अलीराजपुर । मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ लाेकायुक्त पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। इसके बाद भी रिश्वतखाेरी के मामले कम नहीं हो रहे हैं। आये दिन किसी न किसी विभाग के अधिकारी- कर्मचारी रिश्वत लेते लोकायुक्त पुलिस के हत्थे चढ़ते रहते हैं। इसी क्रम में शुक्रवार काे इंदाैर लाेकायुक्त ने अलीराजपुर जिले में एक जन शिक्षक को पांच हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आराेपित जन सेवक द्वारा अतिथि शिक्षक से नौकरी से हटाने की धमकी देकर हर साल 10 हजार की रिश्वत फिक्स करने की मांग कर रहा था। पुलिस महानिदेशक लोकायुक्त जयदीप प्रसाद के भ्रष्टाचार के विरुद्ध सख्त कार्रवाई किए जाने संबंधी आदेश के तहत दल बनाकर छापा मारा गया।
जानकारी अनुसार अलीराजपुर जिले के उदयगढ़ में पदस्थ जन शिक्षक मनीष भावसार को लोकायुक्त की टीम ने पांच हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। अतिथि शिक्षक खीमा अजनार ने इसकी शिकायत लोकायुक्त को की थी। आवेदक खीमा अजनार ने अपनी शिकायत में बताया कि वह एक अतिथि शिक्षक के रूप में प्राथमिक शाला तडवी फलिया, ग्राम बावड़ी अलीराजपुर में पदस्थ हैं। आरोपित जन शिक्षक मनीष भावसार द्वारा 26 नवंबर को आवेदक के स्कूल का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान कम बच्चे होना बताकर नौकरी से निकालने का बोला गया। साथ ही कहा कि नौकरी पर रहना हो तो मुझे हर साल 10 हजार रुपए देने होंगे। यदि यह नहीं दोगे तो मैं नौकरी से हटवा दूंगा। नौकरी से हटाने की धमकी देकर मनीष भावसार के द्वारा आवेदक से लगातार रिश्वत की मांग की जा रही थी। जिसकी शिकायत आवेदक द्वारा राजेश सहाय, पुलिस अधीक्षक, लोकायुक्त इंदौर से की गई। शिकायत सही पाई जाने पर शुक्रवार को ट्रैप दल बनाकर जन शिक्षा केंद्र उदयपुर में जन शिक्षक मनीष भावसार को 5 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया। डीएसपी अनिरुद्ध वाधिया ने बताया कि जन शिक्षा केंद्र में पदस्थ माध्यमिक शिक्षक मनीष भावसार (45) को रंगे हाथों पकड़ा गया, जब वह एक प्राथमिक विद्यालय के अतिथि शिक्षक खीमा अजनार (43) से सरकारी दफ्तर में 5 हजार रुपये की कथित रिश्वत ले रहा था। डीएसपी ने बताया कि माध्यमिक शिक्षक के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि आरोपी को अभी गिरफ्तार नहीं किया गया है और कथित रिश्वतखोरी के मामले की जांच जारी है।