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बड़वानी। इंदौर लोकायुक्त पुलिस की टीम ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए बड़वानी जिले की सेंधवा जनपद पंचायत के सीईओ को पांच लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथों गिरफ्तार किया है। उन्होंने एक रोजगार सहायक से निलंबन की कार्रवाई नहीं करने के एवज में उक्त रिश्वत की मांग की थी, जिसकी शिकायत मिलने के बाद लोकायुक्त पुलिस ने योजनाबद्ध तरीके से उक्त कार्रवाई को अंजाम दिया है।
इंदौर लोकायुक्त डीएसपी प्रवीण सिंह बघेल ने बताया कि ग्राम पंचायत अंजनगांव के रोजगार सहायक एवं प्रभारी सचिव सुनील ब्राह्मणे ने लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत की थी कि सेंधवा जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रविकांत उइके द्वारा पंचायत में मनरेगा संबंधित काम नहीं होने के कारण उन्हें शोकाज नोटिस दिया गया तथा निलंबित करने की बात भी कही थी। बाद में उन्होंने कार्रवाई नहीं करने के एवज में 10 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की, लेकिन इतनी राशि देने में असमर्थता जताने पर उन्होंने पांच लाख रुपये देने की बात कही। लोकायुक्त पुलिस ने इस शिकायत का सत्यापन करवाया गया, जिसमें जनपद सीईओ द्वारा रिश्वत मांगने की बात की पुष्टि की गई। टीम द्वारा मंगलवार को सहायक पंचायत सचिव सुनील ब्राह्मण को पांच लाख रुपये लेकर सेंधवा जनपद पंचायत कार्यालय भेजा गया, जहां मुख्य कार्यपालन अधिकारी उईके ने रिश्वत की राशि जनपद के लेखपाल राकेश पंवार की कार क्रमांक एमपी 09 जेड वी 6193 की डिक्की में रखवाई। उसी समय लोकायुक्त की टीम ने दबिश देकर उक्त कार से रिश्वत की राशि जप्त कर मुख्य कार्यपालन अधिकारी रविकांत उइके के विरुद्ध कार्रवाई प्रारंभ की।
लोकायुक्त डीएसपी बघेल ने बताया कि आरोपित जनपद सीईओ के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है और अभी सभी पहलुओं की बारीकी से जांच की जा रही है। मामले में जनपद के लेखापाल की भूमिका की भी जांच की जा रही है। जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि लेखपाल पर भी कार्रवाई की जाए या नहीं।
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