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भोपाल। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ के आदेश पर धार की ऐतिहासिक भोजशाला में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग का सर्वे सोमवार को 95वें दिन भी जारी रहा। एएसआई के छह अधिकारियों की टीम 32 श्रमिकों के साथ सुबह आठ बजे भोजशाला परिसर में पहुंची और शाम पांच बजे बाहर आई। यहां टीम ने आधुनिक उपकरणों के जरिए वैज्ञानिक पद्धति से करीब नौ घंटे काम किया। सर्वे टीम के साथ हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा, आशीष गोयल और मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद खान भी मौजूद रहे।
ज्ञानवापी की तर्ज पर जारी सर्वे के 88वें दिन भोजशाला में एएसआई की टीम ने उत्तरी भाग में मिट्टी हटाने व उत्खनन का काम किया, जहां चार पुरा-अवशेष मिले हैं। इनमें भगवान नारायण की मूर्ति और भोजशाला की दीवारों व स्तंभों के तीन अवशेष हैं। सदस्यों ने यहां पर काम किया है। इसके साथ गर्भगृह में मिले पुराने अवशेषों की फोटोग्राफी की गई।
सर्वे टीम के साथ मौजूद रहे हिन्दू पक्षकार गोपाल शर्मा ने बताया कि सोमवार को भोजशाला के बाहरी उत्तर पूर्वी कोने, कमाल मौलाना दरगाह के पश्चिम से खुदाई के दौरान भगवान चतुर्भुज नारायण की छोटी मूर्ति मिली है। यह सफेद पाषाण की है। अन्य तीन अवशेष भी हैं, जो भोजशाला की दीवारों और स्तंभों के हैं। एएसआई की टीम ने सभी अवशेषों को संरक्षित कर लिया है। इसके अलावा टीम ने गर्भगृह में अवशेषों की वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी का कार्य किया।
वहीं मुस्लिम पक्षकार अब्दुल समद ने बताया कि पिछले दो दिनों की खुदाई में मानवों की हड्डियां मिली थीं। इनको लेकर हमने जो मांग रखी थी, उसके तहत एएसआई ने हड्डियों को वापस जमीन में गाड़ दिया है। विभाग ने पूरी प्रक्रिया करते हुए यह कार्य किया।
गौरतलब है कि हाईकोर्ट के आदेश पर एएसआई की टीम ने 27 मार्च को भोजशाला में सर्वे शुरू किया था, जो कि 27 जून तक चलेगा। अब सर्वे पूरा होने में सिर्फ तीन दिन का समय बाकी है। इसके बाद दो जुलाई को मप्र उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ में एएसआई को सर्वे की रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है।
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