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विशेष

हैदराबाद। सऊदी अरब में बस दुर्घटना में मारे गए लोगों में से हैदराबाद के एक ही परिवार के 18 लोग शामिल हैं। तेलंगाना सरकार ने मृतकों के परिजनों को पांच-लाख रुपये की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है। सरकार मारे गए लोगों का वहीं अंतिम संस्कार कराने के लिए प्रत्येक परिवार से दो सदस्यों को और मंत्री अजहरुद्दीन के साथ पांच लोगों के एक प्रतिनिधिमंडल सऊदी अरब भेज रही है।    मदीना हादसे को लेकर सोमवार को राज्य सरकार की कैबिनेट बैठक हुई। बैठक में मदीना में सड़क हादसे में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की गई है। मंत्रिमंडल ने दुर्घटना प्रभावित परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवज़ा देने का निर्णय लिया है। मंत्रिमंडल ने सुझाव दिया है कि मंत्री अज़हरुद्दीन, एमआईएम के एक विधायक और अल्पसंख्यक मोर्चा के एक अधिकारी सहित एक सरकारी प्रतिनिधिमंडल तुरंत सऊदी अरब भेजा जाए। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि शवों का अंतिम संस्कार वहां धार्मिक परंपरा के अनुसार किया जाएगा। इसके लिए प्रभावित परिवार के दो सदस्यों को ले जाने की व्यवस्था सरकार कर रही है।     सऊदी अरब में हुई सड़क दुर्घटना में एक ही परिवार के 18 लोगों की मौत हुई है। यह परिवार हैदराबाद के विद्यानगर निवासी नजीरुद्दीन का है। नसीरुद्दीन सेवानिवृत्त रेलवे कर्मचारी थे। वह अपने परिवार के साथ मक्का की तीर्थयात्रा पर गए थे। दुर्घटना की जानकारी मिलते ही नसीरुद्दीन के रिश्तेदार और दोस्त उनके घर पहुंच गए। एक परिवार के 18 लोगों की मौत से इलाके में मातम छाया है।    उल्लेखनीय है कि सोमवार तड़के सऊदी अरब में मदीना के पास भारतीय श्रद्धालुओं से भरी बस एक टैंकर से टकरा गई, जिसके बस में आग गई। तेलंगाना हज समिति ने एक बयान जारी कर बताया कि इस सड़क हादसे में मरने वालों में 17 पुरुष, 18 महिलाएं और 10 बच्चे शामिल हैं। ये सभी हैदराबाद के निवासी थे। उन्होंने बताया कि ये सभी इसी महीने की 9 तारीख को चार ट्रैवल एजेंसियों के माध्यम से उमराह के लिए निकले थे। मक्का की तीर्थयात्रा के बाद यह सभी मदीना जा रहे थे। मदीना से 25 किलोमीटर पहले उनकी बस की एक डीजल टैंकर में टक्कर हो गई।    

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फरीदाबाद। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की आतंकवाद-विरोधी नीति स्पष्ट और कठोर है। उन्होंने आश्वस्त किया कि दिल्ली बम विस्फोट के दोषियों को पाताल से भी ढूंढकर न्याय के कटघरे में खड़ा किया जाएगा और उन्हें सख्त से सख्त सजा दिलाई जाएगी।हरियाणा के फरीदाबाद में सोमवार को आयोजित उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की 32वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री शाह ने दिल्ली कार बम विस्फोट और जम्मू-कश्मीर के नौगाम पुलिस स्टेशन धमाके के दोषियों को “पाताल से भी खोजकर सख्त सजा दिलाने” का संकल्प दोहराया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आतंकवाद को जड़ से समाप्त करना सभी राज्यों की साझा प्रतिबद्धता है। बैठक में महिलाओं-बच्चों की सुरक्षा, फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालयों की संख्या बढ़ाने, सहकारिता-आधारित विकास, जल प्रबंधन और क्षेत्रीय समन्वय से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई।गृह मंत्री ने सूरजकुंड की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत का उल्लेख करते हुए कहा कि यह भूमि न केवल कला और संस्कृति का केंद्र है बल्कि भारतीय परंपराओं के संरक्षण की प्रेरणाशक्ति भी है। उन्होंने सिख गुरुओं, विशेषकर गुरु तेग बहादुर और गुरु गोबिंद सिंह के बलिदानों को स्मरण करते हुए कहा कि उनकी वीरता और मूल्यों ने भारतीय सभ्यता को अमिट दिशा प्रदान की है।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का दृष्टिकोण है कि सशक्त राज्य ही सशक्त राष्ट्र का निर्माण करते हैं और इसे जमीन पर उतारने में क्षेत्रीय परिषदों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। संवाद, सहयोग, समन्वय और ‘पॉलिसी सिनर्जी’ के माध्यम से कई जटिल अंतर-राज्यीय मुद्दों का समाधान इन परिषदों के जरिए संभव हुआ है।महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए अमित शाह ने कहा कि पोस्को और बलात्कार के मामलों की त्वरित जांच और शीघ्र निपटान आवश्यक है। उन्होंने राज्यों से फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालयों की संख्या बढ़ाने और मामलों का समयबद्ध निपटारा सुनिश्चित करने का आग्रह किया।सहकारिता, कृषि, मछली पालन और पोल्ट्री जैसे क्षेत्रों को गरीबी उन्मूलन और रोजगार सृजन का बड़ा माध्यम बताते हुए गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के सहकार से समृद्धि के मंत्र से प्रेरित होकर सहकारी तंत्र को मजबूत किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सहकारिता मंत्रालय ने देशभर में सहकारी संस्थाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए 57 बड़े कदम उठाए हैं, जिनमें पैक्स के कंप्यूटरीकरण, नई राष्ट्रीय सहकारी समितियों की स्थापना और त्रिभुवन सहकारी यूनिवर्सिटी की स्थापना शामिल है।अमित शाह ने कहा कि 2004–14 की तुलना में 2014–25 के बीच क्षेत्रीय परिषदों की बैठकों में लगभग ढाई गुना वृद्धि हुई है। इस अवधि में कुल 64 बैठकें हुईं, जिनमें 1600 मुद्दों पर चर्चा हुई और 1303 (81.43 प्रतिशत) का समाधान निकाला गया। यह राज्यों, केन्द्र और अंतर-राज्य परिषद सचिवालय के सक्रिय सहयोग का परिणाम है।गृह मंत्री ने जल प्रबंधन को लेकर उत्तर भारत के सभी राज्यों से सामूहिक प्रयास की अपील की। उन्होंने कहा कि गाद निकासी के कार्य को सभी राज्यों को प्राथमिकता देनी चाहिए ताकि जल संकट की समस्या का दीर्घकालीन समाधान हो सके।उन्होंने मिलेट्स को बढ़ावा देने की दिशा में राजस्थान के योगदान की सराहना करते हुए सुझाव दिया कि राज्यों को गरीबों को वितरित किए जाने वाले 5 किलो अनाज में मिलेट्स को शामिल करने पर विचार करना चाहिए। इससे न केवल मिलेट्स का उत्पादन बढ़ेगा बल्कि नई पीढ़ी में पौष्टिक अनाज के प्रति रुचि भी बढ़ेगी।बैठक में महिलाओं-बच्चों के खिलाफ अपराधों की त्वरित जांच, ईआरएसएस-112 प्रणाली, बैंकिंग सुविधाओं का विस्तार, जल बंटवारा, पर्यावरण, उच्च शिक्षा, स्कूल ड्रॉपआउट दर में कमी और आयुष्मान भारत में सार्वजनिक अस्पतालों की भागीदारी सहित कई प्रमुख राष्ट्रीय मुद्दों पर भी चर्चा हुई।बैठक में हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, चंडीगढ़ और लद्दाख के मुख्यमंत्री, उपराज्यपाल, प्रशासक और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।    

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ढाका/गोपालगंज। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को अपराध ट्रिब्यूनल ने मानवता के खिलाफ अपराधों के मामलों में फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद बांग्लादेश में व्यापक विद्रोह भड़क उठा है। राजधानी ढाका और हसीना के गढ़ गोपालगंज दोनों ही स्थानों पर प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच तनाव बढ़ गया है।गोपालगंज में विरोध और सड़क जामगोपालगंज के कशियानी उपजिला में दायित्व रखने वाले बैन किए गए छात्र संगठन छात्र लीग (Chhatra League) के कार्यकर्ताओं ने ढाका–खुलना राजमार्ग बंद कर विरोध प्रदर्शन किया। विरोधी प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर लकड़ी के ठूंठ रख दिए, जिस कारण विभिन्न प्रकार की वाहनों की आवाजाही ठप हो गई। पुलिस कार्य़ जल्द मौके पर पहुंची और जाम तोड़कर यातायात बहाल करने में सफल रही। प्रदर्शनकारियों ने शेख हसीना और आवामी लीग के समर्थन में नारे लगाए।ढाका में भी हिंसक झड़पेंसजा की खबर आने के बाद ढाका के धनमोंडी 32 इलाके में तनाव चरम पर पहुंच गया। सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। शहर में पुलिस और सीमापार्टी बल की तैनाती की गई है। इससे पहले शनिवार शाम को ढाका में कई कच्चे बम फटे, जिससे सार्वजनिक भय बढ़ गया। राजधानी में सार्वजनिक परिवहन सेवाएं भी बंद रहने के बीच परिचालन बहुत कम हो गया है, क्योंकि लोग सड़क पर नहीं निकल रहे।सजा और राजनीतिक पृष्ठभूमिअंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण की जजों की पीठ ने लगभग दो घंटों तक सुनवाई के बाद शेख हसीना और पूर्व गृह मंत्री असदुज़्ज़मान खान कमाल को फांसी की सजा सुनाई। इस फैसले के मद्देनजर बांग्लादेश की राजनीति में अब और अधिक अस्थिरता की आशंका है, क्योंकि आवामी लीग समर्थक और हसीना के समर्थक बड़े पैमाने पर सड़क पर उतर आए हैं।

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लखनऊ/पटना। देश की राजनीति आज एक ऐसे मोड़ पर खड़ी है,जहां कांग्रेस की भूमिका और भविष्य को लेकर बहस तेज हो गई है। बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों से यह तस्वीर और साफ दिख रही है। देश अब उस दिशा में बढ़ रहा है,जिसे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) वर्षों से राजनीतिक नारा मानकर दोहराती रही 'कांग्रेस-मुक्त भारत'।   भाजपा प्रवक्ता आनन्द दूबे ने कहा कि भारत का राजनीतिक परिदृश्य 2025 में जिस तेजी से बदल रहा है,उसने अब वैश्विक राजनीति के विशेषज्ञों का ध्यान भी अपनी ओर खींच लिया है। दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक आबादी वाले देश में राष्ट्रीय दल कांग्रेस का लगातार सिकुड़ना और भाजपा का व्यापक उभार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अध्ययन का बड़ा विषय बन गया है। उन्होंने बताया कि वैश्विक थिंक-टैंक इसे 'भारत की राजनीतिक शक्ति में बदलाव' कह रहे हैं।   राजनीति शास्त्र के प्रोफेसर जगमीत बावा मानते हैं कि भारत में यह बदलाव किसी साधारण चुनावी परिणाम का मामला नहीं है,बल्कि एक सदी पुराने दल के क्षरण और एक नए राजनीतिक विचार की स्थायी स्थापना का ऐतिहासिक मोड़ है।   क्षेत्रीय दलों के लिए बोझ बना कांग्रेस का साथ   राजनीति के तमाम विश्लेषकों का एक ही निष्कर्ष है कि पिछले 10 वर्षों में कांग्रेस किसी भी गठबंधन को मजबूती नहीं दे पाई। उल्टा हाल यह हो गया कि जिन राज्यों में क्षेत्रीय दल कांग्रेस के साथ आए, वे दल अपने पारंपरिक वोटबैंक को बचाने में संघर्ष करने लगे। कई राज्यों में कांग्रेस का साथ लेना, किसी भी गठबंधन के लिए 'इलेक्टोरल रिस्क' साबित हुआ। बिहार चुनाव 2025 इसका ताजा उदाहरण है। महागठबंधन की सबसे कमजोर कड़ी कांग्रेस ही बनी और नतीजों में उसका प्रदर्शन बेहद खराब रहा।   भाजपा के बढ़ते प्रभुत्व से कांग्रेस का क्षरण तेज   वरिष्ठ पत्रकार लव कुमार मिश्र की मानें, तो भाजपा अब सिर्फ एक मजबूत पार्टी नहीं,बल्कि एक राष्ट्रीय राजनीतिक शक्ति के रूप में स्थापित हो चुकी है। हर चुनाव में भाजपा का नेतृत्व, संगठन और कैडर कांग्रेस से कोसों आगे दिखाई देता है। कांग्रेस के पास न मजबूत नेतृत्व, न स्पष्ट नैरेटिव और न ही जमीनी रणनीति है। तीनों की कमी ने उसे राष्ट्रीय राजनीति के हाशिये पर पहुंचा दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा का विकास, राष्ट्रवाद और हिंदुत्व मॉडल आज अधिकांश राज्यों में कांग्रेस के पारंपरिक वोटबैंक को भी अपनी ओर खींच चुका है।   देश कांग्रेस मुक्त राजनीति की ओर!   लव कुमार मिश्र ने कहा कि चुनावी आंकड़ों पर भरोसा करें, तो रुझान बिल्कुल साफ है। लगातार पराजय ने कांग्रेस को सिर्फ कमजोर नहीं किया, बल्कि कई राज्यों में उसे लगभग अप्रासंगिक भी बना दिया है। संगठनात्मक ढांचा टूट चुका है, युवा नेतृत्व नदारद है और पुराने नेताओं की पकड़ कमजोर हुई है। 2025 के बाद कांग्रेस एक राष्ट्रीय दल के बजाय धीरे-धीरे क्षेत्रीय-मानदंड वाली पार्टी बनने की ओर बढ़ती दिख रही है।   भारत की राजनीति में भाजपा का उभार   जनसंख्या के लिहाज से दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में भाजपा का मजबूत राजनीतिक प्रभुत्व अब वैश्विक थिंक-टैंकों के लिए एक नए राजनीतिक मॉडल के रूप में खड़ा हो रहा है। विशेषज्ञ बता रहे हैं कि भाजपा के नेतृत्व में भारत दीर्घकालिक वैचारिक सुदृढ़ीकरण के दौर से गुजर रहा है। भाजपा का संगठन कांग्रेस से 10 गुना अधिक सक्रिय है। नेतृत्व, नैरेटिव, कैडर, तकनीक, सोशल मीडिया हर स्तर पर बढ़त और हिंदुत्व, विकास तथा राष्ट्रवाद का सम्मिलित मॉडल अब अंतरराष्ट्रीय राजनीति के अध्ययन का विषय बन गया है।   कांग्रेस के पास न नेतृत्व, न रणनीति, न जन-आकर्षण   राजनीतिक विश्लेषक प्रोफेसर जगमीत बावा के अनुसार, तीन संकेत स्पष्ट हैं। उनका मानना है कि कांग्रेस के पास न नेतृत्व, न रणनीति, न जन-आकर्षण है। राजनीति में इतनी बड़ी पार्टी का बिना किसी मजबूत चेहरे के रह जाना 'अनुपम घटना' है। जिस पार्टी ने भारत को आजादी दिलाई,वही 10 करोड़ वोटर बेस खो चुकी है। यह दुनिया को चौंका रहा है। भारत में विपक्ष में कांग्रेस अब 'एसेट' नहीं, बल्कि 'लायबिलिटी' मानी जा रही है। यह बात राजनीति के लिए भी नया संकेत है।   'न्यू इंडिया मॉडल' पर दुनिया की नजर   जगमीत बावा ने बताया कि भारत आज वैश्विक भू-राजनीति, अर्थव्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर तेजी से उभर रहा है। ऐसे में देश के भीतर कांग्रेस का पतन और भाजपा का अभूतपूर्व उभार दुनिया को एक स्पष्ट संकेत दे रहा है कि भारत एक स्थायी, विचार आधारित, नेतृत्व केंद्रित राजनीतिक मॉडल की ओर बढ़ रहा है। यह मॉडल आने वाले वर्षों में एशिया और अफ्रीका की कई लोकतांत्रिक राजनीति को प्रभावित कर सकता है।  

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- अनुभव का थिंक-टैंक: रिटायर्ड अधिकारियों को सिस्टम से जोड़ने के हों प्रयास (प्रवीण कक्कड़) भारत राजनीति, व्यापार और सामाजिक नेतृत्व—तीनों ही क्षेत्रों में उम्र और अनुभव को सम्मान देता है। 60 वर्ष से अधिक आयु के नेता जब संसद में बोलते हैं तो उनकी बात दिशा बन जाती है। बड़े उद्योग अपने बोर्ड में अनुभवी लोगों को शामिल करते हैं, क्योंकि संकट की घड़ी में अनुभव ही सबसे विश्वसनीय सलाहकार होता है। समाज में भी वरिष्ठ नागरिक अपनी दृष्टि, अपनी स्मृति और अपनी जीवन-यात्रा से नई पीढ़ी को संभालने का काम करते हैं। लेकिन एक गहरी विडंबना है: पूरे देश में वही सम्मान और वही उपयोग पुलिस तथा प्रशासनिक सेवाओं के रिटायर्ड अधिकारियों को नहीं मिलता जबकि उनका अनुभव सबसे कठिन, सबसे जोखिमपूर्ण और सबसे व्यावहारिक होता है। एक पुलिस अधिकारी 30–35 वर्षों तक अपराध के मनोविज्ञान को समझता है, भीड़ की नब्ज पहचानता है, संवेदनशील परिस्थितियों को शांत करता है, नक्सल क्षेत्रों में रणनीति बनाता है, सामाजिक संघर्षों को संभालता है, और हर तरह के अपराध के “ग्राउंड रियलिटी पैटर्न” को अपनी आँखों से देखता है। ये अनुभव किताबों में नहीं पढ़े जाते बल्कि फिल्ड में सीखे जाते हैं और उस अनुभव से युवाओं को प्रेरणा दी जाती है। मध्य प्रदेश सहित देश के हर राज्य में ऐसे हज़ारों रिटायर्ड पुलिस अधिकारी हैं, जो आज भी ऊर्जा और विवेक से भरपूर हैं। पर रिटायरमेंट के साथ ही यह अमूल्य अनुभव एक तरह से “फाइल बंद” कर दिया जाता है। और यही वह राष्ट्रीय नुकसान है, जिसके समाधान पर अब गंभीरता से सोचना होगा।  अनुभव की कीमत राजनीति और व्यापार समझते हैं, लेकिन पुलिस-प्रशासन क्यों नहीं? राजनीति में वरिष्ठ नेता मार्गदर्शक बनते हैं। कॉर्पोरेट जगत में अनुभवी लोग बोर्ड में शामिल होते हैं। लेकिन पुलिस और प्रशासन में जो नागरिक जीवन की सुरक्षा का संवेदनशील स्तंभ हैं वहीं रिटायर्ड अधिकारियों के अनुभव का व्यवस्थित उपयोग लगभग न के बराबर है। जबकि पुलिस सेवा में अनुभव की कोई बराबरी ही नहीं। क्योंकि अपराधी कैसे सोचता है, दंगों में कौन सी गलती सबसे महँगी पड़ती है, आर्थिक अपराधों के पैटर्न क्या हैं, सायबर अपराधियों की मनोवृत्ति कैसे बदलती है, सामुदायिक पुलिसिंग में कौन-सी भाषा भरोसा बनाती है…यह सब केवल वही समझ सकता है जिसने इसे जिया है। मध्य प्रदेश: एक राष्ट्रीय मॉडल बनने की क्षमता मध्य प्रदेश भौगोलिक, सांस्कृतिक और प्रशासनिक रूप से बहुआयामी राज्य है। यहाँ शहरी अपराध भी हैं, ग्रामीण संवेदनशीलताएँ भी हैं, आदिवासी बेल्ट की विशिष्ट चुनौतियाँ भी हैं, और नक्सल क्षेत्रों का दबाव भी। ऐसे में रिटायर्ड पुलिस अधिकारियों के अनुभव का उपयोग न केवल ज़रूरी है, बल्कि नवाचार का अवसर भी है। राज्य अगर साहस दिखाए, तो यह मॉडल पूरे भारत के लिए मिसाल बन सकता है। कहाँ-कहाँ रिटायर्ड अधिकारियों का अनुभव सोना साबित हो सकता है 1. पुलिस ट्रेनिंग सेंटरों में अतिथि विशेषज्ञ (Guest Faculty) युवा भर्ती तकनीकी ज्ञान सीख लेते हैं, लेकिन जमीनी अनुभव नहीं मिलता। रिटायर्ड डीएसपी, एसपी, DIG, IG, ADG यदि पढ़ाएँ— •वास्तविक केस-स्टडी •पूछताछ की कला •क्राइम साइकोलॉजी •भीड़ प्रबंधन •महिला–बाल अपराध की संवेदनशीलता •तो पुलिस फोर्स का स्तर कई गुना बढ़ सकता है। 2. जटिल अपराधों की जाँच में Special Expert Panels हर ज़िले में 10–15 अनुभवी रिटायर्ड अधिकारियों का पैनल बनाया जाए: •हत्या व संगठित अपराध •साइबर फ्रॉड •नाबालिग अपराध •महिला अत्याचार •क्रॉस-डिस्ट्रिक्ट गैंग पैटर्न •अमेरिका, कनाडा, जापान में ऐसा दशकभर से चल रहा है। भारत में CBI/ED भी कई बार रिटायर्ड विशेषज्ञों की मदद लेती हैं। MP इसे जिला स्तर पर लागू कर सकता है। 3. सामुदायिक पुलिसिंग (Social Policing) •विश्वास पुलिसिंग का सबसे बड़ा आधार है। •रिटायर्ड अधिकारी यहाँ “सीनियर एडवाइज़र” बन सकते हैं— •महिलाओं की सुरक्षा अभियान •ड्रग डी-एडिक्शन प्रयास •स्कूल–कॉलेज सेफ़्टी कमेटी •साइबर अवेयरनेस •ट्रैफिक एवं सामाजिक जागरूकता •उनकी विश्वसनीयता जनता के मन में पुलिस के लिए सम्मान बढ़ाती है। 4. नीति निर्माण में Advisory Boards रिटायर्ड IAS/IPS अधिकारियों को Policy Advisory Council में शामिल किया जाए। नीतियाँ तभी सफल होती हैं जब उनमें फील्ड अनुभव की खुशबू हो। विश्व और भारत के सफल उदाहरण जापान – Ko-ban Policing System रिटायर्ड अधिकारी सामुदायिक पुलिसिंग के प्रशिक्षक हैं— परिणाम: अपराध दर ऐतिहासिक स्तर तक कम। सिंगापुर – Community Safety Ambassadors रिटायर्ड विशेषज्ञ स्थानीय समुदाय की सुरक्षा रणनीति गाइड करते हैं— परिणाम: दुनिया की सबसे सुरक्षित सोसायटी। तमिलनाडु – पूर्व DGP के. विजय कुमार का मॉडल “ नक्सल समस्या से निपटने में सेवानिवृत्त अधिकारियों की रणनीतिक भूमिका बेहद सफल रही ।” मध्य प्रदेश के लिए एक व्यवहारिक ब्लूप्रिंट 1. Retired Officers Resource Panel (RORP) हर ज़िले में 10–20 विशेषज्ञ। 2. पुलिस ट्रेनिंग में Guest Faculty System साप्ताहिक, मासिक सेशन। 3. District Expert Investigation Pool जटिल और संवेदनशील मामलों में सक्रिय भूमिका। 4. Senior Citizen Advisory Force सामाजिक पुलिसिंग और जनसंपर्क। 5. Policy Advisory Council (IPS/IAS Retired) राज्यस्तरीय प्रशासनिक सुधार। 6. सम्मान एवं पुनर्स्थापन कार्यक्रम “सेवा निवृत्त, अनुभव निवृत्त नहीं” का संदेश।   रिटायरमेंट किसी अधिकारी की क्षमता का अंत नहीं  रिटायरमेंट किसी अधिकारी की क्षमता का अंत नहीं, बल्कि अनुभव की पराकाष्ठा है। जिस राष्ट्र ने अपने अनुभवी लोगों को सम्मान दिया, वही राष्ट्र आगे बढ़ा। मध्य प्रदेश यदि रिटायर्ड अधिकारियों को प्रणालीबद्ध भूमिका दे देता है, तो सिर्फ अपराध नियंत्रण नहीं—बल्कि शासन, प्रशिक्षण और समाज में एक नई संस्कृति विकसित होगी। एक अनुभवी अधिकारी की एक सही सलाह—एक बड़े संकट को रोक सकती है,  और भविष्य की पीढ़ियों को सुरक्षित बना सकती है।

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श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक नलिन प्रभात ने शनिवार को उन परिस्थितियों का विवरण दिया जिनके कारण कल रात नौगाम पुलिस स्टेशन में घातक विस्फोट हुआ। इस हादसे में 9 लोगों की मौत हो गई और 29 लोग घायल हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।   श्रीनगर में शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए डीजीपी ने कहा कि चल रही जाँच के दौरान फरीदाबाद से बरामद भारी मात्रा में विस्फोटकों को मानक प्रक्रिया के तहत नौगाम पुलिस स्टेशन में सुरक्षित और संग्रहित किया गया है। बरामद सामग्री की संवेदनशील और अस्थिर प्रकृति के कारण नमूनाकरण और जाँच अत्यधिक सावधानी के साथ की जा रही है।   डीजीपी ने कहा कि सभी सावधानियों के बावजूद कल रात एक आकस्मिक विस्फोट हुआ जिसके परिणामस्वरूप 9 लोगों की दुखद मृत्यु हो गई और 29 अन्य घायल हो गए हैं। घटना के कारणों की जाँच जारी है।   पुलिस महानिदेशक के अनुसार 9 मृतकों में एक एसआईए अधिकारी, 3 एफएससीएल कर्मी, 2 क्राइम फ़ोटोग्राफ़र, 2 राजस्व अधिकारी और 1 दर्जी शामिल हैं। नागरिकों और पुलिसकर्मियों सहित 29 अन्य घायल हुए हैं जिनका इलाज चल रहा है। विस्फोट से इमारत और आसपास की संरचनाओं को भी भारी नुकसान हुआ। डीजीपी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस सभी मृतकों के परिवारों के साथ पूरी एकजुटता से खड़ी है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करती है।  

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पटना । बिहार में एक बार फिर नरेन्द्र मोदी और नीतीश कुमार की जोड़ी सुपरहिट हो गई है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को प्रचंड बहुमत मिला है। वहीं, तीसरी ताकत के रूप में पूरा जोर लगाने वाले प्रशांत किशोर (पीके) का खाता भी नहीं खुला। दिलचस्प यह है कि बिहार चुनाव में पीके से कम चर्चित रहे असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) 5 और मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) 1 सीट जीतने में सफल रही।   बिहार विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम ने सीमांचल क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन किया है। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने पांच सीटों पर आसान जीत दर्ज की और महागठबंधन को भारी नुकसान पहुंचाया। एआईएमआईएम के अध्यक्ष और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कुल 25 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। इनमें से 23 मुस्लिम उम्मीदवार थे। एआईएमआईएम मुख्य रूप से मुस्लिम बहुल सीमांचल क्षेत्र (किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार) में चुनाव लड़ रही थी।   एआईएमआईएम की ओर से जोकीहाट सीट से मोहम्मद मुर्शिद आलम, बहादुरगंज सीट से मो. तौसीफ आलम, कोचाधामन से मो. सरवर आलम, अमौर से अखतरुल ईमान और बायसी सीट से गुलाम सरवर ने जीत का परचम लहराया। एआईएमआईएम को कुल 9 लाख 30 हजार 504 (1.85 फीसदी) वोट मिले, जबकि राजद को 23 प्रतिशत वोट मिले हैं।    जोकीहाट विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम ने दूसरी बार बड़े-बड़े दिग्गजों को पटकनी देकर शानदार जीत दर्ज कर राजनीतिक गलियारों में सनसनी फैला दी है। चुनावी मैदान में तीन पूर्व मंत्रियों को मुर्शिद आलम ने धूल चटा दी। मैदान में महागठबंधन के उम्मीदवार पूर्व मंत्री शाहनवाज आलम, पूर्व सांसद और जनसुराज के उम्मीदवार सरफराज आलम व जदयू से पूर्व मंत्री शाहनवाज आलम डटे थे, लेकिन ओवैसी फैक्टर ने मुस्लिम मतदाताओं का ध्रुवीकरण कर सबों की मंशा पर पानी फेर दिया।   राजनीतिक विश्लेषक के.पी. त्रिपाठी कहते हैं कि ओवैसी ने सीमांचल की कई सीटों पर मजबूत मुस्लिम उम्मीदवार उतारे, जिससे सीधा मुकाबला हुआ। एआईएमआईएम ने मुस्लिम वोटों का एक बड़ा हिस्सा अपनी ओर खींच लिया, जिससे कई सीटों पर महागठबंधन के उम्मीदवार राजग के प्रत्याशियों के मुकाबले पिछड़ गए। एआईएमआईएम ने सीमांचल में अपनी गहरी पैठ बना ली है, यह समझने में महागठबंधन के रणनीतिकार चूके। कई सीटों पर एआईएमआईएम, राजद और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय या चतुष्कोणीय मुकाबला देखने को मिला। इसका सीधा फायदा राजग को मिला।   राजनीतिक व टिप्पणीकार सुशील शुक्ल कहते हैं कि राजद ने एआईएमआईएम के सभी विधायकों को तोड़ कर अपने साथ मिला लिया था, इससे पार्टी की साख खराब हुई थी। ओवैसी की पार्टी ने पांच साल जमीन पर मेहनत की और इस चुनाव में आखिरकार अपना बदला चुका लिया। यह प्रदर्शन तेजस्वी की उस रणनीति पर सवाल खड़े करता है,जिसके तहत महागठबंधन ने एआईएमआईएम को किनारे कर दिया था। जनसुराज की गतिविधियों का लाभ भी सीमांचल में ओवैसी के उम्मीदवारों को ही मिल गया।   2020 के बिहार चुनाव में भी ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के 5 प्रत्याशी जीते थे। चुनाव बाद अख्तरुल ईमान को छोड़कर बाकी के चार विधायक राजद में शामिल हो गए थे। 2020 के चुनाव में एआईएमआईएम ने अमौर, बहादुरगंज, बायसी, जोकीहाट और कोचाधामन सीट पर जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में एआईएमआईएम को 1.24 प्रतिशत मत मिला था, जबकि राजद के पक्ष में 23.11 प्रतिशत वोटिंग हुई थी।    गौरतलब है कि 2025 के चुनाव से पहले एआईएमआईएम ने राजद के साथ गठबंधन के लिए पूरी कोशिश की थी। अख्तरुल ईमान ढोल नगाड़े लेकर राबड़ी देवी के आवास पर पहुंचे थे। इसके बाद भी तेजस्वी यादव ने एआईएमआईएम के साथ गठबंधन करने से मना कर दिया था। इतना ही नहीं, तेजस्वी यादव ने एआईएमआईएम से आए चारों विधायकों के टिकट भी काट दिए थे।   राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि एआईएमआईएम का मजबूत प्रदर्शन महागठबंधन, खासकर राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के लिए वोट-कटवा साबित हुआ है। 2020 में भी यही हुआ था। बावजूद इसके महागठबंधन ने ओवैसी को कोई तवज्जो नहीं दी। यह रणनीति महागठबंधन को बहुत भारी पड़ गया। एआईएमआईएम का यह प्रदर्शन महागठबंधन के लिए एक बड़ा सबक भी है, वह यह कि ओवैसी की पार्टी से समझौता न करने की भारी कीमत महागठबंधन को चुकानी पड़ी है।  

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सूरत/नर्मदा । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज गुजरात के नर्मदा जिले के डेडियापाडा क्षेत्र पहुंचे, जहाँ उन्होंने सागबारा स्थित आदिवासियों की कुलदेवी देवमोगरा माता मंदिर में विधिवत पूजा-अर्चना की। वे ‘आदिवासी गौरव दिवस’ कार्यक्रम में शामिल होंगे।    गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान के आदिवासी समाज का यह मंदिर चार राज्यों के लाखों श्रद्धालुओं की आस्था और श्रद्धा का प्रमुख केंद्र है।प्रधानमंत्री के आगमन के दौरान मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भारी उमड़ी भीड़ हुई थी इससे पूरे क्षेत्र में उत्साह माहौल दिखाई दिया।देवमोगरा माता कौन हैं?देवमोगरा माता (जिसे कुछ स्थानों पर पांडोरी माता या मोगली माता भी कहा जाता है) आदिवासी समाज की कुलदेवी मानी जाती हैं। इन्हें सतपुड़ा और नर्मदा घाटी के आदिवासियों की रक्षक देवी माना जाता है। देवी के बारे में मान्यता है कि वे जंगल, खेती, जनजातीय जीवन और संकटों में समुदाय की रक्षा करती हैं।गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान के भील, वसावा, कुकना, गामित, चौधरी समेत कई आदिवासी समुदाय विशेष रूप से इस देवी को पूजते हैं।देवमोगरा माता मंदिर का इतिहास—देवमोगरा मंदिर प्राचीन आस्था स्थल माना जाता है। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार यह मंदिर कई पीढ़ियों पहले एक तपस्वी द्वारा देवी के दर्शन होने के बाद स्थापित किया गया था। प्रारंभ में यह एक छोटा प्राकृतिक स्थल था, जिसे बाद में श्रद्धालुओं ने विकसित कर मंदिर का स्वरूप दिया। हर वर्ष बड़े पैमाने पर आदिवासी मेला लगता है, जहां दूर-दूर से भक्त दर्शन के लिए आते हैं। डेडियापाडा-सागबारा क्षेत्र में यह स्थान आदिवासी संस्कृति का एक मुख्य आध्यात्मिक केंद्र है।प्रधानमंत्री ने की समाज और देश के लिए मंगल कामनाप्रधानमंत्री मोदी ने मंदिर पहुँचकर माता के दर्शन किए, पूजा-अर्चना की और प्रदेश के आदिवासी समाज और देश के लिए मंगलकामना की। इसके बाद वे डेडियापाडा में आयोजित ‘आदिवासी गौरव दिवस’ कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रवाना हो गए।  

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  लगेगी शांडिल्य गुरु की प्रतिमा      कोलार रोड के दूसरे छोर भदभदा चौराहे पर उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने  ब्रह्मलीन बालगोविंद शांडिल्य गुरुजी की प्रतिमा स्थापना तथा चौराहे के सौंदर्यीकरण का भूमि-पूजन किया। सौंदर्यीकरण के लिये 8 लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं।   श्री गुप्ता ने कहा कि सरकार शहर के विकास के लिये सतत प्रयत्नशील है। उन्होंने शासन की विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि नागरिक शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये आगे आयें। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि घर-घर जाकर नागरिकों को शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये प्रेरित करें। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा कोटरा में सड़क भूमि-पूजन उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने आई-5 शासकीय आवास कोटरा के पास सड़क निर्माण का भूमि-पूजन किया। सड़क की लागत 20 लाख है। श्री गुप्ता ने सड़क का कार्य गुणवत्तापूर्ण करवाने के निर्देश दिये। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।     Attachments area          

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      मध्यप्रदेश के प्राचीन मंदिरों में भगवान के दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को अब प्रदेश के पुरावैभव, कला और संस्कृति की झलक भी वहां देखने को मिलेगी। इसके लिए राज्य सरकार मंदिरों में संग्रहालयों का निर्माण कराएगी। इस योजना को संस्कृति, धर्मस्व और पुरातत्व विभाग मिलकर अंजाम देंगे। मध्यप्रदेश में इस समय कई प्रसिद्ध मंदिर है जहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है। लेकिन इन मंदिरों में फिलहाल प्रदेश की कला-संस्कृति, इतिहास  और पुरावैभव की झलक दिखाने वाले संग्रहालय नहीं है। राज्य सरकार का सोचना है कि जो श्रद्धालु प्रदेश के प्राचीन मंदिरों में पहुंच रहे है वहां उन्हें भगवान के दर्शन के साथ-साथ प्रदेश के पुरावैभव और कला तथा संस्कृति से भी अवगत कराया जाए। इसके लिए इन मंदिरों के ट्रस्टों के पास मौजूद अपार धनराशि का उपयोग किया जाएगा। इन मंदिरों में सबसे पहले बनेंगे संग्रहालय- मध्यप्रदेश में उज्जैन में महाकाल मंदिर, खजराना मंदिर, सतना के मैहर मंदिर, पशुपतिनाथ मंदिर सहित कई ऐसे प्रमुख मंदिर है जहां मंदिरों की देखरेख और संरक्षण के लिए बनाए गए ट्रस्टों के पास श्रद्धालुओं के दान से मिली अपार धन संपदा स्थित है। इन्हीं मंदिरों में सबसे पहले संग्रहालय बनाने की शुरुआत की जाएगी।  इन मंदिरों के समीप काफी जमीन और भवन स्थित है। शिव मंदिरों में सभी बारह ज्योर्तिलिंगों के बारे में पूरी जानकारी एकत्रित कर प्रदर्शित की जाएगी। इसी तरह गणेश मंदिरों में गणेशजी के सभी स्वरुपों उनके इतिहास और महत्व को प्रदर्शित किया जाएगा। भोपाल के समीप स्थित भोजपुर मंदिर में दो सौ मीटर के दायरे के बाहर संग्रहालय बनाने का प्रस्ताव है। यहां भोजपुर के विशालकाय शिवलिंग और मंदिर के निर्माण की एतिहासिक प्रामाणिक  जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। यह मंदिर कब बना, इस तरह के मंदिर और कहां-कहां बनाए जाने थे। यह अधूरा क्यों रह गया। मंदिर के आसपास मिलने वाले शिवलिंग और अन्य पुराधरोहरों को भी यहां संग्रहित किया जाएगा। भोपाल में भी मुस्लिम धर्मावलंबियों से जुड़ी जानकारी, मध्यप्रदेश के प्राचीन नवाबों से जुड़े इतिहास की प्रामाणिक जानकारी गौहर महल या अन्य स्थानों पर प्रदर्शित की जाएगी। मिडटाउन में दुनिया की सबसे बड़ी सेंट पीटर चर्च में संग्रहालय भी है। वेटिकन सिटी में भी म्युजियम है वहां कई तरह के चित्र प्रदर्शित किए गए है। इन चित्रों में इन देशों की कला और संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। जापान में म्युजियम आॅफ पैरासाइड है। भारत के कई राज्यों में भी मंदिर, मस्जिद और चर्च के साथ संग्रहालय लगे हुए है। मध्यप्रदेश में फिलहाल मंदिर, मस्जिद और गिरिजाघरों में संग्रहालय नहीं है। प्रमुख सचिव संस्कृति मनोज श्रीवास्तव ने कहा प्रदेश के मंदिरों पर अब संग्रहालय बनाने की राज्य सरकार की योजना है। इसके जरिए प्रदेश के नागरिकों को धार्मिक आस्था के केन्द्रों पर पहुंचने पर वहां संग्रहालयों में प्रदेश के इतिहास, कला और संस्कृति के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।     Attachments area          

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  कोलार अवैध कब्जों का अड्डा बना    कोलार में राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों और तहसीलदारों की शह पर बेशकीमती जमीन पर जहां-तहां झुग्गियों का निर्माण करने के अलावा दीवारें तानकर अतिक्रमण किया जा रहा है। इन अतिक्रामकों को रोकने के बजाय अफसर उन्हें प्रश्रय दे रहे हैं। कोलार का दशहरा मैदान इसका ताजा उदाहरण है, जहां पिछले माह लगी आग में 50 झुग्गियां खाक हो गईं थी अब वहां 100 से ज्यादा झुग्गियां और मकान बन गए हैं।   लगातार अतिक्रमण बढ़ने की शिकायतों को लेकर एक सप्ताह पहले एडीएम रत्नाकर झा ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए थे कि वे सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाएं। साथ ही सूची तैयार करें, ताकि सरकारी जमीनों पर जमा अतिक्रमणों को हटाया जा सके। हुजूर एसडीएम और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही से फिर कोलार दशहरा मैदान की सरकारी जमीन पर दर्जनों झुग्गियां तन गर्इं।  प्रशासन के सामने यहां पर झुग्गियां बनती गई, लेकिन उन्हें रोकने की हिम्मत किसी ने नहीं की।   डेढ़ साल पहले निगम चुनाव के पूर्व मुख्यमंत्री ने हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के कहने पर कोलार दशहरा मैदान में स्टेडियम बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद कलेक्टर निशांत वरवड़े ने यहां पर दौरा कर एसडीएम माया अवस्थी को झुग्गियां शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अब तक यहां पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।   कोलार दशहरा मैदान के किनारे बनी अवैध झुग्गियां में तीन साल से एक ही स्थान पर आग लग रही है। यहां 40-50 झुग्गियों में आग लगती है और इसके बाद नई 100 झुग्गियां बन जाती हैं। तीन साल में इस स्थान पर 300 से अधिक झुग्गियां अवैध बन गई। लेकिन प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।     Attachments area          

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  पत्र  में प्रज्ञा ने कैंसर की बीमारी का हवाला भी दिया      मालेगांव बम ब्लास्ट में क्लीन चिट मिलने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने अपने तेवर दिखाए हैं। सिंहस्थ में जाने की जिद पर अड़ीं साध्वी ने पंडित खुशीलाल आयुर्वेदिक अस्पताल में आमरण अनशन शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि सरकार ने उन्हें परमिशन नहीं दी, तो वे 21 मई को जल समाधि ले लेंगी। कैंसर से पीड़ित प्रज्ञा ने दवाइयां खाने से भी इनकार कर दिया है। प्रज्ञा ने राज्य सरकार को लिखे पत्र  में कहा कि वे कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रही हैं। हो सकता है कि अगला कुंभ न देख पाएं।इस मसले  पर बोलने से प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।  साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट मिलने के बाद से माना जा रहा है कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का सॉफ्ट कॉर्नर उनके प्रति बढ़ा है। उनके अनशन के मामले में प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर से जब पूछा गया कि सरकार क्या करेगी, तो विवादों से बचने के लिए उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया । गौरतलब है कि साध्वी लगभग सात सालों से जेल में बंद थीं, लेकिन कैंसर के इलाज के लिए कोर्ट ने उन्हें अस्पताल में रहने की परमिशन दी है। प्रज्ञा ने रविवार को लेटर लिखकर शिवराज सरकार से उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ में शामिल होने की परमिशन मांगी थी।उन्होंने यह भी लिखा था कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो वे आमरण अनशन करेंगी। प्रज्ञा ने लिखा, 'वो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं और शायद अगला कुंभ न देख पाएं। इसलिए उनकी अंतिम इच्छा है कि वे उज्जैन कुंभ में जाएं।' प्रज्ञा ने राज्य सरकार समेत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को भी लेटर की कॉपी भेजी है। लेटर के मुताबिक, प्रज्ञा ने सोमवार सुबह 9 बजे तक का समय दिया था। मांग पूरी नहीं होने के कारण वे अपने कुछ सपोर्टर्स के साथ अस्पताल परिसर में ही आमरण अनशन पर बैठ गई हैं। प्रज्ञा ने लेटर में लिखा कि मैं अन्न जल त्याग दूंगी। अगर मुझे कुछ होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी मध्य प्रदेश सरकार की होगी। उन्होंने अपनी सिक्युरिटी को लेकर भी चिंता जाहिर की है। उन्होंने लिखा कि मेरे साथ पहले एसएएफ के जवान रहते थे। उनके हटाए जाने से मेरी जान को खतरा हो सकता है। प्रज्ञा ने जेड प्लस सुरक्षा की मांग की और सवाल पूछा कि जब देवास जिला कोर्ट ने उज्जैन जाने की अनुमति दे दी है, तो फिर सिक्युरिटी का हवाला देकर सरकार कोर्ट की अवमानना क्यों कर रही है? प्रज्ञा की चिट्ठी उनके सबसे विश्वसनीय भगवान झा लेकर पहुंचे थे। जेल सुपरिंटेंडेंट ने भगवान झा को भरोसा दिया के वह मामले को सीनियर अफसरों तक पहुंचा देंगे। भगवान झा ने कहा, 'सरकार के पास पुलिस की कोई कमी नहीं है। इसलिए साध्वी की सिंहस्थ यात्रा सुनिश्चित करा दी जाए, नहीं तो गंभीर परिणाम होंगे।'     Attachments area          

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  हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने किया 2.16 करोड़ की सड़क निर्माण का भूमि पूजन ।कोलार मुख्य मार्ग के समानांतर इस मार्ग से 2 लाख नागरिक होंगे सीधे लाभान्वित ।कोलार वासियो को विभिन्न मार्गो के माध्यम से नये भोपाल , होशंगाबाद रोड , जाने में होगी सहूलियत ।कोलार में बढ़ते ट्रैफिक पर नियंत्रण में हुज़ूर विधायक की कारगर पहल सफल ।हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा के अथक प्रयासों से कोलारवासियो को ट्रैफिक जाम से आये दिन होने वाली दिक्कतों से निज़ात मिलने जा रही है । बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान (कोलार मुख्य मार्ग) तक  बायपास रोड का निर्माण कराया जा रहा है । आज हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने रानी अवंतीबाई मार्ग से मंदाकनी मैदान को जोड़ने वाली सड़क निर्माण कार्य का भूमि पूजन भूमिका रेसीडेंसी पर किया । 2 करोड़ 16 लाख की लागत से बनने वाली 4200 मीटर इस सड़क की चौड़ाई 7.5 मीटर रहेगी, इस सड़क का निर्माण राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा किया जायेगा । श्री शर्मा ने बताया की कोलार मुख्य मार्ग पर आये दिन लगने वाले ट्रैफिक जाम से छुटकारा पाने के लिये इस बाय पास रोड का निर्माण कराया जा रहा है , उन्होंने बताया की बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग का निर्माण पूर्व में कराया जा चूका है । यह रोड  लोक निर्माण विभाग द्वारा बनायीं गयी है  गौरतलब है की उक्त सड़क का भूमि पूजन विधायक शर्मा द्वारा विधायक बनने के तत्काल बाद किया गया था । बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग तक इस सड़क की दूरी कुल 2 किलोमीटर है ।बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान पर कोलार मुख्य मार्ग पर जोड़ने वाले इस बायपास की कुल दूरी 6 किलोमीटर है । श्री शर्मा ने बताया की बहुत जल्द ही जे के अस्पताल के सामने इस मार्ग के जंक्शन पर एक पुल का निर्माण भी कराया जायेगा जो की सीधा शाहपुरा, भरत नगर , हबीबगंज , चुनाभट्टी , अथवा नये भोपाल को जोड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण के पश्च्यात कोलार के किसी भी नागरिक को ट्रैफिक जाम या आपातकालीन स्थिति में परेशान नहीं होना पड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग से कोलार सहित आसपास के लगभग 2 लाख नागरिक इससे सीधे लाभान्वित होंगे ।  श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण से पूर्व  उनके द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियो अधिकारियो एवं स्थानीय नागरिको के साथ दौरा किया गया । फलस्वरूप कोलार को ट्रैफिक से निजात दिलाने के लिये इस बायपास के निर्माण का निर्णय लिया गया । श्री शर्मा ने बताया की घनी आबादी वाले कोलार में नागरिको की सुविधा के मद्देनज़र इस मार्ग का  अलग अलग भागो में निर्माण कराया गया है , जिससे नागरिको को इसका लाभ पहुँच सके !  श्री शर्मा ने स्थानीय नागरिको को संबोधित करते हुए कहा की कोलार के समग्र विकास में निरंतर आपके द्वारा मिल रहे इसी प्रकार के सहयोग की आवश्यकता है आप सब के सहयोग से हम ग्रीन कोलार क्लीन कोलार का निर्माण करेंगे । कार्यक्रम के दौरान श्री शर्मा का स्थानीय नागरिको द्वारा बड़ी फूलो की माला पहनाकर सड़क निर्माण के लिए अभिन्दन किया गया !  मार्ग से लाभान्वित क्षेत्र  एक नज़र में -: बैरागढ़ चीचली , दौलतपुर ,धोली खदान, प्रियंका नगर ,हिनोतिया गांव ,मानसरोवर डेंटल कॉलेज, सुहागपुर ,पिपलिया, गुराडी , सेमरी ,अमरावत कलां ,सोहागपुर ,बांसखेड़ी झुग्गी बस्ती ,सन खेड़ी झुग्गी बस्ती, आकाश नगर , गिरधर परिसर ,सैफरॉन सिटी ,कृष्णा होम्स ,गिरधर गार्डन ,शिवालय परिसर ,सर्वजन सोसाइटी ,डी के 5 ,जे के अस्पताल , सागर प्रीमियम टॉवर, भूमिका रेसीडेंसी ,वेस्टर्न कौर्ट एवं मंदाकनी सोसायटी आदि इस मार्ग पर अन्य रहवासियो  को इस बाय पास का  सीधा लाभ पहुंचेगा ।होशंगाबाद रोड से जुड़ेगा यह मार्ग यह मार्ग चार बत्ती चौराहे से कालीबाड़ी पुल से होते हुए बाबड़िया रेल्वे फाटक से होशंगाबाद रोड से सीधा जुड़ेगा ।दानिश कुंज से कलियासोत नदी पर सलैया पुल के माध्यम से मिसरोद (होशंगाबाद रोड) से सीधा जुड़ेगा ।कार्यक्रम में विशेष रूप से स्थानीय पार्षद एवं एम आई सी सदस्य भूपेंद्र माली ,पार्षद पवन बोराना, मंडल उपाध्यक्ष श्याम मीना, बी एस वाजपेयी , महेश तिवारी , इक़बाल खान , अमित शुक्ल, दीपक माथुर , अरुण तिवारी , डी ले पालीवाल , एस एस सेंगर ,शोभा सिकरवार , श्रीमती गीता मिश्रा,गणेश तिवारी,राजेश सेंगर , राज शर्मा , प्रदीप पाटीदार ,आकाश श्रीवास्तव,सहित बड़ी संख्या में माताये बहने कॉलोनी वासी उपस्थित रहे ।  

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कोलार के वार्ड 82 में आने वाले दानिशकुंज कॉलोनी में नगर निगम द्वारा काम नहीं कराने के बाद भी पार्षद द्वारा निर्माण को लेकर बोर्ड लगाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। गलत जानकारी को लेकर आज दोपहर कांग्रेस पार्षदों, स्थानीय नेताओं और रहवासियों का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम आयुक्त छवि भारद्वाज से मिला। इन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पार्षद जानबूझकर श्रेय की राजनीति कर रहे हैं। जबकि, जनता गर्मी में पानी के लिए हाहाकार मचा रही है, फिर भी उन्हें पानी नहीं दिया जा रहा है। पार्षदों ने यह की मांग : कांग्रेस पार्षद संतोष जितेंद्र कंसाना, मोनू सक्सेना, मनजीत मारण, अमित शर्मा, राहुल सिंह राठौर, अखिलेश जैन सहित रहवासियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयुक्त भारद्वाज से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। इसके अनुसार तत्काल गलत जानकारी देने वाले भाजपा पार्षद भूपेंद्र माली के बोर्ड को नगर निगम प्रशासन हटाए। साथ ही इस मामले में जांच कराएं कि कहीं दानिशकुंज में कराए गए डामर के भुगतान की फर्जी फाइल तो निगम के कार्यालय नहीं पहुंच गई। यदि प्रशासन बोर्ड नहीं लगाएगी, तो कांग्रेसी भी हर वार्ड में ऐसे बोर्ड लगाएगी। दानिशकुंज कॉलोनी में करीब एक करोड़ राशि से डामर कराया गया है। इस पर स्थानीय पार्षद ने खुद डामर कराने के बोर्ड पूरी कॉलोनी में लगा दिए। वहीं, दानिशकुंज सोसायटी ने भी एक विज्ञापन जारी करके कहा कि वह निर्माण उसने कराया है। कुछ लोगों के यहां निर्माण नहीं कराया गया है, वो लोग जल्द ही बकाया राशि जमा कर दें, ताकि बचे हुए स्थानों पर भी डामरीकरण कराया जा सके।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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गाबोरोन (बोत्सवाना) । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि भारत के विकसित भारत 2047 विजन और अफ्रीका के एजेंडा 2063 के तहत दोनों देश मिलकर एक न्यायपूर्ण, टिकाऊ और समावेशी वैश्विक व्यवस्था के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। भारत और बोत्सवाना की साझेदारी लोकतंत्र, मानव गरिमा और समान विकास के साझा मूल्यों पर आधारित है।   राष्ट्रपति मुर्मु ने गुरुवार को बोत्सवाना की राजधानी गाबोरोन में नेशनल असेंबली को संबोधित करते हुए कहा कि बोत्सवाना लोकतंत्र, सुशासन और प्रभावी नेतृत्व का उदाहरण है, जहां राष्ट्रीय संसाधनों का उपयोग समाज के वंचित वर्गों के उत्थान और सर्वांगीण विकास के लिए किया जाता है। इस अवसर पर उनका स्वागत स्पीकर दिथापेलो एल केओरापेत्से, उपाध्यक्ष और विपक्ष के नेता ने किया।   राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और बोत्सवाना के बीच सहयोग शिक्षा, स्वास्थ्य, प्रौद्योगिकी, कृषि, रक्षा, व्यापार और निवेश जैसे क्षेत्रों में निरंतर मजबूत हुआ है। भारत बोत्सवाना के मानव संसाधन विकास और क्षमता निर्माण में अपनी भागीदारी पर गर्व महसूस करता है। पिछले एक दशक में बोत्सवाना के एक हजार से अधिक युवाओं ने भारत में शिक्षा और प्रशिक्षण प्राप्त किया है।   राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय कंपनियां बोत्सवाना के हीरा, ऊर्जा और अवसंरचना क्षेत्रों में सक्रिय हैं और नवीकरणीय ऊर्जा, डिजिटल नवाचार, औषधि निर्माण तथा खनन क्षेत्रों में भी व्यापक संभावनाएं मौजूद हैं। उन्होंने दोनों देशों के व्यावसायिक समुदायों से आर्थिक साझेदारी की पूरी क्षमता का उपयोग करने की अपील की।   इससे पहले राष्ट्रपति मुर्मु ने बोत्सवाना की डायमंड ट्रेडिंग कंपनी का दौरा किया, जहां उनका स्वागत खनिज और ऊर्जा मंत्री बोगोलो केनेवेंडो तथा विदेश मंत्री फेन्यो बुटाले ने किया। इसके बाद उन्होंने थ्री दिकगोसि स्मारक का दौरा कर बोत्सवाना की स्वतंत्रता आंदोलन के तीन जनजातीय नेताओं खामा तृतीय, सेबेले प्रथम और बाथोएन प्रथम को श्रद्धांजलि अर्पित की।

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अंकारा । तुर्किये ने भारत की राजधानी दिल्ली में लाल किले के समीप सोमवार को हुए विस्फोट को लेकर भारतीय मीडिया में छपी उन रिपोर्टों को निराधार बताते हुए उनका खंडन किया है जिनमें कहा गया है कि भारत के खिलाफ हमलों के लिए तुर्किए आतंकवादियों को सहायता प्रदान कर रहा है।   तुर्किये सरकार के संचार विभाग ने बुधवार रात जारी एक बयान में कहा कि कुछ भारतीय मीडिया संस्थानों में यह दावा किया जा रहा है कि "तुर्किये भारत में आतंकवादी गतिविधियों से जुड़ा है और आतंकवादी समूहों को सैन्य, राजनयिक और वित्तीय सहायता प्रदान करता है, जो दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान पहुँचाने के उद्देश्य से एक दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार अभियान का हिस्सा है।"   बयान में कहा गया है कि तुर्किये सभी आतंकवादी कार्रवाइयाें का दृढ़ता से खंडन करता है, चाहे वे कहीं भी या किसी के द्वारा भी किए गए हों। वह अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ सहयोग के माध्यम से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक अग्रणी देश के रूप में खड़ा है। इस संदर्भ में, तुर्किये संयुक्त राष्ट्र की वैश्विक आतंकवाद-रोधी रणनीति में सक्रिय रूप से योगदान देता है और उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) की आतंकवाद-रोधी नीतियों को 'आकार' देने में प्रभावी भूमिका निभाता है।   तुर्किए ने कहा, "यह दावा कि तुर्किये भारत या किसी अन्य देश को निशाना बनाकर "कट्टरपंथी गतिविधियों" में शामिल है, पूरी तरह से भ्रामक है और इसका कोई तथ्यात्मक आधार नहीं है। तुर्किये को निशाना बनाकर की गई ऐसी निराधार और भ्रामक रिपोर्टें अंतर्राष्ट्रीय शांति, सुरक्षा और स्थिरता में हमारे देश के योगदान को कमज़ोर करने का प्रयास हैं। जनता को सलाह दी जाती है कि वे ऐसी भ्रामक दावों एवं सूचनाओं पर विश्वास न करें।"   दिल्ली में सोमवार को लालकिले के पास एक कार में हुए विस्फोट की घटनाओं की जांच में पता चला है कि हमले में शामिल आरोपियों ने तुर्किए की यात्रा की थी और जांच एजेंसियां इस बात की जांच कर रहीं हैं कि कहीं पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद के आतंकवादियों से आरोपियों की मुलाकात तुर्किए में ही हुई हो और शायद वहीं पर यह साजिश रची गयी हो। इस घटना में मृतकाें की संख्या बढ़कर 13 हाे गई है।

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कानपुर । राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोमवार को हुए विस्फोट के बाद यूपी एटीएस ने बुधवार देर शाम कानुपर के हृदय रोग संस्थान के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ मोहम्मद आरिफ को उसके घर से उठाया है। डॉ आरिफ जम्मू कश्मीर के अनंतबाग का रहने वाला है और गिरफ्तार डॉक्टर शाहीन शाहीन और उसके भाई परवेज के संपर्क में था।    सूत्रों की मानें8तो प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि देश में होने वाली कई घटनाओं की रणनीतियों में उसकी सहभागिता रही थी। जांच एजेंसी ने डॉ आरिफ के लैपटॉप और मोबाइल फोन भी जब्त किये हैं। एटीएस उसे राजधानी दिल्ली लेकर गई है। जहां पर पकड़े गए सभी आरोपितों के साथ उससे भी पूछताछ की जाएगी।बताते चले की मामला संदिग्ध होने की वजह से अभी भी जांच एजेंसियां कानपुर में ही रहकर दिल्ली विस्फोट से जुड़े नेटवर्क को खंगाल रही है। कार्डियोलॉजी अस्पताल के एक डॉक्टर ने बताया कि डॉ आरिफ ने जम्मू कश्मीर के एक कॉलेज से एमबीबीएस किया। करीब तीन महीने पहले ही उसने कार्डियोलॉजी विभाग में ज्वाइनिंग की थी। अस्पताल में हॉस्टल खाली न होने के चलते उसने अशोकनगर स्थित एक फ्लैट लिया था। हालांकि फ्लैट और अस्पताल में रहने के दौरान वह किसी से कोई बातचीत भी नहीं करता था। दिल्ली विस्फोट मामले में अभी और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।  

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कुलगाम । प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) के खिलाफ बड़ी कार्रवाई में पुलिस ने बुधवार को कुलगाम जिले के 200 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की।   एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आतंकवादी तंत्र और जमीनी स्तर पर इसके समर्थन ढांचे को खत्म करने के निरंतर प्रयासों के तहत जेईआई सदस्यों और उनके सहयोगियों के घरों और परिसरों पर छापे मारे गए। पिछले चार दिनों के दौरान जिले के विभिन्न इलाकों में ओजीडब्ल्यू, जेकेएनओपीएस, पूर्व में मुठभेड़ों वाले स्थानों और सक्रिय/मारे गए आतंकवादियों के ठिकानों पर 400 से अधिक घेराबंदी और तलाशी अभियान चलाए गए हैं।   इन अभियानों के कारण जेकेएनओपीएस और अन्य प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े लगभग 500 व्यक्तियों से पूछताछ की गई, जिनमें से कई को निवारक कानूनों के तहत जिला जेल मट्टन, अनंतनाग में स्थानांतरित कर दिया गया है।   छापेमारी के दौरान आपत्तिजनक सामग्री और डिजिटल उपकरण जब्त किए गए और कई जमात-ए-इस्लामी सदस्यों से पूछताछ की गई। आतंकवाद को सहायता देने वाले नेटवर्क का पता लगाने और उन्हें नष्ट करने के लिए जमात-ए-इस्लामी सदस्यों को हिरासत में लिया गया।   अधिकारी ने कहा है कि कुलगाम पुलिस आतंकवाद और उसके नेटवर्क के प्रति शून्य-सहिष्णुता की नीति पर अडिग है और यह सुनिश्चित करती है कि किसी भी तत्व को जिले में शांति और सार्वजनिक व्यवस्था को भंग करने की अनुमति न दी जाए।

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पटना । बिहार की राजनीति एक बार फिर एक नए दौर में प्रवेश कर गई है। 2020 से 2025 तक के पाँच वर्षों में, राज्य ने राजनीति के लगभग हर पहलू को देखा है, गठबंधनों की जटिलताओं से लेकर जनभावनाओं में बदलाव और नेताओं के बीच बदलती गतिशीलता तक। यदि 2020 का चुनाव अल्पमत सरकार का प्रतीक था, तो 2025 का चुनाव जनमत की स्पष्टता का प्रतीक बन गया है।   2020 का चुनाव: उम्मीदों के उलट, सत्ता में राजग    साल 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव ने सभी एग्जिट पोल को गलत साबित कर दिया था। नतीजों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को 125 सीटें मिलीं और उसने 37.26 प्रतिशत वोट शेयर के साथ मामूली बहुमत से सरकार बनाई। दूसरी ओर, महागठबंधन 110 सीटों और 37.23 प्रतिशत वोट शेयर के साथ बेहद करीबी अंतर से पीछे रह गया। यह अब तक का सबसे कांटे का मुकाबला माना गया। राजग में भाजपा सबसे मजबूत पार्टी बनकर उभरी, जिसने 74 सीटें जीतीं, जबकि जदयू 43 सीटों पर सिमट गई। सहयोगी दल वीआईपी और हम ने 4-4 सीटें जीतकर सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाई। उधर, राजद 75 सीटों के साथ सबसे बड़ी एकल पार्टी बनी, जबकि कांग्रेस को 19 और वाम दलों को 16 सीटें मिलीं। एआईएमआईएम को 5 सीटें और बसपा, लोजपा व निर्दलीयों को 1-1 सीट मिलीं।   राजनीतिक विश्लेषक व वरिष्ठ पत्रकार लव कुमार मिश्र मानते हैं कि 2020 का जनादेश संख्या का नहीं, रणनीति का चुनाव था, जहां भाजपा की आक्रामक प्रचार शैली और नीतीश कुमार की प्रशासनिक छवि ने मिलकर सत्ता को बचा लिया।   2025 का चुनाव: जनता का मूड बदला, बिहार ने बनाया रिकॉर्ड   पांच साल बाद 2025 के चुनाव में तस्वीर पूरी तरह अलग दिख रही है। दो चरणों में हुए मतदान में बंपर वोटिंग दर्ज हुई। आजादी के बाद का यह सबसे बड़ा जनसहभागिता का रिकॉर्ड बना। इतनी बंपर वोटिंग ने यह स्पष्ट कर दिया कि जनता इस बार सिर्फ सरकार नहीं, सोच बदलने के मूड में थी। 2020 में जहां वोटिंग प्रतिशत 57.09 था। वहीं, 2025 में यह उछलकर 67 प्रतिशत से ऊपर पहुंच गया। महिलाओं और युवाओं की रिकॉर्ड भागीदारी ने बिहार के राजनीतिक मानचित्र को नया आकार दिया है। राजनीतिक विश्लेषक चन्द्रमा तिवारी मानते हैं कि 2020 में बिहार ने स्थिरता चुनी थी, 2025 में उसने जवाबदेही मांगी है। यह वही जनता है जो अब नेताओं को नहीं, काम को वोट देती है।   पांच साल का फासला, राजनीति का कायाकल्प   बिहार की राजनीति में 2020 से 2025 के बीच सबसे बड़ा बदलाव गठबंधन की मजबूरी से निकलकर जनता की मजबूती तक का सफर रहा। 2020 में सरकार मुश्किल से बनी थी, 2025 में जनता ने लोकतंत्र की नींव को और मजबूत कर दिया। 2020 में बिहार ने 'किसको जिताना है' पूछा था। 2025 में बिहार ने 'कौन हमारे लायक है' तय कर दिया। इतिहास गवाह है कि 2020 ने सत्ता दी थी, 2025 ने सूरत बदल दी है। बिहार अब केवल राजनीति का मैदान नहीं, बल्कि लोकतंत्र का मापदंड बन चुका है।

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भूटान की दो दिवसीय राजकीय यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच ऊर्जा, नवीकरणीय संसाधन, स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाया। यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक ने 1020 मेगावाट की पुनातसांगछू दो जलविद्युत परियोजना का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया। मोदी ने भूटान की 13वीं पंचवर्षीय योजना और गेलफू माइंडफुलनेस सिटी परियोजना के लिए भारत के पूर्ण समर्थन की घोषणा की।   प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक के निमंत्रण पर 11 और 12 नवंबर को भूटान की दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर हैं। उन्होंने भूटान की जनता के साथ चौथे राजा जिग्मे सिंगे वांगचुक के 70वें जन्मदिन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया और थिम्पू में चल रहे वैश्विक शांति प्रार्थना उत्सव में शामिल हुए।   पीएमओ में अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने भूटान के राजा, चौथे द्रुक ग्यालपो और प्रधानमंत्री डाशो त्शेरिंग तोबगे के साथ बैठक की। वार्ताओं में द्विपक्षीय सहयोग, क्षेत्रीय मुद्दों और वैश्विक मामलों पर चर्चा हुई। भूटान के राजा ने 10 नवंबर को दिल्ली में हुए विस्फोट में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। भारत ने इस एकजुटता और समर्थन के लिए भूटान का आभार जताया।   प्रधानमंत्री मोदी ने भूटान के आर्थिक प्रोत्साहन कार्यक्रम के लिए भारत की सहायता का आश्वासन दिया और असम के हातिसार में आव्रजन जांच चौकी स्थापित करने की घोषणा की। दोनों देशों ने सीमा पार संपर्क और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर बल दिया। दररंगा आव्रजन जांच चौकी, जोगीगोफा मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क और भूटान भारत रेल परियोजनाओं में हुई प्रगति का स्वागत किया गया।   भारत ने भूटान में ऊर्जा परियोजनाओं के लिए 40 अरब रुपये की रियायती ऋण सहायता देने की घोषणा की। दोनों पक्षों ने 1200 मेगावाट की पुनातसांगछू एक परियोजना के मुख्य बांध निर्माण कार्य को फिर से शुरू करने के निर्णय का स्वागत किया और इसके शीघ्र पूरा होने पर सहमति जताई।   भारत और भूटान ने उर्वरक आपूर्ति, विज्ञान और प्रौद्योगिकी शिक्षा, वित्तीय प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष सहयोग जैसे नए क्षेत्रों में भी प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। यूपीआई के दूसरे चरण के तहत भूटानी नागरिक अब भारत में अपने मोबाइल अनुप्रयोगों से भुगतान कर सकेंगे।   प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा के दौरान तीन समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए, नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग, स्वास्थ्य और चिकित्सा क्षेत्र में सहयोग तथा मानसिक स्वास्थ्य संस्थागत साझेदारी पर। भूटान के राजगीर स्थित रॉयल भूटान मंदिर के अभिषेक और वाराणसी में भूटान मंदिर एवं अतिथि गृह के लिए भूमि आवंटन के भारत सरकार के निर्णय का भी स्वागत किया गया।  

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नई दिल्ली । अंतरराष्ट्रीय ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैक्स ने भारत की रेटिंग को बढ़ा कर ओवरवेट कर दिया है। फर्म ने निफ्टी के लिए 2026 के अंत तक 29,000 अंक के स्तर तक पहुंचने का टारगेट भी दिया है। गोल्डमैन सैक्स ने 13 महीने पहले अक्टूबर 2024 में भारत की रेटिंग को घटाकर न्यूट्रल कर दिया था। साथ ही घरेलू शेयर बाजार के महंगे वैल्यूएशन के कारण 2026 के अंत तक के लिए निफ्टी के टारगेट को 27,500 से घटा कर 27,000 कर दिया था।   तेरह माह बीतने के बाद ब्रोकरेज फर्म ने भारत की रेटिंग को अपग्रेड करने के साथ ही निफ्टी के 2026 के अंत तक के टारगेट को भी मौजूदा स्तर से करीब 15 प्रतिशत बढ़ा कर 29,000 अंक के स्तर तक पहुंचा दिया है। गोल्डमैन सैक्स ने कहा कि भारतीय शेयर बाजार में वैल्यूएशन अब आकर्षक स्तर पर पहुंच गए हैं। इसके साथ ही देश की मौद्रिक और आर्थिक नीतियां भारत के विकास की रफ्तार को सपोर्ट करने के साथ ही मजबूत भी कर रही हैं।   ब्रोकरेज फर्म ने अपनी कहा है कि भारतीय बाजार में ब्याज दरों में कटौती और जीएसटी के रेट में किए गए सुधार के बाद डिमांड और कंजप्शन (मांग और खपत) में भी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। विदेशी निवेशकों के सेंटीमेंट में भी अक्टूबर के महीने में लगातार सुधार होता हुआ नजर आया है। इसके अलावा मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान कॉरपोरेट सेक्टर के तुलनात्मक तौर पर बेहतर नतीजों ने भारत के फंडामेंटल स्ट्रेंथ को एक बार फिर रेखांकित कर दिया है।   रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय बाजार के निवेशकों को आने वाले समय में कंज्यूमर स्टेपल्स, फाइनेंशियल्स, डिफेंस और ऑयल मार्केटिंग कंपनियों जैसे सेक्टरों पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए। हालांकि फर्म की इस रिपोर्ट में ये चेतावनी भी दी गई है कि कमाई में कमी, बाहरी आर्थिक चुनौतियां और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को लेकर बढ़ती चिंताएं बाजार के लिए जोखिम पैदा कर सकती हैं।   इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक के ब्याज दरों में नरमी, जीएसटी दर में कटौती और राजकोषीय सख्ती अगले दो सालों में भारत की ग्रोथ रिकवरी को मजबूत कर सकते हैं। ब्रोकरेज फर्म ने अपनी रिपोर्ट में ये भी साफ किया है कि भारत की अर्निंग प्रति शेयर डाउनग्रेड साइकिल सामान्य 10 महीने की तुलना में ज्यादा लंबी चली है, लेकिन पिछले तीन महीनों से इसमें स्थिरता आई है। इसके साथ ही सितंबर तिमाही के नतीजे भी उम्मीद से बेहतर रहे हैं, जिससे चुनिंदा सेक्टर्स के अपग्रेडेशन की संभावना बनी है। गोल्डमैन सैक्स को उम्मीद है कि एमएससीआई इंडिया इंडेक्स में शामिल कंपनियों का प्रॉफिट ग्रोथ 2025 में 10 प्रतिशत से बढ़कर 2026 में 14 प्रतिशत हो सकती है। ब्रोकरेज फर्म की इस रिपोर्ट में भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ और ट्रेड डील को लेकर जारी बातचीत का भी उल्लेख किया गया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका के साथ व्यापारिक तनावों में नरमी बाजार के लिए एक अतिरिक्त पॉजिटिव ट्रिगर बन सकती है। गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले महीनों में कई फैक्टर भारत में कंजप्शन को सपोर्ट करेंगे। इनमें महंगाई में गिरावट तथा जीएसटी स्लैब कम करने और दरों में कटौती करने की बात को सबसे अहम माना गया है। इसके साथ ही कृषि उत्पादन में ओवरऑल बढ़ोतरी होने की संभावना, 8वें वेतन आयोग के कारण वेतन में होने वाली संभावित बढ़ोतरी और राजनीतिक वजहों से होने वाले खर्च में बढ़ोतरी को भी कंजप्शन के लिए अहम फैक्टर माना गया है।   ब्रोकरेज फर्म की रिपोर्ट में कहा गया है कि बाजार की मजबूती और आने वाले दिनों के सकारात्मक संकेतों के कारण कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, मीडिया, टेलीकॉम, टेक्नोलॉजी, फाइनेंशियल सर्विसेज और डिफेंस और ऑयल एंड गैस सेक्टर में सबसे ज्यादा तेज आ सकती है। हालांकि इस रिपोर्ट में ये भी स्पष्ट किया गया है कि निवेशकों को अपनी निवेश नीति वैश्विक जियो-पॉलिटिकल माहौल और बाजार की स्थिति को देखते हुए इनवेस्टमेंट एक्सपर्ट्स की सलाह लेकर बनानी चाहिए, अन्यथा उन्हें भारी नुकसान का भी सामना करना पड़ सकता है।    

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पटना । बिहार में सारण जिले के अकिलपुर थाना क्षेत्र के मानस नयापानापुर -42 पट्टी गांव में इंदिरा आवास योजना से बना एक पुराना मकान अचानक भरभरा कर गिर पड़ा। इस मलबे में सोते हुए पूरे परिवार के पांच लोगों की मौत हो गई।   मृतकों में 32 वर्षीय बबलू खान, उनकी पत्नी 30 वर्षीय रौशन खातून, 12 साल की बेटी रुकसार, 10 साल का बेटा मोहम्मद चांद और सबसे छोटी दो साल की चांदनी शामिल हैं। रात का खाना खाकर परिवार हर रोज की तरह सोया था। मकान गिरते ही आसपास के लोग दौड़े आए। चारों तरफ चीख-पुकार मच गई। ग्रामीणों ने तुरंत हाथों से मलबा हटाना शुरू किया। किसी ने पुलिस को फोन किया। मौके पर पहुंची अकिलपुर पुलिस ने भी बचाव कार्य में जुट गई, लेकिन जब तक शव बाहर निकाले गए, सभी ने दम तोड़ दिया था। एम्बुलेंस से अस्पताल ले जाया गया, वहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।   वरीय पुलिस अधीक्षक-सारण कुमार आशीष ने बताया कि रात्रि लगभग 09:30 बजे थाना अकिलपुर अंतर्गत ग्राम मानस में एक अत्यंत दुःखद घटना घटित हुई, जिसमें एक ही परिवार के पांच सदस्यों की दर्दनाक मृत्यु हो गई । घटना की सूचना थाना अकीलपुर को रात्रि लगभग 9:45 बजे प्राप्त हुई, जिसके उपरांत पुलिस बल द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए घटनास्थल पर पहुंच कर राहत एवं बचाव कार्य प्रारंभ किया गया।   कुमार आशीष ने कहा कि प्रारंभिक जांच के अनुसार, यह ईंट एवं सीमेंट की पक्की छत वाला मकान लगभग 25-30 वर्ष पुराना बताया जा रहा है। देर रात अचानक मकान का छत गिर जाने से यह हादसा हुआ, जिसमें पांच व्यक्तियों की मृत्यु हो गई । कुमार आशीष ने कहा कि सभी मृतकों के शवों के मृत्यु समीक्षा रिपोर्ट की प्रक्रिया पूर्ण कर पोस्टमार्टम हेतु दानापुर, पटना भेजा गया है। घटनास्थल पर स्थानीय प्रशासन एवं पुलिस बल की उपस्थिति में सभी आवश्यक विधिक कार्रवाई की जा रही है । वर्तमान में विधि-व्यवस्था की स्थिति पूर्णतः सामान्य एवं आवश्यक अग्रिम कार्रवाई की जा रही है।   मुख्यमंत्री ने संवेदना व्यक्त की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अकिलपुर थाना क्षेत्र के मानस नया पानापुर 42 पट्टी गांव में एक मकान की छत गिर जाने से गृहस्वामी समेत एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत पर मर्माहत है। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों के प्रति गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह घटना काफी दुःखद है। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को दुःख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है।

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अहमदाबाद । गुजरात के गांधीनगर और पालनपुर से गिरफ्तार किए गए तीन आईएसआईएस (इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया) आतंकियों के बारे में एक के बाद एक चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। इन गिरफ्तार आतंकियों ने लखनऊ स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) कार्यालय और दिल्ली के आजादपुर बाजार की रेकी की थी। तीनों आतंकी सोशल मीडिया के जरिए एक-दूसरे के संपर्क में आए और बदला लेना है, कुछ करना है, कई मुसलमानों को इकट्ठा करना है जैसी बातें करते थे। आतंकी आजाद सुलेमान शेख और मोहम्मद सुहैल ने पहले भी अहमदाबाद के संवेदनशील इलाकों और भीड़भाड़ वाली जगहों की रेकी की थी।   गुजरात आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने बीते दिन केंद्रीय एजेंसियों के साथ एक संयुक्त अभियान में अहमदाबाद के पास से आईएसआईएस से जुड़े इन तीन आतंकियों को गिरफ्तार किया था। ये आतंकी गुजरात और देश भर में बड़े आतंकी हमलों की साजिश रच रहे थे। इनकी पहचान आजाद सुलेमान शेख, मोहम्मद सुहैल और अहमद मोहिउद्दीन सैयद के रूप में हुई।   सूत्रों के अनुसार, ये आतंकी लखनऊ स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यालय और दिल्ली के भीड़भाड़ वाले आजादपुर बाजार की टोह ले रहे थे। दोनों ही जगहों को आतंकी हमले के संभावित ठिकानों के तौर पर चुना गया था। जांच ​​में पता चला है कि शेख और सुहैल ने राजस्थान के हनुमानगढ़ से हथियार इकट्ठा करके गांधीनगर के एक कब्रिस्तान में छिपा दिए थे। इसी बीच हैदराबाद निवासी मोहिउद्दीन इन हथियारों के साथ लौटने ही वाला था, लेकिन गुजरात एटीएस ने कार्रवाई करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से 4 विदेशी पिस्तौल, 30 कारतूस और 40 लीटर अरंडी का तेल बरामद किया गया। मोहिउद्दीन के मोबाइल फोन की जांच से उसके दो साथियों के संपर्क और पूरे मॉड्यूल की गतिविधियों का पता चला है। इसके बाद, एटीएस ने दो अन्य आतंकियों को गिरफ्तार किया।   गुजरात एटीएस के डीआईजी सुनील जोशी के अनुसार, अहमद मोहिउद्दीन सैयद एक उच्च शिक्षित व्यक्ति है, जिसने चीन से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की है। वह आईएसआईएस-खुरासान प्रांत के सदस्य अबू खादिम के संपर्क में था, जिसने उसे भारत विरोधी गतिविधियों के लिए धन जुटाने और भर्ती अभियान चलाने का काम सौंपा था। पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि मोहिउद्दीन साइनाइड से एक जहरीला पदार्थ तैयार करने की कोशिश कर रहा था। एटीएस फिलहाल इस बात की जांच कर रही है कि हथियारों की आपूर्ति कैसे की गई और इस नेटवर्क से जुड़े अन्य स्लीपर सेल कहां सक्रिय हैं?  

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कटिहार । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शनिवार को कटिहार के कोढ़ा विधानसभा से एनडीए से भाजपा प्रत्याशी कविता पासवान के समर्थन में विशाल जनसभा को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान में पहले चरण के मतदान में ही लोगों ने बिहार में एनडीए सरकार गठन का नीव डालने का काम किया।   गृहमंत्री ने कहा कि दूसरे चरण के मतदान के बाद जंगलराज वाले दूर-दूर तक दूरबीन से खोजने पर भी नजर नही आएंगे। सीमांचल सहित बिहार के अन्य क्षेत्र में हो रहे बंगालदेशी घुसपैठिये को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए अमित शाह ने लालू यादव, राहुल गाँधी पर जमकर हमला बोला।  उन्होंने कहा कि महागठबंधन वाले घुसपैठिये को बचाने में लगे हुए हैं।  बिहार में 'डिफेंस कॉरिडोर' के एनडीए के वादे को दोहराते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "मोदी जी राम मंदिर बनवाने का काम करते हैं, सीता माता मंदिर बनवाने का काम करते हैं, आतंकियों के घर में घुसकर मारने का काम करते हैं और कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बनाने का काम करते हैं। अब मोदी जी ने तय किया है कि बिहार में डिफेंस कॉरिडोर बनाएंगे।"उन्होंने एनडीए सरकार के काम गिनाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जोड़ी ने सीमांचल और कटिहार के लिए ढेर सारे काम किए हैं। पटना-पूर्णिया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे को विस्तारित करके कटिहार तक लाने वाले हैं। नारायणपुर से पूर्णिया तक 49 किमी लंबी सड़कें बनेंगी। उन्होंने यह भी बताया कि दो हजार करोड़ से मनिहारी और साहेबगंज को जोड़ने वाला गंगा का पुल बन रहा है। इस तरह विकास के ढेर सारे काम यहां हो रहे हैं। डिफेंस कॉरिडोर की स्थापना से न केवल बिहार के युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे, बल्कि राज्य की आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा।

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बेतिया । बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान में अब महज तीन दिन बचे हैं। लिहाजा, तमाम दलों के नेता मतदाताओं से अपनी-अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान करने की अपील कर रहे हैं। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी बेतिया में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) समेत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवारों के पक्ष में एक विशाल चुनावी सभा को संबोधित किया और लोगों से समर्थन मांगा।   पश्चिम चंपारण के जिला मुख्यालय बेतिया स्थित कुड़िया कोठी मैदान में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार के लोगों को कुशासन की नहीं, बल्कि विकास और सुशासन की सरकार चाहिए। बिहार के लोग किसी भी कीमत पर जंगलराज को वापस लौटने देना नहीं चाहते हैं। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने झूठे वादों का भ्रम फैलाने की कोशिश की है। पर उनके वादों पर तो खुद कांग्रेस को भरोसा नहीं है, इसलिए वह राजद के घोषणा पत्र की बात भी नहीं करते हैं।   प्रधानमंत्री ने दावा किया कि अबतक की सबसे बड़ी जीत के साथ बिहार में राजग की सरकार बनेगी। क्योंकि यह चुनाव राजग, नीतीश या मोदी नहीं लड़ रहा, बल्कि बिहार की जनता लड़ रही है।   प्रधानमंत्री मोदी ने महर्षि वाल्मीकि और माता सीता की धरती पर भोजपुरी भाषा में प्रणाम किया और कहा कि यहां के लोग हमेशा से न्याय करते आ रहे हैं। पश्चिम चंपारण इतिहास से जुड़ी हुई जगह है। देश की आजादी में चंपारण की धरती का बहुत बड़ा योगदान है। यहीं पर गांधी जी को महात्मा की उपाधि मिली। चंपारण संकल्प की धरती है।   उन्होंने कहा कि आप सभी को राजग के ईमानदार इरादों पर भरोसा भी है। आप सभी को नरेन्द्र मोदी और नीतीश कुमार पर भी भरोसा है। इसी भरोसा पर 06 नवंबर को हुए पहले चरण के मतदान में बिहार के लोगों ने जमकर मतदान किया है। राजग की सरकार बिहार में बनाना तय है। बस आप लोग 11 नवंबर को जमकर मतदान करें। बिहार में विकास ही विकास होगा।   प्रधानमंत्री ने कहा, "मैं गरीबी से जी कर आया हूं। गरीबी क्या है? मैं अच्छी तरह से जानता हूं। मैंने इसी बेतिया से चुनाव अभियान शुरू किया था। उन्होंने कहा कि मोदी जो कहता है, उसे पूरा करके दिखाता है। अभी गयाजी में बिहार का सबसे बड़ा इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बन रहा है और इसका फायदा इस पूरे बिहार को होगा। राम मंदिर बनाने की घोषणा की थी और उसे करके दिखा दिया हूं। अनुच्छेद 370 की दीवार गिरा दी है। हमने पहलगाम हमले का बदला लेने की बात इसी बिहार की धरती से कही थी। ऑपरेशन सिंदूर में तबाह होते पाकिस्तान को भी यहां के लोगों ने देखा है। बिहार के 1.40 करोड़ माताओं-बहनों के खाते में 10-10 हजार रुपये डाले गये है। इसका भी चुनाव के बाद विस्तार किया जाएगा।   प्रधानमंत्री ने कहा कि जंगलराजवालों के पास हर वह चीज है, जो निवेश और नौकरी के लिए खतरा है। अभी से बच्चों को रंगदार बनाने की बातें करते हैं। ये लोग खुली घोषणा कर रहे है, 'भैया की सरकार आएगी, तो कट्टा, दोनाली, फिरौती, रंगदारी होगी'। इनसे बहुत सतर्क रहना है। कांग्रेस और राजद वाले सत्ता के लिए किसी को भी धोखा दे सकते हैं। राजद ने कांग्रेस को सिर्फ वही सीटें दीं हैं, जहां वह 35-40 सालों से नहीं जीत पाई है।   प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार चुनाव के बाद जुब्बा साहनी (जुब्बा साहनी का जन्म मुजफ्फरपुर जिला के मीनापुर थाने के अंतर्गत चैनपुर बस्ती के अत्यंत निर्धन परिवार में हुआ था। भारत छोड़ो आन्दोलन के दौरान जुब्बा साहनी ने 16 अगस्त 1942 को मीनापुर थाने के अंग्रेज इंचार्ज लियो वालर को आग में जिंदा झोंक दिया था।) के नाम पर योजना शुरू की जाएगी। इससे मछली पालकों को लाभ मिलेगा।   प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस वाले छठ पूजा को ड्रामा कहते हैं। छठी मइया की पूजा पूरी दुनिया कर रही है। ऐसा कहकर उन्होंने महिलाओं का अपमान किया है। इसका बदला आप 11 नवंबर को एक-एक वोट राजग के पक्ष में देकर लें।  

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वाराणसी । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र व सांस्कृतिक नगरी वाराणसी से मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल खजुराहो के लिए चली नई वंदे भारत ट्रेन से यात्रियों ने पहली बार साढ़े सात घंटे में यात्रा पूरी की है। खजुराहो स्टेशन पर ट्रेन के पहुंचने पर भाजपा कार्यकर्ता और स्थानीय लोगों ने ढोल नगाड़े और फूलों की बारिश कर स्वागत किया। ट्रेन में सवार यात्रियों, छात्रों और जनप्रतिनिधियों में इस ट्रेन को लेकर काफी उत्साह था। ट्रेन के स्वागत के लिए खजुराहो के पूरे रेलवे स्टेशन को फूलों और रेड कार्पेट से सजाया गया था। स्टेशन पर बड़ी संख्या में लोग वंदे भारत ट्रेन को देखने के लिए एकत्रित हुए थे। ट्रेन से उतरे यात्रियों और वंदे भारत ट्रेन पर लोगों ने फूल बरसाए और 'भारत माता की जय' के नारे लगाये। यह पहली बार है जब कोई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन सीधे खजुराहो स्टेशन पहुंची है, जिसे क्षेत्र के विकास और सुगम आवागमन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।   खजुराहो स्टेशन पर वंदे के स्वागत के लिए विधायक अरविंद पटेरिया एवं मंडल रेल प्रबंधक अनिरुद्ध कुमार मौजूद थे। इन दोनों के साथ उपस्थित अन्य नागरिकों ने ट्रेन और यात्रियों का स्वागत किया। स्टेशन परिसर “वंदे मातरम्” के जयघोष से गूंज उठा, जब यात्रियों ने इस ऐतिहासिक क्षण का उल्लासपूर्वक स्वागत किया   वंदे भारत ट्रेन में सवार महोबा के सांसद विष्णु दत्त शर्मा ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान बिहार की राजनीति को लेकर विपक्ष पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि जब तक यहां विपक्ष की सत्ता थी, तब तक यह क्षेत्र नक्सलियों का गढ़ रहा लेकिन मोदी सरकार और राज्य सरकार की कड़ी कार्रवाई और उनको मुख्यधारा में लाने की नीतियों के चलते अब नक्सली नाममात्र के रह गए हैं। उन्होंने कहा कि बंगाल के विपक्षी हो या बिहार के विपक्ष एसआईआर का विरोध इसलिए करते आये हैं, क्योंकि यहाँ घुसपैठी कम हो जायेंगे तो उनका वोट बैंक भी घट जाएगा। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी ने आज सुबह प्रत्यक्ष रूप से उत्तर प्रदेश में बनारस से खजुराहो (मध्य प्रदेश) के लिए इस ट्रेन को झंडी दिखाकर रवाना किया था। प्रधानमंत्री ने इसके अलावा यहीं से लखनऊ से सहारनपुर, पंजाब के फ़िरोजपुर से दिल्ली और केरल के एर्नाकुलम से बेंगलुरु (कर्नाटक) के लिए तीन अन्य वंदे भारत ट्रेनों को वर्चुअली हरी झंडी दिखा कर रवाना किया।  

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वाशिंगटन । अमेरिकी राष्ट्रपति डाेनाल्ड ट्रंप ने भारत के साथ व्यापार समझौते को लेकर जारी वार्ता पर संतोष व्यक्त करते हुए आज स्पष्ट संकेत दिये कि वह अगले साल भारत की यात्रा कर सकते हैं।   यहां व्हाईट हाउस में गुरूवार काे संवाददाताओं से बातचीत में उन्हाेंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र माेदी काे एक 'दाेस्त' और 'बेहतरीन व्यक्ति' करार देते हुए कहा कि भारत ने काफी हद तक रूसी तेल की खरीद बंद कर दी है।   ट्रंप ने भारत के खिलाफ इस साल अगस्त में पचास प्रतिशत आयात शुल्क लगा दिए थे जिसमें से 25 प्रतिशत शुल्क रूस से तेल और हथियार खरीदे जाने के विराेध में लगाए गए। उनका आराेप है कि इस लेन- देन से रूस काे यूक्रेन के खिलाफ युद्ध जारी रखने में मदद मिल रही है। हालांकि भारत हमेशा से ही इस आराेप का खंडन करता रहा है।   गाैरतलब है कि ट्रंप का यह बयान उस समय आया है जब दाेनाे देश एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर एक उच्च स्तरीय वार्ता 'पूरी करने में संलग्न हैं।   संवाददाताओं द्वारा उनके भारत की यात्रा पर जाने की योजना के बारे में पूछे जाने पर उन्हाेंने संवाददाताओं से कहा," हम इस बारे में काम कर रहे हैं। मैं भारत जांऊगा। प्रधानमंत्री माेदी एक बेहतरीन व्यक्ति हैं और मैं वहां जरूर जाऊंगा।" ट्रंप ने कहा कि उनकी यह यात्रा अगले साल हाे सकती है।   उनका यह बयान भारत द्वारा इस साल "क्वाड" शिखर सम्मेलन की मेजबानी और उनकी वहां माैजूदगी के बारे में बनी अनिश्चितताओं के बीच आया है। क्वाड एक अनाैपचारिक मंच है जिसमें जापान, अमेरिका, आस्ट्रेलिया और भारत शामिल हैं और यह भारत- प्रशांत क्षेत्र में समृद्धि और सुरक्षा काे बढ़ाने के लक्ष्य के साथ गठित किया गया है। हालांकि इस शिखर सम्मेलन की तय तारीख के बारे में अभी काेई पुष्टि नहीं हुई है।   भारत द्वारा रूस से तेल आयात किए जाने के कारण भारत और अमेरिका के बीच महीनाें से बाधित व्यापार वार्ता हाल ही में बहाल हुई है। हालांकि भारत ने अभी तक रूस से तेल ना खरीदने के राष्ट्रपति ट्रंप के दावे की स्पष्ट ताैर पर पुष्टि नहीं की है। भारत चीन के बाद रूसी तेल का दूसरे सबसे बड़ा आयातक देश है। इस बीच ट्रंप प्रशासन भारत काे बाध्य कर रहा है कि वह रूस की बजाय अमेरिका से तेल और गैस का आयात करे। पिछले साल तक दाेनाें देशाें के बीच द्विपक्षीय व्यापार 190 अरब डालर तक पहुंच गया था जिसने अमेरिका काे भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझीदार बना दिया था। प्रधानमंत्री माेदी और ट्रंप इसे 500 अरब डालर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखते हैं।   इस बीच नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की भारत यात्रा को लेकर बयान के बारे में प्रतिक्रिया पूछे जाने पर कहा कि उन्हें इस संदर्भ में किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं है। उन्हाेंने संवाददाताओं से कहा, "मैं इस समय आपकाें इस बारे में काेई जानकारी नहीं दे सकता। इस बाबत जानकारी मिलने पर मैं आप सबके साथ इसे साझा करूंगा।"  

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पटना । बिहार के औरंगाबाद और भभुआ में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि अनुसूचित समाज के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने किया अपमानित है। कांग्रेस के अनुसूचित समाज के प्रदेश अध्यक्ष को भी राजद ने अपमानित किया है। जंगलराज वालों के पास हर वो चीज है, जिससे यहां के लोगों को खतरा है।   प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राजद नेताओं को जहां मौका मिलता है, वे कांग्रेस को अपमानित करने से बाज नहीं आते। कांग्रेस की कनपट्टी में कट्टा सटा कर राजद ने अपने को मुख्यमंत्री घोषित कराया। कांग्रेस को वही सीटें दी, जो दो दशक से राजद नहीं जीत पाई है। संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस को अनुसूचित जाति के प्रदेश अध्यक्ष को नहीं बुलाया गया।   प्रधानमंत्री ने भीड़ से पूछा कि अपनों को धोखा देनेवाले आपके हो सकते हैं क्या? राजद के लोग युवाओं को नौकरी देने की बजाय अभी से रंगदार बनाने में लग गए हैं। कट्टा, दोनाली, फिरौती, रंगदारी की पढ़ाई पढ़ाने लगे हैं। मोदी ने आगे कहा कि जंगल राज वाले नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में जमानत पर चल रहे हैं। ये नौकरी क्या देंगे आप सोच सकते हैं। भीड़ से पूछा- बिहार को कट्टा सरकार चाहिए क्या, आवाज आई नहीं।   पहले चरण के मतदान में हुए बंपर मतदान पर प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी से ही पराजय का कारण ढूंढने में राजद-कांग्रेस के लोग लग गए हैं। इस बार बिहार में राजग की अब तक सबसे बड़ी जीत होगी। महिलाओं का सम्मान करना राजग जानती है। पहले नगर निकाय व पंचायत चुनाव में 50 प्रतिशत आरक्षण दिया, फिर नौकरी में 35 प्रतिशत और अब रोजगार के लिए एक करोड़ 40 लाख बहनों के खाते में 10-10 हजार रुपये दिए गए। रोजगार के लिए उन्हें दो लाख रुपये दिए जाएंगे।   प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने याद दिलाते हुए कहा, " मैंने जो कहा वही किया। कश्मीर से धारा-370 समाप्त कराया। अगड़े वर्ग के गरीबों को आर्थिक सुधार के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण दिया। मैं जो कहता हूं वहीं करता हूं। बिहार में 60 लाख गरीब परिवारों को पक्का घर दिया। इसमें सभी वर्ग के लोग शामिल हैं। घर-घर मुफ्त बिजली के साथ किसानों को सम्मान राशि दी जा रही है। इस बार सरकार बनी, तो किसानों के सम्मान राशि में तीन हजार की बढ़ोतरी होगी। प्रत्येक वर्ष किसानों को नौ हजार रुपये मिलेंगे।"   प्रधानमंत्री ने मंच से राजग उम्मीदवारों को विजयी बनाने और बिहार में एक बार फिर से राजग की सरकार बनाने का आह्वान किया।

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पटना । बिहार विधानसभा चुनाव में पहले चरण के मतदान के बाद सियासी दिग्गजों ने दूसरे चरण में अपनी ताकत झोंक दी है। इसी कड़ी में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को जमुई में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) उम्मीदवार के पक्ष में एक जनसभा को संबोधित किया और लोगों से समर्थन मांगा।   जनसभा को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि कभी लाल गलियारे का गढ़ माने जाने वाला जमुई आज विकास की नई इबारत लिख रहा है। यह वही जमुई है, जो लाल आतंक के साये में था। यही वह जमीन थी, जहां नक्सलवादियों ने अपना ठिकाना बना लिया था, मगर आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और नीतीश कुमार की डबल इंजन सरकार ने बिहार से नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त कर विकास के मार्ग पर लाने का काम किया है।   अमित शाह ने कहा कि पहले बिहार के कई जिलों में भय का माहौल इतना था कि दोपहर तीन बजे तक ही मतदान कराया जाता था। अब शाम पांच बजे तक मतदान चलता है, क्योंकि डर का वातावरण खत्म हो गया है। उन्होंने लालू–राबड़ी शासन पर हमला करते हुए कहा कि उन दिनों बारात जाती थी, तो उगाही के लिए लोग कट्टा लेकर पहुंच जाते थे। अपहरण, फिरौती और नरसंहार आम बात थी। यही था उस दौर का बिहार। उसी जंगलराज ने राज्य की फैक्ट्रियां और कारोबार बंद करा दिए और बिहार को गरीबी की ओर धकेल दिया।   अमित शाह ने कहा कि बिहार सुशासन से विकास के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है। बिहार की जनता ने चुनाव के पहले चरण में ही डंके की चोट पर ये ऐलान कर दिया है कि जंगलराज भेष बदलकर, कपड़े बदलकर और चेहरा बदलकर आना चाहता है, लेकिन हम उसे आने नहीं देंगे। जमुई की जनता को आगाह करते हुए अमित शाह ने कहा कि अगर आपसे जरा भी गलती हुई, तो फिर से जंगलराज आने वाला है।   गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 10 साल के अंदर बिहार के हर कोने में इंफ्रास्ट्रक्चर बनाकर, रोड, पुल, पुलिया, बिजली के कारखाने, गन्ने की फैक्ट्रियां, इथेनॉल और खाद की फैक्ट्रियां लगाकर विकास की शुरुआत की है। अगले 5 साल बिहार को विकसित बनाने के हैं।   उन्होंने कहा कि कल ही चुनाव के पहले चरण का मतदान समाप्त हुआ है और लालू–राहुल की पार्टी का सूपड़ा साफ हो गया है। अब जमुई में भी उनका खाता नहीं खुलना चाहिए। यहां की सभी चारों सीटें राजग के खाते में डालनी हैं। जमुई में महागठबंधन के उम्मीदवारों को हराना है, उनका खाता नहीं खुलना चाहिए। जनता से उन्होंने अपील करते हुए कहा कि यहां की सभी चारों सीटें राजग के पाले में आनी चाहिए।  

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  लगेगी शांडिल्य गुरु की प्रतिमा      कोलार रोड के दूसरे छोर भदभदा चौराहे पर उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने  ब्रह्मलीन बालगोविंद शांडिल्य गुरुजी की प्रतिमा स्थापना तथा चौराहे के सौंदर्यीकरण का भूमि-पूजन किया। सौंदर्यीकरण के लिये 8 लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं।   श्री गुप्ता ने कहा कि सरकार शहर के विकास के लिये सतत प्रयत्नशील है। उन्होंने शासन की विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि नागरिक शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये आगे आयें। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि घर-घर जाकर नागरिकों को शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये प्रेरित करें। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा कोटरा में सड़क भूमि-पूजन उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने आई-5 शासकीय आवास कोटरा के पास सड़क निर्माण का भूमि-पूजन किया। सड़क की लागत 20 लाख है। श्री गुप्ता ने सड़क का कार्य गुणवत्तापूर्ण करवाने के निर्देश दिये। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।     Attachments area          

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      मध्यप्रदेश के प्राचीन मंदिरों में भगवान के दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को अब प्रदेश के पुरावैभव, कला और संस्कृति की झलक भी वहां देखने को मिलेगी। इसके लिए राज्य सरकार मंदिरों में संग्रहालयों का निर्माण कराएगी। इस योजना को संस्कृति, धर्मस्व और पुरातत्व विभाग मिलकर अंजाम देंगे। मध्यप्रदेश में इस समय कई प्रसिद्ध मंदिर है जहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है। लेकिन इन मंदिरों में फिलहाल प्रदेश की कला-संस्कृति, इतिहास  और पुरावैभव की झलक दिखाने वाले संग्रहालय नहीं है। राज्य सरकार का सोचना है कि जो श्रद्धालु प्रदेश के प्राचीन मंदिरों में पहुंच रहे है वहां उन्हें भगवान के दर्शन के साथ-साथ प्रदेश के पुरावैभव और कला तथा संस्कृति से भी अवगत कराया जाए। इसके लिए इन मंदिरों के ट्रस्टों के पास मौजूद अपार धनराशि का उपयोग किया जाएगा। इन मंदिरों में सबसे पहले बनेंगे संग्रहालय- मध्यप्रदेश में उज्जैन में महाकाल मंदिर, खजराना मंदिर, सतना के मैहर मंदिर, पशुपतिनाथ मंदिर सहित कई ऐसे प्रमुख मंदिर है जहां मंदिरों की देखरेख और संरक्षण के लिए बनाए गए ट्रस्टों के पास श्रद्धालुओं के दान से मिली अपार धन संपदा स्थित है। इन्हीं मंदिरों में सबसे पहले संग्रहालय बनाने की शुरुआत की जाएगी।  इन मंदिरों के समीप काफी जमीन और भवन स्थित है। शिव मंदिरों में सभी बारह ज्योर्तिलिंगों के बारे में पूरी जानकारी एकत्रित कर प्रदर्शित की जाएगी। इसी तरह गणेश मंदिरों में गणेशजी के सभी स्वरुपों उनके इतिहास और महत्व को प्रदर्शित किया जाएगा। भोपाल के समीप स्थित भोजपुर मंदिर में दो सौ मीटर के दायरे के बाहर संग्रहालय बनाने का प्रस्ताव है। यहां भोजपुर के विशालकाय शिवलिंग और मंदिर के निर्माण की एतिहासिक प्रामाणिक  जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। यह मंदिर कब बना, इस तरह के मंदिर और कहां-कहां बनाए जाने थे। यह अधूरा क्यों रह गया। मंदिर के आसपास मिलने वाले शिवलिंग और अन्य पुराधरोहरों को भी यहां संग्रहित किया जाएगा। भोपाल में भी मुस्लिम धर्मावलंबियों से जुड़ी जानकारी, मध्यप्रदेश के प्राचीन नवाबों से जुड़े इतिहास की प्रामाणिक जानकारी गौहर महल या अन्य स्थानों पर प्रदर्शित की जाएगी। मिडटाउन में दुनिया की सबसे बड़ी सेंट पीटर चर्च में संग्रहालय भी है। वेटिकन सिटी में भी म्युजियम है वहां कई तरह के चित्र प्रदर्शित किए गए है। इन चित्रों में इन देशों की कला और संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। जापान में म्युजियम आॅफ पैरासाइड है। भारत के कई राज्यों में भी मंदिर, मस्जिद और चर्च के साथ संग्रहालय लगे हुए है। मध्यप्रदेश में फिलहाल मंदिर, मस्जिद और गिरिजाघरों में संग्रहालय नहीं है। प्रमुख सचिव संस्कृति मनोज श्रीवास्तव ने कहा प्रदेश के मंदिरों पर अब संग्रहालय बनाने की राज्य सरकार की योजना है। इसके जरिए प्रदेश के नागरिकों को धार्मिक आस्था के केन्द्रों पर पहुंचने पर वहां संग्रहालयों में प्रदेश के इतिहास, कला और संस्कृति के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।     Attachments area          

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  कोलार अवैध कब्जों का अड्डा बना    कोलार में राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों और तहसीलदारों की शह पर बेशकीमती जमीन पर जहां-तहां झुग्गियों का निर्माण करने के अलावा दीवारें तानकर अतिक्रमण किया जा रहा है। इन अतिक्रामकों को रोकने के बजाय अफसर उन्हें प्रश्रय दे रहे हैं। कोलार का दशहरा मैदान इसका ताजा उदाहरण है, जहां पिछले माह लगी आग में 50 झुग्गियां खाक हो गईं थी अब वहां 100 से ज्यादा झुग्गियां और मकान बन गए हैं।   लगातार अतिक्रमण बढ़ने की शिकायतों को लेकर एक सप्ताह पहले एडीएम रत्नाकर झा ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए थे कि वे सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाएं। साथ ही सूची तैयार करें, ताकि सरकारी जमीनों पर जमा अतिक्रमणों को हटाया जा सके। हुजूर एसडीएम और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही से फिर कोलार दशहरा मैदान की सरकारी जमीन पर दर्जनों झुग्गियां तन गर्इं।  प्रशासन के सामने यहां पर झुग्गियां बनती गई, लेकिन उन्हें रोकने की हिम्मत किसी ने नहीं की।   डेढ़ साल पहले निगम चुनाव के पूर्व मुख्यमंत्री ने हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के कहने पर कोलार दशहरा मैदान में स्टेडियम बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद कलेक्टर निशांत वरवड़े ने यहां पर दौरा कर एसडीएम माया अवस्थी को झुग्गियां शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अब तक यहां पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।   कोलार दशहरा मैदान के किनारे बनी अवैध झुग्गियां में तीन साल से एक ही स्थान पर आग लग रही है। यहां 40-50 झुग्गियों में आग लगती है और इसके बाद नई 100 झुग्गियां बन जाती हैं। तीन साल में इस स्थान पर 300 से अधिक झुग्गियां अवैध बन गई। लेकिन प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।     Attachments area          

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  पत्र  में प्रज्ञा ने कैंसर की बीमारी का हवाला भी दिया      मालेगांव बम ब्लास्ट में क्लीन चिट मिलने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने अपने तेवर दिखाए हैं। सिंहस्थ में जाने की जिद पर अड़ीं साध्वी ने पंडित खुशीलाल आयुर्वेदिक अस्पताल में आमरण अनशन शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि सरकार ने उन्हें परमिशन नहीं दी, तो वे 21 मई को जल समाधि ले लेंगी। कैंसर से पीड़ित प्रज्ञा ने दवाइयां खाने से भी इनकार कर दिया है। प्रज्ञा ने राज्य सरकार को लिखे पत्र  में कहा कि वे कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रही हैं। हो सकता है कि अगला कुंभ न देख पाएं।इस मसले  पर बोलने से प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।  साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट मिलने के बाद से माना जा रहा है कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का सॉफ्ट कॉर्नर उनके प्रति बढ़ा है। उनके अनशन के मामले में प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर से जब पूछा गया कि सरकार क्या करेगी, तो विवादों से बचने के लिए उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया । गौरतलब है कि साध्वी लगभग सात सालों से जेल में बंद थीं, लेकिन कैंसर के इलाज के लिए कोर्ट ने उन्हें अस्पताल में रहने की परमिशन दी है। प्रज्ञा ने रविवार को लेटर लिखकर शिवराज सरकार से उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ में शामिल होने की परमिशन मांगी थी।उन्होंने यह भी लिखा था कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो वे आमरण अनशन करेंगी। प्रज्ञा ने लिखा, 'वो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं और शायद अगला कुंभ न देख पाएं। इसलिए उनकी अंतिम इच्छा है कि वे उज्जैन कुंभ में जाएं।' प्रज्ञा ने राज्य सरकार समेत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को भी लेटर की कॉपी भेजी है। लेटर के मुताबिक, प्रज्ञा ने सोमवार सुबह 9 बजे तक का समय दिया था। मांग पूरी नहीं होने के कारण वे अपने कुछ सपोर्टर्स के साथ अस्पताल परिसर में ही आमरण अनशन पर बैठ गई हैं। प्रज्ञा ने लेटर में लिखा कि मैं अन्न जल त्याग दूंगी। अगर मुझे कुछ होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी मध्य प्रदेश सरकार की होगी। उन्होंने अपनी सिक्युरिटी को लेकर भी चिंता जाहिर की है। उन्होंने लिखा कि मेरे साथ पहले एसएएफ के जवान रहते थे। उनके हटाए जाने से मेरी जान को खतरा हो सकता है। प्रज्ञा ने जेड प्लस सुरक्षा की मांग की और सवाल पूछा कि जब देवास जिला कोर्ट ने उज्जैन जाने की अनुमति दे दी है, तो फिर सिक्युरिटी का हवाला देकर सरकार कोर्ट की अवमानना क्यों कर रही है? प्रज्ञा की चिट्ठी उनके सबसे विश्वसनीय भगवान झा लेकर पहुंचे थे। जेल सुपरिंटेंडेंट ने भगवान झा को भरोसा दिया के वह मामले को सीनियर अफसरों तक पहुंचा देंगे। भगवान झा ने कहा, 'सरकार के पास पुलिस की कोई कमी नहीं है। इसलिए साध्वी की सिंहस्थ यात्रा सुनिश्चित करा दी जाए, नहीं तो गंभीर परिणाम होंगे।'     Attachments area          

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  हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने किया 2.16 करोड़ की सड़क निर्माण का भूमि पूजन ।कोलार मुख्य मार्ग के समानांतर इस मार्ग से 2 लाख नागरिक होंगे सीधे लाभान्वित ।कोलार वासियो को विभिन्न मार्गो के माध्यम से नये भोपाल , होशंगाबाद रोड , जाने में होगी सहूलियत ।कोलार में बढ़ते ट्रैफिक पर नियंत्रण में हुज़ूर विधायक की कारगर पहल सफल ।हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा के अथक प्रयासों से कोलारवासियो को ट्रैफिक जाम से आये दिन होने वाली दिक्कतों से निज़ात मिलने जा रही है । बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान (कोलार मुख्य मार्ग) तक  बायपास रोड का निर्माण कराया जा रहा है । आज हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने रानी अवंतीबाई मार्ग से मंदाकनी मैदान को जोड़ने वाली सड़क निर्माण कार्य का भूमि पूजन भूमिका रेसीडेंसी पर किया । 2 करोड़ 16 लाख की लागत से बनने वाली 4200 मीटर इस सड़क की चौड़ाई 7.5 मीटर रहेगी, इस सड़क का निर्माण राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा किया जायेगा । श्री शर्मा ने बताया की कोलार मुख्य मार्ग पर आये दिन लगने वाले ट्रैफिक जाम से छुटकारा पाने के लिये इस बाय पास रोड का निर्माण कराया जा रहा है , उन्होंने बताया की बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग का निर्माण पूर्व में कराया जा चूका है । यह रोड  लोक निर्माण विभाग द्वारा बनायीं गयी है  गौरतलब है की उक्त सड़क का भूमि पूजन विधायक शर्मा द्वारा विधायक बनने के तत्काल बाद किया गया था । बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग तक इस सड़क की दूरी कुल 2 किलोमीटर है ।बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान पर कोलार मुख्य मार्ग पर जोड़ने वाले इस बायपास की कुल दूरी 6 किलोमीटर है । श्री शर्मा ने बताया की बहुत जल्द ही जे के अस्पताल के सामने इस मार्ग के जंक्शन पर एक पुल का निर्माण भी कराया जायेगा जो की सीधा शाहपुरा, भरत नगर , हबीबगंज , चुनाभट्टी , अथवा नये भोपाल को जोड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण के पश्च्यात कोलार के किसी भी नागरिक को ट्रैफिक जाम या आपातकालीन स्थिति में परेशान नहीं होना पड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग से कोलार सहित आसपास के लगभग 2 लाख नागरिक इससे सीधे लाभान्वित होंगे ।  श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण से पूर्व  उनके द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियो अधिकारियो एवं स्थानीय नागरिको के साथ दौरा किया गया । फलस्वरूप कोलार को ट्रैफिक से निजात दिलाने के लिये इस बायपास के निर्माण का निर्णय लिया गया । श्री शर्मा ने बताया की घनी आबादी वाले कोलार में नागरिको की सुविधा के मद्देनज़र इस मार्ग का  अलग अलग भागो में निर्माण कराया गया है , जिससे नागरिको को इसका लाभ पहुँच सके !  श्री शर्मा ने स्थानीय नागरिको को संबोधित करते हुए कहा की कोलार के समग्र विकास में निरंतर आपके द्वारा मिल रहे इसी प्रकार के सहयोग की आवश्यकता है आप सब के सहयोग से हम ग्रीन कोलार क्लीन कोलार का निर्माण करेंगे । कार्यक्रम के दौरान श्री शर्मा का स्थानीय नागरिको द्वारा बड़ी फूलो की माला पहनाकर सड़क निर्माण के लिए अभिन्दन किया गया !  मार्ग से लाभान्वित क्षेत्र  एक नज़र में -: बैरागढ़ चीचली , दौलतपुर ,धोली खदान, प्रियंका नगर ,हिनोतिया गांव ,मानसरोवर डेंटल कॉलेज, सुहागपुर ,पिपलिया, गुराडी , सेमरी ,अमरावत कलां ,सोहागपुर ,बांसखेड़ी झुग्गी बस्ती ,सन खेड़ी झुग्गी बस्ती, आकाश नगर , गिरधर परिसर ,सैफरॉन सिटी ,कृष्णा होम्स ,गिरधर गार्डन ,शिवालय परिसर ,सर्वजन सोसाइटी ,डी के 5 ,जे के अस्पताल , सागर प्रीमियम टॉवर, भूमिका रेसीडेंसी ,वेस्टर्न कौर्ट एवं मंदाकनी सोसायटी आदि इस मार्ग पर अन्य रहवासियो  को इस बाय पास का  सीधा लाभ पहुंचेगा ।होशंगाबाद रोड से जुड़ेगा यह मार्ग यह मार्ग चार बत्ती चौराहे से कालीबाड़ी पुल से होते हुए बाबड़िया रेल्वे फाटक से होशंगाबाद रोड से सीधा जुड़ेगा ।दानिश कुंज से कलियासोत नदी पर सलैया पुल के माध्यम से मिसरोद (होशंगाबाद रोड) से सीधा जुड़ेगा ।कार्यक्रम में विशेष रूप से स्थानीय पार्षद एवं एम आई सी सदस्य भूपेंद्र माली ,पार्षद पवन बोराना, मंडल उपाध्यक्ष श्याम मीना, बी एस वाजपेयी , महेश तिवारी , इक़बाल खान , अमित शुक्ल, दीपक माथुर , अरुण तिवारी , डी ले पालीवाल , एस एस सेंगर ,शोभा सिकरवार , श्रीमती गीता मिश्रा,गणेश तिवारी,राजेश सेंगर , राज शर्मा , प्रदीप पाटीदार ,आकाश श्रीवास्तव,सहित बड़ी संख्या में माताये बहने कॉलोनी वासी उपस्थित रहे ।  

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कोलार के वार्ड 82 में आने वाले दानिशकुंज कॉलोनी में नगर निगम द्वारा काम नहीं कराने के बाद भी पार्षद द्वारा निर्माण को लेकर बोर्ड लगाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। गलत जानकारी को लेकर आज दोपहर कांग्रेस पार्षदों, स्थानीय नेताओं और रहवासियों का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम आयुक्त छवि भारद्वाज से मिला। इन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पार्षद जानबूझकर श्रेय की राजनीति कर रहे हैं। जबकि, जनता गर्मी में पानी के लिए हाहाकार मचा रही है, फिर भी उन्हें पानी नहीं दिया जा रहा है। पार्षदों ने यह की मांग : कांग्रेस पार्षद संतोष जितेंद्र कंसाना, मोनू सक्सेना, मनजीत मारण, अमित शर्मा, राहुल सिंह राठौर, अखिलेश जैन सहित रहवासियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयुक्त भारद्वाज से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। इसके अनुसार तत्काल गलत जानकारी देने वाले भाजपा पार्षद भूपेंद्र माली के बोर्ड को नगर निगम प्रशासन हटाए। साथ ही इस मामले में जांच कराएं कि कहीं दानिशकुंज में कराए गए डामर के भुगतान की फर्जी फाइल तो निगम के कार्यालय नहीं पहुंच गई। यदि प्रशासन बोर्ड नहीं लगाएगी, तो कांग्रेसी भी हर वार्ड में ऐसे बोर्ड लगाएगी। दानिशकुंज कॉलोनी में करीब एक करोड़ राशि से डामर कराया गया है। इस पर स्थानीय पार्षद ने खुद डामर कराने के बोर्ड पूरी कॉलोनी में लगा दिए। वहीं, दानिशकुंज सोसायटी ने भी एक विज्ञापन जारी करके कहा कि वह निर्माण उसने कराया है। कुछ लोगों के यहां निर्माण नहीं कराया गया है, वो लोग जल्द ही बकाया राशि जमा कर दें, ताकि बचे हुए स्थानों पर भी डामरीकरण कराया जा सके।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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नई दिल्ली । आईसीसी महिला क्रिकेट विश्व कप 2025 की विजेता भारतीय महिला क्रिकेट टीम के सदस्यों ने गुरुवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की। राष्ट्रपति ने टीम की प्रत्येक सदस्य को बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने विश्व कप जीतकर इतिहास रच दिया है।   द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि देश-विदेश के करोड़ों भारतीय इस ऐतिहासिक विजय का उत्सव मना रहे हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि यह टीम भारत का प्रतिबिंब है। वे अलग-अलग क्षेत्रों, सामाजिक पृष्ठभूमियों और परिस्थितियों से आती हैं, लेकिन वे एक टीम हैं – टीम इंडिया। यह टीम भारत के सर्वश्रेष्ठ रूप को प्रदर्शित करती है। राष्ट्रपति ने कहा कि टीम ने सात बार की विश्व विजेता और तब तक अपराजित ऑस्ट्रेलियाई टीम को हराकर सभी भारतीयों के आत्मविश्वास को और सशक्त किया है। एक मज़बूत टीम के विरुद्ध कठिन मुकाबले में बड़े अंतर से फाइनल जीतना टीम इंडिया की उत्कृष्टता का यादगार उदाहरण है।   राष्ट्रपति ने महिला टीम को कहा कि आप सब रोल मॉडल बन गई हैं। नई पीढ़ी, विशेष रूप से लड़कियां, आपसे प्रेरणा लेकर जीवन में आगे बढ़ेंगी। उन्हें विश्वास है कि जिस समर्पण और साहस से आपने इतिहास रचा है, उसी भावना से भविष्य में भी भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाएंगी। राष्ट्रपति ने कहा कि खिलाड़ियों ने उम्मीद और निराशा के उतार-चढ़ाव को अवश्य अनुभव किया होगा। कभी-कभी उन्हें नींद भी नहीं आई होगी, पर उन्होंने हर चुनौती पर विजय प्राप्त की। उन्होंने कहा कि न्यूज़ीलैंड पर जीत के बाद लोगों का विश्वास और भी मजबूत हुआ कि उतार-चढ़ाव के बावजूद हमारी बेटियां अवश्य जीतेंगी।   राष्ट्रपति ने कहा कि टीम की सफलता के पीछे उनकी कड़ी मेहनत, उत्कृष्ट खेल कौशल, दृढ़ निश्चय, परिवारों का स्नेह और क्रिकेट प्रेमियों का आशीर्वाद रहा है। उन्होंने कहा कि क्रिकेट जैसे टीम गेम में सभी खिलाड़ियों का हर समय पूर्ण समर्पित रहना आवश्यक होता है। राष्ट्रपति ने हेड कोच, बॉलिंग कोच, फील्डिंग कोच और सपोर्ट स्टाफ की भी सराहना की और शुभकामनाएँ दीं कि वे अपने प्रदर्शन से टीम इंडिया के लिए सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित करते रहें।

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भागलपुर। बिहार में भागलपुर के हवाई अड्डा मैदान में गुरुवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि बिहार का विकास एनडीए सरकार का एजेंडा है। प्रधानमंत्री ने क्षेत्र के विकास के लिए स्वदेशी अपनाने की अपील करते हुए कहा कि आप लोग स्वदेशी को अपनाएं तभी हम आत्मनिर्भर बनेंगे। आपको अपने वोट से राजद और कांग्रेस का परमानेंट इलाज करना है   प्रधानमंत्री ने कहा कि भागलपुर का सिल्क, मधुबनी पैंटिग और मुजफ्फरपुर की लीची पूरे विश्व में प्रचलित है। हमें उसे अपनाने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस और राजद वालों ने हमारे आस्था का अपमान किया है। ये बिहार का अपमान है कि नहीं? छठ महापर्व का अपमान करने वाले को कड़ी से कड़ी सजा देना है। इन्होंने राजनीतिक लाभ के लिए माओवादी को बढ़ा दिया। अब घुसपैठियों को घुसाने में लगे हैं। आपको अपने वोट से राजद और कांग्रेस का परमानेंट इलाज करना है।   प्रधानमंत्री मोदी ने मंच से एनडीए की जीत का आशीर्वाद जनता से मांगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश में दो ही ऐसी जगह है जहां गंगा उत्तरवाहिनी होती है। पहला बनारस और दूसरा भागलपुर। भागलपुर संघर्ष और सम्मान की धरती है। इसने दो वीर दिए जिन्होंने देश का इतिहास बदल दिए। तिलकामांझी ओर कादम्बनी गांगुली। विक्रमशिला की भूमि ने देश और विश्व को ज्ञान का रास्ता दिखाया है।   प्रधानमंत्री ने कहा कि अब तक बिहार चुनाव के पहले चरण में जो मतदान हुए हैं उसकी शानदार तस्वीर सामने आ रही हैं। बिहार की माताएं बहने बिहार से जंगलराज वालों को हमेशा के लिए खत्म करने के लिए मतदान कर रही है। आज सब वोट देने की सारी रिकॉर्ड तोड़ रही है। बिहार में कांग्रेस और राजद ने सरकार चलाई लेकिन उन्होंने महिलाओं को जीविका दीदी बनाने का काम किया। न खाते में पैसे दिए, आज एनडीए सरकार द्वारा दिया गया सभी बहनों के 1 करोड़ 40 लाख के खातों में 10 हजार पहुंच चुका है। अगर वो सरकार अभी होती तो ये राशि कांग्रेस और राजद के खाते में चली जाती।   प्रधानमंत्री ने कहा कि ये इंडी गठबंधन वाले एक दूसरे को नीचे दिखाने का काम करते हैं। राजद के बैनर में कांग्रेस के नेता की तस्वीर दूरबीन से खोजने से मिलेगी। यही हाल कांग्रेस में है। उनके नेता किसी राजद के नामदार का नाम नहीं लेते। राजद ने कांग्रेस की कनपटी पर कट्टा रख कर मुख्यमंत्री के उम्मीदवार की घोषणा करवाई। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे, मेयर डा. बसुंधरा लाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन, पूर्व सांसद अनिल यादव, कहकशां परवीन, सांसद अजय कुमार मंडल, गिरीधारी लाल यादव, विधान पार्षद डा. एनके यादव, विजय कुमार सिंह, सहित कई नेता मंच पर मौजूद थे।  

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नई दिल्‍ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित बैंक धोखाधड़ी एवं धन शोधन मामले में रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी को अगले हफ्ते एक बार फिर पूछताछ के लिए बुलाया है। ईडी ने 66 वर्षीय उद्योगपति से अगस्त में पूछताछ की थी। आध‍िकारिक सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि अनिल अंबानी को स्‍टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) में कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी से जुड़े धन शोधन मामले में पूछताछ के लिए 14 नवंबर को केंद्रीय जांच एजेंसी के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है। ईडी ने हाल ही में अनिल अंबानी की रिलायंस समूह की कंपनियों के खिलाफ अपनी जांच के तहत 7,500 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्‍त की है। उल्‍लेखनीय है कि ईडी का ये ताजा समन अनिल अंबानी और उनके समूह की कंपनियों से जुड़ी 7,500 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति को जब्‍त करने के दो दिन बाद आया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत चार अस्थायी जब्‍ती आदेश जारी किए हैं।

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  लगेगी शांडिल्य गुरु की प्रतिमा      कोलार रोड के दूसरे छोर भदभदा चौराहे पर उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने  ब्रह्मलीन बालगोविंद शांडिल्य गुरुजी की प्रतिमा स्थापना तथा चौराहे के सौंदर्यीकरण का भूमि-पूजन किया। सौंदर्यीकरण के लिये 8 लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं।   श्री गुप्ता ने कहा कि सरकार शहर के विकास के लिये सतत प्रयत्नशील है। उन्होंने शासन की विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि नागरिक शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये आगे आयें। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि घर-घर जाकर नागरिकों को शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये प्रेरित करें। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा कोटरा में सड़क भूमि-पूजन उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने आई-5 शासकीय आवास कोटरा के पास सड़क निर्माण का भूमि-पूजन किया। सड़क की लागत 20 लाख है। श्री गुप्ता ने सड़क का कार्य गुणवत्तापूर्ण करवाने के निर्देश दिये। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।     Attachments area          

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      मध्यप्रदेश के प्राचीन मंदिरों में भगवान के दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को अब प्रदेश के पुरावैभव, कला और संस्कृति की झलक भी वहां देखने को मिलेगी। इसके लिए राज्य सरकार मंदिरों में संग्रहालयों का निर्माण कराएगी। इस योजना को संस्कृति, धर्मस्व और पुरातत्व विभाग मिलकर अंजाम देंगे। मध्यप्रदेश में इस समय कई प्रसिद्ध मंदिर है जहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है। लेकिन इन मंदिरों में फिलहाल प्रदेश की कला-संस्कृति, इतिहास  और पुरावैभव की झलक दिखाने वाले संग्रहालय नहीं है। राज्य सरकार का सोचना है कि जो श्रद्धालु प्रदेश के प्राचीन मंदिरों में पहुंच रहे है वहां उन्हें भगवान के दर्शन के साथ-साथ प्रदेश के पुरावैभव और कला तथा संस्कृति से भी अवगत कराया जाए। इसके लिए इन मंदिरों के ट्रस्टों के पास मौजूद अपार धनराशि का उपयोग किया जाएगा। इन मंदिरों में सबसे पहले बनेंगे संग्रहालय- मध्यप्रदेश में उज्जैन में महाकाल मंदिर, खजराना मंदिर, सतना के मैहर मंदिर, पशुपतिनाथ मंदिर सहित कई ऐसे प्रमुख मंदिर है जहां मंदिरों की देखरेख और संरक्षण के लिए बनाए गए ट्रस्टों के पास श्रद्धालुओं के दान से मिली अपार धन संपदा स्थित है। इन्हीं मंदिरों में सबसे पहले संग्रहालय बनाने की शुरुआत की जाएगी।  इन मंदिरों के समीप काफी जमीन और भवन स्थित है। शिव मंदिरों में सभी बारह ज्योर्तिलिंगों के बारे में पूरी जानकारी एकत्रित कर प्रदर्शित की जाएगी। इसी तरह गणेश मंदिरों में गणेशजी के सभी स्वरुपों उनके इतिहास और महत्व को प्रदर्शित किया जाएगा। भोपाल के समीप स्थित भोजपुर मंदिर में दो सौ मीटर के दायरे के बाहर संग्रहालय बनाने का प्रस्ताव है। यहां भोजपुर के विशालकाय शिवलिंग और मंदिर के निर्माण की एतिहासिक प्रामाणिक  जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। यह मंदिर कब बना, इस तरह के मंदिर और कहां-कहां बनाए जाने थे। यह अधूरा क्यों रह गया। मंदिर के आसपास मिलने वाले शिवलिंग और अन्य पुराधरोहरों को भी यहां संग्रहित किया जाएगा। भोपाल में भी मुस्लिम धर्मावलंबियों से जुड़ी जानकारी, मध्यप्रदेश के प्राचीन नवाबों से जुड़े इतिहास की प्रामाणिक जानकारी गौहर महल या अन्य स्थानों पर प्रदर्शित की जाएगी। मिडटाउन में दुनिया की सबसे बड़ी सेंट पीटर चर्च में संग्रहालय भी है। वेटिकन सिटी में भी म्युजियम है वहां कई तरह के चित्र प्रदर्शित किए गए है। इन चित्रों में इन देशों की कला और संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। जापान में म्युजियम आॅफ पैरासाइड है। भारत के कई राज्यों में भी मंदिर, मस्जिद और चर्च के साथ संग्रहालय लगे हुए है। मध्यप्रदेश में फिलहाल मंदिर, मस्जिद और गिरिजाघरों में संग्रहालय नहीं है। प्रमुख सचिव संस्कृति मनोज श्रीवास्तव ने कहा प्रदेश के मंदिरों पर अब संग्रहालय बनाने की राज्य सरकार की योजना है। इसके जरिए प्रदेश के नागरिकों को धार्मिक आस्था के केन्द्रों पर पहुंचने पर वहां संग्रहालयों में प्रदेश के इतिहास, कला और संस्कृति के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।     Attachments area          

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  कोलार अवैध कब्जों का अड्डा बना    कोलार में राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों और तहसीलदारों की शह पर बेशकीमती जमीन पर जहां-तहां झुग्गियों का निर्माण करने के अलावा दीवारें तानकर अतिक्रमण किया जा रहा है। इन अतिक्रामकों को रोकने के बजाय अफसर उन्हें प्रश्रय दे रहे हैं। कोलार का दशहरा मैदान इसका ताजा उदाहरण है, जहां पिछले माह लगी आग में 50 झुग्गियां खाक हो गईं थी अब वहां 100 से ज्यादा झुग्गियां और मकान बन गए हैं।   लगातार अतिक्रमण बढ़ने की शिकायतों को लेकर एक सप्ताह पहले एडीएम रत्नाकर झा ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए थे कि वे सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाएं। साथ ही सूची तैयार करें, ताकि सरकारी जमीनों पर जमा अतिक्रमणों को हटाया जा सके। हुजूर एसडीएम और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही से फिर कोलार दशहरा मैदान की सरकारी जमीन पर दर्जनों झुग्गियां तन गर्इं।  प्रशासन के सामने यहां पर झुग्गियां बनती गई, लेकिन उन्हें रोकने की हिम्मत किसी ने नहीं की।   डेढ़ साल पहले निगम चुनाव के पूर्व मुख्यमंत्री ने हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के कहने पर कोलार दशहरा मैदान में स्टेडियम बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद कलेक्टर निशांत वरवड़े ने यहां पर दौरा कर एसडीएम माया अवस्थी को झुग्गियां शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अब तक यहां पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।   कोलार दशहरा मैदान के किनारे बनी अवैध झुग्गियां में तीन साल से एक ही स्थान पर आग लग रही है। यहां 40-50 झुग्गियों में आग लगती है और इसके बाद नई 100 झुग्गियां बन जाती हैं। तीन साल में इस स्थान पर 300 से अधिक झुग्गियां अवैध बन गई। लेकिन प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।     Attachments area          

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  पत्र  में प्रज्ञा ने कैंसर की बीमारी का हवाला भी दिया      मालेगांव बम ब्लास्ट में क्लीन चिट मिलने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने अपने तेवर दिखाए हैं। सिंहस्थ में जाने की जिद पर अड़ीं साध्वी ने पंडित खुशीलाल आयुर्वेदिक अस्पताल में आमरण अनशन शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि सरकार ने उन्हें परमिशन नहीं दी, तो वे 21 मई को जल समाधि ले लेंगी। कैंसर से पीड़ित प्रज्ञा ने दवाइयां खाने से भी इनकार कर दिया है। प्रज्ञा ने राज्य सरकार को लिखे पत्र  में कहा कि वे कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रही हैं। हो सकता है कि अगला कुंभ न देख पाएं।इस मसले  पर बोलने से प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।  साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट मिलने के बाद से माना जा रहा है कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का सॉफ्ट कॉर्नर उनके प्रति बढ़ा है। उनके अनशन के मामले में प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर से जब पूछा गया कि सरकार क्या करेगी, तो विवादों से बचने के लिए उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया । गौरतलब है कि साध्वी लगभग सात सालों से जेल में बंद थीं, लेकिन कैंसर के इलाज के लिए कोर्ट ने उन्हें अस्पताल में रहने की परमिशन दी है। प्रज्ञा ने रविवार को लेटर लिखकर शिवराज सरकार से उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ में शामिल होने की परमिशन मांगी थी।उन्होंने यह भी लिखा था कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो वे आमरण अनशन करेंगी। प्रज्ञा ने लिखा, 'वो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं और शायद अगला कुंभ न देख पाएं। इसलिए उनकी अंतिम इच्छा है कि वे उज्जैन कुंभ में जाएं।' प्रज्ञा ने राज्य सरकार समेत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को भी लेटर की कॉपी भेजी है। लेटर के मुताबिक, प्रज्ञा ने सोमवार सुबह 9 बजे तक का समय दिया था। मांग पूरी नहीं होने के कारण वे अपने कुछ सपोर्टर्स के साथ अस्पताल परिसर में ही आमरण अनशन पर बैठ गई हैं। प्रज्ञा ने लेटर में लिखा कि मैं अन्न जल त्याग दूंगी। अगर मुझे कुछ होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी मध्य प्रदेश सरकार की होगी। उन्होंने अपनी सिक्युरिटी को लेकर भी चिंता जाहिर की है। उन्होंने लिखा कि मेरे साथ पहले एसएएफ के जवान रहते थे। उनके हटाए जाने से मेरी जान को खतरा हो सकता है। प्रज्ञा ने जेड प्लस सुरक्षा की मांग की और सवाल पूछा कि जब देवास जिला कोर्ट ने उज्जैन जाने की अनुमति दे दी है, तो फिर सिक्युरिटी का हवाला देकर सरकार कोर्ट की अवमानना क्यों कर रही है? प्रज्ञा की चिट्ठी उनके सबसे विश्वसनीय भगवान झा लेकर पहुंचे थे। जेल सुपरिंटेंडेंट ने भगवान झा को भरोसा दिया के वह मामले को सीनियर अफसरों तक पहुंचा देंगे। भगवान झा ने कहा, 'सरकार के पास पुलिस की कोई कमी नहीं है। इसलिए साध्वी की सिंहस्थ यात्रा सुनिश्चित करा दी जाए, नहीं तो गंभीर परिणाम होंगे।'     Attachments area          

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  हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने किया 2.16 करोड़ की सड़क निर्माण का भूमि पूजन ।कोलार मुख्य मार्ग के समानांतर इस मार्ग से 2 लाख नागरिक होंगे सीधे लाभान्वित ।कोलार वासियो को विभिन्न मार्गो के माध्यम से नये भोपाल , होशंगाबाद रोड , जाने में होगी सहूलियत ।कोलार में बढ़ते ट्रैफिक पर नियंत्रण में हुज़ूर विधायक की कारगर पहल सफल ।हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा के अथक प्रयासों से कोलारवासियो को ट्रैफिक जाम से आये दिन होने वाली दिक्कतों से निज़ात मिलने जा रही है । बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान (कोलार मुख्य मार्ग) तक  बायपास रोड का निर्माण कराया जा रहा है । आज हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने रानी अवंतीबाई मार्ग से मंदाकनी मैदान को जोड़ने वाली सड़क निर्माण कार्य का भूमि पूजन भूमिका रेसीडेंसी पर किया । 2 करोड़ 16 लाख की लागत से बनने वाली 4200 मीटर इस सड़क की चौड़ाई 7.5 मीटर रहेगी, इस सड़क का निर्माण राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा किया जायेगा । श्री शर्मा ने बताया की कोलार मुख्य मार्ग पर आये दिन लगने वाले ट्रैफिक जाम से छुटकारा पाने के लिये इस बाय पास रोड का निर्माण कराया जा रहा है , उन्होंने बताया की बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग का निर्माण पूर्व में कराया जा चूका है । यह रोड  लोक निर्माण विभाग द्वारा बनायीं गयी है  गौरतलब है की उक्त सड़क का भूमि पूजन विधायक शर्मा द्वारा विधायक बनने के तत्काल बाद किया गया था । बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग तक इस सड़क की दूरी कुल 2 किलोमीटर है ।बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान पर कोलार मुख्य मार्ग पर जोड़ने वाले इस बायपास की कुल दूरी 6 किलोमीटर है । श्री शर्मा ने बताया की बहुत जल्द ही जे के अस्पताल के सामने इस मार्ग के जंक्शन पर एक पुल का निर्माण भी कराया जायेगा जो की सीधा शाहपुरा, भरत नगर , हबीबगंज , चुनाभट्टी , अथवा नये भोपाल को जोड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण के पश्च्यात कोलार के किसी भी नागरिक को ट्रैफिक जाम या आपातकालीन स्थिति में परेशान नहीं होना पड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग से कोलार सहित आसपास के लगभग 2 लाख नागरिक इससे सीधे लाभान्वित होंगे ।  श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण से पूर्व  उनके द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियो अधिकारियो एवं स्थानीय नागरिको के साथ दौरा किया गया । फलस्वरूप कोलार को ट्रैफिक से निजात दिलाने के लिये इस बायपास के निर्माण का निर्णय लिया गया । श्री शर्मा ने बताया की घनी आबादी वाले कोलार में नागरिको की सुविधा के मद्देनज़र इस मार्ग का  अलग अलग भागो में निर्माण कराया गया है , जिससे नागरिको को इसका लाभ पहुँच सके !  श्री शर्मा ने स्थानीय नागरिको को संबोधित करते हुए कहा की कोलार के समग्र विकास में निरंतर आपके द्वारा मिल रहे इसी प्रकार के सहयोग की आवश्यकता है आप सब के सहयोग से हम ग्रीन कोलार क्लीन कोलार का निर्माण करेंगे । कार्यक्रम के दौरान श्री शर्मा का स्थानीय नागरिको द्वारा बड़ी फूलो की माला पहनाकर सड़क निर्माण के लिए अभिन्दन किया गया !  मार्ग से लाभान्वित क्षेत्र  एक नज़र में -: बैरागढ़ चीचली , दौलतपुर ,धोली खदान, प्रियंका नगर ,हिनोतिया गांव ,मानसरोवर डेंटल कॉलेज, सुहागपुर ,पिपलिया, गुराडी , सेमरी ,अमरावत कलां ,सोहागपुर ,बांसखेड़ी झुग्गी बस्ती ,सन खेड़ी झुग्गी बस्ती, आकाश नगर , गिरधर परिसर ,सैफरॉन सिटी ,कृष्णा होम्स ,गिरधर गार्डन ,शिवालय परिसर ,सर्वजन सोसाइटी ,डी के 5 ,जे के अस्पताल , सागर प्रीमियम टॉवर, भूमिका रेसीडेंसी ,वेस्टर्न कौर्ट एवं मंदाकनी सोसायटी आदि इस मार्ग पर अन्य रहवासियो  को इस बाय पास का  सीधा लाभ पहुंचेगा ।होशंगाबाद रोड से जुड़ेगा यह मार्ग यह मार्ग चार बत्ती चौराहे से कालीबाड़ी पुल से होते हुए बाबड़िया रेल्वे फाटक से होशंगाबाद रोड से सीधा जुड़ेगा ।दानिश कुंज से कलियासोत नदी पर सलैया पुल के माध्यम से मिसरोद (होशंगाबाद रोड) से सीधा जुड़ेगा ।कार्यक्रम में विशेष रूप से स्थानीय पार्षद एवं एम आई सी सदस्य भूपेंद्र माली ,पार्षद पवन बोराना, मंडल उपाध्यक्ष श्याम मीना, बी एस वाजपेयी , महेश तिवारी , इक़बाल खान , अमित शुक्ल, दीपक माथुर , अरुण तिवारी , डी ले पालीवाल , एस एस सेंगर ,शोभा सिकरवार , श्रीमती गीता मिश्रा,गणेश तिवारी,राजेश सेंगर , राज शर्मा , प्रदीप पाटीदार ,आकाश श्रीवास्तव,सहित बड़ी संख्या में माताये बहने कॉलोनी वासी उपस्थित रहे ।  

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कोलार के वार्ड 82 में आने वाले दानिशकुंज कॉलोनी में नगर निगम द्वारा काम नहीं कराने के बाद भी पार्षद द्वारा निर्माण को लेकर बोर्ड लगाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। गलत जानकारी को लेकर आज दोपहर कांग्रेस पार्षदों, स्थानीय नेताओं और रहवासियों का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम आयुक्त छवि भारद्वाज से मिला। इन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पार्षद जानबूझकर श्रेय की राजनीति कर रहे हैं। जबकि, जनता गर्मी में पानी के लिए हाहाकार मचा रही है, फिर भी उन्हें पानी नहीं दिया जा रहा है। पार्षदों ने यह की मांग : कांग्रेस पार्षद संतोष जितेंद्र कंसाना, मोनू सक्सेना, मनजीत मारण, अमित शर्मा, राहुल सिंह राठौर, अखिलेश जैन सहित रहवासियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयुक्त भारद्वाज से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। इसके अनुसार तत्काल गलत जानकारी देने वाले भाजपा पार्षद भूपेंद्र माली के बोर्ड को नगर निगम प्रशासन हटाए। साथ ही इस मामले में जांच कराएं कि कहीं दानिशकुंज में कराए गए डामर के भुगतान की फर्जी फाइल तो निगम के कार्यालय नहीं पहुंच गई। यदि प्रशासन बोर्ड नहीं लगाएगी, तो कांग्रेसी भी हर वार्ड में ऐसे बोर्ड लगाएगी। दानिशकुंज कॉलोनी में करीब एक करोड़ राशि से डामर कराया गया है। इस पर स्थानीय पार्षद ने खुद डामर कराने के बोर्ड पूरी कॉलोनी में लगा दिए। वहीं, दानिशकुंज सोसायटी ने भी एक विज्ञापन जारी करके कहा कि वह निर्माण उसने कराया है। कुछ लोगों के यहां निर्माण नहीं कराया गया है, वो लोग जल्द ही बकाया राशि जमा कर दें, ताकि बचे हुए स्थानों पर भी डामरीकरण कराया जा सके।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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मीरजापुर । उत्तर प्रदेश के मीरजापुर जनपद में बुधवार सुबह चुनार रेलवे स्टेशन पर बड़ा रेल हादसा हो गया। नेताजी एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आने से 8 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जिनमें 6 महिलाएं हैं। हादसे में कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए जिन्हें विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। घटना सुबह करीब 9:30 बजे चुनार रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 3 पर हुई। बताया जा रहा है कि चोपन से आई पैसेंजर ट्रेन के स्टेशन पर पहुंचने के बाद कार्तिक पूर्णिमा पर्व के चलते भीड़ अधिक होने से कुछ श्रद्धालु प्लेटफॉर्म की ओर न उतर कर दूसरी तरफ ट्रैक से नीचे उतरने लगे। तभी तेज रफ्तार से आई नेताजी एक्सप्रेस उसी ट्रैक से गुजर गई। श्रद्धालु कुछ समझ पाते, इससे पहले ही ट्रेन ने कई लोगों को चपेट में ले लिया। दुर्घटना के बाद मौके पर दिल दहला देने वाला मंजर था। रेलवे ट्रैक पर चारों ओर लोगों के शव बिखर गए। शवों के टुकड़ों को पुलिस ने बड़ी मशक्कत से समेट कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। घायल यात्रियों को तुरंत जिला अस्पताल व अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में भर्ती कराया गया है। मृतकों में अधिकांश कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए गंगा घाट जा रहे श्रद्धालु बताए जा रहे हैं।   अपर पुलिस अधीक्षक आपरेशन मनीष मिश्रा ने बताया कि इस हादसे में 6 महिला मृतकों की पहचान कर ली गई है। इनमें सविता (28) पत्नी राजकुमार निवासी कमरिया थाना राजगढ़, साधना (16) पुत्री विजय शंकर बिंद, शिव कुमारी (12) पुत्री विजय शंकर, अप्पू देवी (20) पुत्री श्याम प्रसाद, सुशीला देवी (60) पत्नी स्व. मोतीलाल निवासी महुआरी थाना पड़री, कलावती देवी (50) पत्नी जनार्दन यादव निवासी बसवा थाना कर्मा जनपद सोनभद्र हैं। अन्य मृतकों की पहचान करने के साथ अग्रिम कार्रवाई की जा रही है।   हादसे की सूचना मिलते ही रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी और प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा और राहत कार्य शुरू कराया। उधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हृदयविदारक घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए अधिकारियों को घायलों के समुचित उपचार और राहत व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

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नई दिल्ली । कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बुधवार को नई दिल्ली के इंदिरा भवन में ‘एच फाइल्स’ नाम से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हरियाणा चुनाव में बड़े पैमाने पर वोट चोरी के गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने यह भी आशंका जताई कि हरियाणा में जो हुआ, वही अब बिहार में भी दोहराया जा सकता है।   यह प्रेस कॉन्फ्रेंस उस वक्त हुई, जब गुरुवार बिहार में पहले चरण की 121 विधानसभा सीटों के लिए मतदान होना है। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि हरियाणा में करीब 25 लाख फर्जी वोटर बनाए गए हैं और यह एक 'संगठित वोट चोरी' का मामला है। उन्होंने दावा किया कि यह फर्जीवाड़ा किसी स्थानीय स्तर पर नहीं, बल्कि उच्च स्तर पर किया गया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में कुल लगभग दो करोड़ वोटर हैं, जिनमें से हर आठवां मतदाता फर्जी है।   उन्होंने आंकड़े देते हुए कहा कि हरियाणा में 25,41,144 वोट फर्जी हैं। इनमें 5,21,619 डुप्लीकेट वोटर, 93,174 अमान्य पते, और 19,26,351 बल्क वोटर शामिल हैं। इसके अलावा फॉर्म-6 (नाम जोड़ने) और फॉर्म-7 (नाम हटाने) का भी बड़े पैमाने पर दुरुपयोग किया गया, लेकिन चुनाव आयोग ने अब इन आंकड़ों तक पहुंच रोक दी है। राहुल गांधी ने बताया कि यह मामला बेहद गंभीर है, क्योंकि इतनी बड़ी वोट चोरी के बावजूद कांग्रेस पार्टी सिर्फ 22,779 वोटों के अंतर से हारी। उन्होंने कहा कि चुनाव परिणाम सुनियोजित तरीके से प्रभावित किए गए।   कांग्रेस नेता ने ब्राजील की एक मॉडल की तस्वीर दिखाते हुए दावा किया कि उसी फोटो का इस्तेमाल अलग-अलग नामों से हरियाणा के कई बूथों पर 22 बार वोट डालने के लिए किया गया। उन्होंने कहा कि यह मॉडल कभी ‘सीमा’, कभी ‘सरस्वती’ और कभी ‘स्वीटी’ के नाम से वोटर लिस्ट में दर्ज है। उन्होंने बताया कि हरियाणा के दो बूथों पर एक ही महिला की फोटो 223 बार दोहराई गई। यह भी आरोप है कि शशांक गिरी नाम के व्यक्ति ने बूथ नंबर 431 और 508 में 14 बार वोट किया, जबकि रुद्राभिषेक जैन और नमन जैन नाम के दो भाइयों ने बूथ 130 और 131 में 18 बार मतदान किया।   राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव आयोग चाहे, तो एक साधारण प्रक्रिया चलाकर एक जैसे फोटो या पते वाले सभी नकली वोटरों को तुरंत पहचान सकता है, लेकिन वह ऐसा नहीं किया जा रहा है। राहुल गांधी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का एक वीडियो भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में चलाया, जिसमें सैनी नतीजे आने से पहले यह कहते दिखे कि “बीजेपी एकतरफा सरकार बना रही है।” राहुल गांधी ने इस वीडियो को साजिश का सबूत बताया। उन्होंने कहा कि हरियाणा में कांग्रेस उम्मीदवारों को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि वोटर लिस्ट में गड़बड़ी है।   राहुल गांधी ने कहा कि पहली बार ऐसा हुआ कि पोस्टल बैलेट और फाइनल रिजल्ट में भारी अंतर था। जब हमने जांच की, तो सामने आया कि युवाओं का भविष्य चुरा लिया गया है। राहुल गांधी ने कहा कि यही पैटर्न बिहार में भी देखा जा रहा है। उन्होंने कुछ मतदाताओं को मंच पर बुलाकर दावा किया कि उनके और उनके परिवारों के नाम वोटर लिस्ट से बिना वजह काट दिए गए हैं। राहुल गांधी ने कहा कि भारत में अब जेन-जी और युवा ही सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलकर लोकतंत्र बचा सकते हैं।

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नई दिल्ली । घरेलू सर्राफा बाजार में चांदी के भाव में भी लगातार गिरावट का रुख बना हुआ है। आज इस चमकीली धातु की कीमत में 4,000 रुपये से लेकर 5,100 रुपये प्रति किलोग्राम तक की गिरावट आ गई है। इस गिरावट के कारण देश के अलग अलग सर्राफा बाजारों में चांदी 1,50,000 रुपये प्रति किलोग्राम से लेकर 1,64,900 रुपये प्रति किलोग्राम तक के भाव पर बिक रही है। दिल्ली में आज चांदी की कीमत गिर कर 1,50,900 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर पहुंच गई है। इसी तरह मुंबई, अहमदाबाद, कोलकाता, जयपुर, सूरत और पुणे में चांदी 1,50,000 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर बनी हुई है। वहीं, बेंगलुरु में चांदी 1,51,000 रुपये के स्तर पर और पटना तथा भुवनेश्वर में 1,50,400 प्रति किलोग्राम के स्तर पर कारोबार कर रही है। देश में चांदी की सबसे अधिक कीमत अभी भी चेन्नई और हैदराबाद में है, जहां ये चमकीली धातु आज 5,100 रुपये प्रति किलोग्राम की गिरावट के बावजूद 1,64,900 रुपये के स्तर पर बनी हुई है। चेन्नई और हैदराबाद में चांदी पिछले 3 सप्ताह के दौरान 42 हजार रुपये से ज्यादा सस्ती हो चुकी है। इन दोनों शहरों में 15 अक्टूबर को चांदी 2,07,700 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पर कारोबार कर रही थी, लेकिन अब इन दोनों शहरों में इसकी कीमत में 42,800 रुपये प्रति किलोग्राम की गिरावट आ चुकी है।  

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  लगेगी शांडिल्य गुरु की प्रतिमा      कोलार रोड के दूसरे छोर भदभदा चौराहे पर उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने  ब्रह्मलीन बालगोविंद शांडिल्य गुरुजी की प्रतिमा स्थापना तथा चौराहे के सौंदर्यीकरण का भूमि-पूजन किया। सौंदर्यीकरण के लिये 8 लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं।   श्री गुप्ता ने कहा कि सरकार शहर के विकास के लिये सतत प्रयत्नशील है। उन्होंने शासन की विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि नागरिक शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये आगे आयें। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि घर-घर जाकर नागरिकों को शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये प्रेरित करें। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा कोटरा में सड़क भूमि-पूजन उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने आई-5 शासकीय आवास कोटरा के पास सड़क निर्माण का भूमि-पूजन किया। सड़क की लागत 20 लाख है। श्री गुप्ता ने सड़क का कार्य गुणवत्तापूर्ण करवाने के निर्देश दिये। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।     Attachments area          

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      मध्यप्रदेश के प्राचीन मंदिरों में भगवान के दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को अब प्रदेश के पुरावैभव, कला और संस्कृति की झलक भी वहां देखने को मिलेगी। इसके लिए राज्य सरकार मंदिरों में संग्रहालयों का निर्माण कराएगी। इस योजना को संस्कृति, धर्मस्व और पुरातत्व विभाग मिलकर अंजाम देंगे। मध्यप्रदेश में इस समय कई प्रसिद्ध मंदिर है जहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है। लेकिन इन मंदिरों में फिलहाल प्रदेश की कला-संस्कृति, इतिहास  और पुरावैभव की झलक दिखाने वाले संग्रहालय नहीं है। राज्य सरकार का सोचना है कि जो श्रद्धालु प्रदेश के प्राचीन मंदिरों में पहुंच रहे है वहां उन्हें भगवान के दर्शन के साथ-साथ प्रदेश के पुरावैभव और कला तथा संस्कृति से भी अवगत कराया जाए। इसके लिए इन मंदिरों के ट्रस्टों के पास मौजूद अपार धनराशि का उपयोग किया जाएगा। इन मंदिरों में सबसे पहले बनेंगे संग्रहालय- मध्यप्रदेश में उज्जैन में महाकाल मंदिर, खजराना मंदिर, सतना के मैहर मंदिर, पशुपतिनाथ मंदिर सहित कई ऐसे प्रमुख मंदिर है जहां मंदिरों की देखरेख और संरक्षण के लिए बनाए गए ट्रस्टों के पास श्रद्धालुओं के दान से मिली अपार धन संपदा स्थित है। इन्हीं मंदिरों में सबसे पहले संग्रहालय बनाने की शुरुआत की जाएगी।  इन मंदिरों के समीप काफी जमीन और भवन स्थित है। शिव मंदिरों में सभी बारह ज्योर्तिलिंगों के बारे में पूरी जानकारी एकत्रित कर प्रदर्शित की जाएगी। इसी तरह गणेश मंदिरों में गणेशजी के सभी स्वरुपों उनके इतिहास और महत्व को प्रदर्शित किया जाएगा। भोपाल के समीप स्थित भोजपुर मंदिर में दो सौ मीटर के दायरे के बाहर संग्रहालय बनाने का प्रस्ताव है। यहां भोजपुर के विशालकाय शिवलिंग और मंदिर के निर्माण की एतिहासिक प्रामाणिक  जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। यह मंदिर कब बना, इस तरह के मंदिर और कहां-कहां बनाए जाने थे। यह अधूरा क्यों रह गया। मंदिर के आसपास मिलने वाले शिवलिंग और अन्य पुराधरोहरों को भी यहां संग्रहित किया जाएगा। भोपाल में भी मुस्लिम धर्मावलंबियों से जुड़ी जानकारी, मध्यप्रदेश के प्राचीन नवाबों से जुड़े इतिहास की प्रामाणिक जानकारी गौहर महल या अन्य स्थानों पर प्रदर्शित की जाएगी। मिडटाउन में दुनिया की सबसे बड़ी सेंट पीटर चर्च में संग्रहालय भी है। वेटिकन सिटी में भी म्युजियम है वहां कई तरह के चित्र प्रदर्शित किए गए है। इन चित्रों में इन देशों की कला और संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। जापान में म्युजियम आॅफ पैरासाइड है। भारत के कई राज्यों में भी मंदिर, मस्जिद और चर्च के साथ संग्रहालय लगे हुए है। मध्यप्रदेश में फिलहाल मंदिर, मस्जिद और गिरिजाघरों में संग्रहालय नहीं है। प्रमुख सचिव संस्कृति मनोज श्रीवास्तव ने कहा प्रदेश के मंदिरों पर अब संग्रहालय बनाने की राज्य सरकार की योजना है। इसके जरिए प्रदेश के नागरिकों को धार्मिक आस्था के केन्द्रों पर पहुंचने पर वहां संग्रहालयों में प्रदेश के इतिहास, कला और संस्कृति के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।     Attachments area          

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  कोलार अवैध कब्जों का अड्डा बना    कोलार में राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों और तहसीलदारों की शह पर बेशकीमती जमीन पर जहां-तहां झुग्गियों का निर्माण करने के अलावा दीवारें तानकर अतिक्रमण किया जा रहा है। इन अतिक्रामकों को रोकने के बजाय अफसर उन्हें प्रश्रय दे रहे हैं। कोलार का दशहरा मैदान इसका ताजा उदाहरण है, जहां पिछले माह लगी आग में 50 झुग्गियां खाक हो गईं थी अब वहां 100 से ज्यादा झुग्गियां और मकान बन गए हैं।   लगातार अतिक्रमण बढ़ने की शिकायतों को लेकर एक सप्ताह पहले एडीएम रत्नाकर झा ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए थे कि वे सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाएं। साथ ही सूची तैयार करें, ताकि सरकारी जमीनों पर जमा अतिक्रमणों को हटाया जा सके। हुजूर एसडीएम और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही से फिर कोलार दशहरा मैदान की सरकारी जमीन पर दर्जनों झुग्गियां तन गर्इं।  प्रशासन के सामने यहां पर झुग्गियां बनती गई, लेकिन उन्हें रोकने की हिम्मत किसी ने नहीं की।   डेढ़ साल पहले निगम चुनाव के पूर्व मुख्यमंत्री ने हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के कहने पर कोलार दशहरा मैदान में स्टेडियम बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद कलेक्टर निशांत वरवड़े ने यहां पर दौरा कर एसडीएम माया अवस्थी को झुग्गियां शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अब तक यहां पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।   कोलार दशहरा मैदान के किनारे बनी अवैध झुग्गियां में तीन साल से एक ही स्थान पर आग लग रही है। यहां 40-50 झुग्गियों में आग लगती है और इसके बाद नई 100 झुग्गियां बन जाती हैं। तीन साल में इस स्थान पर 300 से अधिक झुग्गियां अवैध बन गई। लेकिन प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।     Attachments area          

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  पत्र  में प्रज्ञा ने कैंसर की बीमारी का हवाला भी दिया      मालेगांव बम ब्लास्ट में क्लीन चिट मिलने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने अपने तेवर दिखाए हैं। सिंहस्थ में जाने की जिद पर अड़ीं साध्वी ने पंडित खुशीलाल आयुर्वेदिक अस्पताल में आमरण अनशन शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि सरकार ने उन्हें परमिशन नहीं दी, तो वे 21 मई को जल समाधि ले लेंगी। कैंसर से पीड़ित प्रज्ञा ने दवाइयां खाने से भी इनकार कर दिया है। प्रज्ञा ने राज्य सरकार को लिखे पत्र  में कहा कि वे कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रही हैं। हो सकता है कि अगला कुंभ न देख पाएं।इस मसले  पर बोलने से प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।  साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट मिलने के बाद से माना जा रहा है कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का सॉफ्ट कॉर्नर उनके प्रति बढ़ा है। उनके अनशन के मामले में प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर से जब पूछा गया कि सरकार क्या करेगी, तो विवादों से बचने के लिए उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया । गौरतलब है कि साध्वी लगभग सात सालों से जेल में बंद थीं, लेकिन कैंसर के इलाज के लिए कोर्ट ने उन्हें अस्पताल में रहने की परमिशन दी है। प्रज्ञा ने रविवार को लेटर लिखकर शिवराज सरकार से उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ में शामिल होने की परमिशन मांगी थी।उन्होंने यह भी लिखा था कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो वे आमरण अनशन करेंगी। प्रज्ञा ने लिखा, 'वो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं और शायद अगला कुंभ न देख पाएं। इसलिए उनकी अंतिम इच्छा है कि वे उज्जैन कुंभ में जाएं।' प्रज्ञा ने राज्य सरकार समेत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को भी लेटर की कॉपी भेजी है। लेटर के मुताबिक, प्रज्ञा ने सोमवार सुबह 9 बजे तक का समय दिया था। मांग पूरी नहीं होने के कारण वे अपने कुछ सपोर्टर्स के साथ अस्पताल परिसर में ही आमरण अनशन पर बैठ गई हैं। प्रज्ञा ने लेटर में लिखा कि मैं अन्न जल त्याग दूंगी। अगर मुझे कुछ होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी मध्य प्रदेश सरकार की होगी। उन्होंने अपनी सिक्युरिटी को लेकर भी चिंता जाहिर की है। उन्होंने लिखा कि मेरे साथ पहले एसएएफ के जवान रहते थे। उनके हटाए जाने से मेरी जान को खतरा हो सकता है। प्रज्ञा ने जेड प्लस सुरक्षा की मांग की और सवाल पूछा कि जब देवास जिला कोर्ट ने उज्जैन जाने की अनुमति दे दी है, तो फिर सिक्युरिटी का हवाला देकर सरकार कोर्ट की अवमानना क्यों कर रही है? प्रज्ञा की चिट्ठी उनके सबसे विश्वसनीय भगवान झा लेकर पहुंचे थे। जेल सुपरिंटेंडेंट ने भगवान झा को भरोसा दिया के वह मामले को सीनियर अफसरों तक पहुंचा देंगे। भगवान झा ने कहा, 'सरकार के पास पुलिस की कोई कमी नहीं है। इसलिए साध्वी की सिंहस्थ यात्रा सुनिश्चित करा दी जाए, नहीं तो गंभीर परिणाम होंगे।'     Attachments area          

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  हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने किया 2.16 करोड़ की सड़क निर्माण का भूमि पूजन ।कोलार मुख्य मार्ग के समानांतर इस मार्ग से 2 लाख नागरिक होंगे सीधे लाभान्वित ।कोलार वासियो को विभिन्न मार्गो के माध्यम से नये भोपाल , होशंगाबाद रोड , जाने में होगी सहूलियत ।कोलार में बढ़ते ट्रैफिक पर नियंत्रण में हुज़ूर विधायक की कारगर पहल सफल ।हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा के अथक प्रयासों से कोलारवासियो को ट्रैफिक जाम से आये दिन होने वाली दिक्कतों से निज़ात मिलने जा रही है । बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान (कोलार मुख्य मार्ग) तक  बायपास रोड का निर्माण कराया जा रहा है । आज हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने रानी अवंतीबाई मार्ग से मंदाकनी मैदान को जोड़ने वाली सड़क निर्माण कार्य का भूमि पूजन भूमिका रेसीडेंसी पर किया । 2 करोड़ 16 लाख की लागत से बनने वाली 4200 मीटर इस सड़क की चौड़ाई 7.5 मीटर रहेगी, इस सड़क का निर्माण राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा किया जायेगा । श्री शर्मा ने बताया की कोलार मुख्य मार्ग पर आये दिन लगने वाले ट्रैफिक जाम से छुटकारा पाने के लिये इस बाय पास रोड का निर्माण कराया जा रहा है , उन्होंने बताया की बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग का निर्माण पूर्व में कराया जा चूका है । यह रोड  लोक निर्माण विभाग द्वारा बनायीं गयी है  गौरतलब है की उक्त सड़क का भूमि पूजन विधायक शर्मा द्वारा विधायक बनने के तत्काल बाद किया गया था । बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग तक इस सड़क की दूरी कुल 2 किलोमीटर है ।बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान पर कोलार मुख्य मार्ग पर जोड़ने वाले इस बायपास की कुल दूरी 6 किलोमीटर है । श्री शर्मा ने बताया की बहुत जल्द ही जे के अस्पताल के सामने इस मार्ग के जंक्शन पर एक पुल का निर्माण भी कराया जायेगा जो की सीधा शाहपुरा, भरत नगर , हबीबगंज , चुनाभट्टी , अथवा नये भोपाल को जोड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण के पश्च्यात कोलार के किसी भी नागरिक को ट्रैफिक जाम या आपातकालीन स्थिति में परेशान नहीं होना पड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग से कोलार सहित आसपास के लगभग 2 लाख नागरिक इससे सीधे लाभान्वित होंगे ।  श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण से पूर्व  उनके द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियो अधिकारियो एवं स्थानीय नागरिको के साथ दौरा किया गया । फलस्वरूप कोलार को ट्रैफिक से निजात दिलाने के लिये इस बायपास के निर्माण का निर्णय लिया गया । श्री शर्मा ने बताया की घनी आबादी वाले कोलार में नागरिको की सुविधा के मद्देनज़र इस मार्ग का  अलग अलग भागो में निर्माण कराया गया है , जिससे नागरिको को इसका लाभ पहुँच सके !  श्री शर्मा ने स्थानीय नागरिको को संबोधित करते हुए कहा की कोलार के समग्र विकास में निरंतर आपके द्वारा मिल रहे इसी प्रकार के सहयोग की आवश्यकता है आप सब के सहयोग से हम ग्रीन कोलार क्लीन कोलार का निर्माण करेंगे । कार्यक्रम के दौरान श्री शर्मा का स्थानीय नागरिको द्वारा बड़ी फूलो की माला पहनाकर सड़क निर्माण के लिए अभिन्दन किया गया !  मार्ग से लाभान्वित क्षेत्र  एक नज़र में -: बैरागढ़ चीचली , दौलतपुर ,धोली खदान, प्रियंका नगर ,हिनोतिया गांव ,मानसरोवर डेंटल कॉलेज, सुहागपुर ,पिपलिया, गुराडी , सेमरी ,अमरावत कलां ,सोहागपुर ,बांसखेड़ी झुग्गी बस्ती ,सन खेड़ी झुग्गी बस्ती, आकाश नगर , गिरधर परिसर ,सैफरॉन सिटी ,कृष्णा होम्स ,गिरधर गार्डन ,शिवालय परिसर ,सर्वजन सोसाइटी ,डी के 5 ,जे के अस्पताल , सागर प्रीमियम टॉवर, भूमिका रेसीडेंसी ,वेस्टर्न कौर्ट एवं मंदाकनी सोसायटी आदि इस मार्ग पर अन्य रहवासियो  को इस बाय पास का  सीधा लाभ पहुंचेगा ।होशंगाबाद रोड से जुड़ेगा यह मार्ग यह मार्ग चार बत्ती चौराहे से कालीबाड़ी पुल से होते हुए बाबड़िया रेल्वे फाटक से होशंगाबाद रोड से सीधा जुड़ेगा ।दानिश कुंज से कलियासोत नदी पर सलैया पुल के माध्यम से मिसरोद (होशंगाबाद रोड) से सीधा जुड़ेगा ।कार्यक्रम में विशेष रूप से स्थानीय पार्षद एवं एम आई सी सदस्य भूपेंद्र माली ,पार्षद पवन बोराना, मंडल उपाध्यक्ष श्याम मीना, बी एस वाजपेयी , महेश तिवारी , इक़बाल खान , अमित शुक्ल, दीपक माथुर , अरुण तिवारी , डी ले पालीवाल , एस एस सेंगर ,शोभा सिकरवार , श्रीमती गीता मिश्रा,गणेश तिवारी,राजेश सेंगर , राज शर्मा , प्रदीप पाटीदार ,आकाश श्रीवास्तव,सहित बड़ी संख्या में माताये बहने कॉलोनी वासी उपस्थित रहे ।  

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कोलार के वार्ड 82 में आने वाले दानिशकुंज कॉलोनी में नगर निगम द्वारा काम नहीं कराने के बाद भी पार्षद द्वारा निर्माण को लेकर बोर्ड लगाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। गलत जानकारी को लेकर आज दोपहर कांग्रेस पार्षदों, स्थानीय नेताओं और रहवासियों का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम आयुक्त छवि भारद्वाज से मिला। इन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पार्षद जानबूझकर श्रेय की राजनीति कर रहे हैं। जबकि, जनता गर्मी में पानी के लिए हाहाकार मचा रही है, फिर भी उन्हें पानी नहीं दिया जा रहा है। पार्षदों ने यह की मांग : कांग्रेस पार्षद संतोष जितेंद्र कंसाना, मोनू सक्सेना, मनजीत मारण, अमित शर्मा, राहुल सिंह राठौर, अखिलेश जैन सहित रहवासियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयुक्त भारद्वाज से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। इसके अनुसार तत्काल गलत जानकारी देने वाले भाजपा पार्षद भूपेंद्र माली के बोर्ड को नगर निगम प्रशासन हटाए। साथ ही इस मामले में जांच कराएं कि कहीं दानिशकुंज में कराए गए डामर के भुगतान की फर्जी फाइल तो निगम के कार्यालय नहीं पहुंच गई। यदि प्रशासन बोर्ड नहीं लगाएगी, तो कांग्रेसी भी हर वार्ड में ऐसे बोर्ड लगाएगी। दानिशकुंज कॉलोनी में करीब एक करोड़ राशि से डामर कराया गया है। इस पर स्थानीय पार्षद ने खुद डामर कराने के बोर्ड पूरी कॉलोनी में लगा दिए। वहीं, दानिशकुंज सोसायटी ने भी एक विज्ञापन जारी करके कहा कि वह निर्माण उसने कराया है। कुछ लोगों के यहां निर्माण नहीं कराया गया है, वो लोग जल्द ही बकाया राशि जमा कर दें, ताकि बचे हुए स्थानों पर भी डामरीकरण कराया जा सके।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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पटना । बिहार विधानसभा चुनाव के कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने साेमवार को सोनबरसा में एक जनसभा को संबोधित किया। चुनाव के प्रचार अभियान के दौरान कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि आज बिहार की सरकार वास्तव में दिल्ली से संचालित हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य से जुड़े सारे निर्णय केंद्र से लिए जा रहे हैं और मुख्यमंत्री की भी कोई सुनवाई नहीं होती।   कांग्रेस नेता प्रियंका गाधी ने कहा कि महागठबंधन जनता के अधिकारों की लड़ाई लड़ रहा है और बिहार को एक नया दिशा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने लोगों से अपील की कि अब समय आ गया है कि बिहार के लोग उन ताकतों से सावधान रहें जो सिर्फ वादे करती हैं। इस बार अपने बच्चों के भविष्य और बिहार की तरक्की के लिए महागठबंधन को भारी मतों से विजयी बनाइए। प्रियंका गाधी े कहा कि बिहार की जनता बेरोजगारी और पलायन का दंश झेल रही है, लेकिन सत्ता में बैठी पार्टियां पिछले 20 सालों से जनता को भटकाने का प्रयास कर रही हैं। उन्होंने कहा कि मैं प्रधानमंत्री को एक सुझाव देना चाहती हूं। एक नया मंत्रालय बना दीजिए, ‘अपमान मंत्रालय’। वे हमेशा सूची बनाते रहते हैं कि किसने उन्हें गाली दी, किसने उनका अपमान किया। वे अपना समय क्यों व्यर्थ कर रहे हैं? यह काम अपमान मंत्रालय कर देगा।प्रियंका गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री को अपना समय देश के विकास और युवाओं को रोजगार देने में लगाना चाहिए, न कि विरोधियों के बयानों पर प्रतिक्रिया देने में। उन्होंने केंद्र सरकार पर बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों की अनदेखी करने का आरोप लगाया।उन्होंने जनसमूह से आह्वान किया कि वे राज्य के भविष्य और अपने बच्चों के बेहतर कल के लिए सोच-समझकर मतदान करें।प्रियंका गांधी की इस जनसभा में बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे। सभा के दौरान उन्होंने रोजगार, शिक्षा और महिला सशक्तिकरण को लेकर कांग्रेस की प्राथमिकताओं को भी रेखांकित किया।

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भोपाल । मध्‍य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भारतीय महिला क्रिकेट टीम की ऑलराउंडर मध्य प्रदेश की छतरपुर जिले की घुवारा की क्रांति गौड़ को एक करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की है। महिला विश्व कप क्रिकेट प्रतियोगिता की विजय यात्रा में भारत को पहली बार विश्व विजेता बनने में क्रांति गौड़ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सोमवार को एमपी पॉवर मैनेजमेंट कंपनी के भवन के लोकार्पण और समाधान योजना के शुभारंभ के बाद मीडिया से चर्चा कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि रविवार रात देश की बेटियों ने आईसीसी महिला एक दिवसीय वनडे वर्ल्ड कप-2025 में भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने इतिहास रच दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में भारत के उच्चतम प्रतिमान स्थापित करते हुए आगे बढ़ने का यह अभूतपूर्व प्रमाण है। साथ ही प्रदेश में खेल को प्रोत्साहित करने के लिए क्रियान्वित योजनाओं का प्रतिफल भी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारतीय टीम पहली बार आईसीसी वर्ल्ड चैंपियन बनी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी खिलाड़ियों और देशवासियों को भारतीय महिला क्रिकेट टीम की जीत पर बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।गौरततलब है कि इस ऐतिहासिक जीत में प्रदेश की बेटी और टीम की ऑलराउंडर क्रांति गौड़ की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही। ऑल राउंडर क्रांति ने पाकिस्तान के खिलाफ (ग्रुप स्टेज) मैच में भी 3 खिलाड़ियों को आउट किया था। इस मुकाबले में उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया था। बुंदेलखंड की बेटी क्रांति गौड़ घरेलु क्रिकेट के साथ अंतरराष्ट्रीय और डब्ल्यूपीएल में अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन से झंडे गाड़ रही हैं। वे परिवार में 6 भाई-बहनों में सबसे छोटी हैं।  

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सहरसा । बिहार विधानसभा के लिए पहले चरण के लिए होने वाले मतदान का प्रचार अभियान अब अपने अंतिम चरण में है।तमाम दलों के नेता प्रदेश की जनता से अपने-अपने दलों के उम्मीदवारों के पक्ष में वोट करने की अपील कर रहे हैं। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी पहले चरण की वोटिंग से पहले सहरसा में जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) समेत महागठबंधन के तमाम घटक दलों पर तीखा प्रहार किया।   प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सहरसा में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार को एक बार फिर जंगलराज में धकेलने की कोशिश की जा रही है। राजद और कांग्रेस ने बदले की राजनीति में बिहार का विकास रोक दिया था। बिहार का फैसला अब सिर्फ बिहार का नहीं, बल्कि भारत के भविष्य का फैसला होगा। उन्होंने कहा कि जंगलराज की राजनीति को जनता ने एक बार हराया था और अब 2025 में उसे इतिहास से मिटा देने का समय आ गया है।   प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की पहचान अब भ्रष्टाचार या डर नहीं, बल्कि विकास, डिजिटल शक्ति और वैश्विक सम्मान से है। जो लोग बिहार को 90 के दशक में अंधेरे में छोड़ गए थे, वे अब देश को पीछे धकेलना चाहते हैं। कांग्रेस और राजद की पहचान विनाश से है, जबकि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की पहचान विकास से है।   प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि दिल्ली की कांग्रेस नीत सरकार ने राजद के साथ मिलकर बिहार का पैसा रोक दिया था, विकास योजनाओं पर ताले लगा दिए थे। यह बदले की राजनीति थी, बिहार की जनता को सजा दी गई थी। डॉ. मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार ने कोसी महासेतु जैसे प्रोजेक्ट लटकाए रखे, सिर्फ इसलिए कि नीतीश सरकार राजग की थी। कांग्रेस-राजद ने बिहार के साथ दुश्मनी निभाई, बिहार के हक का पैसा रोक लिया।   प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 2014 में आपने (बिहार की जनता) मुझे दिल्ली भेजा, तो बदला लेने वालों को हमने वहीं से हटा दिया और कोसी महासेतु को पूरा कर बिहार की जनता को समर्पित किया।   दिल्ली में बैठे लोगों ने बिहार के विकास को रोकने की कसम खा ली थी   प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दिल्ली की सरकार राजद के समर्थन से चल रही थी, इसलिए उन्होंने बिहार के खिलाफ बदला लेने की राजनीति की। उस समय दिल्ली में बैठे लोगों ने बिहार के विकास को रोकने की कसम खा ली थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस और राजद ने कोसी, मिथिलांचल और पूरे बिहार को बर्बादी के रास्ते पर धकेला, लेकिन अब डबल इंजन की सरकार ने विकास की गाड़ी को नई रफ्तार दी है।   कांग्रेस-राजद की डिक्शनरी में सिर्फ ‘कट्टा और करप्शन’   प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर व्यंग्य करते हुए कहा कि राजद और कांग्रेस की डिक्शनरी में सिर्फ कट्टा, करप्शन, कुशासन और कटुता जैसे शब्द हैं। यही उनकी असली राजनीति है, जबकि राजग विकास, सुशासन और आत्मनिर्भर बिहार की बात करता है।   जंगलराज वालों को ऐसा पराजय दो कि लौटने का सपना भी न देखें   प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि 2010 जैसा माहौल फिर लौट आया है। सहरसा से लेकर सुपौल और मधेपुरा तक जनता का जोश बता रहा है कि 'फिर एक बार, एनडीए सरकार'। उन्होंने बिहार की जनता से कहा कि जंगलराज वालों को ऐसा पराजय दो कि वे बिहार लौटने का सपना भी न देख सकें।   क्रिकेट से लेकर शिक्षा तक बेटियां आगे, यही है नए भारत की ताकत   प्रधानमंत्री ने अपने भाषण का बड़ा हिस्सा महिला सशक्तिकरण को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' का मजाक उड़ाने वाले अब बेटियों की सफलता पर चुप हैं। बिहार की 1.40 करोड़ बहनों के खाते में जो पैसा पहुंचा है, उसे ये जंगलराज वाले रोकना चाहते हैं। उन्होंने महिला क्रिकेट विश्वकप जीतने पर भारतीय टीम को बधाई देते हुए कहा कि ये विजय भारत की बेटियों के आत्मविश्वास की मिसाल है।   वो दौर लौटा तो बेटियां फिर घर से निकलना छोड़ देंगी   प्रधानमंत्री मोदी ने सहरसा समेत पूरे बिहार की जनता को चेताया कि जिनके राज में बेटियां शाम ढलते ही घर लौट आती थीं, जिनके समय में लूट, अपहरण और हत्या बिहार की पहचान थी, वही अब विकास की बात कर रहे हैं। अगर ये लौटे तो फिर से वही डर, वही बदहाली लौटेगी।   राजद-कांग्रेस का डीएनए है लूट और झूठ   प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राजद-कांग्रेस के राज में बिहार ने सबसे ज्यादा पीड़ा झेली। कोसी महासेतु का शिलान्यास अटलजी ने 2003 में किया, पर मनमोहन सरकार और राजद ने उसे रोक दिया। उन्होंने बिहार का पैसा काट दिया, योजनाओं को फाइलों में बंद कर दिया। जब आपने मुझे सेवा का मौका दिया तो हमने वही कोसी पुल बनाकर 2020 में बिहार को समर्पित किया। विपक्षी गठबंधन को वादों का ठेला बताते हुए उन्होंने कहा कि जिन्होंने बिहार का विकास रोका, अब वही झूठे वादे लेकर मैदान में हैं।   जंगलराज में रक्षक भी थे असुरक्षित   सहरसा के ऐतिहासिक संदर्भ में प्रधानमंत्री ने पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) सत्यपाल सिंह की शहादत का जिक्र करते हुए कहा कि जंगलराज में ईमानदार अधिकारियों को मार दिया जाता था। सड़के नहीं बनती थीं, सड़के बनाने वालों को उठा लिया जाता था। उस दौर में हर व्यापारी, हर ठेकेदार डर में जीता था, लेकिन नीतीश कुमार की सरकार ने जंगलराज को हटाकर सुसाशन दिया और अब डबल इंजन सरकार ने विकास की गति को कई गुना बढ़ा दिया है।   कोसी-मिथिलांचल बना विकास का हब   प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बिहार में अब रेल, सड़क और उद्योगों का नया युग शुरू हुआ है। मधेपुरा की रेल फैक्ट्री ‘मेक इन इंडिया’ का गौरव बन गई है। अब वो दिन दूर नहीं जब बिहार में मोबाइल फोन और इलेक्ट्रिक गाड़ियां बनेंगी। 11,000 (ग्यारह हजार) करोड़ रुपये की तागत से कोसी-बागमती बेसिन में बाढ़ नियंत्रण योजनाएं चल रही हैं। मखाना और मत्स्य उद्योग को लेकर भी नई योजनाएं लाईं गई हैं। पहले बिहार दूसरे राज्यों से मछली मंगाता था, आज बिहार मछली दूसरे राज्यों को भेजता है।   बिहार बनेगा विकसित भारत की जड़   प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार की जनता जिस तरह लोकतंत्र की मशाल थामे हुए है, वह भारत की राजनीतिक परिपक्वता का प्रतीक है। बिहार में ही लोकतंत्र की जड़ें सबसे गहरी हैं। लिच्छवी गणराज्य से लेकर आज के भारत तक, यही भूमि तय करती है कि देश आगे बढ़ेगा या रुकेगा। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने 2010 में सुशासन का जो बीज बोया था, अब 2025 में वही विकसित भारत की जड़ बनेगा।   एआई और एग्रीटेक में बिहार होगा भारत का ग्रोथ इंजन   मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार बिहार को एआई, कृषि तकनीक और ग्रामीण स्टार्टअप्स के लिए हब बनाने की दिशा में काम कर रही है। पाटलिपुत्र एक बार फिर ज्ञान का केंद्र बनेगा। इस बार तक्षशिला नहीं, टेक्नोलॉजी और टैलेंट का संगम होगा। उन्होंने कहा कि डिजिटल बिहार आने वाले दशक में भारत की अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकेगा, जहां मजदूरी से मोबाइल और हुनर से हुनरमंदी का युग शुरू होगा।   नालंदा की रौशनी बुझाने वालों को जवाब देगा बिहार   प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस-राजद ने नालंदा विश्वविद्यालय के नाम पर सिर्फ 20 करोड़ रुपये दिए थे, जबकि हमारी सरकार ने 2000 करोड़ रुपये देकर नया कैंपस बनाया, जहां अब 21 देशों के छात्र पढ़ रहे हैं, जिनके राज में कॉलेजों के गेटों पर ताले लगते थे, वो आज शिक्षा की बातें कर रहे हैं।   घुसपैठियों को बचाने में लगे हैं विपक्षी   मोदी ने महागठबंधन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि राजद और कांग्रेस को बिहार के भविष्य से नहीं, घुसपैठियों से लगाव है। जो घुसपैठिए आपकी जमीन और नौकरियां छीन रहे हैं, वे इन्हीं की राजनीति की कमाई हैं। बिहार को घुसपैठियों से बचाना है, बिहार को विकास के रास्ते पर रखना है।   बिहार की जनता तय करेगी विकास चाहिए या विनाश?   जनसभा के अंत में प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार ने बहुत भुगता है। अब बिहार की जनता को फैसला करना है कि विकास चाहिए या विनाश? राजग की सरकार चाहिए या जंगलराज वालों का अत्याचार? सभा में उपस्थित लोगों ने एक स्वर में नारा लगाया 'फिर एक बार, सुशासन सरकार'।

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पटना/आरा । बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी तेज है। सभी दलों के नेता जनता को लुभाने में जुटे हुए हैं। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी रविवार को बिहार में दो जनसभा और एक रोड शो कर रहे हैं। उन्होंने अपनी पहली जनसभा आरा में की और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के संकल्प पत्र में किए गए वादों को हर हाल में पूरा करने का दावा किया। उन्होंने विपक्षी महागठबंधन पर निशाना भी साधा।   बिहार के आरा में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवारों के पक्ष में चुनावी सभा को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि राजग का संकल्प है कि बिहार के युवा बिहार में काम करें और बिहार का नाम रोशन करें। इसके लिए हमने आने वाले दिनों में एक करोड़ रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का वादा किया है। यह सिर्फ एक घोषणा नहीं है, इसे साकार करने के लिए हमने एक ठोस योजना पेश की है। उन्होंने कहा कि संकल्प पत्र में किए गए वादों को राजग पूरा करती है और आगे भी पूरा करेगी।   प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 'विकसित बिहार, विकसित भारत' की नींव है। विकसित बिहार का उनका विज़न औद्योगिक विकास और युवाओं के लिए रोज़गार के अवसर पैदा करने पर केंद्रित है। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि आपके (बिहारवासियों के) सपने ही हमारा संकल्प हैं। इस बार भी बिहार की जनता राजग को रिकॉर्ड मतों से चुनाव जिताएगी। उन्होंने आगे कहा कि 'जंगल राज' के नेता सबसे करारी हार का रिकॉर्ड बनाएंगे।   प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विकसित बिहार के लिए राजग ने एक ईमानदार और दूरदर्शी घोषणापत्र पेश किया है। हमारी सभी योजनाएं और नीतियां बिहार के तेज विकास के लिए समर्पित हैं। एक तरफ राजग का ईमानदार घोषणापत्र है, वहीं दूसरी तरफ 'जंगल राज' गठबंधन ने अपने घोषणापत्र को धोखे और झूठ का दस्तावेज बना दिया है।   प्रधानमंत्री ने कहा, " मैं ‘जंगल राज’ वालों से कहना चाहता हूं कि ये भगवान जैसे लोग, बेवकूफ नहीं हैं। ये जनता है; ये सब जानती है।"   प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने कांग्रेस की कनपटी पर कट्टा रख कर तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कराया। तेजस्वी पर सहमत नहीं थी कांग्रेस। घोषणा पत्र में भी कांग्रेस की नहीं सुनी गई। चुनाव के पहले ये हाल है, चुनाव के बाद सर फुटौव्वल करेंगे। सुशासन राजग ही दे सकता है, दे रहे हैं।    

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भोपाल । मध्य प्रदेश स्थापना दिवस की संध्या पर राजधानी भोपाल का आसमान तकनीक, संस्कृति और सृजनशीलता के अद्भुत संगम का साक्षी बना। लाल परेड ग्राउंड पर आयोजित “अभ्युदय मध्यप्रदेश” समारोह में आयोजित भव्य ड्रोन शो ने राज्य की गौरवशाली विरासत से लेकर आधुनिक विकास यात्रा तक की झलक एक साथ प्रस्तुत की।दरअसल, शाम सात बजे से शुरू हुए इस शो ने मात्र 15 मिनट में हजारों दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। “विरासत से विकास की ओर” थीम पर आधारित इस कार्यक्रम ने मध्य प्रदेश की आत्मा को आसमान में साकार कर दिया; परंपरा, प्रगति और नवाचार का ऐसा संगम, जिसने हर दर्शक के मन में गर्व और उत्साह भर दिया।उल्‍लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में 2000 ड्रोन का उपयोग एक साथ किसी आयोजन में हुआ है। शो के आरंभ में ड्रोन से उकेरे गए दृश्यों ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया। सबसे पहले भारत का मानचित्र बना, जिसमें मध्यप्रदेश को “देश के हृदय” के रूप में प्रदर्शित किया गया। इसके बाद प्रदेश के 55 जिलों का चित्रण हुआ, जो प्रदेश की भौगोलिक और सांस्कृतिक विविधता को उजागर कर रहा था। फिर ड्रोन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की आकृतियाँ बनाईं, जो “विकसित भारत 2047” के दृष्टिकोण के साथ “अभ्युदय मध्यप्रदेश 2047” के लक्ष्य को जोड़ता प्रतीत हुआ।इसके बाद जैसे ही आकाश में सूर्योदय का दृश्य बना, ड्रोन ने सुनहरे रंगों में “अभ्युदय मध्यप्रदेश 2047” लिखा, जिससे पूरा वातावरण आशा और ऊर्जा से भर उठा।धर्म, संस्कृति और प्रकृति का समन्वयड्रोन शो का सबसे आकर्षक हिस्सा था महाकाल मंदिर और शिवलिंग की आरती का दृश्य। हजारों रोशनी से बने इन प्रतीकों ने मानो भोपाल के आसमान में उज्जैन की आध्यात्मिक छटा बिखेर दी। इसके बाद लोककला, मांडने और जनजातीय प्रतीकों की आकृतियाँ उभरकर आईं, जिन्होंने प्रदेश की लोकसंस्कृति की गहराई को दिखाया। जंगलों की भूमि मध्यप्रदेश की पहचान बने बाघ की छलांग, खेतों और सिंचाई के दृश्य, और उद्योग एवं एमपी इन्वेस्टर्स समिट के लोगो ने यह संदेश दिया कि राज्य परंपरा से निकलकर आधुनिक विकास की ओर दृढ़ता से बढ़ रहा है।विकास की उड़ान; मेट्रो, हाइवे और विज्ञान का संगमशो के अगले हिस्से में ड्रोन ने राजमार्ग, मेट्रो ट्रेन, और हवाई जहाज का जीवंत चित्रण किया। यह दृश्य राज्य की तीव्र गतिशीलता और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास का प्रतीक था। इसके साथ ही जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान का संदेश पूरे आसमान में उभरा, जिसने दर्शकों के मन में गर्व और देशभक्ति की भावना जगा दी। ड्रोन द्वारा निर्मित वेधशाला और “अलौकिक सिंहस्थ 2028” का दृश्य कार्यक्रम की आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दृष्टि दोनों को जोड़ने वाला साबित हुआ। अंत में “अभ्युदय मध्यप्रदेश” का भव्य लोगो बनते ही आसमान तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। कार्यक्रम स्थल से शो का लाइव प्रसारण पूरे राज्य में किया गया, जिससे लाखों लोगों ने इस दृश्य आनंद का अनुभव घर बैठे लिया।लाल परेड ग्राउंड बना रोशनी और उत्सव का केंद्रपूरे आयोजन स्थल को आकर्षक रोशनी और सजावट से जगमगाया गया था। मंच पर पारंपरिक नृत्य, लोकगीत और प्रदेश की विविध लोकसंस्कृतियों की झलकें प्रस्तुत की गईं। राज्य स्थापना दिवस के इस आयोजन ने तकनीकी चमत्कार के साथ-साथ प्रदेश के सांस्कृतिक गौरव और आत्मविश्वास को भी नई ऊँचाई दी। लाल परेड ग्राउंड पर उपस्थित हजारों लोगों ने कहा कि यह शाम मध्यप्रदेश के इतिहास में “विरासत से विकास” की यात्रा का प्रतीक बन गई है। ड्रोन के बाद जो श्री कृष्‍ण चरित्र की मोहन प्रस्‍तुति हुई, उसने तो जैसे हजारों दर्शकों को भावविभोर कर दिया। कई दर्शकों की आंखों से आंसू तक झलकते हुए देखे गए। वहीं गायक जुबिन नौटियाल ने अंत तक लोगों को अपने गानों से मंत्रमुग्‍ध करके रखा।  

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हरिद्वार । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि हरिद्वार स्थित पतंजलि विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति ने कहा कि उपाधि पाने वाले विद्यार्थियों में 64 प्रतिशत संख्या बेटियों की हैं, जो पदक प्राप्त करने वाले छात्रों की तुलना में चौगुनी है। यहां शिक्षा प्राप्त कर रहे कुल विद्यार्थियों में बेटियों की संख्या 62 प्रतिशत है। यह केवल संख्या नहीं है, यह महिलाओं के नेतृत्व में आगे बढ़ने वाले विकसित भारत का अग्रिम स्वरूप है। मुझे विश्वास है कि हमारी शिक्षित बेटियां अपनी आंतरिक शक्ति और प्रतिभा से भारत-माता का गौरव बढ़ाएंगी।   राष्ट्रपति मुर्मु  रविवार को पतंजलि विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह काे संबाेधित कर रही थीं। राष्ट्रपति मुर्मु ने छात्र व छात्राओं काे उपाधि और मेडल प्रदान की। उन्होंने विद्यार्थियों की प्रशंसा करने के साथ ही उनके जीवन-निर्माण में सहभागी अध्यापकों और अभिभावकों को भी शुभकामनाएं दी। इस माैके  पर राष्ट्रपति ने कहा कि उपाधि पाने वाले विद्यार्थियों में 64 प्रतिशत संख्या बेटियों की हैं, जो पदक प्राप्त करने वाले छात्रों की तुलना में चौगुनी है। यहां शिक्षा प्राप्त कर रहे कुल विद्यार्थियों में बेटियों की संख्या 62 प्रतिशत है। यह केवल संख्या नहीं है, यह महिलाओं के नेतृत्व में आगे बढ़ने वाले विकसित भारत का अग्रिम स्वरूप है। साथ ही, यह भारतीय संस्कृति की उस महान परंपरा का विस्तार है, जिसमें गार्गी, मैत्रेयी, अपाला और लोपामुद्रा जैसी विदुषी महिलाएं समाज को बौद्धिक और आध्यात्मिक नेतृत्व प्रदान करती थीं। मुझे विश्वास है कि हमारी शिक्षित बेटियां अपनी आंतरिक शक्ति और प्रतिभा से भारत-माता का गौरव बढ़ाएंगी। राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि लोक-परंपरा में ‘हरि’-द्वार का यह परम पावन क्षेत्र ‘हर’-द्वार के नाम से भी जाना जाता है। इस परंपरा के अनुसार, यह पवित्र स्थान ‘हरि’ यानी विष्णु के दर्शन का द्वार भी है और ‘हर’ यानी शिव के दर्शन का भी द्वार है। ऐसे पवित्र भूखंड में देवी सरस्वती की आराधना करने वाले विद्यार्थी और आचार्य बहुत सौभाग्यशाली हैं। हिमालय के इस अंचल से अनेक पवित्र नदियां तो निकलती ही हैं, यहां से ज्ञान-गंगा की अनेक धाराएं भी प्रवाहित होती हैं। उनमें इस विश्व-विद्यालय की एक अविरल धारा भी जुड़ गई है। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की महान विभूतियों ने मानव-संस्कृति के निर्माण में अमूल्य योगदान दिया है। मुनियों में श्रेष्ठ, महर्षि पतंजलि ने योग के द्वारा चित्त की, व्याकरण के द्वारा वाणी की और आयुर्वेद के द्वारा शरीर की अशुद्धियों को दूर किया। उनको विनीत होकर, करबद्ध प्रणाम करने की हमारी परंपरा है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय महर्षि पतंजलि की महती परंपरा को आज के समाज के लिए सुलभ कराया जा रहा है। योग एवं आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार में इस योगदान की सराहना करती हूं। राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि विश्व बंधुत्व की भावना, प्राचीन वैदिक ज्ञान, नूतन वैज्ञानिक अनुसंधान का समन्वय और वैश्विक चुनौतियों का समाधान को विश्वविद्यालय भारतीय ज्ञान परंपरा को आधुनिक संदर्भों में आगे बढ़ा रहा है। विश्वविद्यालय के छात्र व शिक्षक सब इस ज्ञान-यज्ञ के गौरवशाली सहयोगी हैं। उन्होंने कहा कि वसुधैव कुटुंबकम् का हमारा सांस्कृतिक आदर्श पृथ्वी एवं मानवता के समग्र कल्याण से अनुप्राणित है। उन्हाेंने कहा कि विश्वविद्यालय में योग एवं आयुर्वेद के शिक्षण को प्रमुखता दी जाती है। साथ ही, विज्ञान एवं अध्यात्म के समन्वय से शांतिपूर्ण जीवनशैली को अपनाने का मार्गदर्शन दिया जाता है। शिक्षा का यह मार्ग आपके जीवन-निर्माण में सहायक है तथा हमारे पूरे समाज के लिए कल्याणकारी है।   राष्ट्रपति ने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता के एक अध्याय में, भगवान श्रीकृष्ण ने दैवी सद्गुणों और समृद्धियों के विषय में भी बताया है। उन्होंने दैवी सद्गुणों में ‘स्वाध्याय: तप आर्जवम्’ को शामिल किया है। स्वाध्याय का अर्थ है– निष्ठापूर्वक अध्ययन एवं मनन। तप का अर्थ है– कष्ट सहते हुए भी अपने कर्तव्य का पालन करना। आर्जवम् का अर्थ है– अन्तःकरण एवं आचरण की सरलता। दीक्षांत के बाद भी, स्वाध्याय की प्रक्रिया में आजीवन संलग्न रहना है। तपस्या और सरलता, जीवन को शक्ति देने वाले मूल्य हैं। सभी विद्यार्थी-गण स्वाध्याय, तपस्या एवं सरलता के जीवन-मूल्यों को अपनाकर अपने जीवन को सार्थक बनाएंगे। उन्होंने कहा कि व्यक्ति-निर्माण से परिवार-निर्माण होता है। परिवार-निर्माण से समाज और राष्ट्र का निर्माण होता है। एक संस्कार-वान व्यक्ति में साहस और शांति का संगम होता है। इस विश्वविद्यालय ने व्यक्ति-निर्माण से राष्ट्र-निर्माण का मार्ग अपनाया है। इसके लिए, मैं विश्वविद्यालय से जुड़े सभी लोगों की सराहना करती हूं। मुझे विश्वास है कि इस विश्वविद्यालय के पूर्व, वर्तमान व भावी विद्यार्थी सदाचार के साथ स्वस्थ समाज एवं विकसित भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।

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- 1 नवंबर – मध्य प्रदेश स्थापना दिवस विशेष  (प्रवीण कक्कड़) भारत के मध्य में स्थित यह पावन भूभाग जब 1 नवंबर 1956 को “मध्य प्रदेश” नाम और स्वरूप में स्थापित हुआ, तब शायद किसी ने नहीं सोचा था कि यह प्रदेश आने वाले समय में संस्कृति, अध्यात्म, प्राकृतिक धरोहर और विकास का ऐसा जीवंत संगम बनेगा। आज मध्य प्रदेश केवल मानचित्र का केंद्र नहीं, भारतीयता का हृदय है। यहाँ की मिट्टी, यहाँ की बोलियाँ, यहाँ की नर्मदा और यहाँ का मानव—सभी में एक सहज अपनापन है। यही कारण है कि हर मध्य प्रदेशवासी गर्व से कहता है—यह प्रदेश “Heart of India” ही नहीं, “Soul of India” भी है।   इतिहास, अध्यात्म और कालजयी विरासत मध्य प्रदेश की हर धरा इतिहास की गाथा सुनाती है। सम्राट विक्रमादित्य की न्यायप्रियता से लेकर रानी लक्ष्मीबाई और तात्या टोपे जैसे महावीरों के साहस तक—यह भूमि त्याग, पराक्रम और संस्कृति की प्रतीक है। भीमबेटका की प्रागैतिहासिक चित्रगुफाएँ, साँची का स्तूप, मंदसौर का सूर्य मंदिर और भोजपुर का विशाल शिवालय—यह सिद्ध करते हैं कि यह प्रदेश सभ्यता का जनक और आस्था का आधार रहा है। और फिर उज्जैन… महाकाल की नगरी और ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग। जहाँ हर श्वास में “हर-हर महादेव” गूँजता है। यह प्रदेश केवल विरासत नहीं, बल्कि सजीव संस्कार है।   प्राकृतिक सुंदरता और पर्यटन सतपुड़ा की गोद, नर्मदा का आंचल और वन्य जीवन का अद्भुत संसार—मध्य प्रदेश प्रकृति की सर्वश्रेष्ठ रचना जैसा है। कान्हा, बांधवगढ़, पन्ना, पेंच और सतपुड़ा के जंगलों में जीवन की धड़कनें सुनाई देती हैं। भारत में बाघों की सबसे अधिक संख्या इसी प्रदेश की शान है। भेड़ाघाट के संगमरमर, तवा के शांत जल, मांडू की बादल घाटी और पचमढ़ी के शांत शिखर—हर गंतव्य प्रकृति और इतिहास दोनों का उत्सव है। इसीलिए मध्य प्रदेश को कई बार 'बेस्ट टूरिज्म स्टेट' का सम्मान मिला है।   अर्थव्यवस्था और प्रगति का उभरता केंद्र मध्य प्रदेश आज नीति, परिश्रम और प्रगति का प्रतीक है—   कृषि: सोयाबीन, दलहन एवं तिलहन उत्पादन में अग्रणी, कई बार कृषि कर्मण पुरस्कार से सम्मानित उद्योग और व्यापार: इंदौर—स्वच्छता और स्टार्टअप्स का मॉडल; भोपाल—हरियाली एवं स्मार्ट सिटी विकास का उदाहरण ऊर्जा: रीवा का सोलर प्रोजेक्ट वैश्विक पहचान शिक्षा व स्वास्थ्य: निरंतर सुधार और नवाचार सड़क व बुनियादी ढाँचा: गाँव से शहर तक जुड़ता आधुनिक विकास     संस्कृति, लोकजीवन और आत्मीयता मध्य प्रदेश की पहचान उसके लोग हैं। यहाँ की भाषा में मिठास है, व्यवहार में नम्रता है और संबंधों में आत्मीयता। पोहा-जलेबी से दाल-बाफला तक... मालवी, बघेली, निमाड़ी, बुंदेली सुरों से लेकर गोंड कला और भीली नृत्य तक—यह प्रदेश संस्कृति और जीवन का उत्सव है। यहाँ हर अतिथि का स्वागत स्नेह से होता है।   स्थापना दिवस: गर्व, चिंतन और संकल्प मध्य प्रदेश का स्थापना दिवस केवल इतिहास का स्मरण नहीं, भविष्य का संकल्प भी है। हमारा गर्व तभी सार्थक होगा जब हम अपने प्रदेश की पहचान में अपना योगदान जोड़ें। सिर्फ सरकारें प्रदेश नहीं बनातीं—जनता भी बनाती है। भविष्य की दिशा हमारे सामूहिक व्यवहार और दृष्टि से तय होती है। हम मध्य प्रदेश हैं — और यह हमारी जिम्मेदारी है प्रत्येक मध्य प्रदेशवासी का दायित्व है कि वह अपने प्रदेश को उत्कृष्ट बनाने में अपना योगदान दे—   - स्वच्छता को आदत बनाएँ, केवल अभियान नहीं - युवाओं में शिक्षा, कौशल और स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा दें - पर्यटन स्थलों को संजोएँ, मार्गदर्शन और आतिथ्य को आदर्श बनाएँ - जनजातीय कला, लोकभाषाओं व स्थानीय शिल्पकारों को प्रोत्साहन दें - पर्यावरण व नदियों को बचाने का संकल्प लें—नर्मदा सिर्फ नदी नहीं, जीवन है - धैर्य, संवाद और सहयोग से सामाजिक सौहार्द को मजबूत करें - हर नागरिक अगर यह तय कर ले कि मुझे अपना प्रदेश आगे ले जाना है, तो कोई शक्ति मध्य प्रदेश को विश्व मानचित्र पर अग्रणी बनने से नहीं रोक सकती।   गर्व से कहें... यहाँ की मिट्टी में इतिहास है, हवाओं में अध्यात्म है, नदियों में जीवन है और दिलों में प्रेम। इसीलिए हम गर्व से कहते हैं—   “हम हैं मध्य प्रदेशवासी… भारत के हृदय की धड़कन।”   मध्य प्रदेश स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ। जय मध्य प्रदेश। जय भारत।

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नई दिल्ली । ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (ओएमसी) ने आज से 19 किलो वाले कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमत में कटौती कर दी है। हालांकि घरेलू उपयोग में आने वाले 14.2 किलोग्राम के एलपीजी सिलेंडर की कीमत में कोई बदलाव नहीं किया गया है। मतलब घर के किचन के बजट में पर कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है। आज कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत में 4.50 रुपये से लेकर 6.50 रुपये तक की कटौती की गई है। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक कीमत में की गई कटौती के बाद अब राजधानी दिल्ली में 19 किलो वाले कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत 1,595.50 रुपये से कम होकर 1,590.50 रुपये हो गई है। पिछले महीने ही 1 अक्टूबर को ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत में 15 रुपये तक की बढ़ोतरी की थी। इस बढ़ोतरी के बाद होटल, रेस्टोरेंट और कमर्शियल गैस का उपयोग करने वाले छोटे कारोबारियों पर महंगाई का बोझ बढ़ गया था। ऐसी स्थिति में आज कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत में कटौती करके होटल, रेस्टोरेंट और छोटे कारोबारियों को कुछ हद तक राहत दी गई है। ताजा कटौती में कोलकाता में कमर्शियल सिलेंडर के दामों में सबसे ज्यादा 6.50 रुपये की कमी की गई है। अब यहां 19 किलो का सिलेंडर 1,694 रुपये में मिल रहा है, जबकि अक्टूबर में इसका रेट 1,700.50 रुपये था। इसके अलावा, मुंबई में 19 किलो एलपीजी सिलेंडर का नया रेट 1,542 रुपये हो गया है, जो पिछले महीने से 5 रुपये कम है। वहीं चेन्नई में इसकी कीमत 1,750 रुपये तय की गई है, जो अक्टूबर के मुकाबले 4.5 रुपये कम है। इस कटौती के बाद पटना में अब 19 किलोग्राम वाला सिलेंडर 1,876 रुपये, नोएडा में 1,876 रुपये, लखनऊ में 1,876 रुपये, भोपाल में 1,853.50 रुपये और गुरुगाम में 1,607 रुपये में मिलेगा।   आज सिर्फ कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत मे ही कटौती हुई है। घरों में इस्तेमाल होने वाले 14.2 किलो के एलपीजी सिलेंडर (रसोई गैस) की कीमत में कोई बदलाव नहीं हुआ है। घरेलू उपयोग वाले सिलेंडर की कीमत में आखिरी बार 8 अप्रैल 2025 को बदलाव हुआ था। दिल्ली में इसकी कीमत अभी 853 रुपये है। इसी तरह कोलकाता में 879 रुपये, मुंबई में 852.50 रुपये, चेन्नई में 868.50 रुपये, लखनऊ में 890.50 रुपये, अहमदाबाद में 860 रुपये, हैदराबाद में 905 रुपये, वाराणसी में 916.50 रुपये और पटना में 951 रुपये है। जानकारों का कहना है कि कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत हर महीने अंतरराष्ट्रीय बाजार में गैस की कीमत और टैक्स स्ट्रक्चर के आधार पर तय की जाती है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में गैस की कीमत बढ़ाने या घटना का सीधा असर ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की लागत पर भी पड़ता है। इसीलिए हर महीने की पहली तारीख को लागत की समीक्षा करके गैस सिलेंडर के नए दाम का ऐलान किया जाता है।   बताया जा रहा है कि अक्टूबर के महीने में अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्राकृतिक गैस की कीमत में गिरावट का रुख बना है। इसीलिए पिछले महीने कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत में 15 रुपये की बढ़ोतरी करने के बाद महंगाई को संतुलित करने के लिए आज नवंबर महीने के लिए कमर्शियल गैस की कीमत में कटौती करने का फैसला लिया गया है।  

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रायपुर । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि विश्व शांति की भावना भारत की मूल सोच में गहराई से जुड़ी हुई है और जब भी दुनिया में संकट आता है, भारत हमेशा ‘फर्स्ट रिस्पॉन्डर’ बनकर मानवता की सेवा के लिए सबसे पहले आगे बढ़ता है। यही भारत की पहचान और संस्कृति की सबसे बड़ी ताकत है, जो दुनिया को एक परिवार मानने की भावना से प्रेरित है।   प्रधानमंत्री ने आज छत्तीसगढ़ के नवां रायपुर में ब्रह्माकुमारी संस्थान के ध्यान केंद्र ‘शांति शिखर’ का उद्घाटन करते हुए कहा कि आज का दिन विशेष है क्योंकि छत्तीसगढ़ के गठन को 25 वर्ष पूरे हो रहे हैं। उन्होंने झारखंड और उत्तराखंड सहित अन्य राज्यों के स्थापना दिवस पर भी शुभकामनाएं दीं और कहा कि राज्यों का विकास ही देश की प्रगति की सबसे बड़ी ताकत है।   प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत वह देश है जो हर जीव में ईश्वर को देखता है और आत्मा में अनंत का अनुभव करता है। भारत के हर धार्मिक अनुष्ठान का समापन विश्व कल्याण की प्रार्थना से होता है, यही हमारी सभ्यता की सबसे बड़ी विशेषता है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भारत विश्व का नेतृत्व कर रहा है। हमारे शास्त्रों ने हमें प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर जीने की सीख दी है। नदियों को माता, जल को देवत्व और पेड़ों में भगवान का वास मानने की भावना ही प्रकृति के संरक्षण की सच्ची दिशा है।   प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ‘वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड’ और ‘वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर’ जैसे वैश्विक विचारों को साकार कर रहा है। भारत का ‘मिशन लाइफ’ पूरी मानवता के लिए है, जो सीमाओं से परे जाकर पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी निभाने का संदेश देता है।   उन्होंने ब्रह्माकुमारी संस्था से अपने लंबे जुड़ाव को याद करते हुए कहा कि यह आंदोलन बरगद के पेड़ की तरह फैल चुका है। उन्होंने ‘शांति शिखर’ को विश्व शांति के लिए सार्थक प्रयासों का नया केंद्र बताया और कहा कि यह संस्थान देश और दुनिया में करोड़ों लोगों को जोड़ने का कार्य करेगा।   कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमन डेका, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और अन्य विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे।  

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गांधीनगर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि देश की एकता-अखंडता को बनाए रखने के लिए सरकार चार स्तंभों पर आधारित नीति द्वारा हर व्यक्ति को जोड़ने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि यह लौहपुरुष सरदार पटेल का भारत है, जो सुरक्षा और सम्मान के लिए कभी समझौता नहीं करता।  जब तक देश नक्सलवाद-माओवादी आतंक से पूरी तरह मुक्त नहीं हो जाता, तब तक यह सरकार चैन से नहीं बैठेगी।    प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को गुजरात के नर्मदा जिला स्थित एकता नगर में लौहपुरुष और अखंड भारत के शिल्पकार सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती का भव्य समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान सरदार पटेल की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के सान्निध्य में देशभक्ति के जोश और उत्साह के साथ अर्धसैनिक बलों की विभिन्न टुकड़ियों ने भव्य परेड की।     प्रधानमंत्री मोदी ने स्टेच्यू ऑफ यूनिटी पर पुष्पांजलि अर्पित कर राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह की शुरुआत की। ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना को सुदृढ़ करते हुए उन्होंने कहा कि एकता राष्ट्र और समाज के अस्तित्व की मूलभूत शक्ति है, जब तक समाज में एकता है, तब तक राष्ट्र की अखंडता सुरक्षित है। विकसित भारत के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए हमें एकता तोड़ने वाले हर षड्यंत्र को एकता की शक्ति से विफल करना होगा।    उन्होंने कहा कि भारत की एकता के चार मजबूत आधारस्तंभ हैं—पहला सांस्कृतिक एकता, जो हजारों वर्षों से बदलते राजनीतिक परिदृश्यों के बावजूद भारत को एक चेतन राष्ट्र के रूप में बनाए रखती है।   दूसरा स्तंभ है भाषाई एकता, जहाँ सैकड़ों भाषाएँ और बोलियाँ भारत की विविधता, सृजनशीलता और गौरव का जीवंत प्रतीक हैं। किसी भी समुदाय, शासन या समूह ने कभी भी किसी भाषा को थोपने का प्रयास नहीं किया।   तीसरा स्तंभ है भेदभाव-मुक्त विकास। गरीबी और असमानता समाज की सबसे बड़ी कमजोरी हैं। सरदार पटेल गरीबी उन्मूलन के लिए दीर्घकालीन नीति बनाना चाहते थे। वे कहते थे कि अगर भारत को आज़ादी 10 साल पहले मिली होती, तो 1947 तक देश अन्न संकट से मुक्त हो गया होता। जिस तरह उन्होंने रियासतों के विलय की जटिल चुनौती को सुलझाया, वैसे ही वे खाद्य संकट का समाधान भी कर लेते। आज उनकी अधूरी इच्छा को इस सरकार ने पूरा किया है।पिछले एक दशक में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है।   चौथा और अंतिम स्तंभ है कनेक्टिविटी– दिलों का जुड़ाव, जो आधुनिक भारत को विश्व के केंद्र में ला रहा है। रेकॉर्ड हाइवे, एक्सप्रेसवे, वंदे भारत और नमो भारत जैसी ट्रेनों द्वारा रेलवे में परिवर्तन कर, छोटे शहरों को एयरपोर्ट से जोड़ते हुए उत्तर-दक्षिण, पूर्व-पश्चिम की दूरी को कम किया गया है।   सरदार पटेल इतिहास बनाने में विश्वास रखते थे : प्रधानमंत्री मोदी प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरदार पटेल इतिहास लिखने में नहीं, इतिहास बनाने में विश्वास रखते थे। उन्होंने नीतियों और दृढ़ निर्णयों के बल पर आज़ादी के बाद 550 से अधिक रियासतों को एक सूत्र में बांधा। ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का विचार उनके लिए सर्वोच्च था। आज केंद्र सरकार की कार्यनीति में भी यही दृष्टिकोण मुख्य है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय एकता दिवस एकता का महापर्व है। जैसे हम 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस गर्व से मनाते हैं, वैसे ही यह दिन प्रेरणा, गर्व और संकल्प का पवित्र अवसर है। आज पूरे देश में करोड़ों लोगों ने एकता की शपथ ली है, जो राष्ट्र की एकता को सुदृढ़ करने का प्रतीक है।   एकतानगर में एकता मॉल और एकता गार्डन जैसे प्रयासों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें उन विचारों और प्रवृत्तियों से दूर रहना चाहिए जो देश की एकता को नुकसान पहुंचाती हैं। यह केवल राष्ट्रीय कर्तव्य ही नहीं बल्कि सरदार पटेल को सच्ची श्रद्धांजलि भी है। भारत माता की भक्ति हर नागरिक के लिए सर्वोच्च पूजा है और आज यह हर भारतीय के लिए प्रेरणा और कर्तव्यपथ का मार्गदर्शन है।   उन्होंने कहा कि सरदार पटेल देश की संप्रभुता को सर्वोपरि मानते थे। उनके निधन के बाद की सरकारों में यह गंभीरता और दृढ़ता कम हो गई। कश्मीर में की गई गलतियाँ, पूर्वोत्तर की समस्याएँ और देश में फैला नक्सल-माओवादी आतंक भारत की अखंडता के लिए चुनौती बने। तत्कालीन सरकारों ने सरदार पटेल की नीतियों का अनुसरण करने के बजाय राष्ट्रहित से समझौता किया। परिणामस्वरूप हिंसा, रक्तपात और विभाजन जैसी त्रासदियाँ देश ने देखीं।   उन्होंने कहा कि अगर सरदार पटेल के कश्मीर संबंधी सुझावों को स्वीकार किया गया होता, तो आज पूरा कश्मीर भारत का अभिन्न अंग होता। लेकिन तत्कालीन सरकारों ने उन्हें अनदेखा किया। कश्मीर को अलग विधान और प्रतीक देकर विभाजित किया गया, जिससे पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को बढ़ावा मिला और देश ने इसकी भारी कीमत चुकाई।   प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने सरदार पटेल के “एक भारत” के विज़न को भुला दिया था, लेकिन 2014 के बाद देश ने फिर से उस अडिग इच्छाशक्ति को अनुभव किया है। अनुच्छेद 370 को हटाकर कश्मीर को मुख्यधारा में लाया गया है। ऑपरेशन सिंदूर ने दुनिया को दिखा दिया कि भारत पर आंख उठाने वालों को कड़ा जवाब मिलेगा। यह लौहपुरुष सरदार पटेल का भारत है— जो अपनी सुरक्षा और सम्मान से कभी समझौता नहीं करता।   उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में सरकार ने नक्सल-माओवादी आतंक की कमर तोड़ दी है। 2014 से पहले नक्सली अपने कानून चलाते थे, संविधान लागू नहीं होता था, पुलिस और प्रशासन बेबस था, स्कूलों-सड़कों-अस्पतालों पर हमले होते थे। लेकिन इस सरकार ने निर्णायक कार्रवाई की, अर्बन नक्सलियों और उनके समर्थकों को करारा जवाब दिया, वैचारिक युद्ध जीता और नक्सल क्षेत्रों को विकास के रास्ते पर लाया। उन्होंने सरदार पटेल की प्रतिमा की छाया में दृढ़ निश्चय के साथ कहा— “जब तक देश नक्सलवाद-माओवादी आतंक से पूरी तरह मुक्त नहीं हो जाता, तब तक यह सरकार चैन से नहीं बैठेगी।”   उन्होंने कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा घुसपैठिए हैं, जो वर्षों से हमारे संसाधनों पर कब्जा कर देश की जनसांख्यिकी को असंतुलित कर रहे हैं। पिछली सरकारों ने वोट बैंक की राजनीति के कारण आंख मूंद ली थी। लेकिन अब पहली बार देश ने इस खतरे के खिलाफ निर्णायक लड़ाई शुरू की है और लाल किले से ‘डेमोग्राफी मिशन’ की घोषणा की गई है।   प्रधानमंत्री ने चेतावनी देते हुए कहा कि कुछ लोग अपने स्वार्थ के लिए देशहित से ऊपर उठकर घुसपैठियों के अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्हें इस बात की परवाह नहीं कि अगर देश का विभाजन दोबारा हो जाए तो क्या होगा? लेकिन सच यह है कि अगर भारत की सुरक्षा और पहचान पर खतरा आएगा, तो हर नागरिक प्रभावित होगा। इसलिए राष्ट्रीय एकता दिवस पर हमें संकल्प लेना चाहिए कि देश में रह रहे हर घुसपैठिए को बाहर निकालकर ही रहेंगे, ताकि राष्ट्र की अखंडता और अस्तित्व को सुरक्षित रखा जा सके।    उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने देश की महान विभूतियों का अपमान किया, जबकि इस सरकार ने उन्हें सम्मान दिया, उनके स्मारक बनवाए और गुलामी की मानसिकता को बदलने का कार्य किया।   सरदार पटेल की भावना को स्मरण करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें देश के लिए काम करने में सबसे अधिक आनंद मिलता था। आज भी यही संदेश है — मातृभूमि की सेवा ही सबसे बड़ी आराधना है। जब 140 करोड़ भारतीय एक साथ खड़े होते हैं, तो पहाड़ भी रास्ता छोड़ देते हैं; जब एक स्वर में बोलते हैं, तो वह स्वर भारत की सफलता का उद्घोष बन जाता है। हम बंटेंगे नहीं, झुकेंगे नहीं; ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के संकल्प को साकार करते हुए विकसित और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करेंगे। प्रधानमंत्री ने परेड के बाद सड़क मार्ग से गुजरते हुए उपस्थित जनसमूह का अभिवादन स्वीकार किया।   इस अवसर पर सांसदों, विधायकों, मुख्य सचिव सहित उच्च अधिकारी और बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।

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नई दिल्ली। देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 41वीं पुण्यतिथि पर शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।   तीनों वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने नई दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी स्मृति स्थल पर इंदिरा गांधी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। इस अवसर पर कई वरिष्ठ कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे। इस दौरान राष्ट्र निर्माण में इंदिरा गांधी के योगदान को याद किया गया और उनके बलिदान को देश के इतिहास का अविस्मरणीय अध्याय बताया।    31 अक्तूबर 1984 को भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या उनके ही सुरक्षा कर्मियों द्वारा की गई थी।  

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हैदराबाद। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान व पूर्व सांसद अज़हरुद्दीन ने आज तेलंगाना की रेवंथ रेड्डी की सरकार के मंत्री पद की शपथ ली। राजभवन में एक समाराेह में राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा ने उन्हें पद व गाेपनीयता की शपथ दिलाई।   शपथ ग्रहण करने के बाद पत्रकाराें से बात करते हुए अज़हरुद्दीन ने कहा कि मंत्री बनने का अवसर पाकर वह बहुत खुश हैं। मेरे माता-पिता और परिवार के सदस्य मुझे मंत्री के रूप में देखकर बहुत खुश हैं। अज़हरुद्दीन ने कहा कि मंत्री बनने का अवसर देने के लिए मैं कांग्रेस आलाकमान, मुख्यमंत्री और राज्य के पार्टी नेताओं का आभारी हूं। शपथ ग्रहण समाराेह में मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और अन्य मंत्री भी शामिल हुए।   क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद 19 फ़रवरी, 2009 को अजहरुद्दीन कांग्रेस पार्टी में शामिल हाे गए थे। उसी वर्ष वे उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद निर्वाचन क्षेत्र से सांसद चुने गए। वर्ष 2018 में अजहरुद्दीन को टीपीसीसी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।  अजहरुद्दीन ने वर्ष 2023 के चुनाव में जुबली हिल्स विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद तेलंगाना सरकार ने अजहरुद्दीन को राज्यपाल कोटे के तहत विधान परिषद का सदस्य (एमएलसी) के रूप में नामित किया था। अज़हरुद्दीन के मंत्री पद की शपथ लेने  के बाद अब उन्हें कौन सा विभाग दिया जाएगा, इस पर अटकलें लग रही हैं। अजहरुद्दीन के शामिल होने से अब रेवंथ रेड्डी के मंत्रिमंडल में कुल 16 सदस्य हो गए हैं। अभी दो और सदस्य शामिल हो सकते हैं।     हैदराबाद में 8 फ़रवरी, 1963 को जन्मे अज़हरुद्दीन अपने चाचा ज़ैनुल-अबुददीन से प्रेरित होकर क्रिकेट खेलना शुरू किया था। अज़हरुद्दीन ने एक क्रिकेटर के रूप में 1984 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया। अज़हरुद्दीन ने अपने पहले तीन टेस्ट मैचों में शतक लगाकर सनसनी मचा दी थी। उन्होंने 1989 में भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान के रूप में कार्यभार संभाला। 16 साल के क्रिकेट करियर में उन्होंने 99 टेस्ट और 334 एकदिवसीय मैच खेले हैं।   

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पटना । बिहार के युवा दुनियाभर में अपना खून-पसीना बहाकर इंफ्रास्ट्रक्चर बनाते हैं, तो इस ऊर्जा और क्षमता का उपयोग बिहार को बनाने में क्यों नहीं किया जा सकता? बिहार की बदहाल स्थिति के लिए पिछले 20 वर्षों से शासन कर रही जदयू-भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया। यह बातें लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार काे बिहार चुनाव प्रचार के दौरान नालंदा में आयोजित एक विशाल जनसभा में कही।    राहुल गांधी ने बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम का उल्लेख करते हुए कहा कि 1971 में अमेरिका ने अपनी नौसेना का सातवां बेड़ा भेजा था, लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने साफ कह दिया था कि वह डरती नहीं हैं। उन्होंने नालंदा के ऐतिहासिक महत्व को याद दिलाते हुए कहा कि एक समय नालंदा विश्वविद्यालय में विदेशों से लोग पढ़ने आते थे, लेकिन आज बिहार की पहचान पेपर लीक से जुड़ गई है। पिछले 20 सालों से भाजपा-जदयू ने बिहार के युवाओं से हर अवसर, हर उम्मीद छीन कर उन्हें या तो मजबूर बनाया है या मजदूर। जनसभा में उमड़े भारी जनसैलाब के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 20 साल के विकास के दावे पर सवाल उठाते हुए राहुल गांधी ने कहा कि बिहार की स्थिति बदहाल है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार बिहार की सरकार नहीं चला रहे हैं, बल्कि नरेंद्र मोदी, अमित शाह द्वारा उसे चलाया जा रहा है। मोदी जो बटन दबाते हैं, नीतीश वही चैनल चालू कर देते हैं।राहुल गांधी ने जनता को आगाह किया कि भाजपा-आरएसएस संविधान को खत्म करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वोट चोरी करके ही भाजपा हरियाणा और महाराष्ट्र का चुनाव जीती थी और अब उसी तरह बिहार में भी वोट चोरी की कोशिश करेगी, जिसे हर युवा को पोलिंग बूथ पर रोकना होगा। उन्होंने महागठबंधन के उम्मीदवारों को भारी मतों से जिताने की अपील करते हुए कहा कि उनकी सरकार बनने पर बिहार एक बार फिर शिक्षा और रोजगार का केंद्र बनेगा।

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पटना । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को छपरा के हवाई अड्डा मैदान में चुनावी सभा को संबोधित किया। उन्होंने भाषण की शुरुआत भोजपुरी में बोलकर की।   उन्होंने कहा कि मां गंगा, माँ अंबिका भवानी, बाबा हरिहरनाथ के पवित्र भूमि के हम प्रणाम करत बानी। डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद, जयप्रकाश नारायण, भिखारी ठाकुर के धरती पर रउरा सबके अभिनंदन करत बानी। वीर कुंवर सिंह के धरती महान बा।   प्रधानमंत्री ने कहा कि बनारसी बोलत-बोलत अब हमारा भोजपुरी में दिक्कत ना होला। काफी समझ में आ गैल बा. उन्होंने अपने भाषण में भोजपुरी के शेक्सपियर कहे जाने वाले भिखारी ठाकुर को भी याद किया। उन्होंने कहा कि सारण की मिट्टी में जादू है। यह आंदोलन, आस्था व कला की धरती है। भिखारी ठाकुर ने इस मिट्टी की महक पूरे दुनिया में फैलायी। समाज के संघर्ष को अपने गीतों में पिरोया। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा की गयी भोजपुरी की सेवा आने वाली पीढ़ी को प्रेरित करेगी।   हाल ही में अपने त्रिनिदाद टोबेगो की यात्रा का संस्मरण सुनाते हुए उन्होंने बताया कि जब मैं वहां पहुंचा तब लोगों ने भोजपुरी के चौताल से मेरा स्वागत किया। पूरे विश्व में भोजपुरी का अलग ही सम्मान है। जब मैं यह देखता हूं तो गर्व की अनुभूति होती है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि आज भोजपुरी क्षेत्र का विकास हो रहा है। उन्होंने बताया कि छपरा व आसपास के धार्मिक स्थलों का सौंदर्यीकरण कराया जा रहा है। हरिहरनाथ मंदिर कॉरिडोर के रूप में विकसित हो रहा है।जिससे पर्यटन आधारित रोजगार के अवसर मिलेंगे।   प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राजद व कांग्रेस के नेताओ को राम मंदिर के निर्माण से दिक्कत है। यह लोग विदेश तो घूमते हैं। लेकिन अयोध्या में बने राम मंदिर को देखने की उनकी इच्छा नहीं होती। जो लोग आस्था का सम्मान नहीं करते। वह कभी विकास भी नहीं कर सकते।   जंगलराज का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि दो दशक पहले लोगों में डर व दहशत का माहौल था। आज एनडीए की सरकार में लोग खुशहाल हैं। प्रधानमंत्री ने मढौरा चीनी मिल का जिक्र करते हुए कहा कि जंगल राज के दौरान ही चीनी मिल बंद हो गयी. वहां बनने वाली मॉर्टन चॉकलेट पूरे देश में प्रसिद्ध थी। लेकिन आरजेडी व उनके सहयोगियों के कारण ही कल कारखाने बंद हो गये.   प्रधानमंत्री ने कहा कि मढौरा की औद्योगिक पहचान फिर से लौटेगी। एनडीए सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि जंगलराज वाले शिकारी यहां के लोगों को गुमराह करने में लगे हैं। कांग्रेस व राजद ने अपना घोषणा पत्र नहीं बल्कि एक रेट लिस्ट जारी किया है। लालटेन व पंजे वाले बिहार और बिहारियों का अपमान करते हैं। हाल ही में छठ महापर्व को लेकर भी बिहार का अपमान किया गया। लेकिन इस पर राजद-कांग्रेस के नेताओं को सांप सूंघ जाता है। वह कुछ बोलते नहीं। महागठबंधन बिहार में वैसे लोगों को प्रचार के लिए बुला रही है। जो लोग अपने राज्यों में बिहारी का अपमान करते हैं।   उन्होंने पांच शब्दों कट्टा, क्रूरता, कटुता कुशासन और करप्शन को राजद और जंगलराज का पहचान बताया। उन्होंने कहा कि जहां कटुता होगी वहां सद्भावना और विकास नहीं हो सकता। जहां भ्रष्टाचार होगा वह सामाजिक न्याय नहीं मिल सकता। गरीब का हक लूट जाता है और केवल एक परिवार को ही लाभ मिलता है।   प्रधानमंत्री ने अपने सम्बोधन में छपरा की बेटी व चर्चित गायिका स्वाति मिश्रा का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के समय उनके द्वारा गया गीत मेरी झोपड़ी के भाग आज खुल जायेंगे राम आयेंगे काफी लोकप्रिय हुआ. सारण की इस बेटी ने अपने गीतों के माध्यम से सबको गौरवांवित करने का अवसर दिया. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भोजपुरी का विकास हम सब मिलकर करेंगे. यहां के युवाओं में काफी प्रतिभा है.   उन्होंने लोगों से अपील किया कि छठ पूजा में जो लोग घर गांव आए हैं उनको खास संदेश देना कि परिवार के साथ पर्व मनाने आए हैं तो 6 नवंबर को वोट देकर के ही वापस लौटें।   कार्यक्रम को लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी संबोधित किया और लोगों से एनडीए के सभी उम्मीदवारों को जिताने की अपील की. वहीं इस दौरान सारण के सांसद राजीव प्रताप रुड़ी, महाराजगंज के सांसद जनार्दन सिंह सिगरिवाल, सारण के दसों विधानसभा क्षेत्रों के एनडीए उम्मीदवार उपस्थित थें।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम को लेकर जिला प्रशासन द्वारा कार्यक्रम से दो दिन पहले ही रूट चार्ट निर्धारित कर दिया गया था। जिसके अनुसार ही वाहनों का परिचालन हुआ. कई रूट में बड़े वाहनों के परिचालन पर रोक लगी थी। लोगों ने भी जिला प्रशासन द्वारा तय किये गये रूट चार्ट के अनुसार ही आवागमन किया। सभा स्थल से लेकर पूरे शहर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये थे। खासकर शहर के सभी प्रवेश मार्गों पर बैरिकेडिंग लगाकर वाहनों की जांच की जा रही थी। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर आम लोगों द्वारा भी पुलिस प्रशासन का पूरा सहयोग किया गया।

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मुंबई । महाराष्ट्र के मुंबई के पवई में 17 बच्चों को बंधक बनाने वाले रोहित आर्या की गुरुवार को पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई। पवई के रा (आरए) स्टूडियो के बाथरूम में जाकर जब पुलिस 17 बच्चों को बचाने का प्रयास कर रही थी, उसी समय रोहित आर्या ने पुलिस टीम पर फायरिंग कर  दी थी। इसके बाद पुलिस की जवाबी फायरिंग में आरोपित रोहित आर्या घायल हो गया। पुलिस ने तत्काल घायल रोहित आर्या को अंधेरी के सेवन हिल अस्पताल में पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने रोहित को मृत घोषित कर दिया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि मुंबई के पवई इलाके में स्थित रा स्टुडियो में आरोपित रोहित आर्या ने आज सुबह ही ऑडिशन के नाम पर 17 बच्चों को बुलाया था और सभी बच्चों को और दो अन्य लोगों को बंधक बना लिया था। दोपहर में जब बच्चे खाना खाने के लिए बाहर नहीं आए तो पालकों को शक हुआ। इसके बाद रोहित आर्या ने एक वीडियो जारी कर बच्चों को बंधक बनाए जाने की जानकारी सोशल मीडिया पर दी और चर्चा करने की मांग की। लेकिन पुलिस टीम मौके पर पहुंची और रा स्टुडियो के बाथरुम में बच्चों को छुड़ाने का प्रयास कर रही थी। इसी दौरान रोहित ने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दिया था। पुलिस ने घटनास्थल से एक एयरगन बरामद की है। साथ ही घटनास्थल से बच्चों सहित 19 लोगों को सुरक्षित छुड़ा लिया और इन सभी का मेडिकल सेवन हिल अस्पताल में करवाया जा रहा है।

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अमरावती । आंध्र प्रदेश में चक्रवात मोंथा ने जमकर तबाही मचाई है। तेज हवाएं और भारी बारिश से कई जिलों में काफी नुकसान हुआ है। एसडीआरएफ, पुलिस और दमकल कर्मी बचाव व राहत कार्य में लगे हैं। तूफान से दो लोगों की मौत हुई है। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने हेलीकॉप्टर से चक्रवात प्रभावित इलाकों का हवाई निरीक्षण किया। उन्होेंने पूरे राज्य के कई इलाकों में बाधित बिजली व्यवस्था बहाल करने, बंद सड़कों पर यातायात यथासंभव शुरू करने और पीड़ितों तक जरूरी सामान पहुंचाने के साथ नुकसान का आकलन करने के निर्देश दिए हैं    मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार सुबह जिला कलेक्टरों, संबंधित अधिकारियों और मंत्रियों के साथ राज्य सचिवालय से वर्चुअली बातचीत की। मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि चक्रवात से हुए नुकसान का आकलन जल्द तैयार किया जाए। उन्होंने अधिकारियों और मंत्रियों को बाढ़ प्रभावित इलाकों में दौरा करने को कहा।  सचिवालय से जारी बयान के अनुसार मुख्यमंत्री चंद्रबाबू ने कहा कि चक्रवात से नुकसान को कम करने के लिए  हम सभी ने एक टीम की तरह काम किया। चक्रवात को रोका नहीं जा सकता.. एहतियाती उपायों से हम ज़्यादा नुकसान को रोकने में कामयाब रहे। उन्होंने कहा कि नुकसान के आकलन के बाद इसकी रिपोर्ट केंद्र सरकार कोसौंपी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ, पुलिस और दमकल कर्मियों ने अच्छा काम किया। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू ने दावा किया है कि क्षतिग्रस्त बिजली व्यवस्था को बहाल करने के लिए सरकार ने दस हजार  लोगों को लगाया है। तूफ़ान के कारण दो की मौत हुई है। अगर मुसीबत में मदद के लिए सरकारी आदमी उपलब्ध होते हैं, तो इससे सरकार पर भरोसा बढ़ता है।   पुनर्वास केंद्रों में आए चक्रवात पीड़ितों को आर्थिक मदद देने आदेश चक्रवात मोंथा के पीड़ितों को राज्य सरकार की ओर से पुनर्वास केंद्रों में आए प्रत्येक पीड़ित को एक हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने के आदेश जारी किए हैं। पुनर्वास केंद्रों में आए पीड़ितों को अधिकतम तीन हजार रुपये दिए जाने की भी बात कही गई है। यह राशि पीड़ितों को पुनर्वास केंद्र से घर जाने से पहले दी जाएगी। आपदा प्रबंधन विभाग के विशेष मुख्य सचिव साई प्रसाद ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं।   मुख्यमंत्री ने प्रभावित इलाकों का हवाई निरीक्षण आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने आज दोपहर बाद चक्रवात से प्रभावित इलाकों का हेलीकॉप्टर से हवाई निरीक्षण किया।  उन्होंने बापटला, पालनाडु, कृष्णा, एलुरु और डॉ. बीआर अंबेडकर कोनासीमा जिलों के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई निरीक्षण करने गए। मुख्यमंत्री कोनासीमा जिले के अल्लावरम मंडल के बंदरगाह का दौरा करेंगे। वे सड़क मार्ग से बारिश में डूबे खेतों का भी निरीक्षण करेंगे।      

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दरभंगा । बिहार चुनाव के बीच मंगलवार को अलीनगर विधानसभा की ऐतिहासिक धरती पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ऐसी गर्जना की जिसने पूरे मिथिला को राजनीतिक जोश से भर दिया। विशाल भीड़ के बीच उन्होंने स्पष्ट कहा — “यह चुनाव सिर्फ सत्ता परिवर्तन का नहीं, बल्कि मिथिला की संस्कृति, अस्मिता और राष्ट्रभक्ति की रक्षा का चुनाव है।”सभा स्थल पर ‘जय श्रीराम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारों के बीच शाह ने अपने भाषण की शुरुआत मिथिला और माता सीता के प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हुए की। उन्होंने कहा —मैं माता सीता की पवित्र भूमि पर आया हूं। यह धरती त्याग, मर्यादा और संस्कृति की प्रतीक है। अब इस भूमि से ही एक नई राजनीतिक संस्कृति का उदय होगा — जो निष्ठा, सेवा और सत्य पर आधारित होगी।”“मैथिली ठाकुर मिथिला की बेटी, नई राजनीति का प्रतीक”अमित शाह ने मंच से बीजेपी प्रत्याशी मैथिली ठाकुर की जमकर प्रशंसा करते हुए कहा कि भाजपा ने परिवारवाद की राजनीति को तोड़ते हुए मिथिला की बेटी को जनप्रतिनिधित्व का अवसर दिया है। भाजपा ने 25 वर्षीय मैथिली ठाकुर को टिकट देकर यह साबित किया है कि अब राजनीति में परिवार नहीं, योग्यता और निष्ठा चलेगी। क्या लालू या कांग्रेस ऐसा कर सकते हैं? मिथिला की बेटी राजनीति में नए युग की पहचान बनेगी,” उन्होंने कहा। शाह ने आगे कहा कि मैथिली ठाकुर मिथिला की “संस्कृति और आस्था की सशक्त आवाज़” हैं। उन्होंने कहा कि “जब मैथिली ठाकुर विधानसभा में बोलेंगी, तो यह सिर्फ एक प्रतिनिधि की नहीं, बल्कि पूरी मिथिला की आवाज़ होगी।”एनडीनए विकास का नया अध्याय लिखा”गृह मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विकासपरक नीतियों का उल्लेख करते हुए कहा कि एनडीए रकार ने मिथिला के सम्मान और विकास दोनों की दिशा में अभूतपूर्व काम किया है। दरभंगा में एम्स का निर्माण मोदी जी की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। मिथिला की पहचान को हमने संविधान में मान्यता दी — मैथिली भाषा को आठवीं अनुसूची में स्थान मिला और कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देकर उनके आदर्शों का सम्मान किया गया।”शाह ने कहा कि यह “दोहरा इंजन सरकार” ही है जिसने गरीबों को मुफ्त राशन, आवास और शौचालय जैसी योजनाओं का लाभ पहुंचाया।अमित शाह ने धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में मिथिला के लिए बड़ा वादा किया। उन्होंने कहा —“अब केंद्र सरकार ‘सीता सर्किट’ योजना के तहत दरभंगा, सीतामढ़ी, जनकपुर और अलीनगर को धार्मिक पर्यटन सर्किट से जोड़ेगी। सीता माता मंदिर का पुनरुद्धार होगा और मिथिला को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर लाया जाएगा।”विपक्ष पर तीखा हमलाअमित शाह ने महागठबंधन को निशाने पर लेते हुए कहा कि — “लालू-राबड़ी राज में बिहार अपराध, भ्रष्टाचार और जातिवाद की प्रयोगशाला बन गया था। आज मोदी जी के नेतृत्व में बिहार विकास और सुरक्षा की नई मिसाल पेश कर रहा है।” उन्होंने विपक्षी दलों पर व्यंग्य करते हुए कहा कि “महागठबंधन का घोषणापत्र जुमलों का पुलिंदा है, उन्हें जनता की नहीं, केवल अपने परिवार की चिंता है।”सभा में अभूतपूर्व भीड़, जनता में उत्साह चरम परअलीनगर की यह रैली एनडीए की अब तक की सबसे बड़ी सभाओं में से एक मानी गई। अनुमान है कि एक लाख से अधिक की भीड़ ने भाग लिया। मंच पर दरभंगा सांसद डॉ. गोपालजी ठाकुर, पूर्व मंत्री संजय झा, और अन्य एनडीए नेता मौजूद थे। शाह ने अंत में जनता से अपील करते हुए कहा — “यह चुनाव अलीनगर की सीट भर का नहीं, मिथिला की अस्मिता का चुनाव है। जब आप मैथिली ठाकुर को वोट देंगे, तो यह केवल एक उम्मीदवार की जीत नहीं होगी, यह मिथिला की संस्कृति और बिहार के स्वाभिमान की जीत होगी।”

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सियोल। अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आज कहा कि अमेरिका और भारत शीघ्र ही बहुप्रतीक्षित द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे।     अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दक्षिण कोरिया के ग्योंगजू में आयोजित एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपीईसी) सीईओ शिखर सम्मेलन के दौरान यह बात कही। अमेरिका और भारत के बीच प्रस्तावित व्यापार समझौते पर जारी बातचीत के बीच उन्होंने  कहा, ‘‘अमेरिका, भारत के साथ व्यापार समझौता कर रहा है। दोनों देश बहुत अरसे से लंबित एक व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। ’’   अमेरिकी राष्ट्रपति की यह टिप्पणी इस बात का संकेत है कि दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच समझौते के मसौदे को लेकर सहमति बन गयी है और अब जल्द ही इस पर हस्ताक्षर हो सकते हैं। भारत और अमेरिका के बीच इस समझौते पर बातचीत महीनों से चल रही है, जिसमें यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध और भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने को लेकर अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गये  50 फीसदी आयात शुल्क को लेकर विवाद भी जुड़ा है। अमेरिका के इस 50 फीसदी शुल्क में रूसी कच्चे तेल की खरीद के लिए दंडस्वरूप लगाया गया अतिरिक्त 25 फीसदी शुल्क भी शामिल है।   ट्रंप की ये टिप्पणी ऐसे वक्‍त में आई है जब इस मुद्दे को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव कायम हैं। भारत ने अमेरिकी कार्रवाई को ‘‘अनुचित एवं अविवेकपूर्ण’’ करार दिया है। अमेरिका और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते के पहले चरण के लिए अब तक पांच दौर की वार्ता पूरी हो चुकी है। इससे पहले एक अधिकारी ने बताया था कि भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौता होने की कगार पर है। अधिकारी ने पिछले हफ्ते कहा था, ‘‘जहां तक सौदे का सवाल है, हम इसके काफी करीब हैं।’’ वहीं, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भी पिछले हफ्ते ‘बर्लिन ग्लोबल डायलॉग’ में कहा था कि भारत कोई भी समझौता जल्दबाजी में या ‘‘किसी तरह के दबाव’’ में नहीं करेगा।

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नई दिल्ली । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मंगलवार को कहा कि जलवायु परिवर्तन पूरी दुनिया को प्रभावित कर रहा है। इस खतरे से निपटने के लिए तत्काल और ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। भारत जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए दृढ़ संकल्पित है। राष्ट्रपति मुर्मु ने आज नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन सभा (आईएसए) के आठवें सत्र का उद्घाटन किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि आईएसए समावेशिता, सम्मान और सामूहिक समृद्धि के स्रोत के रूप में सौर ऊर्जा का दोहन करने की मानवता की साझा आकांक्षा का प्रतीक है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि आईएसए सौर ऊर्जा को अपनाने और उपयोग को प्रोत्साहित करके इस वैश्विक चुनौती से निपटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। राष्ट्रपति ने कहा कि समावेशिता का विचार भारत की विकास यात्रा को परिभाषित करता है। सुदूर क्षेत्रों में घरों को रोशन करने का हमारा अनुभव हमारे इस विश्वास की पुष्टि करता है कि ऊर्जा समानता सामाजिक समानता का आधार है। उन्होंने कहा कि सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा तक पहुँच समुदायों को सशक्त बनाती है, स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति देती है और ऐसे अवसर खोलती है जो बिजली आपूर्ति से कहीं आगे तक फैले हुए हैं।राष्ट्रपति ने सभी सदस्य देशों से बुनियादी ढाँचे से आगे बढ़कर लोगों के जीवन पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा केवल बिजली उत्पादन तक ही सीमित नहीं है बल्कि सशक्तिकरण और समावेशी विकास से भी जुड़ी है। राष्ट्रपति ने कहा कि हमें पूरे विश्व के लिए, वर्तमान पीढ़ी के साथ आने वाली पीढ़ियों के लिए भी अधिक समर्पण के साथ काम करना चाहिए। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस सभा के विचार-विमर्श और निर्णय सौर ऊर्जा उत्पादन में मील का पत्थर साबित होंगे, जो एक समावेशी और समतामूलक विश्व के निर्माण में योगदान देगा।

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पटना । बिहार का यह चुनाव केवल विधानसभा की लड़ाई नहीं, बल्कि एक विचार की परीक्षा है। क्या भारत को स्थिर,निर्णायक और जिम्मेदार नेतृत्व चाहिए? दुनिया के बदलते हालातों के बीच बिहार की जनता इस सवाल का जवाब देने जा रही है। हो सकता है यह चुनाव नतीजों से ज्यादा, एक 'वैचारिक संदेश' के लिए याद किया जाए कि जब दुनिया उथल-पुथल में हो, तो भारत की जनता स्थिरता को चुनती है।   वरिष्ठ पत्रकार लवकुश मिश्रा की मानें, तो इस बार बिजली, सड़क, पानी मुद्दा नहीं है, शिक्षा-रोजगार-उद्योग मुद्दा जरूर है। बिहार के चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज भी एक विश्वास हैं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी ब्राण्ड हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया के हालात तेजी से बदल रहे हैं। पश्चिम एशिया में युद्ध, रूस-यूक्रेन टकराव,एशिया में शक्ति संतुलन की नई बिसात और वैश्विक अर्थव्यवस्था की उठापटक जैसे माहौल में भारत एक उभरती शक्ति के रूप में नजर आ रहा है। यही कारण है कि देश के हर चुनाव में अब सवाल सिर्फ रोजगार,शिक्षा या सड़क तक सीमित नहीं, बल्कि कौन भारत को सुरक्षित और मजबूत रख सकता है? बिहार विधानसभा चुनाव में यह सवाल और गहराई से गूंज रहा है।   पत्रकार लवकुश मिश्रा ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में भारत की भूमिका अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बढ़ी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जी—20 से लेकर संयुक्त राष्ट्र तक भारत को निर्णायक आवाज दी है। वहीं, अमेरिका, रूस और यूरोप के बीच संतुलन बनाना भी भारत की विदेश नीति की नई ताकत के रूप में देखा जा रहा है। इस माहौल में बिहार के मतदाता भी कह रहे हैं कि अब हमें सिर्फ स्थानीय नहीं, राष्ट्रीय सोच वाला नेतृत्व चाहिए।   मुजफ्फरपुर निवासी युवा मतदाता सुधीर कुमार गुप्ता कहते हैं कि दुनिया में जैसे हालात हैं, भारत को कमजोर सरकार नहीं चाहिए। मजबूत नेतृत्व ही देश को दिशा दे सकता है। बिहार को भी वैसा नेतृत्व चाहिए, जो देश के साथ कदम मिलाकर चले। उनके साथी रवि ने कहा कि रोजगार तो जरूरी है, लेकिन अगर देश कमजोर हुआ, तो सब बेकार। हमें ऐसा नेता चाहिए, जो भारत की ताकत बढ़ाए और बिहार को भी सुरक्षा और सम्मान दे। मतदाताओं के ऐसे विचार इस बात की ओर इशारा करते हैं कि बिहार की राजनीति में पहली बार वैश्विक घटनाओं का अप्रत्यक्ष असर दिख रहा है।   राजग का नारा : 'मजबूत भारत, सुरक्षित बिहार'   राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) इस बार चुनाव में मजबूत भारत, सुरक्षित बिहार को केंद्रीय थीम बना रहा है। भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रदीप दूबे कहते हैं कि दुनिया में जो उथल-पुथल है, उसमें भारत को स्थिर और निर्णायक सरकार की जरूरत है। बिहार के लोग जानते हैं कि मजबूत भारत तभी बनेगा, जब हर राज्य मजबूत होगा। भाजपा की रणनीति साफ है-राष्ट्रीय सुरक्षा, आत्मनिर्भर भारत और विकास के मुद्दों को स्थानीय स्तर पर जोड़कर मतदाताओं तक पहुंचाना।   युवाओं की अपेक्षा, अवसर और सुरक्षा दोनों   युवा मतदाता अमरेश कहते हैं कि अब चुनाव में सिर्फ जातीय समीकरण नहीं चलेगा। देश की स्थिति देखकर युवा सोचने लगा है कि कौन भारत को सही दिशा दे सकता है। वैश्विक दौर में जब भारत तकनीक, रक्षा और अर्थव्यवस्था में आगे बढ़ रहा है, तो बिहार को भी वही ऊर्जा चाहिए। हमें विकास की राजनीति चाहिए।   युवा पीढ़ी चाहती है कि भारत की ताकत सिर्फ बाहरी नहीं, आंतरिक भी हो। युवा मतदाता अमरेश कहते हैं कि हमें ऐसा नेतृत्व चाहिए जो रोजगार दे, लेकिन साथ ही देश का मान-सम्मान भी बचाए। ताकत सिर्फ सैन्य नहीं, आर्थिक भी होनी चाहिए।   मोदी फैक्टर अब भी निर्णायक   राजनीतिक विश्लेषक संतोष चौधरी का मानना है कि वैश्विक अस्थिरता के बीच प्रधानमंत्री मोदी की छवि निर्णायक नेता की बन चुकी है। अंतरराष्ट्रीय मंच पर मोदी की छवि का असर घरेलू राजनीति पर पड़ रहा है। मतदाता अब सुरक्षा, स्थिरता और वैश्विक प्रतिष्ठा को भी वोट देने का कारण मानने लगे हैं। बिहार इसका अपवाद नहीं है।   गांवों में भी गूंज रहा है वैश्विक संदर्भ   जहां पहले गांवों में चर्चा होती थी-सड़क कब बनेगी? अब सवाल है, देश का भविष्य किसके हाथों में सुरक्षित रहेगा? रोहतास जनपद के रहने वाले चन्द्रमा तिवारी कहते हैं कि आज दुनिया में भारत का नाम है, लेकिन अगर राजनीति अस्थिर हुई, तो सब कुछ खतरे में पड़ जाएगा। हमें जातीय नेता या पार्टी नहीं, स्थिर सरकार चाहिए। इस तरह पहली बार बिहार की ग्रामीण राजनीति में विश्व राजनीति की परछाई दिख रही है।   मुद्दे पुराने, सोच नई   बिहार में बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे पारंपरिक मुद्दे अब भी मौजूद हैं, लेकिन मतदाता इस बार के चुनाव को राष्ट्र की स्थिरता से जोड़कर देख रहे हैं। मतदाता लल्ली तिवारी,चर्तुभुज चौधरी और संतोष ने कहा कि देश सुरक्षित रहेगा, तो राज्य भी आगे बढ़ेगा। इस बार यह भावना खासकर युवाओं और मध्यम वर्ग के मतदाताओं में खासा दिखाई दे रहा है।   महिलाएं भी इस बार निर्णायक   बिहार की शिक्षित महिला मतदाता भी कह रही हैं कि उन्हें सुरक्षा और सम्मान दोनों चाहिए। कोचस की शारदा देवी, बिन्दु और आकांक्षा देवी ने कहा कि अगर देश मजबूत होगा, तो महिलाओं की सुरक्षा भी बढ़ेगी। हमें स्थिर सरकार चाहिए जो कानून पर सख्त और समाज के प्रति संवेदनशील हो। महिलाओं के बीच यह भावना राजग के लिए सकारात्मक माहौल बना रही है।   जातीय गणित से आगे बढ़ रहा चुनाव   राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि इस बार जातीय समीकरणों की भूमिका तो रहेगी, लेकिन निर्णायक नहीं। आरा के रहने वाले राजेंद्र तिवारी कहते हैं कि अब बिहार में जाति नहीं, नेतृत्व का भरोसा काम करेगा। मतदाता वैश्विक हालात समझ रहे हैं। वे ऐसे नेतृत्व को मौका देना चाहते हैं, जो न सिर्फ बिहार, बल्कि भारत को भी आगे ले जा सके।   अबकी बार भारत की मजबूती का संदेश देगा बिहार   राजनीतिक जानकार राजन पाण्डेय कहते हैं कि यह चुनाव सिर्फ सत्ता का नहीं, बल्कि नेतृत्व के भरोसे का भी है। मतदाता श्रीमोहन राय और सीताराम राय कहते हैं कि बिहार का मतदाता अब स्थानीय हितों से ऊपर सोच रहा है। यह संकेत है कि भारतीय लोकतंत्र परिपक्व हो रहा है। दुनिया में उथल-पुथल जितनी बढ़ेगी, भारत में स्थिरता की चाह उतनी ही मजबूत होगी।   महागठबंधन का जवाब : 'जनता के मुद्दे पहले'   दूसरी ओर महागठबंधन के नेता यह कहते नहीं थक रहे हैं कि मजबूत हाथों की बात सिर्फ भावनात्मक प्रचार है। राजद के एक प्रवक्ता का कहना है कि लोग पेट और रोजगार की चिंता में हैं। दुनिया की ताकतें भारत को देख रही हैं, लेकिन बिहार में युवा पलायन को मजबूर हैं। यहां हमें मजबूत अर्थव्यवस्था चाहिए, न कि सिर्फ नारों की मजबूती।

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चेन्नई । बंगाल की खाड़ी में चक्रवात 'मोंथा' एक अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान बन गया है। इस तूफान के आज (28 अक्तूबर) की शाम या रात में आंध्र प्रदेश के तट (काकीनाडा के पास, मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच) से टकराने की आशंका है, जिसकी गति 110 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच सकती है, इसलिए तमिलनाडु के दो ज़िलों चेन्नई और तिरुवल्लूर में स्कूलों की छुट्टी घोषित कर दी गई है। मौसम विभाग ने आज सुबह, 28 अक्टूबर, 2025 के अपने ताजा अपडेट में कहा है कि तूफान 'मोंथा' के कारण आंध्र प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कुछ अन्य राज्यों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की आशंका जताई है। मौसम विभाग ने बताया है कि 'मोंथा' चक्रवात आज (मंगलवार को) सुबह एक अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफ़ान में तब्दील हो गया है। मौसम विभाग की ओर से यह घोषणा की गई है कि चक्रवात आज शाम या रात को आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच तट को पार करेगा। यह भी चेतावनी दी गई है कि तट पार करते समय हवा की गति 110 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। मौसम विभाग की ओर से बताया गया कि चक्रवात 'मोंथा' पिछले रविवार को बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम और उससे सटे दक्षिण-पूर्व में बना था। कल तक, यह चेन्नई से 400 किलोमीटर पूर्व, आंध्र प्रदेश के काकीनाडा से 500 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व और पोर्ट ब्लेयर से 800 किलोमीटर पश्चिम में था। मोंथा चक्रवात 17 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश की ओर भी बढ़ रहा था। ऐसे में, भारतीय मौसम विभाग ने बताया है कि मोंढा चक्रवात आज सुबह एक अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफ़ान में तब्दील हो गया है। मौसम विभाग के मुताबिक, 'मौंथा' चक्रवात जिस स्थान पर तट को पार करेगा, वह तमिलनाडु के पास है, इसलिए यह घोषणा की गई है कि न केवल आंध्र प्रदेश , बल्कि तमिलनाडु में भी भारी बारिश होगी। हालांकि, सोमवार की रात से ही तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई, तिरुवल्लूर, कांचीपुरम और समेत राज्य के अन्य जिलों में भारी बारिश हो रही है। 'मोंथा' का प्रभाव से आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, और झारखंड जैसे राज्यों में भी देखा जा रहा है। संभवतः बिहार के मौसम पर भी इसका असर पड़ेगा। मौसम विभाग ने कहा है कि आज दोपहर से तमिलनाडु के लगभग सभी जिलों में बारिश होगी और आंध्र प्रदेश से सटे तिरुवल्लूर, चेन्नई, कांचीपुरम, विल्लुपुरम, चेंगलपट्टू, वेल्लोर और रानीपेट सहित उत्तरी जिलों में भारी बारिश की संभावना है। एहतियात के तौर पर चेन्नई और तिरुवल्लूर में स्कूलों की छुट्टी घोषित कर दी गई है। कांचीपुरम, रानीपेट और चेंगलपट्टू सहित कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है, लेकिन अभी तक वहां के स्कूलों में छुट्टी घोषित नहीं की गई है। इसके अलावा, मछुआरों को तमिलनाडु के समुद्र में न जाने की चेतावनी दी गई है। 'मोंथा' के कारण 60 ट्रेनें रद्दचक्रवाती तूफ़ान 'मोंथा' के तट की ओर बढ़ने के साथ ही पूरे आंध्र प्रदेश में भारी बारिश हो रही है। इसके चलते राज्य के 16 जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु सहित अन्य राज्यों से वहां से होकर गुजरने वाली 60 रेल गाड़ियों की सेवाएं रद्द कर दी गई हैं। दक्षिण रेलवे ने घोषणा की है कि 20 से ज़्यादा ट्रेनों के समय में बदलाव किया गया है। इसी तरह चेन्नई से विशाखापत्तनम सहित आंध्र प्रदेश के अन्य हिस्सों के लिए 12 उड़ानें भी रद्द कर दी गई हैं। भारी बारिश की संभावनामौसम विभाग ने कहा है कि आज शाम जब चक्रवात 'मोंथा' आंध्र प्रदेश से गुज़रेगा, तो चेन्नई, तिरुवल्लूर और कांचीपुरम जिलों में तेज़ गति से हवाएं चलेंगी। इसे

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चेन्नई । दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में सक्रिय चक्रवाती तूफान 'मोंथा' तेजी से उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है। पिछले छह घंटों में तूफान 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ा है। 'मोंथा' के मंगलवार (28 अक्तूबर) की सुबह तक एक गंभीर चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है और 27 से 30 अक्टूबर तक आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु में भारी बारिश होने की उम्मीद है। तमिलनाडु में आने वाले चक्रवाती तूफान 'मोंथा' को देखते हुए कई जिलों में स्कूल बंद करने की घोषणा की गई है। स्थानीय प्रशासन ने निचले और तटीय इलाकों में स्थित स्कूलों और कुछ कॉलेजों को अस्थायी छुट्टियां देने का फैसला किया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने 28 अक्टूबर को भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, क्योंकि तूफान उत्तर दिशा की ओर बढ़ रहा है। 'मोंथा' के खतरे को देखते हुए आंध्र प्रदेश, ओडिशा और तमिलनाडु हाई अलर्ट पर है। आपदा प्रबंधन टीमें तैनात की गई हैं और मछुआरों को अगले कुछ दिनों तक समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है। अधिकारियों ने तटीय और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों से सावधान रहने और तूफान के चरम समय में अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है। भारतीय मौसम विभाग, दक्षिणी क्षेत्र के प्रमुख डॉ. बी. अमुधा ने सोमवार को बताया कि बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवात तूफान 'मोंथा' आंध्र प्रदेश के मसूलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच तट को पार कर सकता है। कल (मंगलवार) शाम मसूलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच काकीनाडा के पास एक भीषण चक्रवाती तूफ़ान का रूप लेकर तट को पार कर सकता है। इससे पहले, चेन्नई मौसम विभाग द्वारा जारी एक बयान में कहा गया था कि दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी में बना गहरा दबाव का क्षेत्र पश्चिम-उत्तर-पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ा और मंगलवार रात यह एक चक्रवाती तूफ़ान "मोंथा" में बदल गया और दक्षिण-पश्चिम तथा उससे सटे दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी में प्रबल हो गया। चक्रवाती तूफान "मोंथा" वर्तमान में बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम और उससे सटे पश्चिम-मध्य क्षेत्र में, चेन्नई से लगभग 520 किलोमीटर पूर्व-दक्षिण-पूर्व, काकीनाडा से 570 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण-पूर्व, विशाखापत्तनम से 600 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण-पूर्व और पोर्ट ब्लेयर (अंडमान द्वीप समूह) से 850 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है। इसके उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और कल (28 अक्टूबर) सुबह तक एक भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की संभावना है। इसके उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और 28 तारीख की शाम या रात के समय काकीनाडा के पास मसूलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच आंध्र प्रदेश के तट पर दस्तक देने की संभावना है। उस समय, हवा की गति 90-100 किलोमीटर प्रति घंटा और कभी-कभी 110 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच सकती है। भारी बारिश होने की संभावनाचक्रवाती तूफान 'मोंथा' की वजह से तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर गरज और बिजली के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। उत्तरी तमिलनाडु के तटीय और आसपास के जिलों तथा पुडुचेरी और कराईकल क्षेत्रों में एक-दो स्थानों पर 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे रफ्तार से तेज़ ज़मीनी हवाएं चलने की भी संभावना है। विशेष रूप से, चेन्नई, चेंगलपट्टू, कांचीपुरम, तिरुवल्लूर और रानीपेट जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है और कोयंबटूर, नीलगिरी, कुड्डालोर, विल्लुपुरम, तिरुवन्नामलाई, वेल्लोर जिलों और पुडुचेरी के पहाड़ी इलाकों में एक-दो स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है।

