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उज्जैन। यदि कोई कहे कि आपको आसानी से लोन दिला सकता है, तो सावधान हो जाइए। किसी और के जरिए लोन पास कराने के इस शॉर्टकट से आप मुसीबत में पड़ सकते हैं। उज्जैन में ऐसे ही दो मामले सामने आए हैं। खास बात यह है कि इन दोनों ही मामलों में आरोपी एक ही है।
पहली घटना में ठग ने एक व्यक्ति को लोन दिलाने के नाम पर बैंक में अकाउंट तो खुलवा दिया, लेकिन काफी वक्त बाद भी लोन नहीं मिला। फिर जब बैंक जाकर इस बारे में पड़ताल की तो इस पूरी ठगी का खुलासा हुआ। दूसरी घटना में आरोपी ने मकान बिकवाने का झांसा देकर दस हजार रुपए ऐंठे। दोनों मामलों में कोतवाली एवं नीलगंगा थाने में शिकायत की गई हैं।
पहला मामला
क्षीरसागर निवासी अजय बालमुकुंद चौधरी ने बताया कि अंबोदिया गांव का रहने वाला धर्मेन्द्र पिता रमेश ठाकुर कुछ माह पहले उन्हीं की दुकान पर मिला। आरोपी ने अजय से कहा कि वह बैंक में काम करता है और 40 हजार के बदले 15 लाख का लोन दिला सकता है। अजय को लगा कि घर बैठे ही 15 लाख का लोन मिल रहा है, तो वह तुरंत तैयार हो गया। पर सबूत के तौर पर उन्हें कुछ भी नहीं मिला। अब वह खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। न तो लोन मिला और न ही पैसे वापस मिले। जमा पूंजी चली गई सो अलग। मामले में अजय चौधरी ने 10 फरवरी को कोतवाली थाना पुलिस को शिकायत की थी। गुरुवार तक प्रकरण दर्ज नहीं हुआ।
दूसरा मामला
चाणक्यपुरी कॉलोनी नानाखेड़ा उज्जैन निवासी दीपक पिता तुकाराम ने बताया कि धर्मेन्द्र ठाकुर पिता रमेश ठाकुर निवासी ग्राम अंबोदिया तहसील घटिया जिला उज्जैन मक्सी रोड पर स्थित चाय की दुकान पर आता जाता रहता था। धीरे धीरे मेरी धर्मेन्द्र ठाकुर से जान पहचान हुई । एक दिन क्षीरसागर स्थित बैंक ऑफ बड़ोदा मैं किसी काम से गया था। उस दौरान धर्मेन्द्र ठाकुर ने मुझे मेरा मकान बिकवाने और नये मकान पर लोन दिलाने का प्रलोभन दिया और में उसके प्रलोभन में आ गया। उसने मकान विक्रय कराने के नाम पर 50,000 रु की मांग की और अमानत के तौर पर उसने 10,000 रु की मांग की। मैंने यह रुपए होटल शांति पैलेस के सामने मेरी पत्नी के साथ जाकर नगद उसके हाथ में दिए। मामले में पुलिस ने आवदेन लेकर, सिर्फ आश्वासन दिया है।
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