहां से गुजरना पड़ता है। बाघों के मूवमेंट से ग्रामीण डर में जी रहे थे। इसी के चलते उन्होंने वन विभाग से बाघों के रेस्क्यू की मांग की। सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायत दर्ज कराई। जिसके बाद ऑपरेशन चलाकर 24 घंटे के अंदर बाघाें काे रेस्क्यू कर लिया गया। इस दोनों बाघों को भाई बताया जा रहा है। जो सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के क्षेत्रीय बाघ हैं। रेस्क्यू के बाद दोनों बाघों को सुरक्षित रूप से सतपुड़ा टाइगर रिजर्व भेज दिया गया है।    

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भोपाल । मध्य प्रदेश में एक बार फिर मौसम में बदलाव देखने को मिला है। सोमवार की रात भोपाल समेत कई जगह हल्की बूंदाबांदी हुई। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के दौरान पश्चिमी सीहोर, खंडवा, दक्षिण खरगोन, बुरहानपुर, नर्मदापुरम और देवास में हल्की आंधी के साथ आकाशीय बिजली गिरने की आशंका जताई है। मौसम विभाग का कहना है कि उत्तर से आ रही शुष्क हवाएं और बंगाल की खाड़ी से आ रही आर्द्रता के कारण भोपाल, नर्मदापुरम और इंदौर डिवीजन में आने वाले जिलों में सोमवार को आसमान पर बादल छाए रहे। हालांकि, इसका असर प्रदेश के तापमान में मिलाजुला रहा। तामान कहीं कम रहे तो कहीं ज्यादा भी दर्ज किए गए। नर्मदापुरम, रतलाम, मंडला में दिन का अधिकतम तापमान 39 डिग्री पहुंच गया। उज्जैन, बैतूल, सिवनी में 38 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा। छिंदवाड़ा, दमोह, खजुराहो, नरसिंहपुर, सागर, सतना, मलाजखंड में तापमान 37 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। भोपाल मौसम विज्ञान केन्द्र से मिली जानकारी के अनुसार, अप्रैल के शुरुआती 3 दिनों में मध्यप्रदेश में ओले-बारिश और आंधी का स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव हो रहा है। इस वजह से प्रदेश के 40 से ज्यादा जिलों में असर देखने को मिलेगा। इससे पहले, सोमवार देर शाम भोपाल, खंडवा में समेत कई जगह हल्की बूंदाबांदी हुई। मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि मंगलवार को भोपाल, नर्मदापुरम और इंदौर डिवीजन में आने वाले दिनों में गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना है। यह स्थिति बुधवार तक बनी रह सकती है। गुरुवार से मौसम पहले की तरह हो जाएगा, जिन इलाकों में गरज-चमक के साथ बारिश होगी उधर तेज हवाओं के चलने के भी आसार है। कुछ जगहों पर ओले भी गिर सकते हैं।  

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भाेपाल । देशभर में आज (सोमवार काे) ईद-उल-फितर का त्याैहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। अलग-अलग मस्जिदों में ईद की नमाज अदा की जा रही है। मध्य प्रदेश में भी ईद का त्याैहार हर्षोल्‍लास के साथ मनाया जा रहा है। सुबह से ही अकीदतमंद नमाज पढ़ने ईदगाह और मस्जिदों में पहुंच गए हैं।भोपाल में सबसे पहले ईदगाह पर होने वाली मुख्य नमाज सुबह 7:30 बजे अदा की गई। हर साल की तरह इस बार भी नमाज की सूचना तोप से गोले दागकर दी गई।   इससे पहले शहरकाजी सैय्यद मुश्ताक अली नदवी ने ईदगाह में सुबह 07:15 बजे ईद की नमाज अदा की। इस दौरान ईद मिलन कार्यक्रम भी हुआ। यहां पर बड़ी संख्या में सुबह से मुस्लिम समाज के लोग पहुंचे और नमाज अता करने के साथ एक-दूसरे को गले लगाकर ईद पर्व की मुबारकबाद दी। भोपाल की प्रमुख मस्जिदों- ताज उल मसाजिद, जामा मस्जिद और मोती मस्जिद सहित दूसरी मस्जिदों में भी ईद की नमाज अदा की जा रही है। भोपाल में ईदगाह और अन्य प्रमुख मस्जिदों के आसपास सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए हैं। पुलिस बल की तैनाती के साथ-साथ ट्रैफिक को व्यवस्थित रखने के लिए विशेष रूट प्लान तैयार किया गया है। नमाजियों की सुविधा के लिए गुरुद्वारा प्रबंधन ने इस बार भी अपने परिसर में वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था की है। नमाज ए खास से पहले शहर काजी मुश्ताक अली नदवी ने तकरीर में नोजवानों से कहा- कैरेक्टर और क्वालिटी पैदा करो। नशे से दूरी रखो, हलाल कमाई पर ध्यान दो। हलाल और हराम में फर्क करना सीखो। शहर काजी ने कहा कि अपने रोजमर्रा के खर्चों को कम करो लेकिन बच्चों की अच्छी तालीम पर खास ध्यान दो। काली पट्‌टी बांधकर पहुंचे नमाजीभोपाल के ईदगाह और अन्य मस्जिदों में नमाज पढ़ने पहुंचे मुस्लिम धर्मावलंबी बांह पर काली पट्टी बांधकर नमाज पढ़ने पहुंचे। वे वक्फ अमेंडमेंट बिल का विरोध कर रहे थे। बता दें कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मुस्लिम समुदाय से काली पट्‌टी बांधकर शांतिपूर्ण और मौन विरोध प्रदर्शन की अपील की थी। बोर्ड ने कहा था कि अगर ये बिल पारित हो गया तो मस्जिद, दरगाह, मदरसे, कब्रिस्तान और कई अन्य संस्थान उनके हाथ से चले जाएंगे।    

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सिवनी । मध्यप्रदेश के सिवनी जिले स्थित पेंच नेशनल पार्क बाघ, तेदुंए सहित अन्य वन्यप्राणियों के लिए विश्वविख्यात है। इन वन्यप्राणियों की मनमोहक , अद्भुत तस्वीरें सोशल मीडिया में देखकर लोग यहां आने को उत्सुक होते है और यहां का प्राकृतिक दृश्य, वातावरण, पर्यावरण उन्हें भाता है। और यहां आकर वह मंत्रमुग्ध हो जाते है और यहां के प्राकृतिक सौंदर्य व वन्यप्राणियों की तारीफ करते हुए थकते नही है। पेंच नेशनल पार्क में सोमवार की सुबह लगडी बाघिन की बेटी काला पहाड मादा बाघिन की बहुत ही मनमोहक तस्वीरें पर्यटकों ने साझा किये है।  बाघिन को जलस्त्रोत में प्यास बुझाते हुये पर्यटकों ने बहुत करीब से देखा । पर्यटकों के अनुसार यह पल उनके लिए बहुत ही यादगार था जब उन्होने उत्सुकता से अधिक वन्यप्राणियों के दर्शन किये। ज्ञात हो कि पेंच पार्क के कोर क्षेत्र में 20 प्रतिशत भाग में पर्यटन होता है यहां के वन्यप्राणी और प्रकृति के अद्भुत नजारे को देखने पर्यटक आते है। 80 प्रतिशत भाग अछूता है जहां पर्यटक नही जा पाते है। चार दिन पहले पेंच नेशनल पार्क में दुर्लभ ब्लैक पैंथर (बघीरा) की मौजूदगी ने पर्यटकों को रोमांचित कर दिया था। काले रंग का यह तेंदुआ जंगल के बीच से सड़क पार करते हुए दिखाई दिया। पर्यटकों ने इस नजारे को अपने कैमरे में कैद कर लिया।  प्रबंधन द्वारा इस क्षेत्र में नित्य नये कार्याे को करता रहता है जिससे पर्यटक यहां आने लिए तरसता है। बताया कि यह पल बहुत ही यादगार था ऐसा लगा रहा कि हम यहां कुछ दिन और रहे और प्रकृति के सौंदर्य को निहारते हुये वन्यप्राणियों के दर्शन से लाभान्वित हो। ज्ञात हो कि पेंच पार्क की लगडी बाघिन सबसे उम्रदराज है और उसकी उम्र लगभग 18 साल है।  

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भोपाल । अप्रैल के शुरुआती तीन दिनों में मध्य प्रदेश के मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। प्रदेश में ओले-बारिश और आंधी का स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव हो रहा है। जिसका असर प्रदेश के 40 से ज्यादा जिलों पर पड़ेगा। आज सोमवार को रतलाम, मंदसौर, अलीराजपुर और बड़वानी में हल्की बारिश और बादल छाए रहने का अनुमान है। वहीं कल से दो दिन बूंदाबादी हो सकती है।मौसम विभाग के अनुसार, 24 घंटे के बाद मध्य महाराष्ट्र और कोंकण क्षेत्र में साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम एक्टिव होने की संभावना है। जिसके पठारी क्षेत्र में ट्रफ के कारण अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से नमी आनी शुरू हो जाएगी, जिससे प्रदेश में भी मौसम बदला रहेगा। अबकी बार अप्रैल की शुरुआत तेज गर्मी की बजाय ओले, बारिश, गरज-चमक और आंधी के साथ हो रही है। कहीं-कहीं आंधी की रफ्तार 40 से 50 किमी प्रतिघंटा तक रह सकती है। आज सोमवार को मंदसौर, रतलाम, अलीराजपुर, बड़वानी में बादल छाए रहेंगे। यहां हल्की बूंदाबांदी भी हो सकती है। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन, जबलपुर में तेज धूप खिलेगी।प्रदेश में एक अप्रैल को नर्मदापुरम, बैतूल, बुरहानपुर और खंडवा में बारिश के साथ ओले गिर सकते हैं। हरदा, खरगोन, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा में तेज आंधी और गरज-चमक की स्थिति रहेगी। यहां हवा की रफ्तार 40 से 50 किमी प्रतिघंटा तक रह सकती है। भोपाल, विदिशा, रायसेन, सीहोर, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, देवास, मंदसौर, नरसिंहपुर और सागर में 30 से 40 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से आंधी चलेगी। दाे अप्रैल को नर्मदापुरम, बैतूल, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, धार, अनूपपुर, डिंडोरी और बालाघाट में ओले गिरने का अलर्ट है। जबकि हरदा-शिवपुरी समेत 28 जिलों में तेज आंधी चलेगी।वहीं, तीन अप्रैल को बैतूल में ओले गिर सकते हैं। खंडवा, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, ग्वालियर, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, छिंदवाड़ा, बालाघाट, पांढुर्णा में 40 से 50 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से आंधी चलेगी। भोपाल, विदिशा, रायसेन सहित 26 जिलों में 30 से 40 किमी की रफ्तार से आंधी चलेगी। इधर, दो दिन की राहत के बाद रविवार को दिन के तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिली। मंडला में सबसे ज्यादा 39 डिग्री दर्ज किया गया। बैतूल में 38.5 डिग्री, धार में 38.4 डिग्री, नरसिंहपुर में 38.2 डिग्री, मलाजखंड (बालाघाट) में 38 डिग्री, खरगोन में 37.8 डिग्री, छिंदवाड़ा में 37.5 डिग्री, नर्मदापुरम, खजुराहो-सिवनी में 37 डिग्री दर्ज किया गया। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 35.8 डिग्री, इंदौर में 36.8 डिग्री, ग्वालियर में 35.3 डिग्री, उज्जैन में 36.8 डिग्री और जबलपुर में 35.8 डिग्री दर्ज किया गया।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में अगले महीने के शुरुआत में मौसम का मिजाज बदला रहेगा। प्रदेश में कई जगहों पर बारिश और आंधी चलने की संभावना है। कुछ इलाकों में ओले गिरने के भी आसार है। मौसम विभाग ने 1 और 2 अप्रैल को भोपाल, इंदौर, जबलपुर, नर्मदापुरम समेत प्रदेश के पूर्वी हिस्से यानी रीवा, शहडोल संभाग में भी बारिश की संभावना जताई है। जबकि कुछ जिलों में ओले गिरने और 40 से 50 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से आंधी भी चल सकती है।मौसम विभाग के अनुसार, वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ), साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम की वजह से मौसम बदल सकता है। आज रविवार को दिन-रात के तापमान में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं होगी। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर-जबलपुर में दिन का तापमान 35-36 डिग्री सेल्सियस के आसपास ही रह सकता है। रात में भी तापमान कम ही रहेगा। जबकि 31 मार्च सोमवार को दिन में मौसम का मिजाज बदला रहेगा। दिन में धूप तो खिलेगी लेकिन तेज गर्मी रहने के आसार नहीं हैं। 1 अप्रैल को हरदा, खंडवा, बुरहानपुर में ओले गिर सकते हैं। भोपाल, राजगढ़, शाजापुर, इंदौर, देवास, बड़वानी, खरगोन, सीहोर, नर्मदापुरम, बैतूल, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला और बालाघाट में हल्की बारिश, आंधी और गरज-चमक के आसार हैं।इसके अलावा 2 अप्रैल को बड़वानी, खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर, हरदा, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला, बालाघाट में कहीं-कहीं ओले गिर सकते हैं। सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली, मैहर, कटनी, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, डिंडौरी, जबलपुर, नरसिंहपुर, बैतूल, नर्मदापुरम, भोपाल, सीहोर, राजगढ़, शाजापुर, इंदौर, देवास में गरज-चमक, आंधी की स्थिति रह सकती है। इससे पहले शनिवार को नर्मदापुरम में दिन का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बाकी शहरों में भी तापमान में गिरावट हुई। टीकमगढ़ में 38.7 डिग्री, खरगोन में 38.2 डिग्री, नरसिंहपुर में 38 डिग्री, मलाजखंड (बालाघाट) में 37.2 डिग्री और खंडवा में 37.1 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 34.5 डिग्री, इंदौर में 34.3 डिग्री, ग्वालियर में 33.2 डिग्री, उज्जैन-जबलपुर में 35 डिग्री तापमान रहा।  

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भोपाल । जल संरक्षण और स्वच्छता के उद्देश्य से “जल गंगा संवर्धन अभियान” का शुभारंभ रविवार को कलियासोत नदी के स्वच्छता के साथ हुई। बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी और स्थानीय नागरिकों ने भाग लिया। कार्यक्रम में महापौर मालती राय, नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी, रविंद्र यति, कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह, नगर निगम आयुक्त हरेंद्र नारायण, सहित नगर निगम के अधिकारी, कर्मचारी व सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। इस अवसर पर महापौर मालती राय ने कहा कि जल गंगा संवर्धन अभियान’ न केवल जल स्रोतों की सफाई का कार्य है, बल्कि यह जनजागरूकता का भी अभियान है। हम सबको मिलकर यह सुनिश्चित करना है कि हमारी तालाब, कुओं बाबड़ियों को स्वच्छ और संरक्षित रहें। नगर निगम इस दिशा में निरंतर प्रयासरत है और जनभागीदारी से इस कार्य को गति दी जाएगी।” कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि “जल संरक्षण केवल एक दिन का कार्य नहीं है, यह सतत प्रयासों की मांग करता है। इस अभियान के माध्यम से हम न केवल नदी की सफाई करेंगे, बल्कि लोगों को जल के महत्व और इसके संरक्षण के प्रति जागरूक भी करेंगे।” कार्यक्रम के अंत में उपस्थित जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और नागरिकों ने मिलकर स्वच्छता शपथ ली और भविष्य में जल स्रोतों की रक्षा के लिए सक्रिय भागीदारी का संकल्प लिया।  

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ग्वालियर । घट स्थापना के साथ चैत्र नवरात्र में माता की आराधना रविवार को शुरू हो गई। नवरात्र के पहले दिन घरों में घट स्थापना की गई। विधि-विधान से मां की आराधना शुरू हुई, यह पूरे नवरात्र में चलेगी। माता के मंदिरों में भी श्रद्धालुओं की भीड़ जाना शुरू हो गई। पहले दिन मां शैलपुत्री की आराधना की गई।   नवरात्र के पहले दिन नहरवाली, मांढरे वाली माता, महलगांव की करौली माता, शीतला माता, भैलसे वाली माता, वैष्णों देवी, काली माता आदि मंदिरों पर भक्तों का सुबह से ही पहुंचना शुरू हो गया जो रात तक जारी रहा। भक्तों ने मंदिरों में पहुंचकर मां भगवती की आराधना की। कई भक्त नंगे पैर पदयात्रा करते हुए माता के मंदिर तक पहुंचे तो कुछ भक्त टोलियां बनाकर पहुंचे तो कई भक्त पेड भरकर माता के दरबार में पहुंचे। इस दिन देवी माता के मंदिर भी आकर्षक विद्युत से जगमगा उठे।   घरों में वंदनवार और रंगोली सजाई : वहीं रविवार को नव संवत्सर के अवसर पर शाम के समय घरों में लोगों द्वारा दीप प्रज्वलन किए गए। इसके साथ ही घरों में वंदनवार लगाकर रंगोली भी सजाई गई। साथ ही घरों में विशेष पूजा अर्चना भी हुई।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ की वजह से आ रही तेज हवाओं से प्रदेश के तापमान में गिरावट हुई है। मौसम विभाग का अनुमान है कि शनिवार-रविवार अगले दो दिन भी तापमान में कुछ गिरावट हो सकती है। वहीं, गर्मी अप्रैल में एक बार फिर अपने तीखे तेवर दिखाएगी। हालांकि अप्रैल की शुरुआत हल्की बारिश के साथ हो सकती है। मौसम विभाग ने एक अप्रैल को भोपाल, इंदौर, नर्मदापुरम और जबलपुर संभाग के 13 जिलों में मौसम के बदलने का अनुमान जताया है।मौसम विभाग के अनुसार, वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) की वजह से ऐसा हो सकता है। अभी अफगानिस्तान के ऊपर सिस्टम एक्टिव है, जो आगे बढ़ रहा है। पश्चिमी भारत में सिस्टम असर दिखा सकता है। हालांकि, इससे पहले प्रदेश में गर्मी का असर देखने को मिलेगा। शुक्रवार को भोपाल में तीखी धूप खिली रही। वहीं, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर समेत अन्य शहरों में भी ऐसा मौसम रहा, लेकिन तापमान में गिरावट देखने को मिली। आज शनिवार को दिन-रात के तापमान में दो से तीन डिग्री की गिरावट हो सकती है। 30 मार्च को भी तापमान में गिरावट रहेगी। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर में तापमान 38 डिग्री के आसपास रह सकता है।शुक्रवार को दिन के तापमान में गिरावट देखने को मिली। भोपाल में 3.8 डिग्री की गिरावट के बाद तापमान 34.9 डिग्री पर आ गया। गुना में तापमान 4.4 डिग्री तक लुढ़क गया और यहां 35.8 डिग्री दर्ज किया गया। ग्वालियर में 4.5 डिग्री की गिरावट के बाद तापमान 35 डिग्री पर आ गया। इंदौर में भी 3.9 डिग्री लुढ़का और तापमान 33.7 डिग्री दर्ज किया गया। उज्जैन में 2.5 डिग्री की गिरावट के बाद तापमान 35.5 डिग्री दर्ज किया गया। नर्मदापुरम में 40.7 डिग्री, टीकमगढ़ में 40 डिग्री, सिवनी में 39.4 डिग्री, मंडला में 39 डिग्री, खरगोन में 38.6 डिग्री, दमोह में 38.5 डिग्री, खंडवा में 38.5 डिग्री, मलाजखंड (बालाघाट) में 38.5 डिग्री, खजुराहो (छतरपुर) में 38.4 डिग्री, नरसिंहपुर-उमरिया में तापमान 38.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबलपुर में 38.3 डिग्री दर्ज किया गया। पूरे प्रदेश में तापमान लुढ़का। मौसम विभाग के मुताबिक, हवा की रफ्तार बढ़ने की वजह से पारे में गिरावट दर्ज की गई है।  

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भोपाल । राजधानी भाेपाल के मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (मैनिट) परिसर के जंगल में शनिवार सुबह आग लग गई। सुबह का समय हाेने के कारण आग हवा के साथ तेजी से फैली और बड़े इलाके में लग गई। सूचना के बाद माैके पर अब तक 30 से ज्यादा टैंकर और दमकलें आ चुकी हैं। पिछले 4 घंटे से आग को बुझाने के प्रयास किए जा रहे हैं।   जानकारी के अनुसार घटना सुबह 9 बजे की है। हॉस्टल के पास झाड़ियों में आग फैल गई, जो बड़े इलाके में पहुंच गई। मैनिट का एरिया करीब साढ़े 6 सौ एकड़ में फैला है। जिस जगह आग लगी, उससे कुछ दूर हॉस्टल भी है। धुएं की वजह से स्टूडेंट्स में दहशत फैल गई। आग की सूचना मिलते ही पुल बोगदा और माता मंदिर फायर स्टेशन से दमकलें मौके पर पहुंची और आग बुझाने में जुट गई। फायरकर्मी उमेशकुमार चैतन्य ने बताया कि आग बुझाने में 25 से ज्यादा कर्मचारी लगे हैं। कुछ जगहों पर आग लगी है, जिस पर काबू पा रहे हैं। आग से सबसे ज्यादा नुकसान पेड़-पौधों को हुआ है। वहीं, झाड़ियों में भी आग लग गई। इस वजह से आग बेकाबू होती गई। फायरकर्मी उमेश चेतन, जितेंद्र कुमार, रिजवान, सलमान, नीलेश, अमित आदि भी आग बुझाने में जुटे रहे।

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भोपाल । वन मण्डल रायसेन अंतर्गत शनिवार को एक यूरेशियन वल्चर (गिद्ध की प्रजाति) को हलाली बांध के पास सफलतापूर्वक मुक्त किया गया। इस वल्चर को सतना वन मण्डल से रेस्क्यू कर मुकुंदपुर रेस्क्यू सेंटर और वन विहार में उपचार के लिये लाया गया था। वल्चर के उपचार के बाद स्वस्थ होने पर उसे रिलीज किया गया। प्रधान मुख्य वन संरक्षक राजेश खरे ने बताया कि रायसेन वन मण्डल के सरार बीट में गिद्धों के लिये अनुकूल परिस्थिति, वातावरण और उनकी संख्या को ध्यान में रखते हुए इस स्थान पर वल्चर को छोड़ा गया। उन्होंने बताया कि इसी स्थल पर वल्चर रेस्टोरेंट का निर्माण करने की तैयारी शासन स्तर पर चल रही है। आगामी दिनों में भोपाल स्थित वल्चर ब्रीडिंग सेंटर के 6 वल्चर को भी इसी स्थान पर छोड़ा जायेगा। प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख असीम श्रीवास्तव ने कहा कि मवेशियों को इलाज के लिये दी जाने वाली दवाइयाँ, जिन्हें शासन ने प्रतिबंधित किया है और जो गिद्धों के लिये जानलेवा है, के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि डायक्लोफेनेक, निमेसुलाइड, कीटोप्रोफेन और एसेक्लोफेनेक दवाइयाँ जो पशुओं के इलाज के लिये दी जाती थीं, इन दवाइयों को पूर्णत: प्रतिबंधित कर दिया गया है और इनका उपयोग गैर कानूनी भी है। उन्होंने कहा कि गिद्धों की संख्या में जो भारी गिरावट आयी, वह इन्हीं दवाओं के कारण थी। मुख्य वन्य-प्राणी अभिरक्षक शुभरंजन सेन ने बताया कि कर्मचारियों को दवाइयों का एक सैम्पल भी प्रदाय किया है। इन दवाइयों से गिद्धों को कोई नुकसान नहीं होगा। इस अवसर पर मुख्य वन संरक्षक भोपाल, वन मण्डलाधिकारी रायसेन, विदिशा, उप वन मण्डल अधिकारी रायसेन, विदिशा, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ और बीएनएचएस की टीम मौजूद थी।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मार्च में ही गर्मी ने हाल बेहाल कर दिए हैं। प्रदेश में सबसे गर्म छतरपुर का खजुराहो रहा, जहां गुरुवार को तापमान 41 डिग्री के पार पहुंच गया है। वहीं ग्वालियर और जबलपुर का तापमान 40 डिग्री के आसपास रहा। जबकि दमोह, गुना, शिवपुरी, सतना और सागर ऐसे शहर रहे, जहां 40 डिग्री या इससे अधिक दर्ज किया गया। हालांकि, अगले 2 से 3 दिन डिग्री तक तापमान में मामूली गिरावट हो सकती है।मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिम और दक्षिण-पश्चिम से आ रही गर्म हवाओं की वजह से पिछले 3 दिन से तापमान में खासी बढ़ोतरी हुई है। निवाड़ी का पृथ्वीपुर और छतरपुर का खजुराहो सबसे गर्म है। शुक्रवार से कुछ शहरों में पारे में मामूली गिरावट देखने को मिल सकती है। अप्रैल की शुरुआत में लू चलने की संभावना है। ग्वालियर, उज्जैन और भोपाल संभाग में दिन के तापमान में बढ़ोत्‍तरी देखी गई है। अभी एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव है। हालांकि, यह प्रदेश से दूर है, लेकिन इससे हवा की रफ्तार बढ़ जाएगी और आने वाले दिनों में तापमान में मामूली गिरावट रहेगी।इधर, गुरुवार को कई शहरों में गर्मी का असर देखा गया। खजुराहो (छतरपुर) में 41.4 डिग्री, दमोह में 40.5 डिग्री, गुना, सतना-शिवपुरी में 40.2 डिग्री और सागर में पारा 40 डिग्री दर्ज किया गया। इसी तरह मंडला-टीकमगढ़ में 39.8 डिग्री, नर्मदापुरम में 39.6 डिग्री, रीवा में 39.4 डिग्री, शाजापुर में 39.3 डिग्री, सिवनी में 38.8 डिग्री, उमरिया में 38.7 डिग्री, मलाजखंड में 38.5 डिग्री, सीधी, धार-खरगोन में 38.4 डिग्री, बैतूल-रतलाम में 38.2 डिग्री, खंडवा में 38.1 डिग्री, नरसिंहपुर-नौगांव में 38 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 38.7 डिग्री, इंदौर में 37.6 डिग्री, ग्वालियर में 39.5 डिग्री, उज्जैन में 38 डिग्री और जबलपुर में पारा 39.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित कक्षा पांचवीं और आठवीं की बोर्ड पैटर्न परीक्षाओं के परिणाम शुक्रवार दोपहर एक बजे जारी कर दिए गए। राज्य शिक्षा केंद्र संचालक हरजिंदर सिंह ने परीक्षा पोर्टल पर बटन दबाकर परीक्षाओं के परिणाम घोषित किए। उन्होंने बताया कि प्रदेश में इस वर्ष कक्षा पांचवीं का परीक्षा परिणाम 92.70 फीसदी रहा, जो पिछले वर्ष के 90.97 प्रतिशत से बेहतर है। इसी तरह, कक्षा आठवीं में 90.02 फीसदी विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए हैं, जो पिछले वर्ष के 87.71 प्रतिशत की तुलना में अधिक है। उन्होंने बताया कि दोनों कक्षाओं में छात्रों की तुलना में छात्राएं आगे रहीं। कक्षा पांचवीं में बालिकाओं के पास होने का प्रतिशत 94.12 फीसदी है, जबकि और बालकों का परीक्षा परिणाम 91.38 रहा। इसी तरह कक्षा आठवीं में बालिकाओं का पास होने का प्रतिशत 91.72 और बालकों का 88.41 फीसदी रहा है। कक्षा पांचवीं के परिणामों में शीर्ष 10 जिले में शहडोल, चंबल, नर्मदापुरम, इंदौर, जबलपुर, उज्जैन, ग्वालियर, रीवा, सागर और भोपाल शामिल है, जबकि कक्षा आठवीं के परिणामों में शीर्ष 10 जिलों में नरसिंहपुर, अलीराजपुर, रीवा, झाबुआ, बालाघाट, अनूपपुर, सीहोर, डिंडोरी, बड़वानी और मंडला शामिल। विद्यार्थी, अभिभावक और शिक्षकगण दोनों कक्षाओं के परीक्षा परिणाम राज्य शिक्षा केंद्र की वेबसाइट https://www.rskmp.in/result.aspx पर देख सकते हैं। राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक हरजिंदर सिंह के अनुसार, विद्यार्थी, अभिभावक और शिक्षक राज्य शिक्षा केंद्र के आधिकारिक पोर्टल (www.rskmp.in/result.aspx) पर अपने रोल नंबर/समग्र आईडी के माध्यम से परिणाम देख सकेंगे। शिक्षकों और संस्था प्रमुखों के लिए शाला-स्तरीय परिणाम भी इसी पोर्टल पर उपलब्ध रहेंगे। इसके जरिए से शिक्षक और विद्यालय अपनी पूरी स्कूल के विद्यार्थीवार परिणामों को भी देख सकते हैं। परिणाम की जानकारी प्राप्त करने के लिए वेब पोर्टल की लिंक के साथ-साथ क्यूआर कोड भी उपलब्ध कराया गया है, जिससे विद्यार्थी आसानी से अपने नतीजे देख सकते हैं।  

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दमोह । मध्य प्रदेश के दमोह जिले में अंडे का ठेला लगाने वाले प्रिंस नामक एक युवक को छह करोड़ रुपये के जीएसटी भुगतान का नोटिस मिला है। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विभाग के नोटिस में प्रिंस को दिल्ली में खुली कंपनी का मालिक बताया गया है। इस कंपनी के नाम पर करीब 50 करोड़ रुपये का कारोबार दर्ज है, जिसके एवज में करीब छह करोड़ रुपये का जीएसटी भुगतान बकाया है। नोटिस मिलने के बाद प्रिंस ही नहीं, उसका पूरा परिवार परेशान है। उन्होंने गुरुवार को इस मामले की शिकायत आयकर विभाग और पुलिस अधीक्षक से की है। अधिकारियों ने जांच कराने की बात कही है। दमोह में पथरिया के वार्ड नंबर 14 में रहने वाला प्रिंस ठेला लगाकर अंडे बेचने का काम करता है। गत 18 मार्च को उसके नाम से घर पर एक रजिस्टर्ड डाक आई। इसमें आयकर विभाग का नोटिस निकला। इस नोटिस में लिखा है कि साल 2022 में प्रिंस इंटरप्राइजेज नाम से दिल्ली के स्टेट जोन 3 (वार्ड 33) में एक फर्म संचालित की गई। इस कंपनी ने 2022-23 में करीब 50 करोड़ रुपए के चमड़ा, लकड़ी और आयरन का कारोबार किया। लेकिन जीएसटी का भुगतान नहीं किया गया। कंपनी पर करीब छह करोड़ की जीएसटी का भुगतान बकाया है। नोटिस में प्रिंस से बैंक स्टेटमेंट और अन्य दस्तावेज मांगे गए हैं। नोटिस मिलने के बाद प्रिंस ने एडवोकेट अभिलाष खरे से संपर्क किया तो पता चला कि नोटिस असली है। अब पूरा परिवार हैरान है कि जब प्रिंस कभी दिल्ली गया ही नहीं तो उसके नाम पर इतनी बड़ी कंपनी कैसे खुल गई। एडवोकेट अभिलाष खरे ने बताया कि जानकारी मिलने के बाद हमने आयकर विभाग को लेटर भेजा है। पुलिस से भी शिकायत की है। प्रिंस ने बताया कि वह 2023 में मजदूरी करने के लिए इंदौर गया था। वहां उसने करीब एक साल काम किया। इस दौरान अपना पैन और आधार कार्ड किसी को भी नहीं दिया। फिलहाल पथरिया में अंडे का ठेला लगाकर अपने परिवार का गुजारा कर रहा है। पिता श्रीधर सुमन छोटी किराना दुकान चलाते हैं। पिता श्रीधर सुमन ने बताया कि यदि न्याय नहीं मिला तो परिवार के पास आत्महत्या के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने मप्र लोक सेवा आयोग (एमपी पीएससी) की राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2025 के परिणाम पर रोक लगा दी है। मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति विवेक जैन की युगलपीठ ने मंगलवार को भोपाल की ममता देहरिया की याचिका पर सुनवाई करते हुए एमपी पीएससी को निर्देश दिया है कि बिना उच्च न्यायालय की अनुमति के परिणाम घोषित न किए जाएं। इस मामले में एमपी पीएससी के सचिव और सामान्य प्रशासन विभाग को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है। दरअसल, भोपाल की ममता डेहरिया ने राज्य सेवा परीक्षा-2025 में भाग लिया था। अभ्यर्थी ने परीक्षा फॉर्म जमा करने के बाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मध्य प्रदेश राज्य सेवा भर्ती परीक्षा नियम-2015 के कुछ नियमों और प्रावधानों को असंवैधानिक बताया था। ये प्रावधान आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का छूट के नाम पर अनारक्षित वर्ग में चयन बाधित करते हैं। परीक्षा नियमों की संवैधानिकता को चुनौती देते हुए ममता देहरिया ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी, जिस पर मंगलवार को सुनवाई हुई। याचिका पर सामान्य प्रशासन विभाग और आयोग से चार हफ्ते में जवाब भी मांगा। अब याचिका पर अगली सुनवाई सात मई को होगी। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर और विनायक प्रसाद शाह ने दलील दी कि राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा नियम-2015 के कुछ प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 16 और 335 के साथ-साथ लोक सेवा आरक्षण अधिनियम 1994 की धारा 4-ए के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि 31 दिसंबर, 2024 को जारी पीएससी विज्ञापन और सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। कोर्ट को बताया गया कि यह परीक्षा 16 फरवरी को हुई थी, जिसमें 1.18 लाख फॉर्म भरे गए और करीब 93 हजार अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया। बहस में कहा गया कि राज्य सरकार आरक्षित वर्ग को आयु सीमा, शैक्षणिक योग्यता और परीक्षा शुल्क में छूट देती है, लेकिन मेरिट में उच्च स्थान पाने वाले इन अभ्यर्थियों को अनारक्षित वर्ग में चयन से वंचित रखती है। यह संवैधानिक समानता और आरक्षण के सिद्धांतों का उल्लंघन है। अधिवक्ताओं ने इसे आरक्षित वर्ग के प्रतिभावान उम्मीदवारों के अधिकारों पर हमला करार दिया। अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने बताया कि कोर्ट पहले संपूर्ण विज्ञापन पर रोक लगाने जा रहा था, लेकिन पीएससी और शासकीय अधिवक्ता ने सूचित किया कि परीक्षा हो चुकी है और परिणाम अभी जारी नहीं हुआ। इस जानकारी को रिकॉर्ड पर लेते हुए कोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी कर परिणाम पर रोक लगा दी है।  

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सीहोर/भोपाल । हर साल की तरह इस साल भी जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में मंगलवार से रुद्राक्ष वितरण की शुरुआत हो गई है। पहले दिन यहां पर आने वाले हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं को क्रम अनुसार आसानी से विठलेश सेवा समिति के पंडित समीर शुक्ला और पंडित विनय मिश्रा सहित अन्य ने निशुल्क भोजन प्रसादी और रुद्राक्ष का वितरण कराया। कुबेरेश्वर धाम पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए निशुल्क रूप से रुद्राक्ष और भोजन प्रसादी और शीतल पेय की व्यवस्था की गई है। प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा इन दिनों छत्तीसगढ़ में कथा में रुद्राक्ष वितरण को लेकर निर्देश दिए थे। इसके पश्चात समिति ने जिला प्रशासन के सहयोग से वितरण आरंभ किया है। मंगलवार को पंडित विनय मिश्रा सहित अन्य ने यहां पर रुद्राक्ष वितरण का श्रीगणेश किया। इस मौके पर विठलेश सेवा समिति की ओर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु और क्षेत्रवासी शामिल थे। मंगलवार को एकादशी के पावन अवसर पर यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं के साथ सुबह आरती की गई। इस मौके पर समिति की ओर से मनोज दीक्षित मामा सहित अन्य मौजूद थे। यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए समिति के द्वारा निशुल्क भोजन प्रसादी के अलावा दोपहर में शीतल पेय का वितरण किया जाएगा। धाम पर मशीनों के द्वारा कुछ ही देर में 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं के लिए भोजन बनकर तैयार हो जाता है। मंगलवार को भी भोजनशाला से करीब 40 हजार से अधिक श्रद्धालुओं को भोजन प्रसादी वितरण की गई।  

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भोपाल  । मार्च के जाने से पहले ही मध्‍य प्रदेश में झुलसाने वाली गर्मी की शुरुआत हो गई है। राजधानी भोपाल सहित प्रदेशभर में गर्मी का असर बढ़ गया है। मंगलवार को रतलाम में पहली बार पारा 40 डिग्री तक पहुंच गया। वहीं, धार-शिवपुरी में पारा 39 डिग्री के पार रहा। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन और जबलपुर में भी तेज धूप खिली रही। मौसम विभाग ने अगले दाे दिन तेज गर्मी पड़ने का अलर्ट जारी किया है। आज बुधवार को प्रदेशभर में तीखी धूप खिली रहेगी, जिससे गर्मी का असर बढ़ा रहेगा। वहीं, 27 मार्च को दिन-रात के तापमान में दाे से तीन डिग्री की बढ़ोतरी और हो सकती है।उल्लेखनीय है कि प्रदेश में पिछले सप्ताह ओले-बारिश का दौर रहा। पांच दिन तक आधे से ज्यादा जिलों में मौसम बदला रहा, लेकिन सोमवार से मौसम ने करवट बदली और गर्मी का दौर शुरू हो गया। सभी शहरों में पारा तीन से पांच डिग्री तक बढ़ा है। मंगलवार को रतलाम में सामान्य से 4.8 डिग्री की बढ़ोतरी देखी गई और पारा 40 डिग्री तक पहुंच गया। मंगलवार को धार में 39.3 डिग्री, शिवपुरी में 39 डिग्री, खजुराहो में 38.8 डिग्री, गुना में 38.6 डिग्री, दमोह-नर्मदापुरम में 38.5 डिग्री, सागर में 38.2 डिग्री, मंडला-टीकमगढ़ में 38 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।बड़े शहरों की बात करें तो ग्वालियर सबसे गर्म रहा। यहां पारा 38.6 डिग्री दर्ज किया गया। उज्जैन में 38.5 डिग्री, इंदौर में 37.6 डिग्री, भोपाल में 37 डिग्री और जबलपुर में 35.8 डिग्री पहुंच गया। रात के तापमान में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है। अगले दाे दिन में मालवा-निमाड़ यानी, इंदौर और उज्जैन संभाग के जिलों में लू का असर रह सकता है। जिनमें रतलाम, उज्जैन, खरगोन, खंडवा, धार आदि शामिल हैं। रतलाम को छोड़ बाकी शहरों में तापमान 38 से 39 डिग्री के बीच है।

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भोपाल। मध्य प्रदेश में अप्रैल से पहले ही झुलसाने वाली गर्मी की शुरुआत हो गई है। कई जिलों में दिन का तापमान बढ़ने से लोगों की हालत खराब है। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में 40 डिग्री के पार तापमान जा सकता है। पिछले 2 दिन से अधिकतम तापमान 39 डिग्री के पार है। रतलाम में सोमवार को लगातार दूसरे दिन पारा 39 डिग्री रहा। नर्मदापुरम में भी गर्मी के तेवर काफी तीखे रहे। मौसम विभाग ने 27 से 31 मार्च के बीच लू चलने की संभावना भी जताई है।राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के कई जिलों में गर्मी का असर बढ़ने लगा है। मौसम विभाग ने दिन के तापमान में 2 से 3 डिग्री की बढ़ोतरी होने की संभावना जताई है। ऐसे में तापमान 40 डिग्री के पार पहुंच सकता है। आने वाले दिनों में गर्म हवाएं यानि लू चलने की संभावना है। खासतौर पर मालवा-निमाड़ यानी, इंदौर और उज्जैन संभाग के जिलों में लू का असर रह सकता है। जिनमें रतलाम, उज्जैन, खरगोन, खंडवा, धार आदि शामिल हैं। इन शहरों में अभी तापमान 38 से 39 डिग्री के बीच है। आज मंगलवार को गर्मी का असर रहेगा। दिन के तापमान में 2 से 3 डिग्री की बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। वहीं, 26 मार्च को तीखी धूप खिली रहेगी। इससे गर्मी का असर बढ़ जाएगा।इससे पहले प्रदेश में सोमवार को भी कई शहर गर्म रहे। रतलाम में सबसे ज्यादा 39.2 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं, नर्मदापुरम में 38.9 डिग्री, धार में 38.6 डिग्री, खरगोन में 37.2 डिग्री, शाजापुर में 37.1 डिग्री, नरसिंहपुर में 37 डिग्री रहा। गुना, मंडला, दमोह, खंडवा, शिवपुरी, खजुराहो और टीकमगढ़ में 36 डिग्री या इससे ज्यादा दर्ज किया गया। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 35.5 डिग्री, इंदौर में 36.8 डिग्री, ग्वालियर में 36.1 डिग्री, उज्जैन में 37.5 डिग्री और जबलपुर में तापमान 35 डिग्री दर्ज किया गया।  

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उज्जैन । विक्रमोत्सव 2025 अंतर्गत पौराणिक फिल्मों का अंतरराष्ट्रीय महोत्सव (आईएफएफएएस) के चौथे दिन सोमवार की शाम सूरीनाम व दक्षिण अफ्रीका के राजनीयिकों ने अपनी भागीदारी दर्ज की। इस मौके पर सूरीनाम दूतावास की द्वितीय सचिव सुनैना पी.आर. मोहन ने भारतीय संस्कृति और संस्कारों की महत्ता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि उज्जैन आकर उन्हें ऐसा महसूस हुआ जैसे वे अपने ही घर में हो। भारत उनके पूर्वजों की भूमि है और यहीं से उनके पूर्वजों ने जाकर सूरीनाम जैसे देश को बसाया। सुनैना ने गर्वपूर्वक कहा कि उनके पुरखों ने भारतीय संस्कृति, भाषा, वेशभूषा, भजन-भावना और धार्मिक आचार-विचार जैसी परंपराओं को सहेजकर रखा है। उन्होंने विशेष रूप से भारतीय युवाओं को संदेश दिया कि वे अपनी संस्कृति और संस्कारों को कभी न भूलें। अपने हिंदी उद्बोधन के दौरान उन्होंने भगवान शिव को समर्पित एक भावपूर्ण भजन भी प्रस्तुत किया, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने 'सूरीनाम' शब्द की व्याख्या करते हुए कहा कि यह मूल रूप से ‘श्री राम’ से उत्पन्न हुआ है। जब उनके पूर्वज भारत से वहाँ गए थे, तो उन्होंने इसे ‘श्री राम की भूमि’ कहा था, जो कालांतर में सूरीनाम बना। भारत-दक्षिण अफ्रीका के संबंध बहुत पुराने और ऐतिहासिक: खाथुतशेलो समारोह में दक्षिण अफ्रीका उच्चायोग के प्रथम सचिव खाथुतशेलो थगवाना ने कहा कि भारत और दक्षिण अफ्रीका के संबंध बहुत पुराने और ऐतिहासिक है गांधी जी ने दक्षिण अफ्रीका में रहकर जो काम किया है उससे पूरी दुनिया परिचित हैं। फिल्म, कला, संस्कृति, खेल, व्यापार के माध्यम से हम एक-दूसरे की संस्कृतियों को साझा करते हैं। वर्तमान में फिल्म जैसा माध्यम दोनों देशों के लोगों को और करीब लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उज्जैन में आयोजित इस अंतर्राष्ट्रीय पौराणिक फिल्म समारोह में आकर मुझे बेहद खुशी है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री के संस्कृति सलाहकार एवं महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी ने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा और संस्कृति हजारों वर्षों से पूरे विश्व में अपनी पहचान बना रही है। भारत ने तलवार के बल पर नहीं, बल्कि अपने ज्ञान और परंपराओं के माध्यम से वैश्विक मंच पर अपना स्थान सुनिश्चित किया है। इस अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्स्व का उद्देश्य विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं को एक मंच पर लाकर उन्हें समझना और संजोना है। इससे पहले, समारोह में विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु अर्पण भार्गव ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम उपरांत दोनों ही राजनायिकों ने महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ परिसर में आयोजित प्रदर्शनी आर्ष भारत का भी अवलोकन किया। विक्रमोत्सव 2025 अंतर्गत पौराणिक फिल्मों का अंतरराष्ट्रीय महोत्सव (आईएफएफएएस) का समापन मंगलवार को होगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे। कार्यक्रम में वेनेजुएला की राजदूत कैपाया रोड्रिगेज गोंजालेज, काउन्सलर अल्फ्रेडो जीसस काल्डेरा गुज़मैन के साथ क्यूबा की राजनयिक मालेना रोजस मेडिना अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगी। इस मौके पर लेखिका सीमा कपूर की पुस्तक 'यूँ गुजरी है अब तलक'-आत्मकथा का विमोचन भी होगा। इन फिल्मों का प्रदर्शन महोत्सव के पाँचवें दिन नौ फिल्मों का प्रदर्शन होगा जिसमें भारतीय भाषाओं में 'गोपाल कृष्णा', ‘भगवान श्रीकृष्ण’, 'श्रीकृष्ण अर्जुन युद्दम (तेलगू), 'मीरा रो गिरधा (राजस्थानी)', 'भगवान श्रीकृष्ण छतम्या (बंगाली)', 'श्रीकृष्णा लीला (तमिल)' व 'भक्त नान्शई यो (गुजराती)' आदि शामिल है।  

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मैहर। चैत्र नवरात्रि मेला के दौरान यात्रियों की सुविधा के लिए पश्चिम मध्य रेल से गुजरने वाली 15 जोड़ी रेलगाड़ियों का मैहर स्टेशन पर दिनांक 30 मार्च से 12 मार्च तक 5 मिनट का अस्थाई हाल्ट प्रदान किया गया है। स्टेशन पर पहले से ही 42 जोड़ी ट्रेनों का स्थाई हॉल्ट है।   नए निर्णय के बाद अब अप-डाउन मिलाकर कुल 114 ट्रेनें यहां रुकेंगी। चैत्र नवरात्रि में मां शारदा के दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए रेलवे प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है। अस्थाई ठहराव वाली ट्रेनों में एलटीटी-गोरखपुर, एलटीटी-छपरा, चेन्नई-छपरा और वलसाड-मुजफ्फरपुर शामिल हैं। इसके अलावा कोल्हापुर-धनबाद, एलटीटी-रक्सौल और दुर्ग-नवतनवा भी रुकेंगी। पुणे-गोरखपुर, पूर्णा-पटना, एलटीटी-अयोध्या कैंट, एलटीटी-रांची, बांद्रा-पटना, पुणे-बनारस, एलटीटी-गुवाहाटी और सूरत-छपरा एक्सप्रेस को भी अस्थाई ठहराव मिलेगा।   ऐसा कहा जाता है कि जब भगवान शिव सती के शरीर को ले जा रहे थे, तब उनका हार इस स्थान पर गिरा और इसलिए इसका नाम “मैहर” पड़ा। मैहर के स्थानीय लोगों के अनुसार, आल्हा और उदल शारदा देवी के बहुत बड़े अनुयायी थे। ऐसा कहा जाता है कि वे इस सुदूर जंगल में देवी के दर्शन करने वाले पहले व्यक्ति थे. उन्होंने माँ देवी को “शारदा माई” के नाम से पुकारा और तब से वे “माता शारदा माई” के रूप में लोकप्रिय हो गईं। मैहर का इतिहास पुरापाषाण काल ​​से जुड़ा है।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । मध्य प्रदेश में राज्य शासन ने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 15 वरिष्ठ अधिकारियों का तबादला करते हुए उनकी नवीन पदस्थापना है। इस संबंध में गृह विभाग द्वारा रविवार की रात आदेश जारी किया है। जिन अधिकारियों का तबादला किया गया है, उनमें भोपाल में आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के ठिकानों पर छापा मारने वाले प्रभारी लोकायुक्त महानिदेशक जयदीप प्रसाद भी शामिल हैं। उन्हें लोकायुक्त से हटाकर स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो में एडीजी की जिम्मेदारी दी गई हैं। गृह विभाग द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, जयदीप प्रसाद की जगह योगेश देशमुख को लोकायुक्त में प्रभारी महानिदेशक बनाया गया है। वे अभी एडीजी, इंटेलिजेंस की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। आईपीएस ए साईं मनोहर को इंटलीजेंस की कमान दी गई है। मुख्यमंत्री मोहन यादव के ओएसडी राकेश गुप्ता को खेल एवं युवा कल्याण विभाग में संचालक बनाया गया है। गुप्ता को पांच माह पहले ही 24 अक्टूबर 2024 को मुख्यमंत्री सचिवालय में पदस्थ किया गया था। वहीं, केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लोटने के बाद एडीजी राजबाबू सिंह की पोस्टंग कर दी गई है। उन्हें पीएचक्यू में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण बनाया गया है। मऊगंज जिले में पुलिस टीम पर हमले में हुई एक एएसआई की मौत के बाद रीवा रेंज के डीआईजी साकेत प्रकाश पांडे को भी अब हटा दिया गया है। उन्हें पुलिस मुख्यालय में डीआईजी पदस्थ किया गया है। उनकी जगह राजेश सिंह को रीवा रेंज का डीआईजी बनाया गया है। राजेश सिंह के पास अभी डीआईजी, सेनानी 25वीं वाहिनी, विसबल भोपाल की जिम्मेदारी है। वहीं गौरव राजपूत को रीवा रेंज का आईजी बनाया गया है। गौरव राजपूत के पास अभी ओएसडी, गृह विभाग की जिम्मेदारी थी। इनके अलावा दूरसंचार (पीएचक्यू) के स्पेशल डीजी आदर्श कटियार को प्रशासन (पीएचक्यू) में स्पेशल डीजी, प्रशिक्षण एडीजी (पीएचक्यू) सोनाली मिश्रा को चयन एवं भर्ती एडीजी (पीएचक्यू), खेल एवं युवा कल्याण संचालक रवि कुमार गुप्ता को रेल एडीजी, चयन एवं भर्ती एडीजी (पीएचक्यू) संजीव शमी को दूरसंचार (पीएचक्यू) एडीजी, अग्निशमन (पीएचक्यू) एडीजी आशुतोष राय को अजाक एडीजी (पीएचक्यू), एडीजी राजाबाबू सिंह को प्रशिक्षण एडीजी (पीएचक्यू), एससीआरपी एडीजी (पीएचक्यू) चंचल शेखर को विसबल एडीजी (पीएचक्यू) और विलबल आईजी (मध्य क्षेत्र) कृष्णावेनी देसावतु को गृह विभाग में ओएसडी पदस्थ किया गया है।

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सतना । मध्य प्रदेश के सतना नगर में रविवार को मालगाड़ी पर चढ़कर रील बना रहा युवक हाई टेंशन लाइन के तार की चपेट में आ गया, जिससे वह बुरी तरह से झुलस गया। उसे गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वह अपने दोस्तों के साथ वीडियो बना रहा था। जानकारी के मुताबिक, रेलवे कॉलोनी स्थित यार्ड में एक मालगाड़ी खड़ी थी। रविवार को प्रिंस चौधरी (19) मालगाड़ी पर चढ़ गया और रील बना रहा था। उसके साथ दोस्त रवि और आर्यन भी उसके साथ थे। इसी दौरान प्रिंस हाई टेंशन तार के संपर्क में आ गया और बुरी तरह झुलस गया। उसके दोनों दोस्त किसी तरह बच निकले। घटना की सूचना मिलते ही जीआरपी मौके पर पहुंची और उसे अस्पताल में भर्ती कराया। बताया गया कि लगभग 4 महीने पहले आरपीएफ ने इन्हीं युवकों को रेलवे लाइन के पास से भगाया था, लेकिन वे फिर से खतरनाक तरीके से रील बनाने पहुंच गए। पुलिस मामले की जांच कर रही है।  

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भोपाल  । मध्य प्रदेश में मार्च के आखिरी सप्ताह में ओले और बारिश के बाद अब गर्मी का कहर दिखना शुरू हो गया है। तापमान 40 डिग्री के करीब पहुंच गया है। 27 से 31 मार्च के बीच गर्म हवाएं चलने के आसार हैं। रविवार को रतलाम में पारा 39 डिग्री पहुंच गया। ग्वालियर, इंदौर और उज्जैन संभाग के जिले सबसे ज्यादा गर्म रहे। आज सोमवार को तीखी धूप खिली रहेगी। इससे गर्मी का असर बढ़ जाएगा। 25 मार्च को भी गर्मी का असर रहेगा। दिन के तापमान में 2 से 3 डिग्री की बढ़ोतरी देखने को मिलेंगी।मौसम विभाग के अनुसार, हिमालय के ऊपर एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव है, लेकिन यह स्ट्रॉन्ग नहीं है। इस वजह से प्रदेश में असर कम रहेगा। इधर, रविवार को पूरे प्रदेश में दिन के तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिली। रतलाम में 39 डिग्री, नर्मदापुरम में 38.8 डिग्री, धार में 37.4 डिग्री, खरगोन में 37 डिग्री, गुना-बैतूल में 36.5 डिग्री, नरसिंहपुर में 36.4 डिग्री और मंडला में पारा 36 डिग्री रहा। बड़े शहरों की बात करें तो उज्जैन में सबसे ज्यादा 36 डिग्री, इंदौर में 35.4 डिग्री, भोपाल में 35.1 डिग्री, जबलपुर में 34.9 डिग्री और ग्वालियर में 34.7 डिग्री दर्ज किया गया।मौसम विभाग का कहना है कि मार्च के आखिरी दिन यानी 27 से 31 मार्च के बीच प्रदेश में फिर से गर्मी का असर देखने को मिलेगा। कुछ इलाकों में लू भी चल सकती है। कई शहरों में पारा 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच सकता है। अगले 4 महीने तेज गर्मी पड़ेगी। मार्च से मई तक 15 से 20 दिन हीट वेव चलने का अनुमान है। अप्रैल-मई में हीट वेव का असर ज्यादा हो सकता है। इस कारण 30 से 35 दिन तक गर्म हवा चल सकती है।  