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लखनऊ । आतंकी संगठन आईएसआईएस से जुड़े दोनों संदिग्ध आतंकी दिल्ली के भीड़भाड़ वाले इलाकों में आत्मघाती हमला करने की योजना बना रहे थे, लेकिन उनके मंसूबों को फेल करते हुए उत्तर प्रदेश की एटीएस और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दोनों संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार कर लिया। इस गिरफ्तारी से दिल्ली में दिवाली के दौरान संभावित बड़े धमाके की साजिश नाकाम हो गई। पुलिस ने अन्य संभावित सहयोगियों की तलाश तेज कर दी है।पुलिस महानिरीक्षक (कानून एवं व्यवस्था) एलआर कुमार ने सोमवार को पत्रकारों को बताया कि संदिग्ध आतंकी अदनान खान को 18 अक्टूबर को मध्य प्रदेश के भोपाल से गिरफ्तार किया गया है,जबकि मोहम्मद अदनान की गिरफ्तारी 16 अक्टूबर को दिल्ली के सेक्टर-3 सादिक नगर से हुई है। ये दोनों आतंकी संगठन आईएसआईएस के संंबंधित विडियो देखकर इनकी विचारधारा से प्रभावित थे। ये लोग दिल्ली के भीड़भाड़ वाले इलाके को टारगेट बनाकर भविष्य में हमला करने की योजना बना रहे थे।आईजी ने बताया कि भोपाल से गिरफ्तार अदनान अदनान खान के खिलाफ पहले से कई आपराधिक ​इतिहास है। 03 जून 2024 को एटीएस ने उसे वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे के आदेश देने वाले अतिरिक्त न्यायाधीश को धमकी देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। 25 सितंबर को वह जमानत पर जेल से बाहर आ गया। इसके बाद भी वह कट्टर गतिविधियों में लिप्त रहा।अदनान खान मूल रूप से एटा (उत्तर प्रदेश) का निवासी है। उसके पिता सलीम खान दूरदर्शन में ड्राइवर हैं। 2023 में दिल्ली स्थानांतरण के कारण परिवार के साथ दिल्ली में जाकर सादिक नगर में रहने लगे। दोनों अभियुक्त फिलहाल स्पेशल सेल में पीसीआर वैन में रखे गए हैं। उनसे पूछताछ जारी है।  

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नई दिल्ली । चुनाव आयोग बिहार के बाद 12 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में मतदाता सूची को अपडेट करेगा। इससे जुड़ी विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया आज रात से शुरु हो जाएगी। इनमें अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, पुडुचेरी, लक्षद्वीप, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, केरल और तमिलनाडु शामिल हैं। इन राज्यों की कुल आबादी 51 करोड़ है। एसआईआर की प्रक्रिया कल से शुरु होगी और 7 फरवरी तक अंतिम मतदाता सूची जारी की जाएगी। आज रात से इन राज्यों की मतदाता सूची फ्रीज हो जाएगी। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को यहां के विज्ञान भवन में इस संबंध में एक पत्रकार वार्ता की। इस दौरान चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधु और विवेक जोशी भी उपस्थित रहे। ज्ञानेश कुमार ने कहा कि कानून के तहत जरूरत पड़ने और चुनावों से पूर्व चुनाव आयोग मतदाता सूची को अपडेट कर सकता है। राजनीतिक दल भी मतदाता सूची को लेकर अलग-अलग तरह से मुद्दे उठाते रहते हैं। चुनाव आयोग एसआईआर के लिए कल से 3 नवंबर तक प्रिटिंग और प्रशिक्षण की प्रक्रिया पूरी कर लेगा। इसके बाद 4 नवंबर से अगले एक महीने तक सभी घरों में जाकर चुनावकर्मी फार्म वितरित करेंगे। नौ दिंसबर को चुनाव आयोग इन राज्यों की मसौदा सूची जारी करेगा। इसके बाद 1 महीने तक इस मौसूदा सूची से जुड़े दावे और आपत्तियां दर्ज करा सकते हैं। इसके बाद 9 जनवरी से एक महीने तक दावे सुने जाएंगे और जांच होगी। सात फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची जारी होने के बाद पूरी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।  उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 326 के अनुसार देश में मतदाता बनने के लिए भारत का नागरिक होना, 18 साल से अधिक आयु का होना, किसी क्षेत्र का सामान्य रिहायशी होना और किसी अन्य कानून के तहत अयोग्य न घोषित व्यक्ति ही मतदाता बनने के लायक होता है।  उन्होंने कहा कि इतने सालों में मतदाता सूची में काफी बदलाव आए हैं। लोगों ने बहुत बड़ी संख्या में पलायन किया है। इसके चलते मतदाता एक से अधिक स्थान पर पंजीकृत हैं। कई मृत मतदाता भी मतदाता सूची में शामिल हैं और कई स्थानों पर गलत तरीके से विदेशियों को भी मतदाता सूची में शामिल किया गया है। उल्लेखनीय है कि एसआईआर की प्रक्रिया 1951 से 2004 तक आठ बार की जा चुकी है। आखरी बार फिर 2002 और 04 के बीच 21 साल पहले कराया गया था।

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात में सुरक्षा बलों में भारतीय नस्ल के श्वानों को अपनाने और प्रशिक्षित करने की सराहना की। उन्होंने बताया कि पांच वर्ष पहले उन्होंने देशवासियों और सुरक्षा बलों से भारतीय नस्ल के श्वानों को अपनाने का आग्रह किया था।   मन की बात के 127वें एपिसोड में प्रधानमंत्री ने बताया कि बीएसएफ और सीआरपीएफ ने अपने दस्तों में भारतीय नस्ल के श्वानों की संख्या बढ़ाई है। बीएसएफ का नेशनल ट्रेनिंग सेंटर ग्वालियर के टेकनपुर में है। यहां रामपुर हाउंड, मुधोल हाउंड और अन्य भारतीय नस्लों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इन श्वानों के लिए प्रशिक्षण मैनुअल को भी संशोधित किया गया है ताकि उनकी विशेष क्षमताओं को उजागर किया जा सके।   प्रधानमंत्री ने कहा, “भारतीय नस्ल के श्वान अपने परिवेश और परिस्थितियों के अनुसार जल्दी ढल जाते हैं।”   उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ के बेंगलुरु स्थित डॉग ब्रीडिंग और ट्रेनिंग स्कूल में मोंग्रेल्स, मुधोल हाउंड, कोम्बाई और पांडिकोना जैसी भारतीय नस्लों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। पिछले वर्ष लखनऊ में आयोजित ऑल इंडिया पुलिस ड्यूटी मीट में मुधोल हाउंड रिया ने विदेशी नस्लों को पीछे छोड़कर पहला पुरस्कार जीता था।  

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बारामूला । उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले के रफियाबाद के डोगरीपोरा के वन क्षेत्र में तलाशी अभियान के दौरान सेना ने दो पुराने गोले बरामद किए। अधिकारियों ने बताया कि बाद में बम निरोधक दस्ते ने इन गोलों को सुरक्षित रूप से नष्ट कर दिया।   रक्षा सूत्रों के अनुसार, 32 राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) के जवानों ने डोगरीपोरा वन क्षेत्र में नियमित तलाशी के दौरान दो संदिग्ध धातु की वस्तुओं का पता लगाया। घटनास्थल की तुरंत घेराबंदी की गई और बम निरोधक दल को विस्फोटकों की जाँच और उन्हें निष्क्रिय करने के लिए बुलाया गया।   उचित तकनीकी मूल्यांकन और सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने के बाद बीडीएस दस्ते द्वारा नियंत्रित विस्फोट में दोनों गोलों को नष्ट कर दिया गया। ऑपरेशन बिना किसी नुकसान या चोट के सुचारू रूप से चला। बरामद गोले पुराने और जंग लगे हुए प्रतीत हो रहे थे।  

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चंडीगढ़ । पैसे कमाने की चाहत में डंकी रूट से अमेरिका गए हरियाणा के कैथल जिला के 14 युवकों को अमेरिका ने डिपोर्ट कर दिया है। कैथल पुलिस सभी युवाओं को लेकर रविवार को यहां पहुंची। पुलिस ने कई घंटे की जांच तथा कागजी कार्रवाई के बाद अमेरिका से लौटे युवाओं को परिजनों के सुपुर्द कर दिया। सभी युवक ‘डंकी रूट’ के माध्यम से अमेरिका पहुंचे थे। इनमें से कुछ युवक कई-कई साल से अमेरिका में रह रहे थे, जबकि कुछ युवक कुछ महीने पहले ही वहां गए थे। इनमें से कुछेक को अमेरिका में पकड़े जाने के बाद डेढ़ साल तक जेल में रखा गया था। सभी युवाओं की उम्र 25 से 40 वर्ष के बीच है। इनमें ज्यादातर ऐसे हैं जिन्होंने विदेश जाकर पैसे कमाने के चक्कर में अपनी जमीन बेच दी तो किसी के परिवार ने जमीन गिरवीं रखकर पैसा उधार लिया। इसके बावजूद यह नौजवान अमेरिका में सेटल नहीं हो सके और ट्रंप सरकार ने डंकी रूट के आधार पर सभी को वापस भेज दिया है। कैथल के डीएसपी ललित यादव के अनुसार, रविवार को दिल्ली एयरपोर्ट से रिसीव करके सभी को कैथल पुलिस लाइन में लाया गया।डिपोर्ट किए गए युवकों में तारागढ़ निवासी नरेश कुमार, पीडल निवासी कर्ण, अग्रसेन कॉलोनी निवासी मुकेश, कैथल निवासी ऋतिक, जडोला निवासी सुखबीर सिंह, हाबड़ी निवासी अमित व दमनप्रीत, बुच्ची निवासी अभिषेक, बात्ता निवासी मोहित, पबनावा निवासी अशोक कुमार, सेरधा निवासी आशीष, सिसला निवासी प्रभात तथा ढांड निवासी सतनाम सिंह शामिल हैं। इनमें से कई युवक 5 से 7 साल तक अमेरिका में रह रहे थे, वहीं कुछ युवक हाल ही में गए थे और पकड़े जाने के बाद से जेल में बंद थे। बताया गया कि इन युवकों को दिल्ली लाने तक हाथ और पैरों में बेडिय़ां लगाई गई थीं।डीएसपी ललित यादव ने बताया कि सभी युवक डंकी रूट के माध्यम से अमेरिका में घुसे थे, जिसे अमेरिका की सरकार ने अवैध मानते हुए उन्हें वापस भेज दिया। उन्होंने कहा कि अभी तक किसी भी युवक ने उन एजेंटों के खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं करवाई है, जिन्होंने उन्हें गलत तरीके से विदेश भेजा था। यदि कोई शिकायत करता है तो पुलिस उसी अनुसार कार्रवाई करेगी। युवाओं ने कहा कि वे पहले परिवार से बातचीत करेंगे और उसके बाद ही आगे का निर्णय लेंगे।आपराधिक रिकार्ड मिलने पर एक युवक हिरासत मेंपुलिस ने अमेरिका से डिपोर्ट किए गए युवकों की जांच शुरू कर दी है। रविवार को जांच के दौरान तारागढ़ निवासी नरेश कुमार का आपराधिक रिकार्ड सामने आने पर उसे तुरंत हिरासत में ले लिया गया। जानकारी के अनुसार नरेश कुमार चेक बाउंस व एक्साइज एक्ट से संबंधित मामले में भगोड़ा चल रहा था। बाकी 13 युवकों का कोई भी आपराधिक रिकॉर्ड सामने नहीं आया, उन्हें पूछताछ के बाद परिजनों के हवाले कर दिया गया।

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कोकराझार  । कोकराझार जिले में रेलवे लाइन पर पिछले दिनों आईईडी विस्फोट से जुड़ा माओवादी आज सुबह पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। पुलिस अधीक्षक पुष्पराज सिंह ने संवाददाता सम्मेलन कर इसकी जानकारी दी।   बीते 23 अक्टूबर को तड़के कोकराझार रेलवे लाइन पर आईईडी विस्फोट से जुड़े उग्रवादी की तलाश में नादांगगुरी में पुलिस टीम ने छापेमारी की। छापेमारी के दौरान अचानक हुई मुठभेड़ में पुलिस ने रेलवे लाइन पर आईईडी विस्फोट से जुड़े एपिल मुर्मु उर्फ रोहित मुर्मु (40) को मार गिराया। मुठभेड़ स्थल से पिस्तौल, ग्रेनेड, वोटर कार्ड, झारखंड का आधारकार्ड बरामद किया गया। पुलिस का अभियान आज भी जारी है।   पुलिस अधीक्षक के मुताबिक एपिल मुर्मु उर्फ रोहित मुर्मु पहले झारखंड में एक बम विस्फोट की घटना में शामिल था। पिछले साल अक्टूबर में झारखंड की रेलवे लाइन पर बम विस्फोट कर वह असम भाग आया था। झारखंड में उसे रोहित मुर्मु के नाम से जाना जाता है और दूसरी ओर कोकराझार जिले के कचुगांव ग्राहमपुर निवासी के रूप में उसे एपिल मुर्मु के नाम से जाना जाता है। वह झारखंड और असम, दोनों राज्यों का निवासी था।   पहले वह नासला नामक उग्रवादी संगठन का सदस्य था। नासला के आत्मसमर्पण करने पर वह झारखंड भाग गया और वहां नासना समूह बनाकर संगठन का कमांडेंट बनकर अपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने लगा था। बाद में उसने माओवादी समूह के साथ संबंध बनाए। रोहित मुर्मु की तलाश में झारखंड से एक पुलिस दल असम आया था। साल 2015 से वह झारखंड में हिंसक गतिविधियों में लिप्त था।  

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नई दिल्ली । घरेलू सर्राफा बाजार में सोना और चांदी की कीमत में गिरावट का रुख लगातार जारी है। सोने की कीमत में आज लगातार छठे दिन गिरावट दर्ज की गई। आज के कारोबार में सोना 650 रुपये प्रति 10 ग्राम से लेकर 710 रुपये प्रति 10 ग्राम तक टूट गया है। वहीं, चांदी आज 4 हजार रुपये प्रति किलोग्राम तक सस्ता हो गया है।   कीमत में हुई इस कमी की वजह से देश के ज्यादातर सर्राफा बाजारों में 24 कैरेट सोना आज 1,24,360 रुपये से लेकर 1,24,510 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर कारोबार कर रहा है। इसी तरह 22 कैरेट सोना आज 1,13,990 रुपये से लेकर 1,14,140 रुपये प्रति 10 ग्राम के बीच बिक रहा है। चांदी की कीमत में भी गिरावट आने के कारण ये चमकीली धातु दिल्ली सर्राफा बाजार में आज 1,54,900 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर बिक रही है। दिल्ली में आज 24 कैरेट सोना 1,24,510 प्रति 10 ग्राम के स्तर पर कारोबार कर रहा है, जबकि 22 कैरेट सोने की कीमत 1,14,140 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज की गई है। वहीं देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में 24 कैरेट सोना 1,24,360 रुपये प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोना 1,13,990 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बिक रहा है। इसी तरह अहमदाबाद में 24 कैरेट सोने की रिटेल कीमत 1,24,410 रुपये प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोने की कीमत 1,14,040 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज की गई है।   इन प्रमुख शहरों के अलावा चेन्नई में 24 कैरेट सोना आज 1,24,360 रुपये प्रति 10 ग्राम की कीमत पर और 22 कैरेट सोना 1,13,990 रुपये प्रति 10 ग्राम की कीमत पर बिक रहा है। कोलकाता में भी 24 कैरेट सोना 1,24,360 रुपये प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोना 1,13,990 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर कारोबार कर रहा है। लखनऊ के सर्राफा बाजार में 24 कैरेट सोना आज 1,24,510 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर और 22 कैरेट सोना 1,14,140 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बिक रहा है। पटना में 24 कैरेट सोने की कीमत 1,24,410 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर है, जबकि 22 कैरेट सोना 1,14,040 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बिक रहा है। जयपुर में 24 कैरेट सोना 1,24,510 रुपये प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोना 1,14,140 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बिक रहा है।   देश के अन्य राज्यों की तरह कर्नाटक, तेलंगाना और ओडिशा के सर्राफा बाजार में भी आज सोने की कीमत में गिरावट आई है। इन तीनों राज्यों की राजधानियों बेंगलुरु, हैदराबाद और भुवनेश्वर में 24 कैरेट सोना 1,24,360 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर कारोबार कर रहा है। इसी तरह इन तीनों शहरों के सर्राफा बाजारों में 22 कैरेट सोना 1,13,990 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बिक रहा है।  

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बीजापुर । छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में में बीती रात नक्सलियों ने दाे ग्रामीणों की धारदार हथियार से हत्या कर दी। मृतकों की पहचान रवि कट्टम (25 वर्ष) और तिरुपति सोढ़ी (38 वर्ष) के रूप में हुई है। मृतक तिरुपति का भाई सीआरपीएफ में जवान है।   पुलिस ने आशंका जताई है कि नक्सलियों ने बदले की भावना से इस वारदात को अंजाम दिया गया है। घटना की सूचना मिलते ही उसूर थाना पुलिस मौके पर पहुंचकर जांच के साथ ही पुलिस और सुरक्षा बलों ने आस-पास के क्षेत्र में तलाशी अभियान चला रहे हैं। इस नक्सली हत्या की वारदात के बाद से इलाके में दहशत व्याप्त है।   बीजापुर के एएसपी चंद्रकांत गवर्णा ने शनिवार काे बताया कि उसूर थाना क्षेत्र अंतर्गत नेलाकांकेर गांव में शुक्रवार की रात नक्सली दोनों के घरों में घुसे और धारदार हथियारों से हमला करके उनकी हत्या कर वहां से भाग निकले। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। घटना के बाद सुरक्षा बलों की गश्त और सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया है। उन्हाेंने कहा कि मामले की गहन जांच जारी है और दोषियों को पकड़ने के लिए हर संभव कदम उठाया जा रहा है। बताया गया कि तिरुपति सोढ़ी 8वीं पास था और पेशे से किसान था जबकि कट्टम रवि 12 वीं पास था। दोनों का आवापल्ली, बीजापुर मुख्यालय आना जाना होता था। इसलिए मुखबिरी के शक में नक्सलियों ने उनकी हत्या की है। विगत एक महीने में नक्सली सात ग्रामीणों की हत्या कर चुके हैं।   नक्सलियों ने बस्तर संभाग में अक्टूबर महीने में पांच ग्रामीणों को मौत के घाट उतारा है। चार अक्टूबर काे नक्सलियों ने सुकमा और बीजापुर जिलों में दो ग्रामीणों की हत्या की थी। इससे पहले सुकमा में दो और बीजापुर में एक ग्रामीण को मौत के घाट उतार दिया था। इससे पहले 28 सितंबर को बीजापुर में नक्सलियों ने एक युवक 27 साल का सुरेश कोरसा मनकेली पटेलपारा निवासी की हत्या कर दी थी। नक्सलियों ने सुरेश कोरसा काे अगवा कर मार डाला था। राज्य गठन के बाद से 25 सालों में बस्तर संभाग के अलग-अलग जिलों में नक्सलियाें ने 1820 से ज्यादा लोगों की हत्या कर चुके हैं।

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नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक बड़ी आतंकी साजिश को नाकाम करते हुए आईएसआईएस से जुड़े एक इंटरस्टेट मॉड्यूल का पर्दाफाश किया है। दिल्ली और मध्य प्रदेश के भोपाल में एक साथ हुई छापेमारी में दो संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस का कहना है कि यह मॉड्यूल आगामी त्योहारों के दौरान दिल्ली में भीड़भाड़ वाले इलाकों में आतंकी हमला करने की योजना बना रहा था। पुलिस मुख्यालय में शुक्रवार को पत्रकार वार्ता में स्पेशल सेल के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त प्रमोद सिंह कुशवाहा ने बताया कि गिरफ्तार आरोपितों की पहचान सादिक नगर, दिल्ली निवासीमोहम्मद अदनान खान उर्फ अबू मुहरिब (19) और करोंद, भोपाल निवासी अदनान खान उर्फ अबू मोहम्मद (20) के रूप में हुई है। यह कार्रवाई स्पेशल सेल के पुलिस उपायुक्त अमित कौशिक की देखरेख में की।  उन्होंने बताया कि दिल्ली निवासी मोहम्मद अदनान ने पूछताछ में खुलासा किया कि उसने आईएसआईएस के मौजूदा खलीफा अबू हफ्स अल-हाशिमी अल-कुरैशी के प्रति बैयत (निष्ठा की शपथ) ली थी। यह शपथ उसने सीरिया स्थित आईएसआईएस हैंडलर अबू इब्राहिम अल-कुरैशी के निर्देश पर ली थी और इसका वीडियो आईएसआईएस की पोशाक में रिकॉर्ड कर भेजा गया था। दोनों आरोपित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कट्टरपंथी वीडियो एडिट कर युवाओं को बरगलाने और भर्ती करने का काम करते थे। ये लोग इंस्ट्राग्राम और यूट्यूब पर कई बार बैन होने के बावजूद नए चैनल बनाकर कटरपंथी सामग्री फैलाते रहे है।जांच में सामने आया कि दोनों आरोपित न केवल ऑनलाइन प्रचार-प्रसार कर रहे थे, बल्कि अब इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) बनाने की दिशा में सक्रिय थे। उनके पास से टाइमर क्लॉक, आईएसआईएस का झंडा, आईईडी बनाने की मैनुअल, पेन ड्राइव, हार्ड डिस्क, लैपटॉप और अन्य संदिग्ध सामग्री बरामद हुई है। स्पेशल सेल की समय रहते कार्रवाई से दिल्ली में त्योहारों के दौरान संभावित आतंकी हमले की साजिश नाकाम हुई है।अतिरिक्त पुलिस आयुक्त ने बताया कि भोपाल निवासी अदनान खान के पिता सलाम कई प्राइवेट फर्मों में अकाउंटेंट का काम करते हैं और उनकी मां पार्ट-टाइम एक्ट्रेस हैं। आरोपित ने भोपाल से 12वीं कक्षा पढ़ाई पूरी की और अभी भोपाल के ईदगाह में एक व्यक्ति की मेंटरशिप में चार्टर्ड अकाउंटेंसी कर रहा है। आरोपित ने 6 से 10 साल की उम्र के बीच मदरसा में पढ़ाई की। आरोपित को 2024 में यूपी एटीएस ने यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया था। उसने उस समय सोशल मीडिया पर एक अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश को धमकी भरी पोस्ट डाली थी, जब न्यायालय ने ज्ञानवापी मामले में वीडियोग्राफिक सर्वे का आदेश दिया था। जमानत मिलने के बाद वह दोबारा ऑनलाइन कट्टरपंथी गतिविधियों में शामिल हो गया था।दिल्ली का मोहम्मद अदनान खान मूल रूप से एटा (उप्र) का रहने वाला है। उसके पिता दूरदर्शन में ड्राइवर हैं और उसकी मां अंजुम खान हाउस वाइफ हैं। उसकी तीन बड़ी बहनें हैं, जिनकी शादी हो चुकी है। उसने एटा में पढ़ाई की और 10वीं क्लास पूरी की। 2022 में पिता के ट्रांसफर के बाद परिवार दिल्ली शिफ्ट हो गया। मोहम्मद अदनान ने दिल्ली में फिर से पढ़ाई शुरू करने की कोशिश की लेकिन परीक्षा पास नहीं कर पाया। बाद में उसने 2025 में डेटा इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा किया। दिल्ली आने के बाद वह सोशल मीडिया पर आईएसआईएस समर्थक पेजों से जुड़ गया और कट्टरपंथी विचारधारा की तरफ झुक गया।अतिरिक्त पुलिस आयुक्त के अनुसार विग 16 अक्टूबर को दिल्ली के सादिक नगर में छापेमारी के दौरान स्पेशल सेल ने मोहम्मद अदनान को दबोचा। पूछताछ में उसने भोपाल के साथी अदनान का नाम बताया। इसके बाद 18 अक्टूबर को भोपाल एटीएस की मदद से करोंद इलाके से अदनान खान को गिरफ्तार किया गया। दोनों आरोपितों ने पूछताछ में यह कबूल किया कि वे सीरिया स्थित आईएसआईएस हैंडलर के संपर्क में थे और भारत में युवाओं को आतंक के रास्ते पर ले जाने का अभियान चला रहे थे।

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करनूल । आंध्र प्रदेश में कुरनूल के बाहरी इलाके चिन्नाटकुरु में एक चलती बस में आग लगने से एक बाइक  सवार सहित 20 लाेगाें की माैत हाे गई है। हादसे में 13 लाेग झुलस गए हैं। हादसे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र माेदी ने शाेक जताया और  मृतकाें के परिजनाें काे प्रधानमंत्री राहत काेष से दाे-दाे लाख रुपये का मुआवजा देने की बात कही है। राज्य के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू  नायडू ने घटना की जांच के आदेश दिए है।  तेलंगाना सरकार ने दुर्घटना में मारे गए अपने राज्य के नागरिकाें काे पांच-पांच रुपये  का मुआवजा देने की घाेषणा की है।   शुक्रवार सुबह 3:30 बजे राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर कुरनूल जिले के चिन्नाटकुरु में उल्लिंडकोंडा चौराहे पर एक बाइक से टकराने के  बाद हैदराबाद से बेंगलुरु जा रही वेमुरी कावेरी ट्रैवल्स की बस में आग लग गई। बस में 40 यात्री सवार हाेने की बात सामने आई है।आग लगने के बाद 12 यात्री किसी तरह कूद कर अपनी जान बचाने में सफल हाे गए।हादसे में बाइकसवार और अन्य 19 बस  यात्री आग में जिंदा जल गए। अस्पताल से 13 झुलसे लोगों डिस्चार्ज कर दिया गया है1 हादसे में बस चालक और परिचालक बच गए हैं। कुरनूल बस दुर्घटना की जानकारी मिलने पर विदेश से ही आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने मंत्री मंडीपल्ली रामप्रसाद रेड्डी और अधिकारियों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक की। उन्होंने मृतकों की पहचान करने और परिवारों को तत्काल सहायता प्रदान करने के आदेश दिए। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी जिलाें में निजी बसों की फिटनेस, सुरक्षा और परमिट जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर दुर्घटना का कारण लापरवाही पाई गई तो ज़िम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने दुर्घटना में शामिल निजी बस के पंजीकरण, फिटनेस और परमिट की पूरी रिपोर्ट मांगी है। पुलिस जांच कर रही है।   इसी बीच तेलंगाना सरकार ने आंध्र प्रदेश के कुरनूल के बाहरी इलाके में हुई बस दुर्घटना के पीड़ितों के परिवारों के लिए मुआवज़े की घोषणा की है। दुर्घटना में मारे गए तेलंगाना के नागरिकों के परिवारों को 5 लाख रुपये और घायलों को 2 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की गई है। मंत्री पोन्नम प्रभाकर ने कहा कि घायलों को बेहतर चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाएगी।बस अग्नि हादसे की सूचना पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र माेदी ने दुख व्यक्त किया। पीएमओ से जारी एक बयान में कहा गया कि आंध्र प्रदेश के करनूल में हुए भीषण सड़क हादसे पर प्रधानमंत्री काे गहरे सदमे में डाल दिया है। इस दुखद घड़ी में उनकी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं। उन्हाेंने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। प्रधानमंत्री मोदी ने प्रधानमंत्री राहत कोष से मृतकों के परिवारों को दाे-दाे लाख रुपये और घायलों को 50-50 हज़ार रुपये की सहायता राशि देने की घाेषण भी की है।   इस बीच करनूल के जिलाधीश ने अपने आधिकारिक बयान में बस से 20 यात्रियों के शव निकलने की पुष्टि की है। उन्हाेंने कहा कि  फोरेंसिक जांच और पोस्टमार्टम के बाद ही शव उनके परिजनों को सौंपे जाएंगे। उन्होंने कहा कि मृतकाें की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट भी करवाया जाएगा। हादसे की जानकारी के लिए करनूल और गद्यवाल जिले कंट्रोल रूम स्थापित किए गए ताकि बस यात्रियाें के परिजनों को अधिक जानकारी दी जा सके।  

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पटना । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की तरफ से चुनाव अभियान की शुरुआत करते हुए समस्तीपुर के कर्पूरी ग्राम पहुंचे और भारत रत्न स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर को पुष्पांजलि अर्पित की। समस्तीपुर में जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार में एकबार फिर एनडीए की मजबूत सरकार का दावा करते हुए कहा कि जब नीयत साफ हो, नीतियां देशहित में हों तो जनता आशीर्वाद देती है।   तेजस्वी और लालू यादव पर हमला करते प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अब बिहार वापस से जंगलराज की तरफ जाने वाला नहीं है। यह साल 2005 का अक्टूबर महीना ही था, जब बिहार ने जंगलराज से मुक्ति पाई थी। नीतीश कुमार के नेतृत्व में सुशासन शुरू हुआ था। 10 साल कांग्रेस-राजद केंद्र सरकार में थी, तब कई रोड़े अटकाए। यहां कोई काम नहीं होने दिया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार को मुश्किल से निकाला। अब बिहार नये दौर में है। कोई कोना नहीं जहां विकास का काम नहीं हो रहा, कहीं जाएं, हर जगह विकास का काम हो रहा है। बिजली, पानी गैस सब पर काम हो रहा, ये समृद्धि का काम है। इससे सबको रोजगार का मौका मिलता है।   मोदी ने जनसभा में कहा कि 11 साल में हमने देखा है। एक-एक राज्य में जनता ने एनडीए को मौका दिया है। अभी महाराष्ट्र में देखिए पहले से कहीं अधिक जनादेश देकर एनडीए की सरकार बनाई। हरियाणा में देखा, पहले से अधिक सीट मिली। यही गुजरात में दिखा, उत्तराखंड में दिखा, फिर से बहुमत मिला। गुजरात के सारे रिकार्ड टूट गए। यूपी और उत्तराखंड में फिर से मौका मिला। ये उदाहरण बताते हैं कि एनडीए मतलब विकास की गारंटी। आपका उत्साह देखकर लग रहा कि बिहार में नीतीश बाबू के नेतृत्व एनडीए जीत के सारे रिकार्ड तोड़ देगी।   प्रधानमंत्री मोदी ने मिथिला भाषा में अपने भाषण की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि त्योहार के बीच इतनी भीड़ का आना बड़ी बात है। उन्होंने सभा में आए सभी लोगों का धन्यवाद किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां आने से पहले वह कर्पूरी ग्राम गए। वहां भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर को नमन करने का अवसर मिला। हम जैसे पिछड़े और गरीब परिवारों से निकले लोग इस मंच पर खड़े हैं, आजाद भारत में सामाजिक न्याय लाने में कर्पूरी ठाकुर की भूमिका बहुत बड़ी रही है। वे मां भारती के अनमोल रत्न थे। हमारी सरकार को उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करने का सौभाग्य मिला।   मोदी ने कहा कि मुफ्त इलाज, नल का जल, हर प्रकार की सुविधा एनडीए सरकार दे रही है। सामाजिक न्याय के दिखाए रास्ते को एनडीए ने सुशासन का आधार बनाया है। हमने सबके हितों को प्राथमिकता दी है। एनडीए ने ही अनुसूचित जाति-जनजाति के आरक्षण को आगे बढ़ाया है। डाक्टरी की पढ़ाई के लिए गरीबों को, पिछड़ों को आरक्षण नहीं था, एनडीए सरकार ने ये प्रावधान किया। हमारी सरकार ने ओबीसी को प्राथमिकता दी। कर्पूरी बाबू मातृभाषा में पढ़ाई के बहुत बड़े हिमायती थे। स्थानीय भाषा में पढ़ाई पर बल दिया। अब वंचित का बेटा भी अपनी भाषा में पढ़ सकता है। उनकी प्रेरणा से समृद्धि ला रहे हैं। दूसरी तरफ विपक्षी क्या कह रहे हैं, आपको ज्यादा पता है। हजारों करोड़ों के घोटाले में जमानत पर हैं। जो जमानत पर हैं वे जननायक की उपाधि भी चोरी कर रहे, इसे हम नहीं सहेंगे।   

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केदारनाथ (उत्तराखंड) ।श्री केदारनाथ धाम के कपाट आज प्रातः 8ः30 बजे पूर्ण वैदिक मंत्रोच्चार, पूजा-अर्चना एवं धार्मिक परम्पराओं के अनुसार शीतकाल के लिए बंद हो गए। कपाट बंद होने की प्रक्रिया प्रातः चार बजे विशेष पूजा-अर्चना के साथ प्रारम्भ हुई।   इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग प्रतीक जैन, पुलिस अधीक्षक अक्षय कोंडे, मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीकेटीसी विजय थपलियाल और तीर्थ पुरोहितगण के अलावा श्रद्धालुगण मौजूद रहे।   कपाट बंद होने बाद बाबा केदारनाथ की डोली ने ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए प्रस्थान किया है। डोली का प्रथम पड़ाव रामपुर में होगा। कल डोली गुप्तकाशी पहुंचेगी। 25 अक्टूबर को डोली अपने गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंच जाएगी।

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नई दिल्ली । सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि राजस्थान पुलिस और आईबी ने उनका पीछा किया। इसके साथ ही गीतांजलि ने कहा है कि उनपर दिल्ली में भी नजर रखी गई।गीतांजलि ने कहा है कि जब वे जोधपुर जेल में अपने पति से मिलने गई थीं तो उन पर नजदीक से नजर रखी जा रही थी। उनका कहना है कि जब वे पति से मिलने के लिए ।7 और 11 अक्टूबर को जोधपुर पहुंचीं तो एयरपोर्ट पर उतरते ही उन्हें पुलिस के वाहन पर बैठा लिया गया। उनसे हर बार अपनी यात्रा से पहले यात्रा का पूरा विवरण अघिकारियों से साझा करने को कहा गया। यहां तक कि जब वे अपने पति से मुलाकात कर रही थीं उस समय भी मंगलेश नामक डीसीपी और एक महिला कांस्टेबल उनकी बातें सुन कर उन्हें नोट कर रहे थे। हलफनामे में कहा गया है कि जोधपुर में गीतांजलि को किसी से मिलने की अनुमति नहीं दी गई। ऐसा करना संविधान में प्रदत्त अधिकारों का खुला उल्लंघन है।केंद्र सरकार ने 15 अक्टूबर को कहा था कि सोनम वांगचुक को उनकी गिरफ्तारी की वजह बता दी गई है। जिसके बाद गीतांजलि की ओर से पेश कपिल सिब्बल ने कहा था कि गिरफ्तारी की वजह बताने वाले बिंदुओं को चुनौती देने के लिए याचिका में संशोधन करने की जरूरत है। सिब्बल ने कहा था कि सोनम वांगचुक ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने के लिए कुछ नोट्स तैयार किए हैं लेकिन वो नोट्स सोनम वांगचुक की पत्नी को शेयर नहीं करने दिया जा रहा है। उसके बाद कोर्ट ने सोनम वांगचुक की ओर से तैयार नोट्स उनके वकील के जरिये सोनम की पत्नी को शेयर करने का आदेश दिया था।कपिल सिब्बल ने 6 अक्टूबर को कहा था कि हिरासत गलत है, हम इसका विरोध करते हैं। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि सोनम वांगचुक को गिरफ्तारी की वजह की प्रति उपलब्ध करा दी गई है।याचिका में सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी को चुनौती दी गई है। सोनम वांगचुक को 26 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था और वे राजस्थान के जोधपुर जेल में बंद हैं। गीतांजलि ने अपने पति को रिहा करने की मांग करते हुए याचिका में कहा कि सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के एक हफ्ते के बाद भी उनके स्वास्थ्य के बारे में उन्हें कोई सूचना नहीं है।   सोनम वांगचुक लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे थे। इस दौरान लद्दाख में हुई हिंसा के बाद गोलीबारी में 4 लोगों की मौत हो गई थी।  

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नई दिल्ली । घरेलू सर्राफा बाजार में भाई दूज के दिन भी गिरावट का रुख बना हुआ है। सोने की कीमत में आज लगातार चौथे दिन गिरावट दर्ज की गई है। आज के कारोबार में सोना 4,300 रुपये प्रति 10 ग्राम से लेकर 4,690 रुपये प्रति 10 ग्राम तक टूट गया है। वहीं, चांदी आज 4 हजार रुपये प्रति किलोग्राम तक सस्ता हो गया है। कीमत में हुई इस कमी की वजह से देश के ज्यादातर सर्राफा बाजारों में 24 कैरेट सोना आज 1,25,880 रुपये से लेकर 1,26,030 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर कारोबार कर रहा है। इसी तरह 22 कैरेट सोना आज 1,15,390 रुपये से लेकर 1,15,540 रुपये प्रति 10 ग्राम के बीच बिक रहा है। चांदी की कीमत में बड़ी गिरावट के कारण ये चमकीली धातु दिल्ली सर्राफा बाजार में आज 1,59,900 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर बिक रही है। दिल्ली में आज 24 कैरेट सोना 1,26,030 प्रति 10 ग्राम के स्तर पर कारोबार कर रहा है, जबकि 22 कैरेट सोने की कीमत 1,15,540 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज की गई है। वहीं, देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में 24 कैरेट सोना 1,25,880 रुपये प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोना 1,15,390 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बिक रहा है। इसी तरह अहमदाबाद में 24 कैरेट सोने की रिटेल कीमत 1,25,930 रुपये प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोने की कीमत 1,15,440 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज की गई है।   इन प्रमुख शहरों के अलावा चेन्नई में 24 कैरेट सोना आज 1,25,880 रुपये प्रति 10 ग्राम की कीमत पर और 22 कैरेट सोना 1,15,390 रुपये प्रति 10 ग्राम की कीमत पर बिक रहा है। कोलकाता में भी 24 कैरेट सोना 1,25,880 रुपये प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोना 1,15,390 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर कारोबार कर रहा है। लखनऊ के सर्राफा बाजार में 24 कैरेट सोना आज 1,26,030 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर और 22 कैरेट सोना 1,15,540 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बिक रहा है। पटना में 24 कैरेट सोने की कीमत 1,25,930 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर है, जबकि 22 कैरेट सोना 1,15,440 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बिक रहा है। जयपुर में 24 कैरेट सोना 1,26,030 रुपये प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोना 1,15,540 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बिक रहा है। देश के अन्य राज्यों की तरह कर्नाटक, तेलंगाना और ओडिशा के सर्राफा बाजार में भी आज सोने की कीमत में गिरावट आई है। इन तीनों राज्यों की राजधानियों बेंगलुरु, हैदराबाद और भुवनेश्वर में 24 कैरेट सोना 1,25,880 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर कारोबार कर रहा है। इसी तरह इन तीनों शहरों के सर्राफा बाजारों में 22 कैरेट सोना 1,15,390 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बिक रहा है।  

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नई दिल्ली। ओलंपिक पदक विजेता भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी की उपस्थिति में भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद उपाधि प्रदान की गई। लेफ्टिनेंट कर्नल (मानद) नीरज चोपड़ा और उनके परिवार के सदस्यों के साथ बातचीत करते हुए रक्षा मंत्री ने उन्हें दृढ़ता, देशभक्ति और उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने की भारतीय भावना का प्रतीक बताया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने​ बुधवार को साउथ ब्लॉक में पिपिंग समारोह के दौरान स्टार भाला फेंक खिलाड़ी और दो बार के ओलंपिक पदक विजेता नीरज चोपड़ा को प्रादेशिक सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल के मानद पद का चमचमाता प्रतीक चिह्न औपचारिक रूप से प्रदान किया। राजनाथ सिंह ने कहा​ कि नीरज चोपड़ा अनुशासन, समर्पण और राष्ट्रीय गौरव के सर्वोच्च आदर्शों के प्रतीक हैं। ​वह खेल जगत​ के साथ ही सशस्त्र बलों के लिए ​भी प्रेरणास्रोत हैं। इस अवसर पर थल सेनाध्यक्ष जनरल द्विवेदी और भारतीय सेना एवं प्रादेशिक सेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।   हरियाणा के पानीपत जिले के खंडरा ​गांव में 24 दिसंबर​ 1997 को​ जन्मे​ नीरज चोपड़ा​ ने अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स में अपनी उल्लेखनीय उपलब्धियों के माध्यम से राष्ट्र और सशस्त्र बलों को गौरवान्वित किया है।​ उन्होंने 2016 में भारतीय सेना में भर्ती ​होकर राजपूताना राइफल्स में सेवा की है। इस स्टार भाला फेंक खिलाड़ी ने 2020 के टोक्यो ओलंपिक में ट्रैक एंड फील्ड में ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय एथलीट बनकर इतिहास रच दिया। उन्होंने 2024 के पेरिस ओलंपिक में रजत पदक और 2023 की विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर अपने शानदार प्रदर्शन को जारी रखा। उन्होंने एशियाई खेलों, राष्ट्रमंडल खेलों और डायमंड लीग स्पर्धाओं में भी कई स्वर्ण पदक जीते हैं। 90.23 मीटर (2025) का उनका व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ थ्रो भारतीय खेल इतिहास में एक मील का पत्थर है। राष्ट्र के प्रति उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों और अनुकरणीय सेवा के सम्मान में लेफ्टिनेंट कर्नल (मानद) नीरज चोपड़ा को​ इसी साल 16 अप्रैल को राष्ट्रपति द्रौपदी​ मुर्मु ने प्रादेशिक सेना में मानद कमीशन प्रदान किया​ था। इससे पहले उन्हें पद्मश्री, मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार, अर्जुन पुरस्कार, परम विशिष्ट सेवा पदक और विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया ​जा चुका है।

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नई दिल्ली । घरेलू सर्राफा बाजार में सोने की कीमत में आज लगातार तीसरे दिन मामूली गिरावट दर्ज की गई है। कीमत में हुई इस कमी की वजह से देश के ज्यादातर सर्राफा बाजारों में 24 कैरेट सोना आज 1,30,570 रुपये से लेकर 1,30,720 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर कारोबार कर रहा है। इसी तरह 22 कैरेट सोना आज भी 1,19,690 रुपये से लेकर 1,19,840 रुपये प्रति 10 ग्राम के बीच बिक रहा है। दिल्ली में आज 24 कैरेट सोना 1,30,720 प्रति 10 ग्राम के स्तर पर कारोबार कर रहा है, जबकि 22 कैरेट सोने की कीमत 1,19,840 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज की गई है। वहीं, देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में 24 कैरेट सोना 1,30,570 रुपये प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोना 1,19,690 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बिक रहा है। इसी तरह अहमदाबाद में 24 कैरेट सोने की रिटेल कीमत 1,30,620 रुपये प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोने की कीमत 1,19,740 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज की गई है।   इन प्रमुख शहरों के अलावा चेन्नई में 24 कैरेट सोना आज 1,30,570 रुपये प्रति 10 ग्राम की कीमत पर और 22 कैरेट सोना 1,19,690 रुपये प्रति 10 ग्राम की कीमत पर बिक रहा है। कोलकाता में भी 24 कैरेट सोना 1,30,570 रुपये प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोना 1,19,690 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर कारोबार कर रहा है। लखनऊ के सर्राफा बाजार में 24 कैरेट सोना आज 1,30,720 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर और 22 कैरेट सोना 1,19,840 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बिक रहा है। पटना में 24 कैरेट सोने की कीमत 1,30,620 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर है, जबकि 22 कैरेट सोना 1,19,740 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बिक रहा है। जयपुर में 24 कैरेट सोना 1,30,720 रुपये प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोना 1,19,840 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बिक रहा है। देश के अन्य राज्यों की तरह कर्नाटक, तेलंगाना और ओडिशा के सर्राफा बाजार में भी आज सोने की कीमत में मामूली गिरावट आई है। इन तीनों राज्यों की राजधानियों बेंगलुरु, हैदराबाद और भुवनेश्वर में 24 कैरेट सोना 1,30,570 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर कारोबार कर रहा है। इसी तरह इन तीनों शहरों के सर्राफा बाजारों में 22 कैरेट सोना 1,19,690 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बिक रहा है।

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आगरा । मथुरा में वृंदावन रोड व आझही स्टेशन के बीच मंगलवार रात मालगाड़ी के बारह डिब्बे पटरी से उतर जाने के बाद रेलवे ट्रैक की अप एंड डाउन की लगभग सभी लाइनों पर रेल यातायात ठप हो गया। इसकी वजह से कई ट्रेनों को रद्द करना पड़ा या ट्रेनों के मार्ग परिवर्तित किए गए। कई ट्रेनों को मथुरा पहुंचने से पहले ही आगरा कैंट रेलवे स्टेशन पर रोक लिया गया। मथुरा रेल हादसे के बाद आगरा-दिल्ली रेल मार्ग की कई गाड़ियों को निरस्त कर दिया गया है और कई का मार्ग बदला गया है। शताब्दी, वंदे भारत समेत कई ट्रेनें निरस्त करने से यात्रियों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रुट बदलने के बाद यात्रा में कई घंटे का इजाफा हुआ है जो यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बना है। दुर्घटना स्थल पर अप एंड डाउन की तीन लाइन अभी काफी हद तक प्रभावित है। चौथी लाइन को साफ किया जा रहा है जिस पर आंशिक रूप से संचालन शुरू हुआ है।आगरा रेल मंडल की जनसंपर्क अधिकारी प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया कि यह दुर्घटना आगरा रेल मंडल के पलवल मथुरा खंड के अंतर्गत वृंदावन एवं आझई स्टेशनो के बीच में हुई है। आगरा से राहत एवं बचाव ट्रेन को रवाना कर दिया गया। आगरा से ट्रेन के साथ भेजी गई टीम में कई अधिकारी कर्मचारी मौजूद है। दुर्घटना के बाद कई ट्रेनों को रद्द करना पड़ा है तथा कई ट्रेनों के मार्ग भी बदले गए हैं जिसमें प्रमुख रूप से 64958 पलवल आगरा कैंट मेमू, 64955 आगरा कैंट टूंडला मेमू, 22470-22469 खजुराहो वंदे भारत, 12002-12001 शताब्दी एक्सप्रेस, 12280-12279 ताज एक्सप्रेस, 20452-20451 सोगारिया इंटरसिटी सुपरफास्ट एक्सप्रेस और 12050-12049 गतिमान एक्सप्रेस को रद्द कर दिया गया है। वहीं, 12486 हजूर साहिब एक्सप्रेस, 12472 स्वराज एक्सप्रेस, 20156 नई दिल्ली अंबेडकर नगर एक्सप्रेस, 12172 हरिद्वार मुंबई एक्सप्रेस, 22408 हजरत निजामुद्दीन अंबिकापुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस, 22210 दूरंतो एक्सप्रेस, 12722 दक्षिण सुपरफास्ट एक्सप्रेस, 01494 पुणे सुपरफास्ट के मार्ग के परिवर्तन किया है। इसके साथ ही कई ट्रेनों को आंशिक निरस्त भी किया गया है।   ट्रैक बाधित होने की वजह से कई ट्रेनों को छाता, धौलपुर, आगरा कैंट व अन्य स्टेशनों पर रोक दिया गया। वहीं, उत्तर मध्य रेलवे ने पश्चिम रेलवे और पश्चिम मध्य रेलवे की ओर जाने वाली ट्रेनों के मार्ग में परिवर्तन कर दिया है। रेवाड़ी, अलवर, जयपुर, सवाई माधोपुर, कोटा और बीना जाने वाली ट्रेन गाजियाबाद, मितावली, आगरा कैंट और बीना मार्ग से डायवर्ट करने की योजना बनाई गयी है।   मालगाड़ी दुर्घटना के कारण जनहानि तो नहीं हुई लेकिन दीपावली पर्व के कारण घर जाने और लौटने वाले यात्रियों की संख्या बहुत ज्यादा है। रुट परिवर्तन और गाड़ियों के कैंसिल होने की वजह से यात्रियों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रेलवे ने यात्रियों से धैर्य रखने की अपील की है।  

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नई दिल्ली । लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स में आज ही के दिन चीनी सैनिकों के हमले में 10 बहादुर पुलिसकर्मियों की शहादत की याद में पुलिस स्मृति दिवस मनाया जा रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करके बलिदानियों को याद किया। उन्होंने कहा कि सेना भारत की भौगोलिक अखंडता की रक्षा करती है, तो पुलिस भारत की सामाजिक अखंडता की रक्षा करती है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि देश से नक्सलवाद की समस्या अगले साल मार्च तक समाप्त हो जाएगी।   राष्ट्र के प्रति उनकी सेवा के लिए पुलिस और अर्धसैनिक बलों को भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने कहा कि आज पुलिस को न केवल अपराध से, बल्कि धारणा से भी लड़ना है। यह अच्छी बात है कि हमारी पुलिस अपने आधिकारिक कर्तव्य के साथ-साथ अपने नैतिक कर्तव्य का भी बखूबी निर्वहन कर रही है। आज देश के नागरिकों को विश्वास है कि अगर कुछ गलत होता है, तो पुलिस उनके साथ खड़ी रहेगी। रक्षा मंत्री ने कहा कि पुलिस स्मृति दिवस देश की सुरक्षा में अपने आप को समर्पित कर देने वाले हमारे पुलिस और सभी अर्धसैनिक बलों के जवानों के त्याग को याद करने का दिन है।   राजनाथ सिंह ने कहा कि पुलिस व्यवस्था तभी प्रभावी रूप से काम कर सकती है, जब समाज के नागरिक पुलिस के सहयोगी के रूप में काम करते हैं और कानून का सम्मान करते हैं। जब समाज और पुलिस के बीच संबंध आपसी समझ और ज़िम्मेदारी पर आधारित होते हैं, तब समाज और पुलिस बल दोनों समृद्ध होते हैं। वर्तमान चुनौतियों पर राजनाथ सिंह ने कहा कि सीमाओं पर अस्थिरता के साथ ही समाज में नए प्रकार के अपराध, आतंकवाद और वैचारिक युद्ध उभर रहे हैं। अपराध अधिक संगठित, अदृश्य और जटिल हो गया है और इसका उद्देश्य समाज में अराजकता पैदा करना, विश्वास को कम करना और राष्ट्र की स्थिरता को चुनौती देना है।   रक्षा मंत्री ने अपराध रोकने की अपनी आधिकारिक जिम्मेदारी निभाने के साथ-साथ समाज में विश्वास बनाए रखने के अपने नैतिक कर्तव्य को पूरा करने के लिए पुलिस की सराहना की। उन्होंने कहा कि अगर आज लोग चैन की नींद सो रहे हैं, तो इसका कारण हमारे सतर्क सशस्त्र बलों और सतर्क पुलिस पर उनका भरोसा है। यही विश्वास हमारे देश की स्थिरता की नींव है। लंबे समय से आंतरिक सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती रहे नक्सलवाद की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए राजनाथ सिंह ने जोर देकर कहा कि पुलिस, सीआरपीएफ, बीएसएफ और स्थानीय प्रशासन के संगठित और समन्वित प्रयासों से वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के लोगों ने राहत की सांस ली है।   उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि देश से नक्सलवाद की समस्या अगले साल मार्च तक समाप्त हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इस वर्ष कई शीर्ष नक्सलियों का सफाया किया गया है। राज्य के खिलाफ हथियार उठाने वाले अब आत्मसमर्पण करके विकास की मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं। वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित जिलों की संख्या में भारी कमी आई है। कभी नक्सलियों के गढ़ रहे क्षेत्र अब शिक्षा के गढ़ बन रहे हैं। कभी लाल गलियारे के रूप में पहचान रखने वाले इलाके अब विकास के गलियारों में तब्दील हो गए हैं। इस सफलता में हमारी पुलिस और सुरक्षा बलों का महत्वपूर्ण योगदान है।   इस कार्यक्रम के तहत केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और दिल्ली पुलिस की संयुक्त परेड आयोजित की गई। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री बंदी संजय कुमार, गृह सचिव गोविंद मोहन, खुफिया ब्यूरो के निदेशक तपन डेका, सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी, सीएपीएफ के अन्य प्रमुख, सेवानिवृत्त महानिदेशक और पुलिस बिरादरी के अधिकारी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

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नई दिल्ली । घरेलू शेयर बाजार में आज दिवाली और लक्ष्मी पूजन की छुट्टी रहने वाली है। आज सिर्फ परंपरागत मुहूर्त ट्रेडिंग के लिए शेयर बाजार दोपहर 1:45 बजे से लेकर 2:45 बजे तक खुलेगा। आज के बाद कल 22 अक्टूबर को शेयर बाजार में दिवाली बलि प्रतिपदा की छुट्टी होगी। इस तरह घरेलू शेयर बाजार में लगातार दो दिन 21 और 22 अक्टूबर को छुट्टी रहेगी। इसके बाद 23 और 24 अक्टूबर को सामान्य कारोबार होगा, जबकि 25 अक्टूबर को शनिवार और 26 अक्टूबर को रविवार के चलते स्टॉक मार्केट बंद रहेंगे। इस तरह इस सप्ताह शेयर बाजार 4 दिन बंद रहेगा। इसका एक अर्थ ये भी है कि इस सप्ताह स्टॉक मार्केट में कल यानी सोमवार को हुए कारोबार समेत कुल तीन दिन ही सामान्य कारोबार होने वाला है। स्टॉक एक्सचेंज की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार आज और कल यानी 21 और 22 अक्टूबर को बीएसई में इक्विटी सेगमेंट और इक्विटी डेरिवेटिव सेगमेंट समेत एसएलबी सेगमेंट, करेंसी डेरिवेटिव्स सेगमेंट्स, एनडीएस-आरएसटी, ट्राई पार्टी रेपो, कमोडिटी डेरिवेटिव्स सेगमेंट, इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीप्ट्स (ईजीआर) सेगमेंट सभी के लिए ट्रेडिंग हॉलिडे है। एनएसई में भी इन दोनों तारीखों पर इक्विटीज, इक्विटी डेरिवेटिव्स, कमोडिटीज डेरिवेटिव्स, कॉरपोरेट बॉन्ड्स, न्यू डेट सेगमेंट्स, निगोशिएटेड ट्रेड रिपोर्टिंग प्लेटफॉर्म, म्यूचुअल फंड्स, सिक्योरिटी लेंडिंग एंड बॉरोइंग स्कीम्स, करेंसी डेरिवेटिव्स और इंट्रेस्ट रेट डेरिवेटिव्स सभी सेगमेंट्स में छुट्टी रहेगी। इसके अलावा मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर भी दिवाली के मौके पर 21 और 22 अक्टूबर को छुट्टी रहेगी। दिवाली के बाद बाकी बचे हुए साल 2025 में शनिवार-रविवार के अलावा शेयर बाजार नवंबर में 5 तारीख को गुरु पूरब की छुट्टी होगी, जबकि 25 दिसंबर को क्रिसमस के मौके पर स्टॉक मार्केट बंद रहेगा। इन छुट्टियों के अलावा करेंसी डेरिवेटिव सेगमेंट में 5 सितंबर को ईद-ए-मिलाद की भी छुट्टी रहेगी।

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दीपावली के अवसर पर सभी देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हम समाज और आस-पास सद्भाव, सहयोग और सकारात्मकता का दीप जलाएं। उन्होंने कहा, “दीपावली हमें यह भी सिखाती है कि जब एक दीपक दूसरे दीपक को जलाता है, तो उसका प्रकाश कम नहीं होता, बल्कि और बढ़ता है।”प्रधानमंत्री ने दीपावली पर देशवासियों के नाम लिखे एक पत्र अयोध्या में राम मंदिर, ऑपरेशन सिंदूर, नक्सलवाद के खात्मे, जीएसटी उत्सव और स्वदेशी अपनाने का जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि हम सभी भाषाओं का सम्मान करें। हम स्वच्छता बनाए रखें। हम अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें। हम अपने भोजन में तेल का उपयोग 10 प्रतिशत कम करें और योग को अपनाएं। ये सभी प्रयास हमें तेज़ी से विकसित भारत की ओर ले जाएंगे।प्रधानमंत्री ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के भव्य निर्माण के बाद यह दूसरी दीपावली है। भगवान श्रीराम हमें धर्म की शिक्षा देते हैं और अन्याय से लड़ने का साहस भी देते हैं। इसका जीता जागता उदाहरण हमने कुछ महीने पहले ऑपरेशन सिंदूर के दौरान देखा था। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, भारत ने न केवल धर्म की रक्षा की, बल्कि अन्याय का बदला भी लिया।नक्सलवाद के खात्मे की ओर बढ़ने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इस दीपावली में पहली बार देशभर के दूरदराज कई जिलों में दीप जलाए जाएंगे। इन जिलों में नक्सलवादी आतंकवाद का जड़ से सफाया हो चुका है। हाल के दिनों में कई लोग हिंसा का रास्ता छोड़ विकास की मुख्यधारा में शामिल हुए हैं। यह देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।जीएसटी बचत उत्सव पर प्रधानमंत्री ने कहा कि संकटों से जूझ रहे विश्व में भारत स्थिरता और संवेदनशीलता दोनों का प्रतीक बनकर उभरा है। देश ने हाल के दिनों में अगली पीढ़ी के सुधारों की भी शुरुआत की है। नवरात्रि के पहले दिन जीएसटी की कम दरें लागू की गईं। इस बचत उत्सव के दौरान नागरिक हज़ारों करोड़ रुपये बचा रहे हैं।स्वदेशी अपनाने पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित और आत्मनिर्भर भारत की यात्रा में नागरिक के तौर पर हमारी प्राथमिक ज़िम्मेदारी राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन होनी चाहिए। उन्होंने कहा, “आइए हम ‘स्वदेशी’ (स्थानीय उत्पाद) अपनाएं और गर्व से कहें ‘यह स्वदेशी है!’। आइए हम ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को बढ़ावा दें।

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देहरादून।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आदि कैलाश जाने के बाद श्रद्धालुओं का आदि कैलाश यात्रा को लेकर रुझान बढ़ा है। आदि कैलाश की इस वर्ष यात्रा ने पिछले वर्षों का रिकार्ड तोड़ा है। इस साल 31 हजार 5 सौ 98 यात्री आदि कैलाश और ओम पर्वत के दर्शन कर चुके हैं।   पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि देवभूमि उत्तराखंड में अध्यात्मिक सुख और शांति की तलाश में श्रद्धालुओं के कदम तेजी से बढ़ रहे हैं। आदि कैलाश यात्रा को और अधिक व्यवस्थित किया जाएगा ताकि यात्रियों को यात्रा मार्ग पर सभी सुविधाएं उपलब्ध हों। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी यात्रा सुविधाओं के विस्तार पर जोर दिया है।आदि कैलाश: हिमालय की ऊंचाईयों पर जहां बसते हैं शंकरपिथौरागढ़ जिले में स्थित आदि कैलाश को छोटा कैलाश, शिव कैलाश, बाबा कैलाश व जोंगलिंगकोंग चोटी के नाम से जाना जाता है। हिमालय का यह हिस्सा हिन्दू शास्त्रों में अत्यंत पवित्र माना जाता है। यहां तक कहा गया है कि जिसने आदि कैलाश के दर्शन कर लिए उसने साक्षात शिव का सानिध्य प्राप्त कर लिया। पंच कैलाश में आदि कैलाश दूसरे स्थान पर है। बता दें कि पंच कैलाश में प्रथम कैलाश (तिब्बत), द्वितीय आदि कैलाश, ततीय श्रीखंड या शिखर कैलाश, चतुर्थ किन्नौर कैलाश और पंचम कैलाश मणि महेश कैलाश है। यहां गौरीकुंड व पार्वती नाम से दो ताल हैं। हिमालय की ऊंचाई पर स्थित इन ताला प्रकृति का दर्पण से प्रतीत होते हैं। स्वच्छ गहरे नीले पानी में प्रकृति ऐसे नजर आती है, जैसे श्रृंगार कर रही हो। इन दोनों तालों के प्रति सनातनियों की गहरी आस्था है।   ओम पर्वत, शिव के ओंकार रूप के दर्शनजन्मातंर के पुण्यों का उदय ही है कि ऊं पर्वत के दर्शन हो रहे हैं, ऊं शब्द को साक्षात समक्ष देखकर तो कई श्रद्धालुओं की आस्था नयनों से झलक उठती है। हिमालय की 6191 मीटर की ऊंचाई पर स्थित ओम पर्वत अद्भूत रचना है। यहां स्वयं ब्रहम, विष्णु और महेश की शक्ति एक पर्वत पर नजर आती है। आदि कैलाश यात्रा के दौरान यह पर्वत पौराणिक मान्यता है कि हिमालय में आठ ऊं स्थित है लेकिन अभी तक सिर्फ यही ओम पर्वत नजर आता है। .आदि कैलाश और ऊं पर्वत यात्रा ने बनाया रिकार्डआदि कैलाश यात्रा में इस साल यात्रियों संख्या का रिकार्ड बना है। उत्तराखंड पर्यटन विभाग के अनुसार वर्ष 2022 में 1757, 2023 में 10,025, 2024 में 29,352 और इस साल 31,598 यात्री आदि कैलाश व ऊं पर्वत के दर्शन कर चुके हैं। यात्रा लगातार विस्तार ले रही है और ऐसे में पिथौरागढ़ जिला प्रशासन की जिम्मेदारियां भी बढ़ रही है। पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी बताते हैं कि यात्रा कठिन जरूर है लेकिन यात्रियों को सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाने की दिशा में सरकार तेजी से काम कर रही है।  

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लखनऊ । रक्षामंत्री और क्षेत्रीय सांसद राजनाथ सिंह ने रविवार को लखनऊ में भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेई और पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजेअब्दुल कलाम की प्रतिमाओं का अनावरण किया। इसके अलावा राजनाथ सिंह ने जानकीपुरम सेक्टर एफ में सामुदायिक केन्द्र और सेक्टर 6 में पुस्तकालय का भी लोकार्पण किया।   इस माैके पर लखनऊ के सांसद व रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हम सांसद रहें न रहें। लखनऊ के विकास के प्रति हमारी पूरी प्रतिबद्धता कायम रहेगी। जहां तक मुझसे हो सका है मैंने करने की कोशिश की है। राजनाथ सिंह ने कहा कि दुनिया के अन्य देशों से लखनऊ का एयर कनेक्शन बन जाना चाहिए। इसके लिए प्रयास हो रहा है।उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड करिश्माई काम कर रहा है। लोगों को शादी ब्याह करने के लिए स्थान नहीं मिलता था। लखनऊ के हर विधानसभा क्षेत्र में एक बड़ा सामुदायिक केन्द्र स्थापित किया जाएगा। इसके रख-रखाव के लिए थोड़ा बहुत पैसा ही लगेगा। रक्षामंत्री ने कहा कि एक भी पार्क नहीं बचना चाहिए, जहां ओपेन​ जिम की व्यवस्था न हो। लखनऊ के 301 पार्कों में ओपेन जिम शुरू हो गया और 250 स्थानों पर ओपेन जिम की शुरूआत आज से हो रही है। लखनऊ में 1250 सोलर लाइट लगी हैं। 25 फलाईओवर स्वीकृत है। उसमें 14 बन गये हैं। इसके अलावा 11 फलाईओवर और स्वीकृत हैं।राजनाथ सिंह ने कहा कि लखनऊ विकास के पथ पर तेजी से बढ़ चला है। विश्व के 10 शहरों में हमारा लखनऊ भी आ गया है। मैं चाहता हूं कि यह लखनऊ नंबर एक पर आ जाय। हमारा शहर विश्वस्तरीय लखनऊ बनना चाहिए। अभी कुछ दिन पहले भारत के स्वच्छता सर्वेक्षण में लखनऊ को भारत के टॉप थ्री शहरों में चुना गया। उत्तर प्रदेश में नंबर वन, भारत में नंबर थ्री। हमारी कोशिश होनी चाहिए कि लखनऊ स्वच्छता के मामले में नंबर वन बने। मेरी दृष्टि में लखनऊ को एक ऐसा विश्व स्तरीय शहर बनाना है जहां परंपरा और आधुनिकता का अद्भुत समागम हो   कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, राज्यसभा सांसद डाॅ. दिनेश शर्मा, राज्यसभा सांसद बृजलाल, महापौर सुषमा खर्कवाल, एमएलसी मुकेश शर्मा, रामचंद्र प्रधान, महानगर अध्यक्ष भाजपा, आनंद द्विवेदी, विधायक नीरज बोरा, योगेश शुक्ला , राम औतार कनौजिया, सौरभ वाल्मीकि एवं अन्य गणमान्यजन उपस्थित रहे। कार्यक्रम के बाद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक पार्षद राजकुमारी मौर्य के आवास पहुंचकर उनकी माताजी के चित्र पर श्रद्धांजलि अर्पित की। विगत दिनों उनकी माता का निधन हो गया था।    

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ढाका । हज़रत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (एचएसआईए) के कार्गो विलेज में शनिवार दोपहर लगी भीषण आग पर पूरी तरह से काबू पा लिया गया है। देर रात हवाई अड्डे से उड़ानों का संचालन दोबारा शुरू हो गया। आग लगने के कारणों का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी गई है।   ढाका स्थित हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के कार्गो विलेज एरिया में शनिवार दोपहर करीब सवा दो बजे भीषण आग लग गई थी।  आग इतनी तेजी से फैली कि सभी उड़ाने तुरंत रोकनी पड़ीं। आसमान में उठा काला धुआं आसपास के इलाकों में फैल गया। इस दौरान एचएसआईए से विमानों का संचालन रोक दिया गया। सतर्कता बरतते हुए कई घरेलू विमानों को ढाका में उतारने के बजाय चटगांव भेज दिया गया। अग्निशमन सेवा और हवाई अड्डा प्राधिकरण के त्वरित और साझा प्रयासों के साथ करीब 7 घंटे बाद आग पर काबू पाया गया।   मीडिया समूह प्रोथोम आलो ने नागरिक उड्डयन एवं पर्यटन मंत्रालय का हवाला देते हुए बताया है कि एचएसआईए के कार्गो विलेज में लगी आग पर पूरी तरह से काबू पा लिया गया और रात 9:30 बजे उड़ानों का संचालन दोबारा शुरू हो गया।    मंत्रालय के मुताबिक दोपहर लगभग 2:15 बजे लगी आग पर अग्निशमन सेवा और हवाई अड्डा प्राधिकरण के त्वरित और समन्वित प्रयासों के बाद काबू पा लिया गया और इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। आग लगने के कारणों का पता लगाने के लिए आधिकारिक जाँच शुरू कर दी गई है। मंत्रालय ने कहा कि आग लगने के कारणों का पता लगाने और इसकी पुनरावृत्ति रोकने के लिए उचित उपाय किए जाएँगे।

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गरियाबंद/रायपुर । छत्तीसगढ़ के बस्तर में 210 नक्सलियों के आत्मसमर्पण के बाद आज छत्तीसगढ़ के गरियाबंद के उदंती एरिया कमेटी के नक्सली एरिया कमांडर सुनील के एक कथित जारी पत्र में धमतरी-गरियाबंद नुआपड़ा डिवीजन के साथियों से हथियार छोड़ने की अपील की गई है। इस संबंध में गरियाबंद के पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि ऐसे किसी पहल का स्वागत है।   गरियाबंद पुलिस ने ऐसे पत्र मिलने की पुष्टि की है और कहा है कि इसकी जांच-पड़ताल की जा रही है। पुलिस ने कहा है कि ऐसे किसी भी कदम का स्वागत है। गरियाबंद एसपी निखिल राखेचा ने नक्सलियों से पूर्व में ही आत्मसमर्पण की अपील कर चुके हैं। उन्होंने जानकारी दी है कि गरियाबंद जिले में नक्सल संगठन की रीढ़ टूट चुकी है। कोई बड़ा सीनियर नक्सली बचा नहीं है। पिछले 9 महीनों में 15 सितम्बर तक गरियाबंद मे सक्रिय 27 नक्सलियों ने अलग-अलग जगह जाकर आत्मसमर्पण किया है, तो वही 28 नक्सलियों को मारा जा चुका है।आत्मसमर्पित नक्सलियों में जनवरी 2025 में हुए मुठभेड़ में मारे गए कुख्यात नक्सली सत्यम गावड़े की पत्नी नक्सलियों की नगरी कमेटी की सचिव आठ लाख की इनामी जानसी शामिल है। अक्टूबर माह में डीजीएन डिवीजन और ओडिशा स्टेट कमेटी से जुड़े तीन सक्रिय नक्सलियों नागेश उर्फ रामा कवासी,जैनी उर्फ देवे मडकम तथा मनीला उर्फ सुंदरी कवासी ने हथियारों के साथ गरियाबंद पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया था। तीनों नक्सलियों पर 1-1 लाख रुपये का इनाम घोषित था। तीनों बीजापुर के रहने वाले हैं।   उल्लेखनीय है छत्तीसगढ़ की नक्सलियों को लेकर बनाई गई पुनर्वास एवं आत्मसमर्पण को लेकर बनाई गई नीति एवं सशस्त्र बलों के दवाब से नक्सलियों का मनोबल टूटा है और उनके नेता अपने साथियों के साथ लगातार आत्मसमर्पण कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने देश को नक्सल मुक्त बनाने की समय सीमा मार्च 2026 तय की है। कई प्रदेशों में बड़ी संख्या में नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं।    दो दिन पहले गुरुवार को गढ़चिरौली में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सामने 61 नक्सलियों के आत्मसमर्पण और उसके बाद कल यानी शुक्रवार को जगदलपुर में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सामने 210 नक्सलियों के आत्मसमर्पण किया है । अब उदंती एरिया कमेटी के एरिया कमांडर सुनील ने पत्र जारी कर बस्तर और महाराष्ट्र में आत्मसमर्पित नेताओं के आत्मसमर्पण के निर्णय को सही ठहराते हुए गोबरा, सीनापाली, एसडीके, सीतानदी में सक्रिय नक्सलियों से हथियार छोड़ने की अपील की है। नक्सली कमांडर सुनील ने रूपेश की तरह अपना मोबाइल नंबर जारी कर 20 अक्टूबर को सभी से एकत्रित होने की अपील की है।

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चंडीगढ़ । पंजाब में फतेहगढ़ साहिब जिला के सरहिंद रेलवे स्टेशन के पास आज सुबह गरीब रथ ट्रेन की एक बोगी में आग लग गई। गरीब रथ अमृतसर से बिहार के सहरसा जा रही थी। आग बोगी नंबर 19 में लगी। किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।प्रारंभिक जांच में आग का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। आग लगने की सूचना मिलते ही इमरजेंसी ब्रेक से ट्रेन को रोका गया। जैसे ही ट्रेन रुकी तो यात्रियों में भगदड़ मच गई। एक-दूसरे से पहले नीचे उतरने के चक्कर में कई यात्री चोटिल हो गए। करीब एक घंटे बाद आग पर काबू पाया गया।अधिकारियों ने बताया कि ट्रेन सुबह सात बजे सरहिंद स्टेशन से गुजरी। गांव ब्राह्मण माजरा के पास एक यात्री ने बोगी नंबर 19 से धुआं उठता देखा। उसने शोर मचाते हुए चेन खींच दी। धुएं के साथ आग की लपटें भी उठने लगी। इससे अफरातफरी मच गई। सूचना मिलते ही रेलवे, फायर बिग्रेड और पुलिस टीमें मौके पर पहुंची। इससे पहले अफरातफरी के बीच यात्री बोगी से उतरने लगे। अन्य बोगी के यात्री भी नीचे उतर आए। टीटीई और पायलट इसकी सूचना रेलवे कंट्रोल रूम को दी।रेलवे ने बयान में कहा है कि आज सुबह साढ़े 7 बजे पंजाब के सरहिंद स्टेशन पर ट्रेन संख्या 12204 अमृतसर-सहरसा के एक डिब्बे में आग लग गई। घटना का पता चलते ही रेलवे अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए यात्रियों को दूसरे डिब्बों में स्थानांतरित कर दिया और आग भी जल्दी बुझा दी गई। ट्रेन शीघ्र ही रवाना होगी। कोई हताहत नहीं हुआ।  

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लखनऊ । केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को लखनऊ स्थित ब्रह्मोस एयरोस्पेस इकाई में तैयार की गई ब्रह्मोस मिसाइलों की पहली खेप को हरी झंडी दिखाई। इस अवसर पर राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान के लिए एक ट्रेलर था। पाकिस्तान की एक-एक इंच जमीन ब्रह्मोस की पहुंच में है। अब ब्रह्मोस से दुश्मन बच नहीं सकता।   रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन उत्तर प्रदेश की जनता के लिए महत्वपूर्ण है। उप्र और लखनऊ के विकास को देखकर खुशी तो होती ही है लेकिन आज जब इस भूमि पर डिफेंस सेक्टर से जुड़ी इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल हो रही है तो खुृशी के साथ गौरव का भाव भी मेरे अंदर स्वाभाविक रूप से आ रहा है। लखनऊ डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग में अहम भूमिका निभा रहा है।   रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत अपने सपने को भरोसे में बदलने की ताकत रखता है। इसी भरोसे ने हमें ऑपरेशन सिंदूर में ताकत दी। उन्होंने कहा कि जीत हमारी आदत बन चुकी है। इस आदत को और मजबूत बनाना है। ऑपरेशन सिंदूर में ब्रह्मोस मिसाइल की ताकत दुनिया ने देखी। हर साल करीब 100 मिसाइल सिस्टम लखनऊ यूनिट से बनकर तैयार होगा। ब्रह्मोस जल सेना थल सेना वायु सेना की रीढ़ बन चुका है।   राजनाथ ने कहा कि लखनऊ मे​रे लिए सिर्फ संसदीय क्षेत्र ही नहीं बल्कि यह मेरे ह्रदय में बसा है। लखनऊ तहजीब का ही नहीं बल्कि टेक्नोलॉजी का शहर बन गया है। अब यह इंडस्ट्री का शहर बन गया है। यहां से निकलने वाला हर कदम ब्रह्मोस की विश्वसनीयता के साथ-साथ लखनऊ की विश्वसनीयता बढ़ी है। यह प्रोजेक्ट भारत के बढ़ते आत्मविश्वास व ताकत का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि पहले यूपी में गुण्डाराज था। उत्तर प्रदेश अब किसी भी चैलेंस के लिए तैयार है। आंतरिक सुरक्षा व बाह्य सुरक्षा उत्तर प्रदेश सभी चुनौतियों को लेने के लिए तैयार है।   मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर कहा कि ब्रह्मोस देश की रक्षा करने में सक्षम है। ब्रह्मोस की ताकत से पूरी ​दुनिया परिचित है। ब्रह्मोस मिसाइल से दुश्मन का बचना ​मुश्किल होगा।   इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, महापौर सुषमा खर्कवाल, राज्यसभा सांसद बृजलाल, महानगर अध्यक्ष भाजपा आनंद द्विवेदी उपस्थित थे।  

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फतेहपुर । उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में भीड़ की पिटाई के दौरान मारे गए हरिओम बाल्मीकि के पीड़ितों आज कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व सांसद राहुल गांधी ने मुलाकात की। राहुल ने पीड़ित परिजनों से बात की और उनका दुख-दर्द सुनने के बाद अपनी संवेदनाएं व्यक्त की। राहुल गांधी ने मृतक के परिजनों को कांग्रेस पार्टी की तरफ से हरसंभव मदद करने का आश्वासन दिया।   घटना को कांग्रेस पार्टी ने गंभीरता से लिया। शुक्रवार को सुबह 9.30 बजे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व सांसद राहुल गांधी मृतक हरिओम बाल्मीकि के पिता व भाई व अन्य परिजनों से मुलाकात करने पहुंचे। गांधी ने पीड़ित परिवार के लोगों को मदद का भरोसा दिया। राहुल गांधी ने कहा कि परिवार को न्याय मिलना चाहिए और हत्यारोपितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।   फतेहपुर के रहने वाले 38 साल के दलित युवक हरिओम वाल्मीकि की विगत 2 अक्टूबर 2025 को रायबरेली जनपद में चोर समझ कर भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। युवक का शव रायबरेली जनपद के थाना हरचंदपुर के ईश्वरदास पुर रेलवे हाल्ट के पास मिला था। इसके बाद उसकी पिटाई का वीडियो वायरल हुआ। इस संबंध में अभियोग पंजीकृत करके 12 हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस जेल भेजने की कार्रवाई कर चुकी है। मृतक के भाई शिवम ने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा है कि हम प्रशासन की कार्रवाई से संतुष्‍ट हैं। राहुल गांधी यहां राजनीति करने ना आएं। इससे पहले हरिओम के परिजनों ने राहुल गांधी से मिलने से इनकार किया था। वहीं, कांग्रेस ने इसे भाजपा की दबाव बनाने की साजिश करार दिया है।   मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी बीते शनिवार को हरिओम वाल्मीकि की पत्नी संगीता और बेटी अनन्याव अन्य परिजनों से मुलाकात कर चुके हैं। मुख्यमंत्री के साथ रायबरेली की ऊंचाहार विधानसभा से विधायक मनोज पांडेय भी थे। जिला प्रशासन पहले ही हरिओम के भाई व बहन को सरकारी नौकरी दे चुकी है। बहन कुसुम को स्टाफ नर्स और भाई शिवम को समाज कल्याण विभाग के स्कूल में नौकरी दी गई है।  

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जगदलपुर। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार बनने के बाद से अब तक 2100 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं। इसके अलावा करीब दो हजार नक्सलियों को गिरफ्तार और लगभग पांच सौ को निष्प्रभावी किया गया है।     केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने आज सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि जनवरी 2024 में छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार बनने के बाद से 2100 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है जबकि 1785 को गिरफ्तार किया गया है और 477 को निष्प्रभावी किया गया है। यह 31 मार्च 2026 से पहले नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के हमारे दृढ़ संकल्प का प्रतिबिम्ब है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में गुरुवार को 170 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। एक दिन पहले 27 ने हथियार डाले थे। महाराष्ट्र में भी 61 नक्सली हथियार त्याग कर मुख्यधारा में लौटे। उन्हाेने बताया कि पिछले 2 दिनों में कुल 258 वामपंथी उग्रवादियों ने हिंसा का रास्ता छोड़ा है। यह नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में बड़ी सफलता है।   शाह ने एक्स पर लिखा कि हिंसा छोड़कर भारत के संविधान में अपना विश्वास पुर्नस्र्थापित करने के इन सभी के निर्णय की सराहना करता हूं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में सरकार की निरंतर कोशिशों का ही यह परिणाम है कि नक्सलवाद आखिरी सांंसें ले रहा है। नक्सलियों के विरुद्ध हमारी नीति स्पष्ट है, जो आत्मसमर्पण करना चाहते हैं, उनका स्वागत है, लेकिन जो लोग हथियार उठाए रहेंगे, उन्हें हमारी सुरक्षाबलों की कठोर कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।   उन्होंने सभी नक्सलियों से मेरी अपील कि वे अपने हथियार त्याग दें और मुख्यधारा में लौट आएं। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से सोशल मीडिया साइट 'एक्स' पर बताया कि देश में अब नक्सली प्रभावित जिलों की संख्या 18 से घटकर 11 रह गई है। इसमें भी जो सबसे ज्यादा प्रभावित जिले थे। उनकी संख्या 6 से 3 रह गई है। अब केवल छत्तीसगढ़ का बीजापुर, सुकमा और नारायणपर ही 3 ऐसे जिले रह गए हैं।  

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  लगेगी शांडिल्य गुरु की प्रतिमा      कोलार रोड के दूसरे छोर भदभदा चौराहे पर उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने  ब्रह्मलीन बालगोविंद शांडिल्य गुरुजी की प्रतिमा स्थापना तथा चौराहे के सौंदर्यीकरण का भूमि-पूजन किया। सौंदर्यीकरण के लिये 8 लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं।   श्री गुप्ता ने कहा कि सरकार शहर के विकास के लिये सतत प्रयत्नशील है। उन्होंने शासन की विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि नागरिक शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये आगे आयें। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि घर-घर जाकर नागरिकों को शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये प्रेरित करें। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा कोटरा में सड़क भूमि-पूजन उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने आई-5 शासकीय आवास कोटरा के पास सड़क निर्माण का भूमि-पूजन किया। सड़क की लागत 20 लाख है। श्री गुप्ता ने सड़क का कार्य गुणवत्तापूर्ण करवाने के निर्देश दिये। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।     Attachments area          

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      मध्यप्रदेश के प्राचीन मंदिरों में भगवान के दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को अब प्रदेश के पुरावैभव, कला और संस्कृति की झलक भी वहां देखने को मिलेगी। इसके लिए राज्य सरकार मंदिरों में संग्रहालयों का निर्माण कराएगी। इस योजना को संस्कृति, धर्मस्व और पुरातत्व विभाग मिलकर अंजाम देंगे। मध्यप्रदेश में इस समय कई प्रसिद्ध मंदिर है जहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है। लेकिन इन मंदिरों में फिलहाल प्रदेश की कला-संस्कृति, इतिहास  और पुरावैभव की झलक दिखाने वाले संग्रहालय नहीं है। राज्य सरकार का सोचना है कि जो श्रद्धालु प्रदेश के प्राचीन मंदिरों में पहुंच रहे है वहां उन्हें भगवान के दर्शन के साथ-साथ प्रदेश के पुरावैभव और कला तथा संस्कृति से भी अवगत कराया जाए। इसके लिए इन मंदिरों के ट्रस्टों के पास मौजूद अपार धनराशि का उपयोग किया जाएगा। इन मंदिरों में सबसे पहले बनेंगे संग्रहालय- मध्यप्रदेश में उज्जैन में महाकाल मंदिर, खजराना मंदिर, सतना के मैहर मंदिर, पशुपतिनाथ मंदिर सहित कई ऐसे प्रमुख मंदिर है जहां मंदिरों की देखरेख और संरक्षण के लिए बनाए गए ट्रस्टों के पास श्रद्धालुओं के दान से मिली अपार धन संपदा स्थित है। इन्हीं मंदिरों में सबसे पहले संग्रहालय बनाने की शुरुआत की जाएगी।  इन मंदिरों के समीप काफी जमीन और भवन स्थित है। शिव मंदिरों में सभी बारह ज्योर्तिलिंगों के बारे में पूरी जानकारी एकत्रित कर प्रदर्शित की जाएगी। इसी तरह गणेश मंदिरों में गणेशजी के सभी स्वरुपों उनके इतिहास और महत्व को प्रदर्शित किया जाएगा। भोपाल के समीप स्थित भोजपुर मंदिर में दो सौ मीटर के दायरे के बाहर संग्रहालय बनाने का प्रस्ताव है। यहां भोजपुर के विशालकाय शिवलिंग और मंदिर के निर्माण की एतिहासिक प्रामाणिक  जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। यह मंदिर कब बना, इस तरह के मंदिर और कहां-कहां बनाए जाने थे। यह अधूरा क्यों रह गया। मंदिर के आसपास मिलने वाले शिवलिंग और अन्य पुराधरोहरों को भी यहां संग्रहित किया जाएगा। भोपाल में भी मुस्लिम धर्मावलंबियों से जुड़ी जानकारी, मध्यप्रदेश के प्राचीन नवाबों से जुड़े इतिहास की प्रामाणिक जानकारी गौहर महल या अन्य स्थानों पर प्रदर्शित की जाएगी। मिडटाउन में दुनिया की सबसे बड़ी सेंट पीटर चर्च में संग्रहालय भी है। वेटिकन सिटी में भी म्युजियम है वहां कई तरह के चित्र प्रदर्शित किए गए है। इन चित्रों में इन देशों की कला और संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। जापान में म्युजियम आॅफ पैरासाइड है। भारत के कई राज्यों में भी मंदिर, मस्जिद और चर्च के साथ संग्रहालय लगे हुए है। मध्यप्रदेश में फिलहाल मंदिर, मस्जिद और गिरिजाघरों में संग्रहालय नहीं है। प्रमुख सचिव संस्कृति मनोज श्रीवास्तव ने कहा प्रदेश के मंदिरों पर अब संग्रहालय बनाने की राज्य सरकार की योजना है। इसके जरिए प्रदेश के नागरिकों को धार्मिक आस्था के केन्द्रों पर पहुंचने पर वहां संग्रहालयों में प्रदेश के इतिहास, कला और संस्कृति के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।     Attachments area          

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  कोलार अवैध कब्जों का अड्डा बना    कोलार में राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों और तहसीलदारों की शह पर बेशकीमती जमीन पर जहां-तहां झुग्गियों का निर्माण करने के अलावा दीवारें तानकर अतिक्रमण किया जा रहा है। इन अतिक्रामकों को रोकने के बजाय अफसर उन्हें प्रश्रय दे रहे हैं। कोलार का दशहरा मैदान इसका ताजा उदाहरण है, जहां पिछले माह लगी आग में 50 झुग्गियां खाक हो गईं थी अब वहां 100 से ज्यादा झुग्गियां और मकान बन गए हैं।   लगातार अतिक्रमण बढ़ने की शिकायतों को लेकर एक सप्ताह पहले एडीएम रत्नाकर झा ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए थे कि वे सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाएं। साथ ही सूची तैयार करें, ताकि सरकारी जमीनों पर जमा अतिक्रमणों को हटाया जा सके। हुजूर एसडीएम और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही से फिर कोलार दशहरा मैदान की सरकारी जमीन पर दर्जनों झुग्गियां तन गर्इं।  प्रशासन के सामने यहां पर झुग्गियां बनती गई, लेकिन उन्हें रोकने की हिम्मत किसी ने नहीं की।   डेढ़ साल पहले निगम चुनाव के पूर्व मुख्यमंत्री ने हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के कहने पर कोलार दशहरा मैदान में स्टेडियम बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद कलेक्टर निशांत वरवड़े ने यहां पर दौरा कर एसडीएम माया अवस्थी को झुग्गियां शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अब तक यहां पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।   कोलार दशहरा मैदान के किनारे बनी अवैध झुग्गियां में तीन साल से एक ही स्थान पर आग लग रही है। यहां 40-50 झुग्गियों में आग लगती है और इसके बाद नई 100 झुग्गियां बन जाती हैं। तीन साल में इस स्थान पर 300 से अधिक झुग्गियां अवैध बन गई। लेकिन प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।     Attachments area          

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  पत्र  में प्रज्ञा ने कैंसर की बीमारी का हवाला भी दिया      मालेगांव बम ब्लास्ट में क्लीन चिट मिलने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने अपने तेवर दिखाए हैं। सिंहस्थ में जाने की जिद पर अड़ीं साध्वी ने पंडित खुशीलाल आयुर्वेदिक अस्पताल में आमरण अनशन शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि सरकार ने उन्हें परमिशन नहीं दी, तो वे 21 मई को जल समाधि ले लेंगी। कैंसर से पीड़ित प्रज्ञा ने दवाइयां खाने से भी इनकार कर दिया है। प्रज्ञा ने राज्य सरकार को लिखे पत्र  में कहा कि वे कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रही हैं। हो सकता है कि अगला कुंभ न देख पाएं।इस मसले  पर बोलने से प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।  साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट मिलने के बाद से माना जा रहा है कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का सॉफ्ट कॉर्नर उनके प्रति बढ़ा है। उनके अनशन के मामले में प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर से जब पूछा गया कि सरकार क्या करेगी, तो विवादों से बचने के लिए उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया । गौरतलब है कि साध्वी लगभग सात सालों से जेल में बंद थीं, लेकिन कैंसर के इलाज के लिए कोर्ट ने उन्हें अस्पताल में रहने की परमिशन दी है। प्रज्ञा ने रविवार को लेटर लिखकर शिवराज सरकार से उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ में शामिल होने की परमिशन मांगी थी।उन्होंने यह भी लिखा था कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो वे आमरण अनशन करेंगी। प्रज्ञा ने लिखा, 'वो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं और शायद अगला कुंभ न देख पाएं। इसलिए उनकी अंतिम इच्छा है कि वे उज्जैन कुंभ में जाएं।' प्रज्ञा ने राज्य सरकार समेत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को भी लेटर की कॉपी भेजी है। लेटर के मुताबिक, प्रज्ञा ने सोमवार सुबह 9 बजे तक का समय दिया था। मांग पूरी नहीं होने के कारण वे अपने कुछ सपोर्टर्स के साथ अस्पताल परिसर में ही आमरण अनशन पर बैठ गई हैं। प्रज्ञा ने लेटर में लिखा कि मैं अन्न जल त्याग दूंगी। अगर मुझे कुछ होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी मध्य प्रदेश सरकार की होगी। उन्होंने अपनी सिक्युरिटी को लेकर भी चिंता जाहिर की है। उन्होंने लिखा कि मेरे साथ पहले एसएएफ के जवान रहते थे। उनके हटाए जाने से मेरी जान को खतरा हो सकता है। प्रज्ञा ने जेड प्लस सुरक्षा की मांग की और सवाल पूछा कि जब देवास जिला कोर्ट ने उज्जैन जाने की अनुमति दे दी है, तो फिर सिक्युरिटी का हवाला देकर सरकार कोर्ट की अवमानना क्यों कर रही है? प्रज्ञा की चिट्ठी उनके सबसे विश्वसनीय भगवान झा लेकर पहुंचे थे। जेल सुपरिंटेंडेंट ने भगवान झा को भरोसा दिया के वह मामले को सीनियर अफसरों तक पहुंचा देंगे। भगवान झा ने कहा, 'सरकार के पास पुलिस की कोई कमी नहीं है। इसलिए साध्वी की सिंहस्थ यात्रा सुनिश्चित करा दी जाए, नहीं तो गंभीर परिणाम होंगे।'     Attachments area          

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  हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने किया 2.16 करोड़ की सड़क निर्माण का भूमि पूजन ।कोलार मुख्य मार्ग के समानांतर इस मार्ग से 2 लाख नागरिक होंगे सीधे लाभान्वित ।कोलार वासियो को विभिन्न मार्गो के माध्यम से नये भोपाल , होशंगाबाद रोड , जाने में होगी सहूलियत ।कोलार में बढ़ते ट्रैफिक पर नियंत्रण में हुज़ूर विधायक की कारगर पहल सफल ।हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा के अथक प्रयासों से कोलारवासियो को ट्रैफिक जाम से आये दिन होने वाली दिक्कतों से निज़ात मिलने जा रही है । बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान (कोलार मुख्य मार्ग) तक  बायपास रोड का निर्माण कराया जा रहा है । आज हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने रानी अवंतीबाई मार्ग से मंदाकनी मैदान को जोड़ने वाली सड़क निर्माण कार्य का भूमि पूजन भूमिका रेसीडेंसी पर किया । 2 करोड़ 16 लाख की लागत से बनने वाली 4200 मीटर इस सड़क की चौड़ाई 7.5 मीटर रहेगी, इस सड़क का निर्माण राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा किया जायेगा । श्री शर्मा ने बताया की कोलार मुख्य मार्ग पर आये दिन लगने वाले ट्रैफिक जाम से छुटकारा पाने के लिये इस बाय पास रोड का निर्माण कराया जा रहा है , उन्होंने बताया की बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग का निर्माण पूर्व में कराया जा चूका है । यह रोड  लोक निर्माण विभाग द्वारा बनायीं गयी है  गौरतलब है की उक्त सड़क का भूमि पूजन विधायक शर्मा द्वारा विधायक बनने के तत्काल बाद किया गया था । बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग तक इस सड़क की दूरी कुल 2 किलोमीटर है ।बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान पर कोलार मुख्य मार्ग पर जोड़ने वाले इस बायपास की कुल दूरी 6 किलोमीटर है । श्री शर्मा ने बताया की बहुत जल्द ही जे के अस्पताल के सामने इस मार्ग के जंक्शन पर एक पुल का निर्माण भी कराया जायेगा जो की सीधा शाहपुरा, भरत नगर , हबीबगंज , चुनाभट्टी , अथवा नये भोपाल को जोड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण के पश्च्यात कोलार के किसी भी नागरिक को ट्रैफिक जाम या आपातकालीन स्थिति में परेशान नहीं होना पड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग से कोलार सहित आसपास के लगभग 2 लाख नागरिक इससे सीधे लाभान्वित होंगे ।  श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण से पूर्व  उनके द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियो अधिकारियो एवं स्थानीय नागरिको के साथ दौरा किया गया । फलस्वरूप कोलार को ट्रैफिक से निजात दिलाने के लिये इस बायपास के निर्माण का निर्णय लिया गया । श्री शर्मा ने बताया की घनी आबादी वाले कोलार में नागरिको की सुविधा के मद्देनज़र इस मार्ग का  अलग अलग भागो में निर्माण कराया गया है , जिससे नागरिको को इसका लाभ पहुँच सके !  श्री शर्मा ने स्थानीय नागरिको को संबोधित करते हुए कहा की कोलार के समग्र विकास में निरंतर आपके द्वारा मिल रहे इसी प्रकार के सहयोग की आवश्यकता है आप सब के सहयोग से हम ग्रीन कोलार क्लीन कोलार का निर्माण करेंगे । कार्यक्रम के दौरान श्री शर्मा का स्थानीय नागरिको द्वारा बड़ी फूलो की माला पहनाकर सड़क निर्माण के लिए अभिन्दन किया गया !  मार्ग से लाभान्वित क्षेत्र  एक नज़र में -: बैरागढ़ चीचली , दौलतपुर ,धोली खदान, प्रियंका नगर ,हिनोतिया गांव ,मानसरोवर डेंटल कॉलेज, सुहागपुर ,पिपलिया, गुराडी , सेमरी ,अमरावत कलां ,सोहागपुर ,बांसखेड़ी झुग्गी बस्ती ,सन खेड़ी झुग्गी बस्ती, आकाश नगर , गिरधर परिसर ,सैफरॉन सिटी ,कृष्णा होम्स ,गिरधर गार्डन ,शिवालय परिसर ,सर्वजन सोसाइटी ,डी के 5 ,जे के अस्पताल , सागर प्रीमियम टॉवर, भूमिका रेसीडेंसी ,वेस्टर्न कौर्ट एवं मंदाकनी सोसायटी आदि इस मार्ग पर अन्य रहवासियो  को इस बाय पास का  सीधा लाभ पहुंचेगा ।होशंगाबाद रोड से जुड़ेगा यह मार्ग यह मार्ग चार बत्ती चौराहे से कालीबाड़ी पुल से होते हुए बाबड़िया रेल्वे फाटक से होशंगाबाद रोड से सीधा जुड़ेगा ।दानिश कुंज से कलियासोत नदी पर सलैया पुल के माध्यम से मिसरोद (होशंगाबाद रोड) से सीधा जुड़ेगा ।कार्यक्रम में विशेष रूप से स्थानीय पार्षद एवं एम आई सी सदस्य भूपेंद्र माली ,पार्षद पवन बोराना, मंडल उपाध्यक्ष श्याम मीना, बी एस वाजपेयी , महेश तिवारी , इक़बाल खान , अमित शुक्ल, दीपक माथुर , अरुण तिवारी , डी ले पालीवाल , एस एस सेंगर ,शोभा सिकरवार , श्रीमती गीता मिश्रा,गणेश तिवारी,राजेश सेंगर , राज शर्मा , प्रदीप पाटीदार ,आकाश श्रीवास्तव,सहित बड़ी संख्या में माताये बहने कॉलोनी वासी उपस्थित रहे ।  

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कोलार के वार्ड 82 में आने वाले दानिशकुंज कॉलोनी में नगर निगम द्वारा काम नहीं कराने के बाद भी पार्षद द्वारा निर्माण को लेकर बोर्ड लगाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। गलत जानकारी को लेकर आज दोपहर कांग्रेस पार्षदों, स्थानीय नेताओं और रहवासियों का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम आयुक्त छवि भारद्वाज से मिला। इन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पार्षद जानबूझकर श्रेय की राजनीति कर रहे हैं। जबकि, जनता गर्मी में पानी के लिए हाहाकार मचा रही है, फिर भी उन्हें पानी नहीं दिया जा रहा है। पार्षदों ने यह की मांग : कांग्रेस पार्षद संतोष जितेंद्र कंसाना, मोनू सक्सेना, मनजीत मारण, अमित शर्मा, राहुल सिंह राठौर, अखिलेश जैन सहित रहवासियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयुक्त भारद्वाज से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। इसके अनुसार तत्काल गलत जानकारी देने वाले भाजपा पार्षद भूपेंद्र माली के बोर्ड को नगर निगम प्रशासन हटाए। साथ ही इस मामले में जांच कराएं कि कहीं दानिशकुंज में कराए गए डामर के भुगतान की फर्जी फाइल तो निगम के कार्यालय नहीं पहुंच गई। यदि प्रशासन बोर्ड नहीं लगाएगी, तो कांग्रेसी भी हर वार्ड में ऐसे बोर्ड लगाएगी। दानिशकुंज कॉलोनी में करीब एक करोड़ राशि से डामर कराया गया है। इस पर स्थानीय पार्षद ने खुद डामर कराने के बोर्ड पूरी कॉलोनी में लगा दिए। वहीं, दानिशकुंज सोसायटी ने भी एक विज्ञापन जारी करके कहा कि वह निर्माण उसने कराया है। कुछ लोगों के यहां निर्माण नहीं कराया गया है, वो लोग जल्द ही बकाया राशि जमा कर दें, ताकि बचे हुए स्थानों पर भी डामरीकरण कराया जा सके।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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भोपाल । सिंगापुर में तीन दिवसीय आईटीबी एशिया 2025 में अतुल्य भारत के हृदय मध्य प्रदेश ने खूब रौनक बिखेरी। मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड ने सिंगापुर के मरीना बे सैंड्स एक्सपो और कन्वेंशन सेंटर में आयोजित प्रतिष्ठित ट्रैवल ट्रेड शो आईटीबी एशिया 2025 में प्रभावशाली भागीदारी दर्ज की।   15 से 17 अक्टूबर तक चले इस आयोजन में राज्य के पर्यटन पवेलियन का उद्घाटन सिंगापुर में भारत के उच्चायुक्त डॉ. शिल्पक अंबुले ने किया। इस अवसर पर भारत के उच्चायोग में प्रथम सचिव (वाणिज्य) टी. प्रभाकर भी उपस्थित थे।आईटीबी एशिया में भागीदारी का उद्देश्य मध्य प्रदेश को एक समृद्ध सांस्कृतिक, प्राकृतिक और साहसिक गंतव्य के रूप में वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करना है। राज्य का प्रतिनिधित्व अपर मुख्य सचिव (पर्यटन, संस्कृति, गृह एवं धार्मिक न्यास) एवं एमपी टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक शिव शेखर शुक्ला और प्रबंधक (इवेंट्स एवं मार्केटिंग) सौरभ पांडे ने किया।शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि आईटीबी एशिया वैश्विक मंच पर मध्य प्रदेश की पर्यटन क्षमता और विविधता को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करता है। हमारा लक्ष्य राज्य को ऐसा अंतरराष्ट्रीय गंतव्य बनाना है, जहां विरासत, वन्यजीव, आध्यात्मिकता और सतत पर्यटन यात्रियों को अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करें।महत्वपूर्ण बैठकें और सहयोग की पहलअपर मुख्य सचिव शुक्ला ने इस दौरान कई अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों से मुलाकात की। उन्होंने केजी मुकिरी, लीड कंसल्टेंट, अफ्रीका एमआईसीई के साथ आगामी एमआईसीई समिट (9–11 सितंबर 2026) के संबंध में चर्चा की, जिसमें मध्य प्रदेश को तंजानिया, नाइजीरिया और साउथ अफ्रीका जैसे देशों में प्रस्तुत करने की संभावनाएं तलाशी गईं।इसके अलावा, उन्होंने मिच गोह, डायरेक्टर ऑफ पब्लिक पॉलिसी-एशिया पैसिफिक, एयरबीएनबी के साथ राज्य में सतत और समावेशी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए संभावित सहयोग पर विचार-विमर्श किया। बैठक में ग्रामीण होमस्टे संचालकों को आतिथ्य प्रशिक्षण देने और उन्हें वैश्विक प्लेटफॉर्म पर जोड़ने की पहल पर सहमति बनी।वैश्विक नेटवर्किंग और राज्य की पहचानआईटीबी एशिया 2025 में एमआईसीई, कॉर्पोरेट और ट्रैवल टेक्नोलॉजी सेक्टर के प्रमुख पेशेवरों, अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शकों और खरीदारों ने भाग लिया। मध्य प्रदेश के प्रतिनिधि मंडल ने कई बी2बी बैठकों के माध्यम से विदेशी टूर ऑपरेटरों और ट्रैवल कंपनियों से सहयोग की संभावनाएं तलाशीं। इन बैठकों में वन्यजीव अभ्यारण्य, सांस्कृतिक विरासत, साहसिक पर्यटन, तथा फिल्म और विवाह पर्यटन जैसे विषयों पर विशेष चर्चा हुई, जिससे ‘अतुल्य भारत का हृदय’ के रूप में राज्य की पहचान और मजबूत हुई।राज्य की झलक से सजा पवेलियनमध्य प्रदेश के पवेलियन में राज्य की पर्यटन संपत्तियां, यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, साहसिक गतिविधियां और जिम्मेदार पर्यटन पहलें प्रदर्शित की गईं। इसे एक स्वच्छ, हरित और सुरक्षित गंतव्य के रूप में प्रस्तुत किया गया, विशेष रूप से महिला यात्रियों के लिए अनुकूल वातावरण को रेखांकित किया गया। आईटीबी एशिया में मध्य प्रदेश की यह भागीदारी राज्य की वैश्विक दृश्यता बढ़ाने, व्यापारिक संबंध मजबूत करने और सतत एवं समावेशी पर्यटन आधारित आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

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गांधीनगर । गुजरात राज्य के मंत्रिमंडल विस्तार की आधिकारिक घोषणा हो गई है। 17 अक्टूबर, शुक्रवार को सुबह 11:30 बजे गांधीनगर के महात्मा मंदिर में भाजपा के केंद्रीय नेताओं की उपस्थिति में नए मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह होगा।   राज्य सूचना विभाग ने अपने बयान में बताया कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मंत्रिमंडल के विस्तार में नामित मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह शुक्रवार, 17 अक्टूबर को सुबह 11:30 बजे गांधीनगर के महात्मा मंदिर में होगा। राज्यपाल आचार्य देवव्रत इस समारोह में नव-नियुक्त मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे।   आम तौर पर हर बुधवार को कैबिनेट की बैठक होती है, लेकिन 15 अक्टूबर को बैठक नहीं हुई। भाजपा ने अपने सभी विधायकों और मंत्रियों को दो दिनों के लिए गांधीनगर में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। सभी को आज दोपहर तक गांधीनगर पहुंचने के आदेश दिए गए हैं।   आज भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री सुनील बंसल गुजरात पहुंचेंगे। दोपहर करीब 3 बजे मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल मुंबई के कार्यक्रम से गुजरात लौट आएंगे।   गुजरात में मंत्रिमंडल में बड़े फेरबदल की चर्चाओं के बीच राज्यपाल आचार्य देवव्रत का हरियाणा के कुरुक्षेत्र दौरा छोटा कर दिया गया है। राज्यपाल मूल रूप से अपने गृह नगर कुरुक्षेत्र के दौरे पर थे, जो 16 अक्टूबर तक निर्धारित था।   हाल ही में भारतीय जनता पार्टी ने अहमदाबाद के जगदीश विश्वकर्मा को गुजरात प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। इसके बाद ऐसा लग रहा है कि सौराष्ट्र क्षेत्र की अनदेखी हुई है। हाल ही में उपचुनाव में आम आदमी पार्टी के गोपाल इटालिया की जीत और सौराष्ट्र में उनकी सक्रियता को देखते हुए माना जा रहा है कि भाजपा के नए मंत्रिमंडल में सौराष्ट्र के नेताओं को अधिक प्रतिनिधित्व दिया जा सकता है।   भाजपा में कई वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी की खबरें भी सामने आ रही हैं। सूत्रों के अनुसार, कुछ वरिष्ठ नेता भविष्य में आम आदमी पार्टी में शामिल हो सकते हैं। ऐसी स्थिति की जानकारी भाजपा हाईकमान तक पहुंच चुकी है। इसलिए 2027 के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए भाजपा कोई जोखिम नहीं लेना चाहती। पार्टी अब उन प्रभावशाली लेकिन लंबे समय से दूर रखे हुए नेताओं को भी नए पद देकर जिम्मेदारी सौंपने की तैयारी में है। कुछ पुराने और अनुभवी नेताओं को भी दोबारा मौका मिल सकता है ताकि किसी भी तरह का नुकसान रोका जा सके।   यह गौरतलब है कि 2021 में मुख्यमंत्री सहित पूरा मंत्रिमंडल बदल दिया गया था। चार साल पहले भाजपा हाईकमान ने तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय रूपाणी सहित पूरे मंत्रिमंडल को बदलकर सबको चौंका दिया था। उस समय विजय रूपाणी ने अचानक राजभवन जाकर इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री बनाया गया था। उनके नेतृत्व में 2022 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 156 सीटों पर ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी।

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श्रीशैलम । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज सुबह आंध्र प्रदेश के एक दिवसीय दौरे पर कुरनूल पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री  ने सबसे पहले श्रीशैलम में स्थित मंदिर में भगवान भ्रामराम्बा व मल्लिकार्जुन के दर्शन कर पूजा अर्चना की।   प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सुबह 11 बजे करनूल हवाई अड्डे पर पहुंचे। यहां प्रधानमंत्री का स्वागत राज्यपाल नजीर, मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और उप मुख्यमंत्री पवन कल्याण ने किया। इसके बाद प्रधानमंत्री माेदी राज्य के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और उप मुख्यमंत्री पवन कल्याण के साथ एक सैन्य हेलीकॉप्टर से श्रीशैलम पहुंचे। यहां श्रीशैलम भ्रामराम्बा गेस्ट हाउस का दौरा किया और थोड़ी देर विश्राम के बाद वे श्री भामराम्बा मल्लिकार्जुन स्वामी वरला देवस्थानम में मल्लिकार्जुन स्वामी की विशेष पूजा-अर्चना की।  मंदिर में पुजारियों और मंदिर के अधिकारियों ने उनका औपचारिक स्वागत किया। माेदी ने भगवान मल्लिकार्जुन का पंचामृत से रुद्राभिषेक किया। यहां पूजा के बाद प्रधानमंत्री शिवाजी प्रेरणा केंद्र का दौरा करेंगे।   निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार प्रधानमंत्री माेदी यहां के बाद कुरनूल जाएंगे। वहां लगभग 13 हजार से अधिक की परियाेजनाओं का  उद्घाटन और लाेकार्पण करेंगे। इसके बाद माेदी एक जनसभा काे संबाेधित करेंगे।   

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नई दिल्ली । कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत के रुस से तेल खरीदना बंद करने वाले बयान पर कहा है कि यह भारत की विदेश नीति पर सवाल खड़े करने वाला है। राहुल ने एक्स पोस्ट में कहा कि ट्रंप को यह कहने का अवसर कैसे मिला कि भारत रूस से तेल नहीं खरीदेगा। प्रधानमंत्री को किस बात का डर है। वित्त मंत्री का अमेरिका दौरा क्यों स्थगित किया गया, भारत ने शर्म-अल-शेख सम्मेलन में भाग लेने से परहेज क्यों किया और प्रधानमंत्री ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर ट्रंप के बयान का विरोध क्यों नहीं कर रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने बुधवार को कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर देगा। ट्रंप ने ओवल ऑफिस में पत्रकारों से कहा कि वे भारत के रूस से तेल खरीदने को लेकर खुश नहीं थे और प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें आश्वस्त किया है कि यह प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी। मोदी उनके मित्र हैं और इस कदम से वैश्विक ऊर्जा संतुलन पर सकारात्मक असर पड़ेगा।

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  लगेगी शांडिल्य गुरु की प्रतिमा      कोलार रोड के दूसरे छोर भदभदा चौराहे पर उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने  ब्रह्मलीन बालगोविंद शांडिल्य गुरुजी की प्रतिमा स्थापना तथा चौराहे के सौंदर्यीकरण का भूमि-पूजन किया। सौंदर्यीकरण के लिये 8 लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं।   श्री गुप्ता ने कहा कि सरकार शहर के विकास के लिये सतत प्रयत्नशील है। उन्होंने शासन की विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि नागरिक शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये आगे आयें। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि घर-घर जाकर नागरिकों को शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये प्रेरित करें। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा कोटरा में सड़क भूमि-पूजन उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने आई-5 शासकीय आवास कोटरा के पास सड़क निर्माण का भूमि-पूजन किया। सड़क की लागत 20 लाख है। श्री गुप्ता ने सड़क का कार्य गुणवत्तापूर्ण करवाने के निर्देश दिये। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।     Attachments area          

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      मध्यप्रदेश के प्राचीन मंदिरों में भगवान के दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को अब प्रदेश के पुरावैभव, कला और संस्कृति की झलक भी वहां देखने को मिलेगी। इसके लिए राज्य सरकार मंदिरों में संग्रहालयों का निर्माण कराएगी। इस योजना को संस्कृति, धर्मस्व और पुरातत्व विभाग मिलकर अंजाम देंगे। मध्यप्रदेश में इस समय कई प्रसिद्ध मंदिर है जहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है। लेकिन इन मंदिरों में फिलहाल प्रदेश की कला-संस्कृति, इतिहास  और पुरावैभव की झलक दिखाने वाले संग्रहालय नहीं है। राज्य सरकार का सोचना है कि जो श्रद्धालु प्रदेश के प्राचीन मंदिरों में पहुंच रहे है वहां उन्हें भगवान के दर्शन के साथ-साथ प्रदेश के पुरावैभव और कला तथा संस्कृति से भी अवगत कराया जाए। इसके लिए इन मंदिरों के ट्रस्टों के पास मौजूद अपार धनराशि का उपयोग किया जाएगा। इन मंदिरों में सबसे पहले बनेंगे संग्रहालय- मध्यप्रदेश में उज्जैन में महाकाल मंदिर, खजराना मंदिर, सतना के मैहर मंदिर, पशुपतिनाथ मंदिर सहित कई ऐसे प्रमुख मंदिर है जहां मंदिरों की देखरेख और संरक्षण के लिए बनाए गए ट्रस्टों के पास श्रद्धालुओं के दान से मिली अपार धन संपदा स्थित है। इन्हीं मंदिरों में सबसे पहले संग्रहालय बनाने की शुरुआत की जाएगी।  इन मंदिरों के समीप काफी जमीन और भवन स्थित है। शिव मंदिरों में सभी बारह ज्योर्तिलिंगों के बारे में पूरी जानकारी एकत्रित कर प्रदर्शित की जाएगी। इसी तरह गणेश मंदिरों में गणेशजी के सभी स्वरुपों उनके इतिहास और महत्व को प्रदर्शित किया जाएगा। भोपाल के समीप स्थित भोजपुर मंदिर में दो सौ मीटर के दायरे के बाहर संग्रहालय बनाने का प्रस्ताव है। यहां भोजपुर के विशालकाय शिवलिंग और मंदिर के निर्माण की एतिहासिक प्रामाणिक  जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। यह मंदिर कब बना, इस तरह के मंदिर और कहां-कहां बनाए जाने थे। यह अधूरा क्यों रह गया। मंदिर के आसपास मिलने वाले शिवलिंग और अन्य पुराधरोहरों को भी यहां संग्रहित किया जाएगा। भोपाल में भी मुस्लिम धर्मावलंबियों से जुड़ी जानकारी, मध्यप्रदेश के प्राचीन नवाबों से जुड़े इतिहास की प्रामाणिक जानकारी गौहर महल या अन्य स्थानों पर प्रदर्शित की जाएगी। मिडटाउन में दुनिया की सबसे बड़ी सेंट पीटर चर्च में संग्रहालय भी है। वेटिकन सिटी में भी म्युजियम है वहां कई तरह के चित्र प्रदर्शित किए गए है। इन चित्रों में इन देशों की कला और संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। जापान में म्युजियम आॅफ पैरासाइड है। भारत के कई राज्यों में भी मंदिर, मस्जिद और चर्च के साथ संग्रहालय लगे हुए है। मध्यप्रदेश में फिलहाल मंदिर, मस्जिद और गिरिजाघरों में संग्रहालय नहीं है। प्रमुख सचिव संस्कृति मनोज श्रीवास्तव ने कहा प्रदेश के मंदिरों पर अब संग्रहालय बनाने की राज्य सरकार की योजना है। इसके जरिए प्रदेश के नागरिकों को धार्मिक आस्था के केन्द्रों पर पहुंचने पर वहां संग्रहालयों में प्रदेश के इतिहास, कला और संस्कृति के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।     Attachments area          

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  कोलार अवैध कब्जों का अड्डा बना    कोलार में राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों और तहसीलदारों की शह पर बेशकीमती जमीन पर जहां-तहां झुग्गियों का निर्माण करने के अलावा दीवारें तानकर अतिक्रमण किया जा रहा है। इन अतिक्रामकों को रोकने के बजाय अफसर उन्हें प्रश्रय दे रहे हैं। कोलार का दशहरा मैदान इसका ताजा उदाहरण है, जहां पिछले माह लगी आग में 50 झुग्गियां खाक हो गईं थी अब वहां 100 से ज्यादा झुग्गियां और मकान बन गए हैं।   लगातार अतिक्रमण बढ़ने की शिकायतों को लेकर एक सप्ताह पहले एडीएम रत्नाकर झा ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए थे कि वे सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाएं। साथ ही सूची तैयार करें, ताकि सरकारी जमीनों पर जमा अतिक्रमणों को हटाया जा सके। हुजूर एसडीएम और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही से फिर कोलार दशहरा मैदान की सरकारी जमीन पर दर्जनों झुग्गियां तन गर्इं।  प्रशासन के सामने यहां पर झुग्गियां बनती गई, लेकिन उन्हें रोकने की हिम्मत किसी ने नहीं की।   डेढ़ साल पहले निगम चुनाव के पूर्व मुख्यमंत्री ने हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के कहने पर कोलार दशहरा मैदान में स्टेडियम बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद कलेक्टर निशांत वरवड़े ने यहां पर दौरा कर एसडीएम माया अवस्थी को झुग्गियां शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अब तक यहां पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।   कोलार दशहरा मैदान के किनारे बनी अवैध झुग्गियां में तीन साल से एक ही स्थान पर आग लग रही है। यहां 40-50 झुग्गियों में आग लगती है और इसके बाद नई 100 झुग्गियां बन जाती हैं। तीन साल में इस स्थान पर 300 से अधिक झुग्गियां अवैध बन गई। लेकिन प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।     Attachments area          

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  पत्र  में प्रज्ञा ने कैंसर की बीमारी का हवाला भी दिया      मालेगांव बम ब्लास्ट में क्लीन चिट मिलने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने अपने तेवर दिखाए हैं। सिंहस्थ में जाने की जिद पर अड़ीं साध्वी ने पंडित खुशीलाल आयुर्वेदिक अस्पताल में आमरण अनशन शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि सरकार ने उन्हें परमिशन नहीं दी, तो वे 21 मई को जल समाधि ले लेंगी। कैंसर से पीड़ित प्रज्ञा ने दवाइयां खाने से भी इनकार कर दिया है। प्रज्ञा ने राज्य सरकार को लिखे पत्र  में कहा कि वे कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रही हैं। हो सकता है कि अगला कुंभ न देख पाएं।इस मसले  पर बोलने से प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।  साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट मिलने के बाद से माना जा रहा है कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का सॉफ्ट कॉर्नर उनके प्रति बढ़ा है। उनके अनशन के मामले में प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर से जब पूछा गया कि सरकार क्या करेगी, तो विवादों से बचने के लिए उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया । गौरतलब है कि साध्वी लगभग सात सालों से जेल में बंद थीं, लेकिन कैंसर के इलाज के लिए कोर्ट ने उन्हें अस्पताल में रहने की परमिशन दी है। प्रज्ञा ने रविवार को लेटर लिखकर शिवराज सरकार से उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ में शामिल होने की परमिशन मांगी थी।उन्होंने यह भी लिखा था कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो वे आमरण अनशन करेंगी। प्रज्ञा ने लिखा, 'वो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं और शायद अगला कुंभ न देख पाएं। इसलिए उनकी अंतिम इच्छा है कि वे उज्जैन कुंभ में जाएं।' प्रज्ञा ने राज्य सरकार समेत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को भी लेटर की कॉपी भेजी है। लेटर के मुताबिक, प्रज्ञा ने सोमवार सुबह 9 बजे तक का समय दिया था। मांग पूरी नहीं होने के कारण वे अपने कुछ सपोर्टर्स के साथ अस्पताल परिसर में ही आमरण अनशन पर बैठ गई हैं। प्रज्ञा ने लेटर में लिखा कि मैं अन्न जल त्याग दूंगी। अगर मुझे कुछ होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी मध्य प्रदेश सरकार की होगी। उन्होंने अपनी सिक्युरिटी को लेकर भी चिंता जाहिर की है। उन्होंने लिखा कि मेरे साथ पहले एसएएफ के जवान रहते थे। उनके हटाए जाने से मेरी जान को खतरा हो सकता है। प्रज्ञा ने जेड प्लस सुरक्षा की मांग की और सवाल पूछा कि जब देवास जिला कोर्ट ने उज्जैन जाने की अनुमति दे दी है, तो फिर सिक्युरिटी का हवाला देकर सरकार कोर्ट की अवमानना क्यों कर रही है? प्रज्ञा की चिट्ठी उनके सबसे विश्वसनीय भगवान झा लेकर पहुंचे थे। जेल सुपरिंटेंडेंट ने भगवान झा को भरोसा दिया के वह मामले को सीनियर अफसरों तक पहुंचा देंगे। भगवान झा ने कहा, 'सरकार के पास पुलिस की कोई कमी नहीं है। इसलिए साध्वी की सिंहस्थ यात्रा सुनिश्चित करा दी जाए, नहीं तो गंभीर परिणाम होंगे।'     Attachments area          

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  हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने किया 2.16 करोड़ की सड़क निर्माण का भूमि पूजन ।कोलार मुख्य मार्ग के समानांतर इस मार्ग से 2 लाख नागरिक होंगे सीधे लाभान्वित ।कोलार वासियो को विभिन्न मार्गो के माध्यम से नये भोपाल , होशंगाबाद रोड , जाने में होगी सहूलियत ।कोलार में बढ़ते ट्रैफिक पर नियंत्रण में हुज़ूर विधायक की कारगर पहल सफल ।हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा के अथक प्रयासों से कोलारवासियो को ट्रैफिक जाम से आये दिन होने वाली दिक्कतों से निज़ात मिलने जा रही है । बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान (कोलार मुख्य मार्ग) तक  बायपास रोड का निर्माण कराया जा रहा है । आज हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने रानी अवंतीबाई मार्ग से मंदाकनी मैदान को जोड़ने वाली सड़क निर्माण कार्य का भूमि पूजन भूमिका रेसीडेंसी पर किया । 2 करोड़ 16 लाख की लागत से बनने वाली 4200 मीटर इस सड़क की चौड़ाई 7.5 मीटर रहेगी, इस सड़क का निर्माण राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा किया जायेगा । श्री शर्मा ने बताया की कोलार मुख्य मार्ग पर आये दिन लगने वाले ट्रैफिक जाम से छुटकारा पाने के लिये इस बाय पास रोड का निर्माण कराया जा रहा है , उन्होंने बताया की बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग का निर्माण पूर्व में कराया जा चूका है । यह रोड  लोक निर्माण विभाग द्वारा बनायीं गयी है  गौरतलब है की उक्त सड़क का भूमि पूजन विधायक शर्मा द्वारा विधायक बनने के तत्काल बाद किया गया था । बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग तक इस सड़क की दूरी कुल 2 किलोमीटर है ।बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान पर कोलार मुख्य मार्ग पर जोड़ने वाले इस बायपास की कुल दूरी 6 किलोमीटर है । श्री शर्मा ने बताया की बहुत जल्द ही जे के अस्पताल के सामने इस मार्ग के जंक्शन पर एक पुल का निर्माण भी कराया जायेगा जो की सीधा शाहपुरा, भरत नगर , हबीबगंज , चुनाभट्टी , अथवा नये भोपाल को जोड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण के पश्च्यात कोलार के किसी भी नागरिक को ट्रैफिक जाम या आपातकालीन स्थिति में परेशान नहीं होना पड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग से कोलार सहित आसपास के लगभग 2 लाख नागरिक इससे सीधे लाभान्वित होंगे ।  श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण से पूर्व  उनके द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियो अधिकारियो एवं स्थानीय नागरिको के साथ दौरा किया गया । फलस्वरूप कोलार को ट्रैफिक से निजात दिलाने के लिये इस बायपास के निर्माण का निर्णय लिया गया । श्री शर्मा ने बताया की घनी आबादी वाले कोलार में नागरिको की सुविधा के मद्देनज़र इस मार्ग का  अलग अलग भागो में निर्माण कराया गया है , जिससे नागरिको को इसका लाभ पहुँच सके !  श्री शर्मा ने स्थानीय नागरिको को संबोधित करते हुए कहा की कोलार के समग्र विकास में निरंतर आपके द्वारा मिल रहे इसी प्रकार के सहयोग की आवश्यकता है आप सब के सहयोग से हम ग्रीन कोलार क्लीन कोलार का निर्माण करेंगे । कार्यक्रम के दौरान श्री शर्मा का स्थानीय नागरिको द्वारा बड़ी फूलो की माला पहनाकर सड़क निर्माण के लिए अभिन्दन किया गया !  मार्ग से लाभान्वित क्षेत्र  एक नज़र में -: बैरागढ़ चीचली , दौलतपुर ,धोली खदान, प्रियंका नगर ,हिनोतिया गांव ,मानसरोवर डेंटल कॉलेज, सुहागपुर ,पिपलिया, गुराडी , सेमरी ,अमरावत कलां ,सोहागपुर ,बांसखेड़ी झुग्गी बस्ती ,सन खेड़ी झुग्गी बस्ती, आकाश नगर , गिरधर परिसर ,सैफरॉन सिटी ,कृष्णा होम्स ,गिरधर गार्डन ,शिवालय परिसर ,सर्वजन सोसाइटी ,डी के 5 ,जे के अस्पताल , सागर प्रीमियम टॉवर, भूमिका रेसीडेंसी ,वेस्टर्न कौर्ट एवं मंदाकनी सोसायटी आदि इस मार्ग पर अन्य रहवासियो  को इस बाय पास का  सीधा लाभ पहुंचेगा ।होशंगाबाद रोड से जुड़ेगा यह मार्ग यह मार्ग चार बत्ती चौराहे से कालीबाड़ी पुल से होते हुए बाबड़िया रेल्वे फाटक से होशंगाबाद रोड से सीधा जुड़ेगा ।दानिश कुंज से कलियासोत नदी पर सलैया पुल के माध्यम से मिसरोद (होशंगाबाद रोड) से सीधा जुड़ेगा ।कार्यक्रम में विशेष रूप से स्थानीय पार्षद एवं एम आई सी सदस्य भूपेंद्र माली ,पार्षद पवन बोराना, मंडल उपाध्यक्ष श्याम मीना, बी एस वाजपेयी , महेश तिवारी , इक़बाल खान , अमित शुक्ल, दीपक माथुर , अरुण तिवारी , डी ले पालीवाल , एस एस सेंगर ,शोभा सिकरवार , श्रीमती गीता मिश्रा,गणेश तिवारी,राजेश सेंगर , राज शर्मा , प्रदीप पाटीदार ,आकाश श्रीवास्तव,सहित बड़ी संख्या में माताये बहने कॉलोनी वासी उपस्थित रहे ।  

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कोलार के वार्ड 82 में आने वाले दानिशकुंज कॉलोनी में नगर निगम द्वारा काम नहीं कराने के बाद भी पार्षद द्वारा निर्माण को लेकर बोर्ड लगाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। गलत जानकारी को लेकर आज दोपहर कांग्रेस पार्षदों, स्थानीय नेताओं और रहवासियों का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम आयुक्त छवि भारद्वाज से मिला। इन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पार्षद जानबूझकर श्रेय की राजनीति कर रहे हैं। जबकि, जनता गर्मी में पानी के लिए हाहाकार मचा रही है, फिर भी उन्हें पानी नहीं दिया जा रहा है। पार्षदों ने यह की मांग : कांग्रेस पार्षद संतोष जितेंद्र कंसाना, मोनू सक्सेना, मनजीत मारण, अमित शर्मा, राहुल सिंह राठौर, अखिलेश जैन सहित रहवासियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयुक्त भारद्वाज से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। इसके अनुसार तत्काल गलत जानकारी देने वाले भाजपा पार्षद भूपेंद्र माली के बोर्ड को नगर निगम प्रशासन हटाए। साथ ही इस मामले में जांच कराएं कि कहीं दानिशकुंज में कराए गए डामर के भुगतान की फर्जी फाइल तो निगम के कार्यालय नहीं पहुंच गई। यदि प्रशासन बोर्ड नहीं लगाएगी, तो कांग्रेसी भी हर वार्ड में ऐसे बोर्ड लगाएगी। दानिशकुंज कॉलोनी में करीब एक करोड़ राशि से डामर कराया गया है। इस पर स्थानीय पार्षद ने खुद डामर कराने के बोर्ड पूरी कॉलोनी में लगा दिए। वहीं, दानिशकुंज सोसायटी ने भी एक विज्ञापन जारी करके कहा कि वह निर्माण उसने कराया है। कुछ लोगों के यहां निर्माण नहीं कराया गया है, वो लोग जल्द ही बकाया राशि जमा कर दें, ताकि बचे हुए स्थानों पर भी डामरीकरण कराया जा सके।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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जोधपुर । जोधपुर जैसलमेर रोड थईयात गांव के पास में मंगलवार दोपहर हुए निजी बस अग्रिकांड में मरने वालों की संख्या बढ़ कर 21 हो गई है, क्योंकि आज दोपहर में एक और मासूम दस वर्षीय यूनिस की मृत्यु हो गई। अब तक 19 शवों को जोधपुर लाकर एमजी अस्‍पताल और एम्स अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है। डीएनए परीक्षण के बाद शव परिजन को सुपुर्द किये जायेंगे। अब 14 लोगों का उपचार चल रहा है। जिले के प्रभारी मंत्री मदन दिलावर एमजीएच पहुंचे और घायलों की कुशलक्षेम पूछने के साथ चिकित्सकीय व्यवस्था की जानकारी ली।   एमजीएच अधीक्षक डॉ.फतेह सिंह भाटी ने बताया कि नौ शव एमजीएच और दस शवों को एम्स अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है। एक शव पहले से ही जोधपुर में मौजूद है। घायलों में पांच लोग वेंटिलेटर पर और आठ की हालत नाजुक बनी है। डॉक्टर भाटी ने बताया कि हर मरीज पर सघन निगरानी के साथ इलाज किया जा रहा है। डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ पूरी तरह मुस्तैद है। मरीजों की विशेषज्ञ डॉक्टर्स देखरेख कर रहे है। अब तक पहचान न होने वाले शवों को जोधपुर लाया गया है, ताकि उनकी डीएनए जांच की जा सके।   उल्‍लेखनीय है कि मंगलवार अपरान्ह साढ़े तीन बजे के आसपास जैसलमेर से जोधपुर की तरफ आ रही एक निजी बस के एसी में शार्ट सर्किट के बाद भीषण आग लग गई थी, हादसे में बीस लोगों की जलकर मौत हो गई। 15 लोग गंभीर और सामान्य तौर पर झुलस गए थे। बस में 57 लोग सवार थे। बस का इसी माह रजिस्ट्रेशन हुआ था और एकदम नई बस थी। रात में प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पहले जैसलमेर फिर जोधपुर के एमजी अस्‍पताल पहुंचे थे।घटनास्‍थल का दौरा करने के बाद चिकित्‍सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने बताया कि बस में पीछे से धमाके की आवाज आई। आशंका है कि एसी का कंप्रेशर फट गया, जिससे गैस और डीजल के साथ मिलकर भीषण आग लगी। एक ही दरवाजा था, इसलिए लोग फंस गए। आगे की सीट वाले यात्री  निकल गए।  50-50 लाख सहायता की मांगइधर, हादसे के बाद सर्व ब्राह्मण समाज के प्रदेश अध्यक्ष पं. एस के जोशी ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मृतकों के परिजनों के लिए 50-50 लाख रुपये सहायता देने की मांग रखी। साथ ही घायलों को दस-दस लाख का आग्रह किया गया है।

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार विधानसभा चुनाव के लिए जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची बुधवार को जारी कर दी। इस सूची में पार्टी ने 57 उम्मीदवारों के नामों का की घोषणा की है। इस पहली लिस्ट में कई पुराने नेताओं के साथ कुछ नए चेहरों को भी मौका दिया गया है।   जदयू उम्मीदवारों की पहली सूची आलमनगर-नरेन्द्र नारायण यादव बिहारीगंज-निरंजन कुमार मेहता सिंहेश्वर-रमेश ऋषिदेव मधेपुरा-कविता साहा सोनबरसा-रत्नेश सादा महिषी-गुंजेवश्वर साह कुशेश्वरस्थान-अतिरेक कुमार बेनीपुर-विनय कुमार चौधरी दरभंगा ग्रामीण-ईश्वर मंडल बहादुरपुर-मदन सहनी गायघाट -कोमल सिंह मीनापुर -अजय कुशवाहा सकरा -आदित्य कुमार कांटी -अजीत कुमार भोरे -सुनील कुमार हथुआ -रामवक सिंह बरौली -मंजीत सिंह जीरादेई -भीषण कुशवाहा रघुनाथपुर -विकास कुमार सिंह बड़हरिया -इन्द्रदेव पटेल महाराजगंज -हेम नारायण साह एकमा -धुमल सिंह मांझी -रणधीर सिंह परसा -छोटे लाल राय वैशाली -सिद्धार्थ पटेल राजापाकर-मेहन्द्र राम महनार -उमेश सिंह कुशवाहा कल्याणपुर -महेश्वर हजारी वारिसनगर -डॉ. मांजरीक मृणाल समस्तीपुर -अश्वमेघ देवी मोरवा -विद्यासागर सिंह निषाद सरायरंजन -विजय कुमार चौधरी विभूतिपुर -रवीना कुशवाहा हसनपुर -राज कुमार राय चेरिया बरियारपुर -अभिषेक कुमार मटिहानी -राजकुमार सिंह अलौली -रामचंद्र सदा खगड़िया -बब्लू मंडल बेलदौर -पन्ना लाल पटेल जमालपुर -नचिकेता मंडल सूर्यगढ़ा -रामानंद मंडल शेखपुरा -रणधीर कुमार सोनी बरबीघा -डॉ. कुमार पुष्पंजय अस्थावां- जितेन्द्र कुमार राजगीर -कौशल किशोर इस्लामपुर -रूहेल रंजन हिलसा -कृष्ण मुरारी शरण नालंदा -श्रवण कुमार हरनौत -हरिनारायण सिंह मोकामा -अनंत सिंह फुलवारी -श्याम रजक मसौढ़ी -अरुण मांझी संदेश -राधा चरण साह जगदीशपुर -श्रीभगवान सिंह कुशवाहा डुमरांव -राहुल सिंह राजपुर - संतोष कुमार निराला को अपना उम्मीदवार बनाया है।   उल्लेखनीय है कि जदयू ने अपनी पहली सूची में सामाजिक समीकरणों पर विशेष ध्यान दिया है। इस सूची में लव कुश (कुर्मी-कोइरी) समाज से 23 उम्मीदवारों को मौका दिया गया है, जो जदयू का कोर वोट बैंक माना जाता है। इसके अलावा अति पिछड़ा वर्ग से 9, दलित वर्ग से 12 और सवर्ण (सामान्य वर्ग) से 12 उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है। पार्टी ने चार महिला उम्मीदवारों पर भरोसा जताया है, जिनमें मधेपुरा से कविता साहा, गायघाट से कोमल सिंह, समस्तीपुर से अश्वमेघ देवी और विभूतिपुर से रवीना कुशवाहा शामिल हैं।  

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को केन्या के पूर्व प्रधानमंत्री रैला ओडिंगा के निधन पर शोक व्यक्त किया है। मोदी ने सोशल मीडिया पर कहा, "मेरे प्रिय मित्र और केन्या के पूर्व प्रधानमंत्री रैला ओडिंगा के निधन से मुझे गहरा दुख हुआ है। वह एक प्रखर राजनेता और भारत के प्रिय मित्र थे। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान मुझे उन्हें करीब से जानने का सौभाग्य प्राप्त हुआ और हमारा सहयोग वर्षों तक कायम रहा। मोदी ने कहा कि रैला ओडिंगा का भारत की संस्कृति, मूल्यों और प्राचीन ज्ञान के प्रति विशेष लगाव था और यह भारत-केन्या संबंधों को मजबूत करने के उनके प्रयासों में परिलक्षित होता था।प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया, "मेरे प्रिय मित्र और केन्या के पूर्व प्रधानमंत्री, रैला ओडिंगा के निधन से मुझे गहरा दुःख हुआ है। वे एक प्रखर राजनेता और भारत के प्रिय मित्र थे। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान से ही मुझे उन्हें करीब से जानने का सौभाग्य प्राप्त हुआ और हमारा जुड़ाव वर्षों तक कायम रहा। भारत की संस्कृति, मूल्यों और प्राचीन ज्ञान के प्रति उनका विशेष लगाव था। यह भारत-केन्या संबंधों को मज़बूत करने के उनके प्रयासों में परिलक्षित होता था। वे विशेष रूप से भारत की आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के प्रशंसक थे, उन्होंने अपनी बेटी के स्वास्थ्य में इनके सकारात्मक प्रभाव को देखा था। मैं इस दुःख की घड़ी में उनके परिवार, मित्रों और केन्या के लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।" उल्लेखनीय है कि केन्या के पूर्व प्रधानमंत्री रैला ओडिंगा का बुधवार को केरल के कूथाट्टुकुलम स्थित एक आयुर्वेदिक अस्पताल में सुबह की सैर के दौरान हृदय गति रुकने से निधन हो गया। 10 अक्टूबर से उनकी आंखों का इलाज चल रहा था।      

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  लगेगी शांडिल्य गुरु की प्रतिमा      कोलार रोड के दूसरे छोर भदभदा चौराहे पर उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने  ब्रह्मलीन बालगोविंद शांडिल्य गुरुजी की प्रतिमा स्थापना तथा चौराहे के सौंदर्यीकरण का भूमि-पूजन किया। सौंदर्यीकरण के लिये 8 लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं।   श्री गुप्ता ने कहा कि सरकार शहर के विकास के लिये सतत प्रयत्नशील है। उन्होंने शासन की विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि नागरिक शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये आगे आयें। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि घर-घर जाकर नागरिकों को शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये प्रेरित करें। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा कोटरा में सड़क भूमि-पूजन उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने आई-5 शासकीय आवास कोटरा के पास सड़क निर्माण का भूमि-पूजन किया। सड़क की लागत 20 लाख है। श्री गुप्ता ने सड़क का कार्य गुणवत्तापूर्ण करवाने के निर्देश दिये। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।     Attachments area          

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      मध्यप्रदेश के प्राचीन मंदिरों में भगवान के दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को अब प्रदेश के पुरावैभव, कला और संस्कृति की झलक भी वहां देखने को मिलेगी। इसके लिए राज्य सरकार मंदिरों में संग्रहालयों का निर्माण कराएगी। इस योजना को संस्कृति, धर्मस्व और पुरातत्व विभाग मिलकर अंजाम देंगे। मध्यप्रदेश में इस समय कई प्रसिद्ध मंदिर है जहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है। लेकिन इन मंदिरों में फिलहाल प्रदेश की कला-संस्कृति, इतिहास  और पुरावैभव की झलक दिखाने वाले संग्रहालय नहीं है। राज्य सरकार का सोचना है कि जो श्रद्धालु प्रदेश के प्राचीन मंदिरों में पहुंच रहे है वहां उन्हें भगवान के दर्शन के साथ-साथ प्रदेश के पुरावैभव और कला तथा संस्कृति से भी अवगत कराया जाए। इसके लिए इन मंदिरों के ट्रस्टों के पास मौजूद अपार धनराशि का उपयोग किया जाएगा। इन मंदिरों में सबसे पहले बनेंगे संग्रहालय- मध्यप्रदेश में उज्जैन में महाकाल मंदिर, खजराना मंदिर, सतना के मैहर मंदिर, पशुपतिनाथ मंदिर सहित कई ऐसे प्रमुख मंदिर है जहां मंदिरों की देखरेख और संरक्षण के लिए बनाए गए ट्रस्टों के पास श्रद्धालुओं के दान से मिली अपार धन संपदा स्थित है। इन्हीं मंदिरों में सबसे पहले संग्रहालय बनाने की शुरुआत की जाएगी।  इन मंदिरों के समीप काफी जमीन और भवन स्थित है। शिव मंदिरों में सभी बारह ज्योर्तिलिंगों के बारे में पूरी जानकारी एकत्रित कर प्रदर्शित की जाएगी। इसी तरह गणेश मंदिरों में गणेशजी के सभी स्वरुपों उनके इतिहास और महत्व को प्रदर्शित किया जाएगा। भोपाल के समीप स्थित भोजपुर मंदिर में दो सौ मीटर के दायरे के बाहर संग्रहालय बनाने का प्रस्ताव है। यहां भोजपुर के विशालकाय शिवलिंग और मंदिर के निर्माण की एतिहासिक प्रामाणिक  जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। यह मंदिर कब बना, इस तरह के मंदिर और कहां-कहां बनाए जाने थे। यह अधूरा क्यों रह गया। मंदिर के आसपास मिलने वाले शिवलिंग और अन्य पुराधरोहरों को भी यहां संग्रहित किया जाएगा। भोपाल में भी मुस्लिम धर्मावलंबियों से जुड़ी जानकारी, मध्यप्रदेश के प्राचीन नवाबों से जुड़े इतिहास की प्रामाणिक जानकारी गौहर महल या अन्य स्थानों पर प्रदर्शित की जाएगी। मिडटाउन में दुनिया की सबसे बड़ी सेंट पीटर चर्च में संग्रहालय भी है। वेटिकन सिटी में भी म्युजियम है वहां कई तरह के चित्र प्रदर्शित किए गए है। इन चित्रों में इन देशों की कला और संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। जापान में म्युजियम आॅफ पैरासाइड है। भारत के कई राज्यों में भी मंदिर, मस्जिद और चर्च के साथ संग्रहालय लगे हुए है। मध्यप्रदेश में फिलहाल मंदिर, मस्जिद और गिरिजाघरों में संग्रहालय नहीं है। प्रमुख सचिव संस्कृति मनोज श्रीवास्तव ने कहा प्रदेश के मंदिरों पर अब संग्रहालय बनाने की राज्य सरकार की योजना है। इसके जरिए प्रदेश के नागरिकों को धार्मिक आस्था के केन्द्रों पर पहुंचने पर वहां संग्रहालयों में प्रदेश के इतिहास, कला और संस्कृति के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।     Attachments area          

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  कोलार अवैध कब्जों का अड्डा बना    कोलार में राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों और तहसीलदारों की शह पर बेशकीमती जमीन पर जहां-तहां झुग्गियों का निर्माण करने के अलावा दीवारें तानकर अतिक्रमण किया जा रहा है। इन अतिक्रामकों को रोकने के बजाय अफसर उन्हें प्रश्रय दे रहे हैं। कोलार का दशहरा मैदान इसका ताजा उदाहरण है, जहां पिछले माह लगी आग में 50 झुग्गियां खाक हो गईं थी अब वहां 100 से ज्यादा झुग्गियां और मकान बन गए हैं।   लगातार अतिक्रमण बढ़ने की शिकायतों को लेकर एक सप्ताह पहले एडीएम रत्नाकर झा ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए थे कि वे सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाएं। साथ ही सूची तैयार करें, ताकि सरकारी जमीनों पर जमा अतिक्रमणों को हटाया जा सके। हुजूर एसडीएम और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही से फिर कोलार दशहरा मैदान की सरकारी जमीन पर दर्जनों झुग्गियां तन गर्इं।  प्रशासन के सामने यहां पर झुग्गियां बनती गई, लेकिन उन्हें रोकने की हिम्मत किसी ने नहीं की।   डेढ़ साल पहले निगम चुनाव के पूर्व मुख्यमंत्री ने हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के कहने पर कोलार दशहरा मैदान में स्टेडियम बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद कलेक्टर निशांत वरवड़े ने यहां पर दौरा कर एसडीएम माया अवस्थी को झुग्गियां शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अब तक यहां पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।   कोलार दशहरा मैदान के किनारे बनी अवैध झुग्गियां में तीन साल से एक ही स्थान पर आग लग रही है। यहां 40-50 झुग्गियों में आग लगती है और इसके बाद नई 100 झुग्गियां बन जाती हैं। तीन साल में इस स्थान पर 300 से अधिक झुग्गियां अवैध बन गई। लेकिन प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।     Attachments area          

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  पत्र  में प्रज्ञा ने कैंसर की बीमारी का हवाला भी दिया      मालेगांव बम ब्लास्ट में क्लीन चिट मिलने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने अपने तेवर दिखाए हैं। सिंहस्थ में जाने की जिद पर अड़ीं साध्वी ने पंडित खुशीलाल आयुर्वेदिक अस्पताल में आमरण अनशन शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि सरकार ने उन्हें परमिशन नहीं दी, तो वे 21 मई को जल समाधि ले लेंगी। कैंसर से पीड़ित प्रज्ञा ने दवाइयां खाने से भी इनकार कर दिया है। प्रज्ञा ने राज्य सरकार को लिखे पत्र  में कहा कि वे कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रही हैं। हो सकता है कि अगला कुंभ न देख पाएं।इस मसले  पर बोलने से प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।  साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट मिलने के बाद से माना जा रहा है कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का सॉफ्ट कॉर्नर उनके प्रति बढ़ा है। उनके अनशन के मामले में प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर से जब पूछा गया कि सरकार क्या करेगी, तो विवादों से बचने के लिए उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया । गौरतलब है कि साध्वी लगभग सात सालों से जेल में बंद थीं, लेकिन कैंसर के इलाज के लिए कोर्ट ने उन्हें अस्पताल में रहने की परमिशन दी है। प्रज्ञा ने रविवार को लेटर लिखकर शिवराज सरकार से उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ में शामिल होने की परमिशन मांगी थी।उन्होंने यह भी लिखा था कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो वे आमरण अनशन करेंगी। प्रज्ञा ने लिखा, 'वो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं और शायद अगला कुंभ न देख पाएं। इसलिए उनकी अंतिम इच्छा है कि वे उज्जैन कुंभ में जाएं।' प्रज्ञा ने राज्य सरकार समेत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को भी लेटर की कॉपी भेजी है। लेटर के मुताबिक, प्रज्ञा ने सोमवार सुबह 9 बजे तक का समय दिया था। मांग पूरी नहीं होने के कारण वे अपने कुछ सपोर्टर्स के साथ अस्पताल परिसर में ही आमरण अनशन पर बैठ गई हैं। प्रज्ञा ने लेटर में लिखा कि मैं अन्न जल त्याग दूंगी। अगर मुझे कुछ होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी मध्य प्रदेश सरकार की होगी। उन्होंने अपनी सिक्युरिटी को लेकर भी चिंता जाहिर की है। उन्होंने लिखा कि मेरे साथ पहले एसएएफ के जवान रहते थे। उनके हटाए जाने से मेरी जान को खतरा हो सकता है। प्रज्ञा ने जेड प्लस सुरक्षा की मांग की और सवाल पूछा कि जब देवास जिला कोर्ट ने उज्जैन जाने की अनुमति दे दी है, तो फिर सिक्युरिटी का हवाला देकर सरकार कोर्ट की अवमानना क्यों कर रही है? प्रज्ञा की चिट्ठी उनके सबसे विश्वसनीय भगवान झा लेकर पहुंचे थे। जेल सुपरिंटेंडेंट ने भगवान झा को भरोसा दिया के वह मामले को सीनियर अफसरों तक पहुंचा देंगे। भगवान झा ने कहा, 'सरकार के पास पुलिस की कोई कमी नहीं है। इसलिए साध्वी की सिंहस्थ यात्रा सुनिश्चित करा दी जाए, नहीं तो गंभीर परिणाम होंगे।'     Attachments area          

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  हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने किया 2.16 करोड़ की सड़क निर्माण का भूमि पूजन ।कोलार मुख्य मार्ग के समानांतर इस मार्ग से 2 लाख नागरिक होंगे सीधे लाभान्वित ।कोलार वासियो को विभिन्न मार्गो के माध्यम से नये भोपाल , होशंगाबाद रोड , जाने में होगी सहूलियत ।कोलार में बढ़ते ट्रैफिक पर नियंत्रण में हुज़ूर विधायक की कारगर पहल सफल ।हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा के अथक प्रयासों से कोलारवासियो को ट्रैफिक जाम से आये दिन होने वाली दिक्कतों से निज़ात मिलने जा रही है । बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान (कोलार मुख्य मार्ग) तक  बायपास रोड का निर्माण कराया जा रहा है । आज हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने रानी अवंतीबाई मार्ग से मंदाकनी मैदान को जोड़ने वाली सड़क निर्माण कार्य का भूमि पूजन भूमिका रेसीडेंसी पर किया । 2 करोड़ 16 लाख की लागत से बनने वाली 4200 मीटर इस सड़क की चौड़ाई 7.5 मीटर रहेगी, इस सड़क का निर्माण राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा किया जायेगा । श्री शर्मा ने बताया की कोलार मुख्य मार्ग पर आये दिन लगने वाले ट्रैफिक जाम से छुटकारा पाने के लिये इस बाय पास रोड का निर्माण कराया जा रहा है , उन्होंने बताया की बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग का निर्माण पूर्व में कराया जा चूका है । यह रोड  लोक निर्माण विभाग द्वारा बनायीं गयी है  गौरतलब है की उक्त सड़क का भूमि पूजन विधायक शर्मा द्वारा विधायक बनने के तत्काल बाद किया गया था । बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग तक इस सड़क की दूरी कुल 2 किलोमीटर है ।बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान पर कोलार मुख्य मार्ग पर जोड़ने वाले इस बायपास की कुल दूरी 6 किलोमीटर है । श्री शर्मा ने बताया की बहुत जल्द ही जे के अस्पताल के सामने इस मार्ग के जंक्शन पर एक पुल का निर्माण भी कराया जायेगा जो की सीधा शाहपुरा, भरत नगर , हबीबगंज , चुनाभट्टी , अथवा नये भोपाल को जोड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण के पश्च्यात कोलार के किसी भी नागरिक को ट्रैफिक जाम या आपातकालीन स्थिति में परेशान नहीं होना पड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग से कोलार सहित आसपास के लगभग 2 लाख नागरिक इससे सीधे लाभान्वित होंगे ।  श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण से पूर्व  उनके द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियो अधिकारियो एवं स्थानीय नागरिको के साथ दौरा किया गया । फलस्वरूप कोलार को ट्रैफिक से निजात दिलाने के लिये इस बायपास के निर्माण का निर्णय लिया गया । श्री शर्मा ने बताया की घनी आबादी वाले कोलार में नागरिको की सुविधा के मद्देनज़र इस मार्ग का  अलग अलग भागो में निर्माण कराया गया है , जिससे नागरिको को इसका लाभ पहुँच सके !  श्री शर्मा ने स्थानीय नागरिको को संबोधित करते हुए कहा की कोलार के समग्र विकास में निरंतर आपके द्वारा मिल रहे इसी प्रकार के सहयोग की आवश्यकता है आप सब के सहयोग से हम ग्रीन कोलार क्लीन कोलार का निर्माण करेंगे । कार्यक्रम के दौरान श्री शर्मा का स्थानीय नागरिको द्वारा बड़ी फूलो की माला पहनाकर सड़क निर्माण के लिए अभिन्दन किया गया !  मार्ग से लाभान्वित क्षेत्र  एक नज़र में -: बैरागढ़ चीचली , दौलतपुर ,धोली खदान, प्रियंका नगर ,हिनोतिया गांव ,मानसरोवर डेंटल कॉलेज, सुहागपुर ,पिपलिया, गुराडी , सेमरी ,अमरावत कलां ,सोहागपुर ,बांसखेड़ी झुग्गी बस्ती ,सन खेड़ी झुग्गी बस्ती, आकाश नगर , गिरधर परिसर ,सैफरॉन सिटी ,कृष्णा होम्स ,गिरधर गार्डन ,शिवालय परिसर ,सर्वजन सोसाइटी ,डी के 5 ,जे के अस्पताल , सागर प्रीमियम टॉवर, भूमिका रेसीडेंसी ,वेस्टर्न कौर्ट एवं मंदाकनी सोसायटी आदि इस मार्ग पर अन्य रहवासियो  को इस बाय पास का  सीधा लाभ पहुंचेगा ।होशंगाबाद रोड से जुड़ेगा यह मार्ग यह मार्ग चार बत्ती चौराहे से कालीबाड़ी पुल से होते हुए बाबड़िया रेल्वे फाटक से होशंगाबाद रोड से सीधा जुड़ेगा ।दानिश कुंज से कलियासोत नदी पर सलैया पुल के माध्यम से मिसरोद (होशंगाबाद रोड) से सीधा जुड़ेगा ।कार्यक्रम में विशेष रूप से स्थानीय पार्षद एवं एम आई सी सदस्य भूपेंद्र माली ,पार्षद पवन बोराना, मंडल उपाध्यक्ष श्याम मीना, बी एस वाजपेयी , महेश तिवारी , इक़बाल खान , अमित शुक्ल, दीपक माथुर , अरुण तिवारी , डी ले पालीवाल , एस एस सेंगर ,शोभा सिकरवार , श्रीमती गीता मिश्रा,गणेश तिवारी,राजेश सेंगर , राज शर्मा , प्रदीप पाटीदार ,आकाश श्रीवास्तव,सहित बड़ी संख्या में माताये बहने कॉलोनी वासी उपस्थित रहे ।  

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कोलार के वार्ड 82 में आने वाले दानिशकुंज कॉलोनी में नगर निगम द्वारा काम नहीं कराने के बाद भी पार्षद द्वारा निर्माण को लेकर बोर्ड लगाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। गलत जानकारी को लेकर आज दोपहर कांग्रेस पार्षदों, स्थानीय नेताओं और रहवासियों का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम आयुक्त छवि भारद्वाज से मिला। इन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पार्षद जानबूझकर श्रेय की राजनीति कर रहे हैं। जबकि, जनता गर्मी में पानी के लिए हाहाकार मचा रही है, फिर भी उन्हें पानी नहीं दिया जा रहा है। पार्षदों ने यह की मांग : कांग्रेस पार्षद संतोष जितेंद्र कंसाना, मोनू सक्सेना, मनजीत मारण, अमित शर्मा, राहुल सिंह राठौर, अखिलेश जैन सहित रहवासियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयुक्त भारद्वाज से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। इसके अनुसार तत्काल गलत जानकारी देने वाले भाजपा पार्षद भूपेंद्र माली के बोर्ड को नगर निगम प्रशासन हटाए। साथ ही इस मामले में जांच कराएं कि कहीं दानिशकुंज में कराए गए डामर के भुगतान की फर्जी फाइल तो निगम के कार्यालय नहीं पहुंच गई। यदि प्रशासन बोर्ड नहीं लगाएगी, तो कांग्रेसी भी हर वार्ड में ऐसे बोर्ड लगाएगी। दानिशकुंज कॉलोनी में करीब एक करोड़ राशि से डामर कराया गया है। इस पर स्थानीय पार्षद ने खुद डामर कराने के बोर्ड पूरी कॉलोनी में लगा दिए। वहीं, दानिशकुंज सोसायटी ने भी एक विज्ञापन जारी करके कहा कि वह निर्माण उसने कराया है। कुछ लोगों के यहां निर्माण नहीं कराया गया है, वो लोग जल्द ही बकाया राशि जमा कर दें, ताकि बचे हुए स्थानों पर भी डामरीकरण कराया जा सके।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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पटना । बिहार विधानसभा चुनाव-2025 के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। पहली सूची में 71 उम्मीदवार के नाम शामिल है।   पटना में आयोजित पत्रकार वार्ता में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने उम्मीदवारों के नामों का औपचारिक ऐलान किया। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के अहम घटक दल के रूप में भाजपा इस बार जनता दल (यूनाइटेड) और अन्य सहयोगी दलों के साथ मिलकर चुनाव मैदान में उतरेगी। राजग में हुए सीटों के बंटवारे के तहत भाजपा इस बार 101 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।   भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सीट और उम्मीदवारों की सूची   भाजपा ने बेतिया से रेणु देवी, रक्सौल से प्रमोद कुमार सिन्हा, पिपरा से श्यामबाबू प्रसाद यादव, मधुबन से राणा रणधीर सिंह, मोतिहारी से प्रमोद कुमार, ढाका से पवन जायसवाल, रीगा से बैद्यनाथ प्रसाद, बथनाहा से अनिल कुमार राम, परिहार से गायत्री देवी, सीतामढ़ी से सुनील कुमार पिंटू, बेनीपट्टी से विनोद नारायण झा, खजौली से अरुण शंकर प्रसाद, बिस्फी से हरिभूषण ठाकुर बचौल को टिकट दिया गया है।   भाजपा की ओर से राजनगर से सुजीत पासवान, झंझारपुर से नीतीश मिश्रा, छातापुर से नीरज कुमार बबलू, नरपतगंज से देवंती यादव, फारबिसगंज से विद्या सागर केसरी, सिकटी से विजय कुमार मंडल, किशनगंज से स्वीटी सिंह, बनमनखी से कृष्ण कुमार ऋषि, पूर्णिया से विजय कुमार खेमका, कटिहार से तारकिशोर प्रसाद, प्राणपुर से निशा सिंह, कोढ़ा से कविता देवी, सहरसा से आलोक रंजन झा, गौरा-बौराम से सुजीत कुमार सिंह और दरभंगा से संजय सरावगी को टिकट मिला है।   इसी तरह से केवटी से मुरारी मोहन झा, जाले से जिवेश कुमार मिश्रा, औराई से रमा निषाद, कुढ़नी से केदार प्रसाद गुप्ता, बरुराज से अरुण कुमार सिंह, साहेबगंज से राजू कुमार सिंह, बैकुंडपुर से मिथिलेश तिवारी, सिवान से मंगल पांडेय, दरौंदा से कर्णजीत सिंह, गोरेयाकोठी से देवेश कांत सिंह, तरैया से जनक सिंह, अमनौर से कृष्ण कुमार मंटू, हाजीपुर से अवधेश सिंह, लालगंज से संजय कुमार सिंह, पातेपुर से लखेंद्र कुमार रौशन, मेहिउद्दीननगर से राजेश कुमार सिंह, मछवारा से सुरेंद्र मेहता, तेघरा से रजनीश कुमार और बेगूसराय से कुंदन कुमार ,भागलपुर से रोहित पांडेय, बांका से राम नारायण मंडल,कटोरिया से पूरण लाल टुड्डू, तारापुर से सम्राट चौधरी, मुंगेर से कुमार प्रणय और लखीसराय से विजय कुमार सिन्हा को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है।   भाजपा ने दक्षिण बिहार के बिहारशरीफ से सुनील कुमार, दीघा से संजीव चौरसिया, बांकीपुर से नितिन नबीन, कुम्हरार से संजय गुप्ता, पटना साहिब से रत्नेश कुशवाहा, दानापुर से रामकृपाल यादव, बिक्रम से सिद्धार्थ सौरव, बड़हरा से राघवेंद्र प्रताप सिंह, आरा से संजय सिंह टाइगर, तरारी से विशाल प्रशांत, अरवल से मनोज शर्मा, औरंगाबाद से त्रिविक्रम नारायण सिंह, गुरुआ से उपेंद्र दांगी, गया शहर से प्रेम कुमार, वजीरगंज से बीरेंद्र सिंह, हिसुआ से अनिल सिंहए वारिसलीगंज से अरुणा देवी और जमुई से श्रेयसी सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है।   टिकट नहीं मिलने के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता और बिहार विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने कहा कि "मैं भारतीय जनता पार्टी के निर्णय के साथ हूं। भारतीय जनता पार्टी ने मुझे बहुत कुछ दिया है। मुझे पार्टी से कोई शिकायत नहीं है। नई पीढ़ी का स्वागत है। अभिनंदन है।"   उन्होंने कहा, "कि पटना साहिब विधानसभा के लोगों ने मुझे लगातार सात बार विजयी बनाया है। उन्होंने भाजपा उम्मीदवार के रूप में जो स्नेह और प्यार मुझे दिया उसे मैं कभी भूल नहीं पाऊंगा। सबका आभार।"

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नई दिल्‍ली । महंगाई के मोर्चे पर आम आदमी को बड़ी राहत मिली है। खुदरा महंगाई के बाद थोक महंगाई दर में गिरावट आई है। खाने-पीने की चीजों के दाम घटने से सितंबर महीने में थोक महंगाई दर घटकर 0.13 फीसदी पर आ गई। इससे पहले अगस्त में यह 0.52 फीसदी रही थी। पिछले वर्ष सितंबर में यह 1.91 फीसदी थी। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने मंगलवार को जारी आंकड़ों में बताया कि सितंबर महीने में खाद्य और ईंधन की कीमतों में भारी गिरावट से थोक मूल्य सूचकांक (डब्‍ल्‍यूपीआई) पर आधारित थोक महंगाई दर घटकर 0.13 फीसदी रह गई, जो अगस्त में 0.52 फीसदी थी। इससे पहले जुलाई और जून महीने में ये क्रमशः -0.58 फीसदी और -0.19 फीसदी रही थी। आंकड़ों के मुताबिक खाद्य वस्तुओं की कीमतें सितंबर में 5.22 फीसदी कम हुईं, जबकि अगस्त में यह 3.06 फीसदी था। सब्जियों की कीमत सितंबर महीने में 24.41 फीसदी घटीं है, जबकि अगस्त में यह 14.18 फीसदी कम हुई थीं। विनिर्मित उत्पादों के मामले में महंगाई अगस्त के 2.55 फीसदी के मुकाबले घटकर 2.33 फीसदी रह गई। मंत्रालय के मुताबिक सितंबर, 2025 में मुद्रास्फीति यानी महंगाई की सकारात्मक दर मुख्य रूप से खाद्य उत्पादों, अन्य विनिर्माण, गैर-खाद्य वस्तुओं, अन्य परिवहन उपकरणों और वस्त्रों आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण है। इसके अलावा ईंधन और बिजली की कीमतें सितंबर में 2.58 फीसदी कम हुईं, जबकि अगस्त महीने में इनमें 3.17 फीसदी की गिरावट आई थी।   उल्‍लेखनीय है कि सितंबर महीने में खुदरा महंगाई दर घटकर 8 साल के निचले स्तर 1.5 फीसदी पर आ गई है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) खुदरा महंगाई दर पर नजर रखता है। केंद्रीय बैंक ने अक्‍टूबर महीने की शुरुआत में नीतिगत दरों को 5.5 फीसदी पर अपरिवर्तित रखा था।

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नई दिल्ली । कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार के परिवार से मिलने के बाद उनकी आत्महत्या के मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी न होने पर नाराजगी जताते हुए सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की। राहुल गांधी ने एक्स पोस्ट में कहा कि वाई पूरन कुमार की आत्महत्या समाज और सिस्टम की अंतरात्मा को झकझोर देने वाली त्रासदी है। उनकी पत्नी एक सप्ताह से पति का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार करने की प्रतीक्षा में हैं और पूरा दलित समाज इस पीड़ा को महसूस कर रहा है। सरकार तुरंत दोषियों के खिलाफ कदम उठाए।कांग्रेस महासचिव और वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक्स पर कहा कि वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार ने जातिगत उत्पीड़न के चलते आत्महत्या की और परिवार न्याय के लिए भटक रहा है। यह प्रकरण दिखाता है कि इस सरकार में उच्च पदों पर पहुंचे दलितों को भी सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित नहीं है और ऐसी घटनाएं देश के लिए कलंक हैं।उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी ने मंगलवार को चंडीगढ़ में वाई पूरन कुमार की पत्नी अमनीत पी कुमार और उनकी बेटियों से मुलाकात की। उनके साथ हरियाणा के नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कांग्रेस के राव नरेंद्र सिंह, सांसद कुमारी सैलजा, वरूण चौधरी, दीपेंद्र सिंह हुड्डा एवं अन्य नेता भी मौजूद थे। मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने मीडिया से कहा कि यह सिर्फ एक परिवार का मामला नहीं है, बल्कि पूरे दलित समाज के लिए गलत संदेश जा रहा है कि वे चाहे योग्य एवं सफल हों, फिर भी दबाए जा सकते हैं।

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नई दिल्ली । दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने रेलवे टेंडर घोटाला मामले के आरोपितों लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप तय कर दिया है। स्पेशल जज विशाल गोगने ने आरोप तय करने का आदेश दिया। सुनवाई के दौरान साेमवार काे लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट के पूछे जाने पर तीनों ने कहा कि वो निर्दोष हैं और ट्रायल का सामना करेंगे। उसके बाद कोर्ट ने तीनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 428, 120बी और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 13(2) के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया। कोर्ट ने 29 मई को आरोपितों के खिलाफ आरोप तय करने के मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान लालू यादव की ओर से पेश वकील मनिंदर सिंह ने कहा था कि अभियोजन चलाने के लिए कोई साक्ष्य नहीं है, ऐसे में अनुमति की वैधता सवालों के घेरे में है। उन्होंने कहा था कि पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कहा कि लालू यादव के खिलाफ अभियोजन चलाने के लिए अनुमति की कोई जरुरत नहीं है। उसके बाद सीबीआई ने कहा कि उन्हें अभियोजन चलाने के लिए अनुमति मिल गई है। ये कानून सम्मत नहीं है।सीबीआई ने 28 फरवरी को कहा था कि आरोपितों के खिलाफ अभियोजन चलाने के लिए पुख्ता सबूत हैं। 28 जनवरी, 2019 को कोर्ट ने ईडी की ओर से दर्ज केस में लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को एक-एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर नियमित जमानत दी थी। इससे पहले 9 जनवरी, 2019 को कोर्ट ने सीबीआई की ओर से दर्ज केस में लालू यादव को नियमित जमानत दी थी।कोर्ट ने 17 सितंबर, 2018 को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से दायर चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। इस मामले में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी समेत 16 लोगों को आरोपित बनाया गया है। ईडी ने जिन्हें आरोपित बनाया है उनमें लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, मेसर्स लारा प्रोजेक्ट एलएलपी, सरला गुप्ता, प्रेमचंद गुप्ता, गौरव गुप्ता, नाथ मल ककरानिया, राहुल यादव, विजय त्रिपाठी, देवकी नंदन तुलस्यान, मेसर्स सुजाता होटल, विनय कोचर, विजय कोचर, राजीव कुमार रेलान और मेसर्स अभिषेक फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।लालू यादव पर आरोप है कि उन्होंने रेलमंत्री रहते हुए रेलवे के दो होटलों को आईआरसीटीसी को ट्रांसफर किया और होटलों की देखभाल के लिए टेंडर जारी किये थे। रांची और पुरी के दो होटलों का आवंटन कोचर बंधु की कंपनी सुजाता होटल को ट्रांसफर कर दिया था।

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स्टॉकहोम । महंगाई के मोर्चे पर आम आदमी को राहत देने वाली खबर है। सितंबर महीने में खुदरा महंगाई दर घटकर आठ साल के निचले स्तर 1.54 फीसदी पर आ गई है, जो पिछले महीने अगस्‍त में 2.07 फीसदी थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने सोमवार को जारी आंकड़ों में बताया कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा महंगाई दर में यह गिरावट मुख्य रूप से सब्जियों और दालों सहित खाद्य पदार्थों की कीमतों में नरमी के कारण है। सितंबर, 2024 में खुदरा महंगाई दर 5.49 फीसदी थी। एनएसओ के मुताबिक सब्जियों और दालों के सस्ते होने से खुदरा महंगाई दर में दर्ज हुई है। सितंबर महीने के दौरान सालाना आधार पर खाद्य महंगाई -2.28 फीसदी रही है, जबकि अगस्त में यह -0.64 फीसदी और पिछले वर्ष सितंबर में यह 9.24 फीसदी रही थी। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया आरबीआई ने अक्टूबर की द्विमासिक मौद्रिक नीति में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अपने खुदरा महंगाई दर यानी मुद्रास्फीति अनुमान को अगस्त में अनुमानित 3.1 फीसदी से घटाकर 2.6 फीसदी कर दिया था।

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जयपुर । केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि 21वीं सदी का सबसे बड़ा सुधार (रिफॉर्म) देश के तीन नए आपराधिक न्याय कानूनों का क्रियान्वयन है। इनके पूर्ण रूप से लागू होने के बाद भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली दुनिया की सबसे आधुनिक प्रणाली बन जाएगी। शाह ने विश्वास जताया कि इन कानूनों के जरिये लंबित मामलों में तेजी आएगी और न्याय अब वर्षों नहीं, समयबद्ध रूप से मिलेगा। उन्होंने कहा कि 2027 से नई आपराधिक संहिताओं के तहत किसी भी एफआईआर के तीन वर्ष के भीतर सुप्रीम कोर्ट तक न्याय सुनिश्चित करने का लक्ष्य है। शाह सोमवार को सीतापुरा स्थित जयपुर एग्जीबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर (जेईसीसी) में आयोजित नवीन आपराधिक कानूनों पर राज्य स्तरीय प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 के अंतर्गत प्राप्त निवेश प्रस्तावों में से 4 लाख करोड़ रुपये के एमओयू की ग्राउंड ब्रेकिंग तथा लगभग 9,315 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इसके साथ ही शाह ने विद्यार्थियों को यूनिफॉर्म के लिए 260 करोड़ रुपये और दुग्ध उत्पादकों को दूध सब्सिडी के 364 करोड़ रुपये की राशि का हस्तांतरण भी किया। उन्होंने 150 यूनिट मुफ्त बिजली योजना के तहत पंजीकरण की शुरुआत की और महिला सुरक्षा व एफएसएल (फारेंसिक साइंस लेबोरेटरी) से जुड़े वाहनों का फ्लैग ऑफ भी किया। अमित शाह ने कहा कि नए कानून लागू होने के बाद केवल एक वर्ष में ही देशभर में 50 प्रतिशत से अधिक मामलों में चार्जशीट समय पर दाखिल होने लगी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले वर्ष में यह अनुपात 90 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा। उन्होंने बताया कि लाखों पुलिसकर्मियों, न्यायिक अधिकारियों, जेल कर्मचारियों और एफएसएल स्टाफ को प्रशिक्षण दिया गया है। अब आरोपी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ही अदालत में पेश होंगे। इससे समय और धन दोनों की बचत होगी तथा पुलिस कस्टडी से फरार होने की घटनाओं पर लगभग पूरी तरह रोक लगेगी। शाह ने कहा कि नई वैज्ञानिक जांच प्रणाली के लिए विशेषज्ञ तैयार करने के लिए 2020 में नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी की स्थापना की गई है, इसका विस्तार देशभर हो रहा है। नई संहिताओं में आतंकवाद, मॉब लिंचिंग, संगठित अपराध और डिजिटल अपराध की स्पष्ट परिभाषा दी गई है। उन्होंने बताया कि अब कानून में 29 स्थानों पर समय-सीमा तय की गई है-जैसे 90 दिन में पीड़ित को अपडेट देना और 60-90 दिन में चार्जशीट दाखिल करना अनिवार्य है। अनुपस्थिति में भी ट्रायल चलाकर सजा देने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि पहले राजस्थान में अपराधियों को सजा होने की दर 42 प्रतिशत थी, जो अब बढ़कर 60 प्रतिशत हो गई है। पूर्ण रूप से लागू होने पर यह दर 90 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है।केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि नए कानून दंड नहीं, बल्कि न्याय की भावना से प्रेरित होकर बनाए गए हैं। उन्होंने अपील की कि वे प्रदर्शनी का अवलोकन अवश्य करें ताकि नई न्याय प्रणाली को बेहतर ढंग से समझ सकें। इसी के माध्यम से आप जान पाएंगे कि 160 साल पुराने कानूनों को समाप्त करके नरेंद्र मोदी, जो नए तीन कानून लाए हैं। शाह ने इस अवसर पर कहा कि भाजपा सरकार वादों को धरातल पर उतारने में विश्वास रखती है। उन्होंने बताया कि पूर्व कांग्रेस सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा गया था कि 35 लाख करोड़ रुपये के एमओयू में कितने वास्तविक होंगे, लेकिन भजनलाल शर्मा सरकार ने अब तक 7 लाख करोड़ रुपये के एमओयू को जमीन पर उतार दिया है।   शाह ने कहा कि मैं दो बातें अवश्य कहना चाहता हूं। दीपावली निकट है और इस अवसर पर हमारी माताएं-बहनें विशेष रूप से सबसे अधिक खरीदारी करती हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवरात्र के प्रथम दिन ही 395 से अधिक आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी दरों में बड़ी राहत दी है। इन वस्तुओं पर या तो जीएसटी की दर शून्य कर दी गई है, या फिर 28 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई है। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी कर राहत देश में पहले कभी नहीं दी गई। प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों की शुभ और सुलभ दीपावली सुनिश्चित करने की पूरी व्यवस्था की है। शाह ने देशवासियों से आग्रह करते हुए कहा कि दीपावली को सस्ती खरीदारी से जरूर शुभ करें, लेकिन स्वदेशी चीजों को ही खरीदें। किसानों के हित में शाह ने बताया कि मोदी सरकार ने यह निर्णय लिया है कि नाफेड और एचसीएफ के साथ पंजीकृत किसानों की तुअर, उड़द जैसी दालें 100 प्रतिशत एमएसपी पर खरीदी जाएंगी। उन्होंने कहा कि इससे देश दलहन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा।

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कोलकाता । पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में ओडिशा की मेडिकल छात्रा से हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अजीबोगरीब बयान दिया है। महिलाओं की सुरक्षा के लिए प्रशासन को चुस्त करने के बजाय उन्होंने नसीहत दी है कि दूसरे राज्यों से बंगाल आई लड़कियों को रात के समय बाहर नहीं जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं, खासकर राज्य के बाहर से आने वाली लड़कियों को रात में बाहर नहीं जाना चाहिए और हॉस्टल के नियमों का पालन करना चाहिए। विपक्षी दलों ने सवाल खड़े किए हैं।   ममता बनर्जी ने रविवार को कोलकाता हवाई अड्डे पर मीडिया से बात करते हुए कहा, यह एक चौंकाने वाली घटना है। हमारी सरकार का ऐसे अपराधों के प्रति शून्य सहिष्णुता का रुख है। तीन आरोपित गिरफ्तार किए जा चुके हैं और बाकी की तलाश जारी है। किसी को छोड़ा नहीं जाएगा।    लेकिन इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि जो छात्राएं हॉस्टल में रहती हैं, खासकर जो बंगाल के बाहर से पढ़ने आई हैं, उन्हें हॉस्टल के नियमों का पालन करना चाहिए। उन्हें देर रात बाहर नहीं निकलना चाहिए, भले ही उन्हें कहीं जाने का मौलिक अधिकार हो।    मुख्यमंत्री का यह बयान सामने आते ही कई सामाजिक संगठनों और विपक्षी दलों ने इसे ‘पीड़िता को दोष देने वाली मानसिकता’ बताया। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री को यह बताना चाहिए कि राज्य सरकार महिलाओं की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठा रही है, न कि यह समझाना चाहिए कि लड़कियों को कब और कहां जाना चाहिए।    एक महिला अधिकार कार्यकर्ता ने कहा, अगर एक लड़की रात में बाहर जाती है तो इसका मतलब यह नहीं कि उसके साथ अपराध करने का किसी को अधिकार मिल गया। मुख्यमंत्री को यह कहना चाहिए था कि राज्य की हर लड़की हर वक्त सुरक्षित है, न कि उन्हें रोकने की सलाह देना चाहिए।    विपक्षी दलों ने भी मुख्यमंत्री के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी की सरकार महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रही है। राज्य में लगातार बढ़ रहे अपराधों पर लगाम लगाने के बजाय मुख्यमंत्री पीड़िताओं को ही जिम्मेदार ठहरा रही हैं।    ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि जिस निजी मेडिकल कॉलेज में छात्रा पढ़ती थी, उसकी भी जिम्मेदारी बनती है कि वह कैंपस और आसपास के इलाकों में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा कि “निजी कॉलेजों को अपने छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए।    दुर्गापुर की यह घटना शुक्रवार रात की है, जब ओडिशा के बालेश्वर जिले की जलेश्वर निवासी एक मेडिकल छात्रा अपने दोस्त के साथ भाेजन करने के लिए कॉलेज से बाहर गई थी। इसी दौरान कुछ लोगों ने उसे अगवा कर दुष्कर्म किया।

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नई दिल्ली । अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने दो दिनों के भीतर रविवार को दोबारा प्रेस कॉन्फ्रेंस की।आज की प्रेस वार्ता में उन्होंने शुक्रवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को आमंत्रित न किए जाने के उठे विवाद पर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय किसी जानबूझकर किए गए बहिष्कार के चलते नहीं था, बल्कि जल्दबाजी में दी गई सूचना और सीमित प्रतिभागियों की सूची के कारण ऐसा हुआ।   मुत्ताकी ने आज दिल्ली में एक बार फिर अफगान दूतावास में पत्रकार वार्ता की, जिसमें महिला पत्रकार भी मौजूद रही। उनके अनुसार यह तकनीकी मामला था और आयोजकों ने केवल कुछ चुने हुए पत्रकारों को आमंत्रित किया था। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इसमें किसी प्रकार का भेदभाव शामिल नहीं था।   एक अन्य प्रश्न के उत्तर में महिलाओं के अधिकारों पर मुत्ताकी ने कहा कि तालिबान सरकार ने महिलाओं की शिक्षा को धार्मिक रूप से ‘हराम’ नहीं घोषित किया है। उन्होंने बताया कि अफगानिस्तान में वर्तमान में एक करोड़ छात्र शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, जिनमें लगभग 28 लाख लड़कियां शामिल हैं। मुत्ताकी ने कहा कि उनकी सरकार का संबंध विश्वभर के उलेमा और मदरसों से है, जिनमें भारत का देवबंद भी शामिल है।   उल्लेखनीय है कि अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी की यहां आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों के प्रवेश पर रोक लगाए जाने को लेकर कांग्रेस नेताओं ने महिलाओं को देश का गौरव बताते हुए केंद्र सरकार से जवाब मांगा था।   प्रियंका गांधी ने एक्स पोस्ट में लिखा था कि केंद्र सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि तालिबान के प्रतिनिधि की भारत यात्रा के दौरान आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस से महिला पत्रकारों को क्यों हटाया गया?   राहुल गांधी ने प्रियंका गांधी की पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए लिखा था कि जब महिला पत्रकारों को सार्वजनिक मंचों से बाहर रखा जाता है, तो सरकार भारत की हर महिला को यह संदेश देती है कि वह उनके अधिकारों की रक्षा करने में कमजोर है।   विदेश मंत्रालय ने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा था कि अफगान मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत सरकार की कोई भूमिका नहीं थी। यह कार्यक्रम पूरी तरह से अफगान पक्ष द्वारा आयोजित किया गया था।   उल्लेखनीय है कि विदेश मंत्री मुत्ताकी 9-16 अक्टूबर तक भारत की यात्रा पर हैं। 10 अक्टूबर को उन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ मुलाकात की। इस बैठक में दोनों पक्षों ने आपसी व्यापार, मानवीय सहायता, और क्षेत्रीय सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श किया।

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नई दिल्ली । कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ‘सूचना का अधिकार अधिनियम 2005’ के 20 साल पूरे होने पर कहा कि आरटीआई ने शुरुआत में पारदर्शिता और जवाबदेही के नए युग की नींव रखी थी, लेकिन पिछले 11 वर्षों में केंद्र सरकार ने इस कानून को व्यवस्थित रूप से कमजोर कर लोकतंत्र और नागरिकों के अधिकारों को खोखला कर दिया है।   खरगे ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा कि 20 साल पहले कांग्रेस नेतृत्व वाली संप्रग सरकार ने तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के मार्गदर्शन में आरटीआई अधिनियम लागू किया था। यह अधिनियम भ्रष्टाचार, सरकारी जवाबदेही और सार्वजनिक हित की रक्षा के लिए एक मजबूत उपकरण था, लेकिन 2014 के बाद इसके मूल उद्देश्य पर लगातार हमला हुआ।   उन्होंने कहा की साल 2019 में मोदी सरकार ने अधिनियम को बदल दिया और सूचना आयुक्तों के कार्यकाल और वेतन पर नियंत्रण कर स्वतंत्र अधिकारी को नौकरशाहों जैसा बना दिया। 2023 में लागू हुए डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण कानून ने आरटीआई के सार्वजनिक हित वाले हिस्से को प्रभावित किया और भ्रष्टाचार की जांच में बाधा डाली।   केंद्रीय सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त के पद पर कोई नियुक्त नहीं है और वर्तमान में आठ पद 15 महीनों से खाली हैं, जिससे अपील प्रक्रिया धीमी हो गई है और हजारों लोग न्याय पाने से वंचित हैं।   उन्होंने दावा किया कि सरकार ने कोविड महामारी, राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2017-18, कृषि सर्वेक्षण 2016-2020 और पीएम केयर फंड के दौरान मौतों और आंकड़ों की जानकारी छुपाई, जिससे जवाबदेही से बचा जा सके।   कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि आरटीआई अधिनियम के मूल उद्देश्य को बचाना और नागरिकों को उनकी जानकारी तक पहुंच सुनिश्चित करना अब और जरूरी हो गया है।  

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नई दिल्ली । अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी की यहां आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों के प्रवेश पर रोक लगाए जाने को लेकर कांग्रेस नेताओं ने महिलाओं को देश का गौरव बताते हुए केंद्र सरकार से जवाब मांगा। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस घटना को महिलाओं का अपमान बताते हुए सरकार से जवाब मांगा, वहीं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इसे भेदभावपूर्ण बताते हुए केंद्र की चुप्पी पर सवाल उठाए।प्रियंका गांधी ने एक्स पोस्ट में लिखा कि केंद्र सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि तालिबान के प्रतिनिधि की भारत यात्रा के दौरान आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस से महिला पत्रकारों को क्यों हटाया गया? अगर महिलाओं के अधिकारों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता केवल चुनावी दिखावा नहीं है, तो फिर देश की कुछ सबसे सक्षम महिलाओं का अपमान कैसे होने दिया गया, जबकि महिलाएं ही भारत की रीढ़ और समाज का गौरव हैं।राहुल गांधी ने प्रियंका गांधी की पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए लिखा कि जब महिला पत्रकारों को सार्वजनिक मंचों से बाहर रखा जाता है, तो सरकार भारत की हर महिला को यह संदेश देती है कि वह उनके अधिकारों की रक्षा करने में कमजोर है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को हर क्षेत्र में समान भागीदारी का अधिकार है और ऐसे भेदभाव के सामने सरकार की चुप्पी नारी शक्ति पर उसके नारों की खोखलीपन को उजागर करती है।हालांकि, विदेश मंत्रालय ने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा कि अफगान मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत सरकार की कोई भूमिका नहीं थी। यह कार्यक्रम पूरी तरह से अफगान पक्ष द्वारा आयोजित किया गया था।उल्लेखनीय है कि विदेश मंत्री मुत्ताकी 9-16 अक्टूबर तक भारत की यात्रा पर हैं। 10 अक्टूबर को उन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ मुलाकात की। इस बैठक में दोनों पक्षों ने आपसी व्यापार, मानवीय सहायता, और क्षेत्रीय सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। इस दौरान शुक्रवार को मुत्ताकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को शामिल होने से रोका गया।

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वाशिंगटन । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीनी आयात पर अतिरिक्त 100 प्रतिशत टैरिफ (व्यापार शुल्क) लगाने की घोषणा की। यह पहली नवंबर से लागू होगा। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, “चीन ने हमारे खिलाफ अनुचित प्रतिबंध लगाए हैं। अब हम 100 प्रतिशत शुल्क लगाकर जवाब देंगे। यह और पहले से मौजूदा शुल्कों के भी ऊपर होगा।” वर्तमान समय में चीनी आयात पर औसतन 40 प्रतिशत शुल्क लगता है जाे अब ट्रंप के अतिरिक्त शुल्क की घाेषणा के बाद बढ़कर 140 प्रतिशत हाे जाएगा। इस बीच ट्रंप की इस घोषणा से स्टॉक मार्केट में भारी गिरावट आई और "डाउ जोन्स इंडेक्स" में 2 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई। डाउ जाेन्स इंडेक्स एक स्टाक मार्केट इंडेक्स है जाे न्यूयार्क स्टाक एक्सचेंज और नास्डैक पर सूचीबद्ध 30 बड़ी सार्वजनिक रूप से ट्रेड की जाने वाली "ब्लू चिप" कपंनियाें के प्रदर्शन काे मांपता है। ट्रंप प्रशासन के अनुसार, यह शुल्क चीन के सभी अमेरिका-बद्ध निर्यात पर लागू होगा, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनरी और महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर शामिल हैं। राष्ट्रपति ने साथ ही सभी महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर पर निर्यात नियंत्रण लगाने की बात कही। यह कदम 2018 से चल रहे अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध का हिस्सा हैं जब ट्रंप ने पहले 25 प्रतिशत शुल्क लगाए थे। ट्रंप ने यह कदम चीन द्वारा दुर्लभ मिट्टी के खनिजों (रेर अर्थ मिनरल्स) पर निर्यात प्रतिबंध लगाने की जवाबी कार्रवाई के तहत उठाया है। इस बीच विशेषज्ञों का मानना है कि इससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित होगी। चैंबर ऑफ कॉमर्स के एक अधिकारी ने कहा, “यह उपभोक्ताओं पर बोझ डालेगा क्योंकि कीमतें बढ़ेंगी।” चीन ने राष्ट्रपति ट्रंप के इस कदम की आलाेचना करते हुए कहा कि वह इसकी बाबत उचित कदम उठाएगा। चीन ने दुर्लभ मृदा खनिजाें पर प्रतिबंध को आत्मरक्षा बताया, जो इलेक्ट्रिक वाहनों और रक्षा उद्योग के लिए आवश्यक हैं। ट्रंप का यह कदम 2024 में उनके चुनाव अभियान की रणनीति से जाेड़कर देखा जा रहा है। उस दाैरान उन्होंने चीन पर कड़ा रुख अपनाया था। सूत्राें के अनुसार प्रश्न यह है कि क्या यह शुल्क स्थायी होगा या इस बाबत वार्ता का रास्ता खुलेगा। अर्थशास्त्री वॉरेन बफेट ने चेतावनी दी है कि इससे वैश्विक मंदी का खतरा बढ़ सकता है। इस बीच, यूरोपीय संघ और भारत जैसे देश सतर्क हैं। भारत ने कहा है कि वह अमेरिका के साथ समन्वय करेगा। ट्रंप की इस नवीन घोषणा के बाद सोने की कीमतें बढ़ गई है जबकि चीनी युआन कमजोर पड़ा है।

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के किसानों से गेहूं और चावल के अलावा दालों पर ध्यान केंद्रित करते हुए फसलों में विविधता लाने का आग्रह किया ताकि प्रोटीन सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और भारत इस क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बन सके।प्रधानमंत्री ने शनिवार को यहां भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई), पूसा में कृषि क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक घोषणाएं करते हुए 35,440 करोड़ रुपये की दो प्रमुख योजनाओं प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना और दलहन में आत्मनिर्भरता मिशन का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि घरेलू उत्पादन बढ़ाकर आयात निर्भरता कम करने के लिए दलहन मिशन जरूरी है। उन्होंने किसानों से गेहूं और चावल के साथ दाल उत्पादन पर विशेष ध्यान देने और फसलों में विविधता लाने का आह्वान किया ताकि देश में प्रोटीन सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।प्रधानमंत्री ने कहा कि आज से दलहन आत्मनिर्भरता मिशन शुरू हो रहा है। यह केवल दाल उत्पादन बढ़ाने का मिशन नहीं, बल्कि हमारी भावी पीढ़ियों को सशक्त बनाने का अभियान है। उन्होंने कहा कि भारत जैसे कृषि प्रधान देश को अब गेहूं और चावल से आगे बढ़कर प्रोटीन आधारित फसलों की दिशा में सोचना होगा। प्रधानमंत्री ने बताया कि इस मिशन के तहत तूर, उड़द और मसूर दाल की पैदावार बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा और दाल की उचित खरीद की व्यवस्था की जाएगी, जिससे करीब दो करोड़ दाल किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।प्रधानमंत्री ने कहा कि 11 हजार करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाला यह मिशन दलहन क्षेत्र में नई क्रांति लाएगा। सरकार का लक्ष्य है कि दाल की खेती के क्षेत्र में 35 लाख हेक्टेयर की वृद्धि की जाए, जिससे देश को दालों के आयात पर निर्भर नहीं रहना पड़े। भारत दुनिया का सबसे बड़ा खाद्यान उत्पादक देशों में से एक है, लेकिन दालों के मामले में हमें आत्मनिर्भर होना ही पड़ेगा। गेहूं और चावल से पेट तो भरता है, पर शरीर को सही पोषण के लिए पर्याप्त प्रोटीन की जरूरत होती है। दाल भारतीयों के लिए प्रोटीन का सबसे बड़ा स्रोत है और इसे आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में यह मिशन निर्णायक साबित होगा।प्रधानमंत्री ने साथ ही प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना का भी शुभारंभ किया, जिसके तहत 24 हजार करोड़ रुपये का परिव्यय निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि यह योजना आकांक्षी ज़िलों के मॉडल से प्रेरित है। इसके तहत देश के 100 पिछड़े कृषि जिलों के विकास पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इन जिलों के चयन के लिए तीन प्रमुख मापदंड तय किए गए हैं — खेतों की उत्पादकता, खेती के चक्र की संख्या और किसानों को ऋण या निवेश की उपलब्धता।उन्होंने कहा कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य कृषि क्षेत्र में सरकारी योजनाओं का एकीकृत और समन्वित क्रियान्वयन है। इस योजना में 36 सरकारी योजनाओं को एक साथ जोड़ा गया है, ताकि किसानों तक हर स्तर पर सुविधा पहुंचे। योजना का डिजाइन इस प्रकार तैयार किया गया है कि इसे हर जिले की स्थानीय परिस्थितियों, मिट्टी और जलवायु के अनुरूप अनुकूलित किया जा सके। प्रधानमंत्री ने जिला अधिकारियों और किसानों से आग्रह किया कि वे स्थानीय स्तर पर ऐसी कार्य योजनाएं बनाएं जो वास्तव में क्षेत्र की आवश्यकताओं को पूरा करें।कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों में 5,450 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की परियोजनाओं का उद्घाटन और राष्ट्र को समर्पण किया, साथ ही 815 करोड़ रुपये की अतिरिक्त परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी।प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि यह ऐतिहासिक दिन मां भारती के दो महान सपूतों — भारत रत्न जयप्रकाश नारायण और भारत रत्न नानाजी देशमुख — की जयंती का भी प्रतीक है। उन्होंने कहा, “ये दोनों ही ग्रामीण भारत की आवाज थे, किसानों और गरीबों के कल्याण के प्रति समर्पित थे। ऐसे ऐतिहासिक दिन पर किसानों की आत्मनिर्भरता के लिए दो नई योजनाओं का शुभारंभ देश की कृषि क्रांति का नया अध्याय है।”प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने खेती-किसानी को अपने हाल पर छोड़ दिया था, जिससे कृषि व्यवस्था कमजोर होती चली गई। वर्ष 2014 के बाद हमने खेती के प्रति सरकार की सोच को पूरी तरह बदला। किसान के हित में बीज से लेकर बाजार तक सुधार किए गए हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 11 वर्षों में भारत का कृषि निर्यात लगभग दोगुना, अनाज उत्पादन 900 लाख मीट्रिक टन बढ़ा, फल और सब्जियों का उत्पादन 640 लाख मीट्रिक टन से अधिक बढ़ा है।उन्होंने कहा कि आज भारत दूध उत्पादन में दुनिया में नंबर एक और मछली उत्पादन में दूसरा सबसे बड़ा देश बन चुका है। शहद और अंडे का उत्पादन भी 2014 की तुलना में दोगुना हुआ है। प्रधानमंत्री ने बताया कि इन वर्षों में देश में छह बड़े उर्वरक कारखाने बनाए गए, 25 करोड़ से अधिक किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिए गए, और सूक्ष्म सिंचाई की सुविधा 100 लाख हेक्टेयर तक पहुंचाई गई है। पीएम फसल बीमा योजना के तहत किसानों को लगभग दो लाख करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया है।प्रधानमंत्री ने बताया कि 10 हजार से अधिक किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) बनाए गए हैं, जिससे किसानों को एकजुट होकर बाजार तक पहुंचने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि “हमारे गांवों की महिलाएं आज नमो ड्रोन दीदियों के रूप में खाद और कीटनाशक छिड़काव जैसे आधुनिक कृषि तरीकों का नेतृत्व कर रही हैं। जीएसटी में हुए हालिया सुधारों से भी सबसे ज्यादा लाभ गांवों, किसानों और पशुपालकों को हुआ है।प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्षी कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 2014 से पहले कांग्रेस सरकार ने दस वर्षों में मात्र 5 करोड़ रुपये की उर्वरक सब्सिडी दी थी, जबकि हमारी सरकार ने पिछले दस वर्षों में 13 लाख करोड़ रुपये से अधिक की उर्वरक सब्सिडी प्रदान की है। भाजपा-नीत एनडीए सरकार एक बार में पीएम किसान सम्मान निधि के तहत जितनी राशि किसानों के खातों में भेजती है, उतना खर्च कांग्रेस सरकार पूरे वर्ष में खेती पर नहीं करती थी। अब तक 3.75 लाख करोड़ रुपये से अधिक सीधे किसानों के खातों में जमा किए जा चुके हैं।प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए खेती में सुधार आवश्यक है। प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन, दोनों ही योजनाएं न केवल किसानों की आय बढ़ाएंगी बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई ताकत देंगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि जब गांवों में खेती मजबूत होगी, तो गांवों की अर्थव्यवस्था, किसानों की आय और देश की आत्मनिर्भरता — तीनों में अभूतपूर्व सुधार देखने को मिलेगा।

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रायपुर । बस्‍तर में नक्‍सलियों का तो बिस्‍तर बंध गया, अब धर्म विरोध‍ियों का बिस्‍तर बांधना है। यह वक्‍तत्‍व पांच दिवसीय हनुमंत कथा के समापन अवसर पर बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बुधवार शाम को कही। उन्‍होंने आगे कहा क‍ि, बिच्छु के पास जहर होता है लेकिन महात्माओं के पास भजन और तप। वह हिन्दु- हिन्दु नहीं है जो अधर्म के खिलाफ आवाज ना उठाए, हमें अधर्म के खिलाफ जमकर आवाज बुलंद करनी चाहिए। उचारण ठीक हो या ना हो पर उच्च आचरण जरुर होना चाहिए। यदि उच्च आचरण होगा तो कितनी भी गड़बड़ हो जाए तुम हमेशा विजयी रहोगे।   कथा श्रवण करने के लिए पहुंचे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने संबोध‍ित करते हुए कहा कि, छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के साथ मजबूती से लड़ाई लड़ रहे हैं और नक्सलवाद बिल्कुल समाप्ति की ओर है। नक्सलवाद की कमर टूट गई है और नक्सलाद अंतिम सांसे ले रहा है, यह प्रभु श्रीराम, हनुमान जी के आर्शीवाद से ही संभव हो पा रहा है।प्रदेश में गौ अभ्‍यारण्‍य बनाए जाने के विषय पर मुख्‍यमंत्री ने कहा क‍ि, तहसील स्तर पर पांच-पांच हजार गोठान बनाने के संबंध में मंत्रिपरिषद में चर्चा कर जैसे महाराष्ट्र में गाय को गौमाता का दर्जा दिया गया है, उसी प्रकार हम भी छत्तीसगढ़ में जल्द ही गाय को गौमाता का दर्जा देंगे। इसके लिए जो भी प्रक्रिया है उसे पूरा कर जल्द ही इसकी घोषणा की जाएगी। पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि, मन को माधव से जोड़ो और तन को संसार से जोड़ो। अगर सही कनेक्शन होगा तभी तो लाइट जलेगी, जोड़ने वाला ही पूज्यनीय होता है तोड़ने वाला नहीं होता। पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि, हम लोग प्रेम तो करते है लेकिन रामजी से नहीं पड़ोसी-पड़ोसन से। जगत से प्रेम और परमात्मा से फोटो का प्रेम है।   उन्‍होंने कहा क‍ि, बाहर से रहो संसारी, अंदर से हो जाओ सन्यासी। सलाहकार हनुमानजी जैसा रखोगे तो तुम्हें रामजी के पास नहीं जाना पड़ेगा, वही लेकर आ जाएंगे और हनुमानजी के अंदर यही लीला है। हनुमानजी राजा भी बनाते है और राम से भी मिलवाते हैं। अग्नि में अगर जलाने की शक्ति है तो बचाने की भी शक्ति थी। पृथ्वी पर दूसरे रामजी हो सकते हैं लेकिन हनुमान जैसा दूसरा भक्त कोई नहीं हो सकता। हनुमान जी की जो भक्ति करता है वह रोगी होने के बाद भी निरोगी हो जाता है।पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि, जब नेता बिजी हो जाते है तो वह अपने पीए को भेजते है कि हम नहीं आ रहे है, आप चले जाओ, उसी प्रकार जब परमात्मा नहीं आते है तो महात्माओं को भेज देते हैं। छत्तीसगढ़ में टंका बजा रखा दक्षिण पीठाधीश्वर राजीव लोचनदास जी महाराज, वेद लक्ष्मी गौमाता की परंपराआ को पूरे विश्व में पहुंचाने वाले व वर्तमान में 7 से 16 नवंबर तक होने वाली पदयात्रा में उनकी अतिविशेष भूमिका रही है मलूखपीठाधिश्वर अभिरामदेवाचार्य महाराज की। पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने समाजसेवी बसंत अग्रवाल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि, हमें आज एक जगह पर बैठने का मौका मिला और हमें आज संत भी मिल गए और सत्संग करने का सौभाग्य भी।   पं. धीरेंद्र शास्त्री ने छत्तीसगढ़ पुलिस की साइबर ठगों के खिलाफ चलाए जा रहे जागरुकता अभियान की तारीफ। पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बड़े भाई आचार्य लोमेश गर्ग ने संबोधित करते हुए धर्म पर चलने और धर्म का आचरण करने की बात कही।   इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय,मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी कौश‍िल्या साय, राजीव लोचन महाराज, समाजसेवी बसंत अग्रवाल व उनके पूरे परिवार सहित कई मंत्रीगण व विधायक, जनप्रतिनिध‍िजन व बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिकजन मौजूद रहे।उल्‍लेखनीय है कि, समाजसेवी चंदन - बसंत अग्रवाल (थान खम्हरिया वाले) के नेतृत्व में स्व. पुरुषोत्तम अग्रवाल स्मृति फाउंडेशन के तत्वावधान में दही हांडी उत्सव स्थल,अवधपुरी मैदान, श्रीनगर रोड, गुढिय़ारी में 4 से 8 अक्टूबर तक श्री हनुमंत कथा आयोज‍ित किया गया था। समाजसेवी चंदन - बसंत अग्रवाल ने पांच दिवसीय हनुमंत कथा व दिव्य दरबार में सहयोग के लिए सभी का आभार व्यक्त किया।      

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भोपाल । मध्य प्रदेश में जहरीले कफ सिरप की वजह से बच्चों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार रात एक अन्य बच्चे की मौत हो गई। छिंदवाड़ा की उमरेठ तहसील के पचधार गांव के तीन वर्षीय मयंक सूर्यवंशी ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। वह 25 सितंबर से नागपुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती था। इसके बाद मृतक बच्चों की कुल संख्या 22 हो गई है। इनमें 19 बच्चे छिंदवाड़ा, दो बैतूल और एक पांढुर्णा जिले का था। सभी की उम्र 8 वर्ष से कम है।   वहीं, कोल्ड्रिफ कफ सिरप बनाने वाली कंपनी श्रीसन फार्मा के निदेशक गोविंदन रंगनाथन को गिरफ्तार कर लिया गया है। छिंदवाड़ा के पुलिस अधीक्षक ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि मामले में मध्य प्रदेश सरकार सरकार द्वारा बनाई गई विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने बुधवार रात चेन्नई में दबिश देकर कंपनी के डायरेक्टर रंगनाथन को पकड़ा है। एसआईटी ने कंपनी से महत्वपूर्ण दस्तावेज, दवाओं के नमूने और प्रोडक्शन रिकॉर्ड भी जब्त किए हैं। उन्होंने बताया कि श्रीसन फार्मा के निदेशक रंगनाथन को गिरफ्तारी के बाद आज चेन्नई की एक अदालत में पेश किया जाएगा और ट्रांजिट रिमांड हासिल करने के बाद छिंदवाड़ा लाया जाएगा। दरअसल, मप्र में कोल्ड्रिफ कफ सिरप के कारण किडनी संक्रमण से लगातार हो रही बच्चों की मौत के बाद मध्य प्रदेश सरकार द्वारा बनाई विशेष जांच टीम (एसआईटी) बुधवार को तमिलनाडु पहुंची थी और चेन्नई और कांचीपुरम में कंपनी के रजिस्टर्ड ऑफिस और कांचीपुरम स्थित प्लांट का दौरा कर साक्ष्य जुटाए। अधिकारियों के मुताबिक, कंपनी का मालिक तीन दिन पहले ही परिसर छोड़कर चला गया था। इसके बाद छिंदवाड़ा जोन के पुलिस उप महानिरीक्षक राकेश कुमार सिंह ने फरार दवा निर्माता कंपनी श्रीसन फार्मास्यूटिकल मैन्युफैक्चरर के संचालक रंगनाथन की गिरफ्तारी या गिरफ्तारी कराने वाले व्यक्ति को बीस हजार रुपये का नगद इनाम देने की घोषणा की थी। इधर, रंगनाथन की गिरफ्तारी के बाद पुलिस और स्वास्थ्य विभाग ने श्रीसन फार्मा के खिलाफ जांच तेज कर दी है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि सीरप के निर्माण में गुणवत्ता मानकों की अनदेखी की गई है। इसके परिणामस्वरूप यह जानलेवा उत्पाद बाजार में पहुंचा। अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में और लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है। साथ ही सीरप के वितरण नेटवर्क और उन दवा दुकानों की भी जांच की जा रही है, जिन्होंने इस उत्पाद को बेचा। लोगों से अपील की गई है कि वे कोल्ड्रिफ सिरप का इस्तेमाल तुरंत बंद करें और अपने बच्चों को तत्काल चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराएं। इस बीच कोल्ड्रिफ कफ सिरप की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। तमिलनाडु डायरेक्टर ऑफ ड्रग्स कंट्रोल की एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें कहा गया है कि यह सिरप नॉन फार्मास्यूटिकल ग्रेड केमिकल से तैयार किया गया था। जांच के दौरान कंपनी के मालिक ने मौखिक रूप से स्वीकार किया है कि उसने दो बार में प्रोपलीन ग्लायकॉल के 50 किलो के दो बैग खरीदे थे। यानी कंपनी ने 100 किलो जहरीला केमिकल खरीदा था। जांच में इसका न कोई बिल मिला है, न खरीद की एंट्री की गई। पूछताछ में जांच अधिकारियों को बताया गया कि भुगतान कभी कैश तो यूपीआई से किया था।

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नई दिल्ली । घरेलू सर्राफा बाजार में सोना और चांदी की कीमत में रिकॉर्ड तेजी का सिलसिला आज भी जारी है। ये दोनों चमकीली धातुएं आज एक बार फिर मजबूती के नए शिखर पर पहुंच गई हैं। आज के कारोबार में सोना 1,750 रुपये से लेकर 1,910 रुपये प्रति 10 ग्राम तक महंगा हुआ है। इसी तरह चांदी भी 3,000 रुपये प्रति किलोग्राम तक उछल गया है।   कीमत में उछाल आने के कारण देश के ज्यादातर सर्राफा बाजारों में 24 कैरेट सोना आज 1,23,940 रुपये से लेकर 1,24,090 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर कारोबार कर रहा है। इसी तरह 22 कैरेट सोना आज 1,13,610 रुपये से लेकर 1,13,760 रुपये प्रति 10 ग्राम के बीच बिक रहा है। वहीं, चांदी के भाव में भी तेजी आने के कारण ये चमकीली धातु दिल्ली सर्राफा बाजार में आज 1,60,100 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर बिक रही है। दिल्ली में आज 24 कैरेट सोना 1,24,090 प्रति 10 ग्राम के स्तर पर कारोबार कर रहा है, जबकि 22 कैरेट सोने की कीमत 1,13,760 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज की गई है। वहीं देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में 24 कैरेट सोना 1,23,940 रुपये प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोना 1,13,610 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बिक रहा है। इसी तरह अहमदाबाद में 24 कैरेट सोने की रिटेल कीमत 1,23,990 रुपये प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोने की कीमत 1,13,660 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज की गई है।   इन प्रमुख शहरों के अलावा चेन्नई में 24 कैरेट सोना आज 1,23,940 रुपये प्रति 10 ग्राम की कीमत पर और 22 कैरेट सोना 1,13,610 रुपये प्रति 10 ग्राम की कीमत पर बिक रहा है। कोलकाता में भी 24 कैरेट सोना 1,23,940 रुपये प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोना 1,13,610 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर कारोबार कर रहा है। लखनऊ के सर्राफा बाजार में 24 कैरेट सोना आज 1,24,090 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर और 22 कैरेट सोना 1,13,760 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बिक रहा है। पटना में 24 कैरेट सोने की कीमत 1,23,990 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर है, जबकि 22 कैरेट सोना 1,13,660 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बिक रहा है। जयपुर में 24 कैरेट सोना 1,24,090 रुपये प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोना 1,13,760 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बिक रहा है। देश के अन्य राज्यों की तरह कर्नाटक, तेलंगाना और ओडिशा के सर्राफा बाजार में भी आज सोना महंगा हुआ है। इन तीनों राज्यों की राजधानियों बेंगलुरु, हैदराबाद और भुवनेश्वर में 24 कैरेट सोना 1,23,940 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर कारोबार कर रहा है। इसी तरह इन तीनों शहरों के सर्राफा बाजारों में 22 कैरेट सोना 1,13,610 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बिक रहा है।

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कोलकाता । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार रात प्रधानमंत्री मोदी के उस बयान की तीखी आलोचना की है, जिसमें उन्होंने जलपाईगुड़ी जिले के नागराकाटा में भाजपा सांसद खगेन मुर्मू और विधायक शंकर घोष पर हुए हमले के लिए राज्य सरकार और तृणमूल कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया था।    ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर सोमवार आधी रात के बाद साझा किए गए अपने बयान में कहा कि प्रधानमंत्री ने बिना किसी जांच या तथ्यों की प्रतीक्षा किए उत्तर बंगाल की प्राकृतिक आपदा को राजनीति से जोड़ दिया। उन्होंने लिखा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण और गहरी चिंता का विषय है कि भारत के प्रधानमंत्री ने उचित जांच से पहले ही एक प्राकृतिक आपदा का राजनीतिकरण कर दिया। जब उत्तर बंगाल के लोग बाढ़ और भूस्खलन की विभीषिका से जूझ रहे हैं, तब राजनीति करना अत्यंत असंवेदनशील है।” मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि भाजपा नेताओं ने स्थानीय प्रशासन को बिना सूचना दिए केंद्रीय बलों के साथ भारी काफिला लेकर दुर्घटनास्थल का दौरा किया, जिससे राहत और बचाव कार्यों में बाधा उत्पन्न हुई। प्रधानमंत्री द्वारा तृणमूल कांग्रेस और राज्य सरकार को सीधे दोषी ठहराने पर ममता बनर्जी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने किसी प्रमाणित साक्ष्य, कानूनी जांच या प्रशासनिक रिपोर्ट का इंतजार किए बिना आरोप लगाए हैं। लोकतंत्र में कानून को अपनी गति से चलने देना चाहिए, दोष तय करने का अधिकार केवल न्यायिक प्रक्रिया को है, किसी राजनीतिक टिप्पणी को नहीं।  

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नई दिल्ली । रायबरेली में एक दलित युवक हरिओम वाल्मीकि की हत्या को कांग्रेस पार्टी ने संविधान, सामाजिक न्याय और मानवता की मूल भावना पर आघात बताया है।   कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा कि रायबरेली की घटना देश के संवैधानिक ढांचे और लोकतांत्रिक आदर्शों के खिलाफ है। भारत का संविधान हर नागरिक को समानता, सुरक्षा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार देता है। कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि वे समाज के वंचित, कमजोर और उत्पीड़ित तबकों के सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध हैं।   

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देहरादून । उत्तराखंड में बारिश जारी है। बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, हेमकुंड साहिब क्षेत्र में बर्फबारी होने से पहाड़ों में ठंडक बढ़ गई है। मैदानी जिलों में भी बारिश से बारिश से सर्दी का आगाज हो गया है। मौसम विभाग ने आज प्रदेश के अधिकांश जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया है।   उत्तराखंड में सोमवार सुबह से रुक-रुक कर बारिश जारी है। केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री के साथ ही हेमकुंड साहिब सभी ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी से मौसम सर्द हो गया है। वहीं गंगोत्रीी-यमुनोत्री धाम के चारों तरफ की चोटियां बर्फ से ढक गई हैं।   बर्फबारी के बाद धामों में ठंड भी बढ़ गई है। देश-विदेश से पहुंचे तीर्थ यात्री बर्फबारी का आनंद ले रहे हैं। बर्फबारी के कारण हेलीकाप्टर सेवाएं भी उड़ान नहीं भर पा रही हैं। जबकि बर्फबारी के बाद ठंड से यात्रियों को राहत दिलाने के लिये अलाव की व्यवस्था की गई है। साथ ही यात्रियों को मेडिकल से संबंधित कोई परेशानी न हो, इसके लिये भी यात्रा मार्ग सहित धामों में चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं।   मौसम केंद्र का पूर्वानुमान राज्य के सभी जनपदों के अधिकांश स्थानों में हल्की से मध्यम वर्षा, गर्जन के साथ बौछार होने की संभावना है। 3500 मीटर और उससे अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी होने की संभावना है। राज्य के पिथौरागढ़ बागेश्वर, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग एवं चमोली जनपदों में कहीं-कहीं भारी वर्षा व बर्फबारी (3500 मीटर और उससे अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में) होने की संभावना है।

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जयपुर । राजस्थान की राजधानी जयपुर के सवाई मानसिंह (एसएमएस) अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में रविवार देर रात लगी आग से आठ मरीजों की मौत हो गई। मृतकों में तीन महिलाएं भी हैं। प्रारंभिक जांच में हादसे का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। एफएसएल की टीम मौके पर पहुंची और सबूत इकट्‌ठे किए। अग्निकांड की जांच के लिए शासन स्तर पर छह सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने ट्रॉमा सेंटर में आग लगने की घटना काे अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य सरकार से घटना की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है।   अधिकारियों के अनुसार रविवार रात लगभग 11 बजकर 20 मिनट पर ट्रॉमा सेंटर के न्यूरो आईसीयू वार्ड के स्टोर रूम में आग लगी। स्टोर में पेपर, मेडिकल उपकरण और ब्लड सैंपलर ट्यूब रखे हुए थे। देखते ही देखते आग ने आईसीयू को अपनी चपेट में ले लिया और पूरे वार्ड में धुआं फैल गया। फायर विभाग के कर्मचारी अवधेश पांडे के अनुसार अलार्म बजते ही टीम मौके पर पहुंच गई, लेकिन धुएं के कारण अंदर जाना संभव नहीं था। टीम ने बिल्डिंग की दूसरी ओर से खिड़कियों के शीशे तोड़कर पानी की बौछार की और लगभग डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। सभी मरीजों को बेड सहित सड़क पर शिफ्ट किया गया।   भरतपुर निवासी शेरू ने बताया कि आग लगने से करीब 20 मिनट पहले वार्ड में धुआं दिखाई देने लगा था। उन्होंने स्टाफ को सूचना दी, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। थोड़ी देर बाद प्लास्टिक की ट्यूबें पिघलने लगीं और वार्ड बॉय बाहर निकल गए। उन्होंने बताया कि अपने मरीज को उन्होंने स्वयं बाहर निकाला, लेकिन आग के दो घंटे बाद ही उन्हें ग्राउंड फ्लोर पर शिफ्ट किया गया।   ट्रॉमा सेंटर के नोडल अधिकारी डॉक्टर डॉ. अनुराग धाकड़ ने बताया कि आग जिस आईसीयू में लगी, वहां 11 मरीज भर्ती थे। इनमें से छह की मौके पर मौत हो गई। आईसीयू में ग्लास वर्क होता है। इस वजह से धुएं और जहरीली गैसों के बाहर निकलने में बाधा आई। गैस तेजी से भीतर फैली और मरीजों की दम घुटने से मौत हो गई। अस्पताल के पास अपने अग्निशमन उपकरण मौजूद थे और उनका प्रयोग किया गया, परंतु जहरीली गैस की अधिकता के कारण स्टाफ को बार-बार बाहर आना पड़ा। इससे बचाव कार्य में विलंब हुआ। धाकड़ ने बताया कि प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट को ही आग का मुख्य कारण माना जा रहा है। मामले की विस्तृत जांच के लिए समिति गठित की गई है।   ट्रॉमा सेंटर के उपाधीक्षक डॉ. जगदीश मोदी ने बताया कि आग लगते ही ऑन-ड्यूटी रेजिडेंट डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ ने मरीजों को बाहर निकालना शुरू कर दिया। हालांकि, धुएं से पूरे वार्ड में अफरा-तफरी मच गई और अटेंडेंट भी अपने मरीजों को लेकर बाहर भागने लगे। हादसे के बाद मरीजों को अन्य आईसीयू वार्डों में शिफ्ट कर ऑब्जर्वेशन पर रखा गया है। मृतकों की पहचान पिंटू (सीकर), दिलीप (आंधी, जयपुर), श्रीनाथ (भरतपुर), रुकमणि (भरतपुर), कुशमा (भरतपुर), सर्वेश (आगरा, उत्तर प्रदेश) बहादुर (सांगानेर, जयपुर) और दिगंबर वर्मा (सवाईमाधाेपुर) के रुप में हुई हैं।   गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह के ट्रॉमा सेंटर पहुंचने पर मृतकों के परिजनों ने रोष व्यक्त किया। उन्होंने आरोप लगाया कि आग की जानकारी समय पर देने के बावजूद अस्पताल स्टाफ ने लापरवाही बरती और मौके से भाग गया।   मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अस्पताल पहुंचकर चिकित्सकों एवं अधिकारियों से जानकारी ली और त्वरित राहत कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मरीजों की सुरक्षा, इलाज और प्रभावित लोगों की देखभाल के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रभावित परिवारों के साथ है और उन्हें हर संभव सहयोग प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।   पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 'एक्स' पर लिखा कि एसएमएस अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में आग लगने से 7 लोगों की मृत्यु बहुत दुखी करने वाली है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि इस हादसे में कम से कम जनहानि हो। प्रभु दिवंगत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान दें एवं घायलों को शीघ्र ‌स्वस्थ करें। राज्य सरकार इस घटना की उच्च स्तरीय जांच करवाकर यह सुनिश्चित करे कि भविष्य में कहीं भी ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति न हो सके। गहलाेत अस्पताल पहुंचे और अग्निकांड के शिकार मरीजाें के परिजनाें से बात की। गहलोत ने कहा कि इस घटना की न्यायिक जांच होनी चाहिए।

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रो. विजय कुमार मल्होत्रा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उन्होंने राजनीति, जनसेवा और खेल जगत तीनों क्षेत्रों में अमिट छाप छोड़ी। मल्होत्रा का जीवन भारतीय राजनीति और संगठन के लिए एक प्रेरणास्रोत है। प्रधानमंत्री ने सोमवार को एक्स और नमो एप पर एक आलेख साझा करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी परिवार ने हाल ही में अपने सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक को खो दिया। प्रो. मल्होत्रा ने जीवन में अनेक उपलब्धियां हासिल कीं, लेकिन उससे भी अधिक महत्वपूर्ण यह था कि उन्होंने परिश्रम, दृढ़ निश्चय और सेवा से भरा जीवन जिया। उनके जीवन को देखकर समझा जा सकता है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, जनसंघ और भाजपा के मूल संस्कार क्या हैं– विपरीत परिस्थितियों में साहस, स्वयं से ऊपर सेवा भावना और राष्ट्रीय-सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति गहरी निष्ठा। उन्होंने उल्लेख किया कि विभाजन के समय मल्होत्रा परिवार ने भयावह परिस्थितियों का सामना किया, परंतु उस पीड़ा ने उन्हें आत्मकेंद्रित नहीं बनाया। इसके विपरीत, उन्होंने स्वयं को समाज सेवा में समर्पित कर दिया। उन्होंने बंटवारे में विस्थापित हुए हजारों परिवारों की मदद की और उनके पुनर्वास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जनसंघ के साथी मदनलाल खुराना और केदारनाथ साहनी के साथ उन्होंने दिल्ली में निःस्वार्थ सेवा कार्य किए, जिन्हें आज भी लोग याद करते हैं। मोदी ने याद किया कि 1967 में दिल्ली मेट्रोपॉलिटन काउंसिल के पहले चुनाव में जनसंघ ने शानदार प्रदर्शन किया था। लालकृष्ण आडवाणी चेयरमैन बने और मल्होत्रा को चीफ एग्जीक्यूटिव काउंसलर की जिम्मेदारी सौंपी गई—जो मुख्यमंत्री के समकक्ष पद था। उस समय उनकी उम्र मात्र 36 वर्ष थी। उन्होंने दिल्ली के इंफ्रास्ट्रक्चर और नागरिक सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया और राजधानी के विकास में नई दृष्टि दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि मल्होत्रा का दिल्ली से जुड़ाव अटूट रहा। ने हमेशा जनता के बीच रहकर जनहित के मुद्दों पर आवाज उठाते रहे। 1960 के दशक में गौ रक्षा आंदोलन में उनकी सक्रिय भागीदारी रही, जहां उन्हें पुलिस अत्याचारों का भी सामना करना पड़ा। आपातकाल के दौरान उन्होंने लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष किया। 1984 में सिख विरोधी दंगों के दौरान जब सड़कों पर निर्दोष सिखों की हत्या हो रही थी, तब उन्होंने शांति और सद्भावना की आवाज उठाई और पीड़ितों के साथ खड़े रहे। प्रधानमंत्री ने लिखा कि मल्होत्रा का मानना था कि राजनीति केवल चुनाव जीतने का माध्यम नहीं, बल्कि सिद्धांतों और मूल्यों की रक्षा का भी दायित्व है। वे संगठन के लिए एक संस्था निर्माता थे, जिन्होंने जनसंघ और भाजपा की दिल्ली इकाई को मजबूत नेतृत्व प्रदान किया। उन्होंने सिविक प्रशासन, विधानसभा और संसद सभी स्तरों पर उल्लेखनीय योगदान दिया। मोदी ने 1999 के लोकसभा चुनाव का उल्लेख किया, जब मल्होत्रा ने दक्षिण दिल्ली से डॉ. मनमोहन सिंह को हराया था। यह चुनाव बेहद हाई-प्रोफाइल था, लेकिन मल्होत्रा ने सकारात्मक प्रचार किया, कभी व्यक्तिगत हमले नहीं किए और 50 प्रतिशत से अधिक वोटों से विजय प्राप्त की। यह उनकी जनता के साथ गहरे संबंधों और मजबूत संगठनात्मक पकड़ का प्रमाण था। प्रधानमंत्री ने लिखा कि संसद में मल्होत्रा हमेशा सटीक तैयारी के साथ बोलते थे। यूपीए-1 के दौरान विपक्ष के उपनेता के रूप में उन्होंने भ्रष्टाचार और आतंकवाद के मुद्दों पर सरकार को घेरा। मोदी ने कहा, ‘‘उन दिनों मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था और हम अक्सर बातचीत करते थे। वे गुजरात की विकास यात्रा को लेकर हमेशा उत्सुक रहते थे।’’ राजनीति के साथ-साथ मल्होत्रा एक शिक्षाविद् और विद्वान भी थे। उन्होंने अपनी पढ़ाई समय से पहले पूरी की थी और हिंदी पर गहरी पकड़ रखते थे। वे डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के भाषणों का हिंदी अनुवाद करते थे। उन्होंने संघ से जुड़ी कई सांस्कृतिक और शैक्षिक संस्थाओं की स्थापना की, जिनके माध्यम से अनेक प्रतिभाओं को आगे बढ़ने का अवसर मिला। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन संस्थाओं ने समाज में सेवा और आत्मनिर्भरता की भावना को प्रोत्साहित किया। मल्होत्रा ने खेल प्रशासन में भी असाधारण योगदान दिया। वे आर्चरी एसोसिएशन ऑफ इंडिया के लंबे समय तक अध्यक्ष रहे और उनके नेतृत्व में भारतीय तीरंदाजी को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली। खिलाड़ियों के लिए अवसर और संसाधन उपलब्ध कराने में उनका योगदान महत्वपूर्ण रहा। प्रधानमंत्री ने कहा कि मल्होत्रा को लोग न केवल उनके पदों के लिए, बल्कि उनकी संवेदनशीलता और समर्पण भावना के लिए याद करते हैं। वे हमेशा लोगों की कठिनाइयों में उनके साथ खड़े रहे और विपरीत परिस्थितियों में भी अपने दायित्वों से पीछे नहीं हटे। मोदी ने बताया कि हाल ही में दिल्ली भाजपा के नए मुख्यालय के उद्घाटन के दौरान उन्होंने मल्होत्रा को स्नेहपूर्वक याद किया। उन्होंने कहा, ‘‘तीन दशक बाद जब भाजपा ने दिल्ली में सरकार बनाई, तो वे बहुत प्रसन्न थे। उनकी अपेक्षाएं बड़ी थीं, जिन्हें पूरा करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।’’ प्रधानमंत्री ने अपने लेख के अंत में कहा कि आने वाली पीढ़ियां मल्होत्रा के जीवन, कार्यों और आदर्शों से प्रेरणा लेती रहेंगी। उनका जीवन इस बात का उदाहरण है कि समर्पण, संगठन और सेवा भावना से समाज और राष्ट्र के लिए कितना कुछ किया जा सकता है।

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नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में संपन्न होंगे। प्रथम और द्वितीय चरण का मतदान क्रमशः 6 और 11 नवंबर को होगा। मतगणना 14 नवंबर को होगी। यह जानकारी मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को दी। ज्ञानेश कुमार ने यहां के विज्ञान भवन में सोमवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया कि पहले चरण में 6 नवंबर को 121 सीटों पर और दूसरे चरण में 11 नवंबर को 122 सीटों पर मतदान होगा। बिहार विधानसभा चुनाव पूरी पारदर्शिता और शांति के साथ कराए जाएंगे। राज्य में कुल 7.43 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें 3.92 करोड़ पुरुष, 3.50 करोड़ महिला और 1,725 ट्रांसजेंडर मतदाता हैं। इसके अलावा 7.2 लाख दिव्यांग मतदाता, 4.04 लाख 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाता, 14 हजार 100 वर्ष से अधिक आयु के मतदाता और 1.63 लाख सेवा मतदाता हैं। राज्य में 18 से 19 वर्ष की आयु के 14.01 लाख और 20 से 29 वर्ष की आयु के 1.63 करोड़ मतदाता हैं। इस चुनाव में करीब 14 लाख मतदाता पहली बार मतदान करेंगे। नए मतदाताओं को 15 दिनों के भीतर वोटर कार्ड प्रदान किए जाएंगे।मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि राज्य में कुल 90,712 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें से 76,801 ग्रामीण क्षेत्रों और 13,911 शहरी क्षेत्रों में हैं। प्रत्येक मतदान केंद्र पर औसतन 818 मतदाता होंगे। इसके अलावा 292 दिव्यांग, 38 युवा और 1,044 महिला संचालित मतदान केंद्र बनाए गए हैं। साथ ही, 1,350 आदर्श मतदान केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे। सभी मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की सुविधा उपलब्ध होगी ताकि निगरानी सुनिश्चित की जा सके।उन्होंने कहा कि बिहार ने मतदाता सूची को शुद्ध करने के मामले में पूरे देश के लिए एक मिसाल पेश की है। विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत मतदाता सूचियों को अद्यतन किया गया है। मसौदा सूची प्रकाशित होने के बाद सभी राजनीतिक दलों और नागरिकों को दावे और आपत्तियाँ दर्ज कराने का अवसर दिया गया था। अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को प्रकाशित की गई। नामांकन की अंतिम तिथि से 10 दिन पहले तक वोटर लिस्ट में नाम जोड़ा जा सकता है, लेकिन अंतिम सूची जारी होने के बाद कोई नया नाम नहीं जोड़ा जाएगा।बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं, जिनमें 38 सीटें अनुसूचित जाति (एससी) और दो सीटें अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित हैं। वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है। चुनाव आयोग की इस पत्रकार वार्ता में चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू और विवेक जोशी भी मौजूद थे। मुख्य चुनाव आयुक्त ने विश्वास जताया कि आयोग की पूरी टीम और राज्य प्रशासन मिलकर बिहार में निष्पक्ष, सुरक्षित और पारदर्शी चुनाव संपन्न कराएंगे।

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छिंदवाड़ा/भोपाल । मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में परासिया क्षेत्र के कफ सिरप से 11 बच्चों की मौत के बाद आखिरकार प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। शनिवार देर रात परासिया थाना में डॉ. प्रवीण सोनी और श्रेसन फार्मास्युटिकल कंपनी (कांचीपुरम, तमिलनाडु) के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इसके बाद पुलिस अधीक्षक द्वारा बनाई गई स्पेशल पुलिस टीम ने छिंदवाड़ा के कोतवाली थाना क्षेत्र के राजपाल चौक से डॉक्टर प्रवीण सोनी को देर रात गिरफ्तार कर लिया। इसी डॉक्टर ने बच्चों को घातक कफ सिरप लिखा था। स्वास्थ्य विभाग की ओर से बीएमओ डॉ. अंकित सल्लाम की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई है। दरअसल, शनिवार को तमिलनाडु से कफ सिरप के सैंम्पलों की जांच प्राप्त हुई थी। कोल्ड्रिफ कफ सिरप में डायएथिलीन ग्लाइकोल की मात्रा अधिक होने की पुष्टि के बाद बीएमओ डॉ. सल्लाम की शिकायत पर पुलिस ने डॉक्टर प्रवीण सोनी और कंपनी के खिलाफ बीएनएस धारा 276 (औषधियों में मिलावट),बीएनएस धारा 105(3) (आपराधिक मानव वध) और ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940 की धारा 27(ए)(iii) और 26 के तहत मामला दर्ज किया है। इसमें 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है। इसके बाद शनिवार देर रात पुलिस ने कफ सिरप लिखने वाले डॉक्टर प्रवीण सोनी को गिरफ्तार कर लिया है। बीएमओ डॉ. सल्लाम ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने डॉक्टर और कंपनी के खिलाफ जांच तेज कर दी है। प्रारंभिक साक्ष्यों के अनुसार, जिस दवा का उपयोग बच्चों के उपचार में किया गया, उसके नमूने परीक्षण के लिए भेजे गए थे। जिसकी रिपोर्ट में दवा को एडलट्रेडेट यानी मिलावटी पाया गया। रिपोर्ट के आधार पर ही एफआईआर दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग इस पूरे प्रकरण को बेहद गंभीरता से ले रहा है। बच्चों की मौत की सच्चाई सामने लाने के लिए वैज्ञानिक और चिकित्सकीय दोनों स्तरों पर जांच चल रही है। यदि और किसी की लापरवाही सामने आती है तो उसके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अभिभावकों से अपील है कि बिना डॉक्टरी सलाह के सिरप न दें। गौरतबल है कि परासिया विकासखंड में किडनी फेल होने से अब तक 11 बच्चों की मौत हो चुकी है और अभी कई बच्चों का अस्पताल में उपचार जारी है। इनमें एक से पांच साल तक के बच्चे शामिल हैं। इन बच्चों को सर्दी, खांसी और बुखार हुआ था। सभी बच्चे बाल रोग चिकित्सक डॉ.प्रवीण सोनी के क्लिनिक में पहुंचे थे। डॉक्टर ने कई बच्चों को कोल्ड्रिफ कफ सिरप दिया गया था। बच्चों ने दवाई पी और बुखार उतर गया, खांसी ठीक हो गई, लेकिन दो दिन बाद पेशाब बंद हो गई। परिवारवालों ने छिंदवाड़ा से लेकर नागपुर तक इलाज करवाया, लेकिन उनकी जान नहीं बच पाई। आरोप है कि बच्चों की ऐसी हालत डॉक्टर की लिखी कफ सिरप से हुई, जिसे चार साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं देनी थी।   मामले में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 11 बच्चों की मौतों को दुखद बताते हुए 4-4 लाख की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।  

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टोक्यो । जापान में शनिवार रात होन्शू के पूर्वी तट पर 6 तीव्रता के भूकंप से धरती कांप उठी। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के अनुसार, होन्शू के पूर्वी तट के पास 6.0 तीव्रता का भूकंप आया। इसका केंद्र जमीन से करीब 50 किलोमीटर गहराई में था। फिलहाल किसी बड़े नुकसान या सुनामी की चेतावनी नहीं है। उल्लेखनीय है कि जापान अत्यंत सक्रिय भूकंपीय क्षेत्र में है। इसके द्वीपों में अक्सर भूकंप आते हैं। यहां कई विनाशकारी भूकंप आ चुके हैं, जो सुनामी का कारण बनते हैं। 

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नई दिल्ली । कांग्रेस ने देश में बढ़ती आर्थिक असमानता का दावा करते हुए केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार की नीतियों ने धन को कुछ चुनिंदा हाथों में केंद्रित कर दिया है, जिससे लोकतंत्र की आत्मा पर सीधा असर पड़ रहा है।   पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पोस्ट में कहा कि एक तरफ करोड़ों भारतीय रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, वहीं सिर्फ 1687 लोगों के पास देश की आधी संपत्ति केंद्रित है। सत्ता के गठजोड़ से कुछ उद्योगपति लगातार अमीर होते जा रहे हैं, जबकि देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाने वाला एमएसएमई क्षेत्र अभूतपूर्व दबाव में है।   कांग्रेस नेता ने कहा कि आम लोगों की कमाई के अवसर घट रहे हैं, महंगाई और कर्ज का बोझ बढ़ रहा है, जबकि शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं पर निवेश लगातार घटता जा रहा है। उन्होंने मनरेगा में वेतन संकट और श्रमिकों को समय पर भुगतान न होने को इस असमान नीति का उदाहरण बताया।   रमेश ने कहा कि अगर यह प्रवृत्ति जारी रही तो भारत भी उन देशों की कतार में शामिल हो जाएगा, जहां आर्थिक असमानता और कमजोर लोकतांत्रिक संस्थाएं राजनीतिक अराजकता को जन्म देती हैं।  

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भोपाल । मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के परासिया ब्लॉक में रोग को दूर करने वाला 'कफ सिरप' ही नौ बच्चों की मौत का जिम्मेदार बन गया। कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने के बाद पिछले 20 दिन में नौ बच्चों की किडनी फेल होने से मौत हो चुकी है। इनमें से ज्यादातर बच्चों ने नागपुर के निजी अस्पतालों में दम तोड़ा। कई बच्चे अभी भी अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं। छिंदवाड़ा जिले के नौ बच्चों की मौत की वजह बताए जा रहे कफ सिरप में जहरीले केमिकल की मिलावट पाई गई है। शुक्रवार को तमिलनाडु सरकार ने भी इसकी पुष्टि कर दी है। तमिलनाडु सरकार के ड्रग डिपार्टमेंट के अधिकारियों की जांच में श्रीसन कंपनी की कांचीपुरम यूनिट में हुई जांच में खुलासा हुआ है कि कोल्ड्रिफ कफ सिरप में 48.6% डाईथाइलीन ग्लॉयकाल की मिलावट है। ये एक जहरीला केमिकल है। इसके बाद तमिलनाडु सरकार ने कोल्ड्रिफ कफ सिरप के प्रोडक्शन और सेल पर प्रतिबंध लगा दिया है। तमिलनाडु सरकार द्वारा शुक्रवार को एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि कोल्ड्रिफ कफ सिरप के जिस बैच नंबर एसआर–13 को बच्चों की मौत के लिए संदिग्ध माना जा रहा है, उसे बनाने में दूषित केमिकल का इस्तेमाल हुआ है। तमिलनाडु ड्रग डिपार्टमेंट ने इस बैच की दवाओं के लिए सैंपल जांच के लिए भेजे थे, 24 घंटे में इसकी रिपोर्ट आ गई। इसी के बाद सरकार ने ये फैसला लिया। तमिलनाडु सरकार के आदेश में कहा गया है कि जब तक जांच रिपोर्ट नहीं आ जाती, इस दवा के निर्माण और बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। छिंदवाड़ा के एसडीएम शुभम यादव ने बताया कि छह बच्चों में 'कफ सिरप' की हिस्ट्री मिली है, जिसमें एक 'डायएथिलीन ग्लायकॉल' केमिकल को मौत का जिम्मेदार माना जा रहा है। इन बच्चों में पांच में कोल्ड्रिफ और एक में नेक्सट्रॉस डीएस की हिस्ट्री मिली है। फिलहाल दोनों सिरप को बैन कर दिया गया है। वहीं, औषधि निरीक्षक शरद जैन ने बताया कि निरीक्षण के दौरान कटारिया फार्मा पर उपलब्ध कोल्ड्रिफ के शेष स्टॉक की खरीदी बिक्री को तत्काल प्रभाव से बंद करवा दिया गया है। इसके साथ ही इस फर्म द्वारा छिंदवाड़ा जिले में भी जहां दवाई सप्लाई की गई थी उन फर्मों से भी इस दवाइयों के क्रय विक्रय को पूर्णतः प्रतिबंध करवा दिया गया है। उन्होंने बताया कि इस दवाई के सैंपल जिला औषधि निरीक्षक छिंदवाड़ा द्वारा भी लिये जा चुके हैं। सैंपल की रिपोर्ट के आधार पर आगामी विधिक कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है। औषधि निरीक्षक ने दवा के सभी थोक एवं फुटकर विक्रेताओं को निर्देशित किया है कि यदि उनकी फर्म पर कोल्ड्रिफ सिरप उपलब्ध है तो वे नमूनों की जाँच रिपोर्ट आने तक इसका विक्रय न करें और उपलब्ध सिरप को स्टॉकिस्ट को तुरंत वापस कर दें। इधर, छिंदवाड़ा मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. पवन नंदूरकर ने बताया कि रिसर्च में ऐसा पाया गया है कि 'कोल्ड सिरप' या 'कफ सिरप' बनाने के दौरान 'डायएथिलीन ग्लायकॉल' नाम के केमिकल के मिलाए जाने से इस तरह किडनी डैमेज के मामले सामने आते हैं। बैन किए गए दो कफ सिरप में ये केमिकल था या नहीं ये तो जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद ही पता चलेगा। फिलहाल इनकी बिक्री पर रोक लगा दी गई है। डॉ. नंदूरकर ने बताया कि वैसे तो किडनी डैमेज के कई कारण हो सकते हैं। पानी की खराबी, धातु का होना, जहरीला पदार्थ, डिहाईड्रेशन आदि के कारण भी किडनी डैमेज हो सकती है। अब क्योंकि अभी तक सामने आए मामलों में ये कफ सिरप कॉमन रही है। इस कारण कोल्ड्रिफ और नेक्सट्रॉस डीएस में 'डायएथिलीन ग्लायकॉल' केमिकल गड़बड़ी की संभावना जताई जा रही है। डॉ. पवन नंदूरकर ने बताया कि अब तक नौ बच्चों की मौत हो चुकी है। इनमें दिव्यांश चंद्रवंशी (7 वर्ष), अदनान खान (5 वर्ष), हेतांश सोनी (5), उसैद (4), श्रेया यादव (18 माह), विकास यदुवंशी (4), योगिता विश्वकर्मा (5 वर्ष), संध्या भोसोम (सवा साल) और चंचलेश यदुवंशी शामिल है। दो बच्चों की मौत पिछले तीन दिनों में हुई है। सवा साल की संध्या भोसोम 17 सितंबर को बीमार हुई थी। उसे 18 सितंबर को परासिया के निजी चिकित्सालय लाया गया था। फिर उसका इलाज सरकारी अस्पताल में चला। इसके बाद फिर परासिया के निजी चिकित्सालय में वापस 26 सितंबर को भर्ती किया गया। बाद में उसे सीएचसी परासिया से छिंदवाड़ा रेफर किया गया। छिंदवाड़ा जिला चिकित्सालय से संध्या को 28 सितंबर को नागपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। नागपुर में एक अक्तूबर को उसकी मौत हो गई। संध्या के अलावा गायगोहान के चंचलेश यदुवंशी की भी नागपुर में उपचार के दौरान मौत हुई है। एसडीएम शुभम यादव ने बताया कि पूरे इलाके में 1420 बच्चों को मैपिंग की गई है। इन बच्चों को वायरल हुआ था। सभी पर नजर रखी जा रही है। परासिया में गाइडलाइन भी जारी कर दी गई है। निजी अस्पतालों को कहा गया है कि वे वायरल केस आने पर उसे ट्रीट न करें। सीधे सरकारी अस्पताल को सूचित करें। जो व्यवस्था सरकार की तरफ से बनाई गई है। उसमें बच्चे का इलाज होगा। उन्होंने बताया कि पानी की जांच की गई हैं। वे सभी सामान्य हैं। एसडीएम शुभम यादव यादव ने बताया कि बच्चों को बुखार होने के साथ ही उल्टी-दस्त और खांसी भी है। ये पैटर्न 2022 में गांबिया में भी देखने को मिला था। वहां पर भारत से वैक्सीन गईं थी। इस आधार पर वहां जांच हुई तो पता चला कि कफ सिरप में एक केमिकल था, जो घटना के लिए जिम्मेदार था, जिसकी वजह से बच्चों की किडनी पर असर पड़ा था। इसी आधार पर परासिया में भी जांच हो रही है। उनका कहना है कि ब्लॉक में दो लाख से ज्यादा की आबादी है, इसमें 25 हाजर बच्चे हैं, जो पांच साल के या फिर इससे छोटे हैं। आशा वर्कर की मदद से सर्वे करके अब तक करीब 4658 बच्चों की स्क्रीनिंग की गई है। इसमें से 4411 के टेस्ट किए जा चुके हैं इनकी रिपोर्ट सामान्य आई है। अभी अस्पताल में भर्ती बच्चों में से तीन की हालात गंभीर है, उनको डायलिसिस दिया जा रहा है। वे वेंटीलेटर पर हैं। क्या मिला जांच में? कांचीपुरम जिले के सुंगुवर्चत्रम में स्थित श्रीसन फार्मास्यूटिकल की यूनिट से कोल्ड्रिफ़ सिरप (बैच नंबर SR-13) जब्त किया गया। जांच में पता चला कि इसमें नॉन-फार्माकॉपिया ग्रेड प्रोपीलीन ग्लाइकॉल का इस्तेमाल हुआ, जो संभवतः डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल से दूषित था। दोनों ही केमिकल किडनी को नुकसान पहुंचाने वाले जहरीले पदार्थ हैं। जैसे ही सैंपल चेन्नई की सरकारी ड्रग्स टेस्टिंग लैब में भेजे गए, वहां से 24 घंटे में रिपोर्ट दी गई। जांच रिपोर्ट के बाद तमिलनाडु सरकार का एक्शन - पूरे राज्य में कोल्ड्रिफ़ सिरप की बिक्री–वितरण पर तुरंत रोक लगाई गई। सभी ड्रग इंस्पेक्टर्स को थोक और रिटेल दुकानों से स्टॉक फ्रीज करने का आदेश दिया। ओडिशा और पुडुचेरी के अधिकारियों को भी अलर्ट किया गया। कंपनी को स्टॉप प्रोडक्शन ऑर्डर जारी कर दिया गया। मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस कैंसिल करने के लिए शो-कॉज नोटिस भी भेजा गया। तमिलनाडु सरकार ने रिपोर्ट में ये भी लिखा है कि मध्य प्रदेश सरकार की ड्रग कंट्रोल अथॉरिटी ने 1 अक्टूबर को 3.37 बजे कोल्ड्रिफ कफ सिरप की सूचना भेजी थी। 1 और 2 अक्टूबर को तमिलनाडु में सरकारी छुट्‌टी थी। इसके बावजूद हमने 27 मिनट के भीतर इस पर एक्शन लिया और जांच के आदेश जारी किए। तमिलनाडु सरकार के डिप्टी डायरेक्टर ड्रग कंट्रोलर एस गुरुभारती ने सीनियर ड्रग इंस्पेक्टर की जांच टीम बनाई। उसी दिन ये टीम फैक्ट्री में जांच के लिए पहुंची। इसके बाद अगले दिन यानी 2 अक्टूबर को भी जांच टीम फैक्ट्री पहुंची। जांच टीम को फैक्ट्री में कई तरह के प्रोटोकाल के उल्लंघन मिले हैं।

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मैहर । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत शनिवार सुबह मध्य प्रदेश के दो दिवसीय पर मैहर पहुंचे हैं। वे यहां प्रसिद्ध मां शारदा मंदिर में दर्शन कर पूजा-अर्चना करेंगे। मैहर का ये मंदिर शक्ति पीठ के रूप में जाना जाता है और लोगों के लिए आस्था का बड़ा केंद्र है। दर्शन के बाद सरसंघचालक सतना जिले के उतेली इलाके में आयोजित प्रांत स्तरीय विस्तारक वर्ग को संबोधित करेंगे। इस वर्ग में प्रदेश भर से संघप्रचारक शामिल होंगे और संगठन की आगे की योजनाओं पर चर्चा करेंगे।   सरसंघचालक डॉ भागवत शनिवार सुबह करीब साढ़े सात बजे ट्रेन से मैहर रेलवे स्टेशन पहुंचे। यहां से उन्हें सुरक्षा घेरे में कार से संघ कार्यालय, बॉस कॉलोनी ले जाया गया। यहां कुछ समय विश्राम के बाद सरसंघचालक मां शारदा देवी मंदिर के दर्शन के लिए पहुंचेंगे। मंदिर परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। प्रशासन ने मंदिर प्रांगण को आम दर्शनार्थियों से खाली करा दिया है और सीढ़ी मार्ग से आने वाले श्रद्धालुओं को नियंत्रित संख्या में प्रवेश दिया जा रहा है। दर्शन के उपरांत सरसंघचालक का काफिला राम पथ गमन मार्ग से सतना के लिए रवाना होगा। संघसंघचालक के कार्यक्रम को लेकर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि सुरक्षा व्यवस्था में किसी भी तरह की चूक बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मैहर कलेक्टर रानी बाटड ने सुरक्षा कारणों से शनिवार सुबह 4 बजे से रात 8 बजे तक पूरे मैहर तहसील क्षेत्र को नो-फ्लाई जोन घोषित किया है। इस अवधि में ड्रोन, पैराग्लाइडर और हॉट एयर बैलून जैसी उड़ान गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। आदेश का उल्लंघन करने वालों पर भारतीय न्याय संहिता 2023 की धाराओं के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सरसंघचालक डॉ भागवत मैहर में मां शारदा मंदिर में दर्शन के उपरांत सतना जिले में अलग-अलग कार्यक्रमों में शामिल होंगे। वे उतेली इलाके में आयोजित प्रांत स्तरीय विस्तारक वर्ग में प्रदेश भर से आए स्वयंसेवकों और प्रचारकों को संबोधित करेंगे। वहीं, दूसरे दिन 5 अक्टूबर को वे सतना के सिंधी कैंप में स्थित बाबा मेहरशाह दरबार साहिब का लोकार्पण करेंगे। यह दरबार साहिब सिख समुदाय का महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है।   इसके बाद सरसंघचालक का सतना के बीटीआई ग्राउंड में संबोधन होगा जिसमें स्वयंसेवक और आम लोग मौजूद रहेंगे। सुरक्षा के लिए दोनों जगह पुलिस बल तैनात किया गया है। सतना कलेक्टर डॉ सतीश कुमार एस. ने बताया कि सभी कार्यक्रमों पर निगरानी रखी जा रही है और ट्रैफिक व पार्किंग का भी पूरा ध्यान रखा गया है।  

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को 62 हजार करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न युवा-केंद्रित योजनाओं का शुभारंभ करते हुए कहा कि एनडीए सरकार का संकल्प है कि अब बिहार का युवा अपने ही राज्य में सम्मानजनक रोजगार पाएगा और पलायन का दौर समाप्त होगा। उन्होंने कहा कि कभी शिक्षा और रोजगार के अभाव में लाखों युवाओं को बिहार छोड़कर दूसरे राज्यों की ओर जाना पड़ा था लेकिन आज राज्य विकास के नए युग में प्रवेश कर चुका है। प्रधानमंत्री ने यह बातें यहां विज्ञान भवन में आयोजित राष्ट्रीय कौशल दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहीं। इस अवसर पर उन्होंने देशभर के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के 46 टॉपर छात्रों को सम्मानित किया। मोदी ने कहा कि यह समारोह भारत में कौशल विकास को नई प्रतिष्ठा देने का प्रतीक है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री कौशल और रोजगार परिवर्तन (पीएम-सेतु) योजना की शुरुआत की, जिसके तहत 60 हजार करोड़ रुपये के निवेश से देशभर के 1,000 आईटीआई को हब-एंड-स्पोक मॉडल पर अपग्रेड किया जाएगा। इस मॉडल में 200 हब आईटीआई और 800 स्पोक आईटीआई शामिल होंगे। इनके माध्यम से आधुनिक बुनियादी ढांचा, डिजिटल लर्निंग सिस्टम और इनक्यूबेशन सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। मोदी ने कहा, “पीएम-सेतु भारत के युवाओं को विश्व की स्किल डिमांड से जोड़ेगा।” उन्होंने बताया कि वर्तमान में देश के आईटीआई में 170 ट्रेड में प्रशिक्षण दिया जा रहा है और पिछले 11 वर्षों में डेढ़ करोड़ से अधिक युवाओं को स्किल ट्रेनिंग मिल चुकी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 तक देश में 10,000 आईटीआई थीं, जबकि पिछले एक दशक में 5,000 और स्थापित की गई हैं।   प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में बिहार का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि बिहार की युवा आबादी देश की शक्ति है। उन्होंने कहा कि बिहार के युवाओं का सामर्थ्य बढ़ता है तो भारत की ताकत भी बढ़ती है। मोदी ने याद दिलाया कि दो दशक पहले बिहार की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई थी- न स्कूल खुलते थे, न भर्तियां होती थीं। इसी कारण मजबूरी में लाखों बच्चों को बनारस, दिल्ली और मुंबई पलायन करना पड़ा। उन्होंने कहा कि आरजेडी के कुशासन ने बिहार की जड़ों में कीड़ा लगा दिया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने उन बिगड़ी व्यवस्थाओं को फिर से पटरी पर लाया। आज बिहार में शिक्षा बजट कई गुना बढ़ा है, हर गांव में स्कूल खुल चुके हैं और पिछले दो वर्षों में ढाई लाख से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। उन्होंने कहा कि कि अब हमारा लक्ष्य है कि बिहार का युवा बिहार में ही रोजगार पाए। प्रधानमंत्री ने बिहार के लिए कई नई योजनाओं और परियोजनाओं का शुभारंभ किया, जिनमें मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना और बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना शामिल हैं। इन योजनाओं के तहत हर साल पांच लाख स्नातक युवाओं को दो साल तक एक हजार मासिक भत्ता और मुफ्त कौशल प्रशिक्षण मिलेगा, जबकि क्रेडिट कार्ड योजना में छात्रों को 4 लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त शिक्षा ऋण प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने बिहार युवा आयोग और जन नायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय का भी उद्घाटन किया। विश्वविद्यालय उद्योग-उन्मुख पाठ्यक्रमों के माध्यम से वैश्विक स्तर का कुशल कार्यबल तैयार करेगा। उन्होंने पीएम-उषा (प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान) के तहत बिहार के चार विश्वविद्यालयों- पटना विश्वविद्यालय, भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय (मधेपुरा), जयप्रकाश विश्वविद्यालय (छपरा) और नालंदा मुक्त विश्वविद्यालय (पटना)- में नई शैक्षणिक और अनुसंधान सुविधाओं की आधारशिला भी रखी। अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर का विशेष उल्लेख किया और कहा कि उन्होंने समाज के सबसे कमजोर तबके के उत्थान के लिए अपना जीवन समर्पित किया। कर्पूरी ठाकुर को जननायक सोशल मीडिया की ट्रोल टीम ने नहीं बनाया, बल्कि बिहार के जन-जन ने बनाया है। मोदी ने बिहार की जनता को चेताया कि आजकल कुछ लोग ‘जननायक’ पद की भी चोरी करने की कोशिश में लगे हैं। इसलिए बिहार के लोग सतर्क रहें कि कर्पूरी ठाकुर का यह जनमानस द्वारा दिया गया सम्मान कोई चुरा न ले। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके नाम पर बनने वाला कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय, उनके शिक्षा विस्तार और समाज सेवा के सपनों को आगे बढ़ाने का माध्यम बनेगा। मोदी ने 34 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 400 नवोदय विद्यालयों और 200 एकलव्य आवासीय विद्यालयों में 1,200 व्यावसायिक कौशल प्रयोगशालाओं का भी उद्घाटन किया। इन प्रयोगशालाओं में आईटी, ऑटोमोटिव, कृषि, इलेक्ट्रॉनिक्स, लॉजिस्टिक्स और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में छात्रों को प्रशिक्षण मिलेगा।   इसके साथ ही उन्होंने एनआईटी पटना के बिहटा परिसर को राष्ट्र को समर्पित किया, जिसमें 5जी यूज केस लैब, इसरो के सहयोग से क्षेत्रीय अंतरिक्ष शैक्षणिक केंद्र और नवाचार एवं इनक्यूबेशन हब जैसी सुविधाएं शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में बिहार सरकार के 4,000 से अधिक नवनियुक्त उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र वितरित किए, साथ ही कक्षा 9 और 10 के 25 लाख छात्रों को 450 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति का प्रत्यक्ष लाभ भी हस्तांतरित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि साल 2014 से पहले भारत को नाज़ुक अर्थव्यवस्था कहा जाता था, लेकिन आज भारत दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में स्थान पाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि देश में इस समय जीएसटी बचत उत्सव चल रहा है और बिहार के युवा बाइक-स्कूटर पर जीएसटी घटने से बेहद खुश हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं की तरक्की ही भारत की तरक्की है। यही कारण है कि सरकार शिक्षा, कौशल और रोजगार को एकसाथ जोड़कर ‘विकसित भारत’ की दिशा में कदम बढ़ा रही है।

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नई दिल्ली । राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत जेल में बंद सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि जे एंग्मो ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर वांगचुक की गिरफ्तारी को चुनौती दी है। वांगचुक को 26 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल वांगचुक राजस्थान के जोधपुर जेल में बंद हैं।   गीतांजलि की ओर से वकील सर्वम रीतम खरे ने याचिका दायर की है। याचिका में सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए उन्हें रिहा करने की मांग की है। गीतांजलि ने याचिका में कहा है कि वांगचुक की गिरफ्तारी के एक हफ्ते के बाद भी उनके स्वास्थ्य के बारे में उन्हें कोई सूचना नहीं है।   उल्लेखनीय है कि वांगचुक लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे थे। लद्दाख में प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा के बाद हुई गोलीबारी में 4 लोगों की मौत हो गई थी।   

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खंडवा । मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में पंधाना थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम अर्दला में गुरुवार शाम को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान ट्रैक्टर-ट्रॉली तालाब में गिर गई। हादसे में आठ बच्चियों समेत 11 लोगों की मौत हो गई। इनमें नौ साल के बच्चे से लेकर 25 साल तक के युवा हैं। तीन लोगों की हालत गंभीर है। करीब 35 से 40 लोगों के डूबने की जानकारी मिली है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हादसे पर दुख व्यक्त किया है और मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता का ऐलान किया है।   पंधाना थाना पुलिस के मुताबिक, अर्दला गांव में गुरुवार शाम करीब 4 बजे देवी विसर्जन के लिए कच्चे पुल पर खड़ी ट्रैक्टर-ट्रॉली तालाब में पलट गई, जिससे उसमें सवार सभी लोग पानी में जा गिरे। उनको बचाने के लिए 10-15 लोगों ने तालाब में छलांग लगा दी। सूचना मिलने पर शाम करीब 5 बजे पुलिस-प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और जेसीबी की मदद से राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। रात नौ बजे तक 11 शव निकाले जा चुके थे। सूचना मिलने पर खंडवा कलेक्टर ऋषव गुप्ता समेत प्रशानिक और पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए थे।   खंडवा कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने बताया कि ट्रैक्टर ड्राइवर को तालाब की गहराई का अंदाजा नहीं था। अति उत्साह में वे लोग ट्रॉली समेत नीचे उतर गए। ट्रॉली पलटने से सभी लोग पानी में डूब गए। उन्होंने बताया कि रात नौ बजे तक 11 लोगों के शवों को तालाब से बाहर निकाला गया है। रेस्क्यू के लिए बुरहानपुर और ओंकारेश्वर से भी एनडीआरएफ की टीम को बुलाया गया था। रात नौ बजे रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हुआ। आखिरी शव चंदा नाम की बच्ची का निकाला गया। उन्होंने बताया कि मृतकों को आरबीसी की धारा के तहत चार-चार लाख रुपये की राहत राशि देने के साथ ही शासन से राहत दिलवाने की के हर संभव प्रयास किए जाएंगे।   कलेक्टर ने बताया कि मृतकों में आयुष (9) पुत्र भारत , रेव सिंग (13) पुत्र मुंशी सिंह, दिनेश (13) पुत्र शांतिलाल, शर्मिला (15) पुत्र प्यार सिंह, संगीता (16) पुत्री ज्ञान सिंह, किरण (16) पुत्री रेमसिंग, उर्मिला (16) पुत्री रेलसिंग, गणेश (20) पुत्र तेर सिंह, पाटली (25) पुत्री कैलाश, आरती पुत्री प्यार सिंह और आठ वर्षीय चंदा नाम की बालिका शामिल है। वहीं, तीन लोग गंभीर रूप से घायल हैं, जिनका खंडवा के जिला अस्पताल में उपचार जारी है। खंडवा जिला अस्पताल के डॉक्टर ने बताया कि सोनू (16) पुत्र थावर सिंह, सोनू ()18 पुत्र रिशू और मंजुला (17) पुत्री मांगीलाल (17) की हालत गंभीर है। उनके फेफड़ों में पानी भर गया है। तीनों को करीब 48 घंटे तक आईसीयू में ऑब्जर्वेशन पर रखा जाएगा।   प्रत्यक्षदर्शी प्रदीप जगधन्ने ने बताया कि ट्रैक्टर-ट्रॉली जहां गिरी, वहां करीब 50 फीट पानी रहा है। नौ लोगों को तो हमने ही बाहर निकाला। इनको पंधाना अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने तीन को जीवित बताया। उनको लेकर खंडवा जिला अस्पताल पहुंचे। वहीं, प्रत्यक्षदर्शी जालम सिंह ने बताया कि ड्राइवर ट्रैक्टर को तालाब की पाल के ऊपर ले गया था। ट्रॉली में बैठे लोगों ने उससे पानी में नीचे उतरने को कहा। उनके कहने पर ड्राइवर तालाब किनारे ट्रैक्टर ले गया। कुछ लोग तालाब किनारे ही उतर गए। जो ट्रॉली में बैठे थे, उनमें से कुछ ने ट्रैक्टर पानी में और आगे ले जाने को कहा। ड्राइवर ने मना किया तो उस पर दबाव बनाया। ट्रैक्टर आगे बढ़ाते ही पानी में समा गया। ट्रॉली पलट गई। कुछ लोग तैरकर बाहर आ गए, लेकिन जो ट्रॉली के नीचे फंसे उनकी मौत हो गई, जबकि वे भी तैरना जानते थे। फंसते नहीं तो जान बच जाती।   दिवंगत नागरिकों के परिजन को 4-4 लाख रुपये की सहायता राशि स्वीकृत मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विजयादशमी के अवसर पर खण्डवा और उज्जैन जिले में घटित अलग-अलग घटनाओं में नागरिकों की असामयिक मृत्यु पर गहरा दु:ख व्यक्त किया है। उन्होंने बाबा महाकाल से दिवंगत नागरिकों की आत्मा की शांति और प्रभावित परिवारों को यह दु:ख सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना की है। उन्होंने बताया कि गुरुवार को खंडवा जिले के पंधाना थाना क्षेत्र में ट्रेक्टर-ट्राली दुर्घटना में 11 लोगों के निधन का समाचार प्राप्त हुआ है। इसी तरह उज्जैन के समीप इंगोरिया थाना क्षेत्र में ग्राम नरसिंगा में दुर्गा विसर्जन के दौरान हुए हादसे दो लोगों की मृत्यु का समाचार मिला है।   मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नई दिल्ली प्रवास में दोनों जिले की घटनाओं की जानकारी प्राप्त होते ही उज्जैन और खण्डवा कलेक्टर को इन घटनाओं में दिवंगत नागरिकों के परिजन को 4-4 लाख रुपये की सहायता राशि देने के निर्देश दिए। इसके साथ ही इन घटनाओं में घायल हुए व्यक्तियों का समुचित उपचार सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं।   उज्जैन में चंबल नदी में गिरी बच्चों से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली, दो की मौतवहीं, दूसरा हादसा उज्जैन जिले में हुआ। यहां श्रद्धालुओं से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली रेलिंग तोड़कर चंबल नदी में गिर गई। इस हादसे में 12 बच्चे नदी में गिर गए। इनमें से 11 को स्थानीय लोगों ने बाहर निकाला। एक बच्चा अभी लापता है। चार बच्चों को गौतमपुरा अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां इलाज के दौरान दो बच्चों की मौत हो गई। हादसा इंगोरिया के पास देवी प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुआ। मृतकों में पृथ्वी राज (16) और वंश (8) शामिल हैं। वहीं अमीश (10) और अंश (6) को इंदौर रेफर किया गया। वहीं शुभम चौहान नाम के एक बच्चा लापता है। जिसकी तलाश की जा रही है।प्राथमिक जानकारी के मुताबिक, 12 साल के बच्चे ने ट्रैक्टर में लगी चाबी घुमा दी। जिससे ट्रैक्टर स्टार्ट होकर आगे बढ़ गया और नदी में गिर गया। पहले स्थानीय लोगों ने बचाव कार्य किया। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस और एसडीईआरएफ की टीमें भी रेस्क्यू अभियान में जुटी हैं। ट्रैक्टर-ट्रॉली को क्रेन की मदद से नदी से निकाल लिया गया है।  

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रांची । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने राज्य सभा सांसद आदित्य साहू को झारखंड प्रदेश भाजपा का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है। राज्यसभा आदित्य साहू को रविंद्र कुमार राय की जगह झारखंड भाजपा का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है।   भारतीय जनता पार्टी ने झारखंड में बड़ा संगठनात्मक बदलाव करते हुए राज्यसभा सांसद आदित्य साहू को प्रदेश भाजपा का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है। प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष पद पर आदित्य साहू की नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है। उनकी नियुक्ति रवींद्र राय के स्थान पर की गई है। रवींद्र राय को विधानसभा चुनाव के समय कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था। इस संबंध में शुक्रवार को राष्ट्रीय सचिव अरुण सिंह ने पत्र जारी कर दी है।   आदित्य साहू झारखंड विधानसभा विधानसभा चुनाव में कोल्हान प्रमंडल के प्रभारी बनाए गए थे। 2022 में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने इनको झारखंड से राज्यसभा के लिए नामित किया गया था। उसके बाद वह निर्विरोध सांसद चुने गए थे। इस नई जिम्मेदारी से पहले वे झारखंड प्रदेश भाजपा के महामंत्री के रूप में पार्टी के लिए काम कर चुके हैं. फिलहाल, कोडरमा के पूर्व सांसद डॉ. रविन्द्र कुमार रॉय झारखंड भाजपा के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में काम कर रहे थे। उन्हें यह जिम्मा विधानसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले दी गई थी।   रांची जिला के ओरमांझी निवासी आदित्य साहू का जीवन एक प्रोफेसर से लेकर एक सफल राजनेता तक का सफर दर्शाता है। उन्हें एक जमीनी नेता माना जाता है, जिनकी संगठन पर अच्छी पकड़ है और जो पार्टी की विचारधारा के प्रति समर्पित हैं। वर्तमान में वे राज्यसभा सांसद के रूप में झारखंड के मुद्दों को राष्ट्रीय स्तर पर उठा रहे हैं।   आदित्य साहू ने वाणिज्य में मास्टर (एम.कॉम) तक की पढ़ाई की है। 2019 तक वे राम तहल चौधरी कॉलेज के प्रोफेसर थे। पिछले दो दो दशकों से वे भाजपा के सदस्य हैं। वह 2019 से राज्य भाजपा इकाई के नेता थे। 2022 में उन्हें राज्यसभा के सदस्य के रूप में चुना गया।   आदित्य साहू का जन्म 1 जुलाई 1964 को झारखंड राज्य के रांची जिले के ओरमांझी के कुचू गांव में हुआ था। आदित्य साहू एक उच्च शिक्षित व्यक्ति हैं। उन्होंने रांची विश्वविद्यालय से अपनी पढ़ाई पूरी की है। राजनीति में आने से पहले वे रांची विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत थे।   आदित्य साहू का राजनीतिक जीवन छात्र राजनीति से शुरू हुआ। वे अपने छात्र जीवन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के एक सक्रिय और प्रमुख कार्यकर्ता थे। यहीं से उन्होंने संगठन और नेतृत्व के गुण सीखे।   आदित्य साहू ने लंबे समय तक भारतीय जनता पार्टी के संगठन के लिए काम किया। वे झारखंड भाजपा के प्रदेश महामंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद पर भी रहे। इस भूमिका में उन्होंने राज्य में पार्टी को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। राजनीति में अपनी सक्रियता के दौरान, उन्हें झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (जेएसपीसीबी) का अध्यक्ष भी नियुक्त किया गया था।   साल 2022 में भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें झारखंड से राज्यसभा के लिए अपना उम्मीदवार बनाया। वे इस चुनाव में निर्विरोध चुने गए और संसद के उच्च सदन (राज्यसभा) के सदस्य बने।  

