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इस्कॉन मंदिर में भगवान जगन्नाथ की स्नान यात्रा का आयोजन
श्रद्धालुओं को भी भगवान जगन्नाथ का अभिषेक करने का अवसर प्राप्त हुआ

महाकाल की नगरी उज्जैन में भगवान जगन्नाथ की स्नान यात्रा का आयोजन इस्कॉन मंदिर में किया गया। पूर्णिमा के दिन स्नान यात्रा का आयोजन किया जाता है। इस दौरान भगवान पर दूध, दही, घी ,फलों के रस से भगवान जगन्नाथ का अभिषेक किया गया। वहीं मंदिर में पहुंचे सभी श्रद्धालुओं को भी भगवान जगन्नाथ का अभिषेक करने का अवसर प्राप्त हुआ। आज भगवान को खूब स्नान कराया गया। श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बन रहा था।भरतपुरी क्षेत्र में स्थित इस्कॉन मंदिर में रविवार को पूर्णिमा के अवसर पर भगवान जगन्नाथ का स्नान महोत्सव मनाया गया। सुबह से ही बड़ी संख्या में आए श्रद्धालुओं ने भगवान को स्नान कराया। श्रद्धालुओं को यह अवसर वर्ष में एक बार मिलता है। रविवार को भगवान के अभिषेक के लिए नदियों, सागरों, कोटितीर्थ, गंगा, जमुना, शिप्रा, राधाकुंड का जल लाया गया है। इस उत्सव में सम्मिलित होने के लिए इस्कॉन ने किसी तरह का शुल्क नहीं रखा था। श्रद्धालुओं ने भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा महारानी और बलदेव को स्नान कराया। इसके लिए ड्रेस कोड पुरुषों के लिए धोती और महिलाओं के लिए साड़ी रखी गई थी। इस दौरान सुबह से ही इस्कॉन मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी रही।मान्यता के अनुसार पूर्णिमा पर ज्यादा स्नान करने से भगवान जगन्नाथ बीमार पड़ जाते हैं। इसके बााद वे 14 दिन के अज्ञातवास में रहेंगे। मंदिर के पुजारियों द्वारा आयुर्वेदिक औषधियों से उनका इलाज किया जाएगा। उबला हुआ भोजन का भोग लगाया जाएगा ताकि वह जल्दी स्वस्थ हो जाएं। जब वे स्वस्थ हो जाएंगे तब बहन सुभद्रा, भाई बलभद्र के साथ मौसी के घर की ओर रवाना होंगे। इस दिन को रथ यात्रा उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। इस बार 20 जून को रथ उत्सव मनाया जाएगा। इस्कॉन मंदिर से रथ यात्रा की शुरुआत होगी। रविवार को इस्कॉन मंदिर के अलावा शहर में भगवान जगन्नाथ के अन्य मंदिरों में भी स्नान यात्रा का आयोजन किया गया।

Kolar News 4 June 2023

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