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मध्य प्रदेश के इंदौर में रीगल स्थित पुलिस कंट्रोल रूम परिसर में महिला पुलिसकर्मी पर गोली चलाने के बाद टीआई ने खुद को गोली मारी थी। मामले में पुलिस ने तकनीकी जांच को अहम मानते हुए टीआई और पुलिसकर्मी के भाई के मोबाइल को जांच में शामिल किया है। तकनीकी जांच रिपोर्ट अधिकारी तक पहुंच गई है। माना जा रहा है कि जल्द ही जांच के बाद बरामद किया गया पेन ड्राइव केस संबंधित बड़े राज उगल सकती है। दरअसल 24 जून को महिला एएसआई पर गोली चलाने के बाद भोपाल के श्यामला हिल्स थाना टीआई हाकम सिंह पंवार ने खुद को गोली मार ली थी। सनसनीखेज घटना के सामने आते ही मुख्यालय में हड़कंप मच गया था। टीआई का शव बरामद करने और घायल पुलिसकर्मी को उपचार के लिए पहुंचाने के बाद देर तक जांच चली थी। अधिकारियों ने शुरुआती जांच में महिला पुलिसकर्मी और उनके भाई से पूछताछ की थी। उनके वीडियोग्राफी कर बयान लिए थे, जिसमें कार को लेकर विवाद सामने आया था। कार को लेकर टीआई, महिला पुलिसकर्मी और उनके भाई के बीच कैफे पर चर्चा हुई थी। इसके बाद परिसर में गोली चल गई। घटना के बाद टीआई के तीन मोबाईल जिसमें दो छोटे और एक लॉक एंड्राइड मोबाइल जब्त हुआ था। जांच में अब तक पुलिस को घायल महिला का मोबाइल नहीं मिला है | हालांकि पुलिस ने उनके भाई का मोबाइल जांच में शामिल किया था, दोनों मोबाइल को जांच के लिए भोपाल स्थित लैब भेजा था, मंगलवार को महिला पुलिसकर्मी उक्त मोबाइल से रिकवर डाटा को पेनड्राइव में स्टोर कराने के बाद शहर लाई है, जानकारी है कि पेनड्राइव में बड़ी संख्या में फाइल है, कई वीडियो और निजी डाटा भी है,अब तक कुछ ही वीडियो देखें है, अब तक केस से संबंधित बात सामने नहीं आई है, व्हाट्सएप फाइल भी दिख रही है, इसकी जांच में समय लग सकता है। इंस्पेक्टर की मौत के मामले में अफसर बारीकी से जांच करने के साथ विभागीय इज्जत भी बचाने का प्रयास कर रहे है। पंवार की मौत के बाद से उनके कई महिलाओ से संबंध की जानकरी निकलकर सामने आई है। इस बीच गौतमपुरा की रहने वाली एक महिला ने दावा किया था कि वह उनकी असल पत्नी है। उसका नाम रेशमा उर्फ़ जागृति पंवार है. पंवार ने उनके रिटायरमेंट के बाद साथ रखने का दावा किया था। महिला का दावा है कि महिला पुलिसकर्मी के ही दबाब में आकर उन्होंने आत्महत्या की। वह लम्बे समय से उन्हें परेशान कर रही थी। हालांकि पुलिस इसे अंतिम निष्कर्ष तो नहीं मान रही है, लेकिन इसे अहम जरूर मान रही है। डीसीपी धर्मेंद्र भदौरिया के मुताबिक़ तकनीकी साक्ष्य का भी आंकलन किया जा रहा है। इसके साथ ही हर बिंदु की पड़ताल की जा रही है। जांच के बाद जो भी तथ्य स्पष्ट होंगे विधि अनुरूप उस पर कार्रवाई की जाएगी। पुलिस अधिकारी अब तक घटना स्थल पर घटना के वक़्त आसपास मौजूद लगभग 10 लोगों के बयान ले चुके हैं। इसमें पुलिसकर्मी भी शामिल है लेकिन किसी को भी इसकी कुछ जानकारी नहीं है। सभी ने जानकारी की असमर्थता ही जाहिर की है। पुलिस अधिकारी रेशमा उर्फ़ जागर्ति के बयान ले चुकी है। पुलिस अधिकारियों ने इंस्पेक्टर के परिवार के लोगों को बयान देने के लिए कहा है। आशंका है कि परिवार बयानों में स्थिति स्पष्ट कर सकता है। पुलिस अधिकारियों को मोबाइल से रिकवर डेटा से अधिक उम्मीद है। आशंका है कि उसमे अहम सुराग मिल सकता है। बहरहाल अब देखना होगा कि इसंपेक्टर की मौत की गुत्थी सुलझ पाती है या नहीं? और सुलझ भी पाती है तो मौत के पीछे क्या अहम वजह निकल कर सामने आती है।
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