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टीकमगढ़। मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचारियों के खिलाफ लोकायुक्त की कार्रवाई जारी है। आए दिन लोकायुक्त पुलिस छापे मार कर रिश्वतखोरों के खिलाफ कढ़ी कार्रवाई कर रही है। ऐसा ही एक मामला सोमवार को टीकमगढ़ जिले में सामने आया है। यहां सागर लोकायुक्त पुलिस ने पलेरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ बीएमओ को 25 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों धर दबोचा है। बीएमओ द्वारा रिश्वत की यह राशि सील किए गए प्राइवेट क्लीनिक को दोबारा खोलने के बदले में मांगी गई थी।
लोकायुक्त टीम में शामिल उप पुलिस अधीक्षक मंजू सिंह ने बताया कि फरियादी डॉक्टर नीलेश विश्वकर्मा निवासी महेवा ने सागर लोकायुक्त को शिकायत की थी। अपनी शिकायत में उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले मेरा प्राइवेट क्लीनिक सील कर दिया था। जिसे दोबारा शुरू करने के एवज में पलेरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ बीएमओ डॉ अर्चना राजपूत के ने 25000 रुपए की मांग की है। डॉ नीलेश विश्वकर्मा और बीएमओ के बीच रिश्वत को लेकर हुई बातचीत टेप की गई। शिकायत सहीे पाये जाने पर लोकायुक्त टीम ने आरोपित बीएमओ को रंगे हाथों पकड़ने की योजना बनाई।
योजना अनुसार सोमवार को बीएमओ ने रिश्वत की राशि देने के लिए नीलेश विश्वकर्मा को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पलेरा में बुलाया। जैसे ही नीलेश ने स्वास्थ्यकेंद्र पहुंचकर बीएमओ डॉ अर्चना राजपूत को 25 हजार रुपए रिश्वत की राशि दी, वहां मौजूद लोकायुक्त टीम ने उन्हें रंगे हाथों गिरफ्तार किया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पलेरा में लोकायुक्त की कार्रवाई से हड़कंप मच गया। लोकायुक्त टीम ने बीएमओ डॉ अर्चना राजपूत के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। फिलहाल लोकायुक्त की कार्रवाई जारी है। लोकायुक्त उप पुलिस अधीक्षक मंजू सिंह, प्रफुल्ल श्रीवास्तव, निरीक्षक अभिषेक वर्मा, रोशनी जैन सहित स्टाफ मौजूद रहा।
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