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ग्वालियर । ग्वालियर में आयोजित पुस्कर मेले में दूसरे दिन रविवार की छुट्टी होने की वजह से अच्छी-खासी संख्या में अभिभावक अपने बच्चों के साथ पहुँचे। जाहिर है कि उन्होंने विशेष छूट प्राप्त कर किताबों, यूनीफॉर्म व स्टेशनरी की जमकर खरीददारी की, साथ ही मेले के फूड स्टॉल में लजीज चाट-पकौड़ों, सॉफ्टी व आइसक्रीम का लुत्फ भी उठाया। एक ही परिसर में सुविधाजनक तरीके से पाठ्य सामग्री व स्कूल ड्रेस मिल जाने से बच्चे व उनके अभिभावक गदगद नजर आए और खरीददारी के बाद पुस्तक मेला लगाने के लिये मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव व जिला प्रशासन के प्रति धन्यवाद व्यक्त करते हुए अपने घर लौटे। पुस्तक मेले से तीसरी कक्षा में अध्ययनरत अपने बेटे प्रणव को पुस्तकें दिलाकर घर जा रहे श्री महेन्द्र जोशी बोले कि यहाँ पर डिस्काउंट पर किताबों के साथ मेले का आनंद भी मिल रहा है। जब बाजार में खरीदने जाते थे तो पार्किंग से लेकर तमाम असुविधाओं का सामना करना पड़ता था। पुस्तक मेला लगाकर जिला प्रशासन ने सराहनीय पहल की है। इसी तरह कार्मल कॉन्वेंट सीनियर सेकेण्ड्री स्कूल में पढ़ रही अपनी बिटिया के लिये पुस्तक खरीदने आए भूपेश माहौर का कहना था कि एक ही जगह पर पाठ्य सामग्री व यूनीफॉर्म दिलाने की पहल सराहनीय है। इसके लिये हम मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के विशेष तौर पर आभारी हैं, जिनके निर्देश पर जिला प्रशासन ने यह पुस्तक मेला लगाया है। लिटिल एंजल स्कूल में पढ़ रही अपनी बेटियों अवंतिका सिंह व अलंकृति सिंह के लिये पुस्तकें खरीदने आए डॉ. अनुराग सिंह सिकरवार भी काफी खुश नजर आए। उनका कहना था कि एक ही प्लेटफॉर्म पर सभी तरह की पठन-पाठन सामग्री दिलाने की पहल हर दृष्टि से सराहनीय है। इसके लिये हम मुख्यमंत्री के प्रति धन्यवाद व्यक्त करते हैं। ज्ञात हो कि आकाशवाणी - मेला रोड पर सूर्य नमस्कार तिराहे के समीप स्थित शिल्प बाजार में सात दिवसीय पुस्तक मेला लगाया गया है। यह मेला 29 मार्च तक जारी रहेगा। पुस्तक मेले में किताबें, ड्रेस व स्टेशनरी की खरीदी पर दुकानदारों द्वारा सभी तरह के डिस्काउंट के अलावा अतिरिक्त छूट दी जा रही है। जरूरतमंद बच्चों के लिये लाइन में लगकर पुस्तकें दान कर रहे हैं अभिभावक   शिल्प बाजार में लगे पुस्तक मेले में प्रवेश करते ही दांई ओर बुक बैंक सेक्टर बनाया गया है। यहाँ पर सुकूनदायी एवं प्रेरणादायी दृश्य दिल को छू रहे हैं। शहरवासी यहाँ कक्षावार बने काउण्टर पर अपने बच्चों की पिछली कक्षाओं की पुस्तकें लाइन में लगकर दान कर रहे हैं। बुक बैंक में जमा हो रहीं पुस्तकें जिला प्रशासन द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों को उपलब्ध कराई जायेंगी।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से जारी ओले और बारिश का दौर अब खत्म होने वाला है। एक बार फि‍र गर्मी अपने तेवर दिखाएगी। अगले 3 दिन तक तापमान में बढ़ोतरी होगी। तापमान 3 से 4 डिग्री तक बढ़ सकता है। मौसम विभाग के मुताबिक, 25-26 मार्च से प्रदेश में नए सिस्टम का असर देखने को मिलेगा। राजधानी भोपाल में अधिकतम तापमान 34 डिग्री के पार पहुंच गया। इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर में भी ऐसा ही मौसम रहा।मौसम विभाग के अनुसार, रविवार से एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव हो रहा है, जो पश्चिमी हिमालय क्षेत्र को प्रभावित करेगा। दो दिन बाद प्रदेश में असर देखने को मिल सकता है। मार्च के आखिरी दिन यानी, 27 से 31 मार्च के बीच प्रदेश में फिर से गर्मी का असर देखने को मिलेगा। कुछ इलाकों में लू भी चल सकती है। कई शहरों में पारा 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच सकता है। सामान्यतः दिन का तापमान 40 डिग्री से अधिक या सामान्य से 4.6 डिग्री तक अधिक हो तो हीट वेव यानी लू की स्थिति मानी जाती है। आज रविवार को मौसम साफ रहेगा। कहीं भी बारिश होने का अलर्ट नहीं है। इसी तरह 24 मार्च को भी तीखी धूप खिली रहेगी।इससे पहले शनिवार को प्रदेश में मौसम का मिला-जुला असर दिखाई दिया। भोपाल, इंदौर-उज्जैन में तीखी धूप रही तो शहडोल, रीवा, सीधी, मऊगंज, अनूपपुर आदि जिलों में ओले, बारिश और आंधी चली। सीधी में तेज बारिश के साथ ओले भी गिरे। जिससे चना, मसूर, अरहर और गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा है। प्रदेश के 55 से अधिक शहर या कस्बों में मौसम का असर देखा गया। सागर, उमरिया समेत कई जिलों में ओले भी गिरे। वहीं, सिंगरौली में 54 किमी, रीवा में 39 किमी, जबलपुर में 34 किमी, मंडला-सागर में 30 किमी और छिंदवाड़ा में 28 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा चली।  

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रतलाम । मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में महू-नीमच हाईवे पर सालाखेड़ा-सेजावता बायपास पर घटला ब्रिज के पास शनिवार शाम करीब सात बजे कारों से भरे कंटेनर के अगले हिस्से में आग लग गई। कुछ ही देर में आग ने विकराल रूप ले लिया। चालक ने सूझबूझ का परिचय देकर आग लगते ही पिछले हिस्से को अलग कर दिया था। इसके चलते पिछला हिस्सा व उसमें रखी छह कारें जलने से बच गई। जानकारी के अनुसार, चालक रिजवान मेवाती निवासी फिरोजपुर झिड़का जिला नुहू (हरियाणा) कंटेनर में छह कार लेकर बैंगलुरू से हरियाणा के सोनीपत जिले के खरखोदा स्थित मारूति कंपनी के प्लांट पर जा रहा था। घटला ब्रिज के पास कंटेनर के अगले हिस्से में आग लग गई। इस पर वह नीचे उतरा और दूर चला गया। आसपास के लोग, सालाखेड़ी चौकी प्रभारी मुकेश यादव व अन्य पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और दोनों तरफ का यातायात रोका। इसी बीच फायर ब्रिगेड की दमकल मौके पर पहुंची तथा करीब 45 मिनट की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। चालक रिजवान ने बताया कि चलते कंटेनर के अगले हिस्से में वायरिंग से धुआं निकलने और आग लग गई। उसने आग बुझाने का प्रयास किया लेकिन नहीं बुझी। इस पर उसने कंटेनर को गियर में डालकर पिछले हिस्से को अलग किया और गेट खोलकर नीचे उतर गया। कंटेनर के दोनों हिस्से अलग हो गए और अगले हिस्से में आग तेज हो गई। आग से अगला हिस्सा जल गया है।  

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शहडोल । जिले के जैतपुर के तितरा गांव में शनिवार दोपहर आकाशीय बिजली गिरने से एक महिला की मौत हो गई। हादसे के समय महिला खेत पर फसल की रखवाली कर रही थी। सूचना के बाद माैके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है।जानकारी के अनुसार शनिवार दोपहर करीब 12 बजे अचानक मौसम खराब हो गया। तेज हवा के साथ ओले गिरने लगे। रमसखिया केवट(55) कुनुक नदी किनारे अपने खेत में सब्जियों की देखरेख करने गई थीं। ओले गिरने से वे अपने खेत में बनी झोपड़ी में आ गई। इसी दौरान झोपड़ी पर आकाशीय बिजली गिर गई, जिससे महिला की मौके पर ही मौत हो गई। आस-पास के खेतों में मौजूद लोगों ने तेज धमाका सुना। कुछ देर बाद जब वे अपनी झोपड़ियों से बाहर निकले तो महिला की झोपड़ी से धुआं निकलता देखा। उन्होंने पुलिस को सूचना दी। जैतपुर थाना प्रभारी रामकुमार गायकवाड ने बताया कि घटना की जांच की जा रही है। पुलिस ने मामले में मर्ग कायम कर लिया है।  

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अनूपपुर । जिले के जैतहरी क्षेत्र में शुक्रवार एवं शनिवार की रात धनगवां बीट के ग्रामों में 9 ग्रामीणों के घरों में तोड़फोड़ कर नुकसान करते हुए दो किसानो की फसलों को अपना आहार बनाया। शनिवार की सुबह फिर से धनगवां के जंगल में अपना डेरा जमाया हैं। शनिवार की रात किस ओर विचरण करेगा यह रात होने पर ही पता चल सकेगा। वहीं हाथी के विचरण को लेकर ग्रमीणों ने पूरी रात जाग कर बिता रहे हैं। ग्राम कुसुमहाई के पाडाडोल मोहल्ला में हाथी से पीड़ित दो आदिवासी परिवारों ने एक दिन पूर्व ही घर की सामग्रियों रस्सी के सहारे को पेड़ में चढ़ा कर सुरक्षित रख दिया। एक हाथी तीन दिन पूर्व छग की सीमा पार कर अनूपपुर जिले के जैतहरी क्षेत्र के जंगल में अपना डेरा जमाया हुआ हैं। जो दिन में विश्राम करने बाद रात में आहार की तलाश में जंगल से निकल कर ग्रामीण अंचलो में पहुंचकर ग्रामीणों के खेत -बांड़ी में लगे व घरों में रखी विभिन्न प्रकार के खाने की सामग्रियों को अपना आहार बना सुबह होने के पूर्व फिर से जंगल चले गये। जानकारी अनुसार शुक्रवार की रात हाथी जंगल से निकलकर कुसुमहाई गांव के पाड़ाढोल टोला में वनकर्मियों एवं ग्रामीणों को देखकर दौड़ने बाद तीन ग्रमीणों के घरों में तोड़फोड़ कर अनाज खाया। विगत कई वर्षों से हाथियों के आने एवं जाने का यह मार्ग होने के कारण ग्रतीणों ने अपने खाने पीने की सामग्री को हाथी के आने की संभावना पर पेड़ में रस्सी के सहारे बांधकर चढ़कर सुरक्षित रख दिया हैं। जो हाथी के पहुंच से दूर होने के कारण बचा रहा। हाथी कुसुमहाई के झंडीटोला के 9 घरों में तोड़फोड़ कर एवं खेतों में लगी फसलों को बनाते हुए देर रात चांदपुर,टकहुली,कुशमहाई होते हुए सुबह होने पर धनगवां बीट के जंगल में अपना डेरा जमाया हैं। हाथी के विचरण पर प्रशासनकी टीम निरंतर नजर रखते हुए ग्रामीणों को सतर्क पर एवं सचेत रहने की बात विभिन्न माध्यमों से कर रहे हैं।    

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भोपाल । मार्च महीने के आखिरी हफ्ते में भी गर्मी की तपिश के बजाय मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश का दौर जारी है। हालांकि वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) और दो साइक्लोनिक सिस्टम का असर शनिवार को कम हो जाएगा। इससे भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, नर्मदापुरम संभाग में मौसम साफ रहेगा और धूप खिली रहेगी। वहीं, रीवा, सीधी, मऊगंज और अनूपपुर में 40 से 50 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से आंधी चल सकती है।इससे पहले शुक्रवार को सतना, मैहर, सागर, दमोह और सिंगरौली में ओले गिरे। कई जिलों में बारिश हुई। मौसम विभाग का कहना है कि मौजूदा सिस्टम का असर 22 मार्च तक रहेगा। 24 मार्च से एक और वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव हो सकता है। यह पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र को प्रभावित कर सकता है। इससे मध्य प्रदेश में भी मौसम बदलेगा। अगले 24 घंटे में दिन-रात के तापमान में बढ़ोतरी हो सकती है। 2 से 3 डिग्री तक पारा बढ़ जाएगा। शनिवार को मौसम साफ रहेगा। कहीं भी बारिश होने का अलर्ट नहीं है।प्रदेश में पिछले 24 घंटे के अंदर 20 से ज्यादा जिलों में मौसम बदला रहा। डिंडौरी, दमोह, मंडला, अनूपपुर के अमरकंटक, शहडोल, पन्ना और मैहर में आकाशीय बिजली और ओलावृष्टि हुई। वहीं, सागर, बालाघाट, छिंदवाड़ा, सिवनी, दक्षिण मंडला, उमरिया, सीधी, सिंगरौली, उत्तर शहडोल, दक्षिण सतना, दक्षिण रीवा, मऊगंज, जबलपुर और कटनी जिलों में मौसम बदला रहा। प्रदेश के करीब 30 जिलों के 70 स्‍थानों पर बारिश हुई। इनमें शहडोल, कटनी, उमरिया, जबलपुर, सिंगरौली, अनूपपुर, सीधी, दमोह, छिंदवाड़ा, डिंडौरी, सिवनी, पन्ना, सागर, मंडला, रीवा, बैतूल, भोपाल, रायसेन, शिवपुरी, विदिशा, नर्मदापुरम, मऊगंज, निवाड़ी, टीकमगढ़, नरसिंहपुर, छतरपुर, अशोकनगर, राजगढ़, बालाघाट आदि जिले शामिल हैं। शहडोल के ब्यौहारी में सबसे ज्यादा 87 मिमी यानी 3.5 इंच बारिश हो गई। कटनी के धीमरखेड़ा में सवा इंच, उमरिया के मानपुर और जबलपुर के मझौली में करीब पौने एक इंच बारिश दर्ज की गई।  

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जबलपुर । मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने गुरुवार को शिक्षक भर्ती में होल्ड किए गए अभ्यर्थियों की याचिकाओं पर विस्तृत सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति विवेक जैन की युगलपीठ ने 87-13 फीसदी फार्मूले को लेकर राज्य सरकार से जवाब तलब किया। अदालत ने पूछा है कि 13 फीसदी अभ्यर्थियों की भर्ती होल्ड क्यों रखी गई, जबकि इस संबंध में उच्च न्यायालय का कोई आदेश नहीं था। उच्च न्यायालय ने सरकार को 2019 से हुई सभी शिक्षक भर्तियों की जानकारी पेश करने का निर्देश दिया। सीनियर एडवोकेट रामेश्वर सिंह ठाकुर ने बताया कि द्वितीय काउंसलिंग में ओबीसी वर्ग के 1000 से अधिक अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी नहीं किए गए और न ही इसका कोई लिखित कारण दिया गया। महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि शिवम गौतम की याचिका में 4 अप्रैल 2022 को पारित अंतरिम आदेश के चलते ओबीसी वर्ग की नियुक्ति रुकी हुई है। इस पर वरिष्ठ अधिवक्ता ने तर्क दिया कि यह याचिका हाई कोर्ट से निपटाई जा चुकी है और सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित कर दी गई, जहां कोई अंतरिम आदेश पारित नहीं हुआ। बल्कि, सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने 24 फरवरी 2025 को छत्तीसगढ़ में 58% आरक्षण लागू करने की अनुमति दी थी। हाई कोर्ट ने महाधिवक्ता से पूछा कि जब दोनों राज्यों का मामला समान है, तो सुप्रीम कोर्ट का आदेश मध्य प्रदेश में लागू क्यों न किया जाए। महाधिवक्ता ने सरकार से निर्देश लेने के लिए समय मांगा। अंतरिम आदेश में हाई कोर्ट ने कहा कि राज्य सेवा की सभी भर्तियों में, चाहे प्रक्रिया पूरी हो चुकी हो, ओबीसी के 13% पद रिक्त रखे जाएं। ये पद याचिकाओं के निर्णय के बाद भरे जाएंगे। सरकार को 2019 से अब तक की सभी भर्तियों का पूरा ब्योरा पेश करने का निर्देश दिया गया। मामले की अगली सुनवाई 4 अप्रैल को होगी।  

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भोपाल । आयकर विभाग ने गुरुवार को राजधानी भोपाल के न्यू मार्केट स्थित अलंकार ज्वेलर्स और चूनाभट्टी स्थित गोल्डन सिटी बिल्डर के दफ्तर में सर्वे की कार्यवाही शुरू की है। दोपहर बाद शुरू की गई इस कार्रवाई में दोनों ही प्रतिष्ठानों से करोड़ों रुपये की आयकर चोरी का खुलासा होने की संभावना है। वहीं, चूना भट्‌टी स्थित अल्फा कम्युनिकेशन और अल्फा सॉल्यूशंस के संचालक सौरभ अग्रवाल पर करीब 15 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी निकली है। आयकर विभाग द्वारा गुरुवार को न्यू मार्केट स्थित अलंकार ज्वेलर्स के यहां सोने के आभूषणों की बिक्री में वास्तविक कीमत छिपाने के मामले में कार्यवाही की रही है। बताया जाता है कि इस प्रतिष्ठान के संचालकों द्वारा टैक्स बचाने के लिए पक्के बिल जारी नहीं किए। बोगस बिल जारी किए जा रहे हैं। इसके आधार पर विभाग की टीम जांच कर रही है। दोपहर बाद यहां पहुंची टीम ने अलंकार ज्वेलर्स के रिकॉर्ड और बिलों की जांच शुरू कर दी है। उधर चूनाभट्‌टी के समीप स्थित गोल्डन सिटी के संचालक और बिल्डर मनीष जैन के दफ्तर पर भी आयकर विभाग ने सर्वे शुरू किया है। जैन के द्वारा भूमि और भवन के बिक्री में सभी तरह के टैक्स का भुगतान नहीं किए जाने और नगद लेनदेन के मामले में यह कार्रवाई की जा रही है। जैन को भी एमपी के पूर्व मुख्य सचिव का करीबी बताया जा रहा है। आयकर विभाग ने इसके पहले चूना भट्टी स्थित अल्फा कम्युनिकेशन और अल्फा सॉल्यूशंस के संचालक सौरभ अग्रवाल के ठिकाने पर भी होली के पहले चार दिन तक लगातार सर्वे की कार्यवाही की थी। इसके बाद सौरभ अग्रवाल के यहां से करीब 15 करोड रुपये की टैक्स चोरी सामने आई है। बताया जाता है कि अभी अग्रवाल ने टैक्स की राशि सरेंडर नहीं की है। इसलिए इस मामले में कुछ और लोगों के बयान लेने के बाद आयकर विभाग टैक्स चोरी के आदेश जारी करेगा।

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भोपाल। मध्य प्रदेश में मौसम का मिजाज बदल गया है। प्रदेश में गर्मी वाले दिनों में बारिश आंधी और ओले गिरने वाला मौसम बना है। वर्तमान में तीन सिस्टम एक्टिव है, जिसकी वजह से ऐसा हो रहा है। गुरुवार को भोपाल, सागर, सीहोर, रीवा समेत 20 से ज्यादा जिलों में मौसम बदला रहा। कहीं ओले गिरे तो कहीं तेज आंधी चली और हल्की बारिश हुई। ऐसा ही मौसम शुक्रवार को भी बना रहेगा। आज 30 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। ग्वालियर, जबलपुर, शहडोल और सागर संभाग में बारिश होने के आसार है।मौसम विभाग ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में दो साइक्लोनिक सकुर्लेशन और एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव है। इसके असर से प्रदेश में ओलावृष्टि, बारिश, गरज-चमक और आंधी चल रही है। गुरुवार को भोपाल, सीहोर और सागर समेत कई जिलों में हल्की बारिश हुई। भोपाल में हल्की बूंदाबांदी हुई। इस दौरान बादल छाए रहे और हवाएं भी चली। सागर के बंडा में अचानक बारिश होने से लोगों को गर्मी से राहत मिली‌। जबकि रीवा जिले के सिरमौर, गुढ़, जवा, त्योंथर और रायपुर कर्चुलियान में तेज बारिश और ओलावृष्टि हुई। 21, 22 और 23 मार्च को भी ऐसा मौसम बना रहेगा। मौसम बदलने से कई शहरों में दिन के तापमान में खासी गिरावट हुई है। सीधी में 27.8 डिग्री, रीवा में 28.8 डिग्री, सतना में 31.4 डिग्री और नौगांव में पारा 32.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।अगले 24 घंटे के दौरान दमोह, कटनी, उमरिया, शहडोल, डिंडौरी और अनूपपुर में ओले गिर सकते हैं। मुरैना, ग्वालियर, भिंड और दतिया में तेज आंधी चलने का ऑरेंज अलर्ट है। शिवपुरी, अशोकनगर, सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली, जबलपुर, मंडला, नरसिंहपुर, सिवनी, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, नर्मदापुरम, बैतूल और हरदा में गरज-चमक, तेज आंधी चलने की संभावना है। 22 मार्च को कटनी, डिंडौरी, मंडला, सिवनी और बालाघाट में आंधी और ओले का ऑरेंज अलर्ट है। रीवा, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली, मैहर, उमरिया, शहडोल और अनूपपुर में गरज-चमक और आंधी चल सकती है। 23 मार्च को शहडोल, अनूपपुर और बालाघाट में गरज-चमक और हल्की बारिश होने का अनुमान है। मौसम विभाग का कहना है कि मौजूदा सिस्टम का असर 23 मार्च तक ही रहेगा। 24 मार्च से एक और वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव हो सकता है। इसका असर भी प्रदेश में देखने को मिलेगा।

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अनूपपुर । एक बार फिर 46 दिनों के बाद एक हाथी अपने समूह से विछुड़ कर गुरुवार की सुबह जिले की सीमा छग के मरवाही वन मंडल,वन परिक्षेत्र के शिवनी बीट के जंगल में विश्राम कर रहा है जिससे एक बार फिर से अनूपपुर जिले में प्रवेश करने की संभावना बन रही है। ज्ञात हो कि दो हाथी विगत दिसम्बर माह में आने के बाद 46 दिनों तक अनूपपुर जिले में विचरण करने बाद 7 फरवरी को पुन: उसी रास्तेब वापस चले गये जहां 50 हाथियों के समूह में मिल गये थे। जानकारी अनुसार 17 मार्च को एक हाथी अकेला विचरण करता हुआ कटघोरा वन मंडल के पसान वन परिक्षेत्र से मरवाही वन मंडल में प्रवेश कर निरंतर विचरण कर रहा था जो 19 मार्च को एक बार फिर मरवाही वन परिक्षेत्र के जंगल में बुधवार की रात विचरण करता हुआ चार घरों में तोड़फोड़ कर तीन किसानों के खेतों में लगी फसलों को अपना आहार बनाते हुए 20 मार्च की सुबह मरवाही वन परिक्षेत्र के शिवनी बीट के ग्राम घिनौची,डडि़या के जंगल के पहाड़ में विश्राम कर रहा है। जो अनूपपुर जिले के जैतहरी तहसील,थाना एवं वन परिक्षेत्र के ग्राम पंचायत एवं बीट चोलना की सीमा से 3 से 4 किलोमीटर दूर पर है, यही रास्ता विगत कई वर्षों से हाथियों के आने एवं जाने का होने के कारण फिर से आने की संभावना व्यक्त किया रही है। गुरुवार की रात एक बार फिर से अनूपपुर जिले में प्रवेश करने की संभावना बन रहीं हैं। एक बार फिर 46 दिन बाद हाथी के आने की सम्भावना से जैतहरी एवं अनूपपुर वन परिक्षेत्र के ग्रामीण परेशान हैं। वनविभाग द्वारा एक हाथी के आने की संभावना को देखते हुए आवश्यक दिशा/निर्देश एवं सतर्कता बरतते हुए तैयारी में लगे हुए प्रभावित ग्राम पंचायतो को भी ग्रामीणों को सतर्क एवं सचेत रहने को कहा गया है।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मौसम का मिजाज बदल गया है। प्रदेश में एक साथ दो सिस्टम एक्टिव है। जिसके चलते कुछ हिस्सों में गरज चमक के साथ बारिश होने के आसार है। 20 से 22 मार्च तक मौसम खराब रहने की संभावना है। प्रदेश के मंडला, बालाघाट, सीधी-सिंगरौली समेत 7 जिलों में अगले 2 दिन तक ओले गिरने का अलर्ट है। वहीं, प्रदेश के आधे हिस्से में तेज आंधी, गरज-चमक और हल्की बारिश की संभावना है। भोपाल-जबलपुर में भी मौसम बदला रहेगा।मौसम विभाग के अनुसार, दो साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम के एक्टिव होने की वजह से इन दिनों मौसम बदला हुआ है। वहीं, एक टर्फ भी गुजर रहा है। एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) भी एक्टिव हो गया है। जिसके असर से प्रदेश में बारिश का दौर शुरू होगा। इससे पहले बुधवार को नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, गुना, अशोकनगर, सिंगरौली, सीधी, मऊगंज, शहडोल, उमरिया, डिंडौरी, कटनी, मंडला और मैहर जिलों में मौसम बदला रहा। कुछ जगहों पर बौछारें भी गिरीं। भोपाल में बादल छाए रहे। 22 मार्च तक प्रदेश में मौसम बदला रहेगा। इसके बाद पूर्वी हिस्से के पारे में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट होगी। 25 मार्च से पूरे प्रदेश में गर्मी का असर बढ़ेगा।आज गुरुवार को मंडला, बालाघाट, शहडोल, सीधी, सिंगरौली और मऊगंज में ओले गिर सकते हैं। भोपाल, विदिशा, सीहोर, हरदा, बैतूल, नर्मदापुरम, सागर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, जबलपुर, दमोह, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, मैहर, कटनी, उमरिया, डिंडौरी और अनूपपुर में गरज-चमक, तेज आंधी और हल्की बारिश हो सकती है। 21 मार्च को मऊगंज, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, सिवनी, मंडला और बालाघाट में ओले, आंधी और गरज-चमक का ऑरेंज अलर्ट है। जबलपुर, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, मैहर, दमोह, सागर, कटनी, उमरिया, डिंडौरी, अनूपपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, बैतूल, नर्मदापुरम, रायसेन, विदिशा, सीहोर, हरदा में गरज-चमक के साथ तेज आंधी और हल्की बारिश हो सकती है। वहीं, 22 मार्च को सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली, मैहर, शहडोल, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला और बालाघाट में बूंदाबांदी और बादल रहेंगे।मौसम का कहना है कि मार्च के आखिरी दिनों में प्रदेश में फिर से गर्मी का असर देखने को मिलेगा। कुछ इलाकों में लू भी चल सकती है। कई शहरों में पारा 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच सकता है।  

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रीवा । रीवा जिले के सेमरा गांव में बुधवार शाम दो साल के बच्चे की चना खाने से मौत हो गई। सांस नली में चना फंसने के कारण बच्चे की हालत अचानक बिगड़ गई और अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया। जानकारी के अनुसार, ग्राम सेमरा में दो वर्षीय रौनक साहू ने बुधवार शाम करीब चार बजे भूख लगने प्लेट में रखा चना खा लिया। कुछ ही सेकेंड में उसकी सांस फूलने लगी और आंखें पलट गईं। परिजन घबरा गए और आनन-फानन में उसे रीवा के संजय गांधी अस्पताल लेकर गए, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। संजय गांधी अस्पताल के प्रवक्ता डॉ. यत्नेश त्रिपाठी ने बताया कि चना सांस नली में फंस जाने से बच्चे की मौत की सूचना मिली है। यह कोई अप्रत्याशित घटना नहीं है। ऐसा पहले भी हो चुका है। बच्चों को ठोस और सूखा खाना खिलाते समय खास सावधानी बरतनी चाहिए। शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया है। रिपोर्ट आने के बाद मौत के सही कारणों की पुष्टि होगी। फिलहाल शव परिजन को सौंप दिया गया है। बच्चे की मौत के बाद उसकी मां अनीता साहू का रो-रोकर बुरा हाल है। अनीता ने कहा कि बेटा पूरी तरह स्वस्थ था। वह मेरी गोद में खेल रहा था। अचानक चना खाया और कुछ ही पलों में तड़पने लगा। मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि चना उसकी जान ले लेगा। बच्चे के मामा राजा साहू ने बताया कि रौनक को पहले कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं थी। वह पूरी तरह स्वस्थ था, लेकिन एक चने के दाने ने उसकी जान ले ली।  

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इंदौर । देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में बुधवार को रंगपंचमी पर अलग ही नजारा देखने को मिल रहा है। यहां मध्यक्षेत्र राजवाड़ा में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी रंगपंचमी पर ऐतिहासिक-पारंपरिक गेर निकली जा रही है। पूरा क्षेत्र रंगों से सराबोर है। टैंकरों से रंग और पानी की बौछार कई फीट ऊपर तक की जा रही है। वहीं मिसाइलों से  गुलाल उड़ाया जा रहा है। 75 साल से चले आ रहे इस पारंपरिक आयोजन में फाग यात्रा में झांकियां भी शामिल की गई हैं। ब्रज की लठ्ठमार होली, रासरंग, श्रीकृष्ण की झांकी आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। यूनेस्को की टीम भी यहां पहुंच गई है।   दरअसल, इंदौर की इस पारंपरिक गेर को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल कराने के प्रयास किये जा रहे हैं। इसी उद्देश्य से यूनेस्को की टीम यहां पहुंची है और रंगारंग गेर में शामिल हुई है। इस विश्व प्रसिद्ध गेर को देखने के लिए इंदौर में छतों की बुकिंग की गई है। फाग यात्रा में मंत्री तुलसी सिलावट और विधायक मालिनी गौड़ भी शामिल हैं। इसमें कालीचरण महाराज सहित कई देशी-विदेशी मेहमान शामिल हुए हैं।   परम्परा के अनुसार, रंगपंचमी पर राजवाड़ा क्षेत्र में टोरी कार्नर से बुधवार को सुबह 10.30 बजे से गेर निकलने का सिलसिला प्रारंभ हुआ। गेर में शामिल होने आए लोग ट्रैक्टर-ट्रॉली पर चढ़कर रंग-गुलाल उड़ा रहे हैं। यहां हर पॉइंट पर पुलिस नजर रखे हुए है। वहीं, नरसिंह बाजार से भी गेर की फाग यात्रा भगवान श्रीकृष्ण की आरती के बाद शुरू हो गई है। यात्रा में श्रीकृष्ण की लीलाओं को दर्शाया गया है। इस यात्रा में प्रदेश के मंत्री तुलसी सिलावट और विधायक मालिनी गौड़ भी शामिल हैं।   गेर की यात्रा में नगर निगम की झांकी भी शामिल है। इसके माध्यम से संदेश दिया जा रहा कि इंदौर 8वीं बार भी देश में सबसे स्वच्छ शहर का अवॉर्ड जीतेगा। हुरियारों की टोलियां पूरे शहर से गेर देखने के लिए राजवाड़ा पहुंची। पूरा क्षेत्र रंगों से सराबोर है। इस अद्भुत नजरों के गवाह शहर के हर उम्र के लोग बन रहे हैं। लाखों लोग इस दौरान यहां मौजूद हैं। गेर के चलते इंदौर की गलियां लोगों से पट गई हैं। हर तरफ भीड़ और गुलाल नजर आ रहा है।   गेर की तैयारी एक दिन पहले ही पूरी हो चुकी थी और राजवाड़ा क्षेत्र में घरों और मंदिरों को प्लास्टिक शीट से ढंक दिया गया था। टोरी कार्नर से शुरू होकर राजवाड़ा, सराफा होते हुए नर्सिह बाजार गेर और फाग यात्रा पहुंचेगी। इसमें राधा कृष्ण फाग यात्रा, संगम कार्नर गेर, टोरी कार्नर गेर, रसिया कार्नर और मारल क्लब की गेर निकलती है। रसिया कार्नर की गेर इस बार नहीं निकलेगी।   इस आयोजन में मुख्यमंत्री मोहन यादव भी शामिल होंगे। पुलिस सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा संभाल रही है। ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों से पूरी गेर पर नजर रखी जा रही है। पूरे गेर मार्ग को कानून व्यवस्था की दृष्टि से नौ सेक्टरों में विभाजित कर अपर कलेक्टर स्तर के अधिकारियों को प्रभारी बनाया गया है। इन सेक्टरों की जवाबदारी एसडीएम को सौंपी गई है। अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी रोशन राय संपूर्ण कानून व्यवस्था के समन्व्यक हैं।   यूनेस्को में शामिल करने गेर को शालीन बनाना होगाः कलेक्टरइंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि गेर के रास्ते सेक्टर में बांटे गए हैं। सभी सेक्टर में एम्बुलेंस, फायर फाइटर्स, सीसीटीवी, पुलिस तैनात की गई है। कंट्रोल रूम के माध्यम से नजर रखी जा रही है। यूनेस्को में शामिल होने का हमारा दावा भी तभी मजबूत होगा जब हम शालीन तरीके से, महिलाओं की सहभागिता और सुरक्षित तरीके से गेर निकालेंगे। जिसमें सभी लोग अपने आप को सेफ महसूस कर पाएं।  

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शिवपुरी । मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में खनियाधाना थाना क्षेत्र अंतर्गत माता टीला डैम में मंगलवार शाम को श्रद्धालुओं से भरी नाव पलट गई। इसमें तीन महिलाओं और चार बच्चों समेत कुल सात लोग बह गए हैं, जिनका खबर लिख जाने तक कोई पता नहीं चल पाया है। प्रशासन मौके पर रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटा है। वहीं, आठ लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है।   हादसा जिला मुख्यालय से लगभग 100 किमी दूर मंगलवार शाम लगभग छह बजे का बताया गया है। उत्तर प्रदेश के ललितपुर स्थित मातटीला बांध का यह क्षेत्र मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के खनियाधाना कें अंतर्गत आता है। जानकारी के अनुसार, खनियाधाना के रजावन गांव के 15 लोग मंगलवार शाम करीब पांच बजे नाव से माता टीला डैम के बीच बने टापू पर स्थित सिद्ध बाबा मंदिर के दर्शन करने जा रहे थे। इसी दौरान रास्ते में नाव असंतुलित होकर पलट गई। नाव में सवार लोग डूबने लगे। उनकी चीख सुनकर स्थानीय ग्रामीणों ने तत्परता दिखाते हुए आठ लोगों को बचा लिया। तीन महिलाओं, दो लड़कों व दो लड़कियों का कई पता नहीं चला है। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन के लोग मौके पर पहुंच गए। लापता लोगों की तलाश के लिए गोताखोरों की मदद ली जा रही है। साथ ही एसडीआरएफ की टीम भी रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई है।   पिछोर एसडीओपी प्रशांत शर्मा ने बताया कि रेस्क्यू टीम के करीब 15 जवान डैम के कैचमेंट एरिया में लगातार सर्चिंग कर रहे हैं। अंधेरा होने के बाद भी तलाश की जा रही है। देर रात करीब 11 बजे कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी, एसपी अमन सिंह राठौड़, जिला पंचायत सीईओ हिमांशु जैन भी मौके पर पहुंचे और रेस्क्यू अभियान की जानकारी ली। शिवपुरी एसपी अमन सिंह राठौड़ ने बताया कि बचाव कार्य तेज कर दिया गया है। जल्द से जल्द लापता लोगों को खोजने का प्रयास किया जा रहा है।   एसडीओपी शर्मा ने बताया कि नाव पलटने की घटना के बाद सात लोग लापता हैं। इनमें शारदा (55) पत्नी इमरत लोधी, कुमकुम (15) पुत्री अनूप लोधी, लीला (40) पत्नी रामनिवास लोधी, चाइना (14) पुत्र लज्जाराम लोधी, कान्हा (07) पुत्र कप्तान लोधी, रामदेवी (35) पत्नी भूरा लोधी और शिवा (08) पुत्र भूरा लोधी शामिल हैं।   वहीं, जिन आठ लोगों को बचाया गया है, उनमें शिवराज (60) पुत्र हरिराम लोधी, जानसन (12) पुत्र अनूप लोधी, गुलाब (40) पुत्र जगदीश लोधी, लीला (45) पत्नी सूरी सिंह लोधी, रामदेवी (50) पत्नी प्राण सिंह लोधी, उषा (45) पत्नी लाल सिंह लोधी, 10 वर्षीय सावित्री पुत्री अनूप लोधी और नाविक प्रदीप लोधी (18) पुत्र कृपाल लोधी शामिल है।   हादसे में बचे नाविक प्रदीप लोधी ने बताया कि सबसे पहले नाव पर सवार एक महिला को पिछले हिस्से में पानी भरता हुआ दिखाई दिया। इसके कुछ देर बाद नाव में पानी तेजी से भरने लगा और वह डूब गई।   मुख्यमंत्री डॉ यादव ने शिवपुरी जिले में हुई नाव दुर्घटना पर व्यक्त किया दु:खमुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने शिवपुरी जिले में हुई नाव दुर्घटना पर गहरा दु:ख व्यक्त किया है। मंगलवार की शाम हुई नाव दुर्घटना में खनियाधाना थाने के ग्राम रजावन, पिछोर के कुछ श्रद्धालुओं की असामयिक मृत्यु हो गई है। ये श्रृद्धालु माताटीला बांध के निकट सिद्ध बाबा मंदिर में फाग से संबंधित कार्यक्रम के लिए जा रहे थे। जानकारी के अनुसार शिवपुरी जिला प्रशासन ने आपदा बलों और स्थानीय नागरिकों की सहायता से 15 श्रृद्धालुओं में से आठ श्रृद्धालुओं को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया है।मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि यह एक दुखद घटना है। प्रभावित परिवारों की संकट की घड़ी में राज्य सरकार साथ है। मृत नागरिकों के परिजन को मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान से दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि जारी करने के निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने दिवंगत नागरिकों की आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है।

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश के मौसम में एक बार फि‍र बदलाव होने वाला है। प्रदेश में गर्मी के बीच बारिश की संभावना है। जबलपुर, मंडला समेत 13 जिलों में आज बुधवार को हल्की बारिश हो सकती है। वहीं, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा, शहडोल, चंबल और सागर संभाग में 20-21 मार्च को तेज आंधी, गरज-चमक और बारिश होने का अलर्ट है। इन जिलों में 40 से 50 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से आंधी भी चल सकती है।मौसम विभाग के अनुसार, वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) और ट्रफ की वजह से प्रदेश में मौसम बदला हुआ है। इस वजह से दिन के तापमान में भी गिरावट हुई है, जबकि 14 मार्च से ही प्रदेश के कुछ हिस्से में हल्की बारिश हो रही है। दो दिन के ब्रेक के बाद 19 मार्च से फिर प्रदेश में बारिश, आंधी और गरज-चमक की स्थिति बनेगी। आज बुधवार को को छतरपुर, पन्ना, सीधी, सिंगरौली, दमोह, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला और बालाघाट में हल्की बारिश होने का अनुमान है।अगले 3 दिन यानी, 19, 20 और 21 मार्च को सिस्टम का असर भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, चंबल, रीवा, सागर और शहडोल संभाग में ही दिखाई देगा। इंदौर, उज्जैन और नर्मदापुरम में बारिश, आंधी या गरज-चमक की स्थिति नहीं बनेगी। मौसम विभाग के अनुसार, 20 और 21 मार्च को प्रदेश में हवा की रफ्तार अधिक रहेगी। अमूमन 10 से 12 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा चलती है, लेकिन दो दिन में यह रफ्तार 30 से 50 किमी तक हो सकती है।20 से 22 मार्च तक बारिश का अलर्ट20 मार्च को भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, अशोकनगर, विदिशा, सीहोर, रायसेन, सागर, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, दमोह, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, बालाघाट, सिवनी, मंडला, डिंडौरी, अनूपपुर, उमरिया, शहडोल, कटनी, मैहर, पन्ना, सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी और सिंगरौली में गरज-चमक, तेज आंधी और बारिश होने का अलर्ट जारी किया है। वहीं, 21 मार्च को जबलपुर, शिवपुरी, अशोकनगर, विदिशा, सीहोर, रायसेन, सागर, दमोह, सतना, रीवा, मैहर, कटनी, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला, सिवनी और बालाघाट में गरज-चमक और तेज आंधी के साथ बारिश होने का अनुमान है। 22 मार्च को रीवा, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली, मंडला और बालाघाट में गरज-चमक के साथ बारिश होने का अलर्ट है।  

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इंदौर। देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में रंगपंचमी पर होने वाली विश्वप्रसिद्ध पारंपरिक गेर बुधवार को निकलेगी। करीब तीन किलोमीटर लंबी गेर में देश-विदेश के लाखों लोग शामिल होंगे। जिला प्रशासन ने गेर के लिए व्यापक स्तर पर तैयारियां की हैं। राजवाड़ा को ढंक दिया गया है, ताकि रंगों के कारण वह खराब न हो। हुड़दंगियों और उत्पात मचाने वालों पर ड्रोन से नजर रखी जाएगी। इसी के साथ ही गेर में किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना न हो, इसके भी पूरे इंतजाम किए जा रहे हैं। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने मंगलवार को बताया कि इंदौर की यह ऐतिहासिक गेर न केवल स्थानीय नागरिकों बल्कि विदेशी मेहमानों के लिए भी आकर्षण का केंद्र होती है। इसे देखते हुए विशेष इंतजाम किए गए हैं ताकि किसी भी आगंतुक को असुविधा न हो। उन्होंने बताया कि गेर में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी शामिल होने के लिए आ रहे हैं। सभी व्यवस्था की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि गेर के बाद सफाई व्यवस्था की भी पूरी तैयारी की जा चुकी है। 500 से ज्यादा कर्मचारी और संसाधन एक साथ लगकर रिकॉर्ड टाइम में पूरे गेर मार्ग को साफ करेंगे। इस बार के भी फोटो-वीडियो यूनेस्को को भेजे जाएंगे। भारत सरकार से भी निवेदन किया है कि यूनेस्को में पत्र भेजे और उनकी विजिट कराए। पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह ने बताया कि गेर के पूरे रूट में 100 से 200 मीटर के सेक्टर बनाए जा रहे हैं, ताकि उसमें प्रभावी तरीके से सुरक्षा व्यवस्था की जा सके। साथ ही अन्य आकस्मिक व्यवस्थाएं की जा रही हैं। इमरजेंसी एग्जिट रूट बनाए जा रहे हैं। हाइराइज की व्यवस्था भी की जा रही है। कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि गेर को लेकर सभी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। गेर मार्ग पर आइडेंटिफिकेशन किया गया है। कहां-कहां मंच लगाने हैं, कहां वॉच टावर बनेंगे, सीसीटीवी कैमरे लगाने की जगह भी निर्धारित की गई है। गलियों में बीच-बीच में एग्जिट रूट बनाए हैं। वहां एम्बुलेंस भी रहेगी, अगर कोई घटना हो जाती है तो उसके जरिए बाहर निकाला जा सकता है। उन्होंने बताया कि गेर के पुराने वीडियो में जूते-चप्पल फेंकने की घटना हुई थी। यह दोबारा न हो इसका प्रयास किया जाएगा। जनता से अपील है कि यूनेस्को में इस धरोहर को शामिल करने के लिए प्रयास करें। इसको और अधिक भ‌व्य बनाया जाए। गेर जितना सेफ होगा, हमारे लिए और इंदौर के लिए अच्छा होगा। गेर आयोजक कमलेश खंडेलवाल ने बताया कि इंदौर की गेर की पहचान पूरे देशभर में है। आज से 75 साल पहले 48 और 50 के दशक में उनके पिता प्रेमस्वरूप खंडेलवाल, बाबूलाल गिरी और सत्यनारायण सत्तन साहब ने मिलकर इंदौर में गेर की शुरुआत की थी। बैलगाड़ी से शुरू हुआ गेमिसाइल, टैंकर, डीजे सहित मॉडर्न साधनों तक पहुंच चुका है। गेर में अब ट्रैक्टर-ट्रॉली, डीजे, पानी के टैंकर और अन्य गाड़ियां शामिल होने लगी हैं। रंगपंचमी की गेर देखने के लिए लोग छतों पर बुकिंग कराने लगे हैं। पहले की अपेक्षा अब लाखों की संख्या में लोग इस गेर में शामिल होने लगे हैं। नगर निगम गेर में पिछले दो साल से आधिकारिक रूप से शामिल होने लगा है। इसमें अब विदेशी भी शामिल होने के लिए आने लगे हैं। रंगपंचमी पर इंदौर में निकलने वाली गेर देखने देश और दुनियां के अलग-अलग हिस्सों से लोग इंदौर पहुंचते हैं। इस बार प्रशासन ने गेर मार्ग पर करीब कई मकान और उनकी छतें चिन्हित की हैं, जिनके सामने पर्यटक और विदेशी पर्यटक बैठकर गेर देख सकेंगे। यहां पर पुलिस के भी पुख्‍ता इंतजाम किए गए हैं। इन छतों को बुक माए शो पर बुक कर सकते हैं। अनुमान है कि 200 से 250 लोगों की बैठक व्यवस्था का इंतजाम किया जा रहा है। बुकिंग करवाने के बाद घर की छतों से गेर देखने के लिए लोगों को कोई असुविधा न हो, इसलिए वालंटियर छतों की व्यवस्था संभालेंगे। रंगपंचमी पर अलग-अलग हिस्सों से निकलने वाली पारंपरिक गेर जब राजबाड़ा के सामने पहुंचेगी तो बेहद दिलचस्प नजारा होगा। राजबाड़ा पर‍ किसी भी प्रकार से रंग न लगे और उसे नुकसान न पहुंचे इसके लिए प्रशासन ने उचित इंतजाम कर रखे हैं। राजबाड़ा को पूरी तरह से ढक दिया गया है। भीतर किसी को भी जाने की अनुमति नहीं है। जिला प्रशासन के निर्देशानुसार राजबाड़ा के पास गेर मार्ग की निगरानी के लिए कंट्रोल रूम हेतु पर्याप्त टेन्ट व्यवस्था करने तथा गेर यात्रा के साथ एक अधिकारी को नोडल अधिकारी के रूप में तैनात करने के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं।  

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उज्जैन । प्रसिद्ध गायिका और अभिनेत्री सुनंदा शर्मा मंगलवार काे उज्जैन पहुंची। यहां वे भस्मारती में शामिल हुई और बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया। दर्शन के बाद उन्हाेंने महाकाल मंदिर की व्यवस्थाओं की खूब प्रशंसा की।   अभिनेत्री सुनंदा शर्मा मंगलवार तड़के चार बजे श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंची। सुनंदा ने भगवान की भस्मारती में सम्मिलित होकर बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया। तड़के भस्म आरती के दौरान सुनंदा साधारण परिधान साड़ी में आई थी। उन्होंने दो घंटे नंदी हॉल में बैठकर भगवान महाकाल की आराधना की। आरती के पश्चात सुनंदा ने महाकाल की देहरी से पूजन अभिषेक किया। पूजन आकाश पुजारी ने सम्पन्न करवाया। सुनंदा महाकाल मंदिर समिति के कार्य और दर्शन व्यवस्था की तारीफ करते हुए कहा कि आज परिवार के साथ आई। बहुत अच्छे से दर्शन हुए है, जो अनुभव हुआ वो बता नहीं सकती। यहां की दर्शन व्यवस्था भी बहुत अच्छी है।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में एक बार फिर मौसम करवट लेगा। प्रदेश में गर्मी के बीच बारिश की संभावना है। राज्य में दो दिनों में तापमान में गिरावट आ सकती है। प्रदेश के आधे हिस्‍से में कल यानि 19 मार्च रंगपंचमी से अगले तीन दिन बारिश की संभावना है। भोपाल, इंदौर-उज्जैन संभाग में बादल छाए रहेंगे और बूंदाबांदी होगी, जबकि जबलपुर, ग्वालियर, चंबल, नर्मदापुरम, रीवा, सागर-शहडोल संभाग में तेज आंधी-बारिश का अलर्ट है। नए सिस्टम के एक्टिव होने से ऐसा मौसम रहेगा। इस दौरान हवा की रफ्तार 40 से 50 किमी प्रति घंटा तक पहुंच सकती है।मौसम विभाग के अनुसार, दो साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम के एक्टिव होने की वजह से प्रदेश में इन दिनों मौसम बदला हुआ है। 19 मार्च से एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव होगा। जिसके असर से प्रदेश में बारिश का दौर शुरू होगा। प्रदेश में फिलहाल गर्मी का असर देखने को मिल रहा है। मार्च में ही मई-जून वाली गर्मी पड़ रही है। इस बीच कई जगहों पर बारिश की संभावना है। पिछले 24 घंटे में पन्ना, टीकमगढ़, सतना, मैहर, सिंगरौली, दमोह, सागर, विदिशा, जबलपुर और छतरपुर जिलों में हल्की बारिश हुई। वहीं, सिंगरौली में 39 किलोमीटर प्रतिघंटा, सागर में 37 किलोमीटर प्रतिघंटा, पन्ना में 36 किलोमीटर प्रतिघंटा और चित्रकूट, सतना में 35 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा चली। वहीं, सोमवार को दिन के तापमान में गिरावट हुई है। भोपाल समेत कई शहरों में पारा 3 डिग्री से ज्यादा लुढ़क गया।आज मंगलवार को कुछ जिलों में बादल छा सकते हैं। पूर्वी हिस्से में बूंदाबांदी की संभावना भी है। 19 मार्च को जबलपुर, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दमोह, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा सहित 19 जिलों में गरज-चमक, आंधी और हल्की बारिश हो सकती है। 20 मार्च को जबलपुर, श्योपुर, शिवपुरी, अशोकनगर, दतिया सहित 28 जिलों में तेज आंधी, गरज-चमक और बारिश होने की संभावना है। वहीं, 21 मार्च को ग्वालियर, जबलपुर, नीमच, मुरैना, भिंड, श्योपुर, दतिया, गुना, अशोकनगर सहित 30 जिलों में बारिश और आंधी होने का अनुमान है।  

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ग्वालियर । स्कूली छात्र-छात्राओं एवं अभिभावकों की सुविधा के लिये कलेक्टर रुचिका चौहान की पहल पर ग्वालियर में 22 मार्च से 29 मार्च तक वृहद पुस्तक मेले का आयोजन किया जा रहा है। यह मेला ग्वालियर व्यापार मेला परिसर में आयोजित होगा। मेले में विभिन्न स्टॉलों के माध्यम से छात्र-छात्राओं और अभिभावकों को सस्ती दर पर स्कूली पुस्तकें, कॉपियाँ एवं स्कूल में उपयोग होने वाली अन्य सामग्री उपलब्ध कराई जायेगी। कलेक्टर रुचिका चौहान ने रविवार को ग्वालियर व्यापार मेला परिसर में 22 मार्च से आयोजित किए जाने वाले पुस्तक मेले की तैयारियों का अवलोकन किया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस मौके पर जिला पंचायत सीईओ विवेक कुमार, नगर निगम आयुक्त संघ प्रिय, एडीएम टीएन सिंह, मेला सचिव टीआर रावत, विभागीय अधिकारी एवं पुस्तक प्रकाशक एवं विक्रेता भी उपस्थित थे। कलेक्टर रुचिका चौहान ने कहा कि पुस्तक मेले के पंजीयन के लिये 17 मार्च तक तिथि निर्धारित की गई है। निर्धारित तिथि तक जिनका पंजीयन होगा उन्हें दुकानों का आवंटन कर दिया जायेगा। उन्होंने पुस्तक मेले की व्यवस्थाओं के संबंध में साफ-सफाई, पेयजल, प्रकाश, फूड जोन आदि की व्यवस्थायें संबंधित अधिकारियों को समय रहते करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि पुस्तक मेला दोपहर 2 बजे से रात्रि 10 बजे तक आयोजित किया जायेगा। पुस्तक मेले का अधिक से अधिक विद्यार्थियों एवं अभिभावकों को लाभ मिले, इसके लिये व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाए। जिला पंचायत सीईओ विवेक कुमार ने कलेक्टर को पुस्तक मेले के संबंध में की गई तैयारियों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 22 मार्च के पूर्व पुस्तक मेले की सभी तैयारियां पूर्ण कर ली जायेंगीं। नगर निगम आयुक्त संघ प्रिय ने कहा कि नगर निगम के माध्यम से मेला स्थल की साफ-सफाई बेहतर की जायेंगीं एवं मेले के दौरान भी किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो, इसके लिये निगम स्तर से सभी प्रबंधन किए जायेंगे।

