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खंडवा । खंडवा जिले के पंधाना स्थित नवोदय स्कूल में गुरुवार सुबह 12वीं की छात्रा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
सुबह करीब सात बजे वह नहाने के लिए बाथरूम गई थी। काफी देर तक बाहर नहीं आने पर सहेलियों ने दरवाजा खटखटाया कोई जवाब नहीं मिलने पर सहेलियों ने हॉस्टल प्रबंधन को जानकारी दी। स्टाफ मौके पर पहुंचा और दरवाजा तोड़ा। छात्रा फंदे पर लटकी हुई थी। हॉस्टल कर्मचारी उसे लेकर अस्पताल पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। छात्रा के स्वजन भी पंधाना पहुंच चुके हैं।
जानकानी अनुसार जावर थाना क्षेत्र के लखनपुर गांव की रहने वाली 18 वर्षीय छात्रा सीमा पुत्री उमेश देवड़ा ने पिछले सत्र में ग्यारहवीं कक्षा में एडमिशन लिया था। इस साल बारहवीं में कला संकाय से पढ़ाई कर रही थी। गुरुवार सुबह साढ़े 7 बजे वह होस्टल के बाथरूम में नहाने गई थी। काफी देर तक बाहर न निकलने पर सहेलियों ने दरवाजा खटखटाया। छात्रा ने जवाब नहीं दिया।जिसके बाद सहेलियाें ने राेशनदान से झांक कर देखा ताे वह फंदे पर लटकी दिखी। सहेलियाें ने तुरंत हाॅस्टल प्रबंधन काे जानकारी दी। छात्रा ने चुनरी से लगाई फांसी लगाई है।छात्रा द्वारा फांसी लगाने की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है। प्रारंभिक जांच में पारिवारिक तनाव की बात सामने आई है। घटना के संबंध में छात्रा के रूम से पुलिस को कोई सुसाइड नोट या जानकारी नहीं मिली है।
पंधाना टीआई दिलीप देवड़ा ने बताया- सीमा आदिवासी परिवार से है। माता-पिता गांव में खेती करते हैं। एक छोटा भाई है। मामा बुरहानपुर के एसडीएम कार्यालय में हैं। छात्रा ने उन्हीं के पास रहकर 10वीं तक पढ़ाई की है। स्कूल के माध्यम से परिजन को सूचना भिजवा दी गई है। उनके पंधाना पहुंचने के बाद शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा।
सुबह की थी मार्निंग स्टडी
वहीं नवाेदय स्कूल की प्राचार्य शर्मिला खान ने बताया कि सीमा देवड़ा पढ़ाई में होशियार थी। वह जीवन में कुछ अलग करना चाहती थी, इसलिए उसने प्रशासनिक सेवा में जाने के लिए आर्ट्स विषय चुना था। सुबह 6 बजे स्कूल में मार्निंग स्टडी करके वापस अपने हॉस्टल वाले कमरे में लौटी थी। ब्रेकफास्ट से पहले नहाने के लिए चली गई। खान ने कहा- स्कूल में पढ़ाई के दौरान वह कभी भी तनाव में नहीं रहती थी। कभी नहीं साेचा था कि वाे ऐसा कदम उठा लेगी। दिवाली की छुटि्टयों में मामा के घर गई थी। जहां उसके माता-पिता मिलने नहीं आए। वे स्कूल भी नहीं आते थे। पेरेंट्स से मेल-मिलाप न होने को लेकर वह दुखी थी।
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