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कोविड के बीच एक नई मुसीबत आन पड़ी है, वो है- वायरल फीवर । बीते 15 दिन में इससे पीड़ित 500 से ज्यादा बच्चे और बुजुर्ग भोपाल के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं। संक्रमण की रफ्तार का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि सभी सरकारी और निजी अस्पतालों की ओपीडी 60 फीसदी तक बढ़ गई है। दरअसल, शहर में वायरस का रूप एक बार फिर बदला हुआ दिख रहा है। शहर में वायरल बुखार तेजी से फैल रहा है। हालांकि इस बार सामान्य लक्षणों के साथ मरीजों को कमर में तेज दर्द, घुटने और जोड़ों में दर्द भी हो रहा है। यह सभी लक्षण चिकनगुनिया के भी है, ऐसे में डॉक्टर एहतियातन मरीजों का चिकन गुनिया टेस्ट करा रहे हैं लेकिन वह निगेटिव आ रहा है। चिकित्सकों के अनुसार वायरस ने अपना रूप बदला है इसलिए लोग अपनी इम्युनिटी पर विशेष ध्यान दें। जेपी अस्पताल के अधीक्षक डॉ राकेश श्रीवास्तव बताते हैं कि इस वायरस से लोगों को बुखार हो रहा है। पहले जहां गले में खराश की समस्या सामने आ रही थी अब मरीजों को चलने में तकलीफ हो रही है। इसके साथ ही कमर और जोड़ों में बहुत तेज दर्द भी हो रहा है। मामले में चिकित्सकों ने बताया कि हाईग्रेड फीवर की शिकायत के साथ ओपीडी में आ रहे मरीजों की ब्लड रिपोर्ट में डेंगू और चिकनगुनिया की तरह प्लेटलेट्स काउंट्स में गिरावट देखने को मिल रही है। लेकिन, उनका टेस्ट निगेटिव आ रहा है। कुछ बच्चों में बुखार, उल्टी, दस्त के अलावा सांस लेने में तकलीफ की शिकायत भी सामने आ रही है। इसके लक्षण है तेज बुखार आना ,शरीर में तेज दर्द ,गले में खराश और दर्द ,त्वचा पर हल्के धब्बे पडऩा ,मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द ,कमजोरी महसूस करना।
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