Video

Advertisement


घड़ियाल के 30 और कछुए के 40 बच्चों के साथ तीन तस्कर गिरफ्तार
morena, Three smugglers arrested , baby turtles
मुरैना । चंबल से जलीय जीव की तस्करी का मामला सामने आया है। तस्करी का वन विभाग की एसटीएफ टीम ने पर्दाफाश कर तीन तस्करों को गिरफ्तार किया है। इन तस्करों के पास से घड़ियाल के 30 बच्चे और कछुए के 40 बच्चें मिले है। तस्करों में दो ग्वालियर के और एक मउरानीपुरा का रहने वाला है। फिलहाल जलीय जीवों को बरामद कर इन तस्करों से पूछताछ की जा रही है कि यह कब से तस्करी कर रहे है और इन जलीय जीवों को कहां खपाते है। गत 50 साल में यह पहला मौका है, जब जाल डालकर तस्करों द्वारा िाल और कछुओं के बच्चों की तस्करी की जा रही थी। 
 
12 जुलाई की रात करीब 8 बजे वन विभाग जोरा की टीम को डीएफओ सुजित पाटील और एसडीओ माधव सिंह सिसोदिया ने निर्देशित किया कि एक आवश्यक कार्रवाई के लिए एसटीएफ भोपाल की टीम जोरा पहुंच रही है। एसटीएफ भोपाल की टीम के आने पर उक्त सभी लोग एमएस रोड पर थाने के पास तस्करों का इंतजार करने लगे। कुछ देर बाद ही एक कार आई। वन विभाग और एसटीएफ टीम ने घेरकर कार को रोका लिया। कार चेक की तो उसमें तीन लोग सवार थे। तलाशी में उसमें चेन लगे थैलों में 12 से 15 िाल के बच्चे मिले। जलीय जीव तस्करों को अपने कब्जे में लेकर एसटीएफ एवं जोरा वन विभाग की टीम जोरा से मुरैना की ओर रवाना हो गई। डीएफओ सुजीत पटेल, एसडीओ माधव सिंह सिसोदिया ने पूछताछ की तो पता चला कि पकड़े गए तस्करों में राजू आदिवासी मऊरानीपुर, विजय गौड़ सूर्य विहार कॉलोनी ग्वालियर एवं रामवीर पिंटो पार्क है।
 
रविवार काे मामले में खुलासा हुआ कि तस्करों ने ग्वालियर मे अपने ठिकाने पर अन्य जीव काे छुपाकर रखे है। इसके बाद टीम ने थाटीपुर में एक मकान में दबिश देकर तीन बड़े कछुए एवं 22 कछुए के बच्चे जो की तीन बड़े-बड़े पानी के प्लास्टिक टब में रखे मिले। जिन्हें जब्त कर टीम अपने साथ लेकर गई।
 
जौरा में वन विभाग के डिप्टी रेंजर विनोद उपाध्याय ने बताया कि िाल के 30 बच्चों एवं कछुओं के 40 बच्चों के साथ तीन तस्कर गिरफ्तार किए गए हैं। फिलहाल उनसे पूछताछ की जा रही है। वहीं, एसडीओपी नितिन एस. बघेल ने बताया कि आरोपितों को हिरासत में लेकर वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
 
इन 50 सालों मे यह पहली बार मामला सामने आया, जब तस्करों द्वारा जाल डालकर िाल के बच्चाें की तस्करी की जा रही है। इस तस्करी में सिर्फ मध्य प्रदेश के ही नहीं, राजस्थान के भी तस्कर जुडे हैं। बताया जाता है कि िाल एवं कछुए की कीमत काफी होती है। दुर्लभ प्रजाति के होने से विदेश में उनकी मांग भी काफी है। अनुमान लगाया जा रहा है कि कछुए एवं िाल के बच्चों को विदेश तक पहुंचाने वाले गैंग से पकड़े गए तस्करों के तार हो सकते हैं। 
 
गौरतलब है कि, विलुप्त होते जलीय जीवों को बचाने के लिए विश्वभर में 1975 से 77 के बीच सर्वे अभियान चलाया गया। सर्वे में सामने आया कि पूरे विश्व में केवल 196 िाल ही बचे है। जिसमे 96 िाल भारत में है। जिसमें 46 चंबल में पाए गए। चूंकि यह जलीव जीव शर्मिले प्रवृत्ति के हैं, जो प्रदुषण मुक्त पानी में ही रह पाता है। गंदे पानी में यह जिंदा नहीं रह पाते केवल 2 फीसदी ही सुरक्षित रह पाते है। इसलिए इनको बचाने के लिए 1980 में देवरी िाल अभ्यारण केन्द्र बनाया गया। चंबल नदी के विभिन्न घाटों से करीब 200 अंडो को इस अभ्यारण केन्द्र में लाया जाता है। करीब 3 साल तक यहां लालन-पालन होता है। जब इन िाल की लंबाई 1.20 मीटर हो जाती है तो इन्हें नदी में छोड़ दिया जाता है।
 
देवरी अभ्यारण केन्द्र की वजह से विलुप्त होती प्रजाती को बचाया जा रहा है। जिन िालाें की संख्या 46 बची थी, अब वह बढ़कर 2500 हजार तक पहुंच गई है। लेकिन इन 50 सालों में यह पहली बार हुआ कि जब तस्करों ने जाल डालकर िाल और कछुए के बच्चाें की तस्करी की गई हो।
Kolar News 13 July 2025

Comments

Be First To Comment....

Page Views

  • Last day : 8796
  • Last 7 days : 47106
  • Last 30 days : 63782
x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved ©2025 Kolar News.