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वाराणसी । भारतीय शास्त्रीय संगीत के महान गायक, पद्म विभूषण से सम्मानित पंडित छन्नूलाल मिश्रा का गुरुवार तड़के निधन हो गया। उन्होंने मीरजापुर के रामकृष्ण सेवा मिशन चिकित्सालय में सुबह 4:15 बजे अंतिम सांस ली। उनके निधन से वाराणसी समेत पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है।   पंडित छन्नूलाल मिश्रा लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे। तीन सप्ताह पूर्व उन्हें माइनर हार्ट अटैक आया था, जिसके बाद उन्हें बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के सर सुंदरलाल चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था। जांच में उनके सीने में संक्रमण और खून की कमी पाई गई थी। इलाज के बाद जब स्थिति में कुछ सुधार हुआ तो उन्हें मीरजापुर स्थित रामकृष्ण सेवा मिशन चिकित्सालय में स्थानांतरित किया गया था। उनके परिजनों के अनुसार उनका अंतिम संस्कार वाराणसी में किया जाएगा। पंडित छन्नूलाल मिश्रा का जन्म 3 अगस्त 1936 को उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के हरिहरपुर गांव में हुआ था। उन्हें बचपन से ही संगीत में गहरी रुचि थी। प्रारंभिक शिक्षा के बाद उन्होंने किराना घराने के उस्ताद अब्दुल घनी खान से गायन की विधिवत शिक्षा प्राप्त की। वे खयाल और पूर्वी ठुमरी शैली के अप्रतिम गायक माने जाते थे। उन्होंने ठुमरी, दादरा, कजरी, चैती जैसे उपशास्त्रीय संगीत को देश-विदेश तक पहुंचाया। उनकी गायकी में बनारस की मिठास व सहजता देखने को मिलती थी।   पंडित छन्नूलाल मिश्रा को 2010 में पद्म भूषण और 2020 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। इसके अलावा उन्हें सुर सिंगार संसद, बॉम्बे का 'शिरोमणि पुरस्कार', उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और बिहार संगीत शिरोमणि जैसे कई प्रतिष्ठित सम्मान भी प्राप्त हुए थे। पंडित जी के निधन पर संगीत प्रेमियों में शोक की लहर दौड़ गई। संगीत प्रेमियों ने सोशल मीडिया में लिखा पं. छन्नूलाल मिश्रा का जाना भारतीय शास्त्रीय संगीत के एक युग का अंत है। वे केवल एक कलाकार नहीं, बल्कि भारतीय सांस्कृतिक विरासत के जीवंत प्रतीक थे। उनकी सुरीली आवाज अब केवल रिकॉर्डिंग में ही सुनी जा सकेगी, लेकिन उनके द्वारा संजोया गया संगीत-संसार आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहेगा।

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नई दिल्ली । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस बार विजयदशमी का पर्व गुजरात के भुज मिलिट्री स्टेशन पर सैनिकों के साथ मनाया। जवानों का मनोबल बढ़ाने के साथ ही उन्होंने भुज में शस्त्र पूजा की और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की हवाई रक्षा को बेनकाब करके भारत की निर्णायक क्षमता साबित करने के लिए सशस्त्र बलों को सराहा। उन्होंने चेतावनी दी कि दुश्मन का अगला कोई भी दुस्साहस हुआ तो इतिहास और भूगोल बदलने लायक कड़ा जवाब मिलेगा।   उन्होंने कहा कि शस्त्र पूजा भारत के शस्त्रों को धर्म के साधन मानने के दर्शन को दर्शाती है। शस्त्र (ज्ञान) और शस्त्र (हथियार) के संतुलन पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि भारत रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है। सीमा और साइबर चुनौतियों के प्रति आगाह किया और महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि मनोबल और शस्त्रों के बल पर कोई भी चुनौती भारत के संकल्प का सामना नहीं कर सकती। रक्षा मंत्री ने भुज में शस्त्र पूजा की और उन्होंने जवानों के माथे पर तिलक लगाकर ऑपरेशन सिंदूर में भारत की निर्णायक क्षमता साबित करने के लिए सराहा।   जवानों को संबोधन में उन्होंने कहा कि शस्त्रों की पूजा का यह दिन केवल हमारे व्यक्तिगत जीवन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे राष्ट्रीय जीवन से भी गहराई से जुड़ा हुआ है। जब एक राष्ट्र के रूप में हम अपने शस्त्रों का सम्मान करते हैं, तो हम केवल हथियारों का नहीं, बल्कि हम अपनी सामूहिक शक्ति, अपनी सुरक्षा और अपनी स्वतंत्रता का भी सम्मान कर रहे होते हैं। आज अपनी 'आत्मनिर्भरता' के संकल्प से भारत शस्त्रों का सिर्फ उपभोक्ता ही नहीं, बल्कि निर्माता और निर्यातक भी बन रहा है। थल सेना, वायु सेना और नौसेना हमारी शक्ति के तीन स्तंभ हैं। जब ये तीनों सेनाएं मिलकर कार्य करती हैं, तभी हम हर चुनौती का प्रभावी ढंग से सामना कर सकते हैं। हमारी सरकार लगातार अपनी सेनाओं के एकीकरण पर जोर दे रही है।   उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने लेह से लेकर सर क्रीक के इस इलाके तक भारत के डिफेंस सिस्टम को भेदने की कोशिश की, लेकिन भारत की सेनाओं ने अपनी जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम को पूरी तरह एक्सपोज कर दिया। भारत ने दुनिया को संदेश दे दिया कि भारत की सेनाएं जब चाहें, जहां चाहें और जैसे भी चाहें पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचा सकती हैं। अपने सामर्थ्य के बावजूद हमने संयम का परिचय दिया, क्योंकि हमारी सैन्य कार्रवाई आतंकवाद के विरोध में थी। इसको आगे बढ़ाकर जंग छेड़ना ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य नहीं था, मगर आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई अभी भी जारी है।   रक्षा मंत्री ने कहा कि आजादी के 78 साल बीत जाने के बावजूद सर क्रीक इलाके में सीमा को लेकर एक विवाद खड़ा किया जाता है। भारत ने कई बार बातचीत के रास्ते इसका समाधान करने का प्रयास किया है, मगर पाकिस्तान की नीयत में ही खोट है, उसकी नीयत साफ नहीं है। जिस तरह से हाल में पाकिस्तान की फौज ने सर क्रीक से सटे इलाकों में अपना सैन्य ढांचा बढ़ाया है, उससे उसकी नीयत का पता चलता है। राजनाथ सिंह ने चेतावनी दी कि भारत की सीमाओं की रक्षा भारतीय सेनाएं और बीएसएफ मिल कर मुस्तैदी से कर रही है। अगर सर क्रीक इलाके में पाकिस्तान की ओर से कोई भी हिमाकत की गई, तो उसे ऐसा करारा जवाब मिलेगा कि इतिहास और भूगोल दोनों बदल जाएगा।   उन्होंने जवानों का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आपकी रणनीति, आपके साहस और आपकी क्षमता ने साबित कर दिया कि भारत हर परिस्थिति में दुश्मन को मात देने में सक्षम है। मुझे पूरा विश्वास है कि आप सबका साहस, आप सबका शौर्य इसी प्रकार भारत की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा करता रहेगा। शस्त्र पूजा के बाद उन्होंने मां दुर्गा से प्रार्थना कि वह हमारे शस्त्रों को सदैव धर्म की रक्षा के लिए प्रेरित करें। हमारे सैनिकों को असीम शक्ति और साहस प्रदान करें, ताकि वो इसी तरह अधर्म और आसुरी शक्तियों के नाश के लिए काम करते रहें और इस राष्ट्र को अजेय और अभेद्य बनाए रखें।

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नागपुर । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने आज कहा कि हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं हो सकती। यदि समाज में व्यापक परिवर्तन लाना है तो वह केवल लोकतांत्रिक मार्ग से ही संभव है। लगभग 40 मिनट के भाषण में डॉ. भागवत ने समाज में आ रहे बदलाव, पड़ोसी देशों में उथल-पुथल, अमेरिकी टैरिफ, सरकारों का रवैया, लोगों में बेचैनी समेत कई ज्वलंत मुद्दों पर अपनी बात रखी।डॉ. भागवत गुरुवार को यहां के रेशिमबाग मैदान में संघ की स्थापना की 100वीं वर्षगांठ पर आयोजित विजयादशमी उत्सव को संबोधित कर रहे थे। डॉ. भागवत के साथ मंच पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, विदर्भ प्रांत के संघचालक दीपक तामशेट्टीवार, प्रांत के सह संघचालक श्रीधरजी गाडगे और नागपुर महानगर के संघचालक राजेश लोया उपस्थित थे।संघ प्रमुख डॉ. भागवत ने समाज में जानबूझकर फैलाए जा रहे द्वेष और घृणा पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि श्रद्धास्थानों का अपमान, महापुरुषों के बारे में अपप्रचार और कानून हाथ में लेने की घटनाओं के माध्यम से समाज को तोड़ने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। ये घटनाएं पूर्वनियोजित होती हैं और विशेष समुदायों को भड़काने के लिए की जाती हैं। ऐसे जाल में फंसना राष्ट्रहित के विरुद्ध है। श्रीलंका, बांग्लादेश और नेपाल जैसे देशों में सत्ता परिवर्तन के लिए हुई हिंसक घटनाओं का उल्लेख करते हुए डॉ. भागवत ने कहा कि भारत में भी अस्थिरता फैलाने वाली शक्तियां सक्रिय हैं, जिन्हें समय रहते पहचान कर रोकना आवश्यक है। भारत की समृद्धि के लिए पड़ोसी देशों में शांति और स्थिरता बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है।उन्होंने कहा कि हिंदू, हिंदवी, भारतीय, आर्य- ये सभी समानार्थी शब्द हैं, लेकिन जो शब्द हमारे राष्ट्रीय स्वरूप को स्पष्ट रूप से दर्शाता है, वह है हिंदू। हमारा राष्ट्र राज्य की सीमाओं पर आधारित नहीं है, बल्कि संस्कृति के आधार पर निर्मित हुआ है। राज्य आते-जाते रहते हैं, परंतु राष्ट्र सतत विद्यमान रहता है। इसीलिए हमारा यह राष्ट्र सनातन काल से एक हिंदू राष्ट्र है।पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को पाकिस्तान से आए दहशतगर्दों द्वारा 26 पर्यटकों की धर्म के आधार पर की गई नृशंस हत्या की घटना पर डॉ. भागवत ने कहा कि इस हमले ने पूरे देश को दुख, शोक और आक्रोश में डुबो दिया। इसके जवाब में भारत सरकार ने एक सुनियोजित कार्रवाई की। उन्होंने कहा, "इस घटना ने हमें सिखाया कि भले ही हम सभी से मैत्रीपूर्ण संबंध रखें, परंतु हमें अपनी सुरक्षा के प्रति सजग रहना ही होगा। भागवत ने कहा कि इस घटनाक्रम के पश्चात, हमने यह भी देखा कि कौन-से देश भारत के सच्चे मित्र हैं और कौन शत्रु हैं।आत्मनिर्भर भारत समय की मांगमहात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर भागवत ने कहा कि गांधीजी स्वतंत्रता संग्राम के मुख्य शिल्पकार थे। स्वतंत्र भारत के 'स्व' आधारित विकास दृष्टिकोण में उनका योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। अमेरिका की व्यापार नीतियों का उल्लेख करते हुए भागवत ने कहा कि विश्व आज परस्परावलंबी है, लेकिन आत्मनिर्भरता के बिना कोई मार्ग नहीं है। उन्होंने स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग और आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को समय की मांग बताया।नेतृत्व, चरित्र, राष्ट्रभक्ति की पाठशाला है शाखासंघ की शाखाएं केवल शारीरिक प्रशिक्षण का माध्यम नहीं हैं, बल्कि यह राष्ट्रभाव, नेतृत्व, चरित्र निर्माण और राष्ट्रभक्ति का संगम हैं। जब समाज संगठित हो जाता है, तब उसे किसी अवतार, नेता या सरकार पर निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं होती। समाज स्वयं अपनी शक्ति से परिवर्तन लाता है। डॉ. भागवत ने कहा कि संघ का मुख्य उद्देश्य एक ऐसा समाज बनाना है जो अपने बलबूते पर राष्ट्र की सभी ज़िम्मेदारियां उठा सके। इसके लिए व्यक्ति और राष्ट्र के चरित्र का निर्माण आवश्यक है। शाखा में यही संस्कार दिये जाते हैं।भारत को बनाना है विश्वगुरुसंघ प्रमुख भागवत ने कहा कि भारतीय संस्कृति वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना को जीवित रखने वाली संस्कृति है। यह संस्कृति कभी ‘हम और वे’ की मानसिकता में विश्वास नहीं करती। ऐसे में हिंदू समाज का कर्तव्य है कि वह संगठित होकर भारत को फिर से एक वैभवशाली राष्ट्र बनाए और विश्व को नई दिशा प्रदान करे। पिछले 100 वर्षों से यही कार्य संघ द्वारा किया जा रहा है।कोविंद बोले- संघ में नहीं जातीय भेदभावपूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में जातीय आधार पर कोई भेदभाव नहीं होता और संघ सामाजिक एकता का पक्षधर रहा है। उन्होंने अपने जीवन में डॉ. हेडगेवार और बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के योगदान को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने बाबासाहब के 1949 में संविधान सभा के सम्बोधन का उल्लेख करते हुए कहा कि उनमें और संघ के चिंतन में समानता दिखती है जहां एकता है, वहां अस्मिता है और जहां विभाजन है, वहां पतन होता है।   कोविंद ने कहा, ''संघ की विचारधारा और स्वंयसेवकों से मिलने का अवसर 1991 के आम चुनाव के दौरान हुआ। उस चुनाव अभियान के दौरान समाज के विभिन्न वर्गों से मिलने का अवसर मिला। अब भी समाज के कई लोगों को यह जानकारी नहीं है कि संघ में किसी भी तरह की अस्पृश्यता या जातिगत छुआछूत नहीं है। संघ में किसी प्रकार का जातिगत भेदभाव नहीं होता है। इस संदर्भ में 2001 में लाल किले के परिसर में आयोजित दलित संगम रैली का मैं जिक्र करना चाहूंगा। कुछ लोग अटलजी को दलित विरोधी होने का दुष्प्रचार करते थे। अटलजी ने कहा था कि हम अंबेडकरवादी हैं। भीम स्मृति अर्थात भारत का संविधान। मनु स्मृति के आधार पर हमारी सरकार काम नहीं करेगी। हमारी सरकार भीम स्मृति अर्थात भारत के संविधान पर काम करेगी। राष्ट्रपति पद का निर्वहन करते हुए मैंने संवैधानिक मूल्यों को, बाबा साहब के मूल्यों को प्राथमिकता दी।''   पूर्व राष्‍ट्रपति कोविंद ने कहा, ''सभी को विजयदशमी की हार्दिक बधाई। सुखद संयोग है कि आज महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्रीजी की जयंती है। मैं इस अवसर पर उनको श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। सबसे बड़ी स्वंयसेवी संस्था का शताब्दी समारोह संपन्न हो रहा है। बाबा साहब की दीक्षा भूमि का दर्शन करने का सौभाग्य मिला। डॉ. हेडगेवार, श्रीगुरुजी, रज्जू भैया के प्रति हार्दिक श्रद्धाजंलि अर्पित करता हूं। डॉ. हेडगेवार ने संगठन का जो पौधा लगाया, गुरुजी ने उसकी जड़ें मजबूत कीं और रज्जू भैया ने आर्थिक बदलाव के बीच संघ को मार्गदर्शन दिया।'' कोविंद ने आगे कहा कि उनके जीवन निर्माण में डॉ. हेडगेवार और डॉ. आंबेडकर का अहम योगदान रहा है।

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दुबई । भारत ने दुबई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए एशिया कप 2025 के फाइनल में पाकिस्तान को 5 विकेट से हराकर नौंवीं बार एशियाई चैंपियनशिप अपने नाम की। भारत की जीत की नींव तिलक वर्मा की शानदार नाबाद 69 रनों की पारी रही, जिन्होंने टीम के एक छोर को संभाले रखा।147 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत कमजोर रही और 20 रन पर अभिषेक शर्मा, शुभमन गिल और सूर्यकुमार यादव के विकेट गिर गए। इसके बाद संजू सैमसन और तिलक वर्मा ने चौथे विकेट के लिए अर्धशतकीय साझेदारी की। संजू 24 रन बनाकर आउट हुए। इसके बाद शिवम दुबे ने तिलक वर्मा के साथ अर्धशतकीय साझेदारी की, जिसमें उन्होंने 22 गेंदों में 33 रन बनाए।पाकिस्तानी टीम 146 रनों पर ऑल आउट हुई और 20 ओवर भी पूरे नहीं कर पाई। सलामी बल्लेबाज फरहान और फखर की जोड़ी ने शुरुआती 84 रन जोड़कर उम्मीद जगाई, लेकिन भारतीय स्पिनरों ने पाकिस्तान को घेरा। कुलदीप यादव ने 4 विकेट लिए, अक्षर पटेल और वरुण चक्रवर्ती ने दो-दो विकेट झटके, जबकि जसप्रीत बुमराह ने 2 विकेट लिए। पाकिस्तान के साहिबजादा फरहान ने 57 और फखर जमान ने 46 रन बनाए, बाकि कोई भी बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा पार नहीं कर सका। भारत-पाकिस्तान मुकाबलों की बात करें तो एशिया कप 2025 में टीम इंडिया ने 14 दिन के भीतर तीन बार पाकिस्तान को पटखनी दी है। पहले टूर्नामेंट के लीग मैच में, फिर सुपर-4 मुकाबले में और अब फाइनल में 5 विकेट से पाकिस्तान को मात दी है।

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लेह । हिंसा प्रभावित लेह शहर में सोमवार को छठे दिन भी कर्फ्यू जारी रहा। कर्फ्यूग्रस्त इलाकों में स्थिति कुल मिलाकर शांतिपूर्ण रही और कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। संवेदनशील इलाकों में पुलिस और अर्धसैनिक बलों की भारी तैनाती की गई है और वे कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कड़ी निगरानी रख रहे हैं। उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने समग्र सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए आज एक बैठक बुलाई है।   एक अधिकारी ने कहा कि 24 सितंबर को शहर में व्यापक हिंसा के दौरान मारे गए दो युवाओं स्टैनज़िन नामग्याल (24) और जिग्मेट दोरजय (25) का रविवार को अंतिम संस्कार किया गया। लेह शहर में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं अभी भी निलंबित हैं, जबकि कारगिल सहित केंद्र शासित प्रदेश के अन्य प्रमुख हिस्सों में पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगाने वाली निषेधाज्ञा भी लागू है। बंद के दौरान व्यापक हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद बुधवार शाम को लेह शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया था। झड़पों में लगभग 80 पुलिसकर्मियों सहित 150 से अधिक लोग घायल भी हुए।   प्रदर्शन के बाद दो पार्षदों समेत 60 से ज़्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया। इनमें जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक भी शामिल हैं, जिन्हें शुक्रवार को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार करने के बाद राजस्थान की जोधपुर जेल में शिफ्ट कर दिया गया।

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नई दिल्ली । कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर भाजपा प्रवक्ता प्रिंटू महादेव की कथित टिप्पणी को कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने साजिश बताते हुए कार्रवाई की मांग की।वेणुगोपाल ने यहां पत्रकारों से कहा कि इस तरह के बयान राहुल गांधी की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हैं। उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर तुरंत कदम उठाने की अपील की। इसके अलावा सुरक्षा एजेंसियों ने भी राहुल गांधी की सुरक्षा को लेकर कई पत्र लिखे हैं, जिनमें से कुछ मीडिया में लीक हो चुके हैं। भाजपा नेता की ओर से साफ तौर पर धमकी दी गई है। हमें लगता है कि यह किसी बड़ी साजिश का हिस्सा है। मुझे अभी तक गृहमंत्री की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है। हम भाजपा से जानना चाहते हैं कि क्या वे इस कृत्य के साथ खड़े हैं। अगर नहीं, तो उन्हें उस प्रवक्ता के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसकी निंदा करते हुए कहा कि लोकतंत्र में ऐसी भाषा और सोच का कोई स्थान नहीं है। राहुल गांधी लगातार कथित वोट चोरी, महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के मुद्दों को उठाते रहे हैं और भाजपा इन मुद्दों पर दबाव महसूस कर रही है।कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि मैं राहुल गांधी की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता में हूं। पहले भी उनको उनकी जुबान काटने, सिर काटने या इंदिरा गांधी की हत्या का हवाला देने जैसी धमकियां मिली हैं, लेकिन भाजपा ने कोई कार्रवाई नहीं की। उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि भाजपा नेता द्वारा लाइव टीवी पर दी गई धमकी केवल एक नेता पर हमला नहीं, बल्कि लोकतंत्र पर हमला है।उल्लेखनीय है कि कथित तौर पर प्रिंटू महादेव ने लद्दाख हिंसा पर एक मलयालम टीवी चैनल में डिबेट में कहा था कि राहुल गांधी के सीने में गोली मार दी जाएगी।

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज 'मन की बात' में कहा कि छठ महापर्व भारतीय संस्कृति की गहरी आस्था और प्रकृति के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक है। यह पर्व अब वैश्विक स्तर पर भी पहचान बना रहा है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार इसे यूनेस्को की 'इनटेंजिबल कल्चरल हेरिटेज लिस्ट' में शामिल कराने का प्रयास कर रही है, जिससे इसकी गरिमा और बढ़ेगी।   प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 'मन की बात' के 126वें एपिसोड में आज शहीद भगत सिंह और लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने देश में महिला सशक्तिकरण के उदाहरण दिए, सांस्कृतिक धरोहरों को वैश्विक पहचान दिलाने के प्रयासों का उल्लेख किया और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प पर जोर दिया। उन्होंने देशवासियों को आगामी त्योहारों की शुभकामनाएं दी और इस बात का विशेष उल्लेख किया कि संग अपने 100 वर्ष पूरे करने जा रहा है।   प्रधानमंत्री ने रविवार को आकाशवाणी के मासिक कार्यक्रम 'मन की बात’ के 125 कड़ियों की यात्रा पार करने का जिक्र किया और कहा कि यह जनता से जुड़ने का प्रेरणादायी माध्यम बन चुका है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 28 सितंबर को दो महान विभूतियों की जयंती है। शहीद भगत सिंह को उन्होंने युवाओं के लिए प्रेरणा बताया और उनके साहसिक पत्र का उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने अंग्रेजों से अपने साथ युद्धबंदी जैसा व्यवहार करने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा कि भगत सिंह की निर्भीकता और सेवा भावना हर भारतीय को मार्गदर्शन देती है।   उन्होंने लता मंगेशकर को भारतीय संस्कृति का अमूल्य स्वर बताया। उन्होंने कहा कि उनके गीतों ने देशभक्ति और संवेदनाओं को जीवंत किया। उन्होंने बताया कि लता मंगेशकर से उनका व्यक्तिगत स्नेह रहा और वे हर वर्ष उन्हें राखी भेजती थीं। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि लता मंगेशकर स्वातंत्र्य वीर सावरकर से प्रेरित रही है। उन्होंने कहा, “लता दीदी जिन महान विभूतियों से प्रेरित थीं उनमें वीर सावरकर भी एक हैं, जिन्हें वो तात्या कहती थीं। उन्होंने वीर सावरकर जी के कई गीतों को भी अपने सुरों में पिरोया।”   प्रधानमंत्री ने नवरात्रि के अवसर पर नारी शक्ति की उपलब्धियों को रेखांकित किया। उन्होंने नौसेना की लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना और रूपा के साहसिक "नाविका सागर परिक्रमा" का उल्लेख किया। इन दोनों अधिकारियों ने 238 दिनों तक 47,500 किलोमीटर की समुद्री यात्रा पूरी की।प्रधानमंत्री ने उनके अनुभव सुनाए। इनमें उन्होंने बताया कि यात्रा में तूफानों का सामना, अत्यधिक तापमान और सीमित संसाधनों के बावजूद धैर्य और टीमवर्क ने हमें सफलता दिलाई। प्रधानमंत्री ने इसे देश की बेटियों के साहस और संकल्प का अद्वितीय उदाहरण बताया।   प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सरकार छठ महापर्व को यूनेस्को की 'इनटेंजिबल कल्चरल हेरिटेज लिस्ट' में शामिल कराने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कोलकाता की दुर्गा पूजा को पहले से इस सूची में शामिल होने का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि छठ पर्व का महत्व आज वैश्विक स्तर पर बढ़ रहा है और यह न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में आस्था का प्रतीक बन चुका है। गांधी जयंती का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने स्वदेशी के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में खादी की बिक्री कई गुना बढ़ी है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि 2 अक्टूबर को खादी उत्पाद अवश्य खरीदें और "वोकल फॉर लोकल" को जीवन मंत्र बनाएं।   उन्होंने तमिलनाडु, झारखंड और बिहार के उदाहरण दिए, जहां उद्यमियों और महिलाओं ने परंपरा और नवाचार को जोड़कर रोजगार और आत्मनिर्भरता के नए रास्ते बनाए। उन्होंने कहा, “सफलता की ये सभी गाथाएं हमें सिखाती हैं कि हमारी परंपराओं में आय के कितने ही साधन छिपे हुए हैं। अगर इरादा पक्का हो, तो सफलता हमसे दूर नहीं जा सकती।” प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष की विजयादशमी विशेष महत्व रखती है, क्योंकि 1925 में इसी दिन नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना हुई थी। उन्होंने कहा कि डॉ. हेडगेवार और गुरुजी गोलवलकर के नेतृत्व ने संगठन को राष्ट्र सेवा की दिशा दी।   उन्होंने कहा, “सदियों की गुलामी ने हमारे स्वाभिमान और आत्मविश्वास को गहरी चोट पहुंचाई थी। विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यता के सामने पहचान का संकट खड़ा किया जा रहा था। देशवासी हीन-भावना का शिकार होने लगे थे। इसलिए देश की आजादी के साथ-साथ ये भी महत्वपूर्ण था कि देश वैचारिक गुलामी से भी आजाद हो। ऐसे में, परम पूज्य डॉ. हेडगेवार जी ने इस विषय में मंथन करना शुरू किया और फिर इसी भगीरथ कार्य के लिए उन्होंने 1925 में विजयादशमी के पावन अवसर पर ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ’ की स्थापना की।"   उन्होंने गुरुजी के वाक्य "राष्ट्राय स्वाहा, इदं राष्ट्राय इदं न मम" को उद्धृत करते हुए कहा कि यह संघ की सेवा भावना का आधार है। उन्होंने बताया कि स्वयंसेवक आपदा के समय सबसे पहले राहत कार्य में पहुँचते हैं और हर कार्य में "राष्ट्र प्रथम" की भावना सर्वोपरि रहती है।   प्रधानमंत्री ने आगामी 7 अक्टूबर को महर्षि वाल्मीकि जयंती का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि वाल्मीकिजी ने मानवता को रामायण जैसा अद्भुत ग्रंथ दिया। उन्होंने आग्रह किया कि अयोध्या में रामलला के दर्शन करने वाले लोग वाल्मीकि और निषादराज मंदिर के दर्शन भी करें।   प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कला, साहित्य और संस्कृति किसी एक दायरे में बंधे नहीं रहते। इनकी सुगंध सभी सीमाओं को पारकर लोगों के मन को छूती है। उन्होंने इस सन्दर्भ में पेरिस के "सौन्त्ख मंडप" की उपलब्धियों का उल्लेख किया, जिसने भारतीय नृत्य को विश्व स्तर पर लोकप्रिय बनाया। इसकी स्थापना मिलेना सालविनी ने की थी। कुछ वर्ष पहले उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।   प्रधानमंत्री ने कुछ गीतों की प्रस्तुति करते हुए जानकारी दी कि भूपेन हजारिका के गीतों को श्रीलंकाई कलाकारों ने सिंहली और तमिल में अनुवाद किया है, जिससे सांस्कृतिक जुड़ाव बढ़ा है। उन्होंने असम के गायक जुबीन गर्ग और विचारक एसएल भैरप्पा को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, “जुबीन गर्ग एक मशहूर गायक थे, जिन्होंने देशभर में अपनी पहचान बनाई। असम की संस्कृति से उनका बहुत गहरा लगाव था। जुबीन गर्ग हमारी यादों में हमेशा बने रहेंगे और उनका संगीत आने वाली पीढ़ियों को मंत्रमुग्ध करता रहेगा।”   त्योहारों के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने कहा कि खरीदारी के समय स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता दें और हर उत्सव को 'वोकल फॉर लोकल' का अवसर बनाएं। उन्होंने स्वच्छता को घर से बाहर समाज तक ले जाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “आने वाले दिनों में एक के बाद एक त्योहार और खुशियां आने वाली हैं। हर पर्व पर हम खरीदारी भी खूब करते हैं। और इस बार तो ‘जीएसटी बचत उत्सव’ भी चल रहा है। एक संकल्प लेकर आप अपने त्योहारों को और खास बना सकते हैं। अगर हम ठान लें कि इस बार त्योहार सिर्फ स्वदेशी चीजों से ही मनाएंगे, तो देखिएगा, हमारे उत्सव की रौनक कई गुना बढ़ जाएगी।   कार्यक्रम के अंत में प्रधानमंत्री ने देशवासियों को त्योहार विशेष कर दीपावली की शुभकामनाएं दी और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को दोहराया।

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मुंबई । दिल्ली के पूर्व कप्तान मिथुन मन्हास को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का नया अध्यक्ष चुना गया है। यह निर्णय रविवार को मुंबई में आयोजित बीसीसीआई की 94वीं वार्षिक आम बैठक में लिया गया। अध्यक्ष पद अगस्त में पूर्व भारतीय ऑलराउंडर रोजर बिन्नी के इस्तीफे के बाद से खाली था। तब से उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला अंतरिम अध्यक्ष की भूमिका निभा रहे थे। अब शुक्ला उपाध्यक्ष बने रहेंगे, जबकि देवजीत सैकिया सचिव के पद पर कायम रहेंगे।   बीसीसीआई पदाधिकारियों में एक और पूर्व क्रिकेटर जुड़े हैं। पूर्व स्पिनर राघुराम भट नए कोषाध्यक्ष बने हैं। पिछले कोषाध्यक्ष प्रभावतेज सिंह भाटिया को संयुक्त सचिव नियुक्त किया गया है।   वरिष्ठ पुरुष चयन समिति में भी बदलाव हुआ है। पूर्व खिलाड़ी प्रज्ञान ओझा और आरपी सिंह को शामिल किया गया है, जिन्होंने एस शरथ और सुब्रतो बनर्जी की जगह ली है। अजित अगरकर की अध्यक्षता वाली यह समिति 2026 टी20 विश्व कप तक कार्यरत रहेगी। शरथ को अब जूनियर चयन समिति का अध्यक्ष बनाया गया है।   पूर्व सौराष्ट्र कप्तान जयदेव शाह को बीसीसीआई की एपेक्स काउंसिल में जगह दी गई है। मिजोरम के खैरुल जमाल मजूमदार को आईपीएल गवर्निंग काउंसिल का सदस्य बनाया गया है।   महिला चयन समिति में भी बदलाव किए गए हैं। नीतू डेविड की जगह अमिता शर्मा नई अध्यक्ष बनी हैं। उनकी टीम में श्यामा डे, सुलक्षणा नाइक, जया शर्मा और श्रावंती नायडू शामिल हैं।   विमेंस प्रीमियर लीग समिति की अध्यक्षता जयेश जॉर्ज करेंगे। इसमें मन्हास, शुक्ला, सैकिया, भाटिया और भट के साथ अरुण धूमल भी शामिल हैं।   अक्टूबर में 46 वर्ष के होने वाले मन्हास भारतीय घरेलू क्रिकेट के दिग्गज माने जाते हैं। उन्होंने 157 प्रथम श्रेणी मैचों में 9714 रन, 130 लिस्ट-ए मैचों में 4126 रन और 91 टी20 मुकाबलों में 1170 रन बनाए। क्रिकेट से संन्यास के बाद वे कोचिंग में सक्रिय रहे हैं और आईपीएल टीमों से जुड़े रहे हैं।

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करूर । तमिलनाडु के करूर जिले में तमिलनाडु वेत्री कलागम (टीवीके) पार्टी नेता जोसेफ विजय की रविवार को हुई रैली के दौरान भगदड़ में 39 लोगों की जान चली गई। इनमें 8 बच्चे और 16 महिलाएं हैं। 50 से अधिक घायल विभिन्न अस्पतालों में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं।इस घटना ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने हादसे में जान गंवाने वालों के प्रति गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए घायलों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना की है।    रविवार शाम करीब 7 बजे करूर के वेलुसामीपुरम इलाके में अभिनेता से नेता बने तमिलनाडु वेत्री कलागम (टीवीके) पार्टी प्रमुख जोसेफ विजय की "वेलिचम वेलियेरु" नामक चुनावी रैली में भगदड़ मचने से 39 लोगों की मौत हो गई। हादसे में 50 से अधिक लोग घायल लोगों का इलाज जारी है।    आर्थिक मदद और जांच की घोषणा मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये और घायलों को 1 लाख रुपये की आर्थिक मदद का आदेश दिया।राज्य सरकार ने घटना की जांच के लिए हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज अरुणा जगतीशन की अगुवाई में एक सदस्यीय दल का गठन किया है।   राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री सहित विभिन्न दलों के नेताओं ने जताया शोक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने हादसे में जान गंवाने वालों के प्रति गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने घायलों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने को लेकर प्रार्थना की।   प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने घटना में लोगों की मौत पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए घायलों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना की।  जबकि जोसेफ विजय ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि घटना से उनका दिल टूूट गया है और इससे उन्हें असहनीय पीड़ा पहुंची है।उन्होंने मृतकों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त की है।   एआईएडीएमके महासचिव और पार्टी नेता एडप्पादी पलानीस्वामी ने शोक संदेश जारी कर कहा कि करूर की एक चुनावी सभा में हुई भगदड़ में 39 से ज़्यादा लोगों की मौत और कई अन्य के बेहोश होने की खबर बेहद दुखद है। पार्टी की तरफ से पूर्व मंत्री विजयभास्कर को सरकारी अस्पताल जाकर वहाँ भर्ती लोगों की मदद का निर्देश दिया गया है।

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इंफाल । सुरक्षा बलों के समन्वित अभियानों की कड़ी में मणिपुर में सुरक्षा बलों ने 25 और 26 सितंबर को विभिन्न प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े तीन सक्रिय कैडरों को गिरफ्तार किया है। इन गिरफ्तारियों से उग्रवादियों के जबरन वसूली, खुफिया जानकारी जुटाने और उग्रवादी नेटवर्क से जुड़ी गतिविधियों पर लगाम लगी है।   मणिपुर पुलिस ने शनिवार काे बताया कि प्रतिबंधित संगठन आरपीएफ/पीएलए के एक सक्रिय कैडर, जिसकी पहचान बिष्णुपुर जिले के कुंबी सेतुपुर वार्ड संख्या 2 निवासी खानगेमबाम थोइबा सिंह उर्फ थोई (48) को बिष्णुपुर पुलिस स्टेशन के अंतर्गत तेरा उरक चेक प्वाइंट से गिरफ्तार किया गया। जांच से पता चला कि वह बिष्णुपुर जिले में सुरक्षाकर्मियों की आवाजाही के बारे में जानकारी एकत्र करने और उसे आगे बढ़ाने में लगा हुआ था। उसके पास से एक सिम कार्ड वाला मोबाइल फोन बरामद किया गया।    इसी कड़ी में एक अलग अभियान में, सुरक्षा बलों ने इंफाल पश्चिम जिले के मोंगसांगेई अवांग लेइकाई निवासी कोंथौजम ओपेंद्रो सिंह (52) को, जो केवाईकेएल का एक सक्रिय कैडर है, को इंफाल पूर्व के लामलाई पुलिस स्टेशन के अंतर्गत सावोमबंग सामुदायिक भवन से गिरफ्तार किया। वह कथित तौर पर मणिपुर विश्वविद्यालय, औद्योगिक विभाग और कई स्कूलों सहित सरकारी संस्थानों से जुड़े ठेके के कामों से पैसे वसूलने में शामिल था।   इस कड़ी में सुरक्षा बलों ने इंफाल पूर्व के लामलाई पुलिस स्टेशन के अंतर्गत सावोमबंग बाजार से केसीपी (पीडब्ल्यूजी) के एक सक्रिय कार्यकर्ता निंगथौखोंगजम रोबिचंद मैतेई उर्फ चिंगशांगलकपा उर्फ गोरोबा (25) को गिरफ्तार किया। उसके पास से एक आधार कार्ड बरामद किया गया।

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लेह । लद्दाख के लेह शहर में शनिवार को चौथे दिन भी कर्फ्यू जारी रहा। पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने पिछले दिन राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद गश्त और जांच तेज़ कर दी है।   उपराज्यपाल के नेतृत्व वाले प्रशासन ने शुक्रवार देर रात जारी एक बयान में वांगचुक की गिरफ्तारी को उचित ठहराया और कहा कि नेपाल आंदोलन और अरब स्प्रिंग का हवाला देते हुए उनके कथित भड़काऊ भाषणों की श्रृंखला के कारण बुधवार को हिंसा हुई, जिसमें चार लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। इसमें कहा गया है कि वांगचुक की नज़रबंदी शांतिप्रिय लेह शहर में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए ज़रूरी थी।   शांति व्यवस्था कायम करने में जुटे अधिकारी ने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान लद्दाख में कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबंध लगाए गए हैं। उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता जल्द ही राजभवन में एक उच्चस्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करेंगे और कर्फ्यू में ढील देने का कोई भी फैसला उसी के अनुसार लिया जाएगा।   अधिकारी ने बताया कि संवेदनशील इलाकों में पुलिस और अर्धसैनिक बलों द्वारा गश्त और जांच बढ़ा दी गई है। फरार दंगाइयों को पकड़ने के लिए छापेमारी भी जारी है, जिनमें एक पार्षद भी शामिल है, जिसने कथित तौर पर हिंसा भड़काई थी। उन्होंने बताया कि झड़पों के बाद 50 से ज़्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है, जबकि कारगिल सहित केंद्र शासित प्रदेश के अन्य प्रमुख शहरों में पांच या उससे अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर निषेधाज्ञा के तहत कड़े प्रतिबंध भी लागू हैं।   सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय (डीआईपीआर), लद्दाख की ओर से जारी एक बयान में कहा कि वांगचुक राज्य की सुरक्षा, शांति, सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने में व्यवधान उत्पन्न कर रहे हैं। वे हानिकारक गतिविधियों में भी लिप्त रहे हैं। उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) की बैठक के बारे में सरकार की ओर से स्पष्ट सूचना और एचपीसी के समक्ष पूर्व बैठकों की पेशकश के बावजूद वांगचुक ने अपने गुप्त उद्देश्य से 10 सितंबर से शहर में भूख हड़ताल जारी रखी। उनके भड़काऊ भाषणों, नेपाल आंदोलन, अरब स्प्रिंग आदि के संदर्भों और भ्रामक वीडियो के परिणामस्वरूप 24 सितंबर को लेह में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए। संस्थानों, इमारतों और वाहनों को जला दिया गया और पुलिसकर्मियों पर हमला किया गया, जिसमें चार लोगों की दुर्भाग्यपूर्ण मौत हो गई।   बयान में राज्य का दर्जा और क्षेत्र में संविधान की छठी अनुसूची के विस्तार की मांगों का ज़िक्र करते हुए कहा गया कि अगर वह अपनी व्यक्तिगत और राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं से ऊपर उठकर उसी एजेंडे पर सरकार के साथ बातचीत फिर से शुरू होने पर भूख हड़ताल वापस ले लेते, तो यह पूरा घटनाक्रम टाला जा सकता था।   बयान में कहा गया कि लद्दाख के शांतिप्रिय लेह शहर में सामान्य स्थिति बहाल करना ज़रूरी है। यह सुनिश्चित करने के लिए वांगचुक को सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए हानिकारक तरीके से आगे काम करने से रोकना भी ज़रूरी है। उनके भड़काऊ भाषणों और वीडियो की पृष्ठभूमि में व्यापक जनहित में उन्हें लेह जिले में रखना उचित नहीं था। प्रशासन ने विशिष्ट सूचनाओं के आधार पर वांगचुक को एनएसए के तहत हिरासत में लेने और उन्हें राजस्थान की जोधपुर जेल में स्थानांतरित करने का सोच-समझकर निर्णय लिया है।

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नई दिल्ली । कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी चार दिनों की विदेश यात्रा पर शनिवार को रवाना हो गए।कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने एक्स पर जानकारी दी कि राहुल गांधी दक्षिण अमेरिका के चार देशों की यात्रा करेंगे। इस दौरान वे राजनीतिक नेताओं, विश्वविद्यालयों के छात्रों और उद्योग-व्यापार जगत के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे।कांग्रेस के मुताबिक राहुल गांधी ब्राजील और कोलंबिया का दौरा करेंगे, जहां वे विश्वविद्यालयों में छात्रों से संवाद करेंगे। इसके अलावा वे प्रमुख व्यवसायियों से भी चर्चा करेंगे।   

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नई दिल्ली । दिल्ली उच्च न्यायालय ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के पूर्व जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े से मानहानि की उनकी याचिका की स्वीकार्यता पर सवाल किए हैं। वानखेड़े ने शाहरुख खान और उनकी पत्नी गौरी खान के स्वामित्व वाली रेड चिलीज एंटरटेनमेंट और नेटफ्लिक्स के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है। वानखेड़े का आरोप है कि इन कंपनियों ने अपनी सीरीज 'द बैड बॉयज ऑफ बॉलीवुड' में उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाई है। जस्टिस पुष्पेन्द्र कौरव की बेंच ने याचिकाकर्ता से पूछा कि क्या वेब सीरीज के दर्शक दिल्ली में हैं इसलिए दिल्ली उच्च न्यायालय का क्षेत्राधिकार हो जाएगा। न्यायालय ने याचिकाकर्ता को याचिका में संशोधन करने को कहा। वानखेड़े ने शाहरुख खान, उनकी पत्नी गौरी खान की कंपनी रेड चिलीज एंटरटेनमेंट और अन्य पक्षों से 2 करोड़ का हर्जाना मांगा है। वानखेड़े ने कहा है कि वेब सीरीज में उनकी छवि गलत तरीके से पेश की गई है। इसके जरिए न केवल समीर वानखेड़े बल्कि जांच एजेंसी की छवि को खराब करने की कोशिश की गई है। याचिका में कहा गया है कि समीर वानखेड़े और आर्यन खान का मामला अभी बंबई उच्च न्यायालय और ट्रायल कोर्ट में विचाराधीन है इसलिए इस, विषय पर वेब सीरीज का निर्माण करना कोर्ट के काम में हस्तक्षेप करने के बराबर है। याचिका में कहा गया है कि वानखेड़े की छवि को हुए नुकसान की एवज में कोर्ट जो हर्जाना तय करे उसे टाटा मेमोरियल अस्पताल को दे दिया जाए। वानखेड़े की याचिका में कहा गया है कि वेबसीरीज की सामग्री सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता के कई प्रावधानों का उल्लंघन करती है, क्योंकि यह अश्लील और आपत्तिजनक सामग्री के माध्यम से राष्ट्रीय भावनाओं को चोट पहुंचाने का प्रयास करती है।

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पटना । कांग्रेस महासचिव और सांसद प्रियंका गांधी ने शुक्रवार को पटना के सदाकत आश्रम में लगभग 2,000 महिलाओं को संबोधित किया और उनसे राज्य के भविष्य को आकार देने में "अपनी शक्ति को पहचानने" का आग्रह किया।   "शक्ति अधिकार" कार्यक्रम में उन्होंने घरेलू कामगारों और आंगनवाड़ी कर्मचारियों से लेकर पेशेवर महिलाओं तक, सभी महिलाओं से कहा कि राजनीतिक दल नकद राशि देकर उनका वोट तो लेते हैं, लेकिन उन्हें सम्मान या अवसर नहीं दे पाते। प्रियंका ने कहा, "आप अपनी शक्ति को नहीं पहचानते। लेकिन पार्टियां पहचानती हैं। इसलिए वे चुनाव से पहले आपको पैसे देती हैं। वे जानते हैं कि वे आपके समर्थन के बिना सरकार नहीं बना सकते।"   बिहार में बेरोजगारी और पलायन पर उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधा और कहा कि कई पुरुष राज्य के बाहर काम करने को मजबूर हैं, जिससे महिलाओं को अकेले ही काम चलाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि यहां रोजगार के कोई अवसर नहीं हैं।   इस कार्यक्रम में महिलाओं ने प्रियंका के साथ अपने निजी संघर्षों को साझा किया, जिसमें मनरेगा मजदूरों, जीविका सदस्यों और आशा कार्यकर्ताओं की समस्याएं शामिल थीं।

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नई दिल्ली । भारत के आसमान पर 62 साल तक राज करने और पाकिस्तान के साथ तीन युद्ध लड़ने वाले मिग-21 विमान ने आज आखिरकार वायु सेना के हवाई बेड़े से विदाई ले ली। अपनी आखिरी उड़ान के साथ इस विमान को केवल शौर्य और पराक्रम की गाथा के लिए ही नहीं बल्कि इसे सबसे अधिक पायलटों की मौत के लिए भी याद किया जायेगा। मिग-21 को चंडीगढ़ एयरबेस से विदाई दिए जाने के बाद अब वायु सेना की नयी ताकत के रूप में स्वदेशी हल्का लड़ाकू विमान तेजस मार्क-1 ए इसकी जगह लेगा।   भारतीय वायु सेना के बेड़े में मार्च, 1963 में शामिल हुआ पहला सुपरसोनिक विमान मिग-21 अब 60 साल पूरे कर चुका है। देश की सेवा में 50 वर्षों तक रहने के बाद 11 दिसम्बर, 2013 को इसे रिटायर कर दिया गया। हालांकि, 1970 के बाद से मिग-21 सुरक्षा के मुद्दों से इस कदर त्रस्त हो चुका था कि दुर्घटनाओं में 170 से अधिक भारतीय पायलट और 40 नागरिक मारे गए। 1966 से 1984 के बीच 840 विमानों में से लगभग आधे दुर्घटनाओं में क्रैश हो गए। इन विमानों में से अधिकांश के इंजनों में आग लग गई या फिर छोटे पक्षियों से टकरा कर नष्ट हुए। मिग-21 के लगातार दुर्घटनाग्रस्त होने पर इसे 'उड़ता ताबूत' कहा जाने लगा था।   अपनी फुर्ती, सटीक हमलों और तेज गति के कारण पायलटों की पहली पसंद रहे मिग-21 को बाद में मिग-21 बाइसन के रूप में अपग्रेड किया गया।रूसी कंपनी ने 11,496 मिग-21 विमानों का निर्माण करने के बाद अपने आखिरी मिग-21 को मिग बाइसन के रूप में 1985 में अपग्रेड किया था। इस परिष्कृत मॉडल में पहले वाले मिग-21 वेरिएंट की कई कमियों को दूर किया गया था। रूसी कंपनी ने भारतीय वायु सेना के पास बचे 54 मिग-21 विमानों को भी मिग-21 बाइसन के रूप में अपग्रेड किया। इसके बाद वायु सेना का मिग-21 अपग्रेड होकर 'मिग-21 बाइसन' हो गया, जो आज तक देश की सेवा कर रहे थे।   वायु सेना के लड़ाकू विमानों के बेड़े में शामिल मिग-21 ने हर छोटे-बड़े सैन्य अभियान में दुश्मन को पस्त कर आकाश में अपनी धाक जमाई। वर्ष 1963 में लड़ाकू बेड़े में शामिल किये जाने के दो वर्ष बाद ही मिग-21 ने सबसे पहले 1965 की भारत-पाकिस्तान लड़ाई में अपने जौहर दिखाये और दुश्मन की कमर तोड़ दी। इसके बाद 1971 की लड़ाई में इसने ढाका में राजभवन को निशाना बनाकर पाकिस्तान को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर कर दिया। उसके बाद कारगिल युद्ध के दौरान भी दुश्मन को खदेड़ने में इसने अग्रणी और महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। मिग-21 ने अपने सेवाकाल में वायु सेना के लिए हजारों प्रशिक्षित पायलट तैयार करने में भी अग्रणी भूमिका निभाई।   आखिरी बार मिग-21 तब सुर्ख़ियों में आया, जब 27 फरवरी, 2019 में की गई बालाकोट एयर स्ट्राइक के जवाब में पाकिस्तानी वायु सेना की कार्रवाई का मुकाबला करते समय विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान ने इसी विमान से पाकिस्तानी वायु सेना के अत्याधुनिक अमेरिकी लड़ाकू विमान एफ-16 को गिरा दिया था लेकिन पाकिस्तान इससे इनकार करता है। इसी दौरान उनके मिग-21 को भी गोली मार दी गई, जिसकी वजह से विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान पैराशूट से नीचे उतरे। पाकिस्तानी क्षेत्र में लैंड करने के कारण पाकिस्तानी सेना ने उन्हें बंदी बना लिया लेकिन कूटनीतिक दबावों के बाद उन्हें चंद दिन बाद रिहा करना पड़ा।   वायु सेना के हवाई बेड़े का हिस्सा बनकर छह दशकों में मिग-21 ने अपनी ताकत, फुर्ती और सटीक हमलों से भारतीय वायु सेना की मारक क्षमता और उसकी शक्ति को नया आयाम दिया है। मिग-21 के सेवानिवृत्त होने के बाद वायु सेना के पास लड़ाकू विमानों की 29 स्क्वाड्रन बचेंगी, जबकि जरूरत 42 की है। मिग-21 की विदाई के ठीक एक दिन पहले लंबे इंतजार के बाद केंद्र सरकार ने 25 सितंबर को भारतीय वायु सेना के लिए 97 एलसीए मार्क-1ए लड़ाकू विमानों का ऑर्डर एचएएल को दे दिया है। अब एचएएल वायु सेना के लिए कुल 180 एलसीए तेजस का उत्पादन करना है। आने वाले समय में नए स्वदेशी विमान एलसीए तेजस एमके-1 और एमके-2 वायु सेना की कम हुई स्क्वाड्रन की भरपाई करेंगे।

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नई दिल्‍ली । बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुए। अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप (‘वनxबेट’) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी उनसे पूछताछ कर रही है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 52 वर्षीय अभिनेता सोनू सूद दोपहर करीब 12 बजे नई दिल्ली स्थित केंद्रीय जांच एजेंसी के कार्यालय पहुंचे। इस मामले के जांच अधिकारी अभिनेता सोनू सूद से पूछताछ करके धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत उनका बयान दर्ज करेंगे। केंद्रीय जांच एजेंसी इस मामले में अब तक पूर्व क्रिकेटरों सुरेश रैना, शिखर धवन, रॉबिन उथप्पा और युवराज सिंह के अलावा पूर्व टीएमसी सांसद और अभिनेत्री मिमी चक्रवर्ती और बंगाली अभिनेता अंकुश हाजरा से पूछताछ कर चुकी है। ईडी ने मंगलवार को भारत के पूर्व स्टार क्रिकेटर युवराज सिंह से इसी मामले में लगभग सात घंटे तक पूछताछ की थी। ‘वनxबेट’ ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप के संचालन की जांच, ऐसे प्लेटफॉर्म के खिलाफ ईडी की व्यापक जांच का हिस्सा है, जिन पर करोड़ों रुपये की ठगी करने और कथित तौर पर भारी मात्रा में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों की चोरी करने के आरोप हैं।

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लेह । लेह में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन और बंद के दौरान युवाओं के एक समूह के हिंसक हो जाने और पथराव करने के बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया। बुधवार को यह विरोध प्रदर्शन छठी अनुसूची के विस्तार के साथ-साथ लद्दाख को राज्य का दर्जा देने पर केंद्र के साथ प्रस्तावित वार्ता को आगे बढ़ाने की मांग के समर्थन में किया गया था।   केंद्र और लद्दाख के प्रतिनिधियों में लेह एपेक्स बॉडी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के सदस्य शामिल हैं। इनके बीच 6 अक्टूबर को नए दौर की वार्ता निर्धारित है। इससे पहले लेह एपेक्स बॉडी की युवा शाखा ने विरोध और बंद का आह्वान किया था, क्योंकि 10 सितंबर से 35 दिनों की भूख हड़ताल पर बैठे 15 लोगों में से दो को मंगलवार शाम को हालत बिगड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के नेतृत्व में यह भूख हड़ताल भी क्षेत्र में चल रहे आंदोलन का हिस्सा थी।   लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर किए गए विरोध प्रदर्शन के दौरान लेह में भाजपा कार्यालय में आग लगा दी गई, जो पुलिस के साथ झड़प में बदल गया। पुलिस ने व्यवस्था बहाल करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं।

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नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने बुधवार को जहाज निर्माण और समुद्री क्षेत्र को मजबूती देने के लिए 69,725 करोड़ रुपये के व्यापक पैकेज को मंजूरी दी है। यह निर्णय ‘समग्र चार स्तंभ दृष्टिकोण’ के तहत लिया गया है, जिसका उद्देश्य घरेलू जहाज निर्माण, समुद्री वित्त व्यवस्था और उत्पादन क्षमता को बढ़ाना है।प्रेस सूचना महानिदेशक धीरेंद्र ओझा ने एक्स पर जानकारी दी कि कैबिनेट ने 69,725 करोड़ रुपये के पैकेज को मंजूरी दी है, जिससे भारत के जहाज निर्माण और समुद्री क्षेत्र को पुनर्जीवित किया जाएगा। यह पहल जहाज निर्माण, समुद्री वित्तपोषण और घरेलू क्षमता को सुदृढ़ करने पर केंद्रित है।सरकार ने जहाज निर्माण वित्तीय सहायता योजना (एसबीएफएएस) को 31 मार्च 2036 तक बढ़ा दिया है। इस योजना के तहत 24,736 करोड़ रुपये का कोष उपलब्ध कराया जाएगा। इसमें जहाज तोड़ने का क्रेडिट नोट भी शामिल है, जिसके लिए 4,001 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।इसके अलावा, समुद्री विकास कोष (एमडीएफ) के रूप में 25,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है, जिससे इस क्षेत्र को दीर्घकालिक वित्त पोषण उपलब्ध कराया जाएगा। इसी क्रम में जहाज निर्माण विकास योजना (एसबीडीएस) के अंतर्गत 19,989 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिसका लक्ष्य घरेलू जहाज निर्माण क्षमता को 4.5 मिलियन ग्रॉस टनेज तक बढ़ाना है।सरकार का अनुमान है कि इस कदम से 4.5 मिलियन ग्रॉस टनेज की जहाज निर्माण क्षमता विकसित होगी, लगभग 30 लाख रोजगार उत्पन्न होंगे और करीब 4.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश भारत के समुद्री क्षेत्र में आकर्षित होगा।

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गुवाहाटी । असम के दिग्गज पार्श्व गायक एवं अभिनेता ज़ुबीन गर्ग का पार्थिव शरीर आज अर्जुन भोगेश्वर बरुवा खेल परिसर से लगभग 20 किलोमीटर दूर कमारकुची एनसी गांव स्थित श्मशान स्थल पर लाया गया हैै, जो उनकी अंतिम यात्रा का अंतिम चरण है।   जुबीन गर्ग की अंतिम यात्रा खेल परिसर से शुरू हुई, जिसमें लाखों प्रशंसक, शुभचिंतक और मशहूर हस्तियां शामिल हुईं।   गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दूसरे पोस्टमॉर्टम के बाद उनके पार्थिव शरीर को खेल परिसर में लाया गया और पारंपरिक असमिया 'गामोछा' से ढके एक कांच के ताबूत में रखा गया। शव को फूलों से सजी एक एम्बुलेंस में ले जाया गया, जिस पर गायक का एक बड़ा श्वेत-श्याम चित्र लगा था।   उनके 85 वर्षीय पिता और पत्नी गरिमा सैकिया सहित उनका परिवार अलग-अलग वाहनों में उनके साथ था, जबकि प्रशंसक और शुभचिंतक श्रद्धांजलि देने के लिए शवयात्रा के साथ-साथ चल रहे थे। गर्ग का पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किये जाने की तैयारी शुरू हो गयी है।

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कोलकाता । कोलकाता और आसपास के इलाकों में रातभर हुई तेज बारिश के बीच मंगलवार सुबह अलग-अलग इलाकों में करंट लगने से 5 लोगों की मौत हो गई। सोमवार रात से लगातार हुई बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया और कई इलाकों की सड़कें जलमग्न हो गईं। ट्रैक पर पानी भर जाने के कारण रेल और मेट्रो यातायत भी प्रभावित हुआ है।    मिली जानकारी के अनुसार, नेताजी नगर में एक साइकिल सवार की मौत हो गई। वह पेशे से फल बेचने वाला था और मंगलवार सुबह जमा पानी में साइकिल चला रहा था। अचानक उसका संतुलन बिगड़ा और उसने सड़क किनारे लगे बिजली के खंभे को छू लिया। मौके पर ही उसकी मौत हो गई। काफी समय तक उसका शव पानी में पड़ा रहा और इलाके में शॉर्ट सर्किट के कारण दमकलकर्मी भी अंदर नहीं जा पाए। स्थिति को देखते हुए तुरंत सीईएससी को बिजली काटने की सूचना दी गई।   इसी तरह, कालिकापुर, गड़ियाहाट के बालीगंज प्लेस और बिनियापुकुर में भी करंट लगने से तीन लोगों की मौत हुई। वहीं, एकबालपुर थाना क्षेत्र में मंगलवार सुबह करीब 5:30 बजे जितेंद्र सिंह (उम्र 60 वर्ष) करंट की चपेट में आ गए। उन्हें तुरंत एसएसकेएम अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।   इस घटना पर केंद्र के शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि कोलकाता और आसपास के क्षेत्रों में करंट लगने से हुई कई मौतों से वे अत्यंत दुखी हैं। साथ ही उन्होंने राज्य सरकार से अपील की कि प्रभावित परिवारों को तुरंत मदद दी जाए।   इस बीच सीईएससी ने भी लोगों से अपील की है कि वे जलजमाव वाली सड़कों पर बिजली के खंभों, पिलर बॉक्स और तारों से दूर रहें। किसी भी आपात स्थिति में मदद के लिए 033-3501-1912 नंबर पर संपर्क करने को कहा गया है।  

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नई दिल्ली । कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को केंद्र सरकार पर भारत के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए बेरोजगारी को सबसे बड़ा संकट करार दिया।राहुल गांधी ने अपने एक्स पोस्ट में कहा कि भारत में युवाओं की सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी है और इसका सीधा संबंध वोट चोरी से है। जब कोई सरकार जनता का विश्वास जीतकर सत्ता में आती है तो उसका पहला कर्तव्य होता है युवाओं को रोजगार और अवसर देना। राहुल ने दावा किया कि इसी वजह से देश में बेरोजगारी 45 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच चुकी है।उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि नौकरियां घट रही हैं, भर्ती प्रक्रियाएं ध्वस्त हो चुकी हैं और युवाओं का भविष्य अंधेरे में धकेला जा रहा है।

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नई दिल्‍ली । वस्‍तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की नई दरें नवरात्रि के पहले दिन सोमवार से लागू हो गई हैं। त्योहारी सीजन होने से बाजारों में खासी रौनक रहने वाली है। कंपनियों ने ग्राहकों को फायदा देने के लिए कई उत्पादों की कीमतें घटाए हैं, उत्‍पादों पर नया और पुराना रेट वाला एमआरपी स्टिकर लगाया है। जीएसटी दरें कम होने से घी, पनीर और कार खरीदने से लेकर एसी खरीदना भी सस्ता हो गया है। देशभर में आज से अमल में आने वाली जीएसटी में मुख्य रूप से सिर्फ पांच और 18 फीसदी की अब दो दरें हैं। हालांकि, लग्जरी और विलासितापूर्ण वाली वस्तुओं पर अलग से 40 फीसदी का कर लगाया गया है। नए बदलावों के अनुसार तंबाकू और संबंधित उत्पाद 28 फीसदी से अधिक उपकर की श्रेणी में बने रहेंगे। सरकार ने निर्देश दिया है कि जीएसटी की नई दरें लागू होने के बाद व्यापार और उद्योग जगत इसका पूरा लाभ ग्राहकों तक पहुंचाए।  सरकार ने तीन सितंबर को जीएसटी दरों में कटौती का ऐलान किया था, जो आज से पूरे देश में प्रभावी हो गई है। जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में इस पर फैसला लिया गया था। ऐसे में आइए जानते इस बदलाव से कौन-सा सामान सस्‍ता हुआ है। एसी, डिशवॉशर के दाम 1,610 से 8,000 तक घटेवोल्टास, डाइकिन, हायर गोदरेज और पैनासोनिक जैसी इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों ने भी एयरकंडीशनर एवं डिशवॉशर की कीमतों में न्यूनतम 1,610 से 8,000 रुपये तक कटौती की है। कंपनियों को नवरात्र में 10 फीसदी से ज्यादा बिक्री होने की उम्मीद है। गोदरेज अप्लायंसेज कैसेट और टावर एसी पर 8,550 से 12,450 रुपये के बीच कीमत घटाए हैं। हायर ने 3,202 से 3,905 रुपये, वोल्टास ने 3,400 से 3,700 रुपये, डाइकिन ने 1,610 से 7,220 रुपये, एलजी इलेक्ट्रॉनिक ने 2,800 से 3,600 और पैनासोनिक ने 4,340 से 5,500 रुपये तक एसी के दाम कम किए हैं। अमूल व मदर डेयरी ने दूध समेत अन्य उत्पादों के दाम घटाएअमूल ने 700 से ज्यादा उत्पादों की कीमतों में कटौती की है।  मदर डेयरी ने भी ट्रेटा पैक दूध, दही और आइसक्रीम जैसे उत्पादों के भाव घटाने का एलान किया है। इनमें घी, मक्खन, बेकरी व अन्य उत्पाद शामिल हैं। 610 रुपये किलो वाला घी अब 40 रुपये सस्ता होगा। 100 ग्राम मक्खन 62 रुपये के बजाय 58 रुपये व 200 ग्राम पनीर 99 रुपये के बजाय 95 रुपये में मिलेगा। पैकेज्ड दूध दो-तीन रुपये सस्ता होगा। इससे पूर्व मदर डेयरी भी दाम में कटौती की घोषणा कर चुकी है। महिंद्रा एंड महिंद्रा एसयूवी पर 2.56 लाख का फायदामहिंद्रा एंड महिंद्रा ने एसयूवी वाहनों की कीमतें भी घटा दी हैं। साथ ही, अतिरिक्त प्रोत्साहन भी देगी। इससे ग्राहकों को 2.56 लाख तक का फायदा होगा।बोलेरो नियो की एक्स-शोरूम कीमत में 1.27 लाख की कमी व 1.29 लाख के अतिरिक्त लाभ के साथ कुल 2.56 लाख रुपये बचत होगी।रेल नीर भी सस्ता, एक रुपये कम होगी कीमत भारतीय रेलवे ने रेल नीर सस्ता कर दिया। अब एक लीटर की बोतल की कीमत 15 से घटकर 14 रुपये होगी। आधा लीटर की बोतल 10 के बजाय 9 रुपये में मिलेगी। रेलवे परिसरों/ट्रेनों में आईआरसीटीसी व अन्य ब्रांडों की पेयजल बोतलों के दाम भी 14 और 9 रुपये हो गए हैं। होटल बुकिंग, जिम, फ्लाइट टिकट, सिनेमा टिकट भी सस्ते होंगेहोटल के कमरों की बुकिंग, ब्यूटी और सेहत से जुड़ी सर्विसेज पर जीएसटी दर 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है। वहीं, 100 रुपये तक की सिनेमा टिकटों पर 5 फीसदी टैक्स लगेगा, जो पहले 12 फीसदी था, जबकि 100 रुपये से ज्यादा की टिकटों पर 18 फीसदी जीएसटी लगेगा। होटल के कमरों, जिनका किराया 1000 रुपये से कम है, वो अब भी टैक्स फ्री रहेंगे। 1000 से 7500 रुपये के होटल रूम पर जीएसटी 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है। प्रीमियम होटल्स, जिनका किराया 7500 रुपये से ज्यादा है उनपर 18 फीसदी जीएसटी लगेगा। जीएसटी में बदलाव से कुछ सामान महंगे भी होंगेजीएसटी सुधार से शौक और विलासिता की चीजों के लिए 40 फीसदी का नया स्लैब बनाया गया है। इसमें पान मसाला, तंबाकू जैसे प्रोडक्ट शामिल हैं। इनके अलावा कुछ कार और बाइक्स भी 40 फीसदी टैक्स के दायरे में आएंगी। हालांकि ये गाड़ियां महंगी नहीं होंगी। पहले इनपर 28 फीसदी जीएसटी के साथ 17 फीसदी तक सेस लगता था। कुल टैक्स 45 फीसदी था, जो घटकर अब 40 फीसदी हो गया है। पेट्रोल गाड़ियां जो 1200 सीसी और 4 मीटर से ज्यादा लंबी हो उनपर 40 फीसदी टैक्स लगेगा। डीजल गाड़ियां जो 1500-सीसी और 4 मीटर से ज्यादा लंबी हो उनपर भी 40 फीसदी टैक्स लगेगा। मोटरसाइकिल जो 350-सीसी से ज्यादा हो वो भी इसी टैक्स के दायरे में आएंगी। अर्थव्यवस्था पर असरसरकार का दावा है कि जीएसटी 2.0 से आम आदमी को राहत मिलेगी, कारोबार करना आसान होगा और अर्थव्‍यवस्‍था को बूस्ट मिलेगा। पिछले हफ्ते वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विशाखापट्टनम में आयोजित 'नेक्स्ट जेन जीएसटी रिफॉर्म्स' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा-इससे अर्थव्‍यवस्‍था में करीब 2 लाख करोड़ रुपए आएंगे। देश के मुख्‍य इकोनॉमिक एडवाइजर वी. अनंथा नागेश्वरन ने कहा- लोगों के हाथ में ज्यादा खरीदारी की ताकत आएगी, जिससे डिमांड-प्रोडक्शन का चक्र चलेगा। सकल घरेलू उत्‍पाद (जीडीपी) ग्रोथ बढ़ेगी। शिकायतों के लिए पोर्टल पर विशेष सेक्शनसरकार ने संशोधित जीएसटी दरों से संबंधित शिकायतें दर्ज कराने और उनके निवारण के लिए राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) के इनग्राम पोर्टल पर एक समर्पित श्रेणी बनाई है। इसमें ऑटोमोबाइल, बैंकिंग, ई-कॉमर्स, एफएमसीजी और अन्य उप-श्रेणियां हैं।

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बेंगलुरु  । राज्य में सामाजिक और शैक्षणिक सर्वेक्षण (जाति जनगणना) आज से शुरू हो गई। कई समुदायों के असंतोष, आपत्तियों और चिंताओं के बीच राज्य का पिछड़ा वर्ग आयोग 7 करोड़ लोगों के घर-घर जाकर सारी जानकारी इकट्ठा करेगा।   जाति जनगणना के लिए 1.75 लाख शिक्षकों को तैनात किया गया है और उन्हें अग्रिम तैयारियों के साथ प्रशिक्षित किया गया है। गणनाकार 60 प्रश्नों के माध्यम से सारी जानकारी दर्ज करेंगे। ईसाई उपजातियों के नाम दर्ज करने के मामले में आयोग ने विभिन्न राजनीतिक और प्रशासनिक जटिलताओं के कारण 33 ईसाई उपजातियों को सूची से हटा दिया है।   हालांकि, लोग चाहें तो अपना धर्म और जाति विवरण स्वयं दर्ज कर सकते हैं। बेंगलुरु शहर में तैयारी और प्रशिक्षण में देरी के कारण सर्वेक्षण 2-3 दिन देरी से शुरू होगा। इस बीच, उच्च न्यायालय आज जाति जनगणना को चुनौती देने वाली जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। अखिल कर्नाटक ब्राह्मण महासभा की जनहित याचिका पीठ के समक्ष सूचीबद्ध है और अन्य याचिकाओं पर भी विचार किए जाने की संभावना है।

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दुबई । एशिया कप 2025 के सुपर-4 राउंड में में टीम इंडिया ने शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को लीग मुकाबले के बाद फिर पटखनी दी है। रविवार रात दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए मुकाबले में भारत ने पाकिस्तान को 7 गेंद शेष रहते 6 विकेट से मात दी।पाकिस्तान की ओर से मिले 172 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम ने 18.5 ओवर में 4 विकेट खोकर जीत दर्ज की। युवा सलामी बल्लेबाज अभिषेक शर्मा ने केवल 39 गेंदों में 74 रनों की धमाकेदार पारी खेली, जिसमें 5 छक्के और 6 चौके शामिल थे। उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। उप-कप्तान शुभमन गिल ने 28 गेंदों में 8 चौकों की मदद से 47 रन जोड़े, जबकि तिलक वर्मा ने 19 गेंदों पर नाबाद 30 रन बनाकर जीत पक्की की। तिलक ने अपनी पारी में 2 चौके और 2 छक्के लगाए।पाकिस्तान की तरफ से हारिस रऊफ ने 2 विकेट झटके, जबकि अबरार अहमद और फहीम अशरफ को एक-एक विकेट मिला।इससे पहले, पाकिस्तान ने टॉस हारकर बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 5 विकेट पर 171 रन बनाए। साहिबजादा फरहान ने 45 गेंदों में 58 रनों की ठोस पारी खेली। वहीं सैम अय्यूब ने 21 रन, फहीम अशरफ ने 8 गेंदों पर नाबाद 20 रन और कप्तान सलमान आगा ने नाबाद 17 रन का योगदान दिया।भारत की ओर से शिवम दूबे सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने 4 ओवर में 33 रन देकर 2 विकेट हासिल किए। कुलदीप यादव और हार्दिक पंड्या को 1-1 सफलता मिली।इस जीत के साथ टीम इंडिया ने सुपर-4 में दमदार शुरुआत की है और फाइनल की राह पर महत्वपूर्ण कदम बढ़ा लिया है।

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वॉशिंगटन । एच-1बी वीजा को लेकर अमेरिका के नये नियम आज (अमेरिकी समय के मुताबिक) 21 सितंबर से लागू हो जाएंगे।नये नियमों के तहत अमेरिका, नए आवेदकों से एक लाख डॉलर (करीब 88 लाख रुपए) शुल्क वसूल करेगा। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को इससे जुड़े कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे। ट्रंप सरकार के इस फैसले से प्रवासियों में असमंजस के बीच व्हाइट हाउस ने नए नियमों को लेकर स्पष्टीकरण भी दिया है।   व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलाइन लेविट ने शनिवार को साफ किया कि हाल ही में घोषित एक लाख डॉलर का एच-1बी वीजा शुल्क वार्षिक नहीं है। यह एकमुश्त शुल्क है जो केवल नये एच-1बी आवेदन पर लागू होगा। नवीनीकरण कराने या वर्तमान वीजा धारकों पर यह लागू नहीं होगा।   व्हाइट हाउस की तरफ से कहा गया है कि जिन लोगों के पास पहले से एच-1बी वीजा है और जो इस समय देश से बाहर हैं, उनसे दोबारा प्रवेश के लिए यह शुल्क नहीं लिया जाएगा। एच-1बी वीजा धारक देश से बाहर जा सकते हैं और दोबारा प्रवेश कर सकते हैं। ताजा नियमों का उन पर प्रभाव नहीं पड़ेगा। साथ ही  नए प्रावधान सबसे पहले आगामी एच-1बी लॉटरी चक्र से लागू होंगे।   भारतीय दूतावास ने जारी किए हेल्प लाइन नंबरइससे पहले अमेरिका में भारतीय दूतावास की तरफ से अपने नागरिकों के लिए नंबर जारी कर कहा कि आपातकालीन सहायता चाहने वाले भारतीय नागरिक मोबाइल नंबर +1-202-550-9931 (और व्हाट्सएप) पर कॉल कर सकते हैं। इस नंबर का उपयोग केवल तत्काल आपातकालीन सहायता चाहने वाले भारतीय नागरिकों द्वारा किया जाना चाहिए, न कि नियमित वाणिज्य दूतावास संबंधी पूछताछ के लिए।   एच-1बी वीजा शुल्क 1 लाख डॉलर करने का आदेश उल्लेखनीय है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने एच-1बी वीजा को लेकर बड़ी घोषणा करते हुए इसके लिए आवेदन शुल्क को बढ़ा कर एक लाख डॉलर यानी लगभग 88 लाख रुपये कर दिया है।   पहले औसतन लगते थे 5 लाख उल्लेखनीय है कि एच-1बी वीजा के लिए पहले औसतन 5 लाख रुपए लगते थे और यह 3 साल के लिए मान्य होता था। इसे 3 साल के लिए रिन्यू किया जा सकता था। नये नियमों के तहत अब अमेरिका में इसके लिए 6 साल में 5.28 करोड़ लगेंगे।   भारतीय पेशेवर प्रभावित इस घोषणा से बड़ी संख्या में अमेरिका में काम कर रहे भारतीय पेशेवरों में हड़कंप मच गया। अमेरिका में एच-1बी वीजा धारकों की सबसे बड़ी संख्या भारतीयों की है। अमेरिका हर साल करीब 85,000 नए एच-1बी वीजा जारी करता है, जिनमें से अधिकांश वीजा भारतीय पेशेवरों को मिलते हैं, जिसके बाद चीन, दक्षिण कोरिया और अन्य देशों के नागरिक होते हैं। साल 2023 में एच-1बी वीजा लेने वालों में 1,91,000 लोग भारतीय थे और साल 2024 में यह आंकड़ा बढ़कर 2,07,000 हो गया। ये कुशल भारतीय पेशेवर मुख्य रूप से टेक्नोलॉजी, हेल्थ केयर, रिसर्च जैसे क्षेत्रों में काम करते हैं।   एच-1बी वीजा को लेकर ट्रंप के ताजा आदेश के बाद असमंजस की स्थिति तब और बढ़ गई जब अमेरिकी दिग्गज कंपनियों ने कर्मचारियों को 20 सितम्बर तक हर हाल में अमेरिका वापस लौटने की सलाह दी।   क्या है एच-1बी वीजा यह एक एक नॉन-इमिग्रेंट वीजा है जो लॉटरी के जरिए दिए जाते रहे हैं। यह वीजा आईटी, आर्किटेक्चर और हेल्थ जैसे स्पेशल टेक्निकल स्किल पेशेवरों के लिए जारी होता है।  

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम 5 बजे राष्ट्र को संबोधित करेंगे। यह संबोधन नवरात्र शुरू होने से एक दिन पूर्व हो रहा है। साथ ही कल से देश भर में जीएसटी की नई दरें लागू होने जा रही हैं।    सरकार ने हाल ही में जीएसटी दरों में कटौती की है, जिससे ज्यादातर सामान अब अब 5 प्रतिशत के दायरे में आ गया है। सरकार ने 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत की दर समाप्त कर दी है। कुछ अत्यधिक लग्जरी सामानों को 40 प्रतिशत के जीएसटी दर की श्रेणी में रखा गया है। प्रधानमंत्री ने 22 सितंबर को नवरात्रि के पहले दिन से जीएसटी की नई दरें लागू होने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि जीएसटी की नई दरें हमारे देश के विकास की दोहरी खुराक का काम करेंगी। इससे न केवल हर परिवार की बचत बढ़ेगी, बल्कि हमारी अर्थव्यवस्था को भी नई ताकत मिलेगी।

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रायपुर । छत्तीसगढ़ के काेयला व शराब घोटाला मामले में ईओडब्ल्यू की टीम ने रविवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए राजधानी रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग में कई शराब कारोबारियों के घर दबिश दी गई है। प्रदेशभर में 10 ठिकानों पर ईओडब्ल्यू का छापा पड़ा है।  शराब घोटाला मामले में ईओडब्ल्यू ने प्रदेश के 10 ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई की है। रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर में शराब कारोबारियों के घर छापा पड़ा है। राजधानी में तीन से चार ठिकानों पर दबिश दी गई है। रायपुरा स्थित शिव विहार कॉलोनी स्थित शराब कारोबारी अवधेश यादव के घर भी ईओडब्ल्यू की टीम पहुंची है, जहां दस्तावेजों की जांच कर रही है।   इसी तरह दुर्ग और बिलासपुर में भी टीम ने छापामार की कार्रवाई कर जांच कर रही है। जांजगीर-चांपा जिले के अकलतरा में ईओडब्ल्यू की 12 सदस्यीय टीम ने खनिज अधिकारी के बेटे के ठिकानों पर दबिश दी है। यहां कोयला व्यापारी जयचंद कोसल के अंबेडकर चौक स्थित घर में छापामार की कार्रवाई की गई है। बताया जा रहा है कि जयचंद कोसल के पिता जांजगीर जिला में ही राजस्व विभाग में पदस्थ हैं। ईओडब्ल्यू की इस ताबड़तोड़ छापामार की कार्रवाई से एक बार फिर हड़कंप मचा हुआ है।    उल्लेखनीय है कि, छत्तीसगढ़ की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में हुए शराब और कोयला घोटाले में पहले ही कई अधिकारी और कारोबारी जेल जा चुके है।

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भावनगर । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि विश्व की शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाले देश भारत को आत्मनिर्भर बनना ही होगा। उन्होंने कहा कि भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में आत्मनिर्भरता को सबसे बड़ा मंत्र मानना होगा।प्रधानमंत्री मोदी गुजरात के भावनगर में ‘समुद्र से समृद्धि’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर 34,200 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन केवल भावनगर का नहीं, बल्कि पूरे भारत की दिशा तय करने वाला है।मोदी ने कहा, “140 करोड़ देशवासियों का एक ही संकल्प होना चाहिए—चिप (सेमीकंडक्टर) हो या शिप (जहाज), हमें भारत में ही बनाने होंगे। आत्मनिर्भर होने के अलावा भारत के पास कोई विकल्प नहीं है। हम दूसरों पर आश्रित रहेंगे तो हमारा आत्मसम्मान भी चोटिल होगा। भावी पीढ़ियों के भविष्य को दांव पर नहीं लगाया जा सकता।” उन्होंने कहा कि आज भारत समुद्री क्षेत्र में भी नेक्स्ट जेनरेशन सुधारों की ओर बढ़ रहा है। सरकार ने बड़े जहाजों को आधारभूत संरचना का दर्जा देकर इस क्षेत्र को मजबूती देने का ऐतिहासिक कदम उठाया है।प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया में भारत का कोई बड़ा दुश्मन नहीं है। सच्चे अर्थों में अगर हमारा कोई दुश्मन है तो वह है दूसरे देशों पर हमारी निर्भरता। यही हमारी सबसे बड़ी कमजोरी है और हमें मिलकर इसे खत्म करना होगा। जितनी ज्यादा विदेशी निर्भरता, उतनी ही ज्यादा देश की विफलता।मोदी ने जोर देकर कहा कि आत्मनिर्भर भारत ही सभी समस्याओं का समाधान है। उन्होंने कहा, “सौ दुखों की एक ही दवाई है और वह है आत्मनिर्भर भारत।”प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कांग्रेस की नीतियों पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि भारत में सामर्थ्य की कभी कोई कमी नहीं रही, लेकिन कांग्रेस ने हमेशा देश के सामर्थ्य को नजरअंदाज किया। आजादी के छह-सात दशक बाद भी भारत वह सफलता हासिल नहीं कर पाया जिसका वह हकदार था। कांग्रेस ने लंबे समय तक देश को लाइसेंस राज में उलझाए रखा और वैश्विक बाजारों से अलग-थलग रखा। जब वैश्वीकरण का दौर शुरू हुआ तो उसने केवल आयात पर भरोसा किया और उसमें भी हजारों करोड़ रुपये के घोटाले किए। इन नीतियों ने हमारे युवाओं को नुकसान पहुंचाया।मोदी ने कहा कि भारत सदियों से विश्व की एक बड़ी समुद्री ताकत रहा है। भारतीय तटीय राज्यों में बने जहाज दुनिया भर के व्यापार को गति देते थे। 50 साल पहले तक हमारा 40 प्रतिशत व्यापार भारतीय जहाजों पर होता था, लेकिन कांग्रेस की गलत नीतियों से भारत का जहाज निर्माण उद्योग ध्वस्त हो गया। आज स्थिति यह है कि सिर्फ 5 प्रतिशत व्यापार ही भारतीय जहाजों पर होता है और बाकी 95 प्रतिशत के लिए हमें विदेशी जहाजों पर निर्भर रहना पड़ता है।उन्होंने बताया कि वर्तमान में भारत विदेशी शिपिंग कंपनियों को शिपिंग सेवाओं के किराए के रूप में लगभग 75 बिलियन डॉलर (करीब 6 लाख करोड़ रुपये) का भुगतान करता है, जो भारत के रक्षा बजट के लगभग बराबर है।प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भारत 2047 में स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे करेगा, तब तक उसे पूरी तरह आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र बनना होगा। दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाले देश के तौर पर हमारा कर्तव्य है कि हम न केवल अपने नागरिकों के भविष्य को सुरक्षित करें बल्कि विश्व की शांति और स्थिरता के लिए भी मजबूती से खड़े हों। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत केवल एक आर्थिक रणनीति नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा, आत्मसम्मान और वैश्विक दायित्व का भी हिस्सा है।प्रधानमंत्री मोदी ने अपने जन्मदिन की 75वीं वर्षगांठ (17 सितंबर) पर देश-विदेश से मिली शुभकामनाओं के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “देश और दुनिया से जो प्यार और आशीर्वाद मिला है, वह मेरी सबसे बड़ी संपत्ति है, मेरी ताकत है। मैं सार्वजनिक रूप से सभी महानुभावों का हृदय से धन्यवाद करता हूं।”मोदी ने कहा कि विश्वकर्मा जयंती से गांधी जयंती तक पूरे देश में ‘सेवा पखवाड़ा’ मनाया जा रहा है। गुजरात में भी रक्तदान शिविरों से लेकर बड़े पैमाने पर स्वच्छता अभियान और स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन हो रहा है, जिनमें लाखों लोग भाग ले रहे हैं।  उन्होंने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में कमी से नवरात्रि और आगामी त्योहारों में बाजारों में रौनक और अधिक होगी। उन्होंने कहा, “आज मैं भावनगर ऐसे समय में आया हूं जब नवरात्रि का पर्व शुरू होने वाला है। इस उत्सवी माहौल में ‘समुद्र से समृद्धि’ का भव्य उत्सव भी हम मना रहे हैं।”कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री ने कृष्णकुमार सीजी को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा, “सरदार साहब के मिशन में शामिल होकर उन्होंने भारत की एकता में योगदान दिया। ऐसे महान देशभक्तों से प्रेरित होकर हम ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को साकार करते रहेंगे।”मोदी ने कहा कि 21वीं सदी का भारत समुद्र को बहुत बड़े अवसर के रूप में देख रहा है। पोर्ट-लेड डेवलपमेंट को गति देने के लिए आज हजारों करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया गया है। उन्होंने गुजरात और भावनगर के लोगों को बधाई देते हुए कहा कि यह आयोजन पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण है। भारत समुद्र से समृद्धि की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है और आने वाले समय में यह क्षेत्र देश की आत्मनिर्भरता का बड़ा आधार बनेगा।

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वायनाड । कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शनिवार को दावा किया कि उनके पास वोट चोरी के सबूत हैं, जिन्हें वे जल्द सार्वजनिक करेंगे।राहुल गांधी आज कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के साथ वायनाड में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ओमान चांडी की स्मृति में बने सभागार के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए। यहां उन्होंने कहा कि पिछली प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस ने वोटर लिस्ट में धांधली के उदाहरण पेश किए थे, जिनमें महादेवपुरा और आलंद मे वोट जोड़ने और काटे जाने की बात थी। उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा कि आलंद विधानसभा क्षेत्र में 6 हजार वोटरों के नाम गलत तरीके से काटने की कोशिश का मामला सीआईडी जांच के दायरे में है, जो सीईसी की भूमिका पर सवाल उठाता है।उन्होंने कहा कि ओमान चांडी सत्ता में रहते हुए भी जनता से जुड़े और विनम्र रहे, जबकि आज कई राष्ट्रीय नेता सत्ता हासिल करते घमंड में आ जाते हैं।उन्होंने केरल की लोकतांत्रिक व्यवस्था की सराहना करते हुए कहा कि पंचायतें यहां की राजनीति की नींव हैं और यह देश के लिए आदर्श उदाहरण है।प्रियंका गांधी ने कहा कि वायनाड मे बाढ़ और कटाव जैसी समस्याओं के कारण क्षेत्र अलग-थलग पड़ जाता है। कांग्रेस कार्यकर्ता यहां आश्रय स्थल बनाने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने आदिवासी समुदायों के सामने स्वास्थ्य, संपर्क और शिक्षा की चुनौतियों का जिक्र किया, साथ ही धान और कॉफी किसानों की समस्याओं का भी उल्लेख किया।

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वाशिंगटन  । अमेरिका के एच1-बी वीजा के लिए आवेदन करने के लिए अब शुल्क बढ़ गया है। अब इसके लिए 100,000 (एक लाख) अमेरिकी डॉलर देने होंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप ने शुक्रवार देररात इस संबंध में कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं। इस कदम का अमेरिका में वर्क वीजा पर काम कर रहे भारतीय कर्मचारियों पर गहरा असर पड़ सकता है।सीबीएस न्यूज चैनल की रिपोर्ट के अनुसार, कार्यकारी आदेश में नया वीजा आवेदन शुल्क जोड़ा गया है। इसके अनुसार एच-1बी कर्मचारियों को 100,000 डॉलर का भुगतान किए बिना अमेरिका में प्रवेश नहीं मिलेगा।ट्रंप ने कहा, "हम अपने देश में ऐसे लोगों को रख पाएंगे जो बहुत उत्पादक होंगे, और कई मामलों में ये कंपनियां इसके लिए अधिक धन देंगी। वे इससे बहुत खुश हैं।" इस अतिरिक्त शुल्क का असर अमेजन, आईबीएम, माइक्रोसॉफ्ट और गूगल जैसी दिग्गज प्रौद्योगिकी कंपनियों सहित नियोक्ताओं पर पड़ेगा। यह कंपनियां विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए इस वीजा पर निर्भर हैं।इससे पहले एच-1बी वीजा के लिए लगभग 1,700 डॉलर से लेकर 4,500 डॉलर देने होते थे। आमतौर पर, इस शुल्क को नियोक्ता के लिए व्यावसायिक व्यय माना जाता है। यह नया शुल्क एच-1बी वीजा पर चल रही बहस के बीच आया है, जिसके बारे में कुछ आलोचकों का कहना है कि यह कंपनियों को अमेरिकी कर्मचारियों की तुलना में कम वेतन पर विदेशी आवेदकों को नियुक्त करने में सक्षम बनाता है। आलोचकों का कहना है कि कुछ नियोक्ता उच्च कौशल आवश्यकताओं वाले वरिष्ठ पदों के बजाय प्रवेश स्तर की भूमिकाओं के लिए भी एच-1बी वीजा प्रदान करते हैं।तकनीकी कंपनियां इस वीजा कार्यक्रम की प्रमुख लाभार्थी रही हैं। श्रम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में किसी भी कंपनी की तुलना में अमेजन को सबसे अधिक एच1बी वीजा प्राप्त हुए। इस वर्ष, यह ऑनलाइन रिटेलर 10,000 से अधिक वीजा प्राप्त करने वालों में अग्रणी बना हुआ है। इसके बाद टाटा कंसल्टेंसी, माइक्रोसॉफ्ट, एप्पल और गूगल का स्थान आता है।व्हाइट हाउस के एक सहयोगी ने कहा, "इससे यह सुनिश्चित होगा कि वे जिन लोगों को ला रहे हैं, वे वास्तव में अत्यधिक कुशल हैं और अमेरिकी कर्मचारियों द्वारा उनकी जगह नहीं ली जा सकती। इसलिए यह अमेरिकी कर्मचारियों की रक्षा करेगा, लेकिन यह भी सुनिश्चित करेगा कि कंपनियों के पास वास्तव में असाधारण लोगों को नियुक्त करने और उन्हें संयुक्त राज्य अमेरिका लाने का एक रास्ता हो।"नेशनल फाउंडेशन फॉर अमेरिकन पॉलिसी के कार्यकारी निदेशक स्टुअर्ट एंडरसन ने कहा कि यदि यह योजना अमेरिकी कंपनियों को विदेशों में नौकरियां स्थानांतरित करने के लिए प्रोत्साहित करती है, विशेष रूप से अनुसंधान और विकास जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में, तो यह योजना उलटी पड़ सकती है। एंडरसन ने कहा, "दूसरा प्रभाव उन अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या में और कमी लाएगा जो अमेरिका में पढ़ाई के लिए आने में रुचि रखते हैं। अगर अमेरिका में काम के कोई अवसर नहीं हैं, तो उनके अमेरिकी कार्यक्रमों में दाखिला लेने की संभावना बहुत कम है।"पिछले साल एच-1बी वीजा के लिए सबसे लोकप्रिय नौकरी सॉफ्टवेयर डेवलपर की थी। लॉटरी के माध्यम से प्रदान किए जाने वाले एच-1बी वीजा को प्राप्त करने के लिए आवेदक के पास कम से कम स्नातक की डिग्री होनी चाहिए और उसे किसी अमेरिकी कंपनी द्वारा अस्थायी नौकरी की पेशकश की गई हो।अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवाओं के अनुसार, इस कार्यक्रम में हर साल 65,000 नए वीजा जारी करने की सीमा है, हालांकि मास्टर डिग्री या उससे अधिक योग्यता वाले कर्मचारियों के लिए अतिरिक्त 20,000 वीजा जारी किए जा सकते हैं। वित्तीय वर्ष 2026 के लिए यह सीमा और उच्च-डिग्री छूट कोटा पहले ही पूरा हो चुका है।  

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गुवाहाटी । असम के प्रसिद्ध गायक जुबिन गर्ग का सिंगापुर में निधन हो गया। उनके निधन की पुष्टि विदेश मंत्रालय ने भी कर दी है। पूरे राज्य में अशोक की लहर दौड़ गई है। देश भर में उनके चाहने वालों के बीच मायूसी छा गई है।    केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री पवित्र मार्घेरिटा ने जानकारी दी कि इस संबंध में सिंगापुर के विदेश मंत्रालय से लगातार संपर्क बना हुआ है। सिंगापुर सरकार के आधिकारिक सूत्रों ने भारत के विदेश मंत्रालय को सूचित किया कि जुबिन गर्ग का अस्पताल में निधन हो गया। मंत्रालय ने आश्वस्त किया है कि गायक का पार्थिव शरीर असम लाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।   विदेश राज्य मंत्री पवित्रा मार्घेरिटा ने खुद इस मामले में पहल की है। उन्होंने कहा कि परिवार का प्रतिनिधि सिंगापुर जाएगा और जुबिन के पार्थिव शरीर के साथ नॉर्थ ईस्ट फेस्टिवल में शामिल भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए भी सरकार आवश्यक इंतज़ाम करेगी।   उन्होंने यह भी बताया कि इस विषय पर असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा से उनका लगातार संपर्क बना हुआ है। जुबीन गर्ग के निधन की खबर सुनने के बाद मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा ने बोड़ोलैंड में अपने चुनावी कार्यक्रम को बीच में ही स्थगित कर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके पास इस पर बोलने के लिए कोई शब्द नहीं है। पूरे राज्य में अशोक की लहर दौड़ गई है। देश भर में उनके चाहने वालों के बीच मायूसी छा गई है। लोग जुबिन के लिए रोते देखे जा रहे हैं।   दरअसल, सिंगापुर में नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल में भाग लेने गए जुबिन गर्ग आज स्कूबा डाइविंग के दौरान अस्वस्थ हो गए। इसके बाद करीब एक घंटे तक बेहोश रहने के बाद उन्होंने दम तोड़ दिया। डॉक्टरों के भरसक प्रयास के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका। जुबिन के निधन के बाद से पूरे राज्य में अशोक की लहर दौड़ गई है। देश भर में उनके चाहने वालों के बीच मायूसी छा गई है। लोग जुबिन के लिए रोते-बिलखते देखे जा रहे हैं।

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नई दिल्ली । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के 60 वर्ष पूरे होने पर साउथ ब्लॉक में उस युद्ध में शामिल हुए अधिकारियों और सैनिकों के साथ शुक्रवार को बातचीत की। उन्होंने कहा कि भारत अपने पड़ोसियों के साथ रिश्तों के मामले में कभी भी भाग्यशाली नहीं रहा है, लेकिन हमने इसे नियति नहीं माना है। किसी भी राष्ट्र का वास्तविक भाग्य खेतों, कारखानों, प्रयोगशालाओं में और रणभूमि में बहाए गए पसीने से बनता है। भारत अपना भाग्य किसी और के भरोसे नहीं छोड़ता, भारत अपना भाग्य खुद गढ़ता है। इसका एक उदाहरण हमें ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एक बार फिर देखने को मिला।   उन्होंने कहा कि 1965 का युद्ध कोई छोटा-मोटा संघर्ष नहीं था, बल्कि वह भारत की ताकत की परीक्षा थी। उस दौर की परिस्थितियों को देखते हुए पाकिस्तान ने सोचा था कि घुसपैठ या गुरिल्ला हमलों से वह भारत को डरा देगा, लेकिन भारत की मिट्टी में पला हर जवान इस भावना के साथ पला-बढ़ा होता है कि चाहे कुछ भी हो जाए, लेकिन इस देश की संप्रभुता और अखंडता पर आंच नहीं आने देगा। रक्षा मंत्री ने कहा कि कोई भी युद्ध केवल लड़ाई के मैदान में नहीं लड़ा जाता, बल्कि युद्ध में मिली जीत पूरे राष्ट्र के सामूहिक संकल्प का परिणाम होती है। उन्होंने कहा कि भारत अपने पड़ोसियों के साथ संबंधों के मामले में भाग्यशाली नहीं रहा है, लेकिन हमने अपनी नियति स्वयं तय की है, जिसका ताजा उदाहरण ऑपरेशन सिंदूर है।   रक्षा मंत्री ने 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दिग्गजों के साथ बातचीत में कहा कि हम पहलगाम की भयावह घटनाओं को भूले नहीं हैं। इस घटना को याद करते ही हमारा दिल भारी हो जाता है और मन क्रोध से भर जाता है। पहलगाम की घटना ने हम सभी को झकझोर दिया, लेकिन हमारे मनोबल को नहीं तोड़ पाई। हमने ऑपरेशन सिंदूर में दुश्मनों को दिखा दिया कि हमारा प्रतिरोध कितना मजबूत और शक्तिशाली है। हमारी पूरी टीम के करिश्मे ने साबित कर दिया कि जीत अब कोई अपवाद नहीं है। जीत एक आदत बन गई है और हमें इस आदत को हमेशा बनाए रखना चाहिए।   उन्होंने कहा कि 1965 के उस कठिन दौर में जब चारों ओर अनिश्चितता और चुनौतियां थीं, तब तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के नेतृत्व में देश ने उनका सामना किया। शास्त्री जी ने उस दौर में न केवल निर्णायक राजनीतिक नेतृत्व दिया, बल्कि पूरे देश के मनोबल को ऊंचाई तक पहुंचाया। उन्होंने 'जय जवान, जय किसान' का ऐसा नारा दिया, जो आज भी हमारे हृदय में गूंजता है। इस नारे में हमारे वीर सैनिकों के सम्मान के साथ-साथ हमारे अन्नदाताओं का गौरव भी शामिल था।   राजनाथ सिंह ने कहा कि 1965 के युद्ध के दौरान कई घटनाओं ने इतिहास में अपना नाम दर्ज करा दिया। फिलोरा की लड़ाई में हमारे सशस्त्र बलों के पराक्रम ने पाकिस्तान की हिम्मत तोड़ दी। इसके अलावा चाविंडा की लड़ाई तो दुनिया की सबसे बड़ी टैंक बैटल्स में गिनी जाती है। वहां भी हमने साबित कर दिया कि कोई भी युद्ध टैंकों से नहीं, बल्कि हौसले और दृढ़ निश्चय से जीता जाता है। वर्ष 1965 के युद्ध में हमारे वीर अब्दुल हमीद ने अपने अकेले साहस से टैंकों की पूरी कतार को जला डाला। उनकी वीरता हमें सिखाती है कि कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी साहस, संयम और देशभक्ति का संगम, असंभव को संभव बना सकता है।

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गोपेश्वर । उत्तराखंड के चमोली जिले के नंदानगर क्षेत्र में दैवीय आपदा के बाद राहत और बचाव कार्य के दूसरे दिन एक चमत्कारिक घटना सामने आई। मलबे में दबा एक व्यक्ति लगभग 18 घंटे बाद जीवित निकला, लेकिन उसकी पत्नी और उसके दो बेटों के शव मिले हैं। यहां लापता दस लोगों में अब तक सात लोगों के शव बरामद हो चुके हैं। अभी लापता दो लोगों की खोज के लिए अभियान चलाया जा रहा है।   नंदानगर के कुंतरी लगा फाली, सैंती और धुर्मा में गुरूवार की तड़के तीन बजे आसमान से बरसी आफत के साथ आए मलबे में दबकर दस लोग लापता हो गए थे। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, डीडीआरएफ तथा स्थानीय लोगों ने कड़ी मेहनत कर सात लोगों शव के बरामद कर लिए है। इसी मलबे से एक व्यक्ति जीवित निकला है। इस व्यक्ति की पहचान कुंवर सिंह के रूप में हुई है। बरामद सात शवों में कुंवर सिंह की पत्नी कांता देवी और दो पुत्र विकास और विशाल शामिल हैं।  अन्य लापता जिन चार लोगों के आज शव बरामद हुए है। उनमें नरेन्द्र सिंह, जगदम्बा प्रसाद और उनकी पत्नी भागा देवी, देवेश्वरी देवी शामिल हैं।  सरपाणी के कुंवर सिंह को मलबे से जीवित निकालने के बाद इलाज के लिए हायर सेंटर भेज दिया गया है। जानकारी के अनुसार धुर्मा के गुमान सिंह और ममता देवी अभी भी लापता हैं। जिनकी खोजबीन जारी है।  

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  लगेगी शांडिल्य गुरु की प्रतिमा      कोलार रोड के दूसरे छोर भदभदा चौराहे पर उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने  ब्रह्मलीन बालगोविंद शांडिल्य गुरुजी की प्रतिमा स्थापना तथा चौराहे के सौंदर्यीकरण का भूमि-पूजन किया। सौंदर्यीकरण के लिये 8 लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं।   श्री गुप्ता ने कहा कि सरकार शहर के विकास के लिये सतत प्रयत्नशील है। उन्होंने शासन की विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि नागरिक शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये आगे आयें। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि घर-घर जाकर नागरिकों को शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये प्रेरित करें। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा कोटरा में सड़क भूमि-पूजन उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने आई-5 शासकीय आवास कोटरा के पास सड़क निर्माण का भूमि-पूजन किया। सड़क की लागत 20 लाख है। श्री गुप्ता ने सड़क का कार्य गुणवत्तापूर्ण करवाने के निर्देश दिये। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।     Attachments area          

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      मध्यप्रदेश के प्राचीन मंदिरों में भगवान के दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को अब प्रदेश के पुरावैभव, कला और संस्कृति की झलक भी वहां देखने को मिलेगी। इसके लिए राज्य सरकार मंदिरों में संग्रहालयों का निर्माण कराएगी। इस योजना को संस्कृति, धर्मस्व और पुरातत्व विभाग मिलकर अंजाम देंगे। मध्यप्रदेश में इस समय कई प्रसिद्ध मंदिर है जहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है। लेकिन इन मंदिरों में फिलहाल प्रदेश की कला-संस्कृति, इतिहास  और पुरावैभव की झलक दिखाने वाले संग्रहालय नहीं है। राज्य सरकार का सोचना है कि जो श्रद्धालु प्रदेश के प्राचीन मंदिरों में पहुंच रहे है वहां उन्हें भगवान के दर्शन के साथ-साथ प्रदेश के पुरावैभव और कला तथा संस्कृति से भी अवगत कराया जाए। इसके लिए इन मंदिरों के ट्रस्टों के पास मौजूद अपार धनराशि का उपयोग किया जाएगा। इन मंदिरों में सबसे पहले बनेंगे संग्रहालय- मध्यप्रदेश में उज्जैन में महाकाल मंदिर, खजराना मंदिर, सतना के मैहर मंदिर, पशुपतिनाथ मंदिर सहित कई ऐसे प्रमुख मंदिर है जहां मंदिरों की देखरेख और संरक्षण के लिए बनाए गए ट्रस्टों के पास श्रद्धालुओं के दान से मिली अपार धन संपदा स्थित है। इन्हीं मंदिरों में सबसे पहले संग्रहालय बनाने की शुरुआत की जाएगी।  इन मंदिरों के समीप काफी जमीन और भवन स्थित है। शिव मंदिरों में सभी बारह ज्योर्तिलिंगों के बारे में पूरी जानकारी एकत्रित कर प्रदर्शित की जाएगी। इसी तरह गणेश मंदिरों में गणेशजी के सभी स्वरुपों उनके इतिहास और महत्व को प्रदर्शित किया जाएगा। भोपाल के समीप स्थित भोजपुर मंदिर में दो सौ मीटर के दायरे के बाहर संग्रहालय बनाने का प्रस्ताव है। यहां भोजपुर के विशालकाय शिवलिंग और मंदिर के निर्माण की एतिहासिक प्रामाणिक  जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। यह मंदिर कब बना, इस तरह के मंदिर और कहां-कहां बनाए जाने थे। यह अधूरा क्यों रह गया। मंदिर के आसपास मिलने वाले शिवलिंग और अन्य पुराधरोहरों को भी यहां संग्रहित किया जाएगा। भोपाल में भी मुस्लिम धर्मावलंबियों से जुड़ी जानकारी, मध्यप्रदेश के प्राचीन नवाबों से जुड़े इतिहास की प्रामाणिक जानकारी गौहर महल या अन्य स्थानों पर प्रदर्शित की जाएगी। मिडटाउन में दुनिया की सबसे बड़ी सेंट पीटर चर्च में संग्रहालय भी है। वेटिकन सिटी में भी म्युजियम है वहां कई तरह के चित्र प्रदर्शित किए गए है। इन चित्रों में इन देशों की कला और संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। जापान में म्युजियम आॅफ पैरासाइड है। भारत के कई राज्यों में भी मंदिर, मस्जिद और चर्च के साथ संग्रहालय लगे हुए है। मध्यप्रदेश में फिलहाल मंदिर, मस्जिद और गिरिजाघरों में संग्रहालय नहीं है। प्रमुख सचिव संस्कृति मनोज श्रीवास्तव ने कहा प्रदेश के मंदिरों पर अब संग्रहालय बनाने की राज्य सरकार की योजना है। इसके जरिए प्रदेश के नागरिकों को धार्मिक आस्था के केन्द्रों पर पहुंचने पर वहां संग्रहालयों में प्रदेश के इतिहास, कला और संस्कृति के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।     Attachments area          

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  कोलार अवैध कब्जों का अड्डा बना    कोलार में राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों और तहसीलदारों की शह पर बेशकीमती जमीन पर जहां-तहां झुग्गियों का निर्माण करने के अलावा दीवारें तानकर अतिक्रमण किया जा रहा है। इन अतिक्रामकों को रोकने के बजाय अफसर उन्हें प्रश्रय दे रहे हैं। कोलार का दशहरा मैदान इसका ताजा उदाहरण है, जहां पिछले माह लगी आग में 50 झुग्गियां खाक हो गईं थी अब वहां 100 से ज्यादा झुग्गियां और मकान बन गए हैं।   लगातार अतिक्रमण बढ़ने की शिकायतों को लेकर एक सप्ताह पहले एडीएम रत्नाकर झा ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए थे कि वे सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाएं। साथ ही सूची तैयार करें, ताकि सरकारी जमीनों पर जमा अतिक्रमणों को हटाया जा सके। हुजूर एसडीएम और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही से फिर कोलार दशहरा मैदान की सरकारी जमीन पर दर्जनों झुग्गियां तन गर्इं।  प्रशासन के सामने यहां पर झुग्गियां बनती गई, लेकिन उन्हें रोकने की हिम्मत किसी ने नहीं की।   डेढ़ साल पहले निगम चुनाव के पूर्व मुख्यमंत्री ने हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के कहने पर कोलार दशहरा मैदान में स्टेडियम बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद कलेक्टर निशांत वरवड़े ने यहां पर दौरा कर एसडीएम माया अवस्थी को झुग्गियां शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अब तक यहां पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।   कोलार दशहरा मैदान के किनारे बनी अवैध झुग्गियां में तीन साल से एक ही स्थान पर आग लग रही है। यहां 40-50 झुग्गियों में आग लगती है और इसके बाद नई 100 झुग्गियां बन जाती हैं। तीन साल में इस स्थान पर 300 से अधिक झुग्गियां अवैध बन गई। लेकिन प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।     Attachments area          

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  पत्र  में प्रज्ञा ने कैंसर की बीमारी का हवाला भी दिया      मालेगांव बम ब्लास्ट में क्लीन चिट मिलने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने अपने तेवर दिखाए हैं। सिंहस्थ में जाने की जिद पर अड़ीं साध्वी ने पंडित खुशीलाल आयुर्वेदिक अस्पताल में आमरण अनशन शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि सरकार ने उन्हें परमिशन नहीं दी, तो वे 21 मई को जल समाधि ले लेंगी। कैंसर से पीड़ित प्रज्ञा ने दवाइयां खाने से भी इनकार कर दिया है। प्रज्ञा ने राज्य सरकार को लिखे पत्र  में कहा कि वे कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रही हैं। हो सकता है कि अगला कुंभ न देख पाएं।इस मसले  पर बोलने से प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।  साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट मिलने के बाद से माना जा रहा है कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का सॉफ्ट कॉर्नर उनके प्रति बढ़ा है। उनके अनशन के मामले में प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर से जब पूछा गया कि सरकार क्या करेगी, तो विवादों से बचने के लिए उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया । गौरतलब है कि साध्वी लगभग सात सालों से जेल में बंद थीं, लेकिन कैंसर के इलाज के लिए कोर्ट ने उन्हें अस्पताल में रहने की परमिशन दी है। प्रज्ञा ने रविवार को लेटर लिखकर शिवराज सरकार से उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ में शामिल होने की परमिशन मांगी थी।उन्होंने यह भी लिखा था कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो वे आमरण अनशन करेंगी। प्रज्ञा ने लिखा, 'वो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं और शायद अगला कुंभ न देख पाएं। इसलिए उनकी अंतिम इच्छा है कि वे उज्जैन कुंभ में जाएं।' प्रज्ञा ने राज्य सरकार समेत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को भी लेटर की कॉपी भेजी है। लेटर के मुताबिक, प्रज्ञा ने सोमवार सुबह 9 बजे तक का समय दिया था। मांग पूरी नहीं होने के कारण वे अपने कुछ सपोर्टर्स के साथ अस्पताल परिसर में ही आमरण अनशन पर बैठ गई हैं। प्रज्ञा ने लेटर में लिखा कि मैं अन्न जल त्याग दूंगी। अगर मुझे कुछ होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी मध्य प्रदेश सरकार की होगी। उन्होंने अपनी सिक्युरिटी को लेकर भी चिंता जाहिर की है। उन्होंने लिखा कि मेरे साथ पहले एसएएफ के जवान रहते थे। उनके हटाए जाने से मेरी जान को खतरा हो सकता है। प्रज्ञा ने जेड प्लस सुरक्षा की मांग की और सवाल पूछा कि जब देवास जिला कोर्ट ने उज्जैन जाने की अनुमति दे दी है, तो फिर सिक्युरिटी का हवाला देकर सरकार कोर्ट की अवमानना क्यों कर रही है? प्रज्ञा की चिट्ठी उनके सबसे विश्वसनीय भगवान झा लेकर पहुंचे थे। जेल सुपरिंटेंडेंट ने भगवान झा को भरोसा दिया के वह मामले को सीनियर अफसरों तक पहुंचा देंगे। भगवान झा ने कहा, 'सरकार के पास पुलिस की कोई कमी नहीं है। इसलिए साध्वी की सिंहस्थ यात्रा सुनिश्चित करा दी जाए, नहीं तो गंभीर परिणाम होंगे।'     Attachments area          

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  हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने किया 2.16 करोड़ की सड़क निर्माण का भूमि पूजन ।कोलार मुख्य मार्ग के समानांतर इस मार्ग से 2 लाख नागरिक होंगे सीधे लाभान्वित ।कोलार वासियो को विभिन्न मार्गो के माध्यम से नये भोपाल , होशंगाबाद रोड , जाने में होगी सहूलियत ।कोलार में बढ़ते ट्रैफिक पर नियंत्रण में हुज़ूर विधायक की कारगर पहल सफल ।हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा के अथक प्रयासों से कोलारवासियो को ट्रैफिक जाम से आये दिन होने वाली दिक्कतों से निज़ात मिलने जा रही है । बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान (कोलार मुख्य मार्ग) तक  बायपास रोड का निर्माण कराया जा रहा है । आज हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने रानी अवंतीबाई मार्ग से मंदाकनी मैदान को जोड़ने वाली सड़क निर्माण कार्य का भूमि पूजन भूमिका रेसीडेंसी पर किया । 2 करोड़ 16 लाख की लागत से बनने वाली 4200 मीटर इस सड़क की चौड़ाई 7.5 मीटर रहेगी, इस सड़क का निर्माण राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा किया जायेगा । श्री शर्मा ने बताया की कोलार मुख्य मार्ग पर आये दिन लगने वाले ट्रैफिक जाम से छुटकारा पाने के लिये इस बाय पास रोड का निर्माण कराया जा रहा है , उन्होंने बताया की बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग का निर्माण पूर्व में कराया जा चूका है । यह रोड  लोक निर्माण विभाग द्वारा बनायीं गयी है  गौरतलब है की उक्त सड़क का भूमि पूजन विधायक शर्मा द्वारा विधायक बनने के तत्काल बाद किया गया था । बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग तक इस सड़क की दूरी कुल 2 किलोमीटर है ।बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान पर कोलार मुख्य मार्ग पर जोड़ने वाले इस बायपास की कुल दूरी 6 किलोमीटर है । श्री शर्मा ने बताया की बहुत जल्द ही जे के अस्पताल के सामने इस मार्ग के जंक्शन पर एक पुल का निर्माण भी कराया जायेगा जो की सीधा शाहपुरा, भरत नगर , हबीबगंज , चुनाभट्टी , अथवा नये भोपाल को जोड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण के पश्च्यात कोलार के किसी भी नागरिक को ट्रैफिक जाम या आपातकालीन स्थिति में परेशान नहीं होना पड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग से कोलार सहित आसपास के लगभग 2 लाख नागरिक इससे सीधे लाभान्वित होंगे ।  श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण से पूर्व  उनके द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियो अधिकारियो एवं स्थानीय नागरिको के साथ दौरा किया गया । फलस्वरूप कोलार को ट्रैफिक से निजात दिलाने के लिये इस बायपास के निर्माण का निर्णय लिया गया । श्री शर्मा ने बताया की घनी आबादी वाले कोलार में नागरिको की सुविधा के मद्देनज़र इस मार्ग का  अलग अलग भागो में निर्माण कराया गया है , जिससे नागरिको को इसका लाभ पहुँच सके !  श्री शर्मा ने स्थानीय नागरिको को संबोधित करते हुए कहा की कोलार के समग्र विकास में निरंतर आपके द्वारा मिल रहे इसी प्रकार के सहयोग की आवश्यकता है आप सब के सहयोग से हम ग्रीन कोलार क्लीन कोलार का निर्माण करेंगे । कार्यक्रम के दौरान श्री शर्मा का स्थानीय नागरिको द्वारा बड़ी फूलो की माला पहनाकर सड़क निर्माण के लिए अभिन्दन किया गया !  मार्ग से लाभान्वित क्षेत्र  एक नज़र में -: बैरागढ़ चीचली , दौलतपुर ,धोली खदान, प्रियंका नगर ,हिनोतिया गांव ,मानसरोवर डेंटल कॉलेज, सुहागपुर ,पिपलिया, गुराडी , सेमरी ,अमरावत कलां ,सोहागपुर ,बांसखेड़ी झुग्गी बस्ती ,सन खेड़ी झुग्गी बस्ती, आकाश नगर , गिरधर परिसर ,सैफरॉन सिटी ,कृष्णा होम्स ,गिरधर गार्डन ,शिवालय परिसर ,सर्वजन सोसाइटी ,डी के 5 ,जे के अस्पताल , सागर प्रीमियम टॉवर, भूमिका रेसीडेंसी ,वेस्टर्न कौर्ट एवं मंदाकनी सोसायटी आदि इस मार्ग पर अन्य रहवासियो  को इस बाय पास का  सीधा लाभ पहुंचेगा ।होशंगाबाद रोड से जुड़ेगा यह मार्ग यह मार्ग चार बत्ती चौराहे से कालीबाड़ी पुल से होते हुए बाबड़िया रेल्वे फाटक से होशंगाबाद रोड से सीधा जुड़ेगा ।दानिश कुंज से कलियासोत नदी पर सलैया पुल के माध्यम से मिसरोद (होशंगाबाद रोड) से सीधा जुड़ेगा ।कार्यक्रम में विशेष रूप से स्थानीय पार्षद एवं एम आई सी सदस्य भूपेंद्र माली ,पार्षद पवन बोराना, मंडल उपाध्यक्ष श्याम मीना, बी एस वाजपेयी , महेश तिवारी , इक़बाल खान , अमित शुक्ल, दीपक माथुर , अरुण तिवारी , डी ले पालीवाल , एस एस सेंगर ,शोभा सिकरवार , श्रीमती गीता मिश्रा,गणेश तिवारी,राजेश सेंगर , राज शर्मा , प्रदीप पाटीदार ,आकाश श्रीवास्तव,सहित बड़ी संख्या में माताये बहने कॉलोनी वासी उपस्थित रहे ।  

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कोलार के वार्ड 82 में आने वाले दानिशकुंज कॉलोनी में नगर निगम द्वारा काम नहीं कराने के बाद भी पार्षद द्वारा निर्माण को लेकर बोर्ड लगाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। गलत जानकारी को लेकर आज दोपहर कांग्रेस पार्षदों, स्थानीय नेताओं और रहवासियों का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम आयुक्त छवि भारद्वाज से मिला। इन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पार्षद जानबूझकर श्रेय की राजनीति कर रहे हैं। जबकि, जनता गर्मी में पानी के लिए हाहाकार मचा रही है, फिर भी उन्हें पानी नहीं दिया जा रहा है। पार्षदों ने यह की मांग : कांग्रेस पार्षद संतोष जितेंद्र कंसाना, मोनू सक्सेना, मनजीत मारण, अमित शर्मा, राहुल सिंह राठौर, अखिलेश जैन सहित रहवासियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयुक्त भारद्वाज से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। इसके अनुसार तत्काल गलत जानकारी देने वाले भाजपा पार्षद भूपेंद्र माली के बोर्ड को नगर निगम प्रशासन हटाए। साथ ही इस मामले में जांच कराएं कि कहीं दानिशकुंज में कराए गए डामर के भुगतान की फर्जी फाइल तो निगम के कार्यालय नहीं पहुंच गई। यदि प्रशासन बोर्ड नहीं लगाएगी, तो कांग्रेसी भी हर वार्ड में ऐसे बोर्ड लगाएगी। दानिशकुंज कॉलोनी में करीब एक करोड़ राशि से डामर कराया गया है। इस पर स्थानीय पार्षद ने खुद डामर कराने के बोर्ड पूरी कॉलोनी में लगा दिए। वहीं, दानिशकुंज सोसायटी ने भी एक विज्ञापन जारी करके कहा कि वह निर्माण उसने कराया है। कुछ लोगों के यहां निर्माण नहीं कराया गया है, वो लोग जल्द ही बकाया राशि जमा कर दें, ताकि बचे हुए स्थानों पर भी डामरीकरण कराया जा सके।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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नई दिल्ली । कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर ‘वोट चोरी’ का मुद्दा उठाते हुए चुनाव आयोग पर हमला बोला है। उन्होंने कर्नाटक के आलंद विधानसभा क्षेत्र में 6,018 मतदाताओं के नाम हटाए जाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह सब एक संगठित साजिश का हिस्सा है जिसमें कांग्रेस समर्थक वोटरों के नाम ही टारगेट किए जा रहे हैं।   राहुल गांधी ने आज यहां कांग्रेस मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मतदाता सूची से नाम काटने की प्रक्रिया बड़े पैमाने पर और सेंट्रलाइज तरीके से की जा रही है। आलंद विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस समर्थक मतदाताओं को लक्षित कर उनके नाम मतदाता सूची से काटे गए। उन्होंने दावा किया कि अब तक 6,018 मतदाताओं के नाम हटाए जाने का मामला सामने आया है, हालांकि यह संख्या और भी बड़ी हो सकती है। उन्होंने कहा कि यह ‘वोट चोरी’ का मामला तब संयोगवश पकड़ा गया जब एक बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) के रिश्तेदार का नाम सूची से गायब मिला। जब इसकी पड़ताल की गई तो सामने आया कि यह प्रक्रिया किसी तीसरे पक्ष द्वारा की जा रही है और इसका संचालन ऑटोमेटेड सॉफ्टवेयर से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में जिस व्यक्ति का नाम सूची से हटाया गया, तो जांच में उसके पड़ोसी का ही नाम सामने आया।   कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि बीएलओ ने जब पड़ोसी से पूछा तो उसने नाम हटाने से इनकार किया। इसके बाद जांच में यह तथ्य सामने आया कि सूची से नाम हटाने की प्रक्रिया ऑनलाइन ऑटोमेटेड प्रोसेस से किया गया और जिन मोबाइल नंबरों से यह कार्य हुआ, वह कर्नाटक के बाहर के थे। यह बेहद गंभीर सवाल है कि जिन नंबरों से मतदाता सूची से नाम हटाए गए, वे नंबर किसके हैं, कहां से ऑपरेट किए जा रहे हैं और उनके आईपी एड्रेस क्या हैं। साथ ही नाम हटाने की प्रक्रिया में ओटीपी किसके पास गया और जब उन नंबरों पर कॉल किया गया तो किसी ने जवाब क्यों नहीं दिया।   उन्होंने इसके लिए कई लोगों को पेश भी किया। सबसे पहला मामला गोदाबाई नाम की महिला का था, जिनके नाम पर 12 लोगों के नाम हटाने का मामला सामने आया, जबकि गोदाबाई को इसकी कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा कि यह सब किसकी मिलीभगत से हुआ। दूसरा मामला सूर्यकांत नामक व्यक्ति से जुड़ा था, जिसके नाम से 12 मतदाताओं के नाम महज 14 मिनट में हटा दिए गए, लेकिन जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने साफ कहा कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है। तीसरा मामला नागराज से जुड़ा था। यह उदाहरण बताता है कि पूरा सिस्टम सॉफ्टवेयर के जरिए संचालित हो रहा है।   नेता प्रतिपक्ष राहुल ने कहा कि वोटर लिस्ट से नाम काटने के लिए सॉफ्टवेयर के जरिए पहले नाम को टारगेट किया जा रहा है। जिन 10 बूथों पर कांग्रेस की स्थिति मजबूत थी, वहां बड़े पैमाने पर नाम काटे गए। वर्ष 2018 के चुनाव में इन 10 बूथों में से 8 बूथों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी, लेकिन इस बार 6 हजार वोटरों के नाम गायब कर दिए गए। यह सब एक संगठित साजिश का हिस्सा है, जिसमें कांग्रेस समर्थक वोटरों को ही टारगेट किया गया है।   उन्होंने कहा कि नाम काटने वाला वह ‘तीसरा व्यक्ति’ कौन है? जो सेंट्रलाइज तरीके से अलग-अलग प्रदेशों से वोटर लिस्ट में हेरफेर कर रहा है। यही प्रक्रिया उत्तर प्रदेश, हरियाणा, बिहार और महाराष्ट्र में भी अपनाई गई है। यह केवल आलंद तक सीमित नहीं है, बल्कि विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में योजनाबद्ध तरीके से कांग्रेस के वोटरों को निशाना बनाकर वोटर लिस्ट से नाम काटे गए हैं।   राहुल गांधी ने कहा कि आयोग यह दावा नहीं कर सकता कि वह सोया हुआ है। सच्चाई यह है कि आयोग को सब कुछ पता है और वह इस वोट चोरी में मददगार बना हुआ है। राहुल ने कहा कि यह लोकतंत्र पर सीधा हमला है और कांग्रेस इस मुद्दे पर चुप नहीं बैठेगी। उन्होंने कहा कि उनके पास और भी सबूत हैं, जिन्हें वह आने वाले समय में देश के सामने रखेंगे। राहुल ने कहा कि जल्द ही ‘हाइड्रोजन बम’ वाले सुबूत भी आएंगे। आज का खुलासा उसी कड़ी का हिस्सा है, हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि यह हाइड्रोजन बम नहीं है, बल्कि असली विस्फोटक सबूत अभी आने बाकी हैं।

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गोपेश्वर । उत्तराखंड में अलकनंदा नदी के पर बद्रीनाथ मार्ग पर स्थित चमोली जिले में बादल फटने से बड़ा नुकसान हुआ है। छह घर मलबे में दब गए हैं। दो लोगों को बचा लिया गया है। सात लोग लापता है। लापता व्यक्तियों की तलाश की जा रही है। चमोली के ज़िलाधिकारी संदीप तिवारी ने पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि लापता लोगों की तलाश में अभियान शुरू किया गया है।जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि जिले के नंदानगर घाट क्षेत्र में बुधवार रात बादल फटने से भारी नुकसान हुआ। नंदानगर के वार्ड कुन्तरी लगा फाली में छह घर मलबे में दब गए। इस आपदा में सात लोग लापता हैं, जबकि दो को बचा लिया गया है। तिवारी ने बताया कि राहत और बचाव कार्य जारी है। ग्रामीणों का कहना है कि बरसात जाते-जाते तबाही मचा गई। नंदानगर के फाली कुंतरी, सैंती कुंतरी, भैंसवाड़ा और धुर्मा के ऊपर पहाड़ी पर बादल फटने से क्षेत्र में तबाही हुई है।अधिकारियों का कहना है कि एसडीआरएफ की टीम नंदप्रयाग पंहुच गई है। एनडीआरएफ के जवान भी नंदप्रयाग के लिए गोचर से रवाना हुए हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि मेडिकल टीम और तीन 108 एम्बुलेंस रवाना कर दी गई हैं। ग्रामीणों के अनुसार, भारी बरसात पहले ही तबाही मचा चुकी है। मोक्ष नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ है। बरसात में भी पांच मकान ध्वस्त हो चुके हैं।  

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पटना । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को पटना के होटल मौर्या में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बंद कमरे में करीब आधे घंटे तक बात की। आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए यह मुलाकात सियासी हलकों में चर्चा का विषय बन गई है।   सूत्रों के अनुसार, बैठक में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में सीट बंटवारे और चुनावी रणनीति पर चर्चा हुई। मुलाकात में जदयू और भाजपा के वरिष्ठ नेता, जैसे उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा, विजय कुमार चौधरी और प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल मौजूद रहे।   पटना में दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद गृहमंत्री अपने तय कार्यक्रम के मुताबिक रोहतास जिले के डेहरी ऑन सोन पहुंच गए हैं। उनके साथ दोनों उपमुख्यमंत्री (विजय सिन्हा-सम्राट चौधरी) और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल भी मौजूद हैं। कुछ ही देर में वे शाहाबाद प्रक्षेत्र और मगध के कार्यकर्ताओं के साथ संवाद करेंगे।   उल्लेखनीय है कि बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल भाजपा, जदयू, हम, लोजपा (रामविलास) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के बीच सीट बंटवारे को लेकर अभी जोर-शोर से चर्चा चल रही है। कई सीटों पर सहमति बनाना चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है, क्योंकि जीतन राम मांझी 15-20 सीटों की मांग कर रहे हैं, वहीं चिराग पासवान जदयू की मजबूत सीटों पर दावा ठोक रहे हैं, जिससे पेंच फंस गया है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हालिया दौरे के बाद अमित शाह का यह दौरा रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है।  

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देहरादून । देहरादून सहित प्रदेश के कई हिस्सों में सोमवार रात से बारिश का दौर जारी है। इससे कईं स्थानों पर सामान्य जन जीवन प्रभावित हुआ है। जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार लगातार भारी बारिश के कारण राज्य में 15 लोगों की मौत हो गई है। इनमें से देहरादून जिले में 13 लोगों की मौत हुई है और लापता 16 अन्य लोगों की तलाश जारी है।   शासन और प्रशासन की ओर से राहत व बचाव अभियान युद्ध स्तर पर किया जा रहा है और लगभग 900 लोगों को सुरक्षित बचाया गया है।मूसलाधार बारिश से देहरादून जिले के मालदेवता, सहस्रधारा, मजयाड़ा और कार्लीगाड़ में जानमाल का काफी नुकसान हुआ है। बारिश और भूस्खलन से सड़कों, पुलों, सरकारी और निजी परिसंपत्तियों को भारी क्षति हुई है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की मदद से कार्लीगाड़ में फंसे 70 लोगों को सुरक्षित बचाया  गया है।   मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून जिले के अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों की गति तेज करने के निर्देश दिए।   इस बीच, आपदाग्रस्त क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं को जल्द बहाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं। मौसम विभाग ने 20 सितंबर तक प्रदेश के कई जिलों में तेज बारिश का चेतावनी दी है।   ज्योतिर्मठ में वाहन दुर्घटना, एक की मौत ज्योतिर्मठ के मारवाड़ी पुल से एक वाहन अनियंत्रित होकर नीचे गिर गया। वाहन में 6 लोग सवार थे। पांच घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई जबकि एक शव एसडीआरएफ ने बरामद कर पुलिस को सौंप दिया है। उप निरीक्षक कुलदीपक पांडे के नेतृत्व में रेस्क्यू टीम ने अभियान चलाया।

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मुंबई । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन पर उनके जीवन पर आधारित नई बायोपिक फिल्म 'मां वंदे' का पहला पोस्टर जारी कर दिया गया है। इस पोस्टर में मलयालम सिनेमा के लोकप्रिय अभिनेता उन्नी मुकुंदन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गेटअप में एक अनुबंध पर हस्ताक्षर करते दिखाई दे रहे हैं।    इस महत्वाकांक्षी फिल्म का निर्देशन क्रांति कुमार सीएच संभाल रहे हैं, जो अपनी गहरी कहानी कहने की शैली और संवेदनशील निर्देशन के लिए पहचाने जाते हैं। फिल्म का निर्माण वीर रेड्डी एम कर रहे हैं, जिन्होंने इस बायोपिक को पैन-इंडिया स्तर पर पेश करने की ठानी है। फिल्म ‘मां वंदे’ का पहला पोस्टर भी हाल ही में जारी किया गया है। इस पोस्टर में मलयालम सिनेमा के लोकप्रिय अभिनेता उन्नी मुकुंदन प्रधानमंत्री मोदी के गेटअप में नजर आ रहे हैं। वह एक अनुबंध पर हस्ताक्षर करते दिखाई दे रहे हैं। उनके लुक और गंभीरता ने दर्शकों का ध्यान खींच लिया है। पोस्टर सामने आने के बाद से ही सोशल मीडिया पर फिल्म को लेकर जबरदस्त चर्चा शुरू हो गई है और लोग कह रहे हैं कि मुकुंदन मोदी की भूमिका में काफी जंच रहे हैं।   फिल्म 'मां वंदे' मोदी के व्यक्तिगत और राजनीतिक जीवन की महत्वपूर्ण झलकियों को बड़े पर्दे पर उतारेगी। फिल्म में मुख्य भूमिका निभाने जा रहे मलयालम सिनेमा के लोकप्रिय अभिनेता उन्नी मुकुंदन अपने दमदार अभिनय और गहरी अभिव्यक्ति के लिए जाने जाते हैं। वह मोदी जैसे करिश्माई नेता का किरदार निभाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। मुकुंदन इस रोल को लेकर बेहद उत्साहित हैं और उन्होंने अपने लुक और बॉडी लैंग्वेज पर काम करना भी शुरू कर दिया है।   फिल्म को पैन-इंडिया लेवल पर रिलीज़ करने की योजना है। इसे आप हिंदी, तमिल, तेलुगु, मलयालम और कन्नड़ भाषाओं में देख पाएंगे। खास बात यह है कि मेकर्स ने इसे अंग्रेजी भाषा में भी बनाने का फैसला किया है, ताकि अंतरराष्ट्रीय दर्शकों तक मोदी की कहानी पहुंच सके। इस तरह यह फिल्म भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए खास मायने रखेगी।

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धार । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने जन्मदिन पर बुधवार काे मध्य प्रदेश को औद्योगिक विकास और कृषि समृद्धि की ऐतिहासिक सुविधा देने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री माेदी बुधवार सुबह विशेष विमान से इंदौर पहुंचे। इसके बाद यहां से हेलीकॉप्टर द्वारा धार जिले के भैंसोला में कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री बदनावर तहसील के भैंसोला गांव में पीएम मित्रा पार्क की आधारशिला रखेंगे।   कार्यक्रम स्थल पर प्रधानमंत्री माेदी खुली जीप में सवार होकर कार्यक्रम स्थल पर मौजूद लोगों के बीच से निकले और उनका अभिवादन करते हुए मंच तक पहुंचे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल, धार के प्रभारी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी मौजूद रहेंगे।प्रधानमंत्री माेदी ने स्वास्थ्य केंद्र की प्रदर्शनी का अवलोकन कियाप्रधानमंत्री मोदी अपने जन्मदिन पर आज सेवा पखवाड़ा का भी शुभारंभ करेंगे। उन्होंने धार के बदनावर में सभास्थल पर लगी स्वास्थ्य केंद्र की प्रदर्शनी का अवलोकन किया।  

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शिमला । हिमाचल प्रदेश में सोमवार देर रात हुई भारी बारिश ने एक बार फिर प्रदेश को दहला दिया। मंडी जिले के निहरी और धर्मपुर क्षेत्र में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। निहरी में भूस्खलन से तीन लोगों की मौत हो गई। धर्मपुर में दो लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं। राजधानी शिमला में भी भूस्खलन और पेड़ गिरने से कई वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं।मंडी जिले के धर्मपुर में मूसलधार बारिश के कारण सोन खड्ड और समीपवर्ती नाले अचानक उफान पर आ गए। कुछ ही देर में पानी का स्तर इतना बढ़ा कि खड्ड ने रौद्र रूप धारण कर लिया। धर्मपुर बस अड्डा पूरी तरह पानी में डूब गया और वहां खड़ी कई बसें तथा वाहन बहकर खड्ड में जा गिरे। इस दौरान लोगों में हड़कंप मच गया और कई लोग अपनी जान बचाने के लिए घरों की छतों पर चढ़ने को मजबूर हो गए। हालांकि आज सुबह खड्ड का जलस्तर नीचे आ गया है।डीएसपी धर्मपुर संजीव सूद ने बताया कि बस अड्डे पर खड़ी कई बसें पानी के बहाव के चपेट में आई हैं और दो लोग लापता हैं। उनकी तलाश के लिए सर्च और रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है। देर रात पुलिस और प्रशासन ने राहत कार्य कर कई लोगों को सुरक्षित निकाला। प्रशासन ने लोगों को नदियों और खड्डों के किनारे जाने से सख्त चेतावनी दी है।इसी बीच मंडी जिले की निहरी तहसील की बोई पंचायत के ब्रगटा गांव में भारी बारिश से देर रात पहाड़ी दरक गई। पहाड़ी से आया मलबा एक मकान पर जा गिरा और पूरा मकान मलबे में दब गया। इस हादसे में दो महिलाओं और एक बच्चे की मौत हो गई। हादसे के समय घर में पांच लोग मौजूद थे, जिनमें से दो को ग्रामीणों ने समय रहते सुरक्षित निकाल लिया।स्थानीय लोगों ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया और प्रशासन को सूचना दी, लेकिन मार्ग अवरुद्ध होने से बचाव कार्य में मुश्किलें आईं। बाद में राहत दल ने कड़ी मशक्कत से तीन शव बाहर निकाले।राजधानी शिमला में भी देर रात भारी बारिश से भूस्खलन और पेड़ गिरने की घटनाएं हुईं। बीसीएस इलाके में तीन से चार गाड़ियां क्षतिग्रस्त हुईं और सड़क बंद हो गई। हिमलैंड क्षेत्र में भीषण भूस्खलन के कारण दो से तीन गाड़ियां मलबे के नीचे दब गईं। हालांकि, राहत की बात यह रही कि इन घटनाओं में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ।मौसम एवं विज्ञान विभाग ने आज मंगलवार को छह जिलों बिलासपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर में अंधड़ और बिजली कड़कने के साथ बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। अन्य जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है। विभाग के अनुसार 17 से 20 सितंबर तक प्रदेश के अधिकांश इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश होगी। 20 सितंबर से ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मौसम साफ होना शुरू हो जाएगा और 21 सितंबर को अधिकांश इलाकों में मौसम खुल जाएगा।गौरतलब है कि इस बार मानसून शुरू से ही हिमाचल प्रदेश के लिए भारी नुकसानदेह रहा है। अब जब यह अपने अंतिम दौर में है, तब भी लगातार कहर बरपा रहा है। विभाग का कहना है कि सितंबर के अंत तक मानसून प्रदेश से पूरी तरह विदा ले लेगा, लेकिन तब तक लोगों को सतर्क रहना बेहद जरूरी है।

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नई दिल्ली । उच्चतम न्यायालय ने राजनीतिक पार्टियों के दफ्तरों में भी प्रिवेंशन ऑफ सेक्सुअल हरासमेंट ऐट वर्कप्लेस (पीओएसएच) एक्ट के तहत आंतरिक शिकायत समिति बनाने की मांग पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। चीफ जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने पूछा कि आप राजनीतिक दलों को दफ्तर के बराबर कैसे मान सकते हैं। जब कोई राजनीतिक दल में शामिल होता है तो वह रोजगार नहीं होता। न्यायालय ने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो ब्लैकमेलिंग के दरवाजे खुल सकते हैं।याचिका वकील योगमाया ने दायर की थी। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वकील शोभा गुप्ता ने कहा कि भले ही कई महिलाएं राजनीतिक दलों की सक्रिय सदस्य हैं, लेकिन केवल मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) ने ही बाहरी सदस्यों वाली एक आंतरिक शिकायत समिति का गठन किया है। याचिका में कहा गया था कि विशाखा दिशा-निर्देशों के मुताबिक आंतरिक शिकायत समिति का गठन अनिवार्य है। इस दिशा-निर्देश को हर राजनीतिक दलों पर लागू करना चाहिए। ऐसा करने से राजनीतिक दलों में महिलाओं के अनुकूल माहौल बनाने में मदद मिलेगी।

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नई दिल्‍ली । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व क्रिकेटरों रॉबिन उथप्पा और युवराज सिंह और अभिनेता सोनू सूद को कथित अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए तलब किया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप 1xBet से जुड़े एक मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) के तहत अगले सप्ताह के दौरान पूछताछ के लिए रॉबिन उथप्पा को 22 सितंबर, युवराज सिंह को 23 सितंबर, जबकि सोनू सूद को उसके अगले दिन 24 सितंबर को बुलाया है। इस मामले की जांच के तहत पिछले कुछ हफ्तों में ईडी ने पूर्व क्रिकेटरों सुरेश रैना और शिखर धवन से पूछताछ की है। इस मामले में सोमवार को पूर्व टीएमसी सांसद और अभिनेत्री मिमी चक्रवर्ती का भी बयान दर्ज किया गया है। इसके अलावा बंगाली अभिनेता अंकुश हाजरा इस मामले में निर्धारित समन पर आज ईडी के समक्ष पेश हुए, जबकि 1xBet की भारत ब्रांड एंबेसडर और अभिनेत्री उर्वशी रौतेला मंगलवार को दी गई तारीख पर अभी तक पेश नहीं हुई हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी की यह जांच कथित अवैध सट्टेबाजी ऐप्स से संबंधित है, जिनके बारे में कहा गया है कि उन्होंने कई लोगों और निवेशकों से करोड़ों रुपये की ठगी की है। कंपनी की वेबसाइट और ऐप 70 भाषाओं में उपलब्ध हैं।

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नई दिल्ली । उच्चतम न्यायालय ने वक्फ संशोधन अधिनियम के कुछ प्रावधानों पर रोक लगा दी है, जबकि कुछ प्रावधानों पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। चीफ जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने अंतरिम आदेश में वक्फ के लिए 5 साल तक इस्लाम का पालन करने की शर्त के लागू होने पर भी रोक लगाई है। उच्चतम न्यायालय ने अपने अंतरिम आदेश में कहा है कि सरकारी जमीन पर कब्जा जारी रहेगा। इस फैसले से याचिकाकर्ताओं को कुछ हद तक राहत मिली है। हालांकि, कोर्ट ने वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों के मनोनयन के प्रावधान पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।   कोर्ट में याचिकाकर्ताओं की दलील है कि वक्फ कानून मुसलमानों से भेदभाव करने वाला और उनके धार्मिक मामलों में दखल है, लेकिन सरकार का कहना है कि सैकड़ों साल पुराने वक्फ कानून की खामी को दूर करने के लिए सरकार यह कानून लाई है। इस कानून को व्यापक विचार विमर्श और सदन में चर्चा के बाद पास किया गया है। उच्चतम न्यायालय ने इस मामले पर 22 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने वक्फ संशोधन कानून में वक्फ करने के लिए 5 साल प्रैक्टिसिंग मुस्लिम के प्रावधान पर दलील रखते हुए कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ में शादी, तलाक, वसीयत आदि के लिए खुद को मुस्लिम साबित करना होता है। इस कानून में अंतर बस इतना है कि इसमें कम से कम पांच साल की समय सीमा तय की गई है। वक्फ करने के लिए 5 साल से इस्लाम प्रैक्टिस करने की शर्त रखी गई है।   वक्फ संशोधन कानून के समर्थन में राजस्थान सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी ने कहा कि वक़्फ़ बाय यूजर इस्लाम का मुख्य अंग नहीं है। सुनवाई के दौरान वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि वक्फ काउंसिल्स में गैर-मुस्लिमों को सदस्य बनाना धर्मनिरपेक्षता नहीं है। उन्होंने कहा था कि हमारी आपत्ति भी यही है कि किसी भी हिंदू धर्म स्थान की बंदोबस्ती में एक भी व्यक्ति गैर हिंदू नहीं है। 17 अप्रैल को उच्चतम न्यायालय में केंद्र सरकार ने कहा था कि वक्फ संशोधन कानून के विवादित प्रावधान फिलहाल लागू नहीं होंगे। आज के फैसले के बाद अब वक्फ संशोधन कानून के विवादित प्रावधान भी लागू होंगे।

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मनोरंजन जगत के सबसे बड़े और प्रतिष्ठित पुरस्कारों में गिने जाने वाले एमी अवार्ड्स का 77वां संस्करण लॉस एंजिल्स के पीकॉक थिएटर में आयोजित हुआ। पहली बार इस शो की मेजबानी अमेरिकी स्टैंडअप कॉमेडियन नैट बार्गेट्ज ने की। इस बार अवार्ड्स में 'सेवरेंस', 'द पिट', 'एडोलसेंस' और 'द स्टूडियो जैसी सीरीज का जलवा छाया रहा। अब आखिरकार एमी अवार्ड्स 2025 के विजेताओं की पूरी लिस्ट सामने आ चुकी है।   कॉमेडी श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का खिताब सेठ रोजेन को उनकी सीरीज 'द स्टूडियो' के लिए मिला। सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का अवार्ड जीन स्मार्ट ने 'हैक्स' के लिए अपने नाम किया। मंच से उन्होंने 'हैक्स' की पूरी टीम और कलाकारों का आभार जताया। ड्रामा कैटेगरी की बात करें तो ब्रिट लोअर को 'सेवरेंस' में शानदार अभिनय के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री चुना गया, जबकि एडम स्कॉट ने भी इसी सीरीज के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का खिताब हासिल किया।   अभिनेत्री कैथरीन लानासा को 'द पिट' के लिए ड्रामा सीरीज की सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का अवार्ड मिला। मंच पर आते ही वह भावुक हो उठीं और अपनी पूरी टीम के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। कॉमेडी सीरीज श्रेणी में इस साल दो बड़े नामों ने बाजी मारी। 'द स्टूडियो' के लिए सेठ रोजेन को सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का अवार्ड मिला, जबकि 'द ओनर' के लिए इवान गोल्डबर्ग को यह सम्मान दिया गया। ड्रामा सीरीज में 'सेवरेंस' के सेठ मिलचिक का दमदार किरदार निभाने वाले ट्रैमेल टिलमैन ने सहायक अभिनेता का खिताब अपने नाम किया। वहीं, ओवन कूपर ने 'एडोलेसेंस' के लिए अवॉर्ड जीतकर नया इतिहास रच दिया। महज 15 साल की उम्र में वह यह सम्मान हासिल करने वाले सबसे कम उम्र के पुरुष अभिनेता बने।   77वें एमी अवॉर्ड्स 2025 के विजेताओं की पूरी लिस्ट   बेस्ट ड्रामा सीरीज – द पिट   बेस्ट एक्टर (ड्रामा सीरीज) – नूह वाइल (द पिट)   बेस्ट एक्ट्रेस (ड्रामा सीरीज) – ब्रिट लोअर (सेवरेंस)   बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर (ड्रामा सीरीज) – ट्रैमेल टिलमैन (सेवरेंस)   बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस (ड्रामा सीरीज) – कैथरीन लानासा (द पिट)   बेस्ट डायरेक्टर (ड्रामा सीरीज) – एडम रैंडल (स्लो हॉर्सेज)   बेस्ट कॉमेडी सीरीज – द स्टूडियो   बेस्ट एक्टर (कॉमेडी सीरीज) – सेठ रोजेन (द स्टूडियो)   बेस्ट एक्ट्रेस (कॉमेडी सीरीज) – जीन स्मार्ट (हैक्स)   बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर (कॉमेडी सीरीज) – जेफ हिलर (समबडी समव्हेयर)   बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस (कॉमेडी सीरीज) – हान्नाह ऐनबिंडर   बेस्ट डायरेक्टर (कॉमेडी सीरीज) – सेठ रोजेन (द स्टूडियो)   बेस्ट लिमिटेड या एंथोलॉजी सीरीज – एडोलसेंस   बेस्ट एक्टर (लिमिटेड/एंथोलॉजी सीरीज) – स्टीफन ग्राहम (एडोलसेंस)   बेस्ट एक्ट्रेस (लिमिटेड/एंथोलॉजी सीरीज) – क्रिस्टिन मिलिओटी (द पेंगुइन)   बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर (लिमिटेड/एंथोलॉजी सीरीज या फिल्म) – ओवेन कूपर   बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस (लिमिटेड/एंथोलॉजी सीरीज या फिल्म) – एरिन डोहर्टी (एडोलसेंस)   बेस्ट डायरेक्टर (लिमिटेड/एंथोलॉजी सीरीज या फिल्म) – फिलिप बैरंटिनी (एडोलसेंस)   बेस्ट टॉक सीरीज – द लेट शो विद स्टीफन कोलबर्ट   आउटस्टैंडिंग रियलिटी कम्पटीशन – द ट्रेटर्स

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मॉस्को (रूस) । रूस की आक्रामकता से झुलस रहे यूक्रेन ने पिछले 48 घंटों में उसे क्षति पहुंचाने की बड़ी कोशिश की है। रूस के अधिकारियों के अनुसार, यूक्रेन ने शनिवार शाम से रविवार सुबह सूरज उगने से पहले तक कम से कम 361 ड्रोन दागे। इस दौरान उत्तर-पश्चिम में स्थित विशाल किरिशी तेल रिफाइनरी में शक्तिशाली विस्फोट हुआ और आग लग गई।द मॉस्को टाइम्स और तास की रिपोर्ट्स में इस घटना का जिक्र करते हुए बताया गया है कि नाटो सदस्य पोलैंड में रूसी ड्रोन गिराए जाने के कुछ देरबाद यूक्रेन ने दुनिया के दूसरे सबसे बड़े तेल निर्यातक रूस में तेल रिफाइनरी और पाइप लाइनों पर हमले किए। हालांकि रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि वायु रक्षा प्रणालियों ने कम से कम 361 ड्रोन मार गिराए। खबरों के अनुसार, पश्चिमी लेनिनग्राद क्षेत्र के अलग-अलग हिस्सों में रविवार तड़के दो ट्रेनें पटरी से उतर गईं। हादसे में एक ट्रेन चालक की मौत हो गई और रेल यातायात बाधित हो गया। दोनों घटनाएं शनिवार देररात पश्चिमी ओरयोल में रेल पटरी के एक हिस्से पर विस्फोटक के कुछ घंटों बाद हुईं। इस विस्फोट में तीन रूसी राष्ट्रीय रक्षक अधिकारी मारे गए। यूक्रेन सैन्य खुफिया एजेंसी के एक सूत्र ने दो हमलों की जिम्मेदारी ली, लेकिन उस दुर्घटना की जिम्मेदारी नहीं ली जिसमें चालक की मौत हो गई।कीव ने कहा है कि मॉस्को इन रेल मार्गों का इस्तेमाल यूक्रेन में लड़ रही अपनी सेना के लिए सैनिकों और ईंधन पहुँचाने के लिए करता है। इसलिए इनको निशाना बनाया गया। गवर्नर अलेक्जेंडर ड्रोज्डेंको ने टेलीग्राम पर लिखा, "लेनिनग्राद के गाचिना जिले में सेमरिनो स्टेशन के पास एक डीजल इंजन पटरी पर उतर गया। उसके चालक की मौत हो गई। " ड्रोज्डेंको ने बताया कि 15 बोगी वाली एक मालगाड़ी भी दिन में दक्षिण में स्ट्रोगानोवो और मशिन्स्काया गांवों के बीच पटरी से उतर गई।तास के अनुसार, यूक्रेनी सेना ने विशेष सैन्य अभियान क्षेत्र में 24 घंटे में लगभग 1,330 सैनिकों को खोया है। विशेष रूप से बैटलग्रुप नॉर्थ के क्षेत्र में 170 सैनिक, बैटलग्रुप वेस्ट के क्षेत्र में 240 से अधिक सैनिक, बैटलग्रुप साउथ के क्षेत्र में 200 सैनिक, बैटलग्रुप सेंटर के क्षेत्र में 450 सैनिक, बैटलग्रुप ईस्ट के क्षेत्र में 225 से अधिक सैनिक और बैटलग्रुप डेनेपर के क्षेत्र में 45 से अधिक यूक्रेनी सैनिक मारे गए।मंत्रालय ने कहा कि रूसी सशस्त्र बलों के परिचालन-सामरिक विमानन, लड़ाकू यूएवी, मिसाइल सैनिकों और तोपखाने ने यूक्रेनी सेना के यूएवी ऑपरेटरों के प्रशिक्षण केंद्रों और यूक्रेनी सैनिकों के अस्थायी तैनाती स्थलों पर हमला किया। रिपोर्ट में कहा गया है, " यूक्रेन के 142 जिलों को निशाना बनाया गया।"    

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पलामू । पलामू जिले के मनातू और तरहसी थाना के सीमावर्ती क्षेत्र काश और बंशी खुर्द जंगल के बीच प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी) और सुरक्षाबलों के बीच रविवार को भीषण मुठभेड़ हुई है। इस मुठभेड़ में टीएसपीसी के इनामी कमांडर मुखदेव यादव मारा गया, जिसका शव घटनास्थल से बरामद हुआ है। मुखदेव पर पांच लाख का इनाम घोषित था। एसपी रीष्मा रमेशन ने मुठभेड़ की पुष्टि करते हुए बताया कि इलाके में सर्च अभियान जारी है। जिस टीएसपीसी टीम के साथ सुरक्षाबलों की मुठभेड़ हुई, उसी के साथ 03 सितंबर की रात हुए मुठभेड़ में पलामू पुलिस के दो जवान बलिदान हुए थे।   इससे पहले 10 लाख के इनामी कमांडर शशिकांत को लेकर सर्च अभियान शुरू किया गया। सर्च अभियान में कोबरा, जगुआर और पलामू पुलिस को तैनात किया गया। सर्च अभियान के क्रम में मनातू के जंगलों में जैसे ही सुरक्षा बलों की टीम घुसी, टीएसपीसी के उग्रवादियों ने फायरिंग शुरू कर दी। सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई शुरू की जिसमें इनामी कमांड मुखदेव मारा गया। मुठभेड़ स्थल से शव और इंसास राइफल बरामद किया गया है।

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दरांग । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कांग्रेस नेतृत्व और नेहरू पर निशाना साधते हुए कहा कि भूपेन हजारिका का अपमान और 1962 के असम के घाव आज तक हरे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा था कि मोदी नाचने-गाने वालों को भारत रत्न दे रहा है। प्रधानमंत्री ने असम के दरांग जिले के मंगलदोई में स्वास्थ्य एवं अवसंरचना क्षेत्र से जुड़ी 6,300 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। इस अवसर पर आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व पर तीखा हमला बोला। मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने भारत रत्न से सम्मानित असम के गौरव भूपेन हजारिका का अपमान किया और पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान की गई टिप्पणी से असम के लोगों के घाव आज भी नहीं भरे हैं।प्रधानमंत्री ने कहा, “जब भारत सरकार ने असम के महान सपूत और संगीत जगत के पुरोधा भूपेन दा हजारिका जी को भारत रत्न से सम्मानित किया तो कांग्रेस पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष ने बयान दिया कि मोदी नाचने-गाने वालों को भारत रत्न दे रहा है। यह बयान केवल मेरा ही नहीं बल्कि असम की धरती और भारत की संस्कृति का भी गहरा अपमान है।”मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत विस्वा सरमा ने उन्हें यह बयान कल बताया और आज सुबह वीडियो दिखाया। प्रधानमंत्री ने कहा, “यह देखकर मुझे गहरी चोट पहुंची।”उन्होंने कहा, “1962 में जब भारत-चीन युद्ध हुआ था, तब पंडित जवाहरलाल नेहरू ने चीन के हमले के दौरान जो टिप्पणी की थी, उसके घाव आज भी असम और पूर्वोत्तर के लोगों के दिलों में हरे हैं। कांग्रेस की वर्तमान पीढ़ी भी इन्हीं घावों पर नमक छिड़कने का काम कर रही है।”प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं भगवान शिव का भक्त हूं। चाहे मुझे कितनी भी गालियां क्यों न दी जाएं, मैं सारा जहर निकाल देता हूं लेकिन जब किसी और का अपमान होता है तो मैं उसे बर्दाश्त नहीं कर सकता।”उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा, “इनका अहंकार इतना है कि वे समझते हैं मेरा कोई और रिमोट कंट्रोल है। लेकिन मेरा केवल एक ही रिमोट कंट्रोल है और वह हैं देश के 140 करोड़ नागरिक। मेरी आत्मा की आवाज जनता जनार्दन ही है।”प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर असम को स्वास्थ्य और परिवहन क्षेत्र से जुड़ी बड़ी परियोजनाओं की सौगात दी। इसमें दरांग मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, जीएनएम स्कूल, बी.एससी. नर्सिंग कॉलेज, गुवाहाटी रिंग रोड परियोजना और कुरुवा-नारेंगी पुल शामिल हैं। उन्होंने कहा कि डबल इंजन सरकार असम को स्वास्थ्य हब के रूप में विकसित करने के लिए पूरी निष्ठा से कार्य कर रही है।मोदी ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर के बाद असम का यह मेरा पहला दौरा है। मां कामाख्या के आशीर्वाद से ऑपरेशन सिंदूर को सफलता मिली। जन्माष्टमी के पावन पर्व पर यहां आकर मुझे दोगुना सौभाग्य प्राप्त हुआ है। यह धरती संस्कृति, इतिहास और भविष्य की आशाओं का संगम है।”उन्होंने हाल ही में मनाए गए भारत रत्न भूपेन हजारिका के जन्मदिवस को याद करते हुए कहा कि भाजपा की डबल इंजन सरकार असम के महान पूर्वजों के सपनों को पूरा करने में लगातार जुटी हुई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश आज सबसे तेज़ गति से बढ़ती अर्थव्यवस्था है और असम 13 प्रतिशत की विकास दर के साथ सबसे तेजी से प्रगति करने वाले राज्यों में है। उन्होंने कहा, “कभी विकास की दौड़ में पिछड़ रहा असम आज तेजी से आगे बढ़ रहा है। यह असम के लोगों की मेहनत और डबल इंजन सरकार के प्रयासों का परिणाम है।”मोदी ने कांग्रेस सरकारों पर हमला बोलते हुए कहा, “कांग्रेस ने दशकों तक असम पर राज किया लेकिन ब्रह्मपुत्र पर केवल तीन पुल बनाए। जबकि भाजपा की सरकार ने पिछले 10 वर्षों में छह पुल बनाकर दिखाए। यह है काम करने का अंतर।” उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर में कनेक्टिविटी बढ़ने से कारोबार के अवसर बढ़े हैं और युवाओं के लिए रोजगार के नए दरवाजे खुले हैं।प्रधानमंत्री मोदी ने सीमा सुरक्षा और घुसपैठ के मुद्दे को भी उठाया। उन्होंने कहा, “घुसपैठियों के माध्यम से बॉर्डर इलाकों की डेमोग्राफी बदलने की साजिशें चल रही हैं। घुसपैठियों को संरक्षण देने वालों को देश माफ नहीं करेगा। यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा खतरा है। इसलिए अब देश में डेमोग्राफी मिशन शुरू किया जा रहा है।”मोदी ने जनता से आग्रह किया कि वे त्योहारों के दौरान खरीदारी करते समय केवल स्वदेशी सामान ही खरीदें। उन्होंने कहा, “आपके बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए स्वदेशी वस्तुएं खरीदें। यह संकल्प विकसित भारत की ओर एक कदम है।” प्रधानमंत्री ने कहा, “कांग्रेस सेना का मनोबल बढ़ाने के बजाय पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों का साथ देती है। यह असम और पूरे देश के लिए घातक है।”उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार का लक्ष्य पूर्वोत्तर को राष्ट्रीय विकास की धारा में अग्रणी भूमिका देना है। डबल इंजन सरकार असम को स्वास्थ्य हब के रूप में विकसित कर रही है। विकसित भारत के सपने को साकार करने में पूर्वोत्तर की बड़ी भूमिका होगी।   प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “अब जीएसटी में नेक्स्ट-जेनरेशन सुधार होंगे। मैं आपके लिए एक बड़ी खुशखबरी लेकर आया हूं। आज से ठीक नौ दिन बाद, नवरात्रि के पहले दिन जीएसटी दरों में बड़ी कमी की जाएगी। इससे देश के हर परिवार को फायदा होगा और रोजमर्रा की वस्तुएं सस्ती होंगी।”प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरा देश विकसित भारत के निर्माण के लिए एकजुट होकर आगे बढ़ रहा है। खासकर हमारे युवा साथियों के लिए विकसित भारत केवल सपना ही नहीं, बल्कि संकल्प भी है। आप सभी मिलकर इसे साकार करेंगे।  

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गंगटोक । सिक्किम के गेजिंग जिले के 19-सरदोंग लुंगजिक ग्राम पंचायत के पंचायत अध्यक्ष राजेन गुरुंग की भूस्खलन की चपेट में आने से मौत हो गई। शनिवार देर रात तक चले राहत एवं बचाव कार्य के बाद मृतक गुरुंग का शव बरामद किया गया।   19-सरदोंग लुंगजिक ग्राम पंचायत के पंचायत अध्यक्ष राजेन गुरुंग की शनिवार देर रात अपर सरदोंग के लामा गांव वार्ड में भूस्खलन की चपेट में आने से मौत हो गई। यह घटना मृतक के घर के पास हुई। सूचना मिलने के बाद स्थानीय लोगों और प्रशासन के प्रयासों के बाद शव बरामद किया गया। भारी बारिश के बीच राहत एवं बचाव कार्य काफी चुनौतीपूर्ण रहा।   सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने पंचायत अध्यक्ष राजेन गुरुंग के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ने रविवार सुबह सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में पंचायत अध्यक्ष राजेन गरुंग के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने उल्लेख किया कि दिवंगत गुरुंग की अपने समुदाय के प्रति निःस्वार्थ सेवा और लोगों के लिए उनके अथक योगदान को गहरे सम्मान और कृतज्ञता के साथ याद किया जाएगा।   उल्लेखनीय है कि सिक्किम में लगातार हो रही भारी बारिश से जानमाल का काफी नुकसान हो रहा है। खासकर पश्चिमी सिक्किम में भूस्खलन के कारण अब तक 5 लोगों की जान जा चुकी है। पश्चिम सिक्किम के अपर रिम्बिक में 11 सितंबर की रात भूस्खलन में 3 लोगों की मौत हो गई थी। इससे पहले 10 सितंबर की सुबह पश्चिम सिक्किम के ही थांगसिंग में भूस्खलन में एक महिला की मौत हो गई थी।

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नई दिल्ली । उच्चतम न्यायालय ने भारत और पाकिस्तान के बीच एशिया कप के लिए आगामी 14 सितंबर को होने वाले क्रिकेट मैच पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका पर जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया है। जस्टिस जेके माहेश्वरी की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि इसके लिए जल्दबाजी क्या है। मैच काे लेकर ऊर्वशी जैन समेत चार लाेगाें ने याचिका दायर की थी।   याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट के समक्ष मेंशन करते हुए इस याचिका पर 12 सितंबर को सुनवाई करने की मांग की है। तब कोर्ट ने कहा कि इसमें जल्दबाजी क्या है, मैच होने दीजिए। तब याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि मैच 14 सितंबर को है जिस दिन रविवार है। अगर इस याचिका पर 12 सितंबर को सुनवाई नहीं होगी, तो ये याचिका औचित्यहीन हो जाएगी। तब कोर्ट ने कहा कि हम इसमें क्या कर सकते हैं, मैच होने दीजिए। तब वकील ने कहा कि मेरा केस खराब या अच्छा हो सकता है लेकिन कम से कम लिस्ट तो हो। लेकिन जस्टिस माहेश्वरी ने आग्रह को अस्वीकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि हर रोज एक पक्ष या दूसरा पक्ष खेलता है।दायर याचिका में कहा गया था कि एक तरफ हमारे सैनिक मारे जा रहे हैं और दूसरी तरफ हम उस देश से मैच खेल रहे हैं, जो देश के खिलाफ आतंकी कार्रवाई करने वालों का पनाहगाह हो। इससे उन लोगों की भावनाएं आहत होती हैं, जिन्होंने अपने परिजनों को पाकिस्तानी आतंकियों के हमले में खोया है।  

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रायबरेली । कांग्रेस नेता राहुल गांधी की बैठक में जमकर हंगामा हुआ है। बैठक में विधायक मनोज पांडे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मां को गाली दिए जाने के मामले काे लेकर निंदा प्रस्ताव रखा और उन्होंने राहुल गांधी से माफी मांगने को कहा।  इस पर राहुल गांधी ने माफ़ी मांगने से इंकार कर दिया। इसके बाद विधायक पांडे बैठक का बहिष्कार कर बाहर चले आये। बैठक मे सदस्यों के बीच तीख़ी बातचीत भी हुई।गुरुवार को रायबरेली के कलेक्ट्रेट में जिला निगरानी एवं अनुश्रवण समिति (दिशा) की बैठक हो रही है। सांसद राहुल गांधी इस बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं। जैसे ही बैठक शुरू हुई तभी पूर्व कैबिनेट मंत्री व ऊंचाहार विधायक मनोज पांडे ने प्रधानमंत्री मोदी की मां को गाली दिए जाने को लेकर निंदा प्रस्ताव रखा और उन्होंने सांसद राहुल गांधी से माफी मांगने को कहा। राहुल गांधी ने इस पर सीधे मना कर दिया। उनके मना करते ही बैठक में हंगामा शुरू हो गया। मनोज पांडे बैठक का बहिष्कार कर बाहर निकल गए।बैठक का बहिष्कार करने के बाद मनोज पांडे ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की मां को जिस तरह गाली दी गई, उससे देश आहत है।इसके लिए राहुल गांधी को माफ़ी मांगनी चाहिए। मनोज पांडे ने कहा कि राहुल लगातार उच्चतम न्यायालय, इलेक्शन कमीशन जैसी संवैधानिक संस्थाओं पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं, जबकि जिस कंपनी से राहुल गांधी ने वोटरों का सर्वे करवाया था, उस कंपनी ने ही सार्वजनिक रूप से माफी मांग ली है।

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वाराणसी । उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक राजधानी वाराणसी (काशी) गुरुवार को एक ऐतिहासिक कूटनीतिक अवसर की साक्षी बनी, जब भारत और मॉरीशस के प्रधानमंत्रियों के बीच द्विपक्षीय वार्ता आयोजित हुई। नदेसर स्थित होटल ताज में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच हुई इस उच्चस्तरीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम ने सकारात्मक और सौहार्दपूर्ण वातावरण में कई अहम मुद्दों पर चर्चा की। वार्ता से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम का गर्मजोशी से स्वागत किया और गले मिले। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम की उपस्थिति में भारत और मॉरीशस के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने चागोस समुद्री संरक्षित क्षेत्र का जिक्र कर इसके लिए बधाई दी। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और मॉरीशस केवल साझेदार नहीं, बल्कि एक परिवार हैं। 'पड़ोसी प्रथम' की हमारी नीति में मॉरीशस प्रथम स्तंभ है। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा उपनिवेशवाद से मुक्ति और मॉरीशस की संप्रभुता का समर्थन करता आया है और इसमें मॉरीशस के साथ मजबूती से खड़ा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के बाहर पहला जन औषधि केंद्र अब मॉरीशस में स्थापित किया गया है। भारत मॉरीशस में 500 बिस्तरों वाले आयुष उत्कृष्टता केंद्र सर शिवसागर रामगुलाम राष्ट्रीय (एसएसआरएन) अस्पताल और पशु चिकित्सा स्कूल और पशु अस्पताल के निर्माण में सहायता करेगा।   प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मां गंगा के प्रवाह के साथ काशी मॉरीशस को समृद्ध करता रहा है। वहां के दोस्‍तों का काशी में स्‍वागत औपचार‍िक नहीं आत्‍म‍िक म‍िलन है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पिछले साल मॉरीशस में यूपीआई और रूपे कार्ड की शुरुआत हुई थी। अब हम स्थानीय करंसी में व्यापार को सक्षम करने की दिशा में काम करेंगे। भारत के आईआईटी मद्रास और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ प्लांटेशन मैनेजमेंट ने यूनिवर्सिटी ऑफ मॉरीशस के साथ समझौते संपन्न किए हैं। ये समझौते रिसर्च, शिक्षा और इनोवेशन में आपसी साझेदारी को नए फलक पर ले जाएंगे।   मॉरीशस के प्रधानमंत्री को भरोसा देते हुए भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा कि फ्री, ओपन, सिक्योर, स्थिर और समृद्ध हिंद महासागर हमारी साझा प्राथमिकता है। मॉरीशस के प्रमुख आर्थिक क्षेत्र की सुरक्षा और समुद्री क्षमता को मजबूत करने के लिए भारत पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इस वर्ष हम सर शिवसागर रामगुलाम जी की 125वीं जयंती मना रहे हैं। वे केवल मॉरीशस के राष्ट्रपिता ही नहीं, बल्कि भारत और मॉरीशस के बीच अटूट सेतु के संस्थापक भी थे। उनकी यह जयंती हमें मिलकर अपने संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने की प्रेरणा देती है।   मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने भी काशी में मिले सम्मान के लिए आभार जताया। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की सराहना करते हुए कहा कि काशी में मिला आतिथ्य और सम्मान अप्रत्याशित और अभूतपूर्व है। मुझे खुशी है कि काशी आपका निर्वाचन क्षेत्र हैं। मैं समझ सकता हूं कि आप इतनी बड़ी संख्या में क्यों चुने गए हैं। यह भारत की मेरी चौथी आधिकारिक यात्रा है। वाराणसी में आने के बाद मैं और मेरी पत्नी दोनों उस स्वागत से आश्चर्यचकित थे जो हमें मिला। मेरा मानना ​​​​है कि किसी अन्य प्रधानमंत्री को कभी ऐसा सम्मान नहीं मिला।  

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के साथ टेलीफोन पर बातचीत की। उन्होंने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। दोनों नेताओं ने भारत-मध्यपूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे के तहत संपर्क बढ़ाने और यूक्रेन संघर्ष के शीघ्र समाधान की आवश्यकता पर बल दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने शांति वार्ता को पूर्ण समर्थन की बात दोहरायी।प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार प्रधानमंत्री मेलोनी ने जल्द से जल्द एक पारस्परिक रूप से लाभकारी भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते को संपन्न करने और 2026 में भारत द्वारा आयोजित होने वाले एआई इम्पैक्ट शिखर सम्मेलन की सफलता के लिए इटली के दृढ़ समर्थन को दोहराया।दोनों नेताओं ने निवेश, रक्षा, सुरक्षा, अंतरिक्ष, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, शिक्षा, लोगों के बीच संबंध और आतंकवाद-निरोध जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी में विकास की समीक्षा की। दोनों नेताओं ने संयुक्त रणनीतिक कार्य योजना 2025-29 के अनुरूप साझेदारी को और अधिक प्रगाढ़ करने की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

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रायबरेली । कांग्रेस नेता राहुल गांधी के अपने संसदीय क्षेत्र में पहुंचने पर बुधवार को भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनके दौरे का विरोध किया और राहुल गांधी वापस जाओ के नारे लगाए। प्रदेश के राज्यमंत्री दिनेश प्रताप सिंह कांग्रेस के मंच से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मां को गाली देने के विरोध में धरने पर बैठ गए। इसी बीच प्रदर्शनकारियों को हटाने के दौरान पुलिस और कार्यकर्ताओं में धक्का मुक्की हुई। प्रदर्शन व धरना के चलते राहुल गांधी के काफिले को एक घंटे तक रोकना पड़ा। दरअसल, कांग्रेस सांसद व लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी अपने संसदीय क्षेत्र के दो दिवसीय दौरे पर आज रायबरेली में हैं। राहुल गांधी के दौरे के विरोध में भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। रायबरेली स्थित बटोही रिसोर्ट के सामने प्रदेश के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं के साथ राहुलं गांधी के रास्ते पर ही धरने पर बैठ गए। इस दौरान पुलिस के अधिकारी उन्हें उठाने की कोशिश करते रहे। राज्यमंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि राहुल गांधी की मंच से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की की मां को गाली दी गई। राहुल गांधी को अफसोस भी नहीं हुआ। उन्होनें एक बार भी ये नहीं कहा कि जिस कार्यकर्ता ने मोदी की मां को गाली दी हैं वो गलत है।   इसी दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की भी हुई है। भाजपा कार्यकर्ता रायबरेली से छल करने का आरोप लगाते हुए 'राहुल वापस जाओ' के नारे लगाए। भाजपा कार्यकर्ताओं के हाथों में मोदी की मां का अपमान नहीं सहेगा हिन्दुस्तान लिखा पोस्टर और राहुल गांधी माफी मांगे के पोस्टर भी लिए थे। प्रशासनिक अधिकारियों के समझाने के बाद मंत्री दिनेश प्रताप सिंह वहां से चले गए। इसी बीच पुलिस ने सुरक्षा कारणों से राहुल गांधी के काफ़िले को एक किमी पहले ही रोक दिया। राहुल का एक घंटे तक काफिला रुका रहा। भाजपा कार्यकर्ताओं के हटने के बाद ही राहुल गांधी अपने कार्यक्रम स्थल तक पहुंच सके। इस दौरान पुलिस सुरक्षा के कड़ी व्यवस्था रही।   उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी अपने संसदीय क्षेत्र के दो दिवसीय दौरे पर हैं। वे जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में शामिल होंगे। इसके अलावा वे कांग्रेस पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ संवाद भी करेंगे, साथ ही क्षेत्र में चल रही विकास योजनाओं की प्रगति की समीक्षा व कई सड़कों व अन्य कामों का शिलान्यास भी करेंगे। राहुल का यह दौरा पंचायत चुनाव के मद्देनज़र महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इससे पहले जुलाई में राहुल गाधी का दौरा अचानक रद्द हो गया था।  

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पेरिस । नेपाल के बाद अब फ्रांस में भी सरकार विरोधी प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। बजट में कटौती के खिलाफ और राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के इस्तीफे की मांग को लेकर देश के लगभग हर बड़े शहरों में लोग बुधवार को सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों ने सड़कें जाम कर दीं, कूड़ेदान में आग लगाई और कई जगहों पर पुलिस से भिड़ गए। इस विरोध प्रदर्शन के बीच सेबेस्टियन लेकोर्नू ने प्रधानमंत्री पद की शपथ भी ले ली। राष्ट्रपति मैक्रों ने दो दिन पहले ही लेकोर्नू को नया प्रधानमंत्री बनाने का ऐलान किया था।   गृहमंत्री बी. रेतेलो ने मीडियाकर्मियों को बताया कि प्रदर्शनकारियों ने रेन शहर में एक बस को आग के हवाले कर दिया। दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में एक बिजली लाइन को नुकसान पहुंचने के बाद रेल सेवाएं रोक दीं। उन्होंने बताया कि सरकार ने 80 हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया है, जिनमें 6000 पेरिस में हैं। देशभर में अब तक 200 से ज्यादा उपद्रवी गिरफ्तार किए गए हैं। नैनटेस शहर में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे। मोंटपेलियर में भी पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई। टूलूज में रेलवे लाइन पर तोड़फोड़ की गयी।   मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस विरोध प्रदर्शन को 'ब्लॉक एवरीथिंग' नाम दिया गया है, जिसका नेतृत्व एक वामपंथी समूह कर रहा है। हालांकि, आंदोलन का कोई चेहरा नहीं है। इसकी नींव कुछ महीनों पहले सोशल मीडिया पर पड़ी थी। यह प्रदर्शन प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके फ्रांस्वा बायरो की बजट नीतियों के विरोध में शुरू हुआ। बायरो ने सार्वजनिक खर्च में भारी कटौती की थी। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि देश की मौजूदा राजनीतिक व्यवस्था जनता के हित में नहीं है।   दो दिन पहले ही फ्रांस्वा संसद में विश्वास मत हार गए थे, जिसके कारण उन्हें प्रधानमंत्री पद छोड़ना पड़ा था। 577 सदस्यीय नेशनल असेंबली में हुए मतदान में 364 प्रतिनिधियों ने सरकार पर अपना अविश्वास जताया था, जबकि केवल 194 ने सरकार के पक्ष में मतदान किया था। इसके बाद मैक्रों ने लेकोर्नू को प्रधानमंत्री नियुक्त किया था, जिन्होंने आज शपथ ली। विगत एक साल में लेकोर्नू फ्रांस के चौथे प्रधानमंत्री बने हैं। उल्लेखनीय है कि फ्रांस की संसद का कार्यकाल 2027 में खत्म होना था, लेकिन मैक्रों ने मध्यावधि चुनाव का ऐलान किया था। इसके बाद हुए नेशनल असेंबली के चुनावों में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला। वे एक अल्पमत सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं।

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  लगेगी शांडिल्य गुरु की प्रतिमा      कोलार रोड के दूसरे छोर भदभदा चौराहे पर उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने  ब्रह्मलीन बालगोविंद शांडिल्य गुरुजी की प्रतिमा स्थापना तथा चौराहे के सौंदर्यीकरण का भूमि-पूजन किया। सौंदर्यीकरण के लिये 8 लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं।   श्री गुप्ता ने कहा कि सरकार शहर के विकास के लिये सतत प्रयत्नशील है। उन्होंने शासन की विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि नागरिक शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये आगे आयें। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि घर-घर जाकर नागरिकों को शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये प्रेरित करें। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा कोटरा में सड़क भूमि-पूजन उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने आई-5 शासकीय आवास कोटरा के पास सड़क निर्माण का भूमि-पूजन किया। सड़क की लागत 20 लाख है। श्री गुप्ता ने सड़क का कार्य गुणवत्तापूर्ण करवाने के निर्देश दिये। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।     Attachments area          

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      मध्यप्रदेश के प्राचीन मंदिरों में भगवान के दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को अब प्रदेश के पुरावैभव, कला और संस्कृति की झलक भी वहां देखने को मिलेगी। इसके लिए राज्य सरकार मंदिरों में संग्रहालयों का निर्माण कराएगी। इस योजना को संस्कृति, धर्मस्व और पुरातत्व विभाग मिलकर अंजाम देंगे। मध्यप्रदेश में इस समय कई प्रसिद्ध मंदिर है जहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है। लेकिन इन मंदिरों में फिलहाल प्रदेश की कला-संस्कृति, इतिहास  और पुरावैभव की झलक दिखाने वाले संग्रहालय नहीं है। राज्य सरकार का सोचना है कि जो श्रद्धालु प्रदेश के प्राचीन मंदिरों में पहुंच रहे है वहां उन्हें भगवान के दर्शन के साथ-साथ प्रदेश के पुरावैभव और कला तथा संस्कृति से भी अवगत कराया जाए। इसके लिए इन मंदिरों के ट्रस्टों के पास मौजूद अपार धनराशि का उपयोग किया जाएगा। इन मंदिरों में सबसे पहले बनेंगे संग्रहालय- मध्यप्रदेश में उज्जैन में महाकाल मंदिर, खजराना मंदिर, सतना के मैहर मंदिर, पशुपतिनाथ मंदिर सहित कई ऐसे प्रमुख मंदिर है जहां मंदिरों की देखरेख और संरक्षण के लिए बनाए गए ट्रस्टों के पास श्रद्धालुओं के दान से मिली अपार धन संपदा स्थित है। इन्हीं मंदिरों में सबसे पहले संग्रहालय बनाने की शुरुआत की जाएगी।  इन मंदिरों के समीप काफी जमीन और भवन स्थित है। शिव मंदिरों में सभी बारह ज्योर्तिलिंगों के बारे में पूरी जानकारी एकत्रित कर प्रदर्शित की जाएगी। इसी तरह गणेश मंदिरों में गणेशजी के सभी स्वरुपों उनके इतिहास और महत्व को प्रदर्शित किया जाएगा। भोपाल के समीप स्थित भोजपुर मंदिर में दो सौ मीटर के दायरे के बाहर संग्रहालय बनाने का प्रस्ताव है। यहां भोजपुर के विशालकाय शिवलिंग और मंदिर के निर्माण की एतिहासिक प्रामाणिक  जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। यह मंदिर कब बना, इस तरह के मंदिर और कहां-कहां बनाए जाने थे। यह अधूरा क्यों रह गया। मंदिर के आसपास मिलने वाले शिवलिंग और अन्य पुराधरोहरों को भी यहां संग्रहित किया जाएगा। भोपाल में भी मुस्लिम धर्मावलंबियों से जुड़ी जानकारी, मध्यप्रदेश के प्राचीन नवाबों से जुड़े इतिहास की प्रामाणिक जानकारी गौहर महल या अन्य स्थानों पर प्रदर्शित की जाएगी। मिडटाउन में दुनिया की सबसे बड़ी सेंट पीटर चर्च में संग्रहालय भी है। वेटिकन सिटी में भी म्युजियम है वहां कई तरह के चित्र प्रदर्शित किए गए है। इन चित्रों में इन देशों की कला और संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। जापान में म्युजियम आॅफ पैरासाइड है। भारत के कई राज्यों में भी मंदिर, मस्जिद और चर्च के साथ संग्रहालय लगे हुए है। मध्यप्रदेश में फिलहाल मंदिर, मस्जिद और गिरिजाघरों में संग्रहालय नहीं है। प्रमुख सचिव संस्कृति मनोज श्रीवास्तव ने कहा प्रदेश के मंदिरों पर अब संग्रहालय बनाने की राज्य सरकार की योजना है। इसके जरिए प्रदेश के नागरिकों को धार्मिक आस्था के केन्द्रों पर पहुंचने पर वहां संग्रहालयों में प्रदेश के इतिहास, कला और संस्कृति के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।     Attachments area          

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  कोलार अवैध कब्जों का अड्डा बना    कोलार में राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों और तहसीलदारों की शह पर बेशकीमती जमीन पर जहां-तहां झुग्गियों का निर्माण करने के अलावा दीवारें तानकर अतिक्रमण किया जा रहा है। इन अतिक्रामकों को रोकने के बजाय अफसर उन्हें प्रश्रय दे रहे हैं। कोलार का दशहरा मैदान इसका ताजा उदाहरण है, जहां पिछले माह लगी आग में 50 झुग्गियां खाक हो गईं थी अब वहां 100 से ज्यादा झुग्गियां और मकान बन गए हैं।   लगातार अतिक्रमण बढ़ने की शिकायतों को लेकर एक सप्ताह पहले एडीएम रत्नाकर झा ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए थे कि वे सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाएं। साथ ही सूची तैयार करें, ताकि सरकारी जमीनों पर जमा अतिक्रमणों को हटाया जा सके। हुजूर एसडीएम और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही से फिर कोलार दशहरा मैदान की सरकारी जमीन पर दर्जनों झुग्गियां तन गर्इं।  प्रशासन के सामने यहां पर झुग्गियां बनती गई, लेकिन उन्हें रोकने की हिम्मत किसी ने नहीं की।   डेढ़ साल पहले निगम चुनाव के पूर्व मुख्यमंत्री ने हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के कहने पर कोलार दशहरा मैदान में स्टेडियम बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद कलेक्टर निशांत वरवड़े ने यहां पर दौरा कर एसडीएम माया अवस्थी को झुग्गियां शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अब तक यहां पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।   कोलार दशहरा मैदान के किनारे बनी अवैध झुग्गियां में तीन साल से एक ही स्थान पर आग लग रही है। यहां 40-50 झुग्गियों में आग लगती है और इसके बाद नई 100 झुग्गियां बन जाती हैं। तीन साल में इस स्थान पर 300 से अधिक झुग्गियां अवैध बन गई। लेकिन प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।     Attachments area          

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  पत्र  में प्रज्ञा ने कैंसर की बीमारी का हवाला भी दिया      मालेगांव बम ब्लास्ट में क्लीन चिट मिलने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने अपने तेवर दिखाए हैं। सिंहस्थ में जाने की जिद पर अड़ीं साध्वी ने पंडित खुशीलाल आयुर्वेदिक अस्पताल में आमरण अनशन शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि सरकार ने उन्हें परमिशन नहीं दी, तो वे 21 मई को जल समाधि ले लेंगी। कैंसर से पीड़ित प्रज्ञा ने दवाइयां खाने से भी इनकार कर दिया है। प्रज्ञा ने राज्य सरकार को लिखे पत्र  में कहा कि वे कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रही हैं। हो सकता है कि अगला कुंभ न देख पाएं।इस मसले  पर बोलने से प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।  साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट मिलने के बाद से माना जा रहा है कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का सॉफ्ट कॉर्नर उनके प्रति बढ़ा है। उनके अनशन के मामले में प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर से जब पूछा गया कि सरकार क्या करेगी, तो विवादों से बचने के लिए उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया । गौरतलब है कि साध्वी लगभग सात सालों से जेल में बंद थीं, लेकिन कैंसर के इलाज के लिए कोर्ट ने उन्हें अस्पताल में रहने की परमिशन दी है। प्रज्ञा ने रविवार को लेटर लिखकर शिवराज सरकार से उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ में शामिल होने की परमिशन मांगी थी।उन्होंने यह भी लिखा था कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो वे आमरण अनशन करेंगी। प्रज्ञा ने लिखा, 'वो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं और शायद अगला कुंभ न देख पाएं। इसलिए उनकी अंतिम इच्छा है कि वे उज्जैन कुंभ में जाएं।' प्रज्ञा ने राज्य सरकार समेत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को भी लेटर की कॉपी भेजी है। लेटर के मुताबिक, प्रज्ञा ने सोमवार सुबह 9 बजे तक का समय दिया था। मांग पूरी नहीं होने के कारण वे अपने कुछ सपोर्टर्स के साथ अस्पताल परिसर में ही आमरण अनशन पर बैठ गई हैं। प्रज्ञा ने लेटर में लिखा कि मैं अन्न जल त्याग दूंगी। अगर मुझे कुछ होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी मध्य प्रदेश सरकार की होगी। उन्होंने अपनी सिक्युरिटी को लेकर भी चिंता जाहिर की है। उन्होंने लिखा कि मेरे साथ पहले एसएएफ के जवान रहते थे। उनके हटाए जाने से मेरी जान को खतरा हो सकता है। प्रज्ञा ने जेड प्लस सुरक्षा की मांग की और सवाल पूछा कि जब देवास जिला कोर्ट ने उज्जैन जाने की अनुमति दे दी है, तो फिर सिक्युरिटी का हवाला देकर सरकार कोर्ट की अवमानना क्यों कर रही है? प्रज्ञा की चिट्ठी उनके सबसे विश्वसनीय भगवान झा लेकर पहुंचे थे। जेल सुपरिंटेंडेंट ने भगवान झा को भरोसा दिया के वह मामले को सीनियर अफसरों तक पहुंचा देंगे। भगवान झा ने कहा, 'सरकार के पास पुलिस की कोई कमी नहीं है। इसलिए साध्वी की सिंहस्थ यात्रा सुनिश्चित करा दी जाए, नहीं तो गंभीर परिणाम होंगे।'     Attachments area          

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  हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने किया 2.16 करोड़ की सड़क निर्माण का भूमि पूजन ।कोलार मुख्य मार्ग के समानांतर इस मार्ग से 2 लाख नागरिक होंगे सीधे लाभान्वित ।कोलार वासियो को विभिन्न मार्गो के माध्यम से नये भोपाल , होशंगाबाद रोड , जाने में होगी सहूलियत ।कोलार में बढ़ते ट्रैफिक पर नियंत्रण में हुज़ूर विधायक की कारगर पहल सफल ।हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा के अथक प्रयासों से कोलारवासियो को ट्रैफिक जाम से आये दिन होने वाली दिक्कतों से निज़ात मिलने जा रही है । बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान (कोलार मुख्य मार्ग) तक  बायपास रोड का निर्माण कराया जा रहा है । आज हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने रानी अवंतीबाई मार्ग से मंदाकनी मैदान को जोड़ने वाली सड़क निर्माण कार्य का भूमि पूजन भूमिका रेसीडेंसी पर किया । 2 करोड़ 16 लाख की लागत से बनने वाली 4200 मीटर इस सड़क की चौड़ाई 7.5 मीटर रहेगी, इस सड़क का निर्माण राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा किया जायेगा । श्री शर्मा ने बताया की कोलार मुख्य मार्ग पर आये दिन लगने वाले ट्रैफिक जाम से छुटकारा पाने के लिये इस बाय पास रोड का निर्माण कराया जा रहा है , उन्होंने बताया की बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग का निर्माण पूर्व में कराया जा चूका है । यह रोड  लोक निर्माण विभाग द्वारा बनायीं गयी है  गौरतलब है की उक्त सड़क का भूमि पूजन विधायक शर्मा द्वारा विधायक बनने के तत्काल बाद किया गया था । बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग तक इस सड़क की दूरी कुल 2 किलोमीटर है ।बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान पर कोलार मुख्य मार्ग पर जोड़ने वाले इस बायपास की कुल दूरी 6 किलोमीटर है । श्री शर्मा ने बताया की बहुत जल्द ही जे के अस्पताल के सामने इस मार्ग के जंक्शन पर एक पुल का निर्माण भी कराया जायेगा जो की सीधा शाहपुरा, भरत नगर , हबीबगंज , चुनाभट्टी , अथवा नये भोपाल को जोड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण के पश्च्यात कोलार के किसी भी नागरिक को ट्रैफिक जाम या आपातकालीन स्थिति में परेशान नहीं होना पड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग से कोलार सहित आसपास के लगभग 2 लाख नागरिक इससे सीधे लाभान्वित होंगे ।  श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण से पूर्व  उनके द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियो अधिकारियो एवं स्थानीय नागरिको के साथ दौरा किया गया । फलस्वरूप कोलार को ट्रैफिक से निजात दिलाने के लिये इस बायपास के निर्माण का निर्णय लिया गया । श्री शर्मा ने बताया की घनी आबादी वाले कोलार में नागरिको की सुविधा के मद्देनज़र इस मार्ग का  अलग अलग भागो में निर्माण कराया गया है , जिससे नागरिको को इसका लाभ पहुँच सके !  श्री शर्मा ने स्थानीय नागरिको को संबोधित करते हुए कहा की कोलार के समग्र विकास में निरंतर आपके द्वारा मिल रहे इसी प्रकार के सहयोग की आवश्यकता है आप सब के सहयोग से हम ग्रीन कोलार क्लीन कोलार का निर्माण करेंगे । कार्यक्रम के दौरान श्री शर्मा का स्थानीय नागरिको द्वारा बड़ी फूलो की माला पहनाकर सड़क निर्माण के लिए अभिन्दन किया गया !  मार्ग से लाभान्वित क्षेत्र  एक नज़र में -: बैरागढ़ चीचली , दौलतपुर ,धोली खदान, प्रियंका नगर ,हिनोतिया गांव ,मानसरोवर डेंटल कॉलेज, सुहागपुर ,पिपलिया, गुराडी , सेमरी ,अमरावत कलां ,सोहागपुर ,बांसखेड़ी झुग्गी बस्ती ,सन खेड़ी झुग्गी बस्ती, आकाश नगर , गिरधर परिसर ,सैफरॉन सिटी ,कृष्णा होम्स ,गिरधर गार्डन ,शिवालय परिसर ,सर्वजन सोसाइटी ,डी के 5 ,जे के अस्पताल , सागर प्रीमियम टॉवर, भूमिका रेसीडेंसी ,वेस्टर्न कौर्ट एवं मंदाकनी सोसायटी आदि इस मार्ग पर अन्य रहवासियो  को इस बाय पास का  सीधा लाभ पहुंचेगा ।होशंगाबाद रोड से जुड़ेगा यह मार्ग यह मार्ग चार बत्ती चौराहे से कालीबाड़ी पुल से होते हुए बाबड़िया रेल्वे फाटक से होशंगाबाद रोड से सीधा जुड़ेगा ।दानिश कुंज से कलियासोत नदी पर सलैया पुल के माध्यम से मिसरोद (होशंगाबाद रोड) से सीधा जुड़ेगा ।कार्यक्रम में विशेष रूप से स्थानीय पार्षद एवं एम आई सी सदस्य भूपेंद्र माली ,पार्षद पवन बोराना, मंडल उपाध्यक्ष श्याम मीना, बी एस वाजपेयी , महेश तिवारी , इक़बाल खान , अमित शुक्ल, दीपक माथुर , अरुण तिवारी , डी ले पालीवाल , एस एस सेंगर ,शोभा सिकरवार , श्रीमती गीता मिश्रा,गणेश तिवारी,राजेश सेंगर , राज शर्मा , प्रदीप पाटीदार ,आकाश श्रीवास्तव,सहित बड़ी संख्या में माताये बहने कॉलोनी वासी उपस्थित रहे ।  

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कोलार के वार्ड 82 में आने वाले दानिशकुंज कॉलोनी में नगर निगम द्वारा काम नहीं कराने के बाद भी पार्षद द्वारा निर्माण को लेकर बोर्ड लगाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। गलत जानकारी को लेकर आज दोपहर कांग्रेस पार्षदों, स्थानीय नेताओं और रहवासियों का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम आयुक्त छवि भारद्वाज से मिला। इन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पार्षद जानबूझकर श्रेय की राजनीति कर रहे हैं। जबकि, जनता गर्मी में पानी के लिए हाहाकार मचा रही है, फिर भी उन्हें पानी नहीं दिया जा रहा है। पार्षदों ने यह की मांग : कांग्रेस पार्षद संतोष जितेंद्र कंसाना, मोनू सक्सेना, मनजीत मारण, अमित शर्मा, राहुल सिंह राठौर, अखिलेश जैन सहित रहवासियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयुक्त भारद्वाज से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। इसके अनुसार तत्काल गलत जानकारी देने वाले भाजपा पार्षद भूपेंद्र माली के बोर्ड को नगर निगम प्रशासन हटाए। साथ ही इस मामले में जांच कराएं कि कहीं दानिशकुंज में कराए गए डामर के भुगतान की फर्जी फाइल तो निगम के कार्यालय नहीं पहुंच गई। यदि प्रशासन बोर्ड नहीं लगाएगी, तो कांग्रेसी भी हर वार्ड में ऐसे बोर्ड लगाएगी। दानिशकुंज कॉलोनी में करीब एक करोड़ राशि से डामर कराया गया है। इस पर स्थानीय पार्षद ने खुद डामर कराने के बोर्ड पूरी कॉलोनी में लगा दिए। वहीं, दानिशकुंज सोसायटी ने भी एक विज्ञापन जारी करके कहा कि वह निर्माण उसने कराया है। कुछ लोगों के यहां निर्माण नहीं कराया गया है, वो लोग जल्द ही बकाया राशि जमा कर दें, ताकि बचे हुए स्थानों पर भी डामरीकरण कराया जा सके।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को हिमाचल प्रदेश का दौरा कर भारी वर्षा, बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन से उत्पन्न हालात का जायजा लिया। उन्होंने मंडी और कुल्लू जिलों के प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया और इसके बाद कांगड़ा में प्रदेश की स्थिति की समीक्षा की। यहां उन्होंने प्रभावित लोगों से मुलाकात की।   प्रधानमंत्री मोदी ने हिमाचल प्रदेश के लिए 1500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की। वहीं, एसडीआरएफ और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की दूसरी किस्त अग्रिम रूप से जारी की जाएगी। केंद्र सरकार ने नुकसान के आकलन करने के लिए अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दल पहले ही भेज दिए हैं और उनकी विस्तृत रिपोर्ट के आधार पर आगे की सहायता पर विचार किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने बाढ़ और प्राकृतिक आपदा में मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को 50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि देने की भी घोषणा की। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री ने कांगड़ा में अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। उन्होंने हिमाचल प्रदेश में बाढ़ की स्थिति पर एक प्रस्तुति देखी। इस दौरान उनके साथ राज्यपाल शिवप्रताप शुक्ला और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ‘सुक्खू’ भी थे।प्रधानमंत्री ने स्थिति की गंभीरता को स्वीकार किया और आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार स्थिति से निपटने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी।   प्रधानमंत्री ने पूरे क्षेत्र और लोगों का जीवन पटरी पर लाने के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया। ये कार्य कई तरीकों से किए जाएँगे, जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से घरों का पुनर्निर्माण, राष्ट्रीय राजमार्गों का जीर्णोद्धार, स्कूलों का पुनर्निर्माण, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष के तहत राहत का प्रावधान और पशुओं के लिए मिनी किट जारी करना। कृषि समुदाय को सहायता प्रदान करने की महत्वपूर्ण आवश्यकता को देखते हुए विशेष रूप से उन किसानों को अतिरिक्त सहायता प्रदान की जाएगी जिनके पास वर्तमान में बिजली कनेक्शन नहीं हैं।   प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत, क्षतिग्रस्त घरों की जियोटैगिंग की जाएगी। इससे नुकसान का सटीक आकलन करने और प्रभावित लोगों तक त्वरित सहायता पहुँचाने में मदद मिलेगी। निर्बाध शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्कूल नुकसान की सूचना दे सकेंगे और उसे जियोटैग कर सकेंगे, जिससे समग्र शिक्षा अभियान के तहत समय पर सहायता मिल सकेगी। वर्षा जल के संग्रहण और भंडारण हेतु जल संचयन हेतु पुनर्भरण संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा। इन प्रयासों से भूजल स्तर में सुधार होगा और बेहतर जल प्रबंधन को बढ़ावा मिलेगा। प्रधानमंत्री ने इस दौरे में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) और आपदा मित्र टीमों के सदस्यों से भी संवाद किया। उन्होंने प्रभावित लोगों की समस्याएं सुनीं और राहत एवं बचाव अभियानों की प्रगति का आकलन किया। उन्होंने तत्काल राहत और बचाव कार्यों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, राज्य प्रशासन और अन्य सेवा-उन्मुख संगठनों के कर्मियों के प्रयासों की सराहना की। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी आज उप राष्ट्रपति पद के लिए चल रही मतदान प्रक्रिया में भाग लेने के बाद हिमाचल के लिए रवाना हुए थे। बाद में वे पंजाब जायेंगे। प्रधानमंत्री ने यात्रा के पूर्व सोशल मीडिया पर लिखा कि भारत सरकार इस दुखद घड़ी में प्रभावित लोगों के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ी है। हिमाचल प्रदेश में हाल के दिनों में भारी वर्षा के कारण बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं। राज्य के कई जिलों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और बड़े पैमाने पर नुकसान दर्ज किया गया है। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि राज्य में बारिश और भूस्खलन के चलते करीब 10 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है।

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नई दिल्ली । संसद भवन में आज देश के 17वें उप राष्ट्रपति पद के लिए मतदान जारी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सुबह सबसे पहले 10 बजे अपना वोट डाला। एनडीए की ओर से उम्मीदवार बनाए गए महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन और विपक्षी इंडी गठबंधन के उम्मीदवार सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी के बीच मुकाबला है। इसके लिए सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक सांसद अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं। मतदान समाप्त होने के बाद शाम 6 बजे से मतगणना शुरू होगी और देर शाम तक परिणाम आने की संभावना है।प्रधानमंत्री के साथ-साथ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, नितिन गडकरी, अश्विनी वैष्णव, किरेन रिजिजू, जी. किशन रेड्डी, रवनीत सिंह बिट्टू, ज्योतिरादित्य सिंधिया और अन्य केंद्रीय मंत्रियों व सांसदों ने अपने-अपने वोट डाले।   इंडी गठबंधन के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि वह लोगों की अंतरात्मा को जगाने का प्रयास कर रहे हैं और उन्हें विश्वास है कि वे चुनाव जीतेंगे। वोट डालने आए भाजपा सांसद प्रताप चंद्र सारंगी ने कहा कि पार्टी इस चुनाव को गंभीरता से ले रही है और एक अच्छे अंतर से जीतने का विश्वास रखती है। वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मतदान के बाद कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि सीपी राधाकृष्णन विजयी होंगे।विपक्ष की ओर से कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, मल्लिकार्जुन खरगे और शशि थरूर समेत अन्य सांसदों ने वोट डाले। पूर्व प्रधानमंत्री और जेडीएस नेता एचडी देवेगौड़ा व्हीलचेयर पर संसद पहुंचे और वोट डाला।समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मतदान के बाद भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा का काम दलों को इस्तेमाल करके बर्बाद करने का रहा है। इस चुनाव में ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल (बीजद), तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और पंजाब की शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) और एक निर्दलीय सांसद ने वोटिंग में हिस्सा न लेने का फैसला किया।बीजद के सात राज्यसभा सांसदों ने यह कहते हुए मतदान में हिस्सा नहीं लेने का निर्णय लिया कि उनकी पार्टी एनडीए और विपक्षी इंडी गठबंधन से समान दूरी बनाए रखना चाहती है।  शिरोमणि अकाली दल की एकमात्र सांसद हरसिमरत कौर बादल ने पंजाब में बाढ़ और केंद्र सरकार की निष्क्रियता का हवाला देकर मतदान में भाग न लेने का ऐलान किया। वहीं, बीआरएस ने यूरिया की कमी को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों की उदासीनता के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया। उल्लेखनीय है कि उप राष्ट्रपति चुनाव में केवल लोकसभा और राज्यसभा के सांसद वोट डाल सकते हैं, जिनमें मनोनीत सदस्य भी शामिल होते हैं। कुल 788 सांसदों में से 781 सांसद ही इस बार मतदान के पात्र थे, क्योंकि छह राज्यसभा और एक लोकसभा सीट रिक्त हैं। लेकिन बीजद, बीआरएस और अकाली दल के कुल 14 सांसदों ने मतदान से दूरी बनाकर यह संख्या घटाकर 767 कर दी है। अब बहुमत का आंकड़ा 384 हो गया है।लोकसभा में एनडीए के पास कुल 293 सांसदों का समर्थन है, जिसमें बीजेपी के 240, टीडीपी के 16, जेडीयू के 12, शिवसेना के सात और लोजपा के पांच सांसद शामिल हैं। राज्यसभा में एनडीए के पास 125 सांसदों का समर्थन है, जिसमें बीजेपी के 102 सांसद और वाईएसआर कांग्रेस के सात सांसद भी शामिल हैं।  

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काठमांडू। काठमांडू जिला प्रशासन कार्यालय ने काठमांडू रिंग रोड क्षेत्र के भीतर अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया है। यह आज सुबह साढ़े आठ बजे से प्रभावी हो गया है। मुख्य जिला अधिकारी छाबिलाल रिजाल ने स्थानीय प्रशासन अधिनियम, 2028 की धारा 6ए के तहत सुबह कर्फ्यू लगाने का आदेश जारी किया।    अधिकारियों का कहना है कि सार्वजनिक व्यवस्था और सुरक्षा बनाए रखने के लिए यह उपाय आवश्यक है। कर्फ्यू के दौरान सभा, जुलूस, प्रदर्शन, बैठक या किसी भी प्रकार के घेराव पर प्रतिबंध रहेगा।    ललितपुर जिला प्रशासन कार्यालय ने ललितपुर महानगर के चुनिंदा क्षेत्रों में आज सुबह 7 बजे से रात 12:00 बजे तक कर्फ्यू लगा दिया है। मुख्य जिला अधिकारी सुमन घिमिरे द्वारा जारी आदेश को शांति और सुरक्षा बनाए रखने और किसी भी संभावित गड़बड़ी को रोकने के लिए स्थानीय प्रशासन ने यह आदेश लागू किया गया है। ललितपुर में मंत्री निवास, यूएमएल पार्टी हेडक्वार्टर, नेपाली कांग्रेस केंद्रीय कार्यालय सहित अन्य सरकारी भवनों के आसपास  सुरक्षा का कड़ा बंदोबस्त किया गया है।

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  लगेगी शांडिल्य गुरु की प्रतिमा      कोलार रोड के दूसरे छोर भदभदा चौराहे पर उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने  ब्रह्मलीन बालगोविंद शांडिल्य गुरुजी की प्रतिमा स्थापना तथा चौराहे के सौंदर्यीकरण का भूमि-पूजन किया। सौंदर्यीकरण के लिये 8 लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं।   श्री गुप्ता ने कहा कि सरकार शहर के विकास के लिये सतत प्रयत्नशील है। उन्होंने शासन की विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि नागरिक शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये आगे आयें। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि घर-घर जाकर नागरिकों को शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये प्रेरित करें। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा कोटरा में सड़क भूमि-पूजन उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने आई-5 शासकीय आवास कोटरा के पास सड़क निर्माण का भूमि-पूजन किया। सड़क की लागत 20 लाख है। श्री गुप्ता ने सड़क का कार्य गुणवत्तापूर्ण करवाने के निर्देश दिये। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।     Attachments area          

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      मध्यप्रदेश के प्राचीन मंदिरों में भगवान के दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को अब प्रदेश के पुरावैभव, कला और संस्कृति की झलक भी वहां देखने को मिलेगी। इसके लिए राज्य सरकार मंदिरों में संग्रहालयों का निर्माण कराएगी। इस योजना को संस्कृति, धर्मस्व और पुरातत्व विभाग मिलकर अंजाम देंगे। मध्यप्रदेश में इस समय कई प्रसिद्ध मंदिर है जहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है। लेकिन इन मंदिरों में फिलहाल प्रदेश की कला-संस्कृति, इतिहास  और पुरावैभव की झलक दिखाने वाले संग्रहालय नहीं है। राज्य सरकार का सोचना है कि जो श्रद्धालु प्रदेश के प्राचीन मंदिरों में पहुंच रहे है वहां उन्हें भगवान के दर्शन के साथ-साथ प्रदेश के पुरावैभव और कला तथा संस्कृति से भी अवगत कराया जाए। इसके लिए इन मंदिरों के ट्रस्टों के पास मौजूद अपार धनराशि का उपयोग किया जाएगा। इन मंदिरों में सबसे पहले बनेंगे संग्रहालय- मध्यप्रदेश में उज्जैन में महाकाल मंदिर, खजराना मंदिर, सतना के मैहर मंदिर, पशुपतिनाथ मंदिर सहित कई ऐसे प्रमुख मंदिर है जहां मंदिरों की देखरेख और संरक्षण के लिए बनाए गए ट्रस्टों के पास श्रद्धालुओं के दान से मिली अपार धन संपदा स्थित है। इन्हीं मंदिरों में सबसे पहले संग्रहालय बनाने की शुरुआत की जाएगी।  इन मंदिरों के समीप काफी जमीन और भवन स्थित है। शिव मंदिरों में सभी बारह ज्योर्तिलिंगों के बारे में पूरी जानकारी एकत्रित कर प्रदर्शित की जाएगी। इसी तरह गणेश मंदिरों में गणेशजी के सभी स्वरुपों उनके इतिहास और महत्व को प्रदर्शित किया जाएगा। भोपाल के समीप स्थित भोजपुर मंदिर में दो सौ मीटर के दायरे के बाहर संग्रहालय बनाने का प्रस्ताव है। यहां भोजपुर के विशालकाय शिवलिंग और मंदिर के निर्माण की एतिहासिक प्रामाणिक  जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। यह मंदिर कब बना, इस तरह के मंदिर और कहां-कहां बनाए जाने थे। यह अधूरा क्यों रह गया। मंदिर के आसपास मिलने वाले शिवलिंग और अन्य पुराधरोहरों को भी यहां संग्रहित किया जाएगा। भोपाल में भी मुस्लिम धर्मावलंबियों से जुड़ी जानकारी, मध्यप्रदेश के प्राचीन नवाबों से जुड़े इतिहास की प्रामाणिक जानकारी गौहर महल या अन्य स्थानों पर प्रदर्शित की जाएगी। मिडटाउन में दुनिया की सबसे बड़ी सेंट पीटर चर्च में संग्रहालय भी है। वेटिकन सिटी में भी म्युजियम है वहां कई तरह के चित्र प्रदर्शित किए गए है। इन चित्रों में इन देशों की कला और संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। जापान में म्युजियम आॅफ पैरासाइड है। भारत के कई राज्यों में भी मंदिर, मस्जिद और चर्च के साथ संग्रहालय लगे हुए है। मध्यप्रदेश में फिलहाल मंदिर, मस्जिद और गिरिजाघरों में संग्रहालय नहीं है। प्रमुख सचिव संस्कृति मनोज श्रीवास्तव ने कहा प्रदेश के मंदिरों पर अब संग्रहालय बनाने की राज्य सरकार की योजना है। इसके जरिए प्रदेश के नागरिकों को धार्मिक आस्था के केन्द्रों पर पहुंचने पर वहां संग्रहालयों में प्रदेश के इतिहास, कला और संस्कृति के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।     Attachments area          

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  कोलार अवैध कब्जों का अड्डा बना    कोलार में राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों और तहसीलदारों की शह पर बेशकीमती जमीन पर जहां-तहां झुग्गियों का निर्माण करने के अलावा दीवारें तानकर अतिक्रमण किया जा रहा है। इन अतिक्रामकों को रोकने के बजाय अफसर उन्हें प्रश्रय दे रहे हैं। कोलार का दशहरा मैदान इसका ताजा उदाहरण है, जहां पिछले माह लगी आग में 50 झुग्गियां खाक हो गईं थी अब वहां 100 से ज्यादा झुग्गियां और मकान बन गए हैं।   लगातार अतिक्रमण बढ़ने की शिकायतों को लेकर एक सप्ताह पहले एडीएम रत्नाकर झा ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए थे कि वे सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाएं। साथ ही सूची तैयार करें, ताकि सरकारी जमीनों पर जमा अतिक्रमणों को हटाया जा सके। हुजूर एसडीएम और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही से फिर कोलार दशहरा मैदान की सरकारी जमीन पर दर्जनों झुग्गियां तन गर्इं।  प्रशासन के सामने यहां पर झुग्गियां बनती गई, लेकिन उन्हें रोकने की हिम्मत किसी ने नहीं की।   डेढ़ साल पहले निगम चुनाव के पूर्व मुख्यमंत्री ने हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के कहने पर कोलार दशहरा मैदान में स्टेडियम बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद कलेक्टर निशांत वरवड़े ने यहां पर दौरा कर एसडीएम माया अवस्थी को झुग्गियां शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अब तक यहां पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।   कोलार दशहरा मैदान के किनारे बनी अवैध झुग्गियां में तीन साल से एक ही स्थान पर आग लग रही है। यहां 40-50 झुग्गियों में आग लगती है और इसके बाद नई 100 झुग्गियां बन जाती हैं। तीन साल में इस स्थान पर 300 से अधिक झुग्गियां अवैध बन गई। लेकिन प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।     Attachments area          

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  पत्र  में प्रज्ञा ने कैंसर की बीमारी का हवाला भी दिया      मालेगांव बम ब्लास्ट में क्लीन चिट मिलने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने अपने तेवर दिखाए हैं। सिंहस्थ में जाने की जिद पर अड़ीं साध्वी ने पंडित खुशीलाल आयुर्वेदिक अस्पताल में आमरण अनशन शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि सरकार ने उन्हें परमिशन नहीं दी, तो वे 21 मई को जल समाधि ले लेंगी। कैंसर से पीड़ित प्रज्ञा ने दवाइयां खाने से भी इनकार कर दिया है। प्रज्ञा ने राज्य सरकार को लिखे पत्र  में कहा कि वे कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रही हैं। हो सकता है कि अगला कुंभ न देख पाएं।इस मसले  पर बोलने से प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।  साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट मिलने के बाद से माना जा रहा है कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का सॉफ्ट कॉर्नर उनके प्रति बढ़ा है। उनके अनशन के मामले में प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर से जब पूछा गया कि सरकार क्या करेगी, तो विवादों से बचने के लिए उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया । गौरतलब है कि साध्वी लगभग सात सालों से जेल में बंद थीं, लेकिन कैंसर के इलाज के लिए कोर्ट ने उन्हें अस्पताल में रहने की परमिशन दी है। प्रज्ञा ने रविवार को लेटर लिखकर शिवराज सरकार से उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ में शामिल होने की परमिशन मांगी थी।उन्होंने यह भी लिखा था कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो वे आमरण अनशन करेंगी। प्रज्ञा ने लिखा, 'वो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं और शायद अगला कुंभ न देख पाएं। इसलिए उनकी अंतिम इच्छा है कि वे उज्जैन कुंभ में जाएं।' प्रज्ञा ने राज्य सरकार समेत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को भी लेटर की कॉपी भेजी है। लेटर के मुताबिक, प्रज्ञा ने सोमवार सुबह 9 बजे तक का समय दिया था। मांग पूरी नहीं होने के कारण वे अपने कुछ सपोर्टर्स के साथ अस्पताल परिसर में ही आमरण अनशन पर बैठ गई हैं। प्रज्ञा ने लेटर में लिखा कि मैं अन्न जल त्याग दूंगी। अगर मुझे कुछ होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी मध्य प्रदेश सरकार की होगी। उन्होंने अपनी सिक्युरिटी को लेकर भी चिंता जाहिर की है। उन्होंने लिखा कि मेरे साथ पहले एसएएफ के जवान रहते थे। उनके हटाए जाने से मेरी जान को खतरा हो सकता है। प्रज्ञा ने जेड प्लस सुरक्षा की मांग की और सवाल पूछा कि जब देवास जिला कोर्ट ने उज्जैन जाने की अनुमति दे दी है, तो फिर सिक्युरिटी का हवाला देकर सरकार कोर्ट की अवमानना क्यों कर रही है? प्रज्ञा की चिट्ठी उनके सबसे विश्वसनीय भगवान झा लेकर पहुंचे थे। जेल सुपरिंटेंडेंट ने भगवान झा को भरोसा दिया के वह मामले को सीनियर अफसरों तक पहुंचा देंगे। भगवान झा ने कहा, 'सरकार के पास पुलिस की कोई कमी नहीं है। इसलिए साध्वी की सिंहस्थ यात्रा सुनिश्चित करा दी जाए, नहीं तो गंभीर परिणाम होंगे।'     Attachments area          

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  हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने किया 2.16 करोड़ की सड़क निर्माण का भूमि पूजन ।कोलार मुख्य मार्ग के समानांतर इस मार्ग से 2 लाख नागरिक होंगे सीधे लाभान्वित ।कोलार वासियो को विभिन्न मार्गो के माध्यम से नये भोपाल , होशंगाबाद रोड , जाने में होगी सहूलियत ।कोलार में बढ़ते ट्रैफिक पर नियंत्रण में हुज़ूर विधायक की कारगर पहल सफल ।हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा के अथक प्रयासों से कोलारवासियो को ट्रैफिक जाम से आये दिन होने वाली दिक्कतों से निज़ात मिलने जा रही है । बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान (कोलार मुख्य मार्ग) तक  बायपास रोड का निर्माण कराया जा रहा है । आज हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने रानी अवंतीबाई मार्ग से मंदाकनी मैदान को जोड़ने वाली सड़क निर्माण कार्य का भूमि पूजन भूमिका रेसीडेंसी पर किया । 2 करोड़ 16 लाख की लागत से बनने वाली 4200 मीटर इस सड़क की चौड़ाई 7.5 मीटर रहेगी, इस सड़क का निर्माण राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा किया जायेगा । श्री शर्मा ने बताया की कोलार मुख्य मार्ग पर आये दिन लगने वाले ट्रैफिक जाम से छुटकारा पाने के लिये इस बाय पास रोड का निर्माण कराया जा रहा है , उन्होंने बताया की बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग का निर्माण पूर्व में कराया जा चूका है । यह रोड  लोक निर्माण विभाग द्वारा बनायीं गयी है  गौरतलब है की उक्त सड़क का भूमि पूजन विधायक शर्मा द्वारा विधायक बनने के तत्काल बाद किया गया था । बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग तक इस सड़क की दूरी कुल 2 किलोमीटर है ।बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान पर कोलार मुख्य मार्ग पर जोड़ने वाले इस बायपास की कुल दूरी 6 किलोमीटर है । श्री शर्मा ने बताया की बहुत जल्द ही जे के अस्पताल के सामने इस मार्ग के जंक्शन पर एक पुल का निर्माण भी कराया जायेगा जो की सीधा शाहपुरा, भरत नगर , हबीबगंज , चुनाभट्टी , अथवा नये भोपाल को जोड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण के पश्च्यात कोलार के किसी भी नागरिक को ट्रैफिक जाम या आपातकालीन स्थिति में परेशान नहीं होना पड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग से कोलार सहित आसपास के लगभग 2 लाख नागरिक इससे सीधे लाभान्वित होंगे ।  श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण से पूर्व  उनके द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियो अधिकारियो एवं स्थानीय नागरिको के साथ दौरा किया गया । फलस्वरूप कोलार को ट्रैफिक से निजात दिलाने के लिये इस बायपास के निर्माण का निर्णय लिया गया । श्री शर्मा ने बताया की घनी आबादी वाले कोलार में नागरिको की सुविधा के मद्देनज़र इस मार्ग का  अलग अलग भागो में निर्माण कराया गया है , जिससे नागरिको को इसका लाभ पहुँच सके !  श्री शर्मा ने स्थानीय नागरिको को संबोधित करते हुए कहा की कोलार के समग्र विकास में निरंतर आपके द्वारा मिल रहे इसी प्रकार के सहयोग की आवश्यकता है आप सब के सहयोग से हम ग्रीन कोलार क्लीन कोलार का निर्माण करेंगे । कार्यक्रम के दौरान श्री शर्मा का स्थानीय नागरिको द्वारा बड़ी फूलो की माला पहनाकर सड़क निर्माण के लिए अभिन्दन किया गया !  मार्ग से लाभान्वित क्षेत्र  एक नज़र में -: बैरागढ़ चीचली , दौलतपुर ,धोली खदान, प्रियंका नगर ,हिनोतिया गांव ,मानसरोवर डेंटल कॉलेज, सुहागपुर ,पिपलिया, गुराडी , सेमरी ,अमरावत कलां ,सोहागपुर ,बांसखेड़ी झुग्गी बस्ती ,सन खेड़ी झुग्गी बस्ती, आकाश नगर , गिरधर परिसर ,सैफरॉन सिटी ,कृष्णा होम्स ,गिरधर गार्डन ,शिवालय परिसर ,सर्वजन सोसाइटी ,डी के 5 ,जे के अस्पताल , सागर प्रीमियम टॉवर, भूमिका रेसीडेंसी ,वेस्टर्न कौर्ट एवं मंदाकनी सोसायटी आदि इस मार्ग पर अन्य रहवासियो  को इस बाय पास का  सीधा लाभ पहुंचेगा ।होशंगाबाद रोड से जुड़ेगा यह मार्ग यह मार्ग चार बत्ती चौराहे से कालीबाड़ी पुल से होते हुए बाबड़िया रेल्वे फाटक से होशंगाबाद रोड से सीधा जुड़ेगा ।दानिश कुंज से कलियासोत नदी पर सलैया पुल के माध्यम से मिसरोद (होशंगाबाद रोड) से सीधा जुड़ेगा ।कार्यक्रम में विशेष रूप से स्थानीय पार्षद एवं एम आई सी सदस्य भूपेंद्र माली ,पार्षद पवन बोराना, मंडल उपाध्यक्ष श्याम मीना, बी एस वाजपेयी , महेश तिवारी , इक़बाल खान , अमित शुक्ल, दीपक माथुर , अरुण तिवारी , डी ले पालीवाल , एस एस सेंगर ,शोभा सिकरवार , श्रीमती गीता मिश्रा,गणेश तिवारी,राजेश सेंगर , राज शर्मा , प्रदीप पाटीदार ,आकाश श्रीवास्तव,सहित बड़ी संख्या में माताये बहने कॉलोनी वासी उपस्थित रहे ।  

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कोलार के वार्ड 82 में आने वाले दानिशकुंज कॉलोनी में नगर निगम द्वारा काम नहीं कराने के बाद भी पार्षद द्वारा निर्माण को लेकर बोर्ड लगाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। गलत जानकारी को लेकर आज दोपहर कांग्रेस पार्षदों, स्थानीय नेताओं और रहवासियों का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम आयुक्त छवि भारद्वाज से मिला। इन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पार्षद जानबूझकर श्रेय की राजनीति कर रहे हैं। जबकि, जनता गर्मी में पानी के लिए हाहाकार मचा रही है, फिर भी उन्हें पानी नहीं दिया जा रहा है। पार्षदों ने यह की मांग : कांग्रेस पार्षद संतोष जितेंद्र कंसाना, मोनू सक्सेना, मनजीत मारण, अमित शर्मा, राहुल सिंह राठौर, अखिलेश जैन सहित रहवासियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयुक्त भारद्वाज से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। इसके अनुसार तत्काल गलत जानकारी देने वाले भाजपा पार्षद भूपेंद्र माली के बोर्ड को नगर निगम प्रशासन हटाए। साथ ही इस मामले में जांच कराएं कि कहीं दानिशकुंज में कराए गए डामर के भुगतान की फर्जी फाइल तो निगम के कार्यालय नहीं पहुंच गई। यदि प्रशासन बोर्ड नहीं लगाएगी, तो कांग्रेसी भी हर वार्ड में ऐसे बोर्ड लगाएगी। दानिशकुंज कॉलोनी में करीब एक करोड़ राशि से डामर कराया गया है। इस पर स्थानीय पार्षद ने खुद डामर कराने के बोर्ड पूरी कॉलोनी में लगा दिए। वहीं, दानिशकुंज सोसायटी ने भी एक विज्ञापन जारी करके कहा कि वह निर्माण उसने कराया है। कुछ लोगों के यहां निर्माण नहीं कराया गया है, वो लोग जल्द ही बकाया राशि जमा कर दें, ताकि बचे हुए स्थानों पर भी डामरीकरण कराया जा सके।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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श्रीनगर । जम्मू-कश्मीर के  कुलगाम जिले के गुद्दर वन क्षेत्र में चल रही मुठभेड़ में एक आतंकवादी मारा गया है, जबकि एक सैन्य अधिकारी घायल हो गया ।   सेना ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि पुलिस से मिली एक विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर गुद्दर जंगल में एक संयुक्त तलाशी अभियान शुरू किया गया। सतर्क सैनिकों ने संदिग्ध गतिविधि देखी और चुनौती दिए जाने पर आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। इसके बाद भीषण गोलीबारी हो गई। पोस्ट के अनुसार, इस दौरान एक आतंकवादी मारा गया और एक जूनियर कमीशन अधिकारी घायल हो गया है। अभियान अभी जारी है।

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नई दिल्ली । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सोमवार को कहा कि इंजीनियरिंग निर्यात संवर्धन परिषद (ईईपीसी) इंडिया के सभी हितधारक देश में उपलब्ध प्रतिभा और ऊर्जा के लिए एक सक्षम पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करके भारत को एक अग्रणी नवाचार अर्थव्यवस्था बनाने का संकल्प लें। राष्ट्रपति मुर्मु ने यहां आयोजित ईईपीसी इंडिया के प्लेटिनम जुबली समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि प्राचीनकाल में भारत अध्यात्म और व्यापार दोनों क्षेत्रों में विश्व का नेतृत्व करता था। भारत को एक बार फिर ज्ञान और व्यापार का अग्रणी केंद्र बनाना सभी नागरिकों का संकल्प होना चाहिए। उन्होंने आर्थिक क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण हितधारक होने के नाते ईईपीसी से आग्रह किया कि वह इस संकल्प को पूरी दृढ़ता से आगे बढ़ाए।उन्होंने खुशी जताई कि पिछले 10 वर्षों में भारत का इंजीनियरिंग निर्यात 70 अरब डॉलर से बढ़कर 115 अरब डॉलर से अधिक हो गया है। उन्होंने कहा कि पिछले दशक के दौरान अंतरराष्ट्रीय व्यापार में चुनौतियों के बावजूद यह उपलब्धि उल्लेखनीय है। राष्ट्रपति ने इस उपलब्धि में योगदान के लिए ईईपीसी की सराहना की। उन्होंने कहा कि ईईपीसी अंतरराष्ट्रीय बाजार और भारतीय उत्पादकों के बीच सेतु का कार्य करता है। विश्व व्यापार व्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय आर्थिक ढांचे में हो रहे बदलावों के बीच इसकी भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है।राष्ट्रपति ने कहा कि वैश्विक व्यापार की चुनौतियों को भारत को अवसर में बदलना होगा। सात दशकों में भारत के इंजीनियरिंग निर्यात गंतव्य काफी बदले हैं और ईईपीसी को इस परिवर्तनशील प्रक्रिया को और आगे बढ़ाना चाहिए। उच्च गुणवत्ता वाले इंजीनियरिंग उत्पाद और सेवाएं कम लागत पर उपलब्ध कराना भारत की सबसे बड़ी ताकत है। आज दुनिया की प्रमुख कंपनियों के ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स भारत में हैं। ऐसे में हितधारकों को उपयुक्त प्रोत्साहन और पारिस्थितिकी तंत्र देकर भारत को ग्लोबल इनोवेशन सेंटर बनाने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने जोर दिया कि इनोवेशन इकोनॉमी ही सबसे प्रतिस्पर्धी और समृद्ध अर्थव्यवस्थाएं होती हैं और इसी राह पर भारत को अग्रसर करना सभी हितधारकों का कर्तव्य है।

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हरिद्वार । तेज बारिश के चलते साेमवार सुबह भीम गोडा काली मंदिर के पास रेलवे ट्रैक पर मनसा देवी पहाड़ी से अचानक भारी मात्रा में मलबा आ जाने से रेल यातायात अवरुद्ध हो गया है। रेल ट्रैक बाधित हाेने से ट्रेनाें काे निरस्त किया गया है।   हरिद्वार रेलवे स्टेशन अधीक्षक दिनेश कुमार ने बताया कि सोमवार सुबह मिट्टी और चट्टानों का मलबे आने से भीमगोड़ा रेलवे सुरंग के समीप रेलवे ट्रैक को पूरी तरह से बंद हाे गया। ट्रैक पर अवरोध आने के कारण कई ट्रेन स्थगित करनी पड़ी हैं तथा कई को ज्वालापुर स्टेशन पर टर्मिनेट करना पड़ा। इनमें ऋषिकेश-कोच्चिवली एक्सप्रेस, हावड़ा- ऋषिकेश एक्सप्रेस, अमृतसर- देहरादून एक्सप्रेस तथा ऋषिकेश-हरिद्वार पैसेंजर सहित कई गाड़ियां शामिल है। उन्होंने बताया कि मलवा आने की वजह से देहरादून–हरिद्वार व ऋषिकेश रेल मार्ग पर ट्रेनों का आवागमन प्रभावित हुआ है। रेलवे विभाग की टीम मलबा हटाने में जुटी है।   काली मंदिर के समीप हुए इस भूस्खलन से आंशिक तौर पर मंदिर भी चपेट में आया और मंदिर के बाहर बना शिवजी का छोटा सा स्थान क्षतिग्रस्त हो गया, लेकिन गुफा वाले मंदिर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। इस स्थान पर इससे पहले भी कई बार मलवा आने से रेल यातायात बाधित हो चुका है। पूर्व की घटनाओं को देखते हुए इस जगह रेलवे ने लोहे के जाल लगा रखे हैं, जिस कारण मलबा सड़क पर नहीं आया।    

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पश्चिमी सिंहभूम । झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) जिले के गोइलकेरा थाना क्षेत्र के रेलापराल गांव स्थित बुरजूवा पहाड़ी पर रविवार सुबह नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने 10 लाख के इनामी नक्सली को मार गिराया है।चाईबासा पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि इलाके में नक्सलियों का मूवमेंट है। इसके बाद पुलिस और सुरक्षा बलों की टीम रविवार तड़के रेलापराल इलाके में सर्च अभियान पर निकली। सुरक्षाबलों को देखते ही नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी, जिसके जवाब में जवानों ने भी मोर्चा संभालते हुए गोलियां चलानी शुरू कर दीं।कई घंटे तक चली इस मुठभेड़ में भाकपा माओवादी का जोनल कमांडर अमित हांसदा उर्फ अपटन मारा गया। उस पर झारखंड सरकार ने 10 लाख रुपए का इनाम घोषित किया था। घटनास्थल से शव और हथियार मिले हैं। मुठभेड़ के दौरान बाकी नक्सली घने जंगल का फायदा उठाकर फरार हो गए। पुलिस और सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी कर ली है और जंगल में सघन सर्च अभियान जारी है।एसपी राकेश रंजन ने मुठभेड़ में एक नक्सली के मारे जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि इलाके में अतिरिक्त बल भेजा गया है। इलाकेे में सर्च अभियान जारी है।     

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कीव । रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव पर अबतक का सबसे बड़ा हवाई हमला करते हुए शनिवार की देर रात से रविवार सुबह तक 805 ड्रोन और 13 मिसाइलें दागीं। इन हमलों में 3 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई घायल हुए हैं। रूसी हमले में ऐसा पहली बार है कि यूक्रेन सरकार की मुख्य इमारतों को भी निशाना बनाया गया। दमकल कर्मी इन तमाम इमारतों की आग बुझाते हुए देखे गए और पूरे शहर में अफरातफरी का माहौल रहा।   कीव पोस्ट के मुताबिक रूसी सेना ने दावा किया है कि यूक्रेन की वायु रक्षा प्रणालियों ने 751 लक्ष्यों को रोका या निष्क्रिय किया, लेकिन मिसाइलों और ड्रोनों से देशभर में 37 स्थानों पर हमले किये गए, जिससे कई जगह आग लग गई। इन हमलों में कई आवासीय एवं प्रशासनिक इमारतें नष्ट हुई हैं।  रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद यह पहली बार है जब किसी सरकारी मुख्यालय पर हुए हमले में कैबिनेट भवन में आग लग गई।   यूक्रेन के अधिकारियों का कहना है कि रूस की तरफ से रात भर ऐसे हमलों का सिलसिला जारी रहा। हमलों की शुरुआत ड्रोन से हुई, जो मिसाइल हमलों में बदल गई। रूस के इन हमलों के दौरान भारी दहशत और अफरातफरी की स्थिति देखी गई। देशभर में एयर अलर्ट बजाया गया और नागरिकों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा गया। फायर ब्रिगेड कर्मी और राहत दलों को मिसाइल और ड्रोन हमलों से जगह-जगह लगी आग को बुझाते देखा गया।   यूक्रेन पर रूस का ये हमला उस समय हुआ है, जब विभिन्न स्तर पर करीब तीन साल से जारी इस युद्ध को रुकवाने के प्रयास चल रहे हैं। इस बीच फ्रांस और ब्रिटेन के नेतृत्व में 24 देशों ने युद्ध समाप्त करने के लिए अंतरराष्ट्रीय निगरानी बल में शामिल होने की बात की है। कीव का कहना है कि ऐसे सुरक्षा समझौते तभी कारगर होंगे, जब पश्चिमी सैनिक इसमें शामिल होंगे, लेकिन रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने इस पर राजी होने से साफ इनकार किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी दोनों पक्षों के बीच शांति वार्ता के दावे करते रहे हैं, लेकिन मौजूदा हमले बताते हैं कि शांति वार्ता में कोई प्रगति होती नहीं दिख रही है।

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 9 सितंबर को बाढ़ प्रभावित पंजाब का दौरा करेंगे।इस दौरान वे बाढ़ प्रभावित इलाके के लोगों से बातचीत कर हालात के बारे में जानेंगे।भाजपा की पंजाब इकाई की तरफ से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसकी जानकारी दी गई है।   पार्टी की तरफ से एक्स पोस्ट में बताया गया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 9 सिंतबर को पंजाब के गुरुदासपुर आ रहे हैं। वे बाढ़ प्रभावित लोगों और किसानों से सीधे मुलाकात कर उनका दुख साझा करेंगे और पीड़ितों की मदद के लिए कदम उठाएंगे।   इससे पहले गुरुवार को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान ने अमृतसर जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया था। उन्होंने यह भी कहा था कि बाढ़ प्रभावित इलाकों के आकलन के लिए दो केंद्रीय दल भी पंजाब दौरे हैं जो केंद्र को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे।  उल्लेखनीय है कि पंजाब के ज्यादातर जिले इन दिनों बाढ़ की चपेट में हैं। इससे राज्य के लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इससे हो रहे व्यापक नुकसान को देखते हुए केंद्रीय आर्थिक मदद की मांग लगातार हो रही है।

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भोपाल । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शिक्षक दिवस पर शुक्रवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में मध्य प्रदेश के दो शिक्षकों को शिक्षा के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय कार्य के लिये राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्रदान किया। इनमें शीला पटेल और भेरूलाल ओसारा शामिल हैं। इस मौके पर केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान भी मौजूद थे। पुरस्कार स्वरूप सम्मानित शिक्षकों को शॉल-श्रीफल और स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। प्राथमिक शिक्षक शीला पटेल शीला पटेल दमोह जिले की शासकीय प्राथमिक शाला देवरान टपरिया में पदस्थ हैं। उन्होंने अपनी शाला में बच्चों को खेल-खेल में आनंदमयी शिक्षा दी है। उन्होंने गीत, कविता, कहानी और अभिनय के माध्यम से फाउण्डेशन लिटरेसी मिशन (एफएलएन) का क्रियान्वयन किया है। इसी के साथ उन्होंने अवकाश के दिनों में महिला साक्षरता को बढ़ावा देने के लिये विशेष कक्षाओं का संचालन किया। शीला पटेल ने अवकाश के दिनों में समर कैम्प एवं विंटर कैम्प का आयोजन किया। उन्होंने अपनी पदस्थापना के शाला के गाँव की हर गली व मोहल्लों में जगह-जगह पर बच्चों को सिखाने के उद्देश्य से शैक्षिक पटल व लर्निंग प्लेस तैयार करवाया। शिक्षिका शीला पटेल ने बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि पैदा करने के लिये शून्य लागत पर टीचिंग लर्निंग मटेरियल (टीएलएम) तैयार किया। बच्चों में समझ को बढ़ावा देने के लिये समूह में आपस में चर्चा और उनकी सहभागिता को बढ़ाने का काम प्रमुख रूप से किया। प्राथमिक शिक्षक भेरूलाल ओसारा प्राथमिक शिक्षक भेरूलाल ओसारा आगर-मालवा जिले के शासकीय ईपीईएस माध्यमिक शाला में पदस्थ हैं। उन्होंने अपनी पदस्थ शाला में विषय-वस्तु की गहन समझ के साथ शिक्षण कार्य किया और बच्चों में नैतिकता और सृजनात्मकता को प्रोत्साहित किया। विद्यालय में पर्यावरण संरक्षण के लिये ईको क्लब और क्लैप क्लब के संयोजन से ठोस कार्य किया। बच्चों को स्वच्छता, जल संरक्षण, पौधरोपण, प्लास्टिक उन्मूलन और हरित जीवन-शैली के बारे में नवाचार करते हुए शिक्षा दी। शिक्षक भेरूलाल ने बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि पैदा करने के लिये नुक्कड़ नाटक, रैलियों, पोस्टर, निबंध प्रतियोगिता के साथ लेखन की वर्कशॉप भी निरंतर आयोजित की। उन्होंने डिजिटल युग की महत्ता को समझते हुए विद्यार्थियों में ऑनलाइन सुरक्षा जागरूकता फैलाने के लिये महत्वपूर्ण काम किया। बच्चों को साइबर अपराध के खतरों, सोशल मीडिया का सुरक्षित रूप से उपयोग, पासवर्ड की सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर जानकारी दी। उनके इस कार्य से आसपास के अनेक शिक्षकों ने भी प्रेरणा ली है।  

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अशोक नगर । लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि भगवान महावीर के विचार आज भी देश-दुनिया में यथार्थ(उचित)हैं।उन्होंने कहा कि पर्युषण पर्व का विशेष महत्‍व है। जैन समाज ही नहीं बल्कि सृष्टि पर रहने वाले हर व्‍यक्ति को पर्युषण पर्व के महत्‍व को समझना चाहिए। हमारे जीवन के अंदर हम नैतिकता, क्षमा, करूणा लाएं और अपने जीवन के अंदर हमेशा सत्‍य, अहिंसा और करुणा का भाव रखें। पर्युषण पर्व के दस लक्षण हैं। उन्होंने कहा कि सबके साथ एक जैसा भाव, हमेशा कल्‍याण का भाव होना चाहिए।   लोकसभा अध्यक्ष बिरला शुक्रवार को मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले में दिगम्बर मुनि सुधा सागर महाराज के 32वें श्रावक संस्‍कार शिविर को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अपनी आत्‍मा के कल्‍याण के लिए आत्‍मविशेषण हो, आत्‍मचिंतन- आत्‍मशुद्धि हो। इससे बड़ा कुछ नहीं हो सकता। उसके बाद क्षमा क्रोध, लोभ, मोह सब त्‍याग करना। कितना भी क्रोध हो, उसका त्‍याग करना चाहिए। भगवान महावीर के विचार आज भी देश-दुनिया में यथार्थ हैं। तीर्थंकर भगवान महावीर ने कहा था कि सत्‍य, अहिंसा और शांति ही दुनिया का संदेश है। आज अंहिसा और शांति ही दुनिया के लिए संदेश है। उसी संदेश को हम देश-दुनिया में पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। जैन दर्शन आज दुनिया का दर्शन बन चुका है।   लोकसभा अध्यक्ष ने इससे पहले शिविर में शामिल होकर यहां निर्यापक श्रमण मुनि पुंगव सुधासागर महाराज से श्रीफल भेंट कर आशीर्वाद प्राप्‍त किया। उन्होंने कहा कि आचार्य परम्‍परा के गौरव राष्‍ट्रसंत मुनि पुंगव श्रीश्री 108 सुधासागर महाराज के चरणों में नमस्‍तु नमस्‍तु। आचार्यश्री जहां भी जाते हैं, जिस नगर से गुजरते हैं, जिस शहर-गांव से निकलते हैं, वह सारा क्षेत्र धर्ममय हो जाता है। गुरू के इन चरणों की इस माटी से ही उस क्षेत्र की जनता में आध्‍यात्‍मिक, धर्म, संस्‍कृति की नैतिकता का प्रभाव हो जाता है। उन्‍होंने कहा कि देशभर से आए 32वें श्रावक संस्‍कार शिविर में सभी भक्‍तों में प्रणाम करता हूं। हम सबको आचार्य जी के चरणों में नमन करने का सौभाग्‍य मिला है। आचार्य जी की कृपा है कि समय समय पर आशीर्वाद देते हैं, हमारा मार्गदर्शन करते हैं।   उन्होंने कहा कि गुरुदेव का आशीर्वाद, मार्गदर्शन, उनका ज्ञान मुझे हमेशा नई दिशा एवं प्रेरणा देता है। अभी भी गुरूदेव ने मुझे ज्ञान दिया, जो दायित्‍व आपका है, वह कैसा होना चाहिए। निष्‍पक्ष, निर्बाध एवं संभव होना चाहिए। हम सब जब गुरु के चरणों में जाते हैं तो गुरू की तप-तपस्‍या उनके जीवन ही हमारे लिए जीवंत पाठशाला है। उनका दर्शन ही हमारे जीवन का पाठशाला है। उनका दर्शन मिल जाए, उनके मुख से हमें वाणी मिल जाए। उन्‍होंने कहा कि निर्यापक श्रमण मुनि पुंगव सुधासागर महाराज का आशीर्वाद सदा बना रहे।   निर्यापक श्रमण मुनि पुंगव सुधासागर महाराज ने शिविर में संबोधित करते हुए कहा कि परम भक्‍त शिष्‍य लोकसभा अध्‍यक्ष ओम बिरला सौम्‍य, सहज एवं सरल स्‍वभाव तथा हमेशा मुस्‍कुराते रहने वाले व्‍यक्ति हैं। उन्‍होंने कहा कि जो व्‍यक्ति आचार और विचारों को लेकर चलने वाले हमारे राष्‍ट्र के प्रति समर्पित हो, वही हम साधु-संतों की संस्‍कृति होती है। हम लोग सदा धर्म के क्षेत्र में रहते हुए भी राष्‍ट्र को संस्‍कारवान देखना चाहते हैं। राष्‍ट्र की संस्‍कृति ऐसी आदर्श संस्‍कृति हो, जो विश्‍व में एक अलग स्‍वर्णमयी इतिहास रचे। उन्‍होंने कहा कि अच्‍छे लोग, बिरला जैसे लोग देश के ऊपर कमाण्‍डिंग करेंगे तो देश में जरूर सौहार्द बनेगा। हमारा देश का कोई पक्ष-विपक्ष नही होता। हमारे देश में रहने वाला हर व्‍यक्ति हमारा नागरिक होता है। जब हम नागरिक की विहंग दृष्टि डालते हैं, वह ऐसे पदों को हमारे कानून ने स्‍थापित किया है। देश में सर्वोच्‍च पदों पर बैठने वालों के आदर्श मिलते हैं, उनके आदर्शों एवं उद्देश्‍यों से प्रेरणा लेते हैं और सकारात्‍मक सोच मिलती है। उन्‍होंने कहा कि भारत इंडिया नहीं, भारत ही रहे। गुरु का सपना था, उसे हम सब मिलकर पूरा करेंगे।   इस अवसर पर राजस्‍थान सरकार के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर, नगरपालिका अध्‍यक्ष नीरज मनोरिया, भाजपा जिला अध्‍यक्ष आलोक तिवारी, कलेक्‍टर आदित्‍य सिंह, पुलिस अधीक्षक विनीत कुमार जैन सहित जनप्रतिनिधिगण एवं बडी संख्‍या में शिविरार्थी एवं जैन समाज के अनुयायी उपस्थित रहे।

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उज्जैन । प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता आशुतोष राणा ने शुक्रवार देर शाम मध्य प्रदेश के उज्जैन पहुंचकर विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान श्री महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन किए। उन्होंने नंदी हॉल में बैठकर भगवान महाकाल का ध्यान लगाया। पंडित जितेंद्र शर्मा और पंडित दिनेश त्रिवेदी ने मंदिर में पूजन कराया। दर्शन के बाद आशुतोष राणा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि बाबा महाकाल के आंगन में आने से मन आनंद से भर जाता है। उन्होंने शिव तांडव स्त्रोत की एक पंक्ति भी सुनाई। राणा ने कहा कि यहां तीनों काल एक साथ उपस्थित होने के कारण इन्हें महाकाल कहा जाता है। मंदिर प्रबंध समिति की ओर से सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल और आशीष फलवाड़िया ने अभिनेता आशुतोष राणा को महाकाल का प्रसाद भेंट किया। साथ ही उन्हें दुपट्टा ओढ़ाकर सम्मानित किया। महाकाल के अनन्य भक्त आशुतोष राणा पहले भी कई बार मंदिर में दर्शन कर चुके हैं।  

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग के बीच गुरुवार को द्विपक्षीय वार्ता हुई। इस दौरान दोनों नेताओं ने बहुआयामी साझेदारी को और सशक्त बनाने के अवसरों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने सिंगापुर को भारत का प्रमुख वाणिज्यिक सहयोगी और ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ का अहम स्तंभ बताया।    प्रधानमंत्री मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री वोंग के बीच दिल्ली के हैदराबाद हाउस में हुई द्विपक्षीय वार्ता में आर्किटेक्चर, हरित शिपिंग, कौशल विकास, जल प्रबंधन, परमाणु ऊर्जा और उन्नत विनिर्माण जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया गया। एआई, क्वांटम और डिजिटल टेक्नोलॉजी, अंतरिक्ष विज्ञान तथा सेमीकंडक्टर उद्योग में सहयोग के नए अध्याय जोड़ने का निर्णय भी हुआ। बातचीत के बाद दोनों नेताओं ने संयुक्त रुप से प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया।    प्रधानमंत्री मोदी ने सिंगापुर को दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र में भारत का सबसे बड़ा वाणिज्यिक सहयोगी बताया। उन्होंने कहा कि सिंगापुर से भारत में बड़े स्तर पर निवेश हुआ है। पिछले साल सिंगापुर यात्रा के दौरान उन्होंने अपने संबंधों को व्यापक रणनीतिक भागीदारी का दर्जा दिया था और इस वर्ष संवाद और सहयोग में गति और गहराई आई है। सिंगापुर को भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का महत्वपूर्ण स्तंभ बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हम आसियान के साथ सहयोग और इंडो पेसिफिक क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए संयुक्त विजन को आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम करते रहेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और सिंगापुर का सहयोग आज की वार्ता के बाद पारंपरिक क्षेत्र तक सीमित नहीं रहेगा। हमने अपनी भागीदारी के भविष्य के लिए एक विस्तृत रोड में तैयार किया है। बदलते समय के अनुरूप आर्किटेक्चर, उन्नत विनिर्माण, हरित शिपिंग, कौशल, नागरिक परमाणु और जल प्रबंधन सहित विविध क्षेत्र वार्ता के केंद्र बिंदु रहे। प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारे संबंध कूटनीति से कहीं आगे तक जाते हैं। यह एक उद्देश्यपूर्ण साझेदारी है, जो साझा मूल्यों पर आधारित है, आपसी हितों से निर्देशित है और शांति, प्रगति और समृद्धि के साझा दृष्टिकोण से प्रेरित है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले साल सेमीकंडक्टर क्षेत्र में हुए भागीदारी समझौते ने शोध और विकास कार्य को नई दिशा दी है। सिंगापुर चेन्नई में एक राष्ट्रीय कौशल उत्कृष्ट केंद्र स्थापित करने में सहयोग देगा। सेमीकंडर इंडिया में कॉन्फ्रेंस में सिंगापुर की कंपनियों ने वेंचर कर हिस्सा ले रही हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि दोनों देशों ने तय किया है कि वे एआई, क्वांटम और अन्य डिजिटल टेक्नोलॉजी क्षेत्र में सहयोग बढ़ाएंगे। वहीं आज स्पेस क्षेत्र में भी समझौता हुआ है जिससे अंतरिक्ष विज्ञान में सहयोग का नया अध्याय जुड़ रहा है। टेक्नोलॉजी और नवाचार में हमारी साझेदारी दोनों देशों के रिश्तों की मजबूत स्तंभ है। आतंकवाद पर सामान चिंताएं साझा करते हुए उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ एकजुटता से लड़ना सभी मानवतावादी देशों का कर्तव्य है। इसी संदर्भ में उन्होंने पहलगाम में हुए आतंकी हमले का उल्लेख किया और कहा कि भारत के लोगों के प्रति संवेदना और आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई का समर्थन देने के लिए वह सिंगापुर के प्रधानमंत्री और सिंगापुर की सरकार का आभार व्यक्त करते हैं। प्रधानमंत्री वोंग के पहली बार भारत आगमन पर प्रधानमंत्री मोदी ने उनका स्वागत किया और कहा कि इस वर्ष को दोनों देश अपने संबंधों की 60वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। इससे पहले विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने सुबह मेहमान नेता से मुलाकात की और भारत सिंगापुर संबंधों को लगातार मजबूत करने की उनके प्रयासों की सराहना की।

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पटना । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मां के खिलाफ अपशब्दों के विरोध में राजग के बिहार बंद का व्यापक असर दिखा। पटना, सीवान, कटिहार, बांका, अररिया और दरभंगा में राजग कार्यकर्ताओं ने सड़क जाम, दुकानें बंद कराईं और राहुल गांधी व तेजस्वी यादव के खिलाफ नारेबाजी की। पटना में भाजपा और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) कार्यकर्ताओं ने शहर भर के प्रमुख चौराहों पर विरोध प्रदर्शन किया। इसमें प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप जयसवाल, भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद और संजीव चौरसिया ने हिस्सा लिया। इस मौके पर सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा " इतनी बेशर्मी क्यों ? आप प्रधानमंत्री के खिलाफ टिप्पणी करते हैं और आपके मुंह से एक भी शब्द नहीं निकलता है? अगर हमारा कार्यकर्ता होता तो हम कार्रवाई करते हुए माफी मांगते" । भाजपा नेता ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव की उस टिप्पणी का भी जवाब दिया, जिसमें उन्हाेने कहा था कि उनकी मां (राबड़ी देवी) के लिए भी अपशब्दों का इस्तेमाल हुआ था। रविशंकर प्रसाद ने कहा "आपकी मां पूर्व मुख्यमंत्री हैं। यह राजनीतिक है। क्या हम भी गिनाएं कि राहुल गांधी और विपक्ष के लोगों ने 100 से अधिक बार प्रधानमंत्री के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया "? इस बीच राजग के बिहार बंद के दाैरान राजधानी पटना में जगह-जगह पर भाजपा और राजग दलों के कार्यकर्ताओं ने सड़काें पर बैठ कर विरोध प्रदर्शन किया। डाकबंगला चौक और आयकर गोलंबर पर सुबह से ही राजग कार्यकर्ता जमा हो गए थे। इसका असर सरकारी कार्यालयाें सहित रोजमर्रा के काम पर जाने वाले लोगों पर भी दिखा । उधर बंद के तहत सीवान में भी राजग कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे। कार्यकर्ताओं ने वाहनों का परिचालन बंद करा दिया। यहां दुकाने भी पूरी तरह बंद रही। कटिहार में पूर्व उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद बंद में शामिल हुये। इस दाैरान कई जगहाें पर वाहनों की लंबी कतार से जाम लग गया। इस अवसर पर प्रसाद के साथ नगर निगम की मेयर उषा देवी अग्रवाल और राजग कार्यकर्ताओं ने मिर्चाईबारी बजरंग बली चौक पर टायर जलाकर विरोध जताया और राहुल गांधी एवं तेजस्वी यादव के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। बांका के पंजवारा में भी बंद का खासा असर दिखा। सुबह से ही बाजार की सभी दुकानें बंद रही। राजग कार्यकर्ताओं ने पंजवारा-गोड्डा राष्ट्रीय राजमार्ग 333ए पर पंजवारा बाजार में सड़क जाम कर आवागमन पूरी तरह बाधित कर दिया। अन्य जगहाें पर भी सड़कों से वाहन नादारद रहे । अररिया में क्षेत्र के सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने बंद में भाग लेकर दुकानों को बंद कराया। चांदनी चौक के गोलंबर पर चढ़कर उन्हाेंने समर्थकों के साथ मिलकर विपक्षी नेताओं के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी और तेजस्वी प्रसाद के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस बीच दरभंगा के भागलपुर में भी बिहार बंद का असर देखने को मिला। सुबह से ही राजग घटक दल के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर दुकानों और यातायात को बंद कराने में जुटे रहे। इस दौरान राज्यसभा की पूर्व सदस्य एवं जदयू नेत्री कहकशां परवीन, भाजपा जिला अध्यक्ष संतोष साह, दीपक सिंह, कुश पांडे, रोहित पांडे, ईं श्रीकांत कुशवाहा सहित कई राजग नेता सड़काें पर उतरे और विरोध जताया। इस दाैरान महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष सपना भारती के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने दिल्ली मोड़ बस स्टैंड पर राहुल गांधी एवं तेजस्वी यादव के खिलाफ नारेबाजी की। सपना भारती ने कहा “जब तक राहुल गांधी और तेजस्वी यादव सार्वजनिक मंच से प्रधानमंत्री से माफी नहीं मांगते, भाजपा का विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।” वहीं जदयू नेत्री डॉ. इस्मत जहां ने भी इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी का प्रधानमंत्री को अपशब्द कहना दुर्भाग्यपूर्ण है।    

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नई दिल्‍ली । जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक के बाद वस्‍तु एवं सेवा कर (जीएसटी) स्लैब में कई बड़े बदलाव होने के बाद राजमर्रा में इस्तेमाल होने वाले कई सामान सस्ते हो जाएंगे। इसमें डेयरी प्रोडक्ट्स से लेकर दवाईयां तक शामिल हैं। इस बैठक में 28 फीसदी और 12 फीसदी की मौजूदा जीएसटी स्लैब को समाप्‍त कर नई स्लैब बनाई गई है। ये नई स्लैब 5 फीसदी और 18 फीसदी है। नई जीएसटी स्लैब नवरात्रि के पहले दिन 22 सितंबर से लागू हो जाएंगी।   वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्‍यक्षता वाली जीएसटी परिषद ने नई जीएसटी स्लैब में रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली कई चीजों को 18 फीसदी और 12 फीसदी के जीएसटी स्लैब से हटाकर 5 फीसदी के स्लैब में शामिल किया है। इसमें तेल, शैम्पू, टूथपेस्ट, टायलेट साबुन, टूथ ब्रश, शेविंग क्रीम, डेयरी प्रोडक्टस में बटर, घी और पनीर शामिल है। इसके साथ ही पैक्ड नमकीन, बर्तन, बच्चों के नैपकिन और डायपर्स, सिलाई मशीन, चश्मे, बच्चों का स्टेशनरी सामान, लाइफ इंश्योरेंस, थर्मामीटर, छोटे मेडिकल सामान और ट्रैक्टर को भी शामिल किया गया है। इसके अलावा कृषि से संबंधित कई सामान जैसे हैंड पंप, ड्रिप सिंचाई उपकरण, स्प्रिंकलर के लिए नोजल, मिट्टी तैयार करने के लिए कृषि और बागवानी करने की मशीनरी, कटाई और थ्रेसिंग मशीनरी आदि पर जीएसटी घटा दिया गया है। परिषद ने छोटी कारों और बाइकों पर अब 28 फीसदी जीएसटी खत्म करके इन्हें अब 18 फीसदी के स्लैब में रखा गया है। इसमें 1200 सीसी तक की पेट्रोल, पेट्रोल हाइब्रिड, एलपीजी और सीएनजी कारें, 1500 सीसी तक की डीजल और डीजल हाइब्रिड कारें, 3 व्हीलर, 325 सीसी तक की बाइकें शामिल हैं। जीएसटी परिषद ने कुछ इलेक्ट्रॉनिक सामानों को भी 28 फीसदी से 18 फीसदी के जीएसटी स्लैब में रखा है। इसमें एयर कंडीशनर यानी एसी, 32 इंच से बड़े टीवी, मॉनिटर और प्रोजेक्टर और बर्तन धोने की मशीन शामिल है। जीएसटी परिषद ने कोल्ड ड्रिंक और ऐडेड शुगर आइटम, 1200 सीसी और 4000 मिनी से अधिक लंबे वाहन और 350 सीसी से अधिक की बाइकें और रेसिंग कार को जीएसटी के 28 फीसदी स्‍लैब से 40 फीसदी स्‍लैब में रखने की मंजूरी दी है। इससे ये सामान महंगे हो जाएंगे। इसके अलावा नॉन अल्कोहलिक बेवरेज, तंबाकू और सिगरेट, खेल आयोजनों में एंट्री, लग्जरी कार रिवॉल्वर और पिस्तौल जैसी चीजें महंगी हो जाएंगी।

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नई दिल्ली । केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि जब तक सभी नक्सली आत्मसमर्पण न कर दें, पकड़े न जाएं या समाप्त न हो जाएं, तब तक हम चैन से नहीं बैठेंगे। उन्होंने कहा कि 31 मार्च, 2026 तक देश को नक्सलमुक्त बनाना मोदी सरकार का संकल्प है। अमित शाह ने नई दिल्ली में अपने आवास पर छत्तीसगढ़ के बस्तर स्थित कर्रेगुट्टालु पहाड़ी पर ‘ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट’ को सफलतापूर्वक अंजाम देने वाले सीआरपीएफ, छत्तीसगढ़ पुलिस, डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और कोबरा बल के जवानों से भेंट की और उन्हें सम्मानित किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि कर्रेगुट्टालु की दुर्गम पहाड़ियों पर लगातार 19 दिनों तक चले सबसे बड़े नक्सल-विरोधी अभियान में बिना हताहत हुए 30 से अधिक नक्सलियों को मार कर वीर जवानों ने ऐतिहासिक सफलता प्राप्त की। नक्सल विरोधी अभियानों के इतिहास में हमारे सुरक्षाबलों की बहादुरी स्वर्णिम अक्षरों में लिखी जाएगी। शाह ने वीर जवानों को बधाई देते हुए कहा कि ‘ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट’ नक्सल विरोधी अभियानों के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय के रूप में दर्ज होगा। उन्होंने कहा कि कठिन भौगोलिक परिस्थितियों, भीषण गर्मी और हर कदम पर आईईडी के खतरों के बावजूद सुरक्षाबलों ने पराक्रम दिखाकर नक्सलियों का बेस कैंप और उनकी सप्लाई चेन नष्ट की है।गृह मंत्री ने स्पष्ट किया कि मोदी सरकार का लक्ष्य देश को नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त करना है। उन्होंने कहा, “जब तक सभी नक्सली आत्मसमर्पण न कर दें, पकड़े न जाएं या समाप्त न हो जाएं, तब तक चैन से नहीं बैठेंगे। 31 मार्च, 2026 तक भारत को नक्सलमुक्त बना दिया जाएगा।”शाह ने कहा कि नक्सलियों ने दशकों तक देश के पिछड़े इलाकों को विकास से वंचित रखा, स्कूल और अस्पताल बंद कर दिए तथा सरकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचने से रोका। लेकिन अब नक्सल विरोधी अभियानों के परिणामस्वरूप पशुपतिनाथ से लेकर तिरुपति तक के क्षेत्र में साढ़े छह करोड़ लोगों के जीवन में नया सूर्योदय हुआ है। उन्होंने आश्वस्त किया कि नक्सलविरोधी अभियानों में गंभीर शारीरिक क्षति झेलने वाले सुरक्षाबल जवानों और उनके परिवारों के जीवन को सुचारू रूप से चलाने के लिए मोदी सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार हरसंभव सहायता प्रदान कर रही है।

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शिमला । हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। राज्य के कई जिलों में आज भी भारी बारिश का दौर जारी है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने आज सोलन और सिरमौर जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जबकि मंडी, शिमला, कुल्लू, ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, कांगड़ा और लाहौल-स्पीति जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। 04 और 05 सितंबर को अंधड़ चलने और आसमानी बिजली गिरने का येलो अलर्ट रहेगा।   मौसम विभाग के अनुसार 06 से 09 सितंबर तक बारिश होगी, हालांकि इस दौरान किसी तरह की चेतावनी नहीं दी गई है। मौसम वैज्ञानिक संदीप कुमार ने बताया कि इस बार मानसून सीजन में अब तक सामान्य से 42 प्रतिशत अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई है।मंडी में भूस्खलन से मौतें, कुल्लू में दो लापता, शिमला के सुन्नी में खतरा बढ़ाभारी बारिश से मंडी और कुल्लू जिलों में तबाही मच गई है। मंडी जिले के सुंदरनगर उपमंडल में बीती रात पहाड़ी से हुए भूस्खलन से दो मकान मलबे में दब गए, जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में एक ही परिवार के चार सदस्य शामिल हैं। वहीं, कुल्लू शहर के अखाड़ा बाजार में देर रात हुए भूस्खलन से एक मकान दब गया। मकान में रह रहे दो कश्मीरी मजदूर और एनडीआरएफ का जवान मलबे में फंस गए। इनमें से एक मजदूर बाहर निकल आया लेकिन दो अब भी लापता हैं। राहत एवं बचाव कार्य एनडीआरएफ, पुलिस और होम गार्ड की टीमें कर रही हैं।राजधानी शिमला के सुन्नी क्षेत्र में भी हालात गंभीर बने हुए हैं। सतलुज नदी का जलस्तर थल्ली पुल तक पहुंच गया है और कालीघाट व आईटीआई क्षेत्र जलमग्न हो गए हैं। स्थिति को देखते हुए कोल डैम प्रबंधन को पानी का स्तर कम करने के लिए कदम उठाने को कहा गया है। एहतियात के तौर पर बीते दिन दो परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया।बांधों से पानी छोड़ा गया, चम्बा में रावी नदी खतरे के निशान से ऊपरबारिश से नदियों और बांधों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। भाखड़ा डैम से बुधवार को टरबाइनों और फ्लड गेटों के माध्यम से 65,042 क्यूसिक और पौंग डैम से 79,659 क्यूसिक पानी छोड़ा जा रहा है। प्रशासन ने निचले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों से एहतियात बरतने की अपील की है। चंबा जिले में रावी नदी खतरे के निशान से ऊपर चली गई है, जिसके दबाव से शीतला पुल की सुरक्षा दीवार टूट गई और सड़क का एक हिस्सा नदी में बह गया। किन्नौर जिले में नाथपा झूला के पास एनएच-5 पर पहाड़ी से गिरी चट्टानों के कारण कई वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं। वहीं लाहौल-स्पीति की ऊंची चोटियों पर हल्की बर्फबारी भी हुई है, जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की गई।सात नेशनल हाईवे और 1155 सड़कें ठप, यातायात, बिजली और पानी आपूर्ति बाधितभारी बारिश से पूरे प्रदेश में यातायात ठप हो गया है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार बुधवार सुबह तक सात नेशनल हाईवे और 1155 सड़कें बंद थीं। बिलासपुर में एनएच-21 और एनएच-205, कुल्लू में एनएच-03 और एनएच-305, किन्नौर में एनएच-05, लाहौल-स्पीति में एनएच-505, सिरमौर में एनएच-707 और मंडी में एनएच-03 बंद पड़े हैं। अकेले मंडी जिले में 282, शिमला में 234, कुल्लू में 204, सिरमौर में 137, सोलन में 92, कांगड़ा में 60, लाहौल-स्पीति में 48 और बिलासपुर में 37 सड़कें अवरुद्ध हैं।बिजली और पेयजल आपूर्ति भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। राज्यभर में 2477 बिजली ट्रांसफार्मर और 720 पेयजल योजनाएं ठप पड़ी हैं। कुल्लू जिले में 951, सोलन में 529, सिरमौर में 273, मंडी में 266, शिमला में 258 और हमीरपुर में 59 ट्रांसफार्मर खराब हो गए हैं। शिमला की 272 और कांगड़ा की 212 पेयजल योजनाएं भी ठप हैं।रातभर हुई झमाझम, कई इलाकों में भारी वर्षा रिकॉर्डबीती रात से सुबह तक बिलासपुर जिले के नैनोदेवी में सर्वाधिक 136 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा जोत में 100, पच्छाद में 77, कोठी में 68, चंबा में 66, बिलासपुर में 60, रोहड़ू और मनाली में 57-57, पालमपुर में 52, कसौली में 50, कंडाघाट और ददाहू में 48-48, सराहन में 45, सोलन और काहू में 43-43 और मैलरान में 40 मिलीमीटर बारिश हुई। राजधानी शिमला में 31 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई।कई जिलों में स्कूल-कॉलेज बंद, मौत का आंकड़ा 341 पहुंचामौसम की स्थिति को देखते हुए आज आठ जिलों में सभी शिक्षण संस्थानों को बंद रखा गया। वहीं मंडी, उना और किन्नौर के कुछ उपमंडलों में भी अवकाश घोषित किया गया। प्रदेश में इस मानसून सीजन में अब तक बारिशजनित घटनाओं में 341 लोगों की मौत हो चुकी है और 41 लोग अब भी लापता हैं।

