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प्रदेश के तमाम अहाते सहित जबलपुर शहर के कुल 95 अहाते बंद हो गए हैं। अहाते बंद होने से उन शराबियों को झटका लगा है। जो शराब अहाते में बैठ कर पिया करते थे। अब उन्हें आज से अहाते में बैठकर शराब पीने नहीं मिलेगी।वही आज से बनाई गई नई आबकारी नीति के तहत जिले की सभी 145 दुकानों के बनाए गए 45 ग्रुप ठेके पर चले गए हैं। अहातों को बंद कराने की प्रक्रिया रात 12 बजे तक पूरी कर ली गई थी। शहर की सबसे महंगी दुकान धनवंतरी नगर और संजीवनी नगर की रही। वही 145 में से लगभग 25 दुकानों में सबसे अधिक दाम आबकारी विभाग को मिले हैं।जानकारी के मुताबिक आबकारी विभाग ने आबकारी नीति के तहत जारी आदेश में स्कूल कॉलेज और मंदिर से 100 मीटर के दायरे में आने वाली दुकानों का सर्वे कर लिया है। इस सर्वे में करीब 10 दुकाने आ रही हैं जिनकी जगह जल्दी ही बदली जाएगी।वही दूसरी तरफ आबकारी विभाग के द्वारा किए गए सर्वे में लोग सवाल निशान खड़े कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि 20 से ज्यादा ऐसी दुकानें हैं जो मंदिर और स्कूल कॉलेज के नजदीक हैं। जिसका विरोध प्रदर्शन भी सड़कों में लोगों के द्वारा किया जा रहा हैं।सहायक आबकारी आयुक्त रविंद्र मानिकपुरी के मुताबिक 5 से 10 प्रतिशत तक रेट बढ़ सकते है। अभी नए रेट नहीं आए हैं। इधर, अहाते बंद होने से शराब दुकान संचालकों को भी घाटा होने की संभावना है। अब तक वे शराब दुकान के अलावा अहाते की जगह से भी कमा लेते थे। अब उन्हें भी डर है कि पहले की तरह बिक्री में मुश्किल आ सकती है।अहाते बंद होने से सबसे बड़ी चुनौती लॉ एंड आर्डर की होगी। दूसरी चुनौती निगम की होगी। अब तक शहर के इन अहातों का सामान या तो कबाड़ी खरीदते थे या सीधे निगम की गाड़ियों में जाता था। अब जगह न मिलने से पूरे शहर में यह कचरा फैलेगा। दूसरी ओर पुलिस के लिए भी चुनौती होगी, शराब पीकर सड़कों पर घूमने वालों से निपटने की। दूसरी ओर एक्सीडेंट भी बढ़ सकते हैं।
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