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दिल्ली। आई पी फ़ाउंडेशन दुनियाभर में हिंदी को बढ़ावा देने के लिए कई अभियान चलाए हुए है और दुनियाभर के हिंदीभाषी इसके तहत एकजुट हो रहे हैं।
आई पी फ़ाउंडेशन की ट्रस्टी डॉ स्मिता मिश्रा ने बताया कि भारत सरकार संयुक्त राष्ट्र में हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता दिलाने के प्रयास कर रही है, यद्यपि इस दिशा में काफ़ी प्रगति हुई है, लेकिन अभी और काम किये जाने की आवश्यकता है । डॉ स्मिता ने बताया की आप को जान कर ख़ुशी होगी कि संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) में हिंदी का उपयोग किया जा रहा है। वे हिन्दी का उपयोग सोशल मीडिया और समाचार पत्रों में कर रहे हैं। लेकिन ये इतना आसान नहीं है इस दिशा में अभी और मेहनत किए जाने की आवश्यकता है। आई पी फ़ाउंडेशन हिन्दी के प्रचार प्रसार में अपना सतत योगदान देता रहता है। इसी कड़ी में आगामी 3 और 4 अगस्त 2023 को मॉरीशस स्थित विश्व हिन्दी सचिवालय में अंतर्राष्ट्रीय साहित्यिक और सांस्कृतिक उत्सव करने जा रहा है। इसमें भारत के बारह प्रदेशों से तथा दस अन्य देशों से 88 प्रतिभागी भाग लेने जा रहे हैं। आई पी फाउन्डेशन के तत्वावधान में, यह दल तीस जुलाई की सुबह भारत से मॉरीशस रवाना होगा मॉरीशस में अधिकांश लोग भारतीय मूल के हैं और हिन्दीभाषी हैं।
डॉ मिश्रा ने बताया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए उल्लेखनीय कार्य कर रही है। ऐसे में आई पी फाउन्डेशन के इस प्रयास से भारत सरकार के प्रयासों को भी बल अवश्य मिलेगा।
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