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भोपाल । मध्य प्रदेश के मौसम में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। गर्मी के बीच प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की बूंदाबांदी भी हो रही है, तो कई जगहों पर मौसम शुष्क बना हुआ है। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और नर्मदापुरम संभाग के जिलों में अधिकतम तापमान 36-40 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने प्रदेश के आधे हिस्से में 19 और 20 मार्च को आंधी-बारिश की संभावना जताई है। भोपाल, जबलपुर, नर्मदापुरम, रीवा, चंबल, सागर और शहडोल संभाग में ज्यादा असर रहेगा। यहां 40 से 50 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है। वहीं, इंदौर, उज्जैन और ग्वालियर संभाग में बूंदाबांदी हो सकती है।मौसम विभाग ने 19 और 20 मार्च के लिए यलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इससे पहले रविवार को दिन के पारे में 1 से 4 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई। भोपाल, विदिशा, सागर, दमोह, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली में बादल छाए रहे। कहीं-कहीं बूंदाबांदी और गरज-चमक की स्थिति भी बनी रही। मौसम विभाग का कहना है कि अभी राजस्थान के ऊपर और उत्तर-पश्चिमी मध्यप्रदेश के ऊपर दो साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम एक्टिव हैं। इस वजह से मौसम बदला हुआ है। 18 मार्च से फिर नया सिस्टम एक्टिव होगा। इसकी वजह से अगले 2 दिन तक बारिश हो सकती है।अजा सोमवार को कुछ जिलों में बादल छा सकते हैं। पूर्वी हिस्से में बूंदाबांदी की संभावना भी है। 18 मार्च को इंदौर, उज्जैन, भोपाल संभाग में बादल छा सकते हैं। पूर्वी हिस्से में बूंदाबांदी होने के आसार है। 19 मार्च को भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, सागर और शहडोल संभाग में बादल, बारिश, गरज-चमक और आंधी का असर देखने को मिलेगा। जबकि 20 मार्च को दमोह, कटनी, उमरिया-शहडोल में आंधी, गरज-चमक का ऑरेंज अलर्ट है। वहीं, भोपाल, मुरैना, श्योपुर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, विदिशा, सागर, रायसेन, खंडवा, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, सागर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, जबलपुर, सिवनी, मंडला, बालाघाट, डिंडोरी, अनूपपुर, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली, सतना, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़ में गरज-चमक, बारिश-आंधी का यलो अलर्ट जारी किया गया है।  

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उज्जैन । प्रसिद्ध कवि एवं कथा वाचक कुमार विश्वास ने सोमवार को उज्जैन पहुंचकर विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन कर पूजा अर्चना की। उन्होंने नंदी हाल से भगवान महाकाल का ध्यान भी लगाया। उन्होंने गर्भगृह की देहरी से भगवान महाकाल के दर्शन किए और नंदी हॉल में पूजन किया। मंदिर के पुजारी ने पूजन और अभिषेक कराया। इस दौरान मंदिर प्रबंध समिति की ओर से उनका प्रसाद और बाबा महाकाल की तस्वीर देकर सम्मान किया गया। दर्शन के बाद कुमार विश्वास ने मीडिया से बातचीत में कहा कि भगवान महाकाल सबका मन जानते हैं। मैं बाबा से क्या मांगूगा, वह तो भोला भंडारी है। बाबा के आशीर्वाद से बेटी की शादी अच्छे से सम्पन्न हुईं। बेटी के विवाह का पवित्र उत्तरदायित्व पूरा होने के बाद मैं महाकाल का आशीर्वाद लेने आया हूं। उन्होंने बताया कि उनके बच्चे जल्द ही विदेश से वापस लौटेंगे। दोनों बच्चे भी महाकाल के दर्शन करने आएंगे। उन्होंने कहा कि पिछली एक शताब्दी से उनके पूरे वंश पर भगवान महाकाल की कृपा बनी हुई है। जब भी समय मिलता है, वे महाकाल के चरणों में शीश झुकाने आ जाते हैं।  

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भोपाल । माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा शनिवार को भोपाल में 9वीं और 11वीं के परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया गया था। सत्र 2024-25 की परीक्षा में कक्षा 9वीं के 10,953 छात्रों में से 10,507 ने परीक्षा दी, जिनमें से 6,669 छात्र उत्तीर्ण हुए हैं। जिले में कक्षा 9वीं का कुल परीक्षा परिणाम 63.4% रहा। बैरसिया ब्लॉक का परीक्षा परिणाम 68% और गोविंदपुरा ब्लॉक का 62.03% रहा। इसी तरह, कक्षा 11वीं में कुल 7,102 छात्रों में से 7,028 ने परीक्षा दी, जिनमें से 5,816 सफल हुए। इस वर्ष जिले में कक्षा 11वीं का परीक्षा परिणाम 82.75% रहा। ब्लॉकों के अनुसार, बैरसिया ब्लॉक का परीक्षा परिणाम 87% और गोविंदपुरा का 81.77% रहा। परिणामों की घोषणा के बाद जिला शिक्षा अधिकारी और स्कूल प्रशासन ने सफल छात्रों को बधाई दी। उन्होंने बताया कि परीक्षा परिणाम में सुधार के लिए शिक्षकों की मेहनत और छात्रों की लगन अहम रही। उन्होंने यह भी कहा कि कमजोर छात्रों को आगे बेहतर प्रदर्शन के लिए विशेष कक्षाएं दी जाएंगी। शिक्षा विभाग के अनुसार, पिछली परीक्षाओं की तुलना में इस बार परिणामों में सुधार हुआ है। कक्षा 9वीं में पास प्रतिशत में 5% की बढ़ोतरी हुई, जबकि कक्षा 11वीं का परिणाम 78.4% से बढ़कर 82.75% हो गया। जिला शिक्षा अधिकारी नरेन्द्र कुमार ने बताया कि अगले सत्र में शिक्षण पद्धति को और बेहतर बनाने की योजना है। कक्षा 2025-26 के लिए स्मार्ट क्लास, शिक्षक प्रशिक्षण और अतिरिक्त कक्षाओं की व्यवस्था की जाएगी ताकि छात्रों के परीक्षा परिणाम और बेहतर हो सकें।

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उज्जैन ।हिंदी फिल्मों में खलनायक की भूमिका से पहचान बनाने वाले बॉलीवुड के मशहूर खलनायक रंजीत रविवार काे विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर बाबा महाकाल के दर्शन करने पहुंचे। उन्हाेंने नंदी हाॅल से भगवान महाकाल की विशेष पूजा अर्चना की और आशीर्वाद लिया। इस दाैरान जैसे ही लाेगाें काे रंजीत के महाकाल मंदिर आने की सूचना मिली उनके प्रशंसकाें की भीड़ जमा हाे गई।   उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में रविवार को बॉलीवुड के प्रसिद्ध खलनायक रंजीत कुमार ने दर्शन किए। अभिनेता ने मंदिर के नंदी हॉल में भगवान महाकाल की विशेष पूजा-अर्चना की। मंदिर के पुरोहित सत्यनारायण जोशी ने उनकी पूजा करवाई। रंजीत कुमार को देखने के लिए दर्शन करने आए लोगों की भीड़ जमा हो गई। मंदिर परिसर के बाहर भी उनके प्रशंसकों की भीड़ देखी गई। रंजीत कुमार ने भगवान महाकाल का आशीर्वाद लिया।

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ग्वालियर । अंचल के सबसे बड़े चिकित्सा समूह जयारोग्य चिकित्सालय के कमलाराजा महिला एवं बाल रोग चिकित्सालय के लेबर वार्ड के आईसीयू में शनिवार देर रात भीषण हादसा हो गया। एसी कंप्रेसर फटने से वहां आग लग गई, जिससे सो रही प्रसूताओं का दम घुटने लगा। जब उन्होंने देखा तो पूरे वार्ड में तेज धुआं भर चुका था और कई जगह आग की हल्की चिंगारियां भी नजर आ रही थीं। आगजनी से पूरे अस्पताल में हड़कंप मच गया। खिड़कियां तोड़कर धुआं निकालने की कोशिश की गई।   घटना की सूचना मिलते ही कलेक्टर रुचिका चौहान और एसपी सहित अस्पताल प्रबंधन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। फायर ब्रिगेड की मदद से सभी मरीजों को कड़ी मशक्कत के बाद सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। यहां भर्ती गर्भवती महिला मरीजों को सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में शिफ्ट किया गया है। मरीजों की शिफ्टिंग का काम रविवार सुबह पांच बजे तक चलता रहा।इस संबंध में प्राप्त जानकारी अनुसार घटना शनिवार देर रात करीब एक बजे लेबर रूम के गाइनोकॉलाजी आईसीयू में हुई, जहां एयर कंडीशनर में शॉर्ट सर्किट के कारण ब्लास्ट हुआ। इसके बाद देखते ही देखते आग फैल गई। इस दौरान आईसीयू और आसपास के वार्डों में कुल 22 मरीज भर्ती थे, जबकि लेबर रूम में करीब 100 और पीडियाट्रिक्स वार्ड में 50 मरीज मौजूद थे। आग लगने के बाद अस्पताल में धुआं भर गया, जिससे मरीजों और उनके परिजनों में अफरा-तफरी मच गई। अस्पताल प्रशासन और मेडिकल स्टाफ की मुस्तैदी के चलते सभी मरीजों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। फायर सेफ्टी ट्रेनिंग प्राप्त अस्पताल के गार्ड और वार्ड बॉयज ने तुरंत मरीजों को सुरक्षित सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में शिफ्ट किया। हालात बिगड़ने पर वार्ड की खिड़कियों की जाली तोड़कर वेंटिलेशन की व्यवस्था की गई। सूचना मिलते ही दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। अस्पताल में भर्ती महिला मरीजों के परिजन के मुताबिक, ग्वालियर में बीती रात का तापमान करीब 20 डिग्री सेल्सियस था। ऐसे में कमला राजा अस्पताल के लेबर रूम में भर्ती 16 मरीज और उनके नवजातों के लिए एसी चल रहे थे। अचानक एक एसी में ब्लास्ट हुआ और आग लग गई। एक मरीज के अटेंडर दीपक कुमार ने बताया- कुछ समझ पाते, उससे पहले ही धुएं से दम घुटने लगा। हम मरीजों और नवजात बच्चों को लेकर बाहर की तरफ भागे। अस्पताल के वार्ड बॉय, सिक्योरिटी गार्ड के साथ मिलकर वार्ड की खिड़कियों को तोड़कर मरीजों को बाहर निकाला गया। मरीजों की शिफ्टिंग का काम सुबह पांच बजे तक चलता रहा है।   राहत की बात यह है कि इस आगजनी में कोई जनहानि नहीं हुई है। हालांकि, धुएं के कारण कई लोगों की स्थिति बिगड़ गई। कलेक्टर रूचिका चौहान ने कहा- सूचना मिलते ही सीनियर डॉक्टरर्स, प्रशासनिक और पुलिस अफसर आ गए थे। मरीजों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। हादसा एसी फटने से हुआ है। टीम गठित कर जांच की जाएगी। नगर निगम की फायर ब्रिगेड से आग पर काबू पा लिया गया और किसी भी प्रकार की जनहानि नहीं हुई। कलेक्टर रुचिका चौहान, एसडीएम विनोद सिंह, सुपरिंटेंडेंट डॉ. सक्सेना और डॉ. श्रीवास्तव मौके पर मौजूद रहे और सभी मरीजों को सुरक्षित शिफ्ट करवाया गया।

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सतना । चित्रकूट में शुक्रवार शाम कानपुर से घूमने आए एक छात्र की मंदाकिनी नदी में डूब गया। सूचना के बाद माैके पर पहुंची पुलिस ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर पांच घंटे बाद देर रात छात्र के शव काे बाहर निकाला। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए जानकीकुंड अस्पताल भेज दिया है। जहां आज शनिवार काे पाेस्टमार्टम के बाद शव परिजनाें काे साैंप दिया जाएगा।   जानकारी अनुसार कानपुर निवास देवेश तिवारी (19) बी फार्मा का छात्र था। शुक्रवार काे अपने तीन दाेस्ताें के साथ चित्रकूट घूमने आया था। शाम साढ़े पांच बजे सभी दाेस्त आरोग्यधाम घाट पर नहा रहे थे। इसी दौरान देवेश गहरे पानी में चला गया। उसके दोस्तों ने मदद के लिए आवाज लगाई। आसपास मौजूद लोग नदी में उतरे, लेकिन देवेश का पता नहीं चल सका। नयागांव थाना प्रभारी डीआर शर्मा ने बताया कि सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। स्थानीय गोताखोरों की मदद से रात में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। पांच घंटे की मशक्कत के बाद देर रात देवेश का शव बरामद किया गया। घटना की जानकारी मिलते ही परिजन चित्रकूट पहुंच गए। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए जानकीकुंड अस्पताल भेज दिया है।  

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ग्वालियर । प्रतिवर्ष की भाँति इस वर्ष भी केन्द्रीय जेल में होली की भाईदूज के अवसर पर रविवार, 16 मार्च को बंदियों की उनकी बहनों से मुलाकात कराई जाएगी। मुलाकात प्रात: सात बजे से दोपहर दो बजे तक ही होगी। इस दौरान इच्चुक महिलाएं केन्द्रीय जेल पहुंचकर अपने भाइयों को तिलक लगा सकेंगी।   केन्द्रीय जेल के अधीक्षक विदित सिरवैया ने शनिवार को बताया कि निर्धारित समय के अनुसार, भाईदूज के अवसर पर प्रात: सात बजे से दोपहर 12 बजे तक बहनों के नाम लिखे जाएंगे। जिन बहनों के नाम अंकित किए जाएंगे, उन्हें ही दोपहर तीन बजे तक मुलाकात कराई जायेगी। इसके पश्चात किसी भी बहन की मुलाकात संभव नहीं होगी। सभी बहनों को मुलाकात के लिये अपने साथ अपनी आईडी (पहचान पत्र) लाना अनिवार्य होगा। उन्होंने मुलाकात करने आने वाली बहनों से निवेदन किया है कि जेल की सुरक्षा एवं जेल नियमों को दृष्टिगत रखते हुए अपने साथ कोई भी प्रतिबंधात्मक सामग्री मोबाइल आदि न लेकर आएं। बहनों को पूजा की सम्पूर्ण सामग्री जेल कैन्टीन से भाईदूज के अवसर पर विशेष किट के रूप में जिसमें मिठाई, कुमकुम, अक्षत आदि उपलब्ध कराई जायेगी। जिसके निर्धारित मूल्य का भुगतान बहनों को करना होगा। जेल अधीक्षक ने सभी बहनों से आग्रह किया है कि भाईदूज के अवसर पर जेल प्रशासन द्वारा आयोजित मुलाकात में सहयोग प्रदान करें। मुलाकात सीसीटीव्ही कैमरे की निगरानी में रहेगी। किसी भी प्रकार की अव्यवस्था की स्थिति निर्मित होने पर जेल नियमों के तहत कार्रवाई की जायेगी।  

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भोपाल । राजधानी भाेपाल के शाहपुरा इलाके में तालाब में सैकड़ाे मछलियां मर गई है। शनिवार सुबह जब लाेग मार्निंग वाक पर निकले ताे तालाब किनारे मरी हुई मछलियाें काे देखा। लाेगाें ने निगम अफसराें काे सूचना दी। जिसके बाद माैके पर पहुंची निगम की टीम ने मरी मछलियाें काे हटाया। विशेषज्ञ मछलियाें के मरने का कारण ऑक्सीजन की कमी बता रहे है।   जानकारी के अनुसार शाहपुरा तालाब में सैकड़ों मछलियां मर गईं और किनारे पर आकर जमा हाे गई थी। शाहपुरा तालाब किनारे बड़ी संख्या में लोग मॉर्निंग वॉक करने जाते हैं। इसी दौरान उन्हें मछलियां मरी हुई मिली। इस मामले पर एक्सपर्ट राशिद नूर ने बताया कि शाहपुरा तालाब में आसपास के रहवासी क्षेत्र के कई नाले मिल रहे हैं। इस वजह से ऑक्सीजन का लेवल कम हो गया है। मछलियों के मरने की एक बड़ी वजह यह भी है। नगर निगम नालों को रोकने और पानी को साफ रखने के अच्छे उपाय करें। बता दें कि इस तालाब में तिलापिया किस्म की मछली की ब्रीडिंग होती है। ये मछली तेजी से ग्रोथ करती है। इसलिए इस किस्म की मछली का यहां पर पालन किया जा रहा है। एक्सपर्ट राशिद नूर ने बताया कि तालाब की इस मछली की बिक्री पर भी प्रशासन को रोक लगाना चाहिए।  

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सतना । चित्रकूट में शुक्रवार शाम कानपुर से घूमने आए एक छात्र की मंदाकिनी नदी में डूब गया। सूचना के बाद माैके पर पहुंची पुलिस ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर पांच घंटे बाद देर रात छात्र के शव काे बाहर निकाला। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए जानकीकुंड अस्पताल भेज दिया है। जहां आज शनिवार काे पाेस्टमार्टम के बाद शव परिजनाें काे साैंप दिया जाएगा।   जानकारी अनुसार कानपुर निवास देवेश तिवारी (19) बी फार्मा का छात्र था। शुक्रवार काे अपने तीन दाेस्ताें के साथ चित्रकूट घूमने आया था। शाम साढ़े पांच बजे सभी दाेस्त आरोग्यधाम घाट पर नहा रहे थे। इसी दौरान देवेश गहरे पानी में चला गया। उसके दोस्तों ने मदद के लिए आवाज लगाई। आसपास मौजूद लोग नदी में उतरे, लेकिन देवेश का पता नहीं चल सका। नयागांव थाना प्रभारी डीआर शर्मा ने बताया कि सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। स्थानीय गोताखोरों की मदद से रात में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। पांच घंटे की मशक्कत के बाद देर रात देवेश का शव बरामद किया गया। घटना की जानकारी मिलते ही परिजन चित्रकूट पहुंच गए। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए जानकीकुंड अस्पताल भेज दिया है।  

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दतिया । मध्य प्रदेश के दतिया जिले में बसई थाना क्षेत्र अंतर्गत ककोड़ा के जंगल में बुधवार को भीषण आग लग गई। यह जंगल बबीना आर्मी कैंट की फायरिंग रेंज का हिस्सा है। दोपहर में फायरिंग के दौरान लगी आग तेज हवा के कारण जल्द ही पूरे जंगल में फैल गई। आग की चपेट में आने से जंगल में पड़े गोले और बारूद फटने लगे। इससे लगातार धमाके हो रहे थे, जिससे आसपास के गांवों में दहशत फैल गई। बसई पुलिस ने सुरक्षा के लिए आसपास के खेतों को खाली करा कर ग्रामीणों को दूर हटाया। थाना प्रभारी सच्चिदानंद शर्मा ने दतिया, झांसी, बबीना, ललितपुर, खनियाधाना और पिछोर से दमकल वाहनों को बुलाया। रात नौ बजे तक फायर ब्रिगैड और ग्रामीणों की मदद से आग पर काबू पा लिया गया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए दतिया से बड़ौनी एसडीओपी भी बसई पहुंचे। बता दें कि इस क्षेत्र में पहले भी गोला-बारूद से हादसे हो चुके हैं। पिछले महीने ही दो लोगों की मौत हुई थी। कुल मिलाकर अब तक चार लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। यह घटनाएं जंगल से गोला-बारूद बीनने के दौरान हुईं।

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भोपाल। हवाओं का रुख लगातार उत्तरी बना रहने से मध्‍य प्रदेश में गर्मी के तेवर तीखे बने हुए हैं। बुधवार को प्रदेश में दिन का सबसे अधिक 39.4 डिग्री सेल्सियस तापमान खजुराहो में दर्ज किया गया। रात का सबसे कम 13.4 डिग्री सेल्सियस तापमान मंडला में रिकॉर्ड किया गया। प्रदेश के 5 बड़े शहरों में उज्जैन सबसे गर्म है। यहां दिन का तापमान 38 डिग्री पहुंच गया है। भोपाल, इंदौर और जबलपुर में भी पारा 37 डिग्री के पार है। ऐसा ही मौसम आज गुरुवार को भी बना रहेगा। होली के बाद गर्मी और असर दिखाने लगेगी।मौसम विभाग के अनुसार, आसमान साफ होने से सूरज की धूप सीधे जमीन पर आ रही है। इस कारण दिन गर्म हो गए हैं। बुधवार को खजुराहो में 39.4 डिग्री, नर्मदापुरम में 39.1 डिग्री, रतलाम-मंडला में 39 डिग्री, धार में 38.8 डिग्री, दमोह में 38.5 डिग्री, सतना में 38.2 डिग्री, शिवपुरी, सागर-नौगांव में 38 डिग्री, टीकमगढ़ में 37.8 डिग्री, शाजापुर में 37.6 डिग्री, बैतूल में 37.5 डिग्री और रीवा में पारा 37 डिग्री दर्ज किया गया। बड़े शहरों में भोपाल में 37.8 डिग्री, इंदौर में 37.2 डिग्री, ग्वालियर में 36.6 डिग्री, उज्जैन में 38 डिग्री और जबलपुर में पारा 37.6 डिग्री सेल्सियस रहा।इधर, रात का तापमान भी बढ़ा है। मंगलवार-बुधवार की रात में धार में पारा 23.2 डिग्री तक पहुंच गया। भोपाल, इंदौर, खंडवा, खरगोन, रीवा, सिवनी में तापमान 20 डिग्री से ज्यादा रहा। मौसम विभाग का कहना है कि अब गर्मी से राहत नहीं मिलेगी। होली के बाद असर और बढ़ जाएगा। हालांकि, मार्च में उत्तर-भारत में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव होते हैं। जिनका असर से पारे में गिरावट भी होती है। मार्च के तीसरे सप्ताह में बारिश होने की संभावना है।  

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दतिया । रंगों का त्‍योहार होली गुरुवार को होलिका दहन के साथ ही शुरू हो जायेगा। पाँच दिन तक चलने वाले इस पर्व की रौनक बाजारों में दिखाई दे रही है। रंग गुलाल, पिचकारी, टोपियाँ, मुखौटे आदि से सजी दुकाने और मिठाई कि दुकानों पर जम कर खरीदी की जा रही है । वहीं शहर के अधिकांश क्षेत्रों में जैसे बढ़े गोविन्द जी के मंदिर, टाउन हाल, राजगढ़ चैराह, अनामय आश्रम के सामने, किलाचौक, होलीपुरा, तिगेलिया, बिहारी जी मंदिर, ठण्डी सडक़, पकोडिय़ा महादेव, गंजी के हनुमान आदि स्थानों पर होलिका दहन होगा ।   पंडित बृजेशचंद्र दुबे का कहना है कि ज्‍यो‍ित‍िष की गणना के अनुसार रात्रि हमें पूर्णिमा तिथि 13 मार्च को मिल रही है। 14 मार्च को पूर्णिमा दोपहर में समाप्त हो रही है। ऐसे में पूर्णिमा दो दिन है। पहले दिन व्रत वाली पूर्णिमा और दूसरे दिन 14 मार्च को स्नान और दान वाली पूर्णिमा रहेगी। उसके बाद प्रतिपदा तिथि 14 मार्च को दोपहर में शुरू होगी और अगले दिन 15 मार्च को दोपहर 02.34 मिनट तक रहेगी। इसके बाद 15 मार्च को दूज लग जाएगी। तत्‍पश्‍चात  16 मार्च को भाई दोज शाम को 4.59 मिनट तक रहेगी।   होलिका दहन का शुभ मुहूर्त - शुभ मुहूर्त भद्रा काल के बाद 13 मार्च, गुरुवार रात्रि 11 बजकर 26 मिनट से लेकर 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। ऐसे में होलिका दहन के लिए कुल 1 घंटे 4 मिनट का समय मिलेगा।

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उज्जैन । मध्य प्रदेश के उज्जैन में लोकायुक्त ने बड़ी कार्रवाई की है। यहां बुधवार काे लाेकायुक्त ने तहसील कार्यालय में पदस्थ नायाब तहसीलदार की रीडर को पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि रीडर ने पट्टे की जमीन के दस्तावेज में बदलाव करने की एवज में किसान से रिश्वत मांगी थी। शिकायत के बाद लाेकायुक्त पुलिस ने कार्रवाई की है।लोकायुक्त डीएसपी दिनेशचंद्र पटेल ने बताया कि महिदपुर निवासी फरियादी हाकम चौहान की खेड़ा खजूरिया गांव में पट्टे की जमीन है। दस्तावेजों में नाम की गलतियां सुधारने के लिए तहसील कार्यालय में आवेदन दिया था। जिसमें रीडर दीपा चेलानी ने गलती ठीक करने के बदल 10 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। इस पर हाकम चौहान ने 6 मार्च को लोकायुक्त पुलिस से शिकायत दर्ज कराई। शिकायत मिलने के बाद आराेप सही साबित हाेने के बाद लोकायुक्त ने ट्रैप करने का प्लान तैयार किया। बुधवार को लाेकायुक्त ने शिकायतकर्ता काे पांच हजार रुपये की पहली किश्त के साथ रीडर दीपा चेलानी के पास भेजा। जहां रीडर के पैसे लेते ही लोकायुक्त की टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। लोकायुक्त ने आरोपी महिला के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत कार्रवाई की है। कार्रवाई में निरीक्षक हिना डावर, प्रधान आरक्षक हितेश ललावत, आरक्षक मोहम्मद इसरार, संदीप कदम, नीता बेस, ऋतु मालवीय, अंजलि पुरानीया की भूमिका रही।

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उज्जैन । महाकाल मंदिर में होली,धुलेंडी और रंग पंचमी पर रंग-गुलाल-पिचकारी आदि लाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं की जांच होगी। मंदिर प्रशाशक प्रथम कौशिक ने बताया कि होलिका महोत्सव मे गर्भगृह, नंदी मण्डपम्, गणेश मण्डपम्, कार्तिकेय मण्डपम् एवं सम्पूर्ण मंदिर परिसर में किसी भी प्रकार का रंग-गुलाल इत्यादि ले जाना, रंग-गुलाल उड़ाया जाना, आपस में रंग-गुलाल लगाना, किसी विशेष उपकरण का उपयोग कर रंग इत्यादि उड़ाना पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा।श्री महाकालेश्वर मंदिर में आने वाले श्रद्धालु मंदिर में किसी भी प्रकार का रंग-गुलाल व अन्य कोई विशेष उपकरण लेकर प्रवेश नही कर सकेंगे। श्रद्धालुओ को जाँच उपरान्त ही मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा।  श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के कंट्रोल रूम में कर्तव्यरत अधिकारी व कर्मचारी द्वारा कैमरों के माध्यम से मंदिर के समस्त द्वारों एवं सम्पूर्ण मंदिर परिसर परिक्षेत्र की सतत निगरानी रखी जाएगी।श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी, पुरोहित, प्रतिनिधि, अधिकारी, पुलिसकर्मी, कर्मचारी, सुरक्षाकर्मी, सफाई कर्मचारी, सेवक मंदिर परिसर स्थित अन्य छोटे-बडे मंदिर के पुजारी, सेवक व अन्य आउटसोर्स कर्मचारी आदि मंदिर परिसर में किसी भी प्रकार का रंग-गुलाल लेकर प्रवेश नहीं कर सकेंगे। समस्त द्वारों पर तैनात कर्मचारी एवं सुरक्षाकर्मी यह सुनिश्चित करेंगे कि मंदिर में रंग-गुलाल लेकर कोई भी प्रवेश न कर सके इस हेतु श्रद्धालुओं की जाँच करने के उपरांत ही मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा।श्री महाकालेश्वर मंदिर में होलिका पर्व 13 मार्च व 14 मार्च के उपलक्ष्य पर परम्परा के सम्यक निर्वहन हेतु भगवान श्री महाकालेश्वर की होने वाली त्रिकाल आरती में सीमित मात्रा में प्रतिकात्मक रूप से हर्बल गुलाल भगवान श्री महाकालेश्वर जी को अर्पण किया जाएगा।इसी प्रकार 19 मार्च रंगपंचमी के उपलक्ष्य पर परम्परा के सम्यक निर्वहन हेतु भस्मार्ती में 01 लोटा केसर युक्त जल एवं संध्या आरती में केसर का रंग प्रतिकात्मक रूप से भगवान श्री महाकालेश्वर जी को अर्पण किया जाएगा। 13-14 एवं 19 मार्च को हर्बल गुलाल, केसर युक्त जल एवं केसर का रंग मंदिर प्रबंध समिति की कोठार शाखा द्वारा भस्मार्ती पुजारी एवं शासकीय पुजारी को उपलब्ध कराया जाएगा।   

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भोपाल । मार्च महीने में गर्मी ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। मध्य प्रदेश में लगातार आ रही गर्म हवाओं के कारण अधिकांश जिलों में गर्मी के तेवर तीखे होने लगे हैं। प्रदेश में अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। मंगलवार को प्रदेश के कई शहरों में गर्मी का असर देखा गया। भोपाल, इंदौर और उज्जैन संभाग सबसे ज्यादा गर्म रहे। जबकि नर्मदापुरम-जबलपुर संभाग में भी तापमान बढ़ गया। मौसम का इस तरह का मिजाज अभी दो-तीन दिन तक बना रह सकता है।मौसम विभाग के अनुसार, मंगलवार को इंदौर संभाग का धार शहर सबसे गर्म रहा। यहां दिन का तापमान 39.1 डिग्री रहा। वहीं, नर्मदापुरम में तापमान 39 डिग्री दर्ज किया गया। इसी तरह रतलाम में 38.5 डिग्री, खजुराहो में 38.4 डिग्री, गुना में 38.1 डिग्री, दमोह में 37.5 डिग्री, मंडला, शिवपुरी-सिवनी में 37.2 डिग्री और सागर में पारा 37.1 डिग्री दर्ज किया गया। हालांकि, रात में पारे में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। बड़े शहरों में ग्वालियर-उज्जैन सबसे गर्म हैं। यहां तापमान 37.5 डिग्री दर्ज किया गया। इंदौर में 37.3 डिग्री और भोपाल में 37.1 डिग्री रहा। जबलपुर में 35.2 डिग्री सेल्सियस रहा।आज बुधवार को राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के अन्य शहरों में तापमान में बढ़ोतरी हो सकती है। रात में भी पारा बढ़ा रहेगा। गौरतलब है कि प्रदेश में मार्च की शुरूआत में बर्फीली हवा चलने से कड़ाके की ठंड पड़ी। इससे भोपाल समेत कई शहरों में पिछले 10 साल का रिकॉर्ड टूटा। लेकिन अब तापमान में बढ़ोतरी होने लगी है। बर्फीली हवा का असर अब नहीं है।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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उज्जैन । श्री महाकालेश्‍वर मंदिर में 13 मार्च होलिका दहन किया जाएगा और 14 मार्च को धुलंडी का पर्व मनाया जाएगा। श्री महाकालेश्‍वर भगवान की सायं आरती में सर्वप्रथम बाबा श्री महाकालेश्वर जी को हर्बल गुलाल व परंपरानुसार शक्कर की माला अर्पित की जाएगी। सायं आरती के पश्‍चात श्री महाकालेश्‍वर मंदिर प्रांगण में ओम्कारेश्वर मंदिर के सामने होलिका के विधिवत पूजन-अर्चन के पश्‍चात होलिका दहन किया जावेगा। 14 मार्च धुलण्डी को प्रातः 4 बजे भस्मार्ती में सर्वप्रथम बाबा श्री महाकालेश्वर को मंदिर से पुजारी- पुरोहितों द्वारा हर्बल गुलाल अर्पित किया जाएगा।   परम्‍परानुसार होगा आरतियों के समय में परिवर्तनश्री महाकालेश्‍वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक प्रथम कौशिक ने बताया कि, 15 मार्च 2025 से परम्‍परानुसार ज्‍योर्तिलिंग श्री महाकालेश्‍वर भगवान की आरतियों के समय में चैत्र कृष्‍ण प्रतिपदा से अश्विन पूर्णिमा तक परिवर्तन होगा।प्रथम भस्‍मार्ती – प्रा‍त: 04:00 से 06:00 बजे तकद्वितीय दद्योदक आरती- प्रा‍त: 07:00 से 07:45 बजे तकतृतीय भोग आरती- प्रा‍त: 10:00 से 10:45 बजे तक,चतुर्थ संध्‍या पूजन- सायं 05:00 से 05:45 बजे तक,पंचम संध्‍या आरती- सायं 07:00 से 07:45 बजे शयन आरती-रात्रि 10:30 ये 11:00 बजे तक होगी।

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भोपाल  । मध्य प्रदेश में होली से पहले मार्च के दूसरे हफ्ते में ही सूरज की तपिश काफी तेज हो गई है। प्रदेश के अधिकांश जिलों में तापमान 35 डिग्री सेल्सियस पार पहुंचने लगा है। सोमवार को इस सीजन का सबसे गर्म स्थान रतलाम रहा। जहां पर अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस रहा। राजधानी भोपाल और इंदौर जिले का अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। मौसम विभाग ने अगले दाे दिन तक तापमान में और बढ़ोतरी होने का अनुमान जताया है।मौसम विभाग के मुताबिक, आने वाले दिनों में प्रदेश के तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस तक वृद्धि होने की संभावना है। होली के दिन भोपाल सहित प्रदेश के अधिकांश इलाकों में दिन का तापमान 35 से 36 डिग्री तो रात का तापमान 17-18 डिग्री के आसपास रहने की संभावना है। हालांकि अधिकतम तापमान में भले ही तेजी आ रही हो, लेकिन रात के तापमान में बड़ी वृद्धि नहीं हुई है। कुछ जिलों की रातें अभी भी ठंडक भरी हैं। आज मंगलवार को भोपाल में तापमान 36 डिग्री के पार पहुंच सकता है। इंदौर, उज्जैन में तापमान 36 डिग्री के आसपास रहेगा। अन्य शहरों में भी तापमान बढ़ा हुआ रहेगा।पिछले 3 दिन से प्रदेश में गर्मी का असर बढ़ा है। सोमवार को धार-रतलाम में 38 डिग्री, शिवपुरी-मंडला में 37 डिग्री, गुना में 36.5 डिग्री, खरगोन में 36 डिग्री, सागर, सिवनी, नर्मदापुरम-टीकमगढ़ में 35.8 डिग्री, खजुराहो में 35.6 डिग्री, दमोह-बैतूल में 35.5 डिग्री, नरसिंहपुर में 35.2 डिग्री और खंडवा में 35.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बड़े शहरों की बात करें तो उज्जैन सबसे गर्म रहा। यहां तापमान 37 डिग्री तक पहुंच गया। इंदौर में 35.6 डिग्री, भोपाल में 35.4 डिग्री, ग्वालियर में 34.5 डिग्री और जबलपुर में 34 डिग्री रहा। सोमवार की रात की बात करें तो धार में सबसे ज्यादा 23.2 डिग्री रहा था। वहीं, भोपाल, इंदौर में 21 डिग्री से ज्यादा रहा।  

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मंडला । जबलपुर का बरगी बांध पुनः जल, थल और नभ पर होने वाले साहसिक खेलों का साक्षी बनेगा। यहां 29 मार्च से 13 अप्रैल तक मंडला जिले के विकासखंड बीजाडांडी के ग्राम देवरी-बकई में होने वाले झील महोत्सव में स्लिंग शॉट, वाटर पैरा सेलिंग, सर्फिंग जैसे साहसिक खेल होंगे, वहीं शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यह जानकारी सोमवार को जनसम्पर्क अधिकारी हिमांशु यादव ने दी। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड (एमपीटीबी) और जबलपुर पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति परिषद (जेएटीसीसी) के आयोजन में पर्यटक नाइट वाटर सफारी का आनंद क्रूज पर उठा सकेंगे। महोत्सव में राजस्थान, महाराष्ट्र के कलाकार लोक नृत्य की प्रस्तुति देंगे, वहीं नगर व अन्य राज्यों के कलाकार सुगम और शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुति करेंगे। एक घंटे के नौका विहार के दौरान नगर के बैंड और अन्य संगीत समूह संगीत की महफिल सजाएंगे। उन्होंने बताया कि पर्यटकों के ठहरने के लिए अमेरिकन स्विस टेंट भी लगाए जा रहे हैं। देवरी बकई के नर्मदा व्यू के निकट आयोजित कार्यक्रम में बॉलीवुड और दक्षिण भारत के सिने स्टार शिरकत करेंगे। महोत्सव को राष्ट्रीय स्तर का बनाने के लिए फिल्म निर्माता और बियोंड स्टूडियोज के एमडी भारत भूषण ने कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की है। महोत्सव का डिजाइन और एग्जिक्यूशन वह कर रहे हैं। जेएटीसीसी के सीईओ हेमंत सिंह ने बताया कि झील महोत्सव के वाटर स्पोर्टस और कल्चरल प्रोग्राम का फ्यूजन पर्यटकों को आकर्षित करने वाला बनाया गया है। महोत्सव राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाएगा। बियोंड स्टूडियोज के एमडी भारत भूषण ने बताया कि इस महोत्सव की कार्ययोजना ही इस प्रकार बनाई गई है कि इसमें भाग लेने के लिए देशभर के लोग आएं, यहां लोगों के आनंद के लिए समुद्र तटों पर होने वाली अनोखी राइड्स के अलावा महोत्सव के पूरे क्षेत्र को फुटफाल बढाने के लिहाज से तैयार किया जा रहा है। झील महोत्सव मंडला जिले की सीमा के अंतिम गांव देवरी बकई के नर्मदा व्यू में आयोजित हो रहा है। कार्यक्रम स्थल का दौरा मंडला कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने एसपी रजत सकलेचा सहित जिले के कई अधिकारियों के साथ किया। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों को आयोजन को सफल बनाने में सक्रिय भूमिका निभाने के निर्देश दिए। इस अवसर पर सीईओ जिला पंचायत श्रेयांश कूमट, जेएटीसीसी के सीईओ हेमंत सिंह, पर्यटन प्रबंधक तरुण मिश्रा, बियोंड स्टूडियोज के एमडी भारत भूषण, एसडीएम निवास शाहिद खान आदि उपस्थित थे। क्रूज पर नाइट सफारी और हाउस बोट का आनंद उठाएंगे लोग झील महोत्सव के दौरान बरगी बांध पर दो क्रूज चलाई जाएंगी जो पर्यटकों को एक घंटे बांध में नौकाविहार कराएंगी। इस दौरान नगर के कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे। क्रूज पर भोजन की भी व्यवस्था की जाएगी। जलविहार के क्रम में एक हाउस बोट बरगी बांध में उतारा जाएगा जो पर्यटकों को अलग अनुभव कराएगा।

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भोपाल । जैसे-जैसे मार्च महीने के दिन आगे बढ़ते जा रहे हैं, गर्मी ने भी अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। मध्यप्रदेश में दिन का तापमान 37 डिग्री के पार पहुंच गया है। रविवार को भोपाल, इंदौर, उज्जैन-ग्वालियर संभाग में दिन का तापमान 1 से 4 डिग्री बढ़ गया। रतलाम सबसे गर्म रहा। यहां अधिकतम तापमान 37.6 डिग्री रहा। नर्मदापुरम, मंडला-शिवपुरी में भी पारा उछाला है। प्रदेश में सबसे कम तापमान 10.0 डिग्री सेल्सियस शहडोल में रिकॉर्ड किया गयामौसम विभाग के मुताबिक, दिन-रात के तापमान में और बढ़ोतरी होगी। सोमवार को सबसे ज्यादा गर्म ग्वालियर, चंबल और उज्जैन संभाग रहेंगे। भोपाल में तापमान 35 डिग्री पार हो सकता है। बर्फीली हवा का असर घटने से ऐसा हो रहा है। इस कारण दिन और रात के तापमान में बढ़ोतरी हुई है। बड़े शहरों की बात करें तो रविवार को उज्जैन और इंदौर सबसे गर्म रहे। उज्जैन में 36.5 डिग्री, इंदौर में 35.2 डिग्री, भोपाल में 34.5 डिग्री, ग्वालियर में 33.4 डिग्री और जबलपुर में 32.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।इसी तरह रतलाम में 37.6 डिग्री, नर्मदापुरम में 36.8 डिग्री, मंडला-शिवपुरी में 36 डिग्री, सिवनी में 35.4 डिग्री, दमोह में 35.2 डिग्री, गुना में 35.1 डिग्री, धार, नरसिंहपुर, टीकमगढ़-खजुराहो में 35 डिग्री, खरगोन में 34.8 डिग्री, बैतूल में 34.2 डिग्री और मलाजखंड में पारा 34 डिग्री पहुंच गया। इधर, रात के तापमान में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है। शनिवार-रविवार की रात में नर्मदापुरम, खंडवा में 20 डिग्री से अधिक रहा। आज सोवमार को भोपाल में पारा 35 डिग्री के पार पहुंच सकता है। इंदौर, उज्जैन में पारा 36 डिग्री के आसपास रहेगा। अन्य शहरों में भी तापमान बढ़ा हुआ रहेगा।मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में मार्च से ही हीट वेव यानी लू भी चलेगी। 15 मार्च के बाद जब शहरों में पारा 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक पहुंचेगा, तब गर्म हवा का असर देखने को मिलेगा। मार्च से गर्मी के सीजन की शुरुआत हो जाती है। अगले 4 महीने तेज गर्मी पड़ेगी। मौसम विभाग ने मार्च से मई तक 15 से 20 दिन तक हीट वेव चलने का अनुमान जताया है। अप्रैल-मई में हीट वेव का असर ज्यादा हो सकता है।  

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कटनी । मध्य प्रदेश के कटनी जिले के ढीमरखेड़ा तहसील के एक गांव में नहर में डूबी तीन मासूम बच्चियों में से तीसरा शव भी मिल गया है। हादसे के 19 घंटे बाद साेमवार सुबह नर्मदा नहर में तीसरी बच्ची का शव मिला है। बता दें कि रविवार को दो बच्चियों के शव मिल गए थे। एक साथ तीन बच्चियों की मौत से गांव में मातम पसरा हुआ है।   दरअसल, ढीमरखेड़ा तहसील के ग्राम परसवारा में रविवार दोपहर नर्मदा नहर में नहाने गई तीन मासूम बच्चियों के डूबने से मौत हो गई थी। तीन बच्चियों सिद्धि पटेल 13 वर्ष, अंशिका पटेल 15 वर्ष और मानवी पटेल 8 वर्ष की मौत हो गई। एक बच्ची अनन्या पटेल 13 को ग्रामीणों की मदद से बचा लिया गया था। तीसरी बच्ची मानवी पटेल की तलाश दिनभर टीम करती रही लेकिन नहर में बच्ची का शव नहीं मिला। सोमवार सुबह करीब 7 बजे शव अपने आप ऊपर आ गया। इसके बाद पुलिस ने उसे बाहर निकाला। उमरिया पान थाना प्रभारी एसआई दिनेश तिवारी के अनुसार पुलिस ने तीनों बच्चियों के शवों का पोस्टमॉर्टम कराया है। मृतक सिद्धि और मानवी के पिता पुणे में काम करते है जो अभी तक गांव नहीं पहुंचे। ग्रामीणों ने बताया कि दोनों ही गरीब परिवार से है। विधायक और पंचायत ने तत्कालीन सहायता राशि उपलब्ध कराई है लेकिन अभी तक शासन स्तर से किसी प्रकार की सहायता राशि उपलब्ध नहीं हो पाई है।

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भोपाल । प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा लागू की जा रही नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रत्येक बिंदु को ठोस तरीके से लागू किये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं। नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में तेजी से बढ़ती हुई विश्व की अर्थव्यवस्था में भारतीयों का किस प्रकार से योगदान हो उसकी चिंता की गई है। बढ़ती हुए आबादी के साथ जनता के लिये उनकी शिक्षा, कौशल और आकांक्षाओं के अनुरूप रोजगार का सृजन एक महत्वपूर्ण चुनौती है। इस बात को ध्यान में रखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा पर जोर दे रहा है।जनसंपर्क अधिकारी मुकेश मोदी ने सोमवार को बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग ने नये शैक्षणिक सत्र में 700 नये उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में नये ट्रेड एवं जॉब रोल्स शुरू करने का प्रस्ताव केन्द्र सरकार के शिक्षा विभाग को भेजा है। यह ट्रेड 21वीं सदी के नवीन कौशल उन्नयन पर आधारित है। वर्तमान में 2383 विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा के कोर्स चल रहे है। इन्हें मिलाकर प्रदेश में व्यावसायिक शिक्षा देने वाले स्कूलों की संख्या 3 हजार से अधिक हो जायेगी। इन कोर्स में उन्नत कृषि को बढ़ावा देने पर बल दिया गया है। डेयरी विकास से जुड़े कोर्स कन्स्ट्रशन ट्रेड अंतर्गत मेशन सहायक, कंस्ट्रशन पेन्टर, असिस्टेंट डिजाइनर, फैशन, हाउसकीपिंग, ऑफिस एडमिनिस्ट्रेशन एण्ड मैनेजमेंट के जॉब रोल्स भी प्रारंभ किये जायेंगे।वर्तमान में संचालित कोर्स में कक्षा 9 और 10 में डाटाएंट्री ऑपरेटर, जूनियर फील्ड टेकनिशियन, असिस्टेंट ब्यूटी थेरेपिस्ट, रिटेलस्टोर, ऑपरेशन असिस्टेंट, प्रायवेट सिक्योरिटी गॉर्ड, फूड एण्ड बेवरीज, सर्विस असिस्टेंट, माइक्रो फ़ाइनेंस एग्ज़ीक्यूटिव, असिस्टेंट प्लम्बर, सिलाई मशीन ऑपरेटर, फोर व्हीलर सर्विस असिस्टेंट, इलेक्ट्रॉनिक सर्विस असिस्टेंट और फिजिकल एजूकेशन असिस्टेंट विषय प्रमुख है, कक्षा 11 और 12 में जिन कोर्स को प्राथमिकता दी गई है। उनमें जूनियर सॉफ्टवेयर डेवलपर, सौलर पैनल टेक्नीशियन, ड्रोन सर्विस टेक्नीशियन, सीसीटीबी, फुटेज ऑपरेटर, फ्लोरीकल्चर, सेल्फ एम्प्लॉयड टेलर प्रमुख है।4 लाख से अधिक विद्यार्थियों को व्यावसायिक शिक्षाप्रदेश में वर्तमान में 2383 विद्यालयों में 4 लाख से अधिक विद्यार्थियों को व्यावसायिक शिक्षा दी जा रही है। व्यावसायिक शिक्षा देने के लिये 4 हजार 700 से अधिक शिक्षकों को विभिन्न विषयों का प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की गई है। लोक शिक्षण संचालनालय ने प्रदेश में संचालित व्यावसायिक शिक्षा के संबंध में जिला शिक्षा अधिकारियों को व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश भी दिये है।

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दमोह । शहर में प्रधानमंत्री आवास के समीप के आधा दर्जन अधिक मकानों का ध्वस्त कर दिया गया। यह सभी नगर पालिका क्षेत्र के एक बडे भू भाग में कब्जा किये हुये थे। रविवार  सुबह जेसीबी के पंजे ने इनका अतिक्रमण ध्वस्त कर दिया। बताया जा रहा है कि तीन दिनों की कार्यवाही में लगभग पांच करोड रुपये की भूमि अतिक्रमण से मुक्त करायी गयी है। वन विभाग एवं राजस्व विभाग की भूमि के मध्य यह रेंप बनाया गया था। इस रेंप का उपयोग पशु को वाहनों में चढाने उतारने के लिये किया जाता था। विदित हो कि अतिक्रमणकारियों के विरूद्ध कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर के निर्देशन में कार्यवाही चल रही है जबकि असमाजिक तत्वों एवं अपराधियों पर लगाम लगाने के लिये पुलिस अधीक्षक श्रुतकीर्ति सोमवंशी के निर्देशन में कार्यवाही की जा रही है। अनुविभागीय दण्डाधिकारी आर.एल.बागरी ने बताया कि यह नियमित चलने वाली कार्यवाही है। हम शासकीय जमीन पर अवैध में से निर्माण किया है उसको ध्वस्त कर रहे हैं जो लगातार जारी रहेगा। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संदीप मिश्रा ने जानकारी देते हुये बताया कि यह रेंप और आसपास का परिदृश्य यह बता रहा है कि यहां से पशुओं के लोडिंग अनलोडिंग का कार्य किया जाता था। अधिनियम और नियम में इस बात का स्पष्द्र उल्लेख है कि कितने नाप में क्या क्या स्थिति होना चाहिये। पशु क्रूरता अधिनियम के तहत अज्ञात आरोपियों के विरूद्ध मामला पंजीबद्ध किया जायेगा और आरोपियों को तलाश कर कार्यवाही की जायेगी। तहसीलदार मोहित जैन ने बताया कि अतिक्रमण करने वाले कोई भी हों उनको छोडा नहीं जायेगा। नगर पालिका की करोडों रूपयों की जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है। अभियान लगातार चलने वाली प्रक्रिया जो चलती रहेगी।   सीएसपी अभिषेक तिवारी ने बताया कि गौ कसी कें मामले में शेष आरोपियों की तलाश जारी है असमाजिक तत्वों एवं अपराधियों पर अंकुश लगाने कार्यवाही की गति और तेज की जा रही है। रेंजर विक्रम चौधरी ने बताया कि वन विभाग एवं राजस्व के बीच एक भूमि पर एक रेंप बनाया गया था जिसका उपयोग पशुओं को चढाने उतारने किया जाता है उसको ध्वस्त किया गया है। कार्यवाही के दौरान सिटी कोतवाली थाना प्रभारी आनंद राज,देहात थाना प्रभारी मनीष कुमार मुख्य नगर पालिका अधिकारी प्रदीप शर्मा के साथ बडी तादाद में प्रशासन,पुलिस,वन एवं नगर पालिका के साथ विघुत मंडल की टीम उपस्धित रही।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में सर्द हवाओं का असर कम होते ही गर्मी बढ़ने लगी है। प्रदेश में दिन का तापमान 36 डिग्री के पार पहुंच गया है। इंदौर, उज्जैन और जबलपुर संभाग में गर्मी बढ़ गई है। 15 मार्च के बाद सूरज के तेवर और तीखे होने लगेंगे। आज रविवार को राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के अन्य शहरों में दिन के तापमान में 2 से 3 डिग्री की बढ़ोतरी होगी। 10 मार्च को भी दिन और रात के तापमान में बढ़ोतरी की संभावना है। फिलहाल, बारिश होने के आसार नहीं है।पिछले चार दिन प्रदेश में उत्तरी हवा चलने से कड़ाके की ठंड पड़ी। इससे भोपाल समेत कई शहरों में पिछले 10 साल का रिकॉर्ड टूट गया। कई शहर में शीतलहर चली, रात का तापमान 6 डिग्री तक पहुंच गया। राजगढ़, शाजापुर, उमरिया, मंडला, नौगांव और मलाजखंड जैसे छोटे शहर सबसे ठंडे रहे। मौसम विभाग ने बताया कि पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में रविवार से एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव हो रहा है। ऐसा होने पर दो दिन बाद प्रदेश में भी असर देखने को मिल सकता है।शनिवार की रात की बात करें तो प्रदेश के अधिकांश शहरों में पारे में बढ़ोतरी हुई। भोपाल में 5.9 डिग्री की बढ़ोतरी के बाद तापमान 16.4 डिग्री पहुंच गया। बैतूल, धार, गुना, ग्वालियर, नर्मदापुरम, इंदौर, खंडवा, खरगोन, पचमढ़ी, राजगढ़, रतलाम, उज्जैन, छिंदवाड़ा, दमोह, जबलपुर, खजुराहो, मंडला, नरसिंहपुर, नौगांव, रीवा, सागर, सतना, सिवनी, सीधी, टीकमगढ़, उमरिया और मलाजखंड में भी पारा बढ़ गया। शनिवार को दिन के तापमान भी बढ़ गया। नर्मदापुरम में 36.9 डिग्री, रतलाम में 36.2 डिग्री, धार, सिवनी-मंडला में पारा 35 डिग्री दर्ज किया गया। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 32.8 डिग्री, इंदौर में 33.8 डिग्री, ग्वालियर में 32.5 डिग्री, उज्जैन में 34.5 डिग्री और जबलपुर में तापमान 33.2 डिग्री रहा।

