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जबलपुर। सीबीआई ने मंगलवार की शाम सीजीएसटी के डिप्टी कमिश्नर और चार इंस्पेक्टर्स को सात लाख रुपये की घूस लेते रंगे हाथों पकड़ा था। सीबीआई की कार्रवाई देर रात तक जारी रही। इस दौरान सीजीएसटी के दफ्तर में भी जांच पड़ताल की गई। इस दौरान ऑफिस से 21 लाख रुपए कैश भी मिला है।
जबलपुर में सेंट्रल जीएसटी के डिप्टी कमिश्नर कपिल कामले समेत चार इंस्पेक्टर्स को सीबीआई ने मंगलवार की शाम सात लाख रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। सीबीआई के मुताबिक, डिप्टी कमिश्नर ने राजस्थान के पान मसाला कारोबारी से छापे की कार्रवाई को दबाने के लिए एक करोड़ रुपए की घूस मांगी थी। दौसा के रहने वाले पान मसाला कारोबारी त्रिलोकचंद सेन ने बताया कि उसने दमोह के नोहटा में दो साल पहले केजीएच पान मसाला फैक्ट्री डाली थी। कारोबार सही नहीं चलने पर फैक्ट्री घाटे में चली गई। 19 मई 2023 को सेंट्रल जीएसटी की टीम ने यहां छापा मारा। उसने 10 लाख रुपए का टैक्स बकाया बताते हुए रिकवरी निकाली। व्यापारी का दावा है कि उसने पहले ही पूरे टैक्स भर दिए थे। इसके बावजूद रिकवरी निकाली गई। सेंट्रल जीएसटी की टीम ने कार्रवाई के दौरान फैक्ट्री को सील कर दिया था। फैक्ट्री घाटे में चलने की जानकारी जीएसटी अधिकारियों को भी थी, फिर भी कार्रवाई की गई।
व्यापारी का कहना है कि सीजीएसटी के अधिकारी फैक्ट्री दोबारा खोलने देने की एवज में एक करोड़ रुपए मांग रहे थे। उसने कई बार रुपए देने से इनकार किया। बाद में सौदा 35 लाख रुपए में पक्का हुआ। पूरे पैसे तीन किस्तों में देने की बात तय की गई। त्रिलोकचंद ने पहली किस्त के 25 लाख दे दिए थे। इसके बाद बाकी पैसे देने के लिए लगातार दबाव बनाया जा रहा था। व्यापारी ने बताया कि उसने परेशान होकर दो दिन पहले सीबीआई से शिकायत कर दी। इसके बाद डिप्टी कमिश्नर और उनकी टीम को रंगे हाथ पकड़ने की योजना बनाई गई। मंगलवार शाम त्रिलोकचंद ने पान मसाले के थैले में सात लाख रुपए लेकर मैनेजर को भेजा। रुपए देते ही सीबीआई की टीम ने आरोपियों को रंगे हाथ पकड़ लिया। डिप्टी कमिश्नर कपिल कामले के अलावा सुमित गोस्वामी, विकास गुप्ता सहित दो अन्य इंस्पेक्टर्स से सीबीआई की टीम ने देर रात तक पूछताछ की गई।
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