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उज्जैन। कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने शुक्रवार को स्मार्ट सिटी द्वारा किये जा रहे महाकाल लोक के द्वितीय चरण के निर्माण कार्यों की समीक्षा की तथा निर्देश दिये कि सभी कार्यों के लिये अन्तिम समय-सीमा 15 से 31 अगस्त है। इसके पूर्व सभी कार्य पूर्ण करा लिये जायें। उन्होंने कहा कि आगामी सितम्बर माह में द्वितीय चरण के निर्माण कार्यों का लोकार्पण प्रस्तावित है।
कलेक्टर ने निर्माण कार्यों में पिछड़ रहे ठेकेदारों को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि उन्होंने समय-सीमा में कार्य नहीं किये तो उन पर न केवल भारी पैनल्टी लगेगी, बल्कि कड़ी कार्यवाही भी की जायेगी। कलेक्टर ने बैठक में स्मार्ट सिटी के अधीक्षण यंत्री को डे टू डे कार्यों की मॉनीटरिंग करने के लिये कहा है। बैठक के पश्चात कलेक्टर ने निर्माण कार्यों का स्थल पर जाकर निरीक्षण किया एवं दिशा-निर्देश दिये।
कलेक्टर ने बैठक में शुक्रवार को एक-एक कर महाकाल लोक के द्वितीय चरण के निर्माण कार्यों की समीक्षा की। सर्वप्रथम उन्होंने रूद्र सागर के आसपास के 21.52 करोड़ की लागत से किये जा रहे कायाकल्प के कार्य की समीक्षा की तथा निर्देश दिये कि इस कार्य के तहत निर्मित की जा रही ध्यान कुटीरों का नामकरण पौराणिक आधार पर किया जाये। कायाकल्प के कार्यों को 31 जुलाई तक पूर्ण करने के लिये डेडलाइन निर्धारित की गई है। इसी तरह महाराजवाड़ा बेसमेंट में विक्रेता झोन का कार्य भी 15 अगस्त तक पूर्ण करने के लिये कहा गया है। नीलकंठ वन का निर्माण 6.95 करोड़ की लागत से किया जा रहा है। यहां पर लैंडस्केपिंग, बांस से कियोस्क का निर्माण, पेड़ों की एवेन्यू आदि का कार्य होना है। कलेक्टर ने कहा कि कियोस्क इस तरह से निर्मित होना चाहिये, जिससे लोगों की दृष्टि के लिये यह आकर्षण का केन्द्र बने। उन्होंने यहां पर निर्मित किये जा रहे सुविधाघर को भी उच्चस्तरीय बनाने के लिये कहा है। यह सभी कार्य 15 अगस्त तक पूर्ण करने के लिये कहा गया है। नीलकंठ मार्ग पर म्युरल वाल का निर्माण किया जा रहा है। म्युरल वाल 5 मीटर ऊंची एवं 280 मीटर लम्बी है।
महाकाल लोक के द्वितीय चरण में कुल 34 म्युरल लगाये जा रहे हैं। कलेक्टर ने म्युरल कलाकृतियों के निर्माण में की जा रही देरी पर असंतोष व्यक्त करते हुए कॉन्ट्रेक्टर को हर हाल में यह कार्य 31 अगस्त तक पूर्ण करने को कहा है। द्वितीय चरण में महाराजवाड़ा कॉम्पलेक्स का संरक्षण व विकास का कार्य 19.91 करोड़ की लागत से किया जा रहा है। कलेक्टर ने महाराजवाड़ा पार्ट-बी कॉम्पलेक्स का कार्य, लैंडस्केपिंग आदि 10 अगस्त तक पूर्ण करने के निर्देश दिये हैं। इसी तरह उन्होंने रूद्र सागर पैदल पुल का निर्माण भी तेजी से करने के लिये कॉन्ट्रेक्टर को पाबन्द करते हुए कहा है कि इस कार्य को भी वे 31 अगस्त तक पूर्ण करें। कलेक्टर ने अन्नक्षेत्र एवं प्रवचन हॉल को हटाकर वैदिक थीम पर तैयार किये जा रहे लैंडस्केपिंग एवं शिखर दर्शन के कार्य को धीमी गति से करने पर नाराजगी व्यक्त की तथा ठेकेदार पर पैनल्टी लगाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि हर स्थिति में यह कार्य 15 अगस्त तक पूर्ण हो जाना चाहिये। इसी तरह आपातकालीन प्रवेश द्वार का निर्माण 7.53 करोड़ रुपये की लागत से महाकाल के पश्चिम में देवास धर्मशाला की ओर से किया जा रहा है। यह कार्य भी 15 अगस्त तक पूर्ण करने के लिये कहा गया है।
निर्माण कार्यों का निरीक्षण
कलेक्टर ने ई-कार्ट में बैठकर विभिन्न निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। सर्वप्रथम उन्होंने सरस्वती शिशु मन्दिर वाले समानांतर मार्ग का निरीक्षण किया तथा नीलकंठ वन के बेसमेंट पार्किंग का अवलोकन किया। समानांतर मार्ग में उन्होंने एक होटल में जाकर सड़क पर वाहन पार्किंग नहीं करने की हिदायत दी। इसके बाद उन्होंने आकस्मिक प्रवेश द्वार, शिखर दर्शन आदि के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया तथा यहां से जल निकासी के बारे में दिशा-निर्देश दिये। कलेक्टर ने शिखर दर्शन के बेसमेंट में किये जा रहे निर्माण कार्य का भी निरीक्षण किया। इसके बाद उन्होंने रूद्र सागर के कायाकल्प के कार्यों, ध्यान कुटीर, महाराजवाड़ा हैरिटेज निर्माण कार्यों का अवलोकन किया तथा हिदायत दी कि निर्माण कार्यों के लिये तय की गई समय-सीमा का सभी ठेकेदार एवं अधिकारी ध्यान रखें।
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