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1600 स्टूडेन्ट ने ऐरो रोबोट असेंबल का टास्क पूरा कर पेश की गिनीज़ वर्ल्ड रिकार्ड्स बनाने की दावेदारी
1600 स्टूडेन्ट ने ऐरो रोबोट असेंबल का टास्क पूरा कर पेश की गिनीज़ वर्ल्ड रिकार्ड्स बनाने की दावेदारी

विसिल की आवाज सुनते ही स्टूडेंट्स ने अपनी-अपनी किट ओपन कर रोबोट तैयार करने का कार्य शुरू किया। यह नजारा था सोमवार सुबह मेनिट परिसर का, जहाँ पहली बार एक साथ 1600 स्टूडेन्ट ने ऐरो रोबोट असेंबल करने का टास्क पूरा कर गिनीज़ वर्ल्ड रिकार्ड्स बनाने की दावेदारी पेश की। यह रिकॉर्ड मेकिंग एक्टिविटी 8वें इंडिया इंटरनेशनल फेस्टिवल के तीसरे दिन हुई। रिकॉर्ड मेकिंग एक्टिविटी में हिस्सा लेने के लिए स्टूडेंट्स खासे उत्साहित दिखे। वे सुबह 9.15 बजे ही आयोजन स्थल पर पहुँचना शुरू हो गये थे। बच्चों की हौसला अफजाई के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा मुख्य रूप से उपस्थित हुए। मंत्री सखलेचा ने कहा कि इस तरह के रोबोट को डिजाइन कर चीन के हाँगकाँग का रोबोट मेकिंग में रिकॉर्ड तोड़ा गया है लेकिन मुझे विश्वास है कि आने वाले समय में भारत के युवा चीन का हर रिकॉर्ड तोड़ कर सशक्त भारत के निर्माण में अहम भूमिका निभाएंगे।  

 

 

रिकॉर्ड एक्टिविटी में हिस्सा लेने के लिए स्टूडेंट्स में खासा उत्साह देखने को मिला। इस दौरान भोपाल के विभिन्न स्कूलों से आये स्टूडेंट्स अपनी किट और स्टेशनरी का समान लेकर फेस्टिवल के मेन डोम में पहुँचे। बच्चों को मेन डोम में एक-एक कर अंदर प्रवेश दिया गया। बच्चे गिनीज़ वर्ल्ड रिकार्ड्स के लिए खासे उत्साहित थे और उन्हें संतोष था कि आज वे एक नया कीर्तिमान स्थापित करने जा रहे हैं। इस दौरान बच्चों ने कार्ड बोर्ड, टायर, स्प्रिंग आदि का उपयोग कर ऐरो रोबोट असेम्बल करने का टास्क मेहनत और डेडिकेशन के साथ पूरा कर चीन के हाँगकाँग का रिकॉर्ड ब्रेक किया।

 

 

 

पहली बार साइंस फेस्टिवल दिसंबर वर्ष 2015 में आईआईटी, नई दिल्ली में हुआ था। इसमें लगभग 2 हजार स्कूली बच्चों ने रसायन विज्ञान में एक साथ प्रयोग कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड बनाया था। दिसंबर वर्ष 2016 में सीएसआईआर-एनपीएल, दिल्ली में 550 स्कूली बच्चों ने एक साथ वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टाइन की ड्रेस में स्वयं को प्रस्तुत कर विश्व कीर्तिमान स्थापित किया था। अक्टूबर वर्ष 2017 में तीसरी बार चेन्नई में सम्पन्न साइंस फेस्टिवल में 1049 स्कूली बच्चों ने एक साथ जीव विज्ञान का सबसे बड़ा प्रयोग कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज कराया था। चौथी बार अक्टूबर वर्ष 2018 में लखनऊ में साइंस फेस्टिवल में 550 विद्यार्थियों ने केले से डीएनए मॉलीक्यूल अलग कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज कराया था। पाँचवी बार नवम्बर वर्ष 2019 में कोलकाता में साइंस फेस्टिवल में 1600 से अधिक विद्यार्थियों ने खगोल भौतिकी में स्पेक्ट्रोस्कोप असेम्बल कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज कराया था। सातवाँ साइंस फेस्टिवल दिसंबर वर्ष 2021 में पणजी में हुआ, जिसमें 500 स्कूली बच्चों ने रॉकेट बना कर और उसे सफलता से लांच कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज कराया था।

Kolar News 24 January 2023

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