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नई दिल्ली । कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अत्याधिक बारिश की वजह से आई बाढ़ से प्रभावित जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड की हालत पर चिंता जताते हुए केंद्र सरकार से इन राज्यों के लिए विशेष पैकेज की मांग की है।   उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए कहा कि पंजाब, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बाढ़ से भारी तबाही हुई है और हजारों लोग संकट में हैं। राहुल गांधी ने केंद्र सरकार से इन राज्यों के लिए विशेष राहत पैकेज की तत्काल घोषणा की मांग की। उन्होंने वीडियो में कहा कि पंजाब में बाढ़ के कारण बहुत नुकसान हुआ है। बाढ़ से जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड में बहुत बुरी हालत है। सरकार की जिम्मेदारी लोगों की बचाने की होती है।  राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपील की है कि इन राज्यों के लिए विशेष राहत पैकेज की घोषणा करने के साथ ही राहत व बचाव कार्यों को तेज किया जाए। ऐसे मुश्किल समय में केंद्र सरकार की सक्रिय भूमिका और समर्थन अत्यंत आवश्यक है।

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि उन्होंने मेरी स्वर्गीय मां का अपमान किया है और यह केवल मेरी मां का ही नहीं बल्कि देश की करोड़ों माताओं, बहनों और बेटियों का अपमान है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को माफ कर सकते हैं, लेकिन बिहार की जनता मेरी मां के अपमान को कभी बर्दाश्त नहीं करेगी।प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने संस्था के बैंक खाते में 105 करोड़ रुपये की राशि का भी हस्तांतरण किया। कार्यक्रम में लाखों की संख्या में महिलाएं मौजूद थीं, जिनसे संवाद करते हुए प्रधानमंत्री कई बार भावुक हो गए।अपने संबोधन की शुरुआत में प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार की धरती मातृशक्ति की पूजा करने वाली धरती है। यहां छठ महापर्व और सतबहिनी पूजा जैसी परंपराएं स्त्रियों के सम्मान की प्रतीक हैं। ऐसे पवित्र प्रदेश में कांग्रेस और राजद के मंच से उनकी स्वर्गीय मां के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल हुआ। उन्होंने कहा, “यह केवल मेरी मां का अपमान नहीं है। यह देश की हर मां, हर बहन और हर बेटी का अपमान है। भारत माता की संतानें इसे कभी सहन नहीं कर सकतीं।”मोदी ने जोर देकर कहा, “मैं राजद-कांग्रेस को माफ़ कर सकता हूं, लेकिन बिहार की जनता मेरी मां का अपमान करने के लिए उन्हें कभी माफ़ नहीं करेगी। भारत की धरती ने कभी मां का अपमान बर्दाश्त नहीं किया है। इसलिए कांग्रेस-राजद को सात बहिनों और छठी मईया से माफी मांगनी चाहिए। माताओं-बहनों को मैदान में उतरकर उनसे जवाब मांगना चाहिए।”प्रधानमंत्री ने अपनी मां हीराबेन मोदी को याद करते हुए कहा कि उन्होंने 100 वर्ष की आयु तक साधारण और संघर्षपूर्ण जीवन जिया। वह राजनीति से दूर रहीं, लेकिन उनके आशीर्वाद ने ही मुझे देश सेवा की राह पर आगे बढ़ाया। भावुक होते हुए मोदी ने कहा, “मेरी मां ने कभी अपने लिए कुछ नहीं मांगा। वह बरसात से पहले छत को ठीक कराने की चिंता करती थीं, हमारे लिए हर दिन तपस्या करती थीं। वह बीमार होती थीं तो भी काम पर जाती थीं। उन्होंने हमारे परिवार के लिए हर कष्ट सहा। ऐसी गरीब मां की तपस्या को गाली देना केवल मेरी मां का ही नहीं, करोड़ों माताओं का अपमान है।”प्रधानमंत्री ने कहा कि राजनीति में उन्होंने बहुत देर से कदम रखा, लेकिन समाजसेवा के लिए वह बचपन से ही जुटे रहे। उन्होंने कहा, “मेरी मां ने मुझे आशीर्वाद देकर कहा था कि जाओ और देशवासियों की सेवा करो। उस मां को, जो अब इस दुनिया में नहीं है, कांग्रेस-राजद के मंच से गालियां दी गईं। माताओं-बहनों की आंखों में आंसू देखकर आज मुझे भी अपना दुख आप सबसे साझा करना पड़ा।”मोदी ने कांग्रेस और राजद पर हमला बोलते हुए कहा कि नामदार खानदानों के लोग गरीबों और पिछड़ों की पीड़ा नहीं समझ सकते। उन्होंने कहा, “ये नामदार लोग सोने-चांदी का चम्मच लेकर पैदा हुए हैं। इन्हें लगता है कि सत्ता इनकी विरासत है, लेकिन जब जनता ने एक गरीब मां के बेटे को प्रधानसेवक बना दिया, तो इन्हें यह बात हजम नहीं हो रही। इसीलिए कभी मुझे ‘नीच’, कभी ‘गंदी नाली का कीड़ा’ तो कभी ‘जहर वाला सांप’ कहा गया। और अब मेरी स्वर्गीय मां को भी गालियां दी जा रही हैं।”प्रधानमंत्री ने कहा कि महिलाओं के प्रति यह मानसिकता पुरानी है। उन्होंने कहा, “राजद के शासनकाल में जब अपराध बेलगाम थे, सबसे ज्यादा पीड़ा महिलाओं को सहनी पड़ी थी। हत्यारे और बलात्कारी राजनीतिक संरक्षण में खुले घूमते थे। महिलाएं घर से बाहर निकलने में असुरक्षित महसूस करती थीं। कांग्रेस और राजद ने हमेशा महिलाओं की ताकत को दबाने की कोशिश की है। यही कारण है कि इन्होंने महिला आरक्षण का भी विरोध किया।”उन्होंने कहा कि कांग्रेस लगातार आदिवासी बेटी और देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का अपमान करती रही है। यह महिलाओं के प्रति घृणा और अहंकार की राजनीति है। अपने भाषण के अंत में प्रधानमंत्री ने महिलाओं से आह्वान करते हुए कई नारे भी दिए। उन्होंने कहा, “मां को गाली नहीं सहेंगे, इज्जत पर वार नहीं सहेंगे। राजद का अत्याचार नहीं सहेंगे, कांग्रेस का वार नहीं सहेंगे। मां का अपमान नहीं सहेंगे, देश की नारी शक्ति का अपमान नहीं सहेंगे।”मोदी ने कहा कि उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता माताओं और बहनों का सशक्तीकरण है। हर घर नल, आयुष्मान भारत योजना, मुफ्त राशन, लखपति दीदी और ड्रोन दीदी जैसी योजनाएं इसी दिशा में बड़े कदम हैं। उन्होंने आगामी नवरात्र और बिहार की पूजा परंपराओं का उल्लेख करते हुए कहा कि यह प्रदेश मातृशक्ति की पूजा करने वाला प्रदेश है। ऐसे में कांग्रेस-राजद को मां-बहनों से माफी मांगनी होगी।कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने “हर घर स्वदेशी” का नारा भी दिया और कहा कि बिहार समेत पूरे देश को आत्मनिर्भर भारत के रास्ते पर मजबूती से आगे बढ़ना है।उल्लेखनीय है कि हाल ही में दरभंगा शहर में ‘मतदाता अधिकार यात्रा’ के दौरान एक मंच से प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अपशब्द बोले जाने का एक वीडियो सामने आया था। इस मंच पर कांग्रेस और राजद के नेता मौजूद थे। इसी घटना को लेकर भाजपा हमलावर है।

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मुंबई । मुंबई पुलिस ने मंगलवार को मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल को आजाद मैदान तत्काल खाली करने का नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में जरांगे पर आंदोलन के दौरान नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है। वहीं मनोज जारांगे ने कहा है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती वे मैदान खाली नहीं करेंगे। उनका आंदोलन इसी जगह जारी रहेगा। उन्हें न्यायालय पर पूरा भरोसा है।मनोज जरांगे पाटिल 29 अगस्त से मुंबई के आजाद मैदान में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल कर रहे हैं। आज उनकी भूख हड़ताल का पांचवां दिन है। सोमवार को बॉम्बे उच्च न्यायालय में विरोध प्रदर्शन के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के बाद न्यायालय ने आदेश दिया था कि आजाद मैदान परिसर को तत्काल खाली करवाया जाए। साथ ही मुंबई में आजाद मैदान की बजाय कहीं भी आंदोलन न होने देने का भी आदेश दिया था। इस आदेश के बाद आज सुबह मुंबई पुलिस ने मनोज जरांगे को नोटिस जारी कर कहा कि उन्हें अब अनुमति नहीं दी जा सकती है। नोटिस में कहा गया है कि मनोज जरांगे को तत्काल आजाद मैदान खाली कर देना चाहिए।   मनोज जरांगे ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वे न्यायालय के आदेश का पालन करते हैं, इसी वजह से मराठा समाज ने आजाद मैदान को परिसर खाली कर दिया है। मुंबई में कहीं भी ट्रैफिक जाम की समस्या नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार उनके आंदोलन को तितर बितर करने का प्रयास कर रही है, लेकिन वे आजाद मैदान पर ही आंदोलन करेंगे। जरांगे ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती, उनका आंदोलन इसी स्थल पर जारी रहेगा। अगर इस आंदोलन के दौरान उनकी मौत हो गई तो कार्यकर्ता इस आंदोलन को आगे बढ़ाएंगे। वे अब पीछे नहीं हटेंगे, लड़ाई जारी रहेगी।

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सुकमा । छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिला सुकमा के केरलापाल के ग्राम सिरसेटी के नंदापारा में दो ग्रामीणों की नक्सलियों ने मुखबिरी के आरोप में हत्या कर दी। साथ ही दो ग्रामीणों के साथ मारपीट की गई है। उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है।     सुकमा एसडीओपी परमेश्वर तिलकवार ने मंगलवार काे घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि सोमवार रात 11 बजे ग्राम सिरसेटी के नंदापारा में बड़ी संख्या में नक्सली पहुंचे। नक्सलियों ने रात में गांव के दो ग्रामीण पदाम पोजा और पदाम देवेंद्र की हत्या कर दी और दो ग्रामीणों की पिटाई कर दी। घायल ग्रामीणों को गांव से लाने की तैयारी की जा रही है। इस इलाके में सड़क नहीं होने की वजह से इन ग्रामीणों को अभी तक केरलापाल लाया नहीं गया है। सुकमा के जिला पुलिस अधीक्षक किरण चौहान ने बताया कि घटना की जानकारी ग्रामीणों द्वारा प्राप्त हुई है। जांच के लिए घटनास्थल पर टीम भेजी गई है।   बस्तर पुलिस के अनुसार, साल 2025 में अब तक माओवादी हिंसा में कुल 32 लोगों की जान जा चुकी है। इस वर्ष अब तक नौ शिक्षादूतों की मुखबिरी के आरोप में नक्सलियों द्वारा हत्या की जा चुकी है। इनमें सुकमा जिले के अर्जुन डोडी, कवासी सुक्का और राम-लक्ष्मण बादसे तथा बीजापुर जिले के विनोद मनडे, सुरेश मेट्टा, अशोक मुचाकी, बामन राम कश्यप, कुंजाम भीमा तथा लालू ताती शामिल हैं।  

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत की एससीओ नीति तीन स्तंभों सुरक्षा, संपर्क और अवसर पर आधारित है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद मानवता की साझा चुनौती है और इस पर दोहरे मानदंड अस्वीकार्य हैं। वहीं मजबूत संपर्क से विश्वास और विकास बढ़ता है, किंतु इसमें संप्रभुता का सम्मान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि एससीओ बहुपक्षवाद और समावेशी विश्व व्यवस्था का मार्गदर्शक बन सकता है। प्रधानमंत्री ने वैश्विक संस्थानों में सुधार की आवश्यकता पर भी बल दिया।   प्रधानमंत्री मोदी ने उक्त बातें तियानजिन (चीन) में आयोजित 25वें शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए कहीं। प्रधानमंत्री ने कहा कि सुरक्षा, शांति और स्थिरता किसी भी देश के विकास का आधार हैं, लेकिन आतंकवाद, अलगाववाद और अतिवाद इसके बड़े अवरोध हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद केवल किसी देश की सुरक्षा के लिए ही नहीं बल्कि पूरी मानवता के लिए साझा चुनौती है।   प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत चार दशकों से आतंकवाद का दंश झेल रहा है। कितनी ही माताओं ने अपने बच्चे खोए हैं और कितने बच्चे अनाथ हुए हैं। उन्होंने हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले का उल्लेख करते हुए कहा कि यह घटना केवल भारत की आत्मा पर आघात नहीं थी बल्कि मानवता में विश्वास रखने वाले हर देश और हर व्यक्ति को चुनौती थी।   उन्होंने सवाल उठाया कि क्या कुछ देशों द्वारा आतंकवाद का खुलेआम समर्थन स्वीकार्य हो सकता है? उन्होंने स्पष्ट कहा कि आतंकवाद पर किसी भी प्रकार के दोहरे मानदंड स्वीकार्य नहीं होंगे। मानवता के हित में सभी को एक स्वर में आतंकवाद का हर रूप और हर रंग में विरोध करना होगा।   प्रधानमंत्री ने वैश्विक संस्थानों में सुधार की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि एससीओ सदस्य इस दिशा में आपसी सहयोग बढ़ा सकते हैं। सुझाव देते हुए उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की अस्सीवीं वर्षगांठ पर सभी सदस्य देश मिलकर सुधार का आह्वान कर सकते हैं। इसी संदर्भ में प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक दक्षिण की आकांक्षाओं को पुराने ढांचों में कैद रखना आने वाली पीढ़ियों के साथ अन्याय होगा।   प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का मत है कि मजबूत संपर्क से केवल व्यापार ही नहीं बल्कि विश्वास और विकास के द्वार भी खुलते हैं। इसी सोच के साथ भारत चाबहार बंदरगाह और अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे जैसे उपक्रमों पर काम कर रहा है, जिससे अफगानिस्तान और मध्य एशिया के साथ संपर्क बढ़ सके।   उन्होंने इस संदर्भ में इस बात पर बल दिया कि हर संपर्क प्रयास में संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान होना चाहिए, जो एससीओ चार्टर के मूल सिद्धांतों में भी निहित है।   प्रधानमंत्री ने अवसर को सहयोग और सुधार की संभावना बताया। उन्होंने जन संबंधों को सुदृढ़ बनाने के लिए सुझाव दिया कि एससीओ के अंतर्गत एक सभ्यतागत संवाद मंच बनाया जाए, जिससे प्राचीन सभ्यताओं, कला, साहित्य और परंपराओं को वैश्विक मंच पर साझा किया जा सके।   भारत का विकास मंत्र देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश 'सुधार, प्रदर्शन और रूपांतरण' के मूलमंत्र पर आगे बढ़ रहा है। कोविड-19 हो या वैश्विक आर्थिक अस्थिरता, भारत ने हर चुनौती को अवसर में बदलने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि भारत लगातार व्यापक सुधारों पर काम कर रहा है, जिससे विकास और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के नए अवसर खुल रहे हैं। उन्होंने सभी को भारत की विकास यात्रा से जुड़ने का आमंत्रण दिया।   प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सभी साझेदारों के साथ समन्वय और सहयोग से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने एससीओ के अगले अध्यक्ष, किर्गिज़स्तान के राष्ट्रपति और अपने मित्र राष्ट्रपति जापारोव को शुभकामनाएं दीं।  

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पटना। बिहार में बीते 17 अगस्त को सासाराम से शुरू हुई महागठबंधन की 'वोटर अधिकार यात्रा' का पटना में सोमवार को समापन हो गया है। इस अवसर पर कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर कई आरोप लगाए।     कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि बेंगलुरु सेंट्रल की महादेवपुरा सीट में एक लाख से ज्यादा फर्जी वोट थे। वहां की 6 सीट पर हम जीतते हैं। लेकिन महादेवपुरा में हम साफ हो जाते हैं और यही कारण है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) लोकसभा का चुनाव जीत जाती है।   चुनाव आयोग को आड़े हाथों लेते हुए राहुल गांधी ने कहा कि न तो वो वीडियो ग्राफी का सबूत देते हैं, न सुनते हैं। हम लोगों को सबूत जुटाने में 4 महीने लगे। ऐसे में बिहार के युवाओं को कहना चाहता हूं कि वोट चोरी का मतलब अधिकारों की चोरी, आरक्षण, रोजगार, शिक्षा, लोकतंत्र और युवाओं के भविष्य की चोरी है।   राहुल गांधी ने कहा कि सुन लीजिए भाजपा के लोगों, महादेवपुरा में एटम बम से बड़ा हाइड्रोजन बम दिखाया था। भाजपा के लोग तैयार हो जाइये हाइड्रोजन बम आ रहा है। आपकी चोरी पूरे देश को पता लगने जा रही है। यह क्रांतिकारी प्रदेश है। यहां से मैसेज दिया गया, वोट चोरी नहीं होने देंगे। आने वाले समय में हाइड्रोजन बम के बाद केंद्र की भाजपा सरकार अपना चेहरा इस देश को नहीं दिखा पाएगी।   राहुल ने कहा कि महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), कांग्रेस पार्टी और शिवसेना से चुनाव चोरी किया गया था, यह सच है। तकरीबन एक करोड़ नए वोटर लोकसभा चुनाव के बाद मतदाता सूची में जोड़े गए हैं। नए मतदाता मतदान करते हैं, हमारे गठबंधन को मतदान करते हैं, जितना लोकसभा में मिला उतना विधानसभा में नहीं मिला। सारे वोट भाजपा के खाते में गए। तीनों पार्टियां साफ हो गई, चुनाव आयोग और भाजपा ने मिलकर वोट चोरी की।   उन्होंने कहा कि बिहार के युवा खड़े हो गए हैं, यात्रा के दौरान वे हमारे पास आते थे और नारा लगाते थे। बीच में भाजपा के लोग काले झंडे दिखा रहे थे।   उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी के नेतृत्व में निकली 'वोटर अधिकार यात्रा' 16 दिन में 23 जिलों से होते हुए तकरीबन 1300 किलोमीटर तक चली और 60 विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरी। पटना में वोटर अधिकार मार्च निकालकर इस यात्रा का 1 सितंबर को समापन हो गया है। यात्रा के दौरान राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और इंडिया गठबंधन के नेता मौजूद रहे। महागठबंधन के शीर्ष नेताओं ने जनसभाओं और रोड शो के जरिए मतदाताओं से संवाद किया और मत तथा मताधिकार के प्रति लोगों को जागरूक किया।

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मुंबई । महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग काे लेकर मुंबई के आजाद मैदान में भूख हड़ताल कर रहे मनोज जारांगे पाटिल ने सोमवार को चौथे दिन पानी पीने से मना कर दिया है। आज सुबह जेजे अस्पताल की मेडिकल टीम ने जारांगे के स्वास्थ्य की जांच की और उन्हें अधिक से अधिक पानी की सलाह दी है।   जेजे अस्पताल की टीम ने आज मनोज जारांगे के स्वास्थ्य की जांच की। इस जांच में पता चला कि उनका शुगर लेवल कम हो गया है। यह केवल 70 के आसपास है। इसलिए डॉक्टरों ने कहा है कि अगर वह पानी छोड़ देते हैं, तो उनकी तबीयत और बिगड़ सकती है। इसलिए उनसे यह अनुरोध किया जा रहा है कि जारांगे पानी न पीने का अपना निर्णय वापस लें। लेकिन वे अपने निर्णय पर अडिग हैं और उन्हाेंने पानी पीने से मना कर दिया है। उन्होंने आज फिर दोहराया है कि या तो वे मराठा समाज का आरक्षण ले कर जाएंगे या फिर यहीं से उनकी अंतिम यात्रा निकाली जाएगी। हालांकि मनोज जारांगे की मांगों पर विचार करने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में बैठक की जा रही है। बैठक में दोनों उपमुख्यमंत्री तथा आरक्षण के लिए गठित की गई कैबिनेट उपसमिति के अध्यक्ष राधाकृष्ण विखे पाटिल, मंत्री गिरीश महाजन, आदि उपस्थित हैं। उल्लेखनीय है कि मनोज जरांगे के आंदोलन को समर्थन देने के लिए राज्य भर से लाखों मराठा मुंबई पहुँचे हैं। पिछले दो दिनों में उन्हें असुविधा हुई है। हालाँकि, उसके बाद मराठा भूखे न रहें। इसके लिए राज्य भर की माताओं और बहनों की ओर से रोटी और चावल भेजा गया है। साथ ही बिस्कुट, पानी की बोतलें, केले और दाल सहित कई आवश्यक वस्तुएँ राज्य भर से मुंबई भेजी जा रही हैं। मुंबई में मराठा समाज के लोगों की काफी भीड़ को देखते हुए मंत्रालय, विधानभवन परिसरों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जापान की सफल यात्रा के बाद शनिवार को अपनी यात्रा के अगले पड़ाव चीन के लिए रवाना हो गए। चीन के तियानजिन में रविवार, 31 अगस्त से शुरू हो रहे संघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इस दौरान उनके कई द्विपक्षीय बैठकें भी करने की उम्मीद है।प्रधानमंत्री मोदी ने जापान के अपने समकक्ष शिगेरु इशिबा को धन्यवाद देते हुए सोशल मीडिया पर कहा कि जापान की यह यात्रा उन उपयोगी परिणामों के लिए याद रखी जाएगी जिनसे हमारे देश के लोगों को लाभ होगा। मोदी ने कहा, “मैं प्रधानमंत्री इशिबा, जापानी जनता और सरकार को उनकी गर्मजोशी के लिए धन्यवाद देता हूं।”अपनी यात्रा के दूसरे दिन प्रधानमंत्री मोदी ने जापान की सेमीकंडक्टर क्षमताओं का अवलोकन किया, एआई सहयोग पर चर्चा की तथा रणनीतिक तकनीक तथा प्रतिभा संबंधों को मजबूत किया।प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान जापानी प्रधानमंत्री इशिबा को उपहार स्वरूप आंध्र प्रदेश से प्राप्त मूनस्टोन से बने पारंपरिक रेमन बाउल और राजस्थान की पारंपरिक शैली से सजे चॉपस्टिक भेंट किए। वहीं, इशिबा की पत्नी को कश्मीर की प्रसिद्ध पश्मीना शॉल और हस्तनिर्मित पेपर माशे बॉक्स उपहार में दिया गया।विदेश मंत्रालय के अनुसार आज प्रधानमंत्री मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने मियागी प्रीफेक्चर के सेनदाई में स्थित टोक्यो इलेक्ट्रॉन मियागी लिमिटेड का संयुक्त दौरा किया। यह कंपनी सेमीकंडक्टर क्षेत्र में अग्रणी है। मोदी को कंपनी की वैश्विक भूमिका, निर्माण क्षमताओं और भारत से जुड़ी योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई। दोनों नेताओं ने सेमीकंडक्टर आपूर्ति शृंखला, निर्माण और परीक्षण में सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की।भारत के बढ़ते सेमीकंडक्टर विनिर्माण तंत्र और जापान की उन्नत तकनीकी क्षमता एक-दूसरे के पूरक हैं। दोनों देशों ने इस क्षेत्र में सहयोग गहराने की प्रतिबद्धता दोहराई। इससे पहले सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन साझेदारी और आर्थिक सुरक्षा संवाद के अंतर्गत हुए समझौतों पर भी आगे काम करने का निर्णय हुआ।प्रधानमंत्री मोदी ने इससे पहले जापान में एक घंटे में 320 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ने वाली शिंकानसेन बुलेट ट्रेन से सेनदाई तक की यात्रा की। उनके इस सफर में जापान के प्रधानमंत्री इशिबा भी रहे। वहां इशिबा ने उनके सम्मान में दोपहर भोज का आयोजन किया, जिसमें मियागी प्रीफेक्चर के गवर्नर सहित कई गणमान्य उपस्थित थे।प्रधानमंत्री मोदी ने आज जापान के विभिन्न प्रान्तों के राज्यपालों से मुलाकात की। इस बातचीत में सोलह राज्यपालों ने भाग लिया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत-जापान साझेदारी को केवल दिल्ली-टोक्यो तक सीमित न रखते हुए राज्यों और प्रीफेक्चरों (जापान में राज्यों के लिए उपयोग शब्द) तक विस्तारित किया जाना चाहिए। उन्होंने राज्य-प्रीफेक्चर साझेदारी पहल के अंतर्गत व्यापार, प्रौद्योगिकी, पर्यटन, कौशल और संस्कृति के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया। गवर्नरों ने भी उप-राष्ट्रीय स्तर पर सहयोग को बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की।उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री ने कल अपनी यात्रा के दौरान भारत-जापान 15वें वार्षिक शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री इशिबा के साथ वार्ता की। भारत और जापान ने टोक्यो में आयोजित वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान अनेक समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इसमें आर्थिक, सुरक्षा, तकनीकी, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय सहयोग से जुड़े कुल 20 से अधिक दस्तावेज शामिल हैं।

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  लगेगी शांडिल्य गुरु की प्रतिमा      कोलार रोड के दूसरे छोर भदभदा चौराहे पर उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने  ब्रह्मलीन बालगोविंद शांडिल्य गुरुजी की प्रतिमा स्थापना तथा चौराहे के सौंदर्यीकरण का भूमि-पूजन किया। सौंदर्यीकरण के लिये 8 लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं।   श्री गुप्ता ने कहा कि सरकार शहर के विकास के लिये सतत प्रयत्नशील है। उन्होंने शासन की विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि नागरिक शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये आगे आयें। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि घर-घर जाकर नागरिकों को शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये प्रेरित करें। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा कोटरा में सड़क भूमि-पूजन उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने आई-5 शासकीय आवास कोटरा के पास सड़क निर्माण का भूमि-पूजन किया। सड़क की लागत 20 लाख है। श्री गुप्ता ने सड़क का कार्य गुणवत्तापूर्ण करवाने के निर्देश दिये। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।     Attachments area          

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      मध्यप्रदेश के प्राचीन मंदिरों में भगवान के दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को अब प्रदेश के पुरावैभव, कला और संस्कृति की झलक भी वहां देखने को मिलेगी। इसके लिए राज्य सरकार मंदिरों में संग्रहालयों का निर्माण कराएगी। इस योजना को संस्कृति, धर्मस्व और पुरातत्व विभाग मिलकर अंजाम देंगे। मध्यप्रदेश में इस समय कई प्रसिद्ध मंदिर है जहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है। लेकिन इन मंदिरों में फिलहाल प्रदेश की कला-संस्कृति, इतिहास  और पुरावैभव की झलक दिखाने वाले संग्रहालय नहीं है। राज्य सरकार का सोचना है कि जो श्रद्धालु प्रदेश के प्राचीन मंदिरों में पहुंच रहे है वहां उन्हें भगवान के दर्शन के साथ-साथ प्रदेश के पुरावैभव और कला तथा संस्कृति से भी अवगत कराया जाए। इसके लिए इन मंदिरों के ट्रस्टों के पास मौजूद अपार धनराशि का उपयोग किया जाएगा। इन मंदिरों में सबसे पहले बनेंगे संग्रहालय- मध्यप्रदेश में उज्जैन में महाकाल मंदिर, खजराना मंदिर, सतना के मैहर मंदिर, पशुपतिनाथ मंदिर सहित कई ऐसे प्रमुख मंदिर है जहां मंदिरों की देखरेख और संरक्षण के लिए बनाए गए ट्रस्टों के पास श्रद्धालुओं के दान से मिली अपार धन संपदा स्थित है। इन्हीं मंदिरों में सबसे पहले संग्रहालय बनाने की शुरुआत की जाएगी।  इन मंदिरों के समीप काफी जमीन और भवन स्थित है। शिव मंदिरों में सभी बारह ज्योर्तिलिंगों के बारे में पूरी जानकारी एकत्रित कर प्रदर्शित की जाएगी। इसी तरह गणेश मंदिरों में गणेशजी के सभी स्वरुपों उनके इतिहास और महत्व को प्रदर्शित किया जाएगा। भोपाल के समीप स्थित भोजपुर मंदिर में दो सौ मीटर के दायरे के बाहर संग्रहालय बनाने का प्रस्ताव है। यहां भोजपुर के विशालकाय शिवलिंग और मंदिर के निर्माण की एतिहासिक प्रामाणिक  जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। यह मंदिर कब बना, इस तरह के मंदिर और कहां-कहां बनाए जाने थे। यह अधूरा क्यों रह गया। मंदिर के आसपास मिलने वाले शिवलिंग और अन्य पुराधरोहरों को भी यहां संग्रहित किया जाएगा। भोपाल में भी मुस्लिम धर्मावलंबियों से जुड़ी जानकारी, मध्यप्रदेश के प्राचीन नवाबों से जुड़े इतिहास की प्रामाणिक जानकारी गौहर महल या अन्य स्थानों पर प्रदर्शित की जाएगी। मिडटाउन में दुनिया की सबसे बड़ी सेंट पीटर चर्च में संग्रहालय भी है। वेटिकन सिटी में भी म्युजियम है वहां कई तरह के चित्र प्रदर्शित किए गए है। इन चित्रों में इन देशों की कला और संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। जापान में म्युजियम आॅफ पैरासाइड है। भारत के कई राज्यों में भी मंदिर, मस्जिद और चर्च के साथ संग्रहालय लगे हुए है। मध्यप्रदेश में फिलहाल मंदिर, मस्जिद और गिरिजाघरों में संग्रहालय नहीं है। प्रमुख सचिव संस्कृति मनोज श्रीवास्तव ने कहा प्रदेश के मंदिरों पर अब संग्रहालय बनाने की राज्य सरकार की योजना है। इसके जरिए प्रदेश के नागरिकों को धार्मिक आस्था के केन्द्रों पर पहुंचने पर वहां संग्रहालयों में प्रदेश के इतिहास, कला और संस्कृति के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।     Attachments area          

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  कोलार अवैध कब्जों का अड्डा बना    कोलार में राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों और तहसीलदारों की शह पर बेशकीमती जमीन पर जहां-तहां झुग्गियों का निर्माण करने के अलावा दीवारें तानकर अतिक्रमण किया जा रहा है। इन अतिक्रामकों को रोकने के बजाय अफसर उन्हें प्रश्रय दे रहे हैं। कोलार का दशहरा मैदान इसका ताजा उदाहरण है, जहां पिछले माह लगी आग में 50 झुग्गियां खाक हो गईं थी अब वहां 100 से ज्यादा झुग्गियां और मकान बन गए हैं।   लगातार अतिक्रमण बढ़ने की शिकायतों को लेकर एक सप्ताह पहले एडीएम रत्नाकर झा ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए थे कि वे सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाएं। साथ ही सूची तैयार करें, ताकि सरकारी जमीनों पर जमा अतिक्रमणों को हटाया जा सके। हुजूर एसडीएम और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही से फिर कोलार दशहरा मैदान की सरकारी जमीन पर दर्जनों झुग्गियां तन गर्इं।  प्रशासन के सामने यहां पर झुग्गियां बनती गई, लेकिन उन्हें रोकने की हिम्मत किसी ने नहीं की।   डेढ़ साल पहले निगम चुनाव के पूर्व मुख्यमंत्री ने हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के कहने पर कोलार दशहरा मैदान में स्टेडियम बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद कलेक्टर निशांत वरवड़े ने यहां पर दौरा कर एसडीएम माया अवस्थी को झुग्गियां शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अब तक यहां पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।   कोलार दशहरा मैदान के किनारे बनी अवैध झुग्गियां में तीन साल से एक ही स्थान पर आग लग रही है। यहां 40-50 झुग्गियों में आग लगती है और इसके बाद नई 100 झुग्गियां बन जाती हैं। तीन साल में इस स्थान पर 300 से अधिक झुग्गियां अवैध बन गई। लेकिन प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।     Attachments area          

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  पत्र  में प्रज्ञा ने कैंसर की बीमारी का हवाला भी दिया      मालेगांव बम ब्लास्ट में क्लीन चिट मिलने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने अपने तेवर दिखाए हैं। सिंहस्थ में जाने की जिद पर अड़ीं साध्वी ने पंडित खुशीलाल आयुर्वेदिक अस्पताल में आमरण अनशन शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि सरकार ने उन्हें परमिशन नहीं दी, तो वे 21 मई को जल समाधि ले लेंगी। कैंसर से पीड़ित प्रज्ञा ने दवाइयां खाने से भी इनकार कर दिया है। प्रज्ञा ने राज्य सरकार को लिखे पत्र  में कहा कि वे कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रही हैं। हो सकता है कि अगला कुंभ न देख पाएं।इस मसले  पर बोलने से प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।  साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट मिलने के बाद से माना जा रहा है कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का सॉफ्ट कॉर्नर उनके प्रति बढ़ा है। उनके अनशन के मामले में प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर से जब पूछा गया कि सरकार क्या करेगी, तो विवादों से बचने के लिए उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया । गौरतलब है कि साध्वी लगभग सात सालों से जेल में बंद थीं, लेकिन कैंसर के इलाज के लिए कोर्ट ने उन्हें अस्पताल में रहने की परमिशन दी है। प्रज्ञा ने रविवार को लेटर लिखकर शिवराज सरकार से उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ में शामिल होने की परमिशन मांगी थी।उन्होंने यह भी लिखा था कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो वे आमरण अनशन करेंगी। प्रज्ञा ने लिखा, 'वो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं और शायद अगला कुंभ न देख पाएं। इसलिए उनकी अंतिम इच्छा है कि वे उज्जैन कुंभ में जाएं।' प्रज्ञा ने राज्य सरकार समेत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को भी लेटर की कॉपी भेजी है। लेटर के मुताबिक, प्रज्ञा ने सोमवार सुबह 9 बजे तक का समय दिया था। मांग पूरी नहीं होने के कारण वे अपने कुछ सपोर्टर्स के साथ अस्पताल परिसर में ही आमरण अनशन पर बैठ गई हैं। प्रज्ञा ने लेटर में लिखा कि मैं अन्न जल त्याग दूंगी। अगर मुझे कुछ होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी मध्य प्रदेश सरकार की होगी। उन्होंने अपनी सिक्युरिटी को लेकर भी चिंता जाहिर की है। उन्होंने लिखा कि मेरे साथ पहले एसएएफ के जवान रहते थे। उनके हटाए जाने से मेरी जान को खतरा हो सकता है। प्रज्ञा ने जेड प्लस सुरक्षा की मांग की और सवाल पूछा कि जब देवास जिला कोर्ट ने उज्जैन जाने की अनुमति दे दी है, तो फिर सिक्युरिटी का हवाला देकर सरकार कोर्ट की अवमानना क्यों कर रही है? प्रज्ञा की चिट्ठी उनके सबसे विश्वसनीय भगवान झा लेकर पहुंचे थे। जेल सुपरिंटेंडेंट ने भगवान झा को भरोसा दिया के वह मामले को सीनियर अफसरों तक पहुंचा देंगे। भगवान झा ने कहा, 'सरकार के पास पुलिस की कोई कमी नहीं है। इसलिए साध्वी की सिंहस्थ यात्रा सुनिश्चित करा दी जाए, नहीं तो गंभीर परिणाम होंगे।'     Attachments area          

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  हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने किया 2.16 करोड़ की सड़क निर्माण का भूमि पूजन ।कोलार मुख्य मार्ग के समानांतर इस मार्ग से 2 लाख नागरिक होंगे सीधे लाभान्वित ।कोलार वासियो को विभिन्न मार्गो के माध्यम से नये भोपाल , होशंगाबाद रोड , जाने में होगी सहूलियत ।कोलार में बढ़ते ट्रैफिक पर नियंत्रण में हुज़ूर विधायक की कारगर पहल सफल ।हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा के अथक प्रयासों से कोलारवासियो को ट्रैफिक जाम से आये दिन होने वाली दिक्कतों से निज़ात मिलने जा रही है । बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान (कोलार मुख्य मार्ग) तक  बायपास रोड का निर्माण कराया जा रहा है । आज हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने रानी अवंतीबाई मार्ग से मंदाकनी मैदान को जोड़ने वाली सड़क निर्माण कार्य का भूमि पूजन भूमिका रेसीडेंसी पर किया । 2 करोड़ 16 लाख की लागत से बनने वाली 4200 मीटर इस सड़क की चौड़ाई 7.5 मीटर रहेगी, इस सड़क का निर्माण राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा किया जायेगा । श्री शर्मा ने बताया की कोलार मुख्य मार्ग पर आये दिन लगने वाले ट्रैफिक जाम से छुटकारा पाने के लिये इस बाय पास रोड का निर्माण कराया जा रहा है , उन्होंने बताया की बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग का निर्माण पूर्व में कराया जा चूका है । यह रोड  लोक निर्माण विभाग द्वारा बनायीं गयी है  गौरतलब है की उक्त सड़क का भूमि पूजन विधायक शर्मा द्वारा विधायक बनने के तत्काल बाद किया गया था । बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग तक इस सड़क की दूरी कुल 2 किलोमीटर है ।बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान पर कोलार मुख्य मार्ग पर जोड़ने वाले इस बायपास की कुल दूरी 6 किलोमीटर है । श्री शर्मा ने बताया की बहुत जल्द ही जे के अस्पताल के सामने इस मार्ग के जंक्शन पर एक पुल का निर्माण भी कराया जायेगा जो की सीधा शाहपुरा, भरत नगर , हबीबगंज , चुनाभट्टी , अथवा नये भोपाल को जोड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण के पश्च्यात कोलार के किसी भी नागरिक को ट्रैफिक जाम या आपातकालीन स्थिति में परेशान नहीं होना पड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग से कोलार सहित आसपास के लगभग 2 लाख नागरिक इससे सीधे लाभान्वित होंगे ।  श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण से पूर्व  उनके द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियो अधिकारियो एवं स्थानीय नागरिको के साथ दौरा किया गया । फलस्वरूप कोलार को ट्रैफिक से निजात दिलाने के लिये इस बायपास के निर्माण का निर्णय लिया गया । श्री शर्मा ने बताया की घनी आबादी वाले कोलार में नागरिको की सुविधा के मद्देनज़र इस मार्ग का  अलग अलग भागो में निर्माण कराया गया है , जिससे नागरिको को इसका लाभ पहुँच सके !  श्री शर्मा ने स्थानीय नागरिको को संबोधित करते हुए कहा की कोलार के समग्र विकास में निरंतर आपके द्वारा मिल रहे इसी प्रकार के सहयोग की आवश्यकता है आप सब के सहयोग से हम ग्रीन कोलार क्लीन कोलार का निर्माण करेंगे । कार्यक्रम के दौरान श्री शर्मा का स्थानीय नागरिको द्वारा बड़ी फूलो की माला पहनाकर सड़क निर्माण के लिए अभिन्दन किया गया !  मार्ग से लाभान्वित क्षेत्र  एक नज़र में -: बैरागढ़ चीचली , दौलतपुर ,धोली खदान, प्रियंका नगर ,हिनोतिया गांव ,मानसरोवर डेंटल कॉलेज, सुहागपुर ,पिपलिया, गुराडी , सेमरी ,अमरावत कलां ,सोहागपुर ,बांसखेड़ी झुग्गी बस्ती ,सन खेड़ी झुग्गी बस्ती, आकाश नगर , गिरधर परिसर ,सैफरॉन सिटी ,कृष्णा होम्स ,गिरधर गार्डन ,शिवालय परिसर ,सर्वजन सोसाइटी ,डी के 5 ,जे के अस्पताल , सागर प्रीमियम टॉवर, भूमिका रेसीडेंसी ,वेस्टर्न कौर्ट एवं मंदाकनी सोसायटी आदि इस मार्ग पर अन्य रहवासियो  को इस बाय पास का  सीधा लाभ पहुंचेगा ।होशंगाबाद रोड से जुड़ेगा यह मार्ग यह मार्ग चार बत्ती चौराहे से कालीबाड़ी पुल से होते हुए बाबड़िया रेल्वे फाटक से होशंगाबाद रोड से सीधा जुड़ेगा ।दानिश कुंज से कलियासोत नदी पर सलैया पुल के माध्यम से मिसरोद (होशंगाबाद रोड) से सीधा जुड़ेगा ।कार्यक्रम में विशेष रूप से स्थानीय पार्षद एवं एम आई सी सदस्य भूपेंद्र माली ,पार्षद पवन बोराना, मंडल उपाध्यक्ष श्याम मीना, बी एस वाजपेयी , महेश तिवारी , इक़बाल खान , अमित शुक्ल, दीपक माथुर , अरुण तिवारी , डी ले पालीवाल , एस एस सेंगर ,शोभा सिकरवार , श्रीमती गीता मिश्रा,गणेश तिवारी,राजेश सेंगर , राज शर्मा , प्रदीप पाटीदार ,आकाश श्रीवास्तव,सहित बड़ी संख्या में माताये बहने कॉलोनी वासी उपस्थित रहे ।  

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कोलार के वार्ड 82 में आने वाले दानिशकुंज कॉलोनी में नगर निगम द्वारा काम नहीं कराने के बाद भी पार्षद द्वारा निर्माण को लेकर बोर्ड लगाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। गलत जानकारी को लेकर आज दोपहर कांग्रेस पार्षदों, स्थानीय नेताओं और रहवासियों का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम आयुक्त छवि भारद्वाज से मिला। इन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पार्षद जानबूझकर श्रेय की राजनीति कर रहे हैं। जबकि, जनता गर्मी में पानी के लिए हाहाकार मचा रही है, फिर भी उन्हें पानी नहीं दिया जा रहा है। पार्षदों ने यह की मांग : कांग्रेस पार्षद संतोष जितेंद्र कंसाना, मोनू सक्सेना, मनजीत मारण, अमित शर्मा, राहुल सिंह राठौर, अखिलेश जैन सहित रहवासियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयुक्त भारद्वाज से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। इसके अनुसार तत्काल गलत जानकारी देने वाले भाजपा पार्षद भूपेंद्र माली के बोर्ड को नगर निगम प्रशासन हटाए। साथ ही इस मामले में जांच कराएं कि कहीं दानिशकुंज में कराए गए डामर के भुगतान की फर्जी फाइल तो निगम के कार्यालय नहीं पहुंच गई। यदि प्रशासन बोर्ड नहीं लगाएगी, तो कांग्रेसी भी हर वार्ड में ऐसे बोर्ड लगाएगी। दानिशकुंज कॉलोनी में करीब एक करोड़ राशि से डामर कराया गया है। इस पर स्थानीय पार्षद ने खुद डामर कराने के बोर्ड पूरी कॉलोनी में लगा दिए। वहीं, दानिशकुंज सोसायटी ने भी एक विज्ञापन जारी करके कहा कि वह निर्माण उसने कराया है। कुछ लोगों के यहां निर्माण नहीं कराया गया है, वो लोग जल्द ही बकाया राशि जमा कर दें, ताकि बचे हुए स्थानों पर भी डामरीकरण कराया जा सके।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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नई दिल्ली । इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2025 की चैंपियन रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) ने शनिवार को घोषणा की कि वह 4 जून को हुई भगदड़ में जान गंवाने वाले 11 लोगों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये की सहायता राशि देगी।फ्रेंचाइज़ी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “4 जून 2025 को हमारे दिल टूट गए। हमने अपने आरसीबी परिवार के 11 सदस्यों को खो दिया। वे हमारे समुदाय, हमारे शहर और हमारी टीम का हिस्सा थे। उनकी कमी हमेशा महसूस होगी। कोई भी मदद उस जगह को भर नहीं सकती, लेकिन शुरुआती कदम के तौर पर आरसीबी ने प्रत्येक परिवार को ₹25 लाख दिए हैं। यह केवल आर्थिक मदद नहीं, बल्कि करुणा, एकजुटता और देखभाल का वादा है।”आरसीबी ने साथ ही ‘आरसीबी केयर्स’ पहल की शुरुआत की घोषणा की, जिसके तहत पीड़ितों की स्मृति को सम्मानित करते हुए लंबे समय तक सार्थक कार्य किए जाएंगे।गौरतलब है कि पंजाब किंग्स को हराकर आरसीबी ने 18 साल बाद आईपीएल खिताब जीता था। इसके अगले दिन एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम और ओपन बस परेड में लाखों प्रशंसक उमड़ पड़े। हालांकि, करीब दो लाख लोगों की भारी भीड़ स्टेडियम की 32,000 की क्षमता पर हावी हो गई, जिससे गेट पर अफरा-तफरी और भगदड़ मच गई। इस दुखद हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि 50 से अधिक लोग घायल हो गए। सभी मृतक 40 वर्ष से कम आयु के थे।इससे पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मृतकों के परिवारों के लिए ₹10 लाख की सरकारी सहायता की घोषणा की थी। वहीं, आरसीबी ने भी शुरुआती तौर पर 11 परिवारों को ₹10 लाख की आर्थिक मदद देने का वादा किया था।

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रामबन । जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले की राजगढ़ तहसील में बादल फटा है। इसमें चार लोगों की मौत हो गई और एक व्यक्ति लापता है।एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बचाव दल ने प्रभावित क्षेत्र से चार शव बरामद किए हैं और लापता व्यक्ति का पता लगाने के प्रयास जारी हैं।अधिकारी ने बताया, "बादल फटने से अचानक बाढ़ आ गई, जिससे काफी नुकसान हुआ और क्षेत्र में सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है। एक व्यक्ति अभी भी लापता है।   वहीं केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने एक्स पर एक पोस्ट में बताया कि उन्होंने रामबन के उपायुक्त मोहम्मद अयाज़ खान से घटना के संबंध में बात की है। उन्होंने बताया कि राजगढ़ क्षेत्र में बादल फटने से चार लोगों की मौत हो गई। एक व्यक्ति अभी भी लापता है और तलाशी अभियान जारी है। सौभाग्य से, किसी के घायल होने की सूचना नहीं है। बचाव कार्य जारी है और हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है। मैं जिला प्रशासन के लगातार संपर्क में हूं।   मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी घटना पर दुख व्यक्त किया। मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि मुख्यमंत्री ने रामबन के राजगढ़ में भूस्खलन से हुए जान-माल की हानि पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने प्रशासन को तत्काल बचाव और राहत अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं।

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शिमला । हिमाचल प्रदेश के चम्बा जिले में मूसलाधार बारिश एवं भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई है। इस प्राकृतिक आपदा के बीच मणिमहेश यात्रा के दौरान अब तक 11 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। इनमें से तीन शव अब तक नहीं मिल पाए हैं। वहीं करीब 10 से 12 हजार यात्री मार्ग टूटने के कारण विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए हैं।लगातार बारिश और भूस्खलनों से चम्बा-भरमौर राष्ट्रीय राजमार्ग सहित जिले के सैकड़ों मार्ग यातायात के लिए अवरुद्ध हो गए हैं। बिजली के ट्रांसफार्मर और पेयजल योजनाओं को भी भारी नुकसान पहुंचा है, जिससे पूरे जिले में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र जनजातीय पांगी और भरमौर रहे हैं, जहां संचार सेवाएं भी कई दिनों से ठप हैं। जिले में पिछले चार दिनों तक मोबाइल और नेटवर्क सेवाएं पूरी तरह बंद रहीं और केवल बीती रात कुछ हद तक बहाल हो सकीं। हालांकि भरमौर क्षेत्र में अब भी संचार व्यवस्था सुचारू नहीं हो पाई है।बारिश और भूस्खलन के चलते मणिमहेश यात्रा को बंद कर दिया गया है। हजारों श्रद्धालु रास्ते में फंसे हैं। प्रशासन, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार राहत व बचाव कार्य कर रही हैं। इसके अलावा हेलीकॉप्टर की मदद से भी यात्रियों को सुरक्षित स्थानों तक लाने का प्रयास किया जा रहा है। प्रशासन का कहना है कि फंसे हुए श्रद्धालु सुरक्षित हैं और उनके रहने-खाने की व्यवस्था रास्ते में ही कर दी गई है। पैदल ट्रैक पर फंसे 29 यात्रियों को भी भरमौर तक पहुंचाने का कार्य जारी है।  चम्बा उपायुक्त मुकेश रेपसवाल ने बताया कि 24 से 26 अगस्त के बीच सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि इस दौरान सड़कों के क्षतिग्रस्त होने से यात्री बीच रास्ते में फंसे हैं, लेकिन सभी सुरक्षित हैं। उन्होंने यह भी कहा कि लोग किसी भी तरह की अफवाह पर विश्वास न करें क्योंकि यात्रा के दौरान कोई बड़ी त्रासदी नहीं हुई है। हालांकि, मौसम की मार से सड़कें और व्यवस्थाएं जरूर बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।उन्होंने स्पष्ट किया कि 16 अगस्त से अब तक यात्रा में 11 श्रद्धालुओं की मौत दर्ज की गई है। इनमें से 8 शवों की पहचान कर परिजनों को सूचित कर दिया गया है, जबकि तीन शव अभी तक बरामद नहीं किए जा सके हैं। उन्होंने कहा कि फंसे श्रद्धालुओं को सुरक्षित घरों तक पहुंचाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे प्रशासनिक अधिकारी और कर्मचारी लगातार ड्यूटी पर तैनात हैं और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर कदम उठाया जा रहा है।हिमाचल पुलिस ने फंसे श्रद्धालुओं के रसक्यू के लिए चलाया ऑपरेशन हौंसलाउधर, भारी बारिश और भूस्खलन से बुरी तरह प्रभावित चम्बा जिला के जनजातीय क्षेत्र भरमौर में फंसे श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकालने के लिए हिमाचल प्रदेश पुलिस ने “ऑपरेशन हौंसला” शुरू किया है। पुलिस ने बताया कि इलाके में बिजली और मोबाइल नेटवर्क पूरी तरह ठप है, लेकिन राहत व बचाव के लिए पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें दिन-रात काम कर रही हैं। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं और धैर्य बनाए रखें।हिमाचल पुलिस के अनुसार नेटवर्क बाधित होने से लोग अपने परिजनों से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में परिचितों की जानकारी प्राप्त करने के लिए शिमला पुलिस कंट्रोल रूम के नंबर 0177-2621796 और 0177-2621714 पर संपर्क किया जा सकता है। इसके अलावा किसी भी आपदा में तुरंत आपातकालीन सेवा नंबर 112 पर कॉल करने को कहा गया है। पुलिस ने अपने संदेश में कहा,  “जनता की ढाल, सेवा की मिसाल – हिमाचल पुलिस।”प्रदेश के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने बताया कि चंबा-भरमौर मार्ग पर बग्गा और दुर्गट्टी क्षेत्रों में भारी भूस्खलन हुआ है। इसके चलते चंबा शहर में लगभग 10 हजार लोग फंसे थे, जिनमें से करीब 7,000 लोग चंबा-पठानकोट मार्ग खुलने के बाद अपने घरों को लौट गए हैं। भरमौर में अब भी लगभग 3,000 तीर्थयात्री फंसे हुए हैं।मुख्य सचिव ने कहा कि फंसे लोगों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और आवश्यकता पड़ने पर राशन तथा अन्य आवश्यक वस्तुएं हेलीकॉप्टर से पहुंचाई जाएंगी। उन्होंने लोगों से अफवाहों से बचने और केवल आधिकारिक सूचनाओं पर भरोसा करने की अपील की।इस बीच, विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया आज चंबा का दौरा करेंगे। वहीं, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह पहले ही स्थिति का जायजा लेने चंबा रवाना हो चुके हैं।

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नई दिल्ली । भारत और जापान की साझेदारी को नई ऊंचाई पर ले जाने का आह्वान करते हुए प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को कहा कि दोनों देशों का सहयोग एशियाई सदी को आकार देगा। उन्होंने जापानी कंपनियों से ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ अभियान में शामिल होने का आग्रह किया और कहा कि जापान की तकनीक तथा भारत की प्रतिभा मिलकर वैश्विक परिवर्तन का नेतृत्व कर सकती हैं। प्रधानमंत्री ने आज टोक्यो में आयोजित ‘इंडिया-जापान आर्थिक मंच’ को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जापान हमेशा भारत की विकास यात्रा का महत्वपूर्ण भागीदार रहा है। मेट्रो, विनिर्माण, सेमीकंडक्टर और स्टार्ट-अप जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों की साझेदारी आपसी विश्वास का प्रतीक है। अब तक जापानी कंपनियों ने भारत में 40 अरब डॉलर से अधिक निवेश किया है। केवल पिछले दो वर्षों में ही 13 अरब डॉलर का निजी निवेश हुआ है। भविष्य की दिशा बताते हुए प्रधानमंत्री ने पांच क्षेत्रों पर बल दिया- विनिर्माण, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार, हरित ऊर्जा परिवर्तन, अगली पीढ़ी का बुनियादी ढांचा और कौशल विकास। उन्होंने कहा कि जापान की उत्कृष्टता और भारत का व्यापक पैमाना मिलकर साझा समृद्धि सुनिश्चित करेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में भारत ने असाधारण परिवर्तन अनुभव किए हैं। आज भारत राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता वाला देश है, जिसकी नीतियां स्पष्ट हैं। भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था है और जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। उन्होंने बताया कि भारत वैश्विक विकास में 18 प्रतिशत योगदान कर रहा है और उसके विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 700 अरब डॉलर तक पहुंच चुके हैं। प्रधानमंत्री ने सुधारों का उल्लेख करते हुए कहा कि ‘रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म’ की नीति से देश में बड़ा बदलाव आया है। ‘वन नेशन-वन टैक्स’ व्यवस्था लागू होने के बाद अब नया आयकर संहिता भी संसद से पारित हो चुकी है। व्यवसायों के लिए डिजिटल सिंगल विंडो की सुविधा, 45 हजार अनुपालनों को युक्तिसंगत और निजी क्षेत्र के लिए रक्षा व अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों को खोलने की पहल की गई है। उन्होंने घोषणा की कि अब परमाणु ऊर्जा क्षेत्र को भी निजी क्षेत्र के लिए खोला जाएगा।   उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के आमंत्रण पर प्रधानमंत्री मोदी जापान की दो दिवसीय यात्रा पर हैं। वे दोनों देशों के 15वें वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए जपान पहुंचे हैं।  

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मुंबई । रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने शुक्रवार को कहा कि भारत तरक्की की राह पर आगे बढ़ रहा है। रिलायंस 125 अरब डॉलर का राजस्व पार करने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई है, जबकि वित्त वर्ष 2024-25 में देश को 2.1 लाख करोड़ रुपये का योगदान दिया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि कंपनी अपने ही रिकॉर्ड तोड़ती रहेगी और भारत के विकास में अहम भूमिका निभाएगी।   मुकेश अंबानी मुंबई में आरआईएल की 48वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) को संबोधित कर रहे थे। आरआईएल प्रमुख ने कहा कि किसी भी भारतीय कंपनी के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है कि कंपनी ने रिकॉर्ड मुनाफा और राष्ट्र के लिए योगदान भी दर्ज किया है। मुकेश अंबानी ने कहा क‍ि रिलायंस ने वित्त वर्ष 2024-25 में देश को 2.1 लाख करोड़ रुपये का योगदान दिया। समूह की दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो 2026 की पहली छमाही तक अपना आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लेकर आएगी। उन्‍होंने कहा कि जियो अब विदेशों में कारोबार विस्तार करने के साथ अपनी खुद की कृत्रिम मेधा (एआई) प्रौद्योगिकी भी विकसित करेगी। वित्त वर्ष 2024-25 में रिकॉर्ड तोड़ कमाईरिलायंस समूह के मुखिया मुकेश अंबानी ने कहा कि भारत तरक्की की राह पर आगे बढ़ रहा है। मुकेश अंबानी ने बताया कि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने वित्त वर्ष 202425 में कुल समेकित राजस्व में 10,71,174 करोड़ रुपये (125.3 अरब अमरीकी डॉलर) हासिल किया। भारत के इतिहास में यह पहली बार है, जब किसी कंपनी ने वार्षिक आय के इस स्तर को पार किया है। उन्‍होंने कहा कि रिलायंस ने 1,83,422 करोड़ रुपये (21.5 अरब अमेरिकी डॉलर) का एबिटा और 81,309 करोड़ रुपये (9.5 अरब अमेरिकी डॉलर) का शुद्ध लाभ दर्ज किया है। कंपनी का निर्यात 2,83,719 करोड़ रुपये (33.2 अरब अमेरिकी डॉलर) रहा, जो भारत के कुल वस्तु निर्यात में 7.6 फीसदी का योगदान देता है।   देश का सबसे बड़ा करदाता बना रिलायंस आरआईएल प्रमुख मुकेश अंबानी ने कहा कि भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत उभर रहा है और इसे कोई रोक नहीं सकता। मुकेश ने बताया कि पिछले तीन वर्षों में रिलायंस ने अपने कारोबार में 5.6 लाख करोड़ रुपये (65.5 अरब अमेरिकी डॉलर) से अधिक का निवेश किया है।मुकेश अंबानी ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में रिलायंस ने राष्ट्रीय खजाने में 2,10,269 करोड़ रुपये (24.6 अरब अमेरिकी डॉलर) का योगदान दिया और देश का सबसे बड़ा करदाता बन गया। उन्‍होंने कहा कि पिछले छह वर्षों में कंपनी का सरकार को कुल योगदान 10 लाख करोड़ रुपये (117 अरब अमेरिकी डॉलर) को पार कर गया है। सामाजिक उत्तरदायित्व पर बड़ा योगदानरिलायंस प्रमुख ने कहा कि कंपनी ने वित्त वर्ष 2024-25 में कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) गतिविधियों पर 2,156 करोड़ रुपये (252 मिलियन अमेरिकी डॉलर) खर्च किए। उन्‍होंने बातया कि पिछले तीन वर्षों में, इसका कुल सीएसआर खर्च 5,000 करोड़ रुपये (585 मिलियन अमेरिकी डॉलर) को पार कर गया है, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों को बढ़ावा मिला है। मुकेश अंबानी ने कहा कि रिलायंस रोज़गार सृजन पर लगातार ध्यान केंद्रित कर रहा है। वर्तमान में, कंपनी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह के कर्मचारियों सहित लगभग 6.8 लाख लोगों को रोज़गार देती है। आने वाले वर्षों में यह संख्या बढ़कर 10 लाख से ज़्यादा होने की उम्मीद है।

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पूर्वी चंपारण ।पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के तीन खूंखार आतंकवादियो के नेपाल के रास्ते बिहार में घुसने के खुफिया इनपुट के बाद पूरे जिला को हाई अलर्ट पर रखा गया है।नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्रो के साथ ही जिला के सभी थाना क्षेत्र में वाहनो की सघन जांच की जा रही है।   पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने इसकी जानकारी देते बताया है कि पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के तीन खूंखार आतंकवादी नेपाल के रास्ते बिहार में घुस गए हैं और वे किसी बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम दे सकते हैं।उन्होने इन संदिग्धों की पहचान के लिए उनके स्केच को जारी करते हुए लोगों से इन चेहरों को पहचान करने और इस संदर्भ में कोई जानकारी मिलने पर तुरंत नजदीकी थाने से संपर्क करने या 112 डायल कर सकते हैं। इसके अलावा, सीधे पुलिस अधीक्षक मोतिहारी से इन नंबरों पर 9031827100, 9431822988 (कॉल या व्हाट्सएप)संपर्क करने को कहा है।   उन्होने तीनों संदिग्धों की गिरफ्तारी में मदद करने वालों को मोतिहारी पुलिस की ओर से 50,000 रुपये का नकद इनाम देने की भी घोषणा की है।इधर आतंकियो के बिहार में प्रवेश की सूचना के बाद राहुल गांधी वोटर अधिकार यात्रा में सुरक्षा प्रबंध चौकस कर दिया गया है।  पुलिस के अनुसार ये तीनों आतंकी राहुल गांधी की रैली या किसी अन्य सार्वजनिक सभा को निशाना बना सकते हैं।   उल्लेखनीय है,कि राहुल गांधी गुरूवार सीतामढी जिला के बैरगनिया से पूर्वी चंपारण के फुलवरिया घाट होते पूर्वी चंपारण जिला में प्रवेश किये।जहां से ढाका चिरैया,लालबेगिया होते जिला मुख्यालय मोतिहारी पहुंचेगे।   आतंकियो की सूचना बाद उनके कार्यक्रम में रोड शो को स्थगित कर दिया गया है।साथ उनकी सुरक्षा को कई गुना बढ़ा दिया गया है।यात्रा के मार्गों पर भारी चौकसी बरती जा रही है। हर वाहन और व्यक्ति पर पुलिस कड़ी नजर रख रही है। जगह-जगह चेक पोस्ट स्थापित किये गये है। पुलिस की टीमें लगातार गश्त कर रही हैं।

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कोलकाता । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि वह राज्य में किसी भी व्यक्ति का मतदान का अधिकार छीनने नहीं देंगी।   कोलकाता के मेयो रोड पर गुरुवार काे आयोजित तृणमूल छात्र परिषद (टीएमसीपी) की स्थापना दिवस रैली को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इशारे पर काम कर रहा है। उन्होंने कार्यकर्ताओं और छात्रों से अपील करते हुए कहा, “आप खुद जांचें कि आपका नाम मतदाता सूची में है या नहीं। सुनिश्चित करें कि आपके पास आधार कार्ड हो। जब तक मैं जिंदा हूं, किसी का मताधिकार छीना नहीं जाएगा।”   मुख्यमंत्री ने दावा किया कि भाजपा ने पश्चिम बंगाल में 500 से अधिक टीमें तैनात की हैं, जो घर-घर जाकर मतदाता सूची से नाम हटाने के लिए सर्वे कर रही हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “अगर कोई आपके दरवाजे पर जानकारी लेने आए तो उसे जानकारी न दें। वे आपकी डिटेल्स लेकर आपका नाम हटा सकते हैं। अपने बूथ पर जाकर मतदाता सूची में नाम की पुष्टि करें।”   ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग पर भी निशाना साधते हुए कहा कि उसकी अधिकार-सीमा केवल चुनावी अवधि तक होती है, पूरे साल नहीं। साथ ही उन्होंने भाजपा पर बंगाली भाषा और स्वतंत्रता आंदोलन में बंगालियों की ऐतिहासिक भूमिका को भुलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “अगर बंगाली भाषा न होती तो ‘जन गण मन’ राष्ट्रीय गान कैसे बनता? ‘वंदे मातरम’ किस भाषा में लिखा गया है? भाजपा इतिहास मिटाकर भाषाई आतंक थोपना चाहती है।”   उन्होंने आगे आरोप लगाया कि भाजपा गरीबों को ‘बांग्लादेशी’ कहकर प्रताड़ित करती है, जबकि वे गरीब ही उनकी ताकत हैं। उन्होंने कहा, “मैं जाति नहीं मानती, मैं इंसानियत को मानती हूं।”   केंद्रीय एजेंसियों को लेकर ममता बनर्जी ने कहा कि पहले कभी कोई एजेंसी किसी राजनीतिक दल के इशारे पर काम नहीं करती थी, लेकिन अब चुनाव आते ही एजेंसियां सक्रिय हो जाती हैं। उन्होंने वाम मोर्चे पर भी भाजपा से हाथ मिलाने का आरोप लगाया।   इससे पहले, तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने रैली को संबोधित करते हुए भाजपा पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि अगर किसी एक भी व्यक्ति को मतदान का अधिकार नहीं मिला तो “10 लाख बंगाली दिल्ली कूच करेंगे और राजपथ का घेराव करेंगे।”   अभिषेक बनर्जी ने 2026 विधानसभा चुनाव को लेकर विश्वास जताया कि भाजपा 50 से अधिक सीटें नहीं जीत पाएगी। उन्होंने कहा, “हमारे खिलाफ सब हैं – भाजपा, ईडी, सीबीआई, चुनाव आयोग, यहां तक कि प्रेस और न्यायपालिका तक। लेकिन हमारे साथ 10 करोड़ बंगाली हैं। पिछली बार जितनी सीटें मिली थीं, उससे अधिक इस बार जीतेंगे।”

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नई दिल्ली । देशभर में विद्यालयी शिक्षा के विभिन्न स्तरों पर छात्रों के बीच में पढ़ाई छोड़ने की दर में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है।  शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने गुरुवार को यूडीआईएसई+ 2024-25 की रिपोर्ट में बताया कि प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर पर विद्यार्थियों की रिटेंशन रेट और ट्रांज़िशन रेट में लगातार सुधार हुआ है। इसका सीधा असर यह हुआ कि बच्चों के बीच-बीच में पढ़ाई छोड़ने की प्रवृत्ति घटी है और अधिक विद्यार्थी उच्च कक्षाओं तक अपनी पढ़ाई जारी रख पा रहे हैं।शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि यह सकारात्मक बदलाव केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा चलाए जा रहे नामांकन अभियान, छात्रवृत्ति योजनाएं, मध्याह्न भोजन, साइकिल/यूनिफॉर्म/पुस्तक वितरण जैसी पहलें और स्कूलों में आधारभूत सुविधाओं में सुधार का परिणाम है।रिपोर्ट में यह भी रेखांकित किया गया है कि शून्य नामांकन वाले स्कूलों और एकल शिक्षक स्कूलों की संख्या में कमी से भी छात्रों को पढ़ाई जारी रखने में मदद मिली है। बेहतर शिक्षक-विद्यार्थी अनुपात और महिला शिक्षकों की बढ़ती संख्या ने भी विद्यार्थियों विशेषकर बालिकाओं की निरंतरता पर सकारात्मक असर डाला है। शिक्षा मंत्रालय ने कहा है कि ड्रॉपआउट दर में कमी देश के लिए शिक्षा की गुणवत्ता और सर्व शिक्षा अभियान से आगे बढ़कर समावेशी व सतत शिक्षा की दिशा में बड़ी उपलब्धि है।

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उज्जैन/भोपाल । केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने उज्जैन में आयोजित द्वितीय वैश्विक आध्‍यात्मिक पर्यटन सम्मेलन “रूहmantic” में मध्य प्रदेश में बढ़ते पर्यटन की तारीफ की। उन्होंने कहा कि कभी राजस्थान के टूरिज्म सेक्टर में सबसे अच्छी निवेश नीति थी, लेकिन बुधवार काे मध्य प्रदेश ने राजस्थान को भी पीछे छोड़ दिया है। मध्य प्रदेश हार्ट ऑफ इंक्रेडिवल इंडिया है। मध्य प्रदेश के पास टूरिज्म सेक्टर में अपार संभावनाएं हैं। भारत के पास दुनिया की सबसे प्रचीन परंपरा और विरासत है।  केन्द्रीय मंत्री बुधवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ उज्जैन में आयोजित द्वितीय वैश्विक आध्‍यात्मिक पर्यटन सम्मेलन “रूहmantic” का दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारंभ किया। कार्यक्रम में देश-विदेश के 300 से अधिक आध्यात्मिक गुरू, विचारक और विशेषज्ञ शामिल हुए। मुख्य वक्ता के रूप में आध्यात्मिक गुरु गौरांग दास ने उपस्थित लोगों को संबोधित किया। सम्मेलन में 12 ज्योतिर्लिंगों, मंदिर अर्थव्यवस्थाओं और उज्जैन की आध्यात्मिक शक्ति पर विशेष सत्र आयोजित किए जा रहे हैं।  शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में देश की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ी है। देश में घरेलू पर्यटन बढ़ रहा है। उज्जैन में पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। पहले जितने लोग साल भर में आते थे, उतने अब एक से डेढ़ हफ्ते में आ जाते हैं। आज हर स्तर की पर्यटन संभावनाएं विकसित करने के लिए राज्यों के बीच गला काट प्रतियोगिता चल रही है। दुनियाभर से हज करने जाने वाले कुल लोग एक करोड़ 80 लाख हैं। उमरा करने के नाम पर जो लोग जाते हैं वो 10 मिलियन हैं। ये आंकड़े उज्जैन के साथ तुलना करूं तो कितने लोग हमारे हैं।  उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सॉफ्ट पावर हमारी ताकत बनेगी। इस संकल्प के साथ सभी को जुट जाने की आवश्यकता है। चुनौतियां हैं लेकिन ये सिर्फ हमारे सामने नहीं हैं बल्कि पूरे विश्व के सामने हैं। हम एक तरफ आर्थिक, सामाजिक और सामरिक नजरिए से भी प्रगति कर रहे हैं। इसके साथ ही कल्चरल गुड्स को रिवाइव करने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि तीर्थाटन और संत परंपरा ने भारत को एक बनाने का काम किया है।   पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) द्वारा पर्यटन मंत्रालय और मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड के सहयोग से होटल अंजुश्री में आयोजित इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि आज का काल भारत का है। दुनिया भारत की तरफ देख रही है। जिस प्रकार पूरब, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण हर तरफ से सुखद समाचार आ रहा है, जो हमसे अपने-आपको प्रतियोगी मान रहे हैं, लेकिन वे असुरक्षा में जी रहे हैं।   उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बाबा महाकाल से लेकर प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने का काम कर रही है। ऐसे में सेवा के काम कौन-कौन से हो सकते हैं और आने वाले दिनों में यात्रियों की सुविधाओं का सभी प्रकार से कैसे ध्यान रखा जाए। इन सारी व्यवस्थाओं पर विस्तार से चर्चा के लिए दिनभर सत्र चलेंगे। आज केन्द्रीय पर्यटन मंत्री ने कार्यक्रम का शुभारंभ भी किया। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के माध्यम से देश में आ रहे परिवर्तन के दौर की बात विस्तार से रखी है। हमें बड़ी-बड़ी सौगात आपके माध्यम से मिल रही हैं।   आध्यात्मिक गुरु गौरांग दास महाराज ने कहा कि स्पिरिचुअल टूरिज्म के लिए विश्व में 10 शहर लोकप्रिय हैं। इनमें भारत के चार शहर हैं। इनमें से तीन नार्थ इंडिया के हैं। प्रयागराज, अयोध्या में हर साल 5 करोड़ लोग आते हैं। तीसरा शहर है तिरुपति जहां तीन से चार करोड़ लोग हर साल पहुंचते हैं। चौथा शहर है वाराणसी। अभी तक मध्य प्रदेश का कोई शहर इसमें नहीं है। हमारी हार्दिक इच्छा है कि मुख्यमंत्री की पहल से जल्द ही उज्जैन का नाम इन शहरों में शामिल होगा।   उन्होंने कहा कि आज से 20 साल पहले जब उज्जैन में इस्कॉन मंदिर आने वाला था तब हमारे यहां 500 करोड़ का एक प्रकल्प प्लानिंग में था, लेकिन कुछ कारणवश वो प्रकल्प नहीं हो पाया। उस समय हमारे गुरु महाराज ने निर्णय लिया कि मध्यप्रदेश नहीं तो कहीं और लेकर आएंगे। तब मुख्यमंत्री उज्जैन डेवलपमेंट अथॉरिटी के चेयरमैन थे। उन्होंने हमारे महाराज से व्यक्तिगत रूप से संपर्क किया और अनुरोध किया कि मध्य प्रदेश के लिए यह बहुत जरूरी है कि यह संस्था आए।   उन्होंने कहा कि विश्व में कई सारे शहर हैं जो कुछ विशेष योजनाओं के लिए विकसित किए गए हैं, जैसे लॉस बेगॉस। यह इंटरटेनमेंट और नाइट लाइफ के लिए जाना जाता है। धर्म की भाषा में कहें तो सारे पाप कर्म वहां होते हैं। पाप कर्मों के लिए विशेष शहर बनाया गया है, आप कल्पना कीजिए, लेकिन एक अत्याधुनिक शहर जो पूरा आध्यात्मिक प्रकल्पों के साथ आध्यात्मिक चेतना को विकसित करने के लिए अभी भी देखना बाकी है। हमें यह खुशी है कि उसकी पहल हमारे मुख्यमंत्री उज्जैन से कर रहे हैं।

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नई दिल्‍ली । अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का रूसी तेल की खरीद के लिए भारत पर लगाया गया अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ बुधवार से प्रभावी हो गया। इस तरह भारत पर अमेरिका की ओर से लगाया गया कुल शुल्क अब 50 फीसदी हो गया है। इससे 48.2 अरब डॉलर के भारतीय निर्यात पर असर पड़ेगा। अमेरिका के होमलैंड सिक्योरिटी विभाग (डीएचएस) ने सोमवार को जारी मसौदा आदेश में कहा कि बढ़े हुए शुल्क उन भारतीय उत्पादों पर लागू होंगे जो "27 अगस्त, 2025 को पूर्वी डेलाइट समयानुसार रात 12:01 बजे या उसके बाद उपभोग के लिए प्रवेश किए गए हैं या उपभोग के लिए गोदाम से निकाले गए हैं।" भारत से अमेरिका भेजे जाने वाले सामानों पर 27 अगस्त से 50 फीसदी टैरिफ लागू हो गया है। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) की रिपोर्ट के मुताबिक यह नया टैरिफ भारत के लगभग 5.4 लाख करोड़ रुपये के निर्यात को प्रभावित कर सकता है। ट्रंप ने 07 अगस्त को ही रूसी कच्चे तेल की भारत द्वारा की जाने वाली खरीद के लिए भारतीय वस्तुओं पर शुल्क को दोगुना करके 50 फीसदी करने की घोषणा की थी, लेकिन समझौते पर बातचीत के लिए 21 दिन का समय दिया था। भारत के समान पर 50 फीसदी टैरिफ से अमेरिका में बिकने वाले कपड़े, जेम्स-ज्वैलरी, फर्नीचर, सी फूड जैसे भारतीय प्रोडक्ट्स महंगे हो जाएंगे। इससे इनकी मांग में 70 फीसदी की कमी आ सकती है। वहीं, चीन, वियतनाम और मेक्सिको जैसे कम टैरिफ वाले देश इन सामानों को सस्ते दाम पर बेचेंगे। इससे भारतीय कंपनियों की अमेरिकी बाजार में हिस्सेदारी कम होगी। ट्रंप का टैरिफ 70 और देशों पर भी हुआ लागूअमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने भारत पर 25 फीसदी का पारस्परिक टैरिफ लगाने की घोषणा की थी, जो 7 अगस्त को लागू हुआ, जिसके बाद करीब 70 अन्य देशों पर भी टैरिफ लागू हो गया। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत की ओर से रूसी कच्चे तेल की खरीद के लिए भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ को दोगुना कर 50 फीसदी करने की घोषणा की थी।

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कटरा । जम्मू-कश्मीर के कटरा में वैष्णो देवी मंदिर के पास भारी बारिश के कारण मंगलवार को हुए भूस्खलन में 32 लोगों की मौत हो गई है। रियासी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक परमवीर सिंह ने यह जानकारी दी।   भूस्खलन वैष्णो देवी मंदिर के मार्ग पर स्थित अधक्वारी गुफा मंदिर में इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास हुआ।   श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (एसएमवीडीएसबी) ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि अधक्वारी में इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास भूस्खलन की घटना हुई है, कुछ लोगों के घायल होने की आशंका है। आवश्यक जनशक्ति और मशीनरी के साथ बचाव अभियान जारी है।   अधिकारियों ने बताया कि चक्की नदी में मिट्टी के कटाव और अचानक आई बाढ़ के बाद पठानकोट कैंट और कंड्रोरी के बीच डाउन लाइन पर यातायात बाधित होने के कारण 18 ट्रेनें रद्द कर दी गईं।   इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पोस्ट में कहा कि घटना के तुरंत बाद राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीमें घटनास्थल पर पहुँच गई थीं। इस संबंध में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा जी से बात की है। स्थानीय प्रशासन घायलों की सहायता के लिए राहत और बचाव कार्य में लगा हुआ है और एनडीआरएफ की टीम भी वहाँ पहुँच रही है।   उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और अधिकारियों को दुर्घटना में घायल हुए लोगों को तत्काल सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया। सिन्हा ने कहा कि अधिकारी भारी बारिश के बीच जम्मू संभाग में स्थिति पर नज़र रख रहे हैं और लोगों से सलाह के पालन का आग्रह किया है।   अमित शाह से बात करने के बाद सीएम उमर अब्दुल्ला ने भी एक्स पर पोस्ट किया कि केंद्रीय गृह मंत्री से फोन पर बात की और उन्हें जम्मू-कश्मीर, खासकर जम्मू प्रांत की स्थिति के बारे में जानकारी दी जहाँ भारी और लगातार बारिश ने बहुत नुकसान पहुँचा है और सामान्य जीवन में व्यवधान पैदा किया है।   जल्द से जल्द फोन/डेटा कनेक्टिविटी बहाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

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अहमदाबाद । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को गुजरात के हंसलपुर स्थित सुजुकी मोटर प्लांट से कंपनी के पहले वैश्विक बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (बीईवी) ‘ई-विटारा’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। भारत में निर्मित यह इलेक्ट्रिक कार यूरोप और जापान जैसे उन्नत बाजारों सहित 100 से अधिक देशों में निर्यात की जाएगी।इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने हंसलपुर में सुजुकी की ईवी विनिर्माण सुविधा का दौरा किया और अहमदाबाद जिले के हंसलपुर में टीडीएस लिथियम-आयन बैटरी संयंत्र में हाइब्रिड बैटरी इलेक्ट्रोड के स्थानीय उत्पादन का उद्घाटन किया। यह संयंत्र टॉशिबा, डेंसो और सुजुकी का संयुक्त उपक्रम है। इसके माध्यम से बैटरी मूल्य का 80 प्रतिशत से अधिक भारत में ही निर्मित होगा, जिससे आत्मनिर्भर भारत अभियान को बल मिलेगा।   कार्यक्रम में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और सुजुकी मोटर कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (एमडी एवं सीईओ) हिसाशी ताकेउची सहित अन्य शीर्ष अधिकारी भी उपस्थित थे।

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नई दिल्ली । चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने भविष्य के युद्धों में जीत सुनिश्चित करने के लिए सभी क्षेत्रों में त्वरित और निर्णायक संयुक्त प्रतिक्रिया का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि भविष्य के युद्ध सीमाओं को नहीं पहचानेंगे। मजबूत नागरिक सैन्य एकीकरण के लिए सीडीएस ने भविष्य के युद्धों में विजय प्राप्त करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में क्षमताओं के विकास पर जोर दिया।   जनरल अनिल चौहान मंगलवार को मध्य प्रदेश के डॉ. अंबेडकर नगर स्थित आर्मी वॉर कॉलेज में 'युद्ध पर प्रौद्योगिकी का प्रभाव' विषय पर युद्ध, युद्ध कला और युद्ध संचालन पर अपनी तरह के पहले त्रि-सेवा सेमिनार ‘रण संवाद’ में मुख्य भाषण दे रहे थे। दो दिवसीय संगोष्ठी में सेवारत सैन्य पेशेवरों को रणनीतिक संवाद के अग्रभाग में लाया जाएगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 27 अगस्त को दूसरे और अंतिम दिन पूर्ण सत्र को संबोधित करेंगे। इस दौरान कुछ संयुक्त सिद्धांत और प्रौद्योगिकी परिप्रेक्ष्य एवं क्षमता रोडमैप भी जारी किए जाएंगे। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और एकीकृत लॉजिस्टिक को आगामी युद्धों में विजयी होने की कुंजी बताते हुए सीडीएस ने दोहराया कि 'संयुक्तता' भारत के परिवर्तन का आधार है।   उन्होंने संयुक्त प्रशिक्षण को संस्थागत बनाने और परिचालन क्षमता बढ़ाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर और क्वांटम जैसी निरंतर विकसित हो रही तकनीकों को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया। मजबूत नागरिक सैन्य एकीकरण के लिए सीडीएस ने भविष्य के युद्धों में विजय प्राप्त करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में क्षमताओं के विकास पर जोर दिया। भविष्य के युद्धों में विजय प्राप्त करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में क्षमताओं का विकास आवश्यक है।   जनरल चौहान ने कौटिल्य का हवाला देते हुए कहा कि भारत प्राचीन काल से ही विचारों और ज्ञान का स्रोत रहा है। युद्ध, नेतृत्व, प्रेरणा, मनोबल और तकनीक के विभिन्न आयामों पर गंभीर शोध किए जाने की आवश्यकता है। भारत को सशक्त, सुरक्षित, आत्मनिर्भर और विकसित बनना होगा और यह तभी संभव है, जब सभी हितधारक भविष्य के लिए तैयार सेनाओं के निर्माण में सामूहिक रूप से भाग लें। सीडीएस ने बताया कि रण संवाद का उद्देश्य वास्तविक अभ्यासकर्ताओं के लिए एक मंच तैयार करना है, ताकि एक ऐसा वातावरण तैयार किया जा सके, जहां नए विचारों के बीच सामंजस्य और सद्भाव, सैन्य-कर्मियों के अनुभव के साथ सह अस्तित्व में रह सके।

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नई दिल्ली । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने का नोटिफिकेशन जारी किए जाने का असर आज घरेलू शेयर बाजार पर भी साफ-साफ नजर आया। आज के कारोबार में सेंसेक्स और निफ्टी दोनों सूचकांक बड़ी गिरावट के साथ बंद हुए। आज के कारोबार की शुरुआत भी कमजोरी के साथ हुई थी। बाजार खुलने के तुरंत बाद मामूली खरीदारी भी हुई, लेकिन इसके बाद बिकवाली का दबाव बढ़ता चला गया, जिसकी वजह से दोनों सूचकांक जबरदस्त कमजोरी का शिकार हो गए। पूरे दिन के कारोबार के बाद सेंसेक्स 1.04 प्रतिशत और निफ्टी 1.02 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुए। आज दिन भर के कारोबार के दौरान एफएमसीजी के अलावा शेष सभी सेक्टोरल इंडेक्स गिरावट के साथ बंद हुए। डिफेंस, पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइज, रियल्टी और बैंकिंग सेक्टर में जम कर बिकवाली होती रही। इस बिकवाली के कारण निफ्टी का बैंक इंडेक्स 15 मई के बाद के सबसे निचले स्तर पर बंद हुआ। इसी तरह फार्मास्यूटिकल, ऑयल एंड गैस और मेटल इंडेक्स भी 1.50 प्रतिशत से अधिक की कमजोरी के साथ बंद हुए। इसके अलावा आईटी, ऑटोमोबाइल, कैपिटल गुड्स, कंज्यूमर ड्यूरेबल और टेक इंडेक्स भी कमजोरी के साथ बंद हुए। दूसरी ओर, एफएमसीजी इंडेक्स 0.59 प्रतिशत की मजबूती के साथ बंद हुआ। ब्रॉडर मार्केट में भी आज लगातार बिकवाली होती रही, जिसके कारण बीएसई का मिडकैप इंडेक्स 1.34 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ। इसी तरह स्मॉलकैप इंडेक्स ने 1.68 प्रतिशत की कमजोरी के साथ आज के कारोबार का अंत किया। आज शेयर बाजार में आई कमजोरी के कारण स्टॉक मार्केट के निवेशकों की संपत्ति में तीन लाख करोड़ रुपये से भी अधिक की कमी हो गई। बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन आज के कारोबार के बाद घट कर 451.63 लाख करोड़ रुपये (अनंतिम) हो गया। जबकि पिछले कारोबारी दिन यानी सोमवार को इनका मार्केट कैपिटलाइजेशन 455.02 लाख करोड़ रुपये था। इस तरह निवेशकों को आज के कारोबार से करीब 3.39 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो गया। आज दिन भर के कारोबार में बीएसई में 4,241 शेयरों में एक्टिव ट्रेडिंग हुई। इनमें 1,219 शेयर बढ़त के साथ बंद हुए, जबकि 2,885 शेयरों में गिरावट का रुख रहा, वहीं 137 शेयर बिना किसी उतार चढ़ाव के बंद हुए। एनएसई में आज 2,767 शेयरों में एक्टिव ट्रेडिंग हुई। इनमें से 610 शेयर मुनाफा कमा कर हरे निशान में और 2,157 शेयर नुकसान उठा कर लाल निशान में बंद हुए। इसी तरह सेंसेक्स में शामिल 30 शेयरों में से 5 शेयर बढ़त के साथ और 25 शेयर गिरावट के साथ बंद हुए। जबकि निफ्टी में शामिल 50 शेयरों में से 8 शेयर हरे निशान में और 42 शेयर लाल निशान में बंद हुए।बीएसई का सेंसेक्स आज 258.52 अंक की कमजोरी के साथ 81,377.39 अंक के स्तर पर खुला।   कारोबार की शुरुआत होने के बाद पहले मिनट में ही खरीदारी के सपोर्ट से ये सूचकांक उछल कर 81,450.28 अंक तक पहुंचा, लेकिन इसके बाद बाजार पर पूरी तरह से बिकवालों का कब्जा हो गया। दोपहर 11 बजे के बाद खरीदारों ने लिवाली का जोर बनाकर बाजार को सहारा देने की कोशिश भी की, लेकिन दोपहर 2 बजे के बाद बिकवाली का दबाव और बढ़ गया, जिससे ये सूचकांक 949.93 अंक टूट कर 80,685.98 अंक तक गिर गया। आखिरी वक्त में इंट्रा-डे सेटलमेंट की वजह से हुई मामूली खरीदारी के कारण सेंसेक्स निचले स्तर से करीब 100 अंक की रिकवरी करके 849.37 अंक की गिरावट के साथ 80,786.54 अंक के स्तर पर बंद हुआ। सेंसेक्स की तरह ही एनएसई के निफ्टी ने आज 68.25 अंक फिसल कर 24,899.50 अंक के स्तर से कारोबार की शुरुआत की। बाजार खुलते ही खरीदारी के सपोर्ट से ये सूचकांक उछल कर 24,919.65 अंक तक पहुंचा, लेकिन इसके बाद बिकवाली का चौतरफा दबाव बन जाने के कारण इस सूचकांक की चाल में जोरदार गिरावट आ गई। लगातार हो रही बिकवाली के दौरान खरीदार कई बार लिवाली की कोशिश भी करते रहे, लेकिन बिकवाली का दबाव इतना अधिक था कि खरीदारों की कोई भी कोशिश सफल नहीं हो सकी। लगातार हो रही बिकवाली की वजह से आज का कारोबार खत्म होने के थोड़ी देर पहले ये सूचकांक 278.15 अंक लुढ़क कर 24,689.60 अंक तक गिर गया। हालांकि आखिरी वक्त में दिन के सौदों के निपटारे के कारण हुई मामूली खरीदारी के सपोर्ट से निफ्टी निचले स्तर से 20 अंक से अधिक की रिकवरी करके 255.70 अंक की कमजोरी के साथ 24,712.05 अंक के स्तर पर बंद हुआ। आज दिन भर हुई खरीद बिक्री के बाद स्टॉक मार्केट के दिग्गज शेयरों में से आयशर मोटर्स 2.68 प्रतिशत, हिंदुस्तान यूनिलीवर 2.32 प्रतिशत, मारुति सुजुकी 1.81 प्रतिशत, आईटीसी 1 प्रतिशत और नेस्ले 0.80 प्रतिशत की मजबूती के साथ आज के टॉप 5 गेनर्स की सूची में शामिल हुए। दूसरी ओर, श्रीराम फाइनेंस 4.21 प्रतिशत, सन फार्मास्युटिकल्स 3.40 प्रतिशत, टाटा स्टील 2.88 प्रतिशत, बजाज फाइनेंस 2.73 प्रतिशत और ट्रेंट लिमिटेड 2.36 प्रतिशत की कमजोरी के साथ आज के टॉप 5 लूजर्स की सूची में शामिल हुए।

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  लगेगी शांडिल्य गुरु की प्रतिमा      कोलार रोड के दूसरे छोर भदभदा चौराहे पर उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने  ब्रह्मलीन बालगोविंद शांडिल्य गुरुजी की प्रतिमा स्थापना तथा चौराहे के सौंदर्यीकरण का भूमि-पूजन किया। सौंदर्यीकरण के लिये 8 लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं।   श्री गुप्ता ने कहा कि सरकार शहर के विकास के लिये सतत प्रयत्नशील है। उन्होंने शासन की विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि नागरिक शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये आगे आयें। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि घर-घर जाकर नागरिकों को शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये प्रेरित करें। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा कोटरा में सड़क भूमि-पूजन उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने आई-5 शासकीय आवास कोटरा के पास सड़क निर्माण का भूमि-पूजन किया। सड़क की लागत 20 लाख है। श्री गुप्ता ने सड़क का कार्य गुणवत्तापूर्ण करवाने के निर्देश दिये। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।     Attachments area          

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      मध्यप्रदेश के प्राचीन मंदिरों में भगवान के दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को अब प्रदेश के पुरावैभव, कला और संस्कृति की झलक भी वहां देखने को मिलेगी। इसके लिए राज्य सरकार मंदिरों में संग्रहालयों का निर्माण कराएगी। इस योजना को संस्कृति, धर्मस्व और पुरातत्व विभाग मिलकर अंजाम देंगे। मध्यप्रदेश में इस समय कई प्रसिद्ध मंदिर है जहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है। लेकिन इन मंदिरों में फिलहाल प्रदेश की कला-संस्कृति, इतिहास  और पुरावैभव की झलक दिखाने वाले संग्रहालय नहीं है। राज्य सरकार का सोचना है कि जो श्रद्धालु प्रदेश के प्राचीन मंदिरों में पहुंच रहे है वहां उन्हें भगवान के दर्शन के साथ-साथ प्रदेश के पुरावैभव और कला तथा संस्कृति से भी अवगत कराया जाए। इसके लिए इन मंदिरों के ट्रस्टों के पास मौजूद अपार धनराशि का उपयोग किया जाएगा। इन मंदिरों में सबसे पहले बनेंगे संग्रहालय- मध्यप्रदेश में उज्जैन में महाकाल मंदिर, खजराना मंदिर, सतना के मैहर मंदिर, पशुपतिनाथ मंदिर सहित कई ऐसे प्रमुख मंदिर है जहां मंदिरों की देखरेख और संरक्षण के लिए बनाए गए ट्रस्टों के पास श्रद्धालुओं के दान से मिली अपार धन संपदा स्थित है। इन्हीं मंदिरों में सबसे पहले संग्रहालय बनाने की शुरुआत की जाएगी।  इन मंदिरों के समीप काफी जमीन और भवन स्थित है। शिव मंदिरों में सभी बारह ज्योर्तिलिंगों के बारे में पूरी जानकारी एकत्रित कर प्रदर्शित की जाएगी। इसी तरह गणेश मंदिरों में गणेशजी के सभी स्वरुपों उनके इतिहास और महत्व को प्रदर्शित किया जाएगा। भोपाल के समीप स्थित भोजपुर मंदिर में दो सौ मीटर के दायरे के बाहर संग्रहालय बनाने का प्रस्ताव है। यहां भोजपुर के विशालकाय शिवलिंग और मंदिर के निर्माण की एतिहासिक प्रामाणिक  जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। यह मंदिर कब बना, इस तरह के मंदिर और कहां-कहां बनाए जाने थे। यह अधूरा क्यों रह गया। मंदिर के आसपास मिलने वाले शिवलिंग और अन्य पुराधरोहरों को भी यहां संग्रहित किया जाएगा। भोपाल में भी मुस्लिम धर्मावलंबियों से जुड़ी जानकारी, मध्यप्रदेश के प्राचीन नवाबों से जुड़े इतिहास की प्रामाणिक जानकारी गौहर महल या अन्य स्थानों पर प्रदर्शित की जाएगी। मिडटाउन में दुनिया की सबसे बड़ी सेंट पीटर चर्च में संग्रहालय भी है। वेटिकन सिटी में भी म्युजियम है वहां कई तरह के चित्र प्रदर्शित किए गए है। इन चित्रों में इन देशों की कला और संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। जापान में म्युजियम आॅफ पैरासाइड है। भारत के कई राज्यों में भी मंदिर, मस्जिद और चर्च के साथ संग्रहालय लगे हुए है। मध्यप्रदेश में फिलहाल मंदिर, मस्जिद और गिरिजाघरों में संग्रहालय नहीं है। प्रमुख सचिव संस्कृति मनोज श्रीवास्तव ने कहा प्रदेश के मंदिरों पर अब संग्रहालय बनाने की राज्य सरकार की योजना है। इसके जरिए प्रदेश के नागरिकों को धार्मिक आस्था के केन्द्रों पर पहुंचने पर वहां संग्रहालयों में प्रदेश के इतिहास, कला और संस्कृति के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।     Attachments area          

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  कोलार अवैध कब्जों का अड्डा बना    कोलार में राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों और तहसीलदारों की शह पर बेशकीमती जमीन पर जहां-तहां झुग्गियों का निर्माण करने के अलावा दीवारें तानकर अतिक्रमण किया जा रहा है। इन अतिक्रामकों को रोकने के बजाय अफसर उन्हें प्रश्रय दे रहे हैं। कोलार का दशहरा मैदान इसका ताजा उदाहरण है, जहां पिछले माह लगी आग में 50 झुग्गियां खाक हो गईं थी अब वहां 100 से ज्यादा झुग्गियां और मकान बन गए हैं।   लगातार अतिक्रमण बढ़ने की शिकायतों को लेकर एक सप्ताह पहले एडीएम रत्नाकर झा ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए थे कि वे सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाएं। साथ ही सूची तैयार करें, ताकि सरकारी जमीनों पर जमा अतिक्रमणों को हटाया जा सके। हुजूर एसडीएम और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही से फिर कोलार दशहरा मैदान की सरकारी जमीन पर दर्जनों झुग्गियां तन गर्इं।  प्रशासन के सामने यहां पर झुग्गियां बनती गई, लेकिन उन्हें रोकने की हिम्मत किसी ने नहीं की।   डेढ़ साल पहले निगम चुनाव के पूर्व मुख्यमंत्री ने हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के कहने पर कोलार दशहरा मैदान में स्टेडियम बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद कलेक्टर निशांत वरवड़े ने यहां पर दौरा कर एसडीएम माया अवस्थी को झुग्गियां शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अब तक यहां पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।   कोलार दशहरा मैदान के किनारे बनी अवैध झुग्गियां में तीन साल से एक ही स्थान पर आग लग रही है। यहां 40-50 झुग्गियों में आग लगती है और इसके बाद नई 100 झुग्गियां बन जाती हैं। तीन साल में इस स्थान पर 300 से अधिक झुग्गियां अवैध बन गई। लेकिन प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।     Attachments area          

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  पत्र  में प्रज्ञा ने कैंसर की बीमारी का हवाला भी दिया      मालेगांव बम ब्लास्ट में क्लीन चिट मिलने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने अपने तेवर दिखाए हैं। सिंहस्थ में जाने की जिद पर अड़ीं साध्वी ने पंडित खुशीलाल आयुर्वेदिक अस्पताल में आमरण अनशन शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि सरकार ने उन्हें परमिशन नहीं दी, तो वे 21 मई को जल समाधि ले लेंगी। कैंसर से पीड़ित प्रज्ञा ने दवाइयां खाने से भी इनकार कर दिया है। प्रज्ञा ने राज्य सरकार को लिखे पत्र  में कहा कि वे कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रही हैं। हो सकता है कि अगला कुंभ न देख पाएं।इस मसले  पर बोलने से प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।  साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट मिलने के बाद से माना जा रहा है कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का सॉफ्ट कॉर्नर उनके प्रति बढ़ा है। उनके अनशन के मामले में प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर से जब पूछा गया कि सरकार क्या करेगी, तो विवादों से बचने के लिए उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया । गौरतलब है कि साध्वी लगभग सात सालों से जेल में बंद थीं, लेकिन कैंसर के इलाज के लिए कोर्ट ने उन्हें अस्पताल में रहने की परमिशन दी है। प्रज्ञा ने रविवार को लेटर लिखकर शिवराज सरकार से उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ में शामिल होने की परमिशन मांगी थी।उन्होंने यह भी लिखा था कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो वे आमरण अनशन करेंगी। प्रज्ञा ने लिखा, 'वो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं और शायद अगला कुंभ न देख पाएं। इसलिए उनकी अंतिम इच्छा है कि वे उज्जैन कुंभ में जाएं।' प्रज्ञा ने राज्य सरकार समेत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को भी लेटर की कॉपी भेजी है। लेटर के मुताबिक, प्रज्ञा ने सोमवार सुबह 9 बजे तक का समय दिया था। मांग पूरी नहीं होने के कारण वे अपने कुछ सपोर्टर्स के साथ अस्पताल परिसर में ही आमरण अनशन पर बैठ गई हैं। प्रज्ञा ने लेटर में लिखा कि मैं अन्न जल त्याग दूंगी। अगर मुझे कुछ होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी मध्य प्रदेश सरकार की होगी। उन्होंने अपनी सिक्युरिटी को लेकर भी चिंता जाहिर की है। उन्होंने लिखा कि मेरे साथ पहले एसएएफ के जवान रहते थे। उनके हटाए जाने से मेरी जान को खतरा हो सकता है। प्रज्ञा ने जेड प्लस सुरक्षा की मांग की और सवाल पूछा कि जब देवास जिला कोर्ट ने उज्जैन जाने की अनुमति दे दी है, तो फिर सिक्युरिटी का हवाला देकर सरकार कोर्ट की अवमानना क्यों कर रही है? प्रज्ञा की चिट्ठी उनके सबसे विश्वसनीय भगवान झा लेकर पहुंचे थे। जेल सुपरिंटेंडेंट ने भगवान झा को भरोसा दिया के वह मामले को सीनियर अफसरों तक पहुंचा देंगे। भगवान झा ने कहा, 'सरकार के पास पुलिस की कोई कमी नहीं है। इसलिए साध्वी की सिंहस्थ यात्रा सुनिश्चित करा दी जाए, नहीं तो गंभीर परिणाम होंगे।'     Attachments area          

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  हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने किया 2.16 करोड़ की सड़क निर्माण का भूमि पूजन ।कोलार मुख्य मार्ग के समानांतर इस मार्ग से 2 लाख नागरिक होंगे सीधे लाभान्वित ।कोलार वासियो को विभिन्न मार्गो के माध्यम से नये भोपाल , होशंगाबाद रोड , जाने में होगी सहूलियत ।कोलार में बढ़ते ट्रैफिक पर नियंत्रण में हुज़ूर विधायक की कारगर पहल सफल ।हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा के अथक प्रयासों से कोलारवासियो को ट्रैफिक जाम से आये दिन होने वाली दिक्कतों से निज़ात मिलने जा रही है । बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान (कोलार मुख्य मार्ग) तक  बायपास रोड का निर्माण कराया जा रहा है । आज हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने रानी अवंतीबाई मार्ग से मंदाकनी मैदान को जोड़ने वाली सड़क निर्माण कार्य का भूमि पूजन भूमिका रेसीडेंसी पर किया । 2 करोड़ 16 लाख की लागत से बनने वाली 4200 मीटर इस सड़क की चौड़ाई 7.5 मीटर रहेगी, इस सड़क का निर्माण राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा किया जायेगा । श्री शर्मा ने बताया की कोलार मुख्य मार्ग पर आये दिन लगने वाले ट्रैफिक जाम से छुटकारा पाने के लिये इस बाय पास रोड का निर्माण कराया जा रहा है , उन्होंने बताया की बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग का निर्माण पूर्व में कराया जा चूका है । यह रोड  लोक निर्माण विभाग द्वारा बनायीं गयी है  गौरतलब है की उक्त सड़क का भूमि पूजन विधायक शर्मा द्वारा विधायक बनने के तत्काल बाद किया गया था । बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग तक इस सड़क की दूरी कुल 2 किलोमीटर है ।बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान पर कोलार मुख्य मार्ग पर जोड़ने वाले इस बायपास की कुल दूरी 6 किलोमीटर है । श्री शर्मा ने बताया की बहुत जल्द ही जे के अस्पताल के सामने इस मार्ग के जंक्शन पर एक पुल का निर्माण भी कराया जायेगा जो की सीधा शाहपुरा, भरत नगर , हबीबगंज , चुनाभट्टी , अथवा नये भोपाल को जोड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण के पश्च्यात कोलार के किसी भी नागरिक को ट्रैफिक जाम या आपातकालीन स्थिति में परेशान नहीं होना पड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग से कोलार सहित आसपास के लगभग 2 लाख नागरिक इससे सीधे लाभान्वित होंगे ।  श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण से पूर्व  उनके द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियो अधिकारियो एवं स्थानीय नागरिको के साथ दौरा किया गया । फलस्वरूप कोलार को ट्रैफिक से निजात दिलाने के लिये इस बायपास के निर्माण का निर्णय लिया गया । श्री शर्मा ने बताया की घनी आबादी वाले कोलार में नागरिको की सुविधा के मद्देनज़र इस मार्ग का  अलग अलग भागो में निर्माण कराया गया है , जिससे नागरिको को इसका लाभ पहुँच सके !  श्री शर्मा ने स्थानीय नागरिको को संबोधित करते हुए कहा की कोलार के समग्र विकास में निरंतर आपके द्वारा मिल रहे इसी प्रकार के सहयोग की आवश्यकता है आप सब के सहयोग से हम ग्रीन कोलार क्लीन कोलार का निर्माण करेंगे । कार्यक्रम के दौरान श्री शर्मा का स्थानीय नागरिको द्वारा बड़ी फूलो की माला पहनाकर सड़क निर्माण के लिए अभिन्दन किया गया !  मार्ग से लाभान्वित क्षेत्र  एक नज़र में -: बैरागढ़ चीचली , दौलतपुर ,धोली खदान, प्रियंका नगर ,हिनोतिया गांव ,मानसरोवर डेंटल कॉलेज, सुहागपुर ,पिपलिया, गुराडी , सेमरी ,अमरावत कलां ,सोहागपुर ,बांसखेड़ी झुग्गी बस्ती ,सन खेड़ी झुग्गी बस्ती, आकाश नगर , गिरधर परिसर ,सैफरॉन सिटी ,कृष्णा होम्स ,गिरधर गार्डन ,शिवालय परिसर ,सर्वजन सोसाइटी ,डी के 5 ,जे के अस्पताल , सागर प्रीमियम टॉवर, भूमिका रेसीडेंसी ,वेस्टर्न कौर्ट एवं मंदाकनी सोसायटी आदि इस मार्ग पर अन्य रहवासियो  को इस बाय पास का  सीधा लाभ पहुंचेगा ।होशंगाबाद रोड से जुड़ेगा यह मार्ग यह मार्ग चार बत्ती चौराहे से कालीबाड़ी पुल से होते हुए बाबड़िया रेल्वे फाटक से होशंगाबाद रोड से सीधा जुड़ेगा ।दानिश कुंज से कलियासोत नदी पर सलैया पुल के माध्यम से मिसरोद (होशंगाबाद रोड) से सीधा जुड़ेगा ।कार्यक्रम में विशेष रूप से स्थानीय पार्षद एवं एम आई सी सदस्य भूपेंद्र माली ,पार्षद पवन बोराना, मंडल उपाध्यक्ष श्याम मीना, बी एस वाजपेयी , महेश तिवारी , इक़बाल खान , अमित शुक्ल, दीपक माथुर , अरुण तिवारी , डी ले पालीवाल , एस एस सेंगर ,शोभा सिकरवार , श्रीमती गीता मिश्रा,गणेश तिवारी,राजेश सेंगर , राज शर्मा , प्रदीप पाटीदार ,आकाश श्रीवास्तव,सहित बड़ी संख्या में माताये बहने कॉलोनी वासी उपस्थित रहे ।  

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कोलार के वार्ड 82 में आने वाले दानिशकुंज कॉलोनी में नगर निगम द्वारा काम नहीं कराने के बाद भी पार्षद द्वारा निर्माण को लेकर बोर्ड लगाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। गलत जानकारी को लेकर आज दोपहर कांग्रेस पार्षदों, स्थानीय नेताओं और रहवासियों का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम आयुक्त छवि भारद्वाज से मिला। इन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पार्षद जानबूझकर श्रेय की राजनीति कर रहे हैं। जबकि, जनता गर्मी में पानी के लिए हाहाकार मचा रही है, फिर भी उन्हें पानी नहीं दिया जा रहा है। पार्षदों ने यह की मांग : कांग्रेस पार्षद संतोष जितेंद्र कंसाना, मोनू सक्सेना, मनजीत मारण, अमित शर्मा, राहुल सिंह राठौर, अखिलेश जैन सहित रहवासियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयुक्त भारद्वाज से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। इसके अनुसार तत्काल गलत जानकारी देने वाले भाजपा पार्षद भूपेंद्र माली के बोर्ड को नगर निगम प्रशासन हटाए। साथ ही इस मामले में जांच कराएं कि कहीं दानिशकुंज में कराए गए डामर के भुगतान की फर्जी फाइल तो निगम के कार्यालय नहीं पहुंच गई। यदि प्रशासन बोर्ड नहीं लगाएगी, तो कांग्रेसी भी हर वार्ड में ऐसे बोर्ड लगाएगी। दानिशकुंज कॉलोनी में करीब एक करोड़ राशि से डामर कराया गया है। इस पर स्थानीय पार्षद ने खुद डामर कराने के बोर्ड पूरी कॉलोनी में लगा दिए। वहीं, दानिशकुंज सोसायटी ने भी एक विज्ञापन जारी करके कहा कि वह निर्माण उसने कराया है। कुछ लोगों के यहां निर्माण नहीं कराया गया है, वो लोग जल्द ही बकाया राशि जमा कर दें, ताकि बचे हुए स्थानों पर भी डामरीकरण कराया जा सके।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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लखनऊ। एक्सिओम मिशन 4 के मिशन पायलट के रूप में इंटरनेशनल स्पेस सेंटर पर तिरंगा फहराने वाले ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का सोमवार को लखनऊ पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। एयरपोर्ट से लेकर गोमतीनगर विस्तार मेें स्थित सिटी मांटेसरी स्कूल (सीएमएस) तक रोड शो निकाला गया।   चौधरी चरण सिंह अन्तरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल ने उनका स्वागत किया। एयरपोर्ट पर उनके स्वागत के लिए बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे और उनके समर्थक मौजूद रहे। एयरपोर्ट के बाहर सड़क की दोनों ओर छात्र छात्राएं हाथों में तिरंगा लिये शुभांशु के स्वागत में खड़े थे। बारिश के बावजूद छात्रों के उत्साह में कोई कमी नहीं ​थी।     गोमतीनगर विस्तार स्थित सीएमएस में शुभांशु ने छात्रों में जोश भरते हुए कहा कि आज मेरे लिए बहुत डिफरेंट फीलिंग है। आप सबने जो कुछ किया उसके लिए आभार। उन्होंने कहा कि मैं उतना टैलेंटेड नहीं हूं, जितना आप लोग हो। आप लोग भी भविष्य में बहुत तरक्की करोगे। शुभांशु ने कहा कि मैं पिछले एक साल से काम कर रहा था। सही समय पर सही अपॉर्च्युनिटी मिली। किसी ने नहीं पूछा की स्टेशन पर क्या किया। सबने पूछा आप एस्ट्रोनॉट कैसे बने। मैं बहुत खुश हूं, मुझे बहुत सप्राइज मिले। लखनऊ मेरा घर है यहां आकर बहुत खुशी मिली। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने पत्रकारों से कहा कि अंतरिक्ष यात्री एवं हमारे देश की शान शुभांशु शुक्ला का स्वागत करते हुए गर्व का अनुभव कर रहा हूं। उत्तर प्रदेश के लिए आज अतिविशेष और महत्वपूर्ण दिन है। आज की युवा पीढ़ी और देश की आने वाली पीढ़ियों के लिए सदैव एक प्रेरणास्रोत हैं। दुनियाभर में निवासरत भारतीयों को गौरवान्वित करने के लिए शुभांशु का बहुत बहुत अभिनन्दन। अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला के स्वागत में लखनऊ नगर निगम की ओर से शहर में कई तोरणद्वार बनवाये गये हैं। लोकभवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में नागरिक अभिनंदन भी किया जाएगा।  

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फिजी के अपने समकक्ष सिटिवेनी राबुका के साथ सोमवार को यहां बैठक के बाद कहा कि दोनों देशों के बीच भले ही महासागरों की दूरी हो, लेकिन हमारी आकांक्षाएं एक ही नाव पर सवार हैं।   भारत और फिजी के बीच यहां के हैदराबाद हाउस में हुई बैठक के दौरान 8 समझौते हुए और 17 घोषणाएं की गईं। दोनों देशों ने स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, साइबर सुरक्षा, मानकीकरण और रक्षा सहयोग से जुड़े समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इसमें फिजी में सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल की स्थापना, दवाओं की आपूर्ति, कौशल विकास तथा त्वरित प्रभाव परियोजनाओं को लागू करने में सहयोग महत्वपूर्ण हैं। दोनों देशों ने मानव संसाधन क्षमता निर्माण, तकनीकी सहयोग और गतिशीलता बढ़ाने के लिए भी करार किए।   घोषणाओं में भारतीय नौसेना का फिजी दौरा, रक्षा अटैची की नियुक्ति, एंबुलेंस और चिकित्सा सेवाओं का उपहार, साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना और कृषि क्षेत्र में ड्रोन व मोबाइल सॉयल टेस्टिंग लैब्स की आपूर्ति शामिल है। धार्मिक, शैक्षणिक और सांस्कृतिक सहयोग के तहत हिंदी-संस्कृत अध्यापक, पंडितों का प्रशिक्षण, जयपुर फुट कैंप और क्रिकेट कोच की नियुक्ति की जाएगी। इसके अलावा, ‘हील इन इंडिया’ कार्यक्रम के अंतर्गत विशेष चिकित्सा सुविधा प्रदान होगी तथा भारतीय ‘घी’ को फिजी के बाजार में प्रवेश मिलेगा।   विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पोस्ट में बताया कि प्रधानमंत्री मोदी और फिजी के प्रधानमंत्री राबुका ने आज हैदराबाद हाउस में व्यापक और उपयोगी बातचीत की। इस दौरान रक्षा, व्यापार, स्वास्थ्य सेवा, कृषि, गतिशीलता, लोगों के बीच आपसी संबंधों और एक सुदृढ़ एवं समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए साझा दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने जैसे क्षेत्रों में भारत और फिजी के संबंधों को मज़बूत करने पर चर्चा हुई। दोनों नेताओं ने स्वास्थ्य सेवा, क्षमता निर्माण, गतिशीलता, मानकीकरण, आईसीईटी और व्यावसायिक सहयोग सहित विभिन्न क्षेत्रों में समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान किया।   प्रधानमंत्री मोदी ने आईपीओआई फोरम में सदस्य देश के रूप में फिजी का स्वागत भी किया। फिजी के प्रधानमंत्री राबुका 24 से 26 अगस्त तक भारत के आधिकारिक दौरे पर हैं। आज उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के साथ आपसी सहयोग पर व्यापक चर्चा की। दोनों नेताओं ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाया और आपसी सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई।   वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं ने जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल साउथ की आवाज़ को मजबूत करने और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति, स्थिरता तथा विकास को प्राथमिकता देने पर बल दिया। फिजी ने भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए समर्थन दोहराया। प्रधानमंत्री राबुका ने भारत की मेहमाननवाजी के लिए आभार व्यक्त किया।

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नई दिल्ली । उच्चतम न्यायालय ने अपने कॉमेडी शो में दिव्यांगों और गंभीर शारीरिक समस्याओं से जूझ रहे लोगों का मजाक बनाने वाले समय रैना, विपुल गोयल, बलराज घई, सोनाली ठक्कर और निशांत तंवर को अपने यूट्यूब चैनल पर माफी मांगने का आदेश दिया है। जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश दिया। न्यायालय के निर्देश के मुताबिक सभी साेमवार काे पेश हुए। सोनाली ठक्कर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पेश हुईं। उच्चतम न्यायालय ने सरकार से सोशल मीडिया के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने को कहा है ताकि अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार के साथ सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर की जवाबदेही भी सुनिश्चित की जा सके। न्यायालय ने कहा कि इस मामले से जुड़े सभी पक्षकारों से मशविरा कर ऐसी दिशा-निर्देश बनाई जाए जिनका मकसद सिर्फ एक ऐसी घटना से निपटना न होकर होकर भविष्य की जरूरतों के मुताबिक हो। याचिका क्योर एसएमए इंडिया फाउंडेशन ने दायर की है। याचिका में समय रैना द्वारा दिव्यांगों का मजाक उड़ाने का आरोप लगाया गया है। याचिका में कहा गया है कि दिव्यांगों के अधिकारों का उल्लंघन करने वाले ऑनलाइन शो के कंटेंट के रेगुलेशन का दिशा-निर्देश जारी करना चाहिए। इसके पहले भी उच्चतम न्यायालय इंडिया गॉट टैलेंट शो को लेकर इस शो को होस्ट करने वाले रणबीर अलाहाबादिया को फटकार लगा चुका है। बाद में शो का नैतिक स्तर बनाये रखने की अंडरटेकिंग देने के बाद अलाहाबादिया को राहत मिली थी।

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अररिया । बिहार में जारी कांग्रेस की 'वोटर अधिकार यात्रा' रविवार को अररिया पहुंची। यहां लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और चुनाव आयोग को निशाने पर लिया। राहुल गांधी ने अपने संबोधन में दलित, पिछड़ा, अति पिछड़ा और अल्पसंख्यको को साधने का प्रयास भी किया।   राहुल गांधी और तेजस्वी यादव का काफिला रविवार को पूर्णिया से अररिया के जीरो माइल पहुंचा, जहां महागठबंधन दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। आयोजित सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि देश में दो विचारधाराएं चल रही हैं। एक संविधान के अनुरूप है, जबकि दूसरी भेदभाव वाली। भाजपा चाहती है कि दलित, पिछड़ा, अति पिछड़ा और अल्पसंख्यकों की आवाज दबी रहे।    राहुल गांधी ने डॉ. भीमराव अंबेडकर और संविधान की किताब को दिखाते हुए कहा कि यह संविधान बचाने की लड़ाई है।  संविधान कहता है कि हिन्दुस्तान में प्रत्येक नागरिक को एक वोट मिलेगा। वह अंबानी का बेटा हो या किसी गरीब का बेटा। एक वोट देने का अधिकार संविधान ने हम सभी को दिया है। लेकिन महाराष्ट्र, हरियाणा और कर्नाटक में वोट चोरी किए। बिहार में भी मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के नाम पर 65 लाख मतदाताओं के नाम काट दिए गए। जीवित लोगों को मृत घोषित कर दिया गया। पर बिहार के लोग ऐसा होने नहीं देंगे। यहां एक भी वोट की चोरी नहीं होगी। राहुल गांधी ने कहा देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी बिहार में है। बिहार के गरीब लोग दूसरे प्रांतों में जाकर मेहनत मजदूरी करते हैं। बिहार में रोजगार नहीं मिलता है। बिहार के लोगों को, बिहार में ही रोजगार मिलना चाहिए। बिहार में बदलाव और तेजी से प्रगति होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार के किसानों का ऋण उनकी मृत्यु हो जाने के बाद भी माफ नहीं होता, लेकिन अरबपतियों का कर्जा माफ होता है।    उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने सारे रस्ते बंद कर दिए हैं। अग्निवीर के माध्यम से रास्ता खोला गया या बंद किया गया, यह युवा शक्ति समझ और जान सकते हैं। उन्होंने कहा कि पब्लिक सेक्टर को प्राइवेट सेक्टर में बदल दिया गया। आज देश का पूरा घन 10-15 लोगों के हाथों में है। अब लोगों के हक और अधिकार को चुराने में लगे हैं। गरीब, पिछड़ों, अति पिछड़ों और अल्पसंख्यकों की आवाज को अनसुना किया जा रहा है।    तेजस्वी यादव ने इस मौके पर कहा कि केंद्र सरकार एसआईआर के माध्यम से वोट चोरी का अभियान चला रही है। केंद्र सरकार इतने दिनों से जुमला ही सुना रही हैं। हम पर केस कराया गया। हिम्मत है तो देश के हर थाने में केस दर्ज करा दें। हम बिहारी डरते नहीं हैं। उन्होंने कहा कि बिहार और बिहारियों का अस्तित्व नहीं मिटने देंगे।   अररिया पहुंची यात्रा में पूर्णिया सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव, विकासशील इन्सान पार्टी (बाईपी) के अध्यक्ष मुकेश सहनी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, कांग्रेस विधायक डॉ. शकील अहमद खान समेत बड़ी संख्या में मागठबंधन के नेता और कार्यकर्ता शामिल थे।

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उज्जैन । महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकाल के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। उन्होंने गर्भगृह के द्वार से भगवान महाकाल की पूजा-अर्चना की और मंदिर के नंदी हॉल में बैठकर ध्यान किया। इस दौरान उन्होंने अपने राज्य के नागरिकों की सभी सुख-समृद्धि की कामना की।   उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे रविवार सुबह उज्जैन पहुंचे। यहां उन्होंने श्री महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन कर पूजन-अर्चन किया। मंदिर के पुजारियों ने मंत्रोच्चार के साथ पूजन कराया। शिंदे ने सभामंडप में विराजित भगवान वीरभद्र के भी दर्शन किए। मंदिर प्रबंध समिति की ओर से सहायक प्रशासक आशीष कलवाड़िया ने उन्हें प्रसाद भेंट किया और दुपट्टा ओढ़ाकर स्वागत किया।   इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि भगवान महाकाल के दर्शन करने के बाद बहुत ही आनंद प्राप्त हुआ है। यहां पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं और भगवान का आशीर्वाद लेकर खुशी-खुशी अपने घर लौटते हैं। यहां पर आने पर एक ऊर्जा और प्रेरणा मिलती है, यहां पर आने के बाद एक सेवाभाव हर कोई लेकर जाता है। आज हमारे सभी लोगों ने भगवान महाकाल के दर्शन किए।   शिंदे ने कहा कि महाराष्ट्र की धरती से आज हम महाकाल मंदिर आए हैं। महाराष्ट्र के किसान, बहू-बेटियों और जनता को भगवान महाकाल का आशीर्वाद प्राप्त हो। सभी सुखी-समृद्ध और आनंदित हो जाए। महाराष्ट्र भी फले-फूले और समृद्ध हो जाए। महाराष्ट्र का गौरव बढ़े, विकास बढ़े। सभी लोगों के जीवन में सुख, आनंद और खुशियां आए। भगवान महाकाल से यह प्रार्थना हमने की है।   उन्होंने कहा कि भगवान महाकाल तो स्वयं से सब जानते हैं। भगवान महाकाल से यह भी प्रार्थना की है कि हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी उनका आशीर्वाद मिलता रहे। वह हमारे देश का ऐसे ही गौरव बढ़ाते रहें। वह देश को दुनिया में आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। देश भी सुख-समद्ध हो और देश के सभी लोगों को भगवान महाकाल का आशीर्वाद प्राप्त हो।

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जबलपुर । केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को जबलपुर में मध्य प्रदेश के सबसे लंबे फ्लाईओवर का लोकार्पण किया। यह फ्लाईओवर 1150 करोड़ रुपये की लागत से बना है। सात किलोमीटर लंबे इस फ्लाईओवर का नाम वीरांगना रानी दुर्गावती के नाम पर रखा गया है। इस मौके पर 4250 करोड़ से अधिक लागत की 174 किलोमीटर लंबी नौ सड़क परियोजनाओं का भी शिलान्यास किया गया।   केन्द्रीय मंत्री गडकरी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राकेश सिंह जब सांसद थे, तब उन्होंने इस ब्रिज की मांग की थी। सीआरएस का फंड काफी कम रहता है। उसे कम या ज्यादा नहीं कर सकते। मैं जबलपुर आया था, तब बताया गया कि ये राष्ट्रीय राजमार्ग है। वापस गया, तो पता चला राष्ट्रीय राजमार्ग नहीं है। उस समय मप्र में कांग्रेस का शासन था। कमलनाथ मुख्यमंत्री थे। मैंने कमलनाथ से निवेदन किया, आप सीआरएफ में ये प्रपोजल भेज दो। इससे दोगुना पैसा मैं आपको राष्ट्रीय राजमार्ग में दूंगा। उन्होंने प्रपोजल भेज दिया। देश के इतिहास में पहली बार 1200 करोड़ का फ्लाईओवर सीआरएफ पर मंजूर हुआ। मैंने कमलनाथ से निवेदन किया कि सीआरएफ में प्रपोजल भेज दो, मैं दो गुनी राशि दूंगा। बहुत अच्छा फ्लाईओवर आज जनता को मिला है। जबलपुर की जनता का अभिनंदन। उन्होंने कहा कि जबलपुर और भोपाल के बीच एक नया ग्रीन फील्ड हाईवे बनेगा। यह 255 किलोमीटर लंबा होगा। दिसंबर तक डीपीआर मंजूर होगी।   लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प को साकार करने में केन्द्रीय मंत्री गडकरी ने वास्तुकार की भूमिका निभाई। देश में 70 साल में पहली बार ऐसी विकास की गंगा बही। मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में निवेश के कीर्तिमान गढ़े जा रहे। देश में विजनरी नेतृत्व है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि यह दशक भारत के कायाकल्प का समय है। मप्र सक्सेस स्टोरी लिख रहा है। वीरांगना रानी दुर्गावती फ्लाईओवर का लोकार्पण होने जा रहा है। यह जबलपुर के भविष्य को बदलने वाला है। यह जबलपुर को उन्नत महानगर के रूप में प्रस्तुत कर रही। ये जबलपुर के भविष्य को बदलने वाला ब्रिज है। इसे बनाने की कितनी बाधाएं आईं आप कल्पना नहीं कर सकते।   उन्होंने कहा कि महाकौशल के माथे पर जबलपुर को ताज की तरह सजा दिया। 117 किमी की सबसे बड़ी रिंग रोड मिली। जिसकी लागत 4000 करोड़ है। बिलासपुर तक नेशनल हाईवे मांगा, गडकरी ने उसकी भी घोषणा कर दी। केबल कार भी दी। दोनों में डीपीआर का काम चल रहा। रिंग रोड पर दो लॉजिस्टिक पार्क की घोषणा की। आईकोनिक ब्रिज की भी घोषणा की। जबलपुर में हवाई जहाज जैसी सुविधाओं वाली बसें दीं, अब मेट्रो की जरूरत नहीं। मप्र में टाइगर सर्किल भी बनना चाहिए। केंद्रीय मंत्री टाइगर एक्सप्रेस वे की घोषणा करें।   कार्यक्रम में जबलपुर सांसद आशीष दुबे ने बांधवगढ़ के लिए जबलपुर से एक सीधी रोड का प्रस्ताव नितिन गडकरी के सामने रखा। लोकार्पण कार्यक्रम उपरांत केंद्रीय मंत्री दो हजार करोड़ से ज्यादा लागत वाली सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया। इसमें 605 करोड़ का रिंग रोड का पाचवां हिस्सा शामिल है। वहीं 230 करोड़ की लागत से रीवा-लखनादौन राष्ट्रीय राजमार्ग पर अंडरपास और ओवरब्रिज निर्माण का कार्य होगा।   कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल, लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह, ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल, जबलपुर सांसद सहित विधायक व अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि बेहद कम समय में भारत ने अंतरिक्ष क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है और अब नए कीर्तिमान स्थापित करना भारतीय वैज्ञानिकों का स्वभाव बन गया है। राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर एक वीडियो संदेश में उन्होंने अंतरिक्ष यात्रियों के पूल सहित अंतरिक्ष कार्यक्रम से जुड़ी कई भविष्य की योजनाओं की जानकारी दी।   उन्होंने कहा कि एक समय भविष्य के अंतरिक्ष क्षेत्र को अनेक पाबंदियों में बांध दिया गया था। हमने इन बेड़ियों को खोलने का कम किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर देश के युवाओं वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष क्षेत्र में कार्यरत स्टार्टअप को बधाई दी। उन्होंने इस वर्ष के अंतरिक्ष दिवस के थीम "आर्यभट्ट से गगनयान तक" को आत्मविश्वास और भविष्य के संकल्प का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह दिवस अब युवाओं में उत्साह और आकर्षण का केंद्र बन चुका है और भारत के लिए गर्व का क्षण है।   उन्होंने उल्लेख किया कि दो वर्ष पूर्व भारत चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बना था। साथ ही, शुभांशु शुक्ला ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर तिरंगा फहराकर हर भारतीय को गर्व से भर दिया। प्रधानमंत्री ने इसे अविस्मरणीय क्षण बताया।   प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आज अंतरिक्ष क्षेत्र में बदलाव लाने वाली तकनीकों पर कार्य कर रहा है। इनमें सेमी क्रायोजेनिक इंजन और इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन जैसी प्रगतियां शामिल हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि निकट भविष्य में भारत का गगनयान मिशन उड़ान भरेगा और देश का अपना अंतरिक्ष स्टेशन भी स्थापित होगा।   अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपियाड ऑन एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स का भी उल्लेख किया, जिसमें 60 से अधिक देशों के 300 युवाओं ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की बढ़ती शक्ति का प्रतीक है। उन्होंने निजी क्षेत्र की भागीदारी की चर्चा करते हुए कहा कि जल्द ही पहला प्राइवेट संचार सैटेलाइट लॉन्च होगा। साथ ही अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट कॉन्स्टेलेशन की तैयारी भी जारी है।

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मुंबई । निजी क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) के प्रवर्तक निदेशक अनिल अंबानी की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। कथित बैंक धोखाधड़ी के से जुड़े मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने शनिवार को आरकॉम के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए मुंबई स्थित उनके ठिकानों पर छापा मारा है।    आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सीबीआई की टीमें मुंबई में आरकॉम और उसके प्रवर्तक निदेशक अनिल अंबानी से जुड़े परिसरों पर छापेमारी कर रही है। अनिल अंबानी पर आरोप है कि इस धोखाधड़ी से स्टेट बैंक ऑफ इंडि‍या (एसबीआई) को 2000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। हालांकि, आरकॉम की ओर से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। इस मामले में अधिक जानकारी की प्रतीक्षा है।  इस पूरे मामले पर केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने पिछले माह लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था, “24 जून, 2025 को बैंक ने आरबीआई को धोखाधड़ी की सूचना दी थी। सीबीआई में शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। आने वाले दिनों में इस मामले में और खुलासे हो सकते हैं।  सीबीआई से पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अनिल अंबानी को कथित 17,000 करोड़ रुपये के कथित बैंक लोन धोखाधड़ी केस की जांच के सिलसिले में पूछताछ के लिए दिल्‍ली बुलाया था। ईडी ने आरकॉम के प्रमोटर अनिल अंबानी से जुड़ी व्यावसायिक संस्थाओं पर, रिलायंस समूह से जुड़ी 50 व्यावसायिक संस्थाओं और 25 व्यक्तियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी।   

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  लगेगी शांडिल्य गुरु की प्रतिमा      कोलार रोड के दूसरे छोर भदभदा चौराहे पर उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने  ब्रह्मलीन बालगोविंद शांडिल्य गुरुजी की प्रतिमा स्थापना तथा चौराहे के सौंदर्यीकरण का भूमि-पूजन किया। सौंदर्यीकरण के लिये 8 लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं।   श्री गुप्ता ने कहा कि सरकार शहर के विकास के लिये सतत प्रयत्नशील है। उन्होंने शासन की विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि नागरिक शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये आगे आयें। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि घर-घर जाकर नागरिकों को शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये प्रेरित करें। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा कोटरा में सड़क भूमि-पूजन उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने आई-5 शासकीय आवास कोटरा के पास सड़क निर्माण का भूमि-पूजन किया। सड़क की लागत 20 लाख है। श्री गुप्ता ने सड़क का कार्य गुणवत्तापूर्ण करवाने के निर्देश दिये। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।     Attachments area          

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      मध्यप्रदेश के प्राचीन मंदिरों में भगवान के दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को अब प्रदेश के पुरावैभव, कला और संस्कृति की झलक भी वहां देखने को मिलेगी। इसके लिए राज्य सरकार मंदिरों में संग्रहालयों का निर्माण कराएगी। इस योजना को संस्कृति, धर्मस्व और पुरातत्व विभाग मिलकर अंजाम देंगे। मध्यप्रदेश में इस समय कई प्रसिद्ध मंदिर है जहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है। लेकिन इन मंदिरों में फिलहाल प्रदेश की कला-संस्कृति, इतिहास  और पुरावैभव की झलक दिखाने वाले संग्रहालय नहीं है। राज्य सरकार का सोचना है कि जो श्रद्धालु प्रदेश के प्राचीन मंदिरों में पहुंच रहे है वहां उन्हें भगवान के दर्शन के साथ-साथ प्रदेश के पुरावैभव और कला तथा संस्कृति से भी अवगत कराया जाए। इसके लिए इन मंदिरों के ट्रस्टों के पास मौजूद अपार धनराशि का उपयोग किया जाएगा। इन मंदिरों में सबसे पहले बनेंगे संग्रहालय- मध्यप्रदेश में उज्जैन में महाकाल मंदिर, खजराना मंदिर, सतना के मैहर मंदिर, पशुपतिनाथ मंदिर सहित कई ऐसे प्रमुख मंदिर है जहां मंदिरों की देखरेख और संरक्षण के लिए बनाए गए ट्रस्टों के पास श्रद्धालुओं के दान से मिली अपार धन संपदा स्थित है। इन्हीं मंदिरों में सबसे पहले संग्रहालय बनाने की शुरुआत की जाएगी।  इन मंदिरों के समीप काफी जमीन और भवन स्थित है। शिव मंदिरों में सभी बारह ज्योर्तिलिंगों के बारे में पूरी जानकारी एकत्रित कर प्रदर्शित की जाएगी। इसी तरह गणेश मंदिरों में गणेशजी के सभी स्वरुपों उनके इतिहास और महत्व को प्रदर्शित किया जाएगा। भोपाल के समीप स्थित भोजपुर मंदिर में दो सौ मीटर के दायरे के बाहर संग्रहालय बनाने का प्रस्ताव है। यहां भोजपुर के विशालकाय शिवलिंग और मंदिर के निर्माण की एतिहासिक प्रामाणिक  जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। यह मंदिर कब बना, इस तरह के मंदिर और कहां-कहां बनाए जाने थे। यह अधूरा क्यों रह गया। मंदिर के आसपास मिलने वाले शिवलिंग और अन्य पुराधरोहरों को भी यहां संग्रहित किया जाएगा। भोपाल में भी मुस्लिम धर्मावलंबियों से जुड़ी जानकारी, मध्यप्रदेश के प्राचीन नवाबों से जुड़े इतिहास की प्रामाणिक जानकारी गौहर महल या अन्य स्थानों पर प्रदर्शित की जाएगी। मिडटाउन में दुनिया की सबसे बड़ी सेंट पीटर चर्च में संग्रहालय भी है। वेटिकन सिटी में भी म्युजियम है वहां कई तरह के चित्र प्रदर्शित किए गए है। इन चित्रों में इन देशों की कला और संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। जापान में म्युजियम आॅफ पैरासाइड है। भारत के कई राज्यों में भी मंदिर, मस्जिद और चर्च के साथ संग्रहालय लगे हुए है। मध्यप्रदेश में फिलहाल मंदिर, मस्जिद और गिरिजाघरों में संग्रहालय नहीं है। प्रमुख सचिव संस्कृति मनोज श्रीवास्तव ने कहा प्रदेश के मंदिरों पर अब संग्रहालय बनाने की राज्य सरकार की योजना है। इसके जरिए प्रदेश के नागरिकों को धार्मिक आस्था के केन्द्रों पर पहुंचने पर वहां संग्रहालयों में प्रदेश के इतिहास, कला और संस्कृति के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।     Attachments area          

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  कोलार अवैध कब्जों का अड्डा बना    कोलार में राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों और तहसीलदारों की शह पर बेशकीमती जमीन पर जहां-तहां झुग्गियों का निर्माण करने के अलावा दीवारें तानकर अतिक्रमण किया जा रहा है। इन अतिक्रामकों को रोकने के बजाय अफसर उन्हें प्रश्रय दे रहे हैं। कोलार का दशहरा मैदान इसका ताजा उदाहरण है, जहां पिछले माह लगी आग में 50 झुग्गियां खाक हो गईं थी अब वहां 100 से ज्यादा झुग्गियां और मकान बन गए हैं।   लगातार अतिक्रमण बढ़ने की शिकायतों को लेकर एक सप्ताह पहले एडीएम रत्नाकर झा ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए थे कि वे सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाएं। साथ ही सूची तैयार करें, ताकि सरकारी जमीनों पर जमा अतिक्रमणों को हटाया जा सके। हुजूर एसडीएम और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही से फिर कोलार दशहरा मैदान की सरकारी जमीन पर दर्जनों झुग्गियां तन गर्इं।  प्रशासन के सामने यहां पर झुग्गियां बनती गई, लेकिन उन्हें रोकने की हिम्मत किसी ने नहीं की।   डेढ़ साल पहले निगम चुनाव के पूर्व मुख्यमंत्री ने हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के कहने पर कोलार दशहरा मैदान में स्टेडियम बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद कलेक्टर निशांत वरवड़े ने यहां पर दौरा कर एसडीएम माया अवस्थी को झुग्गियां शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अब तक यहां पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।   कोलार दशहरा मैदान के किनारे बनी अवैध झुग्गियां में तीन साल से एक ही स्थान पर आग लग रही है। यहां 40-50 झुग्गियों में आग लगती है और इसके बाद नई 100 झुग्गियां बन जाती हैं। तीन साल में इस स्थान पर 300 से अधिक झुग्गियां अवैध बन गई। लेकिन प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।     Attachments area          

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  पत्र  में प्रज्ञा ने कैंसर की बीमारी का हवाला भी दिया      मालेगांव बम ब्लास्ट में क्लीन चिट मिलने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने अपने तेवर दिखाए हैं। सिंहस्थ में जाने की जिद पर अड़ीं साध्वी ने पंडित खुशीलाल आयुर्वेदिक अस्पताल में आमरण अनशन शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि सरकार ने उन्हें परमिशन नहीं दी, तो वे 21 मई को जल समाधि ले लेंगी। कैंसर से पीड़ित प्रज्ञा ने दवाइयां खाने से भी इनकार कर दिया है। प्रज्ञा ने राज्य सरकार को लिखे पत्र  में कहा कि वे कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रही हैं। हो सकता है कि अगला कुंभ न देख पाएं।इस मसले  पर बोलने से प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।  साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट मिलने के बाद से माना जा रहा है कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का सॉफ्ट कॉर्नर उनके प्रति बढ़ा है। उनके अनशन के मामले में प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर से जब पूछा गया कि सरकार क्या करेगी, तो विवादों से बचने के लिए उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया । गौरतलब है कि साध्वी लगभग सात सालों से जेल में बंद थीं, लेकिन कैंसर के इलाज के लिए कोर्ट ने उन्हें अस्पताल में रहने की परमिशन दी है। प्रज्ञा ने रविवार को लेटर लिखकर शिवराज सरकार से उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ में शामिल होने की परमिशन मांगी थी।उन्होंने यह भी लिखा था कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो वे आमरण अनशन करेंगी। प्रज्ञा ने लिखा, 'वो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं और शायद अगला कुंभ न देख पाएं। इसलिए उनकी अंतिम इच्छा है कि वे उज्जैन कुंभ में जाएं।' प्रज्ञा ने राज्य सरकार समेत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को भी लेटर की कॉपी भेजी है। लेटर के मुताबिक, प्रज्ञा ने सोमवार सुबह 9 बजे तक का समय दिया था। मांग पूरी नहीं होने के कारण वे अपने कुछ सपोर्टर्स के साथ अस्पताल परिसर में ही आमरण अनशन पर बैठ गई हैं। प्रज्ञा ने लेटर में लिखा कि मैं अन्न जल त्याग दूंगी। अगर मुझे कुछ होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी मध्य प्रदेश सरकार की होगी। उन्होंने अपनी सिक्युरिटी को लेकर भी चिंता जाहिर की है। उन्होंने लिखा कि मेरे साथ पहले एसएएफ के जवान रहते थे। उनके हटाए जाने से मेरी जान को खतरा हो सकता है। प्रज्ञा ने जेड प्लस सुरक्षा की मांग की और सवाल पूछा कि जब देवास जिला कोर्ट ने उज्जैन जाने की अनुमति दे दी है, तो फिर सिक्युरिटी का हवाला देकर सरकार कोर्ट की अवमानना क्यों कर रही है? प्रज्ञा की चिट्ठी उनके सबसे विश्वसनीय भगवान झा लेकर पहुंचे थे। जेल सुपरिंटेंडेंट ने भगवान झा को भरोसा दिया के वह मामले को सीनियर अफसरों तक पहुंचा देंगे। भगवान झा ने कहा, 'सरकार के पास पुलिस की कोई कमी नहीं है। इसलिए साध्वी की सिंहस्थ यात्रा सुनिश्चित करा दी जाए, नहीं तो गंभीर परिणाम होंगे।'     Attachments area          

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  हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने किया 2.16 करोड़ की सड़क निर्माण का भूमि पूजन ।कोलार मुख्य मार्ग के समानांतर इस मार्ग से 2 लाख नागरिक होंगे सीधे लाभान्वित ।कोलार वासियो को विभिन्न मार्गो के माध्यम से नये भोपाल , होशंगाबाद रोड , जाने में होगी सहूलियत ।कोलार में बढ़ते ट्रैफिक पर नियंत्रण में हुज़ूर विधायक की कारगर पहल सफल ।हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा के अथक प्रयासों से कोलारवासियो को ट्रैफिक जाम से आये दिन होने वाली दिक्कतों से निज़ात मिलने जा रही है । बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान (कोलार मुख्य मार्ग) तक  बायपास रोड का निर्माण कराया जा रहा है । आज हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने रानी अवंतीबाई मार्ग से मंदाकनी मैदान को जोड़ने वाली सड़क निर्माण कार्य का भूमि पूजन भूमिका रेसीडेंसी पर किया । 2 करोड़ 16 लाख की लागत से बनने वाली 4200 मीटर इस सड़क की चौड़ाई 7.5 मीटर रहेगी, इस सड़क का निर्माण राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा किया जायेगा । श्री शर्मा ने बताया की कोलार मुख्य मार्ग पर आये दिन लगने वाले ट्रैफिक जाम से छुटकारा पाने के लिये इस बाय पास रोड का निर्माण कराया जा रहा है , उन्होंने बताया की बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग का निर्माण पूर्व में कराया जा चूका है । यह रोड  लोक निर्माण विभाग द्वारा बनायीं गयी है  गौरतलब है की उक्त सड़क का भूमि पूजन विधायक शर्मा द्वारा विधायक बनने के तत्काल बाद किया गया था । बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग तक इस सड़क की दूरी कुल 2 किलोमीटर है ।बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान पर कोलार मुख्य मार्ग पर जोड़ने वाले इस बायपास की कुल दूरी 6 किलोमीटर है । श्री शर्मा ने बताया की बहुत जल्द ही जे के अस्पताल के सामने इस मार्ग के जंक्शन पर एक पुल का निर्माण भी कराया जायेगा जो की सीधा शाहपुरा, भरत नगर , हबीबगंज , चुनाभट्टी , अथवा नये भोपाल को जोड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण के पश्च्यात कोलार के किसी भी नागरिक को ट्रैफिक जाम या आपातकालीन स्थिति में परेशान नहीं होना पड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग से कोलार सहित आसपास के लगभग 2 लाख नागरिक इससे सीधे लाभान्वित होंगे ।  श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण से पूर्व  उनके द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियो अधिकारियो एवं स्थानीय नागरिको के साथ दौरा किया गया । फलस्वरूप कोलार को ट्रैफिक से निजात दिलाने के लिये इस बायपास के निर्माण का निर्णय लिया गया । श्री शर्मा ने बताया की घनी आबादी वाले कोलार में नागरिको की सुविधा के मद्देनज़र इस मार्ग का  अलग अलग भागो में निर्माण कराया गया है , जिससे नागरिको को इसका लाभ पहुँच सके !  श्री शर्मा ने स्थानीय नागरिको को संबोधित करते हुए कहा की कोलार के समग्र विकास में निरंतर आपके द्वारा मिल रहे इसी प्रकार के सहयोग की आवश्यकता है आप सब के सहयोग से हम ग्रीन कोलार क्लीन कोलार का निर्माण करेंगे । कार्यक्रम के दौरान श्री शर्मा का स्थानीय नागरिको द्वारा बड़ी फूलो की माला पहनाकर सड़क निर्माण के लिए अभिन्दन किया गया !  मार्ग से लाभान्वित क्षेत्र  एक नज़र में -: बैरागढ़ चीचली , दौलतपुर ,धोली खदान, प्रियंका नगर ,हिनोतिया गांव ,मानसरोवर डेंटल कॉलेज, सुहागपुर ,पिपलिया, गुराडी , सेमरी ,अमरावत कलां ,सोहागपुर ,बांसखेड़ी झुग्गी बस्ती ,सन खेड़ी झुग्गी बस्ती, आकाश नगर , गिरधर परिसर ,सैफरॉन सिटी ,कृष्णा होम्स ,गिरधर गार्डन ,शिवालय परिसर ,सर्वजन सोसाइटी ,डी के 5 ,जे के अस्पताल , सागर प्रीमियम टॉवर, भूमिका रेसीडेंसी ,वेस्टर्न कौर्ट एवं मंदाकनी सोसायटी आदि इस मार्ग पर अन्य रहवासियो  को इस बाय पास का  सीधा लाभ पहुंचेगा ।होशंगाबाद रोड से जुड़ेगा यह मार्ग यह मार्ग चार बत्ती चौराहे से कालीबाड़ी पुल से होते हुए बाबड़िया रेल्वे फाटक से होशंगाबाद रोड से सीधा जुड़ेगा ।दानिश कुंज से कलियासोत नदी पर सलैया पुल के माध्यम से मिसरोद (होशंगाबाद रोड) से सीधा जुड़ेगा ।कार्यक्रम में विशेष रूप से स्थानीय पार्षद एवं एम आई सी सदस्य भूपेंद्र माली ,पार्षद पवन बोराना, मंडल उपाध्यक्ष श्याम मीना, बी एस वाजपेयी , महेश तिवारी , इक़बाल खान , अमित शुक्ल, दीपक माथुर , अरुण तिवारी , डी ले पालीवाल , एस एस सेंगर ,शोभा सिकरवार , श्रीमती गीता मिश्रा,गणेश तिवारी,राजेश सेंगर , राज शर्मा , प्रदीप पाटीदार ,आकाश श्रीवास्तव,सहित बड़ी संख्या में माताये बहने कॉलोनी वासी उपस्थित रहे ।  

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कोलार के वार्ड 82 में आने वाले दानिशकुंज कॉलोनी में नगर निगम द्वारा काम नहीं कराने के बाद भी पार्षद द्वारा निर्माण को लेकर बोर्ड लगाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। गलत जानकारी को लेकर आज दोपहर कांग्रेस पार्षदों, स्थानीय नेताओं और रहवासियों का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम आयुक्त छवि भारद्वाज से मिला। इन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पार्षद जानबूझकर श्रेय की राजनीति कर रहे हैं। जबकि, जनता गर्मी में पानी के लिए हाहाकार मचा रही है, फिर भी उन्हें पानी नहीं दिया जा रहा है। पार्षदों ने यह की मांग : कांग्रेस पार्षद संतोष जितेंद्र कंसाना, मोनू सक्सेना, मनजीत मारण, अमित शर्मा, राहुल सिंह राठौर, अखिलेश जैन सहित रहवासियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयुक्त भारद्वाज से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। इसके अनुसार तत्काल गलत जानकारी देने वाले भाजपा पार्षद भूपेंद्र माली के बोर्ड को नगर निगम प्रशासन हटाए। साथ ही इस मामले में जांच कराएं कि कहीं दानिशकुंज में कराए गए डामर के भुगतान की फर्जी फाइल तो निगम के कार्यालय नहीं पहुंच गई। यदि प्रशासन बोर्ड नहीं लगाएगी, तो कांग्रेसी भी हर वार्ड में ऐसे बोर्ड लगाएगी। दानिशकुंज कॉलोनी में करीब एक करोड़ राशि से डामर कराया गया है। इस पर स्थानीय पार्षद ने खुद डामर कराने के बोर्ड पूरी कॉलोनी में लगा दिए। वहीं, दानिशकुंज सोसायटी ने भी एक विज्ञापन जारी करके कहा कि वह निर्माण उसने कराया है। कुछ लोगों के यहां निर्माण नहीं कराया गया है, वो लोग जल्द ही बकाया राशि जमा कर दें, ताकि बचे हुए स्थानों पर भी डामरीकरण कराया जा सके।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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नई दिल्ली । उच्चतम न्यायालय की तीन सदस्यीय बेंच ने आवारा कुत्तों के मामले पर दो जजों की बेंच के आदेश में बदलाव करते हुए कहा है कि दिल्ली में आवारा कुत्तों को शेल्टर होम से तभी छोड़ा जाएगा जब उन्हें टीका (इम्युनाइजेशन) लग जाएगा और बधियाकरण हो जाएगा। जस्टिस विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि शेल्टर होम से आवारा कुत्तों को छोड़ने पर लगी रोक को इस बदलाव के साथ हटाया जा रहा है।उच्चतम न्यायालय ने साफ किया कि जो कुत्ते आक्रामक स्वभाव के हैं और उन्हें रेबीज की बीमारी है उन्हें शेल्टर होम से नहीं छोड़ा जाएगा। न्यायालय ने कहा कि सड़कों पर आवारा कुत्तों को खाना नहीं खिलाया जा सकता है। आवारा कुत्तों को खिलाने के लिए जगह नगर निगम की ओर से तय किया जाए। न्यायालय ने कहा कि वो इस मसले पर विस्तृत सुनवाई करेगा और पूरे देश के लिए एक नीति तैयार करेगा।न्यायालय ने 14 अगस्त को फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसके पहले 11 अगस्त को जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने दिल्ली-एनसीआर की सड़कों और गलियों को आवारा कुत्तों से मुक्त कराने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए थे। जस्टिस पारदीवाला की बेंच ने दिल्ली सरकार, दिल्ली नगर निगम और नई दिल्ली नगरपालिका परिषद समेत एनसीआर में संबंधित प्राधिकार को निर्देश दिया था कि वो शहर को, गलियों को आवारा कुत्तों से मुक्त करें। जस्टिस पारदीवाला की बेंच ने कहा था कि सभी स्थानों से आवारा कुत्तों को उठाया जाए। इन आवारा कुत्तों को डॉग शेल्टर होम में रखा जाए। जस्टिस पारदीवाला के इस फैसले का पशु अधिकार कार्यकर्ताओं ने काफी विरोध किया था। इसके बाद चीफ जस्टिस के निर्देश पर उच्चतम न्यायालय की तीन सदस्यीय बेंच ने 14 अगस्त को सुनवाई की थी।  

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नई दिल्ली । भारतीय मूल के दिग्गज ब्रिटिश उद्योगपति लॉर्ड स्वराज पॉल (94 वर्ष) का गुरुवार शाम (स्थानीय समयानुसार) लंदन के एक अस्पताल में निधन हो गया। हाल ही में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां पारिवारिक सदस्यों की मौजूदगी में आखिरी सांसें लीं।   लॉर्ड स्वराज पॉल के निधन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए एक्स पर लिखा- श्री स्वराज पॉल जी के निधन से अत्यंत दुःखी हूँ। ब्रिटेन में उद्योग, परोपकार और जनसेवा में उनके योगदान और भारत के साथ घनिष्ठ संबंधों के लिए उनके अटूट समर्थन को सदैव याद रखा जाएगा।उनके साथ हुई कई मुलाकातें याद आती हैं। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना।   18 फरवरी 1931 को पंजाब के जालंधर में पैदा हुए लॉर्ड स्वराज पॉल ब्रिटेन स्थित कैपारो ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज के संस्थापक थे। 60 के दशक में वे अपनी छोटी बेटी अंबिका के कैंसर के इलाज के लिए ब्रिटेन गए थे लेकिन 4 वर्षीय बेटी की मृत्यु के बाद उन्होंने एक धर्मार्थ ट्रस्ट के रूप में अंबिका पॉल फाउंडेशन की स्थापना की। इस संस्था ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपनी पहल के माध्यम से दुनिया भर के बच्चों और युवाओं के कल्याण के लिए लाखों डॉलर दान किए।  लॉर्ड पॉल संडे टाइम्स रिच लिस्ट में नियमित रूप से शामिल होते रहे हैं। इस साल उनकी संपत्ति लगभग 2 बिलियन पाउंड (जीबीपी) आंकी गई और उन्हें 81वें स्थान पर रखा गया।  

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज बिहार के गयाजी में राजनीतिक रैली को संबोधित किया। इसमें उन्होंने राज्य के सीमावर्ती इलाकों में बदल रही जनसांख्यिकी का मुद्दा उठाया और इस संबंध में कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और वाम दलों पर वोटबैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह दल बिहार के लोगों का अधिकार घुसपैठियों को देना चाहते हैं। हम, घुसपैठियों को लोगों के अधिकारों पर डाका डालने नहीं देंगे। प्रधानमंत्री ने बिहार के गयाजी से 13 हजार करोड़ रूपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस अवसर पर बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मंच पर उपस्थित रहे। प्रधानमंत्री ने इस दौरान लाल किले के अपने भाषण में घुसपैठ की समस्या के समाधान के लिए बनाए जा रहे डेमोग्राफिक मिशन का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से चुन-चुनकर सभी घुसपैठियों को देश से बाहर निकाला जाएगा। हम घुसपैठियों को लोगों के अधिकारों पर डाका डालने नहीं देंगे।  प्रधानमंत्री ने संसद में पेश संविधान संशोधन विधेयक का उल्लेख कर कहा कि अब भ्रष्टाचार करने वाला जेल भी जाएगा और उसकी कुर्सी भी जाएगी। इससे जमानत पर बाहर घूमने वाले नेता चिंतित है और उनके दल इसका विरोध कर रहे हैं।  उन्होंने कहा, “एनडीए सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ एक ऐसा कानून लाई है, जिसके दायरे में देश का प्रधानमंत्री भी आता है। इस कानून में मुख्यमंत्री और मंत्री भी शामिल किए गए हैं। इस कानून के बनने के बाद अगर कोई मुख्यमंत्री, मंत्री या प्रधानमंत्री गिरफ्तार होता है तो उसे 30 दिन के भीतर जमानत लेनी होगी और अगर जमानत नहीं मिली तो 31वें दिन उसे कुर्सी छोड़नी पड़ेगी।” उन्होंने कहा कि संविधान हमसे ईमानदारी और पादर्शिता की मांग करता है। हम इसे तार-तार होते नहीं देख सकते। पिछले 11 वर्षों की सरकार में एक भी भ्रष्टाचार का मामला सामने नहीं आया है। जबकि आज़ादी के बाद कांग्रेस की सरकारें जो 60–65 साल तक सत्ता में रहीं, उनके भ्रष्टाचारों की एक लंबी सूची है। विधेयक का विरोध कर रही कांग्रेस, लेफ्ट और राजद पर निशाना साधते हुए उन्होंने पूछा कि इनके नेताओं के ऐसे रवैये से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई कैसे मजबूत होगी। 50 घंटे जेल में रहने पर एक अफसर सेवा से स्वत: निलंबित हो जाता है लेकिन मंत्री जेल में बैठकर फाइलें साइन करते हैं।ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार की धरती पर लिया गया हर संकल्प कभी खाली नहीं जाता। इसी धरती से लिया संकल्प पूरा हुआ और ऑपरेशन सिंदूर ने देश की रक्षा नीति में एक नई लकीर खींच दी। अब कोई भी आतंक फैलाकर बच नहीं सकता। प्रधानमंत्री ने कहा कि एनडीए के शासनकाल में बिहार में चौतरफा विकास हो रहा है। वहीं लालटेन (राजद का चुनाव चिह्न) के राज में बिहार लाल आतंक से घिरा था। इसी के कारण पीढ़ियों को बिहार से पलायन करने को मजबूर होना पड़ा। यही कारण था कि कांग्रेस के एक मुख्यमंत्री ने कहा था कि हम बिहार के लोगों को अपने यहां घुसने नहीं देंगे। प्रधानमंत्री ने विकसित भारत रोजगार योजना का उल्लेख किया और कहा कि इसे बिहार के युवाओं को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि योजना के तहत हमारे युवा जब निजी क्षेत्र में पहली नौकरी करेंगे, तब केंद्र सरकार उन्हें अपने पास से 15,000 रुपये देगी। उन्हें रोजगार देने वाली निजी कंपनियों को भी सरकार प्रोत्साहन देगी। इसका बहुत बड़ा लाभ बिहार के युवाओं को भी होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि गयाजी की पावन भूमि से एक ही दिन में 12 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है। इसमें ऊर्जा, स्वास्थ्य और शहरी विकास से जुड़े कई बड़े प्रोजेक्ट हैं। इनसे बिहार के उद्योगों को ताकत मिलेगी और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे। उन्होंने पीएम आवास योजना का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने एक बड़ा संकल्प लिया है। जब तक हर जरूरतमंद को पक्का घर नहीं मिल जाता, मोदी चैन से नहीं बैठेगा। इसी सोच के साथ बीते 11 साल में 4 करोड़ से अधिक गरीबों को पक्के घर बनाकर दिए जा चुके हैं।

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नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हमले के बाद उनकी सुरक्षा को और कड़ी करते हुए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की जेड श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की है। मुख्यमंत्री की सुरक्षा में अब दिल्ली पुलिस के साथ-साथ सीआरपीएफ के जवान भी तैनात रहेंगे। यह जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने दी है।इसी बीच दिल्ली के सातों भाजपा सांसदों- रामवीर सिंह बिधूड़ी, बांसुरी स्वराज, हर्ष मल्होत्रा, मनोज तिवारी, प्रवीण खंडेलवाल, कमलजीत सहरावत और योगेंद्र चंदेलिया ने आज मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से उनके आवास पर जाकर उनका कुशलक्षेम पूछा। यह जानकारी सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी एक एक्स पोस्ट में दी। सांसदों ने कहा कि पिछले छह महीनों में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता द्वारा किए जा रहे बड़े—बड़े कार्यों से जहां वह जनता में विकास की देवी के रूप में प्रतिष्ठा प्राप्त कर रही हैं, वहीं कुछ लोगों को जनता के बीच जाकर उनकी समस्याएं हल करने का अंदाज रास नहीं आ रहा। सातों सांसदों ने रेखा गुप्ता के बुलंद हौसलों और विकास के रास्ते पर चलने के अडिग इरादे की प्रशंसा की।सांसदों ने मुख्यमंत्री के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ करके जनता के बीच आने की कामना की। रेखा गुप्ता ने भी कहा कि ऐसे हमले उनके दृढ़ विश्वास और दिल्ली के विकास के जुनून को कम नहीं कर सकते। मुख्यमंत्री पर हमले के आरोपित राजेश भाई खिमजी भाई सकरिया को तीस हजारी कोर्ट ने बुधवार रात पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा है।

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नई दिल्ली । भारतीय अंतरिक्ष यात्री और एक्सिओम 4 मिशन से लौटे ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने गुरुवार को कहा कि अंतरिक्ष से भारत सारे जहां से अच्छा दिखता है।  शुभांशु शुक्ला ने राष्ट्रीय मीडिया सेंटर में पत्रकार वार्ता में एक्सिओम-4 मिशन की शुरुआत से लेकर उसके सफल समापन तक के अपने सफ़र के बारे में बताया। इस दौरान केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह और इसरो के अधिकारी भी मौजूद रहे।  शुक्ला ने कहा कि चाहे कोई कितनी भी ट्रेनिंग क्यों न ली हो, उसके बाद भी जब आप रॉकेट में बैठते हैं और इंजन के शुरू होते ही एक बहुत ही अलग एहसास होता है। उसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है। यह अनुभव अविश्वसनीय, सफर रोमांचक और अद्भुत था। उन्होंने सरकार, इसरो, वैज्ञानिकों और नागरिकों का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने इस मिशन को संभव बनाया। अंतरिक्ष यात्री शुक्ला ने कहा कि यह मिशन भारत की वैज्ञानिक क्षमता और वैश्विक अंतरिक्ष सहयोग का एक सशक्त प्रमाण है। अंतरिक्ष में बिताए गए हर पल ने न केवल तकनीकी उत्कृष्टता का अनुभव कराया, बल्कि मानवता के लिए नई संभावनाओं के द्वार भी खोले।

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नई दिल्ली । लोकसभा की कार्यवाही शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गयी। इस सत्र में 14 विधेयक प्रस्तुत किए गए और 12 विधेयक पारित हुए। विपक्ष के बिहार में मतदाता सूची अपडेट की प्रक्रिया और अन्य मुद्दों पर हंगामा के चलते कार्यवाही प्रभावित रही। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सत्र के समापन पर सदन में हुए कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नियोजित व्यवधानों के कारण 120 घंटे की तय चर्चा में से केवल 37 घंटे ही चर्चा संभव हो पाई। सत्र 21 जुलाई को प्रारंभ हुआ था और आज इसकी समाप्ति की घोषणा की जा रही है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी सदन में उपस्थित रहे।  बिरला ने बताया कि सदन में 28-29 जुलाई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विशेष चर्चा हुई, जिसका समापन प्रधानमंत्री के जवाब से हुआ। इसके अलावा 18 अगस्त को भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम पर विशेष चर्चा आयोजित की गयी। इस सत्र में 419 तारांकित प्रश्न पूछे जाने के लिए सूचीबद्ध किए गए थे। किंतु लगातार व्यवधानों के कारण केवल 55 प्रश्नों के ही मौखिक उत्तर दिए जा सके। उन्होंने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि प्रारंभ में तय हुए 120 घंटे की चर्चा के स्थान पर मात्र 37 घंटे की ही कार्यवाही हो पाई। उन्होंने कहा कि संसद जनता की अपेक्षाओं का प्रतिनिधित्व करती है। इसलिए सदन में मर्यादित भाषा और आचरण बनाए रखना आवश्यक है। नारेबाज़ी, तख्तियां दिखाना और नियोजित गतिरोध संसदीय परंपराओं और गरिमा के अनुरूप नहीं हैं। असहमति लोकतंत्र का हिस्सा है, परंतु उसे शालीनता और गरिमा के साथ व्यक्त किया जाना चाहिए। उन्होंने राजनीतिक दलों और सभी सदस्यों से आग्रह किया कि वे आत्ममंथन करें और संसद को जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप सार्थक चर्चा का मंच बनाएं।

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अहमदाबाद । गुजरात के अहमदाबाद में एक स्कूली बच्चे की हत्या से नाराज परिजनों ने स्कूल पहुंचकर प्रिंसिपल समेत स्टाफ के साथ मारपीट की और स्कूल में तोड़फोड़ की। परिजनों ने सड़क जाम किया और आरोपित छात्र के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।पुलिस ने नाबालिग होने का कारण मृतक और आरोपित छात्र के नाम का खुलासा नहीं किया है।पुलिस के आला अधिकारी मौके पर मौजूद हैं।   दरअसल, बीते कल यानी 19 अगस्त को अहमदाबाद के खोखरा इलाके के एक स्कूल में हाथापाई जैसी मामूली घटना में आठवीं कक्षा के एक छात्र ने दसवीं कक्षा के एक छात्र को चाकू मार दिया था। आज सुबह मणिनगर के एक निजी अस्पताल में घायल छात्र की मौत हो गई।     खोखरा पुलिस थाने के अधिकारियों ने बताया कि कुछ दिन पहले इन दोनों छात्रों के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई थी। इसी पुरानी रंजिश का बदला लेने के लिए आरोपी मंगलवार को चाकू छिपाकर लाया था। स्कूल की छुट्टी होते ही उसने 10वीं के छात्र पर हमला कर दिया। छात्र के पेट में गंभीर घाव हो गए थे। उसे मणिनगर के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। लेकिन ज्यादा खून बह जाने के कारण उसकी मौत हो गयी।     इधर, मृतक बच्चे के नाराज परिजन लगभग 2000 लोगों के साथ बुधवार सुबह 11 बजे स्कूल में जमा हो गए और जो भी उनके सामने आया, उसे पीटने लगे। उन्होंने पार्किंग में खड़ी बसों, कारों और दोपहिया वाहनों में तोड़फोड़ की। बाद में वे एक कर्मचारी को पकड़कर ऊपरी मंजिल पर ले गए। उन्होंने स्कूल की इमारत के दरवाज़े तोड़ दिए, शीशे तोड़ दिए और अन्य संपत्तियों को भी काफी नुकसान पहुंचाया।   स्कूल में हालात बिगड़ता देख स्थानीय पुलिस मौके पर पहुची। लेकिन पुलिस भी भीड़ को काबू नहीं कर पाई। हालात इतने भयावह गए थे कि जब पुलिस कर्मचारियों को बचा रही थी, तब भी भीड़ उन्हें पीट रही थी और पुलिस की गाड़ी भी भीड़ ने पलट दी। बाद में गुस्साई भीड़ ने स्कूल के बाहर सड़क को भी जाम कर दिया। मृतक बच्चे के परिजनों के साथ बजरंग दल, विश्व हिन्दू परिषद और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ता भी स्कूल पहुंचे।     स्कूल के बाहर दो हज़ार से ज़्यादा लोग जमा हो गए और पुलिस हाय-हाय के नारे लगाने लगे। पुलिस ने लाठीचार्ज करके हालात पर काबू पाने की कोशिश की। हालात बिगड़ता देख मणिनगर के विधायक अमूल भट्ट, इलाके के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) बलदेव देसाई और सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) स्कूल पहुंचे और मामला शांत करवाने का प्रयास किया।    बहरहाल, मृतक छात्र की शवयात्रा घर से निकल चुकी है। शवयात्रा सेवेंथ डे स्कूल से निकलेगी और चूंकि स्कूल में पहले से ही बड़ी संख्या में लोग जमा हो चुके हैं, इसलिए क्राइम ब्रांच भी अलर्ट पर है। इसके साथ ही पूरे मामले की जांच अब अहमदाबाद क्राइम ब्रांच करेगी। नाबालिग आरोपी छात्र शाह आलम का रहने वाला है।

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नई दिल्ली । दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आज अपने ऊपर हुए हमले को दिल्ली की सेवा और जनता की भलाई पर कायराना प्रयास बताया है। उन्होंने बुधवार को एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि आज सुबह जनसुनवाई के दौरान मेरे ऊपर हुआ हमला केवल मेरे ऊपर नहीं, बल्कि दिल्ली की सेवा और जनता की भलाई के हमारे संकल्प पर किया गया एक कायराना प्रयास है।मुख्यमंत्री ने कहा कि इस हमले के बाद मैं सदमे में रही, परंतु अब बेहतर महसूस कर रही हूं। मैं अपने सभी शुभचिंतकों से निवेदन करती हूं कि कृपया मुझसे मिलने के लिए परेशान न हों। मैं बहुत जल्द ही आपके बीच काम करती हुई दिखाई दूंगी।उन्होंने कहा कि ऐसे हमले मेरे हौसले और जनता की सेवा के संकल्प को कभी तोड़ नहीं सकते। अब मैं पहले से कहीं अधिक ऊर्जा और समर्पण के साथ आपके बीच रहूंगी। जनसुनवाई और जनता की समस्याओं का समाधान पहले की तरह ही गंभीरता और प्रतिबद्धता के साथ जारी रहेगा। आपका विश्वास और समर्थन ही मेरी सबसे बड़ी ताकत है।मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर बुधवार को जन सुनवाई के दौरान एक व्यक्ति ने हमला कर दिया। पुलिस ने आरोपित को हिरासत में ले लिया है। यह हमला राज निवास मार्ग स्थित जन सेवा केंद्र में हुआ। आरोपित की पहचान गुजरात के राजकोट निवासी राजेश भाई खिमजी भाई सकरिया के रूप में हुई है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि उस पर इससे पहले भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। 

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नई दिल्ली। गंभीर आपराधिक मामलों में गिरफ्तार होने पर अब प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्रियों को पद से हटाया जा सकेगा। केंद्र सरकार इसके लिए कानून बनाने जा रही है। गृहमंत्री अमित शाह ने आज लोकसभा में इस संबंध में तीन विधेयक पेश किए। इसके मुताबिक, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्री 30 दिन तक हिरासत में रहते हैं तो उनको बर्खास्त कर दिया जाएगा। विपक्ष ने इसका विरोध करते हुए सदन में हंगामा किया। बाद में इन विधेयकों को आगे विचार के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजा गया। गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में तीन विधेयक- संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025; केंद्रशासित प्रदेशों की सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025 और जम्मू एवं कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 विचार के लिए रखे। विधेयक के प्रावधानों के अनुसार भ्रष्टाचार और अन्य गंभीर मामलों में जेल में बंद प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्रियों को 30 दिन के बाद पद से हटाया जा सकता है। हालांकि रिहा होने पर वे दोबारा पदभार ग्रहण कर सकते हैं। विधेयक के उद्देश्य में कहा गया है कि ऐसा नैतिक उत्तरादायित्व सुनिश्चित करने के लिए किया गया है। संविधान संशोधन विधेयक के अलावा अन्य दो विधेयक केन्द्रशासित प्रदेशों और जम्मू-कश्मीर में इस तरह के प्रावधानों से जुड़े हैं। विधेयक पेश किए जाने का एआईएमआईएम के असद्दुदीन औवेसी, कांग्रेस के मनीष तिवारी, आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन, सपा के धर्मेन्द्र यादव और कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल ने विरोध किया। इन्होंने इसे संविधान के बुनियादी ढांचे, मूलभूत सिद्धांत, संसदीय लोकतंत्र के विरोध में बताया। इसी बीच विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा जिन्होंने गृहमंत्री की तरफ पेपर उछाले और इसके कारण कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी। कार्यवाही 3 बजे दोबारा शुरु होने पर गृहमंत्री ने तीनों विधेयक सदन की मंजूरी के बाद पेश किया। बाद में उन्होंने विधेयकों को संसद की संयुक्त समिति को भेजे जाने का प्रस्ताव किया। संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में लोकसभा से 21 और राज्यसभा से 10 सदस्य होंगे। अमित शाह ने इस दौरान विपक्षी सदस्यों के आरोपों का जवाब भी दिया। उन्होंने कहा कि विधेयक नैतिकता के मूल्य बने रहें, इसलिए लाया गया है। उन्होंने कहा कि वे भी गुजरात में मंत्री रहने के दौरान जेल गए थे और उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया था। सभी आरोपों से मुक्त होने तक उन्होंने कोई संवैधानिक पद नहीं ग्रहण किया।

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नई दिल्ली । इंडी गठबंधन ने उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी को अपना उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर मंगलवार को इंडी गठबंधन के घटक दलों की बैठक के बाद इसका औपचारिक ऐलान किया गया। कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने इस अवसर पर कहा कि बी. सुदर्शन रेड्डी देश के सबसे प्रतिष्ठित और प्रगतिशील न्यायविदों में से एक हैं। उन्होंने आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में न्यायाधीश, गौहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में लंबा और उत्कृष्ट कार्य किया है। खरगे ने कहा कि रेड्डी हमेशा सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय के पक्षधर रहे हैं। वह एक साधारण परिवार से आते हैं और उनकी कई ऐतिहासिक न्यायिक टिप्पणियां गरीबों और वंचितों के पक्ष में रही हैं। उन्होंने संविधान और मौलिक अधिकारों की रक्षा में अहम भूमिका निभाई है। खरगे ने कहा कि यह उपराष्ट्रपति पद की लड़ाई एक वैचारिक संघर्ष है और इसी कारण इंडी गठबंधन ने सर्वसम्मति से रेड्डी को उम्मीदवार बनाया है। रेड्डी 21 अगस्त को नामांकन दाखिल करेंगे।

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नई दिल्ली । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मंगलवार को कहा कि भारत के कूटनीतिक प्रयास देश की घरेलू आवश्यकताओं और 2047 तक विकसित भारत बनने के लक्ष्य के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़े होने चाहिए। उन्होंने युवा अधिकारियों से आग्रह किया कि वे स्वयं को न केवल भारत के हितों के संरक्षक, बल्कि उसकी आत्मा के राजदूत के रूप में भी देखें। वह राष्ट्रपति भवन में भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के 2024 बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित कर रही थीं।राष्ट्रपति ने प्रशिक्षु अधिकारियों को भारतीय विदेश सेवा में शामिल होने के लिए बधाई दी और कहा कि वे अपनी यात्रा शुरू करते हुए जहां भी जाएं, भारत के सभ्यतागत ज्ञान के मूल्यों- शांति, बहुलवाद, अहिंसा और संवाद को अपने आचरण में दर्शाएं। साथ ही उन्हें हर संस्कृति के विचारों, लोगों और दृष्टिकोणों के प्रति खुले रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि वैश्विक परिप्रेक्ष्य में तेजी से बदलाव हो रहे हैं। भू-राजनीतिक परिस्थितियां, डिजिटल क्रांति, जलवायु परिवर्तन और बहुपक्षवाद की चुनौतियां सामने हैं। ऐसे समय में युवा अधिकारियों की चपलता और अनुकूलन क्षमता, भारत की सफलता की कुंजी होगी।राष्ट्रपति ने कहा कि भारत आज विश्व की प्रमुख चुनौतियों के समाधान का एक अनिवार्य हिस्सा है चाहे वह वैश्विक उत्तर और दक्षिण के बीच असमानता से उत्पन्न मुद्दो हों, सीमापार आतंकवाद का खतरा हो, या जलवायु परिवर्तन के प्रभाव हों। भारत न केवल दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, बल्कि एक निरंतर उभरती हुई आर्थिक शक्ति भी है। हमारी आवाज़ का महत्व है। राजनयिकों के रूप में भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी भारत का पहला चेहरा होंगे जिसे दुनिया उनके शब्दों, कार्यों और मूल्यों में देखेगी।राष्ट्रपति ने आज के समय में सांस्कृतिक कूटनीति के बढ़ते महत्व पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि योग, आयुर्वेद, मिलेट्स (मोटे अनाज) के साथ-साथ भारत की संगीत, कला, भाषा और आध्यात्मिक परंपराओं को दुनिया के सामने और अधिक रचनात्मक तथा प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत किया जाना चाहिए।

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नई दिल्ली । अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) की यात्रा से लौटे ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने सोमवार शाम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से उनके आवास लोक कल्याण मार्ग पर मुलाकात कर अपने अंतरिक्ष मिशन के अनुभवों की विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अंतरिक्ष मिशन से जुड़ी कई उत्सुकताओं और स्पेस मिशन के लिए भारतीय आकांक्षाओं को लेकर बातचीत की। मंगलवार को प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया एक्स पर इस मुलाकात का वीडिया अपलोड किया है।प्रधानमंत्री मोदी और ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की बातचीत का ब्यौरा इस प्रकार है-     आप जब अंतरिक्ष में जाते हैं तो कैप्सूल में सीटिंग अरेजमेंट वैसा ही रहता है और पूरे 23-24 घंटे उसी स्थिति में निकालते हैं?   -हां सर, लेकिन एकबार जब आप अंतरिक्ष में पहुंच जाते हैं आप सीट खोल कर उसी कैप्सूल में आप मूव कर सकते हैं...इधर-उधर चीजें कर सकते हैं...   इतनी जगह है होती है उसमें?   -इतनी तो नहीं लेकिन थोड़ी बहुत है।   यानी फाइटर जेट कॉकपिट है उससे ज्यादा है?   -उससे तो अच्छा है लेकिन पहुंचने के बाद काफी कुछ चेंजेज होते हैं लेकिन चार ांच दिन में बॉडी नार्मल हो जाती है, फिर जब आप वापस आते हैं फिर वही दोबारा से चेंजेज... मतलब आप चल नहीं सकते वापस आते हैं चाहे कितने भी स्वस्थ हों ...मैं मुझे बुरा नहीं लग रहा था.. जब पहला कदम रखा तो गिर रहा था तब लोगों ने पकड़ रखा था... फिर दूसरा.. तीसरा ...हालांकि मालूम है कि चलना है लेकिन वो ब्रेन जो है वो उसको टाइम लगता है, वापस समझने में कि अच्छा अब ये नया वातावरण है..   यानी सिर्फ बॉडी का ट्रेनिंग नहीं है, माइंड का भी ट्रेनिंग है?   -माइंड का ट्रेनिंग है सब... बॉडी में ताकत है... मांसपेशियों में ताकत है... लेकिन ब्रेन की री वायरिंग होनी है उसे दोबारा से ये समझना है कि ये नया एन्वायरमेंट हैइसमें चलने के लिए इतनी ताकत लगेगी।   स्पेस स्टेशन पर सबसे ज्यादा समय कितना बिताने का है?   -इस समय सबसे ज्यादा समय 8 महीने का है ...इसी मिशन से शुरू हुआ है कि लोग 8 महीने तक रहेंगे।   मूग और मेथी का प्रयोग कैसा है?   -बहुत अच्छा है...फूड बहुत बड़ा चैलेंज से स्पेस मिशन पर... जगह कम है.... कम से कम जगह में ज्यादा से ज्यादा न्यूट्रीशन आपको पैक करने की हमेशा कोशिश रहती है और हर तरह से प्रयोग चल रहे हैं...और इनको उगाना बहुत सिंपल है... रिसोर्स नहीं चाहिए.. छोटी से जगह में छोड़ दीजिए... आठ दिनों में अंकुरित होना शुरू हो गए थे... मिशन में ये देखने को मिले... जैसे हमारे देश की विशेषज्ञता है ... जैसे ही हमें माइक्रो ग्रेविटी में पहुंचने का मौका मिला ये वहां पहुंच गए।   पहला कोई भारतीय आया... भारतीयों को देखकर उनके मन में क्या रहता है... क्या पूछते हैं, क्या बात करते हैं?   -मेरा पर्सनल अनुभव बहुत अच्छा रहा... जहां भी गया सभी लोग मिलकर बहुत खुश हुए... बात करनें उत्सुक थे... यह पूछने में कि आप लोग क्या कर रहे हैं...कैसे कर रहे हैं...सबसे बड़ी बात कि सबको मालूम था कि भारत स्पेस के क्षेत्र में क्या कर रहा है... मुझे ज्यादा तो कई लोग गगनयान के बारे में इतने एक्साइटेड थे कि मुझसे आकर पूछते थे कि आपका मिशन कब जा रहा है... मेरे ही क्रूू मेट जो मेरे ही साथ थे मुझसे साइन करवा कर मुझसे लिखकर ले गए कि जब भी आपका गगनयान जाएगा आपको भी इन्वाइट करेंगे लॉन्च के लिए। मुझे लगता है कि बहुत ज्यादा उत्साह है।   होमवर्क जो दिया था उसमें क्या प्रोग्रेस है -हां काफी प्रोग्रेस है... लोग हंसे थे कि प्रधानमंत्री ने आपको होमवर्क दिया है... बहुत जरूरी है। मुझे इस बात का आभास है... मैं गया ही इसलिए था। मिशन सफल रहा है लेकिन यह मिशन का अंत नहीं है, यह शुरुआत है। आपने भी बोला था कि यह पहला कदम है। इस पहले कदम का उद्देश्य ही यही था कि हम कितना कुछ सीख सकते हैं।   सबसे बड़ा काम होगा हमारे सामने कि अंतरिक्ष यात्रियों का एक पूल होना चाहिए हमारे पास... हमारे पास 40-50 लोग रेडी हों इस प्रकार का... अबतक तो शायद बहुत कम बच्चों के मन में होता होगा लेकिन आपकी सफलता के बाद शायद वह विश्वास भी बढ़ेगा आकर्षण भी बढ़ेगा   -जब मैं छोटा था तब राकेश शर्मा सर गए थे पर एस्ट्रोनॉट बनने का सपना कभी मन में नहीं आया क्योंकि हमारे पास कोई प्रोग्राम नहीं था ...लेकिन मैं जब इसबार गया स्टेशन में... तीन बार सामूहिक रूप से कार्यक्रमों में बच्चों से बातचीत की... तीनों कार्यक्रमों में बच्चे पूछते थे कि मैं कैसे एस्ट्रोनॉट बन सकता हूं। मैं समझता हूं कि यह अपने देश के लिए अपने आप में सफलता है... आज के भारत में उसको सपने देखने की जरूरत है क्योंकि उन्हें मालूम है कि यह मुमकिन है.. मौका है... ये मेरी जिम्मेदारी है कि मुझे मौका मिला कि मैं अपने देश को रिप्रजेंट कर पाया हूं और अब मेरी जिम्मेदारी है कि मैं ज्यादा-से-ज्यादा लोगों को यहां तक पहुंचाऊं।   स्पेस स्टेशन और गगनयान, अब ये हमारे बड़े मिशन हैं...उसमें आपका अनुभव बहुत काम आएगा।   -मुझे लगता है कि कहीं न कहीं हमारे लिए बहुत बड़ा मौका है , खासकर जिस तरह का कमिटमेंट हमारी सरकार... आपके द्वारा जो है स्पेस प्रोग्राम को हर साल बजट.... असफलताओं के बाद भी... चंद्रयान 2 सफल नहीं हुआ उसके बाद भी हमने कहा कि हम आगे बढ़ेंगे... चंद्रयान 3 सफल हुआ... ऐसी ही असफताओं के बाद भी इतना समर्थन... पूरी दुनिया देख रही है...तो कहीं न कहीं हमारी क्षमता भी है और स्थियां भी हैं और हम यहां पर नेतृत्वकर्ता का किरदार हासिल कर सकते हैं...    

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नई दिल्ली । इंडी गठबंधन के घटक दलों के नेताओं ने सोमवार को चुनाव आयोग पर सत्ता पक्ष के इशारे पर काम करने का आरोप लगाते हुए विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया को असंवैधानिक और एकपक्षीय बताया।   मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार द्वारा एक दिन पहले विपक्षी दलों पर “गलत सूचना फैलाने” के आरोप लगाए जाने के एक दिन बाद इंडी गठबंधन के नेताओं ने इसका जवाब देने के लिए संविधान क्लब में संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित किया। इस दौरान कांग्रेस, सपा, आम आदमी पार्टी, राजद, टीएमसी, डीएमके और सीपीएम के प्रमुख नेता मौजूद थे। इन सभी नेताओं ने चुनाव आयोग पर निष्पक्षता छोड़कर सत्ता पक्ष के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया।   लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने कहा कि वोट देने का अधिकार संविधान द्वारा दिया गया सबसे महत्वपूर्ण अधिकार है और यही लोकतंत्र की आत्मा है। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग विपक्ष के सवालों का जवाब देने से बच रहा है और जिम्मेदारी से भाग रहा है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के सामने चुनाव आयोग की दलीलें खारिज हो चुकी हैं, लेकिन आयोग ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में इन मुद्दों पर सफाई देने की बजाय विपक्षी दलों पर हमला किया।   सांसद गोगोई ने पूछा कि जब चुनाव महज तीन महीने दूर है तो एसआईआर जैसी प्रक्रिया को इतनी हड़बड़ी में क्यों लागू किया गया? बिहार के 65 लाख मतदाताओं के नाम क्यों हटाए गए और इसकी स्पष्ट जानकारी सार्वजनिक क्यों नहीं की गई? चुनाव आयोग क्यों नहीं बता पा रहा कि कौन से वोटर मृत घोषित किए गए और कितनों को आधार न होने के कारण हटाया गया?   सपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि चुनाव आयोग विपक्ष की शिकायतों पर कभी कार्रवाई नहीं करता। साल 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में जब अखिलेश यादव ने बड़े पैमाने पर वोट काटे जाने की शिकायत की, तब आयोग ने एफिडेविट मांगा और समाजवादी पार्टी ने 18,000 मतदाताओं की सूची सौंपी, लेकिन आज तक एक भी मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई। मैनपुरी उपचुनाव में सिर्फ एक खास बिरादरी के अधिकारियों की तैनाती की गई और इस पर भी आयोग ने आंखें मूंद लीं।   द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) सांसद तिरुची शिवा ने कहा कि आयोग ने अब तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि बिहार में 65 लाख मतदाताओं के नाम किस आधार पर हटाए गए। यह सूची अब 7.9 करोड़ से घटकर 7.24 करोड़ कैसे हो गई? नए मतदाताओं की संख्या इतनी कम क्यों है? यह मामला राजनीतिक दलों का नहीं, बल्कि आम नागरिकों के लोकतांत्रिक अधिकारों का है।   टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि आयोग विपक्ष पर हमला करने के लिए मंच का इस्तेमाल कर रहा है। आयोग ने दावा किया कि 65 लाख हटाए गए नामों में से 22 लाख मृत हैं। यदि यह सही है, तो इसका मतलब यह है कि 2024 का लोकसभा चुनाव फर्जी मतदाता सूची पर हुआ और ऐसी स्थिति में पूरी लोकसभा को भंग किया जाना चाहिए।   राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि शायद यह पहली बार है जब पूरा विपक्ष एक साथ चुनाव आयोग के खिलाफ खड़ा हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग की प्रेस कांफ्रेंस का समय जानबूझकर विपक्ष की 'वोटर अधिकार यात्रा' को दबाने के लिए तय किया गया था। आयोग ने मीडिया के किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया और न ही उन जिंदा लोगों की स्थिति पर टिप्पणी की जिन्हें आयोग ने मृतक सूची में डाल दिया था।   आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि एसआईआर के तहत एक महीने में 65 लाख वोट काटे गए, जिनमें 22 लाख को मृत बताया गया। बिहार में बाढ़ के बीच लोगों से दस्तावेज मांगे जा रहे हैं। संजय सिंह ने दावा किया कि दिल्ली में मंत्रियों के घरों में 33-33 वोट जोड़े गए, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।   उल्लेखनीय है कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार को कहा था कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण का उद्देश्य खामियों को सुधारना है और यह चिंताजनक है कि कुछ दल इस प्रक्रिया के बारे में गलत सूचना फैला रहे हैं। उन्होंने दोहरे मतदान और कथित वोट चोरी के आरोपों को निराधार करार देते हुए खारिज कर दिया।  

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नई दिल्ली । रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को टेलीफोन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने यूक्रेन संघर्ष, अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रम तथा भारत-रूस द्विपक्षीय सहयोग से जुड़े विविध विषयों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार, वार्ता के दौरान राष्ट्रपति पुतिन ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ पिछले सप्ताह अलास्का में हुई बैठक का विवरण प्रधानमंत्री मोदी के साथ साझा किया। प्रधानमंत्री ने इसके लिए पुतिन का आभार व्यक्त किया। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को धन्यवाद देते हुए भारत की स्थायी और सिद्ध नीति को दोहराया कि किसी भी संघर्ष का समाधान शांतिपूर्ण ढंग से, कूटनीति और संवाद के माध्यम से ही निकाला जाना चाहिए। उन्होंने इस दिशा में किए जा रहे सभी प्रयासों को भारत का समर्थन भी दोहराया। दोनों नेताओं ने भारत-रूस विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए द्विपक्षीय सहयोग के विविध पहलुओं पर भी चर्चा की। मोदी और पुतिन ने इस बात पर सहमति जताई कि वे निकट संपर्क बनाए रखेंगे, जिससे दोनों देशों के बीच विश्वास और सहयोग को और गति मिलेगी। इस बातचीत के बाद प्रधानमंत्री ने एक्स पोस्ट में लिखा, “मेरे मित्र राष्ट्रपति पुतिन को उनके फ़ोन कॉल और अलास्का में राष्ट्रपति ट्रंप के साथ उनकी हालिया मुलाक़ात के बारे में जानकारी साझा करने के लिए धन्यवाद। भारत ने यूक्रेन विवाद के शांतिपूर्ण समाधान का लगातार आह्वान किया है और इस संबंध में सभी प्रयासों का समर्थन करता है। मैं आने वाले दिनों में हमारे निरंतर आदान-प्रदान की आशा करता हूं।”

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नई दिल्ली । मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से संसद भवन कार्यालय में मुलाकात की और उन्हें मध्य प्रदेश आने का निमंत्रण दिया।    मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. माेहन यादव ने प्रदेश में हाल ही में होने वाले किसान सम्मेलन और मेट्रो ट्रेन के कोच बनाने की फैक्टरी का शुभारंभ करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया। उन्होंने इसकी जानकारी सोशल मीडिया एक्स पर भी दी। उन्होंने लिखा कि सोमवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री माेदी से शिष्टाचार भेंट कर मार्गदर्शन प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री से की गई प्रत्येक भेंट नई ऊर्जा एवं प्रेरणा का संचार करती है। इस अवसर पर उन्हें मध्यप्रदेश आने का निमंत्रण भी दिया।    प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. माेहन यादव ने बताया कि प्रदेश में औद्योगिककरण का वातावरण चल रहा है। इस दिशा में स्वदेशी का अभियान पूरे प्रदेश में चल रहा है। आत्मनिर्भर भारत बनाने की कड़ी में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। हमारा लक्ष्य है की स्वदेशी अभियान के तहत गुणवत्ता युक्त उत्पाद बनाए जाएं। इसके लिए हम सबको अधिक काम करने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि पिछले डेढ़ साल से औद्योगिकरण का प्रदेश में बड़ा अभियान चलाया जा रहा है, जिसके फल स्वरुप 30 लाख करोड़ से अधिक के एमओयू किए जा चुके हैं और 21 लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में इसी क्रम से राज्य सरकार काम करती रहेगी और निरंतर विकास की राह पर अग्रसर होती रहेगी।  

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नई दिल्ली । नासा के एक्सिओम-4 अंतरिक्ष मिशन के पायलट और भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के अमेरिका से रविवार तड़के भारत लौटने पर गर्मजोशी भरा स्वागत किया गया। उनके साथ गगनयान मिशन के बैकअप अंतरिक्ष यात्री प्रशांत बालकृष्णन नायर भी लौटे हैं। दिल्ली एयरपोर्ट पर केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और बड़ी संख्या में पहुंचे छात्र-छात्राओं ने शुभांशु और नायर का स्वागत किया।   शुभांशु शुक्ला की स्वदेश वापसी को लेकर केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा-भारत का अंतरिक्ष गौरव भारतीय धरती को छू गया क्योंकि भारत माता के प्रतिष्ठित सपूत, गगनयात्री शुभांशु शुक्ला आज तड़के सुबह दिल्ली पहुंचे।   दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने भी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शुभांशु शुक्ला की स्वदेश वापसी पर खुशी जाहिर करते हुए इससे जुड़ी तस्वीरें साझा की हैं।   माना जा रहा है कि शुभांशु शुक्ला आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात करने के बाद अपने गृहनगर लखनऊ के लिए रवाना होंगे।    शुभांशु शुक्ला नासा के एक्सिओम-4 निजी अंतरिक्ष मिशन का हिस्सा थे, जो 25 जून को अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से रवाना हुआ और 26 जून को आईएसएस से जुड़ा। 18 दिनों के मिशन में उन्होंने अपने दूसरे अंतरिक्ष सहयोगियों के साथ 60 से अधिक प्रयोग और 20 जनसंपर्क सत्र किए। शुभांशु 15 जुलाई को पृथ्वी पर लौटे थे।  

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को दिल्ली के रोहिणी में करीब 11 हजार करोड़ रुपये की लागत से निर्मित द्वारका एक्सप्रेसवे और अर्बन एक्सटेंशन रोड का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने इन सड़कों को दिल्ली को 'बेहतर शहर' बनाने के प्रयासों की कड़ी का हिस्सा बताया।   इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार के लिए जनकल्याण सर्वोपरि है और सुशासन हमारी पहचान है। दोनों राजमार्ग आधुनिक मानकों पर बने हैं और दिल्ली की कनेक्टिविटी को नई ऊंचाई देंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली को विश्व स्तरीय राजधानी बनाने के लिए बीते 11 वर्षों में भाजपा सरकार ने कई बड़े कदम उठाए हैं। पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, विस्तृत मेट्रो नेटवर्क और अब नई सड़कों ने परिवहन को सहज और सुगम बनाया है। उन्होंने बताया कि दिल्ली में अब तक 650 इलेक्ट्रिक बसें शुरू की जा चुकी हैं और निकट भविष्य में इनकी संख्या 2,000 तक पहुंचेगी। यह ग्रीन दिल्ली-क्लीन दिल्ली अभियान को और बल देगा।   प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर का विकास भाजपा सरकार की प्राथमिकता है, विशेषकर तब जब चारों ओर (दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान) भाजपा सरकारें हैं। उन्होंने कहा कि ये दोनों परियोजनाएं दिल्ली, गुरुग्राम और पूरे एनसीआर के लोगों की सुविधा बढ़ाने में अहम साबित होंगी। कार्यालय, उद्योग और कृषि से जुड़े परिवहन में तेजी आएगी और समय की बचत होगी। कूड़े के पहाड़ से परेशान लोगों की दिक्कत पर प्रधानमंत्री ने कहा कि अर्बन एक्सटेंशन रोड के निर्माण में लाखों टन कचरे का उपयोग किया गया है, जिससे कूड़े के पहाड़ कम हुए हैं और अपशिष्ट को मूल्यवान संसाधन में बदला गया है।   यमुना नदी की सफाई के प्रयासों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अब तक 16 लाख मीट्रिक टन गाद हटाई गई है। उन्होंने इसे दिल्ली को प्रदूषण और अव्यवस्था से मुक्त करने की दिशा में बड़ा कदम बताया। साथ ही उन्होंने पिछली सरकार पर आरोप लगाया कि उन्होंने दिल्ली को गड्ढे में धकेल दिया था, जिसे बाहर निकालने का कठिन कार्य भाजपा सरकार कर रही है। भाषण में प्रधानमंत्री ने सुधारों पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमारे लिए सुधार का अर्थ सुशासन का विस्तार है। आने वाले समय में सरकार कई बड़े सुधार लागू करेगी, ताकि जीवन और व्यापार दोनों आसान हो सकें।   इसी क्रम में उन्होंने जीएसटी सुधार का जिक्र करते हुए कहा कि इस दिवाली से देशवासियों को डबल बोनस मिलेगा। टैक्स दरों की पुनर्रचना और प्रणाली को सरल बनाने से गरीब, मध्यमवर्ग, छोटे व्यापारी और उद्योगपति सभी को लाभ होगा। इसका प्रारूप राज्यों के साथ साझा किया गया है और उन्हें उम्मीद है कि वे जल्द ही इसपर सहमति देंगे। उन्होंने ‘वोकल फॉर लोकल’ को जीवन मंत्र बनाने का आह्वान करते हुए कहा कि ये काम हमारे लिए मुश्किल नहीं है, जब भी हमने संकल्प लिया है, तब-तब हमने करके दिखाया है। भारत को सशक्त बनाने के लिए हमें चक्रधारी मोहन (भगवान कृष्ण) से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ना है और भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हमें चरखाधारी मोहन (महात्मा गांधी) के रास्ते पर चलना है।

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डेहरी आन सोन । बिहार में गहन मतदाता पुनरीक्षण के खिलाफ राहुल गांधी की 'वोट अधिकार यात्रा' रविवार को रोहतास जिले के डेहरी आन सोन स्थित सुआरा हवाई अड्डा से शुरू हुई । इस दौरान यहां एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह संविधान बचाने की लड़ाई है। पूरे देश में भाजपा संविधान को मिटाने पर तुली हैं। जहां भी चुनाव होता है, ये जीतते हैं।   राहुल गांधी ने कहा कि ओपिनियन पोल कह रहे थे महाराष्ट्र में महागठबंधन चुनाव जीतेगा। लोकसभा में महागठबंधन जीतता है, लेकिन चार महीने में उसी क्षेत्र में हम हारते हैं। हर चुनाव में भाजपा ने वोट चोरी किया है। हमने पता लगवाया तो पता चला कि लोकसभा चुनाव के बाद इलेक्शन कमिशन के जादू से एक करोड़ फर्जी वोट आ गए।   उन्होंने कहा कि बिहार के लोग वोट चोरी नहीं करने देंगे। क्योंकि गरीब-कमजोर लोगों के पास सिर्फ वोट का हक है। आयोग जो कर रहा है, वो सबको पता है। इलेक्शन कमीशन को हम ये नहीं करने देंगे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार अरबपतियों के साथ सरकार चलाती है। आप का पूरा धन 5-6 अरबपतियों को दिया जाता है।   इस मौके पर बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि यह आपके वोट की साधारण चोरी नहीं, बल्कि सीधी डकैती है। बिहारियों को चूना लगाना चाहते है ये लोग। लेकिन यह बिहार है, जहां चूना खैनी के साथ रगड़ा जाता है। बिहारी गरीब जरूर हैं, लेकिन यहां का बच्चा-बच्चा तीखी मिर्ची वाला काम करता है। हम किसी कीमत पर बेइमानी नहीं होने देंगे।   मौके पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे ने कहा कि यह यात्रा बिहार के 25 जिलों में जाएगी और एक सितम्बर को पटना में विशाल रैली के साथ इसका समापन होगा। उन्होने कहा कि बिहार लोकतंत्र की जन्मभूमि है। संविधान बचाने व लोकतंत्र बचाने में सभी को सहयोग करना चाहिए। सासाराम बाबू जगजीवन राम और उसके बद मीरा कुमार की कर्म भूमि रही है। कांग्रेस ने मीरा कुमार को लोकसभा का स्पीकर बनाकर सम्मान देने का काम किया। कांग्रेस सब को सामान अधिकारी देती है l केंद्र सरकार वोट के अधिकार को छीन रही है।   राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने कहा कि चोरों को हटाइये, भाजपा को भगये हमारी पार्टी को जिताये। किसी भी कीमत पर भजपा को सता में नहीं आने देना है। सभा को सीपीआई एमएल के दीपांकर भट्टाचार्य, कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल, कन्हैया कुमार,वीआईपी के मुकेश सहनी, मंगनी लाल मंडल, पी संतोष, सुहासिनी अली, अब्दुलबारी सिद्दीकी, कुणाल, कृष्ण अल्लावारू, राजेश राम, कांति सिंह समेत महागठबंधन के तमाम बड़े नेताओं सांसदों विधयको ने सम्बोधित किया l सभा उपरांत कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मंत्री लालू प्रसाद ने हरी झंडी दिखाकर यात्रा को रवाना किया।

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चंडीगढ़ । पंजाब प्रदेश के अमृतसर स्थित भारत-पाकिस्तान के अटारी बॉर्डर पर शुक्रवार को 79वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है। कमांडेंट एसएस चंदेल ने सरहद पर तिरंगा फहराया। इसके साथ ही जवानों को मिठाइयां देकर आज के दिन की शुभकामनाएं भी दीं। लेकिन आज पाकिस्तान के साथ मिठाइयों का आदान-प्रदान नही हुआ। 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद भारत-पाकिस्तान दोनों देशों ने 12 मई से रिट्रीट तो शुरू कर दी, लेकिन तब से लेकर अभी तक दोनों देशों ने अपने गेटों को नहीं खोला है। आज की रिट्रीट भी ऐसी ही होने वाली है। दोनों देश आज भी ना तो गेट खोलेंगे और ना ही हाथ मिलाएंगे। अपनी-अपनी सीमाओं में रहते हुए दोनों देश गेटों के पार से ही झंडा उतारने की रस्म को पूरा करेंगे। भारत-पाकिस्तान अटारी बॉर्डर पर सामान्य की भांति रिट्रीट तो होगी, लेकिन मिठाइयों का आदान-प्रदान नहीं होगा। पहले पुलवामा और अब पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के रिश्तों के बीच खटास आ गई है। पुलवामा हमले के बाद तकरीबन 3 सालों तक दोनों देशों के बीच मिठाइयों का आदान प्रदान नहीं हुआ था। भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद दोनों देशों में ईद, दिवाली, 15 अगस्त तथा अन्य महत्वपूर्ण अवसरों पर मिठाइयों का आदान प्रदान किया जाता है।अब पहलगाम हमले के बाद फिर से हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। जिसके चलते शुक्रवार की सुबह भारतीय सैन्य अधिकारियों और पाकिस्तान रेंजरों के बीच मिठाई का आदान प्रदान नहीं किया गया। 14 अगस्त को पाकिस्तान की तरफ से भी इस तरह की कोई पहल नहीं की गई।

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जम्मू । राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की एक टीम शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के बादल फटने से प्रभावित चशोती गांव पहुंची। इस आपदा में अब तक कम से कम 46 लोगों की मौत होने की जानकारी मिली है, जबकि 167 लोगों को बचाया गया है।   अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार को बचाए गए लोगों में से 38 की हालत गंभीर है। दिन चढ़ने के साथ मृतकों की संख्या लगातार बढ़ती गई और आशंका है कि यह और बढ़ सकती है। एनडीआरएफ की टीम गांव में चल रहे अभियान में शामिल हो गई है। किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज शर्मा देर रात गुलाबगढ़ पहुंचे। अभियान की निगरानी कर रहे शर्मा ने कहा कि खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टरों का संचालन नहीं हो सका, इसलिए टीम उधमपुर से सड़क मार्ग से आई।   उपायुक्त ने बताया कि दो और टीमें रास्ते में हैं और विनाश व्यापक होने के कारण अभियान में शामिल होंगी। उन्होंने बताया कि सेना ने खोज और बचाव अभियान को तेज करने के लिए एक और टुकड़ी को भी शामिल किया है। राष्ट्रीय राइफल्स के जवान भी अभियान में शामिल हो गए हैं।उन्होंने बताया कि 60-60 कर्मियों वाली पाँच टुकड़ियां, कुल 300 सैनिक, व्हाइट नाइट कोर की चिकित्सा टुकड़ियों के साथ मौके पर हैं और पुलिस, एसडीआरएफ और अन्य नागरिक एजेंसियों के साथ मिलकर लोगों की जान बचाने और ज़रूरतमंदों की सहायता करने के लिए अथक प्रयास कर रही हैं।   अबाबील की स्वयंसेवी टीमें नौ एम्बुलेंस के साथ कल गांव पहुंची और अभियान में शामिल हुईं। टीम ने शवों को निकालने और घायलों को अथोली और किश्तवाड़ के अस्पतालों में पहुंचाने में मदद की है। एक अन्य समूह हिलाल वालंटियर्स ने भी बचाव अभियान में शामिल होकर घायलों को अस्पताल पहुंचाने में मदद की है।

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को 79वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में सामर्थ्य और आत्मनिर्भरता को आपस में जोड़ते हुए विकसित भारत की ओर बढ़ने के लिए एकजुट प्रयास का आह्वान किया। अपने संबोधन में उन्होंने दीपावली पर नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म, जनसांख्यिकी की बदलाव से निपटने के लिए डेमोग्राफिक मिशन, रक्षा क्षेत्र से जुड़े सुदर्शन चक्र मिशन जैसी बड़ी घोषणाएं की।   प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने 12वें स्वतंत्रता दिवस संबोधन में कई घोषणाएं कीं। इनमें स्पष्ट संदेश था कि भारत अपनी शर्तों पर भविष्य गढ़ेगा, अपना भाग्य स्वयं तय करेगा और 2047 तक विकसित राष्ट्र बनेगा। प्रधानमंत्री ने लाल किले से दिए संबोधन में घोषणा की कि सरकार दीपावली के अवसर पर नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म लागू करेगी। एक उच्चस्तरीय समिति द्वारा समीक्षा के बाद तय किए गए इन सुधारों के तहत सामान्य नागरिक से जुड़े करों में उल्लेखनीय कमी की जाएगी। इससे रोजमर्रा की वस्तुएं सस्ती होंगी और एमएसएमई क्षेत्र को लाभ मिलेगा।   प्रधानमंत्री ने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर आत्मनिर्भरता, तकनीकी शक्ति एवं समावेशी विकास का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी तकनीक-प्रधान है और जो देश तकनीक में आगे हैं, वे ही सफलता प्राप्त कर रहे हैं। इसी दिशा में भारत सेमीकंडक्टर क्षेत्र में मिशन मोड में कार्य कर रहा है और वर्ष के अंत तक ‘मेड इन इंडिया’ चिप बाजार में उपलब्ध होगी। ऊर्जा क्षेत्र में भी भारत सौर, हाइड्रोजन और परमाणु स्रोतों में आत्मनिर्भर बनने के प्रयास कर रहा है।   प्रधानमंत्री ने ‘नेशनल डीप वॉटर एक्सप्लोरेशन मिशन’ और ‘नेशनल क्रिटिकल मिशन’ की घोषणा की, जिनका उद्देश्य समुद्र में तेल-गैस भंडार और 1,200 से अधिक स्थलों पर महत्वपूर्ण खनिजों की खोज है। यह रणनीतिक कदम तकनीकी, रक्षा और ऊर्जा क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि सुरक्षा के लिए ‘मिशन सुदर्शन चक्र’ शुरू किया जाएगा, जो अत्याधुनिक हथियार प्रणाली विकसित करेगा। देशभर के सामरिक, नागरिक और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए नवीनतम तकनीकी उपकरण लगाए जाएंगे।   सीमावर्ती क्षेत्रों में जनसांख्यिकीय बदलाव पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने ‘हाई पावर डेमोग्राफी मिशन’ की घोषणा की, जिससे घुसपैठ और जनसंख्या असंतुलन की चुनौती से निपटा जाएगा।    प्रधानमंत्री ने “वोकल फॉर लोकल” पहल के तहत नागरिकों और दुकानदारों से भारत में निर्मित वस्तुओं को अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि स्वदेशी गर्व और ताकत से प्रेरित होना चाहिए, न कि मजबूरी से। इसके लिए दुकानों के बाहर “स्वदेशी” बोर्ड लगाने जैसी पहल करने का सुझाव दिया, जिससे आत्मनिर्भरता को बढ़ावा, उद्यमिता को समर्थन और भारत की आर्थिक-औद्योगिक नींव मजबूत हो।   प्रधानमंत्री ने ‘रिफॉर्म टास्क फोर्स’ बनाने की घोषणा की। टास्क फोर्स का लक्ष्य आर्थिक वृद्धि में तेजी, लालफीताशाही में कमी, शासन का आधुनिकीकरण और 2047 तक 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की तैयारी है। प्रधानमंत्री ने यह बताया कि भारत ने अपना 2030 का 50 प्रतिशत स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्य 2025 में ही हासिल कर लिया है। उन्होंने मिशन ग्रीन हाइड्रोजन, नए सौर और जल ऊर्जा संयंत्रों तथा 10 नए परमाणु रिएक्टरों के ज़रिए 2047 तक परमाणु ऊर्जा में दस गुना वृद्धि का रोडमैप साझा किया।   प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में आज से एक लाख करोड़ रूपये की योजना शुरू करने की घोषणा की। योजना के तहत नए नियोजित युवाओं को प्रतिमाह 15,000 रूपये सहायता दी जाएगी। इस योजना का लाभ तीन करोड़ युवाओं को मिलेगा, जो स्वतंत्र भारत से समृद्ध भारत की ओर पुल का कार्य करेगी।   प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत के बजट का बड़ा हिस्सा पेट्रोल, डीज़ल और गैस आयात पर खर्च होता है। उन्होंने ‘नेशनल डीपवॉटर एक्सप्लोरेशन मिशन’ की शुरुआत की घोषणा की, जो समुद्री संसाधनों के दोहन के साथ सौर, हाइड्रोजन, जल और परमाणु ऊर्जा में बड़े विस्तार का मार्ग प्रशस्त करेगा।    प्रधानमंत्री ने कहा कि जैसे कोविड-19 के दौरान भारत ने वैक्सीन बनाई और डिजिटल भुगतान के लिए यूपीआई विकसित किया, वैसे ही अब हमें अपने जेट इंजन भी बनाने होंगे। उन्होंने वैज्ञानिकों और युवाओं से इसे राष्ट्रीय चुनौती के रूप में स्वीकार करने का आह्वान किया।   प्रधानमंत्री ने “मिशन सुदर्शन चक्र” की घोषणा की, जिसका उद्देश्य शत्रु रक्षा तंत्र में सेंधमारी को निष्प्रभावी करना और भारत की आक्रामक क्षमताओं को सुदृढ़ करना है। इसे श्रीकृष्ण के सुदर्शन चक्र से जोड़ते हुए उन्होंने बताया कि भारत अपनी सांस्कृतिक और पौराणिक विरासत से प्रेरणा लेकर आधुनिक रक्षा नवाचार को दिशा देता है। यह मिशन रणनीतिक स्वायत्तता का प्रतीक है, जो किसी भी खतरे का तेज, सटीक और शक्तिशाली जवाब सुनिश्चित करेगा।   प्रधानमंत्री ने स्टार्टअप, एमएसएमई और उद्यमियों के लिए अनुपालन लागत घटाने और पुराने कानूनी प्रावधानों के भय से मुक्ति देने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इसके लिए ‘नेक्स्ट जनरेशन रिफॉर्म्स टास्क फोर्स’ बनाई जाएगी, जो सभी आर्थिक कानूनों और प्रक्रियाओं की समयबद्ध समीक्षा करेगी।   उन्होंने अपने संबोधन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 वर्ष पूर्ण होने पर संगठन और उसके स्वयंसेवकों को आदरपूर्वक नमन किया। उन्होंने कहा कि संघ ने व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण के संकल्प तक मां भारती के कल्याण का लक्ष्य लेकर मातृभूमि को जीवन समर्पित किया है।   प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले वर्षों में उनकी सरकार ने ऐतिहासिक सुधारों की लहर चलाई है। 40 हजार से अधिक अनावश्यक अनुपालन समाप्त किए गए, 1,500 से अधिक पुराने कानून निरस्त हुए और दर्जनों कानून संसद में सरल बनाए गए। हालिया सत्र में ही 280 से अधिक प्रावधान हटाकर शासन को सरल और नागरिकों के लिए सुलभ बनाया गया। उन्होंने कहा कि सुधार केवल आर्थिक विषय नहीं, बल्कि नागरिकों के रोजमर्रा के जीवन को बदलने का माध्यम हैं।   प्रधानमंत्री ने आयकर सुधार, फेसलेस असेसमेंट, 12 लाख रूपये तक की वार्षिक आय पर शून्य कर और पुराने आपराधिक कानूनों को भारतीय न्याय संहिता से बदलने को प्रमुख उपलब्धियां बताया। उन्होंने कहा कि इनसे पारदर्शिता, दक्षता और न्यायिक प्रक्रियाओं में सरलता आई है। प्रधानमंत्री ने इस स्वतंत्रता दिवस को “140 करोड़ संकल्पों का पर्व” बताते हुए कहा कि यह सिर्फ राष्ट्रीय उत्सव नहीं, बल्कि देशवासियों की सामूहिक उपलब्धियों और गौरव का प्रतीक है ।    उन्होंने संविधान निर्माताओं डॉ. भीमराव अंबेडकर, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल और अन्य के योगदान को याद किया। साथ ही यह स्पष्ट किया कि संविधान सिर्फ ऐसा दस्तावेज नहीं, बल्कि देश का उज्जवल और स्थायी मार्गदर्शक है। उन्होंने श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान को याद करते हुए कहा कि वे भारत के संविधान के लिए बलिदान देने वाले पहले महापुरुष थे। उनका जीवन राष्ट्र के लिए प्रेरणा है। अनुच्छेद 370 की दीवार गिराकर, एक देश-एक संविधान के मंत्र को जब हमने साकार किया, तो हमने डॉ. मुखर्जी को सच्ची श्रद्धाजंलि दी।   प्रधानमंत्री ने हाल ही में सम्पन्न “ऑपरेशन सिंदूर” का उल्लेख करते हुए इस सैन्य अभियान को आधुनिक और आत्मनिर्भर रक्षा संरचना का प्रमाण बताया। उन्होंने कहा कि देश अब आतंकवादियों को समर्थन देने वालों के खिलाफ रुख कठोर रखेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि सिंधु जल समझौते ने देश के किसानों को अकल्पनीय नुकसान पहुंचाया है और किसान हित व राष्ट्रहित में इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।  प्रधानमंत्री ने ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा का उल्लेख करते हुए बताया कि भारत अब अपना स्वयं का अंतरिक्ष स्टेशन विकसित करने की ओर बढ़ रहा है। इस क्षेत्र में 300+ स्टार्टअप सक्रिय रूप से योगदान दे रहे हैं।   उन्होंने बताया कि यूपीआई के माध्यम से भारत दुनिया के डिजिटल लेन-देन का लगभग आधा हिस्सा संभाल रहा है। प्रधानमंत्री ने डेटा सुरक्षा, साइबर सुरक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डीप टेक प्लेटफॉर्म्स में स्वदेशी पहल की जरूरत पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने महिला सशक्तिकरण की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि दो करोड़ महिलाएं ‘लाखपति दीदी’ बन चुकी हैं। उन्होंने ‘ड्रोन दीदी’ जैसी पहल का भी संकेत देते हुए, ‘वोकल फॉर लोकल’ का समर्थन करते हुए स्वदेशी उत्पादों के उपयोग पर जोर दिया।   प्रधानमंत्री ने इस बात को रेखांकित किया कि भारत ने दूध, दाल और जूट में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। मछली उत्पादन में दूसरा स्थान हासिल किया है और चावल, गेहूं, फल-सब्जियों के निर्यात में भी मजबूत स्थिति बनी हुई है। कृषि निर्यात 4 लाख करोड़ रूपये तक पहुंच चुका है। प्रधानमंत्री ने जनधन, आयुष्मान, आवास, सड़क जैसे योजनाओं के ज़रिए 25 करोड़ गरीबों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाने का दावा किया।   प्रधानमंत्री ने कहा कि समृद्धि का मार्ग सुरक्षा से होकर गुजरता है। पिछले 11 वर्षों में राष्ट्र और नागरिक सुरक्षा पर समर्पण से काम किया गया है। नक्सलवाद से प्रभावित सवा सौ जिलों की संख्या घटाकर मात्र 20 कर दी गई है। आदिवासी क्षेत्रों में कानून और विकास का तिरंगा फहराया गया है। बस्तर जैसे इलाकों में, जो कभी बम-बंदूक की गूंज से पहचाने जाते थे, आज खेल, उत्साह और प्रगति का वातावरण है। रेड कॉरिडोर अब ग्रीन कॉरिडोर में बदल रहा है, यह परिवर्तन देश के लिए गर्व और प्रेरणा का स्रोत है।   सामाजिक क्षेत्र में प्रधानमंत्री ने महात्मा ज्योतिबा फुले की 200वीं जयंती पर विशेष कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा की और उनके ‘पिछड़ों को प्राथमिकता’ के मंत्र को विकास का आधार बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि किसानों, मछुआरों और पशुपालकों के अहित से जुड़े किसी भी प्रयास के सामने वे स्वयं खड़े हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सिर्फ समाज के पिछड़े लोगों की ही चिंता नहीं कर रहे बल्कि पिछड़े क्षेत्र, जिलों और ब्लॉक क्षेत्र को भी प्राथमिकता दे रहे हैं। इसी मिशन के तहत हमने 100 आकांक्षी जिलों और 500 आकांक्षी ब्लॉकों में विकास का काम किया है।   प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास में खेल का अहम योगदान है। पहले खेल को समय की बर्बादी माना जाता था, अब माता-पिता बच्चों की खेल उपलब्धियों पर गर्व करते हैं। खेल को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय खेल नीति लाई गई है, जिससे स्कूल से ओलंपिक तक इकोसिस्टम बने। उन्होंने मोटापे की बढ़ती समस्या पर चिंता जताई और घर में तेल का उपयोग 10 प्रतिशत कम करने की अपील की।

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नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय के जस्टिस विक्रम नाथ की तीन सदस्यीय बेंच ने आवारा कुत्तों के मामले पर सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है। इसके पहले 11 अगस्त को जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने दिल्ली-एनसीआर की सड़कों और गलियों को आवारा कुत्तों से मुक्त कराने के लिए दिल्ली सरकार, दिल्ली नगर निगम और नई दिल्ली नगर पालिका परिषद समेत एनसीआर में संबंधित प्राधिकार को सख्त दिशा-निर्देश जारी किए थे।  जस्टिस पारदीवाला की बेंच ने कहा था कि सभी स्थानों से आवारा कुत्तों को उठाया जाए। इन आवारा कुत्तों को डॉग शेल्टर होम में रखा जाए। उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि अगले 6 हफ्ते में पांच हजार कुत्तों से शुरुआत करें। उच्चतम न्यायालय ने सख्त चेतावनी दी है अगर कोई कुत्ता प्रेमी व्यक्ति या संगठन इसमें बाधा बनता है, तो न्यायालय को सूचित करें। न्यायालय उनके खिलाफ कार्रवाई करेगा। यह न्यायालय की अवमानना समझा जाएगा।जस्टिस पारदीवाला की बेंच ने कहा था कि दिल्ली-एनसीआर के सभी प्राधिकार तुंरत डॉग शेल्टर बनाएं और आठ हफ्ते में न्यायालय को जानकारी दें। न्यायालय ने कहा कि कुत्तों की नसबंदी के लिए पर्याप्त लोग वहां तैनात किए जाएं। कुत्तों को सार्वजनिक जगहों पर न छोड़ा जाए। सीसीटीवी कैमरों की निगरानी रखी जाए। जस्टिस पारदीवाला की बेंच ने कहा था कि उसके इन दिशा-निर्देशों पर सख्ती से अमल हो। नवजात बच्चों, छोटे बच्चों को रैबीज के शिकार होने के लिए नहीं छोड़ा जा सकता। लोगों को यह यकीन होना चाहिए कि वो आवारा कुत्तों के डर के बिना भय के घूम सकें।उच्चतम न्यायालय के इस फैसले का पशु अधिकार कार्यकर्ताओं ने काफी विरोध किया था। इसके बाद 13 अगस्त को एक वकील ने चीफ जस्टिस के समक्ष मेंशन करते हुए कहा था कि आवारा कुत्तों को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई है और वह याचिका अभी लंबित है। उन्होंने चीफ जस्टिस से कहा कि आवारा कुत्तों को लेकर अलग-अलग बेंच ने अलग-अलग फैसले दिए हैं। तब चीफ जस्टिस ने इस पर विचार करने का भरोसा दिया था।  

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नई दिल्ली । भारत ने पाकिस्तान के नेताओं को बयानबाजी में संयम बरतने की सलाह दी है। साथ ही चेतावनी दी कि पड़ोसी देश की ओर से किसी भी दुस्साहस के दर्दनाक परिणाम होंगे। हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर ने इसका स्पष्ट उदाहरण पेश किया है।विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साप्ताहिक पत्रकार वार्ता में उक्त बातें कहीं। उन्होंने कहा कि हाल में भारत के खिलाफ पाकिस्तान के नेताओं ने लापरवाह, युद्धोन्मादी और घृणास्पद टिप्पणियां की हैं। अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए बार-बार भारत विरोधी बयान देना पाकिस्तानी नेतृत्व की आदत है।प्रवक्ता ने कहा, “पाकिस्तान को अपनी बयानबाजी पर संयम बरतने की सलाह दी जाती है क्योंकि किसी भी दुस्साहस के दर्दनाक परिणाम होंगे जैसा कि हाल ही में प्रदर्शित किया गया था।” इसके अलावा भारत ने स्पष्ट किया कि सिंधु जल संधि पर मध्यस्थता न्यायालय की वैधता, औचित्य या क्षमता को भारत ने कभी स्वीकार नहीं किया है। ऐसे में इसके फैसले अधिकार क्षेत्र से बाहर और कानूनी प्रभाव से रहित हैं तथा भारत के जल उपयोग अधिकारों को प्रभावित नहीं करते।जायसवाल ने पाकिस्तान के निर्णय संबंधी चुनिंदा और भ्रामक संदर्भों को भी खारिज किया। उन्होंने दोहराया कि 27 जून को स्पष्ट किया गया था कि सिंधु जल संधि भारत सरकार के संप्रभु निर्णय के तहत स्थगित है। यह निर्णय पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद को लगातार प्रायोजित करने और बर्बर पहलगाम हमले के जवाब में लिया गया है।

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किश्तवाड़। जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में गुरुवार को मचैल माता यात्रा के रास्ते में सुदूर गांव चसोती में बादल फटने से कम से कम 10 लोगों के मारे जाने की आशंका है। घटना के बाद मंदिर की वार्षिक यात्रा स्थगित कर दी गई है और अधिकारी सभी संसाधन जुटाकर बड़े पैमाने पर बचाव और राहत अभियान चलाने के लिए घटनास्थल की ओर रवाना हो गए हैं। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने घटना में हुई जानमाल के नुकसान पर शोक व्यक्त किया है।   जम्मू और कश्मीर के किश्तवाड़ के पड्डर के चसोती गांव में भारी बादल फटने की खबर है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार मंदिर जाने वाले रास्ते में आखिरी यातायात योग्य प्रभावित क्षेत्र में 200 से 300 लोगों के फंसे होने की आशंका है। अधिकारियों ने बताया कि किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नरेश सिंह भी बचाव अभियान की निगरानी के लिए बादल फटने वाले इलाके में जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पाडर के उप-मंडल मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में अधिकारियों की एक टीम घटनास्थल पर पहुंच गई है और अब तक बादल फटने से 10 लोगों के मरने की आशंका है।   उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि किश्तवाड़ जिले के चसोती गांव में बादल फटने की घटना से व्यथित हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। सिविल, पुलिस, सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ अधिकारियों को बचाव एवं राहत कार्यों को और तेज़ करने और प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया गया है।   केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि चसोती इलाके में बड़े पैमाने पर बादल फटा है, जिससे बड़ी संख्या में लोगों की जान जा सकती है। प्रशासन तुरंत हरकत में आ गया है और बचाव दल घटनास्थल के लिए रवाना हो गया है। उन्होंने इस मामले पर किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा से बात की।

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फतेहपुर। उत्तर प्रदेश में फतेहपुर जिले के मुख्यालय पर आबूनगर रेडाइया स्थित एक विवादित स्थल को लेकर सोमवार को दो संप्रदाय के लोगों के बीच विवाद हो गया। हिन्दू संगठनों के कुछ लोग यहांं एक मकबरे को ठाकुरजी का मंदिर बताते हुए घुस गए और वहां भगवा ध्वज फहरा दिया। इस पर मुस्लिम समुदाय ने विरोध किया। इसके बाद दोनों पक्षाें ने जमकर हंगामा और पथराव किया। सूचना पाकर जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक समेत भारी संख्या में फोर्स मौके पर पहुंची और दोनों समुदाय के प्रमुख लोगों से वार्ता कर स्थिति को नियंत्रण में किया। सुरक्षा की दृष्टि से फोर्स तैनात है।   हिन्दू संगठनों ने किया था आह्वान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल, विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के प्रदेश उपाध्यक्ष वीरेंद्र पांडेय और बजरंग दल के धर्मेन्द्र जनसेवक के आह्वान पर सोमवार सुबह कर्पूरी ठाकुर चौराहे पर हिंदू संगठनों से जुड़े लोगों की बड़ी संख्या में भीड़ एकत्र हो गई। इसके बाद हिन्दू संगठनों के लोगों ने विवादित स्थल की ओर बढ़े और तीन किलोमीटर के दायरे में तीन जगह पर लगी बैरीकेटिंग को तोड़ते हुए मकबरा स्थल तक पहुंच गए। कुछ युवाओं ने इमारत पर ध्वज लगा दिया।     मुस्लिमों ने किया पथराव विवादित स्थल पर हिन्दू संगठनों के ध्वज लगाने पर मुस्लिम पक्ष के लोगों ने काफी नाराजगी दिखाई। मुस्लिमों ने आरोप लगाया है कि हिन्दू संगठनों के लोगों ने मजार को क्षतिग्रस्त किया है। इसके बाद एक समुदाय के लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। मामला तूल पकड़ने पर अतिरिक्त पुलिस फोर्स मौके  पर पहुंची और हिंदू संगठनों के लोगों को बाहर कर इमारत की सुरक्षा बढ़ा दी है।    स्थिति नियंत्रण में और शांति बनाए रखना प्राथमिकता: डीएम इस घटना को लेकर जिलाधिकारी रविन्द्र सिंह ने बताया कि आज कुछ लोगों ने विवादित स्थल पर ध्वज फहराने की कोशिश की है। दूसरे समुदाय ने इसका विरोध किया है। प्रशासन ने लोगों को रोकते हुए दोनों पक्षों से वार्ता कर शान्ति व्यवस्था बनाये रखने में सहयोग की अपील की गई है। दोनों पक्षों के लोगों से बात करने किसी के साथ अहित न किए जाने का आश्वासन दिया गया। दोनों पक्ष के लोग संतुष्ट होकर वापस चले गये हैं। विवादित स्थल मकबरा या मंदिर होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस बात का निर्णय टेक्निकल एक्सपर्ट ही कर पायेंगे, इस वक्त शांति व्यवस्था बनाए रखना ही मेरी प्राथमिकता है।   गौरतलब है कि फतेहपुर जिला मुख्यालय के नवाब अब्दुस समद मकबरा, खसरा संख्या 753, मो. रेडड्या, आबू नगर, तहसील सदर, जो कि राष्ट्रीय सम्पत्ति मकबरा के तौर पर अभिलेखों में दर्ज हैं। इसके अधिकारिक मुतवल्ली के तौर पर मोहम्मद अनीश का नाम दर्ज है। “मठ मंदिर संरक्षण संघर्ष समिति” संगठन के पदाधिकारियों ने इस मकबरे को “ठाकुरजी का मन्दिर” बताया जा रहा है। इस ऐतिहासिक, सांस्कृतिक व धार्मिक धरोहर पर कब्जा करने के लिए हिन्दू संगठनों के पदधिकारियों ने 11 अगस्त को मकबरे का नवीनीकरण कर मन्दिर बनाने की घोषणा करते हुए अपने समर्थकों को पहुंचने का आह्वान भी किया था।

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नई दिल्ली । त्रिवेंद्रम से दिल्ली जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट एआई 2455 रविवार शाम को एक बड़े हादसे से बाल-बाल बची। विमान में कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल, कई सांसद और सैकड़ों यात्री सवार थे। यह जानकारी वेणुगोपाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट के माध्यम से दी।   उन्होंने बताया कि फ्लाइट की शुरुआत ही देरी से हुई थी, लेकिन उड़ान भरने के करीब एक घंटे बाद अचानक तेज और अप्रत्याशित झटके (तूफ़ानी हवाओं के कारण) महसूस हुए। इसके बाद विमान के कप्तान ने उड़ान सिग्नल में खराबी की सूचना दी और विमान को चेन्नई की ओर मोड़ दिया।   उन्होंने एक पर बताया कि करीब दो घंटे तक विमान चेन्नई हवाई अड्डे के ऊपर मंडराता रहा और लैंडिंग की अनुमति का इंतजार करता रहा। पहली बार लैंडिंग की कोशिश के दौरान एक बेहद खतरनाक स्थिति पैदा हो गई, जब उसी रनवे पर एक और विमान मौजूद था। कप्तान ने तुरंत निर्णय लेते हुए विमान को फिर से ऊपर उड़ा दिया और सभी की जान बचा ली। दूसरी कोशिश में विमान सुरक्षित उतरा।   वेणुगोपाल ने कहा कि इस घटना में सभी यात्री कप्तान के कौशल और किस्मत की वजह से बचे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि यात्रियों की सुरक्षा कभी भी किस्मत पर निर्भर नहीं होनी चाहिए। कांग्रेस नेता ने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) और नागरिक उड्डयन मंत्रालय से इस मामले की तत्काल जांच करने, जिम्मेदारी तय करने और भविष्य में ऐसी लापरवाही को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है।

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नई दिल्ली । बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और चुनावों में कथित 'वोट चोरी' को लेकर कांग्रेस के नेतृत्व में इंडी गठबंधन के सांसदों ने सोमवार को संसद भवन से लेकर निर्वाचन आयोग मुख्यालय तक विरोध मार्च निकाला। इसमें लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक सहित कई अन्य दलों के वरिष्ठ नेता शामिल रहे। करीब के एक घंटे के प्रदर्शन के दौरान सांसदों ने 'वोट चोरी रोको' और 'एसआईआर खत्म करो' जैसे नारे लगाए। कई नेताओं ने सफेद रंग की टोपी पहन रखी थी, जिस पर ‘एसआईआर’ और ‘वोट चोरी’ लिखा हुआ था और उस पर लाल रंग का क्रॉस का निशान बना हुआ था।पुलिस ने इस विरोध मार्च को रोकने के लिए पहले से ही संसद भवन से कुछ दूरी पर आरबीआई गेट के पास बैरिकेडिंग कर रखी थी। जैसे ही सांसद बैरिकेडिंग के पास पहुंचे, उन्हें वहीं रोक दिया गया। इसके विरोध में अखिलेश यादव, आदित्य यादव और धर्मेंद्र यादव बैरिकेड फांद गए। इस दौरान मौके पर भारी पुलिस बल तैनात था और विरोध तेज होते ही पुलिस ने राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, अखिलेश सहित कई विपक्षी नेताओं को हिरासत में ले लिया। सांसदों ने आरोप लगाया कि एसआईआर की आड़ में लाखों नाम हटाए जा रहे हैं और यह लोकतंत्र के खिलाफ है।विपक्ष का कहना है कि यह प्रक्रिया निष्पक्ष चुनाव की भावना के विपरीत है। सरकार चुनावी फायदों के लिए मतदाता सूची में हेरफेर कर रही है। नेताओं ने चुनाव आयोग से इस प्रक्रिया को तुरंत रोकने की मांग की और कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

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नई दिल्ली ।  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से तीन नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया, जिनमें अजनी (नागपुर)–पुणे वंदे भारत एक्सप्रेस भी है। इस नई रेल सेवा के शुभारंभ के साथ ही महाराष्ट्र को उसकी 12वीं वंदे भारत ट्रेन की सौगात मिल गई।नागपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या आठ पर आयोजित भव्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी विशेष रूप से उपस्थित रहे। उद्घाटन अवसर पर स्थानीय नागरिकों ने ढोल-नगाड़ों के साथ खुशी जाहिर की। ट्रेन में यात्रा कर रहे स्कूली बच्चों और बुजुर्गों ने देशभक्ति गीतों से वातावरण को राष्ट्रभक्ति से सराबोर कर दिया।मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी डॉ. स्वप्निल नीला ने बताया कि अजनी (नागपुर)–पुणे वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन महाराष्ट्र की सबसे लंबी दूरी तय करने वाली वंदे भारत बन गई है, जो कुल 881 किलोमीटर की दूरी 10 मध्यवर्ती स्टेशनों के साथ तय करेगी। यह वर्धा, बडनेरा, अकोला, शेगांव, भुसावल, जलगांव, मनमाड, कोपरगांव, अहमदनगर और दौंड जैसे प्रमुख स्टेशनों से गुजरेगी। डॉ. नीला ने बताया कि यह ट्रेन सप्ताह में छह दिन चलेगी। ट्रेन संख्या 26101 पुणे से प्रातः 6:25 बजे रवाना होकर उसी दिन शाम 6:25 बजे अजनी पहुंचेगी, जबकि ट्रेन संख्या 26102 अजनी से सुबह 9:50 बजे रवाना होकर रात 9:50 बजे पुणे पहुंचेगी।इस सेवा से पहली बार वर्धा और मनमाड के बीच का लगभग 400 किलोमीटर का क्षेत्र वंदे भारत सेवा से जुड़ रहा है, जिससे इस क्षेत्र के 500 से अधिक गांवों और करीब 20 लाख लोगों को लाभ होगा। साथ ही भगवान गजानंद महाराज के प्रसिद्ध मंदिर वाले सांस्कृतिक शहर शेगांव को भी पहली बार वंदे भारत ट्रेन से जोड़ा गया है, जिससे पुणे और नागपुर से आने वाले श्रद्धालुओं को बड़ी राहत मिलेगी।नागपुर को देश की स्वास्थ्य सेवा नगरी और बाघ राजधानी के रूप में जाना जाता है। इसी तरह पुणे को महाराष्ट्र की सांस्कृतिक राजधानी कहा जाता है। इन दोनों शहरों को जोड़ते हुए यह वंदे भारत ट्रेन औद्योगिक, शैक्षणिक, चिकित्सा और धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगी।इस ट्रेन में एक एग्जीक्यूटिव चेयर कार और 7 चेयर कार कोच लगाये गए हैं, जिनमें कुल 530 यात्रियों के बैठने की सुविधा है। पूरी तरह वातानुकूलित इस ट्रेन में एलईडी लाइटिंग, बायो-वैक्यूम शौचालय, अग्नि सुरक्षा प्रणाली, सीसीटीवी निगरानी और पुनर्योजी ब्रेकिंग जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। यह नई सेवा 'मेक इन इंडिया' की मिसाल है, जो रेलवे के ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। वर्तमान में देश में 72 वंदे भारत ट्रेनें संचालित हो रही हैं और अगले तीन वर्षों में 200 से अधिक नई वंदे भारत ट्रेनें शुरू करने की योजना है।

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नई दिल्ली । चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जीत को तीनों सेनाओं के बीच तालमेल और परिचालन में एकजुटता का प्रमाण बताया है। जनरल अनिल चौहान ने प्रौद्योगिकी संचालित आधुनिक युद्ध में विघटनकारी परिवर्तनों से निपटने के लिए व्यापक क्षमता विकास, आत्मनिर्भरता और सेना में किए जा रहे परिवर्तनकारी बदलावों की गहरी समझ के महत्व पर बल दिया।   सिकंदराबाद के कॉलेज ऑफ डिफेंस मैनेजमेंट में 21वें उच्च रक्षा प्रबंधन पाठ्यक्रम के प्रतिभागियों और वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत करते हुए सीडीएस ने सशस्त्र बलों में संयुक्तता और एकीकरण पर रणनीतिक दृष्टिकोण साझा किए। उन्होंने एकीकृत अभियानों के भविष्य की कार्य योजना को आकार देने के लिए अहम बिंदुओं पर प्रकाश डाला। सीडीएस ने ‘राष्ट्रीय सुरक्षा संरचना और उच्चतर रक्षा प्रबंधन’ पर एक गहन व्याख्यान दिया। उन्होंने भारत के रक्षा संगठन के विकास और वर्तमान ढांचे की रूपरेखा प्रस्तुत की।    उन्होंने सैन्य मामलों के विभाग की उपलब्धियों, निर्णय लेने के लिए महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सुरक्षा समितियों के कामकाज, संगठनात्मक पुनर्गठन सहित सुधारों के पालन और संयुक्त क्षमता बढ़ाने ​के लिए थिएटर कमांड की कार्य योजना पर प्रकाश डाला।​ उन्होंने अपने संबोधन में उभरती राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए निरंतर सुधारों, आपसी तालमेल और अनुकूलनशीलता के महत्व पर बल दिया।   संयुक्त रसद और एकीकरण को मजबूत करने के निरंतर प्रयासों के तहत जनरल अनिल चौहान ने कॉलेज ऑफ डिफेंस मैनेजमेंट की ओर से तैयार ​की गई व्यापक मार्गदर्शिका ‘एकीकृत रसद के लिए संयुक्त प्राइमर’ जारी की। सीडीएस ने स्मार्ट बाइक पब्लिक साइकिल शेयरिंग सुविधा का भी उद्घाटन किया, जिससे कॉलेज के कर्मचारी दैनिक आवागमन के लिए पर्यावरण अनुकूल ई-साइकिलों का आदान-प्रदान कर सकेंगे। यह परियोजना स्मार्ट बाइक मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से लागू की गई है और कॉलेज की पर्यावरण अनुकूल प्रथाओं, स्मार्ट तकनीक और स्वस्थ जीवनशैली विकल्पों को अपनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।​

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भोपाल । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पहले रक्षा क्षेत्र का सामान हम दूसरे देशों से खरीदते थे। अब इनमें से बहुत सारी चीजें हम न केवल देश में बना रहे हैं बल्कि दूसरे देशों को निर्यात करने का काम भी कर रहे हैं। अब हम 24 हजार करोड़ से ज्यादा की डिफेंस सामग्री निर्यात कर रहे हैं।   रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रविवार को मध्य प्रदेश के प्रवास के दौरान रायसेन जिले के ग्राम उमरिया में ग्रीनफील्ड रेल कोच निर्माण इकाई के भूमिपूजन कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में रक्षा क्षेत्र का केंद्र बनने के लिए हर गुण है। सभी संसाधन हैं। रायसेन में रेल कोच का निर्माण होगा। साथ ही रेलवे के अलग-अलग प्रोडक्ट्स भी यहां बनाए जाएंगे। देशभर की स्पीड ट्रेनों में एमपी में बनने वाले रेलवे कोच लगेंगे। मध्य प्रदेश का औद्योगिक विकास देश को भी विकास की नई ऊंचाई पर लेकर जाएगा।   रक्षा मंत्री सिंह ने पड़ोसी देश को चेतावनी देते हुए कहा कि हम चाहते हैं कि केवल भारत का ही कल्याण न हो, बल्कि संपूर्ण विश्व का कल्याण होना चाहिए। इसका मतलब यह नहीं है कि कोई भी हम पर हमला कर दे। जो छेड़ेगा, हम उसे छोड़ेंगे नहीं। पहलगाम में हमारे निर्दोष भाइयों की हत्या की गई थी। वे मानते थे कि हम शांत होकर बैठ जाएंगे। हमने संकल्प लिया कि मुंहतोड़ जवाब देंगे। हम हत्या में विश्वास नहीं करते, लेकिन हमने ठान लिया है कि हम धर्म देखकर नहीं, कर्म देखकर मारेंगे।   रक्षा मंत्री ने ब्रह्मा परियोजना (रेल हब फॉर मैन्युफैक्चरिंग इकाई) का शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि ग्राम उमरिया में 60 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर 1800 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली ब्रह्मा परियोजना (बीईएमएल रेल हब फॉर मैन्युफैक्चरिंग) से भोपाल, रायसेन, सीहोर और विदिशा आदि जिलों को लाभ होगा। इन जिलों के तकनीकी संस्थानों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे। कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल व नारायण सिंह पंवार, विधायक सुरेंद्र पटवा रहे।   उन्होंने कहा कि आज रायसेन के उमरिया में 1800 करोड़ की लागत से ग्रीनफील्ड रेल कोच फैक्टरी का भूमिपूजन हुआ है। इससे पांच हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। रक्षा क्षेत्र के माध्यम से मध्य प्रदेश में जो भी हो सकेगा, मैं सदैव तैयार रहूंगा। मध्य प्रदेश प्राकृतिक सुंदरता के लिए देशभर में जाना जाता है। अब औद्योगिक विकास के लिए भी जाना जाएगा, लेकिन हमें पर्यावरण और विकास का संतुलन बनाना होगा। उद्योग धंधों में मध्य प्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है। यहां 30 लाख करोड़ से अधिक का निवेश मिला है। मध्य प्रदेश सरकार ने 18 हजार हेक्टेयर का भूमि बैंक तैयार किए हैं। कनेक्टिविटी की सुविधा मुहैया कराई गई है। उन्होंने कहा कि आज दुनियाभर में सबसे तेजी से भारत की अर्थव्यवस्था करीब साढ़े 6 फीसदी की गति से बढ़ रही है। आज देश की अर्थव्यवस्था डैशिंग और डायनामिक हो गई है। उन्होंने केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि विकास को जो गति यहां शिवराज सिंह ने अपने कार्यकाल में दी थी, उसी कुशलता ओर तेजी के साथ हमारे मुख्यमंत्री मोहन यादव एमपी को आगे ले जाने का काम कर रहे हैं। गत 18 वर्षों की शिवराज जी की विरासत को आगे बढ़ाने का काम मोहन यादव कर रहे हैं।   भूमि पूजन कार्यक्रम को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वर्चुअली संबोधित किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 11 साल में पैंतीस हजार किमी पटरी बिछाई गई। देश को नई जनरेशन की ट्रेनें दी गई हैं। गत 11 वर्षों में 40 हजार कोचेस अपडेट किए हैं। ब्रह्मा इसी कड़ी में रेलवे का मजबूत साथी बनकर सामने आया है। मध्य प्रदेश में कोच फैक्टरी बनने से रेलवे का ईको सिस्टम आगे बढ़ेगा। कार्यक्रम को मुख्यमंत्री मोहन यादव और केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी संबोधित किया।

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नागपुर । राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने शनिवार को महाराष्ट्र के नागपुर में कहा कि अमेरिका के लगाए टैरिफ मामले में देशवासियों को मिलकर भारत के हितों कि रक्षा करनी चाहिए। उन्होंने आह्वान किया कि सभी को इस मामले में सरकार के साथ खड़ा होना चाहिए।   नागपुर स्थित प्रेस क्लब में आज आयोजित संवाद कार्यक्रम में शरद पवार ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प टैरिफ लगाकर भारत पर दबाव बना रहे हैं। हमें लगाता है कि इस मुद्दे पर देशवासियों ने भारत के हितों कि रक्षा के लिए सरकार को सहयोग देना चाहिए। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में डिप्लोमेसी फेल हो गई, मैं ऐसा कहना नही चाहता। लेकिन बीते 5 वर्षों में हम ट्रम्प की सोच और नजरिये को देखा है और अभी भी देख रहे हैं।   राकांपा(एनसीपी) के अध्यक्ष ने पवार ने कहा कि ट्रम्प पर अधिक ध्यान देने की जरूरत नही है। उन्होंने बताया कि विदेश नीति के बारे में हमारा रवैया ऐसा है कि हम टैरिफ पर ज्यादा बातचीत नही करेंगे लेकिन नजरअंदाज भी नही कर सकते। देश की विदेश नीति पर अपनी राय रखते हुए पवार ने कहा कि हिंदुस्तान का नक्शा अगर देखें तो पाकिस्तान हमारे खिलाफ है। नेपाल हमसे नाराज है। बांग्लादेश हमसे नाराज है। श्रीलंका हमसे नाराज है। हमारे सब पडोसी हमसे दूर जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी को यह बात नजरअंदाज नही करनी चाहिये, पडोसियों से रिश्ते कैसे सुधारे जायें, इस पर ध्यान देना चाहिए।   उन्होंने राहुल गांधी के चुनाव के बाबत उठाए गए मसले पर कहा कि महाराष्ट्र और कर्नाटक के मुद्दे पर राहुल ने पूरा अध्ययन कर लोगों के सामने अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा कि राहुल के इस मुद्दे को उठाने के बाद गृहमंत्री की जिम्मेदारी थी कि इसका जवाब देते, लेकिन उन्होंने इस मुद्दे को दूसरी ओर मोडने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि सोमवार को होने वाले इंडी गठबंधन के प्रदर्शन में इस मुद्दे को उठाया जाएगा। साथ ही बिहार कि मतदाता सूची का मुद्दा भी इसमें शामिल होगा। पिछले 15 दिन से इस मुद्दे पर संसद में हंगामा हो रहा है। सदन की कार्रवाई चल नही पाई। संसद के माध्यम से असली स्थिति लोगों के सामने नही आ पाई। नतीजतन बिहार कि वोटर लिस्ट के बारे में हम लोगों के मन में आशंका है।

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देहरादून । उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार ने धराली, हर्षिल, झाला, बगोली समेत अन्य क्षेत्र में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का कार्य पूरा कर लिया गया है। इसके अलावा धराली क्षेत्र में आपदा प्रभावित लोगों को त्वरित राहत उपलब्ध कराई गई है। प्रभावित परिवारों को राशन, कपड़े एवं आवश्यक सामग्री प्रदान की गई है।   मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मकान, ज़मीन, खेती और अन्य नुकसान के मुआवजे का आकलन प्रारंभ हो चुका है और अगले दो से तीन दिनों में मुआवज़े का वितरण भी शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकार की प्राथमिकता घाटी में फंसे सभी लोगों को सुरक्षित निकालना था, जिसे लगभग पूर्ण कर लिया गया है। इसके साथ ही घर, खेत-खलिहान, कृषि और अन्य नुकसान का विस्तृत सर्वे जारी है, ताकि शेष मुआवज़ा शीघ्र उपलब्ध कराया जा सके।प्रभावित परिवारों के लिए कम्युनिटी किचन के माध्यम से भोजन, राशन, आपातकालीन लाइट, कपड़े और अन्य आवश्यक सामग्री लगातार पहुंचाई जा रही है। गांव में बिजली एवं नेटवर्क की व्यवस्था बहाल कर दी गई है और सड़क को भी शीघ्र आवागमन हेतु सुचारू कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस कठिन समय में हर प्रभावित परिवार के साथ खड़ी है और उन्हें हरसंभव सहायता प्रदान की जाएगी।    

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श्रीनगर । जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले अखल के जंगल में आतंकवादियों के साथ रात भर चली मुठभेड़ में सेना के दो जवान बलिदान हो गए जबकि दो अन्य घायल हो गए हैं। यह घाटी में सबसे लंबे आतंकवाद-रोधी अभियानों में से एक है जिसका शनिवार को नौवां दिन है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। सेना की श्रीनगर स्थित चिनार कोर ने एक्स पर एक पोस्ट में मुठभेड़ में बलिदान हुए जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए बताया गया है कि आतंकियों के साथ मुठभेड़ जारी है।   दक्षिण कश्मीर जिले के अखल के जंगल में आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा बलों द्वारा 1 अगस्त को घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू करने के बाद शुरू हुई। मुठभेड़ में अबतक दो आतंकवादी मारे गए हैं।  शनिवार को एक्स पर एक पोस्ट में चिनार कोर ने कहा कि चिनार कोर राष्ट्र के लिए कर्तव्य निभाते हुए बहादुर लेफ्टिनेंट कमांडर प्रीतपाल सिंह और सिपाही हरमिंदर सिंह के सर्वाेच्च बलिदान का सम्मान करता है। उनका साहस और समर्पण हमें हमेशा प्रेरित करेगा। सेना ने कहा कि वह शोक संतप्त परिवारों के साथ एकजुटता से खड़ी है। अधिकारियों ने बताया कि रातभर हुई गोलीबारी में दो अन्य जवान घायल हो गए जिससे घायल सुरक्षा बलों के जवानों की संख्या कुल 9 हो गई।   अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस प्रमुख नलिन प्रभात और सेना के उत्तरी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा समेत वरिष्ठ पुलिस और सेना के अधिकारी चौबीसों घंटे ऑपरेशन पर कड़ी नज़र रख रहे हैं।   सुरक्षा बलों ने जंगल क्षेत्र में आतंकवादियों का पता लगाने के लिए ड्रोन और हेलीकॉप्टरों को तैनात किया है। पैरा कमांडो भी छिपे हुए आतंकवादियों को बेअसर करने में सुरक्षा बलों की सहायता कर रहे हैं।

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उत्तरकाशी । उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण के दौरान शुक्रवार काे एक महिला ने अपनी साड़ी का किनारा फाड़ कर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कलाई पर राखी के रूप में बांध दिया। महिला ने अपने पूरे परिवार का रेस्क्यू कर सुरक्षित बचाने के  लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया। दरअसल, अहमदाबाद के ईशनपुर की रहने वाली धन गौरी बरौलिया अपने परिवार के साथ गंगोत्री दर्शन के लिए आई थीं, लेकिन 5 अगस्त को धराली आपदा के बाद वह अपने परिवार के साथ वहां फंस गईं थी। रेस्क्यू टीमों ने कठिन परिस्थितियों में लगातार प्रयास कर धनगौरी और उनके परिवार को सुरक्षित बाहर निकाला। शुक्रवार को जब मुख्यमंत्री धामी आपदा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर रहे थे, तब महिला धन गौरी अपनी कृतज्ञता रोक नहीं सकीं। उनकी आंखों में आंसू थे, लेकिन उन आंसुओं में डर नहीं, भरोसा था। महिला धनगाैरी ने अपनी साड़ी का किनारा फाड़ कर उसका एक टुकड़ा राखी के रूप में मुख्यमंत्री धामी की कलाई पर बांध दिया। इस माैके पर धन गौरी बरौलिया ने कहा कि मेरे लिए मुख्यमंत्री धामी भगवान श्रीकृष्ण जैसे हैं, जिन्होंने न केवल मेरी, बल्कि यहां मौजूद सभी माताओं-बहनों की एक भाई की तरह रक्षा की है। वे तीन दिनों से हमारे बीच रहकर हमारी सुरक्षा और जरूरतों का ध्यान रख रहे हैं। यह केवल कपड़े का टुकड़ा नहीं था, बल्कि उसमें एक बहन का विश्वास, अपनत्व और अपने रक्षक भाई के लिए अटूट स्नेह पिरोया हुआ था।   इस पर मुख्यमंत्री धामी ने भी उनका हाथ थामते हुए उसे आश्वस्त किया कि एक भाई के रूप में वे हर परिस्थिति में आपदा से प्रभावित बहनों के साथ खड़े रहेंगे और प्रदेश सरकार की ओर से हरसंभव मदद दी जाएगी। 

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शिमला । हिमाचल प्रदेश के चंबा जिला के भंजराडू शहवा-भड़कवास मार्ग पर बीती देर रात एक कार गहरी खाई में गिरने से एक ही परिवार के चार सदस्यों सहित कुल छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। हादसा इतना भयंकर था कि कार पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और उसमें सवार किसी को भी बचाया नहीं जा सका।जानकारी के अनुसार यह कार चंबा जिला मुख्यालय से लौट रही थी। देर रात पधरी के पास पहुंचते ही चालक का वाहन पर नियंत्रण खो गया और कार अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी। हादसे में पति-पत्नी, उनके दो बच्चे और दो अन्य लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों की पहचान राजेश कुमार (40) पुत्र नरेन सिंह, उनकी पत्नी हंसो (36), बेटी आरती (17), बेटा दीपक (15), राकेश कुमार (44) पुत्र हरि सिंह और हेम पाल (37) पुत्र इंदर सिंह के रूप में हुई है। इनमें राजेश कुमार का परिवार गांव बुलवास, डाकघर जुंगरा का निवासी था, जबकि हेमपाल गांव सलांचा, डाकघर भंजराडू के रहने वाले थे।पुलिस दल ने मौके पर पहुंच कर स्थानीय लोगों की मदद से राहत व बचाव कार्य शुरू किया। शवों को खाई से निकाल कर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजा गया।   चम्बा पुलिस के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि मामला दर्ज कर हादसे के कारणों की जांच शुरू कर दी गई है। प्रारंभिक जांच में यह आशंका जताई जा रही है कि अंधेरा होने के कारण चालक वाहन पर नियंत्रण नहीं रख पाया।हादसे की खबर मिलते ही पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस हादसे पर गहरा दुख जताया है।मॉनसून सीजन में सड़क हादसों में अब तक 100 लोगों की मौतहिमाचल प्रदेश में मॉनसून ने 20 जून को दस्तक दी थी। तब से प्रदेश में सड़क हादसों में 100 लोगों की जान गई है। मंडी जिला में सबसे ज्यादा 19 लोगों की मौत हुई है। चम्बा व शिमला में 15-15 लोग मारे गए। सोलन में 10, किन्नौर व कुल्लू में 8-8, ऊना, सिरमौर व कांगड़ा में 6-6, बिलासपुर व हमीरपुर में 3-3 व लाहौल स्पीति में 1 व्यक्ति की जान गई है।

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पटना/सीतामढ़ी । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार बिहार के सीतामढ़ी जिले के पुनौराधाम स्थित माँ सीता के भव्य मंदिर की आधारशिला रखी। शिलान्यास से पहले पुनौराधाम के महंत कौशल किशोर दास जी की अगुवाई में भूमि पूजन हुआ। वैदिक मंत्रोंचार के साथ संपूर्ण विधि-विधान के साथ पूजा संपन्न हुई।   भूमि पूजन के लिए 21 तीर्थ क्षेत्रों की मिट्टी और कई नदियों का जल मंगाया गया था। इसके अलावा राजस्थान के जयपुर से चांदी के कलश, दिल्ली में चांदी से बनी विशेष पूजन सामग्री और आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल तिरुपति बालाजी से विशेष लड्डू भी सीतामढ़ी लाए गए।   माँ जानकी के भव्य मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री ललन सिंह, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष दिलीप जयसवाल, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, जल संशाधन मंत्री विजय चौधरी, ग्रामीण विकास मंत्री अशोक चौधरी, जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा समेत देशभर से पधारे साधु-संत शामिल हुए।   उल्लेखनीय है कि पुनौराधाम में करीब 67 एकड़ भूूमि पर भव्य मंदिर, यज्ञ मंडप, म्यूजियम, ऑडिटोरियम, कैफेटेरिया, खेल मैदान, धर्मशाला, सीता वाटिका, भजन संथ्या स्थल समेत अन्य पर्यटकीय सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इसके लिए बिहार सरकार ने 883 करोड़ का बजट जारी किया है। 3 साल में मंदिर निर्माण का लक्ष्य रखा गया है।  

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नई दिल्ली । कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को चुनाव आयोग और भारतीय जनता पार्टी पर मिलीभगत से वोटर लिस्ट में फर्जी वोटर शामिल करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि दोनों की मिलीभगत से देश के लोकतंत्र को कमजोर किया जा रहा है। वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है और इससे चुनावों के नतीजों में हेरफेर हुआ है।राहुल गांधी ने यहां कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर्नाटक की बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट और महादेवपुरा विधानसभा सीट के आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर आरोप लगाया कि इन इलाकों में करीब एक लाख वोटों की चोरी हुई है। उन्होंने दावा किया कि सिर्फ इन दो क्षेत्रों की 6.26 लाख वोटर लिस्ट में 1,00,250 वोट संदिग्ध पाए गए हैं। उन्होंने इस डाटा के विश्लेषण से 6 लाख 25 हजार कुल वोटरों में 1,00,250 वोटर फर्जी होने का दावा किया। उन्होंने कहा कि 11,965 डुप्लीकेट वोटर, 40,009 फर्जी या अमान्य पते मिले, 10,452 एक ही पते पर असामान्य संख्या में वोटर पाए गए, 4,132 लोगों की अमान्य या गायब तस्वीरें मिलीं और 33,692 फॉर्म 6 का दुरुपयोग के मामले सामने आए हैं।उन्होंने कहा कि इस जांच को पूरा करने में छह महीने लगे और इस दौरान चुनाव आयोग ने किसी तरह की मदद नहीं की, बल्कि जरूरी डेटा देने से इनकार करता रहा। हमें पहले से संदेह था कि देश में चुनावी प्रक्रिया में कुछ गड़बड़ चल रही है। हरियाणा, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में बार-बार भाजपा की जीत के पीछे झूठे नैरेटिव गढ़े जाते रहे हैं।   राहुल गांधी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर हो या पुलवामा हमला, 'लाडली बहना' योजना हो या कोई और भावनात्मक मुद्दा, हर चुनाव में माहौल भाजपा के पक्ष में बनाया गया। इसके बाद चुनाव आयोग का शेड्यूल ऐसा तय होता है जिससे भाजपा को फायदा मिले। पहले जब कागज के बैलेट होते थे, तो देश एक दिन में मतदान कर लेता था। अब इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन होने के बावजूद मतदान महीनों तक चलता है। उन्होंने उत्तर प्रदेश में पांच चरण, महाराष्ट्र में तीन-चार चरण और असम, हरियाणा जैसे राज्यों के मतदान समय में बदलाव को लेकर भी सवाल उठाए।उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस ने चुनाव आयोग से डिजिटल वोटर लिस्ट मांगी तो आयोग ने इनकार कर दिया। बार-बार डेलीगेशन भेजे गए, पत्र लिखे गए, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। जब महाराष्ट्र में साढ़े पांच बजे की सीसीटीवी फुटेज मांगी गई तो चुनाव आयोग ने कहा कि उसे 45 दिन में नष्ट कर दिया जाएगा। राहुल ने सवाल उठाया कि 21वीं सदी में, जब अनलिमिटेड डेटा एक हार्ड ड्राइव में स्टोर किया जा सकता है, तो सीसीटीवी फुटेज या अन्य सूची क्यों नष्ट की जा रही है? उन्होंने बताया कि कांग्रेस ने जांच की शुरुआत कर्नाटक से की। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने उन्हें भारी मात्रा में कागजी दस्तावेज दिए। करीब दो से तीन सौ किलो। इस डेटा को डिजिटल करने और विश्लेषण करने में छह महीने लग गए।कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि फॉर्म 6, जो नए वोटरों के लिए होता है, उसका जबरदस्त दुरुपयोग किया गया। 70 साल की महिला को ‘फर्स्ट टाइम वोटर’ दिखाकर दो बार फॉर्म भरे गए और दोनों बार वोटिंग दर्ज की गई। यही कारण है कि चुनाव आयोग सीसीटीवी फुटेज छुपा रहा है, क्योंकि वह नहीं चाहता कि असली गड़बड़ी उजागर हो।

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि किसानों, मछुआरों और पशुपालकों का हित भारत सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इन वर्गों के अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए वे व्यक्तिगत रूप से कोई भी कीमत चुकाने को तैयार हैं। उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत अपने अन्नदाताओं के साथ कभी कोई समझौता नहीं करेगा।प्रधानमंत्री मोदी आज नई दिल्ली स्थित आईसीएआर पूसा में आयोजित "एम.एस. स्वामीनाथन शताब्दी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन" को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने भारत में कृषि क्षेत्र को आत्मनिर्भर और टिकाऊ बनाने की दिशा में प्रोफेसर स्वामीनाथन के योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी।प्रधानमंत्री ने कहा कि डॉ. स्वामीनाथन ने यह दिखाया कि विज्ञान केवल खोज नहीं बल्कि वितरण का भी माध्यम होना चाहिए। उन्होंने अपने शोध के माध्यम से किसानों को खेती के आधुनिक तरीकों के लिए प्रेरित किया। उनके विचार आज भी हमारी नीतियों और कृषि विज्ञान में परिलक्षित होते हैं।मोदी ने कहा कि हरित क्रांति के जनक माने जाने वाले डॉ. स्वामीनाथन का योगदान केवल कृषि उत्पादन तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने बायोडायवर्सिटी और बायो-हैप्पीनेस जैसे विचारों के माध्यम से स्थानीय समुदायों को भी सशक्त बनाया। प्रधानमंत्री ने कहा कि डॉ. स्वामीनाथन मानते थे कि बायोडायवर्सिटी के जरिए स्थानीय लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।उन्होंने बताया कि डॉ. स्वामीनाथन की स्मृति में “एमएस स्वामीनाथन अवॉर्ड फॉर फूड एंड पीस” की शुरुआत की गई है, जो विकासशील देशों के उन वैज्ञानिकों को दिया जाएगा जिन्होंने खाद्य सुरक्षा की दिशा में उल्लेखनीय योगदान दिया है। इस पुरस्कार के पहले विजेता नाइजीरिया के प्रोफेसर बने हैं।प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आज चावल, गेहूं, कपास, सब्जियां और मछली उत्पादन में दुनिया में शीर्ष स्थानों पर है। उन्होंने कहा, “सोयाबीन, मूंगफली और सरसों जैसी फसलों का उत्पादन भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा है। यह हमारे किसानों की मेहनत और सरकार की किसान-केंद्रित नीतियों का परिणाम है।”सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि पीएम-किसान सम्मान निधि, पीएम-संपदा योजना, और हाल ही में शुरू की गई पीएम धन-धान्य योजना जैसे कार्यक्रम किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और खेती को लाभकारी बनाने के लिए लगातार काम कर रही है।प्रधानमंत्री ने वैज्ञानिकों से आग्रह किया कि वे फूड सिक्योरिटी के साथ-साथ न्यूट्रीशनल सिक्योरिटी पर भी ध्यान दें और प्राकृतिक खेती, क्रॉप डाइवर्सिफिकेशन तथा क्लाइमेट रेजिलिएंट वैरायटीज़ पर अनुसंधान को बढ़ावा दें। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसी तकनीकों को कृषि से जोड़ने का भी सुझाव दिया।उन्होंने कहा कि हमारे पास पारंपरिक कृषि ज्ञान की विरासत है जिसे आधुनिक विज्ञान के साथ जोड़कर एक समग्र कृषि प्रणाली बनाई जा सकती है। प्रधानमंत्री ने युवा वैज्ञानिकों और उद्यमियों से आग्रह किया कि वे किसानों के लिए नवाचार करें और भारत को ‘ग्रीन प्रोडक्शन’ में अग्रणी बनाएं।प्रधानमंत्री मोदी ने डॉ. स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने को सरकार के लिए गौरव का विषय बताया और कहा कि उनके विचार आने वाले दशकों तक भारत की नीतियों को मार्गदर्शन देते रहेंगे।  

