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उमरिया । जिले में ग्रीष्म ऋतु की तेज तपन ने बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के वन्य प्राणियों को भी परेशान कर रखा है। मगधी जोन में पर्यटकों ने ऐसे ही गर्म मौसम से बचने पेड़ की छांव में बैठे नर बाघ की खूबसूरत तस्वीर ली है, जो अब सोशल मीडिया में वायरल हो रही है, जानकारों की माने तो यह तस्वीर मगधी जोन में रहने वाले खूबसूरत जमहोल बाघ की है, जो लंबे समय से पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। बांधवगढ टाइगर रिज़र्व में वैसे तो कई बाघों का बड़ा कुनबा है, इनमें कई बाघों के गले मे कालर आईडी है, जिनकी अब पहचान है फिर भी कई बाघ विशालकाय बांधवगढ टाइगर रिज़र्व के वन क्षेत्र में बिना पहचान के ही रहवास बनाये हुए है।
पर्यटकों के साथ दोस्ताना व्यवहार और शिकार में कमाल का अनुभव संजोये जमहोल टाइगर की अपनी अलग कहानी है। पर्यटकों को आकर्षित करने वाला जमहोल बाघ अक्सर ताला परिक्षेत्र के अलावा मगधी एवम धमोखर बफर में देखा जाता है। ये ज्यादातर बोदा तालाब, सेहरा ग्रास लैंड, राजबहरा ग्रास लैंड, झिलकी नाला, नाडु गुफा, अरहरिया सासर, सूखा बांध और गोहडी में देखा जाता है।
आपको बता दे जमहोल टाइगर वर्ष 2018 में जोबी क्षेत्र में जन्म लिया था। इसकी माता जोबी मादा है एवं जानकारों की माने तो पिता महावन नर बाघ है। जमहोल टाइगर का नाम बांधवगढ टाइगर रिज़र्व के मशहूर जमहोल तालाब के नाम से पड़ा है। ये अक्सर शिकार के बाद पानी के गड्ढों या सासर में वक्त बिताता है। पर्यटकों के साथ दोस्ताना व्यवहार होने के साथ हम उम्र बाघिनों से भी इसके बेहतर रिश्ते है, जानकारों की माने तो बफर वाली मादा के अलावा डॉटी मादा बाघिन के साथ भी गाहे - बगाहे जमहोल बाघ को देखा जा सकता है। जानकार तो यह भी बताते है कि बफर वाली मादा के चार शावकों का पिता यही जमहोल टाइगर है।
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