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श्री पीतांबरा पीठ परिसर सिर्फ एक दिन के लिए अतिक्रमण मुक्त रहा सका। 24 अप्रैल को निकाली गई मां पीतांबरा की रथ यात्रा से एक दिन पहले नगर पालिका ने मंदिर के आसपास के अतिक्रमण को हटाकर अतिक्रमण मुक्त कर दिया था। अतिक्रमण हटने से यहां मैदान नजर आने लगा था और ट्रैफिक जाम की समस्या खत्म हो गई थी। रथ यात्रा निकलने के बाद दुकानदारों ने गुमटियां, हाथ ठेला खड़े कर अतिक्रमण कर लिया।खास बात यह है कि नपा ने जिस जगह से अतिक्रमण हटाया, उस हिस्से में बाद में नपा ने जाली लगाकर गार्डन बनाने के लिए सुरक्षित कर लिया। अब लोगों ने उसी जाली के बाहर रोड पर ही अतिक्रमण कर दुकानें रख लीं। जिससे 50 फीट चौड़ी सड़क की चौड़ाई घटकर 20 से 25 फीट रह गई है। शनिवार को मंदिर पर दर्शन करने आए हजारों श्रद्धालुओं को घंटों जाम का सामना करना पड़ा। शाम छह बजे से रात 10 बजे तक उनाव रोड स्थित बस स्टैंड से वृंदावन धाम के सामने सीतासागर तक जाम लगा रहा।इसका सबसे बड़ा कारण अतिक्रमण था। श्री पीतांबरा पीठ पर माई के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है। माई के दर पर जहां नेता, राज नेता, जनप्रतिनिधि सत्ता का सुख, ऊंचे पद की लालसा में दर्शन करने आते हैं तो वहीं अधिकारी, कर्मचारी अपनी मनपसंद की पोस्टिंग के लिए आते हैं।श्रद्धालु शनिवार को चार घंटे जाम में फंसे रहे शनिवार को सुबह के समय श्रद्धालु सुबह सात बजे से 9 बजे तक दो घंटे तक बम-बम महादेव से सीतासागर के पास ट्रैफिक जाम में फंसे रहे और बड़ी मुश्किल में माई के दर्शन कर सके। शाम के समय श्रद्धालुओं की भीड़ दोगुनी बढ़ गई। जिस कारण शाम छह बजे से रात 10 बजे तक बस स्टैंड से लेकर सीतासागर तक डेढ़ किमी लंबा जाम लगा रहा। जाम के दौरान दो पहिया और चार पहिया वाहनों के होर्न की आवाज श्रद्धालुओं के कान फाड़ रही थी।श्रद्धालुओं ने ऐसा नजारा शायद पहली बार देखा था। दरअसल यह स्थिति नगर पालिका अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की मनमानी के कारण हुई। नगर पालिका ने अतिक्रमण को हटाकर जमीन मुक्त तो करा दी थी लेकिन उसे संरक्षित नहीं कर सकी। यही नहीं जिन लोगों की दुकानें हटाई गईं वे जनप्रतिनिधियों के पास पहुंच गए और जनप्रतिनिधियों ने पुन: दुकानें लगवा दीं। अतिक्रमण के कारण मंदिर का आसपास का क्षेत्र बहुत ही खराब लगता है।आमजन सुख समृद्धि के लिए माई के दर्शन करने पहुंचते हैं। शनिवार को देश भर से हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं। लेकिन इन श्रद्धालुओं के लिए माई के दरवार तक पहुंचने का रास्ता काफी मुश्किल भरा होता जा रहा है।इसका मुख्य कारण यह है कि एक तो शहर के सड़क मार्ग खराब हैं। शनिवार को बस स्टैंड बायपास पर सैकड़ों श्रद्धालुओं के चार पहिया वाहन गड्ढों में फंसे हुए नजर आए। जैसे तैसे उनाव रोड तक पहुंच गए तो यहां वाहन पार्किंग के लिए जगह नहीं मिल रही थी। आखिरकार सड़क पर ही वाहन पार्क कर दिए गए और मंदिर तक पहुंचे तो यहां जाम के कारण दर्शन समय पर नहीं कर पाए।नगर पालिका ने 24 अप्रैल को आयोजित हुई श्री पीतांबरा माई की जयंती पर निकलने वाली रथ यात्रा से पहले मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार और पश्चिम द्वार के बीचों बीच से अतिक्रमण हटाया था। मंदिर के बगल में स्थित शासकीय माध्यमिक विद्यालय क्रमांक दो के मैन गेट के दोनों तरफ रखीं झोपड़ियों को हटाकर इस स्थान को अतिक्रमण मुक्त किया गया था।इसके बाद नगर पालिका ने पुन: अतिक्रमण न हो इसलिए स्कूल की बाउंड्रीवाल से रोड तक जाली लगाकर बंद कर दिया था। लेकिन यह स्थान दो दिन ही अतिक्रमण मुक्त रह सका। माई की रथ यात्रा निकलने के बाद अगले ही दिन दुकानदारों ने हाथ ठेला और गुमटियों को रोड पर रख लिया जिससे टू लेन सड़क की चौड़ाई घट गई। यही स्थिति श्री पीतांबरा पीठ के उत्तर द्वार के बगल में हुई। यहां भी धूमावती माई के गेट और उत्तर द्वार के बीचों बीच बाउंड्रीवाल के पास झोपड़ियां रखकर अतिक्रमण कर लिया गया।
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