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मध्यप्रदेश के इंदौर स्थित एमआइजी थाना पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है जो खुद को अंतरराष्ट्रीय पुलिस ऑर्गेनाइजेशन (INTERPOL) का बताकर लाखों रुपए की धोखाधड़ी कर रहा था। आरोपी ने इंदौर के एक प्रिंटिंग व्यवसायी से एक लाख रुपए की वसूली की। बाद में बिजनेसमैन को शक हुआ और उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। थाना प्रभारी अजय वर्मा के अनुसार फरियादी पीयूष नेमा इंदौर के कैसरबाग रोड स्थित प्रिंटिंग व्यवसाय का काम करता है। कुछ समय पहले पवन नामक एक व्यक्ति जिसे पीयूष अच्छी तरह से जानता था। पीयूष ने कमलेश पांचाल नामक एक व्यक्ति को बिजनेस करने के लिए एक करोड़ 75 लाख रुपए दिए लेकिन वापस मांगने पर ना देने की बात कर रहा था। पीयूष नेमा के लेनदेन की जानकारी पवन को लगी तो पवन ने विपुल शेफर्ड नामक एक व्यक्ति से पीयूष को मिलवाया और कहा कि यह इंटरनेशनल पुलिस में काम करने वाला अधिकारी है। ये आपके रुपए निकलवा देगा। जिसके बाद विपुल ने फरियादी से कहा मुझे तुम्हारी शिकायत मिल गई है और मैं इंदौर आ रहा हूं तुम मेरी व्यवस्था होटल श्रीमाया में 10-15 दिन के लिए करवा दो। तुम्हारी समस्या का हल करने के लिए मुझे तुम ढाई लाख रुपए दे देना। इसके बाद व्यवसायी ने बताया कि उसने रुपयों की व्यवस्था की लेकिन उसे शक हो गया कि कुछ गड़बड़ है। जिसके बाद उसने अपने दोस्त के साथ मिलकर जानकारी निकाली। इस तरह का बैच भारत में किसी पुलिस अधिकारी को नहीं दिया जाता है। लेकिन तब तक विपुल उससे एक लाख रुपए ले चुका था। पूरे मामले की जानकारी एमआईजी थाना में दी गई जिसके बाद आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। टीआई के मुताबिक आरोपी विपुल के पास जो एक कार्ड मिला है जिसे वो इंटरपोल का बता रहा था। पूछताछ करने पर आरोपी ने बताया कि उसने कुछ दिन पहले इटली से एक ऑनलाइन ट्रेनिंग भी ली थी। आरोपी ने मार्च महीने में इटली की जिस संस्था से ऑनलाइन ट्रेनिंग ली और उसकी सदस्यता भी ली। बताया जा रहा है कि आरोपी ने चेन्नई से एमबीए किया है और उसकी पत्नी अहमदाबाद में एक बैंक मैनेजर है। विपुल ने जिस संस्था की सदस्यता ली वह फर्जी निकली वही इससे पहले आरोपी अन्य व्यापारियों से 15 लाख रुपए की ठगी कर चुका है। 3 माहीने पहले ही हत्या के आरोप में जेल से छूटा है।
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