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मप्र राज्य सेवा परीक्षा 2021 के फाइनल रिजल्ट जारी
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भोपाल। मध्य प्रदेश राज्य लोक सेवा आयोग (एमपी पीएससी) राज्य सेवा परीक्षा 2021 का फाइनल रिजल्ट जारी कर दिया है। गुरुवार देर जारी राज्य सेवा परीक्षा-2021 की फाइनल चयन सूची में रायसेन की अंकिता पाटकर ने पहली रैंक हासिल की है। वहीं, टॉप 10 में सात लड़कियों ने बाजी मारी है। आयोग ने फाइनल सिलेक्शन लिस्ट के साथ-साथ मार्क्स लिस्ट भी जारी की है। उम्मीदवार एमपी-पीएससी की ऑफिशियल वेबसाइट mppsc.mp.gov.in पर जाकर अपना रिजल्ट चेक कर सकते हैं।

 

 

आयोग ने पीएससी के तहत 290 पदों में से 246 पदों पर नियुक्ति के लिए रिजल्ट जारी किया है। दरअसल, 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण के लंबित मामले की वजह से सिर्फ 87 फीसदी पदों के लिए रिजल्ट जारी किया गया है, जबकि 13 फीसदी पदों के लिए रिजल्ट होल्ड किया गया है। एमपी पीएससी का रिजल्ट जारी होने के साथ राज्य को 24 डिप्टी कलेक्टर, 13 डीएसपी, जिला पंजीयक सहायक संचालक, वाणिज्य कर अधिकारी, श्रम अधिकारी, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, अतिरिक्त सहायक विकास आयुक्त, नायब तहसीलदार, सहायक श्रम अधिकारी, वाणिज्यिक कर निरीक्षक सहित पदों पर 243 नए अफसर मिल गए हैं।

 

 

एमपी पीएससी राज्य सेवा परीक्षा में डिप्टी कलेक्टर के 24 पदों पर सिर्फ दो उम्मीदवार सामान्य वर्ग से चयनित हुए हैं, जबकि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से आठ और एससी-एसटी वर्ग से पांच-पांच उम्मीदवारों का चयन हुआ है। फिलहाल, सिर्फ 20 पदों पर रिजल्ट जारी किया गया है।

 

 

प्रदेश के टॉप 10 उम्मीदवारों में अंकिता पाटकर - 942, अमित कुमार सोरी- 921.25, पूजा चौहान -920, मनीषा जैन- 917.50, प्रियंक मिश्रा - 916.25, प्रियल यादव - 910.25, आशिमा पटेल -906.50, रितु चौरसिया - 905.50, सृजन श्रीवास्तव - 903.25 और ज्योति राजोरे- 902.75 शामिल हैं।

 

 

एमपी पीएससी में टॉप करने वाली अंकिता पाटकर ने बिना किसी महंगी कोचिंग के यह उपलब्धि हासिल की है। अंकिता ने वर्ष 2018-19 में शासन द्वारा ओबीसी के बच्चों को दी जाने वाली फ्री पीएससी की कोचिंग छह महीने की थी। उसके बाद कोरोना लगने से कोचिंग बंद हो गई, लेकिन अंकिता ने पढ़ाई जारी रखी, सेल्फ स्टडी के दम उसने 942 अंक प्राप्त कर प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है। रायसेन के एक साधारण परिवार में पांच बहनों में सबसे छोटी अंकिता की उपलब्धि उन सब बच्चों के लिए प्रेरणा है, जो संसाधनों के अभाव का रोना रोते है।

 

 

अंकिता के पिता मध्यप्रदेश राज्य परिवहन में कर्मचारी थे। विभाग बंद होने के बाद वह पोस्ट ऑफिस में बतौर एजेंट काम करने लगे। बहुत मामूली आय में उन्होंने न केवल परिवार का भरण-पोषण किया बल्कि सभी बच्चों को उच्च शिक्षित किया। अंकिता के परिवार में 6 भाई-बहन, मम्मी -पापा सहित आठ सदस्य हैं। भाई सबसे छोटा है और पांच बहनों के अंकिता सबसे छोटी है। अंकिता का पीएससी में यह तीसरा प्रयास था। वर्तमान में वह ओबेदुल्लागंज ब्लॉक में सहायक विस्तार अधिकारी हैं। इससे पहले वह प्राथमिक शिक्षक भी रह चुकी हैं। नौकरी के साथ ही उसने यह सफलता पाई है। अंकिता ने बताया यदि आपका लक्ष्य स्पष्ट हो और सतत तैयारी हो तो सफलता निश्चित मिलती है।

 

 

अंकिता ने बताया कि इंटरनेट मीडिया बुरा नहीं है, बस हमें यह देखना होगा कि हम उसका उपयोग कैसे करते हैं। मुझे अपना लक्ष्य प्राप्त करने में इंटरनेट मीडिया ने बहुत मदद की है। जो टॉपिक मुझे समझना होता तो मैं यूट्यूब पर उसे सर्च करती और मेरे पास उसे समझने के ढेर सारे विकल्प होते और जब भारीपन लगता तो यही इंटरनेट मीडिया मेरा मनोरंजन करता। हर चीज के अच्छे-बुरे दोनों पहलू होते हैं। हम किसे देखते हैं, ये हम पर निर्भर है।

 

वहीं, उज्जैन में भाई-बहन ने मप्र लोक सेवा आयोग परीक्षा एक साथ पास की और फिर दोनों का डिप्टी कलेक्टर पद के लिए चयन हुआ। बहन की 14वीं और भाई की 21वीं रैंक आई। बहन राजनंदनी ठाकुर वर्तमान में नायब तहसीलदार है और भाई अर्जुनसिंह ठाकुर ने मप्र लोक सेवा आयोग परीक्षा के लिए टीसीएस की नौकरी छोड़ी। इंजीनियरिंग कालेज में पदस्थ प्रो. वायएस ठाकुर के पुत्र अर्जुनसिंह ठाकुर व पुत्री राजनंदनी सिंह ठाकुर ने मप्र लोक सेवा आयोग की परीक्षा दी। दोनों का चयन एमपी पीएससी में हुआ।

Kolar News 7 June 2024

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