Advertisement
मध्यप्रदेश में सरकार क्या भ्रष्ट अफसरों पर मेहरबान है। ये सवाल इसलिए क्योंकि शासन लोकायुक्त (EOW) को भ्रष्ट अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ जांच की मंजूरी नहीं दे रहा। ऐसे करीब 280 अफसर हैं जिनके खिलाफ ईओडब्ल्यू को शिकायत मिली है. लेकिन शासन की मंजूरी न मिलने के काऱण इनके खिलाफ चार्जशीट ही पेश नहीं हो पा रही। कई बार पत्राचार के बावजूद संबंधित विभाग अभियोजन की स्वीकृति में आनाकानी कर रहे हैं। कुछ विभाग तो लोकायुक्त की चिट्ठी का जवाब तक नहीं दे रहे। मध्य प्रदेश में लोकायुक्त संगठन को ऐसे 280 अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ जांच शुरू करने का इंतजार है। इजाजत नहीं मिलने की वजह से भ्रष्टाचार के 15 केस 9 साल से लंबित हैं। सबसे ज्यादा नगरीय आवास और विकास विभाग के लगभग 31 मामले लंबित हैं. सामान्य प्रशासन विभाग और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के 29-29 मामले लंबित हैं। वहीं राजस्व विभाग के 25 और स्वास्थ विभाग के 17 मामले लंबित हैं। अभियोजन स्वीकृति समय पर नहीं मिलने के कारण चार्जशीट पेश करने में देर हो रही है। वैसे नियम के अनुसार अधिकतम 4 महीने में अभियोजन की स्वीकृति मिलनी चाहिए।
आईएएस पवन जैन के खिलाफ केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग( डीओपीटी) की सलाह के बाद शासन ईओडब्ल्यू को केस चलाने की मंजूरी देगा। सामान्य प्रशासन विभाग पत्र लिखकर डीओपीटी से इस मामले में सलाह लेगी। ईओडब्ल्यू ने इंदौर से जुड़े 7 साल पुराने मामले में चालान पेश करने के लिए शासन से अभियोजन की स्वीकृति मांगी है। डीओपीटी से अभियोजन की स्वीकृति के बाद ही आगे की कार्रवाई हो सकेगी। तत्कालीन एसडीओ राजस्व पवन जैन पर रियल स्टेट के लोगों से सांठगांठ कर पर्यवेक्षण शुल्क जमा करने का आरोप है। इस बीच सिंचाई परियोजनाओं में 800 एकड़ के घोटाले का मामला भी चर्चा में आ गया है। इस मामले में अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का दखल हुआ है। ईडी ने जो ईओडब्लू से एफ आई आर की कॉपी मांगी है। ईओडब्ल्यू ने इसी साल बिना काम 800 करोड़ एडवांस भुगतान के मामले में एफ आई आर दर्ज की थी। ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत एफ आई आर की कॉपी मांगी है। एफ आई आर की कॉपी के आधार पर ब्लैक मनी के एंगल पर जांच होगी।
इस मुद्दे को लेकर बीजेपी कांग्रेस आमने-सामने आ गए हैं। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश में बीजेपी भ्रष्टाचार तंत्र को संरक्षण दे रही है। ऊपर तक इनकी मिलीभगत है इसलिए भ्रष्ट अधिकारियों के मामले में अभियोजन की स्वीकृति नहीं दी जा रही है। इससे स्पष्ट है कि सरकार भ्रष्टाचारियों का संरक्षण और उनका बचाव कर रही है। कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए प्रदेश बीजेपी संगठन मंत्री रजनीश अग्रवाल ने कहा अभियोजन स्वीकृति देने की एक प्रक्रिया होती है। इसके लिए तमाम पैरामीटर होते हैं। बीजेपी सरकार भ्रष्टाचारियों के खिलाफ समझौता नहीं करती है कार्रवाई लगातार जारी है किसी को बख्शा नहीं जाएगा।
Kolar News
All Rights Reserved ©2025 Kolar News.
Created By:
![]() |