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इंदौर । भोपाल गैस त्रासदी के बाद भोपाल की यूनियन कार्बाइड में 40 साल डम्प पड़े जहरीले कचरे का निष्पादन मप्र उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार पीथमपुर में किया जा रहा है। यूनियन कार्बाइड के इस जहरीले कचरे को जलाने के ट्रायल रन का दूसरा चरण शनिवार को रात आठ बजे संपन्न हुआ। पीथमपुर के री-सस्टेनेबिलिटी (पूर्व में रामकी) कंपनी में दूसरे चरण में कचरा जलाने की प्रक्रिया छह मार्च को सुबह 11.06 बजे शुरू हुई थी। इसमें 180 किलो प्रति घंटे की दर से कचरा जलाया गया। दूसरे ट्रायल रन में 10 टन कचरे का निष्पादन करने में 57 घंटे लगे। यह प्रक्रिया 55 घंटे में पूरी होना थी, परंतु इसमें देर हुई। आखिरी खेप शनिवार शाम 7.05 बजे डाली गई और इसे करीब एक घंटे तक जलाया गया। इंदौर संभागायुक्त दीपक सिंह ने बताया कि उच्च न्यायालय के निर्देश पर पीथमपुर की रामकी कंपनी में यूनियन कार्बाइड के रासायनिक कचरे को नष्ट किया जा रहा है। पहले ट्रायल रन में 28 फरवरी से तीन मार्च तक 10 टन कचरा जलाया गया था। इसके बाद छह मार्च को दूसरा ट्रायल रन शुरू हुआ, जो शनिवार रात आठ संपन्न हुआ। दूसरे ट्रायल रन में भी 10 टन रासायनिक कचरा जलाया गया है। अब तीसरा ट्रायल रन 10 मार्च से शुरू किया जा सकता है। इधर, प्रदूषण विभाग के अनुसार शनिवार को दोपहर 12:46 बजे इंटरनेट बंद हो जाने से ऑनलाइन सर्वर पर डाटा फीड होना बंद हो गया था। इससे दोपहर एक बजे से करीब बीस मिनट के लिए भस्मक में कचरा डालना रोका दिया गया था। भस्मक के तापमान को बनाए रखने और आखिरी खेप को करीब एक घंटा जलाने से दो घंटे अतिरिक्त लगे। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार 10 मार्च से कचरा जलाने के ट्रायल रन का तीसरा चरण शुरू किया जाएगा। इसके बाद तीनों ट्रायल रन की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर कोर्ट में प्रस्तुत की जाएगी। कचरा जलाने के साथ ही चिमनी से निकलने वाले धुएं व कण की निगरानी व मॉनिटरिंग मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के 20 अधिकारी-कर्मचारी कर रहे हैं।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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इंदौर । इंदौर में नगर निगम के टैक्स विवाद के बीच शनिवार की रात प्रसिद्ध सिंगर और रैपर यो यो हनी सिंह का कॉन्सर्ट हुआ। करीब डेढ़ घंटे चले इस कार्यक्रम में उन्होंने 10 गाने गाए। हालांकि, इस कार्यक्रम के लिए पुलिस और प्रशासन की ओर से अनुमति दे दी गई थी। इसके बावजूद कॉन्सर्ट जल्दी समाप्त हो गया। हनी सिंह के कॉन्सर्ट के लिए हजारों लोग यहां पहुंचे थे। उन्होंने डांस भी किया। हनी सिंह का शो डेढ़ घंटे में खत्म होने को लेकर नगर निगम की डिप्टी कमिश्नर लता अग्रवाल का कहना है कि टैक्स जमा नहीं करने के कारण शो खत्म किया गया, ऐसा नहीं है। इस इवेंट के पौने आठ लाख रुपये टैक्स जमा किए थे। बाकी 50 लाख रुपये नगर निगम को और लेना है। शनिवार को भी नगर निगम की टीम वहां गई थी, लेकिन टैक्स जमा नहीं किया गया है। कार्यक्रम उन्होंने ही बंद किया है। हमारी इसमें कोई भूमिका नहीं है। गौरतलब है कि नगर निगम ने हनी सिंह के 'मिलियनेयर इंडिया टूर' कॉन्सर्ट के आयोजकों को मनोरंजन कर वसूलने का नोटिस दिया था। साथ ही महापौर पुष्य मित्र भार्गव ने पुलिस और प्रशासन को पत्र लिखकर मनोरंजन टैक्स जमा करने के बाद ही अनुमति देने की बात कही थी। इंदौर नगर निगम ने आयोजकों से 50 लाख रुपये के टैक्स की मांग की। नगर निगम ने शनिवार दोपहर को जीएसटी पोर्टल के माध्यम से बताया कि इस कार्यक्रम के लिए तीन करोड़ 28 लाख रुपये से ज्यादा के टिकट बिके हैं। इसलिए इस राशि का 10 प्रतिशत मनोरंजन कर और आमोद कर पहले ही जमा कराएं। हनी सिंह के कॉन्सर्ट के लिए अलग-अलग रेंज में 2500 रुपये तक के टिकट बिके थे। इस मामले में महापौर पुष्य मित्र भार्गव ने कहा कि आयोजन करने वालों की नीयत में खोट है। उन्होंने आयोजकों को पोस्ट डेटेड चेक देने के लिए कहा था। इस पर उन्होंने कहा था कि वे चेक साथ लेकर नहीं चलते।  

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राजगढ़ । सुठालिया क्षेत्र के कई गांवों में बिजली की सप्लाई काटने की बात को लेकर रविवार को एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने चक्काजाम कर विरोध प्रदर्शन किया, जिससे वाहनों की लंबी कतारें देखने में आई। पुलिस की समझाइश पर मामले को शांत किया गया, वहीं कार्यकर्ताओं ने मांग पूरी नही होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी।   सुठालिया क्षेत्र के 100 से अधिक गांवों में बिजली सप्लाई बंद करने का विरोध करते हुए एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने चक्काजाम कर प्रदर्शन किया। एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं का कहना है कि विधुत सप्लाई बंद होने से ग्रामीणों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं परीक्षा के दौरान बिजली काटे जाने से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इधर बिजली कंपनी के अफसरों का कहना है कि बकाया राशि के चलते कार्रवाई की गई है। संगठन का कहना है कि फसल बिकने के बाद ही किसानों पर पैसा आता है तभी वह बिजली बिल भुगतान कर सकते है, इसलिए परीक्षा होने तक का समय दिया जाए, जिससे छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो। विरोध प्रदर्शन के दौरान ललित सोलंकी, एलकार सौंधिया, नारायणसिंह, सरदारसिंह, जितेन्द्र पटेल सहित अन्य मौजूद रहे।    

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मौसम में बदलाव का दौर जारी है। रविवार से प्रदेश में एक साथ कई पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की संभावना है। इसके चलते प्रदेश के पूर्वी और उत्तरी हिस्से में हल्की बूंदाबांदी हाे सकती है। मार्च महीने में तेज गर्मी, लू, बादल और हल्की बारिश वाला मौसम रहेगा। पहले सप्ताह में बादल छाएंगे। वहीं, चौथे सप्ताह में हीट वेव, यानी लू चलेगी। इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, चंबल, सागर और रीवा संभाग में 3 से 4 दिन लू चल सकती है। 20 मार्च के बाद कुछ जिलों में हल्की बारिश होने के आसार भी हैं। आज भोपाल में बादल छा सकते हैं। अन्य शहरों में तापमान बढ़ा रहेगा।मौसम विभाग के अनुसार, मार्च में बारिश के सामान्य से कम होने के प्रबल संकेत मिल रहे हैं। वहीं, तापमान के सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। प्रदेश में मार्च से ही हीट वेव यानी लू भी चलेगी। मौसम विभाग ने मार्च से मई तक 15 से 20 दिन तक हीट वेव चलने का अनुमान जताया है। अप्रैल-मई में हीट वेव का असर ज्यादा हो सकता है। इस कारण 30 से 35 दिन तक गर्म हवा चल सकती है। 15 मार्च के बाद जब शहरों में पारा 40 डिग्री से अधिक पहुंचेगा, तब गर्म हवा का असर देखने को मिलेगा। मौसम विभाग ने अप्रैल और मई में सबसे ज्यादा गर्मी पड़ने का अनुमान जताया है। इन दो महीने के अंदर ग्वालियर, चंबल, जबलपुर, रीवा, शहडोल और सागर संभाग के जिलों में पारा 45 डिग्री के पार पहुंच सकता है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन और नर्मदापुरम संभाग भी गर्म रहेंगे।मार्च के पहले दिन शनिवार को भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन, जबलपुर समेत कई शहरों में दिन के तापमान में गिरावट देखने को मिली। इसकी वजह बादल छाया है। भोपाल में अगले 3 दिन तक बादल छाए रह सकते हैं। बादलों की वजह से शनिवार को ग्वालियर में 3.8 डिग्री की गिरावट के बाद पारा 29.8 डिग्री दर्ज किया गया। भोपाल, बैतूल, धार, गुना, इंदौर, खंडवा, पचमढ़ी, उज्जैन, दमोह, जबलपुर, खजुराहो, मंडला, नरसिंहपुर, नौगांव, मलाजखंड में भी गिरावट हुई।

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भोपाल । राज्य की लाभकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए बिजली उपभोक्ताओं को ईकेवायसी कराना अनिवार्य है। उपभोक्ता मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के उपाय ऐप से भी ईकेवायसी करा सकते हैं। गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध "उपाय" ऐप डाउनलोड कर बिजली उपभोक्ता समग्र केवायसी में अपना उपभोक्ता क्रमांक एवं समग्र क्रमांक दर्ज करने के बाद लिंक मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी को दर्ज कर केवायसी प्रक्रिया को पूर्ण कर सकते हैं। केवायसी प्रक्रिया में अब तक 06 लाख 73 हजार 534 उपभोक्ताओं ने सफलतापूर्वक केवायसी करा ली है। जनसम्पर्क अधिकारी राजेश पाण्डेय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नर्मदापुरम ग्रामीण क्षेत्र में 71 हजार 940, बैतूल ग्रामीण में 91 हजार 012, राजगढ़ ग्रामीण में 51 हजार 223, शहर वृत्त भोपाल में 61 हजार 271, भोपाल ग्रामीण में 38 हजार 656, गुना ग्रामीण में 32 हजार 353, विदिशा ग्रामीण में 49 हजार 230, सीहोर ग्रामीण में 24 हजार 130, ग्वालियर ग्रामीण में 21 हजार 086, शहर वृत्त ग्वालियर में 46 हजार 642, अशोकनगर ग्रामीण में 25 हजार 737, दतिया ग्रामीण में 25 हजार 233, रायसेन ग्रामीण में 44 हजार 009, शिवपुरी ग्रामीण में 25 हजार 791, हरदा ग्रामीण में 20 हजार 964, श्योपुर ग्रामीण में 09 हजार 652, मुरैना ग्रामीण में 23 हजार 730 एवं भिण्ड ग्रामीण में 10 हजार 875 बिजली उपभोक्ताओं की केवायसी की गई है। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कंपनी कार्य क्षेत्र के भोपाल, नर्मदापुरम, ग्वालियर एवं चंबल संभाग के अंतर्गत आने वाले 16 जिलों के बिजली उपभोक्ताओं के बिजली संबंधी व्यक्तिगत विवरण को कंपनी के रिकार्ड में अपडेट करने के लिए नो योर कंज्यूमर (केवायसी) प्रक्रिया शुरू की है। कंपनी द्वारा नो योर कंज्यूमर (केवायसी) प्रक्रिया के तहत बिजली उपभोक्ताओं की व्यक्तिगत जानकारी जैसे समग्र आईडी, मोबाइल नंबर एवं बैंक खाता इत्यादि की जानकारी को अपडेट किया जा रहा है। नो योर कंज्यूमर (केवायसी) प्रक्रिया से बिजली उपभोक्ताओं को जहां राज्य शासन की योजनाओं का लाभ सीधे लाभ अंतरण (डीबीटी) योजना के माध्यम से सुनिश्चित किया जा सकेगा वहीं दूसरी ओर प्रणाली में अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। साथ ही केवायसी से वास्तविक उपभोक्ताओं के विद्युत संयोजन एवं उनके भार की स्थिति का भौतिक सत्यापन सुनिश्चित किया जा सकेगा। इससे कंपनी कार्य क्षेत्र में विद्युत संरचनाओं के भविष्य में विस्तार की योजना बनाने में आसानी होगी। केवायसी होने से कंपनी द्वारा उपभोक्ताओं की सही पहचान और मोबाइल नंबर को सटीक रूप से टैग करने में मदद मिलेगी, जिससे कंपनी की सेवाओं का सुचारू संचालन

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भोपाल । मध्य प्रदेश में रात को ठंड का अहसास और दिन में तेज गर्मी का सितम जारी है। आने वाले दिनों में दिन-रात का तापमान बढ़ेगा। फिलहाल दिन और रात के तापमान में 2 से 5 डिग्री की बढ़ोत्तरी हो सकती है। मार्च के पहले सप्ताह में बादल छाने और हल्की बारिश होने के भी आसार हैं। मौसम विभाग का कहना है कि 2 मार्च से पश्चिम-उत्तर भारत में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव हो रहा है। जिसका असर प्रदेश में भी देखने को मिल सकता है। खासकर 4 मार्च से इंदौर, ग्वालियर, चंबल हिस्से में कहीं-कहीं मौसम बदला हुआ रह सकता है। इससे पहले दिन-रात के तापमान में 2 से 4 डिग्री तक की बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।प्रदेश में फरवरी में मौसम का मिला-जुला असर रहा। शुरुआती दिनों में ही तेज ठंड पड़ी, लेकिन दूसरे सप्ताह से ठंड जैसी गायब सी हो गई। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन, जबलपुर समेत कई शहरों में रात का पारा 10 डिग्री से अधिक ही रहा। वहीं, दिन में 34 डिग्री तक पहुंच चुका है। फरवरी के आखिरी दिन शुक्रवार को भी मौसम का मिजाज ऐसा ही बना रहेगा, लेकिन मार्च के पहले सप्ताह में मौसम में फिर से बदलाव देखने को मिल सकता है। उत्तर-पश्चिमी भारत में सक्रिय होने वाले वेस्टर्न डिस्टरबेंस का असर प्रदेश में 2 दिन बाद यानी, 4 मार्च से देखने को मिल सकता है। इसके अलावा एक साइक्लोनिक सकुर्लेशन सिस्टम भी एक्टिव है। इस कारण भोपाल समेत कई शहरों में बादल छाए रहे।प्रदेश में पिछले पांच दिनों से हल्‍की ठंड पड़ी। इस वजह से पचमढ़ी समेत कई शहरों में पारा 10 डिग्री से नीचे ही रहा, लेकिन गुरुवार की रात में तापमान में फिर से बढ़ोतरी होने लगी। कई शहरों में पारा 2 से 4 डिग्री तक बढ़ गया। पचमढ़ी में 10.2 डिग्री, कल्याणपुर में 10.3 डिग्री, शाजापुर के गिरवर में 11.2 डिग्री, उमरिया में 11.3 डिग्री, अशोकनगर के आंवरी में 11.6 डिग्री और मंडला में पारा 12 डिग्री तक दर्ज किया गया। इधर, गुरुवार को दिन के तापमान में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है। आज शुक्रवार को तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। कहीं-कहीं बादल भी छा सकते हैं। जबकि 1 मार्च को भोपाल, इंदौर समेत कई शहर में दिन का पारा 2 से 3 डिग्री तक बढ़ सकता है।  

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रीवा । शहर के शिल्पी प्लाजा बाजार के तीसरी मंजिल में स्थित लोकायुक्त कार्यालय में गुरुवार रात भीषण आग लग गई। आग  के घटना से इलाके में सनसनी फैल गई। सूचना मिलते ही दमकल और पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया। वहीं आगजनी में लोकायुक्त कार्यालय के अंदर रखे कई दस्तावेज जलकर खाक हो गए हैं। प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण शार्ट सर्किट बताया जा रहा है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।   जानकारी अनुसार घटना गुरुवार की देर रात तकरीबन करीब साढ़े 10 बजे की है। आग की लपटें देख क्षेत्र में हड़कंप मच गया, स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना दमकल और पुलिस टीम को दी। सूचना मिलते ही दमकल की कई गाड़ियों के साथ पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई। फायर ब्रिगेड की टीम ने कड़ी मशक्कत कर आग पर काबू पाया। गनीमत रही की फायर ब्रिगेड की टीम ने सूझबूझ से आग को नियंत्रण में कर लिया, नहीं तो स्थिति और भयावह हो सकती थी, क्योंकि आसपास मौजूद अन्य शासकीय कार्यालयों के साथ दुकानें भी आग की चपेट में आ सकती थी। गार्ड शिवलाल साकेत ने बताया- सबसे पहले कांच टूटने की आवाज सुनाई दी। लगा कि कोई चोर घुस आया है। मौके पर जाकर देखा तो आग लगी थी। दफ्तर में रखा पुराना रिकॉर्ड जलकर खाक हो गया।आग की जानकारी मिलते ही लोकायुक्त कार्यालय के सीनियर अफसर और सिविल लाइन थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। अफसरों ने आग में जले दस्तावेजों को अनुपयोगी बताया है। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक 50 से अधिक पुराने कागजात जलकर नष्ट हो गए हैं। इनमें कुछ अहम फाइलें भी हो सकती हैं। मामले में लोकायुक्त अफसर फिलहाल कोई आधिकारिक बयान देने से बच रहे हैं। सिविल लाइन थाना प्रभारी कमलेश साहू ने कहा- आग लगने की सही वजह का अब तक खुलासा नहीं हो सका है। प्राथमिक जांच में शॉर्ट सर्किट को कारण बताया जा रहा है। जांच के बाद ही इस बारे में कुछ कहा जा सकेगा।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा हाईस्कूल कक्षा 10वीं बोर्ड की वार्षिक परीक्षा आज (गुरुवार) से आरंभ हो रही है। यह परीक्षा 21 मार्च तक आयोजित होगी। परीक्षा नियमित तथा स्वाध्यायी परीक्षार्थियों के लिए प्रात: 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक होगी। जनसम्पर्क अधिकारी उमेश तिवारी ने बताया कि सभी परीक्षार्थियों को परीक्षा केन्द्र में प्रात: 8 बजे एवं परीक्षा कक्ष में प्रात: 8.30 बजे उपस्थित होना अनिवार्य होगा। परीक्षा कक्ष में प्रात: 8.45 बजे के बाद किसी भी परीक्षार्थी को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। परीक्षार्थियों को परीक्षा प्रारंभ होने से 10 मिनट पूर्व अर्थात प्रात: 8.50 बजे उत्तर पुस्तिका एवं 5 मिनट पूर्व अर्थात प्रात: 8.55 बजे प्रश्न-पत्र दिए जाएंगे। प्रत्येक परीक्षार्थी का उपस्थिति पत्रक की फोटो से मिलान किया जायेगा। प्रवेश पत्र में भी फोटो लगाना अनिवार्य है। परीक्षार्थी यथा संभव पेयजल की बोतल स्वयं लेकर आएं। उन्होंने बताया कि कक्षा 10वीं के नियमित तथा स्वाध्यायी परीक्षार्थियों की परीक्षा का प्रथम प्रश्न पत्र गुरूवार 27 फरवरी को हिंदी का होगा। शुक्रवार 28 फरवरी को उर्दू तथा शनिवार एक मार्च को नेशनल स्किल्स क्वालिफिकेशन फ्रेम वर्क के समस्त विषयों तथा आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस का प्रश्न पत्र होगा। सोमवार 3 मार्च को अंग्रेजी का प्रश्न पत्र होगा। बुधवार 5 मार्च को मराठी, गुजराती, पंजाबी, सिन्धी के प्रश्न पत्र तथा मूक बधिर और दृष्टिहीन विद्यार्थियों के लिए चित्रकला, गायन वादन, तबला पखावज और कम्प्यूटर का प्रश्न पत्र होगा। गुरूवार 6 मार्च को संस्कृत, सोमवार 10 मार्च को गणित, गुरूवार 13 मार्च को सामाजिक विज्ञान तथा शुक्रवार 21 मार्च को विज्ञान के प्रश्न पत्र की परीक्षा आयोजित होगी।    

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भोपाल । मध्य प्रदेश शासन, संस्कृति विभाग द्वारा जिला प्रशासन रायसेन के सहयोग से महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर प्रतिवर्षानुसार भोजपुर स्थित विश्व प्रसिद्ध शिव मंदिर प्रांगण में "महादेव" भोजपुर महोत्सव 26 से 28 फरवरी तक आयोजित किया जा रहा है। उप मुख़्यमंत्री जगदीश देवड़ा, क्षेत्रीय विधायक सुरेंद्र पटवा तथा सांची विधायक प्रभुराम चौधरी ने बुधवार देर शाम महोत्सव का शुभारंभ किया। इस अवसर पर पूर्व कैबिनेट मंत्री रामपाल सिंह, कलेक्टर अरुण विश्वकर्मा, स्थानीय जनप्रतिनिधि राकेश शर्मा सहित बड़ी संख्या में श्रोतागण भी उपस्थित रहे। समारोह के पहले दिन मुम्बई के गायक ऋषभ रिखीराम शर्मा ने भक्ति गीतों की प्रस्तुति दी, जिस पर श्रोता जमकर झूमे। महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि भोजपुर का मंदिर महाभारत कालीन है, इस मंदिर की प्रसिद्धी पुरे विश्व में है। आज मध्य प्रदेश ऐसा राज्य है जहां अपनी लोक संस्कृति को पुरे देश में सबसे अधिक बढ़ावा देने का कार्य किया जा रहा है। सरकार धार्मिक स्थलो पर विविध कार्यक्रम करा कर संस्कृति को बढ़ावा दे रही है। इस अवसर पर सुरेंद्र पटवा ने कहा कि आज भोजपुर में एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन किये। प्रभुराम चौधरी ने कहा कि सुंदरलाल पटवा ने इस महोत्सव को शुरू किया था, आज हजारों लोग इस महोत्सव का आनंद लेने आते हैं। महोत्सव में लोक गीत, संगीत और नृत्य के सांस्कृतिक स्वरूपों में भगवान शिव की महिमा दर्शायी जायेगी। कार्यक्रम प्रतिदिन सायं 6:30 बजे से शुरू होगा, जिसमें श्रोताओं का प्रवेश निःशुल्क रहेगा। संस्कृति संचालक एन.पी. नामदेव ने बताया कि तीन दिवसीय समारोह में आराध्य शिव के गीत-संगीत से भक्ति रस की पावन गंगा बहेगी। शाम की पहली सभा में खरगोन के शिव भाई गुप्ता का लोकगायन हुआ। उनकी सुमधुर वाणी ने निकले भक्ति गीतों ने श्रोताओं के अंतर्मन को भक्ति रस से भिगो दिया। बसंत की ढलती शाम के बीच उन्होंने महादेव की नगरी में जैसे ही भोले बाबा, म्हारा भोले बाबा, जटा म गंगा की धारा... गीत पेश किया, श्रोता उनकी स्वर लहरियों के बीच अलौलिक भक्ति में लीन हो गए। भगवान और भक्तों के बीच सुरों का सेतू बनाते हुए शिव भाई ने भोजपुर के लिए विशेष गीत जको गला म काला-काला नाग, देखो भाई भोजपुरम्... पेश किया। आदि-अनादि शिव का आह्वान करते हुए भोलेबाबा की आई रे बारात प्यारी लाग शिवरात्रि… गीत सुनाते हुए उन्होंने शिव के प्रति अपने कठ माधुर्य से प्रेम और समर्पण को दिखाया। गीतों की बेला को आगे बढ़ा हुए उनके कंठ से निकला हर स्वर भोजपुर की समीरण में भक्ति की महक घोल रहे थे। कार्यक्रम को विस्तार देते हुए उन्होंने भोला शम्भू परणंन क चलिया तजि गड चौव दुल्लव क देखी मन हर्ष रहि रे गॉवरा..., रनु बाई पाणी का जाए जाये बड़ी खटका सी लंबी चोटी न लाल फुन्दों पाणी भर मटका सी.... मारी पार्वती क डुबाई दि महारा नाथ और म्हारी नथनी खवाई गयी नाचनम... की प्रस्तुति देकर निमाड़ की पावन संस्कृति को मंच पर जीवंत किया। शाम की ठंडी बयार के बीच अगली प्रस्तुति बुंदेलखंड की ऐतिहासिक धरा से जुड़े प्रसिद्ध बधाई नृत्य की हुई। अभिलाष चौबे और साथी कलाकारों ने लोकनृत्य के माध्यम से जनपदीय संस्कृति के उल्लास को मंच पर बिखेरा। बधाई लोक नृत्य बुंदेलखंड अंचल का लोकप्रिय नृत्य है। इसे स्त्री एवं पुरुष दोनों ही मिलकर करते हैं। विवाह, तीज, त्यौहार, शिशु जन्म जैसे मांगलिक कार्य और धार्मिक अनुष्ठान के समय इस नृत्य को बुंदेलखंड में किए जाने की परंपरा रही है। कलाकार ढोलक, टिमकी, बांसुरी, लोटा और रामतुला जैसे पारंपरिक वाद्ययंत्रों के साथ गारी गीत गाते हैं। भोजपुर महोत्सव में आए इन योगियों ने जन्म लियो रघुरैया अवध में बाजे बधाइयां..., कोना घड़ी में राम रघुरैया कोना में किशन कन्हैया अवध में बाजे बधाइया..., नैना बंद लागे कहियो चोली बंद लागे कहियो, पीपर को पत्ता डुलत नैया... और लाल रंग डारो गुलाबी रंग डारो और रंग डारो केसरिया जे बंसी वारे सांवरिया नैना बंद... जैसे गीतों पर प्रस्तुति दी। प्रस्तुति में गायन में आदित्य प्रजापति, ढोलक पर लीलाधर बेन, टिमकी पर अक्षय तिवारी, रामतुला पर आदर्श मिश्रा ने संगत दी। उज्जैन की हीरामणी वर्मा और उनके साथी मटकी नृत्य के माध्यम से भोजपुर के आकाश में अठखेलियां करते चंद्रमा की चंचलता को प्रकृति पर उतार लाए। नृत्य और गायन में उनकी वर्षों की साधना की झलक दिखाई दे रही थी। मालवा की लोकनृत्य मटकी, मांगलिक कार्यों और त्योहारों के अवसर पर ढोल की थाप पर किया जाता है। इसमें महिलाएं समूह में घुंघट निकालकर यह नृत्य करती हैं। इसमें आडा, खड़ा, रजवाड़ी, डंडे, मटकीऔर फूंदी नृत्य के साथ आखिरी में हाथों में घड़े लेकर सांगीतिक धुनों पर मटक-मटक कर नृत्य किया जाता है। कलाकारों ने सायबा म्हारे लईदो करण फूल झुमको..., भम्मर पेरूं तो म्हारी सासू लड़े..., उदिया तो पुर से सायबा बीज मंगाव..., हो जी देस परायो रईवर आवंगा... और हूं तो केसूर बिजूर का हाट गई... जैसी गीतों पर लोकनृत्य पेश किया। भोजपुर महोत्सव में ऋषभ शर्मा ने अपनी मधुर और भक्तिमय प्रस्तुति से श्रोताओं को संगीतमयी यात्रा पर ले गए। प्रस्तुति की शुरुवात "तिलक कामोद" राग में अपने घराने की परम्परा की झलक पेश कर श्रोताओं को संगीत की एक अद्भुत दुनिया में प्रवेश कराया। इसके बाद, उन्होंने "शंकरा" की मनमोहक धुन से माहौल को भक्तिरस से सराबोर कर दिया। कार्यक्रम में आगे बढ़ते हुए, ऋषभ शर्मा ने "ॐ नमः शिवाय" की भक्ति में लीन प्रस्तुति दी, जिससे पूरे पंडाल में शिवमय वातावरण बन गया। फिर, उन्होंने "शिव कैलाशवासी धौली धरों के राजा शंकर संकट हर ना (शिव शम्भो हरणा ) शंकर संकट हरना " गाकर भोलेनाथ की महिमा का गुणगान किया। इतना ही नहीं, ऋषभ शर्मा ने अपने गायन में शास्त्रों और नीति को भी शामिल किया। उन्होंने "चाणक्य" और "कौटिल्य" से जुड़ी रचनाएं प्रस्तुत कर दर्शकों को भारतीय संस्कृति और ज्ञान परंपरा की झलक दिखाई। अंत में, उन्होंने ‘तांडवम’ में जटा टवी गलज्जलप्रवाह पावितस्थले गलेऽव लम्ब्यलम्बितां भुजंगतुंग मालिकाम्‌। डमड्डमड्डमड्डमन्निनाद वड्डमर्वयं चकारचण्डताण्डवं तनोतु नः शिव: शिवम्‌। की शानदार प्रस्तुति से पूरे माहौल को ऊर्जावान बना दिया। उनकी इस प्रस्तुति में शिव के तांडव की शक्ति और भावनाओं का जबरदस्त संगम देखने को मिला, जिसे सुनकर दर्शक रोमांचित हो उठे। ऋषभ शर्मा की इस संगीतमयी प्रस्तुति ने भोजपुर महोत्सव को यादगार बना दिया, और उनके मंत्रमुग्ध कर देने वाले गायन से हर कोई संगीत और भक्ति की गहराइयों में डूब गया।  

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में मौसम में लगातार उतार-चढ़ाव जारी है। पिछले कुछ दिनों से दिन के तापमान में बढ़ोतरी हुई है। हालांकि रात में हल्‍की ठंड है। अब मार्च के पहले सप्ताह में मध्य प्रदेश के पश्चिम-उत्तरी हिस्से में हल्की बारिश होने के आसार है। मौसम विभाग का कहना है कि वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) के एक्टिव होने से ऐसा हो सकता है। इससे पहले 3 दिन तक दिन-रात का पारा 2 से 3 डिग्री बढ़ा रहेगा। जिससे गर्मी का अहसास होगा।मौसम विभाग के अनुसार, 2 मार्च से नया वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव हो रहा है। जिसका असर प्रदेश में भी देखने को मिल सकता है। अभी साइक्लोनिक सर्कुलेशन का असर है। गुरुवार को दिन के तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। रात में भी पारा बढ़ सकता है। वहीं, 28 फरवरी को राजधानी भोपाल और इंदौर समेत कई शहर में दिन का पारा 2 से 3 डिग्री तक बढ़ सकता है। इधर, बुधवार को भोपाल में सुबह से बादल छाए रहे। वहीं, रीवा, सतना, पन्ना और मैहर जिलों में भी मौसम बदला रहा। बाकी शहरों में आसमान साफ रहा। जिससे दिन के पारे में बढ़ोतरी देखने को मिली।पिछले 5 दिन से प्रदेश में हल्की ठंड पड़ रही है। बुधवार रात पचमढ़ी में तापमान 6.8 डिग्री, शहडोल के कल्याणपुर में 8.7 डिग्री, शाजापुर के गिरवर में 9.6 डिग्री और मंडला में 10.2 डिग्री दर्ज किया गया। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 12.6 डिग्री, इंदौर में 17.6 डिग्री, ग्वालियर में 15.5 डिग्री, उज्जैन में 13.8 डिग्री और जबलपुर में पारा 11.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।  

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मंदसौर । नगर की आस्था के केन्द्र भूतभावन अष्टमुखी भगवान पशुपतिनाथ मंदिर में महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया गया। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रबंधन ने सुबह 4 बजे से ही मंदिर के द्वार खोल दिए थे। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए थे। मंदिर परिसर में करीब 200 पुलिस जवानों की तैनाती की गई थी। साथ ही मंदिर परिसर को सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही थी।   पशुपतिनाथ मंदिर के पुजारी कैलाश भट्ट के अनुसार प्रदोष के साथ महाशिवरात्रि का विशेष संयोग है। सुबह भगवान का दूध, दही और पंचामृत से विशेष अभिषेक किया गया। दिन में भी भगवान को दूध-दही से स्नान कराया गया। इसके बाद मेवा, भांग और फूलों से श्रृंगार किया गया। शाम को मंदिर के आराधना हॉल में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी हुआ। सागर से आए जुगल किशोर नामदेव ने अपनी शानदार प्रस्तुति दी। इंदौर की कविता तिवारी महादेव पर केंद्रित नृत्य प्रस्तुत किया जिसे दर्शको ने खूब सराहा।

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भोपाल । मध्य प्रदेश के सीहोर जिला मुख्यालय स्थित कुबेरेश्वर धाम में मंगलवार से सात दिवसीय रुद्राक्ष महोत्सव का आगाज हो गया है। यह महोत्सव 3 मार्च तक चलेगा। इसके लिए विट्ठलेश सेवा समिति और प्रशासन ने इस आयोजन के लिए व्यापक स्तर पर तैयारियां की हैं। महोत्सव को लेकर दो दिन पहले से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुटनी शुरू हो गई। रविवार रात तक पंडाल और डोम श्रद्धालुओं से भर गए। मंगलवार को कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने पंडाल की भोजनशाला में हजारों श्रद्धालुओं को नुक्ती, मिक्चर, रोटी, सब्जी और खिचड़ी-चावल का प्रसाद वितरण किया। प्रसिद्ध भजन गायक देंगे प्रस्तुति महोत्सव में 27 फरवरी और 1 मार्च को प्रसिद्ध भजन गायक अपनी प्रस्तुति देंगे। महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों से 2000 से अधिक सेवादार व्यवस्था के लिए पहुंचे हैं। सुरक्षा व्यवस्था के लिए तीन हजार से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। कथा में शामिल होने के लिए देश भर से लाखों भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। आयोजन के लिए यहां चार लाख स्क्वायर फीट में पांच डोम और भव्य पंडाल बनाए गए हैं, जो फुल हो गए थे। शिवमहापुराण समारोह को लेकर ट्रैफिक पुलिस द्वारा पहले ही पार्किंग व्यवस्था और रूट डायवर्ट किया गया था। भक्तों को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए हजारों की संख्या में पुलिस के जवान दिन-रात अपनी सेवा दे रहे हैं। इसके अलावा जिला प्रशासन ने भी एक दर्जन से अधिक विभागों के आला अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है। मंगलवार से पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा और रुद्राक्ष महोत्सव का सात दिवसीय आयोजन शुरू हो गया। जिसके लिए सुबह से रुद्राक्ष तैयार करने का सिलसिला जारी है। दोपहर में एक बजे से शाम 4 बजे तक कथा और रात्रि में सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इस बार रुद्राक्ष महोत्सव में एक करोड़ से अधिक रुद्राक्षों को अभिमंत्रित किया जाएगा। भगवान शिव पर भरोसा करना वह आपको कामयाबी दिलाएगा कथा के पहले दिन पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि भगवान शिव के अनेक गुण हैं, लेकिन शांत रहना, समदर्शी, विनम्रता और निम्रलता आदि गुणों को श्रद्धालु ले लें, तो शिव की प्राप्ति हो सकती है। आपके जीवन में जब भी असफलता और निराश आए, तो भगवान शिव पर भरोसा करना वह आपको कामयाबी दिलाएगा। भगवान शिव की आराधना करने वाला भक्त कभी दुखी नहीं रहता है। जीवन में कोई जीव अकेला नहीं, कभी खुद को अकेला महसूस न करें, शुभकर्म में किसी के साथ का इंतजार न करें। अकेले भी कर्म, धर्म करने का मौका मिलता है, तो इसे गंवाना मत। शिव की आराधना कोई भी कर सकता है। भगवान शिव पूजा-अर्चना सेठ से लेकर गरीब कर सकता है। भगवान तो सिर्फ भाव के भूखे हैं। उन्होंने कहा कि जीवन में जब भी भगवत नाम सुनने का अवसर प्राप्त हो, उससे विमुख नहीं होना चाहिए-जीवन में जब भी भगवत नाम सुनने का अवसर प्राप्त हो, उससे विमुख नहीं होना चाहिए। परमात्मा अवतार धारण करके धरती पर धर्म की स्थापना करते हैं। कथा के श्रवण करने की सार्थकता तब ही सिद्ध होती है जब इसे हम अपने जीवन व व्यवहार में धारण कर निरंतर भगवान का स्मरण करते हैं। भगवान भोलेनाथ हर भक्त की सुनते हैं। भोले की भक्ति में शक्ति होती है। भगवान भोलेनाथ कभी भी किसी भी मनुष्य की जिंदगी का पासा पलट सकते हैं। बस भक्तों को भगवान भोलेनाथ पर विश्वास करना चाहिए और उनकी प्रतिदिन आराधना करनी चाहिए। पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि इस सृष्टि में हम जिस विपत्ति को कांटों की चुभन की तरह कष्टकारक समझते है, उसका भी हमसे गुलाब के कांटों जैसा ही अनोखा रिश्ता है। गुलाब का कांटों के बीच खिलना हमारे जीवन के लिए प्रकृति का संदेश है कि जीवन फूलों की सेज नहीं है। जैसे गुलाब में केवल कोमलता ही नहीं होती, उसी तरह जीवन भी सुख-दुख का संगम है। जिसने यह रहस्य समझ लिया, वह हर अभिशाप को भी वरदान बना लेता है। गुलाब का फूल और मनुष्य का शरीर दुखों और कांटों के मध्य रहता है। हमें अपने जीवन को सरल और सहज बनाकर अपने आपको सुखी रखना है। शिव पुराण का यही संदेश है कि भगवान शिव की आराधना करने वाला नहीं रहता दुखी। भगवान भोलेनाथ की भक्ति में बहुत ही शक्ति है। भोलेनाथ पर विश्वास करने वालों की पलट जाती है किस्मत। जब भरोसा प्रबल हो जाए तो शिव मिलते हैं   उन्होंने कहा कि जब भरोसा प्रबल हो जाए तो शिव से मिलने में देरी नहीं होगी, यह केवल रुद्राक्ष उत्सव नहीं, यह भक्ति का सागर है साल भर में जो सात दिन है, इसमें पूरी आस्था और विश्वास के साथ भगवान शंकर की भक्ति करें, यहां से जो जाता है वो तीन माह बाद लौटकर आता है। यह देश में 12 ज्योर्तिलिंग में आस्था का देवालय है। जो थोड़ी सी गर्मी पाकर गर्म हो जाए वो हीरा नहीं कांच पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि कुबेरेश्वरधाम पर आकर दिल से बाबा की भक्ति करे, हमारे अंदर का अहम और घमंड को त्याग कर सच्चे मन से बाबा को याद करें, उन्होंने कहानी का जिक्र करते हुए कहा कि एक जौहरी के पास दो हीरे थे, एक नकली और एक असली, वह अनेक स्थानों पर गया, लेकिन किसी ने इन हीरों की पहचान नहीं की, लेकिन संत ने असली हीरे के बारे में बताते हुए कहा कि हीरा कितनी गर्मी पड़ जाए अपना तत्व नहीं खोता है, जो थोड़ी सी गर्मी पाकर गर्म हो जाए वो कांच और जो अधिक गर्मी पाकर भी अपने तत्व पर बना रहे वहीं हीरा होता है। इसी तरह धन की गर्मी, पद की गर्मी और सत्ता की गर्मी में नहीं हमें शिव की भक्ति में लीन होकर अपना जीवन सफल करना है।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मौसम का मिला जुला असर देखने को मिल रहा है। कहीं धूप तो कहीं हल्की ठंड पड़ रही है। कुछ शहर ऐसे है जहां तापमान 10 डिग्री से भी कम दर्ज किया गया। भोपाल, जबलपुर समेत मध्यप्रदेश के 11 शहरों में रात का तापमान 12 डिग्री से नीचे पहुंच गया है। प्रदेश के हिल स्टेशन पचमढ़ी, खजुराहो और मंडला भी ठंडे हैं। मौसम विभाग के मुताबिक, गुरुवार से तापमान में फिर बढ़ोतरी होगी। तापमान 2 से 4 डिग्री तक बढ़ सकता है।प्रदेश में पिछले चार दिन से हल्की ठंड पड़ रही है। कुछ शहर तो ऐसे हैं, जहां पारा 10 डिग्री से भी कम है। सोमवार-मंगलवार की रात में शाजापुर के गिरवर में 8.8 डिग्री, अशोकनगर के आंवरी में 9.5 डिग्री और शहडोल के कल्याणपुर में पारा 9.9 डिग्री दर्ज किया गया। भोपाल, जबलपुर, राजगढ़, उमरिया खजुराहो, मंडला में भी पारा कम रहा। इधर, मंगलवार को दिन में मिला-जुला असर देखने को मिला। धूप तो खिली लेकिन ज्यादा चूभने वाली नहीं थी। हालांकि, तापमान बढ़ा हुआ रहा। भोपाल समेत कई शहरों में तापमान 31 डिग्री या इससे अधिक ही दर्ज किए गए।मौसम विभाग के अनुसार, अभी वेस्टर्न डिस्टरबेंस और साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम एक्टिव है। इस वजह से ऐसा मौसम है। बुधवार को भी मौसम ऐसा ही बना रहेगा, फिर दिन-रात के तापमान में बढ़ोतरी होगी। आज बुधवार को दिन के तापमान में बढ़ोतरी के साथ कहीं-कहीं बादल छाने का भी अनुमान है। वहीं, 27 फरवरी को दिन-रात के तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है, जो अगले एक-दो दिन तक रहेगी।  

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मंदसौर । महाशिवरात्रि पर्व को लेकर क्षेत्र में भक्तों की आस्था के केन्द्र भगवान पशुपतिनाथ मंदिर में सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। इससे पूर्व सोमवार की शाम को प्रबंध समिति की बैठक भी हुई जिसमें कलेक्टर अदिति गर्ग और एसपी अभिषेक आनंद और विधायक विपिन जैन ने मंदिर प्रबंध समिति के सदस्यों और पुजारियों के साथ व्यवस्थाओं की समीक्षा की। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए कई अहम निर्णय लिए गए। मंदिर में प्रवेश और निकास के लिए अलग-अलग पॉइंट बनाए गये है। दिव्यांग श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। मंदिर की सज्जा और विद्युत व्यवस्था पर भी विशेष ध्यान दिया गया है।  सुरक्षा के मद्देनजर मंदिर और शहर में 200 पुलिसकर्मियों की शिफ्ट वाइज तैनाती की जाएगी। कलेक्टर ने जिले के अन्य मंदिरों में भी बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। सभी मेला स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। ट्रैफिक प्लान भी तैयार किया गया है। श्रद्धालुओं से अच्छा सरल सहज व्यवहार करें-एसपीमंगलवार को मंदिर परिसर में जिन पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगेंगे उस व्यवस्था को देखने एसपी अभिषेक आनंद खुद मंदिर पहुंचे और ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि मंदसौर भगवान पशुपतिनाथ मंदिर क्षेत्र में आने वाले सभी श्रद्धालुओं से सरल सहज हाथ जोड़ कर सभी भक्तों से अच्छा व्यवहार करें। एसपी श्रीआनन्द ने श्रद्धालुओं से भी अपील करते हुए कहा आप सभी भी ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों के निर्देश का पालन करें यह सब आप सभी को सुलभ सरल दर्शन करवाने हेतु इनकी ड्यूटी लगाई गई है।

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भोपाल । भोपाल में  शुरू हुई दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) में एमपी टूरिज्म बोर्ड का पवेलियन आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थल, प्राचीन मंदिर, राजसी किले और लुभावने प्राकृतिक स्थलों को नवीन तकनीक और इंटरैक्टिव पैनल के माध्यम से प्रदर्शित किया जा गया है। यहां डेलिगेट्स ने होलोग्राम के जरिए महांकाल के सजीव दर्शन कराये जा रहे हैं। उन्हें उज्जैन से विशेष रूप से मंगाया गया बाबा महाकाल का प्रसाद भी दिया जा रहा है। इसके साथ ही साइक्लिंग करते हुए वर्चुअल रियलिटी के ज़रिए ओरछा, खजुराहो और सांची स्तूप के साथ वन्य जीवन का अनुभव कराया जा रहा है। पवेलियन में वेलनेस टूरिज्म को प्रदर्शित करते हुए साउंड हीलिंग तकनीक का विशेष जोन बनाया गया है। प्रदेश के पारंपरिक हस्तशिल्प बाग प्रिंट का लाइव काउंटर में डेलिगेट्स बाग प्रिंट को करीब से जानने के साथ साड़ी, स्टोल जैसे उत्पाद भी खरीद रहे हैं। जीआईएस के पलो को यादगार बनाने के लिए मोगली सेल्फी पॉइंट स्थापित किया गया हैं। जिसमें डेलीगेट्स जंगल बुक के कैरेक्टर मोगली, बघीरा सहित चीता और बाघ के साथ सेल्फी ले सकते है। पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी ने कहा "जीआईएस में आने वाले मेहमानों को म.प्र. के ऐतिसाहिक, प्राकृतिक, सांस्कृतिक स्थलों से अवगत कराने के उद्देश्य से आधुनिक तकनीक का उपयोग किया गया है। वर्चुअल अनुभव से न केवल राज्य की विरासत को व्यापक स्तर पर प्रचार मिलेगा, बल्कि डेलिगेट्स में हमारे पर्यटन स्थलों के प्रति आकर्षण भी बढ़ेगा। पवेलियन में होलोग्राम के जरिये महाकाल के दर्शन और ओरछा की वर्चुअल टूर को सराहा जा रहा है। साथ ही पवेलियन में पधारने वाले निवेशकों और डेलिगेट्स को प्रदेश में पर्यटन परियोजनाओं में निवेश के अवसर और नवीन पर्यटन नीति के प्रावधानों से भी अवगत कराया जा रहा है। डेलिगेट्स के लिए उज्जैन और सांची बने पहली पसंद   ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आए देश-विदेश के प्रतिनिधियों के लिए मध्य प्रदेश पर्यटन ने विशेष यात्रा टूर प्लान किया है। डेलिगेट्स ने उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर के साथ ही, सांची के बौद्ध स्तूप, भोजपुर के शिव मंदिर और भीम बेटका की ऐतिहासिक गुफाओं में रुचि व्यक्त की है। साथ ही पर्यटन ग्राम खारी को भी डेलिगेट्स द्वारा खूब पसंद किया जा रहा है, जहां डेलिगेट्स ग्रामीण जीवनशैली और स्थानीय संस्कृति का अनुभव ले रहे हैं। मध्य प्रदेश पर्यटन की शानदार मेहमाननबाजी का ले रहे हैं लुत्फ   मध्य प्रदेश पर्यटन GIS में आए मेहमानों को राज्य के ऐतिहासिक, प्राकृतिक, सांस्कृतिक स्थलों से अवगत कराने के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग भी कर रहा है। इससे न केवल राज्य की विरासत को व्यापक स्तर पर प्रचार मिल रहा है, बल्कि डेलीगेट्स में हमारे पर्यटन स्थलों के प्रति आकर्षण भी बढ़ा रहा है। मध्य प्रदेश सरकार और पुरातत्व विभाग के सहयोग से राज्य के सभी पुरातात्विक और एएसआई संरक्षित स्मारकों पर प्रतिनिधियों के लिए नि:शुल्क प्रवेश की सुविधा दी गई है। इसके अलावा, मध्य प्रदेश पर्यटन द्वारा सहायता डेस्क और यात्रा सहायकों की भी विशेष व्यवस्था की गई, जिससे मेहमानों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। मध्य प्रदेश की जनजातीय कला और संस्कृति का भव्य प्रदर्शन   प्रदेश की जनजातीय और स्थानीय संस्कृति के साथ जनपदीय संस्कृति को सजीव रूप में प्रस्तुत करने के लिए सांस्कृतिक ग्राम विकसित किया गया है। इसमें प्रदेश की जनजातीय और लोक कलाकारों की अद्भुत प्रतिभा का प्रदर्शन भी किया जा रहा है। सांस्कृतिक परिदृश्य की झलक प्रस्तुत करते जनजातीय नृत्य, पारंपरिक वस्त्र, चित्रकारी, मिट्टी और धातु शिल्प के साथ लोक संगीत सभी डेलीगेट को अपनी ओर अनायास ही आकर्षित कर रहे है। विशेष रूप से जनजातीय नृत्य बोंगा, बैगा, सहरिया, कोल और कोरकू जनजातियों के पारंपरिक नृत्यों की प्रस्तुतियां दी जा रही हैं। चंदेरी और महेश्वरी साड़ियों, बाग प्रिंट, मिट्टी के बर्तन, धातु के आभूषण और लकड़ी के खिलौने मध्य प्रदेश की शिल्प कला का उत्कृष्ट नमूना प्रस्तुत किया जा रहा है। निमाड़ और बुंदेलखंड के लोक गायकों द्वारा प्रस्तुत पारंपरिक गीत संगीत की प्रस्तुति दी जा रही हैं।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मौसम में उतार-चढ़ाव जारी है। कभी गर्मी का एहसास हो रहा हो तो कभी हल्की ठंड का। सोमवार रात की बात करें तो कई शहरों के न्यूनतम तापमान में उछाल आया है। जबकि पहाड़ों पर बर्फबारी होने और उत्तरी हवाएं चलने के कारण प्रदेश के कई शहरों के रात के तापमान में हल्की गिरावट आई। सोमवार को भोपाल में बादल छाए रहे, जबकि पचमढ़ी की रात सबसे ठंडी रही। ऐसा ही मौसम मंगलवार को भी बना रहेगा, लेकिन इसके बाद पारे में 2 से 4 डिग्री तक की बढ़ोतरी हो सकती है।मौसम विभाग के अनुसार, अभी वेस्टर्न डिस्टरबेंस और साइक्लोनिक सकुर्लेशन सिस्टम की वजह से ऐसा मौसम है। मंगलवार को भी असर बना रहेगा, लेकिन बुधवार से पारे में फिर से बढ़ोतरी होने लगेगी। इससे दिन-रात में हल्की गर्मी का एहसास होगा। इससे पहले सोमवार को भोपाल, इंदौर, दमोह, उमरिया, बालाघाट समेत कई शहरों में दिन के तापमान में गिरावट हुई। वहीं, रतलाम, उज्जैन, खंडवा, खरगोन, नर्मदापुरम, गुना, बैतूल, जबलपुर आदि शहरों में पारे में बढ़ोतरी हुई। खंडवा-खरगोन और रतलाम में तो तापमान 33 डिग्री के पार पहुंच गया। इन शहरों में मंगलवार को पारा लुढ़क सकता है।आज भोपाल, जबलपुर-ग्वालियर और इंदौर में दिन के तापमान में गिरावट हो सकती है। इंदौर संभाग के खंडवा-खरगोन और उज्जैन संभाग के रतलाम में पारा बढ़ा हुआ रहने का अनुमान है। जबकि 26 फरवरी को दिन-रात के तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है, जो अगले एक-दो दिन तक रहेगी।

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उज्जैन । सनातन धर्म परंपरा में जिस प्रकार शक्ति की आराधना के लिए देवी मंदिरों में नवरात्रि मनाई जाती है, उसी प्रकार उज्जैन के विश्वप्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में शिव नवरात्रि मनाई जाती है। बारह ज्योतिर्लिंगों में एकमात्र श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में ही शिव नवरात्रि उत्सवपूर्वक मनाई जाती है। श्री महाकालेश्वर मंदिर में शिव नवरात्रि का यह उत्सव फाल्गुन कृष्ण पंचमी 17 फरवरी से प्रारम्भ हो गया है। यह महाशिवरात्रि महापर्व के अगले दिन तक चलेगा | इस दौरान श्री महाकालेश्वर भगवान जी के पट दर्शन हेतु लगभग 44 घंटे दर्शन हेतु खुले रहेगे। * 26 फरवरी 2025 (25 फरवरी की रात्रि) महाशिवरात्रि महापर्व पर भस्मार्ती हेतु महाकालेश्वर भगवान जी के मंगल पट प्रात: 02:30 बजे खुलेगे| भस्मारती उपरांत प्रातः 07:30 से 08:15 दद्योदक आरती, प्रातः 10:30 से 11:15 तक भोग आरती के पश्यात दोपहर 12 बजे से उज्जैन तहसील की ओर से पूजन-अभिषेक संपन्न होगा| सायं 04 बजे होल्कर व सिंधिया स्टेट की ओर से पूजन व सायं पंचामृत पूजन के बाद भगवान श्री महाकालेश्वर को नित्य संध्या आरती के समान गर्म मीठे दूध का भोग लगाया जायेगा|  रात्रि में सायं 07 बजे से 10 बजे तक कोटितीर्थ कुण्ड के तट पर विराजित श्री कोटेश्वर महादेव का पूजन, सप्तधान्य अर्पण, पुष्प मुकुट श्रृंगार (सेहरा) के उपरान्त आरती की जायेगी | 26 फरवरी 2025 की रात्रि 11 बजे से सम्पूर्ण रात्रि के साथ ही 27 फरवरी प्रात: 06 बजे तक भगवान श्री महाकालेश्वर जी का महाअभिषेक पूजन चलेगा | जिसमे एकादश-एकादशनी रूद्रपाठ व विभिन्न मंत्रो के माध्यम से 11 ब्राह्मणों द्वारा देवादिदेव भगवान श्री महाकालेश्वर जी का अभिषेक किया जायेगा | उसके पश्यात भस्म लेपन, विभिन्न प्रकार के पाच फलो के रसो से अभिषेक, पंचामृत पूजन (101 लीटर दूध, 31 किलो दही, 21 किलो खांडसारी , 21 किलो शहद, 15 किलो घी), गंगाजल, गुलाब जल, भाँग आदि के साथ केसर मिश्रित दूध से अभिषेक किया जायेगा | फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी 27 फरवरी 2025 गुरुवार अभिषेक उपरांत भगवान को नवीन वस्त्र धारण कराये जाकर सप्तधान्य का मुखारविंद धारण कराया जायेगा | जिसके उपरांत भगवान श्री महाकालेश्वर जी को सप्तधान्य अर्पित किया जाएगा जिसमे चावल, खडा मूग, तिल, गेहू, जौ, साल, खड़ा उडद सम्मिलित रहेगे |श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारियो द्वारा भगवान श्री महाकालेश्वर का श्रृंगार कर पुष्प मुकुट (सेहरा) बांधा जाएगा | भगवान श्री महाकालेश्वर जी को चंद्र मुकुट, छत्र, त्रिपुंड व अन्य आभूषणों से श्रृंगारित किया जायेगा | भगवान पर न्योछावर नेग स्वरुप चांदी का सिक्का व बिल्वपत्र अर्पित की जायेगी | श्री महाकालेश्वर भगवान की सेहरा आरती की जायेगी व भगवान को विभिन्न मिष्ठान्न, फल, पञ्च मेवा आदि का भोग अर्पित किये जायेगे| 27 फरवरी 2025 को प्रातः सेहरा दर्शन के उपरांत वर्ष में एक बार दिन में 12 बजे होने वाली भस्मार्ती होगी | भस्मार्ती के बाद भोग आरती होगी व शिवनवरात्रि का पारणा किया जायेगा | 27 फरवरी को सायं पूजन, सायं आरती व शयन आरती के बाद भगवान श्री महाकालेश्वर जी के पट मंगल होगे | 01 मार्च 2025 शनिवार को वर्ष में एक बार एक साथ होने वाले पंचमुखारविन्द (पाँच स्वरूप एक साथ) के दर्शन के साथ महाशिवरात्रि पर्व का समापन होगा |  

