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मामला मध्यप्रदेश की राजधानी का है। रमाकांत विजय वर्गी जिसने प्लॉट काटकर 107 करोड़ रुपये का घोटाला किया था। आपको जानकर कर आश्चर्य होगा की मुजरिम रमाकांत विजय वर्गी पेशे से इंजीनियर है। उसने भोपाल में पंचवटी कॉलोनी बनाने का झांसा देकर 250 लोगों के साथ फ्रॉड किया । बता दे की 2 साल पहले भोपाल क्राइम ब्रांच कोहेफिजा पुलिस के साथ मिलकर उसको गिरफ्तार किया । कोहेफिजा थाने में 2010 में रमाकांत के खिलाफ पहले मामला दर्ज़ा हुआ था। जैसे ही पहला केस दर्ज़ हुआ उसके कुछ महीने बाद जैसे केस की लड़ी लग गई। उसके खिलाफ 22 थाने में कई केस दर्ज़ हो चूका हैं। इतना ही नहीं इंदौर और उज्जैन के कई थानों में उसके खिलाफ में केस दर्ज़ है। रमाकांत के खिलाफ ईडी ने 86 केस रजिस्टर किये है। 100 से अधिक लोगो ने रमाकांत के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की है। मुजरिम रमाकांत पुलिस से बचने के लिए भेष बदलकर कर छिपा था
दरअसल जब उसके खिलाफ पहला केस दर्ज़ हुआ तो उसने अपना हुलिया बदल लिया और भोपाल से फरार हो गया था। भोपाल से ठगी करने के बाद इंदौर के विजय नगर में राम कुमार व्यास बनकर रह रहा था। दाढ़ी और बाल बढ़ाकर हुलिया बदल लिया था। 2 साल पहले उसे पुलिस ने पकड़ा रमाकांत हुलिया बदलकर इंदौर से भोपाल आ रहा था। पुलिस उसे पकड़ ना सके इसके लिए उसने फर्जी पहचान पत्र भी बनवा लिया था। तब उसका बेटा विदेश में था। 250 लोगो को ठगने के बाद रामकंत नमकीन का बड़ा कारोबारी बन गया था। उज्जैन से नमकीन लाकर इंदौर में सप्लाई करने लगा। कुछ दिन बाद उसने ट्रैवल एजेंसी भी शुरू कर दी। रमाकांत ने डिस्ट्रिक्ट इन्फ्राट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के नाम से कंपनी भी खोल रखी थी। उसने ठगी के पैसों को नमकीन के कारोबार में लगा दिया हालांकि पुलिस उसके पास से रकम बरामद नहीं कर सकी। ठगी के शिकार लोगों ने कई बार पुलिस अफसरों पर भी विजयवर्गीय से सांठगांठ करने का आरोप लगाया है। भोपाल कोर्ट ने ढाई सौ लोगों से ठगी करने पर रमाकांत को उम्र कैद की सजा सुनाई है।
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