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गजकेसरी और पंचग्राही योग में धूमधाम से मनाया जा महाशिवरात्रि का पर्व
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भोपाल। मध्य प्रदेश में मंगलवार को महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। सुबह से ही श्रद्धालु मंदिरों में भगवान भोलेनाथ के पूजन-अर्चन और अभिषेक में जुटे हुए हैं। कोरोना के चलते दो साल बाद इस महापर्व पर मंदिरों में श्रद्धालुओं को प्रवेश के अनुमति मिली है। इसीलिए सुबह से शिवालयों में सुबह से ही भारी भीड़ उमड़ रही है। पूरा प्रदेश शिवमय नजर आ रहा है और सभी जगह बम-बम भोले के जयकारे गूंज रहे हैं। खास बात यह भी है कि दशकों बाद महाशिवरात्रि पर्व पर गजकेसरी और पंचग्राही योग का अद्भुत संयोग बना है। इस विशेष संयोग में भोलेनाथ का अभिषेक करना विशेष फलदायी रहेगा।

 

प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य डॉ. मृत्युंजय तिवारी ने बताया कि फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी पर इस बार धनिष्ठा नक्षत्र और शिव योग के साथ गजकेसरी नामक दुर्लभ संयोग बना है। इसकी वजह से महाशिवरात्रि का पर्व विशेष फलदायी हैं। शिवरात्रि को निराकार रूप को साकार करके शिवलिंग के रूप में प्राकाट्य होने का दिन भी माना जाता है। शिवरात्रि के दिन भगवान शिव प्रसन्न मुद्रा में नंदी पर वास करते हैं। अत: इस दिन जलाभिषेक, रुद्राभिषेक, पूजन आदि से भगवान शिव जल्द प्रसन्न होते हैं। भक्तों की सभी प्रकार की अभिष्ट मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

 

डॉ. तिवारी के अनुसार, इस वर्ष कई दशकों बाद महाशिवरात्रि विशेष योग-संयोग लेकर आई है। इस बार महाशिवरात्रि धनिष्ठा नक्षत्र में कुमार योग, परिघ योग, सिद्धि योग व शिव के साथ गजकेसरी योग में मनाई जा रही है। उन्होंने बताया कि वर्षों बाद इस तरह के योग निर्मित हुए हैं। इसलिए इस शिवरात्रि पर भोलेनाथ की आराधना का महत्व कई गुणा अधिक बढ़ गया है। इस शिवरात्रि पर पूजा-अर्चना करने एवं व्रत रखने वाले भक्तों पर भोले बाबा असीम कृपा बरसाएंगे। भक्त शिवजी का गन्ने का रस, दूध, गंगाजल सहित पंचामृत से अभिषेक कर बील्व पत्र, बेर, मोगरी, गाजर, आंक-धतुरा, भांग इत्यादि अर्पित कर सुख-समृद्धि की कामना करेंगे।

 

मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था और भोलेनाथ ने वैराग्य जीवन त्याग कर गृहस्थ जीवन अपनाया था। इस दिन व्रत रखने से सौभाग्य में वृद्धि होती है। दो साल से कोरोना के चलते महाशिवरात्रि का पर्व श्रद्धालु अपने घरों में मना रहे थे, लेकिन इस बार खास यह है कि कोरोना संक्रमण थमने से मंदिरों और शिवालयों में श्रद्धालुओं को प्रवेश की अनुमति मिल गई है और वे दर्शन-पूजन में जुटे हुए हैं। पर्व को लेकर विशेष आयोजनों भी हो रहे हैं। जगह-जगह भगवान शिव बारात, कलश यात्राएं आदि निकाली जाएंगी।

Kolar News 1 March 2022

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