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नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर रूस से तेल की खरीद जारी रखने पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ की घोषणा की है। खास बात यह है कि 7 अगस्त यानी आज से 25 प्रतिशत के प्रारंभिक टैरिफ लागू होने से कुछ घंटे पहले ट्रंप ने 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ संबंधी कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए। 30 जुलाई को अमेरिका ने भारतीय उत्पादों पर 25 फीसदी टैरिफ की घोषणा की थी जो आज से प्रभावी हो गया है। बुधवार को घोषित अतिरिक्त टैरिफ 27 अगस्त से प्रभावी होगा।   व्हाइट हाउस की तरफ से बुधवार को जारी आदेश में कहा गया कि भारत इस समय रूस से तेल का आयात कर रहा है, इसी आधार पर अमेरिका आने वाले भारतीय उत्पादों पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने का फैसला किया गया है।   अतिरिक्त टैरिफ की घोषणा को भारत ने दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि हाल के दिनों में अमेरिका ने रूस से भारत के तेल आयात को निशाना बनाया है। इन मुद्दों पर भारत पहले ही अपना रुख स्पष्ट कर चुका है। जिसमें यह तथ्य शामिल है कि भारत का आयात बाजार की परिस्थितियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य भारत की एक अरब 40 करोड़ आबादी की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना है। अमेरिका ने भारत पर अतिरिक्त टैरिफ का फैसला किया है, जबकि कई अन्य देश अपने राष्ट्रीय हित में वही काम कर रहे हैं। भारत ने इसे अनुचित, तर्कहीन और अकारण बताते हुए कहा कि अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।   अतिरिक्त टैरिफ लगाए जाने के बाद ब्राजील के साथ भारत सबसे अधिक अमेरिकी टैरिफ वाला देश बन गया है। अमेरिका ने दोनों देशों पर 50 फीसदी टैरिफ की घोषणा की है। जबकि म्यांमार पर 40 फीसदी, थाईलैंड और कंबोडिया पर 36-36 फीसदी, बांग्लादेश पर 35 फीसदी, चीन और श्रीलंका पर 30-30 फीसदी टैरिफ लगाया है।   अमेरिकी बाजार में भारतीय उत्पादों पर 50 फीसदी टैरिफ से भारतीय कपड़ा, समुद्री उत्पाद, रत्न एवं आभूषण जैसे क्षेत्रों पर सबसे अधिक असर पड़ने का खतरा है। इसके साथ ही भारत के मुकाबले प्रतिस्पर्धी देशों पर कम टैरिफ के कारण अमेरिकी बाजारों में भारतीय उत्पादों के पिछड़ने का भी जोखिम है।    अमेरिका ने फार्मास्यूटिकल्स, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद जैसे कंप्यूटर, टैबलेट और स्मार्टफोन, महत्वपूर्ण खनिज आदि को उच्च टैरिफ से बाहर रखा है। खास बात यह है कि अमेरिका की तरफ से भारत पर लगाया गया अतिरिक्त टैरिफ 27 अगस्त से लागू होगा, उससे पहले 25 अगस्त को अमेरिकी वार्ताकारों की टीम भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते के सिलसिले में भारत आने वाली है।

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को दिल्ली स्थित कर्तव्य पथ पर नवनिर्मित कर्तव्य भवन-3 का उद्घाटन किया। इस अवसर पर केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल भी उपस्थित थे।केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने बताया कि यह भवन 1.5 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला है और इसमें कुल 850 कार्यालय कक्ष हैं। भवन में दो बेसमेंट और भूतल सहित सात मंजिलें हैं। यह भवन सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत बनने वाले दस कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरियट भवनों में से पहला है। शेष भवनों का निर्माण कार्य 31 दिसंबर 2025 तक पूरा किया जाएगा और सभी मंत्रालयों का स्थानांतरण 30 अप्रैल 2026 तक कर दिया जाएगा। इसका उद्देश्य प्रशासनिक प्रक्रियाओं को अधिक प्रभावी बनाना, मंत्रालयों के बीच समन्वय बढ़ाना तथा नीति क्रियान्वयन को तेज करना है।उन्होंने बताया कि वर्तमान में कई प्रमुख मंत्रालय 1950 और 1970 के दशक के बीच निर्मित पुराने भवनों जैसे कि शास्त्री भवन, कृषि भवन, उद्योग भवन और निर्माण भवन से संचालित हो रहे हैं, जो अब संरचनात्मक रूप से कमजोर और अप्रभावी हो चुकी हैं। कर्तव्य भवन जैसी आधुनिक सुविधाओं से युक्त इमारतें इन मंत्रालयों को एक ही परिसर में लाकर कामकाज को अधिक सुचारु, पारदर्शी और उत्तरदायी बनाएंगी। इसमें गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, एमएसएमई मंत्रालय, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय और प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय होंगे।कर्तव्य भवन-03 को जीआरआईएचए-4 रेटिंग प्राप्त हरित भवन के रूप में डिजाइन किया गया है। इसमें डबल-ग्लेज़्ड कांच, रूफटॉप सोलर पैनल, सौर जल तापक, रेनवाटर हार्वेस्टिंग और उन्नत हीटिंग, वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग सिस्टम जैसी सुविधाएं हैं। भवन में ऊर्जा-बचत वाली एलईडी लाइट्स, स्मार्ट लिफ्ट्स और सेंसर आधारित बिजली नियंत्रण प्रणाली लगी हुई है। इससे यह भवन पारंपरिक इमारतों की तुलना में 30 प्रतिशत कम ऊर्जा का उपयोग करेगा।भवन में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन, कचरा प्रबंधन संयंत्र, पुनर्नवीनीकरण निर्माण सामग्री का उपयोग और शून्य-अपशिष्ट नीति जैसे कदम भी उठाए गए हैं। यहां उत्पादित 5.34 लाख यूनिट सालाना सौर बिजली से ऊर्जा की आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा मिलेगा।

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शिमला । हिमाचल प्रदेश में मूसलाधार बारिश से जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हो गया है। राज्य के अधिकांश जिलों में बीती रात से जारी भारी वर्षा के चलते जगह-जगह भूस्खलन और बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। लोगों की सुरक्षा को देखते हुए आज कई जिलों में स्कूल-कॉलेज और आंगनबाड़ी केंद्रों में अवकाश घोषित किया गया है। मौसम विभाग ने 12 अगस्त तक राज्य के कई क्षेत्रों में भारी बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है और लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।सबसे ज्यादा असर सोलन, शिमला, मंडी, कुल्लू और सिरमौर जिलों में देखा गया है। सिरमौर और सोलन जिलों के सभी शिक्षण संस्थानों व आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद रखने के आदेश जारी किए गए हैं। वहीं, शिमला जिले के ठियोग, चौपाल, रामपुर, सुन्नी, जुब्बल, डोडरा क्वार और कुमारसेन, कुल्लू के आनी और निरमंड तथा मंडी जिले के सुंदरनगर उपमंडल में भी आज शिक्षण संस्थानों में अवकाश घोषित किया गया है।लगातार बारिश से प्रदेश में कई सड़कें और नेशनल हाईवे बंद हो गए हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार बुधवार सुबह तक प्रदेश में चार नेशनल हाईवे और 613 सड़कें भूस्खलन के कारण बंद हो गई हैं। इनमें मंडी जिले में सबसे ज्यादा 375 सड़कें बाधित हैं। इसके अलावा कुल्लू में 89, सिरमौर में 38, सोलन में 29, कांगड़ा में 23, शिमला में 22 और चंबा में 18 सड़कें अवरुद्ध हैं।शिमला-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे पर सोलन के चक्की मोड़ में भूस्खलन के कारण यातायात बाधित है। मंडी जिले में एनएच-3 और एनएच-21 विभिन्न स्थानों पर बंद पड़े हैं, वहीं कुल्लू में एनएच-305 और किन्नौर में एनएच-5 भी भूस्खलन और फ्लैश फ्लड के कारण बाधित है।बिजली और पेयजल आपूर्ति व्यवस्था भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। प्रदेश में कुल 1491 बिजली ट्रांसफार्मर ठप हो चुके हैं। इनमें सोलन जिले में सर्वाधिक 709, कुल्लू में 457 और मंडी में 301 ट्रांसफार्मर खराब हुए हैं। पेयजल परियोजनाओं की बात करें तो अब तक 265 स्कीमें बाधित हुई हैं, जिनमें कांगड़ा की 120 और मंडी की 86 योजनाएं प्रमुख हैं।बारिश के आंकड़ों पर नजर डालें तो मंगलवार रात से बुधवार सुबह तक सोलन जिला के कसौली में सर्वाधिक 145 मिमी बारिश दर्ज की गई है। इसके अलावा धर्मपुर में 122, गोहर में 120, मेलरान में 103, बग्गी में 95, नगरोटा सुरियां में 93, नैनादेवी में 86, सुंदरनगर में 80, कांगड़ा में 71 और बिलासपुर में 70 मिमी बारिश हुई हैशिमला के चिडग़ांव में पब्बर नदी में गिरी कार, तीन  लोगों की मौतखराब मौसम के बीच शिमला जिला के रोहड़ू उपमण्डल के चिडग़ांव क्षेत्र में बीती मध्यरात्रि एक कार अनियंत्रित होकर पब्बर नदी में जा गिरी। हादसे में तीन लोगों की मौत हुई, वहीं एक घायल है। मृतकों की पहचान विशाल, अभय और हिमांशु के रूप में हुई है।इस मॉनसून सीजन में अब तक प्रदेश में 194 लोगों की मौत हो चुकी है। सबसे अधिक 42 मौतें मंडी में हुई हैं। इसके बाद कांगड़ा में 31, शिमला, कुल्लू और चंबा में 18-18, सोलन में 13, हमीरपुर और ऊना में 12-12, किन्नौर में 11, बिलासपुर में 8, लाहौल-स्पीति में 6 और सिरमौर में 5 लोगों की जान गई है।भारी बारिश और भूस्खलन से अब तक प्रदेश में 1738 मकानों को नुकसान पहुंचा है, जिनमें 463 घर पूरी तरह से ढह गए हैं। अकेले मंडी जिले में 1102 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 387 पूरी तरह नष्ट हो चुके हैं। इसके अलावा प्रदेश में 295 दुकानें और 1610 गौशालाएं भी प्रभावित हुई हैं।राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार अब तक प्रदेश को कुल 1852 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। इसमें लोक निर्माण विभाग को 971 करोड़ और जलशक्ति विभाग को 633 करोड़ रुपये की क्षति पहुंची है। मौसम विभाग के अनुसार लगातार बारिश के कारण आने वाले दिनों में नुकसान और बढ़ सकता है।इस मॉनसून सीजन में अब तक फ्लैश फ्लड की 55, बादल फटने की 28 और भूस्खलन की 48 घटनाएं हो चुकी हैं। सबसे अधिक 16 बार मंडी जिले में बादल फटा और 12 बार भूस्खलन हुआ। वहीं, लाहौल-स्पीति में फ्लैश फ्लड की 30 घटनाएं दर्ज की गई हैं।

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मुंबई । रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने बुधवार को वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की सकल घरेलू उत्‍पाद (जीडीपी) वृद्धि दर का अनुमान 6.50 फीसदी पर बरकरार रखा है। इसके साथ ही आरबीआई ने महंगाई दर का अनुमान 3.7 फीसदी से घटाकर 3.1 फीसदी कर दिया है। आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीति (एमपीसी) की तीन दिवसीय समीक्षा बैठक के बाद कहा कि सामान्य से बेहतर दक्षिण और पश्चिम मानसून, कम मुद्रास्फीति, क्षमता इस्तेमाल में बढ़ोतरी और अनुकूल वित्तीय स्थितियां घरेलू आर्थिक गतिविधियों को समर्थन दे रही हैं। उन्होंने कहा कि इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए वित्त वर्ष 2025-26 के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 6.5 फीसदी रहने का अनुमान है। आरबीआई गवर्नर ने पहली तिमाही में 6.5 फीसदी, दूसरी तिमाही में 6.7 फीसदी, तीसरी तिमाही में 6.6 फीसदी और चौथी तिमाही में 6.3 फीसदी जीडीपी रहने का अनुमान जताया है। इसके साथ ही उन्‍होंने वित्त वर्ष 2026-27 की पहली तिमाही के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 6.6 फीसदी रहने का अनुमान जतायाा है। हालांकि, उन्‍होंने कहा कि जोखिम दोनों ओर समान रूप से संतुलित हैं। आरबीई गवर्नर ने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा महंगाई दर लगातार आठवें महीने गिरकर जून में 77 महीने के निचले स्तर 2.1 फीसदी पर आ गई। मुख्य रूप से खाद्य मुद्रास्फीति में भारी गिरावट से महंगाई दर नीचे आई है। उन्‍होंने कहा कि मजबूत सरकारी पूंजीगत व्यय सहित सहायक मौद्रिक, नियामकीय एवं राजकोषीय नीतियों से मांग में तेजी आने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित महंगाई दर 3.1 फीसदी रहने का अनुमान है। दूसरी तिमाही में 2.1 फीसदी, तीसरी तिमाही में 3.1 फीसदी और चौथी तिमाही में 4.4 फीसदी रहने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2026-27 की पहली तिमाही के लिए खुदरा महंगाई दर 4.9 फीसदी रहने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि 2025-26 के लिए मुद्रास्फीति का अनुमान जून में अपेक्षा से अधिक अनुकूल रहा है।

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कोलकाता । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया टैरिफ संबंधी बयानों के बीच भारतीय सेना ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा कर साल 1971 के युद्ध के दौरान पाकिस्तान को अमेरिका के सैन्य मदद की याद दिलाई है। मंगलवार को भारतीय सेना की पूर्वी कमांड ने पुरानी अखबार की कटिंग शेयर की है, जिसमें बताया गया है कि कैसे साल 1954 से 1971 के बीच पाकिस्तान को 2 अरब डॉलर के अमेरिकी हथियार भेजे गए थे।   भारतीय सेना की पूर्वी कमांड ने मंगलवार को 5 अगस्त 1971 के एक अखबार की कटिंग शेयर करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, ''इस दिन उस साल युद्ध की तैयारी। जिसमें हैशटैग #KnowFacts का इस्तेमाल किया गया। अखबार की कटिंग में बोल्ड अक्षरों में लिखा है, '1954 से 2 बिलियन डॉलर मूल्य के अमेरिकी हथियार पाकिस्तान भेजे गए।'   सेना की ओर से शेयर किए गए इस अखबार कटिंग में लिखा है कि वर्ष 1954 से 1971 के बीच अमेरिका ने पाकिस्तान को दो अरब डॉलर से अधिक मूल्य के हथियार दिए थे। इन हथियारों के दम पर पाकिस्तान ने 1965 और 1971 में भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ा था। तत्कालीन रक्षा राज्य मंत्री वीसी शुक्ला के बयान का हवाला भी इस कटिंग में मौजूद है, जिसमें उन्होंने राज्यसभा में बताया था कि बांग्लादेश में भड़के विद्रोह के मद्देनजर नाटो देशों और सोवियत संघ से पाकिस्तान को हथियार देने का अनुरोध किया गया था। अखबार में यह भी दर्ज है कि अमेरिका और चीन ने मिलकर पाकिस्तान को हथियार मुहैया कराए, जिनकी मदद से पाकिस्तान ने 1971 का युद्ध लड़ा।   उल्लेखनीय है कि अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर रूस से तेल खरीदने और उसे प्रॉफिट पर बेचने का आरोप लगाया है। इस पर भारत ने स्पष्ट किया है कि जब रूस से तेल खरीदना शुरू किया गया था, तब अमेरिका ने खुद इसे उचित ठहराया था। विदेश मंत्रालय ने साफ शब्दों में कहा कि भारत की आलोचना करने वाले राष्ट्र ही स्वयं रूस के साथ व्यापार में लिप्त हैं। मंत्रालय ने कहा कि भारत को निशाना बनाना अनुचित और तर्कहीन है। किसी भी प्रमुख अर्थव्यवस्था की तरह, भारत अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा।  

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नई दिल्‍ली । रिलायंस समूह के अध्यक्ष अनिल अंबानी बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष यहां पेश हुए। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ईडी 17,000 करोड़ रुपये के बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले की चल रही जांच के तहत अनिल अंबानी से पूछताछ कर रही है। ईडी ने उनसे पूछताछ के लिए समन भेजा था, जिसके बाद वे आज पूर्वाह्न करीब 11 बजे नई दिल्ली स्थित ईडी के कार्यालय पहुंचे। सूत्रों ने बताया कि ईडी 66 वर्षीय उद्योगपति अनिल अंबानी का बयान धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत दर्ज करेगी। उन्‍हें यह समन 24 जुलाई को मुंबई में ईडी द्वारा उनके व्यावसायिक समूह के अधिकारियों सहित 25 लोगों एवं 50 कंपनियों के 35 ठिकानों की तलाशी लेने के बाद जारी किया गया। ईडी की यह कार्रवाई रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर (आर इंफ्रा) सहित अनिल अंबानी की कई कंपनियों द्वारा वित्तीय अनियमितताओं और 17,000 करोड़ रुपये से अधिक के सामूहिक ऋण की राशि के हेरफेर से संबंधित है। इसमें पहला आरोप 2017 और 2019 के बीच येस बैंक द्वारा अनिल अंबानी समूह की कंपनियों को दिए गए लगभग 3,000 करोड़ रुपये के अवैध’ ऋण के गलत इस्तेमाल से संबंधित है।

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड आर. मार्कोस जूनियर ने संयुक्त रूप से दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक साझेदारी का दर्जा देने की मंगलवार को घोषणा की। इस अवसर पर भारत और फिलीपींस के बीच कई महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान हुआ। प्रधानमंत्री मोदी ने यहां के हैदराबाद हाउस में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस वर्ष भारत और फिलीपींस अपने कूटनीतिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं और राष्ट्रपति मार्कोस की भारत यात्रा इस संदर्भ में विशेष महत्व रखती है। उन्होंने कहा, “हमारे कूटनीतिक संबंध भले ही नए हैं, लेकिन हमारी सभ्यताओं के संपर्क बहुत प्राचीन हैं। फिलीपींस की रामायण महाराडिया लवाणा इसका प्रमाण है।”संवाददाता सम्मेलन के दौरान दोनों देशों ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी, डिजिटल तकनीक, पर्यटन तथा रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने वाले समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए। भारतीय और फिलीपींस सशस्त्र बलों के बीच तीन संदर्भ शर्तों का आदान-प्रदान भी हुआ, जो रक्षा सहयोग में बढ़ते विश्वास का प्रतीक है।प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत और फिलीपींस का द्विपक्षीय व्यापार तीन अरब डॉलर के पार पहुंच गया है। इसे और मज़बूत करने के लिए भारत-आसियान मुक्त व्यापार समझौते की समीक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने कहा, “हम विकास साझेदारी के अंतर्गत फिलीपींस में त्वरित प्रभाव वाली परियोजनाओं की संख्या बढ़ाएंगे और संप्रभु डेटा क्लाउड अवसंरचना के विकास में भी सहयोग देंगे।”रक्षा सहयोग के क्षेत्र में, भारतीय नौसेना के तीन जहाज़ फिलीपींस में नौसैनिक अभ्यास में भाग ले रहे हैं, जो दोनों देशों के बीच मजबूत हो रहे समुद्री संबंधों का प्रमाण है। प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देश मानवीय सहायता, आपदा राहत और खोज व बचाव अभियानों में एक-दूसरे के साथ मिलकर कार्य करते रहे हैं।प्रधानमंत्री मोदी ने पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा करने और आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ खड़े होने के लिए फिलीपींस सरकार का आभार जताया।पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए फिलीपींस द्वारा भारतीय नागरिकों को वीज़ा-फ्री एंट्री देने के निर्णय का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि भारत भी फिलीपींस के पर्यटकों को मुफ़्त ई-वीज़ा सुविधा देगा। दिल्ली और मनीला के बीच सीधी उड़ानों की शुरुआत के लिए प्रयास जारी हैं।मोदी ने कहा कि फिलीपींस भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी और महासागर विजन का अहम साझेदार है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और नियम आधारित व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए दोनों देश प्रतिबद्ध हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “भारत और फिलीपींस अपनी इच्छा से मित्र हैं और नियति से साझेदार। हमारी यह दोस्ती सिर्फ़ अतीत का संबंध नहीं है, बल्कि भविष्य का एक वादा है।”  

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वाराणसी । पहाड़ाें और मैदानी इलाकाें में भारी बारिश से उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गंगा नदी विकराल रूप धारण किये है। गंगा की रौद्र लहरें खतरे के निशान 71.26 मीटर को दो दिन पहले ही पार कर बाढ़ के उच्चतम बिंदु 73.901 मीटर तक पहुंच चुकी है। गंगा का पानी शहरी इलाकाें तक पहुंच कर घराें में घुसने लगा है जिससे लाेगाें की परेशानियां बढ़ गई हैं। मणिकर्णिका घाट पर शवों को अंतिम संस्कार के लिए प्लेटफॉर्म तक नाव से ले जाना पड़ रहा है। बाढ़ में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन सतर्क है। प्रभावित इलाकाें में राहत व बचाव कार्य चलाया जा रहा है।   केन्द्रीय जल आयोग से मिली जानकारी के अनुसार सोमवार को वाराणसी में गंगा का जलस्तर 72 मीटर पार कर गया। सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर 72.03 मीटर दर्ज किया गया। जलस्तर में लगातार औसतन एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की वृद्धि हो रही है। बीते 24 घंटों में गंगा 57 सेंटीमीटर चढ़ी है। गंगा का पानी घाटों काे पार करने के बाद अब शहरी इलाकों में घुसने लगा है। दशाश्वमेध, शीतला घाट से होते हुए पानी चितरंजन पार्क, सामने घाट से बीएचयू ट्रॉमा सेंटर, गंगोत्री विहार, नगवा और सामनेघाट की कालोनियों तक पहुंच गया है। इन क्षेत्रों में घुटनों से ऊपर जलभराव हो चुका है। मणिकर्णिका घाट की गलियों में नावें चल रही हैं और शवों को अंतिम संस्कार के लिए प्लेटफॉर्म तक नाव से ले जाया जा रहा है। हरिश्चंद्र घाट पर भी अंतिम संस्कार गलियों में किया जा रहा है, जिससे धार्मिक कार्यों में भारी दिक्कतें पेश आ रही हैं। नगवा के संतोष पांडेय, राजकुमार व विनोद गुप्ता ने बताया कि वर्ष 2019 के बाद सामने घाट की सड़कों से लेकर ट्रॉमा सेंटर तक बाढ़ का पानी आया है। पूरी सड़क डूब गई है। इन इलाकों में बाढ़ का पानी घराें में  घुसने लगा है। दुकान और कारोबार ठप हैं।   तहसील सदर के 32 गांव और 24 शहरी मोहल्ले बने 'टापू'जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, तहसील सदर के 32 गांव बाढ़ की चपेट में आकर टापू में तब्दील हो चुके हैं। इनमें रामपुर ढाब, रामचंदीपुर, मुस्तफाबाद, छितौना, जाल्हूपुर, लुठा, अम्बा, शिवदसा, गोबरहा, मोकलपुर, हरिहरपुर, राजापुर, तातेपुर, बभनपुरा, कुकुढ़ा, बर्थरा कला, धोबही, श्रीष्टि, रैमला, सेहवार, चांदपुर, पिपरी, डुडुवा, कैथी, टेकुरी, बर्थरा खुर्द, लक्ष्मीसेनपुर, धरहरा, रमना, टेकरी, नरोत्तमपुर और तारापुर है। इन गांवों में फसलें पूरी तरह से जलमग्न हो चुकी हैं और कृषि कार्य ठप हो गया है। इसी तरह, शहर के 24 मोहल्ले गंगा और वरूणा नदियों की बाढ़ से घिर गए हैं। इनमें सलारपुर, सरैया, नक्खी घाट, दानियालपुर, कोनिया, ढ़ेलवरिया, पुल कोहना, सारनाथ, रसूलगढ़, नगवां, हुकुलगंज, अस्सी, पुष्कर तालाब, सिकरौल, पैगम्बरपुर, तपोवन, रूप्पनपुर, सराय मोहना, कपिल धारा, बघवा नाला, मौजा हाल, डोमरी, सूजाबाद, दशाश्वमेध इलाके में बड़ी आबादी बाढ़ से प्रभावित हैं। कई स्थानों पर अब सड़कों पर नावें चलने की नौबत आ गई है। प्रभावित इलाकाें से पलायन शुरू, प्रशासन अलर्टहालात बिगड़ते देख लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने लगे हैं। शहर का जनजीवन थम सा गया है। वहीं, बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन सतर्क है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिला प्रशासन, एनडीआरएफ, जल पुलिस और राहत एजेंसियां सक्रिय हैं। प्रभावित इलाकों में राहत व बचाव कार्य तेजी से चल रहा है। गंगा में बढ़ते जलस्तर के कारण सहायक नदी वरूणा भी उफान पर है, जिससे तटवर्ती इलाकों की स्थिति और खराब हो गई है।

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नई दिल्ली । झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का सोमवार सुबह सर गंगा राम अस्पताल में निधन हो गया। वे 81 वर्ष के थे। शिबू सोरेन किडनी से जुड़ी बीमारी के चलते पिछले एक महीने से अस्पताल में भर्ती थे।सर गंगा राम अस्पताल की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि शिबू सोरेन को आज सुबह 8:56 बजे मृत घोषित कर दिया गया। लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हो गया। वे किडनी की बीमारी से पीड़ित थे और डेढ़ महीने पहले उन्हें स्ट्रोक भी हुआ था। पिछले एक महीने से वे लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थे।शिबू सोरेन के पुत्र और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद दिल्ली में मौजूद हैं। हेमंत सोरेन ने अपने पिता के निधन की जानकारी साझा करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ''आदरणीय दिशोम गुरुजी हम सभी को छोड़कर चले गए हैं। आज मैं शून्य हो गया हूं। …''

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लंदन । भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ पांचवां और अंतिम टेस्ट मुकाबला रोमांचक अंदाज़ में 6 रन से जीत लिया है। इस जीत के साथ ही भारत ने पांच मैचों टेस्ट सीरीज 'एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी' 2-2 से बराबर कर ली।   ओवल में खेले गए इस मुकाबले के अंतिम दिन इंग्लैंड को जीत के लिए मात्र 35 रन चाहिए थे, लेकिन तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद सिराज ने कहर बरपाते हुए तीन अहम विकेट चटकाए और कुल पांच विकेट लेकर भारत को असंभव सी लग रही जीत दिला दी। प्रसिद्ध कृष्णा ने उनका अच्छा साथ निभाया और अंतिम दिन एक और कुल मिलाकर चार विकेट लेकर भारत की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।इंग्लैंड को अंतिम दिन जीत के लिए सिर्फ 35 रन चाहिए थे और उसके पास चार विकेट बचे थे, हालांकि इनमें से एक बल्लेबाज़ क्रिस वोक्स थे, जो चोटिल कंधे के चलते बायें हाथ से बल्लेबाज़ी कर रहे थे। लेकिन सिराज ने रिवर्स स्विंग का शानदार नमूना पेश करते हुए महज़ कुछ डिग्री की स्विंग में इंग्लैंड की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। उन्होंने पुरानी गेंद से खतरनाक स्पैल में तीन विकेट झटके और मैच में कुल पांच विकेट लेते हुए भारत को यादगार जीत दिलाई।इससे पहले चौथे दिन जो रूट और हैरी ब्रूक के शानदार शतक तथा 195 रन की साझेदारी ने इंग्लैंड को मज़बूत स्थिति में पहुंचा दिया था। लेकिन चाय के बाद हुई बारिश ने मैच को अंतिम दिन तक खींच दिया। जब खेल फिर से शुरू हुआ, तो प्रसिद्ध कृष्णा ने अपनी अधूरी ओवर से शुरुआत की। जेमी ओवरटन ने पहली ही गेंद पर चौका जड़ा, लेकिन अगली गेंद पर उनका बल्ले का किनारा स्टंप्स के ऊपर से निकलते हुए बाउंड्री लाइन तक चला गया।इसके बाद सिराज का जलवा शुरू हुआ। उन्होंने पहले जेमी स्मिथ को बिना किसी रन के आउट किया, फिर जेमी ओवरटन को एलबीडब्ल्यू फंसा कर भारत को मैच में वापस ला दिया। हालांकि, अगली ही गेंद पर एटकिनसन का कैच राहुल के हाथों तक नहीं पहुंचा, लेकिन सिराज ने अपना धैर्य बनाए रखा।प्रसिद्ध कृष्णा ने फिर जोश टंग को क्लीन बोल्ड किया, जिन्होंने पहले एक एलबीडब्ल्यू के फैसले से डीआरएस के सहारे बचाव किया था। इंग्लैंड को अब 17 रन की जरूरत थी और मैदान पर चोटिल वोक्स को उतरना पड़ा।गस एटकिनसन ने वोक्स को स्ट्राइक से दूर रखने की रणनीति अपनाई, लेकिन एक बड़ा शॉट खेलने की कोशिश में उनका कैच डीप में खड़े आकाश दीप ने छह रनों में बदल दिया।आखिरकार, सिराज ने एक और सटीक यॉर्कर से एटकिनसन को क्लीन बोल्ड किया और भारत को इस ऐतिहासिक मुकाबले में जीत दिला दी। पूरा ओवल स्टेडियम भारतीय खिलाड़ियों की जश्न में झूम उठा।संक्षिप्त स्कोर:भारत: 224 (करुण नायर 57; एटकिनसन 5/33, टंग 3/57) और 396 (यशस्वी जायसवाल 118, आकाश दीप 66, सुंदर 53, जडेजा 53; टंग 5/125, एटकिनसन 3/127) इंग्लैंड: 247 (क्रॉली 64, ब्रूक 53; प्रसिद्ध 4/62, सिराज 4/86) और 367 (ब्रूक 111, रूट 105; सिराज 5/104, प्रसिद्ध 4/126)परिणाम: भारत ने 6 रन से जीत दर्ज की।

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पटना । बिहार में बीते कुछ दिनाें से लगातार हाे रही भारी बारिश और नेपाल से छाेड़े गये पानी से उत्तर बिहार की अधिकांश नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। खासकर गंगा, कोसी, पुनपुन, गंडक, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, महानंदा और घाघरा नदियां उफान पर हैं। प्रदेश के कई जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। जल संसाधन विभाग ने एहतियातन अलर्ट जारी किया है।    गंगा नदी का जलस्तर पटना, भागलपुर और कहलगांव में खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया। गांधी घाट (पटना) पर गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 20 सेमी ऊपर दर्ज किया गया, जबकि हाथीदह में 1 सेमी, भागलपुर में 10 सेमी और कहलगांव में 13 सेमी ऊपर चला गया। बक्सर में अगले 24 घंटे में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर जाने की आशंका है। अभी यह खतरे के निशान से महज एक फीट नीचे है। कोसी नदी, जिसे 'बिहार की शोक' भी कहा जाता है, अब एक बार फिर अपने उसी रौद्र रूप में लौट आई है। खगड़िया में इस नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है। जल्द ही डुमरी, बलतारा, सहरसा, सुपाैल और कुरसेला में भी इस नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर सकता है।   पुनपुन नदी का जलस्तर पटना में खतरे के निशान के पार पहुंच चुका है। इसके साथ ही गंडक, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, भूतही बलान, सोन, महानंदा और घाघरा जैसी नदियों के जलस्तर में 10 से 48 सेमी तक की वृद्धि का अनुमान है।   जमुई जिले के झाझा प्रखंड स्थित बरमसिया पुल का एक हिस्सा अचानक धंस गया, जिससे झाझा नगर और सोनो प्रखंड के दर्जनों गांवों का संपर्क टूट गया। यह पुल उलाय नदी पर बना हुआ था। अब हजारों ग्रामीणों का झाझा मुख्यालय से संपर्क पूरी तरह टूट चुका है।    इसी प्रखंड के बाराकोला पंचायत अंतर्गत पचकठिया गांव में शनिवार काे भारी बारिश के कारण एक कच्चा घर ढह गया। 49 वर्षीय मोहन खैरा मलबे में दब गए और मौके पर ही उनकी मौत हो गई। प्रशासन द्वारा शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया और परिवार को सहायता देने की प्रक्रिया जारी है।   उधर, हवेली खड़गपुर-तारापुर मार्ग एक बार फिर ठप हो गया। डंगरी नदी पर बना अस्थायी डायवर्जन पानी के साथ बह गया। टेटियाबंबर प्रखंड का संपर्क टूट चुका है। बीते महीने भी यह डायवर्जन दो बार बह चुका है, जिससे हजारों यात्रियों को परेशानी हुई थी।   बिहार से होकर बहने वालीं उक्त तमाम नदियों के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जल संसाधन विभाग ने अलर्ट जारी किया है। विभागीय अभियंताओं को सभी तटबंधों की चौबीस घंटे और सातों दिन (24x7) निगरानी करने का निर्देश दिया गया है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमें कई संवेदनशील जिलों में तैनात की जा रही हैं। प्रशासन की ओर से कई तटीय गांवों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है।    बाढ़ प्रभावित इलाके के लोग राज्य और केंद्र सरकार राहत और पुनर्वास कार्यों को युद्धस्तर पर चलाए जाने की मांग कर रहे हैं, ताकि जान-माल की हानि कम से कम हो। 

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मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को मुंबई में कहा कि सूबे में मराठी के नाम पर मारपीट किसी भी तरह बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा सांसद निशिकांत दूबे मुंबई आते हैं, तो उनका स्वागत किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र की भाषा मराठी है। सभी को मराठी सीखना चाहिए। इसका यह अर्थ नहीं कि जिसे मराठी नहीं आती, उसकी पिटाई की जाए। मारपीट करने से कोई मराठी भाषा नहीं सिखाई जा सकती। उन्होंनेने हाल ही में सांसद निशिकांत दूबे और मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे के व्यक्तव्य समुद्र में डूबो-डूबो कर मारेंगे पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा वे इस तरह व्यक्तव्यों का किसी भी कीमत पर समर्थन नहीं करेंगे। लेकिन जब भी निशिकांत दूबे मुंबई में आएंगे, उन्हें पूरी सुरक्षा दी जाएगी और उनका स्वागत किया जाएगा। हालांकि मुख्यमंत्री के इस व्यक्तव्य पर शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राऊत ने आज प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे मराठी भाषा को लेकर अपना आंदोलन जारी रखेंगे। इसका कारण महाराष्ट्र की स्थापना मराठी भाषा की वजह से हुई है और इसके लिए हमारे १०६ पुरखों ने अपने जान का बलिदान दिया है। उन्होंने कहा कि उनका विरोध सिर्फ हिंदी के लिए सख्ती को लेकर है, जबकि वे किसी भाषा का विरोध नहीं करते हैं। दरअसल महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे)की ओर से मराठी भाषा के नाम पर गैर मराठी भाषियों के साथ मनसे कार्यकर्ता मारपीट कर रहे हैं। इसी संदर्भ में निशिकांत दूबे ने राज ठाकरे को चेताते हुए कहा था कि हिंदी का विरोध करने का दूरगामी परिणाम हो सकता है। इसके बाद राज ठाकरे ने निशिकांत दूबे को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर दूबे मुंबई आए तो उन्हें समुद्र में डूबो-डूबो कर मारेंगे। इसके बाद मनसे का गैर मराठी विरोध थम नहीं रहा है, इसी वजह से आज मुख्यमंत्री ने मराठी के नाम पर गैर मराठी भाषियों की पिटाई पर कठोर कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।

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गोंडा। उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में रविवार को बेकाबू कार नहर में गिरने से 11 लोगों की मौत हो गई है। मरने वालों में अधिकांश लोग एक ही परिवार के हैं। हादसे में तीन बच्चे और चालक बच गया हैं। इसके अलावा एक बच्ची लापता है, जिसकी तलाश जारी है। घटना पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी शोक संवेदना व्यक्त कर मृतकों के परिवार को दो-दो लाख रुपये तथा घायलों को 50-50 हजार रुपये देने का ऐलान किया है। इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी मृतकों के परिवार को पांच-पांच लाख रुपये देने का घोषणा की है।   पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने बताया कि मोतीगंज थाना क्षेत्र के सीहागांव निवासी यह लोग जल चढ़ाने के लिए बोलेरा कार से पृथ्वीनाथ मंदिर जा रहे थे। कार में 16 लाेग सवार थे। घटना के वक्त बारिश हो रही थी। जिले के थाना इटियाथोक के अंतर्गत गांव रेहरा में नहर के किनारे की सड़क फिसलनभरी और संकरी हाेने से चालक के ब्रेक लगाया तभी कार फिसलते हुए नहर में जा गिरी। नहर पानी से लबालब भरा हुआ था, जिसमे कार डूब गयी। कार का गेट न खुलने से 11 लोगों की डूब कर माैत हाे गई है। हादसे में तीन बच्चाें सहित चार लाेग किसी तरह बच गए। एक बच्ची अभी लापता बताई जा रही है।   एसपी ने बताया कि मृतकों की पहचान प्रहलाद की पत्नी बीना कसौधन (40) व उसकी दाे पुत्रियां काजल कसौधन (22), महक (17), रामकरन कसौधन (37), उनकी पत्नी अनसुईया (32), सौम्या (10), बेटा शुभ (7), रामरूप की पत्नी दुर्गेशनंदनी (35), बेटा अमित (14), राम लल्लन की पत्नी संजू (26) और बहन अंजू वर्मा (20) के रूप में हुई है। इसके अलावा रामरूप की बेटी रचना जिसकी उम्र 10 साल है वह अभी लापता है। उसकी तलाश में टीम लगी हुई है। हादसे में चार अन्य लोग जाे घायल हैं उनकी पहचान प्रहलाद की बेटी पिंकी, बेटा सत्यम, रामललन और चालक सीताशरन है। उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया है।   घटना की जानकारी पर जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन और पुलिस अधीक्षक सहित तमाम प्रशासनिक अधिकारी माैके पर पहुंचे और घटना की जांच पड़ताल की। जिलाधिकारी निरंजन ने घटना पर अपना दुख प्रकट करते हुए कहा है कि प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन इस दुख की घड़ी में पीड़ित परिवार के साथ है। हादसे की सही वजह जानने के लिए स्थानीय लोगों से पूछताछ चल रही है।  

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  लगेगी शांडिल्य गुरु की प्रतिमा      कोलार रोड के दूसरे छोर भदभदा चौराहे पर उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने  ब्रह्मलीन बालगोविंद शांडिल्य गुरुजी की प्रतिमा स्थापना तथा चौराहे के सौंदर्यीकरण का भूमि-पूजन किया। सौंदर्यीकरण के लिये 8 लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं।   श्री गुप्ता ने कहा कि सरकार शहर के विकास के लिये सतत प्रयत्नशील है। उन्होंने शासन की विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि नागरिक शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये आगे आयें। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि घर-घर जाकर नागरिकों को शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये प्रेरित करें। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा कोटरा में सड़क भूमि-पूजन उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने आई-5 शासकीय आवास कोटरा के पास सड़क निर्माण का भूमि-पूजन किया। सड़क की लागत 20 लाख है। श्री गुप्ता ने सड़क का कार्य गुणवत्तापूर्ण करवाने के निर्देश दिये। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।     Attachments area          

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      मध्यप्रदेश के प्राचीन मंदिरों में भगवान के दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को अब प्रदेश के पुरावैभव, कला और संस्कृति की झलक भी वहां देखने को मिलेगी। इसके लिए राज्य सरकार मंदिरों में संग्रहालयों का निर्माण कराएगी। इस योजना को संस्कृति, धर्मस्व और पुरातत्व विभाग मिलकर अंजाम देंगे। मध्यप्रदेश में इस समय कई प्रसिद्ध मंदिर है जहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है। लेकिन इन मंदिरों में फिलहाल प्रदेश की कला-संस्कृति, इतिहास  और पुरावैभव की झलक दिखाने वाले संग्रहालय नहीं है। राज्य सरकार का सोचना है कि जो श्रद्धालु प्रदेश के प्राचीन मंदिरों में पहुंच रहे है वहां उन्हें भगवान के दर्शन के साथ-साथ प्रदेश के पुरावैभव और कला तथा संस्कृति से भी अवगत कराया जाए। इसके लिए इन मंदिरों के ट्रस्टों के पास मौजूद अपार धनराशि का उपयोग किया जाएगा। इन मंदिरों में सबसे पहले बनेंगे संग्रहालय- मध्यप्रदेश में उज्जैन में महाकाल मंदिर, खजराना मंदिर, सतना के मैहर मंदिर, पशुपतिनाथ मंदिर सहित कई ऐसे प्रमुख मंदिर है जहां मंदिरों की देखरेख और संरक्षण के लिए बनाए गए ट्रस्टों के पास श्रद्धालुओं के दान से मिली अपार धन संपदा स्थित है। इन्हीं मंदिरों में सबसे पहले संग्रहालय बनाने की शुरुआत की जाएगी।  इन मंदिरों के समीप काफी जमीन और भवन स्थित है। शिव मंदिरों में सभी बारह ज्योर्तिलिंगों के बारे में पूरी जानकारी एकत्रित कर प्रदर्शित की जाएगी। इसी तरह गणेश मंदिरों में गणेशजी के सभी स्वरुपों उनके इतिहास और महत्व को प्रदर्शित किया जाएगा। भोपाल के समीप स्थित भोजपुर मंदिर में दो सौ मीटर के दायरे के बाहर संग्रहालय बनाने का प्रस्ताव है। यहां भोजपुर के विशालकाय शिवलिंग और मंदिर के निर्माण की एतिहासिक प्रामाणिक  जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। यह मंदिर कब बना, इस तरह के मंदिर और कहां-कहां बनाए जाने थे। यह अधूरा क्यों रह गया। मंदिर के आसपास मिलने वाले शिवलिंग और अन्य पुराधरोहरों को भी यहां संग्रहित किया जाएगा। भोपाल में भी मुस्लिम धर्मावलंबियों से जुड़ी जानकारी, मध्यप्रदेश के प्राचीन नवाबों से जुड़े इतिहास की प्रामाणिक जानकारी गौहर महल या अन्य स्थानों पर प्रदर्शित की जाएगी। मिडटाउन में दुनिया की सबसे बड़ी सेंट पीटर चर्च में संग्रहालय भी है। वेटिकन सिटी में भी म्युजियम है वहां कई तरह के चित्र प्रदर्शित किए गए है। इन चित्रों में इन देशों की कला और संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। जापान में म्युजियम आॅफ पैरासाइड है। भारत के कई राज्यों में भी मंदिर, मस्जिद और चर्च के साथ संग्रहालय लगे हुए है। मध्यप्रदेश में फिलहाल मंदिर, मस्जिद और गिरिजाघरों में संग्रहालय नहीं है। प्रमुख सचिव संस्कृति मनोज श्रीवास्तव ने कहा प्रदेश के मंदिरों पर अब संग्रहालय बनाने की राज्य सरकार की योजना है। इसके जरिए प्रदेश के नागरिकों को धार्मिक आस्था के केन्द्रों पर पहुंचने पर वहां संग्रहालयों में प्रदेश के इतिहास, कला और संस्कृति के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।     Attachments area          

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  कोलार अवैध कब्जों का अड्डा बना    कोलार में राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों और तहसीलदारों की शह पर बेशकीमती जमीन पर जहां-तहां झुग्गियों का निर्माण करने के अलावा दीवारें तानकर अतिक्रमण किया जा रहा है। इन अतिक्रामकों को रोकने के बजाय अफसर उन्हें प्रश्रय दे रहे हैं। कोलार का दशहरा मैदान इसका ताजा उदाहरण है, जहां पिछले माह लगी आग में 50 झुग्गियां खाक हो गईं थी अब वहां 100 से ज्यादा झुग्गियां और मकान बन गए हैं।   लगातार अतिक्रमण बढ़ने की शिकायतों को लेकर एक सप्ताह पहले एडीएम रत्नाकर झा ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए थे कि वे सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाएं। साथ ही सूची तैयार करें, ताकि सरकारी जमीनों पर जमा अतिक्रमणों को हटाया जा सके। हुजूर एसडीएम और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही से फिर कोलार दशहरा मैदान की सरकारी जमीन पर दर्जनों झुग्गियां तन गर्इं।  प्रशासन के सामने यहां पर झुग्गियां बनती गई, लेकिन उन्हें रोकने की हिम्मत किसी ने नहीं की।   डेढ़ साल पहले निगम चुनाव के पूर्व मुख्यमंत्री ने हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के कहने पर कोलार दशहरा मैदान में स्टेडियम बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद कलेक्टर निशांत वरवड़े ने यहां पर दौरा कर एसडीएम माया अवस्थी को झुग्गियां शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अब तक यहां पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।   कोलार दशहरा मैदान के किनारे बनी अवैध झुग्गियां में तीन साल से एक ही स्थान पर आग लग रही है। यहां 40-50 झुग्गियों में आग लगती है और इसके बाद नई 100 झुग्गियां बन जाती हैं। तीन साल में इस स्थान पर 300 से अधिक झुग्गियां अवैध बन गई। लेकिन प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।     Attachments area          

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  पत्र  में प्रज्ञा ने कैंसर की बीमारी का हवाला भी दिया      मालेगांव बम ब्लास्ट में क्लीन चिट मिलने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने अपने तेवर दिखाए हैं। सिंहस्थ में जाने की जिद पर अड़ीं साध्वी ने पंडित खुशीलाल आयुर्वेदिक अस्पताल में आमरण अनशन शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि सरकार ने उन्हें परमिशन नहीं दी, तो वे 21 मई को जल समाधि ले लेंगी। कैंसर से पीड़ित प्रज्ञा ने दवाइयां खाने से भी इनकार कर दिया है। प्रज्ञा ने राज्य सरकार को लिखे पत्र  में कहा कि वे कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रही हैं। हो सकता है कि अगला कुंभ न देख पाएं।इस मसले  पर बोलने से प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।  साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट मिलने के बाद से माना जा रहा है कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का सॉफ्ट कॉर्नर उनके प्रति बढ़ा है। उनके अनशन के मामले में प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर से जब पूछा गया कि सरकार क्या करेगी, तो विवादों से बचने के लिए उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया । गौरतलब है कि साध्वी लगभग सात सालों से जेल में बंद थीं, लेकिन कैंसर के इलाज के लिए कोर्ट ने उन्हें अस्पताल में रहने की परमिशन दी है। प्रज्ञा ने रविवार को लेटर लिखकर शिवराज सरकार से उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ में शामिल होने की परमिशन मांगी थी।उन्होंने यह भी लिखा था कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो वे आमरण अनशन करेंगी। प्रज्ञा ने लिखा, 'वो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं और शायद अगला कुंभ न देख पाएं। इसलिए उनकी अंतिम इच्छा है कि वे उज्जैन कुंभ में जाएं।' प्रज्ञा ने राज्य सरकार समेत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को भी लेटर की कॉपी भेजी है। लेटर के मुताबिक, प्रज्ञा ने सोमवार सुबह 9 बजे तक का समय दिया था। मांग पूरी नहीं होने के कारण वे अपने कुछ सपोर्टर्स के साथ अस्पताल परिसर में ही आमरण अनशन पर बैठ गई हैं। प्रज्ञा ने लेटर में लिखा कि मैं अन्न जल त्याग दूंगी। अगर मुझे कुछ होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी मध्य प्रदेश सरकार की होगी। उन्होंने अपनी सिक्युरिटी को लेकर भी चिंता जाहिर की है। उन्होंने लिखा कि मेरे साथ पहले एसएएफ के जवान रहते थे। उनके हटाए जाने से मेरी जान को खतरा हो सकता है। प्रज्ञा ने जेड प्लस सुरक्षा की मांग की और सवाल पूछा कि जब देवास जिला कोर्ट ने उज्जैन जाने की अनुमति दे दी है, तो फिर सिक्युरिटी का हवाला देकर सरकार कोर्ट की अवमानना क्यों कर रही है? प्रज्ञा की चिट्ठी उनके सबसे विश्वसनीय भगवान झा लेकर पहुंचे थे। जेल सुपरिंटेंडेंट ने भगवान झा को भरोसा दिया के वह मामले को सीनियर अफसरों तक पहुंचा देंगे। भगवान झा ने कहा, 'सरकार के पास पुलिस की कोई कमी नहीं है। इसलिए साध्वी की सिंहस्थ यात्रा सुनिश्चित करा दी जाए, नहीं तो गंभीर परिणाम होंगे।'     Attachments area          

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  हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने किया 2.16 करोड़ की सड़क निर्माण का भूमि पूजन ।कोलार मुख्य मार्ग के समानांतर इस मार्ग से 2 लाख नागरिक होंगे सीधे लाभान्वित ।कोलार वासियो को विभिन्न मार्गो के माध्यम से नये भोपाल , होशंगाबाद रोड , जाने में होगी सहूलियत ।कोलार में बढ़ते ट्रैफिक पर नियंत्रण में हुज़ूर विधायक की कारगर पहल सफल ।हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा के अथक प्रयासों से कोलारवासियो को ट्रैफिक जाम से आये दिन होने वाली दिक्कतों से निज़ात मिलने जा रही है । बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान (कोलार मुख्य मार्ग) तक  बायपास रोड का निर्माण कराया जा रहा है । आज हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने रानी अवंतीबाई मार्ग से मंदाकनी मैदान को जोड़ने वाली सड़क निर्माण कार्य का भूमि पूजन भूमिका रेसीडेंसी पर किया । 2 करोड़ 16 लाख की लागत से बनने वाली 4200 मीटर इस सड़क की चौड़ाई 7.5 मीटर रहेगी, इस सड़क का निर्माण राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा किया जायेगा । श्री शर्मा ने बताया की कोलार मुख्य मार्ग पर आये दिन लगने वाले ट्रैफिक जाम से छुटकारा पाने के लिये इस बाय पास रोड का निर्माण कराया जा रहा है , उन्होंने बताया की बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग का निर्माण पूर्व में कराया जा चूका है । यह रोड  लोक निर्माण विभाग द्वारा बनायीं गयी है  गौरतलब है की उक्त सड़क का भूमि पूजन विधायक शर्मा द्वारा विधायक बनने के तत्काल बाद किया गया था । बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग तक इस सड़क की दूरी कुल 2 किलोमीटर है ।बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान पर कोलार मुख्य मार्ग पर जोड़ने वाले इस बायपास की कुल दूरी 6 किलोमीटर है । श्री शर्मा ने बताया की बहुत जल्द ही जे के अस्पताल के सामने इस मार्ग के जंक्शन पर एक पुल का निर्माण भी कराया जायेगा जो की सीधा शाहपुरा, भरत नगर , हबीबगंज , चुनाभट्टी , अथवा नये भोपाल को जोड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण के पश्च्यात कोलार के किसी भी नागरिक को ट्रैफिक जाम या आपातकालीन स्थिति में परेशान नहीं होना पड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग से कोलार सहित आसपास के लगभग 2 लाख नागरिक इससे सीधे लाभान्वित होंगे ।  श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण से पूर्व  उनके द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियो अधिकारियो एवं स्थानीय नागरिको के साथ दौरा किया गया । फलस्वरूप कोलार को ट्रैफिक से निजात दिलाने के लिये इस बायपास के निर्माण का निर्णय लिया गया । श्री शर्मा ने बताया की घनी आबादी वाले कोलार में नागरिको की सुविधा के मद्देनज़र इस मार्ग का  अलग अलग भागो में निर्माण कराया गया है , जिससे नागरिको को इसका लाभ पहुँच सके !  श्री शर्मा ने स्थानीय नागरिको को संबोधित करते हुए कहा की कोलार के समग्र विकास में निरंतर आपके द्वारा मिल रहे इसी प्रकार के सहयोग की आवश्यकता है आप सब के सहयोग से हम ग्रीन कोलार क्लीन कोलार का निर्माण करेंगे । कार्यक्रम के दौरान श्री शर्मा का स्थानीय नागरिको द्वारा बड़ी फूलो की माला पहनाकर सड़क निर्माण के लिए अभिन्दन किया गया !  मार्ग से लाभान्वित क्षेत्र  एक नज़र में -: बैरागढ़ चीचली , दौलतपुर ,धोली खदान, प्रियंका नगर ,हिनोतिया गांव ,मानसरोवर डेंटल कॉलेज, सुहागपुर ,पिपलिया, गुराडी , सेमरी ,अमरावत कलां ,सोहागपुर ,बांसखेड़ी झुग्गी बस्ती ,सन खेड़ी झुग्गी बस्ती, आकाश नगर , गिरधर परिसर ,सैफरॉन सिटी ,कृष्णा होम्स ,गिरधर गार्डन ,शिवालय परिसर ,सर्वजन सोसाइटी ,डी के 5 ,जे के अस्पताल , सागर प्रीमियम टॉवर, भूमिका रेसीडेंसी ,वेस्टर्न कौर्ट एवं मंदाकनी सोसायटी आदि इस मार्ग पर अन्य रहवासियो  को इस बाय पास का  सीधा लाभ पहुंचेगा ।होशंगाबाद रोड से जुड़ेगा यह मार्ग यह मार्ग चार बत्ती चौराहे से कालीबाड़ी पुल से होते हुए बाबड़िया रेल्वे फाटक से होशंगाबाद रोड से सीधा जुड़ेगा ।दानिश कुंज से कलियासोत नदी पर सलैया पुल के माध्यम से मिसरोद (होशंगाबाद रोड) से सीधा जुड़ेगा ।कार्यक्रम में विशेष रूप से स्थानीय पार्षद एवं एम आई सी सदस्य भूपेंद्र माली ,पार्षद पवन बोराना, मंडल उपाध्यक्ष श्याम मीना, बी एस वाजपेयी , महेश तिवारी , इक़बाल खान , अमित शुक्ल, दीपक माथुर , अरुण तिवारी , डी ले पालीवाल , एस एस सेंगर ,शोभा सिकरवार , श्रीमती गीता मिश्रा,गणेश तिवारी,राजेश सेंगर , राज शर्मा , प्रदीप पाटीदार ,आकाश श्रीवास्तव,सहित बड़ी संख्या में माताये बहने कॉलोनी वासी उपस्थित रहे ।  

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कोलार के वार्ड 82 में आने वाले दानिशकुंज कॉलोनी में नगर निगम द्वारा काम नहीं कराने के बाद भी पार्षद द्वारा निर्माण को लेकर बोर्ड लगाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। गलत जानकारी को लेकर आज दोपहर कांग्रेस पार्षदों, स्थानीय नेताओं और रहवासियों का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम आयुक्त छवि भारद्वाज से मिला। इन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पार्षद जानबूझकर श्रेय की राजनीति कर रहे हैं। जबकि, जनता गर्मी में पानी के लिए हाहाकार मचा रही है, फिर भी उन्हें पानी नहीं दिया जा रहा है। पार्षदों ने यह की मांग : कांग्रेस पार्षद संतोष जितेंद्र कंसाना, मोनू सक्सेना, मनजीत मारण, अमित शर्मा, राहुल सिंह राठौर, अखिलेश जैन सहित रहवासियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयुक्त भारद्वाज से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। इसके अनुसार तत्काल गलत जानकारी देने वाले भाजपा पार्षद भूपेंद्र माली के बोर्ड को नगर निगम प्रशासन हटाए। साथ ही इस मामले में जांच कराएं कि कहीं दानिशकुंज में कराए गए डामर के भुगतान की फर्जी फाइल तो निगम के कार्यालय नहीं पहुंच गई। यदि प्रशासन बोर्ड नहीं लगाएगी, तो कांग्रेसी भी हर वार्ड में ऐसे बोर्ड लगाएगी। दानिशकुंज कॉलोनी में करीब एक करोड़ राशि से डामर कराया गया है। इस पर स्थानीय पार्षद ने खुद डामर कराने के बोर्ड पूरी कॉलोनी में लगा दिए। वहीं, दानिशकुंज सोसायटी ने भी एक विज्ञापन जारी करके कहा कि वह निर्माण उसने कराया है। कुछ लोगों के यहां निर्माण नहीं कराया गया है, वो लोग जल्द ही बकाया राशि जमा कर दें, ताकि बचे हुए स्थानों पर भी डामरीकरण कराया जा सके।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के अखल वन क्षेत्र में चल रही मुठभेड़ में एक और आतंकवादी काे मार गिराया गया है। इससे मरने वालों आतंकियाें की संख्या बढ़कर 2 हो गई है। शनिवार को यह जानकारी अधिकारियों ने दी।शुक्रवार शाम को सुरक्षा बलों की एक संयुक्त टीम द्वारा आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद इलाके की घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू करने के बाद मुठभेड़ शुरू हुई थी।एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पहले एक आतंकवादी मारा गया था अब एक और आतंकवादी मारा गया है। उन्होंने कहा कि अभियान अभी भी जारी है।   इससे पहले सुबह पुलवामा निवासी हारिस नजीर डार आतंकवादी सुरक्षाबलों द्वारा चलाए गए एक अभियान में मारा गया। अभियान के दौरान एके-47 राइफल, एके मैगजीन और ग्रेनेड सहित हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया। 

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नई दिल्ली । कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर लगातार दूसरे दिन शनिवार को चुनाव आयोग पर हमला बोला। उन्होंने आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें 2014 से ही भारत की चुनाव प्रणाली पर संदेह रहा है और हाल के वर्षों में हुए कुछ चुनाव परिणामों ने इस शक को और गहरा किया है।   नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने यहां के विज्ञान भवन में आयोजित कांग्रेस के ‘राष्ट्रीय कानूनी सम्मेलन’ में कहा कि गुजरात विधानसभा चुनाव, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के चुनावों में जो नतीजे आए, वे स्वाभाविक नहीं थे। महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में जीत के बाद केवल चार महीने में विधानसभा में कांग्रेस और उसके सहयोगी दल बुरी तरह हार गए, जो सामान्य नहीं था। इस मामले में कांग्रेस ने गहराई से पड़ताल की और महाराष्ट्र में उन्हें कुछ ऐसे प्रमाण मिले जिनसे संकेत मिलता है कि वोटर लिस्ट में भारी हेरफेर हुई थी।   इस सम्मेलन का आयोजन कांग्रेस के कानून, मानवाधिकार और आरटीआई विभाग ने किया है। सम्मेलन में राहुल के साथ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, कांग्रेस के कानून, मानवाधिकार और आरटीआई विभाग के अध्यक्ष डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी सहित कई वरिष्ठ नेता और देशभर के वकील शामिल हुए।   राहुल गांधी ने कहा कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच एक करोड़ नए वोटर सूची में जोड़े गए और उनमें से अधिकांश वोट भाजपा को मिले। उन्होंने कहा कि इस विषय पर कांग्रेस ने छह महीने तक शोध किया लेकिन चुनाव आयोग ने सहयोग नहीं किया। आयोग ने उन्हें कागजी मतदाता सूची दी, जिसे स्कैन या कॉपी नहीं किया जा सकता था। जब इन सूचियों की गहन जांच की गई तो पाया गया कि साढ़े छह लाख वोटरों में से लगभग डेढ़ लाख फर्जी थे। राहुल ने कहा कि अब उनके पास 100 प्रतिशत प्रमाण हैं और जल्द ही वे इसे सार्वजनिक करेंगे।   उन्होंने कहा कि भारत की चुनाव प्रणाली अब निष्पक्ष नहीं रही और चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था को ‘नष्ट’ कर दिया गया है। इस देश में जो भी सत्ता के खिलाफ आवाज उठाता है, उसे निशाना बनाया जाता है। उन्होंने कहा कि वे खुद इस समय दर्जनों मुकदमों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कृषि कानूनों के खिलाफ आवाज उठाने पर उन्हें धमकी दी गई थी लेकिन उन्होंने झुकने से इनकार किया क्योंकि कांग्रेस का डीएनए संघर्ष का है।   राहुल गांधी ने स्वतंत्रता संग्राम में वकीलों की भूमिका का जिक्र कर कहा कि गांधी, नेहरू, पटेल और अंबेडकर के नेतृत्व में हजारों वकीलों ने देश को आजादी दिलाने में योगदान दिया। उन्होंने कहा कि आज जब संवैधानिक संस्थाओं को व्यवस्थित तरीके से कमजोर किया जा रहा है, तब देश के वकीलों की जिम्मेदारी है कि वे अदालतों में संविधान की रक्षा करें। कांग्रेस इस लड़ाई को राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर लड़ रही है, लेकिन संवैधानिक और कानूनी लड़ाई वकीलों को लड़नी होगी। उन्होंने अंत में यह विश्वास जताया कि जब वे अपने पास मौजूद प्रमाण देश के सामने रखेंगे, तो चुनाव प्रणाली को लेकर जनता की आंखें खुल जाएंगी।

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वाराणसी । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचकर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता को बाबा विश्वनाथ को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि पहलगाम में आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की हत्या के बाद देश की बेटियों के सिंदूर का जो वचन उन्होंने काशीवासियों से लिया था, वह अब पूरा हो गया है। यह केवल महादेव के आशीर्वाद से ही संभव हुआ।प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को वाराणसी के सेवापुरी ब्लॉक के बनौली गांव में आयोजित विशाल जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार काशी आया हूं। काशी के मेरे मालिकों, आपके वचन का पालन करते हुए मैंने बेटियों के सिंदूर का बदला लिया। ऑपरेशन की सफलता को बाबा विश्वनाथ के चरणों में समर्पित करता हूं। उन्होंने कहा कि सावन का महीना हो, काशी जैसा पवित्र स्थान हो और किसानों से जुड़ने का अवसर मिले, इससे बड़ा सौभाग्य कुछ नहीं हो सकता। उन्होंने मंच से ही मां गंगा, बाबा विश्वनाथ और मार्कण्डेय महादेव को नमन करते हुए कहा कि सावन में बाबा के भक्तों की भीड़ को देखते हुए वे दर्शन करने नहीं जाएंगे, ताकि किसी को कोई असुविधा न हो।   प्रधानमंत्री ने भावुक होकर कहा कि जब महाशिवरात्रि पर यादव बंधु जलाभिषेक के लिए निकलते हैं, तो वह दृश्य कितना मनोरम होता है, एक अद्भुत कोलाहल होता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि नया भारत केवल भोलेनाथ को पूजता नहीं है, बल्कि जरूरत पड़ने पर दुश्मनों के सामने कालभैरव भी बन जाता है। उन्होंने उत्तर प्रदेश में बनने जा रही ब्रह्मोस मिसाइल का उल्लेख करते हुए कहा कि मैं यूपी का सांसद हूं, इस नाते मुझे खुशी है कि ब्रह्मोस मिसाइल यूपी में भी बनेगी। ये मिसाइल लखनऊ में तैयार होंगी। अगर पाकिस्तान ने फिर कोई पाप किया तो यूपी में बनी मिसाइल आतंकियों को तबाह कर देंगी।     प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत पर जो वार करेगा वो पाताल में भी नहीं बचेगा। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि दुर्भाग्य है कि ऑपरेशन सिंदूर की सफलता से अपने देश के भी कुछ लोगों के पेट में दर्द हो रहा है। ये कांग्रेस पार्टी और उनके चेले चपाटे इस बात को पचा नहीं पा रहे कि भारत ने आतंकियों के ठिकानों को मिट्टी में मिला दिया। मैं अपने भारतीयों से पूछना चाहता हूं कि आपको ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर गर्व है कि नहीं। कांग्रेस ने ऑपरेशन सिंदूर को तमाशा कहा है, आप मुझे बताइए सिंदूर कभी भी तमाशा हो सकता है क्या। क्या कोई सिंदूर को तमाशा कह सकता है क्या, कोई मुझे बताए क्या आतंकवादियों को भी मारने के लिए इंजतार करना चाहिए, सपा को फोन करूं क्या कि आतंकियों को मार दें।  इसके पहले जनसभा में प्रधानमंत्री ने 2,183 करोड़ रुपये की 52 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। साथ ही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 20वीं किस्त के तहत देशभर के 9.70 करोड़ किसानों के खातों में ऑनलाइन माध्यम से 20,500 करोड़ रुपये की राशि ट्रांसफर की। चुनिंदा दिव्यांगजनों और वृद्धों में सहायक उपकरण बांटे। प्रधानमंत्री मोदी ने मंच से पांच दिव्यांगों को ऐसे आधुनिक उपकरण दिए जिससे उनकी जिंदगी पूरी तरह बदल जाएगी। एक दृष्टिबाधित छात्रा को लो विजन चश्मा देकर प्रधानमंत्री ने उससे कुछ देर बातचीत भी की।

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  लगेगी शांडिल्य गुरु की प्रतिमा      कोलार रोड के दूसरे छोर भदभदा चौराहे पर उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने  ब्रह्मलीन बालगोविंद शांडिल्य गुरुजी की प्रतिमा स्थापना तथा चौराहे के सौंदर्यीकरण का भूमि-पूजन किया। सौंदर्यीकरण के लिये 8 लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं।   श्री गुप्ता ने कहा कि सरकार शहर के विकास के लिये सतत प्रयत्नशील है। उन्होंने शासन की विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि नागरिक शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये आगे आयें। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि घर-घर जाकर नागरिकों को शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये प्रेरित करें। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा कोटरा में सड़क भूमि-पूजन उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने आई-5 शासकीय आवास कोटरा के पास सड़क निर्माण का भूमि-पूजन किया। सड़क की लागत 20 लाख है। श्री गुप्ता ने सड़क का कार्य गुणवत्तापूर्ण करवाने के निर्देश दिये। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।     Attachments area          

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      मध्यप्रदेश के प्राचीन मंदिरों में भगवान के दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को अब प्रदेश के पुरावैभव, कला और संस्कृति की झलक भी वहां देखने को मिलेगी। इसके लिए राज्य सरकार मंदिरों में संग्रहालयों का निर्माण कराएगी। इस योजना को संस्कृति, धर्मस्व और पुरातत्व विभाग मिलकर अंजाम देंगे। मध्यप्रदेश में इस समय कई प्रसिद्ध मंदिर है जहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है। लेकिन इन मंदिरों में फिलहाल प्रदेश की कला-संस्कृति, इतिहास  और पुरावैभव की झलक दिखाने वाले संग्रहालय नहीं है। राज्य सरकार का सोचना है कि जो श्रद्धालु प्रदेश के प्राचीन मंदिरों में पहुंच रहे है वहां उन्हें भगवान के दर्शन के साथ-साथ प्रदेश के पुरावैभव और कला तथा संस्कृति से भी अवगत कराया जाए। इसके लिए इन मंदिरों के ट्रस्टों के पास मौजूद अपार धनराशि का उपयोग किया जाएगा। इन मंदिरों में सबसे पहले बनेंगे संग्रहालय- मध्यप्रदेश में उज्जैन में महाकाल मंदिर, खजराना मंदिर, सतना के मैहर मंदिर, पशुपतिनाथ मंदिर सहित कई ऐसे प्रमुख मंदिर है जहां मंदिरों की देखरेख और संरक्षण के लिए बनाए गए ट्रस्टों के पास श्रद्धालुओं के दान से मिली अपार धन संपदा स्थित है। इन्हीं मंदिरों में सबसे पहले संग्रहालय बनाने की शुरुआत की जाएगी।  इन मंदिरों के समीप काफी जमीन और भवन स्थित है। शिव मंदिरों में सभी बारह ज्योर्तिलिंगों के बारे में पूरी जानकारी एकत्रित कर प्रदर्शित की जाएगी। इसी तरह गणेश मंदिरों में गणेशजी के सभी स्वरुपों उनके इतिहास और महत्व को प्रदर्शित किया जाएगा। भोपाल के समीप स्थित भोजपुर मंदिर में दो सौ मीटर के दायरे के बाहर संग्रहालय बनाने का प्रस्ताव है। यहां भोजपुर के विशालकाय शिवलिंग और मंदिर के निर्माण की एतिहासिक प्रामाणिक  जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। यह मंदिर कब बना, इस तरह के मंदिर और कहां-कहां बनाए जाने थे। यह अधूरा क्यों रह गया। मंदिर के आसपास मिलने वाले शिवलिंग और अन्य पुराधरोहरों को भी यहां संग्रहित किया जाएगा। भोपाल में भी मुस्लिम धर्मावलंबियों से जुड़ी जानकारी, मध्यप्रदेश के प्राचीन नवाबों से जुड़े इतिहास की प्रामाणिक जानकारी गौहर महल या अन्य स्थानों पर प्रदर्शित की जाएगी। मिडटाउन में दुनिया की सबसे बड़ी सेंट पीटर चर्च में संग्रहालय भी है। वेटिकन सिटी में भी म्युजियम है वहां कई तरह के चित्र प्रदर्शित किए गए है। इन चित्रों में इन देशों की कला और संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। जापान में म्युजियम आॅफ पैरासाइड है। भारत के कई राज्यों में भी मंदिर, मस्जिद और चर्च के साथ संग्रहालय लगे हुए है। मध्यप्रदेश में फिलहाल मंदिर, मस्जिद और गिरिजाघरों में संग्रहालय नहीं है। प्रमुख सचिव संस्कृति मनोज श्रीवास्तव ने कहा प्रदेश के मंदिरों पर अब संग्रहालय बनाने की राज्य सरकार की योजना है। इसके जरिए प्रदेश के नागरिकों को धार्मिक आस्था के केन्द्रों पर पहुंचने पर वहां संग्रहालयों में प्रदेश के इतिहास, कला और संस्कृति के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।     Attachments area          

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  कोलार अवैध कब्जों का अड्डा बना    कोलार में राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों और तहसीलदारों की शह पर बेशकीमती जमीन पर जहां-तहां झुग्गियों का निर्माण करने के अलावा दीवारें तानकर अतिक्रमण किया जा रहा है। इन अतिक्रामकों को रोकने के बजाय अफसर उन्हें प्रश्रय दे रहे हैं। कोलार का दशहरा मैदान इसका ताजा उदाहरण है, जहां पिछले माह लगी आग में 50 झुग्गियां खाक हो गईं थी अब वहां 100 से ज्यादा झुग्गियां और मकान बन गए हैं।   लगातार अतिक्रमण बढ़ने की शिकायतों को लेकर एक सप्ताह पहले एडीएम रत्नाकर झा ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए थे कि वे सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाएं। साथ ही सूची तैयार करें, ताकि सरकारी जमीनों पर जमा अतिक्रमणों को हटाया जा सके। हुजूर एसडीएम और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही से फिर कोलार दशहरा मैदान की सरकारी जमीन पर दर्जनों झुग्गियां तन गर्इं।  प्रशासन के सामने यहां पर झुग्गियां बनती गई, लेकिन उन्हें रोकने की हिम्मत किसी ने नहीं की।   डेढ़ साल पहले निगम चुनाव के पूर्व मुख्यमंत्री ने हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के कहने पर कोलार दशहरा मैदान में स्टेडियम बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद कलेक्टर निशांत वरवड़े ने यहां पर दौरा कर एसडीएम माया अवस्थी को झुग्गियां शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अब तक यहां पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।   कोलार दशहरा मैदान के किनारे बनी अवैध झुग्गियां में तीन साल से एक ही स्थान पर आग लग रही है। यहां 40-50 झुग्गियों में आग लगती है और इसके बाद नई 100 झुग्गियां बन जाती हैं। तीन साल में इस स्थान पर 300 से अधिक झुग्गियां अवैध बन गई। लेकिन प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।     Attachments area          

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  पत्र  में प्रज्ञा ने कैंसर की बीमारी का हवाला भी दिया      मालेगांव बम ब्लास्ट में क्लीन चिट मिलने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने अपने तेवर दिखाए हैं। सिंहस्थ में जाने की जिद पर अड़ीं साध्वी ने पंडित खुशीलाल आयुर्वेदिक अस्पताल में आमरण अनशन शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि सरकार ने उन्हें परमिशन नहीं दी, तो वे 21 मई को जल समाधि ले लेंगी। कैंसर से पीड़ित प्रज्ञा ने दवाइयां खाने से भी इनकार कर दिया है। प्रज्ञा ने राज्य सरकार को लिखे पत्र  में कहा कि वे कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रही हैं। हो सकता है कि अगला कुंभ न देख पाएं।इस मसले  पर बोलने से प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।  साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट मिलने के बाद से माना जा रहा है कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का सॉफ्ट कॉर्नर उनके प्रति बढ़ा है। उनके अनशन के मामले में प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर से जब पूछा गया कि सरकार क्या करेगी, तो विवादों से बचने के लिए उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया । गौरतलब है कि साध्वी लगभग सात सालों से जेल में बंद थीं, लेकिन कैंसर के इलाज के लिए कोर्ट ने उन्हें अस्पताल में रहने की परमिशन दी है। प्रज्ञा ने रविवार को लेटर लिखकर शिवराज सरकार से उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ में शामिल होने की परमिशन मांगी थी।उन्होंने यह भी लिखा था कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो वे आमरण अनशन करेंगी। प्रज्ञा ने लिखा, 'वो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं और शायद अगला कुंभ न देख पाएं। इसलिए उनकी अंतिम इच्छा है कि वे उज्जैन कुंभ में जाएं।' प्रज्ञा ने राज्य सरकार समेत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को भी लेटर की कॉपी भेजी है। लेटर के मुताबिक, प्रज्ञा ने सोमवार सुबह 9 बजे तक का समय दिया था। मांग पूरी नहीं होने के कारण वे अपने कुछ सपोर्टर्स के साथ अस्पताल परिसर में ही आमरण अनशन पर बैठ गई हैं। प्रज्ञा ने लेटर में लिखा कि मैं अन्न जल त्याग दूंगी। अगर मुझे कुछ होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी मध्य प्रदेश सरकार की होगी। उन्होंने अपनी सिक्युरिटी को लेकर भी चिंता जाहिर की है। उन्होंने लिखा कि मेरे साथ पहले एसएएफ के जवान रहते थे। उनके हटाए जाने से मेरी जान को खतरा हो सकता है। प्रज्ञा ने जेड प्लस सुरक्षा की मांग की और सवाल पूछा कि जब देवास जिला कोर्ट ने उज्जैन जाने की अनुमति दे दी है, तो फिर सिक्युरिटी का हवाला देकर सरकार कोर्ट की अवमानना क्यों कर रही है? प्रज्ञा की चिट्ठी उनके सबसे विश्वसनीय भगवान झा लेकर पहुंचे थे। जेल सुपरिंटेंडेंट ने भगवान झा को भरोसा दिया के वह मामले को सीनियर अफसरों तक पहुंचा देंगे। भगवान झा ने कहा, 'सरकार के पास पुलिस की कोई कमी नहीं है। इसलिए साध्वी की सिंहस्थ यात्रा सुनिश्चित करा दी जाए, नहीं तो गंभीर परिणाम होंगे।'     Attachments area          

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  हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने किया 2.16 करोड़ की सड़क निर्माण का भूमि पूजन ।कोलार मुख्य मार्ग के समानांतर इस मार्ग से 2 लाख नागरिक होंगे सीधे लाभान्वित ।कोलार वासियो को विभिन्न मार्गो के माध्यम से नये भोपाल , होशंगाबाद रोड , जाने में होगी सहूलियत ।कोलार में बढ़ते ट्रैफिक पर नियंत्रण में हुज़ूर विधायक की कारगर पहल सफल ।हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा के अथक प्रयासों से कोलारवासियो को ट्रैफिक जाम से आये दिन होने वाली दिक्कतों से निज़ात मिलने जा रही है । बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान (कोलार मुख्य मार्ग) तक  बायपास रोड का निर्माण कराया जा रहा है । आज हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने रानी अवंतीबाई मार्ग से मंदाकनी मैदान को जोड़ने वाली सड़क निर्माण कार्य का भूमि पूजन भूमिका रेसीडेंसी पर किया । 2 करोड़ 16 लाख की लागत से बनने वाली 4200 मीटर इस सड़क की चौड़ाई 7.5 मीटर रहेगी, इस सड़क का निर्माण राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा किया जायेगा । श्री शर्मा ने बताया की कोलार मुख्य मार्ग पर आये दिन लगने वाले ट्रैफिक जाम से छुटकारा पाने के लिये इस बाय पास रोड का निर्माण कराया जा रहा है , उन्होंने बताया की बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग का निर्माण पूर्व में कराया जा चूका है । यह रोड  लोक निर्माण विभाग द्वारा बनायीं गयी है  गौरतलब है की उक्त सड़क का भूमि पूजन विधायक शर्मा द्वारा विधायक बनने के तत्काल बाद किया गया था । बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग तक इस सड़क की दूरी कुल 2 किलोमीटर है ।बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान पर कोलार मुख्य मार्ग पर जोड़ने वाले इस बायपास की कुल दूरी 6 किलोमीटर है । श्री शर्मा ने बताया की बहुत जल्द ही जे के अस्पताल के सामने इस मार्ग के जंक्शन पर एक पुल का निर्माण भी कराया जायेगा जो की सीधा शाहपुरा, भरत नगर , हबीबगंज , चुनाभट्टी , अथवा नये भोपाल को जोड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण के पश्च्यात कोलार के किसी भी नागरिक को ट्रैफिक जाम या आपातकालीन स्थिति में परेशान नहीं होना पड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग से कोलार सहित आसपास के लगभग 2 लाख नागरिक इससे सीधे लाभान्वित होंगे ।  श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण से पूर्व  उनके द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियो अधिकारियो एवं स्थानीय नागरिको के साथ दौरा किया गया । फलस्वरूप कोलार को ट्रैफिक से निजात दिलाने के लिये इस बायपास के निर्माण का निर्णय लिया गया । श्री शर्मा ने बताया की घनी आबादी वाले कोलार में नागरिको की सुविधा के मद्देनज़र इस मार्ग का  अलग अलग भागो में निर्माण कराया गया है , जिससे नागरिको को इसका लाभ पहुँच सके !  श्री शर्मा ने स्थानीय नागरिको को संबोधित करते हुए कहा की कोलार के समग्र विकास में निरंतर आपके द्वारा मिल रहे इसी प्रकार के सहयोग की आवश्यकता है आप सब के सहयोग से हम ग्रीन कोलार क्लीन कोलार का निर्माण करेंगे । कार्यक्रम के दौरान श्री शर्मा का स्थानीय नागरिको द्वारा बड़ी फूलो की माला पहनाकर सड़क निर्माण के लिए अभिन्दन किया गया !  मार्ग से लाभान्वित क्षेत्र  एक नज़र में -: बैरागढ़ चीचली , दौलतपुर ,धोली खदान, प्रियंका नगर ,हिनोतिया गांव ,मानसरोवर डेंटल कॉलेज, सुहागपुर ,पिपलिया, गुराडी , सेमरी ,अमरावत कलां ,सोहागपुर ,बांसखेड़ी झुग्गी बस्ती ,सन खेड़ी झुग्गी बस्ती, आकाश नगर , गिरधर परिसर ,सैफरॉन सिटी ,कृष्णा होम्स ,गिरधर गार्डन ,शिवालय परिसर ,सर्वजन सोसाइटी ,डी के 5 ,जे के अस्पताल , सागर प्रीमियम टॉवर, भूमिका रेसीडेंसी ,वेस्टर्न कौर्ट एवं मंदाकनी सोसायटी आदि इस मार्ग पर अन्य रहवासियो  को इस बाय पास का  सीधा लाभ पहुंचेगा ।होशंगाबाद रोड से जुड़ेगा यह मार्ग यह मार्ग चार बत्ती चौराहे से कालीबाड़ी पुल से होते हुए बाबड़िया रेल्वे फाटक से होशंगाबाद रोड से सीधा जुड़ेगा ।दानिश कुंज से कलियासोत नदी पर सलैया पुल के माध्यम से मिसरोद (होशंगाबाद रोड) से सीधा जुड़ेगा ।कार्यक्रम में विशेष रूप से स्थानीय पार्षद एवं एम आई सी सदस्य भूपेंद्र माली ,पार्षद पवन बोराना, मंडल उपाध्यक्ष श्याम मीना, बी एस वाजपेयी , महेश तिवारी , इक़बाल खान , अमित शुक्ल, दीपक माथुर , अरुण तिवारी , डी ले पालीवाल , एस एस सेंगर ,शोभा सिकरवार , श्रीमती गीता मिश्रा,गणेश तिवारी,राजेश सेंगर , राज शर्मा , प्रदीप पाटीदार ,आकाश श्रीवास्तव,सहित बड़ी संख्या में माताये बहने कॉलोनी वासी उपस्थित रहे ।  

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कोलार के वार्ड 82 में आने वाले दानिशकुंज कॉलोनी में नगर निगम द्वारा काम नहीं कराने के बाद भी पार्षद द्वारा निर्माण को लेकर बोर्ड लगाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। गलत जानकारी को लेकर आज दोपहर कांग्रेस पार्षदों, स्थानीय नेताओं और रहवासियों का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम आयुक्त छवि भारद्वाज से मिला। इन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पार्षद जानबूझकर श्रेय की राजनीति कर रहे हैं। जबकि, जनता गर्मी में पानी के लिए हाहाकार मचा रही है, फिर भी उन्हें पानी नहीं दिया जा रहा है। पार्षदों ने यह की मांग : कांग्रेस पार्षद संतोष जितेंद्र कंसाना, मोनू सक्सेना, मनजीत मारण, अमित शर्मा, राहुल सिंह राठौर, अखिलेश जैन सहित रहवासियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयुक्त भारद्वाज से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। इसके अनुसार तत्काल गलत जानकारी देने वाले भाजपा पार्षद भूपेंद्र माली के बोर्ड को नगर निगम प्रशासन हटाए। साथ ही इस मामले में जांच कराएं कि कहीं दानिशकुंज में कराए गए डामर के भुगतान की फर्जी फाइल तो निगम के कार्यालय नहीं पहुंच गई। यदि प्रशासन बोर्ड नहीं लगाएगी, तो कांग्रेसी भी हर वार्ड में ऐसे बोर्ड लगाएगी। दानिशकुंज कॉलोनी में करीब एक करोड़ राशि से डामर कराया गया है। इस पर स्थानीय पार्षद ने खुद डामर कराने के बोर्ड पूरी कॉलोनी में लगा दिए। वहीं, दानिशकुंज सोसायटी ने भी एक विज्ञापन जारी करके कहा कि वह निर्माण उसने कराया है। कुछ लोगों के यहां निर्माण नहीं कराया गया है, वो लोग जल्द ही बकाया राशि जमा कर दें, ताकि बचे हुए स्थानों पर भी डामरीकरण कराया जा सके।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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भोपाल । उच्चतम न्यायालय की गठित सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष एवं पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे ने कहा कि भोपाल में सड़क सुरक्षा और यातायात सुधार के क्षेत्र में संगठित प्रयासों के माध्यम और अधिक सुदृढ़ तथा आदर्श शहर बनाया जाए। जिला प्रशासन, पुलिस, नगर निगम सहित सभी संबंधित विभागों को गंभीरता, लगन और समर्पण भाव से कार्य करना होगा।   न्यायमूर्ति सप्रे शुक्रवार को भोपाल प्रवास के दौरान पुलिस आयुक्त कार्यालय में जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने समयबद्ध कार्ययोजना तैयार कर आगामी तीन माह में सकारात्मक बदलाव सुनिश्चित करने की अपेक्षा की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उच्चतम न्यायालय की सड़क सुरक्षा संबंधी समिति भोपाल को इस दिशा में हर संभव सहयोग प्रदान करेगी। उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं में हो रही मृत्यु की संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए समन्वित प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया।    बैठक में न्यायमूर्ति सप्रे ने कहा कि हेलमेट पहनने की आदत को बढ़ावा दिया जाए, सीट बेल्ट उपयोग के प्रति जागरूकता लाई जाए, शराब पीकर वाहन चलाने वालों एवं नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। लोक परिवहन को बढ़ावा दिया जाए ताकि सड़कों पर छोटे वाहनों का दबाव कम हो सके। उन्होंने निर्देश दिए कि पुलिस विभाग सहित सभी शासकीय कर्मचारी वाहन चलाते समय अनिवार्य रूप से सीट बेल्ट/हेलमेट का उपयोग करें। स्कूल-कॉलेजों के विद्यार्थियों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य किया जाए। उन्होंने मीडिया से जन-जागरूकता अभियान को गति देने में सहयोग का भी आग्रह किया।   न्यायमूर्ति सप्रे ने भोपाल जिले के अंतर्गत विगत 5 वर्षों में हुई सड़क दुर्घटनाओं, ब्लैक स्पॉट चिन्हांकन एवं उनके सुधार कार्यों, चालानी कार्रवाई, जन-जागरूकता अभियानों और अन्य नवाचारों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति का जीवन अमूल्य है और किसी की गलती से निर्दोष की जान न जाए यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि वाहनों की फिटनेस की नियमित जांच की जाए, ड्राइविंग टेस्ट में सख्ती बरती जाए, बीमा और लाइसेंस की अनिवार्यता सुनिश्चित की जाए तथा ओवरलोडिंग पर रोक के लिए विशेष कार्रवाई की जाए। सड़कों पर मानक गति सीमा का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जाए। उन्होंने सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों के लिए राहवीर योजना और कैशलेस ट्रीटमेंट योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिए।   न्यायमूर्ति सप्रे ने कहा कि प्रशासन एवं पुलिस बड़ी संस्थाओं से अपील करे कि वे अपने कर्मचारियों के लिए परिवहन सुविधाएं, जैसे बसें आदि उपलब्ध कराएं, जिससे सड़कों से वाहनों का अत्यधिक दबाब कम हो। उन्होंने जिले के नागरिकों से भी आग्रह किया कि बच्चों को बचपन से ही सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जाए।   कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि भोपाल जिले में सड़क सुरक्षा और यातायात सुधार के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, जिनमें नवाचार और जन-जागरूकता अभियान शामिल हैं। उन्होंने कहा कि बैठक में दिए गए निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्र ने कहा कि पुलिस विभाग सड़क सुरक्षा को लेकर और अधिक सक्रियता से कार्य करेगा तथा जागरूकता अभियान को गति देकर उसे प्रभावी बनाया जाएगा।   बैठक में कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह, पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्र, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त पंकज श्रीवास्तव, नगर निगम आयुक्त हरेन्द्र नारायण, स्मार्ट सिटी सीईओ अंजू अरुण कुमार, जिला पंचायत सीईओ ईला तिवारी एवं एडीएम अंकुर मेश्राम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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मुंबई । महाराष्ट्र के मालेगांव बम विस्फोट मामले में बरी होने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने गुरुवार को कहा कि आज हिंदुत्व की जीत हुई है, भगवा जीत गया है। उन्होंने कहा कि उन्हें १७ सालों तक अपमानित किया गया, लेकिन मैं आज राहत महसूस कर रही हूं। अदालत का फैसला सुनने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह भावुक हो गईं। इसके बाद उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा , 'जब मुझे पहली बार पूछताछ के लिए बुलाया गया था, तो मैं मानवता और न्याय के सम्मान के साथ आई थी। मुझे 13 दिनों तक प्रताडि़त किया गया, मेरा जीवन नष्ट कर दिया गया। मुझे 17 साल तक अपमानित किया गया। मुझे अपने ही देश में आतंकवादी बना दिया गया। मैं उन लोगों के बारे में कुछ नहीं कह सकती जिन्होंने मुझे इन दिनों तक पहुँचाया। मैं जीवित हूँ क्योंकि मैं एक संन्यासी हूँ।'   उन्होंने कहा कि यहां तक कि संन्यासी, संत भी हर समय मर रहे हैं। उन्होंने भगवान को कलंकित किया है। फैसले के बाद साध्वी प्रज्ञा ने जजों का शुक्रिया अदा किया। मेरी बात सुनने और मुझे समझने के लिए धन्यवाद। आपने भगवा को आतंकवादी कहा। भगवा जीत गया है। हिंदुत्व जीत गया है। हिंदुत्व को आतंकवाद कहने वालों को कभी माफ नहीं किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि गुरुवार को मुंबई में विशेष एनआईए अदालत ने मालेगांव विस्फोट मामले के सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। अदालत ने कहा केवल संदेह के आधार पर आरोपितों को दोषी नहीं ठहराया जा सकता, इसलिए सभी आरोपितों को बरी किया जा रहा है। मालेगांव में 29 सितंबर 2008 के बम विस्फोट मामले में 6 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी और सौ से ज़्यादा गंभीर रूप से घायल हुए थे। जांच एजेंसी ने इस मामले में साध्वी प्रज्ञा सिंह सहित ११ आरोपितों पर मामला दर्ज किया था और सात आरोपितों को गिरफ्तार किया था। अदालत ने आज साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर , कर्नल प्रसाद पुरोहित , मेजर रमेश उपाध्याय, समीर कुलकर्णी, अजय राहिरकर, सुधाकर चतुर्वेदी और सुधाकर द्विवेदी को निर्दोष बरी किया है।

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देवघर । झारखंड के देवघर जिले के मोहनपुर प्रखंड के जमुनिया के पास मंगलवार सुबह कांवड़ियों से भरी बस और गैस सिलेंडर लदे ट्रक के बीच भीषण टक्कर में छह श्रद्धालुओं की मौत हो गई। दुर्घटना में 23 लोग घायल हैं, जिनमें आठ की हालत गंभीर है। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भेजा गया है।   मृतकों में सुभाष तुरी (40) पिता दुखी तुरी निवासी गांव चकरमा थाना मोहनपुर जिला देवघर (बस चालक), दुर्गावती देवी (45) पति गामा धांगर निवासी गांव मतराजी थाना लोकरिया जिला पश्चिम चंपारण, बिहार, सुमन कुमारी (30) पति सुनील कुमार दास निवासी गांव सनोरा थाना पड़ैया जिला गयाजी, बिहार, समदा देवी (40) पति देवकी प्रसाद निवासी गांव तरेगना थाना धनरूआ जिला पटना, बिहार, पीयूष कुमार उर्फ शिवराज (15) पिता सुनील पंडित निवासी गांव महनार जिला वैशाली, बिहार और बिहार के ही पटना जिले के धनरूआ थाना क्षेत्र के तरेगना गांव निवासी देवकी प्रसाद शामिल हैं। देवकी प्रसाद की एम्स ले जाने के क्रम में मौत हो गयी।   एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग ने बताया कि दुर्घटना में छह लोगों की मौत हुई है। कुल 23 लोग घायल हैं। इनमें आठ की हालत गंभीर है।   देवघर एसडीओ रवि कुमार ने बताया कि श्रद्धालु देवघर के बाबा धाम मंदिर से दर्शन कर बासुकिनाथ धाम जा रहे थे। इसी बीच सुबह करीब साढ़े पांच बजे चालक को झपकी आयी और बस अनियंत्रित होकर गैस सिलेंडर लदे एक ट्रक से जा टकरायी। इसके बाद बस कुछ दूर आगे गयी और ईंट रखे ढेर से टकरा गयी। हादसे में अबतक छह लोगों की मौत हुई है। 23 लोग घायल हैं। सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। गंभीर रूप से घायल आठ लोगों का इलाज एम्स में चल रहा है। अन्य घायलों का इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है।   राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने जताया दुख   राज्यपाल संतोष गंगवार ने बस दुर्घटना में श्रद्धालुओं की मौत पर शोक जताया है। सोशल मीडिया एक्स पर उन्होंने कहा कि देवघर से बासुकीनाथ जा रही कांवड़ियों की बस दुर्घटना में कई श्रद्धालुओं के निधन का समाचार अत्यंत दुखद एवं पीड़ादायक है। मैं शोकाकुल परिजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं तथा बाबा भोलेनाथ से घायल श्रद्धालुओं के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना करता हूं।   मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बस दुर्घटना में श्रद्धालुओं की मौत पर दुख जताते हुए सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि आज सुबह देवघर के मोहनपुर प्रखंड के जमुनिया चौक के पास बस दुर्घटना में श्रद्धालुओं की मृत्यु की अत्यंत दुःखद सूचना मिली है। जिला प्रशासन द्वारा राहत और बचाव कार्य के साथ घायलों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराया जा रहा है। बाबा बैद्यनाथ दुर्घटना में मरने वाले श्रद्धालुओं की आत्मा को शांति प्रदान कर शोकाकुल परिवारजनों को दुःख की घड़ी सहन करने की शक्ति दे।   18 श्रद्धालुओं की मौत का दावा   वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी और सांसद निशिकांत दुबे ने 18 श्रद्धालुओं के मारे जाने का दावा करते हुए दुर्घटना पर दुख जताया है। मरांडी ने एक्स पर लिखा कि देवघर-बासुकीनाथ मुख्य सड़क पर हुए भीषण सड़क हादसे में 18 कांवरियों के मृत्यु की दुखद घटना से मन अत्यंत व्यथित है। जिला प्रशासन दुर्घटना में घायल सभी श्रद्धालुओं के बेहतर इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित करे। बाबा बैद्यनाथ दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करें तथा शोक संतप्त परिजनों को यह अपार दुख सहन करने की शक्ति दें। सभी घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना करता हूं।   गोड्डा के सांसद निशिकांत दूबे ने एक्स पर लिखा, ''मेरे लोकसभा के देवघर में सावन मास में कांवर यात्रा के दौरान बस और ट्रक के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण 18 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है। बाबा बैद्यनाथ जी उनके परिजनों को दुख सहने की शक्ति प्रदान करें।''

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गाजा पट्टी । गाजा पट्टी के कई इलाकों में आज तड़के इजराइल के हवाई हमले में 15 नागरिक मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। इजराइल के लड़ाकू विमानों में इन क्षेत्रों में बमबारी की है। इतना ही नहीं, इजराइली बलों ने कल्किलिया प्रांत के पूर्वी हिस्से में एक निर्माणाधीन इमारत की नींव गिरा दी। इसके अलावा इजराइली खुफिया एजेंसी ने सुबह फिलिस्तीनी बार एसोसिएशन के प्रमुख फदी अब्बास को तलब किया।फिलिस्तीनी राष्ट्रीय प्राधिकरण की आधिकारिक समाचार एजेंसी वाफा के अनुसार, गाजा शहर के पश्चिम में हैदर गोलचक्कर के पास एक अपार्टमेंट पर इजराइली बलों की बमबारी में दो नागरिक मारे गए और अन्य कई घायल हो गए। वहीं, मध्य गाजा पट्टी में नुसेरात शरणार्थी शिविर के उत्तर में न्यू कैंप इलाके में की गई बमबारी में आठ लोग मारे गए और 11 अन्य घायल हो गए। गाजा पट्टी के दक्षिण में खान यूनिस के मवासी के मीना इलाके में विस्थापितों को आश्रय स्थल पर बमबारी में चार नागरिक मारे गए। बमबारी के दौरान अनेक लोग घायल हो गए।वाफा की खबरों में बताया गया है कि इजराइली सुरक्षा बलों ने कल्किलिया प्रांत के पूर्वी हिस्से में एक निर्माणाधीन इमारत की नींव गिरा दी और कई स्थानों पर कृषि संबंधी कामकाज रोकने के नोटिस जारी किए। इजराइल बलों ने आज सूरज निकलने से पहले सलफित प्रांत के पश्चिम में स्थित कफर अद-दिक और बुरकिन कस्बों पर धावा बोला और कई घरों पर छापे मारे। बलों ने यहां के निवासी की पिटाई की और एक व्यक्ति को हिरासत में ले लिया।फिलिस्तीनी शहर हेब्रोन स्थित नागरिक मामलों के सामान्य प्राधिकरण ने सुबह स्वास्थ्य मंत्रालय को सूचित किया कि 31 वर्षीय ओदेह मोहम्मद खलील अल-हथलिन की कल शाम यट्टा के पूर्व में स्थित उम्म अल-खैर गांव में एक इजराइली सैनिक ने गोली मारकर हत्या कर दी। यट्टा में कर्मचारी के शव को सुरक्षित रूप से दफनाने के लिए गहन प्रयास किए जा हैं।यरूशलम गवर्नरेट के अनुसार, इजराइली खुफिया एजेंसी ने मंगलवार सुबह फिलिस्तीनी बार एसोसिएशन के प्रमुख फदी अब्बास को तलब किया। एजेंसी ने उनसे फिलिस्तीनी प्राधिकरण के साथ उनके संबंधों और फतह आंदोलन से उनके राजनीतिक जुड़ाव के बारे में पूछताछ की। खुफिया एजेंसी ने उन्हें फिलिस्तीनी बार एसोसिएशन के यरूशलम में काम करने पर प्रतिबंध लगाने के फैसले की जानकारी दी।

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नई दिल्ली । जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हमला कर 26 सैलानियों की धर्म पूछ कर नृशंस हत्या करने वाले तीनों आतंकवादी सोमवार को एक संयुक्त अभियान में सुरक्षा बलों के हाथों मारे गए। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज यहां लोकसभा में आपरेशन सिन्दूर पर कल से जारी चर्चा में भाग लेते हुए सदन और देश के साथ यह जानकारी साझा की।श्री शाह ने कहा, "मैं सदन के माध्यम से कल हुए 'ऑपेरशन महादेव' की जानकारी पूरे देश को देना चाहता हूं। कल 'ऑपेरशन महादेव' में सुलेमान, अफगान और हमज़ा जिब्रान नाम के तीन आतंकवादी सेना, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और जम्मू कश्मीर पुलिस के संयुक्त अभियान में मारे गए।"गृह मंत्री ने कहा कि सुलेमान, लश्कर ए तैयबा का ए श्रेणी का कमांडर था। पहलगाम और गगनगीर आतंकी हमले में वो लिप्त था, इसके बहुत सारे सबूत हमारी एजेंसियों के पास हैं। अफगान और हमज़ा जिब्रान भी ए ग्रेड के आतंकवादी थे जो हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा थे। 22 मई को हमें सेंसर के माध्यम से आतंकवादियों के होने की पुष्टि मिली। फिर हमारी 4 पैरा के नेतृत्व में, सीआरपीएफ के जवान और जम्मू कश्मीर पुलिस के जवानों ने एक साथ आतंकवादियों को घेरने का काम किया। जिन्होंने बैसरन घाटी में हमारे निर्दोष नागरिकों को मारा था, उनमें ये तीनों आतंकवादी शामिल थे और कल तीनों ही मारे गए।उन्होंने कहा, "मैं सेना, सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस के सभी जवानों को सदन और पूरे देश की ओर से बहुत-बहुत साधुवाद देता हूं।"श्री शाह ने कहा," मैं इस अभियान को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए 24 राष्ट्रीय राइफल्स (24 आरआर), 4 पैरा, जम्मू-कश्मीर पुलिस (जेकेपी) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के बहादुर कर्मियों को बधाई देना चाहता हूं और अपना हार्दिक आभार व्यक्त करना चाहता हूं।"

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नई दिल्ली । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में सोमवार को ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान कहा कि यह भारत की ओर से आतंकवाद के खिलाफ एक निर्णायक और स्पष्ट संदेश था कि भारत ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर कायम है। सिंह ने कहा कि यह सैन्य अभियान पाकिस्तान में स्थित नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए चलाया गया था, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी, उनके प्रशिक्षक और संचालक मारे गए।   रक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह कहना कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय दबाव में ऑपरेशन को रोका, “निराधार और पूरी तरह गलत” है। उन्होंने कहा, “अपने राजनीतिक जीवन में मैंने असत्य न बोलने की कोशिश की है।” उन्होंने कहा कि ऑपरेशन का उद्देश्य केवल सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत की संप्रभुता, अस्मिता और नागरिकों के प्रति सरकार की जिम्मेदारी को दर्शाना था। यह ऑपरेशन 6-7 मई 2025 की रात को शुरू होकर मात्र 22 मिनट में पूरा किया गया।राजनाथ सिंह ने कहा कि 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए कायराना आतंकी हमले में 25 निर्दोष नागरिकों सहित एक नेपाली नागरिक की जान गई थी। आतंकवादियों ने धर्म पूछकर लोगों को मारा- जो मानवता के विरुद्ध सबसे घृणित कृत्य है।हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ उच्च स्तरीय बैठक कर उन्हें आवश्यक स्वतंत्रता दी। इसके बाद भारतीय सेनाओं ने “ऑपरेशन सिंदूर” की योजना बनाई और उसे सफलतापूर्वक अंजाम दिया।सिंह ने कहा कि ऑपरेशन के बाद, भारत ने पाकिस्तान को हॉटलाइन के माध्यम से संदेश भेजा कि यह कार्रवाई सीमित थी और आगे बढ़ाने की कोई मंशा नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत की ओर से की गई यह कार्रवाई पूर्णतः आत्मरक्षा में थी– न उकसावे वाली थी और न ही विस्तारवादी। बावजूद इसके, 10 मई को पाकिस्तान ने भारत पर बड़े पैमाने पर हमला करने की कोशिश की, जिसमें मिसाइलें, ड्रोन और रॉकेट शामिल थे।सिंह ने लोकसभा को आश्वस्त करते हुए कहा कि एस-400, आकाश मिसाइल प्रणाली और ड्रोन-रोधी सिस्टम जैसे अत्याधुनिक रक्षा उपकरणों की मदद से भारत ने पाकिस्तान के इस हमले को पूरी तरह विफल कर दिया। पाकिस्तान भारत की किसी भी महत्वपूर्ण संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचा सका। रक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह कहना कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय दबाव में ऑपरेशन को रोका, “निराधार और पूरी तरह गलत” है। उन्होंने कहा, “अपने राजनीतिक जीवन में मैंने असत्य न बोलने की कोशिश की है।”लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस पर कहा कि पूरी दुनिया ने देखा कि कैसे भारतीय सेना ने आतंकवाद के विरुद्ध एक निर्णायक कार्रवाई की। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि कार्यमंत्रणा समिति (बीएसी) में तय प्रक्रिया के तहत इस पर चर्चा की जा रही है।राजनाथ सिंह ने सदन में वीर सपूतों को नमन करते हुए कहा कि जब भी आवश्यकता पड़ी है, भारतीय जवानों ने राष्ट्र की रक्षा के लिए पीछे नहीं हटे।

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नई दिल्ली । छत्तीसगढ़ के दुर्ग में जबरन धर्म परिवर्तन और मानव तस्करी के आरोप में गिरफ्तार की गई तीन कैथोलिक ननों का मामला तूल पकड़ता जा रहा हैै। लोकसभा ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इसे अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न बताया।राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि छत्तीसगढ़ में दो कैथोलिक ननों को उनकी आस्था के कारण जेल भेजा गया है। यह न्याय नहीं बल्कि भीड़तंत्र है। उन्होंने इसे एक पैटर्न बताते हुए कहा कि मौजूदा शासन में अल्पसंख्यकों का व्यवस्थित उत्पीड़न हो रहा है। सांसदों ने संसद में इस मुद्दे पर विरोध-प्रदर्शन किया। हम चुप नहीं बैठेंगे। धार्मिक स्वतंत्रता एक संवैधानिक अधिकार है और हम ननों की तत्काल रिहाई व इस अन्याय के लिए जवाबदेही की मांग करते हैं।कांग्रेस महासचिव वेणुगोपाल ने कहा कि दुर्ग में कैथोलिक ननों की गिरफ्तारी और उत्पीड़न के खिलाफ सांसदों ने संसद के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि बिना किसी अपराध के ननों को हिंसक भीड़ ने निशाना बनाया और अल्पसंख्यकों को डराने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस सरकार में अल्पसंख्यकों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार कर रहा हैै।उल्लेखनीय है कि 26 जुलाई को छत्तीसगढ़ पुलिस ने बजरंगदल पदाधिकारी की शिकायत पर मानव तस्करी और जबरन धर्म परिवर्तन के आरोप में दुर्ग रेलवे स्टेशन से तीन लड़कियों को आगरा ले जा रहीं दो ननों और एक अन्य महिला को गिरफ्तार किया था।

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पटना । बिहार में पटना जिले के मसौढ़ी में 'डॉग बाबू' नाम से जारी निवास प्रमाण पत्र को रद्द कर दिया गया है। सोमवार को एक आधिकारिक बयान में इसकी जानकारी जिला प्रशासन ने दी है। इसके साथ ही संबंधित पदाधिकारी और कर्मचारियों पर जिलाधिकारी (डीएम) ने केस दर्ज करने का आदेश दिया है।   कुत्ता के लिए जारी किए गए प्रमाण पत्र का संज्ञान लेते हुए, पटना जिला प्रशासन ने कहा कि आवेदक, कंप्यूटर ऑपरेटर और प्रमाण पत्र जारी करने वाले अधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। पटना जिला प्रशासन के ट्विटर हैंडल एक्स पर जानकारी दी गयी कि "मसौढ़ी क्षेत्र में "कुत्ता बाबू" के नाम से निवास प्रमाण पत्र जारी करने का मामला सामने आया है। मामला संज्ञान में आते ही उक्त निवास प्रमाण पत्र को रद्द कर दिया गया है। साथ ही, आवेदक, कंप्यूटर ऑपरेटर और प्रमाण पत्र जारी करने वाले अधिकारी के खिलाफ स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है।    पटना जिला प्रशासन ने इस मामले में अनुमंडल अधिकारी (एसडीओ) स्तर की जांच शुरू करने का निर्देश दिया है। जिला प्रशासन ने कहा कि मसौढ़ी के अनुमंडल अधिकारी को पूरे मामले की विस्तृत जांच कर 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है। दोषी कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।   उल्लेखनीय है कि मीडिया में कुत्ता का निवास प्रमाण पत्र बनाने का मामला सामने आने के बाद विपक्षी दल नेता इसपर जमकर टिप्पणी कर रहे हैं। नेता योगेंद्र यादव ने सोशल मीडिया पर प्रमाण पत्र को शेयर करते हुए लिखा, " यह वही निवास प्रमाण पत्र है, जो भारत निर्वाचन आयोग द्वारा चलाए जा रहे विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान में मतदाताओं से मांगा गया है।"   योगेंद्र यादव ने आगे लिखा, "अपनी आंखों से देखिए! 24 जुलाई को बिहार में एक कुत्ते को निवास प्रमाण पत्र जारी हुआ। इसमें आधार और राशन कार्ड को फर्जी बताया जा रहा है।"   पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने भी इसको लेकर निशाना साधा। पप्पू यादव ने कहा कि 'कुत्ता दिखा रहा निवास प्रमाण पत्र, कोई प्रमाण पत्र न दे पाए इंसान, यह है मेरा भारत महान, क्या मुख्य चुनाव आयुक्त महोदय, कहां गांजा फूंक सोए हो जनाब? आधार नहीं कुत्ते ने लाया है, आवासीय सर्टिफिकेट, क्या इसे अब मिलेगा वोट का अधिकार?   उल्लेखनीय है कि प्रमाण पत्र पर ऑरिजिनल हस्ताक्षर राजस्व पदाधिकारी के हैं। इसके अलावा आरटीपीएस काउंटर पर बैठने वाले डाटा कर्मचारियों की भी लापरवाही उजागर हूई है। जब प्रमाण पत्र संख्या की जांच की गयी, तो पता चला कि यह असल में दिल्ली की एक महिला के दस्तावेज हैं। आधार कार्ड और पति से संबंधित दस्तावेज भी उसमें अपलोड थे।

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हरिद्वार । धर्मनगरी में एक पहाड़ी पर स्थित मनसा देवी मंदिर के सीढ़ी मार्ग पर रविवार सुबह करंट फैलने की अफवाह से भगदड़ मचने से छह श्रद्धालुओं की माैत हाे गई, जबकि 35 लाेग घायल हुए हैं। घायलों को हरिद्वार जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया और गंभीर रूप से घायलाें काे एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया है। घटना पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दुख जताया और मृतक आश्रिताें और घायलाें काे मुआवजा देने की बात कही है। मुख्यमंत्री ने इस घटना की मजिस्ट्रियल जांचके आदेश दिए हैं। घटना के बाद हरिद्वार डीएम मयूर दीक्षित और एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने अस्पताल पहुंचकर घायलों के हालचाल जाने और डाॅक्टराें काे उचित इलाज के निर्देश दिये।   वीकेंड होने के कारण भी मनसा मंदिर सहित नगर के अन्य स्थानाें पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी थी। रविवार को प्रातः9 बजे मां मनसा देवी मंदिर जाने वाले सीढ़ी मार्ग पर भारी भीड़ उमड़ी थी। कांवड़ मेला खत्म होने के बाद भी बड़ी संख्या में कांवडि़ए और श्रद्धालु मंदिर में देवी के दर्शन के लिए पहुंचे हुए थे। मंदिर के मुख्य सीढ़ी पैदल मार्ग पर ज्यादा भीड़ बढ़ने के बीच करंट फैलने की अफवाह के बाद श्रद्धालुओं के बीच भगदड़ की स्थिति बन गई और सीढ़ी मार्ग पर श्रद्धालु एक दूसरे के ऊपर गिरने लगे। पुलिस ने बड़ी मुश्किल से स्थिति काे नियंत्रित किया।   एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने बताया कि सुबह 9 बजे करीब पुलिस कंट्रोल रूम को मंदिर से 100 मीटर नीचे सीढ़ी पैदल मार्ग पर भगदड़ मचने की सूचना मिली। मौके पर एसडीआरएफ और पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची और स्थानीय लोगों के सहयाेग से हताहत लोगों को रेस्क्यू कर अस्पताल पहुंचाया गया। एसएसपी डोबाल ने बताया कि मार्ग पर करंट लगने की अफवाह से भगदड़ की स्थिति पैदा हुई। अस्पताल में कुल 35 घायलों को लाया गया था। जिसमें से छह की मौत हो गई।   गढ़वाल कमिश्नर रवि शंकर पांडे ने छह लोगों की मौत की पुष्टि करते हुए बताया कि सभी घायलों को उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने कहा कि हादसे के कारणों की जांच की जा रही है। मंदिर परिसर को कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया है। मौके एसडीआरएफ और पुलिस बल मौके पर मौजूद है।   मृतकाें के परिजनाें काे दाे-दाे लाख देगी सरकार: मुख्यमंत्रीमनसा देवी मंदिर हादसे पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने छह श्रद्धालुओं की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया और पीडि़त परिवारों को हरसंभव सहायता उपलब्ध करने के लिए अधिकारियाें काे निर्देशित किया। मुख्यमंत्री धामी ने भगदड़ की दुर्घटना की मजिस्टेट जांच के आदेश दिए हैं। इसके अलावा हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये और घायलों को पचास-पचास हजार रुपये की सहायता देने की भी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस दुख की घड़ी में शोक संतप्त परिवारों के साथ पूरी मजबूती से खड़ी है। मुख्यमंत्री भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्थाओं की गहन समीक्षा करने के भी निर्देश दिए गए हैं।   राज्य के आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि इस दुर्घटना में पांच गंभीर रूप से घायल श्रद्धालुओं को बेहतर चिकित्सा सुविधा के लिए एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया है। इसके अतिरिक्त 23 अन्य घायल श्रद्धालुओं का उपचार जिला चिकित्सालय हरिद्वार में चल रहा है, जहां सभी घायलों को आवश्यक चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।   मृतकाें और घायलाें की हुई शिनाख्त इसी बीच प्रशासन ने हादसे में मारे गए लोगों और घायलों की सूची जारी कर दी है। पुलिस के अनुसार हादसे में मरने वाले में सौदा बरेली उत्तर प्रदेश निवासी आरुष पुत्र पंकज उर्फ प्रवेश उम्र 12 वर्ष, अररिया बिहार निवासी शकल अेव पुत्र बचन उम्र 18 वर्ष, बासुआ खेड़ी काशीपुर, उत्तराखंड निवासी विपिन सैनी पुत्र रघुवीर सैनी उम्र 18 वर्ष, मोहतरमा जिला बाराबंकी उत्तर प्रदेश निवासी वकील पुत्र भरत सिंह और बदायूं, उत्तर प्रदेश निवासी शांति देवी पत्नी रामभरोसे के रूप में हुई है। घटना की सूचना पर मां मंनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज ने भी मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लियाआ और घटना पर दुःख जताया।   हेल्पलाइन नंबर जारी घटना के संबंध में आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि मनसा देवी मंदिर में आज हुई घटना की जानकारी देने के लिए कई हेल्पलाइन नम्बर जारी किए गए हैं। इनमें जिला आपातकालीन परिचालन केन्द्र, हरिद्वार के लिए 01334-223999, 9068197350 और 9528250926 पर जानकारी कीजा सकती है। इसके अलावा राज्य आपातकालीन परिचालन केन्द्र, देहरादून के लिए 0135-2710334, 2710335, 8218867005 और 9058441404 नंबर परघटना के मृतक अथथा घायलों के बारे में जानकारी की जा सकती है।  

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मुंबई । शिवसेना यूबीटी के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से रविवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के राज ठाकरे ने मातोश्री बंगले पर मुलाकात की और उद्धव ठाकरे को उनके जन्मदिन पर शुभकामना दी। दोनों भाइयों की इस मुलाकात को महाराष्ट्र की आगामी राजनीति के लिए बेहद अहम माना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार राज ठाकरे ने आज मनसे नेता बाला नांदगांवकर के मोबाइल फोन से शिवसेना यूबीटी के प्रवक्ता संजय राऊत से बात की और कहा कि वे मातोश्री बंगले पर आ रहे हैं। इसके बाद राज ठाकरे मातोश्री बंगले पर पहुंचे और स्वर्गीय शिवसेना प्रमुख बाला साहेब की तस्वीर के समक्ष उद्धव ठाकरे से मिले और उन्हें जन्मदिन की शुभकामना दी। इसके बाद दोनों भाइयों के बीच करीब २० मिनट पर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। इस मौके पर मनसे नेता बांलनांदगांवकर, नितीन सरदेसाई, शिवसेना यूबीटी के नेतासंजय राऊत, दिवाकर रावते आदि उपस्थित थे। दरअसल राज ठाकरे शिवसेना से अलग होकर सन २००६ में ही अपनी नई पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का गठन किया था। उसी समय राज ठाकरे ने मातोश्री बंगला भी छोड़ दिया था। हालांकि सन् २०१२ में उद्धव ठाकरे की बीमारी के समय और २०१५ में वे मातोश्री बंगले पर गए थे। हाल ही में राज में चल रहे हिंदी-मराठी मुद्दे पर दोनों भाई एकमत होकर आंदोलन किया था। तब से फिर दोनों भाइयों के बीच दूरी धीरे-धीरे कम हो रही है।   गौरतलब है कि दोनों भाइयों की राजनीति मराठी और भूमिपूत्रों पर आधारित है, इसलिए अगर दोनों भाई एक होते हैं, तो मराठी वोटबैंक में बंटवारा की संभावना कम है। इसका महाराष्ट्र की राजनीति पर दूरगामी परिणाम हो सकता है, इसलिए आज हुई उद्धव-राज की मुलाकात को अहम माना जा रहा है।

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली स्थित गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर में आदि तिरुवथिरई महोत्सव के दौरान महान चोल सम्राट राजेंद्र चोल प्रथम के जयंती उत्सव में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने सम्राट के सम्मान में एक स्मारक सिक्का जारी किया।   प्रधानमंत्री मोदी ने आज गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर में पूजा-अर्चना की। इस दौरान वे एक 'कलश' (धातु का बर्तन) लेकर आए, जिसमें गंगा का जल भरा हुआ था। यह जल धार्मिक दृष्टि से पवित्र माना जाता है। उनके आगमन पर मंदिर के पुजारी ने पारंपरिक सम्मान के साथ उनका स्वागत किया।   प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर आयोजित सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा कि भारत देश की विविधता और संस्कृति हमारे साम्राज्य और धरोहर का प्रतीक है। चोल साम्राज्य की विरासत हमें यह सिखाती है कि एकता में कितनी शक्ति होती है। इस ऐतिहासिक मंदिर में पूजा करना उनके लिए अत्यंत सम्मान की बात है। उन्होंने कहा, “यहां, मैं केवल अपनी व्यक्तिगत प्रार्थना नहीं कर रहा हूँ, बल्कि मैंने देश के 140 करोड़ लोगों के कल्याण के लिए प्रार्थना की है। मैं भगवान शिव से आशीर्वाद मांगता हूं कि वे सभी को आशीर्वाद प्रदान करें।”   चोल साम्राज्य के इतिहास का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि राजेंद्र चोल प्रथम ने न केवल दक्षिण भारत में बल्कि दक्षिण-पूर्व एशिया में भी अपने साम्राज्य का विस्तार किया। उनकी विजयी सेनाएँ श्रीलंका, मालदीव और अन्य देशों तक पहुंचीं। यह संयोग है कि वे कल ही मालदीव से लौटे हैं और आज इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का हिस्सा बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि चोल राजाओं ने हमेशा सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा देने का कार्य किया।   प्रधानमंत्री मोदी ने चोल साम्राज्य के योगदान को याद करते हुए कहा कि राजेंद्र चोल ने गंगा जल को उत्तर से दक्षिण में लाकर पूजन किया। आज उसे पोन्नेरी झील के रूप में जाना जाता है। यह जल हमारी सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि आज केन्द्र सरकार उसी चोला युग की विचारधारा को आगे बढ़ा रही है। काशी-तमिल संगमम् और सौराष्ट्र-तमिल संगमम् जैसे आयोजनों के माध्यम से हम एकता के पुराने सूत्रों को मजबूत कर रहे हैं।   उन्होंने कहा कि गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर की भव्यता और इसका ऐतिहासिक महत्व हमें यह याद दिलाता है कि हम किस प्रकार की सांस्कृतिक धरोहर के वारिस हैं। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस धरोहर को संरक्षित रखें और इसे आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाएं।   उल्लेखनीय है कि राजेंद्र चोल प्रथम (1014-1044 ई.) भारतीय इतिहास के सबसे शक्तिशाली और दूरदर्शी शासकों में से एक थे। उनके नेतृत्व में चोल साम्राज्य ने दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में अपना प्रभाव बढ़ाया। गंगईकोंडा चोलपुरम को उनकी शाही राजधानी के रूप में स्थापित किया गया था और यह मंदिर आज भी शैव भक्ति, स्मारकीय वास्तुकला और प्रशासनिक कौशल का प्रतीक बना हुआ है।   आदि तिरुवथिरई महोत्सव तमिल शैव भक्ति परंपरा का एक महत्वपूर्ण उत्सव है। चोलों ने इसे उत्साहपूर्वक समर्थन दिया और इसके 63 संत-कवियों - नयनमारों - ने इसे अमर कर दिया। इस वर्ष का उत्सव विशेष महत्व रखता है क्योंकि राजेंद्र चोल का जन्म नक्षत्र तिरुवथिरई (आर्द्रा) में हुआ था, जो 23 जुलाई से शुरू होता है।

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अहमदाबाद । लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को गुजरात के आणंद में नवनियुक्त जिला कांग्रेस अध्यक्षों के प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन किया। वह गुजरात में एक दिन रुकेंगे। कांग्रेस कमेटी ने विजन 2027 का रोडमैप तय करने के लिए प्रदेश नवनियुक्त जिला कांग्रेस अध्यक्षों के लिए 26 से 28 जुलाई तक तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया है।     नेता प्रतिपक्ष राहुल आज सुबह वडोदरा हवाई अड्डे पर पहुँचे। वहां पर कोंग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया। जहां से वे सड़क मार्ग से आणंद पहुंचे। कांग्रेस ने "संगठन सृजन अभियान" के तहत गुजरात में सभी जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की है। इसी के तहत उन्होंने आणंद में अंधारिया चकला के पास निजानंद रिसॉर्ट में आयोजित प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया है। वह नवनियुक्त जिला अध्यक्षों के साथ लगभग चार घंटे बिताएंगे और उनका मार्गदर्शन करेंगे।   प्रशिक्षण शिविर में संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल, महासचिव एवं गुजरात संगठन प्रभारी मुकुल वासनिक, गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष अमित चावड़ा और प्रदेश कांग्रेस व आणंद कांग्रेस के पदाधिकारी शामिल हुए।   राहुल गांधी आज जितोदिया में सहकारी दुग्ध उत्पादकों और सहकारी समुदाय के नेताओं के साथ बैठक भी करेंगे। लोकसभा चुनाव-2024 के बाद जुलाई 2024 में राहुल गांधी गुजरात दौरे पर आए थे। तब उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि जिस तरह हमने अयोध्या में भाजपा को हराया है, उसी तरह गुजरात में भी हराएंगे।   कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने भी गुजरात के दौरे बढ़ा दिए हैं। गुजरात कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी ने पिछले साल उन्हें गुजरात में भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) को हराने की चुनौती दी है। उस समय उन्होंने संसद में कहा था, "आप लिख लीजिए, इस बार हम आपको गुजरात में हराएँगे।" विपक्षी भारतीय गठबंधन गुजरात में भाजपा को हराएगा।"   कांग्रेस के लिए गुजरात क्यों महत्वपूर्ण? गुजरात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह का गृह राज्य है, इसलिए यहाँ का हर चुनाव अहम होता है। ऐसे में कांग्रेस को लगता है कि अगर उसे आगे बढ़ना है, तो उसे गुजरात में भाजपा को हराना होगा। इसके लिए कांग्रेस अगले दो सालों के लिए अपना कार्यक्रम तैयार करेगी।

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इम्फाल । मणिपुर में सुरक्षा बलों ने बीते 24 घंटे में इम्फाल वेस्ट और थौबल जिलों में चलाए गए अभियानों के दौरान प्रतिबंधित उग्रवादी संगठनों से जुड़े तीन सक्रिय कैडरों को गिरफ्तार किया है, जो राज्य में संगठित उगाही रैकेट चलाने में लिप्त बताए जा रहे हैं।   पुलिस प्रवक्ता ने शनिवार को बताया कि इम्फाल वेस्ट के पटसोई थाना क्षेत्र के सलाम ममांग लैकाई स्थित आवास से सोरोखैबम इनाओचा सिंह उर्फ रोमेश (47) को गिरफ्तार किया गया। वह कांगलेइपक कम्युनिस्ट पार्टी (पीपुल्स वॉर ग्रुप) का कैडर है और लंबे समय से क्षेत्र में उगाही अभियान में संलिप्त रहा है। उसके पास से बरामद सामानों में तीन मोबाइल फोन, एक पैन कार्ड, केसीपी (पीडब्ल्यूजी) के लेटरहेड वाले पांच उगाही नोट तथा "केसीपी (पीडब्ल्यूजी)" और "रिवेन्यू आफिसर (आरओ)" नामक दो सील स्टैम्प शामिल हैं।   शुक्रवार को थौबल जिले के ओइनाम सावोमबंग मयाई लैकाई में छापेमारी कर ओइनाम रंजीता देवी उर्फ एराई लैमा (38) को हिरासत में लिया गया। वह आरपीएफ/पीएलए से जुड़ी है और स्कूल, व्यापारिक प्रतिष्ठानों और ट्रांसपोर्ट एसोसिएशनों से उगाही करने की गतिविधियों में सक्रिय थीं।उसके पास से जब्त की गई सामग्रियों में तीन मोबाइल फोन, एक आधार कार्ड तथा पीड़ितों के नाम और संपर्क विवरण वाले कई नोटपैड व दस्तावेज शामिल हैं।   इसके अलावा तीसरी कार्रवाई में थौबल जिले के ही लेइरोंगथेल पित्रा क्षेत्र से अहंथेम सुरजीत सिंह (29) को गिरफ्तार किया गया। वह वांगजिंग एसके लैकाई का निवासी और पीएलए का सक्रिय सदस्य है। वह न सिर्फ उगाही, बल्कि नए कैडरों की भर्ती और धमकी देने जैसी गतिविधियों में भी शामिल रहा है।    तीनों गिरफ्तार आरोपितों से पूछताछ जारी है और सुरक्षा एजेंसियां इनके नेटवर्क व संपर्क सूत्रों की गहराई से जांच कर रही हैं। सूत्रों के अनुसार आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

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भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शनिवार को कारगिल युद्ध स्मारक पर कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान की गई सर्जिकल स्ट्राइक पाकिस्तान के लिए स्पष्ट संदेश थी कि आतंकवाद समर्थकों को बख्शा नहीं जाएगा। यह पहलगाम आतंकी हमले का जवाब भी था जो पूरे देश के लिए गहरा घाव था। इस बार भारत ने दिखाया कि जवाब निर्णायक होगा।   विजय दिवस पर एक सभा को संबोधित करते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि दुश्मन को कड़ी प्रतिक्रिया देना भारत द्वारा स्थापित नई सामान्य स्थिति है। उन्होंने कहा कि देशवासियों द्वारा दिखाए गए विश्वास और सरकार द्वारा दी गई खुली छूट के कारण भारतीय सेना ने करारा जवाब दिया। जो भी शक्ति भारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता को चुनौती देने या लोगों को नुकसान पहुँचाने की कोशिश करेगी, उसे करारा जवाब दिया जाएगा। जनरल द्विवेदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना ने पाकिस्तान में नौ महत्वपूर्ण आतंकवादी ठिकानों को बिना किसी नुकसान के ध्वस्त कर दिया।   ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान में आतंकी ढाँचे को प्रभावी ढंग से निशाना बनाकर भारत ने निर्णायक जीत हासिल की। सेना ने आतंकवादी ढाँचे को निशाना बनाया और निर्णायक जीत हासिल करने के लिए पाकिस्तान के अन्य आक्रामक प्रयासों को भी विफल कर दिया। उन्होंने कहा कि 8 और 9 मई को पाकिस्तानी कार्रवाई का प्रभावी ढंग से जवाब दिया गया। हमारी सेना की वायु रक्षा एक अभेद्य दीवार की तरह खड़ी थी जिसे कोई भी मिसाइल या ड्रोन भेद नहीं सकता था।    उन्होंने कहा कि भारतीय सेना दुनिया में एक महत्वपूर्ण ताकत बनने की राह पर है। रुद्र, एक पूरी ब्रिगेड की स्थापना की जा रही है जिसके लिए कल मंजूरी दी गई है। इसके तहत हमारे पास रसद और युद्ध सहायता प्रदान करने के लिए एक ही स्थान पर पैदल सेना, मशीनीकृत पैदल सेना, बख्तरबंद इकाइयाँ, तोपखाने, विशेष बल और मानव रहित हवाई इकाइयाँ होंगी।   सेना ने एक विशेष स्ट्राइक फोर्स भैरव लाइट कमांडो यूनिट का गठन किया है जो सीमा पर दुश्मन को चौंकाने के लिए हमेशा तैयार है। द्विवेदी ने कहा कि हर पैदल सेना बटालियन में अब एक ड्रोन प्लाटून है। तोपखाने में शक्तिबान रेजिमेंट का गठन किया गया है जो ड्रोन, काउंटर-ड्रोन और लोइटर गोला-बारूद से लैस होगी। हर रेजिमेंट में इन चीजों से लैस एक कम्पोजिट बैटरी होगी।   सेना प्रमुख ने कहा कि आने वाले दिनों में हमारी क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी क्योंकि हम सेना की वायु रक्षा प्रणालियों को स्वदेशी मिसाइलों से लैस कर रहे हैं।   पिछले साल रजत जयंती समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति को याद करते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि शीर्ष नेताओं की उपस्थिति दर्शाती है कि यह केवल एक सेना दिवस नहीं बल्कि पूरे देश के लिए एक उत्सव है। उन्होंने कहा कि बर्फीली चोटियों पर वीरों द्वारा दिए गए बलिदानों के कारण ही राष्ट्र सुरक्षित है। हम उनके समर्पण और दृढ़ संकल्प को याद करते हैं और उन वीर नायकों को नमन करते हैं जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति दे दी ताकि हम सम्मान के साथ शांतिपूर्ण जीवन जी सकें।  

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  लगेगी शांडिल्य गुरु की प्रतिमा      कोलार रोड के दूसरे छोर भदभदा चौराहे पर उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने  ब्रह्मलीन बालगोविंद शांडिल्य गुरुजी की प्रतिमा स्थापना तथा चौराहे के सौंदर्यीकरण का भूमि-पूजन किया। सौंदर्यीकरण के लिये 8 लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं।   श्री गुप्ता ने कहा कि सरकार शहर के विकास के लिये सतत प्रयत्नशील है। उन्होंने शासन की विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि नागरिक शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये आगे आयें। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि घर-घर जाकर नागरिकों को शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये प्रेरित करें। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा कोटरा में सड़क भूमि-पूजन उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने आई-5 शासकीय आवास कोटरा के पास सड़क निर्माण का भूमि-पूजन किया। सड़क की लागत 20 लाख है। श्री गुप्ता ने सड़क का कार्य गुणवत्तापूर्ण करवाने के निर्देश दिये। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।     Attachments area          

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      मध्यप्रदेश के प्राचीन मंदिरों में भगवान के दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को अब प्रदेश के पुरावैभव, कला और संस्कृति की झलक भी वहां देखने को मिलेगी। इसके लिए राज्य सरकार मंदिरों में संग्रहालयों का निर्माण कराएगी। इस योजना को संस्कृति, धर्मस्व और पुरातत्व विभाग मिलकर अंजाम देंगे। मध्यप्रदेश में इस समय कई प्रसिद्ध मंदिर है जहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है। लेकिन इन मंदिरों में फिलहाल प्रदेश की कला-संस्कृति, इतिहास  और पुरावैभव की झलक दिखाने वाले संग्रहालय नहीं है। राज्य सरकार का सोचना है कि जो श्रद्धालु प्रदेश के प्राचीन मंदिरों में पहुंच रहे है वहां उन्हें भगवान के दर्शन के साथ-साथ प्रदेश के पुरावैभव और कला तथा संस्कृति से भी अवगत कराया जाए। इसके लिए इन मंदिरों के ट्रस्टों के पास मौजूद अपार धनराशि का उपयोग किया जाएगा। इन मंदिरों में सबसे पहले बनेंगे संग्रहालय- मध्यप्रदेश में उज्जैन में महाकाल मंदिर, खजराना मंदिर, सतना के मैहर मंदिर, पशुपतिनाथ मंदिर सहित कई ऐसे प्रमुख मंदिर है जहां मंदिरों की देखरेख और संरक्षण के लिए बनाए गए ट्रस्टों के पास श्रद्धालुओं के दान से मिली अपार धन संपदा स्थित है। इन्हीं मंदिरों में सबसे पहले संग्रहालय बनाने की शुरुआत की जाएगी।  इन मंदिरों के समीप काफी जमीन और भवन स्थित है। शिव मंदिरों में सभी बारह ज्योर्तिलिंगों के बारे में पूरी जानकारी एकत्रित कर प्रदर्शित की जाएगी। इसी तरह गणेश मंदिरों में गणेशजी के सभी स्वरुपों उनके इतिहास और महत्व को प्रदर्शित किया जाएगा। भोपाल के समीप स्थित भोजपुर मंदिर में दो सौ मीटर के दायरे के बाहर संग्रहालय बनाने का प्रस्ताव है। यहां भोजपुर के विशालकाय शिवलिंग और मंदिर के निर्माण की एतिहासिक प्रामाणिक  जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। यह मंदिर कब बना, इस तरह के मंदिर और कहां-कहां बनाए जाने थे। यह अधूरा क्यों रह गया। मंदिर के आसपास मिलने वाले शिवलिंग और अन्य पुराधरोहरों को भी यहां संग्रहित किया जाएगा। भोपाल में भी मुस्लिम धर्मावलंबियों से जुड़ी जानकारी, मध्यप्रदेश के प्राचीन नवाबों से जुड़े इतिहास की प्रामाणिक जानकारी गौहर महल या अन्य स्थानों पर प्रदर्शित की जाएगी। मिडटाउन में दुनिया की सबसे बड़ी सेंट पीटर चर्च में संग्रहालय भी है। वेटिकन सिटी में भी म्युजियम है वहां कई तरह के चित्र प्रदर्शित किए गए है। इन चित्रों में इन देशों की कला और संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। जापान में म्युजियम आॅफ पैरासाइड है। भारत के कई राज्यों में भी मंदिर, मस्जिद और चर्च के साथ संग्रहालय लगे हुए है। मध्यप्रदेश में फिलहाल मंदिर, मस्जिद और गिरिजाघरों में संग्रहालय नहीं है। प्रमुख सचिव संस्कृति मनोज श्रीवास्तव ने कहा प्रदेश के मंदिरों पर अब संग्रहालय बनाने की राज्य सरकार की योजना है। इसके जरिए प्रदेश के नागरिकों को धार्मिक आस्था के केन्द्रों पर पहुंचने पर वहां संग्रहालयों में प्रदेश के इतिहास, कला और संस्कृति के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।     Attachments area          

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  कोलार अवैध कब्जों का अड्डा बना    कोलार में राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों और तहसीलदारों की शह पर बेशकीमती जमीन पर जहां-तहां झुग्गियों का निर्माण करने के अलावा दीवारें तानकर अतिक्रमण किया जा रहा है। इन अतिक्रामकों को रोकने के बजाय अफसर उन्हें प्रश्रय दे रहे हैं। कोलार का दशहरा मैदान इसका ताजा उदाहरण है, जहां पिछले माह लगी आग में 50 झुग्गियां खाक हो गईं थी अब वहां 100 से ज्यादा झुग्गियां और मकान बन गए हैं।   लगातार अतिक्रमण बढ़ने की शिकायतों को लेकर एक सप्ताह पहले एडीएम रत्नाकर झा ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए थे कि वे सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाएं। साथ ही सूची तैयार करें, ताकि सरकारी जमीनों पर जमा अतिक्रमणों को हटाया जा सके। हुजूर एसडीएम और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही से फिर कोलार दशहरा मैदान की सरकारी जमीन पर दर्जनों झुग्गियां तन गर्इं।  प्रशासन के सामने यहां पर झुग्गियां बनती गई, लेकिन उन्हें रोकने की हिम्मत किसी ने नहीं की।   डेढ़ साल पहले निगम चुनाव के पूर्व मुख्यमंत्री ने हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के कहने पर कोलार दशहरा मैदान में स्टेडियम बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद कलेक्टर निशांत वरवड़े ने यहां पर दौरा कर एसडीएम माया अवस्थी को झुग्गियां शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अब तक यहां पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।   कोलार दशहरा मैदान के किनारे बनी अवैध झुग्गियां में तीन साल से एक ही स्थान पर आग लग रही है। यहां 40-50 झुग्गियों में आग लगती है और इसके बाद नई 100 झुग्गियां बन जाती हैं। तीन साल में इस स्थान पर 300 से अधिक झुग्गियां अवैध बन गई। लेकिन प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।     Attachments area          

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  पत्र  में प्रज्ञा ने कैंसर की बीमारी का हवाला भी दिया      मालेगांव बम ब्लास्ट में क्लीन चिट मिलने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने अपने तेवर दिखाए हैं। सिंहस्थ में जाने की जिद पर अड़ीं साध्वी ने पंडित खुशीलाल आयुर्वेदिक अस्पताल में आमरण अनशन शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि सरकार ने उन्हें परमिशन नहीं दी, तो वे 21 मई को जल समाधि ले लेंगी। कैंसर से पीड़ित प्रज्ञा ने दवाइयां खाने से भी इनकार कर दिया है। प्रज्ञा ने राज्य सरकार को लिखे पत्र  में कहा कि वे कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रही हैं। हो सकता है कि अगला कुंभ न देख पाएं।इस मसले  पर बोलने से प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।  साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट मिलने के बाद से माना जा रहा है कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का सॉफ्ट कॉर्नर उनके प्रति बढ़ा है। उनके अनशन के मामले में प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर से जब पूछा गया कि सरकार क्या करेगी, तो विवादों से बचने के लिए उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया । गौरतलब है कि साध्वी लगभग सात सालों से जेल में बंद थीं, लेकिन कैंसर के इलाज के लिए कोर्ट ने उन्हें अस्पताल में रहने की परमिशन दी है। प्रज्ञा ने रविवार को लेटर लिखकर शिवराज सरकार से उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ में शामिल होने की परमिशन मांगी थी।उन्होंने यह भी लिखा था कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो वे आमरण अनशन करेंगी। प्रज्ञा ने लिखा, 'वो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं और शायद अगला कुंभ न देख पाएं। इसलिए उनकी अंतिम इच्छा है कि वे उज्जैन कुंभ में जाएं।' प्रज्ञा ने राज्य सरकार समेत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को भी लेटर की कॉपी भेजी है। लेटर के मुताबिक, प्रज्ञा ने सोमवार सुबह 9 बजे तक का समय दिया था। मांग पूरी नहीं होने के कारण वे अपने कुछ सपोर्टर्स के साथ अस्पताल परिसर में ही आमरण अनशन पर बैठ गई हैं। प्रज्ञा ने लेटर में लिखा कि मैं अन्न जल त्याग दूंगी। अगर मुझे कुछ होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी मध्य प्रदेश सरकार की होगी। उन्होंने अपनी सिक्युरिटी को लेकर भी चिंता जाहिर की है। उन्होंने लिखा कि मेरे साथ पहले एसएएफ के जवान रहते थे। उनके हटाए जाने से मेरी जान को खतरा हो सकता है। प्रज्ञा ने जेड प्लस सुरक्षा की मांग की और सवाल पूछा कि जब देवास जिला कोर्ट ने उज्जैन जाने की अनुमति दे दी है, तो फिर सिक्युरिटी का हवाला देकर सरकार कोर्ट की अवमानना क्यों कर रही है? प्रज्ञा की चिट्ठी उनके सबसे विश्वसनीय भगवान झा लेकर पहुंचे थे। जेल सुपरिंटेंडेंट ने भगवान झा को भरोसा दिया के वह मामले को सीनियर अफसरों तक पहुंचा देंगे। भगवान झा ने कहा, 'सरकार के पास पुलिस की कोई कमी नहीं है। इसलिए साध्वी की सिंहस्थ यात्रा सुनिश्चित करा दी जाए, नहीं तो गंभीर परिणाम होंगे।'     Attachments area          

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  हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने किया 2.16 करोड़ की सड़क निर्माण का भूमि पूजन ।कोलार मुख्य मार्ग के समानांतर इस मार्ग से 2 लाख नागरिक होंगे सीधे लाभान्वित ।कोलार वासियो को विभिन्न मार्गो के माध्यम से नये भोपाल , होशंगाबाद रोड , जाने में होगी सहूलियत ।कोलार में बढ़ते ट्रैफिक पर नियंत्रण में हुज़ूर विधायक की कारगर पहल सफल ।हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा के अथक प्रयासों से कोलारवासियो को ट्रैफिक जाम से आये दिन होने वाली दिक्कतों से निज़ात मिलने जा रही है । बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान (कोलार मुख्य मार्ग) तक  बायपास रोड का निर्माण कराया जा रहा है । आज हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने रानी अवंतीबाई मार्ग से मंदाकनी मैदान को जोड़ने वाली सड़क निर्माण कार्य का भूमि पूजन भूमिका रेसीडेंसी पर किया । 2 करोड़ 16 लाख की लागत से बनने वाली 4200 मीटर इस सड़क की चौड़ाई 7.5 मीटर रहेगी, इस सड़क का निर्माण राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा किया जायेगा । श्री शर्मा ने बताया की कोलार मुख्य मार्ग पर आये दिन लगने वाले ट्रैफिक जाम से छुटकारा पाने के लिये इस बाय पास रोड का निर्माण कराया जा रहा है , उन्होंने बताया की बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग का निर्माण पूर्व में कराया जा चूका है । यह रोड  लोक निर्माण विभाग द्वारा बनायीं गयी है  गौरतलब है की उक्त सड़क का भूमि पूजन विधायक शर्मा द्वारा विधायक बनने के तत्काल बाद किया गया था । बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग तक इस सड़क की दूरी कुल 2 किलोमीटर है ।बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान पर कोलार मुख्य मार्ग पर जोड़ने वाले इस बायपास की कुल दूरी 6 किलोमीटर है । श्री शर्मा ने बताया की बहुत जल्द ही जे के अस्पताल के सामने इस मार्ग के जंक्शन पर एक पुल का निर्माण भी कराया जायेगा जो की सीधा शाहपुरा, भरत नगर , हबीबगंज , चुनाभट्टी , अथवा नये भोपाल को जोड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण के पश्च्यात कोलार के किसी भी नागरिक को ट्रैफिक जाम या आपातकालीन स्थिति में परेशान नहीं होना पड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग से कोलार सहित आसपास के लगभग 2 लाख नागरिक इससे सीधे लाभान्वित होंगे ।  श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण से पूर्व  उनके द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियो अधिकारियो एवं स्थानीय नागरिको के साथ दौरा किया गया । फलस्वरूप कोलार को ट्रैफिक से निजात दिलाने के लिये इस बायपास के निर्माण का निर्णय लिया गया । श्री शर्मा ने बताया की घनी आबादी वाले कोलार में नागरिको की सुविधा के मद्देनज़र इस मार्ग का  अलग अलग भागो में निर्माण कराया गया है , जिससे नागरिको को इसका लाभ पहुँच सके !  श्री शर्मा ने स्थानीय नागरिको को संबोधित करते हुए कहा की कोलार के समग्र विकास में निरंतर आपके द्वारा मिल रहे इसी प्रकार के सहयोग की आवश्यकता है आप सब के सहयोग से हम ग्रीन कोलार क्लीन कोलार का निर्माण करेंगे । कार्यक्रम के दौरान श्री शर्मा का स्थानीय नागरिको द्वारा बड़ी फूलो की माला पहनाकर सड़क निर्माण के लिए अभिन्दन किया गया !  मार्ग से लाभान्वित क्षेत्र  एक नज़र में -: बैरागढ़ चीचली , दौलतपुर ,धोली खदान, प्रियंका नगर ,हिनोतिया गांव ,मानसरोवर डेंटल कॉलेज, सुहागपुर ,पिपलिया, गुराडी , सेमरी ,अमरावत कलां ,सोहागपुर ,बांसखेड़ी झुग्गी बस्ती ,सन खेड़ी झुग्गी बस्ती, आकाश नगर , गिरधर परिसर ,सैफरॉन सिटी ,कृष्णा होम्स ,गिरधर गार्डन ,शिवालय परिसर ,सर्वजन सोसाइटी ,डी के 5 ,जे के अस्पताल , सागर प्रीमियम टॉवर, भूमिका रेसीडेंसी ,वेस्टर्न कौर्ट एवं मंदाकनी सोसायटी आदि इस मार्ग पर अन्य रहवासियो  को इस बाय पास का  सीधा लाभ पहुंचेगा ।होशंगाबाद रोड से जुड़ेगा यह मार्ग यह मार्ग चार बत्ती चौराहे से कालीबाड़ी पुल से होते हुए बाबड़िया रेल्वे फाटक से होशंगाबाद रोड से सीधा जुड़ेगा ।दानिश कुंज से कलियासोत नदी पर सलैया पुल के माध्यम से मिसरोद (होशंगाबाद रोड) से सीधा जुड़ेगा ।कार्यक्रम में विशेष रूप से स्थानीय पार्षद एवं एम आई सी सदस्य भूपेंद्र माली ,पार्षद पवन बोराना, मंडल उपाध्यक्ष श्याम मीना, बी एस वाजपेयी , महेश तिवारी , इक़बाल खान , अमित शुक्ल, दीपक माथुर , अरुण तिवारी , डी ले पालीवाल , एस एस सेंगर ,शोभा सिकरवार , श्रीमती गीता मिश्रा,गणेश तिवारी,राजेश सेंगर , राज शर्मा , प्रदीप पाटीदार ,आकाश श्रीवास्तव,सहित बड़ी संख्या में माताये बहने कॉलोनी वासी उपस्थित रहे ।  

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कोलार के वार्ड 82 में आने वाले दानिशकुंज कॉलोनी में नगर निगम द्वारा काम नहीं कराने के बाद भी पार्षद द्वारा निर्माण को लेकर बोर्ड लगाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। गलत जानकारी को लेकर आज दोपहर कांग्रेस पार्षदों, स्थानीय नेताओं और रहवासियों का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम आयुक्त छवि भारद्वाज से मिला। इन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पार्षद जानबूझकर श्रेय की राजनीति कर रहे हैं। जबकि, जनता गर्मी में पानी के लिए हाहाकार मचा रही है, फिर भी उन्हें पानी नहीं दिया जा रहा है। पार्षदों ने यह की मांग : कांग्रेस पार्षद संतोष जितेंद्र कंसाना, मोनू सक्सेना, मनजीत मारण, अमित शर्मा, राहुल सिंह राठौर, अखिलेश जैन सहित रहवासियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयुक्त भारद्वाज से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। इसके अनुसार तत्काल गलत जानकारी देने वाले भाजपा पार्षद भूपेंद्र माली के बोर्ड को नगर निगम प्रशासन हटाए। साथ ही इस मामले में जांच कराएं कि कहीं दानिशकुंज में कराए गए डामर के भुगतान की फर्जी फाइल तो निगम के कार्यालय नहीं पहुंच गई। यदि प्रशासन बोर्ड नहीं लगाएगी, तो कांग्रेसी भी हर वार्ड में ऐसे बोर्ड लगाएगी। दानिशकुंज कॉलोनी में करीब एक करोड़ राशि से डामर कराया गया है। इस पर स्थानीय पार्षद ने खुद डामर कराने के बोर्ड पूरी कॉलोनी में लगा दिए। वहीं, दानिशकुंज सोसायटी ने भी एक विज्ञापन जारी करके कहा कि वह निर्माण उसने कराया है। कुछ लोगों के यहां निर्माण नहीं कराया गया है, वो लोग जल्द ही बकाया राशि जमा कर दें, ताकि बचे हुए स्थानों पर भी डामरीकरण कराया जा सके।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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नई दिल्ली । कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी शुक्रवार को नई दिल्ली के अशोक विहार स्थित जेलरवाला बाग में झुग्गी-झोपड़ी वालों से मिले। इस दौरान राहुल गांधी के साथ पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता रागिनी नायक मौजूद रहीं। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने यहां 16 जून को 500 से ज्यादा झुग्गी-झोपड़ियों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें ध्वस्त कर दिया था। पार्टी ने शुक्रवार को एक्स पोस्ट में बताया कि राहुल गांधी ने जेलरवाला बाग में बेघर पीड़ित परिवारों से उनकी समस्याएं सुनीं। कांग्रेस ने इसे सरासर अन्याय बताया। पोस्ट में लिखा कि कांग्रेस इन पीड़ित परिवारों के साथ मजबूती से खड़ी है और इन्हें हरसंभव न्याय दिलाने की कोशिश करेंगे।

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  लगेगी शांडिल्य गुरु की प्रतिमा      कोलार रोड के दूसरे छोर भदभदा चौराहे पर उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने  ब्रह्मलीन बालगोविंद शांडिल्य गुरुजी की प्रतिमा स्थापना तथा चौराहे के सौंदर्यीकरण का भूमि-पूजन किया। सौंदर्यीकरण के लिये 8 लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं।   श्री गुप्ता ने कहा कि सरकार शहर के विकास के लिये सतत प्रयत्नशील है। उन्होंने शासन की विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि नागरिक शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये आगे आयें। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि घर-घर जाकर नागरिकों को शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये प्रेरित करें। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा कोटरा में सड़क भूमि-पूजन उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने आई-5 शासकीय आवास कोटरा के पास सड़क निर्माण का भूमि-पूजन किया। सड़क की लागत 20 लाख है। श्री गुप्ता ने सड़क का कार्य गुणवत्तापूर्ण करवाने के निर्देश दिये। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।     Attachments area          

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      मध्यप्रदेश के प्राचीन मंदिरों में भगवान के दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को अब प्रदेश के पुरावैभव, कला और संस्कृति की झलक भी वहां देखने को मिलेगी। इसके लिए राज्य सरकार मंदिरों में संग्रहालयों का निर्माण कराएगी। इस योजना को संस्कृति, धर्मस्व और पुरातत्व विभाग मिलकर अंजाम देंगे। मध्यप्रदेश में इस समय कई प्रसिद्ध मंदिर है जहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है। लेकिन इन मंदिरों में फिलहाल प्रदेश की कला-संस्कृति, इतिहास  और पुरावैभव की झलक दिखाने वाले संग्रहालय नहीं है। राज्य सरकार का सोचना है कि जो श्रद्धालु प्रदेश के प्राचीन मंदिरों में पहुंच रहे है वहां उन्हें भगवान के दर्शन के साथ-साथ प्रदेश के पुरावैभव और कला तथा संस्कृति से भी अवगत कराया जाए। इसके लिए इन मंदिरों के ट्रस्टों के पास मौजूद अपार धनराशि का उपयोग किया जाएगा। इन मंदिरों में सबसे पहले बनेंगे संग्रहालय- मध्यप्रदेश में उज्जैन में महाकाल मंदिर, खजराना मंदिर, सतना के मैहर मंदिर, पशुपतिनाथ मंदिर सहित कई ऐसे प्रमुख मंदिर है जहां मंदिरों की देखरेख और संरक्षण के लिए बनाए गए ट्रस्टों के पास श्रद्धालुओं के दान से मिली अपार धन संपदा स्थित है। इन्हीं मंदिरों में सबसे पहले संग्रहालय बनाने की शुरुआत की जाएगी।  इन मंदिरों के समीप काफी जमीन और भवन स्थित है। शिव मंदिरों में सभी बारह ज्योर्तिलिंगों के बारे में पूरी जानकारी एकत्रित कर प्रदर्शित की जाएगी। इसी तरह गणेश मंदिरों में गणेशजी के सभी स्वरुपों उनके इतिहास और महत्व को प्रदर्शित किया जाएगा। भोपाल के समीप स्थित भोजपुर मंदिर में दो सौ मीटर के दायरे के बाहर संग्रहालय बनाने का प्रस्ताव है। यहां भोजपुर के विशालकाय शिवलिंग और मंदिर के निर्माण की एतिहासिक प्रामाणिक  जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। यह मंदिर कब बना, इस तरह के मंदिर और कहां-कहां बनाए जाने थे। यह अधूरा क्यों रह गया। मंदिर के आसपास मिलने वाले शिवलिंग और अन्य पुराधरोहरों को भी यहां संग्रहित किया जाएगा। भोपाल में भी मुस्लिम धर्मावलंबियों से जुड़ी जानकारी, मध्यप्रदेश के प्राचीन नवाबों से जुड़े इतिहास की प्रामाणिक जानकारी गौहर महल या अन्य स्थानों पर प्रदर्शित की जाएगी। मिडटाउन में दुनिया की सबसे बड़ी सेंट पीटर चर्च में संग्रहालय भी है। वेटिकन सिटी में भी म्युजियम है वहां कई तरह के चित्र प्रदर्शित किए गए है। इन चित्रों में इन देशों की कला और संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। जापान में म्युजियम आॅफ पैरासाइड है। भारत के कई राज्यों में भी मंदिर, मस्जिद और चर्च के साथ संग्रहालय लगे हुए है। मध्यप्रदेश में फिलहाल मंदिर, मस्जिद और गिरिजाघरों में संग्रहालय नहीं है। प्रमुख सचिव संस्कृति मनोज श्रीवास्तव ने कहा प्रदेश के मंदिरों पर अब संग्रहालय बनाने की राज्य सरकार की योजना है। इसके जरिए प्रदेश के नागरिकों को धार्मिक आस्था के केन्द्रों पर पहुंचने पर वहां संग्रहालयों में प्रदेश के इतिहास, कला और संस्कृति के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।     Attachments area          

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  कोलार अवैध कब्जों का अड्डा बना    कोलार में राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों और तहसीलदारों की शह पर बेशकीमती जमीन पर जहां-तहां झुग्गियों का निर्माण करने के अलावा दीवारें तानकर अतिक्रमण किया जा रहा है। इन अतिक्रामकों को रोकने के बजाय अफसर उन्हें प्रश्रय दे रहे हैं। कोलार का दशहरा मैदान इसका ताजा उदाहरण है, जहां पिछले माह लगी आग में 50 झुग्गियां खाक हो गईं थी अब वहां 100 से ज्यादा झुग्गियां और मकान बन गए हैं।   लगातार अतिक्रमण बढ़ने की शिकायतों को लेकर एक सप्ताह पहले एडीएम रत्नाकर झा ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए थे कि वे सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाएं। साथ ही सूची तैयार करें, ताकि सरकारी जमीनों पर जमा अतिक्रमणों को हटाया जा सके। हुजूर एसडीएम और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही से फिर कोलार दशहरा मैदान की सरकारी जमीन पर दर्जनों झुग्गियां तन गर्इं।  प्रशासन के सामने यहां पर झुग्गियां बनती गई, लेकिन उन्हें रोकने की हिम्मत किसी ने नहीं की।   डेढ़ साल पहले निगम चुनाव के पूर्व मुख्यमंत्री ने हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के कहने पर कोलार दशहरा मैदान में स्टेडियम बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद कलेक्टर निशांत वरवड़े ने यहां पर दौरा कर एसडीएम माया अवस्थी को झुग्गियां शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अब तक यहां पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।   कोलार दशहरा मैदान के किनारे बनी अवैध झुग्गियां में तीन साल से एक ही स्थान पर आग लग रही है। यहां 40-50 झुग्गियों में आग लगती है और इसके बाद नई 100 झुग्गियां बन जाती हैं। तीन साल में इस स्थान पर 300 से अधिक झुग्गियां अवैध बन गई। लेकिन प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।     Attachments area          

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  पत्र  में प्रज्ञा ने कैंसर की बीमारी का हवाला भी दिया      मालेगांव बम ब्लास्ट में क्लीन चिट मिलने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने अपने तेवर दिखाए हैं। सिंहस्थ में जाने की जिद पर अड़ीं साध्वी ने पंडित खुशीलाल आयुर्वेदिक अस्पताल में आमरण अनशन शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि सरकार ने उन्हें परमिशन नहीं दी, तो वे 21 मई को जल समाधि ले लेंगी। कैंसर से पीड़ित प्रज्ञा ने दवाइयां खाने से भी इनकार कर दिया है। प्रज्ञा ने राज्य सरकार को लिखे पत्र  में कहा कि वे कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रही हैं। हो सकता है कि अगला कुंभ न देख पाएं।इस मसले  पर बोलने से प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।  साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट मिलने के बाद से माना जा रहा है कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का सॉफ्ट कॉर्नर उनके प्रति बढ़ा है। उनके अनशन के मामले में प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर से जब पूछा गया कि सरकार क्या करेगी, तो विवादों से बचने के लिए उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया । गौरतलब है कि साध्वी लगभग सात सालों से जेल में बंद थीं, लेकिन कैंसर के इलाज के लिए कोर्ट ने उन्हें अस्पताल में रहने की परमिशन दी है। प्रज्ञा ने रविवार को लेटर लिखकर शिवराज सरकार से उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ में शामिल होने की परमिशन मांगी थी।उन्होंने यह भी लिखा था कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो वे आमरण अनशन करेंगी। प्रज्ञा ने लिखा, 'वो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं और शायद अगला कुंभ न देख पाएं। इसलिए उनकी अंतिम इच्छा है कि वे उज्जैन कुंभ में जाएं।' प्रज्ञा ने राज्य सरकार समेत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को भी लेटर की कॉपी भेजी है। लेटर के मुताबिक, प्रज्ञा ने सोमवार सुबह 9 बजे तक का समय दिया था। मांग पूरी नहीं होने के कारण वे अपने कुछ सपोर्टर्स के साथ अस्पताल परिसर में ही आमरण अनशन पर बैठ गई हैं। प्रज्ञा ने लेटर में लिखा कि मैं अन्न जल त्याग दूंगी। अगर मुझे कुछ होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी मध्य प्रदेश सरकार की होगी। उन्होंने अपनी सिक्युरिटी को लेकर भी चिंता जाहिर की है। उन्होंने लिखा कि मेरे साथ पहले एसएएफ के जवान रहते थे। उनके हटाए जाने से मेरी जान को खतरा हो सकता है। प्रज्ञा ने जेड प्लस सुरक्षा की मांग की और सवाल पूछा कि जब देवास जिला कोर्ट ने उज्जैन जाने की अनुमति दे दी है, तो फिर सिक्युरिटी का हवाला देकर सरकार कोर्ट की अवमानना क्यों कर रही है? प्रज्ञा की चिट्ठी उनके सबसे विश्वसनीय भगवान झा लेकर पहुंचे थे। जेल सुपरिंटेंडेंट ने भगवान झा को भरोसा दिया के वह मामले को सीनियर अफसरों तक पहुंचा देंगे। भगवान झा ने कहा, 'सरकार के पास पुलिस की कोई कमी नहीं है। इसलिए साध्वी की सिंहस्थ यात्रा सुनिश्चित करा दी जाए, नहीं तो गंभीर परिणाम होंगे।'     Attachments area          

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  हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने किया 2.16 करोड़ की सड़क निर्माण का भूमि पूजन ।कोलार मुख्य मार्ग के समानांतर इस मार्ग से 2 लाख नागरिक होंगे सीधे लाभान्वित ।कोलार वासियो को विभिन्न मार्गो के माध्यम से नये भोपाल , होशंगाबाद रोड , जाने में होगी सहूलियत ।कोलार में बढ़ते ट्रैफिक पर नियंत्रण में हुज़ूर विधायक की कारगर पहल सफल ।हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा के अथक प्रयासों से कोलारवासियो को ट्रैफिक जाम से आये दिन होने वाली दिक्कतों से निज़ात मिलने जा रही है । बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान (कोलार मुख्य मार्ग) तक  बायपास रोड का निर्माण कराया जा रहा है । आज हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने रानी अवंतीबाई मार्ग से मंदाकनी मैदान को जोड़ने वाली सड़क निर्माण कार्य का भूमि पूजन भूमिका रेसीडेंसी पर किया । 2 करोड़ 16 लाख की लागत से बनने वाली 4200 मीटर इस सड़क की चौड़ाई 7.5 मीटर रहेगी, इस सड़क का निर्माण राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा किया जायेगा । श्री शर्मा ने बताया की कोलार मुख्य मार्ग पर आये दिन लगने वाले ट्रैफिक जाम से छुटकारा पाने के लिये इस बाय पास रोड का निर्माण कराया जा रहा है , उन्होंने बताया की बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग का निर्माण पूर्व में कराया जा चूका है । यह रोड  लोक निर्माण विभाग द्वारा बनायीं गयी है  गौरतलब है की उक्त सड़क का भूमि पूजन विधायक शर्मा द्वारा विधायक बनने के तत्काल बाद किया गया था । बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग तक इस सड़क की दूरी कुल 2 किलोमीटर है ।बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान पर कोलार मुख्य मार्ग पर जोड़ने वाले इस बायपास की कुल दूरी 6 किलोमीटर है । श्री शर्मा ने बताया की बहुत जल्द ही जे के अस्पताल के सामने इस मार्ग के जंक्शन पर एक पुल का निर्माण भी कराया जायेगा जो की सीधा शाहपुरा, भरत नगर , हबीबगंज , चुनाभट्टी , अथवा नये भोपाल को जोड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण के पश्च्यात कोलार के किसी भी नागरिक को ट्रैफिक जाम या आपातकालीन स्थिति में परेशान नहीं होना पड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग से कोलार सहित आसपास के लगभग 2 लाख नागरिक इससे सीधे लाभान्वित होंगे ।  श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण से पूर्व  उनके द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियो अधिकारियो एवं स्थानीय नागरिको के साथ दौरा किया गया । फलस्वरूप कोलार को ट्रैफिक से निजात दिलाने के लिये इस बायपास के निर्माण का निर्णय लिया गया । श्री शर्मा ने बताया की घनी आबादी वाले कोलार में नागरिको की सुविधा के मद्देनज़र इस मार्ग का  अलग अलग भागो में निर्माण कराया गया है , जिससे नागरिको को इसका लाभ पहुँच सके !  श्री शर्मा ने स्थानीय नागरिको को संबोधित करते हुए कहा की कोलार के समग्र विकास में निरंतर आपके द्वारा मिल रहे इसी प्रकार के सहयोग की आवश्यकता है आप सब के सहयोग से हम ग्रीन कोलार क्लीन कोलार का निर्माण करेंगे । कार्यक्रम के दौरान श्री शर्मा का स्थानीय नागरिको द्वारा बड़ी फूलो की माला पहनाकर सड़क निर्माण के लिए अभिन्दन किया गया !  मार्ग से लाभान्वित क्षेत्र  एक नज़र में -: बैरागढ़ चीचली , दौलतपुर ,धोली खदान, प्रियंका नगर ,हिनोतिया गांव ,मानसरोवर डेंटल कॉलेज, सुहागपुर ,पिपलिया, गुराडी , सेमरी ,अमरावत कलां ,सोहागपुर ,बांसखेड़ी झुग्गी बस्ती ,सन खेड़ी झुग्गी बस्ती, आकाश नगर , गिरधर परिसर ,सैफरॉन सिटी ,कृष्णा होम्स ,गिरधर गार्डन ,शिवालय परिसर ,सर्वजन सोसाइटी ,डी के 5 ,जे के अस्पताल , सागर प्रीमियम टॉवर, भूमिका रेसीडेंसी ,वेस्टर्न कौर्ट एवं मंदाकनी सोसायटी आदि इस मार्ग पर अन्य रहवासियो  को इस बाय पास का  सीधा लाभ पहुंचेगा ।होशंगाबाद रोड से जुड़ेगा यह मार्ग यह मार्ग चार बत्ती चौराहे से कालीबाड़ी पुल से होते हुए बाबड़िया रेल्वे फाटक से होशंगाबाद रोड से सीधा जुड़ेगा ।दानिश कुंज से कलियासोत नदी पर सलैया पुल के माध्यम से मिसरोद (होशंगाबाद रोड) से सीधा जुड़ेगा ।कार्यक्रम में विशेष रूप से स्थानीय पार्षद एवं एम आई सी सदस्य भूपेंद्र माली ,पार्षद पवन बोराना, मंडल उपाध्यक्ष श्याम मीना, बी एस वाजपेयी , महेश तिवारी , इक़बाल खान , अमित शुक्ल, दीपक माथुर , अरुण तिवारी , डी ले पालीवाल , एस एस सेंगर ,शोभा सिकरवार , श्रीमती गीता मिश्रा,गणेश तिवारी,राजेश सेंगर , राज शर्मा , प्रदीप पाटीदार ,आकाश श्रीवास्तव,सहित बड़ी संख्या में माताये बहने कॉलोनी वासी उपस्थित रहे ।  

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कोलार के वार्ड 82 में आने वाले दानिशकुंज कॉलोनी में नगर निगम द्वारा काम नहीं कराने के बाद भी पार्षद द्वारा निर्माण को लेकर बोर्ड लगाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। गलत जानकारी को लेकर आज दोपहर कांग्रेस पार्षदों, स्थानीय नेताओं और रहवासियों का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम आयुक्त छवि भारद्वाज से मिला। इन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पार्षद जानबूझकर श्रेय की राजनीति कर रहे हैं। जबकि, जनता गर्मी में पानी के लिए हाहाकार मचा रही है, फिर भी उन्हें पानी नहीं दिया जा रहा है। पार्षदों ने यह की मांग : कांग्रेस पार्षद संतोष जितेंद्र कंसाना, मोनू सक्सेना, मनजीत मारण, अमित शर्मा, राहुल सिंह राठौर, अखिलेश जैन सहित रहवासियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयुक्त भारद्वाज से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। इसके अनुसार तत्काल गलत जानकारी देने वाले भाजपा पार्षद भूपेंद्र माली के बोर्ड को नगर निगम प्रशासन हटाए। साथ ही इस मामले में जांच कराएं कि कहीं दानिशकुंज में कराए गए डामर के भुगतान की फर्जी फाइल तो निगम के कार्यालय नहीं पहुंच गई। यदि प्रशासन बोर्ड नहीं लगाएगी, तो कांग्रेसी भी हर वार्ड में ऐसे बोर्ड लगाएगी। दानिशकुंज कॉलोनी में करीब एक करोड़ राशि से डामर कराया गया है। इस पर स्थानीय पार्षद ने खुद डामर कराने के बोर्ड पूरी कॉलोनी में लगा दिए। वहीं, दानिशकुंज सोसायटी ने भी एक विज्ञापन जारी करके कहा कि वह निर्माण उसने कराया है। कुछ लोगों के यहां निर्माण नहीं कराया गया है, वो लोग जल्द ही बकाया राशि जमा कर दें, ताकि बचे हुए स्थानों पर भी डामरीकरण कराया जा सके।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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झालावाड़ । राजस्थान के झालावाड़ जिले के मनोहरथाना ब्लॉक के दांगीपुरा थाना क्षेत्र में पीपलोदी गांव में शुक्रवार सुबह एक सरकारी स्कूल की जर्जर इमारत का एक हिस्सा ढह गया। हादसे में सात बच्चों की मौत हो गई, जबकि 25 से अधिक बच्चे घायल हैं। मलबे में दबे बच्चों को शिक्षकों और ग्रामीणों की मदद से बाहर निकाला गया। सभी घायलों को मनोहरथाना अस्पताल पहुंचाया गया, जहां से गंभीर रूप से घायल बच्चों को झालावाड़ जिला अस्पताल रेफर किया गया है।   मुख्‍यमंत्री भजनलाल शर्मा ने हादसे की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि फिलहाल घायल बच्चो को सही समय पर इलाज दिलाना ही प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि सभी घायलों का सरकारी खर्च पर इलाज कराया जाएगा और मामले की पूरी जांच कराई जाएगी। दिलावर घटना स्थल के लिए रवाना हो गए हैं। मनोहरथाना अस्पताल के डॉ. कौशल लोढ़ा के अनुसार अस्पताल में घायल बच्चों को लाया गया था, जिनमें से कई की हालत नाजुक थी।   दांगीपुरा थाना अधिकारी विजेंद्र सिंह के अनुसार हादसे के समय कक्षा में कुल 32 बच्चे मौजूद थे, जो मलबे में दब गए थे। एक शिक्षक को भी चोटें आई हैं, हालांकि उन्हें अस्पताल में भर्ती नहीं कराया गया है। चार बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि दो बच्चों की मृत्यु अकलेरा अस्पताल में इलाज के दौरान हुई। एक बालिका ने झालावाड़ जिला अस्पताल में दम तोड़ दिया।   जिला कलेक्टर अजय सिंह राठौड़ ने कहा कि मलबे में दबे सभी बच्चों को निकाल लिया गया है। कुछ अस्पताल में हैं या उन्हें घर पहुंचा दिया है। इस तरीके के हादसे को रोकने के लिए हम दृढ़ संकल्प हैं। भविष्य में कोई हादसा नहीं हो हम कोशिश करेंगे। शिक्षा विभाग को हमारे निर्देश थे, कोई भी ऐसा स्कूल हो, जहां पर इस तरीके के हादसे होने की संभावना है, उन स्कूलों में छुट्टी कर दें।   प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत समेत कई नेताओं ने हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हादसे पर दुख जताते हुए एक्स पोस्ट में लिखा कि घायलों की हरसंभव मदद की जा रही है।   धर्मेन्द्र प्रधान ने लिखा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और शिक्षा मंत्री मदन दिलावर से बात कर बचाव कार्यों का जायजा लिया। राहत और बचाव कार्य जारी है एवं घायल बच्चों के उपचार के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।   ग्रामीणों का आरोप है कि स्कूल भवन लंबे समय से जर्जर स्थिति में था और इसकी मरम्मत के लिए कई बार शिकायतें की गई थीं, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। हादसे के समय दोनों शिक्षक स्कूल भवन के बाहर थे। बारिश के दौरान कक्षा की छत गिरने से मलबे में दबे बच्चों को तुरंत बाहर निकालने का कार्य शुरू किया गया। राहत एवं बचाव कार्य के लिए प्रशासनिक टीमें मौके पर पहुंच गई थी।

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नई दिल्ली । केन्द्र सरकार मणिपुर में छह महीने के लिए और राष्ट्रपति शासन बढ़ाने जा रही है। इस संबंध में राज्यसभा में सैंद्धांतिक रूप से राष्ट्रपति शासन को छह महीने और बढाने को लेकर मंजूरी मिल गयी है। अब इस प्रस्ताव को राज्यसभा में चर्चा के लिए लाया जाएगा। इस संबंध में अभी कोई तारीख तय नहीं की गयी है, लेकिन जल्दी ही इसे सदन में रखे जाने की उम्मीद है।   राज्यसभा के बुलेटिन के अऩुसार गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने इस संबंध में संकल्प की सूचना दी है जिसे स्वीकार कर लिया गया है। संकल्प में कहा गया है कि यह सदन राष्ट्रपति द्वारा संविधान के अनुच्छेद 356 के अंतर्गत मणिपुर के संबंध में 13 फरवरी, 2025 को जारी की गयी उद्घोषणा को 13 अगस्त, 2025 से छह महीने की अतिरिक्त अवधि के लिए लागू रखने का अनुमोदन करता है।"   उल्लेखनीय है कि राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद केंद्र सरकार ने 13 फरवरी 2005 को मणिपुर में संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन लागू किया था। राष्ट्रपति शासन को 13 अगस्त को छह महीने पूरे होंगे। राज्य में लंबे समय से जारी अशांति और प्रशासनिक अस्थिरता के चलते केंद्र ने यह फैसला किया है।

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  लगेगी शांडिल्य गुरु की प्रतिमा      कोलार रोड के दूसरे छोर भदभदा चौराहे पर उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने  ब्रह्मलीन बालगोविंद शांडिल्य गुरुजी की प्रतिमा स्थापना तथा चौराहे के सौंदर्यीकरण का भूमि-पूजन किया। सौंदर्यीकरण के लिये 8 लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं।   श्री गुप्ता ने कहा कि सरकार शहर के विकास के लिये सतत प्रयत्नशील है। उन्होंने शासन की विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि नागरिक शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये आगे आयें। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि घर-घर जाकर नागरिकों को शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये प्रेरित करें। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा कोटरा में सड़क भूमि-पूजन उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने आई-5 शासकीय आवास कोटरा के पास सड़क निर्माण का भूमि-पूजन किया। सड़क की लागत 20 लाख है। श्री गुप्ता ने सड़क का कार्य गुणवत्तापूर्ण करवाने के निर्देश दिये। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।     Attachments area          

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      मध्यप्रदेश के प्राचीन मंदिरों में भगवान के दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को अब प्रदेश के पुरावैभव, कला और संस्कृति की झलक भी वहां देखने को मिलेगी। इसके लिए राज्य सरकार मंदिरों में संग्रहालयों का निर्माण कराएगी। इस योजना को संस्कृति, धर्मस्व और पुरातत्व विभाग मिलकर अंजाम देंगे। मध्यप्रदेश में इस समय कई प्रसिद्ध मंदिर है जहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है। लेकिन इन मंदिरों में फिलहाल प्रदेश की कला-संस्कृति, इतिहास  और पुरावैभव की झलक दिखाने वाले संग्रहालय नहीं है। राज्य सरकार का सोचना है कि जो श्रद्धालु प्रदेश के प्राचीन मंदिरों में पहुंच रहे है वहां उन्हें भगवान के दर्शन के साथ-साथ प्रदेश के पुरावैभव और कला तथा संस्कृति से भी अवगत कराया जाए। इसके लिए इन मंदिरों के ट्रस्टों के पास मौजूद अपार धनराशि का उपयोग किया जाएगा। इन मंदिरों में सबसे पहले बनेंगे संग्रहालय- मध्यप्रदेश में उज्जैन में महाकाल मंदिर, खजराना मंदिर, सतना के मैहर मंदिर, पशुपतिनाथ मंदिर सहित कई ऐसे प्रमुख मंदिर है जहां मंदिरों की देखरेख और संरक्षण के लिए बनाए गए ट्रस्टों के पास श्रद्धालुओं के दान से मिली अपार धन संपदा स्थित है। इन्हीं मंदिरों में सबसे पहले संग्रहालय बनाने की शुरुआत की जाएगी।  इन मंदिरों के समीप काफी जमीन और भवन स्थित है। शिव मंदिरों में सभी बारह ज्योर्तिलिंगों के बारे में पूरी जानकारी एकत्रित कर प्रदर्शित की जाएगी। इसी तरह गणेश मंदिरों में गणेशजी के सभी स्वरुपों उनके इतिहास और महत्व को प्रदर्शित किया जाएगा। भोपाल के समीप स्थित भोजपुर मंदिर में दो सौ मीटर के दायरे के बाहर संग्रहालय बनाने का प्रस्ताव है। यहां भोजपुर के विशालकाय शिवलिंग और मंदिर के निर्माण की एतिहासिक प्रामाणिक  जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। यह मंदिर कब बना, इस तरह के मंदिर और कहां-कहां बनाए जाने थे। यह अधूरा क्यों रह गया। मंदिर के आसपास मिलने वाले शिवलिंग और अन्य पुराधरोहरों को भी यहां संग्रहित किया जाएगा। भोपाल में भी मुस्लिम धर्मावलंबियों से जुड़ी जानकारी, मध्यप्रदेश के प्राचीन नवाबों से जुड़े इतिहास की प्रामाणिक जानकारी गौहर महल या अन्य स्थानों पर प्रदर्शित की जाएगी। मिडटाउन में दुनिया की सबसे बड़ी सेंट पीटर चर्च में संग्रहालय भी है। वेटिकन सिटी में भी म्युजियम है वहां कई तरह के चित्र प्रदर्शित किए गए है। इन चित्रों में इन देशों की कला और संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। जापान में म्युजियम आॅफ पैरासाइड है। भारत के कई राज्यों में भी मंदिर, मस्जिद और चर्च के साथ संग्रहालय लगे हुए है। मध्यप्रदेश में फिलहाल मंदिर, मस्जिद और गिरिजाघरों में संग्रहालय नहीं है। प्रमुख सचिव संस्कृति मनोज श्रीवास्तव ने कहा प्रदेश के मंदिरों पर अब संग्रहालय बनाने की राज्य सरकार की योजना है। इसके जरिए प्रदेश के नागरिकों को धार्मिक आस्था के केन्द्रों पर पहुंचने पर वहां संग्रहालयों में प्रदेश के इतिहास, कला और संस्कृति के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।     Attachments area          

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  कोलार अवैध कब्जों का अड्डा बना    कोलार में राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों और तहसीलदारों की शह पर बेशकीमती जमीन पर जहां-तहां झुग्गियों का निर्माण करने के अलावा दीवारें तानकर अतिक्रमण किया जा रहा है। इन अतिक्रामकों को रोकने के बजाय अफसर उन्हें प्रश्रय दे रहे हैं। कोलार का दशहरा मैदान इसका ताजा उदाहरण है, जहां पिछले माह लगी आग में 50 झुग्गियां खाक हो गईं थी अब वहां 100 से ज्यादा झुग्गियां और मकान बन गए हैं।   लगातार अतिक्रमण बढ़ने की शिकायतों को लेकर एक सप्ताह पहले एडीएम रत्नाकर झा ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए थे कि वे सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाएं। साथ ही सूची तैयार करें, ताकि सरकारी जमीनों पर जमा अतिक्रमणों को हटाया जा सके। हुजूर एसडीएम और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही से फिर कोलार दशहरा मैदान की सरकारी जमीन पर दर्जनों झुग्गियां तन गर्इं।  प्रशासन के सामने यहां पर झुग्गियां बनती गई, लेकिन उन्हें रोकने की हिम्मत किसी ने नहीं की।   डेढ़ साल पहले निगम चुनाव के पूर्व मुख्यमंत्री ने हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के कहने पर कोलार दशहरा मैदान में स्टेडियम बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद कलेक्टर निशांत वरवड़े ने यहां पर दौरा कर एसडीएम माया अवस्थी को झुग्गियां शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अब तक यहां पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।   कोलार दशहरा मैदान के किनारे बनी अवैध झुग्गियां में तीन साल से एक ही स्थान पर आग लग रही है। यहां 40-50 झुग्गियों में आग लगती है और इसके बाद नई 100 झुग्गियां बन जाती हैं। तीन साल में इस स्थान पर 300 से अधिक झुग्गियां अवैध बन गई। लेकिन प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।     Attachments area          

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  पत्र  में प्रज्ञा ने कैंसर की बीमारी का हवाला भी दिया      मालेगांव बम ब्लास्ट में क्लीन चिट मिलने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने अपने तेवर दिखाए हैं। सिंहस्थ में जाने की जिद पर अड़ीं साध्वी ने पंडित खुशीलाल आयुर्वेदिक अस्पताल में आमरण अनशन शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि सरकार ने उन्हें परमिशन नहीं दी, तो वे 21 मई को जल समाधि ले लेंगी। कैंसर से पीड़ित प्रज्ञा ने दवाइयां खाने से भी इनकार कर दिया है। प्रज्ञा ने राज्य सरकार को लिखे पत्र  में कहा कि वे कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रही हैं। हो सकता है कि अगला कुंभ न देख पाएं।इस मसले  पर बोलने से प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।  साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट मिलने के बाद से माना जा रहा है कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का सॉफ्ट कॉर्नर उनके प्रति बढ़ा है। उनके अनशन के मामले में प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर से जब पूछा गया कि सरकार क्या करेगी, तो विवादों से बचने के लिए उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया । गौरतलब है कि साध्वी लगभग सात सालों से जेल में बंद थीं, लेकिन कैंसर के इलाज के लिए कोर्ट ने उन्हें अस्पताल में रहने की परमिशन दी है। प्रज्ञा ने रविवार को लेटर लिखकर शिवराज सरकार से उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ में शामिल होने की परमिशन मांगी थी।उन्होंने यह भी लिखा था कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो वे आमरण अनशन करेंगी। प्रज्ञा ने लिखा, 'वो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं और शायद अगला कुंभ न देख पाएं। इसलिए उनकी अंतिम इच्छा है कि वे उज्जैन कुंभ में जाएं।' प्रज्ञा ने राज्य सरकार समेत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को भी लेटर की कॉपी भेजी है। लेटर के मुताबिक, प्रज्ञा ने सोमवार सुबह 9 बजे तक का समय दिया था। मांग पूरी नहीं होने के कारण वे अपने कुछ सपोर्टर्स के साथ अस्पताल परिसर में ही आमरण अनशन पर बैठ गई हैं। प्रज्ञा ने लेटर में लिखा कि मैं अन्न जल त्याग दूंगी। अगर मुझे कुछ होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी मध्य प्रदेश सरकार की होगी। उन्होंने अपनी सिक्युरिटी को लेकर भी चिंता जाहिर की है। उन्होंने लिखा कि मेरे साथ पहले एसएएफ के जवान रहते थे। उनके हटाए जाने से मेरी जान को खतरा हो सकता है। प्रज्ञा ने जेड प्लस सुरक्षा की मांग की और सवाल पूछा कि जब देवास जिला कोर्ट ने उज्जैन जाने की अनुमति दे दी है, तो फिर सिक्युरिटी का हवाला देकर सरकार कोर्ट की अवमानना क्यों कर रही है? प्रज्ञा की चिट्ठी उनके सबसे विश्वसनीय भगवान झा लेकर पहुंचे थे। जेल सुपरिंटेंडेंट ने भगवान झा को भरोसा दिया के वह मामले को सीनियर अफसरों तक पहुंचा देंगे। भगवान झा ने कहा, 'सरकार के पास पुलिस की कोई कमी नहीं है। इसलिए साध्वी की सिंहस्थ यात्रा सुनिश्चित करा दी जाए, नहीं तो गंभीर परिणाम होंगे।'     Attachments area          

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  हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने किया 2.16 करोड़ की सड़क निर्माण का भूमि पूजन ।कोलार मुख्य मार्ग के समानांतर इस मार्ग से 2 लाख नागरिक होंगे सीधे लाभान्वित ।कोलार वासियो को विभिन्न मार्गो के माध्यम से नये भोपाल , होशंगाबाद रोड , जाने में होगी सहूलियत ।कोलार में बढ़ते ट्रैफिक पर नियंत्रण में हुज़ूर विधायक की कारगर पहल सफल ।हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा के अथक प्रयासों से कोलारवासियो को ट्रैफिक जाम से आये दिन होने वाली दिक्कतों से निज़ात मिलने जा रही है । बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान (कोलार मुख्य मार्ग) तक  बायपास रोड का निर्माण कराया जा रहा है । आज हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने रानी अवंतीबाई मार्ग से मंदाकनी मैदान को जोड़ने वाली सड़क निर्माण कार्य का भूमि पूजन भूमिका रेसीडेंसी पर किया । 2 करोड़ 16 लाख की लागत से बनने वाली 4200 मीटर इस सड़क की चौड़ाई 7.5 मीटर रहेगी, इस सड़क का निर्माण राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा किया जायेगा । श्री शर्मा ने बताया की कोलार मुख्य मार्ग पर आये दिन लगने वाले ट्रैफिक जाम से छुटकारा पाने के लिये इस बाय पास रोड का निर्माण कराया जा रहा है , उन्होंने बताया की बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग का निर्माण पूर्व में कराया जा चूका है । यह रोड  लोक निर्माण विभाग द्वारा बनायीं गयी है  गौरतलब है की उक्त सड़क का भूमि पूजन विधायक शर्मा द्वारा विधायक बनने के तत्काल बाद किया गया था । बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग तक इस सड़क की दूरी कुल 2 किलोमीटर है ।बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान पर कोलार मुख्य मार्ग पर जोड़ने वाले इस बायपास की कुल दूरी 6 किलोमीटर है । श्री शर्मा ने बताया की बहुत जल्द ही जे के अस्पताल के सामने इस मार्ग के जंक्शन पर एक पुल का निर्माण भी कराया जायेगा जो की सीधा शाहपुरा, भरत नगर , हबीबगंज , चुनाभट्टी , अथवा नये भोपाल को जोड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण के पश्च्यात कोलार के किसी भी नागरिक को ट्रैफिक जाम या आपातकालीन स्थिति में परेशान नहीं होना पड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग से कोलार सहित आसपास के लगभग 2 लाख नागरिक इससे सीधे लाभान्वित होंगे ।  श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण से पूर्व  उनके द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियो अधिकारियो एवं स्थानीय नागरिको के साथ दौरा किया गया । फलस्वरूप कोलार को ट्रैफिक से निजात दिलाने के लिये इस बायपास के निर्माण का निर्णय लिया गया । श्री शर्मा ने बताया की घनी आबादी वाले कोलार में नागरिको की सुविधा के मद्देनज़र इस मार्ग का  अलग अलग भागो में निर्माण कराया गया है , जिससे नागरिको को इसका लाभ पहुँच सके !  श्री शर्मा ने स्थानीय नागरिको को संबोधित करते हुए कहा की कोलार के समग्र विकास में निरंतर आपके द्वारा मिल रहे इसी प्रकार के सहयोग की आवश्यकता है आप सब के सहयोग से हम ग्रीन कोलार क्लीन कोलार का निर्माण करेंगे । कार्यक्रम के दौरान श्री शर्मा का स्थानीय नागरिको द्वारा बड़ी फूलो की माला पहनाकर सड़क निर्माण के लिए अभिन्दन किया गया !  मार्ग से लाभान्वित क्षेत्र  एक नज़र में -: बैरागढ़ चीचली , दौलतपुर ,धोली खदान, प्रियंका नगर ,हिनोतिया गांव ,मानसरोवर डेंटल कॉलेज, सुहागपुर ,पिपलिया, गुराडी , सेमरी ,अमरावत कलां ,सोहागपुर ,बांसखेड़ी झुग्गी बस्ती ,सन खेड़ी झुग्गी बस्ती, आकाश नगर , गिरधर परिसर ,सैफरॉन सिटी ,कृष्णा होम्स ,गिरधर गार्डन ,शिवालय परिसर ,सर्वजन सोसाइटी ,डी के 5 ,जे के अस्पताल , सागर प्रीमियम टॉवर, भूमिका रेसीडेंसी ,वेस्टर्न कौर्ट एवं मंदाकनी सोसायटी आदि इस मार्ग पर अन्य रहवासियो  को इस बाय पास का  सीधा लाभ पहुंचेगा ।होशंगाबाद रोड से जुड़ेगा यह मार्ग यह मार्ग चार बत्ती चौराहे से कालीबाड़ी पुल से होते हुए बाबड़िया रेल्वे फाटक से होशंगाबाद रोड से सीधा जुड़ेगा ।दानिश कुंज से कलियासोत नदी पर सलैया पुल के माध्यम से मिसरोद (होशंगाबाद रोड) से सीधा जुड़ेगा ।कार्यक्रम में विशेष रूप से स्थानीय पार्षद एवं एम आई सी सदस्य भूपेंद्र माली ,पार्षद पवन बोराना, मंडल उपाध्यक्ष श्याम मीना, बी एस वाजपेयी , महेश तिवारी , इक़बाल खान , अमित शुक्ल, दीपक माथुर , अरुण तिवारी , डी ले पालीवाल , एस एस सेंगर ,शोभा सिकरवार , श्रीमती गीता मिश्रा,गणेश तिवारी,राजेश सेंगर , राज शर्मा , प्रदीप पाटीदार ,आकाश श्रीवास्तव,सहित बड़ी संख्या में माताये बहने कॉलोनी वासी उपस्थित रहे ।  

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कोलार के वार्ड 82 में आने वाले दानिशकुंज कॉलोनी में नगर निगम द्वारा काम नहीं कराने के बाद भी पार्षद द्वारा निर्माण को लेकर बोर्ड लगाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। गलत जानकारी को लेकर आज दोपहर कांग्रेस पार्षदों, स्थानीय नेताओं और रहवासियों का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम आयुक्त छवि भारद्वाज से मिला। इन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पार्षद जानबूझकर श्रेय की राजनीति कर रहे हैं। जबकि, जनता गर्मी में पानी के लिए हाहाकार मचा रही है, फिर भी उन्हें पानी नहीं दिया जा रहा है। पार्षदों ने यह की मांग : कांग्रेस पार्षद संतोष जितेंद्र कंसाना, मोनू सक्सेना, मनजीत मारण, अमित शर्मा, राहुल सिंह राठौर, अखिलेश जैन सहित रहवासियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयुक्त भारद्वाज से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। इसके अनुसार तत्काल गलत जानकारी देने वाले भाजपा पार्षद भूपेंद्र माली के बोर्ड को नगर निगम प्रशासन हटाए। साथ ही इस मामले में जांच कराएं कि कहीं दानिशकुंज में कराए गए डामर के भुगतान की फर्जी फाइल तो निगम के कार्यालय नहीं पहुंच गई। यदि प्रशासन बोर्ड नहीं लगाएगी, तो कांग्रेसी भी हर वार्ड में ऐसे बोर्ड लगाएगी। दानिशकुंज कॉलोनी में करीब एक करोड़ राशि से डामर कराया गया है। इस पर स्थानीय पार्षद ने खुद डामर कराने के बोर्ड पूरी कॉलोनी में लगा दिए। वहीं, दानिशकुंज सोसायटी ने भी एक विज्ञापन जारी करके कहा कि वह निर्माण उसने कराया है। कुछ लोगों के यहां निर्माण नहीं कराया गया है, वो लोग जल्द ही बकाया राशि जमा कर दें, ताकि बचे हुए स्थानों पर भी डामरीकरण कराया जा सके।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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नई दिल्ली । विपक्षी दलों ने मंगलवार को संसद सत्र के लिए अपनी प्राथमिकताएं रखीं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से संसद में स्वयं इसका जवाब देने की मांग की। इन मुद्दों में पहलगाम हमला, ऑपरेशन सिंदूर, डोनाल्ड ट्रंप का बयान तथा बिहार एसआईआर प्रक्रिया शामिल हैं। कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने मंगलवार को सोशल मीडिया एक्स पर इसकी जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की उपस्थिति में विपक्ष के नेताओं की बैठक हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि विपक्ष मानसून सत्र के दौरान प्रमुख मुद्दों को उठायेगा और इस दौरान प्रधानमंत्री की उपस्थिति होनी चाहिए और उन्हें स्वयं इन पर जवाब देना चाहिए। वेणुगोपाल ने कहा कि विपक्ष पहलगाम में हुए आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर और उस पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कथित बयान, बिहार में चल रही एसआईआर प्रक्रिया, देश में परिसीमन की स्थिति, दलितों, आदिवासियों, पिछड़े वर्गों और महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अत्याचार, एआई 171 विमान दुर्घटना और मणिपुर में जारी गृह संघर्ष जैसे विषयों को लेकर गंभीर है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ये सभी मुद्दे आम जनता से जुड़े हैं और इन पर संसद के पटल पर गंभीर चर्चा होनी चाहिए।  

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नई दिल्ली । उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के बीच संसद सत्र में इस्तीफे पर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इस्तीफे को कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की दूसरी बैठक में अनुपस्थित रहने से जोड़ा तो अखिलेश यादव ने इसे व्यक्तिगत फैसला बताया। कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने इसे 'सोवियत स्टाइल' का इस्तीफा बताया, जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों को अचानक पद से हटाया जाता था।जयराम रमेश ने कहा कि सोमवार दोपहर 12:30 बजे धनखड़ ने बीएसी की पहली बैठक की अध्यक्षता की थी, जिसमें जेपी नड्डा और रिजिजू दोनों मौजूद थे। तय हुआ कि बैठक शाम 4:30 बजे फिर से होगी। जब शाम को सदस्य फिर से एकत्र हुए, तो दोनों वरिष्ठ नेता बिना किसी सूचना के अनुपस्थित रहे। यह बात धनखड़ को बुरी लगी और कुछ ही घंटों में उनका इस्तीफा सामने आया।कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने इसे 'सोवियत स्टाइल इस्तीफा' बताया। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में इस घटनाक्रम पर काफी कुछ सामने आएगा।समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने इसे धनखड़ का "व्यक्तिगत निर्णय" बताते हुए कहा कि भाजपा वोट कटवाने के लिए हर तरह के हथकंडे अपना रही है। उन्होंने चुनाव आयोग और प्रशासन पर भी सवाल उठाए।कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने धनखड़ के इस्तीफे को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया न आना भी बेहद चिंताजनक है।

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नई दिल्ली । कांग्रेस महासचिव एवं लोकसभा की सदस्य प्रियंका गांधी वाड्रा ने बिहार में चुनाव आयोग द्वारा चलाए जा रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान को लोकतंत्र की हत्या बताते हुए इसको तत्काल रोके जाने की मांग की है।   प्रियंका गांधी ने मंगलवार को संसद भवन परिसर में पत्रकारों से कहा कि एसआईआर की प्रक्रिया पूरी तरह से गलत है और इससे मतदाताओं के अधिकारों का हनन हो रहा है। इस दौरान मौजूद कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य इमरान प्रतापगढ़ी ने भी एसआईआर पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह देशभर के मतदाताओं का वोट लूटने की साजिश है। कांग्रेस इस मुद्दे को संसद में जोर-शोर से उठाएगी और यह सिर्फ बिहार का नहीं, बल्कि पूरे देश के लोकतांत्रिक ढांचे से जुड़ा सवाल है।   इससे पहले, आज एसआईआर के मुद्दे पर विपक्षी सांसदों ने संसद के मकर द्वार पर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत कई प्रमुख विपक्षी नेता उपस्थित थे। सभी नेता अपने हाथों में एसआईआर के विरोध के पोस्टर लिये हुए थे, जिन पर एसआईआर विरोधी नारे लिखे हुए थे।   चुनाव आयोग बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची को अद्यतन करने के लिए एसआईआर करा रहा है। इस प्रक्रिया में अब तक 90.67 प्रतिशत मतदाताओं ने फॉर्म भर दिए हैं। इसके बाद ड्राफ्ट सूची जारी होगी और 30 सितंबर तक अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी।  

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  लगेगी शांडिल्य गुरु की प्रतिमा      कोलार रोड के दूसरे छोर भदभदा चौराहे पर उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने  ब्रह्मलीन बालगोविंद शांडिल्य गुरुजी की प्रतिमा स्थापना तथा चौराहे के सौंदर्यीकरण का भूमि-पूजन किया। सौंदर्यीकरण के लिये 8 लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं।   श्री गुप्ता ने कहा कि सरकार शहर के विकास के लिये सतत प्रयत्नशील है। उन्होंने शासन की विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि नागरिक शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये आगे आयें। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि घर-घर जाकर नागरिकों को शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये प्रेरित करें। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा कोटरा में सड़क भूमि-पूजन उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने आई-5 शासकीय आवास कोटरा के पास सड़क निर्माण का भूमि-पूजन किया। सड़क की लागत 20 लाख है। श्री गुप्ता ने सड़क का कार्य गुणवत्तापूर्ण करवाने के निर्देश दिये। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।     Attachments area          

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      मध्यप्रदेश के प्राचीन मंदिरों में भगवान के दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को अब प्रदेश के पुरावैभव, कला और संस्कृति की झलक भी वहां देखने को मिलेगी। इसके लिए राज्य सरकार मंदिरों में संग्रहालयों का निर्माण कराएगी। इस योजना को संस्कृति, धर्मस्व और पुरातत्व विभाग मिलकर अंजाम देंगे। मध्यप्रदेश में इस समय कई प्रसिद्ध मंदिर है जहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है। लेकिन इन मंदिरों में फिलहाल प्रदेश की कला-संस्कृति, इतिहास  और पुरावैभव की झलक दिखाने वाले संग्रहालय नहीं है। राज्य सरकार का सोचना है कि जो श्रद्धालु प्रदेश के प्राचीन मंदिरों में पहुंच रहे है वहां उन्हें भगवान के दर्शन के साथ-साथ प्रदेश के पुरावैभव और कला तथा संस्कृति से भी अवगत कराया जाए। इसके लिए इन मंदिरों के ट्रस्टों के पास मौजूद अपार धनराशि का उपयोग किया जाएगा। इन मंदिरों में सबसे पहले बनेंगे संग्रहालय- मध्यप्रदेश में उज्जैन में महाकाल मंदिर, खजराना मंदिर, सतना के मैहर मंदिर, पशुपतिनाथ मंदिर सहित कई ऐसे प्रमुख मंदिर है जहां मंदिरों की देखरेख और संरक्षण के लिए बनाए गए ट्रस्टों के पास श्रद्धालुओं के दान से मिली अपार धन संपदा स्थित है। इन्हीं मंदिरों में सबसे पहले संग्रहालय बनाने की शुरुआत की जाएगी।  इन मंदिरों के समीप काफी जमीन और भवन स्थित है। शिव मंदिरों में सभी बारह ज्योर्तिलिंगों के बारे में पूरी जानकारी एकत्रित कर प्रदर्शित की जाएगी। इसी तरह गणेश मंदिरों में गणेशजी के सभी स्वरुपों उनके इतिहास और महत्व को प्रदर्शित किया जाएगा। भोपाल के समीप स्थित भोजपुर मंदिर में दो सौ मीटर के दायरे के बाहर संग्रहालय बनाने का प्रस्ताव है। यहां भोजपुर के विशालकाय शिवलिंग और मंदिर के निर्माण की एतिहासिक प्रामाणिक  जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। यह मंदिर कब बना, इस तरह के मंदिर और कहां-कहां बनाए जाने थे। यह अधूरा क्यों रह गया। मंदिर के आसपास मिलने वाले शिवलिंग और अन्य पुराधरोहरों को भी यहां संग्रहित किया जाएगा। भोपाल में भी मुस्लिम धर्मावलंबियों से जुड़ी जानकारी, मध्यप्रदेश के प्राचीन नवाबों से जुड़े इतिहास की प्रामाणिक जानकारी गौहर महल या अन्य स्थानों पर प्रदर्शित की जाएगी। मिडटाउन में दुनिया की सबसे बड़ी सेंट पीटर चर्च में संग्रहालय भी है। वेटिकन सिटी में भी म्युजियम है वहां कई तरह के चित्र प्रदर्शित किए गए है। इन चित्रों में इन देशों की कला और संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। जापान में म्युजियम आॅफ पैरासाइड है। भारत के कई राज्यों में भी मंदिर, मस्जिद और चर्च के साथ संग्रहालय लगे हुए है। मध्यप्रदेश में फिलहाल मंदिर, मस्जिद और गिरिजाघरों में संग्रहालय नहीं है। प्रमुख सचिव संस्कृति मनोज श्रीवास्तव ने कहा प्रदेश के मंदिरों पर अब संग्रहालय बनाने की राज्य सरकार की योजना है। इसके जरिए प्रदेश के नागरिकों को धार्मिक आस्था के केन्द्रों पर पहुंचने पर वहां संग्रहालयों में प्रदेश के इतिहास, कला और संस्कृति के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।     Attachments area          

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  कोलार अवैध कब्जों का अड्डा बना    कोलार में राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों और तहसीलदारों की शह पर बेशकीमती जमीन पर जहां-तहां झुग्गियों का निर्माण करने के अलावा दीवारें तानकर अतिक्रमण किया जा रहा है। इन अतिक्रामकों को रोकने के बजाय अफसर उन्हें प्रश्रय दे रहे हैं। कोलार का दशहरा मैदान इसका ताजा उदाहरण है, जहां पिछले माह लगी आग में 50 झुग्गियां खाक हो गईं थी अब वहां 100 से ज्यादा झुग्गियां और मकान बन गए हैं।   लगातार अतिक्रमण बढ़ने की शिकायतों को लेकर एक सप्ताह पहले एडीएम रत्नाकर झा ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए थे कि वे सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाएं। साथ ही सूची तैयार करें, ताकि सरकारी जमीनों पर जमा अतिक्रमणों को हटाया जा सके। हुजूर एसडीएम और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही से फिर कोलार दशहरा मैदान की सरकारी जमीन पर दर्जनों झुग्गियां तन गर्इं।  प्रशासन के सामने यहां पर झुग्गियां बनती गई, लेकिन उन्हें रोकने की हिम्मत किसी ने नहीं की।   डेढ़ साल पहले निगम चुनाव के पूर्व मुख्यमंत्री ने हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के कहने पर कोलार दशहरा मैदान में स्टेडियम बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद कलेक्टर निशांत वरवड़े ने यहां पर दौरा कर एसडीएम माया अवस्थी को झुग्गियां शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अब तक यहां पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।   कोलार दशहरा मैदान के किनारे बनी अवैध झुग्गियां में तीन साल से एक ही स्थान पर आग लग रही है। यहां 40-50 झुग्गियों में आग लगती है और इसके बाद नई 100 झुग्गियां बन जाती हैं। तीन साल में इस स्थान पर 300 से अधिक झुग्गियां अवैध बन गई। लेकिन प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।     Attachments area          

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  पत्र  में प्रज्ञा ने कैंसर की बीमारी का हवाला भी दिया      मालेगांव बम ब्लास्ट में क्लीन चिट मिलने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने अपने तेवर दिखाए हैं। सिंहस्थ में जाने की जिद पर अड़ीं साध्वी ने पंडित खुशीलाल आयुर्वेदिक अस्पताल में आमरण अनशन शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि सरकार ने उन्हें परमिशन नहीं दी, तो वे 21 मई को जल समाधि ले लेंगी। कैंसर से पीड़ित प्रज्ञा ने दवाइयां खाने से भी इनकार कर दिया है। प्रज्ञा ने राज्य सरकार को लिखे पत्र  में कहा कि वे कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रही हैं। हो सकता है कि अगला कुंभ न देख पाएं।इस मसले  पर बोलने से प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।  साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट मिलने के बाद से माना जा रहा है कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का सॉफ्ट कॉर्नर उनके प्रति बढ़ा है। उनके अनशन के मामले में प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर से जब पूछा गया कि सरकार क्या करेगी, तो विवादों से बचने के लिए उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया । गौरतलब है कि साध्वी लगभग सात सालों से जेल में बंद थीं, लेकिन कैंसर के इलाज के लिए कोर्ट ने उन्हें अस्पताल में रहने की परमिशन दी है। प्रज्ञा ने रविवार को लेटर लिखकर शिवराज सरकार से उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ में शामिल होने की परमिशन मांगी थी।उन्होंने यह भी लिखा था कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो वे आमरण अनशन करेंगी। प्रज्ञा ने लिखा, 'वो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं और शायद अगला कुंभ न देख पाएं। इसलिए उनकी अंतिम इच्छा है कि वे उज्जैन कुंभ में जाएं।' प्रज्ञा ने राज्य सरकार समेत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को भी लेटर की कॉपी भेजी है। लेटर के मुताबिक, प्रज्ञा ने सोमवार सुबह 9 बजे तक का समय दिया था। मांग पूरी नहीं होने के कारण वे अपने कुछ सपोर्टर्स के साथ अस्पताल परिसर में ही आमरण अनशन पर बैठ गई हैं। प्रज्ञा ने लेटर में लिखा कि मैं अन्न जल त्याग दूंगी। अगर मुझे कुछ होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी मध्य प्रदेश सरकार की होगी। उन्होंने अपनी सिक्युरिटी को लेकर भी चिंता जाहिर की है। उन्होंने लिखा कि मेरे साथ पहले एसएएफ के जवान रहते थे। उनके हटाए जाने से मेरी जान को खतरा हो सकता है। प्रज्ञा ने जेड प्लस सुरक्षा की मांग की और सवाल पूछा कि जब देवास जिला कोर्ट ने उज्जैन जाने की अनुमति दे दी है, तो फिर सिक्युरिटी का हवाला देकर सरकार कोर्ट की अवमानना क्यों कर रही है? प्रज्ञा की चिट्ठी उनके सबसे विश्वसनीय भगवान झा लेकर पहुंचे थे। जेल सुपरिंटेंडेंट ने भगवान झा को भरोसा दिया के वह मामले को सीनियर अफसरों तक पहुंचा देंगे। भगवान झा ने कहा, 'सरकार के पास पुलिस की कोई कमी नहीं है। इसलिए साध्वी की सिंहस्थ यात्रा सुनिश्चित करा दी जाए, नहीं तो गंभीर परिणाम होंगे।'     Attachments area          

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  हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने किया 2.16 करोड़ की सड़क निर्माण का भूमि पूजन ।कोलार मुख्य मार्ग के समानांतर इस मार्ग से 2 लाख नागरिक होंगे सीधे लाभान्वित ।कोलार वासियो को विभिन्न मार्गो के माध्यम से नये भोपाल , होशंगाबाद रोड , जाने में होगी सहूलियत ।कोलार में बढ़ते ट्रैफिक पर नियंत्रण में हुज़ूर विधायक की कारगर पहल सफल ।हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा के अथक प्रयासों से कोलारवासियो को ट्रैफिक जाम से आये दिन होने वाली दिक्कतों से निज़ात मिलने जा रही है । बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान (कोलार मुख्य मार्ग) तक  बायपास रोड का निर्माण कराया जा रहा है । आज हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने रानी अवंतीबाई मार्ग से मंदाकनी मैदान को जोड़ने वाली सड़क निर्माण कार्य का भूमि पूजन भूमिका रेसीडेंसी पर किया । 2 करोड़ 16 लाख की लागत से बनने वाली 4200 मीटर इस सड़क की चौड़ाई 7.5 मीटर रहेगी, इस सड़क का निर्माण राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा किया जायेगा । श्री शर्मा ने बताया की कोलार मुख्य मार्ग पर आये दिन लगने वाले ट्रैफिक जाम से छुटकारा पाने के लिये इस बाय पास रोड का निर्माण कराया जा रहा है , उन्होंने बताया की बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग का निर्माण पूर्व में कराया जा चूका है । यह रोड  लोक निर्माण विभाग द्वारा बनायीं गयी है  गौरतलब है की उक्त सड़क का भूमि पूजन विधायक शर्मा द्वारा विधायक बनने के तत्काल बाद किया गया था । बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग तक इस सड़क की दूरी कुल 2 किलोमीटर है ।बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान पर कोलार मुख्य मार्ग पर जोड़ने वाले इस बायपास की कुल दूरी 6 किलोमीटर है । श्री शर्मा ने बताया की बहुत जल्द ही जे के अस्पताल के सामने इस मार्ग के जंक्शन पर एक पुल का निर्माण भी कराया जायेगा जो की सीधा शाहपुरा, भरत नगर , हबीबगंज , चुनाभट्टी , अथवा नये भोपाल को जोड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण के पश्च्यात कोलार के किसी भी नागरिक को ट्रैफिक जाम या आपातकालीन स्थिति में परेशान नहीं होना पड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग से कोलार सहित आसपास के लगभग 2 लाख नागरिक इससे सीधे लाभान्वित होंगे ।  श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण से पूर्व  उनके द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियो अधिकारियो एवं स्थानीय नागरिको के साथ दौरा किया गया । फलस्वरूप कोलार को ट्रैफिक से निजात दिलाने के लिये इस बायपास के निर्माण का निर्णय लिया गया । श्री शर्मा ने बताया की घनी आबादी वाले कोलार में नागरिको की सुविधा के मद्देनज़र इस मार्ग का  अलग अलग भागो में निर्माण कराया गया है , जिससे नागरिको को इसका लाभ पहुँच सके !  श्री शर्मा ने स्थानीय नागरिको को संबोधित करते हुए कहा की कोलार के समग्र विकास में निरंतर आपके द्वारा मिल रहे इसी प्रकार के सहयोग की आवश्यकता है आप सब के सहयोग से हम ग्रीन कोलार क्लीन कोलार का निर्माण करेंगे । कार्यक्रम के दौरान श्री शर्मा का स्थानीय नागरिको द्वारा बड़ी फूलो की माला पहनाकर सड़क निर्माण के लिए अभिन्दन किया गया !  मार्ग से लाभान्वित क्षेत्र  एक नज़र में -: बैरागढ़ चीचली , दौलतपुर ,धोली खदान, प्रियंका नगर ,हिनोतिया गांव ,मानसरोवर डेंटल कॉलेज, सुहागपुर ,पिपलिया, गुराडी , सेमरी ,अमरावत कलां ,सोहागपुर ,बांसखेड़ी झुग्गी बस्ती ,सन खेड़ी झुग्गी बस्ती, आकाश नगर , गिरधर परिसर ,सैफरॉन सिटी ,कृष्णा होम्स ,गिरधर गार्डन ,शिवालय परिसर ,सर्वजन सोसाइटी ,डी के 5 ,जे के अस्पताल , सागर प्रीमियम टॉवर, भूमिका रेसीडेंसी ,वेस्टर्न कौर्ट एवं मंदाकनी सोसायटी आदि इस मार्ग पर अन्य रहवासियो  को इस बाय पास का  सीधा लाभ पहुंचेगा ।होशंगाबाद रोड से जुड़ेगा यह मार्ग यह मार्ग चार बत्ती चौराहे से कालीबाड़ी पुल से होते हुए बाबड़िया रेल्वे फाटक से होशंगाबाद रोड से सीधा जुड़ेगा ।दानिश कुंज से कलियासोत नदी पर सलैया पुल के माध्यम से मिसरोद (होशंगाबाद रोड) से सीधा जुड़ेगा ।कार्यक्रम में विशेष रूप से स्थानीय पार्षद एवं एम आई सी सदस्य भूपेंद्र माली ,पार्षद पवन बोराना, मंडल उपाध्यक्ष श्याम मीना, बी एस वाजपेयी , महेश तिवारी , इक़बाल खान , अमित शुक्ल, दीपक माथुर , अरुण तिवारी , डी ले पालीवाल , एस एस सेंगर ,शोभा सिकरवार , श्रीमती गीता मिश्रा,गणेश तिवारी,राजेश सेंगर , राज शर्मा , प्रदीप पाटीदार ,आकाश श्रीवास्तव,सहित बड़ी संख्या में माताये बहने कॉलोनी वासी उपस्थित रहे ।  

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कोलार के वार्ड 82 में आने वाले दानिशकुंज कॉलोनी में नगर निगम द्वारा काम नहीं कराने के बाद भी पार्षद द्वारा निर्माण को लेकर बोर्ड लगाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। गलत जानकारी को लेकर आज दोपहर कांग्रेस पार्षदों, स्थानीय नेताओं और रहवासियों का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम आयुक्त छवि भारद्वाज से मिला। इन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पार्षद जानबूझकर श्रेय की राजनीति कर रहे हैं। जबकि, जनता गर्मी में पानी के लिए हाहाकार मचा रही है, फिर भी उन्हें पानी नहीं दिया जा रहा है। पार्षदों ने यह की मांग : कांग्रेस पार्षद संतोष जितेंद्र कंसाना, मोनू सक्सेना, मनजीत मारण, अमित शर्मा, राहुल सिंह राठौर, अखिलेश जैन सहित रहवासियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयुक्त भारद्वाज से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। इसके अनुसार तत्काल गलत जानकारी देने वाले भाजपा पार्षद भूपेंद्र माली के बोर्ड को नगर निगम प्रशासन हटाए। साथ ही इस मामले में जांच कराएं कि कहीं दानिशकुंज में कराए गए डामर के भुगतान की फर्जी फाइल तो निगम के कार्यालय नहीं पहुंच गई। यदि प्रशासन बोर्ड नहीं लगाएगी, तो कांग्रेसी भी हर वार्ड में ऐसे बोर्ड लगाएगी। दानिशकुंज कॉलोनी में करीब एक करोड़ राशि से डामर कराया गया है। इस पर स्थानीय पार्षद ने खुद डामर कराने के बोर्ड पूरी कॉलोनी में लगा दिए। वहीं, दानिशकुंज सोसायटी ने भी एक विज्ञापन जारी करके कहा कि वह निर्माण उसने कराया है। कुछ लोगों के यहां निर्माण नहीं कराया गया है, वो लोग जल्द ही बकाया राशि जमा कर दें, ताकि बचे हुए स्थानों पर भी डामरीकरण कराया जा सके।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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नई दिल्ली । संसद के मानसून सत्र शुरू होने से कुछ समय पहले आज सुबह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी से एकता की भावना को आगे बढ़ाने की अपील की। उन्होंने कहा कि भले ही राजनीतिक दलों के मत अलग हों, लेकिन देशहित में सभी का मन एक होना चाहिए। उन्होंने सभी दलों से संसद से सकारात्मक संदेश देने का आह्वान किया।  संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री ने परंपरागत रूप से मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने हालिया सैन्य, अंतरिक्ष और आर्थिक प्रगति से जुड़ी उपलब्धियां का भी उल्लेख किया। उन्होंने इस सत्र को राष्ट्र के लिए एक गौरवपूर्ण विजयोत्सव बताया और कहा कि यह भारत की उपलब्धियों के गुणगान का समय है।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत का तिरंगा अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर लहराने के कारण देश को आज गर्व की अनुभूति हो रही है। संसद को चाहिए कि वह इन गौरव के पलों का एक स्वर में यशगान करे ताकि आगे की पीढ़ियों को प्रेरणा मिल सके।  उन्होंने पहलगाम और ऑपरेशन सिंदूर के बाद दुनिया भर में गए भारतीय प्रतिनिधिमंडलो की भूमिका की सराहना की, जिसने वैश्विक मंच पर पाकिस्तान को बेनकाब किया। उन्होंने राजनीतिक दलों से अपील की कि वे एकता की इसी ताकत को आगे बढ़ाएं और कहा, “दलहित में मत न मिले लेकिन देशहित में मन जरूर मिले।”प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि दुनिया ने भारत की सैन्य क्षमता का परिचय देखा है। आतंक के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर ने अपना शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया है। इसमें दिखे भारत के सैन्य हथियारों से अब ‘मेड इन इंडिया’ की ताकत से दुनिया प्रभावित हो रही है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह सत्र विजय भाव से ओतप्रोत रहेगा, जिससे सेना को बल मिलेगा, देशवासियों को प्रेरणा मिलेगी, रक्षा उत्पादन को प्रोत्साहन मिलेगा और जिससे युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।उन्होंने कहा कि देश में अब नक्सलवाद का दायरा लगातार सिमट रहा है कई जिले गर्व से मुक्ति की सांस ले रहे हैं। संविधान की जीत हो रही है। आर्थिक क्षेत्र में भारत तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। देश की महंगाई दर दो प्रतिशत है और इससे आम लोगों को राहत मिली है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यूपीआई ने फिनटेक के क्षेत्र में वैश्विक पहचान बनाई है और भारत में दुनिया में सबसे अधिक फिंच इनोवेशन हो रहे हैं। वैश्विक रिपोर्टों के अनुसार 90 करोड़ लोग सामाजिक सुरक्षा के दायरे में आ गए हैं और भारत को ट्रेकोमा से मुक्त घोषित किया गया है।उल्लेखनीय है कि संसद का मानसून सत्र आज से शुरू होने जा रहा है। यह एक महीने चलेगा। कल इस संबंध में सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी जिसमें सरकार ने सभी दलों से सहयोग की अपील की थी।

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मुंबई । मुंबई एयरपोर्ट के रनवे पर सोमवार को कोच्चि से मुंबई आ रहा एयर इंडिया का विमान एआई २७४४ तेज बारिश के बीच लैंडिंग करते समय रनवे पर फिसल गया और उसके तीनों टायर फट गए। लेकिन पायलट की सूझबूझ और तेज रिएक्शन की वजह से बड़ा हादसा टल गया। इस घटना में कोई यात्री हताहत नहीं हुआ है। एयर इंडिया की ओर से जारी बयान में बताया गया कि विमान को सुरक्षित रूप से टैक्सीवे तक लाया गया और सभी यात्रियों और क्रू मेंबर्स को सुरक्षित उतार लिया गया। किसी को भी चोट नहीं आई है। घटना के बाद विमान को तुरंत ग्राउंड कर दिया गया है और उसकी तकनीकी जांच की जा रही है। एयर इंडिया ने कहा है कि यात्रियों और क्रू की सुरक्षा उनकी पहली प्राथमिकता है। एयर इंडिया के प्रवक्ता ने कहा कि "तेज बारिश के कारण लैंडिंग के बाद विमान रनवे से थोड़ा फिसल गया। पायलट ने स्थिति को संभाला और विमान को सुरक्षित गेट तक पहुंचाया गया। सभी यात्री सुरक्षित हैं। विमान की जांच की जा रही है।" मुंबई एयरपोर्ट पर इस घटना के बाद कुछ समय के लिए उड़ानों की आवाजाही पर असर पड़ा, लेकिन अब स्थिति सामान्य है।

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चेन्नई । तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन को सोमवार सुबह चेन्नई के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनके कुछ टेस्ट हुए हैं। अस्पताल की ओर से जारी आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है।     अस्पताल की ओर से जारी बयान में बताया गया कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को आज सुबह रूटीन मॉर्निंग वॉक के दौरान हल्का चक्कर आया। उन्हें लक्षणों के मूल्यांकन और जरूरी डायग्नोस्टिक टेस्ट के लिए अपोलो हॉस्पिटल, चेन्नई में भर्ती कराया गया है। 

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नागौर । राजस्थान के नागौर जिले में जोधपुर मंडल के मेड़ता रोड-फुलेरा रेलखंड के मध्य गच्छीपुरा स्टेशन पर शुक्रवार सुबह करीब 10:15 बजे एक मालगाड़ी पटरी से उतर गई। जोधपुर से जयपुर जा रही इस ट्रेन के डीजल लोको के पहिए और सात वैगन पटरी से उतर गए। हालांकि हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई है। मालगाड़ी के डिरेल होने से जयपुर-जोधपुर इलेक्ट्रिक रेल मार्ग पर ट्रेनों का संचालन प्रभावित हुआ है। उत्तर-पश्चिम रेलवे ने इस रूट से गुजरने वाली सात ट्रेनों के मार्ग में परिवर्तन किया है। उत्तर-पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण ने बताया कि हादसे का कारण पता लगाया जा रहा है। राहत और मरम्मत कार्य शुरू कर दिया गया है। मेड़ता रोड और जोधपुर जंक्शन से दो एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेनें मौके पर भेजी गईं हैं। मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) अनुराग त्रिपाठी भी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं और मौका मुआयना कर रहे हैं।    उत्तर पश्चिम रेलवे जोधपुर मंडल के जनसंपर्क अधिकारी पुरुषोत्तम परवल ने बताया कि हादसे के वक्त कोई डिब्बा पलटा नहीं, जिससे बड़ा नुकसान टल गया। वैगनों को वापस ट्रैक पर लाने की प्रक्रिया जारी है।   मालगाड़ी के पटरी से उतरने के कारण कई रेलसेवाओं के मार्ग में परिवर्तन किया गया है। रेलवे प्रशासन द्वारा यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सात प्रमुख रेलगाड़ियों को वैकल्पिक मार्गों से चलाया जा रहा है- 1. सूरतगढ़-जयपुर एक्सप्रेस (गाड़ी संख्या 19720) 18 जुलाई को सूरतगढ़ से रवाना होने वाली यह ट्रेन अब बीकानेर, रतनगढ़, चूरू, सीकर और रींगस होते हुए जयपुर पहुंचेगी।2. दिल्ली-जैसलमेर एक्सप्रेस (गाड़ी संख्या 14087) 18 जुलाई को दिल्ली से रवाना यह ट्रेन रींगस, सीकर, चूरू, रतनगढ़ और डेगाना के रास्ते जाएगी।3. जयपुर-जैसलमेर एक्सप्रेस (गाड़ी संख्या 12468) 18 जुलाई को जयपुर से रवाना यह ट्रेन रींगस, सीकर, चूरू, रतनगढ़ और बीकानेर होते हुए चलेगी।4. विशाखापत्तनम-भगत की कोठी एक्सप्रेस (गाड़ी संख्या 18573) 17 जुलाई को विशाखापत्तनम से रवाना यह ट्रेन फुलेरा, अजमेर और मारवाड़ जंक्शन होकर चलाई जा रही है।5. इंदौर-जोधपुर एक्सप्रेस (गाड़ी संख्या 12465) 18 जुलाई को इंदौर से रवाना यह ट्रेन भी फुलेरा, अजमेर और मारवाड़ जंक्शन के रास्ते संचालित हो रही है।6. जम्मूतवी-बाड़मेर एक्सप्रेस (गाड़ी संख्या 14662) 17 जुलाई को जम्मूतवी से रवाना यह ट्रेन अब रींगस, सीकर, चूरू, रतनगढ़ और डेगाना के माध्यम से संचालित की जा रही है।7. जोधपुर-जयपुर एक्सप्रेस (गाड़ी संख्या 22978) 18 जुलाई को जोधपुर से रवाना यह ट्रेन मारवाड़ जंक्शन, अजमेर और फुलेरा होकर चलेगी।

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार के मोतिहारी में आज एक कार्यक्रम के दौरान 7,200 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि राज्य अब तेजी से विकास कर रहा है और माओवाद समाप्ति की ओर है। वहीं केन्द्र और राज्य सरकार प्रदेश के युवाओं को बिहार में ही रोजगार देने के लिए मिलकर काम कर रही हैं। प्रधानमंत्री ने इस नारे को दोहराया, “बनाएंगे नया बिहार फिर एक बार एनडीए सरकार।”राज्य के मुख्य विपक्षी दलों कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को पिछड़ा विरोधी बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इन पार्टियों ने अपने परिवार के बाहर किसी को सम्मान नहीं दिया। उन्होंने कहा, “इन लोगों का अहंकार आज पूरा बिहार देख रहा है। हमें बिहार को इनकी बुरी नीयत से बचाकर रखना है।” प्रधानमंत्री ने रेल, सड़क, मत्स्य पालन, आईटी और ग्रामीण विकास क्षेत्रों की परियोजनाओं की शुरुआत की। उन्होंने चंपारण को ऐतिहासिक धरती बताते हुए कहा कि यह धरती अब बिहार के नए भविष्य को बनाने में प्रेरित करेगी। इस दौरान विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने बिहार के तेजी से हो रहे विकास और माओवाद के खत्म हो रहे प्रभाव का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि चंपारण, गया, औरंगाबाद, जमुई जैसे जिलों में कभी माओवाद का अंधकार था, अब वहां के नौजवान बड़े सपने देख रहे हैं। माओवाद अंतिम सांसें गिन रहा है। उन्होंने बिहार के युवाओं को राज्य में ही रोजगार देने की प्रतिबद्धता जताई और कहा कि नीतीश सरकार ने पारदर्शिता के साथ लाखों युवाओं को नौकरी दी है। केंद्र सरकार भी इसमें पूरा सहयोग दे रही है।प्रधानमंत्री ने कहा कि आज बिहार आगे बढ़ रहा है, जिसके पीछे महिलाओं की बड़ी भूमिका है। उन्होंने राजग सरकार की योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि पीएम आवास योजना के तहत 4 करोड़ से अधिक घर बनाए गए हैं, जिनमें से 60 लाख बिहार में हैं। अकेले मोतिहारी में 3 लाख से अधिक पक्के घर दिए गए हैं। उन्होंने पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि राजद और कांग्रेस के राज में गरीब को पक्का घर मिलना असंभव था और लोग डर के कारण घरों में रंग-रोगन तक नहीं करवा पाते थे।उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी को जानना चाहिए कि राजद और कांग्रेस के शासनकाल में बिहार विकास से वंचित था। केंद्र सरकार ने बीते 10 वर्षों में बिहार को पहले से कई गुना अधिक राशि दी है। उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य है कि पूर्वी भारत में भी मुंबई, पुणे, सूरत और बंगलुरू जैसे औद्योगिक और विकास के केंद्र बनें। मोतिहारी, गया, पटना, संथाल परगना, जलपाईगुड़ी और वीरभूम जैसे क्षेत्रों को भी राष्ट्रीय पहचान दिलाई जाएगी।प्रधानमंत्री ने आज कार्यक्रम के दौरान समस्तीपुर-बछवाड़ा रेल लाइन की स्वचालित सिग्नलिंग, दरभंगा-समस्तीपुर दोहरीकरण, पाटलिपुत्र में वंदे भारत रखरखाव सुविधा और चार अमृत भारत ट्रेनों का उद्घाटन किया। उन्होंने एनएच-319 और एनएच-333सी की परियोजनाएं शुरू कीं, दरभंगा और पटना में एसटीपीआई केंद्रों का उद्घाटन किया तथा मत्स्य पालन अवसंरचना की शुरुआत की। महिला-नेतृत्व वाले विकास को बढ़ावा देते हुए 61,500 स्वयं सहायता समूहों को 400 करोड़ रुपये और 40,000 आवास योजना लाभार्थियों को 160 करोड़ रुपये जारी किए।

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रायपुर । छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हिरासत में ले लिया है।   सूत्रों ने बताया कि ईडी ने शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में यह कार्रवाई की है। ईडी ने भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य के ठिकानों पर आज सुबह से छापेमारी शुरू की थी।   बताया जा रहा है कि चैतन्य को रायपुर कार्यालय ले जाया गया है। जैसे ही भूपेश बघेल के समर्थकों को चैतन्य के हिरासत में लेने की खबर मिली, वहां नारेबाजी शुरू हो गई है।   भूपेश बघेल के पूर्व मीडिया सलाहकार विनोद वर्मा ने पत्रकारों को बताया कि इससे पहले जब ईडी ने दबिश दी थी उस दिन भूपेश बघेल का जन्मदिन था और आज जब टीम ने दबिश दी है, चैतन्य बघेल का जन्मदिन है। चैतन्य को आज ईडी हिरासत में लेकर गई है। सूत्रों का कहना है की उन्हें मनी लांड्रिंग के सिलसिले में हिरासत में लिया गया है।   ईडी के छापे की कार्यवाही के बीच मानसून सत्र के अंतिम दिन भूपेश बघेल विधानसभा पहुंचे हैं। भिलाई तीन पदुम नगर स्थित अपने आवास से विधानसभा के लिए रवाना होने से पूर्व, भूपेश बघेल ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान आरोप लगाया था कि भाजपा सरकार केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने कहा था कि जिसे जो करना है वह कर ले मुझे न्याय पालिका पर भरोसा है।   उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि मुझे तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है परंतु मैं हार नहीं मानूंगा।

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  लगेगी शांडिल्य गुरु की प्रतिमा      कोलार रोड के दूसरे छोर भदभदा चौराहे पर उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने  ब्रह्मलीन बालगोविंद शांडिल्य गुरुजी की प्रतिमा स्थापना तथा चौराहे के सौंदर्यीकरण का भूमि-पूजन किया। सौंदर्यीकरण के लिये 8 लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं।   श्री गुप्ता ने कहा कि सरकार शहर के विकास के लिये सतत प्रयत्नशील है। उन्होंने शासन की विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि नागरिक शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये आगे आयें। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि घर-घर जाकर नागरिकों को शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये प्रेरित करें। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा कोटरा में सड़क भूमि-पूजन उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने आई-5 शासकीय आवास कोटरा के पास सड़क निर्माण का भूमि-पूजन किया। सड़क की लागत 20 लाख है। श्री गुप्ता ने सड़क का कार्य गुणवत्तापूर्ण करवाने के निर्देश दिये। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।     Attachments area          

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      मध्यप्रदेश के प्राचीन मंदिरों में भगवान के दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को अब प्रदेश के पुरावैभव, कला और संस्कृति की झलक भी वहां देखने को मिलेगी। इसके लिए राज्य सरकार मंदिरों में संग्रहालयों का निर्माण कराएगी। इस योजना को संस्कृति, धर्मस्व और पुरातत्व विभाग मिलकर अंजाम देंगे। मध्यप्रदेश में इस समय कई प्रसिद्ध मंदिर है जहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है। लेकिन इन मंदिरों में फिलहाल प्रदेश की कला-संस्कृति, इतिहास  और पुरावैभव की झलक दिखाने वाले संग्रहालय नहीं है। राज्य सरकार का सोचना है कि जो श्रद्धालु प्रदेश के प्राचीन मंदिरों में पहुंच रहे है वहां उन्हें भगवान के दर्शन के साथ-साथ प्रदेश के पुरावैभव और कला तथा संस्कृति से भी अवगत कराया जाए। इसके लिए इन मंदिरों के ट्रस्टों के पास मौजूद अपार धनराशि का उपयोग किया जाएगा। इन मंदिरों में सबसे पहले बनेंगे संग्रहालय- मध्यप्रदेश में उज्जैन में महाकाल मंदिर, खजराना मंदिर, सतना के मैहर मंदिर, पशुपतिनाथ मंदिर सहित कई ऐसे प्रमुख मंदिर है जहां मंदिरों की देखरेख और संरक्षण के लिए बनाए गए ट्रस्टों के पास श्रद्धालुओं के दान से मिली अपार धन संपदा स्थित है। इन्हीं मंदिरों में सबसे पहले संग्रहालय बनाने की शुरुआत की जाएगी।  इन मंदिरों के समीप काफी जमीन और भवन स्थित है। शिव मंदिरों में सभी बारह ज्योर्तिलिंगों के बारे में पूरी जानकारी एकत्रित कर प्रदर्शित की जाएगी। इसी तरह गणेश मंदिरों में गणेशजी के सभी स्वरुपों उनके इतिहास और महत्व को प्रदर्शित किया जाएगा। भोपाल के समीप स्थित भोजपुर मंदिर में दो सौ मीटर के दायरे के बाहर संग्रहालय बनाने का प्रस्ताव है। यहां भोजपुर के विशालकाय शिवलिंग और मंदिर के निर्माण की एतिहासिक प्रामाणिक  जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। यह मंदिर कब बना, इस तरह के मंदिर और कहां-कहां बनाए जाने थे। यह अधूरा क्यों रह गया। मंदिर के आसपास मिलने वाले शिवलिंग और अन्य पुराधरोहरों को भी यहां संग्रहित किया जाएगा। भोपाल में भी मुस्लिम धर्मावलंबियों से जुड़ी जानकारी, मध्यप्रदेश के प्राचीन नवाबों से जुड़े इतिहास की प्रामाणिक जानकारी गौहर महल या अन्य स्थानों पर प्रदर्शित की जाएगी। मिडटाउन में दुनिया की सबसे बड़ी सेंट पीटर चर्च में संग्रहालय भी है। वेटिकन सिटी में भी म्युजियम है वहां कई तरह के चित्र प्रदर्शित किए गए है। इन चित्रों में इन देशों की कला और संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। जापान में म्युजियम आॅफ पैरासाइड है। भारत के कई राज्यों में भी मंदिर, मस्जिद और चर्च के साथ संग्रहालय लगे हुए है। मध्यप्रदेश में फिलहाल मंदिर, मस्जिद और गिरिजाघरों में संग्रहालय नहीं है। प्रमुख सचिव संस्कृति मनोज श्रीवास्तव ने कहा प्रदेश के मंदिरों पर अब संग्रहालय बनाने की राज्य सरकार की योजना है। इसके जरिए प्रदेश के नागरिकों को धार्मिक आस्था के केन्द्रों पर पहुंचने पर वहां संग्रहालयों में प्रदेश के इतिहास, कला और संस्कृति के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।     Attachments area          

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  कोलार अवैध कब्जों का अड्डा बना    कोलार में राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों और तहसीलदारों की शह पर बेशकीमती जमीन पर जहां-तहां झुग्गियों का निर्माण करने के अलावा दीवारें तानकर अतिक्रमण किया जा रहा है। इन अतिक्रामकों को रोकने के बजाय अफसर उन्हें प्रश्रय दे रहे हैं। कोलार का दशहरा मैदान इसका ताजा उदाहरण है, जहां पिछले माह लगी आग में 50 झुग्गियां खाक हो गईं थी अब वहां 100 से ज्यादा झुग्गियां और मकान बन गए हैं।   लगातार अतिक्रमण बढ़ने की शिकायतों को लेकर एक सप्ताह पहले एडीएम रत्नाकर झा ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए थे कि वे सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाएं। साथ ही सूची तैयार करें, ताकि सरकारी जमीनों पर जमा अतिक्रमणों को हटाया जा सके। हुजूर एसडीएम और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही से फिर कोलार दशहरा मैदान की सरकारी जमीन पर दर्जनों झुग्गियां तन गर्इं।  प्रशासन के सामने यहां पर झुग्गियां बनती गई, लेकिन उन्हें रोकने की हिम्मत किसी ने नहीं की।   डेढ़ साल पहले निगम चुनाव के पूर्व मुख्यमंत्री ने हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के कहने पर कोलार दशहरा मैदान में स्टेडियम बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद कलेक्टर निशांत वरवड़े ने यहां पर दौरा कर एसडीएम माया अवस्थी को झुग्गियां शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अब तक यहां पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।   कोलार दशहरा मैदान के किनारे बनी अवैध झुग्गियां में तीन साल से एक ही स्थान पर आग लग रही है। यहां 40-50 झुग्गियों में आग लगती है और इसके बाद नई 100 झुग्गियां बन जाती हैं। तीन साल में इस स्थान पर 300 से अधिक झुग्गियां अवैध बन गई। लेकिन प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।     Attachments area          

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  पत्र  में प्रज्ञा ने कैंसर की बीमारी का हवाला भी दिया      मालेगांव बम ब्लास्ट में क्लीन चिट मिलने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने अपने तेवर दिखाए हैं। सिंहस्थ में जाने की जिद पर अड़ीं साध्वी ने पंडित खुशीलाल आयुर्वेदिक अस्पताल में आमरण अनशन शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि सरकार ने उन्हें परमिशन नहीं दी, तो वे 21 मई को जल समाधि ले लेंगी। कैंसर से पीड़ित प्रज्ञा ने दवाइयां खाने से भी इनकार कर दिया है। प्रज्ञा ने राज्य सरकार को लिखे पत्र  में कहा कि वे कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रही हैं। हो सकता है कि अगला कुंभ न देख पाएं।इस मसले  पर बोलने से प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।  साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट मिलने के बाद से माना जा रहा है कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का सॉफ्ट कॉर्नर उनके प्रति बढ़ा है। उनके अनशन के मामले में प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर से जब पूछा गया कि सरकार क्या करेगी, तो विवादों से बचने के लिए उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया । गौरतलब है कि साध्वी लगभग सात सालों से जेल में बंद थीं, लेकिन कैंसर के इलाज के लिए कोर्ट ने उन्हें अस्पताल में रहने की परमिशन दी है। प्रज्ञा ने रविवार को लेटर लिखकर शिवराज सरकार से उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ में शामिल होने की परमिशन मांगी थी।उन्होंने यह भी लिखा था कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो वे आमरण अनशन करेंगी। प्रज्ञा ने लिखा, 'वो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं और शायद अगला कुंभ न देख पाएं। इसलिए उनकी अंतिम इच्छा है कि वे उज्जैन कुंभ में जाएं।' प्रज्ञा ने राज्य सरकार समेत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को भी लेटर की कॉपी भेजी है। लेटर के मुताबिक, प्रज्ञा ने सोमवार सुबह 9 बजे तक का समय दिया था। मांग पूरी नहीं होने के कारण वे अपने कुछ सपोर्टर्स के साथ अस्पताल परिसर में ही आमरण अनशन पर बैठ गई हैं। प्रज्ञा ने लेटर में लिखा कि मैं अन्न जल त्याग दूंगी। अगर मुझे कुछ होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी मध्य प्रदेश सरकार की होगी। उन्होंने अपनी सिक्युरिटी को लेकर भी चिंता जाहिर की है। उन्होंने लिखा कि मेरे साथ पहले एसएएफ के जवान रहते थे। उनके हटाए जाने से मेरी जान को खतरा हो सकता है। प्रज्ञा ने जेड प्लस सुरक्षा की मांग की और सवाल पूछा कि जब देवास जिला कोर्ट ने उज्जैन जाने की अनुमति दे दी है, तो फिर सिक्युरिटी का हवाला देकर सरकार कोर्ट की अवमानना क्यों कर रही है? प्रज्ञा की चिट्ठी उनके सबसे विश्वसनीय भगवान झा लेकर पहुंचे थे। जेल सुपरिंटेंडेंट ने भगवान झा को भरोसा दिया के वह मामले को सीनियर अफसरों तक पहुंचा देंगे। भगवान झा ने कहा, 'सरकार के पास पुलिस की कोई कमी नहीं है। इसलिए साध्वी की सिंहस्थ यात्रा सुनिश्चित करा दी जाए, नहीं तो गंभीर परिणाम होंगे।'     Attachments area          

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  हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने किया 2.16 करोड़ की सड़क निर्माण का भूमि पूजन ।कोलार मुख्य मार्ग के समानांतर इस मार्ग से 2 लाख नागरिक होंगे सीधे लाभान्वित ।कोलार वासियो को विभिन्न मार्गो के माध्यम से नये भोपाल , होशंगाबाद रोड , जाने में होगी सहूलियत ।कोलार में बढ़ते ट्रैफिक पर नियंत्रण में हुज़ूर विधायक की कारगर पहल सफल ।हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा के अथक प्रयासों से कोलारवासियो को ट्रैफिक जाम से आये दिन होने वाली दिक्कतों से निज़ात मिलने जा रही है । बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान (कोलार मुख्य मार्ग) तक  बायपास रोड का निर्माण कराया जा रहा है । आज हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने रानी अवंतीबाई मार्ग से मंदाकनी मैदान को जोड़ने वाली सड़क निर्माण कार्य का भूमि पूजन भूमिका रेसीडेंसी पर किया । 2 करोड़ 16 लाख की लागत से बनने वाली 4200 मीटर इस सड़क की चौड़ाई 7.5 मीटर रहेगी, इस सड़क का निर्माण राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा किया जायेगा । श्री शर्मा ने बताया की कोलार मुख्य मार्ग पर आये दिन लगने वाले ट्रैफिक जाम से छुटकारा पाने के लिये इस बाय पास रोड का निर्माण कराया जा रहा है , उन्होंने बताया की बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग का निर्माण पूर्व में कराया जा चूका है । यह रोड  लोक निर्माण विभाग द्वारा बनायीं गयी है  गौरतलब है की उक्त सड़क का भूमि पूजन विधायक शर्मा द्वारा विधायक बनने के तत्काल बाद किया गया था । बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग तक इस सड़क की दूरी कुल 2 किलोमीटर है ।बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान पर कोलार मुख्य मार्ग पर जोड़ने वाले इस बायपास की कुल दूरी 6 किलोमीटर है । श्री शर्मा ने बताया की बहुत जल्द ही जे के अस्पताल के सामने इस मार्ग के जंक्शन पर एक पुल का निर्माण भी कराया जायेगा जो की सीधा शाहपुरा, भरत नगर , हबीबगंज , चुनाभट्टी , अथवा नये भोपाल को जोड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण के पश्च्यात कोलार के किसी भी नागरिक को ट्रैफिक जाम या आपातकालीन स्थिति में परेशान नहीं होना पड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग से कोलार सहित आसपास के लगभग 2 लाख नागरिक इससे सीधे लाभान्वित होंगे ।  श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण से पूर्व  उनके द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियो अधिकारियो एवं स्थानीय नागरिको के साथ दौरा किया गया । फलस्वरूप कोलार को ट्रैफिक से निजात दिलाने के लिये इस बायपास के निर्माण का निर्णय लिया गया । श्री शर्मा ने बताया की घनी आबादी वाले कोलार में नागरिको की सुविधा के मद्देनज़र इस मार्ग का  अलग अलग भागो में निर्माण कराया गया है , जिससे नागरिको को इसका लाभ पहुँच सके !  श्री शर्मा ने स्थानीय नागरिको को संबोधित करते हुए कहा की कोलार के समग्र विकास में निरंतर आपके द्वारा मिल रहे इसी प्रकार के सहयोग की आवश्यकता है आप सब के सहयोग से हम ग्रीन कोलार क्लीन कोलार का निर्माण करेंगे । कार्यक्रम के दौरान श्री शर्मा का स्थानीय नागरिको द्वारा बड़ी फूलो की माला पहनाकर सड़क निर्माण के लिए अभिन्दन किया गया !  मार्ग से लाभान्वित क्षेत्र  एक नज़र में -: बैरागढ़ चीचली , दौलतपुर ,धोली खदान, प्रियंका नगर ,हिनोतिया गांव ,मानसरोवर डेंटल कॉलेज, सुहागपुर ,पिपलिया, गुराडी , सेमरी ,अमरावत कलां ,सोहागपुर ,बांसखेड़ी झुग्गी बस्ती ,सन खेड़ी झुग्गी बस्ती, आकाश नगर , गिरधर परिसर ,सैफरॉन सिटी ,कृष्णा होम्स ,गिरधर गार्डन ,शिवालय परिसर ,सर्वजन सोसाइटी ,डी के 5 ,जे के अस्पताल , सागर प्रीमियम टॉवर, भूमिका रेसीडेंसी ,वेस्टर्न कौर्ट एवं मंदाकनी सोसायटी आदि इस मार्ग पर अन्य रहवासियो  को इस बाय पास का  सीधा लाभ पहुंचेगा ।होशंगाबाद रोड से जुड़ेगा यह मार्ग यह मार्ग चार बत्ती चौराहे से कालीबाड़ी पुल से होते हुए बाबड़िया रेल्वे फाटक से होशंगाबाद रोड से सीधा जुड़ेगा ।दानिश कुंज से कलियासोत नदी पर सलैया पुल के माध्यम से मिसरोद (होशंगाबाद रोड) से सीधा जुड़ेगा ।कार्यक्रम में विशेष रूप से स्थानीय पार्षद एवं एम आई सी सदस्य भूपेंद्र माली ,पार्षद पवन बोराना, मंडल उपाध्यक्ष श्याम मीना, बी एस वाजपेयी , महेश तिवारी , इक़बाल खान , अमित शुक्ल, दीपक माथुर , अरुण तिवारी , डी ले पालीवाल , एस एस सेंगर ,शोभा सिकरवार , श्रीमती गीता मिश्रा,गणेश तिवारी,राजेश सेंगर , राज शर्मा , प्रदीप पाटीदार ,आकाश श्रीवास्तव,सहित बड़ी संख्या में माताये बहने कॉलोनी वासी उपस्थित रहे ।  

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कोलार के वार्ड 82 में आने वाले दानिशकुंज कॉलोनी में नगर निगम द्वारा काम नहीं कराने के बाद भी पार्षद द्वारा निर्माण को लेकर बोर्ड लगाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। गलत जानकारी को लेकर आज दोपहर कांग्रेस पार्षदों, स्थानीय नेताओं और रहवासियों का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम आयुक्त छवि भारद्वाज से मिला। इन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पार्षद जानबूझकर श्रेय की राजनीति कर रहे हैं। जबकि, जनता गर्मी में पानी के लिए हाहाकार मचा रही है, फिर भी उन्हें पानी नहीं दिया जा रहा है। पार्षदों ने यह की मांग : कांग्रेस पार्षद संतोष जितेंद्र कंसाना, मोनू सक्सेना, मनजीत मारण, अमित शर्मा, राहुल सिंह राठौर, अखिलेश जैन सहित रहवासियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयुक्त भारद्वाज से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। इसके अनुसार तत्काल गलत जानकारी देने वाले भाजपा पार्षद भूपेंद्र माली के बोर्ड को नगर निगम प्रशासन हटाए। साथ ही इस मामले में जांच कराएं कि कहीं दानिशकुंज में कराए गए डामर के भुगतान की फर्जी फाइल तो निगम के कार्यालय नहीं पहुंच गई। यदि प्रशासन बोर्ड नहीं लगाएगी, तो कांग्रेसी भी हर वार्ड में ऐसे बोर्ड लगाएगी। दानिशकुंज कॉलोनी में करीब एक करोड़ राशि से डामर कराया गया है। इस पर स्थानीय पार्षद ने खुद डामर कराने के बोर्ड पूरी कॉलोनी में लगा दिए। वहीं, दानिशकुंज सोसायटी ने भी एक विज्ञापन जारी करके कहा कि वह निर्माण उसने कराया है। कुछ लोगों के यहां निर्माण नहीं कराया गया है, वो लोग जल्द ही बकाया राशि जमा कर दें, ताकि बचे हुए स्थानों पर भी डामरीकरण कराया जा सके।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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पटना । बिहार की नीतीश सरकार ने राज्य के 1 करोड़ 67 लाख बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी सौगात दी है। राज्य सरकार ने प्रति माह 125 यूनिट बिजली मुफ्त देने की घोषणा की है।   मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज सुबह एक्स पर पोस्ट कर यह घोषणा की। उन्होंने कहा,  ''हमलोग शुरू से ही सस्ती दरों पर सभी को बिजली उपलब्ध करा रहे हैं। अब हमने तय कर दिया है कि 1 अगस्त, 2025 से यानी जुलाई माह के बिल से ही राज्य के सभी घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट तक बिजली का कोई पैसा नहीं देना पड़ेगा। इससे राज्य के कुल 1 करोड़ 67 लाख परिवारों को लाभ होगा।''   मुख्यमंत्री ने कहा, ''हमने यह भी तय किया है कि अगले तीन वर्षों में इन सभी घरेलू उपभोक्ताओं से सहमति लेकर उनके घर की छतों पर अथवा नजदीकी सार्वजनिक स्थल पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाकर लाभ दिया जाएगा। कुटीर ज्योति योजना के तहत जो अत्यंत निर्धन परिवार होंगे उनके लिए सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए पूरा खर्च राज्य सरकार करेगी तथा शेष के लिए भी सरकार उचित सहयोग करेगी। इससे घरेलू उपभोक्ताओं को अब बिजली का 125 यूनिट तक कोई खर्च नहीं लगेगा, साथ ही साथ राज्य में अगले तीन वर्षों में एक अनुमान के अनुसार 10 हजार मेगावाट तक सौर ऊर्जा उपलब्ध हो जाएगी।''

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जम्मू । पिछले दो दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण पहलगाम और बालटाल दोनों आधार शिविरों से अमरनाथ यात्रा आज यानी गुरुवार के लिए स्थगित कर दी गई है। यह रोक ऐसे समय में लगाई गई है जब अधिकारी भारी बारिश से प्रभावित तीर्थयात्रियों के मार्गों पर तत्काल मरम्मत कार्य करवाने में जुटे हैं।   जम्मू-कश्मीर जनसंपर्क विभाग की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि पिछले दो दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण दोनों मार्गों पर मरम्मत कार्य करना जरूरी हो गया है। सीमा सड़क संगठन ने 18 जुलाई को दोनों आधार शिविरों से यात्रा शुरू होने से पहले काम पूरा करने के लिए अपने कर्मियों और मशीनों की तैनाती की है। इस वर्ष यह पहला अवसर है जब जम्मू से तीर्थयात्रा एक दिन के लिए रोकी गई है।   संभागीय आयुक्त कश्मीर विजय कुमार बिधूड़ी ने भी यात्रा स्थगित होने की पुष्टि की और कहा कि मौसम की स्थिति के आधार पर तीर्थयात्रा 18 जुलाई को फिर से शुरू होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण दोनों मार्गों पर तत्काल मरम्मत और रखरखाव कार्य किए जाने की आवश्यकता है इसलिए यह निर्णय लिया गया है कि आज दोनों आधार शिविरों से पवित्र गुफा की ओर किसी भी प्रकार की आवाजाही की अनुमति नहीं दी जाएगी। हालांकि पिछली रात पंजतरणी शिविर में रुके यात्रियों को बीआरओ और पर्वतीय बचाव दलों की पर्याप्त तैनाती के तहत बालटाल जाने की अनुमति दी जा रही है। दिन के दौरान मौसम की स्थिति के आधार पर यात्रा कल फिर से शुरू होने की पूरी संभावना है।   तीन जुलाई को तीर्थयात्रा शुरू होने के बाद से अब तक 2.35 लाख से अधिक तीर्थयात्री बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके हैं।

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वाशिंगटन । पिछले महीने भारत के अहमदाबाद में हुई एयर इंडिया के विमान दुर्घटना की जांच में नया खुलासा हुआ है। इस खुलासे से जांच के केंद्र में कॉकपिट में बैठे वरिष्ठ पायलट आ गए हैं। अमेरिकी अधिकारियों ने दुर्घटना की जांच में अब तक सामने आए साक्ष्यों और इस खुलासे से परिचित लोगों के आधार पर कहा कि विमान के दो पायलटों के बीच बातचीत की ब्लैक-बॉक्स रिकॉर्डिंग से संकेत मिला है कि कैप्टन ने ही विमान के दोनों इंजनों में ईंधन के प्रवाह को नियंत्रित करने वाले स्विच बंद किए थे।द वाल स्ट्रीट जर्नल अखबार की इस 'विशेष खबर' के आधार पर दुनिया भर के संचार माध्यमों ने यह खुलासा प्रसारित और प्रकाशित किया है। पिछले माह 12 जून को अहमदाबाद में टेकऑफ के 32 सेकंड के भीतर दुर्घटना का शिकार हुई एयर इंडिया की फ्लाइट एआई-171 की जांच के दौरान हुए इस खुलासे से नए सवाल खड़े हो गए हैं। इस हादसे में 260 लोग मारे गए थे।विशेष खबर के अनुसार, ब्लैक-बॉक्स रिकॉर्डिंग से पता चलता है कि बोइंग को उड़ा रहे फर्स्ट ऑफिसर ने 787 ड्रीमलाइनर का नया टैब खोला और अपने से अधिक अनुभवी दूसरे कैप्टन से पूछा कि रन-वे से उतरने के बाद उन्होंने स्विच को कटऑफ स्थिति में क्यों रखा? द वाल स्ट्रीट जर्नल का दावा है कि भारत के नागरिक उड्डयन महानिदेशालय, बोइंग और एयर इंडिया ने अभी तक इस रिपोर्ट पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।इसमें शामिल दो पायलट कैप्टन सुमीत सभरवाल और फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर थे। इनके पास क्रमशः 15,638 घंटे और 3,403 घंटे का उड़ान अनुभव था। विशेष खबर में कहा गया है कि भारत के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो की पिछले सप्ताह जारी प्रारंभिक रिपोर्ट में दुर्घटना से कुछ समय पहले कॉकपिट में भ्रम की स्थिति दिखाई गई थी और महत्वपूर्ण इंजन ईंधन कटऑफ स्विच की स्थिति पर नए सवाल खड़े किए गए थे।

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काठमांडू । काठमांडू स्थित चीनी दूतावास की ओर से कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए वीजा प्रक्रिया में देरी करने के कारण करीब 5000 से अधिक भारतीय श्रद्धालु काठमांडू में फंसे हुए हैं।   नेपाल में कैलाश मानसरोवर की यात्रा कराने वाले टूरिस्ट और ट्रैकिंग कंपनियों ने चीनी दूतावास से अनुरोध किया है कि वो वीजा प्रक्रिया में देरी किए बिना भारतीय श्रद्धालुओं को कैलाश मानसरोवर की यात्रा को सहज बनाने में मदद करे। भारतीय श्रद्धालुओं को कैलाश मानसरोवर की यात्रा कराने वाले टूर ऑपरेटरों के संगठन एसोसिएशन ऑफ कैलाश टूर ऑपरेटर्स नेपाल के महासचिव प्रदीप पंडित ने बताया कि चीनी दूतावास की तरफ से वीजा प्रक्रिया में विलंब किए जाने के कारण यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।   नेपाल और चीन को जोड़ने वाला तातोपानी नाका और रसुवा नाका दोनों ही इस बार बाढ़, बारिश तथा भूस्खलन के कारण बंद हो गए हैं। इस कारण से भी सड़क मार्ग से कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने वाले भारतीय श्रद्धालुओं को परेशानी हो रही है। प्रमोद पंडित ने बताया कि इस समय पांच हजार से अधिक भारतीय तीर्थयात्री काठमांडू में ही फंसे हुए हैं।   उन्होंने बताया कि नेपाल सरकार के माध्यम से तथा स्वयं टूर ऑपरेटर्स भी चीनी दूतावास के अधिकारियों से वीजा प्रक्रिया में देरी नहीं करने के लिए बार-बार आग्रह कर रहे हैं लेकिन चीनी दूतावास की तरफ से सकारात्मक जवाब नहीं मिल रहा है। नेपाल के विदेश मंत्रालय की तरफ से भी चीनी दूतावास से समन्वय का काम किए जाने की जानकारी दी गई है। विदेश सचिव अमृत राय ने बताया कि वो खुद चीनी राजदूत से मिल कर इस समस्या को यथाशीघ्र समाधान करने के लिए आग्रह कर चुके हैं।

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मुंबई । दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी एलन मस्‍क की इलेक्ट्रिक कार विनिर्माता कंपनी टेस्ला ने मंगलवार को अपना पहला शोरूम मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) में खोल दिया। इस शोरूम को 'एक्सपीरियंस सेंटर' कहा जा रहा है। टेस्‍ला की Y मॉडल कार अब भारत में बिकेगी। कंपनी ने कार की शुरुआती कीमत 59.89 लाख रुपये (एक्स-शोरूम, मुंबई) रखी है, जो अमेरिका की तुलना में 28 लाख रुपये ज्यादा है। उद्घाटन समारोह में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र चाहता है कि टेस्ला, भारत में अपने अनुसंधान एवं विकास तथा विनिर्माण संयंत्र स्थापित करे। उन्‍होंने कहा कि टेस्ला ने सही राज्य और सही शहर में कदम रखा है, क्योंकि कई वर्षों से जिसका इंतजार हम कर रहे थे, वो कार आज टेस्ला ने मुंबई से लॉन्च की है। भारतीय बाजार में उन्होंने मुंबई से अपनी शुरूआत करने की घोषणा की है। टेस्ला मुंबई में एक्स्पीरियंस सेंटर के साथ-साथ डिलीवरी की व्यवस्था, लॉजिस्टिक्स की व्यवस्था और सर्विसिंग की व्यवस्था ला रहा है। टेस्ला ने महाराष्ट्र और मुंबई को चुना, क्योंकि आज इलेक्ट्रिक वाहन के क्षेत्र में महाराष्ट्र लीडर बन चुका है। मुझे विश्वास है कि आने वाले दिनों में टेस्ला का पूरा इको-सिस्टम महाराष्ट्र में देखने को मिलेगा। इलेक्ट्रिक कार विनिर्माता कंपनी टेस्ला ने शहर के मध्य बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) में 4,000 वर्ग फुट में 'एक्सपीरियंस सेंटर' खोला है। हालांकि, अभी कार की डिलीवरी की टाइमलाइन या टेस्ट ड्राइव के विकल्प उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। टेस्ला के इस कदम को देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के बढ़ते बाजार की दिशा में बड़ा संकेत माना जा रहा है। इलेक्ट्रिक कार टेस्ला का मॉडल Y के दो वेरिएंट्स भारत में उपलब्ध हैं। इन दोनों की टॉप स्पीड 201 किमी प्रति घंटा है। इसमें मॉडल Y रियर व्हील ड्राइव (आरडब्ल्यूडी) की कीमत 59.89 लाख रुपये और मॉडल Y लॉन्ग रेंज (आरडब्ल्यूडी) की कीमत 67.89 लाख रुपये है। इन कीमतों में जीएसटी भी शामिल है। इनकी ऑन रोड कीमतें 61.07 लाख रुपये (मॉडल Y आरडब्ल्यूडी) और 69.15 लाख रुपये लॉन्ग रेंज आरडब्ल्यूडी तक है, जिसमें रोड टैक्स, फास्‍ट टैग और अन्य शुल्क शामिल हैं।

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नई दिल्ली । लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने ओडिशा के बालासोर जिले में बीएड की एक छात्रा के आत्मदाह के मामले में राज्य की भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। राहुल गांधी ने इस घटना को सिस्टम द्वारा की गई हत्या बताया और राज्य सरकार की चुप्पी एवं कार्यशैली पर सवाल उठाए। राहुल गांधी ने एक्स पोस्ट में कहा कि ओडिशा में एक बहादुर छात्रा ने यौन शोषण के खिलाफ आवाज उठाई, लेकिन उसे न्याय देने के बजाय धमकाया और प्रताड़ित किया गया। राहुल ने आरोप लगाया कि जिन लोगों को उसकी रक्षा करनी चाहिए थी, उन्होंने उसे बार-बार अपमानित किया और सिस्टम ने हमेशा की तरह आरोपितों को बचाने का काम किया। इस दबाव के कारण छात्रा को आत्मदाह जैसा कठोर कदम उठाना पड़ा। उन्होंने इस घटना को आत्महत्या नहीं, बल्कि सिस्टम द्वारा संगठित हत्या बताया। राहुल ने कहा कि ओडिशा हो या मणिपुर, देश की बेटियां जल रही हैं, टूट रही हैं और दम तोड़ रही हैं, लेकिन सरकार खामोश है। उन्होंने मांग की कि देश को सरकार की चुप्पी नहीं, जवाब चाहिए।   ओडिशा के बालासोर जिले में फकीर मोहन कॉलेज की बीएड की 20 वर्षीय छात्रा ने सोमवार देर रात अंतिम सांस ली। उसने खुद को आग लगा ली थी, जिसके बाद वह 95 प्रतिशत तक झुलस गई थी। पिछले तीन दिनों से वह भुवनेश्वर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में जीवन और मौत से संघर्ष कर रही थी।

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  लगेगी शांडिल्य गुरु की प्रतिमा      कोलार रोड के दूसरे छोर भदभदा चौराहे पर उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने  ब्रह्मलीन बालगोविंद शांडिल्य गुरुजी की प्रतिमा स्थापना तथा चौराहे के सौंदर्यीकरण का भूमि-पूजन किया। सौंदर्यीकरण के लिये 8 लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं।   श्री गुप्ता ने कहा कि सरकार शहर के विकास के लिये सतत प्रयत्नशील है। उन्होंने शासन की विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि नागरिक शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये आगे आयें। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि घर-घर जाकर नागरिकों को शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये प्रेरित करें। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा कोटरा में सड़क भूमि-पूजन उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने आई-5 शासकीय आवास कोटरा के पास सड़क निर्माण का भूमि-पूजन किया। सड़क की लागत 20 लाख है। श्री गुप्ता ने सड़क का कार्य गुणवत्तापूर्ण करवाने के निर्देश दिये। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।     Attachments area          

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      मध्यप्रदेश के प्राचीन मंदिरों में भगवान के दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को अब प्रदेश के पुरावैभव, कला और संस्कृति की झलक भी वहां देखने को मिलेगी। इसके लिए राज्य सरकार मंदिरों में संग्रहालयों का निर्माण कराएगी। इस योजना को संस्कृति, धर्मस्व और पुरातत्व विभाग मिलकर अंजाम देंगे। मध्यप्रदेश में इस समय कई प्रसिद्ध मंदिर है जहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है। लेकिन इन मंदिरों में फिलहाल प्रदेश की कला-संस्कृति, इतिहास  और पुरावैभव की झलक दिखाने वाले संग्रहालय नहीं है। राज्य सरकार का सोचना है कि जो श्रद्धालु प्रदेश के प्राचीन मंदिरों में पहुंच रहे है वहां उन्हें भगवान के दर्शन के साथ-साथ प्रदेश के पुरावैभव और कला तथा संस्कृति से भी अवगत कराया जाए। इसके लिए इन मंदिरों के ट्रस्टों के पास मौजूद अपार धनराशि का उपयोग किया जाएगा। इन मंदिरों में सबसे पहले बनेंगे संग्रहालय- मध्यप्रदेश में उज्जैन में महाकाल मंदिर, खजराना मंदिर, सतना के मैहर मंदिर, पशुपतिनाथ मंदिर सहित कई ऐसे प्रमुख मंदिर है जहां मंदिरों की देखरेख और संरक्षण के लिए बनाए गए ट्रस्टों के पास श्रद्धालुओं के दान से मिली अपार धन संपदा स्थित है। इन्हीं मंदिरों में सबसे पहले संग्रहालय बनाने की शुरुआत की जाएगी।  इन मंदिरों के समीप काफी जमीन और भवन स्थित है। शिव मंदिरों में सभी बारह ज्योर्तिलिंगों के बारे में पूरी जानकारी एकत्रित कर प्रदर्शित की जाएगी। इसी तरह गणेश मंदिरों में गणेशजी के सभी स्वरुपों उनके इतिहास और महत्व को प्रदर्शित किया जाएगा। भोपाल के समीप स्थित भोजपुर मंदिर में दो सौ मीटर के दायरे के बाहर संग्रहालय बनाने का प्रस्ताव है। यहां भोजपुर के विशालकाय शिवलिंग और मंदिर के निर्माण की एतिहासिक प्रामाणिक  जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। यह मंदिर कब बना, इस तरह के मंदिर और कहां-कहां बनाए जाने थे। यह अधूरा क्यों रह गया। मंदिर के आसपास मिलने वाले शिवलिंग और अन्य पुराधरोहरों को भी यहां संग्रहित किया जाएगा। भोपाल में भी मुस्लिम धर्मावलंबियों से जुड़ी जानकारी, मध्यप्रदेश के प्राचीन नवाबों से जुड़े इतिहास की प्रामाणिक जानकारी गौहर महल या अन्य स्थानों पर प्रदर्शित की जाएगी। मिडटाउन में दुनिया की सबसे बड़ी सेंट पीटर चर्च में संग्रहालय भी है। वेटिकन सिटी में भी म्युजियम है वहां कई तरह के चित्र प्रदर्शित किए गए है। इन चित्रों में इन देशों की कला और संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। जापान में म्युजियम आॅफ पैरासाइड है। भारत के कई राज्यों में भी मंदिर, मस्जिद और चर्च के साथ संग्रहालय लगे हुए है। मध्यप्रदेश में फिलहाल मंदिर, मस्जिद और गिरिजाघरों में संग्रहालय नहीं है। प्रमुख सचिव संस्कृति मनोज श्रीवास्तव ने कहा प्रदेश के मंदिरों पर अब संग्रहालय बनाने की राज्य सरकार की योजना है। इसके जरिए प्रदेश के नागरिकों को धार्मिक आस्था के केन्द्रों पर पहुंचने पर वहां संग्रहालयों में प्रदेश के इतिहास, कला और संस्कृति के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।     Attachments area          