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में मौसम में उतार-चढ़ाव जारी है। एक बार फिर हल्की सर्दी का दौर शुरू हो गया है। दिन में ठंडी हवा चल रही है तो रातें सर्द हैं। रविवार की रात प्रदेश के 3 शहरों में पारा 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहा। पचमढ़ी में तापमान 6.1 डिग्री पहुंच गया। प्रदेश के पूर्वी हिस्से यानी जबलपुर, सागर, शहडोल-रीवा के साथ भोपाल संभाग में भी पारा लुढ़का है। अगले 2 दिन ऐसा ही मौसम बना रहेगा। इस दौरान दिन-रात के तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट हो सकती है। 24-25 फरवरी को हल्की सर्दी का एहसास होगा।मौसम विभाग के अनुसार, फरवरी में कई वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव होते हैं। इस बार भी ऐसा ही है। इस वजह से तापमान में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहेगी। फिलहाल, बारिश होने के आसार नहीं हैं। आज सोमवार को भोपाल, जबलपुर-ग्वालियर में दिन में सर्द हवा चल सकती है। रात में भी तापमान में गिरावट होने का अनुमान है। 25 फरवरी को दिन-रात के तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी, लेकिन इसके बाद फिर से तापमान में बढ़ोतरी होने लगेगी। रविवार को ज्यादातर जिलों में धूप तो खिली रही, लेकिन हवाओं से ठंडक बनी रही। भोपाल में हवा की रफ्तार 8 से 10 किमी प्रतिघंटा रही। इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर समेत अन्य शहरों में भी मौसम बदला रहा।रविवार की रात छतरपुर के खजुराहो में 4.6 डिग्री की गिरावट के साथ पारा 10.4 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। छिंदवाड़ा में 4.2 डिग्री की गिरावट हुई और पारा 13 डिग्री दर्ज किया गया। पचमढ़ी में 6.1 डिग्री, कल्याणपुर में 9 डिग्री, शाजापुर से जुड़े गिरवर में 9.3 डिग्री, उमरिया में 10.3 डिग्री, राजगढ़ में 10.6 डिग्री, मंडला में 11.4 डिग्री और बैतूल-नौगांव में 12.7 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। वहीं, भोपाल में 11.4 डिग्री, ग्वालियर में 11.8 डिग्री, जबलपुर में 11.4 डिग्री, उज्जैन में 13.4 डिग्री और इंदौर में 16 डिग्री तापमान रहा।  

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रतलाम । मध्य प्रदेश के रतलाम रेल मंडल में साेमवार सुबह उस वक्त हड़कंप मच गया जब, जब कोच छोड़ रेल का इंजन आगे निकल गया। यहां रतलाम रेल मंडल के बड़ायला चौरासी स्टेशन पर चित्तौड़गढ़ जा रही डेमू ट्रेन की कपलिंग टूटने से ट्रेन दो हिस्सों में बंट गई। ट्रेन का इंजन निकल कर आगे चला गया। ट्रेन का आधा हिस्सा स्टेशन से पार हो गया था, उस समय यह घटना घटी। अचानक से हुए घटनाक्रम से यात्रियों में हड़कंप मच गया। रतलाम रेल मंडल डीआरएम अश्वनी कुमार ने घटनाक्रम के जांच के आदेश दिए है। घटना में किसी प्रकार की कोई जनहानि नहीं हुई है।जानकारी के अनुसार, सुबह करीब 9:56 बजे रतलाम से रवाना हुई 79303 रतलाम-चित्तौड़गढ़ डेमू ट्रेन 10:24 बजे बड़ायला चौरासी पहुंची। यहां से आगे रवाना होने के दौरान ही ट्रेन से इंजन अलग हो गया। इस दौरान ट्रेन की गति धीमी थी, जिससे बगैर इंजन का रैक कुछ दूर आगे जाकर रुक गया। घटना की सूचना मिलते ही रेल प्रशासन हरकत में आ गया। वहीं जिला पुलिस के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। यात्री भी घबराकर कोच से उतर गए। ट्रेन की गति धीमी होने से बड़ा हादसा टल गया। एकदम हुए घटनाक्रम से रेल यात्री घबरा गए। ट्रेन से उतर कर बाहर प्लेटफॉर्म पर तो कुछ पटरियों के किनारे खड़े हो गए। घटना की सूचना रतलाम रेलवे कंट्रोल को दी गई। सूचना मिलने पर अधिकारी और कर्मचारी मौके पर पहुंचे। बाद में इंजन को दोबारा जोड़कर ट्रेन को करीब 11:50 बजे रवाना किया। इसके चलते ट्रेन करीब 1:30 घंटा लेट हो गई। बडायला चौरासी स्टेशन मास्टर योगेश यादव ने बताया- तकनीकी खराबी के कारण कपलिंग टूटने से इंजन ट्रेन से अलग हो गया। दूसरा इंजन बुलवाकर ट्रेन को एक घंटे में रवाना किया। वहीं रतलाम रेल मंडल के जनसंपर्क अधिकारी खेमराज मीणा ने बताया कि कपलिंग टूटने से इंजन अलग हुआ है। किसी प्रकार की कोई जनहानि नहीं हुई है। जांच के आदेश दिए हैं।  

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छतरपुर । मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग के सहयोग से आयोजित 51वें खजुराहो नृत्य समारोह का तीसरा दिन संस्कृति के रंगों से भरा रहा। समारोह के तीसरे दिन शनिवार की शाम कुचिपुड़ी, कथक, मोहिनीअट्टम और कथकली नृत्य के नाम रही। नृत्य महोत्सव के मुक्ताकाशी मंच पर देश-विदेश के साधनारत कलाकारों ने शिव की परम्‍परा को साकार किया। 51 वें नृत्य समारोह परिसर में कहीं संस्कृति के रंग बिखरे हुए हैं, तो कहीं सजीव चित्रांकन तो कहीं पारंपरिक शिल्प से स्टॉल सजे हुए हैं। जहां कलाकार और कला प्रेमियों का भारतीय कलाओं के प्रति अनंत आस्था और समर्पण देखते ही बना। खजुराहो नृत्य समारोह की समृद्धि और प्रसिद्धि का अंदाजा मंच के सामने बैठे दर्शकों की संख्या को देखकर ही लगाया जा सकता था।  

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उज्जैन । भारत और पाकिस्तान के बीच आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का मैच आज रविवार काे दुबई में खेला जा रहा है। इस महामुकाबले को लेकर देशभर में उत्साह चरम पर है। टीम इंडिया की जीत के लिए देश भर में दुआ की जा रही है। उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में भी इसके लिए विशेष पूजा की गई। पुजारियों ने गर्भगृह में टीम इंडिया की तस्वीर रखकर जलाभिषेक किया और मंत्रोच्चार के साथ जीत की कामना की।   भारत और पाकिस्तान के बीच महा मुकाबले से पहले रविवार काे उज्जैन स्थित ज्योर्तिलिंग महाकाल मंदिर में भारतीय टीम की शानदार जीत के लिए विशेष पूजा अर्चना की गई। मंदिर के पुजारियों ने भारतीय टीम के खिलाड़ियों की फोटो गर्भ गृह में लेकर भगवान महाकाल का पूजन किया और मंत्रोच्चार के बीच उनका आशीर्वाद लिया। महाकाल मंदिर परिसर स्थित श्री सिद्धिविनायक गणेश मंदिर में भी विशेष पूजा का आयोजन किया गया। यहां भगवान गणेश के सामने टीम की तस्वीर रखकर गणपति अथर्व शीर्ष का पाठ किया गया। वहीं, दूसरी ओर मां बगलामुखी मंदिर में हल्दी-मिर्च के साथ खास हवन किया गया।महाकाल मंदिर स्थित श्री सिद्धिविनायक गणेश मंदिर के पुजारी पंडित दिलीप उपाध्याय (चम्मू गुरु) ने बताया कि भारत-पाकिस्तान मैच को लेकर भारत ही नहीं दुनिया भर में उत्साह है। चैंपियंस ट्रॉफी मैं पाकिस्तान के खिलाफ भारत को विजयश्री मिले। इसी कामना को लेकर विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के गर्भग्रह में टीम इंडिया के खिलाड़ियों की तस्वीर रखकर विशेष पूजा अर्चना की गई। पुजारी ने विशेष मंत्रों के साथ पूजा की और बाबा महाकाल से यह कामना की । सिद्धिविनायक गणेश मंदिर में भी विशेष पूजा की गई। पूजा-अर्चना के साथ गणपति अर्थवशीर्ष का पाठ ब्राह्मणों द्वारा किया गया। स्वस्तिवाचन किया गया। आज यह कामना की है कि मैच में भारत इतने बड़े स्कोर से जीत दर्ज करे कि पाकिस्तान याद रखें।   इधर, भैरवगढ़ रोड़ स्थित मां बगलामुखी मंदिर में भर्तृहरि गुफा के महंत पीर योगी रामनाथ महाराज और पीर योगी महावीरनाथ की मौजूदगी में 51 वैदिक ब्राह्मण बटुकों ने मंदिर में हवन किया। महंत रामनाथ महाराज ने कहा कि भारत की प्रचंड जीत हो, इसके लिए देवी मां से प्रार्थना करते हुए यज्ञ अनुष्ठान किया है। मिर्च, हल्दी, नारियल के साथ हवन सामग्री का उपयोग करते हुए भारतीय टीम के सभी खिलाड़ियों के नाम से यज्ञ किया है। देवी मां की कृपा से भारत की प्रचंड जीत होगी।  

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भोपाल  । मध्यप्रदेश में एक बार फिर मौसम बदल गया है। तापमान में गिरावट की वजह से ठंड बढ़ने लगी है। ठंडी हवा ने कई शहरों में ठिठुरन बढ़ा दी है। दिन में ठंडी हवा चल रही तो रातें सर्द हैं। शनिवार रात ग्वालियर और भोपाल संभाग में करीब 3 डिग्री तक पारा लुढ़का है। अगले दो दिन यानी, रविवार-सोमवार को 2 से 3 डिग्री तक पारा और लुढ़केगा। वहीं, आखिरी सप्ताह में दिन में गर्मी और रातें ठंडी रहेगी।मौसम विभाग के अनुसार, भोपाल में 3 डिग्री की गिरावट के बाद तापमान 12 डिग्री पर आ गया। ग्वालियर में 14.7 डिग्री, इंदौर में 16 डिग्री, उज्जैन में 13 डिग्री और जबलपुर में पारा 14.2 डिग्री रहा। धार, गुना, खरगोन, रतलाम, राजगढ़, मंडला, रीवा, सागर, सिवनी, टीकमगढ़ और बालाघाट में भी पारे में गिरावट देखने को मिली। शनिवार को भी मौसम में बदलाव देखने को मिला। धूप तो खिली रही, लेकिन हवाओं से ठंडक बनी रही। इस कारण दिन में चूभन वाली धूप नहीं रही। भोपाल में हवा की रफ्तार 8 से 10 किमी प्रतिघंटा रही। इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर समेत अन्य शहरों में भी मौसम बदला रहा।मौसम विभाग का कहना है कि फरवरी के आखिरी दिनों में मौसम का मिजाज ऐसा ही बना रहेगा। वर्तमान में दक्षिण पाकिस्तान और राजस्थान के ऊपर एक साइक्लोनिक सकुर्लेशन सिस्टम है। वहीं, उत्तर भारत में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव है। इस वजह से प्रदेश में भी मौसम बदला है। 24 फरवरी को उत्तर-पश्चिम भारत में एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव होगा। जिसका असर प्रदेश में देखने को मिल सकता है। आज रविवार को भोपाल में ठंडी हवा चलेगी। रात और सुबह सर्दी का असर रहेगा। इंदौर, उज्जैन, जबलपुर और ग्वालियर में भी मौसम बदला हुआ रहेगा। जबकि 24 फरवरी को दिन-रात के तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी, लेकिन इसके बाद फिर से बढ़ोतरी होने लगेगी।  

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उमरिया। जिले में बाघों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नही ले रहा है। शनिवार को फिर एक बाघ का शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिला। वन विभाग को सूचना मिलते ही पाली एसडीओ अपने अमले के साथ मौके पर पहुंच कर जांच में जुट गए और इसकी सूचना उच्च अधिकारियों को दे दी गई है ।   पाली एसडीओ दिगेन्द्र सिंह ने बताया कि जैसे ही हमें सूचना मिली तत्काल घटना स्थल पर पहुंच कर जांच कर रहे हैं, मृत बाघ का शव पाली रेंज के करकटी बीट से सटे राजस्व क्षेत्र में पाया गया है। हम लोग डॉग स्क्वायड बुलाकर पता करने में लगे हैं। बाघ पूर्ण वयस्क है और लगभग 2 दिन पूर्व इसकी मौत हुई होगी। अभी इसका पोस्टमार्टम नही हुआ है इसलिये इसके मौत के कारणों का सही पता नही चल पा रहा है वहीं नर है या मादा इसका भी पता पोस्टमार्टम के बाद चल सकेगा।   गौरतलब है कि सामान्य वन मण्डल का पाली और घुनघुटी रेंज बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र से सटा हुआ होने के कारण बाघों का मूवमेंट दोनो रेंज में लगातार बना रहता है और इस क्षेत्र में शिकारी भी सक्रिय रहते हैं, लेकिन सामान्य वन मण्डल का अमला सघन गश्त नही करता है जिसके चलते कई घटनाएं हो चुकी हैं।

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इंदौर । भोपाल में आयोजित होने वाली मध्य प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए इंदौर में व्यापक तैयारियां जारी है। यह समिट भोपाल में 24 एवं 25 फरवरी को आयोजित होगी। जिसमें देश व विदेश से इन्वेस्टर शामिल होंगे। अनेक इन्वेस्टर इंदौर होकर भोपाल जाएंगे, जिनके स्वागत के लिए इंदौर एयरपोर्ट पर व्यापक तैयारियां की गई है। मेहमानों का भारतीय परंपरा अनुसार तिलक व मालवी पगड़ी पहनाकर स्वागत व सत्कार किया जायेगा। सेल्फी प्वाइंट भी जनसम्पर्क अधिकारी महिपाल अजय ने शनिवार को जानकारी देते हुए बताया कि इंदौर यात्रा की स्मृति को सहजने के लिए एक सेल्फी पॉइंट भी बनाया गया है, जिसमें इंदौर की खासियत राजवाड़ा की प्रतिकृति बनाई गई है। उद्योगपति अपनी सेल्फी लेकर इंदौर की यात्रा को सहेज सकते हैं। समिट में इंदौर संभाग से सैकड़ों की संख्या में उद्योगपति होंगे शामिल मध्य प्रदेश में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए भोपाल में 24 एवं 25 फरवरी को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में इंदौर संभाग में भी निवेश की अपार संभावनाएं बन रही है। इंदौर संभाग में निवेश के लिए हर तरह का अनुकूल वातावरण, सुविधा और संसाधन उपलब्ध है। भोपाल की इन्वेस्ट समिट में इंदौर संभाग के सैकड़ों उद्योगपति शामिल होंगे और निवेश की संभावनाएं तलाशेंगे। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इंदौर क्षेत्र के उद्योगपतियों को इन्वेस्ट समिट में शामिल होने का न्योता देने के लिए स्वयं इंदौर आए थे। उन्होंने उद्योगपतियों से इन्वेस्ट समिट में शामिल होने और निवेश करने का आह्वान किया था। बताया गया कि इंदौर संभाग के झाबुआ , अलीराजपुर सहित सभी जिलों के सैकड़ों की संख्या में उद्योगपति इन्वेस्ट समिट में शामिल होंगे। समिट में इंदौर जिले से 644, धार से 248, खंडवा से 81, खरगोन से 70, झाबुआ से 25, अलीराजपुर से 27, बड़वानी से 57 और बुरहानपुर से 55 उद्योगपति शामिल होंगे।  

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश के कई शहरों में शुक्रवार से दिन के तापमान में गिरावट आयी है। यहां तापमान 2 डिग्री तक लुढ़का है। मौसम विभाग ने रात के तापमान में भी 2 से 3 डिग्री की गिरावट होने की संभावना जताई है। आज शनिवार को भोपाल-ग्वालियर में बादल छा सकते हैं, जबकि इंदौर, उज्जैन में आसमान साफ रहेगा। हालांकि 24 फरवरी से एक नए पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में आने की संभावना है। जिसका प्रभाव प्रदेश में देखने को मिलेगा। जिससे तापमान बढ़ सकता है।मौसम विभाग के अनुसार, फरवरी के आखिरी दिनों में मौसम का मिजाज ऐसा ही बना रहेगा। वर्तमान में दक्षिण पाकिस्तान और राजस्थान के ऊपर एक साइक्लोनिक सकुर्लेशन सिस्टम है। वहीं, उत्तर भारत में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव है। इस वजह से प्रदेश में भी मौसम बदला है। शुक्रवार से दिन के तापमान में गिरावट का दौर शुरू हो गया। कई शहरों में दिन का तापमान 30 डिग्री से नीचे रहा।भोपाल, इंदौर, उज्जैन, धार, गुना, नर्मदापुरम, खंडवा, खरगोन, रायसेन, रतलाम, खजुराहो, नरसिंहपुर, उमरिया में तापमान में गिरावट दर्ज की गई। वहीं, गुरुवार-शुक्रवार की रात में भी पारे में हल्की गिरावट दर्ज की गई। मौसम विभाग का कहना है कि 24 फरवरी को उत्तर-पश्चिम भारत में एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव होगा। जिसका असर प्रदेश में देखने को मिल सकता है। दिन और रात के तापमान में बढोत्‍तरी होगी।   बात करें मध्य प्रदेश के प्रमुख शहरों के न्यूनतम तापमान की तो भोपाल में 14.4, ग्वालियर में 14.8, इंदौर में 16.8, पचमढ़ी में 11.5, राजगढ़ में 14.6, उज्जैन में 14.5, मंडला में 13.6, जबलपुर में 14.02 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया। वहीं, अधिकतम तापमान भोपाल में 31.6, ग्वालियर में 28.8, इंदौर में 30.6, पचमढ़ी में 26.5, उज्जैन में 31.4, जबलपुर में 31.5 और खरगोन में 34 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान दर्ज किया गया।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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उज्जैन । फिल्म अभिनेता दर्शन कुमार शुक्रवार काे उज्जैन पहुंचे। यहां उन्हाेंने विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर पहुंचकर बाबा महाकाल के दर्शन किये। इसके साथ ही अभिनेता दर्शन कुमार ने अपनी आने वाली फेमस ओटीटी सीरीज आश्रम 3 की सफलता के लिए महाकाल से आशीर्वाद लिया है।   अभिनेता दर्शन कुमार शुक्रवार काे बाबा महाकाल की भस्म आरती में शामिल हुए। यहां उन्होंने करीब दाे घंटे नंदी हॉल में बैठकर बाबा महाकाल की भस्म आरती को देखा। उन्होंने भस्म आरती के बाद चांदी द्वार पर पहुंचकर बाबा महाकाल का पूजन अर्चन किया और जय श्री महाकाल का उद्घोष करते भी नजर आए। पूजन पंडित अर्पित पुजारी ने सम्पन्न करवाया। इस दौरान दर्शन को दुपट्टा उड़ाकर प्रसाद भेंट कर सम्मान किया गया।   दर्शन करने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए अभिनेता ने कहा कि भस्म आरती में मुझे कैसा लगा यह मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता। भस्म की आरती जादुई थी, मैजिकल मूवमेंट में मैंने अपने आपको खो दिया। इस दौरान यहां जो वातावरण भस्म आरती के दौरान था वैसा मैंने कभी नहीं देखा। शिव भगवान की आरती से रोंगटे खड़े हुए हर भक्त झूम रहा था। सब श्रद्धालु जोश से ताली बजा रहे थे। भगवान शिव की माया अद्भुत है। उनकी एनर्जी पॉजिटिव है। आज उन्होंने मुझे यहां बुला लिया मैं उनका जितना धन्यवाद दूं, उतना कम है। आज मैं जो भी हूं भगवान शिव की कृपा से हूं। बाबा महाकाल के दर्शन पाकर धन्य हुआ। उनका आशीर्वाद है कि आश्रम 3 के टीजर के रिलीज के बाद अगले ही दिन मुझे उन्होंने मुझे बुला लिया।  

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में मौसम ने करवट बदल ली है। प्रदेश के अधिकतर जिलों में तापमान बढ़ने लगा है। हालांकि आज शुक्रवार से एक बार फिर मौसम में बदलाव आने के संकेत है। दिन-रात का पारा फिर से लुढ़केगा। मौसम विभाग ने तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट होने का अनुमान जताया है। भोपाल-ग्वालियर में बादल छा सकते हैं, जबकि इंदौर, उज्जैन में आसमान साफ रहेगा।मौसम विभाग के अनुसार, फरवरी के आखिरी दिनों में मौसम का मिजाज ऐसा ही बना रहेगा। वर्तमान में दक्षिण पाकिस्तान और राजस्थान के ऊपर एक साइक्लोनिक सकुर्लेशन सिस्टम है। वहीं, उत्तर भारत में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव है। इस वजह से प्रदेश में भी मौसम बदला है।प्रदेश में गुरुवार को तापमान में उतार-चढ़ाव देखने को मिला। दिन का तापमान 30 डिग्री से ज्यादा ही रहा। सबसे ज्यादा 34 डिग्री खरगोन में दर्ज किया गया। वहीं, सिवनी, मंडला, गुना, खंडवा और रतलाम में तापमान 33 डिग्री के पार पहुंच गया। दमोह, खजुराहो, सागर, धार, नर्मदापुरम में तापमान 31 डिग्री या इससे अधिक ही दर्ज किया गया। भोपाल में 31.6 डिग्री, इंदौर में 30.6 डिग्री, ग्वालियर में 28.8 डिग्री और उज्जैन में 31.4 डिग्री रहा। रात के तापमान में भी बढ़ोतरी देखने को मिली। हालांकि, शुक्रवार से तापमान में गिरावट होने लगेगी। गुरुवार को मुरैना और भिंड में हल्की बारिश भी दर्ज की गई।

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राजगढ़ । राजगढ़ कोतवाली थाना क्षेत्र के ग्राम जलालिया में शुक्रवार दोपहर पेड़ से पत्तियां तोड़ने के दौरान दो बुजुर्गों पर मधुमक्खियों के झुंड ने हमला कर दिया। जिसमें से एक ने पानी से भरे गड्डे में कूदकर जान बचाई, वहीं हमले में 65 वर्षीय व्यक्ति गंभीर से घायल हो गया, जिसका जिला चिकित्सालय में उपचार किया जा रहा है।     जानकारी के अनुसार ग्राम जलालिया निवासी गोकुल (75) पुत्र देवीलाल वर्मा और मांगीलाल(65) पुत्र घीसालाल लोहार जंगल में बकरियों के लिए पत्तियां लेने गए थे और वह बांस के डंडे में दराता बांधकर पत्ती तोड़ रहे थे। तभी मधुमक्खियों के झुंड ने हमला कर दिया, जिस पर गोकुल वर्मा तुरंत पास में पानी से भरे गड्डे में कूद गया, जिससे वह बच गया। वहीं मांगीलाल मधुमक्खियों के हमले से गंभीर रुप से घायल हो गया। सूचना पर पहुंची एम्बुलेंस वाहन की मदद से उनकाे जिला चिकित्सालय पहुंचाया गया, जहां इलाज किया जा रहा है।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । मध्य प्रदेश के 15 हजार से अधिक डॉक्टराें ने आज यानि गुरुवार से अपनी विभिन्न मांगाें काे लेकर आंदोलन शुरू किया है। प्रदेशभर में गुरुवार से सरकारी डॉक्टर कार्यस्थल पर काली पट्टी बांधकर काम कर रहे हैं। अपनी अलग-अलग मांगों को लेकर प्रदेशभर के सरकारी डॉक्टरों ने एकजुट होकर आंदोलन करने का ऐलान किया है। आंदोलन की शुरुआत राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल के ब्लॉक-2 के सामने हुई, जहां डॉक्टर्स ने विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में मेडिकल ऑफिसर्स, चिकित्सा शिक्षक, चिकित्सक और जूनियर डॉक्टर शामिल रहे।   दरअसल, लंबे समय से लंबित डीएसीपी, सातवें वेतन का लाभ व चिकित्सकों के कार्य में बढ़ती प्रशासनिक दखलंदाजी जैसी अन्य मांगें को लेकर डाॅक्टर अपना विराेध जता रहे है। चिकित्सक महासंघ ने आंदोलन की घोषणा की है। चिकित्सक महासंघ ने अपनी प्रमुख मांगों में उच्च न्यायालय द्वारा आदेशित उच्च स्तरीय समिति का गठन, कैबिनेट से पारित डीएसीपी और एनपीए का सही क्रियान्वयन, सातवें वेतनमान का वास्तविक लाभ और चिकित्सा क्षेत्र में प्रशासनिक दखलंदाजी को रोकने जैसी मांगें शामिल की हैं। डॉक्टरों ने सरकार से जल्द से जल्द इन मुद्दों पर निर्णय लेने की मांग की है, अन्यथा आंदोलन और तेज करने की चेतावनी दी है।चिकित्सक महासंघ के मुख्य संयोजक डॉ. राकेश मालवीया ने बताया कि यह आंदोलन प्रदेश के 52 जिला अस्पतालों, कम्युनिटी अस्पतालों, सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों द्वारा किया जा रहा है। गुरुवार काे काली पट्टी बांधकर काम किया गया। 21 फरवरी काे प्रतीकात्मक रूप से आवश्यक दवाइयों की होली जलाकर विरोध जताया जाएगा। 22 फरवरी काे प्रदेशव्यापी सामूहिक चिकित्सक उपवास किया जाएगा। विभिन्न स्थानों पर टेंट और स्टेज लगाकर विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। 24 फरवरी काे आंदोलन को और व्यापक बनाने की योजना। चिकित्सा बचाओ-चिकित्सक बचाओ प्रदेशव्यापी जन आंदोलन की घोषणा और आगामी निर्णय का ऐलान किया जाएगा। डॉ. राकेश मालवीय ने बताया कि यह आंदोलन किसी नई मांग को लेकर नहीं है। हमारी पुरानी मांगें आज भी वैसी ही बनी हुई हैं। इनमें से कुछ मांगों पर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा आदेश भी जारी किए जा चुके हैं, लेकिन उनका क्रियान्वयन अभी तक नहीं हुआ है। इसके अलावा, कैबिनेट से पारित डीएसीपी का भी डॉक्टरों को पूरा लाभ नहीं मिला है। सरकार को इन सभी मुद्दों पर जल्द निर्णय लेना चाहिए और आदेश जारी करने चाहिए, जिससे हमारा आंदोलन समाप्त हो सके। हमारा मकसद केवल न्याय पाना है, आंदोलन करना नहीं।"ये है प्रमुख मांगे?- उच्च न्यायालय के आदेशानुसार उच्च स्तरीय समिति का गठन- कैबिनेट से पारित डीएसीपी का सही क्रियान्वयन- 7वें वेतनमान का पूरा लाभ- चिकित्सा क्षेत्र में प्रशासनिक दखलंदाजी पर रोक

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भोपाल । राजधानी भोपाल समेत प्रदेश भर में मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है। कई जगह बादल छाए रहे तो कहीं गर्मी का असर रहा। हालांकि फरवरी के आखिरी दिनों में एक बार फिर मौसम बदलेगा और 21 फरवरी से दिन-रात के तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट होने का अनुमान है। आज गुरुवार को भोपाल में बादल छा सकते हैं। इंदौर, उज्जैन, जबलपुर और ग्वालियर में गर्मी का असर रहेगा।मौसम विभाग के अनुसार, अभी दक्षिण पाकिस्तान और राजस्थान के ऊपर एक साइक्लोनिक सकुर्लेशन सिस्टम है। वहीं, उत्तर भारत में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव है। इस वजह से प्रदेश में भी मौसम बदला है। बुधवार को भोपाल समेत कई शहरों में बादल छाए रहे। दूसरी ओर, इंदौर-उज्जैन में दिन में गर्मी का असर देखा गया। भोपाल में दिन का तापमान 32.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पचमढ़ी में 27.3 डिग्री, रायसेन में 29 डिग्री, नरसिंहपुर में 29.2 डिग्री, नौगांव में 28 डिग्री रहा। कई शहरों में दिन के तापमान में 3 डिग्री तक की गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि, रात में पारे में बढ़ोतरी देखने को मिली है। बुधवार की रात सिवनी-दमोह में 17 डिग्री, खंडवा-खरगोन में 18 डिग्री और नर्मदापुरम में 19 डिग्री दर्ज किया गया।मौसम विभाग ने बताया कि 24 फरवरी को उत्तर-पश्चिम भारत में एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव होगा। जिसका असर प्रदेश में देखने को मिल सकता है। फरवरी में कई वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव होते हैं। अबकी बार भी ऐसा ही है। इस वजह से पारे में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहेगी। फिलहाल बारिश होने के आसार नहीं है।  

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अनूपपुर । मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिला मख्यालय से करीब 45 किमी दूर बिजुरी रेलवे स्टेशन पर गुरुवार दोपहर करीब बजे राजनगर साइडिंग से आ रही मालगाड़ी के चार डिब्बे प्लेटफॉर्म नंबर 3 के पास से पटरी हो गए। घटना की सूचना मिलते ही आरपीएफ, जीआरपी, रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी पहुंच गए। 2.30 बजे तक लाइन क्लियर कर दी गई।   रेलवे का कितने राजस्व की हानि हुई जानकारी नहीं हो सकी। रेलवे की एक से दो ट्रेनें लेट हुई है, साथ ही मालगाड़ी के गिरे हुए कोयले का नुकसान भी हुआ है जिसे हटाने का कार्य किया जा रहा है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर के जनसंपर्क अधिकारी अंबिकेश साहू ने बताया कि हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए जांच की जाएगी।  

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भोपाल । प्रदेश के अशासकीय विद्यालय की मान्यता नवीनीकरण और नवीन मान्यता की अंतिम तिथि अब बढ़ाकर 25 फरवरी 2025 निर्धारित की गई है। राज्य शिक्षा केन्द्र ने स्पष्ट किया है कि 25 फरवरी के बाद अंतिम तिथि में किसी भी प्रकार की वृद्धि नहीं की जा सकेगी। मान्यता संबंधी निर्देश पूर्व की तरह यथावत रहेंगे।जनसंपर्क अधिकारी मुकेश मोदी ने बुधवार काे जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में शिक्षण सत्र 2025-26 के लिये अशासकीय विद्यालयों की मान्यता नवीनीकरण और नवीन मान्यता आवेदन की अंतिम तिथि 7 फरवरी 2025 निर्धारित की गई थी। विलंब शुल्क के साथ अंतिम तिथि 14 फरवरी 2025 निर्धारित की गई थी। अशासकीय विद्यालयों की दिक्कतों को देखते हुए राज्य शिक्षा केन्द्र ने आवेदन तिथि में वृद्धि की है। राज्य शिक्षा केन्द्र ने कलेक्टर्स और जिला परियोजना समन्वयक को इस संबंध में निर्देश जारी किये हैं।समेकित छात्रवृत्ति योजनास्कूल शिक्षा विभाग ने समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के अंतर्गत समेकित छात्रवृत्ति योजना लागू की है। योजना का नोडल अधिकारी स्कूल शिक्षा विभाग निर्धारित किया गया है। समेकित छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत शासकीय और अशासकीय विद्यालयों में कक्षा 1 से 12 तक अध्ययनरत विद्यार्थियों को 6 विभागों की लगभग 20 प्रकार की छात्रवृत्ति शिक्षा पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन स्वीकृत कर सीधे विद्यार्थी के खाते में भुगतान किये जाने की व्यवस्था की गई है। योजना में प्रत्येक विद्यार्थी का नाम समग्र यूनिक आईडी के आधार पर उसके स्कूल के डाइस कोड के साथ मेपिंग कर कक्षावार, स्कूलवार नामांकन ऑनलाइन किये जाने का सिस्टम शिक्षा पोर्टल एनआईसी के माध्यम से तैयार कराया गया है। प्रत्येक छात्र की प्रोफाइल में संबंधित की जाति, माता-पिता का व्यवसाय, परिवार की वार्षिक आय, बीपीएल स्टेटस, छात्रावासी स्टेटस, पिछले वर्ष का परीक्षा परिणाम, जो छात्रवृत्ति गणना करने में आवश्यक होते हैं, उसे रिकॉर्ड में रखा जाता है।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में तापमान धीरे धीरे बढ़ने लगा है। प्रदेश का तापमान 33 डिग्री पहुंच गया है। सोमवार को सबसे गर्म नर्मदापुरम, खंडवा, मंडला और सिवनी रहा। मौसम विभाग के मुताबिक, अगले चार दिन तक ऐसा ही मौसम बना रहेगा। बताया जा रहा है कि 22-23 फरवरी से ठंड का तीसरा दौर आने की संभावना है। वहीं, 21 फरवरी को पूर्वी हिस्से में हल्की बारिश की संभावना है।मौसम विभाग के अनुसार, वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) और साइक्लोनिक सर्कुलेशन की वजह से मध्य प्रदेश में मौसम का बदल गया है। मंगलवार को ग्वालियर-चंबल में बारिश हुई, जबकि भोपाल, इंदौर-उज्जैन में गर्मी का असर देखने को मिला। आज बुधवार को भोपाल, इंदौर, उज्जैन-जबलपुर में मौसम साफ रहेगा। ग्वालियर संभाग में बादल देखने को मिल सकते हैं। वहीं, 20 फरवरी को दिन-रात के तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। जबकि 21 फरवरी को पूर्वी हिस्से में यानी, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, सिवनी, मंडला और बालाघाट में हल्की बारिश हाे सकती है।इससे पहले मंगलवार को प्रदेश के ज्यादातर शहरों में दिन का तापमान 30 डिग्री के पार ही रहा। भोपाल में 32.2 डिग्री, इंदौर में 31.5 डिग्री, उज्जैन में 32 डिग्री और जबलपुर में दर्ज किया गया। ग्वालियर में एक ही दिन में पारा 4.7 डिग्री लुढ़ककर 24.9 डिग्री पहुंच गया। यहां बादल छाने की वजह से पारे में गिरावट हुई। बैतूल, धार, दमोह, सागर में पारा 32 डिग्री और नर्मदापुरम, खंडवा, खरगोन, रतलाम, मंडला में 33 डिग्री या इससे अधिक दर्ज किया गया। सोमवार-मंगलवार की रात में कई शहरों में पारा 15 डिग्री से अधिक ही रहा।

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भोपाल । राजधानी भोपाल में छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती मनाने को लेकर एक बड़ा विवाद सामने आया है। शिवाजी महाराज चौराहा पर हर साल की तरह इस बार भी शिवाजी महाराज के जन्मोत्सव के कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा था, लेकिन प्रशासन के आदेश पर इस बार कार्यक्रम में कुछ अड़चनें आईं। टीटी नगर तहसीलदार कुणाल राउतद्वारा कार्यक्रम में साउंड सिस्टम का माइक बंद कराने की बात को लेकर लोग नाराज हो गए। उन्होंने लिंक रोड नंबर-1 पर शिवाजी की प्रतिमा के सामने धरना दे दिया। तहसीलदार के प्रतिमा के सामने ही माफी मांगने के बाद वे हटे। मामला बुधवार दोपहर का है। बीजेपी पार्षद पप्पू विलास घाड़गे ने बताया, लिंक रोड नंबर-1 स्थित रेडक्रॉस अस्पताल के पास चौराहे पर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापित है। यहां पिछले 20 साल से हर 19 फरवरी को जन्मोत्सव कार्यक्रम करते हैं। बुधवार को भी कार्यक्रम रखा गया था। इस दौरान तहसीलदार राउत आए और साउंड सिस्टम-टेंट हटा दिया। इस विवाद के विरोध में, बीजेपी कार्यकारिणी सदस्य कृष्णा घाडगे और मराठा समाज के लोगों ने शिवाजी महाराज चौराहा पर चक्का जाम कर प्रदर्शन किया।   कृष्णा घाडगे ने बताया कि यह कार्यक्रम मराठा समाज की भावना से जुड़ा हुआ है और छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती मनाना उनके लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि प्रशासन को यह अधिकार नहीं है कि वह इस तरह से मराठा समाज की भावनाओं से खेलें और एक ऐतिहासिक आयोजन को बाधित करें। इस दौरान उन्होंने तहसीलदार के खिलाफ नारेबाजी भी की। प्रदर्शन के दौरान छत्रपति शिवाजी महाराज की वेशभूषा में एक युवक को भी शामिल किया गया। इससे पुलिस मौके पर पहुंची और ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया। इधर, तहसीलदार कुणाल भी मौके पर पहुंचे और समाजजनों को समझाइश दी। प्रतिमा के सामने माफी मांगने पर समाजजन हट गए। इस मामले में तहसीलदार रावत ने कहा कि साउंड सिस्टम या कार्यक्रम की अनुमति नहीं थी। मैं सिर्फ साउंड सिस्टम बंद करने को कहा था। समाजजनों को कोई गलतफहमी हो गई थी। मेरा गलत उद्देश्य नहीं था। समाजजनों के कहने पर मैंने शिवाजी महाराज से माफी भी मांग ली।  

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उज्जैन । विश्वप्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर के मंदिर में आज (सोमवार से) शिव नवरात्रि का पर्व शुरू होने जा रहा है। दरअसल, भगवान महाकाल के आंगन में शिवरात्रि का पर्व नौ दिन तक चलता है, जिसे शिव नवरात्रि के रूप में जाना जाता है। इस दौरान बाबा महाकाल का नौ दिनों तक दूल्हे के रूप में शृंगार किया जाता है। मान्यता है कि शिव विवाह के तहत भगवान को इन नौ दिनों तक हल्दी का उबटन लगाया जाता है और महाशिवरात्रि पर्व पर रात्रि को महापूजन पश्चात अगली सुबह पुष्प मुकूट श्रृंगार किया जाता है, जिसमें सवा मन फूल का मुकुट बनता है। महाकालेश्वर मंदिर के शासकीय पुजारी पं. घनश्याम शर्मा ने बताया कि महाशिवरात्रि के नौ दिन पूर्व मंदिर में शिवनवरात्रि पर्व का शुरुआत होती है। सोमवार को महाकाल मंदिर में प्रात: भगवान महाकाल को हल्दी का उबटन लगाया जाएगा। इसके बाद कोटेश्वर महादेव का अभिषेक किया जाएगा। आरती पश्चात भगवान महाकाल का पूजन प्रारंभ होगा। महाकालेश्वर भगवान का पूजन 11 ब्राम्हणों द्वारा एकादश एकादशनी रूद्राभिषेक से सभी नौ दिनों तक किया जाएगा। प्रात: 10.30 बजे भोग आरती होगी। अपरांह तीन बजे भगवान का संध्या पूजन होकर श्रृंगार किया जाएगा और नये वस्त्र-आभूषण धारण करवाए जाएंगे। भगवान संध्या समय में प्रतिदिन नए स्वरूप में दर्शन देंगे। यह क्रम 25 फरवरी तक चलेगा। महाशिवरात्रि पर्व 26 फरवरी को मनाया जाएगा। इस दिन रात्रि में महापूजन सम्पन्न होगा। भगवान के दर्शन सतत चालू रहेंगे। 27 फरवरी को प्रात: पुष्प मुकुट से श्रृंगार होगा और दोपहर 12 बजे वर्ष में एक बार होने वाली भस्मारती होगी। फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर महाशिवरात्रि मनाई जाती है। यह एक ऐसा दिन है, जिसका शिव भक्तों को बेसब्री से इंतजार रहता है। इस तिथि पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करने का विधान है। ऐसा माना गया है कि जो व्यक्ति बाबा महाकाल के इस दूल्हा स्वरूप का नौ दिनों तक लगातार दर्शन करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। शिव नवरात्रि के प्रथम दिन भगवान कोटेश्वर की पूजा की जाती है और उनका अभिषेक किया जाता है। शिव नवरात्रि के दूसरे दिन अभिषेक पूजन होता है और उसी के बाद बाबा महाकाल को वस्त्र पहनाएं जाते हैं। शेषनाग शृंगार में बाबा महाकाल के ऊपर शेषनाग का मुकुट चढ़ाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जिस शेषनाग को भगवान शिव अपने गले में धारण किए हुए हैं, उन्होंने पृथ्वी का वजन अपने सर पर धारण किया हुआ है। शिव नवरात्रि के सातवें दिन भगवान शिव, माता पार्वती के साथ दिखाई देते हैं। इसलिए इसे उमा महेश शृंगार भी कहा जाता है। वहीं, शिव नवरात्रि के अंतिम दिन यानी महाशिवरात्रि पर्व पर भगवान महाकाल अपने भक्तों को दूल्हे के रूप में दर्शन देते हैं। इस स्वरूप को सेहरा दर्शन भी कहा जाता है।

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भोपाल । कुबेरेश्वर धाम में 25 फरवरी से शिव महापुराण कथा का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा एवं यातायात सुगम बनाए रखने के लिए मार्गों का डायवर्सन किया गया है। शिव महापुराण कथा 03 मार्च तक चलेगी। इस आयोजन में लाखों श्रद्धालु कुबेरेश्वर धाम पहुंचेंगे। शिवमहापुराण कथा में प्रतिदिन लाखों श्रद्धालुओं का मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों से सड़क मार्ग द्वारा आवागमन होगा। इस दौरान यातायात सुगम बनाए रखने के लिए भोपाल से इंदौर और इंदौर से भोपाल आने जाने वाले वाहनो के मार्ग में 24 फरवरी को प्रात: 06 बजे से परिवर्तन किया गया है।भारी वाहनों के लिए मार्ग परिवर्तनभोपाल से इंदौर जाने वाले भारी वाहन भोपाल से श्यामपुर, ब्यावरा होते हुये इंदौर (तूमडा दोराहा जोड़ होते हुये) जा सकेंगें। इसी प्रकार इंदौर से भोपाल जाने वाले भारी वाहन देवास से ब्यावरा, श्यामपुर होते हुये भोपाल जा सकेंगे।हल्के वाहनों एवं यात्री बसों के लिए मार्ग परिवर्तनभोपाल से सीधे आष्टा, देवास इंदौर जाने वाले सभी छोटे वाहन एवं यात्री बस सीहोर स्थित क्रिसेंट चौराहा से भाऊखेड़ी जोड़ एवं अमलाहा होते हुए इंदौर को ओर जायेगें। इसी प्रकार इंदौर से भोपाल सीहोर आने वाले वाहन अमलाहा से भाऊखेड़ी जोड़ एवं क्रिसेंट चौराहा होते हुए सीहोर, भोपाल जा सकेंगे। मात्र कुबेरेश्वर धाम जाने वाले वाहन ही सीधे हाईवे से जा सकेंगे। अन्य सभी वाहनों को डायवर्सन मार्ग से ही संचालित किया जाएगा।

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श्योपुर । मध्य प्रदेश के श्याेपुर में साेमवार सुबह एक तेज रफ्तार डंपर काेर काे बचाने के चक्कर में अनियंत्रित हाेकर पलट गया। इस हादसे में सड़क किनारे पाेहा बेच रहा एक दुकानदार डंपर की चपेट में आ गया और नीचे दबकर उसकी माैत हाे गई। डंपर ड्राइवर भी गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।     जानकारी के अनुसार हादसा बारां हाईवे पर अजापुरा गांव के पास सोमवार सुबह करीब 7 बजे हुआ। 30 वर्षीय नरेश प्रजापति सड़क किनारे अपने दो बच्चों के साथ पोहे का ठेला लगाकर बैठा था। इस दौरान डंपर कार को बचाने के प्रयास में अनियंत्रित हो गया। नरेश ने बेकाबू डंपर को अपनी ओर आते देखा तो पास बैठे बच्चों को पीछे धकेला। दोनों बच्चे खेत में जाकर गिरे। नरेश ने भागने का प्रयास किया लेकिन उसका पैर फिसल गया। वह डंपर के नीचे आ गया, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। केबिन में फंसे ड्राइवर को पुलिस और ग्रामीणों ने मिलकर निकालने की कोशिश की। करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद उसे बाहर निकाला जा सकता। शुरुआती आशंका थी कि डंपर के नीचे कुछ और लोग दबे हो सकते हैं, लेकिन रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान कोई अन्य व्यक्ति नहीं मिला। जेसीबी और क्रेन की मदद से डंपर को सड़क से हटाया गया।  

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उज्जैन ।महाकाल मंदिर के आंगन में सोमवार से शिवनवरात्र प्रारंभ होगी। बाबा महाकाल को सोमवार प्रात: हल्दी का उबटन लगाया जाएगा। यह मान्यता है कि शिव विवाह के तहत भगवान को इन नाै दिनों तक हल्दी का उबटन लगाया जाता है और महाशिवरात्रि पर्व पर रात्रि को महापूजन पश्चात अगली सुबह पुष्प मुकूट श्रृंगार किया जाता है,जिसमें सवा मन फूल का मुकूट बनता है। शासकीय पुजारी पं.घनश्याम शर्मा ने बताया कि महाशिवरात्रि के नाै दिन पूर्व सोमवार से मंदिर में शिवनवरात्र प्रारंभ होगी। सोमवार प्रात: भगवान महाकाल को हल्दी का उबटन लगाया जाएगा। प्रात: 8 से 9 बजे तक कोटेश्वर महादेव का अभिषेक किया जाएगा। आरती पश्चात भगवान महाकाल का पूजन प्रारंभ होगा। महाकालेश्वर भगवान का पूजन 11 ब्राम्हणों द्वारा एकादश एकादशनी रूद्राभिषेक से सभी नाै दिनों तक किया जाएगा। पश्चात प्रात: 10.30 बजे भोग आरती होगी। अपरांह 3 बजे भगवान का संध्या पूजन होकर श्रृंगार किया जाएगा और नये वस्त्र-आभूषण धारण करवाए जाएंगे। भगवान संध्या समय में प्रतिदिन नए स्वरूप में दर्शन देंगे। यह क्रम 25 फरवरी तक चलेगा। महाशिवरात्रि पर्व 26 फरवरी को मनाया जाएगा। इस दिन रात्रि में महापूजन सम्पन्न होगा। भगवान के दर्शन सतत चालू रहेंगे। 27 फरवरी को प्रात: पुष्प मुकूट श्रृंगार दर्शन होंगे और दोपहर 12 बजे वर्ष में एक बार होने वाली भस्मार्ती होगी।  

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उज्जैन । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार सुबह उज्जैन स्थित भगवान अंगारेश्वर महादेव का सपत्नीक दर्शन-पूजन किया। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने भगवान श्री अंगारेश्वर का दुग्धाभिषेक व जलाभिषेक भी किया।   पूजन, जलाभिषेक कर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि 84 महादेव में से एक, यह मंदिर अत्यंत प्राचीन है। पूजन, पुजारी मनीष उपाध्याय, रोहित गुरु ने संपन्न कराया। पूजन उपरांत मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गौ सेवा की। इस अवसर पर जनप्रतिनिधि रवि सोलंकी, बहादुर सिंह बोरमुंडला, अभय यादव आदि उपस्थित रहे।    

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मैहर । मध्य प्रदेश के मैहर में रविवार दोपहर प्रयागराज महाकुंभ जा रही यात्रियाें से भरी तीन गाड़ियां आपस में टकरा गई। हादसे में पांच लाेग घायल हुए है। सभी घायलों को टोल प्लाजा की एम्बुलेंस से मैहर सिविल अस्पताल पहुंचाया गया। हादसे के बाद हाइवे पर लंबा जाम लग गया। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है और हादसे के कारणों का पता लगाने में जुटी है।     जानकारी के अनुसार घटना रविवार दाेपहर करीब 1:35 बजे की है। खेरवासानी टोल प्लाजा के पास एनएच-30 पर यह हादसा तब हुआ जब आगे चल रही तूफान गाड़ी ने अचानक ब्रेक लगा दिया। इसके चलते पीछे से आ रही एसयूवी कार एमएच 24 बीआर 2357) उससे टकरा गई और फिर एसयूवी के पीछे से आ रही बस जीजे 14 डब्ल्यू 0399 ने भी टक्कर मार दी। हादसे में नागपुर, महाराष्ट्र के पांच यात्री घायल हुए, जिनमें विनोद (31), चंद्रकांत (29), श्रीकांत (44), अनुपमा (52) और रवि (31) शामिल हैं। सभी घायलों को टोल प्लाजा की एम्बुलेंस से मैहर सिविल अस्पताल पहुंचाया गया। दुर्घटना के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर लंबा जाम लग गया। पुलिस और प्रशासन की टीम ने क्रेन की मदद से क्षतिग्रस्त वाहनों को हटाकर यातायात सुचारू किया। स्थानीय पुलिस मामले की जांच कर रही है और हादसे के कारणों का पता लगाया जा रहा है।      

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उज्जैन । महाकाल मंदिर में शिवनवरात्र 17 फरवरी से प्राम्भ होकर 01 नरक तक चलेगा। भगवान अलग-अलग रूपों में श्रद्धालुओग को दर्शन देंगे। प्रतिदिन प्रातः कोटेश्‍वर महादेव का प्रथम पूजन होगा। इस वर्ष हिंदू पंचांग अनुसार तिथि में वृद्धि होने के कारण 10 दिवसीय शिव नवरात्रि उत्सव मनेगा।महाकालेश्वर मंदिर में शिवरात्रि उत्सव का प्रारंभ 17 फरवरी से होगा। यह पर्व इस बार 10 दिन चलेगा। प्रतिदिन भगवान महाकालेश्वर अपने भक्तों को अलग-अलग स्वरूपों में दर्शन देकर उनकी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं | भक्त महाकालेश्वर भगवान के इन स्वरूपों के दर्शन प्रतिवर्ष श्रावण-भाद्रपद माह की सवारियों मे करते है व दर्शन का पुण्य लाभ प्राप्त करते है।   फाल्गुन कृष्ण पंचमी, सोमवार 17 फरवरी से शिव नवरात्रि उत्सव प्रारम्भ होगा। महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी बुधवार 26 फरवरी को मनाया जायेगा। प्रशासक प्रथम कौशिक ने बताया कि महाशिवरात्रि पर्व के नौ दिन भगवान श्री महाकालेश्वर और श्री कोटेश्वर महादेव भगवान का नित्य विशेष अभिषेक और पूजन किया जायेगा। भगवान श्री महाकालेश्वर को हल्दी-चन्दन का उपटन लगाया जाएगा। कोटेश्वर महादेव के पूजन एवं आरती के पश्चात भगवान श्री महाकालेश्वर का पूजन-अभिषेक प्रारम्भ होगा। श्री महाकालेश्वर भगवान का पूजन 11 ब्राह्मणों द्वारा एकादश एकादशनी रूद्राभिषेक से सम्पूर्ण शिव नवरात्रि के दौरान किया जायेगा। इसके बाद भोग आरती होगी। अपराह्न 3 बजे से भगवान महाकालेश्वर के सांध्य पूजन के पश्चात श्रृंगार किया जायेगा। यह क्रम 17 फरवरी के 25 फरवरी शिव नवरात्रि तक नौ दिनों तक नित्य चलेगा। 26 फरवरी 2025 महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जायेगा | महाशिवरात्रि पर्व पर सम्पूर्ण दिवस सतत जल धारा से श्री महाकालेश्वर भगवान का अभिषेक होगा व सम्पूर्ण रात्रि श्री महाकालेश्वर भगवान की विशेष पूजन-अभिषेक होगे |फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी गुरुवार 27 फरवरी को महाशिवरात्रि के दूसरे दिन प्रातः भगवान के सप्तधान श्रृंगार व सवामन पुष्प मुकुट (सेहरा) दर्शन होगे व सेहरा आरती की जायेगी | वर्ष में एक बार दोपहर 12:00 बजे होने वाली भगवान श्री महाकालेश्वर जी की भस्म आरती होगी। इस दौरान श्री महाकालेश्वर भगवान के पट लगभग 44 घंटे खुले रहेगे |01 मार्च सोमवार को सायं पूजन से शयन आरती तक भगवान श्री महाकालेश्वर के पञ्च मुखारविन्द के दर्शन होगे। इसके साथ श्री महाकालेश्वर मंदिर में शिव नवरात्रि उत्सव का समापन होगा |    

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मौसम ने फिर करवट बदली है। शुक्रवार को भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर समेत प्रदेश के कई शहरों में दिन के तापमान में 1 से 3 डिग्री तक की बढ़ोतरी हुई। मौसम विभाग का कहना है कि 17 फरवरी से नया वेस्टर्न डिस्टरबेंस पश्चिमी हिमालय की तरफ एक्टिव होने की संभावना है। इस वजह से 18 फरवरी से प्रदेश में दिन-रात के तापमान में फिर से गिरावट होने का अनुमान है, जो अगले तीन से चार दिन तक रह सकता है।मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर भारत में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव था। इस वजह से प्रदेश में ठंड का असर देखने को मिला, लेकिन यह सिस्टम अब लौट गया है। इसलिए शुक्रवार से तापमान में फिर से बढ़ोतरी देखने को मिली है। इस वजह से धार, नर्मदापुरम, खंडवा, खरगोन, रतलाम, उज्जैन, दमोह, खजुराहो, मंडला में पारा 30 डिग्री के पार पहुंच गया। रतलाम में 2.2 डिग्री की बढ़ोतरी के बाद तापमान 32.2 डिग्री रहा। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 28.4 डिग्री, इंदौर में 29.1 डिग्री, ग्वालियर में 29.5 डिग्री, उज्जैन में 30.5 डिग्री और जबलपुर में तापमान 29.3 डिग्री दर्ज किया गया।वहीं, अब 17 फरवरी से एक नया वेस्टर्न डिस्टरबेंस पश्चिमी हिमालय की तरफ एक्टिव होने की संभावना है। इस वजह से 18 फरवरी से प्रदेश में दिन-रात के तापमान में फिर से गिरावट होने का अनुमान है, जो अगले तीन से चार दिन तक रह सकता है। आज शनिवार को दिन का तापमान 2 से 3 डिग्री तक बढ़ सकता है। रात और सुबह के समय ठंडक बनी रहेगी। 16 फरवरी को भी दिन-रात के तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।

