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आये दिन फर्जी फर्जीवाड़े की खबर सामने आती रहती है। भोपाल क्राइम ब्रांच ने ई-कॉमर्स कंपनियों की सिमिलर वेबसाइट बनाकर सस्ते दाम में लैपटॉप, मोबाइल बेचने का लालच देकर ठगी करने वाले दिल्ली की जालसाज गैंग को गिरफ्तार किया है। पुलिस की प्रारंभिक पूछताछ में गिरफ्तार हुए 9 आरोपियों ने अब तक 5 लाख रुपए की ठगी करना कबूल किया है। पुलिस ने आरोपियों के पास से 9 मोबाइल फोन, टेलीफोन बॉक्स 22, सिम कार्ड 19 जप्त किए हैं।
डीसीपी क्राइम ब्रांच अमित कुमार ने बताया कि कमलानगर, कोटरा सुल्तानाबाद रोड की रहने वाली महिला ने साइबर क्राइम में 3 दिसंबर को शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि अपनी बच्ची के लिए लैपटॉप लेने के लिए गूगल पर सर्च कर रजिस्ट्रेशन किया था। इसके बाद उनके पास कॉल आया। फोन करने वाले खुद को बताया कि वह बिगबाजार प्रो. कॉम से बोल रहा है। उसने सस्ते दाम में लैपटॉप दिलाने के नाम पर 599 रुपए का रजिस्ट्रेशन कराया। इसके बाद आइडी एक्टिवेट, नॉमिनी का आईडी एक्टिवेट समेत अन्य फीस बताकर 10 दिन के अंदर 4 लाख 81 हजार 597 रुपए जमा करा लिया। इसके बाद फोन बंद कर लिया। धोखाखड़ी का एहसास होने पर महिला क्राइम ब्रांच में शिकायत करने पहुंची। पुलिस ने महिला की तरफ से उपलब्ध कराए गए बैंक डिटेल और फोन नंबर के आधार पर जांच शुरु की। तकनीकी एनालिसिस, बैंक डिटेल और फोन नंबर की मदद से दिल्ली की लोकेशन मिली। भोपाल से टीम दिल्ली के लिए रवाना हुई।दिल्ली में 9 दिन तक रैकी करने के बाद टीम ने गोविंदपुरी स्थित कॉल सेंटर पर छापा मारकर सम्राट बुदक, प्रोवीर वैध्य, अजय शिकारी, सुनील दास, पंकज, आशिफ खान, नितेश पाल, राहुल हलधर, रोहित कुमार को गिरफ्तार किया। तुगलकाबाद एक्सटेंशन के रहने वाले नितेश पाल (25) पुत्र राजेश कुमार और आशिफ खान (23) पुत्र रफीक अहमद मुख्य आरोपी हैं। दोनों 12वीं पास हैं। नितेश टीम को लीड करता और कॉलिंग का काम देखता था। जबकि आशिफ खान फ्रॉड के लिए बैंक खाता उपलब्ध कराता व कॉल सेंटर में पार्टनरशिप है। पुलिस ने आरोपियों के पास से 9 मोबाइल फोन, टेलीफोन बॉक्स 22, सिमकार्ड 19 जप्त किए हैं।
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