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  कोलार अवैध कब्जों का अड्डा बना    कोलार में राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों और तहसीलदारों की शह पर बेशकीमती जमीन पर जहां-तहां झुग्गियों का निर्माण करने के अलावा दीवारें तानकर अतिक्रमण किया जा रहा है। इन अतिक्रामकों को रोकने के बजाय अफसर उन्हें प्रश्रय दे रहे हैं। कोलार का दशहरा मैदान इसका ताजा उदाहरण है, जहां पिछले माह लगी आग में 50 झुग्गियां खाक हो गईं थी अब वहां 100 से ज्यादा झुग्गियां और मकान बन गए हैं।   लगातार अतिक्रमण बढ़ने की शिकायतों को लेकर एक सप्ताह पहले एडीएम रत्नाकर झा ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए थे कि वे सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाएं। साथ ही सूची तैयार करें, ताकि सरकारी जमीनों पर जमा अतिक्रमणों को हटाया जा सके। हुजूर एसडीएम और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही से फिर कोलार दशहरा मैदान की सरकारी जमीन पर दर्जनों झुग्गियां तन गर्इं।  प्रशासन के सामने यहां पर झुग्गियां बनती गई, लेकिन उन्हें रोकने की हिम्मत किसी ने नहीं की।   डेढ़ साल पहले निगम चुनाव के पूर्व मुख्यमंत्री ने हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के कहने पर कोलार दशहरा मैदान में स्टेडियम बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद कलेक्टर निशांत वरवड़े ने यहां पर दौरा कर एसडीएम माया अवस्थी को झुग्गियां शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अब तक यहां पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।   कोलार दशहरा मैदान के किनारे बनी अवैध झुग्गियां में तीन साल से एक ही स्थान पर आग लग रही है। यहां 40-50 झुग्गियों में आग लगती है और इसके बाद नई 100 झुग्गियां बन जाती हैं। तीन साल में इस स्थान पर 300 से अधिक झुग्गियां अवैध बन गई। लेकिन प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।     Attachments area          

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  पत्र  में प्रज्ञा ने कैंसर की बीमारी का हवाला भी दिया      मालेगांव बम ब्लास्ट में क्लीन चिट मिलने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने अपने तेवर दिखाए हैं। सिंहस्थ में जाने की जिद पर अड़ीं साध्वी ने पंडित खुशीलाल आयुर्वेदिक अस्पताल में आमरण अनशन शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि सरकार ने उन्हें परमिशन नहीं दी, तो वे 21 मई को जल समाधि ले लेंगी। कैंसर से पीड़ित प्रज्ञा ने दवाइयां खाने से भी इनकार कर दिया है। प्रज्ञा ने राज्य सरकार को लिखे पत्र  में कहा कि वे कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रही हैं। हो सकता है कि अगला कुंभ न देख पाएं।इस मसले  पर बोलने से प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।  साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट मिलने के बाद से माना जा रहा है कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का सॉफ्ट कॉर्नर उनके प्रति बढ़ा है। उनके अनशन के मामले में प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर से जब पूछा गया कि सरकार क्या करेगी, तो विवादों से बचने के लिए उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया । गौरतलब है कि साध्वी लगभग सात सालों से जेल में बंद थीं, लेकिन कैंसर के इलाज के लिए कोर्ट ने उन्हें अस्पताल में रहने की परमिशन दी है। प्रज्ञा ने रविवार को लेटर लिखकर शिवराज सरकार से उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ में शामिल होने की परमिशन मांगी थी।उन्होंने यह भी लिखा था कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो वे आमरण अनशन करेंगी। प्रज्ञा ने लिखा, 'वो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं और शायद अगला कुंभ न देख पाएं। इसलिए उनकी अंतिम इच्छा है कि वे उज्जैन कुंभ में जाएं।' प्रज्ञा ने राज्य सरकार समेत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को भी लेटर की कॉपी भेजी है। लेटर के मुताबिक, प्रज्ञा ने सोमवार सुबह 9 बजे तक का समय दिया था। मांग पूरी नहीं होने के कारण वे अपने कुछ सपोर्टर्स के साथ अस्पताल परिसर में ही आमरण अनशन पर बैठ गई हैं। प्रज्ञा ने लेटर में लिखा कि मैं अन्न जल त्याग दूंगी। अगर मुझे कुछ होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी मध्य प्रदेश सरकार की होगी। उन्होंने अपनी सिक्युरिटी को लेकर भी चिंता जाहिर की है। उन्होंने लिखा कि मेरे साथ पहले एसएएफ के जवान रहते थे। उनके हटाए जाने से मेरी जान को खतरा हो सकता है। प्रज्ञा ने जेड प्लस सुरक्षा की मांग की और सवाल पूछा कि जब देवास जिला कोर्ट ने उज्जैन जाने की अनुमति दे दी है, तो फिर सिक्युरिटी का हवाला देकर सरकार कोर्ट की अवमानना क्यों कर रही है? प्रज्ञा की चिट्ठी उनके सबसे विश्वसनीय भगवान झा लेकर पहुंचे थे। जेल सुपरिंटेंडेंट ने भगवान झा को भरोसा दिया के वह मामले को सीनियर अफसरों तक पहुंचा देंगे। भगवान झा ने कहा, 'सरकार के पास पुलिस की कोई कमी नहीं है। इसलिए साध्वी की सिंहस्थ यात्रा सुनिश्चित करा दी जाए, नहीं तो गंभीर परिणाम होंगे।'     Attachments area          

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  हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने किया 2.16 करोड़ की सड़क निर्माण का भूमि पूजन ।कोलार मुख्य मार्ग के समानांतर इस मार्ग से 2 लाख नागरिक होंगे सीधे लाभान्वित ।कोलार वासियो को विभिन्न मार्गो के माध्यम से नये भोपाल , होशंगाबाद रोड , जाने में होगी सहूलियत ।कोलार में बढ़ते ट्रैफिक पर नियंत्रण में हुज़ूर विधायक की कारगर पहल सफल ।हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा के अथक प्रयासों से कोलारवासियो को ट्रैफिक जाम से आये दिन होने वाली दिक्कतों से निज़ात मिलने जा रही है । बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान (कोलार मुख्य मार्ग) तक  बायपास रोड का निर्माण कराया जा रहा है । आज हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने रानी अवंतीबाई मार्ग से मंदाकनी मैदान को जोड़ने वाली सड़क निर्माण कार्य का भूमि पूजन भूमिका रेसीडेंसी पर किया । 2 करोड़ 16 लाख की लागत से बनने वाली 4200 मीटर इस सड़क की चौड़ाई 7.5 मीटर रहेगी, इस सड़क का निर्माण राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा किया जायेगा । श्री शर्मा ने बताया की कोलार मुख्य मार्ग पर आये दिन लगने वाले ट्रैफिक जाम से छुटकारा पाने के लिये इस बाय पास रोड का निर्माण कराया जा रहा है , उन्होंने बताया की बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग का निर्माण पूर्व में कराया जा चूका है । यह रोड  लोक निर्माण विभाग द्वारा बनायीं गयी है  गौरतलब है की उक्त सड़क का भूमि पूजन विधायक शर्मा द्वारा विधायक बनने के तत्काल बाद किया गया था । बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग तक इस सड़क की दूरी कुल 2 किलोमीटर है ।बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान पर कोलार मुख्य मार्ग पर जोड़ने वाले इस बायपास की कुल दूरी 6 किलोमीटर है । श्री शर्मा ने बताया की बहुत जल्द ही जे के अस्पताल के सामने इस मार्ग के जंक्शन पर एक पुल का निर्माण भी कराया जायेगा जो की सीधा शाहपुरा, भरत नगर , हबीबगंज , चुनाभट्टी , अथवा नये भोपाल को जोड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण के पश्च्यात कोलार के किसी भी नागरिक को ट्रैफिक जाम या आपातकालीन स्थिति में परेशान नहीं होना पड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग से कोलार सहित आसपास के लगभग 2 लाख नागरिक इससे सीधे लाभान्वित होंगे ।  श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण से पूर्व  उनके द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियो अधिकारियो एवं स्थानीय नागरिको के साथ दौरा किया गया । फलस्वरूप कोलार को ट्रैफिक से निजात दिलाने के लिये इस बायपास के निर्माण का निर्णय लिया गया । श्री शर्मा ने बताया की घनी आबादी वाले कोलार में नागरिको की सुविधा के मद्देनज़र इस मार्ग का  अलग अलग भागो में निर्माण कराया गया है , जिससे नागरिको को इसका लाभ पहुँच सके !  श्री शर्मा ने स्थानीय नागरिको को संबोधित करते हुए कहा की कोलार के समग्र विकास में निरंतर आपके द्वारा मिल रहे इसी प्रकार के सहयोग की आवश्यकता है आप सब के सहयोग से हम ग्रीन कोलार क्लीन कोलार का निर्माण करेंगे । कार्यक्रम के दौरान श्री शर्मा का स्थानीय नागरिको द्वारा बड़ी फूलो की माला पहनाकर सड़क निर्माण के लिए अभिन्दन किया गया !  मार्ग से लाभान्वित क्षेत्र  एक नज़र में -: बैरागढ़ चीचली , दौलतपुर ,धोली खदान, प्रियंका नगर ,हिनोतिया गांव ,मानसरोवर डेंटल कॉलेज, सुहागपुर ,पिपलिया, गुराडी , सेमरी ,अमरावत कलां ,सोहागपुर ,बांसखेड़ी झुग्गी बस्ती ,सन खेड़ी झुग्गी बस्ती, आकाश नगर , गिरधर परिसर ,सैफरॉन सिटी ,कृष्णा होम्स ,गिरधर गार्डन ,शिवालय परिसर ,सर्वजन सोसाइटी ,डी के 5 ,जे के अस्पताल , सागर प्रीमियम टॉवर, भूमिका रेसीडेंसी ,वेस्टर्न कौर्ट एवं मंदाकनी सोसायटी आदि इस मार्ग पर अन्य रहवासियो  को इस बाय पास का  सीधा लाभ पहुंचेगा ।होशंगाबाद रोड से जुड़ेगा यह मार्ग यह मार्ग चार बत्ती चौराहे से कालीबाड़ी पुल से होते हुए बाबड़िया रेल्वे फाटक से होशंगाबाद रोड से सीधा जुड़ेगा ।दानिश कुंज से कलियासोत नदी पर सलैया पुल के माध्यम से मिसरोद (होशंगाबाद रोड) से सीधा जुड़ेगा ।कार्यक्रम में विशेष रूप से स्थानीय पार्षद एवं एम आई सी सदस्य भूपेंद्र माली ,पार्षद पवन बोराना, मंडल उपाध्यक्ष श्याम मीना, बी एस वाजपेयी , महेश तिवारी , इक़बाल खान , अमित शुक्ल, दीपक माथुर , अरुण तिवारी , डी ले पालीवाल , एस एस सेंगर ,शोभा सिकरवार , श्रीमती गीता मिश्रा,गणेश तिवारी,राजेश सेंगर , राज शर्मा , प्रदीप पाटीदार ,आकाश श्रीवास्तव,सहित बड़ी संख्या में माताये बहने कॉलोनी वासी उपस्थित रहे ।  

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कोलार के वार्ड 82 में आने वाले दानिशकुंज कॉलोनी में नगर निगम द्वारा काम नहीं कराने के बाद भी पार्षद द्वारा निर्माण को लेकर बोर्ड लगाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। गलत जानकारी को लेकर आज दोपहर कांग्रेस पार्षदों, स्थानीय नेताओं और रहवासियों का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम आयुक्त छवि भारद्वाज से मिला। इन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पार्षद जानबूझकर श्रेय की राजनीति कर रहे हैं। जबकि, जनता गर्मी में पानी के लिए हाहाकार मचा रही है, फिर भी उन्हें पानी नहीं दिया जा रहा है। पार्षदों ने यह की मांग : कांग्रेस पार्षद संतोष जितेंद्र कंसाना, मोनू सक्सेना, मनजीत मारण, अमित शर्मा, राहुल सिंह राठौर, अखिलेश जैन सहित रहवासियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयुक्त भारद्वाज से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। इसके अनुसार तत्काल गलत जानकारी देने वाले भाजपा पार्षद भूपेंद्र माली के बोर्ड को नगर निगम प्रशासन हटाए। साथ ही इस मामले में जांच कराएं कि कहीं दानिशकुंज में कराए गए डामर के भुगतान की फर्जी फाइल तो निगम के कार्यालय नहीं पहुंच गई। यदि प्रशासन बोर्ड नहीं लगाएगी, तो कांग्रेसी भी हर वार्ड में ऐसे बोर्ड लगाएगी। दानिशकुंज कॉलोनी में करीब एक करोड़ राशि से डामर कराया गया है। इस पर स्थानीय पार्षद ने खुद डामर कराने के बोर्ड पूरी कॉलोनी में लगा दिए। वहीं, दानिशकुंज सोसायटी ने भी एक विज्ञापन जारी करके कहा कि वह निर्माण उसने कराया है। कुछ लोगों के यहां निर्माण नहीं कराया गया है, वो लोग जल्द ही बकाया राशि जमा कर दें, ताकि बचे हुए स्थानों पर भी डामरीकरण कराया जा सके।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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एर्नाकुलम  । केरल उच्च न्यायालय ने योग गुरु रामदेव, पतंजलि के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण और दिव्य फार्मेसी के खिलाफ दर्ज सात आपराधिक मामलों में आगे की कार्यवाही पर रोक लगा दी है। औषधि एवं चमत्कारिक उपचार (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम के तहत दर्ज इन शिकायतों में भ्रामक चिकित्सा विज्ञापनों के प्रसार का आरोप लगाया गया है।   केरल उच्च न्यायालय ने बाबा रामदेव, पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण और दिव्य फार्मेसी के खिलाफ औषधि एवं चमत्कारिक उपचार (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम के तहत दर्ज आपराधिक मामलों में आगे की कार्यवाही पर रोक लगा दी है। ये मामले औषधि एवं चमत्कारिक उपचार (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम के तहत दर्ज किए गए थे, जिनमें भ्रामक चिकित्सा विज्ञापनों के प्रचार का आरोप लगाया गया था।   न्यायमूर्ति वीजी अरुण ने आरोपितों द्वारा प्रस्तुत सात आपराधिक विविध याचिकाओं पर विचार करते हुए अंतरिम रोक जारी की। अदालत ने कहा कि यह मामला जटिल कानूनी प्रश्न उठाता है, जिनकी विस्तृत न्यायिक जांच की आवश्यकता है। अदालत ने इन जटिलताओं के मद्देनजर, लोक अभियोजक को कार्यवाही में आगे कोई भी कदम उठाने से पहले आवश्यक निर्देश प्राप्त करने का आदेश दिया है।   इससे पहले फरवरी, 2025 में पलक्कड़ जिले के न्यायिक प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट द्वितीय ने पतंजलि आयुर्वेद के संस्थापकों बाबा रामदेव और बालकृष्ण को चमत्कारी लाभों के भ्रामक दावों के जरिए दवा विज्ञापन कानूनों के उल्लंघन के एक मामले में गैर-जमानती वारंट जारी किया था। यह वारंट तब जारी किया गया, जब वे उसी दिन अदालत में पेश नहीं हुए, जबकि अदालत ने उन्हें पेश होने के लिए जमानती वारंट जारी किया था।   दरअसल, केरल के औषधि निरीक्षक द्वारा दायर इस मामले में दिव्य फार्मेसी पर पतंजलि उत्पादों द्वारा उच्च रक्तचाप और मधुमेह के इलाज के झूठे दावों को बढ़ावा देने और औषधि एवं चमत्कारिक उपचार (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है   यह अधिनियम भारत में एक महत्वपूर्ण कानून है, जिसका उद्देश्य उपभोक्ताओं को भ्रामक दावों से बचाना है, खासकर स्वास्थ्य और कल्याण विज्ञापनों में।

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नई दिल्ली । खाद्य वस्तुओं एवं ईंधन की कीमतों में गिरावट के साथ-साथ विनिर्मित उत्पादों की लागत में कमी आने से थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित थोक महंगाई दर जून महीने में घटकर -0.13 फीसदी रही है, जो इसका 20 महीने का निचला स्तर है। इससे पिछले महीने मई में थोक महंगाई दर 0.39 फीसदी रही थी। वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय ने सोमवार को जारी आंकड़ों में बताया कि डब्ल्यूपीआई पर आधारित ये दर मई महीने में 0.39 फीसदी और जून 2024 में 3.43 फीसदी रही थी। जून महीने में थोक महंगाई दर में कमी की मुख्य वजह खाद्य पदार्थों, खनिज तेलों, मूल धातुओं के विनिर्माण, कच्चे पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस आदि की कीमतों में नरमी रही है। आंकड़ों के मुताबिक जून में खाद्य वस्तुओं की कीमतों में 3.75 फीसदी की गिरावट आई है, जबकि पिछले महीने मई में इसमें 1.56 फीसदी की गिरावट आई थी। आंकड़ों के मुताबिक जून में सब्जियों की कीमतों में 22.65 फीसदी की भारी गिरावट दर्ज की गई, जबकि मई में यह 21.62 फीसदी थी। इसी तरह विनिर्मित उत्पादों के मामले में थोक महंगाई दर जून महीने में 1.97 फीसदी रही, जबकि मई में यह 2.04 फीसदी रही थी। इसके अलावा ईंधन और बिजली क्षेत्र की थोक महंगाई दर जून में 2.65 फीसदी रही, जो मई में 2.27 फीसदी रही थी। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने पिछले महीने मुद्रास्फीति में नरमी के बीच नीतिगत ब्याज दर में 0.50 फीसदी की भारी कटौती करके रेपो रेट 5.50 फीसदी कर दिया था। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए खुदरा महंगाई में नरमी का अनुमान 4 फीसदी से घटाकर 3.7 फीसदी कर दिया था। रिजर्व बैंक ने अपने जारी अनुमान में पहली तिमाही में 2.9 फीसदी, दूसरी तिमाही में 3.4 फीसदी, तीसरी में 3.9 फीसदी और चौथी तिमाही में 4.4 फीसदी कर दिया था।

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भोपाल । मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को दुबई में एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान यूएई के विदेश व्यापार राज्य मंत्री डॉ. थानी बिन अहमद अल जेयूदी के साथ भारत-यूएई समग्र आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) के तहत आर्थिक और औद्योगिक सहयोग को विस्तार देने पर गहन चर्चा की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारत-यूएई सीईपीए एक मजबूत आर्थिक आधार प्रदान करता है और मध्य प्रदेश इस साझेदारी का पूर्ण लाभ उठाकर निवेश, व्यापार एवं तकनीकी सहयोग के नए द्वार खोलने के लिए तैयार है।मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश की भौगोलिक स्थिति, उन्नत बुनियादी ढांचे और बेहतर उद्योग नीति समर्थन ने इसे लॉजिस्टिक्स, मैन्युफैक्चरिंग और खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में एक उभरते निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित किया है। विशेष रूप से ऑटोमोबाइल, फार्मा, टेक्सटाइल, रक्षा विनिर्माण और स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्रों में यूएई के निवेश का स्वागत किया। उन्हाेंने कहा कि मध्य प्रदेश देश का अग्रणी सोयाबीन, दाल और जैविक उत्पादक राज्य है। उन्होंने खाद्य प्रसंस्करण और कृषि-तकनीक में यूएई के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई, जिससे भारत और खाड़ी देशों के बीच कृषि आपूर्ति श्रृंखला को सशक्त किया जा सके। मुख्यमंत्री ने यूएई के विदेश व्यापार राज्य मंत्री डॉ. जेयूदी को सौर ऊर्जा, स्मार्ट ऑटोमेशन, एम्बेडेड इलेक्ट्रॉनिक्स और इंडस्ट्री 4.0 जैसे क्षेत्रों में यूएई की विशेषज्ञता को आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि मध्य प्रदेश में तेजी से विकसित हो रही नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं यूएई के निवेशकों के लिए निवेश का आकर्षक अवसर हैं। उन्हाेंने बताया कि धार में पीएम मित्रा पार्क (वस्त्र), तामोट और बिलौआ में प्लास्टिक पार्क, उज्जैन में मेडिकल डिवाइस पार्क, पीथमपुर में ऑटो, भोपाल में इलेक्ट्रॉनिक्स, और देवास में फार्मा क्लस्टर यूएई के निवेशकों के लिए तैयार हैं, जहां अधोसंरचना के साथ मध्य प्रदेश सरकार की उद्योग मित्र पॉलिसी उनका स्वागत करने के लिये तैयार है।मुख्यमंत्री ने बताया कि सिंगापुर के सहयोग से भोपाल स्थित “ग्लोबल स्किल पार्क”, विकसित हो रहा है। यह पार्क लॉजिस्टिक्स, हॉस्पिटैलिटी, हेल्थकेयर और मेकाट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षित मानव संसाधन उपलब्ध कराएगा जो यूएई की आवश्यकताओं के अनुरूप होगा। मध्य प्रदेश की पर्यटन क्षमता, खनिज संपदा (हीरा, तांबा, बॉक्साइट, चूना पत्थर) और डब्‍ल्‍यूएचओ-जीएमपी व यूएसएफडीए प्रमाणित फार्मा इकाइयां अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के लिए सुनहरा अवसर प्रदान करती हैं। उन्हाेंने कहा कि मध्य प्रदेश में निवेश आकर्षित करने के लिये राज्य की नवीन औद्योगिक नीति 2025 में कई अहम बदलाव किए गए हैं। यूएई जैसे रणनीतिक साझेदारों के लिए रियायती भूमि, 100 प्रतिशत एसजीएसटी प्रतिपूर्ति और पूंजीगत अनुदान जैसे विशेष प्रावधान किये गये हैं जो मध्य प्रदेश के साथ निवेश को सशक्त बनाती है। मध्य प्रदेश को आई2यू2 (इंडिया, इजराइल, यूएई और अमेरिका) की रणनीतिक साझेदारी के तहत क्लीन टेक्नोलॉजी, फूड कॉरिडोर और इंडस्ट्रियल इनोवेशन क्षेत्रों में पायलट प्रोजेक्ट्स के लिये उपयुक्त बताया।यह बैठक न केवल भारत-यूएई सीईपीए को धरातल पर उतारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल थी, बल्कि मध्य प्रदेश को वैश्विक निवेश मानचित्र पर एक निर्णायक भूमिका में स्थापित करने की ओर बढ़ता कदम भी साबित हुआ है।  

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  लगेगी शांडिल्य गुरु की प्रतिमा      कोलार रोड के दूसरे छोर भदभदा चौराहे पर उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने  ब्रह्मलीन बालगोविंद शांडिल्य गुरुजी की प्रतिमा स्थापना तथा चौराहे के सौंदर्यीकरण का भूमि-पूजन किया। सौंदर्यीकरण के लिये 8 लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं।   श्री गुप्ता ने कहा कि सरकार शहर के विकास के लिये सतत प्रयत्नशील है। उन्होंने शासन की विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि नागरिक शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये आगे आयें। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि घर-घर जाकर नागरिकों को शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये प्रेरित करें। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा कोटरा में सड़क भूमि-पूजन उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने आई-5 शासकीय आवास कोटरा के पास सड़क निर्माण का भूमि-पूजन किया। सड़क की लागत 20 लाख है। श्री गुप्ता ने सड़क का कार्य गुणवत्तापूर्ण करवाने के निर्देश दिये। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।     Attachments area          

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      मध्यप्रदेश के प्राचीन मंदिरों में भगवान के दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को अब प्रदेश के पुरावैभव, कला और संस्कृति की झलक भी वहां देखने को मिलेगी। इसके लिए राज्य सरकार मंदिरों में संग्रहालयों का निर्माण कराएगी। इस योजना को संस्कृति, धर्मस्व और पुरातत्व विभाग मिलकर अंजाम देंगे। मध्यप्रदेश में इस समय कई प्रसिद्ध मंदिर है जहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है। लेकिन इन मंदिरों में फिलहाल प्रदेश की कला-संस्कृति, इतिहास  और पुरावैभव की झलक दिखाने वाले संग्रहालय नहीं है। राज्य सरकार का सोचना है कि जो श्रद्धालु प्रदेश के प्राचीन मंदिरों में पहुंच रहे है वहां उन्हें भगवान के दर्शन के साथ-साथ प्रदेश के पुरावैभव और कला तथा संस्कृति से भी अवगत कराया जाए। इसके लिए इन मंदिरों के ट्रस्टों के पास मौजूद अपार धनराशि का उपयोग किया जाएगा। इन मंदिरों में सबसे पहले बनेंगे संग्रहालय- मध्यप्रदेश में उज्जैन में महाकाल मंदिर, खजराना मंदिर, सतना के मैहर मंदिर, पशुपतिनाथ मंदिर सहित कई ऐसे प्रमुख मंदिर है जहां मंदिरों की देखरेख और संरक्षण के लिए बनाए गए ट्रस्टों के पास श्रद्धालुओं के दान से मिली अपार धन संपदा स्थित है। इन्हीं मंदिरों में सबसे पहले संग्रहालय बनाने की शुरुआत की जाएगी।  इन मंदिरों के समीप काफी जमीन और भवन स्थित है। शिव मंदिरों में सभी बारह ज्योर्तिलिंगों के बारे में पूरी जानकारी एकत्रित कर प्रदर्शित की जाएगी। इसी तरह गणेश मंदिरों में गणेशजी के सभी स्वरुपों उनके इतिहास और महत्व को प्रदर्शित किया जाएगा। भोपाल के समीप स्थित भोजपुर मंदिर में दो सौ मीटर के दायरे के बाहर संग्रहालय बनाने का प्रस्ताव है। यहां भोजपुर के विशालकाय शिवलिंग और मंदिर के निर्माण की एतिहासिक प्रामाणिक  जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। यह मंदिर कब बना, इस तरह के मंदिर और कहां-कहां बनाए जाने थे। यह अधूरा क्यों रह गया। मंदिर के आसपास मिलने वाले शिवलिंग और अन्य पुराधरोहरों को भी यहां संग्रहित किया जाएगा। भोपाल में भी मुस्लिम धर्मावलंबियों से जुड़ी जानकारी, मध्यप्रदेश के प्राचीन नवाबों से जुड़े इतिहास की प्रामाणिक जानकारी गौहर महल या अन्य स्थानों पर प्रदर्शित की जाएगी। मिडटाउन में दुनिया की सबसे बड़ी सेंट पीटर चर्च में संग्रहालय भी है। वेटिकन सिटी में भी म्युजियम है वहां कई तरह के चित्र प्रदर्शित किए गए है। इन चित्रों में इन देशों की कला और संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। जापान में म्युजियम आॅफ पैरासाइड है। भारत के कई राज्यों में भी मंदिर, मस्जिद और चर्च के साथ संग्रहालय लगे हुए है। मध्यप्रदेश में फिलहाल मंदिर, मस्जिद और गिरिजाघरों में संग्रहालय नहीं है। प्रमुख सचिव संस्कृति मनोज श्रीवास्तव ने कहा प्रदेश के मंदिरों पर अब संग्रहालय बनाने की राज्य सरकार की योजना है। इसके जरिए प्रदेश के नागरिकों को धार्मिक आस्था के केन्द्रों पर पहुंचने पर वहां संग्रहालयों में प्रदेश के इतिहास, कला और संस्कृति के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।     Attachments area          

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  कोलार अवैध कब्जों का अड्डा बना    कोलार में राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों और तहसीलदारों की शह पर बेशकीमती जमीन पर जहां-तहां झुग्गियों का निर्माण करने के अलावा दीवारें तानकर अतिक्रमण किया जा रहा है। इन अतिक्रामकों को रोकने के बजाय अफसर उन्हें प्रश्रय दे रहे हैं। कोलार का दशहरा मैदान इसका ताजा उदाहरण है, जहां पिछले माह लगी आग में 50 झुग्गियां खाक हो गईं थी अब वहां 100 से ज्यादा झुग्गियां और मकान बन गए हैं।   लगातार अतिक्रमण बढ़ने की शिकायतों को लेकर एक सप्ताह पहले एडीएम रत्नाकर झा ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए थे कि वे सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाएं। साथ ही सूची तैयार करें, ताकि सरकारी जमीनों पर जमा अतिक्रमणों को हटाया जा सके। हुजूर एसडीएम और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही से फिर कोलार दशहरा मैदान की सरकारी जमीन पर दर्जनों झुग्गियां तन गर्इं।  प्रशासन के सामने यहां पर झुग्गियां बनती गई, लेकिन उन्हें रोकने की हिम्मत किसी ने नहीं की।   डेढ़ साल पहले निगम चुनाव के पूर्व मुख्यमंत्री ने हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के कहने पर कोलार दशहरा मैदान में स्टेडियम बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद कलेक्टर निशांत वरवड़े ने यहां पर दौरा कर एसडीएम माया अवस्थी को झुग्गियां शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अब तक यहां पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।   कोलार दशहरा मैदान के किनारे बनी अवैध झुग्गियां में तीन साल से एक ही स्थान पर आग लग रही है। यहां 40-50 झुग्गियों में आग लगती है और इसके बाद नई 100 झुग्गियां बन जाती हैं। तीन साल में इस स्थान पर 300 से अधिक झुग्गियां अवैध बन गई। लेकिन प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।     Attachments area          

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  पत्र  में प्रज्ञा ने कैंसर की बीमारी का हवाला भी दिया      मालेगांव बम ब्लास्ट में क्लीन चिट मिलने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने अपने तेवर दिखाए हैं। सिंहस्थ में जाने की जिद पर अड़ीं साध्वी ने पंडित खुशीलाल आयुर्वेदिक अस्पताल में आमरण अनशन शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि सरकार ने उन्हें परमिशन नहीं दी, तो वे 21 मई को जल समाधि ले लेंगी। कैंसर से पीड़ित प्रज्ञा ने दवाइयां खाने से भी इनकार कर दिया है। प्रज्ञा ने राज्य सरकार को लिखे पत्र  में कहा कि वे कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रही हैं। हो सकता है कि अगला कुंभ न देख पाएं।इस मसले  पर बोलने से प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।  साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट मिलने के बाद से माना जा रहा है कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का सॉफ्ट कॉर्नर उनके प्रति बढ़ा है। उनके अनशन के मामले में प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर से जब पूछा गया कि सरकार क्या करेगी, तो विवादों से बचने के लिए उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया । गौरतलब है कि साध्वी लगभग सात सालों से जेल में बंद थीं, लेकिन कैंसर के इलाज के लिए कोर्ट ने उन्हें अस्पताल में रहने की परमिशन दी है। प्रज्ञा ने रविवार को लेटर लिखकर शिवराज सरकार से उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ में शामिल होने की परमिशन मांगी थी।उन्होंने यह भी लिखा था कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो वे आमरण अनशन करेंगी। प्रज्ञा ने लिखा, 'वो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं और शायद अगला कुंभ न देख पाएं। इसलिए उनकी अंतिम इच्छा है कि वे उज्जैन कुंभ में जाएं।' प्रज्ञा ने राज्य सरकार समेत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को भी लेटर की कॉपी भेजी है। लेटर के मुताबिक, प्रज्ञा ने सोमवार सुबह 9 बजे तक का समय दिया था। मांग पूरी नहीं होने के कारण वे अपने कुछ सपोर्टर्स के साथ अस्पताल परिसर में ही आमरण अनशन पर बैठ गई हैं। प्रज्ञा ने लेटर में लिखा कि मैं अन्न जल त्याग दूंगी। अगर मुझे कुछ होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी मध्य प्रदेश सरकार की होगी। उन्होंने अपनी सिक्युरिटी को लेकर भी चिंता जाहिर की है। उन्होंने लिखा कि मेरे साथ पहले एसएएफ के जवान रहते थे। उनके हटाए जाने से मेरी जान को खतरा हो सकता है। प्रज्ञा ने जेड प्लस सुरक्षा की मांग की और सवाल पूछा कि जब देवास जिला कोर्ट ने उज्जैन जाने की अनुमति दे दी है, तो फिर सिक्युरिटी का हवाला देकर सरकार कोर्ट की अवमानना क्यों कर रही है? प्रज्ञा की चिट्ठी उनके सबसे विश्वसनीय भगवान झा लेकर पहुंचे थे। जेल सुपरिंटेंडेंट ने भगवान झा को भरोसा दिया के वह मामले को सीनियर अफसरों तक पहुंचा देंगे। भगवान झा ने कहा, 'सरकार के पास पुलिस की कोई कमी नहीं है। इसलिए साध्वी की सिंहस्थ यात्रा सुनिश्चित करा दी जाए, नहीं तो गंभीर परिणाम होंगे।'     Attachments area          

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  हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने किया 2.16 करोड़ की सड़क निर्माण का भूमि पूजन ।कोलार मुख्य मार्ग के समानांतर इस मार्ग से 2 लाख नागरिक होंगे सीधे लाभान्वित ।कोलार वासियो को विभिन्न मार्गो के माध्यम से नये भोपाल , होशंगाबाद रोड , जाने में होगी सहूलियत ।कोलार में बढ़ते ट्रैफिक पर नियंत्रण में हुज़ूर विधायक की कारगर पहल सफल ।हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा के अथक प्रयासों से कोलारवासियो को ट्रैफिक जाम से आये दिन होने वाली दिक्कतों से निज़ात मिलने जा रही है । बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान (कोलार मुख्य मार्ग) तक  बायपास रोड का निर्माण कराया जा रहा है । आज हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने रानी अवंतीबाई मार्ग से मंदाकनी मैदान को जोड़ने वाली सड़क निर्माण कार्य का भूमि पूजन भूमिका रेसीडेंसी पर किया । 2 करोड़ 16 लाख की लागत से बनने वाली 4200 मीटर इस सड़क की चौड़ाई 7.5 मीटर रहेगी, इस सड़क का निर्माण राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा किया जायेगा । श्री शर्मा ने बताया की कोलार मुख्य मार्ग पर आये दिन लगने वाले ट्रैफिक जाम से छुटकारा पाने के लिये इस बाय पास रोड का निर्माण कराया जा रहा है , उन्होंने बताया की बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग का निर्माण पूर्व में कराया जा चूका है । यह रोड  लोक निर्माण विभाग द्वारा बनायीं गयी है  गौरतलब है की उक्त सड़क का भूमि पूजन विधायक शर्मा द्वारा विधायक बनने के तत्काल बाद किया गया था । बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग तक इस सड़क की दूरी कुल 2 किलोमीटर है ।बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान पर कोलार मुख्य मार्ग पर जोड़ने वाले इस बायपास की कुल दूरी 6 किलोमीटर है । श्री शर्मा ने बताया की बहुत जल्द ही जे के अस्पताल के सामने इस मार्ग के जंक्शन पर एक पुल का निर्माण भी कराया जायेगा जो की सीधा शाहपुरा, भरत नगर , हबीबगंज , चुनाभट्टी , अथवा नये भोपाल को जोड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण के पश्च्यात कोलार के किसी भी नागरिक को ट्रैफिक जाम या आपातकालीन स्थिति में परेशान नहीं होना पड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग से कोलार सहित आसपास के लगभग 2 लाख नागरिक इससे सीधे लाभान्वित होंगे ।  श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण से पूर्व  उनके द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियो अधिकारियो एवं स्थानीय नागरिको के साथ दौरा किया गया । फलस्वरूप कोलार को ट्रैफिक से निजात दिलाने के लिये इस बायपास के निर्माण का निर्णय लिया गया । श्री शर्मा ने बताया की घनी आबादी वाले कोलार में नागरिको की सुविधा के मद्देनज़र इस मार्ग का  अलग अलग भागो में निर्माण कराया गया है , जिससे नागरिको को इसका लाभ पहुँच सके !  श्री शर्मा ने स्थानीय नागरिको को संबोधित करते हुए कहा की कोलार के समग्र विकास में निरंतर आपके द्वारा मिल रहे इसी प्रकार के सहयोग की आवश्यकता है आप सब के सहयोग से हम ग्रीन कोलार क्लीन कोलार का निर्माण करेंगे । कार्यक्रम के दौरान श्री शर्मा का स्थानीय नागरिको द्वारा बड़ी फूलो की माला पहनाकर सड़क निर्माण के लिए अभिन्दन किया गया !  मार्ग से लाभान्वित क्षेत्र  एक नज़र में -: बैरागढ़ चीचली , दौलतपुर ,धोली खदान, प्रियंका नगर ,हिनोतिया गांव ,मानसरोवर डेंटल कॉलेज, सुहागपुर ,पिपलिया, गुराडी , सेमरी ,अमरावत कलां ,सोहागपुर ,बांसखेड़ी झुग्गी बस्ती ,सन खेड़ी झुग्गी बस्ती, आकाश नगर , गिरधर परिसर ,सैफरॉन सिटी ,कृष्णा होम्स ,गिरधर गार्डन ,शिवालय परिसर ,सर्वजन सोसाइटी ,डी के 5 ,जे के अस्पताल , सागर प्रीमियम टॉवर, भूमिका रेसीडेंसी ,वेस्टर्न कौर्ट एवं मंदाकनी सोसायटी आदि इस मार्ग पर अन्य रहवासियो  को इस बाय पास का  सीधा लाभ पहुंचेगा ।होशंगाबाद रोड से जुड़ेगा यह मार्ग यह मार्ग चार बत्ती चौराहे से कालीबाड़ी पुल से होते हुए बाबड़िया रेल्वे फाटक से होशंगाबाद रोड से सीधा जुड़ेगा ।दानिश कुंज से कलियासोत नदी पर सलैया पुल के माध्यम से मिसरोद (होशंगाबाद रोड) से सीधा जुड़ेगा ।कार्यक्रम में विशेष रूप से स्थानीय पार्षद एवं एम आई सी सदस्य भूपेंद्र माली ,पार्षद पवन बोराना, मंडल उपाध्यक्ष श्याम मीना, बी एस वाजपेयी , महेश तिवारी , इक़बाल खान , अमित शुक्ल, दीपक माथुर , अरुण तिवारी , डी ले पालीवाल , एस एस सेंगर ,शोभा सिकरवार , श्रीमती गीता मिश्रा,गणेश तिवारी,राजेश सेंगर , राज शर्मा , प्रदीप पाटीदार ,आकाश श्रीवास्तव,सहित बड़ी संख्या में माताये बहने कॉलोनी वासी उपस्थित रहे ।  

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कोलार के वार्ड 82 में आने वाले दानिशकुंज कॉलोनी में नगर निगम द्वारा काम नहीं कराने के बाद भी पार्षद द्वारा निर्माण को लेकर बोर्ड लगाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। गलत जानकारी को लेकर आज दोपहर कांग्रेस पार्षदों, स्थानीय नेताओं और रहवासियों का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम आयुक्त छवि भारद्वाज से मिला। इन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पार्षद जानबूझकर श्रेय की राजनीति कर रहे हैं। जबकि, जनता गर्मी में पानी के लिए हाहाकार मचा रही है, फिर भी उन्हें पानी नहीं दिया जा रहा है। पार्षदों ने यह की मांग : कांग्रेस पार्षद संतोष जितेंद्र कंसाना, मोनू सक्सेना, मनजीत मारण, अमित शर्मा, राहुल सिंह राठौर, अखिलेश जैन सहित रहवासियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयुक्त भारद्वाज से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। इसके अनुसार तत्काल गलत जानकारी देने वाले भाजपा पार्षद भूपेंद्र माली के बोर्ड को नगर निगम प्रशासन हटाए। साथ ही इस मामले में जांच कराएं कि कहीं दानिशकुंज में कराए गए डामर के भुगतान की फर्जी फाइल तो निगम के कार्यालय नहीं पहुंच गई। यदि प्रशासन बोर्ड नहीं लगाएगी, तो कांग्रेसी भी हर वार्ड में ऐसे बोर्ड लगाएगी। दानिशकुंज कॉलोनी में करीब एक करोड़ राशि से डामर कराया गया है। इस पर स्थानीय पार्षद ने खुद डामर कराने के बोर्ड पूरी कॉलोनी में लगा दिए। वहीं, दानिशकुंज सोसायटी ने भी एक विज्ञापन जारी करके कहा कि वह निर्माण उसने कराया है। कुछ लोगों के यहां निर्माण नहीं कराया गया है, वो लोग जल्द ही बकाया राशि जमा कर दें, ताकि बचे हुए स्थानों पर भी डामरीकरण कराया जा सके।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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गुवाहाटी। यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट आफ असम (उल्फा-इंडिपेंडेंट) ने दावा किया है कि भारतीय सेना ने रविवार की रात में म्यांमार स्थित उसके शिविरों और ठिकानों पर बड़ा ड्रोन हमला किया है।भारतीय सेना की इस सीमा पार कार्रवाई में उसके संगठन के दो कमांडर समेत  कई अन्य समदस्य (उग्रवादी) मारे गए हैं। हालांकि, भारतीय रक्षा मंत्रालय और म्यांमार के अधिकारियों की ओर से ऐसे किसी हमले की पुष्टि नहीं की गयी है।    उल्फा (स्वायत) का दावा है कि सुरक्षा बलों द्वारा म्यांमार में पूर्वोत्तर के प्रतिबंधित संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट आफ असम (उल्फा-इंडिपेंडेंट), एनएससीएन (के) और पीएलए के शिविरों पर ड्रोन हमले किए गए हैं। सीमा पार की गयी कार्रवाई में उल्फा (स्वा) के दूसरे प्रमुख स्वयंभू कमांडर नयन असोम और स्वयंभू कर्नल प्रदीप असोम समेत उसके संगठन के कई सदस्यों (उग्रवादियों) की मौत हो गयी है। उल्फा (आई) ने एक प्रेस बयान जारी कर कहा है कि कई मोबाइल शिविरों पर तड़के ड्रोन से हमला किए गए।   अंतिम सूचना मिलने तक, न तो भारतीय रक्षा मंत्रालय और न ही म्यांमार के अधिकारियों ने ही इसकी पुष्टि की है। दोनों की ओर से इस हमले पर कोई आधिकारिक बयान भी जारी नहीं किया गया है।   हालांकि, एक केंद्रीय खुफिया सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि एक बड़े सीमा पार अभियान में, सशस्त्र बलों ने रविवार तड़के म्यांमार के सागाइंग क्षेत्र में स्थित असम, नगालैंड और मणिपुर के उग्रवादी संगठनों, यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम-इंडिपेंडेंट (उल्फा-आई), नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालिम-खापलांग गुट (एनएससीएन-के) और मणिपुर की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के चार शिविरों पर लगभग 100 ड्रोन हमले किए गए।   जानकारी के अनुसार म्यांमार सेना के साथ समन्वय में किया गया यह ड्रोन हमला, भारतीय सेना द्वारा आज सुबह-सुबह भारत-म्यांमार सीमा पर नगा स्वायत्त क्षेत्र (म्यांमार क्षेत्र में) स्थित उग्रवादी ठिकानों को निशाना बनाकर किया गया। इनमें से एक मुख्य लक्ष्य वाक्थम बस्ती में उल्फा-स्वा का कैंप 779 था। सूत्र ने दावा किया कि ड्रोन हमले के समय संगठन के पांच कार्यकर्ता शिविर में मौजूद थे। हालांकि, खुफिया सूत्र ने संबंधित शिविर में किसी के घायल होने या मौत की पुष्टि नहीं की।   सूत्र ने बताया कि सागिंग क्षेत्र के हयात बस्ती स्थित उल्फा-आई के 'पूर्वी कमान मुख्यालय' (ईसीएचक्यू) पर एक अलग भीषण हमला किया गया। हालांकि, इस घटना की अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन शुरुआती रिपोर्टों के आधार पर खुफिया सूत्रों ने बताया कि ईसीएचक्यू में उल्फा-आई के शीर्ष कमांडर, 58 वर्षीय नयन मेधी उर्फ नयन असोम, इस हमले में मारा गया। नयन मेधी (नयन असोम) असम के तत्कालीन बरपेटा जिले (अब बजाली) का निवासी था। इसके अलावा, कर्नल प्रदीप असोम सहित उल्फा-आई के कई अन्य कार्यकर्ता भी ड्रोन हमले में मारे गए।   सूत्र ने बताया कि ड्रोन हमले में आस-पास के कई एनएससीएन (के) शिविरों को भी निशाना बनाया गया है। हालांकि, सटीक आंकड़े अभी जारी नहीं किए गए हैं, लेकिन माना जा रहा है कि नगा और मणिपुर उग्रवादी समूहों के कई कार्यकर्ता मारे गए। सूत्र ने दावा किया कि ड्रोन हमलों में अराकान कैंप बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।   सुरक्षा विशेषज्ञ इन हमलों को भारत सरकार की आतंकवाद रोधी रणनीति का एक नया हिस्सा मानते हैं, जिसका उद्देश्य सीमा पार से सक्रिय पूर्वोत्तर के आतंकवादी समूहों के सुरक्षित ठिकानों को नष्ट करना है। म्यांमार के सुदूर जंगलों का इस्तेमाल उल्फा-आई और असम व नगालैंड में सक्रिय अन्य आतंकवादी समूहों द्वारा लंबे समय से रणनीतिक ठिकानों के रूप में किया जाता रहा है।   उल्लेखनीय है कि परेश बरुवा के बाद उल्फा-आई द्वारा किए गए हमलों की श्रृंखला में नयन असोम नवीनतम है। नयन असोम को प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन का एक प्रमुख रणनीतिकार और सैन्य प्रशिक्षक माना जाता है।

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चेन्नई । तमिलनाडु के तिरुवल्लुर के पास रविवार सुबह एक मालगाड़ी में भीषण आग लग गई, जिसे दमकलकर्मियों के काफी प्रयासों के बाद करीब दो घंटे बाद बुझाया जा सका। हादसे के कारण चेन्नई-अरक्कोणम रेलमार्ग पर सेवाएं पूरी तरह ठप हो गईं। खतरे को देखते हुए आसपास के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया। हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई। आग तिरुवल्लुर-एगट्टूर खंड में लगी, जो चेन्नई सेंट्रल से 43 किमी दूर है। रेलवे के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, सुबह करीब साढ़े चार बजे एक मालगाड़ी में अचानक आग भड़क गई, जो तेजी से पांच वैगनों तक फैल गई। यह मालगाड़ी एननोर से 45-52 डीजल टैंकर ले जा रही थी। दमकल और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की दो टीमें दो घंटे में आग पर काबू पाने में सफल रहीं। क्षतिग्रस्त वैगनों को हटाने और पटरियों की मरम्मत का काम शुरू हो गया है।   तिरुवल्लुर पुलिस ने क्षेत्र को सुरक्षित किया और जहरीले धुएं के कारण आसपास के लोगों को हटाया गया। सुबह 10:37 बजे तक आग बुझ चुकी थी, लेकिन रेल सेवा पूरी तरह बहाल होने का समय नहीं बताया गया है। दक्षिण रेलवे ने यात्रियों के लिए हेल्पलाइन नंबर (044-25354151, 044-24354995) जारी किए हैं।आग से पांच वैगनों को भारी नुकसान हुआ है। चेन्नई-अरक्कोणम मार्ग पर बिजली आपूर्ति काट दी गई, जिससे सभी उपनगरीय ट्रेनें रुक गईं। वंदे भारत एक्सप्रेस (20607), शताब्दी एक्सप्रेस (12007) सहित 8 एक्सप्रेस ट्रेनें रद्द कर दी गईं हैं। आठ अन्य ट्रेनों को तिरुवल्लुर या अरक्कोणम-कटपडी के बीच रोका गया है। पांच ट्रेनों को गुडूर मार्ग से भेजा गया। दक्षिण रेलवे ने आग के कारणों की जांच शुरू कर दी है।

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मुंबई । दक्षिण भारतीय सिनेमा के प्रतिष्ठित अभिनेता कोटा श्रीनिवास राव का निधन हो गया है। उन्होंने 83 वर्ष की आयु में आज सुबह करीब 4 बजे अंतिम सांस ली। वे उम्र संबंधी कई स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। उनके निधन की खबर से फिल्म जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने भी गहरा दुख व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है   अभिनेता कोटा श्रीनिवास राव के निधन से न सिर्फ साउथ भारतीय सिनेमा, बल्कि पूरी भारतीय फिल्म इंडस्ट्री को गहरा सदमा लगा है। आंध्र प्रदेश के कांकीपाडु में जन्मे श्रीनिवास एक प्रतिष्ठित परिवार से ताल्लुक रखते थे। उनके पिता, डॉ. सीता राम अंजनेयुलु, एक जाने-माने चिकित्सक थे। हालांकि श्रीनिवास का झुकाव शुरू से ही अभिनय की ओर था। विज्ञान में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने कॉलेज के दिनों में थिएटर के प्रति अपने जुनून को जीवित रखते हुए स्टेट बैंक में नौकरी भी की, लेकिन अभिनय का प्रेम इतना गहरा था कि वे जल्द ही रंगमंच और फिर सिनेमा की दुनिया में पूरी तरह रम गए।   भारतीय सिनेमा के चमकते सितारे कोटा श्रीनिवास राव का फिल्मी और राजनीतिक सफर एक प्रेरणा की मिसाल है। वे ऐसे कलाकार थे, जिन्होंने न सिर्फ पर्दे पर अभिनय का जादू बिखेरा, बल्कि थिएटर, राजनीति और निजी जीवन में भी चुनौतियों को स्वीकार कर उन्हें अपना जीवन दर्शन बना लिया। वर्ष 1999 से 2004 तक उन्होंने विजयवाड़ा ईस्ट सीट से आंध्र प्रदेश विधानसभा में विधायक भी रहे थे। एक सच्चे जनप्रतिनिधि और समर्पित अभिनेता के रूप में श्रीनिवास ने समाज के विविध पहलुओं को नज़दीक से देखा और उन्हें अपनी अदाकारी के माध्यम से सजीव रूप में प्रस्तुत किया। उनका सफर, संघर्षों से भरा होते हुए भी असाधारण उपलब्धियों से सजा रहा।   कोटा श्रीनिवास राव को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए पद्मश्री सहित राज्य के प्रतिष्ठित नंदी पुरस्कार समेत कई बड़े सम्मान प्राप्त हुए। अपने चार दशकों से भी लंबे करियर में उन्होंने 700 से अधिक फिल्मों में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई। महेश बाबू, जूनियर एनटीआर, प्रभास और अल्लू अर्जुन जैसे दिग्गज कलाकारों के साथ काम करते हुए उन्होंने हर पीढ़ी के दर्शकों को प्रभावित किया। अपने हर किरदार में पूरी तरह डूब जाने की उनकी कला ने उन्हें खास बनाया। सिर्फ तेलुगु सिनेमा ही नहीं, श्रीनिवास ने कई हिंदी फिल्मों में भी अपनी छाप छोड़ी। सरकार, डार्लिंग, बागी और लक जैसी फिल्मों में उनका अभिनय आज भी याद किया जाता है।  

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सुकमा । छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में शनिवार को पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के अधिकारियों के समक्ष 23 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। इन पर कुल 1 करोड़ 18 लाख रुपये का इनाम था। सुकमा के पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने मीडियाकर्मियों को बताया कि शनिवार सुबह 23 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया, जिसमें 9 महिला और 14 पुरुष नक्सली हैं। इनमें 11 नक्सलियाें पर 8-8 लाख, 4 पर 5-5 लाख, 1 नक्सली पर 3 लाख और 7 नक्सलियों पर 1-1 लाख का इनाम रखा गया था। चव्हाण ने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर, अति संवेदनशील अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार कैम्प स्थापित होने से पुलिस के बढ़ते प्रभाव, नक्सलियों के भेदभाव करने और स्थानीय आदिवासियों पर हिंसा से तंग आकर नक्सली संगठन छाेड़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पित नक्सलियों को “छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति -2025” के तहत प्रत्येक को 50-50 हजार की प्रोत्साहन राशि एवं अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।   आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों की सूची- 1. लोकेश उर्फ पोड़ियाम भीमा, दक्षिण सब जोनल ब्यूरो सप्लाई टीम कमांडर/डीव्हीसीएम, इनाम 8 लाख रुपये। 2. रमेश उर्फ कलमू केसा 23 वर्ष, पीएलजीए बटालियन नंबर 1, इनाम 8 लाख रुपये। 3. कवासी मासा 35 वर्ष, पीएलजीए बटालियन नं. 01, इनाम 08 लाख रुपये। 4. प्रवीण उर्फ संजीव उर्फ मड़कम हुंगा 23 वर्ष, उत्तर-पश्चिम सब जोनल ब्यूरो स्टॉप टीम/पीपीसीएम, इनाम 08 लाख रुपये। 5. नुप्पो गंगी 28 वर्ष, पीएलजीए बटालियन नं. 01, इनाम 8 लाख रुपये।   6. पुनेम देवे 30 वर्ष, पीएलजीए बटा. नं. 01, कम्पनी नं. 01, प्लाटून नम्बर 03, सेक्षन ‘‘बी’’ की पीपीसीएम इनाम 08 लाख रुपये । 7. परस्की पाण्डे 22 वर्ष, पीएलजीए बटालियन नम्बर 01 हेड क्वार्टर सप्लाई की पार्टी सदस्य, इनाम 08 लाख रुपये। 8. माड़वी जोगा, पीएलजीए बटालियन हेर्ड क्वाटर पार्टी सदस्य/बीएनपीसी राजे उर्फ राजक्का का गार्ड, इनाम 8 लाख रुपये। 9. नुप्पो लच्छु उर्फ लक्ष्मण, पीएलजीए बटालियन हेर्ड क्वाटर/एसजेडसीएम सन्नु दादा का गार्ड, इनाम 08 लाख रुपये। 10. पोड़ियाम सुखराम, पीएलजीए बटालियन, इनाम 08 लाख रुपये। 11. दूधी भीमा 37 वर्ष, प्लाटून नंबर 4 का डिप्टी कमाण्डर/पीपीसीएम, इनाम 8 लाख रुपये।   12. मुचाकी रनौती उर्फ हिड़मे 32 वर्ष, पामेड़ एरिया टेलर टीम पार्टी कमाण्डर/एसीएम, इनाम 5 लाख रुपये। 13.कलमू दूला 50 वर्ष, दक्षिण बस्तर डिवीजन कृषि टीम कमाण्डर/एसीएम, इनाम 5 लाख रुपये। 14. दूधी मंगली उम्र 30 वर्ष , कोंटा एरिया कृषि शाखा अध्यक्ष/एसीएम, इनाम 5 लाख रुपये। 15. सिद्धार्थ उर्फ माड़वी 27 वर्ष, कालाहाण्डी, कंदमल डिवीजन अन्तर्गत पूर्वी ब्यूरो एलजीएस कमाण्डर/एसीएम, इनाम 5 लाख रुपये। 16. हेमला रामा, दक्षिण सब जोनल ब्यूरो टीडी टीम पार्टी सदस्य, इनाम 3 लाख रुपये। 17. सोड़ी हिड़मे 24 वर्ष, पामेड़ एरिया मेडिकल टीम कमाण्डर/पार्टी सदस्या, इनाम 1 लाख रुपये।   18. कवासी जोगा, कांगेरघाटी एरिया कमेटी पार्टी सदस्य, इनाम 1 लाख रुपये। 19. रूपा उर्फ भीमे मड़कमी 24 वर्ष, गुमासार एरिया कमेटी पार्टी सदस्या, इनाम 1 लाख रुपये। 20. गगन उर्फ करटम दुड़वा 22 वर्ष, डीके जोन कम्युनिकेशन पार्टी सदस्य, इनाम 1 लाख रुपये। 21. कवासी हुंगी 23 वर्ष, गोलापल्ली एलओएस पार्टी सदस्या, इनाम 1 लाख रुपये। 22. कारम भीमा 28 वर्ष, पूर्वी बस्तर डिवीजन अन्तर्गत आमदई एलओएस पार्टी सदस्य, इनाम 1 लाख रुपये। 23. मड़कम नंदे 26 वर्ष, पूर्वी बस्तर डिवीजन अन्तर्गत आमदई एलओएस पार्टी सदस्य, इनाम 1 लाख रुपये।  

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सुकमा । छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में शनिवार को पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के अधिकारियों के समक्ष 23 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। इन पर कुल 1 करोड़ 18 लाख रुपये का इनाम था। सुकमा के पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने मीडियाकर्मियों को बताया कि शनिवार सुबह 23 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया, जिसमें 9 महिला और 14 पुरुष नक्सली हैं। इनमें 11 नक्सलियाें पर 8-8 लाख, 4 पर 5-5 लाख, 1 नक्सली पर 3 लाख और 7 नक्सलियों पर 1-1 लाख का इनाम रखा गया था। चव्हाण ने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर, अति संवेदनशील अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार कैम्प स्थापित होने से पुलिस के बढ़ते प्रभाव, नक्सलियों के भेदभाव करने और स्थानीय आदिवासियों पर हिंसा से तंग आकर नक्सली संगठन छाेड़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पित नक्सलियों को “छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति -2025” के तहत प्रत्येक को 50-50 हजार की प्रोत्साहन राशि एवं अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।   आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों की सूची- 1. लोकेश उर्फ पोड़ियाम भीमा, दक्षिण सब जोनल ब्यूरो सप्लाई टीम कमांडर/डीव्हीसीएम, इनाम 8 लाख रुपये। 2. रमेश उर्फ कलमू केसा 23 वर्ष, पीएलजीए बटालियन नंबर 1, इनाम 8 लाख रुपये। 3. कवासी मासा 35 वर्ष, पीएलजीए बटालियन नं. 01, इनाम 08 लाख रुपये। 4. प्रवीण उर्फ संजीव उर्फ मड़कम हुंगा 23 वर्ष, उत्तर-पश्चिम सब जोनल ब्यूरो स्टॉप टीम/पीपीसीएम, इनाम 08 लाख रुपये। 5. नुप्पो गंगी 28 वर्ष, पीएलजीए बटालियन नं. 01, इनाम 8 लाख रुपये।   6. पुनेम देवे 30 वर्ष, पीएलजीए बटा. नं. 01, कम्पनी नं. 01, प्लाटून नम्बर 03, सेक्षन ‘‘बी’’ की पीपीसीएम इनाम 08 लाख रुपये । 7. परस्की पाण्डे 22 वर्ष, पीएलजीए बटालियन नम्बर 01 हेड क्वार्टर सप्लाई की पार्टी सदस्य, इनाम 08 लाख रुपये। 8. माड़वी जोगा, पीएलजीए बटालियन हेर्ड क्वाटर पार्टी सदस्य/बीएनपीसी राजे उर्फ राजक्का का गार्ड, इनाम 8 लाख रुपये। 9. नुप्पो लच्छु उर्फ लक्ष्मण, पीएलजीए बटालियन हेर्ड क्वाटर/एसजेडसीएम सन्नु दादा का गार्ड, इनाम 08 लाख रुपये। 10. पोड़ियाम सुखराम, पीएलजीए बटालियन, इनाम 08 लाख रुपये। 11. दूधी भीमा 37 वर्ष, प्लाटून नंबर 4 का डिप्टी कमाण्डर/पीपीसीएम, इनाम 8 लाख रुपये।   12. मुचाकी रनौती उर्फ हिड़मे 32 वर्ष, पामेड़ एरिया टेलर टीम पार्टी कमाण्डर/एसीएम, इनाम 5 लाख रुपये। 13.कलमू दूला 50 वर्ष, दक्षिण बस्तर डिवीजन कृषि टीम कमाण्डर/एसीएम, इनाम 5 लाख रुपये। 14. दूधी मंगली उम्र 30 वर्ष , कोंटा एरिया कृषि शाखा अध्यक्ष/एसीएम, इनाम 5 लाख रुपये। 15. सिद्धार्थ उर्फ माड़वी 27 वर्ष, कालाहाण्डी, कंदमल डिवीजन अन्तर्गत पूर्वी ब्यूरो एलजीएस कमाण्डर/एसीएम, इनाम 5 लाख रुपये। 16. हेमला रामा, दक्षिण सब जोनल ब्यूरो टीडी टीम पार्टी सदस्य, इनाम 3 लाख रुपये। 17. सोड़ी हिड़मे 24 वर्ष, पामेड़ एरिया मेडिकल टीम कमाण्डर/पार्टी सदस्या, इनाम 1 लाख रुपये।   18. कवासी जोगा, कांगेरघाटी एरिया कमेटी पार्टी सदस्य, इनाम 1 लाख रुपये। 19. रूपा उर्फ भीमे मड़कमी 24 वर्ष, गुमासार एरिया कमेटी पार्टी सदस्या, इनाम 1 लाख रुपये। 20. गगन उर्फ करटम दुड़वा 22 वर्ष, डीके जोन कम्युनिकेशन पार्टी सदस्य, इनाम 1 लाख रुपये। 21. कवासी हुंगी 23 वर्ष, गोलापल्ली एलओएस पार्टी सदस्या, इनाम 1 लाख रुपये। 22. कारम भीमा 28 वर्ष, पूर्वी बस्तर डिवीजन अन्तर्गत आमदई एलओएस पार्टी सदस्य, इनाम 1 लाख रुपये। 23. मड़कम नंदे 26 वर्ष, पूर्वी बस्तर डिवीजन अन्तर्गत आमदई एलओएस पार्टी सदस्य, इनाम 1 लाख रुपये।  

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नई दिल्ली । विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) ने अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट एआई-171 का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान हादसे पर 15 पन्नों की प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। एएआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट के मुताबिक, जेट ईंधन स्विच हवा में 1 सेकंड के अंतराल पर बंद हो गए और एक पायलट को यह कहते हुए सुना गया कि "मैंने ईंधन बंद नहीं किया।" अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट एआई-171 अहमदाबाद में 12 जून को भीषण दुर्घटना का शिकार हो गई। हादसा इतना भयावह था कि कुछ ही सकेंड में लोगों की जान चली गई। मृतकों में 229 यात्री, 12 क्रू सदस्य और 19 जमीन पर मौजूद लोग शामिल थे।   विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट आने के बाद एयरलाइन ने ‘एक्‍स’ पोस्‍ट पर जारी बयान में लिखा है, एयर इंडिया एआई-171 हादसे से प्रभावित परिवारों और अन्य लोगों के साथ एकजुटता से खड़ी है। हम इस क्षति पर शोक व्यक्त करते हैं, इस कठिन समय में सहायता प्रदान करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। हमें एएआईबी द्वारा आज, 12 जुलाई, 2025 को जारी प्रारंभिक रिपोर्ट प्राप्त होने की सूचना है। एयर इंडिया नियामकों सहित हितधारकों के साथ मिलकर काम कर रही है। हम एएआईबी और अन्य प्राधिकारियों के साथ उनकी जांच में पूर्ण सहयोग जारी रखेंगे। इस जांच की सक्रिय प्रकृति को देखते हुए, हम विशिष्ट विवरणों पर टिप्पणी करने में असमर्थ हैं और ऐसी सभी पूछताछ एएआईबी को भेज रहे हैं। एयर इंडिया की एआई-171 विमान हादसे के प्रमुख घटनाक्रमएएआईबी ने इस हादसे पर 15 पन्नों की प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कई सारे चौकाने वाले खुलासे हुए हैं। ऐसे में शुरुआत से लेकर अबतक इस विमान हादसे में क्या-क्या हुआ एक नजर डालते हैं। -12 जून को टाटा की अगुवाई वाली एयर इंडिया का करीब 12 साल पुराना बोइंग 787-8 विमान वीटी-एएनबी, उड़ान भरने के कुछ ही देर के बाद गुजरात के अहमदाबाद में बीजे मेडिकल कॉलेज के आवासीय परिसर पर गिरकर हादसे का शिकार हो गया। ये विमान अहमदाबाद से लंदन जा रहा था। -इस विमान में चालक दल के 12 सदस्यों समेत कुल 242 लोग सवार थे। हादसे में केवल एक यात्री बच पाया। विमान दुर्घटना में यात्रियों और चालक दल के सदस्यों के अलावा भी कई लोगों की जानें गईं। विमान हादसे में कुल 260 लोग मारे गए। -इस हादसे में जीवित बचे यात्री विश्वास कुमार रमेश (45) ‘11ए’ सीट पर बैठे थे। यह सीट आपातकालीन निकास द्वार के पास की खिड़की वाली सीट थी। वह ब्रिटेन के नागरिक हैं। -अहमदाबाद की यह विमान दुर्घटना बोइंग के सबसे ज्यादा बिकने वाले 787 विमान की पहली ऐसी घातक दुर्घटना है जिसमें विमान पूरी तरह से नष्ट हो गया। - विमान हादसों की जांच करने वाली एजेंसी एएआईबी ने 13 जून को इस विमान हादसे की जांच शुरू की और एक बहु-विभागीय टीम गठित की।   -केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बहु-विभागीय समिति 13 जून को गठित की गई जिसका उद्देश्य विमान दुर्घटना के पीछे के कारणों की जांच करना और भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकने के लिए व्यापक सुझाव देना था। -इस विमान के ‘कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर’ (सीवीआर) और ‘फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर’ (एफडीआर) बरामद किए गए। इनमें से एक 13 जून को दुर्घटनास्थल से और दूसरा 16 जून को मलबे से मिला था। -ब्लैक बॉक्स को पूरी सुरक्षा में 24 जून को वायुसेना के विमान के जरिए अहमदाबाद से दिल्ली लाया गया। फ्रंट ब्लैक बॉक्स 24 जून को एएआईबी लैब, दिल्ली पहुंचा। -इस विमान के रियर ब्लैक बॉक्स एक दूसरी एएआईबी टीम द्वारा लाया गया और 24 जून को शाम पांच बजकर 15 मिनट पर एएआईबी लैब, दिल्ली पहुंचा। ब्लैक बॉक्स से डेटा निकालने की प्रक्रिया 24 जून को शुरू हुई। -25 जून को फ्रंट ब्लैक बॉक्स से ‘क्रैश प्रोटेक्शन मॉड्यूल’ (सीपीएम) सुरक्षित रूप से निकाला गया। ‘मेमोरी मॉड्यूल’ को सफलतापूर्वक एक्सेस कर उसमें मौजूद डेटा को डाउनलोड किया गया। -संयुक्त राष्ट्र की संस्था ‘अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन’ (आईसीएओ) के विशेषज्ञ को जांच में पर्यवेक्षक का दर्जा दिया गया है। -इस विमान दुर्घटना के एक दिन बाद नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एयर इंडिया एयरलाइंस के बोइंग 787 ड्रीमलाइनर बेड़े की सुरक्षा जांच को और बढ़ाने का आदेश दिया। एयर इंडिया ने अपने बोइंग 777 विमान बेड़े की भी सघन जांच का निर्णय लिया है। -एयर इंडिया एयरलाइंस की मूल कंपनी टाटा संस ने पीड़ित परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की। इसके अलावा एयर इंडिया विमान हादसे के शिकार परिजनों को 25 लाख रुपये का अंतरिम मुआवजा भी दे रही है। -एयर इंडिया ने प्रभावित परिवारों को मानसिक आघात से उबारने और मनोवैज्ञानिक सहायता देने के लिए प्रशिक्षित मनोवैज्ञानिकों की एक टीम तैनात की है।

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार का जोर निजी क्षेत्र में रोजगार के नए अवसरों के निर्माण पर भी है। सरकार ने हाल ही में एक नई योजना ‘‘एम्प्लॉयमेंट लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम’ को मंज़ूरी दी है। इसके तहत सरकार निजी क्षेत्र में पहली बार रोजगार पाने वाले युवाओं को 15,000 रुपये की सहायता देगी। इसके लिए एक लाख करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है। इसके माध्यम से लगभग 3.5 करोड़ नए रोजगार सृजित होने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘रोज़गार मेला’ में 51,000 से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र वितरित किए। इन युवाओं को सरकार के विभिन्न विभागों और संगठनों में नियुक्त किया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह दिन युवाओं के लिए नई जिम्मेदारियों की शुरुआत है। उन्होंने 'नागरिक प्रथम' के सिद्धांत को दोहराते हुए सभी नव-नियुक्त कर्मचारियों को राष्ट्र सेवा का संकल्प लेने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि युवाओं को नियुक्ति पत्र देने का अभियान लगातार जारी है और बिना पर्ची बिना खर्ची के नौकरी हमारी पहचान भी है। प्रधानमंत्री ने अपनी पांच देशों की हालिया यात्रा का उल्लेख कर कहा कि हमने अन्य देशों के साथ जो भी समझौते किए हैं, उनसे हमारे युवाओं को निश्चित रूप से लाभ होगा। आज दुनिया मान रही है कि भारत के पास दो असीमित शक्तियां हैं। एक डेमोग्राफी और दूसरी डेमोक्रेसी यानी सबसे बड़ी युवा आबादी और सबसे बड़ा लोकतंत्र। उन्होंने बताया कि देश में मेक इन इंडिया और पीएलआई स्कीम के माध्यम से 11 लाख से अधिक रोजगार पैदा हुए हैं। मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है, जिससे लाखों युवाओं को रोजगार मिला है। रक्षा उत्पादन, रेलवे निर्माण और ऑटोमोबाइल क्षेत्र में भी जबरदस्त प्रगति दर्ज की गई है।   प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन, उज्ज्वला योजना, पीएम सूर्य घर योजना और नमो ड्रोन दीदी जैसी योजनाओं ने ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा किया है। पिछले 10 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं, जो सरकार की रोजगारोन्मुख योजनाओं का प्रमाण है। विभिन्न योजनाओं के जरिए महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त किया गया है। लखपति दीदी मिशन के अंतर्गत अब तक 1.5 करोड़ महिलाएं इस लक्ष्य को प्राप्त कर चुकी हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह समय विकास का महायज्ञ है। उन्होंने सभी युवाओं से आह्वान किया कि वे राष्ट्र निर्माण के इस कार्य में पूरी निष्ठा से योगदान दें। उन्होंने सभी नव-नियुक्त कर्मचारियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि “नागरिक देवो भव” की भावना के साथ सेवा करें।

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नई दिल्ली । तिब्बत एक्शन इंस्टीट्यूट ने शुक्रवार को शोध रिपोर्ट ‘जब वे हमारे बच्चों को उठाने आए- चीन के औपनिवेशिक आवासीय विद्यालय और तिब्बत का भविष्य’ का हिंदी संस्करण कंस्टीट्यूशन क्लब में जारी कियाा। मूल रूप से अंग्रेजी में इस रिपोर्ट को 28 मई 2025 को ऑनलाइन जारी किया गया है। यह रिपोर्ट चीन सरकार द्वारा तिब्बत के आवासीय विद्यालयों में तिब्बती बच्चों के साथ किए जा रहे शोषण को उजागर करती है। इस लोकार्पण समारोह में प्रमुख भारतीय और तिब्बती नेताओं ने भाग लिया। इनमें राज्यसभा सदस्य सुजीत कुमार, गृह मंत्रालय के पूर्व विशेष सलाहकार अमिताभ माथुर, कोर ग्रुप फॉर तिब्बतन कॉज इंडिया के राष्ट्रीय संयोजक आरके खिरमे, तिब्बत में चीन की आत्मसात और शिक्षा नीतियों के प्रमुख विशेषज्ञ डॉ. ग्याल लो और तिब्बती सांसद और तिब्बत एक्शन इंस्टीट्यूट में एशिया कार्यक्रम प्रबंधक दोरजी सेतेन शामिल रहे। तिब्बत एक्शन इंस्टीट्यूट में तिब्बत मामलों और शिक्षा मामलों के विशेषज्ञ डॉ. ग्याल लो ने चीनी की औपनिवेशिक आवासीय विद्यालय प्रणाली को तिब्बती पहचान, संस्कृति और आध्यात्मिक परंपराओं को मिटाने की एक सुनियोजित रणनीति का हिस्सा बताया हैं। उन्होंने कहा कि चीन के औपनिवेशिक आवासीय विद्यालय तिब्बती बच्चों को शिक्षित करने के लिए नहीं, बल्कि उन्हें धर्म प्रचारित करने के लिए बनाए गए हैं।   इस रिपोर्ट में दिए गए साक्ष्य उनके शोध और उनके अपने परिवार के अनुभव की पुष्टि करते हैं। चीनी अधिकारी जान-बूझकर हमारे बच्चों को हमसे दूर कर रहे हैं और उन्हें अपनी परंपराओं से अलग कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार हाल के वर्षों में चीनी सरकार ने तिब्बतियों द्वारा संचालित स्कूलों और स्थानीय गांवों के स्कूलों को बंद किया है, जिससे तिब्बती अभिभावकों के पास अपने बच्चों को सरकारी आवासीय विद्यालयों में भेजने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। पूर्व विशेष सलाहकार अमिताभ माथुर ने कहा कि भारत को तिब्बत जैसी एक अनूठी संस्कृति को मिटाने के प्रयास के प्रति मूक-बधिर बनकर नहीं रहना चाहिए। तिब्बत का आध्यात्मिक उद्गम हमारी नालंदा परंपरा से जुड़ा है और लिपि देवनागरी से ही निकली है।        

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नई दिल्ली । इस वर्ष 9 अगस्त को भारत की अनुपम संस्कृति एवं सभ्यता का प्रतीक भाई-बहन का पवित्र पर्व 'रक्षाबंधन' देशभर में मनाया जाएगा। इस बार राखी का त्यौहार विशेष है, क्योंकि इसी दिन 'भारत छोड़ो आंदोलन' की वर्षगांठ भी है। कारोबारी संगठन कन्‍फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने देशभर के व्यापारियों से आग्रह किया है कि वो इस बार राखी त्यौहार को 'राष्ट्रभक्ति राखी उत्सव' के तौर पर मनाएं। कैट की ओर से जारी एक अनुमान के अनुसार इस वर्ष राखी पर देशभर में करीब 17 हजार करोड़ रुपये का व्यापार होने की संभावना है। चांदनी चौक से सांसद तथा कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने शु्क्रवार को जारी बयान में कहा कि एक ओर जहां यह दिन भाई-बहन के प्रेम और स्नेह का प्रतीक होगा, वहीं दूसरी ओर देशभक्ति की भावना को भी जीवंत करेगा। इस अनूठे संयोग को देखते हुए देशभर के व्यापारी वर्ग ने बड़े पैमाने पर राखी के त्यौहार पर राखी की बिक्री के लिए बड़े स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। उन्‍होंने कहा कि भारत की तीनों सेनाओं के शौर्य और वीरता को सम्मान देने के लिए कैट की पहल पर देशभर से महिला उद्यमी तीनों सेनाओं के सैनिकों को राखियां भेजकर इस बात का एहसास कराएंगी कि सारा देश उनके साथ है। कैट इस संबंध में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिलकर सैनिकों के लिए उनको राखियों की एक खेप भी सौंपेगा।   खंडेलवाल ने कहा क‍ि कैट को इस वर्ष राखी त्‍यौहार के मौके पर लगभग 17,000 करोड़ रुपये से अधिक के व्यापार होने की उम्मीद है। वहीं, मिठाइयां एवं ड्राई फ्रूट्, गिफ्ट पैक, हैम्पर्स, सजावट सामग्री, परिधान, सौंदर्य प्रसाधन, पूजा सामग्री और पैकेजिंग आदि का भी करीब 4 हजार करोड़ रुपये का व्यापार का अनुमान है। कैट ने देशभर के व्यापार मंडल, स्थानीय बाजार संघ और ट्रेड एसोसिएशन को इस बार राखी को ‘राष्ट्रभक्ति राखी महोत्सव’ के रूप में भी मनाने का आवाहन किया है। कैट की वेद एवं धार्मिक कमेटी के चेयरमैन तथा प्रसिद्ध ज्योतिष आचार्य श्री दुर्गेश तारे ने बताया कि रक्षा बंधन का पर्व भद्रा रहित व अपराह्न काल में मनाने का शास्त्रीय विधान है। इस वर्ष श्रावण पूर्णिमा 9 अगस्त को रक्षा बंधन का पर्व प्रातःकाल से दोपहर 1.38 मिनट तक ही मनाना उत्तम रहेगा क्योंकि यह समय भद्रा से मुक्त एवं श्रवण नक्षत्र से युक्त है।  

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चंडीगढ़ । पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विदेश यात्राओं पर कटाक्ष किया। विधानसभा सत्र के दौरान भगवंत मान ने फिर बयान दिया कि क्या हमें प्रधानमंत्री से सवाल पूछने का हक नहीं है। वह किन देशों में जा रहे हैं और देश की विदेश नीति क्या है। यह जानना जनता का अधिकार है। मुख्यमंत्री ने सदन में कहा कि बातें चंद्रयान की करते हैं, लेकिन सीवरेज के ढक्कन पूरे नहीं हो रहे हैं। विश्व गुरु बनने की बातें करते हैं, लेकिन हमें बुलाते नहीं हैं। मान यहीं नहीं रूके, उन्होंने कहा कि दिलजीत की फिल्म की शूटिंग पहलगाम में आतंकी हमले से पहले हुई थी, उसमें पाकिस्तानी कलाकार थे, अब फिल्म नहीं लगने दे रहे हैं। कभी हमें सरदारजी कहते हैं, तो कभी गद्दार। जबकि प्रधानमंत्री साहब खुद बिरयानी खाने पाकिस्तान चले जाते हैं।   विधानसभा की कार्यवाही समाप्त होने के बाद बाहर पत्रकारों से बातचीत में भगवंत मान ने गृहमंत्री को लेकर एक विवादित बयान दिया। उन्होंने अमित शाह को ‘तड़ीपार’ तक कह डाला। इससे पहले गुरुवार को भी मंत्रिमंडल की बैठक के बाद भगवंत मान ने पत्रकारों से बातचीत में प्रधानमंत्री के विदेश दौरे पर कटाक्ष किया था। भगवंत मान ने कहा था कि प्रधानमंत्री जिन देशों में जा रहे हैं, उनकी जनसंख्या दस हजार है, जबकि जहां 140 करोड़ लोग हैं, वहां वह कम रहते हैं। भगवंत मान ने कटाक्ष करते हुए कहा था कि पंजाब में दस हजार लोग तो जेसीबी देखने के लिए खड़े हो जाते हैं। कहते हैं जेसीबी चल रही है। भगवंत मान के बयान पर विदेश मंत्रालय ने आपत्ति जताते हुए इसे दो देशों के बीच संबंधों को कमजोर करने वाला बताया था। विदेश मंत्रालय के बयान पर भी आज भगवंत मान ने पलटवार किया है।

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  लगेगी शांडिल्य गुरु की प्रतिमा      कोलार रोड के दूसरे छोर भदभदा चौराहे पर उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने  ब्रह्मलीन बालगोविंद शांडिल्य गुरुजी की प्रतिमा स्थापना तथा चौराहे के सौंदर्यीकरण का भूमि-पूजन किया। सौंदर्यीकरण के लिये 8 लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं।   श्री गुप्ता ने कहा कि सरकार शहर के विकास के लिये सतत प्रयत्नशील है। उन्होंने शासन की विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि नागरिक शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये आगे आयें। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि घर-घर जाकर नागरिकों को शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये प्रेरित करें। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा कोटरा में सड़क भूमि-पूजन उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने आई-5 शासकीय आवास कोटरा के पास सड़क निर्माण का भूमि-पूजन किया। सड़क की लागत 20 लाख है। श्री गुप्ता ने सड़क का कार्य गुणवत्तापूर्ण करवाने के निर्देश दिये। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।     Attachments area          

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      मध्यप्रदेश के प्राचीन मंदिरों में भगवान के दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को अब प्रदेश के पुरावैभव, कला और संस्कृति की झलक भी वहां देखने को मिलेगी। इसके लिए राज्य सरकार मंदिरों में संग्रहालयों का निर्माण कराएगी। इस योजना को संस्कृति, धर्मस्व और पुरातत्व विभाग मिलकर अंजाम देंगे। मध्यप्रदेश में इस समय कई प्रसिद्ध मंदिर है जहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है। लेकिन इन मंदिरों में फिलहाल प्रदेश की कला-संस्कृति, इतिहास  और पुरावैभव की झलक दिखाने वाले संग्रहालय नहीं है। राज्य सरकार का सोचना है कि जो श्रद्धालु प्रदेश के प्राचीन मंदिरों में पहुंच रहे है वहां उन्हें भगवान के दर्शन के साथ-साथ प्रदेश के पुरावैभव और कला तथा संस्कृति से भी अवगत कराया जाए। इसके लिए इन मंदिरों के ट्रस्टों के पास मौजूद अपार धनराशि का उपयोग किया जाएगा। इन मंदिरों में सबसे पहले बनेंगे संग्रहालय- मध्यप्रदेश में उज्जैन में महाकाल मंदिर, खजराना मंदिर, सतना के मैहर मंदिर, पशुपतिनाथ मंदिर सहित कई ऐसे प्रमुख मंदिर है जहां मंदिरों की देखरेख और संरक्षण के लिए बनाए गए ट्रस्टों के पास श्रद्धालुओं के दान से मिली अपार धन संपदा स्थित है। इन्हीं मंदिरों में सबसे पहले संग्रहालय बनाने की शुरुआत की जाएगी।  इन मंदिरों के समीप काफी जमीन और भवन स्थित है। शिव मंदिरों में सभी बारह ज्योर्तिलिंगों के बारे में पूरी जानकारी एकत्रित कर प्रदर्शित की जाएगी। इसी तरह गणेश मंदिरों में गणेशजी के सभी स्वरुपों उनके इतिहास और महत्व को प्रदर्शित किया जाएगा। भोपाल के समीप स्थित भोजपुर मंदिर में दो सौ मीटर के दायरे के बाहर संग्रहालय बनाने का प्रस्ताव है। यहां भोजपुर के विशालकाय शिवलिंग और मंदिर के निर्माण की एतिहासिक प्रामाणिक  जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। यह मंदिर कब बना, इस तरह के मंदिर और कहां-कहां बनाए जाने थे। यह अधूरा क्यों रह गया। मंदिर के आसपास मिलने वाले शिवलिंग और अन्य पुराधरोहरों को भी यहां संग्रहित किया जाएगा। भोपाल में भी मुस्लिम धर्मावलंबियों से जुड़ी जानकारी, मध्यप्रदेश के प्राचीन नवाबों से जुड़े इतिहास की प्रामाणिक जानकारी गौहर महल या अन्य स्थानों पर प्रदर्शित की जाएगी। मिडटाउन में दुनिया की सबसे बड़ी सेंट पीटर चर्च में संग्रहालय भी है। वेटिकन सिटी में भी म्युजियम है वहां कई तरह के चित्र प्रदर्शित किए गए है। इन चित्रों में इन देशों की कला और संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। जापान में म्युजियम आॅफ पैरासाइड है। भारत के कई राज्यों में भी मंदिर, मस्जिद और चर्च के साथ संग्रहालय लगे हुए है। मध्यप्रदेश में फिलहाल मंदिर, मस्जिद और गिरिजाघरों में संग्रहालय नहीं है। प्रमुख सचिव संस्कृति मनोज श्रीवास्तव ने कहा प्रदेश के मंदिरों पर अब संग्रहालय बनाने की राज्य सरकार की योजना है। इसके जरिए प्रदेश के नागरिकों को धार्मिक आस्था के केन्द्रों पर पहुंचने पर वहां संग्रहालयों में प्रदेश के इतिहास, कला और संस्कृति के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।     Attachments area          

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  कोलार अवैध कब्जों का अड्डा बना    कोलार में राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों और तहसीलदारों की शह पर बेशकीमती जमीन पर जहां-तहां झुग्गियों का निर्माण करने के अलावा दीवारें तानकर अतिक्रमण किया जा रहा है। इन अतिक्रामकों को रोकने के बजाय अफसर उन्हें प्रश्रय दे रहे हैं। कोलार का दशहरा मैदान इसका ताजा उदाहरण है, जहां पिछले माह लगी आग में 50 झुग्गियां खाक हो गईं थी अब वहां 100 से ज्यादा झुग्गियां और मकान बन गए हैं।   लगातार अतिक्रमण बढ़ने की शिकायतों को लेकर एक सप्ताह पहले एडीएम रत्नाकर झा ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए थे कि वे सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाएं। साथ ही सूची तैयार करें, ताकि सरकारी जमीनों पर जमा अतिक्रमणों को हटाया जा सके। हुजूर एसडीएम और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही से फिर कोलार दशहरा मैदान की सरकारी जमीन पर दर्जनों झुग्गियां तन गर्इं।  प्रशासन के सामने यहां पर झुग्गियां बनती गई, लेकिन उन्हें रोकने की हिम्मत किसी ने नहीं की।   डेढ़ साल पहले निगम चुनाव के पूर्व मुख्यमंत्री ने हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के कहने पर कोलार दशहरा मैदान में स्टेडियम बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद कलेक्टर निशांत वरवड़े ने यहां पर दौरा कर एसडीएम माया अवस्थी को झुग्गियां शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अब तक यहां पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।   कोलार दशहरा मैदान के किनारे बनी अवैध झुग्गियां में तीन साल से एक ही स्थान पर आग लग रही है। यहां 40-50 झुग्गियों में आग लगती है और इसके बाद नई 100 झुग्गियां बन जाती हैं। तीन साल में इस स्थान पर 300 से अधिक झुग्गियां अवैध बन गई। लेकिन प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।     Attachments area          

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  पत्र  में प्रज्ञा ने कैंसर की बीमारी का हवाला भी दिया      मालेगांव बम ब्लास्ट में क्लीन चिट मिलने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने अपने तेवर दिखाए हैं। सिंहस्थ में जाने की जिद पर अड़ीं साध्वी ने पंडित खुशीलाल आयुर्वेदिक अस्पताल में आमरण अनशन शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि सरकार ने उन्हें परमिशन नहीं दी, तो वे 21 मई को जल समाधि ले लेंगी। कैंसर से पीड़ित प्रज्ञा ने दवाइयां खाने से भी इनकार कर दिया है। प्रज्ञा ने राज्य सरकार को लिखे पत्र  में कहा कि वे कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रही हैं। हो सकता है कि अगला कुंभ न देख पाएं।इस मसले  पर बोलने से प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।  साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट मिलने के बाद से माना जा रहा है कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का सॉफ्ट कॉर्नर उनके प्रति बढ़ा है। उनके अनशन के मामले में प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर से जब पूछा गया कि सरकार क्या करेगी, तो विवादों से बचने के लिए उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया । गौरतलब है कि साध्वी लगभग सात सालों से जेल में बंद थीं, लेकिन कैंसर के इलाज के लिए कोर्ट ने उन्हें अस्पताल में रहने की परमिशन दी है। प्रज्ञा ने रविवार को लेटर लिखकर शिवराज सरकार से उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ में शामिल होने की परमिशन मांगी थी।उन्होंने यह भी लिखा था कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो वे आमरण अनशन करेंगी। प्रज्ञा ने लिखा, 'वो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं और शायद अगला कुंभ न देख पाएं। इसलिए उनकी अंतिम इच्छा है कि वे उज्जैन कुंभ में जाएं।' प्रज्ञा ने राज्य सरकार समेत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को भी लेटर की कॉपी भेजी है। लेटर के मुताबिक, प्रज्ञा ने सोमवार सुबह 9 बजे तक का समय दिया था। मांग पूरी नहीं होने के कारण वे अपने कुछ सपोर्टर्स के साथ अस्पताल परिसर में ही आमरण अनशन पर बैठ गई हैं। प्रज्ञा ने लेटर में लिखा कि मैं अन्न जल त्याग दूंगी। अगर मुझे कुछ होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी मध्य प्रदेश सरकार की होगी। उन्होंने अपनी सिक्युरिटी को लेकर भी चिंता जाहिर की है। उन्होंने लिखा कि मेरे साथ पहले एसएएफ के जवान रहते थे। उनके हटाए जाने से मेरी जान को खतरा हो सकता है। प्रज्ञा ने जेड प्लस सुरक्षा की मांग की और सवाल पूछा कि जब देवास जिला कोर्ट ने उज्जैन जाने की अनुमति दे दी है, तो फिर सिक्युरिटी का हवाला देकर सरकार कोर्ट की अवमानना क्यों कर रही है? प्रज्ञा की चिट्ठी उनके सबसे विश्वसनीय भगवान झा लेकर पहुंचे थे। जेल सुपरिंटेंडेंट ने भगवान झा को भरोसा दिया के वह मामले को सीनियर अफसरों तक पहुंचा देंगे। भगवान झा ने कहा, 'सरकार के पास पुलिस की कोई कमी नहीं है। इसलिए साध्वी की सिंहस्थ यात्रा सुनिश्चित करा दी जाए, नहीं तो गंभीर परिणाम होंगे।'     Attachments area          

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  हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने किया 2.16 करोड़ की सड़क निर्माण का भूमि पूजन ।कोलार मुख्य मार्ग के समानांतर इस मार्ग से 2 लाख नागरिक होंगे सीधे लाभान्वित ।कोलार वासियो को विभिन्न मार्गो के माध्यम से नये भोपाल , होशंगाबाद रोड , जाने में होगी सहूलियत ।कोलार में बढ़ते ट्रैफिक पर नियंत्रण में हुज़ूर विधायक की कारगर पहल सफल ।हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा के अथक प्रयासों से कोलारवासियो को ट्रैफिक जाम से आये दिन होने वाली दिक्कतों से निज़ात मिलने जा रही है । बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान (कोलार मुख्य मार्ग) तक  बायपास रोड का निर्माण कराया जा रहा है । आज हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने रानी अवंतीबाई मार्ग से मंदाकनी मैदान को जोड़ने वाली सड़क निर्माण कार्य का भूमि पूजन भूमिका रेसीडेंसी पर किया । 2 करोड़ 16 लाख की लागत से बनने वाली 4200 मीटर इस सड़क की चौड़ाई 7.5 मीटर रहेगी, इस सड़क का निर्माण राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा किया जायेगा । श्री शर्मा ने बताया की कोलार मुख्य मार्ग पर आये दिन लगने वाले ट्रैफिक जाम से छुटकारा पाने के लिये इस बाय पास रोड का निर्माण कराया जा रहा है , उन्होंने बताया की बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग का निर्माण पूर्व में कराया जा चूका है । यह रोड  लोक निर्माण विभाग द्वारा बनायीं गयी है  गौरतलब है की उक्त सड़क का भूमि पूजन विधायक शर्मा द्वारा विधायक बनने के तत्काल बाद किया गया था । बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग तक इस सड़क की दूरी कुल 2 किलोमीटर है ।बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान पर कोलार मुख्य मार्ग पर जोड़ने वाले इस बायपास की कुल दूरी 6 किलोमीटर है । श्री शर्मा ने बताया की बहुत जल्द ही जे के अस्पताल के सामने इस मार्ग के जंक्शन पर एक पुल का निर्माण भी कराया जायेगा जो की सीधा शाहपुरा, भरत नगर , हबीबगंज , चुनाभट्टी , अथवा नये भोपाल को जोड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण के पश्च्यात कोलार के किसी भी नागरिक को ट्रैफिक जाम या आपातकालीन स्थिति में परेशान नहीं होना पड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग से कोलार सहित आसपास के लगभग 2 लाख नागरिक इससे सीधे लाभान्वित होंगे ।  श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण से पूर्व  उनके द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियो अधिकारियो एवं स्थानीय नागरिको के साथ दौरा किया गया । फलस्वरूप कोलार को ट्रैफिक से निजात दिलाने के लिये इस बायपास के निर्माण का निर्णय लिया गया । श्री शर्मा ने बताया की घनी आबादी वाले कोलार में नागरिको की सुविधा के मद्देनज़र इस मार्ग का  अलग अलग भागो में निर्माण कराया गया है , जिससे नागरिको को इसका लाभ पहुँच सके !  श्री शर्मा ने स्थानीय नागरिको को संबोधित करते हुए कहा की कोलार के समग्र विकास में निरंतर आपके द्वारा मिल रहे इसी प्रकार के सहयोग की आवश्यकता है आप सब के सहयोग से हम ग्रीन कोलार क्लीन कोलार का निर्माण करेंगे । कार्यक्रम के दौरान श्री शर्मा का स्थानीय नागरिको द्वारा बड़ी फूलो की माला पहनाकर सड़क निर्माण के लिए अभिन्दन किया गया !  मार्ग से लाभान्वित क्षेत्र  एक नज़र में -: बैरागढ़ चीचली , दौलतपुर ,धोली खदान, प्रियंका नगर ,हिनोतिया गांव ,मानसरोवर डेंटल कॉलेज, सुहागपुर ,पिपलिया, गुराडी , सेमरी ,अमरावत कलां ,सोहागपुर ,बांसखेड़ी झुग्गी बस्ती ,सन खेड़ी झुग्गी बस्ती, आकाश नगर , गिरधर परिसर ,सैफरॉन सिटी ,कृष्णा होम्स ,गिरधर गार्डन ,शिवालय परिसर ,सर्वजन सोसाइटी ,डी के 5 ,जे के अस्पताल , सागर प्रीमियम टॉवर, भूमिका रेसीडेंसी ,वेस्टर्न कौर्ट एवं मंदाकनी सोसायटी आदि इस मार्ग पर अन्य रहवासियो  को इस बाय पास का  सीधा लाभ पहुंचेगा ।होशंगाबाद रोड से जुड़ेगा यह मार्ग यह मार्ग चार बत्ती चौराहे से कालीबाड़ी पुल से होते हुए बाबड़िया रेल्वे फाटक से होशंगाबाद रोड से सीधा जुड़ेगा ।दानिश कुंज से कलियासोत नदी पर सलैया पुल के माध्यम से मिसरोद (होशंगाबाद रोड) से सीधा जुड़ेगा ।कार्यक्रम में विशेष रूप से स्थानीय पार्षद एवं एम आई सी सदस्य भूपेंद्र माली ,पार्षद पवन बोराना, मंडल उपाध्यक्ष श्याम मीना, बी एस वाजपेयी , महेश तिवारी , इक़बाल खान , अमित शुक्ल, दीपक माथुर , अरुण तिवारी , डी ले पालीवाल , एस एस सेंगर ,शोभा सिकरवार , श्रीमती गीता मिश्रा,गणेश तिवारी,राजेश सेंगर , राज शर्मा , प्रदीप पाटीदार ,आकाश श्रीवास्तव,सहित बड़ी संख्या में माताये बहने कॉलोनी वासी उपस्थित रहे ।  

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कोलार के वार्ड 82 में आने वाले दानिशकुंज कॉलोनी में नगर निगम द्वारा काम नहीं कराने के बाद भी पार्षद द्वारा निर्माण को लेकर बोर्ड लगाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। गलत जानकारी को लेकर आज दोपहर कांग्रेस पार्षदों, स्थानीय नेताओं और रहवासियों का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम आयुक्त छवि भारद्वाज से मिला। इन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पार्षद जानबूझकर श्रेय की राजनीति कर रहे हैं। जबकि, जनता गर्मी में पानी के लिए हाहाकार मचा रही है, फिर भी उन्हें पानी नहीं दिया जा रहा है। पार्षदों ने यह की मांग : कांग्रेस पार्षद संतोष जितेंद्र कंसाना, मोनू सक्सेना, मनजीत मारण, अमित शर्मा, राहुल सिंह राठौर, अखिलेश जैन सहित रहवासियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयुक्त भारद्वाज से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। इसके अनुसार तत्काल गलत जानकारी देने वाले भाजपा पार्षद भूपेंद्र माली के बोर्ड को नगर निगम प्रशासन हटाए। साथ ही इस मामले में जांच कराएं कि कहीं दानिशकुंज में कराए गए डामर के भुगतान की फर्जी फाइल तो निगम के कार्यालय नहीं पहुंच गई। यदि प्रशासन बोर्ड नहीं लगाएगी, तो कांग्रेसी भी हर वार्ड में ऐसे बोर्ड लगाएगी। दानिशकुंज कॉलोनी में करीब एक करोड़ राशि से डामर कराया गया है। इस पर स्थानीय पार्षद ने खुद डामर कराने के बोर्ड पूरी कॉलोनी में लगा दिए। वहीं, दानिशकुंज सोसायटी ने भी एक विज्ञापन जारी करके कहा कि वह निर्माण उसने कराया है। कुछ लोगों के यहां निर्माण नहीं कराया गया है, वो लोग जल्द ही बकाया राशि जमा कर दें, ताकि बचे हुए स्थानों पर भी डामरीकरण कराया जा सके।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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नई दिल्ली । दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्रायल कोर्ट के समन आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी किया है। जस्टिस रविंद्र डूडेजा की बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 10 सितंबर को करने का आदेश दिया।   दरअसल, ईडी ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के पहले पूछताछ के लिए जारी समन पर पेश न होने के चलते दो शिकायतें कोर्ट में दाखिल की थी। राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 7 फरवरी को ईडी की पहली शिकायत पर संज्ञान लेते हुए केजरीवाल को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया था। दिल्ली आबकारी घोटाला के मामले में ईडी ने आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह को 4 अक्टूबर, 2024 को उनके सरकारी आवास पर पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। ईडी ने इस मामले में मनीष सिसोदिया को 9 मार्च, 2023 को पूछताछ के बाद तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था। सिसोदिया को पहले सीबीआई ने 26 फरवरी, 2023 को गिरफ्तार किया था। इस मामले में केजरीवाल, सिसोदिया और संजय सिंह समेत सभी आरोपितों को जमानत मिल चुकी है।

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वडोदरा । राज्य में मध्य गुजरात को सौराष्ट्र से जोड़ने वाली महिसागर नदी पर बना पुल के अचानक ढहने से कई वाहन नदी में  गिरने नौ लोगों की मौत हो गई है। जबकि आठ लोगों को बचा लिया गया। घटना पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शोक जताया और प्रधानमंत्री राहत  कोष से मृतकों के परिजनों को दो-दाे लाख रुपये और घायलाें काे पचास-पचास हजार रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने भी राज्य सरकार की ओर से भी मृतकों के परिवारों को चार-चार लाख और घायलाें काे पचास-पचास हजार रुपये का  मुआवजा देने की घाेषणा की है।    मध्य गुजरात को सौराष्ट्र से जोड़ने वाली महिसागर नदी पर बना पुल लगभग 45 साल पुराना है। बुधवार सुबह यातायात के दाैरान दो ट्रक, दो पिकअप और एक रिक्शा महिसागर नदी में गिर गए। पुल के टूटने और कई वाहनाें के गिरने से माैके पर हाहाकर मच गया। घटना की जानकारी   हाेने पर मुजपुर समेत आसपास के गांवों के लोगों की भीड़ मौके पर जमा हो गई। मुजपुर गांव के ग्रामीण बचाव कार्य के लिए जुट गए और नदी में फंसे व बहते लाेगाें काे कई लोगों को बचाया। इस हादसे में अभी तक नाै लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 8 से ज्यादा लोगों को बचा लिया गया। घटना की जानकारी मिलने पर पादरा पुलिस भी मौके पर पहुंची गई और शवाें काे निकाला। सुसाइड पॉइंट के रूप में बदनाम इस पुल के ढहने से आणंद, वडोदरा, भरूच और अंकलेश्वर का संपर्क टूट गया है।   प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक्स पर एक पाेस्ट कर गुजरात के वडोदरा जिले में एक पुल के ढहने से हुई जान-माल की हानि पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने दुर्घटना में घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की है। उन्हाेंने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से मृतकों के परिवारों को 2-2 लाख रुपये तथा घायलों को 50-50 हजार रुपये की सहायता देने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री ने अपनी विदेश यात्रा के दौरान टेलीफोन पर बातचीत कर त्रासदी की जानकारी प्राप्त की।    पुल हादसे पर मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने एक्स पर एक पोस्ट कर लिखा, आणंद और वडोदरा को जोड़ने वाला गंभीरा पुल के एक हिस्से के ढह जाने से हुई जनहानि अत्यंत दुखद है। राज्य सरकार इस त्रासदी से प्रभावित प्रत्येक परिवार के साथ गहरी संवेदना के साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की ओर से इस दुर्घटना में जान गंवाने वाले प्रत्येक व्यक्ति के परिजन को चार लाख रुपये की सहायता देने का ऐलान किया। साथ ही, दुर्घटना में घायल प्रत्येक व्यक्ति को 50 हजार रुपये की सहायता देने के साथ ही सभी काे चिकित्सा उपलब्ध कराने की बात कही। आणंद के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट ऋतुराज देसाई ने बताया कि गंभीरा पुल के पुनः खुलने तक सभी प्रकार के वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। उन्हाेंने बताया कि गंभीरा पुल पर आने-जाने वाले सभी प्रकार के वाहनों को वैकल्पिक मार्गों से निकाला जा रहा है।   पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता एनएम नायकवाला ने बताया कि गंभीरा पुल वर्ष 1985 में बना था और इसकी आयु 100 वर्ष है। पिछले साल जैसा मिला था वैसा ही काम किया गया। इस साल भी गड्ढों को भर दिया गया। पुल जर्जर नहीं है, रिपोर्ट आने के बाद कारणों का पता चलेगा।

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आलिया भट्ट की पूर्व पर्सनल असिस्टेंट वेदिका प्रकाश शेट्टी को हाल ही में जुहू पुलिस ने गिरफ्तार किया है। करीब पांच महीने की तलाश के बाद वेदिका प्रकाश शेट्टी को आखिरकार बेंगलुरु से गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया। उन पर आलिया के प्रोडक्शन हाउस 'एटरनल सनशाइन प्रोडक्शंस प्राइवेट लिमिटेड' और उनके निजी खातों से लगभग 77 लाख रुपये की धोखाधड़ी का आरोप हैै। यह फर्जीवाड़ा मई, 2022 से अगस्त, 2024 के बीच की अवधि का बताया गया है। आलिया की मां सोनी राजदान की ओर से की गई शिकायत पर पुलिस ने कुछ महीने पहले ही मामला दर्ज किया था, जिसकी जांच के बाद अब यह गिरफ्तारी की गई है।   पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जांच के दौरान और भी चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं। पुलिस इस धोखाधड़ी केस में आगे की कार्रवाई में जुटी है। अब तक इस मामले पर न तो आलिया भट्ट और न ही उनकी टीम की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने आया है।   आलिया ने 'एटरनल सनशाइन प्रोडक्शंस' की स्थापना 2021 में की थी और इस बैनर तले बनी उनकी पहली फिल्म 'डार्लिंग्स' थी, जिसे काफी सराहना मिली थी। आलिया भट्ट को पिछली बार फिल्म 'जिगरा' में देखा गया था। इन दिनों वह अपनी अगली फिल्म 'अल्फा' की शूटिंग में व्यस्त हैं, जिसमें उनके साथ शरवरी वाघ नजर आएंगी। यह एक एक्शन थ्रिलर बताई जा रही है और इसकी रिलीज डेट 25 दिसंबर तय की गई है। इसके अलावा आलिया के पास संजय लीला भंसाली की बहुप्रतीक्षित फिल्म 'लव एंड वार' भी है। इस पीरियड ड्रामा में उनके साथ विक्की कौशल और रणबीर कपूर जैसे सितारे नजर आएंगे, जिससे दर्शकों की उम्मीदें काफी बढ़ गई हैं।

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नई दिल्ली । अहमदाबाद में 12 जून को दुर्घटनाग्रस्त हुए एयर इंडिया के ड्रीमलाइनर विमान की जांच रिपोर्ट विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय को सौंप दी है। ये रिपोर्ट जांच के शुरुआती निष्कर्षों पर आधारित है, इसलिए विमान हादसे की वजह का खुलासा नहीं किया गया है। मंत्रालय ने रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की विस्तृत जांच और सुरक्षा उपायों को और सख्त करने के निर्देश दिए हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।   आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि एयर इंडिया की फ्लाइट संख्‍या AI 171 की दुर्घटना को लेकर जांच रिपोर्ट ब्यूरो के शुरुआती आकलन और निष्कर्षों पर आधारित है। यह रिपोर्ट इस सप्ताह के अंत में सार्वजनिक की जाएगी। जांच के दौरान ब्लैक बॉक्स, कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर (सीवीआर) और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (एफडीआर) के विश्लेषण को भी आधार बनाया है। यह रिपोर्ट पूरी जांच का अंतिम निष्कर्ष नहीं है, बल्कि इससे जुड़े तथ्यों और संभावित कारणों की एक रूपरेखा है।   नागर विमानन मंत्रालय ने रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की विस्तृत जांच और सुरक्षा उपायों को और सख्त करने के निर्देश दिए हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। एएआईबी अब विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने में जुटा है, जिसमें और भी गवाहों के बयान, तकनीकी मूल्यांकन और विशेषज्ञों की राय को शामिल किया जाएगा। दरअसल, अहमदाबाद से लंदन जा रहा एयर इंडिया का ड्रीमलाइनर विमान 12 जून को उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद हादसे का शिकार हो गया था, जिससे विमान में सवार 242 लोगों में से 241 की मौत हो गई, जबकि जमीन पर मौजूद हताहतों सहित कुल मृतकों की संख्या 260 थी।

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पटना। बिहार में पहली बार युवा आयोग का गठन किया गया है। इसका उदेश्य यहां के युवाओं को आत्मनिर्भर, दक्ष और रोजगारोन्मुखी बनाना है, ताकि उनका भविष्य सुरक्षित हो सके। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस मुद्दे के साथ कई अन्य  एजेंडों पर मुहर लगी।   युवा आयोग के गठन से संबंधित जानकारी मुख्यमंत्री नीतीश ने अपने एक्स पर पोस्ट करके दी। इसमें उन्होंने लिखा कि बिहार के युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने, उन्हें प्रशिक्षित करने तथा सशक्त और सक्षम बनाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने बिहार युवा आयोग के गठन का निर्णय लिया है। समाज में युवाओं की स्थिति में सुधार और उत्थान से संबंधित सभी मामलों पर सरकार को सलाह देने में इस आयोग की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।   युवाओं को बेहतर शिक्षा और रोजगार सुनिश्चित करने के लिए सरकारी विभागों के साथ यह आयोग समन्वय भी करेगा। इस पोस्ट में आयोग के स्वरूप को स्पष्ट करते हुए बताया गया है कि बिहार युवा आयोग में एक अध्यक्ष, दो उपाध्यक्ष और सात सदस्य होंगे। इनकी अधिकतम उम्र सीमा 45 वर्ष होगी। यह आयोग इस बात की निगरानी करेगा कि राज्य के स्थानीय युवाओं को राज्य के भीतर निजी क्षेत्र के रोजगारों में प्राथमिकता मिले। साथ ही राज्य के बाहर अध्ययन करने वाले और काम करने वाले युवाओं के हितों की भी रक्षा हो।   इसके साथ ही कैबिनेट में लिए गए 43 एजेंडों के बारे में विस्तृत जानकारी मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने सूचना भवन के सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता में दी। उन्होंने बताया कि राज्य के बाहर भी जो युवा काम करने जाते हैं, उनके हितों की रक्षा करना भी इस आयोग का कार्य होगा। कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद इसके गठन की समुचित प्रक्रिया जल्द शुरू हो जाएगा।   डॉ. सिद्धार्थ ने बताया कि बिहार में सरकारी नौकरी में राज्य की महिलाओं को एक बड़ी सहूलियत दी गई है। यहां की सरकारी नौकरियों में सभी वर्ग की महिलाओं को मिलने वाला 35 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का लाभ अब सिर्फ बिहार मूल की निवासी महिलाओं को ही दिया जाएगा। यानी बिहार के बाहर दूसरे किसी राज्य की महिलाओं को नौकरियों में इस आरक्षण व्यवस्था का लाभ नहीं मिलेगा। बिहार सरकार के इस ऐतिहासिक फैसले से महिलाओं के लिए सरकारी नौकरी में डोमिसाइल नीति लागू कर दी गई है। अब तक इस आरक्षण का लाभ अन्य राज्यों की महिलाओं को भी मिलता था, लेकिन अब यह सुविधा सिर्फ उन महिलाओं को मिलेगा, जो बिहार की स्थायी निवासी होंगी।   उन्होंने बताया कि अनियमित मानसून व सूखे जैसी स्थिति में फसलों की सिंचाई के लिए किसानों को डीजल अनुदान देने को लेकर कैबिनेट ने 100 करोड़ खर्च की स्वीकृति दी है। साथ ही मुख्यमंत्री दिव्यांगजन सशक्तीकरण योजना के तहत पिछड़ा वर्ग, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग एवं सामान्य वर्ग के पुरुष दिव्यांग अभ्यर्थियों को बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करने पर 50 हजार तथा यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण होने पर एक लाख प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। उन्होंने कहा कि कमला बलान नदी पर आरसीसी पुल और पहुंच पथ निर्माण के लिए 15412.13 लाख की स्वीकृति दी गई है। पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा की आवश्यकता को देखते हुए बिहार शहरी गैस वितरण नीति 2025 को मंजूरी दी गई है। बिहाल विधि सेवा में भर्ती के प्रस्ताव को स्वीकृत कर दिया गया है।   कैबिनेट के अन्य फैसले- -मोतिहारी जिले में माधोपुर-बहुरूपिया से दुबौलिया चौक तक सड़क के चौड़ीकरण के लिए 3170.52 लाख की राशि स्वीकृत की गई है। -आरा जिले में कुरमुरी से बंधवा तक सड़के चौड़ीकरण पर 3353.24 लाख को स्वीकृति दी गई। -नवादा जिले में सड़क चौड़ीकरण के लिए 6970.23 लाख रुपये की मंजूरी। -बिहार नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोतों की संवद्धन नीति 2025 को मंजूरी।

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चेन्नई । तमिलनाडु के कुड्डालोर जिले के सेम्मनकुप्पम में मंगलवार सुबह एक स्कूल वैन के ट्रेन की चपेट में आने से दो छात्रों समेत तीन लोगों की मौत हो गई। हादसे में छह छात्र समेत सात लोग घायल बताए जा रहे हैं।   जिला प्रशासन के अनुसार, यह हादसा सुबह 7:45 बजे हुआ। स्कूली वैन रेलवे क्रॉसिंग पार कर रही थी, तभी विलुप्पुरम-मयिलादुथुराई पैसेंजर ट्रेन ने वैन को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि वैन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। वैन चालक और छह छात्र घायल हुए हैं, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर है। घायल छात्रों को कुड्डालोर सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी हालत पर नजर रखी जा रही है।   स्थानीय अधिकारियों ने पुष्टि की है कि दुर्घटना में निमिलेश (12) और डी. चारुमति (16) नाम के दो बच्चों की मौत हो गई, जबकि 55 वर्षीय अन्नादुरई नाम के एक व्यक्ति की टूटे हुए बिजली के तार के संपर्क में आने से मौत हो गई। हादसे की रेलवे अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है।   तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने हादसे पर दुख जताते हुए मृतकों के परिवारों को 5 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि मैं दुर्घटना में दो छात्रों की मृत्यु की दुखद खबर से स्तब्ध और दुखी हूं। मैं मृतक छात्रों के परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।   उन्होंने मुआवजे का ऐलान करते हुए आगे लिखा कि मैंने दुर्घटना में मारे गए बच्चों के परिवार को मुख्यमंत्री राहत कोष से 5-5 लाख रुपये एवं गंभीर रूप से घायल और उपचार करा रहे बच्चों को एक-एक लाख रुपये और मामूली रूप से घायल बच्चों को 50,000 रुपये देने का आदेश दिया है।  

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में आयोजित 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में वैश्विक शासन के ढांचे में सुधार, आतंकवाद के विरुद्ध कठोर कार्रवाई और जिम्मेदार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विकास की आवश्यकता पर बल दिया। विदेश मंत्रालय की ओर से प्रधानमंत्री की शिखर सम्मेलन में सहभागिता पर जानकारी दी गई। प्रधानमंत्री ने उद्घाटन सत्र में वैश्विक शासन और शांति-सुरक्षा पर विचार रखे। उन्होंने कहा कि विकासशील देशों को सतत विकास के लिए अधिक जलवायु वित्त और प्रौद्योगिकी की पहुंच की आवश्यकता है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, विश्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और डब्ल्यूटीओ जैसे संस्थानों में तत्काल सुधार की मांग की। आतंकवाद पर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने अप्रैल 2025 में पहलगाम में हुए आतंकी हमले को मानवता पर आघात बताया। उन्होंने कहा कि आतंक को संरक्षण, वित्तपोषण या प्रोत्साहन देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने दोहरे मानकों से बचने और आतंकवाद के विरुद्ध शून्य सहिष्णुता नीति की वकालत की। बाद में "मल्टीलेटरलिज्म, आर्थिक-वित्तीय मामलों और एआई" सत्र में उन्होंने कहा कि विविधता और बहुध्रुवीयता ब्रिक्स की ताकत हैं। उन्होंने चार सुझाव दिए—ब्रिक्स न्यू डेवलपमेंट बैंक को दीर्घकालिक और मांग आधारित परियोजनाओं को प्राथमिकता देनी चाहिए, विज्ञान एवं अनुसंधान रिपोजिटरी स्थापित किया जाए, आवश्यक खनिजों की आपूर्ति श्रृंखला को सुरक्षित बनाया जाए और एआई के क्षेत्र में नवाचार और उत्तरदायित्व को संतुलित किया जाए।   सम्मेलन के अंत में ब्रिक्स देशों ने ‘रियो डी जेनेरियो घोषणा’ को अपनाया। ‘रियो डी जनेरियो डिक्लेरेशन – स्ट्रेंग्थनिंग ग्लोबल साउथ कोऑपरेशन फॉर अ मोर इंक्लूसिव एंड सस्टेनेबल गवर्नेंस’ में विकासशील देशों के बीच सहयोग बढ़ाने, वैश्विक संस्थानों में सुधार और समावेशी तथा सतत विकास को बढ़ावा देने पर बल दिया गया है। साथ ही आतंकवाद पर कड़ा रूख अपनाया गया है।    

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नई दिल्ली । अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को अमेरिका विरोधी नीतियों का समर्थन करने वाले ब्रिक्स देशों को सख्‍त लहजे में चेतावनी दी है। ट्रंप ने कहा कि 'अमेरिका विरोधी' नीतियों के साथ जुड़ने वाले देशों को 10 फीसदी का अतिरिक्त टैरिफ झेलना पड़ेगा।ट्रंप के नए ऐलान के बाद वैश्विक व्यापार में और अनिश्चितता पैदा होने के संकेत हैं, क्योंकि अमेरिका भारत सहित अपने कई व्यापारिक साझेदारों के साथ टैरिफ पर वार्ता जारी रखे हुए है, जिसकी मियाद 9 जुलाई को खत्‍म हो रही है।   अमेरिकी राष्ट्रपति का यह रुख ब्रिक्स देशों के वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक गवर्नर्स (एफएमसीबीजी) की बैठक के संयुक्त बयान के बाद सामने आया है, जिसमें टैरिफ और गैर-टैरिफ उपायों को बढ़ाने सहित व्यापार और वित्त से संबंधित कार्रवाइयों के एकतरफा थोपे जाने के खिलाफ आवाज उठाई गई है। इससे पहले 9 अप्रैल को ट्रंप प्रशासन ने टैरिफ के कार्यान्वयन को 3 महीने के लिए रोक दिया था। यह अवधि 9 जुलाई को समाप्त हो रही है।   अमेरिका और भारत के बीच टैरिफ को लेकर बातचीत में गतिरोध जारी है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा था कि भारत हमेशा मजबूत स्थिति के साथ बातचीत करता है, किसी तरह की समय-सीमा के दबाव में नहीं रहता है। अमेरिका की ओर से दुनिया के देशों के खिलाफ लगाए गए जवाबी टैरिफ की समय-सीमा 9 जुलाई को समाप्त हो रही है। दूसरी ओर बाजील में 17वां ब्रिक्स समिट जारी है। ब्रिक्स समूह में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका जैसे देश हैं। इसके अलावे कई अन्य विकासशील देश पिछले कुछ वर्षों में ब्रिक्स में शामिल हैं, जो बढ़कर 10 हो गया है। ब्रिक्स समूह में दुनिया की लगभग आधी आबादी और वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 40 फीसदी शामिल है। ब्रिक्स समूह के देशों के पास वैश्विक व्यापार और निवेश प्रवाह का लगभग एक चौथाई हिस्सा है।

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रायपुर । कांग्रेस द्वारा साेमवार काे रायपुर के साइंस कालेज मैदान में 'किसान, जवान और संविधान' जनसभा का आयोजन किया था। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बारिश के बीच केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 'मोदी सरकार दो टांगों पर चल रही है, एक आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की है, दूसरी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की है। इनमें से एक भी हिला तो मोदी सरकार हिल जाएगी। केंद्र सरकार डर और भय फैलाकर काम करना चाहती है, लेकिन कांग्रेस का कार्यकर्ता डरने वाला नहीं है, वह अपनी विचारधारा के लिए मर मिटने को भी तैयार है। इसके अलावा केंद्र सरकार की नीतियों, आदिवासी भूमि विवाद, मणिपुर हिंसा और सीजफायर मुद्दे को लेकर सीधे प्रधानमंत्री को घेरा।    खड़गे ने कश्मीर के सीजफायर प्रकरण को उठाते हुए कहा क‍ि “जब पहलगाम में हमला हुआ था, हमारी सेना पाकिस्तान को जवाब देने के लिए तैयार थी। लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा कि मैंने सीजफायर कराया। यह बात उन्होंने एक बार नहीं 16 बार कही, मगर प्रधानमंत्री एक बार भी बोल नहीं पाए कि हमने खुद बातचीत कर फैसला लिया। भाषणों में जोश दिखाने वाले प्रधानमंत्री यहां चुप क्यों रहे? मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री की चुप्पी पर भी सवाल उठाते हुए कहा क‍ि “जब मणिपुर जल रहा है, तब प्रधानमंत्री दुनिया के 8 देशों की यात्रा पर रहे। पहले 42 देश घूम चुके, अब फिर विदेश जा रहे हैं। लेकिन मणिपुर नहीं जा रहे, जहां हमारे नेता राहुल गांधी दो बार जा चुके हैं। जब राहुल जा सकते हैं, तो प्रधानमंत्री क्यों नहीं? उनके पास तो पुलिस, हेलीकॉप्टर और जहाज सब है। बिहार चुनाव को लेकर बड़ा दावा करते हुए कहा क‍ि “पहले महाराष्ट्र चुनाव में इन्होंने 75 लाख वोट बढ़ाए थे। अब बिहार में दो करोड़ वोट काटने की साजिश रची जा रही है। मैं कहना चाहता हूं कि आज जो कर रहे हो, कल पछताओगे। उन्हाेने कहा कि प्रदेश सरकार अब दिल्ली की कठपुतली बनकर रह गई है। मंच से कार्यकर्ताओं को बारिश में डटे रहने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा, हम मंच पर भीग रहे हैं, आप मैदान में भीग रहे हैं, लेकिन पार्टी के लिए ये समर्पण दिखाता है कि आप हर संघर्ष के लिए तैयार हैं। उन्होंने याद दिलाया कि यहीं रायपुर में 2023 का महाधिवेशन हुआ था, जहां उन्हें कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया था।  खड़गे ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ के जंगल, जमीन और खनिज संसाधन सब कुछ उद्योगपतियों को सौंप दिया गया है। यहां उद्योगपति कोयला, स्टील और आयरन ओर लूटने आ रहे हैं, जनता की भलाई के लिए नहीं। मुख्यमंत्री केवल दिल्ली के इशारों पर उठते-बैठते हैं। तंज कसते हुए कहा कि, 400 पार का दावा करने वाले आज दूसरों की बैसाखियों पर चल रहे हैं। अगर मध्यप्रदेश और राजस्थान में हमें कुछ सीटें और मिल जातीं तो मोदी को गुजरात भेज चुके होते। कांग्रेस की सरकार ने कर्जमाफी, एमएसपी, आरक्षण, शिक्षा और आदिवासी अधिकारों को मजबूत किया। भाजपा सिर्फ अमीरों के लिए सरकार चल रही है, गरीबों के लिए नहीं।उन्हाेंने आरोप लगाया कि रायपुर में जब कांग्रेस का अधिवेशन हुआ था, तब उसे विफल करने के लिए ईडी की छापेमारी करवाई गई थी। भाजपा सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग कर विपक्ष को दबाना चाहती है। भाजपा सरकार ने हमारे छत्तीसगढ़ के जवानों और किसानों को धोखा दिया। यह इतना झूठ बोलते हैं इसीलिए मैं कहता हूं कि यह झूठों के सरदार हैं। सभा के अंत में कहा कि भाजपा सरकार हर जगह गरीब, किसान और आदिवासियों का हक छीनने का काम कर रही है। कांग्रेस लगातार इनके खिलाफ आवाज उठाती रहेगी। छत्तीसगढ़ की जनता को भी अपने जल-जंगल-जमीन की रक्षा के लिए एकजुट होना होगा। संबोधन के बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कार्यकर्ताओं को फटकार भी लगाई। कार्यकर्ताओं ने नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत के उद्बोधन के दौरान भी नारेबाजी की, जिस पर वह भी नाराज दिखे। प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट को भी चुप रहने की हिदायत देनी पड़ी। पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल भी सीट छोड़कर कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचे और शांत रहने काे कहा। इस दाैरान सभा को नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी संबोधित किया।  इस बीच सभा के दाैरान कांग्रेस की अंतर्कलह भी सामने नजर आई। राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे के स्वागत के लिए विधायक देवेंद्र यादव पूर्व विधायक विकास उपाध्याय से माइक छीनते नजर आए। 

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  लगेगी शांडिल्य गुरु की प्रतिमा      कोलार रोड के दूसरे छोर भदभदा चौराहे पर उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने  ब्रह्मलीन बालगोविंद शांडिल्य गुरुजी की प्रतिमा स्थापना तथा चौराहे के सौंदर्यीकरण का भूमि-पूजन किया। सौंदर्यीकरण के लिये 8 लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं।   श्री गुप्ता ने कहा कि सरकार शहर के विकास के लिये सतत प्रयत्नशील है। उन्होंने शासन की विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि नागरिक शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये आगे आयें। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि घर-घर जाकर नागरिकों को शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये प्रेरित करें। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा कोटरा में सड़क भूमि-पूजन उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने आई-5 शासकीय आवास कोटरा के पास सड़क निर्माण का भूमि-पूजन किया। सड़क की लागत 20 लाख है। श्री गुप्ता ने सड़क का कार्य गुणवत्तापूर्ण करवाने के निर्देश दिये। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।     Attachments area          

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      मध्यप्रदेश के प्राचीन मंदिरों में भगवान के दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को अब प्रदेश के पुरावैभव, कला और संस्कृति की झलक भी वहां देखने को मिलेगी। इसके लिए राज्य सरकार मंदिरों में संग्रहालयों का निर्माण कराएगी। इस योजना को संस्कृति, धर्मस्व और पुरातत्व विभाग मिलकर अंजाम देंगे। मध्यप्रदेश में इस समय कई प्रसिद्ध मंदिर है जहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है। लेकिन इन मंदिरों में फिलहाल प्रदेश की कला-संस्कृति, इतिहास  और पुरावैभव की झलक दिखाने वाले संग्रहालय नहीं है। राज्य सरकार का सोचना है कि जो श्रद्धालु प्रदेश के प्राचीन मंदिरों में पहुंच रहे है वहां उन्हें भगवान के दर्शन के साथ-साथ प्रदेश के पुरावैभव और कला तथा संस्कृति से भी अवगत कराया जाए। इसके लिए इन मंदिरों के ट्रस्टों के पास मौजूद अपार धनराशि का उपयोग किया जाएगा। इन मंदिरों में सबसे पहले बनेंगे संग्रहालय- मध्यप्रदेश में उज्जैन में महाकाल मंदिर, खजराना मंदिर, सतना के मैहर मंदिर, पशुपतिनाथ मंदिर सहित कई ऐसे प्रमुख मंदिर है जहां मंदिरों की देखरेख और संरक्षण के लिए बनाए गए ट्रस्टों के पास श्रद्धालुओं के दान से मिली अपार धन संपदा स्थित है। इन्हीं मंदिरों में सबसे पहले संग्रहालय बनाने की शुरुआत की जाएगी।  इन मंदिरों के समीप काफी जमीन और भवन स्थित है। शिव मंदिरों में सभी बारह ज्योर्तिलिंगों के बारे में पूरी जानकारी एकत्रित कर प्रदर्शित की जाएगी। इसी तरह गणेश मंदिरों में गणेशजी के सभी स्वरुपों उनके इतिहास और महत्व को प्रदर्शित किया जाएगा। भोपाल के समीप स्थित भोजपुर मंदिर में दो सौ मीटर के दायरे के बाहर संग्रहालय बनाने का प्रस्ताव है। यहां भोजपुर के विशालकाय शिवलिंग और मंदिर के निर्माण की एतिहासिक प्रामाणिक  जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। यह मंदिर कब बना, इस तरह के मंदिर और कहां-कहां बनाए जाने थे। यह अधूरा क्यों रह गया। मंदिर के आसपास मिलने वाले शिवलिंग और अन्य पुराधरोहरों को भी यहां संग्रहित किया जाएगा। भोपाल में भी मुस्लिम धर्मावलंबियों से जुड़ी जानकारी, मध्यप्रदेश के प्राचीन नवाबों से जुड़े इतिहास की प्रामाणिक जानकारी गौहर महल या अन्य स्थानों पर प्रदर्शित की जाएगी। मिडटाउन में दुनिया की सबसे बड़ी सेंट पीटर चर्च में संग्रहालय भी है। वेटिकन सिटी में भी म्युजियम है वहां कई तरह के चित्र प्रदर्शित किए गए है। इन चित्रों में इन देशों की कला और संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। जापान में म्युजियम आॅफ पैरासाइड है। भारत के कई राज्यों में भी मंदिर, मस्जिद और चर्च के साथ संग्रहालय लगे हुए है। मध्यप्रदेश में फिलहाल मंदिर, मस्जिद और गिरिजाघरों में संग्रहालय नहीं है। प्रमुख सचिव संस्कृति मनोज श्रीवास्तव ने कहा प्रदेश के मंदिरों पर अब संग्रहालय बनाने की राज्य सरकार की योजना है। इसके जरिए प्रदेश के नागरिकों को धार्मिक आस्था के केन्द्रों पर पहुंचने पर वहां संग्रहालयों में प्रदेश के इतिहास, कला और संस्कृति के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।     Attachments area          

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  कोलार अवैध कब्जों का अड्डा बना    कोलार में राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों और तहसीलदारों की शह पर बेशकीमती जमीन पर जहां-तहां झुग्गियों का निर्माण करने के अलावा दीवारें तानकर अतिक्रमण किया जा रहा है। इन अतिक्रामकों को रोकने के बजाय अफसर उन्हें प्रश्रय दे रहे हैं। कोलार का दशहरा मैदान इसका ताजा उदाहरण है, जहां पिछले माह लगी आग में 50 झुग्गियां खाक हो गईं थी अब वहां 100 से ज्यादा झुग्गियां और मकान बन गए हैं।   लगातार अतिक्रमण बढ़ने की शिकायतों को लेकर एक सप्ताह पहले एडीएम रत्नाकर झा ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए थे कि वे सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाएं। साथ ही सूची तैयार करें, ताकि सरकारी जमीनों पर जमा अतिक्रमणों को हटाया जा सके। हुजूर एसडीएम और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही से फिर कोलार दशहरा मैदान की सरकारी जमीन पर दर्जनों झुग्गियां तन गर्इं।  प्रशासन के सामने यहां पर झुग्गियां बनती गई, लेकिन उन्हें रोकने की हिम्मत किसी ने नहीं की।   डेढ़ साल पहले निगम चुनाव के पूर्व मुख्यमंत्री ने हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के कहने पर कोलार दशहरा मैदान में स्टेडियम बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद कलेक्टर निशांत वरवड़े ने यहां पर दौरा कर एसडीएम माया अवस्थी को झुग्गियां शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अब तक यहां पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।   कोलार दशहरा मैदान के किनारे बनी अवैध झुग्गियां में तीन साल से एक ही स्थान पर आग लग रही है। यहां 40-50 झुग्गियों में आग लगती है और इसके बाद नई 100 झुग्गियां बन जाती हैं। तीन साल में इस स्थान पर 300 से अधिक झुग्गियां अवैध बन गई। लेकिन प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।     Attachments area          

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  पत्र  में प्रज्ञा ने कैंसर की बीमारी का हवाला भी दिया      मालेगांव बम ब्लास्ट में क्लीन चिट मिलने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने अपने तेवर दिखाए हैं। सिंहस्थ में जाने की जिद पर अड़ीं साध्वी ने पंडित खुशीलाल आयुर्वेदिक अस्पताल में आमरण अनशन शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि सरकार ने उन्हें परमिशन नहीं दी, तो वे 21 मई को जल समाधि ले लेंगी। कैंसर से पीड़ित प्रज्ञा ने दवाइयां खाने से भी इनकार कर दिया है। प्रज्ञा ने राज्य सरकार को लिखे पत्र  में कहा कि वे कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रही हैं। हो सकता है कि अगला कुंभ न देख पाएं।इस मसले  पर बोलने से प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।  साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट मिलने के बाद से माना जा रहा है कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का सॉफ्ट कॉर्नर उनके प्रति बढ़ा है। उनके अनशन के मामले में प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर से जब पूछा गया कि सरकार क्या करेगी, तो विवादों से बचने के लिए उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया । गौरतलब है कि साध्वी लगभग सात सालों से जेल में बंद थीं, लेकिन कैंसर के इलाज के लिए कोर्ट ने उन्हें अस्पताल में रहने की परमिशन दी है। प्रज्ञा ने रविवार को लेटर लिखकर शिवराज सरकार से उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ में शामिल होने की परमिशन मांगी थी।उन्होंने यह भी लिखा था कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो वे आमरण अनशन करेंगी। प्रज्ञा ने लिखा, 'वो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं और शायद अगला कुंभ न देख पाएं। इसलिए उनकी अंतिम इच्छा है कि वे उज्जैन कुंभ में जाएं।' प्रज्ञा ने राज्य सरकार समेत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को भी लेटर की कॉपी भेजी है। लेटर के मुताबिक, प्रज्ञा ने सोमवार सुबह 9 बजे तक का समय दिया था। मांग पूरी नहीं होने के कारण वे अपने कुछ सपोर्टर्स के साथ अस्पताल परिसर में ही आमरण अनशन पर बैठ गई हैं। प्रज्ञा ने लेटर में लिखा कि मैं अन्न जल त्याग दूंगी। अगर मुझे कुछ होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी मध्य प्रदेश सरकार की होगी। उन्होंने अपनी सिक्युरिटी को लेकर भी चिंता जाहिर की है। उन्होंने लिखा कि मेरे साथ पहले एसएएफ के जवान रहते थे। उनके हटाए जाने से मेरी जान को खतरा हो सकता है। प्रज्ञा ने जेड प्लस सुरक्षा की मांग की और सवाल पूछा कि जब देवास जिला कोर्ट ने उज्जैन जाने की अनुमति दे दी है, तो फिर सिक्युरिटी का हवाला देकर सरकार कोर्ट की अवमानना क्यों कर रही है? प्रज्ञा की चिट्ठी उनके सबसे विश्वसनीय भगवान झा लेकर पहुंचे थे। जेल सुपरिंटेंडेंट ने भगवान झा को भरोसा दिया के वह मामले को सीनियर अफसरों तक पहुंचा देंगे। भगवान झा ने कहा, 'सरकार के पास पुलिस की कोई कमी नहीं है। इसलिए साध्वी की सिंहस्थ यात्रा सुनिश्चित करा दी जाए, नहीं तो गंभीर परिणाम होंगे।'     Attachments area          

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  हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने किया 2.16 करोड़ की सड़क निर्माण का भूमि पूजन ।कोलार मुख्य मार्ग के समानांतर इस मार्ग से 2 लाख नागरिक होंगे सीधे लाभान्वित ।कोलार वासियो को विभिन्न मार्गो के माध्यम से नये भोपाल , होशंगाबाद रोड , जाने में होगी सहूलियत ।कोलार में बढ़ते ट्रैफिक पर नियंत्रण में हुज़ूर विधायक की कारगर पहल सफल ।हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा के अथक प्रयासों से कोलारवासियो को ट्रैफिक जाम से आये दिन होने वाली दिक्कतों से निज़ात मिलने जा रही है । बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान (कोलार मुख्य मार्ग) तक  बायपास रोड का निर्माण कराया जा रहा है । आज हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने रानी अवंतीबाई मार्ग से मंदाकनी मैदान को जोड़ने वाली सड़क निर्माण कार्य का भूमि पूजन भूमिका रेसीडेंसी पर किया । 2 करोड़ 16 लाख की लागत से बनने वाली 4200 मीटर इस सड़क की चौड़ाई 7.5 मीटर रहेगी, इस सड़क का निर्माण राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा किया जायेगा । श्री शर्मा ने बताया की कोलार मुख्य मार्ग पर आये दिन लगने वाले ट्रैफिक जाम से छुटकारा पाने के लिये इस बाय पास रोड का निर्माण कराया जा रहा है , उन्होंने बताया की बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग का निर्माण पूर्व में कराया जा चूका है । यह रोड  लोक निर्माण विभाग द्वारा बनायीं गयी है  गौरतलब है की उक्त सड़क का भूमि पूजन विधायक शर्मा द्वारा विधायक बनने के तत्काल बाद किया गया था । बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग तक इस सड़क की दूरी कुल 2 किलोमीटर है ।बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान पर कोलार मुख्य मार्ग पर जोड़ने वाले इस बायपास की कुल दूरी 6 किलोमीटर है । श्री शर्मा ने बताया की बहुत जल्द ही जे के अस्पताल के सामने इस मार्ग के जंक्शन पर एक पुल का निर्माण भी कराया जायेगा जो की सीधा शाहपुरा, भरत नगर , हबीबगंज , चुनाभट्टी , अथवा नये भोपाल को जोड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण के पश्च्यात कोलार के किसी भी नागरिक को ट्रैफिक जाम या आपातकालीन स्थिति में परेशान नहीं होना पड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग से कोलार सहित आसपास के लगभग 2 लाख नागरिक इससे सीधे लाभान्वित होंगे ।  श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण से पूर्व  उनके द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियो अधिकारियो एवं स्थानीय नागरिको के साथ दौरा किया गया । फलस्वरूप कोलार को ट्रैफिक से निजात दिलाने के लिये इस बायपास के निर्माण का निर्णय लिया गया । श्री शर्मा ने बताया की घनी आबादी वाले कोलार में नागरिको की सुविधा के मद्देनज़र इस मार्ग का  अलग अलग भागो में निर्माण कराया गया है , जिससे नागरिको को इसका लाभ पहुँच सके !  श्री शर्मा ने स्थानीय नागरिको को संबोधित करते हुए कहा की कोलार के समग्र विकास में निरंतर आपके द्वारा मिल रहे इसी प्रकार के सहयोग की आवश्यकता है आप सब के सहयोग से हम ग्रीन कोलार क्लीन कोलार का निर्माण करेंगे । कार्यक्रम के दौरान श्री शर्मा का स्थानीय नागरिको द्वारा बड़ी फूलो की माला पहनाकर सड़क निर्माण के लिए अभिन्दन किया गया !  मार्ग से लाभान्वित क्षेत्र  एक नज़र में -: बैरागढ़ चीचली , दौलतपुर ,धोली खदान, प्रियंका नगर ,हिनोतिया गांव ,मानसरोवर डेंटल कॉलेज, सुहागपुर ,पिपलिया, गुराडी , सेमरी ,अमरावत कलां ,सोहागपुर ,बांसखेड़ी झुग्गी बस्ती ,सन खेड़ी झुग्गी बस्ती, आकाश नगर , गिरधर परिसर ,सैफरॉन सिटी ,कृष्णा होम्स ,गिरधर गार्डन ,शिवालय परिसर ,सर्वजन सोसाइटी ,डी के 5 ,जे के अस्पताल , सागर प्रीमियम टॉवर, भूमिका रेसीडेंसी ,वेस्टर्न कौर्ट एवं मंदाकनी सोसायटी आदि इस मार्ग पर अन्य रहवासियो  को इस बाय पास का  सीधा लाभ पहुंचेगा ।होशंगाबाद रोड से जुड़ेगा यह मार्ग यह मार्ग चार बत्ती चौराहे से कालीबाड़ी पुल से होते हुए बाबड़िया रेल्वे फाटक से होशंगाबाद रोड से सीधा जुड़ेगा ।दानिश कुंज से कलियासोत नदी पर सलैया पुल के माध्यम से मिसरोद (होशंगाबाद रोड) से सीधा जुड़ेगा ।कार्यक्रम में विशेष रूप से स्थानीय पार्षद एवं एम आई सी सदस्य भूपेंद्र माली ,पार्षद पवन बोराना, मंडल उपाध्यक्ष श्याम मीना, बी एस वाजपेयी , महेश तिवारी , इक़बाल खान , अमित शुक्ल, दीपक माथुर , अरुण तिवारी , डी ले पालीवाल , एस एस सेंगर ,शोभा सिकरवार , श्रीमती गीता मिश्रा,गणेश तिवारी,राजेश सेंगर , राज शर्मा , प्रदीप पाटीदार ,आकाश श्रीवास्तव,सहित बड़ी संख्या में माताये बहने कॉलोनी वासी उपस्थित रहे ।  

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कोलार के वार्ड 82 में आने वाले दानिशकुंज कॉलोनी में नगर निगम द्वारा काम नहीं कराने के बाद भी पार्षद द्वारा निर्माण को लेकर बोर्ड लगाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। गलत जानकारी को लेकर आज दोपहर कांग्रेस पार्षदों, स्थानीय नेताओं और रहवासियों का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम आयुक्त छवि भारद्वाज से मिला। इन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पार्षद जानबूझकर श्रेय की राजनीति कर रहे हैं। जबकि, जनता गर्मी में पानी के लिए हाहाकार मचा रही है, फिर भी उन्हें पानी नहीं दिया जा रहा है। पार्षदों ने यह की मांग : कांग्रेस पार्षद संतोष जितेंद्र कंसाना, मोनू सक्सेना, मनजीत मारण, अमित शर्मा, राहुल सिंह राठौर, अखिलेश जैन सहित रहवासियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयुक्त भारद्वाज से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। इसके अनुसार तत्काल गलत जानकारी देने वाले भाजपा पार्षद भूपेंद्र माली के बोर्ड को नगर निगम प्रशासन हटाए। साथ ही इस मामले में जांच कराएं कि कहीं दानिशकुंज में कराए गए डामर के भुगतान की फर्जी फाइल तो निगम के कार्यालय नहीं पहुंच गई। यदि प्रशासन बोर्ड नहीं लगाएगी, तो कांग्रेसी भी हर वार्ड में ऐसे बोर्ड लगाएगी। दानिशकुंज कॉलोनी में करीब एक करोड़ राशि से डामर कराया गया है। इस पर स्थानीय पार्षद ने खुद डामर कराने के बोर्ड पूरी कॉलोनी में लगा दिए। वहीं, दानिशकुंज सोसायटी ने भी एक विज्ञापन जारी करके कहा कि वह निर्माण उसने कराया है। कुछ लोगों के यहां निर्माण नहीं कराया गया है, वो लोग जल्द ही बकाया राशि जमा कर दें, ताकि बचे हुए स्थानों पर भी डामरीकरण कराया जा सके।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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रियो डी जेनेरियो । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चार दिनों की यात्रा पर ब्राजील पहुंचे हैं। इस दौरान वे 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।यह प्रधानमंत्री मोदी की पांच देशों की यात्रा का चौथा चरण है। उनकी इस यात्रा को लेकर प्रवासी भारतीयों में खासा उत्साह देखा गया। जिन्होंने गर्मजोशी के साथ उनका स्वागत किया।   ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री मोदी प्रधानमंत्री शनिवार शाम (स्थानीय समय के अनुसार) रियो डी जेनेरियो के गैलेओ इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंचे जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा के निमंत्रण पर ब्राजील पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी रियो डी जेनेरियो में 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, उसके बाद राजकीय यात्रा पर जाएंगे।   प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा कर कहा कि ब्राजील के रियो डी जेनेरियो पहुंचा, जहां मैं ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लूंगा और बाद में राष्ट्रपति लूला के निमंत्रण पर राजधानी ब्रासीलिया जाऊंगा। इन बैठकों और बातचीत से एक उत्पादक दौर की उम्मीद है।   वे यहां राष्ट्रपति लूला के साथ व्यापार, रक्षा, ऊर्जा, अंतरिक्ष, प्रौद्योगिकी, कृषि, स्वास्थ्य सहित दोनों देशों के बीच सामरिक साझेदारी को व्यापक बनाने पर द्विपक्षीय चर्चा करेंगे। अपनी यात्रा में प्रधानमंत्री मोदी 6 और 7 जुलाई को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद राजकीय यात्रा करेंगे, जिसके लिए वे ब्रासीलिया जाएंगे।   ब्रिक्स में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका सदस्य देश हैं जिसमें पांच अतिरिक्त सदस्य देश मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और यूएई के साथ संगठन का विस्तार किया गया है।

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पटना । राजधानी पटना में रविवार को सनातन महाकुंभ का आयोजन किया गया। इस मौके पर रामभद्राचार्य ने कहा कि हिन्दुओं को जो बांटेगा वो खुद कट जाएगा। इस सनातन महाकुंभ में देश भर के संत शामिल हो रहे हैं।   जगदगुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि पटना के गांधी मैदान में मुझे और धीरेंद्र शास्त्री को आने से रोका गया। उन्होंने कहा कि सत्ता अब हिंदू विरोधी के हाथ में कभी नहीं जाएगी। हिंदू को जो बांटना चाहेगा वो खुद ही कट जाएगा।   इस सनातन महाकुंभ में बागेश्वर पीठाधीश्वर बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि हम यहां राजनीति के लिए नहीं बल्कि राम नीति के लिए आए हैं। उन्होंने कहा कि भारत अगर हिंदू राष्ट्र होगा तो बिहार से इसकी शुरुआत होगी और वह पहला राज्य बनेगा। उन्होंने यह भी कहा कि वह किसी धर्म के विरोधी नहीं हैं। वो बिहार में विधानसभा चुनाव के बाद पूरे प्रदेश का दौरा करेंगे। साथ ही 7 नवम्बर से 16 नवम्बर तक दिल्ली से वृंदावन की यात्रा करेंगे।   पटना में आयोजित महाकुंभ में धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, “बिहार से ही भारत के हिंदू राष्ट्र बनने की शुरुआत होगी। अगर हमारे धर्म पर घात हुआ तो हम प्रतिघात करेंगे, भगवा गजवा-ए-हिंद की शुरुआत बिहार से होगी। उन्होंने कहा कि कुछ लाेग तिरंगा पर चांद चाहते हैं लेकिन हम तिरंगा को चांद पर लहराता  देखना चाहते हें।    यह भव्य आयोजन भगवान परशुराम के जन्मोत्सव के अवसर पर आयोजित किया जा रहा है। इस महाकुंभ में धार्मिक प्रवचन और भजन-संध्या के साथ- साथ संत समागम, हवन-पूजन और वैदिक मंत्रोच्चार भी किया जाएगा।   उल्लेखनीय है कि प्रतिष्ठित गांधी मैदान में सनातन महाकुंभ 2025 का भव्य आयोजन किया जा रहा है। पहली बार इस महाकुंभ का आयोजन पटना में हो रहा है। इसमें बड़ी संख्या में देशभर के संत-महात्मा, जगद्गुरु और महामंडलेश्वर शामिल हुए।

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(प्रवीण कक्कड़) नया स्कूल सत्र शुरू हो चुका है, और एक बार फिर स्कूल के गलियारों में बच्चों की हंसी गूँज रही है। यह केवल एक नया अकादमिक वर्ष नहीं, बल्कि लाखों उम्मीदों और सपनों का आगाज़ है। शिक्षा वह सबसे शक्तिशाली हथियार है, जिससे हम दुनिया को बदल सकते हैं। यह हर बच्चे का अधिकार है, और हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम इस अधिकार को हकीकत में बदलें। शिक्षा एक बच्चे के भविष्य की नींव होती है। यह उसे ज्ञान, कौशल और सोचने-समझने की शक्ति देती है। यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस (UDISE+) 2023-24 के आंकड़ों के अनुसार, भारत के स्कूलों में कुल 24.8 करोड़ छात्र नामांकित हैं। यह जानकर खुशी होती है कि शिक्षा तक पहुंच में काफी वृद्धि हुई है। 6-14 आयु वर्ग के बच्चों के लिए समग्र स्कूल नामांकन दर लगभग 20 वर्षों से 95% से अधिक बनी हुई है, और 2024 में यह 98.1% थी। हालांकि, अभी भी एक लंबी दूरी तय करनी है। UDISE+ 2023-24 के आंकड़ों के अनुसार, 6-17 वर्ष आयु वर्ग के लगभग 4.74 करोड़ बच्चे स्कूल से बाहर हैं। यह संख्या बताती है कि बड़ी संख्या में बच्चे या तो कभी स्कूल में नामांकित नहीं हुए, या बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी। प्राथमिक स्तर पर स्कूल छोड़ने की दर 1.9% है, जबकि उच्च प्राथमिक में यह 5.2% और माध्यमिक स्तर पर 14.1% तक पहुँच जाती है। यह आँकड़ा हम सभी के लिए चिंता का विषय होना चाहिए। शिक्षा का अधिकार अधिनियम एक महत्वपूर्ण कदम है जो यह सुनिश्चित करता है कि 6 से 14 साल के हर बच्चे को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा मिले। इसका मतलब है कि किसी भी बच्चे को शिक्षा से वंचित रखना कानूनी रूप से गलत है। सरकारी स्कूलों में तो शिक्षा, किताबें, ड्रेस और मध्याह्न भोजन मुफ्त मिलता ही है, साथ ही निजी स्कूलों में भी 25% सीटें आरटीई (RTE) के तहत आरक्षित हैं। यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है कि हर बच्चा, चाहे वह किसी भी पृष्ठभूमि से हो, स्कूल की दहलीज तक पहुंचे और अपनी पढ़ाई पूरी करे। हमें अपने समाज के उन बच्चों पर विशेष ध्यान देना चाहिए जो किसी कारणवश स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। अक्सर हम अपने आस-पास काम करने वाले लोगों, जैसे चौकीदार, माली, कामवाली बाई या रसोइया के बच्चों की शिक्षा के बारे में नहीं सोचते। यह हमारा नैतिक और सामाजिक दायित्व है कि हम उनके बच्चों को स्कूल पहुंचाने में मदद करें। आप उनसे बात करें, उन्हें आरटीई के तहत निजी स्कूलों में मिलने वाले मुफ्त प्रवेश के बारे में जानकारी दें, और यदि संभव न हो तो सरकारी स्कूलों में प्रवेश दिलाने में सहायता करें। यदि उन्हें किताबें, कॉपियाँ, स्कूल ड्रेस या स्टेशनरी खरीदने में आर्थिक मदद की जरूरत है, तो इसमें भी उनका सहयोग करें। आपका यह छोटा सा प्रयास देश के भविष्य के लिए एक मजबूत नींव रखेगा। हर बच्चे को स्कूल तक पहुंचाना सिर्फ सरकार का नहीं, बल्कि पूरे समाज का साझा लक्ष्य होना चाहिए। जब हर बच्चा स्कूल जाएगा, तभी एक शिक्षित और सशक्त समाज का निर्माण होगा। बच्चों को स्कूल भेजना जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी है कि उन्हें वहां बेहतर माहौल और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके। आज भी कई स्कूलों में बेहतर व्यवस्थाओं की कमी है। यह चिंताजनक है कि प्रदेश के 21,077 स्कूल महज एक शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं, और शिक्षकों के 87,630 पद खाली हैं। शिक्षकों की कमी और बुनियादी सुविधाओं का अभाव बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता पर सीधा असर डालता है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे स्कूल सिर्फ इमारतें न हों, बल्कि ज्ञान और नवाचार के केंद्र बनें। शिक्षकों की पर्याप्त संख्या हो, उन्हें उचित प्रशिक्षण मिले और उन्हें ऐसे संसाधन उपलब्ध कराए जाएं जिससे वे बच्चों को बेहतर तरीके से पढ़ा सकें। स्कूलों में शौचालय, पीने का पानी और सुरक्षित वातावरण जैसी बुनियादी सुविधाओं का होना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। जब स्कूलों की स्थिति बेहतर होगी, तभी बच्चे न केवल स्कूल आने के लिए प्रेरित होंगे, बल्कि वहां रहकर कुछ नया सीख भी पाएंगे।  शिक्षा : सबकी साझा जिम्मेदारी  समाज क्या करे: अपने आस-पड़ोस में स्कूल न जाने वाले बच्चों की पहचान करें और उन्हें दाखिला लेने में मदद करें। अभिभावक क्या करें: बच्चों को नियमित रूप से स्कूल भेजें और उनकी पढ़ाई में रुचि जगाएं। बच्चों को समझाएं कि शिक्षा के माध्यम से ही सशक्तिकरण की राह तक पहुंचा जा सकता है। बच्चे क्या करें: मन लगाकर पढ़ाई करें, स्कूल के नियमों का पालन करें और शिक्षकों का सम्मान करें। शिक्षक क्या करें: बच्चों को प्यार और लगन से पढ़ाएं, उनकी समस्याओं को समझें और उन्हें प्रेरित करें। प्रशासन क्या करे: स्कूलों में पर्याप्त सुविधाएं और शिक्षक उपलब्ध कराएं, शिक्षा की गुणवत्ता पर निगरानी रखें और बाल श्रम पर कड़ा कदम लेकर हर बच्चे को स्कूल तक पहुंचाए। शिक्षा सिर्फ एक डिग्री प्राप्त करना नहीं है, बल्कि एक जिम्मेदार नागरिक बनाना है जो समाज में सकारात्मक बदलाव ला सके। रचनात्मक सोच, समस्या-समाधान की क्षमता, सहानुभूति और नैतिकता जैसे गुणों का विकास ही सच्ची शिक्षा है। हमारा स्कूली बस्ता सिर्फ भौतिक वस्तु नहीं, बल्कि एक ऐसा प्रतीक है जो हमें याद दिलाता है कि शिक्षा एक निरंतर यात्रा है, जो न सिर्फ व्यक्ति बल्कि पूरे समाज को उज्ज्वल भविष्य की ओर ले जाती है। आइए, हम सब मिलकर बच्चों के इस "सपनों के पिटारे" को और अधिक समृद्ध बनाएं और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी बच्चा शिक्षा के प्रकाश से वंचित न रहे।

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मुंबई । उद्धव ठाकरे गुट (यूबीटी) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) की संयुक्त रैली में उद्धव ठाकरे ने दावा किया कि वे साथ रहने के लिए साथ आए हैं। उन्होंने कहा कि हम दोनों ने उनकी इस्तेमाल करो और फेंको नीति का कड़वा अनुभव लिया, अब हम उन्हें राजनीति से बाहर फेकेंगे। मुंबई के वर्ली डोम में आयोजित इस संयुक्त रैली में उद्धव ठाकरे ने मनसे के साथ यूबीटी के गठबंधन की घोषणा की।उद्धव ठाकरे ने कहा कि कई सालों बाद राज ठाकरे और वे एक साथ सार्वजनिक मंच पर मिले। हम सभी ने उनकी उपलब्धियां देखी हैं। हर बार यह सवाल उठाया गया था कि क्या हम एक साथ आएंगे। अब हम साथ आए हैं, लोग हमें तोड़ने की कोशिश करेंगे। आरोप लगाया जा रहा है कि हमारा मिलन मराठी के लिए नहीं बल्कि नगर निगम के लिए है। हालांकि, हम सत्ता के लिए नहीं बल्कि मराठी के लिए साथ आए हैं। वे हमारे बीच मतभेद पैदा करने की कोशिश करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम मराठी भाषा की पालकी के कहार बनेंगे और मराठी भाषा को पालकी में बिठाएंगे। हम किसी दूसरी भाषा के खिलाफ नहीं लेकिन हम हिंदी की अनिवार्यता को बर्दाश्त नहीं करेंगे। मुख्यमंत्री रहते हिंदी को अनिवार्य नहीं किया था। उद्धव ने कहा कि यदि आप मराठी लोगों के लिए न्याय की मांग करने वालों को गुंडे कहते हैं,तो हम गुंडे हैं।उद्धव ठाकरे ने सवाल किया कि यदि आपको महाराष्ट्र में बालासाहेब ठाकरे का समर्थन नहीं होता तो क्या हमें हिंदुत्व सिखाने वाले सत्ता में होते? एकजुट होना जरूरी है जैसा कि हमने संयुक्त महाराष्ट्र समिति के दौरान किया था। उद्धव ठाकरे ने भाजपा के मराठी लोगों से भी एक साथ आने की अपील की।राज ठाकरे ने अपने भाषण में सत्तारूढ़ दल को कठोर संदेश दिया। उन्होंने कहा कि मराठी अभिमान में जरा भी कमी नहीं आई है। राज ठाकरे ने अपील करते हुए कहा कि मराठी एकता भविष्य में भी जारी रहनी चाहिए।  

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नई दिल्ली । भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के छोटे भाई नेहल मोदी को अमेरिका में गिरफ्तार किया गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उसके प्रत्यर्पण का अनुरोध किया था। इन अनुरोध के बाद उसे अमेरिका में गिरफ्तार किया गया। नेहल मोदी पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी मामले में वांछित है। यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के भाई नेहल मोदी को 4 जुलाई को अमेरिकी अधिकारियों ने गिरफ्तार किया था। अमेरिकी न्याय विभाग ने उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि की है। नेहल मोदी पर न्यूयॉर्क में 2.6 मिलियन डॉलर से अधिक की धोखाधड़ी का भी आरोप है। उसके प्रत्यर्पण कार्यवाही के लिए अगली सुनवाई की तारीख 17 जुलाई निर्धारित की गई है। अमेरिकी अभियोजन पक्ष की ओर से दर्ज शिकायत के मुताबिक नेहल मोदी की प्रत्यर्पण की कार्यवाही दो मामलों में की जा रही है। पहला मामला धनशोधन निवारण अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) की धारा 3 के तहत मनी लॉन्ड्रिंग का है, जबकि दूसरा मामला भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120-बी और 201 के तहत आपराधिक साजिश का है। उल्‍लेखनीय है कि भगोड़े नीरव मोदी का छोटा भाई नेहल मोदी पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी मामले में वांछित है। ईडी और सीबीआई की ओर से की गई जांच में नेहल मोदी को नीरव मोदी की आपराधिक आय को वैध बनाने के लिए काम करने वाला अहम शख्स पाया गया था, जो ब्रिटेन से प्रत्यर्पण का भी सामना कर रहा है।

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भोपाल/मंदसौर  । मंदसौर जिले के भावगढ़ क्षेत्र में दर्ज एक एफआईआर के विरोध में करणी सेना परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर शनिवार को अपने हजारों समर्थकों के साथ एसपी कार्यालय का घेराव करने पहुंचे। पुलिस द्वारा दर्ज मामले को वापस लेने की मांग को लेकर प्रदर्शनकारियों ने जोरदार नारेबाज़ी की और अनशन पर बैठ गए। स्थिति को देखते हुए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया। एसपी अभिषेक आनंद स्वयं कार्यालय पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से बातचीत की। पुलिस ने स्पष्ट किया कि कोर्ट के आदेश पर गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है, जिसे लागू करना उनकी कानूनी जिम्मेदारी है।दरअसल, मंदसौर में करणी सेना परिवार संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर पर एक गंभीर मामला दर्ज हुआ है। आरोप है कि उनके साथियों ने शराब ठेके पर पहुंचकर ठेका कर्मचारियों से 1 लाख रुपए महीना देने की फिरौती मांगी। मना करने पर मारपीट की गई और जातिसूचक गालियां दी गईं। मामला एससी-एसटी एक्ट, फिरौती और मारपीट की धाराओं में दर्ज हुआ है। यह घटना 26 जून को भावगढ़ थाना क्षेत्र के बेहपुर गांव की है। उसी दिन एफआईआर भी दर्ज हुई थी। मारपीट का वीडियो भी सामने आया। इसके बाद मंदसौर कोर्ट ने जीवन सिंह की गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।वहीं, एफआईआर के विरोध में शनिवार को जीवन सिंह शेरपुर अपने हजारों समर्थकों के साथ एसपी कार्यालय का घेराव करने पहुंचे। इस दौरान माहौल तनावपूर्ण हो गया और करणी सेना के कार्यकर्ताओं की पुलिस से धक्का-मुक्की शुरू हो गई। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। वहीं, जीवन सिंह ने चेतावनी दी कि जब तक एफआईआर से उनका नाम नहीं हटाया जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।जीवन सिंह शेरपुर का कहना है कि जब तक उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द नहीं की जाती और इस मामले में शामिल पुलिसकर्मियों को निलंबित नहीं किया जाता, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि हमें जानबूझकर झूठे केस में फंसाया जा रहा है। पुलिस ऐसे मुकदमे तैयार कर रही है जिनका सच्चाई से कोई लेना-देना नहीं। जिन लोगों पर आरोप लगे हैं, मैं उन्हें जानता ज़रूर हूँ, लेकिन उन घटनाओं से मेरा कोई संबंध नहीं है। प्रशासन हमें अपराधी साबित करने की कोशिश कर रहा है।"पीड़ित कर्मचारी ऋतिक ने बताया कि 26 जून को वह अपने कुछ साथियों के साथ ऑफिस में मौजूद था, तभी पुष्पेंद्र सिंह, इंद्रपाल सिंह और नागेंद्र सिंह वहां पहुंचे। उन्होंने कथित रूप से हर महीने 1 लाख रुपये की रंगदारी मांगी और कहा कि "इतना दोगे तभी ठेका चलने देंगे।" जब इस मांग को मानने से इनकार किया गया, तो आरोपिताें ने मारपीट शुरू कर दी। ऋतिक के अनुसार, मारपीट के दौरान उन्होंने धमकी दी कि वे जीवन सिंह शेरपुर के आदमी हैं। इस हमले में कर्मचारी पुष्कर गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। साथ ही, पीड़ित पक्ष ने आरोप लगाया कि हमले के दौरान जातिसूचक गालियों का भी इस्तेमाल किया गया।इस मामले में एसपी अभिषेक आनंद ने जानकारी दी कि पुलिस ने 7 आरोपिताें के खिलाफ केस दर्ज किया है। इन आरोपिताें में जीवन सिंह शेरपुर, पुष्पेंद्र सिंह, इंद्रपाल सिंह, नागेंद्र सिंह, कुलदीप सिंह, सचिन और देवी सिंह शामिल हैं। पुलिस के अनुसार, जीवन सिंह शेरपुर के खिलाफ मंदसौर, रतलाम और नीमच ज़िलों में पहले से 12 आपराधिक मामले दर्ज हैं। मंदसौर कोर्ट ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी कर दिया है। एसपी आनंद ने कहा कि किसी भी स्थिति में जीवन सिंह शेरपुर की गिरफ्तारी की जाएगी।

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ट्रिनिडाड एंड टोबैगो सरकार ने देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'द ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक ऑफ ट्रिनिडाड एंड टोबैगो' देने की घोषणा की।  यह घोषणा वहां की प्रधानमंत्री कमला प्रसाद बिसेसर ने भारतीय प्रवासी समुदाय के बीच आयोजित एक बड़े स्वागत समारोह में  की। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की ऐतिहासिक यात्रा और दोनों देशों के बीच संबंधों को सुदृढ़ करने में उनकी भूमिका की सराहना की।   इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने इस सम्मान के लिए ट्रिनिडाड एंड टोबैगो की जनता और सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने यह घोषणा की कि अब ट्रिनिडाड एंड टोबैगो में बसे भारतीय मूल के छठी पीढ़ी के लोगों को भी ओसीआई कार्ड जारी किए जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में ट्रिनिडाड एंड टोबैगो के 180 वर्षों पूर्व आए भारतीय मूल के लोगों के योगदान को याद किया।   उन्होंने कहा कि उनकी यह यात्रा उस ऐतिहासिक विरासत को सम्मानित करने का अवसर है। उन्होंने भारतीय प्रवासियों की सांस्कृतिक जीवंतता और उनकी सामाजिक भूमिका की सराहना की। प्रधानमंत्री ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के सिद्धांत का उल्लेख करते हुए ट्रिनिडाड एंड टोबैगो को भारत की ओर से निरंतर सहयोग का आश्वासन दिया।   प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की विकास यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि पिछले एक दशक में देश ने आधारभूत संरचना, डिजिटल तकनीक, हरित ऊर्जा, अंतरिक्ष अनुसंधान, नवाचार और स्टार्टअप्स के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने बताया कि 25 करोड़ से अधिक लोगों को अत्यधिक गरीबी से बाहर निकाला गया है और भारत शीघ्र ही विश्व की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होगा।   उन्होंने बताया कि भारत के राष्ट्रीय मिशन जैसे एआई, सेमीकंडक्टर और क्वांटम कंप्यूटिंग विकास के नए इंजन बन रहे हैं। उन्होंने यूपीआई आधारित डिजिटल भुगतान प्रणाली की सफलता का उदाहरण देते हुए कहा कि यह मॉडल ट्रिनिडाड एंड टोबैगो में भी प्रभावी हो सकता है। करीब चार हजार लोगों की उपस्थिति में आयोजित इस कार्यक्रम में महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट फॉर कल्चरल को-ऑपरेशन समेत कई संगठनों के कलाकारों ने मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं।   उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी 03 से 04 जुलाई तक ट्रिनिडाड एंड टोबैगो की राजकीय यात्रा पर पोर्ट ऑफ स्पेन पहुंचे हैं। वर्ष 1999 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली द्विपक्षीय यात्रा है। हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री कमला प्रसाद बिसेसर ने मंत्रिमंडल के सदस्यों और गणमान्य व्यक्तियों के साथ उनका भव्य स्वागत किया। प्रधानमंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और विशेष सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से स्वागत हुआ। होटल पहुंचने पर भी भारतीय समुदाय ने उनका गर्मजोशी से अभिनंदन किया।    

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नई दिल्ली । 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान पाकिस्तान के साथ हवाई संघर्ष में भारतीय सेनाओं को मिले सबक का अलग-अलग तरीके से विश्लेषण किया जा रहा है। सैन्य अधिकारी संघर्ष के दौरान मिले अनुभवों के आधार पर अपनी अगली रणनीति तय करने पर जोर दे रहे हैं। इसलिए उप सेना प्रमुख (क्षमता विकास एवं संधारण) लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने शुक्रवार को पहली बार माना कि हालिया संघर्ष में पाकिस्तान समेत तीन विरोधी मैदान में थे, जिनसे मुकाबला करना पड़ा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सबसे आगे जरूर था, लेकिन उसके पीछे चीन और तुर्किये भी थे।   लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आज फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) की ओर से आयोजित '​नए युग की सैन्य प्रौद्योगिकियां' विषय पर संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पूरे अभियान के दौरान वायु रक्षा और उसका संचालन किस तरह किया गया, यह महत्वपूर्ण था। हमारे पास एक सीमा थी और दो विरोधी थे, वास्तव में तीन। पाकिस्तान अग्रिम मोर्चे पर था। चीन हर संभव सहायता प्रदान कर रहा था। पाकिस्तान के पास 81 फीसदी सैन्य हार्डवेयर चीनी है।   उन्होंने यह भी कहा कि चीन अपने हथियारों का परीक्षण अन्य हथियारों के विरुद्ध करने में सक्षम है, इसलिए यह संघर्ष उनके लिए एक जीवंत प्रयोगशाला की तरह उपलब्ध था। तुर्किये ने भी पाकिस्तान को अपने ड्रोन की सहायता देकर उसके प्रयोग करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जब डीजीएमओ स्तर की वार्ता चल रही थी, तो पाकिस्तान को चीन से हमारे महत्वपूर्ण वेक्टरों के बारे में लाइव अपडेट मिल रहे थे। उन्होंने तीन दिन चले संघर्ष के दौरान मिले अनुभवों के आधार पर मजबूत वायु रक्षा प्रणाली की आवश्यकता पर जोर दिया।   लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि हमें अनुसंधान और विकास में निवेश करने की आवश्यकता है। आरएंडडी में स्वाभाविक रूप से विफलताएं और सफलताएं दोनों शामिल होती हैं, इसलिए हमें घटक स्तरीय आरएंडडी में निवेश करना चाहिए। उन्होंने कहा कि चूंकि भारत एक वैश्विक शक्ति बनने की परिकल्पना करता है, इसलिए इस दृष्टिकोण के लिए मजबूत और आत्मनिर्भर रक्षा की क्षमता सर्वोपरि है। फिक्की और इसके सदस्य उद्योग इस राष्ट्रीय लक्ष्य को साकार करने के प्रयासों को तेज करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भारतीय सेना के मास्टर जनरल सस्टिनेंस लेफ्टिनेंट जनरल अमरदीप सिंह औजला ने भी कहा कि भू-राजनीतिक गतिशीलता और तेजी से हो रही तकनीकी प्रगति के कारण युद्ध तेजी से तीव्र और जटिल होकर युद्ध-लड़ने की प्रथाओं को बदल रहे हैं।   फिक्की रक्षा और होमलैंड सुरक्षा समिति के अध्यक्ष विनोद सहाय ने कहा कि मानव रहित और स्वायत्त प्रणालियां भविष्य हैं। जैसे-जैसे संघर्ष विकसित होते हैं, राष्ट्र बहुमूल्य जीवन के नुकसान को कम करने को प्राथमिकता देते हैं। मानव रहित और स्वायत्त प्रणालियां वायु, भूमि, जल और पानी के नीचे सहित विभिन्न क्षेत्रों पर हावी होंगी। इसी समिति के सह अध्यक्ष अशोक अटलूरी ने स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित (आईडीडीएम) कंपनियों को संरक्षित, पोषित और प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि यह कंपनियां उन्नत प्रौद्योगिकियों के साथ स्व-वित्तपोषित हैं और राष्ट्रीय रणनीतिक संपत्ति हैं।   फिक्की रक्षा और होमलैंड सुरक्षा समिति के सह अध्यक्ष आशीष कंसल ने कहा कि भारत का रक्षा उद्योग तकनीकी परिवर्तन के मुहाने पर खड़ा है, जो न केवल आवश्यकता से प्रेरित है, बल्कि महत्वाकांक्षा, नवाचार और क्षमता से भी प्रेरित है। उन्होंने अपनी आत्मनिर्भरता को मजबूत करने और अपने सैनिकों को उद्योग से दी जा सकने वाली सर्वोत्तम सुविधाओं से लैस करने के लिए नए संकल्प के साथ आगे बढ़ने का आह्वान किया।

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नई दिल्ली । केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने शुक्रवार को कहा कि तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के अनुयायी चाहते हैं कि वे स्वयं अपने उत्तराधिकारी का चयन करें। रिजिजू ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका यह बयान सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर नहीं बल्कि एक बौद्ध अनुयायी के तौर पर है। रिजिजू ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बातचीत में यह बातें कही। उन्होंने कहा, “मैं दलाई लामा का भक्त हूं। दुनिया में जो भी लोग दलाई लामा को मानते हैं, वे चाहते हैं कि उनके उत्तराधिकारी का चयन वे स्वयं करें। इसमें किसी भ्रम की आवश्यकता नहीं है। इसमें सरकार या मेरी ओर से कुछ कहने की जरूरत नहीं है।” इससे पहले उनके तिब्बती धर्मगुरु के उत्तराधिकार को लेकर दिए बयान पर चीन ने प्रतिक्रिया दी थी। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा था कि भारत को तिब्बत से जुड़े मुद्दों पर सावधानी से व्यवहार करना चाहिए और चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत को तिब्बत के मामलों पर अपनी प्रतिबद्धताओं का सम्मान करना चाहिए और भारत-चीन संबंधों के सुधार और विकास पर असर डालने वाले बयानों से बचना चाहिए। अल्पसंख्यक कार्य मंत्री रिजिजू ने आज हज 2026 की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि एक सप्ताह के भीतर आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सभी लोग समय पर आवेदन करें ताकि भविष्य में कोई दिक्कत न हो। सऊदी सरकार ने कई सख्त समय-सीमाएं तय की हैं। वे टूर ऑपरेटरों को निर्देश दे रहे हैं कि वे समयसीमा का पालन करें। उल्लेखनीय है कि तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के उत्तराधिकारी को लेकर चीन चाहता है कि उनका चयन उसके अनुसार हो। वहीं तिब्बती समुदाय इसे धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप मानता है। भारत में रहने वाले दलाई लामा के अनुयायी, तिब्बती निर्वासित सरकार और वैश्विक बौद्ध समुदाय दलाई लामा द्वारा उत्तराधिकारी के चयन की प्रक्रिया को ही मान्यता देते हैं।

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को घाना की संसद को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने वैश्विक संस्थानों में सुधार, लोकतंत्र को सशक्त बनाने और वैश्विक दक्षिण की प्रगति के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र होने के नाते भारत को दुनिया की प्रगति का आधार स्तंभ बताया और कहा कि मजबूत भारत अधिक स्थिर और स्मृद्ध विश्व में सहयोग कर सकता है। उन्होंने कहा कि वैश्विक दक्षिण की आवाज के बिना वैश्विक स्तर पर प्रगति पाना संभव नहीं है। वैश्विक संस्थानों में सुधार की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज विश्व नई और जटिल समस्याओं से जूझ रहा है। इसमें जलवायु परिवर्तन, महामारी, आतंकवाद और सायबर सुरक्षा जैसी चुनौतियां शामिल हैं। ऐसे में पिछली शताब्दी में बनाए गए संस्थान आज कुछ नहीं कर पा रहे हैं। वर्तमान की चुनौतिपूर्ण परिस्थितियों का सामना करने के लिए जिम्मेदार और प्रभावी सुधार जरूरी हैं। प्रधानमंत्री ने भारत और घाना के ऐतिहासिक संबंधों को लोकतांत्रिक मूल्यों का आधार बताया। उन्होंने कहा कि भारत और घाना के इतिहास की पृष्ठभूमि औपनिवेशिक शासन की पीड़ा से जुड़ी है, लेकिन दोनों देशों की आत्मा हमेशा स्वतंत्र और निर्भीक रही है। उन्होंने घाना को लोकतंत्र, गरिमा और संकल्प की भूमि बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के लिए लोकतंत्र कोई प्रणाली नहीं, बल्कि एक संस्कार है। यह भारतीय समाज को हज़ारों वर्षों से प्रेरणा देता रहा है। उन्होंने भारत को नवाचार और प्रौद्योगिकी का केंद्र बताया और कहा कि यहां वैश्विक कंपनियां आकर काम करना चाहती हैं। प्रधानमंत्री ने भारत-अफ्रीका संबंधों को लोकतंत्र, समावेश और नवाचार पर आधारित बताया। साथ ही कहा कि भारत-अफ्रीका विकास साझेदारी समय की मांग हैं। उन्होंने इसे आत्मनिर्भर पारिस्थितिक तंत्रों के निर्माण की दिशा में एक सशक्त कदम बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की विविधता उसकी शक्ति है। देश में 2,000 से अधिक राजनीतिक दल, 22 आधिकारिक भाषाएं और हजारों बोलियां हैं।उन्होंने स्मरण कराया कि भारत के चंद्रमा पर उतरने के दिन भी वे अफ्रीका में थे और आज जब एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में प्रयोग कर रहा है, तब भी वे अफ्रीका में हैं। उन्होंने बताया कि भारत शीघ्र ही विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। भारत वैश्विक नवाचार और स्टार्टअप का केंद्र बन चुका है, और ‘विश्व की फार्मेसी’ के रूप में प्रतिष्ठित है। महिलाओं की भागीदारी विज्ञान, उड्डयन और खेल जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय स्थिति में है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी इन दिनों पांच देशों की यात्रा पर हैं। घाना दौरे के दौरान उन्हें देश के सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। भारत और घाना ने इस यात्रा में अपने संबंधों को व्यापक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने की घोषणा की है।

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साहिबगंज । झारखंड के साहिबगंज में गुरुवार सुबह बड़ा रेल हादसा हो गया। इसमें पत्थरों से लोड एक मालगाड़ी बेपटरी हो गयी, जिससे कई  बोगियां क्षतिग्रस्त हो गईं। हालांकि इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ है लेकिन रेलवे को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। इस दुर्घटना में मालगाड़ी की करीब 18 बोगियां पटरी से उतरकर नीचे गिर गईं हैं। मालदा डीआरएम घटनास्थल का मौका-मुआयना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नुकसान का आकलन किया जा रहा है।    साहिबगंज के बरहरवा हिल अपर साइड में गुरूवार की सुबह पत्थर चिप्स लोडेड एक मालगाड़ी अनियंत्रित होकर पलट गई। इससे मालगाड़ी के डिब्बे घनी आबादी की तरफ आ गिरे लेकिन इस घटना में कोई भी हताहत नहीं हुआ है। बताया जा रहा है कि मालगाड़ी पहाड़ पर थी। जब मालगाड़ी पहाड़ से ढलान की तरफ आने लगी तो वह अनियंत्रित होकर सरकने लगी। इसके बाद देखते ही देखते मालगाड़ी की कई बोगियां आपस में टकरा गईं और पलटकर क्षतिग्रस्त हो गईं। मालगाड़ी में पत्थर चिप्स लोड था। दुर्घटना की आवाज सुनकर गांव वाले उधर की तरफ भागे तो देखा कि एक के बाद एक मालगाड़ी की बोगियां आपस में टकरा कर पलटी हुई हैं। वहां पर लोगों की भीड़ एकत्र हो गई। कुछ ही देर बाद वहां पर सुरक्षा बल, प्रशासनिक और रेलवे के अधिकारी पहुंच गए। उन्होंने घटना की जानकारी अपने वरिष्ठों को दी।     मालदा डीआरएम मनीष गुप्ता घटनास्थल पर पहुंच गए हैं और जांच कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। कितनी क्षति हुई है, इसका आकलन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि दुर्घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।

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गांधीनगर । बिहार में चुनाव से पहले ही इंडी गठबंधन बिखर गया है। गठबंधन की स्थापना के समय लालू प्रसाद यादव का पैर छूकर आशीर्वाद लेने वाले अरविन्द केजरीवाल ने घोषणा कर दी है कि उनकी आम आदमी पार्टी बिहार में अकेले चुनाव लड़ेगी।  गुजरात के दो दिवसीय दौरे पर अहमदाबाद पहुंचे अरविन्द केजरीवाल ने गुरूवार को कहा कि इंडिया नामक गठबंधन केवल लोकसभा चुनाव तक था।     केजरीवाल ने आगे कहा कि गुजरात में कांग्रेस अब साफ होने की कगार पर है। विसावदर उपचुनाव में कांग्रेस इस सच को जानती थी, फिर भी उसने हमें हराने और भाजपा को जिताने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाया। इसके बावजूद हमने कांग्रेस से अलग लड़कर तीन गुना ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की है। इससे गुजरात की जनता का सीधा संदेश मिला है कि भाजपा और कांग्रेस का विकल्प आम आदमी पार्टी ही है। विसावदर का परिणाम यह दिखाता है कि जनता ने हमें एक विकल्प के रूप में स्वीकार किया है। अब भाजपा की विदाई निश्चित है। हम आगे भी गुजरात में चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे। दिल्ली में मिली हार पर उन्होंने कहा कि राजनीति में ऊपर-नीचे होता रहेगा। केजरीवाल ने दावा किया कि पंजाब में हमारी सरकार दोबारा बनेगी।   बुधवार को ‘गुजरात जोड़ो सदस्यता अभियान’ की शुरूआत करने वाले केजरीवाल ने कहा कि इसके तहत हमारे कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को पार्टी से जोड़ेंगे। गुजरात में अब आम आदमी पार्टी आ गई है। आम आदमी पार्टी को लोग एक विकल्प के रूप में देख रहे हैं। विसावदर में जिस तरह से लोगों ने वोट दिया। ये माहौल, ये गुस्सा पूरे गुजरात के लोगों के अंदर है। मैंने कई जगह लोगों से बात की। लोगों में इसी तरह का गुस्सा है। यही गुस्सा विसावदर में देखने को मिला।  

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पटना । पटना एयरपोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी भरा ई-मेल मिलने के बाद सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इस सिलसिले में हवाई अड्डा थाना में मामला दर्ज किया गया है। ई-मेल में लिखा है कि एयरपोर्ट पर बम रखा गया है और वह जल्द फटने वाला है। एयरपोर्ट प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों ने जांच शुरू कर दी है।   हवाईअड्डे के अधिकारियों ने पूरे परिसर में व्यापक छानबीन की है। जांच के दौरान कोई संदिग्ध या विस्फोटक सामग्री नहीं मिली है। बीती देररात हवाई अड्डा थाना में केस दर्ज किया गया है। फिलहाल पुलिस ई-मेल भेजने वाले का पता करने में जुटी है। इसमें तकनीकी और साइबर विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है। उधर, इस समय पटना एयरपोर्ट में चप्पे-चप्पे पर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवान तैनात हैं। एयरपोर्ट पर आने-जाने वाले लोगों पर भी निगाह रखी जा रही है।   एसपी (सिटी) दीक्षा ने बताया कि केस दर्ज कर आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) के साइबर सेल को जांच करने के लिए कहा गया है। पटना पुलिस भी अपने स्तर पर जांच कर रही है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल 18 जून को भी ई-मेल से पटना एयरपोर्ट को बम से उड़ने की धमकी दी गई थी।

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श्रीनगर । उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करके अमरनाथ यात्रा की अंतिम तैयारियों की समीक्षा की।   उपराज्यपाल ने यातायात और सुरक्षा प्रबंधन और सुचारू, सुरक्षित और परेशानी मुक्त पवित्र तीर्थयात्रा के लिए किए गए सभी इंतजामों की व्यापक समीक्षा की। उपराज्यपाल ने अधिकारियों को यातायात सलाह का व्यापक प्रचार करने का निर्देश दिया, ताकि आम आदमी को असुविधा न हो। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन, एसएसपी, ट्रैफिक पुलिस और अन्य विभागों को निर्धारित काफिले में तीर्थयात्रियों की आवाजाही और यातायात योजना के सुचारू कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए निकट समन्वय में काम करना चाहिए।   उन्होंने उपायुक्तों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि ठहरने के केंद्र और स्वच्छता इकाइयां अच्छी स्थिति में हों। बैठक में मुख्य सचिव अटल डुल्लू, जल शक्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव शालीन काबरा, डीजीपी नलिन प्रभात, विशेष महानिदेशक (समन्वय) पीएचक्यू एसजेएम गिलानी, उपराज्यपाल के प्रधान सचिव और एसएएसबी के सीईओ डॉ. मंदीप के. भंडारी और एसएएसबी, पुलिस और नागरिक प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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नई दिल्ली । केंद्र सरकार नई राष्ट्रीय खेल नीति 2025 (एनएसपी-2025) लाई है जिसका उद्देश्य भारत को वैश्विक खेल महाशक्ति बनाना है। एनएसपी-2025 वर्ष 2001 की राष्ट्रीय खेल नीति का स्थान लेगी। इसका लक्ष्य नागरिकों को खेलों के माध्यम से सशक्त बनाना और भारत को 2036 ओलंपिक सहित अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन और आयोजन के लिए तैयार करना है।   प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में राष्ट्रीय खेल नीति-2025 को मंजूरी दी गई। सरकार का कहना है कि नीति व्यापक परामर्श के बाद तैयार की गई है, जिसमें केंद्र सरकार, राज्य सरकारें, नीति आयोग, खेल संघ, खिलाड़ी और विशेषज्ञ शामिल रहे। नीति पांच प्रमुख स्तंभों पर आधारित है।   केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्वनी वैष्णव ने मंगलवार को पत्रकार वार्ता में इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय खेल नीति-2025 के सफल क्रियान्वयन के लिए एक ठोस रणनीतिक ढांचा तैयार किया गया है। इसमें सशक्त खेल प्रशासन के तहत खेलों के लिए मजबूत कानूनी और नियामक ढांचा विकसित करने की योजना है। निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करते हुए पीपीपी मॉडल और कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के माध्यम से वित्तीय सहयोग और समर्थन प्राप्त किया जाएगा। उन्होंने बताया कि तकनीकी नवाचार जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा एनालिटिक्स और अनुसंधान के ज़रिए खिलाड़ियों के प्रदर्शन का मूल्यांकन और योजनाओं की निगरानी की जाएगी। नीति में एक राष्ट्रीय निगरानी ढांचा भी प्रस्तावित है, जिसमें स्पष्ट प्रमुख प्रदर्शन संकेतक (केपीआई), लक्ष्य और समयबद्ध योजनाएं शामिल हैं। इसके अतिरिक्त सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इस नीति के अनुरूप अपनी राज्य स्तरीय खेल नीतियां बनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। खेलों के समग्र विकास के लिए एक समेकित सरकारी दृष्टिकोण अपनाया जाएगा, जिसमें सभी मंत्रालयों और विभागों की योजनाओं में खेलों का एकीकृत समावेश सुनिश्चित किया जाएगा।   राष्ट्रीय खेल नीति 2025 पांच प्रमुख स्तंभों पर आधारित है- वैश्विक मंच पर उत्कृष्टता, आर्थिक विकास, सामाजिक समावेशन, जनभागीदारी और शिक्षा से एकीकरण। इसका उद्देश्य ग्रामीण से शहरी स्तर तक खेलों का विकास, खिलाड़ियों को विश्वस्तरीय प्रशिक्षण, खेलों को उद्योग से जोड़ना, पारंपरिक खेलों को पुनर्जीवित करना और फिटनेस अभियान से जनआंदोलन खड़ा करना है। नीति में स्कूल शिक्षा में खेल समावेश, शिक्षकों का प्रशिक्षण और दोहरी करियर योजनाएं शामिल हैं। सफल क्रियान्वयन के लिए सशक्त प्रशासन, निजी भागीदारी, तकनीकी नवाचार, निगरानी तंत्र, राज्यों के लिए मॉडल नीति और सभी विभागों में खेलों का समावेश सुनिश्चित किया गया है।   नीति से जुड़े पांच प्रमुख स्तंभ इस प्रकार हैं-   1. वैश्विक मंच पर उत्कृष्टता का लक्ष्य जमीनी स्तर से लेकर एलीट स्तर तक प्रतिभा की पहचान और पोषण के लिए प्रभावी ढांचा।ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में खेल ढांचे का विकास और प्रतिस्पर्धी लीग्स को बढ़ावा।कोचिंग, प्रशिक्षण और एथलीट सपोर्ट सिस्टम को विश्व स्तरीय बनाना।खेल विज्ञान, चिकित्सा और तकनीक के माध्यम से खिलाड़ियों के प्रदर्शन को बढ़ाना।कोचों, तकनीकी अधिकारियों और सहायक स्टाफ का प्रशिक्षण और विकास।2. खेलों के ज़रिए आर्थिक विकास खेल पर्यटन को बढ़ावा और भारत में अंतरराष्ट्रीय आयोजनों की मेज़बानी को प्रोत्साहन।खेल उत्पाद निर्माण और स्टार्टअप को सपोर्ट कर उद्योग का विकास।पीपीपी मॉडल, सीएसआर और नवाचार आधारित फंडिंग के जरिए निजी क्षेत्र की भागीदारी।3. सामाजिक विकास में खेल की भूमिका महिलाओं, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों, जनजातीय समुदायों और दिव्यांगजनों की सक्रिय भागीदारी।देशी और पारंपरिक खेलों को पुनर्जीवित करने पर ज़ोर।खेल को कैरियर विकल्प के रूप में स्थापित करने के लिए शिक्षा में समावेशन, वालंटियरिज्म और दोहरी करियर योजनाओं को बढ़ावा।प्रवासी भारतीयों को खेलों के ज़रिए जोड़ना।4. खेल को जन आंदोलन बनाना पूरे देश में फिटनेस अभियान और सामुदायिक आयोजनों के माध्यम से जन भागीदारी को बढ़ावा।स्कूल, कॉलेज और कार्यस्थलों के लिए फिटनेस इंडेक्स शुरू करना।सभी के लिए खेल सुविधाओं की पहुंच सुनिश्चित करना।5. शिक्षा से एकीकरण स्कूल पाठ्यक्रम में खेलों का समावेश।शारीरिक शिक्षकों और शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण देकर खेल शिक्षा को मज़बूती देना।  

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नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने विदेशी मुद्रा विनिमय अधिनियम (फेमा) के उल्लंघन मामले में अपने ऊपर लगाए गए 10 करोड़ 65 लाख रुपये भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से वसूलने की मांग की थी। जस्टिस पीएस नरसिम्हा की अध्यक्षता वाली वेकेशन बेंच ने कहा कि ललित मोदी चाहे तो दूसरे कानूनी विकल्प आजमा सकते हैं। ललित मोदी ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के आदेश के खिलाफ पहले बांबे हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। बांबे हाई कोर्ट ने 19 दिसंबर, 2024 को याचिका खारिज करते हुए ललित मोदी पर एक लाख का जुर्माना भी लगाया था। ललित मोदी का कहना है कि जब वे बीसीसीआई के उपाध्यक्ष थे उस समय वे आईपीएल के अध्यक्ष थे। याचिका में कहा गया है कि बीसीसीआई के उपनियमों के मुताबिक उन्हें क्षतिपूर्ति की जानी चाहिए।   हालांकि, बांबे हाई कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 2005 के अपने फैसले में बीसीसीआई को राज्य नहीं माना था और इस तरह बीसीसीआई को किसी भी तरह की क्षतिपूर्ति देने का दिशा-निर्देश जारी करने से इनकार कर दिया था।

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जम्मू । जम्मू संभाग में भारी बारिश के बाद चिनाब नदी का जल स्तर बढ़ने के कारण अधिकारियों ने जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले में सलाल बांध के कई स्पिलवे गेट खोल दिए हैं। अतिरिक्त पानी को सुरक्षित रूप से निकालने और नीचे की ओर किसी भी संभावित बाढ़ को रोकने के लिए गेट खोले गए हैं। अधिकारियों ने स्थानीय लोगों से नदी के किनारों से दूर रहने और सभी सुरक्षा निर्देशों का पालन करने का आग्रह करते हुए निर्देश जारी किए हैं।    इससे पहले बताया गया था कि जम्मू और कश्मीर के कुछ हिस्सों में भारी बारिश के कारण चिनाब नदी का जल स्तर बढ़ गया है जिससे बगलिहार जलविद्युत परियोजना में पानी भर गया है। डोडा-किश्तवाड़-रामबन रेंज के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) श्रीधर पाटिल ने स्थिति को स्वीकार किया और लोगों से नदियों और उफनती धाराओं से दूर रहने का आग्रह किया। डीआईजी पाटिल ने कहा कि आप सभी ने देखा होगा कि चिनाब नदी में जलस्तर बढ़ गया है। मैं सभी लोगों से अपील करता हूं कि नदियों के पास न जाएं, जलस्तर बहुत अधिक है। खुद को जोखिम में न डालें।

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'कांटा लगा' गाने से फेमस हुईं अभिनेत्री शेफाली जरीवाला अब हमारे बीच नहीं रहीं। 42 साल की उम्र में उनका निधन हो गया, जिससे पूरी इंडस्ट्री और उनके फैंस सदमे में हैं। पहले कार्डिएक अरेस्ट को उनकी मौत की वजह माना जा रहा था, लेकिन अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट से नई जानकारी सामने आई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, शेफाली का निधन रक्तचाप में अचानक आई भारी गिरावट के कारण हुआ। इस अनपेक्षित घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है।   शेफाली जरीवाला बीते कई वर्षों से एंटी-एजिंग दवाओं और इंजेक्शनों का इस्तेमाल कर रही थीं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 27 जून को उनके घर में एक धार्मिक पूजा का आयोजन हुआ था, जिसकी वजह से उन्होंने पूरे दिन व्रत रखा था। इसी दिन दोपहर में शेफाली ने कथित तौर पर एंटी-एजिंग इंजेक्शन भी लिया। पुलिस अधिकारियों को शक है कि खाली पेट इंजेक्शन लेने के चलते ही उनका रक्तचाप अचानक गिर गया, जिससे कार्डियक अरेस्ट हुआ। बताया जा रहा है कि शेफाली पिछले 8 साल से इस तरह की दवाएं और इंजेक्शन ले रही थीं।   शेफाली जरीवाला के निधन के मामले में पुलिस ने अब तक करीब 10 लोगों से पूछताछ की है। इनमें उनके पति पराग त्यागी, माता-पिता और घरेलू स्टाफ के सदस्य शामिल हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, 27 जून की रात शेफाली को डिनर के दौरान अचानक सीने में तेज दर्द हुआ। स्थिति बिगड़ती देख उनके पति पराग त्यागी उन्हें तुरंत अस्पताल लेकर गए, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रही है।

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उत्तरकाशी । उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में शनिवार आधी रात यमुनोत्री क्षेत्र में सिलाई बैंड के पास बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है। यहां 8-9 मजदूरों के लापता होने की सूचना है। मौके पर पुलिस, प्रशासन, एसडीआरएफ ने रेस्कक्यू शुरू कर दिया है।यमनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर पालीगाड से 4 किलोमीटर आगे सिलाई बैंड के पास रात करीब 3 बजे बादल फटने की घटना हुई है। जिसके बाद से 8-9 मजदूरों की लापता होने की सूचना है। साथ ही करीब 10 मीटर यमनोत्री हाइवे बह गया है।   जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने बताया कि सिलाई बैंड के पास एक होटल निर्माणाधीन है, जिसके मजदूर नजदीक कैंप में निवास कर रहे थे। कैंप में करीब 19 मजदूर थे, जिसमें 8-9 मजदूर लापता हैं। वहीं, भारी मलबा आने से सिलाई बैंड के पास करीब 10 मीटर नेशनल हाइवे का हिस्सा बह गया है। जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने बताया कि एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस की टीम मौके पर है और मजदूरों की तलाश जारी है। जिलाधिकारी आपदा परिचालन केंद्र से लगातार निगरानी कर रहे हैं।   कुथनौर गांव में भी बादल फटने से ग्रामीणों की क्षति हुई है। हालांकि किसी प्रकार की कोई जन या पशुहानि की सूचना नहीं है। यमुना नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। यमुना नदी के किनारे बसे लोगों को अलर्ट किया गया है।   स्थानीय निवासी सामाजिक कार्यकर्ता महावीर सिंह पंवार ने बताया कि यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर जगह जगह बादल फटने से रोड 2 से 3 स्थानों पर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है। ओजरी के पास भी रोड पूरी तरह क्षतिग्रस्त है और खेतों में मलबा है, डबरकोट में भी मलबा आने से रोड बंद है, स्यानाचट्टी में भी कुपड़ा कुंशाला त्रिखिली मोटर पुल खतरे में आ गया है और स्यानाचट्टी में भी खतरे की स्थिति बनी हुई है।   भारी बारिश से गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग नेताला बिशनपुर, लालढांग, नालूणा में भूस्खलन से बंद है। बारिश लगातार जारी है और सभी नदियां खतरें के निशान के पास बह रही हैं।

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भुवनेश्वर । पुरी के गुंडिचा मंदिर के पास स्थित सरधाबली क्षेत्र में रविवार तड़के भारी भीड़ के कारण मची भगदड़ में तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 50 से अधिक लोग घायल हो गए। यह हादसा सुबह करीब 4:20 बजे उस समय हुआ जब ‘पहुड़ा’ अनुष्ठान के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ एवं उनके भाई-बहन के दर्शन के लिए उमड़ पड़े। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भगदड़ उस समय मची जब ‘चारमाला’ ले जा रहे दो ट्रक भीड़ के बीच प्रवेश कर गए, जिससे अफरातफरी का माहौल बन गया और लोग इधर-उधर भागने लगे। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में जिन तीन श्रद्धालुओं की मौत हुई है, उनकी पहचान प्रभाती दास, बसंती साहू और प्रेमकांत मोहंती के रूप में हुई है। स्थानीय लोगों और चश्मदीदों ने सुरक्षा इंतजामों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका आरोप है कि हादसे के समय मौके पर कोई पुलिसकर्मी मौजूद नहीं था, जिससे भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। प्रशासन द्वारा घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है।

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में आपातकाल की 50वीं बरसी पर उसके काले अध्याय को याद किया और कहा कि यह सिर्फ संविधान की हत्या नहीं थी, बल्कि न्यायपालिका को भी गुलाम बनाने का प्रयास था। उन्होंने उन हजारों लोगों को श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने अत्याचारों का सामना करते हुए लोकतंत्र की रक्षा की।प्रधानमंत्री ने आज 'मन की बात' कार्यक्रम के 123वें एपिसोड में अनेक विषयों पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने हाल के दिनों में देश में हुए सकारात्मक बदलावों, सांस्कृतिक पर्वों, सामाजिक सहभागिता, महिलाओं की प्रगति, पर्यावरण संरक्षण और भारत की अंतरराष्ट्रीय उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए देशवासियों को गर्व और प्रेरणा का अनुभव कराया। प्रधानमंत्री ने आपातकाल की 50वीं बरसी पर लोकतंत्र की रक्षा में जुटे लोगों को याद किया। मोदी ने कहा कि 1975 में लगाए गए आपातकाल के दौरान लोगों को बड़े पैमाने पर प्रताड़ित किया गया। आप कल्पना कर सकते हैं कि वह दौर कैसा था। आपातकाल लगाने वालों ने ना सिर्फ हमारे संविधान की हत्या की बल्कि उनका इरादा न्यायपालिका को भी गुलाम बनाए रखने का था। इस दौरान लोगों को बड़े पैमाने पर प्रताड़ित किया गया था। इसके ऐसे अनेक उदाहरण हैं, जिन्हें कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई, बाबू जगजीवन राम और अटल बिहारी वाजपेयी के पुराने ऑडियो भी साझा किए, जिनमें उन्होंने उस दौर की भयावहता को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि जॉर्ज फर्नांडिस साहब को जंजीरों में बांधा गया था। अनेक लोगों को कठोर यातनाएं दी गई। मीसा के तहत किसी को भी ऐसे ही गिरफ्तार कर लिया जाता था। छात्रों को भी परेशान किया गया। अभिव्यक्ति की आजादी का भी गला घोंट दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उस दौर में जो हजारों लोग गिरफ्तार किए गए उन पर ऐसे ही अमानवीय अत्याचार हुए लेकिन यह भारत की जनता का सामर्थ्य है कि वो झुकी नहीं, टूटी नहीं और लोकतंत्र के साथ कोई समझौता स्वीकार नहीं किया। आखिरकार, जनता-जनार्दन की जीत हुई-आपातकाल हटा लिया गया और आपातकाल थोपने वाले हार गए। मोदी ने कहा, "यह भारत की जनता का सामर्थ्य था कि वो झुकी नहीं, टूटी नहीं और लोकतंत्र के साथ कोई समझौता स्वीकार नहीं किया।" 25 जून को लागू किए गए आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर केंद्र सरकार द्वारा इसे “संविधान हत्या दिवस” के रूप में मनाया गया। मोदी ने कहा कि देश पर आपातकाल थोपे जाने के 50 वर्ष कुछ दिन पहले ही पूरे हुए हैं। हम देशवासियों ने 'संविधान हत्या दिवस' मनाया है। हमें हमेशा उन सभी लोगों को याद करना चाहिए, जिन्होंने आपातकाल का डट कर मुकाबला किया था। इससे हमें अपने संविधान को सशक्त बनाए रखने के लिए निरंतर सजग रहने की प्रेरणा मिलती है। प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की भव्यता का वर्णन करते हुए बताया कि इस बार योग दिवस पर तीन लाख लोगों ने विशाखापत्तनम के समुद्र तट पर एक साथ योग किया। दो हजार से अधिक आदिवासी छात्रों ने 108 मिनट तक सूर्य नमस्कार किए। दिल्ली में यमुना के किनारे योग को स्वच्छता के संकल्प से जोड़ा गया। हिमालय की बर्फीली चोटियों से लेकर नौसेना के जहाजों तक, योग हर जगह हुआ। इस बार की थीम ‘एक धरती, एक स्वास्थ्य’ को उन्होंने वैश्विक एकता और भारतीय संस्कृति का सन्देश बताया। प्रधानमंत्री ने तीर्थ यात्राओं में सेवा की भावना का उल्लेख करते हुए कहा कि जब लोग तीर्थ पर निकलते हैं, तो हजारों लोग सेवा में लग जाते हैं — भोजन, पानी, चिकित्सा और आश्रय जैसी व्यवस्थाएं भाव से की जाती हैं। उन्होंने कैलाश मानसरोवर यात्रा के फिर से शुरू होने और अमरनाथ यात्रा, जगन्नाथ रथ यात्रा जैसे आयोजनों की चर्चा की और सेवा भाव से जुड़े लोगों की सराहना की। उन्होंने देश को ट्रेकोमा रोग से मुक्त घोषित किए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की और बताया कि यह उपलब्धि स्वच्छता, जल की आपूर्ति और स्वास्थ्यकर्मियों की मेहनत से संभव हुई है। उन्होंने बताया कि अब देश की लगभग 64 प्रतिशत जनसंख्या को किसी न किसी सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ मिल रहा है, जो 2015 से पहले सिर्फ 25 करोड़ लोगों तक सीमित था।असम के बोडोलैंड क्षेत्र में हो रहे फुटबॉल टूर्नामेंट का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने युवाओं की ऊर्जा, एकता और आत्मविश्वास की सराहना की। उन्होंने कहा कि कभी संघर्ष का प्रतीक रहे इस क्षेत्र के युवा अब खेलों के माध्यम से देश का नाम रोशन कर रहे हैं। उन्होंने तेलंगाना के भद्राचलम की महिलाओं द्वारा बनाए गए बाजरे के बिस्किट और सस्ते सैनिटरी पैड की जानकारी दी। कर्नाटक के कलबुर्गी की महिलाओं द्वारा तैयार की जा रही ज्वार की रोटियों को भी उन्होंने एक मिसाल बताया, जो अब शहरों तक पहुंच रही हैं। मध्यप्रदेश की सुमन उइके द्वारा मशरूम उत्पादन और ‘दीदी कैंटीन’ के ज़रिए आत्मनिर्भरता की कहानी भी उन्होंने साझा की। उन्होंने मेघालय के एरी रेशम को भौगोलिक संकेतक टैग मिलने पर खुशी जताई और इसे पर्यावरण के अनुकूल, शांति का प्रतीक बताया। उन्होंने लोगों से खादी, हथकरघा और भारत में बने उत्पादों को अपनाने की अपील की। प्रधानमंत्री ने भगवान बुद्ध की पवित्र अस्थियों को वियतनाम में दर्शनार्थ ले जाने और वहां पर डेढ़ करोड़ से अधिक लोगों द्वारा दर्शन किए जाने को भारत की सांस्कृतिक विरासत की वैश्विक मान्यता बताया।पर्यावरण के क्षेत्र में पुणे के रमेश खर्माले द्वारा पहाड़ियों पर जल संरक्षण और वृक्षारोपण, अहमदाबाद में 'सिंदूर वन' और ‘एक पेड़ माँ के नाम’ जैसे अभियानों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने सभी को पर्यावरण रक्षा में भागीदारी की प्रेरणा दी। महाराष्ट्र के ‘पटोदा’ गांव को उन्होंने अनुकरणीय बताया जो एक कार्बन न्यूट्रल ग्राम पंचायत बन चुका है। कार्यक्रम के अंत में प्रधानमंत्री ने भारत की अंतरिक्ष में हाल की सफलता की ओर संकेत किया और कहा कि भारत हर क्षेत्र में नया इतिहास रच रहा है। प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत, महिला सशक्तिकरण, स्वदेशी उत्पादों के समर्थन और पर्यावरण संरक्षण जैसे विषयों पर अपने विचार दोहराते हुए देशवासियों से सकारात्मक योगदान की अपील की।

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इंफाल । सुरक्षा बलों ने मणिपुर के कई जिलों में संवेदनशील और सीमांत क्षेत्रों में अपने अभियान को तेज कर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप हथियारों और गोला-बारूद की महत्वपूर्ण बरामदगी हुई है।   पुलिस प्रवक्ता ने शनिवार को बताया कि काकचिंग जिले में, वांगू पुलिस स्टेशन के अंतर्गत वांगू तरुंग ममांग चिंग क्षेत्र से हथियारों का एक बड़ा जखीरा बरामद किया गया। जब्त की गई वस्तुओं में एक इंसास राइफल (बिना मैगजीन), मैगजीन के साथ एक संशोधित एके-56 राइफल, एक बोल्ट-एक्शन सिंगल-बैरल फायरआर्म, एक और सिंगल-बैरल बंदूक और मैगजीन के साथ एक .32 पिस्तौल शामिल हैं। अतिरिक्त बरामदगी में एक इंसास एलएमजी मैगजीन, कवर के साथ एक 51 मिमी मोर्टार बम, लगभग एक किलोग्राम वजन वाले तीन आईईडी, एक जीवित .32 राउंड, 20 खाली इंसास राइफल केसिंग और तीन एलआर-135 एमटीआर आंसू गैस के गोले शामिल हैं। इसके अलावा सामरिक और संचार उपकरण चार्जर के साथ एक बाओफेंग हैंडसेट, छद्म वस्त्र, जूते, एक रेनकोट और बिना प्लेट वाली बुलेटप्रूफ जैकेट भी बरामद किए गए।   बिष्णुपुर जिले में फोगाकचाओ इखाई पुलिस स्टेशन के अंतर्गत तोरबंग सबल ममांग लेईकाई में चलाए गए अभियान में एक सेल्फ-लोडिंग राइफल (एसएलआर), मैगजीन और पांच जिंदा राउंड, एक संशोधित एके राइफल खाली मैगजीन और तीन सिंगल-बैरल बंदूकें बरामद की गईं।   इसी तरह इम्फाल पश्चिम जिले में एक अलग अभियान में तीन पिस्तौल जिन पर "मेड इन बर्मा" लिखा था, जिनमें से प्रत्येक में एक मैगजीन थी, तीन 36 एचई हैंड ग्रेनेड के साथ बरामद की गई। हथियार लामसांग पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत कामेंग सबल क्षेत्र के पास आईवीआर रोड पर पाए गए।  

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कोलकाता । कोलकाता के कसबा स्थित लॉ कॉलेज में एक छात्रा के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया है। इस सनसनीखेज मामले में गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपितों के संबंध तृणमूल कांग्रेस के छात्र संगठन तृणमूल छात्र परिषद (टीएमसीपी) से पाए गए हैं। पुलिस सूत्रों और छात्रों ने इसकी पुष्टि की है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, मुख्य आरोपित मनोजित मिश्रा (30) लॉ कॉलेज का पूर्व छात्र है, जिसे हाल ही में कॉलेज प्रबंधन ने अस्थायी स्टाफ के तौर पर नियुक्त किया था। बाकी दो आरोपित प्रमित मुखोपाध्याय (20) और जैब अहमद (19) वर्तमान छात्र हैं और टीएमसीपी की गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं।   इस घटना को लेकर राजनीतिक घमासान तब और तेज हो गया जब मनोजित मिश्रा की तस्वीरें तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। इन तस्वीरों में वह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और पार्टी के महासचिव अभिषेक बनर्जी, राज्य की स्वतंत्र प्रभार वित्त राज्यमंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य और कोलकाता नगर निगम की पार्षद कजरी बनर्जी (मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की भाभी) के साथ नजर आ रहा है। इसके अलावा पार्टी के कई अन्य विधायकों के साथ भी उसकी तस्वीरें हैं।   भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने इन तस्वीरों को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, "यह चौंकाने वाला है कि कसबा में कॉलेज छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मुख्य आरोपित के सीधे संबंध तृणमूल कांग्रेस के सबसे ताकतवर नेताओं से हैं। वारदात के समय कॉलेज के गेट बंद करवा दिए गए थे। यह केवल अपराध नहीं, बल्कि बड़े स्तर पर की गई साजिश और संरक्षण का मामला है। टीएमसी दुष्कर्मियों की पार्टी बन चुकी है।"   विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने भी अभिषेक बनर्जी के साथ मनोजित की तस्वीर साझा करते हुए लिखा, "अपराध का साम्राज्य यूं ही खड़ा नहीं होता, यह वर्षों की संगति और संरक्षण से फलता-फूलता है।"   वहीं, टीएमसी के राज्य महासचिव कुणाल घोष ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि केवल तस्वीरों के आधार पर किसी संबंध को साबित नहीं किया जा सकता। उन्होंने आरोप लागते हुए कहा कि ऐसे कई उदाहरण हैं जहां भाजपा नेताओं की तस्वीरें भी बाद में ऐसे मामलों में फंसे नेताओं के साथ सामने आई थीं। सार्वजनिक हस्तियों के साथ ऐसे फोटो खिंचवाना सामान्य बात है। अगर टीएमसी को सफाई देनी है, तो भाजपा को भी देना होगा।"   घटना 25 जून की शाम करीब सात बजे की है, जब छात्रा को तृणमूल छात्र परिषद में निष्ठा साबित करने के नाम पर कॉलेज के कॉमन रूम में बुलाया गया। जब छात्रा ने वहां से निकलने की कोशिश की, तो उसे जबरन कॉलेज परिसर के एक गार्ड रूम में घसीटकर ले जाया गया। गार्ड को वहां से भगा दिया गया, लड़की गार्ड से मदद मांगती रही लेकिन वह भाग निकला और सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया। पीड़िता ने आरोप लगाया है कि कॉलेज के सुरक्षा कर्मियों ने इस अपराध में आरोपितों की सहायता की।   कॉलेज की वाइस प्रिंसिपल नैना चटर्जी ने बताया कि यह कॉलेज डे-शिफ्ट में चलता है और कक्षाएं शाम पांच बजे तक समाप्त हो जाती हैं। ऐसे में कॉलेज बंद होने के बाद आरोपित वहां कैसे पहुंचे और पीड़िता को कैसे बुलाया गया, इस पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।   सार्वजनिक अभियोजक सौरिन घोषाल ने बताया कि तीनों आरोपितों को शुक्रवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें एक जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस ने आरोपितों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए हैं और डिजिटल साक्ष्यों की जांच जारी है।   इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए टीएमसीपी के प्रदेश अध्यक्ष त्रिणाकुर भट्टाचार्य ने कहा, "यदि आरोप सही साबित होते हैं तो दोषियों को पार्टी से संबंधों की परवाह किए बिना सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए।"   इस बीच कोलकाता पुलिस के जादवपुर डिवीजन के डिप्टी कमिश्नर कार्यालय ने शुक्रवार शाम एक आधिकारिक बयान जारी कर सोशल मीडिया पर बिना पुष्टि के भ्रामक जानकारी साझा करने से बचने की अपील की है।

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बेंगलुरु । केंद्र सरकार ने बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2025 जीत के बाद रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) के जश्न के दौरान हुई भगदड़ मामले में तीन आईपीएस अधिकारियों को निलंबित करने की मंजूरी दे दी है। इस घटना में ग्यारह लोगों की जान चली गई और कई लोग घायल हो गए थे।इस त्रासदी के मद्देनजर, राज्य सरकार ने कर्तव्य में लापरवाही के लिए तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों बेंगलुरु शहर के पुलिस आयुक्त बी. दयानंद, उप पुलिस आयुक्त विकास कुमार और शेखर को निलंबित कर दिया था। राज्य सरकार ने इनके खिलाफ कार्रवाई की रिपोर्ट डीपीएआर के माध्यम से केंद्र को भेज दी और अब केंद्र सरकार ने इस रिपोर्ट पर विचार कर उसे मंजूरी दे दी है।आरसीबी टीम की जीत का जश्न मनाने के लिए हजारों प्रशंसक बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास बड़ी संख्या में एकत्र हुए थे। इसी दौरान भगदड़ मच गई थी, जिसमें 11 लोग मारे गए और कई घायल हो गए थे। घटना के बाद एक जांच समिति गठित की गई और उसकी सिफारिशों के आधार पर राज्य सरकार ने वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरतने का हवाला देते हुए निलंबन की कार्रवाई की।

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नई दिल्ली । नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एअर इंडिया हादसे के बाद मिले ब्लैक बॉक्स की जांच से जुड़ी जानकारी साझा की है। मंत्रालय ने बताया है कि 24 जून को फ्रंट ब्लैक बॉक्स से क्रैश प्रोटेक्शन मॉड्यूल (सीपीएम) को सुरक्षित रूप से निकाल लिया गया, 25 जून को मेमोरी मॉड्यूल को सफलतापूर्वक एक्सेस किया गया और इसका डेटा एएआईबी लैब में डाउनलोड किया गया। सीवीआर और एफडीआर डेटा का विश्लेषण जारी है।   नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने गुरुवार को जारी बयान में कहा कि एयर इंडिया की फ्लाइट संख्‍या एआई-171 के ब्लैक बॉक्स डेटा का विश्लेषण अभी चल रहा है। कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीवीआर) और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (एफडीआर) दोनों को बरामद कर लिया गया था, उन्हें दिल्ली ले जाया गया है और विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) प्रयोगशाला में डेटा विश्लेषण जारी है। मंत्रालय ने कहा कि टीम का नेतृत्व एएआईबी के महानिदेशक कर रहे हैं। इसमें यूएस नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (एनटीएसबी) के प्रतिनिधि, एक विमानन चिकित्सा विशेषज्ञ और एक एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) अधिकारी शामिल हैं।   मंत्रालय के मुताबिक भारत, आईसीएओ शिकागो कन्वेंशन (1944) का हस्ताक्षरकर्ता होने के नाते आईसीएओ अनुलग्नक 13 और विमान (दुर्घटनाओं और घटनाओं की जांच) नियम, 2017 के अनुरूप जांच कर रहा है। एएआईबी ऐसी जांच के लिए नामित प्राधिकारी है और उसने दुर्घटना के एक दिन बाद 13 जून, 2025 को एक बहु-विषयक टीम का गठन किया था।   ब्लैक बॉक्स की रिकवरी और ट्रांसफरमंत्रालय के अनुसार हैंडलिंग कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीवीआर) और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (एफडीआर) दोनों अहमदाबाद में दुर्घटना स्थल से बरामद किए गए थे। इसमें एक 13 जून को इमारत की छत से और दूसरा 16 जून को मलबे से बरामद हुआ था। दोनों उपकरणों को पुलिस सुरक्षा और सीसीटीवी निगरानी सहित सख्त प्रोटोकॉल के तहत संभाला गया। इसके बाद 24 जून को ब्लैक बॉक्स भारतीय वायु सेना के विमान के जरिए अहमदाबाद से दिल्ली ले जाया गया। इस विमान के सामने का ब्लैक बॉक्स दोपहर 2:00 बजे एएआईबी के महानिदेशक के साथ एएआईबी लैब पहुंचा, जबकि पिछला ब्लैक बॉक्स एएआईबी की दूसरी टीम द्वारा शाम 5:15 बजे पहुंचाया गया। डेटा निष्कर्ष स्थितिउस शाम, एएआईबी और एनटीएसबी तकनीकी सदस्यों वाली टीम ने डेटा निष्कर्षण शुरू किया। सामने के ब्लैक बॉक्स के क्रैश प्रोटेक्शन मॉड्यूल (सीपीएम) को सफलतापूर्वक प्राप्त किया गया। 25 जून को मेमोरी मॉड्यूल तक पहुंचा गया और एएआईबी प्रयोगशाला में डेटा डाउनलोड किया गया। मंत्रालय ने कहा कि अब तक सभी जांच कदम घरेलू कानूनों और अंतरराष्ट्रीय दायित्वों के अनुपालन तथा एक निर्धारित समय-सीमा के भीतर उठाए गए हैं। ब्लैक बॉक्स से डेटा की रिकवरी और जांच पर स्थिति रिपोर्टनागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा कि एयर इंडिया की फ्लाइट संख्‍या एआई-171 विमान हादसे के फ्रंट ब्लैक बॉक्स से क्रैश प्रोटेक्शन मॉड्यूल (सीपीएम) को 24 जून को सुरक्षित रूप से निकाला गया, जिसका 25 जून को मेमोरी मॉड्यूल को सफलतापूर्वक एक्सेस किया गया था। इसका डेटा एएआईबी लैब में डाउनलोड किया गया। फिलहाल सीवीआर और एफडीआर डेटा का विश्लेषण चल रहा है। इन प्रयासों का उद्देश्य दुर्घटना की ओर ले जाने वाली घटनाओं के अनुक्रम को फिर से बनाना, विमानन सुरक्षा को बढ़ाने और भविष्य की घटनाओं को रोकने के लिए योगदान देने वाले कारकों की पहचान करना है।   उल्‍लेखनीय है क‍ि 12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रहा एयर इंडिया का बोइंग 787-8 विमान दुर्घटनाग्रस्त होकर एक मेडिकल हॉस्टल परिसर में गिर गया। जिससे विमान में सवार 241 यात्रियों सहित 270 से अधिक लोगों की मौत हो गई। य‍ह विमान टेकऑफ के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था इस विमान में सवार केवल एक यात्री जीवित बच पाया था।

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नई दिल्ली । नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से अंतरिक्ष के लिए रवाना किया गया स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल गुरुवार को तय समय से 20 मिनट पहले अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर पहुंच गया। यह प्रक्रिया लेजर सेंसर, कैमरे और स्वचालित सिस्टम से हुई। इस मिशन का संचालन भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने किया। हवा के रिसाव और दबाव की स्थिरता की लंबी जांच-पड़ताल के बाद क्रू के सदस्यों ने आईएसएस में प्रवेश किया। चारों अंतरिक्ष यात्री 14 दिनों तक वहां रहकर धरती पर लौटेंगे।   फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से गुरुवार को भारतीय समयानुसार दोपहर 12:01 बजे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) की ओर उड़ान भरने के बाद यह यान 418 किमी ऊंचाई पर पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा है। लॉन्च के बाद से यह लगभग 28 घंटे की यात्रा पूरी करके अपनी मंजिल पर पहुंच चुका है। एक्स-4 क्रू में भारत, पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष भेजे गए हैं। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला बतौर पायलट इस मिशन से जुड़े हैं, जबकि अनुभवी अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन एक्सिओम-4 मिशन की कमान संभाल रही हैं। दो अन्य सदस्यों में हंगरी के टिबोर कापू और पोलिश अंतरिक्ष यात्री स्लावोज उज़्नान्स्की हैं।   एक्सिओम-4 मिशन की सफलता पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि अभी डॉकिंग हो गई है। वहां जितने भी प्रयोग होने वाले हैं, उन सबकी सामग्री भारत में विकसित की गई है, तो हो गया आत्मनिर्भर भारत। वहां से जो प्रयोग होंगे, जो नतीजे निकलेंगे वो दूसरे देशों के काम आएंगे, तो हो गया विश्वबंधु भारत। जिस प्रकार से भारत इन सब प्रक्रियाओं में अब अगुवाई करने लगा है, तो हो गया विकसित भारत। मुझे लगता है कि यह दुनिया के लिए एक बहुत बड़ा संकेत है और इससे दुनिया के आगे भारत की छवि बदली है। उन्होंने कहा कि पिछले एक-दो वर्षों में इंजीनियरिंग कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में एयरोस्पेस अध्ययन में काफी रुचि बढ़ी है। इसरो में इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों के लिए ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण होता है। हजारों आवेदन आते हैं। यह हमारे सफल प्रयोगों का परिणाम है।   वायु सेना के ग्रुप कैप्टन और अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की मां आशा शुक्ला ने कहा कि डॉकिंग सफलतापूर्वक हुई। यह बहुत गर्व की बात है। यह सभी के लिए अच्छा है। हम बहुत खुश हैं, हमने हर दिन प्रार्थना की। हम भगवान से प्रार्थना करते हैं कि वे अपना कर्तव्य अच्छी तरह से निभाएं और सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर लौटें। इसका श्रेय सिर्फ मेरे बेटे और उसकी कड़ी मेहनत और समर्पण को जाता है। शुभांशु शुक्ला के पिता शंभू दयाल शुक्ला ने कहा कि हमें बहुत खुशी है। सफल डॉकिंग हुई है, इसके लिए हम भगवान का धन्यवाद करते हैं। हमें ये देख कर बहुत अच्छा लगा। हमें अपने बच्चे पर गर्व है।

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नई दिल्ली । शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के संयुक्त घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करने से भारत के इनकार करने को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि यह निर्णय भारत ने सिद्धांतगत आधार पर लिया क्योंकि घोषणापत्र के कुछ अहम बिंदुओं पर सदस्य देशों के बीच आम सहमति नहीं बन पाई।चीन के किंगदाओ प्रांत में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में भारत ने अहम कूटनीतिक रुख अपनाते हुए संयुक्त घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कुछ अहम बिंदुओं पर आम सहमति न बनने के चलते इस घोषणापत्र को स्वीकार नहीं किया।इसे लेकर राजधानी दिल्ली में एक प्रेस कांफ्रेंस में पूछे गए सवाल पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल बताया कि भारत चाहता था कि दस्तावेज़ में आतंकवाद, विशेष रूप से सीमा पार आतंकवाद और उससे जुड़ी चिंताओं को स्पष्ट रूप से दर्शाया जाए। कुछ सदस्य देशों को यह स्वीकार्य नहीं था, जिसके चलते घोषणापत्र को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका। जायसवाल ने कहा कि भारत का मानना है कि आतंकवाद वैश्विक सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है और इस विषय पर किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता।जायसवाल ने कहा कि अपने संबोधन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एससीओ के सभी 11 सदस्य देशों से आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के खिलाफ एकजुट होकर कार्रवाई करने का आह्वान किया। उन्होंने यह भी जोर देकर कहा कि आतंकवाद को समर्थन, वित्त पोषण और शरण देने वालों को जवाबदेह ठहराना जरूरी है और उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए। प्रवक्ता ने दोहराया कि भारत एससीओ के मंच पर रचनात्मक भूमिका निभाने को प्रतिबद्ध है, लेकिन अपनी सुरक्षा और मूल सिद्धांतों से कोई समझौता नहीं करेगा।

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नई दिल्ली । भारतीय क्रिकेट टीम ने टेस्ट इतिहास में एक अनचाहा रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। भारत ऐसी पहली टीम बन गई है जो पांच बल्लेबाजों के शतक के बावजूद कोई टेस्ट मैच हार गई हो। इससे पहले कभी भी किसी टीम को चार या उससे अधिक शतक लगने के बाद हार का सामना नहीं करना पड़ा था। यह रिकॉर्ड आखिरी बार 1928 में तब दर्ज हुआ था, जब ऑस्ट्रेलिया ने एमसीजी पर इंग्लैंड से हार झेली थी।यह ऐतिहासिक हार हेडिंग्ले टेस्ट में दर्ज हुई, जहां इंग्लैंड ने 371 रनों के लक्ष्य का पीछा कर सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली। इस यादगार जीत के नायक रहे बेन डकेट, जिन्होंने मात्र 149 रन की विस्फोटक पारी खेलकर चेज़ की नींव रखी।डकेट ने जैक क्रॉली के साथ पहले विकेट के लिए 188 रनों की साझेदारी की। क्रॉली ने संयमित 65 रन बनाए। दोनों बल्लेबाजों को भारतीय फील्डिंग में मिले जीवनदान का भरपूर फायदा मिला — क्रॉली 42 पर और डकेट 97 पर जीवनदान पाकर आगे बढ़े।भारत की ओर से पांच बल्लेबाजों ने शतक जमाए, लेकिन गेंदबाज़ी और फील्डिंग में चूकों ने टीम को भारी नुकसान पहुंचाया। आखिरी दिन इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने तेजी से रन बनाते हुए भारत से जीत छीन ली।अब भारत को एजबेस्टन टेस्ट से पहले जल्दी संभलने की जरूरत है। टीम चयन में बदलाव की संभावना है, खासकर जब कुलदीप यादव जैसे कलाई के स्पिनर बेंच पर तैयार हैं।यह हार सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि भारत के लिए चेतावनी है कि केवल रन बनाना काफी नहीं — मौके भुनाना और गेंदबाज़ी में धार लाना भी उतना ही जरूरी है।

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तेहरान/वॉशिंगटन । ईरान की परमाणु ऊर्जा एजेंसी (एईओआई) ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया दावे को खारिज करते हुए स्पष्ट किया है कि उसका परमाणु कार्यक्रम किसी भी कीमत पर नहीं रुकेगा। एईओआई के प्रवक्ता ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा कि ईरान यूरेनियम संवर्धन को दोबारा शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है और यह प्रक्रिया किसी बाहरी दबाव के अधीन नहीं है।एईओआई ने कहा है कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है और यह हमारी राष्ट्रीय संप्रभुता और वैज्ञानिक आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। हम अपने अधिकारों से पीछे नहीं हटेंगे।एजेंसी ने आगे कहा कि यूरेनियम संवर्धन की प्रक्रिया अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के दिशानिर्देशों के तहत की जाएगी, लेकिन राजनीतिक दबाव या समझौतों के आधार पर इसका त्याग नहीं किया जाएगा।ईरान की यह प्रतिक्रिया तब आई जब राष्ट्रपति ट्रंप ने दावा किया कि उनकी पहल से ईरान अब "दुनिया का सबसे घातक हथियार" यानी परमाणु बम कभी हासिल नहीं कर पाएगा। उन्होंने इस दावे को आधार बनाकर खुद को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित भी किया है।दूसरी ओर, ईरान-इजराइल के बीच संघर्षविराम लागू होने को ट्रंप ने एक “ऐतिहासिक उपलब्धि” बताया। हालांकि ईरान ने न सिर्फ इस संघर्षविराम को “एकतरफा अमेरिकी प्रचार” कहा, बल्कि ट्रंप के परमाणु दावों को भी राजनीतिक लाभ के लिए गढ़ा गया झूठ करार दिया है।

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वाशिंगटन । भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला एक्सिओम-4 मिशन के लिए रवाना हो गए। फ्लोरिडा स्थित नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से आज सुबह 2:31 बजे ईडीटी (12:01 बजे आईएसटी) एक्सिओम मिशन-4 स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान ने चार अंतरिक्ष यात्रियों के साथ उड़ान भरी। इसे फाल्कन 9 रॉकेट के माध्यम से कक्षा में प्रक्षेपित किया जाएगा। स्पेसएक्स ने ड्रैगन के रवाना होने के समय का पहला वीडियो जारी किया है।स्पेसएक्स के वीडियो में शुभांशु समेत मिशन पर जा रहे हंगरी के तिबोर कापू, पोलैंड के स्लावोस उज्नान्स्की विस्नेव्स्की और टीम का नेतृत्व कर रहीं पैगी को विमान में बैठे हुए देखा जा सकता है। यान को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में पहुंचने में 28 घंटे का समय लगेगा। अंतरिक्ष स्टेशन धरती से करीब 400 किलोमीटर की ऊंचाई पर है। यह पृथ्वी के चारों ओर एक निश्चित कक्षा में 28 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से घूमता है। अंतरिक्ष यात्री शुभांशु की इस मिशन में पायलट की भूमिका है।उनके साथ इस मिशन में अनुभवी नासा अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन, पोलैंड से ईएसए अंतरिक्ष यात्री स्लावोज उज्नान्स्की विस्नीव्स्की और हंगरी से तिबोर कापू भी शामिल हैं। इस मिशन की अवधि 14 दिन है। नासा के अनुसार, लॉन्चिंग के अगले दिन 26 जून की शाम लगभग 4 बजकर 30 मिनट पर ड्रैगन कैप्सूल अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से डॉक करेगा।नासा और स्पेसएक्स के सहयोग से एक्सिओम स्पेस ने इस मिशन को तैयार किया है। इसमें कई देशों के अंतरराष्ट्रीय क्रू मेंबर शामिल हैं। यह कमर्शियल और वैश्विक अंतरिक्ष एक्सप्लोरेशन में एक बड़ा कदम है। भारत के लिहाज से खास बात ये है कि इसमें भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला भी हैं। किसी भी भारतीय एस्ट्रोनॉट की आईएसएस के लिए ये पहली उड़ान है। भारत, हंगरी और पोलैंड के लिए यह मिशन लंबे अंतराल के बाद मानव अंतरिक्ष यान की वापसी का प्रतीक है।उल्लेखनीय है कि भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय हैं। इससे पहले वर्ष 1984 में अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष की यात्रा की थी। राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष से कहा था, ''सारे जहां से अच्छा हिंदुस्ता हमारा।''

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देहरादून । उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री धाम के पैदल मार्ग पर नौ कैंची भैरव मंदिर के पास बीते दिन हुए भूस्खलन के बाद मलबे में दबकर एक बालिका समेत दो लोगों की मौत हो गई, जबकि दो यात्री अभी लापता हैं। एसडीआरएफ, पुलिस तथा वन विभाग की टीम ने मंगलवार सुबह साढ़े छह बजे से पुन: खोज एवं बचाव अभियान शुरू कर दिया है। इस बीच सुबह जिलाधिकारी प्रशांत आर्य भी मौके पर पहुंच गये। जिलाधिकारी ने मौके पर मौजूद अधिकारियों से हादसे के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने जियोलॉजिस्ट की टीम को तत्काल मौके का निरीक्षण करने व भूस्खलन के कारणों का पता लगाने के लिए मौके पर पहुंचने के निर्देश दिये हैं।   जिला आपातकालीन परिचालन केन्द्र के अनुसार खोज एवं बचाव अभियान पुन: प्रारंभ किया गया है। सभी यात्रियों को आवागमन हेतु फिलहाल रोका गया है जिन्हें वैकल्पिक मार्ग से भेजने की कार्रवाई की जा रही है। केन्द्र के अनुसार हादसे में मारे गए लोगों की पहचान हरिशंकर पुत्र ओमप्रकाश (47) और ख्याति (09) पुत्री हरिशंकर निवासी जौनपुर, उत्तर प्रदेश के रूप में हुई है। भाविका शर्मा (11) पुत्री जॉय शर्मा निवासी बी-58, कृष्णा विहार, नई दिल्ली और कमलेश जेठवा (35) पुत्र कांतिबाई निवासी मुंबई, महाराष्ट्र अभी लापता हैं। दोनों की तलाश की जा रही है। इस हादसे में घायल रशिक भाई पुत्र बसराम भाई निवासी मुंबई, महाराष्ट्र कोदेहरादून रेफर किया गया है।  

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को विज्ञान भवन में आयोजित श्रीनारायण गुरु और महात्मा गांधी के ऐतिहासिक संवाद की शताब्दी समारोह का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने हाल ही में सफलतापूर्वक संपन्न ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख कर कहा कि इसने आतंकवाद के खिलाफ भारत की स्पष्ट और कठोर नीति को दुनिया के सामने रख दिया है।   प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने दिखा दिया है कि भारतीयों का खून बहाने वालों के लिए अब दुनिया में कोई भी जगह सुरक्षित नहीं है। आज का भारत अपने हितों के अनुसार हर जरूरी कदम उठाने में पीछे नहीं रहता। उन्होंने श्रीनारायण गुरु और महात्मा गांधी की 1925 में हुई ऐतिहासिक मुलाकात को याद करते हुए कहा कि यह संवाद केवल इतिहास की घटना नहीं, बल्कि आज भी सामाजिक समरसता और राष्ट्रीय एकता के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने कहा कि श्रीनारायण गुरु का जीवन समता, एकता और आध्यात्मिक उत्थान का प्रतीक रहा है। भारत की विशेषता यही है कि जब भी देश किसी संकट में होता है, कोई न कोई महान विभूति मार्गदर्शन के लिए सामने आती है। श्रीनारायण गुरु ऐसे ही संत थे, जिन्होंने समाज को नई दिशा दी।प्रधानमंत्री मोदी ने शिवगिरी मठ के साथ अपने पुराने संबंधों को याद करते हुए कहा कि वह स्वयं को सौभाग्यशाली मानते हैं कि यह मठ हमेशा उनके साथ खड़ा रहा है। उन्होंने 2013 की केदारनाथ आपदा का ज़िक्र कर कहा कि उस कठिन समय में शिवगिरी मठ ने भारत सरकार के बजाय उन्हें संपर्क किया, जब वे केवल एक मुख्यमंत्री थे। उन्होंने ‘वन अर्थ, वन हेल्थ’, ‘वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड’ और ‘वन फैमिली, वन फ्यूचर’ जैसे वैश्विक दृष्टिकोणों का उल्लेख करते हुए भारत के नेतृत्व की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत सतत विकास के लक्ष्य में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। महिला सशक्तीकरण की दिशा में किए गए प्रयासों का उल्लेख कर प्रधानमंत्री ने कहा कि आज बेटियां कोर्ट से लेकर स्पेस तक भारत का नाम रोशन कर रही हैं। हमने उन क्षेत्रों में भी महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की है, जहां पहले उनकी एंट्री तक वर्जित थी।प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति न केवल शिक्षा को समावेशी और आधुनिक बना रही है, बल्कि मातृभाषा में पढ़ाई को बढ़ावा देकर पिछड़े वर्गों को आगे ला रही है। शताब्दी समारोह के अवसर पर मोदी ने कहा कि यह कार्यक्रम एक वैचारिक महाकुंभ है, जो सामाजिक न्याय, एकता और आध्यात्मिक सद्भाव के मूल्यों को सुदृढ़ करने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देगा।    यह ऐतिहासिक संवाद 12 मार्च 1925 को शिवगिरी मठ में महात्मा गांधी और श्रीनारायण गुरु के बीच हुआ था, जिसमें वैकोम सत्याग्रह, धर्मांतरण, अस्पृश्यता उन्मूलन, दलित उत्थान और मोक्ष जैसे विषयों पर विचार हुआ था। श्री नारायण धर्म संघम ट्रस्ट द्वारा आयोजित इस आयोजन में देशभर के आध्यात्मिक और सामाजिक नेता हिस्सा ले रहे हैं।

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हितानंद शर्मा आंतरिक अशांति का बहाना बनाकर 25 जून 1975 की आधी रात को देश पर थोपे गए ‘आपातकाल’को 50 वर्ष पूरे हो रहे हैं। भारत की जनता ने तब तानाशाही के विरुद्ध स्‍वतंत्रता की एक और लड़ाई लड़ी थी। इस बार लड़ाई अपने ही दिग्‍भ्रमित सत्‍तालोलुप नेताओं से थी, जिसमें देश एक बार फि‍र विजेता बनकर उभरा था। पिछले कुछ वर्षों से कुछ विपक्षी नेता संविधान की प्रति हाथ में लिए भाषण देते दिखाई देते रहे हैं। बात-बात में संविधान की दुहाई देने का क्रम चल रहा है। भारत के स्‍वस्‍थ और मजबूत लोकतांत्रिक वातावरण में भी ‘लोकतंत्र व संविधान बचाने’ के लिए सभाओं के प्रहसन चल रहे हैं। आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने पर यह अवसर है जब मुड़कर इतिहास को फिर से देखने की आवश्‍यकता है। आपातकाल का निर्णय किसी युद्ध या आंतरिक विद्रोह के कारण नहीं बल्कि एक प्रधानमंत्री के लोकसभा चुनाव रद्द होने और अपनी सत्‍ता बचाने की हताशा में लिया गया राष्‍ट्र विरोधी निर्णय था। कांग्रेस पार्टी ने आपातकाल के इस क्रूरकाल में न केवल संवैधानिक ढांचे को कुचला बल्कि प्रेस की स्‍वतंत्रता, न्‍यायपालिका की निष्‍पक्षता और नागरिकों के मौलिक अधिकारों को भी भंग किया। 1971 के आम चुनावों में इंदिरा गांधी ने रायबरेली से जीत तो हासिल की लेकिन उनके निकटतम उम्‍मीदवार राजनारायण ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुनाव में भ्रष्‍टाचार और सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग के आरोप लगाए। इधर देश की अर्थव्‍यवस्‍था खराब स्थिति में थी। आर्थिक विकास दर केवल 1.2% थी। देश का विदेशी मुद्रा भंडार मात्र 1.3 बिलियन डॉलर था (आज 640 बिलियन है)। महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्‍टाचार चरम पर था। 50% से ज्यादा जनता गरीबी रेखा के नीचे थी। बिहार और गुजरात में छात्रों के नेतृत्‍व में नवनिर्माण आंदोलन चल रहा था। 8 मई 1974 को जॉर्ज फर्नांडि‍स के नेतृत्‍च में देशव्‍यापी रेल हड़ताल हो चुकी थी। बिहार, गुजरात में राष्‍ट्रपति शासन के बाद कांग्रेस चुनाव हार चुकी थी। इस सबसे कांग्रेस की केंद्र सरकार परेशान हो चुकी थी।12 जून 1975 को न्यायमूर्ति जगमोहनलाल सिन्हा ने अपने निर्णय में इंदिरा गांधी की जीत को अवैध करार दिया और 6 साल तक चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित कर दिया। इस ऐतिहासिक निर्णय के बाद इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री नहीं रह सकती थीं। उनकी कुर्सी को गंभीर राजनीतिक संकट खड़ा हो गया। इससे घबराकर इंदिरा गांधी ने आंतरिक अशांति का बहाना बनाकर मंत्रिपरिषद् की अनुशंसा के बगैर ही राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद से अनुच्छेद 352 के तहत देश में आपातकाल लगाने की सिफारिश की, जिसे राष्‍ट्रपति ने 25 जून 1975 की आधी रात को मंजूरी दे दी। आज संविधान की प्रतियां हाथ में लहराने का नाटक करने वालों को यह स्‍मरण रखना ही होगा कि आपातकाल वास्‍तव में भारतीय लोकतांत्रिक व्‍यवस्‍था को कुचलने का प्रयास था। य‍ह संविधान की हत्‍या की सोची-समझी रणनीति थी। इंदिरा गांधी ने ‘आंतरिक अशांति’ की आड़ लेकर संविधान के अनुच्‍छेद 352 का दुरुपयोग किया जबकि न तो उस समय बाहरी आक्रमण या युद्ध की स्थिति थी, न विद्रोह ही हुआ था। आपातकाल किसी राष्‍ट्रीय संकट का परिणाम नहीं था, बल्कि यह एक डरी हुई प्रधानमंत्री की सत्‍ता बचाने की जिद थी। संविधान की शपथ लेकर इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री बनी थीं, किन्‍तु उसी संविधान की आत्‍मा को कुचलते हुए एक झटके में उन्‍होंने लोकतंत्र को तानाशाही में बदलकर रख दि‍या और पूरी शासन व्‍यवस्‍था को कठपुतली की तरह उपयोग किया। कांग्रेस सरकार ने विधायिका और न्‍यायपालिका को बंधक बनाकर सत्‍ता के आगे घुटने टेकने को विवश कर दिया था। प्रेस की स्‍वतंत्रता पर कुठाराघात किया गया। बड़े-बड़े समाचार पत्र संस्‍थानों की बिजली काट दी गई। समाचार पत्रों के प्रकाशन पर सेंसरशिप लगा दी गई और पत्रकारों को जेल में डाल दिया गया। 21 महीने के आपातकाल का क्रूर समय नागरिकों पर हुए अत्‍याचारों की दारुण गाथा है। जहां विरोध में स्‍वर उठे वहां क्रूरता के साथ दमन किया गया। लोकतंत्र में आस्‍था रखने वाली हर आवाज को दबाया गया। मीसा जैसे काले कानून में लगभग एक लाख लोगों को बिना किसी सुनवाई के जेलों में डाला गया। जयप्रकाश नारायण, अटलबिहारी वाजपेयी, लालकृष्‍ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, राजनाथ सिंह जैसे अनेक वरिष्‍ठ विपक्षी नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, पत्रकारों यहां तक कि छात्रों तक को जेल में बंद करा दिया। जेलों में अमानवीय यातनाएं दी गईं। बीमार होने पर दवाएं तक नहीं दी गईं। महिला बंदियों के साथ असम्‍मानजनक और अमानवीय व्यवहार किया गया।लोकतंत्र की रक्षा में राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ की भूमिका और संघर्ष अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण है। डरी हुई सरकार ने आपातकाल लगाने के पांच दिन बाद ही सरसंघचालक श्री बालासाहब देवरस को गिरफ्तार कर लिया। जयप्रकाश नारायण ने अपनी गिरफ्तारी से पहले लोक संघर्ष समिति का नेतृत्‍व संघ के पूर्णकालिक नानाजी देशमुख को सौंप दिया था, बाद में उन्‍हें भी गिरफ्तार कर लिया गया। आरएसएस, जनसंघ, एवीबीपी और कई अन्‍य संगठनों पर प्रतिबंध लगाकर कांग्रेस द्वारा कठोर दमन चक्र चलाया गया। एक लाख स्‍वयंसेवक एवं विचार परिचार के कार्यकर्ताओं ने सत्‍याग्रह किया। 25 हजार कार्यकर्ताओं को मीसा में बंदी बना लिया गया। 100 कार्यकर्ता इस संघर्ष में बलिदान हो गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस समय साधारण कार्यकर्ता हुआ करते थे और उन्‍हीं की तरह लाखों स्‍वयंसेवकों ने आपातकाल विरोधी आंदोलन जारी रखा। रातों-रात रेलों में आपातकाल विरोधी पर्चे बांटे, मीसाबंदियों के परिवारों की देखरेख की, भूमिगत रहते हुए आंदोलन की गति बनाए रखी और कांग्रेस की सच्‍चाई घर-घर तक पहुंचाई। अंततः जनाक्रोश और नागरिकों के बढ़ते दबाव के कारण जनवरी 1977 में चुनावों की घोषणा हुई और मार्च 1977 में हुए चुनावोंमें जनता पार्टी को जबरदस्त समर्थन मिला। इंदिरा गांधी स्वयं रायबरेली से चुनाव हार गईं। लोकतंत्र फि‍र प्रतिष्‍ठि‍त हुहु आ‘इंदिरा इज इंडिया, इंडिया इज इंदिरा’ जैसे नारों से आपातकाल के समय में कांग्रेस ने देश को व्‍यक्ति पूजा और परिवारवाद की प्रयोगशाला बना दिया। बिना किसी संवैधानिक दायित्‍व के संजय गांधी देश की नीतियों पर निर्णय ले रहे थे। वह आपातकाल में सत्‍ता का वास्‍तविक केंद्र थे। देश के नागरिकों पर आपातकाल थोपने वाली कांग्रेस आज भी इसी परिवारवाद के सीमित सांचे में सिमटकर रह गई है। इंदिरा गांधी की तानाशाही का सबसे भयावह चेहरा यह था कि उन्‍होंने अपने पुत्र के माध्‍यम से सत्‍ता को वंशवाद की जकड़ में पूरी तरह से कैद कर लिया था। सत्‍ता लोलुपता में कांग्रेस ने लोकसभा का कार्यकाल 5 से बढ़ाकर 6 वर्ष कर दिया। आपातकाल इतिहास की एक राजनीतिक घटना मात्र नहीं हैं, बल्कि उस दूषित मानसिकता का प्रमाण है, जो संविधान और लोकतंत्र को केवल अपनी सत्‍ता पाने और बचाए रखने के लिए इस्‍तेमाल करती है। लोकतंत्र के साथ विश्‍वासघात करने के बाद भी कांग्रेस ने न तो कभी माफी मांगी और न ही कोई पश्‍चाताप ही प्रकट किया। बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर ने जनता को अधिकार देने के लिए जिस संविधान का निर्माण किया, कांग्रेस ने उसी की गलत व्‍याख्‍या कर जनता के अधिकारों को छीना। स्‍वतंत्रता के बाद ऐसा पहली बार हुआ जब सरकार ने राष्‍ट्र के शत्रु नहीं राष्‍ट्र की जनता को ही बंदी बना लिया। आपातकाल लोकतंत्र का काला अध्‍याय है। आपातकाल का स्‍मरण रखना इसलिए आवश्‍यक है, ताकि भविष्‍य में संविधान और लोकतंत्र को सुरक्षित रखा जा सके, क्‍योंकि यह प्रत्‍येक भारतीय का नैतिक दायित्‍व भी है। (लेखक, भारतीय जनता पार्टी मध्‍य प्रदेश के प्रदेश संगठन महामंत्री हैं।)        

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नई दिल्ली । ईरान में परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमले का वैश्विक बाजार पर व्यापक असर देखने को मिल रहा है। अमेरिका की ओर से सप्ताहांत ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले के बाद अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में सोमवार को कच्चे तेल के भाव में 2 फीसदी से ज्‍यादा की तेजी दर्ज की गई है, जो 80 डॉलर प्रति डॉलर के करीब पहुंच गया है। आने वाले समय में इसका व्‍यापक असर भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम पर पड़ सकता है।  अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में शुरुआती कारोबार के दौरान कच्‍चे तेल (क्रूड ऑयल) की कीमतों में 2 फीसदी से अधिक की तेजी दिखी है। अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड की कीमत 1.92 डॉलर यानी 2.49 फीसदी उछलकर 78.93 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड (डब्ल्यूटीआई) 1.89 डॉलर यानी 2.56 फीसदी बढ़कर 75.73 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है। जानकारों का कहना है कि ईरान की संसद ने हाल ही में अमेरिकी हवाई हमलों के जवाब में स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को बंद करने का प्रस्ताव पास किया है। अगर ईरान स्ट्रेट ऑफ होर्मुज बंद करता है, तो इसका असर भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर पड़ सकता है। दरअसल यह कच्‍चे तेल के व्यापार का अहम रास्ता है। इस खबर के बाद क्रूड ऑयल का भाव बढ़कर 80 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गया है। राजधानी नई दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 94.72 रुपये, मुंबई में 104.21 रुपये, कोलकाता में 103.94 रुपये और चेन्नई में 100.75 रुपये प्रति लीटर है। वहीं, डीजल का भाव दिल्ली में 87.62 रुपये, मुंबई में 92.15 रुपये, कोलकाता में 90.76 रुपये और चेन्नई में 92.34 रुपये प्रति लीटर है। हालांकि, सार्वजनिक क्षेत्र की तेल एवं गैस विपणन कंपनियों ने पेट्राल और डीजल के दाम में अभी इजाफा नहीं किया है, लेकिन क्रूड ऑयल के दाम बढ़ने पर तेल कंपनियों को पेट्रोलियम पदार्थों के दाम बढ़ाने पड़ सकते हैं, क्‍योंकि भारत अपनी कच्‍चे तेल जरूरतों का बड़ा हिस्सा इंपोर्ट करता है।  

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रायपुर । केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नवा रायपुर में सुकमा में आईईडी विस्फोट में बलिदान आकाश राव गिरिपुंजे के परिजनों से सोमवार को सौजन्य भेंट की। उन्होंने शोकाकुल परिवार से मुलाकात कर गहरी संवेदना व्यक्त की और उन्हें सांत्वना प्रदान की। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बलिदान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आकाश राव गिरिपुंजे की वीरता और बलिदान की सराहना करते हुए कहा कि उनकी बलिदान देेश के लिए अविस्मरणीय है। जोर देकर कहा कि देश हमेशा उनके बलिदान का ऋणी रहेगा और उनकी बलिदान को कभी व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा। शाह ने बलिदान केे साहस को प्रेरणादायी बताते हुए उनके योगदान को राष्ट्र के लिए अमूल्य करार दिया।इस अवसर पर शाह ने बलिदान केे परिजनों को आश्वासन दिया कि सरकार उनके साथ हर कदम पर खड़ी है। उन्होंने कहा कि सरकार बलिदानियो के परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और राज्य के गृह मंत्री विजय शर्मा भी उपस्थित थे।

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पटना । राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वर्तमान अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव सोमवार को परिवार के साथ राजद ऑफिस पहुंचे, और राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन किया।   राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने अध्यक्ष पद के लिए औपचारिक रूप से नामांकन दाखिल किया। नामांकन के दौरान राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव समेत पूरा लालू परिवार मौजूद रहा। पटना स्थित राजद कार्यालय में नामांकन के लिए भारी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता और नेता भी जुटे हुए थे।     कार्यालय के बाहर और भीतर "लालू यादव ज़िंदाबाद" के नारों से माहौल गूंज उठा। लालू प्रसाद यादव के खिलाफ अब तक किसी और ने नामांकन नहीं दाखिल किया है, जिससे यह तय माना जा रहा है कि वे एक बार फिर से राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनेंगे।   पार्टी के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि लालू यादव ही अगले अध्यक्ष होंगे। राजद द्वारा आधिकारिक तौर पर घोषणा 5 जुलाई को की जाएगी, उस दिन लालू यादव का जन्मदिन भी है। पार्टी इसे "लालू सम्मान दिवस" के रूप में भी मनाने की तैयारी कर रही है।   नामांकन के मौके पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह की गैरमौजूदगी ने सियासी अटकलों को जन्म दे दिया है। हाल के दिनों में जगदानंद सिंह और तेजस्वी यादव के बीच मतभेद की खबरें सामने आई थीं। ऐसे में उनका पार्टी कार्यालय में उपस्थित न रहना एक संदेश के रूप में देखा जा रहा है।

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विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश) । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज यहां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर आयोजित राष्ट्रीय समारोह में दुनिया के समस्त लोगों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि आज 11वीं बार पूरा विश्व एक साथ योग कर रहा है। योग का सीधा अर्थ होता है जुड़ना। यह देखना सुखद है कि कैसे योग ने पूरे विश्व को जोड़ा है।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "मुझे गर्व होता है जब मैं देखता हूं कि हमारे दिव्यांग साथी योगशास्त्र पढ़ते हैं। वैज्ञानिक अंतरिक्ष में योग करते हैं। गांव-गांव में युवा साथी योग ओलंपियाड में भाग लेते हैं।" उन्होंने कहा "विशाखापत्तनम शहर प्रकृति और प्रगति दोनों की संगम स्थली है। योगांद्रा अभियान से दो करोड़ से ज्यादा लोग जुड़े हैं। लोगों की भागीदारी की यही भावना विकसित भारत का मुख्य आधार है।"उन्होंने कहा, "विश्व में योग के प्रसार के लिए भारत योगविज्ञान को आधुनिक रिसर्च से और अधिक सशक्त कर रहा है। देश के बड़े मेडिकल संस्थान योग पर रिसर्च में जुटे हैं। योग की वैज्ञानिकता को आधुनिक चिकित्सा पद्धति में स्थान मिले ये हमारा प्रयास है।" प्रधानमंत्री मोदी इस समय विशाखापत्तनम से राष्ट्रीय कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे हैं।इस वर्ष की थीम "एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग" है। यह वैश्विक स्वास्थ्य के भारत के दृष्टिकोण को प्रतिध्वनित करता है और कल्याण के एकीकृत दृष्टिकोण को दर्शाता है। यह "सर्वे संतु निरामया" (सभी रोग मुक्त हों) के भारतीय लोकाचार से प्रेरित होकर मानव और ग्रह स्वास्थ्य के परस्पर संबंध पर जोर देता है। प्रधानमंत्री मोदी कल शाम विशाखापत्तनम पहुंचे। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने उनका स्वागत किया।आयुष मंत्रालय ने उम्मीद जताई है कि प्रधानमंत्री मोदी विशाखापत्तनम में तीन लाख से अधिक प्रतिभागियों के साथ कॉमन योग प्रोटोकॉल का प्रदर्शन करेंगे। यह 'योग संगम' पहल के तहत देश भर में 10 लाख से अधिक स्थानों के साथ समन्वयित है। सामूहिक प्रदर्शन सुबह 6:30 से शुरू हो चुका है। यह पूर्वाह्न 7:45 बजे तक चलेगा। वैश्विक कल्याण के दृष्टिकोण के इस विशाल आयोजन में प्रधानमंत्री के साथ केंद्रीय आयुष राज्यमंत्री, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्यमंत्री प्रतापराव जाधव और मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू भी हैं। अभूतपूर्व रूप से आयोजित इस योग शिविर में राज्य भर में एक लाख से अधिक स्थानों पर दो करोड़ से अधिक लोगों के हिस्सा लेने की उम्मीद है। इस अवसर पर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के प्रयास का समन्वय आंध्र प्रदेश सरकार भी कर रही है। इसके अतिरिक्त, आंध्र प्रदेश सरकार पंजीकृत प्रतिभागियों को 50 लाख से अधिक योग प्रमाणपत्र प्रदान करेगी। आंध्र विश्वविद्यालय में सूर्य नमस्कार कार्यक्रम आयोजित किया गया। लगभग 25,000 आदिवासी बच्चों ने 108 मिनट में 108 सूर्य नमस्कार किए।

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तेहरान (ईरान) । इजराइल ने ईरान के कोम शहर में हमला किया है। कोम को ईरान का सबसे पवित्र शहर माना जाता है। ईरान का शक्तिशाली फोर्डो ईंधन संवर्धन संयंत्र कोम में एक पहाड़ के नीचे है। इजराइल के कोम शहर की एक अवासीय इमारत में की गई बमबारी में दो लोगों की मौत हो गई।अमेरिकी न्यूज चैनल सीएनएन ने ईरान के सरकारी मीडिया की रिपोर्ट के हवाले से यह खबर प्रसारित की है। इसमें कहा गया है कि शनिवार को मध्य ईरानी शहर कोम में एक आवासीय इमारत पर हुए हमले में दो लोगों की मौत हो गई और चार अन्य घायल हो गए। इमारत की चौथी मंजिल पर हुए हमले की सूचना इजराइल रक्षा बलों के यह कहे जाने के कुछ समय बाद मिली कि उसने ईरान में हमलों की एक नई लहर शुरू कर दी है।सीएनएन के अनुसार, कोम प्रांतीय प्रशासन के प्रवक्ता मोर्टेजा हैदरी के बयान के आधार पर ईरानी मीडिया ने कहा कि मारे गए लोगों में से एक 16 वर्षीय लड़का भी है। अमेरिकी चैनल का कहना है कि जियोलोकेटेड वीडियो में दक्षिण-पश्चिमी कोम में एक इमारत को हुए नुकसान को दिखाया गया है। वीडियो में एक बहुमंजिला इमारत की ऊपरी मंजिलों पर आग लगी हुई है।  

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उधमपुर (जम्मू-कश्मीर) । रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि भविष्य में भारत की धरती पर किसी भी आतंकवादी हमले के लिए पाकिस्तान को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है। भारत इस खतरे के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने के लिए तैयार है।   रक्षामंत्री सिंह ने पाकिस्तान को यह चेतावनी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर आज यहां उत्तरी कमान के जवानों के संबोधन में दी। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने यह संदेश दिया है कि भारत के खिलाफ पाकिस्तान की 'हजार कट' की नीति सफल नहीं हो सकती। सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी के साथ मौजूद राजनाथ सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है। इस ऑपरेशन के जरिए हमने पाकिस्तान को बता दिया है कि भारत के खिलाफ जारी आतंकवाद बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसका जवाब बद से बदतर होता जाएगा।   रक्षामंत्री सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 की एयर स्ट्राइक (सीमा पार) का स्वाभाविक परिणाम था। उन्होंने कहा कि भारत की धरती पर कोई भी आतंकी हमला पाकिस्तान के लिए विनाशकारी साबित होगा। भारत आतंकवाद के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई करने के लिए तैयार है।   सनद रहे कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सशस्त्र बलों ने 6 और 7 मई की दरम्यानी रात पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचों पर हमला किया था। यह हमला 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला था। पहलगाम में 26 लोग मारे गए थे जिनमें अधिकतर पर्यटक थे।  

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गंगटोक । पांच वर्षों के लम्बे अंतराल के बाद पवित्र कैलाश मानसरोवर की तीर्थयात्रा सिक्किम के रास्ते फिर से शुरू हो गई है। आज, शुक्रवार को सिक्किम के राज्यपाल ओम प्रकाश माथुर ने भारत-चीन सीमा पर स्थित नाथूला दर्रे से तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को विधिवत हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।   नाथूला दर्रे से रवाना होने से पहले राज्यपाल ने तीर्थयात्रियों से बातचीत की और उनकी सफल यात्रा के साथ-साथ अच्छे स्वास्थ्य की कामना की। राज्यपाल ने इस ऐतिहासिक मार्ग के पुनः चालू होने को अंतरराष्ट्रीय मैत्री और भारतीय आध्यात्मिक परंपराओं की पुनर्स्थापना का प्रतीक बताया, जो बौद्ध, हिंदू और जैन समुदायों की आस्था को प्रतिबिंबित करती हैं।   राज्यपाल ने इस यात्रा को पुनः प्रारम्भ करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सिक्किम मार्ग से तीर्थयात्रियों को भेजना राज्य के लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक और आध्यात्मिक यात्रा राज्य की पवित्र भूमि से होकर आगे बढ़ रही है, जो सिक्किम राज्य के लिए बहुत गौरव का क्षण है। उन्होंने सिक्किम सरकार, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस और भारतीय सेना को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।   यात्रियों के पहले जत्थे में 33 सदस्य शामिल हैं, जिनमें दो अनुरक्षक और एक डॉक्टर शामिल हैं। सिक्किम पहुंचने पर तीर्थयात्रियों ने चिकित्सा परीक्षण कराया तथा उच्च हिमालयी परिस्थितियों के अनुकूल के लिए दो-चरणीय प्रक्रिया पूरी की। पहले चरण में तीर्थयात्रियों को 18 मील तथा उसके बाद शेरेथांग में जलवायु अनुकूलन के लिए ठहराया गया है।   नाथुला दर्रे पर राज्यपाल माथुर ने हरी झंडी दिखाकर तीर्थयात्रियों को रवाना किया। इस अवसर पर सिक्किम विधानसभा की उपाध्यक्ष राजकुमारी थापा, मंत्री टीटी भोटिया, मंत्री पूरन गुरुंग और मंत्री एनबी दाहाल, विधायक पामिना लेप्चा, विधायक टीटी भोटिया और विधायक सुदेश कुमार लिम्बू, भारतीय सेना के अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।   चीनी प्राधिकारियों द्वारा सीमा पार तीर्थयात्रियों के स्वागत के लिए प्रबंध किए गए थे, जहां से वे कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील की अपनी आध्यात्मिक यात्रा शुरू करेंगे। इस यात्रा की पूरी व्यवस्था विदेश मंत्रालय, भारत सरकार, सिक्किम पर्यटन विकास निगम और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस द्वारा की जा रही है।

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नई दिल्ली । टाटा समूह की अगुवाई वाली एयर इंडिया ने शुक्रवार को एक बार फिर 8 फ्लाइट को कैंसिल किया है। एयरलाइंस ने एक साथ 8 अंतरराष्‍ट्रीय और घरेलू उड़ानों को कैंसिल किया है, जिसमें चेन्‍नई से दुबई, दिल्‍ली से मेलबर्न, हैदराबाद से मुंबई और अहमदाबाद से दिल्‍ली की उड़ानें शामिल हैं। विमानन कंपनी ने अपने अंतरराष्ट्रीय उड़ान संचालन में बड़े बदलाव का ऐलान किया है।एयर इंडिया ने कहा कि ये सभी फ्लाइट्स रखरखाव और परिचालन कारणों से रद्द की गई हैं। अहमदाबाद में 12 जून को हुए विमान हादसे के बाद से मुश्किलों का सामना कर रही विमानन कंपनी ने बताया कि 21 जून से 15 जुलाई के बीच वह हर हफ्ते 38 अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में कटौती करेगी, जबकि एयरलाइन ने तीन अंतरराष्ट्रीय रूट्स पर सेवाएं अस्थायी रूप से रोक लगा दी है। 18 अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर उड़ानों में यह कटौती शेड्यूल में स्थिरता बहाल करने और यात्रियों को अंतिम समय में होने वाली असुविधा को कम करने के उद्देश्य से की जा रही है। एयलाइंस ने कहा कि डीजीसीए द्वारा आदेशित उड़ान-पूर्व सुरक्षा जांच के कारण उड़ानों में कटौती की गई है। अब तक 33 बोइंग 787 विमानों में से 26 का निरीक्षण पूरा हो चुका है। एयर इंडिया अपने बोइंग 777 विमानों की भी जांच करेगी।विमानन कंपनी की ये विस्तृत घोषणा एक दिन पहले किए गए उस ऐलान के बाद आई है, जिसमें एयर इंडिया ने बड़े यात्री विमानों से संचालित उड़ानों में 15 फीसदी की अस्थायी कमी करने की बात कही थी। एयरलाइंस ने जारी एक बयान में स्पष्ट किया यह कटौती 21 जून से प्रभावी होगी और कम से कम 15 जुलाई 2025 तक जारी रहेगी।विमानन कंपनी ने कहा कि दिल्ली-नैरोबी, अमृतसर-लंदन (गैटविक) और गोवा (मोपा)-लंदन (गैटविक) पर 15 जुलाई तक सेवाएं निलंबित रहेंगी।" वर्तमान में दिल्ली-नैरोबी मार्ग पर हर हफ्ते चार उड़ानें हैं, जबकि अमृतसर-लंदन (गैटविक) और गोवा (मोपा)-लंदन (गैटविक) मार्गों पर प्रति सप्ताह तीन उड़ानें हैं।इसके अलावा उत्तरी अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और सुदूर पूर्व के प्रमुख शहरों को जोड़ने वाले 18 अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर भी उड़ानों की संख्या कम की जाएगी। उत्तरी अमेरिका के जिन महत्वपूर्ण मार्गों पर उड़ानों में कमी आएगी उनमें दिल्ली-टोरंटो, दिल्ली-वैंकूवर, दिल्ली-सैन फ्रांसिस्को, दिल्ली-शिकागो और दिल्ली-वाशिंगटन शामिल हैं।एयर इंडिया ने कहा कि उसे जुलाई के मध्य के बाद पूर्ण परिचालन पर लौटने की उम्मीद है और उसने डीजीसीए और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के साथ मिलकर काम करने का वादा किया है।