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भोपाल । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल के वन विहार में 'एशियाटिक सिंहों' के आगमन के बाद अब पर्यटकों द्वारा सिंहों को देखने की व्यवस्था प्रारंभ होने का स्वागत किया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शनिवार काे कहा है कि मध्य प्रदेश में वन्य प्राणी आदान-प्रदान योजना के अंतर्गत लगभग दो महीने पहले जूनागढ़, गुजरात से लाये गये "एशियाटिक सिंह" को भोपाल के वन विहार में क्वारेन्टाइन बाड़े से पर्यटकों के अवलोकन के लिए छोड़ दिया गया है। अब यहां आने वाले स्थानीय और देशी-विदेशी पर्यटक इनकी दहाड़ सुनने के साथ इनके विचरण का अनोखा आनंद भी ले सकेंगे।मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश में वन्य प्राणी पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही वन्य जीवों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए राज्य सरकार संकल्पित है। इस दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। एशियाई सिंह गुजरात में ही पाए जाते हैं। वन्य प्राणियों में विशिष्ट माने गए एशियाई सिंह की वन विहार भोपाल में मौजूदगी मध्यप्रदेश में वन्य जीव पर्यटन के विकास की दृष्टि से महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। वन विहार, भोपाल में आए एशियाई सिंह में एक नर "जूना" एवं एक मादा "गिरी" है। इन दोनों को बाड़े में क्वारेन्टाइन रखने के बाद इनकी सतत निगरानी की जा रही थी। वर्तमान में ये दोनों एशियाई सिंह पूर्णत: स्वस्थ हैं।

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश के कई जिलों में एक बार फिर ठंड का असर तेज हो गया है। सुबह और रात को फिर से ठंड का अहसास होने लगा है। हालांकि दिनभर धूप रहने से थोड़ी राहत है। मौसम विभाग का कहना है कि उत्तर भारत में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) की एक्टिविटी होने से प्रदेश में हवा की रफ्तार 12 से 15 किमी प्रतिघंटा पहुंच गई, जिससे तापमान में गिरावट आयी है। रात में तापमान 7 डिग्री और दिन में 23 डिग्री तक लुढ़क गया है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर और ग्वालियर में भी तापमान में गिरावट हुई है।मौसम विभाग के अनुसार, आज शुक्रवार से तापमान में फिर से गिरावट हो सकती है। इससे तापमान 2 से 3 डिग्री तक बढ़ेगा। पूरे फरवरी महीने में तापमान में ऐसी ही उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहेगी। वर्तमान में जम्मू-कश्मीर के ऊपर एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव है। इस वजह से तापमान में गिरावट देखने को मिली है। फिलहाल बारिश होने के आसार नहीं है। शुक्रवार को दिन के तापमान में बढ़ोतरी हो सकती है, हालांकि रात और सुबह के समय ठंडक बनी रहेगी।इससे पहले गुरुवार को दिन के तापमान में खासी गिरावट हुई। पचमढ़ी में पारा 23.4 डिग्री रहा। भोपाल में 26.6 डिग्री, इंदौर में 27.3 डिग्री, ग्वालियर में 27.1 डिग्री, उज्जैन में 28.5 डिग्री और जबलपुर में 26.2 डिग्री रहा। इसी तरह रायसेन में 25 डिग्री, दमोह में 28 डिग्री, खजुराहो में 27.6 डिग्री, नरसिंहपुर में 28.2 डिग्री, नौगांव में 25.8 डिग्री, रीवा में 27 डिग्री, सागर में 28.2 डिग्री, सतना में 27.2 डिग्री, सिवनी में 26.4 डिग्री, सीधी में 26.6 डिग्री, उमरिया में 27.4 डिग्री और मलाजखंड में पारा 26.9 डिग्री दर्ज किया गया। बुधवार-गुरुवार की रात में भी पारे में गिरावट देखने को मिली है।  

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देवास । देवास के औद्योगिक क्षेत्र में स्थित फाइन पेस्ट सल्फर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में शुक्रवार को अचानक भीषण आग लग गई। आग लगओ ही माैके पर अफरा तफरी मच गई। सूचना के बाद माैके पर पहुंची नगर निगम की फायर ब्रिगेड टीम ने कढ़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।   जानकारी अनुसार घटना शुक्रवार सुबह की है। फाइन पेस्ट सल्फर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में अचानक आग लग गई। आग इतनी भीषण थी कि दूर से ही देखी था सकती थी। काले धुंए के गुबार ने पूरे आसमान काे घेर लिया। समय रहते लाेगाें ने तुरंत फायर ब्रिगेड काे सूचना दी। माैके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम को आग बुझाने में करीब 30 मिनट का समय लगा। घटना की जानकारी मिलते ही तहसीलदार, एसपी और औद्योगिक थाना क्षेत्र के पुलिसकर्मी भी मौके पर पहुंच गए। प्रारंभिक जांच में आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। स्थानीय प्रशासन मामले की जांच कर रहा है। किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है। कंपनी को हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है।

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सीहोर। मुस्लिम समाज द्वारा शब ए बारात के मौके पर गुरुवार की रात कब्रिस्तानों में अपने बुजुर्गो की कब्रों पर जाकर जन्नत के लिए दुआएं की गईं, तो इधर शहर में पहली बार ऑल इंडिया मुस्लिम त्यौहार कमेटी के द्वारा हजरत दुल्हाबादशाह बाबा की दरगाह को मोमबत्तियों से रोशन किया गया। खास बात यह रही की मुस्लिमों के साथ हिन्दुओं ने भी मजारों पर पहुंचकर शब ए बारात का ऐहतराम किया। दरगाह शरीफ पर लोबान अगरबत्ती किया गया और लोगों को हल्बे का प्रसाद बांटा गया। हजरत दुल्हाबादशाह बाबा की दरगाह में ऑल इंडिया मुस्लिम त्यौहार कमेटी जिलाध्यक्ष रिजवान पठान और महामंत्री पसमांदा मुस्लिम महासभा प्रदेशाध्यक्ष नौशाद खान सहित हाजी हमीद के द्वारा फातीह कुरान पाक पढ़ी गई। जनाब नौशाद खान ने बताया कि पहली मर्तबा हजरत दुल्हाबादशाह बाबा की दरगाह को शब ए बारात पर रोशन किया गया है। अधिकतर मुस्लिम समाजजन कब्रिस्तानों में अपने अल्लहा को प्यारे हुए बुजुर्गो की याद में विद्युत झालरें लगाते हैं, चिराग जलाते है और मरहूम लोगों को जन्नत देने की दुआएं करते हैं। दरगाह परिसर में एक हजार मोमबत्तियां लगाई गई हैं। शहर के कस्बा और गंज स्थित कब्रिस्तानों में देर रात तक लोगों का आना जाना लगा रहा।  

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ग्वालियर । नजदीक से मंगल, चंद्रमा व अन्य तारे कैसे दिखते हैं। कौन से गृह की क्या-क्या भौगोलिक एवं पर्यावरणीय विशेषतायें होती हैं। सौर मंडल में गृहों की स्थिति कहां-कहां है। खगोलीय घटनाओं का पृथ्वी पर किस प्रकार असर पड़ता है। सौर मंडल से संबंधित ऐसी ही तमाम दुर्लभ एवं रोमांचकारी घटनाओं से बुधवार की रात वरिष्ठ प्रशासनिक पुलिस अधिकारी भी रूबरू हुए। “तीन दिवसीय स्पेस प्रोग्राम” के तहत सिरोल रोड स्थित एमपीसीटी परिसर में नेहरू प्लेटोरियम मुम्बई के व्याख्याता देश के सुप्रसिद्ध खगोलशास्त्री प्रो. एस नटराजन द्वारा खगोलीय घटनाओं पर व्याख्यान दिया गया। साथ ही टेलिस्कोप के माध्यम से अधिकारियों को चन्द्रमा व मंगल सहित विभिन्न गृहों के दर्शन कराए। पुलिस महानिरीक्षक अरविंद सक्सेना, कलेक्टर रुचिका चौहान, भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी शैलेन्द्र चौहान, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विवेक कुमार एवं वन मण्डलाधिकारी अंकित पाण्डेय सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। कलेक्टर रुचिका चौहान की पहल पर जिले के सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को विज्ञान एवं अंतरिक्ष की गतिविधियों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से खागोलशास्त्री प्रो. नटराजन द्वारा शहर में “तीन दिवसीय स्पेस प्रोग्राम” के तहत रोचक सत्र आयोजित किए गए। कार्यक्रम की आखिरी शाम पर अधिकारियों ने भी सौर मंडल के गृह देखे और खगोलकीय घटनाओं के बारे में जानकारी हासिल की। खगोलशास्त्री प्रो. एस नटराजन ने बच्चों को विभिन्न प्रकार की खगोलीय घटनाओं को गहराई से परिचित कराया। साथ ही उन्होंने स्कूली बच्चों की सौर मंडल से संबंधित जिज्ञासाओं का समाधान भी “तीन दिवसीय स्पेस प्रोग्राम” के तहत किया गया है। ज्ञात हो कि मुम्बई स्थित नेहरू प्लेनेटोरियम के वरिष्ठ व्याख्याता खगोलशास्त्री प्रो. एस. नटराजन देश भर के स्कूलों और कॉलेजों में अब तक 3500 से अधिक व्याख्यान दे चुके हैं। साथ ही इसरो एवं एनसीआर पुणे जैसी प्रतिष्ठित संस्थानों में भी अपने खगोलकीय ज्ञान का प्रसार कर चुके हैं। मध्यप्रदेश में भी ग्वालियर सहित 10 जिलों में प्रोफेसर नटराजन अपना कार्यक्रम प्रस्तुत कर चुके हैं। बुधवार की रात आयोजित हुए कार्यक्रम में कलेक्टर ने प्रो. नटराजन के प्रति आभार व्यक्त किया।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश की उपजाऊ भूमि केवल भरपूर फसल ही नहीं, बल्कि नवाचार, सतत विकास और वैश्विक निवेश के नए द्वार भी खोल रही है। सरकार के इस रूपांतरणकारी प्रयास में दुनिया भर के निवेशकों को शामिल होने का आमंत्रण दिया जा रहा है। प्रदेश ने अपनी समृद्ध कृषि परंपरा और उन्नत कृषि तकनीकों के बल पर खुद को देश की “फ़ूड बास्केट” के रूप में स्थापित किया है। राज्य को अब तक सात कृषि कर्मण पुरस्कार मिल चुके हैं, जो इसकी कृषि क्षेत्र में मजबूती को दर्शाते हैं। मध्य प्रदेश में ‘श्वेत क्रांति’ का विस्तार जनसम्पर्क अधिकारी बिन्दु सुनील ने गुरुवार को जानकारी देते हुए बताया कि मध्य प्रदेश में ‘श्वेत क्रांति’ तेजी से अपने पैर पसार रही है। राज्य में 2012 से 2023 के बीच दूध उत्पादन में जबरदस्त वृद्धि दर्ज की गई है। इस विस्तार को डेयरी इन्वेस्टमेंट एक्सेलेरेटर जैसी योजनाओं से मजबूती मिली है, जो निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल तैयार कर डेयरी उद्योग के विकास को प्रोत्साहित कर रही है। मध्य प्रदेश दूध उत्पादन और उपलब्धता में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी स्थिति लगातार मजबूत कर रहा है। प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता (591 ग्राम प्रति दिन) में मध्य प्रदेश छठवें स्थान पर है। राष्ट्रीय सीएजीआर 6.18% की तुलना में मध्य प्रदेश की वृद्धि दर 8.60% है। देश के कुल दूध उत्पादन में मध्य प्रदेश का योगदान वर्ष 2023 में 8.73% था। खाद्य और डेयरी प्रोसेसिंग में एमएसएमई को बढ़ावा उन्होंने बताया कि राज्य सरकार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को खाद्य और डेयरी प्रोसेसिंग में आगे बढ़ाने के लिए कई प्रोत्साहन योजनाएं चला रही है, जिनमें औद्योगिक विकास सब्सिडी, पेटेंट और गुणवत्ता प्रमाणन के लिए वित्तीय सहायता और बिजली शुल्क में छूट शामिल है । पीएमएफएमई योजना से खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को लाभ जनसम्पर्क अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम (PMFME) योजना के तहत क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी से खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को आर्थिक सहायता मिल रही है, जिससे इस क्षेत्र में नए निवेश को बढ़ावा मिल रहा है। बड़े निवेशकों के लिए आकर्षक सुविधाएं उन्होंने बताया कि राज्य सरकार 50 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने वाले बड़े उद्योगों को विशेष प्रोत्साहन दे रही है। इसमें निर्यात इकाइयों को लाभ, हरित औद्योगिकीकरण (ग्रीन इंडस्ट्रियलाइजेशन) को बढ़ावा और कोल्ड चेन और वेयरहाउस जैसे खाद्य प्रसंस्करण बुनियादी ढांचे में सहयोग प्रदान किया जा रहा है। मध्य प्रदेश सरकार के इन प्रयासों से राज्य का खाद्य और डेयरी उद्योग नई ऊंचाइयों को छू रहा है। यह न केवल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती दे रहा है, बल्कि पूरे देश के डेयरी और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान कर रहा है। मध्यप्र देश में निवेश की बयार: ‘सीड टू शेल्फ’ में वैश्विक निवेशकों का स्वागत मध्यप्र देश खाद्य प्र-संस्करण और कृषि क्षेत्र में निवेश के लिए एक प्रमुख केंद्र बनकर उभर रहा है। राज्य अपने समृद्ध प्राकृतिक संसाधनों, रणनीतिक नीतियों और सतत विकास के प्रति प्रतिबद्धता के कारण ‘भारत की खाद्य टोकरी’ की उपाधि का वास्तविक हकदार बना है। अब, यह ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 के जरिए वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करने के लिए तैयार है। खाद्य प्र-संस्करण में निवेश का हब बना मध्य प्रदेश राज्य सरकार की निवेश नीति को उद्योग जगत के सकारात्मक रुझान से बल मिल रहा है। पेप्सी -को, कोका कोला और अमूल जैसी शीर्ष वैश्विक कंपनियां पहले ही राज्य में निवेश कर चुकी हैं, जिससे यह क्षेत्र निवेशकों के लिए और भी आकर्षक बन गया है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025: “सीड टू शेल्फ” सत्र पर फोकस 25 फरवरी 2025 को ‘इंवेस्ट मध्यप्रदेश - ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025’ के तहत “सीड टू शेल्फ” थीम पर एक विशेष सत्र आयोजित किया जाएगा। इस सत्र का उद्देश्य कृषि, खाद्य प्र-संस्करण और बागवानी क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देना होगा। इस सत्र में अधिकारी, उद्योग जगत के दिग्गज और निवेशक एक मंच पर आएंगे, जिससे नई साझेदारियों और व्यापारिक अवसरों का मार्ग प्रशस्त होगा। यह पहल मध्य प्रदेश को कृषि और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र का प्रमुख केंद्र बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मौसम की आंख मिचौली जारी है। प्रदेश के मौसम में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। कहीं धूप के साथ गर्मी तो कहीं हल्‍की ठंड का दौर जारी है। प्रदेश के दिन के तापमान में फिर से गिरावट आयी है। बुधवार को भोपाल, इंदौर, ग्वालियर समेत 11 शहरों में पारा 30 डिग्री से नीचे आ गया। ग्वालियर में 3.7 डिग्री की गिरावट के साथ पारा 27.8 डिग्री दर्ज किया गया। अगले 2 दिन ऐसा ही मौसम रहेगा। फरवरी महीने में तापमान में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहेगी।मौसम विभाग के अनुसार, जम्मू-कश्मीर के ऊपर एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव हुआ है। इस वजह से बुधवार को दिन के तापमान में गिरावट देखने को मिली है। वहीं, अब रात में भी पारा लुढ़क सकता है। 14 और 15 फरवरी को भी मौसम का मिजाज ऐसा ही बना रहेगा। इसके बाद तापमान में बढ़ोतरी होगी। मौसम विभाग का अनुमान है कि फरवरी में कई वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव होंगे। इस वजह से पारे में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहेगी। फिलहाल बारिश के आसार नहीं है।तापमान की बात करें तो बुधवार को भोपाल-इंदौर में 28.8 डिग्री, धार में 28.9 डिग्री, ग्वालियर में 27.8 डिग्री, नर्मदापुरम में 29 डिग्री, पचमढ़ी में 26.1 डिग्री, रायसेन में 28 डिग्री, नरसिंहपुर में 28 डिग्री, नौगांव में 28.1 डिग्री, सीधी में 29.8 डिग्री, मलाजखंड में 29.2 डिग्री सेल्सियस रहा। दूसरी ओर, दमोह, जबलपुर, खजुराहो, मंडला, रीवा, सागर, सतना, सिवनी, टीकमगढ़, उमरिया, बैतूल, गुना, खंडवा, खरगोन, रतलाम, शिवपुरी और उज्जैन में पारा 30 डिग्री से अधिक दर्ज किया गया। खंडवा में सबसे ज्यादा 33.1 डिग्री और खरगोन में तापमान 33 डिग्री दर्ज किया गया। आज गुरुवार को दिन-रात के तापमान में हल्की गिरावट हो सकती है। कुछ शहरों में दिन में गर्मी का असर देखा जा सकता है। 14 फरवरी को भी ऐसा ही मौसम रहेगा ।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । प्रयागराज महाकुंभ में बुधवार को माघ पूर्णिमा का स्नान जारी है। रीवा में महाकुंभ जाने वाले श्रद्धालुओं की तादाद बढ़ने से सड़कों पर गाड़ियों की लंबी कतार लगी है। यहां 70 किलोमीटर के दायरे में जगह-जगह जाम और स्लो मूविंग ट्रैफिक के हालात हैं। कई राज्यों के श्रद्धालु उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे मध्य प्रदेश के चार जिलों रीवा, सतना, मैहर और कटनी के रास्ते प्रयागराज जा रहे हैं, जिससे बुधवार सुबह से ही हजारों गाड़ियां स्लो ट्रैफिक में फंसी हुई हैं। कटनी में तो प्रशासन ने अनाउंसमेंट कर श्रद्धालुओं को वापस लौटने के लिए कहा है।   सड़क से जाने वाले श्रद्धालु रीवा होते हुए प्रयागराज पहुंचने की मशक्कत कर रहे हैं। रातभर जाम में फंसे कई लोग फुटपाथ पर ही चादर बिछकर सो गए। वहीं, सतना और कटनी रेलवे स्टेशन पर पैर रखने की जगह नहीं है। दरअसल, प्रयागराज जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए मध्य प्रदेश का कटनी सेंटर प्वाइंट है। ऐसे में कई लोग कटनी रेलवे स्टेशन पहुंच रहे हैं, जिससे यहां भी जाम लगा हुआ है। वहीं, कई श्रद्धालु मैहर दर्शन करते हुए महाकुंभ जाना चाहते हैं। इसके लिए हजारों श्रद्धालु सतना और मैहर पहुंच रहे हैं। दोनों जिलों के रेलवे स्टेशन पर भारी भीड़ है। सड़क पर भी जाम के हालात बन गए हैं। रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल ने बताया कि जगह-जगह पर प्रशासनिक और पुलिस की टीम मौजूद है। होल्डिंग प्वाइंट्स पर लोगों के खाने-पीने की सुविधा का ध्यान रखा जा रहा है। छोटे बच्चों के लिए दूध भी उपलब्ध करवाया जा रहा है। वहीं, उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने बताया कि मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश के बाद प्रशासन अपनी तरफ से कुंभ यात्रियों की आवभगत और सुविधा में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। देश के कई राज्यों से श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं। उन्हें संभालना और सुविधाओं की फिक्र करना थोड़ा कठिन जरूर है, लेकिन प्रशासन इसे भलीपूर्वक कर रहा है।  

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दमोह । दमोह में बुधवार सुबह एक मालगाड़ी की बाेगी में अचानक आग लग गई। लाेकाे पायलट ने तत्काल इसकी सूचना स्टेशन प्रबंधन काे दी जिसके बाद माैके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की गाड़ी ने कार्रवाई करते हुए आग पर काबू पाया। प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है।   जानकारी अनुसार घटना बुधवार सुबह करीब 11 बजे की है। कटनी से सागर की ओर जा रही कोयले से भरी मालगाड़ी की बोगी नंबर 5 में अचानक आग लग गई। मालगाड़ी के लोको पायलट (ड्राइवर) मोहम्मद जावीर ने तत्काल स्टेशन प्रबंधन को आग की सूचना दी। इसके बाद फायर ब्रिगेड के कर्मचारी मुख्तार, शेषधर और अमन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आग पर काबू पा लिया। घटना की जानकारी मिलते ही स्टेशन प्रबंधक मुकेश जैन, आरपीएफ थाना प्रभारी जेडी मिश्रा, आरक्षक अशोक भिंडारे, जीआरपी से एएसआई महेश कोरी, ओमकार सिरसाम और कोतवाली से आरक्षक आसिफ भी मौके पर पहुंच गए। प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। अधिकारियों का अनुमान है कि चिंगारी या शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी हो सकती है। सौभाग्य से इस घटना में कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ और समय रहते आग पर काबू पा लिया गया।

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से ठंड से राहत मिली है। तापमान में भी बढ़ोत्‍तरी देखने को मिली। हालांकि अब एक बार फिर 13 फरवरी से सर्दी का एक और दौर आएगा। जिसके चलते दो दिन तक तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट हो सकती है। प्रदेश के 5 बड़े शहर भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन और जबलपुर में तापमान 10 डिग्री से नीचे जाने का अनुमान है। आज बुधवार को दिन में गर्मी का एहसास होगा, लेकिन रात में ठंडक रहेगी। जबकि 13 फरवरी को दिन और रात के तापमान में हल्की गिरावट देखने को मिल सकती है।प्रदेश में फरवरी के पहले सप्‍ताह मौसम में दो रंग देखने को मिले। दिनभर धूप खिलने से जहां गर्मी का अहसास होने लगा था, वहीं रातें ठंडी रहीं। हालांकि पिछले दो-तीन दिन से प्रदेश में रातें ज्यादा ठंडी नहीं है। तापमान की बात करें तो मंगलवार रात राजधानी भोपाल में 15.7 डिग्री, इंदौर में 14.4 डिग्री, ग्वालियर में 11.3 डिग्री, उज्जैन में 11.5 डिग्री और जबलपुर में तापमान 13.6 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं, सिवनी सबसे गर्म रहा। यहां रात का तापमान 17 डिग्री तक पहुंच गया। छिंदवाड़ा, नर्मदापुरम, बैतूल, खरगोन, धार और सागर में पारा 15-16 डिग्री के बीच ही रहा। मंगलवार को दिन के तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिली। भोपाल में सुबह से तेज धूप खिली रही। कई शहरों में दिन का तापमान 30 डिग्री के पार ही रहा।मौसम विभाग का कहना है कि 8 फरवरी को एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) उत्तर भारत पहुंचा था। इसके असर के कारण प्रदेश में उत्तर से सर्द हवाएं चल रही थी, जो अब लौट गई है। वहीं, हवा का रुख दक्षिणी हो गया है। इस कारण ठंडी हवा प्रदेश में नहीं आ रही और दिन-रात के तापमान में बढ़ोतरी हुई। वहीं, अब 13 फरवरी से तापमान में फिर से गिरावट देखने को मिल सकती है।  

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कटनी । मध्य प्रदेश के कटनी स्टेशन के पास एक सीमेंट से लदी मालगाड़ी डिरेल हो गई। सोमवार को दोपहर बाद यह मालगाड़ी कटनी स्टेशन से गुजरने के बाद जैसे ही कर्व लाइन के जरिए मुड़वारा की ओर मुड़ी, तभी अचानक तेज आवाज के साथ उसके डिब्बे पटरी से उतर गए। जानकारी मिलते ही रेलवे का तकनीकी अमला मौके पर पहुंचा और राहत एवं बचाव कार्य में जुट गया। खबर लिखे जाने तक मालगाड़ी के डिब्बों को पटरी पर लाने का प्रयास किया जा रहा था। रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि मालगाड़ी में सीमेंट लोड थी। इसे प्रिज्म जानसन लिमिटेड मैनपुरी से लोड किया गया था और उसे बीना की ओर जाना था। दोपहर तीन बजे के लगभग गुड्स ट्रेन कटनी स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर दो व तीन के बीच की लाइन से निकाली जा रही थी, जिसे मुड़वारा स्टेशन होते हुए बीना की ओर जाना था। स्टेशन गुजरते समय ही जैसे ही मालगाड़ी कर्वलाइन पर पहुंची बीच की बोगी क्रमांक-13,14,15 पटरी से उतर गई। उसके साथ चौथा डिब्बा भी चपेट में आया। ट्रेन पटरी से उतरने के बाद कर्व लाइन की पटरी का कुछ हिस्सा और नीचे लगे सीमेंट के स्लीपरों सहित पूरे प्वाइंट को तोड़ते हुए आगे बढ़ गई। हादसे के बाद चालक ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोका। एकदम से मालगाड़ी के स्टेशन और कर्व लाइन के बीच में रूकने और तेज आवाज आने पर रेलवे के अधिकारी-कर्मचारी मौके पर पहुंच गए। कुछ ही देर में एनकेजे सहित अन्य स्टेशनों से अधिकारी व कर्मचारी के साथ दुर्घटना राहत कर्मचारी मौके पर पहुंच गए। शाम से लेकर देर रात तक पटरी से नीचे उतरे डिब्बों को पटरी पर वापस लाने की कवायद जारी रही। इस बीच एरिया मैनेजर सहित जबलपुर से भी अधिकारी मौके पर पहुंचे। दुर्घटना के कारण कटनी स्टेशन का प्लेटफार्म नंबर से तीन तक से ट्रेनों का आवागमन बंद हो गया और दो प्लेटफार्म व बीच की लाइन से ट्रेनों को निकालने का कार्य किया गया। स्टेशन प्रबंधक संजय दुबे और स्टेशन के अन्य टेक्नीकल स्टाफ के सदस्य मौके पर पहुंच गए और वरिष्ठ अधिकारियों को दुर्घटना की जानकारी दी। थोड़ी ही देर में एरिया मैनेजर रोहित सिंह अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ घटना स्थल पहुंचे और जानकारी लेते हुए वरिष्ठ कार्यालय को सूचना दी। साथ ही मालगाड़ी को पटरी पर लाने के लिए व्यवस्था कराना प्रारंभ किया। काटकर अलग की गई बोगियां दो हिस्सों में बंटी मालगाड़ी के आगे के हिस्से की इंजिन जुड़ी बोगियों को अलग कराने का कार्य किया गया। पटरी से उतरी बोगियों को काटकर रेलवे के कर्मचारियों ने अलग किया और आगे के हिस्से को मुड़वारा स्टेशन की ओर रवाना कर किनारे खड़ा कराया गया। वहीं पीछे की ओर से भी दूसरे इंजन के माध्यम से दुर्घटनाग्रस्त हुई बोगियों से अलग कराते हुए शेष मालगाड़ी के डिब्बों को सतना एंड की ओर ले जाया गया। उसके बाद अमले ने मशीनों व अन्य माध्यमों से पटरी से उतरी चारों बोगियों को वापस पटरी में लाने की कवायद प्रारंभ की। देर शाम तक अमला काम में लगा हुआ था और एक भी बोगी पटरी पर नहीं आ सकी थी। प्रभावित हुई पैसेंजर गाड़ी दुर्घटना के बाद प्लेटफार्म नंबर एक से लेकर तीन तक से ट्रेन यातायात रूक गया। दूसरे रूटों की ट्रेनों को प्लेटफार्म नंबर चार व पांच से रवाना किया गया और इसके चलते कुछ ट्रेनों को निकालने में विलंब हुआ। दूसरी ओर कटनी स्टेशन से बीना की ओर जाने वाली पैसेंजर गाड़ी ट्रैक बंद होने के कारण प्रभावित रही। दुर्घटना का कारण नहीं स्पष्ट मालगाड़ी के बोगियां अचानक दुर्घटनाग्रस्त होने का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है।

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छिंदवाड़ा । मध्य प्रदेश  में बाघ और तेंदुए के बेहतर जीवन के लिए पेंच नेशनल पार्क और उसके आसपास के जंगल बेहतर साबित हो रहे हैं। पेंच नेशनल पार्क से लगे हरदुआ गांव में पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष शैलेंद्र सिंह रघुवंशी के गन्ने के खेत में मादा तेंदुए ने एक शावक को जन्म दिया है।खेत मालिक पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष शैलेंद्र सिंह रघुवंशी ने बताया कि उनके खेत में गन्ने की कटाई चल रही है। मंगलवार सुबह जब मजदूर खेत पहुंचे तो उन्हें गन्ने के ढेर के नीचे एक बिल्ली के बच्चे जैसा दिखाई दिया। उन्होंने इसकी सूचना मुझे दी। जब मैंने जाकर देखा तो वह तेंदुए का शावक था उसकी आंख भी नहीं खुली थी, इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि मादा तेंदुआ ने खेत में ही शावक को जन्म दिया होगा। सूचना के बाद वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू कर शावक को उसकी मां से मिलाया है और सुरक्षित उसे जंगलों में छोड़ दिया गया है, ताकि मादा तेंदुआ उसकी देखभाल कर सके।  

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जबलपुर । मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। अब माध्यमिक एवं प्राथमिक शिक्षक चयन परीक्षा 2024 में शामिल होने वाले इडब्ल्युएस अभ्यर्थियों को भी अन्य आरक्षित वर्गों की तरह 5 वर्ष की आयु सीमा में छूट मिलेगी। शिक्षक चयन परीक्षा 2024 के नियमों में कंडिका 7.1 और 7.2 के अनुसार इडब्ल्युएस को आरक्षित वर्ग माना गया था, लेकिन कंडिका 6.2 में उन्हें आयु सीमा छूट के लाभ से वंचित रखा गया। इस असमानता के खिलाफ रीवा निवासी पुष्पेंद्र द्विवेदी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिकाकर्ता ने दलील दी कि इडब्ल्युएस को आयु सीमा में छूट न देना संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) और अनुच्छेद 16 (सरकारी नौकरियों में समान अवसर) का उल्लंघन है। अनुच्छेद 14: यह सभी नागरिकों को कानून के समक्ष समानता और भेदभावरहित अवसर की गारंटी देता है। समान परिस्थिति में रहने के बावजूद इडब्ल्युएस को आयु छूट न देना इस अनुच्छेद का उल्लंघन है। अनुच्छेद 16: सरकारी नौकरियों में समान अवसर सुनिश्चित करता है। जब इडब्ल्युएस को आरक्षित वर्ग माना गया, तो उन्हें आयु सीमा में छूट न देना असंवैधानिक था। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता धीरज तिवारी और ईशान सोनी ने तर्क दिया कि जब इडब्ल्युएस को आरक्षित वर्ग माना गया है, तो उन्हें भी एससी/स्ट/ओबीसी की तरह आयु सीमा में छूट मिलनी चाहिए। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के तर्कों को स्वीकार करते हुए कहा कि यदि इडब्ल्युएस को आरक्षित वर्ग में रखा गया है, तो उन्हें भी अन्य आरक्षित वर्गों की तरह समान अवसर मिलना चाहिए। कोर्ट ने इडब्ल्युएस अभ्यर्थियों को 5 साल की आयु सीमा छूट देने का आदेश दिया। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच के इस फैसले से हजारों उम्मीदवारों को लाभ होगा, जो अब तक अधिकतम आयु सीमा के कारण परीक्षा में शामिल नहीं हो पा रहे थे।  

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भोपाल । नगर निगम द्वारा सड़कों, फुटपाथों, कारीडोर व सार्वजनिक स्थलों आदि से अतिक्रमणों को हटाने की कार्यवाही निरंतर की जा रही है। निगम के अतिक्रमण निरोधक दस्ते के दलों ने सोमवार को जिला प्रशासन एवं स्मार्ट सिटी की कार्यवाही में सहयोग करते हुए टी.टी. नगर स्थित सीएम राईज स्कूल की बाउंड्रीवाल के पास रखी दुकानों के अलावा एम.ए.सिटी कालेज, जवाहर चैक आदि क्षेत्रों से ठेले, गुमठी के अलावा अवैध रूप से निर्मित शेड, तोड़कर बुल्‍डोजर चला दिया।   निगम आयुक्त हरेन्द्र नारायन के निर्देषों के परिपालन में नगर निगम के अतिक्रमण निरोधक दस्ते के दलों ने सोमवार को टी.टी. नगर स्टेडियम के समीप सी.एम.राईज की बाउंड्रीवाल के समीप अवैध रूप से लगी 42 दुकानों को जे.सी.बी मशीनों व श्रमिकों के माध्यम से हटाने की कार्यवाही की। निगम अमले ने दुकानों के अलावा अन्य प्रकार के अतिक्रमणों को भी हटाया। निगम अमले ने एम.ए.सिटी कालेज व जवाहर चौक क्षेत्र में भी अतिक्रमणों को हटाने की कार्यवाही करते हुए अवैध रूप से लगाए गए ठेले, गुमठी, शेड, छप्पर आदि को भी तोड़ा। निगम अमले ने समझाइश भी दी कि पुनः अतिक्रमण न करें अन्यथा और अधिक कठोर कार्यवाही की जाएगी।

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भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को देशभर के विद्यार्थियों से परीक्षा के तनाव को कम करने और उन्हें प्रेरित करने के उद्देश्य से ‘परीक्षा पे चर्चा’ की। इस खास संवाद कार्यक्रम में मध्य प्रदेश से हजारों विद्यार्थी, शिक्षक और अभिभावक आनलाइन जुड़े। परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने दसवीं ओर बारहवीं के विद्यार्थियों से बातचीत की और उन्हें बोर्ड परीक्षा को लेकर टिप्स भी दिए। कार्यक्रम राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में आयोजित किया गया था। राजधानी भोपाल के सुभाष उत्कृष्ट स्कूल में इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण किया गया। इस कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह, स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. संजय गोयल और अन्य अधिकारी विद्यार्थियों के साथ मौजूद रहे। इसके साथ ही प्रदेश के सभी हाई और हायर सेकण्डरी स्कूलों में इस कार्यक्रम को अधिकतम विद्यार्थियों तक पहुंचाने के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) और सभी जिला शैक्षिक प्रशिक्षण संस्थानों (डीआईईटीएस) में लाइव प्रसारण की व्यवस्था की गई थी। स्कूलों में टीवी के अलावा कंप्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल डिवाइस पर भी कार्यक्रम को देखा गया। कार्यक्रम में देशभर से 36 विद्यार्थियों से प्रधानमंत्री से सीधे संवाद कर उनसे मार्गदर्शन लिया। इसके अलावा, मानसिक स्वास्थ्य, प्रौद्योगिकी और शिक्षा से जुड़े विभिन्न विषयों पर विशेषज्ञों ने छात्रों को मार्गदर्शन दिया। प्रधानमंत्री ने विद्यार्थियों से कहा कि सबसे पास दिन में 24 घंटे ही होते हैं। कोई इतने ही समय में सब-कुछ कर लेता है, तो कोई यही कहता रहता है कि समय नहीं है। ऐसे में टाइम मैनेजमेंट सीखना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि स्टेडियम में दर्शक फोर-सिक्स का शोर करते हैं, लेकिन बल्लेबाज का ध्यान सिर्फ बॉल पर होता है। आपको भी ऐसे ही सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान लगाना चाहिए। ज्यादातर लोग खुद से स्पर्धा नहीं करते, दूसरे से करते हैं। जो खुद से स्पर्धा करता है, उसका विश्वास कभी टूटता नहीं। टारगेट हमेशा ऐसा हो, जो पहुंच में हो, लेकिन पकड़ में न हो। 95% मार्क्‍स लाने का टारगेट था और 93% आए तो आप सफल हैं। मप्र के स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अकेले परीक्षा ही महत्वपूर्ण है, यह उचित नहीं है। इस बात को प्रधानमंत्री ने 'परीक्षा पे चर्चा' में प्रतिपादित किया है। परीक्षा का परिणाम ही आपके जीवन में सब कुछ नहीं होता। मैं आज सामाजिक जीवन में सफलता से काम कर पा रहा हूं, तो इसमें मेरे परीक्षा के नंबरों का योगदान नहीं है। यह मेरे जीवन के अनुभव, माता-पिता से मिले उद्देश्य, शिक्षकों से प्राप्त ज्ञान और पढ़ाई का भी योगदान है, लेकिन सिर्फ पढ़ाई का नहीं।

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में सर्द हवाओं ने एक बार फिर ठंडक बढ़ा दी है। पिछली 2 रातों से तापमान 5 डिग्री से नीचे लुढ़क गया है। प्रदेश के शहडोल और ग्वालियर संभाग के जिलों में सबसे ज्‍यादा ठंडे है। रविवार रात यहां के दो शहर- कल्याणपुर में तापमान 4.6 डिग्री और आंवरी में 4.8 डिग्री रहा। वहीं, भोपाल, जबलपुर में भी सर्दी का असर रहा। हालांकि दिन में धूप निकलने से गर्मी रही। मौसम विभाग का कहना है कि अगले 3 दिन तक सर्दी से राहत मिलेगी। दिन-रात के तापमान में 2 से 3 डिग्री तक की बढ़ोतरी हो सकती है।मौसम विभाग ने बताया कि प्रदेश में अभी कई शहरों में तापमान 10 डिग्री से नीचे है, लेकिन अगली एक-दो रात में ही तापमान बढ़ने लगेगा। रविवार की रात में शहडोल के कल्याणपुर में 4.6 डिग्री, अशोकनगर के आंवरी में 4.8 डिग्री, मंडला में 5.8 डिग्री, नौगांव में 6 डिग्री, पचमढ़ी में 6.8 डिग्री, खजुराहो में 7.2 डिग्री, राजगढ़ में 7.6 डिग्री, मलाजखंड में 8.7 डिग्री, सतना में 9 डिग्री और रीवा में पारा 9.8 डिग्री रहा। नर्मदापुरम में सबसे ज्यादा 15.2 डिग्री दर्ज किया गया। बड़े शहरों की बात करें तो ग्वालियर में तापमान सबसे कम 8 डिग्री रहा। जबलपुर में 9.5 डिग्री, भोपाल में 10.6 डिग्री, उज्जैन में 12 डिग्री और इंदौर में सबसे ज्यादा 14.9 डिग्री दर्ज किया गया। रविवार को इन शहरों में पारा 30 डिग्री से अधिक ही दर्ज किया गया।प्रदेश में तीन-चार दिन पहले तक सर्द हवा की रफ्तार 36 से 40 किमी प्रतिघंटा तक पहुंच गई थी, लेकिन अब यह 10 से 12 किमी तक आ गई है। रविवार को पूर्वी-उत्तरी भारत में 12.6 किमी की ऊंचाई पर 177 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से जेट स्ट्रीम हवाएं चली। इससे प्रदेश में असर कम रहा। आज सुबह और रात में ठंडक बनी रहेगी। दिन के तापमान में बढ़ोतरी हो सकती है। वहीं, 11 फरवरी को भी अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। रात में भी पारे में उछाल आ सकता है।  

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सीहोर । मध्य प्रदेश के सीहोर रेलवे स्टेशन पर शनिवार देर रात एक शराबी युवक ने जयपुर-चेन्नई एक्सप्रेस को रोककर जमकर हंगामा किया। वह ट्रेन गुजरने से पहले रेल की पटरी पर लेट गया। सूचना मिलने पर रेलवे पुलिस मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद उसे पटरी से हटाया। हंगामे के चलते जयपुर-चेन्नई एक्सप्रेस करीब 30 मिनट लेट हुई। इस दौरान यात्री परेशान होते नजर आए। जानकारी के अनुसार, सीहोर रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात करीब 12 बजे जयपुर-चेन्नई एक्सप्रेस के प्लेटफॉर्म पर आई थी। इस दौरान नशे में धुत एक युवक रेल पटरी पर लेट गया, जिससे ट्रेन को रोकना पड़ा। सूचना मिलने पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर युवक को पटवारी से हटाने की कोशिश की, लेकिन नशे में धुत युवक बार-बार पटरी पर लेटने की कोशिश करता रहा। इस घटनाक्रम में ट्रेन करीब 30 मिनट लेट हुई, जिससे यात्री परेशान होते दिखे। इसके बाद युवक को वहां से हटाया गया। घटना के बाद पुलिस युवक को लेकर चली गई। युवक की पहचान नहीं हो पाई है। पुलिस ने युवक हिरासत में ले लिया है।

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भोपाल । प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी सोमवार, 10 फरवरी को प्रात: 11 बजे देश के विद्यार्थियों के साथ परीक्षा पे चर्चा करेंगे। इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण संचार माध्‍यमों पर किया जायेगा। कार्यक्रम का दूरदर्शन, डीडी नेशनल, डीडी न्यूज, डीडी इंडिया एवं ऑल इंडिया रेडियो के सभी चैनल, पीएमओ वेबसाइट mygov.in, यूट्यूब, एमओई, फेसबुक लाइव, स्वयंप्रभा चैनल एमओई, दीक्षा चैनल एमओई से भी प्रसारण होगा। कार्यकम का प्रसारण अन्य निजी चैनल भी करेंगे। मध्य प्रदेश के सभी हाई और हायर सेकण्डरी स्कूलों में कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया जाएगा। लोक शिक्षण आयुक्‍त शिल्‍पा गुप्‍ता ने रविवार को जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री हर वर्ष से परीक्षा के तनाव को दूर करने के लिए विद्यार्थियों से संवाद करते हैं। इस वर्ष यह कार्यक्रम सोमवार, 10 फरवरी को प्रात: 11 बजे से नई दिल्‍ली में आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम को ऑनलाइन देखे जाने के लिये यूट्यूब लिंक https://www.youtube.com/watch?v=G5UhdwmEEls भी जारी की गई है। कार्यक्रम में विद्यार्थी एवं शिक्षक तथा अभिभावक उक्त लिंक के माध्यम से सहभागिता कर सकेंगे। इस वर्ष प्रदेश से 18 लाख 27 हजार विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं अभिभावकों ने अपना पंजीयन कर सहभागिता की है। स्कूल शिक्षा मंत्री श्री सिंह सहित अधिकारी भी होंगे शामिल स्‍कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह, सचिव स्‍कूल शिक्षा डॉ. संजय गोयल और स्कूल शिक्षा विभाग में अन्‍य वरिष्‍ठ अधिकारी राजधानी भोपाल के सुभाष उत्‍कृष्‍ट विद्यालय से विद्यार्थियों के साथ कार्यक्रम में सहभागिता करेंगे। लोक शिक्षण आयुक्‍त शिल्‍पा गुप्‍ता ने बताया कि प्रदेश में भी राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद और सभी जिला शैक्षिक प्रशिक्षण संस्थानों में हाई और हायर सेकेण्डरी स्‍कूलों में विद्यार्थियों की लाइव प्रसारण में सहभागिता होगी। स्‍कूलों में टीवी प्रसारण के अलावा, इंटरनेट एक्सेस डिवाइस (कंप्यूटर लैपटॉप/मोबाइल इत्यादि) पर भी कार्यक्रम देखने की सुविधा दी जा रही है। प्रदेश के दूरदराज के क्षेत्रों में जहां टीवी देखने की व्यवस्था संभव नहीं होगी, वहां रेडियो/ट्रांजिस्टर की व्यवस्था किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। समस्‍त जि़ला कलेक्‍टर्स एवं मैदानी अधिकारियों को परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के लाइव प्रसारण में विद्यार्थी, अभिभावक एवं शिक्षकों की सामूहिक रूप से सहभागिता सुनिश्चित करने के लिये कहा गया है। इस कार्यक्रम का पहला संस्करण वर्ष 2018 में हुआ था। इस वर्ष इस कार्यक्रम का आठवाँ संस्करण है।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में फरवरी के महीने में फि‍र से ठंड की वापसी हुई है। हालांकि दिन में हल्की धूप राहत दे रही है। लेकिन रात होते ही कंपकंपाने वाली ठंड शुरू हो जाती है। राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के कई जिलों में सर्द हवाओं से रात का तापमान लुढ़कने लगा है। पहली बार फरवरी में प्रदेश में रात का तापमान 5 डिग्री से नीचे पहुंच गया। शनिवार रात शहडोल के कल्याणपुर में पारा 4.5 डिग्री रहा। भोपाल समेत 17 शहरों में ठंड बढ़ने के साथ तापमान 10 डिग्री के नीचे पहुंच गया है। हालांकि, आज रविवार से मौसम में फिर से बदलाव होने का अनुमान है। अब दिन-रात के तापमान में 3 से 4 डिग्री तक की बढ़ोतरी हो सकती है।मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तर भारत में बर्फबारी होने से प्रदेश में भी ठंड का असर बढ़ा है। पिछले चार दिन से दिन-रात के तापमान में गिरावट देखने को मिली। शनिवार की रात में तापमान में खासी कमी आई। भोपाल, शहडोल, राजगढ़, शाजापुर, उमरिया, छतरपुर, सिंगरौली, टीकमगढ़, मंडला, रायसेन, गुना, सतना, सीधी, दमोह, रीवा और नर्मदापुरम जिले ठिठुर गए। आज रविवार को हल्की ठंडक बनी रहेगी, लेकिन दिन के साथ रात के तापमान में भी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। 10 फरवरी को अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।प्रदेश में सबसे ठंडा शहडोल का कल्याणपुर रहा। यहां पारा 4.5 डिग्री, राजगढ़ में 5 डिग्री, शाजापुर के गिरवर में 5.8 डिग्री, उमरिया-नौगांव में 6.1 डिग्री, सिंगरौली के देवरा में 6.4 डिग्री, खजुराहो में 7.4 डिग्री, टीकमगढ़ में 7.8 डिग्री, मंडला में 8.3 डिग्री, रायसेन में 8.5 डिग्री, गुना-सतना में 8.6 डिग्री, सीधी में 9 डिग्री, दमोह में 9 डिग्री, रीवा में 9.2 डिग्री और पचमढ़ी में 9.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। शनिवार को दिन में ठंड से थोड़ी राहत मिली है। कई शहरों में पारे में बढ़ोतरी देखने को मिली। भोपाल, बैतूल, धार, गुना, ग्वालियर, नर्मदापुरम, इंदौर, खरगोन, रतलाम, शिवपुरी, उज्जैन, खजुराहो, मंडला, सागर, सिवनी, टीकमगढ़, उमरिया और मलाजखंड में पारा 27 डिग्री से ज्यादा रहा। मंडला और उज्जैन में पारा सबसे अधिक 30 डिग्री के पार रहा। रविवार को तापमान में बढ़ोतरी हो सकती है।  

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सीहोर । जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में आगामी 25 फरवरी से होने वाले भव्य महोत्सव को लेकर कथा स्थल के भव्य परिसर में डोम लगाए जा रहे है। इसके अलावा प्रशासन भी यहां पर अतिथियों, साधु संतो और लाखों की संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं के आगमन को लेकर तैयारियां की जा रही है।   शनिवार की सुबह अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने यहां पर मौजूद अधिकारियों, ग्रामीण और शहरी विठलेश सेवा समिति के पदाधिकारियों के अलावा आस-पास के सभी समाजसेवियों के साथ ही अन्य के साथ कथा स्थल का जायजा लेकर पेयजल, बिजली, साफ-सफाई, अस्थाई शौचालय, पार्किंग, हेल्थ कैम्प, आकस्मिक चिकित्सा व्यवस्था, एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड, कन्ट्रोल रूम, सहायता केंद्र, मार्ग मरम्मत सहित अन्य व्यवस्थाएं सुचारू रूप से बनाए रखने के लिए बात कही।   अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा छत्तीसगढ़ से लौटने के बाद धाम पर पहुंचे थे। इस मौके पर प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा समितियों से चर्चा की। अब पंडित मिश्रा प्रयाग राज के लिए रवाना हो जाऐंगे। समिति के द्वारा शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में विभिन्न समितियों का गठन किया गया है। रुद्राक्ष महोत्सव का शुभारंभ 25 फरवरी से किया जाएगा। इसके अंतर्गत प्रतिदिन सुबह शिवलिंग का अभिषेक, दोपहर में कथा और रात्रि में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। गत दिनों कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों ने धाम पर पहुंचकर निरीक्षण किया था इस दौरान बेहतर इंतजाम करने एवं लोगों की सुरक्षा के साथ ही नेशनल हाईवे पर आवागमन सुगम बनाए रखने के लिए मार्ग परिवर्तित करने तथा वैकल्पिक मार्ग के संबंध में अधिकारियों से चर्चा की। उन्होंने कथा के दौरान पेयजल, बिजली, साफ-सफाई, अस्थाई शौचालय, पार्किंग, हेल्थ कैम्प, आकस्मिक चिकित्सा व्यवस्था, एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड, कन्ट्रोल रूम, सहायता केंद्र, मार्ग मरम्मत सहित अन्य व्यवस्थाएं सुचारू रूप से बनाए रखने के लिए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।   कुबेरेश्वर धाम परिसर तथा आसपास यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि विद्युत लाइन, केबल तथा पोल कहीं से क्षतिग्रस्त न हों तथा विद्युत विभाग की टीम को एक्टिव मोड पर रखा जाए। आयोजन स्थल तथा आसपास भीड़ अत्याधिक होने पर स्वच्छता बनाए रखने के लिए अस्थाई चलित शौचालयों की व्यवस्था तथा आयोजन स्थल पर पर्याप्त संख्या में सफाई कर्मियों ड्यूटी लगाने के निर्देश दिए।    

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राजगढ़ । राजगढ़ कोतवाली थाना क्षेत्र के ग्राम हिरणखेड़ी में चल रही भागवत कथा के दौरान शनिवार को मधुमक्खी ने ग्रामीणों पर हमला बोल दिया, जिसमें आठ लोग घायल हो गए, जिनमें एक की हालत गंभीर होने पर भोपाल रेफर किया गया।   जानकारी के अनुसार ग्राम हिरणखेड़ी में भागवत कथा के दौरान पीपल के पेड़ पर लगी मधुमक्खी ने अचानक ग्रामीणों पर हमला कर दिया, जिसमें भंवरलाल (60) पुत्र गंगाराम तंवर, रोड़जी पुत्र नारायणसिंह तंवर, सांवलिया (65) पुत्र मुरली तंवर, दीपक (20)पुत्र लखनदास बैरागी, राजेश (20) पुत्र लालसिंह तंवर, रामसिंह (35) पुत्र हजारीलाल और दरियावसिंह (35) पुत्र देवसिंह निवासी हिरणखेड़ी घायल हो गए, जिनमें भंवरलाल की हालत बिगड़ने पर भोपाल रेफर किया गया। बताया गया कि डीजे के शोरगुल से पीपल के पेड़ पर बैठी मधुमक्खी ने अचानक हमला कर दिया।  

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में एक बार फिर सर्दी का असर तेज हो गया है। पश्चिम-उत्तर भारत आ रही सर्द हवाओं की वजह से प्रदेश में ठिठुरन बढ़ गई है। पूरा प्रदेश शीतलहर की चपेट में है। इससे दिन और रात के पारे में 5 डिग्री तक की गिरावट हुई है। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन भी ठंडे हैं। शुक्रवार को भी सर्द हवाओं से ठिठुरन बनी रही। ऐसा ही मौसम शनिवार को भी रहेगा। आज सर्द हवाएं चलेंगी, इससे दिन में ठंडक रहेगी। रात में भी तापमान में गिरावट आ सकती है। हालांकि रविवार से ठंड से थोड़ी राहत मिल सकती है।प्रदेश में फरवरी में ठंड ने फिर वापसी की है। पिछले 3 दिन से सर्दी बढ़ गई है। इस वजह से रात का तापमान 10 और दिन में 25 डिग्री से नीचे आ गया है। पिछले 24 घंटे की बात करें तो राजगढ़, रायसेन, धार, शाजापुर, सीहोर, नीमच, मंदसौर, छतरपुर, उमरिया और शहडोल अधिक शीतलहर वाले जिले रहे। वहीं, भोपाल, विदिशा, झाबुआ, आगर-मालवा, गुना, दतिया, श्योपुर, मुरैना, भिंड, टीकमगढ़, निवाड़ी, सतना, मेहर, मऊगंज, सिंगरौली, अनूपपुर में भी सर्द हवा चली। वहीं, रात में कल्याणपुर, राजगढ़, खजुराहो, नौगांव, टीकमगढ़, गुना, सतना, धार, पचमढ़ी और मंडला में तापमान 10 डिग्री से नीचे आ गया। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर और ग्वालियर में भी न्यूनतम तापमान 10.2 से 12 डिग्री तक रहा। शुक्रवार को प्रदेश के कई शहरों में हवा की रफ्तार 30 किमी प्रतिघंटा तक रही। भोपाल में 15 से 17 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चली। इंदौर, ग्वालियर और उज्जैन में भी तापमान में गिरावट आयी।शुक्रवार को भोपाल में एक ही दिन में तापमान 4.4 डिग्री लुढ़ककर 23.2 डिग्री पर आ गया। यह प्रदेश में सबसे कम रहा। वहीं, रायसेन में 23.5 डिग्री, रीवा में 23.8 डिग्री, पचमढ़ी में 24.4 डिग्री, सतना में 24.9 डिग्री और धार, नरसिंहपुर-दमोह में 25 डिग्री दर्ज किया गया। बड़े शहरों की बात करें तो ग्वालियर में 25.4 डिग्री, इंदौर में 24.8 डिग्री, उज्जैन में 26 डिग्री और ग्वालियर में 24.4 डिग्री रहा।  

