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बढ़ती महंगाई के बीच एक आम इंसान का घर बनाने का सपना काफी चुनौतीपूर्ण हो गया था। वजह थी आसमान छूते सरिये के दाम। लेकिन हालही में मध्य प्रदेश समेत देशभर में उन लोगों के लिए बहुत हद तक राहत की खबर है, जो इन दिनों अपना मकान बना रहे हैं या बनाने की तैयारी कर रहे हैं। उनके लिए इसी बीच आम इंसान के लिए राहत की खबर हैं। अभी कुछ ही समय पहले तक सरिये के भाव आसमान छू रहे थे। पिछले कुछ दिनों से सरिये के भाव में लगातार कमी आ रही है। कुछ समय पहले तक मध्य प्रदेश में 80 हजार रुपए क़्वींटल से ज्यादा तक बिकने वाले सरिये के दाम अब घटते घटते करीब 60 हजार रुपए क्विंटल के पास आ चुके हैं। यानी आमजन को करीब 20 हजार रुपए क़्वींटल तक की राहत मिली है।
सरिये के दामों में लगातार गिरावट इसलिए आ रही है। क्योंकि सरकार द्वारा स्टील पर हाल ही में एक्सपोर्ट ड्यूटी बढ़ाई गई है। ऐसे में भारतीय स्टील की बिक्री विदेशों में घटने से देश में इसकी आपूर्ति बढ़ी है। और घरेलू बाजार में स्टील उत्पादों के दामों में भी गिरावट आ रही है। मध्य प्रदेश के एक्सपर्ट्स का मानना है कि, जैसे जैसे सरिये की आपूर्ति होती जाएगी, इसके दामों में गिरावट आगे और भी बढ़ती जाएगी। जानकारों के अनुसार सरिये के दामों में करीब पांच हजार रुपए की और कमी हो सकती हैं।
सरिये के दामों में आने वाली गिरावट का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि, अप्रैल में एक समय सरिया का खुदरा भाव 82 हजार रुपये प्रति टन तक पहुंच गया था, जो अभी घटते घटते 62-63 हजार रुपए प्रति टन पर आ पहुंचा है। ब्रांडेड सरिये का भाव भी पिछले कुछ महीने में 5-6 हजार रुपये क्विंटल कम हो चुके हैं। अभी ब्रांडेड सरिये का भाव भी कम होकर 92-93 हजार रुपए प्रति टन पर आ पहुंचा है। वहीं, एक माह पहले ही इसका भाव 98 हजार रुपए प्रति टन पर था।
सरकार ने आसमान छूती महंगाई को कम करने के लिए डीजल और पेट्रोल पर टैक्स घटाया है। साथ ही, एक्सपोर्ट ड्यूटी में बढ़ोतरी की है, ताकि घरेलू बाजार में स्टील की कीमतें नियंत्रित की जा सकें। दामों में कमी आने का ये तो सरकारी फैक्टर हैं। इसके साथ ही, बारिश का मौसम शुरू होते ही निर्माण कार्यों में कमी आने लगती है, जिससे बिल्डिंग मटीरियल्स की डिमांड खुद ब खुद घटने लगती है। मार्केट में जैसे ही डिमांड गायब होती है, सरिया समेत अन्य बिल्डिंग मटेरियल के दाम खुद ब खुद गिर जाते हैं।
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