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मुंबई । राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने शुक्रवार को पुणे में कहा कि हिंदी से नफरत करना हित में नहीं है। इसलिए पालकों को अपने बच्चों को हिंदी पढ़ाना चाहिए। शरद पवार ने पुणे में आज पत्रकारों से कहा कि हिंदी को जबरदस्ती नहीं पढ़ाया जाना चाहिए। हिंदी से नफरत करना छात्रों के हित में नहीं है। छात्रों को इस बारे में फैसला लेना चाहिए। वे अपने माता-पिता के मार्गदर्शन के अनुसार फैसला ले सकते हैं। अगर कोई आकर सीखना चाहता है, तो उसे मना करने का कोई कारण नहीं है। इस मामले को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि देश के 55 से 60 फीसदी लोग हिंदी बोलते हैं। सौहार्द बनाए रखने के लिए इस भाषा से नफरत करना सही नहीं है, लेकिन इसे जबरदस्ती थोपना भी सही नहीं है। शरद पवार ने स्थानीय निकाय, जिला परिषद पंचायत समिति चुनावों के बारे में बात करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार अब तीन महीने के अंदर चुनाव प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। कांग्रेस, शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और किसान मजदूर पार्टी एक साथ बैठेंगे। हम इस पर चर्चा करेंगे और सोचेंगे कि क्या हम एक साथ चुनाव का सामना कर सकते हैं। फिर हम एक संयुक्त निर्णय लेंगे। मुंबई में उद्धव ठाकरे की ताकत हमारे बीच सबसे ज्यादा है। उन्हें वहां पर विचार करना होगा।

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रुद्रप्रयाग/गुप्तकाशी । केदारनाथ धाम की पैदल यात्रा मार्ग पर जंगलचट्टी के पास बुधवार काे हुए भूस्खलन में दो पालकी मजदूरों की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य लोग घायल हो गए। घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद गौरीकुंड अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने जानकारी देते हुए बताया कि  घटना सुबह करीब 11:20 बजे घटी, जब अचानक पहाड़ी से मलबा और पत्थर गिरने लगे। इससे कई डंडी-कंडी संचालक और यात्री चपेट में आ गए, जिनमें से कुछ नीचे खाई में गिर गए। उन्हाेंने बताया कि एसूचना मिलते ही एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और डीडीआरएफ की टीमें सक्रिय हो गईं और संयुक्त रूप से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। रेस्क्यू टीमों ने घायलों को खाई से बाहर निकालकर प्राथमिक उपचार कराया, जिसके बाद उन्हें तत्काल गौरीकुंड अस्पताल भिजवाया। तीन घायलों में एक महिला को हल्की चोटें और दो पुरुषों को गंभीर चोट आई हैं। प्रशासन ने घायलों के उचित इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित की है। इस हादसे में दो डंडी कंडी संचालको की मृत्यु हो गई। घायलों का विवरण1. संदीप कुमार (22 वर्ष), निवासी जम्मू-कश्मीर (पालकी मजदूर) – दोनों पैरों व कमर में चोटें।2. नितिन मन्हास (16 वर्ष), निवासी जम्मू-कश्मीर (पालकी मज़दूर) – दाहिने हाथ पर खरोंच।3. आकाश चितरिया (40 वर्ष), निवासी गुजरात (यात्री) – चोटों का इलाज जारी।मृतकों की जानकारी1. नितिन कुमार, निवासी जम्मू-कश्मीर (पालकी मजदूर)।2. चंद्रशेखर, निवासी जम्मू-कश्मीर (पालकी मजदूर)।

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तीन देशों की यात्रा के अंतिम चरण में बुधवार को क्रोएशिया पहुंचे। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की क्रोएशिया की पहली यात्रा के रूप में आपसी हितों के क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग के लिए नए रास्ते खोलेगी। प्रधानमंत्री 15-19 जून तक साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया की यात्रा पर हैं। इस दौरे के अंतिम चरण में क्रोएशिया के प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लेंकोविच के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री 18 जून को क्रोएशिया की आधिकारिक यात्रा पर पहुंच गए हैं।   विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पोस्ट में कहा, “भारत-क्रोएशिया संबंधों में ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित हुआ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी क्रोएशिया के ज़ाग्रेब पहुंचे। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की क्रोएशिया की पहली यात्रा है। एक विशेष सम्मान के रूप में प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लेंकोविच ने हवाई अड्डे पर औपचारिक स्वागत किया।”   प्रधानमंत्री मोदी क्रोएशिया के प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लेंकोविच के साथ द्विपक्षीय चर्चा करेंगे और राष्ट्रपति ज़ोरान मिलनोविच से मुलाकात करेंगे। क्रोएशिया की यह यात्रा यूरोपीय संघ में भागीदारों के साथ संबंध को और मजबूत करने की भारत की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करेगी।  

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अहमदाबाद । अहमदाबाद विमान दुर्घटना में अब तक 208 मृतकों के डीएनए सैंपल का मिलान हो चुका है। इनमें से कुल 173 पार्थिव देह परिजनों को सौंपे जा चुके हैं।   सिविल अस्पताल के अधीक्षक डॉ. राकेश जोशी ने मीडिया ब्रीफिंग में बुधवार को बताया कि 14 परिवार निकट भविष्य में अपने स्वजनों के पार्थिव शरीर स्वीकार करेंगे, जबकि 12 परिवार अन्य स्वजन के डीएनए मिलान की प्रतीक्षा कर रहे हैं।   उन्होंने बताया कि सौंपे गए 173 शवों में से 131 भारतीय नागरिक, 4 पुर्तगाल, 30 ब्रिटिश नागरिक, 1 कनाडाई और 6 गैर-यात्री शामिल हैं। डॉ. जोशी ने सौंपे गए शवों का विस्तृत विवरण भी साझा किया।

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नई दिल्ली । कोच्चि से दिल्ली आ रहे इंडिगो एयरलाइंस के विमान 6ई-2706 को मंगलवार सुबह उड़ान के दौरान बम की धमकी का संदेश मिला। इसके बाद नागपुर के डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर अंतरारराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई। इस विमान के सभी यात्री सु‍रक्षित हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इंडिगो एयरलाइन की फ्लाइट संख्‍या 6E 2706 सुबह 9.20 बजे केरल के कोचीन स्थित इंटरनेशनल एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए रवाना हुई थी। बीच में ही उसे बम की धमकी मिली, जिसके बाद उसे नागपुर एयरपोर्ट पर डायवर्ट कर दिया गया। इसके बाद विमान को डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर अंतरारराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतारना पड़ा। इमरजेंसी लैंडिंग के बाद सभी यात्रियों को सुरक्षित तरीके से उतार लिया गया। विमान को निरीक्षण के लिए एक अलग जगह पर ले जाया गया।   सुरक्षा प्रोटोकॉल के अनुसार बम डिटेक्शन और डिस्पोजल स्क्वॉड (बीडीडीएस) तुरंत एयरपोर्ट पर पहुंचा। इसके बाद विमान की गहन तलाशी शुरू की गई। एयरपोर्ट अधिकारियों ने पुष्टि की है कि अभी तक विमान में कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली है। पुलिस, बम निरोधक दस्ता और अग्निशमन दल को विमान की जांच के लिए एयरपोर्ट पर हैं। एयरलाइन और एयरपोर्ट अधिकारियों ने कहा है कि फिलहाल आगे की जांच जारी है। सुरक्षा एजेंसियों से और अपडेट का इंतजार है।

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नई दिल्ली । कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा ब्रिटेन के भगोड़े हथियार डीलर संजय भंडारी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने आज पेश नहीं हुए। रॉबर्ट वाड्रा अपनी बेटी के ग्रेजुएशन समारोह में भाग लेने के लिए विदेश दौरे पर हैं। अब वे विदेश यात्रा से लौटने के बाद जांच में शामिल होंगे। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इससे पहले 10 जून को भी ईडी के जारी समन में वे फ्लू जैसे लक्षण का हवाला देकर उपस्थित नहीं हुए थे। इसलिए केंद्रीय जांच एजेंसी ने 17 जून को पेश होने के लिए नया समन जारी किया था, जिस पर  खबर आई थी कि रॉबर्ट वाड्रा मंगलवार को ईडी के समक्ष पेश होंगे। रॉबर्ट वाड्रा के वकील ने आज बताया कि 56 वर्षीय व्यवसायी अपनी बेटी के ग्रेजुएशन समारोह में भाग लेने के लिए विदेश यात्रा पर हैं। उन्होंने कहा कि वाड्रा ने पहले ही अदालत को इस बारे में सूचित कर दिया है। वाड्रा के वकील ने कहा कि वे विदेश यात्रा से वापस लौटने के बाद जांच में शामिल होंगे। ईडी रॉबर्ट वाड्रा और लंदन की दो संपत्तियों के बीच कथित संबंधों की जांच कर रहा है। इसमें एक 12, ब्रायनस्टन स्क्वायर और दूसरी ग्रोसवेनर हिल कोर्ट, 13 बोर्डन स्ट्रीट पर है। अधिकारियों का दावा है कि ब्रायनस्टन स्क्वायर संपत्ति का जीर्णोद्धार रॉबर्ट वाड्रा के निर्देश पर किया गया था। इसके लिए उन्होंने ही धन दिया था, वे कई मौकों पर वहां रुके थे। इसके अलावा भारत में कुछ भूमि भूखंडों के साथ-साथ संपत्तियों की जांच भी धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कथित "अपराध की आय" के रूप में की जा रही है।

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कैलगरी । भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज कुछ समय पहले जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए कैलगरी पहुंच गए। कैलगरी कनाडा के अल्बर्टा प्रांत का एक प्रमुख शहर है। कैलगरी प्रांत के दक्षिणी भाग के कनाडाई रॉकीज के पूर्व में ऊंचे मैदानों और तलहटी के क्षेत्र में स्थित है। जी- 7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी की लगातार छठी भागीदारी है।यह यात्रा प्रधानमंत्री मोदी की तीन देशों की आधिकारिक यात्रा का हिस्सा है। इसकी शुरुआत साइप्रस से हुई और इसका समापन क्रोएशिया में होगा।प्रधानमंत्री मोदी की साइप्रस यात्रा के समापन पर भारतीय विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) तन्मय लाल ने विस्तृत टिप्पणी की।उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री मोदी की साइप्रस की पहली यात्रा थी और पिछले दो दशकों में किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी। लाल ने कहा, "यह ऐतिहासिक यात्रा हमारे दोनों देशों के बीच स्थायी मित्रता और भरोसेमंद साझेदारी को उजागर करती है।" जी-7 शिखर सम्मेलन में संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, जर्मनी, जापान, इटली, कनाडा और यूरोपीय संघ (ईयू) के नेता हिस्सा ले रहे हैं।

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अहमदाबाद । एयर इंडिया विमान दुर्घटना में मारे गए गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजयभाई रूपाणी का तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर डीएनए मिलान के बाद सोमवार को परिवार को सौंप दिया गया। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की उपस्थिति में राज्य सरकार के प्रोटोकॉल के अनुसार 'गार्ड ऑफ ऑनर' दिया गया। उनकी अंतिम यात्रा राजकोट में निकाली जाएगी और इसके बाद अंतिम संस्कार होगा।   दिवंगत विजय रूपाणी की पत्नी अंजलि रूपाणी अपने बेटे ऋषभ रूपाणी के साथ अहमदाबाद सिविल अस्पताल के शवगृह पहुंचीं। सिविल अस्पताल में श्रद्धांजलि अर्पित करने के पश्चात उनके पार्थिव शरीर को उनकी धर्मपत्नी, पुत्र और परिवारजनों को संपूर्ण सम्मान के साथ सौंपा गया। संपूर्ण प्रक्रिया राज्य के प्रोटोकॉल एवं श्रद्धा के साथ पूरी की गई। राज्य सरकार ने उनके दूरदर्शी नेतृत्व, सार्वजनिक जीवन में नैतिकता और करुणा, तथा लोकहित के कार्यों को स्मरण करते हुए उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए।    गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का पार्थिव शरीर अहमदाबाद सिविल अस्पताल में रखा गया है। गुजरात के मंत्री रुशिकेश पटेल और हर्ष सांघवी ने पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित की। पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की पत्नी अंजलि रूपाणी ने अपने पति को भावुक विदाई दी। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने एयर इंडिया विमान दुर्घटना में मारे गए पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित की। उनकी अंतिम यात्रा राजकोट में निकाली जाएगी और शाम 5 बजे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।   भाजपा नेता विजय रूपाणी के पुत्र ऋषभ रूपाणी ने कहा, "इस दुख की घड़ी में सभी मृतकों को हमारे रूपाणी परिवार की ओर श्रद्धांजलि अर्पण करता हूं। ये ना केवल हमारे परिवार, बल्कि 270 परिवारों के लिए दुखद समय है। मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि सभी आत्माओं को मोक्ष दें। मैं सभी आरोग्य स्टाफ, सिविल डिफेंस, पुलिस बल, RSS कार्यकर्ताओं का दिल से धन्यवाद करता हूं। इस समय में जो राहत बचाव कार्य हुए वे सराहनीय हैं। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह सहित सभी लोगों का तहे दिल से उनके समर्थन के लिए धन्यवाद करता हूं।"   डीसीपी क्राइम पार्थराज सिंह गोहिल ने कहा, "राजकोट में आज गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की अंतिम यात्रा निकलने वाली है। इसके लिए राज्य भर से सभी वीआईपी का आवागमन यहां होने वाला है। जिस मुख्य रूट से यह यात्रा निकलेगी, उसको हमने कुछ घंटों के लिए बंद कर दिया है। इसके अलावा राजकोट शहर पुलिस ने अलग-अलग जगहों पर पार्किंग की भी व्यवस्था की है। 

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नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने सोमवार को 2027 में होने वाली 16वीं जनगणना के लिए राजपत्र अधिसूचना जारी कर दी है। इस जनगणना में पहली बार जाति गणना भी शामिल होगी। अधिसूचना के अनुसार लद्दाख और जम्मू-कश्मीर के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के केंद्र शासित प्रदेशों में जनगणना 1 अक्टूबर, 2026 की मध्यरात्रि से शुरू होगी, जबकि देश के बाकी हिस्सों में गिनती 1 मार्च, 2027 की मध्यरात्रि से शुरू होगी।   अधिसूचना में कहा गया है, “केंद्रीय सरकार, जनगणना अधिनियम, 1948 (1948 का 37) की धारा 3 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए और भारत के राजपत्र, असाधारण, भाग 2, खंड 3, उप-खंड (ii), तारीख 28 मार्च, 2019 में प्रकाशित भारत सरकार के गृह मंत्रालय (भारत के महारजिस्ट्रार का कार्यालय) की अधिसूचना संख्या का.आ. 1455(अ), तारीख 26 मार्च, 2019 के अधिक्रमण में उन बातों के सिवाय जिन्हें ऐसे अधिक्रमण से पहले किया गया है या करने का लोप किया गया है. यह घोषणा करती है कि भारत की जनसंख्या की जनगणना वर्ष 2027 के दौरान की जाएगी।” अधिसूचना में कहा गया है, “जनगणना के लिए संदर्भ तारीख, संघ राज्य क्षेत्र लद्दाख के और जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के बर्फ से घिरे असमकालिक क्षेत्रों के सिवाय, मार्च, 2027 के पहले दिन के 00:00 बजे होगी।” अधिसूचना में कहा गया है, “संघ राज्य क्षेत्र लद्दाख , जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों के बर्फ से घिरे असमकालिक क्षेत्रों के संबंध में, संदर्भ तिथि 1 अक्टूबर, 2026 को 00:00 बजे होगी।”अधिसूचना जारी करने से एक दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को नई दिल्ली में केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, महारजिस्ट्रार और जनगणना आयुक्त और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आगामी जनगणना की तैयारियों की समीक्षा की थी। जनगणना दो चरणों में की जाएगी। पहले चरण यानी हाउसलिस्टिंग ऑपरेशन (एचएलओ) में प्रत्येक घर की आवासीय स्थिति, संपत्ति और सुविधाओं के बारे में जानकारी एकत्र की जाएगी। इसके बाद दूसरे चरण यानी जनसंख्या गणना (पीई) में प्रत्येक घर के प्रत्येक व्यक्ति की जनसांख्यिकीय, सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और अन्य जानकारी एकत्र की जाएगी। जनगणना में जाति गणना भी की जाएगी। जनगणना कार्य के लिए लगभग 34 लाख कर्मचारी और पर्यवेक्षक तथा लगभग 1.3 लाख जनगणना पदाधिकारी तैनात किए जाएंगे। यह जनगणना प्रक्रिया शुरू होने के बाद से 16वीं जनगणना है और स्वतंत्रता के बाद की 8वीं जनगणना है। आगामी जनगणना मोबाइल एप्लीकेशन का उपयोग करके डिजिटल माध्यम से की जाएगी। लोगों को स्व-गणना का प्रावधान भी उपलब्ध कराया जाएगा। संग्रहण, प्रेषण और भंडारण के समय डेटा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बहुत कड़े डेटा सुरक्षा उपाय लागू किए जाएंगे।  

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यरुशलम/तेहरान । इजराइल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष ने रविवार को तीसरे दिन भी भयावह रूप ले लिया, जब इजराइल ने ईरान के कई शहरों पर जोरदार हवाई हमले किए। रिपोर्ट के अनुसार, अब तक ईरान में कम से कम 406 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 654 से अधिक लोग घायल हुए हैं। वाशिंगटन स्थित मानवाधिकार संस्था ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट्स ने यह जानकारी दी है। ईरान की सरकार ने अभी तक आधिकारिक आंकड़े जारी नहीं किए हैं। वहीं, ईरान के हमले में इजराइल में भी 14 लोगों की मौत और 400 से अधिक लोग घायल हुए हैं।इस संघर्ष ने क्षेत्रीय तनाव को चरम पर पहुंचा दिया है। इजराइल द्वारा ईरान के परमाणु और सैन्य प्रतिष्ठानों पर अचानक किए गए हमलों में कई शीर्ष जनरल और परमाणु वैज्ञानिक मारे गए, जिससे हालात और बिगड़ गए।तेहरान में दो रिफाइनरियों पर हमला, ऊर्जा संकट की आशंकाईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराकची ने बताया कि इजराइल ने राजधानी तेहरान के पास और फारस की खाड़ी स्थित एक प्रांत में दो तेल रिफाइनरियों पर हमला किया है। इससे न केवल क्षेत्रीय बल्कि वैश्विक ऊर्जा बाजार पर भी असर पड़ सकता है।इजराइली सेना ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर ईरानी नागरिकों को हथियार निर्माण फैक्ट्रियों को खाली करने की चेतावनी दी है, जिससे इस अभियान के और विस्तृत होने के संकेत मिले हैं।वहीं, रविवार शाम ईरान की राजधानी तेहरान के व्यस्त रिहायशी इलाके में हुए इजराइली हवाई हमले में कम से कम पांच लोगों की मौत हुई। ईरान के सरकारी टेलीविजन ने इस हमले की पुष्टि की है।मशहद हवाई अड्डे पर हमलाइजरायली सेना की ओर से रविवार को पूर्वी ईरान के मशहद हवाई अड्डे पर एक हवाई ईंधन भरने वाले विमान पर हमला किया गया। यह हमला पिछले सप्ताह ईरान के खिलाफ अभियान शुरू करने के बाद से उसका सबसे लंबी दूरी का हमला था।तेहरान में दिनदहाड़े धमाके, लोगों में दहशतरविवार को तेहरान में दोपहर और दोपहर बाद जोरदार विस्फोट हुए। वैली-ए-असर स्क्वायर और एयरफोर्स हेडक्वार्टर के नजदीकी इलाकों में ये धमाके हुए। ईरान की अर्द्ध-सरकारी समाचार एजेंसियों ने इन हमलों की पुष्टि की है।ईरानी टेलीविजन ने जानकारी दी कि मेट्रो स्टेशन और मस्जिदों को बम शेल्टर के रूप में इस्तेमाल के लिए खोल दिया गया है, जो यह दर्शाता है कि ईरान आने वाले दिनों में भी हमलों की आशंका से सतर्क है।इजराइल में भी हालात गंभीर, बच्चों सहित कई की मौतइजराइल में भी 14 लोगों की मौत और 400 से अधिक लोगों के घायल होने की पुष्टि हुई है। एक मिसाइल हमले में तेल अवीव के पास बाट याम शहर में एक इमारत ध्वस्त हो गई, जिसमें 10 और 9 वर्षीय बच्चे सहित छह लोग मारे गए। इसके अलावा उत्तरी शहर तमरा में एक और हमले में 13 वर्षीय बच्चा सहित चार लोगों की मौत हुई और 24 घायल हो गए।वहीं, हाइफा में ईरानी बैलिस्टिक मिसाइल के हमले के बाद छर्रे लगने से दो लोग मामूली रूप से घायल हो गए। जबकि रेहोवोट शहर में एक हमला वैज्ञानिक अनुसंधान संस्थान वीजमैन इंस्टिट्यूट के परिसर पर भी हुआ, जहां कई इमारतें क्षतिग्रस्त हुईं लेकिन किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।संयुक्त राज्य अमेरिका और वैश्विक प्रतिक्रियाअमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल को पूर्ण समर्थन देते हुए ईरान को चेतावनी दी है कि यदि वह और तबाही से बचना चाहता है, तो उसे नया परमाणु समझौता स्वीकार करना होगा।ईरान के विदेश मंत्री अराकची ने अमेरिका को भी इस संघर्ष में जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि “अगर इजराइल के हमले रुकते हैं, तो हमारी प्रतिक्रिया भी थम जाएगी। अमेरिका इन हमलों का साझेदार है और उसे इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।”  

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रुद्रप्रयाग । केदारनाथ से गुप्तकाशी लौट रहा हेलिकॉप्टर गौरीकुंड के ऊपरी तरफ गौरी माई खर्क में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे में 23 माह की बालिका सहित 7 लोगों की मौत हो गई। खराब मौसम को हेलिकॉप्टर दुर्घटना का कारण माना जा रहा है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ और पुलिस टीम ने मौके पर पहुंच कर शवों को बरामद किया।   रविवार सुबह 5.21 बजे केदारनाथ हेलिपैड से आर्यन हेली कंपनी के हेलिकॉप्टर ने छह यात्रियों के साथ गुप्तकाशी के लिए टेकऑफ किया था। करीब 4 मिनट बाद यह हेलिकॉप्टर गौरीकुंड के ठीक ऊपर गौर माई खर्क में खराब मौसम के कारण एक पेड़ से टकरा गया। हादसे में पायलट सहित हेलीकॉप्टर में  सवार सभी छह यात्रियों की मौके पर मौत हो गई।   हादसे में मरने वालों में राजकुमार सुरेश जयसवाल (41) निवासी नंदीपेरा रोड सैन मंदिर महाराष्ट्र, श्रद्धा सुरेश जयसवाल (35),  काशी (23 महीने) पुत्री राजकुमार सुरेश जयसवाल, विक्रम सिंह रावत (46) निवासी रांसी गांव पो. ऊखीमठ रुद्रप्रयाग, पायटल कैप्टर राजीव, राजस्थान, विनोद देवी (66), निवासी बिजनौर यूपी और तु​ष्टि सिंह (19) शामिल हैं।   एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, पुलिस के जवान मौके पर पहुंचे और रेस्क्यू में जुट गये। सभी शवों को बरामद किया गया। घटनास्थल पर हेलिकॉप्टर का मलबा पड़ा है, जो बुरी तरह से जला हुआ है।   ​केदारनाथ यात्रा हेलिकॉप्टर सेवा नोडल अ​धिकारी राहुल चौबे ने बताया कि खराब मौसम के कारण हेलिकॉप्टर अचानक पेड़ से टकरा गया, जिससे यह हादसा हुआ है। घटना के बारे में सभी के परिजनों को सूचित कर दिया गया है।   इधर, जिला​धिकारी डॉ. सौरभ गहरवार ने बताया कि दुर्घटना में मारे गये लोगों के शव का पंचनामा भरकर अग्रिम कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।   बता दें कि केदारनाथ यात्रा में इस वर्ष यह तीसरी दुर्घटना है। इससे पूर्व 17 मई को एम्स ऋ​षिकेश की हेली एंबुलेस संजीवनी की केदारनाथ के पास इमरजेंसी लैंडिंग हुई थी। इस दौरान हेलिकॉप्टर की टेल रोटर भी क्षतिग्रस्त हो गया था। वहीं, बीते 7 जून को बडासू से केदारनाथ के लिए टेकऑफ करते समय क्रिस्टल कंपनी के हेलिकॉप्टर की रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर इमरजेंसी लैंडिंग हुई थी। इस दौरान हेलिकॉप्टर में पायलट सहित छह लोग सवार थे।  

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इंफाल । मणिपुर में पुलिस और केंद्रीय बलों की संयुक्त कार्रवाई से मादक पदार्थों और अवैध हथियारों के नेटवर्क को तगड़ा झटका लगा है। पुलिस प्रवक्ता ने रविवार को बताया कि चलाए जा रहे अभियानों में कई अहम बरामदगी और गिरफ्तारियां हुई हैं।   अभियान के दौरान तेंगनौपाल ज़िले के सीता मोटर व्हीकल चेक पोस्ट पर एक मारुति सुजुकी फ्रॉन्क्स कार को रोका गया। तलाशी में कार से करीब 4.152 किलोग्राम संदिग्ध अफीम बरामद की गई। कार में सवार चार लोगों मोहम्मद आज़ाद ख़ान, मोहम्मद मक्सूद, अलीना बीबी (तीनों लिलोंग, थौबल ज़िला से) और हैट्सी ज़ो (चेलप गांव, तेंगनौपाल से) को मौके पर गिरफ्तार कर लिया गया। उनके पास से छह मोबाइल फोन और दो आधार कार्ड भी जब्त किए गए।   अन्य अभियान में लिलोंग निवासी मककमयुम बोबॉय उर्फ सादम को उसके घर से गिरफ्तार किया गया। उसके पास से 41 ग्राम संदिग्ध ब्राउन शुगर (हेरोइन) मिली।   इसी दौरान खोंगजम थाना क्षेत्र के तहत तेंथा समुचिंग इलाके से सुरक्षा बलों ने एक .303 रायफल, 7.62 मिमी एसएलआर, 48 जिंदा कारतूस, टियर स्मोक शेल और दंगा नियंत्रण कारतूस बरामद किए।   उल्लेखनीय है कि 13-14 जून की दरम्यानी रात एक अन्य खास खुफिया सूचना के आधार पर पांच घाटी ज़िलों के बाहरी इलाकों में एक साथ सर्च ऑपरेशन चलाया गया। इसमें भारी मात्रा में हथियार और युद्ध सामग्री बरामद की गई थी। जिनमें 328 हथियारों में एसएलआर, इंसास, एके सीरीज़, एलएमजी, एमपी5 और एक मोर्टार तथा 591 मैगज़ीन, 8,600 से अधिक विभिन्न गोलियां, ग्रेनेड, डेटोनेटर, टियर गैस शेल और अन्य युद्ध सामग्री शामिल हैं।   प्रशासन ने आम नागरिकों से अपील की है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत नज़दीकी थाने या कंट्रोल रूम को दें।

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भोपाल । परिवर्तन वही ला सकते हैं, जो अंतिम क्षण तक विद्यार्थी रहते हैं, जिनमें सीखने की ललक होती है। आज पंचायत से लेकर पार्लियामेन्ट तक भाजपा की स्वीकारोक्ति देख सकते हैं। सुव्यवस्थित, शिक्षित, विकसित देश के लिए भाजपा सरकार जरूरी है। तीन साल में गंगानगर तक बहेगा सिन्धु जल, पाकिस्तान बून्द-बून्द के लिए तरसेगा। मध्यप्रदेश भाजपा की एक शानदार परंपरा रही है। स्व. कुशाभाऊ ठाकरे ने अपने जीवन का क्षण-क्षण पार्टी को समर्पित किया और स्वर्गीय राजमाता विजयाराजे सिंधिया एवं स्व. सुंदरलाल पटवा जी जैसे मनीषियों का इसे आशीर्वाद मिला है। हम सभी पार्टी के कार्यकर्ता हैं और पार्टी ने हमारी योग्यता तथा क्षमता के आधार पर हमें आगे बढ़ाया है, सांसद विधायक बनाया है। उक्त बातें केन्द्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने पचमढी में सांसद एवं विधायकों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग का दीप प्रज्जवलित एवं महापुरूषों को पुष्पांजलि अर्पित कर शुभारंभ करते हुए कहीं।सत्र के प्रारंभ में अहमदाबाद में हुए हृदयविदारक विमान हादसे पर शोक व्यक्त किया गया। उद्घाटन सत्र की प्रस्‍तावना भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने रखी। उद्घाटन सत्र को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सम्बोधित किया। सत्र के दौरान केन्द्रीय मंत्री शिवराजसिंह चौहान, भूपेन्द्र यादव, डीडी उइके, प्रदेश प्रभारी डॉ. महेन्द्र सिंह एवं प्रदेश के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा एवं राजेन्द्र शुक्ल मंचासीन रहे। संचालन प्रदेश महामंत्री व विधायक भगवानदास सबनानी ने किया।डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने स्थापना की, पं. दीनदयाल जी ने विचार दियाअमित शाह ने कहा कि देश जब आजाद हुआ, उस समय कांग्रेस का शासन था और कांग्रेस पार्टी पर पूरी तरह पं. नेहरू हावी थे। उस समय नेहरू सरकार ने जो नीतियां बनाईं, उनमें देश की मिट्टी की सुगंध नहीं थी। उनमें हमारी चिर पुरातन संस्कृति का कोई प्रतिघोष नहीं था। वो पाश्चात्य संस्कारों से प्रेरित थीं। उस समय कई नेता थे, जो इन नीतियों से सहमत नहीं थे। उन्हीं में से एक थे डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी जी जो नेहरू मंत्रिमंडल में उद्योग मंत्री थे। पं. नेहरू ने जब नेहरू-लियाकत पैक्ट के फलस्वरूप कश्मीर में धारा 370 लगाई, तो डॉ. श्यामप्रसाद मुखर्जी जी ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उन्हें देश में एक ऐसी राजनीतिक पार्टी की आवश्यकता महसूस हुई, जो देश के इतिहास, धर्म, परंपरा और संस्कृति से जुड़ी हुई हो। इसी विचार से उन्होंने जनसंघ की स्थापना की। पं. दीनदयाल उपाध्याय ने इस दल की विचारधारा के बीज बोए।शाह ने कहा कि ये पार्टी संगठन के आधार पर चलने वाली पार्टी होगी, जिसकी आत्मा उसके कार्यकर्ता होंगे। सरकार बनाना हमारा लक्ष्य नहीं होगा, बल्कि हम अपने सिद्धांतों के लिए सरकार बनाएंगे। उस समय लोगों ने जनसंघ का खूब मखौल उड़ाया, लेकिन आज जनसंघ से ही बनी भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ा राजनीतिक दल है। देश के 18 राज्यों में हमारी सरकारें हैं। सबसे ज्यादा सांसद, विधायक, जिला पंचायत, नगर पालिका, जनपद पंचायत और ग्राम पंचायतें हैं। आज पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक भाजपा ही दिखाई देती है। पार्टी का ये विकास और विस्तार कायर्कर्ताओं की 8 पीढ़ियों के परिश्रम और पुण्य का प्रतिफल है।सरकार किसी की भी बने राज्य और देश समृद्धशाली होना चाहिएकेन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह का कहना रहा, डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने कहा था कि देश में दो निशान, दो विधान और दो प्रधान नहीं चलेंगे। धारा 370 हटाने के लिए कूच किए और उनकी हत्या हो गई। गौवंश पर सत्याग्रह, राम जन्मभूमि की यात्रा, एकता यात्रा, स्वर्ण जयंती भ्रष्टाचार मुक्त। धारा 370 के खिलाफ आंदोलन करते हुए डॉ. मुखर्जी ने देश की एक एक इंच की भूमि की सुरक्षा की। गौ हत्या पर प्रतिबंध, श्रीराम जन्मभूमि का कार्यक्रम सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का प्रतीक है। जिस देश की सरकारें सामाजिक जीवन के लिए कार्य करती हो वह भाजपा ही है। सरकार राष्ट्रवादी, विकास को समर्पित, सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की पोषक होना चाहिए। सरकार किसी की भी बनी हो वह राज्य और देश के लिए समृद्धशाली होना चाहिए। समृद्धि का मार्ग अंत्योदय का होना चाहिए। समाज के गरीब तबके को सबसे समृद्ध व्यक्ति तक पहुंचाने की प्रक्रिया है और देश को समृद्ध बनाना हमारा एकमात्र लक्ष्य है। देश के लिए बीमारू राज्य शब्द बड़ा चर्चा का विषय था। बिहार के लिए ‘‘बि’’ मध्यप्रदेश के लिए ‘‘एम’’ और राजस्थान के लिए ‘‘आर’’ और उत्तर प्रदेश के लिए ‘‘यू’’ शब्द का इस्तेमाल कर बीमारू शब्द बनाया गया था। आज देश देख रहा है कि यह चारों राज्य आज प्रगतिशील और समृद्धशाली बनकर अन्य राज्यों को पीछे छोड़ रहे है और लगातार आगे बढ़ रहे है।उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में जब भाजपा की सरकार बनी उस समय शिवराजसिंह चौहान ने बागडोर संभाली। 20 वर्षों के कार्यकाल में उन्होंने मध्यप्रदेश को बीमारू राज्य से निकालकर प्रगतिशील और समृद्धशाली राज्य की श्रेणी में लाकर खड़ा किया और उसकी तस्वीर बदल दी। इसी तरह छत्तीसगढ़ में 15 वर्षों तक भाजपा की सरकार बनी बीमारू राज्य से बाहर निकाला। राजस्थान वसुंधरा राजे के नेतृत्व में बीमारू राज्य से बाहर आया। उत्तर प्रदेश और बिहार भी एनडीए की सरकार बनी। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ और बिहार भी विकास की राह पर चल पड़े हैं और बीमारू राज्य से बाहर निकले है। भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार जिस राज्य में भी बनती है वहां अंत्योदय के आधार पर पं. दीनदयाल उपाध्याय के विचारों को आगे बढ़ाती है।कार्यकर्ताओं की तपस्या के फल से 2014 में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनीकेंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं की तपस्या के फल से ही 2014 में भारतीय जनता पार्टी को पूर्ण बहुमत मिली और प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में सरकार बनी। 2024 से अब तक ग्यारह साल की सरकार में भाजपा डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी और दीनदयाल उपाध्याय के बताए मूल सिद्धांतों पर चल रही है। इन ग्यारह सालों में अंत्योदय मूल लक्ष्य था। 60 करोड़ लोगों को पक्के आवास, बिजली, पानी, पांच लाख रूपए तक के आरोग्य की गारंटी, पांच किलो मुफ्त अनाज जैसी योजनाओं ने जीवन में परिवर्तन लाने कार्य किया है। 52 करोड़ जनधन खाते खोलने, उज्जवला योजना के तहत महिलाओं को निःशुल्क गैस कनेक्शन देने का कार्य किया। अगर आप इन योजनाओं को लेकर सोचेंगे तो आपको अपार खुशी होगी कि आप उस पार्टी के कार्यकर्ता हैं, जिसके नेता प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश के 60 करोड़ से अधिक लोगों के जीवन में बदलाव लाने का कार्य किया है। इसका अनुभव जो होगा, वही कार्यकर्ता का पारिश्रमिक होता है।उन्होंने कहा, हमारी सरकार 80 करोड़ से अधिक लोगों को प्रति व्यक्ति पांच किलो अनाज भी दे रही है। राष्ट्रीय सुरक्षा की बात करें तो जम्मू-कश्मीर को देश से अलग करने वाली धारा 370 को पांच अगस्त 2019 को हटा दिया गया। एक पत्थर भी जम्मू-कश्मीर में नहीं चला। कांग्रेस के नेता क्या-क्या बातें करते थे, कुछ नहीं हुआ। हमारी सरकार की एक और बहुत बड़ी उपलब्धि है, वह यह है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद अब जम्मू-कश्मीर के एक भी युवा अपने हाथों में बंदूक नहीं थाम रहे हैं। ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान सेना के मुख्यालय में हमला कर नुकसान पहुंचा। पहलगाम हमले के बाद सिंधु जल समझौते को स्थगित किया। स्वर्गीय जवाहरलाल नेहरू के समय यह समझौता किया गया था। तीन साल के अंदर सिंधु के जल को नहरों से श्री गंगानगर तक लेजाया जायगा और एक बड़े भू-भाग में सिंचाई की सुविधा शुरू हो जाएगी। पाकिस्तान पानी के लिए बून्द-बून्द के लिए तरसेगा। पहलगाम में धर्म पूछकर मारा, अब खाने के लिए अनाज को तरसेंगे। उन्हें खाने के लिए विदेशों से अनाज मांगकर लाना पड़ेगा।जो कार्य आजादी के 60 सालों में नहीं हुआ, ग्यारह सालों में कर दिखायाकेंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में जब हमारी सरकार बनी तक देश की अर्थव्यवस्था 11वें नंबर पर थी। देश जब आजाद हुआ, तक भारत की अर्थव्यवस्था 15वें नंबर पर थी। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने ग्यारह साल में अर्थव्यवस्था को ग्यारहवें नंबर से चौथे नंबर पर लेकर आए। इस कार्यकाल की समाप्ति से पहले देश की अर्थव्यवस्था को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाएंगे। जो कार्य आजादी के बाद साठ सालों में नहीं हुआ, वह हमारी सरकार में ग्यारह साल में कर दिखाया। हमारी सरकार ने 12 करोड़ शौचालय बनवाने के साथ 68 लाख रेहड़ी-पटरी वालों को ऋण दिलाने के साथ विश्व के डिजिटल ट्रांजेक्शन का 49 प्रतिशत भारत में कराने का रिकॉर्ड बनाया। नक्सल हिंसा को हमने लगभग देश से पूरी तरह समाप्त कर दिया है। आज हमारी पार्टी का वजूद है तो विचारधारा के कारण। हमारी पार्टी की न विचारधारा बदली और और न ही कार्य संस्कृति बदली है। मध्यप्रदेश भाजपा ने सदस्यता अभियान में बहुत अच्छा कार्य किया है। पार्टी का आंतरिक लोकतंत्र पार्टी का परिचय कराता है। पार्टी के सिद्धांतों और आदर्शों पर चलना यही हमारा लक्ष्य होना चाहिए।केन्द्र सरकार ने फैसलों को जमीन पर उतारकर देश में परिवर्तन आयाकेंद्रीय गृह मंत्री शाह का यह भी कहना था कि श्रीराम का मंदिर बना, देश में कोई दंगे नहीं हुए और मुसलमानों ने भी इसे स्वीकार किया, यही हमारी बड़ी उपलब्धि है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमने विश्वस्तरीय काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनाई, महाकाल लोग सहित संसद भवन, कर्तब्य पथ बनाया, संसद में सिंगोल की स्थापना की। दुनिया भर में 300 से अधिक हमारे देवी देवताओं की मूर्तियों को वापिस लाकर मूल स्थान पर स्थापित करने का कार्य भाजपा ने किया है। सिन्धु जल सम्झौता तोकडर हामरा खून बहाने वाले को सबख सिखाया है। आर्थिक अनुशासन लाने के लिए मोदी सरकार ने योजनाबद्ध ढंग से फैसले लिए। इस आर्थिक दूरदर्शिता का परिणाम यह है कि आज भारत दुनिया की टॉप 5 अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो चुका है। वैश्विक डिजिटल लेन देन के 49 प्रतिशत लेनदेन भारत में होते है। 2024 चन्द्रयान की सफलता और अब गगनयान की तैयारी इस बात का प्रमाण है कि मोदी का नया भारत केवल धरती पर नहीं, बल्कि अंतरिक्ष में भी आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के माध्यम से 81 करोड़ लोगों को मुफ्त 5 किलो अनाज, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 4 करोड़ से अधिक लोगों को पक्के घर बने, जल जीवन मिशन के तहत 15 करोड़ से अधिक घरों में नल से जल पहुचाया गया है। वहीं स्वच्छ भारत अभियान के तहत बनाए गए 12 करोड़ शौचालयों ने हमारी माताओं-बहनों को गरिमापूर्ण जीवन प्रदान किया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार भारत अब चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। यह लगातार चौथा वर्ष है जब भारत सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था रहा है। प्रति व्यक्ति आय में 67 प्रतिशत, विदेशी मुद्रा भंडार में 135 प्रतिशत, निर्यात में 825 अरब अमेरिकी डॉलर का रिकॉर्ड स्तर, एफडीआई में 106 प्रतिशत, टैक्सपेयर्स की संख्या में 127 प्रतिशत और डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 238 प्रतिशत की वृद्धि यह दर्शाती है कि सरकार ने न केवल फैसले लिए, बल्कि उन फैसलों को ज़मीन पर उतारकर परिवर्तन भी लाया। उज्ज्वला योजना, 100 प्रतिशत विद्युतीकरण और जल जीवन मिशन के अंतर्गत अब तक 364 प्रतिशत की वृद्धि के साथ घरों में नल से जल कनेक्शन दिए जा चुके हैं। इन सभी योजनाओं और उनके प्रभावी निष्पादन से यह स्पष्ट होता है कि मोदी सरकार न केवल जवाबदेह और संवेदनशील है, बल्कि परिणाम देने वाली एक सक्रिय सरकार भी है।सरकार ने लोगों का जीवन स्तर सुधारने का कार्य कियाकेंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में 27 करोड़ लोग गरीबी की रेखा से बाहर आए हैं। प्रधानमंत्री जी ने डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर योजना के जरिए 3.9 लाख करोड़ रूपए के लीकेज को रोका। देश नक्सलवाद के खात्मे की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है। सरकार ने समाज के हर वर्ग की चिंता की और उनके जीवन स्तर को सुधारने के लिए निरंतर प्रयास किया। पिछले 11 वर्षों में वह विकास हुआ जो किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश ने विकसित भारत की दिशा में लंबी छलांग ली है, जिसमें सभी समाज वर्गों को साथ लेकर चलने पर जोर दिया गया। मोदी जी के सत्ता में आने के बाद पूरी दुनिया में भारत का मान-सम्मान बढ़ा है। प्रधानमंत्री मोदी एक मात्र ऐसे नेता है जो दुनिया भर के सबसे अधिक देशों में भारत रत्न जैसे उस देश के उच्च सम्मान से सम्मानित हुए है। नई शिक्षा नीति में 2047 की विकसित भारत की नींव है। इसमें भारत की सस्कृति,भाषा, कलाओं को मजबूती के साथ रखा गया है। मध्यप्रदेश ऐसा पहला राज्य है जहां मेडिकल की पढ़ाई हिन्दी भाषा में होती है। युवाओं को विश्व के युवाओं के साथ दो-दो हाथ करने का काम सरकार कर रही है। हमारे विचार यात्रा के दौरान आज हमारे सकंल्प की पूर्ति लगातार हो रही है। जनसंघ से भाजपा तक न हमारी विचारधारा बदली है न हमारी कार्य सस्कृति बदली है। एकात्म मानववाद और पंच निष्ठाएं हमारे वैचारिक अधिष्ठान है इन पर चलकर हम निरंतर आगे बढ़ रहे हैं। हमें भारत 2047 तक विश्व का सबसे विकसीत राष्ट् बनेगा यही भावना के साथ कार्य करना है।

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अहमदाबाद । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज सुबह यहां विमान दुर्घटनास्थल का जायजा लेने पहुंचे। यहां से वो घायलों से मिलने सिविल अस्पताल भी गए। करीब 10 पीड़ितों और उनके परिवार के सदस्यों से बातचीत की। बताया गया है कि प्रधानमंत्री इस दौरान मृतकों के परिजनों से खासतौर पर मिलेंगे। प्रधानमंत्री मोदी के साथ गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और गृहराज्य मंत्री हर्ष संघवी भी है। यह विमान हादसा कल दोपहर बाद हुआ था।   केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह हादसे के बाद कल ही यहां पहुंच गए थे। उन्होंने दुर्घटनास्थल का दौरा करने के बाद कहा था कि शवों की पहचान के लिए 1000 से ज्यादा डीएनए टेस्ट किए जाएंगे। गुजरात के पास इतनी बड़ी संख्या में टेस्ट की कैपेसिटी है। बताया गया है कि विमान दुर्घटनास्थल के पास एक छात्रावास में रहने वाले बीजे मेडिकल में अध्ययनरत चार डॉक्टर राकेश देवड़ा (द्वितीय वर्ष), आर्यन राजपूत (प्रथम वर्ष), मानव भादू (प्रथम वर्ष), जयप्रकाश चौधरी (द्वितीय वर्ष) की मृत्यु हो चुकी है। दो मेडिकल छात्र भावेश सेहता और आशीष मीना लापता हैं।   दुर्घटनास्थल के पास की तीन इमारतें पूरी तरह जल चुकी हैं। एक इमारत ढहने की स्थिति में आ गई है। हुआ यूं था कि कल दोपहर 1.38 बजे के एअर इंडिया - 171 ने सरदार वल्लभभाई पटेल एयरपोर्ट से लंदन के लिए उड़ान भरी। इसके कुछ देरबाद उड़ान दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी समेत कुल 230 यात्री सवार थे, जिनमें 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और एक कनाडाई नागरिक शामिल थे। बाकी 12 क्रू मेंबर थे। इस विमान में क्रू मेंबर और यात्रियों समेत 241 लोगों की मौत हो गई है। जिस मेडिकल हॉस्टल की इमारत से विमान टकराया है, उसके 50 इंटर्न डॉक्टर और स्टाफ भी मारे गए हैं।   स्मृति शेष पूर्व मुख्यमंत्री रूपाणी पर इस समय पंजाब भाजपा का प्रभार था। रूपाणी का जन्म 02 अगस्त 1956 को बर्मा के रंगून में हुआ था। राजकोट (गुजरात) में बसने के बाद वह 1971 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े। रूपाणी ने संगठन और सरकार में अलग-अलग पदों पर काम किया। उन्होंने पार्षद के तौर पर शुरुआत की और मुख्यमंत्री के पद तक पहुंचे।   इस हादसे ने 37 साल पहले मुंबई से अहमदाबाद आ रहे इंडियन एयरलाइंस विमान हादसे की याद दिला दी है। यह अहमदाबाद में उतरते वक्त दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। सनद रहे इंडियन एयरलाइंस और एअर इंडिया का विलय 2007 में हुआ था। 19 अक्टूबर 1988 को सुबह 6:05 बजे दुर्घटनाग्रस्त हुए इस विमान में 135 लोग सवार थे, जिनमें से 133 की मौत हो गई थी। यह हादसा इंडियन एयरलाइंस के इतिहास का सबसे भयानक और भारतीय विमानन इतिहास का चौथा सबसे बुरा हवाई हादसा था।  

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लंदन । बॉलीवुड अभिनेत्री करिश्मा कपूर के पूर्व पति और जाने-माने व्यापारी संजय कपूर का गुरुवार देर रात दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। 53 वर्षीय संजय कपूर उस समय पोलो खेल रहे थे जब उन्हें अचानक दिल का दौरा पड़ा। यह दुखद घटना यूके में घटी, जहां वे इन दिनों रह रहे थे।संजय कपूर ने कुछ समय पहले ही अहमदाबाद (गुजरात) में हुए विमान हादसे को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर संवेदनाएं जताई थीं। अपने पोस्ट में उन्होंने लिखा था, "अहमदाबाद में एयर इंडिया विमान दुर्घटना की दुखद खबर। मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं सभी प्रभावित परिवारों के साथ हैं। ईश्वर उन्हें इस कठिन समय में शक्ति प्रदान करे।"संजय कपूर ने साल 2003 में बॉलीवुड अभिनेत्री करिश्मा कपूर से विवाह किया था। यह रिश्ता लगभग 13 साल चला और वर्ष 2016 में दोनों ने आपसी सहमति से तलाक ले लिया। तलाक के बाद संजय ने मॉडल और उद्यमी प्रिया सचदेव से दूसरी शादी की। संजय कपूर और प्रिया सचदेव के एक सात वर्षीय बेटे अजारियस हैं, जिनका जन्म 2018 में हुआ था।संजय कपूर के असामयिक निधन की खबर से बॉलीवुड और बिजनेस जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। कई हस्तियों ने सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि दी है और उनके परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की है।

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चंडीगढ़ । पंजाब के पठानकोट में शुक्रवार को एयरफोर्स के अपाचे हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग हुई है। पायलट व अन्य जवान सुरक्षित हैं। पुलिस ने पूरे क्षेत्र को घेर लिया है। एयर फोर्स के अपाचे हेलीकॉप्टर ने शुक्रवार को पठानकोट एयरबेस से उड़ान भरी थी। हलेड़ा गांव के पास पहुंचने पर तकनीकी खराबी आ गई। इमरजेंसी को देखते हुए पायलट ने उसे खेत में लैंड करा दिया। मामले की सूचना मिलते ही सेना और पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने पूरे क्षेत्र को घेर लिया है। सेना के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए हैं और हेलीकॉप्टर में आई तकनीकी खराबी को दूर करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं।इस संबंध में अभी वायु सेना का कोई अधिकृत बयान नहीं आया है।

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मुंबई । मुंबई में मीठी नदी की सफाई में हुए 65 करोड़ रुपये के घोटाला मामले में गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने बॉलीवुड अभिनेता डिनो मोरिया से पूछताछ कर उनका बयान रिकार्ड किया है। डिनो मोरिया आज सुबह करीब 10.30 बजे दक्षिण मुंबई के बैलार्ड एस्टेट स्थित ईडी के कार्यालय में पहुंचे थे। इस मामले में ईडी ने 6 जून को मुंबई और केरल के कोच्चि में 15 से अधिक स्थानों पर तलाशी ली थी थी, जिसमें यहां बांद्रा इलाके में डिनो मोरिया के परिसर, उनके भाई सैंटिनो से जुड़े परिसर, मुंबई नगर निगम के कुछ अधिकारी और ठेकेदार शामिल हैं। कोच्चि में तलाशी ली गई, क्योंकि बीएमसी मैटप्रॉप टेक्निकल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को गाद निकालने के उपकरण उपलब्ध कराने वाली कंपनियों में से एक इसी शहर में स्थित है। इस तलाशी अभियान के बाद पिछले सप्ताह ईडी ने डिनो मोरिया को समन जारी कर ईडी दफ्तर में पेश होने को कहा था। इसके फलस्वरुप आज डिनो मोरिया ईडी के समक्ष पेश हुए हैं और उनका बयान रिकार्ड किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने भी इस मामले में 13 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इस मामले में केतन कदम और जय जोशी को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इन दोनों से पूछताछ के बाद डिनो मोरिया का नाम सामने आया है और अब मामले की छानबीन ईडी की टीम कर रही है।

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नई दिल्ली/अहमदाबाद । अहमदाबाद के  सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास गुरुवार को 242 यात्रियों को लेकर जा रहा एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। दुर्घटना स्थल पर राहत और बचाव कार्य जारी है। एयरलाइन ने इसके लिए हॉटलाइन नंबर 1800 5691 444 जारी किया है। एयर इंडिया ने बयान जारी कर बताया है कि "अहमदाबाद से दोपहर 1:38 बजे रवाना हुई इस उड़ान संख्या AI-171 बोइंग 787-8 विमान में 242 यात्री और चालक दल के सदस्य सवार थे। इनमें से 169 भारतीय नागरिक, 53 ब्रिटिश नागरिक, 1 कनाडाई नागरिक और 7 पुर्तगाली नागरिक हैं। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में ले जाया जा रहा है।" एयरलाइन ने बताया कि अधिक जानकारी के लिए एक समर्पित यात्री हेल्पलाइन नंबर 1800 5691 444 स्थापित किया है। एयरलाइन ने कहा क‍ि एयर इंडिया घटना की जांच कर रहे अधिकारियों को पूरा सहयोग दे रही है। एयर इंडिया के अध्यक्ष एन. चंद्रशेखरन ने एक बयान में कहा, "बहुत दुख के साथ मैं पुष्टि करता हूं कि अहमदाबाद लंदन गैटविक उड़ान भरने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट 171 आज दुर्घटनाग्रस्त हो गई। हमारी संवेदनाएं इस विनाशकारी घटना से प्रभावित सभी लोगों के परिवारों और प्रियजनों के साथ हैं। इस समय हमारा प्राथमिक ध्यान सभी प्रभावित लोगों और उनके परिवारों का साथ देने पर है। हम साइट पर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीमों की सहायता करने और प्रभावित लोगों को सभी आवश्यक सहायता और देखभाल प्रदान करने के लिए शक्ति में सब कुछ कर रहे हैं। जैसे ही हमें और अधिक सत्यापित जानकारी प्राप्त होगी, आगे के अपडेट साझा किए जाएंगे। एक आपातकालीन केंद्र सक्रिय कर दिया गया है और जानकारी मांगने वाले परिवारों के लिए सहायता टीम स्थापित की गई है।"

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नई दिल्ली। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि मोदी सरकार ने 11 साल के शासन में प्रौद्योगिकी के उपयोग को लोकतांत्रिक बनाया है और व्यापार क्षेत्र के लिए इसकी शक्ति का उपयोग किया है, जिससे भारत दुनिया की अग्रणी डिजिटल अर्थव्यवस्था बन गया है। केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने एक्स पर लिखा, “मोदी सरकार ने प्रौद्योगिकी के उपयोग को लोकतांत्रिक बनाया और व्यापार क्षेत्र के लिए इसकी शक्ति का दोहन किया, जिससे भारत #11YearsOfDigitalIndia में दुनिया की अग्रणी डिजिटल अर्थव्यवस्था बन गया। चाहे वह स्वास्थ्य सेवा हो, शिक्षा हो, व्यापार हो या वाणिज्य, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डिजिटल क्रांति के माध्यम से अर्थव्यवस्था और समाज के हर क्षेत्र को बदल दिया है।”   डिजिटल इंडिया की प्रमुख उपलब्धियां:- आधार: विश्व की सबसे बड़ी डिजिटल आईडी प्रणाली: 140 करोड़ से अधिक लोगों को एक अनोखा 12-अंकों का आधार नंबर दिया गया है, जिससे सरकारी सेवाओं का लाभ उठाने में आसानी हुई है। - डिजिटल पेमेंट्स: डिजिटल भुगतान प्रणाली ने देशभर में तेजी से विस्तार किया है, जिससे लेन-देन में पारदर्शिता और सुरक्षा बढ़ी है। - डिजिलॉकर: 52 करोड़ से अधिक पंजीकृत उपयोगकर्ताओं के साथ, डिजिलॉकर ने दस्तावेज़ प्रबंधन को आसान और सुरक्षित बना दिया है। - जीवन प्रमाण: 10 करोड़ से अधिक पेंशनभोगियों ने डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र का उपयोग करके अपने जीवन प्रमाण को सत्यापित करने के लिए पंजीकरण कराया है। - उमंग ऐप: 8.21 करोड़ से अधिक पंजीकृत उपयोगकर्ताओं के साथ, उमंग ऐप ने सरकारी सेवाओं को एक ही मंच पर लाकर नागरिकों के जीवन को आसान बना दिया है।  

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बेंगलुरू । बेल्लारी से कांग्रेस सांसद ई. तुकाराम और पार्टी के तीन विधायकों के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कड़ा एतराज जताया है। बुधवार को मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र सरकार पर कांग्रेस पार्टी को विभाजित करने के लिए ईडी छापों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है।   राज्य के कलबुर्गी में बोलते हुये मल्लिकार्जुन खरगे कहा कि प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी शुरू से ही कांग्रेस पार्टी से नाराज हैं, यही वजह है कि वे कांग्रेस नेताओं को लगातार निशाना बना रहे हैं। ईडी छापों के जरिए कांग्रेस पार्टी को परेशान किया जा रहा है। पार्टी को विभाजित करने के इरादे से ऐसा करवाया जा रहा है, लेकिन यह संभव नहीं है। ईडी अधिकारियों को छापेमारी का कारण पता है। खरगे ने कहा कि ईडी अधिकारियों द्वारा छापेमारी कोई नई बात नहीं है।   इस बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी कांग्रेस सांसद और विधायकों पर की गयी छापेमारी पर नाराजगी जताई है। चिक्काबल्लापुर जिले के गौरीबिदनूर में उन्होंने कहा कि यदि ईडी द्वारा की गई छापेमारी किसी कानून का उल्लंघन है, तो हम इसका समर्थन नहीं करेंगे। कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी, तो हम कानून के कार्यान्वयन में बाधा नहीं डालेंगे।   दरअसल, बुधवार को कर्नाटक के बेल्लारी और बेंगलुरु में कर्नाटक आदिवासी कल्याण बोर्ड से जुड़ी वित्तीय अनियमितताओं मामले में कांग्रेस के बेल्लारी से सांसद और विधायकों के कार्यालयों साथ उनके घरों पर भी छापेमारी की गई है। ईडी की अलग-अलग टीमों ने बेल्लारी के सांसद ई. तुकाराम के संदूर आवास, बेल्लारी के विधायक नारा भारत रेड्डी के नेहरू कॉलोनी आवास, विधायक जे.एन. गणेश के होस्पेट आवास, विधायक डॉ. एनटी श्रीनिवास के कुडलिगी आवास और विधायक बी. नागेंद्र के करीबी गोवर्धन रेड्डी के आवास पर छापेमारी की है।

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नई दिल्ली/गुवाहाटी । बीएसएफ जवानों की यात्रा के लिए जर्जर ट्रेन मुहैया कराने के पांच दिन पुराने मामले में अलीपुरद्वार कोचिंग डिपो के चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। जवानों को गंतव्य तक जाने के लिए दूसरी ट्रेन भी मुहैया कराई गयी।   बीएसएफ के 1200 जवानों को 6 जून को त्रिपुरा से अमरनाथ जाना था। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने जो ट्रेन जवानों को मुहैया कराई उसमें खिड़कियां-दरवाजे टूटे थे। ट्रेन का वीडियो भी अब सामने आया है। इसमें टॉयलेट टूटा हुआ दिख रहा है है, लाइट नहीं है। सीटों पर गद्दियां भी गायब हैं। फर्श पर कॉकरोच दिखाई दे रहे हैं। जवानों ने इस ट्रेन पर चढ़ने से ही इनकार कर दिया था।   रेल मंत्री वैष्णव ने आज नई दिल्ली स्थित नेशनल मीडिया सेंटर में पत्रकारों से कहा कि त्रिपुरा से कश्मीर ड्यूटी पर जा रहे बीएसएफ जवानों के लिए पुरानी ट्रेन की तैनाती से जुड़ी घटना को गंभीरता से लिया गया है। इस चूक के लिए अलीपुरद्वार डिवीजन के चार अधिकारियों को आज से तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। ये अधिकारी अलीपुरद्वार मंडल से हैं, जिनमें अलीपुर कोचिंग डिपो के कोचिंग डिपो अधिकारी और अलीपुर मंडल के तीन सीनियर सेक्शन इंजीनियर शामिल हैं।   रेल मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि सुरक्षा बलों की गरिमा और सुविधा सर्वोपरि है और इस प्रकार की लापरवाही किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। रेल मंत्रालय द्वारा इस पूरे प्रकरण की जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं। सुनिश्चित किया जा रहा है कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।   पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के सीपीआरओ कपिंजल किशोर शर्मा ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि बीएसएफ जवानों की यात्रा के लिए दूसरी ट्रेन मुहैया करा दी गयी है। हालांकि सुरक्षा कारणों से ट्रेन की टाइमिंग का खुलासा नहीं किया गया।   बीएसएफ के 1200 जवानों में त्रिपुरा फ्रंटियर, गुवाहाटी फ्रंटियर और एमएंडसी फ्रंटियर कंपनियां शामिल हैं। इन सभी कंपनियों के 1200 जवानों को अमरनाथ यात्रा की ड्यूटी के लिए रवाना होना था। यह स्पेशल ट्रेन उदयपुर रेलवे स्टेशन (त्रिपुरा) से 6 जून को जम्मू तवी रेलवे स्टेशन के लिए चलनी थी। उदयपुर (त्रिपुरा), आमबासा (त्रिपुरा), बदरपुर (असम), ग्वालपारा (असम) और कूचविहार (पश्चिम बंगाल) रेलवे स्टेशन से बीएसएफ जवानों को 'स्पेशल ट्रेन' में सवार होना था। इस बीच बीएसएफ द्वारा आपत्ति दर्ज कराने के बाद 6 जून को रवाना होने वाली ट्रेन को रद्द कर दिया गया।   उल्लेखनीय है कि अमरनाथ यात्रा पहली बार 38 दिन की हो रही है। इस बार यह तीन जुलाई से नौ अगस्त तक चलेगी। इस साल यात्रा की अवधि पिछले साल के 52 दिनों के मुकाबले घटाकर 38 दिन कर दी गई है।  

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नई दिल्ली । वायु सेना के उप प्रमुख एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित ने हाल के वैश्विक संघर्षों से पाकिस्तान के खिलाफ शुरू किये गए ऑपरेशन 'सिंदूर' से तुलना करते हुए बुधवार को वर्तमान युद्ध परिदृश्यों में निगरानी और इलेक्ट्रो-ऑप्टिक प्रणालियों की रणनीतिक भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आधुनिक युद्ध का फायदा उसी को मिलता है, जिसमें पहले देखने, सबसे दूर देखने और सबसे सटीक रूप से देखने की क्षमता होती है। एयर मार्शल ने ऑपरेशन 'सिंदूर' को इन उभरती चुनौतियों के अनुकूल ढलने के लिए भारत की तत्परता का प्रदर्शन बताया।   एयर मार्शल दीक्षित ने आज नई दिल्ली में निगरानी और इलेक्ट्रो ऑप्टिक्स इंडिया सेमिनार में ऑपरेशन 'सिंदूर' की समानता आर्मेनिया-अजरबैजान युद्ध, रूस-यूक्रेन संघर्ष और इजरायल-हमास संघर्ष से की। उन्होंने कहा कि जब हम आर्मेनिया-अजरबैजान से लेकर रूस-यूक्रेन और इजरायल-हमास तक के वैश्विक संघर्षों और ऑपरेशन सिंदूर में अपने स्वयं के अनुभवों को देखते हैं, तो एक सच्चाई बिल्कुल साफ तौर पर सामने आती है कि जो पक्ष पहले देखता है, सबसे दूर देखता है और सबसे सटीक रूप से देखता है, वही जीतता है। एयर मार्शल ने ऑपरेशन सिंदूर को इन उभरती वास्तविकताओं के अनुकूल ढलने के लिए भारत की तत्परता का प्रदर्शन बताया।   उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने समकालीन युद्ध में गहन निगरानी के महत्व को साबित किया है। ऑपरेशन सिंदूर से मिले सबक ने उस बात को पुख्ता किया है कि आधुनिक युद्ध ने प्रौद्योगिकी की बदौलत दूरी और भेद्यता के बीच के रिश्ते को मौलिक रूप से बदल दिया है। युद्ध के मौजूदा सिद्धांतों को चुनौती दी जा रही है और नए सिद्धांत उभर रहे हैं। आज स्कैल्प, ब्रह्मोस और हैमर जैसी सटीक और निर्देशित मिसाइलों ने भौगोलिक बाधाओं को लगभग निरर्थक बना दिया है, क्योंकि बियॉन्ड विजुअल रेंज की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल (बीवीआर एएएम) और सुपरसोनिक हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों के हमले आम हो गए हैं।   एयर मार्शल दीक्षित ने कहा कि जब हथियार सैकड़ों किलोमीटर दूर लक्ष्य पर सटीक निशाना साध सकते हैं, तो सामने, पीछे और पार्श्व युद्ध क्षेत्र और गहराई वाले क्षेत्रों की पारंपरिक अवधारणा अप्रासंगिक हो जाती हैं। हमें संभावित खतरों का पता लगाना, पहचानना और ट्रैक करना चाहिए, न कि जब वे हमारी सीमाओं के पास आते हैं। यह अवधारणा पहले भी मौजूद थी, लेकिन आज हमारे पास इसे साकार करने के साधन हैं। उन्होंने कहा कि जब हाइपरसोनिक मिसाइलें मिनटों में सैकड़ों किलोमीटर की दूरी तय कर सकती हैं और ड्रोन प्रतिक्रिया देने से पहले अपने लक्ष्यों तक पहुंच सकते हैं, तो वास्तविक समय की निगरानी न केवल फायदेमंद हो जाती है, बल्कि अस्तित्व के लिए आवश्यक भी हो जाती है।   उन्होंने कहा कि भविष्य की ओर देखने से स्पष्ट हो जाता है कि अकेले सरकारी प्रयास हमारे सामने आने वाले तकनीकी परिवर्तन की गति को पूरा नहीं कर सकते हैं। हमारा निजी क्षेत्र हमारे निगरानी विकास में एक महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में उभरता है। उन्होंने कहा कि सियाचिन ग्लेशियर से लेकर गर्म शुष्क रेगिस्तानों से लेकर हिंद महासागर तक हमारी निगरानी प्रणालियों को सभी वातावरणों में प्रभावशीलता बनाए रखनी चाहिए।

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि पिछले 11 वर्षों में भारत ने रक्षा क्षेत्र में अद्वितीय प्रगति देखी है। प्रगति की इस यात्रा में ‘आधुनिकता’ और ‘आत्मनिर्भरता’ पर विशेष ध्यान दिया गया है। प्रधानमंत्री ने इसे भारतीयों की सामूहिक इच्छा और दृढ़ संकल्प का परिणाम बताते हुए कहा कि यह संकल्प भारत को तकनीकी उत्कृष्टता की ओर ले जा रहा है।मोदी ने ‘मायगोवइंडिया’ पर एक पोस्ट का जवाब देते हुए कहा, “पिछले 11 वर्षों में हमारे रक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं। यह देखकर खुशी होती है कि लोग मिलकर भारत को मजबूत बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।” उन्होंने ‘#11ईयरऑफरक्षाशक्ति’ हैशटैग का भी उपयोग किया।उल्लेखनीय है कि भारत की रक्षा प्रणाली में सुधार के लिए विभिन्न योजनाएं लागू की गई हैं। इनमें विदेशी निर्भरता कम करते हुए स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देना शामिल है। इन प्रयासों से भारत की रक्षा क्षमता में वृद्धि हुई और यह वैश्विक स्तर पर एक मजबूत स्थिति में खड़ा है।

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नई दिल्ली । विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने आतंकवाद के प्रति दृष्टिकोण को स्पष्ट करते हुए कहा है कि भारत आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा, चाहे वे कहीं भी हों। एक फ्रांसिसी समाचार पत्र को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा, “हमें परवाह नहीं है कि वे कहां हैं। अगर वे पाकिस्तान के भीतर हैं, तो हम वहां भी जाएंगे।”फ्रांसिसी समाचार पत्र ‘ले फिगारो’ को दिए साक्षात्कार में जयशंकर ने कहा कि भारत के सैन्य अभियानों की प्रभावशीलता, विशेष रूप से ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पाकिस्तानी हवाई अड्डों पर हुए नुकसान से प्रमाणित होती है। भारतीय विमानों को हुए नुकसान से जुड़े प्रश्न पर उन्होंने कहा कि सफलता का असली माप दुश्मन की क्षमताओं का विनाश होता है। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद को केवल भारत-पाकिस्तान के द्विपक्षीय संघर्ष के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए बल्कि इसे एक वैश्विक मुद्दा माना जाना चाहिए।विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान के साथ चीन के घनिष्ठ संबंधों के संदर्भ में कहा कि चीन आतंकवाद से निपटने में अस्पष्टता या दोहरे मापदंड लेकर नहीं चल सकता। आतंकवाद ऐसी समस्या है जो सभी देशों को प्रभावित करती है। चीन और पाकिस्तान के बीच दशकों से घनिष्ठ संबंध रहे हैं लेकिन आतंकवाद जैसे मुद्दे पर अस्पष्टता या दोहरे मापदंड नहीं चल सकते।  

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भाेपाल/ इंदाैर । राजा रघुवंशी हत्याकांड में जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे मामले में एक के बाद एक कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। इस बीच एक और खुलासा हुआ है। सोनम ने शादी के तीन दिन बाद ही राजा को मारने का प्लान बना लिया था। इसका खुलासा मेघालय पुलिस काे जांच के दाैरान मिली राज कुशवाहा और सोनम की चैट्स से हुआ है। शादी के बाद से ही सोनम को पति राजा रघुवंशी का करीब आना पसंद नहीं आ रहा था। इसके बाद ही सोनम ने राजा की हत्या की साजिश रची थी। इसमें उसने कथित प्रेमी राज को शामिल किया, जिसने अपने तीन दोस्तों की मदद से हत्याकांड को अंजाम दिया। अभी सभी शिलांग पुलिस की गिरफ्त में हैं, जिनसे जल्द पूछताछ की जाएगी।   पुलिस काे मिली चैट्स के मुताबिक, शादी के तीसरे ही दिन सोनम ने राज कुशवाहा से राजा को खत्म करने की बात की थी। बातचीत में सोनम ने यह भी जाहिर किया कि उसे अपने पति राजा का करीब आना बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा था। सोनम ने राज कुशवाहा के साथ चैट में लिखा था कि उसका पति राजा उसके करीब आ रहा है, जो उसे बिल्कुल भी पसंद नहीं है। शादी से पहले ही सोनम ने राजा से दूरी बना ली थी। जांच में सामने आया है कि सोनम ने राज कुशवाहा के साथ मिलकर मेघालय जाने और वहीं पर राजा को खत्म करने का प्लान तैयार किया था। पूरा हनीमून ट्रिप एक खतरनाक सोची-समझी योजना का हिस्सा था। यही वजह थी कि दोनों ने जानबूझकर मर्डर के लिए दूर की लोकेशन का ट्रिप चुना था। सोनम ने पति राजा और खुद की फ्लाइट के टिकट कराए। साथ ही चार आरोपितों राज कुशवाह (19), आकाश राजपूत (23), आनंद कुर्मी (21) और विशाल चौहान (23) का ट्रेन का टिकट कराया था। सोनम राजा को जबरदस्ती गुवाहाटी स्थित कामाख्या देवी दर्शन के लिए ले गई थी। शादी के बाद सोनम अपने मायके में ही थी। इस दौरान उसने दो सिम खरीदी। एक अपने पास रखी और एक राज कुशवाह को दे दी। 20 मई को राज जब रेलवे स्टेशन पहुंचा तो उसका मन बदल गया और वह ट्रेन में नहीं बैठा। राज ने सिम दोस्त विशाल को दे दी। इसके बाद सोनम की बातचीत विशाल से ही हुई। विशाल ने सोनम को बताया कि राज उनके साथ नहीं आया है। उसने बाकी आरोपितों को भी जाने से मना किया था। इस पर सोनम नाराज हुई। फिर कहा कि प्लान के मुताबिक ही पूरा काम होना चाहिए। मेघालय की पुलिस प्रमुख के मुताबिक, शिलॉन्ग में राजा रघुवंशी की हत्या पत्नी सोनम रघुवंशी ने ही करवाई थी। सोनम ने अपने प्रेमी से कहा था कि शादी पिता की मर्जी से कर रही है, लेकिन राजा को रास्ते से हटा देगी। सोनम ने प्रेमी राज से वादा किया था कि वह चाहे विधवा हो जाए, लेकिन इसके बाद भी राज से शादी करेगी। सोनम ने ही राज के दोस्तों को 50 हजार रुपये में राजा की हत्या की सुपारी दी थी। आरोपिताें ने जिस हथियार ‘डाव’ (छोटी कुल्हाड़ी) से राजा को मारा, वो गुवाहाटी में ऑनलाइन मंगाया था। आरोपित शिलॉन्ग में सोनम-राजा के होम स्टे से एक किमी दूर होटल में ठहरे थे। इनके नंबर सोनम के पास थे। सोनम जहां जाती, लोकेशन इन्हें भेज देती। 23 मई को सोनम फोटो शूट के बहाने पहाड़ी कोरसा इलाके में राजा को ले गई। रास्ते में ही तीनों आरोपित राजा से मिले। हिंदी में बात की और साथ चल दिए। सोनम थकने के बहाने पीछे चलने लगी। थोड़ी देर बाद सुनसान जगह देखकर सोनम ने चिल्लाकर कहा- मार दो इसे। हत्या के बाद सोनम ने फोन तोड़े। आरोपित भी अपने-अपने घर ट्रेन से रवाना हुए। सोनम अकेली वाराणसी गई। यहां बस स्टैंड पर दो लोग उसे छोड़ने गए।   पुलिस पूछताछ में यह सामने आया कि सोनम रघुवंशी बनारस के रास्ते नेपाल भागने की फिराक में थी। इसके लिए पूरी योजना बनाकर काम कर रही थी। सोनम अपनी इसी योजना के तहत शिलांग से उत्तर प्रदेश पहुंची थी। यहां कुछ दिनों तक अलग-अलग स्थानों पर रुकी। इसी बीच प्रेमी राज कुशवाहा सहित अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी की जानकारी मिली तो वह ढाबे पर पहुंची और भाई को उत्तर प्रदेश में होने की सूचना दी। उन्होंने तुरंत इंदौर पुलिस को सूचना दी। फिर इंदौर पुलिस ने गाजीपुर पुलिस को काशी ढाबे पर भेजा। इसके बाद देर शाम मेघालय पुलिस ने गाजीपुर पहुंचकर सोनम को हिरासत में ले लिया। फिलहाल इस मामले में हर रोज एक के बाद एक नए खुलासे होना जारी है।  

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नई दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ऑपरेशन सिंदूर पर की गई टिप्पणियों को लेकर राहुल गांधी पर हमला बोला है। नड्डा ने कहा कि वे (राहुल) गैरजिम्मेदाराना विपक्ष का रोल निभा रहे हैं। भगवान उनको सद्बुद्धि दें। सोमवार को मोदी सरकार के 11 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में नड्डा ने भारत की विदेश नीति और ऑपरेशन सिंदूर पर कांग्रेस नेता की टिप्पणियों की आलोचना की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष के उद्देश्य को समझना बहुत मुश्किल है। जब वे सर्वदलीय बैठक में जाते हैं तो कहते हैं कि वे देश के साथ खड़े हैं, लेकिन जब वे बाहर निकलते हैं तो वे सवाल उठाने लगते हैं, ऐसे सवाल जो पूरी तरह से निराधार हैं। इसलिए वे एक गैर-जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं। भाजपा मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में नड्डा ने कहा कि जितना जनसंवाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करते हैं, उतना जयराम रमेश ने जीवन में बात नहीं की होगी। कांग्रेस के चुनाव आयोग पर उठाए गए सवाल पर नड्डा ने कहा कि जब वे कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश जीतते हैं तो सब ठीक रहता है और हारते हैं तो सब खराब हो जाता है। कांग्रेस की तो यह आदत बन गई है। चार प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक ही विषय़ पर अलग-अलग आंकड़े ले कर आते हैं। कांग्रेस को अपने विषय में सोचना चाहिए। अपने नेतृत्व पर विचार करना चाहिए। नड्डा ने आर्थिक विकास, महिला सशक्तीकरण पहल और ऑपरेशन गंगा जैसे सफल प्रत्यावर्तन प्रयासों सहित प्रमुख उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। इस मौके पर सरकार के 11 साल की उपलब्धियां गिनाते हुए नड्डा ने कहा कि मोदी सरकार जनता के नेतृत्व वाली सरकार है। पिछले कुछ सालों में हमने पारदर्शिता लाई है और एक दूरदर्शी, भविष्योन्मुखी प्रशासन बनाया है। इसीलिए हम विकसित भारत की बात करते हैं। यह अमृत काल है। पिछले 11 सालों ने वास्तव में विकसित और आत्मनिर्भर भारत की मजबूत नींव रखी है। इस मौके पर नड्डा ने प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया।

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इंदौर । शादी के बाद हनीमून मनाने के लिए मेघालय गए इंदौर के ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी की हत्या उनकी पत्नी सोनम ने ही कराई थी। पुलिस ने सोनम को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से एक ढाबे से पकड़ा है। उसके अलावा तीन हमलावरों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। इस बात की पुष्टि मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड सांगमा ने एक्स पोस्ट पर की।   मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने आज सुबह एक्स पोस्ट में कहा कि राजा हत्याकांड में सात दिनों के भीतर मेघालय पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। मध्य प्रदेश के रहने वाले तीन हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया गया है। महिला ने आत्मसमर्पण कर दिया है और एक अन्य हमलावर को पकड़ने के लिए अभियान अभी भी जारी है।   गौरतलब है कि राजा और सोनम रघुवंशी की शादी 11 मई को इंदौर में हुई थी। वे 20 मई को हनीमून के लिए रवाना हुए थे। दोनों  इंदौर से बेंगलुरु होते हुए गुवाहाटी पहुंचे, जहां मां कामाख्या के दर्शन करने के बाद गत 23 मई को मेघालय के शिलांग रवाना हुए। शुरुआत में परिवार की दोनों से बात होती रही, फिर संपर्क टूट गया। राजा के बड़े भाई सचिन रघुवंशी को पहले लगा कि नेटवर्क की समस्या होगी, लेकिन 24 मई से दोनों के मोबाइल बंद हो गए तो चिंता होने लगी। कई प्रयासों के बाद जब कोई संपर्क नहीं हो सका तो सोनम के भाई गोविंद और राजा के भाई विपिन शिलांग पहुंचे।  इसके बाद वे सर्चिंग टीम के साथ जुड़े।   23 मई को लापता दंपति में से पति राजा रघुवंशी का शव दो जून को मेघालय के पूर्वी खासी हिल्स जिले के सोहरा क्षेत्र में एक झरने के पास गहरी खाई में मिला था। सोनमी 17 दिन से लापता थी। बताया जा रहा है कि रविवार रात करीब दो बजे सोनम गाजीपुर के एक ढाबे पर पहुंची और उसने यहां से अपने भाई गोविद को फोन किया। गोविंद ने गाजीपुर से अपने परिचित को वहां भेजा। इसके बाद उन्होंने सोनम से फोन पर बात कराई। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि सोनम गाजीपुर तक कैसे पहुंची? पुलिस अब जल्द ही सोनम को इंदौर लेकर आ सकती है।  

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को सभी से नमो ऐप पर पिछले 11 वर्षों में भारत की विकास यात्रा पर सर्वेक्षण में भाग लेने का आग्रह किया है।प्रधानमंत्री ने सेवा के 11 वर्ष हैस टैग के साथ एक्स पोस्ट में कहा, “आपके विचार सबसे ज्यादा मायने रखते हैं। नमो ऐप पर इस सर्वेक्षण में भाग लें और हमें बताएं कि आप पिछले 11 वर्षों में भारत की विकास यात्रा को कैसे देखते हैं।”प्रधानमंत्री ने नमो ऐप पर सर्वेक्षण का लिंक साझा किया है, जहां कोई भी व्यक्ति भारत की विकास यात्रा पर अपने विचार साझा कर सकता है। यह सर्वेक्षण पिछले 11 वर्षों में भारत की विकास यात्रा पर केंद्रित है। प्रधानमंत्री ने जन मन सर्वेक्षण का भी उल्लेख किया है, जो भारत की विकास यात्रा पर केंद्रित है। इस सर्वेक्षण के माध्यम से सरकार लोगों के विचारों और सुझावों को जानना चाहती है।उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार ने आज 11 वर्ष पूरे कर लिए हैं। मोदी ने 26 मई 2014 को पहली बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। दूसरी बार 30 मई 2019 को और तीसरी बार 9 जून 2024 को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी।

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नई दिल्ली । चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और उनकी पार्टी को सार्वजनिक मंचों से आरोप लगाने की बजाय सीधा आयोग से संवाद की अपील की है। आयोग का कहना है कि आरोप लगाने के स्थान पर उन्हें अपनी शिकायतों को लिखित तौर पर आयोग को देना चाहिए और समय निकाल कर मुलाकात करनी चाहिए।   सूत्रों का कहना है कि प्रक्रिया के अनुसार सार्वजनिक जानकारी है कि चुनाव आयोग सहित कोई भी संवैधानिक संस्था, तभी औपचारिक रूप से प्रतिक्रिया देती है जब संबंधित व्यक्ति लिखित में पत्र भेजता है। यह भी आश्चर्यजनक है कि "राहुल गांधी एक ओर इन मुद्दों को बेहद गंभीर बता रहे हैं लेकिन जब उन्हें लिखित रूप में देने की बात आती है, तो पीछे हट जाते हैं।" दूसरी ओर, जब कांग्रेस को 15 मई को आयोग से मिलने का आमंत्रण दिया गया, तब उसने आगे मिलने के लिए समय माँग लिया और पीछे हट गई।   चुनाव आयोग के सूत्रों ने राहुल गांधी की चुप्पी पर आश्चर्य जताया है। आयोग ने कहा कि 24 घंटे बीतने के बाद भी राहुल गांधी ने न तो कोई पत्र लिखा और न ही मिलने का समय माँगा। “वे अपने आरोपों को गंभीर बताते हैं लेकिन उन्हें लिखित रूप में देने से बच रहे हैं।”   सूत्रों का कहना है कि वास्तव में राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में कांग्रेस उम्मीदवारों द्वारा नियुक्त बूथ लेवल एजेंटों, पोलिंग और काउंटिंग एजेंटों की आलोचना कर दी है। दूसरी ओर, आयोग द्वारा पूरे देश में नियुक्त 10.5 लाख बूथ लेवल अधिकारी, 50 लाख पोलिंग अधिकारी और 1 लाख काउंटिंग सुपरवाइज़र उनके इन निराधार आरोपों से नाराज़ हैं, जो उनकी ईमानदारी और मेहनत पर सवाल उठाते हैं।   वहीं, सीसीटीवी फुटेज को लेकर आयोग का कहना है कि किसी भी चुनाव याचिका में उच्च न्यायालय मतदान केंद्रों की सीसीटीवी फुटेज की जाँच कर सकता है। यह व्यवस्था चुनाव की निष्पक्षता बनाए रखने और मतदाताओं की गोपनीयता की रक्षा के लिए है। ऐसे में राहुल गांधी या उनके एजेंट मतदाताओं की गोपनीयता क्यों भंग करना चाहते हैं? क्या उन्हें उच्च न्यायालयों पर भी भरोसा नहीं है?   उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी ने महाराष्ट्र चुनाव को लेकर पांच बिंदुओं पर कथित चुनावी गड़बड़ियों की बात कही थी। इनमें चुनाव आयुक्त पैनल की नियुक्ति में पक्षपात, फर्जी मतदाताओं का नाम जोड़ना, मतदान प्रतिशत बढ़ा-चढ़ाकर दिखाना, टार्गेटेड बूथों पर बोगस वोटिंग और सीसीटीवी रिकॉर्ड न देने जैसे मुद्दे शामिल थे।   चुनाव आयोग ने इन सभी विषयों का जवाब दिया है। आयोग का कहना है कि चुनाव आयुक्त की नियुक्ति वर्तमान सरकार के कार्यकाल में ही तीन सदस्यीय पैनल के माध्यम से शुरू हुई है। इसके पहले सरकारें सीधी नियुक्ति किया करती थी। मतदाता, मतदान प्रतिशत तथा बोगस वोटिंग के आरोपों पर आयोग ने चुनावी प्रक्रिया की ओर ध्यान कराया है।  

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बेंगलुरु । कर्नाटक भाजपा ने चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास हुई भगदड़ को लेकर रविवार को राज्य सरकार के खिलाफ विधान सौधा में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास प्रदर्शन किया। भाजपा नेताओं ने राज्य के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री का इस्तीफा मांगा। साथ ही घटना पर चर्चा के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की भी मांग की। आईपीएल में आरसीबी की विक्ट्री परेड में भगदड़ के दौरान 11 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 50 से अधिक लोग घायल हो गये थे।   भाजपा नेताओं ने रविवार को चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर मची भगदड़ को लेकर राज्य सरकार के विरोध में प्रदर्शन किया। भाजपा नेताओं ने विधान सौधा में प्रदर्शन के दौरान पीड़ितों के परिजनों के लिए मुआवजे की राशि को 25 लाख रुपये से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये करने, कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई में न्यायिक जांच कराने तथा अधिकारियों को निलंबित करने के बजाय मंत्रियों के इस्तीफे की मांग की है। भाजपा ने इस घटना पर चर्चा के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की भी मांग की है।   विधान सौधा में नेता प्रतिपक्ष भाजपा नेता आर. अशोक और विधान परिषद् में विपक्ष के नेता चलवडी नारायणस्वामी के नेतृत्व में आयोजित विरोध प्रदर्शन के दौरान नेताओं ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार और गृह मंत्री परमेश्वर के तत्काल इस्तीफे की मांग की।   नेता प्रतिपक्ष आर. अशोक ने सवाल उठाया कि पुलिस अधिकारियों की लिखित चेतावनी को नज़रअंदाज़ कर सरकार की ओर से जीत का जश्न मनाने की अनुमति क्यों दी गई? पुलिस अधिकारियों की चेतावनियों के बावजूद जीत का जश्न मनाने पर कौन अड़ा था? दरअसल, कर्नाटक विधान सौधा सुरक्षा प्रभाग के पुलिस उपायुक्त ने 4 जून को सरकार को लिखे पत्र में स्पष्ट रूप से कहा था कि आरसीबी टीम के विजय उत्सव के आयोजन के लिए अधिक समय, तैयारी और एहतियाती उपायों की आवश्यकता है।   भाजपा नेता पी. राजीव ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की गलत राजनीतिक मंशा के कारण 11 लोगों की जान चली गई। उन्हें जिम्मेदारी लेनी होगी। उपमुख्यमंत्री मुख्य अपराधी हैं। उन दोनों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए और उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए। कर्नाटक सरकार को प्रत्येक मृतक के लिए कम से कम 1 करोड़ रुपये का मुआवजा देना चाहिए। प्रदर्शन में पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. सी. एन. अश्वथ नारायण, गोविंदा करजोल, विपक्ष के उपनेता अरविंद बेलाड, राज्य महासचिव पी. राजीव, सांसद, विधायक, परिषद सदस्य और अन्य पार्टी नेता मौजूद रहे।उल्लेखनीय है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने भगदड़ में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों के लिए घोषित मुआवजा राशि को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये प्रति परिवार कर दिया है। मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी बयान में कहा गया है मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे की राशि बढ़ाकर 25-25 लाख रुपये करने का आदेश दिया है।कर्नाटक सरकार ने इस पूरे मामले की जांच के लिए हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज जॉन माइकल कुन्हा की अध्यक्षता में एक सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी भगदड़ के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान करेगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए एहतियाती उपाय भी सुझाएगी। आयोग को 30 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है। इस मामले में एक न्यायिक जांच भी की जा रही है। जांच आयोग के अध्यक्ष आवश्यकता पड़ने पर तकनीकी और कानूनी सहायता के लिए एक सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और एक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी की सेवाएं भी ले सकते हैं।कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए) के अध्यक्ष रघुराम भट्ट ने शनिवार को प्रबंधन समिति को भंग करने से इनकार कर दिया। उन्होंने बताया कि सचिव ए. शंकर और कोषाध्यक्ष ईएस जयराम का इस्तीफा एक आपातकालीन बैठक में स्वीकार कर लिया गया है। इन दोनों वरिष्ठ अधिकारियों ने आईपीएल चैंपियन आरसीबी के विजय समारोह के दौरान मची भगदड़ की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने-अपने पदों से इस्तीफा दिया था।   यह हादसा 4 जून की शाम चिन्नास्वामी स्टेडियम के सामने हुई थी, जहां बड़ी संख्या में लोग आरसीबी टीम की आईपीएल में जीत के जश्न में भाग लेने के लिए उमड़े थे। इस घटना में 11 लोगों की मौत हो गई थी और 50 से अधिक घायल हो गए थे।  

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कानपुर । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डाॅ. मोहन राव भागवत ने कहा कि राष्ट्र को परमवैभव पर पहुंचाना हमारा लक्ष्य है। इसके लिए सभी हिन्दुओं को एकजुट होकर काम करना है। इसके लिए बच्चों में संस्कार और परिवार में एकता जरूरी है।   सरसंघचालक डाॅ. मोहन राव भागवत को रविवार को नवाबगंज स्थित दीनदयाल विद्यालय में आयोजित कार्यकर्ता विकास वर्ग में स्वयंसेवकों को संबोधित कर रहे थे। इससे पूर्व वह प्रात:काल संघस्थान पर भी रहे। इस दौरान सरसंघचालक ने स्वयंसेवकों के शारीरिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों को भी देखा। संवाद सत्र के दौरान डॉ भागवत ने स्वयं सेवकों से कहा कि राष्ट्र को परमवैभव पर पहुंचाना हमारा लक्ष्य है। पंच परिवर्तन पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि सभी हिंदुओं को एकजुट होकर काम करना है। ताकि घर के हर बच्चों में संस्कार और परिवार में एकता स्थापित हो सके। उन्होंने सामाजिक समरसता, कुटुम्ब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, स्व का जागरण और नागरिक कर्तव्य का पालन करने पर जोर दिया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचार प्रमुख डॉक्टर अनुपम ने बताया कि सरसंघचालक ने प्रशिक्षण ले रहे 400 से अधिक स्वयंसेवकों को संघ का कार्य व विचार किस तरह से लोगों तक पहुंचाने को लेकर चर्चा की । इसके अलावा उन्होंने हिंदुओं को एक साथ रहकर संगठन को मजबूत करने पर भी जोर दिया गया। इसके अलावा डॉ भागवत ने शताब्दी वर्ष में शाखा विस्तार पर जोर दिया। सरसंघचालक सोमवार तक यहां प्रवास पर रहेंगे।

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नई दिल्ली । लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा ‘मैच फिक्सिंग महाराष्ट्र’ शीर्षक से अंग्रेजी अखबार में लिखे गए लेख पर चुनाव आयोग ने आधिकारिक प्रतिक्रिया दी है। लेख में राहुल गांधी ने नवंबर 2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में बड़े पैमाने पर धांधली का आरोप लगाया था। चुनाव आयोग ने इसे तथ्यों से परे और बदनाम करने वाला बताया है।चुनाव आयोग ने कहा, “मतदाताओं द्वारा किसी भी प्रतिकूल फैसले के बाद यह कहकर (मैच फिक्स था) चुनाव आयोग को बदनाम करने की कोशिश करना पूरी तरह से बेतुका है।”राहुल ने अपने लेख में पांच बिंदुओं पर कथित चुनावी गड़बड़ियों को रेखांकित किया था। इनमें चुनावा आयुक्त पैनल की नियुक्ति में पक्षपात, फर्जी मतदाताओं का नाम जोड़ना, मतदान प्रतिशत बढ़ा-चढ़ाकर दिखाना, टार्गेटेड बूथों पर बोगस वोटिंग और सीसीटीवी रिकॉर्ड न देने जैसे मुद्दे शामिल थे।इसके जवाब में आयोग ने बताया कि 6.4 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने सुबह 7 से शाम 6 बजे तक मतदान किया। औसतन हर घंटे 58 लाख वोट डाले गए। अंतिम दो घंटे में 65 लाख वोट पड़ना सामान्य औसत से कम है। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि हर बूथ पर राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त एजेंट मौजूद थे। किसी ने भी अगले दिन रिटर्निंग ऑफिसर के समक्ष कोई संदेह नहीं जताया।आयोग के अनुसार, मतदाता सूची तैयार करने की प्रक्रिया जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और निर्वाचक नियम 1960 के तहत की जाती है। अंतिम मतदाता सूची सभी दलों को दी गई थी। इसके खिलाफ केवल 89 शिकायतें आईं, जिनमें से एक भी कांग्रेस द्वारा नहीं की गई थीं। आयोग ने बताया कि 1 लाख से अधिक बूथों पर 97 हजार बूथ लेवल ऑफिसर्स और सभी दलों द्वारा नियुक्त 1.03 लाख बूथ एजेंट तैनात थे। कांग्रेस ने भी 27 हजार से अधिक एजेंट नियुक्त किए थे।आयोग ने कहा कि चुनाव कानून के तहत पारदर्शिता से होते हैं और किसी भी तरह की गलत जानकारी न केवल कानून का अपमान है, बल्कि चुनाव प्रक्रिया से जुड़े लाखों लोगों के मनोबल को भी गिराता है। आयोग ने कहा कि 24 दिसंबर 2024 को यह सभी तथ्य कांग्रेस को भेज दिए गए थे। इसके बावजूद बार-बार ऐसे आरोप लगाना पूरी तरह अनुचित है।

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देहरादून/रुद्रप्रयाग । उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में फाटा और सिरसी के बीच बड़ासू में शनिवार को दोपहर हेलीकॉप्टर की सड़क पर इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी। हेलीकॉप्टर ने बड़ासू हेलीपैड से केदारनाथ धाम के लिए उड़ान भरी थी और टेकऑफ होते ही इसमें खराबी आ गई ,जिससे इसकी इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। हेलीकॉप्टर में 5 यात्री और पायलट सवार थे। पायलट को हल्की चोट की आने की बात बताई जा रही है। क्रेस्टेल एविएशन प्राइवेट लिमिटेड के इस हेलीकॉप्टर में आज टेक-ऑफ के दौरान तकनीकी खामी आ गई थी। पायलट ने समय पर परिस्थिति भांपते हुए पास में ही सड़क पर आपातकालीन लैंडिंग करवाई, जिससे बड़ा हादसा होने से बच गया। हालांकि आपातकालीन लैंडिंग के दौरान पायलट को मामूली चोट आई और उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया। घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन ने मौके पर टीम को रवाना कर दिया था। इसके बाद टीम ने हेलीकॉप्टर को सड़क से हटवाने का कार्य कराया, जिससे यातायात सुचारू रूप से चल रहा है।जिला पर्यटन विकास अधिकारी एवं हेली सेवा के नोडल अधिकारी राहुल चौबे ने बताया कि क्रेस्टेल एविएशन प्राइवेट लिमिटेड का एक हेलीकॉप्टर अपने बड़ासू स्थित बेस से श्री केदारनाथ धाम के लिए पाँच यात्रियों के साथ टेक-ऑफ कर रहा था। इसी दौरान हेलीकॉप्टर में कुछ तकनीकी खामी आ गई। पायलट ने समय रहते खामी को भाँप लिया और नज़दीक में खाली सड़क देखकर आपातकालीन लैंडिंग करवाई।हेलीकॉप्टर में सवार सभी पांचों यात्री सुरक्षित हैं, जबकि पायलट को हल्की चोट आई है। आपातकालीन लैंडिंग के दौरान सड़क पर खड़ी एक गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई। उक्त घटना का हेली शटल सेवा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।

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शिमला । देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के नौणी स्थित डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय में "विकसित भारत युवा कृषि वैज्ञानिक दृष्टिकोण व संकल्प" विषय पर आयोजित संवाद कार्यक्रम में विद्यार्थियों से प्रेरणादायक संवाद किया। उपराष्ट्रपति ने युवाओं को संबोधित करते हुए उन्हें विकसित भारत की दिशा में सबसे मजबूत ‘सारथी’ बताया और कहा कि उनके जोश, ज्ञान और समर्पण से ही देश आत्मनिर्भर और उन्नत बनेगा।संवाद की शुरुआत करते हुए उपराष्ट्रपति ने विद्यार्थियों को सहज और आत्मीय वातावरण में संबोधित किया। उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी भी इस कार्यक्रम में आना चाहती थीं, लेकिन कुछ कारणों से नहीं आ सकीं। इस दौरान उन्होंने माँ शालिनी माता का आशीर्वाद लेकर कार्यक्रम में सम्मिलित होने की बात भी साझा की। अपने जीवन के अनुभवों से प्रेरणा देते हुए उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे हमेशा सकारात्मक सोच रखें और समाज व राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएं।उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि हिमाचल प्रदेश केवल प्राकृतिक सुंदरता का प्रतीक नहीं है, यह वीरों की भूमि भी है। यहां की शुद्धता, संस्कृति और जनभावनाएं देश के लिए प्रेरणादायक हैं। उन्होंने "ऑपरेशन सिंदूर" की सफलता का उल्लेख करते हुए इसे राष्ट्र की सामूहिक चेतना और संकल्प का प्रतीक बताया।उन्होंने युवाओं को आह्वान किया कि वे भारतीयता को अपनी पहचान और राष्ट्रीयता को अपने धर्म की तरह अपनाएं। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है और इसमें युवाओं की भूमिका बेहद अहम है।उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज के दौर में केवल सरकारी नौकरी ही एकमात्र विकल्प नहीं है। उन्होंने युवाओं को उद्यमिता, नवाचार और तकनीकी क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा दिखाने की सलाह दी। “कृषि क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और एग्रीकल्चरल इंटेलिजेंस (एजीआई) ही वह मार्ग है, जिससे ग्रामीण भारत को समृद्ध किया जा सकता है।”उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे किसानों को आधुनिक कृषि पद्धतियों से जोड़ें और कृषि में स्थायित्व तथा नवाचार को बढ़ावा दें। साथ ही केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ किसानों तक पहुंचाने में सहायक बनें।इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने हिमाचल प्रदेश में उत्पादित फल, सब्जियों और अन्य जैविक उत्पादों के स्थानीय उपयोग को प्राथमिकता देने की बात कही। उन्होंने कहा कि जब खाना अच्छा हो, तो उसे बाहर भेजने की बजाय अपने उपयोग में लाना भी जरूरी है।अपने हास्य-विनोद भरे अंदाज़ में उन्होंने छात्रों को संदेश दिया कि समाज में पुरुष और महिलाएं कंधे से कंधा मिलाकर चलें। उन्होंने विद्यार्थियों से शौक के कामों को भी गंभीरता से लेने और समाज में ठोस बदलाव लाने की दिशा में कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने विद्यार्थियों को दिल्ली आने का भी आमंत्रण दिया।इससे पहले उपराष्ट्रपति ने विश्वविद्यालय परिसर में विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का उद्घाटन किया और छात्र-छात्राओं के नवाचारों की सराहना की।छात्रों ने कार्यक्रम के बाद प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उपराष्ट्रपति का मार्गदर्शन प्रेरणादायक रहा। उन्होंने कहा कि एआई और सस्टेनेबल कृषि जैसे मुद्दों पर मिल रही शीर्ष स्तर की सोच उन्हें अपने क्षेत्र में कुछ नया करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।      

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जम्मू । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों आज कटरा से श्रीनगर के लिए दो वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाए जाने के साथ ही दशकों का सपना सच हो गया है। कन्याकुमारी से कश्मीर तक रेल कनेक्टिविटी हो हो गई है। अब यात्री ट्रेन से वादियों और पहाड़ों का दीदार करते हुए श्रीनगर तक पहुंचेंगे। ट्रेन में एग्जीक्यूटिव क्लास के यात्रियों को कश्मीरी बादाम, अंजीर और अन्य कश्मीरी व्यंजन भी परोसे जाएंगे। यात्रियों की सुरक्षा के लिए सुरक्षाकर्मी भी तैनात रहेंगे। कश्मीर जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है।   रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि जम्मू से श्रीनगर तक सीधा रेल सफर सितंबर महीने से शुरू हो जाएगा। जम्मू रेलवे स्टेशन पर नए प्लेटफॉर्म बनाने का काम पूरा होने के साथ ही सीधे जम्मू से श्रीनगर के लिए रेलगाड़ी चलेगी। कश्मीर जाने वाली वंदे भारत श्री माता वैष्णो देवी (कटड़ा) स्टेशन से रवाना होगी। उधमपुर-बनिहाल-श्रीनगर रेल खंड पर इन दोनों ट्रेनों का कमर्शियल संचालन सात जून से शुरू होगा। यात्रियों की सुविधा के लिए दोनों ट्रेनों में एसी चेयर कार और एग्जीक्यूटिव क्लास के डिब्बे लगाए गए हैं।   रेलवे ने सभी शुल्कों सहित श्रीनगर से कटड़ा के बीच चेयर कार का किराया 715 रुपये निर्धारित किया है, जबकि एग्जीक्यूटिव क्लास का किराया 1320 रुपये निर्धारित किया गया है। दोनों नई वंदे भारत एक्सप्रेस के संचालन के बाद जम्मू-कश्मीर में कुल चार वंदे भारत ट्रेनें चलने लगेंगी। इससे पहले जम्मू-कश्मीर में दो वंदे भारत ट्रेनें नई दिल्ली से कटड़ा के बीच चल रही हैं। कश्मीर तक जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस का कई स्टेशनों पर ठहराव होगा। इनमें दिल्ली, अंबाला छावनी, लुधियाना जंक्शन, पठानकोट छावनी, जम्मू तवी, श्री माता वैष्णो देवी (कटड़ा) यात्रियों के ट्रांसशिपमेंट के बाद, रियासी बनिहाल कांजीगुंड, अनंतनाग और श्रीनगर रेलवे स्टेशन शामिल हैं।   जिला रिसासी के कौड़ी बक्कल क्षेत्र में चिनाब नदी पर बने विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे के आर्च पुल के पास तीन मंजिला संग्रहालय भी बनाया गया है।इसके दो मंजिल में रेलवे परियोजना की चुनौतियों और इंजीनियरिंग की बेजोड़ मिसाल देखने को मिलेगी, जबकि तीसरी मंजिल पर व्यू प्वाइंट के साथ ही रेस्तरां की सुविधा भी होगी। यहां से पर्यटक खाने-पीने का आनंद उठाने के साथ ही इस पुल से गुजरते समय आसपास के प्राकृतिक सौंदर्य को निहार सकेंगे। संग्रहालय में पर्यटकों को कश्मीरी कला और कारीगरी की हैरान कर देने वाली बारीकियां और नमूने देखने को मिलेंगे। हाथों से लकड़ी पर उकेरी गई आकर्षक आकृतियों में देवदार और अखरोट की लकड़ी का इस्तेमाल किया गया है। इसके अलावा कश्मीर के डल झील की हाउस बोट जैसे डिजाइन भी इस संग्रहालय की शान बढ़ाएंगे।   रेलवे के अनुसार पर्यटक जब इस संग्रहालय में आएंगे, तो यहां प्रदर्शित मॉडलों से वह जान सकेंगे कि इस परियोजना में कितनी विपरीत परिस्थितियां तथा चुनौतियां आईं और उनसे पार पाने में कैसे-कैसे इंजीनियरिंग के चमत्कार हुए। चिनाब और घाटी की गहराई से आकाश जैसी ऊंचाई तक इंजीनियरों ने विश्व का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च पुल बना दिया। इसकी तस्वीरें और आंकड़े भी पर्यटकों को इस संग्रहालय में देखने को मिलेंगे। अंजी नदी पर बने देश के पहले केबल स्टे पुल के निर्माण में आई चुनौतियां और निर्माण के बाद उसकी मजबूती तथा अन्य विशेषताएं भी पर्यटक जान सकेंगे।

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कटरा । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के कटरा में विकास परियोजनाओं से जुड़े कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद पर सख्त शब्दों में चेतावनी दी। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के भविष्य के लिए विकास, समावेशन और आत्मनिर्भरता के विज़न को स्पष्ट किया। इस अवसर पर उन्होंने 46 हजार करोड़ से अधिक की महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। उन्होंने घाटी में तेज़ी से हो रहे बदलाव को ‘भारत की नई शक्ति और संकल्प का प्रतीक’ बताया।प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तान की कड़े शब्दों में निंदा की। उन्होंने इसे पाकिस्तान की एक सोची-समझी साजिश करार दिया, जिसका उद्देश्य घाटी में अशांति फैलाना और मेहनतकश लोगों की आजीविका को बाधित करना था। उन्होंने कहा कि यह हमला न सिर्फ निर्दोष पर्यटकों पर था, बल्कि ‘कश्मीरियत और इंसानियत’ पर भी हमला था। उन्होंने कहा कि आतंकवाद ने घाटी में स्कूल जलाए, अस्पतालों को निशाना बनाया और दो पीढ़ियों के सपनों को कुचला है, लेकिन अब जम्मू-कश्मीर का युवा आतंकवाद के विरुद्ध सीना तानकर खड़ा है।प्रधानमंत्री ने आतंक पर पाकिस्तान को मिले करारे जवाब का उल्लेख करते हुए कहा कि आज 6 जून है, ठीक एक महीने पहले भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से पाकिस्तान की धरती पर आतंक के अड्डों को ध्वस्त किया। अब जब पाकिस्तान को इस ऑपरेशन का नाम भी सुनाई देगा, तो उसे अपनी हार और शर्म याद आएगी। भारत अब चुप रहने वाला नहीं है। हमारे सैनिकों ने जो किया, वह भारत की बदलती रणनीति और इच्छाशक्ति का प्रमाण है। अब आतंकवाद का जवाब उसी भाषा में दिया जाएगा।इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने चिनाब ब्रिज और अंजी पुल का उद्घाटन किया। चिनाब ब्रिज विश्व का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज है। इसकी ऊंचाई 359 मीटर और लंबाई 1,315 मीटर है। अंजी पुल भारत का पहला केबल-सपोर्टेड रेलवे पुल है। इसे अत्यंत चुनौतीपूर्ण भौगोलिक परिस्थितियों में बनाया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह पुल भारत की इंजीनियरिंग क्षमता, तकनीकी शक्ति और अदम्य साहस के प्रतीक हैं। ये सिर्फ पुल नहीं हैं, ये जम्मू-कश्मीर और शेष भारत के बीच विश्वास और विकास की मजबूत डोर हैं।प्रधानमंत्री ने उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल परियोजना (यूएसबीआरएल) को राष्ट्र को समर्पित किया। यह 272 किमी लंबी परियोजना 36 सुरंगों और 943 पुलों से युक्त है और इसकी लागत 43,780 हजार करोड़ है। उन्होंने कहा कि माता वैष्णो देवी के आशीर्वाद से अब कश्मीर घाटी भारत के विशाल रेलवे नेटवर्क से जुड़ चुकी है। अब हम ‘कश्मीर से कन्याकुमारी’ तक के सपने को साकार कर रहे हैं।उन्होंने बताया कि इस रेल संपर्क से न केवल यातायात सुलभ होगा, बल्कि व्यापार, पर्यटन और शिक्षा को भी नई गति मिलेगी। उन्होंने एक स्थानीय छात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि अपनी बातचीत में उसने कहा कि पहले लोग ट्रेन वीडियो में देखते थे, अब वे अपने गांव के सामने से गुजरती देख सकेंगे।प्रधानमंत्री ने रियासी जिले में बनने वाले ‘श्री माता वैष्णो देवी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एक्सीलेंस’ की नींव रखी। इसकी लागत 350 करोड़ रुपये से अधिक है। इस संस्थान में 500 बिस्तरों की सुविधा होगी। साथ ही पिछले 5 वर्षों में राज्य में 7 नए मेडिकल कॉलेज खुल चुके हैं और एमबीबीएस सीटें 500 से बढ़कर 1300 हो गई हैं। उन्होंने कहा कि श्रीनगर और जम्मू में अब एम्स, आईआईटी, आईआईएम और एनआईटी जैसे संस्थान मौजूद हैं। इससे इस क्षेत्र को शिक्षा और नवाचार का हब बना रहे हैं।प्रधानमंत्री ने सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों को ‘राष्ट्र का पहला रक्षक’ बताया। उन्होंने घोषणा की कि गोलीबारी से प्रभावित परिवारों को पूरी सहायता दी जाएगी। जिनके मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें 2 लाख रुपये और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त मकानों को 1 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। साथ ही सीमा क्षेत्र में 10 हजार बंकर बनाए जा रहे हैं और 2 नई बॉर्डर बटालियन तथा 2 महिला बटालियनों का गठन किया जाएगा। सीमा क्षेत्र के लिए 4,200 रुपये करोड़ की बुनियादी योजनाएं लागू की जा रही हैं।प्रधानमंत्री ने कहा कि इन विकास परियोजनाओं से न केवल कनेक्टिविटी बढ़ेगी, बल्कि स्थानीय उद्योगों जैसे सेब, ड्राई फ्रूट्स, पश्मीना शॉल, और हस्तशिल्पों को देशभर के बाजारों तक पहुंचने का अवसर मिलेगा। घाटी अब फिर से फिल्म शूटिंग और खेलों का केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।प्रधानमंत्री ने ‘मेक इन इंडिया’, ‘मिशन मैन्युफैक्चरिंग’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसे अभियानों को युवाओं से जोड़ते हुए कहा कि भारत अब रक्षा उत्पादों का निर्यातक बन चुका है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे इस बदलाव के भागीदार बनें। उन्होंने कहा कि भारत अब सिर्फ उपभोक्ता नहीं, उत्पादक राष्ट्र बन रहा है। आने वाले समय में हम विश्व के शीर्ष रक्षा निर्यातकों में शामिल होंगे और जम्मू-कश्मीर के युवा इस परिवर्तन में अग्रणी भूमिका निभाएंगे।प्रधानमंत्री ने इस दौरान लोगों से एक संकल्प लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हमें भारत में बने सामानों को प्राथमिकता देनी है, उन वस्तुओं को जो हमारे देशवासियों के पसीने से बनी हैं। यही सच्ची देशभक्ति है, यही राष्ट्र की सेवा है। हमें सरहद पर अपनी सेना का सम्मान बढ़ाना है और बाजार में ‘मेक इन इंडिया’ के गौरव को नई ऊंचाई देनी है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत माता का मुकुट है और यहां के हर क्षेत्र में विकास की रोशनी फैल रही है। उन्होंने अमरनाथ यात्रा, खीर भवानी मेला, ईद, और धार्मिक उत्सवों का उल्लेख कर कहा कि ये सभी अब भय मुक्त और व्यवस्थित रूप में हो रहे हैं, जो जम्मू-कश्मीर की बदली तस्वीर को दर्शाते हैं।उन्होंने स्थानीय लोगों को आश्वासन दिया कि हर वो दीवार जो जम्मू-कश्मीर के युवा के सपनों के सामने आएगी, उसे पार करने के लिए मैं खुद खड़ा रहूंगा। समारोह में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, डॉ. जितेंद्र सिंह और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। प्रधानमंत्री मोदी ने इससे पहले आज जम्मू-कश्मीर में चिनाब पुल का उद्घाटन किया और पुल के डेक का दौरा किया। इस दौरान उनके हाथ में तिरंगा था, जिसे उन्होंने लहराते हुए स्पष्ट संदेश दिया। उन्होंने अंजी पुल का दौरा किया और उसका उद्घाटन किया। बाद में उन्होंने कटरा से श्रीनगर के बीच वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई। इसके बाद कटरा में 46 हजार करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास तथा उद्घाटन किया।चिनाब और अंजी रेल पुलनदी तल से 359 मीटर की ऊंचाई पर स्थित वास्तुकला का चमत्कार चिनाब रेल पुल दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज है। यह 1,315 मीटर लंबा स्टील आर्च ब्रिज है जिसे भूकंप और हवा की हर स्थिति का सामना करने के लिए तैयार किया गया है। इस पुल का एक प्रमुख प्रभाव जम्मू और श्रीनगर के बीच संपर्क को बढ़ाना होगा। इस पुल पर चलने वाली वंदे भारत ट्रेन के ज़रिए कटरा और श्रीनगर के बीच यात्रा करने में सिर्फ़ 3 घंटे लगेंगे, जिससे मौजूदा यात्रा समय में 2-3 घंटे की कमी आएगी। वहीं अंजी ब्रिज भारत का पहला केबल-स्टेड रेल ब्रिज है जो इस चुनौतीपूर्ण भूभाग में राष्ट्र की सेवा करेगा।वंदे भारत ट्रेनप्रधानमंत्री ने माता वैष्णो देवी कटरा से श्रीनगर और वापस जाने वाली दो वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाई। ये ट्रेनें निवासियों, पर्यटकों, तीर्थयात्रियों और अन्य लोगों के लिए एक तेज़, आरामदायक और विश्वसनीय यात्रा विकल्प प्रदान करेंगी।संपर्क परियोजनाएं और अन्य विकास पहलप्रधानमंत्री ने उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना को राष्ट्र को समर्पित किया। 272 किलोमीटर लंबी इस परियोजना में 36 सुरंगें (119 किलोमीटर तक फैली हुई) और 943 पुल शामिल हैं। इसका निर्माण लगभग 43,780 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। यह परियोजना कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्सों से सभी मौसमों में निर्बाध रेल संपर्क स्थापित करने में मददगार है, जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय गतिशीलता में तेजी लाना और सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।

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पटना । कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को नालंदा के राजगीर में आयोजित संविधान सुरक्षा सम्मेलन के दौरान जाति जनगणना, संविधान और कानून व्यवस्था का मुद्दा उठाया। सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि संविधान और सामाजिक न्याय पर लगातार हमले हो रहे हैं, लेकिन हम संविधान को मिटने नहीं देंगे। यह देश संविधान से ही चलेगा।   राहुल गांधी ने कहा कि देश की 90 फीसदी आबादी की सत्ता और फैसलों में कोई भागीदारी नहीं है। मुझे अपने देश की सच्चाई जाननी है, इसलिए मैं देश का एक्स-रे करना चाहता हूं। आप लोग इस गलतफहमी में नहीं रहिए। ये लोग सही जाति जनगणना नहीं होने देंगे। क्योंकि ये लोग जानते हैं कि जिस दिन सही जाति जनगणना करा लेंगे, इनकी राजनीति खत्म हो जायेगी। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए एकजुट हों। हम सब मिलकर इस देश को न्याय और भाईचारे के रास्ते पर आगे ले जाएंगे।   राहुल गांधी ने कहा कि बिहार की पुरानी परिभाषा सत्य, न्याय और अहिंसा थी। लेकिन नयी परिभाषा 'क्राइम कैपिटल' ऑफ इंडिया हो गया। इस राज्य ने न सिर्फ हिंदुस्तान को, बल्कि दुनिया को भी रास्ता दिखाया है। लेकिन आज यहां कानून-व्यवस्था चौपट है और जनता असुरक्षित महसूस कर रही है।   उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री जी बार-बार पाला बदलते रहते हैं। कभी इधर, कभी उधर। लेकिन बिहार की जनता अब समझ चुकी है कि असली मुद्दों से ध्यान भटकाया जा रहा है। शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाएं आज भी आम लोगों से दूर हैं।   राहुल गांधी पर्वत पुरुष (माउंटेन मैन) दशरथ मांझी के गांव भी पहुंचे और स्वर्गीय दशरथ के समाधि स्थल पर नमन किया। राहुल दशरथ मांझी के परिजनों से मुलाकात भी की।   राजगीर से राहुल गांधी गयाजी लौटे, जहां उन्होंने गया-पटना मुख्य मार्ग स्थित पहाश्वर के एक रिसॉर्ट में महिलाओं के साथ एक विशेष संवाद कार्यक्रम में चर्चा की। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुईं। राहुल गांधी ने इस दौरान महिला अधिकारों, शिक्षा, रोजगार और सामाजिक भागीदारी जैसे मुद्दों पर बात की।  

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श्रीनगर। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गुरुवार सुबह आतंकी फंडिंग और साजिश मामले में कश्मीर में कई जगहों पर छापेमारी की है। छापेमारी फिलहाल जारी है।   आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पुलिस की मदद से एनआईए की एक टीम ने दक्षिण कश्मीर में कई जगहों पर छापेमारी की जिसमें शोपियां के रेबन, नीलदूरा और चेक ए चोलेंड, कुलगाम के मंजगाम, देवसर, सोनीगाम और बुगाम और पुलवामा के इलाके शामिल हैं। इसी तरह उत्तरी कश्मीर के सोपोर और कुपवाड़ा में भी छापेमारी चल रही है। फिलहाल अभी तक किसी भी गिरफ्तारी या बरामदगी के बारे में कोई जानकारी नहीं है। छापेमारी जारी है।    

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के अंतर्गत दिल्ली के भगवान महावीर वनस्थली पार्क में पौधारोपण किया। यह प्रयास अरावली श्रृंखला को फिर से हरित बनाने की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है, जो ‘अरावली ग्रीन वॉल परियोजना’ का हिस्सा है।   इसकी जानकारी साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने एक्स पर कहा कि अरावली दुनिया की सबसे पुरानी पर्वतमाला में से एक है, जो गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली तक फैली हुई है। हाल के वर्षों में इस क्षेत्र से संबंधित कई पर्यावरणीय चुनौतियां सामने आई हैं, जिनसे निपटने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि सरकार का ध्यान इस पर्वतमाला से जुड़े क्षेत्रों के पुनर्जीवन पर है।   उन्होंने कहा कि सरकार जल प्रणालियों को सुधारने, धूल भरी आंधियों पर नियंत्रण करने, थार रेगिस्तान के पूर्व की ओर विस्तार को रोकने और अन्य उपायों पर काम करेगी। इसके लिए स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर योजनाएं बनाई जाएंगी।   प्रधानमंत्री ने कहा कि जहां स्थान की कमी है, जैसे शहरी और अर्धशहरी क्षेत्रों में, वहां परंपरागत के साथ-साथ नवीन पौधारोपण तकनीकों को भी अपनाया जाएगा। सभी गतिविधियां ‘मेरी लाइफ’ पोर्टल पर जियो-टैग करके मॉनिटर की जाएंगी।   इसके साथ ही आज प्रधानमंत्री ने दिल्ली सरकार की एक पहल के तहत नई इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाई। यह कदम स्वच्छ शहरी परिवहन और टिकाऊ विकास को बढ़ावा देने के साथ-साथ दिल्लीवासियों के जीवन को आसान बनाएगा।   विश्व पर्यावरण दिवस पर प्रधानमंत्री ने आज अपने 7 लोक कल्याण मार्ग स्थित आवास पर ‘सिंदूर’ पौधा भी रोपित किया। यह पौधा हाल ही में गुजरात यात्रा के दौरान 1971 के युद्ध में साहस और बलिदान का प्रतीक बनीं वीर महिलाओं ने प्रधानमंत्री को भेंट किया था। इस दौरान प्रधानमंत्री ने देश के युवाओं से आह्वान किया कि वे इस हरित अभियान में सक्रिय भागीदारी करें।   कार्यक्रम के दौरान उनके साथ पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव, दिल्ली के उपराज्यपाल बीके सक्सेना, दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और राज्य के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा भी उपस्थित थे।  

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गंगटोक । भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन और यातायात अवरुद्ध होने के बाद उत्तरी सिक्किम में फंसे पर्यटकों को बचाने के लिए अभियान गुरुवार सुबह फिर शुरू हुआ। भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों की मदद से 63 लोगों को दो समूहों में सुरक्षित पाक्योंग हवाई अड्डे पर लाया गया।   भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टरों ने आज सुबह पाक्योंग ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे से उत्तरी सिक्किम के छातेन के लिए उड़ान भरी, ताकि प्रतिकूल मौसम और चुनौतीपूर्ण भूभाग के कारण उत्तरी सिक्किम के विभिन्न हिस्सों में फंसे पर्यटकों को बचाया जा सके। दो एमआई-17 हेलीकॉप्टरों ने अपना पहला बचाव अभियान सफलतापूर्वक पूरा करते हुए कुल 39 लोगों को छातेन से पाक्योंग ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे तक पहुंचाया। इसी तरह चीता हेलीकॉप्टर ने चार लोगों को सुरक्षित बचाया।  वहीं एक एमआई-17 हेलीकॉप्टर ने दो विदेशी नागरिकों सहित 20 पर्यटकों को सुरक्षित रूप से पाक्योंग हवाई अड्डे तक पहुंचाया।   रेस्क्यू किए गए पर्यटकों को उनके गंतव्य तक पहुंचने में सहायता प्रदान करने के लिए राज्य सरकार ने सिक्किम राष्ट्रीयकृत परिवहन (एसएनटी) बसों की व्यवस्था की है। बसों के जरिये पर्यटकों को गंगटोक और सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल) पहुंचाने की व्यवस्था की गई है।   इसके अलावा, बागडोगरा (पश्चिम बंगाल) की यात्रा करने के इच्छुक पर्यटकों के लिए एक अलग एमआई-17 हेलीकॉप्टर उड़ान की व्यवस्था की गई है। राज्य सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने कहा कि राज्य सरकार प्रतिकूल मौसम के दौरान पर्यटकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है।    

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  लगेगी शांडिल्य गुरु की प्रतिमा      कोलार रोड के दूसरे छोर भदभदा चौराहे पर उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने  ब्रह्मलीन बालगोविंद शांडिल्य गुरुजी की प्रतिमा स्थापना तथा चौराहे के सौंदर्यीकरण का भूमि-पूजन किया। सौंदर्यीकरण के लिये 8 लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं।   श्री गुप्ता ने कहा कि सरकार शहर के विकास के लिये सतत प्रयत्नशील है। उन्होंने शासन की विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि नागरिक शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये आगे आयें। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि घर-घर जाकर नागरिकों को शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये प्रेरित करें। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा कोटरा में सड़क भूमि-पूजन उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने आई-5 शासकीय आवास कोटरा के पास सड़क निर्माण का भूमि-पूजन किया। सड़क की लागत 20 लाख है। श्री गुप्ता ने सड़क का कार्य गुणवत्तापूर्ण करवाने के निर्देश दिये। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।     Attachments area          

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      मध्यप्रदेश के प्राचीन मंदिरों में भगवान के दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को अब प्रदेश के पुरावैभव, कला और संस्कृति की झलक भी वहां देखने को मिलेगी। इसके लिए राज्य सरकार मंदिरों में संग्रहालयों का निर्माण कराएगी। इस योजना को संस्कृति, धर्मस्व और पुरातत्व विभाग मिलकर अंजाम देंगे। मध्यप्रदेश में इस समय कई प्रसिद्ध मंदिर है जहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है। लेकिन इन मंदिरों में फिलहाल प्रदेश की कला-संस्कृति, इतिहास  और पुरावैभव की झलक दिखाने वाले संग्रहालय नहीं है। राज्य सरकार का सोचना है कि जो श्रद्धालु प्रदेश के प्राचीन मंदिरों में पहुंच रहे है वहां उन्हें भगवान के दर्शन के साथ-साथ प्रदेश के पुरावैभव और कला तथा संस्कृति से भी अवगत कराया जाए। इसके लिए इन मंदिरों के ट्रस्टों के पास मौजूद अपार धनराशि का उपयोग किया जाएगा। इन मंदिरों में सबसे पहले बनेंगे संग्रहालय- मध्यप्रदेश में उज्जैन में महाकाल मंदिर, खजराना मंदिर, सतना के मैहर मंदिर, पशुपतिनाथ मंदिर सहित कई ऐसे प्रमुख मंदिर है जहां मंदिरों की देखरेख और संरक्षण के लिए बनाए गए ट्रस्टों के पास श्रद्धालुओं के दान से मिली अपार धन संपदा स्थित है। इन्हीं मंदिरों में सबसे पहले संग्रहालय बनाने की शुरुआत की जाएगी।  इन मंदिरों के समीप काफी जमीन और भवन स्थित है। शिव मंदिरों में सभी बारह ज्योर्तिलिंगों के बारे में पूरी जानकारी एकत्रित कर प्रदर्शित की जाएगी। इसी तरह गणेश मंदिरों में गणेशजी के सभी स्वरुपों उनके इतिहास और महत्व को प्रदर्शित किया जाएगा। भोपाल के समीप स्थित भोजपुर मंदिर में दो सौ मीटर के दायरे के बाहर संग्रहालय बनाने का प्रस्ताव है। यहां भोजपुर के विशालकाय शिवलिंग और मंदिर के निर्माण की एतिहासिक प्रामाणिक  जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। यह मंदिर कब बना, इस तरह के मंदिर और कहां-कहां बनाए जाने थे। यह अधूरा क्यों रह गया। मंदिर के आसपास मिलने वाले शिवलिंग और अन्य पुराधरोहरों को भी यहां संग्रहित किया जाएगा। भोपाल में भी मुस्लिम धर्मावलंबियों से जुड़ी जानकारी, मध्यप्रदेश के प्राचीन नवाबों से जुड़े इतिहास की प्रामाणिक जानकारी गौहर महल या अन्य स्थानों पर प्रदर्शित की जाएगी। मिडटाउन में दुनिया की सबसे बड़ी सेंट पीटर चर्च में संग्रहालय भी है। वेटिकन सिटी में भी म्युजियम है वहां कई तरह के चित्र प्रदर्शित किए गए है। इन चित्रों में इन देशों की कला और संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। जापान में म्युजियम आॅफ पैरासाइड है। भारत के कई राज्यों में भी मंदिर, मस्जिद और चर्च के साथ संग्रहालय लगे हुए है। मध्यप्रदेश में फिलहाल मंदिर, मस्जिद और गिरिजाघरों में संग्रहालय नहीं है। प्रमुख सचिव संस्कृति मनोज श्रीवास्तव ने कहा प्रदेश के मंदिरों पर अब संग्रहालय बनाने की राज्य सरकार की योजना है। इसके जरिए प्रदेश के नागरिकों को धार्मिक आस्था के केन्द्रों पर पहुंचने पर वहां संग्रहालयों में प्रदेश के इतिहास, कला और संस्कृति के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।     Attachments area          

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  कोलार अवैध कब्जों का अड्डा बना    कोलार में राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों और तहसीलदारों की शह पर बेशकीमती जमीन पर जहां-तहां झुग्गियों का निर्माण करने के अलावा दीवारें तानकर अतिक्रमण किया जा रहा है। इन अतिक्रामकों को रोकने के बजाय अफसर उन्हें प्रश्रय दे रहे हैं। कोलार का दशहरा मैदान इसका ताजा उदाहरण है, जहां पिछले माह लगी आग में 50 झुग्गियां खाक हो गईं थी अब वहां 100 से ज्यादा झुग्गियां और मकान बन गए हैं।   लगातार अतिक्रमण बढ़ने की शिकायतों को लेकर एक सप्ताह पहले एडीएम रत्नाकर झा ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए थे कि वे सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाएं। साथ ही सूची तैयार करें, ताकि सरकारी जमीनों पर जमा अतिक्रमणों को हटाया जा सके। हुजूर एसडीएम और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही से फिर कोलार दशहरा मैदान की सरकारी जमीन पर दर्जनों झुग्गियां तन गर्इं।  प्रशासन के सामने यहां पर झुग्गियां बनती गई, लेकिन उन्हें रोकने की हिम्मत किसी ने नहीं की।   डेढ़ साल पहले निगम चुनाव के पूर्व मुख्यमंत्री ने हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के कहने पर कोलार दशहरा मैदान में स्टेडियम बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद कलेक्टर निशांत वरवड़े ने यहां पर दौरा कर एसडीएम माया अवस्थी को झुग्गियां शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अब तक यहां पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।   कोलार दशहरा मैदान के किनारे बनी अवैध झुग्गियां में तीन साल से एक ही स्थान पर आग लग रही है। यहां 40-50 झुग्गियों में आग लगती है और इसके बाद नई 100 झुग्गियां बन जाती हैं। तीन साल में इस स्थान पर 300 से अधिक झुग्गियां अवैध बन गई। लेकिन प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।     Attachments area          

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  पत्र  में प्रज्ञा ने कैंसर की बीमारी का हवाला भी दिया      मालेगांव बम ब्लास्ट में क्लीन चिट मिलने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने अपने तेवर दिखाए हैं। सिंहस्थ में जाने की जिद पर अड़ीं साध्वी ने पंडित खुशीलाल आयुर्वेदिक अस्पताल में आमरण अनशन शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि सरकार ने उन्हें परमिशन नहीं दी, तो वे 21 मई को जल समाधि ले लेंगी। कैंसर से पीड़ित प्रज्ञा ने दवाइयां खाने से भी इनकार कर दिया है। प्रज्ञा ने राज्य सरकार को लिखे पत्र  में कहा कि वे कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रही हैं। हो सकता है कि अगला कुंभ न देख पाएं।इस मसले  पर बोलने से प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।  साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट मिलने के बाद से माना जा रहा है कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का सॉफ्ट कॉर्नर उनके प्रति बढ़ा है। उनके अनशन के मामले में प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर से जब पूछा गया कि सरकार क्या करेगी, तो विवादों से बचने के लिए उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया । गौरतलब है कि साध्वी लगभग सात सालों से जेल में बंद थीं, लेकिन कैंसर के इलाज के लिए कोर्ट ने उन्हें अस्पताल में रहने की परमिशन दी है। प्रज्ञा ने रविवार को लेटर लिखकर शिवराज सरकार से उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ में शामिल होने की परमिशन मांगी थी।उन्होंने यह भी लिखा था कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो वे आमरण अनशन करेंगी। प्रज्ञा ने लिखा, 'वो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं और शायद अगला कुंभ न देख पाएं। इसलिए उनकी अंतिम इच्छा है कि वे उज्जैन कुंभ में जाएं।' प्रज्ञा ने राज्य सरकार समेत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को भी लेटर की कॉपी भेजी है। लेटर के मुताबिक, प्रज्ञा ने सोमवार सुबह 9 बजे तक का समय दिया था। मांग पूरी नहीं होने के कारण वे अपने कुछ सपोर्टर्स के साथ अस्पताल परिसर में ही आमरण अनशन पर बैठ गई हैं। प्रज्ञा ने लेटर में लिखा कि मैं अन्न जल त्याग दूंगी। अगर मुझे कुछ होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी मध्य प्रदेश सरकार की होगी। उन्होंने अपनी सिक्युरिटी को लेकर भी चिंता जाहिर की है। उन्होंने लिखा कि मेरे साथ पहले एसएएफ के जवान रहते थे। उनके हटाए जाने से मेरी जान को खतरा हो सकता है। प्रज्ञा ने जेड प्लस सुरक्षा की मांग की और सवाल पूछा कि जब देवास जिला कोर्ट ने उज्जैन जाने की अनुमति दे दी है, तो फिर सिक्युरिटी का हवाला देकर सरकार कोर्ट की अवमानना क्यों कर रही है? प्रज्ञा की चिट्ठी उनके सबसे विश्वसनीय भगवान झा लेकर पहुंचे थे। जेल सुपरिंटेंडेंट ने भगवान झा को भरोसा दिया के वह मामले को सीनियर अफसरों तक पहुंचा देंगे। भगवान झा ने कहा, 'सरकार के पास पुलिस की कोई कमी नहीं है। इसलिए साध्वी की सिंहस्थ यात्रा सुनिश्चित करा दी जाए, नहीं तो गंभीर परिणाम होंगे।'     Attachments area          

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  हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने किया 2.16 करोड़ की सड़क निर्माण का भूमि पूजन ।कोलार मुख्य मार्ग के समानांतर इस मार्ग से 2 लाख नागरिक होंगे सीधे लाभान्वित ।कोलार वासियो को विभिन्न मार्गो के माध्यम से नये भोपाल , होशंगाबाद रोड , जाने में होगी सहूलियत ।कोलार में बढ़ते ट्रैफिक पर नियंत्रण में हुज़ूर विधायक की कारगर पहल सफल ।हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा के अथक प्रयासों से कोलारवासियो को ट्रैफिक जाम से आये दिन होने वाली दिक्कतों से निज़ात मिलने जा रही है । बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान (कोलार मुख्य मार्ग) तक  बायपास रोड का निर्माण कराया जा रहा है । आज हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने रानी अवंतीबाई मार्ग से मंदाकनी मैदान को जोड़ने वाली सड़क निर्माण कार्य का भूमि पूजन भूमिका रेसीडेंसी पर किया । 2 करोड़ 16 लाख की लागत से बनने वाली 4200 मीटर इस सड़क की चौड़ाई 7.5 मीटर रहेगी, इस सड़क का निर्माण राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा किया जायेगा । श्री शर्मा ने बताया की कोलार मुख्य मार्ग पर आये दिन लगने वाले ट्रैफिक जाम से छुटकारा पाने के लिये इस बाय पास रोड का निर्माण कराया जा रहा है , उन्होंने बताया की बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग का निर्माण पूर्व में कराया जा चूका है । यह रोड  लोक निर्माण विभाग द्वारा बनायीं गयी है  गौरतलब है की उक्त सड़क का भूमि पूजन विधायक शर्मा द्वारा विधायक बनने के तत्काल बाद किया गया था । बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग तक इस सड़क की दूरी कुल 2 किलोमीटर है ।बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान पर कोलार मुख्य मार्ग पर जोड़ने वाले इस बायपास की कुल दूरी 6 किलोमीटर है । श्री शर्मा ने बताया की बहुत जल्द ही जे के अस्पताल के सामने इस मार्ग के जंक्शन पर एक पुल का निर्माण भी कराया जायेगा जो की सीधा शाहपुरा, भरत नगर , हबीबगंज , चुनाभट्टी , अथवा नये भोपाल को जोड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण के पश्च्यात कोलार के किसी भी नागरिक को ट्रैफिक जाम या आपातकालीन स्थिति में परेशान नहीं होना पड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग से कोलार सहित आसपास के लगभग 2 लाख नागरिक इससे सीधे लाभान्वित होंगे ।  श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण से पूर्व  उनके द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियो अधिकारियो एवं स्थानीय नागरिको के साथ दौरा किया गया । फलस्वरूप कोलार को ट्रैफिक से निजात दिलाने के लिये इस बायपास के निर्माण का निर्णय लिया गया । श्री शर्मा ने बताया की घनी आबादी वाले कोलार में नागरिको की सुविधा के मद्देनज़र इस मार्ग का  अलग अलग भागो में निर्माण कराया गया है , जिससे नागरिको को इसका लाभ पहुँच सके !  श्री शर्मा ने स्थानीय नागरिको को संबोधित करते हुए कहा की कोलार के समग्र विकास में निरंतर आपके द्वारा मिल रहे इसी प्रकार के सहयोग की आवश्यकता है आप सब के सहयोग से हम ग्रीन कोलार क्लीन कोलार का निर्माण करेंगे । कार्यक्रम के दौरान श्री शर्मा का स्थानीय नागरिको द्वारा बड़ी फूलो की माला पहनाकर सड़क निर्माण के लिए अभिन्दन किया गया !  मार्ग से लाभान्वित क्षेत्र  एक नज़र में -: बैरागढ़ चीचली , दौलतपुर ,धोली खदान, प्रियंका नगर ,हिनोतिया गांव ,मानसरोवर डेंटल कॉलेज, सुहागपुर ,पिपलिया, गुराडी , सेमरी ,अमरावत कलां ,सोहागपुर ,बांसखेड़ी झुग्गी बस्ती ,सन खेड़ी झुग्गी बस्ती, आकाश नगर , गिरधर परिसर ,सैफरॉन सिटी ,कृष्णा होम्स ,गिरधर गार्डन ,शिवालय परिसर ,सर्वजन सोसाइटी ,डी के 5 ,जे के अस्पताल , सागर प्रीमियम टॉवर, भूमिका रेसीडेंसी ,वेस्टर्न कौर्ट एवं मंदाकनी सोसायटी आदि इस मार्ग पर अन्य रहवासियो  को इस बाय पास का  सीधा लाभ पहुंचेगा ।होशंगाबाद रोड से जुड़ेगा यह मार्ग यह मार्ग चार बत्ती चौराहे से कालीबाड़ी पुल से होते हुए बाबड़िया रेल्वे फाटक से होशंगाबाद रोड से सीधा जुड़ेगा ।दानिश कुंज से कलियासोत नदी पर सलैया पुल के माध्यम से मिसरोद (होशंगाबाद रोड) से सीधा जुड़ेगा ।कार्यक्रम में विशेष रूप से स्थानीय पार्षद एवं एम आई सी सदस्य भूपेंद्र माली ,पार्षद पवन बोराना, मंडल उपाध्यक्ष श्याम मीना, बी एस वाजपेयी , महेश तिवारी , इक़बाल खान , अमित शुक्ल, दीपक माथुर , अरुण तिवारी , डी ले पालीवाल , एस एस सेंगर ,शोभा सिकरवार , श्रीमती गीता मिश्रा,गणेश तिवारी,राजेश सेंगर , राज शर्मा , प्रदीप पाटीदार ,आकाश श्रीवास्तव,सहित बड़ी संख्या में माताये बहने कॉलोनी वासी उपस्थित रहे ।  

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कोलार के वार्ड 82 में आने वाले दानिशकुंज कॉलोनी में नगर निगम द्वारा काम नहीं कराने के बाद भी पार्षद द्वारा निर्माण को लेकर बोर्ड लगाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। गलत जानकारी को लेकर आज दोपहर कांग्रेस पार्षदों, स्थानीय नेताओं और रहवासियों का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम आयुक्त छवि भारद्वाज से मिला। इन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पार्षद जानबूझकर श्रेय की राजनीति कर रहे हैं। जबकि, जनता गर्मी में पानी के लिए हाहाकार मचा रही है, फिर भी उन्हें पानी नहीं दिया जा रहा है। पार्षदों ने यह की मांग : कांग्रेस पार्षद संतोष जितेंद्र कंसाना, मोनू सक्सेना, मनजीत मारण, अमित शर्मा, राहुल सिंह राठौर, अखिलेश जैन सहित रहवासियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयुक्त भारद्वाज से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। इसके अनुसार तत्काल गलत जानकारी देने वाले भाजपा पार्षद भूपेंद्र माली के बोर्ड को नगर निगम प्रशासन हटाए। साथ ही इस मामले में जांच कराएं कि कहीं दानिशकुंज में कराए गए डामर के भुगतान की फर्जी फाइल तो निगम के कार्यालय नहीं पहुंच गई। यदि प्रशासन बोर्ड नहीं लगाएगी, तो कांग्रेसी भी हर वार्ड में ऐसे बोर्ड लगाएगी। दानिशकुंज कॉलोनी में करीब एक करोड़ राशि से डामर कराया गया है। इस पर स्थानीय पार्षद ने खुद डामर कराने के बोर्ड पूरी कॉलोनी में लगा दिए। वहीं, दानिशकुंज सोसायटी ने भी एक विज्ञापन जारी करके कहा कि वह निर्माण उसने कराया है। कुछ लोगों के यहां निर्माण नहीं कराया गया है, वो लोग जल्द ही बकाया राशि जमा कर दें, ताकि बचे हुए स्थानों पर भी डामरीकरण कराया जा सके।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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नई दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राहुल गांधी पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि सरेंडर वे करते होंगे, कांग्रेस पार्टी ने किया होगा, उनके नेताओं ने सरेंडर किया होगा क्योंकि कांग्रेस का इतिहास ही ऐसा रहा है लेकिन भारत कभी सरेंडर नहीं करता। सरेंडर कांग्रेस पार्टी की शब्दकोश में है, उनके डी एन ए में है।नड्डा ने बुधवार को एक्स पर बयान जारी करते हुए कहा कि राहुल गांधी को अपनी पार्टी की सरकारों का कार्यकाल याद करना चाहिए किस तरह इन्होंने इतिहास में 'सरेंडर' किया। कांग्रेस की सरकार ने आतंकवाद के सामने सरेंडर किया, शर्म-अल-शेख में सरेंडर किया, 1971 की लड़ाई जीतने के बाद शिमला में टेबल पर सरेंडर किया, सिंधु जल समझौते में सरेंडर किया, हाजी पीर का दर्रा सरेंडर किया, छम्ब सेक्टर का 160 किमी का इलाका सरेंडर किया, 1962 की लड़ाई में सरेंडर किया, 1948 में सरेंडर किया और यहां तक कि देश की आजादी के समय मुस्लिम लीग के भी सामने सरेंडर किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी द्वारा भारतीय सेना के अप्रतिम शौर्य एवं पराक्रम को ‘सरेंडर’ कहकर संबोधित करना, न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है बल्कि भारतीय सेना और राष्ट्र के साथ-साथ 140 करोड़ भारतवासियों का भी घोर अपमान है। अगर कोई पाकिस्तानी भी ऐसा कहता तो हम उस पर हंसते भी लेकिन जिस तरह से ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान में तबाही मचाई, उसके बाद पाकिस्तान की जनता से लेकर उसकी सेना और उसके प्रधानमंत्री ने भी ऐसा कहने की हिम्मत नहीं की लेकिन राहुल गांधी ऐसा बोल रहे हैं। यह देशद्रोह से कम नहीं है। नड्डा ने कहा कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान में 300 किमी घुस कर उसके 11 एयरबेस को तबाह किया, 9 आतंकी अड्डों को ध्वस्त किया, 150 से ज्यादा आतंकी मारे। पाकिस्तान तो रोते-रोते दुनिया को बता रहा है कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान में 18 जगह हमला करके सब कुछ तबाह कर दिया और राहुल गाँधी देश के सरेंडर की बात कर रहे हैं!जेपी नड्डा ने कहा कि राहुल गांधी को पता होना चाहिए कि “ऑपरेशन सिंदूर” की सफलता की घोषणा सरकार ने या भाजपा के किसी प्रवक्ता ने नहीं की थी, बल्कि भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की गई थी। “ऑपरेशन सिंदूर” भारतीय सेना के बहादुरी, शौर्य एवं पराक्रम का उद्घोष है।वास्तव में जिनकी नीतिया सरेंडर की रही हो, उसे इसके आगे कुछ सूझ भी नहीं सकता ।        

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गुवाहाटी/नई दिल्ली । पूर्वोत्तर भारत में मूसलाधार बारिश के चलते आई बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति पर केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (डोनर) और संचार मंत्री ज्योतिरादित्य एम सिंधिया ने गहरी चिंता जताई है। उन्होंने प्रभावित राज्यों को केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है।   केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने इस संबंध में सिक्किम और असम के मुख्यमंत्रियों तथा मणिपुर के राज्यपाल से व्यक्तिगत रूप से बात की। उन्होंने हालात की जानकारी ली और केंद्र की ओर से हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।   सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग से फोन पर बात करते हुए सिंधिया ने कहा, "हम इस कठिन समय में सिक्किम के लोगों के साथ मजबूती से खड़े हैं और सभी संभव सहायता देंगे।"   वहीं, उन्होंने असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा से भी बात की और राज्य में हालात की समीक्षा करते हुए राहत एवं पुनर्वास कार्यों के लिए केंद्र से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।   मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से बातचीत के दौरान भी उन्होंने केंद्र सरकार की पूरी प्रतिबद्धता दोहराई और प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता पहुंचाने की बात कही।   सिंधिया ने इस पूरे घटनाक्रम को लेकर साेशल मीडिया 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर भी पोस्ट किया और पूर्वोत्तर के लोगों के साथ एकजुटता जताई। उन्होंने लिखा कि केंद्र सरकार स्थिति से निपटने के लिए त्वरित और समन्वित प्रयासों के लिए प्रतिबद्ध है। 

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बेंगलुरु । बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) की विक्ट्री परेड के दौरान मची भगदड़ में कम से कम 11 लोगों की मौत की खबर है, जबकि हादसे में 50 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गये हैं। घायलों में से 27 की हालत गंभीर है जिन्हें विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।हादसे के बाद स्टेडियम में प्रशंसकों की मौजूदगी में आईपीएल की विजेता टीम को सम्मानित किया गया।   बुधवार को आरसीबी की विक्ट्री परेड में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में प्रशंसक चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर मौजूद थे। पुलिस ने उन्हें काबू करने के लिए लाठीचार्ज किया, जिसके बाद भगदड़ मच गई। स्टेडियम के मेन गेट के पास मची भगदड़ में लोगों की मौत हुई और बड़ी संख्या में लोग घायल हो गए।अधिकृत जानकारी के मुताबिक बॉरिंग अस्पताल में 7 और वैदेही अस्पताल में 4 लोगों की मौत हो गई। मौके पर राहत और बचाव कार्य जारी है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक बेंगलुरु पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया, जिसके बाद प्रशंसकों में और अफरातफरी मच गई। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि भीड़ की संख्या अपेक्षा से कहीं अधिक थी और स्टेडियम के आसपास ट्रैफिक जाम ने स्थिति को और मुश्किल बना दिया। पुलिस ने घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया और मृतकों की पहचान की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।इस बीच हादसे के घायलों से मिलने के लिए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया अस्पताल पहुंचे और उनका हाल जाना। मुख्यमंत्री ने अस्पतालों के डॉक्टरों को बेहतर इलाज के निर्देश दिए।प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि बड़ी संख्या में पहुंची भीड़ बेकाबू थी जिसे संभालने में पुलिस को मुश्किलें हो रही थी। हवाई अड्डे से लेकर स्टेडियम तक भीड़ बेकाबू थी।   स्टेडियम के बाहर भारी अफरातफरी और भगदड़ के बाद स्टेडियम के भीतर बड़ी संख्या में उपस्थित प्रशंसकों के सामने आईपीएल 2025 की विजेता टीम आरसीबी के सदस्यों को सम्मानित किया गया।  इससे पहले मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2025 की चैंपियन रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) की टीम का विधानसभा के पास आयोजित एक समारोह के दौरान भव्य स्वागत किया।   अहमदाबाद से बेंगलुरु पहुंची टीम का कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने एयरपोर्ट पर विराट कोहली समेत आरसीबी की टीम के सदस्यों का स्वागत किया। जैसे ही विराट विमान से नीचे उतरे डीके शिवकुमार ने उन्हें गले लगाया और फूलों का गुलदस्ता देकर उनका अभिनंदन किया।  

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श्रीनगर । देश के विभिन्न हिस्सों से हजारों की संख्या में कश्मीरी पंडित मंगलवार को जम्मू और कश्मीर के तुल्लामुल्ला शहर में माता खीर भवानी का मंदिर पहुंचे हैं। मंदिर में सुरक्षा, स्वच्छता, स्वास्थ्य सेवा और जन सहायता के लिए पर्याप्त व्यवस्था कीगईहै। तुल्लामुल्ला पहुंचने के लिएइस्तेमाल किए जाने वाले मार्ग पर पुलिस और सुरक्षाबलों की भारी तैनाती की गई है।   गंदेरबल जिले में श्रीनगर शहर से 27 किलोमीटर दूर माता खीर भवानी मंदिर लोकप्रिय रूप से जाना जाता है। वास्तव में यह देवी राग्न्या का मंदिर है, जिन्हें देवी दुर्गा का अवतार माना जाता है। माना जाता है कि लंका के राजा रावण माता राग्न्या के परम भक्त थे, लेकिन राजा की जीवनशैली से नाराज देवी ने हनुमान को अपना स्थान बदलकर दूर स्थान पर रखने का आदेश दिया। इस प्रकार देवी का मंदिर तुल्लामुल्ला शहर में स्थित हो गया। मंदिर का गर्भगृह एक पवित्र झरने के बीच में स्थित है, जिसे कश्मीरी पंडित समुदाय अत्यधिक शुभ मानता है। देवी के आंगन में झरने के पानी का रंग भविष्य की घटनाओं का पूर्वाभास देता है। गुलाबी या दूधिया रंग शुभ माना जाता है। काला रंग आपदा का संकेत देता है।   तुल्लामुल्ला शहर के बुजुर्गों का कहना है कि 1947 में जब पाकिस्तानी कबायली हमलावरों ने कश्मीर पर आक्रमण किया था, तो झरने का पानी काला हो गया था। हर साल ज्येष्ठ अष्टमी पर देवी का वार्षिक उत्सव तुल्लामुल्ला मंदिर में मनाया जाता है। त्योहार के दौरान भक्तों द्वारा खीर (दूध, चीनी और चावल को उबालकर बनाया गया हलवा) तैयार किया जाता है और परोसा जाता है इसलिए इसका नाम माता खीर भवानी पड़ा।   घाटी से स्थानीय पंडित समुदाय के पलायन के बाद जब यहां हिंसा शुरू हुई, तो प्रवासी कश्मीरी पंडित देश के विभिन्न स्थानों पर बस गए। इसके बावजूद वह वार्षिक उत्सव पर देवी के मंदिर में पूजा करने आते हैं। पूरी रात भक्तगण अपने संरक्षक देवता का आशीर्वाद पाने के लिए मंदिर में पूजा-अर्चना करते हैं। मंदिर में सुरक्षा, स्वच्छता, स्वास्थ्य सेवा और जन सहायता के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है। तुल्लामुल्ला पहुंचने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले मार्ग पर पुलिस और सुरक्षाबलों की भारी तैनाती की गई है।

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बेंगलुरु । कन्नड़ भाषा के खिलाफ अपने विवादित बयान के लिए माफी नहीं मांगने वाले कमल हासन की फिल्म 'ठग लाइफ' की कर्नाटक में रिलीज में रुकावटें आ गई हैं। उन्होंने कहा था कि कन्नड़ भाषा का जन्म तमिल से हुआ। उनके इस बयान के बाद कर्नाटक सरकार ने उनकी फिल्म ठग लाइफ की रिलीज पर रोक लगा दी। इसके खिलाफ हासन ने हाई कोर्ट का रुख किया, लेकिन अब अदालत ने भी इस मामले में कड़ा रुख अपनाया है।   फिल्म के लिए सुरक्षा की मांग को लेकर कमल हासन की याचिका पर आज हाई कोर्ट ने सुनवाई की। सुनवाई के दौरान जस्टिस एम. नागप्रसन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यदि आप माफी मांग लें, तो कोई समस्या नहीं होगी। बिना माफी मांगे सुरक्षा की मांग करना उचित नहीं है। जस्टिस एम नागप्रसन्ना ने माफी मांगने से हासन के इनकार करने पर सवाल उठाते हुए कहा कि इससे जनभावनाएं आहत हुई। किसी भी नागरिक के पास किसी की भी भावनाएं आहत करने का अधिकार नहीं। कमल हासन के वकीलों को अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए दोपहर 2.30 बजे तक की समय सीमा दी गई है।

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गुवाहाटी । लगातार बारिश से असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। ब्रह्मपुत्र (निमातीघाट, तेजपुर), सुबनसिरी (बड़ाटीघाट), बुरीदिहिंग, धनसिरी (नुमलीगढ़), कपिली (कामपुर, धरमटुल), बराक (छोटा बेकरा, फुलेर्टल, एपी घाट, बीपी घाट), रुकनी (धोलाई), धलेस्वरी (घरमुरा), कटाखाल (मातिजुरी) और कुशियारा (श्रीभूमि) नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।बाढ़ से 22 जिले प्रभावित हैं। जिनमें लखीमपुर, नगांव, कछार, डिब्रूगढ़, माजुली, तिनसुकिया, शिवसागर, दरंग, गोलाघाट, कामरूप, मोरीगांव, होजाई, हैलाकांदी, धेमाजी, जोरहाट, शोणितपुर, बिस्वनाथ, कामरूप (एम), कार्बी आंगलोंग, कार्बी आंगलोंग वेस्ट, डिमा हसाओ और श्रीभूमि जिले शामिल हैं।अब तक 1254 गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। 5,15,039 लोग प्रभावित हुए हैं। 12,610.27 हेक्टेयर फसल क्षतिग्रस्त हुई है। 65 राजस्व सर्कल प्रभावित हैं। 165 राहत शिविर और 157 राहत वितरण केंद्र खोले गए हैं। 31,212 लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं जबकि 1,54,177 लोग गैर-शिविर राहत केंद्रों से सहायता ले रहे हैं।होजाई में एक पुरुष की मौत की पुष्टि हुई है। हैलाकांदी और दिब्रूगढ़ से एक-एक पुरुष लापता हैं। कुल 4,67,851 पशु प्रभावित हैं जिसमें 1,56,253 बड़े, 1,06,216 छोटे और 2,05,382 पोल्ट्री। गोलाघाट में 2 बड़े पशु और लखीमपुर में 92 (65 बड़े, 27 छोटे) पशु बह गए।लखीमपुर में 84 कच्चे मकान पूरी तरह और 43 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। राहत व बचाव कार्यों में एसडीआरएफ, फायर एंड इमरजेंसी सर्विस, इनलैंड वॉटर ट्रांसपोर्ट, स्थानीय प्रशासन व लोग शामिल हैं। 122 मेडिकल टीमें और 50 नावें तैनात की गई हैं। नावों से 711 लोगों और 130 पशुओं को सुरक्षित निकाला गया है।

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को नई दिल्ली के भारत मंडपम में अंतरराष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (आईएटीए) की 81वीं वार्षिक आम बैठक को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि दुनिया की अग्रणी विमानन कंपनियों के लिए भारत निवेश का उत्कृष्ट अवसर प्रस्तुत करता है।   प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का लक्ष्य 2030 तक 4 बिलियन डॉलर का रखरखाव, मरम्मत और संचालन (एमआरओ) हब स्थापित करना है, जो देश की विमानन वृद्धि रणनीति को मजबूत करेगा। उन्होंने कहा कि यह भारत में निवेश के लिए एक उत्कृष्ट अवसर है। ऐसे में उन्होंने दुनिया की प्रमुख विमानन कंपनियों को भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि 2014 में, भारत में 96 एमआरओ सुविधाएं थीं, जो अब बढ़कर 154 हो गई हैं जबकि स्वचालित मार्ग के तहत 100 प्रतिशत एफडीआई, जीएसटी में कमी और कर युक्तिकरण उपायों ने भारत के एमआरओ क्षेत्र को नई गति दी है।   प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हम ऐसे मुकाम पर खड़े हैं, जहां हमारी यात्रा योजनाएं अब पृथ्वी पर स्थित गंतव्यों तक सीमित नहीं हैं। लोग अब अंतरग्रहीय और अंतरिक्ष उड़ानों का व्यवसायीकरण करने की दिशा में काम कर रहे हैं। हालांकि अभी भी कुछ दूरी तय करनी है, लेकिन यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि विमानन क्षेत्र नवाचार और परिवर्तन का केंद्र बनने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि भारत इस परिवर्तन के लिए तैयार है, और यह तीन प्रमुख स्तंभों पर टिका है। पहला- भारत के पास एक बड़ा बाजार है, जो भारतीय समाज की आकांक्षाओं को दर्शाता है। दूसरा- हमारे पास प्रौद्योगिकी और नवाचार को आगे बढ़ाने के लिए सही जनसांख्यिकी और प्रतिभा है। तीसरा- हमारे पास एक खुला और सहायक नीति पारिस्थितिकी तंत्र है, जो नवाचार और विकास को बढ़ावा देता है।   मोदी ने कहा कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा घरेलू विमानन बाजार है। उन्होंने कहा कि उड़ान योजना की सफलता भारतीय नागरिक उड्डयन में एक स्वर्णिम अध्याय है। इस योजना के तहत 15 मिलियन से अधिक यात्रियों ने किफायती हवाई यात्रा का लाभ उठाया है। भारत न केवल एक एविएशन मार्केट है, बल्कि वैल्यू चेन लीडर भी बनना चाहता है। उन्होंने कहा कि डिजाइन से लेकर डिलीवरी तक भारत ग्लोबल एविएशन सप्लाई चेन का एक अभिन्न अंग बन रहा है। हमारी दिशा और गति सही है इसलिए हमें विश्वास है कि हम तेजी से आगे बढ़ते रहेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत विश्वस्तरीय हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि 2014 में देश में केवल 74 ऑपरेशनल एयरपोर्ट्स थे, जो आज बढ़कर 162 हो चुके हैं। मोदी ने कहा कि भारत का विमानन क्षेत्र अब एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है, जो नई ऊंचाइयों पर पहुंचने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि यह यात्रा न केवल भौगोलिक सीमाओं को पार करेगी, बल्कि स्थिरता की दिशा में प्रगति को भी आगे बढ़ाएगी। उन्होंने कहा कि दुनिया की बड़ी एविएशन कंपनियों के लिए भारत में निवेश के लिए यह एक बेहतरीन अवसर है। उन्होंने कहा कि भारत चाहता है कि दुनिया उसे एक एविएशन मार्केट नहीं, बल्कि एक वैल्यू चेन लीडर के रूप में भी देखे। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह कार्यक्रम चार दशक बाद भारत में हो रहा है। इन चार दशकों में भारत में बहुत कुछ बदल चुका है। आज का भारत पहले से कहीं ज्यादा आत्मविश्वास से भरा हुआ है। हम न केवल वैश्विक विमानन पारिस्थितिकी तंत्र में केवल एक बड़ा बाजार हैं, बल्कि पॉलिसी लीडरशिप, एनोवेशन और समावेशी विकास का भी एक उदाहरण हैं।

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इंफाल । मणिपुर में पिछले पांच दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण आई बाढ़ (नदियों में उफान और बांधों में दरार) से करीब 20 हजार लोग प्रभावित हुए हैं। बाढ़ में 3,365 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं।    राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि बाढ़ में अब तक 19,811 लोग और 3,365 घर प्रभावित हुए हैं। इंफाल पूर्वी जिले में 31 राहत शिविर खोले गए हैं। इन शिविरों में रहने वाले अधिकांश लोग अपने घरों और इलाकों से बाहर निकल चुके हैं। सेनापति जिले के अलावा इंफाल पूर्वी जिले के हेइगांग, ओयांगखेई और खुराई विधानसभा क्षेत्र इस बार बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। पिछले चार दिनों में राज्य के अलग-अलग इलाकों में 47 भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं। अधिकारियों ने बताया कि राज्य की राजधानी इंफाल और इंफाल पूर्वी जिलों के कई इलाकों में नदी का जलस्तर बढ़ने और खुराई, हेइगांग और चेकोन इलाकों में बांध टूटने के बाद बाढ़ आ गई है।   आपदा प्रबंधन अधिकारी ने बताया कि चेकोन क्षेत्र में इंफाल नदी का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे ऑल इंडिया रेडियो इंफाल परिसर और सरकारी जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान सहित कई कार्यालय, स्वास्थ्य सेवा केंद्र और संस्थान पानी में डूब गए हैं। इंफाल पूर्वी जिले के परमपते स्थित जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान में उपचार करा रहे कई मरीजों को रविवार शाम अन्य अस्पतालों में स्थानांतरित कर दिया गया, क्योंकि स्वास्थ्य केंद्र में पानी घुस गया था।    अधिकारी ने बताया कि जब बाढ़ का पानी ग्राउंड फ्लोर पर स्थित महिलाओं के ऑर्थोपेडिक और सर्जरी वार्ड में घुस गया, तो स्थानीय क्लब, स्वयंसेवक, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के सदस्यों ने मरीजों को शिफ्ट करने के लिए हाथ मिलाया। इसके अलावा, सेना और असम राइफल्स के जवानों ने सबसे ज्यादा प्रभावित इंफाल ईस्ट जिले में बाढ़ वाले इलाकों से करीब 800 लोगों को बचाया। उन्होंने बताया कि इंफाल ईस्ट जिले में इरिल नदी का जलस्तर रविवार को खतरे के निशान को पार कर गया, लेकिन बांध अभी तक नहीं टूटा है।    इस बीच, राजभवन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने इंफाल शहर के कई बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया। मुख्य सचिव पीके सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ राज्यपाल ने इंफाल में कंगला नोंगपोक थोंग, लैरीकिएंगबाम लाईकाई और सिंगजामेई पुलों का दौरा किया और समग्र स्थिति की समीक्षा की।  

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नई दिल्ली । दिल्ली समेत देशभर में कोरोना के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं। दिल्ली में पिछले 24 घंटों में 47 नए मामले सामने आए हैं। हालांकि, 82 मरीज ठीक भी हुए हैं, एक मरीज की मौत हुई है। कोरोना के बढ़ते मामलों काे देखते हुए  राजधानी के अस्पतालों में सावधानी बढ़ा दी गई है और विशेष तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।   साेमवार काे कोरोना के मामलों को लेकर आरएमएल अस्पताल के रेस्पीरेटरी मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ पवन कुमार ने पत्रकाराें काे बताया कि कोरोना के मरीजों के लिए एक आइसोलेशन वार्ड तैयार किया गया है। आइसोलेशन वार्ड में 9 बेड मौजूद हैं। इसे आवश्यकता पड़ने पर बढ़ाया भी जा सकता है। अस्पताल में अभी तक कोरोना के सिर्फ 4 मरीज का इलाज हुआ है। वो अब ठीक होकर घर जा चुके हैं। फिलहाल अस्पताल में कोरोना का एक भी मरीज नहीं है।   डॉ. पवन ने पत्रकारों को बताया कि कोरोना को लेकर अस्पताल प्रशासन पूरी तरह तैयार है। कोरोना के इलाज के लिए सभी दवाइयां मौजूद हैं। ऑक्सीजन की भी पूरी व्यवस्था है। ऑक्सीजन प्लांट भी अस्पताल में मौजूद है। लोगों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। हल्का, बुखार, सर्दी खांसी जुकाम होने पर लोगों को घबराना नहीं चाहिए। डॉक्टर की सलाह से ही टेस्ट कराएं। कोरोना का यह जो स्ट्रेन है, ज्यादा घातक नहीं है।   वहीं, सफदरजंग अस्पताल प्रबंधन के अनुसार यहां आइसोलेशन वार्ड पूरी तरह से तैयार है। इसके साथ अस्पताल में कोरोना के लिए आईसीयू की पहचान की गई है। इसके अतिरिक्त टेस्ट किट, ऑक्सीजन, दवाओं आदि से संबंधित सभी बुनियादी ढांचे तैयार किए गए हैं। आईईसी सामग्री साझा की गई। लोगों को अस्पतालों में मास्क, हाथ धोने के बारे में सलाह दी जा रही है। इसके साथ अस्पताल के माइक्रोबायोलॉजी विभाग मामले बढ़ने पर सरकारी पोर्टल पर जानकारी साझा करेगा।  

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कोलकाता । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कोलकाता के राजारहाट में केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) की नई इमारत का उद्घाटन करते हुए कहा कि केंद्र सरकार का मुख्य उद्देश्य एक पुख़्ता, सबूत-आधारित आपराधिक न्याय प्रणाली की स्थापना करना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस दिशा में तकनीक की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होगी।   अमित शाह ने कहा, "हमारी कोशिश है कि आपराधिक न्याय प्रणाली बहस आधारित नहीं बल्कि साक्ष्य आधारित हो। इससे न केवल दोषियों को संदेह का लाभ मिलने से रोका जा सकेगा बल्कि पीड़ितों को भी न्याय सुनिश्चित किया जा सकेगा।"   उन्होंने जोर देकर कहा कि अपराधियों से दो कदम आगे रहकर जांच करना ज़रूरी है और इसमें आधुनिक तकनीक की अहम भूमिका है। उन्होंने बताया कि डीएनए सीक्वेंसिंग की मदद से 20 साल पुराने मामलों को सुलझाया गया है और फॉरेंसिक ऑडिट्स से कई आर्थिक अपराधों का खुलासा हुआ है।   गृह मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि केंद्र सरकार देश में फॉरेंसिक विज्ञान सुविधाओं के आधुनिकीकरण के लिए करीब 2,800 करोड़ रुपये की परियोजना ला रही है। इसके तहत 200 करोड़ रुपये की लागत से एक राष्ट्रीय फॉरेंसिक डाटा केंद्र भी स्थापित किया जाएगा, जहां कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) की सहायता से विशाल डेटा विश्लेषण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह पहल सबूत-आधारित आपराधिक न्याय प्रणाली को और मज़बूत बनाने में सहायक होगी।   अमित शाह आज कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में एक राजनीतिक सभा को भी संबोधित करने वाले हैं, जिसमें बंगाल भाजपा के सभी स्तरों के नेता मौजूद हैं। माना जा रहा है कि इस सभा में वे अगले वर्ष होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की रणनीति का संकेत देंगे।  

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के अध्यक्ष मसातो कांडा से मुलाकात की। इस दौरान मोदी ने कहा कि भारत के पिछले एक दशक में तेजी से बदलाव ने अनगिनत लोगों को सशक्त बनाया है। हम इस यात्रा में और गति जोड़ने के लिए काम कर रहे हैं।   प्रधानमंत्री ने अपनी बात साझा करते हुए एक्स प्लेटफॉर्म पर लिखा, "मसातो कांडा के साथ मेरी बैठक बहुत अच्छी रही। हमने कई मुद्दों पर अपने विचार साझा किए। भारत का तेजी से परिवर्तन अनगिनत लोगों को सशक्त बना रहा है। हम इस यात्रा में और सहयोग देने के लिए तत्पर हैं।   वहीं, मसातो कांडा ने भी एक्स पर अपनी बात रखते हुए कहा कि विकसित भारत 2047 का दृष्टिकोण साहसी है। एडीबी इस महत्वाकांक्षा का समर्थन कर रहा है। हम अगले पांच वर्षों में तीसरे पक्ष के साथ शहरी बुनियादी ढांचे के विकास में 10 अरब डॉलर का निवेश करेंगे। इसमें मेट्रो नेटवर्क का विस्तार, नए क्षेत्रीय तेज़ परिवहन प्रणाली कॉरिडोर का निर्माण और शहर सेवाओं का आधुनिकीकरण शामिल है।   उन्होंने बताया कि 1966 से एडीबी का संस्थापक सदस्य भारत सबसे बड़ा और स्थायी सहयोगी है। कांडा ने कहा कि हम सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के वित्त को बढ़ाने, ज्ञान सहयोग को प्रगाढ़ करने और पूंजी जुटाने के लिए तैयार हैं। हमारा लक्ष्य 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में मदद करना है और इसके 1.4 अरब लोगों के लिए समावेशी, लचीला और सतत विकास सुनिश्चित करना है।  

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नई दिल्ली । देश की ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने आज से एक बार फिर एलपीजी गैस सिलेंडर के दाम में कटौती कर दी। इस कटौती के बाद एलपीजी गैस का सिलेंडर 24 रुपये सस्ता हो गया है। कीमत में ये कटौती सिर्फ 19 किलोग्राम वाले कॉमर्शियल गैस सिलेंडर में ही की गई है। 14.2 किलोग्राम वाले घरेलू एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमत में कोई बदलाव नहीं किया गया है। सिलेंडर के दाम में की गई कटौती के बाद अब देश की राजधानी दिल्ली में 19 किलोग्राम वाले कॉमर्शियल गैस सिलेंडर का संशोधित खुदरा मूल्य 1,723.50 रुपये हो गया है। आपको बता दें कि 19 किलोग्राम वाले एलपीजी सिलेंडर का उपयोग होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा या दूसरी व्यावसायिक गतिविधियों किया जाता है। दूसरी ओर, घरेलू कनेक्शन में 14.2 किलोग्राम के एलपीजी गैस सिलेंडर का इस्तेमाल किया जाता है। 7 अप्रैल को 14.2 किलोग्राम वाले एलपीजी गैस सिलेंडर के मूल्य में 50 रुपये की बढ़ोतरी की गई थी। कीमत में की गई ये बढ़ोतरी एलपीजी गैस के सामान्य ग्राहकों के साथ ही उज्ज्वला योजना के तहत आने वाले लाभार्थियों पर भी समान भाव से लागू हुई थी। उसके बाद से घरेलू उपयोग वाले गैस सिलेंडर के भाव में कोई बदलाव नहीं हुआ है।   आज 19 किलोग्राम वाले एलपीजी गैस सिलेंडर के भाव में बदलाव होने के बाद मुंबई में इसकी कीमत 1,699 रुपये से घटकर 1,675 रुपये हो गई है। इसी तरह कोलकाता में कॉमर्शियल एलपीजी गैस सिलेंडर 1,851.50 रुपये से घटकर 1,827.50 रुपये हो गई है। वहीं दिल्ली से सटे नोएडा में 19 किलोग्राम वाले एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमत 1,747.50 रुपये से कम होकर 1,723.50 रुपये हो गई है। इसके अलावा जयपुर में इसकी कीमत 1,776 रुपये से घट कर 1,752 रुपये, चंडीगढ़ में 1,767 रुपये से कम होकर 1,743 रुपये, भुवनेश्वर में 1,892 रुपये से घट कर 1,868 रुपए और बेंगलुरु में 1,820.50 रुपये से कम होकर 1,796.50 रुपये प्रति सिलेंडर हो गई है।

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रांची । शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार झारखंड के सीनियर निलंबित आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे और तत्कालीन उत्पाद आयुक्त गजेंद्र सिंह को दोबारा जेल भेज दिया गया है। शनिवार को दो दिन की रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के विशेष न्यायाधीश योगेश कुमार सिंह की अदालत में दोनों को पेश किया गया, जहां से उन्हें दोबारा न्यायिक हिरासत में भेजने का फैसला सुनाया गया। अदालत के आदेश पर दोनों को रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार भेज दिया गया है।   एसीबी अदालत ने दोनों आईएएस अधिकारियों को दो दिन की रिमांड दी थी, लेकिन विनय चौबे के खराब स्वास्थ्य कारणों की वजह से उनसे केवल एक दिन ही पूछताछ हो पाई। विनय चौबे पूछताछ के दौरान तबीयत ठीक नहीं होने की बात कह अधिकांश सवालों के जवाब टाल दिए। एसीबी की टीम ने उनसे पूछा कि प्लेसमेंट एजेंसियों के चयन का आधार क्या था? जब कंपनियों ने बकाया जमा नहीं कराया, तो उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई? बैंक गारंटी की जांच में अनियमित्ता क्यों बरती गई? इसके साथ ही उत्पाद सचिव के तौर पर उनकी भूमिका कैसी थी? हालांकि, विनय कुमार चौबे इस मामले में अपनी सीधी संलिप्तता से इंकार करते रहे हैं।   वहीं, संयुक्त उत्पाद आयुक्त रहे गजेंद्र सिंह से एसीबी ने दो दिनों तक पूछताछ की। एसीबी को पूछताछ में गजेंद्र सिंह ने उत्पाद विभाग की भूमिका और झारखंड राज्य पेय पदार्थ निगम (जेएसबीसीएल) के कार्यों की जानकारी दी है। गजेंद्र सिंह ने एजेंसियों के चयन और उनके बैंक गारंटी से जुड़े मामलों में अपनी भूमिका होने से इंकार किया। उन्होंने पूछताछ में एसीबी को बताया कि जेएसबीसीएल के अधीन सारी प्लेसमेंट एजेंसियां काम करती हैं। इसका सीधे उनके कामकाज से कोई लेना देना नहीं था। गजेंद्र सिंह ने पूछताछ में अपनी संलिप्तता सीधे तौर पर इंकार किया।   उल्लेखनीय है कि शराब घोटाला मामले में एसीबी ने 20 मई को विनय चौबे ओर गजेन्द्र सिंह को गिरफ्तार किया था। दोनों को 38 करोड़ रुपये से अधिक के शराब घोटाले में गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि दो कंपनियों द्वारा फर्जी बैंक गारंटी देने के कारण सरकार को 38 करोड़ रुपए से अधिक के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ा है। छत्तीसगढ़ में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद रांची एसीबी ने भी मामले में वर्ष 2024 में प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज की थी। आरोप सही पाये जाने पर घोटाले को लेकर कांड संख्या-9/2025 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।  

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बीकानेर । सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के उप महानिरीक्षक अजय लूथरा ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केन्द्र सरकार ने सख्त एक्शन लेते हुए 7-8 मई की रात को “ऑपरेशन सिंदूर” शुरू किया था । इस ऑपरेशन में बीएसएफ ने दुश्मन को करारा जवाब दिया था।    यहां बीएसएफ के क्षेत्रीय मुख्यालय पर एक प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान बीएसएफ के उप महानिरीक्षक अजय लूथरा ने   ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर कई अहम खुलासे किए।  उप महानिरीक्षक लूथरा ने कहा कि बीते अप्रैल में हुए पहलगाम हमले में निर्दोषों को निशाना बनाया गया, जो कि पाकिस्तान की कायराना हरकत थी। इसके बाद बीएसएफ को पश्चिमी सीमा पर सतर्क कर दिया गया। ऑपरेशन के दौरान राजस्थान के सीमावर्ती जिलों जैसलमेर, बीकानेर और श्रीगंगानगर में ड्रोन की घुसपैठ की कई कोशिशें की गईं, जिन्हें बीएसएफ ने भारतीय सेना और एयरफोर्स के साथ मिलकर नाकाम कर दिया। उन्होंने बताया कि सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी ने हालात की गंभीरता को भांपते हुए खुद पश्चिमी सीमा का दौरा किया। उनके साथ डीके बुरा (आईजी ऑपरेशन्स) और एमएल गर्ग (आईजी, जोधपुर फ्रंटियर) भी मौजूद थे। बीकानेर सेक्टर पहुंचकर उन्होंने जवानों से संवाद किया और तैयारियों का जायजा लिया।   लूथरा ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बीएसएफ ने न सिर्फ हाई लेवल इंटेलिजेंस नेटवर्क को सक्रिय किया बल्कि सेना और एयरफोर्स के साथ तालमेल बनाकर दुश्मन की हर हरकत पर नजर रखी। सीनियर अफसरों ने सीमाओं पर मोर्चा संभाला और जवानों को रीयल टाइम में दिशा-निर्देश देते रहे। अजय लूथरा ने कहा कि वर्ष 1971 के युद्ध में बीएसएफ ने जिस जांबाजी से पाकिस्तान को हराने में अहम भूमिका निभाई थी, उसी परंपरा को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भी आगे बढ़ाया गया। उन्होंने कहा कि हम देश की रक्षा में जान की परवाह नहीं करते, क्योंकि भारत की सरहदें हमारी आंखों की तरह कीमती हैं।पत्रकार वार्ता में उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत की सरहद को कोई छू नहीं सकता, क्योंकि इसकी निगहबानी कर रही हैं हम सबकी आंखें। बीएसएफ हर हाल में देश की सुरक्षा के लिए समर्पित है।  

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गुवाहाटी । भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसे माहौल के बीच सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट डालने के आरोप में असम पुलिस बेहद कड़ा रूख अपनाए हुए है। इस कड़ी में पाकिस्तान समर्थकों पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने राज्य के अलग-अलग हिस्सों से कुल 79 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।   मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए बताया है कि शत्रु देश के प्रति सहानुभूति और समर्थन करने जैसे राजद्रोहियों के विरूद्ध असम पुलिस का अभियान जारी है।   इस कड़ी में दरंग पुलिस ने जिला मुख्यालय शहर मंगलदोई से फरीजुल हक को गिरफ्तार किया है। पुलिस आरोपित से पूछताछ कर रही है। इस मामले में अब तक पुलिस ने कुल 79 लोगों को गिरफ्तार किया है। 

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को बिहार के काराकाट में आयोजित जनसभा में देश की सुरक्षा, बिहार के विकास और पिछली सरकार की नीतियों पर खुल कर हमला बोला। आतंकवाद और नक्सलवाद के खिलाफ सरकार की निर्णायक रणनीति का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई न रुकी है, न थमी है। आतंक का फन अगर फिर उठेगा, तो भारत उसे बिल से खींच कर कुचल देगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार के लोग इस बदलाव के गवाह हैं कि कैसे नक्सल प्रभावित इलाकों में शांति लौट रही है। कभी जिन गांवों में स्कूल जलाए जाते थे, सड़क बनाने वालों को मारा जाता था, आज वहां सड़क भी है, अस्पताल भी है और मोबाइल टावर भी खड़े हैं। उन्होंने विकसित भारत के लिए विकसित बिहार को जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि 2014 में जब एनडीए सरकार केंद्र की सत्ता में आई थी, तब भारत में 125 नक्सल प्रभावित जिले थे, अब इनकी संख्या घटकर केवल 18 रह गई है। प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जिन्होंने दशकों तक बिहार के दलितों, पिछड़ों और गरीबों को शौचालय, बैंक खाता और छत जैसी बुनियादी जरूरतों से वंचित रखा, वे आज सामाजिक न्याय की बातें कर रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस और आरजेडी पर निशाना साधते हुए कहा कि इन दलों ने सिर्फ वोटबैंक की राजनीति की, जबकि एनडीए सरकार ने सभी जरूरतमंदों तक सुविधाएं पहुंचाईं। उन्होंने कहा कि पटना एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का लोकार्पण किया जा चुका है, जो अब सालाना एक करोड़ यात्रियों को संभाल सकेगा। बिहटा एयरपोर्ट पर भी 1,400 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है। बिहार के मखाना किसानों के लिए मखाना बोर्ड की स्थापना और जीआई टैग की सुविधा को भी सरकार की बड़ी उपलब्धियों में गिनाया।  

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पुंछ। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में पाकिस्तानी गोलाबारी से प्रभावित परिवारों से मिलने के लिए शुक्रवार को पुंछ का दौरा किया। उन्होंने यहां के बाशिंदों को भरोसा दिलाया कि जम्मू-कश्मीर का विकास न रुकेगा, न थमेगा। उन्होंने कह कि हर आतंकी हमले का जवाब देना हमारी नीति है। पहलगाम का हमला कायराना था, इसलिए इस हरकत की दुनियाभर में निंदा की गई। पुंछ के लोगों ने बहादुरी का परिचय दिया है। उन्होंने हमले में मारे गए पुंछ के नागरिकों के परिजनों को नियुक्ति प्रमाण पत्र भी दिए ।   शाह ने पाकिस्तान की कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाया और पुंछ में सबसे अधिक नुकसान हुआ। आजादी के बाद पहली बार पुंछ पर गोलीबारी की गई। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया पाकिस्तान के हमले की निंदा कर रही है। भारतीय सशस्त्र बलों ने नौ पाकिस्तानी हवाई ठिकानों को नष्ट करके मुंहतोड़ जवाब दिया और परिणामस्वरूप उन्हें संघर्ष विराम के लिए आगे आना पड़ा।   अमित शाह ने आगे कहा कि 7 मई की रात को भारतीय सशस्त्र बलों ने एक निर्णायक अभियान चलाया, जिसमें आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया। उन्होंने कहा कि यह करोड़ों भारतीयों की ओर से आतंकियों को करारा जवाब था। इस ऑपरेशन में सैकड़ों आतंकी मारे गए। उन्होंने कहा कि हमने आतंकियों पर हमला किया, लेकिन पाकिस्तान ने इसे खुद पर हमला माना। उन्होंने दुनिया को दिखा दिया कि वह ही आतंकियों को पनाह दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने संदेश दिया है कि भारत निर्दाेष नागरिकों, भारतीय सशस्त्र बलों पर किसी भी हमले को बर्दाश्त नहीं करेगा और हर हमले का और अधिक सटीकता के साथ जवाब दिया जाएगा।   गृह मंत्री ने खानेतर में यूनिट मुख्यालय में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों से भी बातचीत की और ऑपरेशन सिंदूर में उनकी भूमिका की प्रशंसा की। शाह ने गोलाबारी में क्षतिग्रस्त धार्मिक स्थलों का दौरा किया और अमरनाथ यात्रा से पहले सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर का विकास जो 2014 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के तहत शुरू हुआ था। हालिया उकसावे के बावजूद जम्मू-कश्मीर का विकास न रुकेगा, न धीमा होगा। उन्होंने चेतावनी दी कि भारत को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने वालों को “कड़ी और निर्णायक” प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ेगा।

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नई दिल्ली । देश की आर्थिक वृद्धि दर वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में धीमी होकर 7.4 फीसदी रही, जो पिछले वित्‍त वर्ष की समान तिमाही में 8.4 फीसदी थी। वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान सकल घरेलू उत्‍पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.5 फीसदी रही, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था की वृद्धि चार वर्ष के निचले स्तर पर पहुंच गई है। इससे पिछले वित्‍त वर्ष की जनवरी-मार्च अवधि में आर्थिक वृद्धि दर 8.4 फीसदी रही थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने शुक्रवार को जारी आंकड़ों में बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 में अर्थव्यवस्था में 6.5 फीसदी की वृद्धि दर्ज हुई है, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी ग्रोथ 9.2 फीसदी हुई थी। एनएसओ ने राष्ट्रीय खातों के अपने दूसरे अग्रिम अनुमान में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए देश की आर्थिक वृद्धि दर 6.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया था। उल्‍लेखनीय है कि चीन ने 2025 के पहले तीन महीनों में 5.4 फीसदी की आर्थिक वृद्धि दर दर्ज की है।

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  लगेगी शांडिल्य गुरु की प्रतिमा      कोलार रोड के दूसरे छोर भदभदा चौराहे पर उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने  ब्रह्मलीन बालगोविंद शांडिल्य गुरुजी की प्रतिमा स्थापना तथा चौराहे के सौंदर्यीकरण का भूमि-पूजन किया। सौंदर्यीकरण के लिये 8 लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं।   श्री गुप्ता ने कहा कि सरकार शहर के विकास के लिये सतत प्रयत्नशील है। उन्होंने शासन की विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि नागरिक शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये आगे आयें। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि घर-घर जाकर नागरिकों को शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये प्रेरित करें। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा कोटरा में सड़क भूमि-पूजन उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने आई-5 शासकीय आवास कोटरा के पास सड़क निर्माण का भूमि-पूजन किया। सड़क की लागत 20 लाख है। श्री गुप्ता ने सड़क का कार्य गुणवत्तापूर्ण करवाने के निर्देश दिये। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।     Attachments area          

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      मध्यप्रदेश के प्राचीन मंदिरों में भगवान के दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को अब प्रदेश के पुरावैभव, कला और संस्कृति की झलक भी वहां देखने को मिलेगी। इसके लिए राज्य सरकार मंदिरों में संग्रहालयों का निर्माण कराएगी। इस योजना को संस्कृति, धर्मस्व और पुरातत्व विभाग मिलकर अंजाम देंगे। मध्यप्रदेश में इस समय कई प्रसिद्ध मंदिर है जहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है। लेकिन इन मंदिरों में फिलहाल प्रदेश की कला-संस्कृति, इतिहास  और पुरावैभव की झलक दिखाने वाले संग्रहालय नहीं है। राज्य सरकार का सोचना है कि जो श्रद्धालु प्रदेश के प्राचीन मंदिरों में पहुंच रहे है वहां उन्हें भगवान के दर्शन के साथ-साथ प्रदेश के पुरावैभव और कला तथा संस्कृति से भी अवगत कराया जाए। इसके लिए इन मंदिरों के ट्रस्टों के पास मौजूद अपार धनराशि का उपयोग किया जाएगा। इन मंदिरों में सबसे पहले बनेंगे संग्रहालय- मध्यप्रदेश में उज्जैन में महाकाल मंदिर, खजराना मंदिर, सतना के मैहर मंदिर, पशुपतिनाथ मंदिर सहित कई ऐसे प्रमुख मंदिर है जहां मंदिरों की देखरेख और संरक्षण के लिए बनाए गए ट्रस्टों के पास श्रद्धालुओं के दान से मिली अपार धन संपदा स्थित है। इन्हीं मंदिरों में सबसे पहले संग्रहालय बनाने की शुरुआत की जाएगी।  इन मंदिरों के समीप काफी जमीन और भवन स्थित है। शिव मंदिरों में सभी बारह ज्योर्तिलिंगों के बारे में पूरी जानकारी एकत्रित कर प्रदर्शित की जाएगी। इसी तरह गणेश मंदिरों में गणेशजी के सभी स्वरुपों उनके इतिहास और महत्व को प्रदर्शित किया जाएगा। भोपाल के समीप स्थित भोजपुर मंदिर में दो सौ मीटर के दायरे के बाहर संग्रहालय बनाने का प्रस्ताव है। यहां भोजपुर के विशालकाय शिवलिंग और मंदिर के निर्माण की एतिहासिक प्रामाणिक  जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। यह मंदिर कब बना, इस तरह के मंदिर और कहां-कहां बनाए जाने थे। यह अधूरा क्यों रह गया। मंदिर के आसपास मिलने वाले शिवलिंग और अन्य पुराधरोहरों को भी यहां संग्रहित किया जाएगा। भोपाल में भी मुस्लिम धर्मावलंबियों से जुड़ी जानकारी, मध्यप्रदेश के प्राचीन नवाबों से जुड़े इतिहास की प्रामाणिक जानकारी गौहर महल या अन्य स्थानों पर प्रदर्शित की जाएगी। मिडटाउन में दुनिया की सबसे बड़ी सेंट पीटर चर्च में संग्रहालय भी है। वेटिकन सिटी में भी म्युजियम है वहां कई तरह के चित्र प्रदर्शित किए गए है। इन चित्रों में इन देशों की कला और संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। जापान में म्युजियम आॅफ पैरासाइड है। भारत के कई राज्यों में भी मंदिर, मस्जिद और चर्च के साथ संग्रहालय लगे हुए है। मध्यप्रदेश में फिलहाल मंदिर, मस्जिद और गिरिजाघरों में संग्रहालय नहीं है। प्रमुख सचिव संस्कृति मनोज श्रीवास्तव ने कहा प्रदेश के मंदिरों पर अब संग्रहालय बनाने की राज्य सरकार की योजना है। इसके जरिए प्रदेश के नागरिकों को धार्मिक आस्था के केन्द्रों पर पहुंचने पर वहां संग्रहालयों में प्रदेश के इतिहास, कला और संस्कृति के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।     Attachments area          

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  कोलार अवैध कब्जों का अड्डा बना    कोलार में राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों और तहसीलदारों की शह पर बेशकीमती जमीन पर जहां-तहां झुग्गियों का निर्माण करने के अलावा दीवारें तानकर अतिक्रमण किया जा रहा है। इन अतिक्रामकों को रोकने के बजाय अफसर उन्हें प्रश्रय दे रहे हैं। कोलार का दशहरा मैदान इसका ताजा उदाहरण है, जहां पिछले माह लगी आग में 50 झुग्गियां खाक हो गईं थी अब वहां 100 से ज्यादा झुग्गियां और मकान बन गए हैं।   लगातार अतिक्रमण बढ़ने की शिकायतों को लेकर एक सप्ताह पहले एडीएम रत्नाकर झा ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए थे कि वे सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाएं। साथ ही सूची तैयार करें, ताकि सरकारी जमीनों पर जमा अतिक्रमणों को हटाया जा सके। हुजूर एसडीएम और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही से फिर कोलार दशहरा मैदान की सरकारी जमीन पर दर्जनों झुग्गियां तन गर्इं।  प्रशासन के सामने यहां पर झुग्गियां बनती गई, लेकिन उन्हें रोकने की हिम्मत किसी ने नहीं की।   डेढ़ साल पहले निगम चुनाव के पूर्व मुख्यमंत्री ने हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के कहने पर कोलार दशहरा मैदान में स्टेडियम बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद कलेक्टर निशांत वरवड़े ने यहां पर दौरा कर एसडीएम माया अवस्थी को झुग्गियां शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अब तक यहां पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।   कोलार दशहरा मैदान के किनारे बनी अवैध झुग्गियां में तीन साल से एक ही स्थान पर आग लग रही है। यहां 40-50 झुग्गियों में आग लगती है और इसके बाद नई 100 झुग्गियां बन जाती हैं। तीन साल में इस स्थान पर 300 से अधिक झुग्गियां अवैध बन गई। लेकिन प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।     Attachments area          

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  पत्र  में प्रज्ञा ने कैंसर की बीमारी का हवाला भी दिया      मालेगांव बम ब्लास्ट में क्लीन चिट मिलने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने अपने तेवर दिखाए हैं। सिंहस्थ में जाने की जिद पर अड़ीं साध्वी ने पंडित खुशीलाल आयुर्वेदिक अस्पताल में आमरण अनशन शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि सरकार ने उन्हें परमिशन नहीं दी, तो वे 21 मई को जल समाधि ले लेंगी। कैंसर से पीड़ित प्रज्ञा ने दवाइयां खाने से भी इनकार कर दिया है। प्रज्ञा ने राज्य सरकार को लिखे पत्र  में कहा कि वे कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रही हैं। हो सकता है कि अगला कुंभ न देख पाएं।इस मसले  पर बोलने से प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।  साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट मिलने के बाद से माना जा रहा है कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का सॉफ्ट कॉर्नर उनके प्रति बढ़ा है। उनके अनशन के मामले में प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर से जब पूछा गया कि सरकार क्या करेगी, तो विवादों से बचने के लिए उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया । गौरतलब है कि साध्वी लगभग सात सालों से जेल में बंद थीं, लेकिन कैंसर के इलाज के लिए कोर्ट ने उन्हें अस्पताल में रहने की परमिशन दी है। प्रज्ञा ने रविवार को लेटर लिखकर शिवराज सरकार से उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ में शामिल होने की परमिशन मांगी थी।उन्होंने यह भी लिखा था कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो वे आमरण अनशन करेंगी। प्रज्ञा ने लिखा, 'वो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं और शायद अगला कुंभ न देख पाएं। इसलिए उनकी अंतिम इच्छा है कि वे उज्जैन कुंभ में जाएं।' प्रज्ञा ने राज्य सरकार समेत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को भी लेटर की कॉपी भेजी है। लेटर के मुताबिक, प्रज्ञा ने सोमवार सुबह 9 बजे तक का समय दिया था। मांग पूरी नहीं होने के कारण वे अपने कुछ सपोर्टर्स के साथ अस्पताल परिसर में ही आमरण अनशन पर बैठ गई हैं। प्रज्ञा ने लेटर में लिखा कि मैं अन्न जल त्याग दूंगी। अगर मुझे कुछ होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी मध्य प्रदेश सरकार की होगी। उन्होंने अपनी सिक्युरिटी को लेकर भी चिंता जाहिर की है। उन्होंने लिखा कि मेरे साथ पहले एसएएफ के जवान रहते थे। उनके हटाए जाने से मेरी जान को खतरा हो सकता है। प्रज्ञा ने जेड प्लस सुरक्षा की मांग की और सवाल पूछा कि जब देवास जिला कोर्ट ने उज्जैन जाने की अनुमति दे दी है, तो फिर सिक्युरिटी का हवाला देकर सरकार कोर्ट की अवमानना क्यों कर रही है? प्रज्ञा की चिट्ठी उनके सबसे विश्वसनीय भगवान झा लेकर पहुंचे थे। जेल सुपरिंटेंडेंट ने भगवान झा को भरोसा दिया के वह मामले को सीनियर अफसरों तक पहुंचा देंगे। भगवान झा ने कहा, 'सरकार के पास पुलिस की कोई कमी नहीं है। इसलिए साध्वी की सिंहस्थ यात्रा सुनिश्चित करा दी जाए, नहीं तो गंभीर परिणाम होंगे।'     Attachments area          

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  हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने किया 2.16 करोड़ की सड़क निर्माण का भूमि पूजन ।कोलार मुख्य मार्ग के समानांतर इस मार्ग से 2 लाख नागरिक होंगे सीधे लाभान्वित ।कोलार वासियो को विभिन्न मार्गो के माध्यम से नये भोपाल , होशंगाबाद रोड , जाने में होगी सहूलियत ।कोलार में बढ़ते ट्रैफिक पर नियंत्रण में हुज़ूर विधायक की कारगर पहल सफल ।हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा के अथक प्रयासों से कोलारवासियो को ट्रैफिक जाम से आये दिन होने वाली दिक्कतों से निज़ात मिलने जा रही है । बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान (कोलार मुख्य मार्ग) तक  बायपास रोड का निर्माण कराया जा रहा है । आज हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने रानी अवंतीबाई मार्ग से मंदाकनी मैदान को जोड़ने वाली सड़क निर्माण कार्य का भूमि पूजन भूमिका रेसीडेंसी पर किया । 2 करोड़ 16 लाख की लागत से बनने वाली 4200 मीटर इस सड़क की चौड़ाई 7.5 मीटर रहेगी, इस सड़क का निर्माण राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा किया जायेगा । श्री शर्मा ने बताया की कोलार मुख्य मार्ग पर आये दिन लगने वाले ट्रैफिक जाम से छुटकारा पाने के लिये इस बाय पास रोड का निर्माण कराया जा रहा है , उन्होंने बताया की बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग का निर्माण पूर्व में कराया जा चूका है । यह रोड  लोक निर्माण विभाग द्वारा बनायीं गयी है  गौरतलब है की उक्त सड़क का भूमि पूजन विधायक शर्मा द्वारा विधायक बनने के तत्काल बाद किया गया था । बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग तक इस सड़क की दूरी कुल 2 किलोमीटर है ।बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान पर कोलार मुख्य मार्ग पर जोड़ने वाले इस बायपास की कुल दूरी 6 किलोमीटर है । श्री शर्मा ने बताया की बहुत जल्द ही जे के अस्पताल के सामने इस मार्ग के जंक्शन पर एक पुल का निर्माण भी कराया जायेगा जो की सीधा शाहपुरा, भरत नगर , हबीबगंज , चुनाभट्टी , अथवा नये भोपाल को जोड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण के पश्च्यात कोलार के किसी भी नागरिक को ट्रैफिक जाम या आपातकालीन स्थिति में परेशान नहीं होना पड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग से कोलार सहित आसपास के लगभग 2 लाख नागरिक इससे सीधे लाभान्वित होंगे ।  श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण से पूर्व  उनके द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियो अधिकारियो एवं स्थानीय नागरिको के साथ दौरा किया गया । फलस्वरूप कोलार को ट्रैफिक से निजात दिलाने के लिये इस बायपास के निर्माण का निर्णय लिया गया । श्री शर्मा ने बताया की घनी आबादी वाले कोलार में नागरिको की सुविधा के मद्देनज़र इस मार्ग का  अलग अलग भागो में निर्माण कराया गया है , जिससे नागरिको को इसका लाभ पहुँच सके !  श्री शर्मा ने स्थानीय नागरिको को संबोधित करते हुए कहा की कोलार के समग्र विकास में निरंतर आपके द्वारा मिल रहे इसी प्रकार के सहयोग की आवश्यकता है आप सब के सहयोग से हम ग्रीन कोलार क्लीन कोलार का निर्माण करेंगे । कार्यक्रम के दौरान श्री शर्मा का स्थानीय नागरिको द्वारा बड़ी फूलो की माला पहनाकर सड़क निर्माण के लिए अभिन्दन किया गया !  मार्ग से लाभान्वित क्षेत्र  एक नज़र में -: बैरागढ़ चीचली , दौलतपुर ,धोली खदान, प्रियंका नगर ,हिनोतिया गांव ,मानसरोवर डेंटल कॉलेज, सुहागपुर ,पिपलिया, गुराडी , सेमरी ,अमरावत कलां ,सोहागपुर ,बांसखेड़ी झुग्गी बस्ती ,सन खेड़ी झुग्गी बस्ती, आकाश नगर , गिरधर परिसर ,सैफरॉन सिटी ,कृष्णा होम्स ,गिरधर गार्डन ,शिवालय परिसर ,सर्वजन सोसाइटी ,डी के 5 ,जे के अस्पताल , सागर प्रीमियम टॉवर, भूमिका रेसीडेंसी ,वेस्टर्न कौर्ट एवं मंदाकनी सोसायटी आदि इस मार्ग पर अन्य रहवासियो  को इस बाय पास का  सीधा लाभ पहुंचेगा ।होशंगाबाद रोड से जुड़ेगा यह मार्ग यह मार्ग चार बत्ती चौराहे से कालीबाड़ी पुल से होते हुए बाबड़िया रेल्वे फाटक से होशंगाबाद रोड से सीधा जुड़ेगा ।दानिश कुंज से कलियासोत नदी पर सलैया पुल के माध्यम से मिसरोद (होशंगाबाद रोड) से सीधा जुड़ेगा ।कार्यक्रम में विशेष रूप से स्थानीय पार्षद एवं एम आई सी सदस्य भूपेंद्र माली ,पार्षद पवन बोराना, मंडल उपाध्यक्ष श्याम मीना, बी एस वाजपेयी , महेश तिवारी , इक़बाल खान , अमित शुक्ल, दीपक माथुर , अरुण तिवारी , डी ले पालीवाल , एस एस सेंगर ,शोभा सिकरवार , श्रीमती गीता मिश्रा,गणेश तिवारी,राजेश सेंगर , राज शर्मा , प्रदीप पाटीदार ,आकाश श्रीवास्तव,सहित बड़ी संख्या में माताये बहने कॉलोनी वासी उपस्थित रहे ।  

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कोलार के वार्ड 82 में आने वाले दानिशकुंज कॉलोनी में नगर निगम द्वारा काम नहीं कराने के बाद भी पार्षद द्वारा निर्माण को लेकर बोर्ड लगाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। गलत जानकारी को लेकर आज दोपहर कांग्रेस पार्षदों, स्थानीय नेताओं और रहवासियों का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम आयुक्त छवि भारद्वाज से मिला। इन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पार्षद जानबूझकर श्रेय की राजनीति कर रहे हैं। जबकि, जनता गर्मी में पानी के लिए हाहाकार मचा रही है, फिर भी उन्हें पानी नहीं दिया जा रहा है। पार्षदों ने यह की मांग : कांग्रेस पार्षद संतोष जितेंद्र कंसाना, मोनू सक्सेना, मनजीत मारण, अमित शर्मा, राहुल सिंह राठौर, अखिलेश जैन सहित रहवासियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयुक्त भारद्वाज से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। इसके अनुसार तत्काल गलत जानकारी देने वाले भाजपा पार्षद भूपेंद्र माली के बोर्ड को नगर निगम प्रशासन हटाए। साथ ही इस मामले में जांच कराएं कि कहीं दानिशकुंज में कराए गए डामर के भुगतान की फर्जी फाइल तो निगम के कार्यालय नहीं पहुंच गई। यदि प्रशासन बोर्ड नहीं लगाएगी, तो कांग्रेसी भी हर वार्ड में ऐसे बोर्ड लगाएगी। दानिशकुंज कॉलोनी में करीब एक करोड़ राशि से डामर कराया गया है। इस पर स्थानीय पार्षद ने खुद डामर कराने के बोर्ड पूरी कॉलोनी में लगा दिए। वहीं, दानिशकुंज सोसायटी ने भी एक विज्ञापन जारी करके कहा कि वह निर्माण उसने कराया है। कुछ लोगों के यहां निर्माण नहीं कराया गया है, वो लोग जल्द ही बकाया राशि जमा कर दें, ताकि बचे हुए स्थानों पर भी डामरीकरण कराया जा सके।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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इंफाल । मणिपुर में सुरक्षा बलों द्वारा चलाए गए समन्वित एंटी-इंसर्जेंसी अभियानों में तीन उग्रवादियों को गिरफ्तार किया गया और भारी मात्रा में हथियार व विस्फोटक जब्त किए गए हैं। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।    इन अभियानों में सबसे बड़ी सफलता उस समय मिली जब खोंघमपत मंत्री लाइकाई (इंफाल पश्चिम) से कांगलेइपाक कम्युनिस्ट पार्टी (पीडब्ल्यूजी) के कैडर मोहम्मद अयूब खान उर्फ थोइबा (28) को गिरफ्तार किया गया। आरोप है कि वह घाटी क्षेत्र में पेट्रोल पंपों से रंगदारी वसूलने के एक नेटवर्क का संचालन कर रहा था।    वहीं, थौबल जिले के लइरोंगथेल पित्रा में छापेमारी के दौरान प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन प्रीपाक से जुड़े दो कैडरों- शामजेतसाबम इबोमचा मैतेई (30) और लामजिंगबा वाहेंगबम (23)- को गिरफ्तार किया गया। इस कार्रवाई में सुरक्षा बलों ने एक एसएलआर राइफल, एक इंसास राइफल और 17 जिंदा कारतूस भी बरामद किए।    गिरफ्तारियों के साथ-साथ सुरक्षा बलों ने हथियारों का एक खतरनाक जखीरा भी बरामद किया है। थौबल डैम के पास मोंघलम क्षेत्र में की गई तलाशी में 4.5 से 12 किलोग्राम वज़न वाले कई आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) मिले। बरामद सामग्री में उच्च श्रेणी के हथियार, दर्जनों राउंड गोलियां और करीब 30 मीटर लंबी कॉर्डटेक्स विस्फोटक डोरी शामिल हैं।    चुराचांदपुर जिले के टोरबुंग और तैजांग गांवों में भी तलाशी के दौरान एम-16 और इंसास राइफल्स, देसी हथियार और ग्रेनेड बरामद किए गए हैं। अधिकारियों के मुताबिक, मणिपुर में उग्रवादी गतिविधियों और हथियारों के जमावड़े को देखते हुए क्षेत्र में एंटी-इंसर्जेंसी ऑपरेशनों को और तेज कर दिया गया है। 

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इंफाल । राष्ट्रपति शासित मणिपुर में नई सरकार बनाने के लिए 44 विधायक तैयार हैं। भाजपा विधायक थोकचोम राधेश्याम सिंह ने कहा कि वे बुधवार को 9 विधायकों के साथ राजभवन गए और सरकार गठन की मांग को लेकर राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मुलाकात की। राधेश्याम ने यह बयान राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात के बाद बाहर आने पर दिया। मई 2023 में मैतेई और कुकी के बीच हुए जातीय संघर्ष के कारण भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार में मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद पिछले फरवरी से राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है।    राधेश्याम ने कहा कि, 44 विधायक सरकार बनाने के लिए तैयार हैं। हमने राज्यपाल को इस मामले से अवगत करा दिया है। हमने राज्यपाल के साथ इस बात पर भी चर्चा की कि मौजूदा समस्या का समाधान क्या हो सकता है। राज्यपाल ने हमारी बातें सुनीं। उन्होंने आश्वासन दिया कि वे लोगों के हित में सकारात्मक कदम उठाएंगे।    यह पूछे जाने पर कि क्या वह सरकार गठन की मांग करेंगे, राधेश्याम सिंह ने कहा, इस मामले पर भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व फैसला करेगा। हमने अपनी स्थिति बता दी है। हमने कहा है कि हम सरकार बनाने के लिए तैयार हैं। अब केंद्रीय नेतृत्व और राज्यपाल इस मामले पर विचार करेंगे।    उन्होंने कहा, स्पीकर थोकचोम सत्यव्रत ने 44 विधायकों से व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से मुलाकात की है। कोई भी नई सरकार के गठन के खिलाफ नहीं है। हर कोई चाहता है कि राज्य में सरकार बने। राधेश्याम ने कहा, 'सरकार न होने के कारण लोगों को काफी कठिनायों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले कार्यकाल में दो साल काेराेना की भेंट चढ़ गए। इस कार्यकाल के दौरान हिंसा के कारण दो वर्ष और बर्बाद हो गए।   ज्ञात हो कि, एन बीरेन सिंह ने मई 2023 में मैतेई और कुकी के बीच हुए जातीय संघर्ष के परिणामस्वरूप भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद पिछले फरवरी से राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है।   उल्लेखनीय है कि 60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा में वर्तमान में 59 विधायक हैं। एक सीट विधायक की मृत्यु के कारण रिक्त है। भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन में कुल 44 सदस्य हैं, जिनमें 32 मैतेई विधायक, तीन मणिपुरी मुस्लिम विधायक और 9 नागा विधायक शामिल हैं।   इसके अलावा, विधानसभा में कांग्रेस के पांच विधायक हैं (सभी मैतेई), शेष 10 विधायक कुकी से हैं, जिनमें से 7 ने पिछला चुनाव भाजपा के टिकट पर जीता था, दो कुकी पीपुल्स अलायंस से और एक निर्दलीय है। 

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नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने संशोधित ब्याज सब्सिडी योजना (एमआईएसएस) को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए जारी रखने की मंजूरी दे दी है। इसका उद्देश्य किसानों को सस्ती दर पर ऋण उपलब्ध कराना है।योजना के तहत किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से 3 लाख रुपये तक के अल्पकालिक ऋण पर 7 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर लागू रहेगी। इसमें सरकार 1.5 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी देगी। वहीं, समय से ऋण चुकाने वाले किसान को 3 प्रतिशत तक की अतिरिक्त छूट दी जाएगी। इसे ‘प्रॉम्प्ट रिपेमेंट इंसेंटिव’ (पीआरआई) कहा जाता है। इससे किसानों को समय से भुगतान को लेकर प्रोत्साहन मिलेगा।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने उक्त आशय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की। केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्वनी वैष्णव ने मंत्रिमंडल के फैसलों की राष्ट्रीय मीडिया केन्द्र में आज जानकारी दी।योजना की संरचना या किसी अन्य घटक में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसका लाभ पहले की तरह मिलेगा। सरकार के इस निर्णय से किसानों को खेती में पूंजी की उपलब्धता सुलभ होगी। यह कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने में सहायक होगा।

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नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने के मकसद से भारत में बनने वाले पांचवीं पीढ़ी के एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) कार्यक्रम को मंजूरी दे दी है। भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना के लिए इस स्टील्थ, मल्टीरोल, एयर सुपीरियॉरिटी फाइटर में छठी पीढ़ी की आधुनिक प्रौद्योगिकियां भी शामिल होंगी। यह वायु सेना में स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस, सुखोई-30 एमकेआई, राफेल और नौसेना के एचएएल नेवल तेजस और मिग-29 की जगह लेगा।   रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मजबूत घरेलू एयरोस्पेस औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने की दिशा में उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (एएमसीए) कार्यक्रम निष्पादन मॉडल को मंजूरी दे दी है। अब एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) निजी उद्योग की साझेदारी में इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए तैयार है। एडीए जल्द ही एएमसीए विकास चरण के लिए रुचि की अभिव्यक्ति (ईओआई) जारी करेगा। एएमसीए प्रोटोटाइप विकसित करने के लिए निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय कंपनियां बोली लगाकर इस कार्यक्रम में शामिल हो सकती हैं। स्वदेशी विशेषज्ञता, क्षमता और सामर्थ्य का उपयोग करने की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम है, जो एयरोस्पेस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक प्रमुख मील का पत्थर साबित होगा।   ​भारत में बनने वाले पांचवीं पीढ़ी के एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) का मॉडल इसी साल बेंगलुरु में एयरो इंडिया के इंडिया पवेलियन में प्रदर्शित किया गया था। पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ, मल्टीरोल, एयर सुपीरियॉरिटी फाइटर में छठी पीढ़ी की आला प्रौद्योगिकियां भी शामिल होंगी। विमान के डिजाइन वैमानिकी विकास एजेंसी (एडीए) ने तैयार की है, जो रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के तहत गठित विमानन डिजाइन और विकास एजेंसी है। डीआरडीओ, एचएएल और एक भारतीय निजी कंपनी के बीच एक सार्वजनिक-निजी संयुक्त उद्यम में इसके निर्मित होने की उम्मीद है।   डीआरडीओ के मुताबिक एएमसीए सिंगल-सीट और ट्विन-इंजन वाला विमान होगा। एएमसीए का मार्क-1 संस्करण 5.5 पीढ़ी की प्रौद्योगिकियों से लैस होगा और मार्क-2 में छठी पीढ़ी का प्रौद्योगिकी उन्नयन होगा। एएमसीए का उद्देश्य ग्राउंड-स्ट्राइक, शत्रु वायु रक्षा दमन और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सहित कई मिशनों को पूरा करना है। एएमसीए के बुनियादी डिजाइन विन्यास को अंतिम रूप देकर 2015 में विस्तृत रिपोर्ट वायु सेना को सौंपी गई, जिसने समीक्षा के बाद इस कार्यक्रम को सहमति दी थी। काफी सुधारों के बाद एएमसीए डिजाइन को 2016 में भारतीय वायु सेना ने स्वीकार किया था।

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को देश विभाजन को भारत की पीड़ा का मूल कारण बताते हुए कहा कि 1947 में मां भारती के अंग काट दिए गए, जबकि जंजीरें कटनी चाहिए थीं। उसी रात कश्मीर पर पहला आतंकी हमला हुआ और पाकिस्तान ने मुजाहिदीनों के जरिये भारत का हिस्सा हड़प लिया। अगर तब ही सख्त कार्रवाई की गई होती, तो 75 वर्षों का यह आतंकवाद न झेलना पड़ता। उन्होंने कहा, “एक कांटा पूरे शरीर को पीड़ा देता है और हमने तय कर लिया है कि अब वह कांटा निकालकर ही दम लेंगे।”   प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज गांधीनगर में गुजरात अर्बन ग्रोथ स्टोरी के 20 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में भाग लिया और शहरी विकास वर्ष 2025 का शुभारंभ किया। वर्ष 2005 में तत्कालीन मुख्यमंत्री के तौर पर उनके द्वारा शुरू की गई इस पहल का उद्देश्य शहरी ढांचे का नियोजित विकास था। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने शहरी विकास, स्वास्थ्य और जल आपूर्ति से जुड़ी कई परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया। साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 22 हजार से अधिक घर समर्पित किए और शहरी निकायों को 3,300 करोड़ रुपये की धनराशि भी जारी की।   प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आतंकवाद का रास्ता प्रॉक्सी वॉर नहीं, बल्कि एक सोची-समझी युद्ध रणनीति है। उन्होंने कहा कि 6 मई की रात को मारे गए आतंकवादियों को सम्मान देना, उनके ताबूतों पर पाकिस्तानी झंडे लपेटे जाना और वहां की सेना का उन्हें सलामी देना यह साबित करता है। उन्होंने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी, “आप वॉर ही कर रहे हैं, तो उसका जवाब भी वैसे ही मिलेगा।” प्रधानमंत्री ने बताया कि पाकिस्तान की ओर से भारत के खिलाफ चलाए जा रहे युद्ध की एक पृष्ठभूमि है। सीधा युद्धों में हार के चलते उसे एहसास हुआ कि वे सीधे युद्ध में भारत से नहीं जीत सकता, इसलिए उन्होंने आतंकवाद को एक रणनीतिक हथियार के रूप में अपनाया। आतंकवादी सिर्फ भाड़े के लड़ाके नहीं हैं। वे पाकिस्तान की सेना से जुड़े और उनके निर्देश पर काम करने वाले लोग हैं। अब जब वे खुलेआम युद्ध जैसा व्यवहार कर रहे हैं, तो भारत भी उन्हें उसी तरह निर्णायक और सशक्त जवाब देगा ।प्रधानमंत्री ने कहा कि सिंधु जल समझौता भारत के हित को कई तरह से प्रभावित कर रहा था। अभी हमने इसे केवल स्थगित किया है और पाकिस्तान में इसको लेकर घबराहट है। उन्होंने समझौते की शर्तों पर आश्चर्य जताया और कहा कि भारत सबका भला चाहता है। उन्होंने कहा कि 1960 की सिंधु जल संधि में यह तय हुआ था कि जम्मू-कश्मीर की नदियों पर बने बांधों की सफाई नहीं की जाएगी। 60 साल तक इनके गेट नहीं खुले, लेकिन हमने थोड़ी सफाई शुरू की, गेट थोड़े खोले और पाकिस्तान में बाढ़ आ गई। “अभी तो हमने पूरी कार्रवाई शुरू ही नहीं की है और वे पहले ही घबरा गए हैं।”   प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान विदेशी उत्पादों पर निर्भरता छोड़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ सिर्फ सेना का नहीं, 140 करोड़ भारतीयों की जिम्मेदारी है। 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य पाने के लिए हमें हर दिन इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं में भी ‘मेक इन इंडिया’ को प्राथमिकता देनी होगी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि छोटे शहर भारत की आर्थिक प्रगति के इंजन हैं। भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना है तो शहरी विकास इन शहरों से शुरू होना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पर्यटन भारत की अपार संभावनाओं वाला क्षेत्र है और गुजरात इसका जीवंत उदाहरण है। कच्छ और वडनगर जैसे स्थान आज विश्व मानचित्र पर उभर रहे हैं। कल्पनाओं को धरातल पर उतारने से असाधारण परिणाम मिलते हैं—रिवरफ्रंट, दुनिया का सबसे बड़ा स्टेडियम और स्टैच्यू ऑफ यूनिटी इसी सोच के प्रमाण हैं।

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मानकाचर (असम) । भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मंगलवार की सुबह उस समय तनाव की स्थिति पैदा हो गई जब असम के ठाकुरनबाड़ी क्षेत्र में बीएसएफ ने 14 बांग्लादेशी नागरिकों की वापसी के दौरान हवाई फायरिंग की।   जानकारी के अनुसार, बीएसएफ जब अवैध रूप से भारत में प्रवेश कर चुके 14 बांग्लादेशियों को वापस भेजने की प्रक्रिया में लगी थी, तभी बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड (बीजीबी) ने हस्तक्षेप किया। यह टकराव अंतरराष्ट्रीय सीमा की जीरो लाइन के पास हुआ, जहां बीजीबी के जवानों ने बीएसएफ से तीखी बहस की और सीमा के संवेदनशील हिस्से की ओर बढ़े।    स्थिति उस वक्त और गंभीर हो गई जब बड़ी संख्या में बांग्लादेशी नागरिक भी जीरो लाइन पर एकत्रित हो गए। माहौल को नियंत्रण में लाने और भिड़ंत को टालने के लिए बीएसएफ को चार राउंड हवाई फायरिंग करनी पड़ी।    फायरिंग के बाद भीड़ तितर-बितर हो गई और स्थिति पर कुछ हद तक काबू पा लिया गया। भारतीय अधिकारियों ने बीजीबी के हस्तक्षेप को प्रोटोकॉल का उल्लंघन बताया है और इस मुद्दे को औपचारिक रूप से उठाए जाने की संभावना जताई है। 

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि 2014 में आज ही के दिन उन्होंने पहली बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। उसके बाद देश ने कई अकल्पनीय और अभूतपूर्व फैसले लिए हैं। प्रधानमंत्री गुजरात के दाहोद में लोकोमोटिव विनिर्माण संयंत्र सहित 24,000 करोड़ रुपये की लागत वाली विकास परियोजनाओं का शुभारंभ करने के बाद जनसभा को संबोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने अहमदाबाद-वेरावल वंदे भारत ट्रेन और वलसाड-दाहोद एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई।प्रधानमंत्री ने इस मौके पर कहा, “आज 26 मई है। साल 2014 में इसी तारीख को मैंने पहली बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी। सबसे पहले गुजरात के लोगों ने मुझे आशीर्वाद दिया, फिर करोड़ों भारतीयों ने मुझे आशीर्वाद दिया। आपके आशीर्वाद की शक्ति से मैं दिनरात देशवासियों की सेवा में जुटा रहा। इन वर्षों में देश ने वो फैसले लिए जो अकल्पनीय और अभूतपूर्व हैं। इन वर्षों में देश ने दशकों पुरानी बेड़ियों को तोड़ा है। देश हर सेक्टर में आगे बढ़ा है।” उन्होंने कहा कि आज देश निराशा के अंधकार से निकलकर विश्वास के उजाले में तिरंगा फहरा रहा है। आज हम 140 करोड़ भारतीय मिलकर अपने देश को विकसित भारत बनाने के लिए जी-जान से जुटे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की तरक्की के लिए जो कुछ भी चाहिए, वो हम भारत में ही बनाएं, ये आज के समय की मांग है। भारत आज तेज गति से मैन्युफैक्चरिंग की दुनिया में आगे बढ़ रहा है। देश की जरूरत के सामान का निर्माण हो या फिर दुनिया के अलग-अलग देशों में हमारे देश की बनी हुई चीजों का निर्यात लगातार बढ़ रहा है।

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हरिद्वार । पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद परिवार सहित सोमवार को अपने दो दिवसीय प्रवास पर हरिद्वार के कनखल स्थित हरिहर आश्रम पहुंचे।पूर्व राष्ट्रपति ने वन नेशन वन इलेक्शन पर कहा कि इससे देश में विकास की रफ्तार डबल होगी। इससे देश की जीडीपी एक से डेढ़ फीसदी बढ़ेगी। पूर्व राष्ट्रपति सायंकाल हरकी पैड़ी पर गंगा आरती में भी हिस्सा लेगें। इससे पहले वह यहां उन्होंने जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज का आशीर्वाद लिया। पूर्व राष्ट्रपति कोविंद ने देश के समसामयिक मुद्दों पर अपने विचार रखते हुए कहा कि उन्होंने वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर रिपोर्ट दे दी है। इससे देश में विकास की रफ्तार डबल होगी। भारत सरकार ने इसे स्वीकार कर लिया है। पार्लियामेंट ने इस पर विधेयक बनाया है। अभी ये विधेयक जेपीसी के सामने विचारार्थ है। पूर्व राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन पर जेपीसी में जो निर्णय आएगा जैसा भी संसद को उचित लगेगा, उस पर काम होगा।   उन्होंने कहा अभी तीन दिन पहले ही इंटरनेशनल मॉनिटरिंग फंड की रिपोर्ट आई है, जिसमें भारत अब पांचवी अर्थव्यवस्था से बढ़कर विश्व की चौथी अर्थव्यवस्था हो गया है। हम विश्व में चौथे नंबर की आर्थिक शक्ति बन गए हैं। हमने जापान को पीछे छोड़ दिया है। अभी केवल अमेरिका, चीन और जर्मनी हम से आगे हैं। उन्होंने कहा कि अगले दो वर्षों में हम तीसरे नंबर पर पहुंच जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश प्रगति कर रहा है। ऑपरेशन सिंदूर पर पूर्व राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि यह ऑपरेशन हमारी सेनाओं के शौर्य का प्रतीक है, जिसको देश और दुनिया सदियों तक याद रखेगी। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के जरिये हमने विश्व में एक बहुत बड़ा संदेश दिया है। उन्होंने कहा इस ऑपरेशन को आतंकवाद के खिलाफ हमेशा याद रखा जाएगा।

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मुंबई । महाराष्ट्र में दक्षिण-पश्चिम मानसून 107 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ते हुए समय से पहले प्रवेश कर चुका है। मुंबई में मूसलधार बारिश ने जनजीवन को रोक कर रख दिया है। भारी बारिश की वजह से सड़कों पर जलभराव, रेलवे ट्रैकों पर पानी, और हवाई उड़ानों में देरी जैसी समस्याएं आम हो गई हैं। भारतीय मौसम विभाग ने 26 मई को मुंबई के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। बारिश के चलते मुंबई एयरपोर्ट से उड़ान भरने और लैंड करने वाली कई फ्लाइट्स प्रभावित हुई हैं। इस स्थिति को देखते हुए स्पाइसजेट ने अपने यात्रियों को चेतावनी दी है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले 24 घंटे में भारी बारिश की संभावना बनी हुई है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। मुंबई नगर निगम ने निवासियों से अपील की है कि जब तक बहुत जरूरी न हो, घर से बाहर न निकलें। साथ ही शहर की 96 इमारतों को असुरक्षित घोषित किया गया है और उनमें रह रहे लगभग 3,100 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है।  मौसम विभाग के अनुसार इस साल दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने सामान्य से पहले ही महाराष्ट्र में दस्तक दे दी है। अगले कुछ दिनों में मुंबई में तेज बारिश के साथ पूरी तरह सक्रिय होने की संभावना है। मुंबई, ठाणे और पालघर जैसे तटीय जिलों के लिए चेतावनी जारी की गई है, जहां पर समुद्री हवाओं के तेज बहाव और बिजली गिरने जैसी घटनाओं की आशंका बनी हुई है, जिसके लिए स्थानीय प्रशासन ने नागरिकों से विशेष सतर्कता बरतने की अपील की है। साथ ही लोकल ट्रेनों और बसों की सेवाओं पर लगातार निगरानी रखी जा रही है और यात्रियों को आवश्यक सलाह दी गई है कि वे सुरक्षित रहें और बिना जरूरत बाहर न निकलें। मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले कुछ दिनों तक मुंबई और महाराष्ट्र के कई हिस्सों में लगातार तेज बारिश जारी रहेगी, जिससे जनजीवन पर और अधिक प्रभाव पड़ सकता है। नागरिकों से अनुरोध है कि वे सतर्क रहें, स्थानीय प्रशासन की घोषणाओं का पालन करें और आवश्यक सावधानियां बरतें।

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  लगेगी शांडिल्य गुरु की प्रतिमा      कोलार रोड के दूसरे छोर भदभदा चौराहे पर उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने  ब्रह्मलीन बालगोविंद शांडिल्य गुरुजी की प्रतिमा स्थापना तथा चौराहे के सौंदर्यीकरण का भूमि-पूजन किया। सौंदर्यीकरण के लिये 8 लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं।   श्री गुप्ता ने कहा कि सरकार शहर के विकास के लिये सतत प्रयत्नशील है। उन्होंने शासन की विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि नागरिक शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये आगे आयें। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि घर-घर जाकर नागरिकों को शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये प्रेरित करें। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा कोटरा में सड़क भूमि-पूजन उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने आई-5 शासकीय आवास कोटरा के पास सड़क निर्माण का भूमि-पूजन किया। सड़क की लागत 20 लाख है। श्री गुप्ता ने सड़क का कार्य गुणवत्तापूर्ण करवाने के निर्देश दिये। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।     Attachments area          

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      मध्यप्रदेश के प्राचीन मंदिरों में भगवान के दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को अब प्रदेश के पुरावैभव, कला और संस्कृति की झलक भी वहां देखने को मिलेगी। इसके लिए राज्य सरकार मंदिरों में संग्रहालयों का निर्माण कराएगी। इस योजना को संस्कृति, धर्मस्व और पुरातत्व विभाग मिलकर अंजाम देंगे। मध्यप्रदेश में इस समय कई प्रसिद्ध मंदिर है जहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है। लेकिन इन मंदिरों में फिलहाल प्रदेश की कला-संस्कृति, इतिहास  और पुरावैभव की झलक दिखाने वाले संग्रहालय नहीं है। राज्य सरकार का सोचना है कि जो श्रद्धालु प्रदेश के प्राचीन मंदिरों में पहुंच रहे है वहां उन्हें भगवान के दर्शन के साथ-साथ प्रदेश के पुरावैभव और कला तथा संस्कृति से भी अवगत कराया जाए। इसके लिए इन मंदिरों के ट्रस्टों के पास मौजूद अपार धनराशि का उपयोग किया जाएगा। इन मंदिरों में सबसे पहले बनेंगे संग्रहालय- मध्यप्रदेश में उज्जैन में महाकाल मंदिर, खजराना मंदिर, सतना के मैहर मंदिर, पशुपतिनाथ मंदिर सहित कई ऐसे प्रमुख मंदिर है जहां मंदिरों की देखरेख और संरक्षण के लिए बनाए गए ट्रस्टों के पास श्रद्धालुओं के दान से मिली अपार धन संपदा स्थित है। इन्हीं मंदिरों में सबसे पहले संग्रहालय बनाने की शुरुआत की जाएगी।  इन मंदिरों के समीप काफी जमीन और भवन स्थित है। शिव मंदिरों में सभी बारह ज्योर्तिलिंगों के बारे में पूरी जानकारी एकत्रित कर प्रदर्शित की जाएगी। इसी तरह गणेश मंदिरों में गणेशजी के सभी स्वरुपों उनके इतिहास और महत्व को प्रदर्शित किया जाएगा। भोपाल के समीप स्थित भोजपुर मंदिर में दो सौ मीटर के दायरे के बाहर संग्रहालय बनाने का प्रस्ताव है। यहां भोजपुर के विशालकाय शिवलिंग और मंदिर के निर्माण की एतिहासिक प्रामाणिक  जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। यह मंदिर कब बना, इस तरह के मंदिर और कहां-कहां बनाए जाने थे। यह अधूरा क्यों रह गया। मंदिर के आसपास मिलने वाले शिवलिंग और अन्य पुराधरोहरों को भी यहां संग्रहित किया जाएगा। भोपाल में भी मुस्लिम धर्मावलंबियों से जुड़ी जानकारी, मध्यप्रदेश के प्राचीन नवाबों से जुड़े इतिहास की प्रामाणिक जानकारी गौहर महल या अन्य स्थानों पर प्रदर्शित की जाएगी। मिडटाउन में दुनिया की सबसे बड़ी सेंट पीटर चर्च में संग्रहालय भी है। वेटिकन सिटी में भी म्युजियम है वहां कई तरह के चित्र प्रदर्शित किए गए है। इन चित्रों में इन देशों की कला और संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। जापान में म्युजियम आॅफ पैरासाइड है। भारत के कई राज्यों में भी मंदिर, मस्जिद और चर्च के साथ संग्रहालय लगे हुए है। मध्यप्रदेश में फिलहाल मंदिर, मस्जिद और गिरिजाघरों में संग्रहालय नहीं है। प्रमुख सचिव संस्कृति मनोज श्रीवास्तव ने कहा प्रदेश के मंदिरों पर अब संग्रहालय बनाने की राज्य सरकार की योजना है। इसके जरिए प्रदेश के नागरिकों को धार्मिक आस्था के केन्द्रों पर पहुंचने पर वहां संग्रहालयों में प्रदेश के इतिहास, कला और संस्कृति के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।     Attachments area          

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  कोलार अवैध कब्जों का अड्डा बना    कोलार में राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों और तहसीलदारों की शह पर बेशकीमती जमीन पर जहां-तहां झुग्गियों का निर्माण करने के अलावा दीवारें तानकर अतिक्रमण किया जा रहा है। इन अतिक्रामकों को रोकने के बजाय अफसर उन्हें प्रश्रय दे रहे हैं। कोलार का दशहरा मैदान इसका ताजा उदाहरण है, जहां पिछले माह लगी आग में 50 झुग्गियां खाक हो गईं थी अब वहां 100 से ज्यादा झुग्गियां और मकान बन गए हैं।   लगातार अतिक्रमण बढ़ने की शिकायतों को लेकर एक सप्ताह पहले एडीएम रत्नाकर झा ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए थे कि वे सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाएं। साथ ही सूची तैयार करें, ताकि सरकारी जमीनों पर जमा अतिक्रमणों को हटाया जा सके। हुजूर एसडीएम और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही से फिर कोलार दशहरा मैदान की सरकारी जमीन पर दर्जनों झुग्गियां तन गर्इं।  प्रशासन के सामने यहां पर झुग्गियां बनती गई, लेकिन उन्हें रोकने की हिम्मत किसी ने नहीं की।   डेढ़ साल पहले निगम चुनाव के पूर्व मुख्यमंत्री ने हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के कहने पर कोलार दशहरा मैदान में स्टेडियम बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद कलेक्टर निशांत वरवड़े ने यहां पर दौरा कर एसडीएम माया अवस्थी को झुग्गियां शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अब तक यहां पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।   कोलार दशहरा मैदान के किनारे बनी अवैध झुग्गियां में तीन साल से एक ही स्थान पर आग लग रही है। यहां 40-50 झुग्गियों में आग लगती है और इसके बाद नई 100 झुग्गियां बन जाती हैं। तीन साल में इस स्थान पर 300 से अधिक झुग्गियां अवैध बन गई। लेकिन प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।     Attachments area          

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  पत्र  में प्रज्ञा ने कैंसर की बीमारी का हवाला भी दिया      मालेगांव बम ब्लास्ट में क्लीन चिट मिलने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने अपने तेवर दिखाए हैं। सिंहस्थ में जाने की जिद पर अड़ीं साध्वी ने पंडित खुशीलाल आयुर्वेदिक अस्पताल में आमरण अनशन शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि सरकार ने उन्हें परमिशन नहीं दी, तो वे 21 मई को जल समाधि ले लेंगी। कैंसर से पीड़ित प्रज्ञा ने दवाइयां खाने से भी इनकार कर दिया है। प्रज्ञा ने राज्य सरकार को लिखे पत्र  में कहा कि वे कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रही हैं। हो सकता है कि अगला कुंभ न देख पाएं।इस मसले  पर बोलने से प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।  साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट मिलने के बाद से माना जा रहा है कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का सॉफ्ट कॉर्नर उनके प्रति बढ़ा है। उनके अनशन के मामले में प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर से जब पूछा गया कि सरकार क्या करेगी, तो विवादों से बचने के लिए उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया । गौरतलब है कि साध्वी लगभग सात सालों से जेल में बंद थीं, लेकिन कैंसर के इलाज के लिए कोर्ट ने उन्हें अस्पताल में रहने की परमिशन दी है। प्रज्ञा ने रविवार को लेटर लिखकर शिवराज सरकार से उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ में शामिल होने की परमिशन मांगी थी।उन्होंने यह भी लिखा था कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो वे आमरण अनशन करेंगी। प्रज्ञा ने लिखा, 'वो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं और शायद अगला कुंभ न देख पाएं। इसलिए उनकी अंतिम इच्छा है कि वे उज्जैन कुंभ में जाएं।' प्रज्ञा ने राज्य सरकार समेत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को भी लेटर की कॉपी भेजी है। लेटर के मुताबिक, प्रज्ञा ने सोमवार सुबह 9 बजे तक का समय दिया था। मांग पूरी नहीं होने के कारण वे अपने कुछ सपोर्टर्स के साथ अस्पताल परिसर में ही आमरण अनशन पर बैठ गई हैं। प्रज्ञा ने लेटर में लिखा कि मैं अन्न जल त्याग दूंगी। अगर मुझे कुछ होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी मध्य प्रदेश सरकार की होगी। उन्होंने अपनी सिक्युरिटी को लेकर भी चिंता जाहिर की है। उन्होंने लिखा कि मेरे साथ पहले एसएएफ के जवान रहते थे। उनके हटाए जाने से मेरी जान को खतरा हो सकता है। प्रज्ञा ने जेड प्लस सुरक्षा की मांग की और सवाल पूछा कि जब देवास जिला कोर्ट ने उज्जैन जाने की अनुमति दे दी है, तो फिर सिक्युरिटी का हवाला देकर सरकार कोर्ट की अवमानना क्यों कर रही है? प्रज्ञा की चिट्ठी उनके सबसे विश्वसनीय भगवान झा लेकर पहुंचे थे। जेल सुपरिंटेंडेंट ने भगवान झा को भरोसा दिया के वह मामले को सीनियर अफसरों तक पहुंचा देंगे। भगवान झा ने कहा, 'सरकार के पास पुलिस की कोई कमी नहीं है। इसलिए साध्वी की सिंहस्थ यात्रा सुनिश्चित करा दी जाए, नहीं तो गंभीर परिणाम होंगे।'     Attachments area          

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  हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने किया 2.16 करोड़ की सड़क निर्माण का भूमि पूजन ।कोलार मुख्य मार्ग के समानांतर इस मार्ग से 2 लाख नागरिक होंगे सीधे लाभान्वित ।कोलार वासियो को विभिन्न मार्गो के माध्यम से नये भोपाल , होशंगाबाद रोड , जाने में होगी सहूलियत ।कोलार में बढ़ते ट्रैफिक पर नियंत्रण में हुज़ूर विधायक की कारगर पहल सफल ।हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा के अथक प्रयासों से कोलारवासियो को ट्रैफिक जाम से आये दिन होने वाली दिक्कतों से निज़ात मिलने जा रही है । बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान (कोलार मुख्य मार्ग) तक  बायपास रोड का निर्माण कराया जा रहा है । आज हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने रानी अवंतीबाई मार्ग से मंदाकनी मैदान को जोड़ने वाली सड़क निर्माण कार्य का भूमि पूजन भूमिका रेसीडेंसी पर किया । 2 करोड़ 16 लाख की लागत से बनने वाली 4200 मीटर इस सड़क की चौड़ाई 7.5 मीटर रहेगी, इस सड़क का निर्माण राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा किया जायेगा । श्री शर्मा ने बताया की कोलार मुख्य मार्ग पर आये दिन लगने वाले ट्रैफिक जाम से छुटकारा पाने के लिये इस बाय पास रोड का निर्माण कराया जा रहा है , उन्होंने बताया की बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग का निर्माण पूर्व में कराया जा चूका है । यह रोड  लोक निर्माण विभाग द्वारा बनायीं गयी है  गौरतलब है की उक्त सड़क का भूमि पूजन विधायक शर्मा द्वारा विधायक बनने के तत्काल बाद किया गया था । बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग तक इस सड़क की दूरी कुल 2 किलोमीटर है ।बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान पर कोलार मुख्य मार्ग पर जोड़ने वाले इस बायपास की कुल दूरी 6 किलोमीटर है । श्री शर्मा ने बताया की बहुत जल्द ही जे के अस्पताल के सामने इस मार्ग के जंक्शन पर एक पुल का निर्माण भी कराया जायेगा जो की सीधा शाहपुरा, भरत नगर , हबीबगंज , चुनाभट्टी , अथवा नये भोपाल को जोड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण के पश्च्यात कोलार के किसी भी नागरिक को ट्रैफिक जाम या आपातकालीन स्थिति में परेशान नहीं होना पड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग से कोलार सहित आसपास के लगभग 2 लाख नागरिक इससे सीधे लाभान्वित होंगे ।  श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण से पूर्व  उनके द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियो अधिकारियो एवं स्थानीय नागरिको के साथ दौरा किया गया । फलस्वरूप कोलार को ट्रैफिक से निजात दिलाने के लिये इस बायपास के निर्माण का निर्णय लिया गया । श्री शर्मा ने बताया की घनी आबादी वाले कोलार में नागरिको की सुविधा के मद्देनज़र इस मार्ग का  अलग अलग भागो में निर्माण कराया गया है , जिससे नागरिको को इसका लाभ पहुँच सके !  श्री शर्मा ने स्थानीय नागरिको को संबोधित करते हुए कहा की कोलार के समग्र विकास में निरंतर आपके द्वारा मिल रहे इसी प्रकार के सहयोग की आवश्यकता है आप सब के सहयोग से हम ग्रीन कोलार क्लीन कोलार का निर्माण करेंगे । कार्यक्रम के दौरान श्री शर्मा का स्थानीय नागरिको द्वारा बड़ी फूलो की माला पहनाकर सड़क निर्माण के लिए अभिन्दन किया गया !  मार्ग से लाभान्वित क्षेत्र  एक नज़र में -: बैरागढ़ चीचली , दौलतपुर ,धोली खदान, प्रियंका नगर ,हिनोतिया गांव ,मानसरोवर डेंटल कॉलेज, सुहागपुर ,पिपलिया, गुराडी , सेमरी ,अमरावत कलां ,सोहागपुर ,बांसखेड़ी झुग्गी बस्ती ,सन खेड़ी झुग्गी बस्ती, आकाश नगर , गिरधर परिसर ,सैफरॉन सिटी ,कृष्णा होम्स ,गिरधर गार्डन ,शिवालय परिसर ,सर्वजन सोसाइटी ,डी के 5 ,जे के अस्पताल , सागर प्रीमियम टॉवर, भूमिका रेसीडेंसी ,वेस्टर्न कौर्ट एवं मंदाकनी सोसायटी आदि इस मार्ग पर अन्य रहवासियो  को इस बाय पास का  सीधा लाभ पहुंचेगा ।होशंगाबाद रोड से जुड़ेगा यह मार्ग यह मार्ग चार बत्ती चौराहे से कालीबाड़ी पुल से होते हुए बाबड़िया रेल्वे फाटक से होशंगाबाद रोड से सीधा जुड़ेगा ।दानिश कुंज से कलियासोत नदी पर सलैया पुल के माध्यम से मिसरोद (होशंगाबाद रोड) से सीधा जुड़ेगा ।कार्यक्रम में विशेष रूप से स्थानीय पार्षद एवं एम आई सी सदस्य भूपेंद्र माली ,पार्षद पवन बोराना, मंडल उपाध्यक्ष श्याम मीना, बी एस वाजपेयी , महेश तिवारी , इक़बाल खान , अमित शुक्ल, दीपक माथुर , अरुण तिवारी , डी ले पालीवाल , एस एस सेंगर ,शोभा सिकरवार , श्रीमती गीता मिश्रा,गणेश तिवारी,राजेश सेंगर , राज शर्मा , प्रदीप पाटीदार ,आकाश श्रीवास्तव,सहित बड़ी संख्या में माताये बहने कॉलोनी वासी उपस्थित रहे ।  

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कोलार के वार्ड 82 में आने वाले दानिशकुंज कॉलोनी में नगर निगम द्वारा काम नहीं कराने के बाद भी पार्षद द्वारा निर्माण को लेकर बोर्ड लगाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। गलत जानकारी को लेकर आज दोपहर कांग्रेस पार्षदों, स्थानीय नेताओं और रहवासियों का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम आयुक्त छवि भारद्वाज से मिला। इन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पार्षद जानबूझकर श्रेय की राजनीति कर रहे हैं। जबकि, जनता गर्मी में पानी के लिए हाहाकार मचा रही है, फिर भी उन्हें पानी नहीं दिया जा रहा है। पार्षदों ने यह की मांग : कांग्रेस पार्षद संतोष जितेंद्र कंसाना, मोनू सक्सेना, मनजीत मारण, अमित शर्मा, राहुल सिंह राठौर, अखिलेश जैन सहित रहवासियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयुक्त भारद्वाज से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। इसके अनुसार तत्काल गलत जानकारी देने वाले भाजपा पार्षद भूपेंद्र माली के बोर्ड को नगर निगम प्रशासन हटाए। साथ ही इस मामले में जांच कराएं कि कहीं दानिशकुंज में कराए गए डामर के भुगतान की फर्जी फाइल तो निगम के कार्यालय नहीं पहुंच गई। यदि प्रशासन बोर्ड नहीं लगाएगी, तो कांग्रेसी भी हर वार्ड में ऐसे बोर्ड लगाएगी। दानिशकुंज कॉलोनी में करीब एक करोड़ राशि से डामर कराया गया है। इस पर स्थानीय पार्षद ने खुद डामर कराने के बोर्ड पूरी कॉलोनी में लगा दिए। वहीं, दानिशकुंज सोसायटी ने भी एक विज्ञापन जारी करके कहा कि वह निर्माण उसने कराया है। कुछ लोगों के यहां निर्माण नहीं कराया गया है, वो लोग जल्द ही बकाया राशि जमा कर दें, ताकि बचे हुए स्थानों पर भी डामरीकरण कराया जा सके।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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नई दिल्ली । कोच्चि से लगभग 38 समुद्री मील दूर रविवार को लाइबेरियाई कंटेनर पोत एल्सा-3 बाढ़ के कारण गहरे पानी में डूब गया, लेकिन भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल ने जहाज के सभी 24 चालक दल सदस्यों को सुरक्षित बचा लिया है। समुद्र में डूबे जहाज से किसी भी तेल या रासायनिक रिसाव पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। किसी भी आकस्मिक स्थिति के लिए भारतीय जहाज पूरी तरह तैयार हैं।   आईसीजी के कमांडर अमित उनियाल ने बताया कि 184 मीटर लंबा लाइबेरियाई कंटेनर जहाज एल्सा-3 तिरुवनंतपुरम के पास विझिनजाम बंदरगाह से 23 मई को कोच्चि बंदरगाह के लिए रवाना हुआ था। कोच्चि के रास्ते में जहाज के स्टारबोर्ड की तरफ 26 डिग्री का झुकाव होने पर चालक दल के 09 सदस्य लाइफ राफ्ट में चले गए। जहाज के कप्तान, मुख्य अभियंता और इंजीनियर बचाव कार्यों के लिए संकटग्रस्त जहाज पर सवार थे। भारतीय तटरक्षक बल को 24 मई को लगभग 13.25 बजे कोच्चि से करीब 38 समुद्री मील दूर लाइबेरियाई ध्वज वाले कंटेनर पोत एमएससी ईएलएसए 3 पर संकट की स्थिति के बारे में सूचना मिली।   दरअसल, शिपिंग कंपनी पोत के साथ संचार स्थापित करने में असमर्थ थी और उसने पोत पर सवार 24 चालक दल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आईसीजी से सहायता मांगी। इस पर कोच्चि स्थित आईसीजी जिला मुख्यालय के अंतर्गत समुद्री बचाव उपकेंद्र (एमआरएससी) ने आईसीजी डोर्नियर विमान को हवाई निगरानी करने और जहाज से संपर्क स्थापित करने का काम सौंपा। तुरंत प्रतिक्रिया करते हुए विमान ने जहाज का पता लगाया। पानी में दो लाइफ राफ्ट दिखाई दीं, जिनमें क्रमशः 05 और 04 लोग जीवित लोग सवार थे। संकटग्रस्त स्थान के पास तैरते हुए कुछ कंटेनरों की भी पहचान की गई।   इसके बाद गश्त पर तैनात आईसीजी के जहाजों को भी संकटग्रस्त जहाज की ओर मोड़ दिया गया। एमआरएससी ने वैश्विक खोज और बचाव प्रक्रियाओं के अनुसार आसपास के दो व्यापारिक जहाजों एमवी हान यी और एमएससी सिल्वर 2 को संकटग्रस्त जहाज की स्थिति की ओर मोड़ दिया। त्वरित सहायता के लिए आईसीजी के डोर्नियर विमान ने जीवित बचे लोगों को बचाने के लिए जीवन रक्षक नौकाएं उतारीं। संकटग्रस्त जहाज एल्सा-3 के 12 अन्य चालक दल के सदस्य आईसीजी के जीवन रक्षक बेड़ा पर चले गए, जिन्हें आईसीजी जहाज अर्नवेश ने बचाया। एमवी हान यी ने दो जीवन रक्षक नौकाओं से 09 जीवित लोगों को बचाया। इसी बीच सूचना पाकर भारतीय नौसेना का जहाज सुजाता भी शनिवार शाम इस ऑपरेशन में शामिल हो गया।   आईसीजी के कमांडर ने बताया कि 25 मई की सुबह 07.50 बजे एमएससी एल्सा-3 तेजी से झुका और पलटकर डूब गया। यह स्थिति देख कप्तान, मुख्य अभियंता और दूसरे इंजीनियर ने भी डूबते हुए जहाज को छोड़ दिया, जिन्हें आईएनएस सुजाता ने बचाया। बचाए गए चालक दल के 24 सदस्यों में 01 रूसी (मास्टर), 02 यूक्रेनी, 01 जॉर्जियाई और 20 फिलीपींस के नागरिक हैं। जहाज पर मौजूद 640 कंटेनरों में से 13 में खतरनाक कार्गो था, जबकि कैल्शियम कार्बाइड वाले कार्गो के 12 कंटेनर मौजूद थे। जहाज के टैंकों में 84.44 मीट्रिक टन डीजल और 367.1 मीट्रिक टन फर्नेस ऑयल था। इसके बाद प्रदूषण प्रतिक्रिया उपकरणों के साथ आईसीजी जहाज सक्षम को तैनात किया गया है। भारतीय तटरक्षक बल उभरते परिदृश्य का जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार है और एल्सा 3 के डूबने के बाद पर्यावरणीय प्रभाव पर बारीकी से निगरानी कर रहा है।

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम में 'ऑपरेशन सिंदूर' का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय सेनाओं ने सीमा पार आतंकवादी ठिकानों पर सटीक कार्रवाई कर हर भारतीय को गौरव से भर दिया है। यह सिर्फ एक सैन्य मिशन नहीं, बल्कि बदलते भारत की ताकत, संकल्प और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की तस्वीर भी है। प्रधानमंत्री ने माओवादी क्षेत्र में हो रहे विकास और अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर भी अपने मन की बात रखी। उन्होंने बताया कि वह इस बार विशाखापट्टनम में योग दिवस से जुड़े मुख्य आयोजन में भाग लेंगे।   प्रधानमंत्री ने 'मन की बात' के 122वें एपिसोड की शुरुआत ऑपरेशन सिंदूर से करते हुए मिशन में उपयोग में लाई गई देश की तकनीकी ताकत और घरेलू निर्माण क्षमताओं की सराहना की। उन्होंने कहा कि पूरे देश में इसे लेकर जोश देखा गया-तिरंगा यात्राएं, कविताएं, चित्रकला और नवजात शिशुओं को ‘सिंदूर’ नाम देने की परंपरा तक शुरू हो गई।   प्रधानमंत्री ने माओवादी क्षेत्र में विकास की नई बयार का उल्लेख किया और कुछ उदाहरण दिए। उन्होंने कहा कि माओवादी क्षेत्रों में सामान्य जीवन और विकास का यह नया अध्याय समाज के साहसिक योगदान से संभव हुआ। उन्होंने महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले के काटेझरी गांव का उदाहरण दिया, जहां पहली बार बस सेवा शुरू हुई। यह माओवादी हिंसा से मुक्त सामान्य जीवन की ओर बढ़ते गांवों का प्रतीक है। इसी तरह, छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में शैक्षिक सफलता और खेल व विज्ञान के क्षेत्र में बच्चों की भागीदारी ने साबित किया कि परिवर्तन संभव है।   प्रधानमंत्री ने जानकारी दी कि इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से जुड़ा मुख्य आयोजन विशाखापट्टनम में होगा, जिसमें वे स्वयं भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि ‘योग’ सिर्फ ‘हेल्दी लाइफस्टाइल’ नहीं, बल्कि ‘कलेक्टिव वेलबीइंग’ का माध्यम भी है। आंध्र प्रदेश सरकार के ‘योगआंध्र’ अभियान की सराहना करते हुए उन्होंने बताया कि 10 लाख लोगों का एक ‘योगा पूल’ तैयार किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने डब्ल्यूएचओ के साथ हुए समझौता ज्ञापन का ज़िक्र करते हुए कहा कि अब ‘ट्रेडिशनल मेडिसिन’ को एक ‘साइंटिफिक ग्लोबल फ्रेमवर्क’ में शामिल किया जाएगा, जिससे आयुष को दुनिया भर में नई पहचान मिलेगी।   प्रधानमंत्री ने विश्व मधुमक्खी दिवस के अवसर पर शहद उत्पादन में भारत की प्रगति को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि बीते 11 वर्षों में देश में ‘स्वीट रेवोल्यूशन’ आया है, जिससे शहद उत्पादन 60 प्रतिशत बढ़ा है। ‘राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन मिशन’ और ‘शहद मिशन’ के तहत हजारों किसानों को प्रशिक्षण, उपकरण और बाज़ार से जुड़ाव मिला। छत्तीसगढ़ का ‘सोन हनी’ जैसे स्थानीय ब्रांडों ने वैश्विक पहचान बनाई है। प्रधानमंत्री ने लोगों से स्थानीय उद्यमियों से शहद खरीदने की अपील की।   प्रधानमंत्री ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स की सफलता पर खुशी जताई, जिसकी मेजबानी बिहार के पाँच शहरों ने की। पाँच हजार से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया और बिहार की खेल भावना की सराहना की। यह पहला आयोजन था जिसे ओलंपिक चैनल के माध्यम से वैश्विक स्तर पर दिखाया गया। महाराष्ट्र, हरियाणा और राजस्थान शीर्ष विजेता रहे। कुल 26 नए रिकॉर्ड बने, जिसमें कई खिलाड़ियों का प्रदर्शन उल्लेखनीय रहा। बिहार ने भी 36 पदक जीते। प्रधानमंत्री ने कहा, जो खेलता है, वही खिलता है और ऐसे आयोजनों को भारतीय खेलों के उज्ज्वल भविष्य के लिए आवश्यक बताया।   प्रधानमंत्री ने गिर के शेरों की बढ़ती आबादी से जुड़ी खबर साझा करते हुए कहा कि यह संरक्षण और जनभागीदारी का परिणाम है। गुजरात के गिर वन में एशियाटिक शेरों की संख्या पाँच वर्षों में 674 से बढ़कर 891 हो गई है। प्रधानमंत्री ने इसे समाज की 'ओनरशिप' की भावना का उदाहरण बताया और वन अधिकारियों, खासकर महिलाओं की भागीदारी, आधुनिक तकनीक और जनसहभागिता को इसका श्रेय दिया।   कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने सिक्किम के डॉ. चेवांग नोरबू भूटिया द्वारा स्थापित ‘क्राफ्टेड फाइबर’ ब्रांड की सराहना की। उन्होंने पारंपरिक बुनाई को आधुनिक फैशन से जोड़ते हुए कहा कि इसने स्थानीय महिलाओं, पशुपालकों और स्व-सहायता समूहों को आत्मनिर्भर बनाया है।   उत्तराखंड के हल्द्वानी निवासी जीवन जोशी ने पोलियो के बावजूद चीड़ के पेड़ों की छाल से ‘बगेट’ नामक अनोखी कला विकसित की। प्रधानमंत्री ने उन्हें जीवंत प्रेरणा बताते हुए उनके साहस और रचनात्मकता की भूरी-भूरी प्रशंसा की।   तेलंगाना के संगारेड्डी जिले की ग्रामीण महिलाएं अब ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल कर खेती में क्रांति ला रही हैं। प्रधानमंत्री ने उन्हें ‘स्काई वॉरियर्स’ कहकर संबोधित किया और बताया कि तकनीक और संकल्प मिलकर बड़े बदलाव ला सकते हैं।   प्रधानमंत्री ने सीबीएसई की ‘शुगर बोर्ड’ पहल की जानकारी दी, जिससे बच्चे चीनी की खपत के प्रति जागरूक हो रहे हैं। उन्होंने इसे स्वस्थ जीवनशैली की ओर एक बड़ा कदम बताया।   प्रधानमंत्री ने आइटीबीपी की माउंट मकालू चढ़ाई टीम के पर्यावरण की दृष्टि से किए गए विशेष कार्य का उल्लेख किया। उन्होंने यहां से 150 किलो गैर-अपघटनीय कचरा नीचे लाकर स्वच्छता का अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया। प्रधानमंत्री ने पेपर वेस्ट और रीसाइक्लिंग की आवश्यकता पर बल दिया और बताया कि कैसे देशभर में स्टार्टअप्स इस दिशा में अभिनव प्रयास कर रहे हैं।

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नई दिल्ली । चुनाव आयोग ने चार राज्यों गुजरात, केरल, पंजाब और पश्चिम बंगाल की 5 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव कराने की घोषणा की है। इन सीटों पर 19 जून को मतदान होगा और 23 को नतीजे आएंगे। आयोग ने रविवार को विज्ञप्ति जारी कर इसकी जानकारी दी। यह उपचुनाव विधायको के निधन या इस्तीफे के कारण रिक्त हुई सीटों को भरने के लिए होंगे। उपचुनाव गुजरात की कड़ी (अनुसूचित जाति) और विसावदर सीट, केरल की नीलांबूर सीट, पंजाब की लुधियाना पश्चिम सीट और पश्चिम बंगाल की कालिगंज सीट पर होंगे।  

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  लगेगी शांडिल्य गुरु की प्रतिमा      कोलार रोड के दूसरे छोर भदभदा चौराहे पर उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने  ब्रह्मलीन बालगोविंद शांडिल्य गुरुजी की प्रतिमा स्थापना तथा चौराहे के सौंदर्यीकरण का भूमि-पूजन किया। सौंदर्यीकरण के लिये 8 लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं।   श्री गुप्ता ने कहा कि सरकार शहर के विकास के लिये सतत प्रयत्नशील है। उन्होंने शासन की विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि नागरिक शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये आगे आयें। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि घर-घर जाकर नागरिकों को शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये प्रेरित करें। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा कोटरा में सड़क भूमि-पूजन उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने आई-5 शासकीय आवास कोटरा के पास सड़क निर्माण का भूमि-पूजन किया। सड़क की लागत 20 लाख है। श्री गुप्ता ने सड़क का कार्य गुणवत्तापूर्ण करवाने के निर्देश दिये। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।     Attachments area          

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      मध्यप्रदेश के प्राचीन मंदिरों में भगवान के दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को अब प्रदेश के पुरावैभव, कला और संस्कृति की झलक भी वहां देखने को मिलेगी। इसके लिए राज्य सरकार मंदिरों में संग्रहालयों का निर्माण कराएगी। इस योजना को संस्कृति, धर्मस्व और पुरातत्व विभाग मिलकर अंजाम देंगे। मध्यप्रदेश में इस समय कई प्रसिद्ध मंदिर है जहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है। लेकिन इन मंदिरों में फिलहाल प्रदेश की कला-संस्कृति, इतिहास  और पुरावैभव की झलक दिखाने वाले संग्रहालय नहीं है। राज्य सरकार का सोचना है कि जो श्रद्धालु प्रदेश के प्राचीन मंदिरों में पहुंच रहे है वहां उन्हें भगवान के दर्शन के साथ-साथ प्रदेश के पुरावैभव और कला तथा संस्कृति से भी अवगत कराया जाए। इसके लिए इन मंदिरों के ट्रस्टों के पास मौजूद अपार धनराशि का उपयोग किया जाएगा। इन मंदिरों में सबसे पहले बनेंगे संग्रहालय- मध्यप्रदेश में उज्जैन में महाकाल मंदिर, खजराना मंदिर, सतना के मैहर मंदिर, पशुपतिनाथ मंदिर सहित कई ऐसे प्रमुख मंदिर है जहां मंदिरों की देखरेख और संरक्षण के लिए बनाए गए ट्रस्टों के पास श्रद्धालुओं के दान से मिली अपार धन संपदा स्थित है। इन्हीं मंदिरों में सबसे पहले संग्रहालय बनाने की शुरुआत की जाएगी।  इन मंदिरों के समीप काफी जमीन और भवन स्थित है। शिव मंदिरों में सभी बारह ज्योर्तिलिंगों के बारे में पूरी जानकारी एकत्रित कर प्रदर्शित की जाएगी। इसी तरह गणेश मंदिरों में गणेशजी के सभी स्वरुपों उनके इतिहास और महत्व को प्रदर्शित किया जाएगा। भोपाल के समीप स्थित भोजपुर मंदिर में दो सौ मीटर के दायरे के बाहर संग्रहालय बनाने का प्रस्ताव है। यहां भोजपुर के विशालकाय शिवलिंग और मंदिर के निर्माण की एतिहासिक प्रामाणिक  जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। यह मंदिर कब बना, इस तरह के मंदिर और कहां-कहां बनाए जाने थे। यह अधूरा क्यों रह गया। मंदिर के आसपास मिलने वाले शिवलिंग और अन्य पुराधरोहरों को भी यहां संग्रहित किया जाएगा। भोपाल में भी मुस्लिम धर्मावलंबियों से जुड़ी जानकारी, मध्यप्रदेश के प्राचीन नवाबों से जुड़े इतिहास की प्रामाणिक जानकारी गौहर महल या अन्य स्थानों पर प्रदर्शित की जाएगी। मिडटाउन में दुनिया की सबसे बड़ी सेंट पीटर चर्च में संग्रहालय भी है। वेटिकन सिटी में भी म्युजियम है वहां कई तरह के चित्र प्रदर्शित किए गए है। इन चित्रों में इन देशों की कला और संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। जापान में म्युजियम आॅफ पैरासाइड है। भारत के कई राज्यों में भी मंदिर, मस्जिद और चर्च के साथ संग्रहालय लगे हुए है। मध्यप्रदेश में फिलहाल मंदिर, मस्जिद और गिरिजाघरों में संग्रहालय नहीं है। प्रमुख सचिव संस्कृति मनोज श्रीवास्तव ने कहा प्रदेश के मंदिरों पर अब संग्रहालय बनाने की राज्य सरकार की योजना है। इसके जरिए प्रदेश के नागरिकों को धार्मिक आस्था के केन्द्रों पर पहुंचने पर वहां संग्रहालयों में प्रदेश के इतिहास, कला और संस्कृति के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।     Attachments area          

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  कोलार अवैध कब्जों का अड्डा बना    कोलार में राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों और तहसीलदारों की शह पर बेशकीमती जमीन पर जहां-तहां झुग्गियों का निर्माण करने के अलावा दीवारें तानकर अतिक्रमण किया जा रहा है। इन अतिक्रामकों को रोकने के बजाय अफसर उन्हें प्रश्रय दे रहे हैं। कोलार का दशहरा मैदान इसका ताजा उदाहरण है, जहां पिछले माह लगी आग में 50 झुग्गियां खाक हो गईं थी अब वहां 100 से ज्यादा झुग्गियां और मकान बन गए हैं।   लगातार अतिक्रमण बढ़ने की शिकायतों को लेकर एक सप्ताह पहले एडीएम रत्नाकर झा ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए थे कि वे सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाएं। साथ ही सूची तैयार करें, ताकि सरकारी जमीनों पर जमा अतिक्रमणों को हटाया जा सके। हुजूर एसडीएम और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही से फिर कोलार दशहरा मैदान की सरकारी जमीन पर दर्जनों झुग्गियां तन गर्इं।  प्रशासन के सामने यहां पर झुग्गियां बनती गई, लेकिन उन्हें रोकने की हिम्मत किसी ने नहीं की।   डेढ़ साल पहले निगम चुनाव के पूर्व मुख्यमंत्री ने हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के कहने पर कोलार दशहरा मैदान में स्टेडियम बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद कलेक्टर निशांत वरवड़े ने यहां पर दौरा कर एसडीएम माया अवस्थी को झुग्गियां शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अब तक यहां पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।   कोलार दशहरा मैदान के किनारे बनी अवैध झुग्गियां में तीन साल से एक ही स्थान पर आग लग रही है। यहां 40-50 झुग्गियों में आग लगती है और इसके बाद नई 100 झुग्गियां बन जाती हैं। तीन साल में इस स्थान पर 300 से अधिक झुग्गियां अवैध बन गई। लेकिन प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।     Attachments area          