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इंदौर । मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में जीएनटी टिंबर मार्केट के दो गोदाम में शुक्रवार तड़के भीषण आग लग गई। सुबह मॉर्निंग वॉक पर निकले कुछ लोगों ने आग की लपटें उठते देखी तो इस घटना की जानकारी दमकल विभाग और पुलिस को दी। घटना की सूचना मिलते ही दमकल की टीम और नगर निगम मौके पर पहुंची। जिसके बाद बड़ी मशक्कत के बाद दमकल की टीम ने आग पर काबू पाया। आगजनी में लाखों रुपए की लकड़ियां जलकर खाक हो गई। वहीं आग लगने का कारण अभी अज्ञात है। फिलहाल इस पूरे मामले में पुलिस जांच पड़ताल कर रही है।   जानकारी के अनुसार धार रोड़ स्थित जीएनटी मार्केट में सुबह करीब 5 बजे अक्षर लेमिनेट्स में आग लग गई। जानकारी के मुताबिक जिस जगह आग लगी थी वहां से लकड़ी पीठे में बना फायर स्टेशन 100 मीटर दूरी पर था। लकड़ी मार्केट के चौकीदारों ने मौके पर पहुंचकर दमकलकर्मियों को उठाया। इसके करीब आधे घंटे बाद गाड़ियां यहां पहुंच पाई। लेकिन जब तक आग ने विकराल रूप ले लिया। इसके बाद फायरकर्मी उसे बुझाने का प्रयास करते रहे। घटना में फर्नीचर और लकड़ी का सामान जल गया। सूचना के बाद दमकल की 5 गाड़ियों ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया। आगजनी में दो गोदाम चपेट में आ गए। जिसमें काफी संख्या में फर्नीचर और लकड़ी का सामान भरा हुआ था। दो घंटे तक आग पर काबू करने के लिए फायर टीम को मशक्कत करनी पड़ी। फायर ब्रिगेड के मुताबिक, हादसे में चीकू उर्फ चिंटू नाम का गोकुल टिंबर का कर्मचारी भी झुलसा है। चीकू अंदर ही कमरे में रहता था। आग लगने के बाद वह बाहर आ गया। इस दौरान उसका हाथ और चेहरा जला है। बताया जाता है कि इस टिंबर मार्केट में चीकू अपनी मां के साथ रहता है। मां रिश्तेदारों के यहां थी। पुलिस ने चीकू को उपचार के लिए पहले जिला अस्पताल भेजा। इसके बाद उसे एमवाय में भर्ती कराया गया है। फिलहाल उसका बर्न यूनिट में उपचार चल रहा है। गनीमत रही कि पास के पीठों में ऊंची दीवारें बना लेने से आग वहां तक नहीं फैली, नहीं तो अन्य पीठे भी चपेट में आ जाते।  

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भोपाल । हरियाणा के पर्यटन विभाग द्वारा शुक्रवार, 07 फरवरी से 23 फरवरी तक आयोजित किए जा रहे अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड शिल्प मेले में मध्य प्रदेश थीम राज्य है। इस अवसर पर मध्य प्रदेश शासन, संस्कृति एवं पर्यटन विभाग के संयोजन से मेले में आने वाले देश-विदेश के सैलानियों को मध्य प्रदेश की संस्कृति, पर्यटन, कला, शिल्प देखने और पारंपरिक व्यंजनों का आनंद लेने का अवसर मिलेगा।   जनसम्पर्क अधिकारी अनुराग उइके ने गुरुवार देर शाम जानकारी देते हुए बताया कि अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड शिल्प मेले में मध्य प्रदेश की ओर से सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के अंतर्गत लोक नृत्य-संगीत का प्रदर्शन होगा। इसमें भगोरिया, गणगौर, मटकी, गुदुमबाजा, काठी, करमा, भड़म, बरेदी, बधाई-नौरता, अहिराई इत्यादि लोक नृत्यों की प्रस्तुति होगी। मध्य प्रदेश की समृद्ध लोक संस्कृति को मेले के सैलानी देख सकेंगे। मेले में 17 फरवरी को नाटक बैजू बावरा और नृत्य नाटिका वीरांगना रानी दुर्गावती की विशेष प्रस्तुतियां भी होंगी।   उन्होंने बताया कि सूरजकुंड शिल्प मेला में मध्य प्रदेश के 40 शिल्पकारों के पारंपरिक शिल्प प्रदर्शन सह विक्रय के लिए उपलब्ध होंगे। इन शिल्पों में चंदेरी, महेश्वरी साड़ी एवं बाग प्रिंट, दरी-चादर, अजरक प्रिंट, घास की पत्ती से बने शिल्प, गोंड पेंटिंग, ढोकरा शिल्प, जूट, मिट्टी शिल्प, कढ़ाई एवं छपाई, भीली गुड़िया, छापा कला, नाँदना प्रिंट, लौह शिल्प, गोबर शिल्प, कशीदाकारी, खरद शिल्प, खादी और कॉटन, ब्लॉक प्रिंट इत्यादि शामिल हैं।   मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा मेला परिसर में विशेष मंडप भी बनाया गया है, जहां प्रदेश के पर्यटन के बारे में विस्तृत जानकारी पर्यटकों को दी जा सकेगी। पर्यटक जान सकेंगे कि वे कैसे मध्यप्रदेश के पर्यटन स्थलों का भ्रमण कर सकते हैं। साथ ही मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा क्या-क्या सुविधाएं पर्यटकों को दी जाती हैं। इस मंडप में पर्यटकों को मध्य प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में हो रहे नवाचारों की जानकारी दी जायेगी। साथ ही बताया जायेगा कि वह किस तरह वे अपना टूर प्लान कर सकते हैं।   सूरजकुंड शिल्प मेला के बारे में सूरजकुंड शिल्प मेला, भारत की एवं शिल्पियों की हस्तकला का 15 दिन चलने वाला मेला लोगों को ग्रामीण और लोक संस्कृति का परिचय देता है। यह मेला हरियाणा राज्य के फरीदाबाद शहर के दिल्ली के निकटवर्ती सीमा से लगे सूरजकुंड क्षेत्र में प्रतिवर्ष लगता है। यह मेला लगभग तीन दशक से आयोजित होता आ रहा है। इस मेले में हस्तशिल्पी और हथकरघा कारीगरों के अलावा विविध अंचलों की वस्त्र परंपरा, लोक कला, लोक व्यंजनों के अतिरिक्त लोक संगीत और लोक नृत्यों का भी संगम होता है।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से गर्मी का अहसास होने लगा था, लेकिन एक बार फि‍र मौसम का मिजाज बदल गया है। कई हिस्सों में तापमान गिरने से ठिठुरन बढ़ गई है। उत्तर भारत में बर्फबारी होने से मध्य प्रदेश एक बार फिर सर्द हवाओं की चपेट में है। गुरुवार को इंदौर समेत कई शहरों में हवा 34 से 36 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चली, जो आम दिनों की तुलना में 3-4 गुना अधिक रही। वहीं, फरवरी में पहली बार दिन का तापमान 22 डिग्री सेल्सियस के नीचे आ गया। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर और जबलपुर में भी तापमान में गिरावट आयी है।मौसम विभाग के मुताबिक, पश्चिम-उत्तर भारत में गुरुवार को 12.6 किमी ऊपर 231 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से जेट स्ट्रीम हवा चली। इस वजह से प्रदेश में भी कंपकंपी देखने को मिली। बर्फबारी का असर भी रहा। आज शुक्रवार को भी ऐसा ही मौसम रहेगा। हालांकि शनिवार को तापमान में 2-3 डिग्री की बढ़ोतरी होने का अनुमान है। इससे पहले गुरुवार को भोपाल में 18 से 20 किमी और इंदौर एयरपोर्ट पर 34 से 35 किमी प्रतिघंटे की स्पीड से हवा चली। अमूमन यह 6 से 8 किमी प्रतिघंटा रहती है। शुक्रवार को भी हवा की गति तेज रहेगी। इससे ठिठुरन बनी रहेगी। हालांकि 8 फरवरी को वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव होने की संभावना है। इस वजह से प्रदेश के मौसम में बदलाव देखने को मिल सकता है। इस सिस्टम की वजह से दिन-रात के तापमान में बढ़ोतरी हो सकती है।बर्फीली हवा चलने की वजह से गुरुवार को दिन के तापमान में खासी गिरावट हुई है। पचमढ़ी में तापमान 21.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। रायसेन में 23.2 डिग्री, धार में 23.7 डिग्री, नौगांव-रीवा में 24 डिग्री, सिवनी में 24.2 डिग्री, सीधी में 24.4 डिग्री, उमरिया-सागर में 25.1 डिग्री, सतना में 25.3 डिग्री, दमोह-गुना में 25.5 डिग्री और बैतूल में 25.7 डिग्री तापमान रहा। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 25.8 डिग्री, इंदौर में 23.5 डिग्री, ग्वालियर में 25.4 डिग्री, उज्जैन में 25 डिग्री और जबलपुर में 23.8 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। इससे पहले बुधवार-गुरुवार की रात में भी पारे में गिरावट देखने को मिली। यह 10 डिग्री से नीचे आ गया।  

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छतरपुर । छतरपुर के बिजावर में गुरुवार दोपहर को एक बस अनियंत्रित हाेकर सड़क किनारे पेड़ से जा टकराई। टक्कर लगते ही केबिन में बैठे यात्री उछलकर बाहर जा गिरे, वहीं ड्राइवर स्टीयरिंग में फंस गया। हादसे में 11 लाेग घायल हुए है। वहीं ड्रायवर काे स्थानीय लोगों ने बाहर निकाला। घायलों को बिजावर अस्पताल अस्पताल ले जाया गया, जहां से 5 गंभीर घायलों को जिला अस्पताल रेफर किया गया है। हादसा अचानक सड़क पर आए बंदर को बचाने के चक्कर में हुआ।बिजावर थाना टीआई कमलजीत सिंह ने बताया कि गुरुवार दोपहर को अपसा कंपनी की बस एमपी 16 जेडबी 3870 जटाशंकर से बिजावर जा रही थी। जटाशंकर से 3 किमी दूर करीब 11:30 बजे अचानक सड़क पर बंदर आ गया। बंदर को बचाने के प्रयास में बस असंतुलित होकर सड़क किनारे खड़े पेड़ से टकरा गई। टक्कर लगते ही केबिन में बैठे यात्री उछलकर बाहर जा गिरे, वहीं ड्राइवर स्टीयरिंग में फंस गया, जिसे स्थानीय लोगों ने बाहर निकाला। हादसे में बस में सवार 11 लाेग घायल हो गए। स्थानीय लोगों की मदद से सभी घायलों को तत्काल एंबुलेंस के माध्यम से बिजावर के अस्पताल पहुंचाया गया, जहां से 5 लोगों को जिला अस्पताल भेजा गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।  

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भोपाल । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भोपाल में मध्य प्रदेश लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के पूर्व अधीक्षण यंत्री दीपक असाई के खिलाफ पीएमएलए के तहत कार्रवाई की है। असाई की एक करोड़ पांच लाख रुपये की चल-अचल संपत्ति अनंतिम रूप से कुर्क की गई है, जिसका बाजार मूल्य 2.5 करोड़ रुपये बताया गया है। वहीं, ईडी की टीम ने इंदौर में भी अवैध सट्‌टेबाजी मामले में मनोज मालवीय की एक करोड़ रुपये की संपत्ति को कुर्क करने की कार्रवाई की है। ईडी ने गुरुवार को प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से जानकारी दी गई है कि लोक निर्माण विभाग भोपाल में प्रभारी मुख्य अभियंता रहे अधीक्षण यंत्री दीपक असाई की यह संपत्ति महाराष्ट्र के भंडारा जिले में है। यह आवासीय और कॉमर्शियल यूज वाली दुकानों के रूप में है। साथ ही डाकघर में रखी गई इनकी और पत्नी के स्वामित्व वाली एफडी और एसएससी के रूप में चल संपत्ति और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस कम्पनी की बीमा पालिसी भी कुर्क की गई हैं। लोकायुक्त पुलिस भोपाल द्वारा इनके विरुद्ध दर्ज अपराध के मामले में जांच के बाद यह कुर्की की कार्रवाई की गई है। ईडी की जांच में पता चला है कि दीपक असाई ने लोक निर्माण विभाग में लोक सेवक के रूप में पदस्थ रहने के दौरान पद का दुरुपयोग किया और भ्रष्टाचार से अवैध रूप से कमाई की। कमाई की इस रकम को बड़े पैमाने पर चल- अचल संपत्ति अर्जित करने में निवेश किया गया। ईडी की विज्ञप्ति में कहा गया है कि असाई की पत्नी ज्योति असाई ने कथित तौर पर अपने पति की अवैध आय को वैध रूप में परिवर्तित करने में सहायता की है। इधर, ईडी इंदौर की टीम ने अवैध ऑनलाइन सट्‌टेबाजी के मामले में पीएमएलए 2002 के प्रावधानों के अंतर्गत गत 30 जनवरी को एक करोड़ रुपये की संपत्ति अनंतिम रूप से कुर्क की है। यह संपत्ति मनोज मालवीय की है, जो लोकेश वर्मा और निखिल हलभवी उर्फ अजय रतन राजपूत के साथ मिलकर ऑनलाइन सट्‌टेबाजी में शामिल था। मप्र पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर ईडी ने इस मामले की जांच शुरू की थी। पता चला कि मप्र, कर्नाटक और देश के अन्य राज्यों में अवैध ऑनलाइन सट्‌टेबाजी एप धन-गेम्स और अन्य सट्‌टा मटका एप के जरिए लोगों को लुभाने के लिए सट्‌टा खिलाया जा रहा था। ऐसे यूजर्स के मोबाइल नंबर के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करने और यूपीआई के माध्यम से धन-गेम्स वॉलेट में पैसे ट्रांसफर करने और सट्‌टेबाजी में शामिल होने की अनुमति देता था। सट्‌टा मटका एप के जरिए कमाए गए पैसे को लोकेश वर्मा और मनोज मालवीय द्वारा डमी व्यक्तियों के नाम पर उनके केवाईसी दस्तावेजों का दुरुपयोग करके फर्जी खातों में भेजा जाता था। यह रकम वेब के जरिए सट्‌टेबाजी आपरेशन को चलान के लिए लोगों से अवैध रूप से लूटी जा रही थी। इसके बाद ईडी ने बेनामी बैंक खातों में सट्‌टेबाजी के संचालन की जांच की तो पाया कि इनके द्वार प्रॉपर्टी खरीदने का काम भी किया गया है। इस मामले में पहले 8.89 करोड़ रुपये का एक अनंतिम कुर्की आदेश जारी किया गया था और 46 लाख रुपये भी जब्त किए गए थे। ईडी की जांच अभी जारी है।  

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भोपाल । राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के कई जिलों में मौसम का मिजाज बदल गया है। कड़ाके की ठंड से राहत मिली है। रात में तापमान 18 डिग्री तो दिन में 34 डिग्री के पार पहुंच गया है। सुबह और रात में हल्की ठंड है। दिनभर धूप निकलने से गर्मी का अहसास होने लगा है। हालांकि बुधवार को भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन, जबलपुर समेत प्रदेश के कई शहरों में दिन के तापमान में 5 डिग्री तक की गिरावट देखने को मिली है। मौसम विभाग के मानें तो प्रदेश के कुछ हिस्सों में अगले सप्‍ताह बारिश की संभावना है। बारिश के बाद तापमान में गिरावट हो सकती है।मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक दिन और रात के तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट होने का अनुमान जताया है। ऐसे में कुछ शहरों में रात का तापमान फिर से 10 डिग्री के नीचे पहुंच सकता है। अभी तापमान इससे अधिक ही है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, 8 फरवरी को वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव होने की संभावना है। इस वजह से प्रदेश में मौसम में बदलाव देखने को मिल सकता है। 12, 13 और 14 फरवरी को बारिश होने का अनुमान है। 20 फरवरी के बाद ठंड का असर और कम होगा। जिससे दिन-रात दोनों ही तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी। वर्तमान में भी एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है।प्रदेश में 7 फरवरी को दिन में धूप खिली रहेगी, लेकिन रात और सुबह हल्की ठंड का असर बना रहेगा। 8 फरवरी को भी ऐसा ही मौसम रहेगा। बुधवार को प्रदेश के कई शहरों में दिन के तापमान में गिरावट हुई है। भोपाल में 5.5 डिग्री की गिरावट के बाद तापमान 26.2 डिग्री पर पहुंच गया। इंदौर में 5.2 डिग्री की गिरावट हुई और यह 25.4 डिग्री रहा। ग्वालियर में 25.6 डिग्री, उज्जैन में 26 डिग्री और जबलपुर में 29.5 डिग्री दर्ज किया गया। प्रदेश में रायसेन सबसे ठंडा रहा। यहां तापमान 24.8 डिग्री दर्ज किया गया। इसी तरह नौगांव में 25 डिग्री, धार में 25.2 डिग्री, टीकमगढ़ में 25.5 डिग्री, पचमढ़ी में 26.1 डिग्री, रतलाम में 26.5 डिग्री, गुना में 26.7 डिग्री, रीवा-सीधी में 27.2 डिग्री, सतना-खजुराहो में 27.4 डिग्री, सागर में 28.1 डिग्री, नरसिंहपुर में 28.2 डिग्री रहा। सबसे अधिक मंडला में 33 डिग्री दर्ज किया गया।  

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भोपाल । संचालनालय लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, मध्यप्रदेश द्वारा भोपाल के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. प्रभाकर तिवारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। यह नोटिस मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के तहत जारी किया गया है, जिसमें डॉ. तिवारी पर कार्य में लापरवाही और अपने दायित्वों के निर्वहन में असफल रहने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने बुधवार को कहा कि डॉ. प्रभाकर तिवारी ने विभाग को ग़लत जानकारी देकर डॉ. प्रांजल खरे की अवैध नियुक्ति करवाई। बाद में जब विभागीय जांच के बाद उनकी नियुक्ति निरस्त कर दी गई, तब भी उन्हें नियमित भुगतान किया जाता रहा, जो पूरी तरह नियम विरुद्ध था। इसके अलावा, डॉ. प्रभाकर तिवारी ने अधिकारियों से मिलीभगत कर अपनी पत्नी डॉ. प्रज्ञा तिवारी को एनएचएम में प्रभारी संचालक बनवाया, जबकि उनके खिलाफ विभाग में सैकड़ों शिकायतें लंबित हैं। रवि परमार ने आरोप लगाया कि डॉ. प्रभाकर तिवारी स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार के मास्टरमाइंड हैं। जब वे सीहोर में पदस्थ थे, तब वहां भी उन्होंने चिकित्सा सामग्री की खरीद में घोटाला किया था, जिसकी जांच के बाद उन पर एफआईआर दर्ज हुई थी। अब भोपाल में भी उन्होंने सैकड़ों फर्जी अस्पताल खोलकर मानव जीवन के साथ खिलवाड़ किया और अधिकारियों से मिलीभगत कर फर्जी नियुक्तियां करवाईं। एनएसयूआई की मांग:रवि परमार ने कहा कि डॉ. प्रभाकर तिवारी दोषी पाए गए हैं, इसलिए उन्हें तत्काल पद से हटाया जाए और भ्रष्टाचार में शामिल अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि भोपाल के नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए एनएसयूआई इस मुद्दे को हर स्तर पर उठाएगा और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी रखेगा।  

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इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में बुधवार को सुबह एक दवा व्यापारी की हार्ट अटैक से मौत हो गई। वे शहर के अभय प्रशाल में बैडमिंटन खेल रहे थे। इसी दौरान अचानक उनके सीने में दर्द हुआ। मौके पर मौजूद साथियों ने उन्हें सीपीआर देकर बचाने की कोशिश की। रिस्पॉन्स नहीं मिलने पर नजदीक के निजी अस्पताल ले गए। यहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। जानकारी के अनुसार, साउथ तुकोगंज निवासी अमित चेलावत (45) बुधवार सुबह अभय प्रशाल में रोजाना की तरह बैडमिंटन खेल रहे थे। खेल के दो दौर पूरे हो चुके थे, तभी अमित के सीने में दर्द शुरू हुआ। वे एक ओर जाकर बैठ गए। कुछ ही देर में उनको बेहोशी छाने लगी। साथियों ने सीपीआर दिया तो वे उठकर बैठ गए। उन्हें तात्कालिक उपचार के रूप में सॉर्बिट्रेट टेबलेट देनी चाही तो अमित ने यह कहकर लेने से इनकार कर दिया कि वे जैन धर्म की परंपरा नवकारसी के अनुसार सुबह 8 बजे के पहले कुछ खा नहीं सकते। साथियों ने जबरन दवाई दी तो दोनों बार उन्होंने मुंह से बाहर निकाल दी। इसी दौरान उन्हें दिल का दूसरा दौरा पड़ा, जिसके उनकी मौत हो गई। अमित चेलावत के परिवार में पत्नी और दो बेटियां हैं।

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में सर्दी का असर अब कम हो गया है। तापमान में बढ़ोत्‍तरी के चलते राजधानी भोपाल समेत कई शहरों में गर्मी का अहसास होने लगा है। कुछ शहरों में 2 दिन से बारिश वाला मौसम है। नीमच में बूंदाबांदी के बाद मंगलवार को ग्वालियर-चंबल में आंधी और हल्की बारिश का दौर रहा। बाकी जिलों में मौसम साफ रहा और धूप खिली रही। मौसम विभाग का कहना है कि आज बुधवार से दिन-रात के तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट हो सकती है।मौसम विभाग के अनुसार, 8 फरवरी को वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव होने की संभावना है। इस वजह से प्रदेश में मौसम में बदलाव देखने को मिल सकता है। प्रदेश के कुछ हिस्से में पहले सप्ताह में बादल छाए रहेंगे। 12, 13 और 14 फरवरी को बारिश होने का अनुमान है। 20 फरवरी के बाद ठंड का असर और कम होगा। जिससे दिन-रात दोनों ही तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी। अभी दो साइक्लोनिक सकुर्लेशन एक्टिव है।   मौसम विभाग का अनुमान है कि आज बुधवार काे भोपाल, इंदौर-उज्जैन में दिन और रात के तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट हो सकती है। जबकि ग्वालियर और चंबल संभाग के जिलों में बादल छाए रह सकते हैं। बाकी जिलों में भी तापमान में गिरावट देखने को मिल सकती है। जबकि 6 फरवरी को दिन में धूप खिली रहेगी, लेकिन रात और सुबह हल्की ठंड का असर बना रहेगा। मंगलवार को मंडला में दिन का तापमान 34.7 डिग्री, सिवनी में 33.4 डिग्री, जबलपुर में 33.3 डिग्री, दमोह में 33 डिग्री रहा। भोपाल में 31.7 डिग्री, इंदौर में 30.6 डिग्री, ग्वालियर में 26.1 डिग्री और उज्जैन में तापमान 30 डिग्री दर्ज किया गया।

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सिवनी । मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में कुरई वन परिक्षेत्र के ग्राम हरदुली (पिपरिया) गांव में शिकार के लिए जंगली सुअर का पीछा करते एक वयस्क बाघ खेत के कुएं में गिर गया। जंगली सुअर भी कुएं में गिरा हुआ है। घटना सोमवार देर रात की है, लेकिन मंगलवार सुबह करीब 8 बजे ग्रामीणों ने कुएं के पानी में तैरते और बाहर निकलने का प्रयास करते बाघ तथा जंगली सुअर को देखा तो वन अधिकारियों को सूचना दी। इसके बाद वन विभाग का अमला मौके पर पहुंचा और राहत एवं बचाव कार्य में जुट गया। फिलहाल, दोनों का रेस्क्यू जारी है। ग्रामीणों ने बताया कि जंगली सुअर का शिकार करने के लिए बाघ उसका पीछा कर रहा था, तभी दोनों कुएं में गिर गए। ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई है और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है। मौके पर पहुंचे वन कर्मियों द्वारा कुएं के पानी से बाहर निकलने मशक्कत करते बाघ तथा जंगली सुअर पर नजर रखी जा रही है। दोनों जीवित बताए जा रहे हैं। मौके पर पेंच टाइगर रिजर्व के एसडीओ आशीष पांडेय भी मौजूद हैं। कुएं से बाघ को सुरक्षित बाहर निकालने पेंच टाइगर रिजर्व का रेस्क्यू दल को मौके पर बुलाया गया है।

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गुना । जिले के पगारा स्थित धागा फैक्ट्री के एक हिस्से में मंगलवार सुबह आग लग गई। आग की इस घटना में मशीनें और सामान जलकर खाक हो गया। सूचना के बाद माैके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की दाे गाड़ी ने करीब आधे घंटे बाद आग पर काबू पा लिया। आग लगने का कारण शार्ट सर्किट बताया जा रहा है।   जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय से 13 किलोमीटर दूर पगारा गांव में दीपक स्पिनर्स नाम से फैक्ट्री है। यह धागा बनाया जाता है। मंगलवार सुबह करीब साढ़े दस बजे फैक्ट्री के एक हिस्से में आग लग गई। आग ने वहां रखे सामान को चपेट में ले लिया। वहां काम कर रह कर्मचारियों ने फैक्ट्री के मैनेजर और फैक्ट्री मालिक को सूचना दी। फायर ब्रिगेड को भी सूचना दी गई। सूचना मिलते ही नगरपालिका से दो फायर ब्रिगेड मौके पर रवाना की गईं। एसडीएम शिवानी पांडे और ग्रामीण तहसीलदार कमल मंडेलिया सहित नपा की टीम भी मौके पर पहुंची। फायर ब्रिगेड को अंदर भेजने के लिए एक दीवार का कुछ हिस्सा भी तोड़ा गया। लगभग आधे घंटे की मशक्कत के बाद दो फायर ब्रिगेड से आग पर काबू पा लिया गया।प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। हालांकि, अधिकारियों ने पूरी घटना की विस्तृत जांच कराने की बात कही है। राहत की बात यह रही कि आग पर जल्दी काबू पा लिया गया और आग फैक्ट्री के बाकी हिस्से में नहीं फैली। दूसरे हिस्से में काफी धागा रखा हुआ था। आग से उस हिस्से में रखी मशीनें और सामान जल गया। तहसीलदार ने बताया कि लगभग 11 बजे प्रशासन को सूचना मिली थी। जल्द ही आग पर काबू पा लिया गया है। घटना के बाद प्रशासन ने फैक्ट्री प्रबंधन को आवश्यक सुरक्षा उपाय अपनाने के निर्देश दिए हैं, ताकि भविष्य में इस तरह की घटना न हो। फायर ब्रिगेड और प्रशासन की सतर्कता से बड़ा हादसा टल गया, लेकिन इस आग में फैक्ट्री के महत्वपूर्ण उपकरण और सामान जलकर नष्ट हो गया, जिससे लाखों के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है। फिलहाल, फैक्ट्री प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों द्वारा आग लगने के सही कारणों की जांच की जा रही है, ताकि भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं को रोका जा सके।      

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भोपाल । मध्य प्रदेश में मौसम में बदलाव जारी है। फरवरी का पहला सप्ताह ही गर्मी के जैसे महसूस होने लगा है। सोमवार को प्रदेश के कई जिलों का तापमान बढ़कर 34 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। वहीं, न्यूनतम तापमान में भी बड़ा उछाल आया है। हालांकि, 2 दिन बाद तापमान में फिर से गिरावट हो सकती है। मौसम विभाग ने बढ़ते तापमान के बीच कुछ जिलों में कोहरे का अलर्ट जारी किया है। आज मंगलवार को ग्वालियर-चंबल और उज्जैन संभाग में हल्के कोहरे का असर रह सकता है। दिन में गर्मी का असर रहेगा। जबकि 5 फरवरी को प्रदेश में दिन में गर्मी रहेगी। रात और सुबह के समय ही ठंड का असर देखने को मिलेगा।मौसम विभाग के मुताबिक, फरवरी में सुबह और रात में ही ठंड का असर देखने को मिलेगा। 20 फरवरी से यह असर और कम हो जाएगा। इससे पहले सोमवार को ग्वालियर-चंबल और उज्जैन संभाग के कुछ जिलों में कोहरा रहा। मंगलवार को भी कुछ जिलों में कोहरा छाया रहेगा। दूसरी ओर, दो दिन में तापमान में गिरावट हो सकती है, पर सोमवार को कई शहरों में तापमान 5 डिग्री तक ऊपर चला गया। ऐसे में गर्मी का एहसास हुआ। मौसम विभाग का कहना है कि 8 फरवरी को वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव हो सकता है। इस वजह से प्रदेश में मौसम में बदलाव देखने को मिल सकता है। प्रदेश के कुछ हिस्से में पहले सप्ताह में बादल छाए रहेंगे। 12, 13 और 14 फरवरी को बारिश होने का अनुमान है। 20 फरवरी के बाद ठंड का असर और कम होगा। जिससे दिन-रात दोनों ही तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी।सोमवार को कई शहरों में गर्मी का असर देखा गया। सिवनी में 34.2 डिग्री और मंडला में 34 डिग्री दर्ज किया गया। इसी तरह बैतूल में 33.2 डिग्री, इंदौर में 32.5 डिग्री, भोपाल में 32.1 डिग्री, रतलाम में 32 डिग्री, उज्जैन में 31.5 डिग्री, खरगोन-नर्मदापुरम में 31.4 डिग्री, धार में 31.9 डिग्री, मलाजखंड में 30.3 डिग्री, रायसेन में 30.2 डिग्री, खंडवा में 30.1 डिग्री, उमरिया-सागर में 30 डिग्री रहा। सोमवार की रात की बात करें तो कई शहरों में तापमान 15 डिग्री के पार पहुंच गया। नर्मदापुरम में सबसे ज्यादा तापमान 17.5 डिग्री, इंदौर में 17.2 डिग्री और सिवनी में 17 डिग्री रहा। इसी तरह उज्जैन-छिंदवाड़ा में 15 डिग्री, मलाजखंड में 15.2 डिग्री, सागर में 15.3 डिग्री, खंडवा में 15.4 डिग्री, धार में 16.5 डिग्री, सिवनी में 17 डिग्री, नर्मदापुरम में 17.5 डिग्री दर्ज किया गया।  

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उज्जैन । बसंत पंचमी पर सोमवार सुबह भस्मार्ती के बाद बाबा महाकाल को पीले वस्त्र धारण करवाए जाएंगे ओर आकर्षक श्रृंगार किया गया। भगवान को पीले रंग के पूष्प अर्पित किए वहीं पकवानों का रंग भी पीला था। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी बसंत पंचमी की प्रात: भगवान महाकाल को फलों के रस से स्नान करवाया गया। सोमवार शाम को भगवान को गुलाल अर्पित की जाएगी और फाग उत्सव की शुरूआत हो जाएगी।   वैष्णव हवेलियों में 40 दिन चलेगा फागउज्जैन की वैष्णव हवेलियों में रविवार को बसंत पंचमी मनाई गई। इन मंदिरों में रविवार से सेवा प्रणाली की दिनचर्या बदल गई। मंदिरों में अब 40 दिन तक ठाकुरजी का फाग महोत्सव के मनेगा। महाप्रभु की बैठक के ट्रस्टी नागर ने बताया कि सभी पुष्टिमार्गीय हवेलियों में बसन्त पंचमी मनाई गई। रविवार से गर्म सामग्री (सोंठ) बंद हो जाती है। अदरक नींबू और गुड़ की सामग्री ठाकुरजी को नहीं चढ़ाई जाती है। साथ ही पालन के दर्शन, डोल तक बंद हो जाते है। ठाकुरजी को ग्वाल या श्रृंगार में फाग खिलाया जाता है। ठाकुरजी को सफेद सूती वस्त्र पहनाएं जाते हैं। हवेलियों की खिड़की पर लगाई गई रजाई हटा दी है। 20 फरवरी को ठाकुरजी के पांव के मोड़ हटा दिए जाएंगे। कुंज एकादशी,10 मार्च को केसुडी के फूलों को सुखाकर गीला रंग बनाकर होली खेली जाएगी।   रेवती नक्षत्र, शुभ मांतग योग में मनेगी बसंत पंचमीज्योतिर्विद पं अजय कृष्ण शंकर व्यास के अनुसार रेवती नक्षत्र, शुभ मांतग योग में सोमवार को बसंत पंचमी मनाई जाएगी। मातंग योग एक शुभ योग है। मातंग योग में दान करने से इंद्र के समान सुख मिलता है। तिब्बती बौद्ध धर्म में मातंग शब्द का आशय हाथी के लिए होता है। चक्रसंवर समाधि के दौरान मातंग का इस्तेमाल किया जाता है। चक्रसंवर समाधि, नेपाल में नेवाह महायान-वज्रयान बौद्धों की मुख्य पूजा और साधना पद्धति है। पं.व्यास ने बताया कि जब शुक्र और चंद्रमा एक साथ आते हैं, तो यह कलात्मक योग बनता है। इस योग से लोगों के अंदर रचनात्मकता बढ़ती है और कार्यक्षेत्र में सफलता मिलती है। मां सरस्वती को ज्ञान और विद्या की देवी कहा जाता है। बसंत पंचमी के दिन को अबूझ मुहूर्त पर उनकी पूजा करने का विधान है। मान्यता है कि इस दिन शिक्षा-परिक्षा आरंभ करना भी काफी शुभ माना जाता है। इसलिए इस दिन विद्यारंभ/संगीत शिक्षा आरंभ के लिए संस्कार किया जाता है। हिंदू धर्म में हर माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन मां सरस्वती का अवतरण हुआ था।  

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दमोह । मध्यप्रदेश के दमोह जिले के अंतर्गत आने वाले बांदकपुर में स्थित जागेश्वरनाथ मंदिर में आज सोमवार को पूजा करने के लिये उमडी भक्तों की भारी भीड में भगदड मचने से पांच महिलायें घायल हो गयीं। जिन्हे एम्बूलेंस की मदद से जिला चिकित्सालय भेजा गया है जिनमें एक की हालत गंभीर बतायी जा रही है।     विदित हो कि देवजागेश्वरनाथ बुंदेलखंड का प्रसिद्ध तीर्थ क्षेत्र है जहां विशाल स्वंय भू शिवलिंग स्थापित है। प्रतिवर्ष यहां पर देश भर से लाखों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं। आज बसंत पंचमी के अवसर पर दो तीन पूर्व से ही भारी तादाद में भक्त मां नर्मदा का जल लेकर कांवढ यात्रा के माध्यम से पहुंचे तो पूजनार्चन के लिये पहुंचे थे। भक्तों की भारी भीड को देखते हुये प्रशासन एवं पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये थे। प्रातःघटना उस समय घटी जब भक्तों की भारी भीड गेट पर अपनी बारी आने का इंतजार कर रही थी। उसी समय भीड का दबाव पडते ही गेट अचानक खुल गया। जिससे मची भगदड में पांच महिलायें घायल हो गयी, जिन्हे जिला चिकित्सालय मे भर्ती कराया गया। हालांकि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संदीप मिश्रा ने स्वंय स्थिति को नियंत्रित करने में आगे आकर पहल की और भीड के दबाव को नियंत्रित कर लिया गया। पुलिस अधीक्षक श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने बताया कि कांवड यात्रियों के लिये जो दुसरा गेट खोला गया था उसमें कुछ यात्री अचानक प्रवेश कर गये जिसके कारण चेनल गेट पर दबाब पडा और भगदड मच गयी। मैने सिविल सर्जन से बात की है सभी घायलों का ईलाज चल रहा है सभी बातचीत कर रहीं हैं। फिलहाल दर्शन पूजनार्चन का क्रम शांति पूर्ण तरीके चल रहा है किसी प्रकार कोई दिक्कत नहीं हैं।    

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भोपाल  । मध्य प्रदेश में मौसम ने एक बार फि‍र से करवट बदल ली है। अब तेज धूप से चुभन होने लगी है। अधिकांश जिलों का न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। वहीं, अधिकतम तापमान भी 32 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हालांकि सुबह और रात में ठंड का असर है। रविवार को ग्वालियर, नीमच, मुरैना, श्योपुर, मंदसौर और भिंड में कोहरा रहा। ऐसा ही मौसम आज सोमवार सुबह भी है। उज्जैन, ग्वालियर और चंबल संभाग में कोहरा छाया है। मौसम विभाग के मुताबिक, तीन दिन बाद प्रदेश में दिन-रात के पारे में 2 से 3 डिग्री की गिरावट हो सकती है, जबकि 12, 13 और 14 फरवरी को बारिश होने का अनुमान भी है।मौसम विभाग ने बताया कि आज सोमवार से वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) के एक्टिव होने के आसार है। वहीं, 8 फरवरी को भी एक सिस्टम एक्टिव हो सकता है। इस वजह से प्रदेश में मौसम में बदलाव देखने को मिल सकता है। प्रदेश के कुछ हिस्से में पहले सप्ताह में बादल छाए रहेंगे। जबकि 12, 13 और 14 फरवरी को बारिश होने का अनुमान है। 20 फरवरी के बाद ठंड का असर और कम होगा। जिससे दिन-रात दोनों ही तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी।इससे पहले रविवार को ग्वालियर-चंबल में कहीं-कहीं बादल भी छाए रहे। वहीं, कई शहरों में दिन के तापमान में गिरावट देखने को मिली। ग्वालियर में 1.9 डिग्री की गिरावट के बाद पारा 27.4 डिग्री रहा। धार में 2.4 डिग्री की गिरावट हुई और तापमान 26.7 डिग्री पर आ गया। बैतूल, गुना, खंडवा, रतलाम, शिवपुरी, दमोह, जबलपुर, नौगांव, रीवा, सागर, सतना, सीधी, टीकमगढ़, उमरिया और मलाजखंड में भी पारा लुढ़क गया। रविवार की रात में भी कई शहरों में तापमान में मामूली गिरावट देखने को मिली। आज सोमवार को मंदसौर, शिवपुरी, दतिया, भिंड में हल्के से मध्यम कोहरा रह सकता है। नीमच, ग्वालियर, मुरैना और श्योपुर में कहीं-कहीं घना कोहरा भी छाया रह सकता है। वहीं, 4 फरवरी को प्रदेश में कहीं-कहीं पारे में हल्की गिरावट हो सकती है। दिन में धूप वाला मौसम रहेगा।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । मध्य प्रदेश के मौसम में लगातार उतार चढ़ाव देखने को मिल रहा है। प्रदेश के कुछ शहरों में शीतलहर तो कुछ शहरों में बारिश के आसार हैं। हालांकि प्रदेश में अब सुबह और रात में ही ठंड का असर रहेगा, जबकि दिन में धूप चूभेगी। फरवरी के पहले दिन ऐसा ही मौसम रहा। मंडला, मलाजखंड, खंडवा और खरगोन में तापमान 32 डिग्री के पार पहुंच गया। मौसम विभाग के मुताबिक प्रदेश में आज रविवार को रतलाम, उज्जैन समेत 10 जिलों में बारिश के आसार हैं। जिससे ठंड का असर बढ़ जायेगा।मौसम विभाग ने बताया कि प्रदेश के कुछ हिस्से में फरवरी के पहले सप्ताह में बादल छाए रहेंगे। 12, 13 और 14 फरवरी को बारिश होने का अनुमान है। 20 फरवरी के बाद ठंड का असर और कम होगा। जिससे दिन-रात दोनों ही तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी। मौसम विभाग का कहना है कि 3 फरवरी से एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव हो रहा है। जिसका असर पश्चिम-उत्तरी भारत में रहेगा। इसी वजह से प्रदेश के उत्तरी हिस्से, ग्वालियर-चंबल में बादल छाने और बूंदाबांदी होने के आसार है। हालांकि, ये सिस्टम ज्यादा स्ट्रॉन्ग नहीं है। इस वजह से तेज बारिश होने की संभावना कहीं भी नहीं है।प्रदेश में आज रविवार को रतलाम, उज्जैन, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, नीमच, मंदसौर, शाजापुर, देवास और आगर मालवा में बारिश के आसार हैं। ऐसे में ठंड का असर बढ़ेगा, तापमान 2 से 3 डिग्री तक नीचे जा सकता है। इसके अलावा कहीं-कहीं घना कोहरा छाए रहने का अनुमान है। इस दौरान कई शहरों का तापमान 7 डिग्री से नीचे जा सकता है।फरवरी के पहले दिन शनिवार को मंडला में 32.4 डिग्री, मलाजखंड में 32.9 डिग्री, खंडवा में 32.5 डिग्री और खरगोन में तापमान 32 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं, बैतूल, रतलाम, दमोह, जबलपुर, रीवा, सागर, सतना, सिवनी, टीकमगढ़ और उमरिया में पारा 30 से 31 डिग्री के बीच ही रहा। रविवार को तापमान में और भी बढ़ोतरी होगी। वहीं, शुक्रवार-शनिवार की रात में सागर में 16 और सिवनी में पारा 17 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।

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भाेपाल । प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के मशहूर बाघ छोटा भीम की रविवार काे उपचार के दौरान भोपाल के वन विहार में मौत हो गई। छोटा भीम को नवंबर के महीने में गले में फंदा फंस जाने से घायल होने के बाद भोपाल उपचार के लिए भेजा गया था। उसकी चोट गंभीर थी, जिससे इंफेक्शन और सांस लेने में दिक्कत बढ़ती गई, अंततः रविवार काे उसने दम तोड़ दिया।   लगभग दो महीना पहले 26 नवंबर को बाघ छोटा भीम को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के खतौली क्षेत्र से रेस्क्यू किया गया था। उस समय उसके गले में दो पहिया वाहन के क्लच वायर का बना हुआ फंदा कसा हुआ था। उसने फंदे से मुक्त होने के लिए काफी प्रयास किया था, जिसके कारण फंदा उसके गले में काफी अंदर तक धंस गया था और वह बुरी तरह से घायल हो गया था। इसके बाद बाघ छोटा भीम को 30 नवंबर 2024 को घायल अवस्था में बांधवगढ़ से भोपाल के वन विहार ले जाया गया था। वन विहार रेस्क्यू सेंटर में छोटा भीम का उपचार किया जा रहा था। भोपाल भेजे जाने के कुछ दिनों बाद यह खबर आई थी कि छोटा भीम की सेहत में सुधार हो रहा है। 2 महीने 3 दिन इलाज चलने के बाद कंजरवेटिव हार्ट फेलियर के कारण बाघ छोटा भीम की मौत हुई है। एनटीसीए की गाइडलाइन के अनुसार रविवार काे ही भोपाल के वन विहार में बाघ का अंतिम संस्कार हुआ। छोटा भीम की मौत बांधों का टाइगर रिजर्व के लिए बड़ी क्षति है।    

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भिंड । भिंड जिले के मालनपुर इंडस्ट्रियल एरिया स्थित विक्रम फूड प्राइवेट लिमिटेड की बिस्कुट फैक्टरी में रविवार सुबह भीषण आग लग गई। आग सुबह करीब 7 बजे लगी, जिससे फैक्टरी में अफरा-तफरी मच गई। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और दमकल टीम मौके पर पहुंची। खबर लिखे जाने तक आग बुझाने का काम जारी था।   घटना मालनपुर थाना क्षेत्र के प्रिया गोल्ड बिस्कुट फैक्टरी की है, वहां पर आग लगने से हड़कंप मच गया। आग की ऊंची-ऊंची लपटें दूर से ही दिखाई दे रही थीं। काले धुएं का गुब्बार कई किलोमीटर दूर से ही नजर आ रहा है। मौके पर दमकल की चार गाड़ियां मौजूद है। आग पर काबू पाने की कोशिश की जा रही है। हालांकि, अभी भी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। फैक्टरी में अचानक आग लगने के कारणों की जांच प्रशासन और फैक्टरी प्रबंधन कर रहे हैं। मालनपुर थाना प्रभारी अपनी टीम के साथ मौके पर मौजूद हैं। फैक्टरी में आग लगने के चलते भारी नुकसान की संभावना जताई जा रही है। 

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पन्‍ना । पन्ना के जेके सीमेंट कंपनी में हादसे को लेकर प्लांट में कार्यरत मजदूरों के वायरल वीडियो से प्रशासनिक दावों से हटकर स्थिति सामने आ रही है । सीमेंट प्‍लांट में बिहार के कार्यरत मजदूर विकास कुमार ने बताया कि वह सीमेंट प्‍लांट में साढ़े सात बजे मजदूरी करने गया उस समय 170 मजदूर कार्य के लिए गए हुए थे। हादसा लगभग 10.30 बजे हुआ जिस समय वह भी बाल-बाल बच गया। प्‍लांट से बाहर मात्र 40 मजदूर सुरक्षित निकल सके थे शेष सभी उसी स्लेब के मलवे में दब गए थे इसके बाद से किसी मजदूर को अंदर नही जाने दिया गया। कई मजदूर दब कर मर गए जिन्हें प्‍लांट के अंदर ही दफना दिया गया होगा किसी को अंदर नही जाने दिया जा रहा है और नही किसी से मिलने दिया जा रहा है। कई घायल हैं चार मौतें नही बल्कि कई मौतें होने की बात अपनी वायरल वीडियों में कही है वहीं दूसरे मजदूर हिमाचल जो वह भी बिहार का रहने वाला है उसने भी मौतों एवं घायलों की संख्या का प्रशासनिक आंकड़े से अधिक होने की बात कही और अधिक से अधिक मुआवजा म्रतकों एवं घायलों को देने तथा मृतकों के कम से कम एक वारिश को प्‍लांट में नौकरी देने की बात कही है । कमिश्नर सहित कलेक्टर ने गठित की जांच समितियां- सागर कमिश्नर वीरेन्द्र सिंह रावत से हासिल जानकारी के अनुसार आज उनके द्वारा पांच सदस्यीय जांच समिति गठित की गयी है जारी आदेश में उन्होंने उल्लेख किया है कि गत दिवस सिमरिया थानांतर्गत स्थित जे के सीमेण्ट प्‍लांट में हुए हादसे में 4 मजदूरों की मौत हुई और 15 मजदूर घायल हुए जिससे प्रथम द्रष्टया जे के सीमेण्ट फैक्टी प्रबंधन की लापरवाही परिलक्षित होती है। अतः घटित दुर्घटना के कारणों एवं अन्य विदुओं की जांच के लिए समिति का गठन किया जाता है जिससे जिसमें अपर कलेक्टर पन्ना, एडीशनल एस पी पन्ना,मुख्य अभियंता लोकनिर्माण विभाग सागर,सहायक श्रमायुक्त सागर तथा कार्यपालन यंत्री पी आइयू पन्ना को शामिल किया गया है । इसी प्रकार कल 30 जनवरी को देर शाम कलेक्टर पन्ना ने सीमेंट प्‍लांट हादसे को लेकर जिला स्तरीय जांच समिति गठित की है जिसमें प्रभारी कलेक्टर नीलाम्बर मिश्र ने बताया कि उक्त समिति में अपर कलेक्टर पन्ना, एडीशनल एस पी पन्ना, कार्यपालन यंत्रीद्वय पी आई यू एवं लोकनिर्माण विभाग तथा श्रम पदाधिकारी जिला पन्ना को सदस्य बनाया गया है जो निर्धारित विभिन्न बिदुओं के आधार पर तीन दिवस में अपनी जांच रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपेगी ।   इन छः बिदुओं पर 3 दिवस में करनी होगी जांच-   कमिश्नर सागर द्वारा जारी पत्र में जिन छः बिंदुओं पर तीन दिवस के अंदर जांच सिमति को जांच पूर्ण कर सौंपना है । उसमें से किन परिस्थतियों एवं किन कारणों से घटना घटित हुई, निर्माण कार्य के लिए क्या सभी संबंधित विभागों से अनुमतिली गयी या नहीं, निर्माण कार्य में किए जा रहे मटेरियल की गुणवत्ता का मानक स्तर की थी या नही, किस स्तर पर लापरवाही की गयी है इसके लिए कौन कौन जिम्मेदार है तथा समिति अन्य जो भी उचित कारण समझे उल्लेख कर सकती है ।  

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भोपाल । उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने गोविंदगढ़, रीवा में प्रस्तावित व्हाइट टाइगर ब्रीडिंग सेंटर को मिली मंजूरी पर प्रदेशवासियों को बधाई दी है। उन्होंने केन्द्र सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया है। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने शनिवार काे कहा कि यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के विजन के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। व्हाइट टाइगर ब्रीडिंग सेंटर की स्थापना न केवल बाघों की संख्या को बढ़ाने में सहायक होगी बल्कि पर्यटन को भी प्रोत्साहन देगी। यह पहल बाघ संरक्षण और प्रकृति के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को और सुदृढ़ करेगी।उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश सरकार जैव विविधता के संरक्षण, वन्यजीव सुरक्षा और पर्यटन के विकास के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। गोविंदगढ़, रीवा में प्रस्तावित व्हाइट टाइगर ब्रीडिंग सेंटर को मिली मंजूरी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि मध्यप्रदेश वन्य-जीव संरक्षण के क्षेत्र में आदर्श राज्य बने।उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि मध्यप्रदेश वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में अपनी उत्कृष्ट उपलब्धियों के कारण न केवल "टाइगर स्टेट" बल्कि "लेपर्ड स्टेट" और "चीता स्टेट" के रूप में भी प्रतिष्ठित है। राज्य में देश की सबसे अधिक तेंदुआ आबादी दर्ज की गई है, जो यहां के समृद्ध वन्य आवासों का प्रमाण है। मध्यप्रदेश ने चीता पुनर्वास परियोजना के तहत नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीतों का सफल पुनर्स्थापन करके "चीता स्टेट" का गौरव भी प्राप्त किया है। कान्हा नेशनल पार्क, बांधवगढ़, सतपुड़ा और पन्ना टाइगर रिजर्व जैसे क्षेत्रों में वन्य-जीव संरक्षण के लिए अभिनव प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य की इस उपलब्धि को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय वन्य-जीव विशेषज्ञों ने भी सराहा है। उन्होंने कहा कि वन्य-जीव संरक्षण के लिए राज्य की प्रतिबद्धता देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है।बाघ संरक्षण में ऐतिहासिक पहलउप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि गोविंदगढ़ में व्हाइट टाइगर ब्रीडिंग सेंटर की स्थापना से व्हाइट टाइगर की सुरक्षा और संख्या में वृद्धि सुनिश्चित की जाएगी। केन्द्र राज्य में वन्य-जीव पर्यटन को भी नई दिशा देगा। मध्यप्रदेश बाघों की संख्या में भी अग्रणी है और इस पहल से राज्य की इस प्रतिष्ठा को और मजबूती मिलेगी।पर्यटन और रोजगार को मिलेगा बढ़ावाउप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि व्हाइट टाइगर ब्रीडिंग सेंटर के माध्यम से स्थानीय समुदायों के लिए रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे। देश-विदेश से पर्यटकों को आकर्षित कर रीवा और सतना क्षेत्र को पर्यटन मानचित्र पर एक नई पहचान मिलेगी।रीवा में सेटेलाइट फैसिलिटी के रूप में व्हाइट टाइगर ब्रीडिंग सेंटर की होगी स्थापनामहाराजा मार्तंड सिंह जूदेव व्हाइट टाइगर सफारी और चिड़ियाघर, मुकुंदपुर, सतना के संशोधित मास्टर (ले-आउट) प्लान के तहत गोविंदगढ़, रीवा में सेटेलाइट फैसिलिटी के रूप में व्हाइट टाइगर ब्रीडिंग सेंटर की स्थापना के प्रस्ताव को केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की विशेषज्ञ समिति द्वारा तकनीकी समिति की अनुशंसा पर स्वीकृति प्रदान की गई है। यह स्वीकृति 9 एवं 17 दिसंबर, 2024 को आयोजित विशेषज्ञ समिति की 114वीं बैठक और 19 दिसंबर, 2024 को तकनीकी समिति की 112वीं बैठक के निर्णय के अनुक्रम में प्रदान की गई है।  

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भोपाल । राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के कई जिलों में तेज ठंड का असर कम हो गया है। हालांकि सुबह और रात को हल्‍की सर्दी है, लेकिन दिनभर धूप छाये रहने से गर्मी का अहसास होने लगा है। मौसम विभाग का अनुमान है कि फरवरी के पहले सप्ताह में बादल छाए रहेंगे। वहीं, 12 से 14 फरवरी के बीच बारिश हो सकती है। 20 फरवरी के बाद ठंड का असर और कम हो जाएगा।मौसम विभाग के अनुसार, अभी एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव है। इसका असर 2 से 3 दिन रहेगा। लेकिन यह सिस्टम स्ट्रॉन्ग नहीं है। ऐसे में पहले सप्ताह में बारिश की संभावना कम ही है। रात के तापमान में जरूर गिरावट होगी। दूसरे सप्ताह में ठंड का असर और कम होगा। 12 से 14 फरवरी के बीच बूंदाबांदी हो सकती है। आखिरी सप्ताह में दिन और रात के तापमान में बढ़ोतरी होगी।गौरतलब है कि मध्‍य प्रदेश में पिछले 10 साल के आंकड़ों पर नजर डालें, तो फरवरी महीने में रातें ठंडी और दिन गर्म रहते हैं। इस दौरान कुछ शहरों में बादल छाने के साथ बारिश का ट्रेंड भी देखा गया है। इस बार भी ऐसा ही मौसम रहने का अनुमान है। भोपाल, इंदौर और उज्जैन में दिन का अधिकतम तापमान 30 डिग्री के पार रहेगा। जबकि रात का तापमान 10 से 14 डिग्री के बीच रह सकता है।  

