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इंदौर। चार दिवसीय छठ महापर्व शुक्रवार को आज 'नहाय-खाय' के साथ पूरे देश के साथ मालवांचल में भी आरंभ हो गया है। छठ व्रतधारियों ने इस अवसर पर पूर्ण धार्मिक पवित्रता एवं निष्ठा के साथ अपने-अपने घरों की सफाई कर, स्नान किया। तत्पश्चात पूर्ण पवित्रता के साथ घर में बने शुद्ध शाकाहारी कद्दू, चने की दाल, भात एवं अन्य शाकाहारी पदार्थों से बना भोजन ग्रहण किया। ड्रीम सिटी निवासी एवं छठ व्रती सुषमा झा ने कहा कि नहाय खाय के साथ व्रती स्वयं को सात्विक और पवित्र कर छठ व्रत की शुरुआत करती हैं।
नगर निगम आयुक्त ने विजय नगर छठ घाट का निरीक्षण किया
पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान के प्रदेश महासचिव केके झा ने बताया कि शहर के छठ घाटों की साफ़ सफाई अपने अंतिम चरण में है। कई घरों में छठ पर्व का महाप्रसाद ठकुवे बनाए जा रहे हैं। छठ व्रतियों के परिवारों के लोग छठ त्यौहार की खरीदारियों में व्यस्त हैं। शुक्रवार को इंदौर नगर निगम आयुक्त हर्षिता सिंह ने नगर निगम के अधिकारियों के साथ विजय नगर के स्किम न 54 स्थित छठ घाट का निरिक्षण किया। इस अवसर पर पूर्वोत्तर सांस्कृतिक संस्थान के प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर जगदीश सिंह सहित बड़ी संख्या में उपस्थित पूर्वोत्तर वासियों ने नगर निगम आयुक्त से विजय नगर छठ घाट के विस्तारीकरण, नवीनीकरण के साथ साथ पिपलियाहना तालाब को पूर्वोत्तर छठ तालाब के रूप में विकसित करने का आग्रह किया, जिससे एक जगह बड़ी संख्या में शहर में रहने वाले पूर्वोत्तर के लोग पटना एवं बिहार के छठ घाटों की तरह विशाल एवं भव्य रूप में छठ महापर्व मना सकें।
शनिवार को मनेगा खरना
छठ पर्व के दूसरे दिन शनिवार को खरना मनाया जाएगा। इस दिन व्रती दिन भर व्रत रखकर शाम को मिट्टी के बने चूल्हे पर शाम को गन्ने के रस में बने हुए चावल की खीर के साथ दूध, चावल का पिठ्ठा और घी चुपड़ी रोटी का प्रसाद भगवान सूर्य को भोग लगाएंगे और फिर इस प्रसाद को ग्रहण करेंगे। तत्पश्चात उनका 36 घंटे के निर्जला उपवास शुरू होगा।
रविवार को अस्ताचलगामी सूर्यदेव को अर्घ्य दिया जाएगा
छठ पर्व के तीसरे दिन रविवार को अस्ताचलगमी सूर्य को व्रतधारियों द्वारा जलकुण्ड में खड़े रहकर अर्घ्य दिया जाएगा तथा छठ महापर्व का समापन सोमवार, 20 नवंबर को व्रतियों द्वारा उगते हुए सूर्यदेव को अर्घ्य देने के पश्चात होगा। प्रसाद के रूप में सूर्य भगवान् को विशेष प्रकार का पकवान 'ठेकुवा' और मौसमी फल चढ़ाए जाते हैं तथा उन्हें दूध एवं जल से अर्घ्य दिया जाता है।
शहर के 125 से अधिक छठ घाटों पर भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया जाएगा
इस वर्ष विजय नगर, बाणगंगा, तुलसी नगर, समर पार्क, सुखलिया, वक्रतुण्ड नगर, संगम नगर, शंखेश्वर सिटी, निपानिया, सिलिकॉन सिटी, एरोड्रम रोड, कालानी नगर, पिपलियाहाना तालाब, कैट रोड सूर्य मंदिर, श्याम नगर, देवास नाका, स्कीम नं 54, स्कीम न. 78 सहित शहर के 125 से अधिक छठ घाटों पर सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाएगा।
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