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क्या मध्य प्रदेश नहीं है बेटियों के लिए सुरक्षित नहीं
क्या मध्य प्रदेश नहीं है बेटियों के लिए सुरक्षित नहीं

एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार मध्यप्रदेश में हर दिन 31.2 बच्चे गायब हो जाते हैं। यानि एक घंटे में 1.3 बच्चा गुम जाता है। गायब होने वाले हर 10 बच्चों में 8 लड़कियां हैं। यह आंकड़ा पूरे देश में सर्वाधिक है। प्रदेश से 2021 में 11607 बच्चे लापता हुए। इनमें 2200 लड़के तो 9407 लड़कियां शामिल हैं। एक साल में पूरे राज्य से 50 हजार लोग लापता हुए। 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक देश में पिछले साल 77, 535 बच्चे गुम हुए। रिपोर्ट के आने के बाद प्रदेश में बच्चों की सुरक्षा पर प्रश्न चिंह लगने लगे हैं। प्रदेश में बच्चों के खिलाफ क्राइम रेट 67 फीसदी है। यानि हर एक लाख में से 67 बच्चे अपराध का शिकार हो रहे हैं। पिछले एक साल में इस तरह के 19173 मामले आए। वहीं देश में क्राइम रेट 34 है। पिछले सालों में गायब बच्चे जो अब तक नहीं मिल पाए हैं उनका आंकड़ा भी चौंकाने वाला है। देश में गुम बच्चों का रिकवरी रेट 63 फीसदी है। यानि 100 में से 37 बच्चे कहां गए, इसका कुछ पता नहीं है। जबकि, मध्यप्रदेश का रिकवरी रेट 77 है। इनमें लड़कियां ज्यादा रिकवर हो रही हैं।2021 में गुम बच्चों के आंकड़े बच्चों के अपहरण में भी प्रदेश अव्वल: खोये बच्चों के अलावा अपहरण के भी देश में 69014 मामले सामने आए। इनमें से 58058 लड़कियों का और 10956 लड़कों का अपहरण हुआ। मप्र में ऐसे 9581 मामले आए। जिनमें लड़कियों के 7565 केस तो लड़कों के 2016 मामले दर्ज हुए।

Kolar News 7 September 2022

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