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भोपाल । मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रांतर्गत भोपाल वृत्त के लाम्बाखेड़ा स्थित 33/11 केवी उपकेंद्र पर 5 एमवीए पॉवर ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि कर 8 एमवीए नवीन पॉवर ट्रांसफार्मर स्थापित किया गया है। रिवेम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) योजना के तहत इस पॉवर ट्रांसफार्मर की स्थापना से चौकसे नगर, शारदा नगर, लाम्बाखेड़ा परेवाखेड़ा, जगदीशपुर बायपास, देवल खेड़ी, बिशन खेड़ी, अरवलिया, परवलिया सानी, श्यामपुर आदि ग्रामों के उपभोक्ताओं को निर्बाध तथा गुणवत्तापूर्ण सतत बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी।जनसंपर्क अधिकारी राजेश पाण्डेय ने शुक्रवार को बताया कि मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक क्षितिज सिंघल ने कहा है कि कंपनी कार्यक्षेत्र के अंतर्गत सभी श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं को निर्बाध एवं गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कंपनी कृत संकल्पित है। उन्होंने बताया कि ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि से एक ओर जहॉं विद्युत वितरण प्रणाली मजबूत होगी वहीं दूसरी ओर विद्युत हानियां कम होकर प्रणाली की क्षमता वृद्धि से उपभोक्ताओं को पर्याप्त वोल्टेज पर विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित होगी।  

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भोपाल । राजधानी भोपाल के बरखेड़ी इलाके में शुक्रवार काे एक युवक नशे की हालत में माेबाइल टावर पर चढ़ गया। करीब 20 मिनट तक युवक टावर पर चढ़ा रहा और उसे हिलाने की कोशिश करता रहा। सूचना मिलते ही पुलिस और नगर निगम मौके पर पहुंची और युवक को नीचे उतरने की समझाइश देने लगी। वहीं कुछ देर बाद युवक को सुरक्षित नीचे उतार लिया गया।   जानकारी अनुसार विवेक ठाकुर (33) नामक युवक शुक्रवार दाेपहर करीब दाे बजे नशे की हालत में मोबाइल टावर पर चढ़ गया। युवक को टावर पर चढ़ता देख स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस और नगर निगम को सूचना दी। सूचना पाकर मौके पर नगर निगम, पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें पहुंचीं। जहांगीराबाद थाना के एएसआई राजेंद्र यादव ने बताया कि सूचना मिलते ही पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची, जहां भारी भीड़ जमा हो गई थी। पुलिस और बचाव दल ने युवक को बातों में उलझाकर करीब 2:40 बजे सुरक्षित नीचे उतारा। जांच में पता चला कि युवक भोपाल के ऐशबाग इलाके का रहने वाला है और नशे की हालत में टावर पर चढ़ा था। पुलिस ने युवक को हिरासत में लेकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है

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भोपाल  । राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के कई जिलों में ठंड का असर जारी है। प्रदेश में फरवरी के पहले सप्ताह में ठंड का एक और दौर आने का अनुमान है। हालांकि, कड़ाके की ठंड नहीं पड़ेगी, लेकिन कई शहरों में तापमान 5 से 8 डिग्री के बीच रह सकता है। मौसम वैज्ञानिक का कहना है कि अगले 4 दिन में दो वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव हो रहे हैं, लेकिन प्रदेश में असर कम रहेगा। इस वजह से अब बारिश के आसार नहीं है।मौसम विभाग के अनुसार, 1 और 3 फरवरी को वेस्टर्न डिस्टरबेंस पश्चिम-उत्तर भारत को प्रभावित कर सकता है। इसका असर प्रदेश में कम देखने को मिलेगा। ग्वालियर-चंबल और उज्जैन संभाग में बादल जरूर छा सकते हैं। राजस्थान के ऊपर ही असर देखने को मिलेगा। फरवरी के पहले सप्ताह में मौसम का मिला-जुआ असर रहेगा। सुबह और रात में ठंड रहेगी। इससे ठंड का एक दौर और आ सकता है। तापमान में गिरावट होगी। दूसरी ओर, दिन में धूप खिली रहेगी। आज शुक्रवार को दिन में गर्मी का अहसास होगा, लेकिन रात और सुबह में ठंड पड़ेगी। जबकि 1 फरवरी को प्रदेश में कहीं-कहीं बादल छा सकते हैं।प्रदेश के कई शहरों में दिन में गर्मी का असर देखने को मिल रहा है। कुछ शहरों का तापमान 28 डिग्री के पार पहुंच गया है। गुरुवार को सिवनी में पारा सबसे ज्यादा 33 डिग्री तक पहुंच गया। खंडवा में पारा 32.1 डिग्री, मंडला में 32 डिग्री रहा। वहीं, खरगोन, रतलाम, नर्मदापुरम, सागर में 31 डिग्री के पार रहा। भोपाल, बैतूल, गुना, शिवपुरी, उज्जैन, दमोह, जबलपुर, खजुराहो, सतना, टीकमगढ़, उमरिया में पारा 29-30 डिग्री के बीच दर्ज किया गया। रात के तापमान में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है। सिवनी, नर्मदापुरम, धार और छिंदवाड़ा में पारा 15 डिग्री से ज्यादा ही रहा।  

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  4 साल पहले बनाई गई थी योजना   कोलार क्षेत्र में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, तो वहीं मेन रोड पर शॉपिंग मॉल और दुकानें बनने का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में क्षेत्र में मल्टीलेबल पार्किंग की कमी महसूस की जाने लगी है। दरअसल मेन रोड पर वाहनों का जमावाड़ा लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसके लिए नगर निगम ने पार्किंग का प्रस्ताव बनाया था, मगर यह प्रस्ताव अब फाइलों से गायब हो गया है ।   इसलिए पड़ रही जरूरत : यहां सड़क के दोनों तरफ आवासीय व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बन गए हैं, लेकिन वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं है। इस वजह से वाहन पार्किंग को लेकर समस्या हो रही है। शॉपिंग के लिए आने वालों को अपने वाहन सड़क किनारे वाहन खड़े करने पड़ रहे हैं। इसके चलते ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। खास बात यह है कि वाहन पार्किंग की समस्या का समाधान करने के लिए नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। 1500-1500 वर्गफीट पर बनना थी पार्किंग चार साल पहले निगम प्रशासन ने चूनाभट्टी में वाहन पार्किंग स्थल के लिए तीन स्थान प्रस्तावित किए थे। इनमें से एक चूनाभट्टी व काली मंदिर के पास और वेस्ट एंड प्लाजा के पास 1500-1500 वर्ग फीट में पार्किंग स्थल विकसित किए जाने थे। जिनमें 30 से 75 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।     Attachments area          

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  नहीं मान्य होगा लघु आकार का चित्र ,छह विभाग करेंगे कार्यवाही        अब सिगरेट और दूसरे तम्बाकू उत्पाद के प्रत्येक पैकेट पर प्रमुखता से सचित्र चेतावनी प्रदर्शित करना होगी। भारत सरकार ने इस संबंध में एक अप्रैल को सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं। इस तारतम्य में आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने अधिसूचना से सभी संबंधित को अवगत करवाया है। विशेष रूप से 6 विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करते हुए उन्हें सभी वैधानिक प्रावधान पर अमल के लिए कहा गया है। इनमें राजस्व आयुक्त, परिवहन आयुक्त, स्वास्थ्य आयुक्त, श्रम आयुक्त, पुलिस महानिदेशक और उद्योग आयुक्त शामिल हैं।   सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण विनियमन) अधिनियम-2003 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पाद पर सचित्र चेतावनी जरूरी की गई थी। पैकेट के मुख्य प्रदर्शित क्षेत्र में 85 प्रतिशत क्षेत्र में सचित्र चेतावनी के रूप में अनिवार्य रहेगी। इससे छोटे आकार की चेतावनी मान्य एवं विधि सम्मत नहीं होगी।   अधिनियम की धारा5 एवं 7 के तहत कार्यवाही करने के लिए विभिन्न विभाग स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्राधिकृत अधिकारी अधिनियम के उल्लंघन पर दोषी तम्बाकू उत्पाद निर्माता/विक्रेता के विरुद्ध इस अधिनियम की धारा 7 सहपठित दण्डनीय धारा 20 के अंतर्गत कार्यवाही करेंगे।     Attachments area          

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    बावड़ियाकलां पर रेलवे द्वारा पटरी के ऊपर के हिस्से में 32 मीटर लंबे ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं, इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। रेलवे ने इस क्रॉसिंग पर अपने हिस्से के ब्रिज के हिस्से के निर्माण के लिए 28 जून तक प्रस्ताव मंगाए हैं।  इसके बाद एक साल की समय सीमा भी अपने हिस्से के निर्माण की तय कर दी है। 6 करोड़ 67 लाख रुपए इस निर्माण पर रेलवे द्वारा खर्च किए जाएंगे। आए दिन इस क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम के चलते लोगों को खासी परेशानी होती है। इसी को देखते हुए बावड़ियाकलां क्रॉसिंग पर करीब 850 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाएगा। 38 करोड़ रुपए राज्य सरकार इस पर खर्च करेगी। इस तरह रेलवे और राज्य सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ब्रिज के निर्माण में तीन साल लगने की संभावना है।  औबेदुल्लागंज में भी मंजूरी: इसी तरह रेलवे ने औबेदुल्लागंज-नसरुल्लागंज रोड पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर भी अपने हिस्से में ब्रिज के निर्माण के लिए प्रस्ताव मंगा लिए हैं। सलकनपुर माता मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं समेत आम वाहनों को भी इस रेलवे क्रॉसिंग पर काफी समय तक खड़े रखना पड़ता है। इसी को देखते हुए इस क्रॉसिंग पर भी रोड ओवर ब्रिज बनाया जाएगा। 

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    अगले साल फरवरी में घोषित होने वाले स्वच्छता सर्वे की प्रक्रिया एक जून से शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइड लाइन जारी कर दी हैं। इस बार सर्वे में एक लाख और उससे अधिक की आबादी के 500 शहरों को शामिल किया है। पिछले साल 10 लाख और उससे अधिक आबादी के 73 शहरों के बीच हुए सर्वे में भोपाल को 21 वां स्थान मिला था।    नगर निगम भोपाल ने इस बार पहले पांच शहरों में शामिल होने का लक्ष्य तय किया है। निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने बताया कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में अभी कुछ एरिया छूटा है। निगम द्वारा कराए सर्वे में यह बात सामने आई कि कई परिवारों के यहां डस्टबिन नहीं हैं। वे पॉलीथिन में कचरा इकट्ठा करके कहीं भी फेंक देते हैं। निगम ऐसे परिवारों को डस्टबिन वितरित करने की योजना तैयार कर रहा है। इसके लिए कुछ एनजीओ की मदद ली जाएगी।  चार जोन में बांटा जाएगा शहर को  सर्वे के लिए शहर को चार जोन में बांटा जाएगा। यह तीन स्तरों पर होगा। पहला नगर निगम से आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे। दूसरा केंद्र सरकार की सर्वे टीम खुद मैदानी हकीकत देखेगी और तीसरा नागरिकों से भी सफाई के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। हर शहर में एक हजार या आबादी के 0.01 % लोग इसमें शामिल होंगे। ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए सोशल व ट्रेडिशनल मीडिया का उपयोग किया जाएगा।    स्वच्छ भारत अभियान के तहत रविवार को नगर निगम और आई क्लीन की टीम ने एमपी नगर जोन-2 में साफ-सफाई की। साथ ही दीवारों पर पेंटिंग भी की। नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज भी इस अभियान में शामिल हुईं और उन्होंने दीवारों पर चित्रकारी की।      Attachments area          

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  कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा। कोलार वालों के लिए सौगात    बावड़ियाकलां रेलवे क्रॉसिंग पर बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज की डिजाइन पीडब्ल्यूडी ने तैयार कर ली है। अगले सप्ताह से काम भी शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज 2 साल में बनकर तैयार होगा। रेलवे ओवरब्रिज बावड़िया की तरफ नहर की जमीन पर और होशंगाबाद रोड पर बीडीए की जमीन पर बनेगा। इसका फायदा गुलमोहर, शाहपुरा, कोलार, रोहित नगर, त्रिलंगा, होशंगाबाद रोड से लगी काॅलोनियों के लोगों को फायदा होगा। रेलवे क्रॉसिंग से हर घंटे 3500 से  अधिक  वाहन गुजरते हैं। रेलवे फाटक 1 दिन में 178 बार बंद होता है जिससे सड़क के दोनों तरफ जाम की स्थिति बन जाती है।  स्टेशन पर कैमरे  कोलार के नजदीकी रेलवे  स्टेशन हबीबगंज पर लगे सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी तक यहां पर 47 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनको बढ़ाकर 65 किया जाएगा। 18 नए कैमरे लगाने का प्रस्ताव रेलवे भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही यहां पर कैमरे लगाने का काम शुरू होगा। रेलवे के अफसरों का कहना है कि आईएसबीटी की तरफ स्थित पार्किंग के पास और पार्सल ऑफिस के पास कैमरे लगाए जाएंगे। अफसरों का कहना है कि रोजाना हजारों की संख्या में यहां पर यात्री आते हैं। कैमरों की संख्या बढ़ने से पूरे स्टेशन परिसर को कवर किया जाएगा।

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  भोपाल में  44 फीसदी कम हुई  हरियाली    अनियोजित शहरीकरण के चलते राजधानी भोपाल में पिछले दो दशक में 44 प्रतिशत हरियाली कम हुई है, जिसका सीधा असर पयार्वरण में असंतुलन, गिरते जलस्तर और बढ़ते तापमान के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि विकास कार्यों के फेर में लगातार हो रही पेड़ों की कटाई अगले कुछ वर्षों तक रूकने वाली नहीं है।भोपाल के  कोलार ,होशंगाबाद और टीटी  नगर इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए हैं।    हरियाली में आई इस बड़ी गिरावट का खुलासा करने वाली इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु की रिपोर्ट बताती है कि हालात नहीं सुधरे तो 2030 तक हरियाली सिकुड़कर महज 4.10 प्रतिशत से कम रह जाएगी। पिछले दो दशक पहले हरियाली 66 प्रतिशत थी और अब ये 22 प्रतिशत रह गई है। संस्था ने भोपाल, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता की हरियाली के आंकड़े सेटेलाइट सेंसर से जुटाए हैं। राजधानी के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पौधरोपण के साथ जल संरक्षण के उपायों को बढ़ाना पड़ेगा। हरियाली की कई जगह आज सूखे इलाकों ने ले ली है। रिसर्च बताती है कि शहर के तापमान में पिछले 12 साल में आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसकी बड़ी वजह जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण के चलते जलस्रोत में गिरावट और हरियाली में आई कमी है। आईआईएफएम में समाज शास्त्र व सामुदायिक विकास के एसोसिएट प्रोफेसर अमिताभ पांडे का कहना है कि भोपाल में शहरीकरण को बढ़ावा हरियाली की कीमत पर दिया जा रहा है। वनाच्छादित क्षेत्र के कम होने की मुख्य वजह अनियोजित शहरीकरण है। हालात ज्यादा खराब होने से पहले हम खुद को बचा सकते हैं, क्योंकि भोपाल आज भी अन्य शहरों के मुकाबले हरियारली के मामले में बेहतर स्थिति में है, लेकिन जिम्मेदार विभागों, बिल्डर, टाउन प्लानर्स को टारगेट देकर उनके प्रोजेक्ट में हरियाली बढ़ाने को कहा जाए और इसका सख्ती से पालन कराया जाए। प्रो. पांडे बताते हैं कि जहां पेड़ होने और न होने की जगहों के तापमान में 1-2 डिग्री से. का अंतर होता है। पेड़ घने हों, तो तापमान का अंतर बढ़ भी जाता है। जिन कांक्रीट के घरों पर पेड़ों की छांव रहती है, उनमें तपन कम लगती है। पेड़ पानी भी छोड़ते हैं, जिससे माइक्रो क्लाइमेट में 2-3 डिग्री का फर्क पड़ता है। जहां सड़कों के दोनों ओर पेड़ होते हैं, वहां भी तपन कम होती है। ट्री कवर पर काम करने वाले डॉ. सुदेश बाघमारे ने बताया कि राजधानी में सबसे अच्छी 0.5 डेंसिटी 74 बंगला, बिड़ला मंदिर की पहाड़ी पर है। एकांत पार्क, बोरवन पार्क (बैरागढ़) में 0.4 डेंसिटी मिलती है। जबकि बीएचईएल क्षेत्र में सामान्य तौर पर 0.3 और कहीं-कहीं 0.4 डेंसिटी है। नार्थ टीटीनगर और साउथ टीटीनगर के कुछ हिस्से में पेड़ों की कटाई के बाद डेंसिटी 0.2 तक आ गई है, जबकि पुराने शहर में 0.1 डेंसिटी है, जो सबसे खराब स्थिति है। उन्होंने बताया कि 0.5 डेंसिटी उम्दा मानी जाती है।     Attachments area          

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    अगस्त से पहले छूट भी मिलेगी     कोलार  में अब रहवासी साल में कभी भी प्राॅपर्टी टैक्स जमा कर सकेंगे और पेनाल्टी भी नहीं लगेगी। 31 अगस्त तक 6 फीसदी छूट पहले की तरह जारी रहेगी। इस संबंध में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। लेकिन शर्त रखी गई है कि पिछले वर्षों का प्राॅपर्टी टैक्स बकाया न हो। अब तक नवंबर से जनवरी तक पांच प्रतिशत और फरवरी से मार्च तक 10 प्रतिशत पेनाल्टी का प्रावधान था।    प्राॅपर्टी टैक्स में वित्त वर्ष के बीच में ही पेनाल्टी लगाने के इस नियम का लंबे समय से विरोध हो रहा था। कहा जा रहा था कि जब प्राॅपर्टी टैक्स पूरे वित्त वर्ष का होता है तो बीच में पेनाल्टी कैसे ली जा सकती है। नगर निगम के इस साल के बजट में प्राॅपर्टी टैक्स से पेनाल्टी समाप्त करने की घोषणा की थी। तीन अप्रैल को पारित बजट के संदर्भ में निगम प्रशासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा शहर के करीब तीन लाख पचास हजार प्राॅपर्टी टैक्स के खाताधारकों को मिलेगा।   

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  महापौर की जांच में जलसंकट का खुलासा   कोलार क्षेत्र में पेयजल के लिए सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है। 15 दिन से इंजीनियर, स्थानीय पार्षदों की टीम को लेकर महापौर आलोक शर्मा ने शहर भर में पेयजल को लेकर सर्वे कराया है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोलार क्षेत्र में सर्वाधिक जलसंकट है। इसके बाद महापौर ने यहां 36 ट्यूबवेल स्वीकृत किए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट टैंकर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।  उधर कांग्रेस नेताओं ने सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह पर कोलार से सौतेला व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।   सर्वधर्म ए-सेक्टर, सर्वधर्म बी-सेक्टर, पैलेस आर्चेड, मंदाकिनी, अमरनाथ कॉलोनी, सार्इंनाथ, महाबली, सर्वधर्म सी-सेक्टर, आशीर्वाद कॉलोनी, बंजारी, दानिशकुंज, नयापुरा, अकबरपुर, विनीतकुंज, राजहर्ष, राजवैद्य सहित कोलार क्षेत्र की करीब 18 झुग्गी क्षेत्र में पानी को लेकर हालत ख़राब है ।   रविवार को अवकाश के बावजूद भी नगर निगम कार्यालय पेयजल संकट को दूर करने की समीक्षा को लेकर खोला गया। इसमें कोलार से जुड़े सभी पार्षद और अधिकारी पहुंचे। इस दौरान पानी पर चर्चा हुई और फैसले लिए गए। पार्षदों को कहना है कि महापौर ने मांग से ज्यादा टयूबवेल और टैंकर स्वीकृत किए हैं। जलसंकट से कोलार को मुक्ति मिलेगी।   कोलार की जनता सांसद आलोक संजर और मेयर आलोक शर्मा की बेरूखी से खासी नाराज है। पब्लिक का कहना है कि ऐसे जलसंकट के समय सांसद और महापौर ने कोलार को छोड़ दिया है। अकेले विधायक रामेश्वर शर्मा ही नजर आते हैं। जनता का कहना है कि क्या कोलारवासियों ने सांसद संजर और महापौर शर्मा को निर्वाचित नहीं किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि अगर सांसद और महापौर ने कोलार के प्रति जवाबदेही नहीं दिखाई, यहां की समस्याओं का निराकरण नहीं कराया तो इनके हर चौराहे पर पुतले फूंके जाएंगे। कांग्रेस ने सवाल किया कि आखिर क्या वजह है और कौन सा पॉवर सेंटर है जो इन्हें यहां आने से रोकता है।यह नेता कोलार से कन्नी काटते हैं।     Attachments area          

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    पार्षद और ठेकेदार की मिलीभगत से हुआ घटिया निर्माण      कोलार में कॉकस है पार्षद ,ठेकेदार और इंजीनियरों का जो लगातार घटिया काम करवा के माल कमा रहा है।   निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।सरकार और जनता की कमाई की गाढ़ी कमाई को यह कॉकस लूट रहा है ,यही वजह है  लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी विकास कार्य नहीं दिख रहे हैं। ताजा मामला वार्ड 80 का है, जहां 8 लाख में बनी सड़क 8 दिन में उखड़ गई। बड़े लोग माने जाने वाले यह लोग इस पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। वहीं वार्ड 80 के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्षद के कारनामों की सूचि बनकर प्रदेश संगठन को भेज कर पार्षद के भ्रस्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है।      वार्ड 80 में पार्षद ठेकेदारों और इंजीनियरों का एक गिरोह घटिया निर्माण करवा रहा है इसकी ताजा मिसाल  आशीर्वाद कॉलोनी में सामने आयी  है। यहां पर पिछले महीने करीब 8 लाख रुपए की राशि से सीमेंट क्रांकीट (सीसी) रोड बनाई थी। इसका निर्माण इतना घटिया है, कि वह तीन जगह से टूट गई है। ठेकेदार द्वारा किए गए निर्माण को लेकर रहवासियों में खासा आक्रोश है। शिकायत स्थानीय पार्षद रविंद्र यति से भी लोगों ने की लेकिन उन्होंने ठेकेदार के खिलाफ कुछ भी सुनना रास नहीं आया और उन्होंने अपने इलाके में घटिया निर्माण होने दिया जिसका नतीजा आठ दिन में ही सामने आ गया। इस कॉकस से परेशान लोगों ने  विधायक रामेशवर शर्मा से मामले की शिकायत की है जिसमे  ठेकेदार का पेमेंट रोकने के साथ पार्षद के सभी कामों की जांच की मांग की है।     इस मामले में ठेकेदार और इंजिनियर से ज्यादा पार्षद रवीन्द्र यति को लोग दोषी मान रहे हैं की उन्होंने अपने इलाके में लगातार घटिया निर्माण करवाए हैं और शिकायत के बावजूद यह करप्ट ठेकेदारों और इंजीनियरों को पनाह देते रहे हैं। रविंद्र यति की शिकायत बीजेपी संगठन से भी कार्यकर्ताओं ने की है कि  यति लगातार का कामकाज ठीक नहीं हैं, इनके सभी निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाये तो बड़ा भ्रस्टाचार सामने आयेगा। यति के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को भेजे पत्र  गया है इनके कारण पार्टी की साख ख़राब हो रही हैं ,अगर विधायक रामेश्वर शर्मा का अंकुश न हो तो वार्ड 80 बर्बादी की कगार पर पहुँच जाए।     इस काम को देखरहे इंजीनियर एचएस बेदी पर  मुख्य जवाबदारी निर्माण कार्य देखने की इन्हीं की है पर यह मौके पर गए ही नहीं। अब कह रहे हैं जांच कराएंगे। ठेकेदार सिद्धार्थ अग्रवाल को   अच्छा निर्माण करना चाहिए था, पर सबकी मिलीभगत में कांक्रीट के नाम पर सीमेंट पोत दी।  बताया जाता है इन दोनों से पार्षद का खास लगाव है।    बीजेपी संगठन को की गई शिकायत में पार्षद रविंद्र यति के कारनामों का सिलसिलेवार ब्यौरा है । कोलार के ही कुछ नेताओं और कुछ समाजसेवियों ने ऐसे निर्माण कार्यों की सूची तैयार कर अलग अलग नेताओं को दी है जहां पार्षदों, इंजीनियरों और ठेकेदारों के गठजोड़ ने कार्यों में गड़बड़ी की है।लेकिन सब से ज्यादा गड़बड़ी वाला वार्ड 80 को बताया गया है।   

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    वार्ड 82 में स्थित दानिश कुंज में एक बड़ा मामला सामने आया है। सोसायटी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि यहां सड़क का निर्माण किया गया है। वहीं पार्षद भूपेंद्र माली ने बाकायदा बोर्ड लगाकर जनता को बताया है कि यह सड़क उन्होंने बनवाई है। मतलब यह हुआ कि नगर निगम ने बनाई है। यदि यह श्रेय लेने की होड़ है, तब तक तो ठीक है और यदि फाइलें बनवाकर भुगतान का खेल है तो बड़ा भ्रष्टाचार सामने आएगा। खास बात यह है कि सड़क जिसने भी बनवाई हो उखड़ने लगी है।   सड़कों में बड़ा खेल कोलार क्षेत्र में सड़कों के मामले में भारी मिलीभगत और भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। यहां इजीनियर्स, पार्षद और ठेकेदारों का एक कॉकस काम कर रहा है। करोड़ों की सड़कें बनती हैं और 4 महीने में उखड़ जाती हैं।   इसलिए उठे सवाल कई बार यह मामले सामने आए हैं कि सड़कें बीएचईएल और सीपीए ने बनार्इं तथा फाइलें नगर निगम में बनी। इसलिए कई बार सवाल उठने लगते हैं।   चाहिए पैसे : समिति ने रोड बनाने की सूचना दी और बकाया राशि मांगी।   और सड़क उखड़ गई यह सड़क निगम या फिर सोसायटी, जिसने भी बनाई हो पर यह बनने के 30 दिन बाद ही उखड़ने लगी है।     Attachments area          

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  उच्च शिक्षा मंत्री  गुप्ता ने किया भूमि-पूजन   एक्सीलेंस कॉलेज से चूना भट्टी तक सी.सी. रोड का निर्माण होगा। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने रोड का भूमि-पूजन किया। रोड के लिये एक करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपये स्वीकृत किये गये हैं। रोड की लम्बाई एक किलोमीटर है।  गुप्ता ने कहा कि रोड की तराई अच्छी तरह से करें।   श्री गुप्ता ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण समय-सीमा में करवायें। उन्होंने कहा कि रोड के बन जाने से उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और स्टॉफ की माँग पूरी हो जायेगी। गुप्ता ने कहा कि सरकार सिर्फ काम में भरोसा करती है। उन्होंने शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रदेश में सबके पास रहने के लिये घर और रोजगार का कम से कम एक जरिया हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।      Attachments area          

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    भोपाल  में शाहपुरा तालाब पर 3 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा।  महापौर परिषद ने शुक्रवार को इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी। इस ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 12 एमएलडी होगी। महापौर आलोक शर्मा की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में छोटे और बड़े तालाब में फाउंटेन स्थापित करने की भी प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। एमआईसी ने टीटी नगर स्थित सब्जी विक्रेताओं से तहबाजारी जमा कराने, संत हिरदाराम नगर मल्टीलेवल पार्किंग में एक दुकान का ऑफर स्वीकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही भैंसाखेड़ी में सीवेज समस्या के निराकरण के लिए न्यूनतम ऑफर की स्वीकृति सहित कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया।

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‘‘कर्मश्री’’ की प्रस्तुति कोलार में विश्वविख्यात भजन गायक विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ में मानो पूरा कोलार ही उमड़ पड़ा। भजन संध्या का आयोजन संस्था ‘‘कर्मश्री’’ के अध्यक्ष हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के तत्वावधान में किया गया था। गौरतलब है कि विधायक शर्मा और उनकी संस्था ‘‘कर्मश्री’’ द्वारा प्रतिवर्ष विनोद अग्रवाल की भजन संध्या ‘एक शाम बांसुरी वाले के नाम’’ का आयोजन किया जाता है। इसके बाद मुरली वाले के भजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातीप्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल ने राधाकृष्ण के समधुर भजनों की वह तान छेड़ी कि आयोजन स्थल पर बैठे हजारों श्रद्धालु श्रोता कान्हा की भक्ति के आनंदारितेक में डूब से गए। श्री अग्रवाल के साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता ने भी कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत के पूर्व भजनों की प्रस्तुति दी, इनके साथ वाद्य यंत्रों पर सुमन और अंशु ने भी जबरदस्त संगत करते हुए श्रोताओं को बांधे रखा। भजन संध्या के आरंभ में ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याती प्राप्त भजन सम्राट विनोद अग्रवाल एवं साथ आए उनके पुत्र जतिन अग्रवाल और सह गायक धीरज बावरा, महावीर शर्मा, ललित शर्मा, विवेक मेहता सहित वाद्य यंत्रों पर संगत दे रहे सुमन और अंशु का स्वागत किया। पार्षद रविंद्र यति, भूपेंद्र माली, पवन बोराना, सहित श्यामसिंह मीणा ने भी श्री अग्रवाल सहित उनके साथ पधारे संगीतकारों का स्वागत किया। पैलसे आॅर्चड रहवासी समिति के अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव सहित पूरी समिति ने भजन सम्राट अग्रवाल का शाल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। इन्हीं के द्वारा भजन सम्राट विनोद अग्रवाल और भजन संध्या के आयोजक विधायक रामेश्वर शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। विनोद जी जहां जाते है वहां कान्हा और राधा अवश्य आते हैं: रामेश्वर शर्मा कान्हा से मिलना है तो हमें उनके साथ तार जोड़ना होगा। भजन संध्या में मोबाईल छोड़ कर पूरे समय उपर वाले से तार जोड़ कर बैठे रहना होगा। यह विचार ‘कर्मश्री’ अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भजन संध्या के आरंभ के पूर्व आयोजन स्थल पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होेने कहा कि विनोद अग्रवाल जी पेशे से व्यवसायी हैं, लेकिन मन में कान्हा की भक्ति की वह लगन और कृपा प्राप्त हुई कि उन्होने राधा की गली में ही डेरा डाल दिया है। विनोद जी को सुनने में जिंदगी का अद्भुत आनंद है। इनकी खासियत है कि इनके भजन को दस बार सुनेंगे तो दसों बार अलग ही अनुभव पाएंगे। विनोद जी जो लिखते और गाते हैं वह अद्धितीय है,यह ईश्वरीय कृपा से ही संभव है। चाहे हम भागवत कथा कराएं, या राम कथा कराएं, कांवड़ यात्रा कराएं या फिर कितने ही धार्मिक आयोजन कराएं लेकिन लोग कहते हैं लोगों कि नशे की प्रवृत्ति बढ़ते जा रही है। इसके रोकने के लिए हमें अपने बच्चों को बचपन से ही फिल्मों की ओर मोड़ने के बजाए भजन संध्या सहित अन्य धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन में अवश्य ले जाना चाहिए। यहां बच्चों को ऐसे संस्कार मिलेंगे कि वह बच्चा जिंदगी भर माॅं-बाप की सेवा तो करेगा ही साथ ही जीवन में सफलता अर्जित कर देश और समाज के काम भी आएगा।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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(कोलार) उपनगर के विजय विलास कालोनी में रहने वाली एक छात्रा ने मंगलवार की रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली | पुलिस के मुताबिक विजय विलास मे रहने वाली छात्रा के पिता विवेक राव सरकारी कर्मचारी है तथा उनकी बेटी प्रतीक्षा शेंडे (१७) आईआईटी की तैयारी कर रही थी |परिजनों को तब पता चला जब मंगलवार रात को काफी देर तक वह कमरे से बाहर नहीं आई तभी सब लोग उसके कमरे में गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था तो परिवार वालो को शक हुआ तब उन लोगों ने छात्रा के मामा संदीप को फोन कर घर बुलाया तभी फिर दरवाज़ा तोडा गया तो प्रतीक्षा फाँसी पर लटकी हुई थी |उसे तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया |पुलिस का कहना है की यह मामला तनाव को मद्देनज़र रखते हुए आत्महत्या का है |

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में तेज सर्दी से थोड़ी राहत मिली है। कई शहरों में बुधवार को दिन में धूप तीखी होने से गर्मी का एहसास हुआ। इससे तापमान में वृद्धि हुई है। हालांकि 2 फरवरी से ठंड का असर फिर बढ़ेगा। रात का तापमान 2 से 3 डिग्री तक लुढ़क सकता है। जबकि वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) की वजह से ग्वालियर-उज्जैन संभाग में बारिश का अलर्ट भी है।मौसम विभाग के मुताबिक, 2 फरवरी को उज्जैन, नीमच, मंदसौर, रतलाम, आगर-मालवा, शाजापुर, देवास, गुना, अशोकनगर और शिवपुरी में हल्की बारिश हो सकती है। इसी दिन से प्रदेश में ठंड भी बढ़ेगी। इससे दिन-रात के तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट होने की संभावना है। मौसम विभाग का कहना है कि 1 और 3 फरवरी को दो नए वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव हो रहे हैं। जिससे प्रदेश का पश्चिमी-उत्तरी हिस्सा भी प्रभावित रहेगा। इसलिए बारिश होने की संभावना है। आज गुरुवार को दिन और रात में तेज सर्दी से थोड़ी राहत मिलेगी। तापमान में बढ़ोतरी भी हो सकती है। 31 फरवरी को भी इस दिन ऐसा ही मौसम रहेगा। कहीं-कहीं बादल भी छा सकते हैं।प्रदेश के कई शहरों में बुधवार को तापमान में बढ़ोत्‍तरी हुई है । मंडला में सबसे ज्यादा 32 डिग्री दर्ज किया गया। बैतूल, नर्मदापुरम, रतलाम, उज्जैन, सिवनी में पारा 31 डिग्री या इससे अधिक रहा। इसी तरह भोपाल, धार, गुना, इंदौर, खरगोन, सागर में तापमान 30 डिग्री से अधिक दर्ज किया गया। बुधवार की रात में भी पारे में बढ़ोतरी देखने को मिली। कुछ शहरों में 10 डिग्री से कम रहा। इनमें भोपाल, जबलपुर, कल्याणपुर, उमरिया, देवरा, राजगढ़, खजुराहो, अमरकंटक, चित्रकूट, मंडला, रायसेन, रीवा, दमोह और टीकमगढ़ शामिल हैं।

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भोपाल । मध्य प्रदेश में उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती के वेटिंग अभ्यर्थियों ने गुरुवार काे राजधानी भाेपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पर नियुक्ति देने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करने शिक्षक भर्ती अभ्यर्थी हाथों में कटोरा लेकर पहुंचे, जहां प्रदर्शन कर अपनी मांगों को पूरा करने की मांग की। वहीं दूसरी ओर प्रदर्शन के बीच महिलाओं ने अपने बाल काटे हैं। साथ ही जल्द वेटिंग अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र नहीं सौंपे जाने पर मुंडन कराने की चेतावनी दी है। अभ्यर्थी सरकार से खाली पदों को बढ़ाकर दूसरी काउंसिलिंग कराने की मांग कर रहे हैं।   प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों का कहना है कि उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती वर्ग-1, 2023 के लिए दूसरी काउंसलिंग को लेकर लिखित आश्वासन नहीं दे रही है। उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती की वेटिंग उम्मीदवार नेहा गुप्ता और अनुपमा शर्मा ने रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पर अपने बाल कटवाए। मऊगंज जिले से विरोध प्रदर्शन में शामिल होने आई नेहा ने बताया कि "हमारे मुख्यमंत्री पढ़े हुए पीएचडी धारी हैं. हमें उम्मीद है कि वो जल्द ही वेटिंग शिक्षकों को खाली पदों पर नियुक्ति देंगे।" वहीं मुरैना की अराधना शर्मा ने कहा कि "सरकार लाड़ली बहनों को फ्री में 1250 रुपये दे रही है, लेकिन मेहनत करने वालों को नौकरी नहीं दे रही है। अराधना ने कहा कि यदि सरकार हमारी मांगों पर विचार नहीं करती, तो हम सभी वेटिंग शिक्षक महिलाएं सामूहिक रुप से राजधानी में मुंडन कराएंगे।" अभ्यर्थी जिज्ञासा ठाकुर ने कहा, आप महिला सशक्तिकरण और बहनों की बात करते हैं। अगर बहनें लायक हो गई हैं, तो उन्हें उनका अधिकार दीजिए। हमें फ्री में पैसे नहीं चाहिए। आपकी बहन शिक्षित है, उसे एक सम्मानजनक नौकरी दे दीजिए। हमने दो-दो चयन परीक्षाएं और पात्रता परीक्षाएं पास की हैं, बावजूद इसके हम वेटिंग में हैं।   एक अन्य वेटिंग अभ्यर्थी कुसुम शाक्या ने रोते हुए कहा कि "हम पिछले डेढ़ साल से प्रदर्शन कर रहे हैं। यहां तक कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव तक को ज्ञापन सौंप चुके हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। कुसुम ने कहा कि सरकार हमारी मांगें पूरी करते हुए उच्च माध्यमिक शिक्षकों के पदों पर वृद्धि करे या हमें इच्छामृत्यु की अनुमति दे। बता दें कि मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग ने साल 2023 में उच्च माध्यमिक शिक्षक वर्ग 1 पद के लिए वैकेंसी निकाली थी। जिसमें केवल 2900 लोगों को ही नियुक्ति दी गई है। ऐसे में अब बचे हुए उम्मीदवार नियुक्ति के लिए बीते डेढ़ सालों से प्रदर्शन कर रहे हैं।   वेटिंग शिक्षकों की ये हैं मुख्य मांगेवेटिंग उम्मीदवारों की मांग है कि लोक शिक्षण संचालनालय उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती 2023 की प्रतीक्षा सूची जारी करे। दूसरी काउंसलिंग में 20 हजार पद बढ़ाकर वेटिंग क्लियर कराई जाए। जनजातीय कार्य विभाग में खाली पदों पर काउंसलिंग के माध्यम से नियुक्ति दी जाए। इसके साथ वर्ग शिक्षक भर्ती 2018 में 22 हजार पद हैं, लेकिन 5 साल बाद आयोजित वर्ग 1 शिक्षक भर्ती 2023 में केवल 5,052 पद रखे गए हैं। ऐसे में पद वृद्धि करने की मांग भी वेटिंग अभ्यर्थियों ने की है।

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सतना । सतना के रामपुर थाना क्षेत्र में रघुनाथपुर में गुरुवार दाेपहर काे एक अनियंत्रित ट्रक सड़क किनारे स्थित घर में जा घुसा। इस हादसे में एक युवक की माैत हाे गई। सूचना के बाद माैके पर पहुंची पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।   जानकारी अनुसार छिबौरा-कोटर मार्ग पर गुरुवार दोपहर 3 बजे एक तेज रफ्तार ट्रक एमपी 19 एचए 4187 अनियंत्रित होकर सड़क किनारे स्थित एक मकान में जा घुसा। हादसे में मकान में मौजूद आजाद सिंह (28) गंभीर रूप से घायल हो गया। स्थानीय लोगों ने तुरंत घायल को अस्पताल पहुंचाया, जहां इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। घटना के बाद चालक मौके से फरार हो गया। रामपुर बघेलान थाना प्रभारी संदीप चतुर्वेदी ने बताया है कि प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि अत्यधिक गति के कारण चालक वाहन पर नियंत्रण खो बैठा, जिससे यह हादसा हुआ। पुलिस ने ट्रक को जब्त कर लिया है। जांच में पता चला है कि ट्रक ललितपुर थाना ताला निवासी मोहित सिंह का है। पुलिस फरार चालक की तलाश में जुटी है।

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मैहर । मौनी अमावस्‍या के दिन प्रयागराज महाकुंभ से दर्शनार्थी शारद देवी के दर्शन के लिए भी बड़ी संख्‍या में मैहर पहुंच रहे है इसी को देखते हुए मैहर प्रशासन ने वीआईपी दर्शन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। यहां तक कि बड़े वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी है।   जानकारी के लिए बता दें कि प्रयागराज महाकुंभ के कारण मैहर मंदिर में भी भारी भीड़ होने के कारण रोपवे में 29 जनवरी से 3 फरवरी तक पूरी तरह से बंद किया गया है। साथ ही शारदा देवी मंदिर में वीआईपी दर्शन पर प्रतिबंध लगा दिया है। शहर के प्रवेश क्षेत्र राममंदिर के पास रीवा रोड में पार्किंग स्थल बना वहां से ऑटो के माध्यम से दर्शनार्थी देवीधाम तक पहुँच सकेंगे। जहां जहाँ पार्किंग स्थल बनाये गए है वहा से ऑटो की उपलब्धता मौजूद रहेगी। मैहर प्रशासन ने स्थानीय जनों से भी अपील की है कि भीड़ के मद्देनजर 3 तारीख तक आपके स्वजन मैहर आ रहे हो उनके रोकने या बाद में आने की सलाह दे व्यवस्था में सहयोग करें।   चित्रकूट में जवानों की तैनाती   चित्रकूट में विशेष सुरक्षा इंतजामों के तहत 450 जवानों की तैनाती की गई है, जिसमें पन्ना, जबलपुर और शहडोल से 75 जवान, डीजी रिजर्व की छठी बटालियन जबलपुर से एक कंपनी, क्यूआरएफ की टुकड़ी और जिला बल के 91 जवान शामिल हैं। अंतरराज्यीय बस अड्डे से मंदिर तक भारी भीड़ देखी गई और सभी पार्किंग स्थल पूरी तरह भर गए।  

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भोपाल । माघ मास की मौनी अमावस्या पर बुधवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालु जीवनदायिनी मां नर्मदा और मां शिप्रा में स्नान करने पहुंच रहे हैं। अल सुबह से ही नर्मदा और क्षिप्रा के तटों पर भीड़ उमड़ रही है। सुबह चार बजे से ही ब्रह्म मुहूर्त में स्नान का सिलसिला शुरू हुआ, जो दोपहर बाद भी जारी है। श्रद्धालु घाट पर कथा, पूजन-पाठ भी करा रहे हैं। भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में शिप्रा नदी के राम घाट में श्रद्धालु बड़ी संख्या में डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं। इस दौरान कुछ भक्त सोमती कुंड में भी स्नान कर रहे हैं। भीड़ को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। इधर जबलपुर, नर्मदापुरम, नेमावर, महेश्वर, बरमान और सीहोर में श्रद्धालुओं ने नर्मदा में आस्था की डुबकी लगाई। नर्मदा के घाटों पर हर-हर नर्मदे के जयकारे गूंज रहे हैं। जबलपुर के ग्वारी घाट और जिलहरी घाट में स्नान के लिए श्रद्धालु की भीड़ उमड़ी है। शिप्रा नदी पर डुबकी लगाने आए श्रद्धालुओं का कहना है कि प्रयागराज में भीड़ होने के चलते शिप्रा नदी में डुबकी लगाकर पुण्य कमा रहे हैं। मौनी अमावस्या पर अन्नदान, वस्त्रदान का भी विशेष महत्व है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन पितरों के निमित्त धूप-दीप जलाना, तर्पण और पिंड दान करना चाहिए। इसके साथ ही वस्त्रदान, अन्नदान और पात्र दान का संकल्प सुख-शांति के साथ आर्थिक समृद्धि की प्राप्ति होती है। सीहोर में मौनी अमावस्या के पर्व पर नर्मदा नदी के विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा है। सुबह चार बजे से ही भक्तों का आना शुरू हो गया था, जो दिन चढ़ने के साथ लगातार बढ़ता जा रहा है। क्षेत्र के आंवली घाट, नीलकंठ और बुधनी घाट समेत कई स्थानों पर हजारों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। वहीं, अमावस्या पर नर्मदा स्नान करने नर्मदापुरम के अलावा हरदा, इटारसी, बैतूल, भोपाल, विदिशा, बीना, छिंदवाड़ा सहित अन्य शहरों से बड़ी संख्या में महिला-पुरुष स्नान करने पहुंचे हैं। रेलवे स्टेशन पर स्नान करने आने और लौटने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ रही। जिले के आंवलीघाट, सांडिया, बाबरी घाट, खोकसर, बांद्राभान में भी श्रद्धालुओं द्वारा नर्मदा स्नान किया जा रहा है। श्रद्धालुओं का लगातार नदी के घाटों पर आना जारी है। जबलपुर में नर्मदा तटों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। ब्रह्म मुहूर्त से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने नर्मदा तट गौरी घाट पहुंचकर स्नान किया। नर्मदा के स्नान का सिलसिला लगातार जारी है। जबलपुर के गौरीघाट, तिलवारा घाट, और भेड़ाघाट में नर्मदा स्नान के लिए तकरीबन दो लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के नर्मदा स्नान करने की संभावना है। जिसको देखते हुए प्रशासनिक स्तर पर भी सुरक्षा की इंतजाम किए गए हैं। वहीं, सिवनी मालवा क्षेत्र के प्रसिद्ध आवली घाट, बाबरी घाट और भिलाड़िया घाट समेत सभी घाटों पर तड़के से ही भक्तों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई। कड़ाके की ठंड के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बन रहा था। नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष पवित्र स्नान के लिए पहुंचे। भक्तों ने जहां नर्मदा में डुबकी लगाई, वहीं घाटों पर पूजन-पाठ और मां नर्मदा की आराधना का सिलसिला दिनभर जारी रहेगा। बड़वाह में नावघाट खेड़ी के नर्मदा तट पर श्रद्धालुओं का विशाल जनसमूह उमड़ा। नगर से लगभग 3 किलोमीटर दूर स्थित इस पवित्र नर्मदा तट पर सुबह 6 बजे से ही स्नान के लिए श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया। महिला और पुरुष श्रद्धालुओं ने तट के विभिन्न घाटों पर स्नान कर धार्मिक अनुष्ठान पूरे किए। मनावर से 15 किलो मीटर दूर ग्राम सेमल्दा में मौनी अमावस्या पर नर्मदा घाटों सुबह 4 बजे से स्नान शुरू हुआ। सुबह 11 बजे तक अलग-अलग घाटों पर करीब 5 हजार भक्तों ने स्नान किया। वहीं देवास जिले के नेमावर में अब तक 50 हजार से ज्यादा लोगों ने स्नान किया। प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए पुख्ता इंतजाम किए हैं। सभी प्रमुख घाटों पर बोट, लाइफ सेविंग जैकेट और गोताखोर तैनात किए गए हैं। प्रशासन ने एक दिन पहले से ही अपनी टीमों को तैनात कर दिया था।  

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में पिछले 4 दिन से ठंड का असर तेज है। खासकर रात और सुबह तेज सर्दी पड़ रही है। हालांकि आने वाले तीन दिन तेज सर्दी से राहत मिलने की उम्‍मीद है। प्रदेश में 31 जनवरी तक रात में तापमान 2 से 3 डिग्री तक बढ़ सकता है। जबकि 1 फरवरी को प्रदेश के आधे से ज्यादा हिस्से में बूंदाबादी की संभावना है। आज बुधवार को भी कुछ जिलों में बादल और बूंदाबांदी वाला मौसम रह सकता है।मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में अगले तीन दिन रात के तापमान में बढ़ोत्‍तरी होगी। जबकि दिन में तापमान स्थिर रहेगा। अभी प्रदेश के ज्यादातर शहरों में दिन का तापमान 25-26 डिग्री के आसपास ही है। दूसरी ओर रात में 5 डिग्री के नीचे पहुंच गया। यह 7 से 8 डिग्री तक पहुंच जाएगा। वहीं, 1 फरवरी को वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) के एक्टिव होने का अनुमान है। जिसका असर प्रदेश में भी देखने को मिलेगा। इसकी वजह से फरवरी के शुरुआती 4 दिन तक मौसम बदला रहेगा। 1 से 4 फरवरी के बीच पूर्वी और दक्षिणी हिस्से में कहीं-कहीं बारिश हो सकती है। इनमें रीवा, शहडोल, जबलपुर, सागर, ग्वालियर, चंबल और नर्मदापुरम संभाग के जिले शामिल हैं।आज बुधवार को भोपाल, इंदौर, छिंदवाड़ा, सीहोर, पन्ना, राजगढ़, सिंगरौली, रीवा, शहडोल, सागर, नर्मदापुरम, ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर में कहीं-कहीं बूंदाबांदी हो सकती है। हालांकि 30 जनवरी को बारिश के आसार नहीं है। दिन में ठंडक रहेगी, लेकिन रात में तापमान बढ़ा रहेगा।मंगलवार की रात भोपाल, ग्वालियर समेत प्रदेश के 20 शहरों में पारा 10 डिग्री से नीचे रहा। शहडोल का कल्याणपुर सबसे ठंडा रहा। यहां पारा 3.6 डिग्री दर्ज किया गया। नौगांव में 5 डिग्री, मंडला में 5.2 डिग्री, शाजापुर के गिरवर में 5.4 डिग्री, पचमढ़ी में 5.7 डिग्री, उमरिया में 5.9 डिग्री, राजगढ़ में 6 डिग्री, खजुराहो-सतना में 7.2 डिग्री, रायसेन में 7.4 डिग्री, मलाजखंड में 7.5 डिग्री, रीवा में 7.6 डिग्री, गुना, दमोह-सीधी में 9 डिग्री और टीकमगढ़ में पारा 9.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 6.8 डिग्री, ग्वालियर में 6.2 डिग्री, जबलपुर में 7.5 डिग्री, उज्जैन में 10 डिग्री और इंदौर में 13.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इधर, मंगलवार को दिन के तापमान में थोड़ी बढ़ोतरी देखने को मिली।

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भोपाल/छतरपुर । मध्य प्रदेश के छतरपुर और हरपालपुर रेलवे स्टेशन पर सोमवार देर रात महू से प्रयागराज जा रही डॉ अंबेडकर नगर- प्रयागराज एक्सप्रेस ट्रेन पर पथराव और तोड़फोड़ की घटना सामने आयी है। ट्रेन जैसे स्टेशन पर रुकी, उसमें अंदर बैठे यात्रियों ने भीड़ को देखकर ट्रेन के गेट नहीं खोले। इससे ट्रेन के बाहर खड़े लोग भड़क उठे और उन्‍होंने ट्रेन पर पत्थर, पानी बोतल फेंकने लगे। इस घटना में ट्रेन में बैठे कुछ लोगों को मामूली चोट आई है।जानकारी के अनुसार यह घटना सोमवार देर रात करीब 1 बजे की है। जब इंदौर से डॉक्टर अंबेडकर नगर से प्रयागराज जाने वाली ट्रेन (14115) छतरपुर और हरपालपुर रेलवे स्टेशन पर आकर रुकी। इस दौरान उसमें अंदर बैठे यात्रियों ने भीड़ को देखकर ट्रेन के गेट नहीं खोले। तभी प्लेटफॉर्म पर खड़े यात्रियों ने ट्रेन के दरवाजे नहीं खोलने पर आक्रोशित होकर पथराव और तोड़फोड़ कर दी। ट्रेन में बैठे कुछ लोगों को मामूली चोट आई है। जबकि पथराव में ट्रेन की कई बोगियों के दरवाजे और खिड़कियों को नुकसान पहुंचा है। हमले के दौरान ट्रेन में सवार यात्री, महिलाएं और बच्चों में डर दिखा। इस दौरान कुछ यात्रियों ने घटना का वीडियो बना लिया।बताया जा रहा है कि आरपीएफ जवान मौके पर थे, लेकिन वह कंट्रोल नहीं कर पाए तो सिविल पुलिस को सूचना दी। समझाइश के बाद 40 मिनट बाद ट्रेन को रवाना किया गया। छतरपुर सिविल लाइन थाना प्रभारी वाल्मीक चौबे ने बताया कि रात करीब एक बजे छतरपुर रेलवे स्टेशन पर गेट नहीं खोलने के कारण कुछ लोगों ने ट्रेन में पत्थर मारकर तोड़फोड़ की है। सूचना के बाद हम लोग मौके पर पहुंचे और समझाइश देकर ट्रेन को रवाना किया गया।

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश में तेज ठंड का दौर जारी है। इस बीच मौसम विभाग ने प्रदेश में बारिश की संभावना जताई है। वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) की वजह से 29 जनवरी को भोपाल, इंदौर-ग्वालियर समेत करीब 15 जिलों में बूंदाबांदी हो सकती है। हालांकि, तेज बारिश होने की संभावना नहीं है। फरवरी की शुरुआत में भी प्रदेश में बारिश होने के आसार है। मौसम विभाग के अनुसार, उत्तरी हवाओं की वजह से प्रदेश में पिछले 4 दिन से तेज ठंड पड़ रही है। आज मंगलवार से ठंड से राहत मिल सकती है। दिन-रात के तापमान में 2 से 3 डिग्री की बढ़ोतरी होगी। वहीं, बारिश का दौर शुरू होगा। मौसम विभाग ने 29 जनवरी और 1 फरवरी को दो वेस्टर्न डिस्टरबेंस के एक्टिव होने का अनुमान जताया है।