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मुंबई में हमले होने वाले हैं, NIA के इस इनपुट से पकड़े गए इंदौर के सरफराज मेमन को पुलिस ने आठ घंटे की पूछताछ के बाद छोड़ दिया। हालांकि पुलिस ने जांच बंद नहीं की है। सरफराज के खर्चे और विदेशों में रुकने वाली जगहों को लेकर एजेंसी जांच कर रही है। उसे छोड़ने से पहले पुलिस ने कुछ शर्तें भी सरफराज को बताई है।चंदन नगर में रहने वाले सरफराज मेमन का अभी तक कोई पुलिस रिकार्ड भी नहीं है। चंदन नगर थाने में उसके खिलाफ एक भी अपराध दर्ज नहीं है। इसके पहले पुलिस की नजर में वह कभी नहीं आया। सरफराज पुलिस से छूटने के बाद सीधे अपने माता-पिता के पास पहुंचा। यहां से वह मामा के साथ ही घर से चला गया। वह बुधवार को अपनी दुकान पर भी नहीं पहुंचा। हमीद के साथ ही वह बुधवार दोपहर में नमाज पढ़ने मस्जिद पहुंचा। यहां समाजिक लोगों से भी उसने बातचीत की। सरफराज को लेकर जिला विशेष शाखा को नजर रखने के आदेश दिए गए हैं। वहीं उससे विदेश जाने के दौरान खर्च की व्यवस्था कैसे हुई इसकी डिटेल भी मांगी है। पुलिस को जांच में पता चला है कि सरफराज बांग्लादेश भी गया था। उसका मोबाइल अभी इंटेलिजेंस के कब्जे में है। वहीं बैंक की डिटेल ओर परिवार के लोगों की जानकारी ली गई है। इंदौर के बंबई बाजार में रहने वाले एक बड़े व्यापारी से भी सरफराज के परिवार के तार जुड़ने की जानकारी लोकल पुलिस को मिली है। विदेश में रहने के दौरान वह कहां रूका इसके बारे में भी एजेंसी ने पूछताछ की है।सरफराज के पूछताछ से छूटने के बाद कुवैत में उसके भाई वसीम और भोपाल वाले भाई जावेद ने भी परिवार से बात की। मामा हमीद ने इस बारे में पुलिस पूछताछ में पूरा सहयोग करने की बात कही। उन्होंने सरफराज पर लगे आरोपों को गलत बताया है। पिता अहमद ने कहा सरफराज का PFI और सिमी जैसे संगठनों से दूर तक नाता नहीं है।जांच एजेंसियों के मुताबिक सबसे पहले मेल को दिल्ली से आईबी ने पकड़ा था। इस मेल को इसके बाद मुंबई भेजा गया। यहां से इंदौर में सरफराज के होने की जानकारी लगने पर इंदौर को अलर्ट किया गया था। सरफराज ने बताया कि हांगकांग में उसके सारे दस्तावेज जिस व्यक्ति के पास थे उसका भी नाम बताया। इसे लेकर भी नेशनल एजेंसी जांच कर रही है। इंदौर पुलिस के अफसरों के मुताबिक मेल फर्जी तरीके से भेजा गया था। इस तरह की बात NIA की टीम ने उनसे शेयर नहीं की।
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