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छिंदवाड़ा में महिलाओं ने छाती पर बैठकर एक आदिवासी युवक को पेशाब पिलाई। उसके सिर और मुंह पर चप्पलें मारीं। जूते-चप्पलों की माला डालकर उसे गांव में घुमाया। फिर ग्रामीणों ने उसकी थाने में शिकायत कर दी। पुलिस ने युवक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। युवक जेल में बंद है। घटना जिले के आदर्श गांव बारहबरियारी की 4 सितंबर की है। इसका वीडियो सामने आया है।6 सितंबर को VIDEO आने के बाद कलेक्टर मनोज पुष्प ने जांच के लिए टीम गठित की। युवक की बहन का आरोप है कि महिलाओं ने ये अमानवीयता जादू-टोने के शक में की है।आदिवासी युवक के पिता का कहना है कि बेटा 3 सितंबर को राखी के त्योहार पर ससुराल गया था। उसकी मां अपने भाई के यहां गई थी। मैं अकेला था। इसी दिन शाम को गांववाले आए। पूरा घर घेर लिया। वे बेटे के बारे में पूछने लगे। उनसे कहा कि वो घर पर नहीं है, बताओ क्या बात है? उन्होंने घर के अंदर झांककर देखा। बेटा नहीं मिला तो लौट गए।4 सितंबर को मेरा बेटा ससुराल से लौटा तो गांव के लोगों ने उसे घेर लिया। मैंने कहा भी कि बैठकर बात कर लेते हैं। वे नहीं माने। उसके चेहरे पर कालिख पोती, पीटा और पूरे गांव में जूते-चप्पल पहनाकर घुमाया। गांव के मुखिया और मैंने बेटे को पीट रहे लोगों को बहुत मनाया, लेकिन वे नहीं माने, उसे पीटते रहे, मैं कुछ नहीं कर पाया।युवक की बहन का कहना है कि गांव की महिलाओं और पुरुषों ने भाई के साथ पहले तो मारपीट की, इसके बाद जूते-चप्पल की माला पहनाकर गांव में घुमाया। उसे जमीन पर लेटा दिया। महिलाएं बोतल में पेशाब भरकर लाई थीं। उन्होंने भाई को पेशाब पिलाने की कोशिश की। उसने मुंह बंद कर लिया तो एक महिला उसकी छाती पर बैठ गई। चम्मच डालकर उसका मुंह खोला और बोतल फंसाकर उसे पेशाब पिलाई। वे कह रही थीं कि इसे बाथरूम पिलाना है। मुझसे देखा नहीं गया तो मैं वहां से चली गई। बाद में आरोपियों ने भाई को पुलिस के हवाले कर दिया।
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