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उज्जैन। इस वर्ष श्रावण-अधिक मास के कारण दो श्रावण मास थे। इसी के चलते इस बार 30 एवं 31 अगस्त को दो पूर्णिमा आई है। पहली पूर्णिमा 30 अगस्त की रात्रि में आसमान में ब्लू मून और 31 अगस्त को पूर्णिमा का चांद दिखाई देगा। हालांकि इसका भौगोलिक कारण अलग है। बुधवार की रात्रि चंद्र-शनि की युति भी बनेगी।
ब्लू मून बनने की भौगोलिक घटना की वैज्ञानिक जानकारी देते हुए जीवाजी वेधशाला के प्रभारी अधीक्षक डॉ.आर.पी.गुप्त ने बताया कि जब एक माह में दो पूर्णिमा आती है तो दूसरी पूर्णिमा के चांद को ब्लू मून कहते हैं। उन्होंने बताया कि 01 अगस्त को पूर्णिमा थी और अब अगस्त माह में ही 30 अगस्त,बुधवार को पूर्णिमा है। ऐसे में 30 अगस्त की पूर्णिमा को ब्लू मून कहा जाएगा। वहीं ज्योतिष गणना अनुसार 31 अगस्त को एक ओर पूर्णिमा मानी जाएगी।
उन्होंने बताया कि ब्लू मून की स्थिति में चांद का रंग नीला नहीं होता है। चंद्रमा मौसम के अनुसार पूर्णिमा की रात्रि को पूर्ण आभा के साथ चमकता हुआ दिखाई देता है। 30 अगस्त को चंद्रमा-पृथ्वी के पास होने के कारण, चंद्रमा का आकार तुलनात्मक रूप से बड़ा एवं चमकदार दिखाई देगा।
चंद्रमा-शनि की युति आज
डॉ.गुप्त ने बताया कि बुधवार को ही चंद्रमा-शनि की युति बनेगी। युति से आशय होता है पास-पास होना। साय गणना के अनुसार 30 अगस्त,बुधवार को चंद्रमा कुंभ राशि में 29 डिग्री 20 मिनिट पर होगा तथा शनि ग्रह मीन राशि में 3 डिग्री 37 मिनिट पर होगा। इस प्रकार दोनों खगोलीय पिण्ड कोणात्मक रूप में 4 डिग्री 7 मिनिट की दूरी पर होंगे। ऐसी स्थिति में आकाश साफ होने पर बुधवार रात्रि को चंद्रमा के नीचे शनि ग्रह को चमकते हुए देखा जा सकेगा।
दूरबीन की नहीं आवश्यकता
डॉ.गुप्त ने बताया कि दोनों खगोलीय घटनाओं को देखने के लिए दूरबीन की आवश्यकता नहीं है। ये खुली आंखों से ही दिखाई देगा। शर्त केवल यह है कि आसमान साफ हो,बादल आदि न हो।
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