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एक बार फिर रीवा के संजय गाँधी हॉस्पिटल में मरीज़ के परिजन से मारपीट
एक बार फिर रीवा के संजय गाँधी हॉस्पिटल में मरीज़ के परिजन से मारपीट

मध्यप्रदेश के रीवा का संजय गाँधी अस्पताल आये दिन कभी अव्यवस्था तो कभी मरीजों और उनके परिजनों के साथ मारपीट को  को लेकर सुर्खियों में रहता है। एक बार फिर  ब्लड मांगना मरीज के परिजन को महंगा पड़ गया। घायल का इलाज कराने आये मरीज के अटेंडर  को ही अस्पताल के गार्डस ने घायल कर एडमिट करने लायक बना दिया।  अस्पताल में तैनात गार्ड्स ने मरीज के अटेंडर की जमकर लात घूंसों से पिटाई कर दी। यह सब CMO डॉ. अलख प्रकाश पाण्डेय के सामने हुआ।  जिसको लेकर अब अस्पताल प्रबंधन पर सवाल  खड़े हो रहे हैं।  सवाल ये भी है की क्या जान बचाने के लिए ब्लड की मांग करना गुनाह है। क्या सीएमओ और अस्पताल प्रबंधन की ये बड़ी लापरवाही नहीं है। वहीं अब इस मामले की जांच के नाम पर लीपापोती का काम शुरू कर दिया गया है। ये वीडियो रीवा के सबसे बड़े अस्पताल संजय गाँधी का है। वीडियो में जिस आदमी पर अस्पताल के ये गार्ड्स टूट पड़े हैं। उसकी गलती ये थी के उसने घायल मरीज के लिए  ब्लड की मांग कर ली थी।  यह मारपीट  प्रभारी CMO डॉ. अलख प्रकाश पाण्डेय के सामने  हुई।  मरीज के  अटेंडर का आरोप है कि स्टॉक रहने के बाद भी उन्हें ब्लड नहीं दिया गया। इसी बात को लेकर जब विरोध जताया, तो आधा दर्जन गार्ड्स ने लात, घूंसों और डंडे से पिटाई कर दी। साथ ही, अमहिया पुलिस को सूचना देकर पुलिस को सौंप दिया। बताया जा रहा है कि एक  मरीज को ब्लड की जरूरत पड़ी, तो उसके परिजनों ने नीरज मिश्रा को जानकारी दी  . नीरज मिश्रा एक अन्य साथी के साथ अस्पताल पहुंचे। नीरज मिश्रा ब्लड लेने के लिए वहां तैनात प्रभारी CMO डॉ. अलख प्रकाश पाण्डेय से बातचीत करने लगे। इसी दौरान, नीरज के साथ पहुंचे साथी ने वीडियो बनाना शुरू कर दिया। इसे देखकर वहां तैनात गार्ड आक्रोशित हो गए। उन्होंने दोनों लोगों पर हमला बोल दिया। 

 

वहीं अस्पताल प्रबंधन का आरोप है कि नीरज मिश्रा के साथ जो दूसरा व्यक्ति आया था, वो नशे में धुत था। और उत्पात मचा रहा था। विडंबना देखिये कि  CMO के सामने ही आधा दर्जन गार्डों ने दोनों को जमकर पीटा। दोनों जोर-जोर से चिल्लाते रहे। लेकिन गार्ड्स तो गार्ड्स किसी डॉक्टर ने भी इसे रोकने की कोशिश नहीं की। अमहिया थाना प्रभारी ने कहा है कि SGMH प्रबंधन से शराब पीकर उत्पात मचाने वालों के खिलाफ आवदेन मांगा है। साथ ही, अस्पताल कैम्पस के सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस खंगाल रही है।  अगर शराब पीकर उत्पात मचाने की बात सही निकली, तो फरियादी नीरज मिश्रा और उसके साथी को भी आरोपी बनाया जाएगा।  वहीं श्याम शाह चिकित्सा महाविद्यालय के डीन डॉ. देवेश सारस्वत ने बताया कि जांच टीम गठित कर दी गई है। पहली नजर में दो सिक्योरिटी गार्ड काे दोषी पाया गया। दोनों को ही हटा दिया गया है।  सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच चल रही है।  जो दोषी होगा कार्रवाई की जाएगी।  इस तरह अस्पताल के अंदर किसी के साथ मारपीट करने का अधिकार नहीं है।  लेकिन सवाल यह की क्या ब्लड की मांग करना किसी मरीज के अटेंडर का अधिकार नहीं है। क्या अस्पताल के गार्ड्स को सुरक्षा के नाम पर इस तरह मारपीट  का अधिकार है. यह पहली बार नहीं है जब ऐसा मरीज के परिजन के साथ हुआ हो। अस्पताल के गार्ड्स और अस्पताल में पार्किंग के नाम पर अवैध वसूली कर  परिजनों को परेशान किया जाता है। पार्किंग में वसूली के लिए अस्पताल में गुंडों बदमाशों की  भर्ती की गई है।

 

Kolar News 16 October 2022

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