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  पत्र  में प्रज्ञा ने कैंसर की बीमारी का हवाला भी दिया      मालेगांव बम ब्लास्ट में क्लीन चिट मिलने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने अपने तेवर दिखाए हैं। सिंहस्थ में जाने की जिद पर अड़ीं साध्वी ने पंडित खुशीलाल आयुर्वेदिक अस्पताल में आमरण अनशन शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि सरकार ने उन्हें परमिशन नहीं दी, तो वे 21 मई को जल समाधि ले लेंगी। कैंसर से पीड़ित प्रज्ञा ने दवाइयां खाने से भी इनकार कर दिया है। प्रज्ञा ने राज्य सरकार को लिखे पत्र  में कहा कि वे कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रही हैं। हो सकता है कि अगला कुंभ न देख पाएं।इस मसले  पर बोलने से प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।  साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट मिलने के बाद से माना जा रहा है कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का सॉफ्ट कॉर्नर उनके प्रति बढ़ा है। उनके अनशन के मामले में प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर से जब पूछा गया कि सरकार क्या करेगी, तो विवादों से बचने के लिए उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया । गौरतलब है कि साध्वी लगभग सात सालों से जेल में बंद थीं, लेकिन कैंसर के इलाज के लिए कोर्ट ने उन्हें अस्पताल में रहने की परमिशन दी है। प्रज्ञा ने रविवार को लेटर लिखकर शिवराज सरकार से उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ में शामिल होने की परमिशन मांगी थी।उन्होंने यह भी लिखा था कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो वे आमरण अनशन करेंगी। प्रज्ञा ने लिखा, 'वो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं और शायद अगला कुंभ न देख पाएं। इसलिए उनकी अंतिम इच्छा है कि वे उज्जैन कुंभ में जाएं।' प्रज्ञा ने राज्य सरकार समेत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को भी लेटर की कॉपी भेजी है। लेटर के मुताबिक, प्रज्ञा ने सोमवार सुबह 9 बजे तक का समय दिया था। मांग पूरी नहीं होने के कारण वे अपने कुछ सपोर्टर्स के साथ अस्पताल परिसर में ही आमरण अनशन पर बैठ गई हैं। प्रज्ञा ने लेटर में लिखा कि मैं अन्न जल त्याग दूंगी। अगर मुझे कुछ होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी मध्य प्रदेश सरकार की होगी। उन्होंने अपनी सिक्युरिटी को लेकर भी चिंता जाहिर की है। उन्होंने लिखा कि मेरे साथ पहले एसएएफ के जवान रहते थे। उनके हटाए जाने से मेरी जान को खतरा हो सकता है। प्रज्ञा ने जेड प्लस सुरक्षा की मांग की और सवाल पूछा कि जब देवास जिला कोर्ट ने उज्जैन जाने की अनुमति दे दी है, तो फिर सिक्युरिटी का हवाला देकर सरकार कोर्ट की अवमानना क्यों कर रही है? प्रज्ञा की चिट्ठी उनके सबसे विश्वसनीय भगवान झा लेकर पहुंचे थे। जेल सुपरिंटेंडेंट ने भगवान झा को भरोसा दिया के वह मामले को सीनियर अफसरों तक पहुंचा देंगे। भगवान झा ने कहा, 'सरकार के पास पुलिस की कोई कमी नहीं है। इसलिए साध्वी की सिंहस्थ यात्रा सुनिश्चित करा दी जाए, नहीं तो गंभीर परिणाम होंगे।'     Attachments area          

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  हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने किया 2.16 करोड़ की सड़क निर्माण का भूमि पूजन ।कोलार मुख्य मार्ग के समानांतर इस मार्ग से 2 लाख नागरिक होंगे सीधे लाभान्वित ।कोलार वासियो को विभिन्न मार्गो के माध्यम से नये भोपाल , होशंगाबाद रोड , जाने में होगी सहूलियत ।कोलार में बढ़ते ट्रैफिक पर नियंत्रण में हुज़ूर विधायक की कारगर पहल सफल ।हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा के अथक प्रयासों से कोलारवासियो को ट्रैफिक जाम से आये दिन होने वाली दिक्कतों से निज़ात मिलने जा रही है । बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान (कोलार मुख्य मार्ग) तक  बायपास रोड का निर्माण कराया जा रहा है । आज हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने रानी अवंतीबाई मार्ग से मंदाकनी मैदान को जोड़ने वाली सड़क निर्माण कार्य का भूमि पूजन भूमिका रेसीडेंसी पर किया । 2 करोड़ 16 लाख की लागत से बनने वाली 4200 मीटर इस सड़क की चौड़ाई 7.5 मीटर रहेगी, इस सड़क का निर्माण राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा किया जायेगा । श्री शर्मा ने बताया की कोलार मुख्य मार्ग पर आये दिन लगने वाले ट्रैफिक जाम से छुटकारा पाने के लिये इस बाय पास रोड का निर्माण कराया जा रहा है , उन्होंने बताया की बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग का निर्माण पूर्व में कराया जा चूका है । यह रोड  लोक निर्माण विभाग द्वारा बनायीं गयी है  गौरतलब है की उक्त सड़क का भूमि पूजन विधायक शर्मा द्वारा विधायक बनने के तत्काल बाद किया गया था । बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग तक इस सड़क की दूरी कुल 2 किलोमीटर है ।बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान पर कोलार मुख्य मार्ग पर जोड़ने वाले इस बायपास की कुल दूरी 6 किलोमीटर है । श्री शर्मा ने बताया की बहुत जल्द ही जे के अस्पताल के सामने इस मार्ग के जंक्शन पर एक पुल का निर्माण भी कराया जायेगा जो की सीधा शाहपुरा, भरत नगर , हबीबगंज , चुनाभट्टी , अथवा नये भोपाल को जोड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण के पश्च्यात कोलार के किसी भी नागरिक को ट्रैफिक जाम या आपातकालीन स्थिति में परेशान नहीं होना पड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग से कोलार सहित आसपास के लगभग 2 लाख नागरिक इससे सीधे लाभान्वित होंगे ।  श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण से पूर्व  उनके द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियो अधिकारियो एवं स्थानीय नागरिको के साथ दौरा किया गया । फलस्वरूप कोलार को ट्रैफिक से निजात दिलाने के लिये इस बायपास के निर्माण का निर्णय लिया गया । श्री शर्मा ने बताया की घनी आबादी वाले कोलार में नागरिको की सुविधा के मद्देनज़र इस मार्ग का  अलग अलग भागो में निर्माण कराया गया है , जिससे नागरिको को इसका लाभ पहुँच सके !  श्री शर्मा ने स्थानीय नागरिको को संबोधित करते हुए कहा की कोलार के समग्र विकास में निरंतर आपके द्वारा मिल रहे इसी प्रकार के सहयोग की आवश्यकता है आप सब के सहयोग से हम ग्रीन कोलार क्लीन कोलार का निर्माण करेंगे । कार्यक्रम के दौरान श्री शर्मा का स्थानीय नागरिको द्वारा बड़ी फूलो की माला पहनाकर सड़क निर्माण के लिए अभिन्दन किया गया !  मार्ग से लाभान्वित क्षेत्र  एक नज़र में -: बैरागढ़ चीचली , दौलतपुर ,धोली खदान, प्रियंका नगर ,हिनोतिया गांव ,मानसरोवर डेंटल कॉलेज, सुहागपुर ,पिपलिया, गुराडी , सेमरी ,अमरावत कलां ,सोहागपुर ,बांसखेड़ी झुग्गी बस्ती ,सन खेड़ी झुग्गी बस्ती, आकाश नगर , गिरधर परिसर ,सैफरॉन सिटी ,कृष्णा होम्स ,गिरधर गार्डन ,शिवालय परिसर ,सर्वजन सोसाइटी ,डी के 5 ,जे के अस्पताल , सागर प्रीमियम टॉवर, भूमिका रेसीडेंसी ,वेस्टर्न कौर्ट एवं मंदाकनी सोसायटी आदि इस मार्ग पर अन्य रहवासियो  को इस बाय पास का  सीधा लाभ पहुंचेगा ।होशंगाबाद रोड से जुड़ेगा यह मार्ग यह मार्ग चार बत्ती चौराहे से कालीबाड़ी पुल से होते हुए बाबड़िया रेल्वे फाटक से होशंगाबाद रोड से सीधा जुड़ेगा ।दानिश कुंज से कलियासोत नदी पर सलैया पुल के माध्यम से मिसरोद (होशंगाबाद रोड) से सीधा जुड़ेगा ।कार्यक्रम में विशेष रूप से स्थानीय पार्षद एवं एम आई सी सदस्य भूपेंद्र माली ,पार्षद पवन बोराना, मंडल उपाध्यक्ष श्याम मीना, बी एस वाजपेयी , महेश तिवारी , इक़बाल खान , अमित शुक्ल, दीपक माथुर , अरुण तिवारी , डी ले पालीवाल , एस एस सेंगर ,शोभा सिकरवार , श्रीमती गीता मिश्रा,गणेश तिवारी,राजेश सेंगर , राज शर्मा , प्रदीप पाटीदार ,आकाश श्रीवास्तव,सहित बड़ी संख्या में माताये बहने कॉलोनी वासी उपस्थित रहे ।  

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कोलार के वार्ड 82 में आने वाले दानिशकुंज कॉलोनी में नगर निगम द्वारा काम नहीं कराने के बाद भी पार्षद द्वारा निर्माण को लेकर बोर्ड लगाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। गलत जानकारी को लेकर आज दोपहर कांग्रेस पार्षदों, स्थानीय नेताओं और रहवासियों का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम आयुक्त छवि भारद्वाज से मिला। इन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पार्षद जानबूझकर श्रेय की राजनीति कर रहे हैं। जबकि, जनता गर्मी में पानी के लिए हाहाकार मचा रही है, फिर भी उन्हें पानी नहीं दिया जा रहा है। पार्षदों ने यह की मांग : कांग्रेस पार्षद संतोष जितेंद्र कंसाना, मोनू सक्सेना, मनजीत मारण, अमित शर्मा, राहुल सिंह राठौर, अखिलेश जैन सहित रहवासियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयुक्त भारद्वाज से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। इसके अनुसार तत्काल गलत जानकारी देने वाले भाजपा पार्षद भूपेंद्र माली के बोर्ड को नगर निगम प्रशासन हटाए। साथ ही इस मामले में जांच कराएं कि कहीं दानिशकुंज में कराए गए डामर के भुगतान की फर्जी फाइल तो निगम के कार्यालय नहीं पहुंच गई। यदि प्रशासन बोर्ड नहीं लगाएगी, तो कांग्रेसी भी हर वार्ड में ऐसे बोर्ड लगाएगी। दानिशकुंज कॉलोनी में करीब एक करोड़ राशि से डामर कराया गया है। इस पर स्थानीय पार्षद ने खुद डामर कराने के बोर्ड पूरी कॉलोनी में लगा दिए। वहीं, दानिशकुंज सोसायटी ने भी एक विज्ञापन जारी करके कहा कि वह निर्माण उसने कराया है। कुछ लोगों के यहां निर्माण नहीं कराया गया है, वो लोग जल्द ही बकाया राशि जमा कर दें, ताकि बचे हुए स्थानों पर भी डामरीकरण कराया जा सके।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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भोपाल । एक ओर जहां देश में तय समय से आठ दिन पहले मानसून के प्रवेश की सूचना है, वहीं रविवार, 25 मई से आरंभ हो रहे नौतपा की चर्चा भी सोशल मीडिया पर जोर-शोर से हो रही है। आम लोगों में चर्चा है कि इस साल मौसम का मिजाज बिगड़ा हुआ है और देश के कई राज्यों में आंधी-तूफान के साथ बारिश हो रही है और इस बार नौतपा अपना रौद्र रूप नहीं दिखा पाएगा। आम धारणा है कि नौतपा में भीषण गर्मी पड़ती है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी जाती है, लेकिन नौतपा एक खगोलीय घटना है, इसे सूर्य की परिक्रमा कर पृथ्वी तय करती है।   नेशनल अवार्ड प्राप्‍त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने शनिवार को इस बारे में बताया कि नौतपा पृथ्‍वी के सूर्य के चारों ओर 365 दिन में परिक्रमा करने के कारण होने वाली कैलेंडर घटना है, जिसमें हर साल 25 मई को पृथ्‍वी इस स्थिति में पहुंच जाती है कि यहां से देखने पर सूर्य के पीछे आकाश में रोहिणी तारामंडल की स्थिति आ जाती है। इसे कहा जाता है कि सूर्य रोहिणी में प्रवेश कर गया है। यह ठीक उसी प्रकार है कि आप अपना जन्‍म दिन साल की किसी एक खास अंग्रेजी कैलेंडर की तारीख को मनाते हैं और हर 365 दिन बाद वह पुन: उस ही तारीख को आ जाता है। इस प्रकार हर साल 25 मई से लेकर 2 जून तक की नौ दिन की अवधि को नौतपा नाम दिया गया है।   सारिका ने बताया कि हिन्‍दी कैलेंडर में तिथियां और महीना हर साल बदलता रहता है इस कारण इसके आधार पर मनाये जाने वाले दीपावली, होली जैसे त्‍योहार की तारीख बदलती रहती है लेकिन सूर्य की परिक्रमा करती पृथ्‍वी की स्थिति पर आधारित त्‍योहार लगभग उस ही दिनांक को आ जाते हैं जैसे मकर सक्रांति, नौतपा आदि। उन्होंने बताया कि पहले चूंकि हिन्‍दी कैलेंडर ही प्रचलन में था और मई माह की गर्मी के बारे में सतर्क करने रोहिणी नक्षत्र पर आधारित नौतपा की धारण बताई गई होगी, ताकि आमलोग गर्मी से बचाव के लिये तैयारी कर सकें।   सारिका ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के इस दौर में गर्मी और नौतपा का सीधा संबंध कई बार नहीं देखा जाता है। इसके साथ ही यह जानना जरूरी है कि जिस प्रकार आप अपना जन्‍म दिन हर साल याद रखते हैं, ठीक उस प्रकार ही याद रखें कि हर साल 25 मई से 2 जून की अवधि को नौतपा नाम दिया गया है।

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मॉस्को । भारतीय सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल की नेता डीएमके सांसद कनिमोझी ने रूस के रणनीतिकारों और प्रमुख नेताओं को आतंकवाद के खिलाफ भारत के संकल्प को दोहराया है। वह प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के साथ कल रूस की राजधानी पहुंचीं। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर कुछ फोटो भी साझा किए हैं। उन्होंने एक्स पर लिखा, '' हम सबने स्टेट ड्यूमा समिति के अध्यक्ष लियोनिद स्लटस्की और स्टेट ड्यूमा के अन्य सदस्यों से मुलाकात की। इस दौरान हमने सभी प्रकार के आतंकवाद को समाप्त करने के भारत के अडिग रुख और राष्ट्रीय संकल्प को दोहराया।'' कनिमोझी ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने रूस की अंतरराष्ट्रीय मामलों की समिति के उपाध्यक्ष (प्रथम) एंड्री डेनिसोव और अन्य सीनेटरों को भी आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के विरुद्ध भारत के एकजुट और दृढ़ रुख से अवगत कराया।डीएमके सांसद कनिमोझी ने कहा, ''हमने रूसी संघ के पूर्व प्रधानमंत्री मिखाइल फ्राडको से भी मुलाकात की। हमने रूस के विचारकों और सांसदों के साथ विचार साझा किए। रूस हमारा महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार और बहुत पुराना सहयोगी है। हमने पहलगाम हमले से पहले, उसके दौरान और उसके बाद जो कुछ हुआ, उसके बारे में विस्तार से बताया है।''    

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पुंछ। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ में पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा सीमा पार से की गई गोलाबारी के पीड़ितों से मुलाकात की और इस नुकसान को एक बड़ी त्रासदी बताया। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर उनकी इस दुर्दशा को उजागर करने का संकल्प लिया। लोकसभा में विपक्ष के नेता ने पुंछ शहर का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने प्रभावित लोगों से एक घंटे से अधिक समय तक बातचीत की, जिसमें वह परिवार भी शामिल थे, जिन्होंने 7 मई से 10 मई के बीच गोलाबारी में अपने सदस्यों को खो दिया। राहुल गांधी ने संवाददाताओं से कहा कि यह एक बड़ी त्रासदी है। कई लोगों की जान चली गई। पाकिस्तानी सेना ने सीधे नागरिक ठिकानों पर हमला किया है। मैंने लोगों से बात की और उनकी समस्याओं को समझने की कोशिश की। उन्होंने मुझसे उनके मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाने के लिए कहा है, जो मैं करूंगा। बाद में एक्स पर की गई एक पोस्ट में उन्होंने लिखा कि आज मैं पुंछ में पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा की गई गोलाबारी में जान गंवाने वालों के परिवारों से मिला। क्षतिग्रस्त घर, बिखरा सामान, नम आंखें और प्रियजनों को खोने की दर्द बयां किया। ये देशभक्त परिवार हर बार साहस और सम्मान के साथ युद्ध का सबसे बड़ा बोझ उठाते हैं। उनके साहस को सलाम। राहुल गांधी ने कहा कि मैं पीड़ित परिवारों के साथ मजबूती से खड़ा हूं और मैं निश्चित रूप से राष्ट्रीय स्तर पर उनकी मांगों और मुद्दों को उठाऊंगा। उनके साथ कांग्रेस जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा और एआईसीसी महासचिव जीए मीर भी थे।   गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से यह केंद्र शासित प्रदेश का गांधी का दूसरा दौरा था। इस हमले मेंं 26 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें से ज्यादातर पर्यटक थे। गांधी ने आतंकी हमले में घायल लोगों से मिलने के लिए 25 अप्रैल को श्रीनगर का दौरा किया था।  

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  लगेगी शांडिल्य गुरु की प्रतिमा      कोलार रोड के दूसरे छोर भदभदा चौराहे पर उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने  ब्रह्मलीन बालगोविंद शांडिल्य गुरुजी की प्रतिमा स्थापना तथा चौराहे के सौंदर्यीकरण का भूमि-पूजन किया। सौंदर्यीकरण के लिये 8 लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं।   श्री गुप्ता ने कहा कि सरकार शहर के विकास के लिये सतत प्रयत्नशील है। उन्होंने शासन की विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि नागरिक शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये आगे आयें। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि घर-घर जाकर नागरिकों को शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये प्रेरित करें। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा कोटरा में सड़क भूमि-पूजन उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने आई-5 शासकीय आवास कोटरा के पास सड़क निर्माण का भूमि-पूजन किया। सड़क की लागत 20 लाख है। श्री गुप्ता ने सड़क का कार्य गुणवत्तापूर्ण करवाने के निर्देश दिये। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।     Attachments area          

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      मध्यप्रदेश के प्राचीन मंदिरों में भगवान के दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को अब प्रदेश के पुरावैभव, कला और संस्कृति की झलक भी वहां देखने को मिलेगी। इसके लिए राज्य सरकार मंदिरों में संग्रहालयों का निर्माण कराएगी। इस योजना को संस्कृति, धर्मस्व और पुरातत्व विभाग मिलकर अंजाम देंगे। मध्यप्रदेश में इस समय कई प्रसिद्ध मंदिर है जहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है। लेकिन इन मंदिरों में फिलहाल प्रदेश की कला-संस्कृति, इतिहास  और पुरावैभव की झलक दिखाने वाले संग्रहालय नहीं है। राज्य सरकार का सोचना है कि जो श्रद्धालु प्रदेश के प्राचीन मंदिरों में पहुंच रहे है वहां उन्हें भगवान के दर्शन के साथ-साथ प्रदेश के पुरावैभव और कला तथा संस्कृति से भी अवगत कराया जाए। इसके लिए इन मंदिरों के ट्रस्टों के पास मौजूद अपार धनराशि का उपयोग किया जाएगा। इन मंदिरों में सबसे पहले बनेंगे संग्रहालय- मध्यप्रदेश में उज्जैन में महाकाल मंदिर, खजराना मंदिर, सतना के मैहर मंदिर, पशुपतिनाथ मंदिर सहित कई ऐसे प्रमुख मंदिर है जहां मंदिरों की देखरेख और संरक्षण के लिए बनाए गए ट्रस्टों के पास श्रद्धालुओं के दान से मिली अपार धन संपदा स्थित है। इन्हीं मंदिरों में सबसे पहले संग्रहालय बनाने की शुरुआत की जाएगी।  इन मंदिरों के समीप काफी जमीन और भवन स्थित है। शिव मंदिरों में सभी बारह ज्योर्तिलिंगों के बारे में पूरी जानकारी एकत्रित कर प्रदर्शित की जाएगी। इसी तरह गणेश मंदिरों में गणेशजी के सभी स्वरुपों उनके इतिहास और महत्व को प्रदर्शित किया जाएगा। भोपाल के समीप स्थित भोजपुर मंदिर में दो सौ मीटर के दायरे के बाहर संग्रहालय बनाने का प्रस्ताव है। यहां भोजपुर के विशालकाय शिवलिंग और मंदिर के निर्माण की एतिहासिक प्रामाणिक  जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। यह मंदिर कब बना, इस तरह के मंदिर और कहां-कहां बनाए जाने थे। यह अधूरा क्यों रह गया। मंदिर के आसपास मिलने वाले शिवलिंग और अन्य पुराधरोहरों को भी यहां संग्रहित किया जाएगा। भोपाल में भी मुस्लिम धर्मावलंबियों से जुड़ी जानकारी, मध्यप्रदेश के प्राचीन नवाबों से जुड़े इतिहास की प्रामाणिक जानकारी गौहर महल या अन्य स्थानों पर प्रदर्शित की जाएगी। मिडटाउन में दुनिया की सबसे बड़ी सेंट पीटर चर्च में संग्रहालय भी है। वेटिकन सिटी में भी म्युजियम है वहां कई तरह के चित्र प्रदर्शित किए गए है। इन चित्रों में इन देशों की कला और संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। जापान में म्युजियम आॅफ पैरासाइड है। भारत के कई राज्यों में भी मंदिर, मस्जिद और चर्च के साथ संग्रहालय लगे हुए है। मध्यप्रदेश में फिलहाल मंदिर, मस्जिद और गिरिजाघरों में संग्रहालय नहीं है। प्रमुख सचिव संस्कृति मनोज श्रीवास्तव ने कहा प्रदेश के मंदिरों पर अब संग्रहालय बनाने की राज्य सरकार की योजना है। इसके जरिए प्रदेश के नागरिकों को धार्मिक आस्था के केन्द्रों पर पहुंचने पर वहां संग्रहालयों में प्रदेश के इतिहास, कला और संस्कृति के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।     Attachments area          

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  कोलार अवैध कब्जों का अड्डा बना    कोलार में राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों और तहसीलदारों की शह पर बेशकीमती जमीन पर जहां-तहां झुग्गियों का निर्माण करने के अलावा दीवारें तानकर अतिक्रमण किया जा रहा है। इन अतिक्रामकों को रोकने के बजाय अफसर उन्हें प्रश्रय दे रहे हैं। कोलार का दशहरा मैदान इसका ताजा उदाहरण है, जहां पिछले माह लगी आग में 50 झुग्गियां खाक हो गईं थी अब वहां 100 से ज्यादा झुग्गियां और मकान बन गए हैं।   लगातार अतिक्रमण बढ़ने की शिकायतों को लेकर एक सप्ताह पहले एडीएम रत्नाकर झा ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए थे कि वे सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाएं। साथ ही सूची तैयार करें, ताकि सरकारी जमीनों पर जमा अतिक्रमणों को हटाया जा सके। हुजूर एसडीएम और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही से फिर कोलार दशहरा मैदान की सरकारी जमीन पर दर्जनों झुग्गियां तन गर्इं।  प्रशासन के सामने यहां पर झुग्गियां बनती गई, लेकिन उन्हें रोकने की हिम्मत किसी ने नहीं की।   डेढ़ साल पहले निगम चुनाव के पूर्व मुख्यमंत्री ने हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के कहने पर कोलार दशहरा मैदान में स्टेडियम बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद कलेक्टर निशांत वरवड़े ने यहां पर दौरा कर एसडीएम माया अवस्थी को झुग्गियां शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अब तक यहां पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।   कोलार दशहरा मैदान के किनारे बनी अवैध झुग्गियां में तीन साल से एक ही स्थान पर आग लग रही है। यहां 40-50 झुग्गियों में आग लगती है और इसके बाद नई 100 झुग्गियां बन जाती हैं। तीन साल में इस स्थान पर 300 से अधिक झुग्गियां अवैध बन गई। लेकिन प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।     Attachments area          

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  पत्र  में प्रज्ञा ने कैंसर की बीमारी का हवाला भी दिया      मालेगांव बम ब्लास्ट में क्लीन चिट मिलने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने अपने तेवर दिखाए हैं। सिंहस्थ में जाने की जिद पर अड़ीं साध्वी ने पंडित खुशीलाल आयुर्वेदिक अस्पताल में आमरण अनशन शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि सरकार ने उन्हें परमिशन नहीं दी, तो वे 21 मई को जल समाधि ले लेंगी। कैंसर से पीड़ित प्रज्ञा ने दवाइयां खाने से भी इनकार कर दिया है। प्रज्ञा ने राज्य सरकार को लिखे पत्र  में कहा कि वे कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रही हैं। हो सकता है कि अगला कुंभ न देख पाएं।इस मसले  पर बोलने से प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।  साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट मिलने के बाद से माना जा रहा है कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का सॉफ्ट कॉर्नर उनके प्रति बढ़ा है। उनके अनशन के मामले में प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर से जब पूछा गया कि सरकार क्या करेगी, तो विवादों से बचने के लिए उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया । गौरतलब है कि साध्वी लगभग सात सालों से जेल में बंद थीं, लेकिन कैंसर के इलाज के लिए कोर्ट ने उन्हें अस्पताल में रहने की परमिशन दी है। प्रज्ञा ने रविवार को लेटर लिखकर शिवराज सरकार से उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ में शामिल होने की परमिशन मांगी थी।उन्होंने यह भी लिखा था कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो वे आमरण अनशन करेंगी। प्रज्ञा ने लिखा, 'वो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं और शायद अगला कुंभ न देख पाएं। इसलिए उनकी अंतिम इच्छा है कि वे उज्जैन कुंभ में जाएं।' प्रज्ञा ने राज्य सरकार समेत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को भी लेटर की कॉपी भेजी है। लेटर के मुताबिक, प्रज्ञा ने सोमवार सुबह 9 बजे तक का समय दिया था। मांग पूरी नहीं होने के कारण वे अपने कुछ सपोर्टर्स के साथ अस्पताल परिसर में ही आमरण अनशन पर बैठ गई हैं। प्रज्ञा ने लेटर में लिखा कि मैं अन्न जल त्याग दूंगी। अगर मुझे कुछ होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी मध्य प्रदेश सरकार की होगी। उन्होंने अपनी सिक्युरिटी को लेकर भी चिंता जाहिर की है। उन्होंने लिखा कि मेरे साथ पहले एसएएफ के जवान रहते थे। उनके हटाए जाने से मेरी जान को खतरा हो सकता है। प्रज्ञा ने जेड प्लस सुरक्षा की मांग की और सवाल पूछा कि जब देवास जिला कोर्ट ने उज्जैन जाने की अनुमति दे दी है, तो फिर सिक्युरिटी का हवाला देकर सरकार कोर्ट की अवमानना क्यों कर रही है? प्रज्ञा की चिट्ठी उनके सबसे विश्वसनीय भगवान झा लेकर पहुंचे थे। जेल सुपरिंटेंडेंट ने भगवान झा को भरोसा दिया के वह मामले को सीनियर अफसरों तक पहुंचा देंगे। भगवान झा ने कहा, 'सरकार के पास पुलिस की कोई कमी नहीं है। इसलिए साध्वी की सिंहस्थ यात्रा सुनिश्चित करा दी जाए, नहीं तो गंभीर परिणाम होंगे।'     Attachments area          

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  हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने किया 2.16 करोड़ की सड़क निर्माण का भूमि पूजन ।कोलार मुख्य मार्ग के समानांतर इस मार्ग से 2 लाख नागरिक होंगे सीधे लाभान्वित ।कोलार वासियो को विभिन्न मार्गो के माध्यम से नये भोपाल , होशंगाबाद रोड , जाने में होगी सहूलियत ।कोलार में बढ़ते ट्रैफिक पर नियंत्रण में हुज़ूर विधायक की कारगर पहल सफल ।हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा के अथक प्रयासों से कोलारवासियो को ट्रैफिक जाम से आये दिन होने वाली दिक्कतों से निज़ात मिलने जा रही है । बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान (कोलार मुख्य मार्ग) तक  बायपास रोड का निर्माण कराया जा रहा है । आज हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने रानी अवंतीबाई मार्ग से मंदाकनी मैदान को जोड़ने वाली सड़क निर्माण कार्य का भूमि पूजन भूमिका रेसीडेंसी पर किया । 2 करोड़ 16 लाख की लागत से बनने वाली 4200 मीटर इस सड़क की चौड़ाई 7.5 मीटर रहेगी, इस सड़क का निर्माण राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा किया जायेगा । श्री शर्मा ने बताया की कोलार मुख्य मार्ग पर आये दिन लगने वाले ट्रैफिक जाम से छुटकारा पाने के लिये इस बाय पास रोड का निर्माण कराया जा रहा है , उन्होंने बताया की बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग का निर्माण पूर्व में कराया जा चूका है । यह रोड  लोक निर्माण विभाग द्वारा बनायीं गयी है  गौरतलब है की उक्त सड़क का भूमि पूजन विधायक शर्मा द्वारा विधायक बनने के तत्काल बाद किया गया था । बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग तक इस सड़क की दूरी कुल 2 किलोमीटर है ।बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान पर कोलार मुख्य मार्ग पर जोड़ने वाले इस बायपास की कुल दूरी 6 किलोमीटर है । श्री शर्मा ने बताया की बहुत जल्द ही जे के अस्पताल के सामने इस मार्ग के जंक्शन पर एक पुल का निर्माण भी कराया जायेगा जो की सीधा शाहपुरा, भरत नगर , हबीबगंज , चुनाभट्टी , अथवा नये भोपाल को जोड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण के पश्च्यात कोलार के किसी भी नागरिक को ट्रैफिक जाम या आपातकालीन स्थिति में परेशान नहीं होना पड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग से कोलार सहित आसपास के लगभग 2 लाख नागरिक इससे सीधे लाभान्वित होंगे ।  श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण से पूर्व  उनके द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियो अधिकारियो एवं स्थानीय नागरिको के साथ दौरा किया गया । फलस्वरूप कोलार को ट्रैफिक से निजात दिलाने के लिये इस बायपास के निर्माण का निर्णय लिया गया । श्री शर्मा ने बताया की घनी आबादी वाले कोलार में नागरिको की सुविधा के मद्देनज़र इस मार्ग का  अलग अलग भागो में निर्माण कराया गया है , जिससे नागरिको को इसका लाभ पहुँच सके !  श्री शर्मा ने स्थानीय नागरिको को संबोधित करते हुए कहा की कोलार के समग्र विकास में निरंतर आपके द्वारा मिल रहे इसी प्रकार के सहयोग की आवश्यकता है आप सब के सहयोग से हम ग्रीन कोलार क्लीन कोलार का निर्माण करेंगे । कार्यक्रम के दौरान श्री शर्मा का स्थानीय नागरिको द्वारा बड़ी फूलो की माला पहनाकर सड़क निर्माण के लिए अभिन्दन किया गया !  मार्ग से लाभान्वित क्षेत्र  एक नज़र में -: बैरागढ़ चीचली , दौलतपुर ,धोली खदान, प्रियंका नगर ,हिनोतिया गांव ,मानसरोवर डेंटल कॉलेज, सुहागपुर ,पिपलिया, गुराडी , सेमरी ,अमरावत कलां ,सोहागपुर ,बांसखेड़ी झुग्गी बस्ती ,सन खेड़ी झुग्गी बस्ती, आकाश नगर , गिरधर परिसर ,सैफरॉन सिटी ,कृष्णा होम्स ,गिरधर गार्डन ,शिवालय परिसर ,सर्वजन सोसाइटी ,डी के 5 ,जे के अस्पताल , सागर प्रीमियम टॉवर, भूमिका रेसीडेंसी ,वेस्टर्न कौर्ट एवं मंदाकनी सोसायटी आदि इस मार्ग पर अन्य रहवासियो  को इस बाय पास का  सीधा लाभ पहुंचेगा ।होशंगाबाद रोड से जुड़ेगा यह मार्ग यह मार्ग चार बत्ती चौराहे से कालीबाड़ी पुल से होते हुए बाबड़िया रेल्वे फाटक से होशंगाबाद रोड से सीधा जुड़ेगा ।दानिश कुंज से कलियासोत नदी पर सलैया पुल के माध्यम से मिसरोद (होशंगाबाद रोड) से सीधा जुड़ेगा ।कार्यक्रम में विशेष रूप से स्थानीय पार्षद एवं एम आई सी सदस्य भूपेंद्र माली ,पार्षद पवन बोराना, मंडल उपाध्यक्ष श्याम मीना, बी एस वाजपेयी , महेश तिवारी , इक़बाल खान , अमित शुक्ल, दीपक माथुर , अरुण तिवारी , डी ले पालीवाल , एस एस सेंगर ,शोभा सिकरवार , श्रीमती गीता मिश्रा,गणेश तिवारी,राजेश सेंगर , राज शर्मा , प्रदीप पाटीदार ,आकाश श्रीवास्तव,सहित बड़ी संख्या में माताये बहने कॉलोनी वासी उपस्थित रहे ।  

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कोलार के वार्ड 82 में आने वाले दानिशकुंज कॉलोनी में नगर निगम द्वारा काम नहीं कराने के बाद भी पार्षद द्वारा निर्माण को लेकर बोर्ड लगाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। गलत जानकारी को लेकर आज दोपहर कांग्रेस पार्षदों, स्थानीय नेताओं और रहवासियों का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम आयुक्त छवि भारद्वाज से मिला। इन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पार्षद जानबूझकर श्रेय की राजनीति कर रहे हैं। जबकि, जनता गर्मी में पानी के लिए हाहाकार मचा रही है, फिर भी उन्हें पानी नहीं दिया जा रहा है। पार्षदों ने यह की मांग : कांग्रेस पार्षद संतोष जितेंद्र कंसाना, मोनू सक्सेना, मनजीत मारण, अमित शर्मा, राहुल सिंह राठौर, अखिलेश जैन सहित रहवासियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयुक्त भारद्वाज से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। इसके अनुसार तत्काल गलत जानकारी देने वाले भाजपा पार्षद भूपेंद्र माली के बोर्ड को नगर निगम प्रशासन हटाए। साथ ही इस मामले में जांच कराएं कि कहीं दानिशकुंज में कराए गए डामर के भुगतान की फर्जी फाइल तो निगम के कार्यालय नहीं पहुंच गई। यदि प्रशासन बोर्ड नहीं लगाएगी, तो कांग्रेसी भी हर वार्ड में ऐसे बोर्ड लगाएगी। दानिशकुंज कॉलोनी में करीब एक करोड़ राशि से डामर कराया गया है। इस पर स्थानीय पार्षद ने खुद डामर कराने के बोर्ड पूरी कॉलोनी में लगा दिए। वहीं, दानिशकुंज सोसायटी ने भी एक विज्ञापन जारी करके कहा कि वह निर्माण उसने कराया है। कुछ लोगों के यहां निर्माण नहीं कराया गया है, वो लोग जल्द ही बकाया राशि जमा कर दें, ताकि बचे हुए स्थानों पर भी डामरीकरण कराया जा सके।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज यहां के भारत मंडपम में ‘राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट 2025’ का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने पूर्वोत्तर को देश के विकास का इंजन बताया और कहा कि यह क्षेत्र विकास की आपार संभावनाओं से भरा पड़ा है। प्रधानमंत्री ने देश और दुनिया के निवेशकों से आग्रह किया कि वे पूर्वोत्तर के विकास में भागीदार बनें। उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले वर्षों में विकसित भारत का रास्ता पूर्वोत्तर से होकर जाएगा।दो दिवसीय (23-24 मई) राइजिंग नॉर्थ ईस्ट निवेश सम्मेल का उद्देश्य पूर्वोत्तर को अवसरों की भूमि के रूप में प्रस्तुत करना, निवेशकों को जोड़ना और नीति निर्माताओं के साथ संवाद को बढ़ावा देना है। इसमें पर्यटन, खाद्य प्रसंस्करण, वस्त्र, स्वास्थ्य, शिक्षा, आईटी, लॉजिस्टिक्स, ऊर्जा और खेल जैसे प्रमुख क्षेत्रों को फोकस किया गया है। इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्वोत्तर को ‘अष्टलक्ष्मी’ से संबोधित किया और कहा कि यह क्षेत्र व्यापार, पर्यटन, जैव-अर्थव्यवस्था, बांस उद्योग, चाय उत्पादन, खेल, ऊर्जा और कौशल विकास जैसे क्षेत्रों में विशाल संभावनाओं से भरा हुआ है।उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में पूर्वोत्तर में हुए बदलाव केवल आंकड़ें नहीं हैं। जमीनी स्तर पर बदलाव नज़र आ रहा है। उन्होंने 700 से अधिक बार केंद्रीय मंत्रियों की यात्राओं का हवाला देते हुए कहा कि यह क्षेत्र अब लुक ईस्ट से एक्ट ईस्ट की नीति के तहत भारत की विकास यात्रा में अग्रणी बन गया है। इस दौरान प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर में हुए विकास के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 11 हजार किमी हाई-वे निर्माण, भूपेन हजारिका ब्रिज और सेला टनल जैसे मेगा प्रोजेक्ट्स, पूर्वोत्तर गैस ग्रिड, 4जी/5जी नेटवर्क और 13 हजार किमी ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क का काम पूर्वोत्तर में हुआ है। इन परियोजनाओं ने उद्योगों के लिए फर्स्ट मूवर एडवांटेज की स्थिति बना दी है।प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर को भारत-आसियान व्यापार का सेतु बताया और कहा कि भारत-आसियान व्यापार जल्द ही 200 अरब डॉलर को पार करेगा। गुवाहाटी, इंफाल और अगरतला में लॉजिस्टिक हब और मिजोरम व मेघालय में लैंड कस्टम स्टेशन, अंतरराष्ट्रीय व्यापार को नया आयाम देंगे। प्रधानमंत्री ने बताया कि बीते दशक में 10 हजार से अधिक युवाओं ने हथियार छोड़कर मुख्यधारा अपनाई। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिला है। गांवों में होमस्टे, नए टूर गाइड और सांस्कृतिक आयोजन बढ़े हैं। साथ ही हील इन इंडिया अभियान के अंतर्गत पूर्वोत्तर को वेलनेस टूरिज्म का केंद्र बनाया जा रहा है।उन्होंने बताया कि 21 हजार करोड़ के निवेश से 800 स्कूल, 9 मेडिकल कॉलेज, 2 आईआईटी और देश का पहला स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी पूर्वोत्तर में बन रही है। साथ ही, युवाओं के लिए स्टार्टअप, डिजिटल इनोवेशन और स्किल सेंटर खुल रहे हैं। पूर्वोत्तर में हाइड्रो और सोलर पावर में तेज होते निवेश के साथ ही प्रधानमंत्री ने ऐलान किया कि जल्द ही क्षेत्र का पहला मेड इन इंडिया चिप तैयार होगा, जिससे भारत के सेमीकंडक्टर क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आएगा।इस कार्यक्रम में पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया, मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा, मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा, नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो, सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा, पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार उपस्थित थे।

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ग्वालियर । मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ में संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ. भीमराव आम्बेडकर की प्रतिमा स्थापित करने को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब इस मामले में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती की भी एन्ट्री हो गई है। उन्होंने मामले में राज्यपाल और मुख्यमंत्री से मांग की है कि सभी बाधाओं को दूर कर तत्काल उच्च न्यायालय परिसर में डॉ. आम्बेडकर की प्रतिमा स्थापित कराई जाए।   बसपा सुप्रीमो मायावती ने शुक्रवार को सोशल मीडिया एक्स के माध्यम से कहा कि मध्य प्रदेश हाई कोर्ट खण्डपीठ ग्वालियर में अधिवक्ताओं की माँग व उन्हीं के आर्थिक सहयोग से बाबा साहब डॉ. भीमराव आम्बेडकर की प्रतिमा लगाने की अनुमति कोर्ट द्वारा दी गई। कोर्ट के निर्देशन में ही स्थान का चयन एवं चबूतरा बनाया गया। प्रतिमा भी बनकर तैयार हुई। किन्तु कुछ जातिवादी सोच से ग्रसित अधिवक्ताओं द्वारा प्रतिमा स्थापना का विरोध किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर भड़काऊ वक्तव्यों के बावजूद इन पर कार्रवाई नहीं की गई। बाबा साहब के विरोधियों को यह समझना होगा कि सदियों से उपेक्षित बहुजन समाज अब अपना सम्मान पाना चाहता है।   मायावती ने कहा कि मध्य प्रदेश के राज्यपाल, उच्च न्यायालय और मुख्यमंत्री भी प्रतिमा लगाने में आ रही बाधाओं को दूर करके तत्काल उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर में संविधान निर्माता, भारतरत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव आम्बेडकर की प्रतिमा को सम्मानपूर्वक स्थापित कराएं, यह अनुरोध है।   इससे पहले गुरुवार को भीम आर्मी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील बैरसिया के नेतृत्व में प्रदर्शन किया। फूलबाग स्थित मानस भवन में पहले सभा संबोधित की गई। इसके बाद कलेक्ट्रेट की तरफ कूच करने से पहले ही उन्हें रोक दिया गया। इस स्थिति में सुनील बैरसिया द्वारा एसडीएम अतुल सिंह को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के नाम ज्ञापन सौंपा गया। इसके बाद सभी कार्यकर्ता मौके से रवाना हो गए।   दरअसल, 19 मई को जबलपुर में मुख्य न्यायाधीश के साथ दोनों पक्षों की बैठक हुई थी, जिसमें प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय फिलहाल टाल दिया गया, लेकिन प्रतिमा लगाने के समर्थक अब आंदोलन की राह पर उतर आए हैं। भीम आर्मी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील बिसारिया ने चेतावनी दी है कि जो लोग प्रतिमा नहीं लगने देंगे उन्हें ईंट का जबाब पत्थर से दिया जाएगा।

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किश्तवाड़ । जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के छात्रू इलाके में आतंकियों को मार गिराने के लिए सुरक्षाबलों का अभियान शुक्रवार को भी जारी है। गुरूवार को मुठभेड़ में सेना के एक जवान का बलिदान हो चुका है। बताया जा रहा है कि सुरक्षाबलों के घेरे में चार आतंकवादी फंसे हुए हैं। इनकी संख्या ज्यादा भी हो सकती है। इनमें पहलगाम हमले में शामिल आतंकवादियों के होने की भी संभावना जताई जा रही है।    सैन्य अधिकारियों के अनुसार,  गुरूवार को जिले के छात्रू के सिंहपोरा जंगली इलाके में सुरक्षाबलों कों आतंकियों की मौजूदगी की पुख्ता सूचना मिली थी। इसके बाद सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी करते हुए तलाशी अभियान शुरू किया। इस दौरान छुपे हुए आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर भीषण गोलीबारी की। सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई के बाद  मुठभेड़ शुरू हो गई।  आतंकियों की भीषण गोलीबारी में सेना का जवान घायल हो गया। घायल जवान को तुरंत मौके से निकालकर अस्पताल पहुंचाया। उपचार के दौरान जवान बलिदान हो गया।   आज भी सुरक्षाबलों का आतंकियों के खिलाफ अभियान जारी है। अतिरिक्त सुरक्षाबलों को मौके पर भेजा गया है।  सेना और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर हैं और अभियान की निगरानी कर रहे हैं। आतंकियों का पता लगाने के लिए ड्रोन और हेलिकाप्टर का प्रयोग भी किया जा रहा है।  

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मुंबई । फिल्म अभिनेता सलमान खान के गैलेक्सी अपार्टमेंट में 24 घंटे में दो बार घुसने का प्रयास किया गया है। जबरन धुसने का प्रयास करने वाले युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस घटना के बाद सलमान खान के आवास पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। बीती रात ईशा छाबड़ा नाम की महिला ने भी गैलेक्सी अपार्टमेंट में घुसने की कोशिश की थी। इसे भी पुलिस ने अरेस्ट कर लिया था। बांद्रा पुलिस स्टेशन की टीम दोनों मामलों की जांच कर रही है।   पुलिस सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि सलमान खान के आवास के सामने एक युवक 20 मई को सुबह घूम रहा था। पुलिस ने उसे समझाया और वहां से जाने को कहा तो युवक ने अपना मोबाइल पटककर फोड़ दिया, इसके बाद पुलिस ने उसे वहां से भगा दिया। इसके बाद शाम शाम 7 बजकर 15 मिनट पर इसी युवक ने गैलेक्सी अपार्टमेंट में घुसने का प्रयास किया। सलमान खान के आवास पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने तत्काल युवक को पकड़ कर बांद्रा पुलिस स्टेशन के हवाले कर दिया। युवक की पहचान जीतेंद्र कुमार सिंह के रुप में की गई है और वह छत्तीसगढ़ का रहने वाला है। इसके बाद पुलिस ने जितेन्द्र कुमार हरदयाल सिंह (23) पर बीएनएस की धारा 329(1) के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस युवक के मकसद का पता लगाने का प्रयास कर रही है। अब तक छानबीन में युवक ने बताया कि वह सलमान खान का फैन है और उनसे मिलना चाहता था, लेकिन पुलिस मिलने नहीं दे रही थी। फिलहाल पुलिस इस मामले की हर ऐंगल से जांच कर रही है। सलमान खान के आवास पर बीती रात ईशा छाबड़ा नाम की महिला ने भी गैलेक्सी अपार्टमेंट में घुसने की कोशिश की थी। इसे भी पुलिस ने अरेस्ट कर लिया था। पुलिस महिला से पूछताछ कर रही है। सलमान खान के घर में घुसने की कोशिश करने वाली यह महिला आखिर कौन है? उसने सलमान के गैलेक्सी अपार्टमेंट में घुसने की कोशिश क्यों की? इस बारे में अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है। इस महिला को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस उससे गहन पूछताछ कर रही है। पूछताछ के बाद ही पता चलेगा कि उसने घर में घुसने की कोशिश क्यों की।

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हिसार। पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार शहर के अग्रसेन कॉलोनी निवासी यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को गुरुवार काे काेर्ट ने फिर चार दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।   पुलिस ने आज पांच दिन की रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद ज्योति मल्होत्रा को स्थानीय कोर्ट में पेश किया। पुलिस ने कोर्ट से कुछ और जानकारियां हासिल करने के लिए उसका रिमांड मांगा। कोर्ट में लगभग डेढ़ घंटे तक उसके रिमांड पर बहस चली। पुलिस ने कोर्ट को बताया कि पांच दिन की रिमांड अवधि के दौरान काफी कुछ जानकारियां मिली हैं और पूरी तहकीकात व अन्य जानकारियां जुटाने के लिए अभी और रिमांड की जरूरत है। इस पर कोर्ट ने पुलिस के अनुरोध को मानते हुए ज्योति की चार दिन की रिमांड स्वीकार कर ली।   दरअसल, पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में पुलिस ने ज्योति मल्हाेत्रा को 16 मई को गिरफ्तार किया था। काेर्ट से  मिले पांच दिन के रिमांड के दाैरान हिसार पुलिस के अलावा एनआईएस सहित कुछ अन्य केन्द्रीय एजेंसियों ने ज्योति से पूछताछ की थी।

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किश्तवाड़ । जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में गुरुवार को सुरक्षाबलों के साथ जारी मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए हैं।सेना की 2 पैरा एसएफ, सेना की 11आरआर, 7वीं असम राइफल्स और एसओजी किश्तवाड़ के जवानों ने सिंहपोरा चटरू गांव के शारी और मंड्राल ढोक इलाके के बीच तलाशी अभियान शुरू किया, जिसके बाद सुबह मुठभेड़ शुरू हुई। जैसे ही सुरक्षाबल संदिग्ध स्थल के पास पहुंचे, तो मौके पर छिपे हुए आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई।एक अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ में अब तक दो आतंकवादी मारे गए हैं। उन्होंने बताया कि जल्द ही विस्तृत जानकारी साझा की जाएगी। समाचार लिखे जाने तक अभियान जारी था।

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  लगेगी शांडिल्य गुरु की प्रतिमा      कोलार रोड के दूसरे छोर भदभदा चौराहे पर उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने  ब्रह्मलीन बालगोविंद शांडिल्य गुरुजी की प्रतिमा स्थापना तथा चौराहे के सौंदर्यीकरण का भूमि-पूजन किया। सौंदर्यीकरण के लिये 8 लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं।   श्री गुप्ता ने कहा कि सरकार शहर के विकास के लिये सतत प्रयत्नशील है। उन्होंने शासन की विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि नागरिक शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये आगे आयें। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि घर-घर जाकर नागरिकों को शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये प्रेरित करें। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा कोटरा में सड़क भूमि-पूजन उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने आई-5 शासकीय आवास कोटरा के पास सड़क निर्माण का भूमि-पूजन किया। सड़क की लागत 20 लाख है। श्री गुप्ता ने सड़क का कार्य गुणवत्तापूर्ण करवाने के निर्देश दिये। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।     Attachments area          

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      मध्यप्रदेश के प्राचीन मंदिरों में भगवान के दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को अब प्रदेश के पुरावैभव, कला और संस्कृति की झलक भी वहां देखने को मिलेगी। इसके लिए राज्य सरकार मंदिरों में संग्रहालयों का निर्माण कराएगी। इस योजना को संस्कृति, धर्मस्व और पुरातत्व विभाग मिलकर अंजाम देंगे। मध्यप्रदेश में इस समय कई प्रसिद्ध मंदिर है जहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है। लेकिन इन मंदिरों में फिलहाल प्रदेश की कला-संस्कृति, इतिहास  और पुरावैभव की झलक दिखाने वाले संग्रहालय नहीं है। राज्य सरकार का सोचना है कि जो श्रद्धालु प्रदेश के प्राचीन मंदिरों में पहुंच रहे है वहां उन्हें भगवान के दर्शन के साथ-साथ प्रदेश के पुरावैभव और कला तथा संस्कृति से भी अवगत कराया जाए। इसके लिए इन मंदिरों के ट्रस्टों के पास मौजूद अपार धनराशि का उपयोग किया जाएगा। इन मंदिरों में सबसे पहले बनेंगे संग्रहालय- मध्यप्रदेश में उज्जैन में महाकाल मंदिर, खजराना मंदिर, सतना के मैहर मंदिर, पशुपतिनाथ मंदिर सहित कई ऐसे प्रमुख मंदिर है जहां मंदिरों की देखरेख और संरक्षण के लिए बनाए गए ट्रस्टों के पास श्रद्धालुओं के दान से मिली अपार धन संपदा स्थित है। इन्हीं मंदिरों में सबसे पहले संग्रहालय बनाने की शुरुआत की जाएगी।  इन मंदिरों के समीप काफी जमीन और भवन स्थित है। शिव मंदिरों में सभी बारह ज्योर्तिलिंगों के बारे में पूरी जानकारी एकत्रित कर प्रदर्शित की जाएगी। इसी तरह गणेश मंदिरों में गणेशजी के सभी स्वरुपों उनके इतिहास और महत्व को प्रदर्शित किया जाएगा। भोपाल के समीप स्थित भोजपुर मंदिर में दो सौ मीटर के दायरे के बाहर संग्रहालय बनाने का प्रस्ताव है। यहां भोजपुर के विशालकाय शिवलिंग और मंदिर के निर्माण की एतिहासिक प्रामाणिक  जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। यह मंदिर कब बना, इस तरह के मंदिर और कहां-कहां बनाए जाने थे। यह अधूरा क्यों रह गया। मंदिर के आसपास मिलने वाले शिवलिंग और अन्य पुराधरोहरों को भी यहां संग्रहित किया जाएगा। भोपाल में भी मुस्लिम धर्मावलंबियों से जुड़ी जानकारी, मध्यप्रदेश के प्राचीन नवाबों से जुड़े इतिहास की प्रामाणिक जानकारी गौहर महल या अन्य स्थानों पर प्रदर्शित की जाएगी। मिडटाउन में दुनिया की सबसे बड़ी सेंट पीटर चर्च में संग्रहालय भी है। वेटिकन सिटी में भी म्युजियम है वहां कई तरह के चित्र प्रदर्शित किए गए है। इन चित्रों में इन देशों की कला और संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। जापान में म्युजियम आॅफ पैरासाइड है। भारत के कई राज्यों में भी मंदिर, मस्जिद और चर्च के साथ संग्रहालय लगे हुए है। मध्यप्रदेश में फिलहाल मंदिर, मस्जिद और गिरिजाघरों में संग्रहालय नहीं है। प्रमुख सचिव संस्कृति मनोज श्रीवास्तव ने कहा प्रदेश के मंदिरों पर अब संग्रहालय बनाने की राज्य सरकार की योजना है। इसके जरिए प्रदेश के नागरिकों को धार्मिक आस्था के केन्द्रों पर पहुंचने पर वहां संग्रहालयों में प्रदेश के इतिहास, कला और संस्कृति के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।     Attachments area          

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  कोलार अवैध कब्जों का अड्डा बना    कोलार में राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों और तहसीलदारों की शह पर बेशकीमती जमीन पर जहां-तहां झुग्गियों का निर्माण करने के अलावा दीवारें तानकर अतिक्रमण किया जा रहा है। इन अतिक्रामकों को रोकने के बजाय अफसर उन्हें प्रश्रय दे रहे हैं। कोलार का दशहरा मैदान इसका ताजा उदाहरण है, जहां पिछले माह लगी आग में 50 झुग्गियां खाक हो गईं थी अब वहां 100 से ज्यादा झुग्गियां और मकान बन गए हैं।   लगातार अतिक्रमण बढ़ने की शिकायतों को लेकर एक सप्ताह पहले एडीएम रत्नाकर झा ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए थे कि वे सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाएं। साथ ही सूची तैयार करें, ताकि सरकारी जमीनों पर जमा अतिक्रमणों को हटाया जा सके। हुजूर एसडीएम और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही से फिर कोलार दशहरा मैदान की सरकारी जमीन पर दर्जनों झुग्गियां तन गर्इं।  प्रशासन के सामने यहां पर झुग्गियां बनती गई, लेकिन उन्हें रोकने की हिम्मत किसी ने नहीं की।   डेढ़ साल पहले निगम चुनाव के पूर्व मुख्यमंत्री ने हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के कहने पर कोलार दशहरा मैदान में स्टेडियम बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद कलेक्टर निशांत वरवड़े ने यहां पर दौरा कर एसडीएम माया अवस्थी को झुग्गियां शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अब तक यहां पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।   कोलार दशहरा मैदान के किनारे बनी अवैध झुग्गियां में तीन साल से एक ही स्थान पर आग लग रही है। यहां 40-50 झुग्गियों में आग लगती है और इसके बाद नई 100 झुग्गियां बन जाती हैं। तीन साल में इस स्थान पर 300 से अधिक झुग्गियां अवैध बन गई। लेकिन प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।     Attachments area          

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  पत्र  में प्रज्ञा ने कैंसर की बीमारी का हवाला भी दिया      मालेगांव बम ब्लास्ट में क्लीन चिट मिलने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने अपने तेवर दिखाए हैं। सिंहस्थ में जाने की जिद पर अड़ीं साध्वी ने पंडित खुशीलाल आयुर्वेदिक अस्पताल में आमरण अनशन शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि सरकार ने उन्हें परमिशन नहीं दी, तो वे 21 मई को जल समाधि ले लेंगी। कैंसर से पीड़ित प्रज्ञा ने दवाइयां खाने से भी इनकार कर दिया है। प्रज्ञा ने राज्य सरकार को लिखे पत्र  में कहा कि वे कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रही हैं। हो सकता है कि अगला कुंभ न देख पाएं।इस मसले  पर बोलने से प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।  साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट मिलने के बाद से माना जा रहा है कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का सॉफ्ट कॉर्नर उनके प्रति बढ़ा है। उनके अनशन के मामले में प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर से जब पूछा गया कि सरकार क्या करेगी, तो विवादों से बचने के लिए उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया । गौरतलब है कि साध्वी लगभग सात सालों से जेल में बंद थीं, लेकिन कैंसर के इलाज के लिए कोर्ट ने उन्हें अस्पताल में रहने की परमिशन दी है। प्रज्ञा ने रविवार को लेटर लिखकर शिवराज सरकार से उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ में शामिल होने की परमिशन मांगी थी।उन्होंने यह भी लिखा था कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो वे आमरण अनशन करेंगी। प्रज्ञा ने लिखा, 'वो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं और शायद अगला कुंभ न देख पाएं। इसलिए उनकी अंतिम इच्छा है कि वे उज्जैन कुंभ में जाएं।' प्रज्ञा ने राज्य सरकार समेत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को भी लेटर की कॉपी भेजी है। लेटर के मुताबिक, प्रज्ञा ने सोमवार सुबह 9 बजे तक का समय दिया था। मांग पूरी नहीं होने के कारण वे अपने कुछ सपोर्टर्स के साथ अस्पताल परिसर में ही आमरण अनशन पर बैठ गई हैं। प्रज्ञा ने लेटर में लिखा कि मैं अन्न जल त्याग दूंगी। अगर मुझे कुछ होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी मध्य प्रदेश सरकार की होगी। उन्होंने अपनी सिक्युरिटी को लेकर भी चिंता जाहिर की है। उन्होंने लिखा कि मेरे साथ पहले एसएएफ के जवान रहते थे। उनके हटाए जाने से मेरी जान को खतरा हो सकता है। प्रज्ञा ने जेड प्लस सुरक्षा की मांग की और सवाल पूछा कि जब देवास जिला कोर्ट ने उज्जैन जाने की अनुमति दे दी है, तो फिर सिक्युरिटी का हवाला देकर सरकार कोर्ट की अवमानना क्यों कर रही है? प्रज्ञा की चिट्ठी उनके सबसे विश्वसनीय भगवान झा लेकर पहुंचे थे। जेल सुपरिंटेंडेंट ने भगवान झा को भरोसा दिया के वह मामले को सीनियर अफसरों तक पहुंचा देंगे। भगवान झा ने कहा, 'सरकार के पास पुलिस की कोई कमी नहीं है। इसलिए साध्वी की सिंहस्थ यात्रा सुनिश्चित करा दी जाए, नहीं तो गंभीर परिणाम होंगे।'     Attachments area          

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  हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने किया 2.16 करोड़ की सड़क निर्माण का भूमि पूजन ।कोलार मुख्य मार्ग के समानांतर इस मार्ग से 2 लाख नागरिक होंगे सीधे लाभान्वित ।कोलार वासियो को विभिन्न मार्गो के माध्यम से नये भोपाल , होशंगाबाद रोड , जाने में होगी सहूलियत ।कोलार में बढ़ते ट्रैफिक पर नियंत्रण में हुज़ूर विधायक की कारगर पहल सफल ।हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा के अथक प्रयासों से कोलारवासियो को ट्रैफिक जाम से आये दिन होने वाली दिक्कतों से निज़ात मिलने जा रही है । बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान (कोलार मुख्य मार्ग) तक  बायपास रोड का निर्माण कराया जा रहा है । आज हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने रानी अवंतीबाई मार्ग से मंदाकनी मैदान को जोड़ने वाली सड़क निर्माण कार्य का भूमि पूजन भूमिका रेसीडेंसी पर किया । 2 करोड़ 16 लाख की लागत से बनने वाली 4200 मीटर इस सड़क की चौड़ाई 7.5 मीटर रहेगी, इस सड़क का निर्माण राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा किया जायेगा । श्री शर्मा ने बताया की कोलार मुख्य मार्ग पर आये दिन लगने वाले ट्रैफिक जाम से छुटकारा पाने के लिये इस बाय पास रोड का निर्माण कराया जा रहा है , उन्होंने बताया की बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग का निर्माण पूर्व में कराया जा चूका है । यह रोड  लोक निर्माण विभाग द्वारा बनायीं गयी है  गौरतलब है की उक्त सड़क का भूमि पूजन विधायक शर्मा द्वारा विधायक बनने के तत्काल बाद किया गया था । बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग तक इस सड़क की दूरी कुल 2 किलोमीटर है ।बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान पर कोलार मुख्य मार्ग पर जोड़ने वाले इस बायपास की कुल दूरी 6 किलोमीटर है । श्री शर्मा ने बताया की बहुत जल्द ही जे के अस्पताल के सामने इस मार्ग के जंक्शन पर एक पुल का निर्माण भी कराया जायेगा जो की सीधा शाहपुरा, भरत नगर , हबीबगंज , चुनाभट्टी , अथवा नये भोपाल को जोड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण के पश्च्यात कोलार के किसी भी नागरिक को ट्रैफिक जाम या आपातकालीन स्थिति में परेशान नहीं होना पड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग से कोलार सहित आसपास के लगभग 2 लाख नागरिक इससे सीधे लाभान्वित होंगे ।  श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण से पूर्व  उनके द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियो अधिकारियो एवं स्थानीय नागरिको के साथ दौरा किया गया । फलस्वरूप कोलार को ट्रैफिक से निजात दिलाने के लिये इस बायपास के निर्माण का निर्णय लिया गया । श्री शर्मा ने बताया की घनी आबादी वाले कोलार में नागरिको की सुविधा के मद्देनज़र इस मार्ग का  अलग अलग भागो में निर्माण कराया गया है , जिससे नागरिको को इसका लाभ पहुँच सके !  श्री शर्मा ने स्थानीय नागरिको को संबोधित करते हुए कहा की कोलार के समग्र विकास में निरंतर आपके द्वारा मिल रहे इसी प्रकार के सहयोग की आवश्यकता है आप सब के सहयोग से हम ग्रीन कोलार क्लीन कोलार का निर्माण करेंगे । कार्यक्रम के दौरान श्री शर्मा का स्थानीय नागरिको द्वारा बड़ी फूलो की माला पहनाकर सड़क निर्माण के लिए अभिन्दन किया गया !  मार्ग से लाभान्वित क्षेत्र  एक नज़र में -: बैरागढ़ चीचली , दौलतपुर ,धोली खदान, प्रियंका नगर ,हिनोतिया गांव ,मानसरोवर डेंटल कॉलेज, सुहागपुर ,पिपलिया, गुराडी , सेमरी ,अमरावत कलां ,सोहागपुर ,बांसखेड़ी झुग्गी बस्ती ,सन खेड़ी झुग्गी बस्ती, आकाश नगर , गिरधर परिसर ,सैफरॉन सिटी ,कृष्णा होम्स ,गिरधर गार्डन ,शिवालय परिसर ,सर्वजन सोसाइटी ,डी के 5 ,जे के अस्पताल , सागर प्रीमियम टॉवर, भूमिका रेसीडेंसी ,वेस्टर्न कौर्ट एवं मंदाकनी सोसायटी आदि इस मार्ग पर अन्य रहवासियो  को इस बाय पास का  सीधा लाभ पहुंचेगा ।होशंगाबाद रोड से जुड़ेगा यह मार्ग यह मार्ग चार बत्ती चौराहे से कालीबाड़ी पुल से होते हुए बाबड़िया रेल्वे फाटक से होशंगाबाद रोड से सीधा जुड़ेगा ।दानिश कुंज से कलियासोत नदी पर सलैया पुल के माध्यम से मिसरोद (होशंगाबाद रोड) से सीधा जुड़ेगा ।कार्यक्रम में विशेष रूप से स्थानीय पार्षद एवं एम आई सी सदस्य भूपेंद्र माली ,पार्षद पवन बोराना, मंडल उपाध्यक्ष श्याम मीना, बी एस वाजपेयी , महेश तिवारी , इक़बाल खान , अमित शुक्ल, दीपक माथुर , अरुण तिवारी , डी ले पालीवाल , एस एस सेंगर ,शोभा सिकरवार , श्रीमती गीता मिश्रा,गणेश तिवारी,राजेश सेंगर , राज शर्मा , प्रदीप पाटीदार ,आकाश श्रीवास्तव,सहित बड़ी संख्या में माताये बहने कॉलोनी वासी उपस्थित रहे ।  

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कोलार के वार्ड 82 में आने वाले दानिशकुंज कॉलोनी में नगर निगम द्वारा काम नहीं कराने के बाद भी पार्षद द्वारा निर्माण को लेकर बोर्ड लगाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। गलत जानकारी को लेकर आज दोपहर कांग्रेस पार्षदों, स्थानीय नेताओं और रहवासियों का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम आयुक्त छवि भारद्वाज से मिला। इन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पार्षद जानबूझकर श्रेय की राजनीति कर रहे हैं। जबकि, जनता गर्मी में पानी के लिए हाहाकार मचा रही है, फिर भी उन्हें पानी नहीं दिया जा रहा है। पार्षदों ने यह की मांग : कांग्रेस पार्षद संतोष जितेंद्र कंसाना, मोनू सक्सेना, मनजीत मारण, अमित शर्मा, राहुल सिंह राठौर, अखिलेश जैन सहित रहवासियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयुक्त भारद्वाज से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। इसके अनुसार तत्काल गलत जानकारी देने वाले भाजपा पार्षद भूपेंद्र माली के बोर्ड को नगर निगम प्रशासन हटाए। साथ ही इस मामले में जांच कराएं कि कहीं दानिशकुंज में कराए गए डामर के भुगतान की फर्जी फाइल तो निगम के कार्यालय नहीं पहुंच गई। यदि प्रशासन बोर्ड नहीं लगाएगी, तो कांग्रेसी भी हर वार्ड में ऐसे बोर्ड लगाएगी। दानिशकुंज कॉलोनी में करीब एक करोड़ राशि से डामर कराया गया है। इस पर स्थानीय पार्षद ने खुद डामर कराने के बोर्ड पूरी कॉलोनी में लगा दिए। वहीं, दानिशकुंज सोसायटी ने भी एक विज्ञापन जारी करके कहा कि वह निर्माण उसने कराया है। कुछ लोगों के यहां निर्माण नहीं कराया गया है, वो लोग जल्द ही बकाया राशि जमा कर दें, ताकि बचे हुए स्थानों पर भी डामरीकरण कराया जा सके।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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चंडीगढ़ । भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के कारण स्थगित की गई बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी मंगलवार शाम को फिर से शुरू हो रही है। बीएसएफ की तरफ से इसकी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा चुका है। दोनों तरफ से जवान बंद गेटों के आर-पार खड़े होकर ही अपने-अपने देश के झंडे को उतारेंगे। भारत-पाक तनाव के बीच सरकार के फैसले पर बीएसएफ ने बीती सात मई को रिट्रीट सेरेमनी को बंद कर दिया था। अब दोनों देशों के बीच हालात सामान्य होने के बाद मंगलवार शाम से 'बीटिंग रिट्रीट' सेरेमनी को शुरू किया जा रहा है। यह परेड समारोह अटारी-वाघा, हुसैनीवाला (फिरोजपुर) और सदकी बॉर्डर (फाजिल्का) पर आयोजित होती है, जो भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर रोजाना सांस्कृतिक और सैन्य शौर्य का प्रतीक बन चुका है। बीएसएफ अधिकारियों ने रिट्रीट बहाल होने की तो पुष्टि की है, लेकिन पहले वाले स्वरूप में आयोजन को लेकर संशय बना हुआ है। सूत्रों के अनुसार अभी बीटिंग रिट्रीट में बदलाव किया गया है। इस दौरान गेट नहीं खोले जाएंगे, यानी कि भारत-पाकिस्तान के सुरक्षाबलों के बीच सामान्य रूप से हाथ मिलाने की परंपरा नहीं होगी। दोनों तरफ से जवान बंद गेटों के आर-पार खड़े होकर ही अपने-अपने देश के झंडे को उतारेंगे।

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कीव । अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की के बीच यूक्रेन के साथ युद्ध रोकने के लिए सुर्खियां बटोर रही टेलीफोनिक बातचीत के रुकते ही ड्रोन हमलों से कीव को गहरा आघात लगा। यूक्रेन को उम्मीद थी कि ट्रंप के प्रयासों के बाद रूस फिलहाल हमले रोक देगा, मगर ऐसा नहीं हुआ। बातचीत खत्म होते ही रूस ने बिना समय गंवाए यूक्रेन पर ड्रोन से ताबड़तोड़ हमले शुरू कर दिया।यूक्रेन के अखबार द कीव इंडिपेंडेंट और एबीसी न्यूज चैनल की खबर के अनुसार यूक्रेन के अधिकारियों ने आज बताया कि रूसी हमलों में कम से कम एक नागरिक की मौत हो गई और कम से कम 13 लोग घायल हो गए। रूस की सेना यूक्रेन के शहरों और गांवों में रोजाना हवाई हमले कर रही है। इसमें ड्रोन के अलावा तोपखाने का प्रयोग किया जा रहा है।यूक्रेन की वायु सेना ने कहा कि उसके एयर डिफेंस सिस्टम ने रूस के रात भर दागे गए 108 ड्रोन में से 35 को मार गिराया, जबकि 58 को हवा में ही बेअसर कर दिया। सिवरस्क के गवर्नर वादिम फिलाशकिन ने पुष्टि की है कि इस हमले में सिवरस्क के एक व्यक्ति की मौत हो गई। क्रामेटोर्स्क में तीन, लाइमन में दो और कोस्टियनटिनिव्का में एक व्यक्ति जख्मी हो गया।खार्किव ओब्लास्ट के गवर्नर ओलेह सिनीहुबोव के अनुसार स्टारोविरिव्का गांव में रूसी ड्रोन हमले में 45 और 73 वर्ष की दो महिलाएं घायल हो गईं। क्षेत्रीय गवर्नर ओलेक्सांद्र प्रोकुडिन ने कहा कि खेरसॉन ओब्लास्ट में रूसी हमलों के दौरान पांच नागरिक घायल हो गए। एक ऊंची इमारत, सात घर, एक सेल टॉवर, गैरेज, कारें और मशीनरी क्षतिग्रस्त हो गईं।क्षेत्रीय सैन्य प्रशासन ने बताया कि रूसी ड्रोन ने रात भर सुमी ओब्लास्ट के सीमावर्ती इलाकों पर हमला किया। बिलोपिलिया समुदाय में एक आवासीय इमारत को नुकसान पहुंचा है। ड्रोन अटैक के बाद इमारत में आग लग गई। इसमें किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उसके बलों ने रातभर में आठ यूक्रेनी ड्रोन को मार गिराया।ट्रंप ने पुतिन से बात खत्म होने के बाद वाशिंगटन में अपने ओवल ऑफिस में पत्रकारों से कहा था कि उन्हें लगता है कि कुछ होने वाला है। अगर पुतिन युद्ध को खत्म नहीं करना चाहते, तो वह मध्यस्थ की भूमिका से पीछे हट जाएंगे। बावजूद इसके उम्मीद है कि पुतिन युद्ध रोकने के लिए यूक्रेन से बातचीत करेंगे। ट्रंप के ठीक उलट पुतिन ने मॉस्को में कहा कि रूस की स्थिति स्पष्ट है। इस संकट के मूल कारणों को खत्म करना रूस के लिए सबसे महत्वपूर्ण है।यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने सोमवार को टेलीग्राम पर एक पोस्ट में लिखा कि यह एक निर्णायक समय है। अब दुनिया देख सकती है कि क्या रूस में युद्ध को समाप्त करने और वास्तविक, स्थायी शांति की स्थापना सुनिश्चित करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि ट्रंप को बता दिया गया है कि यूक्रेन पूर्ण और बिना शर्त युद्ध विराम के लिए तैयार है।

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मुंबई । राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा एपी) के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने मंगलवार सुबह राजभवन में महाराष्ट्र सरकार में मंत्री पद की शपथ ली। राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण कार्यक्रम में राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने भुजबल को मंत्री पद की शपथ दिलाई है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, वरिष्ठ राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल सहित कई मंत्री और प्रमुख नेता मौजूद थे।   वरिष्ठ एनसीपी नेता होने के बावजूद छगन भुजबल को महायुति मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली थी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के मंत्री समूह में धनंजय मुंडे को शामिल किया गया था लेकिन धनंजय मुंडे पर भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था इसलिए धनंजय मुंडे के इस्तीफे से रिक्त हुए मंत्री पद पर आज छगन भुजबल को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है।   छगन भुजबल ने कहा कि मैं राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, दोनों उपमुख्यमंत्रियों, साथ ही सुनील तटकरे और प्रफुल्ल पटेल को तहे दिल से धन्यवाद देता हूं। इसी प्रकार, मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का भी आभार व्यक्त करता हूं। मैं येवला-लासलगाव निर्वाचन क्षेत्र की जनता, कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के साथ-साथ समता परिषद के सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं का विशेष आभार व्यक्त करना चाहता हूं। मैं उन सभी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने अब तक मुझ पर प्यार और विश्वास दिखाया है। छगन भुजबल ने कहा कि मंत्री पद के बारे में निर्णय मात्र आठ दिन पहले ही लिया गया था। तब यह निर्णय लिया गया कि शपथ ग्रहण समारोह सोमवार के बजाय मंगलवार को होगा। यह दिन इसलिए चुना गया है क्योंकि मंगलवार को कैबिनेट नेता और अन्य महत्वपूर्ण अधिकारी उपस्थित हो सकते हैं। उन्होंने कहा, "अंत भला तो सब भला।"

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  लगेगी शांडिल्य गुरु की प्रतिमा      कोलार रोड के दूसरे छोर भदभदा चौराहे पर उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने  ब्रह्मलीन बालगोविंद शांडिल्य गुरुजी की प्रतिमा स्थापना तथा चौराहे के सौंदर्यीकरण का भूमि-पूजन किया। सौंदर्यीकरण के लिये 8 लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं।   श्री गुप्ता ने कहा कि सरकार शहर के विकास के लिये सतत प्रयत्नशील है। उन्होंने शासन की विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि नागरिक शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये आगे आयें। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि घर-घर जाकर नागरिकों को शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये प्रेरित करें। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा कोटरा में सड़क भूमि-पूजन उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने आई-5 शासकीय आवास कोटरा के पास सड़क निर्माण का भूमि-पूजन किया। सड़क की लागत 20 लाख है। श्री गुप्ता ने सड़क का कार्य गुणवत्तापूर्ण करवाने के निर्देश दिये। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।     Attachments area          

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      मध्यप्रदेश के प्राचीन मंदिरों में भगवान के दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को अब प्रदेश के पुरावैभव, कला और संस्कृति की झलक भी वहां देखने को मिलेगी। इसके लिए राज्य सरकार मंदिरों में संग्रहालयों का निर्माण कराएगी। इस योजना को संस्कृति, धर्मस्व और पुरातत्व विभाग मिलकर अंजाम देंगे। मध्यप्रदेश में इस समय कई प्रसिद्ध मंदिर है जहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है। लेकिन इन मंदिरों में फिलहाल प्रदेश की कला-संस्कृति, इतिहास  और पुरावैभव की झलक दिखाने वाले संग्रहालय नहीं है। राज्य सरकार का सोचना है कि जो श्रद्धालु प्रदेश के प्राचीन मंदिरों में पहुंच रहे है वहां उन्हें भगवान के दर्शन के साथ-साथ प्रदेश के पुरावैभव और कला तथा संस्कृति से भी अवगत कराया जाए। इसके लिए इन मंदिरों के ट्रस्टों के पास मौजूद अपार धनराशि का उपयोग किया जाएगा। इन मंदिरों में सबसे पहले बनेंगे संग्रहालय- मध्यप्रदेश में उज्जैन में महाकाल मंदिर, खजराना मंदिर, सतना के मैहर मंदिर, पशुपतिनाथ मंदिर सहित कई ऐसे प्रमुख मंदिर है जहां मंदिरों की देखरेख और संरक्षण के लिए बनाए गए ट्रस्टों के पास श्रद्धालुओं के दान से मिली अपार धन संपदा स्थित है। इन्हीं मंदिरों में सबसे पहले संग्रहालय बनाने की शुरुआत की जाएगी।  इन मंदिरों के समीप काफी जमीन और भवन स्थित है। शिव मंदिरों में सभी बारह ज्योर्तिलिंगों के बारे में पूरी जानकारी एकत्रित कर प्रदर्शित की जाएगी। इसी तरह गणेश मंदिरों में गणेशजी के सभी स्वरुपों उनके इतिहास और महत्व को प्रदर्शित किया जाएगा। भोपाल के समीप स्थित भोजपुर मंदिर में दो सौ मीटर के दायरे के बाहर संग्रहालय बनाने का प्रस्ताव है। यहां भोजपुर के विशालकाय शिवलिंग और मंदिर के निर्माण की एतिहासिक प्रामाणिक  जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। यह मंदिर कब बना, इस तरह के मंदिर और कहां-कहां बनाए जाने थे। यह अधूरा क्यों रह गया। मंदिर के आसपास मिलने वाले शिवलिंग और अन्य पुराधरोहरों को भी यहां संग्रहित किया जाएगा। भोपाल में भी मुस्लिम धर्मावलंबियों से जुड़ी जानकारी, मध्यप्रदेश के प्राचीन नवाबों से जुड़े इतिहास की प्रामाणिक जानकारी गौहर महल या अन्य स्थानों पर प्रदर्शित की जाएगी। मिडटाउन में दुनिया की सबसे बड़ी सेंट पीटर चर्च में संग्रहालय भी है। वेटिकन सिटी में भी म्युजियम है वहां कई तरह के चित्र प्रदर्शित किए गए है। इन चित्रों में इन देशों की कला और संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। जापान में म्युजियम आॅफ पैरासाइड है। भारत के कई राज्यों में भी मंदिर, मस्जिद और चर्च के साथ संग्रहालय लगे हुए है। मध्यप्रदेश में फिलहाल मंदिर, मस्जिद और गिरिजाघरों में संग्रहालय नहीं है। प्रमुख सचिव संस्कृति मनोज श्रीवास्तव ने कहा प्रदेश के मंदिरों पर अब संग्रहालय बनाने की राज्य सरकार की योजना है। इसके जरिए प्रदेश के नागरिकों को धार्मिक आस्था के केन्द्रों पर पहुंचने पर वहां संग्रहालयों में प्रदेश के इतिहास, कला और संस्कृति के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।     Attachments area          

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  कोलार अवैध कब्जों का अड्डा बना    कोलार में राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों और तहसीलदारों की शह पर बेशकीमती जमीन पर जहां-तहां झुग्गियों का निर्माण करने के अलावा दीवारें तानकर अतिक्रमण किया जा रहा है। इन अतिक्रामकों को रोकने के बजाय अफसर उन्हें प्रश्रय दे रहे हैं। कोलार का दशहरा मैदान इसका ताजा उदाहरण है, जहां पिछले माह लगी आग में 50 झुग्गियां खाक हो गईं थी अब वहां 100 से ज्यादा झुग्गियां और मकान बन गए हैं।   लगातार अतिक्रमण बढ़ने की शिकायतों को लेकर एक सप्ताह पहले एडीएम रत्नाकर झा ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए थे कि वे सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाएं। साथ ही सूची तैयार करें, ताकि सरकारी जमीनों पर जमा अतिक्रमणों को हटाया जा सके। हुजूर एसडीएम और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही से फिर कोलार दशहरा मैदान की सरकारी जमीन पर दर्जनों झुग्गियां तन गर्इं।  प्रशासन के सामने यहां पर झुग्गियां बनती गई, लेकिन उन्हें रोकने की हिम्मत किसी ने नहीं की।   डेढ़ साल पहले निगम चुनाव के पूर्व मुख्यमंत्री ने हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के कहने पर कोलार दशहरा मैदान में स्टेडियम बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद कलेक्टर निशांत वरवड़े ने यहां पर दौरा कर एसडीएम माया अवस्थी को झुग्गियां शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अब तक यहां पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।   कोलार दशहरा मैदान के किनारे बनी अवैध झुग्गियां में तीन साल से एक ही स्थान पर आग लग रही है। यहां 40-50 झुग्गियों में आग लगती है और इसके बाद नई 100 झुग्गियां बन जाती हैं। तीन साल में इस स्थान पर 300 से अधिक झुग्गियां अवैध बन गई। लेकिन प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।     Attachments area          

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  पत्र  में प्रज्ञा ने कैंसर की बीमारी का हवाला भी दिया      मालेगांव बम ब्लास्ट में क्लीन चिट मिलने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने अपने तेवर दिखाए हैं। सिंहस्थ में जाने की जिद पर अड़ीं साध्वी ने पंडित खुशीलाल आयुर्वेदिक अस्पताल में आमरण अनशन शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि सरकार ने उन्हें परमिशन नहीं दी, तो वे 21 मई को जल समाधि ले लेंगी। कैंसर से पीड़ित प्रज्ञा ने दवाइयां खाने से भी इनकार कर दिया है। प्रज्ञा ने राज्य सरकार को लिखे पत्र  में कहा कि वे कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रही हैं। हो सकता है कि अगला कुंभ न देख पाएं।इस मसले  पर बोलने से प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।  साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट मिलने के बाद से माना जा रहा है कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का सॉफ्ट कॉर्नर उनके प्रति बढ़ा है। उनके अनशन के मामले में प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर से जब पूछा गया कि सरकार क्या करेगी, तो विवादों से बचने के लिए उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया । गौरतलब है कि साध्वी लगभग सात सालों से जेल में बंद थीं, लेकिन कैंसर के इलाज के लिए कोर्ट ने उन्हें अस्पताल में रहने की परमिशन दी है। प्रज्ञा ने रविवार को लेटर लिखकर शिवराज सरकार से उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ में शामिल होने की परमिशन मांगी थी।उन्होंने यह भी लिखा था कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो वे आमरण अनशन करेंगी। प्रज्ञा ने लिखा, 'वो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं और शायद अगला कुंभ न देख पाएं। इसलिए उनकी अंतिम इच्छा है कि वे उज्जैन कुंभ में जाएं।' प्रज्ञा ने राज्य सरकार समेत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को भी लेटर की कॉपी भेजी है। लेटर के मुताबिक, प्रज्ञा ने सोमवार सुबह 9 बजे तक का समय दिया था। मांग पूरी नहीं होने के कारण वे अपने कुछ सपोर्टर्स के साथ अस्पताल परिसर में ही आमरण अनशन पर बैठ गई हैं। प्रज्ञा ने लेटर में लिखा कि मैं अन्न जल त्याग दूंगी। अगर मुझे कुछ होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी मध्य प्रदेश सरकार की होगी। उन्होंने अपनी सिक्युरिटी को लेकर भी चिंता जाहिर की है। उन्होंने लिखा कि मेरे साथ पहले एसएएफ के जवान रहते थे। उनके हटाए जाने से मेरी जान को खतरा हो सकता है। प्रज्ञा ने जेड प्लस सुरक्षा की मांग की और सवाल पूछा कि जब देवास जिला कोर्ट ने उज्जैन जाने की अनुमति दे दी है, तो फिर सिक्युरिटी का हवाला देकर सरकार कोर्ट की अवमानना क्यों कर रही है? प्रज्ञा की चिट्ठी उनके सबसे विश्वसनीय भगवान झा लेकर पहुंचे थे। जेल सुपरिंटेंडेंट ने भगवान झा को भरोसा दिया के वह मामले को सीनियर अफसरों तक पहुंचा देंगे। भगवान झा ने कहा, 'सरकार के पास पुलिस की कोई कमी नहीं है। इसलिए साध्वी की सिंहस्थ यात्रा सुनिश्चित करा दी जाए, नहीं तो गंभीर परिणाम होंगे।'     Attachments area          

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  हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने किया 2.16 करोड़ की सड़क निर्माण का भूमि पूजन ।कोलार मुख्य मार्ग के समानांतर इस मार्ग से 2 लाख नागरिक होंगे सीधे लाभान्वित ।कोलार वासियो को विभिन्न मार्गो के माध्यम से नये भोपाल , होशंगाबाद रोड , जाने में होगी सहूलियत ।कोलार में बढ़ते ट्रैफिक पर नियंत्रण में हुज़ूर विधायक की कारगर पहल सफल ।हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा के अथक प्रयासों से कोलारवासियो को ट्रैफिक जाम से आये दिन होने वाली दिक्कतों से निज़ात मिलने जा रही है । बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान (कोलार मुख्य मार्ग) तक  बायपास रोड का निर्माण कराया जा रहा है । आज हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने रानी अवंतीबाई मार्ग से मंदाकनी मैदान को जोड़ने वाली सड़क निर्माण कार्य का भूमि पूजन भूमिका रेसीडेंसी पर किया । 2 करोड़ 16 लाख की लागत से बनने वाली 4200 मीटर इस सड़क की चौड़ाई 7.5 मीटर रहेगी, इस सड़क का निर्माण राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा किया जायेगा । श्री शर्मा ने बताया की कोलार मुख्य मार्ग पर आये दिन लगने वाले ट्रैफिक जाम से छुटकारा पाने के लिये इस बाय पास रोड का निर्माण कराया जा रहा है , उन्होंने बताया की बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग का निर्माण पूर्व में कराया जा चूका है । यह रोड  लोक निर्माण विभाग द्वारा बनायीं गयी है  गौरतलब है की उक्त सड़क का भूमि पूजन विधायक शर्मा द्वारा विधायक बनने के तत्काल बाद किया गया था । बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग तक इस सड़क की दूरी कुल 2 किलोमीटर है ।बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान पर कोलार मुख्य मार्ग पर जोड़ने वाले इस बायपास की कुल दूरी 6 किलोमीटर है । श्री शर्मा ने बताया की बहुत जल्द ही जे के अस्पताल के सामने इस मार्ग के जंक्शन पर एक पुल का निर्माण भी कराया जायेगा जो की सीधा शाहपुरा, भरत नगर , हबीबगंज , चुनाभट्टी , अथवा नये भोपाल को जोड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण के पश्च्यात कोलार के किसी भी नागरिक को ट्रैफिक जाम या आपातकालीन स्थिति में परेशान नहीं होना पड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग से कोलार सहित आसपास के लगभग 2 लाख नागरिक इससे सीधे लाभान्वित होंगे ।  श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण से पूर्व  उनके द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियो अधिकारियो एवं स्थानीय नागरिको के साथ दौरा किया गया । फलस्वरूप कोलार को ट्रैफिक से निजात दिलाने के लिये इस बायपास के निर्माण का निर्णय लिया गया । श्री शर्मा ने बताया की घनी आबादी वाले कोलार में नागरिको की सुविधा के मद्देनज़र इस मार्ग का  अलग अलग भागो में निर्माण कराया गया है , जिससे नागरिको को इसका लाभ पहुँच सके !  श्री शर्मा ने स्थानीय नागरिको को संबोधित करते हुए कहा की कोलार के समग्र विकास में निरंतर आपके द्वारा मिल रहे इसी प्रकार के सहयोग की आवश्यकता है आप सब के सहयोग से हम ग्रीन कोलार क्लीन कोलार का निर्माण करेंगे । कार्यक्रम के दौरान श्री शर्मा का स्थानीय नागरिको द्वारा बड़ी फूलो की माला पहनाकर सड़क निर्माण के लिए अभिन्दन किया गया !  मार्ग से लाभान्वित क्षेत्र  एक नज़र में -: बैरागढ़ चीचली , दौलतपुर ,धोली खदान, प्रियंका नगर ,हिनोतिया गांव ,मानसरोवर डेंटल कॉलेज, सुहागपुर ,पिपलिया, गुराडी , सेमरी ,अमरावत कलां ,सोहागपुर ,बांसखेड़ी झुग्गी बस्ती ,सन खेड़ी झुग्गी बस्ती, आकाश नगर , गिरधर परिसर ,सैफरॉन सिटी ,कृष्णा होम्स ,गिरधर गार्डन ,शिवालय परिसर ,सर्वजन सोसाइटी ,डी के 5 ,जे के अस्पताल , सागर प्रीमियम टॉवर, भूमिका रेसीडेंसी ,वेस्टर्न कौर्ट एवं मंदाकनी सोसायटी आदि इस मार्ग पर अन्य रहवासियो  को इस बाय पास का  सीधा लाभ पहुंचेगा ।होशंगाबाद रोड से जुड़ेगा यह मार्ग यह मार्ग चार बत्ती चौराहे से कालीबाड़ी पुल से होते हुए बाबड़िया रेल्वे फाटक से होशंगाबाद रोड से सीधा जुड़ेगा ।दानिश कुंज से कलियासोत नदी पर सलैया पुल के माध्यम से मिसरोद (होशंगाबाद रोड) से सीधा जुड़ेगा ।कार्यक्रम में विशेष रूप से स्थानीय पार्षद एवं एम आई सी सदस्य भूपेंद्र माली ,पार्षद पवन बोराना, मंडल उपाध्यक्ष श्याम मीना, बी एस वाजपेयी , महेश तिवारी , इक़बाल खान , अमित शुक्ल, दीपक माथुर , अरुण तिवारी , डी ले पालीवाल , एस एस सेंगर ,शोभा सिकरवार , श्रीमती गीता मिश्रा,गणेश तिवारी,राजेश सेंगर , राज शर्मा , प्रदीप पाटीदार ,आकाश श्रीवास्तव,सहित बड़ी संख्या में माताये बहने कॉलोनी वासी उपस्थित रहे ।  

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कोलार के वार्ड 82 में आने वाले दानिशकुंज कॉलोनी में नगर निगम द्वारा काम नहीं कराने के बाद भी पार्षद द्वारा निर्माण को लेकर बोर्ड लगाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। गलत जानकारी को लेकर आज दोपहर कांग्रेस पार्षदों, स्थानीय नेताओं और रहवासियों का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम आयुक्त छवि भारद्वाज से मिला। इन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पार्षद जानबूझकर श्रेय की राजनीति कर रहे हैं। जबकि, जनता गर्मी में पानी के लिए हाहाकार मचा रही है, फिर भी उन्हें पानी नहीं दिया जा रहा है। पार्षदों ने यह की मांग : कांग्रेस पार्षद संतोष जितेंद्र कंसाना, मोनू सक्सेना, मनजीत मारण, अमित शर्मा, राहुल सिंह राठौर, अखिलेश जैन सहित रहवासियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयुक्त भारद्वाज से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। इसके अनुसार तत्काल गलत जानकारी देने वाले भाजपा पार्षद भूपेंद्र माली के बोर्ड को नगर निगम प्रशासन हटाए। साथ ही इस मामले में जांच कराएं कि कहीं दानिशकुंज में कराए गए डामर के भुगतान की फर्जी फाइल तो निगम के कार्यालय नहीं पहुंच गई। यदि प्रशासन बोर्ड नहीं लगाएगी, तो कांग्रेसी भी हर वार्ड में ऐसे बोर्ड लगाएगी। दानिशकुंज कॉलोनी में करीब एक करोड़ राशि से डामर कराया गया है। इस पर स्थानीय पार्षद ने खुद डामर कराने के बोर्ड पूरी कॉलोनी में लगा दिए। वहीं, दानिशकुंज सोसायटी ने भी एक विज्ञापन जारी करके कहा कि वह निर्माण उसने कराया है। कुछ लोगों के यहां निर्माण नहीं कराया गया है, वो लोग जल्द ही बकाया राशि जमा कर दें, ताकि बचे हुए स्थानों पर भी डामरीकरण कराया जा सके।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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कोलकाता । पाकिस्तान के खिलाफ केंद्र सरकार द्वारा गठित सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में तृणमूल कांग्रेस की गैर मौजूदगी के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि यह अनावश्यक विवाद है। राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस पूरी तरह केंद्र सरकार के साथ खड़ी है।   उत्तर बंगाल रवाना होने से पहले दमदम हवाई अड्डे पर सोमवार को पत्रकारों से बात करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि तृणमूल प्रतिनिधि नहीं भेज रही है। इसका अर्थ यह नहीं है कि पार्टी केंद्र के निर्णय का विरोध कर रही है। हम न तो प्रतिनिधि भेजने से मना कर रहे थे और न ही ऐसा कोई निर्णय लिया गया था। लेकिन केंद्र ने बिना किसी जानकारी या परामर्श के अपने स्तर पर फैसला ले लिया। क्या यह उचित नहीं होता कि वे हमसे पहले पूछते।   उन्होंने कहा कि अगर केंद्र हमसे पूछता तो हम स्वयं प्रतिनिधि का नाम तय करते। लेकिन किसी को भी जानकारी नहीं दी गई। यहां तक कि मैं लोकसभा और राज्यसभा में पार्टी की चेयरपर्सन हूं, मुझे भी सूचित नहीं किया गया। हमारे किसी प्रतिनिधि का विदेश दौरे पर न जाना, इसका यह मतलब नहीं कि हम इसका बहिष्कार कर रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस राष्ट्रीय सुरक्षा के मसले पर केंद्र के साथ खड़ी है। इस मुद्दे पर अनावश्यक विवाद नहीं होना चाहिए।    गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सबूत पेश करने के लिए एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का गठन किया है। इस प्रतिनिधिमंडल के लिए केंद्र सरकार ने तृणमूल की ओर से पूर्व क्रिकेटर और सांसद यूसुफ पठान का नाम तय किया गया था। ममता बनर्जी ने यूसूफ पठान को प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने से रोक दिया है।  

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नई दिल्ली । लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर केंद्र सरकार और विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने पूछा कि पाकिस्तान को हमले से पहले सूचना क्यों दी गई? उन्होंने इसे ‘अपराध’ बताया और सवाल किया कि इस कारण कितने भारतीय विमान नष्ट हुए? राहुल गांधी ने दो दिन पहले यानी शनिवार को भी एक्स पोस्ट के माध्यम से सवाल खड़े किए किए थे और विदेश मंत्री के बयान को आधार बनाते हुए सवाल पूछे थे। राहुल ने सोमवार को कहा, ”जयशंकर की चुप्पी निंदनीय है। मैं फिर पूछता हूं- हमने कितने विमान गंवाए क्योंकि पाकिस्तान को पहले से पता था?” उन्होंने कहा कि यह चूक नहीं, बल्कि एक गंभीर अपराध है। देश को इसका सच जानने का हक है। उल्लेखनीय है कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष और सैन्य कार्रवाई की स्थिति पर बात करते हुए कहा था, “...ऑपरेशन की शुरुआत में ही हमने पाकिस्तान को यह संदेश भेज दिया था कि हम आतंकवादी ढांचे पर हमला कर रहे हैं, न कि सेना पर और सेना के पास यह विकल्प है कि वह बाहर खड़ी रहे और हस्तक्षेप न करे।” दूसरी ओर कांग्रेस ने आज इस मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने जयशंकर के बयान का हवाला दिया और पूछा, “क्या विदेश मंत्री को पाकिस्तान पर इतना भरोसा था कि आतंकवादी उनकी बात मान लेंगे?” उन्होंने कहा कि इसे कूटनीति नहीं, बल्कि मुखबिरी कहा जाता है। खेड़ा ने कहा कि जयशंकर ने ख़ुद मीडिया को बताया कि हमला करने से पहले पाकिस्तान को सूचित कर दिया था। क्या देश को जानने का हक़ नहीं है कि पाकिस्तान को हमले की सूचना देकर मसूद अज़हर को दोबारा बचाया गया, क्योंकि इससे पहले मसूद अज़हर को कंधार हाईजैक के समय छोड़ा गया था।

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बेंगलुरू । शहर में रविवार देर रात भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हाे गया। राजाकालुवा नाला में उफान आने से सीसीबी कार्यालय सहित कई घरों में पानी घुस गया। शहर के कई इलाकाें में जलभराव से लाेगाें काे  परेशानियाें का सामना करना पड़ा। मौसम विभाग ने अगले दो दिन भी भारी बारिश की संभावना जताई है।   देर रात हुई भारी बारिश से होरमावु, मान्‍यता टेक पार्क, पनाथुर आरयूबी, न्यू बीईएल रोड, नागवारा और सिल्क बोर्ड समेत कई अन्‍य रिहायशी इलाकों में जलभराव हुआ है। बेंगलुरु के होरमावु में विद्यारण्यपुरा साई लेआउट सहित कई इलाकों को काफी नुकसान हुआ है। बाढ़ के कारण कई इलाके झील में तब्दील हो गए। पानी में डूबी सड़कों और इलाकों में फंसे नागरिकों काे निकालने के लिए बचाव दल को नाव चलानी पड़ी। सड़कों पर जलभराव से सोमवार को कई जगह लाेगाें काे ट्रैफिक जाम जूझते देखा गया।   शांतिनगर स्थित सीसीबी कार्यालय में भी बारिश का पानी घुस गया है। कार्यालय के भूतल पर घुटनों तक पानी भरने नुकसान  हुआ है। सोमवार सुबह तक जलस्तर कम नही हुआ। कार्यालय में पानी भरने से कुछ फाइलों को नुकसान हुआ है, जिससे जांच कार्य प्रभावित हुआ है।  जल भराव से हुए नुकसान का अधिकारी आकलन कर रहे हैं। दरअसल, चामराजपेट स्थित सीसीबी कार्यालय का पुराना भवन जीर्ण-शीर्ण हो गया था। इस पर सीसीबी कार्यालय को शांतिनगर स्थित एक भवन में स्थानांतरित कर दिया गया। 

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  लगेगी शांडिल्य गुरु की प्रतिमा      कोलार रोड के दूसरे छोर भदभदा चौराहे पर उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने  ब्रह्मलीन बालगोविंद शांडिल्य गुरुजी की प्रतिमा स्थापना तथा चौराहे के सौंदर्यीकरण का भूमि-पूजन किया। सौंदर्यीकरण के लिये 8 लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं।   श्री गुप्ता ने कहा कि सरकार शहर के विकास के लिये सतत प्रयत्नशील है। उन्होंने शासन की विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि नागरिक शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये आगे आयें। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि घर-घर जाकर नागरिकों को शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये प्रेरित करें। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा कोटरा में सड़क भूमि-पूजन उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने आई-5 शासकीय आवास कोटरा के पास सड़क निर्माण का भूमि-पूजन किया। सड़क की लागत 20 लाख है। श्री गुप्ता ने सड़क का कार्य गुणवत्तापूर्ण करवाने के निर्देश दिये। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।     Attachments area          

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      मध्यप्रदेश के प्राचीन मंदिरों में भगवान के दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को अब प्रदेश के पुरावैभव, कला और संस्कृति की झलक भी वहां देखने को मिलेगी। इसके लिए राज्य सरकार मंदिरों में संग्रहालयों का निर्माण कराएगी। इस योजना को संस्कृति, धर्मस्व और पुरातत्व विभाग मिलकर अंजाम देंगे। मध्यप्रदेश में इस समय कई प्रसिद्ध मंदिर है जहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है। लेकिन इन मंदिरों में फिलहाल प्रदेश की कला-संस्कृति, इतिहास  और पुरावैभव की झलक दिखाने वाले संग्रहालय नहीं है। राज्य सरकार का सोचना है कि जो श्रद्धालु प्रदेश के प्राचीन मंदिरों में पहुंच रहे है वहां उन्हें भगवान के दर्शन के साथ-साथ प्रदेश के पुरावैभव और कला तथा संस्कृति से भी अवगत कराया जाए। इसके लिए इन मंदिरों के ट्रस्टों के पास मौजूद अपार धनराशि का उपयोग किया जाएगा। इन मंदिरों में सबसे पहले बनेंगे संग्रहालय- मध्यप्रदेश में उज्जैन में महाकाल मंदिर, खजराना मंदिर, सतना के मैहर मंदिर, पशुपतिनाथ मंदिर सहित कई ऐसे प्रमुख मंदिर है जहां मंदिरों की देखरेख और संरक्षण के लिए बनाए गए ट्रस्टों के पास श्रद्धालुओं के दान से मिली अपार धन संपदा स्थित है। इन्हीं मंदिरों में सबसे पहले संग्रहालय बनाने की शुरुआत की जाएगी।  इन मंदिरों के समीप काफी जमीन और भवन स्थित है। शिव मंदिरों में सभी बारह ज्योर्तिलिंगों के बारे में पूरी जानकारी एकत्रित कर प्रदर्शित की जाएगी। इसी तरह गणेश मंदिरों में गणेशजी के सभी स्वरुपों उनके इतिहास और महत्व को प्रदर्शित किया जाएगा। भोपाल के समीप स्थित भोजपुर मंदिर में दो सौ मीटर के दायरे के बाहर संग्रहालय बनाने का प्रस्ताव है। यहां भोजपुर के विशालकाय शिवलिंग और मंदिर के निर्माण की एतिहासिक प्रामाणिक  जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। यह मंदिर कब बना, इस तरह के मंदिर और कहां-कहां बनाए जाने थे। यह अधूरा क्यों रह गया। मंदिर के आसपास मिलने वाले शिवलिंग और अन्य पुराधरोहरों को भी यहां संग्रहित किया जाएगा। भोपाल में भी मुस्लिम धर्मावलंबियों से जुड़ी जानकारी, मध्यप्रदेश के प्राचीन नवाबों से जुड़े इतिहास की प्रामाणिक जानकारी गौहर महल या अन्य स्थानों पर प्रदर्शित की जाएगी। मिडटाउन में दुनिया की सबसे बड़ी सेंट पीटर चर्च में संग्रहालय भी है। वेटिकन सिटी में भी म्युजियम है वहां कई तरह के चित्र प्रदर्शित किए गए है। इन चित्रों में इन देशों की कला और संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। जापान में म्युजियम आॅफ पैरासाइड है। भारत के कई राज्यों में भी मंदिर, मस्जिद और चर्च के साथ संग्रहालय लगे हुए है। मध्यप्रदेश में फिलहाल मंदिर, मस्जिद और गिरिजाघरों में संग्रहालय नहीं है। प्रमुख सचिव संस्कृति मनोज श्रीवास्तव ने कहा प्रदेश के मंदिरों पर अब संग्रहालय बनाने की राज्य सरकार की योजना है। इसके जरिए प्रदेश के नागरिकों को धार्मिक आस्था के केन्द्रों पर पहुंचने पर वहां संग्रहालयों में प्रदेश के इतिहास, कला और संस्कृति के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।     Attachments area          

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  कोलार अवैध कब्जों का अड्डा बना    कोलार में राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों और तहसीलदारों की शह पर बेशकीमती जमीन पर जहां-तहां झुग्गियों का निर्माण करने के अलावा दीवारें तानकर अतिक्रमण किया जा रहा है। इन अतिक्रामकों को रोकने के बजाय अफसर उन्हें प्रश्रय दे रहे हैं। कोलार का दशहरा मैदान इसका ताजा उदाहरण है, जहां पिछले माह लगी आग में 50 झुग्गियां खाक हो गईं थी अब वहां 100 से ज्यादा झुग्गियां और मकान बन गए हैं।   लगातार अतिक्रमण बढ़ने की शिकायतों को लेकर एक सप्ताह पहले एडीएम रत्नाकर झा ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए थे कि वे सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाएं। साथ ही सूची तैयार करें, ताकि सरकारी जमीनों पर जमा अतिक्रमणों को हटाया जा सके। हुजूर एसडीएम और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही से फिर कोलार दशहरा मैदान की सरकारी जमीन पर दर्जनों झुग्गियां तन गर्इं।  प्रशासन के सामने यहां पर झुग्गियां बनती गई, लेकिन उन्हें रोकने की हिम्मत किसी ने नहीं की।   डेढ़ साल पहले निगम चुनाव के पूर्व मुख्यमंत्री ने हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के कहने पर कोलार दशहरा मैदान में स्टेडियम बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद कलेक्टर निशांत वरवड़े ने यहां पर दौरा कर एसडीएम माया अवस्थी को झुग्गियां शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अब तक यहां पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।   कोलार दशहरा मैदान के किनारे बनी अवैध झुग्गियां में तीन साल से एक ही स्थान पर आग लग रही है। यहां 40-50 झुग्गियों में आग लगती है और इसके बाद नई 100 झुग्गियां बन जाती हैं। तीन साल में इस स्थान पर 300 से अधिक झुग्गियां अवैध बन गई। लेकिन प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।     Attachments area          

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  पत्र  में प्रज्ञा ने कैंसर की बीमारी का हवाला भी दिया      मालेगांव बम ब्लास्ट में क्लीन चिट मिलने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने अपने तेवर दिखाए हैं। सिंहस्थ में जाने की जिद पर अड़ीं साध्वी ने पंडित खुशीलाल आयुर्वेदिक अस्पताल में आमरण अनशन शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि सरकार ने उन्हें परमिशन नहीं दी, तो वे 21 मई को जल समाधि ले लेंगी। कैंसर से पीड़ित प्रज्ञा ने दवाइयां खाने से भी इनकार कर दिया है। प्रज्ञा ने राज्य सरकार को लिखे पत्र  में कहा कि वे कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रही हैं। हो सकता है कि अगला कुंभ न देख पाएं।इस मसले  पर बोलने से प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।  साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट मिलने के बाद से माना जा रहा है कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का सॉफ्ट कॉर्नर उनके प्रति बढ़ा है। उनके अनशन के मामले में प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर से जब पूछा गया कि सरकार क्या करेगी, तो विवादों से बचने के लिए उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया । गौरतलब है कि साध्वी लगभग सात सालों से जेल में बंद थीं, लेकिन कैंसर के इलाज के लिए कोर्ट ने उन्हें अस्पताल में रहने की परमिशन दी है। प्रज्ञा ने रविवार को लेटर लिखकर शिवराज सरकार से उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ में शामिल होने की परमिशन मांगी थी।उन्होंने यह भी लिखा था कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो वे आमरण अनशन करेंगी। प्रज्ञा ने लिखा, 'वो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं और शायद अगला कुंभ न देख पाएं। इसलिए उनकी अंतिम इच्छा है कि वे उज्जैन कुंभ में जाएं।' प्रज्ञा ने राज्य सरकार समेत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को भी लेटर की कॉपी भेजी है। लेटर के मुताबिक, प्रज्ञा ने सोमवार सुबह 9 बजे तक का समय दिया था। मांग पूरी नहीं होने के कारण वे अपने कुछ सपोर्टर्स के साथ अस्पताल परिसर में ही आमरण अनशन पर बैठ गई हैं। प्रज्ञा ने लेटर में लिखा कि मैं अन्न जल त्याग दूंगी। अगर मुझे कुछ होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी मध्य प्रदेश सरकार की होगी। उन्होंने अपनी सिक्युरिटी को लेकर भी चिंता जाहिर की है। उन्होंने लिखा कि मेरे साथ पहले एसएएफ के जवान रहते थे। उनके हटाए जाने से मेरी जान को खतरा हो सकता है। प्रज्ञा ने जेड प्लस सुरक्षा की मांग की और सवाल पूछा कि जब देवास जिला कोर्ट ने उज्जैन जाने की अनुमति दे दी है, तो फिर सिक्युरिटी का हवाला देकर सरकार कोर्ट की अवमानना क्यों कर रही है? प्रज्ञा की चिट्ठी उनके सबसे विश्वसनीय भगवान झा लेकर पहुंचे थे। जेल सुपरिंटेंडेंट ने भगवान झा को भरोसा दिया के वह मामले को सीनियर अफसरों तक पहुंचा देंगे। भगवान झा ने कहा, 'सरकार के पास पुलिस की कोई कमी नहीं है। इसलिए साध्वी की सिंहस्थ यात्रा सुनिश्चित करा दी जाए, नहीं तो गंभीर परिणाम होंगे।'     Attachments area          

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  हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने किया 2.16 करोड़ की सड़क निर्माण का भूमि पूजन ।कोलार मुख्य मार्ग के समानांतर इस मार्ग से 2 लाख नागरिक होंगे सीधे लाभान्वित ।कोलार वासियो को विभिन्न मार्गो के माध्यम से नये भोपाल , होशंगाबाद रोड , जाने में होगी सहूलियत ।कोलार में बढ़ते ट्रैफिक पर नियंत्रण में हुज़ूर विधायक की कारगर पहल सफल ।हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा के अथक प्रयासों से कोलारवासियो को ट्रैफिक जाम से आये दिन होने वाली दिक्कतों से निज़ात मिलने जा रही है । बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान (कोलार मुख्य मार्ग) तक  बायपास रोड का निर्माण कराया जा रहा है । आज हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने रानी अवंतीबाई मार्ग से मंदाकनी मैदान को जोड़ने वाली सड़क निर्माण कार्य का भूमि पूजन भूमिका रेसीडेंसी पर किया । 2 करोड़ 16 लाख की लागत से बनने वाली 4200 मीटर इस सड़क की चौड़ाई 7.5 मीटर रहेगी, इस सड़क का निर्माण राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा किया जायेगा । श्री शर्मा ने बताया की कोलार मुख्य मार्ग पर आये दिन लगने वाले ट्रैफिक जाम से छुटकारा पाने के लिये इस बाय पास रोड का निर्माण कराया जा रहा है , उन्होंने बताया की बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग का निर्माण पूर्व में कराया जा चूका है । यह रोड  लोक निर्माण विभाग द्वारा बनायीं गयी है  गौरतलब है की उक्त सड़क का भूमि पूजन विधायक शर्मा द्वारा विधायक बनने के तत्काल बाद किया गया था । बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग तक इस सड़क की दूरी कुल 2 किलोमीटर है ।बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान पर कोलार मुख्य मार्ग पर जोड़ने वाले इस बायपास की कुल दूरी 6 किलोमीटर है । श्री शर्मा ने बताया की बहुत जल्द ही जे के अस्पताल के सामने इस मार्ग के जंक्शन पर एक पुल का निर्माण भी कराया जायेगा जो की सीधा शाहपुरा, भरत नगर , हबीबगंज , चुनाभट्टी , अथवा नये भोपाल को जोड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण के पश्च्यात कोलार के किसी भी नागरिक को ट्रैफिक जाम या आपातकालीन स्थिति में परेशान नहीं होना पड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग से कोलार सहित आसपास के लगभग 2 लाख नागरिक इससे सीधे लाभान्वित होंगे ।  श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण से पूर्व  उनके द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियो अधिकारियो एवं स्थानीय नागरिको के साथ दौरा किया गया । फलस्वरूप कोलार को ट्रैफिक से निजात दिलाने के लिये इस बायपास के निर्माण का निर्णय लिया गया । श्री शर्मा ने बताया की घनी आबादी वाले कोलार में नागरिको की सुविधा के मद्देनज़र इस मार्ग का  अलग अलग भागो में निर्माण कराया गया है , जिससे नागरिको को इसका लाभ पहुँच सके !  श्री शर्मा ने स्थानीय नागरिको को संबोधित करते हुए कहा की कोलार के समग्र विकास में निरंतर आपके द्वारा मिल रहे इसी प्रकार के सहयोग की आवश्यकता है आप सब के सहयोग से हम ग्रीन कोलार क्लीन कोलार का निर्माण करेंगे । कार्यक्रम के दौरान श्री शर्मा का स्थानीय नागरिको द्वारा बड़ी फूलो की माला पहनाकर सड़क निर्माण के लिए अभिन्दन किया गया !  मार्ग से लाभान्वित क्षेत्र  एक नज़र में -: बैरागढ़ चीचली , दौलतपुर ,धोली खदान, प्रियंका नगर ,हिनोतिया गांव ,मानसरोवर डेंटल कॉलेज, सुहागपुर ,पिपलिया, गुराडी , सेमरी ,अमरावत कलां ,सोहागपुर ,बांसखेड़ी झुग्गी बस्ती ,सन खेड़ी झुग्गी बस्ती, आकाश नगर , गिरधर परिसर ,सैफरॉन सिटी ,कृष्णा होम्स ,गिरधर गार्डन ,शिवालय परिसर ,सर्वजन सोसाइटी ,डी के 5 ,जे के अस्पताल , सागर प्रीमियम टॉवर, भूमिका रेसीडेंसी ,वेस्टर्न कौर्ट एवं मंदाकनी सोसायटी आदि इस मार्ग पर अन्य रहवासियो  को इस बाय पास का  सीधा लाभ पहुंचेगा ।होशंगाबाद रोड से जुड़ेगा यह मार्ग यह मार्ग चार बत्ती चौराहे से कालीबाड़ी पुल से होते हुए बाबड़िया रेल्वे फाटक से होशंगाबाद रोड से सीधा जुड़ेगा ।दानिश कुंज से कलियासोत नदी पर सलैया पुल के माध्यम से मिसरोद (होशंगाबाद रोड) से सीधा जुड़ेगा ।कार्यक्रम में विशेष रूप से स्थानीय पार्षद एवं एम आई सी सदस्य भूपेंद्र माली ,पार्षद पवन बोराना, मंडल उपाध्यक्ष श्याम मीना, बी एस वाजपेयी , महेश तिवारी , इक़बाल खान , अमित शुक्ल, दीपक माथुर , अरुण तिवारी , डी ले पालीवाल , एस एस सेंगर ,शोभा सिकरवार , श्रीमती गीता मिश्रा,गणेश तिवारी,राजेश सेंगर , राज शर्मा , प्रदीप पाटीदार ,आकाश श्रीवास्तव,सहित बड़ी संख्या में माताये बहने कॉलोनी वासी उपस्थित रहे ।  

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कोलार के वार्ड 82 में आने वाले दानिशकुंज कॉलोनी में नगर निगम द्वारा काम नहीं कराने के बाद भी पार्षद द्वारा निर्माण को लेकर बोर्ड लगाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। गलत जानकारी को लेकर आज दोपहर कांग्रेस पार्षदों, स्थानीय नेताओं और रहवासियों का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम आयुक्त छवि भारद्वाज से मिला। इन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पार्षद जानबूझकर श्रेय की राजनीति कर रहे हैं। जबकि, जनता गर्मी में पानी के लिए हाहाकार मचा रही है, फिर भी उन्हें पानी नहीं दिया जा रहा है। पार्षदों ने यह की मांग : कांग्रेस पार्षद संतोष जितेंद्र कंसाना, मोनू सक्सेना, मनजीत मारण, अमित शर्मा, राहुल सिंह राठौर, अखिलेश जैन सहित रहवासियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयुक्त भारद्वाज से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। इसके अनुसार तत्काल गलत जानकारी देने वाले भाजपा पार्षद भूपेंद्र माली के बोर्ड को नगर निगम प्रशासन हटाए। साथ ही इस मामले में जांच कराएं कि कहीं दानिशकुंज में कराए गए डामर के भुगतान की फर्जी फाइल तो निगम के कार्यालय नहीं पहुंच गई। यदि प्रशासन बोर्ड नहीं लगाएगी, तो कांग्रेसी भी हर वार्ड में ऐसे बोर्ड लगाएगी। दानिशकुंज कॉलोनी में करीब एक करोड़ राशि से डामर कराया गया है। इस पर स्थानीय पार्षद ने खुद डामर कराने के बोर्ड पूरी कॉलोनी में लगा दिए। वहीं, दानिशकुंज सोसायटी ने भी एक विज्ञापन जारी करके कहा कि वह निर्माण उसने कराया है। कुछ लोगों के यहां निर्माण नहीं कराया गया है, वो लोग जल्द ही बकाया राशि जमा कर दें, ताकि बचे हुए स्थानों पर भी डामरीकरण कराया जा सके।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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हिसार। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी करने के शक में गिरफ्तार हिसार की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा के बारे में जांच के दौरान कई बातें सामने आ रही हैं। ज्योति पाकिस्तान से लौटकर चीन भी गई थी। पाकिस्तान में उसे कहीं भी आने-जाने की छूट थी। वहां उसे सिक्योरिटी मिलती थी और किसी वीआईपी की तरह उसे ट्रीटमेंट मिलता था। शनिवार की रात ज्योति के घर की भी तलाशी ली गई।   हिसार पुलिस ज्योति को रिमांड पर लेकर उससे पूछताछ कर रही है। सुरक्षा एजेंसियों व नियमों के अनुसार आमतौर पर किसी भारतीय के पाकिस्तान जाने पर पुलिस स्तर पर उसकी निगरानी की जाती है। वह उन्हीं जगहों पर जा सकता है, जिसका जिक्र वीजा में होता है लेकिन, ज्योति पाकिस्तान में हाईप्रोफाइल पार्टियों में भी शामिल होती थीं। हिसार पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि इन बड़ी पार्टियों में उसकी मुलाकात पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों के बड़े अधिकारियों से होती थी। वह पाकिस्तान के अलावा दो बार कश्मीर भी जा चुकी हैं। जांच में यह भी पता चला है कि ज्योति खुफिया एजेंसी के अधिकारी के साथ इंडोनेशिया के बाली भी घूमकर आई और नेपाल भी गईं थी। पुलिस का मानना है कि हालांकि बहाना यूट्यूब के लिए वीडियो बनाने का होता था, लेकिन ज्योति का असल मकसद भारत की खुफिया जानकारी इकट्‌ठा कर पाकिस्तान को देना था।   सुरक्षा एजेंसियों की जांच में पता चला है कि ज्योति इस वर्ष 23 मार्च को पाकिस्तानी एंबेसी गई थी। जहां उसने इफ्तार पार्टी में हिस्सा लिया। इसका वीडियो भी उसने अपने चैनल पर डाला था। जब वह एंबेसी में पहुंची तो दानिश ने बहुत फ्रेंडली तरीके से उसका स्वागत किया और दोनों आपस में इस तरह से बात करते दिखे कि एक-दूसरे को बहुत करीब से जानते हों। दानिश ने उसे अपनी पत्नी से भी मिलवाया। इसके अलावा वहां मौजूद अधिकारियों से भी उसकी बात कराई। इस इफ्तार में ज्योति कुछ चीनी अधिकारियों से भी मिली। वह पूरे वीडियो में पाकिस्तानी एंबेसी में किए इंतजामों की जमकर तारीफ करती दिखी थी। उसने दानिश की पत्नी को अपने घर हिसार में भी आने के लिए निमंत्रण दिया।   जांच में पता चला है कि ज्योति अब तक पाकिस्तान, चीन, नेपाल, थाइलैंड, भूटान, इंडोनेशिया समेत कई देशों में जा चुकी थी। ज्योति ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स पर दुबई की एमिरेट्स की फर्स्ट क्लास की श्रेणी की यात्रा का फोटो भी शेयर किया हुआ है। इसके अलावा वह चीन में भी यात्रा के दौरान वीवीआईपी की तरह रही। इसके उलट भारत लौटने पर वह साधारण लड़की की तरह रहती थी। पुलिस सूत्रों का कहना है कि ज्योति सुरक्षा एजेंसियों की रडार पर तब आई, जब उसने वर्ष 2024 में पाकिस्तान यात्रा के तुरंत बाद चीन का दौरा किया। ज्योति ने अप्रैल 2024 में करीब 12 दिन का पाकिस्तान का टूर किया था। इसके बाद वह तुरंत जून में चीन चली गई। चीन में वह ज्वेलरी शॉप से लेकर कई जगह लग्जरी गाड़ियों में घूमी। इससे भारत की सुरक्षा एजेंसियों के उसके मकसद और खर्च को लेकर शक हुआ, जिसके बाद वह सुरक्षा एजेंसियाें की रडार पर आई थी और फिर उसकी निगरानी शुरू कर दी गई थी।   उल्लेखनीय है कि ज्योति मल्होत्रा को शनिवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे पांच दिन के रिमांड पर भेज दिया गया।  सुरक्षा एजेंसियां और पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि हिसार में उसका किसी और से इस तरह का संपर्क है अथवा नहीं।      

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बेंगलुरू । रॉयल चैलैंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) और कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के बीच शनिवार को मुकाबले के साथ इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2025 का रोमांच एक बार फिर शुरू हुआ। हालांकि तेज बारिश के कारण यह मुकाबला रद्द हो गया। मैच के रद्द होने के चलते दोनों टीमों को एक-एक अंक दिया गया। इसके बाद केकेआर प्लेऑफ की दौड़ से बाहर हो गई, जबकि बेंगलुरु की टीम अंक तालिका में टॉप पर पहुंच गई है।   बेंगलुरू के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में यह मैच भले ही न हो पाया हो, लेकिन होम टीम आरसीबी के फैंस अपने चहेते खिलाड़ी विराट कोहली को देखने बड़ी संख्या में स्टेडियम पहुंचे थे। फैंस 18 नंबर की सफेद जर्सी पहने स्टेडियम में नजर आए, लेकिन बारिश के चलते वह अपने चहेते खिलाड़ी को खेलते हुए नहीं देख सके।   दरअसल हाल ही में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद विराट कोहली शनिवार को पहली बार मैदान पर उतरने वाले थे, इसलिए एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में विराट को खास सम्मान देने के लिए फैंस सफेद जर्सी में आए थे।   आरसीबी ने रविवार को सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर विराट को बड़ी संख्या में देखने पहुंचे फैंस का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, चिन्नास्वामी सफेद हो गया- किंग कोहली के टेस्ट करियर को सम्मान।   फ्रेंचाइजी ने आगे लिखा कि विराट कोहली के शानदार टेस्ट करियर को दिल को छू लेने वाला सम्मान देने के लिए प्रशंसक न केवल बड़ी संख्या में बल्कि भावनाओं में भी दिखाई दिए, सफेद कपड़ों में लिपटे हुए - नारे लगाते हुए और विशेष बैनर के साथ, जिसने इसे खेल में एक ऐतिहासिक क्षण बना दिया। दुनिया के सबसे चहेते क्रिकेटर विराट कोहली की विरासत का जश्न मनाया।   आसमान में दिखा अद्भुत नजारा सोशल मीडिया पर एक वीडियो बहुत तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में बारिश के दौरान एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के ऊपर से सफेद कबूतरों का एक झुंड जाते हुए देखा जा सकता है। इसके बाद फैंस कह रहे हैं कि देखो ये सफेद पक्षी भी कोहली के सम्मान में स्टेडियम आए हैं। पक्षियों के झुंड की यह छलक टीम ने भी अपने वीडियो में शेयर की है।   टेस्ट क्रिकेट से संन्यास   भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने 12 मई को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। ऐसे में उनको सम्मान देने के लिए बेंगलुरु में फैंस कोहली के नाम की सफेद यानी टेस्ट जर्सी पहनकर आए थे।   विराट कोहली ने कुल 123 टेस्ट मैच खेले हैं। इस दौरान 46.85 की औसत से 9230 रन बनाए। टेस्ट में विराट के नाम 30 शतक और 31 अर्धशतक हैं।  

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देहरादून। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने रविवार को उत्तराखंड के सीमांत जनपद पिथौरागढ़ में सेना, आईटीबीपी, एसएसबी के जवानों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने सीमा की रक्षा में तैनात हथियार, उपकरण और अन्य रक्षा संसाधनों की भी जानकारी ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर की शानदार सफलता के लिए जवानों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पूरा देश वीर जवानों के त्याग और बलिदान का सम्मान करता है और उनकी कर्तव्यनिष्ठा पर गर्व करता है।   स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा उत्तराखंड के सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के भ्रमण पर हैं। वे आज पूर्वाह्न 11ः45 बजे गुंजी हेलीपैड पर पहुंचे। इसके बाद स्थानीय लोगों ने रंग संस्कृति की पगड़ी पहनाकर पारंपरिक रीति-रिवाज से उनका स्वागत किया। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री ने सेना, आईटीबीपी व एसएसबी के जवानों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने सीमा क्षेत्र की सुरक्षा के लिए तैनात हथियारों व उपकरणों की जानकारी भी ली। उन्होंने जवानों को सरकार की ओर से हर संभव सहायता और समर्थन का आश्वासन दिया। इसके उपरांत पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी ने जनपद के विभिन्न विभागों से संबंधित वाइब्रेंट विलेज के अंतर्गत गतिमान योजनाओं एवं प्रस्तावित कार्यक्रमों की पावर प्वाइंट प्रस्तुतीकरण दिया। जिलाधिकारी ने सभी विकासखंडों के अंतर्गत आने वाले वाइब्रेंट विलेज की जानकारी दी। पर्यटन विभाग ने पर्यटन योजनाओं, आदि कैलाश ओम पर्वत यात्रा व्यवस्थाओं की जानकारी दी। बताया कि स्वदेश दर्शन 2.0 योजना के संचालित योजनाओं के भी स्वास्थ्य मंत्री को जानकारी दी गई।   बताया कि आईटीबीपी और क्षेत्रीय पशुपालकों का आपस में अनुबंध है। स्थानीय ग्रामीण आईटीबीपी को ताजा, उच्च गुणवत्ता वाली पोल्ट्री और भेड़-बकरी उपलब्ध करवाते हैं। इस योजना में सहकारी समितियां और किसान उत्पादक संगठन आईटीबीपी को खाद्य पदार्थ की आपूर्ति में शामिल है। इस दौरान केंद्रीय सड़क परिवहन राज्य मंत्री अजय टम्टा, पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा आदि मौजूद रहे।

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इस्लामाबाद ।तमाम झूंठ बोलने के बाद आखिर पाकिस्तान ने भारत द्वारा किए गए एयरबेस व अन्य स्थानों पर हमलों की बात मान ली है। वहां के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कबूल किया है कि भारत की सेना ने रावल पिंडी स्थित नूर खान एयरबेस समेत कई स्थानों पर हमले किए थे।   पहलगाम हमले के बाद भारत ने पहले जहां पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक कर उन्हें तबाह किया, वहीं उसके बाद  वहां के एयरबेस को  हमला बनाया था। इस दौरान भारत ने रावलपिंडी के नूरखान, पंजाब के रहीम यार खान, सरगोधा समेत 11 प्रमुख एयरबेस पर बैलिस्टक मिसाइलों से हमला किया था। भारतीय हमले में पाकिस्तान के नौ एयरबेस को भारी नुकसान पुहंचा था। लेकिन पाकिस्तान इन हमलों को लगातार नकार रहा था। यहां तक कि संसद तक में वहां के विदेश मंत्री समेत कई नेताओं ने झूठ बोलते हुए उल्टे भारत को भारी नुकसान होने की बात कही थी। लेकिन अब देर से सही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने नूर खान एयरबेस पर भारत के हमले की बात स्वीकार कर ली है। द पैट्रियट के मुताबिक शुक्रवार की रात को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने स्वीकार किया कि दस मई की रात करीब ढाई बजे सेना प्रमुख आसिम मुनीर का उनके पास सेफ लाइन से फोन आया था। उन्होंने बताया था कि भारत की बैलिस्टक मिसाइलों ने नूर खान एयरबेस समेत कई इलाकों को नुकसान पहुंचाया है।    

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पटना। सिवान के एमपी-एमएलए कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के खिलाफ एक इश्तेहार जारी किया है। इस इश्तेहार के जरिये कोर्ट ने उन्हें ससमय पेश होने का आदेश दिया है। लालू प्रसाद आचार संहिता उल्लंघन के एक पुराने मामले में पिछले कई सुनवाई में उपस्थित नहीं हुए थे। इस कारण कोर्ट ने उनके खिलाफ यह इश्तेहार जारी किया है।दरअसल, कोर्ट में उपस्थिति को लेकर जमानतीय और गैर-जमानतीय वारंट जारी होने के बाद भी यदि आरोपी उपस्थित नहीं होता है, तो उसके विरुद्ध इश्तेहार जारी किया जाता है। एक पुराने मामले में न्यायालय ने उन्हें स-समय कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है। लालू यादव से जुड़ा यह मामला 2011 का है।सिवान जिले में दरौंदा थाना के विधानसभा क्षेत्र में 2011 में उपचुनाव हुआ था, जिसमें राजद उम्मीदवार परमेश्वर राय, लालू यादव के पार्टी से चुनाव लड़ रहे थे। इसी बीच चुनाव प्रचार-प्रसार के दौरान उनपर अचार संहिता 144-188 धारा लगा था। इसके अंतर्गत आचार संहिता उल्लंघन ध्वनि निस्तारण यंत्र अधिनियम 9 के तहत लाउडस्पीकर एक्ट को लेकर तत्कालीन अंचलाधिकारी (सीओ) के द्वारा, जो कि उस समय उड़नदस्ता प्रभारी थे, उनके द्वारा थाना में केस दर्ज करवाया गया था।एमपी ,एमएलए कोर्ट में यह केस 14 साल चलने के बाद आज एक एसीजीएम एमपी एमएलए कोर्ट के द्वारा लालू यादव के खिलाफ इश्तेहार जारी किया गया है। इश्तेहार में लालू प्रसाद यादव के गांव फुलवरिया का पता है, जहां इश्तेहार को चिपकाया जाएगा।एडवोकेट मदन सिंह ने बताया कि यह बेलेबल सेक्शन है। आचार संहिता उल्लंघन मामले में इन पर केस दर्ज हुआ था। मदन सिंह ने कहा कि दरौंदा के पांडेपुर गांव में यह जनसभा हुई थी, जिसको लेकर आचार संहिता का उल्लंघन का मामला आया था और तत्कालीन सीओ के द्वारा उन पर केस दर्ज किया गया था।उल्लेखनीय है कि परमेश्वर राय, लालू यादव की पार्टी राजद से उम्मीदवार थे, उनकी मृत्यु हो गई है। सिर्फ लालू यादव ही इस केस में जीवित हैं, जिन पर न्यायालय के द्वारा इश्तेहार जारी किया गया है।  

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नई दिल्ली । ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी दृढ़ नीतियों को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने के लिए सर्वदलीय सात प्रतिनिधिमंडल भेजने का निर्णय लिया है। ये प्रतिनिधिमंडल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों सहित प्रमुख सहयोगी देशों का दौरा करेगा। संसदीय कार्य मंत्रालय के अनुसार, यह यात्रा ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में की जा रही है, जो भारत की सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ निरंतर लड़ाई का प्रतीक है। प्रतिनिधिमंडलों का उद्देश्य भारत के राष्ट्रीय संकल्प और आतंकवाद के सभी रूपों और स्वरूपों के खिलाफ उसके दृढ़ दृष्टिकोण को पेश करना है। ये प्रतिनिधिमंडल दुनिया को भारत के आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता का मजबूत संदेश देंगे। प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल में विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसद, प्रमुख राजनीतिक हस्तियां और विशिष्ट राजनयिक शामिल होंगे। प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करने वाले सांसदों में शामिल हैं- शशि थरूर (कांग्रेस), रवि शंकर प्रसाद (भाजपा), संजय कुमार झा (जदयू), बैजयंत पांडा (भाजपा), कनिमोझी (द्रमुक), सुप्रिया सुले (एनसीपी-एसपी) और श्रीकांत एकनाथ शिंदे (शिवसेना)। सरकार के इस फैसले की सोशल मीडिया एक्स पर जानकारी देते हुए संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि जब महत्वपूर्ण क्षण आते हैं तो भारत एकजुट खड़ा होता है। उन्होंने इसे राजनीति से ऊपर राष्ट्रीय एकता का एक शक्तिशाली प्रतिबिंब बताया। कांग्रेस नेता एवं विदेश मामलों से जुड़ी संसद की स्थाई समिति के अध्यक्ष शशि थरूर ने कहा कि वह इस निमंत्रण के लिए सम्मानित महसूस करते हैं और राष्ट्रीय हित के मामले में अपनी सेवाएं देने के लिए तैयार हैं। उल्लेखनीय है कि शशि थरूर ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद से विश्व भर में भारत की बात रखने वाले प्रमुख चेहरा बने हैं। उन्होंने कई विदेशी चैनलों से बातचीत में भारतीय सेना और राष्ट्र के रुप में भारत के समर्थ्य और संकल्प को दुनिया के समक्ष रखा है।    वहीं कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक्स पर जानकारी दी कि कांग्रेस ने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के तौर पर चार सांसदों के नामों की पेशकश की है, जिनमें आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, डॉ. सैयद नसीर हुसैन और राजा बरार शामिल हैं।   प्रतिनिधिमंडल के सदस्य एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह किसी पार्टी के बारे में नहीं है। यह एक महत्वपूर्ण कार्य है और मैं अपनी जिम्मेदारी को निभाने के लिए प्रतिबद्ध हूं।   भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने इसे प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता का प्रतीक बताया। संजय कुमार झा ने कहा कि यह प्रधानमंत्री मोदी के आतंकवाद के खिलाफ निरंतर प्रयासों का परिणाम है। सुप्रिया सुले ने भी अपनी जिम्मेदारी स्वीकार की और कहा कि हम एक राष्ट्र के रूप में आतंकवाद के खिलाफ खड़े हैं। श्रीकांत शिंदे ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ता को दर्शाते हुए कहा कि यह उनकी जिम्मेदारी है जिसे वे पूरी निष्ठा से निभाएंगे।

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  लगेगी शांडिल्य गुरु की प्रतिमा      कोलार रोड के दूसरे छोर भदभदा चौराहे पर उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने  ब्रह्मलीन बालगोविंद शांडिल्य गुरुजी की प्रतिमा स्थापना तथा चौराहे के सौंदर्यीकरण का भूमि-पूजन किया। सौंदर्यीकरण के लिये 8 लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं।   श्री गुप्ता ने कहा कि सरकार शहर के विकास के लिये सतत प्रयत्नशील है। उन्होंने शासन की विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि नागरिक शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये आगे आयें। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि घर-घर जाकर नागरिकों को शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये प्रेरित करें। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा कोटरा में सड़क भूमि-पूजन उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने आई-5 शासकीय आवास कोटरा के पास सड़क निर्माण का भूमि-पूजन किया। सड़क की लागत 20 लाख है। श्री गुप्ता ने सड़क का कार्य गुणवत्तापूर्ण करवाने के निर्देश दिये। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।     Attachments area          

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      मध्यप्रदेश के प्राचीन मंदिरों में भगवान के दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को अब प्रदेश के पुरावैभव, कला और संस्कृति की झलक भी वहां देखने को मिलेगी। इसके लिए राज्य सरकार मंदिरों में संग्रहालयों का निर्माण कराएगी। इस योजना को संस्कृति, धर्मस्व और पुरातत्व विभाग मिलकर अंजाम देंगे। मध्यप्रदेश में इस समय कई प्रसिद्ध मंदिर है जहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है। लेकिन इन मंदिरों में फिलहाल प्रदेश की कला-संस्कृति, इतिहास  और पुरावैभव की झलक दिखाने वाले संग्रहालय नहीं है। राज्य सरकार का सोचना है कि जो श्रद्धालु प्रदेश के प्राचीन मंदिरों में पहुंच रहे है वहां उन्हें भगवान के दर्शन के साथ-साथ प्रदेश के पुरावैभव और कला तथा संस्कृति से भी अवगत कराया जाए। इसके लिए इन मंदिरों के ट्रस्टों के पास मौजूद अपार धनराशि का उपयोग किया जाएगा। इन मंदिरों में सबसे पहले बनेंगे संग्रहालय- मध्यप्रदेश में उज्जैन में महाकाल मंदिर, खजराना मंदिर, सतना के मैहर मंदिर, पशुपतिनाथ मंदिर सहित कई ऐसे प्रमुख मंदिर है जहां मंदिरों की देखरेख और संरक्षण के लिए बनाए गए ट्रस्टों के पास श्रद्धालुओं के दान से मिली अपार धन संपदा स्थित है। इन्हीं मंदिरों में सबसे पहले संग्रहालय बनाने की शुरुआत की जाएगी।  इन मंदिरों के समीप काफी जमीन और भवन स्थित है। शिव मंदिरों में सभी बारह ज्योर्तिलिंगों के बारे में पूरी जानकारी एकत्रित कर प्रदर्शित की जाएगी। इसी तरह गणेश मंदिरों में गणेशजी के सभी स्वरुपों उनके इतिहास और महत्व को प्रदर्शित किया जाएगा। भोपाल के समीप स्थित भोजपुर मंदिर में दो सौ मीटर के दायरे के बाहर संग्रहालय बनाने का प्रस्ताव है। यहां भोजपुर के विशालकाय शिवलिंग और मंदिर के निर्माण की एतिहासिक प्रामाणिक  जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। यह मंदिर कब बना, इस तरह के मंदिर और कहां-कहां बनाए जाने थे। यह अधूरा क्यों रह गया। मंदिर के आसपास मिलने वाले शिवलिंग और अन्य पुराधरोहरों को भी यहां संग्रहित किया जाएगा। भोपाल में भी मुस्लिम धर्मावलंबियों से जुड़ी जानकारी, मध्यप्रदेश के प्राचीन नवाबों से जुड़े इतिहास की प्रामाणिक जानकारी गौहर महल या अन्य स्थानों पर प्रदर्शित की जाएगी। मिडटाउन में दुनिया की सबसे बड़ी सेंट पीटर चर्च में संग्रहालय भी है। वेटिकन सिटी में भी म्युजियम है वहां कई तरह के चित्र प्रदर्शित किए गए है। इन चित्रों में इन देशों की कला और संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। जापान में म्युजियम आॅफ पैरासाइड है। भारत के कई राज्यों में भी मंदिर, मस्जिद और चर्च के साथ संग्रहालय लगे हुए है। मध्यप्रदेश में फिलहाल मंदिर, मस्जिद और गिरिजाघरों में संग्रहालय नहीं है। प्रमुख सचिव संस्कृति मनोज श्रीवास्तव ने कहा प्रदेश के मंदिरों पर अब संग्रहालय बनाने की राज्य सरकार की योजना है। इसके जरिए प्रदेश के नागरिकों को धार्मिक आस्था के केन्द्रों पर पहुंचने पर वहां संग्रहालयों में प्रदेश के इतिहास, कला और संस्कृति के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।     Attachments area          

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  कोलार अवैध कब्जों का अड्डा बना    कोलार में राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों और तहसीलदारों की शह पर बेशकीमती जमीन पर जहां-तहां झुग्गियों का निर्माण करने के अलावा दीवारें तानकर अतिक्रमण किया जा रहा है। इन अतिक्रामकों को रोकने के बजाय अफसर उन्हें प्रश्रय दे रहे हैं। कोलार का दशहरा मैदान इसका ताजा उदाहरण है, जहां पिछले माह लगी आग में 50 झुग्गियां खाक हो गईं थी अब वहां 100 से ज्यादा झुग्गियां और मकान बन गए हैं।   लगातार अतिक्रमण बढ़ने की शिकायतों को लेकर एक सप्ताह पहले एडीएम रत्नाकर झा ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए थे कि वे सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाएं। साथ ही सूची तैयार करें, ताकि सरकारी जमीनों पर जमा अतिक्रमणों को हटाया जा सके। हुजूर एसडीएम और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही से फिर कोलार दशहरा मैदान की सरकारी जमीन पर दर्जनों झुग्गियां तन गर्इं।  प्रशासन के सामने यहां पर झुग्गियां बनती गई, लेकिन उन्हें रोकने की हिम्मत किसी ने नहीं की।   डेढ़ साल पहले निगम चुनाव के पूर्व मुख्यमंत्री ने हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के कहने पर कोलार दशहरा मैदान में स्टेडियम बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद कलेक्टर निशांत वरवड़े ने यहां पर दौरा कर एसडीएम माया अवस्थी को झुग्गियां शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अब तक यहां पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।   कोलार दशहरा मैदान के किनारे बनी अवैध झुग्गियां में तीन साल से एक ही स्थान पर आग लग रही है। यहां 40-50 झुग्गियों में आग लगती है और इसके बाद नई 100 झुग्गियां बन जाती हैं। तीन साल में इस स्थान पर 300 से अधिक झुग्गियां अवैध बन गई। लेकिन प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।     Attachments area          

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  पत्र  में प्रज्ञा ने कैंसर की बीमारी का हवाला भी दिया      मालेगांव बम ब्लास्ट में क्लीन चिट मिलने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने अपने तेवर दिखाए हैं। सिंहस्थ में जाने की जिद पर अड़ीं साध्वी ने पंडित खुशीलाल आयुर्वेदिक अस्पताल में आमरण अनशन शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि सरकार ने उन्हें परमिशन नहीं दी, तो वे 21 मई को जल समाधि ले लेंगी। कैंसर से पीड़ित प्रज्ञा ने दवाइयां खाने से भी इनकार कर दिया है। प्रज्ञा ने राज्य सरकार को लिखे पत्र  में कहा कि वे कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रही हैं। हो सकता है कि अगला कुंभ न देख पाएं।इस मसले  पर बोलने से प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।  साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट मिलने के बाद से माना जा रहा है कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का सॉफ्ट कॉर्नर उनके प्रति बढ़ा है। उनके अनशन के मामले में प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर से जब पूछा गया कि सरकार क्या करेगी, तो विवादों से बचने के लिए उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया । गौरतलब है कि साध्वी लगभग सात सालों से जेल में बंद थीं, लेकिन कैंसर के इलाज के लिए कोर्ट ने उन्हें अस्पताल में रहने की परमिशन दी है। प्रज्ञा ने रविवार को लेटर लिखकर शिवराज सरकार से उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ में शामिल होने की परमिशन मांगी थी।उन्होंने यह भी लिखा था कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो वे आमरण अनशन करेंगी। प्रज्ञा ने लिखा, 'वो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं और शायद अगला कुंभ न देख पाएं। इसलिए उनकी अंतिम इच्छा है कि वे उज्जैन कुंभ में जाएं।' प्रज्ञा ने राज्य सरकार समेत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को भी लेटर की कॉपी भेजी है। लेटर के मुताबिक, प्रज्ञा ने सोमवार सुबह 9 बजे तक का समय दिया था। मांग पूरी नहीं होने के कारण वे अपने कुछ सपोर्टर्स के साथ अस्पताल परिसर में ही आमरण अनशन पर बैठ गई हैं। प्रज्ञा ने लेटर में लिखा कि मैं अन्न जल त्याग दूंगी। अगर मुझे कुछ होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी मध्य प्रदेश सरकार की होगी। उन्होंने अपनी सिक्युरिटी को लेकर भी चिंता जाहिर की है। उन्होंने लिखा कि मेरे साथ पहले एसएएफ के जवान रहते थे। उनके हटाए जाने से मेरी जान को खतरा हो सकता है। प्रज्ञा ने जेड प्लस सुरक्षा की मांग की और सवाल पूछा कि जब देवास जिला कोर्ट ने उज्जैन जाने की अनुमति दे दी है, तो फिर सिक्युरिटी का हवाला देकर सरकार कोर्ट की अवमानना क्यों कर रही है? प्रज्ञा की चिट्ठी उनके सबसे विश्वसनीय भगवान झा लेकर पहुंचे थे। जेल सुपरिंटेंडेंट ने भगवान झा को भरोसा दिया के वह मामले को सीनियर अफसरों तक पहुंचा देंगे। भगवान झा ने कहा, 'सरकार के पास पुलिस की कोई कमी नहीं है। इसलिए साध्वी की सिंहस्थ यात्रा सुनिश्चित करा दी जाए, नहीं तो गंभीर परिणाम होंगे।'     Attachments area          

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  हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने किया 2.16 करोड़ की सड़क निर्माण का भूमि पूजन ।कोलार मुख्य मार्ग के समानांतर इस मार्ग से 2 लाख नागरिक होंगे सीधे लाभान्वित ।कोलार वासियो को विभिन्न मार्गो के माध्यम से नये भोपाल , होशंगाबाद रोड , जाने में होगी सहूलियत ।कोलार में बढ़ते ट्रैफिक पर नियंत्रण में हुज़ूर विधायक की कारगर पहल सफल ।हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा के अथक प्रयासों से कोलारवासियो को ट्रैफिक जाम से आये दिन होने वाली दिक्कतों से निज़ात मिलने जा रही है । बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान (कोलार मुख्य मार्ग) तक  बायपास रोड का निर्माण कराया जा रहा है । आज हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने रानी अवंतीबाई मार्ग से मंदाकनी मैदान को जोड़ने वाली सड़क निर्माण कार्य का भूमि पूजन भूमिका रेसीडेंसी पर किया । 2 करोड़ 16 लाख की लागत से बनने वाली 4200 मीटर इस सड़क की चौड़ाई 7.5 मीटर रहेगी, इस सड़क का निर्माण राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा किया जायेगा । श्री शर्मा ने बताया की कोलार मुख्य मार्ग पर आये दिन लगने वाले ट्रैफिक जाम से छुटकारा पाने के लिये इस बाय पास रोड का निर्माण कराया जा रहा है , उन्होंने बताया की बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग का निर्माण पूर्व में कराया जा चूका है । यह रोड  लोक निर्माण विभाग द्वारा बनायीं गयी है  गौरतलब है की उक्त सड़क का भूमि पूजन विधायक शर्मा द्वारा विधायक बनने के तत्काल बाद किया गया था । बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग तक इस सड़क की दूरी कुल 2 किलोमीटर है ।बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान पर कोलार मुख्य मार्ग पर जोड़ने वाले इस बायपास की कुल दूरी 6 किलोमीटर है । श्री शर्मा ने बताया की बहुत जल्द ही जे के अस्पताल के सामने इस मार्ग के जंक्शन पर एक पुल का निर्माण भी कराया जायेगा जो की सीधा शाहपुरा, भरत नगर , हबीबगंज , चुनाभट्टी , अथवा नये भोपाल को जोड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण के पश्च्यात कोलार के किसी भी नागरिक को ट्रैफिक जाम या आपातकालीन स्थिति में परेशान नहीं होना पड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग से कोलार सहित आसपास के लगभग 2 लाख नागरिक इससे सीधे लाभान्वित होंगे ।  श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण से पूर्व  उनके द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियो अधिकारियो एवं स्थानीय नागरिको के साथ दौरा किया गया । फलस्वरूप कोलार को ट्रैफिक से निजात दिलाने के लिये इस बायपास के निर्माण का निर्णय लिया गया । श्री शर्मा ने बताया की घनी आबादी वाले कोलार में नागरिको की सुविधा के मद्देनज़र इस मार्ग का  अलग अलग भागो में निर्माण कराया गया है , जिससे नागरिको को इसका लाभ पहुँच सके !  श्री शर्मा ने स्थानीय नागरिको को संबोधित करते हुए कहा की कोलार के समग्र विकास में निरंतर आपके द्वारा मिल रहे इसी प्रकार के सहयोग की आवश्यकता है आप सब के सहयोग से हम ग्रीन कोलार क्लीन कोलार का निर्माण करेंगे । कार्यक्रम के दौरान श्री शर्मा का स्थानीय नागरिको द्वारा बड़ी फूलो की माला पहनाकर सड़क निर्माण के लिए अभिन्दन किया गया !  मार्ग से लाभान्वित क्षेत्र  एक नज़र में -: बैरागढ़ चीचली , दौलतपुर ,धोली खदान, प्रियंका नगर ,हिनोतिया गांव ,मानसरोवर डेंटल कॉलेज, सुहागपुर ,पिपलिया, गुराडी , सेमरी ,अमरावत कलां ,सोहागपुर ,बांसखेड़ी झुग्गी बस्ती ,सन खेड़ी झुग्गी बस्ती, आकाश नगर , गिरधर परिसर ,सैफरॉन सिटी ,कृष्णा होम्स ,गिरधर गार्डन ,शिवालय परिसर ,सर्वजन सोसाइटी ,डी के 5 ,जे के अस्पताल , सागर प्रीमियम टॉवर, भूमिका रेसीडेंसी ,वेस्टर्न कौर्ट एवं मंदाकनी सोसायटी आदि इस मार्ग पर अन्य रहवासियो  को इस बाय पास का  सीधा लाभ पहुंचेगा ।होशंगाबाद रोड से जुड़ेगा यह मार्ग यह मार्ग चार बत्ती चौराहे से कालीबाड़ी पुल से होते हुए बाबड़िया रेल्वे फाटक से होशंगाबाद रोड से सीधा जुड़ेगा ।दानिश कुंज से कलियासोत नदी पर सलैया पुल के माध्यम से मिसरोद (होशंगाबाद रोड) से सीधा जुड़ेगा ।कार्यक्रम में विशेष रूप से स्थानीय पार्षद एवं एम आई सी सदस्य भूपेंद्र माली ,पार्षद पवन बोराना, मंडल उपाध्यक्ष श्याम मीना, बी एस वाजपेयी , महेश तिवारी , इक़बाल खान , अमित शुक्ल, दीपक माथुर , अरुण तिवारी , डी ले पालीवाल , एस एस सेंगर ,शोभा सिकरवार , श्रीमती गीता मिश्रा,गणेश तिवारी,राजेश सेंगर , राज शर्मा , प्रदीप पाटीदार ,आकाश श्रीवास्तव,सहित बड़ी संख्या में माताये बहने कॉलोनी वासी उपस्थित रहे ।  

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कोलार के वार्ड 82 में आने वाले दानिशकुंज कॉलोनी में नगर निगम द्वारा काम नहीं कराने के बाद भी पार्षद द्वारा निर्माण को लेकर बोर्ड लगाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। गलत जानकारी को लेकर आज दोपहर कांग्रेस पार्षदों, स्थानीय नेताओं और रहवासियों का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम आयुक्त छवि भारद्वाज से मिला। इन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पार्षद जानबूझकर श्रेय की राजनीति कर रहे हैं। जबकि, जनता गर्मी में पानी के लिए हाहाकार मचा रही है, फिर भी उन्हें पानी नहीं दिया जा रहा है। पार्षदों ने यह की मांग : कांग्रेस पार्षद संतोष जितेंद्र कंसाना, मोनू सक्सेना, मनजीत मारण, अमित शर्मा, राहुल सिंह राठौर, अखिलेश जैन सहित रहवासियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयुक्त भारद्वाज से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। इसके अनुसार तत्काल गलत जानकारी देने वाले भाजपा पार्षद भूपेंद्र माली के बोर्ड को नगर निगम प्रशासन हटाए। साथ ही इस मामले में जांच कराएं कि कहीं दानिशकुंज में कराए गए डामर के भुगतान की फर्जी फाइल तो निगम के कार्यालय नहीं पहुंच गई। यदि प्रशासन बोर्ड नहीं लगाएगी, तो कांग्रेसी भी हर वार्ड में ऐसे बोर्ड लगाएगी। दानिशकुंज कॉलोनी में करीब एक करोड़ राशि से डामर कराया गया है। इस पर स्थानीय पार्षद ने खुद डामर कराने के बोर्ड पूरी कॉलोनी में लगा दिए। वहीं, दानिशकुंज सोसायटी ने भी एक विज्ञापन जारी करके कहा कि वह निर्माण उसने कराया है। कुछ लोगों के यहां निर्माण नहीं कराया गया है, वो लोग जल्द ही बकाया राशि जमा कर दें, ताकि बचे हुए स्थानों पर भी डामरीकरण कराया जा सके।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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नई दिल्ली । व्‍यापारियों के संगठन कन्‍फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने शुक्रवार को तुर्किये और अजरबैजान के साथ सभी कारोबारी और पर्यटन संबंधों को खत्म करने का ऐलान किया। कैट द्वारा राजधानी नई दिल्‍ली के होटल ललित में आयोजित राष्ट्रीय व्यापार सम्मेलन में देशभर से आए 125 से अधिक शीर्ष व्यापारिक नेताओं ने सर्वसम्मति से दोनों देशों के साथ सभी कारोबारी और पर्यटन संबंधों को खत्म करने का संकल्प लिया।कैट के राष्‍ट्रीय महामंत्री एवं सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि देश के 24 राज्यों से आए 125 से अधिक व्यापारी प्रतिनिधियों ने राष्ट्रीय व्यापारी सम्मेलन में तुर्किये और अजरबैजान के साथ सभी कारोबारी और पर्यटन संबंधों को खत्म करने का निर्णय लिया है। इस सम्मेलन में पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय संगठक कश्मीरी लाल, राष्ट्रीय सह-संयोजक अश्विनी महाजन और कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और अन्‍य कारोबारी नेता मौजूद थे।खंडेलवाल ने बताया कि राष्ट्रीय व्यापार सम्मेलन में देशभर से आए हुए 125 से ज्‍यादा शीर्ष व्यापारिक नेताओं ने सर्वसम्मति से यह संकल्प लिया है कि भारत का व्यापारिक समुदाय तुर्किये और अजरबैजान के साथ हर प्रकार के व्यापार एवं व्यावसायिक संबंधों का पूर्ण बहिष्कार करेगा, जिसमें यात्रा और पर्यटन भी शामिल है। व्यापारिक समुदाय ने भारतीय फिल्म उद्योग से भी अपील की है कि वे तुर्किये और अजरबैजान में किसी भी प्रकार की फिल्म की शूटिंग न करें। यदि कोई फिल्म वहां शूट होती है, तो व्यापार जगत और आम जनता ऐसे फिल्मों का बहिष्कार करेगी। सम्मेलन में यह भी निर्णय लिया गया कि कोई भी कॉरपोरेट हाउस तुर्की और अज़रबैजान में अपने उत्पादों के प्रमोशन की शूटिंग नहीं करेगा।कैट महामंत्री ने कहा कि इस सम्मेलन में देश के 24 राज्यों से आए प्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए उन सभी ताकतों का सख्ती से विरोध करने का संकल्प लिया जो भारत के खिलाफ खड़ी हैं। कारोबारी नेताओ ने यह प्रस्ताव तुर्किेये और अजरबैजान के पाकिस्तान को खुला समर्थन देने के संदर्भ में पारित किया गया है, जब भारत एक संवेदनशील और गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा संकट से गुजर रहा है। व्यापारिक समुदाय का मानना है कि यह भारत के साथ एक प्रकार का विश्वासघात है, विशेष रूप से उस मानवीय एवं कूटनीतिक सहायता को देखते हुए जो भारत और विशेषकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संकट के समय इन देशों को प्रदान की थी।इससे पहले व्‍यापारियों के रार्ष्‍टीय सम्‍मेलन को संबोधित करते हुए कैट के रार्ष्‍टीय महासचिव एवं सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, “यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि तुर्किये और अजरबैजान ने भारत की सद्भावना, सहायता और रणनीतिक समर्थन का लाभ उठाया है, लेकिन आज पाकिस्तान का साथ दे रहे हैं, जो दुनिया में आतंकवाद को समर्थन देने वाला मुल्‍क के तौर पर जाना जाता है। उन्‍होंने कहा कि उनका यह रुख भारत की संप्रभुता और राष्ट्रीय हितों पर आघात है। इसके साथ ही 140 करोड़ भारतीयों की भावनाओं का भी अपमान है।” खंडेलवाल ने कहा कि तुर्किये का अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बार-बार भारत विरोधी बयान देना और पाकिस्तान की बात का समर्थन करना अस्वीकार्य है, जबकि अजरबैजान का तुर्किये के साथ खड़ा होना और पाकिस्तान के पक्ष में सार्वजनिक बयान देना भारत की दोस्ती और सहयोग करने के प्रति अनादर को दर्शाता है। भारतीय व्यापारिक समुदाय हमेशा राष्ट्र के साथ खड़ा रहा है।कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष भरतिया ने कहा कि व्यापारिक समुदाय ने दोनों देशों के प्रति अपनी तीव्र नाराजगी और असंतोष व्यक्त किया है। उन्‍होंने कारोबारी नेताओं को संबोधित करते हुए इन दोनेां देशों की नीतियों को “अकृतज्ञ और भारत विरोधी” बताया। भरतिया ने कहा कि रार्ष्‍टीय व्‍यापारी सम्मेलन में सर्वसम्मति से यह तय किया गया कि ऐसे देशों को भारत से किसी भी प्रकार का आर्थिक सहयोग या व्यापारिक लाभ नहीं मिलना चाहिए। इसके अलावा कैट के रार्ष्‍टीय समम्‍मेलन में व्यापारियों ने भारत सरकार द्वारा तुर्किये की कंपनी “सेलेबी ग्राउंड हैंडलिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड” की सुरक्षा मंजूरी रद्द करने के निर्णय का स्वागत किया, जो भारत के नौ प्रमुख हवाई अड्डों पर सेवाएं प्रदान कर रही थी। यह निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में लिया गया है।   सम्‍मेलन के प्रमुख निर्णय--तुर्किये और अजरबैजान के उत्पादों का देशव्यापी बहिष्कार।-भारत के व्यापारी अब तुर्किये और अजरबैजान से आयात-निर्यात बंद करेंगे।-इन दोनों देशें के साथ व्यापारिक संबंधों पर पूर्ण विराम।-भारतीय निर्यातकों, आयातकों और व्यापारिक प्रतिनिधिमंडलों को इन देशों की कंपनियों या संस्थानों के साथ किसी भी प्रकार की व्यावसायिक साझेदारी से रोका जाएगा।-यात्रा और पर्यटन योजनाओं का बहिष्कारयात्रा एजेंसियों और इवेंट प्लानर्स से अनुरोध किया जाएगा कि वे तुर्की और अज़रबैजान को पर्यटन या व्यावसायिक गंतव्य के रूप में प्रचारित न करें।कैट करेगी भारत सरकार से अपीलकैट के राष्‍ट्रीय महामंत्री एवं चांदनी चौक के सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि व्यापार और उद्योग मंत्रालय तथा विदेश मंत्रालय को एक ज्ञापन सौंपा जाएगा, जिसमें इन देशों के साथ सभी व्यावसायिक संबंधों की नीति स्तर पर समीक्षा की मांग की जाएगी।

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नई दिल्ली । ऑपरेशन 'सिंदूर' स्थगित किये जाने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को गुजरात के भुज में स्थित वायु सेना स्टेशन पर वीर वायु योद्धाओं का हौसला बढ़ाने के लिए पहुंचे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सरजमीं पर पल रहे आतंक के अजगर को कुचलने के लिए भारतीय वायु सेना के लिए सिर्फ 23 मिनट काफी थे। हमारी एयर फोर्स एक ऐसी ‘स्काइफ़ोर्स’ है, जिसने अपने शौर्य, पराक्रम और प्रताप से आसमान की नई और बुलंद ऊंचाइयों को छू लिया है। जितनी देर में लोग नाश्ता-पानी निपटाते हैं, उतनी देर में आपने दुश्मनों का निपटारा कर दिया। आपने दुश्मन की सीमा के भीतर जाकर जो मिसाइल गिराई, उसकी गूंज पूरी दुनिया ने सुनी।   रक्षा मंत्री ने कहा कि अभी कल ही मैं श्रीनगर में सेना के अपने वीर जवानों से मिलकर लौटा हूं। कल मैं भारत के उत्तरी भाग में जवानों से मिला। आज मैं भारत के पश्चिमी भाग में वायु योद्धाओं और जवानों से मिल रहा हूं। दोनों ही मोर्चों पर हाई एनर्जी और हाई जोश देखकर आश्वस्त हो गया हूं कि भारत की सीमाएं आप सभी की मजबूत भुजाओं में पूरी तरह से सुरक्षित हैं। भुज का यह एयरबेस 1965 में पाकिस्तान के खिलाफ हमारी जीत का साक्षी रहा है। यह भुज 1971 में भी पाकिस्तान के खिलाफ हमारी जीत का साक्षी रहा है। आज एक बार फिर यह भुज पाकिस्तान के खिलाफ हमारी जीत का साक्षी बना है। इसकी मिट्टी में देशभक्ति की खुशबू है, इसलिए यहां के जवानों में भारत की सुरक्षा का अडिग संकल्प है।   उन्होंने कहा कि सरकार और देश की जनता हर कदम पर, हर स्थिति में आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। मुझे पूरा विश्वास है कि आपके सहयोग से हम इस पूरे क्षेत्र में आतंकवाद का समूल नाश करेंगे, ताकि कल को कोई भारत की संप्रभुता के खिलाफ आंख उठाने की भी हिमाकत न करे। अब हमने साफ कर दिया है कि अगर हमारी संप्रभुता को कोई नुकसान पहुंचाएगा, तो वह प्रहार भी झेलेगा। आतंकवाद का हम मजबूती से और जोरदार तरीके से जवाब देंगे। एक और बात मैं यहां साफ कहना चाहूंगा कि ऑपरेशन 'सिंदूर' अभी खत्म नहीं हुआ है। अब तक जो कुछ भी हुआ, वह सिर्फ एक ट्रेलर मात्र था। जब सही समय आएगा, तो हम पूरी पिक्चर भी दिखाएंगे।   वायु योद्धाओं का हौसला बढ़ाते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि अब आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई केवल सुरक्षा का विषय नहीं, बल्कि राष्ट्रीय रक्षा सिद्धांत का हिस्सा बन चुकी है। हम आपके साथ मिलकर इस हाइब्रिड और छद्म युद्ध को जड़ से समाप्त करेंगे। आज के समय में पाकिस्तान को किसी भी तरह की आर्थिक सहायता आतंकवाद का वित्तपोषण से कम नहीं है। भारत यही चाहेगा कि आईएमएफ पाकिस्तान को अपनी एक बिलियन डॉलर की सहायता देने पर पुनर्विचार करे और आगे भी किसी भी तरह की सहायता देने से परहेज करे। उन्होंने कहा कि भारत नहीं चाहता कि जो फंडिंग हम आईएमएफ को करते हैं, वह प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर पाकिस्तान या किसी भी देश में आतंकी ढांचा बनाने में इस्तेमाल की जाए।   राजनाथ सिंह ने कहा कि लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद के मुरीदके और बहावलपुर स्थित आतंकी ढांचे को फिर से खड़ा करने के लिए पाकिस्तान सरकार ने आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। निश्चित रूप से आईएमएफ से आने वाले एक बिलियन डॉलर के बड़े हिस्से को इसमें इस्तेमाल किया जाएगा। क्या यह अंतरराष्ट्रीय संस्था से अप्रत्यक्ष वित्तपोषण नहीं माना जाएगा? आपने पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ढांचे के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की मगर पाकिस्तान फिर से इस कोशिश में लग गया है कि ध्वस्त हुए आतंकी ढांचे को फिर से खड़ा किया जाये। वहां की सरकार, पाकिस्तानी आम नागरिकों से लिया गया टैक्स जैश ए मोहम्मद जैसे आतंकी संगठन के आका मसूद अजहर को करीब चौदह करोड़ रुपये देने में खर्च करेगी।

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नई दिल्ली । आम आदमी पार्टी (आआपा) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पंजाब में चल रहे "ड्रग्स के खिलाफ युद्ध" के बीच शुक्रवार को 'नशा मुक्ति यात्रा' की घोषणा की। जिसे राज्य में नशीली दवाओं के दुरुपयोग को खत्म करने के लिए सरकार ने शुरू किया।इस प्रयास में उनके साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी होंगे। उन्होंने कहा कि नशीली दवाओं के दुरुपयोग और नशीली दवाओं की बिक्री के खिलाफ लोगों के संकल्प को मजबूत करने के लिए 'नशा मुक्ति यात्रा' पंजाब के प्रत्येक गांव और वार्ड तक पहुंचेगी।आआपा के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि आज से पंजाब में नशा मुक्ति यात्रा शुरू हो रही है। यह यात्रा पंजाब के हर गांव और हर वार्ड में जाएगी। इस यात्रा के जरिए अब लोगों को नशा मुक्ति अभियान से जोड़ा जाएगा। हर गांव और हर वार्ड में लोग शपथ लेंगे कि वे खुद नशा नहीं करेंगे। इलाके में किसी को नशा नहीं बेचने देंगे और नशे के आदी लोगों का इलाज कराएंगे और उन्हें नशे की लत से बाहर निकालेंगे।केजरीवाल ने कहा कि पंजाब सरकार ने नशे के आदी लोगों के इलाज के लिए बड़े पैमाने पर इंतजाम किए हैं। पंजाब परिवार के तीन करोड़ सदस्य अब यह सुनिश्चित करेंगे कि वे पंजाब से नशे की लत को खत्म करें।उन्होंने कहा कि पिछले ढाई महीने में पंजाब पुलिस और पंजाब सरकार ने नशे के खिलाफ जंग छेड़ दी है। पहली बार इतने बड़े पैमाने पर नशा तस्करों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

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श्रीनगर । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' आतंकवाद के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा जवाब है और आतंकवादियों ने 'धर्म' के आधार पर निर्दोष लोगों की हत्या की और उनके खिलाफ कार्रवाई उनके 'कर्म' के आधार पर की गई।श्रीनगर पहुंचने के तुरंत बाद राजनाथ सिंह बादामी बाग छावनी पहुंचे, जहां उन्होंने सैनिकों को संबोधित किया। 22 अप्रैल को पहलगाम हमले का बदला लेने के लिए पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकी शिविरों को निशाना बनाने के लिए भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किए जाने के बाद यह जम्मू-कश्मीर का उनका पहला दौरा है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, सेना प्रमुख और अन्य शीर्ष अधिकारी भी उनके साथ थे।जवानों को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि वह ऑपरेशन सिंदूर के सफल संचालन के लिए जवानों के साहस और समर्पण के लिए देशवासियों की ओर से बधाई और प्रशंसा व्यक्त करने के लिए एक डाकिया के रूप में श्रीनगर आए हैं। उन्होंने कहा, "मेरा मानना ​​है कि ऑपरेशन सिंदूर भारत की ओर से आतंकवाद का अब तक का सबसे बड़ा जवाब है। आतंकवादियों ने 'धर्म' के लिए निर्दोष लोगों को मारा और हमने उनके 'कर्म' के लिए उन्हें नष्ट कर दिया।" उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ नीति को फिर से परिभाषित किया है। जैसा कि समझौता हुआ है, अगर किसी भी तरह का उल्लंघन होता है, तो पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। किसी भी तरह का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई सख्त होगी, क्योंकि प्रधानमंत्री ने नीति को फिर से परिभाषित किया है।उन्होंने कहा कि बातचीत और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते और पाकिस्तान के साथ कोई भी बातचीत केवल पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू कश्मीर और आतंकवाद पर ही होगी। राजनाथ सिंह ने यह भी सवाल उठाया कि क्या पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार सुरक्षित हैं, उन्होंने अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग की।

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नई दिल्ली । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एपल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) टिम कुक से कहा है कि कंपनी को भारत में नई फैक्ट्रियां लगाने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि भारत अपनी जरूरतों का खुद ख्याल रख सकता है। यह बयान ट्रंप ने कतर यात्रा के दौरान दोहा में बिजनेस लीडर्स के एक कार्यक्रम में दिया। इस कार्यक्रम में उन्होंने टिम कुक के साथ हुई बातचीत का जिक्र करते हुए कहा, “मैं नहीं चाहता कि एपल भारत में प्रोडक्ट बनाए। एपल को केवल भारतीय बाज़ार को ध्यान में रखते हुए वहां फैक्ट्री लगानी चाहिए, न कि उत्पादन के लिए।” ट्रंप ने यह भी कहा कि एपल अब अमेरिका में अपने उत्पादन का स्तर बढ़ाएगा। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि भारत ने अमेरिका को व्यापार में ‘ज़ीरो टैरिफ डील’ की पेशकश की है, यानी भारत अमेरिका से आयात पर कोई शुल्क नहीं लेना चाहता। हालांकि ट्रंप ने यह स्पष्ट नहीं किया कि इस बातचीत का भारत में एपल की उत्पादन योजनाओं पर कोई प्रभाव पड़ेगा या नहीं। उल्लेखनीय है कि ट्रम्प ने आतंक के मुद्दे पर भारत की पाकिस्तान पर कार्रवाई के बाद दोनों देशों के बीच हुए संघर्ष को रोकने में अपनी भूमिका होने का दावा किया था। उनका कहना था कि व्यापार को हथियार बनाकर उन्होंने दो परमाणु शक्ति सम्पन्न देशों को शांति के लिए मनाया था। हालांकि भारत ने इस दावे का खंडन किया था। विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता ने अमेरिकी नेताओं के साथ संघर्ष के दौरान बातचीत की बात स्वीकारी थी लेकिन स्पष्ट किया था कि संघर्ष विराम पाकिस्तान की ओर से किए गए अनुरोध के बाद हुआ है। ट्रम्प ने इसके साथ कश्मीर पर मध्यस्त बनने का भी प्रस्ताव रखा था जिसे भारत ने सीरे से खारिज कर दिया। भारत का कहना है कि कश्मीर द्विपक्षीय मसला है और पीओके ही एकमात्र बातचीत का विषय है। माना जा रहा है कि ट्रम्प का आज का बयान भारत पर दवाब बनाने और उनके दावों का खंडन करने की प्रतिक्रिया हो सकती है। अमेरिका द्वारा भारतीय स्टील और एल्युमीनियम पर शुल्क बढ़ाने के जवाब में भारत ने वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूटीओ) में जवाबी टैरिफ का प्रस्ताव दिया है। ऐसे में ट्रंप का यह बयान भारत की चेतावनी के संदर्भ में भी देखा जा रहा है। फिलहाल भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता जारी है और दोनों देश आपसी समझौते की दिशा में प्रयासरत हैं।  

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पुलवामा । पुलवामा के उपजिला अवंतीपोरा के त्राल इलाके के नादर में गुरुवार को आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच हुई मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के तीन आतंकवादी मारे गए हैं।  मारे गए तीनों आतंकवादी जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के निवासी हैं। क्षेत्र में फिलहाल तलाशी अभियान जारी है। केंद्र शासित प्रदेश में 48 घंटों के भीतर दो मुठभेड़ में छह आतंकवादियों को मार गिराया गया है।   अधिकारियों ने बताया कि मारे गए तीनों आतंकवादियों की पहचान पुलवामा जिले के निवासी आसिफ अहमद शेख, आमिर नजीर वानी और यावर अहमद भट के रूप में हुई है। श्रीनगर स्थित सेना की 15वीं कोर के मुताबिक 15 मई को अंतरराष्ट्रीय एजेंसी से विशेष खुफिया इनपुट के आधार पर भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ ने त्राल के नादर में घेराबंदी करते हुए तलाशी अभियान शुरू किया था। सतर्क सैनिकों के चुनौती दिए जाने पर आतंकवादियों ने गोलीबारी की, जिसके बाद दोनों ओर से भीषण गोलीबारी शुरू हो गई।   आईजीपी कश्मीर वीके बिरदी ने पत्रकारों को बताया कि मुठभेड़ स्थल पर मलबे के पास तीन शव देखे गए हैं। ऑपरेशन अभी भी जारी है, इलाके को साफ करने में कुछ समय लगेगा। उन्होंने कहा कि यह सक्रिय आतंकवादी तंत्र को नष्ट करने का एक व्यापक प्रयास है। उन्होंने बताया कि आज की मुठभेड़ शोपियां जिले के केलर इलाके में लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकवादियों को मार गिराने के दो दिन बाद हुई है। मंगलवार को मारे गए तीन आतंकवादियों में से दो की पहचान शोपियां निवासी शाहिद कुट्टे और अदनान शफी के रूप में हुई थी। 2023 में लश्कर में शामिल हुआ कुट्टे पिछले साल 8 अप्रैल को डेनिश रिसॉर्ट में गोलीबारी की घटना में शामिल था, जिसमें दो जर्मन पर्यटक और एक ड्राइवर घायल हो गए थे।   पुलिस के मुताबिक वह पिछले साल मई में शोपियां के हीरपोरा में भाजपा सरपंच की हत्या में भी शामिल था। 2024 में आतंकी समूह में शामिल होने वाला अदनान शफी शोपियां जिले के वाची में एक गैर-स्थानीय मजदूर की हत्या में शामिल था। केंद्र शासित प्रदेश में 48 घंटों के भीतर दो मुठभेड़ में छह आतंकवादियों को मार गिराया गया है।  

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  लगेगी शांडिल्य गुरु की प्रतिमा      कोलार रोड के दूसरे छोर भदभदा चौराहे पर उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने  ब्रह्मलीन बालगोविंद शांडिल्य गुरुजी की प्रतिमा स्थापना तथा चौराहे के सौंदर्यीकरण का भूमि-पूजन किया। सौंदर्यीकरण के लिये 8 लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं।   श्री गुप्ता ने कहा कि सरकार शहर के विकास के लिये सतत प्रयत्नशील है। उन्होंने शासन की विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि नागरिक शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये आगे आयें। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि घर-घर जाकर नागरिकों को शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये प्रेरित करें। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा कोटरा में सड़क भूमि-पूजन उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने आई-5 शासकीय आवास कोटरा के पास सड़क निर्माण का भूमि-पूजन किया। सड़क की लागत 20 लाख है। श्री गुप्ता ने सड़क का कार्य गुणवत्तापूर्ण करवाने के निर्देश दिये। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।     Attachments area          

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      मध्यप्रदेश के प्राचीन मंदिरों में भगवान के दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को अब प्रदेश के पुरावैभव, कला और संस्कृति की झलक भी वहां देखने को मिलेगी। इसके लिए राज्य सरकार मंदिरों में संग्रहालयों का निर्माण कराएगी। इस योजना को संस्कृति, धर्मस्व और पुरातत्व विभाग मिलकर अंजाम देंगे। मध्यप्रदेश में इस समय कई प्रसिद्ध मंदिर है जहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है। लेकिन इन मंदिरों में फिलहाल प्रदेश की कला-संस्कृति, इतिहास  और पुरावैभव की झलक दिखाने वाले संग्रहालय नहीं है। राज्य सरकार का सोचना है कि जो श्रद्धालु प्रदेश के प्राचीन मंदिरों में पहुंच रहे है वहां उन्हें भगवान के दर्शन के साथ-साथ प्रदेश के पुरावैभव और कला तथा संस्कृति से भी अवगत कराया जाए। इसके लिए इन मंदिरों के ट्रस्टों के पास मौजूद अपार धनराशि का उपयोग किया जाएगा। इन मंदिरों में सबसे पहले बनेंगे संग्रहालय- मध्यप्रदेश में उज्जैन में महाकाल मंदिर, खजराना मंदिर, सतना के मैहर मंदिर, पशुपतिनाथ मंदिर सहित कई ऐसे प्रमुख मंदिर है जहां मंदिरों की देखरेख और संरक्षण के लिए बनाए गए ट्रस्टों के पास श्रद्धालुओं के दान से मिली अपार धन संपदा स्थित है। इन्हीं मंदिरों में सबसे पहले संग्रहालय बनाने की शुरुआत की जाएगी।  इन मंदिरों के समीप काफी जमीन और भवन स्थित है। शिव मंदिरों में सभी बारह ज्योर्तिलिंगों के बारे में पूरी जानकारी एकत्रित कर प्रदर्शित की जाएगी। इसी तरह गणेश मंदिरों में गणेशजी के सभी स्वरुपों उनके इतिहास और महत्व को प्रदर्शित किया जाएगा। भोपाल के समीप स्थित भोजपुर मंदिर में दो सौ मीटर के दायरे के बाहर संग्रहालय बनाने का प्रस्ताव है। यहां भोजपुर के विशालकाय शिवलिंग और मंदिर के निर्माण की एतिहासिक प्रामाणिक  जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। यह मंदिर कब बना, इस तरह के मंदिर और कहां-कहां बनाए जाने थे। यह अधूरा क्यों रह गया। मंदिर के आसपास मिलने वाले शिवलिंग और अन्य पुराधरोहरों को भी यहां संग्रहित किया जाएगा। भोपाल में भी मुस्लिम धर्मावलंबियों से जुड़ी जानकारी, मध्यप्रदेश के प्राचीन नवाबों से जुड़े इतिहास की प्रामाणिक जानकारी गौहर महल या अन्य स्थानों पर प्रदर्शित की जाएगी। मिडटाउन में दुनिया की सबसे बड़ी सेंट पीटर चर्च में संग्रहालय भी है। वेटिकन सिटी में भी म्युजियम है वहां कई तरह के चित्र प्रदर्शित किए गए है। इन चित्रों में इन देशों की कला और संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। जापान में म्युजियम आॅफ पैरासाइड है। भारत के कई राज्यों में भी मंदिर, मस्जिद और चर्च के साथ संग्रहालय लगे हुए है। मध्यप्रदेश में फिलहाल मंदिर, मस्जिद और गिरिजाघरों में संग्रहालय नहीं है। प्रमुख सचिव संस्कृति मनोज श्रीवास्तव ने कहा प्रदेश के मंदिरों पर अब संग्रहालय बनाने की राज्य सरकार की योजना है। इसके जरिए प्रदेश के नागरिकों को धार्मिक आस्था के केन्द्रों पर पहुंचने पर वहां संग्रहालयों में प्रदेश के इतिहास, कला और संस्कृति के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।     Attachments area          

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  कोलार अवैध कब्जों का अड्डा बना    कोलार में राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों और तहसीलदारों की शह पर बेशकीमती जमीन पर जहां-तहां झुग्गियों का निर्माण करने के अलावा दीवारें तानकर अतिक्रमण किया जा रहा है। इन अतिक्रामकों को रोकने के बजाय अफसर उन्हें प्रश्रय दे रहे हैं। कोलार का दशहरा मैदान इसका ताजा उदाहरण है, जहां पिछले माह लगी आग में 50 झुग्गियां खाक हो गईं थी अब वहां 100 से ज्यादा झुग्गियां और मकान बन गए हैं।   लगातार अतिक्रमण बढ़ने की शिकायतों को लेकर एक सप्ताह पहले एडीएम रत्नाकर झा ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए थे कि वे सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाएं। साथ ही सूची तैयार करें, ताकि सरकारी जमीनों पर जमा अतिक्रमणों को हटाया जा सके। हुजूर एसडीएम और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही से फिर कोलार दशहरा मैदान की सरकारी जमीन पर दर्जनों झुग्गियां तन गर्इं।  प्रशासन के सामने यहां पर झुग्गियां बनती गई, लेकिन उन्हें रोकने की हिम्मत किसी ने नहीं की।   डेढ़ साल पहले निगम चुनाव के पूर्व मुख्यमंत्री ने हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के कहने पर कोलार दशहरा मैदान में स्टेडियम बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद कलेक्टर निशांत वरवड़े ने यहां पर दौरा कर एसडीएम माया अवस्थी को झुग्गियां शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अब तक यहां पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।   कोलार दशहरा मैदान के किनारे बनी अवैध झुग्गियां में तीन साल से एक ही स्थान पर आग लग रही है। यहां 40-50 झुग्गियों में आग लगती है और इसके बाद नई 100 झुग्गियां बन जाती हैं। तीन साल में इस स्थान पर 300 से अधिक झुग्गियां अवैध बन गई। लेकिन प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।     Attachments area          

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  पत्र  में प्रज्ञा ने कैंसर की बीमारी का हवाला भी दिया      मालेगांव बम ब्लास्ट में क्लीन चिट मिलने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने अपने तेवर दिखाए हैं। सिंहस्थ में जाने की जिद पर अड़ीं साध्वी ने पंडित खुशीलाल आयुर्वेदिक अस्पताल में आमरण अनशन शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि सरकार ने उन्हें परमिशन नहीं दी, तो वे 21 मई को जल समाधि ले लेंगी। कैंसर से पीड़ित प्रज्ञा ने दवाइयां खाने से भी इनकार कर दिया है। प्रज्ञा ने राज्य सरकार को लिखे पत्र  में कहा कि वे कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रही हैं। हो सकता है कि अगला कुंभ न देख पाएं।इस मसले  पर बोलने से प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।  साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट मिलने के बाद से माना जा रहा है कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का सॉफ्ट कॉर्नर उनके प्रति बढ़ा है। उनके अनशन के मामले में प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर से जब पूछा गया कि सरकार क्या करेगी, तो विवादों से बचने के लिए उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया । गौरतलब है कि साध्वी लगभग सात सालों से जेल में बंद थीं, लेकिन कैंसर के इलाज के लिए कोर्ट ने उन्हें अस्पताल में रहने की परमिशन दी है। प्रज्ञा ने रविवार को लेटर लिखकर शिवराज सरकार से उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ में शामिल होने की परमिशन मांगी थी।उन्होंने यह भी लिखा था कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो वे आमरण अनशन करेंगी। प्रज्ञा ने लिखा, 'वो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं और शायद अगला कुंभ न देख पाएं। इसलिए उनकी अंतिम इच्छा है कि वे उज्जैन कुंभ में जाएं।' प्रज्ञा ने राज्य सरकार समेत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को भी लेटर की कॉपी भेजी है। लेटर के मुताबिक, प्रज्ञा ने सोमवार सुबह 9 बजे तक का समय दिया था। मांग पूरी नहीं होने के कारण वे अपने कुछ सपोर्टर्स के साथ अस्पताल परिसर में ही आमरण अनशन पर बैठ गई हैं। प्रज्ञा ने लेटर में लिखा कि मैं अन्न जल त्याग दूंगी। अगर मुझे कुछ होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी मध्य प्रदेश सरकार की होगी। उन्होंने अपनी सिक्युरिटी को लेकर भी चिंता जाहिर की है। उन्होंने लिखा कि मेरे साथ पहले एसएएफ के जवान रहते थे। उनके हटाए जाने से मेरी जान को खतरा हो सकता है। प्रज्ञा ने जेड प्लस सुरक्षा की मांग की और सवाल पूछा कि जब देवास जिला कोर्ट ने उज्जैन जाने की अनुमति दे दी है, तो फिर सिक्युरिटी का हवाला देकर सरकार कोर्ट की अवमानना क्यों कर रही है? प्रज्ञा की चिट्ठी उनके सबसे विश्वसनीय भगवान झा लेकर पहुंचे थे। जेल सुपरिंटेंडेंट ने भगवान झा को भरोसा दिया के वह मामले को सीनियर अफसरों तक पहुंचा देंगे। भगवान झा ने कहा, 'सरकार के पास पुलिस की कोई कमी नहीं है। इसलिए साध्वी की सिंहस्थ यात्रा सुनिश्चित करा दी जाए, नहीं तो गंभीर परिणाम होंगे।'     Attachments area          

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  हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने किया 2.16 करोड़ की सड़क निर्माण का भूमि पूजन ।कोलार मुख्य मार्ग के समानांतर इस मार्ग से 2 लाख नागरिक होंगे सीधे लाभान्वित ।कोलार वासियो को विभिन्न मार्गो के माध्यम से नये भोपाल , होशंगाबाद रोड , जाने में होगी सहूलियत ।कोलार में बढ़ते ट्रैफिक पर नियंत्रण में हुज़ूर विधायक की कारगर पहल सफल ।हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा के अथक प्रयासों से कोलारवासियो को ट्रैफिक जाम से आये दिन होने वाली दिक्कतों से निज़ात मिलने जा रही है । बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान (कोलार मुख्य मार्ग) तक  बायपास रोड का निर्माण कराया जा रहा है । आज हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने रानी अवंतीबाई मार्ग से मंदाकनी मैदान को जोड़ने वाली सड़क निर्माण कार्य का भूमि पूजन भूमिका रेसीडेंसी पर किया । 2 करोड़ 16 लाख की लागत से बनने वाली 4200 मीटर इस सड़क की चौड़ाई 7.5 मीटर रहेगी, इस सड़क का निर्माण राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा किया जायेगा । श्री शर्मा ने बताया की कोलार मुख्य मार्ग पर आये दिन लगने वाले ट्रैफिक जाम से छुटकारा पाने के लिये इस बाय पास रोड का निर्माण कराया जा रहा है , उन्होंने बताया की बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग का निर्माण पूर्व में कराया जा चूका है । यह रोड  लोक निर्माण विभाग द्वारा बनायीं गयी है  गौरतलब है की उक्त सड़क का भूमि पूजन विधायक शर्मा द्वारा विधायक बनने के तत्काल बाद किया गया था । बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग तक इस सड़क की दूरी कुल 2 किलोमीटर है ।बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान पर कोलार मुख्य मार्ग पर जोड़ने वाले इस बायपास की कुल दूरी 6 किलोमीटर है । श्री शर्मा ने बताया की बहुत जल्द ही जे के अस्पताल के सामने इस मार्ग के जंक्शन पर एक पुल का निर्माण भी कराया जायेगा जो की सीधा शाहपुरा, भरत नगर , हबीबगंज , चुनाभट्टी , अथवा नये भोपाल को जोड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण के पश्च्यात कोलार के किसी भी नागरिक को ट्रैफिक जाम या आपातकालीन स्थिति में परेशान नहीं होना पड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग से कोलार सहित आसपास के लगभग 2 लाख नागरिक इससे सीधे लाभान्वित होंगे ।  श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण से पूर्व  उनके द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियो अधिकारियो एवं स्थानीय नागरिको के साथ दौरा किया गया । फलस्वरूप कोलार को ट्रैफिक से निजात दिलाने के लिये इस बायपास के निर्माण का निर्णय लिया गया । श्री शर्मा ने बताया की घनी आबादी वाले कोलार में नागरिको की सुविधा के मद्देनज़र इस मार्ग का  अलग अलग भागो में निर्माण कराया गया है , जिससे नागरिको को इसका लाभ पहुँच सके !  श्री शर्मा ने स्थानीय नागरिको को संबोधित करते हुए कहा की कोलार के समग्र विकास में निरंतर आपके द्वारा मिल रहे इसी प्रकार के सहयोग की आवश्यकता है आप सब के सहयोग से हम ग्रीन कोलार क्लीन कोलार का निर्माण करेंगे । कार्यक्रम के दौरान श्री शर्मा का स्थानीय नागरिको द्वारा बड़ी फूलो की माला पहनाकर सड़क निर्माण के लिए अभिन्दन किया गया !  मार्ग से लाभान्वित क्षेत्र  एक नज़र में -: बैरागढ़ चीचली , दौलतपुर ,धोली खदान, प्रियंका नगर ,हिनोतिया गांव ,मानसरोवर डेंटल कॉलेज, सुहागपुर ,पिपलिया, गुराडी , सेमरी ,अमरावत कलां ,सोहागपुर ,बांसखेड़ी झुग्गी बस्ती ,सन खेड़ी झुग्गी बस्ती, आकाश नगर , गिरधर परिसर ,सैफरॉन सिटी ,कृष्णा होम्स ,गिरधर गार्डन ,शिवालय परिसर ,सर्वजन सोसाइटी ,डी के 5 ,जे के अस्पताल , सागर प्रीमियम टॉवर, भूमिका रेसीडेंसी ,वेस्टर्न कौर्ट एवं मंदाकनी सोसायटी आदि इस मार्ग पर अन्य रहवासियो  को इस बाय पास का  सीधा लाभ पहुंचेगा ।होशंगाबाद रोड से जुड़ेगा यह मार्ग यह मार्ग चार बत्ती चौराहे से कालीबाड़ी पुल से होते हुए बाबड़िया रेल्वे फाटक से होशंगाबाद रोड से सीधा जुड़ेगा ।दानिश कुंज से कलियासोत नदी पर सलैया पुल के माध्यम से मिसरोद (होशंगाबाद रोड) से सीधा जुड़ेगा ।कार्यक्रम में विशेष रूप से स्थानीय पार्षद एवं एम आई सी सदस्य भूपेंद्र माली ,पार्षद पवन बोराना, मंडल उपाध्यक्ष श्याम मीना, बी एस वाजपेयी , महेश तिवारी , इक़बाल खान , अमित शुक्ल, दीपक माथुर , अरुण तिवारी , डी ले पालीवाल , एस एस सेंगर ,शोभा सिकरवार , श्रीमती गीता मिश्रा,गणेश तिवारी,राजेश सेंगर , राज शर्मा , प्रदीप पाटीदार ,आकाश श्रीवास्तव,सहित बड़ी संख्या में माताये बहने कॉलोनी वासी उपस्थित रहे ।  

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कोलार के वार्ड 82 में आने वाले दानिशकुंज कॉलोनी में नगर निगम द्वारा काम नहीं कराने के बाद भी पार्षद द्वारा निर्माण को लेकर बोर्ड लगाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। गलत जानकारी को लेकर आज दोपहर कांग्रेस पार्षदों, स्थानीय नेताओं और रहवासियों का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम आयुक्त छवि भारद्वाज से मिला। इन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पार्षद जानबूझकर श्रेय की राजनीति कर रहे हैं। जबकि, जनता गर्मी में पानी के लिए हाहाकार मचा रही है, फिर भी उन्हें पानी नहीं दिया जा रहा है। पार्षदों ने यह की मांग : कांग्रेस पार्षद संतोष जितेंद्र कंसाना, मोनू सक्सेना, मनजीत मारण, अमित शर्मा, राहुल सिंह राठौर, अखिलेश जैन सहित रहवासियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयुक्त भारद्वाज से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। इसके अनुसार तत्काल गलत जानकारी देने वाले भाजपा पार्षद भूपेंद्र माली के बोर्ड को नगर निगम प्रशासन हटाए। साथ ही इस मामले में जांच कराएं कि कहीं दानिशकुंज में कराए गए डामर के भुगतान की फर्जी फाइल तो निगम के कार्यालय नहीं पहुंच गई। यदि प्रशासन बोर्ड नहीं लगाएगी, तो कांग्रेसी भी हर वार्ड में ऐसे बोर्ड लगाएगी। दानिशकुंज कॉलोनी में करीब एक करोड़ राशि से डामर कराया गया है। इस पर स्थानीय पार्षद ने खुद डामर कराने के बोर्ड पूरी कॉलोनी में लगा दिए। वहीं, दानिशकुंज सोसायटी ने भी एक विज्ञापन जारी करके कहा कि वह निर्माण उसने कराया है। कुछ लोगों के यहां निर्माण नहीं कराया गया है, वो लोग जल्द ही बकाया राशि जमा कर दें, ताकि बचे हुए स्थानों पर भी डामरीकरण कराया जा सके।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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शोपियां । दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के शुकरू केलर इलाके में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में तीन आतंकवादियाें को ढेर कर दिया। सेना ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि विशेष सूचना के आधार पर केलर इलाके में तलाशी अभियान शुरू किया गया था। इसी दौरान आतंकवादियों से मुठभेड़ हो गई।सेना के मुताबिक ऑपरेशन के दौरान आतंकवादियों ने भारी गोलीबारी की, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। मुठभेड़ के दौरान तीन आतंकवादी मारे गए हैं, जबकि ऑपरेशन जारी है। दरअसल 13 मई को राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट की विशेष खुफिया यूनिट को शोपियां के शोकल केलर में आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में पता चला था। इसके बाद भारतीय सेना ने तलाशी अभियान शुरू कर दिया। ऑपरेशन के दौरान आतंकवादियों ने भारी गोलीबारी की, जिसके मुठभेड़ शुरु हुई। परिणामस्वरूप तीन कट्टर आतंकवादियों को मार गिराया गया। अभी मारे गए आतंकवादियों की शिनाख्त नहीं हुई है। सेना द्वारा शिनाख्त कराने के प्रयास किए जा रहे हैं।   गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकियों ने हमला करके 26 लोगों की हत्या कर दी थी। उसके बाद से ही जम्मू-कश्मीर में विशेष तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। इसी अभियान के तहत आतंकियों से मंगलवार को मुठभेड़ हुई। अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि मारे गए आतंकी पहलगाम हमले में शामलि थे या नहीं। इसके बारे में सेना जानकारी कर रही है।    

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नई दिल्ली । उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को कहा कि किसी व्यक्ति को मुफ्त में कुछ देकर उसकी जेब भरना, सच्चा सशक्तीकरण नहीं है। सच्चा सशक्तीकरण वह है जब आप उस व्यक्ति का हाथ थामते हैं ताकि वह खुद सशक्त हो जाए। इससे खुशी मिलती है, संतुष्टि मिलती है, आपको आंतरिक शक्ति मिलती है और आपको अपने परिवारों पर गर्व भी होता है।आज नई दिल्ली में गारो हिल्स, खासी हिल्स और जैंतिया हिल्स क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले मेघालय के स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के सदस्यों को संबोधित करते हुए धनखड़ ने कहा कि हमारे देश का उत्तर-पूर्वी हिस्सा हमारा गहना है। 90 के दशक में, यानी लगभग तीन दशक पहले, भारत सरकार की एक नीति थी और वह नीति थी 'लुक ईस्ट'। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस नीति को एक अतिरिक्त आयाम दिया- 'लुक ईस्ट' से 'एक्ट ईस्ट'। यह कार्रवाई बहुत प्रभावी ढंग से हुई है। मेघालय पर्यटकों के लिए स्वर्ग है। प्रकृति का भरपूर उपहार है। उपराष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि मेघालय में पर्यटन, खनन, आईटी और सेवाओं के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने आर्थिक विकास और महिला सशक्तीकरण में राज्य की उपलब्धियों की सराहना की और केंद्र तथा राज्य दोनों स्तरों पर दूरदर्शी नेतृत्व को इसका श्रेय दिया।उपराष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एक दशक से अधिक समय से चल रहे शासन सुधारों और विकास की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह दूरदर्शी नेतृत्व ही है जो अधिकारियों को सही दिशा में काम करने के लिए प्रेरित करता है। सौभाग्य से हमारे देश में यह पिछले एक दशक से हो रहा है और यह आपके राज्य में भी हो रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने पिछले एक दशक में अर्थव्यवस्था, बुनियादी ढांचे, प्रौद्योगिकी और महिला विकास, महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में ऐसे मील के पत्थर हासिल किए हैं, जिनसे दुनिया ईर्ष्या करती है। हमारी आदिवासी संस्कृति शानदार है; हमारी आदिवासी संस्कृति हमारी संपदा है।राज्य की आर्थिक प्रगति की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि किसी राज्य की अर्थव्यवस्था सकल राज्य घरेलू उत्पाद, जीएसडीपी से निर्धारित होती है। और इसके लिए मेघालय राज्य ने 13 प्रतिशत की वृद्धि देखी है। साल दर साल 13 प्रतिशत की वृद्धि बहुत सराहनीय है। राज्य की अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए उनकी गहरी प्रतिबद्धता के लिए मुख्यमंत्री को बधाई। और अभी, यह 66,000 करोड़ से अधिक होने का अनुमान है। मेघालय दिल से एक बड़ा राज्य है, लेकिन भौगोलिक दृष्टि से उतना बड़ा नहीं है, लेकिन आपकी अर्थव्यवस्था का आकार अच्छा है। आपने एक बढ़िया लक्ष्य रखा है। और आपका लक्ष्य 2028 तक 10 बिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य है।उपराष्ट्रपति ने कहा कि राज्य में पर्यटन, खनन, आईटी और सेवा क्षेत्र में अपार प्रतिभा, अपार संभावनाएं हैं, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मानव संसाधन का पोषण किया जाना चाहिए। मानव संसाधन स्वतंत्र होना चाहिए। और उस श्रेणी में भी, जब महिलाएं आगे आती हैं तो सामाजिक विकास, आर्थिक विकास संतुलित होता है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि रिवॉल्विंग फंड और संख्या दोनों के संबंध में दस गुना वृद्धि हुई है।

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शोपियां । दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के शुकरू केलर इलाके में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में तीन आतंकवादियाें को ढेर कर दिया। सेना ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि विशेष सूचना के आधार पर केलर इलाके में तलाशी अभियान शुरू किया गया था। इसी दौरान आतंकवादियों से मुठभेड़ हो गई।सेना के मुताबिक ऑपरेशन के दौरान आतंकवादियों ने भारी गोलीबारी की, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। मुठभेड़ के दौरान तीन आतंकवादी मारे गए हैं, जबकि ऑपरेशन जारी है। दरअसल 13 मई को राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट की विशेष खुफिया यूनिट को शोपियां के शोकल केलर में आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में पता चला था। इसके बाद भारतीय सेना ने तलाशी अभियान शुरू कर दिया। ऑपरेशन के दौरान आतंकवादियों ने भारी गोलीबारी की, जिसके मुठभेड़ शुरु हुई। परिणामस्वरूप तीन कट्टर आतंकवादियों को मार गिराया गया। अभी मारे गए आतंकवादियों की शिनाख्त नहीं हुई है। सेना द्वारा शिनाख्त कराने के प्रयास किए जा रहे हैं।   गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकियों ने हमला करके 26 लोगों की हत्या कर दी थी। उसके बाद से ही जम्मू-कश्मीर में विशेष तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। इसी अभियान के तहत आतंकियों से मंगलवार को मुठभेड़ हुई। अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि मारे गए आतंकी पहलगाम हमले में शामलि थे या नहीं। इसके बारे में सेना जानकारी कर रही है।    

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज सुबह पंजाब के आदमपुर स्थित एयरफोर्स स्टेशन का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने बहादुर वायु सैनिकों से मुलाकात की। उन्होंने शौर्य, दृढ़ संकल्प और निडरता का प्रतीक बने इन जवानों को सफल ऑपरेशन के लिए बधाई दी। प्रधानमंत्री ने एक्स पोस्ट में कहा कि भारत हमेशा अपने सशस्त्र बलों का आभारी रहेगा। उन्होंने सैनिकों के साहस और बलिदान की सराहना की और कहा कि हमारे जवान हर परिस्थिति में देश की रक्षा करते हैं। उनका समर्पण अद्वितीय है। उल्लेखनीय है कि भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन सिंदूर अभियान के दौरान पाकिस्तान के वायु रक्षा कवच को भेदते हुए 10 मई की सुबह पड़ोसी देश के कई एयरफोर्स स्टेशनों को उड़ाया था। इससे घबराए पाकिस्तान को घुटने टेकने पड़े और संघर्ष विमान के लिए आगे आना पड़ा।

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जयपुर । भारत-पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच राजस्थान के कई इलाकों में सुरक्षा अलर्ट जारी कर दिया गया है। जैसलमेर में सोमवार दोपहर एक बम मिला, जिसे सेना के बम निरोधक दस्ते ने समय रहते निष्क्रिय कर दिया। यह बम शहर से करीब 10 किलोमीटर दूर एक सुनसान इलाके में पाया गया।o स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद सेना को बुलाकर बम को डिस्पोज किया गया। श्रीगंगानगर और इसके चार उपखंडों में सीमा से सटे तीन किलोमीटर क्षेत्र में रात सात बजे से सुबह छह बजे तक आमजन की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। इस दौरान टॉर्च या गाड़ियों की हेडलाइट का उपयोग भी प्रतिबंधित किया गया है। जैसलमेर के रामगढ़ से तनोट बॉर्डर जाने वाले रास्ते पर भी दोपहर तीन बजे के बाद बाहरी लोगों के जाने पर पाबंदी लगाई गई है। केवल स्थानीय निवासियों को ही आधार कार्ड दिखाकर आने-जाने की अनुमति है। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने पूरे मार्ग पर बैरिकेडिंग कर दी है। जयपुर के सवाई मान सिंह स्टेडियम को एक बार फिर बम से उड़ाने की धमकी मिली है। सोमवार को खेल परिषद के ईमेल पर भेजे गए एक मेल में लिखा गया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर के बाद अगला निशाना एसएमएस स्टेडियम है’। इस मेल को देखकर कर्मचारी दहशत में आ गए और तुरंत पुलिस को सूचना दी। बम निरोधक दस्ते, क्यूआरटी और अन्य सुरक्षा टीमें मौके पर पहुंचीं और स्टेडियम के भीतर और आसपास की गहन तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है। स्टेडियम को पूरी तरह सील कर दिया गया है। जोधपुर, बीकानेर और किशनगढ़ (अजमेर) एयरपोर्ट को सोमवार से फिर से शुरू कर दिया गया है। बीकानेर से सोमवार को कोई फ्लाइट नहीं थी, लेकिन मंगलवार से उड़ानें शुरू होने की उम्मीद है। किशनगढ़ एयरपोर्ट के डायरेक्टर बीएल मीणा ने बताया कि 15 मई सुबह 5:29 बजे तक देश के 32 एयरपोर्ट्स पर उड़ानें स्थगित करने का आदेश था, जिसे अब वापस ले लिया गया है। हालांकि यात्रियों से अपील की गई है कि वे अपनी फ्लाइट की स्थिति एयरलाइन से कन्फर्म करें, क्योंकि संचालन फिर से शुरू हो रहा है।   स्कूल-कालेज बंद रविवार रात ब्लैकआउट के बाद राजस्थान के बॉर्डर जिलों जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर और श्रीगंगानगर में सोमवार सुबह कुछ चहल-पहल जरूर दिखी, लेकिन सुरक्षा कारणों से स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थान बंद रखे गए। जोधपुर में परीक्षाएं भी स्थगित कर दी गई हैं। राज्य सरकार ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं और सीमावर्ती क्षेत्रों में ड्रोन उड़ाने, आतिशबाजी, रैली-जुलूस, मेले आदि पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है।   कांग्रेस सांसद ने दिया विवादास्पद बयान बाड़मेर से कांग्रेस सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने पहलगाम आतंकी हमले पर विवादास्पद बयान देते हुए कहा कि धर्म पूछकर गोली मारे जाने की पुष्टि नहीं हुई है। सरकार ने खुद प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुरक्षा में चूक की बात मानी है। हालांकि उनके बयान से नई बहस छिड़ गई है। जैसलमेर, श्रीगंगानगर जैसे सीमावर्ती जिलों में हालात अत्यधिक सतर्कता की मांग कर रहे हैं। लोग घरों में रहने को मजबूर हैं, रात को मोबाइल नेटवर्क तक सीमित किया गया है। गांवों में धमाकों से मकानों में दरारें तक आ गई हैं। स्थानीय लोगों ने कहा कि अगर शांति होती तो हम भी लड्डू लाहौर-कराची में बांटते।

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नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने सोमवार को अपने सभी 32 हवाई अड्डों को फिर से खोल दिया है, जो भारत और पाकिस्तान के बीच  संघर्ष के कारण 9 मई से बंद थे। सरकार ने यह कदम उड़ान संचालन को फिर से शुरू करने के लिए नोटैम्स (एयरमैन को नोटिस) जारी करने के बाद उठाया गया है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने जारी एक बयान में बताया कि 15 मई, 2025 को 05:29 बजे तक नागरिक विमान परिचालन के लिए 32 हवाई अड्डों को अस्थायी रूप से बंद करने की अधिसूचना हटा दी गई है। ये सभी हवाई अड्डे अब तत्काल प्रभाव से नागरिक विमान परिचालन के लिए उपलब्ध हैं। मंत्रालय के मुताबिक फिर से खुलने वाले अन्य हवाई अड्डों में श्रीनगर, अमृतसर, लुधियाना, भुंतर, किशनगढ़, पटियाला, शिमला, कांगड़ा-गग्गल, भठिंडा, जैसलमेर, जोधपुर, बीकानेर, हलवारा, पठानकोट, जम्मू, लेह, मुंद्रा, जामनगर, हीरासर, पोरबंदर, केशोद, कांडला और भुज शामिल हैं। इस आदेश के बाद चंडीगढ़ अंतरराष्‍ट्रीय हवाई अड्डे ने घोषणा की कि 12 मई सुबह 10 बजे से उड़ानों का संचालन फिर से शुरू कर दिया गया है। इस बीच इंडिगो एयरलाइंस ने ‘एक्स’ पोस्‍ट पर साझा की गई एक ट्रैवल एडवाइजरी में कहा कि हवाई अड्डों पर उसके सभी ऑपरेशन धीरे-धीरे फिर से शुरू हो जाएंगे। हालांकि, विमानन दिग्गज ने कहा कि जैसे-जैसे स्थिति सामान्य होगी, निर्धारित उड़ानों में देरी हो सकती है और यात्रियों को उड़ान की स्थिति की जांच करने की सलाह दी। कंपनी ने कहा कि यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे एयरलाइनों से सीधे उड़ान की स्थिति की जांच करें और नियमित अपडेट के लिए एयरलाइन की वेबसाइटों की निगरानी करें। उल्‍लेखनीय है कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) और संबंधित विमानन प्राधिकरणों ने एयरमैन को नोटिस (नोटिस टू एयरमेन-नोटैम्स) की एक श्रृंखला जारी कर भारत के उत्तरी और पश्चिमी 32 हवाई अड्डों को सभी नागरिक उड़ान परिचालन के लिए अस्थायी रूप से बंद करने की घोषणा की थी।हवाई अड्डों को बंद कर दिया गया था और नागरिक उड़ानों को 15 मई तक रद्द करने का आदेश दिया गया था।

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नई दिल्ली । भारतीय क्रिकेट को एक हफ्ते के भीतर दूसरा बड़ा झटका लगा है। रोहित शर्मा के बाद अब विराट कोहली ने भी टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। सोमवार को विराट ने इंस्टाग्राम पोस्ट के ज़रिए अपने संन्यास का ऐलान किया। उन्होंने सफेद जर्सी में बिताए 14 सालों के सफर को "शांत परिश्रम और जीवन भर के सबक" वाला अनुभव बताया। कोहली ने लिखा, "मैंने इस फॉर्मेट को अपना सब कुछ दिया और इसने मुझे मेरी उम्मीद से कहीं ज़्यादा दिया है।"9,230 रन, 30 शतक और एक 'बैगी ब्लू' गर्व 36 वर्षीय विराट कोहली ने अपने टेस्ट करियर में 123 मैच खेले और 9,230 रन बनाए। उन्होंने 30 शतक और 31 अर्धशतक जमाए। कोहली ने सबसे ज्यादा नौ शतक ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाए, जबकि सबसे कम दो बांग्लादेश के खिलाफ। उनकी तकनीक, जुनून और मानसिक मजबूती ने उन्हें दुनिया के बेहतरीन टेस्ट बल्लेबाजों में शामिल किया।सबसे सफल भारतीय टेस्ट कप्तान विराट कोहली ने 2014 में भारत की टेस्ट कप्तानी संभाली और 2022 में उससे इस्तीफा दिया। उनके नेतृत्व में टीम इंडिया ने 68 में से 40 टेस्ट मैच जीते, जो किसी भी भारतीय कप्तान के लिए अब तक का सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड है। उन्होंने भारत को न सिर्फ घरेलू मैदानों पर बल्कि विदेशों में भी बड़ी जीत दिलाई।ऑस्ट्रेलिया में इतिहास रचने वाला पहला एशियाई कप्तान 2018-19 की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में विराट कोहली की कप्तानी में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को उसकी ज़मीन पर 2-1 से हराया। यह भारतीय क्रिकेट इतिहास की सबसे बड़ी विदेशों में टेस्ट जीतों में से एक थी। यह पहली बार था जब भारत ने ऑस्ट्रेलियाई धरती पर टेस्ट सीरीज अपने नाम की थी।वेस्टइंडीज, दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड को भी दी करारी शिकस्त कोहली की कप्तानी में भारत ने 2019 में वेस्टइंडीज को उसके घर में 2-0 से हराया। 2015 में नंबर-1 दक्षिण अफ्रीका को 3-0 से मात दी। इसके अलावा 2016-17 में इंग्लैंड को 4-0 से हराकर भारत ने अपनी घरेलू ताकत का भी जबरदस्त प्रदर्शन किया।एक आक्रामक सोच की शुरुआत कोहली के नेतृत्व में भारतीय टेस्ट टीम में आक्रामकता, फिटनेस और जुझारूपन की नई परिभाषा बनी। उन्होंने खिलाड़ियों को न सिर्फ मानसिक रूप से मज़बूत बनाया, बल्कि टीम में आत्मविश्वास का नया माहौल तैयार किया, जो किसी भी चुनौती से पीछे न हटे।विदाई नहीं, विरासत है ये विराट कोहली का टेस्ट क्रिकेट से जाना भारतीय क्रिकेट में एक युग के अंत की तरह है। लेकिन उनके द्वारा स्थापित की गई संस्कृति, उपलब्धियाँ और सोच आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनकर जीवित रहेंगी। कोहली ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा, “मैं हमेशा अपने टेस्ट करियर को मुस्कुराते हुए देखूंगा।” यह मुस्कान सिर्फ उनकी नहीं, करोड़ों भारतीयों की भी होगी, जिन्होंने इस 'बैगी ब्लू' योद्धा को एक सुनहरे दौर में बदलते देखा।

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  लगेगी शांडिल्य गुरु की प्रतिमा      कोलार रोड के दूसरे छोर भदभदा चौराहे पर उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने  ब्रह्मलीन बालगोविंद शांडिल्य गुरुजी की प्रतिमा स्थापना तथा चौराहे के सौंदर्यीकरण का भूमि-पूजन किया। सौंदर्यीकरण के लिये 8 लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं।   श्री गुप्ता ने कहा कि सरकार शहर के विकास के लिये सतत प्रयत्नशील है। उन्होंने शासन की विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि नागरिक शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये आगे आयें। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि घर-घर जाकर नागरिकों को शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये प्रेरित करें। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा कोटरा में सड़क भूमि-पूजन उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने आई-5 शासकीय आवास कोटरा के पास सड़क निर्माण का भूमि-पूजन किया। सड़क की लागत 20 लाख है। श्री गुप्ता ने सड़क का कार्य गुणवत्तापूर्ण करवाने के निर्देश दिये। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।     Attachments area          

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      मध्यप्रदेश के प्राचीन मंदिरों में भगवान के दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को अब प्रदेश के पुरावैभव, कला और संस्कृति की झलक भी वहां देखने को मिलेगी। इसके लिए राज्य सरकार मंदिरों में संग्रहालयों का निर्माण कराएगी। इस योजना को संस्कृति, धर्मस्व और पुरातत्व विभाग मिलकर अंजाम देंगे। मध्यप्रदेश में इस समय कई प्रसिद्ध मंदिर है जहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है। लेकिन इन मंदिरों में फिलहाल प्रदेश की कला-संस्कृति, इतिहास  और पुरावैभव की झलक दिखाने वाले संग्रहालय नहीं है। राज्य सरकार का सोचना है कि जो श्रद्धालु प्रदेश के प्राचीन मंदिरों में पहुंच रहे है वहां उन्हें भगवान के दर्शन के साथ-साथ प्रदेश के पुरावैभव और कला तथा संस्कृति से भी अवगत कराया जाए। इसके लिए इन मंदिरों के ट्रस्टों के पास मौजूद अपार धनराशि का उपयोग किया जाएगा। इन मंदिरों में सबसे पहले बनेंगे संग्रहालय- मध्यप्रदेश में उज्जैन में महाकाल मंदिर, खजराना मंदिर, सतना के मैहर मंदिर, पशुपतिनाथ मंदिर सहित कई ऐसे प्रमुख मंदिर है जहां मंदिरों की देखरेख और संरक्षण के लिए बनाए गए ट्रस्टों के पास श्रद्धालुओं के दान से मिली अपार धन संपदा स्थित है। इन्हीं मंदिरों में सबसे पहले संग्रहालय बनाने की शुरुआत की जाएगी।  इन मंदिरों के समीप काफी जमीन और भवन स्थित है। शिव मंदिरों में सभी बारह ज्योर्तिलिंगों के बारे में पूरी जानकारी एकत्रित कर प्रदर्शित की जाएगी। इसी तरह गणेश मंदिरों में गणेशजी के सभी स्वरुपों उनके इतिहास और महत्व को प्रदर्शित किया जाएगा। भोपाल के समीप स्थित भोजपुर मंदिर में दो सौ मीटर के दायरे के बाहर संग्रहालय बनाने का प्रस्ताव है। यहां भोजपुर के विशालकाय शिवलिंग और मंदिर के निर्माण की एतिहासिक प्रामाणिक  जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। यह मंदिर कब बना, इस तरह के मंदिर और कहां-कहां बनाए जाने थे। यह अधूरा क्यों रह गया। मंदिर के आसपास मिलने वाले शिवलिंग और अन्य पुराधरोहरों को भी यहां संग्रहित किया जाएगा। भोपाल में भी मुस्लिम धर्मावलंबियों से जुड़ी जानकारी, मध्यप्रदेश के प्राचीन नवाबों से जुड़े इतिहास की प्रामाणिक जानकारी गौहर महल या अन्य स्थानों पर प्रदर्शित की जाएगी। मिडटाउन में दुनिया की सबसे बड़ी सेंट पीटर चर्च में संग्रहालय भी है। वेटिकन सिटी में भी म्युजियम है वहां कई तरह के चित्र प्रदर्शित किए गए है। इन चित्रों में इन देशों की कला और संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। जापान में म्युजियम आॅफ पैरासाइड है। भारत के कई राज्यों में भी मंदिर, मस्जिद और चर्च के साथ संग्रहालय लगे हुए है। मध्यप्रदेश में फिलहाल मंदिर, मस्जिद और गिरिजाघरों में संग्रहालय नहीं है। प्रमुख सचिव संस्कृति मनोज श्रीवास्तव ने कहा प्रदेश के मंदिरों पर अब संग्रहालय बनाने की राज्य सरकार की योजना है। इसके जरिए प्रदेश के नागरिकों को धार्मिक आस्था के केन्द्रों पर पहुंचने पर वहां संग्रहालयों में प्रदेश के इतिहास, कला और संस्कृति के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।     Attachments area          

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  कोलार अवैध कब्जों का अड्डा बना    कोलार में राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों और तहसीलदारों की शह पर बेशकीमती जमीन पर जहां-तहां झुग्गियों का निर्माण करने के अलावा दीवारें तानकर अतिक्रमण किया जा रहा है। इन अतिक्रामकों को रोकने के बजाय अफसर उन्हें प्रश्रय दे रहे हैं। कोलार का दशहरा मैदान इसका ताजा उदाहरण है, जहां पिछले माह लगी आग में 50 झुग्गियां खाक हो गईं थी अब वहां 100 से ज्यादा झुग्गियां और मकान बन गए हैं।   लगातार अतिक्रमण बढ़ने की शिकायतों को लेकर एक सप्ताह पहले एडीएम रत्नाकर झा ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए थे कि वे सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाएं। साथ ही सूची तैयार करें, ताकि सरकारी जमीनों पर जमा अतिक्रमणों को हटाया जा सके। हुजूर एसडीएम और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही से फिर कोलार दशहरा मैदान की सरकारी जमीन पर दर्जनों झुग्गियां तन गर्इं।  प्रशासन के सामने यहां पर झुग्गियां बनती गई, लेकिन उन्हें रोकने की हिम्मत किसी ने नहीं की।   डेढ़ साल पहले निगम चुनाव के पूर्व मुख्यमंत्री ने हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के कहने पर कोलार दशहरा मैदान में स्टेडियम बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद कलेक्टर निशांत वरवड़े ने यहां पर दौरा कर एसडीएम माया अवस्थी को झुग्गियां शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अब तक यहां पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।   कोलार दशहरा मैदान के किनारे बनी अवैध झुग्गियां में तीन साल से एक ही स्थान पर आग लग रही है। यहां 40-50 झुग्गियों में आग लगती है और इसके बाद नई 100 झुग्गियां बन जाती हैं। तीन साल में इस स्थान पर 300 से अधिक झुग्गियां अवैध बन गई। लेकिन प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।     Attachments area          

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  पत्र  में प्रज्ञा ने कैंसर की बीमारी का हवाला भी दिया      मालेगांव बम ब्लास्ट में क्लीन चिट मिलने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने अपने तेवर दिखाए हैं। सिंहस्थ में जाने की जिद पर अड़ीं साध्वी ने पंडित खुशीलाल आयुर्वेदिक अस्पताल में आमरण अनशन शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि सरकार ने उन्हें परमिशन नहीं दी, तो वे 21 मई को जल समाधि ले लेंगी। कैंसर से पीड़ित प्रज्ञा ने दवाइयां खाने से भी इनकार कर दिया है। प्रज्ञा ने राज्य सरकार को लिखे पत्र  में कहा कि वे कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रही हैं। हो सकता है कि अगला कुंभ न देख पाएं।इस मसले  पर बोलने से प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।  साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट मिलने के बाद से माना जा रहा है कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का सॉफ्ट कॉर्नर उनके प्रति बढ़ा है। उनके अनशन के मामले में प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर से जब पूछा गया कि सरकार क्या करेगी, तो विवादों से बचने के लिए उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया । गौरतलब है कि साध्वी लगभग सात सालों से जेल में बंद थीं, लेकिन कैंसर के इलाज के लिए कोर्ट ने उन्हें अस्पताल में रहने की परमिशन दी है। प्रज्ञा ने रविवार को लेटर लिखकर शिवराज सरकार से उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ में शामिल होने की परमिशन मांगी थी।उन्होंने यह भी लिखा था कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो वे आमरण अनशन करेंगी। प्रज्ञा ने लिखा, 'वो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं और शायद अगला कुंभ न देख पाएं। इसलिए उनकी अंतिम इच्छा है कि वे उज्जैन कुंभ में जाएं।' प्रज्ञा ने राज्य सरकार समेत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को भी लेटर की कॉपी भेजी है। लेटर के मुताबिक, प्रज्ञा ने सोमवार सुबह 9 बजे तक का समय दिया था। मांग पूरी नहीं होने के कारण वे अपने कुछ सपोर्टर्स के साथ अस्पताल परिसर में ही आमरण अनशन पर बैठ गई हैं। प्रज्ञा ने लेटर में लिखा कि मैं अन्न जल त्याग दूंगी। अगर मुझे कुछ होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी मध्य प्रदेश सरकार की होगी। उन्होंने अपनी सिक्युरिटी को लेकर भी चिंता जाहिर की है। उन्होंने लिखा कि मेरे साथ पहले एसएएफ के जवान रहते थे। उनके हटाए जाने से मेरी जान को खतरा हो सकता है। प्रज्ञा ने जेड प्लस सुरक्षा की मांग की और सवाल पूछा कि जब देवास जिला कोर्ट ने उज्जैन जाने की अनुमति दे दी है, तो फिर सिक्युरिटी का हवाला देकर सरकार कोर्ट की अवमानना क्यों कर रही है? प्रज्ञा की चिट्ठी उनके सबसे विश्वसनीय भगवान झा लेकर पहुंचे थे। जेल सुपरिंटेंडेंट ने भगवान झा को भरोसा दिया के वह मामले को सीनियर अफसरों तक पहुंचा देंगे। भगवान झा ने कहा, 'सरकार के पास पुलिस की कोई कमी नहीं है। इसलिए साध्वी की सिंहस्थ यात्रा सुनिश्चित करा दी जाए, नहीं तो गंभीर परिणाम होंगे।'     Attachments area          

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  हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने किया 2.16 करोड़ की सड़क निर्माण का भूमि पूजन ।कोलार मुख्य मार्ग के समानांतर इस मार्ग से 2 लाख नागरिक होंगे सीधे लाभान्वित ।कोलार वासियो को विभिन्न मार्गो के माध्यम से नये भोपाल , होशंगाबाद रोड , जाने में होगी सहूलियत ।कोलार में बढ़ते ट्रैफिक पर नियंत्रण में हुज़ूर विधायक की कारगर पहल सफल ।हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा के अथक प्रयासों से कोलारवासियो को ट्रैफिक जाम से आये दिन होने वाली दिक्कतों से निज़ात मिलने जा रही है । बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान (कोलार मुख्य मार्ग) तक  बायपास रोड का निर्माण कराया जा रहा है । आज हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने रानी अवंतीबाई मार्ग से मंदाकनी मैदान को जोड़ने वाली सड़क निर्माण कार्य का भूमि पूजन भूमिका रेसीडेंसी पर किया । 2 करोड़ 16 लाख की लागत से बनने वाली 4200 मीटर इस सड़क की चौड़ाई 7.5 मीटर रहेगी, इस सड़क का निर्माण राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा किया जायेगा । श्री शर्मा ने बताया की कोलार मुख्य मार्ग पर आये दिन लगने वाले ट्रैफिक जाम से छुटकारा पाने के लिये इस बाय पास रोड का निर्माण कराया जा रहा है , उन्होंने बताया की बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग का निर्माण पूर्व में कराया जा चूका है । यह रोड  लोक निर्माण विभाग द्वारा बनायीं गयी है  गौरतलब है की उक्त सड़क का भूमि पूजन विधायक शर्मा द्वारा विधायक बनने के तत्काल बाद किया गया था । बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग तक इस सड़क की दूरी कुल 2 किलोमीटर है ।बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान पर कोलार मुख्य मार्ग पर जोड़ने वाले इस बायपास की कुल दूरी 6 किलोमीटर है । श्री शर्मा ने बताया की बहुत जल्द ही जे के अस्पताल के सामने इस मार्ग के जंक्शन पर एक पुल का निर्माण भी कराया जायेगा जो की सीधा शाहपुरा, भरत नगर , हबीबगंज , चुनाभट्टी , अथवा नये भोपाल को जोड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण के पश्च्यात कोलार के किसी भी नागरिक को ट्रैफिक जाम या आपातकालीन स्थिति में परेशान नहीं होना पड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग से कोलार सहित आसपास के लगभग 2 लाख नागरिक इससे सीधे लाभान्वित होंगे ।  श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण से पूर्व  उनके द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियो अधिकारियो एवं स्थानीय नागरिको के साथ दौरा किया गया । फलस्वरूप कोलार को ट्रैफिक से निजात दिलाने के लिये इस बायपास के निर्माण का निर्णय लिया गया । श्री शर्मा ने बताया की घनी आबादी वाले कोलार में नागरिको की सुविधा के मद्देनज़र इस मार्ग का  अलग अलग भागो में निर्माण कराया गया है , जिससे नागरिको को इसका लाभ पहुँच सके !  श्री शर्मा ने स्थानीय नागरिको को संबोधित करते हुए कहा की कोलार के समग्र विकास में निरंतर आपके द्वारा मिल रहे इसी प्रकार के सहयोग की आवश्यकता है आप सब के सहयोग से हम ग्रीन कोलार क्लीन कोलार का निर्माण करेंगे । कार्यक्रम के दौरान श्री शर्मा का स्थानीय नागरिको द्वारा बड़ी फूलो की माला पहनाकर सड़क निर्माण के लिए अभिन्दन किया गया !  मार्ग से लाभान्वित क्षेत्र  एक नज़र में -: बैरागढ़ चीचली , दौलतपुर ,धोली खदान, प्रियंका नगर ,हिनोतिया गांव ,मानसरोवर डेंटल कॉलेज, सुहागपुर ,पिपलिया, गुराडी , सेमरी ,अमरावत कलां ,सोहागपुर ,बांसखेड़ी झुग्गी बस्ती ,सन खेड़ी झुग्गी बस्ती, आकाश नगर , गिरधर परिसर ,सैफरॉन सिटी ,कृष्णा होम्स ,गिरधर गार्डन ,शिवालय परिसर ,सर्वजन सोसाइटी ,डी के 5 ,जे के अस्पताल , सागर प्रीमियम टॉवर, भूमिका रेसीडेंसी ,वेस्टर्न कौर्ट एवं मंदाकनी सोसायटी आदि इस मार्ग पर अन्य रहवासियो  को इस बाय पास का  सीधा लाभ पहुंचेगा ।होशंगाबाद रोड से जुड़ेगा यह मार्ग यह मार्ग चार बत्ती चौराहे से कालीबाड़ी पुल से होते हुए बाबड़िया रेल्वे फाटक से होशंगाबाद रोड से सीधा जुड़ेगा ।दानिश कुंज से कलियासोत नदी पर सलैया पुल के माध्यम से मिसरोद (होशंगाबाद रोड) से सीधा जुड़ेगा ।कार्यक्रम में विशेष रूप से स्थानीय पार्षद एवं एम आई सी सदस्य भूपेंद्र माली ,पार्षद पवन बोराना, मंडल उपाध्यक्ष श्याम मीना, बी एस वाजपेयी , महेश तिवारी , इक़बाल खान , अमित शुक्ल, दीपक माथुर , अरुण तिवारी , डी ले पालीवाल , एस एस सेंगर ,शोभा सिकरवार , श्रीमती गीता मिश्रा,गणेश तिवारी,राजेश सेंगर , राज शर्मा , प्रदीप पाटीदार ,आकाश श्रीवास्तव,सहित बड़ी संख्या में माताये बहने कॉलोनी वासी उपस्थित रहे ।  

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कोलार के वार्ड 82 में आने वाले दानिशकुंज कॉलोनी में नगर निगम द्वारा काम नहीं कराने के बाद भी पार्षद द्वारा निर्माण को लेकर बोर्ड लगाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। गलत जानकारी को लेकर आज दोपहर कांग्रेस पार्षदों, स्थानीय नेताओं और रहवासियों का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम आयुक्त छवि भारद्वाज से मिला। इन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पार्षद जानबूझकर श्रेय की राजनीति कर रहे हैं। जबकि, जनता गर्मी में पानी के लिए हाहाकार मचा रही है, फिर भी उन्हें पानी नहीं दिया जा रहा है। पार्षदों ने यह की मांग : कांग्रेस पार्षद संतोष जितेंद्र कंसाना, मोनू सक्सेना, मनजीत मारण, अमित शर्मा, राहुल सिंह राठौर, अखिलेश जैन सहित रहवासियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयुक्त भारद्वाज से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। इसके अनुसार तत्काल गलत जानकारी देने वाले भाजपा पार्षद भूपेंद्र माली के बोर्ड को नगर निगम प्रशासन हटाए। साथ ही इस मामले में जांच कराएं कि कहीं दानिशकुंज में कराए गए डामर के भुगतान की फर्जी फाइल तो निगम के कार्यालय नहीं पहुंच गई। यदि प्रशासन बोर्ड नहीं लगाएगी, तो कांग्रेसी भी हर वार्ड में ऐसे बोर्ड लगाएगी। दानिशकुंज कॉलोनी में करीब एक करोड़ राशि से डामर कराया गया है। इस पर स्थानीय पार्षद ने खुद डामर कराने के बोर्ड पूरी कॉलोनी में लगा दिए। वहीं, दानिशकुंज सोसायटी ने भी एक विज्ञापन जारी करके कहा कि वह निर्माण उसने कराया है। कुछ लोगों के यहां निर्माण नहीं कराया गया है, वो लोग जल्द ही बकाया राशि जमा कर दें, ताकि बचे हुए स्थानों पर भी डामरीकरण कराया जा सके।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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  लगेगी शांडिल्य गुरु की प्रतिमा      कोलार रोड के दूसरे छोर भदभदा चौराहे पर उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने  ब्रह्मलीन बालगोविंद शांडिल्य गुरुजी की प्रतिमा स्थापना तथा चौराहे के सौंदर्यीकरण का भूमि-पूजन किया। सौंदर्यीकरण के लिये 8 लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं।   श्री गुप्ता ने कहा कि सरकार शहर के विकास के लिये सतत प्रयत्नशील है। उन्होंने शासन की विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि नागरिक शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये आगे आयें। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि घर-घर जाकर नागरिकों को शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये प्रेरित करें। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा कोटरा में सड़क भूमि-पूजन उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने आई-5 शासकीय आवास कोटरा के पास सड़क निर्माण का भूमि-पूजन किया। सड़क की लागत 20 लाख है। श्री गुप्ता ने सड़क का कार्य गुणवत्तापूर्ण करवाने के निर्देश दिये। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।     Attachments area          

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      मध्यप्रदेश के प्राचीन मंदिरों में भगवान के दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को अब प्रदेश के पुरावैभव, कला और संस्कृति की झलक भी वहां देखने को मिलेगी। इसके लिए राज्य सरकार मंदिरों में संग्रहालयों का निर्माण कराएगी। इस योजना को संस्कृति, धर्मस्व और पुरातत्व विभाग मिलकर अंजाम देंगे। मध्यप्रदेश में इस समय कई प्रसिद्ध मंदिर है जहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है। लेकिन इन मंदिरों में फिलहाल प्रदेश की कला-संस्कृति, इतिहास  और पुरावैभव की झलक दिखाने वाले संग्रहालय नहीं है। राज्य सरकार का सोचना है कि जो श्रद्धालु प्रदेश के प्राचीन मंदिरों में पहुंच रहे है वहां उन्हें भगवान के दर्शन के साथ-साथ प्रदेश के पुरावैभव और कला तथा संस्कृति से भी अवगत कराया जाए। इसके लिए इन मंदिरों के ट्रस्टों के पास मौजूद अपार धनराशि का उपयोग किया जाएगा। इन मंदिरों में सबसे पहले बनेंगे संग्रहालय- मध्यप्रदेश में उज्जैन में महाकाल मंदिर, खजराना मंदिर, सतना के मैहर मंदिर, पशुपतिनाथ मंदिर सहित कई ऐसे प्रमुख मंदिर है जहां मंदिरों की देखरेख और संरक्षण के लिए बनाए गए ट्रस्टों के पास श्रद्धालुओं के दान से मिली अपार धन संपदा स्थित है। इन्हीं मंदिरों में सबसे पहले संग्रहालय बनाने की शुरुआत की जाएगी।  इन मंदिरों के समीप काफी जमीन और भवन स्थित है। शिव मंदिरों में सभी बारह ज्योर्तिलिंगों के बारे में पूरी जानकारी एकत्रित कर प्रदर्शित की जाएगी। इसी तरह गणेश मंदिरों में गणेशजी के सभी स्वरुपों उनके इतिहास और महत्व को प्रदर्शित किया जाएगा। भोपाल के समीप स्थित भोजपुर मंदिर में दो सौ मीटर के दायरे के बाहर संग्रहालय बनाने का प्रस्ताव है। यहां भोजपुर के विशालकाय शिवलिंग और मंदिर के निर्माण की एतिहासिक प्रामाणिक  जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। यह मंदिर कब बना, इस तरह के मंदिर और कहां-कहां बनाए जाने थे। यह अधूरा क्यों रह गया। मंदिर के आसपास मिलने वाले शिवलिंग और अन्य पुराधरोहरों को भी यहां संग्रहित किया जाएगा। भोपाल में भी मुस्लिम धर्मावलंबियों से जुड़ी जानकारी, मध्यप्रदेश के प्राचीन नवाबों से जुड़े इतिहास की प्रामाणिक जानकारी गौहर महल या अन्य स्थानों पर प्रदर्शित की जाएगी। मिडटाउन में दुनिया की सबसे बड़ी सेंट पीटर चर्च में संग्रहालय भी है। वेटिकन सिटी में भी म्युजियम है वहां कई तरह के चित्र प्रदर्शित किए गए है। इन चित्रों में इन देशों की कला और संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। जापान में म्युजियम आॅफ पैरासाइड है। भारत के कई राज्यों में भी मंदिर, मस्जिद और चर्च के साथ संग्रहालय लगे हुए है। मध्यप्रदेश में फिलहाल मंदिर, मस्जिद और गिरिजाघरों में संग्रहालय नहीं है। प्रमुख सचिव संस्कृति मनोज श्रीवास्तव ने कहा प्रदेश के मंदिरों पर अब संग्रहालय बनाने की राज्य सरकार की योजना है। इसके जरिए प्रदेश के नागरिकों को धार्मिक आस्था के केन्द्रों पर पहुंचने पर वहां संग्रहालयों में प्रदेश के इतिहास, कला और संस्कृति के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।     Attachments area          

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  कोलार अवैध कब्जों का अड्डा बना    कोलार में राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों और तहसीलदारों की शह पर बेशकीमती जमीन पर जहां-तहां झुग्गियों का निर्माण करने के अलावा दीवारें तानकर अतिक्रमण किया जा रहा है। इन अतिक्रामकों को रोकने के बजाय अफसर उन्हें प्रश्रय दे रहे हैं। कोलार का दशहरा मैदान इसका ताजा उदाहरण है, जहां पिछले माह लगी आग में 50 झुग्गियां खाक हो गईं थी अब वहां 100 से ज्यादा झुग्गियां और मकान बन गए हैं।   लगातार अतिक्रमण बढ़ने की शिकायतों को लेकर एक सप्ताह पहले एडीएम रत्नाकर झा ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए थे कि वे सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाएं। साथ ही सूची तैयार करें, ताकि सरकारी जमीनों पर जमा अतिक्रमणों को हटाया जा सके। हुजूर एसडीएम और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही से फिर कोलार दशहरा मैदान की सरकारी जमीन पर दर्जनों झुग्गियां तन गर्इं।  प्रशासन के सामने यहां पर झुग्गियां बनती गई, लेकिन उन्हें रोकने की हिम्मत किसी ने नहीं की।   डेढ़ साल पहले निगम चुनाव के पूर्व मुख्यमंत्री ने हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के कहने पर कोलार दशहरा मैदान में स्टेडियम बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद कलेक्टर निशांत वरवड़े ने यहां पर दौरा कर एसडीएम माया अवस्थी को झुग्गियां शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अब तक यहां पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।   कोलार दशहरा मैदान के किनारे बनी अवैध झुग्गियां में तीन साल से एक ही स्थान पर आग लग रही है। यहां 40-50 झुग्गियों में आग लगती है और इसके बाद नई 100 झुग्गियां बन जाती हैं। तीन साल में इस स्थान पर 300 से अधिक झुग्गियां अवैध बन गई। लेकिन प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।     Attachments area          

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  पत्र  में प्रज्ञा ने कैंसर की बीमारी का हवाला भी दिया      मालेगांव बम ब्लास्ट में क्लीन चिट मिलने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने अपने तेवर दिखाए हैं। सिंहस्थ में जाने की जिद पर अड़ीं साध्वी ने पंडित खुशीलाल आयुर्वेदिक अस्पताल में आमरण अनशन शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि सरकार ने उन्हें परमिशन नहीं दी, तो वे 21 मई को जल समाधि ले लेंगी। कैंसर से पीड़ित प्रज्ञा ने दवाइयां खाने से भी इनकार कर दिया है। प्रज्ञा ने राज्य सरकार को लिखे पत्र  में कहा कि वे कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रही हैं। हो सकता है कि अगला कुंभ न देख पाएं।इस मसले  पर बोलने से प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।  साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट मिलने के बाद से माना जा रहा है कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का सॉफ्ट कॉर्नर उनके प्रति बढ़ा है। उनके अनशन के मामले में प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर से जब पूछा गया कि सरकार क्या करेगी, तो विवादों से बचने के लिए उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया । गौरतलब है कि साध्वी लगभग सात सालों से जेल में बंद थीं, लेकिन कैंसर के इलाज के लिए कोर्ट ने उन्हें अस्पताल में रहने की परमिशन दी है। प्रज्ञा ने रविवार को लेटर लिखकर शिवराज सरकार से उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ में शामिल होने की परमिशन मांगी थी।उन्होंने यह भी लिखा था कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो वे आमरण अनशन करेंगी। प्रज्ञा ने लिखा, 'वो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं और शायद अगला कुंभ न देख पाएं। इसलिए उनकी अंतिम इच्छा है कि वे उज्जैन कुंभ में जाएं।' प्रज्ञा ने राज्य सरकार समेत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को भी लेटर की कॉपी भेजी है। लेटर के मुताबिक, प्रज्ञा ने सोमवार सुबह 9 बजे तक का समय दिया था। मांग पूरी नहीं होने के कारण वे अपने कुछ सपोर्टर्स के साथ अस्पताल परिसर में ही आमरण अनशन पर बैठ गई हैं। प्रज्ञा ने लेटर में लिखा कि मैं अन्न जल त्याग दूंगी। अगर मुझे कुछ होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी मध्य प्रदेश सरकार की होगी। उन्होंने अपनी सिक्युरिटी को लेकर भी चिंता जाहिर की है। उन्होंने लिखा कि मेरे साथ पहले एसएएफ के जवान रहते थे। उनके हटाए जाने से मेरी जान को खतरा हो सकता है। प्रज्ञा ने जेड प्लस सुरक्षा की मांग की और सवाल पूछा कि जब देवास जिला कोर्ट ने उज्जैन जाने की अनुमति दे दी है, तो फिर सिक्युरिटी का हवाला देकर सरकार कोर्ट की अवमानना क्यों कर रही है? प्रज्ञा की चिट्ठी उनके सबसे विश्वसनीय भगवान झा लेकर पहुंचे थे। जेल सुपरिंटेंडेंट ने भगवान झा को भरोसा दिया के वह मामले को सीनियर अफसरों तक पहुंचा देंगे। भगवान झा ने कहा, 'सरकार के पास पुलिस की कोई कमी नहीं है। इसलिए साध्वी की सिंहस्थ यात्रा सुनिश्चित करा दी जाए, नहीं तो गंभीर परिणाम होंगे।'     Attachments area          

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  हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने किया 2.16 करोड़ की सड़क निर्माण का भूमि पूजन ।कोलार मुख्य मार्ग के समानांतर इस मार्ग से 2 लाख नागरिक होंगे सीधे लाभान्वित ।कोलार वासियो को विभिन्न मार्गो के माध्यम से नये भोपाल , होशंगाबाद रोड , जाने में होगी सहूलियत ।कोलार में बढ़ते ट्रैफिक पर नियंत्रण में हुज़ूर विधायक की कारगर पहल सफल ।हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा के अथक प्रयासों से कोलारवासियो को ट्रैफिक जाम से आये दिन होने वाली दिक्कतों से निज़ात मिलने जा रही है । बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान (कोलार मुख्य मार्ग) तक  बायपास रोड का निर्माण कराया जा रहा है । आज हुज़ूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने रानी अवंतीबाई मार्ग से मंदाकनी मैदान को जोड़ने वाली सड़क निर्माण कार्य का भूमि पूजन भूमिका रेसीडेंसी पर किया । 2 करोड़ 16 लाख की लागत से बनने वाली 4200 मीटर इस सड़क की चौड़ाई 7.5 मीटर रहेगी, इस सड़क का निर्माण राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा किया जायेगा । श्री शर्मा ने बताया की कोलार मुख्य मार्ग पर आये दिन लगने वाले ट्रैफिक जाम से छुटकारा पाने के लिये इस बाय पास रोड का निर्माण कराया जा रहा है , उन्होंने बताया की बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग का निर्माण पूर्व में कराया जा चूका है । यह रोड  लोक निर्माण विभाग द्वारा बनायीं गयी है  गौरतलब है की उक्त सड़क का भूमि पूजन विधायक शर्मा द्वारा विधायक बनने के तत्काल बाद किया गया था । बैरागढ़ चीचली से रानी अवंती बाई मार्ग तक इस सड़क की दूरी कुल 2 किलोमीटर है ।बैरागढ़ चीचली से मंदाकनी मैदान पर कोलार मुख्य मार्ग पर जोड़ने वाले इस बायपास की कुल दूरी 6 किलोमीटर है । श्री शर्मा ने बताया की बहुत जल्द ही जे के अस्पताल के सामने इस मार्ग के जंक्शन पर एक पुल का निर्माण भी कराया जायेगा जो की सीधा शाहपुरा, भरत नगर , हबीबगंज , चुनाभट्टी , अथवा नये भोपाल को जोड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण के पश्च्यात कोलार के किसी भी नागरिक को ट्रैफिक जाम या आपातकालीन स्थिति में परेशान नहीं होना पड़ेगा । श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग से कोलार सहित आसपास के लगभग 2 लाख नागरिक इससे सीधे लाभान्वित होंगे ।  श्री शर्मा ने बताया की इस मार्ग के निर्माण से पूर्व  उनके द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियो अधिकारियो एवं स्थानीय नागरिको के साथ दौरा किया गया । फलस्वरूप कोलार को ट्रैफिक से निजात दिलाने के लिये इस बायपास के निर्माण का निर्णय लिया गया । श्री शर्मा ने बताया की घनी आबादी वाले कोलार में नागरिको की सुविधा के मद्देनज़र इस मार्ग का  अलग अलग भागो में निर्माण कराया गया है , जिससे नागरिको को इसका लाभ पहुँच सके !  श्री शर्मा ने स्थानीय नागरिको को संबोधित करते हुए कहा की कोलार के समग्र विकास में निरंतर आपके द्वारा मिल रहे इसी प्रकार के सहयोग की आवश्यकता है आप सब के सहयोग से हम ग्रीन कोलार क्लीन कोलार का निर्माण करेंगे । कार्यक्रम के दौरान श्री शर्मा का स्थानीय नागरिको द्वारा बड़ी फूलो की माला पहनाकर सड़क निर्माण के लिए अभिन्दन किया गया !  मार्ग से लाभान्वित क्षेत्र  एक नज़र में -: बैरागढ़ चीचली , दौलतपुर ,धोली खदान, प्रियंका नगर ,हिनोतिया गांव ,मानसरोवर डेंटल कॉलेज, सुहागपुर ,पिपलिया, गुराडी , सेमरी ,अमरावत कलां ,सोहागपुर ,बांसखेड़ी झुग्गी बस्ती ,सन खेड़ी झुग्गी बस्ती, आकाश नगर , गिरधर परिसर ,सैफरॉन सिटी ,कृष्णा होम्स ,गिरधर गार्डन ,शिवालय परिसर ,सर्वजन सोसाइटी ,डी के 5 ,जे के अस्पताल , सागर प्रीमियम टॉवर, भूमिका रेसीडेंसी ,वेस्टर्न कौर्ट एवं मंदाकनी सोसायटी आदि इस मार्ग पर अन्य रहवासियो  को इस बाय पास का  सीधा लाभ पहुंचेगा ।होशंगाबाद रोड से जुड़ेगा यह मार्ग यह मार्ग चार बत्ती चौराहे से कालीबाड़ी पुल से होते हुए बाबड़िया रेल्वे फाटक से होशंगाबाद रोड से सीधा जुड़ेगा ।दानिश कुंज से कलियासोत नदी पर सलैया पुल के माध्यम से मिसरोद (होशंगाबाद रोड) से सीधा जुड़ेगा ।कार्यक्रम में विशेष रूप से स्थानीय पार्षद एवं एम आई सी सदस्य भूपेंद्र माली ,पार्षद पवन बोराना, मंडल उपाध्यक्ष श्याम मीना, बी एस वाजपेयी , महेश तिवारी , इक़बाल खान , अमित शुक्ल, दीपक माथुर , अरुण तिवारी , डी ले पालीवाल , एस एस सेंगर ,शोभा सिकरवार , श्रीमती गीता मिश्रा,गणेश तिवारी,राजेश सेंगर , राज शर्मा , प्रदीप पाटीदार ,आकाश श्रीवास्तव,सहित बड़ी संख्या में माताये बहने कॉलोनी वासी उपस्थित रहे ।  

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कोलार के वार्ड 82 में आने वाले दानिशकुंज कॉलोनी में नगर निगम द्वारा काम नहीं कराने के बाद भी पार्षद द्वारा निर्माण को लेकर बोर्ड लगाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। गलत जानकारी को लेकर आज दोपहर कांग्रेस पार्षदों, स्थानीय नेताओं और रहवासियों का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम आयुक्त छवि भारद्वाज से मिला। इन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पार्षद जानबूझकर श्रेय की राजनीति कर रहे हैं। जबकि, जनता गर्मी में पानी के लिए हाहाकार मचा रही है, फिर भी उन्हें पानी नहीं दिया जा रहा है। पार्षदों ने यह की मांग : कांग्रेस पार्षद संतोष जितेंद्र कंसाना, मोनू सक्सेना, मनजीत मारण, अमित शर्मा, राहुल सिंह राठौर, अखिलेश जैन सहित रहवासियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयुक्त भारद्वाज से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। इसके अनुसार तत्काल गलत जानकारी देने वाले भाजपा पार्षद भूपेंद्र माली के बोर्ड को नगर निगम प्रशासन हटाए। साथ ही इस मामले में जांच कराएं कि कहीं दानिशकुंज में कराए गए डामर के भुगतान की फर्जी फाइल तो निगम के कार्यालय नहीं पहुंच गई। यदि प्रशासन बोर्ड नहीं लगाएगी, तो कांग्रेसी भी हर वार्ड में ऐसे बोर्ड लगाएगी। दानिशकुंज कॉलोनी में करीब एक करोड़ राशि से डामर कराया गया है। इस पर स्थानीय पार्षद ने खुद डामर कराने के बोर्ड पूरी कॉलोनी में लगा दिए। वहीं, दानिशकुंज सोसायटी ने भी एक विज्ञापन जारी करके कहा कि वह निर्माण उसने कराया है। कुछ लोगों के यहां निर्माण नहीं कराया गया है, वो लोग जल्द ही बकाया राशि जमा कर दें, ताकि बचे हुए स्थानों पर भी डामरीकरण कराया जा सके।

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मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल से साभार ]

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देहरादून । भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को देखते हुए उत्तराखंड के चार धामों यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ में धाम हेलीकॉप्टर सेवाओं को अग्रिम आदेशों तक स्थगित कर दिया गया है। इस संबंध में पुलिस कंट्रोल रूम चारधाम ने श्रद्धालुओं और मीडिया को  सूचना साझा की है। इससे पहले केवल केदारनाथ की हेलीकॉप्टर सेवाएं बंद करने के निर्देश जारी किए गये थे।

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नई दिल्ली । इस वर्ष केरल में 27 मई को मानसून दस्तक दे सकता है। भारत मौसम विभाग (आईएमडी) ने शनिवार को बताया कि इस बार केरल में मानसून का प्रवेश 27 मई को होने जा रहा है। पिछले वर्ष मानसून 30 मई को केरल पहुंचा था।   शनिवार को मौसम विभाग ने बताया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने की शुरुआत केरल में मानसून के मौसम से होती है। जैसे-जैसे मानसून उत्तर की ओर बढ़ता है, चिलचिलाती गर्मी से लोगों को राहत मिलती है। दक्षिण-पश्चिम मानसून आमतौर पर 1 जून को केरल में आता है, जिसका मानक विचलन लगभग 7 दिन होता है।   आईएमडी ने एक स्वदेशी रूप से विकसित अत्याधुनिक सांख्यिकीय मॉडल का उपयोग करते हुए इस साल 27 मई को मानसून का पूर्वानुमान लगाया है। इस स्वदेशी मॉडल में उत्तर पश्चिम भारत में न्यूनतम तापमान, दक्षिण प्रायद्वीप में मानसून-पूर्व वर्षा का चरण, उपोष्णकंटिबंधीय उत्तर-पश्चिम प्रशांत महासागर में औसत समुद्र तल दवाब, दक्षिण चीन सागर में बहिर्गामी दीर्घतरंग विकिरण, उत्तर-पूर्वी हिन्द महासागर में निचली क्षोभमंडलीय क्षेत्रीय हवा और इंडोनेशिया क्षेत्र में ऊपरी क्षोभमंडलीय क्षेत्रीय हवा का अध्ययन किया जाता है।   पिछले 20 सालों के दौरान केरल में मानसून के शुरू होेने की तारीख के बारे में मौसम विभाग के ज्यादातर पूर्वानुमान सही साबित हुए हैं।  

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जयपुर । भारत-पाकिस्तान बॉर्डर से सटे राजस्थान के जिलों में ड्रोन हमलों की आशंका और धमाकों के बाद हाई अलर्ट जारी किया गया। आज  सुबह बाड़मेर, जैसलमेर और बालोतरा के कई इलाकों में तेज धमाकों की जानकारी मिली है। ग्रामीणों ने आसमान से गिरती मिसाइलनुमा चीजें और ड्रोन के टुकड़े देखे। बालोतरा के गिड़ा क्षेत्र में धमाके के साथ एक भारी वस्तु जमीन पर गिरी। ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस, सेना और प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंचीं। जैसलमेर के बड़ोड़ा गांव में भी ड्रोन के टुकड़े मिले। इससे पहले शुक्रवार रात पाकिस्तान की ओर से जैसलमेर और बाड़मेर में सैन्य ठिकानों पर ड्रोन अटैक किए गए, जिन्हें भारतीय सेना ने हवा में ही नष्ट कर दिया। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने सुरक्षा के मद्देनजर बीकानेर, जैसलमेर, जोधपुर, किशनगढ़ और उत्तरलाई एयरपोर्ट को 14 मई तक बंद करने का फैसला किया है। किशनगढ़ एयरपोर्ट 15 मई की सुबह 5:29 बजे तक पूरी तरह बंद रहेगा। राजस्थान हेल्थ साइंस यूनिवर्सिटी ने 15 मई से शुरू होने वाली एमबीबीएस और नर्सिंग परीक्षाएं अगली सूचना तक स्थगित कर दी हैं। वहीं, बॉर्डर से सटे जिलों में पंचायत उपचुनाव भी रोक दिए गए हैं। अलवर में सभी सार्वजनिक आयोजनों और शादियों में ड्रोन उड़ाने पर रोक लगा दी गई है। जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर और श्रीगंगानगर में रात 12 से सुबह चार बजे तक ब्लैकआउट लागू किया गया है। हालात को देखते हुए चिकित्सा विभाग ने 336 सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स की ड्यूटी लगाई है और सभी अस्पतालों को विशेष व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं। राज्य सरकार ने सीमावर्ती जिलों के लिए 19 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट जारी किया है। साथ ही शनिवार को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है ताकि स्थिति की समीक्षा की जा सके।

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  लगेगी शांडिल्य गुरु की प्रतिमा      कोलार रोड के दूसरे छोर भदभदा चौराहे पर उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने  ब्रह्मलीन बालगोविंद शांडिल्य गुरुजी की प्रतिमा स्थापना तथा चौराहे के सौंदर्यीकरण का भूमि-पूजन किया। सौंदर्यीकरण के लिये 8 लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं।   श्री गुप्ता ने कहा कि सरकार शहर के विकास के लिये सतत प्रयत्नशील है। उन्होंने शासन की विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। श्री गुप्ता ने कहा कि नागरिक शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये आगे आयें। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि घर-घर जाकर नागरिकों को शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिये प्रेरित करें। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा कोटरा में सड़क भूमि-पूजन उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने आई-5 शासकीय आवास कोटरा के पास सड़क निर्माण का भूमि-पूजन किया। सड़क की लागत 20 लाख है। श्री गुप्ता ने सड़क का कार्य गुणवत्तापूर्ण करवाने के निर्देश दिये। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।     Attachments area          

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      मध्यप्रदेश के प्राचीन मंदिरों में भगवान के दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को अब प्रदेश के पुरावैभव, कला और संस्कृति की झलक भी वहां देखने को मिलेगी। इसके लिए राज्य सरकार मंदिरों में संग्रहालयों का निर्माण कराएगी। इस योजना को संस्कृति, धर्मस्व और पुरातत्व विभाग मिलकर अंजाम देंगे। मध्यप्रदेश में इस समय कई प्रसिद्ध मंदिर है जहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है। लेकिन इन मंदिरों में फिलहाल प्रदेश की कला-संस्कृति, इतिहास  और पुरावैभव की झलक दिखाने वाले संग्रहालय नहीं है। राज्य सरकार का सोचना है कि जो श्रद्धालु प्रदेश के प्राचीन मंदिरों में पहुंच रहे है वहां उन्हें भगवान के दर्शन के साथ-साथ प्रदेश के पुरावैभव और कला तथा संस्कृति से भी अवगत कराया जाए। इसके लिए इन मंदिरों के ट्रस्टों के पास मौजूद अपार धनराशि का उपयोग किया जाएगा। इन मंदिरों में सबसे पहले बनेंगे संग्रहालय- मध्यप्रदेश में उज्जैन में महाकाल मंदिर, खजराना मंदिर, सतना के मैहर मंदिर, पशुपतिनाथ मंदिर सहित कई ऐसे प्रमुख मंदिर है जहां मंदिरों की देखरेख और संरक्षण के लिए बनाए गए ट्रस्टों के पास श्रद्धालुओं के दान से मिली अपार धन संपदा स्थित है। इन्हीं मंदिरों में सबसे पहले संग्रहालय बनाने की शुरुआत की जाएगी।  इन मंदिरों के समीप काफी जमीन और भवन स्थित है। शिव मंदिरों में सभी बारह ज्योर्तिलिंगों के बारे में पूरी जानकारी एकत्रित कर प्रदर्शित की जाएगी। इसी तरह गणेश मंदिरों में गणेशजी के सभी स्वरुपों उनके इतिहास और महत्व को प्रदर्शित किया जाएगा। भोपाल के समीप स्थित भोजपुर मंदिर में दो सौ मीटर के दायरे के बाहर संग्रहालय बनाने का प्रस्ताव है। यहां भोजपुर के विशालकाय शिवलिंग और मंदिर के निर्माण की एतिहासिक प्रामाणिक  जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। यह मंदिर कब बना, इस तरह के मंदिर और कहां-कहां बनाए जाने थे। यह अधूरा क्यों रह गया। मंदिर के आसपास मिलने वाले शिवलिंग और अन्य पुराधरोहरों को भी यहां संग्रहित किया जाएगा। भोपाल में भी मुस्लिम धर्मावलंबियों से जुड़ी जानकारी, मध्यप्रदेश के प्राचीन नवाबों से जुड़े इतिहास की प्रामाणिक जानकारी गौहर महल या अन्य स्थानों पर प्रदर्शित की जाएगी। मिडटाउन में दुनिया की सबसे बड़ी सेंट पीटर चर्च में संग्रहालय भी है। वेटिकन सिटी में भी म्युजियम है वहां कई तरह के चित्र प्रदर्शित किए गए है। इन चित्रों में इन देशों की कला और संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। जापान में म्युजियम आॅफ पैरासाइड है। भारत के कई राज्यों में भी मंदिर, मस्जिद और चर्च के साथ संग्रहालय लगे हुए है। मध्यप्रदेश में फिलहाल मंदिर, मस्जिद और गिरिजाघरों में संग्रहालय नहीं है। प्रमुख सचिव संस्कृति मनोज श्रीवास्तव ने कहा प्रदेश के मंदिरों पर अब संग्रहालय बनाने की राज्य सरकार की योजना है। इसके जरिए प्रदेश के नागरिकों को धार्मिक आस्था के केन्द्रों पर पहुंचने पर वहां संग्रहालयों में प्रदेश के इतिहास, कला और संस्कृति के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।     Attachments area          

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  कोलार अवैध कब्जों का अड्डा बना    कोलार में राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों और तहसीलदारों की शह पर बेशकीमती जमीन पर जहां-तहां झुग्गियों का निर्माण करने के अलावा दीवारें तानकर अतिक्रमण किया जा रहा है। इन अतिक्रामकों को रोकने के बजाय अफसर उन्हें प्रश्रय दे रहे हैं। कोलार का दशहरा मैदान इसका ताजा उदाहरण है, जहां पिछले माह लगी आग में 50 झुग्गियां खाक हो गईं थी अब वहां 100 से ज्यादा झुग्गियां और मकान बन गए हैं।   लगातार अतिक्रमण बढ़ने की शिकायतों को लेकर एक सप्ताह पहले एडीएम रत्नाकर झा ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए थे कि वे सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाएं। साथ ही सूची तैयार करें, ताकि सरकारी जमीनों पर जमा अतिक्रमणों को हटाया जा सके। हुजूर एसडीएम और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही से फिर कोलार दशहरा मैदान की सरकारी जमीन पर दर्जनों झुग्गियां तन गर्इं।  प्रशासन के सामने यहां पर झुग्गियां बनती गई, लेकिन उन्हें रोकने की हिम्मत किसी ने नहीं की।   डेढ़ साल पहले निगम चुनाव के पूर्व मुख्यमंत्री ने हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के कहने पर कोलार दशहरा मैदान में स्टेडियम बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद कलेक्टर निशांत वरवड़े ने यहां पर दौरा कर एसडीएम माया अवस्थी को झुग्गियां शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अब तक यहां पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।   कोलार दशहरा मैदान के किनारे बनी अवैध झुग्गियां में तीन साल से एक ही स्थान पर आग लग रही है। यहां 40-50 झुग्गियों में आग लगती है और इसके बाद नई 100 झुग्गियां बन जाती हैं। तीन साल में इस स्थान पर 300 से अधिक झुग्गियां अवैध बन गई। लेकिन प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।     Attachments area          

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  पत्र  में प्रज्ञा ने कैंसर की बीमारी का हवाला भी दिया      मालेगांव बम ब्लास्ट में क्लीन चिट मिलने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने अपने तेवर दिखाए हैं। सिंहस्थ में जाने की जिद पर अड़ीं साध्वी ने पंडित खुशीलाल आयुर्वेदिक अस्पताल में आमरण अनशन शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि सरकार ने उन्हें परमिशन नहीं दी, तो वे 21 मई को जल समाधि ले लेंगी। कैंसर से पीड़ित प्रज्ञा ने दवाइयां खाने से भी इनकार कर दिया है। प्रज्ञा ने राज्य सरकार को लिखे पत्र  में कहा कि वे कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रही हैं। हो सकता है कि अगला कुंभ न देख पाएं।इस मसले  पर बोलने से प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।  साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट मिलने के बाद से माना जा रहा है कि उन्हें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का सॉफ्ट कॉर्नर उनके प्रति बढ़ा है। उनके अनशन के मामले में प्रदेश के गृह मंत्री बाबूलाल गौर से जब पूछा गया कि सरकार क्या करेगी, तो विवादों से बचने के लिए उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया । गौरतलब है कि साध्वी लगभग सात सालों से जेल में बंद थीं, लेकिन कैंसर के इलाज के लिए कोर्ट ने उन्हें अस्पताल में रहने की परमिशन दी है। प्रज्ञा ने रविवार को लेटर लिखकर शिवराज सरकार से उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ में शामिल होने की परमिशन मांगी थी।उन्होंने यह भी लिखा था कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो वे आमरण अनशन करेंगी। प्रज्ञा ने लिखा, 'वो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं और शायद अगला कुंभ न देख पाएं। इसलिए उनकी अंतिम इच्छा है कि वे उज्जैन कुंभ में जाएं।' प्रज्ञा ने राज्य सरकार समेत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को भी लेटर की कॉपी भेजी है। लेटर के मुताबिक, प्रज्ञा ने सोमवार सुबह 9 बजे तक का समय दिया था। मांग पूरी नहीं होने के कारण वे अपने कुछ सपोर्टर्स के साथ अस्पताल परिसर में ही आमरण अनशन पर बैठ गई हैं। प्रज्ञा ने लेटर में लिखा कि मैं अन्न जल त्याग दूंगी। अगर मुझे कुछ होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी मध्य प्रदेश सरकार की होगी। उन्होंने अपनी सिक्युरिटी को लेकर भी चिंता जाहिर की है। उन्होंने लिखा कि मेरे साथ पहले एसएएफ के जवान रहते थे। उनके हटाए जाने से मेरी जान को खतरा हो स