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अतिथि देवों भव: की परंपरा हमारी संस्कृति में है.अतिथि हमारे लिए भगवान सामान होता है. और इसका सबसे अच्छा उदहारण देखने को मिला तीर्थनगरी ओंकारेश्वर में जहां इंग्लैंड में रहने वाली भारतीय मूल की बुजुर्ग महिलाएं दर्शन के बाद भटक गई। वो जिस ट्रेवल्स बस के जरिये ओंकारेश्वर पहुंची थी, वो उन्हें मिल नहीं रही थी। हैरानी की बात यह है कि, उनके मोबाइल, फोन भी बस में ही रखे हुए थे, ऐसे में वह किसी से संपर्क नहीं कर पा रही थी। तब NRI सीनियर सिटीजन ने पुलिस की मदद ली। मांधाता पुलिस ने इंटरनेट के जरिये बस को खोज निकाला और उन्हें अपने साथियों से मिलवा दिया।मांधाता पुलिस की मेहनत और लगन पर NRI सीनियर सिटीजन ने भी आश्चर्य जताया और कहा कि यह सिर्फ इंडिया में ही संभव है। जाते-जाते कहा- थैंक्यू इंडिया पुलिस। आप लोग बहुत अच्छे हो। टीआई बलजीतसिंह बिसेन के मुताबिक, दोपहर 3 बजे के करीब तीन सीनियर सिटीजन महिलाएं जो कि, NRI होकर इंग्लैंड के लंदन में रहती है। हैरान परेशान होकर थाना मांधाता आई और उन्होंने अपना परिचय गुलाश बा पति खोदूधर जेठवा उम्र 80 वर्ष, विजया बेन पति लक्ष्मण भाई, उम्र 74 वर्ष तथा भगवती बा पति किरीटसिंह जडेजा उम्र 66 वर्ष बताया।उन्होंने कहा कि, वे तीनों ओंकारेश्वर दर्शन करने अहमदाबाद की चारभुजा ट्रेवल्स से आई थी। दर्शन के बाद वे रास्ता भटक गईं और उनके मोबाइल फोन गाड़ी में रखे होने से किसी का कॉन्टैक्ट नंबर भी उन्हें याद नही है। मांधाता पुलिस के प्रधान आरक्षक भगवान धनगर द्वारा पूरी बात सुनकर गूगल वेब के माध्यम से चारभुजा ट्रेवल्स का नंबर पता किया गया। इसके बाद ट्रेवल्स एजेंसी से संपर्क किया और कुछ ही समय में अपनों से बिछड़ी तीन एनआरआई सीनियर सिटीजन महिलाओं को मिलवाया। अपनों से मिलने पर तीनों महिलाओं ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए इंडिया की पुलिस को धन्यवाद दिया।
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