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भोपाल। खगोल विज्ञान में रुचि रखने वाले को मंगलवार देर शाम अद्भुत नजारा देखने को मिला। इस दौरान आसमान में पांच ग्रह एक सीध में आ गए। सूरज ढलने के बाद पश्चिम दिशा में यह अद्भुत दृश्य देखा गया। इस अनोखी घटना को देखकर लोग हैरान रह गए। एक सीध में आने वाले पांच ग्रहों में बुध, वृहस्पति, शुक्र, यूरेनस और मंगल थे और पृथ्वी का उपग्रह चंद्रमा भी इनका साथ दे रहा था।
पांच ग्रहों के मिलन की यह अनोखी घटना धरती के विभिन्न हिस्सों से दिखाई दी। हालांकि, बुध और यूरेनस के धुंधले होने के चलते इन्हें नंगी आंखों से देख पाना संभव नहीं था, लेकिन शुक्र, मंगल और वृहस्पति को नंगी आंखों से भी देखा जा सकता था। इसकी वजह, इन ग्रहों का सबसे चमकीला होना है। हालांकि, यह नजारा सूर्यास्त के महज आधे घंटे तक ही दिखा। यह खगोलीय घटना कई मायनों में बेहद दुर्लभ थी।
ग्रह थे अपने गृह में, लेकिन दिख रही थी उनकी आभासी कतारः सारिका
आसमान में ग्रहों की आभासी कतार को दिखाने के लिए भोपाल की नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने विद्या विज्ञान कैंप का आयोजन किया। इसमें टेलिस्कोप की मदद से ग्रह दर्शन कराया गया। सारिका ने बताया कि सोशल मीडिया पर ग्रहों की कतार को इस तरह बताया जाता है, जैसे कि ग्रह सचमुच में एक लाईन में आ गये हों, लेकिन वास्तव में हर ग्रह की अपना परिक्रमा पथ है। वे अपने ही पथ पर चलते हुये सूर्य की परिक्रमा करते रहते हैं।
सारिका ने बताया कि आज रात के समय जब आसमान में अद्भुत खगोलीय घटना घट रही थी, तब बुध जहां लगभग 18 करोड़ किमी तो जुपिटर 88 करोड़ किमी और यूरेनस 305 करोड़ किमी से अधिक दूर था। इनका पृथ्वी से देखने पर कोण इस प्रकार बन रहा था कि ऐसा लगा कि वे एक कतार में हैं।
सारिका ने बताया कि पांच ग्रहों में से वीनस को तो उसकी चमक के कारण और चंद्रमा के पास स्थित मार्स को उसकी लालिमा के कारण पहचाना जा सकता था। जुपिटर और मरकरी अस्त होते सूर्य के पास थे, इसलिये कुछ देर ही दिखे। यूरेनस को सिर्फ टेलिस्कोप की मदद से ही देखा जा सका।
सारिका ने बताया कि ग्रहों के परिक्रमा करते रहने से वे कुछ माह के अंतराल से रोचक स्थिति में आते रहते हैं लेकिन इस प्रकार की घटनायें आमलोगों को खगोलविज्ञान समझने के लिये प्रेरित करती हैं।
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