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विधानसभा चुनाव के ठीक चंद माह पहले सरकार ने प्रदेश भर में स्मार्ट मीटर लगाने की घोषणा की है। ये स्मार्ट मीटर की कीमत 7 हजार रुपए है, जिसे की उपभोक्ताओं को फ्री में दिया जा रहा है। आम जनता को लगा फ्री में बिजली मीटर मिल रहा है, कोई बात नही है। जितना बिल अभी आता है, उतना ही स्मार्ट मीटर से आयेंगा। पर स्मार्ट मीटर को लेकर कांग्रेस ने खुलासा किया है कि सात हजार रुपए का फ्री में मीटर देकर बिजली विभाग आम जनता को लूट लेगा। स्मार्ट मीटर के विरोध में कांग्रेस ने आज जबलपुर से जागरूकता रथ की शुरुआत की है, जिसे कि राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।कांग्रेस बिजली समस्या निवारण प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सौरभ शर्मा का दावा है कि स्मार्ट मीटर के नाम पर बिजली विभाग आम जनता से करोड़ों रुपए वसूलेगा। जबलपुर में मीडिया से बात करते हुए सौरव शर्मा ने बताया कि बिजली विभाग समय-समय पर नए- नए पैंतरे अपनाकर आम जनता को लूटने का काम करता है। बिजली विभाग ने अब एक नया यंत्र लाया है। जिसे स्मार्ट मीटर कहां जाता है। स्मार्ट मीटर की कीमत 7000 रुपएहै जिसे की बिजली विभाग और फ्री में दे रहा है। सौरभ शर्मा का आरोप है कि बिजली विभाग में जो भ्रष्टाचार है कमीशन खोरी है, उसे बढ़ावा देते हुए बिजली विभाग के घाटे को पूरा करने के लिए स्मार्ट मीटर के नाम से सुव्यवस्थित तरीके से आम जनता से पैसा वसूल किया जाएगा। सौरभ शर्मा ने बताया कि बिजली विभाग जहां 1 फीट भी बिजली का वायर फ्री में नहीं देता आखिर वह क्यों 7000 का स्मार्ट मीटर फ्री में दे रहा है यह काफी सोचने वाली बात है। कांग्रेस नेता का आरोप है कि यह वह स्मार्ट मीटर है जिसके पास एनएवीएल का लाइसेंस नहीं है। यह वह स्मार्ट मीटर है जब इसमें सप्लाई नहीं भी रहती है उसके बावजूद भी यह लगातार चलते रहता है।
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