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उज्जैन। उज्जैन में शनिवार रात तेज बारिश से नदी-नाले उफान पर आ गए। इस दौरान विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर मंदिर के गणेश और नंदी मंडपम में पानी भर गया। शयन आरती के दौरान मंदिर में पानी झरने की तरह बहा। शनिवार सुबह मंदिर में पानी भरने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें दिख रहा है कि पानी महाकाल मंदिर में सीढ़ियों से नीचे गिर रहा है। सावन-अधिकमास में बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकाल के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं।
कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने कहा है कि भगवान महाकालेश्वर मंदिर में किसी भी तरह का जलभराव नहीं हुआ है। हर वर्ष की तरह रात्रि में बारिश के कारण कुछ पानी नंदी हाल में भरा, जिसे हेवी मोटर्स से तुरंत बाहर कर दिया गया। मंदिर में जलजमाव रोकने के लिए छह हेवी मोटर्स लगी हुई है। बारिश के पानी की वजह से किसी भी तरह से दर्शनार्थियों के दर्शन में व्यवधान उत्पन्न नहीं हो रहा है, आज सुबह से लेकर अब तक लगभग 80 हजार श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दर्शन किए।
कलेक्टर ने कहा कि कतिपय व्यक्तियों द्वारा इस तरह की भ्रामक सूचना फैलाई जा रही है कि महाकालेश्वर मंदिर में बारिश का पानी भरा हुआ है। यह एकदम झूठ एवं भ्रामक बात है। उन्होंने अफवाह फैलाने वाले ऐसे लोगों को चेतावनी देते हुए कहा है कि इस तरह की भ्रामक सूचनाएं न फैलाई जाए अन्यथा उनके विरुद्ध नियमानुसार कड़ी वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
दरअसल, उज्जैन में शुक्रवार सुबह तेज बारिश होने के बाद मौसम खुला और दिनभर धूप भी निकली। इसके बाद शाम होते ही एक बार फिर झमाझम बारिश शुरू हो गई और रातभर जमकर पानी बरसा। इससे शिप्रा नदी में भी जलस्तर बढ़ गया। कई मंदिर जलमग्न हो गए।
अभी तक जिले में औसत 381 मिमी वर्षा दर्ज की गई। पिछले चौबीस घंटे में जिले में 27.2 मिमी औसत वर्षा हुई। पिछले चौबीस घंटे के दौरान उज्जैन तहसील में 62 मिमी, घट्टिया में 12, खाचरौद में 32, नागदा में 52, बड़नगर में 10, महिदपुर में 23, झारड़ा में 24 और तराना तहसील में 20 और माकड़ोन तहसील में 10 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई है।
लगातार हो रही बारिश के कारण कई क्षेत्रों में जलजमाव की स्थिति बन रही है। कई इलाकों में पानी की निकासी ठीक से नहीं होने पर यह समस्या बन रही है। सड़कों पर भी पानी भरा रहा है।
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