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क्राइम ब्रांच ने आज एक ऐसे अपराधी को गिरफ्तार किया, जो बेरोजगार युवाओं को नौकरी दिलाने का झांसा देकर तीन से पांच लाख रुपये में फर्जी नियुक्ति पत्र देकर फरार हो जाता था। उसके पास से दतिया मेडिकल कॉलेज के डीन की सील और अलग-अलग 32 प्रकार के फर्जी नियुक्ति आदेश मिले हैं। अब आरोपी से पूछताछ जारी है। क्राइम ब्रांच के मुताबिक कोटरा सुल्तानाबाद कमला नगर में पाण्डेय बालक छात्रावास संचालित करने वाला आषु कुमार पांडे लोगों को नौकरी दिलाने का कहकर उनसे लाखों रुपये लेता था, और बदले में उनको नियुक्ति और साक्षात्कार के फ़र्ज़ी पत्र दे देता। चौंकाने वाली बात यह है कि आरोपी बिहार से आकर यहाँ खाना बनाने का काम करता था। उसके बाद उसे यहां पर इस प्रकार से लोगों को ठगने के लिए गिरोह बना लिया. और लोगो को ठगने लगा।
आरोपी के साथ और भी लोगों की मिलीभगत होने की सम्भावना है। जिसकी जाँच पड़ताल पुलिस कर रही है। पुलिस को कई फर्जी सील व कम्प्यूटर, रजिस्टर व अन्य फर्जी आई कार्ड मिले है।
आरोपी अपर ग्रेड क्लर्क, लोअर ग्रेड क्लर्क, चपरासी, चपरासी (संविदा), फार्मासिस्ट, स्टाफ नर्स, सहायक सांख्यिकी अधिकारी, कंप्यूटर ऑपरेटर, चालक (संविदा), आपातकालीन चिकित्सा अधिकारी , लाइब्रेरियन (संविदा), लैब अटेंडेंट, लैब तकनीशियन, स्वास्थ्य निरीक्षक, तकनीकी सहायक, चिकित्सा सामाजिक कार्यकर्ता , पुरुष नर्स, दंत चिकित्सक, चालक सांख्यिकी अधिकारी, ईसीजी तकनीशियन, स्टाफ नर्स, छात्रावास अधिकारी, चिकित्सा अभिलेख अधिकारी (एम.आर.ओ.) ,उप राजस्थान, फिजियोथेरेपिस्ट, ओ.टी. तकनीशियन, खाद्य निरीक्षक, डिसेक्शन हॉल अटेंडर, ईसीजी तकनीशियन, सहायक स्थैतिक अधिकारी आदि फर्जी नियुक्तियां तैयार करता था। सोचने वाली बात है की आषु कुमार पांडे 15 लोगो को फ़र्ज़ी नियुक्ति पत्र दे चूका मगर किसी को अभी तक पता नहीं की उन्हें फ़र्ज़ी नियुक्ति पत्र मिले है।
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