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मुरैना में झोलाछाप डॉक्टर ने 12 साल के बच्चे को गलत इंजेक्शन लगा दिया। इससे उसके पैर की नसें डैमेज हो गईं। बाद में माता-पिता ने कर्ज लेकर बच्चे का दिल्ली में ऑपरेशन कराया, लेकिन पैर अभी भी ठीक नहीं हुआ। अब माता-पिता उस डॉक्टर को सजा दिलाने के लिए कलेक्टर के पास चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है।दीपेश धाकड़ पुत्र प्रीतम सिंह धाकड़, निवासी माधौगढ़, पहाड़गढ़ रोड, मुरैना को एक साल पहले पेट में दर्द उठा था। बेटे के पेट में दर्द से माता-पिता घबरा गए और घर के पास ही में प्रैक्टिस करने वाले एक झोलाछाप डॉक्टर सुनील धाकड़ के पास उसे इलाज के लिए ले गए। सुनील धाकड़ ने बच्चे को देखकर उसे इंजेक्शन लगा दिया। इंजेक्शन लगाने के बाद ही सुनील के बाएं पैर में दर्द उठने लगा। देखते ही देखते उसके पैर की नसें फूलने लगीं। इसके बाद पैर ने काम करना बंद कर दिया।बेटे का पैर खराब होने पर उसके माता-पिता उसे दिल्ली इलाज के लिए ले गए। वहां डॉबच्चे के ऑपरेशन पर माता-पिता का बहुत खर्चा हुआ है। अकेले ऑपरेशन में ही 8 लाख खर्च हो गए, इसके बाद अन्य खर्च अलग से । लगभग 10 लाख रुपए खर्च करने के बावजूद पिता अपने बच्चे को कंधे पर लादकर चलन को मजबूर हैं।अपने बच्चे को इस हालत में पहुंचाने वाले उस झोलाछाप डॉक्टर को सजा दिलाने व आर्थिक सहायता प्राप्त करने के लिए प्रीतम सिंह कलेक्टर की जनसुनवाई में चार बार आ चुका है लेकिन उसके बावजूद उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई है।
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